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Albert Einstein Biography In Hindi | अल्बर्ट आइंस्टीन जीवनी

Albert Einstein Biography In Hindi

दुनिया से सबसे बुद्धिमान और सर्वश्रेष्ठ वैज्ञानिक अल्बर्ट आइंस्टीन को शायद ही कोई नहीं जानता हो, उन्होंने न सिर्फ विज्ञान के क्षेत्र में अपना अभूतपूर्व योगदान दिया, बल्कि अपनी कई खोजों के माध्यम से कठिन से कठिन चीजों का बेहद आसान बना दिया और अपने सफल अविष्कारों से विज्ञान को एक नई दिशा दी।

अल्बर्ट आइंस्टीन एक महान वैज्ञानिक होने के साथ-साथ एक सफल भौतिक शास्त्री भी थे, जिन्होंने दुनिया में सबसे प्रसिद्ध द्रव्यमान और ऊर्जा का समीकरण सूत्र दिया।

इसके अलावा उन्होंने 300 से भी ज्यादा वैज्ञानिक शोध पत्रों का प्रकाशन किया, वहीं उनके अभूतपूर्व योगदान के लिए उन्हें सर्वोच्च सम्मान नोबेल पुरस्कार से भी सम्मानित किया जा चुका है।

अल्बर्ट आइंस्टीन ने अपने जीवन में कई बार असफलता पाने के बाबजूद भी हार नहीं मानी और निरंतर प्रयास करते रहे और सफलता हासिल कर लोगों के लिए एक मिसाल कायम की।

वहीं आज हम आपको अपने इस आर्टिकल में अल्बर्ट आइंस्टीन के जन्म से लेकर उनके महान वैज्ञानिक बनने तक के सफर के बारे में बताएंगे , साथ ही उनके जीवन के संघर्षों के बारे में भी चर्चा करेंगे, तो आइए जानते हैं, दुनिया के महान वैज्ञानिक अल्बर्ट आइंस्टीन – Albert Einstein के बारे में –

Albert Einstein

अल्बर्ट आइंस्टीन जीवनी | Albert Einstein Biography in Hindi

अल्बर्ट आइंस्टीन का जन्म और शिक्षा – albert einstein education.

दुनिया के महान वैज्ञानिक अल्बर्ट आइंस्टीन, जर्मनी के उल्म शहर में एक यहूदी परिवार में 14 मार्च साल 1879 को जन्में थे। वे हेर्मन आइंस्टीन और पौलिन कोच की संतान थे। उनके पिता एक इंजीनियर और सलेस्मैन थे, वहीं अल्बर्ट आइंस्टीन के जन्म के थोड़े दिनों बाद ही उनका परिवार म्युनिच में शिफ्ट हो गया, जिसके चलते म्युनिच में ही आइंस्टीन ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा की शुरुआत की।

आपको बता दें कि अल्बर्ट आइंस्टीन को शुरु से ही किताबी ज्ञान में कोई रुचि नहीं थी, बचपन में जिद्दी और कमजोर बच्चों में उनकी गिनती होती थी। उनकी कुछ हरकतों की वजह से उन्हें कुछ अध्यापकों ने तो शारीरिक रुप से विकलांग तक कहना शुरु कर दिया था।

आइंस्टीन के बारे में यह भी कहा जाता है कि 9 साल की उम्र तक वे ठीक तरीके से बोल भी नहीं पाते थे।

लेकिन बचपन से ही वे कुछ न कुछ एक्सपेरिमेंट करते रहते थे, उनका कंपास की सुई की दिशा, प्रकृति के नियमों आदि में उनका मन रमता था। वहीं म्यूजिक से उन्हें बचपन से ही काफी लगाव था, यही वजह है कि उन्होंने मात्र 6 साल की उम्र में वायलिन  बजाना सीख लिया था, और अपने जीवन के खाली समय में वे अक्सर इसे बजाते थे। 

इसके अलावा महज 12 साल की उम्र में उन्होंने ज्यामिति की खोज की थी और वे इतनी तेज बुद्दि के छात्र थे कि महज 16 साल की उम्र में वे गणित के कठिन सवालों को भी चुटकियों में हल कर देते थे।

आपको बता दें कि 16 साल की उम्र में ही आइंस्टीन ने अपनी 12वीं  की पढ़ाई पूरी कर ली थी, इसके बाद वे स्विट्ज़रलैंड के ज्यूरिच में ‘फ़ेडरल इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी’ में एडमिशन लेना चाहते थे, उन्होंने इसके लिए इंतिहान भी दिया, लेकिन वे सफल नहीं हो सके।

इसके बाद उन्होंने अपनी एक टीचर की सलाह को मानते हुए स्विट्ज़रलैंड के आरौ में ‘कैनटोनल स्कूल’ से डिप्लोमा किया।

इसके बाद साल  1900 में अल्बर्ट आइंस्टीन ने स्विज फ़ेडरल इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी से अपने ग्रेजुएशन की पढ़ाई पूरी की और इस दौरान उन्होंने स्विट्जरलैंड की नागरिकता भी हासिल की  वहीं इसके 5 साल बाद साल 1905 में उन्होंन PHD की डिग्री हासिल की 

अल्बर्ट आइंस्टीन का कैरियर – Albert Einstein Career

PHD की डिग्री हासिल करने के बाद अल्बर्ट आइंस्टीन की ज्यूरिख यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर के रुप में नियुक्ति की गई। इस दौरान उन्होंने अपना पहला क्रांतिकारी विज्ञान से संबंधित एक डॉक्यूमेंट भी लिखा।   

इसके कुछ दिनों के बाद अल्बर्ट आइंस्टीन  क्ज़ेकोस्लोवाकिया के प्राग शहर में जर्मन यूनिवर्सिटी में प्रिंसिपल के लिए चुने गए। इसके बाद फिर वे  फेडरल इंस्टिटयूट ऑफ़ टेक्नोलोजी में प्रिंसिपल बनाए गए।

साल 1913 में मशहूर वैज्ञानिक मैक्स प्लांक और वाल्थेर नेर्न्स्ट ने आइंस्टीन को बर्लिन की एक यूनिवर्सिटी में एक रिसर्च के लिए प्रोत्साहित किया, जिसके बाद आइंस्टीन बर्लिन चले गए।

फिर साल 1920 में उन्हें हॉलैंड में लंदन की यूनिवर्सिटी की तरफ से आजीवन रिसर्च करने और लेक्चर देने का ऑफर मिला । वहीं इसके बाद विज्ञान के क्षेत्र में उनके द्धारा की गई तमाम खोजों के लिए उन्हें कई अवॉर्ड भी दिए दिए।

वहीं जब आइंस्टीन ने कैलिफोर्निया इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी से जुड़े उस समय उनका कैरियर एक नए मुकाम पर पहुंचा। इसके बाद उन्होंने अपने प्रयोगों से कई नए अविष्कार कर विज्ञान के क्षेत्र में नई दिशा प्रदान की।

अल्बर्ट आइंस्टीन के अविष्कार – Inventions of Albert Einstein

प्रकाश की क्वांटम थ्योरी

प्रकाश की क्वांटम थ्योरी में आइंस्टीन ने ऊर्जा की छोटी थैली को फोटोन कहा और इसकी तरंगों की खासियत बताई है। इसके साथ ही उन्होंने कुछ धातुओं के इलेक्ट्रॉन्स के उत्सर्जन और फोटो इलेक्ट्रिक इफेक्ट की रचना को समझाया. वहीं इसी खोज के आधार पर टेलीविजन की खोज की गई।

E = MC square

साल 1905 में आइंस्टीन ने द्रव्यमान और ऊर्जा के बीच एक ऐसा फॉर्मूला बनाया जो कि पूरी दुनिया में प्रसिद्ध हुआ।

रेफ्रिजरेटर की खोज

आइंस्टीन ने बेहद कम समय में रेफ्रिजरेटर की खोज की थी। इसमें उन्होंने अमोनिया, ब्यूटेन और पानी और ऊर्जा का अधिक इस्तेमाल किया था।

स्पेशल थ्योरी ऑफ रिलेटिविटी

आइंस्टीन ने अपनी इस  थ्योरी में गति  और समय के सम्बन्ध को समझाने की कोशिश की है।

आसमान नीला होता है

इसमें आइंस्टीन के प्रकाश के प्रकीर्णन (Light Scattering) के बारे में बताया था, और इसी वजह से आसमान का रंग नीला होता है। 

इसके अलावा भी अल्बर्ट आइंस्टीन में अपने कई अद्भुत अविष्कारों से विज्ञान के विकास को गति प्रदान की।

अल्बर्ट आइंस्टीन की शादी – Albert Einstein Marriage

विश्व के इस महान वैज्ञानिक ने अपने जीवन में दो शादियां की थी। वे स्कूल में मिलेना मरिअक से मिले थे, जिसके बाद साल 1903 में उन दोनो ने शादी कर ली, उन्हें इस शादी से तीन संतानें भी प्राप्त हुईं थी, हालांकि यह शादी ज्यादा दिनों तक नहीं चल पाई और साल 1919 में उन दोनों में तलाक हो गया। इसके बाद आइंस्टीन ने  एलिसा लोवेस से अपनी दूसरी शादी रचा ली।

अल्बर्ट आइंस्टीन को पुरस्कार – Albert Einstein Awards

विज्ञान के क्षेत्र में उनके  अभूतपूर्व योगदान देने और महान खोजों के लिए अल्बर्ट आइंस्टीन को कई  पुरस्कारों से नवाज़ा गया, जो कि निम्नलिखित है –

  • साल 1921 में भौतिकी का नोबेल पुरस्कार दिया गया।
  • साल 1921 में ही उन्हें मत्तयूक्की मैडल से नवाजा गया।
  • साल 1925 में आइंस्टीन को कोपले मैडल से भी नवाजा गया।
  • साल 1929 में मैक्स प्लांक मैडल से भी आइंस्टीन सम्मानित किया गया।
  • साल 1999 में उन्हें शताब्दी के टाइम पर्सन का पुरस्कार भी दिया गया।

अल्बर्ट आइंस्टीन की मृत्यु – Albert Einstein Death

जर्मनी में जब हिटलर शाही का समय आया  तो अल्बर्ट आइंस्टीन को यहूदी होने के कारण जर्मनी छोड़ कर अमेरिका के न्यजर्सी में आकर रहना पड़ा, जहां प्रिस्टन कॉलेज में काम करते हुए 18 अप्रैल, साल 1955 में उन्होंने अपनी आखिरी सांस ली।

अल्बर्ट आइंस्टीन ने महान खोजों के द्धारा विज्ञान के क्षेत्र में एक नई क्रांति ला दी और मुश्किल से मुश्किल चीजों को बेहद आसान बना दिया। वहीं कई बार हार जाने के बाद भी वे रुके नहीं और अपने प्रयासों को एक दिन दुनिया के सामने लाकर  खुद को साबित किया और दुनिया के सामने एक मिसाल पेश की। 

अल्बर्ट आइंस्टीन सुविचार – Albert Einstein Quotes

Quote – दो चीजें अनंत हैं: ब्रह्माण्ड और मनुष्य कि मूर्खता; और मैं ब्रह्माण्ड के बारे में दृढ़ता से नहीं कह सकता। Quote – जिस व्यक्ति ने कभी गलती नहीं कि उसने कभी कुछ नया करने की कोशिश नहीं की। Quote – ईश्वर के सामने हम सभी एक बराबर ही बुद्धिमान हैं-और एक बराबर ही मूर्ख भी।

अल्बर्ट आइंस्टीन के सुविचार:   Einstein Quotes

Note:  आपके पास About   Albert Einstein in Hindi  मैं और  information हैं, या दी गयी जानकारी मैं कुछ गलत लगे तो तुरंत हमें कमेंट और ईमेल मैं लिखे हम इस अपडेट करते रहेंगे।

46 thoughts on “Albert Einstein Biography In Hindi | अल्बर्ट आइंस्टीन जीवनी”

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You have given very interesting information about Albert Einstein. Here you have explained all the facts very beautifully.

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Sir kya Albert Einstein bachpan me bohot kamzor the aur kya unhe school se nikal diya gaya tha ?

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very nice article sir ji …. thank you

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अल्बर्ट आइंस्टीन का जीवन परिचय व इतिहास | Albert Einstein Biography History Quotes In Hindi

अल्बर्ट आइंस्टीन का जीवन परिचय व इतिहास | Albert Einstein Biography History  Quotes In Hindi

अल्बर्ट आइंस्टीन विश्व के जाने माने वैज्ञानिक और थ्योरिटीकल भौतिकशास्त्री है. इन्होंने साधारण रिलेटिविटी की थ्योरी को विकसित किया. विज्ञान के दर्शन शास्त्र को प्रभावित करने के लिए भी इनका नाम प्रसिद्ध है. अल्बर्ट आइंस्टीन का विश्व में सबसे ज्यादा नाम द्रव्यमान – ऊर्जा के समीकरण सूत्र E=MC square के लिए है, यह विश्व का बहुत ही प्रसिद्ध समीकरण है. अल्बर्ट आइंस्टीन ने अपने जीवन में बहुत से अविष्कार किये, कुछ अविष्कारों के लिए आइंस्टीन का नाम इतिहास के पन्नों में दर्ज हो गया. वे एक सफल और बहुत ही बुद्धिमानी वैज्ञानिक थे. आधुनिक समय में भौतिकी को सरल बनाने में इनका बहुत बड़ा योगदान रहा है. सन 1921 में अल्बर्ट आइंस्टीन को उनके अविष्कारों के लिए नोबल पुरस्कार से नवाजा गया. अल्बर्ट आइंस्टीन ने कड़ी मेहनत कर यह मुकाम हासिल किया. इनको गणित में भी बहुत रूचि थी. इन्होंने भौतिकी को सरल तरीके से समझाने के लिए बहुत से अविष्कार किये जोकि लोगों के लिए प्रेरणादायक है.

Table of Contents

अल्बर्ट आइंस्टीन का जीवन परिचय  व इतिहास  ( Albert Einstein Biography History In Hindi )

अल्बर्ट आइंस्टीन का जन्म, परिवार, पुरस्कार और मृत्यु नीचे दी हुई सूची में दर्शाई गई है-

अल्बर्ट आइंस्टीन का सम्पूर्ण जीवन परिचय निन्म बिंदुओं पर आधारित है-

  • अल्बर्ट आइंस्टीन का जन्म और शिक्षा
  • अल्बर्ट आइंस्टीन का कैरियर
  • अल्बर्ट आइंस्टीन के अविष्कार
  • अल्बर्ट आइंस्टीन के रोचक तथ्य
  • अल्बर्ट आइंस्टीन के सुविचार
  • अल्बर्ट आइंस्टीन को पुरस्कार
  • अल्बर्ट आइंस्टीन की मृत्यु

अल्बर्ट आइंस्टीन का जन्म और शिक्षा (Albert Einstein education) –

अल्बर्ट आइंस्टीन का जन्म 14 मार्च सन 1879 को जर्मनी के उल्म शहर में हुआ. किन्तु जर्मनी के म्युनिच शहर में वे बड़े हुए और इनकी शिक्षा का आरम्भ भी यही से हुआ. वे बचपन में पढ़ाई में बहुत ही कमजोर थे और उनके कुछ अध्यापकों ने उन्हें मानसिक रूप से विकलांग कहना शुरू कर दिया. 9 साल की उम्र तक वे बोलना नही जानते थे. वे प्रक्रति के नियमों, आश्चर्य की वेदना का अनुभव, कंपास की सुई की दिशा आदि में मंत्रमुग्ध रहते थे. उन्होंने 6 साल की उम्र में सारंगी बजाना शुरू किया और अपनी पूरी जिन्दगी में इसे बजाना जारी रखा. 12 साल की उम्र में इन्होंने ज्यामिति की खोज की एवं उसका सजग और कुछ प्रमाण भी निकाला. 16 साल की उम्र में, वे गणित के कठिन से कठिन हल को बड़ी आसानी से कर लेते थे.

Albert Einstein

अल्बर्ट आइंस्टीन की सेकेंडरी पढ़ाई 16 साल की उम्र तक ख़त्म हो चुकी थी. उनको स्कूल पसंद नही था, और वे बिना किसी को परेशान किये, विश्वविद्यालय में जाने के अवसर को ढूंढने की योजना बनाने लगे. उनके अध्यापक ने उन्हें वहाँ से हटा दिया, क्युकि उनका बर्ताव अच्छा नहीं था, जिसके कारण उनके सहपाठी प्रभावित होते थे. अल्बर्ट आइंस्टीन स्विट्ज़रलैंड के ज्यूरिच में ‘फ़ेडरल इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी’ में जाने के लिए प्रयास करने लगे, किन्तु वे वहाँ के दाखिले की परीक्षा में असफल हुए. फिर उनके प्राध्यापक ने सलाह दी कि सबसे पहले उन्हें स्विट्ज़रलैंड के आरौ में ‘कैनटोनल स्कूल’ में डिप्लोमा करना चाहिए. उसके बाद सन 1896 में फ़ेडरल इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी में अपने आप ही दाखिला मिल जायेगा. उन्होंने प्राध्यापक की सलाह को समझा, वे यहाँ जाने के लिए बहुत ज्यादा इक्छुक थे और वे भौतिकी और गणित में अच्छे थे.

सन 1900 में अल्बर्ट आइंस्टीन ने फ़ेडरल इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी से अपने ग्रेजुएशन की परीक्षा पास की, किन्तु उनके एक अध्यापक उनके खिलाफ थे, उनका कहना था की आइंस्टीन युसूअल युनिवर्सिटी असिस्टेंटशिप के लिए योग्य नही है. सन 1902 में उन्होंने स्विट्ज़रलैंड के बर्न में पेटेंट ऑफिस में एक इंस्पेक्टर को रखा. उन्होंने 6 महीने बाद मरिअक से शादी कर ली जोकि उनकी ज्युरिच में सहपाठी थी. उनके 2 बेटे हुए, तब वे बर्न में ही थे और उनकी उम्र 26 साल थी. उस समय उन्होंने डॉक्टरेट की उपाधि प्राप्त की और अपना पहला क्रांतिकारी विज्ञान सम्बन्धी दस्तावेज लिखा.

अल्बर्ट आइंस्टीन का कैरियर (Albert Einstein Career) –

अल्बर्ट आइंस्टीन ने बहुत सारे दस्तावेज लिखे इन दस्तावेजों से वे प्रसिद्ध हो गए. उनको जॉब के लिए युनिवर्सिटी में मेहनत करनी पड़ी. सन 1909 में बर्न युनिवर्सिटी में लेक्चरर की जॉब के बाद, आइंस्टीन ने ज्युरिच की युनिवर्सिटी में सहयोगी प्राध्यापक के लिए अपना नाम दिया. दो साल बाद क्ज़ेकोस्लोवाकिया के प्राग शहर में जर्मन युनिवर्सिटी में प्राध्यापक के लिए चुने गए. साथ ही 6 महीने के अंदर ही फ़ेडरल इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी में प्राध्यापक बन गए. सन 1913 में जाने माने वैज्ञानिक मैक्स प्लांक और वाल्थेर नेर्न्स्ट ज्यूरिक आये और उन्होंने आइंस्टीन को जर्मनी में बर्लिन की युनिवर्सिटी में एक फायदेमंद अनुसंधान प्राध्यापकी के लिए प्रोत्साहित किया और उन्होंने विज्ञान की प्रुस्सियन अकादमी की पूरी मेम्बरशिप भी दी. आइंस्टीन ने इस अवसर को स्वीकार कर लिया. जब वे बर्लिन चले गए, तब उनकी पत्नी ज्यूरिक में अपने दो बच्चों के साथ ही रह रहीं थी और उनका तलाक़ हो गया. सन 1917 में आइंस्टीन ने एलसा से शादी कर ली.

सन 1920 में आइंस्टीन हॉलैंड में लेइदेन की युनिवर्सिटी में जीवनपरियंत सम्माननीय प्राध्यापकी के लिए चुने गए. इसके बाद इन्हें बहुत से पुरस्कार भी मिले. इसके बाद इनका कैरियर एक नए पड़ाव पर पहुँचा. इस समय आइंस्टीन ने कैलिफोर्निया इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी में प्रस्थान किया, यह उनकी यूनाइटेड स्टेट्स में आखिरी ट्रिप थी. वे वहाँ 1933 में गए.

आइंस्टीन ने सन 1939 में एक एटॉमिक बम की संरचना में अपना बहुत ही महत्वपूर्ण योगदान दिया. सन 1945 में आइंस्टीन ने अपना प्रसिद्ध समीकरण E=MC square का अविष्कार किया.

अल्बर्ट आइंस्टीन के अविष्कार (Albert Einstein Inventions in hindi) –

अल्बर्ट आइंस्टीन ने बहुत से अविष्कार किये जिसके लिए उनका नाम प्रसिद्ध वैज्ञानिको में गिना जाने लगा. उनके कुछ अविष्कार इस प्रकार है-

प्रकाश की क्वांटम थ्योरी –

आइंस्टीन की प्रकाश की क्वांटम थ्योरी में उन्होंने ऊर्जा की छोटी थैली की रचना की जिसे फोटोन कहा जाता है, जिनमें तरंग जैसी विशेषता होती है. उनकी इस थ्योरी में उन्होंने कुछ धातुओं से इलेक्ट्रॉन्स के उत्सर्जन को समझाया. उन्होंने फोटो इलेक्ट्रिक इफ़ेक्ट की रचना की. इस थ्योरी के बाद उन्होंने टेलेविज़न का अविष्कार किया, जोकि द्रश्य को शिल्पविज्ञान के माध्यम से दर्शाया जाता है. आधुनिक समय में बहुत से ऐसे उपकरणों का अविष्कार हो चूका है.

E= MC square –

आइंस्टीन ने द्रव्यमान और ऊर्जा के बीच एक समीकरण प्रमाणित किया, उसको आज नुक्लेअर ऊर्जा कहते है.

ब्रोव्नियन मूवमेंट –

यह अल्बर्ट आइंस्टीन की सबसे बड़ी और सबसे अच्छी ख़ोज कहा जा सकता है, जहाँ उन्होंने परमाणु के निलंबन में जिगज़ैग मूवमेंट का अवलोकन किया, जोकि अणु और परमाणुओं के अस्तित्व के प्रमाण में सहायक है. हम सभी जानते है कि आज के समय में विज्ञान की अधिकतर सभी ब्रांच में मुख्य है. विज्ञान के चमत्कार निबंध यहाँ पढ़ें.

स्पेशल थ्योरी ऑफ़ रिलेटिविटी –

अल्बर्ट आइंस्टीन की इस थ्योरी में समय और गति के सम्बन्ध को समझाया है. ब्रम्हांड में प्रकाश की गति को निरंतर और प्रक्रति के नियम के अनुसार बताया है.

जनरल थ्योरी ऑफ़ रिलेटिविटी –

अल्बर्ट आइंस्टीन ने प्रस्तावित किया कि गुरुत्वाकर्षण स्पेस – टाइम कोंटीनूम में कर्व क्षेत्र है, जोकि द्रव्यमान के होने को बताता है.

मन्हात्तम प्रोजेक्ट –

अल्बर्ट आइंस्टीन ने मन्हात्तम प्रोजेक्ट बनाया, यह एक अनुसंधान है, जोकि यूनाइटेड स्टेट्स का समर्थन करता है, उन्होंने सन 1945 में एटॉमिक बम को प्रस्तावित किया. उसके बाद उन्होंने विश्व युद्ध के दौरान जापान में एटॉमिक बम का विनाश करना सिखा.

आइंस्टीन का रेफ्रीजरेटर –

यह अल्बर्ट आइंस्टीन का सबसे छोटा अविष्कार था, जिसके लिए वे प्रसिद्ध हुए. आइंस्टीन ने एक ऐसे रेफ्रीजरेटर का अविष्कार किया जिसमे अमोनिया, पानी, और ब्युटेन और ज्यादा से ज्यादा ऊर्जा का उपयोग हो सके. उन्होंने इसमें बहुत सी विशेषताओं को ध्यान में रखकर यह रेफ्रीजरेटर का अविष्कार किया.

आसमान नीला होता है –

यह एक बहुत ही आसान सा प्रमाण है कि आसमान नीला क्यों होता है किन्तु अल्बर्ट आइंस्टीन ने इस पर भी बहुत सी दलीलें पेश की.

इस तरह अल्बर्ट आइंस्टीन ने बहुत से अविष्कार किये जिसके लिए उनका नाम इतिहास में मशहूर हो गया.

अल्बर्ट आइंस्टीन के रोचक तथ्य (Albert Einstein interesting facts) –

  • अल्बर्ट आइंस्टीन अपने आप को संशयवादी कहते थे, वे खुद को नास्तिक नहीं कहते थे.
  • अल्बर्ट आइंस्टीन अपने दिमाग में ही सारे प्रयोग का हल निकाल लेते थे.
  • अल्बर्ट आइंस्टीन बचपन में पढाई में और बोलने में कमजोर हुआ करते थे.
  • अल्बर्ट आइंस्टीन की मृत्यु के बाद एक वैज्ञानिक ने उनके दिमाग को चुरा लिया था, फिर वह 20 साल तक एक जार में बंद था.
  • अल्बर्ट आइंस्टीन को नॉबल पुरस्कार भी मिला किन्तु उसकी राशि उन्हें नही मिल पाई.
  • अल्बर्ट आइंस्टीन को राष्ट्रपति के पद के लिए भी अवसर मिला.
  • अल्बर्ट आइंस्टीन युनिवर्सिटी की दाखिले की परीक्षा में फेल भी हो चुके है.
  • अल्बर्ट आइंस्टीन की याददाश बहुत ख़राब होने के कारण, उनको किसी का नाम, नम्बर याद नही रहता था.
  • अल्बर्ट आइंस्टीन की आँखे एक सुरक्षित डिब्बे में रखी हुई है.
  • अल्बर्ट आइंस्टीन के पास खुद की गाड़ी नही थी, इसलिए उनको गाड़ी चलाना भी नहीं आता था.
  • अल्बर्ट आइंस्टीन का एक गुरुमंत्र था “अभ्यास ही सफलता का मूलमंत्र है”.

अल्बर्ट आइंस्टीन के सुविचार (Albert Einstein Quotes) –

  • वक्त बहुत कम है यदि हमें कुछ करना है तो अभी से शुरुआत कर देनी चाहिए.
  • आपको खेल के नियम सिखने चाहिए और आप किसी भी खिलाड़ी से बेहतर खेलेंगे.
  • मुर्खता और बुद्धिमता में सिर्फ एक फर्क होता है कि बुद्धिमता की एक सीमा होती है.

अल्बर्ट आइंस्टीन को पुरस्कार (Albert Einstein Awards) –

अल्बर्ट आइंस्टीन को निम्न पुरस्कारों से नवाज़ा गया.

  • भौतिकी का नॉबल पुरस्कार सन 1921 में दिया गया.
  • मत्तयूक्की मैडल सन 1921 में दिया गया.
  • कोपले मैडल सन 1925 में दिया गया.
  • मैक्स प्लांक मैडल सन 1929 में दिया गया.
  • शताब्दी के टाइम पर्सन का पुरस्कार सन 1999 में दिया गया.

अल्बर्ट आइंस्टीन की मृत्यु (Albert Einstein Death) –

जर्मनी में जब हिटलर शाही का समय आया, तो अल्बर्ट आइंस्टीन को यहूदी होने के कारण जर्मनी छोड़ कर अमेरिका के न्यूजर्सी में आकर रहना पड़ा. अल्बर्ट आइंस्टीन वहाँ के प्रिस्टन कॉलेज में अपनी सेवाएं दे रहे थे और उसी समय 18 अप्रैल 1955 में उनकी मृत्यु हो गई.

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प्रसिद्ध वैज्ञानिक अलबर्ट आइंस्टाइन की जीवनी | Albert Einstein Biography in Hindi

Albert Einstein Biography & History in Hindi / अलबर्ट आइंस्टाइन एक प्रसिद्ध वैज्ञानिक और सैद्धांतिक भौतिकविद् थे। वे सापेक्षता के सिद्धांत और द्रव्यमान-ऊर्जा समीकरण E = mc2 के लिए जाने जाते हैं। अपनी खोजों के आधार पर उन्होंने अंतरिक्ष, समय और गुरुत्वाकर्षण के सिद्धांत दिये। उन्हें सैद्धांतिक भौतिकी, ख़ासकर प्रकाश-विद्युत ऊत्सर्जन की खोज के लिए 1921 में नोबेल पुरस्कार मिला था।

Albert Einstein Biography in Hindi

अलबर्ट आइंस्टाइन का परिचय – Albert Einstein Biography in Hindi

जाने-माने बुद्धिजीवी और महान वैज्ञानिक अल्बर्ट आइंस्टीन जो की 20 वीं सदि के प्रारंभिक बीस वर्षों तक विश्व के विज्ञान जगत पर छाए रहे। वे सापेक्षता के सिद्धांत और द्रव्यमान-ऊर्जा समीकरण E = mc2 के लिए जाने जाते हैं। उन्हें सैद्धांतिक भौतिकी, खासकर प्रकाश-विद्युत ऊत्सर्जन की खोज के लिए 1921 में नोबेल पुरस्कार प्रदान किया गया।

एक बार उन्होने अपने गुरु से पूछा  ‘श्रीमान मैं अपनी बुद्धी का विकास कैसे कर सकता हूँ?’  अध्यापक ने कहा – अभ्यास ही सफलता का मूलमंत्र है। उस बालक ने निश्चय किया कि अभ्यास के बल पर ही मैं एक दिन सबसे आगे बढकर दिखाऊँगा। बाल्यकाल से अध्यापकों द्वारा मंद बुद्धी और अयोग्य कहा जाने वाला ये बालक अपने अभ्यास के बल पर ही विश्व में आज सम्मान के साथ जाना जाता है। इस बालक को दुनिया आइंस्टाइन के नाम से जानती है। उनका जीवन इस बात का प्रमाण है कि साधारण से साधारण व्यक्ति भी मेहनत, हिम्मत और लगन से सफलता प्राप्त कर सकता है। आइये आज हम इस प्रतिभावान वैज्ञानिक के प्रेरणादायक जीवन के बारे में जानते हैं ।

प्रारंभिक जीवन और शिक्षा – Early Life of Albert Einstein

आइंस्टीन का जन्म 14 मार्च, 1879 को जर्मनी में वुटेमबर्ग के एक यहूदी परिवार में हुआ। उनके पिता हर्मन आइंस्टाइन एक इंजीनियर और सेल्समैन थे। उनकी मां पौलीन आइंस्टीन थी। हालाँकि आइंस्टीन को शुरू-शुरू में बोलने में कठिनाई होती थी, लेकिन वे पढाई में अव्वल थे। उनकी मातृभाषा जर्मन थी और बाद में उन्होंने इटालियन और अंग्रेजी सीखी।

अलबर्ट आइंस्टाइन आगे बढने की चाह हमेशा उनपर हावी रहती थी। पढने में मन नहीं लगता था फिर भी किताब हाँथ से नहीं छोङते थे, मन को समझाते और वापस पढने लगते। कुछ ही समय में अभ्यास का सकारात्मक परिणाम दिखाई देने लगा। शिक्षक भी इस विकास से दंग रह गये। गुरु मंत्र के आधार पर ही आइंस्टाइन अपनी विद्या संपदा को बढाने में सफल रहे। आगे चल कर उन्होने अध्ययन के लिये गणित जैसे जटिल विषय को चुना। उनकी योग्यता का असर इस तरह हुआ कि जब कोई सवाल अध्यापक हल नहीं कर पाते तो वे आइंस्टाइन की मदद लेते थे।

1880 में, उनका परिवार म्यूनिख शहर चला गया जहा उनके पिता और चाचा ने Elektrotechnische Fabrik J. Einstein & Co. नामक कंपनी खोली। कंपनी बिजली के उपकरण बनाती थी और इसने म्यूनिख के Oktoberfest मेले में पहली बार रौशनी का इंतजाम भी किया था। अल्बर्ट आइंस्टीन परिवार यहूदी धार्मिक परम्पराओ को नहीं मानता था और इसीलिए आइंस्टीन कैथोलिक विद्यालय में पढने के लिए गये। लेकिन बाद में 8 साल की उम्र में वे वहा से स्थानांतरित होकर लुइटपोल्ड जिम्नेजियम (जिसे आज अल्बर्ट आइंस्टीन जिम्नेजियम के नाम से जाना जाता है) गये, जहा उन्होंने माध्यमिक और उच्च माध्यमिक शिक्षा ग्रहण की। वे वहा अगले 7 सालो तक रहे, जब तक उन्होंने जर्मनी नहीं छोड़ी।

गुरु मंत्र को गाँठ बाँध कर आइंस्टाइन सफलता की सीढी चढते रहे। आर्थिक स्थिति कमजोर होने की वजह से आगे की पढाई में थोङी समस्या हुई। परन्तु लगन के पक्के आइंस्टाइन को ये समस्या निराश न कर सकी। उन्होने ज्युरिक पॉलिटेक्निक कॉलेज में दाखिला ले लिया। शौक मौज पर वे एक पैसा भी खर्च नहीं करते थे, फिर भी दाखिले के बाद अपने खर्चे को और कम कर दिये थे।

उनकी मितव्ययता का एक किस्सा आप सभी से साझा कर रहे हैं। “एक बार बहुत तेज बारिश हो रही थी। अल्बर्ट आइंस्टीन अपनी हैट को बगल में दबाए जल्दी-जल्दी घर जा रहे थे। छाता न होने के कारण भीग गये थे। रास्ते में एक सज्जन ने उनसे पूछा कि –“भाई! तेज बारिश हो रही है, हैट से सिर को ढकने के बजाय तुम उसे कोट में दबाकर चले जा रहे हो। क्या तुम्हारा सिर नहीं भीग रहा है?

आइंस्टीन ने कहा –“भीग तो रहा है परन्तु बाद में सूख जायेगा, लेकिन हैट गीला हुआ तो खराब हो जायेगा। नया हैट खरीदने के लिए न तो मेरे पास पैसे हैं और न ही समय।“

करियर और अविष्कार – Albert Einstein Inventions

1895 में आइंस्टीन ने 16 साल की उम्र में स्विस फ़ेडरल पॉलिटेक्निक, जुरिच की एंट्रेंस परीक्षा दी, जो बाद में Edigenossische Technische Hochschule (ETH) के नाम से जानी जाती थी। भौतिकी और गणित के विषय को छोड़कर बाकी दुसरे विषयो में वे पर्याप्त मार्क्स पाने में असफल हुए। और अंत में पॉलिटेक्निक के प्रधानाध्यापक की सलाह पर वे आर्गोवियन कैनटोनल स्कूल, आरु स्विट्ज़रलैंड गये। जब वे अपने परिवार के साथ कुछ दिनों तक रह रहे थे तभी उन्हें विन्टेलेर की बेटी मैरी से प्रेम हुआ।

जनवरी 1896 में उनके पिता के आदेश पर उन्होंने फिर से जर्मन नागरिकता स्वीकार की। सितम्बर 1896 में, उन्होंने स्विस की परीक्षा पास की और इस समय उन्हें अच्छे ग्रेड मिले थे, जिनमे भौतिकी और गणित में वे टॉप 6 में से एक थे। फिर जुरिच पॉलिटेक्निक में उन्होंने 4 साल का गणित और भौतिकी का डिप्लोमा पूरा किया। जहा मैरी विन्टेलेर ओल्सबर्ग, स्विट्ज़रलैंड चली गयी।

अल्बर्ट आइंस्टीन की भविष्य की पत्नी मीलेवा मारीक ने भी उसी साल पॉलिटेक्निक में एडमिशन ले रखा था। गणित और भौतिकिशास्त्र के 6 विद्यार्थियों में से वो अकेली महिला थी। और कुछ ही सालो में मारिक और आइंस्टीन की दोस्ती, प्यार में बदल गयी। बाद में वे लम्बे समय तक साथ में रहने लगे, साथ में पढने लगे और आइंस्टीन को भी उनमे बहुत दिलचस्पी आने लगी थी।

1900 में, आइंस्टीन को जुरिच पॉलिटेक्निक डिप्लोमा से पुरस्कृत किया गया लेकिन मारिक को गणित में कम ग्रेड होने की वजह से वह फेल हो गयी। ऐसा कहा जाता है की मारिक ने परीक्षा के दौरान आइंस्टीन की असंवेधानिक तरीके से सहायता की थी, लेकिन इसके कोई सबूत हमें इतिहास में नहीं दिखाई देते है।

आइंस्टीन को प्रतिकूल परिस्थिती में भी आगे बढने के लिये प्रेरित करती रही। उनके विचारों ने एक नई खोज को जन्म दिया जिसे सापेक्षतावाद का सिद्धान्त (Theory of Relativity; E=mc^2) कहते हैं। इस सिद्धानत का प्रकाशन उस समय की प्रसिद्ध पत्रिका “आनलोन डेर फिजिक” में हुआ। पूरी दुनिया के वैज्ञानिकों और बुद्धीजीवियों पर इस लेख का बहुत गहरा असर हुआ। एक ही रात में आइंस्टीन विश्वविख्यात हो गये। जिन संस्थाओं ने उन्हे अयोग्य कहकर साधारण सी नौकरी देने से मना कर दिया था वे संस्थाएं उन्हे निमंत्रित करने लगी। ज्युरिक विश्वविद्यालय से भी निमंत्रण मिला जहाँ उन्होने अध्यापक का पद स्वीकार कर लिया।

आइंसटाइन ने सापेक्षता के विशेष और सामान्य सिद्धांत सहित कई योगदान दिए। उनके अन्य योगदानों में- सापेक्ष ब्रह्मांड, केशिकीय गति, क्रांतिक उपच्छाया, सांख्यिक मैकेनिक्स की समस्याऍ, अणुओं का ब्राउनियन गति, अणुओं की उत्परिवर्त्तन संभाव्यता, एक अणु वाले गैस का क्वांटम सिद्धांतम, कम विकिरण घनत्व वाले प्रकाश के ऊष्मीय गुण, विकिरण के सिद्धांत, एकीक्रीत क्षेत्र सिद्धांत और भौतिकी का ज्यामितीकरण शामिल है।

सन् 1919 में इंग्लैंड की रॉयल सोसाइटी ने सभी शोधों को सत्य घोषित कर दिया था। जर्मनी में जब हिटलरशाही का युग आया तो इसका प्रकोप आइंस्टाइन पर भी हुआ और यहूदी होने के नाते उन्हे जर्मनी छोङकर अमेरीका के न्यूजर्सी में जाकर रहना पङा। वहाँ के प्रिस्टन कॉलेज में अंत समय तक अपनी सेवाएं देते रहे।

आइंस्टाइन ने सापेक्षता के विशेष और सामान्य सिद्धांत सहित कई योगदान दिए। उनके अन्य योगदानों में- सापेक्ष ब्रह्मांड, केशिकीय गति, क्रांतिक उपच्छाया, सांख्यिक मैकेनिक्स की समस्याऍ, अणुओं का ब्राउनियन गति, अणुओं की उत्परिवर्त्तन संभाव्यता, एक अणु वाले गैस का क्वांटम सिद्धांत, कम विकिरण घनत्व वाले प्रकाश के ऊष्मीय गुण, विकिरण के सिद्धांत, एकीक्रीत क्षेत्र सिद्धांत और भौतिकी का ज्यामितीकरण शामिल है। आइंसटाइन ने पचास से अधिक शोध-पत्र और विज्ञान से अलग किताबें लिखीं। 1999 में टाइम पत्रिका ने शताब्दी-पुरुष घोषित किया। एक सर्वेक्षण के अनुसार वे सार्वकालिक महानतम वैज्ञानिक माने गए। आइंसटाइन शब्द बुद्धिमान का पर्याय माना जाता है।

पुरस्कार – Albert Einstein Award Winners List

1) भौतिकी का नोबेल पुरस्कार (1921)

2) मतटेउक्सी मेडल (1921)

3) कॉप्ली मेडल (1925)

4) मॅक्स प्लॅंक मेडल (1929)

5) टाइम पर्सन ऑफ थे सेंचुरी (1999)

अल्बर्ट आइंस्टीन मृत्यु – Albert Einstein Death

18 अप्रैल, 1955 को अलबर्ट आइंस्टाइन की मृत्यु प्रिंसटन अस्पताल न्यू जर्सी, संयुक्त राज्य में हुई। कहा जाता है की अच्छी संगती और अच्छे विचार इंसान की प्रगति का द्वार खोल देते है। ये दोनों ही हमारे जीवन में बहुत मायने रखते है। अल्बर्ट आइंस्टीन का हमेशा से यही मानना था की हम चाहे कोई छोटा काम ही क्यू ना कर रहे हो, हमें उस काम को पूरी लगन और सच्चाई के साथ करना चाहिये, तबी हम एक बुद्धिमान व्यक्ति बन सकते है।

और अधिक लेख –

  • सर आइज़क न्यूटन की जीवनी व नियम
  • स्टीफन हॉकिंग के 50 अनमोल विचार
  • डॉ॰ मार्टिन लूथर किंग का जीवन परिचय

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8 thoughts on “प्रसिद्ध वैज्ञानिक अलबर्ट आइंस्टाइन की जीवनी | albert einstein biography in hindi”.

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बहुत ही प्रेरणादायी जीवनी है अल्बर्ट आइन्स्टीन की।

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very impressive biography of einstein…….thanks for share……

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अल्बर्ट आइन्स्टीन जी ने हमें सिखाया आर्थिक स्तिथि कमजोर होने के करना भी हमें कामयाबी पाने से कोई नहीं रोक सकता

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really very impressive biography of sir Albert eistein thanks

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अल्बर्ट आइंस्टीन सर के बारे में आपने एक अच्छी जानकारी के साथ ही , उनके जीवन की कई और भी पहलू बताए है , जो कि कुछ ना कुछ सीखने की प्रेरणा देते है ,

जैसे उनकी हेट गीली ना हो उसकी चिन्ता करना , सर अल्बर्ट से हमे वाकई में बहुत कुछ सीखने को मिला है । इस आर्टिकल के लिये धन्यवाद ।।

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Very motivational and inspiring.

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Thankyou for this great article.

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Bahut hi achi post hai

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अल्बर्ट आइंस्टीन का जीवन परिचय जीवनी Albert Einstein Biography In Hindi

अल्बर्ट आइंस्टीन का जीवन परिचय जीवनी Albert Einstein Biography In Hindi : अल्बर्ट आइंस्टीन विश्व के प्रसिद्ध भौतिक शास्त्रियों में से एक हैं। भौतिक शास्त्र की दुनिया में इन्होने कई बड़े योगदान किये हैं। 

सापेक्ष ब्रह्मांड, क्रांतिक उपच्छाया, सांख्यिक मैकेनिक्स की समस्याऍ, अणुओं का ब्राउनियन गति , केशिकीय गति इनके कुछ प्रमुख योगदान हैं। 

इन के आविष्कार विश्व में काफी प्रसिद्ध रहे हैं जिस की वजह से इनको साल 1921 में नोबल पुरस्कार का सम्मान मिला और इन्होने विश्व के सबसे प्रसिद्ध लोगों में अपना नाम दर्ज कराया।

इस सफल और बुद्धिमान वैज्ञानिक की कहानी काफी रोचक रही है।

अल्बर्ट आइंस्टीन का जीवन परिचय Albert Einstein Biography In Hindi

अल्बर्ट आइंस्टीन का जीवन परिचय जीवनी Albert Einstein Biography In Hindi

महान भौतिक शास्त्री अल्बर्ट आइंस्टीन का जन्म 14 मार्च वर्ष 1879 में उलम नाम के शहर में हुआ। शारीरिक रूप से कमजोर अल्बर्ट को 9 वर्ष की उम्र तक बोलना नहीं आता था और पढ़ाई भी ढंग से नहीं कर पाते थे। इसी वजह से लोगों ने इन्हें दिमागी रूप से विकलांग कहना शुरू कर दिया था। 

परन्तु 16 वर्ष की उम्र तक आते आते ये पढ़ाई में अव्वल आने लगे और ये गणित का कठिन से कठिन सवाल भी बड़ी आसानी से कर लेते। इनकी माता का नाम पौलिन कोच और पिता का नाम हेर्मन्न आइंस्टीन था जो कि एक यहूदी परिवार था।

बचपन से ही ये कंपास की दिशा, वेदना, प्रकृति के नियमों में व्यस्त रहते थे और लगभग 6 वर्ष की उम्र से इन्होने सारंगी बजाना शुरू कर दिया था जो कि जीवन भर जारी रक्खा। आपको शायद जानकर हैरानी होगी कि 12 वर्ष की उम्र में ही इन्होने ज्यामिति की खोज कर ली थी और उसका कुछ प्रमाण भी निकाला।

वैसे तो इनका जन्म जर्मनी शहर में हुआ था लेकिन बाद में ये अपने परिवार समेत 1880 में म्यूनिख शहर चले गए थे जहां पर इन्होंने अपनी पढ़ाई की शुरुआत की। 

अल्बर्ट आइंस्टीन का परिवार यहूदी धर्म को मानता था जिस के कारणवश उन्हें पढ़ने के लिए कैथोलिक स्कूल में जाना पड़ा। 

बचपन के समय में आइंस्टीन को स्कूल जाना बिल्कुल भी पसंद नहीं था। उन्हें ऐसा लगता था कि स्कूल एक कैद खाना है।  म्यूनिच शहर में ही इनके चाचा और पिता ने एक कंपनी की शुरुआत की जिसका नाम Elektrotechnische Fabrik  J.Einstein & Cie था। ये कंपनी बिजली के उपकरण बनाती थी।

अल्बर्ट आइंस्टीन का कैरियर

अपनी डॉक्टरेट लेने के लिए अल्बर्ट आइंस्टीन ने विज्ञानं पर एक दस्तावेज़ लिखा जिसके कारण ये काफी प्रसिद्ध हुए। वर्ष 1909 में ये एक यूनिवर्सिटी में लेक्चरर बन चुके थे जिस के लिए इन्होंने काफी मेहनत की थी। 

इन्होने 2 यूनिवर्सिटी में कुछ समय के लिए प्रिंसिपल के रूप में भी काम किया और कुछ ही समय बाद ये फेडरल इंस्टिटयूट ऑफ़ टेक्नोलोजी के प्रिंसिपल बन चुके थे। सन 1913 में ये बर्लिन चले गए और अलग अलग रहने के कारण इनका अपनी पत्नी के साथ तलाक हो गया। 

बर्लिन आने के बाद अल्बर्ट आइंस्टीन ने एक लड़की जिसका नाम एलसा था से शादी करली। यहां पर ये भी देखने को मिलता है कि आइंस्टीन को भूलने की बीमारी थी।  एक बार वो रेल गाड़ी से सफर कर रहे थे। इसी बीच टी.टी आ गया और उसने आइंस्टीन से टिकट के बारे में पूछा। 

लेकिन आइंस्टीन को टिकट ढूंढ़ने पर भी ना मिला। तभी टी.टी ने कहा कि उसे मत ढूंढें मुझे मालूम है आप ने टिकट ली होगी लेकिन भूल गए होंगे। इसपर आइंस्टीन ने जवाब दिया कि वो सब तो ठीक है लेकिन मुझे देखना है कि मैं जा कहां रहा हूँ।

अपने कैरियर में इन्हें बहुत सारे सम्मान और पुरस्कारों से नवाज़ा गया, जिससे इनका करियर आसमान की ऊँची बुलंदियों पर पहुँच गया। 

1945 वर्ष में इन्होने अपने सबसे प्रसिद्ध समीकरण E=MC का अविष्कार किया।

अल्बर्ट आइंस्टीन के कुछ महत्त्वपूर्ण अविष्कार।।

अल्बर्ट आइंस्टीन ने भौतिक विज्ञान की दुनिया में अपना काफी योगदान दिया जिसकी वजह से इन्होने काफी प्रसिद्धता हासिल की। इनमें से कुछ अविष्कार ये हैं:-

रेफ्रिजरेटर की खोज

रेफ्रिजरेटर का इस्तेमाल आज बहुत सारी जगहों पर किया जाता है। ये इनका छोटा सा ही समीकरण था जिसको बनाने में इन्होने ज़्यादा समय नहीं लगाया।

ऊर्जा के रूप में इन्होने इसमें पानी, अमोनिया और ब्यूटेन का इस्तेमाल किया था। बहुत सारी विशेषताओं को ध्यान में रखकर इन्होंने ये रेफ्रिजरेटर बनाया था।

आसमान नीला क्यों होता है

इसपर अल्बर्ट आइंस्टीन ने बहुत सारी दलीलें पेश की हालाँकि यह एक आसान सा प्रमाण है। इन्होंने आकाश के प्रिकिर्णन के बारे में जानकारी दी जो कि आसमान के नीला होने की वजह है।

ब्रोव्नियन मूवमेंट

ब्रोव्नियन मूवमेंट को अल्बर्ट आइंस्टीन की सबसे अच्छी और सबसे बड़ी खोज माना जा सकता है जिसमें इन्होने परमाणु के निलंबन के बारे में निरीक्षण किया।

ये अणु और परमाणु के अस्तित्व के सबूत के लिए सहायक मानी जा सकती है। हम सब को मालूम है कि ये विज्ञान की सभी शाखाओं में प्रमुख है।

प्रकाश की क्वांटम थ्योरी

अल्बर्ट आइंस्टीन के अनुसार धातुओं में से इलेक्ट्रान बाहर निकलते हैं जिसके कारण फोटो इलेक्ट्रिक इफेक्ट की रचना होती है।

इन्होने इस थ्योरी में तरंगों की विशेषता बताई है और ऊर्जा की छोटी थैली को फोटान का नाम दिया है। इस थ्योरी की वजह सी ही टेलीवजन का अविष्कार संभव हो सका।

ये समीकरण अल्बर्ट आइंस्टीन का सबसे प्रिसद्ध समीकरण रहा है और इसमें इन्होने प्रमाणित द्रव्मान और ऊर्जा के बारे में जानकारी दी है।

आज भी इसे दुनिया के बहुत सारे स्कूलों में पढ़ाया जाता है और आज के समय में इसे नयूक्लेअर ऊर्जा के नाम से जाना जाता है।

आइंस्टीन का मज़ेदार किस्सा 

एक बार आइंस्टीन कहीं पर भाषण देने जा रहे थे। रास्ते में उनके ड्राइवर ने उनसे कहा कि आपका भाषण मैं इतनी बार सुन चूका हूँ की अब मैं भी आप का भाषण दे सकता हूँ।

 तो इसपर आइंस्टीन ने कहा कि ठीक है आज मेरी जगह भाषण तुम देना। ये कहकर आइंस्टीन ने अपने ड्राइवर की पोशाक पहन ली। 

जब भाषण का समय आया तो आइंस्टीन का ड्राइवर बिलकुल उनकी तरह ही धुआंदार भाषण देने लगा। इसके बाद जब सवाल जवाब का सेशन शुरू हुआ तो उसने सवालों के जवाब भी अच्छे से दिए। 

लेकिन बाद में किसी ने उससे अधिक कठिन प्रश्न पूछ लिया। तो इसपर उसने कहा कि ये तो इतना आसान सवाल है कि इसका जवाब तो मेरा ड्राइवर भी दे सकता है। ये कहकर उसने आइंस्टीन को आगे कर दिया।

अल्बर्ट आइंस्टीन के बारे में रोचक तथ्य ?

  • अल्बर्ट आइंस्टीन इतने जिनयस थे कि वो अपने दिमाग में ही सारे सवालों के हल निकाल लेते थे। 
  • आइंस्टीन की मृत्यु के बाद किसी ने उनका दिमाग जांच के लिए चुरा लिया था। 
  • आज भी आइंस्टीन की आँखें एक सुरक्षित डिब्बे में रखी हुई हैं। 
  • खुद की गाड़ी ना होने की वजह से उन्हें गाड़ी चलाना नहीं आता था। 
  • बचपन में आइंस्टीन को बोलने और पढ़ने में मुश्किल होती थी। 
  • एक बार अल्बर्ट आइंस्टीन को राष्ट्रपति बनने का भी अवसर मिला था 
  • अल्बर्ट आइंस्टीन के दिमाग की जांच के दौरान पता चला कि उनके दिमाग में आम लोगों के मुकाबले ज़्यादा सेल्स थे।  
  • यादाश्त कमज़ोर होने की वजह से अल्बर्ट आइंस्टीन किसी का नाम और नंबर याद नहीं रख पाते थे। 
  • यूनिवर्सिटी में दाखिले की परीक्षा में अल्बर्ट आइंस्टीन फेल हो गए थे। 
  • अल्बर्ट आइंस्टीन “अभ्यास ही सफलता का मूलमंत्र है” गुरुमंत्र को मानते थे।
  • आइंस्टीन को नोबेल पुरस्कार मिला लेकिन किसी कारण से उसकी राशि इन्हें नहीं मिल पायी।

अल्बर्ट आइंस्टीन के सुविचार

  • इस बहुत कम वक़्त में अगर कुछ करना है तो शुरुआत अभी से ही कर देनी चाहिए। 
  • मुर्खता और बुद्धिमता में बस इतना सा फर्क होता है कि बुद्धिमता की सीमा होती है लेकिन मूर्खता की नहीं। 
  • अगर आप को खेल के नियम अच्छे से मालूम हों तो आप किसी भी खिलाडी से बेहतर खेल सकते हैं।
  • किनारों पर ही समुद्री जहाज़ सबसे ज़्यादा सुरक्षित रहते हैं लेकिन ये किनारों पर रहने के लिए नहीं बने हैं।

अल्बर्ट आइंस्टीन को मिले पुरस्कार

आइंस्टीन को निम्नलिखित मौजूद पुरस्कारों से सम्मानित किया जा चुका है।

आज लगभग हर व्यक्ति आइंस्टीन को जानता है और उनका सम्मान करता है जो कि किसी पुरस्कार से कम नहीं है।

अल्बर्ट आइंस्टीन की मृत्यु 

हिटलर एक यहूदी विरोधी नेता थे। जब हिटलर की तानाशाही का समय था तब यहूदी होने के कारण आइंस्टीन को जर्मनी छोड़ कर अमेरिका के न्यू जर्सी में जाना पड़ा। 

यहाँ पर आइंस्टीन प्रिस्टन कॉलेज में अपनी सेवाएं दे रहे थे। अपने आखरी समय में इंटरनल ब्लीडिंग की वजह से उन्हें काफी दर्द का सामना करना पड़ा।

आख़िरकार प्रिस्टन कॉलेज में ही कार्य करते समय 18 अप्रैल 1955 को इनकी मृत्यु हो गयी और दुनिया के महान वैज्ञानिकों में से एक अल्बर्ट आइंस्टीन इस दुनिया को अलविदा कह गए। हालाँकि उनकी खोजों और उनके महान कार्यों को कभी भुलाया नहीं जा सकता।

  • प्राचीन भारत में वैज्ञानिक उपलब्धियां 
  • ब्रह्मगुप्त का जीवन परिचय
  • आत्मनिर्भर भारत पर निबंध 
  • ब्रह्माण्ड की उत्पत्ति व जानकारी
  • मेघनाद साहा का जीवन परिचय 

उम्मीद करते है फ्रेड्स अल्बर्ट आइंस्टीन का जीवन परिचय जीवनी Albert Einstein Biography In Hindi का यह लेख आपको पसंद आया होगा.

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अल्बर्ट आइंस्टीन की जीवनी | Albert Einstein Biography in Hindi

Albert Einstein Biography, Quotes in Hindi

एक ऐसा व्यक्ति जिसने बीसवीं सदी की शुरुआत में विज्ञान पर राज्य किया। जिसने मानव इतिहास में समय, स्थान और वृत्त आकर्षण जैसे विषयों के नए आयामों की खोज की।

अल्बर्ट आइंस्टीन के जन्म के समय कहा जाता है कि उनके सिर पर पिछला हिस्सा असामान्य था यानी उनके सिर का पिछला हिस्सा बहुत बड़ा था। बताया जाता है कि एक हफ्ते बाद उनका सिर सामान्य हो गया।

कहा जाता है कि 4 साल की उम्र तक आइंस्टीन को बोलने में दिक्कत होती थी इसके अलावा उनके पास पढ़ने के मुद्दे भी थे और उन्हें स्कूल से निकाल दिया जाता था।

उन्होंने दुनिया का सबसे सम्मानीय पुरस्कार भौतिकी के लिए नोबेल पुरस्कार जीता मानव इतिहास में सबसे बुद्धिमान व्यक्ति माने जाने वाले व्यक्ति का नाम अल्बर्ट आइंस्टीन हैं।

अल्बर्ट आइंस्टीन का जीवन परिचय (Albert Einstein Biography)

Table of Contents

अल्बर्ट आइंस्टीन का जीवन परिचय (Albert Einstein Biography)

अल्बर्ट आइंस्टीन का जन्म (albert einstein born).

अल्बर्ट आइंस्टीन का जन्म 14 मार्च 1879 को जर्मनी के उल्म में में हुआ था और उनका परिवार बहुत ही साधारण और मध्यमवर्गीय यहूदी थे।

उनके पिता का नाम हरमन आइंस्टीन था। जो शुरू में एक पंख वाले बिक्री प्रतिनिधि थे और बाद में एक इलेक्ट्रोकेमिकल उत्पादन लाइन चलाते थे और एक मध्यम जीवन यापन करते थे।

उनकी मां पॉलिन कोच परिवार से भागी थी उनकी एक बहन माजा आइंस्टीन थी। माजा, अल्बर्ट से 2 साल छोटी थी।

अल्बर्ट आइंस्टीन की शिक्षा (Albert Einstein Education)

गणित और भौतिकी में उनके अद्भुत प्रदर्शन के कारण, उन्हें स्विस फेडरल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी में प्रवेश मिला और उन्होंने स्नातक की पढ़ाई पूरी की।

उन्हें अभी भी अपनी पूर्व विश्वविद्यालय शिक्षा को पहले पूरा करने की अवश्यकता थी इसलिए बे स्विटरजलैंड के आराऊ में जोस्ट विंटेलर के हाई स्कूल गए।

आइंस्टीन स्कूल मास्टर के परिवार के साथ रहते थे और वह स्कूल मास्टर की बेटी मैरी बिंटलर से प्रभावित थे। सदी के अंत के साथ आइंस्टीन ने अपनी जर्मन नागरिकता छोड़ दी और स्विस नागरिक बन गए।

अल्बर्ट आइंस्टीन का परिवार (Albert Einstein Family)

अल्बर्ट आइंस्टीन की शादी, पत्नी.

अल्बर्ट आइंस्टीन अपनी शिक्षा को खत्म करने के बाद करीबन 6 महीने बाद मरिअक से शादी कर ली। जो कि उनकी ज्यूरिक में सहपाठी थी।

अल्बर्ट आइंस्टीन की शादी के कुछ साल बाद उनकी पत्नी मरीअक ने दो बेटे को जन्म दिया था उनके दो बेटे हुए तब वे बर्न में ही थे और उनकी उम्र 26 साल थी।

उस समय उन्होंने डॉक्टरेट की उपाधि प्राप्त की और अपना पहला क्रांतिकारी विज्ञान संबंधी दस्तावेज लिखा।

अल्बर्ट आइंस्टीन का कैरियर (Albert Einstein Career)

स्नातक की पढ़ाई पूरी करने के बाद उन्हें कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा। 1902 में किसी के रेफरेंस से आइंस्टीन को स्विस पेटेंट ऑफिस में क्लर्क की नौकरी मिल गई वह पहली बार था आइंस्टीन स्थिरता खोजने में सक्षम थे।

एक क्लर्क के रूप में अपनी नौकरी के साथ आइंस्टीन को स्विस फेडरल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी में उन सभी आवधारणाओं का विस्तार और पॉलिश करने का उत्कृष्ट अवसर मिला। जिन्हें उन्होंने समझा था उस समय उन्होंने अपने सबसे लोकप्रिय प्रमेय में प्रिंसिपल ऑफ रिलेटिविटी का काम किया।

1905 में आइंस्टीन ने एनालेन डेर फिजिक में चार पत्र प्रकाशित किए। एनालेन डेर फिजिक समय की सबसे प्रसिद्ध भौतिकी पत्रिकाओं में से एक थी। फोटो इलेक्ट्रिक प्रभाव और ब्राउनियन गति उनमें से दो विषय थे।

अन्य दो जिन्होंने E = Mc Square और सापेक्षता के सिद्धांत को रेखांकित किया आइंस्टीन के कैरियर और विज्ञान के विकास में महत्वपूर्ण थे।

अल्बर्ट आइंस्टीन के अविष्कार (Albert Einstein inventions in Hindi)

अल्बर्ट आइंस्टीन ने बहुत से अविष्कार किए जिसके लिए उनका नाम प्रसिद्ध वैज्ञानिकों में गिना जाने लगा उनकी कुछ अविष्कार इस प्रकार हैं-

प्रकाश की क्वांटम थ्योरी

आइंस्टीन प्रकाश की क्वांटम थ्योरी में उन्होंने ऊर्जा की छोटी थैली की रचना की जिसे फोटोन कहा जाता है। जिनमें तरंग जैसी विशेषता होती है उनकी थ्योरी में उन्होंने कुछ धातुओं से इलेक्ट्रॉन के उत्सर्जन को समझाया।

उन्होंने फोटोइलेक्ट्रिक इफेक्ट की रचना की इस थ्योरी के बाद उन्होंने टेलीविजन का आविष्कार किया जो कि दृश्य को शिल्प विज्ञान के माध्यम से दर्शाया जाता है। आधुनिक समय में बहुत से ऐसे उपकरणों का आविष्कार हो चुका है।

अल्बर्ट आइंस्टीन ने द्रव्यमान और ऊर्जा के बीच एक समीकरण प्रमाणित किया। जिसको आज न्यूक्लियर ऊर्जा कहते हैं।

सापेक्षता का सिद्धांत

सापेक्षता सिद्धांत एक सिद्धांत है जो यह बताता है कि ब्रह्मांड कैसे काम करता है। अल्बर्ट आइंस्टीन की यह व्याख्या की गुरुत्वाकर्षण अंतरिक्ष समय के ताने-बाने को कैसे प्रभावित करता है, सामान्य सापेक्षता के रूप में जाना जाता है।

1915 में प्रकाशित इस परिकल्पना ने आइंस्टीन के विशेष सापेक्षता के सिद्धांत पर सुधार किया जिसे उन्होंने 10 साल पहले प्रकाशित किया था विशेष सापेक्षता के सिद्धांत ने वर्णन किया कि समय और स्थान एक दूसरे से जुड़े हुए हैं और वे गुरुत्वाकर्षण और गुरुत्वाकर्षण बल से परे हैं।

आइंस्टीन का रेफ्रिजरेटर

यह अल्बर्ट आइंस्टीन का सबसे छोटा आविष्कार था जिसके लिए वे प्रसिद्ध हुए। आइंस्टीन ने एक ऐसे रेफ्रिजरेटर का आविष्कार किया जिसमें अमोनिया, पानी और व्यूटेन और ज्यादा से ज्यादा ऊर्जा का उपयोग हो सके। उन्होंने इसमें बहुत सी विशेषताओं को ध्यान में रखकर यह रेफ्रिजरेटर का आविष्कार किया।

  • यह भी पढें। देखें – अमृतपाल सिंह का जीवन परिचय

आइंस्टीन का सिद्धांत और परमाणु बम

संयुक्त राज्य अमेरिका ने क्रमशः 9 अगस्त 1945 को हिरोशिमा और नागासाकी पर परमाणु बमों से हमला किया। दो हमलों में 1,29,000 से 2,26,000 लोगों की हत्या की गई जिनमें से अधिकांश नागरिक थे।

आइंस्टीन ने परमाणु बम का आविष्कार नहीं किया है लेकिन आइंस्टीन के सिद्धांतों ने परमाणु बम बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है बाद में उन्हें इस बात का बहुत दुख हुआ कि उनके द्वारा बनाए गए सूत्र पूरी मानवता के लिए खतरा बन सकते हैं।

अल्बर्ट आइंस्टीन के सम्मान (Albert Einstein Awards)

भौतिकी का नोबेल पुरस्कार सन 1921 में दिया गया।

  • मात्त्युक्की मेडल सन 1921 में दिया गया।
  • कोपले मेडल्स 1925 में दिया गया।
  • मैक्स प्लांक मेडल सन 1929 में दिया गया।
  • शताब्दी के टाइम पर्सन का पुरस्कार सन 1999 में दिया गया।

अल्बर्ट आइंस्टीन के सुविचार

  • जिस व्यक्ति ने कभी गलती नहीं कि उसने कभी कुछ नया करने की कोशिश नहीं की।
  • ईश्वर के सामने हम सभी एक बराबर ही बुद्धिमान हैं और एक बराबर ही मूर्ख भी हैं।
  • जिंदगी जीने के दो तरीके हैं पहला यह है कि कुछ चमत्कार नहीं है दूसरा यह है कि दुनिया की हर चीज चमत्कार है।
  • एक सफल व्यक्ति बनने का प्रयास मत करो बल्कि मूल्यों पर चलने वाले इंसान बनो।
  • वक्त बहुत कम है यदि हमें कुछ करना है तो अभी से शुरुआत कर देनी चाहिए।
  • आपको खेल के नियम सीखने चाहिए और आप किसी भी खिलाड़ी से बेहतर खेलेंगे।
  • मूर्खता और बुद्धिमत्ता में सिर्फ एक फर्क होता है कि बुद्धिमत्ता की एक सीमा होती है।

अल्बर्ट आइंस्टीन की मृत्यु (Albert Einstein Death)

अल्बर्ट आइंस्टीन को जर्मनी छोड़कर जाना पड़ा क्योंकि तब वहां पर हिटलर का समय था अल्बर्ट आइंस्टीन कुछ सालों तक अमेरिका में प्रिंसटन कॉलेज में कार्य करते हुए 18 अप्रैल सन 1955 में उनकी मृत्यु हो गई। दुनिया के महान वैज्ञानिक जिन्होंने अपने ज्ञान से दुनिया को बहुत कुछ सीखा दिया और उनकी खोज को कभी भी भुलाया नहीं जा सकता है।

अल्बर्ट आइंस्टीन के रोचक तथ्य (Albert Einstein interesting facts)

  • अल्बर्ट आइंस्टीन अपने आप को संशयवादी कहते थे वे खुद को नास्तिक नहीं कहते थे।
  • अल्बर्ट आइंस्टीन अपने दिमाग में ही सारे प्रयोग का हल निकाल लेते थे।
  • अल्बर्ट आइंस्टीन बचपन में पढ़ाई में और बोलने में कमजोर हुआ करते थे।
  • अल्बर्ट आइंस्टीन की मृत्यु के बाद एक वैज्ञानिक ने उनके दिमाग को चुरा लिया था फिर वह 20 साल तक एक जार में बंद था।
  • अल्बर्ट आइंस्टीन को नोबेल पुरस्कार भी मिला किंतु उसकी राशि उन्हें नहीं मिल पाई।
  • अल्बर्ट आइंस्टीन को राष्ट्रपति पद के लिए भी अवसर मिला।
  • अल्बर्ट आइंस्टीन यूनिवर्सिटी कि दाखिले की परीक्षा में फेल भी हो चुके हैं।
  • अल्बर्ट आइंस्टीन की याददाश्त बहुत खराब होने के कारण उनको किसी का नाम, नंबर याद नहीं रहता था।
  • अल्बर्ट आइंस्टीन की आंखें एक सुरक्षित डिब्बे में रखी हुई हैं।
  • अल्बर्ट आइंस्टीन के पास खुद की गाड़ी नहीं थी इसलिए उनको गाड़ी चलाना भी नहीं आता था।
  • अल्बर्ट आइंस्टीन का एक गुरु मंत्र था “अभ्यास ही सफलता का मूल मंत्र है।”

अल्बर्ट आइंस्टीन का जन्म कब हुआ था?

अल्बर्ट आइंस्टीन का जन्म 14 मार्च 1879 को जर्मनी के उल्म में में हुआ था।

अल्बर्ट आइंस्टीन की मृत्यु कब हुई थी?

अल्बर्ट आइंस्टीन का कुछ सालों तक अमेरिका में प्रिंसटन कॉलेज में कार्य करते हुए 18 अप्रैल सन 1955 में उनकी मृत्यु हो गई।

अल्बर्ट आइंस्टीन को भौतिकी का नोबेल पुरस्कार कब मिला?

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Sushil kevat

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अल्बर्ट आइंस्टीन का जीवन परिचय | Albert Einstein Biography in Hindi

albert einstein short biography in hindi

इस आर्टिकल में हम आज हम महान वैज्ञानिक अल्बर्ट आइंस्टीन की आत्मकथा अर्थात अल्बर्ट आइंस्टीन की जीवनी (Albert Einstein Biography in Hindi), अल्बर्ट आइंस्टीन की शिक्षा, उनके सिद्धांतों (Inventions of Albert Einstein) और अल्बर्ट आइंस्टीन की प्रमुख खोज के बारे में जानेंगे।

अल्बर्ट आइंस्टीन ((Albert Einstein ) – परिचय

albert einstein short biography in hindi

अल्बर्ट आइंस्टीन जर्मन में जन्मे सैद्धांतिक भौतिक विज्ञानी (Theoretical Physicist) थे जिन्होंने सापेक्षता का सिद्धांत (theory of relativity) विकसित किया, जो आधुनिक भौतिकी के दो स्तंभों में से एक (क्वांटम यांत्रिकी (quantum mechanics) के साथ) है।

अल्बर्ट आइंस्टीन को आमतौर पर 20वीं सदी का सबसे प्रभावशाली भौतिक विज्ञानी और 20वीं सदी के सबसे प्रभावशाली लोगों में से एक माना जाता है। उनका काम विज्ञान के दर्शन पर प्रभाव के लिए भी जाना जाता है। आइंस्टीन ने ब्रह्मांड के बारे में मनुष्य की समझ को विकसित किया और उनके सिद्धान्तों की ने अन्तरिक्ष यात्राओं को लेकर time ट्रेवल जैसे जटिल आविष्कारों के लिय एक द्वार का काम किया ।

अल्बर्ट आइंस्टीन को बीसवीं सदी का सबसे बुद्धिमान व्यक्ति माना जाता है।

अल्बर्ट आइंस्टीन को उनके द्रव्यमान-ऊर्जा तुल्यता सूत्र (mass–energy equivalence formula) E = mc 2 के लिए जाना जाता है, जिसे “ दुनिया का सबसे प्रसिद्ध समीकरण ” माना जाता है। उन्हें “सैद्धांतिक भौतिकी में उनकी सेवाओं के लिए, और विशेष रूप से फोटोइलेक्ट्रिक प्रभाव की खोज के लिए उन्हें भौतिकी में 1921 का नोबेल पुरस्कार मिला, जो क्वांटम सिद्धांत के विकास में एक महत्वपूर्ण कदम था।

अल्बर्ट आइंस्टीन का जीवन परिचय – महत्वपुर्ण बिंदु

जन्म       – 14 मार्च 1879 (उल्म, वुर्ट्टनबर्ग,जर्मन साम्राज्य में (Ulm, Kingdom of Württemberg, German Empire)

मृत्यु      – उम्र ( 18 अप्रैल 1955 (प्रिंसटन (Princeton),न्यू जर्सी New Jersey, USA)

पिता       –  हरमन आइंस्टीन Hermann Einstein

माता         –  पॉलिन कोच आइंस्टीन Pauline Koch Einstein

पत्नी        –  मिलेवा मेरिक  Mileva Marić (1903 – 1919),

                एल्सा लोवेन्थल Elsa Löwenthal (1919 – 1936)

पुरुस्कार –    भौतिकी में नोबेल प्राइज (1921 में)

बच्चे      –  हंस अल्बर्ट आइंस्टीन (Hans Albert Einstein), एडवार्ड आइंस्टीन Eduard Einstein और Lieserl Maric

शिक्षा –     Federal Polytechnic school in Zurich (Federal teaching diploma, 1900)

               University of Zurich (PhD, 1905)

अल्बर्ट आइंस्टीन का बचपन और शिक्षा (Albert Einstein’s early life, Childhood and Schooling in Hindi)

अल्बर्ट आइंस्टीन का जन्म 14 मार्च 1879 को जर्मनी के एक यहूदी परिवार में हुआ था। उसके पिता हरमन आइंस्टीन और माता पॉलिन कोच आइंस्टीन थी। हरमन आइंस्टीन एक सेल्समेन और इंजीनियर थे जो बिजली के उपकरण सप्लाई करते थे । सन 1980 में हरमन आइंस्टीन और पॉलिन आइंस्टीन उल्मा से 160 किलोमीटर दूर म्युनिक ( Munich ) में रहने आ गए । यहां आइंस्टीन के पिता और उनके चाचा जैकब ने इलेक्ट्रोटेक्नीस फैब्रिक जे. आइंस्टीन एंड सी नामक कंपनी की स्थापना की, जो प्रत्यक्ष धारा (Direct current)  पर आधारित विद्युत उपकरण बनाती थी।

1893 में अल्बर्ट आइंस्टीन (आयु 14 वर्ष)

albert einstein short biography in hindi

अल्बर्ट आइंस्टीन बचपन में पढ़ाई में बहुत ही कमजोर थे और उनके कुछ अध्यापकों ने उन्हें मानसिक रूप से विकलांग कहना शुरू कर दिया | 9 साल की उम्र तक वे बोलना नही जानते थे | वे प्रकृति और ब्रहमांड से जुड़े नियमोंसे जुड़े रहस्यों के बारे में सोचा करते  थे | उन्होंने 6 साल की उम्र में सारंगी बजाना शुरू किया और अपनी पूरी जिन्दगी में इसे बजाना जारी रखा | अल्बर्ट जब आठ साल के हुए तो उसका एडमिशन लुइटपोल्ड जिम्नेजियम स्कूल (Luitpold Gymnasium School) में करा दिया गया । वर्तमान में इस स्कूल को अल्बर्ट आइंस्टीन जिम्नेजियम के नाम से जाना जाता है।

12 साल की उम्र में इन्होंने ज्यामिति की खोज की एवं उसका सजग और कुछ प्रमाण भी निकाला | 16 साल की उम्र में, वे गणित के कठिन से कठिन हल को बड़ी आसानी से कर लेते थे | 1894 में अल्बर्ट के पिता की कंपनी ने म्युनिक में बिजली सप्लाई करने के लिए बोली लगाई लेकिन ये काम उन्हें मिल ना सका उस समय उनके पास इतने पैसे भी नही थे की वे डायरेक्ट कर्रेंट के उपकरणों को अल्टरनेटिव करंट में बदल सकें।

इसी कारण उनकी कंपनी को बहुत भारी नुकसान झेलना पड़ा ये नौबत आई कि उन्हें ये कंपनी को बंद तक करना पड़ा। अब उनके पास कोई पैसे का स्त्रोत नही था इसीलिए नए व्यापार की तलाश में अल्बर्ट आइंस्टीन के परिवार को म्युनिक छोड़कर इटली के शहर मिलान में शिफ्ट हो गए ।

आइंस्टीन ने बहुत कम उम्र से ही भौतिकी और गणित में उत्कृष्टता हासिल की और जल्द ही अपने से कई साल बड़े बच्चे की तरह गणितीय विशेषज्ञता हासिल कर ली। जब वह केवल बारह वर्ष के थे, तब उन्होंने खुद को बीजगणित, कैलकुलस और यूक्लिडियन ज्यामिति पढ़ाना शुरू किया; उन्होंने इतनी तेजी से प्रगति की कि उन्होंने अपने तेरहवें जन्मदिन से पहले पाइथागोरस प्रमेय का एक मूल प्रमाण खोज लिया था |

केवल पंद्रह साल की उम्र में सन 1894 में अल्बर्ट ने अपना पहला रिसर्च पेपर को प्रकाशित किया जिसका शीर्षक था ऑन द इन्वेस्टिगेशन ऑफ द स्टेट ऑफ़ द ईथर इन द मैग्नेटिक फील्ड ( On the investigation of the state of the Ether in the magnetic field )

सितम्बर 1896 में अल्बर्ट ने सेकेंडरी स्कूल की पढ़ाई अच्छे अंको के साथ पास की फिर वो वहाँ से जुनिच (Zunich) वापस आ गए और अल्बर्ट ने फिर से फेडरल पॉलीटेक्निक में एंट्रेंस एग्जाम दिया इस बार उनका एडमिशन हो गया। आइंस्टीन की भावी पत्नी, 20 वर्षीय सर्बियाई मिलेवा मैरिक (Mileva Maric)  ने भी उसी वर्ष पॉलिटेक्निक स्कूल में दाखिला लिया। वह शिक्षण डिप्लोमा पाठ्यक्रम के गणित और भौतिकी अनुभाग में छह छात्रों में से एकमात्र महिला थीं। अगले कुछ वर्षों में, आइंस्टीन और मैरिक की दोस्ती प्रेम में बदल गई, और उन्होंने पाठ्येतर भौतिकी पर एक साथ बहस करने और किताबें पढ़ने में अनगिनत घंटे बिताए, जिसमें वे दोनों रुचि रखते थे।

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सन 1903 में अल्बर्ट आइंस्टीन और मिलेवा मैरीक ने बर्न, स्विट्जरलैंड में शादी कर ली। सन 1904 में उनका एक बेटा हुआ जिनका नाम हंस अल्बर्ट आइंस्टीन (Hans Albert Einstein) रखा गया । सन 1910 अल्बर्ट के दूसरे बेटे का जन्म हुआ जिनका नाम एडवार्ड आइंस्टीन (Eduard Einstein) रखा गया। हालांकि एडवार्ड की 20 साल की उम्र में ही मृत्यु हो जाती है।

अल्बर्ट और मिलेवा दोनों 1914 में एक दूसरे से अलग हो गए । मिलेवा मैरिक अपने दोनों बेटों को लेकर अल्बर्ट से अलग हो गई और पाँच साल बाद सन 1919 में दोनों ने तलाक ले लिया । तलाक के बाद अल्बर्ट आइंस्टीन ने एल्सा से शादी कर ली।

अल्बर्ट आइंस्टीन और एल्सा

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अल्बर्ट आइंस्टीन का शैक्षणिक करियर (Academic Career of Albert Einstein)

सन 1900 में जब अल्बर्ट आइंस्टीन 21 साल के हुए तब उन्होंने फेडरल पॉलीटेक्निक टीचिंग डिप्लोमा पास किया। इसी साल उनका एक रिसर्च पेपर भी पब्लिश हुआ उसका शीर्षक था कंनक्लूशन ड्रॉन फ्रॉम द फेनोमेना ऑफ कैपिल्लरिटी (Conclusion Drawn from the Phenomena of Capillarity).

सन 1901 में अल्बर्ट को स्विस (Swiss) की नागरिकता मिल गई और सन 1902 में जब अल्बर्ट 23 वर्ष के थे तब उनको स्विट्जरलैंड में बर्न के फेडरल इंस्टीटूट ऑफ इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी (Federal Institute of Intellectual property) में एक असिस्टेंट एग्जामिनर (Assistant Examiner) लेवल 3 की नौकरी मिल गई । इस नौकरी में काम के घंटे कम होने के कारण अल्बर्ट को रिसर्च करने और उन्हें पब्लिश करने के लिए काफी वक्त मिल जाता था ।

अपने काम करने के साथ – साथ अल्बर्ट पीएचडी भी कर रहे थे, कड़ी मेहनत से उन्होंने 30 अप्रैल 1905 में उन्होंने यूनिवर्सिटी ऑफ जुरिच (University of Zurich) से पीएचडी (PHD) की डिग्री हासिल की।

अल्बर्ट आइंस्टीन का वैज्ञानिक करियर (Scientist Career of Albert Einstein)

1905 में अल्बर्ट आइंस्टीन ने चार अभूतपूर्व रिसर्च पेपर्स को प्रकाशित किए, फोटोइलेक्ट्रिक इफेक्ट (Photoelectric effect), बरौनिन मोशन (Brownian Motion), स्पेशल थ्योरी ऑफ रिलेटिविटी (Special Theory of Relativity), और द एक्विवालेन्स ऑफ मास एंड एनर्जी (The Equivalence of mass and energy) पर । ये ऐसे सिदांत थे जिन्होंने मनुष्य की सोच को एक नया आकार दिया ।

1908 तक, आइंस्टीन को एक अग्रणी वैज्ञानिक के रूप में पहचाना जाने लगा और उन्हें बर्न विश्वविद्यालय में व्याख्याता नियुक्त किया गया । अगले वर्ष, ज्यूरिख विश्वविद्यालय में इलेक्ट्रोडायनामिक्स और सापेक्षता सिद्धांत पर व्याख्यान देने के बाद, अल्फ्रेड क्लिनर (Alfred Kleiner) (जो की आइंस्टीन के Doctoral Advisor थे) ने सैद्धांतिक भौतिकी में नव निर्मित प्रोफेसरशिप के लिए संकाय में उनकी सिफारिश की। आइंस्टीन को 1909 में एसोसिएट प्रोफेसर नियुक्त किया गया था और उसी वर्ष आइंस्टीन में जुरिच, स्विट्जरलैंड चले गए वहाँ पर उन्होंने यूनिवर्सिटी ऑफ जुरिच में प्रोफेसर की नौकरी की ।

सन 1911 में अल्बर्ट आइंस्टीन ने एक और थ्योरी दी जिसका नाम था द जनरल थ्योरी ऑफ रिलेटिविटी (The general theory of relativity) इसी की मदद से आज हम जानते कि गुरुत्वाकर्षण (Gravity) कैसे काम करती है। उसका समय पर क्या प्रभाव पड़ता है।

इसी साल अल्बर्ट जुरिच से प्राग (Prague) शिफ्ट हो गए, वहाँ उन्होंने चार्ल्स फर्डीनांड यूनिवर्सिटी (Charles Ferdinand University) में प्रोफेसर की नौकरी की और साथ ही उन्हें ऑस्ट्रियन  नागरिकता (Austrian Citizenship) भी मिली । यहाँ दो साल रहने के बाद वो बर्लिन जर्मनी चले गए ।

2 अप्रैल 1921 अल्बर्ट ने पहली बार USA के न्यूयॉर्क शहर में कदम रखा वहाँ उंन्हे कोलंबिया और प्रिंसटन यूनिवर्सिटी में लेक्चर देने के लिए बुलाया गया था।

1922 में, उन्हें “सैद्धांतिक भौतिकी में उनकी सेवाओं के लिए, और विशेष रूप से फोटोइलेक्ट्रिक प्रभाव के कानून की खोज के लिए” भौतिकी में नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। 1921 में कोई भी नामांकन अल्फ्रेड नोबेल द्वारा निर्धारित मानदंडों को पूरा नहीं करता था, इसलिए 1921 का पुरस्कार आगे बढ़ाया गया और 1922 में आइंस्टीन को प्रदान किया गया ।

सन 1930 दिसंबर में दूसरी बार USA में कदम रखा और कुछ समय तक कैलिफोर्निया इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (California Institute of Technology) में एक रिसर्च फेलो के रूप किया। फिर वो वापस बर्लिन जर्मनी आ गए।

लेकिन सन 1933 तक हिटलर जर्मनी में बहुत ताकतवर हो चुका था। उसने यहूदियों को सरकारी नौकरियों से निकलना और उंन्हे मारना शुरू कर दिया। इसी कारण अल्बर्ट आइंस्टीन ने जर्मनी को छोड़ने का निर्णय लिया। अल्बर्ट और एल्सा 1933 में USA आ गए। वहाँ पर प्रोफ़ेसर के रूप में काम किया। फिर सात साल बाद उन्हें USA की नागरिकता मिल गई।

अल्बर्ट आइंस्टीन – 1947

albert einstein short biography in hindi

अल्बर्ट आइंस्टीन की मृत्यु (17 अप्रैल 1955)  (Death of Albert Einstein)

17 अप्रैल 1955 को, आइंस्टीन की मेडिसिन प्रिंसटन मेडिकल सेंटर में 76 वर्ष की आयु में मृत्यु हो गई | आइंस्टीन ने अपने व्यक्तिगत अभिलेखागार, पुस्तकालय और बौद्धिक संपदा (personal archives, library, and intellectual assets) को इज़राइल में यरूशलेम के हिब्रू विश्वविद्यालय को सौंप दिया था |

अल्बर्ट आइंस्टीन का दिमाग ( Albert Einstein brain in Hindi )

Albert Einstein brain weight – 1230 g

18 अप्रैल 1955 को अल्बर्ट आइंस्टीन की मृत्यु के बाद, पैथोलॉजिस्ट डॉ थॉमस हार्वे ने आइंस्टीन के परिवार की अनुमति के बिना ही शोध के लिए अल्बर्ट आइंस्टीन का दिमाग निकाल लिया। डॉ हार्वे ने कहा वो अल्बर्ट आइंस्टीन के दिमाग को केवल शोध के लिए इस्तेमाल करना चाहते है, ताकि हम उनकी बुद्धिमत्ता का राज जान सकें। लेकिन अनुमति न मिलने के कारण अल्बर्ट आइंस्टीन का दिमाग 20 सालो तक एक जार में रखा रहा । कुछ रिसर्च ये कहती है कि उनके दिमाग में Gliale Cell की मात्रा शायद अधिक थी। उनका लेफ्ट हिप्पोकैम्पस थोड़ा बड़ा था जो याद रखने और कुछ सीखने में एक बहुत बड़ा योगदान देता है। और इसी एरिया में आम मस्तिष्क के मुकालबे ज्यादा न्यूरॉन्स थे।

अल्बर्ट आइंस्टीन का आईक्यू क्या था? (What was Albert Einstein’s IQ)?

अल्बर्ट आइंस्टीन का आईक्यू लगभग 160 होने का अनुमान है। हालाकिं कोई निश्चित उत्तर या सबूत नहीं है कि आइंस्टीन ने अपने आईक्यू का परीक्षण कराया था, लेकिन सैद्धांतिक भौतिक विज्ञानी स्टीफन हॉकिंग (Stephen Hawking ) का आईक्यू समान होने का अनुमान है, लेकिन दोनों भौतिक विज्ञानी प्रशंसा के बावजूद दर्ज किए गए उच्चतम आईक्यू से बहुत दूर हैं।

अल्बर्ट आइंस्टीन के अविष्कार (Albert Einstein Inventions in Hindi)

प्रकाश की क्वांटम थ्योरी ( quantum theory of light).

आइंस्टीन की प्रकाश की क्वांटम थ्योरी में उन्होंने ऊर्जा की छोटी थैली की रचना की जिसे फोटोन कहा जाता है, जिनमें तरंग जैसी विशेषता होती है | उनकी इस थ्योरी में उन्होंने कुछ धातुओं से इलेक्ट्रॉन्स के उत्सर्जन को समझाया | उन्होंने फोटो इलेक्ट्रिक इफ़ेक्ट की रचना की |

E             =             energy ( उर्जा)

m           =             mass (द्रव्यमान)

c             =             the speed of light (प्रकाश की गति ) आइंस्टीन ने द्रव्यमान और ऊर्जा के बीच एक समीकरण प्रमाणित किया, उसको आज नुक्लेअर ऊर्जा (Nuclear Energy) कहते है | E= mc 2 कहता है, मूलतः, द्रव्यमान और ऊर्जा एक ही भौतिक इकाई हैं। इस समीकरण और उनके अन्य सिद्धांतों ने परमाणु बम के विकास में मदद की, हालांकि आइंस्टीन को मैनहट्टन प्रोजेक्ट नामक अमेरिकी नेतृत्व वाले परमाणु हथियार प्रयास में भाग लेने के लिए कभी नहीं कहा गया था।

ब्रोव्नियन मूवमेंट  (Brownian motion)

यह अल्बर्ट आइंस्टीन की सबसे बड़ी और सबसे अच्छी ख़ोज कहा जा सकता है, जहाँ उन्होंने परमाणु के निलंबन में जिगज़ैग मूवमेंट का अवलोकन किया, जोकि अणु और परमाणुओं के अस्तित्व के प्रमाण में सहायक है |

स्पेशल थ्योरी ऑफ़ रिलेटिविटी (Special Theory of Relativity)

अल्बर्ट आइंस्टीन की इस थ्योरी में समय और गति के सम्बन्ध को समझाया है. ब्रम्हांड में प्रकाश की गति को निरंतर और प्रक्रति के नियम के अनुसार बताया है |

जनरल थ्योरी ऑफ़ रिलेटिविटी (General Theory of Relativity)

1915 में, उन्होंने सापेक्षता का अपना सामान्य सिद्धांत ( (General Theory of Relativity) प्रकाशित किया, जो 1687 में सर आइजैक न्यूटन (Sir Isaac Newton) द्वारा “प्रिंसिपिया” के प्रकाशन के बाद गुरुत्वाकर्षण का पहला सिद्धांत था। न्यूटन के काम ने गुरुत्वाकर्षण को एक अवधारणा और एक सार्वभौमिक कानून दोनों के रूप में स्थापित किया, जिसमें कहा गया कि गुरुत्वाकर्षण एक स्थिर है वह बल जो वस्तुओं को खींचता है। यदि वस्तु का द्रव्यमान अधिक है तो टग मजबूत होगा और यदि आप दो वस्तुओं के बीच की दूरी बढ़ाते हैं तो टग कमजोर होगा।

मेनहट्टन प्रोजेक्ट (Manhattan Project)

अल्बर्ट आइंस्टीन ने मेनहट्टन प्रोजेक्ट Manhattan Project बनाया, यह एक अनुसंधान है, जोकि यूनाइटेड स्टेट्स का समर्थन करता है, उन्होंने सन 1945 में एटॉमिक बम को प्रस्तावित किया | उसके बाद उन्होंने विश्व युद्ध के दौरान जापान में एटॉमिक बम का इस्तेमाल किया |

आइंस्टीन का रेफ्रीजरेटर

यह अल्बर्ट आइंस्टीन का सबसे छोटा अविष्कार था, जिसके लिए वे प्रसिद्ध हुए | आइंस्टीन ने एक ऐसे रेफ्रीजरेटर का अविष्कार किया जिसमे अमोनिया, पानी, और ब्युटेन और ज्यादा से ज्यादा ऊर्जा का उपयोग हो सके |

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अल्बर्ट आइंस्टीन का जीवन परिचय Albert Einstein Biography in Hindi

अल्बर्ट आइंस्टीन का जीवन परिचय | Albert Einstein Biography in Hindi

आज हम इस पोस्ट में Albert Einstein Biography के बारे में जाने वाले हैं | इनका जीवन परिचय आपको बहुत ही प्रेरित करेगा | यह एक प्रसिद्ध और महान वैज्ञानिक हैं; इन्होंने विज्ञान जगत के क्षेत्र में बहुत महान काम किया है आज के हर एक वैज्ञानिक इनकी प्रसिद्धि की चर्चा करते हैं

अल्बर्ट आइंस्टीन ने भौतिक विज्ञान के क्षेत्र में मूलभूत सिद्धांत प्रतिपादित किए हैं जिसके आधार पर दुनिया भर के छात्रों को फिजिक्स पढ़ाई जाती है| आइंस्टीन ने ऊर्जा संरक्षण का सिद्धांत दिया था | द्रव्यमान ऊर्जा समीकरण को गणितीय रूप में इस प्रकार से लिखा जा सकता है, ‘ E = MC Square ‘

आइंस्टीन ने अपने सिद्धांत के बदौलत पहली बार दुनिया को   टाइम ट्रैवेल के बारे में बताया| इसके साथ-साथ उन्होंने पहली बार दुनिया को समय और गुरुत्वाकर्षण के बीच संबंधों और प्रभाव के बारे में बताया

Table of Contents

अल्बर्ट आइंस्टीन का जीवन परिचय ( Albert Einstein Biography in Hindi ) –

भौतिक शास्त्र के महान वैज्ञानिक अल्बर्ट आइंस्टीन का जन्म 14 मार्च सन् 1879 में जर्मनी के उल्म वुर्ट्टनबर्ग नामक स्थान पर एक यहूदी परिवार के घर हुआ था| इनका पूरा नाम अल्बर्ट हेमन आइंस्टीन था

इनके पिता का नाम हरमन आइंस्टीन और माता का पॉलिन आइंस्टीन था |अल्बर्ट के पिता एक इंजीनियर और विक्रेता थे, इनके पिता   म्युनिच शहर में काम करते थे, इसीलिए जन्म के 1 साल बाद इन्हें म्युनिच शहर में आना पड़ा |

बचपन से ही अल्बर्ट आइंस्टीन सामान्य बच्चों से अलग थे, इनके सिर का आकार समान बच्चों से बड़ा था, लेकिन समय बीतने के साथ-साथ इनके सिर का आकार समान हो गया, जन्म लेने के कुछ सालों तक एस्टीम बोल नहीं पाते थे, दूसरे बच्चों की तुलना में इन्होंने 4 साल के बाद बोलने लगे |

आइंस्टीन अपना समय अकेले में बिताते थे और नई-नई चीजों के बारे में खोज करते रहते थे, उन्हें खेलने कूदने का शौक नहीं था | आइसक्रीम अपने आसपास की चीजों को जानने में लगे रहते थे |

जब अल्बर्ट 5 साल के हुए तो उनके तो उनके जन्मदिन के अवसर पर उनके पिता ने इन्हें एक कंपास (दिशा सूचक यंत्र) दिया, कंपास पाने के बाद वे बहुत ही खुश हुए, कंपास की सुई को देखकर  उनके मन में जिज्ञासा उत्पन्न हुआ क्योंकि कंपास की सुई  हमेशा उत्तर दक्षिण की तरफ रहती है

अल्बर्ट आइंस्टीन की प्रारंभिक शिक्षा –

अल्बर्ट आइंस्टीन ने सन 1896 में अपनी माध्यमिक शिक्षा पूरी करने के बाद आइंस्टीन ने फेडरल पॉलिटेक्निक स्कूल में दाखिला लिया। 21 साल की आयु में अल्बर्ट आइंस्टाइन ने  फेडरल पॉलिटेक्निक स्कूल  से डिप्लोमा की डिग्री हासिल कर लिया |

फेडरल पॉलिटेक्निक स्कूल से डिप्लोमा करने के बाद अपना खर्चा चलाने के लिए काम की तलाश करना शुरू कर दिए | इसीलिए उन्होंने बच्चों को कोचिंग पढ़ाना शुरू कर दिया, कोचिंग में बच्चों की संख्या कम थी, इन्होंने 2 साल तक कोचिंग में बच्चों को पढ़ाया और अपना खर्च निकालते रहते थे |

अल्बर्ट आइंस्टीन का परिवार –

इनके पिता का नाम हरमन आइंस्टीन था, जो कि एक इंजीनियर के साथ-साथ विक्रेता का काम करते थे, इनका जन्म मध्यवर्गीय यहूदी परिवार में हुआ था, इनके माता का पॉलिन आइंस्टीन था जो कि एक ग्रहणी थी इनकी एक छोटी बहन थी जिसका नाम माजा था, इनकी बहन इनसे 2 साल की छोटी थी |

अल्बर्ट आइंस्टीन का वैवाहिक जीवन –

फेडरल पॉलिटेक्निक स्कूल से डिप्लोमा करते समय उनकी मुलाकात सहपाठी मिलेवा मेरिक से हुआ, साल 1903 में इन्होंने अपनी प्रेमिका मिलेवा मेरिक से शादी कर ली थी इन्होंने अपना विवाह बर्न स्विजरलैंड मैं की थी | विवाह के 1 साल के बाद इन्हें एक लड़का पैदा हुआ जिसका नाम इन्होंने हंस अल्बर्ट आइंस्टीन रखा,

अल्बर्ट आइंस्टीन के आविष्कार –

आइंस्टीन भौतिक विज्ञान के क्षेत्र में मूलभूत सिद्धांत प्रतिपादित किए हैं, इन्होंने बहुत सारे आविष्कार किए थे इन्होंने सन 1950 ईस्वी में प्रकाश विद्युत प्रभाव की खोज की थी जिसमें उन्होंने बताया था कि जब किसी धातु पर प्रकाश की किरणें पड़ती है तो उस धातु की सतह से इलेक्ट्रॉन उत्सर्जित होने लगते हैं इस घटना को प्रकाश विद्युत प्रभाव कहते हैं

अल्बर्ट आइंस्टीन प्रकाश की दोहरी प्रकृति ( dual nature of light ) के बारे में बताया था इसमें प्रकाश तरंगों और पैकेट के रूप में चलता है

सापेक्षता का सिद्धांत –

अल्बर्ट आइंस्टीन के सापेक्षता का सिद्धांत दिया था, इस सिद्धांत को स्पेशल थिअरी आफ रिलेटिविटी के नाम से भी जाना जाता है सिद्धांत का प्रकाशन चाल  1905  में ही आइंस्टीन के शोध पत्र में हुआ था

सापेक्षता का सिद्धांत समय और गुरुत्वाकर्षण के बीच के संबंध की व्याख्या दर्शाता है, अतिरिक्त इन्होंने सापेक्ष गति की व्याख्या की है

द्रव्यमान ऊर्जा समीकरण –

आइंस्टीन ने द्रव्यमान को ऊर्जा में को ऊर्जा में बदलने के लिए एक सिद्धांत दिया जिसे द्रव्यमान ऊर्जा समीकरण कहते हैं इस सिद्धांत को आइंस्टीन ने 1905 में दिया था जिसे गणितीय रूप में इस प्रकार से लिखा जा सकता है (E= mc2)

द्रव्यमान ऊर्जा समीकरण अल्बर्ट आइंस्टीन की सबसे बड़ी उपलब्धि मानी जाती है इस समीकरण में E उर्जा है तथा m द्रव्यमान है तथा c प्रकाश की चाल है

अल्बर्ट आइंस्टीन को पुरस्कार –

अल्बर्ट आइंस्टीन को कई पुरस्कार और सम्मान मिले थे

  • नोबेल भौतिक पुरस्कार ( Nobel  Prize In Physices ) – अल्बर्ट आइंस्टीन को 1921  नोमिल भौतिकी  पुरस्कार दिया गया था  जब इन्होंने  ब्राउनीनियम गति के सिद्धांत को प्रतिपादित किया  था
  •  मैक्स प्लांट  मेडल ( Max Planck Medal ) – उन्हें  सन 1929  मैक्स प्लांट  मेडल  मिला, यह पुरस्कार उनके महत्वपूर्ण योगदान के लिए दिया गया था
  • सायेंटिफ़क अमेरिकन पुरस्कार ( Scinentific American Award ) – उन्हें 1954 मैं साइंटिफिक अमेरिकन पुरस्कार दिया गया, जिसमें उनकी भौतिक विज्ञान में किए गए योगदान की तारीफ की गई है 

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नीता अंबानी की नेटवर्थ

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भौतिकी महान वैज्ञानिक में से एक अल्बर्ट आइंस्टीन की जीवनी परिचय | Albert einstein biography in hindi

सदी के सबसे बड़े वैज्ञानिक अल्बर्ट आइंस्टीन की जीवनी परिचय, albert einstein biography in hindi,albert einstein life story in hindi, albert einstein jivan, albert einstein scientist, albert einstein quotes in hindi, albert einstein wikipedia 

सदी के सबसे बड़े वैज्ञानिक जिनका नाम जीनियस शब्द का पर्यायवाची माना जाता है, जिन्होने अपनी खोज से पूरी दुनिया को ही बदल कर रख दी। और आज के समय में जितने भी आधुनिक टेक्निकल उपकरण है, जो इन्ही के बनाए फॉर्मूले पर चल रही है।

जिन्होंने भौतिक शास्त्र की दुनिया ही बदल कर रख दी। और जब उनका मृत्यु हुए था तब दकत्रो ने उनके दिमाग पर रिसर्च किया था की ऐसा किया है इनके दिमाग में जो ये इतने बड़े जीनियस थे। तो आइए हम जानते है उसी महान जीनीयस Albert instian biography in hindi के बारे में। 

Albert einstein biography in hindi

अल्बर्ट आइंस्टीन की जीवनी परिचय,albert einstein biography in hindi

अल्बर्ट आइंस्टीन संक्षिप्त परिचय, अल्बर्ट आइंस्टीन का जन्म और परिवार ( albert einstein birthday and female).

अल्बर्ट  आइंस्टीन जन्म 14 मार्च 1879 को विश्व युद्ध के समय जर्मनी के एक छोटे से शहर अलम में एक अहुदी परिवार में हुआ था। उस समय जर्मनी में हिटलर का राज चलता था। उनके पिताजी का नाम हरमन आइंस्टीन जो एक इंजिनियर और सेल्स मैन थे। उनकी मां का नाम पॉलिन कोच आइंस्टीन था।

बचपन में उनका सर नॉर्मल बच्चो से बड़ा था, पर धीरे धीरे उनका सर नॉर्मल साईज में आ गया। और 4 साल की उम्र तक यह नहीं बोलते थे। इस कारण से इनके माता-पिता को टेंशन होने लगा था कि क्या मेरा बेटा गूंगा तो नहीं है। कहा जाता है कि आइंस्टीन ने पहली बार the soup is too hot बोले थे।

अल्बर्ट आइंस्टीन की बचपना ( albert einstein childhood)

7 साल की उम्र तक इन्हें भाषा पाकर में नहीं आती थी। इसीलिए वे सेंटेंस को अपने माइंड में बार-बार दोहराते रहते थे। बचपन में वे अपने पिता के बहुत करीब था। अपने पिता से हमेशा अटपटी सवाल पूछा करते थे। एक बार अल्बर्ट के पिता जी ने उनके जन्म दिन पर एक कंपास गिफ्ट किया था।

उन्होंने पिता जी से पूछा पिता जी ये कंपास की सुई हमेशा हिलती किया रहती   उनके पिता जी ने उन्हे समझाए और तब से आइंस्टीन को भौतिक शास्त्र में रुचि बढ़ने लगा। अल्बर्ट आइंस्टीन के जन्म के एक साल बाद इनका परिवार मंच शहर जाकर रहने लगे।

वहा उनके पिताजी और चाचा जाकोब आइंस्टीन ने मिलकर एक कंपनी शुरू की जिसका नाम Elctrotechnische Fabrik J. Einstein & cie था। और उस समय थॉमस अल्वा एडिसन का दबदबा मार्केट में था, कियोकि उस समय एडिशन ने बल्ब का आविष्कार किया।

1894 में इनकी पिता जी की कंपनी बहुत घाटे में चली गई और कंपनी को बेचना पड़ा। अल्बर्ट के पिताजी एक अच्छे व्यापार की तलाश में जर्मनी से इटली के मिलन शहर या गए। और मिलन में कुछ दिन तक रहे, और बाद में पविया नाम की शहर में जाकर रहने लगे।

अल्बर्ट आइंस्टीन की शिक्षा ( albert einstein qualification)

अल्बर्ट आइंस्टीन पढ़ने में काफी तेज या कोई टॉपर नही थे। बचपन में तो प्रिंसीपल ने मां को एक चिट्ठी भेजी जिसमे लिखा था। आपका बेटा मंदबुद्धि है, और पढ़ नही सकता। और स्कूल से निकल दिया। तब आइंस्टीन ने पूछा मां मुझे क्यों निकल दिया। मां ने आइंस्टीन को उस चिट्ठी के विपरित बताया की बेटा प्रिसिपल ने कहा की आपका बेटा बहुत जीनियस है , मैं इसे पढ़ा नहीं सकता।

उन्होंने अपनी प्रारंभ शिक्षा 5 साल की उम्र से कैथोलिक एलिमेंट्री स्कूल मुनिच से की और 3 साल बाद प्राइमरी और स्केंड्री स्कूल की पढ़ाई लाउटपोल्ड जिम्नेशियम स्कूल से पूरी जिसका नाम बाल कर वर्तमान में अलबर्ट आइंस्टीन स्कूल रखा है।

अल्बर्ट 12 साल की उम्र में पाइथागोरस थ्योरम का एक अलग ही नियम बना दी और 14 साल के उम्र में ही कैलकुलस, डिफरेंटशिएशन और इंटीग्रेशन जैसे कठिन गणित के विषयो में महारत हासिल कर लिए थे। लेकिन गणित और भौतिकी शास्त्र को छोड़कर और सभी विषयों को पढ़ने में जरा भी इंटरेस्ट नहीं था।

उनका कहना था कि इतिहास विषयों मैं जो डेट होता है उसे हम क्यों पढ़ें या याद रखें, इसका क्या फायदा है। 1894 को अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद अपने परिवार के यहां इटली पहुंच गए। 1895 में उन्होंने स्विस फेडरल पॉलिटेक्निक इन जुरीच का इंट्रेस एग्जाम दिए और उसमें भौतिक शास्त्र और गणित को छोड़कर सभी विषयों में हो गए।

उस स्कूल के प्रिंकपेल ने साल दिया की फिर एग्जाम देना तब तक तुम कही और जाकर पढ़ाई करो। उसके बाद उन्होंने अपने फैमली प्रोफेसर जोस्ट विंटलर के घर रहने लगे और वहा   एरोगोवियन सेंट्रल स्कूल इन आर्य   सुजरलैंड में नामांकन करवाए। और वही प्रोफेसर की बेटी से प्यार गया।

1896 मैं उन्होंने फिर से दोबारा एंट्रेंस एग्जाम दिए और फाइनली जुरिच पॉलिटेक्निक में स्लेक्सेशन हो गया। जब यह पहले दिन क्लास गए तो टीचर ने एक साल पूछा पर भी उसका जवाब नहीं दे पाए। तब उसी क्लास की एक लड़की मालवा मेरिक ने जवाब दिया। मालवा मेरिक भी भौतिक शास्त्र की बहुत अच्छी स्टूडेंट थी जो आगे जाकर उनकी पत्नी बनी।

अल्बर्ट आइंस्टीन का विवाह, Albert Einstein marriage

अल्बर्ट आइंस्टीन और मालवा मेरिक की शादी 1903 में हुआ था। जब रिसर्च पेपर बनाया करते थे तो उसमें मालवा मेरिक भी मदद क्या करती थी। वह चाहती थी की यह शोध पेपर जब पब्लिश हो तो उसने मेरा भी नाम हो। लेकिन जब यह पेपर पब्लिश हुआ तो उसमें मालवा मेरिक नाम नहीं था।

और इस वजह से मेरिक डिप्रेशन में चली गई, और दोनों के बीच विवाद बढ़ गया, और दोनों के बीच तलाक हो गया। तलाक से पहले उन्हें दो बेटा था। बड़ा का नाम हंस आइंस्टीन जिनका जन्म मई 1940 में हुआ था। और छोटा बेटा एडवर्ड आइंस्टीन जिनका जन्म जुलाई 1910 को हुआ था।

तलाक के कुछ समय बाद से अल्बर्ट आइंस्टीन अपनी कजन ऐसा लोंथल के बीच उनकी नजदीकियां बढ़ने लगा था। और कुछ समय बाद 1919 में उन्होंने ऐसा से शादी कर लिए। 1936 में किसी कारण बस ऐसा की मृत्यु हो गई।  

अल्बर्ट आइंस्टाइन की प्रारंभिक कैरियर,Albert Einstein career

1900 में ग्रेजुएशन फाइनल करने के बाद उन्हें कोई काम नहीं मिल रहा था। तो उन्होंने एक क्लर्क की नौकरी की। उसके बाद उन्होंने को पढ़ाना शुरू किए , पढ़े ही सफल नहीं हो पाया। उसके बाद फिर उन्होंने एयरटेल ऑफिस में एक क्लर्क का काम करने लगे जहां उन्हें रिसर्च के लिए काफी समय मिल जाता था।

2 अप्रैल 1921 को अमेरिका के न्यूयॉर्क शहर पहुंचे जहां उन्हें कोलंबिया यूनिवर्सिटी में लेक्चर देने के लिए बुलाया गया था। 1992 में उन्हें law of theoretical physics and electro effect के लिए नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया था। नोबेल पुरस्कार के सभी प्राइज मनी उन्होंने अपनी पहली पत्नी मालवा मेरिक को दे दिया। ताकि वे अपने बच्चों का परवरिश ठीक तरह से कर सकें।

1930 में अल्बर्ट आइंस्टीन ने दूसरी बार अमेरिका गए इस बार वे California institute of technology mein एक रिसर्च अट बनकर काम करने गए थे। 1933 को जर्मनी में हटकर कादर दवा काफी बढ़ गया था। जर्मनी के घर में हिटलर ने कई बार रेट डाला पर आइंस्टाइन नहीं मिले तो हिटलर ने उनके फोटो को लगा कर जगह जगह पर तलाश करने लगा और उस पर $5000 का इनाम दे रखा था और लिखा था एक ऐसा शख्स है जिसे अभी तक फांसी नहीं दिया गया।

उस समय जर्मनी ने आहुति जाति के लिए एक लॉ जारी किया था जिसमें यहूदी कहीं भी गवर्नमेंट जॉब नहीं कर सकते थे ना ही कोई यूनिवर्सिटी में काम कर सकता था। उसके बाद उन्होंने 1935 में जर्मनी छोड़ दिया और अमेरिका चली आए। और 7 साल बाद उन्हें अमेरिका की नागरिकता मिल गई है। अमेरिका के FBI ने जर्मनी का सीक्रेट एजेंट समझकर बहुत दिनों तक परेशान किया। फिर बाद में सब ठीक हो गया।

अल्बर्ट आइंस्टीन का रिसर्च ( Albert Einstein research)

अल्बर्ट आइंस्टीन ने अपने जीवन काल में 300 से भी अधिक वैज्ञानिक शोध पत्र प्रकाशित किए हैं। कुछ रिसर्च में आइंस्टीन की पहली पत्नी मालवा मेरिक ने मदद किया था।

Albert einstein e=mc2

उन्होंने अपने जीवन में कई सारे खोज किए ही पर विश्व विख्यात प्रसिद्ध वैज्ञानिक होने का वजह E=MC²   रहा था। इस इक्वेशन का खोज उन्होंने 1945 में किया था। E=MC² में परमाणु द्रव्यमान और ऊर्जा का यह समीकरण है जिससे आज परमाणु ऊर्जा और क्लियर ऊर्जा जैसे खतरनाक मिसाइल बनाने में इस फार्मूले का यूज़ होता है।

अल्बर्ट आइंस्टीन के द्वारा प्रकाशित की गई क्वांटम थ्योरी ऊर्जा का एक छोटा सा प्रारूप है चीन की रचना को फोटो कहा जाता है। जिस माध्यम से धातु से इलेक्ट्रॉन का उत्सर्जन को समझा जाता है। उसके बाद उन्होंने फोटोइलेक्ट्रिक इफेक्ट खिचड़ी प्रकाशित किया। जिसके माध्यम से टेलीविजन का आविष्कार किया गया, आज के युग में कई सारे इलेक्ट्रॉनिक उपकरण है जो फोटो इलेक्ट्रॉन इफेक्ट की थड़ी पर आधारित है।

उसके बाद उन्होंने ब्रोवनियन मूवमेंट थ्योरी को प्रकाशित किया। इस खोज को सबसे बड़ी और सबसे अच्छी खोज भी कहा जाता है जिसमें उन्होंने परमाणु के निलंबन जिगजैक मोमेंट की गणना की है। जोकि परमाणुओं के अस्तित्व को प्रमाणित करता हमें

उसके बाद उन्होंने अगली खोज स्पेशल थ्योरी ऑफ रियलिटी   को प्रकाशित किया जैसे गति और प्रकाश के बारे में समझा जा सकता है। आइंस्टीन की जनरल थ्योरी ऑफ रिलेटिविटी इसमें उन्होंने स्पेस में गुरुत्वाकर्षण और द्रव्यमान को बताता है। 1939 में आई स्टैंड ने एटॉमिक बॉम्ब की संरचना में भी उनका बहुत महत्वपूर्ण योगदान रहा।

आइंस्टीन ने एक रेफ्रिजरेटर का आविष्कार किया था जिसे इन का सबसे छोटा आविष्कार भी माना जाता है इसमें उन्होंने अमोनियम पानी और ब्रिटेन और ज्यादा से ज्यादा ऊर्जा का उत्पन्न कर सके इसलिए उन्होंने बनाया। इसी तरह से उन्होंने कई सारे सवाल पात्र और अविष्कार किए जिस का यूज़ आधुनिक टेक्नोलॉजी उपकरण बनाने में किया जाता है।

अल्बर्ट आइंस्टाइन की रोचक बातें ( albert einstein facts)

अल्बर्ट आइंस्टीन अपने प्रोजेक्ट का हल प्रयोगशाला में करने से पहले वह अपने दिमाग में ही सब कुछ कर लिया करते थे।

अल्बर्ट आइंस्टाइन बचपन से कोई टॉपर स्टूडेंट नहीं रहे वह एक मिडिल व के स्टूडेंट रहे उन्हें बचपन से पढ़ने और बोलने में मैं बहुत कमजोर थे।

अल्बर्ट आइंस्टीन की मृत्यु के बाद एक साइंटिस्ट ने उनके दिमाग को चोरी कर लिया था रिसर्च किया और फिर 20 साल तक एक जार बंद करके रखा था।

अल्बर्ट आइंस्टीन को नोबेल पुरस्कार मिला उन्होंने नोबेल पुरस्कार की प्राइस अपनी पहली पत्नी मालवा मैरिको दे दिया ताकि वे अपनी बेटे की परवरिश अच्छी तरह से कर सकें।

अल्बर्ट आइंस्टाइन को राष्ट्रपति बनने का भी मौका मिला था पर उन्होंने इस ऑफर को ठुकरा दिए।

अल्बर्ट आइंस्टीन यूनिवर्स केंट एस एग्जाम में गणित और भौतिक शास्त्र को छोड़कर सभी विषयों में फेल हो गए थे।

अल्बर्ट आइंस्टीन का दांत बहुत कमजोर था वह किसी व्यक्ति के नाम और नंबर आज नहीं रख पाते थे।

अल्बर्ट आइंस्टीन की आंखों को सुरक्षित तरह से एक म्यूजियम में रखा गया है।

अल्बर्ट आइंस्टीन कहा करते थे कि अभ्यास ही सफलता का मूल मंत्र है।  

अल्बर्ट आइंस्टीन का पुरस्कार और सम्मान ( Albert Einstein Awards and Honors)

  • 1921 में भौतिक शास्त्र के लिए नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया था
  • 1921 में मत्तयुक्की   मेडल से सम्मानित किया गया था।
  • 1925 में को कोपले मेडल से सम्मानित किया गया था।
  • 1929 में मैक्स प्लांक मेडल से सम्मानित किया गया था।
  • 1999 में शताब्दी टाइम पर्सन पुरस्कार से सम्मानित किया गया

अल्बर्ट आइंस्टाइन की मृत्यु,albert einstein death

जर्मनी में उस समय हिटलर का काफी दबाव बढ़ गया था और अल्बर्ट आइंस्टाइन यहूदी होने के कारण उन्हें जर्मनी छोड़कर अमेरिका के कैलिफोर्निया शहर में आकर रहना पड़ा था। और वहां कोलंबिया यूनिवर्सिटी में एक रिसर्च प्रोफेसर के रूप में काम कर रहे थे और वही 18 अप्रैल 1955 में उनकी मृत्यु हो गई

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  • Jalal-ud-din Muhammad Akbar – was the third Mughal emperor / जलाल उद्दीन मोहम्मद अकबर
  • Subhas Chandra Bose – an Indian nationalist / सुभाष चन्द्र बोस
  • Vikram Ambalal Sarabhai – an Indian Physicist and Astronomer / विक्रम साराभाई
  • Krishnakumar Kunnath (KK), was an Indian playback singer / कृष्णकुमार कुन्नथ
  • Tantia Tope an general in the Indian Rebellion of 1857 and notable leaders / तात्या टोपे
  • Sudha Murty – an Indian educator, author and philanthropist / सुधा मूर्ति
  • Droupadi Murmu – an Indian politician, president of India / द्रौपदी मुर्मू
  • Homi Jehangir Bhabha – was an Indian nuclear physicist, founding director, and professor of physics / होमी जहांगीर भाभा
  • Anandibai Joshi – First Indian Female Doctor / आनंदीबाई जोशी

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अल्बर्ट आइंस्टीन जीवनी - Albert Einstein biography in hindi

Albert Einstein-German-born Theoretical Physicist/अल्बर्ट आइंस्टीन

अल्बर्ट आइंस्टीन जीवनी – Albert Einstein biography in hindi

विश्व के सुप्रसिद्ध वैज्ञानिक और भौतिक शास्त्री Albert Einstein का कहना है कि —-“जिस व्यक्ति ने कभी गलती नहीं  की, उसने कभी भी नया करने की कोशिश नहीं की”  Einstein ने हमारे युग को विकसित बनाने में बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। वह अपने  “सापेक्षता के सिद्धांत” के और “द्रव्यमान ऊर्जा समीकरण” के लिए विख्यात हैं ।इस “E = mc2” का प्रयोग मुख्यता ऑटोमिक बम को बनाने में किया जाता है जिसके लिए उन्हें फिजिक्स में नोबेल पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया था। Einstein का जन्म 14 मार्च 1879 को जर्मनी के “Hume” शहर में हुआ था ।उनके पिता का नाम  Albert Einstein था जो कि एक  इंजीनियर और सेल्समेन थे ।

जब Einstein पैदा हुए थे तो उनका सिर उनके शरीर के हिसाब से काफी बड़ा था। शुरू से ही वह अन्य छोटे बच्चों से अलग थे। वह छोटे बच्चों की तरह शरारते नहीं करते थे बल्कि बिल्कुल शांत रहते थे। बच्चे एक साल में बोलना शुरू कर देते हैं लेकिन इन्होंने बोलने में 4 वर्ष लगा दिए  और करीब 9 वर्ष तक वह अच्छे से बोल नहीं पाते थे। इसकी वजह से उनके माता-पिता को उनकी भविष्य की चिंता होने लगी ।इनको अपने हम उम्र के बच्चों के साथ खेलना भी पसंद नहीं था। उन्होंने अपनी अलग ही दुनिया बना रखी थी। उन्हें हमेशा रविवार का इंतजार रहता था क्योंकि उनके पापा उन्हें रविवार को ही कहीं शांत जगह घुमाने ले जाते थे और वहां बैठकर वह पेड़ पौधों और इस ब्राह्मण के बारे में सोचा करते थे। उनके मन में हमेशा यह बात  रहती थी कि यह दुनिया चलती कैसे है? अपनी ना बोल पाने की वजह से उन्होंने स्कूल जाना बहुत देर से शुरू किया ।

Einstein को स्कूल एक जेल की तरह लगता था। उनका मानना था कि स्कूल एक ऐसी जगह है जहां कोई भी आजाद नहीं है ।इस सोच उसके पीछे एक कारण था कि वह अपने अध्यापक द्वारा बताई गई बातों को स्वीकार नहीं करते थे क्योंकि उन्हें अध्यापक द्वारा पढ़ाई गई चीजें “अधूरी” लगती थी। वह अध्यापकों से ज्यादा प्रश्न पूछा करते थे जिससे अध्यापक उनसे नाराज  रहते थे और उन्होंने Einstein को मन बुद्धि भी कहना शुरू कर दिया था। बार-बार मन बुद्धि कहे जाने के कारण  Einstein को लगने लगा था कि मेरी बुद्धि अभी विकसित नहीं हुई है।

एक बार उन्होंने अध्यापक से पूछा— सर मैं अपनी बुद्धि का विकास कैसे कर सकता हूं? अध्यापक ने कहा कि “अभ्यास ही सफलता का मूल मंत्र है” यह बात  Einstein  ने अपने दिमाग में बैठा ली  और दृढ़ निश्चय किया कि अभ्यास के बल पर में एक  दिन सबसे आगे बढ़ कर दिखाऊंगा ।उसके बाद अपने कठिन परिश्रम व अभ्यास  की मदद से उन्होंने गणित व फिजिक्स में महारथ हासिल कर ली। जिसके बाद उन्होंने बहुत सारी अद्भुत खोज की । सापेक्षता के सिद्धांत ,द्रव्यमान ऊर्जा, गति प्रकाशीय में उष्मीय गुण आदि ।आज घर बैठे इंटरनेट के द्वारा हमें जो जानकारियां प्राप्त हो रही हैं उन सभी आविष्कारों में Einstein का महत्वपूर्ण योगदान है ।उन्होंने दिखा दिया कि मेहनत के बल पर इंसान कुछ भी कर सकता है।  Einstein अपने दिमाग में ही अपनी रिसर्च का पूरा सोच कर अपना प्लान तैयार करते थे जो कि उनके प्रयोगशाला  के, प्रयोग से ज्यादा सटीक होता था।

Einstein को  इजरायल के राष्ट्रपति पद का प्रस्ताव भी दिया गया था लेकिन उन्होंने उसे विनम्रता पूर्वक मना कर दिया था ।अमेरिका की सरकार आइंस्टाइन की योग्यता से  इतना डर गई थी कि उनके पीछे अपना जासूस लगा कर रखती थी ताकि उनके शोध का कोई गलत प्रयोग ना हो सके, जो देश के लिए हानिकारक हो। यहां तक कि एक Pathology Dr. ने Einstein के 100 परीक्षण के दौरान उनका दिमाग चुरा लिया था ताकि उनके बुद्धिजीवी होने का पता लगा सके । Einstein ने मानवता की भलाई और मनुष्य का जीवन अधिक सफल बनाने के लिए अपना पूरा जीवन समर्पित कर दिया। 18 अप्रैल 1955 को 76 वर्ष की उम्र में उन्होंने इस दुनिया को अलविदा कह दिया। 

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अल्बर्ट आइंस्टीन (Einstein) और उनकी रोमांच से भरी जिंदगी | All about Einstein

सदी के सबसे बड़े वैज्ञानिक albert einstein के बारे में क्या आप इन बातों को जानते हैं.

Photo of Bineet Patel

मित्रों! कैसे हैं आप सब? आज मैंने सोचा है कि आपको अलग हटकर मैं सबसे महान वैज्ञानिक आइंस्टीन (All about Einstein In Hindi)  के बारे में आपको बताऊँ।  हालाँकि ( although ) मैने आप सभी को रसायन विज्ञान से जुड़ी रोचक बातें , Black hole के रहस्य तथा सूर्य-मंडल से जुड़ी बहुत अज्ञात बातों को आप सभी के सामने ( in front ) पहले ( before ) ही रख चुका हूँ।

इसलिए ( therefore ) मैंने आज थोड़ा अलग विषय को चुना हैं। मित्रों! आज मेँ  Einstein की रोमांच से भरी जिंदगी ( all about Einstein ) और उन से संबंधित बहुत सारे रोचक बातों को आपको बताने जा रहा हूँ।

विषय - सूची

आइंस्टीन के बारे में हर एक बात को ( All about Einstein ) जानने से पहले , जान लीजिए इन बातों को :-

यहाँ ( here ) पर अगर हम किसी भी विषय को विशेष ( specifically ) रूप से गौर करेंगे| तो, आप को पता चलेगा की आज ( now ) का युग विज्ञान का है| इस धरती पर कई सारे विज्ञान की अजूबे मौजूद है| चारों तरफ विज्ञान और सिर्फ विज्ञान की ही चर्चा है| परंतु ( but ) यहाँ ( here ) थोड़ा अच्छे से सोचिए| आज ( now ) हम जिस विज्ञान की गुण-गान कर रहे हैं , इस का वजह क्या है? क्या आप इस के ऊपर ( above ) कभी गहराई से सोचने का प्रयास किए हैं| खैर उस के ऊपर ( above ) हम आज ( now ) बात करेंगे| क्योंकि ( because ) यह बातों का जानना आपके लिए बहुत ही जरूरी है|

Einstein और उनकी रोमांच से भरी जिंदगी| - All about Einstein.

अल्बर्ट आइंस्टीन (Albert Einstein) , आज ( now ) के सबसे बड़े वैज्ञानिकों में से एक| इनकी पूरी जिंदगी ( All about Einstein ) और इस से जुड़ी हर एक बातें , आपको जरूरी हैरान कर देगा| मित्रों! मेरा यहाँ ( here ) यकीन कीजिए क्योंकि ( because ) आगे आप जिस विशेष ( specifically ) विषय पर पढ़ने जा रहें हैं , वह वाकई में बहुत अद्भुत है| तो , चलिए जानते हैं Einstein से जुड़ी हर एक बातों को ( All about Einstein )|

Einstein की जीवनी संखिप्त में – Einstein biography In Hindi.

मित्रों! मैंने यहाँ पर Einstein की जीवनी को तीन हिस्सों में बाँटा है| पहला ( first ) है उनकी प्रारंभिक जीवनी , दूसरा है ( second ) उनकी पढ़ाई के बारे में ( छात्र जीवन ) और तीसरा है ( third ) उनके आखिरी के जीवन काल का|

तो, में आशा करता हूँ की आप सब इसे धैर्य के साथ मजे ले कर पढ़ेंगे|

प्रारंभिक जीवनी और स्कूल :-

जैसे की किसी भी महान व्यक्ति का जन्म एक महान स्थान पर होता है , ठीक इसी तरह ( likewise ) Einstein का जन्म 14 मार्च सन 1879 को जर्मन साम्राज्य में हुआ था| यहाँ ( here ) में आपको पहले ( before ) ही बता दूँ की , उस समय पूरे विश्व में जर्मन साम्राज्य का वर्चस्व चरम सीमा पर था| उनके पिताजी उस समय एक Direct current के उपकरणों का दुकान चलाया करते थे| Einstein ने बाद में ( later ) Munich आ कर अपनी दस वीं तक की पढ़ाई पूरी की|

बाद में ( later ) वह अपने परिवार के साथ Italy को स्थानांतरित हुए| बचपन से ही ( since ) उनको विज्ञान और गणित में बहुत रुचि था| हर किसी साधारण व्यक्ति की तरह ( likewise ) , वह भी जीवन के कई सारे  परीक्षा में असफल रहे थे| परंतु ( but ) निरंतर बढ्ने की चाह ने , उन्हें बाद में ( later ) सदी का सबसे वैज्ञानिक बना दिया| सन 1896 Einstein जी ने अपनी 12 वीं कक्षा Switzerland पूरी की |

जब ( when ) सन 1900 में Einstein ने स्नातक ( graduation ) पूरी कर ली| तब , उनको Swiss patent office में स्थाई नौकरी मिला| यहाँ ( here ) दफ्तर में , पहली बार ( first ) Einstein की मुलाक़ात अंतरिक्ष और प्रकाश जैसे विषयों से हुई| जो , की बाद में ( later ) उनको एक महान वैज्ञानिक बनाने वाला था|

उनका छात्र जीवन और उनके शोध :-

Einstein और उनकी रोमांच से भरी जिंदगी| - All about Einstein.

सन 1908 तक वह एक विरल वैज्ञानिक के तौर पर समाज में प्रठीस्थित हो चुके थे| इसके अलावा ( in addition to this ) वह एक मेधावी छात्र भी बन चुके थे| उन को इसी वजह से 1909 में भौतिक विज्ञान का विशेष ( specifically ) अध्यापक के तौर पर University of Bern में नियुक्त किया गया| बाद में ( later ) 1913 में उनको प्रसिद्ध वैज्ञानिक Max Planck के साथ काम करने का मौका मिला|

उनसे मिलने से पहले ( before ) Einstein ने 1911 में Theory of General Relativity की खोज कर ली थी| यहाँ ( here ) से Einstein की सफलता की कहानी शुरू होती है| कई सारे वैज्ञानिकों के द्वारा शाबासी पाने के बाद , उन्होंने अपना पूरा ध्यान भौतिक विज्ञान पर केंद्रित कर दिया| सन 1921 में उनको भौतिक विज्ञान में Photoelectric effect के ऊपर ( above ) अभूतपूर्व काम के लिए नोवल पुरस्कार से सम्मानित किया गया|

उनके बाकी की अध्ययन काल द्वितीय विश्व युद्ध के कारण अमेरिका में ही गुजरा और उन्होंने 1940 अमेरिका का नागरिकता ले ली| इस से न बल्कि जर्मनी ने अपना एक विरल वैज्ञानिक खोया | परंतु ( but ) अमेरिका को एक विशेष  ( specifically ) और भविष्य वादी वैज्ञानिक भी मिला|

Einstein के जीवन की आखिरी पलें :-

किसी भी आम इंसान की तरह Einstein भी रोगों से अपने आखिरी की जीवन काल में काफी कष्ट झेले| हालाँकि ( however ) उन के शरीर में पहले भी ( before ) कई सारे आपरेशन किए गए थे| परंतु ( but ) उन्होंने अपने अंतिम पलों में आपरेशन कर ने से मना कर दिया था|

वह  कहते थे की , ” कृतिम जीवन में वो मजा कहाँ , जो की प्राकृतिक जीवन मे होती है”|  17 अप्रैल 1955 यह वह दिन था , जब ( when ) विज्ञान ने अपना एक अमूल्य रत्न को हमेशा-हमेशा के लिए खो दिया| Abdominal aortic aneurysm के कारण से उनका मौत हुआ| इस के बाद ( next ) जब उनको autopsy के लिए लिया गया तो , पता चला की उनको उस समय सर्जरी कर के बचाया जा सकता था|

खैर यहाँ ( here ) मेँ आपको बता दूँ की , भविष्य के शोध के लिए Thomas Stoltz Harvey ने Einstein के दिमाग को निकाल कर एक सुरक्षित जगह पर छुपा दिया था|

तो, मित्रों! मैंने  यहाँ ( here ) आपको Einstein के जीवनी से जुड़ी कुछ बातों को बता दिया है| इसलिए ( therefore ) Einstein के ऊपर आधारित इस लेख ( All about Einstein ) आगे बढ़ते हुए उनके द्वारा किए गए खोजो के बारे में जानते हैं|

Einstein के तीन प्रमुख खोज – 3 major invetions of Einstein In Hindi.

मित्रों आगे बढ्ने से पहले ( before ) में आपको यहाँ ( here ) बता दूँ की , Einstein ने विज्ञान में काफी सारी खोज की है| परंतु ( but ) मैंने उन सब में से तीन प्रमुख खोजो को यहाँ ( here ) पर आपके लिए चुना हैं| इसलिए ( therefore ) में आप से अनुरोध करता हूँ की , लेख के इस भाग को ध्यान से पढ़ें|

1.दुनिया की सबसे महान समीकरण ( equation ) की खोज :-

दुनिया की सबसे जटिल समीकरण|

यहाँ ( here ) पर अगर में आप से पूछूँ की , क्या आप ने कभी समीकरण ( equation ) देखा है , तो शायद आप सभी का जबाव हाँ! ही आएगा| परंतु ( but ) यहाँ ( here ) पर अगर में पूछूँ की दुनिया का सबसे रहस्यमय समीकरण ( equation ) का नाम क्या है ? तो, आपका जबाव क्या होगा?

ज्यादा सोचिए नहीं ! क्योंकि ( because ) में हूँ ना! मित्रों! दुनिया का सबसे अद्भुत और रहस्यमय समीकरण ( equation ) है , E=mc^2| तो, यहाँ ( here ) पर आपके मन में सवाल खड़ा हो रहा होगा की , आखिर इस को किसने बनाया था| तो, दोस्तों जाहिर सी बात है Einstein ने ही किया था| क्योंकि ( because ) हम Einstein के ऊपर ही ( All about Einstein ) बात कर रहें हैं|

अगर में यहाँ ( here ) पर इस समीकरण को आसान भाषा में कहूँ तो , (m) द्रव्य मान ( mass ) और (c) ऊर्जा ( energy ) आपस में एक दूसरे के साथ विनिमय ( interchangeable ) कर सकते हैं| मतलब एक दूसरे के साथ बदल सकते हैं|  उदाहरण ( for example ) के तौर पर अगर आप एक छोटी सी सुई में मौजूद हर एक atom को ऊर्जा ( energy ) में परिणत कर देंगे तो , यह एक छोटी सी सुई Hiroshima पर गिराया गया atomic bomb से ज्यादा तबाही मचा सकती है|

यहाँ ( here ) पर कहने का मतलब यह है की , अगर किसी भी वस्तु में मौजूद हर एक atom ( द्रव्य मान का एकक ) को ऊर्जा में परिणत करेंगे तो , वह एक विशाल ऊर्जा के स्रोत में भी परिवर्तित हो सकता है|

2. Theory of general Relativity In Hindi :-

क्या है Theory of general relativity

यह जो थिओरी है , इसने Einstein को महान वैज्ञानिक बनाने में काफी मदद किया| तो, यहाँ (here) पर सवाल उठता है की, आखिर यह थिओरी है क्या ? इस थिओरी का क्या मतलब है? तो, इसलिए (therefore) इन सवालों के जबाव को हम यहाँ (here) खोजेंगे|

तो, अगर हम आसान में कहूँ तो, Special Relativity प्रकाश के गति के ऊपर आधारित एक थिओरी है| जिसमें कहा हमेशा प्रकाश को ही priority दिया गया है| यहाँ ( here ) में आपको और भी बता दूँ की प्रकाश की गति शून्य  में भी उतना ही रहेगा जितना की बाकी माध्यमों मे| यहाँ ( here ) पर प्रकाश को देखने वाले व्यक्ति के माध्यम से प्रकाश को कोई फर्क नहीं पड़ने वाला है|

यहाँ ( here ) में आपको और भी बता दूँ की बहुत बड़े-बड़े आकाशीय पिंड , अंतरिक्ष में बहने वाले समय के चक्र को विश्रुंखलित कर सकते हैं और इसका उदाहरण ( for example ) है Black Hole

3. Photo electric effect In Hindi:-

आप सभी ने पहले ( before ) भी Photo Electric Effect के विषय पर जरूर कुछ न कुछ पढ़ा ही होगा|

परंतु ( but ) क्योंकि यह Einstein की सबसे बड़ी खोज थी , इसलिए ( therefore ) मैंने इसे यहाँ ( here ) स्थान दिया हैं| तो, Photo electric आसान भाषा में विद्युत और प्रकाश के बीच होने वाला एक भौतिक प्रक्रिया है|

इसके ऊपर ( above ) सबसे पहले शोध Heinrich Rudolf Hertz किया था| बाद में ( later ) Einstein ने इस के ऊपर ( above ) गहराई से शोध कर के दुनिया के सामने बहुत सारे नई-नई बातों को रखा| इस थिओरी के हिसाब से अगर किसी भी धातु के सतह पर किसी भी प्रकार का प्रकाश ऊर्जा के रूप में पड़ता हैं तो , धातु में से Photon नाम के छोटे-छोटे कण निकलते हैं|

तो, अब ( now ) जब आपने Einstein के ऊपर करीब-करीब सब जान ही लिया है ( All about Einstein ) तो , चलिए थोड़ा सा और जान ने में क्या हर्ज है|

अब ( now ) में आपको Einstein से जुड़ी रोचक बातों को आपके सामने रखूँगा| इसलिए ( therefore ) इसे मजे ले कर पढ़ते रहिए|

आइन्सटाइन से जुड़ी कुछ रोचक बातें :-

मित्रों! मैंने यहाँ ( here ) पर Einstein से जुड़ी सबसे रोचक , अनकही और अनजानी बातों को बताया है| इसलिए ( therefore ) इस को पढ़ते वक़्त ज्यादा गौर दीजिएगा|

1. काफी देरी से सीखा बोलना :-  

अगर में कहूँ की Einstein बचपन में थोड़ा slow learner थे , तो क्या आप विश्वास करेंगे| परंतु ( but ) मित्रों यह सच्चाई है| उदाहरण ( for example ) के तौर पर उन के बोलने के समय को ही ले लीजिए| उन्होंने अपने जीवन का पहला एक शब्द बोलने के लिए 3 साल का समय लिए थे|

2. Compass से प्यार :-

क्यूँ था Einstein को compass से प्यार?

आखिर एक भौतिक वैज्ञानिक का सबसे पसंदीदा चीज़ क्या हो सकता है! शायद एक Compass| जी हाँ! जनाब आपने सही सुना, Einstein की सबसे पसंदीदा चीज़ Compass ही थी| जब ( when ) वह 5 साल के थे तो , उनके पिताजी ने उनको एक Compass दिखाया था| जिसे देखने के बाद ( later ) वह उस Compass से प्यार कर बैठे|

3. Violin बजाना था उनका पहला पसंद :-

Einstein की माँ एक अच्छी कलाकार ( संगीतकार ) थीं| इसलिए ( therefore ) वह हमेशा चाहती थीं , की उनका पुत्र ( Einstein ) भी संगीत सीखे| पहले-पहले तो Einstein को संगीत पसंद नहीं था| परंतु ( but ) 14 साल में एक अनोखा लगाव उन्हें संगीत से होने लगा|

इसलिए ( hence ) वह उस समय अपने सब से पसंदीदा वाद्य यंत्र के रूप में Violin को चुना|

4. राष्ट्रपति बन सकते थे Einstein :- 

इस्राइल के प्रथम राष्ट्रपति Chaim Weizmann के मृत्यु के बाद Einstein को इस्राइल के राष्ट्रपति बनने का मौका मिला | परंतु ( but ) इसे Einstein ने मना कर दिया और अपने शोधो में केंद्र भूत हो गए|

वाकई में अपने काम के प्रति इतनी समर्पण की भावना ही Einstein को बाद ( later ) में इतना सफल बना या|

5. तैरना नहीं आता था उनको :-

आज ( now ) के समय में भी ऐसे कई व्यक्ति मौजूद हैं , जिन्हें तैरना नहीं आता| इसलिए ( therefore ) उनको कभी कभी मन में इसके लिए बहुत दुख भी महसूस होता है| परंतु ( but ) में आपको यहाँ ( here ) एक पते की बात बताता हूँ|

Einstein को भी दोस्तों तैरना नहीं आता था| जी हाँ! इतने बुद्धिमान व्यक्ति होने के बावजूद उन्होंने कभी तैरना नहीं सीखा| यहाँ ( here ) पर और भी आपको बता दूँ की Einstein जी को नाव चलना बहुत ही ज्यादा पसंद था| बिना तैरना सीख के नाव चलाना और वह भी कई बार| वाह!

खैर , मित्रों लेख को खत्म करने का वक़्त आ गया है| इसलिए जाते-जाते कुछ बातों को यहाँ ( here )आपको बता ने जा रहा हूँ| मित्रों! आपने ऊपर ( above ) देखा ही होगा की , Einstein की जीवन मे काफी मुसीबत आयी| परंतु ( but ) उन्होंने उससे डट कर सामना किया| तभी तो वह इतना सफल हो पाए| इस लिए ( therefore ) आप भी कभी हार मत मानिएगा| कोशिश करते रहिए सफलता जरूर एक दिन आपको मिलेगी|

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Bineet Patel

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Albart Einstein Biography in Hindi – अल्बर्ट आइंस्टीन का जीवन परिचय

अल्बर्ट आइंस्टीन, दुनिया के महान वैज्ञानिक, जिन्होंने बिज्ञान को नयी ऊंचाइयों पर पहुंचाया इन्होंने लोगों में बिज्ञान के प्रति रूचि पैदा की, इनके अविष्कारों को आज भी दुनिया याद करती है। आइंस्टीन ने थ्योरी ऑफ़ रिलेटिविटी का सिद्धांत दिया था। साइंस सेक्टर में अभूतपूर्व योग्यदान के लिए उन्हें 1921 में फिजिक्स का नोबेल पुरस्कार दिया गया था, इस पोस्ट में आप Albart Einstein Biography in Hindi से जुडी जानकारी प्राप्त करेंगे।

Albart Einstein Biography in Hindi – जीवन परिचय

Albart Einstein Biography in Hindi

अल्बर्ट आइंस्टीन का जन्म (Albert Einstein Birthday) 14 March 1879 को जर्मनी के उल्मा में हुआ था, इनका पूरा नाम अल्बर्ट हेमर्न आइन्स्टीन था। बताया जाता है की जब इनका जन्म हुआ था तब इनके सिर का आकार कुछ अजीब सा था, मगर समय के साथ वो ठीक हो गया। इनके बारे में कहां जाता है की ये बचपन में दूसरे बच्चों की अपेक्षा थोड़ा टाइम बाद बोल पाए थे, बताया जाता है की 4 वर्ष के हो जाने के बाद ही ये बोल पाए थे। आइंस्टीन क्लासिकल म्यूजिक के बहुत बड़े फेन थे, उन्होंने एक बार कहा था की अगर मैं बैज्ञानिक नहीं होता तो एक अच्छा म्यूजिशियन जरूर होता।

अल्बर्ट आइंस्टीन का परिवार – (Albert Einstein Family)

अल्बर्ट का जन्म एक मध्यम वर्गीय यहूदी परिवार में हुआ था, इनके पिता का नाम हेमर्न आइन्स्टीन और माँ का नाम पौलिन कोच था। बताया जाता है की इनके पिताजी सैल्मन और इंजीनियर थे जिन्होंने अपने भाई के साथ मिलकर इलेक्ट्रिक उपकरण बनाने की कंपनी खोली थी। उनकी माताजी एक गृहणी थी, इनके बहन का नाम माजा था जो अल्बर्ट आइंस्टीन से 2 वर्ष छोटी थी।

वैवाहिक जीवन (Albert Einstein Marriage Life)

बताया जाता है की अल्बर्ट आइंस्टीन ने 2 शादी की थी, उनकी पहली शादी वर्ष 1903 में मिलेना मरिक से हुई थी, जिससे वो अपने स्कूल के दिनों में मिले थे, वर्ष 1902 में पिता की मृत्यु के बाद ही अल्बर्ट ने मिलेना मरिक से शादी की थी। उसके बाद इस शादी से अल्बर्ट को एक बेटी और दो बेटे पैदा हुए, उसके बाद वर्ष 1919 में इनका तलाक हो गया, इसके बाद अल्बर्ट आइंस्टीन ने अपनी कजिन से शादी कर ली।

Albert Einstein Inventions and Discoveries in Hindi – अल्बर्ट आइंस्टीन के आविष्कार

बताया जाता है की अल्बर्ट ने अपने जीवन में कई अविष्कार किये, लेकिन थॉयरी ऑफ़ रिलेटिविटी (सापेक्षता का सिद्धांत) के कारण उन्हें बहुत याद किया जाता है। यही वो सिद्धांत था जिसके वजह से परमाणु ऊर्जा और परमाणु बॉम्ब दुनिया के आधार में आया।

Albart Einstein Biography in Hindi  – थॉयरी ऑफ़ रिलेटिविटी

अल्बर्ट ने वर्ष 1905 में स्पेशल थॉयरी ऑफ़ रिलेटिविटी का सिद्धांत दुनिया को दिया, उसके बाद वो वर्ष 1915 में जनरल थ्योरी ऑफ़ रिलेटिविटी का सिद्धांत दिया, इस थ्योरी की मदद से उन्होंने ग्रहों की सूर्य की परिक्रमा की कक्षाओं की सही भविष्यवाणी की थी, गुरत्वाकर्षण बल कैसे काम करता इसमें इन्होंने अच्छे से बताया है। इसके बाद दो ब्रिटिश वैज्ञानिकों (British Scientist) सर फ्रैंक डयसन और सर आर्थर एड्डिंगटन ने 1919 में सूर्य ग्रहण के दौरान इनकी पुष्टि की थी।

E=MC2 सिद्धांत

वर्ष 1905 में अपने एक रिसर्च में अल्बर्ट ने E=MC2 का सिद्धांत बताया था, जो आगे चलकर दुनिया का सबसे प्रसिद्ध फार्मूला बन गया इस फार्मूला में E एनर्जी है जो कि वस्तु के मास (m) और स्पीड ऑफ़ लाइट (C) की पावर 2 के बराबर माना गया।

Albert Einstein Facts in Hindi – रोचक तथ्य

  • बताया जाता है की अल्बर्ट आइंस्टीन बहुत कम उम्र (महज 16 वर्ष) की आयु में अपना पहला रिसर्च पेपर पब्लिश किये थे, जिसका शीर्षक ” द इन्वेस्टीगेशन ऑफ़ द स्टेट ऑफ़ ऐथेर इन मेग्नेटिक फ़ील्ड्स ” था।
  • जब अल्बर्ट अपने स्कूल (स्विस फ़ेडरल पॉलिटेक्निक स्कूल) में एडमिशन के लिए टेस्ट देने गए थे तब उनका प्रदर्शन मैथ और फिजिक्स को छोड़कर बाकी सब्जेक्ट्स में बहुत बुरा था।
  • बताया गया है की अल्बर्ट के दिमाग में पैरिटल लोब का आकार सामान्य ब्रेन के मुकाबले 15 % बड़ा था।
  • जन्म से ही अल्बर्ट आइंस्टीन अनलिटिकल और क्यूरियस माइंड वाले थे लेकिन उनकी मेमोरी बहुत वीक थी वो डेट और फ़ोन नंबर याद नहीं कर पाते थे।
  • आइंस्टीन को मोजा पहनना बिलकुल भी पसंद नहीं था।
  • यह एक यहूदी समाज से सम्बन्ध रखते थे और इजरायल में रहते थे, जो की एक यहूदी देश है बताया ज्यादा है की इनको वर्ष 1952 में इज़रायल का राष्ट्रपति बनने का अवसर दिया गया था लेकिन आइंस्टीन ने उसे ठुकरा दिया था।
  • इन्होंने अलकोहल गैस से चलने वाले रेफ्रिजरेटर का अविष्कार भी किया था, मगर नयी टेक्नोलॉजी आने के कारण इसपर आगे कभी काम नहीं हो पाया।
  • आइंस्टीन की मृत्यु के बाद जिस डॉक्टर ने उनके शव का परीक्षण किया उसने उनके दिमाग को निकाल कर एक जार में रख लिया था, जिसके लिए उसको नौकरी से निकाल दिया गया था फिर भी उसके वो जार नहीं लौटाया, बाद में कुछ दिन बाद उसके वह जार स्वतः लौटा दिया।
  • अल्बर्ट को जिस e=mc2 फार्मूला से पहचान मिली वो फार्मूला सबसे पहले फ्रेड्रिच के द्वारा इस्तेमाल किया था।
  • जब हिटलर जर्मनी का वाईस चांसलर बना, उसके ठीक एक महीने बाद आइंस्टीन ने जर्मनी छोड़ दिया और स्थाई रूप से अमेरिका में जाकर बस गए, उसके बाद वो कभी भी जर्मनी नहीं आये। कहा जाता है की अमेरिका में बहार से आये दिमाग ने ऐसी तरक्की की, जिसकी वजह से आज अमेरिका नंबर वन बना है अमेरिकी लोग ऐसे लोगों की कदर भी बहुत करते है।
  • प्राइज फोटोइलेक्ट्रिक इफ़ेक्ट के लिए आइंस्टीन को नॉवल पुरस्कार दिया गया था, जबकि बहुत लोग यह मानते है की इनको यह पुरस्कार “अवार्ड थ्योरी ऑफ़ रिलेटिविटी” के लिए मिला था।

Albert Einstein दुनिया के महान बैज्ञानिक थे, आज भी लोग उनको याद करते है, जब तक यह दुनिया रहेगी लोग उनको याद करते रहेंगे।

Albart Einstein Biography in Hindi, से जुडी जानकारी आपको कैसी लगी ?

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अल्बर्ट आइंस्टीन की जीवनी – Albert Einstein Biography Hindi

आज इस आर्टिकल में हम आपको अल्बर्ट आइंस्टीन की जीवनी – Albert Einstein Biography Hindi के बारे में बताएगे।

अल्बर्ट आइंस्टीन की जीवनी – Albert Einstein Biography Hindi

अल्बर्ट आइंस्टीन की जीवनी

आइंस्टीन दुनिया के महान वैज्ञानिकों में से एक थे, उन्होंने भौतिकी में बहुत से खोज और आविष्कार किये थे, जिनके लिए उन्हें नोबेल पुरस्कार भी दिया गया था., भौतिक विज्ञान में उनका योगदान अद्वितीय रहा है।

अल्बर्ट आइंस्टीन 14 मार्च 1879 उल्म, वुर्ट्टनबर्ग, जर्मन साम्राज्य में हुआ था।

उनके पिता का नाम हेर्मन्न आइंस्टीन था जो एक इंजीनियर और सेल्समैन थे।

उनके माता का नाम पौलिन कोच था।

बचपन में उन्हें शब्दों के उच्चारण में काफी दिक्कत होती थी लेकिन वो पढाई में सबसे अव्वल थे।

उन्होंने अपनी पढाई ईटीएच ज्यूरिख, ज्यूरिख विश्वविद्यालय से खत्म की.

वैज्ञानिक खोज और आविष्कार

उन्होंने अपने जीवनकाल में बहुत से महत्वपूर्ण खोज और आविष्कार किये। इनके बारे में हम आपको नीचे बताने जा रहे है।

  • क्वांटम थ्योरी ऑफ़ लाइट
  • स्पेशल थ्योरी ऑफ़ रिलेटिविटी
  • जनरल थ्योरी ऑफ़ रिलेटिविटी
  • आइंस्टीन रेफ्रीजिरेटर
  • ब्रोविनियन मूवमेंट
  • आसमान का रंग नीला क्यों है?

सम्मान और पुरस्कार

  • भौतिकी का नोबेल पुरस्कार (1921)
  • मेट्यूक्सी पदक (1921)
  • कोप्ले पदक (1925)
  • मैक्स प्लैंक पदक (1929)
  • टाइम सदी के सबसे महत्वपूर्ण व्यक्ति (1999)

अल्बर्ट आइंस्टीन  का निधन 18 अप्रैल 1955 (उम्र 76) प्रिंस्टन हस्पताल, न्यू जर्सी, संयुक्त राज्य में हुआ।

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Albert Einstein Biography in Hindi- अल्बर्ट आइंस्टीन

Albert Einstein Biography in Hindi- अल्बर्ट आइंस्टीन

Table of Contents

अल्बर्ट आइंस्टीन की जीवनी – Life of Albert Einstein

अल्बर्ट आइंस्टीन को मानव इतिहास का सबसे महान वैज्ञानिक माना जाता है. वे जर्मनी में जन्मे महान वैज्ञानिक थे, उन्होंने सापेक्षता के सिद्धांत से भौतिक विज्ञान की दिशा को ही बदल दिया. आइंस्टीन ने मानव मस्तिष्क की सीमाओं को इतना अधिक प्रसारित कर दिया कि उन्हें महामानव समझा जाने लगा.

अल्बर्ट आइंस्टीन की संक्षिप्त जीवनी Brief Biography of Albert Einstein

अल्बर्ट आइंस्टीन का जन्म जर्मनी  में  वुटेमबर्ग  प्रान्त के उलम नामक स्थान में 14 मार्च 1879 को हुआ था. वे एक महान गणितज्ञ और वैज्ञानिक थे. आइंस्टीन की महान खोज है- सापेक्षता के सामान्य और विशेष सिद्धांत Theory of Relativity.

अल्बर्ट आइंस्टीन को 1921 में  प्रकाश-विद्युत प्रभाव photo-electric effect के लिए नोबल पुरस्कार प्रदान किया गया. जर्मनी में नाजी प्रभाव बढ़ने के बाद 1930 के दशक में वे अमेरिका आ गए.

एक वैज्ञानिक के रूप में ही नहीं एक मनुष्य के रूप में भी आइंस्टीन अप्रतिम थे. वैज्ञानिक प्रतिभा, मानव प्रेम एवं चारित्रिक उदारता का जैसा समन्वय आइंस्टीन मे था वैसा अन्यत्र दुर्लभ है. प्रखर विश्लेषणात्मक क्षमता, सहज विनयशीलता एवं सहृदयता, असत्य एवं अत्याचार के विरूद्ध पक्की दृढ़ता, समग्र मानव-जाति के लिए ममत्वबोध, इन सब दैवी गुणों का उनमें समावेश था.

आजीवन विज्ञान की साधना करने पर भी आइंस्टीन एक उच्च कोटि के तत्वज्ञानी एवं दार्शनिक थे. यदि यह कहें कि महात्मा गांधी के बाद आइंस्टीन ही 20वीं सदी के सबसे बड़े महापुरुष थे, तो अतिशयोक्ति नहीं होगी.

आरम्भिक जीवन एवं शिक्षा  Early Life and Education

अल्बर्ट आइंस्टीन के पिता हेरमैन आइंस्टीन और माता पॉलिन कोच  बालक अल्बर्ट का जन्म होने के छह सप्ताह में ही म्यूनिक चले आए. म्यूनिक शहर के एक विद्यालय में इनकी प्राथमिक शिक्षा हुुई. छात्र-जीवन के आरम्भ में इनमें किसी पकार की विशेषता नहीं देखी गई.

इनके शिक्षकों को उस समय इस बात का कुछ भी परिचय नहीं मिला कि आगे चलकर यह बालक एक विश्व विख्यात वैज्ञानिक बनेगा. इतना ही नही, बल्कि इनके शिक्षक यह समझते थे कि यह लड़का बहुत ही मोटी समझ का है. जीवन में यह कुछ कर नहीं सकेगा.

किन्तु 14 वर्ष की अवस्था में ही आइंस्टीन ने अपनी असाधारण गणितीय प्रतिभा का परिचय देकर सबको चकित कर दिया. स्कूल में पढ़ते समय बच्चे सबसे अधिक जिस विषय से दूर भागते हैं वह है गणित और गणित में भी विशेषकर ज्यामिति.

इसी उम्र में आइंस्टीन के हाथ यूक्लिड की ज्यामिति-पुस्तक लगी. मोटी बुद्धि के समझे जाने वाले इस बालक ने थोड़े समय में ही सारी पुस्तक को अच्छी तरह  समझ लिया. ज्यामिति में गणितीय सत्य की जो प्रामाणिकता पाई जाती है उसके प्रति आइंस्टीन विशेष रूप में आकर्षित हुए. बाद में चलकर उन्होंने विज्ञान के क्षेत्र में जो सब अनुसंधान किए उनमें यही प्रमाणिकता पाई जाती है.

14 वर्ष की अवस्था में उन्होंने विश्लेषणात्मक ज्यामिति analytical geometry तथा अंतर और अभिन्न कलन differential and integral calculus पर पूरी तरह से अधिकार कर लिया. इन विषयों के सम्बन्ध में वे ऐसे-ऐसे प्रश्न अपने शिक्षकों से करने लगे कि उनसे किसी प्रकार भी उत्तर देते नहीं बनता.

आइंस्टीन के पिता हेरमैन आइंस्टीन का एक रासायनिक कारखाना था. किन्तु उनका यह व्यवसाय अच्छी तरह नहीं चलता था. इसलिए आइंस्टीन को वोकेशनल शिक्षा प्राप्त करने के लिए स्विटजरलैंड के एक सरकारी शिल्प विद्यालय में भेज दिया गया. यहां उन्हें भाषा एवं जीव-विज्ञान, इन दो विषयों में परीक्षा देनी पड़ी.

आइंस्टीन परीक्षा देने से बहुत घबराते थे. कारण, परीक्षा में उत्तीर्ण होने के लिए पुस्तकों को रटना पड़ता था. और रटन्त विद्या से आइंस्टीन शुरू से ही दूर भागते थे. फिर भी 21 वर्ष की अवस्था तक वे उसी विद्यालय में पढ़ते रहे. स्विस फेडरल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, ज्यूरिज से उन्होंने भौतिक विज्ञान एवं गणित, इन दो विषयों में प्रशिक्षण की उपाधि प्राप्त की.

इसके बाद नौकरी की तलाश शुरू हुई. कुछ समय के लिए एक स्कूल में शिक्षक का काम मिला. बाद में एक पेटेंट आफिस में पेटेंट परीक्षक के पद पर नियुक्त हुए. यहां उन्हें अधिक काम नहीं करना पड़ता था, चिंतन-मनन के लिए काफी समय मिलता था.

आइंस्टीन का वैवाहिक जीवन Family life of Albert Einstein

इसी समय सन् 1903 ईसवी में उन्होंने अपने साथी  विद्यार्थी मिलेवा मेरिक को अपनी जीवनसंगिनी बनाया. वह भी गणित, विज्ञान जैसे विषयों में निपुण थी. किन्तु यह वैवाहिक जीवन लम्बा नहीं चला.

1912 में आइंस्टीन ने  मिलेवा को छोड़ दिया और  दोनों का तलाक 1919 में हो गया. इस तरह कुछ ही वर्षों के बाद यह शादी टूट गई. मिलेवा से उनके दो पुत्र हुए-एक अल्बर्ट जूनियर और दूसरा एडवर्ड.

आइंस्टीन के उनकी पहली शादी के दौरान ही कई महिलाओं की ओर आकर्षित हुए, उनमें से एक थीं  एल्सा, जो उनकी चचेरी बहन थीं. 2 जून, 1919 को आइंस्टीन ने एल्सा से शादी की. अल्बर्ट की  तरह ही एल्सा की भी यह दूसरी शादी थी. 1936  में उनकी दूसरी पत्नी एल्सा का भी देहान्त हो गया.

वैज्ञानिक के तौर पर आइंस्टीन का करियर Albert Einstein as a physicist

सरकारी पेटेंट आफिस में काम करते हुए उन्होंने आपेक्षिकतावाद अर्थात् theory of relativity के सम्बन्ध में शोध करना प्रारम्भ किया. इस विषय में उनका पहला शोधपत्र  1905 में विशेष मतवाद यानी स्पेशल थ्योरी नाम से प्रकाशित हुआ.

1908 ई० में बर्न में उन्हें अध्यापक का एक पद मिला. दूसरे साल वे अध्यापन करने के जूरिथ चले गए. इसी समय एक विज्ञान-सम्मेलन में उनका भाषण हुआ. इसके बाद ही वे प्रेग ( वर्तमान में चेक रिपब्लिक की राजधानी) के जर्मन विश्वविद्यालय में पदार्थ विज्ञान के अध्यापक नियुक्त हुए.

1912 ई० में फिर जूरिथ लौट आए. 1913 ई० में जर्मनी के सुप्रसिद्ध विज्ञानी नेर्न्स्ट और प्लेक के प्रयासों से जर्मनी लौट आए. वहां वे बर्लिन विश्वविद्यालय में पदार्थ विज्ञान के अध्यापक तथा रिसर्च लैब के अध्यक्ष नियुक्त हुए.  1916  में आपेक्षिकतावाद के सम्बन्ध में उनके अनुसंधान का दूसरा खण्ड प्रकाशित हुआ.

प्रथम विश्वयुद्ध में आइंस्टीन के जीवन में तीन बड़ी घटनाएं घटित हुई. पहली घटना यह थी कि 62 जर्मन बुद्धिजीवियों ने एक घोषणपत्र प्रकाशित करके जर्मन संस्कृति एवं जर्मन सामरिकता के एकत्व का समर्थन किया था.

आइंस्टीन ने इस घोषणापत्र पर हस्ताक्षर नहीं किया. दूसरी घटना थी आइंस्टीन का पुनर्निवाह और तीसरी  घटना थी 1916 ई में सापेक्षता के सिद्धांत- के दूसरे भाग यानी जनरल थ्योरी का प्रकाशन. इस सिद्धांत के प्रमाणित हो जाने पर आइंस्टीन एक श्रेष्ठ वैज्ञानिक के रूप में गिने जाने लगे.

1922  में उन्हें पदार्थ विज्ञान में महत्वपूर्ण अनुसंधान के लिए नोबेल पुरस्कार मिला. पुरस्कार में उन्हें जो धन मिला उसे उन्होंने विभिन्न संस्थाओं को दान कर दिया.

आइंस्टीन का सापेक्षता का सिद्धांत – Einstein’s Theory of Relativity

वे केवल एक विश्व विख्यात वैज्ञानिक के रूप में ही परिचित नहीं हुए, बल्कि उनके इस आविष्कार का पदार्थ विज्ञान एवं ज्योति विज्ञान पर अहम प्रभाव पड़ा. दोनों ही क्षेत्रों में उनके सिद्धान्त का व्यापक रूप में प्रयोग होने लगा. सापेक्षता एक अत्यन्त जटिल विषय समझा जाता है.

सापेक्षता के आविष्कार से पहले तक किसी वस्तु के परिमाप के लिए मौलिक विचार, उसकी लम्बाई, चौड़ाई और ऊंचाई- इन तीन तक ही सीमित समझा जाता था. आइंस्टीन ने इसे भूल माना. उन्होंने बताया कि इस परिमाप में काल का हिसाब करना भी आवश्यक है और इसे सिद्ध करके दिखा दिया.

सापेक्षता के आविष्कार से पहले अधिकांश वैज्ञानिक यह समझते थे कि पदार्थ-विज्ञान के सम्बन्ध में जो सब तत्व जानने लायक थे, वे सब जाने जा चुके. अब कोई ऐसा तत्व नहीं रह गया है जो अज्ञात हो. किन्तु उनकी यह धारण गलत सिद्ध हुई.

आधुनिक काल में पदार्थ विज्ञान के क्षेत्र में जो प्रगति हुई है, उसके मूल में  आइंस्टीन का सापेक्षता का सिद्धांत ही  है. आइंस्टीन ने इसमें दिखाया है कि गति मात्र आपेक्षिक है. निरपेक्ष गति-जैसी कोई चीज नहीं है और न इसका निर्णय करने का कोई उपाय है.

आइंस्टीन ने यह भी बताया कि न्यूटन का गुरुत्वाकर्षण कोई निरपेक्ष तत्व नहीं है. पृथ्वी का गुरुत्वाकर्षण सब वस्तुओं को नीचे ही नहीं खींचता, वस्तुएं भी पृथ्वी को समान शक्ति से खींचती है और इस परस्पर के आकर्षण के संतुलन में ही सृष्टि का अस्तित्व बना हुआ है.

आइंस्टीन बहुत बड़े वैज्ञानिक एवं गणितज्ञ थे. किन्तु इसके साथ ही वे बहुत बड़े मानवतावादी भी थे. पराधीन एवं पीडि़त जातियों की स्वाधीनता का उन्होंने खुलकर समर्थन किया. विज्ञान एवं वैज्ञानिक सभ्यता-संस्कृति के समर्थक होते हुए भी मनुष्य की आत्मा की और उसके अन्तर्निहित सौंदर्यबोध की उन्होंने उपेक्षा नहीं की.

आइंस्टीन को इजराइल के राष्ट्रपति पद का प्रस्ताव Offer of Presidency of Israel to Einstein

कुछ समय तक आइंस्टीन ने राजनीति में भी सक्रिय भाग लिया था. यहूदी जाति के अधिकारों की रक्षा के लिए उन्होंने डॉ. वाइजमैन के साथ काम किया था. येरूशलम में उन्होंने यहूदी विश्वविद्यालय की स्थापना में पूर्ण सहयोग प्रदान किया था. यहूदी उन्हें अपना नेता मानते थे.

यही कारण है कि यहूदी राष्ट्र इजराइल के प्रथम राष्ट्रपति डॉ. वाइजमैन की मृत्यु के बाद आइंस्टीन को ही सर्वसम्मति से राष्ट्रपति का पद प्रदान किया गया था. किन्तु उन्होंने इस पद को ग्रहण करना अस्वीकार कर दिया.

1921  से 1933  तक वे यूरोप के बहुत से देशों में घूम-घूम कर व्याख्यान देते रहे. यहूदी जाति के लिए एक स्वतन्त्र निवास स्थान निर्मित करने के उद्देश्य से उन्होंने  धन संग्रह किया. 1932 ई. में ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय ने उन्हें डाॅक्टर की उपाधि देकर सम्मानित किया.

जर्मनी छोड़ अमेरिका में बसने का फैसला Einstein’s Immigration to US

1963 ई० में जब जर्मनी में हिटलर का उत्थान हुआ, उसने यहूदियों पर अत्याचार शुरू कर दिए. जर्मनी से यहूदी निष्कासित होने लगे. उसे समय आइंस्टीन जर्मनी में नहीं थे. हिटलर के जर्मनी में साहित्यकारों, कलाकारों एवं वैज्ञानिकों को अपमानित एवं लांछित होते देखकर आइंस्टीन का मन क्षुब्ध हो उठा और उन्होंने स्वदेश नहीं लौटने का फैसला किया.

फ्रांस, स्पेन तथा यूरोप के और कई देशों से उन्हें सादर निमंत्रण मिला. कुछ दिनों तक वे बेल्जियम में रहे. बाद में उन्हें अमेरिका से निमंत्रण मिला और वे प्रिंसटन नगर में जाकर रहने लगे.

वर्ष 1930 में प्रिंसटन में ‘इंस्टिट्यूट फॉर एडवांस्ड स्टडी’ की स्थापना हुई, आइंस्टीन का सम्बन्ध मृत्यु  पर्यन्त इस संस्था के साथ बना रहा. 1940 में आइंस्टीन को अमेरिका की नागरिकता प्रदान की गई.

अल्बर्ट आइंस्टीन की मृत्यु Death of Albert Einstein

17 अप्रैल 1955 को अल्बर्ट आइंस्टीन प्रिंसटन स्थित इंस्टिट्यूट फॉर एडवांस स्टडीज के अपने कमरे में थे. इस दौरान उनके पेट में अंदरूनी रक्तस्राव शुरू हो गया. उन्हें अस्पताल ले जाया गया, इस दौरान भी आइंस्टीन अपना काम नहीं भूले.

इजरायल राष्ट्र की स्थापना की सातवीं वर्षगांठ पर उन्हें टेलीविजन पर एक भाषण देना था, जिसका प्रारूप वे अपने साथ अस्पताल ले गए. मगर अफसोस, वे यह भाषण कभी नहीं दे सके. 18 अप्रैल, 1955 की सुबह अल्बर्ट आइंस्टीन का प्रिंसटन अस्पताल में 76 वर्ष की आयु में निधन हो गया.

आइंस्टीन अपने पेट में धमनी में रिसाव रोकने के लिए पहले एक बार सर्जरी करवा चुके थे लेकिन दोबारा उन्होंने इसके लिए इनकार कर दिया. उनका कहना था-

मैं अपनी इच्छा से जाना चाहता हूं. कृत्रिम रूप से जिंदगी को लम्बा खींचना बहुत ही बेस्वाद है. मैं अपना काम कर चुका हूं, अब जाने का समय है. मैं ठाट से मरूंगा.

अल्बर्ट आइंस्टीन इतने बड़े जीनियस थे कि उनकी मृत्यु के बाद उनका दिमाग और आंखें निकालकर सुरक्षित रख दी गईं. उनके मस्तिष्क brain of Einstein पर कई वर्ष तक शोध होता रहा.

Surprising facts about Albert Einstein आइंस्टीन से जुड़े रोचक तथ्य

आइंस्टीन के जर्मनी छोड़ने के बाद जर्मन सरकार ने उनकी सारी सम्पत्ति जब्त कर ली थी और उनके सिर पर 5 हजार डॉलर की इनामी रकम रखी थी.

आइंस्टीन का व्यक्तिगत जीवन बहुत ही सरल एवं आडंबर हीन था. प्रिंसटन शहर में वे साधारण मनुष्य की तरह  घूमा करते थे. कपड़ों के सबंन्ध में इतने लापरवाह कि कभी-कभी बेल्ट की जगह पर पुरानी टाई बांधे रहते थे.

एक बार बुकमार्क के तौर पर उन्होंने 1500 डॉलर का चेक लगा लिया. उस चेक के साथ-साथ वह पुस्तक भी खो गई.

आइंस्टीन संगीत प्रेमी थे. वे बेला यानी वायलिन बजाया करते थे. अपने वसीयतनामे में वे अपना प्रिय वायलिन अपने पौत्र के नाम  छोड़ गये.

परमाणु बम के आविष्कार से आइंस्टीन इतने दुखी हुए कि उन्होंने कहना पड़ा- ‘जीवन को यदि नए सिरे से शुरू करना पड़े तो विज्ञान के साथ दूर का सम्बन्ध भी नहीं रखूूंगा. एक वैज्ञानिक के बजाय मिस्त्री, लोहार या डाकिया होना अधिक पसन्द करूंगा.’

आइंस्टीन कभी भारत नहीं आए, किन्तु भारत के साथ उनका करीबी रिश्ता था. गांधी जी एव भारत के महान परम्परागत आदर्शों के प्रति उनके हृदय में श्रद्धा थी. गांधी जी के अलावा रवीन्द्र नाथ टैगोर के साथ उनकी घनिष्ठता थी.

एक बार आइंस्टीन बस में  सफर कर रहे थे. उन्होंने कंडक्टर को एक नोट टिकट के लिये दिया. कंडक्टर ने टिकट का दाम काटकर बाकी पैसे वापस कर दिए. आइंस्टीन हिसाब लगा कर देखने लगे कि उन्हें बाकी पैसे ठीक-ठीक मिले या नही.

बार-बार हिसाब करने पर भी हिसाब ठीक नहीं मिल रहा था. तब उन्होंने कंडकटर को बुलाया. उसने हिसाब ठीक बता दिया और कहा- ‘ मिस्टर, हिसाब करना इतना आसान नहीं है. इसके लिये अर्थशास्त्र का ज्ञान होना चाहिए.’ इतने बड़े गणितज्ञ को एक कंडक्टर से यह उपदेश सुनने को मिला!

पुरस्कार एवं सम्मान  Awards and Honors

अपने जीवन मे आइंस्टीन ने इतने अधिक सम्मान, उपाधि एवं पदक प्राप्त किए कि वे स्वयं भी उनकी संख्या से अपरिचित थे. फिर भी कुछ महत्वपूर्ण पुरस्कारों की जानकारी यहां दी गई है.

  • अल्बर्ट आइंस्टीन को 1922  में नोबेल पुरस्कार मिला.
  • 1925 में रॉयल सोसाइटी का कोपले पदक
  • 1935 में फ्रेंकलिन इंस्टीट्यूट पदक
  • 1945 ‘इंडियन एसोसियेशन फॉर दि कलटिवेशन ऑफ साइंस’ की ओर से पदक

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अल्बर्ट आइंस्टीन की जीवनी Albert Einstein Biography in Hindi

अल्बर्ट आइंस्टीन की जीवनी  Albert Einstein Biography in Hindi

अल्बर्ट आइंस्टीन दुनिया के महान वज्ञानिक और थ्योरिटिकल भौतिकवादी थे। आइंस्टीन पूरे विश्व में द्रव्मान और ऊर्जा के समीकरण  E= mc2  और सपेक्षता के सिध्दांत के लिये प्रसिद्ध थे। ये समीकरण अल्बर्ट आइंस्टीन के सबसे प्रसिद्ध समीकरणों में से एक था।

इन्होने अपने जीवन में बहुत से खोज किये। उनके कुछ अविष्कार पुरे दुनिया में बहुत फेमस हुआ जिनके वजह से अल्बर्ट आइंस्टीन का नाम इतिहास के सुनहरे पन्नो में दर्ज हो गया। आइंस्टीन एक बुद्धिमान और सफल वज्ञानिक रहे है।

धुनिक समय के भौतिक विज्ञान को सरल बनाने में इनका बहुत बड़ा हाथ रहा है। अल्बर्ट आइंस्टीन को 1921 में प्रकाश विधुत उत्सर्जन की खोज के  लिए इनका नोबेल पुरस्कार भी प्राप्त हुआ। आइंस्टीन ने बहुत से खोज में अपना योगदान दिया है जैसे – सापेक्ष ब्राम्हण, क्वांटम सिद्धांत, अणुओ की ब्राउनियन गति, विकिरण का सिद्धांत और अन्य बहुत से खोज में अपना योगदान दिया है।

इन्होने 50 से अधिक शोध पत्र और विज्ञानं की अलग अलग किताबे भी लिखी है जिसकी वजह से 1999 में टाइम्स पत्रिका में इनको शताब्दी पुरुष घोषित किया गया और एक सर्वे के अनुसार ये सार्वकालिक महानतम वज्ञानिक मने गए है। इनकी बौद्धिक उपयोगितो को देखते हुए आइंस्टीन शब्द को बुद्धिमान का पर्याय बना दिया गया है।

नाम – अल्बर्ट हेर्मन्न आइंस्टीन जन्म – 14 मार्च 1879 स्थान – उल्मा (जर्मनी) पिता – हेर्मन्न आइंस्टीन माता – पौलिन  कोच पुरस्कार – भौतिक का नोबेल पुरस्कार, मैक्स प्लैंक पदक, कोल्पे पदक मृत्यु – 18 अप्रैल 1955

अल्बर्ट आइंस्टीन की जीवनी  Albert Einstein Biography in Hindi

प्रारंभिक जीवन earlier life.

विश्वप्रसिद्ध अल्बर्ट आइंस्टीन का जन्म 14 मार्च 1879 को जर्मनी के एक यहूदी परिवार में वुटेमबर्ग नामक स्थान में हुआ था। इनके पिता का नाम हेर्मन्न आइंस्टीन जोकि पेशे से एक इंजीनियर और सेल्समैन थे। इनकी माता का नाम पौलिन  कोच था। आइंस्टीन बचपन से पढाई में अव्वल थे लेकिन बचपन में आइंस्टीन को बोलने में थोड़ी दिक्कत होती थी।

इनकी मात्रभाषा जर्मन थी लेकिन बाद में इन्होने अंगेजी और इतालवी भी सीखी। इनका जन्म तो जर्मनी के उल्म शहर में हुआ लेकिन इनका परिवार 1880 में म्यूनिख शहर चला गया। वहीँ पर इन्होने अपनी पढाई शुरू की।

आइंस्टीन पिता और उनके चाचा ने म्यूनिख शहर में एक कंपनी खोली जिसका नाम “इलेक्ट्राटेक्निक फ्रैबिक जे आइंस्टीन एंड सी” (Elektrotechnische Fabrik  J.Einstein & Cie) था, जोकि बिजली के उपकरण बनती थी।

शिक्षा Education

अल्बर्ट आइंस्टीन का परिवार यहूदी धर्म को मानते थे और जिसकी वजह से आइंस्टीन को पढने के लिए कैथोलिक विद्यालय में जाना पड़ा। आइंस्टीन की माँ को सारंगी बजाना आता था। इन्होने अपनी माँ से सारंगी बजाना सिखा लेकिन बाद में इन्होने इसे बजन छोड़ दिया। बाद में 8 साल की उम्र में आइंस्टीन वहां से स्थान्तरित होकर लुइटपोल्ड जिम्रेजियम चले गए।

जहाँ से आइंस्टीन ने अपनी माध्यमिक शिक्षा और उच्च माध्यमिक शिक्षा भी प्राप्त की। सन 1895 में आइंस्टीन ने स्विस फ़ेडरल पोलिटेक्निक की परिक्षा दी, जो बाद में Edigenossische Technische Hochschule (ETH) के नाम से जाना जाने लगा। उस वक़्त इनकी उम्र 16 साल थी। लेकिन गणित और भौतिक के विषय को छोड़ कर बाकि सभी विषयों में फेल हो गये थे।

और अंत में वहां से प्रधानाचार्य के सलाह पर वो स्विट्जर्लैंड के आरू में आर्गोवियन कैंटोनल स्कूल में चले गये।  यहाँ से आइंस्टीन ने डिप्लोमा किया और उसके बाद इन्होने 1896 में इन्होने फेडरल इंस्टिटयूट ऑफ़ टेक्नोलोजी में दाखिला लिया।

सन 1900 में अल्बर्ट आइंस्टीन ने फेडरल इंस्टिटयूट ऑफ़ टेक्नोलोजी से ग्रेजुएशन किया। सन 1902 में इन्होने मरिअक से शादी कर ली। मरिअक उनकी साथ में ही पढ़ती थी और प्यार के कारण इन्होने उनसे शादी कर ली। शादी के बाद इनके 2 बेटे हुए। आइंस्टीन ने वहां से ही डाक्टरेट की उपाधि भी ली और अपना पहला विज्ञानं दस्तावेज लिखा।

अल्बर्ट आइंस्टीन का करियर और उनकी खोज (Invention and Career)

अल्बर्ट आइंस्टीन ने अपनी डाक्टरेट लेने के बाद इन्होने बहुत से विज्ञानं दस्तावेज लिखा जिसकी वजह से ये बहुत ही प्रसिद्ध हुए। यूनिवर्सिटी में जॉब करने के लिए इन्होने बहुत मेहनत किया। और सन 1909 में ये बर्न यूनिवर्सिटी के लेक्चरर बन गये।

कुछ दिन के इन्होने 2 और यूनिवर्सिटी में प्राचार्य के रूप में काम किया और कुछ ही दिनों में फेडरल इंस्टिटयूट ऑफ़ टेक्नोलोजी में प्राचार्य बनाये गए। सन 1913 में मैक्स प्लांक और वाल्थेर नेंस्र्ट के द्वारा दिए गए अवसर पर आइंस्टीन बर्लिन चले गए। जिसकी वजह से इनका तलाक हो गया। बर्लिन जाने के बाद इन्होने एलसा नाम के लड़की से शादी कर ली।

अल्बर्ट आइंस्टीन के अविष्कार Inventions of Albert Einstein

अल्बर्ट आइंस्टीन ने अपने जीवन में बहुत से अविष्कार किये है जिनकी वजह से वो पूरे विश्व में प्रसिद्ध हुए। उनके कुछ खोज इस प्रकार है-

अल्बर्ट आइंस्टीन के द्वारा प्रमाणित द्रव्मान और ऊर्जा का ये समीकरण है जिसको आज नयूक्लेअर ऊर्जा के नाम से जाना जाता है।

स्पेशल थ्योरी ऑफ़ रिलेटिविटी

आइंस्टीन ने एक थ्योरी में गति  और समय के सम्बन्ध को समझाया है।

प्रकाश की क्वांटम थ्योरी

अल्बर्ट आइंस्टीन की प्रकाश की क्वांटम थ्योरी में उन्होंने ऊर्जा की छोटी थैली को फोटान कहा है और तंरंगों की विशेषता बताई है। इनके अनुसार धातुओ में से इलेक्ट्रान निकलते है और वो फोटो इलेक्ट्रिक इफेक्ट की रचना करते है। इसी थ्योरी के आधार पर टेलीविजन की खोज भी हुई।

रेफिजरेटर की खोज

ये आइंस्टीन का सबसे छोटा खोज था। इसको बनाने में इन्होने ज्यादा समय नही लगाया था। इसमें ऊर्जा के रूप में इन्होने अमोनिया, पानी, और ब्यूटेन का प्रयोग किया था।

आकाश नीला क्यों होता है?

ये एक छोटा सा प्रमाण था जिसमे इन्होने प्रकाश के प्रिकिर्णन के बारे में बताया है और यही एक वजह है जिसकी वहज से आकाश नीला दिखाई देता है। इनके द्वारा और भी बहुत से खोज की गई है जिनकी वजह से ये पुरे विश्व में प्रसिद्ध हो गये।

पुरस्कार Awards

अल्बर्ट आइंस्टीन ने बहुत से खोज किये और जिसकी वजह से उनको कई सरे पुरस्कार से नवाजा भी गया है सबसे पहला 1921 भौतिकी का नोबेल पुरस्कार , मत्तयूक्की मेडल, 1925 में कोपले मैडल, सन 1929 में मैक्स प्लांक मेडल मिला और 1999 में शताब्दी के टाइम पर्सन का पुरस्कार भी मिला।

मृत्यु Death

हिटलर के समय में अल्बर्ट आइंस्टीन को जर्मनी छोड़ कर जाना पड़ा क्योकि ये यहूदी थे। कुछ सालो तक अमेरिका में प्रिस्टन कालेज में कार्य करते हुए 18 अप्रैल सन 1955 में इनकी मृत्यु हो गई। दुनिया के महान वैज्ञानिक जिन्होंने अपने ज्ञान से दुनिया को बहुत कुछ दिया, और उनकी खोज को कभी भी भुलाया नही जा सकता है।

4 thoughts on “अल्बर्ट आइंस्टीन की जीवनी Albert Einstein Biography in Hindi”

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