स्वस्थ भोजन की थाली (Hindi)

Healthy Eating Plate Translation Hindi

  • फल और सबज़ियों को अपने भोजन का सबसे बड़ा हिस्सा बनायें – आधी थाली मात्राः

कोशिश करें कि अनेक रंगों और कई प्रकार के फल और सब्ज़ियां खायें। और याद रखें कि स्वस्थ भोजन की थाली में आलू को सब्ज़ि नहीं माना जाता है, क्योंकि आलू को खाने से रक्त शर्करा, या ‘ब्लड ग्लूकोज़’ पर नकारात्मक असर होता है।

  • ‘होल ग्रेन्ज़’, या साबुत अनाजों को ज़्यादातर खायें – एक चैथाई थाली मात्राः

साबुत और पूर्ण अनाजों – पूर्ण गेहूॅं, जौ, बाजरा, जुवार, जै, ‘ब्राउन राइस’ या असंसाधित चावल, और इनसे बनाये गए खाद्य पदार्थ, जैसे कि पूर्ण गेहूॅं से बनाई गई रोटी – का मैदे से बनाई गई रोटी, ‘वाइट राइस’, और अन्य संसाधित अनाजों से रक्त शर्करा और इंसुलिन पर कम असर होता है।

  • प्रोटीन की शक्ति – एक चैथाई थाली मात्राः

मछली, मुर्ग, दाल, और अखरोट स्वस्थ और बहुमुखी प्रोटीन के स्रोत हैं – इनको सालाद में डाला जा सकता है, और यह सब्ज़ियों के साथ अच्छा जाते है। लाल मांस को कम खाना चाहिए, और संसाधित मांस, जैसे कि ‘बेकन’ और ‘साॅसेज’ से दूर रहना चाहिए।

  • स्वस्थ संयंत्र तेल या ‘वेजिटेबल आॅयल’ – मध्यम मात्रा मेंः

स्वस्थ वेजिटेबल आॅयल, जैसे जैतून या ‘ओलिव’, कनोला, सोयाबीन, सनफ़लावर, मूंगफली, सरसों, इत्यादी के तेलों को चुनें, और ‘पार्शली हाइड्रोजनेटिड’ तेलों से दूर रहें, क्योंकि इनमें अस्वस्थ ‘ट्रांस फैट’ होते हैं। याद रखें, कि केवल कम या शून्य फैट होने से खाद्य पदार्थ ‘‘स्वस्थ’’ नहीं हो जाते।

  • पानी, चाय, या काॅफ़ी पीयेंः

मीठे पायों से दूर रहें, दूध और दूध से बने अन्य खाद्य पदार्थों के दिन में केवल एक या दो सर्विगंज़ खायें, और दिन में ज़्यादा से ज़्यादा एक छोटा गिलास फल का रस पियें।

  • सक्रिय रहेंः

स्वस्थ भोजन की थाली के प्लेसमैट पर वह लाल रंग की भागती हुइ आक्रिति आपको याद दिलाने के लिए है, कि सक्रिय रहना भी वज़न संतुलन के लिए आवश्यक है।

स्वस्थ भोजन की थाली का मुख्य सन्देश ‘‘डायटेरी क्वालेटी’’, या आहार की गुणवत्ता के बारे में है।

  • कार्बोहाइड्रेट की मात्रा पर ध्यान देने से ज़्यादा यह सोचना ज़रूरी है कि हम अपने आहार में किस प्रकार के कार्बोहाइड्रेट खाते हैं, क्योंकि कार्बोहाइड्रेट के कुछ स्रोत – जैसे सबज़ियाॅं (आलू के अलावा), फल, साबुत अनाज, और दाल – अन्य स्रोतों से ज़्यादा स्वस्थ हैं।
  • स्वस्थ भोजन की थाली लोगों को मीठे पायों से दूर रहने के लिए भी बताती है, जो उष, या ‘‘कैलोरीज़’’ से भरे हैं – और आमतौर पर इनमें पोषण कम होता है।
  • स्वस्थ भोजन की थाली लोगों को स्वस्थ ‘‘वेजिटेबल आॅयल’’ खाने को प्रोतसाहित करती है, और इसमें स्वस्थ स्रोतों से मिले गए ‘‘फ़ैट्स’’ के उपभोग पर कोई उपरी सीमा नहीं है।

हम निम्नलिखित नियमों और शर्तों के अनुसार स्वस्थ भोजन की थाली की छवि के उपयोग की अनुमति देतें हैंः

  • निम्न क्रेडिट लाइन शामिल होनी चाहिएः ‘‘प्रतिलिप्याधिकार © 2011 हारवर्ड विश्वविद्यालय। स्वस्थ भोजन की थाली के बारे में अधिक जानकारी के लिये कृप्या इन वेबसाइटों पर जाएॅंः पोषण स्रोत, हारवर्ड टी. एच. चैन स्कूल आॅफ़ पबलिक हेल्थ, http://www.thenutritionsource.org  और हारवर्ड हेल्थ पबलिकेशन्ज़, health.harvard.edu ।’’
  • आप स्वस्थ भोजन की थाली का उपयोग गैर वाणिज्यिक तरह से करेंगें।
  • आप स्वस्थ भोजन की थाली का उपयोग सभी लागू कानूनों के अनुसार करेंगें।
  • आप किसी भी तरह से छवि या पाठ को बदल नहीं सकते हैें।
  • हारवर्ड यह अनुमति अपने संपूर्ण विवेकाधिकार पर किसी भी समय रद्द कर सकता है। यदि यह अनुमति वापस ली जाती है, आपको अधिक से अधिक पांच व्यवसायक दिनों के अंदर इस छवि को किसी भी वेबसाइट या सार्वजनिक स्थान से निकालना होगा।
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  • हारवर्ड स्वस्थ भोजन की थाली से जुड़ी हर प्रकार के वारन्टियों (स्पष्ट, अव्यक्त, या अन्यथा) को अस्वीकार करता है। इनमें शामिल है, बिना सीमा के, कोई भी व्यापारिकता की अव्यक्त वारन्टियाॅं, किसी विशेष उद्देश्य के लिए उपयुक्त्ता, और गैर उल्लंघन। आप हारवर्ड विश्वविद्यालय, और इसके संचालक मंडल के सदस्यों, संकाय सदस्यों, अधिकारियों, छात्रों, कर्मचारियों, और दलालों को सभी दावों, नुक़सानों, हानियों, उत्तरदायित्व, लागत, और खर्चों से क्षतिपूर्ति करने के लिए व हानिरहित मान्ने के लिए सहमत हैं।

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पोषण क्‍या है - What is Nutrition

पोषण क्‍या है: what is nutrition in hindi.

सजीवों (मनुष्‍य समेत सभी जीव जंतु) के शरीर में जैविक क्रियाओं (biological function) के संचालन के लिए उर्जा की आवश्यकता होती है। यह ऊर्जा भोजन से प्राप्त होती है। सजीवों द्वारा भोजन (पोषक पदार्थों) का अन्तर्ग्रहण(भोजन को शरीर में पहुंचाने की क्रिया), पाचन, अवशोषण और स्वांगीकरण करने एवं अपच पदार्थ का परित्याग करने की सम्पूर्ण प्रक्रिया को पोषण कहते हैं। ऊर्जा उत्पादन, शारीरिक वृद्धि और टूट-फूट की मरम्मत के लिए आवश्यक पदार्थों को पोषक पदार्थ कहते हैं।

पोषक तत्‍वों के प्रकार: Types of nutrition in hindi

हमारे आहार में ऐसे फूड शामिल होने चाहिए जो सही मात्रा में पोषक तत्वों की आपूर्ति कर सके। इस तरह के आहार को संतुलित आहार कहा जाता है। ऊर्जा, ऊतकों के रखरखाव और शारीरिक क्रियाओं के लिए हर व्यक्ति को 6 पोषक तत्वों की जरूरत होती है। जिसमें प्रोटीन, विटामिन, कार्बोहाइड्रेट, वसा, पानी और खनिज शामिल है। आइए विस्तार से इनके बारे में जानते हैं।

  • प्रोटीन (Protein): शरीर के पोषण लिए प्रोटीन एक बहुत जरूरी न्यूट्रिएंट्स है जिसका सेवन हर किसी को करना चाहिए। हमारे शरीर की अच्छे तरह काम करने के लिए, मांसपेशियों के निर्माण तथा हमारे शरीर की कोशिकाओं को बनाने और सुधारने के लिए प्रोटीन अत्यंत जरूरी है। साथ में प्रोटीन हमारे शरीर की ऊर्जा का स्रोत भी है। प्रोटीन के समृद्ध स्रोत में अंडा, मछली, मीट और बीन्स शामिल है। प्रोटीन शरीर को अमीनो एसिड प्रदान करता है।
  • विटामिन (Vitamin): हमारे शरीर को विटामिन्स की बहुत ही जरूरत है। यदि किसी भी कारण कोई विटामिन हमारे शरीर को न मिल पाए तो हमारा शरीर विटामिन जनित रोगों से ग्रसित हो सकता है। विटामिन वह पदार्थ होते हैं, जो आपके शरीर को ग्रो करने में सहायता करते हैं। यह आपके इम्यून सिस्टम को मजबूत करते हैं तथा कई बीमारियों से दूर रखते हैं। ज्यादातर विटामिन हमें फल और सब्जी से प्राप्त होता है।
  • मिनरल्स (Minerals): मिनरल्स एक अच्छा न्यूट्रिशन है। कुछ महत्वपूर्ण मिनरल या खनिज हमारे शरीर के ठीक ढंग से काम करने के लिए जरूरी होते हैं। यह न केवल शरीर के मेटाबॉल्जिम को सही करता है बल्कि आपके स्वास्थ्य को भी अच्छा रखता है। इसके स्रोत में फल, सब्जी, डेयरी उत्पाद, मांस और मछली शामिल है।
  • कार्बोहाइड्रेट (Carbohydrate): कार्बोहाइड्रेट के रूप में स्टार्च या मंड प्रमुख भोज्य पदार्थ हैं जो कई तरह के खाद्य पदार्थ में पाया जाता है। आलू, साबूदाना, चावल, साबूत आनाज, पास्ता, रोटी, मक्का आदि में पर्याप्त मात्रा में कार्बोहाइड्रेट पाया जाता है। इसे खाने से शरीर को उर्जा मिलती है तथा यह पाचन में भी महत्वपूर्ण भूमिका अदा करता है।
  • वसा (Fat): वसा या फैट हमारे आहार का मुख्य घटक है और शरीर में कई काम करता है। इसके आवश्यक स्रोत में डेयरी प्रोडक्ट, मांस, बीज, और नट तथा वनस्पति तेल जैसे खाद्य पदार्थ शामिल है। फैट, फैटी एसिड में पच जाता है, जिसका उपयोग ऊर्जा स्रोत के रूप में किया जाता है।
  • पानी (Water): पानी को भी हम न्यूट्रिशन में शामिल करते हैं। शरीर का लगभग 60 प्रतिशत हिस्सा पानी से बना है। यह पर्याप्त एच2ओ पीने से शरीर में तरल संतुलन को बनाए रखने में सहायता मिलती है, जो शरीर में पोषक तत्वों के परिवहन में मदद करता है, शरीर के तापमान को नियंत्रित करता है और भोजन को पचाने में सहायता करता है। इसलिए कभी अपने शरीर में पानी की कमी न होने दें।

शरीर के लिए पोषण की उपयोगिता क्‍या है?: What is the usefulness of nutrition in hindi

किसी भी सजीव के लिए पोषण जरूरी है, इसके लिए शरीर क्रियाएं संभव नहीं है। जिस प्रकार से किसी वाहन के लिए ईंधन की जरूरत पड़ती है उसी प्रकार हमारे शरीर को पोषक तत्‍वों की आवश्‍यकता होती है। आइए विस्‍तार से पोषक तत्‍वों की आवश्‍यकता के बारे में जानते हैं।

  • ऊर्जा (Energy): शरीर के विभिन्न कार्यों के संचालन हेतु आवश्यक ऊर्जा के विभिन्न अवयवों मुख्यतः कार्बोहाइड्रेट एवं वसा के ऑक्सीकरण से प्राप्त होती है।
  • शारीरिक मरम्मत: भोजन शरीर की वृद्धि एवं क्षतिग्रस्त अंगों एवं ऊतकों की मरम्मत में योगदान करता है। इस कार्य को प्रोटीन, खनिज, लवण, विटामिन्स आदि सम्पन्न करने में योगदन करते हैं।
  • उपापचयी नियन्त्रण: भोजन शरीर के विभिन्न अंगों एवं जन्तुओं को उचित दशा में बनाए रखता है और उनका उचित संचालन कर उपापचयी क्रियाओं पर नियन्त्रण रखने में योगदान करता है। इस कार्य में विटामिन्स, खनिज, लवण एवं जल की महत्त्वपूर्ण भूमिका होती है।
  • इम्‍यूनिटी: सन्तुलित भोजन शरीर में रोग प्रतिरोधक शक्ति को बढ़ाता है। प्रोटीन, खनिज लवण, विटामिन आदि इस कार्य के लिए महत्त्वपूर्ण पदार्थ हैं। इस प्रकार भोजन शरीर की रोगों से रक्षा करता है।

प्रतिदिन कितने पोषण की होती है जरूरत

आमतौर एक ह्यूमन बॉडी को उसकी उम्र और जैविक क्रियाओं के अनुसार पोषक तत्‍वों की जरूरत होती है। बच्‍चों, गर्भवती महिलाओं और वयस्‍कों के लिए अलग-अलग मानक तय किए गए हैं और इन्‍हीं मानकों के अनुसार व्‍यक्ति को अपने भोजन में पोषक तत्‍वों को सम्मिलित करना चाहिए। अगर भारतीयों की बात करें तो भारत सरकार के सर्वे भी यही कहते हैं कि प्रति व्‍यक्ति पोषण उसकी उम्र के अनुसार होने चाहिए। 2012 के सर्वे में ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों के लिए अलग-अलग पोषण के मानक दिए गए हैं। हालांकि हम आपको नूट्रिशनिस्ट (आहार विशेषज्ञ) द्वारा बताई गई पोषण जरूरतों के बारे में बता रहे हैं। आप भी किसी आहार विशेषज्ञ से सलाह लेकर शरीर की जरूरत के हिसाब से पोषक तत्‍व ले सकते हैं।

पोषण प्रतिदिन की जरूरत:

  • प्रोटीन: 64 ग्राम 
  • तरल पदार्थ (पानी, दूध और अन्‍य पेय पदार्थ): 2.5 से 3 लीटर 
  • फाइबर: 30 ग्राम 
  • विटामिन A: 900 माइक्रोग्राम 
  • थाइमिन: 1.2 मिलीग्राम 
  • राइबोप्‍लेविन: 1.3 मिलीग्राम 
  • नियासिन: 16 मिलीग्राम 
  • विटामिन B6: 1.3 मिलीग्राम 
  • विटामिन B12: 2.4 माइक्रोग्राम 
  • फोलेट: 400 माइक्रोग्रम 
  • विटामिन C: 45 मिलीग्राम 
  • कैल्शियम: 1000 मिलीग्राम 
  • आयोडीन: 150 माइक्रोग्राम 
  • आयरन: 8 मिलीग्राम 
  • मैग्‍नीशियम: 400 मिलीग्राम 
  • पोटैशियम: 3800 मिलीग्राम 
  • सोडियम: 460-920 मिलीग्राम 
  • जिंग: 14 मिलीग्राम

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National Nutrition Week 2021: जानिए कब और क्यों मनाया जाता है राष्ट्रीय पोषण सप्ताह? क्या है इस दिन का महत्व

राष्ट्रीय पोषण सप्ताह हर साल 1 सितंबर से 7 सितंबर तक मनाया जाता है

  • राष्ट्रीय पोषण सप्ताह हर साल 1 सितंबर से 7 सितंबर तक मनाया जाता है.
  • इसके पीछे का उद्देशय है कि लोग स्वस्थ शरीर के महत्व को समझें
  • राष्ट्रीय पोषण सप्ताह पहली बार मार्च 1975 में एडीए ने मनाया था.

National Nutrition Week 2021:  नेशनल न्‍यूट्रिशन वीक यानि की राष्ट्रीय पोषण सप्ताह हर साल 1 सितंबर से 7 सितंबर तक मनाया जाता है. इस सप्ताह को मनाने के पीछे का उद्देशय है कि लोग अपनी हेल्थ और खानपान को लेकर जागरूक हो. लोग स्वस्थ शरीर के महत्व को समझें और हेल्दी लाइफस्टाइल अपनाएं. न्यूट्रिशन एक बुनियादी आवश्यकता है और हेल्दी लाइफ जीने के लिए बेहद जरूरत भी है. हर साल नेशनल न्यूट्रिशन वीक की थीम रखी जाती है, जिसको ध्यान में रखकर इस सप्ताह को मनाया जाता है. 2021 के नेशनल न्यूट्रिशन वीक 2021 की थीम "शुरू से ही स्मार्ट फीडिंग" है. वैसे हम में से कई लोग ऐसे होंगे जो राष्ट्रीय पोषण सप्ताह के महत्व और इतिहास के बारे में नहीं जानते होंगे. तो आइए जानते हैं राष्ट्रीय पोषण सप्ताह से जुड़ी जानकारियों के बारे में.

राष्ट्रीय पोषण सप्ताह का इतिहास

यह भी पढ़ें.

National Nutrition Week 2023: राष्ट्रीय पोषण सप्ताह में जानिए सेहत के लिए किस-किस तरह से अच्छी है चने की दाल 

राष्ट्रीय पोषण सप्ताह पहली बार मार्च 1975 में एडीए (अमेरिकन डायटेटिक एसोसिएशन, अब - न्यूट्रिशन और डाइट साइंस अकैडमी) ने मनाया था. इसे लोगों को जागरूक करने उद्देशय से मनाया जाता था. आपको जानकर हैरानी होगी कि 1980 में लोगों ने लेकर इतना जबरदस्त र‍िस्‍पॉन्‍स किया की इसे एक सप्ताह के बजाय पूरे महीने मनाया गया. हालांकि, भारत में केंद्र सरकार ने 1982 में एक अभियान, राष्ट्रीय पोषण सप्ताह शुरू करने का निर्णय लिया. यह अभियान लोगों को पोषण के महत्व के बारे में शिक्षित करने और उन्हें एक हेल्दी लाइफस्टाइल जीने का आग्रह करने के लिए बनाया गया था.

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राष्ट्रीय पोषण सप्ताह का महत्व

आज के इस महामारी के समय में राष्ट्रीय पोषण सप्ताह का बेहद महत्व है ताकि लोग अपने हेल्थ के प्रति ज्यादा से ज्यादा जागरूक और सजग रहे. अपने खानपान में ऐसी चीजों को शामिल करें जो उनके इम्यूनिटी और शरीर को मजबूत बना सके.पोषण हमारे दैनिक जीवन के केंद्र में है और इस चक्र को नियंत्रण में रखने के लिए एक बैलेंस और पौष्टिक आहार जरूरी है. इसके बारे में लोगों को शिक्षित करने के लिए भारत सरकार के महिला और बाल विकास मंत्रालय का खाद्य और पोषण बोर्ड राष्ट्रीय पोषण सप्ताह के इस सप्ताह भर चलने वाले वार्षिक उत्सव का आयोजन करता है. यह मानव शरीर में उचित पोषण के महत्व और कार्य पर जोर देता है.

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speech on nutrition in hindi

संतुलित आहार पर निबंध- Essay on Healthy Food in Hindi

In this article, we are providing information about Healthy Food in Hindi- Short Essay on Healthy Food in Hindi Language. संतुलित आहार पर निबंध- Nibandh santulit aahar in Hindi

भोजन हर व्यक्ति की जरूरत है जिससे हमें ऊर्जा मिलती है। ऊर्जा के लिए भोजन का संतुलित होना जरूरी है। संतुलित आहार का अर्थ है ऐसा भोजन जिसमें प्रोटीन, विटामिन, कार्बोहाईड्रेट, फैट और फाईबर उचित मात्रा में मौजुद हो। संतुलित आहार हमें स्वस्थ रहने के लिए अत्यंत आवश्यक है। संतुलित आहार के अंदर चावल, रोटी, दाल, हरी सब्जियाँ, दुध और दही इत्यादि आते हैं। हम सबको रोज स्वस्थ भोजन का सेवन करना चाहिए। स्वस्थ भोजन हमें एक खुशहाल जीवन देता हैं। हमें संतुलित आहार में रोज फलों को भी खाना चाहिए।

आधुनिक समय में व्यक्ति संतुलित आहार का महत्व को भूलता जा रहा है और स्वस्थ भोजन से दुर जाता जा रहा है जिस कारण बच्चों में मधुमेह और मोटापे का खतरा बढ़ता जा रहा है। हम लोग स्वादिष्ट भोजन की तरफ आकर्षित होते जा रहे हैं और भोजन की गुणवत्ता पर बिल्कुल भी ध्यान नहीं दे रहे हैं। जंक फूड भले ही स्वादिष्ट होते हैं पर वह बिल्कुल भी पौष्टिक नहीं होते हैं बल्कि हमारे स्वास्थय के लिए हानिकारक ही होते हैं। ज्यादा तले और बंद भोजन के कारण बहुत सी बिमारियाँ बढ़ती हैं।

हम सबको जंक फूड को त्यागकर संतुलित आहार को अपनी दिनचर्या का हिस्सा बनाना चाहिए। बच्चों को हरी सब्जियाँ रंग बिरंगे तरीके से अलग अलग व्यंजन बनाकर खिलानी चाहिए जो कि देखने में आकर्षक लगे और बच्चे उनकी तरफ आकर्षित हो जाए। बच्चों के साथ साथ बढ़ो को भी संतुलित आहार ही लेना चाहिए। संतुलित आहार हमें शक्तिशाली बनाता है और रोगों के लड़ने की क्षमता प्रदान करता है। हमें अपने तीनों समय का भोजन ऐसा रखना चाहिए कि उनमें पौष्टिक भोजन अवश्य रहें। हम कभी कभी बाहर का खा सकते हैं लेकिन हमें रोज स्वस्थ भोजन ही करना होगा। हमें पैकेट के भोजन का बहिष्कार करना चाहिए और ताजा भोजन ही खाना चाहिए।

हमें रोज सुबह दुध के साथ अनाज का सेवन करना चाहिए। दोपहर को चावल, रोटी ,दाल स्लाद आदि खाना चाहिए। दोपहर के खाने के तीन घंटे बाग हल्का नाश्ता करना चाहिए और रात को दील रोटी खानी चाहिए। रात को सोने से पहले दुध और फल या फिर जुस पीना चाहिए। हमें संतुलित आहार का नियमित रूप से पालन करना चाहिए। संतुलित आहार हमें शारीरिक और मानसिक रूप को संतुलित रखता है ओर हमारी एकाग्रता की शक्ति में वृद्धि होती है। स्वस्थ रहने का एकमात्र तरीका स्वस्थ भोजन ही है जिसे हमें रोज ग्रहण करना होगा।

Essay on Junk Food in Hindi- जंक फूड पर निबंध

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2 thoughts on “संतुलित आहार पर निबंध- Essay on Healthy Food in Hindi”

speech on nutrition in hindi

Excellent one 👍👌

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I really like it 😇

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पोषक तत्वों पर निबंध - Essay on Nutrition in Hindi

Essay on Nutrition in Hindi : इस लेख में पोषक तत्वों की उपयोगिता पर निबंध का वर्णन किया गया है। इस निबंध में पोषण की आवश्यकता तथा पोषक तत्वों का वर्णन

पोषक तत्वों पर निबंध - Essay on Nutrition in Hindi

पोषक तत्व पर निबंध.

पोषक तत्वों पर निबंध - Essay on Nutrition in Hindi

पोषक तत्व को मुख्यतः हम तीन वर्गों में बांट सकते हैं:

  • उर्जा प्रदान करने वाले पोषक तत्व
  • शरीर बनाने (वृद्धि) वाले पोषक तत्व
  • शरीर की रक्षा करने वाले पोषक तत्व

पोषक तत्वों पर निबंध

पोषक तत्वों से तात्पर्य ऐसे पदार्थों से हैं जिनमें पोषण पाया जाता है। पोषक तत्वों को मुख्यतः कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, वसा, विटामिन, खनिज, और लवण के रूप में वर्गीकृत किया जा सकता है। सही अनुपात में इन पोषक तत्वों की संतुलित मात्रा एक स्वस्थ आहार का निर्माण करती है।

जब पोषक तत्वों के सेवन करने की बात आती है तो हमें हमेशा 'सही और 'संतुलित' आहार लेना चाहिए। संतुलित आहार को पोषक तत्वों की सही मात्रा में खाने के रूप में परिभाषित किया गया है। शरीर में पोषक तत्वों की कमी हो जाने से रतौंधी, स्कर्वी, क्रेटिनिज्म, एनीमिया जैसी बीमारियाँ हो जाती है जबकि पोषक तत्वों की अधिकता से स्वास्थ्य के लिए खतरा जैसे मोटापा, मेटाबॉलिक सिंड्रोम और अन्य हृदय संबंधी रोग आदि देखे जाते हैं।  

अविकसित और विकासशील देशों में कुपोषण को मूल पोषक तत्वों की कमी के रूप में  किया गया है। पोषक तत्व खाद्य श्रृंखला के आधार स्तम्भ है। मजदूर वर्ग तथा छात्रों में परिश्रम के बाद थकान और उदासीनता आम है। दोबारा तरोताजा तथा ऊर्जावान महसूस करने के लिए, हमें केवल उचित पोषण की आवश्यकता होती है। उचित पोषण से उत्तम स्वास्थ्य की प्राप्ति होती है तथा शरीर का प्रतिरक्षी तंत्र मजबूत बना रहता है।

संतुलित आहार खाने से व्यक्ति के स्वास्थ्य में सुधार होता है और मृत्यु के प्रमुख कारणों के जोखिम कम होते हैं। उचित पोषण से स्वस्थ हृदय, दांतों और हड्डियों में मजबूती, उत्तम मानसिक स्वास्थ्य और शरीर की रोगों से लड़ने के क्षमता बढ़ती है। हाल ही में विभिन्न अध्ययन और अनुसंधान द्वारा पोषण को एक विषय के रूप महत्वपूर्ण विषय मन गया है। पोषण को पाठ्यक्रम में एक विषय के रूप में भी पढ़ाया जाता है।

'पोषण' पर दुनिया के विभिन्न हिस्सों हुए अध्ययनों से  शोध कार्यों से हम अपने स्वस्थ्य के प्रति जागरूक हुए हैं।पोषण के क्षेत्र में वैज्ञानिक खोजों के परिणामस्वरूप खाद्य उत्पादन में वृद्धि हो रही है, परन्तु फिर भी भोजन जैसी बुनियादी चीज की कमी के कारण मर रहे हैं, समाज का एक बड़ा वर्ग ऐसा है जिन्हे उचित खाद्य आपूर्ति नहीं हो पाती। जो सभी के लिए समान रूप से उपलब्ध होना चाहिए।

पोषण पर निबंध हिंदी में

शरीर के पोषण के लिए पोषक तत्वों बहुत ही आवश्यक होते है। संतुलित आहार से हमारे शरीर को सभी प्रकार के पोषक तत्व प्राप्त होते हैं। पोषक तत्वों से शरीर के सभी अंगों को कार्य करने की ऊर्जा मिलती है। विभिन्न विटामिन और खनिज-लवण के रूप में मिलने वाले पोषक तत्व हमारे शरीर के लिए अति आवश्यक होते हैं। यदि इन  पोषक तत्वों की कमी हो जाये तो हम कई तरह के रोगों की चपेट में आ जाते हैं। कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, फैट, विटामिन, खनिज और जल कुछ ऐसे पोषक तत्व है जिनकी आवश्यकता शरीर को सबसे ज्यादा होती है। पोषक तत्वों को दो भागों में बांटा जा सकता है 

1. विटामिन : विटामिन विभिन्न प्रकार के होते हैं जैसे विटामिन बी 2 (राइबोफ्लेविन), विटामिन बी 3 (नियासिन), विटामिन बी 5 (पैंटोथीनिक एसिड), विटामिन बी 6 (पाइरोडौक्ज़ामिन), विटामिन बी 7 (बायोटिन), विटामिन बी 9 (फोलिक एसिड), विटामिन बी 12 (साइनोकोबालमिन), विटामिन सी (एस्कोर्बिक एसिड), विटामिन डी, विटामिन ई (टोकोफेरोल) और विटामिन K शामिल होते हैं। 

2. खनिज-लवण : खनिज लवण के अंतर्गत विभिन्न पोषक तत्त्व शामिल किये गए हैं जैसे- बोरान, कैल्शियम, क्रोमियम, आयरन, मैग्नीशियम, आयोडीन, फास्फोरस, मैगनीज, कॉपर, पोटेशियम, सेलेनियम, सिलिकॉन, सोडियम और जिंक आदि।

पोषक तत्व के प्रकार :  पोषक तत्वों को माइक्रोन्यूट्रिएंट और मैक्रोन्यूट्रिएंट् दो भागों में विभाजित किया जाता है। कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन और वसा को मैक्रोन्यूट्रिएंट के अंतर्गत आते हैं क्योंकि उनका आकार बड़ा होता है।  यह ऊर्जा के उत्तम स्त्रोत माने जाते है। विटामिन और खनिजों को माइक्रोन्यूट्रिएंट कहा जाता है क्योंकि अन्य पोषक तत्वों की तुलना इनका आकार बहुत छोटे होता है। माइक्रोन्यूट्रिएंट को पानी और वसा में घुलने के आधार पर बाटा जाता है। विटामिन A, D, E, और विटामिन K वसा में घुलनशील होते हैं, जबकि विटामिन बी और विटामिन सी जल में घुलनशील होते हैं। 

पोषक तत्वों के फायदे :  पोषक तत्वों से हमें अनेक फायदे होते हैं।  कार्बोहाइड्रेट, वसा और प्रोटीन से हमें ऊर्जा प्राप्त होती हैं, जिससे आपके शरीर में होने वाली सभी जैव रासायनिक प्रतिक्रिया संपन्न होती हैं।  शारीरिक ऊर्जा को कैलोरी कहा जाता है। वसा में कार्बोहाइड्रेट और प्रोटीन की तुलना में अधिक कैलोरी होती है। प्रत्येक विटामिन और खनिज के अलावा अन्य पोषक तत्व का हमारे शरीर पर अलग-अलग प्रभाव पड़ता हैं। 

निष्कर्ष : उचित पोषक तत्वों की कमी से रक्तअल्पता या कुपोषण जैसे रोग हो जाते है। इस स्थिति से निपटने के लिए हमें पोषक तत्वों से युक्त आहार लेना चाहिए। पोषक तत्व सिर्फ मंहगे काजु, बादाम, अनार, अंगूर, सेब, नाशपति या दूध में ही नहीं बल्कि साग, हरी सब्जी, दालों आदि में भी पाए जाते है। कुपोषण वास्तव में कोई बीमारी नहीं है किन्तु यह कई बीमारियों का कारण बनती है। कुपोषण से शरीर में उर्जा की कमी होती है इस तरह रोगों से लड़ने की शक्ति भी क्षीण हो जाती है। रोधक शक्ति के क्षीण होने के कारण कोई भी रोग आसानी से शरीर में प्रवेश कर जाता है। इसलिए उचित पोषण एक स्वस्थ जीवन की कुंजी है।

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Nutrition in Hindi || पोषण, स्वपोषी, परपोषी के प्रकार, कुपोषण

  • Post author: Sneha Katiyar

Hindi Meaning of Nutrition – पोषण

पोषण क्या है (what is nutrition).

जीवधारियों को जैविक क्रियाओं के लिए ऊर्जा की आवश्यकता होती है। ऊर्जा भोज्य पदार्थों के ऑक्सीकरण से प्राप्त होती है। जीवद्रव्य निर्माण के लिए आवश्यक पोषक तत्व भी भोजन से प्राप्त होते हैं। जीवधारियों द्वारा ग्रहण किया हुआ भोजन सीधे शरीर के उपयोग में नहीं आ सकता,अत: पाचन, अवशोषण,  स्वांगीकरण के  उपरान्त पचा हुआ भोजन कोशिकाओं के जीवद्रव्य में विलीन हो जाता है। इस सम्पूर्ण प्रक्रिया को पोषण (Nutrition) कहते हैं।

पोषण की परिभाषा (Definition of Nutrition)

सजीवों द्वारा भोजन ग्रहण करने एवं इसके उपयोग की विधि को पोषण (Nutrition) कहते हैं।

पोषण की आवश्यकता (Need of Nutrition)

जीवों में शरीर के लिए ऊर्जा उत्पादन, शरीर निर्माण मरम्मत तथा रोगों के प्रति प्रतिरोधक क्षमता विकसित करने के लिए पोषण (Nutrition) की आवश्यकता होती है । जीवों में भोजन से नया जीवद्रव्य बनता है । जिससे कोशिकाएँ आकार में वृद्धि करती हैं। 

Nutrition-पोषण

पोषण को प्रक्रिया (Process of Nutrition)

ज़न्तुओं द्वारा पोषण (Nutrition) प्राप्त करने की क्रिया को प्राणि समभोजी पोषण कहते हैं।

प्राणि समभोजी पोषण की प्रक्रिया को निम्नलिखित चरणों में बाँटा गया है। 

1) अन्तर्ग्रहण (Ingestion)-

इस प्रक्रिया में भोजन जीव के शरीर के अन्दर ग्रहण किया जाता है। विभिन्न जन्तु भिन्न तरीकों से अन्तर्ग्रहण करते हैं। उदाहरण के लिए, अमीबा, पैरामीशियम, कीट, मेंढक, हाइड्रा इत्यादि। 

2) पाचन(Digestion)-

ठोस और जटिल खाद्य पदार्थों को सरल और घुलनशील खाद्य पदार्थों में परिवर्तित करने की क्रिया पाचन कहलाती है। 

पाचन की प्रक्रिया को विस्तार से जानने के लिए नीचे दिए गये लिंक पर क्लिक करें

Digestive System in Hindi || पाचन तंत्र,भाग, कार्य एवं चित्र

3) अवशोषण (Absorption)-

इस प्रक्रिया के द्वारा पाचक तत्वों को आंतो से अवशोषित किया जाता है और परिसंरचण तंत्र के द्वारा शरीर के विभिन्न भागों में ले जाया जाता है। 

4)स्वांगीकरण (Assimilation)-

यह पोषण क्रिया का अन्तिम चरण है, जिसमें पचा हुआ भोजन इंधन के रूप में शरीर द्वारा प्रयोग में लाया जाता है। 

5) उत्सर्जन (Egestion)-

शरीर से अपचित होने वाले खाद्य पदार्थों को मल के रूप में निकालने की प्रक्रिया उत्सर्जन कहलाती है। 

पोषक तत्व (Nutritional Element) 

भोज्य पदार्थों से प्राप्त तत्वों की रचना अनेक प्रकार के  रासायनिक यौगिकों से हुई है जिन्हें भोजन में पोषक तत्व (Nutritional Element) कहते हैं। 

इन्हें निम्न  प्रकार से वर्गीकृत किया जा सकता है। 

1) प्रोटीन्स (proteins)-

प्रोटीन्स का रासायनिक संगठन अत्यन्त जटिल है । यह कार्बन, आक्सीजन, हाइड्रोजन, गंधक, नाइट्रोजन, फॉस्फोरस आदि 18 तत्व हैं जिन्हें अमीनोएसिड कहते हैं, का सम्मिश्रिण है। कुछ को छोड़कर अधिकांश प्रोटीन घुलनशील हैं। प्रोटीन प्राप्ति के साधन दो प्रकार के हो सकते हैं

  • जन्तु प्रोटीन- दूध, अण्डा, माँस, मछली, पनीर आदि में पाई जाने वाली प्रोटीन ‘ए’ वर्ग की है।
  • वनस्पति प्रोटीन -गेहूँ जौ, चना, हरी पत्ती वाली सब्जियों से प्राप्त प्रोटीन देर से पचने के कारण ‘बी’ वर्ग की हैं।

2) खनिज लवण(Minerals)-

शारीरिक अंगों का सुचारू रूप से संचालन तथा स्वास्थ्य के लिए खनिज लवणों का विशेष महत्त्व है।ये फास्फोरस, लोहा, कैल्शियम, सोडियम, पोटेशियम, आयोडीन, क्लोरीन व मैग्नीशियम आदि हैं। इन तत्वों में कैल्शियम, फॉस्फोरस तथा लोहा सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण है।

फास्फोरस, लोहा तथा कैल्शियम को निम्नवत् बताया गया है। 

यह अस्थियों तथा बालों के निर्माण में सहायक है। स्नायुसंस्थान को स्वस्थ रखने में इसका विशेष महत्त्व है, यह रक्त को भी शुद्ध करता है, शरीर में जितने भी खनिज पदार्थ होते हैं उनका ¼ भाग फॉस्फोरस होता है। इसकी प्राप्ति माँस,अण्डे, मछली, दूध, पनीर और सेब से होती है, इसके अतिरिक्त बादाम,मेवा,पालक आलू गोभी, मूली, गाजर से भी फॉस्फोरस मिलता है। 

लोहा रक्त की लाल कणिकाओं के लिए आवश्यक है। इससे लाल रक्त कणों (हीमोग्लोबिन) का निर्माण होता है, समस्त शरीर में 1/10 औंस लोहा होता है। लोहा यकृत, माँस अण्डे की जर्दी में अधिकता से पाया जाता है। इसके अतिरिक्त दाल, अंजीर, अँगूर, पालक, मैथी, सलाद, पोदीना, टमाटर में भी पाया जाता है। 

यह अस्थियों तथा दातों के निर्माण में भाग लेता है और उनको स्वस्थ रखता है । कैल्शियम हृदय पेशियों में भी होता है और माँस पेशियों में भी। कैल्शियम तंत्रिका तन्त्र और शरीर की सभी कोशिकाओं के लिए परमावश्यक होता है। इसकी आवश्यकता वयस्कों की अपेक्षा बालकों को अधिक होती है। 

3) विटामिन्स (Vitamins)-

विटामिन्स एक प्रकार के रसायनिक कार्बनिक पदार्थ है जो भोजन तथा भोज्य पदार्थों में सूक्ष्म मात्रा में उपस्थित होते हैं फिर भी शरीर के समुचित विकास एवं वृद्धि के लिए परम आवश्यक हैं। विटामिन्स को जीवन तत्व या सुरक्षात्मक तत्व भी कहते हैं। प्रत्येक विटामिन का शरीर में अलग-अलग कार्य और महत्त्व होता है। एक प्रकार का विटामिन अकेला शरीर के लिए बहुत कम उपयोगी होता है।  यही कारण है कि हमें सभी प्रकार के विटामिन्स की आवश्यकता पड़ती है। जल में घुलनशीलता की विलेयता के आधार पर विटामिन्स को दो वर्गों में रखा जाता है। 

  • जल में घुलनशील विटामिन्स- B और C
  • वसा में घुलनशील विटामिन्स – A, D, E, K 

पोषण के आधार पर जीवधारियों का वर्गीकरण (Classification of Living Organism on the basis of Nutrition)-

सभी जीवधारियों को भोजन की आवश्यकता होती है। हरे पौधे प्रकाश संश्लेषण द्वारा अपना भोजन स्वयं बनाते हैं अत: पौधों को उत्पादक (Producers) या स्वपोषी (Autotrophs) कहते हैं। समस्त जन्तु प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप में अपना भोजन पौधों से प्राप्त करते हैं, अत: इनको उपभोक्ता (Consumer) या  परपोषी कहते हैं। 

समस्त जीवधारियों को मुख्यत: दो समूहो में बाँटा गया है जो कि निम्नवत् हैं-

1)स्वपोषी (Autotrophs)-

जो जीवधारी अपना भोजन स्वयं बना लेते हैं, स्वपोषि कहलाते हैं। हरे पौधे स्वपोषी होते हैं। ये कार्बन डाई ऑक्साइड, जल से पर्णहरिम तथा सूर्य के प्रकाश की उपस्थिति में अपने कार्बनिक भोज्य पदार्थ का निर्माण कर लेते हैं। प्रकाश संश्लेषण प्रक्रिया में ग्लूकोस बनता है और ऑक्सीजन मुक्त होती है मुक्त ऑक्सीजन वातावरण को शुद्ध करती है। 

प्रकाश संश्लेषण के फलस्वरूप बना ग्लूकोस कार्बोहाइड्रेट्स, वसा, प्रोटीन्स, विटामिन्स आदि में बदलकर पौधों के विभिन्न भागों में संचित हो जाता है।  प्रकाश संश्लेषण क्रिया के समय प्रकाश ऊर्जा रासायनिक ऊर्जा के रूप में कार्बनिक पदार्थों में संचित हो जाती है। श्वसन प्रक्रिया के समय रासायनिक ऊर्जा गतिज ऊर्जा में रूपान्तरित होकर जैविक प्रक्रियाओं के  काम आती है। युग्लीना (Euglena) में पर्णहरिम पाया जाता है। यह एकमात्र जन्तु है जो प्रकाश की उपस्थिति में अपना भोजन स्वयं बना लेता है और रात्रि में प्राणिसमभोजी (Holozoic) विधि से भोजन प्राप्त करता है। 

2)परपोषी (Heterotrophs)-

ऐसे जीवधारी जो अपना भोजन स्वयं नहीं बना पाते, परपोषी (Heterotrophs) कहलाते हैं, जैसे समस्त प्राणी (युग्लीना अपवाद है) और  पर्णहरिम रहित पादप। परपोषी जीवधारी प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से पौधों से ही भोजन प्राप्त करते हैं। शाकाहारी जन्तु अपना भोजन प्रत्यक्ष रूप से पौधों से प्राप्त करते हैं तथा माँसाहारी जन्तु शाकाहारी जन्तुओं से भोजन प्राप्त करते हैं। 

परपोषी मुख्यतया निम्नलिखित प्रकार के होते हैं-

मृतोपजीवी (Saprozoic)-

पर्णरहिम रहित पादप जैसे-कवक, जीवाणु आदि इस श्रेणी में आते हैं। ये मृत कार्बनिक पदार्थों से अपना भोजन प्राप्त करतै हैं। ये मृत जन्तु और पादप शरीर का अपघटन कर देते हैं।  इसके फलस्वरूप जैव भू-रासायनिक चक्र पोषक तत्वों का चक्रीकरण होता रहता है।

परजीवी (Parasitic)-

ये किसी जीवधारी (जन्तु या पादप) से भोजन प्राप्त करते है। भोजन प्रदान करने वाले जीवधारी को पोषद (Host) कहते है। इनके कारण प्राय: पोषद में रोग होते हैं, जैसे-मलेरिया परजीवी, फ्रीताकृमि, यकृतकृमि, एस्कैरिस आदि जन्तु और अमरबेल, ओरोबैकीं, जीवाणु, कवक आदि पादप।

प्राणि समभोजी (Holozoic)-

जन्तु भोज्य पदार्थों को ठोस या तरल अवस्था में ग्रहण करते हैं। प्रोटोजोआ से स्तनियों तक सभी जन्तु इस श्रेणी में आते है। 

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मानव में पोषण की स्थितियाँ (Situation of Nutrition in Human)

मानव में प्रमुख रूप से पोषण (Nutrition) की 2 स्थितियाँ होती हैं 

सुपोषण (Good Nutrition)-

सुपोषण से आशय पोषण (Nutrition) की उस स्थिति से है जिसमें व्यक्ति शारीरिक अथवा मानसिक रूप से सन्तुलित रहे तथा उसकी कार्यक्षमता, उसकी आयु के अनुरूप बनी रहे । जब व्यक्ति को भोजन के माध्यम से सभी पोषक तत्व उचित मात्रा में प्राप्त होते रहते हैं तो इस स्थिति को सुपोषण कहा जाता है । सुपोषण से ही व्यक्ति उत्तम स्वास्थ्य प्राप्त करता है । 

उत्तम पोषित व्यक्ति के निम्नलिखित लक्षण होते है-

1) व्यक्ति का भार, आकार तथा अनुपात सामान्य होता है । 

2) जल्दी न टूटने वाली नींद आती है । 

3) बाल चिकने, चमकीले तथा स्वस्थ होते हैं। 

4) पर्याप्त मात्रा में रोग प्रतिरोधक क्षमता होती है । 

5) दाँत, अस्थियाँ स्वस्थ तथा मजबूत होते हैं । 

6) व्यक्ति किसी भी कार्य को एकाग्रचित्त तथा उत्साहपूर्वक करता है । 

7) व्यक्ति की भूख अच्छी होती हे तथा पाचन संस्थान सामान्य रूप से कार्य करता है । 

8) व्यक्ति की माँसपेशियों सुगंठित तथा सुदृढ़ होती हैं । 

9) आँखें चमकीली तथा स्वस्थ होती हैं । 

10) व्यक्ति हमेशा प्रसन्नचित्त तथा ऊर्जावान रहता है । 

कुपोषण(Malnutrition)-

कुपोषण से तात्पर्य है, अव्यवस्थित पोषण की प्राप्ति। जब किसी व्यक्ति को उसकी जरूरतों के अनुसार पर्याप्त मात्रा में पोषण (Nutrition) की प्राप्ति नहीं होति है या आवश्यकता से कम मात्रा में पोषक तत्व मिलते हैं अथवा आवश्यकता से अधिक मात्रा में मिलते है तो उसे कुपोषण कहते हैं।

कुपोषण की प्रमुख 3 स्थितियां हैं 

1) अपर्याप्त पोषण (Under-Nutrition)-

अपर्याप्त पोषण उस स्थिति को कहते हैं जब भोज्य तत्व मात्रा तथा गुणों की दृष्टि से शरीर की आवश्यकता के अनुसार नहीं होते हैं तो या तो उनमें से किसी एक पोषक तत्व की कमी होती है अथवा कई पोषक तत्व कम होते हैं। अपर्याप्त पोषण के कारण शरीर का अपेक्षित विकास नहीं हो पाता है और भोज्य तत्वों की  कमी से सम्बन्धित रोग हो जाते हैं। अपर्याप्त पोषण के प्रमुख लक्षण इस प्रकार हैं-

1) शरीर में रक्त की कमी होना। 

2) शरीर का भार कम होना।

3) शरीर दुर्बल हो जाना। 

4) शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता कम हो जाना। 

5) शरीर की त्वचा शुष्क, झुर्रीदार तथा खुरदुरी हो जाना। 

6) बाल रूखे तथा चमकहीन हो जाना। 

7) शीघ्र थकान हो जाना। 

8) माँसपेशियाँ शिथिल तथा ढीली हो जाना। 

9) दाँतों का रोगग्रस्त हो जाना। 

10) अस्थियों की वृद्धि तथा विकास की गति में रूकावट आ जाना । 

अपर्याप्त पोषण की स्थितियाँ (Situation of Under-Nutrition)

अपृर्याप्त पोषण (Insufficient Nutrition) की दो स्थितियों होती हैं 

  • आहार की न्यून मात्रा
  • पौष्टिक गुण युक्त आहार की कमी।  

2) अत्यधिक पोषण (Over-Nutrition)

कभी-कभी व्यक्ति आवश्यकता से अधिक भोजन ग्रहण कर लेता है जिसका उसके स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव पड़ता है। आवश्यकता से अधिक कैलोरी तथा वसा खाने से न केवल मोटापा बल्कि अन्य कई रोग भी उत्पन्न हो जाते हैं। अत्यधिक पोषण (Nutrition) भी हमारे स्वास्थ्य को खराब कर देता है । 

3) असंतुलन (Imbalance)-

असन्तुलन पोषण (Nutrition) की उस स्थिति को कहा जाता है। जब शरीर के सभी  पौष्टिक तत्व सन्तुलित अवस्था में प्राप्त नहीं हो पाते हैं। शरीर के उचित विकास के लिए आहार में सभी पौष्टिक तत्व सन्तुलित मात्रा में होने चाहिए । किसी भी पौष्टिक तत्व की कमी या अधिकता शरीर को असन्तुलित कर देता है। जैसे अधिक कार्बोहाइड्रेट एवं वसा मोटापा उत्पन्न का देता है विटामिन सी की कमी से स्कर्वी, विटामिन डी की कमी  से रिकेट्स, विटामिन बी1 की कमी से बेरी-बेऱी रोग उत्पन्न होता है । 

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Sneha Katiyar

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पोषण और उसके प्रकार Article on Nutrition and Its Type in Hindi

पोषण और उसके प्रकार Article on Nutrition and Its Type in Hindi

आज के इस आर्टिकल में हम आपको पोषण और उसके प्रकार के बारे में बताएंगे (Article on Nutrition and Its Type in Hindi)

Table of Content

पोषण क्या है? What is Nutrition?

सभी जीवों को, चाहे वो पेड़ हो या, जंतु या मनुष्य हों, सभी को अपने दैनिक जीवन में विभिन्न क्रियाओं को करने के लिए ऊर्जा की आवश्यकता होती है| दरअसल यदि आप जीवों को एक मशीन की तरह भी देखें तो यह पाएंगे कि एक मशीन भी बिना ऊर्जा के कार्य नहीं कर सकती, उसी प्रकार जीव भी बिना ऊर्जा के दैनिक कार्य नहीं कर सकते|

जीवों को उत्सर्जन, स्वासन और संतति जैसी क्रियाएं करनी होती हैं, जिन्हे करने में वे तभी सक्षम हो पाते हैं, जब वे पोषित होते हैं| जीवों को आवश्यक ऊर्जा पोषण द्वारा प्राप्त होती है|

जिस प्रकार जीवों द्वारा करने वाली क्रियाएं अलग अलग वर्गों से हैं उसी प्रकार उन क्रियाओं के लिए वांछित पोषण भी अलग अलग प्रकार का होता है| जैसे यदि उन्हे तुरन्त ऊर्जा चाहिए तो वे कार्बोहाइड्रेट की ओर जाते हैं, यदि उन्हे रोगों से लड़ना होता है तो विटामिन की ओर रुख करते हैं| इसी आधार पर पोषण के अलग अलग प्रकार होते हैं, एवं उन पोषक तत्वों को संग्रहित करने वाले खाद्य पदार्थ भी अलग अलग होते हैं| 

पोषण के प्रकार Types of Nutrition

जिस प्रकार सजीव ऊर्जा द्वारा अलग अलग क्रियाएं करते हैं, उसी प्रकार सजीवों द्वारा अलग अलग प्रकार के पोषण की भी आवश्यकता होती है| सजीवों की इन्ही आवश्यकता पर, पोषण के निम्न प्रकार हैं :- 

  • प्रोटीन (Protien) 
  • विटामिन ( Vitamin) 
  • मिनरल ( Mineral) 
  • कार्बोहाइड्रेट ( Carbohydrates) 
  • वसा ( Fat) 
  • पानी ( Water) 
  • ज़िंक ( Zinc) 

1) प्रोटीन Protein :-

प्रोटीन जीवों द्वारा सबसे ज्यादा वांछित पोषण होता है| प्रोटीन के अनेकों फायदे एवं नुकसान हैं| प्रोटीन की सहायता से शरीर में हुई क्षति को पूरा किया जा सकता है| इसका मुख्य कार्य ही रोगों से लड़ने का और मरम्मत एवं निर्माण का होता है|

प्रोटीन के स्रोत को यदि एक ग्राम लिया जाए तो यह कुल 1 ग्राम प्रोटीन में 4 कैलोरी देता है| प्रतिदिन सामान्य मनुष्य को 600 प्रोटीन कैलोरी की ज़रूरत होती है| 

प्रोटीन के कई फायदे तो हैं ही लेकिन उसके साथ ही प्रीति के कई नुकसान भी हैं| नीचे उन्हे ही वर्गीकृत किया गया है :- 

प्रोटीन के फायदे Benefits Of Protein

  • प्रोटीन से भूख नियंत्रित रहती है| भूख का संतुलन निर्धारित होता है| 
  • प्रोटीन के सेवन से मांसपेशियाँ मजबूत होती हैं| 
  • प्रोटीन वजन कम करने में काफी ज्यादा सहायक है| 
  • प्रोटीन की रोग प्रतिरोधक क्षमता लाजवाब होती है| 
  • प्रोटीन बालों और त्वचा को खोई हुई रंगत लौटा देता है| 
  • प्रोटीन के सेवन से शरीर में रक्तकोशिका, नाखून, त्वचा, बाल और अन्य अंगों का निर्माण एवं मरम्मत होती हैं| 
  • प्रोटीन के सेवन से तनाव को कम किया जा सकता है| 
  • प्रोटीन की मदद से ऊतकों एवं कोशिकाओं की मरम्मत होती है|
  • प्रोटीन शरीर की कार्यप्रणाली को काफी हद तक सुरक्षित रखता है| 

प्रोटीन के नुकसान Disadvantage Of Protein

  • प्रोटीन के अत्यधिक सेवन से किडनी संबंधित रोग हो जाते हैं|
  • प्रोटीन से मूत्र संबंधी रोग होते हैं|
  • प्रोटीन का प्रतिशत दैनिक जीवन की कैलोरी में केवल 30% होना चाहिए| 
  • प्रोटीन के अत्यधिक सेवन से शरीर में कोलेस्ट्रोल का स्तर बढ़ जाता है और यह हृदय के लिए काफी ज्यादा नुकसान होता है| 

प्रोटीन के स्रोत Sources Of Protein

  • अंडा, मीट, मछली, सोयाबीन, राजमा, मूंग, अरहर, कद्दू के दाने इत्यादि| 

2) विटामिन और मिनरल Vitamin And Minerals

जहां प्रोटीन शरीर में मरम्मत का कार्य करते हैं वहीं विटामिन और मिनरल शरीर में कार्यप्रणाली को देखते हैं, और शरीर को सुचारू ढंग से चलाने में मदद करते हैं| यदि भोजन में विटामिन और मिनरल को न रखा जाए तब वह संतुलित भोजन नहीं कहलाता है|

 विटामिन कई प्रकार के होते हैं :- जैसे विटामिन ए, बी, सी, डी, इ इत्यादि| हर प्रकार के विटामिन का एक अलग कार्य होता है, जैसे विटामिन ए का प्रयोग आँखों के लिए किया जाता है और यह रतौंधी नामक बीमारी को ठीक करने में सहायता करता है|

विटामिन ए, विटामिन डी, विटामिन ई एवं विटामिन के, वसा का निर्माण करते हैं| यानी कि ये मांसपेशियों के निर्माण एवं वृद्धि में काफी सहायक होते हैं| 

वहीं विटामिन सी, बी, जलीय विटामिन है यानी कि ये रक्त की शुद्धता और निर्माण के लिए सहायक होते हैं| ये जलीय होते हैं इस कारण ये ज्यादा देर तक शरीर मे नही रहते और इन्हे समय समय पर लेते रहना काफी ज्यादा जरूरी है| 

विटामिन और मिनरल के फायदे Benifits Of Vitamins And Minerals 

  • हृदय :- विटामिन और मिनरल का सबसे ज्यादा फायदा हमारे हृदय को होता है| दरअसल विटामिन के कुछ प्रकार :- ए, सी और ई के साथ बीटा केरोटीन में एंटी ऑक्सीडेंट गुण होते हैं| ये हृदय को शुद्ध रखते हैं और रक्त की शुध्दता बनाए रखते हैं| विटामिन बी 3 और नियासीन की मौजूदगी के कारण कोलेस्ट्रोल लेवल भी काफी ज्यादा कम हो जाता है| 
  • मेटाबोलिज्म : – मेटाबॉलिज्म एक प्रकार की प्रक्रिया है जिसके अंतर्गत, पोषक तत्वों को संग्रहित किया जाता है और उन्हे समय समय पर जलाया जाता है| ऐसे पोषक तत्वों में संग्रहित होने वाले तत्व केवल मिनरल और विटामिन ही होते हैं क्यूंकि इन्ही के अंदर संग्रहित होने की विशेषता होती है| 
  • विटामिन एवं मिनरल हड्डियों की स्वस्थता के लिए काफी ज्यादा आवश्यक तत्व हैं| यदि विटामिन और मिनरल का शरीर में संतुलन न बना रहे तो हड्डियां टूटने का खतरा काफी ज्यादा बढ़ जाता है क्यूंकि हड्डियों के जोड़ की प्रतिरोधी क्षमता खो जाती है| हड्डियों के लिए विशेष रूप से आवश्यक तत्व विटामिन डी और विटामिन के हैं| इन दोनों की मौजूदगी के बिना हड्डियां कैल्शियम ग्रहण नहीं कर सकती हैं| 

विटामिन और मिनरल के नुकसान Disadvantage of Vitamin and minerals 

  • यदि इन्हे चिकित्सक के परामर्श के बिना नहीं लिया गया तो ये नकारात्मक कार्य करते हैं| 
  • ये फास्फोरस का निर्माण करते हैं जिससे कई सारे ऊतकों को नुकसान पहुंचता है| 
  • विटामिन का यदि ज्यादा सेवन किया जाए तो पेट दर्द, डायरिया जैसी बीमारियां हो सकती है| 
  • यदि प्रतिदिन आप 10 मिलीग्राम से ज्यादा विटामिन बी का सेवन करते हैं तो आपको लकवा मारने की संभावनाएं कई गुणा बढ़ जाती हैं| 
  • ये ज़िंक का भी निर्माण करते हैं जो शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को क्षति पहुंचाता है| 

विटामिन और मिनरल के स्रोत Sources of vitamins and minerals 

  • विटामिन और मिनरल यूं तो लगभग हर खाद्य पदार्थ में मौजूद होते हैं लेकिन मीट, सूखे मेवे और दालें इनकी मुख्य स्रोत हैं| 

3) कार्बोहाइड्रेट Carbohydrate

कार्बोहाइड्रेट सभी पोषकों मे सबसे विशेष पोषक है क्यूंकि यह शरीर को तुरन्त ऊर्जा प्रदान करता है| कार्बोहाइड्रेट शरीर में पानी की कमी को भी पूर्ण करता है क्यूंकि इनमें पानी जितना ही ऑक्सिजन और हाइड्रोजन मौजूद होता है और आश्चर्यजनक कारक यह है कि मौजूद ऑक्सिजन और हाइड्रोजन का अनुपात भी जल जितना ही होता है| 

कार्बोहाइड्रेट ऊर्जा के मुख्य स्रोतों में से एक है और यदि भोजन में इसका सेवन न किया जाए तो शरीर कार्य करना लगभग बंद कर सकता है| 

एक सामान्य मनुष्य को 225 से 335 ग्राम कार्बोहाइड्रेट की आवश्यकता हर दिन होती है और यह कैलोरी में गिना जाए तो यह लगभग नौ सौ से तेरह सौ कैलोरी प्रदान करता है| 

कार्बोहाइड्रेट के प्रकार Types of Carbohydrates 

कार्बोहाइड्रेट एक बेहद विस्तृत पोषक है और यह लगभग हर खाद्य पदार्थ में मौजूद होता है| कार्बोहाइड्रेट के विस्तार के कारण, कार्बोहाइड्रेट के कई प्रकार भी खोजे गए हैं| वे प्रकार निम्न हैं :- 

  • स्टार्च :- यह कार्बोहाइड्रेट का मुख्य प्रकार होता है और यह कार्बोहाइड्रेट के अन्य प्रकार शुगर के कारण होता है| 
  • फाइबर :- फाइबर का निर्माण भी शुगर के कारण ही होता है| यह मुख्य तौर पर पाचन तंत्र में सहायता करता है| 
  • चीनी :- वे सभी खाद्य पदार्थ जो मीठे होते हैं उनमें कार्बोहाइड्रेट मौजूद होता है| इस प्रकार के कार्बोहाइड्रेट से दैनिक जीवन के कार्यों के लिए काफी ज्यादा ऊर्जा मिलती है| 

कार्बोहाइड्रेट के लाभ Benifits Of Carbohydrate 

  • कार्बोहाइड्रेट शरीर को तुरन्त ऊर्जा प्रदान करते हैं, एवं चुस्त दुरुस्त करने में सहायक होते हैं| 
  • कार्बोहाइड्रेट शरीर को विभिन्न तरह के रोगों से बचाता है| 
  • यह पाचन तंत्र को स्वस्थ रखता है| 
  • कार्बोहाइड्रेट की मदद से मोटापे को भी कम किया जा सकता है| 

कार्बोहाइड्रेट के नुकसान Disadvantage of Carbohydrates 

  • कार्बोहाइड्रेट यदि अधिकता से लिया जाए तो यह मोटापे को काफी तेजी से बढ़ाता है| 
  • यदि कार्बोहाइड्रेट का सेवन ज्यादा किया जाए तब यह सीधा घात हृदय पर करता है और इसका प्रभाव हमारे दिमाग पर भी पड़ता है| 
  • यह ग्लूकोज में रक्त की मात्रा बढ़ा देता है| 
  • इसके कारण याददाश्त पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है| 
  • कार्बोहाइड्रेट की अधिकता से बीमारियां जैसे :- डीमेंशिया, एल्जाइमर इत्यादि होती हैं| 

कार्बोहाइड्रेट के स्रोत Sources of Carbohydrates 

  • कार्बोहाइड्रेट काफी ज्यादा विस्तृत पोषण है इस कारण यह काफी सारे खाद्य पदार्थों में पाया जाता है| इसके प्रकार भी अलग अलग पदार्थों में पाया जाता है| 
  • चीनी :- यह दूध और दूध से बने अन्य तत्वों में पाई जाती है| इसके अन्य स्रोत फल और सब्जियां हैं| 
  • स्टार्च :- स्टार्च, बीन्स मटर और अन्य अनाजों में पाई जाती हैं| 
  • फाइबर :- फाइबर, सब्जियों साबुत अनाजों और अन्य प्रकार के सूखे अनाजों एवं मेवों में पाए जाते हैं| 
  • गौरतलब है कि कार्बोहाइड्रेट अलग अलग प्रकार की हर वह खाद्य वस्तु जिसमें शर्करा होती है, उसमें पाया जाता है| 

वसा हमारे शरीर में कई सारे मुख्य कार्यों के लिए जरूरी होता है| यह तुरन्त ऊर्जा प्रदान करने से लेकर, ऊर्जा के संग्रहण तक कार्य करता है| 

वसा के स्रोत Sources of Fat 

  • वसा लगभग उन सभी खाद्य पदार्थों मे मौजूद होती है, जिनमें कार्बोहाइड्रेट होते हैं और इसके कार्य भी लगभग कार्बोहाइड्रेट जैसे ही होते हैं| 
  • वसा के मुख्य स्रोत हैं :- दूध से बने पदार्थ, मांस, सूखे मेवे और हरी सब्जियां| 

शरीर के लिए पोषण की आवश्यकता क्या है? What’s the need of Nutrition

किसी भी सजीव को जीवित रहने के लिए जिन क्रियाओं को करना होता और उन क्रियाओं को करने के लिए पोषण की आवश्यकता होती है| पोषण के निम्न कार्य हैं :- 

  • ऊर्जा :- पोषण का कार्य ऊर्जा देने का सबसे अधिक. है| बिना पोषण के ऊर्जा दिए कोई भी सजीव जीवित नहीं रह सकता है| 
  • शारीरिक मरम्मत :- पोषण का दूसरा कार्य शरीर की मरम्मत करना भी होता है| जिस तरह आप देखते हैं मशीन में डाला गया ईंधन केवल उसे चलाता है, वहीं शरीर में ऊर्जा के लिए अवशोषित किया गया ईंधन न केवल ऊर्जा देता है बल्कि शरीर की क्षतिपूर्ति भी करता है| 
  • पाचन नियंत्रण :- पोषण तत्व शरीर की कार्यप्रणाली को सुचारू ढंग से चलाने में काफी ज्यादा सहायक होते हैं| ये पाचन तंत्र से लेकर हृदय प्रणाली तक को स्वस्थ रखते हैं| 

प्रतिदिन कितने पोषण की आवश्यकता होती है? How many Nutritions I need per day

पोषण की जरूरत अलग अलग व्यक्ति पर निर्भर करती है| यदि किसी व्यक्ति का शरीर स्वस्थ है तो उसे अपेक्षाकृत कम पोषण की आवश्यकता होगी वहीं यदि कोई व्यक्ति बीमार है तो वह ज्यादा पोषण तत्व की मांग करेगा| 

वहीं यदि किसी की उम्र युवा है तो वह व्यक्ति संतुलित आहार लेगा, वहीं बचपन में ज्यादा और बुढ़ापे में कम पोषण की आवश्यकता होती है| 

सामान्य तौर पर आपको निम्न मानकों पर अलग अलग पोषण की आवश्यकता होती है| 

  • प्रोटीन :- प्रोटीन की आवश्यकता कुल 64 ग्राम तरल पदार्थो में होती है और इतना ही लगभग ठोस पदार्थों में भी| गौरतलब है कि इतने प्रोटीन से आप कुल 256 कैलोरी प्राप्त करते है और दिन भर में कुल 600 कैलोरी प्रोटीन आवश्यक होता है| 
  • कार्बोहाइड्रेट : – कार्बोहाइड्रेट की आवश्यकता लगभग 900 से लेकर 1300 कैलोरी होती है, यदि आप ज्यादा खाते हैं तो यह आपके कुल भोजन का 45% से लेकर 65% तक होना चाहिए| 
  • मिनरल :- यह भोजन का कुल 50% होना चाहिए| 
  • विटामिन : – विटामिन की आवश्यकता आपकी संरचना पर निर्भर करती है| संपूर्ण खाने का 55% विटामिन होना आवश्यक है| विटामिन बी का सेवन 10 ग्राम से ज्यादा न करें| 
  • वसा :- वसा का निर्धारण कार्बोहाइड्रेट पर निर्भर करता है| यदि कार्बोहाइड्रेट कम हो तो वसा ज्यादा रखें| 
  • ज़िंक :- 10-20 प्रतिशत ज़िंक सेहत के लिए फायदेमंद होता है| यदि इससे ज्यादा ज़िंक का सेवन किया जाए तो वह हानिकारक दिशा में कार्य कर सकता है| 

4 thoughts on “पोषण और उसके प्रकार Article on Nutrition and Its Type in Hindi”

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पोषण किसे कहते हैं? (Nutrition In Hindi) : पोषण के बारे में पूरी जानकारी पढ़ें

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पोषण (Nutrition)- हम सभी को अपने-अपने स्तर पर ऊर्जा (Energy) की जरूरत होती है। बिना एनर्जी के हम एक कदम भी आगे नहीं बढ़ सकते हैं। केवल इंसान ही नहीं बल्कि एक छोटी-सी चींटी से लेकर बड़े हवाई जहाज तक सभी को ऊर्जा की आवश्यकता होती है। पशु-पक्षी, पेड़-पौधे, मशीनें, सड़क पर सरपट दौड़ने वाली गाड़ियाँ, रेल गाड़ी, पानी के जहाज, हवाई जहाज आदि सभी के ऊर्जा का स्रोत (Source of Energy) अलग-अलग होता है, लेकिन सभी को एनर्जी भरपूर पोषण (Nutrition) से ही प्राप्त होती है।

पोषण (Nutrition)

हम मनुष्य पोषण के रूप में तरह-तरह का शाकाहारी और मासाहारी भोजन ग्रहण करते हैं, तो वहीं जानवर हरी घास, हरे पत्ते खाकर और दूसरे जानवरों का शिकार करके अपना पोषण पूरा करते हैं। मशीनों और गाड़ियों की पोषण की कमी बिजली, पेट्रोल और डीजल से पूरी होती है। इस प्रकार हम सभी किसी-न-किसी रूप में अपनी जरूरत के अनुसार पोषण की कमी दूर करते हैं। हम सभी के लिए पोषण (न्यूट्रिशन) बहुत जरूरी है। पोषण हमारे शरीर में ऊर्जा के अलावा और बहुत सी कमी को भी दूर करता है, जिसके बारे में आप इस आर्टिकल में पढ़ेंगे। आप हमारे इस पेज से पोषण किसे कहते हैं (Poshan Kise Kahate Hain), पोषण क्या है (Poshan Kya Hai), पोषण की परिभाषा, Nutrition in Hindi, पोषण कितने प्रकार के होते हैं, पोषक तत्व कितने हैं, पोषण अभियान आदि जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।

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हम सभी को समय पर पोषण (Nutrition) मिलना बहुत जरूरी है। पोषण ही नहीं बल्कि शुद्ध और ताजा आहार (Diet) मनुष्य के शरीर और बुद्धि के विकास में महत्त्वपूर्ण योगदान देता है। पोषण की कमी हमें मानसिक (Mentally) और शारीरिक (Physically) रूप से कमजोर बनाती है। इसलिए समय पर सही पोषण लेने से ही हम स्वस्थ रह सकते हैं और हमारा विकास संभव है। लेकिन हमारे देश में आज भी पोषण की कमी का आंकड़ा चरम पर है। आज भी न जाने कितने लोग और बच्चे कुपोषण का शिकार हो रहे हैं और अपनी जान गवा रहे हैं। कितने लोगों को आज भी भूखे पेट सोना पड़ता है, जिससे उनकी पोषण की कमी पूरी नहीं हो पाती। इसलिए हम आपको पोषण से जुड़ी कुछ जरूरी बातें बता रहे हैं।

पोषण किसे कहते हैं? (What Is Nutrition? In Hindi)

पोषण का अंग्रेजी शब्द न्यूट्रिशन (Nutrition) है। हमें ज़िंदा रहने के लिए पोषण की आवश्यकता होती है। जो भोजन या पोषक तत्व मनुष्य द्वारा ग्रहण किए जाते हैं, उस क्रिया को पोषण कहा जाता है। इससे भी आसान भाषा में हम समझें, तो जिस भोजन को हम खाते हैं और उस भोजन को पचा कर हमारे शरीर को जो ऊर्जा (एनर्जी) और शक्ति (पॉवर) मिलती है, जिससे हमारा शरीर स्वस्थ (हेल्दी) रहता है, उसे हम पोषण (न्यूट्रिशन) कहते हैं। पोषण की आवश्यकता हमें कई अलग-अलग कारणों से पड़ती है। उन कारणों में शामिल हैं, ऊर्जा, शरीर का विकास, दिमाग तेज करना, शरीर को तंदुरुस्त बनाए रखना, रोगों से लड़ना आदि। इसके अतिरिक्त हमारे खाने में अलग-अलग प्रकार के पोषक तत्व (Nutrient) जैसे कार्बोहाइड्रेट, वसा, प्रोटीन, खनिज, लवण और जल है या नहीं इसका पता चलता है, जिसे भी हम पोषण (Nutrition) कहते हैं। अलग-अलग प्रकार के पोषक तत्वों को अपने भोजन के माध्यम से प्राप्त करना ही पोषण (Poshan) कहलाता है। पोषण को संतुलित आहार (Balanced Diet) भी बोला जाता है।

पोषण की परिभाषा (Nutrition Definition In Hindi)

यदि हम पोषण को परिभाषा के तौर पर समझें, तो वह प्रक्रिया जिससे सभी जीव-जंतु भोजन ग्रहण करते हैं, जिसमें अलग-अलग प्रकार के पोषक तत्व शामिल हों और वह इस भोजन का इस्तेमाल अपने दैनिक जीवन में करते हैं, उसे ही पोषण (Nutrition) कह जाता है। पोषण ही सभी जीवों की वृद्धि और विकास का मुख्य कारक है। बहुत से वैज्ञानिकों और आहार विशेषज्ञों ने अपने-अपने अनुसार पोषण की परिभाषा दी है, जिनमें से कुछ वैज्ञानिकों की परिभाषाएं निम्नलिखित हैं:-

  • चैंबर्स डिक्शनरी के अनुसार – पोषण का अर्थ है, एक्ट और प्रोसेस ऑफ नरिसिंग अर्थात भोजन चूसक कार्य अथवा प्रक्रिया जहां पर चूषक शब्द का अर्थ है, कि भोजन के प्रमुख तत्वों को खींचकर शरीर का एक अंग बनाना।
  • टर्नर के अनुसार – पोषण शरीर में होने वाली विभिन्न क्रियाओं का एक संगठन है, जिसके द्वारा जीवित प्राणी ऐसे पदार्थों को ग्रहण तथा उपयोग करता है, जो शरीर के विभिन्न कार्यों को नियंत्रित करता है, वृद्धि करता है तथा शारीरिक टूट-फूट की मरम्मत भी करता है।

पोषण कितने प्रकार के होते हैं? (Types Of Nutrition In Hindi)

पोषण को मुख्य रूप से दो प्रकार में बांटा गया है, 1. स्वपोषी पोषण या स्वपोषण (Autotrophic Nutrition) और 2. परपोषी पोषण या विषमपोषी पोषण (Heterotrophic Nutrition)।

1. स्वपोषी पोषण या स्वपोषण (Autotrophic Nutrition)- वो जीव जो अकार्बनिक यौगिकों, कार्बन डाइऑक्साइड, पानी और लाइट के जरिए खुद अपना भोजन बनाते हैं, उन्हें स्वपोषी पोषण (Autotrophic Nutrition) कहा जाता है। इसी क्रिया को स्वपोषण बोलते हैं। आसान शब्दों में कहें, तो वह जीव जो अपना खाना खुद ही बनाते हैं, उन्हें स्वपोषी कहते हैं और इनकी यह क्रिया स्वपोषी पोषण कहलाती है। हरे पेड़-पौधे स्वपोषण क्रिया करते हुए अपना भोजन स्वयं ही बनाते हैं। पेड़-पौधों द्वारा अपना भोजन बनाने की क्रिया को प्रकाश संश्लेषण (Photosynthesis) कह जाता है। ये क्लोरोफिल तथा लाइट की मौजूदगी में पानी और कार्बन डाइऑक्साइड से भोजन बनाते हैं और भोजन के अंदर कार्बोहाइड्रेट का निर्माण भी करते हैं। इस पूरी प्रक्रिया के दौरान ऑक्सीजन मुक्त होती रहती है।

2. परपोषी पोषण या विषमपोषी पोषण (Heterotrophic Nutrition)- वो जीव जो अपना खाना खुद नहीं बना सकते और अपने खाने के लिए दूसरे जीवों पर निर्भर रहते हैं, उन्हें परपोषी या विषमपोषी (Heterotrophic) जीव कहा जाता है। इस क्रिया को परपोषी पोषण या विषमपोषण (Heterotrophic Nutrition) कहा जाता है। आसान शब्दों में कहें, तो वह जीव जिन्हें अपना भोजन दूसरों से मिलता है और जो स्वयं अपना भोजन नहीं बनाते, परपोषी या विषमपोषी कहलाते हैं और पोषण की यह क्रिया परपोषी पोषण या विषमपोषी पोषण कहलाती है। इस तरह के जीव पूरी तरह से दूसरे जीवों पर ही निर्भर रहते हैं।

पोषक तत्व (Nutrients)

अभी तक आपने जाना कि पोषण (न्यट्रिशन) किसे कहते हैं। अब हम बात करते हैं कि पोषक तत्व (Nutrients) क्या होते हैं। वो तत्व जिनसे हमारे शरीर को पोषण मिलता है, जिनसे हमें ऊर्जा और शक्ति मिलती है, उन्हें पोषक तत्व (न्यूट्रिएंट्स) कहा जाता है। जब हम किसी भी तरह का भोजन ग्रहण करते हैं, तो उससे हमें पोषण मिलता होता है, जिसमें पोषक तत्व शामिल होते हैं। संतुलित भोजन में यह पोषक तत्व रासायनिक पदार्थों के रूप में होते हैं, जो लगभग पचास के आसपास होते हैं, इन्हें ही पोषक तत्व (Nutrients) कहा जाता है।

अन्य शब्दों में समझें, तो संतुलित भोजन में मिलने वाले सभी ज़रूरी रसायनिक पदार्थ जो हमारे शरीर के विकास के लिए मददगार होते हैं, वो ही पोषक तत्व हैं। एक संतुलित आहार में मौजूद अलग-अलग प्रकार के रासायनिक पदार्थ जैसे कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, वसा, खनिज, लवण, जल, विटामिन और रेशे आदि सभी भोजन का भाग हैं, जिन्हें पोषक तत्व (Poshak Tatva) कहा जाता है। इन्हीं पोषक तत्वों से हमारे शरीर को एनर्जी मिलती है और शरीर के अन्दर होने वाली सभी उपापचयी क्रियाएँ हो पाती हैं। परिभाषा की तरह इसे समझें, तो भोजन में शामिल वो तत्व जो हमारे शरीर की वृद्धि और विकास में मदद करते हैं, उन्हें पोषक तत्व कहा जाता है।

पोषक तत्वों के प्रकार (Types Of Nutrients In Hindi)

हमारी बॉडी को हर तरह के पोषक तत्वों की ज़रूरत होती है, जो हमारे शरीर में पोषण की कमी को पूरा करते हैं। अगर किसी एक की भी कमी रह जाती है, तो हमारा शरीर कमजोर बन सकता है। इसलिए पोषक तत्वों के प्रकार के बारे में जानना बहुत जरूरी है, जो निम्नलिखित हैं-

  • कार्बोहाइड्रेट/शर्करा (Carbohydrate/Sugars)- कार्बोहाइड्रेट (Carbohydrate) को शर्करा (शुगर) भी कहा जाता है। इनका स्वाद मीठा होता है। कार्बोहाइड्रेट हमें तुरन्त ऊर्जा पहुँचाता है और ये हमारे शरीर के लिए बहुत जरूरी है।
  • वसा (Fat)- कार्बोहाइड्रेट से ऊर्जा ग्रहण करके उसे खर्च नहीं करते हैं, तो उससे हमारे शरीर में वसा (Fat) अर्थात् चर्बी जमा हो जाती है। क्योंकि जब हम एनर्जी खर्च नहीं करते हैं, तो कार्बोहाइड्रेट परत के रूप में हमारे शरीर में जमा होता जाता है, जिसे वसा, चर्बी या फैट कहा जाता है।
  • प्रोटीन (Protein)- प्रोटीन से शरीर को ज़्यादा ऊर्जा नहीं मिलती है। प्रोटीन का काम शरीर को ज़्यादा एनर्जी न देकर शरीर का विकास करना है।
  • खनिज (Minerals)- हमारे शरीर को ज़्यादा मिनरल्स की ज़रूरत नहीं होती है। कैल्शियम, फोस्फोरस, सल्फर, क्लोरीन, सोडियम, मैग्नेशियम आदि मिनरल्स की हमारे शरीर को ज्यादा आवश्यकता होती है। आयरन, फ्लोरीन, जिंक, ताँबा, मैग्नीज, आयोडीन, कोबाल्ट, क्रोमियम आदि की बहुत ही कम मात्रा हमारे शरीर को आवश्यकता होती है।
  • नमक या लवण (Salt)- हमारे शरीर को बहुत ही कम मात्रा में सोडियम की आवश्यकता होती है, जैसे रोज लगभग 1,500 मिलीग्राम तक। जरूरत से ज्यादा नमक का सेवन करने से हार्ट डिजीज, स्ट्रोक और हाई ब्लड प्रेशर होने का खतरा बढ़ जाता है।
  • जल (Water)- हमारे शरीर में लगभग 65 से 70 प्रतिशत तक जल (Water) मौजूद होता है। पानी एक अकार्बनिक पदार्थ है, जो हमारे शरीर के आन्तरिक वातावरण में संतुलन का काम करता है। हमें रोज़ आठ से दस गिलास यानी कि दो से तीन लीटर पानी ज़रूर पीना चाहिए।
  • विटामिन (Vitamin)- हमारे शरीर में जो उपचयी, अपचयी और उपापचयी क्रियाएं होती हैं, उनको सही से कार्यन्वित करने का काम विटामिन्स (Vitamins) करते हैं। यदि आप चाहते हैं कि ये सभी क्रियाएँ सही से आपके शरीर में होती रहें, तो इसके लिए विटामिन्स का शरीर में होना आवश्यक है। अगर हमारे शरीर में विटामिन की कमी हो जाती है, तो उससे अपूर्णता बीमारी हो जाती है।
  • रूक्षांश (Rookage)- रूक्षांश एक प्रकार का वनस्पति पदार्थ है जिसकी कोशिका भित्ति सेल्यूलोज़ से बनी होती है। हमारे शरीर के अंदर इसे पचाने वाले एंजाइम नहीं होते लेकिन फिर भी यह हमारे भोजन का एक ज़रूरी अंग है। यह फूड पाइप में खाने के गतिक्रम को बनाए रखने में सहायता करता है। यह फूड पाइप को साफ रखता है और कब्ज़ होने से बचाता है।
  • रेशे (Fibers)- डाॅक्टर हमेशा हमें रेशेदार सब्जियाँ या भोजन करने की सलाह देते हैं। सेम की फलियाँ भी एक रेशेदार सब्जी है जो हमारे शरीर की छोटी-बड़ी आंतों को साफ करने में मदद करती है। कब्ज़ के मरीज को रेशेदार (Fiber) भोजन खाना चाहिए, जिससे कि खाना जल्दी पच पाए और पेट भी अच्छे से साफ हो जाए।

मुख्य रूप से 7 पोषक तत्व हैं :-

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पोषण अभियान (Poshan Abhiyan)

पोषण अभियान 8 मार्च, वर्ष 2018 को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू किया गया था। पोषण अभियान को राष्ट्रीय पोषण मिशन के रूप में भी जाना जाता है। इस अभियान का मुख्य उद्देश्य बच्चों, गर्भवती महिलाओं और स्तनपान कराने वाली माताओं के लिए पोषण संबंधी परिणामों में सुधार करना है। पोषण अभियान ने बच्चों के कम पोषण और जन्म के समय कम वजन को सालाना 2 प्रतिशत और एनीमिया को 3 प्रतिशत तक कम करने और देश में अच्छे पोषण के लिए एक जन आंदोलन बनाने का लक्ष्य भी निर्धारित किया है। विशेषज्ञों का मानना है कि भारत को इस लक्ष्य तक पहुँचने के लिए पोषण अभियान को और तेज करना होगा और ज़्यादा-से-ज़्यादा लोगों को इस अभियान से जोड़ना होगा।

हर साल सितंबर के महीने को पोषण माह के रूप में मनाया जाता है, जिसमें मानव शरीर के लिए सही पोषण के महत्व और भूमिका के बारे में बताया जाता है। ज़रूरी पोषक तत्वों और कैलोरी के संयोजन के साथ संतुलित आहार मानव शरीर के सुचारू कामकाज और विकास के लिए महत्वपूर्ण है। पोषण व्यक्ति के समग्र विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। जिस प्रकार स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ मन का वास होता है, ठीक उसी प्रकार हमारे दैनिक आहार में लवण, विटामिन, प्रोटीन जैसे पोषक तत्वों का होना बहुत जरूरी है। पोषण अभियान जन प्रतिनिधियों, सामाजिक संगठनों और निजी क्षेत्रों की भागीदारी को शामिल करके एक जन आंदोलन है।

पोषण से जुड़े अधिकतर पूछे जाने वाले सवाल (Nutrition FAQ’s In Hindi)

People also ask

प्रश्न- पोषण क्या है? उत्तर- जिस भोजन या पोषक तत्व को हम ग्रहण करते हैं, उसे पोषण कहा जाता है।

प्रश्न- पोषण किसे कहते हैं और कितने प्रकार के होते हैं? उत्तर- हमारे भोजन में विभिन्न प्रकार के पोषक तत्व (Nutrient) जैसे कार्बोहाइड्रेट, वसा, प्रोटीन, खनिज, लवण और जल है या नहीं इसका पता चलता है, जिसे हम पोषण (Nutrition) कहते हैं। पोषण दो प्रकार के होते हैं, स्वपोषी पोषण और परपोषी पोषण।

प्रश्न- पोषक पदार्थ क्या है? उत्तर- पोषक पदार्थ वह हैं जो हमारे शरीर का विकास करते हैं।

प्रश्न- पोषण से क्या तात्पर्य है? उत्तर- पोषण उस प्रक्रिया को कहते हैं जिससे सभी जीव भोजन ग्रहण करते हैं।

प्रश्न- पोषण कैसे बनता है? उत्तर- कार्बन डाइऑक्साइड, जल तथा अन्य खनिज पदार्थ मिलकर पोषण बनाते हैं।

प्रश्न- पोषण का क्या महत्व है? उत्तर- पोषण हमारे स्वास्थ्य के लिए बहुत ज़रूरी है। पोषण से हमें शक्ति व उर्जा मिलती है।

प्रश्न- स्वपोषी पोषण से आप क्या समझते हैं? उत्तर- स्वपोषी पोषण उन्हें कहा जाता है जो साधारण अकार्बनिक अणुओं से जटिल कार्बनिक यौगिको का निर्माण कर सकते हैं। हरे पेड़-पौधे प्रकाश की उपस्थिति में प्रकाश संश्लेषण के द्वारा अपना भोजन स्वयं बनाते हैं तथा स्वपोषी कहलाते हैं।

प्रश्न- अल्प पोषण से आप क्या समझते हैं? उत्तर- अल्‍पपोषण केवल पर्याप्‍त भोजन न खाने से ही नहीं होता। ये बचपन की बीमारियां, जैसे दस्त अथवा आंतों में कीड़े के संक्रमण से भी पोषक तत्वों का अवशोषण अथवा आवश्यकताएं प्रभावित हो सकती हैं। कुपोषण व्यापक शब्द है जो हर प्रकार के खराब पोषण से संबंधित है। सरल शब्दों में, कुपोषण में अल्पपोषण और अतिपोषण, दोनों शामिल हैं।

प्रश्न- प्रकाश संश्लेषण से आप क्या समझते हैं? उत्तर- सजीव कोशिकाओं के द्वारा प्रकाशीय उर्जा को रासायनिक ऊर्जा में परिवर्तित करने की क्रिया, द्वारा सूर्य के प्रकाश की उपस्थिति में वायु से कार्बनडाइऑक्साइड तथा भूमि से जल लेकर जटिल कार्बनिक खाद्य पदार्थों जैसे कार्बोहाइड्रेट्स का निर्माण करते हैं तथा आक्सीजन गैस (O 2 ) बाहर निकालते हैं।

प्रश्न- स्वपोषी विषमपोषी में क्या अंतर है? उत्तर- स्वपोषी वह होता है जो अपना भोजन स्वयं बनाता है। विषमपोषी वह होता है जो अपना भोजन स्वयं नहीं बनाता है अर्थात् दूसरों पर निर्भर रहता है।

प्रश्न- न्यूट्रिशन कितने प्रकार के होते हैं? उत्तर- प्रोटीन, विटामिन, मिनरल, कार्बोहाइड्रेट, वसा, पानी, ज़िंक।

प्रश्न- पोषण औषधि क्या है इसके दो उदाहरण दीजिए? उत्तर- एक आहार पूरक उत्पाद मुंह से लिया जाने वाला एक उत्पाद है जिसमें एक “आहारीय घटक” होता है जिसका उद्देश्य आहार को पूरा करना है। इन उत्पादों में “आहारीय घटकों” में विटामिन, खनिज लवण, जड़ी-बूटियां या अन्य वानस्पतिक पदार्थ, अमीनो अम्ल और एन्जाइम्स, अंग ऊतक, ग्रंथियां, चयापचयी पदार्थ जैसे पदार्थ शामिल हो सकते हैं।

प्रश्न- पोषक तत्व कितने हैं? उत्तर- मुख्य रूप से 7 पोषक तत्व हैं-

  • ​विटामिन-बी12
  • विटामिन-बी6
  • ​फोलिक एसिड

प्रश्न- पौष्टिक आहार की कमी से कौन सा रोग होता है? उत्तर- पौष्टिक आहार की कमी से त्वचा की समस्या, अपच, बालों का गिरना, कमजोरी, आंखों की रोशनी कम होना, भूलने की समस्या जैसी कई समस्याएं होने लगती हैं।

प्रश्न- संतुलित आहार से क्या लाभ है? उत्तर- संतुलित आहार लेने से शरीर को जरूरी पोषक तत्व मिल जाते हैं, जो शरीर को ऊर्जा प्रदान करने का काम कर सकते हैं। इससे हमारे शरीर में कमजोरी महसूस नहीं होती है और व्यक्ति खुद को फीट महसूस करता है।

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पोषाहार पर निबंध nutrition essay in hindi

Nutrition essay in hindi.

आज हमारे देश के सभी लोगों को पोषाहार के बारे में जानने की आवश्यकता है । कई लोगों के शरीर में पोषक तत्वों की कमी होती जा रही है क्योंकि हम सभी शुद्ध भोजन और कई तरह के फल फ्रूट का सेवन नहीं कर रहे हैं जिसके कारण हमारे शरीर के अंदर पोषक तत्वों की कमी होती जा रही है । आज हम आपको शरीर के अंदर कौन कौन से पोषक तत्व की आवश्यकता होती है और इन पोषक तत्वों की कमी के कारण हमारे शरीर को कौन-कौन सी बीमारी होती हैं यह बताने वाले हैं ।

nutrition essay in hindi

जब किसी के शरीर के अंदर मिनरल्स ,प्रोटींन, विटामिंस की कमी होती है तो उसका शरीर बीमारियों में जकड़ जाता है और उसका शरीर बीमारियों का सामना नहीं कर पाता है जिसके कारण वह शरीर कमजोर हो जाता है । जब किसी व्यक्ति का शरीर कमजोर होता है तो वह ना तो काम कर पाता है और ना ही अपने परिवार का ख्याल रख पाता है । आज हम देख रहे हैं कि खेतों में जो फसल उगाई जा रही है उस फसल को उगाने के लिए कई तरह के केमिकल का उपयोग किया जा रहा है और वह केमिकल खेतों के माध्यम से पानी के अंदर चला जाता है जब हम उस फसल का उपयोग करते हैं तो वह केमिकल हमारे शरीर के अंदर प्रवेश कर जाता है जिसके कारण हमारे शरीर के अंदर जो छिद्र होते हैं वह बंद हो जाते हैं तथा हमारे शरीर को तरह-तरह की बीमारियां लग जाती है । आज हमें इन बीमारियों से लड़ने के लिए पोस्टिक आहार का सेवन करना चाहिए ,ज्यादा चिकनाहट वाली सब्जियां नहीं खाना चाहिए और जितनी हमारे शरीर को प्रोटीन चाहिए उसके हिसाब से फल फ्रूट खाना चाहिए ,सब्जी के साथ हमें दाल ,चावल आदि का सेवन करते रहना चाहिए । तरह-तरह दालों का यदि हम सेवन करें तो हमें पोस्टिक तत्व प्राप्त हो जाते हैं इन पौष्टिक तत्व के माध्यम से हमें बीमारियों से लड़ने की शक्ति प्राप्त होती है।

आज हम जो भी खाते हैं ,पीते हैं वह सभी केमिकल के द्वारा बनाया जा रहा है । हमारे शहर में कितनी गाड़ियां चल रही हैं उन गाड़ियों के द्वारा जो प्रदूषण फैल रहा है उससे हमारा शरीर खराब होता जा रहा है। आज हम सभी को पोषाहार के बारे में जानने की आवश्यकता है कि पोषाहार क्या है ? पोषाहार में हमें अच्छे भोजन की आवश्यकता होती है जो कि शुद्ध वातावरण में पैदा हुई हो और उसमें किसी भी तरह का केमिकल उपयोग नहीं किया गया हो ।

हमारे शरीर को स्वस्थ रखने के लिए हमें दाल , चावल, अंडा ,मास कई तरह की दालें ,हरी सब्जियां ,आदि का सेवन करना चाहिए इसके साथ साथ हमें कई तरह के ऐसे फल फ्रूट खाना चाहिए जिससे हमें प्रोटींस प्राप्त हो सके । हमारे देश में प्रतिवर्ष पोषाहार सप्ताह दिवस मनाया जाता है । इस दिन कई लोग रेलिया निकाल कर पोषाहार के बारे में लोगों को जागरुक करते हैं और उन को समझाते हैं कि हमारे शरीर को अच्छे भोजन की कितनी आवश्यकता होती है । स्कूलों में भी विद्यार्थियों को इसके बारे में बताया जाता है । कई ऐसी संस्थाएं इस पर काम भी कर रही हैं जिनका काम लोगों को जागरूक करना है कि हमारे शरीर को कौन-कौन से तत्व की आवश्यकता होती है । सरकार के माध्यम से भी कई कार्यक्रम किए जाते हैं और उन कार्यक्रमों में लोगों को जागरूक किया जाता है कि जब तक हमारा शरीर स्वस्थ नहीं रहेगा तब तक हम अपने परिवार का विकास नहीं कर सकते इसलिए हमें अच्छा भोजन , पोस्टिक तत्व और तरह-तरह के फ्रूट खाते रहना चाहिए ।

जब हमारे देश में पोषाहार दिवस मनाया जाता है तब तरह तरह की प्रदर्शनीया लगा कर लोगों को जागरूक किया जाता है कि हमारे शरीर के अंदर जो मिनरल्स, प्रोटीन ,विटामिंस होते हैं वही हमें बीमारियों से लड़ने की शक्ति प्रदान करते हैं । यदि हमारे शरीर के अंदर किसी तरह के पोषक तत्व की कमी होती है तो हमें कई बीमारियां लग जाएंगी । इसलिए हमें हरी सब्जियां, दाल ,चावल आदि का सेवन करते रहना चाहिए।

दोस्तों यदि आपको यह लेख nutrition essay in hindi पसंद आए तो शेयर जरूर करें धन्यवाद।

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kamlesh kushwah

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स्वास्थ्य पर भाषण

इन दिनों जिस चीज़ के बारे में सबसे ज्यादा चर्चा हो रही है वह है स्वास्थ्य। हर कोई इस बात के प्रति सचेत हो गया है कि क्या खाएं और क्या ना खाएं। लोगों ने खुद को फिट रखने के लिए शारीरिक व्यायाम या खेलों में भाग लेना शुरू कर दिया है। इसके परिणामस्वरुप कई जिम खुल गए हैं। स्वास्थ्य कंट्रोल भी हर इलाके में बढ़ रहा है। नौकरी करने वाले युवाओं ने खुद स्वयं की देखभाल करने के महत्व को महसूस किया है और वे स्वस्थ भोजन खाते हैं और फिट रहते हैं। इस पृष्ठ पर हमने स्वास्थ्य और उसके महत्व पर कुछ उदाहरण साझा किए हैं जो कि किसी भी अवसर के लिए आपको अपना भाषण तैयार करने में मदद करेंगे।

स्वास्थ्य पर लंबे और छोटे भाषण (Long and Short Speech on Health in Hindi)

श्री एडवर्ड स्टेनली, ब्रिटेन के तीन बार के प्रधान मंत्री, ने एक बहुत ही प्रसिद्ध बात कही थी।

“जो लोग सोचते हैं कि उनके पास व्यायाम करने का कोई समय नहीं है उन्हें जल्द ही या बाद में किसी बीमारी के लिए समय निकालना होगा।”

विश्व स्वास्थ्य दिवस के इस अवसर पर आज यहां उपस्थित सभी लोगों को मेरी ओर से नमस्कार। श्री एडवर्ड द्वारा कहे कथन को हम सभी जानते हैं और इससे सहमत भी हैं और सच्चाई यह है कि हम सबको पता है कि स्वास्थ्य सबसे महत्वपूर्ण चीज़ है। हम सभी जानते हैं और हमारे दिन की स्वस्थ शुरुआत करना कितना महत्वपूर्ण है। आइए हम इस तथ्य का सामना करें। हम में से कितने एक स्वास्थ्य व्यवस्था का सच्चाई का पालन करते हैं। मेरे हिसाब से मोटे तौर पर लगभग 20%! यह एक तथ्य नहीं है लेकिन मेरा अनुमान है यह कम भी हो सकता है या यह ज्यादा भी हो सकता है। देश से देश, क्षेत्र से क्षेत्र के आधार पर। कुछ साल पहले अमेरिका में एक सर्वेक्षण के अनुसार मोटापा कैंसर की तुलना में बड़ी बीमारी बन रहा था।

केवल एक स्वस्थ व्यक्ति अपने श्रम के फल का आनंद ले सकता है। अगर कोई व्यक्ति जो अमीर है पर उसके पास स्वास्थ्य का अभाव है तो उसका क्या उपयोग है? वह या तो अधिकतर पैसा चिकित्सा बिलों पर खर्च करेगा या सहायता लेकर अपना दैनिक काम पूरा करने में खर्च करेगा।

यूके विश्वविद्यालय के एक प्रसिद्ध हास्य लेखक और प्रोफेसर जोश बिलींग्स ने कहा है कि “स्वास्थ्य पैसे की तरह है। हमें जब तक इसके मूल्य का एहसास नहीं होता जब तक हम इसे खो नहीं देते हैं।” एक सदी पहले जो उन्होंने कहा था वह आज तक सच साबित होता दिखता है। यह आज भी सत्य है और अगली आने वाली कई सदियों तक सत्य साबित होगा।

इसलिए इससे पहले की हमारे साथ ऐसा हो और हम अपना स्वास्थ्य खो दें हमें सोचने की जरुरत है। यह बदलाव का समय है। किसने कहा कि बदलाव आसान है? यह आपकी अपनी इच्छा शक्ति के खिलाफ लड़ाई है। दूसरा कोई नहीं बल्कि मैं खुद जो मेरे लिए अच्छा है उससे रोक रहा है। स्वास्थ्य के लाभ मेरे साथ शुरू होते हैं इसलिए प्रयासों को भी मेरे साथ शुरू करना चाहिए। जिस दिन हम यह जान जाएंगे उसी दिन हम स्वस्थ शरीर नामक इस अमूल्य संपत्ति का निर्माण करने में सक्रिय रूप से शामिल हो जाएंगे। आखिरकार स्वस्थ शरीर ही है जिसमें स्वस्थ दिमाग रहता है। अगर हम स्वस्थ हैं तो हम बेहतर तरीके से काम कर पाएंगे, बेहतर सोच सकेंगे, बेहतर रह सकेंगे और जीवन नामक इस उपहार का आनंद उठा सकेंगे।

अंत में मैं यह कहना चाहूंगा कि अच्छा स्वास्थ्य तभी प्राप्त किया जा सकता है जब हम हर दिन कम से कम एक शारीरिक गतिविधि करें, स्वस्थ खाना खाएं, कोशिश करें पर्याप्त सोने की, अपने आप को हाइड्रेटेड रखने के लिए पर्याप्त पानी पिएं, जल्दी उठें और योग करें। हां और सबसे महत्वपूर्ण है यथासंभव जंक फूड से दूर रहें। कई दिनों में एक बार तला हुआ भोजन करना ठीक है लेकिन हर सप्ताहांत ऐसा भोजन करना आपकी धमनियों को नुकसान पहुंचा सकता है। मैं इसे अपने प्रिय श्रोताओं पर छोड़ता हूं आपको कौन सा संयोजन पसंद है। मैं विलियम शेक्सपियर द्वारा कहे बहुत ही प्रसिद्ध कथन के साथ अपना भाषण समाप्त करता हूं।

“हमारा शरीर हमारा बगीचा है – हमारी इच्छाएं हमारे माली हैं।”

हर किसी को अभिवादन! मेरे सभी कर्मचारियों और सहकर्मियों की ओर से आप सभी का स्वागत करना मेरी खुशकिस्मती है। चाहे एक बच्चा हो, एक किशोर हो, एक बूढ़ा हो या कोई व्यस्क हो हर स्तर पर हमारा स्वास्थ्य हमारी सभी गतिविधियों का केंद्र है और हमारे जीवन का नेतृत्व करता है। एक स्वस्थ शरीर एक वाहन है और मैं, सचेत रहते हुए, उसका स्वामी या यात्री हूं।

दोस्तों इन दिनों लोग अपने स्वास्थ्य के बारे में बहुत सचेत हो गए हैं और वे अक्सर जिम, नृत्य कक्षाएं, एरोबिक्स या योग केंद्रों में जाते हैं। कुछ लोग यह जाने बिना कि यह प्रत्येक के लिए कितना महत्वपूर्ण है सिर्फ़ अपना शौक पूरा करने के लिए यह सब करते हैं। फिट रहने का मतलब यह नहीं है कि आप बेवजह अपनी मांसपेशियां दिखाते रहें लेकिन निश्चित रूप से इसका अर्थ यह है कि आपके पास एक सक्रिय जीवनशैली है और आप बिना थके या बिना रुके अपना काम करने में सक्षम हैं।

मेरा मतलब है कि आप दैनिक कामों से थकावट महसूस नहीं करते हैं और आप पूरी तरह से अपनी दिनचर्या का आनंद लेने में सक्षम हैं। मेरे लिए स्वास्थ्य आपकी दैनिक गतिविधियों का एक अभिन्न अंग है जिसे एक दिन के कार्यक्रम में बुना जाता है। अपने स्वास्थ्य की देखभाल करना कुछ ऐसी चीज है जिसे एक गतिविधि के रूप में नहीं माना जा सकता है जिसके लिए आप कार्यालय या दैनिक कामों से मुक्त होने पर समय निकाल सकते हैं। ऐसे कई पहलू हैं जिन पर हमारा स्वास्थ्य निर्भर है। इसमें शारीरिक, मानसिक और भावनात्मक कारक शामिल हैं।

शारीरिक शक्ति हासिल करने के लिए यह महत्वपूर्ण है कि हम किसी तरह के शारीरिक व्यायाम के साथ अपना दिन शुरू करें। सुबह की सैर करें या जिम जाएँ, योग करें या आप घर पर भी अभ्यास कर सकते हैं। असल में आप कुछ भी कर सकते हैं जो आप चाहते हो या आप अपनी उम्र के अनुसार भी शारीरिक व्यायाम कर सकते हैं। अपनी शारीरिक गतिविधि को चुने और उसी हिसाब से कार्यक्रम व्यवस्थित करें। आपकी योजना के साथ आपको न केवल शारीरिक बल्कि मानसिक शक्ति की जरूरत भी है। जी हां आप सही समझे अपनी योजना का पालन करने के लिए आपको बहुत सारी इच्छा शक्ति की जरुरत है। एक बहुत मशहूर स्पैनिश कहावत है, “एक व्यक्ति जो अपने स्वास्थ्य की देखभाल करने में बहुत व्यस्त है वह एक मैकेनिक की तरह है जो अपने उपकरणों की देखभाल करने में बहुत व्यस्त है।”

बुद्ध ने कहा था “शरीर का स्वास्थ्य अच्छा रखना एक कर्तव्य है … अन्यथा हम अपने मन को मजबूत और स्पष्ट रखने में सक्षम नहीं होंगे”।

अब जब आपने अपना खेल और व्यवस्थित दिनचर्या चुनी है और इसे अपने कार्यक्रम में शामिल किया है तो अगला काम है यह जांचना कि आप क्या खाते हैं। यह फिट और स्वस्थ रहने का सबसे महत्वपूर्ण पहलू है। भोजन बहुत कम खाना या बहुत ज्यादा खाना दोनों बुरा है। जैसा कि बुद्ध ने कहा यह हमारा कर्तव्य है कि हम अपने शरीर को स्वस्थ रखें। सही भोजन चुनने से हमें पोषण और ताकत मिलती है। हमें इसे सही मात्रा में लेने की जरूरत है। जितना संभव हो उतना जंक फूड से बचें। “कचरे अंदर लेना कचरा बाहर करना” एक सिद्धांत है जो हमारे जीवन में उतना ही लागू होता है जितना कंप्यूटर पर होता है। जंक भोजन खाने के नतीजा एक सुस्त और आलसी शरीर है! यदि आप एक स्वस्थ शरीर और एक मजबूत दिमाग चाहते हैं तो आपको हरी सब्ज़ी खानी चाहिए, एक संतुलित आहार लेना चाहिए, दूध पीना चाहिए, जूस और पर्याप्त मात्रा में पानी चाहिए।

हमें कम से कम खुद को मानसिक और भावनात्मक रूप से भी फिट रखना चाहिए। हमारी भावनाओं को नियंत्रण में रख हमें अपने गुस्से को संभालना सीखना चाहिए, धीरज रखना चाहिए और दूसरों की जरूरतों के अनुरूप सामंजस्य बिठाना चाहिए। यह आसानी से उन लोगों द्वारा प्राप्त किया जा सकता है जिन्हें इसी तरह के पारिवारिक मूल्य और अच्छी परवरिश दी गई है लेकिन जो लोग अभी भी अपनी भावनाओं को नियंत्रित करने के लिए संघर्ष कर रहे हैं उनका ध्यान लगाना चाहिए। ध्यान केवल हमारे लक्ष्यों को ही नहीं बल्कि हमें कई और अधिक चीजों को प्राप्त करने में मदद करता है। यह हमें एक जगह केंद्रित रहने में मदद करता है।

यह हमें हमारे दिमाग को साफ करने और रचनात्मक विचारों के लिए जगह बनाने में मदद करता है। विशेष रूप से आज के समय में जहां हमारे चारों ओर बहुत तनाव है वहां हमें संकट से बचने के लिए सोचने और तर्कसंगत रूप से काम करने की जरूरत है। हमारे IQ से ज्यादा महत्वपूर्ण हमारा EQ हैI केवल एक स्वस्थ दिमाग ही अनचाहे नतीजो को प्राप्त करने के लिए प्रशिक्षित किया जा सकता है। इसलिए प्रत्येक दिन अभ्यास करने के लिए हमें ध्यान करना सीखना चाहिए। आख़िरकार यह स्वास्थ्य ही है जो सबसे ज़रूरी है।

जैसा कि मैंने शुरुआत में कहा था हमारा शरीर एक वाहन है तो हमारे लिए यह समझना महत्वपूर्ण है कि इसकी उपेक्षा करने से हमें मुश्किलों का सामना करना पड़ेगा। कभी-कभी इससे हमारे लिए साँस लेने में भी मुश्किल हो सकती है। हमारी ओर से थोड़ी सी लापरवाही का मतलब बीमारी के लिए निमंत्रण हो सकता है। एक बहुत ही मशहूर डच नीतिवचन को देखे तो हैं यह नीतिवचन कहती हैं, “बीमारी घोड़े पर बैठ कर आती है लेकिन वापिस पैदल चल कर जाती है”। जो बीमारियों से ग्रस्त है वह आपको सबसे अच्छी तरह से बता सकता है कि स्वस्थ होना कितना महत्वपूर्ण है। तो अगर हमें अपने जीवन की मंजिल तक पहुंचना है और अपने कैरियर में सफल होना है तो एक संपत्ति बनिए न की देनदारी। तो हमें इस अनमोल उपहार का बहुत ध्यान रखना सीखना होगा जो हमें स्वाभाविक रूप से ईश्वर से प्राप्त हुआ है। यह महत्वपूर्ण है कि जीवन रुपी इस वाहन की स्थिति बेहतर हो ताकि हम अपने श्रम के फल का आनंद उठा सकें।

मैं हर एक से आग्रह करता हूं कि अपने स्वास्थ्य के प्रति जागरूक बने। स्वास्थ्य के प्रति सचेत रहें। यह करना एक अच्छा काम है। स्वस्थ और फिट रहने का आनंद लें! धन्यवाद।

सुप्रभात प्राचार्य महोदया, शिक्षकगण और मेरे प्रिय दोस्तों,

सुबह की ताज़ा हवा, सुबह की धूप, हरे पौधें और पेड़ सुखदायक किरणों को बुलावा देते हैं, गुलाब और मैरीगोल्ड से आती सुगंध, ये सभी प्रेरणा हैं जो किसी को भी बाहर आकर रहने का निमंत्रण देती हैं। आप बाहर जा सकते हैं और सबसे अच्छी कंपनी में रह सकते हैं – माँ प्रकृति की गोद में एक जगह जहां आपको हमेशा आराम मिलेगा। एक बार जब आप अनुभवी सुबह की ताजगी महसूस करते हैं तो कोई भी चीज़ आपको बिस्तर से दूर रहने से नहीं रोक सकती और अगर आप इस अनमोल उपहार का आनंद उठाते हैं तो आप मेरे साथ पूरी तरह सहमत होंगे।

ये आपको प्रेरित करने के कुछ कारण हैं जो आपके बेहद व्यस्त, थकाऊ और कार्यकारी दिन की शुरुआत करने में मदद करेंगे।

मैं अपना दिन अपनी मां के साथ हल्के व्यायाम करके शुरू करता हूँ और फिर मेरी रोज़ की दिनचर्या शुरू होती है। पूरे दिन के दौरान मेरी स्वस्थ मुझे ऊर्जावान और जीवंत रखती है इसलिए मैं अपने सभी कार्यों को कुशलतापूर्वक और उत्साहपूर्वक पूरा कर पाता हूं। व्यायाम मेरे रक्त में एड्रेनेलिन को बढ़ाता है और ऊर्जा के स्तर पर उच्चतर ऑक्सीजन की आपूर्ति में सुधार करता है जो आम तौर पर इसे नहीं मिलती है और यही मेरी मांसपेशियों की सहनशक्ति में सुधार करता है।

दिलचस्पी लेकर कसरत करने से खुशी की भावना मिलती है और दर्द कम हो जाता है। यह उन लोगों की मदद करता है जो चिंता से पीड़ित हैं या जिनमें अवसाद की भावनाएं घर कर गई हैं। यह वास्तव में मूड को बदलने में बहुत प्रभावी हो सकता है और अगर आप वजन घटाने की कोशिश कर रहे हैं तो आपका एकमात्र समाधान व्यायाम करना है।

चूंकि कसरत का लाभ शारीरिक रखरखाव तक सीमित नहीं है इसलिए इसे केवल उन लोगों द्वारा महसूस किया जा सकता है जो वास्तव में सख्त शासन का पालन करते हैं। वे हमें बताएंगे कि यह कैसे उन्हें मानसिक रूप से स्वस्थ रखने में भी मदद करता है। अध्ययन ने अब यह साबित कर दिया है कि नियमित रूप से व्यायाम करने वाले लोगों के मस्तिष्क में सुधार, तेज सोच का होना और निश्चित रूप से बेहतर स्मृति बनता है।

यहां से यह निष्कर्ष निकाला जा सकता है कि व्यायाम का स्वास्थ्य के साथ एक सीधा संबंध है। स्वास्थ्य एक समग्र शारीरिक फिटनेस के साथ ही मानसिक और भावनात्मक है।

सुबह की सैर, जोगिंग, एरोबिक्स, योग या सुबह की ताज़ी हवा में साइकिल चलाना अच्छे दिन की शुरुआत करने का तरीका है। आप उस गतिविधि का चयन करते हैं जो आपको पसंद आती है और जिसे आप शारीरिक रूप से सहन कर सकते हैं। नियमित रूप से व्यायाम करें और आप अंतर देखेंगे यदि आप जवान हैं तो आप निश्चित रूप से अधिक ऊर्जावान महसूस करेंगे या आप अपनी दिनचर्या का प्रबंध कर सकेंगे और यदि आप अपनी व्यस्क अवस्था में हैं तो आप आसानी से सभी हृदय रोगों और अन्य ऐसी बिमारियों को दूर रख सकते हैं। एक अध्ययन ने पाया है कि नियमित स्वास्थ्य व्यवस्था से आप रक्तचाप और रक्त में वसा के स्तर को कम कर सकते हैं।

इन दिनों अच्छे संगठन और कार्यालय भी स्वास्थ्य के प्रति जागरूक हो गए हैं और इस तरह से आस-पास के अपने परिसर के परिवेश को विकसित किया है जिससे सबको अपने डेस्क या कुर्सी से उठना पड़े और फिर से ताज़ा होने से पहले वापिस काम पर जाने से पहले कुछ शारीरिक व्यायाम करे। कॉफी भी आपको फिर से ताज़ा होने में मदद कर सकती है! कुछ कार्यालयों के अधिकारियों को एक छोर से दूसरे छोर तक जाने के लिए साईकिल चलाने की अनुमति होती है फिर भी कुछ ऐसे लोग हैं जो अपने कार्यालय के परिसर के भीतर जिम या री-क्रिएशन रूम बनाते हैं। उन्होंने अपने कर्मचारियों से बेहतर प्रदर्शन करने का दावा किया है जो इस प्रकार उनके उत्पादन की क्षमता को बढ़ाता है।

बुद्ध ने कहा था “स्वास्थ्य जीवन के बिना जीवन नहीं है। यह केवल शोक और पीड़ा की स्थिति है”। और यह केवल सही, सोच, आकलन, विश्लेषण और तरीकों को अपनाने के लिए है जो हमें अच्छे स्वास्थ्य और खुशी के मार्ग की ओर ले जाती है और यही हमारा मकसद होना चाहिए।

सुप्रभात! अगस्त की अद्भुत सुबह की इस शानदार सभा में इतने चमकदार चेहरों को देखकर मुझे बहुत खुशी हो रही है। हम लोकप्रिय रूप से कहते हैं कि “आप किताब को इसके कवर से पहचान सकते हैं।” और इसी तरह आप सभी के ख़ुशी भरे चेहरे को देखकर मैं यह पहचान सकता हूँ कि आप सभी पूरी तरह से फिट और स्वस्थ हैं। अगर आप नहीं होते तो आपकी मुस्कुराहट इतनी शानदार नहीं होती।

इस सुंदर शरीर की अच्छी देखभाल करना सौंदर्य है जिसे हमारी सुंदर आत्मा का मंदिर कहा जाता है। हम कई चीजों को गारंटी के रूप में ले लेते हैंI उदाहरण के लिए हमारी आँखें, हाथ, पैर, बोलने, सुनने और बौद्धिक रूप से सोचने की शक्ति ये सभी स्वाभाविक रूप से हमें ईश्वर से मिलते हैं जिनके बिना हम अपने जीवन की कल्पना भी नहीं कर सकते हैं। अब ये सभी विशेषताएं स्वस्थ शरीर की विशेषताएं हैं। लेकिन ये बाहरी उपहार हैं जो जीवन हमें प्रदान करता है। स्वस्थ पेट, फेफड़े, लीवर या दिल यहां तक ​​कि मांसपेशियों के उपहार के बारे में क्या कहेंगे? मनुष्यों को कुछ उपहार अदृश्य रूप से आसानी से दिए गए हैं। यदि इन अंगों में से कोई भी अंग काम करना बंद कर देता है तो हमारा जीवन मुश्किल में पड़ सकता है! शुक्र है जब हमें इन सभी अंगों की देखभाल करने की बात आती है तो हमें ज्यादा रखरखाव का काम करने की ज़रूरत नहीं है। भगवान ने हमारे सिर के अंदर कंप्यूटर को फिट किया है और यह होशियार कंप्यूटर हमारे सिस्टम को पूरी तरह व्यवस्थित करता है।

जीवन का तंत्र एक आत्म-चालित, आत्म-स्नेही और आत्मनिर्भर बुद्धिमान सुपर प्रणाली है। यहां तक ​​कि आपकी कार या वाहनों को भी रखरखाव, सर्विसिंग और अप-ऑफ शेड्यूल की आवश्यकता होती है। आपके वाहनों में अच्छी बात यह है कि जब उनका जीवन खत्म हो जाता है या आप उनसे ऊब जाते हैं तो आप उन्हें बदल सकते हैं या उनके लिए नए उपकरणों को खरीद सकते हैं लेकिन आपका सबसे महत्वपूर्ण वाहन यानी आपका शरीर आपको केवल एक बार मिलता है! आपको इसका ध्यान रखना होगा। आपका मुख्य कर्तव्य इसे बनाए रखना है। यदि आपका शरीर स्वस्थ नहीं है तो आपके बेड़े की सबसे अच्छी कार भी आपके लिए उपयोगी नहीं होने वाली है।

आपके शरीर का स्वास्थ्य आपकी आत्मा का स्वास्थ्य है। एक सक्रिय शासन को बनाए रखना, स्वस्थ भोजन खाना, स्वस्थ विचार रखना यानी सकारात्मक विचार रखना, दूसरों के प्रति सकारात्मक रवैया बनाए रखना और अपने वातावरण को साफ करना स्वास्थ्य के प्रति एक समग्र दृष्टिकोण के योगदानकर्ता हैं। इन दिनों योग और ध्यान आम हो गए हैं। हर गुरु, हर खेल का कोच, जीवन का कोच और पेशेवर संगठनों को उन लोगों के रोज़मर्रा के जीवन में योग और ध्यान को शामिल करने के महत्व के बारे में पता हो जाता है जो उनका अनुसरण करते हैं या उनसे जुड़े होते हैं। योग और ध्यान जीवन का एक तरीका बनता जा रहा है।

यहां तक ​​कि गांवों में ही नहीं बल्कि शहरी क्षेत्रों में भी लोग दिन-प्रतिदिन जागरूक होते जा रहे हैं। इससे दूर केवल वही लोग हैं जो अपने जीवन को बहुत लापरवाही से लेते हैं या फिर अपने शरीर और जीवन के बारे में कम देखभाल करते हैं या स्वस्थ और फिट रहने में बहुत कम मेहनत करते हैं। ये लोग वे हैं जिन्हें आप ज्यादातर रेस्तरां, बेकरी की दुकानों, मिठाई की दुकानों आदि में खाते हुए देख सकते हैं। इन लोगों को आसानी से अस्पतालों, डॉक्टरों और दवाईओं की दुकानों पर देखा जा सकता है जहाँ वे अपनी पाचन समस्याओं पर काबू पाने के लिए कभी-कभी दवा लेते दिख जाते हैं। अधिकांश समय वे मोटापे से भी लड़ते हैंI

दूसरी ओर स्वस्थ लोगों को पार्कों में, खेतों और खेल क्लबों, सैर करते, जॉगिंग या सुबह घूमते हुए देखा जा सकता है। यहां तक ​​कि ऐसे लोगों को ठंडे मौसम की स्थिति भी नहीं रोक सकती। ऐसा नहीं है कि ये स्वयं-प्रेरित स्वयं-संचालित स्वयं निर्देशित लोग अलग-अलग स्थानों पर बाहर नहीं जाते और खाना नहीं खाते हैं। यह सिर्फ इतना है कि वे ऐसा कम बार करते हैं और भोजन की मात्रा और गुणवत्ता वे अस्वास्थ्यकर खाने वालों की तुलना के भोजन से निश्चित रूप से अलग हैं। यह जीवन में चुनाव करने के बारे में है, चाहे वह पेशेवर हो या व्यक्तिगत। जिस तरह से हम अपनी ज़िंदगी का नेतृत्व करना चाहते हैं उसमें काफी विचार-विमर्श महत्वपूर्ण है। हमें अपनी शक्ति का उपयोग समझदारी और होशियारी से करना चाहिए। हमारे पाचन तंत्र के अंदर हम जो खाना डालते हैं वह हमारी पसंद का होना चाहिए। हम जो सोचते हैं वह भी हमारी पसंद होनी चाहिए। इसलिए एक स्वस्थ शरीर रखने और रोगप्रतिबंधक मन हमें स्वस्थ स्वास्थ्य के प्रति प्रेरित करेगा।

जहाँ व्यायाम और अच्छे खाने की आदतें शरीर के लिए अच्छी हैं वहीँ ध्यान हमारे मन, विचारों और मस्तिष्क के लिए अद्भुत है। यह हमें एक शानदार यादाश्त बनाए रखने में मदद करता है और हमें पूरे दिन शांतिपूर्ण और धैर्यशील बनाए रखता है। एक तरफ योग हमें शारीरिक योग्यता प्रदान करता है वहीँ दूसरी तरफ ध्यान हमें मनोवैज्ञानिक और संज्ञानात्मक योग्यता देता है। और हमें एक अनुकरणीय जीवन के लिए एक आदर्श तरीके की ज़रूरत है। अब सबसे महत्वपूर्ण समय है। हम सभी समय को बहुत आसानी से दोष दे देते हैं। हम कहते हैं कि समय कहाँ है।

हम हमेशा इस कीमती वस्तु के लिए कड़ी मेहनत करते हैं लेकिन सच्चाई यह है कि जब हमें अपने स्वयं के लिए चीजें करने की बात आती है तो हम बहुत सुस्त और आलसी होते हैं। टालमटोल की आदत हमें विरासत में मिली होती है। हम बेवजह निरंतर और सतत रूप से देरी करते रहते हैं यह जानते हुए कि एक दिन हमें यह करना होगा। जब हम चिकित्सक द्वारा दी गई पर्ची को देखते हैं तो हमारे लापरवाह तरीकों को बदलना हमारे लिए देरी नहीं हो सकती। हमें हमारे शरीर का इलाज करने के लिए उस समय तक इंतजार नहीं करना चाहिए। इसकी शुरुआत अभी क्यों नहीं करें। अभी सबसे अच्छा होने के लिए कुछ समय क्यों न बनाएं। आइए हम “यदि आप नहीं बदले तो कौन बदलेगा” के लिए खुद को बदले।

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World Health Day Speech in Hindi : जानिए कैसे तैयार करें विश्व स्वास्थ्य दिवस पर भाषण

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  • Updated on  
  • अप्रैल 3, 2024

World Health Day Speech in Hindi

विश्व स्वास्थ्य दिवस हर साल 7 अप्रैल को मनाया जाता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) द्वारा इस दिन को अंतर्राष्ट्रीय स्वास्थ्य जागरूकता दिवस के रूप में माना जाता है। प्रत्येक वर्ष, विश्व स्वास्थ्य दिवस मनाकर, संगठन दुनिया भर के लोगों की चिंता के कुछ स्वास्थ्य विषयों पर ध्यान आकर्षित करने का प्रयास कर रहे हैं। जिसकी जानकारी रखना स्टूडेंट्स के लिए काफी महत्वपूर्ण है और कई बार स्कूलों और अन्य संस्थानों में स्वस्थ्य से जुड़े आयोजनों में स्वास्थ्य पर भाषण देने के लिए भी कहा जाता है। इसलिए इस ब्लॉग में हम World Health Day Speech in Hindi के बारे में बताएँगे।

This Blog Includes:

विश्व स्वास्थ्य दिवस के बारे में , विश्व स्वास्थ्य दिवस पर भाषण 100 शब्दों में , विश्व स्वास्थ्य दिवस पर भाषण 200 शब्दों में, स्पीच की शुरुआत में, स्पीच में क्या बोलें, स्पीच के अंत में, विश्व स्वास्थ्य दिवस पर भाषण कैसे तैयार करें , विश्व स्वास्थ्य दिवस पर 10 लाइन्स, विश्व स्वास्थ्य दिवस के बारे में रोचक तथ्य.

विश्व स्वास्थ्य संगठन दुनिया भर के लोगों को यह याद दिलाने के लिए हर साल 7 अप्रैल को विश्व स्वास्थ्य दिवस मनाता है कि हमारे स्वास्थ्य का ख्याल रखना कितना महत्वपूर्ण है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) द्वारा इस दिन को अंतर्राष्ट्रीय स्वास्थ्य जागरूकता दिवस माना जाता है। प्रत्येक वर्ष विश्व स्वास्थ्य दिवस पर, WHO लोगों को स्वस्थ रहने के बारे में अधिक जानने में मदद करने के लिए एक विशिष्ट विषय के साथ विभिन्न कार्यक्रम आयोजित करते है।

यह भी पढ़ें : World Health Day Essay in Hindi

100 शब्दों में World Health Day Speech in Hindi इस प्रकार है :

एक अच्छा जीवन जीने के लिए स्वस्थ रहना आवश्यक है जिसके लिए विश्व स्वास्थ्य दिवस मनाया जाता है। यह दिवस महत्वपूर्ण स्वास्थ्य मुद्दों को उजागर करने, स्वास्थ्य चुनौतियों का समाधान करने के लिए कार्रवाई करने और स्वास्थ्य समानता को बढ़ावा देने और सभी के लिए स्वास्थ्य सेवा तक पहुंच को बढ़ावा देने के उद्देश्य से काम करता है।

लोग यह दिखाने के लिए विश्व स्वास्थ्य दिवस मनाते हैं कि स्वस्थ रहना कितना महत्वपूर्ण है और इसके बारे में अधिक जानें। खुश रहने और अच्छा जीवन जीने के लिए स्वस्थ रहना वास्तव में महत्वपूर्ण है। हम जो कुछ भी करते हैं, जैसे काम पर जाना या स्कूल जाना, वह हमारे स्वास्थ्य से प्रभावित होता है। विश्व स्वास्थ्य दिवस हमें अपना ख्याल रखने और स्वस्थ तरीके से जीने की याद दिलाता है। जब हम स्वस्थ होते हैं, तो हम अपने काम या स्कूल में अच्छा प्रदर्शन कर सकते हैं, बीमार होने से दूर रह सकते हैं, भावनात्मक रूप से अच्छा महसूस कर सकते हैं और शारीरिक रूप से मजबूत हो सकते हैं। स्वस्थ रहने के लिए व्यायाम करना, स्वस्थ भोजन करना और अच्छी आदतें अपनाना महत्वपूर्ण है।

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200 शब्दों में World Health Day Speech in Hindi इस प्रकार है :

जीवन में कई चीजों का प्राथमिक कारण स्वास्थ्य है, जैसे काम, तनाव, विचार आदि। यदि कोई व्यक्ति स्वस्थ है, तो वह अपनी नौकरी या काम में अच्छा प्रदर्शन करेगा, वह कई बीमारियों से मुक्त रहेगा, वह भावनात्मक रूप से शांत और स्वस्थ।

अच्छे स्वास्थ्य के लिए स्वस्थ आहार, पोषण और व्यायाम का ध्यान रखना चाहिए। स्वास्थ्य के महत्व को समझने और लोगों का ध्यान स्वास्थ्य की ओर आकर्षित करने के लिए हर साल 7 अप्रैल को दुनिया भर में विश्व स्वास्थ्य दिवस मनाया जाता है। स्वास्थ्य हर किसी के लिए महत्वपूर्ण है, खासकर बच्चों के लिए। बच्चे अधिकांश समय किंडरगार्टन, प्रीस्कूल और स्कूल में बिताते हैं। कई बीमारियाँ संक्रामक होती हैं और जब वे अन्य स्कूली छात्रों के आसपास होते हैं तो वे आसान शिकार बन जाते हैं।

दुनिया भर में बीमारियों और बीमारियों की बढ़ती संख्या के कारण विश्व स्वास्थ्य दिवस की आवश्यकता महसूस की गई है। हर साल कभी-कभार कोई न कोई नई बीमारी सामने आ जाती है, जिससे लोगों में डर पैदा हो जाता है। विश्व स्वास्थ्य दिवस गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं को संबोधित करता है और ऐसी महामारी पर अंकुश लगाने के लिए हर साल एक स्पष्ट विषय बनाता है। इन विषयों को ध्यान में रखते हुए, इस दिन दुनिया भर में कई कार्यक्रमों और सेवाओं का समन्वय किया जाता है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि स्वास्थ्य देखभाल हर इंसान तक पहुंचे।

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विश्व स्वास्थ्य दिवस पर भाषण 400 शब्दों में

400 शब्दों में World Health Day Speech in Hindi इस प्रकार है :

विश्व स्वास्थ्य दिवस हर साल 7 अप्रैल को मनाया जाता है। डब्ल्यूएचओ द्वारा इस दिन को अंतर्राष्ट्रीय स्वास्थ्य जागरूकता दिवस माना जाता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन संयुक्त राष्ट्र के उन संगठनों में से एक है जिसका उद्देश्य स्वास्थ्य को बढ़ावा देना है। प्रत्येक वर्ष, विश्व स्वास्थ्य दिवस मनाकर, संगठन दुनिया भर के लोगों की चिंता के कुछ स्वास्थ्य विषयों पर ध्यान आकर्षित करने का प्रयास कर रहे हैं।

आज की दुनिया में इतनी सारी बीमारियों से दूर और स्वस्थ रहने की आवश्यकता बहुत महत्वपूर्ण है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार स्वास्थ्य पूरी तरह से शारीरिक, मानसिक और सामाजिक कल्याण की स्थिति है, न कि केवल बीमारी या दुर्बलता की अनुपस्थिति। WHO अंतरराष्ट्रीय और राष्ट्रीय स्तर पर विभिन्न स्वास्थ्य मुद्दों से संबंधित लोगों को जागरूक करने के लिए जागरूकता कार्यक्रम और जन अभियान चलाता है।

विश्व स्वास्थ्य संगठन व्यक्तियों से स्वास्थ्य से संबंधित अपनी परेशानियों को बताने के लिए कहता है। विश्व स्वास्थ्य दिवस पर, लोग जागरूकता फैलाने और स्वस्थ जीवन शैली की आवश्यकता का खुलासा करने के लिए बड़े पैमाने पर अभियान चलाने के लिए कई स्वास्थ्य संगठनों के साथ जुड़ते हैं। पहली विश्व स्वास्थ्य सभा जिसने स्वास्थ्य के महत्व की सराहना करते हुए एक वार्षिक उत्सव आयोजित करने का निर्णय लिया, वह 1950 में आयोजित की गई थी। तब से, हर साल 7 अप्रैल को स्वास्थ्य के मूल्य पर जानकारी फैलाने के लिए यह दिन मनाया जाता है।

विश्व स्वास्थ्य दिवस पर दुनिया भर के लगभग सभी स्वास्थ्य संगठन विभिन्न स्वास्थ्य अधिकारियों और प्रतिनिधियों की भागीदारी के साथ जागरूकता कार्यक्रम आयोजित करते हैं। हर साल, विश्व स्वास्थ्य संगठन स्वास्थ्य मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करता है जिनके लिए तत्काल कार्रवाई की आवश्यकता होती है। विश्व स्वास्थ्य दिवस की थीम हर साल अपडेट की जाती है और इस साल 2004 में इस दिवस की थीम  “मेरा स्वास्थ्य, मेरा अधिकार” है।

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भारत में किसी भी तरह का आयोजन हो और उसमे भाषण न दिया जाए ऐसा हो हे नहीं सकता क्योंकि हर आयोजनों का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा उस दिन दिया जाने वाला भाषण होता है। इसलिए यहाँ हम World Health Day Speech in Hindi को कैसे तैयार करें के बारे जानेंगे : 

  • विश्व स्वास्थ्य दिवस के बारे में अच्छे से रिसर्च कर लें। 
  • अपने भाषण में सरल शब्दों का चयन करें। 
  • समय का ध्यान रखते हुए अपने भाषण में आगे बढ़ना चाहिए। 
  • अपने भाषण में भाषा के महत्व को देखना है कि आप जहां बोल रहे हैं, वहां हिंदी सही रहेगी या इंग्लिश। 
  • भाषण की शुरुआत में स्वास्थ्य के महत्व के बारे में बता सकते हैं। 
  • भाषण में विश्व स्वास्थ्य दिवस से जुड़े तथ्य बता सकतें है। 
  • भाषण तैयार करते समय यह जानना जरूरी है कि लोगों पर इसका क्या असर रहेगा और यह हमारे लिए कैसे फायदेमंद रहेगी।
  • भाषण में अपने विषय से भटकना नहीं चाहिए। 

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World Health Day Speech in Hindi पर 10 लाइन्स यहाँ दी गई हैं : 

  • विश्व स्वास्थ्य दिवस एक विशेष दिन है जो हर साल 7 अप्रैल को होता है। 
  • यह एक ऐसा दिन है जब दुनिया भर के लोग महत्वपूर्ण स्वास्थ्य विषयों के बारे में सीखते हैं और बात करते हैं। 
  • विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की स्थापना भी इसी दिन हुई थी। 
  • इस वर्ष विश्व स्वास्थ्य दिवस की थीम “मेरा स्वास्थ्य, मेरा अधिकार” है। 
  • 1948 में WHO द्वारा स्वास्थ्य को लेकर पहली बैठक आयोजित की गई थी। 
  • भारत में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन नामक एक कार्यक्रम है जो शहरों और ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों को उनके स्वास्थ्य में मदद करता है। 
  • कई स्कूल और कॉलेज छात्रों को स्वस्थ रहने के बारे में सिखाने के लिए विश्व स्वास्थ्य दिवस पर गतिविधियाँ करते हैं। 
  • जश्न मनाने और जागरूकता बढ़ाने के लिए परेड, विज्ञापन और नाटक जैसे कार्यक्रम भी होते हैं। 
  • कुछ स्थानों पर स्वास्थ्य मेले भी लगते हैं जहाँ लोग निःशुल्क जाँच करा सकते हैं। 
  • इस दिन WHO द्वारा दवाएँ अधिक सस्ती कराई जाती हैं और लोगों को स्वस्थ रहने में मदद करने के लिए अस्पतालों में विशेष परीक्षण होते हैं।

यह भी पढ़ें – Health Quotes in Hindi : पढ़िए स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करने वाले प्रेरक विचार, जो आपके बेहतर स्वास्थ्य के लिए आपको प्रेरित करेंगे

WHO की ऑफिसियल वेबसाइट के अनुसार विश्व स्वास्थ्य दिवस से जुड़े रोचक तथ्य यहाँ बताए गए हैं : 

  • विश्व स्तर पर, स्वास्थ्य और सामाजिक कार्यबल में 70% महिलाएँ हैं। नर्सें और दाइयां इसके एक बड़े हिस्से का प्रतिनिधित्व करती हैं। 
  • नर्सें और दाइयां हर जगह लोगों की देखभाल करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं, जिसमें महामारी के समय और नाजुक या संघर्षपूर्ण माहौल भी शामिल है।
  • दाइयों में अधिक निवेश करना, जो मातृ एवं नवजात स्वास्थ्य के साथ-साथ परिवार नियोजन के लिए महत्वपूर्ण हैं, आज होने वाली सभी मातृ मृत्यु, मृत जन्म और नवजात शिशु मृत्यु में से 80% से अधिक को रोका जा सकता है। और जब एक दाई या दाइयों का समूह गर्भावस्था से लेकर प्रसवोत्तर अवधि के अंत तक देखभाल प्रदान करता है, तो लगभग एक चौथाई समय से पहले जन्म को रोका जा सकता है।

                                                          सम्बंधित आर्टिकल्स 

विश्व स्वास्थ्य दिवस 2024 की थीम “मेरा स्वास्थ्य, मेरा अधिकार” है। 

विश्व स्वास्थ्य दिवस हर साल 7 अप्रैल को मनाया जाता है। 

विश्व स्वास्थ्य दिवस एक वार्षिक वैश्विक स्वास्थ्य जागरूकता दिवस है जो स्वास्थ्य संबंधी मुद्दों के बारे में जागरूकता बढ़ाने और स्वस्थ जीवन को बढ़ावा देने के लिए मनाया जाता है।

7 अप्रैल को विश्व स्वास्थ्य दिवस मनाया जाता है।

आशा है कि इस ब्लाॅग में आपको World Health Day Speech in Hindi (विश्व स्वास्थ्य दिवस पर भाषण) से जुड़ी पूरी जानकारी मिल गई होगी। इसी तरह के अन्य ट्रेंडिंग आर्टिकल्स पढ़ने के लिए Leverage Edu के साथ बने रहें।

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Essay, Paragraph or Speech on “Health and Nutrition” Complete Essay, Speech for Class 10, Class 12 and Graduation and other classes.

Health and Nutrition

The World Health Organization defines health as a state of complete physical, mental and social well-being, and not merely the absence of disease or infirmity’; and nutrition as an input to and foundation for health and development

A healthy body is a healthy adage that has stood the test of time. Nutrition is the most important factor in maintaining and keeping good health Nutrition begins with food and includes everything that the body needs in order to live i.e. function and grow. Food that one eats regularly constitutes our diet. Dietary habits are habitual decisions an individual or culture makes. Although humans are omnivores, each culture holds some food preferences and some food taboos. Individual dietary choices may be more or less healthy. The choice of food may also vary according to an individual’s genetic makeup, environment and health. For a significant section of the population, lack of food and malnutrition are the main impediments to healthy eating. Conversely, amongst the affluent, obesity is a larger concern.

Healthy nutrition, basically, is eating wholesome and balanced food from all the basic food groups; which consist of dairy group, poultry group, grains and pulses group, fruits and vegetables group, and some from fats, oils and sweets group, so as to get a healthy mix of proteins, carbohydrates, fats, vitamins and minerals., proteins are needed as the building blocks and for the chemical machinery of the human body, carbohydrates for immediate fuel and energy, fats for long-term storage of fuel and energy, vitamins e.g. A, B-complex, C, D, E, K) and minerals (e.g. calcium, magnesium, potassium, phosphorus, iron, zinc, sodium) for maintaining good health. It is equally important to drink an adequate quantity of water, a guideline says eight glasses a day; and proper ingestion and absorption of essential food materials in the body. A good nutrition should be part of an overall healthy lifestyle including regular exercise, not smoking and not drinking alcohol because food alone is not the solution to a longer and healthier life.

Healthy eating is also an important part of personal well-being as it drastically improves physical fitness, allows one to feel better and does wonders to personal health does not mean adopting a strict diet or giving up certain Preferred foods, but limiting the fattening and harmful foods such as white-flour products, processed foods, solid hydrogenated fats, sweets and fast food .Eating wrong could be deadly. Heart disease, cancer, stroke and diabetes have been directly linked to the way people eat, Eating habits can even influence some of the genetic problems e.g. the gradual bone thinning that result in osteoporosis which may be controlled if enough calcium is consumed, adequate vitamin-D levels are maintained, and weight-bearing exercises form a regular feature. Similarly, possibility of genetically predisposed diabetes and coronary heart disease could be reduced by avoiding obesity and adopting a healthy regime of diet and physical exercise.

That infection and malnutrition are related is well known. Better nutrition means stronger immune system, less illness and better health. Healthy children learn much better, healthy people are stronger. They are more productive and more adept at utilizing opportunities to gradually overcome poverty and hunger in a sustainable way.

Although death is inevitable; extending life through good health is possible. Nutrition is the key to health and longevity. ‘Aging’ is contributed by compounds called free radicals which attach themselves to health cells making them to lose their structure and function. Inclusion of antioxidants, readily available through many fruits and vegetables, in the diet could delay this process.

 Let “Food be our Medicine’ and not let ‘Medicine become our Food.’

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commentscomments

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स्वस्थ भोजन पर निबंध

Essay on Healthy Food in Hindi: हम यहां पर स्वस्थ भोजन पर निबंध शेयर कर रहे है। इस निबंध में स्वस्थ भोजन के संदर्भित सभी माहिति को आपके साथ शेअर किया गया है। यह निबंध सभी कक्षाओं के विद्यार्थियों के लिए मददगार है।

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स्वस्थ भोजन पर निबंध | Essay on Healthy Food in Hindi

स्वस्थ भोजन पर निबंध (250 शब्द).

हर एक व्यक्ति के लिए स्वस्थ भोजन बहुत ही जरूरी होता हैं। लेकिन स्वस्थ भोजन को सही तरीके से आजकल कोई नहीं अपनाता हैं। सब अपने जीवन में इतने व्यस्त रहते हैं कि हर दिन फास्ट फूड खाते हैं और धीरे-धीरे स्वस्थ भोजन को सब भूल रहे हैं लेकिन स्वस्थ भोजन हमारे शरीर को जो- जो फायदे देता हैं, वह सब फायदे आजकल की जनरेशन में हमें देखने को नहीं मिलते हैं।

फास्ट फूड को अपनाने के कारण वर्तमान समय में हमारे बीच कई नई नई बीमारियां उत्पन्न होती हैं और उन बीमारियों से लोग अपनी जान भी गवां रहे हैं। अगर इसी जगह हर व्यक्ति अपने भोजन में स्वस्थ भोजन को शामिल करें, तो वह अपने जीवन भर स्वस्थ और तंदुरुस्त रहता हैं। साथ ही उसे किसी भी प्रकार की बीमारी होने की संभावना नहीं रहता हैं।

स्वस्थ भोजन केवल हमें बीमारियों से ही नहीं बचता हैं। यह हमारे शरीर को एनर्जी देता है, वैसे तो अगर देखा जाए तो हेल्दी फूड के अंतर्गत ही कई अलग-अलग प्रकार के फूड होते हैं लेकिन मुख्य रूप से यह निम्नलिखित पदार्थों को अपने भोजन में जरूर शामिल करना चाहिए।

3. शुद्ध धान की रोटी

4. हरी सब्जियां

5. शुद्ध फल

स्वस्थ भोजन पर निबंध (800 शब्द)

भोजन हर किसी व्यक्ति के लिए जरुरी होता है। भोजन के बिना हम लोग जीवन कि कल्पना भी नही कर सकते हैं। भोजन जो हम लोग करते वो पेट में जाता है, फिर पूरी तरह से पचता हैं। जिससे हमारे शरीर को ऊर्जा मिलते हैं। जिससे हम काम करते है और  यह मांशपेशियो को मजबूत करता हैं। हमारे शरीर में क्षतिग्रस्त अंगो के कोशिकाओं की मरम्मत करता हैं। स्वस्थ भोजन उसे कहा जाता है जिसमें विटामिन, कार्बोहाईड्रेट, फैट, प्रोटीन आदि का भरपूर मात्रा उपलब्ध होते हैं।

स्वस्थ भोजन का महत्व

स्वस्थ भोजन हमारे शरीर को स्वस्थ रखने के लिए बहुत जरुरी होता हैं। स्वस्थ भोजन के अंदर रोटी, हरी, सब्जियाँ, चावल, दुध और दही आदि आते हैं। हमारे शरीर को स्वास्थ रखने के लिए संतुलित आहार का सेवन करना चाहिए। स्वस्थ भोजन में फल को भी खाना चाहिए। अगर आप भी आपने जीवन में अच्छा प्रदर्शन करना चाहते है, तो आपको स्वास्थ रहना जरुरी हैं। क्योंकि इस कविता में सही कहा है “स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ दिमाग बसता है” विशेष कर विद्यार्थी जीवन में स्वास्थ्य का बहुत बड़ा महत्व हैं। यदि कोई विद्यार्थी पूर्ण रूप से स्वास्थ नही रहेगा, तो उसको पढाई में मन नही लगेगा और वो दूसरों से कमजोर महसूस करेगा।

नियमित रूप से व्यायाम जरुर करे, इससे मेटाबॉलिज्म होने के साथ साथ तेजी से कैलोरी बर्न होगा। जिससे वजन भी नियंत्रत रहेगा। नियमित व्यायाम से हमारे शरीर के साथ साथ मस्तिक को तेज रखने में उपयोगी होते हैं। व्यायाम से तनाव, सिर दर्द आदि जैसी समस्या को ठीक किया जा सकते हैं।

स्वस्थ भोजन का सेवन ना करने से होने वाले नुकसान

आज के समय में लोग स्वस्थ भोजन का महत्व भूलते जा रहे है और फ़ास्ट फूड की और ज्यादा ध्यान दे रहे है, जिससे दांतों में दर्द, हाई ब्लड प्रेशर, मोटापा और मधुमेह का खतरा बढ़ता ही जा रहा हैं। आज कल लोग स्वादिष्ट भोजन की तरफ ज्यादा आकर्षित हो रहे है और भोजन की गुणवत्ता पर ध्यान नहीं दे रहे हैं। जंक फ़ूड भले ही खाने में स्वादिष्ट होता है लेकिन यह पौष्टिक नहीं होते हैं। बल्कि हमारे शरीर के लिए नुकसान दायक होता हैं। फ़ास्ट फ़ूड जितना स्वादिष्ट होता है, उससे हमारे शरीर में उतना ज्यादा नुकसान होता हैं।

आज कल बहुत सारी बीमारीयां भी होती हैं। हमे हमारे जीवन में जंक फ़ूड को कम से कम सेवन करना चाहिए, और स्वस्थ्य भोजन को हमें हमारे अपनी दिनचर्या का हिस्सा बनाना चाहिए। बच्चों को हरी सब्जी अलग अलग तरीके से बनाकर खिलाना चाहिए चाहिए, जो देखने में देखने में अच्छी लगे और बच्चे उनकी तरफ आकर्षित हो जाएं। बच्चों के साथ के साथ साथ बड़े लोगों को भी स्वस्थ भोजन का सेवन करना चाहिए। हेल्दी फूड शरीर को शक्तिशाली बनाता है, और रोगो से भी बचाता हैं। तीनों समय स्वस्थ भोजन का ही सेवन करना चाहिए। हमे कभी कभी बाहर का भोजन खाना चाहिए। जिससे हमारे शरीर में कम से कम नुकसान हो।

रोज सुबह दूध का सेवन करना चाहिए। दूध को एक अच्छा संतुलित आहार माना जाता हैं क्योंकि इसमें पोषक तत्व प्रचुर मात्रा में होते हैं। दोपहर को हमें चावल, दाल, सलाद आदि खाना चाहिए। रात को दाल रोटी, सब्जी आदि का सेवन चाहिए।

स्वस्थ्य भोजन की सारणी

नीचे लिखे कुछ ऐसे भोजन की सारणी है, जो खाद्य पदार्थ आसानी से बाजार में मिल जायेंगे हैं।

हरी सब्जियां :-

कई लोग हरी सब्जी को पसंद नही करते है, लेकिन वो भूल जाते है की हरी सब्जी में कैल्शियम, मिनरल, एंटीऑक्सीडेंट आदि पाए जाते जाते है। जो हमारे शारीर को मोटापा, ह्रदय रोग के अलावा गंभीर बीमारी से बचाता हैं। हमारे शरीर को स्वस्थ रखने के लिए दैनिक आहार में लेना चाहिए।

सब्जी की तरह फल भी हमारे स्वस्थ्य के लिए फायदेमंद होते हैं। डायबिटीज, ब्लड प्रेशर, कोलेस्ट्रॉल या वजन घटाना, इन सब के लिए फल आपको मदद करेंगे। फलों में सेब, संतरा यह दोनों दिनचर्या में जरुर शामिल करे और याद रहे फल का सेवन संतुलित मात्रा में ही करना चाहिए। जिससे हमारे शरीर नुकसान न हो।

दूध या डेयरी पदार्थ :-

दूध में भी कई तरह के पोषक तत्व पाए जाते है जैसे :- कैल्शियम, विटामिन ए, विटामिन बी 12, पोटैशियम, मैग्नीशियम, जिंक होते हैं, जो हड्डियों को मजबूत बनाते है।

अगर आप किसी फल को खाना नहीं चाहते है, तो आप उस फल का जूस बना कर उसका सेवन कर सकते हैं। जैसे :- आम, सेब, केला, गन्ना, मोसमी आदि फल जो बाज़ार में आसानी से मिल जायेगें। आप इनका जूस बना कर उपयोग कर सकते हैं।  जिससे पेट में होने वाले कई रोगों से छुटकारा मिलता है। जूस हमारे स्वास्थ्य के फायदेमंद होते हैं।

हमारे शरीर को स्वास्थ्य रखने के कुच्छ टिप्स

जितना हो सके तेल वाले भोजन का सेवन करने से बचे, इनके लगातार सेवन से बहुत सारी बीमारियाँ हो सकती हैं।

पानी खूब पिएं :-

हमारे शरीर में पानी की मात्रा कम नहीं होनी चाहिए क्योंकि जिससे किडनी की समस्या, त्वचा संबंधी समस्या, उल्टी, बुखार और कई अन्य परेशानियां हो सकती है । पानी की सही मात्रा से ब्लड सर्कुलेशन भी बेहतर होता है, जितना हो सकते है उतना पानी पिएं।

उपवास करना हमारे शरीर के लिए बहुत फायदेमंद होते हैं। उपवास मोटापे को कम करता हैं। साथ ही बीमारी को दूर करने में मदद हो सकते हैं। उपवास के दोरान आप पानी पीते रहे है और फल खाते जिससे हमारे शरीर में ऊर्जा बनी रहें।

स्वस्थ भोजन हमारे जीवन में बहुत महत्वपूर्ण होता है, लेकिन आजकल स्वस्थ भोजन को कोई पूछता भी नहीं हैं। आज के इस लेख के माध्यम से हमने आपको स्वस्थ भोजन का हमारे जीवन में क्या महत्व होता है, उसके बारे में विस्तार से जानकारी दी हैं। इसलिए हम उम्मीद करते हैं, कि आपको आज का यह लेख अवश्य पसंद आया होगा।

आज के आर्टिकल में हमने  स्वस्थ भोजन पर निबंध ( Essay on Healthy Food in Hindi)   के बारे में बात की है। मुझे पूरी उम्मीद है की हमारे द्वारा लिखा गया यह आर्टिकल आपको पसंद आया होगा। यदि किसी व्यक्ति को इस आर्टिकल में कोई शंका है। तो वह हमें कमेंट में पूछ सकता है।

  • प्रातःकाल का भ्रमण निबंध
  • जंक फूड पर निबंध
  • परिश्रम का महत्व पर निबंध

Ripal

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स्वस्थ आहार पर नारे | Slogans on Healthy Food in Hindi

Slogans on Healthy Food in Hindi

किसी भी व्यक्ति को स्वस्थ रखने में पोषक तत्वों से भरपूर संतुलित आहार महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, बिना स्वस्थ आहार लिए व्यक्ति कभी निरोगी और पूरी तरह स्वस्थ नहीं रह सकता है।

वहीं जो लोग पोषक तत्वों से भरा स्वस्थ आहार ग्रहण नहीं करते, वे लोग चारों तरफ से बीमारियों से घिर जाते हैं, और इसका परिणाम उन्हें जीवन भर भोगना पड़ता है।

वहीं आजकल ज्यादातर लोग संतुलित आहार की बजाय बाहर का जंक फूड खाना ज्यादा पसंद करते हैं, ज्यादातर विद्यार्थी आलस के चलते मैगी अथवा अन्य जंक फूड खाकर पेट भर लेते हैं और संतुलित आहार करना जरुरुी नहीं समझते हैं।

इसके साथ ही आजकल ऑफिस के काम के व्यस्तता के चलते ज्यादातर कामकाजी पति-पत्नी दोनों बाहर से खाना खाना पसंद करते हैं, जिससे बुरा प्रभाव उनके स्वास्थ्य पर पड़ता है, क्योंकि रोजाना उचित पोषक तत्व नहीं मिलने से व्यक्ति का शरीर दुर्बल होता जाता है,और धीमे-धीमे बीमारियों का शिकार होता जाता है।

इसलिए आजकल राशन की दुकानों से ज्यादा अस्पतालों में भीड़ देखने को मिलती है, वहीं इसका सबसे प्रमुख कारण संतुलित आहार नहीं लेना है।

संतुलित आहर लेने को लेकर लोगों को जागरूक करने के उद्देश्य से आज हम अपने अपने इस आर्टिकल में आपको कुछ स्वस्थ आहार पर नारे उपलब्ध करवा रहे हैं, जिसे पढ़कर न सिर्फ व्यक्ति अच्छी डाइट लेने के लिए जागरुक होंगे बल्कि वे एक सफल और स्वस्थ जीवन का निर्वहन कर सकेंगे।

स्वस्थ आहार पर नारे – Slogans on Healthy Food in Hindi

Poster on Healthy Food

“स्वस्थ संतुलित हो आहार, एनर्जी दे शरीर को अपार।

व्यक्ति का स्वास्थ्य सबसे बड़ा उपहार है, संतोष सबसे बड़ा धन है, वफ़ादारी सबसे बड़ा सम्बन्ध है।

Slogans on Healthy Food in Hindi

“फल सब्जी अनाज का सेवन बढ़ाएँ, फ़ास्ट फ़ूड से बचें और शरीर को स्वस्थ बनायें।

अब तो हर किसी का बस यही कहना, स्वस्थ रहना और सुखी रहना।

Healthy Food Habits Poster

“स्वस्थ भोजन का सेवन करें, और अपने शरीर को सेहतमंद रखें।

स्वस्थ शरीर की जिसने भी है ठानी, यही सिर्फ उसके बेहतर जीवन की निशानी।

Healthy Food Slogan Poster

“सुबह सवेरे भागों – कूदो, अपना स्वास्थ्य बनाओ, जंक फ़ूड को दूर भगाओ।

स्वस्थ रहना ही है मेरी कर्मपूजा, और  इससे बढ़कर कोई काम नहीं दूजा।

Healthy Food Quotes

“साफ़ सफाई पर ध्यान दें, भोजन संक्रमण रहित रखें।

कर्म ही है हर मनुष्य के जीवन का कर्तव्य, स्वस्थ हो तभी हासिल होगा उसका लक्ष्य।

Healthy Food Slogans

“आप जैसा खाते हैं वैसे ही होते हैं।

जब आप रखोगे अपना शरीर का पूरा ध्यान, तभी कर सकोगे बाकी सारे काम।

Quotes on Healthy Food in Hindi

एक स्वस्थ व्यक्ति ही अपने जीवन के लक्ष्यों को आसानी से हासिल कर, सफलता के पथ पर अग्रसर हो सकता है। वहीं स्वस्थ नागरिक किसी भी देश की सबसे बड़ी सम्पदा होते हैं, क्योंकि एक स्वस्थ व्यक्ति न सिर्फ अपने परिवार के विकास में मद्द करता हैं बल्कि देश के विकास में भी अपना महत्वपूर्ण योगदान देता है।

इसलिए हर व्यक्ति को स्वस्थ रहने के लिए संतुलित आहार लेना बेहद जरुरी है, वहीं जो लोग ऐसा नहीं करते हैं, वे न सिर्फ अपने स्वास्थ्य से खिलवाड़ कर खुद के जीवन को नर्क बनाते हैं, बल्कि अपने आसपास के वातावरण पर भी बुरा प्रभाव डालते हैं और देश के विकास में बाधा बनते हैं।

इसलिए स्वस्थ आहार पर लिखे गए कुछ स्लोगन के माध्यम से आप भी स्वस्थ आहार लेने के लिए प्रयास करिए और इन स्लोगन को सोशल मीडिया साइट्स पर ज्यादा से ज्यादा शेयर कर दूसरों को भी स्वस्थ रहने के लिए जागरुक करिए।

Healthy Food Quotes Images

“हाई कैलोरी भोजन लें, पर साथमें हर रोज व्यायाम करना कभी न भूलें।

हर किसी का है सिर्फ यही पक्ष, बेहतर स्वास्थ्य को बनाओ अपना लक्ष्य।

Healthy Food Slogans in Hindi

“सात्विक भोजन करने वालोँ से रोग हमेशा डरते हैं।

Healthy Food Quotes Sayings

“स्वस्थ आहार लें, अनेक बिमारियों से बचें।

जब स्वस्थ भोजन होगा, तभी तंदुरुस्त जीवन होगा।

Quotes on Healthy Food Habits

“जलवायु के अनुसार आहार करें, मौसमी सब्ज़ियों का उपयोग करें।

जो व्यक्ति अच्छे स्वास्थ्य का आनंद लेता है, वही सबसे अमीर, सुखी और समृद्ध होता है, भले ही वह इस बात से वाकिफ न हो।

Healthy Food Slogans

स्वस्थ जीवन जीने के महत्व को समझते हुए, सभी को आवश्यक विटामिन और पोषक तत्वों से भरपूर भोजन करना अपनी पहली प्राथमिकता बनानी चाहिए, क्योंकि स्वस्थ आहार ही आपको स्वस्थ जीवन दे सकता है।

अर्थात अस्वस्थ व्यक्ति का जीवन-जीवन नहीं बल्कि घोर दुख और आलस्य की अवस्था होती है,और मृत्यु का प्रतिबंब होता है, वहीं ऐसे व्यक्ति के पास अपार धन-दौलत सब-कछ होते हुए भी किसी काम की नहीं होती।

इसलिए स्वास्थ्य के प्रति हमेशा सजग रहो और अच्छे संतुलित भोजन को लेते रहो, इसके साथ ही स्वस्थ आहार पर लिखे गए इन स्लोगन को भी ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचाओं ताकि स्वस्थ भारत का निर्माण हो सके।

Quotes on Healthy Food Habits Hindi

“हमेशा करें स्वस्थ आहार का सेवन, श्रेष्ठ आरोग्य रहे हर क्षण।

बिल्कुल भी मत खाओ रखा हुआ खाना, तुम तो खाओ एकदम ताजा खाना।

Slogans on Healthy Food

“बाहर का भोजन कम करें, घर का भोजन ग्रहण करें।

बाहर का भोजन बिल्कुल भी मत खाओ, तुम तो सिर्फ संतुलित भोजन को अपनाओ।

Quotes on Healthy Food vs Junk Food

“शरीर को तुम बलवान बनाओ, समोसा और कोला दूर हटाओ।

घर का आहार है अमृत के सामान, और यह स्वास्थ्य के लिए भी है वरदान।

Healthy Food Quotes in Hindi

“कदम कदम बढ़ाये जा, जंक फ़ूड को भगाएं जा।

जीवन का है बहुत मोल,संतुलित आहार बनाएगा उसको अनमोल।

Healthy Eating Quotes Inspirational

“जैसा व्यक्ति का आहार हो, वैसा ही उसका विचार हो।

अच्छा स्वास्थ्य और अच्छी समझ, दोनों ही मनुष्य के जीवन के सबसे बड़़े आशीर्वाद हैं।

Healthy Food Status

“शरीर रहे तंदुरुस्त, सही आहार बनाये हमें चुस्त।

Healthy Food Habits for Kids

“हर रोज़ समय पर हो भोजन, ध्यान रखे यह बात जन-जन।

मनुष्य का स्वास्थ्य ही उसका सबसे बड़़ी पूंजी है।

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5 thoughts on “स्वस्थ आहार पर नारे | Slogans on Healthy Food in Hindi”

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अच्छी बातें बताई है अपने वो भी कोट्स के माध्यम से

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Best slogans I have read so far, thanks for sharing.

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sir acche food quotes share kiye thanks

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lajawab in slogans ko jivan me follow karte rahena chahiye

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शुक्रिया शेख मुनीर जी, सही कहा आपने अगर इन स्लोगन को अपनी जिंदगी में उतार लिया जाए तो आप जीवन भर स्वस्थ रह सकते हैं।

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Millets in hindi

Millets In Hindi – लाभ, प्रकार और अपने आहार में कैसे शामिल करें

Millets in Hindi : बाजरा छोटे बीज वाले अनाज का एक समूह है जो हजारों वर्षों से दुनिया के विभिन्न क्षेत्रों में मुख्य भोजन के तौर पर लिया जा रहा है। ये पौष्टिक और टिकाऊ अनाज है, कई सालों तक इसे रखा जा सकता है इसमें किसी भी प्रकार का कीड़ा नहीं लगता।अब कई देशों में चावल और गेहूं से भी पोस्टिक और पर्यावरण के तौर पर अनुकूल विकल्प के रूप में लोकप्रिय हो रहे हैं।

बाजरा छोटे बीज वाले अनाज होते हैं जो विभिन्न किस्मों में आते हैं, जैसे कि ज्वार, बाजरा, रागी, फॉक्सटेल बाजरा और प्रोसो बाजरा आदि। वे दुनिया के कई क्षेत्रों में एक मुख्य और स्वास्थ्य के लिए पौष्टिक भोजन हैं, विशेष रूप से भारत और अफ्रीका में, जहां वे हजारों वर्षों से उगाए और खाए जाते रहे हैं।

Table of Contents

विभिन्न प्रकार के बाजरा – Types of Millets in Hindi

बाजरा अत्यधिक पौष्टिक और बहुमुखी अनाज फसलों का एक समूह है जो सदियों से कई संस्कृतियों में प्रमुख अनाज रहा है। अपने अनूठे स्वाद, उच्च फाइबर सामग्री और कई स्वास्थ्य लाभों के साथ, बाजरा दुनिया भर के कई देशों में तेजी से लोकप्रिय हो रहा है।

Types of Millets in Hindi

लेकिन इतने सारे अलग-अलग प्रकार के बाजरा उपलब्ध होने के कारण, यह जानना मुश्किल हो सकता है कि किसे चुनना है। इस लेख में, हम विभिन्न प्रकार के बाजरा और उनकी अनोखे विशेषताओं पर चर्चा करेंगे, ताकि आपको अलग-अलग मिनट्स के स्वास्थ्यवर्धक फायदे जानने में मदद मिल सके Millets in Hindi लेख के जरिए।

1. Pearl Millet  in Hindi – (बाजरा)

Pearl Millet, जिसे बाजरा के नाम से भी जाना जाता है, अफ्रीका और भारत के कई हिस्सों में एक मुख्य भोजन है। यह फाइबर, प्रोटीन और आवश्यक खनिजों जैसे मैग्नीशियम, कैल्शियम और आयरन से भरपूर होता है। बाजरा में फास्फोरस विशेष रूप से उच्च मात्रा में होता है, जो इसे फास्फोरस की कमी से संबंधित स्वास्थ्य समस्याओं वाले लोगों के लिए एक अच्छा विकल्प बनाता है। यह बाजरा लस मुक्त है, जो इसे लस संवेदनशीलता वाले लोगों के लिए एक लोकप्रिय विकल्प बनाता है।

2. Finger Millet in Hindi – फिंगर मिलेट (रागी)

Finger Millet को रागी के रूप में भी जाना जाता है, ये एक अत्यधिक पौष्टिक अनाज है जो आमतौर पर भारत और अफ्रीका में खाया जाता है। यह प्रोटीन, फाइबर और आवश्यक विटामिन और खनिजों जैसे कैल्शियम और आयरन का एक अच्छा स्रोत है। रागी एंटीऑक्सिडेंट में भी समृद्ध है, जो इसे उन लोगों के लिए एक बढ़िया विकल्प बनाता है जो अपने समग्र स्वास्थ्य को बढ़ावा देना चाहते हैं। इस बाजरे का इस्तेमाल अक्सर आटा बनाने के लिए किया जाता है, जिसका इस्तेमाल रोटी और डोसा जैसे पारंपरिक व्यंजन बनाने के लिए किया जा सकता है।

3. Foxtail Millet in Hindi – फॉक्सटेल मिलेट (कंगनी)

फॉक्सटेल बाजरा , जिसे कंगनी के नाम से भी जाना जाता है, यह एक तेजी से बढ़ने वाला अनाज है जिसकी एशिया और अफ्रीका में व्यापक रूप से खेती की जाती है। यह फाइबर, प्रोटीन और आवश्यक विटामिन और खनिज जैसे आयरन, मैग्नीशियम और पोटेशियम से भरपूर होता है। फॉक्सटेल बाजरा भी एंटीऑक्सिडेंट का एक अच्छा स्रोत है, जो इसे उन लोगों के लिए एक बढ़िया विकल्प बनाता है जो अपने संपूर्ण स्वास्थ्य को स्वास्थ रखना चाहते हैं। इस बाजरा का उपयोग अक्सर दलिया बनाने के लिए किया जाता है, जिसका आनंद गर्म नाश्ते के साथ या मिठाई के रूप में लिया जा सकता है।

4. Proso Mille in Hindi – प्रोसो बाजरा (बर्री)

Proso Millet, जिसे बर्री के नाम से भी जाना जाता है, एक अत्यधिक पौष्टिक अनाज है जिसकी एशिया और संयुक्त राज्य अमेरिका में व्यापक रूप से खेती की जाती है। यह फाइबर, प्रोटीन और आवश्यक विटामिन और खनिज जैसे आयरन, मैग्नीशियम और पोटेशियम से भरपूर होता है। Proso Millet भी एंटीऑक्सिडेंट का एक अच्छा स्रोत है, जो इसे उन लोगों के लिए एक बढ़िया विकल्प बनाता है जो अपने समग्र स्वास्थ्य को वेदर देखना चाहते हैं। इस बाजरा का उपयोग अक्सर आटा बनाने के लिए किया जाता है, जिसका उपयोग रोटी और डोसा जैसे पारंपरिक व्यंजन बनाने के लिए किया जा सकता है।

5. Little Millet  in Hindi -लिटिल मिलेट (समाई)

Little Millet , जिसे समाई के रूप में भी जाना जाता है, एक अत्यधिक पौष्टिक अनाज है जिसकी भारत और अफ्रीका में व्यापक रूप से खेती की जाती है। यह फाइबर, प्रोटीन और आवश्यक विटामिन और खनिजों जैसे कैल्शियम, आयरन और मैग्नीशियम से भरपूर होता है। समाई बाजरा भी एंटीऑक्सिडेंट का एक अच्छा स्रोत है, जो इसे उन लोगों के लिए एक बढ़िया विकल्प बनाता है जो अपने समग्र स्वास्थ्य को बढ़ावा देना चाहते हैं। इस बाजरे का इस्तेमाल अक्सर आटा बनाने के लिए किया जाता है, जिसका इस्तेमाल रोटी और डोसा जैसे पारंपरिक व्यंजन बनाने के लिए किया जा सकता है।

6. Sorghum Millet in Hindi – ज्वार बाजरा (ज्वार)

Sorghum Millet, जिसे ज्वार के रूप में भी जाना जाता है, एक बहुमुखी और पौष्टिक अनाज है जिसका उपयोग हजारों वर्षों से कई देशों, विशेष रूप से भारत और अफ्रीका, चाइना में मुख्य भोजन के रूप में किया जाता रहा है। यह अनाज प्रोटीन, फाइबर, और विभिन्न विटामिन और खनिजों सहित आवश्यक पोषक तत्वों से भरा होता है, जो इसे सभी उम्र के लोगों के लिए पोषण का एक उत्कृष्ट स्रोत बनाता है।

7. Buckwheat Millet in Hindi- (कुट्टू)

Buckwheat Millet, फाइबर, प्रोटीन और विभिन्न विटामिन और खनिजों सहित पोषक तत्वों का एक समृद्ध स्रोत है। इसमें एंटीऑक्सिडेंट भी होते हैं, जो शरीर को हानिकारक मुक्त कणों से बचाने में मदद कर सकते हैं और कुछ बीमारियों के जोखिम को कम कर सकते हैं। कई प्रकार के प्रमुख स्वास्थ्य लाभों में मदद करता है। जैसे कि रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित करना। यह इसके कम ग्लाइसेमिक इंडेक्स और उच्च फाइबर सामग्री के कारण संभव होता है, जो शरीर में कार्बोहाइड्रेट के पाचन और अवशोषण को धीमा करने में मदद करता है इसीलिए मधुमेह जैसे रोगों में यह बहुत कारगर है। हृदय-स्वस्थ को मजबूत रखने के लिए जो आवश्यक पोषक तत्व होते हैं! इनका यह बाजरा एक अच्छा स्रोत है, जो हृदय रोग के जोखिम को कम करने में मदद कर सकता है। इसके अलावा, यह कोलेस्ट्रॉल कम करने मैं भी प्रभावशाली है, और स्ट्रोक और अन्य हृदय संबंधी समस्याओं के जोखिम को कम करने में मदद कर सकता है।

8. Amaranth Millet in Hindi – (राजगिरा/रामदाना/छोला)

अमरनाथ बाजरा एक अत्यधिक पौष्टिक अनाज है जो फाइबर, प्रोटीन, विटामिन और खनिजों से भरपूर होता है। यह एंटीऑक्सिडेंट का भी एक अच्छा स्रोत है, जो खून में मौजूद हानिकारक पदार्थ से शरीर की रक्षा करने और आर उसे कम करने में मदद करता है। अमरनाथ बाजरा के प्रमुख स्वास्थ्य लाभों में से एक इसकी रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित करने की क्षमता होना। यह इसके कम ग्लाइसेमिक इंडेक्स और उच्च फाइबर सामग्री के कारण होता है, जो शरीर में कार्बोहाइड्रेट के पाचन और अवशोषण को धीमा करने में मदद करता है। इसके अलावा, इसमें सूजन-रोधी गुण पाए गए हैं और समग्र हृदय स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में मदद कर सकते हैं।

9. Barnyard Millet in Hindi- (संवत के चावल/सावा चावल)

यह एक अत्यधिक पौष्टिक प्रकार का बाजरा है जो भारत और नेपाल के मूल निवासी और कई देशों में एक मुख्य भोजन के तौर पर उगाया और खाया जाता है। और आमतौर पर दलिया, ब्रेड और यहां तक कि चावल के विकल्प के रूप में भी इसका उपयोग किया जाता है। Barnyard Millet अत्यधिक पौष्टिक अनाज है, जो इसे आपके आहार के लिए एक अतिरिक्त बढ़िया बनाता है। इसमें उच्च मात्रा में फाइबर, प्रोटीन और आयरन, मैग्नीशियम और पोटेशियम जैसे आवश्यक खनिज होते हैं। इसमें वसा और कैलोरी की मात्रा कम है, जो व्यक्ति वजन कम करना चाहते हैं उनके लिए एक बढ़िया विकल्प है। बार्नयार्ड बाजरा का सेवन करने से कई स्वास्थ्य लाभ होते हैं। यह कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करने, पाचन में सुधार करने और रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित करने में मदद करता है। यह एंटीऑक्सिडेंट का भी एक बड़ा स्रोत है, जो विभिन्न बीमारियों और विकारों से बचाने में मदद कर सकता है।

Kodo Millet in Hindi – कोदो बाजरा (केद्रव, कोदो धान, कोदो)

कोदो बाजरा , जिसे केद्रव, कोदो धान, कोदो इन कई नामों से भी जाना जाता है, एक प्राचीन अनाज है जो भारतीय मूल है, और अब दुनिया भर के कई देशों में उगाया जाता है। यह अत्यधिक पौष्टिक अनाज है जो कई संस्कृतियों में एक मुख्य भोजन है, चावल और गेहूं जैसे पारंपरिक अनाजों से भी अधिक पौष्टिक होने के कारण विकल्प के रूप में तेजी से लोकप्रियता प्राप्त कर रहा है। कोदो अनाज मैं फाइबर, प्रोटीन और आवश्यक विटामिन और आयरन, मैग्नीशियम और पोटेशियम जैसे खनिजों से भरा होता है। यह वसा और कैलोरी में भी कम है, इसमें कैलोरी कम होने से वजन कम आने में बहुत ही मददगार साबित होता है।

बाजरा के पोषण संबंधी लाभ – Nutritional Benefits of Millet in Hindi

बाजरा पोषक तत्वों से भरपूर अनाज है इसलिए इसे स्वास्थ्य लाभ का खजाना कहा जाता है। यह जटिल कार्बोहाइड्रेट का एक अच्छा स्रोत है, जो पूरे दिन ऊर्जा की धीमी और स्थिर रिलीज करता है। बाजरा में उच्च क्वालिटी का फाइबर होता है, जो पाचन स्वास्थ्य को बढ़ावा देता है और रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित करने में मदद करता है ताकि मधुमेह जैसे रोगों से बचा जा सके। बाजरा में असाधारण पोषक तत्वों में से एक मैग्नीशियम है, जो स्वस्थ हृदय और मजबूत हड्डियों को बनाए रखने के लिए महत्वपूर्ण है। बाजरा एंटीऑक्सिडेंट का भी एक अच्छा स्रोत है, जो शरीर को कोशिकाओं की क्षति से बचाने में मदद करता है और हृदय रोग और कैंसर जैसी पुरानी बीमारियों के जोखिम को कम कर सकता है। इसकी उच्च पोषक सामग्री के अलावा, बाजरा लस मुक्त भी है और सीलिएक रोग या लस असहिष्णुता वाले लोगों के लिए एक अच्छा विकल्प है। यह वसा में भी कम है और इसमें कोई कोलेस्ट्रॉल नहीं है, जो इसे कम वसा वाले आहार पसंद करते हैं उनके लिए एक स्वस्थ विकल्प बनाता है।

अन्य अनाजों के साथ बाजरा की तुलना – Comparison of Millets with Other Grains in Hindi

बाजरा छोटे बीज वाली घासों का एक समूह है जो हजारों वर्षों से कई संस्कृतियों में मुख्य भोजन रहा है। जबकि वे व्यापक रूप से अन्य अनाज जैसे गेहूं, चावल और मकई के रूप को भी नहीं कोई नहीं जानता था, बाजरा कई लाभों के साथ एक पौष्टिक और बहुमुखी विकल्प है। Millets in Hindi

स्वाद और बनावट – Millet Flavor and Texture in Hindi

बाजरा में एक अनोखा, पौष्टिक स्वाद होता है जो अन्य अनाजों से अलग होता है। खाने में चबाया हुआ जैसा लगता है, जिससे उन्हें विभिन्न प्रकार के व्यंजनों के लिए एक अच्छा विकल्प बना दिया जाता है, जिसमें दलिया, रोटी और पायलफ शामिल हैं। इसकी तुलना में, कई अन्य अनाजों में एक हल्का स्वाद और नरम बनावट होती है, जिससे उन्हें पाक उपयोगों के मामले में कम बहुमुखी होता है। Millets in Hindi

स्थिरता और पर्यावरणीय प्रभाव –  Millet Sustainability and Environmental Impact in Hindi

बाजरा अत्यधिक टिकाऊ फसल है, क्योंकि उन्हें अन्य अनाजों की तुलना में कम पानी और उर्वरक की आवश्यकता होती है। वे कठोर बढ़ती परिस्थितियों के लिए भी अच्छी तरह से अनुकूलित हैं, और यह मिट्टी को पोषित रखने में भी मदद करती है, जिससे वे सीमित संसाधनों वाले क्षेत्रों में किसानों के लिए एक बढ़िया विकल्प बन जाते हैं। इसकी तुलना में, चावल और गेहूं जैसे अन्य अनाज की खेती करने के लिए बहुत अधिक संसाधन की जरूरत होती हैं, जिनमें बड़ी मात्रा में पानी, उर्वरक और कीटनाशकों की आवश्यकता होती है। Millets in Hindi

मिलेट्स से बने विभिन्न व्यंजन – Different Dishes Made with Millets in Hindi

बाजरा एक बहुमुखी और पौष्टिक अनाज है जिसका उपयोग विभिन्न प्रकार के व्यंजनों में किया जा सकता है। नाश्ते के दलिया से लेकर रात के खाने तक, बाजरा को अपने आहार में शामिल करने के कई स्वादिष्ट तरीके हैं।

Millets in hindi recipe

नाश्ता – Breakfast

बाजरा नाश्ते के लिए पारंपरिक दलिया का एक बढ़िया विकल्प है। इससे एक गर्म, मलाईदार दलिया में पकाया जा सकता है और आपके पसंदीदा फलों, नट्स और मिठास के साथ सबसे ऊपर रखकर आनंद ले सकते है। कुरकुरे विकल्प के लिए, बाजरे के गुच्छे बनाने की कोशिश करें, जो मकई के गुच्छे के समान होते हैं, और दूध के साथ परोसें।

रोटी और पावरोटी

बाजरा को पीसकर आटा बनाया जा सकता है और ब्रेड, केक, कुकीज और अन्य बेक्ड सामान बनाने के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है। परिणामी उत्पादों में थोड़ा पौष्टिक स्वाद और एक अनूठी बनावट होती है जो उन्हें गेहूं के आटे से बने पारंपरिक पके हुए सामानों से अलग करती है।

पुलाव और चावल के व्यंजन

चावल के स्थान पर बाजरा का उपयोग विभिन्न प्रकार के व्यंजनों में किया जा सकता है, जिसमें पुलाव, तलना शामिल हैं। चावल का पुलाव कैसे बनता है सब्जी और मीट डालकर बिल्कुल उसी तरीके से इसे भी पकाया जा सकता है।

शाम का नाश्ता

बाजरे को पॉपकॉर्न की तरह पॉप कर एक स्वादिष्ट, सेहतमंद नाश्ता बनाया जा सकता है। बाजरा पॉपकॉर्न में एक कुरकुरे बनावट और पौष्टिक स्वाद होता है जो इसे पारंपरिक पॉपकॉर्न का एक बढ़िया विकल्प बनाता है। बाजरे के आटे का उपयोग पटाखे, चिप्स और अन्य स्नैक फूड बनाने के लिए भी किया जा सकता है। बाजरा को अपने आहार में शामिल करने के कई स्वादिष्ट तरीके हैं। चाहे आप एक पौष्टिक नाश्ता विकल्प कहिए, या खाना पकाने के लिए एक बहुमुखी सामग्री, या एक स्वस्थ स्नैक की तलाश कर रहे हों, बाजरा विचार करने के लिए एक बढ़िया विकल्प है।

बाजरा का उपयोग करने वाले लोकप्रिय व्यंजन

बाजरे का व्यंजन तो काफी तरीके के होते हैं लेकिन उनमें से कुछ अधिक लोकप्रिय है आइए जानते हैं बाजरे की प्रमुख व्यंजन क्या है? यहाँ बाजरा का उपयोग करने वाले कुछ सबसे लोकप्रिय व्यंजन हैं:

नाश्ता दलिया

बाजरे का दलिया एक सरल और पौष्टिक नाश्ते का विकल्प है। बनाने के लिए, बस बाजरा को दूध या पानी में अपनी मनचाही मिठास और टॉपिंग के साथ तब तक उबालें जब तक वे नरम और क्रीमी न हो जाएं। अपने पसंदीदा फल, मेवे और मिठास के साथ गरमागरम परोसें।

बाजरा फ्राइड राइस

बाजरा फ्राइड राइस सफेद चावल से बने पारंपरिक फ्राइड राइस का एक स्वादिष्ट और सेहतमंद विकल्प है। बनाने के लिए, बस बाजरे को नरम और फूले हुए होने तक पकाएं, फिर अपनी मनचाही सब्जियों और मसालों के साथ स्टर फ्राई करें। साइड डिश के रूप में या मुख्य खाने के रूप में परोसें।

बाजरा-भरवां शिमला मिर्च

बाजरा-भरवां शिमला मिर्च एक स्वादिष्ट और पौष्टिक खाने का विकल्प है। बनाने के लिए, बस बाजरा को नरम और भुरभुरा होने तक पकाएं, फिर अपनी मनचाही सब्जियां, हर्ब्स और सीज़निंग के साथ मिलाएं। मिश्रण को शिमला मिर्च में भरें और मिर्च के नरम होने तक और फिलिंग को गर्म और चुलबुली होने तक बेक करें।

बाजरा बर्गर

बाजरा बर्गर पारंपरिक बीफ बर्गर का एक स्वादिष्ट और स्वस्थ विकल्प है। बनाने के लिए, बस बाजरे को नरम और फूले हुए होने तक पकाएं, फिर अपने मनचाहे मसालों और बाइंडरों के साथ मिलाएं। मिश्रण को पैटीज़ का आकार दें और तब तक पकाएँ जब तक वे कुरकुरे और सुनहरे भूरे रंग के न हो जाएँ। अपने पसंदीदा टॉपिंग के साथ बन्स परोसें।

बाजरा क्रोकेट्स

बाजरा क्रोकेट एक स्वादिष्ट और स्वस्थ नाश्ते का विकल्प है। बनाने के लिए, बस बाजरे को नरम और फूले हुए होने तक पकाएं, फिर अपने मनचाहे मसालों और बाइंडरों के साथ मिलाएं। मिश्रण को छोटे-छोटे पैटीज़ का आकार दें, ब्रेड क्रम्स में रोल करें और उन्हें क्रिस्पी और गोल्डन ब्राउन होने तक तलें। अपनी मनपसंद डिपिंग सॉस के साथ सर्व करें। ऐसे कई स्वादिष्ट व्यंजन हैं जिनमें बाजरे को एक पौष्टिक और बहुमुखी सामग्री के रूप में शामिल किया गया है। चाहे आप नाश्ते के विकल्प की तलाश कर रहे हों, रात के खाने की एंट्री, या स्नैक की तलाश कर रहे हों, वहाँ एक बाजरा रेसिपी है जो आपकी क्रेविंग को पूरा करने के लिए निश्चित है।

बाजरा कैसे पकाएं – How To Cook Millets in Hindi

बाजरा पकाना आसान और सीधा है। इसके लिए बस कुछ सरल चरणों और कुछ बुनियादी सामग्रियों की आवश्यकता होती है, और परिणाम एक स्वादिष्ट, पौष्टिक भोजन होता है। यहाँ बाजरा पकाने का तरीका बताया गया है: किसी भी धूल या मलबे को हटाने के लिए बाजरा को महीन जाली वाली छलनी में धोएं।

एक बर्तन में बाजरा डालें और 1:2.5 के अनुपात में पानी या शोरबा डालें (एक भाग बाजरा से ढाई भाग तरल)।

तरल को उबाल लें, फिर आँच को कम कर दें और बर्तन को ढक्कन से ढक दें।

बाजरा को 20-25 मिनट के लिए या जब तक वे नरम न हो जाएं और तरल अवशोषित न हो जाए तब तक पकाएं।

बर्तन को आंच से हटा लें और बाजरा को कांटे से फुलाने से पहले 5-10 मिनट के लिए बैठने दें। स्वाद बाँधना और पकाने की विधि विचार बाजरा में हल्का, पौष्टिक स्वाद होता है जो विभिन्न प्रकार की सामग्री और सीज़निंग के साथ अच्छी तरह से जुड़ जाता है। वे बहुमुखी हैं और विभिन्न प्रकार के व्यंजनों में इस्तेमाल किए जा सकते हैं, जैसे हलचल-फ्राइज़, सूप, स्टॉज, सलाद आदि। आरंभ करने के लिए यहां कुछ नुस्खा विचार दिए गए हैं: बाजरा और सब्जी स्टिर-फ्राई: बाजरा को अपनी पसंदीदा सब्जियों, जैसे कि गाजर, शिमला मिर्च, और ब्रोकली के साथ स्टर-फ्राई करें। स्वादिष्ट और पौष्टिक भोजन के लिए सोया सॉस, अदरक और लहसुन के साथ सीज़न करें। बाजरा और बीन मिर्च: एक हार्दिक और स्वादिष्ट मिर्च बनाने के लिए पके हुए बाजरा को काली बीन्स, टमाटर, प्याज और मसालों के साथ मिलाएं। पूर्ण भोजन के लिए एवोकैडो और खट्टा क्रीम के साथ परोसें। बाजरा और भुनी हुई सब्जी का सलाद: पके हुए बाजरा को भुनी हुई सब्जियों, जैसे गाजर, चुकंदर और आलू के साथ मिलाएं। एक स्वादिष्ट और भरने वाले सलाद के लिए कुछ फ़ेटा चीज़ और विनैग्रेट ड्रेसिंग जोड़ें।

Millets in hindi

बाजरा को अपने आहार में शामिल करने के फायदे 

बाजरा कई कारणों से आपके आहार के लिए एक बढ़िया अतिरिक्त है। यहाँ कुछ लाभों पर विचार किया गया है: ग्लूटेन-मुक्त: बाजरा ग्लूटेन-मुक्त होते हैं, जो उन्हें ग्लूटेन-असहिष्णु या सीलिएक रोग वाले लोगों के लिए एक बढ़िया विकल्प बनाते हैं। पोषक तत्व-सघन: बाजरा विटामिन और खनिजों का एक समृद्ध स्रोत है, जो उन्हें आपके आहार के लिए पौष्टिक और पेट भरने वाला बनाता है। कैलोरी में कम: बाजरा में कैलोरी कम होती है, जो उन लोगों के लिए एक बढ़िया विकल्प है जो अपना वजन देख रहे हैं।

बाजरा के पर्यावरणीय लाभ – Environmental Benefits of Millets

बाजरा अत्यधिक अनुकूलनीय, कठोर और पौष्टिक अनाज वाली फसलों का एक समूह है जिसकी खेती हजारों वर्षों से की जाती रही है। वे शुष्क और अर्ध-शुष्क क्षेत्रों में उगाए जाते हैं और कठोर पर्यावरणीय परिस्थितियों में पनपने की उनकी क्षमता के लिए जाने जाते हैं। उन्हें बहुत कम पानी की आवश्यकता होती है, वे खराब मिट्टी में जीवित रह सकते हैं, और कीट और रोगों के प्रतिरोधी हैं।

हाल के वर्षों में, चावल, गेहूं और मकई जैसी पारंपरिक फसलों के लिए एक स्थायी और पर्यावरण के अनुकूल विकल्प के रूप में बाजरा में रुचि का पुनरुत्थान हुआ है। हम बाजरा के पर्यावरणीय लाभों का पता लगाएंगे और देखेंगे कि वे हमारे आहार के लिए एक मूल्यवान अतिरिक्त क्यों हैं।

पारंपरिक फसलों की तुलना में बाजरा के लाभ

बाजरा चावल, गेहूं और मकई जैसी पारंपरिक फसलों के पर्यावरण के अनुकूल विकल्प हैं। इन फसलों के विपरीत, जिनमें बड़ी मात्रा में पानी की आवश्यकता होती है, बाजरा उन क्षेत्रों में उगाया जा सकता है जहां पानी की कमी होती है, जिससे वे सूखे की संभावना वाले क्षेत्रों के लिए आदर्श बन जाते हैं। इसके अतिरिक्त, बाजरा कीटों और रोगों के प्रति अत्यधिक प्रतिरोधी है, जिसका अर्थ है कि उन्हें कम कीटनाशकों और उर्वरकों की आवश्यकता होती है, जिससे उनकी खेती के पर्यावरणीय प्रभाव को कम किया जा सकता है।

कम पानी की आवश्यकताएं

बाजरा के सबसे बड़े लाभों में से एक उनकी कम पानी की आवश्यकता है। चावल और मकई जैसी पारंपरिक फसलों के विपरीत, जिन्हें उगाने के लिए बड़ी मात्रा में पानी की आवश्यकता होती है, बाजरा बहुत कम वर्षा या सिंचाई वाले क्षेत्रों में उगाया जा सकता है। यह उन्हें उन क्षेत्रों के लिए आदर्श बनाता है जो सूखे से ग्रस्त हैं, क्योंकि वे कठोर परिस्थितियों के बावजूद भी महत्वपूर्ण उपज पैदा कर सकते हैं। इसके अलावा, जल संरक्षण की उनकी क्षमता उन्हें कृषि के लिए अधिक टिकाऊ विकल्प बनाती है, क्योंकि वे स्थानीय जल संसाधनों पर तनाव को कम करते हैं।

कीट और रोगों के लिए प्रतिरोधी

बाजरा का एक अन्य लाभ कीटों और रोगों के प्रति उनका प्राकृतिक प्रतिरोध है। इन फसलों में पारंपरिक फसलों की तुलना में संक्रमण का खतरा कम होता है, जिसका अर्थ है कि उन्हें कम कीटनाशकों और उर्वरकों की आवश्यकता होती है, जिससे उनकी खेती का पर्यावरणीय प्रभाव कम हो जाता है। इसके अतिरिक्त, क्योंकि वे स्वाभाविक रूप से प्रतिरोधी हैं, वे अन्य फसलों में कीटों और बीमारियों के प्रसार को कम करने में मदद कर सकते हैं, जिससे वे खाद्य असुरक्षा के खिलाफ लड़ाई में एक मूल्यवान उपकरण बन जाते हैं।

मिट्टी सुधार

बाजरा मिट्टी की गुणवत्ता में सुधार करने की क्षमता के लिए भी जाना जाता है। क्योंकि उनकी जड़ें गहरी होती हैं, वे मिट्टी को ढीला करने में मदद करते हैं, जिससे पानी और पोषक तत्वों को अवशोषित करने की इसकी क्षमता में सुधार हो सकता है। इसके अतिरिक्त, उनकी पत्तियाँ और तने सड़ने पर पोषक तत्वों को वापस मिट्टी में छोड़ देते हैं, जो समय के साथ मिट्टी की उर्वरता में सुधार करने में मदद कर सकता है।  

millets in hindi

बाजरा अनाज की फसलों का एक समूह है जो पर्यावरण और मानव स्वास्थ्य के लिए कई लाभ प्रदान करता है। बाजरा के कुछ लाभों में शामिल हैं:

पानी की कम आवश्यकता: चावल और मकई जैसी पारंपरिक फसलों की तुलना में बाजरा को उगाने के लिए कम पानी की आवश्यकता होती है, जो उन्हें सूखे से प्रभावित क्षेत्रों के लिए आदर्श बनाता है।

कीटों और रोगों के लिए प्रतिरोध: बाजरा प्राकृतिक रूप से कीटों और बीमारियों के लिए प्रतिरोधी होते हैं, जिससे कीटनाशकों और उर्वरकों की आवश्यकता कम हो जाती है।

मिट्टी में सुधार: बाजरा की जड़ें गहरी होती हैं जो मिट्टी को ढीला करने और उसकी उर्वरता में सुधार करने में मदद करती हैं।

पोषण संबंधी लाभ: बाजरा फाइबर, प्रोटीन, विटामिन और खनिजों से भरपूर होता है और इसे एक स्वस्थ भोजन स्रोत माना जाता है।

ग्लूटेन-मुक्त विकल्प: बाजरा ग्लूटेन-मुक्त होते हैं, जो उन्हें ग्लूटेन असहिष्णुता वाले लोगों के लिए गेहूं का एक मूल्यवान विकल्प बनाते हैं।

कुल मिलाकर, बाजरा कई पर्यावरणीय और स्वास्थ्य लाभ प्रदान करता है, जिससे वे हमारे आहार में एक मूल्यवान जोड़ बन जाते हैं।

आहार में बाजरा शामिल करने के लिए प्रोत्साहित करें

बाजरा को अपने आहार में शामिल करने से कई स्वास्थ्य लाभ हो सकते हैं, साथ ही पर्यावरण पर सकारात्मक प्रभाव भी पड़ सकते हैं। हमारे आहार में बाजरा शामिल करने के कुछ कारणों में शामिल हैं:

बेहतर पाचन: बाजरा फाइबर में उच्च होता है, जो पाचन स्वास्थ्य को बेहतर बनाने और कब्ज को रोकने में मदद कर सकता है।

पुरानी बीमारियों का कम जोखिम: बाजरा में वसा कम और एंटीऑक्सीडेंट अधिक होता है, जो हृदय रोग, स्ट्रोक और कुछ प्रकार के कैंसर जैसी पुरानी बीमारियों के जोखिम को कम करने में मदद कर सकता है।

बेहतर रक्त शर्करा नियंत्रण: बाजरा में कम ग्लाइसेमिक इंडेक्स होता है, जो उन्हें मधुमेह वाले लोगों के लिए एक आदर्श भोजन विकल्प बनाता है।

वजन प्रबंधन: बाजरा भर रहे हैं और निरंतर ऊर्जा प्रदान करते हैं, जिससे वे अपने वजन का प्रबंधन करने वाले लोगों के लिए एक उत्कृष्ट विकल्प बन जाते हैं।

पोषक तत्वों से भरपूर: बाजरा आवश्यक विटामिन और खनिजों, जैसे आयरन, पोटेशियम और विटामिन बी और ई का एक समृद्ध स्रोत है।

बाजरे के कई स्वास्थ्य लाभों को देखते हुए, उन्हें अपने आहार में शामिल करने के लिए अत्यधिक प्रोत्साहित किया जाता है। अपनी बहुमुखी प्रतिभा और स्वादिष्ट स्वाद के साथ, बाजरा को विभिन्न प्रकार के भोजन और व्यंजनों में आसानी से शामिल किया जा सकता है, जिससे उनके लाभों को प्राप्त करना आसान हो जाता है।

वैश्विक व्यंजन और कृषि में बाजरा के भविष्य पर अंतिम विचार

बाजरा में वैश्विक व्यंजन और कृषि के भविष्य को आकार देने में प्रमुख भूमिका निभाने की क्षमता है। यहाँ कुछ कारण दिए गए हैं:

सतत कृषि: उनकी कम पानी की आवश्यकताओं और कीटों और बीमारियों के प्राकृतिक प्रतिरोध के साथ, बाजरा को पर्यावरणीय रूप से टिकाऊ तरीके से उगाया जा सकता है, जिससे ग्रह पर कृषि का प्रभाव कम हो जाता है।

बढ़ती मांग: ज्यों-ज्यों अधिक लोग बाजरा के स्वास्थ्य और पर्यावरण संबंधी लाभों के बारे में जागरूक होंगे, इन फसलों की मांग में वृद्धि जारी रहने की संभावना है।

बहुमुखी प्रतिभा: बाजरा का उपयोग विभिन्न प्रकार के व्यंजनों और व्यंजनों में किया जा सकता है, जिससे वे किसी भी व्यंजन के लिए बहुमुखी हो जाते हैं। उत्पादन में वृद्धि: बाजरे की मांग में वृद्धि के साथ, इन फसलों के उत्पादन में वृद्धि होने की संभावना है, जिससे वे अधिक व्यापक रूप से उपलब्ध और सुलभ हो जाएंगे।

अंत में, वैश्विक व्यंजनों और कृषि में बाजरा का भविष्य उज्ज्वल है, जिसमें हमारे आहार में स्थिरता, स्वास्थ्य और विविधता को बढ़ावा देने में प्रमुख भूमिका निभाने की क्षमता है। अनुसंधान और विकास में निरंतर निवेश के साथ, बाजरा में दुनिया भर के लाखों लोगों के लिए मुख्य भोजन बनने की क्षमता है।

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