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विश्व एड्स दिवस पर भाषण Speech on World AIDS Day in Hindi

विश्व एड्स दिवस पर भाषण Speech on World AIDS Day in Hindi

हेल्लो दोस्तों, आज के इस लेख में हमने विश्व एड्स दिवस पर भाषण प्रस्तुत किया है Speech on world AIDS Day मैं उम्मीद करता हूँ कि आप सभी को मेरा ये भाषण पसंद आएगा।

Table of Content

पढ़ें : एड्स का इलाज कैसे करें?

सम्मानित प्रिंसिपल,  शिक्षकों और मेरे प्रिय मित्रों आप सभी मेरा नमस्कार,

मेरा नाम —- है और मैं 12 वीं कक्षा में पढता हूँ और मैं जीव विज्ञान का छात्र हूँ। आज 1 दिसम्बर को हम सभी विश्व एड्स दिवस को मनाने के लिए उपस्थित हुए है। हम सभी जानते है कि इसे मनाने का मुख्य उद्देश्य लोगो को जागरूक करना है। आप में से बहुत से लोगो को इसके बारे में पता होगा लेकिन कुछ ऐसे लोग भी होंगे जिन्हें इसके बारे में ज्यादा जानकारी नही होगा। आज में इस भाषण के माध्यम से आप सभी को एड्स के प्रति जागरूक करने की कोशिश करूँगा।

हम सभी जानते है कि पूरी दुनिया भर में एड्स के प्रति जागरूकता फ़ैलाने के लिए हर साल 1 दिसम्बर को एड्स दिवस मनाया जाता है। आज के दिन हर गैर सरकारी, सरकारी संगठनों, संगठनों,  नागरिक समाज और अन्य स्वास्थ्य अधिकारियों द्वारा लोगो को जागरुक करने के लिए कई आयोजन किये जाते है, जिससे लोग एड्स के प्रति और भी जागरूक रहे। 

हर साल की तरह इस साल भी 1 दिसंबर को विश्व एड्स दिवस मनाया जायेगा। हर बार की तरह इस बार भी एड्स दिवस को एक नये थीम के साथ मनाया जायेगा।

पढ़ें : विश्व एड्स दिवस पर निबंध

World AIDS Day Theme 2019 (in Hindi)

  • इस बार इसकी थीम ‘एचआईवी / एड्स महामारी समाप्त: समुदाय से समुदाय तक’ (World Aids Day Theme  2019 –  Ending the HIV/AIDS Epidemic: Community by Community रखा गया है।
  • इससे पहले वर्ष 2018 में इसकी थीम का नाम – नो योर स्टेटस (Know your status)  था।

दोस्तों, आज भी बहुत से ऐसे लोग है जो ग्रामीण और बहुत ही पिछड़े इलाके से आते है जिन्हें एड्स के बारे में जानकारी नही है। क्या आप को नही लगता है कि हमें और आप को मिलकर लोगो जागरूक करना चाहिए। अगर हमें इसके बारे में लोगो को जागरूक करना है तो उसके लिए पहले हमें ये जानना होगा कि आखिर एड्स फैलता कैसे है।

क्या आप को पता है कि एड्स कैसे फैलता है? मैं बताता हूँ।  अगर एड्स की बात करें, तो  ये HIV यानी ह्यूमन इम्यूनो डेफिशिएंसी वायरस के संक्रमण से फैलने वाली एक जानलेवा बीमारी है। इससे पुरुष और महिला के साथ बच्चे भी इससे प्रभावित हो रहे है। अगर HIV की बात करें तो ये वायरस मनुष्य के शरीर मे किसी तरल पदार्थ जैसे वीर्य, रक्त, स्तन के दूध से हो सकता है। लेकिन एड्स होने का सबसे मुख्य कारण असुरक्षित यौन संबंध बनाने से होता है। 

दोस्तों, सबसे जरूरी बात यह है कि इसके लक्षण बिलकुल ही सामान्य होते है। जो समस्या एक सामान्य मनुष्य को होती है। इसके कई मुख्य लक्षण है जैसे – लंबे समय तक ख़ासी रहना, लंबे समय तक बुखार रहना, सिरदर्द रहना, शारीरिक कमज़ोरी आना, तेजी से वजन घटना, गले में खराश होना, बार-बार सांस फूलना, मांसपेशियों में दर्द रहना, सोते समय पसीना आना, लगातार दस्त होना, मुंह के छालें, गर्दन पर सूजन लिम्फ ग्रंथियां, धुंधला दिखाई देना जैसे लक्षण हो सकते है। जो बहुत ही सामान्य लक्षण है।  इन लक्षणों को देख कर बहुत से लोग इसे एक सामान्य बीमारी समझने की गलती कर देते है। जिससे हर साल लाखों लोगों की एड्स के कारण मृत्यु हो जाती है।

हो सकता है कि आप में कुछ लोग को लगता हो एड्स छूने या एड्स से संक्रमित व्यक्ति के साथ बात करने से फैल सकता है। तो मैं आप को बता दूँ कि एड्स असुरक्षित यौन संबंध बनाने, ब्लड ट्रांसफ्यूजन के दौरान एचआईवी संक्रमित खून चढ़ाने या फिर दूषित सुई से इंजेक्शन लगाने या एचआईवी पॉजिटिव गर्भवती महिलाओं के द्वारा उनके शिशुओं में या संक्रमित मां से बच्चे को स्तनपान कराने से फैल सकता है।

दोस्तों, अगर हम एड्स के इतिहास की बात करें, तो इसकी कल्पना सबसे पहले थॉमस नेट्टर और जेम्स डब्ल्यू बन्न के द्वारा 1987 में किया गया था। इन्होंने अपने इस सोच को डॉक्टर जोनाथन मन को बताया, जो ग्लोबल एड्स प्रोग्राम के डायरेक्टर थे। उन्हें दोनों की बात पसंद आई और उन्होंने साल 1988 में 1 दिसंबर को हर साल विश्व एड्स दिवस मनाने की घोषणा कर दी। वर्ष 2007 में विश्व एड्स दिवस को एक लाल क्रॉस रिबन का प्रतीक दिया गया। जिसकी शुरुआत व्हाइट हाउस में सबसे पहले की गई थी।  

अगर हम एड्स के आंकड़ों की बात करें, तो आज भी लगभग 36 मिलियन लोग एड्स के साथ जी रहे है। जिनमे 1.6 मिलियन संक्रमण 15 साल और उससे अधिक उम्र के लोगों में था और 0-14 आयु वर्ग के बच्चों में लगभग 160,000 बच्चों को संक्रमण हुआ था।

वर्ष 2018  में पूरी दुनिया में एड्स से संबंधित बीमारियों से लगभग 770,000 लोग मारे गए, जबकि 2010 में 1.2 मिलियन और 2004 में 1.7 मिलियन लोगो की मृत्यु एड्स से हुआ था।

अगर पिछले आंकड़ों को देखा जाए, तो इसमें पहले से बहुत सुधार हुआ है। इससे पता चलता है कि बहुत से लोग इससे जागरूक हुए है लेकिन इन आंकड़ों को देखते हुए हम कह सकते है कि आज भी बहुत से ऐसे लोग है जिन्हें एड्स के बारे में पूरी जानकारी नही है। इसके लिये हम सभी को आगे आने की जरुरत है।

दोस्तों, हम सभी को पता है कि विश्व एड्स दिवस मनाने का मुख्य उद्देश्य विश्व स्तर पर एड्स के लिए रोकथाम और नियंत्रण के उपायों को बढ़ाने के लिए,  एड्स के इलाज,  परीक्षण, तथा एंटीरेट्रोवाइरल थेरेपी के लिये तकनीकी सहायता उपलब्ध कराना तथा लोगो को एड्स के  प्रति जागरूक करके इसके खिलाफ लड़ने में सहायता के साथ कई अन्य उद्देश्य भी है।

क्या आप को पता है कि किन सावधानियों से आप एड्स जैसे जानलेवा बीमारी से बच सकते है।  हम आप को बता दें कि इससे बचने के लिए आप को क्या करना चाहिए।

  • आपको इसके इन्फेक्शन से बचने के लिए यौन संबंध बनाते समय कंडोम का इस्तेमाल करना चाहिए।
  • यदि आप कभी इंजेक्शन लेते या देते है तो उसके लिए नये सिरिंज का इस्तेमाल करना चाहिए।
  • यदि आपके आस पास किसी को एड्स है तो उसके साथ भेदभाव न करे। क्योंकि एचआईवी वायरस हाथ मिलाने, साथ खाना खाने और साथ रहने से नही फैलता है।
  • किसी भी HIV रोगी के एक्सीडेंट के समय सावधानियां बरतें। जैसे ग्लोव का उपयोग करें।
  • एड्स रोगियों को समझाएं की उन्हें एंटीरेट्रोवाइरल थेरेपी अपने नजदीकी ART सेण्टर या स्वास्थ्य केंद्र जा कर शुरू करवाना चाहिए जिससे वह एक सुखी और पूर्ण जीवन जी सकते हैं।
  • किसी भी व्यक्ति का उपयोग किया हुआ ब्लेड उपयोग नहीं करना चाहिए।

इसी के साथ मैं अपने भाषण का समापन कर रहा हूँ। अंत मैं आप से यही कहूँगा कि दोस्तों, हम सभी को मिलकर एड्स के प्रति लोगो को और भी ज्यादा जागरूक करना चाहिए। जिससे की लोग इसके विषय में और जागरूक बन सकें और यह बीमारी जड़ से मिट सके। इसी के साथ ही में अपना भाषण समाप्त करता हु धन्यवाद। 

https://www.hiv.gov/hiv-basics/overview/data-and-trends/global-statistics https://www.unaids.org/en/resources/campaigns/WAD_2019

3 thoughts on “विश्व एड्स दिवस पर भाषण Speech on World AIDS Day in Hindi”

Bahut badiyaa speech jai aadarniye saabh

जो ऐड्स से बचेगा वो पूरा जीवन गर्व के साथरहेगा

Bhut dhmakedar speech

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speech on aids in hindi

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विश्व एड्स दिवस के लिए भाषण – World Aids Day Speech

  • November 22, 2021

विश्वभर में 1 दिसंबर को वर्ल्ड एड्स दिवस के रूप दिवस के रूप दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस अवसर को हम लाये हैं विश्व एड्स दिवस पर भाषण, Speech on World Aids Day in Hindi 2021 .

इस लेख में प्रदान किया गया जो भी भाषण आपको पसंद आता है, उसे आप एड्स दिवस के दिन आयोजित होने वाले किसी भी कार्यक्रम में काम में ले सकते हैं जैसे किसी स्कूल, कॉलेज या मेडिकल संस्थान में।

World Aids Day Speech in Hindi 2021

World aids day speech in hindi 2021

विश्व एड्स दिवस पर भाषण

मंच पर उपस्थित सभी अतिथियों तथा यहां पधारे सभी महानुभावों का मैं तहे दिल से हार्दिक अभिनंदन और स्वागत करता हूं।

आज हम यहां एक बहुत ही महत्वपूर्ण टॉपिक पर बात कर रहे हैं। यह एक ऐसा मुद्दा या बीमारी है जिसके बारे में समाज के हर वर्ग को जानकारी होनी चाहिए।

आप सभी इस बात से विदित होंगे कि आज 1 दिसंबर है। 1 दिसंबर को समूचे विश्व में वर्ल्ड एड्स दिवस के रूप में मनाया जाता है। एड्स एक ऐसी बीमारी है जो किसी व्यक्ति के एचआईवी नामक वायरस के संक्रमण में आने से होती है। सामान्यत: इसको एचआईवी या एचआईवी ऐड्स के नाम से जाना जाता है।

एचआईवी को लाइलाज बीमारी की श्रेणी में रखा गया है क्योंकि अभी तक इस बीमारी का कोई प्रभावी इलाज या उपचार नहीं खोजा गया है इसलिए एड्स के बारे में जानकारी देने जागरूकता बढ़ाने तथा इससे जुड़ी बढ़ाने तथा इससे जुड़ी सावधानियों को रखने के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा 1 दिसंबर को वर्ल्ड एड्स दिवस के रूप में मनाए जाने जाने दिवस के रूप में मनाए जाने जाने का निर्णय लिया गया।

हम आपको बताते चलें कि सबसे पहले 1987 में जिनेवा, स्विट्जरलैंड हुए एड्स के ग्लोबल कार्यक्रम में जेम्स डब्ल्यू बुन तथा थॉमस नेटर द्वारा अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एड्स दिवस को मनाने का प्रस्ताव रखा गया। इस प्रस्ताव को एड्स के ग्लोबल कार्यक्रम निदेशक डॉक्टर जोनाथन मन्न द्वारा स्वीकार कर लिया गया।

इस प्रकार 1 दिसंबर को विश्व एड्स दिवस मनाने की शुरुआत दिवस मनाने की शुरुआत हुई। हर साल इस दिवस को सार्थक बनाने के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कई स्वास्थ्य संस्थाएं और एजेंसियां एड्स से जुड़े कार्यक्रम आयोजित करने लगी।

एड्स दिवस को हर साल एक टीम के आधार पर मनाया जाता है जिसका उद्देश्य अलग-अलग तरह से लोगों को एड्स के बारे में जागरूक करना है। विश्व एड्स दिवस 2019 की थीम “Communities Make the Difference” हैं।

आइए हम सब भी विश्व स्वास्थ्य संगठन की इस मुहिम में अपना हाथ बढ़ाएं और विश्व को एड्स मुक्त बनाने का प्रयास करें।

मैं अपने भाषण का समापन इन पंक्तियों के साथ करना चाहूंगा…

लोगों के बीच एड्स के बारे में जागरूकता लाएं, आओ हम सब मिलकर विश्व एड्स दिवस मनाए।
रहो अपने स्वास्थ्य और रिश्तो के प्रति जिम्मेदार, नहीं बनोगे एड्स जैसी बीमारी के भागीदार।
जिम्मेदार रहो और सुरक्षा युक्तियां अपनाओ, ऐड्स को दूर भगाओ।
हे इंसान मत बन लापरवाह, कर ले अपनी प्यारी जिंदगी की परवाह।

धन्यवाद…।।

World Aids Day Speech for School Students in Hindi

यह एड्स दिवस के लिए छोटा भाषण (short speech) है। आप इसे school, college के किसी कार्यक्रम में प्रयुक्त कर सकते है

हर साल 1 दिसंबर को विश्व एड्स डे मनाया जाता है। इसकी शुरुआत सन् 1988 से हुई। इस दिवस को मनाने का मकसद लोगों में एड्स के प्रति जागरूकता लाने, एड्स से पीड़ित लोगों के प्रति सद्भावना जगाने तथा इस बीमारी के कारण मौत होने वाले लोगों को याद करने के लिए मनाया जाता है।

इस दिन दुनिया भर में सरकारी, गैर सरकारी संगठनों तथा स्वास्थ्य विभागों द्वारा विभिन्न प्रकार के कार्यक्रम आयोजित कर एड्स के कारण, रोकथाम, नियंत्रण तथा तथ्यों के बारे में लोगों को शिक्षित किया जाता है।

एड्स का पूरा नाम एक्वायर्ड इम्यूनोडिफिशिएंसी सिंड्रोम है जो ह्यूमन इम्यूनोडिफिशिएंसी वायरस (HIV) के कारण फैलता है। यह एक संक्रामक रोग है यानि किसी व्यक्ति का दूसरे एड्स पीड़ित व्यक्ति के साथ यौन संबंध स्थापित करने, संक्रामक सुई का प्रयोग करने या खून के आदान-प्रदान से यह रोग हो सकता है।

एड्स से पीड़ित व्यक्ति का इम्यून सिस्टम (प्रतिरोधात्मक तंत्र) धीरे-धीरे कमजोर हो जाता है जिससे वह कई प्रकार की बीमारियां जैसे सर्दी, जुकाम, क्षय रोग (टीबी) से पीड़ित हो जाता है और उस पर दवाइयां काम करना बंद कर देती है।

आइए हम युवा शक्ति समाज के हर तबके हर वर्ग को एड्स के बारे में जागरूक करते हैं। धन्यवाद।

यह भी पढ़ें – World Aids Day का इतिहास

हम सबकी यह नैतिक जिम्मेदारी बनती है कि हम लोगों को इस बारे में जानकारी प्रदान कराएं। एड्स एचआईवी वायरस के कारण होने वाला रोग है हालांकि यह जरूरी नहीं है कि जिसको एचआईवी है, उसे ऐड्स हो।

सही समय पर एचआईवी वायरस का इलाज करवाकर एड्स के खतरे को कम किया जा सकता है. अधिक जानकारी के लिए आप hiv.gov वेबसाइट पर विजिट कर सकते हैं।

अगर आपको यह विश्व एड्स दिवस के लिए भाषण पसंद आए हैं तो आप इन्हें सोशल मीडिया पर शेयर कर सकते हैं।

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एचआईवी और एड्स क्या हैं?

लाल प्रश्न चिह्न।

To read this fact sheet in English, click here Para leer esta hoja informativa en español, haga clic aquí

एचआईवी क्या है?

एड्स क्या क्या है, एचआईवी और एड्स के बीच क्या अंतर है, मुझे कैसे पता चलेगा कि मुझे एचआईवी है, क्या मुझे एचआईवी का जाँच कराना जरूरी है, मुझे जाँच क्यों कराना चाहिए, एचआईवी कैसे फैलता है, क्या एचआईवी के लिए कोई टीका या इलाज है, अतिरिक्त जानकारी.

एचआईवी का मतलब है ह्यूमन इम्यूनोडिफिशिएंसी वायरस (Human Immunodeficiency Virus) I यह वायरस एड्स (AIDS) का कारण बनता हैI

मानव शरीर कि रक्षा प्रणाली को प्रतिरक्षा प्रणाली या इम्यून सिस्टम कहा जाता हैI यह प्रतिरक्षा प्रणाली कई वायरस और बैक्टीरिया से मानव शरीर को लड़ने कि क्षमता प्रदान करती है I HIV इसी प्रतिरक्षा प्रणाली कि कोशिकाओं पर हामला कर इसे कमजोर करता है I यह कोशिकाएं एक प्रकार कि श्वेत रक्त कोशिकाएं होती है जिन्हे सी डी 4 (CD4) सेल्स भी कहा जाता है

अगर वायरस को नियंत्रित करने के लिए दवा का उपयोग न किया गया तो , HIV के जीवाणु CD4 कोशिकाओं पर कब्ज़ा कर उन्हें लाखो वायरस कि प्रतियां बनाने वाली फैक्ट्री में रूपांतरित कर देते है I इस प्रक्रिया में CD4 कोशिकाएं नष्ट हो जाती है जिससे प्रतिरक्षा प्रणाली कमजोर होती जाती है I अंततः यह एड्स का रूप ले लेती है.

एचआईवी के कई अलग अलग प्रकार है I इन्हे दो मुख्य प्रकारों में वर्गीकृत किया जाता है:

  • एचआईवी-1: यह प्रकार दुनिया भर में पाया जाता है और सबसे आम है
  • एचआईवी-2: ज्यादातर पश्चिम अफ्रीका, एशिया और यूरोप में पाया जाता है

एच आय वी से प्रभावित किसी भी व्यक्ति के शरीर में एक समय पर एच आय वी के कई अलग प्रकार मौजूद हो सकते हैं I

एड्स (AIDS) का मतलब अक्वायर्ड इम्यूनोडिफिशिएंसी सिंड्रोम (Acquired Immunodeficiency Syndrome) है I यह एचआईवी संक्रमण कि सबसे अंत में होनी वाली अवस्था है I

एचआईवी , प्रतिरक्षा प्रणाली में काम आने वाली CD4 कोशिकाओं पर हामला कर , शरीर को एड्स कि स्थिति तक पहुंचा देता है I जब शरीर बहुत सी CD4 कोशिकाएं खो देता है तब कई गंभीर एवं घातक संक्रमणों का शिकार हो जाता है I इनको अवसरवादी संक्रमण ( opportunistic infections ) कहते हैं I जब किसी कि मृत्यु एड्स से होती है तब अक्सर मृत्यु का कारन अवसरवादी संक्रमण और HIV के दीर्घकालिक प्रभाव ही होते है I एड्स शरीर कि कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली को दर्शाता है जो अब अवसरवादी संक्रमण को रोक नहीं सकती I

एचआईवी के केवल शरीर में प्रवेश से आपको एड्स नहीं हो जाता I आप एचआईवी के साथ (HIV+ होना ) बिना किसी लक्षण के , या केवल थोड़े बहुत लक्षणों के साथ कई सालों तक जीवन यापन कर सकते है I एचआईवी के साथ जीने वाले लोग अगर परामर्श के अनुरूप दवाएं ले तो उन्हें एड्स होने कि सम्भावना बहुत कम होती है I किन्तु बिना इलाज के एचआईवी अंततः CD4 कोशिकाओं कि संख्या इतनी कम कर देता है कि प्रतिरक्षा प्रणाली बहुत कमज़ोर हो जाती है I इन लोगो को अवसरवादी संक्रमण होने की गहरी संभावना होती है

एचआईवी के लिए प्रभावी उपचार उपलब्ध होने से पहले ही एड्स की परिभाषा स्थापित की गई थी। उस समय यह परिभाषा यह संकेत देती थी की वह एड्स ग्रसित व्यक्ति बीमारी या मृत्यु की उच्च जोखिम श्रेणी में शामिल है I उन देशों में जहा एचआईवी उपचार आसानी से उपलब्ध है, एड्स अब इतना प्रासंगिक नहीं रहा I एचआईवी के प्रभावी उपचार के उपलब्ध होने पर , लोग कम CD4 संख्या होते हुए भी स्वस्थ रह सकते हैं I वर्षों पूर्व अगर किसी व्यक्ति को एड्स होने की पुष्टि हुई थी, तब से उसकी प्रतिरक्षा प्रणाली सामान्य स्तर तक वापस आ सकती है I ऐसा होने पर वे एड्स ग्रसित कहे जा सकते है किन्तु उनकी CD4 संख्या सामान्य हो सकती है I

यूएस सेंटर फॉर डिसीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (सीडीसी) ऐसे लोगों की पहचान करता है जो एड्स या एचआईवी के साथ जी रहें हैं या निम्न में से एक या दोनों स्थितियां में हो:

  • कम से कम एड्स में आवश्यक (एड्स की स्थिति को परिभाषित करने वाले) एक लक्षण हो (एड्स में आवश्यक स्थितियों की हमारी सूची देखें)
  • सीडी 4 की संख्या 200 कोशिकाएं या उससे कम हो (सामान्य सीडी 4 की संख्या लगभग 500 से 1,500 होती है)

एड्स पीड़ित लोग एचआईवी दवाओं की मदद से अपनी प्रतिरक्षा प्रणाली का पुनर्निर्माण कर सकते हैं, और एक लंबा, स्वस्थ जीवन जी सकते हैं। अगर एड्स होने के बाद भी आपकी सीडी 4 की संख्या 200 से ऊपर हो जाती है या अवसरवादी संक्रमण (OI) का सफलता पूर्वक इलाज हो जाता है, तो भी आप एड्स के मरीज कहलाएंगे । यहाँ यह जरूरी नहीं है कि आप बीमार ही हों, या भविष्य में बीमार हो सकते हैं । यह बस एक तरीका है जिससे सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रणाली एचआईवी से प्रभावित लोगों की संख्या की गिनती करती है।

अधिकांश लोग यह नहीं बता सकते हैं कि वे एचआईवी के संपर्क में आ चुके हैं या उससे प्रभावित हो चुके हैं। एचआईवी के प्रारंभिक सूक्ष्म लक्षण , एचआईवी संपर्क में आने के दो से चार सप्ताह के भीतर दिखाई दे सकते हैं I यह लक्षण इस प्रकार हो सकते हैं:

  • ग्रंथियों में सूजन
  • गले में खराश
  • रात में अधिक पसीना आना
  • मांसपेशी में दर्द
  • अत्यधिक थकान

कुछ लोग इन लक्षणों पर ध्यान नहीं देते क्योंकि ये दिखने में साधारण लगते हैं, या उन्हें लगता है कि उन्हें सर्दी या फ्लू है। इन "फ़्लू-जैसे" लक्षणों के गायब होने के बाद भी, एचआईवी से प्रभावित व्यक्ति किसी भी लक्षण के बिना वर्षों तक जी सकता हैं। यदि आप एचआईवी से प्रभावित हैं तो इसे जानने का एक मात्र तरीका एचआईवी जाँच करवाना ही है ।

यदि आपको एचआईवी के कुछ शुरुआती या थोड़े लक्षण दिखाई पड़ते हैं, तो यह महत्वपूर्ण है कि आप एचआईवी एंटीजन (न केवल एचआईवी एंटीबॉडी) की जाँच कराएं। एचआईवी एंटीजन यह एचआईवी वायरस, या संक्रमित कणों के अंश होते हैं। यदि एचआईवी एंटीजन आपके रक्त में है, तो ऐसी जाँचें उपलब्ध हैं जो आपके वायरस के संपर्क में आने से दो सप्ताह बाद ही एचआईवी संक्रमण की पहचान कर सकते हैं।

शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली, एचआईवी को चिह्नित कर उनका विनाश करने के लिए एंटीबॉडीज नमक प्रोटीन बनाता है । यह एंटीबॉडीज बनाने में शरीर को एक से तीन महीने या कभी-कभी छह महीने तक का समय लगता है। एचआईवी से प्रभावित होने और एंटीबॉडी के उत्पादन के बीच के तीन से छह महीने की अवधि को "विंडो अवधि" कहा जाता है। इसलिए, एंटीबॉडी का पता लगाने वाली जाँच, एचआईवी के संपर्क में आने के एक से तीन महीने बाद ही विश्वसनीय होती हैं।

सीडीसी का अनुमान है कि लगभग 15 प्रतिशत अमेरिकी लोग जो एचआईवी से संक्रमित है, नहीं जानते कि वे एचआईवी से प्रभावित हैं। इनमें से बहुत से लोग स्वस्थ दिखते है, अच्छा महसूस करते हैं और यह नहीं सोचते कि उन्हें इस प्रकार की कोई जोखिम है। लेकिन सच्चाई यह है कि किसी भी उम्र, लिंग, नस्ल, जातीयता, सामाजिक समूह या आर्थिक वर्ग का व्यक्ति एचआईवी से संक्रमित हो सकता है । मनुष्य इन कारकों के आधार पर भेदभाव कर सकता है, लेकिन वायरस नहीं करता है। एचआईवी कैसे फैलता है, इस बारे में अधिक जानकारी के लिए, एचआईवी संचरण के हमारे फैक्टशीट को देखें।

यह देखने के लिए कि क्या आपको एचआईवी कि जाँच करवाना चाहिए, निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दें:

  • क्या आपने कभी लिंग को योनि में (वजाइनल इंटरकोर्स ) या लिंग को गुदा में (ऐनल इंटरकोर्स ) सम्भोग, या बिना कंडोम या अन्य बेरियर(जैसे, डेंटल डैम) के बिना मौखिक सम्भोग (ओरल सेक्स ) किया है? नोट: मुख सम्भोग (ओरल सेक्स) एक कम जोखिम वाली गतिविधि है। योनि और गुदा सेक्स (वजाइनल और ऐनल सेक्स )- में बहुत अधिक खतरा होता है।
  • क्या आप अपने साथी के एचआईवी स्थिति को जानते हैं या आपका साथी एचआईवी संक्रमित है?
  • क्या आप गर्भवती हैं या गर्भवती बनने का विचार कर रही हैं?
  • क्या आपको कभी यौन संक्रमण या यौन रोग (एसटीआई या एसटीडी) हुई है?
  • क्या आपको हेपेटाइटिस सी (एचसीवी) है?
  • क्या आपने कभी दवाओं को इंजेक्ट करने के लिए सुई, सीरिंज या अन्य उपकरण साझा किए हैं (स्टेरॉयड या हार्मोन के लिए भी )?

यदि आपका इनमें से किसी भी प्रश्न का उत्तर हाँ है, तो आपको निश्चित रूप से एचआईवी जाँच कराना चाहिए। अमेरिका में, 13-64 वर्ष के बीच के सभी लोगों का एचआईवी जाँच कम से कम एक बार होती है।

यदि आप चिंतित हैं कि आप एचआईवी के संपर्क में आ गए हैं, तो जांच करवाएं। यदि जांच के बाद आप जान जाते है की आपको हिव संक्रमण नहीं है यानि आप एचआईवी नेगेटिव (एचआईवी - Ve ) तो आप चिंता न करे । आप प्री-एक्सपोजर प्रोफिलैक्सिस (पीआरईपी/ PrEP) या पोस्ट-एक्सपोजर प्रोफिलैक्सिस (पीईपी/ PEP) कराने पर भी विचार कर सकते हैं। PrEP का मतलब है, एचआईवी के संपर्क में आने से पहले एचआईवी की दवा लेना, ताकि खुद को बचाया जा सके। पीईपी का मतलब है एचआईवी के संभावित जोखिम के तुरंत बाद लगभग एक महीने के लिए एचआईवी दवाओं को लेना, ताकि एचआईवी संक्रमण को रोका जा सके।

यदि आप एचआईवी + / एचआईवी पॉजिटिव पाए जाते है , तो आपको स्वस्थ रहने में मदद करने के लिए प्रभावी दवाएं हैं। ये दवाएं एचआईवी के संक्रमण को रोकने का भी काम करती हैं। जब एचआईवी से प्रभावित व्यक्ति एचआईवी दवा लेता रहता है और उसका संक्रमण लोड (उसके रक्त में एचआईवी की मात्रा) बहुत कम स्तर तक पहुंच जाता है (जाँच में मापने के लिए उसके रक्त प्रवाह में पर्याप्त एचआईवी नहीं होते है). ऐसी स्थिति में वह अपने साथी को एचआईवी संक्रमण से बचा सकता है I

लेकिन यदि आप अपनी एचआईवी स्थिति (चाहे आप एचआईवी से प्रभावित हो या एचआईवी नेगेटिव हो) नहीं जानते हैं , तो आपको सही उपचार नहीं मिल पाएगा। यदि आपको अपनी स्थिति का पता नहीं है, तो आप जाने बिना दूसरों को भी एचआईवी संक्रमित कर सकते हैं।

गर्भवती होने जा रही महिलाओं के लिए, जाँच विशेष रूप से महत्वपूर्ण है। यदि महिला एचआईवी से संक्रमित है, तो गर्भावस्था के दौरान ली गई कुछ एचआईवी दवाएं और देखभाल उसके बच्चे को एचआईवी पॉजिटिव होने की संभावना को कम कर सकते हैं। अधिक जानकारी के लिए, गर्भावस्था और एचआईवी की हमारी फैक्टशीट को देखें।

अमेरिका में, आप नज़दीक के जाँच सेंटर को खोजने के लिए नेशनल एचआईवी, एसटीडी और हेपेटाइटिस जाँच वेबसाइट या HIV.gov वेबसाइट पर जा सकते हैं। आप सीडीसी के इन्फॉर्मेशन नंबर 800-232-4636 पर भी कॉल कर सकते हैं या अपने राज्य के एचआईवी / एड्स हॉट लाइन (नंबर यहाँ सूचीबद्ध है) पर कॉल कर सकते हैं। दुनिया भर की सेवाओं को खोजने के लिए एड्स मैप ई-एटलस पर जाएँ। एचआईवी के जाँच के बारे में अधिक जानकारी के लिए – जाँच के प्रकार, वे कैसे काम करते हैं, और कहाँ की जाती हैं – हमारी फैक्टशीट एचआईवी जाँच को देखें।

एचआईवी मुख्य रूप से निम्नलिखित शरीर के तरल पदार्थों (बॉडी फ्लुइड्स ) के संपर्क से फैलता है:

  • रक्त (मासिक धर्म/ पीरियड ब्लड सहित)
  • वीर्य (सीमेन ) और अन्य पुरुष यौन पदार्थ ( सेक्सुअल सिक्रेशन )
  • योनि तरल पदार्थ (वजाइनल सिक्रेशन )
  • माँ के दूध से

जब एचआईवी से प्रभावित लोग परामर्श अनुसार एचआईवी दवा लेते हैं और उनके संक्रमण लोड को कम करते हैं , इन तरल पदार्थों द्वारा दूसरों तक एचआईवी प्रसारित करने की संभावना कम हो जाती है। इसे एचआईवी उपचार के तहत एचआईवी रोकथाम कहते हैं। यदि एचआईवी से प्रभावित व्यक्ति एचआईवी दवा लेता है और एक बहुत ही कम संक्रमण लोड (मानक जाँचों द्वारा मापने के लिए बहुत कम) को बनाए रखता है, तो उनके वीर्य या योनि तरल पदार्थ अपने यौन साथी को HIV संक्रमण नहीं देंगे । एचआईवी फैलने का सबसे आम तरीके असुरक्षित यौन संबंध (बिना कंडोम, अन्य अवरोधक, या ट्रीटमेंट ऐस प्रिवेंशन के इस्तेमाल न करने से) , दवाओं को इंजेक्ट करने के लिए उपयोग की जाने वाली सुइयों को साझा करने से, या गर्भवती माँ-से-बच्चे को (गर्भावस्था के दौरान या स्तनपान से )।

शरीर के तरल पदार्थों के संपर्क में आने से एचआईवी नहीं फैलता :

  • मल (मलमूत्र)
  • मूत्र (पेशाब)

दूसरे शब्दों में, आपके द्वारा एचआईवी के व्यक्ति को छूने या गले लगाने से, चूमने से, या एचआईवी के व्यक्ति द्वारा उपयोग किए गए शौचालय का उपयोग करने से, एचआईवी नहीं होता है |

एचआईवी के लिए न तो कोई टीका है और नही कोई इलाज है। एचआईवी को रोकने के लिए सबसे अच्छा तरीका है कि आप हर बार रोकथाम के तरीकों को अपनाएँ, जिसमें सुरक्षित यौन सम्बन्ध शामिल है (कम या बिना जोखिम वाली गतिविधियों को चुनना, कंडोम का उपयोग करना, यदि आप एचआईवी से प्रभावित हैं तो एचआईवी दवाओं को लें या यदि आप एचआईवी नेगेटिव हैं तो PrEP ले ) जीवाणुरहित (स्टरलाइज़्ड ) सुई का उपयोग करें (दवाओं, हार्मोन या टैटू के लिए)। अधिक जानकारी के लिए, एचआईवी टीके की हमारी फैक्टशीट को देखें।

जैसे आप एच आई वी के बारे में ज्यादा जानेंगे आपको यह लेख सामग्री उपयुक्त रहेगी :

  • एचआईवी परीक्षण
  • क्या आप एचआईवी पॉजिटिव पाए गए हैं?
  • एचआईवी उपचार शुरू करने से पहले की जानकारी
  • एचआईवी संचरण
  • सुरक्षित सेक्स/ यौन सम्बन्ध
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एचआईवी-एड्स

  • एक नज़र में

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  • संबंधित प्रश्न

एड्स (AIDS) की जानकारी ही बचाव के प्रति पहला कदम है। ह्यूमन इम्यूनोडेफिशिएंसी वायरस (Human immunodeficiency virus) यानि एचआईवी (HIV) एक ऐसा संक्रमण है जो शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली पर हमला कर शरीर को कमज़ोर बनाने लगता है। 

यूनिसेफ की एक रिपोर्ट के मुताबिक एचआईवी मरीजों की तादाद तेज़ी से बढ़ रही है। आंकड़ों की मानें तो वर्ष 2019 हर 1 मिनट और 40 सेकेंड के दरमियान 20 साल से कम उम्र का युवा इस बीमारी का शिकार हो रहा है। वहीं वर्ष 2020 में एचआईवी संक्रमितों की तादाद बढ़कर 2.8 मिलियन के करीब पहुंच चुकी थी। अमेरिकन हेल्‍थ डिपार्टमेंट के अनुसार वे लोग जो एचआईवी से ग्रस्त हैं, वे किसी भी दवा के बिना तकरीबन 3 साल तक जिंदा रह पाते हैं। वे लोग जिन्हें एचआईवी की सही समय पर जानकारी मिल जाती है। अगर वे एआरटी का सेवन करने लगते हैं, तो ऐसे लोगों में मौत का खतरा कम हो जाता है।

दरअसल, एचआईवी शरीर की सफेद रक्त कोशिकाओं (White blood cells) को लक्षित करता है। इन्हें हेल्पर टी सेल्स के नाम से भी जाना जाता है। हांलाकि इसकी शुरूआत में शरीर में फ्लू जैसे सामान्य लक्षण (Flu like symptoms) नज़र आने लगते हैं, जिन्हें अधिकतर लोग इग्नोर भी कर देते हैं। आमतौर पर शरीर का वज़न घटना, बुखार आना, थकान महसूस होना और जेनेटिकल एरिया में अल्सर की संभावना बढ़ने लगती है। इसके अलावा त्वचा के रंग में बदलाव भी नज़र आने लगता है। इसके चलते शरीर टयूबरक्यूलोसिस यानि तपेदिक, किसी प्रकार के संक्रमण और कैंसर जैसी बीमारियों का शिकार हो जाता है।

एचआईवी-एड्स : कारण

एचआईवी के कारण व्यक्ति एड्स से ग्रसित हो जाता है। एचआईवी एक प्रकार का वायरस है और शरीर के इम्यून सिस्टम को कमज़ोर बना देता है। कई कारणों से एचआईवी वायरस मानव शरीर में प्रवेश करने लगता है।

यौन संपर्क 

वायरस के बढ़ने का सबसे मुख्य कारण असुरक्षित यौन संबध है। चाहे पेनिट्रेटिव वेजाइनल सेक्स हो, एनल सेक्स हो या ओरल सेक्स। बिना प्रोटेक्शन के कई लोगों के साथ सेक्स करने से एचआईवी का खतरा बना रहता है।

ब्लड ट्रांसफ्यूजन 

कई केसिज़ में व्यक्ति ब्लड ट्रांसफर के माध्यम से भी इस वायरस के संपर्क में आ जाता हैं। डायरेक्ट ब्लड ट्रांसफ्यूजन से संचरण का जोखिम पैदा हो जाता है। इससे शरीर में एचआईवी वायरस प्रेवश करता है। ब्लड स्ट्रीम में वायरस ट्रांसमिट होता हैं। इससे सं क्रमण फैलता है।

संक्रमित सुइयों को साझा करना

संक्रमित सुइयों का प्रयोग भी इसका मुख्य कारण है। किसी भी प्रकार की सिरिंज को शेयर करने से व्यक्ति  इंफेक्टेड ब्लड के संपर्क में आ सकता है। जो एचआईवी प्रसारित करने का एक कारण साबित होता है। 

मां से बच्चे तक 

एचआईवी वायरस गर्भवती मां से बच्चे में जन्म के दौरान या पहले या स्तनपान के दौरान भी फैल सकता है। वे माताएं जो एचआईवी पॉजिटिव है। वे गर्भावस्था या जन्म के बाद स्तनपान के माध्यम से बच्चे में एचआईवी संचारित कर सकती हैं।

शरीर के तरल पदार्थों के माध्यम से 

वेजाइनल सेक्रेशन, रेक्टल सेक्रेशन, ब्रेस्ट मिल्क, रक्त, भ्रूण के आसपास एमनियोटिक द्रव और रीढ़ की हड्डी के आसपास मस्तिष्कमेरु द्रव जैसे एचआईवी संक्रमण फैलने का कारण साबित होते हैं।

एचआईवी-एड्स : लक्षण

अधिकतर एड्स से संक्रमित लोगों को सक्रंमण होने के 2 से 6 सप्ताह के भीतर फ्लू जैसे लक्षणों का अनुभव होने लगता है। एचआईवी की चपेट में आने के बाद व्यक्ति एड्स का शिकार हो जाता है। 

स्टेज1.  एक्यूट एचआईवी संक्रमण

ऐसा माना जाता है कि एचआईवी संक्रमण वाले 50 से 70 फीसदी लोगों को 2 से लेकर 4 सप्ताह में फ्लू जैसी लक्षण दिखने लगते हैं। इसे एड्स की पहली स्टेज के तौर पर जाना जाता है। कई सप्ताह तक व्यक्ति इन्हीं लक्षणों के साथ रहता है। जैसे

  • बार-बार बुखार का आना
  • ठंड का लगना 
  • शरीर पर लाल चकत्ते नज़र आने लगना
  • सिरदर्द की शिकायत रहना 
  • गर्दन पर सूजन महसूस होना
  • रात को पसीना आना 
  • माउथ और जेनिटल अल्सर
  • जोड़ों में मामूली दर्द की शिकायत
  • हर वक्त थकान रहना

स्टेज 2 क्लीनिकल देरी

इस स्टेज पर वायरस कई गुना बढ़ जाता है। इस चरण को क्रोनिक एचआईवी संक्रमण कहकर पुकारा जाता है। प्रारंभिक संक्रमण से क्लीनिकल डिज़ीज़ के विकास तक समय की लंबाई अलग अलग होती है। अनुपचारित पेशेंट्स के लिए औसत समय 10 वर्ष है। प्लाज्मा में एचआईवी आरएनए के उच्च स्तर वाले रोगी लक्षणों में प्रगति करते हैं। इस स्टेज पर तेज़ी से सेक्स पार्टनर में फैलने का खतरा बना रहता है। 

स्टेज 3 एड्स

वे लोग जो एचआईवी से ग्रस्त हैं और उपचार नहीं ले रहे हैं। उन लोगों का इम्यून सिस्टम धीरे धीरे कमज़ोर होने लगता है।  एड्स का निदान एचआईवी संक्रमण के साथ 6 वर्ष और उससे अधिक उम्र के किसी भी व्यक्ति में किया जाता है। ऐसे लोगों में कुछ गंभीर लक्षण पाए जाते हैं।

  • मुंह और गुदा में 
  • हर समय थकावट रहना
  • बुखार रहना 
  • याददाश्त कमज़ोर होना और डिप्रेशन की समस्या

एचआईवी-एड्स : निदान

एचआईवी टेस्ट सीरम, लार और यूरिन में वायरस का परीक्षण करने के लिए किया जाता है। इससे इस बात की जानकारी मिलती है कि व्यक्ति एचआईवी से संक्रमित है या नहीं। एचआईवी के लक्षण कई वर्षों तक दिखाई नहीं दे सकते हैं। 

एचआईवी 1 और एचआईवी 2 एंटीबॉडी परीक्षण 

एचआईवी दो प्रकार के होते हैं एचआईवी .1 और एचआईवी .2। दरअसल, एचआईवी .1 उन लोगों में पाया जाता है जिन्हें एड्स का खतरा अधिक होता है। पश्चिम अफ्रीका में एचआईवी .2 संक्रमित रोगी पाए जाते हैं। यह परीक्षण मुख्य रूप से रक्त में मौजूद वायरस और पी 24 एंटीजन की मात्रा की जांच करता है।

सीडी 4 काउंट

इस टेस्ट के ज़रिए शरीर में व्हाइट ब्लड सेल्स की जांच की जाती है। एक स्वस्थ व्यक्ति में इसका काउंट 1000 होता है। वहीं एचआईवी पॉजिटिव में व्हाइट ब्लड सेल्स का काउंट कई बार 200 से भी कम हो जाता है। 

रेपिड एंटीबॉडी स्क्रीनिंग

लार या ब्लड के ज़रिए इस टेस्ट को िकिया जाता है। रेपिड एंटीबॉडी स्क्रीनिंग का रिजल्द 30 मिनट में आ जाता है। 

एंटीबॉडी टेस्ट

रैपिड टेस्ट एक इम्यूनोएसे है जिसका उपयोग स्क्रीनिंग के लिए किया जाता है। ये टेस्ट एचआईवी के लिए एंटीबॉडी की तलाश के लिए रक्त या मौखिक तरल पदार्थ का उपयोग करता है। 

एचआईवी-एड्स : उपचार

अब तक एचआईवी का कोई इलाज नहीं है। मगर इस वायरस से बचाव के लिए कई प्रभावी उपचार हैं जो वायरस वाले अधिकांश लोगों को स्वस्थ और लंबा जीवन जीने में सक्षम बनाते हैं।

एंटीरेट्रोवाइरल थेरेपी यानि एआरटी

यह एचआईवी संक्रमण और एचआईवी संचरण के सभी चरणों में एचआईवी से संबंधित रुग्णता को कम करता है। ये  शरीर में सीडी 4 गिनती को बनाए रखता है और एड्स को रोकता है। अधिकांश लोग उपचार शुरू करने के छह महीने के भीतर दैनिक एचआईवी उपचार लेते हैं। इनमें नाक स्प्रे और इनहेलर के साथ रीक्रिएशनल दवाएं भी शामिल हैं

एंटीरेट्रोवाइरल थेरेपी चार किस्म की होती हैं

  • एंट्री इनहिबिटर 
  • इंटीग्रेज इनहिबिटर 
  • प्रोटीज इनहिबिटर 
  • फ्यूजन इनहिबिटर

दवाओं के माध्यम से 

यह दवाओं के दो या दो से अधिक विभिन्न वर्गों को जोड़ती है। यह मल्टीड्रग प्रतिरोध के खिलाफ एक संयोजन चिकित्सा है। इसमें व्यापक स्पेक्ट्रम, मोनोथेरेपी में उपयोग की जाने वाली दवाओं की तुलना में अधिक शक्ति और प्रतिरोधी जीवों की संख्या में कमी जैसे संभावित लाभ हैं। डोल्यूटेग्रेविर, टेनोफोविर, एमट्रिसिटाबिन और राल्टेग्राविर, टेनोफोविर व एमट्रिसिटाबिन .को डॉक्टर की सलाह के बाद ही लें।

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ये रोग एक से दूसरे व्यक्ति में शरीर के फ्लूइड के ज़रिए ट्रांसफर हो जाता है। फिर चाहे ब्लड हो, प्री इजेकुलेट हो, वेजाइनल सिक्रीशन हो या रेक्टल सिक्रीशन। ये रोग एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में ट्रांसफर होने लगता है। इससे ब्लड संक्रमण को ट्रांसमिट करता है। जो गंभीर समस्या का रूप ले लेता है।

क्या लेसबियन और एलजीबीटी बिरादरी के लोग भी एड्स का शिकार हो जाते हैं।

जी हां इन लोगों में भी एचआईवी होने की संभावना रहती है। इंटरकोर्स के अलावा लेस्बियन सेक्स के द्वारा भी एचआईवी के फैलने को जोखिम बना रहता है। वहीं एनल सेक्स से भी एचआईवी फैलने की संभावना बढ़ जाती है। ऐसे में सेक्स पार्टनर चुनने से पहले सावधान रहें और सेक्स से पहले पार्टनर से खुलकर बात करें।

महिलाओं में एड्स के क्या लक्षण पाए जाते है

वे महिलाएं जो एचआईवी की समस्या से ग्रस्त होती है। उन्हें कमज़ोरी, थकान और बार बार बुखार होने की शिकायत रहती है। इसके अलावा शरीर पर लाल चकत्ते नज़र आने लगते हैं और एपिटाइट कमज़ोर हो जाता है। इससे भूख कम लगने लगती है। इसके अलावा पीरियड साइकल भी प्रभावित होती है।

एचआईवी के उपचार के दौरान अन्य दवाओं का सेवन सेफ है

दवाओं का सेवन एचआईवी इंफे्क्शन की तीव्रता पर निर्भर करता है। कई बार दो दवाओं को एक साथ लेने से शरीर में रिएक्शन का खतरा रहता है। ऐसे में दवाओं के दौरान टाइम गैप तय करना ज़रूरी है। वहीं अगर ज्यादा इन्फेक्टेड हैं, तो डॉक्टरी सलाह के बाद ही कोई भी दवा खाएं ।

किन कारणों से एचआईवी का खतरा बढ़ जाता है।

वे लोग जो एक से अधिक पार्टनर के साथ असुरक्षित तरीके से सेक्स करते हैं। उनमें इस बीमारी का खतरा सबसे अधिक बढ़ने लगता है। इसके अलावा वे लोग जो ड्रग्स इंजेक्ट करने वाले व्यक्ति के उपकरणों का प्रयोग करें। उसमें भी इस समस्या का खतरा बढ़ने लगता है।

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एड्स पर निबंध – Essay on AIDS in Hindi

एड्स पर निबंध (Essay on AIDS in Hindi): एड्स दुनिया की अब तक की सबसे घातक बीमारियों में से एक है. इस बीमारी ने दुनिया में दहशत पैदा कर दी है. एड्स के प्रसार को रोकने के लिए कई कदम उठाए जा सकते हैं, जो मानव समाज के लिए एक सही साबित होगा.

[ प्रस्तावना – एड्स का सृष्टि और प्रसार – एड्स का संक्रमण – रोग के लक्षण – उपचार और निदान – आतंक का कारण – उपसंहार ]

एड्स आधुनिक मानव समाज की सबसे घातक बीमारियों में से एक है. कुछ साल पहले इस बीमारी के बारे में मानवीय धारणा सृष्टि होने के कारण इसे दुनिया की सबसे नई बीमारियों में से एक के रूप में मान्यता दी गई है. इस भयानक बीमारी ने आज पूरी दुनिया में दहशत फैला दी है.

एड्स का सृष्टि और प्रसार

एड्स का मूल कारण अफ्रीकी महादेश कहा जाता है. माना जाता है कि अतीत में, महाद्वीप के कुछ स्वदेशी लोगों ने बन्दर के कच्चा मांस खाने के परिणामस्वरूप अपने शरीर में बंदर के मांस के प्रतिक्रिया से एक घातक वायरस विकसित हुआ था. यह घातक वायरस को एड्स रोग का सृष्टि का मूल कारण माना जाता है. जब रोग प्रतिरोधक शक्ति कमजोर हो जाती है, तो इस रोग के लक्षण अधिक स्पष्ट हो जाते हैं. इसलिए इस रोग का अंग्रेजी नाम Acquired Immune Deficiency Syndrome (AIDS) है. और ये जिस वायरस के द्वारा संक्रमित होता है उस वायरस का नाम HIV .

अफ्रीकी महादेश से यह बीमारी दुनिया के अन्य हिस्सों में फैल गई है. इस रोग के पहला रोगी को 1981 में कैलिफोर्निया के एक अस्पताल में पहचान किया गया था. यह बीमारी अब भारत समेत और भी बहुत सारे देशों में भी फैल चुकी है. नवीनतम सर्वेक्षण से पता चलता है कि दुनिया भर में अब तक लगभग 40.1 मिलियन लोग इस बीमारी से मर चुके हैं. इसके अलावा, वर्तमान में कम से कम 38.4 मिलियन लोग एड्स वायरस के साथ जी रहे हैं. भारत में वर्तमान में 2.1 मिलियन लोग एड्स के साथ जी रहे हैं.

aids par nibandh

एड्स का संक्रमण

यह रोग मुख्य रूप से असुरक्षित और अनधिकृत यौन-क्रिया के कारण होता है. एड्स से पीड़ित लोगों की कुल संख्या में से से अस्सी प्रतिशत मामले इस कारण से होते हैं. रक्त के माध्यम से एचआईवी संक्रमण होने के कारण अपरिष्कृत इंजेक्शन सुइयों का उपयोग, अपरिष्कृत ऑपरेशन उपकरण का उपयोग, एकाधिक लोग एक ब्लेड का उपयोग करना, और स्वस्थ लोगों को भी एड्स के मरीजों का खून लेने से एड्स हो जाता है. लेकिन अगर आप एचआईवी वाले लोगों के साथ काम करते हैं, हाथ मिलाते हैं, और यहां तक ​​कि उनके साथ खाते-पीते हैं तो भी एड्स होने का कोई खतरा नहीं है.

रोग के लक्षण                        

संक्रमण के बाद अचानक एड्स के लक्षणों का निदान करना मुश्किल होता है. इसके बावजूद कुछ सामान्य लक्षणों को एड्स संक्रमण के बारे में पता लगता है. एड्स के सामान्य लक्षणों में वजन कम होना, बार-बार शरीर में कमजोरी, बार-बार दस्त और बुखार, बगल और गर्दन की ग्रंथियों में सूजन, जननांगों पर सफेद धब्बे और एनीमिया, सूखी खांसी आदि शामिल हैं.

उपचार और निदान

एड्स के इलाज और पूरी तरह से ठीक करने के लिए अभी तक कोई विशिष्ट दवा विकसित नहीं की गई है. इसे रोकने के लिए कोई टीका या इंजेक्शन विकसित नहीं किया गया है. एचआईवी वायरस से दूर रहने के लिए सावधान रहना और बीमारी से बचने के लिए सभी व्यक्तिगत गतिविधियों में सावधानी बुद्धिमानी है.

आतंक का कारण

एड्स के लिए विशिष्ट दवाओं और उपचारों की कमी के कारण, बीमारी में पड़ने वाले व्यक्ति के मरने की संभावना सुनिश्चित है. मृत्यु के इसी अनिवार्य के कारण ही आज एड्स विश्व में एक आतंक के रूप में उभरा है. बीमारी के बारे में दुनिया की धारणा बहुत कम समय में बनाई गई थी, लेकिन थोड़े समय में यह दुनिया भर में फैल गई, जिसके परिणामस्वरूप बड़ी संख्या में लोगों की जान चली गई. इतने सारे लोग बीमारी की गंभीरता को देखते हुए भी हमेशा डरे रहते हैं.

उपसंहार          

एड्स इस युग की सबसे घातक बीमारियों में से एक है. इससे न केवल रोगी का नाश होता है, बल्कि रोगी की संतान भी उसी रोग से पीड़ित होती है. जिन देशों में यौन संबंध असुरक्षित पैमाने पर होते हैं, वहां इसकी घटनाएं अधिक होती हैं. इसके अलावा, हमारे देश भारत में राष्ट्रीय एड्स नियंत्रण संगठन बीमारी को नियंत्रित करने के लिए विभिन्न सक्रिय कदम उठा रही है. छात्रों को इसके बारे में कम से कम बारह तेरह साल से पता होना चाहिए.

Human immunodeficiency Viruses

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ये था एड्स पर निबंध (Essay on AIDS in Hindi). उम्मीद है ये निबंध से आपको जरूर सिख मिला होगा. अगर आपके पास एड्स के बारे में कुछ और जानकारी हो तो हमें जरूर बताएं. और ये निबंध को अपने दोस्तों के साथ शेयर करना न भूलें. तो मिलते है अगले निबंध में. धन्यवाद.

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  • एड्स पर निबंध | Essay on AIDS in Hindi

speech on aids in hindi

एड्स पर निबंध | Essay on AIDS in Hindi!

‘एड्‌स’ एक जानलेवा बीमारी है जो धीरे-धीरे समूचे विश्व को अपनी गिरफ्त में लेती जा रही है । दुनियाभर के चिकित्सक व वैज्ञानिक वर्षों से इसकी रोकथाम के लिए औषधि की खोज में लगे हैं परंतु अभी तक उन्हें सफलता नहीं मिल सकी है ।

पूरे विश्व में ‘एड्‌स’ को लेकर तरह-तरह की चर्चाएँ हैं । सभी बेसब्री से उस दिन की प्रतीक्षा कर रहे हैं जब वैज्ञानिक इसकी औषधि की खोज में सफल हो सकेंगे । एड्‌स का पूरा नाम ‘ऐक्वायर्ड इम्यूनो डेफिशिएंसी सिन्ड्रोम’ है ।

वैज्ञानिक सन् 1977 ई॰ में ही इसके प्रति सचेत हो गए थे जब विश्व भर के 200 से भी अधिक वैज्ञानिकों का एक सम्मेलन अमेरिका में हुआ था । परंतु वास्तविक रूप में इसे मान्यता सन् 1988 में मिली । तभी से 1 दिसंबर को हम ‘एड्‌स विरोधी दिवस’ के रूप में जानते हैं ।

वे सभी व्यक्ति जो एड्‌स से ग्रसित हैं उनमें एच॰ आई॰ वी॰ वायरस अर्थात् विषाणु पाए जाते हैं । आज विश्वभर में एड्‌स से प्रभावित लोगों की संख्या चार करोड़ से भी ऊपर पहुँच गई है । अकेले दक्षिण व दक्षिण-पूर्व एशिया में ही लगभग एक करोड़ लोग एच॰ आई॰ वी॰ से संक्रमित हैं ।

ADVERTISEMENTS:

अकेले थाईलैंड में ही हर वर्ष लगभग 3 से 4 हजार लोग एड्‌स के कारण काल का ग्रास बन रहे हैं । अधिक गहन अवलोकन करें तो हम पाते हैं कि विश्व भर में प्रति मिनट लगभग 25 लोग एड्‌स के कारण मरते हैं ।

एड्‌स प्रमुखत: निम्नलिखित कारणों से फैलता है:

1. किसी स्त्री या पुरुष द्‌वारा एच॰ आई॰ वी॰ संक्रमित स्त्री या पुरुष के साथ संभोग से ।

2. दूषित सुई के प्रयोग से ।

3. दूषित रक्त संचरण से ।

4. एच॰ आई॰ वी॰ संक्रमित महिला के गर्भ से ।

उपरोक्त कारणों के अतिरिक्त किसी भी अन्य कारण से एड्‌स नहीं फैलता है । जो व्यक्ति एड्‌स से पीड़ित हो गए हैं उनके अंदर धीरे-धीरे शरीर की प्रतिरोधक क्षमता समाप्त होती चली जाती है । एड्‌स हाथ मिलाने अथवा छूने से नहीं फैलता है । एड्‌स से ग्रसित लोग हमारी तरह सामान्य जीवन व्यतीत कर सकते हैं । अत: हमें उनके प्रति सहानुभूतिपूर्ण व्यवहार करना चाहिए ।

भारत में भी यह रोग अपने पैर जमा चुका है । हम सब की यह नैतिक जिम्मेदारी है कि हम पूरी सावधानी बरतें तथा इसके प्रति सभी को जागरूक बनाने का प्रयास करें। भारत सरकार भी इसे काफी प्रमुखता दे रही है ।

दूरदर्शन, समाचार-पत्रों तथा अन्य संचार माध्यमों के द्‌वारा एक साथ अभियान छेड़ा गया है ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग इसके बारे में सही जानकारी प्राप्त कर सकें । जगह-जगह एड्‌स सलाहकार केंद्र स्थापित किए गए हैं जहाँ से लोग अपने प्रश्नों का उत्तर प्राप्त कर सकते हैं ।

अस्पतालों में केवल ‘डिस्पोजेबल’ सुई का प्रयोग किया जा रहा है । एड्‌स का फैलाव चूँकि मुख्य रूप से महानगरीय संस्कृति के कारण अधिक हो रहा है, अत: महानगरों में स्वयंसेवी संस्थाओं द्‌वारा और अधिक प्रयासों की आवश्यकता है । देह-व्यापार के केंद्रों पर जाकर काम करना, वहाँ चेतना फैलाना हमारे समाज के उत्थान के लिए तथा इस रोग से बचाव के लिए अपरिहार्य बन गया है ।

आशा है कि शीघ्र ही वैज्ञानिक इस जानलेवा बीमारी का निदान ढूँढ लेंगे जिससे जल्द ही विश्व को एड्‌स मुक्त किया जा सकेगा । हाल ही में भारत की कुछ कंपनियों ने एड्‌स की कुछ ऐसी दवाइयाँ विकसित की हैं जिनसे रोगियों की पीड़ा काफी कम हो सकती हे ।

भारतीय कंपनियों द्‌वारा निर्मित दवाइयाँ सस्ती और कारगर भी हैं जिन्हें विश्व भर में मान्यता मिल रही है । कुछ भारतीय औषधियों की इसी कारण विश्व में माँग बढ़ती जा रही है । परंतु इस क्षेत्र में अभी बहुत अनुसंधान की आवश्यकता है ।

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एचआईवी एड्स क्या है, लक्षण, कारण, जांच, इलाज और बचाव – HIV AIDS in Hindi

एचआईवी एड्स क्या है, लक्षण, कारण, जांच, इलाज और बचाव - HIV AIDS in Hindi

HIV AIDS in Hindi एचआईवी एड्स का नाम सुनते ही एक भयानक और गंभीर बीमारी की तस्वीर सामने आती है। वैसे तो ज्यादातर बीमारियाँ गंभीर और बुरी ही होती है परन्तु एचआईवी एड्स का नाम सुनते ही हर किसी के रोंगटे खड़े हो जाते है क्योकि सभी जानते है की एड्स एक ऐसी गंभीर बीमारी है जिसमे व्यक्ति जीने की चाह छोड़ देता है और बुरी तरह अवसादग्रस्त हो जाता है।

इसलिए एचआईवी एड्स क्या है और यह कैसे होता है इसके क्या लक्षण है कैसे इनसे बचाव किया जा सकता है यह सब जानना बहुत अधिक आवश्यक भी है। ताकि समय रहते हम इस बीमारी का इलाज करवा सके और एक स्वस्थ जीवन जी सकें।

आज के लेख में हम यही जानेंगे की एचआईवी एड्स क्या है इसके लक्षण, कारण, जांच, इलाज और बचाव क्या है।

एचआईवी एड्स क्या है – HIV AIDS kya hai in hindi

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एचआईवी एड्स क्या है - HIV AIDS kya hai in hindi

एचआईवी को मानव प्रतिरक्षा वायरस (human immunodeficiency virus) कहते है, यह एक तरह का वायरस है जो हमारे शरीर में जाकर उन कोशिकाओ (CD4 cells or T cells) को नुकसान पहुंचाता है जो हमारे शरीर में बीमारियों से लड़ती है और हमे स्वस्थ रखती है। यह वायरस हमारी प्रतिरक्षा प्रणाली (immune system) को कमजोर कर देता है और हमे बीमार बना देता है जिससे इस वायरस को हमारे शरीर को संक्रमित करना और भी आसान हो जाता है। और इसके संक्रमण से व्यक्ति ना केवल बीमार होता है बल्कि उसकी जान भी जा सकती है। यदि कोई व्यक्ति एचआईवी से ग्रसित हो गया है तो यह वायरस उम्रभर उनके शरीर में रहता है।

एचआईवी की बीमारी कभी ठीक तो नही हो सकती और ना ही इसके लक्षण बहुत लम्बे समय तक पता चल पाते है, परन्तु दवाईयों से कुछ हद तक इसका इलाज संभव है और उनसे स्वस्थ रहा जा सकता है। एचआईवी की दवाईया लेकर इस बीमारी को इस हद तक ठीक किया जा सकता है की इसके लक्षण इनकी विशेष जांच में भी पता नहीं चल पायेंगे और आप लम्बे समय तक एक स्वस्थ जीवन जी सकते है।

परन्तु एचआईवी की जाँच ही एक मात्र उपाय है जिससे आप स्वस्थ रह सकते है नही तो यह बीमारी एड्स में बदल सकती है पर अगर आप एचआईवी की दवाईयों की मदद लेते है तो एचआईवी पीड़ित होकर भी आप एक लम्बा जीवन जी सकते है।

(और पढ़े –  HIV एड्स के शुरुआती लक्षण जो आपको पता होने चाहिए… )

एचआईवी एक तरह का वायरस है जो एड्स का कारण बनता है। एड्स को एक्वायर्ड इम्यून डेफिसिएंसी सिंड्रोम (acquired immune deficiency syndrome) कहा जाता है। एचआईवी और एड्स को एक ही चीज कहना बिलकुल गलत होगा, क्योकि ज़रूरी नही है की एचआईवी पीड़ित लोगों को हमेशा एड्स हो।

किसी व्यक्ति में एड्स होने की संभावना तब बढ़ जाती है जब  CD4 या T cells एचआईवी से बहुत ज्यादा संक्रमित हो चुकी हो और बिलकुल कमजोर हो चुकी हो क्योकि तब हमारे शरीर में रोगों से लड़ने की क्षमता खत्म हो चुकी रहती है और हमारा शरीर एकदम कमजोर हो जाता है। एड्स को एचआईवी का सबसे खतरनाक स्तर माना जाता है क्योकि एड्स होने के बाद व्यक्ति की मृत्यु भी हो सकती है।

एचआईवी एड्स होने का कारण - HIV AIDS hone ka karan in hindi

एचआईवी एड्स होने के कई कारण होते है, जिनकी सूचि नीचे दी गयी है-

असुरक्षित यौन सम्बन्ध स्थापित करना – यदि आप किसी भी एचआईवी पीड़ित व्यक्ति के साथ असुरक्षित यौन सम्बन्ध स्थापित करते है तो आपको भी एड्स होने की संभावना हो सकती है, यह भी एड्स होने का मुख्य कारण हो सकता है।

दूषित रक्त किसी को चढ़ाना- यदि किसी स्वस्थ व्यक्ति को एचआईवी पॉजिटिव व्यक्ति का रक्त चढ़ाया जाये, तब इस स्तिथि में भी उस स्वस्थ व्यक्ति को एड्स होने की संभावना बढ़ जाती है।

संक्रमित सुई का इस्तेमाल करना- कभी भी किसी व्यक्ति की इस्तेमाल की हुए सुई खुद इस्तेमाल करने से भी एचआईवी संक्रमित होने का खतरा रहता है। ज़्यादातर लोग ड्रग्स लेने के लिए एक दूसरे की इस्तेमाल की हुई सुई खुद भी इस्तेमाल करते है परन्तु हो सकता है वह व्यक्ति एचआईवी संक्रमित हो जिससे आपकी जान को भी खतरा हो सकता है और टैटू गुदवाने या पियरसिंग के लिए भी किसी अन्य व्यक्ति की सीरिंज (syringes) या सुई उपयोग करना खतरनाक हो सकता है।

एचआईवी संक्रमित माँ का अपने बच्चे को स्तनपान कराना- यदि कोई महिला पहले से एचआईवी संक्रमित है और वह किसी बच्चे को जन्म देती है और उसे अपना स्तनपान करवाती है तो यह संभावना उत्पन्न हो सकती है की माँ का स्तनपान कराने से उस बच्चे को भी एड्स हो जाये इसलिए बच्चे के जन्म से पहले ही महिला को अपनी जाँच और इलाज करवाना चाहिए।

संक्रमित गर्भवती महिला द्वारा बच्चे को जन्म देना- यदि कोई महिला गर्भवती है तो उसे शुरुआती महीनों में ही अपना एचआईवी का टेस्ट करवाना चाहिए यदि वह टेस्ट में एचआईवी संक्रमित निकलती है तो उस संक्रमण का सही समय पर इलाज करवाना बहुत जरुरी है ताकि उनका होने वाला बच्चा इस बीमारी से सुरक्षित रहे नही तो उसे भी यह गंभीर बीमारी हो सकती है।

इन सभी कारणों से एड्स होने की संभावना रहती है इसलिए इन सभी कारणों को ध्यान रखे और ऐसा कुछ भी हुआ हो तो डॉक्टर से सलाह अवश्य ले और एचआईवी की जाँच कराएं।

(और पढ़े –  सुरक्षित सेक्स करने के तरीके… )

एचआईवी एड्स के लक्षण - HIV AIDS ke lakshan in hindi

ज़्यादातर एचआईवी संक्रमित लोगों में वायरस के प्रवेश करने के  महीनो और सालों तक इस तरह के कोई भी लक्षण दिखाए नही देते है परन्तु लगभग 80 प्रतिशत लोगों में फ्लू जैसे लक्षण उत्पन्न होते है जिसे 2-6 हफ्ते के बीच में पता चलने पर इसका तुरन्त इलाज करवाना चाहिए। इसे तीव्र रेट्रोवायरल सिंड्रोम (acute retroviral syndrome) के रूप में भी जाना जाता है।

एचआईवी संक्रमण के कुछ लक्षणों में शामिल हो सकते हैं:

  • जोड़ों का दर्द
  • मांसपेशी में दर्द
  • गले में खराश
  • पसीना आना (विशेष रूप से रात में)
  • बढ़ी हुई ग्रंथियां
  • एक लाल चकत्ते या दाद होना
  • अचानक वजन कम होना
  • मौखिक खमीर संक्रमण (thrush)

यह सभी लक्षण एचआईवी के शुरूआती लक्षण हो सकते है परन्तु इन लक्षणों से यह मतलब नही है की आपको एचआईवी हो यह किसी अन्य बीमारी के लक्षण भी हो सकते है इसलिए यदि आपको ऐसा लगता है तो एचआईवी का टेस्ट जरुर करवाएं। जब हमारा शरीर एचआईवी के वायरस की वजह से कमजोर हो जाता है और हमारे शरीर की प्रतिरोधक क्षमता ख़त्म हो जाती है तब एड्स होने की संभावना बढ़ जाती है। वैसे तो एचआईवी संक्रमित व्यक्ति भी हमेशा स्वस्थ दिखाई देता है और ज़्यादातर मामलों में तक़रीबन 10 साल तक इस बीमारी का पता नही चलता है,परन्तु यदि हमें ऐसे कोई भी लक्षण दिखाई दे तो टेस्ट जरुर करवाना चाहिए इसलिए हमें एड्स के कुछ शुरूआती लक्षणों को भी पहचाना बहुत जरुरी है, इसलिए एड्स के कुछ लक्षणों की सूचि नीचे दी गयी है:-

  • धुंधला दिखाई देना
  • दस्त (जो लम्बे समय से चल रहा हो)
  • हफ्तों तक चलने वाला 100 ° F (37 ° C) का बुखार
  • रात को पसीना आना
  • बहुत अधिक थकान लगना
  • सांस की तकलीफ या अपच
  • हफ्तों तक रहने वाली ग्रंथियों में सूजन
  • अचानक बहुत तेजी से वजन कम होना
  • जीभ या मुंह पर सफेद धब्बे होना

इन सभी लक्षणों के चलते जान का खतरा हो सकता है इसलिए शुरूआती स्तर पर ही एचआईवी की दवाईयों के साथ इसका सही इलाज करवाने से काफी हद्द तक इस बीमारी की रोकथाम की जा सकती है।

अवसरवादी संक्रमण की रोकथाम

वैसे तो लेट स्टेज एचआईवी में शरीर की प्रतिरोधक क्षमता कम हो जाती है और हमारे शरीर में किसी भी तरह के संक्रमण, बीमारियों या कैंसर से लड़ने की क्षमता कम हो जाती है परन्तु यदि एड्स के लक्षण दिखाई देने से पहले कोई भी संक्रमण हमारे शरीर में होता है तो यह गंभीर स्वास्थ्य समस्या पैदा कर सकता है जिससे जान का जोखिम भी हो सकता है, इसी तरह की स्थिति को डॉक्टर अवसरवादी संक्रमण कहते है। यदि किसी भी तरह की जांच में कोई ऐसा संक्रमण दिखाई देता है तो डॉक्टर एड्स की जाँच कराने का कहते है।

(और पढ़े –  महिलाओं में एचआईवी एड्स के लक्षण… )

एचआईवी एड्स से होने वाली जटिलताये - HIV AIDS se hone wali jatiltaye in hindi

एचआईवी संक्रमण आपके शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को इस तरह कमजोर कर देती है की अन्य गंभीर बीमारियाँ होने की संभावना कई अधिक बढ़ जाती है, कई विभिन्न प्रकार की बीमारियाँ इसमें शामिल है जैसे-

संक्रमण से होने वाली बीमारी जैसे-

  • क्षय रोग (टीबी)
  • साइटोमेगालोवायरस (Cytomegalovirus)
  • कैंडिडिआसिस (Candidiasis)
  • क्रिप्टोकोकल मेनिन्जाइटिस (Cryptococcal meningitis)
  • टोक्सोप्लाज़मोसिज़ (Toxoplasmosis)

विभिन्न प्रकार के कैंसर जैसे-

  • कपोसी सारकोमा (Kaposi’s sarcoma)
  • लिंफोमा (Lymphoma)

कुछ अन्य जटिलताये भी हो सकती है जैसे –

  • न्यूरोलॉजिकल जटिलताये (Neurological complications)
  • गुर्दे की बीमारी (kidney diseases)
  • वेस्टिंग सिंड्रोम (wasting syndrome)

(और पढ़े – टीबी के कारण, लक्षण, निदान एवं बचाव… )

एचआईवी एड्स की जांच - HIV AIDS ki janch in hindi

एचआईवी संक्रमण की जाँच के लिए कई तरह के टेस्ट उपलब्ध है जिन्हें करवाकर आप सही समय पर इलाज शुरू कर सकते है जैसे-

एलिसा टेस्ट ( ELISA Test )  – एलिसा टेस्ट में रक्त का सैंपल लेकर एचआईवी संक्रमण की जाँच की जाती है अगर उसमे आपका रिजल्ट पॉजिटिव आता है तो इसका मतलब यह नहीं है आप एचआईवी संक्रमित है यह सकारात्मक परिणाम किसी अन्य बीमारी जैसे लाईम रोग, सिफलिस और ल्यूपस की वजह से भी हो सकता है इसलिए इसे सुनिश्चित करने के लिए अन्य तरह की जाँच की जाती है।

वेस्टर्न ब्लॉट ( western blot )  – यदि किसी व्यक्ति का एलिसा टेस्ट पॉजिटिव निकलता है तो उसे पक्का करने के लिए वेस्टर्न ब्लॉट टेस्ट किया जाता है अगर उसमें परिणाम पॉजिटिव ही आता है तो इसका मतलब वह व्यक्ति एचआईवी संक्रमित है।

CD4 काउंट टेस्ट ( CD4 Count test ) – CD4 कोशिकाएँ एक प्रकार की श्वेत रक्त कोशिका (white blood cells) होती हैं जो विशेष रूप से एचआईवी के वायरस द्वारा लक्षित होती है और यह वायरस उसे नष्ट कर देता है। एक स्वस्थ व्यक्ति की सीडी 4 काउंट 500 से 1,000 तक होती है, परन्तु यदि किसी व्यक्ति की सीडी 4 काउंट 200 से कम हो जाती है तब वह एड्स से संक्रमित हो सकता है।

(और पढ़े –  एचआईवी टेस्ट क्या है, प्रकार, प्रक्रिया… )

एचआईवी एड्स का इलाज - HIV AIDS ka ilaj in hindi

फिलहाल तो एचआईवी एड्स का कोई इलाज मौजूद नही है परन्तु कुछ दवाईयों की मदद से इसे कंट्रोल किया जा सकता है। कुछ दवाईयों के नाम की सूचि निचे दी गयी है-

आपातकालीन एचआईवी की गोलियाँ, या पोस्ट-एक्सपोज़र प्रोफिलैक्सिस (PEP)

यदि किसी व्यक्ति को ऐसा लगता है कि वह  पिछले 3 दिनों के भीतर एचआईवी वायरस के संपर्क में आ गया हैं, तो एंटी-एचआईवी दवाएं, जिसे पोस्ट-एक्सपोजर प्रोफिलैक्सिस (पीईपी) कहा जाता है, उस दवाई को लेकर संक्रमण को रोक सकते है। वायरस के संभावित संपर्क में आने के बाद जितनी जल्दी हो सके पीईपी लें और संक्रमण की रोकथाम करें।

पीईपी कुल 28 दिनों तक चलने वाला उपचार है, और चिकित्सकिय उपचार पूरा होने के बाद एचआईवी की निगरानी करना जरुरी है अन्यथा यह संक्रमण जानलेवा हो सकता है।

एंटीरेट्रोवाइरल ड्रग्स (Antiretroviral Drugs)

एचआईवी के उपचार में एंटीरेट्रोवाइरल (antiretroviral drugs) दवाएं भी शामिल हैं जो एचआईवी संक्रमण से लड़ती हैं और शरीर में वायरस के असर को कम कर देती हैं। एचआईवी संक्रमित लोग आम तौर पर अत्यधिक सक्रिय एंटीरेट्रोवाइरल थेरेपी (HAART) नामक दवाओं के साथ एंटीरेट्रोवाइरल थेरेपी (कार्ट) का मेडिकेशन लेते हैं।

कुछ अन्य प्रकार के एंटीरेट्रोवाइरल ड्रग्स (antiretroviral drugs) भी है जिनके नाम है-

प्रोटीज अवरोधक (Protease Inhibitors)

प्रोटीज एक एंजाइम है जिसमें एचआईवी को दोहराने (replicate) की क्षमता होती है। ये दवाएं एंजाइम की क्रिया को बांधती देती हैं और इसकी कार्य करने की क्षमता को रोकती हैं, जिससे एचआईवी स्वयं की प्रतियां (copy) नही बना पाता है, और यह एचआईवी से होने वाले संक्रमण को रोकता है जिससे एड्स जैसी गंभीर बीमारी को रोका जा सकता है और उसका उपचार किया जा सकता है।

इंटीग्रेज इनहिबिटर(Integrase Inhibitors)

टी कोशिकाओं को संक्रमित करने के लिए एचआईवी को एक और एंजाइम की आवश्यकता होती है जिसे इंटीग्रेज इनहिबिटर कहा जाता है। एचआईवी एड्स के इलाज में यह दवा इंटीग्रेज एंजाइम को ब्लाक करने का काम करती है। जिससे एड्स होने की संभावना कम हो जाती है।

न्यूक्लियोसाइड / न्यूक्लियोटाइड रिवर्स ट्रांस्क्रिप्टेज़ इनहिबिटर (NRTIs)

इन दवाओं को नूकस (nukes) भी कहा जाता है, यह एचआईवी के वायरस के साथ हस्तक्षेप करते हैं और उसे अपनी प्रतियाँ (replica) बनाने से रोकते है। जिससे एड्स या एचआईवी संक्रमण का इलाज किया जा सकता है।

गैर-न्यूक्लियोसाइड रिवर्स ट्रांस्क्रिप्टेज़ इनहिबिटर (NNRTIs)

NNRTIs और NRTIs एक समान तरीके से काम करते हैं, जिससे एचआईवी वायरस को प्रतियाँ बनाने में और अधिक मुश्किल होती है।

(और पढ़े –  30 साल की उम्र के बाद हर महिला को करवाने चाहिए ये मेडिकल टेस्ट… )

एचआईवी एड्स से बचाव - HIV AIDS se bachav in hindi

अपने आप को एचआईवी से संक्रमित होने से बचाने के लिए आपको कुछ सावधानियों पर गौर करना होगा जैसे-

असुरक्षित यौन सम्बन्ध करने से बचें – कभी भी अपने साथी के साथ सावधानी का प्रयोग जैसे कंडोम का इस्तेमाल करके ही यौन सम्बन्ध स्थापित करें।

संक्रमित सुई का इस्तेमाल ना करें – कभी भी किसी व्यक्ति की इस्तेमाल की हुए सुई खुद इस्तेमाल ना करें ज़्यादातर लोग ड्रग्स लेने के लिए एक दूसरे की इस्तेमाल की हुई सुई खुद भी इस्तेमाल करते है परन्तु हो सकता है वह व्यक्ति एचआईवी संक्रमित हो जिससे आपकी जान को भी खतरा हो सकता है और टैटू गुदवाने या पियरसिंग के लिए भी किसी अन्य व्यक्ति की सीरिंज (syringes) या सुई उपयोग ना करें इससे एड्स होने का खतरा हो सकता है।

दूषित रक्त कभी ना चढ़ाये – कभी भी किसी स्वस्थ व्यक्ति को एचआईवी संक्रमित व्यक्ति का रक्त ना चढ़ाये, हमेशा रक्त चढ़वाने से पहले उसकी जाँच करवाएं। अन्यथा उस व्यक्ति को भी एचआईवी होने का खतरा हो सकता है।

शरीर के तरल पदार्थ का संपर्क – खुले घाव या कट पर दूषित रक्त, वीर्य (semen) या योनी का तरल पदार्थ (vaginal fluid) गिर जाने से भी एड्स होने की संभावना उत्पन्न हो सकती है।

संक्रमित महिला के स्तनपान कराने से – यदि कोई महिला एचआईवी संक्रमित है तो वह बच्चे के जन्म से पहले अपनी अच्छी तरह जाँच करवाएं और उस संक्रमण का इलाज करवाएं नही तो महिला के स्तनपान कराने से नवजात को भी संक्रमण हो सकता है और उसे भी एड्स होने की संभावना हो सकती है।

(और पढ़े –  कंडोम के बिना सेक्स करने के फायदे और नुकसान… )

एचआईवी और एड्स के मिथक और तथ्य - HIV AIDS Myths and Facts in Hindi

हमारे समाज में एचआईवी और एड्स से पीड़ित लोगों को हेय की दृष्टि से देखा जाता है और उनको लगता है की ऐसे लोगों के साथ उठने, बैठे, खाने, पीने या हाथ मिलाने से दूसरो को भी यह संक्रमण हो जायेगा  परन्तु यह सब बातें गलत है, नीचे दी गयी सूचि में से कुछ भी करने से यह संक्रमण नही फैलता है, जैसे –

  • पीड़ित से हाथ मिलाने
  • एक ही बर्तन में खाना खाने से
  • पीड़ित की   खांसी या छींकों से
  • एक ही टॉयलेट इस्तेमाल करने से
  • एक ही तौलिया इस्तेमाल करने से

इन सभी बातों का ध्यान रखे और किसी भी एचआईवी और एड्स पीड़ित व्यक्ति को हेय दृष्टि से ना देखे और अगर आप इस बीमारी से संक्रमित है तो अपना अच्छे से इलाज करवाएं।

(और पढ़े –  एचआईवी एड्स से जुड़े मिथक और तथ्य विस्तार से… )

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World Aids Day in Hindi : विश्व एड्स दिवस क्यों मनाया जाता है और कहां से हुई थी इसकी शुरुआत

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  • Updated on  
  • नवम्बर 21, 2023

World Aids Day in Hindi

भारत ही नहीं बल्कि पूरे विश्व में कुछ दिनों का विशेष महत्व होता है। हर माह के कई दिन ऐसे होते हैं जब हम अलग-अलग आयोजनों के साथ काफी-कुछ सीखते हैं, जिनमें विश्व एड्स दिवस भी शामिल है। हर वर्ष 1 दिसंबर को दुनिया विश्व एड्स दिवस मनाती है। इस दिन दुनियाभर के लोगों को जागरूक किया जाता है और इस दिन के बारे में स्टूडेंट्स को भी पूरी जानकारी होनी चाहिए, क्योंकि प्रतियोगी परीक्षाओं में दिवस से जुड़े प्रश्न पूछे जाते हैं, इसलिए इस ब्लाॅग में हम World Aids Day in Hindi के बारे में विस्तृत जानेंगे।

This Blog Includes:

विश्व एड्स दिवस क्या है, विश्व एड्स दिवस का इतिहास क्या है, विश्व एड्स दिवस थीम 2023, विश्व एड्स दिवस का महत्व क्या है, विश्व एड्स दिवस क्यों मनाते हैं, विश्व एड्स दिवस कैसे मनाते हैं, विश्व एड्स दिवस पर 10 लाइन्स, विश्व एड्स दिवस से जुड़े रोचक तथ्य.

ऐसा माना जाता है कि आज के समय में एड्स सबसे बड़ी स्वास्थ्य समस्याओं में से एक है, इसलिए दुनिया में हर वर्ष 1 दिसंबर को विश्व एड्स दिवस मनाया जाता है। यह दिन अलग-अलग थीम के आयोजित होता है। World Aids Day in Hindi पर एड्स के बारे में जागरूकता के अलावा इस बीमारी से अपनी जान गंवाने वाले लोगों को याद किया जाता है। 

यह भी पढ़ें- Infant Protection Day in Hindi : इस महत्व के साथ मनाया जाता है शिशु संरक्षण दिवस, साथ ही जानिए इतिहास

World Aids Day in Hindi जानने के साथ ही विश्व एड्स दिवस का इतिहास समझना जरूरी है, जोकि इस प्रकार बताया गया हैः

  • 1987 में जेम्स डब्ल्यू बन और थॉमस नेटर इस महामारी का निरीक्षण करने और इसके बारे में जागरूकता फैलाने वाले पहले व्यक्ति थे।
  • 1988 में विश्व स्वास्थ्य संगठन के दो सार्वजनिक सूचना अधिकारियों ने वैश्विक महामारी के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए एक वार्षिक कार्यक्रम के रूप में विश्व एड्स दिवस की स्थापना की थी।
  • हर वर्ष संयुक्त राष्ट्र, संयुक्त राज्य सरकार और दुनिया भर के समाज के संगठन HIV/एड्स के एक अलग विषय पर अभियान चलाते हैं।

यह भी पढ़ें – विश्व सांख्यिकी दिवस 2023 

किसी भी दिवस की थीम उसके आयोजन की सफलता में काफी भूमिका निभाती है। विश्व एड्स दिवस पर भी हर वर्ष अलग थीम निर्धारित की जाती रही है और इस बार यानी 2023 में World Aids Day in Hindi के लिए ‘लेट कम्युनिटीज़ लीड’ रखी गई है।

दुनिया में दिवसों के आयोजनों का काफी महत्व है। यहां World Aids Day in Hindi का महत्व बताया जा रहा हैः

  • विश्व एड्स दिवस HIV/एड्स के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए है।
  • एड्स से बचाव और लड़ने के लिए यह दिन अंतरराष्ट्रीय एकजुटता प्रदर्शित करने के लिए दुनिया भर के लोगों को एक साथ लाता है।
  • यह दिन दुनिया भर में एड्स की रोकथाम और देखभाल में प्रगति को प्रोत्साहित करने का अवसर है। 
  • विश्व एड्स दिवस पर धन जुटाने, जागरूकता बढ़ाने और शिक्षा में सुधार के अलावा एड्स से जान गंवाने वालों की संख्या पर ध्यान दिया जाता है।

यह भी पढ़ें- National Education Day in Hindi : राष्ट्रीय शिक्षा दिवस क्या है और यह क्यों मनाया जाता है, जानें इसका इतिहास व महत्व

हर वर्ष 1 दिसंबर को एड्स दिवस मनाया जाता है, जिससे इस बीमारी के बारे में जागरूकता फैलती है। इस दिन लोगों और सरकारों को याद दिलाया जाता है कि HIV एक समस्या बनी हुई है। इस दिन दुनिया भर के लोगों के पास एचआईवी के खिलाफ लड़ाई में एकजुट होने का अवसर होता है। यह दिन बीमारी के प्रति जागरूक करने में मदद कर सकता है और अनगिनत लोगों को बचा सकता है। 

World Aids Day in Hindi कैसे मनाते हैं के बारे में हम यहां जानेंगेः

  • इस दिन एड्स के बारे में जागरूक किया जाता है। 
  • प्रत्येक व्यक्ति को जागरूक करने और बीमारी से बचाने के लिए कार्यक्रम और अभियान आयोजित किए जाते हैं।
  • विश्व एड्स दिवस मनाने का सबसे सरल तरीका लाल रिबन पहनना है। 
  • लाल रिबन HIV और एड्स से पीड़ित लोगों के लिए जागरूकता फैलाना है।
  • HIV और एड्स को रोकने के लिए और खतरे के बारे में बात करने के लिए थीम को निर्धारित कर रिसर्च और अन्य नई गतिविधियां शुरू की जाती हैं।

विश्व एड्स दिवस पर 10 लाइन्स इस प्रकार दी जा रही हैं, जिनके बारे में आपको जानकारी होनी चाहिएः

  • एड्स एक वायरस जनित रोग है।

हर वर्ष 1 दिसंबर को विश्व एड्स दिवस मनाया जाता है।

  • विश्व एड्स दिवस पहली बार 1988 में घोषित किया गया था।
  • एड्स गंभीर संक्रमण और स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बनता है, जिसके लिए यदि दवा न ली जाए और उचित उपचार न लिया जाए तो रोगी की मृत्यु भी हो सकती है।
  • एड्स का इलाज संभव नहीं है, लेकिन इसके प्रभाव को दवाओं और उपचारों के माध्यम से नियंत्रित किया जाता है।
  • विश्व एड्स दिवस के अभियानों द्वारा फैलाई गई जागरूकता तथ्यों का उपयोग करके लोगों को एड्स के बारे में मार्गदर्शन करना है।
  • कई गैर सरकारी संगठन एड्स रोगियों की स्थिति सुधारने और उनकी मदद करने की दिशा में काम कर रहे हैं।
  • रिसर्च और रिपोर्ट्स के अनुसार, विश्व में हर वर्ष लगभग 10 लाख लोग एड्स के कारण मर जाते हैं।
  • एड्स एक ऐसी बीमारी है जिसे ‘एक्वायर्ड इम्यून डेफिशिएंसी सिंड्रोम’ कहा जाता है।
  • मनुष्य को एड्स HIV (ह्यूमन इम्यूनोडेफिशिएंसी वायरस) नामक वायरस से होता है।

विश्व एड्स दिवस से जुड़े रोचक तथ्य इस प्रकार हैंः

  • सबसे भयावह बीमारियों में से एक एड्स या एक्वायर्ड इम्युनोडेफिशिएंसी सिंड्रोम का कोई स्थायी इलाज नहीं है।
  • एड्स से पीड़ित जिन लोगों को इलाज नहीं मिलता, वे आमतौर पर लगभग 3 साल तक जीवित रहते हैं।
  • यूनाइटेड किंगडम (यूके) सरकार ने 2030 तक HIV संचरण को समाप्त करने का लक्ष्य रखा है। 
  • एंटीरेट्रोवाइरल दवाओं से एड्स का इलाज करने से एड्स के विकास को रोका जा सकता है।
  • यदि उपचार न किया जाए तो HIV से पीड़ित अधिकांश लोगों में 8 से 10 वर्षों के भीतर एड्स के लक्षण विकसित हो जाते हैं।
  • विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, HIV एक प्रमुख वैश्विक सार्वजनिक स्वास्थ्य समस्या है, जिसने अब तक 40.1 मिलियन लोगों की जान ले ली है।
  • 2021 में 1.5 मिलियन लोगों को HIV हुआ था। 
  • ऐसा माना जाता है कि HIV से पीड़ित 7 में से एक व्यक्ति को यह पता नहीं होता है कि उन्हें यह बीमारी है।

भारत में HIV का पहला मामला 1986 में सामने आया।

विश्व एड्स दिवस लोगों के बीच जागरूकता बढ़ाने के लिए मनाया जाता है।

आशा है कि इस ब्लाॅग में आपको World Aids Day in Hindi के बारे में पूरी जानकारी मिल गई होगी। इसी तरह के अन्य ट्रेंडिंग आर्टिकल्स पढ़ने के लिए Leverage Edu के साथ बने रहें।

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स्टडी अब्राॅड प्लेटफाॅर्म Leverage Edu में सीखने की प्रक्रिया जारी है। शुभम को 4 वर्षों का अनुभव है, वह पूर्व में Dainik Jagran और News Nib News Website में कंटेंट डेवलपर रहे चुके हैं। न्यूज, एग्जाम अपडेट्स और UPSC में करंट अफेयर्स लगातार लिख रहे हैं। पत्रकारिता में स्नातक करने के बाद शुभम ने एजुकेशन के अलावा स्पोर्ट्स और बिजनेस बीट पर भी काम किया है। उन्हें लिखने और रिसर्च बेस्ड स्टोरीज पर फोकस करने के अलावा क्रिकेट खेलना और देखना पसंद है।

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World Aids Day Speech 2022 -23 Speeches On World Aids Day in Hindi & English Pdf Download

World Aids Day Speech 2018

World aids day 2022: ज्यादातर हर कोई जनता ही है की एड्स एक गंभीर और संक्रामक बीमारी है | लोगों को एड्स के प्रति जागरूक करने व इस गंभीर बीमारी से बचने के उपाय और जानकारी बताने के लिए हर साल 1 दिसंबर को विश्व एड्स दिवस मनाया जाता है |

इस दिन लोगों को जागरूक किया जाता है वो इस बीमारी से बचने के लिए उसके बारे में ज्यादा से ज्यादा जान सकें की इस बीमारी के क्या लक्षण होते हैं, इससे बचाव किस प्रकार किया जा सकता है और इस बीमारी के क्या-क्या कारण होते हैं | इन्ही सब जानकारियों के लिए अलग-अलग अभियान भी चलाये जाते हैं, जिससे एचआइवी से पीड़ित लोगों की सहायता की जा सके |

इस दिन पर बहुत से लोग बैनर पर स्लोगन या quotes लिखकर नारे लगते है| इस दिन को मनाने का कारण आज के युथ को एक महत्वपूर्ण message देना है|

World aids day speech in hindi

एड्‌स’ एक जानलेवा बीमारी है जो धीरे-धीरे समूचे विश्व को अपनी गिरफ्त में लेती जा रही है । दुनियाभर के चिकित्सक व वैज्ञानिक वर्षों से इसकी रोकथाम के लिए औषधि की खोज में लगे हैं परंतु अभी तक उन्हें सफलता नहीं मिल सकी है । पूरे विश्व में ‘एड्‌स’ को लेकर तरह-तरह की चर्चाएँ हैं । सभी बेसब्री से उस दिन की प्रतीक्षा कर रहे हैं जब वैज्ञानिक इसकी औषधि की खोज में सफल हो सकेंगे । एड्‌स का पूरा नाम ‘ऐक्वायर्ड इम्यूनो डेफिशिएंसी सिन्ड्रोम’ है । वैज्ञानिक सन् 1977 ई॰ में ही इसके प्रति सचेत हो गए थे जब विश्व भर के 200 से भी अधिक वैज्ञानिकों का एक सम्मेलन अमेरिका में हुआ था । परंतु वास्तविक रूप में इसे मान्यता सन् 1988 में मिली । तभी से 1 दिसंबर को हम ‘एड्‌स विरोधी दिवस’ के रूप में जानते हैं । वे सभी व्यक्ति जो एड्‌स से ग्रसित हैं उनमें एच॰ आई॰ वी॰ वायरस अर्थात् विषाणु पाए जाते हैं । आज विश्वभर में एड्‌स से प्रभावित लोगों की संख्या चार करोड़ से भी ऊपर पहुँच गई है । अकेले दक्षिण व दक्षिण-पूर्व एशिया में ही लगभग एक करोड़ लोग एच॰ आई॰ वी॰ से संक्रमित हैं । अकेले थाईलैंड में ही हर वर्ष लगभग 3 से 4 हजार लोग एड्‌स के कारण काल का ग्रास बन रहे हैं । अधिक गहन अवलोकन करें तो हम पाते हैं कि विश्व भर में प्रति मिनट लगभग 25 लोग एड्‌स के कारण मरते हैं ।

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आप ये जानकारी हिंदी, इंग्लिश, मराठी, बांग्ला, गुजराती, तमिल, तेलगु, आदि की जानकारी देंगे जिसे आप अपने स्कूल के भाषण प्रतियोगिता, कार्यक्रम या स्पीच प्रतियोगिता में प्रयोग कर सकते है| ये स्पीच कक्षा 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9 ,10, 11, 12 और कॉलेज के विद्यार्थियों के लिए दिए गए है|

World AIDS Day is celebrated on December 1 every year since 1988. It is dedicated to raise awareness, educate and improve the understanding of HIV as a global public health problem. It provides an opportunity to understand the interdependence between progress in ending Acquired Immunodeficiency Syndrome (AIDS) and progress towards universal health coverage and the right to health. Everyone, regardless of who they are or where they live, has a right to health, which is also dependent on adequate sanitation and housing, nutritious food, healthy working conditions and access to justice. This year’s World AIDS Day campaign promotes the concept of “Right to health”. World AIDS Day 2017 theme is “My health, my right”. The World Health Organization (WHO) highlights the need for all 36.7 million people living with HIV and those who are vulnerable and affected by the epidemic, to reach the goal of universal health coverage. Remarkable progress is being made on HIV treatment. According to a report from UNAIDS (Joint United Nations Programme on HIV/AIDS) in June 2017, nearly 21 million people living with HIV are now on treatment. In 2000, just 685000 people living with HIV had access to antiretroviral therapy. In India, there are 2.1 million people living with HIV (2015 report). According to National AIDS Control Programme, the annual AIDS-related deaths have declined by 54 percent and new HIV infections dropped by 32 percent between 2007 and 2015. Infection caused by the Human Immunodeficiency Virus (HIV) in the human body results into weakening of people’s immune system ( defense system) against infections and some types of cancer. This immunodeficiency results in increased susceptibility to a wide range of infections, cancers and other diseases that people with healthy immune systems can fight off. The most advanced stage of HIV infection is called as Acquired Immunodeficiency Syndrome (AIDS). It is defined by the occurrence of any of more than 20 opportunistic infections or HIV-related cancers.

वर्ल्ड एड्स डे स्पीच

इस दिन पर बहुत से स्कूल एवं विश्विद्यालय में essay और speech compatition होता है|

हर साल एक दिसंबर को विश्‍व एड्स दिवस मनाया जाता है। जिसका उद्देश्य लोगों को एड्स के प्रति जागरूक करना है। जागरूकता के तहत लोगों को एड्स के लक्षण, इससे बचाव, उपचार, कारण इत्यादि के बारे में जानकारी दी जाती है और कई अभियान चलाए जाते हैं जिससे इस महामारी को जड़ से खत्म करने के प्रयास किए जा सकें। साथ ही एचआईवी एड्स से ग्रसित लोगों की मदद की जा सकें। 1 दिसंबर 2011 में विश्‍व एड्स दिवस की थीम ‘गैटिंग जीरों’ पर केंद्रित है। जिसके तहत कैंपेन, इंट्रैक्टिव एक्टिविटीज की जाती है जिससे लोगों को एड्स के बारे में अधिक से अधिक जानकारी दी जा सकें। दरअसल, ‘गैटिंग टू जीरों’ का उद्देश्य है कि कोई भी एचआईवी एड्स से नया व्यक्ति ना तो पीडि़त हो और ना ही एड्स के कारण किसी की मृत्यु हो। यानी एचआईवी संक्रमण की दर को रोकते हुए शून्‍य स्‍तर तक लाना। ‘गैटिंग टू जीरों’ की थीम को 2015 तक चलाने के लिए कारगार कदम उठाएं जा रहे हैं। World Aids Day Image भारत में भी एड्स अपने पैर पसारे हुए है लेकिन देश में इसका इलाज होना बहुत मुश्किल होता है। इसके पीछे कई कारण हैं जैसे- एचआईवी पॉजीटिव लोगों के साथ भेदभाव करना, लोगों में जागरूकता की कमी होना, लोगों के मन में एड्स को लेकर तरह-तरह के भ्रम होना, लोगों का असुरक्षित यौन संबंध बनाना इत्‍यादि। भारत जैसे घने आबादी वाले देश में एड्स ग्रसित मरीजों की अधिक संख्या का कारण है लोगों का लापरवाही युक्त व्यवहार। यानी लोग सबकुछ जानते हुए भी या तो अंजान बनते हैं या फिर असुरक्षित यौन संबंधों को बढ़ावा देते हैं जो कि एड्स का एक महत्वपूर्ण कारक है। जरूरी नहीं कि सिर्फ असरुक्षित यौन संबंध बल्कि किसी संक्रमित रोग से ग्रसित होने के कारण भी ऐसा होता है और संक्रमण के कारण भी एड्स का खतरा बरकरार रहता है। हालांकि नए आंकड़ों के मुताबिक, एड्स पीडि़तों में कमी आई है। यदि आप एड्स जैसी महामारी से बचना चाहते हैं तो इसके लिए जरूरी है कि आप सावधानियां बरतें और एड्स से बचाव के उपायों को अपनाएं। सेक्स संबंध बनाते हुए सुरक्षित सेक्स को प्राथमिकता दें ताकि भविष्य में होने वाले खतरे को टाल सकें। गौरतलब है कि विश्व एड्स दिवस की शुरूआत 1 दिसंबर 1988 को हुई थी जिसका मकसद, एचआईवी एड्स से ग्रसित लोगों की मदद करने के लिए धन जुटाना, लोगों में एड्स को रोकने के लिए जागरूकता फैलाना और एड्स से जुड़े मिथ को दूर करते हुए लोगों को शिक्षित करना था। दरअसल, विश्‍व एड्स दिवस आपको याद कराता है कि ये बीमारी अभी भी हमारे-आपके बीच है और इसे लगातार खत्म की कोशिशों में आपको भी आगे आना होगा।

speech in Marathi

विश्व एड्स दिवस कब मनाया जाता है: विश्व एड्स दिवस हर साल 1 दिसंबर को मनाया जाता है | आइये हम आपको world aids day speech for students, world aids day commemoration speech, world aids day speech in malayalam, short speech on world aids day, speech on world aids day in hindi, speech on world aids day in india, a speech on world aids day, world aids day speech for students, speech on world aids day in punjabi, आदि की जानकारी किसी भी भाषा जैसे Hindi, Urdu, उर्दू, English, sanskrit, Tamil, Telugu, Marathi, Punjabi, Gujarati, Malayalam, Nepali, Kannada के Language Font , 100 words, 150 words, 200 words, 400 words में साल 2007, 2008, 2009, 2010, 2011, 2012, 2013, 2014, 2015, 2016, 2017 का full collection whatsapp, facebook (fb) व instagram पर share कर सकते हैं|

1988 पासून दरवर्षी 1 डिसेंबर रोजी जागतिक एड्स दिवस झाला आहे. हे जगभरातील एचआयव्ही महामारीकडे लक्ष देण्याची संधी देते. बर्याच लोकांनी 1 डिसेंबर रोजी किंवा जवळपास इव्हेंट आयोजित करणे, एचआयव्हीची जागरुकता निर्माण करणे, मरण पावलेल्या प्रिय व्यक्तींना आठवणीत ठेवणे, एचआयव्हीसह राहणा-या लोकांसह एकता दाखवणे, जगण्याची आणि आरोग्याची उत्सव साजरा करणे आणि एचआयव्हीसाठी पैसे मिळवावे कारणे बर्याच लोकांसाठी हा दिवस लाल रिबन, एक त्वरित ओळखता येणारा चिन्ह आहे. आपला आधार दर्शविण्यासाठी एक लाल रिबन वापरणे ही एक सोपा मार्ग आहे आणि आपण त्यात सहभागी होऊ शकता अशा इतर अनेक मार्ग आहेत. जागतिक एड्स दिवसासाठी प्रत्येक वर्षी एक थीम आहे. या वर्षाची थीम ‘माय हेल्थ, माय राइट’ आहे. या मोहिमेत “प्रत्येकजण, प्रत्येकाद्वारे आरोग्याच्या अधिकारांचे पूर्ण आकलन पूर्ण करण्यासाठी आवश्यकतेनुसार दृश्यमानता वाढविण्याचा हेतू आहे”. वैयक्तिक देश त्यांच्या स्वत: च्या पद्धतीने थीमची व्याख्या देखील करू शकतात.

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विश्व एड्स दिवस पर 10 वाक्य (10 Lines on World Aids Day in Hindi)

बीमारियों का नाम सुन अच्छे से अच्छा धुरंधर भी सिहर उठता है। आज हम खुद को स्वस्थ रखने के लिए लाख जतन करते हैं फिर भी बीमारियां किसी न किसी रूप में हम पर हावी हो ही जाती हैं। बीमारियां कुछ ऐसी हैं जो बहुत जल्दी ठीक हो जाती हैं तो कुछ ऐसी जो काफ़ी लम्बे समय तक अपना असर दिखाती हैं, कुछ ऐसी जिनके तमाम इलाज हैं तो कुछ लाइलाज। एड्स उन्हीं कुछ लाइलाज बीमारियों में एक है। हर साल लाखों जानें लेने वाली इस बीमारी ने महामारी का रूप ले लिया है। इसके रोकथाम के लिए उचित जागरूकता को मद्देनज़र रखते हुए विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने हर वर्ष विश्व एड्स दिवस मनाने का फैसला लिया।

विश्व एड्स दिवस पर 10 लाइन (Ten Lines on World Aids Day in Hindi)

आज इस लेख के माध्यम से हम विश्व एड्स दिवस के बारे में जानेंगे। आशा करता हूँ कि यह जानकारी आपके लिए उपयोगी हो।

Vishwa AIDS Divas par 10 Vakya – Set 1

1) एड्स एक लाइलाज महामारी है जो HIV नाम के खतरनाक वायरस के कारण फैलता है।

2) हर साल 1 दिसंबर को वैश्विक रूप में सभी देशों के आपसी सहमति और सहयोग से विश्व एड्स दिवस मनाया जाता है।

3) एड्स दिवस पर विश्व भर में इस बीमारी के प्रति जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से कई कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है।

4) लोगों को इस बीमारी से जागरूक करने के लिए विश्व एड्स दिवस सन् 1988 से संयुक्त राष्ट्र की घोषणा के बाद मनाया जा रहा है।

5) रेड रिबन (Red Ribbon or Red Cross) एड्स दिवस का प्रतीकात्मक चिन्ह है।

6) लाल रिबन एचआईवी से पीड़ित लोगों के लिए जागरूकता और समर्थन का प्रतीक है।

7) हर साल एक नए थीम के साथ विश्व भर में एड्स दिवस के कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं।

8) वर्ष 2020 में एड्स रोकथाम के लिए ‘एचआईवी/एड्स महामारी का अन्त: लचीलापन और प्रभाव’ के थीम पर एड्स दिवस मनाया गया था।

9) एड्स बीमारी के प्रति बड़े स्तर के साप्ताहिक कार्यक्रम की शुरुआत सैन फ्रांसिस्को द्वारा 1984 में किया गया था।

10) बहुत से देशों में 1 दिसंबर विश्व एड्स दिवस के आसपास 1 हफ्ते का एड्स जागरूकता सप्ताह मनाया जाता है।

Vishwa AIDS Divas par 10 Vakya – Set 2

1) एड्स दिवस दुनिया में लोगों को इस बीमारी की रोकथाम, उपाय और एड्स के प्रति जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से मनाया जाता है।

2) भारत में 1986 में एड्स का पहला मामला सामने आया था और 1990 के बाद एड्स रोगियों की संख्या में काफी वृद्धि हो गई।

3) भारत में एड्स की रोकथाम के लिए राष्ट्रीय एड्स नियंत्रण संगठन (नाको-NACO) नामक संस्था का गठन किया गया है।

4) यह संगठन विश्व विद्यालयों में युवाओं को प्रोत्साहित करते हैं और युवाओं ने मिलकर रेड रिबन क्लब की स्थापना किया है।

5) विश्व एड्स दिवस मनाने की कल्पना सबसे पहले WHO में कार्यरत जेम्स डब्ल्यू बन और थॉमस नेटर द्वारा 1987 में की गई थी।

6) रेड रिबन क्लब युवाओं का एक सामूहिक संगठन है जिसके तहत विश्व भर में युवाओं द्वारा एड्स जागरूकता कार्यक्रम किए जा रहे हैं।

7) इस क्लब से अधिक से अधिक युवा जुड़ते हैं और क्षेत्रीय स्तर पर लोगों में एड्स के रोकथाम और जागरूकता फैलाने का प्रयास करते हैं।

8) भारत में एड्स पर रोकथाम के उद्देश्य से 1992 में ‘राष्ट्रीय एड्स नियंत्रण कार्यक्रम’ की शुरूआत की गई थी।

9) शुरुआत में एड्स दिवस के कार्यक्रम केवल बच्चों से संबंधित थे पर बाद में यह कार्यक्रम सभी वर्गों के लिए होने लगा।

10) कई समाजसेवी संस्थाएँ हैं जो एड्स रोगियों के उपचार और सहायता के लिए कार्य करते हैं।

World Aids Day

एड्स जैसी बीमारी से लड़ने के लिए सभी देशों को एक साथ कार्य करना होगा और यह सभी कार्यक्रम वैश्विक स्तर पर होना चाहिए। इस महामारी से निपटने के लिए बहुत से प्रयास किए भी जा रहें हैं और हाल के कुछ वर्षों में काफी अच्छे परिणाम भी देखने को मिले हैं। एड्स के सबसे ज्यादा रोगी भारत के महाराष्ट्र राज्य में हैं। पिछले कुछ साल के आँकड़े थोड़े संतोषजनक है क्योंकि धीरे-धीरे ही सही पर भारत में एड्स पर नियंत्रण किया जा रहा है।

आशा करता हूँ विश्व एड्स दिवस पर 10 लाइन (10 Points on World Aids Day) आपको पसंद आया होगा और आपने अच्छे से इसे समझा होगा।

विश्व एड्स दिवस पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न : Frequently Asked Questions on World Aids Day

उत्तर– 2020 के अन्त तक विश्व भर में लगभग 79 मिलियन लोग एच.आई.वी. से पीड़ित हुए और लगभग 36 मिलियन लोगों की मृत्यु हो गई।

उत्तर– आंकड़ों के मुताबिक लगभग 152 देशों में एड्स से पीड़ित मरीज पाए गए हैं।

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Mother’s Day Speech in Hindi 2024: मदर्स डे पर छोटे और बड़े भाषण हिंदी में

Happy mothers day quotes: मदर्स डे हर इंसान के लिए एक विशेष दिन है क्योंकि यह हमें हमारी एकमात्र दुनिया (माँ) को उसके प्यार और समर्थन के लिए धन्यवाद कहने का मौका देता है जो उसने पूरी जिंदगी दी है। मातृ दिवस के लिए भाषण आईडिया यहां प्राप्त करें। अपने विचारों को ऐसे शब्द बनने दें जिन्हें आपकी माँ सुन सकें और आपके जीवन में उनके महत्व को महसूस कर सकें।.

Atul Rawal

मदर्स डे पर 2 मिनट का भाषण (2 Minutes Speech on Mother’s Day In Hindi)

मदर्स डे पर 5 मिनट का भाषण (5 minutes speech on mother’s day in hindi), मदर्स डे पर 10 मिनट का भाषण (10 minutes speech on mother’s day in hindi), मदर्स डे पर 15 मिनट का भाषण (15 minutes speech on mother’s day in hindi).

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मदर्स डे पर 30 मिनट का भाषण (30 Minutes Speech on Mother’s Day In Hindi)

(20 मिनट के भाषण पर आधारित)

...कई बार हमारी माँ से बहस हो जाती है, या हम उनकी बातों को अनसुना कर देते हैं. लेकिन ये ज़रूरी है कि हम ये याद रखें कि वो हमारी भलाई ही चाहती हैं. उनका अनुभव और ज्ञान हमारे लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है. अगर कभी हम गलती कर बैठते हैं, तो हमें माफी मांगने में झिझक नहीं होनी चाहिए. माँ का प्यार इतना महान होता है कि वो हमें तुरंत माफ कर देंगी.

(Continuing the thought) ...इस समाज में माँ की भूमिका को हमेशा से सम्मान दिया गया है. कई महान लोगों ने अपनी सफलता का श्रेय अपनी माँ को दिया है. ये कहावत भी है कि "स्वर्ग माँ के चरणों में होता है." ये हमें ये बताता है कि माँ का प्यार और त्याग कितना अनमोल है.

Happy Mother’s Day Quotes and Wishes in Hindi

  • "माँ शब्द जितना छोटा है, उसका महत्व उतना ही ज्यादा है."
  • "दुनिया की हर एक मां को समर्पित है मातृ दिवस."
  • "मां की दुआएं मेरी मुसीबतों से इस कदर टकराती हैं, जमाने की हर बलाए उनके काले टीके से घबराती हैं."
  • "किसी ने हमसे पूछा स्वर्ग कहां है, हमने मुस्कुराते हुए कहा, जिसके घर में मां है वो जगह स्वर्ग है!"
  • "माँ के प्यार से ज्यादा कुछ नहीं अनमोल होता है." 
  • माँ, आपके प्यार, त्याग और आशीर्वाद के लिए दिल से धन्यवाद. आपका साथ पाकर मैं बहुत खुश हूँ. मातृ दिवस की शुभकामनाएँ! 
  • माँ, आप मेरी सुपरहीरो हो! आप मुझसे बहुत प्यार करती हो. मैं आपसे बहुत प्यार करता हूँ. मातृ दिवस की बधाई!
  • माँ, आप मेरी धूप हो जो मुझे हमेशा रोशन रखती हो. आप मेरा सहारा हो. मैं आपसे बहुत प्यार करता हूँ. मातृ दिवस की शुभकामनाएं!

इस मदर्स डे पर अपनी मां को खास महसूस कराएं।

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