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CBSE Class 4 Syllabus for Hindi Grammar
छात्रों के लिए ही नहीं, सिलेबस शिक्षकों के लिए भी बेहद महत्वपूर्ण है। एक शिक्षक को पूरा पाठ्यक्रम जानना चाहिए ताकि वह जान सके कि कक्षा में क्या पाठ पढ़ाने जा रहे हैं। प्रत्येक छात्र को पाठ्यक्रम को अपने बैग में रखना चाहिए ताकि वह हर कक्षा से पहले इसे देख सके। सिलेबस में दिए गए किसी भी अध्याय के बारे में किसी भी संदेह के मामले में छात्रों को हिंदी शिक्षक से संपर्क करने की सलाह दी जाती है। सीबीएसई कक्षा 4 वीं हिंदी परीक्षा में अच्छे अंक लाने के लिए छात्रों को एनसीईआरटी प्रकाशन की पुस्तकों का पालन करना चाहिए
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भारत त्योहारों का अनोखा देश है। यहाँ अनेक धर्मों के लोग रहते हैं। उन सभी लोगों के अपने-अपने त्योहार हैं। होली हिंदुओं के प्रसिद्ध त्योहारों में से एक है। यह फाल्गुन महीने में भारत के अनेक राज्यों में बड़े आनंद के साथ मनाई जाती है।
होली के दिन लोग रंगों से खेलते हैं। वे एक-दूसरे को गले लगाते हैं। बच्चे एक-दूसरे पर रंगीन गुब्बारे फेंकते हैं। वे पिचकारियों से खेलते हैं। लोग इस पानी को एक-दूसरे पर फेंकते हैं और आनंद लेते हैं। संध्या-काल में लोग एक-दूसरे के चेहरों पर गुलाल लगाते हैं। बच्चे अपने से बड़ों के पैरों पर गुलाल रखकर उनसे आशीर्वाद लेते हैं। अनेक स्वादिष्ट व्यंजन, जैसे - गुलाब जामुन, गुजिया, दहीबड़ा, सवैयाँ एवं मालपुआ बनाए जाते हैं। प्रत्येक व्यक्ति उन्हें खाता है और त्योहार का आनंद लेता है।
होली भाईचारे और खुशियों का त्योहार है। हम सभी को इस दिन सभी से हुए बैर और ईर्ष्या को भूल जाना चाहिए। इस दिन हमें सकारात्मक भाव से लोगों से मिलना चाहिए। इस दिन हम सभी को अपने परिवार के संग होली का इस महा पर्व का आनंद लेना चाहिए।
भारत त्योहारों का अनोखा देश है। यहाँ अनेक धर्मों के लोग रहते हैं। होली हिंदुओं के प्रसिद्ध त्योहारों में से एक है। होली के दिन लोग रंगों से खेलते हैं। वे एक-दूसरे को गले लगाते हैं। बच्चे एक-दूसरे पर रंगीन गुब्बारे फेंकते हैं। वे पिचकारियों से खेलते हैं। होली भाईचारे और खुशियों का त्योहार है। हम सभी को इस दिन सभी से हुए बैर और ईर्ष्या को भूल जाना चाहिए। इस तरह होली का यह महा पर्व खुशियाँ के साथ मनाई जाती है।
In this article, we are providing 6 essays on Mera Priya Khel Par Nibandh | Essay on My Favourite Game in Hindi मेरा प्रिय खेल पर निबंध हिंदी | Nibandh in 100, 200, 250, 300, 500 words For Students & Children.
दोस्तों आज हमने Mera Priya Khel Essay in Hindi | Mera Priya Khel Nibandh in Hindi Essay लिखा है मेरा प्रिय खेल पर निबंध हिंदी में कक्षा 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9 ,10, और 11, 12 के विद्यार्थियों के लिए है।
( Essay-1 ) Mera Priya Khel in Hindi Short Essay
Mera Priya Khel Cricket
हमारे देश में अनेक खेल खेले जाते हैं। इनमें से मुझे क्रिकेट का खेल अत्यंत प्रिय है। क्रिकेट का खेल यद्यपि विश्व के कुछ ही देशों में खेला जाता है तथापि यह विश्व का लोकप्रिय खेल है। इस खेल के तीन रूप हैं-टैस्ट मैच, जो पाँच दिनों तक चलता है; एकदिवसीय (50-50 ओवर का), जिसका निर्णय एक ही दिन में हो जाता है और ट्वेंटी-ट्वेंटी जिसमें पाँच-छह घंटों में ही खेल का निर्णय हो जाता है। इन तीनों रूपों में मुझे ट्वेंटी-ट्वेंटी क्रिकेट ही अधिक पसंद है। इस खेल में दोनों टीमों को खेलने के लिए 20-20 ओवर मिलते हैं। टॉस के द्वारा निर्णय होता है कि कौन-सी टीम पहले बल्लेबाजी करेगी। यह निर्णय टॉस जीतने वाले कप्तान पर निर्भर करता है। जो टीम अधिक रन बना लेती है वही टीम विजेता घोषित की जाती है। परंतु इस मैच में जो उतार-चढ़ाव आते हैं, वही रोमांच उत्पन्न करते हैं। एक-एक गेंद के साथ दर्शकों के दिल की धड़कन बढ़ती जाती है। दर्शकों की उत्तेजना देखते ही बनती है। खेल को देखकर लाखों लोगों का मनोरंजन होता है। यह खेल दिन-पर-दिन युवाओं के हृदय की धड़कन बनता जा रहा है।
( Essay-2 ) Short Essay on My Favourite Game in Hindi | मेरा प्रिय खेल पर निबंध 150 words
Mera Priya Khel Football
परिचय- आधुनिक खेलों में फुटबॉल सबसे लोकप्रिय खेल है। आजकल हमारे देश में इसका प्रचल अधिक हो गया है। गाँव हो या शहर, लड़के इस खेल को बड़े चाव से खेलते हैं।
वर्णन- इस खेल में दो दल होते हैं। प्रत्येक दल में ग्यारह खिलाड़ी होते हैं। मैदान के आमने-सामने दोनों सीमाओं पर गोल पोस्ट या लकड़ी गाड़ दी जाती है। गोल पोस्ट के भीतर बॉल को निकाल देना या गोल करना इस खेल का उद्देश्य है। प्रत्येक दल में एकएक गोल-रक्षक होता है। केवल गोल-रक्षक ही बॉल को हाथ से पकड़ सकता है। गोलरक्षक के सामने दाहिने बायें दो बैक रहते हैं। छः रक्षक भाग के खिलाड़ी कहलाते हैं। शेष पाँच आक्रामक भाग के खिलाड़ी कहलाते हैं। रेफरी सीटी बजाकर खेल शुरू करता है। वही फिल्ड में खेल का संचालन करता है।
समय- यह खेल 1 घं० 30 मिनटों का होता है। हाफ टाइम 10 मिनट का होता है।
लाभ- यह खेल स्वास्थ्य के लिए लाभदायक है। इस खेल से अनुशासन और नियम पालन की शिक्षा मिलती है।
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Mera Priya Khel Badminton in Hindi
( Essay-3 ) मेरा प्रिय खेल पर निबंध- Mera Priya Khel Par Nibandh ( 180 words )
Mera Priya Khel Kabaddi
मेरा प्रिये खेल कबड़्डी है। यह एक प्राचीन खेल है। गॉंवो में यह अधिक लोकप्रिय खेल है। यह खेल खेलने में ना मात्र का खर्चा होता है।
खेल के मैदान के बीच में एक रेखा खींची जाती है। खिलाडियों की दो टुकड़ियाँ बनती हैं। दोनों टुकड़ियों में खिलाडियों की समान संख्या होती है।
एक टुकड़ी का खिलाड़ी कबड्डी-कबड्डी बोलता हुआ दूसरी तरफ़ जाता है। दूसरे दल के खिलाड़ी उसे पकड़ने का प्रयत्न करते हैं। अगर वह पकड़ा जाता है तो उसका दल एक पाइंट खोता है। ‘कबड्डी’ के उच्चारण को बंद किये बिना अपने पक्ष की ओर आयेगा तो एक पाइंट प्राप्त होता है। निशिचत अवधि में जिस पक्ष को ज्यादा पाइंट मिलते हैं, उसकी जीत होती है।
कबड्डी खेलने के लिए चतुरता के साथ शारीरिक बल की आवश्यकता भी है । इस खेल से हृदय की गति सुधर जाती है। साँस का चलन तीव्र होता है। रक्त का प्रसार बढ़ता है। इससे वह साफ़ होता है। उसमें ताजगी आती है।
( Essay-4 ) मेरा प्रिय खेल पर निबंध Badminton | My Favourite Game in Hindi Essay ( 200 words )
Mera Priya Khel Badminton in Hindi- मैं खेलकूद में बड़ी रुचि रखता हूँ। उनमें सक्रिय भाग लेता हूँ। मैं फुटबाल, क्रिकेट और बेडमिंटन खेलता हूँ। बैडमिंटन मेरा प्रिय खेल है। इसे मैं बड़े चाव और लगन से खेलता हूँ। शायद ही कोई ऐसा दिन हो जब मैं बेडमिंटन नहीं खेलता।
अभी मेरी उम्र 11 वर्ष की है। मैं जब 8 वर्ष का था तभी से यह खेल खेल रहा हूँ। बेडमिंटन दो टीमों के बीच खेला जाता है। एक पार्टी में एक या दो सदस्य होते हैं। वे एक-दूसरे के आमने-सामने खड़े होकर खेलते हैं। दोनों टीमों के बीच में चौड़ा फैला हुआ नैट (जाल) होता है। यह खेल रैकेट (जालीदार बल्लों) और शटल कॉक्स (चिड़िया) से खेला जाता है। इसे हम अपनी भाषा में चिड़ी-छक्का भी कहते हैं।
बैडमिंटन खेलने में चुस्ती-फुर्ती और कौशल की आवश्यकता होती है। बैडमिंटन खिलाड़ी की टाँगे और हाथ सशक्त होने चाहिए। उसे बड़ा चुस्त और चौकन्ना होना चाहिए। उसे दौड़ने-भागने, ऊँचा कूदने और एक क्षण में सही निर्णय लेने जैसे कार्यों में निपुण होना चाहिए।
मैं बेडमिंटन का एक कुशल खिलाड़ी हूँ। स्कूल की बेडमिंटन टीम का मैं कप्तान हूँ। हमारी टीम ने कई पुरस्कार और शील्डस जीती हैं।
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( Essay-5 ) मेरा प्रिय खेल पर निबंध- Mera Priya Khel Essay in Hindi ( 400 words )
Mera Priya Khel Hockey
खेलों का मानव जीवन में विशेष महत्त्व है। वह स्वभाव से दी खेलों में रुचि रखता है। भारत में प्राचीन काल से ही खेलों की परम्परा रही है। आजकल तो. भारतवर्ष में अनेक खेल राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर खेले जाते हैं, जैसे-क्रिकेट, हॉकी, फुटबॉल, वालीबाल, कवड्डी, टेनिस आदि। मुझे इन सबमें से हॉकी का खेल बहुत प्रिय है।
राष्ट्रीय खेल
हॉकी का खेल भारत का राष्ट्रीय खेल है। इस समय विश्व में जर्मनी, आस्ट्रेलिया, पाकिस्तान और भारत को हॉकी जगत में विशेष स्थान प्राप्त है। इस खेल का जन्म आज से 4000 वर्ष पूर्व ईरान में हुआ था। इसके बाद कितने ही देशों में इसका श्रीगणेश हुआ परन्तु इसे उचित सम्मान तो भारत में ही मिला। भारतीय संरक्षण में रहकर यह खेल खूब पनपा तथा विश्व में लोकप्रिय भी हुआ।
भारतवर्ष में हॉकी का विकास
भारत में हॉकी का चलन सन् 1885 में प्रारम्भ हुआ था। सन् 1895 में बेटनकप टूर्नामेंट आरम्भ हुआ जिसमें देश की सभी प्रसिद्ध टीमों ने भाग लिया था। सन् 1928 में सर्वप्रथम भारत की | राष्ट्रीय टीम ओलम्पिक खेलों में खेलने गई और स्वर्ण पदक प्राप्त किया। उसके बाद तो हॉकी के जादूगर ध्यानचन्द तथा रूपसिंह के अथक परिश्रम से भारत ने हॉकी जगत में अपनी धाक बैठा ली थी। सन् 1932, 1935, 1948, 1952 तथा 1956 के ओलम्पिक खेलों में भारतीय टीम ने निरन्तर स्वर्ण पदक प्राप्त किए। इसके बाद सन् 1968 व 1972 में केवल कांस्य पदक पाकर ही संतोष करना पड़ा। सन् 1980 में फिर से स्वर्ण पदक प्राप्त करके भारतीय खिलाड़ियों ने अपने देश का नाम संसार में रोशन कर दिया।2020 ओलंपिक में भारत ने इतिहास रच दिया। भारत ने पुरुष हॉकी में 4 दशक बाद कांस्य पदक जीता।
हॉकी का आधुनिक रूप
पहले यह खेल देश के विभिन्न भागों में भिन्न-भिन्न नामों से पुकारा जाता था। पंजाब के देहातों में बच्चे इसे ‘खिछीखुण्डी’ नाम से खेलते थे। विभिन्न रूपों में खेले जाने के कारण इसके नियम भी प्रत्येक स्थान पर भिन्न-भिन्न थे। पहले इस खेल के खिलाड़ियों पर किसी तरह का कोई प्रतिबन्ध नहीं था। किन्तु आधुनिक खेल को बिल्कुल ही नियमों में जकड़ दिया है। नियमों के अनुसार आजकल एक टीम में 11 खिलाड़ी होते हैं और गोल के सामने अर्द्ध-गोलाकार रेखा-सी खींची जाने लगी है और गेंद को उसमें से जाकर, चोट करके गोल किया जाने लगा। इसके साथ ही यह नियम भी है कि किसी कोने से चोट के बाद गोल में पहुँचाने से पहले किसी भी एक पक्ष द्वारा गेंद को स्पर्श करना आवश्यक है।
इस प्रकार नियमों में बँधा हॉकी का यह खेल खिलाड़ियों की शारीरिक चुस्ती, मानसिक स्फूर्ति उनके विकास की सीढ़ी बन गया है। इसमें किसी तरह का कोई डर नहीं है अपितु आनन्द की प्राप्ति होती है। यह एक ऐसा खेल है जो आत्मानुशासन और पारस्परिक रूप में कार्य करने की प्रेरणा देता है। इससे परस्पर सहयोग की भावना को बल मिलता है। अतः भारत के इस खेल को विश्व में लोकप्रिय बनाने के लिए हमें अथक प्रयास करना होगा।
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( Essay-6 ) Mera Priya Khel Cricket Par Nibandh- Hindi Essay My Favourite Game Cricket ( 400 )
क्रिकेट दिन भर की थकान के बाद मनुष्य कुछ समय के लिए अपना मनोरंजन करना चाहता है। खेल मनोरंजन का सबसे अच्छा साधन है। खेल से मनोरंजन के साथ-साथ व्यायाम भी होता है तथा शरीर स्वस्थ रहता है। स्वस्थ शरीर में स्वस्थ मन का निवास होता है। आज अनेक प्रकार के खेल प्रचलित हैं, जैसे हॉकी, क्रिकेट, फुटबॉल, बालीबॉल बास्केटबॉल, बैडमिन्टन, टेनिस आदि। परन्तु आज का सर्वाधिक प्रिय खेल है-क्रिकेट। और यही मेरा भी प्रिय खेल है।।
क्रिकेट का जन्म इंग्लैण्ड में हुआ था। पहले केवल राजा, नवाब, लॉर्डस ही इस खेल को खेलते थे, परन्तु आज अमीर-गरीब सभी श्रेणियों के लोग क्रिकेट खेलते हैं तथा यह उनका प्रिय खेल है। क्रिकेट मैच के अवसर पर जगह-जगह टी. वी. पर मैच देखनेवालों की अपार भीड़ तथा ट्रांजिस्टर पर सीधा प्रसारण सुनना इस खेल की लोकप्रियता के प्रमाण हैं।
आज क्रिकेट संसार के प्रायः सभी देशों में खेला जाता है। यह अन्तर्राष्ट्रीय स्तर का खेल है। सभी देशों की टीमें एक दूसरे के देश में जाकर मैच खेलती हैं। हमारे देश की टीम भी विदेशों में जाकर मैच खेलती है तथा विदेशी टीमें भी हमारे देश में मैंच खेलने आती हैं। इस प्रकार क्रिकेट प्रेमी एक दूसरे के निकट आ रहे हैं। इस खेल के द्वारा विश्व के लोगों में सद्भावना बढ़ रही
पहले क्रिकेट मैच पाँच दिन तक खेला जाता था। दोनों टीमों को दो पारी खेलनी होती थी। पाँच दिन पूरे हो जाते थे परन्तु दोनों टीमें दो-दो पारी नहीं खेल पाती थी, इस कारण हार-जीत का फैसला नहीं हो पाता था। आजकल जब से सीमित ओवरों के एक दिवसीय मैचों और टी-20- का प्रचलन हुआ है तब से इस खेल के प्रति लोगों का रुझान पागलपन की हद तक बढ़ गया है। मैंने भी सभी मैच टी. वी० पर देखे हैं। मैं क्रिकेट अच्छा खेल भी लेता हूँ। मैं अपने विद्यालय की क्रिकेट टीम का कप्तान भी हूँ।
क्रिकेट के मैच में दो टीमें होती हैं प्रत्येक टीम में ग्यारह-ग्यारह खिलाड़ी होते हैं। जो टीम टॉस जीतती है, वह पहले बल्लेबाजी करेगी या गेंदबाजी इसका फैसला करती है। जब एक टीम बल्लेबाजी करती है, तब दूसरी टीम गेंदबाजी करती है। बॉल के किल्ली पर लग जाने या- कैच हो जाने पर बल्लेबाज आउट माना जाता है। एक दिवसीय मैच पचास ओवरों का होता है और टी-20 मैच 20 ओवर का होता है। एक ओवर में छह गेंदें फेंकी जाती हैं। प्रत्येक टीम को एक दिवसीय मैच पचास ओवर और टी-20 मैच 20 ओवर खेलने को मिलते हैं। जो टीम अधिक रन बना लेती है, उसे विजयी घोषित किया जाता है। विराट कोहली मेरा सबसे प्रिय खिलाड़ी है।
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इस लेख के माध्यम से हमने Mera Priya Khel Par Nibandh | Essay on My Favourite Game in Hindi का वर्णन किया है और आप यह निबंध नीचे दिए गए विषयों पर भी इस्तेमाल कर सकते है।
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दोस्तों इस लेख में, हमने CBSE Samvad Lekhan In Hindi For Class 4 में यह लेख तैयार की है, यदि आप भी कक्षा 4 के विद्यार्थी हैं और बातचीत करने के लिए संवाद लेखन की तलाश में हैं, तो यह लेख आपकी बहुत मदद करेगी। इसमें मैंने Samvad Lekhan For Class 4 के लिए रखा है, ताकि आपकी पढ़ाई अच्छे से हो सके और आप संवाद आदि प्रतियोगिता में भाग लेकर जीत सकें।
Table Of Contents
“Samvad Lekhan” कक्षा 4 के विद्यार्थी के लिए हिंदी भाषा के अध्ययन में शामिल एक सामान्य विषय है। यह दो या दो से अधिक व्यक्तियों के बीच संवाद या वार्तालाप लिखने की कला को संदर्भित करता है। यह अभ्यास विद्यार्थी को उनके लेखन कौशल को बढ़ाने में मदद करता है और हिंदी व्याकरण और शब्दावली पर उनकी पकड़ में सुधार करता है। तो बस लेख को नीचे स्क्रॉल करें और CBSE Samvad Lekhan For Class 4 Hindi पढ़ें और जानकारी प्राप्त करें।
1) संवाद: दो दोस्तों के बीच एक किताब पढ़ने की योजना
प्रश्न : हेल्लो, कैसे हो? उत्तर : हेल्लो, मैं ठीक हूँ। तुम कैसे हो?
प्रश्न : आज कुछ प्लान है? उत्तर : हां, मैं सोच रहा हूँ कि हम एक किताब पढ़ने के लिए समय बिता सकते हैं।
प्रश्न : वाह, बड़ी अच्छी बात है! कौनसी किताब पढ़ने का सोच रहे हो? उत्तर : मैंने “सैपियेंट्स” किताब का चयन किया है, मुझे लगता है कि यह दिलचस्प होगी।
प्रश्न : कहां पढ़ने का प्लान है? उत्तर : हम लाइब्रेरी में जा सकते हैं, वहां शांति और सुकून की वातावरण होता है।
प्रश्न : कितने समय के लिए पढ़ने का प्लान है? उत्तर : हम वहां 2 घंटे तक पढ़ने का प्लान कर रहे हैं, ताकि हम किताब के आनंद का आनंद ले सकें।
नोट: इस संवाद में, दो दोस्तों के बीच एक किताब पढ़ने की योजना के बारे में बात हो रही है, जिसमें वे किताब का चयन, स्थान, और समय के बारे में बात कर रहे हैं।
2) संवाद: दो दोस्तों के बीच एक संगीत कॉन्सर्ट की योजना
प्रश्न : आज कुछ प्लान है? उत्तर : हां, मैं सोच रहा हूँ कि हम आज रात संगीत कॉन्सर्ट में जा सकते हैं।
प्रश्न : वाह, कौनसे कॉन्सर्ट में जाने की सोच रहे हो? उत्तर : हम आज “एक्स्प्लोरिंग आर्टिस्ट्स” कॉन्सर्ट में जा रहे हैं, वहां के कलाकार बहुत अच्छे हैं।
प्रश्न : ये सुनकर बहुत अच्छा लगा! कितने बजे है कॉन्सर्ट? उत्तर : कॉन्सर्ट रात 7 बजे शुरू होता है, हम 6:30 बजे मिलेंगे ताकि हम आराम से पहुँच सकें।
प्रश्न : बहुत अच्छा! मैं भी तैयार हूँ, आज रात हमें अच्छा समय मिलेगा! उत्तर : हां, बिल्कुल! हम अपने पसंदीदा संगीत का आनंद लेंगे और मस्ती करेंगे।
नोट: इस संवाद में, दो दोस्तों के बीच एक संगीत कॉन्सर्ट में जाने की योजना के बारे में बात हो रही है, जिसमें वे कॉन्सर्ट का चयन, समय, और आनंद लेने की योजना बना रहे हैं।
3) संवाद: दो दोस्तों के बीच फिल्म देखने की योजना
प्रश्न : आज कुछ प्लान है? उत्तर : हां, मैं सोच रहा हूँ कि हम आज फिल्म देखने जा सकते हैं।
प्रश्न : वाह, कौनसी फिल्म देखने की सोच रहे हो? उत्तर : हम “गैलेक्सी वार्स” देखने की सोच रहे हैं, वो अब सारे शहर में रिलीज़ हो गई है।
प्रश्न : ठीक है, कहां देखोगे फिल्म? उत्तर : हम नजदीकी सिनेमा हॉल में देखेंगे, वहां के स्क्रीन बड़ी होती है।
प्रश्न : कितने बजे मिलेंगे? उत्तर : फिल्म रात को 8 बजे शुरू होती है, हम 7:30 बजे मिलेंगे ताकि हम अपनी सीटें ढूंढ़ सकें।
नोट : इस संवाद में, दो दोस्तों के बीच फिल्म देखने की योजना के बारे में बात हो रही है, जिसमें वे फिल्म का चयन, समय, और सिनेमा हॉल के बारे में बात कर रहे हैं।
4) संवाद: दो दोस्तों के बीच एक कॉफी शॉप में मिलकर समय बिताने की योजना
प्रश्न : आज कुछ प्लान है? उत्तर : हां, मैं सोच रहा हूँ कि हम आज बड़ी चिंता किए बिना कॉफी शॉप में मिलकर समय बिता सकते हैं।
प्रश्न : वाह, कौनसे कॉफी शॉप में जाने की सोच रहे हो? उत्तर : हम “कॉफी कॉर्नर” जाने की सोच रहे हैं, वहां का वातावरण बहुत शांतिपूर्ण होता है।
प्रश्न : कितने बजे मिलोगे? उत्तर : हम 4 बजे मिलेंगे, वह समय हमारे लिए बेहद उपयुक्त होगा।
प्रश्न : अच्छा, मैं भी तैयार हूँ! हम बड़ी अच्छी बातें करेंगे। उत्तर : हां, बिल्कुल! हम अच्छा समय बिताएंगे और खुशियों का आनंद लेंगे।
नोट : इस संवाद में, दो दोस्तों के बीच कॉफी शॉप में मिलकर समय बिताने की योजना के बारे में बात हो रही है, जिसमें वे कॉफी शॉप का चयन, समय, और मिलकर बातें करने की योजना बना रहे हैं।
5) संवाद: दो दोस्तों के बीच एक पिकनिक की योजना
प्रश्न : आज कुछ प्लान है? उत्तर : हां, मैं सोच रहा हूँ कि हम आज पिकनिक पर जा सकते हैं।
प्रश्न : वाह, कहां जाने का सोच रहे हो? उत्तर : हम आज झील किनारे पिकनिक पर जा रहे हैं, वहां पर्याप्त सुखद और शांति होती है।
प्रश्न : क्या हमें कुछ खाने पीने की योजना करनी चाहिए? उत्तर : हां, मैंने सैंडविच, फल, और ठंडा पानी लेने का प्लान किया है, ताकि हम पिकनिक का आनंद ले सकें।
प्रश्न : बहुत अच्छा! कितने बजे मिलोगे? उत्तर : हम 10 बजे सुबह मिलेंगे, ताकि हम अपने दिन की शुरुआत जल्दी कर सकें।
नोट : इस संवाद में, दो दोस्तों के बीच पिकनिक की योजना के बारे में बात हो रही है, जिसमें वे पिकनिक स्थल, खाने पीने की योजना, और मिलकर समय बिताने की योजना बना रहे हैं।
6) संवाद: दो दोस्तों के बीच एक संगीतीय गाने के लिए योजना
प्रश्न : आज कुछ प्लान है? उत्तर : हां, मैं सोच रहा हूँ कि हम एक संगीतीय गाने को कवर करके वीडियो बना सकते हैं।
प्रश्न : वाह, कौनसा गाना है और कब करेंगे? उत्तर : हम “बोहेमियन र्हाप्सोडी” का कवर करने का सोच रहे हैं, और हम आज दोपहर 3 बजे इसे रिकॉर्ड करेंगे।
प्रश्न : क्या हमें कुछ खास तैयारी करनी होगी? उत्तर : हां, हमें गिटार और माइक्रोफ़ोन लेकर जाना होगा, ताकि हम अच्छी गुणवत्ता में गाने का आनंद ले सकें।
प्रश्न : ये सुनकर बहुत अच्छा लगा! मैं भी तैयार हूँ, हम एक अच्छा गाना बनाएंगे! उत्तर : हां, बिल्कुल! हम अपने गाने का आनंद लेंगे और यह यादगार बनेगा।
नोट: इस संवाद में, दो दोस्तों के बीच एक संगीतीय गाने को कवर करके वीडियो बनाने की योजना के बारे में बात हो रही है, जिसमें वे गाने का चयन, सामग्री, और रिकॉर्डिंग के समय की योजना बना रहे हैं।
प्रश्नः 1) फलवाला और ग्राहक फलवाला : आइये, बाबूजी! अच्छे सेव हैं।
प्रश्नः 2) पुस्तक माँगने को लेकर एक छात्र और छात्रा के बीच हुए संवाद को लिखिए।
प्रश्नः 3) पिता और पुत्र के बिच संवाद।
प्रश्नः 4) दो सहेलियों के मध्य वार्तालाप
प्रश्नः 5) किसी वस्तु को लेकर भाई – बहन के बीच होने वाले झगडे के संवाद लिखिए।
प्रश्नः 6) आँखों देखी बस दुर्घटना के संबंध में पिता और पुत्र के मध्य संवाद
संवाद को जब दो या दो से अधिक व्यक्तियों के बीच में विचार और जानकारी का आदान-प्रदान कहा जाता है, तो उसे ‘संवाद’ कहते हैं। संवाद एक महत्वपूर्ण सामाजिक और कॉम्यूनिकेशन कौशल है, जिसमें विचारों, विचारों और जानकारी को स्वतंत्र रूप से व्यक्त किया जा सकता है और दूसरे व्यक्तियों के साथ साझा किया जा सकता है। संवाद एक सुनने और बोलने का प्रक्रियात्मक प्रक्रिया होता है, जिसमें ज्ञान, विचार, और भावनाओं का आपसी आदान-प्रदान होता है।
संवाद किसी भी विषय पर हो सकता है, जैसे कि व्यक्तिगत बातचीत, सामाजिक विषय, व्यवसायिक परिप्रेक्ष्य, शिक्षा, और कई अन्य। संवाद का मुख्य उद्देश्य जानकारी साझा करना, गहरे विचारों को व्यक्त करना, और दूसरों के साथ बातचीत करके विचारों को सुधारना और समझाना होता है।
संवाद के दो प्रमुख रूप होते हैं:
संवाद को सफल बनाने के लिए कुछ विशेषताएं होनी चाहिए:
इन विशेषताओं का पालन करके, आप संवाद को और भी प्रभावी और सार्थक बना सकते हैं।
संवाद लेखन में ध्यान देने योग्य कुछ महत्वपूर्ण बातें निम्नलिखित हो सकती हैं:
इन सुझावों का पालन करके, आप संवाद लेखन में अधिक प्रभावी और प्रोफेशनल तरीके से संवाद कर सकते हैं।
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अपडेट किया गया: 20 फरवरी 2023
होली भारत का एक प्रसिद्ध त्योहार है, जो विश्वभर मेंबड़े धूमधाम सेमनायाजाता है। यहमुख्य रूप से भारत तथा नेपाल में मनाया जाता है।नेपाल की तराई होलीविश्वप्रसिद्ध है। मंजीरा, ढोलकवमृदंग की ध्वनि से गूंजताऔर रंगों से भरा होली का त्योहार, फाल्गुन माह की पूर्णिमा को मनाया जाता है। मार्च का महीना जैसे होली कीउत्साह कोऔरभी बढ़ा देता है। इस त्यौहार में सभी की ऊर्जा देखतेही बनती है। होली के अवसर पर बच्चोंमें अलग ही उमंग देखने को मिलता है,वे रंग-बिरंगी पिचकारी को अपने सीने से लगाए, सब पर रंग डालते हैं और जोर-जोर से “होली है..” कहते हुए पूरे मोहल्ले में भागते फिरते हैं।
अक्सर, बच्चों को विद्यालयमें होलीपर निबंध लिखने को दिया जाता है। यहाँ हमने आपकी आसानी के लिए होली पर कई निबंध दिए है, उम्मीद करते है की ये सभी निबंध आपको पसंद आयेंगे-
होली भारत में मनाया जाने वाला एक विशेष पर्व है।यह त्यौहार मार्च महीने की पूर्णिमा को मनाई जाती है।होली का त्यौहार भक्त प्रह्लाद की ईश्वर के प्रति अनन्य भक्ति और बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है।इस त्यौहार के पहले दिन होलिका रूपी बुराई का सत्य रूपी अग्नि में दहन किया जाता है फिर अगले दिन जीत की ख़ुशी को रंग और गुलाल की होली खेलकर मनाया जाताहै।
होली पर हमें अप्राकृतिक रंगो से त्यौहार को नहीं मनाना चाहिए बल्कि प्राकृतिक फूलों के रंग से और अबीर से होली खेलनी चाहिए। होली पर सभी अपने पुराने बैर भुलाकर एक दूसरे को गले लगाते है और साथ बैठकर गुझिया, पापड़, और अन्य पकवान खाते है।
होली का उत्सव अपने साथ सकारात्मक ऊर्जा लेकर आता है और आसमान में बिखरे गुलाल की तरह ऊर्जा को चारों ओर बिखेर देता है। इस पर्व की ख़ास तैयारी में लोगों के अंदर बहुत अधिक उत्साह को देखा जा सकता है।
होली की तैयारी
होली की विशेष तैयारी में एक दिन से ज्यादा का समय लगता है। इस पर्व पर सबके घरों में अनेक पकवान बनाएं जाते हैं जिसमें गुजिया, दही भल्ले, गुलाब जामुनआदि प्रमुख हैं। लोग महीनो पहले से अपने घर के छतों पर विभिन्न तरह के पापड़ और चिप्स आदि को सुखाने में लग जाते हैं। मध्यमवर्गीय परिवार भी इस त्यौहार पर अपने बच्चों के लिए कपड़े अवश्य खरीदता है।
होली कैसे मनाई जाती है
होली पर सभी बहुत अधिक उत्साहित होते हैं। बड़े भी बच्चे बन जाते हैं,हम, लोगों का चेहरा रंगों से ऐसे रंगते हैं की पहचानना मुश्किल हो जाता है वहीं बड़ों को गुलाल लगाकर उनका आशीर्वाद लेते हैं। अमीर-गरीब, ऊँच- नीच का भेद भुलकर सभी आनंद के साथ होली में झूमते नज़र आते हैं। झूमने का एक अन्य कारण भांग और ठंडाई भी है यह होली पर विशेषतौर पर पीया जाता है। घर की महिलाएं सारे पकवान बना कर जहां दोपहर से होली खेलना प्रारंभ करती है वहीं बच्चे सुबह उठने के साथ ही उत्साह के साथ मैदान में आ जाते हैं।
होली के एक दिन पहले होलिका दहन
होली के एक दिन पहले गांवों व शहरों के खुले क्षेत्र में होलिका दहन की परंपरा निभाई जाती है। यह भगवान की असीम शक्ति का प्रमाण तथा बुराई पर अच्छाई की जीत का बोध कराती है।
होली आनंद से भरा रंगों का त्यौहार है, यह भारत भूमि पर प्राचीन समय से मनाया जाता है। त्योहारों की ख़ास बात यह है, की इसकी मस्ती में लोग आपसी बैर तक भूल जाते हैं एवं होली त्योहारों में विशेष स्थान रखता है।
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होली रंगो का त्यौहार है, जो भारतवर्ष में ही नहीं अपितु पुरे विश्व में बड़े धूम धाम से मनाई जाती है।यह त्यौहार शरद ऋतू के अंत और वसंत ऋतू के आरम्भ का प्रतिक भीमाना जाता है।होली का त्यौहार भारत में मनाये जाने वाले प्रमुख त्योहारों में से एक है, जो बुराई पर अच्छाई की जीत का उत्तम और भावपूर्ण उदाहरण हमारे समक्ष प्रस्तुत करता है।
होली का त्यौहार क्यों और कैसे मनाया जाता है ?
होली के इस पावन त्यौहार को मनाने के पीछे कई कथाये प्रचलित है, परन्तु सबसे मान्य कथा भक्त प्रह्लाद की है। प्रह्लाद का पिता हिरण्यकश्यप था, जो की क्रूर और आततायी था। उसने स्वयं को ही भगवान मान लिया था और चाहता था की उसकी प्रजा भगवन की जगह उसकी पूजा करे , परन्तु उसका पुत्र प्रह्लाद जो की विष्णु का अनन्य भक्त था उसने अपने पिता को पूजने से इंकार कर दिया। इससे क्रुद्ध होकर हिरण्यकश्यप ने उसे तरह तरह की नीति अपनाकर वश में करने का प्रयत्न किया, परन्तु प्रह्लाद अडिग रहा ।
अतः उसने अपनी बहन होलिका का सहारा लेकर एक षड़यंत्र रचा, परन्तु आग की होली में होलिका के प्रह्लाद को गोंद में लेकर बैठने पर भगवन के चमत्कार से होलिका जल गई और प्रह्लाद बच गया । तब से ही होली का पर्व मनाया जाता है, होली के एक दिन पूर्व होलिका दहन किया जाता है। फिर दूसरे दिन रंग और गुलाल से बुराई पर अच्छाई की जीत की ख़ुशी मनाई जाती है।
होली का हमारे जीवन में महत्व
होली के त्यौहार का हमारे जीवन में बहुत महत्व है। होली का त्यौहार हमें हर वर्ष एक प्रतिक के रूप में यह सन्देश देता है की हमें सदा सत्य के मार्ग पर चलना चाहिए। फिर चाहे हमारे पथ में हिरण्यकश्यप या होलिका जैसी विपत्तियां क्यों न आये ,जीत सदा सत्य की ही होती है। यह कथा और त्यौहार हमारे जीवन का मार्गदर्शन करती है।
अतः हमें यह त्यौहार बड़े ही हर्षोल्लाष के साथ मनाना चाहिए और अपने से छोटो को इस त्यौहार के महत्व को बताना चाहिए, जिससे की होली के त्यौहार की तरह उनके जीवन में भी खुशियों के विभिन्न रंग और गुलाल भर जाये।
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प्राचीन समय में होली के अवसर पर जहां मंदिरों में कृष्ण और राम के भजन गूंजते थे, वहीं नगरों में लोगों द्वारा ढोलकव मंजिरों के ताल पर लोकगीत गाए जाते थे। पर बदलते समय के साथ इस त्योहार का स्वरूप भी बदलता नज़र आ रहा है।
कार्यस्थलों तथा विभिन्न संस्थानोंमें होली
होली पर सभी संस्थान, संस्था व कार्यस्थल में छुट्टी दी जाती है मगर छुट्टी से पहले स्कूलों में बच्चे तथा कार्यस्थल पर सभी कार्मचारी एक दूसरे को गुलाल लगाकर होली की शुभकामनाएं देते हैं।
होली की संध्या में मित्रों से मेल-मिलाप
दिन भर रंगों से खेलने व नाच गाने के पश्चात सभी संध्या में नये वस्त्र पहनते हैं और अपने पड़ोसी व मित्रों के घरों में उनसे मिलने और होली की शुभकामना देने जाते हैं।
होली की हलचल का सभी टीवी चैनलों पर प्रसारण
होली पर सभी टीवी चैनलों में होली के गीत, विशेष कार्यक्रम तथा न्यूज चैनलों के माध्यम से विभिन्न स्थानों की होली प्रसारित की जाती है।
बाजारों की रौनक में, होली की परंपरागत रीति कहीं खो न जाए
होली पर सभी छोटे-बड़े दुकानदार अपने दुकानों के आगे स्टैंड आदि लगा कर विभिन्न प्रकार के चटकीले रंग, गुलाल, पिचकारी व होली के अन्य आकर्षक सामग्री जैसे रंग बिरंगे विग से अपने स्टॉल को भर देते हैं। राशन तथा कपड़ों की दुकानों पर खरीदारी के लिए विशेष भीड़ देखने को मिलती है। पर समय बितने के साथ ज्यादातर लोग अब स्वयं से कोई पकवान नहीं बनाते वे हर प्रकार की मिठाइयां बाजार से ही खरीद लेते हैं। इससे त्योहार की धूम का बाजारीकरण में खो जाने का भय है।
समय के साथ होली का बदलता स्वरूप
परंपरागत विधि से आज इस त्यौहार का स्वरूप बहुत अधिक बदल गया है। पहले लोग होली की मस्ती में अपनी मर्यादा को नहीं भूलते थे। लेकिन आज के समय में त्योहार के नाम पर लोग अनैतिक कार्य कर रहें हैं। जैसे एक-दूसरे के कपड़े-फाड़ देना, जबरदस्ती किसी पर रंग डालना आदि।
होली पर हुड़दंग
होली पर वह भी रंगों से भीग जाते हैं जो अपने घरों से नहीं निकलना चाहते और जैसे की भिगोने वालों का तकिया कलाम बन चुका होता है “बुरा ना मानो होली है”। कुछ लोग त्यौहार का गलत फायदा उठा कर बहुत अधिक मादक पदार्थों का सेवन करते हैं और सड़क पर चल रहीं महिलाओं को परेशान करते हैं। यह सरासर गलत व्यवहार है।
होली पर सभी मस्ती में डूबे नज़र आते हैं। जहां सामान्य व्यक्ति अनेकों प्रकार के स्वादिष्ट भोजन तथा ठंडाई का सेवन करते हैं। वहीं मनचलों को नशे में धुत्त होकर अपनी मनमानी करने का एक अवसर प्राप्त हो जाता है। होली रंगों का त्योहार है इसे प्रेम पूर्वक खेलना चाहिए।
अपना घर चलाने के लिए जो पेशेवर घरों से दूर रहते हैं, वह भी होली के समय पर अपने परिवार के पास लौट आते हैं। यह त्योहार हमें हमारे संस्कृति से जोड़ने का कार्य करता है, अतः इस दृष्टी से यह हमारे लिए बहुत अधिक महत्वपूर्ण है।
होली का इतिहास व मनाए जाने का कारण
पुराणों के अनुसार, विष्णु भक्त प्रह्लाद से क्रोधित होकर प्रह्लाद के पिता हिरण्यकश्यप ने, पुत्र प्रह्लाद को ब्रह्मा द्वारा वरदान में प्राप्त वस्त्र धारण किए बहन होलिका के गोद में आग से जला देने की मंशा से बैठा दिया। किन्तु प्रभु की महिमा से वह वस्त्र प्रह्लाद को ढ़क लेता है और होलिका जल कर भस्म हो जाती है। इस खुशी में नगरवासियों द्वारा दूसरे दिन होली मनाया गया। तब से होलिका दहन और होली मनाया जाने लगा।
होली के पर्व से जुड़े होलिका दहन के दिन, परिवार के सभी सदस्य को उबटन (हल्दी, सरसों व दही का लेप) लगाया जाता है। ऐसी मान्यता है की उस दिन उबटन लगाने से व्यक्ति के सभी रोग दूर हो जाते हैं व गांव के सभी घरों से एक-एक लकड़ी होलिका में जलाने के लिए दी जाती है। आग में लकड़ी जलने के साथ लोगों के सभी विकार भी जल कर नष्ट हो जाते हैं। होली के कोलाहल (शोर) में, शत्रु के भी गले से लग जाने पर सभी अपना बड़ा दिल कर के आपसी रंजिश भूल जाते हैं।
भारत के विभिन्न राज्यों की होली
ब्रजभूमि की लठमार होली
“सब जग होरी या ब्रज होरा” अर्थात सारे जग से अनूठी ब्रज की होली है। ब्रज के गांव बरसाना में होली प्रेम का प्रतीक माना जाता है। इस होली में नंदगांव के पुरुष और बरसाना की महिलाएं भाग लेती हैं क्योंकि श्री कृष्ण नंदगांव से थे और राधा बरसाना से। जहां पुरुषों का ध्यान भरी पिचकारी से महिलाओं को भिगोने में रहता है वहीं महिलाएं खुद का बचाव और उनके रंगों का उत्तर उन्हें लाठियों से मार कर देती है। सच में यह अद्भुत दृश्य होता है।
मथुरा और वृंदावन की होली
मथुरा और वृंदावन में होली की अलग छटा नज़र आती है। यहां होली की धूम 16 दिन तक छाई रहती है। लोग “फाग खेलन आए नंद किशोर” और “उड़त गुलाल लाल भए बदरा” आदि अन्य लोक गीत का गायन कर इस पावन पर्व में डूब जाते हैं।
महाराष्ट्र और गुजरात की मटकी फोड़ होली
महाराष्ट्र और गुजरात में होली पर श्री कृष्ण की बाल लीला का स्मरण करते हुए होली का पर्व मनाया जाता है। महिलाएं मक्खन से भरी मटकी को ऊँचाई पर टांगती हैं इन्हें पुरुष फोड़ने का प्रयास करते हैं और नांच गाने के साथ होली खेलते हैं।
पंजाब का “ होला मोहल्ला”
पंजाब में होली का यह पर्व पुरुषों की शक्ति के रूप में देखा जाता है। होली के दूसरे दिन से सिक्खों के पवित्र धर्मस्थान “आनंदपुर साहेब” में छः दिवसीय मेला लगता है। इस मेले में पुरुष भाग लेते हैं तथाघुड़सवारी,तीरंदाजी जैसे करतब दिखाते हैं।
बंगाल की “ डोल पूर्णिमा” होली
बंगाल और उड़ीसा में डोल पूर्णिमा के नाम से होली प्रचलित है। इस दिन पर राधा कृष्ण की प्रतिमा को डोल में बैठा कर पूरे गांव में भजन कीर्तन करते हुए यात्रा निकाली जाती है और रंगों से होली खेली जाती है।
मणिपुर की होली
होली पर मणिपुर में “थबल चैंगबा” नृत्य का आयोजन किया जाता है। यहां यह पर्व पूरे छः दिवस तक नाच-गाने व अनेक तरह के प्रतियोगिता के साथ चलता रहता है।
फाल्गुन की पूर्णिमा से उड़ते गुलाल व ढोलक की ताल से शुरू हुई होली भारत के कोने- कोने में विभिन्न प्रकार से हर्षोंल्लास के साथ मनाई जाती है। इस पर्व के आनंद में सभी आपसी मन-मुटाव को भूल कर एक-दूसरे के गले लग जाते हैं।
उम्मीद करते हैं कि ये सभी होली के निबंध आपको पढ़कर अच्छा लगा होगा, आप अपनी आवश्यकता के अनुसार इनमे से कोई भी निबंध इस्तेमाल कर सकते हैं। धन्यवाद!
Frequently asked questions (FAQS) होली से संबंधित अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
उत्तर- प्रह्लाद की बुआ होलिका के नाम पर इस त्यौहार का नाम होली पड़ा।
उत्तर- लठमार होली श्री कृष्ण और राधा के प्रेम का प्रतिक होने के कारण विशेष है।
उत्तर- प्रह्लाद विष्णु भगवान ( नरसिंह अवतार ) का उपासक था।
उत्तर- होली त्यौहार के प्रमुख व्यंजन गुजिया , गुलाब जामुन , ठंडाई आदि हैं।
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होली पर कविता
दोस्तो आज हमने Mera Vidyalaya Essay in Hindi लिखा है मेरा विद्यालय पर निबंध कक्षा 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9 ,10, 11, 12 के विद्यार्थियों के लिए है. इस लेख में हमने विद्यालय के बारे में बताया है विद्यालय और शिक्षा हमारे जीवन में किस प्रकार महत्व रखती है यह हमने निबंध की सहायता से बताया है. शिक्षा प्राप्त करके हम किसी भी असंभव कार्य को कर सकते हैं इसलिए हमें विद्यालय जरूर जाना चाहिए.
मेरा विद्यालय दिल्ली शहर में स्थित है यह मेरे घर से पांच मिनट की दूरी पर ही पड़ता है यह एक आदर्श विद्यालय हैं. मेरा विद्यालय नर्सरी से लेकर कक्षा आठ तक है . मेरा विद्यालय दो मंजिला इमारत में बना हुआ है जिसमें तीस हवादार कक्ष है. मेरे विद्यालय के चारों ओर सफेद रंग किया गया है जो कि देखने में बहुत ही सुंदर और मन को शांति पहुंचाता है.
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विद्यालय में बीस अध्यापक-अध्यापिकाओं का स्टाफ है जो कि हमें अलग-अलग विषय पढ़ाते है. विद्यालय के पीछे एक ग्राउंड है जिसमें पेड़ पौधे लगे हुए हैं और हम वहीं पर सुबह प्रार्थना करते हैं और आधी छुट्टी होने पर वही पर हम खेलते है. हमारे विद्यालय का परिणाम हर बार शत-प्रतिशत रहता है.
मेरे विद्यालय में कोई सांस्कृतिक एवं अन्य प्रतियोगिताएं होती है. मेरे विद्यालय के प्रधानाचार्य बहुत ही सज्जन व्यक्ति हैं वह हमें रोज शिक्षाप्रद कहानी सुनाते हैं मुझे मेरा विद्यालय बहुत पसंद है.
मेरे विद्यालय का नाम आदर्श उच्च माध्यमिक विद्यालय है यह हमारे शहर के सबसे अच्छे विद्यालय में से एक है. हमारे विद्यालय में लगभग 800 विद्यार्थी पढ़ते है, मेरा विद्यालय कक्षा 6 से 12वीं तक है. विद्यालय में 40 अध्यापक अध्यापिकाओं का स्टाफ है और 4 चपरासी हैं और एक दरबान है.
विद्यालय शहर के शोर शराबे से दूर एक शांति स्थल पर स्थित है जिसके कारण हमें पढ़ने में कोई दिक्कत नहीं आती है. विद्यालय के चारों ओर बहुत हरियाली है जिससे वहां का वातावरण बहुत ही अच्छा है. विद्यालय में 50 कमरे है. मेरे विद्यालय में एक कंप्यूटर लैब है
जिसमें हम कंप्यूटर की जानकारी लेते हैं और एक लाइब्रेरी भी है जहां पर हम अखबार पढ़ते हैं और अच्छे कवियों द्वारा लिखी गई किताबें भी पढ़ते हैं यहां पर करीब 1000 किताबों का संग्रह है.
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विद्यालय में प्रधानाचार्य जी के बैठने के लिए एक अलग कार्यालय बनाया गया है जो कि बहुत ही सुंदर है वहां पर अच्छी सजावट की गई है. विद्यालय में जगह-जगह पर कूड़ादान लगाए गए हैं जिससे विद्यालय में गंदगी नहीं फैलती है.
विद्यालय मैं एक बड़ा खेल का मैदान है जहां पर हम रोज खेलते हैं विद्यालय में हमें हर सप्ताह कबड्डी, खो-खो, बैडमिंटन , हॉकी, क्रिकेट आदि खेलना सिखाया जाता है.
विद्यालय में NCC और स्काउट भी है. विद्यालय में कुछ दिनों पहले ही वार्षिक उत्सव मनाया गया था जिसमें हमने खूब बढ़ चढ़कर भाग लिया था इसमें हमें पुरस्कार भी मिला था.
मेरे विद्यालय के सभी लोग बहुत अच्छे हैं यहां पर पढ़ाई भी बहुत अच्छी होती है इसीलिए मुझे मेरा विद्यालय बहुत अच्छा लगता है.
विद्यालय का नाम प्रेरणा पब्लिक स्कूल है इस विद्यालय से हर बार 10वीं और 12वीं कक्षा में विद्यार्थी मैरिट में आते है इसलिए आज से यह विद्यालय पढ़ाई के क्षेत्र में बहुत ही अच्छा है साथ ही यहां के छात्र-छात्राएं खेलकूद में भी अव्वल रहते है.
यहां पर आने वाले हर विद्यार्थी को अच्छी शिक्षा दी जाती है. विद्यालय में प्रवेश करते हैं मां सरस्वती का मंदिर है जो कि संगीत और विद्या की देवी है हम सबसे पहले उनके दर्शन करते हैं फिर उनसे प्रार्थना करते है. मेरे विद्यालय का गर्मियों में टाइम 7:00 बजे से 1:00 बजे तक का होता है और सर्दियों में 10:00 बजे से 4:00 बजे तक का होता है.
विद्यालय में कक्षा प्रारंभ होने से पहले मैदान में प्रार्थना करवाई जाती है और प्रत्येक दिन हमारे प्रधानाचार्य हमें कुछ नई बातें बताते हैं जो कि हमारे बहुत काम आती है यहीं पर हमें विद्यालय में होने वाले कार्यक्रमों की सूचना भी दी जाती है.
Mera Vidyalaya में छात्र और छात्राएं एक साथ पढ़ते है. विद्यालय में प्रत्येक कक्षा के लिए दो कमरे बनवाए गए हैं ताकि बच्चों की संख्या अधिक होने पर दूसरा सेक्शन बनाया जा सके. विद्यालय का भवन बहुत ही सुंदर, खुला और हवादार है. विद्यालय के आगे दो बगीचे हैं जिनमें तरह-तरह के फूलों के पौधे लगे हुए हैं जो कि देखने में भी सुंदर लगते हैं और साथ ही विद्यालय के वातावरण को भी सुगंधित बना देते है. विद्यालय में एक कैंटीन भी है जहां पर हम दोपहर में खाना खा सकते है.
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विद्यालय में मेरिट में आने वाले विद्यार्थियों को और गरीब छात्र-छात्राओं को हर साल छात्रवृत्ति दी जाती है. मेरे विद्यालय की ड्रेस सफेद शर्ट, नीली पेंट, कमर में पहनने के लिए बेल्ट है और एक नीले रंग की टाई है जो कि मुझे बहुत पसंद है.
विद्यालय में विद्यार्थियों के बैठने के लिए टेबल और कुर्सी लगे हुए हैं जिस पर हम आराम से बैठकर पढ़ाई कर सकते है. मेरे विद्यालय में एक पुस्तकालय और एक कंप्यूटर लैब भी है. विद्यालय के मैदान में घात लगाई हुई है जिसके कारण रेत नहीं उड़ती है और विद्यालय साफ सुथरा रहता है.
विद्यालय के चारों ओर ऊंची चारदीवारी है जिससे कोई अन्य व्यक्ति विद्यालय में प्रवेश नहीं कर सकता है. मेरे विद्यालय में कई प्रकार की प्रतियोगिताएं भी होती हैं जिनमें हम बढ़-चढ़कर हिस्सा लेते है. हमें योगा भी सिखाया जाता है जिससे हमारा स्वास्थ्य एकदम सही रहता है और हम हर रोज विद्यालय जा पाते है.
मेरे विद्यालय में अनेक प्रकार की खेल खेलने भी शिकायत जाते हैं जिनमें खो-खो , कबड्डी, क्रिकेट, शतरंज, फुटबॉल आदि सिखाए जाते है और हर साल हमारे विद्यालय के विद्यार्थी जिला और राज्य स्तरीय प्रतियोगिताओं में भाग लेते हैं पिछले साल क्रिकेट में हमारे विद्यालय के विद्यार्थियों को गोल्ड मेडल मिला था.
Mera Vidyalaya के प्रधानाचार्य बहुत अच्छे हैं उन्होंने जब से अपना कार्यभार संभाला है तब से विद्यालय की प्रतिष्ठा और बढ़ गई है. मेरे विद्यालय में पढ़ाई के साथ-साथ खेलकूद भी कराया जाता है इससे हमारा सर्वागीण विकास होता है इसलिए मुझे मेरा विद्यालय बहुत अधिक पसंद है.
मेरा विद्यालय बहुत सुंदर है और मुझे बहुत अच्छा लगता है मेरा विद्यालय मेरे घर से लगभग 2 किलोमीटर दूर पड़ता है इसलिए हमारे विद्यालय से रोज एक पीले रंग की स्कूल बस समय लेने आती है मेरी माता जी रोज मुझे बस में बिठा कर स्कूल भेजती है.
मेरा विद्यालय शहर की भीड़भाड़ से दूर एकांत स्थल पर है जहां पर किसी प्रकार का शोर शराबा नहीं होता और यह अच्छा भी है क्योंकि पढ़ाई के लिए शांति की आवश्यकता होती है. मेरा विद्यालय बहुत बड़ी जगह में फैला हुआ है इसके चारों ओर ऊंची दीवारें है.
मेरे विद्यालय में चार मंजिला इमारत है जिसमें 80 हवादार कमरे है. इन कमरों की चपरासी द्वारा रोज सफाई की जाती है जिसे हम स्वच्छ माहौल में पढ़ाई कर पाते है. मेरा विद्यालय कक्षा 6 से कक्षा 12 तक का है मैं कक्षा आठ में पढ़ता हूं मेरी कक्षा विद्यालय के द्वितीय मंजिल पर है. विद्यालय में जल की व्यवस्था के लिए चार वाटर कूलर लगे हुए हैं दिल से हमें गर्मियों में ठंडा पानी मिलता है और साधारण पानी के लिए पानी की छ: बड़ी टंकिया है.
मेरे विद्यालय के दोनों तरफ छात्र छात्राओं के लिए अलग-अलग 10 शौचालय की व्यवस्था है. विद्यालय में एक बड़ी लाइब्रेरी है जिसमें हम हर रोज जाकर समाचार, पत्र पत्रिकाएं एवं कहानियों की किताबें पढ़ते है. आजकल कंप्यूटर का युग है इसलिए हमारे विद्यालय में 100 कंप्यूटरों की एक बड़ी लाइव है जिसमें हर दिन हमारा एक पीरियड कंप्यूटर से संबंधित आता है जिसमें हमें कंप्यूटर सिखाया जाता है.
मेरे विद्यालय में शिक्षकों के बैठने के लिए एक स्टाफ रूम में जिसमें सभी शिक्षक बैठकर आपस में विचार विमर्श करते है. यहां पर एक अन्य बड़ा कमरा भी है जहां पर विद्यालय का ऑफिशियल वर्क देखा जाता है वहां से किसी भी प्रकार की विद्यालय के बारे में जानकारी ली जा सकती है.
मेरे विद्यालय में प्रवेश करते ही मां सरस्वती का मंदिर है जिसमें हम रोज जाकर प्रार्थना करते है और मां सरस्वती का आशीर्वाद लेकर अपनी पढ़ाई शुरू करते है.
मेरे विद्यालय में बैठने के लिए प्रत्येक कक्षा में टेबल और कुर्सी की व्यवस्था की गई है और गर्मियों में हवा के लिए प्रत्यक्षा में चार पंखे लगे हुए है. हर कक्षा के बाहर छोटा कूड़ादान रखा गया है जिसमें हम क्लास का कूड़ा डालते हैं जिससे विद्यालय में गंदगी नहीं फैलती है.
प्रत्येक कक्षा में एक बड़ा ब्लैक बोर्ड है जहां पर हमारे अध्यापक अध्यापिकाएं आकर हमें किसी भी विषय के बारे में चांक से लिखकर समझाते है विषय में प्रत्येक विषय समझने में बहुत आसानी होती है. ह मारे विद्यालय में कुल 50 अध्यापक – अध्यापिकाओं का स्टाफ है जो कि प्रत्येक कक्षा में अलग-अलग विषय पढ़ाते हैं वह अपने विषय में विद्वान है. जिस कारण हमें हर विषय सरलता से समझ में आ जाता है.
Mera Vidyalaya में प्रत्येक सप्ताह योगा की क्लास भी लगती है जिसमें में योगा करना सिखाया जाता है और हमारे स्वास्थ्य को कैसे अच्छा रखना है यह बताया जाता है. योगा से हमारे तन-मन में चुस्ती और स्फूर्ति बनी रहती है जिससे हमारा पढ़ाई में मन लगा रहता है.
विद्यालय के प्रधानाध्यापक बहुत ही शांत और अच्छे व्यक्तित्व के व्यक्ति हैं वह हमें हमेशा कुछ नया करने की सलाह देते हैं और रोज प्रार्थना में हमें एक शिक्षाप्रद कहानी सुनाकर हमें शिक्षा का महत्व बताते है उन्होंने जब से विद्यालय में कार्यभार संभाला है शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार हुआ है और साथ ही विद्यालय की प्रतिष्ठा भी बढ़ गई है.
मेरे विद्यालय में आठ चपरासी हैं और एक दरबान है. चपरासी विद्यालय के छोटे-मोटे काम देखते है जैसे अध्यापक-अध्यापिकाओं को चाय पानी देना, स्कूल की साफ सफाई करना आदि है. दरबान स्कूल में आने वाले प्रत्येक विद्यार्थी के लिए दरवाजा खोलते हैं और ध्यान रखते हैं कि कोई अन्य व्यक्ति स्कूल में प्रवेश ना करें.
वे हमें रोज स्कूल बस से उतारते हैं हमने उनका नाम रामू काका रख रखा है वह हमें कभी-कभी टोफियाँ भी बांटते है वे हमसे बहुत प्यार करते है.
मेरे विद्यालय के आगे छोटे-छोटे चार बगीचे हैं जिनमें छोटी छोटी घास लगी हुई है और अनेक प्रकार के फूलों के पौधे लगे हुए हैं जिनसे मनमोहक खुशबू आती है और यह देखने में बहुत ही सुंदर लगते हैं यह बगीचे विद्यालय की सुंदरता में चार चांद लगा देते हैं.
मेरे विद्यालय के पीछे की और एक बहुत बड़ा ग्राउंड है जिसमें हम सभी विद्यार्थी खेलते हैं यही पर हमारा प्रार्थना स्थल है जहां पर हम सुबह प्रार्थना करते है. विद्यालय के ग्राउंड के चारों ओर बड़े-बड़े वृक्ष लगे हुए हैं और विद्यालय के ग्राउंड पर छोटी-छोटी घास लगी हुई है इससे हमारे विद्यालय का वातावरण बहुत ही अच्छा रहता है और यह देखने में भी बहुत सुंदर लगता है.
हमारे विद्यालय में प्रत्येक सप्ताह है कोई ना कोई प्रतियोगिता होती रहती है जैसे चित्र-कला, वाद-विवाद, कविताएं आदि की प्रतियोगिता होती रहती है जिसमें हम बढ़-चढ़कर भाग लेते है. हमारे विद्यालय में कुछ बड़ी संस्थाओं द्वारा भी प्रतियोगिताएं रखी जाती है जिसमें से एक प्रतियोगिता में मैंने भाग लिया था.
वह प्रतियोगिता सुंदर डिजाइन तैयार करने पर थी मैंने उस प्रतियोगिता में गोल्ड मेडल जीता था उस दिन मुझे स्टेज पर बुलाकर सभी विद्यार्थियों के सामने गोल्ड मेडल दिया गया था यह मेरे लिए बहुत बड़े सम्मान की बात थी और मेरे विद्यालय के लिए भी.
मेरे विद्यालय का मैदान बड़ा होने के कारण खेलकूद की जिला स्तरीय प्रतियोगिता हमारे विद्यालय में ही होती है इसमें हमारे विद्यालय के विद्यार्थी विचार लेते हैं जो कि हर बार पुरस्कार भी प्राप्त करते है मेरे विद्यालय में हॉकी, फुटबॉल, वॉलीबॉल, बैडमिंटन, क्रिकेट, कबड्डी आदि की प्रतियोगिताएं होती है.
Mera Vidyalaya में हर साल 15 अगस्त , 26 जनवरी, वार्षिक उत्सव और अन्य जयंती पर सांस्कृतिक कार्यक्रम होते है जिनमें हम बढ़ चढ़कर हिस्सा लेते हैं 15 अगस्त और 26 जनवरी के दिन हमारे विद्यालय में एन.सी.सी. के विद्यार्थी परेड करते हैं इसके बाद हमारे विद्यालय की प्रधानाचार्य हमारे देश का तिरंगा झंडा फहराते है इसके बाद हमारे देश का राष्ट्रगान गाया जाता है और इसके पश्चात देशभक्ति गानों पर तरह तरह के सांस्कृतिक कार्यक्रम होते है.
विद्यालय के वार्षिकोत्सव के दिन भी बहुत सारे सांस्कृतिक कार्यक्रम होते हैं इसके साथ ही स्कूल में प्रथम आए विद्यार्थियों को पुरस्कार दिए जाते है. मैं हर बार वार्षिक उत्सव में गीत गायन में हिस्सा लेता हूं जिसमें हम सबसे पहले मां सरस्वती की वंदना करते हैं इसके पश्चात अन्य कार्यक्रम होते है.
मेरे विद्यालय का परिणाम हर बार शत-प्रतिशत ही रहता है जिसके कारण हमारा विद्यालय हमारे शहर का जाना-माना विद्यालय बन गया है. यहां के शिक्षक गण भी बहुत ही विद्वान और अच्छे व्यक्तित्व के है.
मेरा विद्यालय सभी विद्यालयों में श्रेष्ठ हैं और मुझे इस बात पर गर्व है कि मैं एक अच्छे विद्यालय में पढ़ता हूं. यहां पर हमें अच्छी शिक्षा मिलती है और अपना अच्छा भविष्य बनाने के लिए एक अच्छा स्कूल बहुत जरूरी है.
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दीपावली पर निबंध कक्षा 4 के विद्यार्थियो के लिए.
जो छात्र कक्षा 4 मे पढ़ते है, उनको अपने स्कूल मे दीपावली पर निबंध कक्षा 4 Essay On Diwali Hindi for Class Four लिखने को दिया जाता है, तो उन विद्यार्थियो के लिए इस पोस्ट मे दीपावली पर निबंध कक्षा 4 के लिए बताने जा रहे है, जिसकी सहायता से आप अपने क्लास मे दिवाली पर निबंध Essay On Diwali Hindi for Class Four लिख सकते है। और दिवाली के बारे मे जानकारी देने के लिए इस दीपावली पर निबंध कक्षा 4 Essay on Diwali Hindi for Class Four को शेयर भी कर सकते है, और इसे पढ़कर दिवाली के महत्व को भी बता सकते है,
Essay on diwali hindi for class four.
दिवाली जो की भारतीय संस्कृति का सर्वप्रमुख त्यौहार है यह प्रतिवर्ष कार्तिक अमावस्या को मनाया जाता है ‘तमसो मा ज्योतिर्गमय ‘अंधेरे से ज्योति अर्थात प्रकाश की ओर जाइये यह अपने उपनिषदों की आज्ञा मानी जाती है अर्थात प्रत्येक मनुष्य अपने जीवन के गम के अंधेरों को खत्म करके उजाले की ओर जाए अपने मन के अंधेरों को भी खत्म करे यही दीपावली का त्यौहार है।
Table of Contents
भारत त्योहारों और मेलों का देश है। दिवाली या दीपावली भारत के सबसे महत्वपूर्ण और रंगीन त्योहारों में से एक है। इसे रोशनी का त्योहार कहा जाता है। दीवाली 14 साल के वनवास में रहने के बाद भगवान राम, सीता और लक्ष्मण की अयोध्या वापसी का जश्न मनाती है। अयोध्या के लोग बड़ी संख्या में उनका स्वागत करने के लिए खुशी से झूम उठे। यह पर्व भगवान राम के समय से ही मनाया जाता रहा है। लोग अपने घरों, दुकानों और अन्य इमारतों की सफेदी और पेंटिंग करके महान त्योहार की तैयारी करते हैं।
दीपावली की रात को, धन की देवी भगवान गणेश और लक्ष्मी की पूजा की जाती है। पटाखों और फुलझड़ियों से खेल रहे लोग। धन, स्वास्थ्य और समृद्धि के लिए प्रार्थना। यह त्यौहार पूरे भारत में मनाया जाता है। सभी लोग, चाहे वे किसी भी जाति के हों या उत्सव में शामिल हों। इस त्योहार को मनाने के लिए दूसरे देशों में रहने वाले भारतीय समुदाय भी इस त्योहार को बहुत ही धूमधाम से मनाते दिवाली का पर्व मनाते है।
यह त्यौहार बड़े उत्साह के साथ मनाया जाता है। इस दिन लोगों द्वारा दीपों व मोमबत्तियाँ जलाने से हुए प्रकाश से कार्तिक मास की अमावस्या की रात पूर्णिमा की रात में बदल जाती है। इस त्यौहार के आगमन की प्रतीक्षा हर किसी को होती है। सामान्यजन जहां इस पर्व के आने से माह भर पहले ही घरों की साफ-सफाई, रंग-पुताई में जुट जाते हैं।
वहीं व्यापारी तथा दुकानदार भी अपनी-अपनी दुकानें सजाने लगते हैं। इसी त्यौहार से व्यापारी लोग अपने बही-खाते शुरू किया करते हैं। इस दिन बाजार में मेले जैसा माहौल होता है। बाजार तोरणद्वारों तथा रंग-बिरंगी पताकाओं से सजाये जाते हैं। मिठाई तथा पटाखों की दुकानें खूब सजी होती हैं। इस दिन खील-बताशों तथा मिठाइयों की खूब बिक्री होती है। बच्चे अपनी इच्छानुसार बम, फुलझड़ियां तथा अन्य आतिशबाजी खरीदते हैं।
दिवाली के दिन घरों, दुकानों और अन्य इमारतों को मोमबत्ती, दीयों और छोटे बल्बों से सजाया जाता है। हम चारों तरफ रोशनी देख सकते हैं। दिवाली के दिन, लोग अच्छे कपड़े पहनते हैं, वे खुश दिखते हैं और उत्सव के मूड में होते हैं। वे मिलते हैं और अपने रिश्तेदारों और दोस्तों के साथ बधाई का आदान-प्रदान करते हैं। वे मिठाइयों का आदान-प्रदान भी करते हैं।
उपसंहार –
दीपावली के प्रकाश से हमारा घर-आँगन और तन-मन दोनों ही आलोकित उठते हैं। हमारे दिल से मनमुटाव दूर हो जाते हैं। हमारे ह्रदय स्नेह और सदभाव से भर जाते हैं। इससे सामाजिक जीवन को नई चेतना मिलती है और लोगों को नूतन वर्ष के कर्तव्यों को पूरा करने का बल मिलता है।
Faq on diwali in hindi.
प्रश्न:- हिंदू धर्म का सबसे बड़ा त्यौहार कौन सा है ??
उत्तर:- दीपावली हिंदू धर्म का सबसे बड़ा त्यौहार सा है, जो की शरद ऋतू के कार्तिक महीने के अमावस्या के दिन हर वर्ष मनाया जाता है,
प्रश्न:- दिवाली पर किसकी पूजा की जाती है ?
उत्तर:- दिवाली पर भगवान श्रीगणेश और माता लक्ष्मी की पूजा की जाती है।
प्रश्न:- दिवाली कब मनाया जाता है ?
उत्तर:- दीपावली शरद ऋतू के कार्तिक महीने के अमावस्या के दिन हर वर्ष मनाया जाता है,
प्रश्न:- दिवाली कैसे मनाया जाता है ?
उत्तर:- दिवाली के पहले घरो की रंगाई पुताई करके दिवाली के दिन घरो को दियो, लाइट से सजाकर, नए वस्त्र पहनकर गणेश जी और माँ लक्ष्मी की पूजा करके एक दूसरे को मिठाई खिलाकर दिवाली का त्योहार मनाया जाता है।
प्रश्न:- दिवाली को क्यो मनाया जाता है ?
उत्तर:- दिवाली के दिन ही भगवान श्रीराम जी 14 वर्षो के वनवास के पश्चात वापस अपने घर अयोध्या लौटे थे, जिनके लौटने की खुशी मे हर घर दिये जलाए गए थे, जिस कारण से तब से हर साल दिवाली मनाया जाता है।
प्रश्न:- दिवाली पर घरो को कैसे सजाते है ?
उत्तर:- दिवाली के दिये घरो को दियो और लाइट से सजाते है, और रंगीन झालर भी लगाते है।
प्रश्न:- इस साल 2023 मे दिवाली कब है ?
उत्तर:- इस साल 2023 मे दिवाली 12 नवंबर को है, जिस दिन रविवार है।
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