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Women Education Essay In Hindi

महिला शिक्षा पर निबंध – Women’s Education Essay In Hindi

भारत में महिला शिक्षा पर छोटे तथा बड़े निबंध (essay on women education in india in hindi), स्त्री शिक्षा और महिला–उत्थान – female education and female upliftment.

  • प्रस्तावना,
  • समाज में स्त्रियों का स्थान,
  • महिलाओं की प्रगति,
  • स्त्री सशक्तीकरण जरूरी,
  • स्त्री शिक्षा की आवश्यकता और महत्व,

साथ ही, कक्षा 1 से 10 तक के छात्र उदाहरणों के साथ इस पृष्ठ से विभिन्न हिंदी निबंध विषय पा सकते हैं।

प्रस्तावना– मानव समाज के दो पक्ष हैं–स्त्री और पुरुष। प्राचीनकाल से ही पुरुषों को स्त्री से अधिक अधिकार प्राप्त रहे हैं। स्त्री को पुरुष के नियंत्रण में रहकर ही काम करना पड़ा है।

‘नारी स्वतंत्रता के योग्य नहीं है’, कहकर स्मतिकार मन ने स्त्री को बन्धन में रखने का मार्ग खोल दिया है, किन्तु वर्तमान शताब्दी प्राचीन रूढ़ियों को तोड़कर आगे बढ़ने का समय है। स्त्री भी पुराने बन्धनों से मुक्त होकर आगे बढ़ रही है।

समाज में स्त्रियों का स्थान– समाज में स्त्रियों को द्वितीय श्रेणी का नागरिक माना जाता है। उनको पुरुष के समान स्थान तथा महत्त्व आज भी प्राप्त नहीं है। उसे बचपन से वृद्धावस्था तक परम्परागत घर–गृहस्थी के काम करने पड़ते हैं।

अब बालिकाओं को स्कूलों में पढ़ने जाने का अवसर मिलने लगा है, परन्तु काफी महिलाएँ शिक्षा से अब भी वंचित हैं। शिक्षा के अभाव में स्त्रियाँ आगे नहीं बढ़ पाती और समाज में अपना अधिकार तथा स्थान प्राप्त नहीं कर पाती।

महिलाओं की प्रगति– स्वतंत्रता प्राप्त होने के पश्चात भारत निरन्तर प्रगति कर रहा है। महिलाएँ किसी देश की आधी शक्ति होती हैं। जब तक महिलाओं की प्रगति न हो तब तक देश की प्रगति अधूरी होती है।

भारत की प्रगति और विकास भी नारियों के पिछड़ी होने से अपूर्ण है। उद्योग–व्यापार, विभिन्न सेवाओं, सामाजिक संगठनों तथा राजनैतिक दलों में महिलाओं की उपस्थिति का प्रतिशत बहुत कम है।

चुनाव के समय राजनैतिक दल उन्हें अपना उम्मीदवार नहीं बनाते। लोकसभा तथा विधानसभाओं में महिलाओं के लिए स्थान सुरक्षित करने का बिल पेश ही नहीं हो पाता। पुरुष नेता उन्हें वहाँ देखना ही नहीं चाहते।

स्त्री सशक्तीकरण जरूरी– आज के समाज में स्त्री को देवी, पूज्य, मातृशक्ति आदि कहकर भरमाया जाता है। वैसे उसे कदम–कदम पर अपनी कमजोरी और उसके कारण सामने आने वाली समस्याओं का सामना करना पड़ता है।

घर तथा बाहर सभी उसकी कमजोरी का लाभ उठाते हैं। वर्ष 2002 से 2012 के बीच महिलाओं के विरुद्ध होने वाले अपराधों में 69 प्रतिशत वृद्धि हुई है। राष्ट्रीय अपराध रिकार्ड ब्यूरो के निम्नलिखित आँकड़े इसका खुलासा करते हैं

  • महिलाओं के विरुद्ध अपराध – 2002 – 2012 – वृद्धि का प्रतिशत
  • बलात्कार – 16373 – 24923 – 52.2
  • अपहरण – 14506 – 38262 – 163.8 —
  • पति या निकट सम्बन्धियों द्वारा अपराध – 49237 – 106527
  • कुल अपराध – 109784 – 186033 – 69

अपराधों के उक्त आँकड़ों को देखने पर और समाज में महिलाओं की दुर्दशा को देखते हुए स्त्री सशक्तीकरण आज की अनिवार्य आवश्यकता बन गयी है।

स्त्री शिक्षा की आवश्यकता और महत्व– नारियों को आगे बढ़ाने के लिए आवश्यकता है- शिक्षित बनने की। शिक्षा ही महिलाओं में आत्मविश्वास पैदा कर सकती है। शिक्षित होने पर ही उनमें किसी क्षेत्र में सफलतापूर्वक काम कर सकने की क्षमता विकसित हो सकती है।

घर के बाहर जाकर काम करने के लिए ही नहीं घर में परिवार के दायित्वों का निर्वाह करने के लिए भी शिक्षित होना बहुत सहायक होता है शिक्षित महिला अपने बच्चों का मार्गदर्शन अच्छी तरह करके उनका तथा देश का भविष्य सँभाल सकती हैं।

यद्यपि महिलाएँ प्रशासन, शिक्षण, चिकित्सा विज्ञान, राजनीति आदि क्षेत्रों में आगे आई हैं और अच्छा काम किया है। वे पुलिस और सेना में भी काम कर रही हैं किन्तु उनकी संख्या अभी बहुत कम है। शिक्षा के अवसरों के विस्तार से विभिन्न क्षेत्रों में उनकी उपस्थिति नि:संदेह बढ़ेगी।

उपसंहार– शिक्षा से ही महिलाएँ शक्ति अर्जित करेंगी। शिक्षित और सशक्त महिलाएँ देश और समाज को भी शक्तिशाली बनाएँगी। इसके लिए विभिन्न क्षेत्रों में महिलाओं के लिए शिक्षा की व्यवस्था की जानी चाहिए।

इसके लिए उन्हें प्रोत्साहित किया जाना जरूरी है। शिक्षण संस्थाओं में उनके लिए स्थान आरक्षित होना तथा उनको आर्थिक सहयोग और सहायता दिया जाना भी परमावश्यक है।

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नारी शिक्षा पर निबंध Essay on Women Education in Hindi (1000+ Words)

नारी शिक्षा पर निबंध Essay on Women Education in Hindi (1000+ Words)

इस लेख में नारी शिक्षा पर निबंध (Women Education Essay in Hindi) दिया गया है। यह निबंध परीक्षाओं में पूछा जाना कक्षा 6 से ही प्रारम्भ हो जाता है। निचे दिया गया निबंध सरल भाषा में दिया गया है।

मशहूर विचारक टॉलस्टॉय ने कहा है की किसी भी देश का उत्थान-पतन उस देश की स्त्रियों के हाथों में होता है जिस देश की नारी शिक्षित होगी तो स्वतः ही उस देश के नागरिक शिक्षित होंगे।

Table of Content

नारी शिक्षा पर निबंध Essay on Women Education in Hindi

प्राचीन समय से ही भारत अपनी शिक्षा तथा संस्कृति के कारण समस्त विश्व में अपनी एक अलग छाप अंकित किये हुए हैं। क्योंकि प्राचीन भारत में नालंदा, तक्षशिला जैसे विश्वविद्यालय थे जहाँ पर भारत देश के कोने-कोने से तो विद्यार्थी शिक्षा ग्रहण करने आते ही थे, अपितु विश्व के हर कोने से विधार्थी शिक्षा ग्रहण करने आते थे। 

लेकिन कुछ समय बाद हमारा देश एक ऐसी भंवर में फँसा जिससे कि लगातार भारत में अशिक्षा का साम्राज्य बढ़ता गया और परिणामस्वरूप आज देश का बहुत ही बड़ा जनसमुदाय अशिक्षा का शिकार है। इसमें नारी शिक्षा एक मुख्य समस्या बनी हुई है। 

वैदिक काल मे नारियाँ स्वतंत्र रूप से सदा से ही शिक्षित होती आई हैं, जिनमें प्रमुख हैं – अनुसुइया, गार्गी, लीलावती ये ऐसी विदुषी महिला है, जिन्होंने अपने बौद्धिक कला के द्वारा समस्त समाज को प्रभावित किया। किन्तु उत्तरवैदिक काल में नारी की स्थिति और शिक्षा दोनों ही दयनीय हो गयी तथा समाज की उद्धारक नारी ही अशिक्षा की बेड़ियों में जकड कर रह गयीं।

नारी शिक्षा का महत्व Importance of Women Education in Hindi

नारी और पुरुष दोनों ही इस समाज रुपी वाहन के दो पहिए हैं। अगर इनमें से एक पहिया भी खराब होता है तो समाज पर इसका गहरा प्रभाव पड़ता है। इसलिए दोनों का समान रूप से शिक्षित होना जरूरी है। क्योंकि नारी ही हमारे समाज के पथ प्रदर्शक और हमारे समाज की मूल आधार हैं उसके लिए शिक्षा ज्यादा जरूरी हो जाता है। 

नारी मां बनती है और माँ बनकर बच्चों को पालती है, उन्हें गुणवान बनाती है,और उन्हें शिक्षा प्रदान करती है, इसलिए तो कहते हैं, कि माँ ही बच्चे की सबसे पहली गुरु होती है। अगर माँ शिक्षित है, तो बच्चा भी शिक्षित और गुणवान बनता है। इसलिए एक शिक्षित और सभ्य समाज के लिए नारी का शिक्षित होना अति आवश्यक है।

जयशंकर प्रसाद ने कहा है –

दया, माया, ममता लो आज। मधुरिमा, लो अगाध विश्वास। हमारा, ह्रदय, रत्न निधि स्वच्छ। तुम्हारे लिए खुला है पास।

नारी दया, ममता, मधुरिमा, विश्वास, स्वच्छता, समर्पण और त्याग जैसे महान गुणों से विभूषित होती हैं। इसलिए नारी शिक्षा परम आवश्यक है। क्योंकि एक नारी ही होती है जो चिकित्सा, शिक्षा, बाल पोषण, सौंदर्य आदि में कुशल सिद्ध हो सकती है।

स्त्री शिक्षा की ओर ध्यान देते हुए सरकार ने भी कई प्रकार की योजनाएं चलाई हैं। जिनमें बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ , कस्तूरबा गांधी विद्यालय योजना, प्रमुख है। जिनके तहत शिक्षा से वंचित गरीब बालिकाओं को नि:शुल्क शिक्षा के साथ उनके रहने खाने और संपूर्ण शिक्षा का खर्च सरकार उठाती है। इसलिए समाज के हर वर्ग को नारी शिक्षा की अलख जगानी होगी। कियोकि जब नारी शिक्षित होगी तब समाज भी शिक्षित होगा।

आज की नारी Today’s Woman in Hindi

आज के आधुनिक युग में चाहे पुरुष हो या महिला दोनों के लिए शिक्षा बराबर है। जिसका उल्लेख हमारे संविधान में भी है। हमारा संविधान सभी को शिक्षा का मूल अधिकार प्रदान करता है। जिसके चलते आज हम जहाँ पर भी नजर दौड़ाते हैं वहां नारी पुरुषों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर आगे बढ़े जा रही है। 

पुरुषों के साथ-साथ नारी भी इंजीनियर , डॉक्टर , शिक्षक , पायलट, पुलिस जैसे पदों पर अपनी सेवाएं दे रहीं है। रानी लक्ष्मीबाई , इंदिरा गांधी , सरोजिनी नायडू , किरण बेदी, कल्पना चावला आदि नारियों ऐसी है, जिन्होंने ना कि समाज में अपने वर्चस्व को स्थापित किया। बल्कि घर की दहलीज पार करने के लिए अन्य बेटियों को भी प्रोत्साहित किया। 

जिसके परिणाम स्वरूप आज हमारे समाज में बहुत सुधार हो रहा है और अपनी बेटियों को शिक्षित करने में लगा हुआ है जिसका परिणाम हमारे सामने है की आज नारियाँ हर क्षेत्र में पुरषों से आगे होती जा रहीं है। चिकित्सा के क्षेत्र में जो सेवा भावना एक नारी में होती है, वह किसी पुरुष में नहीं।

विज्ञान के क्षेत्र में तो नारियों ने कीर्ति पताका फहरा रखी है। कल्पना चावला भारत की पहली महिला अंतरिक्ष यात्री है जो भारतीय समाज की नारियों के लिए प्रेरणाश्रोत है। हमारे देश की नारी हर क्षेत्र में यहाँ तक कि राजनीति में भी बढ़-चढ़कर भाग ले रही हैं। हमारे देश की पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी और पूर्व राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल हमारी समाज की बेटी और नारियों के लिए एक आदर्श बनी हुई है।

हाल ही के चंद्रयान 2 मिशन में देश की नारियों ने अपने अदभुत कौशल का परिचय दिया फिर भी आज के इस शिक्षित परिवेश में देश के विभिन्न स्थानों पर नारी की स्थिति संतोषजनक नहीं है। बहुत से ग्रामीण क्षेत्रों में नारी अब भी घर की दहलीज तक सीमित है। 

किंतु वर्तमान सरकार के प्रयासों तथा सर्व शिक्षा अभियान के तहत समाज की स्थिति में सुधार आ रहा है। क्योंकि ग्रमीण क्षेत्र की बहुत सी लड़कियों ने कला, खेलकूंद , चिकित्सा, विज्ञान और प्रशासनिक सेवा में लड़कों को भी परास्त कर दिया है और लड़कियों का परिणाम लड़कों की तुलना में श्रेष्ठ गुणवत्ता में प्राप्त होता है।

आज की शिक्षित नारी अपने पैरों पर खड़ी हुई है और शिक्षा के तेज प्रकाश के कारण ही नारी अपने तेज से समाज को भी प्रकाशित कर रही है। जीवन के हर क्षेत्र में नारी अमूल्य योगदान देने के साथ शिक्षा जगत में भी अद्भुत कार्य कर रही है। और वह पुरुष से भी किसी भी क्षेत्र में कम नहीं है। इसलिए नारी का शिक्षा के साथ जीवन के हर एक क्षेत्र में बहुत बड़ा योगदान है।

नारी शिक्षा पर नारे Best Slogans on Women Education in Hindi

  • आज देश की यही पुकार पढ़ लिख नारी हो होशियार।
  • नारी बिना कुछ ना भाता है नारी भाग्य विधाता है।
  • अपने बच्चों को जो दे शिक्षा का वरदान इसलिए नारी कहलाती है भगवान।
  • नारी जीवन है नारी जीवन का है आधार नारी से ही बनता परिवार।
  • अगर समाज को शिक्षित पाना है तो नारी शिक्षा को अपनाना है।
  • नारी अबला नहीं अब सबला है समाज के दुश्मनों का बजना अब तबला है।

7. हम सब ने यह ठाना है। नारी को शिक्षित बनाना है।

8. नारी जाति है सबसे महान। नारी शिक्षा में सब दें योगदान।

  • घर घर में अब यह अलख जलाओ हर घर की नारी सभी पढ़ाओ।
  • नारी देश का अभिमान है हम सब का सम्मान है।

निष्कर्ष Conclusion

नारी शिक्षा से ही समाज का निर्माण होता है और नारी के उत्थान से ही राष्ट्र का उत्थान होता है। यह आपने इस लेख नारी शिक्षा पर निबंध (Essay on Women Education in Hindi) में पढ़ा। आशा है यह लेख आपको सरल और अच्छा लगा होगा। अगर यह लेख आपको पसंद आया हो तो इसे सोशल मीडिया में जरुर शेयर करें।

2 thoughts on “नारी शिक्षा पर निबंध Essay on Women Education in Hindi (1000+ Words)”

Super essay

A well created essay made my a anonymous person , Very thanks to that person

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female education essay in hindi

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Essay On Women Education:महिला शिक्षा का महत्व

Meena Bisht

  • March 21, 2020
  • Hindi Essay

Essay On Women Education  , महिला शिक्षा का महत्व पर हिन्दी में निबन्ध

Essay On Women Education  

महिला शिक्षा का महत्व पर निबन्ध.

प्रस्तावना 

“महिलाएं समाज की वास्तविक वास्तुकार होती हैं।” और यह बात तो सर्वविदित है कि अगर कोई भी घर या ऑफिस सही वास्तु के हिसाब से ना बना हो तो , वह शुभ फल नहीं देता है।यही बात महिलाओं की शिक्षा के लिए भी लागू होती हैं। क्योंकि महिलाएं ही समाज का स्वरूप निर्धारित करती हैं।

अगर महिलाएं खुद अच्छी स्थिति में नहीं होंगी , तो वो भला सभ्य समाज के निर्माण में क्या भूमिका निभाएंगी। यह हम सब समझ सकते हैं।हम सब Women Empowerment की बात तो बहुत करते हैं। लेकिन अगर वाकई में महिलाओं को सशक्त बनाना है तो , शिक्षा ही उस दिशा में पहला कदम होगा। 

महिला शिक्षा का अर्थ (Meaning of Women Education)

महिलाओं को शिक्षित करने का अर्थ है एक सभ्य समाज , देश और एक सभ्य विश्व का निर्माण करना। दुनिया की आधी आबादी को शिक्षित करे बिना , क्या वाकई में एक खुशहाल परिवार , एक सभ्य व विकसित राष्ट्र का निर्माण कर सकते हैं।और क्या भविष्य में एक शिक्षित पीढ़ी को जन्म दे सकते है। अगर नहीं , तो अब आप समझ ही गए होंगे कि महिलाओं की शिक्षा क्यों आवश्यक है।

महिला शिक्षा का महत्व ( Importance of Women Education)

  • किसी भी परिवार का मुखिया भले ही घर का पुरुष , लेकिन महिला उस घर का एक मजबूत स्तंभ होती है। जिस पर पूरे घर का भविष्य टिका रहता है। और घर को सुचारू और सुनियोजित तरीके से चलाने के लिए दोनों का समझदार व शिक्षित होना आवश्यक है।
  • समझदारी , बुद्धि , विवेक तो शिक्षा से ही आती है। इसीलिए महिलाओं का शिक्षित होना अति आवश्यक है। अगर महिला शिक्षित होती है तो वह अपने घर परिवार के अन्य सदस्यों को , यहां तक कि अपने नवजात संतान को भी शिक्षित करना शुरू कर देती है। 
  •  विपरीत परिस्थितियों में भी शिक्षित महिला अपने धैर्य व बुद्धि विवेक का इस्तेमाल कर परिस्थितियों को अपने अनुकूल बना देती हैं। 
  •  एक महिला की शिक्षा उस वक्त सबसे ज्यादा काम आती है। जब परिवार किसी तरह की आर्थिक कठिनाइयों से गुजर रहा हो। ऐसे में महिला घर से बाहर निकल कर कोई नौकरी कर परिवार को आर्थिक मजबूती दे सकती है।या घर पर ही रह कर स्वरोजगार के माध्यम से परिवार को आर्थिक तंगी से बाहर निकालने में मदद करती है। 
  •  एक शिक्षित मां अपने बच्चों के स्कूल संबंधी समस्याओं को भी आसानी से सुलझा सकती हैं। तथा स्कूल द्वारा दिए गए उनके होमवर्क को भी पूरा करने में मदद कर सकती हैं। 
  •  आज के इस प्रतिस्पर्धा के दौर पर जब बच्चों को एक सही मार्गदर्शक की आवश्यकता होती है। तो एक शिक्षित मां ही अपने बच्चों को सही मार्ग पर चलने की प्रेरणा दे सकती हैं। 
  • पति के जीवन में आने वाली अनेक समस्याओं और उतार-चढ़ावों में शिक्षित पत्नी अपनी समझदारी से उसकी जीवन की राह आसान बनाने में मदद करती हैं। 
  • यही नहीं आज पढ़ी लिखी महिलाएं अपने घर व परिवार को तो व्यवस्थित ढंग से चला ही रही हैं। इसके साथ ही समाज में भी अपना महत्वपूर्ण योगदान दे रही हैं। 
  •  समाज के हर क्षेत्र में महिलाओं की भूमिका महत्वपूर्ण बनती जा रही है।उन्होंने अपनी मेहनत व सफलता के दम पर हर क्षेत्र में अपने नाम का झंडा फहराया है। 
  •  उच्च व प्रशिक्षित पढ़ी-लिखी महिलाएं भारत ही नहीं , विश्व के अनेक उच्च व महत्वपूर्ण पदों पर कार्यरत हैं। और अपनी योग्यता से अपनी भूमिकाओं को प्रखरता व विश्वसनीयता के साथ निभा रही हैं। 
  • शिक्षा महिलाओं की बुद्धि विवेक ,सोचने समझने की शक्ति को बढ़ाती है।उनके अंदर सकारात्मक विचारों का प्रवाह होता है। 

महिला शिक्षा की आवश्यकता

चाहे पुरुष हो या महिला , शिक्षा की आवश्यकता दोनों को बराबर है।क्योंकि परिवार से लेकर समाज व राष्ट्र तक में दोनों की भूमिका महत्वपूर्ण होती है।अगर उनमें से एक भी अपनी भूमिका को अच्छे से ना निभाए तो , वह राष्ट्र तरक्की नहीं कर सकता। 

महिलाओं को शिक्षित करने का मतलब सिर्फ उन्हें आर्थिक स्वतंत्रता दिलाना नहीं है।या पढ़ लिखकर पुरुषों से प्रतिद्ंद करना नहीं है , या अपने को उनसे श्रेष्ठ साबित करना नहीं है। बल्कि उनके साथ खड़े होकर कंधे से कंधा मिलाकर चलना। एक स्वस्थ व सभ्य समाज व देश का निर्माण करना है। 

लेकिन यह बात भी सच है कि महिलाओं को शिक्षित कर उन्हें हर तरह की स्वतंत्रता दिलाई जा सकती हैं।चाहे वो मानसिक हो या आर्थिक स्वतंत्रता। शिक्षा ही महिलाओं की सोचने समझने , विपरीत परिस्थितियों में निर्णय लेने की क्षमता को बढ़ा सकती है।

यह भी पढ़ें। …Essay on library in Hindi 

  भारत में महिला शिक्षा (Essay On Women Education)

आज भी हमारे देश में महिलाओं की शिक्षा की स्थिति बहुत अच्छी नहीं है।आज भी पुरुषों के मुकाबले महिलाओं की शिक्षा का प्रतिशत बहुत कम है।शहरी क्षेत्रों में तो फिर भी ठीक है। लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों में यह हालात और भी बुरे हैं।

कुछ जगहों में तो लड़कियों को प्राथमिक शिक्षा के बाद माध्यमिक व उच्च शिक्षा के लिए स्कूल भेजने के बजाय उनकी शादी कर मां-बाप अपनी जिम्मेदारियों से मुक्त हो जाते हैं।एक बार शादी हो जाने के बाद लड़कियों पारिवारिक समस्याओं में ही उलझ कर रह जाती हैं। ऐसे में आगे की पढ़ाई लिखाई का ध्यान उनके दिमाग में ही नहीं आता हैं। 

आज भी हमारे समाज में Women Empowerment के लिए कई सारी योजनाएं चलानी पड़ती है। क्योंकि आये दिन महिलाओं के साथ हिंसा , मारपीट , छेड़छाड़ , बलात्कार , दहेज हत्या आदि जैसे अपराध होते हैं।

यह सब सिर्फ अनपढ़ महिलाओं के साथ ही नहीं , बल्कि पढ़ी लिखी , सभ्य समाज में रहने वाली महिलाओं के साथ भी होता हैं।अशिक्षा के कारण आज भी हमारे समाज में बच्चियों को पैदा होने से पहले ही मार दिया जाता है।कई महिलाएं दहेज की बलि चढ़ जाती हैं। 

आर्थिक रूप से कमजोर महिलाएं ज्यादातर घरेलू हिंसा का शिकार होती हैं। क्योंकि उनके पास जीवन की प्राथमिक आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए कोई आजीविका का साधन नहीं होता हैं। और अपनी प्राथमिक आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए उन्हें मजबूरी वश दूसरों के ऊपर निर्भर रहना पड़ता हैं।

इस वजह से वो ज्यादा हिंसा या शोषण का शिकार होती हैं।अगर ऐसे में कोई महिला शिक्षित हो तो वह घर से बाहर निकल कर या घर में ही स्वरोजगार अपनाकर अपनी आजीविका चला सकती हैं।  और शोषण का शिकार होने से बच सकती है। महिला शिक्षा महिलाओं को ना सिर्फ आर्थिक रूप से सशक्त करती हैं , बल्कि उनके सामाजिक सम्मान में भी वृद्धि करती हैं। 

निश्चित रूप से भारत में पहले की अपेक्षा आज के समय में शिक्षित महिलाओं के प्रतिशत का ग्राफ जरूर बढ़ रहा है।लेकिन अभी भी उतना नहीं है जितना होना चाहिए।आज जरूर मां बाप बेटियों की पढ़ाई के प्रति जागरूक हुए हैं।उन्हें उच्च शिक्षा दिलाने व उनके सपनों को पूरा करने के प्रति प्रतिबद्ध दिखते हैं।आज पढ़े-लिखे माता-पिता अपनी बच्चियों को पढ़ाई की स्वतंत्रता दे रहे हैं। 

पहले की अपेक्षा आज माता-पिता अपनी बच्चियों को पूरा पूरा सहयोग दे रहे हैं। और आज बेटियां जिस क्षेत्र में भी जाना चाहे , माता-पिता उन्हें प्रोत्साहित कर रहे हैं। और यह होना भी चाहिए।

यह भी पढ़ें……Essay on discipline in Hindi

अगर महिलाओं व बच्चियों को शोषण से बचाना है और उनका संपूर्ण विकास करना है। उनके अंदर बौद्धिक शक्ति को जगाना है , तो उनका शिक्षित होना अति आवश्यक है।पढ़ी-लिखी बेटियां या महिलाएं अपने बुद्धि विवेक का इस्तेमाल कर , अपनी परिस्थितियों से खुद निपट सकती हैं।और आर्थिक रूप से सशक्त हो , अपना जीवन सम्मानपूर्वक व स्वतंत्रतापूर्वक जी सकती हैं।

इसी निबंध को हमारे YouTube channel  में देखने के लिए इस Link में Click करें  ।   YouTube channel link – (Padhai Ki Batein / पढाई की बातें)

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नारी शिक्षा पर निबंध | Essay on Women Education in Hindi

Essay on Women Education in Hindi

Essay on Women Education in Hindi :  यदि आप महिला शिक्षा निबंध पर काम कर रहे हैं या आप हिंदी में महिला शिक्षा निबंध, 100, 300 और 500 शब्द या महिला शिक्षा के महत्व और लाभ चाहते हैं, या महिलाओं के शिक्षा प्राप्त करने में आने वाली बाधाओं के बारे में कुछ संदर्भ प्राप्त करना चाहते हैं, तो यह पोस्ट तुम्हारे लिए है।

इस पोस्ट में हम आपको 100, 200, 300 और 500 शब्दों में हिंदी में महिला शिक्षा पर एक निबंध देंगे जहां हम महिला शिक्षा के बारे में विस्तार से जानने जा रहे हैं।

और साथ ही, यदि आप 100 शब्दों या 300 शब्दों या 550 शब्दों में महिला शिक्षा निबंध की तलाश कर रहे हैं, तो यह पोस्ट निश्चित रूप से आपकी सहायता करने वाली है।

भारत में महिला शिक्षा पर छोटे तथा बड़े निबंध (Long and Short Essay on Women Education In India in Hindi, Mahila Shiksha par Nibandh Hindi mein)

निबंध 1 (250 शब्द).

महिला शिक्षा

भारत जैसे देश में नारी शिक्षा की दिन प्रति दिन सराहना हो रही है। लेकिन कुछ साल पहले स्थिति अब जैसी नहीं थी। लोग बदल रहे हैं और वे स्मार्ट और शिक्षित हो रहे हैं। शिक्षित लोग बालिका शिक्षा के महत्व को समझ सकते हैं।

लेकिन अभी भी बड़ी संख्या में लड़कियां निरक्षर हैं और वे शिक्षा प्राप्त करने में सक्षम नहीं हैं। हमें उनके लिए खड़े होने और दुनिया की हर एक लड़की के लिए शिक्षा को आसान बनाने की जरूरत है। एक शिक्षित लड़की या महिला इतने सारे काम कर सकती है जो दूसरे नहीं कर सकते।

हम देख सकते हैं कि वे दूसरों की तुलना में अधिक चतुर हैं। वे अपने बच्चों की बेहतर और उचित तरीके से परवरिश करते हैं। वे ऐसी चीजें पढ़ते और सीखते हैं जो उन्हें बेहतर जीवन जीने में मदद करती हैं। हम सभी को इसे समझने की जरूरत है और हमारी लड़कियों को शिक्षित होने देना चाहिए।

हमारा देश एक बेहतर अर्थव्यवस्था के हिसाब से बढ़ रहा है। और इस अर्थव्यवस्था में महिलाओं का बड़ा हिस्सा है। शिक्षित महिलाएं हर जगह भाग ले रही हैं। और इससे हमें जल्द ही अपने देश को बदलने में मदद मिलेगी।

महिला शिक्षा पर निबन्ध (300 शब्द) | Essay On Women Education In Hindi In (300 words)

प्रस्तावना:.

महिला शिक्षा इस समय पूरी दुनिया के लिए वास्तव में एक महत्वपूर्ण शब्द है। प्रारंभ से ही लोग स्त्री शिक्षा की उपेक्षा करते थे, फलस्वरूप शोध के अनुसार महिलाएँ बहुत पीछे हैं। पहली दुनिया के कुछ ही देशों ने इसमें वाकई कमाल किया है, लेकिन फिर भी अब दिक्कतें हैं। यहाँ, इस निबंध में, हम ‘बांग्लादेश में महिला शिक्षा और अन्य’ पर नज़र डालेंगे।

नेपोलियन ने कहा था, ‘मुझे शिक्षित मां दो, मैं तुम्हें शिक्षित राष्ट्र दूंगा’। क्या आप बोली को महसूस कर सकते हैं? शिक्षित मां ही शिक्षित राष्ट्र का निर्माण कर सकती है। अगर हमारी पत्नियां और हमारी बहनें उचित शिक्षा नहीं लेंगी तो हम कैसे उम्मीद कर सकते हैं कि हमारी आने वाली पीढ़ी शिक्षित होगी? इसलिए हमें ‘महिला शिक्षा’ में कुछ अतिरिक्त प्रयास करने की आवश्यकता है।

बांग्लादेश में महिला शिक्षा: बांग्लादेश एक बढ़ता हुआ देश है जहाँ महिला शिक्षा का अनुपात उचित मात्रा में है। लेकिन कुछ साल पहले, स्कूल और कॉलेजों में लड़कियां वास्तव में दुर्लभ थीं। लेकिन अभी कुछ बोर्ड में लड़कियां लड़कों से कहीं बेहतर कर रही हैं। तो हम बांग्लादेश में महिलाओं के बीच शिक्षा के विकास को महसूस कर सकते हैं।

आर्थिक रूप से बांग्लादेश एक विकासशील देश है। इसमें महिलाओं की भी अच्छी खासी हिस्सेदारी है। उनकी शिक्षा राशन में वृद्धि के कारण, वे हर जगह भाग ले रहे हैं। वे एक कॉर्पोरेट नौकरी कर रहे हैं और अपना खुद का व्यवसाय भी शुरू कर रहे हैं। यह वास्तव में किसी भी देश के लिए अच्छी खबर है। वे हर क्षेत्र में काम कर रहे हैं।

स्त्री शिक्षा का महत्व:

स्त्री शिक्षा का बहुत बड़ा महत्व है। हमें उस पर जोर देने की जरूरत है। महिलाएं हमारा अहम हिस्सा हैं। हम उनके बिना एक बेहतर समाज या एक बेहतर राष्ट्र की व्यवस्था नहीं कर सकते। वे यात्रा में हमारे साथी बनें। और हम निश्चित रूप से हमारे साथ शिक्षित और अच्छी तरह से सीखा साथी की सराहना करते हैं। हम जो भी करते हैं, उसे पूरा करने में वे हमारी मदद कर रहे हैं।

स्त्री शिक्षा वास्तव में इस संसार में प्रत्येक महिला के लिए आवश्यक है। हमें उस पर ध्यान देना चाहिए।

Essay on Women Education in Hindi

महिला शिक्षा पर निबन्ध (500 शब्द) | Essay On Women Education In Hindi In (500 words)

दुनिया दिन-ब-दिन बढ़ रही है और विशेष हो रही है। लेकिन हर क्षेत्र में लड़कियां लड़कों के बराबर हिस्सा नहीं ले रही हैं। इसके पीछे मुख्य कारण क्या है? मैं महिला शिक्षा के बारे में सोचता हूं। हमारा जीवन शिक्षा से शुरू होता है और अगर हम ठीक से शिक्षा प्राप्त कर सकते हैं तो हम अपने जीवन में बहुत आगे बढ़ सकते हैं।

और अगर हम नहीं कर सकते हैं, तो हम लंबे समय तक नहीं जा पाएंगे। लेकिन इस दुनिया में बहुत सी महिलाएं अभी भी शिक्षा से दूर हैं। कई बार एक उम्र के बाद पढ़ाई छोड़ देते हैं। हमें उस पर काम करने और लोगों में जागरूकता लाने की जरूरत है। इससे हमें महिला शिक्षा के महत्व को समझने में मदद मिलेगी।

विवादः लड़कियों की शिक्षा को लेकर बड़े विवाद हैं। कुछ लोग लड़की की शिक्षा को रोकने के लिए वास्तव में अजीब और कमजोर तर्क पेश करते हैं। लेकिन हमें उनके खिलाफ खड़ा होना चाहिए और अपनी लड़कियों को शिक्षित होने देना चाहिए। शिक्षित लड़कियों के बिना हम एक अच्छे राष्ट्र की कल्पना नहीं कर सकते।

यदि हम इतिहास को देखें, तो बहुत सी महिला विद्वान हैं जिन्होंने अपने देश के लिए वास्तव में अच्छा काम किया है। हमारे पास ‘बेगम रुकैया’ हैं, उन्होंने भारत और बांग्लादेश में एक क्रांति शुरू की है, जिससे लड़कियां पढ़ाई शुरू कर सकती हैं। हमें हमेशा विवादों से दूर रहने की जरूरत है और अपनी लड़कियों को शिक्षित बनाने की कोशिश करनी चाहिए।

महिला शिक्षा के लाभ:

महिला शिक्षा के बहुत सारे फायदे हैं। इस प्रक्रिया से हमारा पूरा समाज लाभान्वित हो सकता है। लड़कियां आजकल बाहर लड़कों के साथ काम कर रही हैं; अगर उन्हें उचित शिक्षा नहीं मिली तो उन्हें बेहतर नौकरी नहीं मिलेगी।

इसलिए उन्हें पढ़ाई पर ध्यान देने की जरूरत है। हमें उनकी पढ़ाई भी सुनिश्चित करने की जरूरत है। शिक्षित मां ही शिक्षित परिवार का निर्माण कर सकती है। अच्छी शिक्षा के बिना लोगों को उचित व्यवहार और शिष्टाचार नहीं मिलेगा।

एक शिक्षित पत्नी का महत्व:

बेशक, आपके परिवार में आप एक अनपढ़ पत्नी नहीं चाहते हैं। आप एक शिक्षित लड़की को अपनी पत्नी के रूप में चाहते हैं। लेकिन क्यों, क्योंकि आपके बच्चों का भविष्य इसी पर निर्भर करता है। यदि वह शिक्षित है, तो आपके बच्चों के शिक्षित होने की संभावना अधिक है। अतः वास्तव में एक परिवार में शिक्षित पत्नी का अत्यधिक महत्व है।

शिक्षा में समानता:

हमें पूरे विश्व में शिक्षा व्यवस्था में समानता लानी चाहिए। इस दुनिया में अभी भी ऐसे बहुत से लोग हैं जो लड़के और लड़कियों के बीच समानता में विश्वास नहीं करते हैं। लेकिन ईमानदार होने के नाते वे वही हैं। हमें उसी का इलाज करने और उन्हें एक दूसरे के लिए परिपूर्ण बनाने की आवश्यकता है। अगर हम समानता नहीं रखते हैं, तो इससे उन्हें नुकसान होगा और उन्हें ठीक से बढ़ने नहीं देंगे।

महिला शिक्षा निबंध वास्तव में महत्वपूर्ण है। हम सभी अपने क्षेत्र में जागरूकता ला सकते हैं और लोगों को अपनी लड़कियों के लिए शिक्षा के महत्व का एहसास करा सकते हैं। अगर हम सब कोशिश करने लगें तो बदलाव आएगा और ये बदलाव दुनिया को बदल देगा। हम सब मिलकर दुनिया को बदल सकते हैं।

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सोचदुनिया

महिला शिक्षा पर निबंध

Essay on Women Education in Hindi

महिला शिक्षा पर निबंध : Essay on Women Education in Hindi :- आज के इस लेख में हमनें ‘महिला शिक्षा पर निबंध’ से सम्बंधित जानकारी प्रदान की है।

यदि आप महिला शिक्षा पर निबंध से सम्बंधित जानकारी खोज रहे है? तो इस लेख को शुरुआत से अंत तक अवश्य पढ़े। तो चलिए शुरू करते है:-

महिला शिक्षा पर निबंध : Essay on Women Education in Hindi

प्रस्तावना :-

महिलाएं इस समाज का एक महत्वपूर्ण हिस्सा होती है। लेकिन, फिर भी उन्हें वह महत्व नहीं दिया जा रहा है जिसकी वह हकदार है। इस आधुनिक युग व बदलते समय में शिक्षा प्रत्येक व्यक्ति के लिए आवश्यक हो गई है, चाहे वह स्त्री हो अथवा पुरुष।

दोनों को शिक्षा की बराबर ही आवश्यकता होती है। लेकिन, इस आधुनिक युग में आज भी कईं जगहों पर स्त्रियों को तुच्छ समझा जाता है और उन्हें शिक्षा के लायक नहीं समझा जाता है।

उन्हें घर की चारदीवारी में रखकर घर के काम करवाना ही सही समझा जाता है। आज भी भारत के कईं समाज ऐसे है, जो लड़कियों को लड़कों के समान नहीं समझते है। उनके जीवन का फैसला आज भी पुरुष ही लेते है।

समाज में इतना बदलाव होने के बावजूद भी कईं जगह महिलाओं को उनके अधिकार नहीं दिए जाते है और इस कारण उनके साथ कईं प्रकार के अत्याचार होते है। जैसे:- घरेलु हिंसा, दहेज़ के लिए प्रताड़ना, इत्यादि।

महिला शिक्षा की आवश्यकता :-

महिला की शिक्षा काफी महत्वपूर्ण होती है। महिलाओं की शिक्षा अपने परिवार व समाज को ही नहीं बल्कि पूरे देश को उन्नति की राह पर ले जाएगी। पुरुषों के मुकाबले स्त्रियाँ शिक्षा का अधिक प्रसार करती है।

महिलाओं के शिक्षित होने से उनके साथ हो रहे कईं अत्याचार समाप्त हो जाते है व वह बिना डरे अपने अत्याचार के प्रति आवाज उठा सकती है। शिक्षा से महिलाएं आत्मनिर्भर बनती है।

शिक्षा के द्वारा वह अपने साथ-साथ अपने परिवार के जीवनयापन में भी सहायता कर सकती है। अशिक्षा महिलाओं को पीछे की तरफ धकेलती है। अशिक्षित महिलाएं रूढ़िवादी परम्पराओ में ही फंसकर रह जाती है और अपना जीवन उस अंधकार में ही बिता देती है।

इस अंधकार से निकलने के लिए ही महिलाओं को शिक्षा की आवश्यकता है। इससे वह इन रूढ़िवादी परम्पराओं से बाहर निकलकर शिक्षा की रोशनी में अपना जीवन जी पाएगी और विकास की तरफ बढ़ेगी।

महिला शिक्षा के विरुद्ध विचार :-

समाज में कईं लोग आज भी महिला शिक्षा के विरोधी है। वें आज भी सोचते है कि महिलाए शिक्षा प्राप्त करने के लिए नहीं बल्कि घर पर रहकर बच्चे पालने के लिए ही होती है।

उनका मत है कि महिलाओं के शिक्षित होने से इस समाज पर बुरा प्रभाव पड़ता है। उनका कहना है कि यहीं महिलाएं शिक्षित होंगी, तो वें अपने परिवार पर ध्यान नहीं दे पाएगी और गलत रास्ते पर जाएगी।

उन्हें महिलाओं के घर से बाहर निकलने पर आपत्ति होती है और वें सोचते है कि यहीं महिलाएं बाहर जाएगी व शिक्षा प्राप्त करेगी तो उनके साथ गलत होने की संभावना ज्यादा होती है। शिक्षित महिलाएं अपने पति का सम्मान नही करती है।

महिला शिक्षा के लाभ :-

  • महिलाओं के शिक्षित होने से इस देश व समाज का विकास होता है।
  • शिक्षित महिलाएं इस समाज में अपने अधिकारों के प्रति जागरूक होती है। जिससे वह अपने साथ होने वाले किसी भी प्रकार के अत्याचार को सहन नहीं करती है।
  • वह स्वतंत्रतापूर्वक अपना जीवनयापन कर सकती है और अपने जीवन के सभी महत्वपूर्ण फैसले भी ले सकती है।
  • महिलाओं की शिक्षा से दहेज़-प्रथा जैसी कुरुतियां समाप्त हो जाएगी और भ्रूण-हत्या भी कम हो जाएगी।
  • शिक्षित महिलाएं स्वयं का व्यवसाय भी आरम्भ कर सकती है और देश की उन्नति में अपना योगदान दे सकती है।

देश के विकास के साथ-साथ महिलाओं का भी काफी विकास हुआ है। वें भी पुरुषों के समान आत्मनिर्भर बन गई है। उन्होंने हर जगह पुरुषों को कड़ी टक्कर दी है। इस देश के विकास में महिलाओं ने भी पुरुषों के बराबर ही अपना योगदान दिया है।

शिक्षा से महिलाओं का स्तर काफी बढ़ गया है और उन्हें समाज में भी सम्मान मिल रहा है। हमें यदि इस देश को विकसित देशों में सम्मलित करना है, तो इस देश की प्रत्येक महिला को शिक्षित होना होगा। तभी उनकी स्थिति पूरी रूप से इस समाज में सुधर पाएगी।

अंत में आशा करता हूँ कि यह लेख आपको पसंद आया होगा और आपको हमारे द्वारा इस लेख में प्रदान की गई अमूल्य जानकारी फायदेमंद साबित हुई होगी।

अगर इस लेख के द्वारा आपको किसी भी प्रकार की जानकारी पसंद आई हो तो, इस लेख को अपने मित्रों व परिजनों के साथ  फेसबुक  पर साझा अवश्य करें और हमारे  वेबसाइट  को सबस्क्राइब कर ले।

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नमस्कार, मेरा नाम सूरज सिंह रावत है। मैं जयपुर, राजस्थान में रहता हूँ। मैंने बी.ए. में स्न्नातक की डिग्री प्राप्त की है। इसके अलावा मैं एक सर्वर विशेषज्ञ हूँ। मुझे लिखने का बहुत शौक है। इसलिए, मैंने सोचदुनिया पर लिखना शुरू किया। आशा करता हूँ कि आपको भी मेरे लेख जरुर पसंद आएंगे।

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नारी शिक्षा पर निबंध (Women Education Essay In Hindi)

नारी शिक्षा पर निबंध (Women Education Essay In Hindi)

आज   हम नारी शिक्षा पर निबंध (Essay On Women Education In Hindi) लिखेंगे। नारी शिक्षा पर लिखा यह निबंध बच्चो (kids) और class 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10, 11, 12 और कॉलेज के विद्यार्थियों के लिए लिखा गया है।

नारी शिक्षा पर लिखा हुआ यह निबंध (Essay On Women Education In Hindi) आप अपने स्कूल या फिर कॉलेज प्रोजेक्ट के लिए इस्तेमाल कर सकते है। आपको हमारे इस वेबसाइट पर और भी कई विषयो पर हिंदी में निबंध मिलेंगे , जिन्हे आप पढ़ सकते है।

शिक्षा के महत्व को नकारा नहीं जा सकता। आज हर किसी के जीवन में शिक्षा को अभिन्न अंग के रूप में स्वीकारा गया हैं। अशिक्षित व्यक्ति के जीवन की कठिनाइयों का वर्णन ही नहीं किया जा सकता है।

अशिक्षित व्यक्ति को जीवन के हर कदम पर चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। आज के दौर में स्त्री और पुरुष दोनों को समान शिक्षा का हक दिया गया है। भारत जैसे उन्नतशील देश में प्रायः स्त्रियों की शिक्षा पर विशेष जोर नहीं देते हैं। यही वजह है कि भारत की उन्नति में कहीं न कहीं अंकुश लग जाता है।

आजादी के बाद से वर्तमान समय में लगभग हर क्षेत्र में काफी प्रगति और विकास हुआ है। पुराने समय का जिक्र करें, तो उन नारियों का जीवन घर से जुड़ी जिम्मेदारियों तक सीमित रहता था। उन्हें घर संभालना, बच्चों का लालन-पालन करना पड़ता था।

स्त्रियों को शिक्षित करने पर विशेष बल नहीं दिया जाता था। एक प्रकार से वह अभाव ग्रस्त जीवन जिया करती थी। लेकिन समय बदलने के साथ लोगों के सोच में भी परिवर्तन हुआ, अब लोग महिलाओं को शिक्षित करने की ओर विशेष रूप से ध्यान दे रहे हैं।

नारियों को शिक्षित करने के लिए आए दिन सरकार की ओर से नई नई योजनाएं जारी की जाती है, जिससे उनको शिक्षित किया जा सके और वह जीवन में आत्मनिर्भर बन सके। महिलाओं को शिक्षित करना इसलिए भी जरूरी माना गया है, क्योंकि एक शिक्षित नारी पढ़ लिखकर आगे बढ़ती है तो वह आने वाले पीढ़ी को भी शिक्षित करने पर जोर देगी।

महिलाओ के शिक्षित होने से देश को लाभ

नारी के लिए शिक्षा इसलिए भी जरूरी है, क्योंकि महिलाओ के ऊपर तरह-तरह के अन्याय होते रहते है। घरेलू हिंसा और दहेज प्रथा जैसी गलत प्रथा के चलते ना जाने कितनी महिलाओं कि असमय मृत्यु हो जाती है।

अशिक्षित महिला को लोग बोझ के नज़रिए से देखते है। इन सभी समस्याओं के निवारण के लिए स्त्री का शिक्षित होना बेहद जरूरी है। एक शिक्षित महिला विषम परिस्थितियों में भी अपने बच्चों का पालन पोषण अच्छे से कर सकती है। वह आत्मविश्वास से भरी होती है। शिक्षा का सही उपयोग करके वह अपने घर का भरण पोषण कर सकती है।

महिलाओं को शिक्षित करने में सरकार की भूमिका

आज वर्तमान समय में लोग स्त्री शिक्षा पर विशेष बल देने लगे हैं। सरकार की ओर से भी तरह – तरह के कार्यक्रम चलाए जाते हैं, जिससे लोगों में जागरूकता आए और वह महिलाओं को शिक्षित करने में अपना सहयोग दे सके।

सरकार की ओर से पढ़ रही बच्चियों को पाठ्य पुस्तक, यूनिफॉर्म के अलावा स्कूल जाने के लिए साइकिल जैसी मूलभूत आवश्यकता की पूर्ति की जा रही है। जिससे शिक्षा की राह में उनके सामने किसी भी प्रकार की बाधा ना उत्पन्न हो पाए।

परीक्षा में अच्छे नंबर अर्जित करने वाली छात्राओं को पुरस्कार के रूप में नगद रुपए सरकार के द्वारा प्रदान किए जाते हैं। वहीं कई शहरों में बालिकाओं को स्कूल ले जाने के लिए बस जैसी विशेष सुविधाएं सरकार द्वारा प्रदान की जा रही है।

महिलाओ को शिक्षित करने के प्रति लोगों में जागरूकता

शिक्षा के महत्व को समझते हुए भारतवर्ष के लोगों में पहले की अपेक्षा काफी जागरूकता आई है। एक आंकड़े के मुताबिक भारत की कुल जनसंख्या का 73% भाग ही शिक्षित है। भारत के संविधान के अनुच्छेद 45 में दिए गए प्रावधान के अनुसार 14 वर्ष की आयु तक के बच्चों को निशुल्क शिक्षा प्रदान करना राज्य के कर्तव्यों में से एक है।

भारत में 64.6 प्रतिशत महिलाएं ही शिक्षित है। स्वतंत्रता के बाद हमारे देश में शिक्षा का व्यापक रूप से प्रचार और प्रसार हुआ है। भारत के कुछ राज्यो में शिक्षित लोगो के प्रतिशत में काफी इजाफा हुआ है। केरल एक ऐसा पहला राज्य है जहां पर कोट्टायम-एनारकुलम जैसे जिलों में शत -प्रतिशत शिक्षित लोग निवास करते हैं।

महिलाओ की शिक्षा बाधित होने का कारण

नारियों के अशिक्षित होने के पीछे कई वजह रही है, जिनमें सबसे बड़ा कारण है हमारे देश का अंग्रेजो के अधीन होना। अंग्रेजो के चलते भारत की लड़कियों को घर से बाहर जाने की अनुमति नहीं दी जाती थी। जिसके फलस्वरूप उन्हें घर का चूल्हा चौका और घर के बड़े बूढ़े को देखना पड़ता था।

जैसे ही हमारा देश स्वतंत्र हुआ। लोगों की मानसिकता में भी परिवर्तन आया। वे महिलाओ को शिक्षित करने के लिए विद्यालय भेजने लगे। इसके लिए जोतिबा फुले और सावित्री बाई फुले इनका योगदान रहा है।

समाज में महिलाओ को दर्जा

प्राचीन काल में महिलाओं का स्थान समाज में काफी महत्वपूर्ण था। महिलाएं पुरुषों के साथ यज्ञ में हिस्सा लिया करती थी। महिलाओ को शास्त्रार्थ भी आता था, लेकिन धीरे धीरे महिलाओं का स्थान पुरुषों के बाद होता गया। वहीं पुरुषों ने महिलाओं के ऊपर मनमाने नियम थोपने शुरू कर दिए।

उनको अपना जीवन व्यतीत करने के लिए पिता, पति और पुत्र का सहारा लेने के लिए मजबूर किया गया। प्राचीन काल की माने उस समय महिलाओ को काफी आजादी दी गई थी। आज से शताब्दियों पूर्व स्त्रियों को अपने पति चुनने तक का अधिकार था।

पिता अपनी पुत्री का विवाह करने के लिए स्वयंवर सभा का आयोजन करते थे। जिसमें पुत्री अपनी इच्छा अनुसार वर चुन लिया करती थी। इस प्रकार की स्वतंत्रता महिलाओ को इसलिए दी गई थी, क्योंकि उस समय उनको समाज में महत्वपूर्ण स्थान दिया गया था।

उनके अंदर अच्छा और बुरा समझने की सूझबूझ थी। लेकिन जैसे ही भारत में मुगलों का आगमन हुआ, उनके शासनकाल में महिलाओं के अस्तित्व और अधिकारों पर गहरा खतरा मंडराने लगा।

आधुनिक युग की नारियां

महिलाओं के शिक्षित होने से उन्होंने अपनी उपलब्धियों के कारण देश विदेश में भी नाम और शोहरत कमाई है। महिलाएं आज के दौर में लगभग हर क्षेत्र में सफलता का परचम लहरा रही है।

नारी हर क्षेत्र में अपना सर्वश्रेष्ठ देकर अपनी क्षमता और कार्यकुशलता से चांद तक की दूरी तय कर चुकी है। उच्च शिक्षा प्राप्त करके लड़कियां घर की जिम्मेदारियां बहुत अच्छे से निभा रही है।

समाज की विभिन्न कुरीतियों को खत्म करने के पीछे आज की शिक्षित नारी का महत्वपूर्ण योगदान रहा है। दहेज प्रथा, पर्दा प्रथा और शिशु हत्या जैसे अपराधों पर लगाम लगाना नारी शिक्षा के कारण संभव हो रहा है।

भारत को प्रगतिशील देश बनाने में महिलाओं का महत्वपूर्ण योगदान है। भारत जैसे देश की आधी आबादी महिलाओं की मानी जाती है। इस नाते यह बेहद आवश्यक है कि भारत की महिलाएं शिक्षित हो।

यदि महिलाएं शिक्षित रहेंगी, तो वह आने वाले पीढ़ी को भी शिक्षित करने में सहयोग दें सकेगी। महिलाओ के ऊपर तरह तरह के अन्याय हो रहे है, इसलिए आज की महिला को शिक्षित होना जरूरी है। महिलाओं को सशक्त करने के लिए कॉलेज के स्तर तक की छात्रवृति सरकार की ओर से दी जाती है, जिससे महिलाएं शिक्षा के प्रति प्रोत्साहित हो सके।

इन्हे भी पढ़े :-

  • शिक्षा पर निबंध (Essay On Education In Hindi)
  • शिक्षा का महत्व पर निबंध (Importance Of Education Essay In Hindi)
  • महिला सशक्तिकरण पर निबंध (Women Empowerment Essay In Hindi)
  • भारतीय समाज में नारी का स्थान निबंध (Bhartiya Samaj Me Nari Ka Sthan Essay In Hindi)
  • स्त्री पुरुष समानता पर निबंध (Stri Purush Samanta Essay In Hindi)

तो यह था नारी शिक्षा   पर निबंध (Women Education Essay In Hindi) , आशा करता हूं कि नारी शिक्षा पर हिंदी में लिखा निबंध (Hindi Essay On Women Education) आपको पसंद आया होगा। अगर आपको यह लेख अच्छा लगा है , तो इस लेख को सभी के साथ शेयर करे।

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स्त्री-शिक्षा पर निबंध  Women Education Essay 

स्त्री देश की रीढ़ की हड्डी है। स्त्रियों के बिना देश एवं घर की उन्नति असंभव है। जब देश उन्नति की ओर अग्रसर है तब स्त्रियों को भी अपने ज्ञान को अद्यतन करने की आवश्यकता है। स्त्रियों को इसके लिए शिक्षित होना आवश्यक है। स्त्रियों को शिक्षा देना हमारा धर्म है। स्त्री – शिक्षा से उनका दृष्टिकोण ही बदल जाता है। प्रत्येक विषय और स्थिति की हानि और लाभ का विचार करने का सामर्थ्य आ जाता है। शिक्षित स्त्रियाँ अंधविश्वासों का शिकार नहीं बनतीं। पढ़ी – लिखी स्त्रियाँ देश की उन्नति में सहायता दे सकती हैं। शिक्षित स्त्रियाँ अच्छे ढंग से घर संभालती हैं , घर का सारा काम ठीक ढंग से करती हैं और अपने बाल बच्चों को ढंग से पालती हैं और उनको अच्छे तरीके से शिक्षा देती हैं। बच्चों का नियम पालन का अभ्यास करवा सकती हैं। अच्छे रास्ते पर ला सकती हैं।

Women are the backbone of the country.   The progress of the country and the home is impossible without women.   When the country is moving towards progress then women also need to update their knowledge.   Women need to be educated for this.   It is our religion to educate women.   Women’s education changes their outlook.   The ability to consider the loss and profit of each subject and situation comes.   Educated women do not become victims of superstitions.   Educated women can help in the progress of the country.   Educated women manage the house well, do all the household work properly and bring up their children properly and give them proper education.   Can make children practice following the rules.   Can take you on a good path.

स्त्री – शिक्षा का सबसे बड़ा लाभ यह कि वे अपने पैरों पर खड़ी रह सकती हैं। उन्हें किसी का भार बनकर रहने की आवश्यकता नहीं होती है। स्त्री शिक्षा के कुछ दोष भी दिखाए जाते हैं। वर्तमान शिक्षा पद्धति के कारण स्त्रियाँ फैशन का गुलाम बन जाती हैं। वे बारीक एवं कीमती साड़ियाँ पहनना पसंद करती हैं सादगी से नफरत करती हैं। शिक्षित स्त्रियों पर एक और आरोप है कि वे अपने हाथों से काम करना पसंद नहीं करतीं। वे बिल्कुल नौकरों पर निर्भर रहती हैं । उनके व्यवहार में स्वाभाविकता नहीं रहती। वे किताबों के आधार पर सब काम करती हैं। वे नयी दुनिया में रहने लगती हैं। लेकिन ये दोष सब शिक्षित स्त्रियों में नहीं पाये जाते। कभी – कभी अशिक्षित स्त्रियाँ भी फैशन की शिकार हो जाती हैं। ऐसी भी कई पढ़ी – लिखी स्त्रियाँ हैं जो पुराने रीति – रिवाजों को संभालने के साथ – साथ सादा जीवन और उच्च विचार रखती हैं।

The biggest advantage of women’s education is that they can stand on their own feet.   They don’t need to be someone’s burden.   Some defects of female education are also shown.   Due to the present education system, women become slaves of fashion.   She likes to wear fine and expensive sarees and hates simplicity.   Another allegation against educated women is that they do not like to work with their hands.   They completely depend on the servants.   There is no naturalness in their behaviour.   They do everything on the basis of books.   They start living in the new world.   But these defects are not found in all educated women.   Sometimes uneducated women also become victims of fashion.   There are also many educated women who maintain simple life and high thoughts while maintaining old customs.

स्त्रियों को शिक्षा देना परम कर्तव्य है। उचित शिक्षा पाने से ही स्त्रियाँ शील और सदाचार संबंधी उच्च आदर्श को पूरा करते हुए देश और जाति के लिए गौरव का विषय बन सकती हैं। स्त्री – शिक्षा अनिवार्य है। यहाँ उल्लेखनीय है कि हवाई जहाज़ चलानेवाली महिलाओं की संख्या भारत में अधिक है। पूरे विश्व की संख्या में भारत की ‘ महिला पाइलटों ‘ की संख्या पचास प्रतिशत से अधिक है। ये महिला पाइलट अत्यंत सुचारू रूप में हवाई जहाज़ का परिचालन करती हैं। यह अत्यंत आनंद की बात है। शिक्षित महिलाएँ सभी क्षेत्रों में आगे रहती हैं।

Educating women is the ultimate duty.   Only by getting proper education, women can become a subject of pride for the country and caste by fulfilling the high ideal of modesty and virtue.   Women’s education is compulsory.   It is worth mentioning here that the number of women piloting airplanes is more in India.   India’s number of ‘women pilots’ is more than fifty percent of the world’s number.   These women pilots operate the airplane very smoothly.   It is a matter of great joy.   Educated women are ahead in all fields.

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लड़कियों की शिक्षा पर निबंध | Essay On Girl Education In Hindi

नमस्कार साथियों Essay On Girl Education In Hindi लड़कियों की शिक्षा पर निबंध आज हम पढ़ेगे. वर्तमान समय में बालिका शिक्षा और इसके महत्व पर छोटा और बड़ा हिंदी निबंध यहाँ दिया गया हैं.

हम उम्मीद करते है गर्ल एजुकेशन का यह एस्से आपकों पसंद आएगा.

Essay On Girl Education In Hindi लड़कियों की शिक्षा पर निबंध

Essay On Girl Education In Hindi लड़कियों की शिक्षा पर निबंध

Read Here One Or more Short And long Essay On Girl Education In India.

Short Essay On Girl Education In Hindi लड़कियों की शिक्षा पर निबंध

बेटी घर का चिराग है, वे भी एक इंसान हैं. जननी हैं जो हमारे अस्तित्व का प्रमाण हैं. काश गर्भस्थ शिशु बोल सकता हैं. यदि वह बोलता तो शरीर को चीरते औजारों को रोक सकता हैं. और कहता माँ मुझे भी जीने दो, इस दुनिया में जन्म लेने दो.

मगर यह भी हो सकता हैं उस समय भी बेटे की चाह रखने वाले ये कसाई सोच के निर्दयी माता-पिता नही सुनते, जो दोनों की इच्छा से इस तरह के कृत्य को अंजाम दे जाते हैं.  ये सवाल हमेशा उन लोगों पर उठता रहेगा जो कन्या हत्या के लिए पूर्ण रूप से जिम्मेदार हैं.

बेटी किसी के परिवार के आंगन का नन्हा सा फूल होता हैं, बेटी के जन्म से ही उनकी जंग की शुरुआत हो जाती हैं. बचपन से ही उन्हें बेड़ियों में जकड़ दिया जाता हैं. हर स्थति में उन्हें यह याद दिलाया जाता हैं, कि वो एक लड़की हैं और उन्हें एक लड़की की तरह लज्जा का आवरण ओढ़े रहना चाहिए.

इसी कारण आज हमारा देश कन्या भ्रूण हत्या, बाल विवाह, दहेज मृत्यु के रूप में समाज में आज भी वो दंश झेल रही हैं. परोक्ष रूप से आज भी हम ऐसे लोगों और चिकित्सकों को देखते हैं, जो सार्वजनिक रूप से बेटी का गुणगान करते हैं.

बेटी भारत का भविष्य हैं. जैसे वाक्यांश अकसर सुनने को मिलते हैं. मगर जब हम अपनी हकीकत की मुआयना करे तो यकीनी तौर पर आज भी हम उन लोगों के साथ खड़े नजर आते हैं. बेटी किसी न किसी रूप में कन्या भ्रूण हत्या के भागी हैं.

हमे नित्य महिलाओं के साथ घरेलू हिंसा, दहेज के लिए प्रताड़ना और भेदभाव जैसी खबरे सुनने देखने को मिलती हैं. इस तरह के वातावरण को समाप्त करने के लिए सरकार द्वारा कई कानूनों को भी पारित किया गया. मगर जन समर्थन के अभाव में अपेक्षित परिणाम नजर नही आ रहे हैं.

बेटी बचाओं बेटी पढ़ाओ की दिशा में माननीय प्रधानमन्त्री श्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू किया गया. बेटी बचाओं बेटी बचाओं एक सकारात्मक कदम हैं.

आजादी के बाद से हमारा देश विभिन्न क्षेत्रों में प्रगति कर रहा हैं. मगर 70 सालों बाद भी स्त्री को समाज में वह स्थान नही मिल पाया हैं. जिसकी वह असली हकदार हैं. यही वजह हैं कि भले ही कठोर नियम और कानून कायदे बना दिए गये हो मगर उनका कठोरता से पालन नही किया जाता हैं.

भारत में भ्रूण का लिंग परीक्षण पूर्णतया निषेध और गैर क़ानूनी होने के उपरांत भी खुले आम इसकी धज्जियां उड़ाई जाती हैं. आज भी लोगों की यह गलत सोच हैं कि बेटा हमारे अधिक काम का होगा. बेहतर यही हैं बेटा जन्मे या बेटी इन्हें भगवान् की कृपा समझकर हमे स्वीकार कर लेना चाहिए.

यदि हम अपनी सन्तान में बेटा बेटी का अंतर न करते हुए उन्हें अच्छी शिक्षा और बेहतर मार्ग दर्शन दे तो वह बेटी भी कभी भी बेटे की कमी का अहसास नही होने देगी.

भले ही बहुत से लोग उच्च  शिक्षा हासिल कर सभ्य समाज के अंग बन गये हैं, मगर उनकी सोच और मानसिकता अभी भी वही हैं जो मध्ययुग में लोगों की हुआ करती थी. लड़के-लड़की में भेद कर हम भी उन लोगों का अप्रत्यक्ष समर्थन करते है जो बेटी के विरोधी हैं.

लड़कियों / बालिका की शिक्षा पर निबंध 2

आज के युग में शिक्षा व्यक्ति के लिए अनिवार्य बन चुकी हैं. जीने के लिए जिस तरह जल, भोजन व प्राणवायु की नितांत आवश्यकता होती है,  ठीक  उसी  प्रकार मानव  से अच्छा व्यक्ति बनने के लिए शिक्षा को जरुरी मान लिया गया हैं.

जन्म के समय बालक पशु प्रवृति की तरह होता हैं, वह शिक्षा ही है जो उसकी बुद्धि तथा चेतना का विकास कर उसे जीवन के तौर तरीके तथा आस-पास की चीजों के बारे में ज्ञान देती हैं.

अन्यथा इन समस्त के अभाव में मनुष्य और पशु में कोई फर्क नहीं रह जाता हैं. ज्ञान साधना के बिना   व्यक्ति यह निश्चय नहीं कर पाता  कि उनके  लिए सही क्या है और  गलत क्या है  यही शिक्षा सिखाती हैं.

बालिका शिक्षा की आवश्यकता (essay on girl education in hindi language)

शिक्षा व्यक्ति को सजगता की तरफ ले जाती हैं, शिक्षा का सबसे बड़ा महत्व यह है कि यह हमें अपने अधिकारों तथा कर्तव्यो के साथ ही प्रकृति में विद्यमान सभी तत्वों की मूलभूत जानकारी सही उपयोग के बारे में बताती हैं.

एक अच्छी कहावत है कि यदि एक लड़का शिक्षित होता है तो केवल वह एक ही होता है जबकि एक लड़की शिक्षित होने पर पूरा परिवार शिक्षित होता हैं.

हमारा समाज तेजी से बदल रहा हैं. समय के चक्र ने हमें ज्ञान करा दिया हैं कि यदि राष्ट्र के विकास की यात्रा को तेजी से बढ़ाना है तो लड़के व लड़कियों के भेद को समाप्त कर उन्हें शिक्षा के अवसर मुहैया कराने होंगे.

क्योंकि  किसी बड़े वर्ग की  उपेक्षा  कर कोई भी राष्ट्र उन्नति के पथ पर आगे नहीं बढ़ सकता हैं. महिलाओं की विकास में हिस्सेदारी के लिए हमें उन्हें शिक्षा के समान अवसर उपलब्ध करवाने होंगे.

भले ही संविधान द्वारा महिलाओं को समान राजनितिक, आर्थिक व धार्मिक अधिकार दिए हो मगर जब तक उनमें शिक्षा का अभाव रहेगा वे अपने हक की लड़ाई नहीं लड़ पाएगी.

परिवार में बालिका को सम्पति का अधिकार तो दिया मगर जब तक वह अपने भाइयों माता पिता को बाध्य नहीं कर सकती, यह अधिकार उसके लिए निरुपयोगी होगा.

लड़की शिक्षा का महत्व (essay on importance of girl education in hindi)

आज हम जिस समाज में रह रहे है हम जानते है कि शिक्षा के अभाव में बालिकाओं के अधिकारों का शोषण कितनी आसानी से कर लिया जाता हैं. भारत का कानून प्रत्येक महिला को अपना जीवन साथी चुनने का अधिकार तो देता हैं. साथ ही उसके चाहने पर तलाक लेने का प्रावधान भी हैं.

मगर क्या हम यह नहीं जानते कि कितने महिलाएं इस अधिकार का उपयोग कर पाती हैं. ऐसा न करने के लिए उस पर तरह तरह के दवाब बनाए जाते हैं.

परम्परागत मूल्यों के चलते वह इस प्रकार के निर्णय करने का साहस नहीं कर पाती हैं. शादी के बाद बालिकाओं को अपनी जागीर समझकर मनचाहे बर्ताव और उनके साथ उत्पीड़न की घटनाएं नित्य हमें पढने को मिल ही जाती हैं.

शिक्षा के आगमन से बालिकाओं में साहस की जागृति होती हैं उसे अपने अधिकारों तथा विवेक का ज्ञान होने लगता हैं जिसका उपयोग वह अपने प्रति हो रहे शोषण के प्रतिरोध में कर सकती हैं.

शिक्षा न केवल उन्हें जागरूक बनाती हैं बल्कि एक उदार तथा व्यापक दृष्टिकोण का भी जन्म देती हैं जिससे वह अपनी रूचि, मूल्य तथा भूमिका को स्वयं तय करने लगेगी.

लड़कियों की शिक्षा पर अनुच्छेद व लेख (article & paragraph on girl education in hindi)

बेटा बेटी में समानता को बेटियों को शिक्षित करके ही पाया जा सकता हैं. सभी को निशुल्क शिक्षा प्राप्त करने का नियम तो बना है मगर स्वयं लड़कियों को स्कूल जाने अथवा उनके अभिभावकों को इसके लिए बाध्य नहीं किया जा सकता.

आज समय की मांग है कि हम लड़कियों की शिक्षा के बारें में अपने विचारों को बदले तथा उन्हें स्कूल भेजे.

लड़कियों को शिक्षा के लिए प्रोत्साहित करने, लड़कियों में निरक्षरता को दूर करने तथा प्राथमिक शिक्षा तक उनकी पहुच बनाने तथा उच्च शिक्षा के क्षेत्र में आ रही परेशानियों को समाप्त करने का प्रयास राष्ट्रीय शिक्षा नीति 1986 में भी किया गया हैं.

भारत में लड़कियों की शिक्षा के इतिहास को देखे तो मालूम पड़ता हैं कि मध्यकाल को छोड़ दिया जाए तो हमारी बेटियों ने हर युग में शिक्षा संस्कार को पाया हैं. ऋग्वेद काल में भी बेटियों को शिक्षा देने की पूर्ण व्यवस्था थी, कोमश, लोपामुद्रा, घोषा और इन्द्रानी उन महिलाओं के नाम है जिन्हें ब्रह्मवादिनी कहा गया.

पतंजली के शाक्तिकी से ज्ञात होता है उस दौर में नारियों को सैनिक शिक्षा देने की व्यवस्था भी थी. मगर मध्यकाल में मुगल काल में स्त्री शिक्षा की परम्परा पूर्ण रूप से चरमरा गई.

खासकर हिन्दू समाज की लड़कियों को पर्दा, बाल विवाह तथा सती प्रथा जैसी रीतियों में बांधकर घर की चारदीवारी तक ही सिमित कर दी.

19 वीं सदी के जनजागरण और सामाजिक धार्मिक आंदोलनों ने एक बार फिर से भारत में लड़कियों की शिक्षा व्यवस्था को पुनः स्थापित किया.

चाहे वो 1882 का हंटर कमिशन हो या 1916 में लेडी होर्डिंग कॉलेज की स्थापना अथवा ज्योतिबा और सावित्री बाई द्वारा बालिकाओं को शिक्षा देने की पहल भारत में लड़कियों की शिक्षा के लिए ये प्रयास मील के पत्थर साबित हुए.

पुरुष प्रधान समाज ने हमेशा की लड़कियों की शिक्षा की राह में रोड़ा बने हैं ऐसा करके वे स्वयं के साथ बहुत बड़ा धोखा करते हैं क्योंकि परिवार की उन्नति, बच्चों का लालन पोषण और उनके संस्कार गृहिणी पर ही निर्भर करते हैं.

यदि माँ शिक्षित हैं तो वह अपने बच्चे को न सिर्फ अच्छे संस्कार देगी बल्कि उन्हें शिक्षित करने, बुरी प्रवृतियों से बचाने में सबसे बड़ा योगदान दे सकती हैं.

पुरुषों की विकृत मानसिकता में लड़कियों की शिक्षा के सम्बन्ध में कई तरह की भ्रांतियां घर कर चुकी हैं. बेटी को पराया धन मानना, पढने लिखने के बाद अनर्थ अनाचार या उपद्रव की आशंका तथा एक शिक्षित नारी संचालन, सन्तान पालन, भोजन व्यवस्था व पुरुषों की देख रेख ढंग से नहीं कर सकती इस तरह के रुढ़िवादी विचारों को बदलने की आवश्यकता हैं.

लड़कियाँ पढ़ लिख जाने से अनाचार का शिकार होने की बजाय वह जुल्मों के प्रति और अधिक प्रखर लड़ सकती हैं. वह न केवल घर संचालन और बच्चों की परवरिश ढंग से कर सकती हैं बल्कि वे पति के साथ मिलकर आर्थिक कार्यों में भी भाग ले सकती हैं.

आज हमारे देश की बेटियां बड़े बड़े पदों पर हैं तथा उतनी ही सफलता से उन कम्पनियों तथा विभागों को चला रही हैं जितने कि पुरुष नहीं कर सकते हैं.

  • शिक्षा के महत्व पर कविता बच्चों के लिए
  • महिला शिक्षा पर निबंध
  • नारी सशक्तिकरण पर निबंध
  • नारी शक्ति पर सुप्रसिद्ध नारे स्लोगन
  • नारी पर अत्याचार पर निबंध

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लड़कियों की शिक्षा पर निबंध (Girl Education Essay in Hindi)

शिक्षा जीवन जीने का एक अनिवार्य हिस्सा है चाहे वह लड़का हो या लड़की हो। महिला के अधिकारों की रक्षा में शिक्षा सबसे महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। यह लिंग के आधार पर भेदभाव को रोकने में भी मदद करती है। शिक्षा महिलाओं को जीवन के मार्ग को चुनने का अधिकार देने का पहला कदम है जिस पर वह आगे बढ़ती है। एक शिक्षित महिला में कौशल, सूचना, प्रतिभा और आत्मविश्वास होता है जो उसे एक बेहतर मां, कर्मचारी और देश का निवासी बनाती है। महिलाएं हमारे देश की आबादी का लगभग आधा हिस्सा हैं। पुरुष और महिलाएं सिक्के के दो पहलूओं की तरह हैं और उन्हें देश के विकास में योगदान करने के समान अवसर की आवश्यकता होती है।

लड़कियों की शिक्षा पर छोटे तथा बड़े निबंध (Short and Long Essay on Girl Education in Hindi, Ladkiyon ki Shiksha par Nibandh Hindi mein)

लड़कियों की शिक्षा पर निबंध – 1 (250 – 300 शब्द).

अब महिलाएं जीवन के सभी क्षेत्रों में पुरुषों के साथ प्रतिस्पर्धा कर रही हैं लेकिन फिर भी कुछ ऐसे लोग हैं जो लड़कियों की शिक्षा का विरोध करते हैं क्योंकि उनका मानना ​​है कि लड़की का काम घर तक सीमित है और उन्हें लगता है कि लड़कियों की शिक्षा पर खर्च करना पैसा व्यर्थ करना है। यह विचार गलत है क्योंकि लड़कियों की शिक्षा समाज में बदलाव ला सकती है।

लड़कियों की शिक्षा का महत्व

एक सुशिक्षित और सुशोभित लड़की देश के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है। एक शिक्षित लड़की विभिन्न क्षेत्रों में पुरुषों के काम और बोझ को साझा कर सकती है। एक शिक्षित लड़की की अगर कम उम्र में शादी नहीं की गई तो वह लेखक, शिक्षक, वकील, डॉक्टर और वैज्ञानिक के रूप में देश की सेवा कर सकती हैं। इसके अलावा वह अन्य महत्वपूर्ण क्षेत्रों में भी बहुत अच्छी तरह से प्रदर्शन कर सकती है।

लड़कियों की शिक्षा के उपाय

आज के समय में एक मध्यवर्गीय परिवार की जरूरतों को पूरा करना कठिन है। अगर एक लड़की शिक्षित है तो वह अपने पति के साथ परिवार के खर्चों को पूरा करने में मदद कर सकती है। अगर किसी महिला के पति की मृत्यु हो जाती है तो वह काम करके पैसा कमा सकती है।शिक्षा महिलाओं के सोच के दायरे को भी बढ़ाती है जिससे वह अपने बच्चों की परवरिश अच्छे से कर सकती है।

किसी भी राष्ट्र का सुधार लड़कियों की शिक्षा पर निर्भर करता है। इसलिए लड़कियों की शिक्षा को प्रोत्साहित किया जाना चाहिए।शिक्षा एक लड़की को आर्थिक रूप से स्वतंत्र बनने में मदद करती है ताकि वह अपने अधिकारों और महिलाओं के सशक्तिकरण को पहचान सके जिससे उसे लिंग असमानता की समस्या से लड़ने में मदद मिले।

इसे यूट्यूब पर देखें : Essay on Girl Education in Hindi

निबंध – 2 (400 शब्द)

देश के उचित सामाजिक और आर्थिक विकास के लिए लड़कियों की शिक्षा आवश्यक है। पुरुष और महिलाएं दोनों समाज में दो समान पहियों की तरह समानांतर चलते हैं। इसलिए दोनों देश के विकास और प्रगति के महत्वपूर्ण घटक हैं। इस प्रकार जब भी शिक्षा की बात आती है तो दोनों को बराबर अवसर की आवश्यकता होती है।

भारत में लड़कियों की शिक्षा के लाभ

देश के भविष्य के लिए भारत में लड़कियों की शिक्षा आवश्यक है क्योंकि महिलायें अपने बच्चों की पहली शिक्षक हैं जो देश का भविष्य हैं। अशिक्षित महिलाएं परिवार के प्रबंधन में योगदान नहीं दे सकती और बच्चों की उचित देखभाल करने में नाकाम रहती हैं। इस प्रकार भविष्य की पीढ़ी कमजोर हो सकती है। लड़कियों की शिक्षा के कई फायदे हैं। कुछ का उल्लेख निम्नानुसार है:

  • शिक्षित महिला अपने भविष्य को सही आकार देने में अधिक सक्षम हैं।
  • शिक्षित महिलाएं काम करने और आर्थिक रूप से मजबूत होने के कारण गरीबी को कम करने में सक्षम हैं।
  • शिक्षित महिलाओं की वजह से बाल मृत्यु दर का कम जोखिम होता है।
  • शिक्षित महिलाएं दूसरी महिलाओं की अपेक्षा 50% अधिक अपने बच्चों की रक्षा करने में सक्षम हैं।
  • शिक्षित महिलाओं को एचआईवी / एड्स के संपर्क में आने की संभावना कम होती है।
  • शिक्षित महिलाओं को घरेलू या यौन हिंसा के शिकार होने की संभावना कम होती है।
  • शिक्षित महिलाओं ने भ्रष्टाचार को कम किया है और उन स्थितियों को बदल दिया है जो आतंकवाद को जन्म देती हैं।
  • शिक्षित महिलाएं परिवार की आय में योगदान करने के लिए बेहतर संचालन कर रही हैं।
  • शिक्षित महिलाएं स्वस्थ होती है और उनमें भरपूर आत्म सम्मान और आत्मविश्वास होता है।
  • शिक्षित महिलाएं अपने समुदाय को योगदान देने और समृद्ध करने में मदद करती है।
  • महिलाएं जो शिक्षित होती हैं वे दूसरों में शिक्षा को बढ़ावा देने की क्षमता रखती हैं।

शिक्षित महिला बिना किसी संदेह के अपने परिवार को अधिक कुशलता से संभाल सकती हैं। वह बच्चों में अच्छे गुण प्रदान करके परिवार के प्रत्येक मेंबर को उत्तरदायी बना सकती हैं। शिक्षित महिला सामाजिक कार्यकलापों में भाग ले सकती हैं और यह सामाजिक-आर्थिक रूप से स्वस्थ राष्ट्र के लिए एक बड़ा योगदान हो सकता है।

एक आदमी को शिक्षित करके केवल राष्ट्र का कुछ हिस्सा शिक्षित किया जा सकता है जबकि एक महिला को शिक्षित करके पूरे देश को शिक्षित किया जा सकता है। लड़कियों की शिक्षा की कमी ने समाज के शक्तिशाली भाग को कमजोर कर दिया है। इसलिए महिलाओं को शिक्षा का पूर्ण अधिकार होना चाहिए और उन्हें पुरुषों से कमजोर नहीं मानना चाहिए।

भारत अब महिलाओं की शिक्षा के आधार पर एक प्रमुख देश है। भारतीय इतिहास प्रतिभाशाली महिलाओं से भरा हुआ है। इसमें महिला दार्शनिकों जैसे गार्गी, विसबाबरा और मैत्रेय आदि शामिल हैं। अन्य प्रसिद्ध महिलाओं में मिराबाई, दुर्गाबाटी, अहल्याबिया और लक्ष्मीबाई शामिल हैं। आज के समय में भारत की सभी महान और ऐतिहासिक महिलाएं प्रेरणा का स्त्रोत हैं। हम समाज और देश के लिए उनके योगदान को कभी भी नज़रअंदाज़ नहीं कर सकते।

निबंध – 3 (500 शब्द)

लड़कियों की शिक्षा समय की आवश्यकता है। हम देश की महिलाओं को शिक्षित किए बिना एक विकसित राष्ट्र नहीं बना सकते। देश के सभी क्षेत्रों की प्रगति में महिलाएं एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। लोकतंत्र को सफल बनाने के लिए महिलाओं को शिक्षित होना चाहिए। वे एक खुशहाल परिवार की नीवं हैं।

एक आदमी को शिक्षित करके हम केवल एक व्यक्ति को शिक्षित करते हैं लेकिन अगर हम एक महिला को शिक्षित करते हैं तो हम पूरे परिवार को शिक्षित करते हैं। यह लड़कियों की शिक्षा का महत्व दर्शाता है। यह सच है कि एक महिला अपने बच्चों की पहली शिक्षक है और उन्हें मां की गोद में अपना पहला सबक मिलता है। इसलिए अगर एक मां अच्छी तरह से शिक्षित होती है तो वह अपने बच्चों के भविष्य को सही आकार देने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है।

शिक्षित महिलाएं बनाम अशिक्षित महिलाएं

अगर हम इसे देखे तो हम पाएंगे कि एक जानकार महिला न केवल अपने परिवार की सेवा करती है बल्कि अपने देश की सेवा भी करती है। वह एक शिक्षक, एक नर्स, एक डॉक्टर, एक प्रशासक, एक सैनिक, एक पुलिस कर्मचारी, एक रिपोर्टर, एक एथलीट आदि के रूप में अपने देश की सेवा कर सकती है।

यह सही तथ्य है कि लड़कियां कम समय में लड़कों की तुलना में अधिक उपलब्धियां हासिल कर चुकी हैं।

एक शिक्षित पत्नी नौकरी करके या नौकरियों के बारे में अपने विचार साझा करके पति के जीवन के भार को कम कर सकती है। एक शिक्षित गृहिणी अपने बच्चों को शिक्षित कर सकती है और अपने बच्चों को उनके अधिकार और नैतिक मूल्यों के बारे में सिखा सकती है। वह अच्छे और बुरी चीज़ों के बीच अंतर पहचानने के लिए उनका मार्गदर्शन भी कर सकती है।

लड़कियां समाज में अपने अधिकारों और सम्मानों को हासिल कर रही हैं और हमारा समाज इसके लिए कड़ी मेहनत कर रहा है। लड़कियों के पास प्रत्येक क्षेत्र में अपने देश का नेतृत्व करने की क्षमता है।

एक बार नेपोलियन ने कहा था – “राष्ट्र की प्रगति प्रशिक्षित और शिक्षित माताओं के बिना असंभव है और अगर मेरे देश की महिलाओं को शिक्षित नहीं किया जाता है तो लगभग आधे लोग अनपढ़ रहेंगे।” इस प्रकार हमें एक ऐसा माहौल बनाना चाहिए जिसमें कोई भी महिला अनपढ़ न हो।

लड़की के कर्तव्य और शिक्षा का योगदान

तीन भूमिकाएं प्रमुख हैं जो अपने जीवन के दौरान महिलाएं निभाती हैं – बेटी, पत्नी और माँ। इन महत्वपूर्ण कर्तव्यों को निभाने के अलावा उन्हें खुद को राष्ट्र के अच्छे नागरिक के रूप में स्थापित करना होता है। इसलिए लड़कों की तरह लड़कियों को भी विभिन्न प्रकार की शिक्षा देना जरूरी है। उनकी शिक्षा इस तरह से होनी चाहिए कि वे अपने कर्तव्यों को उचित तरीके से पूरा करने में सक्षम हो सके। शिक्षा के द्वारा वे जीवन के सभी क्षेत्रों में पूरी तरह परिपक्व हो जाती हैं। एक शिक्षित महिला अपने कर्तव्यों और अधिकारों के बारे में अच्छी तरह जानती हैं। वह देश के विकास के लिए पुरुषों के समान अपना योगदान दे सकती हैं।

महिलाओं को पुरुषों की तरह शिक्षा में बराबर मौका दिया जाना चाहिए और उन्हें किसी भी विकास के अवसरों से वंचित नहीं किया जाना चाहिए। पूरे देश में लड़कियों की शिक्षा के स्तर का महत्व और प्रगति के लिए, विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों में, उचित जागरूकता कार्यक्रम आवश्यक हैं। एक जानकार महिला अपने पूरे परिवार को और पूरे देश को शिक्षित कर सकती है।

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निबंध – 4 (600 शब्द)

जनसँख्या के मामले में भारत दुनिया में दूसरा सबसे बड़ा राष्ट्र है और भारत में लड़कियों की शिक्षा की दर बहुत कम है। मध्ययुगीन भारत में लड़कियों की शिक्षा चिंता का विषय थी हालांकि अब इसे काफी हद तक हल किया जा चुका है। कुछ उत्साहजनक परिवर्तन करने के लिए पुरुषों की तरह भारत में महिलाओं की शिक्षा को बहुत प्राथमिकता दी गई है। इससे पहले महिलाओं को अपने घरों के द्वार से बाहर जाने की अनुमति नहीं थी। वे केवल घरेलू कार्यों तक ही सीमित थी।

लड़कियों की शिक्षा को बढ़ावा

लड़कियों की शिक्षा का उत्थान मुख्य रूप से भारत में ब्रिटिश शासन के दौरान राजा राम मोहन राय और ईश्वर चंद्र विद्यासागर द्वारा किया गया था। उन्होंने महिलाओं की शिक्षा के प्रति ध्यान दिया। इसके अलावा ज्योतिबा फुले और बाबा साहिब अंबेडकर जैसे अनुसूचित जाति समुदाय के कुछ नेताओं ने भारत की महिलाओं को शिक्षा उपलब्ध कराने के लिए कई तरह की पहल की थी। यह उनके प्रयासों के कारण था कि स्वतंत्रता के बाद सरकार ने महिलाओं को शिक्षा प्रदान करने के लिए विभिन्न उपायों को भी अपनाया। नतीजतन 1947 के बाद से महिला साक्षरता दर बढ़ती गई।

इस तथ्य के बावजूद कि आज कई लड़कियों को शिक्षा मिल रही है और आजकल महिलाओं को साक्षर किया जा रहा है फिर भी पुरुषों और महिलाओं की साक्षरता दर के बीच अंतर है। अगर हम महिलाओं की साक्षरता दर को करीब से देखे तो स्थिति निराशाजनक लगती है। सर्वेक्षण के अनुसार केवल 60% लड़कियों को प्राथमिक शिक्षा प्राप्त होती है और उच्च माध्यमिक शिक्षा के मामले में यह 6% तक कम हो जाती है।

लड़कियों की शिक्षा की कम दर के लिए जिम्मेदार तथ्य

ऐसे कई कारक हैं जो समाज में महिलाओं की कम शिक्षा के लिए जिम्मेदार हैं

  • माता-पिता की नकारात्मक सोच
  • विद्यालय में कम सुविधाएँ
  • धार्मिक कारक

गरीबी – यद्यपि शिक्षा स्वतंत्र है फिर भी बच्चों को स्कूल भेजने की लागत बहुत अधिक होती है। इसमें स्कूल पोशाक, स्टेशनरी, किताबें और वाहन की लागत शामिल है जो गरीबी रेखा से नीचे रहने वाले परिवार के लिए बहुत अधिक है। वे एक दिन के भोजन का खर्च भी नहीं उठा सकते हैं तो शैक्षिक व्यय तो बहुत दूर की बात हैं। यही कारण है कि माता-पिता अपनी बेटी को घर पर रखना पसंद करते हैं।

दूरी – भारत के कई हिस्सों में प्राथमिक विद्यालय गांवों से बहुत दूर स्थित है। विद्यालय तक पहुंचने के लिए 4-5 घंटे का सफ़र करना पड़ता है। सुरक्षा और अन्य सुरक्षा कारकों को ध्यान में रखते हुए माता-पिता लड़की को स्कूल जाने के लिए मना कर देते हैं।

असुरक्षा – स्कूल में लड़कियों को कभी-कभी हिंसा के विभिन्न रूपों का सामना करना पड़ता है। स्कूली शिक्षक, छात्रों और स्कूल प्रशासन में शामिल अन्य लोगों द्वारा उन्हें प्रताड़ित किया जाता है। इसलिए लड़कियों के माता-पिता सोचते हैं कि लडकियाँ उस जगह सुरक्षित नहीं हो सकती हैं इसलिए उन्हें स्कूल जाने से मना कर दिया जाता है।

नकारात्मक व्यवहार – लोग आम तौर पर सोचते हैं कि एक लड़की को खाना बनाना, घर को साफ़ सुथरा रखना और घरेलू कार्यों को सीखना चाहिए क्योंकि यह लड़की के जीवन का प्रथम कर्तव्य है। घर के काम में उनका योगदान उनकी शिक्षा से अधिक मूल्यवान है।

बाल विवाह – भारतीय समाज में बाल विवाह के मामले अभी भी मौजूद हैं। एक लड़की को कम उम्र में शादी करने के लिए मजबूर किया जाता है और अक्सर बहुत कम उम्र में स्कूल से निकाला लिया जाता है। प्रारंभिक विवाह के कारण वे कम उम्र में गर्भवती हो जाती हैं और इस तरह वे अपना सारा समय बच्चों को दे देती हैं और अध्ययन के लिए उनके पास कोई समय नहीं बचता।

बाल मजदूरी – यह भी लड़कियों का अध्ययन करने से रोकने का एक प्रमुख कारण है। काम और कम उम्र में पैसा कमाने के लिए अध्ययन से रोकने का यह मुख्य कारक है। गरीबी के कारण माता-पिता लड़कियों को छोटी उम्र में काम करने का दबाव डालते हैं और इस कारण लड़कियों को पढ़ाई से रोक दिया जाता है।

धार्मिक कारक – भारत एक विशाल देश है और इसमें विभिन्न धर्म शामिल हैं। कुछ धार्मिक गुरुओं ने भी लड़की को शिक्षित करने से मना कर दिया है। उनके अनुसार यह उनके धर्म के खिलाफ है।

माता-पिता को लड़कियों को शिक्षा के गुणों और लाभों के बारे में शिक्षित करने की बहुत जरूरत है। यह न केवल सरकार का कर्तव्य है बल्कि हमारे चारों ओर के लोगों की भी जिम्मेदारी है। सबसे अच्छी बात यह है कि हमारे प्रधान मंत्री ने गांवों में ‘बेटी बचाओ बेटी पढाओ’ अभियान के माध्यम से लड़कियों की शिक्षा के लिए एक बहुत अच्छी पहल की है। उनके अनुसार यदि हम अपने देश को विकसित करना चाहते हैं तो हमें सभी लड़कियों को शिक्षित करना होगा।

Essay on Girl Education in Hindi

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नारी शिक्षा पर निबंध | Women Education Essay in Hindi

Women Education Essay in Hindi:- शिक्षा सबसे महत्वपूर्ण शक्ति है ,जो मानव जाति जीवन को आकार देती है ।यह सोचने ,तर्क करने ,उचित निर्णय लेने, और खुद को उत्पीड़न और दुरुपयोग से बचाने की क्षमता के साथ सशक्त बनाती है।

किसी भी बच्चे के जीवन की प्रथम शिक्षक उसकी मां होती है बच्चे के जन्म से लेकर उसके पालन-पोषण और अच्छी सीख देने की जिम्मेदारी एक मां की होती है, लेकिन क्या हुआ अगर वह माही अशिक्षित हो?

नारी और पुरुष किसी समाज की मुख्य काई होते हैं जिसमें दोनों का बराबर का की भूमिका होती है। यदि पुरुष शिक्षित रहेगा और महिला अशिक्षित रहेगा तो स्थिति कैसी होगी आप समझ ही सकते हैं। इसी पर एक महान विचारक बिृंघम यंग कहते हैं कि–

“अगर आप एक आदमी को शिक्षित करते हैं तो सिर्फ उस आदमी को शिक्षित करते हैं अगर आप एक औरत को शिक्षित करते हैं तो आप एक पूरी पीढ़ी को शिक्षित करते हैं।” बिृंघम यंग

नारी शिक्षा पर निबंध | Women Education Essay in Hindi

Table of Contents

नारी शिक्षा पर निबंध (100 शब्दों में)

जब एक नारी से छेद होती है तभी हमारा समाज आगे बढ़ सकता है। नेल्सन मंडेला ने कहा था कि दुनिया को बदलने के लिए शिक्षा सबसे बड़े औजार के रूप में है पहले के समय में महिलाओं को शिक्षा के अधिकार से वंचित रखा जाता था उन्हें पढ़ने लिखने के लिए स्कूल नहीं भेजा जाता था इसी कारण दुनिया के कई देश विकास विकास की राह से भटक गए क्योंकि उनकी आधी आबादी अशिक्षित रह गई।

आज जब वक्त बदला है और भारत जैसे अनेक देशों में स्त्रियों की शिक्षा का हक दिया गया एवं उन्हें शिक्षा की ओर अग्रसर किया गया तो आज हमारे देश की लड़कियां भी लड़कों के साथ कदम से कदम मिलाकर चल रही है और हर क्षेत्र में अपनी कामयाबी के परचम लहरा रही है।

एक शिक्षित नारी अपने बच्चों परिवार के साथ साथ पूरे समाज का विकास करती है अतः नारी शिक्षा सबसे जरूरी है नारी शिक्षा से ही हम एक बेहतर दुनिया और एक शिक्षित समाज का निर्माण कर सकते हैं।

नारी शिक्षा पर निबंध (250 शब्दों में)

विश्व स्तर पर महिलाओं को सशक्त बनाने और उनके मानवाधिकारों के उल्लंघन से बचाने का सबसे शक्तिशाली साधन नारी शिक्षा है। महिलाओं की शिक्षा से ही हम समाज और देश का भविष्य बदल सकते हैं नारी शिक्षा ही पूरी दुनिया में एक सकारात्मक और स्थाई परिवर्तन ला सकती है।

शिक्षा से स्त्री के ज्ञान, कौशल ,आत्मविश्वास और क्षमता में वृद्धि होती है। जिससे उसके खुद की जीवन संभावनाएं बेहतर होती है और बदले में एक शिक्षित महिला अपने परिवार के लिए बेहतर पोषण ,स्वास्थ्य ,देखभाल और शिक्षा प्रदान करती है। एक शिक्षित महिला अपने जीवन के महत्वपूर्ण निर्णय लेने में सक्षम होती है।

जब एक स्त्री को शिक्षित किया जाता है, तो वह अपनी शिक्षा से परिवार की आय को बढ़ाती है और सामाजिक रूप से एक नए बदलाव की अधिक संभावनाएं होती है, किंतु जब एक नारी अशिक्षित होती है तो वह ना तो अपने परिवार का विकास कर सकती है, ना अपने बच्चों का विकास कर सकती है और, ना ही समाज में अपनी भूमिका का सही प्रकार से निर्वाह कर सकती है।

जो नारी शिक्षा के महत्व को नहीं जानती वह अपने बच्चों की शिक्षा के लिए भी गंभीर नहीं होती ऐस परिवार और साथ ही पूरे देश की प्रगति पर रोक लग जाती है ।अतः नारी शिक्षा हर स्थिति में आवश्यक है।

हर एक देश को जो एक सफल राष्ट्र बनने की यात्रा कर रहा है उसके लिए महिलाओं के लिए सार्वभौमिक शिक्षा अत्यंत आवश्यक है ।भारत एक राष्ट्र के रूप में अपनी वास्तविक क्षमता था तभी पहुंच सकता है, जब उसकी महिलाएं पूर्ण रूप से शिक्षित हो।

हालांकि पिछले कुछ दशकों से भारत की महिला शिक्षा का स्तर बढ़ रहा है। और हर मां- बाप समान रूप से अपने बच्चों को स्कूल भेजते हैं इसके कारण भारत में महिला शिक्षा पर सकारात्मक प्रभाव देखने को मिला है। एवं अपने शिक्षा के कौशल को बिखेर कर हर क्षेत्र में अपने मां-बाप का सर गर्व से ऊंचा कर रही है।

महिला शिक्षा पर निबंध (300 शब्दों में)

आज के आधुनिक युग में चाहे पुरुष हो या महिला दोनों शिक्षा की दृष्टि से बराबर है जिसका उल्लेख हमारे संविधान में भी है हमारा संविधान सभी को शिक्षा का मूल अधिकार प्रदान करता है जिसके चलते आज हम जहां पर भी नजर दौड़ते हैं वहां स्त्री– पुरुषों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर आगे बढ़ती नजर आ रही हैं।

पुरुषों के साथ-साथ नारी भी इंजीनियर, डॉक्टर, शिक्षक, पायलट, पुलिस जैसे पदों पर अपनी सेवाएं दे रही है। रानी लक्ष्मीबाई, इंदिरा गांधी, सरोजिनी नायडू जैसी स्त्रियों ने ना केवल समाज में अपने वर्चस्व को स्थापित किया बल्कि, घर की दहलीज पार कर के अन्य बेटियों को भी प्रोत्साहित किया, और उन्हें अपने जीवन में आगे बढ़ने के लिए एक प्रेरणा दी।

नारी शिक्षा के परिणाम स्वरूप आज हमारे समाज में बहुत सुधार हो रहा है ।और समाज बेटियों को शिक्षित करने में लगा हुआ है जिसके परिणाम हमारे सामने हैं कि आज स्त्रियां हर क्षेत्र में पुरुषों के साथ आगे आ रही है और वह यह साबित कर रही है कि वह किसी भी रूप में पुरुषों से कम नहीं है।

नारी शिक्षा के कारण ही भारत में महिलाओं ने नए नए कीर्तिमान स्थापित किए हैं, कल्पना चावला (भारत की पहली महिला अंतरिक्ष यात्री), इंदिरा गांधी ,सरोजिनी नायडू, प्रतिभा देवी सिंह पाटिल, आदि भारतीय समाज की नारियों के लिए प्रेरणा स्रोत है ऐसी ही भारत की अनेक स्त्रियों ने अनेक क्षेत्रों में आगे बढ़ चढ़कर भाग ले रही हैं और आने वाली पीढ़ी के लिए एक आदर्श बन रही हैं।

हाल ही मैं चंद्रयान–2 मिशन में देश की नारियों ने अपने अद्भुत कौशल का परिचय दिया फिर भी आज के इस शिक्षित परिवेश में भी देश के विभिन्न स्थानों पर स्त्री की स्थिति संतोषजनक नहीं है बहुत से पिछड़े क्षेत्रों में नारी की स्थिति अभी घर की दहलीज तक ही सीमित है।

परंतु वर्तमान सरकार के प्रयासों तथा सर्व शिक्षा अभियान के तहत समाज की इस स्थिति में सुधार आ रहा है क्योंकि ग्रामीण क्षेत्रों से भी अब बहुत सी लड़कियों ने आगे निकालकर कला, खेलकूद, चिकित्सा, विज्ञान और प्रशासनिक सेवाओं जैसे पदों पर पुरुषों को पीछे कर अपने कौशल को बिखेरा है और स्त्रियों का परिणाम लड़कों की तुलना में श्रेष्ठ गुणवत्ता में आ रहा है।

जैसा कि हम जानते हैं स्त्री और पुरुष समाज के दो पहिए होते हैं अगर इसमें से एक भी खराब हो गया तो समाज को चलने में दिक्कत आती है। इसीलिए समाज में जिस प्रकार पुरुष को शिक्षा का अधिकार है उसी प्रकार नारी को ही शिक्षा का अधिकार हर स्थिति में मिलना ही चाहिए।

एक शिक्षित महिला अपने परिवार की हर स्थिति में हर संभव मदद कर सकती है, एवं समाज में अपने निर्णय स्वयं लेने में सक्षम होती है और वह अपने पैरों पर खड़ी हुई है जिससे कि उसे पुरुष की कृपा के अंदर नहीं रहना पड़ता है। अतः हमें जरूरी है कि हम स्त्रियों को अधिक से अधिक शिक्षित बनाए जिससे वह जीवन के हर क्षेत्र में अपना बेहतरीन योगदान दे सकें।

नारी शिक्षा पर निबंध (500 शब्दों में)

प्रस्तावना-.

शिक्षा किसी भी राष्ट्र के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है चाहे वह विकास सामाजिक हो या आर्थिक । एक राष्ट्र को वास्तविक अर्थों में शिक्षक तभी किया जा सकता है जब उस राष्ट्र के पुरुष व महिला समान रूप से शिक्षित हो।

महिला साक्षरता दर कम होने के कारण समाज के विकास पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है क्योंकि महिलाएं बच्चों की देखभाल और उनके विकास के लिए मुख्य रूप से जिम्मेदार होती है। जिन बच्चों की मां शिक्षित होती हैं उनका पालन– पोषण और सर्वांगीण विकास अच्छे तरीके से होता है।

नारी शिक्षा के प्रति सोच

आज भी कई लोग नारी की उपेक्षा करते हैं वह उन्हें तुच्छ समझते हैं। इस सोच के पीछे का कारण है कि हमने अपने संस्कार, संस्कृति ,शास्त्र ,आदि भुला दिए जिनमें नारी को लक्ष्मी, सरस्वती तथा काली का रूप बताया गया है। अर्थात नारी धन, विद्या, तथा शक्ति तीनों प्राप्त अथवा ग्रहण कर सकती है। हमने नारी के गुणों को पहचानने की कोशिश नहीं की हमने यह नहीं समझा कि नारी मार्गदर्शन व परम मित्र की प्रतिमूर्ति है। नारी परिवार की निस्वार्थ सच्ची सेवा करने वाली माता के समान जीवन देने वाली, रक्षा करने वाली व धर्म के अनुकूल कार्य करने वाली है।

नारी के प्रति इस उपेक्षित सोच का कारण अशिक्षा ही है। क्योंकि व्यक्ति कितना ही सुंदर ,सुशील क्यों ना हो अगर उसके पास शिक्षा नहीं है तो उसका व्यक्तित्व कभी बड़ा नहीं हो सकता।

नारी शिक्षा की आवश्यकता

महिलाओं के लिए शिक्षा परिवार और समाज के जीवन को बेहतर बनाने के लिए एक सबसे प्रभावी तरीका है शिक्षा के साथ महिला एक शक्तिशाली व्यक्तित्व बन जाती है। एक शिक्षित महिला में परिवार में बच्चों को शिक्षित करने, महत्वपूर्ण निर्णय लेने, वा विभिन्न निर्णयों मे अपने मार्गदर्शन बेकार एवं परिवार को आर्थिक योगदान देकर घर एवं समाज के हर मोर्चे पर मदद करने की शक्ति होती है।

हमारे देश की आबादी का लगभग आधा हिस्सा महिलाओं का है अगर यह 50% आबादी शिक्षा से वंचित रह गई तो देश विकास कैसे करेगा। शिक्षित व सशक्त महिलाएं विभिन्न तरीकों से समाज समुदाय और राष्ट्र के विकास में योगदान देती है।

महिला सशक्तिकरण में नारी शिक्षा की भूमिका

महिला का अर्थ होता है नारी या स्त्री और सशक्तिकरण का अर्थ होता है शक्ति या सत्ता अधिकारी संपन्न बनना। महिला सशक्तिकरण का तात्पर्य है महिला को अपने जीवन से जुड़े फैसले लेने के लिए स्वतंत्रता देना महिलाओं को समान अधिकार देना महिला सशक्तिकरण के लिए नारी शिक्षा पहली और मुख्य साधन है केवल शिक्षित नारी ही अपने भावी पीढ़ी का सही मार्गदर्शन कर सकती है एवं अपने निर्णय को सही दिशा की ओर आगे बढ़ा सकती है।

शिक्षा से ही नारी में सही फैसले लेने की क्षमता का विकास होगा ।बिना शिक्षा प्राप्त किए स्त्री फैसले लेने में असमर्थ रहेगी अतः महिला सशक्तिकरण के लिए नारी शिक्षा बहुत महत्वपूर्ण है ।जिससे वह अपने अधिकारों को जानेंगीं, और उनका उल्लंघन किए जाने पर उसका विरोध करेंगी।

भारत में नारी की शिक्षा को प्रभावित करने वाले कारक

भारत के समाज में महिलाओं की कम शिक्षकों के लिए कई कारक जैसे– गरीबी, प्राथमिक विद्यालयों की गांव से दूरी इसी दूरी के चलते लड़कियों के की सुरक्षा की चिंता, स्कूलों में लड़कियों को कभी-कभ विभिन्न प्रकार की हिंसा का सामना करना पड़ता है जिससे लड़कियां खुद को असुरक्षित महसूस करती है।

इसके अलावा लोगों की नकारात्मक धारणाएं जैसे कि एक लड़की को खाना बनाना चाहिए घर को साफ रखना चाहिए और घरेलू काम सीखना चाहिए क्योंकि यही लड़की के जीवन का पहला कर्तव्य है। एवं बाल विवाह जैसी सोचो के कारण स्त्री शिक्षा से वंचित रह जाती है।

नारी शिक्षा के लिए सरकार की योजनाएं

आज की सरकार है देश में नारी शिक्षा को प्रत्येक कोने में पहुंचाने के लिए और इसे बढ़ावा देने के लिए विभिन्न स्तर पर कार्य कर रही है और नारी शिक्षा को बढ़ाने के लिए अनेक योजनाएं बनाई है जैसे–

  • बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ कार्यक्रम
  • किशोरियों के सशक्तिकरण के लिए राजीव गांधी योजना
  • इंदिरा गांधी मातृत्व सहयोग योजना
  • कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय योजना
  • महिलाओं के लिए प्रशिक्षण और रोजगार कार्यक्रम

नारी शिक्षा के लाभ (Women Education Advantages)

जो स्त्रियां शिक्षित हैं वह अपने भविष्य की जिम्मेदारी खुद उठा सकती हैं और उन्हें किसी पर निर्भर रहने की कोई आवश्यकता नहीं है।

  • एक शिक्षित महिला कमा सकती हैं आर्थिक रूप से अपने परिवार की आय में योगदान देती है।
  • शिक्षित महिलाएं स्वयं को एवं अन्य महिलाओं को घरेलू हिंसा से बचा सकती है।
  • एक शिक्षित नारी आत्मविश्वास से पूर्ण होती है और स्वयं निर्णय लेने में सक्षम होती है।
  • नारी शिक्षा बड़े पैमाने पर समाज और राष्ट्र के विकास में अपना योगदान देती है।
  • नारी शिक्षा के द्वारा बाल और मातृ मृत्यु दर को कम करने में मदद मिलती है।

एक लड़के को शिक्षित करना एक व्यक्ति को शिक्षित करना है, जबकि एक लड़की को शिक्षित करना एक राष्ट्र को शिक्षित करने के समान होता है। यह कथन पूरी तरह से सत्य है दुनिया भर में कई सर्वेक्षणों और अध्ययनों से पता चलता है कि, महिलाओं को शिक्षित करना बच्चों के स्वास्थ्य, सामुदायिक कल्याण और विकासशील देशों, की दीर्घकालिक सफलता के निर्माण की दृष्टि से सबसे लाभदायक साबित होता है।

शिक्षा एक लड़की के लिए अवसरों की एक पूरी नई दुनिया बनाती है यह उसे जीवन की विभिन्न समस्याओं से निपटने आर्थिक रूप से स्वतंत्र बनने बेहतर विकल्प खोजने परिवार व सामुदायिक मुद्दों को संतोषजनक ढंग से हल करने अपने अधिकारों के लिए खड़े होने और अपने आने वाली पीढ़ी को मार्गदर्शन करने का आत्मविश्वास देती है। आज की इस आधुनिक दुनिया में स्त्री शिक्षा को किसी भी हालत में नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है। और हर स्त्री को हर संभव कीमत पर शिक्षा मिलनी ही चाहिए।

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Suneel

नमस्‍कार दोस्‍तों! Hindigrammar.in.net ब्‍लॉग पर आपका हार्दिक स्‍वागत हैं। मैं Suneel Kevat इस ब्‍लॉग का Writer और Founder हूँ. और इस वेबसाइट के माध्‍यम से Hindi Grammar, Essay, Kavi Parichay, Lekhak Parichay, 10 Lines Nibandh and Hindi Biography के बारे में जानकारी शेयर करता हूँ।

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नारी शिक्षा का महत्व पर निबंध

नारी शिक्षा का महत्व , importance of women education in hindi..

एक सभ्य समाज का निर्माण उस देश के शिक्षित नागरिको द्वारा होता है और नारी इस कड़ी का एक अहम् हिस्सा है। परिवार की छोटी छोटी इकाइयां मिलकर एक समाज का गठन करती हैं और परिवार की केंद्र बिंदु नारी होती है, यदि एक नारी शिक्षित होती है तो एक परिवार शिक्षित होता है और जब एक परिवार शिक्षित होता है तो पूरा राष्ट्र शिक्षित होता है।

एक महान विचारक रूसो ने कहा है,”यदि आप मुझे सौ आदर्श माताएं दे तो मैं आप को एक आदर्श राष्ट्र दूंगा “

परिवार में शिशु की पहली अध्यापिका या गुरु माँ होती है और जो प्रारंभिक शिक्षा शिशु अपने घर में ग्रहण करता है वो उसे दुनिया के किसी विद्यालय में प्राप्त नहीं हो सकती अतः मनुष्य के सर्वांगीण विकास के लिए उसे शिक्षित होना आवश्यक है और जब बात नारी की आती है तो ये नितान्त आवश्यक हो जाती है।

संस्कृत में एक श्लोक है,”अथ शिक्षा प्रवश्यम:मातृमान पित्रमानाचार्यवान पुरुषो वेद:”

अर्थात् जब् तीन उत्तम शिक्षक एक माता, दुसरा पिता, और तीसरा आचार्य हो तो तभी मनुष्य ज्ञानवान होगा। यदि हम वर्तमान परिस्थिति कि चर्चा करे तो अब नारी शिक्षा के क्षेत्र में बहुत आगे निकल चुकी है, शिक्षित नारी आजकल के सभी क्षेत्रों में पदार्पण कर चुकी है, वह एक महान नेता, समाजसेविका, चिकित्षक, निदेशक, वकील आदि महान पदों पर कुशलता पूर्वक कार्य करके अपनी अद्वितीय क्षमता को दिखा रही है।

भारत सरकार भी अनेक ऐसी योजनाए ले कर आयी है जो नारी को शिक्षा प्राप्त करने के लिए प्रोत्साहित कर रही हैं जैसे बेटी बचाओ बेटी बढ़ाओ योजना , कस्तूरबा गाँधी बालिका विद्यालय योजना, राष्ट्रीय प्रोत्साहन योजना इत्यादि। ऐसा कहा जाता है की महिलाएं कुशल प्रसाशक होती है, भारत जिसे एक पुरुष प्रधान देश की संज्ञा दी जाती है उस देश का प्रतिनिधित्व यदि एक महिला करती है तो ये स्वयं में इस बात का प्रमाण है की शिक्षा एक ऐसा शस्त्र है जो नारी को इस काबिल बना देता है को वो किसी देश का प्रतिनिधित्व कर सके।

अभी हाल में भारत में हुए चंद्रयान-२ के प्रक्षेपण के लिए बनायीं गयी टीम का नेतृत्व महिलाओं ने किया था, ये सिर्फ इसलिए संभव हो पाया क्योकि उन्होंने सम्बंधित क्षेत्र में उच्च शिक्षा प्राप्त की थी। एक नारी जीवनपर्यन्त बेटी, बहन, पत्नी एवं माँ जैसी किरदारों का निर्वाह करती है और इनका निर्वाह करते हुए जो कठनाईया आती हैं उनका सामना करने का आत्मबल उन्हे शिक्षा प्रदान करती है। शिक्षा नारी को आत्मनिर्भर बनाने में सहायक होती है और उसमे स्वालम्बन के गुणों का भी विकास करती है।

स्त्री हि ब्रह्म बभूविथ (ऋग्वेद )|

अर्थात् नारी स्वयं विदुषी होते हुए अपनी सन्ता को सुशिक्षित बनाती है। स्वामी दयानन्द के अनुसार,”एक पुरुष के शिक्षित और सुसंस्कृत होने का अर्थ है अकेले उसी का उपयोगी बनना किन्तु एक स्त्री यदि शिक्षित, समझ्दार् और सुयोग्य है तो समझना चाहिये कि पुरे परिवार के सुसंस्कृत बनने का सृदृण आधार बन गया”  .

जहाँ शिक्षा का आभाव रहेगा वहां अज्ञान का अँधेरा छाया रहना स्वाभाविक है।  देश में, विश्व में मानव रत्नो का उत्पादन बड़े यही समय की सबसे बड़ी आवश्यकता है और इसकी पूर्ति सुशिक्षित एवं सुसंस्कृत नारी के अतिरिक्त कोई नहीं कर सकता। किसी देश की नागरिक होने के नाते शिक्षा प्राप्त करना प्रत्येक स्त्री का मूल अधिकार है और जो देश की प्रगति, उन्नति एवं विकास के लिए अत्यंत आवश्यक है।

लेखक :- जाग्रति अस्ताना

नारी शिक्षा का महत्व 500 – 600 words Importance of women Education short paragraph

नारी शिक्षा का महत्त्व जहाँ तक शिक्षा का प्रश्न है यह तो नारी हो या पुरुष दोनों के लिए समान रूप से महत्त्वपूर्ण है। शिक्षा का कार्य तो व्यक्ति के विवेक को जगाकर उसे सही दिशा प्रदान करना है। शिक्षा सभी का समान रूप से हित-साधन किया करती है। परन्तु फिर भी भारत जैसे विकासशील देश में नारी की शिक्षा का महत्त्व इसलिए अधिक है कि वह देश की भावी पीढ़ी को योग्य बनाने के कार्य में उचित मार्ग-दर्शन कर सकती है।

बच्चे सबसे अधिक माताओं के सम्पर्क में रहा करते हैं। माताओं के संस्कारों, व्यवहारों व शिक्षा का प्रभाव बच्चों के मन-मस्तिष्क पर सबसे अधिक पड़ा करता है। शिक्षित माता ही बच्चों के कोमल व उर्बर मन-मस्तिष्क में उन समस्त संस्कारों के बीज बो सकती है जो आगे चलकर अपने समाज, देश और राष्ट्र के उत्थान के लिए परम आवश्यक हुआ करते हैं।

नारी का कर्त्तव्य बच्चों के पालन-पोषण करने के अतिरिक्त अपने घर-परिवार की व्यवस्था और संचालन करना भी होता है। एक शिक्षित और विकसित मन-मस्तिष्क वाली नारी अपनी आय, परिस्थिति, घर के प्रत्येक सदस्य की आवश्यकता आदि का ध्यान रखकर उचित व्यवस्था एवं संचालन कर सकती है। अशिक्षित पत्नी होने के कारण अधिकांश परिवार आज के युग में नरक के समान बनते जा रहे हैं। अतः विद्वानों का कथन है कि गृहस्थी के कार्य को सुचारु रूप से चलाने के लिए शिक्षा की अत्यन्त आवश्यकता है।

विश्व की प्रगति शिक्षा के बल पर ही चरम सीमा तक पहुँच सकी है। विश्वसंघर्ष को जीतने के लिए चरित्र-शस्त्र की आवयश्कता पड़ती है। यदि नारी जाति अशिक्षित हो, तो वह अपने जीवन को विश्व की गति के अनुकूल बनाने में सदा असमर्थ रही है। यदि वह शिक्षित हो जाए तो उसका पारिवारिक जीवन स्वर्गमय हो सकता है और उसके बाद देश, समाज और राष्ट्र की प्रगति में वह पुरुषों के साथ कन्धे-से-कन्धा मिलाकर चलने में समर्थ हो सकती है। भारतीय समाज में शिक्षित माता गुरु से भी बढ़ कर मानी जाती है, क्योंकि वह अपने पुत्र को महान् से महान् बना सकती है।

आज स्वयं नारी समाज के सामने घर-परिवार, परिवेश-समाज, रीति-नीतियों तथा परम्पराओं के नाम पर जो अनेक तरह की समस्याएँ उपस्थित हैं उनका निराकारण नारी-समाज हर प्रकार की शिक्षा के धन से सम्पन्न होकर ही कर सकती है। इन्हीं सब बुराइयों को दूर करने के लिए नारी शिक्षा अत्यन्त आवश्यक है। सशिक्षा के द्वारा नारी जाति समाज में फैली कुरीतियों व कुप्रथाओं को मिटाकर अपने ऊपर लगे लाँछनों का सहज ही निराकरण कर सकती है।

#सम्बंधित:- Hindi Essay, Hindi Paragraph,  निबंध। 

  • नारी शिक्षा पर निबंध
  • शिक्षक दिवस पर निबंध
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Essay on Women Education in India for Students

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Women education in India is a most important topic now-a-days which students generally get in their schools to write a complete essay or only paragraph. We have provided here some easy and simple written essays and paragraphs on women education in India for the school students. You can select any of the given essays or paragraphs according to your need and requirement.

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Long and Short Essay on Women Education in India in English

Women education in india essay 100 words.

Women education is very important for the country to fully develop. It is like an effective medicine to cure a patient completely and provide health back. Women education is a big opportunity for India to be developed socially and economically. Educated women are the weapon who yield positive impact on the Indian society through their contribution at home and professional fields. They are the reason of improved economy in the country as well as society. An educated woman has capability to handle her home and professional life. They can effectively contribute in controlling the population of India as they would like to marry at a later age in comparison to the uneducated woman.

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Women Education in India Essay 150 words

The women education in ancient India was quite good but in the middle age it was deteriorated because of many restrictions against women. However, again it is getting better and better day by day as modern people in India understand that without the growth and development of women, the development of country is not possible. It is very true that equal growth of both sex will increase the economic and social development in every areas of the country.

Women should be given equal opportunity in education like men and they should not be isolated from any development activities. Women covers almost half population of the country means if women are uneducated the half country is uneducated which bring poor socio-economic condition. Through the women education the social and economic development will be faster in India. To spread the importance and improve the level of women education all over the country, countrywide national propaganda and awareness programmes are very necessary. An educated woman can educate her whole family and thus whole country.

Women Education in India Essay 200 words

In terms of population, India is the second largest country of the world due to the low level women education. If a woman is uneducated, the future of country would also be uneducated. Women education was the matter of concern in India in the middle age however, it has been now solved to a great extent. Women education has been given a lot of priority in India just like men to bring some positive changes in the social and economic status of the country. In the past women were not allowed to go out of the door of their houses. They were only limited to the domestic works as their education.

Raja Ram Mohan Ray and Iswara Chandra Vidyasagar were some famous social reformers during the British rule in India who paid their attention towards the women education. Both man and woman covers the half half population of the country. They are like two sides of the coin so need equal opportunity to participate in the country development. One cannot exist without other because women are everything as they give birth to the future generation. If they would be well educated they would give rise educated future generation and thus healthy social and economic condition in India.

Women Education in India Essay 250 words

Women education is very important for the proper social and economic growth of the country. Both men and women are like two sides of the coin and run equally like two wheels of the society. So both are are important element of the growth and development in the country thus require equal opportunity in the education. If anyone of both goes downside, social progress is not possible.

Advantages of Women Education in India: The female education in India is highly necessary for the future of the country as women are the first teachers of their children means future of the nation. If education of the women is getting ignored, it would be the ignorant of bright future of the nation. An uneducated women cannot actively participate in handling the family, proper care of the children and thus weak future generation. We cannot count all the advantages of the women education.

An educated women may easily handle her family, make each family member responsible, infuse good qualities in children, participate in the social works and all would lead her towards the socially and economically healthy nation.

Conclusion: India is now a leading country in the field of women education. History of India is never blank of brave women however it is full of women philosophers like Gargi, Viswabara, Maritreyi (of Vedic age) and other famous women are like Mirabai, Durgabati, Ahalyabi, Laxmibai, etc. All the famous historical women in India are inspiration for the women of this age. We never forget their contributions to the society and country.

Take free test

Women Education in India Essay 300 words

Female education in India has been an urgent need of the new era. We cannot hope for the developed nation without proper education of the women of the country. Women play very important role in the progress of a family, society, and country. In order to make democracy successful in the country women education is necessary together with the men. Educated women are the real source of happiness in the family, society and country. It is very truly said that educating a man educate a man only however educating a woman educate whole family and thus whole nation a day.

It is very necessary to highlight on the importance of female education in the country because women are first teacher of their children. Future of the child depends on the love and care of the mother means a woman. Every child get his/her very first lesson through the mother thus it is very important for a mother to be educated as only a well educated mother can shape and mould the career of her child. Trained and educated mothers may nourish many lives in their life term and give rise to the developed nation.

A woman performs the role of many characters throughout her life such as a daughter, sister, wife, and mother. They have rights to get proper education to perform better in all areas of life. Women education help them to be more independent and empowered in their life. Education help them to grow their mind and status and not be a burden to their parents like past times. Education help them to be well aware of their duties and rights as well as realize their responsibilities to contribute towards development of the country as same as men do.

Women Education in India Essay 400 words

Since ancient time to the time after independence, there have been lots of progress in the field of women education. However not satisfying as much has yet to be achieved. The reason of backwardness in the Indian society is because of the lack of proper women education. Lack of proper women education is because of the various social restrictions against women in India which need to be over on urgent basis.

For the betterment of the women education in India following programmes have been run:

  • Sarwa Shiksha Abhiyan
  • Indira Mahila Yojana
  • Balika Samridhi Yojana
  • Rashtriya Mahila Kosh
  • Mahila Samridhi Yojana
  • Employment and Income Generating Training-cum-Production Centres
  • Programme of Development of Women and Children in rural areas
  • Short Stay Home for Women and Girls

Here are some factors affecting the women education in India:

  • Undernourishment and malnutrition of the girl child
  • Sexual harassment and abuse at early age
  • Lower socio-economic status of parents
  • Infections and low immunity power at childhood
  • So many social restrictions and taboo in their life
  • Forced to follow orders of elders in family whether at home of parents or parents-in-law

What is Sarva Shiksha Abhiyan

  • Cover education in all districts by the year 2002.
  • Bring all children to school by the year 2003.
  • Make necessary for all children to complete 5 years of education by the year 2007.
  • Make necessary for all children to complete 8 years of quality elementary education by the year 2010.

Long Essay on Women Education in India 800 words

India is considered as one of the world greatest democracies and has also surpassed China as the world’s fastest growing economy in the financial quarter of October-December 2018; an achievement only made possible through ensuring education for all and gender equality. Promoting women education and ensuring female literacy have been the major factors behind India’s success. The statistics reveal an unprecedented growth in development and women education in the past few decades- India is progressing fast towards her never seen before socio economic development as more and more Indian women are becoming part of its economy; through, their education and empowerment.

Current Status of Women Education in India (with Statistics)

The national female literacy rate when India gained independence was tragically low at 8.6%. The female literacy rate of India has increased from 8.6% in 1951 to 64.63%, according to 2011 census. Though, this increase in the female literacy rate is encouraging and promising as well; unfortunately, there is also a flip side to it.

The current female literacy rate of India lags behind the male literacy rate, the former at 65.6% and the latter at 81.3%. The female education rate of India at 65.6% is significantly lower than the world average at 79.7%. The situation is more critical in rural areas, where fewer girls go to schools as compared to boys and the number of dropout rate is alarming among girls.

Statistics also reveal that India still has nearly 145 Million women, who are unable to read or write.

Why Do We Lag Behind?

Below we will go through a summarization of such factors with a brief detail.

1) Patriarchal Society

Though, the situation is different in urban areas, where women are more educated and employed; rural areas constituting 70% of the Indian population, still lag behind on gender equality.

2) Gender Discrimination

While we progress fast to become world’s super power one day; gender inequality is the reality that screams in our society even today. Even the educated and working urban women are not aloof from the experiences of gender bias, not to mention the women in rural areas.

3) Crime against women

Women of India are much more susceptible to violence and threat than the men. Many crimes against women are still prevalent in Indian society, like- dowry, domestic violence, flesh trade, sexual harassment etc. such crimes only restrict the women folk to step out of their houses and enter schools or even offices, for that matter.

4) Lack of Security

Women working even in the safest cities of the country, lack the courage to transit alone during late night hours. Such incidents are also responsible for high female school dropout rate. It is the responsibility of the government and the society as well to ensure a girl’s safe transit to school, ensuring her education.

Advantages of Women/ Female Education in India

Following is the brief description of the advantages of women/female education in India-

1) Social Development

Educating women could be the key to remove many social evils of Indian society- dowry system, female infanticide and workplace harassment etc. An educated woman changes the future generations.

2) Economical Development

Educating women will definitely lead to the economical development of the nation as more women join the work force.

3) High Living Standard

An educated woman will contribute financially for the needs of her family and relatives. Two earning parents provide better growth prospects for the children as well as a raised living standard of the family.

4) Social Recognition

An educated woman conducts appropriately in the society earning laurels for the family and making it proud.

5) Improved Health And Hygiene

An educated woman recognizes the health hazards to her family and knows how to deal with them. She knows how to feed and nurture her children, telling them about good and bad hygiene.

An educated woman is like a magic wand which brings prosperity, health and pride. We just have to unleash her potential and see the magic happen. Factors restricting the growth of women education in India are mainly societal, and we need to recognize them and eliminate them, if we want to achieve the goals of socio-economic development.

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Essay on Women Education FAQs

What is the importance of women education essay.

The importance of women's education essay highlights how educating women empowers them, enhances their skills, and contributes to gender equality.

How to write an essay about women's education?

To write an essay on women's education, start with an introduction, discuss its significance, provide examples, and conclude by emphasizing its positive impact.

What is the importance of women's education?

The importance of women's education lies in empowering women, reducing gender disparities, and improving overall societal development.

What is the role of education in women's life?

Education in women's lives plays a pivotal role in enhancing their knowledge, decision-making abilities, and economic independence.

What is female education in simple words?

Female education, simply put, means educating girls and women to provide them with knowledge and skills for personal growth and societal contributions.

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Essay on Women | Essay on Women in English

Essay on Women | Essay on Women in English 2023

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Essay on Women (Essay on Women in English)

Essay on Women:- Women’s education has been a challenging subject for the country as very little importance is given to the education of women in society. It has always been the belief of people that education should not be given to women.

What will the girls do even after being educated because later on, they have to do household chores and take care of the family? To change this thinking, it is very necessary to promote women’s education.

In this article an essay has been written on women’s education, on this subject students are often asked to write an essay.

History of Women’s Education in India

Essay on Women:- India is such a country where women have been given a separate place in the society since ancient times. According to the Vedic period, women were worshiped as a goddess. Saraswati, the goddess of education and knowledge, is also a female form.

In the Vedic period, there are many examples of such women who took Vedic education. Even in the British period, importance was given to women’s education and schools were also built.

In the year 1821, the first all girls boarding school was established in Tirunelveli, Tamil Nadu.

Jyotiba Phule and his wife Savitribai Phule played a very important role in the development of women’s education in Western India.

In 1848, he established the first girls school in Pune and in two years more than 8000 girls were enrolled in this school.

In the year 1879, Asia’s oldest Women’s Bethune College was established in India. Due to these efforts, there was also an increase in the female literacy rate in India.

After independence, many useful steps were taken to increase the female literacy rate. In 1958, the government formed a separate committee for women’s education and then plans were made to implement the same curriculum for women and men.

In 1968, the National Education Policy was recommended by the government. With these important steps, there were positive improvements in the statistics of women’s education.

Read More:- How To Write Email In Hindi

Importance and need of women education

Essay on Women:- Both men and women have an equal role for the economic and social development of any society. There is a need for both to walk together, if even a single part remains behind then development is not possible.

Therefore, as much as male literacy is important, equally female literacy is also important. With this, child marriage, dowry system, female feticide and other crimes can be eradicated from the society.

The nutritional status of children in our country is also not good and this issue is also related to female education in one way or the other.

An educated mother is more careful about the upbringing of her child. Educated women can contribute significantly in the country’s economy, which will increase the pace of development of the country.

Government’s contribution in women’s education

Essay on Women:- The important steps taken by the government to increase female literacy in our country cannot be ignored. The government has run such campaigns from time to time, due to which the condition of women’s education has improved rapidly.

The most important campaign of the government regarding women is the ‘Beti Bachao, Beti Padhao’ campaign, which was started in the year 2015 jointly by the Ministry of Women and Child Development, Ministry of Human Resource Development and Ministry of Health and Family Welfare.

Important steps were taken by the government like providing free education to girls, nutrition, books, construction of toilets in schools, increasing the number of girls in schools.

Even before this, the government had built several residential schools in 2004 under the Kasturba Gandhi Balika Vidyalaya Yojana in low literacy areas for women’s education.

Many state governments and state governments also distribute cycles, laptops and scooties to encourage girls for education. ( Essay On Women)

Read More Essay On Women With Other Sources

Obstacles in women’s education

Essay on Women:- Many obstacles have been arising in the society regarding the education of women and even today there are many obstacles due to which many girls kill their dreams inside. This thinking of the society regarding women is completely wrong.

There are many women who move ahead by fighting such obstacles and then they are presented as examples for women.

There have also been obstacles in the education of women regarding their safety. Many parents feel hesitant to send their daughter away from home for good education even for fear of her safety.

It also cannot be ignored that the criminal cases against women are increasing day by day. The government also needs to pay attention to the safety of women.

Though people talk a lot about gender equality, but still the figure of gender inequality in the country is worrying.

In our society, men are still given more importance than women. The emphasis is still on teaching girls to do household chores instead of education. This is also a hindrance in women’s education.

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नारी शिक्षा पर निबंध

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रूपरेखा : प्रस्तावना - लड़कियों की वर्तमान स्थिति - लड़कियों की शिक्षा का महत्व - सरकार द्वारा उठाए गए कदम - उपसंहार ।

हमारा समाज पुरुष-शासित है। यहाँ माना जाता है कि पुरुष बाहर जाएँ तथा अपने परिवारों के लिए कमाएँ। महिलाओं से अपेक्षा की जाती है कि वे घर में रहें और परिवार की देखभाल करें। पहले इस व्यवस्था का समाज में सख्ती से पालन किया जाता था। आज भी थोड़ी-बहुत ऐसी मानसिकता देखी जा सकती है। जनसँख्या के मामले में भारत दुनिया में दूसरा सबसे बड़ा राष्ट्र है और भारत में लड़कियों की शिक्षा की दर बहुत कम है। इस कारण नारीओं की शिक्षा को बहुत क्षति हुई । उन्हें अध्ययन के लिए बाहर जाने की अनुमति नहीं थी। नारी की शिक्षा को अनुपयोगी समझा जाता था।

परंतु, अब समय बदल गया है। सामाजिक परिस्थितियाँ और आवश्यकताएँ बदल गई हैं। हमारा देश विकसित देश बनने की दौर में है। अब नारी-शिक्षा की अनदेखी नहीं की जा सकती। हमारी लगभग आधी आबादी महिलाओं की है। इसलिए लड़कों के साथसाथ उनकी शिक्षा समान रूप से महत्त्वपूर्ण हो जाती है। किसी नारी को शिक्षित करने के बहुत-से लाभ हैं। वह परिवार की देखभाल करती है। यदि वह शिक्षित है, तो वह घर पर वित्त की व्यवस्था कर सकती है, अपने परिवार के सदस्यों के स्वास्थ्य का ध्यान रख सकती है। वह अपने बच्चों को पढ़ा सकती है। मुद्रा-स्फीति दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। आजकल सिर्फ एक व्यक्ति की आय से ही घर को चलाना अत्यंत कठिन है। अतएव, वह इस ओर भी योगदान कर सकती है।

देश के भविष्य के लिए भारत में लड़कियों की शिक्षा आवश्यक है क्योंकि महिलायें अपने बच्चों की पहली शिक्षक हैं जो देश का भविष्य हैं। अशिक्षित महिलाएं परिवार के प्रबंधन में योगदान नहीं दे सकती और बच्चों की उचित देखभाल करने में नाकाम रहती हैं। इस प्रकार भविष्य की पीढ़ी कमजोर हो सकती है। लड़कियों की शिक्षा में कई फायदे हैं। एक सुशिक्षित और सुशोभित लड़की देश के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है। एक शिक्षित लड़की विभिन्न क्षेत्रों में पुरुषों के काम और बोझ को साझा कर सकती है। एक शिक्षित लड़की की अगर कम उम्र में शादी नहीं की गई तो वह लेखक, शिक्षक, वकील, डॉक्टर और वैज्ञानिक के रूप में देश की सेवा कर सकती हैं। इसके अलावा वह अन्य महत्वपूर्ण क्षेत्रों में भी बहुत अच्छी तरह से प्रदर्शन कर सकती है।

शिक्षित लड़कियाँ बच्चों में अच्छे गुण प्रदान करके परिवार के प्रत्येक मेंबर को उत्तरदायी बना सकती हैं। शिक्षित महिला सामाजिक कार्यकलापों में भाग ले सकती हैं और यह सामाजिक-आर्थिक रूप से स्वस्थ राष्ट्र के लिए एक बड़ा योगदान हो सकता है। एक आदमी को शिक्षित करके केवल राष्ट्र का कुछ हिस्सा शिक्षित किया जा सकता है जबकि एक महिला को शिक्षित करके पूरे देश को शिक्षित किया जा सकता है। लड़कियों की शिक्षा की कमी ने समाज के शक्तिशाली भाग को कमजोर कर दिया है। इसलिए महिलाओं को शिक्षा का पूर्ण अधिकार होना चाहिए और उन्हें पुरुषों से कमजोर नहीं मानना चाहिए।

आर्थिक संकट के इस युग में लड़कियों के लिए शिक्षा एक वरदान है। आज के समय में एक मध्यवर्गीय परिवार की जरूरतों को पूरा करना वास्तव में कठिन है। शादी के बाद अगर एक शिक्षित लड़की काम करती है तो वह अपने पति के साथ परिवार के खर्चों को पूरा करने में मदद कर सकती है। अगर किसी महिला के पति की मृत्यु हो जाती है तो वह काम करके पैसा कमा सकती है। प्रत्येक व्यक्ति के जीवन में शिक्षा की महत्वपूर्ण भूमिका होती है, चाहे वह लड़का हो या लड़की सभी के लिए शिक्षा बेहद जरूरी है। लेकिन हमारे समाज में अभी भी शिक्षा को लेकर लैंगिक भेदभाव किया जाता है जहां लड़कों की शिक्षा को तवज्जो दी जाती है वहीं लड़कियों को शिक्षा से वंचित कर दिया जाता है।

शिक्षा महिलाओं के सोच के दायरे को भी बढ़ाती है जिससे वह अपने बच्चों की परवरिश अच्छे से कर सकती है। इससे वह यह भी तय कर सकती है कि उसके और उसके परिवार के लिए क्या सबसे अच्छा है। शिक्षा एक लड़की को आर्थिक रूप से स्वतंत्र बनने में मदद करती है ताकि वह अपने अधिकारों और महिलाओं के सशक्तिकरण को पहचान सके जिससे उसे लिंग असमानता की समस्या से लड़ने में मदद मिले।

सरकार ने नारी-शिक्षा को बढ़ावा देने हेतु बहुत-से उपाय किए हैं। बच्चों को निःशुल्क प्रारंभिक शिक्षा उपलब्ध कराने के लिए । 'सर्वशिक्षा अभियान' आरंभ किया गया है। बहुत-से नारी विद्यालय खोले गए हैं। छात्राओं को विद्यालय-पोशाक और साइकिलें मुफ्त उपलब्ध कराई जाती हैं। मेधावी छात्राओं को उच्च शिक्षा हेतु आर्थिक सहायता दी जाती है। बहुत-से संगठन भी इस दिशा में कार्य कर रहे हैं।

लड़कों की तरह लड़कियों को भी विभिन्न प्रकार की शिक्षा देना जरूरी है। उनकी शिक्षा इस तरह से होनी चाहिए कि वे अपने कर्तव्यों को उचित तरीके से पूरा करने में सक्षम हो सके। शिक्षा के द्वारा वे जीवन के सभी क्षेत्रों में पूरी तरह परिपक्व हो जाती हैं। एक शिक्षित महिला अपने कर्तव्यों और अधिकारों के बारे में अच्छी तरह जानती हैं। वह देश के विकास के लिए पुरुषों के समान अपना योगदान दे सकती हैं। अतः यह कहा जा सकता है कि नारी की शिक्षा को अब अनुपयोगी नहीं समझा जा सकता। यह माता-पिता की जिम्मेदारी है कि वे सुनिश्चित करें कि उनकी कन्याएँ भी अनिवार्य रूप से विद्यालय जाएँ। वे न सिर्फ उन्हें उनकी गृहस्थी चलाने में, बल्कि राष्ट्र को भी मजबूत बनाने में मदद करेंगी।

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