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अल्बर्ट आइंस्टीन का जीवन परिचय व इतिहास | Albert Einstein Biography History Quotes In Hindi

अल्बर्ट आइंस्टीन का जीवन परिचय व इतिहास | Albert Einstein Biography History  Quotes In Hindi

अल्बर्ट आइंस्टीन विश्व के जाने माने वैज्ञानिक और थ्योरिटीकल भौतिकशास्त्री है. इन्होंने साधारण रिलेटिविटी की थ्योरी को विकसित किया. विज्ञान के दर्शन शास्त्र को प्रभावित करने के लिए भी इनका नाम प्रसिद्ध है. अल्बर्ट आइंस्टीन का विश्व में सबसे ज्यादा नाम द्रव्यमान – ऊर्जा के समीकरण सूत्र E=MC square के लिए है, यह विश्व का बहुत ही प्रसिद्ध समीकरण है. अल्बर्ट आइंस्टीन ने अपने जीवन में बहुत से अविष्कार किये, कुछ अविष्कारों के लिए आइंस्टीन का नाम इतिहास के पन्नों में दर्ज हो गया. वे एक सफल और बहुत ही बुद्धिमानी वैज्ञानिक थे. आधुनिक समय में भौतिकी को सरल बनाने में इनका बहुत बड़ा योगदान रहा है. सन 1921 में अल्बर्ट आइंस्टीन को उनके अविष्कारों के लिए नोबल पुरस्कार से नवाजा गया. अल्बर्ट आइंस्टीन ने कड़ी मेहनत कर यह मुकाम हासिल किया. इनको गणित में भी बहुत रूचि थी. इन्होंने भौतिकी को सरल तरीके से समझाने के लिए बहुत से अविष्कार किये जोकि लोगों के लिए प्रेरणादायक है.

Table of Contents

अल्बर्ट आइंस्टीन का जीवन परिचय  व इतिहास  ( Albert Einstein Biography History In Hindi )

अल्बर्ट आइंस्टीन का जन्म, परिवार, पुरस्कार और मृत्यु नीचे दी हुई सूची में दर्शाई गई है-

अल्बर्ट आइंस्टीन का सम्पूर्ण जीवन परिचय निन्म बिंदुओं पर आधारित है-

  • अल्बर्ट आइंस्टीन का जन्म और शिक्षा
  • अल्बर्ट आइंस्टीन का कैरियर
  • अल्बर्ट आइंस्टीन के अविष्कार
  • अल्बर्ट आइंस्टीन के रोचक तथ्य
  • अल्बर्ट आइंस्टीन के सुविचार
  • अल्बर्ट आइंस्टीन को पुरस्कार
  • अल्बर्ट आइंस्टीन की मृत्यु

अल्बर्ट आइंस्टीन का जन्म और शिक्षा (Albert Einstein education) –

अल्बर्ट आइंस्टीन का जन्म 14 मार्च सन 1879 को जर्मनी के उल्म शहर में हुआ. किन्तु जर्मनी के म्युनिच शहर में वे बड़े हुए और इनकी शिक्षा का आरम्भ भी यही से हुआ. वे बचपन में पढ़ाई में बहुत ही कमजोर थे और उनके कुछ अध्यापकों ने उन्हें मानसिक रूप से विकलांग कहना शुरू कर दिया. 9 साल की उम्र तक वे बोलना नही जानते थे. वे प्रक्रति के नियमों, आश्चर्य की वेदना का अनुभव, कंपास की सुई की दिशा आदि में मंत्रमुग्ध रहते थे. उन्होंने 6 साल की उम्र में सारंगी बजाना शुरू किया और अपनी पूरी जिन्दगी में इसे बजाना जारी रखा. 12 साल की उम्र में इन्होंने ज्यामिति की खोज की एवं उसका सजग और कुछ प्रमाण भी निकाला. 16 साल की उम्र में, वे गणित के कठिन से कठिन हल को बड़ी आसानी से कर लेते थे.

Albert Einstein

अल्बर्ट आइंस्टीन की सेकेंडरी पढ़ाई 16 साल की उम्र तक ख़त्म हो चुकी थी. उनको स्कूल पसंद नही था, और वे बिना किसी को परेशान किये, विश्वविद्यालय में जाने के अवसर को ढूंढने की योजना बनाने लगे. उनके अध्यापक ने उन्हें वहाँ से हटा दिया, क्युकि उनका बर्ताव अच्छा नहीं था, जिसके कारण उनके सहपाठी प्रभावित होते थे. अल्बर्ट आइंस्टीन स्विट्ज़रलैंड के ज्यूरिच में ‘फ़ेडरल इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी’ में जाने के लिए प्रयास करने लगे, किन्तु वे वहाँ के दाखिले की परीक्षा में असफल हुए. फिर उनके प्राध्यापक ने सलाह दी कि सबसे पहले उन्हें स्विट्ज़रलैंड के आरौ में ‘कैनटोनल स्कूल’ में डिप्लोमा करना चाहिए. उसके बाद सन 1896 में फ़ेडरल इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी में अपने आप ही दाखिला मिल जायेगा. उन्होंने प्राध्यापक की सलाह को समझा, वे यहाँ जाने के लिए बहुत ज्यादा इक्छुक थे और वे भौतिकी और गणित में अच्छे थे.

सन 1900 में अल्बर्ट आइंस्टीन ने फ़ेडरल इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी से अपने ग्रेजुएशन की परीक्षा पास की, किन्तु उनके एक अध्यापक उनके खिलाफ थे, उनका कहना था की आइंस्टीन युसूअल युनिवर्सिटी असिस्टेंटशिप के लिए योग्य नही है. सन 1902 में उन्होंने स्विट्ज़रलैंड के बर्न में पेटेंट ऑफिस में एक इंस्पेक्टर को रखा. उन्होंने 6 महीने बाद मरिअक से शादी कर ली जोकि उनकी ज्युरिच में सहपाठी थी. उनके 2 बेटे हुए, तब वे बर्न में ही थे और उनकी उम्र 26 साल थी. उस समय उन्होंने डॉक्टरेट की उपाधि प्राप्त की और अपना पहला क्रांतिकारी विज्ञान सम्बन्धी दस्तावेज लिखा.

अल्बर्ट आइंस्टीन का कैरियर (Albert Einstein Career) –

अल्बर्ट आइंस्टीन ने बहुत सारे दस्तावेज लिखे इन दस्तावेजों से वे प्रसिद्ध हो गए. उनको जॉब के लिए युनिवर्सिटी में मेहनत करनी पड़ी. सन 1909 में बर्न युनिवर्सिटी में लेक्चरर की जॉब के बाद, आइंस्टीन ने ज्युरिच की युनिवर्सिटी में सहयोगी प्राध्यापक के लिए अपना नाम दिया. दो साल बाद क्ज़ेकोस्लोवाकिया के प्राग शहर में जर्मन युनिवर्सिटी में प्राध्यापक के लिए चुने गए. साथ ही 6 महीने के अंदर ही फ़ेडरल इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी में प्राध्यापक बन गए. सन 1913 में जाने माने वैज्ञानिक मैक्स प्लांक और वाल्थेर नेर्न्स्ट ज्यूरिक आये और उन्होंने आइंस्टीन को जर्मनी में बर्लिन की युनिवर्सिटी में एक फायदेमंद अनुसंधान प्राध्यापकी के लिए प्रोत्साहित किया और उन्होंने विज्ञान की प्रुस्सियन अकादमी की पूरी मेम्बरशिप भी दी. आइंस्टीन ने इस अवसर को स्वीकार कर लिया. जब वे बर्लिन चले गए, तब उनकी पत्नी ज्यूरिक में अपने दो बच्चों के साथ ही रह रहीं थी और उनका तलाक़ हो गया. सन 1917 में आइंस्टीन ने एलसा से शादी कर ली.

सन 1920 में आइंस्टीन हॉलैंड में लेइदेन की युनिवर्सिटी में जीवनपरियंत सम्माननीय प्राध्यापकी के लिए चुने गए. इसके बाद इन्हें बहुत से पुरस्कार भी मिले. इसके बाद इनका कैरियर एक नए पड़ाव पर पहुँचा. इस समय आइंस्टीन ने कैलिफोर्निया इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी में प्रस्थान किया, यह उनकी यूनाइटेड स्टेट्स में आखिरी ट्रिप थी. वे वहाँ 1933 में गए.

आइंस्टीन ने सन 1939 में एक एटॉमिक बम की संरचना में अपना बहुत ही महत्वपूर्ण योगदान दिया. सन 1945 में आइंस्टीन ने अपना प्रसिद्ध समीकरण E=MC square का अविष्कार किया.

अल्बर्ट आइंस्टीन के अविष्कार (Albert Einstein Inventions in hindi) –

अल्बर्ट आइंस्टीन ने बहुत से अविष्कार किये जिसके लिए उनका नाम प्रसिद्ध वैज्ञानिको में गिना जाने लगा. उनके कुछ अविष्कार इस प्रकार है-

प्रकाश की क्वांटम थ्योरी –

आइंस्टीन की प्रकाश की क्वांटम थ्योरी में उन्होंने ऊर्जा की छोटी थैली की रचना की जिसे फोटोन कहा जाता है, जिनमें तरंग जैसी विशेषता होती है. उनकी इस थ्योरी में उन्होंने कुछ धातुओं से इलेक्ट्रॉन्स के उत्सर्जन को समझाया. उन्होंने फोटो इलेक्ट्रिक इफ़ेक्ट की रचना की. इस थ्योरी के बाद उन्होंने टेलेविज़न का अविष्कार किया, जोकि द्रश्य को शिल्पविज्ञान के माध्यम से दर्शाया जाता है. आधुनिक समय में बहुत से ऐसे उपकरणों का अविष्कार हो चूका है.

E= MC square –

आइंस्टीन ने द्रव्यमान और ऊर्जा के बीच एक समीकरण प्रमाणित किया, उसको आज नुक्लेअर ऊर्जा कहते है.

ब्रोव्नियन मूवमेंट –

यह अल्बर्ट आइंस्टीन की सबसे बड़ी और सबसे अच्छी ख़ोज कहा जा सकता है, जहाँ उन्होंने परमाणु के निलंबन में जिगज़ैग मूवमेंट का अवलोकन किया, जोकि अणु और परमाणुओं के अस्तित्व के प्रमाण में सहायक है. हम सभी जानते है कि आज के समय में विज्ञान की अधिकतर सभी ब्रांच में मुख्य है. विज्ञान के चमत्कार निबंध यहाँ पढ़ें.

स्पेशल थ्योरी ऑफ़ रिलेटिविटी –

अल्बर्ट आइंस्टीन की इस थ्योरी में समय और गति के सम्बन्ध को समझाया है. ब्रम्हांड में प्रकाश की गति को निरंतर और प्रक्रति के नियम के अनुसार बताया है.

जनरल थ्योरी ऑफ़ रिलेटिविटी –

अल्बर्ट आइंस्टीन ने प्रस्तावित किया कि गुरुत्वाकर्षण स्पेस – टाइम कोंटीनूम में कर्व क्षेत्र है, जोकि द्रव्यमान के होने को बताता है.

मन्हात्तम प्रोजेक्ट –

अल्बर्ट आइंस्टीन ने मन्हात्तम प्रोजेक्ट बनाया, यह एक अनुसंधान है, जोकि यूनाइटेड स्टेट्स का समर्थन करता है, उन्होंने सन 1945 में एटॉमिक बम को प्रस्तावित किया. उसके बाद उन्होंने विश्व युद्ध के दौरान जापान में एटॉमिक बम का विनाश करना सिखा.

आइंस्टीन का रेफ्रीजरेटर –

यह अल्बर्ट आइंस्टीन का सबसे छोटा अविष्कार था, जिसके लिए वे प्रसिद्ध हुए. आइंस्टीन ने एक ऐसे रेफ्रीजरेटर का अविष्कार किया जिसमे अमोनिया, पानी, और ब्युटेन और ज्यादा से ज्यादा ऊर्जा का उपयोग हो सके. उन्होंने इसमें बहुत सी विशेषताओं को ध्यान में रखकर यह रेफ्रीजरेटर का अविष्कार किया.

आसमान नीला होता है –

यह एक बहुत ही आसान सा प्रमाण है कि आसमान नीला क्यों होता है किन्तु अल्बर्ट आइंस्टीन ने इस पर भी बहुत सी दलीलें पेश की.

इस तरह अल्बर्ट आइंस्टीन ने बहुत से अविष्कार किये जिसके लिए उनका नाम इतिहास में मशहूर हो गया.

अल्बर्ट आइंस्टीन के रोचक तथ्य (Albert Einstein interesting facts) –

  • अल्बर्ट आइंस्टीन अपने आप को संशयवादी कहते थे, वे खुद को नास्तिक नहीं कहते थे.
  • अल्बर्ट आइंस्टीन अपने दिमाग में ही सारे प्रयोग का हल निकाल लेते थे.
  • अल्बर्ट आइंस्टीन बचपन में पढाई में और बोलने में कमजोर हुआ करते थे.
  • अल्बर्ट आइंस्टीन की मृत्यु के बाद एक वैज्ञानिक ने उनके दिमाग को चुरा लिया था, फिर वह 20 साल तक एक जार में बंद था.
  • अल्बर्ट आइंस्टीन को नॉबल पुरस्कार भी मिला किन्तु उसकी राशि उन्हें नही मिल पाई.
  • अल्बर्ट आइंस्टीन को राष्ट्रपति के पद के लिए भी अवसर मिला.
  • अल्बर्ट आइंस्टीन युनिवर्सिटी की दाखिले की परीक्षा में फेल भी हो चुके है.
  • अल्बर्ट आइंस्टीन की याददाश बहुत ख़राब होने के कारण, उनको किसी का नाम, नम्बर याद नही रहता था.
  • अल्बर्ट आइंस्टीन की आँखे एक सुरक्षित डिब्बे में रखी हुई है.
  • अल्बर्ट आइंस्टीन के पास खुद की गाड़ी नही थी, इसलिए उनको गाड़ी चलाना भी नहीं आता था.
  • अल्बर्ट आइंस्टीन का एक गुरुमंत्र था “अभ्यास ही सफलता का मूलमंत्र है”.

अल्बर्ट आइंस्टीन के सुविचार (Albert Einstein Quotes) –

  • वक्त बहुत कम है यदि हमें कुछ करना है तो अभी से शुरुआत कर देनी चाहिए.
  • आपको खेल के नियम सिखने चाहिए और आप किसी भी खिलाड़ी से बेहतर खेलेंगे.
  • मुर्खता और बुद्धिमता में सिर्फ एक फर्क होता है कि बुद्धिमता की एक सीमा होती है.

अल्बर्ट आइंस्टीन को पुरस्कार (Albert Einstein Awards) –

अल्बर्ट आइंस्टीन को निम्न पुरस्कारों से नवाज़ा गया.

  • भौतिकी का नॉबल पुरस्कार सन 1921 में दिया गया.
  • मत्तयूक्की मैडल सन 1921 में दिया गया.
  • कोपले मैडल सन 1925 में दिया गया.
  • मैक्स प्लांक मैडल सन 1929 में दिया गया.
  • शताब्दी के टाइम पर्सन का पुरस्कार सन 1999 में दिया गया.

अल्बर्ट आइंस्टीन की मृत्यु (Albert Einstein Death) –

जर्मनी में जब हिटलर शाही का समय आया, तो अल्बर्ट आइंस्टीन को यहूदी होने के कारण जर्मनी छोड़ कर अमेरिका के न्यूजर्सी में आकर रहना पड़ा. अल्बर्ट आइंस्टीन वहाँ के प्रिस्टन कॉलेज में अपनी सेवाएं दे रहे थे और उसी समय 18 अप्रैल 1955 में उनकी मृत्यु हो गई.

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अल्बर्ट आइन्स्टाइन पर निबन्ध | Albert Einstein Essay in Hindi | Essay in Hindi | Hindi Nibandh | हिंदी निबंध | निबंध लेखन | Essay on Albert Einstein in Hindi

By: savita mittal

जीवन परिचय एवं शिक्षा | Albert Einstein Essay in Hindi

विज्ञान के क्षेत्र में प्रमुख योगदान | अल्बर्ट आइन्स्टाइन पर निबन्ध, essay on albert einstein in hindi।। अल्बर्ट आइंस्टीन पर हिंदी में निबंध video.

आबर्ट आइन्स्टाइन वह नाम है, जो विलक्षण प्रतिभा का पर्याय बन चुका है। भौतिक विज्ञान में उनके योगदान को देखते हुए उन्हें ‘द ग्रेटेस्ट फिजिसिस्ट ऑफ ऑल टाइम’ की सज्ञा दी गई। उन्होंने ‘टाइम’ पत्रिका के एक सर्वेक्षण में शताब्दी का व्यक्तित्व’ के रूप में सर्वाधिक मत प्राप्त किए तथा ‘टाइम’ पत्रिका ने वर्ष 1999 में उन्हें शताब्दी पुरुष घोषित किया। सारी दुनिया उनके तेज दिमाग का लोहा मानती थी, इसलिए जब उनकी मृत्यु हुई, तो उनके शव परीक्षण करने वाले डॉक्टर ने उनकी तेज बुद्धि का रहस्य जानने के लिए उनका मस्तिष्क की जाँच की थी। अल्बर्ट आइन्स्टाइन को सार्वकालिक महानतम वैज्ञानिक माना जाता है तथा उन्हें मॉडर्न फिजिक्स का पितामह कहा जाता है।

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अल्बर्ट आइन्स्टाइन का जन्म जर्मनी के गुटेनबर्ग के उल्म में 14 मार्च, 1879 को एक यहूदी परिवार में हुआ था। उनके जन्म के छ सप्ताह बाद ही उनका परिवार म्यूनिख चला गया, जहाँ उनके पिता और चाचा ने Elektrotechnische Fabrik J. Einstein & Cie नामक कम्पनी खोली। उनकी प्रारम्भिक शिक्षा लुईंटपॉल्ड जिम्नेसियम में हुई। उसके बाद वे इटली और कुछ समय बाद ही स्विट्ज़रलैण्ड चले गए।

1896 ई. में उन्होंने ज्यूरिख के स्सि फेडरल पॉलिटेक्निक स्कूल में प्रवेश लिया। वर्ष 1901 में उन्होंने वहाँ से डिप्लोमा प्राप्त करने के बाद स्विट्जरलैण्ड की नागरिकता प्राप्त की। उन्हें शिक्षण कार्य में विशेष रुचि नहीं थी, इसलिए उन्होंने स्विस पेटेण्ट ऑफिस में टेक्निकल असिस्टेण्ट की नौकरी स्वीकार कर ली।

वर्ष 1905 में पेटेण्ट ऑफिस में काम करते हुए उनके चार शोध पत्र प्रतिष्ठित पत्रिका ‘एनेलेन डेरे फिजिक’ में प्रकाशित हुए। इन सभी शोध पत्रों को आज विज्ञान की दुनिया में महत्वपूर्ण उपलब्धि के रूप में देखा जाता है, इसलिए वर्ष 1905 को आइन्स्टाइन के आश्चर्यजनक वर्ष के रूप में जाना जाता है। वर्ष 1905 में ही उन्हें साइस में डॉक्टरेट की डिग्री प्राप्त हुई।

‘सापेक्षिकता के सिद्धान्त’ के सन्दर्भ में उन्होंने प्रस्ताव दिया कि अन्तरिक्ष और समय को एक रूप स्पेस टाइम में संयुक्त कर देना चाहिए। इस सिद्धान्त में उन्होंने बताया कि सभी प्रेक्षकों के लिए निर्वात में प्रकाश की गति एक ही होती है, जिसका परिणाम यह होता है कि दो घटना, जो एक विशेष पर्यवेक्षक को समकालिक प्रतीत होती हैं, वे ही घटना, दूसरे पर्यवेक्षक को समकालिक प्रतीत नहीं होतीं।

दस वर्ष तफ आइन्स्टाइन ने सापेक्षिकता के सामान्य सिद्धान्त पर कार्य किया, जो बताता है कि स्पेस टाइम और गुरूत्य (ग्रेविटि) एक-दूसरे को कैसे प्रभावित करते हैं। गुरुल्य को स्पेस टाइम में क्रियाशील क्षेत्र बल के रूप में देखने के स्थान पर, आइन्स्टाइन ने सुझाव दिया कि वह स्वयं की ज्यामितीय संरचना को परिवर्तित करता है। खगोल वैज्ञानिकों ने लाखो आकाशगंगाओं का अध्ययन करने के बाद पता लगाया है कि ब्रह्माण्ड का तेजी से विस्तार हो रहा है। इससे इस बात की पुष्टि होती है कि आइन्स्टाइन का सापेक्षिकता का सिद्धान्त बिल्कुल सही है।

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वर्ष 1906 में उनके शोध पत्रों के प्रकाशित होने के बाद उनकी ख्याति फैल गई और वर्ष 1908 में उन्हें बर्न में पिवंडोजेण्ट में प्रोफेसर के रूप में नियुक्ति का आमन्त्रण मिला, जिसे उन्होंने सहर्ष स्वीकार कर लिया। वर्ष 1914 में से कैंसर बेल्हेम फिजिकल इंस्टीट्यूट के निदेशक एवं यूनिवर्सिटी ऑफ बर्लिन के प्रोफेसर नियुक्त हुए। वर्ष 1914 में ही उन्होंने जर्मनी की नागरिकता प्राप्त की और वर्ष 1933 तक जर्मनी में ही रहे।

जर्मनी में उस समय हिटलर द्वारा यहूदियों पर हो रहे अमानुषिक अत्याचारों को देखते हुए वर्ष 1933 में से जर्मनी छोड़कर अमेरिका चले गए। वहाँ वे प्रिंस्टन में सैद्धान्तिक भौतिकी के प्रोफेसर के पद पर नियुक्त हुए। वर्ष 1910 में उन्होंने अमेरिका की नागरिकता प्राप्त कर ली। अमेरिका में उन्होंने प्रोफेसर के रूप में वर्ष 1945 तक कार्य किया।

आइन्स्टाइन सापेक्षिकता के सिद्धान्त और द्रव्यमान-ऊर्जा समीकरण E=mc2 के लिए जाने जाते हैं, किन्तु उनके अन्य योगदानों में सापेक्ष ब्रह्माण्ड कोशिकीय गति, क्रान्तिक उपच्छाया सांख्यिक मैकेनिक्स की समस्याएँ, अणुओं की ब्राउनियन गति, अणुओं की उत्परिवर्तन सम्भाव्यता, एक अणु बाली गैस का क्वाण्टम सिद्धान्त, कम विकिरण घनत्व वाले प्रकाश के उम्मीय गुण, विकिरण के सिद्धान्त, एकीकृत क्षेत्र सिद्धान्त और भौतिकी का ज्यामितीकरण उल्लेखनीय हैं। उन्होंने पचास से अधिक शोध पत्र और विज्ञान की कई पुस्तकें लिखीं।

द्वितीय विश्वयुद्ध के बाद इजरायल ने उन्हें राष्ट्रपति के पद का प्रस्ताव दिया, किन्तु उन्होंने इसे विनम्रतापूर्वक अस्वीकार कर दिया और येरूशलम के हिब्रू विश्वविद्यालय की स्थापना में डॉ. चैम बिएजमैन का साथ दिया। अपने वैज्ञानिक शोध कार्यों के शुरुआती दिनों में उन्होंने न्यूटन के सिद्धान्तों की अपर्याप्तता को उजागर कर सापेक्षिकता के सिद्धान्त का प्रतिपादन किया था।

आइन्स्टाइन के योगदानों को देखते हुए उन्हें सैद्धान्तिक भौतिकी विशेषकर प्रकाश-विद्युत प्रभाव की खोज के लिए ई वर्ष 1921 में भौतिकी के नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया। फ्रैंकलिन इंस्टीट्यूट ने उन्हें वर्ष 1936 में फ्रैंकलिन मेडल देकर सम्मानित किया।

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उनके प्रसिद्ध सापेक्षिकता के सिद्धान्त की खोज के 200 वर्ष पूरे होने पर ‘इण्टरनेशनल यूनियन ऑफ प्योर एण्ड एप्लायड फिजिक्स’ ने वर्ष 2005 में उन्हें ‘बर्ल्ड ईयर ऑफ द फिजिक्स’ घोषित किया। अमेरिकी डाक सेवा ने उनके नाम से डाक टिकटों की एक श्रृंखला जारी की। उनके नाम पर देश-विदेशों में अनेक पुरस्कारों की स्थापना की गई है।

17 अप्रैल, 1955 को 76 वर्ष की अवस्था में मोजार्ट के वायलिन संगीत से प्रभावित होने वाले अल्बर्ट आइन्स्टाइन के निधन के साथ ही विज्ञान जगत ने एक महान् वैज्ञानिक को खो दिया। उनकी खोजों को आधार बनाकर ही परमाणु बम का विकास किया गया था। वर्ष 1945 में जापान के हिरोशिमा एवं नागासाकी पर परमाणु बम के दुरुपयोग से उन्हें बहुत दुःख पहुँचा था।

वे न केवल एक महान् वैज्ञानिक, बल्कि एक महामानव भी थे। उनकी कमी विश्व को सदैव रहेगी। उनका जीवन वैज्ञानिकों के लिए ही नहीं, आम लोगों के लिए भी प्रेरणा का अति दुर्लभ स्रोत है। आने वाली पीढ़ियाँ उनके जीवन से प्रेरणा लेती रहेंगी।

Great personalities

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मेरा नाम सविता मित्तल है। मैं एक लेखक (content writer) हूँ। मेैं हिंदी और अंग्रेजी भाषा मे लिखने के साथ-साथ एक एसईओ (SEO) के पद पर भी काम करती हूँ। मैंने अभी तक कई विषयों पर आर्टिकल लिखे हैं जैसे- स्किन केयर, हेयर केयर, योगा । मुझे लिखना बहुत पसंद हैं।

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Hindi Essay

Essay on Albert Einstein in Hindi | अल्बर्ट आइंस्टीन पर निबंध

Essay on albert einstein in hindi.

अल्बर्ट आइंस्टीन पर निबंध  (Essay on Albert Einstein in Hindi) बच्चों और विद्यार्थियों के लिए सरल हिंदी और आसान शब्दों में लिखा गया है। यह हिंदी निबंध (Essay on Albert Einstein in Hindi) अल्बर्ट आइंस्टीन के बारे में उल्लेख करता है, क्यों हर किसी को उनके बारे में जानना चाहिए। छात्रों को अक्सर उनके स्कूलों और कॉलेजों में अल्बर्ट आइंस्टीन पर निबंध लिखने के लिए कहा जाता है। और यदि आप भी यही खोज रहे हैं, तो हमने अल्बर्ट आइंस्टीन पर 100 – शब्द, 200 – शब्द, 300 – शब्द और 500 – शब्द में निबंध दिया हैं।

अल्बर्ट आइंस्टीन एक भौतिक विज्ञानी थे जो सापेक्षता के प्रसिद्ध सामान्य सिद्धांत को विकसित करने के लिए जिम्मेदार हैं। इसके अलावा, वह 20वीं सदी के सबसे प्रभावशाली और प्रसिद्ध वैज्ञानिकों में से एक हैं। आइए अल्बर्ट आइंस्टीन पर निबंध के साथ इस प्रतिभा के जीवन और उपलब्धियों पर एक नज़र डालें।

Essay on Albert Einstein in Hindi (अल्बर्ट आइंस्टीन पर निबंध)

निबंध – 100 शब्द.

अल्बर्ट आइंस्टीन का जन्म 14 मार्च, 1879 को जर्मनी हुआ था, वह एक सैद्धांतिक भौतिक विज्ञानी थे। आइंस्टीन ने म्यूनिख के एक कैथोलिक एलीमेंट्री स्कूल में पढ़ाई की, उसके बाद उन्हें 8 साल की उम्र में लुइटपोल्ड जिम्नेजियम (आज अल्बर्ट आइंस्टीन जिम्नेजियम के नाम से जाना जाता है) में स्थानांतरित कर दिया गया, जहां पर उन्होंने प्राथमिक और माध्यमिक शिक्षा प्राप्त किया।

छोटी उम्र से उन्होंने ने भौतिकी और गणित में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया और 12 साल की छोटी उम्र में अपने मूल पाइथागोरस प्रमेय की खोज की। अल्बर्ट आइंस्टीन भौतिकी और गणित में अपने साथियों से बहुत आगे थे और उनमें उत्कृष्ट थे। ज्यामिति और बीजगणित के प्रति उनके जुनून ने सभी को आश्वस्त किया कि प्रकृति को गणितीय संरचना के रूप में समझा जा सकता है। उन्हें संघीय शिक्षण डिप्लोमा से भी सम्मानित किया गया।

निबंध – 200 शब्द

अल्बर्ट आइंस्टीन का जन्म जर्मनी में एक यहूदी परिवार में 14 मार्च 1879 को हुआ था। आइंस्टीन को बचपन में बोलने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ा था, बावजूद इसके वह अपने प्राथमिक विद्यालय में एक प्रतिभाशाली छात्र थे। उनके के पिता चाहते थे कि आइंस्टीन एक इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग बने।

1894 में, जब आइंस्टाइन केवल पन्द्रह वर्ष के थे तो आइंस्टीन के पिता का व्यवसाय विफल हो गया और उनका परिवार इटली चला गया। इस दौरान उन्होंने ‘द इन्वेस्टिगेशन ऑफ द स्टेट ऑफ एथर इन मैग्नेटिक फील्ड्स’ लिखा, जो उनका पहला वैज्ञानिक कार्य था।

पेटेंट कार्यालय में काम करते हुए, 1905 में, प्रतिष्ठित पत्रिका ‘एनालेन डेर फिजिक’ में आइंस्टीन के चार पत्रों का प्रकाशन हुआ। इन चारों पेपरों को विशेषज्ञ अल्बर्ट आइंस्टीन की जबरदस्त उपलब्धियों के रूप में मानते हैं। इसलिए, इस वर्ष 1905 को आइंस्टीन का अद्भुत वर्ष कहते हैं। ये चार पेपर विशेष सापेक्षता, ब्राउनियन गति और पदार्थ, फोटोइलेक्ट्रिक प्रभाव और ऊर्जा की तुल्यता थे।

आइंस्टीन के शोध कार्यों का सिलसिला लगातार चलता रहा और 1921 में उनका प्रयास रंग लाया। आइंस्टीन को सैद्धांतिक भौतिकी में उनकी सेवाओं के लिए भौतिकी का नोबेल पुरस्कार प्रदान किया गया था।

अल्बर्ट आइंस्टीन ने उपलब्धियों, पृष्ठभूमि, योगदान और विरासत की गहरी समझ का प्रदर्शन किया है। उन्होंने कई तरीकों पर प्रकाश डाला है जिनसे उनके काम और जीवन ने विश्व को आकार दिया है।

निबंध – 300 शब्द

आइंस्टीन भौतिकी नोबेल पुरस्कार विजेता थे जिनका जन्म जर्मनी में एक यहूदी परिवार में 14 मार्च 1879 को हुआ था। उनके पास अद्भुत सोचने और विज्ञान में महान कल्पना और रचनात्मकता को लागू करने की क्षमता थी। उनकी इसी कार्य क्षमता ने कई लोगों को अपने आराम क्षेत्र से बाहर सोचने, संभावनाओं और अपने आस-पास की दुनिया का पता लगाने के लिए प्रेरित किया।

बचपन – बचपन में आइंस्टीन को बोलने में परेशानी होती थी क्योंकि उनकी सिर उनके शरीर के बाकी हिस्सों से बड़ी थी, लेकिन धीरे-धीरे उसका सिर में सुधर होने लगा और आकार लेने लगा। फिर भी, उस समय लोग यही मानते थे कि वह बीमार है।

भौतिकी में योगदान – उन्होंने 1921 में येरुशलम में हिब्रू विश्वविद्यालय की भी स्थापना की और उसी वर्ष उन्हें भौतिकी में नोबेल पुरस्कार मिला और उन्होंने ब्रह्मांड विज्ञान के नए विज्ञान का भी शुभारंभ किया।

धार्मिक मान्यताएँ – अल्बर्ट आइंस्टीन नियति, भाग्य और कार्यों के लिए किसी व्यक्तिगत ईश्वर में विश्वास नहीं करते थे। आइंस्टीन ने यह भी स्पष्ट किया कि वह नास्तिक नहीं थे और इसके बजाय उन्होंने खुद को एक गहरा धार्मिक अविश्वासी कहा।

हम आइंस्टीन से क्या सीखते हैं?

आइंस्टीन ने हम युवा पीढ़ियों को सोचने और पुनर्विचार करने का मौका दिया कि हम क्या करना चाहते हैं और उस पर ध्यान केंद्रित करें, ताकि वे अपने वांछित लक्ष्यों को प्राप्त कर सकें। अल्बर्ट आइंस्टीन के पास अद्भुत सोचने और विज्ञान में महान कल्पना और रचनात्मकता को लागू करने की क्षमता थी। उनकी इस कार्य क्षमता ने कई लोगों को सोचने, संभावनाओं और अपने आस-पास की दुनिया का पता लगाने के लिए प्रेरित और प्रोत्साहित किया। उन्होंने हमें सही दिशा में चलते रहना सिखाया जिससे सफलता अपने आप मिल जाएगी। सभी को गलतियाँ से सीखना भी चाहिए, क्योंकि जो गलतियाँ नहीं करता वह व्यावहारिक रूप से कुछ भी नहीं सिख सकता है। उनसे हमने यह भी सीखा कि जो कुछ भी बताया जा रहा है उस पर आंख मूंदकर विश्वास न करें बल्कि हर चीज पर सवाल उठाएं और कारणों की तलाश करें।

निबंध – 500 शब्द

अल्बर्ट आइंस्टीन सैद्धांतिक भौतिकी के क्षेत्र में अपने अभूतपूर्व योगदान के लिए जाने जाते थे। वह 20वीं सदी के सबसे प्रसिद्ध वैज्ञानिकों में से एक थे उन्हें व्यापक रूप से सबसे प्रभावशाली भौतिक विज्ञानी माना जाता है, इस निबंध में, हम अल्बर्ट आइंस्टीन के शिक्षा, जीवन और कार्य पर प्रकाश डालेंगे, साथ ही उनके पृष्ठभूमि और भौतिकी के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान की खोज करेंगे।

शिक्षा और प्रारंभिक जीवन

अल्बर्ट आइंस्टीन का जन्म 14 मार्च, 1879 को जर्मन के एक यहूदी परिवार में हुआ था। वह एक इंजीनियर और सेल्समैन एक के बेटे थे। 16 साल कि उम्र में आइंस्टीन ने स्कूल छोड़ दिया और स्विट्जरलैंड के ज्यूरिख में स्विस फेडरल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी में दाखिला लिया। उसके बाद 1905 में उन्होंने ज्यूरिख विश्वविद्यालय में भौतिकी में अपनी पीएचडी पूरी की।

प्रकृति के प्रति जिज्ञासु

अल्बर्ट आइंस्टीन बचपन में बोलने में असमर्थ थे और अपने लड़कपन के दौरान अन्य युवाओं की तरह नहीं थे। इसलिए वह अन्य बच्चों के साथ बातचीत करने में असमर्थ थे। उन्हें पर्यावरण बहुत पसंद था और प्रकृति के दृश्यों और ध्वनियों ने उन्हें मोहित कर लिया। वह प्रत्येक प्राकृतिक घटना का वास्तविक कारण जानने में भी विशेष रुचि लेते थी, इसलिए वे प्रकृति में जितना संभव हो उतना समय बिताना पसंद करते थे।

सैद्धांतिक भौतिकी में योगदान

आइंस्टीन ने सैद्धांतिक भौतिकी के क्षेत्र में कई महत्वपूर्ण योगदान दिए। उन्होंने 1915 में सामान्य सापेक्षता का सिद्धांत प्रकाशित किया था। इस सिद्धांत ने गुरुत्वाकर्षण, अंतरिक्ष और समय की हमारी समझ में क्रांति ला दी। इसके अलावा, आइंस्टीन ने क्वांटम यांत्रिकी के क्षेत्र में भी महत्वपूर्ण योगदान दिया जिसने भौतिकी के मौलिक सिद्धांत के रूप में विकसित और स्थापित करने में मदद किया।

विज्ञान में योगदान

फोटोइलेक्ट्रिक प्रभाव के अध्ययन के लिए अल्बर्ट आइंस्टीन को भौतिकी में नोबेल पुरस्कार मिला। उन्होंने अपने गहन ज्ञान के आधार पर सापेक्षता की परिकल्पना तैयार की और पेटेंट कार्यालय में कार्यरत रहते हुए 16 वर्ष की उम्र से बीम प्रकाश की समस्या को हल करने का अवसर लिया। उन्होंने 1905 में चार प्रकाशन भी प्रकाशित किये जिन्होंने भौतिकी की दिशा बदल दी, इन दोनों ही युक्तियों ने उन्हें अंतर्राष्ट्रीय प्रशंसा और सम्मान दिलाया।

आइंस्टीन की मृत्यु और विरासत

20वीं सदी के सबसे प्रसिद्ध वैज्ञानिक व्यापक रूप से सबसे प्रभावशाली भौतिक विज्ञानी कि मृत्यु न्यू जर्सी में 18 अप्रैल, 1955 को प्रिंसटन अस्पताल में पेट के निचले हिस्से में आंतरिक रक्तस्राव के कारण हो गई।

अल्बर्ट आइंस्टीन 20वीं सदी के सबसे प्रतिभाशाली वैज्ञानिकों में से एक थे जिन्हे सैद्धांतिक भौतिकी के क्षेत्र में अपने अभूतपूर्व योगदान के लिए जाना जाता है। उनके सामान्य सापेक्षता के सिद्धांत से लेकर क्वांटम यांत्रिकी तक विज्ञान की दुनिया पर आइंस्टीन का प्रभाव बहुत बड़ा है। इसके अलावा, वह शांति और सामाजिक न्याय के एक उत्साही समर्थक भी थे और उनकी सक्रियता और वकालत दुनिया भर के लोगों को प्रेरित करती रही है।

ये भी देखें –

  • Essay on Mahavir Swami in Hindi
  • Essay on Swami Dayanand Saraswati in Hindi
  • Essay on Maulana Abul Kalam Azad in Hindi

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albert einstein essay in hindi

Albert Einstein Biography In Hindi | अल्बर्ट आइंस्टीन जीवनी

Albert Einstein Biography In Hindi

दुनिया से सबसे बुद्धिमान और सर्वश्रेष्ठ वैज्ञानिक अल्बर्ट आइंस्टीन को शायद ही कोई नहीं जानता हो, उन्होंने न सिर्फ विज्ञान के क्षेत्र में अपना अभूतपूर्व योगदान दिया, बल्कि अपनी कई खोजों के माध्यम से कठिन से कठिन चीजों का बेहद आसान बना दिया और अपने सफल अविष्कारों से विज्ञान को एक नई दिशा दी।

अल्बर्ट आइंस्टीन एक महान वैज्ञानिक होने के साथ-साथ एक सफल भौतिक शास्त्री भी थे, जिन्होंने दुनिया में सबसे प्रसिद्ध द्रव्यमान और ऊर्जा का समीकरण सूत्र दिया।

इसके अलावा उन्होंने 300 से भी ज्यादा वैज्ञानिक शोध पत्रों का प्रकाशन किया, वहीं उनके अभूतपूर्व योगदान के लिए उन्हें सर्वोच्च सम्मान नोबेल पुरस्कार से भी सम्मानित किया जा चुका है।

अल्बर्ट आइंस्टीन ने अपने जीवन में कई बार असफलता पाने के बाबजूद भी हार नहीं मानी और निरंतर प्रयास करते रहे और सफलता हासिल कर लोगों के लिए एक मिसाल कायम की।

वहीं आज हम आपको अपने इस आर्टिकल में अल्बर्ट आइंस्टीन के जन्म से लेकर उनके महान वैज्ञानिक बनने तक के सफर के बारे में बताएंगे , साथ ही उनके जीवन के संघर्षों के बारे में भी चर्चा करेंगे, तो आइए जानते हैं, दुनिया के महान वैज्ञानिक अल्बर्ट आइंस्टीन – Albert Einstein के बारे में –

Albert Einstein

अल्बर्ट आइंस्टीन जीवनी | Albert Einstein Biography in Hindi

अल्बर्ट आइंस्टीन का जन्म और शिक्षा – albert einstein education.

दुनिया के महान वैज्ञानिक अल्बर्ट आइंस्टीन, जर्मनी के उल्म शहर में एक यहूदी परिवार में 14 मार्च साल 1879 को जन्में थे। वे हेर्मन आइंस्टीन और पौलिन कोच की संतान थे। उनके पिता एक इंजीनियर और सलेस्मैन थे, वहीं अल्बर्ट आइंस्टीन के जन्म के थोड़े दिनों बाद ही उनका परिवार म्युनिच में शिफ्ट हो गया, जिसके चलते म्युनिच में ही आइंस्टीन ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा की शुरुआत की।

आपको बता दें कि अल्बर्ट आइंस्टीन को शुरु से ही किताबी ज्ञान में कोई रुचि नहीं थी, बचपन में जिद्दी और कमजोर बच्चों में उनकी गिनती होती थी। उनकी कुछ हरकतों की वजह से उन्हें कुछ अध्यापकों ने तो शारीरिक रुप से विकलांग तक कहना शुरु कर दिया था।

आइंस्टीन के बारे में यह भी कहा जाता है कि 9 साल की उम्र तक वे ठीक तरीके से बोल भी नहीं पाते थे।

लेकिन बचपन से ही वे कुछ न कुछ एक्सपेरिमेंट करते रहते थे, उनका कंपास की सुई की दिशा, प्रकृति के नियमों आदि में उनका मन रमता था। वहीं म्यूजिक से उन्हें बचपन से ही काफी लगाव था, यही वजह है कि उन्होंने मात्र 6 साल की उम्र में वायलिन  बजाना सीख लिया था, और अपने जीवन के खाली समय में वे अक्सर इसे बजाते थे। 

इसके अलावा महज 12 साल की उम्र में उन्होंने ज्यामिति की खोज की थी और वे इतनी तेज बुद्दि के छात्र थे कि महज 16 साल की उम्र में वे गणित के कठिन सवालों को भी चुटकियों में हल कर देते थे।

आपको बता दें कि 16 साल की उम्र में ही आइंस्टीन ने अपनी 12वीं  की पढ़ाई पूरी कर ली थी, इसके बाद वे स्विट्ज़रलैंड के ज्यूरिच में ‘फ़ेडरल इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी’ में एडमिशन लेना चाहते थे, उन्होंने इसके लिए इंतिहान भी दिया, लेकिन वे सफल नहीं हो सके।

इसके बाद उन्होंने अपनी एक टीचर की सलाह को मानते हुए स्विट्ज़रलैंड के आरौ में ‘कैनटोनल स्कूल’ से डिप्लोमा किया।

इसके बाद साल  1900 में अल्बर्ट आइंस्टीन ने स्विज फ़ेडरल इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी से अपने ग्रेजुएशन की पढ़ाई पूरी की और इस दौरान उन्होंने स्विट्जरलैंड की नागरिकता भी हासिल की  वहीं इसके 5 साल बाद साल 1905 में उन्होंन PHD की डिग्री हासिल की 

अल्बर्ट आइंस्टीन का कैरियर – Albert Einstein Career

PHD की डिग्री हासिल करने के बाद अल्बर्ट आइंस्टीन की ज्यूरिख यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर के रुप में नियुक्ति की गई। इस दौरान उन्होंने अपना पहला क्रांतिकारी विज्ञान से संबंधित एक डॉक्यूमेंट भी लिखा।   

इसके कुछ दिनों के बाद अल्बर्ट आइंस्टीन  क्ज़ेकोस्लोवाकिया के प्राग शहर में जर्मन यूनिवर्सिटी में प्रिंसिपल के लिए चुने गए। इसके बाद फिर वे  फेडरल इंस्टिटयूट ऑफ़ टेक्नोलोजी में प्रिंसिपल बनाए गए।

साल 1913 में मशहूर वैज्ञानिक मैक्स प्लांक और वाल्थेर नेर्न्स्ट ने आइंस्टीन को बर्लिन की एक यूनिवर्सिटी में एक रिसर्च के लिए प्रोत्साहित किया, जिसके बाद आइंस्टीन बर्लिन चले गए।

फिर साल 1920 में उन्हें हॉलैंड में लंदन की यूनिवर्सिटी की तरफ से आजीवन रिसर्च करने और लेक्चर देने का ऑफर मिला । वहीं इसके बाद विज्ञान के क्षेत्र में उनके द्धारा की गई तमाम खोजों के लिए उन्हें कई अवॉर्ड भी दिए दिए।

वहीं जब आइंस्टीन ने कैलिफोर्निया इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी से जुड़े उस समय उनका कैरियर एक नए मुकाम पर पहुंचा। इसके बाद उन्होंने अपने प्रयोगों से कई नए अविष्कार कर विज्ञान के क्षेत्र में नई दिशा प्रदान की।

अल्बर्ट आइंस्टीन के अविष्कार – Inventions of Albert Einstein

प्रकाश की क्वांटम थ्योरी

प्रकाश की क्वांटम थ्योरी में आइंस्टीन ने ऊर्जा की छोटी थैली को फोटोन कहा और इसकी तरंगों की खासियत बताई है। इसके साथ ही उन्होंने कुछ धातुओं के इलेक्ट्रॉन्स के उत्सर्जन और फोटो इलेक्ट्रिक इफेक्ट की रचना को समझाया. वहीं इसी खोज के आधार पर टेलीविजन की खोज की गई।

E = MC square

साल 1905 में आइंस्टीन ने द्रव्यमान और ऊर्जा के बीच एक ऐसा फॉर्मूला बनाया जो कि पूरी दुनिया में प्रसिद्ध हुआ।

रेफ्रिजरेटर की खोज

आइंस्टीन ने बेहद कम समय में रेफ्रिजरेटर की खोज की थी। इसमें उन्होंने अमोनिया, ब्यूटेन और पानी और ऊर्जा का अधिक इस्तेमाल किया था।

स्पेशल थ्योरी ऑफ रिलेटिविटी

आइंस्टीन ने अपनी इस  थ्योरी में गति  और समय के सम्बन्ध को समझाने की कोशिश की है।

आसमान नीला होता है

इसमें आइंस्टीन के प्रकाश के प्रकीर्णन (Light Scattering) के बारे में बताया था, और इसी वजह से आसमान का रंग नीला होता है। 

इसके अलावा भी अल्बर्ट आइंस्टीन में अपने कई अद्भुत अविष्कारों से विज्ञान के विकास को गति प्रदान की।

अल्बर्ट आइंस्टीन की शादी – Albert Einstein Marriage

विश्व के इस महान वैज्ञानिक ने अपने जीवन में दो शादियां की थी। वे स्कूल में मिलेना मरिअक से मिले थे, जिसके बाद साल 1903 में उन दोनो ने शादी कर ली, उन्हें इस शादी से तीन संतानें भी प्राप्त हुईं थी, हालांकि यह शादी ज्यादा दिनों तक नहीं चल पाई और साल 1919 में उन दोनों में तलाक हो गया। इसके बाद आइंस्टीन ने  एलिसा लोवेस से अपनी दूसरी शादी रचा ली।

अल्बर्ट आइंस्टीन को पुरस्कार – Albert Einstein Awards

विज्ञान के क्षेत्र में उनके  अभूतपूर्व योगदान देने और महान खोजों के लिए अल्बर्ट आइंस्टीन को कई  पुरस्कारों से नवाज़ा गया, जो कि निम्नलिखित है –

  • साल 1921 में भौतिकी का नोबेल पुरस्कार दिया गया।
  • साल 1921 में ही उन्हें मत्तयूक्की मैडल से नवाजा गया।
  • साल 1925 में आइंस्टीन को कोपले मैडल से भी नवाजा गया।
  • साल 1929 में मैक्स प्लांक मैडल से भी आइंस्टीन सम्मानित किया गया।
  • साल 1999 में उन्हें शताब्दी के टाइम पर्सन का पुरस्कार भी दिया गया।

अल्बर्ट आइंस्टीन की मृत्यु – Albert Einstein Death

जर्मनी में जब हिटलर शाही का समय आया  तो अल्बर्ट आइंस्टीन को यहूदी होने के कारण जर्मनी छोड़ कर अमेरिका के न्यजर्सी में आकर रहना पड़ा, जहां प्रिस्टन कॉलेज में काम करते हुए 18 अप्रैल, साल 1955 में उन्होंने अपनी आखिरी सांस ली।

अल्बर्ट आइंस्टीन ने महान खोजों के द्धारा विज्ञान के क्षेत्र में एक नई क्रांति ला दी और मुश्किल से मुश्किल चीजों को बेहद आसान बना दिया। वहीं कई बार हार जाने के बाद भी वे रुके नहीं और अपने प्रयासों को एक दिन दुनिया के सामने लाकर  खुद को साबित किया और दुनिया के सामने एक मिसाल पेश की। 

अल्बर्ट आइंस्टीन सुविचार – Albert Einstein Quotes

Quote – दो चीजें अनंत हैं: ब्रह्माण्ड और मनुष्य कि मूर्खता; और मैं ब्रह्माण्ड के बारे में दृढ़ता से नहीं कह सकता। Quote – जिस व्यक्ति ने कभी गलती नहीं कि उसने कभी कुछ नया करने की कोशिश नहीं की। Quote – ईश्वर के सामने हम सभी एक बराबर ही बुद्धिमान हैं-और एक बराबर ही मूर्ख भी।

अल्बर्ट आइंस्टीन के सुविचार:   Einstein Quotes

Note:  आपके पास About   Albert Einstein in Hindi  मैं और  information हैं, या दी गयी जानकारी मैं कुछ गलत लगे तो तुरंत हमें कमेंट और ईमेल मैं लिखे हम इस अपडेट करते रहेंगे।

46 thoughts on “Albert Einstein Biography In Hindi | अल्बर्ट आइंस्टीन जीवनी”

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You have given very interesting information about Albert Einstein. Here you have explained all the facts very beautifully.

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Sir kya Albert Einstein bachpan me bohot kamzor the aur kya unhe school se nikal diya gaya tha ?

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very nice article sir ji …. thank you

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अल्बर्ट आइंस्टीन का जीवन परिचय जीवनी Albert Einstein Biography In Hindi

अल्बर्ट आइंस्टीन का जीवन परिचय जीवनी Albert Einstein Biography In Hindi : अल्बर्ट आइंस्टीन विश्व के प्रसिद्ध भौतिक शास्त्रियों में से एक हैं। भौतिक शास्त्र की दुनिया में इन्होने कई बड़े योगदान किये हैं। 

सापेक्ष ब्रह्मांड, क्रांतिक उपच्छाया, सांख्यिक मैकेनिक्स की समस्याऍ, अणुओं का ब्राउनियन गति , केशिकीय गति इनके कुछ प्रमुख योगदान हैं। 

इन के आविष्कार विश्व में काफी प्रसिद्ध रहे हैं जिस की वजह से इनको साल 1921 में नोबल पुरस्कार का सम्मान मिला और इन्होने विश्व के सबसे प्रसिद्ध लोगों में अपना नाम दर्ज कराया।

इस सफल और बुद्धिमान वैज्ञानिक की कहानी काफी रोचक रही है।

अल्बर्ट आइंस्टीन का जीवन परिचय Albert Einstein Biography In Hindi

अल्बर्ट आइंस्टीन का जीवन परिचय जीवनी Albert Einstein Biography In Hindi

महान भौतिक शास्त्री अल्बर्ट आइंस्टीन का जन्म 14 मार्च वर्ष 1879 में उलम नाम के शहर में हुआ। शारीरिक रूप से कमजोर अल्बर्ट को 9 वर्ष की उम्र तक बोलना नहीं आता था और पढ़ाई भी ढंग से नहीं कर पाते थे। इसी वजह से लोगों ने इन्हें दिमागी रूप से विकलांग कहना शुरू कर दिया था। 

परन्तु 16 वर्ष की उम्र तक आते आते ये पढ़ाई में अव्वल आने लगे और ये गणित का कठिन से कठिन सवाल भी बड़ी आसानी से कर लेते। इनकी माता का नाम पौलिन कोच और पिता का नाम हेर्मन्न आइंस्टीन था जो कि एक यहूदी परिवार था।

बचपन से ही ये कंपास की दिशा, वेदना, प्रकृति के नियमों में व्यस्त रहते थे और लगभग 6 वर्ष की उम्र से इन्होने सारंगी बजाना शुरू कर दिया था जो कि जीवन भर जारी रक्खा। आपको शायद जानकर हैरानी होगी कि 12 वर्ष की उम्र में ही इन्होने ज्यामिति की खोज कर ली थी और उसका कुछ प्रमाण भी निकाला।

वैसे तो इनका जन्म जर्मनी शहर में हुआ था लेकिन बाद में ये अपने परिवार समेत 1880 में म्यूनिख शहर चले गए थे जहां पर इन्होंने अपनी पढ़ाई की शुरुआत की। 

अल्बर्ट आइंस्टीन का परिवार यहूदी धर्म को मानता था जिस के कारणवश उन्हें पढ़ने के लिए कैथोलिक स्कूल में जाना पड़ा। 

बचपन के समय में आइंस्टीन को स्कूल जाना बिल्कुल भी पसंद नहीं था। उन्हें ऐसा लगता था कि स्कूल एक कैद खाना है।  म्यूनिच शहर में ही इनके चाचा और पिता ने एक कंपनी की शुरुआत की जिसका नाम Elektrotechnische Fabrik  J.Einstein & Cie था। ये कंपनी बिजली के उपकरण बनाती थी।

अल्बर्ट आइंस्टीन का कैरियर

अपनी डॉक्टरेट लेने के लिए अल्बर्ट आइंस्टीन ने विज्ञानं पर एक दस्तावेज़ लिखा जिसके कारण ये काफी प्रसिद्ध हुए। वर्ष 1909 में ये एक यूनिवर्सिटी में लेक्चरर बन चुके थे जिस के लिए इन्होंने काफी मेहनत की थी। 

इन्होने 2 यूनिवर्सिटी में कुछ समय के लिए प्रिंसिपल के रूप में भी काम किया और कुछ ही समय बाद ये फेडरल इंस्टिटयूट ऑफ़ टेक्नोलोजी के प्रिंसिपल बन चुके थे। सन 1913 में ये बर्लिन चले गए और अलग अलग रहने के कारण इनका अपनी पत्नी के साथ तलाक हो गया। 

बर्लिन आने के बाद अल्बर्ट आइंस्टीन ने एक लड़की जिसका नाम एलसा था से शादी करली। यहां पर ये भी देखने को मिलता है कि आइंस्टीन को भूलने की बीमारी थी।  एक बार वो रेल गाड़ी से सफर कर रहे थे। इसी बीच टी.टी आ गया और उसने आइंस्टीन से टिकट के बारे में पूछा। 

लेकिन आइंस्टीन को टिकट ढूंढ़ने पर भी ना मिला। तभी टी.टी ने कहा कि उसे मत ढूंढें मुझे मालूम है आप ने टिकट ली होगी लेकिन भूल गए होंगे। इसपर आइंस्टीन ने जवाब दिया कि वो सब तो ठीक है लेकिन मुझे देखना है कि मैं जा कहां रहा हूँ।

अपने कैरियर में इन्हें बहुत सारे सम्मान और पुरस्कारों से नवाज़ा गया, जिससे इनका करियर आसमान की ऊँची बुलंदियों पर पहुँच गया। 

1945 वर्ष में इन्होने अपने सबसे प्रसिद्ध समीकरण E=MC का अविष्कार किया।

अल्बर्ट आइंस्टीन के कुछ महत्त्वपूर्ण अविष्कार।।

अल्बर्ट आइंस्टीन ने भौतिक विज्ञान की दुनिया में अपना काफी योगदान दिया जिसकी वजह से इन्होने काफी प्रसिद्धता हासिल की। इनमें से कुछ अविष्कार ये हैं:-

रेफ्रिजरेटर की खोज

रेफ्रिजरेटर का इस्तेमाल आज बहुत सारी जगहों पर किया जाता है। ये इनका छोटा सा ही समीकरण था जिसको बनाने में इन्होने ज़्यादा समय नहीं लगाया।

ऊर्जा के रूप में इन्होने इसमें पानी, अमोनिया और ब्यूटेन का इस्तेमाल किया था। बहुत सारी विशेषताओं को ध्यान में रखकर इन्होंने ये रेफ्रिजरेटर बनाया था।

आसमान नीला क्यों होता है

इसपर अल्बर्ट आइंस्टीन ने बहुत सारी दलीलें पेश की हालाँकि यह एक आसान सा प्रमाण है। इन्होंने आकाश के प्रिकिर्णन के बारे में जानकारी दी जो कि आसमान के नीला होने की वजह है।

ब्रोव्नियन मूवमेंट

ब्रोव्नियन मूवमेंट को अल्बर्ट आइंस्टीन की सबसे अच्छी और सबसे बड़ी खोज माना जा सकता है जिसमें इन्होने परमाणु के निलंबन के बारे में निरीक्षण किया।

ये अणु और परमाणु के अस्तित्व के सबूत के लिए सहायक मानी जा सकती है। हम सब को मालूम है कि ये विज्ञान की सभी शाखाओं में प्रमुख है।

प्रकाश की क्वांटम थ्योरी

अल्बर्ट आइंस्टीन के अनुसार धातुओं में से इलेक्ट्रान बाहर निकलते हैं जिसके कारण फोटो इलेक्ट्रिक इफेक्ट की रचना होती है।

इन्होने इस थ्योरी में तरंगों की विशेषता बताई है और ऊर्जा की छोटी थैली को फोटान का नाम दिया है। इस थ्योरी की वजह सी ही टेलीवजन का अविष्कार संभव हो सका।

ये समीकरण अल्बर्ट आइंस्टीन का सबसे प्रिसद्ध समीकरण रहा है और इसमें इन्होने प्रमाणित द्रव्मान और ऊर्जा के बारे में जानकारी दी है।

आज भी इसे दुनिया के बहुत सारे स्कूलों में पढ़ाया जाता है और आज के समय में इसे नयूक्लेअर ऊर्जा के नाम से जाना जाता है।

आइंस्टीन का मज़ेदार किस्सा 

एक बार आइंस्टीन कहीं पर भाषण देने जा रहे थे। रास्ते में उनके ड्राइवर ने उनसे कहा कि आपका भाषण मैं इतनी बार सुन चूका हूँ की अब मैं भी आप का भाषण दे सकता हूँ।

 तो इसपर आइंस्टीन ने कहा कि ठीक है आज मेरी जगह भाषण तुम देना। ये कहकर आइंस्टीन ने अपने ड्राइवर की पोशाक पहन ली। 

जब भाषण का समय आया तो आइंस्टीन का ड्राइवर बिलकुल उनकी तरह ही धुआंदार भाषण देने लगा। इसके बाद जब सवाल जवाब का सेशन शुरू हुआ तो उसने सवालों के जवाब भी अच्छे से दिए। 

लेकिन बाद में किसी ने उससे अधिक कठिन प्रश्न पूछ लिया। तो इसपर उसने कहा कि ये तो इतना आसान सवाल है कि इसका जवाब तो मेरा ड्राइवर भी दे सकता है। ये कहकर उसने आइंस्टीन को आगे कर दिया।

अल्बर्ट आइंस्टीन के बारे में रोचक तथ्य ?

  • अल्बर्ट आइंस्टीन इतने जिनयस थे कि वो अपने दिमाग में ही सारे सवालों के हल निकाल लेते थे। 
  • आइंस्टीन की मृत्यु के बाद किसी ने उनका दिमाग जांच के लिए चुरा लिया था। 
  • आज भी आइंस्टीन की आँखें एक सुरक्षित डिब्बे में रखी हुई हैं। 
  • खुद की गाड़ी ना होने की वजह से उन्हें गाड़ी चलाना नहीं आता था। 
  • बचपन में आइंस्टीन को बोलने और पढ़ने में मुश्किल होती थी। 
  • एक बार अल्बर्ट आइंस्टीन को राष्ट्रपति बनने का भी अवसर मिला था 
  • अल्बर्ट आइंस्टीन के दिमाग की जांच के दौरान पता चला कि उनके दिमाग में आम लोगों के मुकाबले ज़्यादा सेल्स थे।  
  • यादाश्त कमज़ोर होने की वजह से अल्बर्ट आइंस्टीन किसी का नाम और नंबर याद नहीं रख पाते थे। 
  • यूनिवर्सिटी में दाखिले की परीक्षा में अल्बर्ट आइंस्टीन फेल हो गए थे। 
  • अल्बर्ट आइंस्टीन “अभ्यास ही सफलता का मूलमंत्र है” गुरुमंत्र को मानते थे।
  • आइंस्टीन को नोबेल पुरस्कार मिला लेकिन किसी कारण से उसकी राशि इन्हें नहीं मिल पायी।

अल्बर्ट आइंस्टीन के सुविचार

  • इस बहुत कम वक़्त में अगर कुछ करना है तो शुरुआत अभी से ही कर देनी चाहिए। 
  • मुर्खता और बुद्धिमता में बस इतना सा फर्क होता है कि बुद्धिमता की सीमा होती है लेकिन मूर्खता की नहीं। 
  • अगर आप को खेल के नियम अच्छे से मालूम हों तो आप किसी भी खिलाडी से बेहतर खेल सकते हैं।
  • किनारों पर ही समुद्री जहाज़ सबसे ज़्यादा सुरक्षित रहते हैं लेकिन ये किनारों पर रहने के लिए नहीं बने हैं।

अल्बर्ट आइंस्टीन को मिले पुरस्कार

आइंस्टीन को निम्नलिखित मौजूद पुरस्कारों से सम्मानित किया जा चुका है।

आज लगभग हर व्यक्ति आइंस्टीन को जानता है और उनका सम्मान करता है जो कि किसी पुरस्कार से कम नहीं है।

अल्बर्ट आइंस्टीन की मृत्यु 

हिटलर एक यहूदी विरोधी नेता थे। जब हिटलर की तानाशाही का समय था तब यहूदी होने के कारण आइंस्टीन को जर्मनी छोड़ कर अमेरिका के न्यू जर्सी में जाना पड़ा। 

यहाँ पर आइंस्टीन प्रिस्टन कॉलेज में अपनी सेवाएं दे रहे थे। अपने आखरी समय में इंटरनल ब्लीडिंग की वजह से उन्हें काफी दर्द का सामना करना पड़ा।

आख़िरकार प्रिस्टन कॉलेज में ही कार्य करते समय 18 अप्रैल 1955 को इनकी मृत्यु हो गयी और दुनिया के महान वैज्ञानिकों में से एक अल्बर्ट आइंस्टीन इस दुनिया को अलविदा कह गए। हालाँकि उनकी खोजों और उनके महान कार्यों को कभी भुलाया नहीं जा सकता।

  • प्राचीन भारत में वैज्ञानिक उपलब्धियां 
  • ब्रह्मगुप्त का जीवन परिचय
  • आत्मनिर्भर भारत पर निबंध 
  • ब्रह्माण्ड की उत्पत्ति व जानकारी
  • मेघनाद साहा का जीवन परिचय 

उम्मीद करते है फ्रेड्स अल्बर्ट आइंस्टीन का जीवन परिचय जीवनी Albert Einstein Biography In Hindi का यह लेख आपको पसंद आया होगा.

यदि आपको महान वैज्ञानिक अल्बर्ट आइन्स्टाइन के बारे में दी जानकारी पसंद आई हो तो अपने फ्रेड्स के साथ जरुर शेयर करें.

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अल्बर्ट आइंस्टीन की जीवनी Albert Einstein Biography in Hindi

अल्बर्ट आइंस्टीन की जीवनी  Albert Einstein Biography in Hindi

अल्बर्ट आइंस्टीन दुनिया के महान वज्ञानिक और थ्योरिटिकल भौतिकवादी थे। आइंस्टीन पूरे विश्व में द्रव्मान और ऊर्जा के समीकरण  E= mc2  और सपेक्षता के सिध्दांत के लिये प्रसिद्ध थे। ये समीकरण अल्बर्ट आइंस्टीन के सबसे प्रसिद्ध समीकरणों में से एक था।

इन्होने अपने जीवन में बहुत से खोज किये। उनके कुछ अविष्कार पुरे दुनिया में बहुत फेमस हुआ जिनके वजह से अल्बर्ट आइंस्टीन का नाम इतिहास के सुनहरे पन्नो में दर्ज हो गया। आइंस्टीन एक बुद्धिमान और सफल वज्ञानिक रहे है।

धुनिक समय के भौतिक विज्ञान को सरल बनाने में इनका बहुत बड़ा हाथ रहा है। अल्बर्ट आइंस्टीन को 1921 में प्रकाश विधुत उत्सर्जन की खोज के  लिए इनका नोबेल पुरस्कार भी प्राप्त हुआ। आइंस्टीन ने बहुत से खोज में अपना योगदान दिया है जैसे – सापेक्ष ब्राम्हण, क्वांटम सिद्धांत, अणुओ की ब्राउनियन गति, विकिरण का सिद्धांत और अन्य बहुत से खोज में अपना योगदान दिया है।

इन्होने 50 से अधिक शोध पत्र और विज्ञानं की अलग अलग किताबे भी लिखी है जिसकी वजह से 1999 में टाइम्स पत्रिका में इनको शताब्दी पुरुष घोषित किया गया और एक सर्वे के अनुसार ये सार्वकालिक महानतम वज्ञानिक मने गए है। इनकी बौद्धिक उपयोगितो को देखते हुए आइंस्टीन शब्द को बुद्धिमान का पर्याय बना दिया गया है।

नाम – अल्बर्ट हेर्मन्न आइंस्टीन जन्म – 14 मार्च 1879 स्थान – उल्मा (जर्मनी) पिता – हेर्मन्न आइंस्टीन माता – पौलिन  कोच पुरस्कार – भौतिक का नोबेल पुरस्कार, मैक्स प्लैंक पदक, कोल्पे पदक मृत्यु – 18 अप्रैल 1955

अल्बर्ट आइंस्टीन की जीवनी  Albert Einstein Biography in Hindi

प्रारंभिक जीवन earlier life.

विश्वप्रसिद्ध अल्बर्ट आइंस्टीन का जन्म 14 मार्च 1879 को जर्मनी के एक यहूदी परिवार में वुटेमबर्ग नामक स्थान में हुआ था। इनके पिता का नाम हेर्मन्न आइंस्टीन जोकि पेशे से एक इंजीनियर और सेल्समैन थे। इनकी माता का नाम पौलिन  कोच था। आइंस्टीन बचपन से पढाई में अव्वल थे लेकिन बचपन में आइंस्टीन को बोलने में थोड़ी दिक्कत होती थी।

इनकी मात्रभाषा जर्मन थी लेकिन बाद में इन्होने अंगेजी और इतालवी भी सीखी। इनका जन्म तो जर्मनी के उल्म शहर में हुआ लेकिन इनका परिवार 1880 में म्यूनिख शहर चला गया। वहीँ पर इन्होने अपनी पढाई शुरू की।

आइंस्टीन पिता और उनके चाचा ने म्यूनिख शहर में एक कंपनी खोली जिसका नाम “इलेक्ट्राटेक्निक फ्रैबिक जे आइंस्टीन एंड सी” (Elektrotechnische Fabrik  J.Einstein & Cie) था, जोकि बिजली के उपकरण बनती थी।

शिक्षा Education

अल्बर्ट आइंस्टीन का परिवार यहूदी धर्म को मानते थे और जिसकी वजह से आइंस्टीन को पढने के लिए कैथोलिक विद्यालय में जाना पड़ा। आइंस्टीन की माँ को सारंगी बजाना आता था। इन्होने अपनी माँ से सारंगी बजाना सिखा लेकिन बाद में इन्होने इसे बजन छोड़ दिया। बाद में 8 साल की उम्र में आइंस्टीन वहां से स्थान्तरित होकर लुइटपोल्ड जिम्रेजियम चले गए।

जहाँ से आइंस्टीन ने अपनी माध्यमिक शिक्षा और उच्च माध्यमिक शिक्षा भी प्राप्त की। सन 1895 में आइंस्टीन ने स्विस फ़ेडरल पोलिटेक्निक की परिक्षा दी, जो बाद में Edigenossische Technische Hochschule (ETH) के नाम से जाना जाने लगा। उस वक़्त इनकी उम्र 16 साल थी। लेकिन गणित और भौतिक के विषय को छोड़ कर बाकि सभी विषयों में फेल हो गये थे।

और अंत में वहां से प्रधानाचार्य के सलाह पर वो स्विट्जर्लैंड के आरू में आर्गोवियन कैंटोनल स्कूल में चले गये।  यहाँ से आइंस्टीन ने डिप्लोमा किया और उसके बाद इन्होने 1896 में इन्होने फेडरल इंस्टिटयूट ऑफ़ टेक्नोलोजी में दाखिला लिया।

सन 1900 में अल्बर्ट आइंस्टीन ने फेडरल इंस्टिटयूट ऑफ़ टेक्नोलोजी से ग्रेजुएशन किया। सन 1902 में इन्होने मरिअक से शादी कर ली। मरिअक उनकी साथ में ही पढ़ती थी और प्यार के कारण इन्होने उनसे शादी कर ली। शादी के बाद इनके 2 बेटे हुए। आइंस्टीन ने वहां से ही डाक्टरेट की उपाधि भी ली और अपना पहला विज्ञानं दस्तावेज लिखा।

अल्बर्ट आइंस्टीन का करियर और उनकी खोज (Invention and Career)

अल्बर्ट आइंस्टीन ने अपनी डाक्टरेट लेने के बाद इन्होने बहुत से विज्ञानं दस्तावेज लिखा जिसकी वजह से ये बहुत ही प्रसिद्ध हुए। यूनिवर्सिटी में जॉब करने के लिए इन्होने बहुत मेहनत किया। और सन 1909 में ये बर्न यूनिवर्सिटी के लेक्चरर बन गये।

कुछ दिन के इन्होने 2 और यूनिवर्सिटी में प्राचार्य के रूप में काम किया और कुछ ही दिनों में फेडरल इंस्टिटयूट ऑफ़ टेक्नोलोजी में प्राचार्य बनाये गए। सन 1913 में मैक्स प्लांक और वाल्थेर नेंस्र्ट के द्वारा दिए गए अवसर पर आइंस्टीन बर्लिन चले गए। जिसकी वजह से इनका तलाक हो गया। बर्लिन जाने के बाद इन्होने एलसा नाम के लड़की से शादी कर ली।

अल्बर्ट आइंस्टीन के अविष्कार Inventions of Albert Einstein

अल्बर्ट आइंस्टीन ने अपने जीवन में बहुत से अविष्कार किये है जिनकी वजह से वो पूरे विश्व में प्रसिद्ध हुए। उनके कुछ खोज इस प्रकार है-

अल्बर्ट आइंस्टीन के द्वारा प्रमाणित द्रव्मान और ऊर्जा का ये समीकरण है जिसको आज नयूक्लेअर ऊर्जा के नाम से जाना जाता है।

स्पेशल थ्योरी ऑफ़ रिलेटिविटी

आइंस्टीन ने एक थ्योरी में गति  और समय के सम्बन्ध को समझाया है।

प्रकाश की क्वांटम थ्योरी

अल्बर्ट आइंस्टीन की प्रकाश की क्वांटम थ्योरी में उन्होंने ऊर्जा की छोटी थैली को फोटान कहा है और तंरंगों की विशेषता बताई है। इनके अनुसार धातुओ में से इलेक्ट्रान निकलते है और वो फोटो इलेक्ट्रिक इफेक्ट की रचना करते है। इसी थ्योरी के आधार पर टेलीविजन की खोज भी हुई।

रेफिजरेटर की खोज

ये आइंस्टीन का सबसे छोटा खोज था। इसको बनाने में इन्होने ज्यादा समय नही लगाया था। इसमें ऊर्जा के रूप में इन्होने अमोनिया, पानी, और ब्यूटेन का प्रयोग किया था।

आकाश नीला क्यों होता है?

ये एक छोटा सा प्रमाण था जिसमे इन्होने प्रकाश के प्रिकिर्णन के बारे में बताया है और यही एक वजह है जिसकी वहज से आकाश नीला दिखाई देता है। इनके द्वारा और भी बहुत से खोज की गई है जिनकी वजह से ये पुरे विश्व में प्रसिद्ध हो गये।

पुरस्कार Awards

अल्बर्ट आइंस्टीन ने बहुत से खोज किये और जिसकी वजह से उनको कई सरे पुरस्कार से नवाजा भी गया है सबसे पहला 1921 भौतिकी का नोबेल पुरस्कार , मत्तयूक्की मेडल, 1925 में कोपले मैडल, सन 1929 में मैक्स प्लांक मेडल मिला और 1999 में शताब्दी के टाइम पर्सन का पुरस्कार भी मिला।

मृत्यु Death

हिटलर के समय में अल्बर्ट आइंस्टीन को जर्मनी छोड़ कर जाना पड़ा क्योकि ये यहूदी थे। कुछ सालो तक अमेरिका में प्रिस्टन कालेज में कार्य करते हुए 18 अप्रैल सन 1955 में इनकी मृत्यु हो गई। दुनिया के महान वैज्ञानिक जिन्होंने अपने ज्ञान से दुनिया को बहुत कुछ दिया, और उनकी खोज को कभी भी भुलाया नही जा सकता है।

5 thoughts on “अल्बर्ट आइंस्टीन की जीवनी Albert Einstein Biography in Hindi”

very nice article sir ji

Very fantastic article

Very nice information

Did Albert Einstein really discover the refrigerator? Nice information

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ऐल्बर्ट आइंस्टाइन का प्रेरणादायी जीवन.

Last Updated: April 7, 2017 By Gopal Mishra 54 Comments

Albert Einstein life in Hindi

Albert Einstein

सबसे पीछे रहने वाले एक बालक ने अपने गुरु से पूछा ‘श्रीमान मैं अपनी बुद्धी का विकास कैसे कर सकता हूँ?’

rummy gold

अध्यापक ने कहा – अभ्यास ही सफलता का मूलमंत्र है।

उस बालक ने इसे अपना गुरु मंत्र मान लिया और निश्चय किया कि अभ्यास के बल पर ही मैं एक दिन सबसे आगे बढकर दिखाऊँगा। बाल्यकाल से अध्यापकों द्वारा मंद बुद्धी और अयोग्य कहा जाने वाला ये बालक अपने अभ्यास के बल पर ही विश्व में आज सम्मान के साथ जाना जाता है। इस बालक को दुनिया आइंस्टाइन के नाम से जानती है। उनका जीवन इस बात का प्रमाण है कि साधारण से साधारण व्यक्ति भी मेहनत, हिम्मत और लगन से सफलता प्राप्त कर सकता है।

आइंस्टाइन का जन्म 14 मार्च 1879 को जर्मनी के यूम (Ulm) नगर में हुआ था। बचपन में उन्हे अपनी मंदबुद्धी बहुत अखरती थी। आगे बढने की चाह हमेशा उनपर हावी रहती थी। पढने में मन नहीं लगता था फिर भी किताब हाँथ से नहीं छोङते थे, मन को समझाते और वापस पढने लगते। कुछ ही समय में अभ्यास का सकारात्मक परिणाम दिखाई देने लगा। शिक्षक भी इस विकास से दंग रह गये। गुरु मंत्र के आधार पर ही आइंस्टाइन अपनी विद्या संपदा को बढाने में सफल रहे। आगे चल कर उन्होने अध्ययन के लिये गणित जैसे जटिल विषय को चुना। उनकी योग्यता का असर इस तरह हुआ कि जब कोई सवाल अध्यापक हल नहीं कर पाते तो वे आइंस्टाइन की मदद लेते थे।

holy rummy

गुरु मंत्र को गाँठ बाँध कर आइंस्टाइन सफलता की सीढी चढते रहे। आर्थिक स्थिति कमजोर होने की वजह से आगे की पढाई में थोङी समस्या हुई। परन्तु लगन के पक्के आइंस्टाइन को ये समस्या निराश न कर सकी। उन्होने ज्युरिक पॉलिटेक्निक कॉलेज में दाखिला ले लिया। शौक मौज पर वे एक पैसा भी खर्च नहीं करते थे, फिर भी दाखिले के बाद अपने खर्चे को और कम कर दिये थे। उनकी मितव्ययता का एक किस्सा आप सभी से साझा कर रहे हैं।

“ एक बार बहुत तेज बारिश हो रही थी। अल्बर्ट आइंस्टीन अपनी हैट को बगल में दबाए जल्दी-जल्दी घर जा रहे थे। छाता न होने के कारण भीग गये थे। रास्ते में एक सज्जन ने उनसे पूछा कि – “ भाई! तेज बारिश हो रही है, हैट से सिर को ढकने के बजाय तुम उसे कोट में दबाकर चले जा रहे हो। क्या तुम्हारा सिर नहीं भीग रहा है?

आइंस्टीन ने कहा –“भीग तो रहा है परन्तु बाद में सूख जायेगा, लेकिन हैट गीला हुआ तो खराब हो जायेगा। नया हैट खरीदने के लिए न तो मेरे पास न तो पैसे हैं और न ही समय।“

मित्रों, आज जहाँ अधिकांश लोग अपनी कृतिम और भौतिक आवश्यकताओं पर ही ध्यान देते रहते हैं, वे चाहें तो समाज या देश के लिये क्या त्याग कर सकते है,सीमित साधन में भी संसार में महान कार्य किया ज सकता है। आइंस्टीन इसका जीवंत उदाहरण हैं।

ज्युरिक कॉलेज में अपनी कुशाग्र बुद्धी जिसे उन्होने अभ्यास के द्वारा अर्जित किया था, के बल पर जल्दी ही वहाँ के अध्यापकों को प्रभावित कर सके। एक अध्यापक ‘मिकोत्सी’ उनकी स्थीति जानकर आर्थिक मदद भी प्रारंभ कर दिये थे। शिक्षा पूरी होने पर नौकरी के लिये थोङा भटकना पङा तब भी वे निराशा को कभी पास भी फटकने नहीं दिये। बचपन में उनके माता-पिता द्वारा मिली शिक्षा ने उनका मनोबल हमेशा बनाए रखा। उन्होने सिखाया था कि – “एक अज्ञात शक्ति जिसे ईश्वर कहते हैं, संकट के समय उस पर विश्वास करने वाले लोगों की अद्भुत सहायता करती है।“

गुरु का दिया मंत्र और प्रथम गुरु माता-पिता की शिक्षा, आइंस्टीन को प्रतिकूल परिस्थिती में भी आगे बढने के लिये प्रेरित करती रही। उनके विचारों ने एक नई खोज को जन्म दिया जिसे सापेक्षतावाद का सिद्धान्त ( Theory of Relativity; E=mc^2 ) कहते हैं। इस सिद्धानत का प्रकाशन उस समय की प्रसिद्ध पत्रिका “आनलोन डेर फिजिक” में हुआ। पूरी दुनिया के वैज्ञानिकों और बुद्धीजीवियों पर इस लेख का बहुत गहरा असर हुआ। एक ही रात में आइंस्टीन विश्वविख्यात हो गये। जिन संस्थाओं ने उन्हे अयोग्य कहकर साधारण सी नौकरी देने से मना कर दिया था वे संस्थाएं उन्हे निमंत्रित करने लगी। ज्युरिक विश्वविद्यालय से भी निमंत्रण मिला जहाँ उन्होने अध्यापक का पद स्वीकार कर लिया।

आइंसटाइन ने सापेक्षता के विशेष और सामान्य सिद्धांत सहित कई योगदान दिए। उनके अन्य योगदानों में- सापेक्ष ब्रह्मांड, केशिकीय गति, क्रांतिक उपच्छाया, सांख्यिक मैकेनिक्स की समस्याऍ, अणुओं का ब्राउनियन गति, अणुओं की उत्परिवर्त्तन संभाव्यता, एक अणु वाले गैस का क्वांटम सिद्धांतम, कम विकिरण घनत्व वाले प्रकाश के ऊष्मीय गुण, विकिरण के सिद्धांत, एकीक्रीत क्षेत्र सिद्धांत और भौतिकी का ज्यामितीकरण शामिल है। सन् 1919 में इंग्लैंड की रॉयल सोसाइटी ने सभी शोधों को सत्य घोषित कर दिया था। जर्मनी में जब हिटलरशाही का युग आया तो इसका प्रकोप आइंस्टाइन पर भी हुआ और यहूदी होने के नाते उन्हे जर्मनी छोङकर अमेरीका के न्यूजर्सी में जाकर रहना पङा। वहाँ के प्रिस्टन कॉलेज में अंत समय तक अपनी सेवाएं देते रहे , और 18 अप्रैल 1955  को स्वर्ग सिधार गए .

ईश्वर के प्रति उनकी अगाध आस्था और प्राथमिक पाठशाला में अध्यापक द्वारा प्राप्त गुरु मंत्र को उन्होने सिद्ध कर दिया। उनका जीवन मानव जाति की चीर संपदा बन गया। उनकी महान विशेषताओं को संसार कभी भी भुला नहीं सकता।

हम इस महान वैज्ञानिक को शत-शत नमन करते हैं.

Anita Sharma Voice For Blind

अनिता जी दृष्टिबाधित लोगों की सेवा में तत्पर हैं। उनके बारे में अधिक जानने के लिए पढ़ें –  नेत्रहीन लोगों के जीवन में प्रकाश बिखेरती अनिता शर्मा और  उनसे जुड़ने के लिए यहाँ क्लिक करें। We are grateful to  Anita Ji  for sharing this inspirational  Essay on  Albert Einstein’s Life in Hindi  . Thanks.

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albert einstein essay in hindi

June 18, 2018 at 12:11 am

behad umda likhavat or jeevan ke prati drishtikon.. dhanyavad dear!!!

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May 31, 2018 at 1:24 pm

this change my whole life

July 22, 2017 at 10:14 pm

Albert Einstein… Sirf naam se hi motivations badh jati hai….is name se had koi inspired hai. … Apki mini bhi theories hai sab ek se badh ek… E=mc² ????

This is the reason why people loved you n called u as father of PHYSICS..?

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July 17, 2017 at 5:22 am

Albert Einstein biography is a great energetic and motivational.

albert einstein essay in hindi

June 11, 2017 at 7:32 pm

mujhe albert einstein ki jivni bahut acchi lgi thanks anita ji.

albert einstein essay in hindi

April 19, 2017 at 8:45 pm

Mei Albert Einsteen se bahut inspire hu…aur unke guruo ka gurumatra apnane ko ja rha hu…………Thank you anitaji..

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April 7, 2017 at 2:36 am

This story motivate us.albert done hard work than he get success .so i wish ; we have doing hard work than we have get the success

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February 2, 2017 at 9:56 pm

thanq anita ji hame motivate krne ke liye

December 5, 2016 at 12:07 am

mai albert einstine ko apna adarsh manta hoon vo duniya ke sabse mahan vaigyanik hai unki jivani kuch kar gujarne ka hausla pradan karti hai md shakil ansri

November 19, 2016 at 2:46 am

Elbert ji ki kshani se hme prerna milti hi aur hme nirantar practice krni chahi ye. Thank u Anita ji

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अल्बर्ट आइन्सटाइन पर निबंध | Essay on Albert Einstein in Hindi

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अल्बर्ट आइन्सटाइन पर निबंध | Essay on Albert Einstein in Hindi language.

अल्बर्ट आइन्सटाइन वह नाम है, जो विलक्षण प्रतिभा का पर्याय बन चुका है । भौतिक विज्ञान में उनके योगदान को देखते हुए उन्हें ‘द ग्रेटेस्ट फिजिसिस्ट ऑफ ऑल टाइम’ की संज्ञा दी गई । 

उन्होंने ‘टाइम’ पत्रिका के एक सर्वेक्षण में ‘शताब्दी का व्यक्तित्व’ के रूप में सर्वाधिक मत प्राप्त किए तथा ‘टाइम’ पत्रिका ने वर्ष 1999 में उन्हें शताब्दी पुरुष घोषित किया ।  सारी दुनिया उनके तेज दिमाग का लोहा मानती थी, इसलिए जब उनकी मृत्यु हुई, तो उनके शव परीक्षण करने वाले डॉक्टर ने उनकी तेज बुद्धि का रहस्य जानने के लिए उनका मस्तिष्क निकाल लिया था ।

अल्बर्ट आइन्सटाइन को सार्वकालिक महानतम वैज्ञानिक माना जाता है तथा उन्हें मॉडर्न फिजिक्स का पितामह कहा जाता है । अल्बर्ट आइन्सटाइन का जन्म जर्मनी के बुटेम्बर्ग के उल्म में 14 मार्च, 1879 को एक यहूदी परिवार में हुआ था ।  उनके जन्म के छ: सप्ताह बाद ही उनका परिवार म्यूनिख चला गया, जहाँ उनके पिता और चाचा ने Elektrotechnische Fabrik J. Einstein & Cie नामक कम्पनी खोली ।

ADVERTISEMENTS:

उनकी प्रारम्भिक शिक्षा लुईटपॉल्ड जिम्नेसियम में हुई ।  उसके बाद वे इटली और कुछ समय बाद ही स्विटजरलैण्ड चले गए । 1896 ई. में उन्होंने ज्यूरिख के स्विस फेडरल पॉलिटेक्निक स्कूल में प्रवेश लिया । वर्ष 1901 में उन्होंने वहां से डिप्लोमा प्राप्त करने के बाद स्विटजरलैण्ड की नागरिकता प्राप्त की ।

उन्हें शिक्षण कार्य में विशेष रुचि नहीं थी, इसलिए उन्होंने स्विस पेटेण्ट ऑफिस में टेक्निकल असिस्टेण्ट की नौकारी स्वीकार कर ली । वर्ष 1905 में पेटेण्ट ऑफिस में काम करते हुए उनके चार शोध पत्र प्रतिष्ठित पत्रिका ‘एनेलेन डेरे फिजिक’ में प्रकाशित हुए ।

इन सभी शोध पत्रों को आज विज्ञान की दुनिया में महत्वपूर्ण उपलब्धि के तौर पर देखा जाता है, इसलिए वर्ष 1905 को आइन्सटाइन के आश्चर्यजनक वर्ष के रूप में जाना जाता है ।  वर्ष 1905 में ही उन्हें साइंस में डॉक्टरेट की डिग्री प्राप्त हुई । ‘सापेक्षिकता के सिद्धान्त’ के सन्दर्भ में उन्होंने प्रस्ताव दिया कि अन्तरिक्ष और समय को एक रूप स्पेस टाइम में संयुक्त कर देना चाहिए ।

इस सिद्धान्त में उन्होंने बताया कि सभी प्रेक्षकों के लिए निर्वात में प्रकाश की गति एक ही होती है, जिसका परिणाम यह होता है कि दो घटना, जो एक विशेष पर्यवेक्षक को समकालिक प्रतीत होती हैं, वे ही घटना, दूसरे पर्यवेक्षक को समकालिक प्रतीत नहीं होती ।

दस साल तक आइन्सटाइन ने सापेक्षिकता के सामान्य सिद्धान्त पर कार्य किया, जो बताता है कि स्पेस टाइम और गुरुत्व (ग्रेविटि) एक-दूसरे को कैसे प्रभावित करते हैं ? गुरुत्व को स्पेस टाइम में क्रियाशील क्षेत्र बल के रूप में देखने के बजाय, आइन्सटाइन ने सुझाव दिया कि वह खुद की ज्यामितीय संरचना को परिवर्तित करता है ।

खगोल वैज्ञानिकों ने लाखों आकाशगंगाओं का अध्ययन करने के बाद पता लगाया है कि ब्रह्माण्ड का तेजी से विस्तार हो रहा है । इससे इस बात की पुष्टि होती है कि आइन्सटाइन का सापेक्षिकता का सिद्धान्त बिलकुल सही है । वर्ष 1905 में उनके शोध पत्रों के प्रकाशित होने के बाद उनकी ख्याति फैल गई और वर्ष 1908 में उन्हें बर्न में प्रिवडोजेण्ट में प्रोफेसर के रूप में नियुक्ति का आमन्त्रण मिला, जिसे उन्होंने सहर्ष स्वीकार कर लिया ।

वर्ष 1914 में वे कैंसर वेल्हेम फिजिकल इंस्टीट्यूट के निदेशक एवं यूनिवर्सिटी ऑफ बर्लिन के प्रोफेसर नियुक्त हुए । वर्ष 1914 में ही उन्होंने जर्मनी की नागरिकता प्राप्त की और वर्ष 1933 तक जर्मनी में ही रहे । जर्मनी में उस समय हिटलर द्वारा यहूदियों पर हो रहे अमानुषिक अत्याचारों को देखते हुए वर्ष 1933 में जर्मनी छोड़कर अमेरिका चले गए । वहाँ वे प्रिंस्टन में सैद्धान्तिक भौतिकी के प्रोफेसर के पद पर नियुक्त हुए । वर्ष 1940 में उन्होंने अमेरिका की नागरिकता प्राप्त कर ली ।

अमेरिका में उन्होंने प्रोफेसर के रूप में वर्ष 1946 तक कार्य किया ।  आइन्सटाइन सापेक्षिकता के सिद्धान्त और द्रव्यमान-उर्जा समीकरण E = mc 2 के लिए जाने जाते हैं, किन्तु उनके अन्य योगदानों में सापेक्ष ब्रह्माण्ड, कोशिकीय गीत, क्रान्तिक उपच्छाया, सांख्यिक मैकेनिक्स की समस्याएँ, अणुओं की ब्राउनियन गति, अणुओं की उत्परिवर्तन सम्भाव्यता, एक अणु वाली गैस का क्वाण्टम सिद्धान्त, कम विकिरण घनत्व वाले प्रकाश के ऊष्मीय गुण, विकिरण के सिद्धान्त, एकीकृत क्षेत्र सिद्धान्त और भौतिकी का ज्यामितीकरण उल्लेखनीय हैं ।

उन्होंने पचास से अधिक शोध पत्र और विज्ञान की कई पुस्तकें लिखीं । द्वितीय विश्वयुद्ध के बाद उन्होंने वैश्विक सरकार आन्दोलन में अग्रणी भूमिका निभाई । इजराइल ने उन्हें राष्ट्रपति के पद का प्रस्ताव दिया, किन्तु उन्होंने इसे विनम्रतापूर्वक अस्वीकार कर दिया और येरूशलम के हिन्दू, विश्वविद्यालय की स्थापना में डॉ. चैम विएजमैन का साथ दिया ।

अपने वैज्ञानिक शोध कार्यों के शुरुआती दिनों में उन्होंने न्यूटन के सिद्धान्तों की अपर्याप्तता को उजागर कर सापेक्षिकता के सिद्धान्त का प्रतिपादन किया था । आइन्सटाइन के योगदानों को देखते हुए उन्हें सैद्धान्तिक भौतिकी खासकर प्रकार-विद्युत प्रभाव की खोज के लिए वर्ष 1921 में भौतिकी के नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया ।

फ्रैंकलिन इंस्टीट्‌यूट ने उन्हें वर्ष 1936 में फ्रैंकलिन मेडल देकर सम्मानित किया । उनके प्रसिद्ध सापेक्षिकता के सिद्धान्त की खोज के 200 वर्ष पूरे होने पर ‘इण्टरनेशनल यूनियन ऑफ प्योर एण्ड एप्लायड फिजिक्स’ ने वर्ष 2005 में उन्हें ‘वर्ल्ड ईयर ऑफ द फिजिक्स’ घोषित किया ।

अमेरिकी डाक सेवा ने उनके नाम से डाक टिकटों की एक श्रृंखला जारी की । उनके नाम पर देश-विदेशों में अनेक पुरस्कारों की स्थापना की गई है । 17 अप्रैल, 1955 को 76 वर्ष की अवस्था में मोजार्ट के वायलिन संगीत से प्रभावित होने बाले अल्बर्ट आइन्सटाइन के निधन के साथ ही विज्ञान जगत् ने एक महान् वैज्ञानिक को खो दिया ।

उनकी खोजों को आधार बनाकर ही परमाणु बम का विकास किया गया था । वर्ष 1945 में जापान के हिरोशिमा एवं नागासाकी पर परमाणु बम के दुरुपयोग से उन्हें बहुत दु:ख पहुँचा था । वे न केवल एक महान् वैज्ञानिक, बल्कि एक महामानव भी थे । उनकी कमी विश्व को सदा खलेगी । उनका जीवन वैज्ञानिकों ही नहीं, आम लोगों के लिए भी प्रेरणा का अति दुर्लभ स्रोत है । आने वाली पीढ़ियाँ उनके जीवन से प्रेरणा लेती रहेंगी ।

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Albert Einstein Quotes in Hindi: पढ़िए अल्बर्ट आइंस्टीन के प्रेरित करने वाले अविस्मरणीय विचार

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  • Updated on  
  • मार्च 9, 2024

Albert Einstein Quotes in Hindi

Albert Einstein Quotes in Hindi को पढ़कर युवाओं को विज्ञान के महत्व की जानकारी के साथ-साथ, स्वयं को प्रेरित करने का भी एक महान अवसर मिलेगा। यूँ तो विश्व के हर कोने में कई ऐसे वैज्ञानिक हुए हैं जिन्होंने सरहदों को तोड़कर समाज को ज्ञान के लिए प्रेरित अथवा सशक्त किया है, उन्हीं में से एक “अल्बर्ट आइंस्टीन” भी थे। अल्बर्ट आइंस्टीन के विचार युवाओं को आज भी उतना ही प्रेरित करते हैं, जितना कि उस समय पर करते होंगे। अल्बर्ट आइंस्टीन एक सुप्रसिद्ध भौतिक वैज्ञानिक थे, जिनके नाम पर लगभग 50 से भी अधिक आविष्कार पेटेंट शामिल हैं। विद्यार्थी जीवन में विद्यार्थियों को अल्बर्ट आइंस्टीन के विचार अवश्य पढ़ने चाहिए, ताकि विद्यार्थियों को विज्ञान के महत्व के बारे में पता चल सके। Albert Einstein Quotes in Hindi के माध्यम से आप अल्बर्ट आइंस्टीन के विचार पढ़कर स्वयं को प्रेरित कर सकते हैं, जिसके लिए आपको इस ब्लॉग को अंत तक पढ़ना पड़ेगा।

This Blog Includes:

कौन थे अल्बर्ट आइंस्टीन, टॉप 10 albert einstein quotes in hindi, विद्यार्थियों के लिए अल्बर्ट आइंस्टीन के अनमोल विचार, अल्बर्ट आइंस्टीन के प्रेरक विचार, अल्बर्ट आइंस्टीन के कुछ अन्य बेस्ट कोट्स, albert einstein quotes in english .

Albert Einstein Quotes in Hindi के बारे में जानने से पहले आपको अल्बर्ट आइंस्टीन के बारे में जान लेना अति आवश्यक है। अल्बर्ट हेर्मन्न आइंस्टीन का जन्म उल्म (जर्मनी) में 14 मार्च 1879 में हुआ था। हेर्मन्न आइंस्टीन और पौलिन कोच की विलक्षण बुद्धि वाली इस संतान ने भौतिकी के क्षेत्र में भौतिकी का नॉबल पुरस्कार, मत्तयूक्की मैडल, कोपले मैडल, मैक्स प्लांक मैडल, शताब्दी के टाइम पर्सन आदि पुरुस्कारों को जीता और अंततः 18 अप्रैल 1955 में इनकी मृत्यु हो गई।

यह भी पढ़ें : Motivational Quotes in Hindi for Success

टॉप 10 Albert Einstein Quotes in Hindi निम्नवत हैं, जो सदा ही आपको मार्गदर्शन देंगे-

कल्पना ज्ञान से ज्यादा महत्वपूर्ण है।

Albert Einstein Quotes in Hindi

ज्ञान का एक मात्र स्रोत अनुभव है।

प्रशंसा के भ्रष्ट प्रभाव से बचने का एकमात्र तरीका काम करते रहना है।

मुर्खता और बुद्धिमता में सिर्फ एक फर्क होता है कि बुद्धिमता की एक सीमा होती है।

बुद्धिमता का सही संकेत ज्ञान नहीं, बल्कि कल्पना है।

केवल दूसरों के लिए जिया जीवन ही सार्थक जीवन है।

Albert Einstein Quotes in Hindi

एक सच्चा जीनियस स्वीकार करता है कि उसे कुछ नहीं पता है।

मैं सभी से एक जैसे ही बात करता हूँ। चाहे वो कूड़ा उठाने वाला हो या फिर विश्वविद्यालय का अध्यक्ष।

तर्क आपको A से Z तक ले जायेगा। लेकिन कल्पना आपको कहीं भी ले जायेगी।

आप कभी फेल नहीं होते, जब तक आप प्रयास करना नहीं छोड़ देते हैं।

Albert Einstein Quotes in Hindi

यह भी पढ़ें : श्रीमद्भगवत गीता के अनमोल ज्ञान पर आधारित कोट्स

विद्यार्थियों को हमेशा ही एक नया और वैज्ञानिक राह दिखने वाले Albert Einstein Quotes in Hindi कुछ इस प्रकार हैं-

वक्त बहुत कम है यदि हमें कुछ करना है तो अभी से शुरुआत कर देनी चाहिए। 

Albert Einstein Quotes in Hindi

कठिनाइयों के बीच ही अवसर छुपे होते हैं।

जैसे ही आप सीखना बंद कर देते हैं, आप मरना शुरू कर देते हैं।

शिक्षा वो है जो स्कूल में सिखाई गयी चीजों को भूल जाने के बाद बचती है।

रचनात्मक अभिव्यक्ति और ज्ञान में आनंद जगाना शिक्षक की सर्वोच्च कला है।

Albert Einstein Quotes in Hindi

जिस व्यक्ति ने कभी गलती नहीं कि उसने कभी कुछ नया करने की कोशिश नहीं की।

कोई भी समस्या चेतना के उसी स्तर पर रह कर हल नहीं की जा सकती है जिस पर वह उत्पन्न हुई है।

हर वो चीज जो गिनी जा सके मायने नहीं रखती और हर वो चीज जो मायने रखती है वो गिनी नहीं जा सकती।

एक जहाज हमेशा किनारे पर सुरक्षित रहता है, लेकिन वह इसलिए नहीं बना होता है।

सफल व्यक्ति बनने का प्रयास मत करिए, बल्कि सिद्धांतों वाला व्यक्ति बनने का प्रयत्न करिए।

Albert Einstein Quotes in Hindi

अल्बर्ट आइंस्टीन के प्रेरक विचार युवाओं में नया जोश भरना का कार्य करेंगे। यह विचार आपको जीवन में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करेंगे। Albert Einstein Quotes in Hindi के माध्यम से आप अल्बर्ट आइंस्टीन के प्रेरक विचार पढ़ पाएंगे, जो आपको कठिन समय में साहस से काम लेना सिखाएंगे। अल्बर्ट आइंस्टीन के प्रेरक विचार निम्नलिखित हैं-

आपको खेल के नियम सिखने चाहिए और आप किसी भी खिलाड़ी से बेहतर खेलेंगे।

Albert Einstein Quotes in Hindi

एक निराशावादी और सही होने के बजाय, मैं एक आशावादी और मूर्ख होना चाहूँगा।

ज़िन्दगी साइकिल चलाने की तरह है। अपना बैलेंस बनाए रखने के लिए आपको चलते रहना होता है।

विपरीत दिशा में जाने के लिए थोड़ी सी प्रतिभा और बहुत सारे साहस की जरूरत होती है।

महान आत्माओं ने हमेशा मामूली सोच वाले लोगों के हिंसक विरोध का सामना किया है।

प्रकृति में गहराई से देखो, तब तुम हर एक चीज बेहतर ढंग से समझ पाओगे।

दुनिया के बारे में सबसे ज्यादा जो बात समझ से बाहर है वो ये है कि इसे समझा जा सकता है।

ज़िन्दगी जीने के केवल दो ही तरीके हैं। एक ऐसे कि मानो कुछ भी चमत्कार ना हो और दूसरा ऐसे कि मानो सब कुछ एक चमत्कार हो।

हम समस्याओं को उसी तरह की सोच इस्तेमाल कर के नहीं सुलझा सकते, जिसका प्रयोग हमने समस्या पैदा करते वक़्त किया था।

एक ऐसा समय आता है जब दिमाग ज्ञान के उच्च स्तर पर पहुँच जाता है, लेकिन कभी साबित नहीं कर पाता कि वहां वह कैसे पहुंचा।

Albert Einstein Quotes in Hindi

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Albert Einstein Quotes in Hindi के माध्यम से आप अल्बर्ट आइंस्टीन के कुछ अन्य बेस्ट कोट्स को भी पढ़ पाएंगे। अल्बर्ट आइंस्टीन के कुछ अन्य बेस्ट कोट्स निम्नवत हैं-

albert einstein essay in hindi

शांति ताकत से कायम नहीं रखी जा सकती है। यह केवल समझ से प्राप्त की जा सकती है।

दो चीजें अनंत हैं – ब्रह्माण्ड और मनुष्य की मूर्खता। और मैं ब्रह्माण्ड के बारे में दृढ़ता से नहीं कह सकता।

कुछ लोग ही ऐसे होते हैं जो अपनी आँखों से देखते हैं और अपने दिल से महसूस करते हैं।

किसी इंसान का मूल्य इससे देखा जाना चाहिए कि वो क्या दे सकता है। इससे नहीं कि वो क्या ले पा रहा है।

कभी-कभी लोग उन चीजों के लिए सबसे अधिक मूल्य चुकाते हैं जो मुफ्त में मिल जाती हैं।

कोई भी व्यक्ति जो बहुत अधिक पढ़ता है, और अपने खुद के दिमाग का बहुत कम उपयोग करता है, वह सोचने की आलसी आदत में फंस जाता है।

अगर मेरे पास किसी समस्या को हल करने के लिए 1 घंटा हो, तो मैं 55 मिनट समस्या के बारे में सोचने और 5 मिनट उसको हल करने में लगाऊंगा।

अगर तुम इसे आसानी से समझा नहीं सकते हो तो इसका मतलब तुमने इसे अच्छी तरह से समझा नहीं है।

 कल्पना ज्ञान से ज्यादा महत्वपूर्ण है।

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Albert Einstein Quotes in Hindi के इस ब्लॉग में आपको Albert Einstein Quotes in English पढ़ने का अवसर मिल जाएगा, Albert Einstein Quotes in English कुछ इस प्रकार हैं-

Information is not knowledge.

Albert Einstein Quotes in Hindi

In the middle of difficulty lies opportunity.

You never fail until you stop trying.

Education is what remains after one has forgotten what one has learned in school.

Any man who reads too much and uses his own brain too little falls into lazy habits of thinking.

Learn from yesterday, live for today, hope for tomorrow. The important thing is not to stop questioning.

A true genius admits that he/she knows nothing.

All religions, arts and sciences are branches of the same tree.

The only source of knowledge is experience.

Try not to become a man of success, but rather try to become a man of value.

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आशा है कि Albert Einstein Quotes in Hindi के माध्यम से आपको अल्बर्ट आइंस्टीन के विचार युवाओं को प्रेरित करने का सफल प्रयास करेंगे। आशा है कि यह ब्लॉग आपको जानकारी से भरपूर लगा होगा। इसी प्रकार के कोट्स पढ़ने के लिए हमारी वेबसाइट Leverage Edu के साथ बने रहें।

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मयंक विश्नोई

जन्मभूमि: देवभूमि उत्तराखंड। पहचान: भारतीय लेखक । प्रकाश परिवर्तन का, संस्कार समर्पण का। -✍🏻मयंक विश्नोई

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अल्बर्ट आइंस्टीन पर निबंध

Essay on Albert Einstein in Hindi : अल्बर्ट आइंस्टाइन ने कई वैज्ञानिक, गणितज्ञ सूत्रों की खोज की थी। इनकी खोज के बारे में आज हम अपनी पढ़ाई में कभी ना कभी किसी कक्षा में जरूर पढ़ते हैं। हम यहां पर अल्बर्ट आइंस्टीन पर निबंध शेयर कर रहे है। इस निबंध में अल्बर्ट आइंस्टीन के संदर्भित सभी माहिति को आपके साथ शेअर किया गया है। यह निबंध सभी कक्षाओं के विद्यार्थियों के लिए मददगार है।

 Essay on albert Einstein in hindi

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अल्बर्ट आइंस्टीन पर निबंध | Essay on Albert Einstein in Hindi

अल्बर्ट आइंस्टाइन पर निबंध (250 शब्द).

दुनिया के बड़े वैज्ञानिकों में से एक अल्बर्ट आइंस्टाइन एक भौतिकवादी थे। इन्होंने द्रव्यमान और समीकरण के सूत्र बनाए थे। यह पूरे विश्व भर में सबसे मुख्य समीकरण के लिए प्रसिद्ध है। अल्बर्ट ने ऊर्जा के समीकरण का सूत्र E= MC Square का निर्माण किया था। उन्होंने अपने जीवन में बहुत सारे अविष्कार भी किये।

इनका जन्म 14 मार्च 1879 को जर्मनी में हुआ था। इनका मुख्य धर्म इसराइल था। इनके पिताजी एक इंजीनियर थे और इनकी मुख्य भाषा जर्मनी थी। इन्होंने इटालियन और अंग्रेजी भाषा का भी ज्ञान प्राप्त किया।अल्बर्ट आइंस्टाइन ने अपने मां से सारंगी बजाना सीखा था, परंतु कुछ समय पश्चात ही सारंगी बजाना छोड़ दिया। वह अपनी 8 साल की कम उम्र में लुईटपोल्ड जिम्नेशियम में चले गए थे।

अल्बर्ट आइंस्टाइन ने अमोनिया, पानी और ब्यूटेन का उपयोग करके रेफ्रिजरेटर की खोज की थी। इस खोज में उनको ज्यादा समय नहीं लगा था।आसमान नीला क्यों दिखाई देता है? उन्होंने इसकी भी खोज की, उन्होंने बताया कि, प्रकाश के प्रकरण के कारण आसमान नीला दिखाई देता है।

इन्होंने अपने जीवन में बहुत से अविष्कार किए, जिसके लिए इनको कई पुरस्कारों से सम्मानित किया गया था। 1921 में सबसे पहले भौतिकी का नोबेल पुरस्कार, 1925 में कोपले मेडल और 1929 में मैक्स प्लांक मेडल इत्यादि से सम्मानित किया गया था।

अल्बर्ट आइंस्टाइन पर निबंध (800 शब्द)

आइंस्टाइन का नाम विज्ञान के क्षेत्र में बहुत ही प्रसिद्ध है। उन्होंने बहुत से अविष्कार किए प्रकाश का विद्युत प्रभाव नियम की खोज के लिए उन्हें नोबेल पुरस्कार से सम्मानित भी किया गया।

अल्बर्ट आइंस्टाइन जन्म एवं शिक्षा

उनका जन्म 14 मार्च 1879 को जर्मन शहर के यहूदी परिवार में हुआ था। उनकी प्रारंभिक शिक्षा जर्मनी में ही हुई। इन्हें जर्मनी के अलावा इटालियन और अंग्रेजी भाषा का भी ज्ञान प्राप्त था। यह पढ़ाई में शुरू से ही बहुत ही निपुण थे। बचपन से ही नई नई खोज करने की जिज्ञासा इनके मन में जगती रहती थी।

अल्बर्ट आइंस्टाइन की एक साथ कई उपलब्धियों का स्वर्णिम वर्ष 1905

अल्बर्ट आइंस्टाइन 20 वी सदी के ही नहीं बल्कि अब तक के सारे इतिहास के सबसे बड़े वैज्ञानिक माने गए हैं। 1905 में उन्हें कई उपलब्धियों का वर्णन प्राप्त हुआ। जैसे सर्व प्रसिद्ध सूत्र E=mc की खोज की यह खोज विशेषकर प्रकाश के वैद्य अधिक प्रभाव के नियमों से संबंधित है।

उसी वर्ष 30 जून को गतिशील पिंडों की विद्युत गत्यात्मक के बारे में भी अध्ययन किया था। उसी वर्ष 20 जुलाई को हार्दिक आयाम का एक नया निर्धारण किया था। उस समय 26 साल की उम्र में 15 जनवरी 1906 को उन्हें डॉक्टर की उपाधि भी मिल गई।

अल्बर्ट आइंस्टाइन का सापेक्षता सिद्धांत

सापेक्षता सिद्धांत से अल्बर्ट आइंस्टाइन को नई पहचान मिली और उनको इस सिद्धांत ने अमर बना दिया। उन्होंने गति के रूप का अध्ययन किया और बताया कि यह एक सापेक्ष अवस्था है।

आइंस्टीन के हिसाब से ब्रह्मांड में कोई  प्रमाण नहीं है, जिसके द्वारा मनुष्य पृथ्वी के निरपेक्ष गति या किसी प्रणाली का निश्चय कर सकें। गति का जो भी अनुमान होता है, वह हमेशा किसी दूसरी वस्तु को संदर्भ बनाकर स्थिति परिवर्तन करता है। 1907 में प्रतिपादित उनके इस सिद्धांत को सापेक्षता का विशिष्ट सिद्धांत कहा जाने लगा।

गुरुत्वाकर्षण के प्रभाव

इस छोटे से विचार के बाद कई वर्षों के बाद गणितीय समीकरणों के आधार पर 1916 में आइंस्टाइन ने एक नई थ्योरी दी। उन्होंने बताया कि ब्रह्मांड में किसी वस्तु को खींचने वाला जो, गुरुत्वाकर्षण प्रभाव देखा जाता है। उसका यह कारण है कि हर वस्तु अपने द्रव्यमान और आकार के अनुसार अपने आसपास के स्पेस टाइम के हिसाब से उसमें बदलाव होता है।

हिटलर की तानाशाही

1932 में जब आइंस्टाइन अमेरिका चले गए, तब 1933 में जर्मनी में हिटलर की तानाशाही शुरू हो गई थी। उस समय जर्मन राज्य के शत्रुओं की एक सूची बनाई गई। जिसमें उस व्यक्ति को $5000 का पुरस्कार देने की घोषणा की गई जो आइंस्टीन की हत्या करता।

आइंस्टाइन तब अमेरिका में रह रहे थे। वहां पर गुरुत्वाकर्षण और सापेक्षता सिद्धांत के नियमों तथा विद्युत चुंबक के नियमों के बीच तालमेल बैठाने में व्यस्त थे। वह किसी भी तरह से ब्रह्म सूत्र जैसे एक गणितज्ञ समीकरण पर पहुंचना चाहते थे, जो दोनों को एक सूत्र में पिरोए हुए ब्रह्मांड की सभी शक्तियों और अवस्थाओं की व्याख्या करने का मूल आधार बने।

ब्रह्मसूत्र की खोज

समग्र क्षेत्र सिद्धांत वाला ब्रह्म सूत्र खोजने का काम अल्बर्ट ने 1930 मैं बर्लिन में ही शुरू कर दिया था। उस समय उन्होंने 8 पेज का एक लेख भी लिखा था, जिसे उन्होंने कभी प्रकाशित नहीं किया। परंतु इस लेख के अब तक 7 पृष्ठ मिल चुके हैं, आठवां कुछ ही समय पहले मिला है।

पुत्र के नाम पत्र

आइंस्टीन की पहली पत्नी मिलेवा मारीच सर्बिया की थी। दोनों जब बर्न मैं अपनी पढ़ाई कर रहे थे, तब एक दूसरे से मिले थे। उनके दो पुत्र थे, हांस अल्बर्ट और एदुआर्ड।

पुत्र हंस अल्बर्ट के नाम पत्र में जर्मन भाषा में आइंस्टीन ने लिखा था “11 जनवरी 1935 में गणित रूपी राक्षस के पंजे में इस बुरी तरह जकड़ा हुआ हूं कि किसी को निजी चिट्ठी नहीं लिख पाता। मैं ठीक हूं । दुनिया से विमुख होकर काम में व्यस्त रहता हूं। निकट भविष्य में मैं यूरोप जाने की नहीं सोच रहा क्योंकि मैं वहां वह सकने वाली परेशानियों को झेलने के लिए सक्षम नहीं हूं”

निशस्त्रीकरण का आह्वान

इसी तरह से अपने अंतिम दिनों में आइंस्टाइन ने 10 अन्य बहुत प्रसिद्ध वैज्ञानिकों के साथ मिलकर 11 अप्रैल 1955 को रसेल आइंस्टीन मेनिफेस्टो कहलाने वाले एक अहान पर हस्ताक्षर किए। दो ही दिन बाद जब इसराइल के स्वतंत्रता दिवस के उपलक्ष में भाषण लिख रहे थे तब उनका स्वास्थ्य बिगड़ गया। 15 अप्रैल को उन्हें प्रिंसटन के अस्पताल में भर्ती किया गया। 18 अप्रैल को क्षेत्र वर्ष की अवस्था में उनकी मृत्यु हो गई।

आइंस्टाइन का दिमाग निकाला गया

जर्मन मूल के अमेरिकी वैज्ञानिक अल्बर्ट आइंस्टाइन सीनियर थे। जब उनकी मृत्यु हुई उसके पश्चात आइंस्टाइन का दिमाग वैज्ञानिकों के लिए शोध का विषय बन गया था। उन्होंने सोचा आइंस्टाइन के दिमाग में आखिर ऐसा क्या था? जिसकी वजह से उन्होंने इतनी असाधारण खोज की।

कुछ समय पहले ही पता चला किउनके दिमाग का हिस्सा और औसत इंसान के मुकाबले में आश्चर्यजनक रूप से अलग था। याद रखने की शक्ति, कार्य योजना बनाना, चिंता और तनाव, भविष्य की योजनाएं बनाना, कल्पना करना, आदि कार्यों के लिए दिमाग का हिस्सा जिम्मेदार होता है। उनका यह भाग और साधारण और अजीबोगरीब ढंग से निर्मित और विकसित था। आइंस्टाइन का दिमाग एप्स संयोजन के लिहाज से बहुत अधिक जटिल था।

कहां है? अल्बर्ट आइंस्टाइन का दिमाग

अल्बर्ट का दिमाग 40 टुकड़ों के रूप में अमेरिका के संग्रहालय में रखा गया है। यह दिमाग के काफी पतले टुकड़े मूल रूप से डॉक्टर थॉमस हार्वे के पास सुरक्षित थे। जिन्होंने वर्ष 1955 में महान वैज्ञानिक के निधन के बाद उनका पोस्टमार्टम किया था। उन्होंने इन टुकड़ों को जांच के बाद नहीं लौट आया। उसे म्यूजियम में रख दिया, वहां जार में रखें आइंस्टीन के दिमाग को लोग आज भी देख सकते हैं।

अल्बर्ट आइंस्टाइन एक महान वैज्ञानिक ही नहीं थे, अपितु एक महामानव भी थे। उनका जीवन एक वैज्ञानिक रूप में ही नहीं सभी रूप में लोगों के लिए प्रेरणा का स्रोत भी बना। उन्होंने अपने कई अविष्कार से लोगों को पढ़ाई के नए साधन दिए।

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Essay on Albert Einstein in Hindi - अल्बर्ट आइंस्टीन पर निबन्ध

dramatalk.in अल्बर्ट आइंस्टीन पर निबन्ध: Essay on Albert Einstein 500 words in Hindi आइंस्टीन का बचपन, शिक्षा, शुरुआती जीवन, शादी, बच्चे, नोबेल प्राइज

Hello सर स्वागत है आपका आज की इस निबंध  (Essay) की जानकारी में, सर आज हम यहाँ इस पृष्ठ पर Albert Einstein पर निबंध जानने वाले है.

अल्बर्ट आइंस्टीन एक महान गणितज्ञ और भौतिक विज्ञानी थे. उन्हें उन तमाम महान वैज्ञानिकों में से एक माना जाता है जिन्होंने विज्ञान की दुनिया में बड़े-बड़े करिश्मे किए है.

अल्बर्ट आइंस्टीन भावुकता, प्रतिबद्धता और जातिवाद के विरोधी थे. उन्होंने अपने जीवनकाल में लगभग 300 से भी ज्यादा वैज्ञानिक शोधों और पत्रों को प्रचलित किया है.

अल्बर्ट आइंस्टीन पर निबन्ध - Essay on Albert Einstein in Hindi

अल्बर्ट आइंस्टीन पर निबन्ध | Essay on Albert Einstein in 500 words in Hindi

दुनिया के सबसे प्रसिद्ध वैज्ञानिक Albert Einstein को खासकर प्रकाश विद्युत प्रभाव, द्रव्यमान-ऊर्जा समीकरण E = mc² , ब्राउनियन गति का सिद्धांत, ईपीआर विरोधाभास, एनसेंबल व्याख्या, गुरुत्वीय तरंग आदि के लिए जाना जाता है. अल्बर्ट आइंस्टीन ने अपने पूरे जीवन में बहुत से लेख और किताबों का प्रकाशन किया है. उन्हें ज्यादातर "Bose Einstein" के नाम से संबोधित किया जाता था. उनकी स्थानीय मातृभाषा जर्मन थी जिसमें उन्होंने अपनी शुरुआती वैज्ञानिक तथ्यों का मूल्यांकन किया था. बाद में उन्होंने धीरे-धीरे इतालवी भाषा और अंग्रेजी का ज्ञान अर्जित किया था.

अल्बर्ट आइंस्टीन का बचपन, शिक्षा और शुरुआती जीवन

Albert Einstein का जन्म 14 March 1879 को उल्म, वुर्ट्टनबर्ग, जर्मनी में हुआ था. आइंस्टीन यहूदी परिवार में जन्मे थे उनके पिता का नाम हेर्मन्न आइंस्टीन था और Mother का name पौलिन कोच आइंस्टीन था. उनके पिता इंजीनियर और सेल्समैन की जाॅब करते थे. उनका परिवार पहले उल्म, वुर्ट्टनबर्ग में ही रहता था लेकिन कुछ साल वहां रहने के बाद वह सन 1880 में उनके चाचा के पास म्यूनिख चले गए थे.

अल्बर्ट आइंस्टीन ने पांच वर्ष की आयु में अपनी प्रारंभिक पढ़ाई 3 वर्ष तक "कैथोलिक प्राथमिक विद्यालय म्यूनिख" में करी थी. अल्बर्ट आइंस्टीन के पिता उन्हें एक इंजीनियर बनाना चाहते थे. उन्हें शुरू में काफी मुश्किलों का शामना करना पड़ा था क्योंकि वह बचपन में गणित विषय के बहुत ही कमजोर विद्यार्थी थे. बाकी सब विषय में तो उन्हें समझ आता था लेकिन गणित ही एक ऐसा विषय था जो उन्हें समझ ही नहीं आता था. इससे उन्हें स्कूल में उनके अध्यापक बहुत डांटते थे.

1880 में अल्बर्ट आइंस्टीन के चाचा और उनके पिता हरमन ने "Elektrotechnische Fabrik J. Einstein & Cie" कंपनी बनाई थी. जो मुख्य रूप से बिजली उपकरण बनाने का कार्य करती थी. अल्बर्ट आइंस्टीन भी उस कंपनी में पिता और चाचा की मदद करते थे सब कुछ ठीक ही चल रहा था लेकिन कुछ सालों बाद 1894 में किसी कारण से वे उनकी कंपनी में बिजली उपकरण के लिए प्रबंधन नहीं कर सके जिसके कारण उन्हें उस कंपनी को बेचना पड़ा और एक बहुत बड़ा खामियाजा भुगतना पड़ा था.

कंपनी बेचने के बाद Albert Einstein की पूरी Family व्यवसाय की तलाश में इटली के पाविया शहर चली गई थी. लेकिन Einstein अपने बाकी की पढ़ाई कम्प्लिट करने के लिए म्यूनिख शहर में ही रूके हुए थे. कुछ दिनों बाद 1894 के अंत में वह अपनी फैमली से मिलने के लिए पाविया शहर गये थे. उसके बाद उन्होंने उन्होंने 16 वर्ष की आयु में "ज़्यूरिख स्विस फ़ेडरल पॉलिटेक्निक स्कूल" में होचचुले और ईटीएच की प्रवेश परीक्षा दी थी. जिसमें वह ज्यादा सफल नहीं हो पाये थे.

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Albert Einstein विवाह (marriage) और बच्चे (Children)

अल्बर्ट आइंस्टीन की Wife का नाम मिलेवा मेरिक है. उनकी शादी सन 1903 को स्विट्जरलैंड में हुई थी. 1896 में जब स्विट्जरलैंड में आइंस्टीन अपनी स्नातक की पढ़ाई पूरी कर रहे थे तब वह प्रोफेसर जोस्ट विंटेलर की family के साथ रहते थे इस दौरान उन्हें वही पर जोस्ट विंटेलर की बेटी मेरिक से प्रेम हो गया था और वह उस समय से ही मेरिक से सच्चा प्रेम करने लगे थे.

अल्बर्ट आइंस्टीन की पत्नी मेरिक ने गणित में डिप्लोमा किया था जिसमें वह भौतिक में छह छात्रों में से प्रमुख थी. आइंस्टीन और मेरिक ने एक साथ ही भौतिकी की किताबों को पढ़ा था. 

सन 1900 में अल्बर्ट आइंस्टीन ने फिजिक्स सब्जेक्ट में डिप्लोमा हासिल किया था. मेरिक के दो पुत्र थे हंस अल्बर्ट आइंस्टीन और एडुअर्ड. हंस अल्बर्ट का जन्म 1904 को बर्न में हुआ और दुसरे बेटे एडुअर्ड का जन्म 1910 को ज़्यूरिख़ में हुआ था.

आइंस्टीन ने 14 फरवरी 1919 को मेरिक को तलाक दे दिया क्योंकि उनको 'एल्सा लोवेनथल' से प्यार हो गया था वह एल्सा के प्रति आकर्षित हो गए थे. 1919 में आइंस्टीन ने एल्सा लोवेनथल से विवाह किया था. लेकिन 1935 में एलसा को हृदय समस्या की problem होने की वजह से 1936 में उनकी मृत्यु हो गई थी.

1923 में अल्बर्ट आइंस्टीन ने बेट्टी न्यूमैन  नाम की एक सचिव से प्यार किया था जो उनके प्रिय मित्र हंस मुशाम की भतीजी थी. ऐसे ही अल्बर्ट आइंस्टीन ने अपने जीवन में लगभग 6 पत्नीयां होने का जिक्र किया है. जिसमें मार्गरेट लेबाच, टोनी मेंडल, एस्टेला काटजेनबेलोजेन, मार्गरिटा कोन्नेकोवा आदि शामिल है. 

अल्बर्ट आइंस्टीन के आविष्कार

सामान्य सापेक्षता: अल्बर्ट आइंस्टीन ने सामान्य सापेक्षता का आविष्कार 1907 में शुरू किया था जो 1915 में प्रकाशित हुआ था. उसमें गुरुत्वाकर्षण के विकसित होने के सिद्धांत दिए गए थे. जिसमें किसी चीज को ऊपर फेंकने पर वापस वह वस्तु नीचे गिरती है जो गुरुत्वाकर्षण कहलाता है और उसमें ऐसी मान्यता छपी हुई है.

प्रकाश विद्युत प्रभाव: आइंस्टीन ने प्रकाश विद्युत प्रभाव की सफल खोज 1905 में करी थी. उन्होंने मैक्स प्लांक सिद्धांत के माध्यम प्रकाश विद्युत प्रभाव को बहुत सरल और सटीक व्याख्या में समझया है. जिसमें प्रकाश ऊर्जा पैकटों में छोटे-छोटे के रूप में चलती है.

विशेष सापेक्षता: आइंस्टीन ने विशेष सापेक्षता की संरचना 1905 में पेश करी थी. आइंस्टीन विशेष सापेक्षता के तथ्यों दो अवधारणाओं में प्रकाशित किया हुआ है.

अल्बर्ट आइंस्टीन अन्य आविष्कार:

  • द्रव्यमान-ऊर्जा तुल्यता ई = एमसी 2
  • ब्रह्माण्ड संबंधी स्थिरांक
  • बोस-आइंस्टीन कंडेनसेट
  • आइंस्टीन क्षेत्र समीकरण
  • ब्राउनियन गति का सिद्धांत
  • बोस-आइंस्टीन सांख्यिकी
  • गुरुत्वीय तरंग
  • ईपीआर विरोधाभास
  • एकीकृत क्षेत्र सिद्धांत
  • एनसेंबल व्याख्या आदि.

अल्बर्ट आइंस्टीन नोबेल प्राइज

Albert Einstein ने अपनी जीवन में कई नोबेल प्राइज Award अपने नाम किए है. उन्हें अपना पहला award मत्तयूक्की मैडल सन 1921 में मिला था उसके बाद इन्हें फिर से 1921 में ही नोबेल पुरस्कार द्वारा सम्मानित किया गया था. 1925 में उन्हें कोपले मैडल से नवाजा था. उसके अलावा 1929 में मैक्स प्लांक मैडल और 1999 में शताब्दी टाइम पर्सन पुरस्कार मिला था.

अल्बर्ट आइंस्टीन के अनमोल विचार

1. अल्बर्ट आइंस्टीन का मानना है दो चीजे हमेशा अनंत होती है जिसमें पहला तो ब्राह्मण और दूसरी मनुष्य की मूर्खता.

2. उनका यह भी कहना है कि किसी व्यक्ति को किसी समस्या से हार नहीं माननी चाहिए और उसे उस लक्ष्य की प्राप्ति के लिए निरंतर प्रयास करते रहना चाहिए.

3. हमारे जीवन हर चीज गिनी जाती है वह हमारे लिए कोई मायना नहीं रखती है और जो गिनी नहीं जाती वह हमारे जीवन के लिए बहुत ही बहुमूल्य और मायने रखती है.

4. हमारा जीवन एक मोटर वाहन की तरह है इस पर बैलेन्स बनाए रखने के लिए हमें निरंतर चलते रहना चाहिए.

5. आप अपने जीवन, करियर में तक तक फैल नहीं होते है जब आप प्रयास करना छोड़ नहीं देते.

6. किसी भी वस्तु को तुम नजदीक से और गहराई से देखो तभ ही आप उसे बेहतर ढंग से समझ सकते है.

Essay on Albert Einstein FAQ

1.अल्बर्ट आइंस्टाइन का जन्म कहां हुआ था.

14 मार्च 1879 को जर्मन, उल्म, वुर्ट्टनबर्ग में हुआ था.

2. आइंस्टीन को नोबेल पुरस्कार कब मिला.

अल्बर्ट आइंस्टाइन को नोबेल पुरस्कार 1921 में मिला था.

3. अल्बर्ट आइंस्टीन की मृत्यु कब और कैसे हुई.

आइंस्टीन की मृत्यु 18 अप्रैल 1955 को पेट मे दर्द होने की वजह से हुई थी.

तो सर यह था आज का निबंध Essay on Albert Einstein in Hindi अल्बर्ट आइंस्टीन पर निबन्ध,  जिसमें हमने जाना Essay on Albert Einstein in 500 words in Hindi तो आपको यह लेख, निबंध कैसा लगा हमें कमेंट करके जरूर बताएँ और हां इस जानकारी को ज्यादा से ज्यादा शेयर करें ताकि मैं आपके लिए ऐसी ही motivational और Informational जानकारी लाता रहूँ.

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Albert Einstein was a Theoretical Physicist of German origin. He is the one who developed a pillar of modern Physics, the Theory of Relativity. Be it his mass-energy equivalence formula or his law of photoelectric effect, the theories he postulated changed the history of science forever. His works are still studied in standard institutions of learning throughout the world.

About Albert Einstein

Albert Einstein was born on 14th March 1879 in Ulm in the Kingdom of Wurttemberg in the German empire. His father's name was Herman Einstein and his mother's name was Pauline Koch. His father worked as a salesman and as an engineer. In 1880, his father along with his family moved to Munich. His father and his uncle founded Elektrotechnische Fabrik J. Einstein & Cie. It is a company that manufactures electrical equipment based on direct current.

After birth, Albert Einstein's head was much larger than his body and he was born as a deformed abnormal child. Usually, children start speaking at the age of 2, but Albert Einstein started speaking after 4 years of age. When Einstein was 5 years old, his father gifted him with a magnetic compass on his birthday. The needle of the compass used to be in the North Direction, and seeing this, he became very fascinated and developed an interest to explore science well.

His Childhood

Albert Einstein was born on 14th March 1879, in Ulm, where his family ran a small shop. He had two siblings, an elder sister named Maja and a younger brother named Hans Albert. The Einsteins were non-observant Jews and moved to Munich when Albert was one year old. His parents wanted him to become a businessman, but he showed scientific inclinations from his childhood days. From 1890, the family resided in Milan where Einstein underwent Technical High School education. Since his father had relocated to Italy for work purposes, Albert Einstein decided not to move with his family to Berlin after matriculating from the Zurich Polytechnic in 1896.

He had problems with authority and left his academic institutions without a degree on several occasions. He started working as a patent clerk at the Swiss Patent Office in 1902, where he spent most of his time on theoretical physics. In 1905, he published four papers that revolutionized Physics. They were on (I) Brownian motion, (ii) photoelectric effect, (iii) special relativity and (iv) equivalence of mass and energy, which is famously known as the E=mc 2 equation. He worked on unified field Theory for more than ten years but was unable to complete it.

At the age of 5, he joined the Catholic Elementary School in Munich. After that, he enrolled in Luitpold Gymnasium, where he received his primary and secondary school education. When Albert Einstein was 15 years old, his father wanted him to do electrical engineering but Einstein used to fight with the authority of his school, about their way of teaching. He believed that due to so many strict rules and regulations in the school, the creative mind of children was lost and they only knew the strict rote learning. Einstein was thrown out of school too many times due to this behavior of his. He used to fight with his teachers, he also raised questions about their way of teaching.

At the age of 12, Einstein started learning Calculus on his own, and when he became 14 years old, he mastered Integral and Differential Calculus. Einstein got married in 1903 to Marci. In 1904 his son named Hans Albert Einstein was born, and in 1910 his second son Eduard was born.

Contribution Towards Science

Albert received a patent officer job at the Federal Office for Intellectual Property in Bern, Switzerland, at the age of 23, after completing college. While working there, he completed his Ph.D., after which he became a professor at the University of Zurich. During this period he gave the theory of mass-energy (E = mc 2 ). The atomic bombs dropped in Japan were built on this principle. However, throughout his life, Albert Einstein was against the atomic bomb dropped on Japan. He then gave a new theory of relativity, falsifying the old rules of relativity given by Isaac Newton, which proved that time and light are not constant. If traveling at the speed of light, i.e. 300000 km, it will be slow, and millions of years have passed on Earth. That is, he proved that time travel can be done. However, till date scientists have not been able to build a spaceship that can travel at the speed of light. 

In 1977, NASA conducted an experiment to prove this theory in which they set the clock in a satellite and were left to orbit the Earth. After a few years, when the satellite's clock was checked, it was much slower than the Earth's clock. In this theory of quantum physics, Indian scientist Satyendra Nath Bose wrote a letter from India to Albert Einstein in which he said that Newton's relativity theory is wrong. Albert Einstein then agreed to the letter of Satyendra Nath Bose, and he published that paper and later gave a new theory of relativity. Albert Einstein made many other inventions with this theory. 

He received the Nobel Prize in Physics in 1981 for his photoelectric effect. In 1933, Hitler killed millions of people in Germany, and at the same time, Albert Einstein was changing the whole world with science. He went to America from Europe forever, taking the citizenship there because Hitler placed a reward of \[$\]5000 on Albert Einstein's head and burned all his research books.

Moving to the United States

During World War-I, he was invited to join the Bureau of Standards in Washington before accepting its offer officially. He moved to the United States of America with his family in April 1933 after Hitler's rise to power.

He advised breaking up Bell Labs and nationalizing the electricity supply industry, worked on defense projects during World War II, and became a citizen of the United States in 1940.

In 1951, he was awarded the Nobel Prize in Physics "for his services to Theoretical Physics, and especially for his discovery of the law of the photoelectric effect."

Albert Einstein died on 18th April 1955 at Princeton Hospital, New Jersey. He was 76 years old.

Death and Awards

On 17th April 1955, Einstein underwent internal bleeding in the Lower Abdominal, and he was taken to a hospital where the doctor asked him to undergo a surgery. Albert Einstein refused to undergo the surgery, and said that he would go when he wanted, and that it is tasteless to prolong life artificially. He told me that he would like to die like that. Later research was done on Albert Einstein's brain and it was found that the parts of Einstein's brain that were for mathematical calculus had developed 15% more as compared to the brains of normal people.

The whole world celebrates Albert Einstein's birthday on 14th March as World Genius Day. He had published more than 300 research papers on science in his life and had contributed to the advancement of science. This is the reason that Times magazine has awarded Albert Einstein the title of Person of the Century. Einstein received numerous awards and honors, and in 1922, he was awarded the Nobel Prize in Physics "for his services to theoretical physics, and especially for his discovery of the law of the photoelectric effect".

Conclusion  

Albert Einstein was one of the best scientists, mathematicians, and physicists of the 20th century. In the early twentieth century, Albert Einstein formulated theories that changed the thinking of physicists and non-specialists alike. He will always be remembered for his law of photoelectric effect and mass-energy equivalence formula. His body of work is studied in universities across the world to this day. He is a famous and known name in the world of Physics, he also achieved a lot, and was awarded the Nobel Prize for his commendable research and accomplishments.

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FAQs on Albert Einstein Essay

1. Why did Albert Einstein Have No Social Life?

Albert Einstein was a very intelligent person. He had no time for a social life because he was always busy with his research and work. Albert Einstein had more than 40 publications to his credit. His life and work were on research and inventions. His life revolved around his work and family. The work-life of Albert Einstein is an inspiration to all the people who are working day and night to achieve something great in their lives. One of the best scientists, mathematicians and physicists of the 20th century was none other than Albert Einstein. His achievement includes the most discussed formula in his name- the mass-energy equivalence equation. He was known for the impact he made on the world of physics and also for the awards and honors he received in his lifetime.

2. What Was the Theory of Relativity by Albert Einstein?

The theory of relativity is the scientific theory developed by Albert Einstein between 1905 and 1915. It is a theory of gravity and space-time. The theory revolutionized physics by proposing that the laws of physics are the same for all inertial frames of reference. That is, the laws of physics are the same whether an observer is stationary or in motion. The theory also proposed that the speed of light is a constant for all observers, regardless of their relative motion. This was a radical departure from classical mechanics and Newton's view of the universe. His theory is the basis for many features of our modern life and is used in daily applications. You can learn more about the theory of relativity in any good physics textbook.

3. What Did Albert Einstein Do for Science?

Albert Einstein was a German theoretical physicist who developed the theory of general relativity, effecting a revolution in physics. He is best known in popular culture for his mass-energy equivalence formula E = mc 2 (which has been dubbed "the world's most famous equation"). He received the 1921 Nobel Prize in Physics "for his services to theoretical physics, and especially for his discovery of the law of the photoelectric effect". This makes Einstein the only physicist to win twice. He is also known for his other great works, such as the world's smallest unit of time and explaining the Brownian motion of particles. His life's work has had a great impact on the modern world and the way we see things.

4. What Awards Did Albert Einstein Receive in His Lifetime?

Albert Einstein was one of the most genius scientists of all time. He is known for his great works in Physics. He also received a lot of awards in his lifetime. Albert Einstein won the Nobel Prize in 1921 for physics "for his services to theoretical physics, and especially for his discovery of the law of the photoelectric effect". He is the only physicist to have been awarded a Nobel Prize twice. In 1921, he received the Nobel Prize in physics. In his acceptance lecture, titled "The Field Theory of Matter", he provided what is now viewed as a foundation for relativistic quantum field theory. Einstein was voted number 3 in BBC's poll of the 100 Greatest Britons.

5. Why Was Einstein Thought of as a Genius?

Albert Einstein was a brilliant and intelligent man. He changed the world because of his scientific ideas and theories. He is known for the mass-energy equivalence formula (E=mc 2 ); he came up with it in 1905; before coming to this theory, he did not have any notable publications. However, by the end of this year, he had already submitted two articles to Annalen der Physik. One of these was on the photoelectric effect, while the other was on "A new determination of molecular dimensions". Albert Einstein is considered a genius because he looked at things in an entirely different way than anyone else did before him. He also had wonderful ideas about space and time that changed the way we think about those things.

6. What Were the Names of Albert Einstein’s Father and Mother?

Albert Einstein was born on 14th March 1879 in Ulm in the Kingdom of  Wurttemberg in the German empire. His father’s name was Herman Einstein and His Mother’s name was Pauline Koch.

7. How Albert Einstein Was Different from Normal Kids?

After birth, Albert Einstein's head was much larger than his body and he was born as a deformed abnormal child. Usually, children start speaking at the age of 2, but in the case of Albert Einstein, he started speaking after 4 years of age. At the age of 12, Einstein learning Calculus and when he became 14 years old he had mastered Integral and Differential Calculus which is obviously not normal for any other kid.

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अल्बर्ट आइंस्टीन पर निबंध//essay on Albert Einstein in Hindi

नमस्कार दोस्तों आज के इस आर्टिकल में आप लोगों को बताएंगे अल्बर्ट आइंस्टीन पर निबंध, अल्बर्ट आइंस्टीन पर 10 लाइन हिंदी में, सभी की जानकारी इस आर्टिकल के माध्यम से दी जाएगी। तो इस आर्टिकल को पूरा पढ़े और अपने दोस्तों में ज्यादा से ज्यादा शेयर करें।

Table of contents

10 Lines on Albert Einstein in Hindi | अल्बर्ट आइंस्टीन पर 10 लाइन

1- अल्बर्ट आइंस्टीन का जन्म 14 मार्च 1879 को जर्मनी के एक यहूदी परिवार में हुआ था।

2- अल्बर्ट आइंस्टीन एक सैद्धांतिक भौतिक विज्ञानी थे, जिन्हें व्यापक रूप से अब तक के सबसे महान और सबसे प्रभावशाली भौतिकविदों में से एक माना जाता है।

3- उनके पिता का नाम हरमन आइंस्टीन और माता का नाम पॉलीन कोच था।

4- उनके पिता हरमन आइंस्टीन एक सेल्समैन और इंजीनियर थे।

5- उन्होंने फेडरल पॉलिटेक्निक स्कूल से डिप्लोमा और ज्यूरिख विश्वविद्यालय से पीएचडी की थी।

6- स्कूल के दिनों से ही भौतिकी और गणित अल्बर्ट आइंस्टीन के पसंदीदा विषय थे।

7- अल्बर्ट आइंस्टीन ने ऊर्जा और द्रव्यमान के बीच एक समीकरण प्रमाणित किया. उन्होंने बताया कि ऊर्जा और द्रव्यमान एक ही सिक्के के दो पहलू हैं।

8- 1922 में, उन्हें विशेष रूप से फोटोइलेक्ट्रिक प्रभाव के कानून की खोज के लिए भौतिकी में नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।

9- अपने पूरे जीवन में, अल्बर्ट आइंस्टीन ने 300 से अधिक वैज्ञानिक पत्र और 150 गैर-वैज्ञानिक कार्य प्रकाशित किए थे।

10- अल्बर्ट आइंस्टीन का 18 अप्रैल 1955 को 76 वर्ष की आयु में प्रिंसटन के यूनिवर्सिटी मेडिकल सेंटर में निधन हो गया था।

अल्बर्ट आइंस्टीन जीवनी - Biography of Albert Einstein in Hindi

   

नाम : अल्बर्ट हेर्मन्न आइंस्टीन

जन्म : 14 मार्च 1879 उल्मा (जर्मनी)

पिता : हेर्मन्न आइंस्टीन

माता : पौलिन कोच

पत्नी : पहला मरिअक और दूसरा एलिसा लोवेंन थाल।

आइंसटाइन ने सापेक्षता के विशेष और सामान्य सिद्धांत सहित कई योगदान दिए। उनके अन्य योगदानों में- सापेक्ष ब्रह्मांड, केशिकीय गति, क्रांतिक उपच्छाया, सांख्यिक मैकेनिक्स की समस्याऍ, अणुओं का ब्राउनियन गति, अणुओं की उत्परिवर्त्तन संभाव्यता, एक अणु वाले गैस का क्वांटम सिद्धांतम, कम विकिरण घनत्व वाले प्रकाश के ऊष्मीय गुण, विकिरण के सिद्धांत, एकीक्रीत क्षेत्र सिद्धांत और भौतिकी का ज्यामितीकरण शामिल है।

आरंभिक जीवन  

अल्बर्ट आइंस्टीन का जन्म 14 मार्च 1879 में जर्मनी में वुतटेमबर्ग के यहूदी परिवार में हुआ। उनके पिता हरमन आइंस्टीन एक इंजिनियर और सेल्समन थे जबकि उनकी माता पोलिन आइंस्टीन थी। 1880 में, उनका परिवार म्यूनिख शहर चला गया जहा उनके पिता और चाचा ने Elektrotechnische Fabrik J. Einstein & Co. नामक कंपनी खोली। कंपनी बिजली के उपकरण बनाती थी और इसने म्यूनिख के Oktoberfest मेले में पहली बार रौशनी का इंतजाम भी किया था।

Albert Einstein परिवार यहूदी धार्मिक परम्पराओ को नहीं मानता था और इसीलिए आइंस्टीन कैथोलिक विद्यालय में पढने के लिए गये। लेकिन बाद में 8 साल की उम्र में वे वहा से स्थानांतरित होकर लुइटपोल्ड जिम्नेजियम (जिसे आज अल्बर्ट आइंस्टीन जिम्नेजियम के नाम से जाना जाता है) गये, जहा उन्होंने माध्यमिक और उच्च माध्यमिक शिक्षा ग्रहण की, वे वहा अगले 7 सालो तक रहे, जब तक उन्होंने जर्मनी नहीं छोड़ी।

1895 में इंस्टें ने 16 साल की उम्र में स्विस फ़ेडरल पॉलिटेक्निक, जुरिच की एंट्रेंस परीक्षा दी, जो बाद में Edigenossische Technische Hochschule (ETH) के नाम से जानी जाती थी। भौतिकी और गणित के विषय को छोड़कर बाकी दुसरे विषयो में वे पर्याप्त मार्क्स पाने में असफल हुए। और अंत में पॉलिटेक्निक के प्रधानाध्यापक की सलाह पर वे आर्गोवियन कैनटोनल स्कूल, आरु, स्विट्ज़रलैंड गये। 1895-96 में अपनी उच्च माध्यमिक शिक्षा उन्होंने वही से पूरी की।

अविष्कार :

अल्बर्ट आइंस्टीन ने बहुत से अविष्कार किये जिसके लिए उनका नाम प्रसिद्ध वैज्ञानिको में गिना जाने लगा. उनके कुछ अविष्कार इस प्रकार है -

  प्रकाश की क्वांटम थ्योरी – आइंस्टीन की प्रकाश की क्वांटम थ्योरी में उन्होंने ऊर्जा की छोटी थैली की रचना की जिसे फोटोन कहा जाता है, जिनमें तरंग जैसी विशेषता होती है. उनकी इस थ्योरी में उन्होंने कुछ धातुओं से इलेक्ट्रॉन्स के उत्सर्जन को समझाया. उन्होंने फोटो इलेक्ट्रिक इफ़ेक्ट की रचना की. इस थ्योरी के बाद उन्होंने टेलेविज़न का अविष्कार किया, जोकि द्रश्य को शिल्पविज्ञान के माध्यम से दर्शाया जाता है. आधुनिक समय में बहुत से ऐसे उपकरणों का अविष्कार हो चूका है. E= MC square – आइंस्टीन ने द्रव्यमान और ऊर्जा के बीच एक समीकरण प्रमाणित किया, उसको आज नुक्लेअर ऊर्जा कहते है.

ब्रोव्नियन मूवमेंट – यह अल्बर्ट आइंस्टीन की सबसे बड़ी और सबसे अच्छी ख़ोज कहा जा सकता है, जहाँ उन्होंने परमाणु के निलंबन में जिगज़ैग मूवमेंट का अवलोकन किया, जोकि अणु और परमाणुओं के अस्तित्व के प्रमाण में सहायक है. हम सभी जानते है कि आज के समय में विज्ञान की अधिकतर सभी ब्रांच में मुख्य है. विज्ञान के चमत्कार निबंध यहाँ पढ़ें.

स्पेशल थ्योरी ऑफ़ रिलेटिविटी – अल्बर्ट आइंस्टीन की इस थ्योरी में समय और गति के सम्बन्ध को समझाया है. ब्रम्हांड में प्रकाश की गति को निरंतर और प्रक्रति के नियम के अनुसार बताया है. जनरल थ्योरी ऑफ़ रिलेटिविटी – अल्बर्ट आइंस्टीन ने प्रस्तावित किया कि गुरुत्वाकर्षण स्पेस – टाइम कोंटीनूम में कर्व क्षेत्र है, जोकि द्रव्यमान के होने को बताता है।

रोचक तथ्य  

Albert Einstein एक दिन कही भाषण देने जा रहे थे रास्ते में जाते समय उनके ड्राइवर ने उनसे कहा कि मैं आपका भाषण इतनी बार सुन चुका हूँ कि लोगों के सामने मैं ही आपका भाषण दे सकता हूँ। उसकी बात सुनकर उन्होंने उससे कहा ‘ठीक है आज तुम्हीं मेरी जगह भाषण देना’ Einstein ने ड्राइवर की पोशाक पहन कर उसका स्थान ले लिया और अपना स्थान ड्राइवर को दे दिया। भाषण हॉल में ड्राइवर ने सचमुच, आइंस्टाइन के जैसे ही, धुआँधार भाषण दिया।

भाषण देने के बाद जब लोगों ने प्रश्न पूछने शूरू किए और ड्राइवर पूरे आत्मविश्वास के साथ जवाब भी सही दिए। किन्तु किसी एक ने ऐसा कठिन प्रश्न पूछ लिया कि ड्राइवर को उसका उत्तर नहीं पता था। इस पर ड्राइवर ने कहा, “अरे इस प्रश्न का जवाब तो इतना सरल है कि मेरा ड्राइवर ही आपको बता देगा।” ऐसा कहकर उसने ड्राइवर वाली पोशाक पहने Einstein को जवाब देने के लिए खड़ा कर दिया।

महान वैज्ञानिक अल्बर्ट आइंस्टीन अपने दिमाग में ही शोध का विजुअल प्रयोग कर खाका तैयार कर लेते थे। यह उनके लेबोरेट्री प्रयोग से ज्यादा सटीक होता था। आइंस्टीन को उनके प्रयोग के लिए नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया, लेकिन इसके साथ मिलने वाली राशि पर उनका अधिकार नहीं हो पाया। यह राशि उनके तलाक के दौरान बीवी से सेटलमेंट के दौरान देनी पड़ी। भले ही आइंस्टीन को दुनिया सबसे महान वैज्ञानिक मानें, लेकिन वे बचपन में सीखने और पढ़ने में कमजोर और धीमे थे।

वे यूनिवर्सिटी में दाखिले के लिए पहले एंट्रेन्स एग्ज़ाम में फेल हो गए थे। एक पैथोलॉजिस्ट (रोग विज्ञानी) ने आइंन्स्टीन के शव परीक्षण के दौरान उनका दिमाग चुरा लिया था। उसके बाद वह 20 सालों तक एक जार में बंद रहा। आइंस्टीन अपनी खराब याददाश्त के लिए बदनाम थे। यह सच है कि वे अक्सर तारीखें, नाम और फोन नंबर भूल जाते थे।

जर्मन वैज्ञानिक आइंस्टीन को इज़राईल के राष्ट्रपति पद का प्रस्ताव दिया गया, लेकिन उन्होंने इसे विनम्रतापूर्वक मना कर दिया। इतने बड़े वैज्ञानिक के साथ कोई विवाद न हो, ऐसा हो नहीं सकता। वे 1902 में एक अवैध संतान के पिता बने। 1879 में जन्मे आइंस्टीन की कानूनी रूप से 1909 और 1919 में दो शादियाँ हुईं थीं। आइन्स्टीन समेत डार्विन एलन पोई और सद्दाम हुसैन जैसी हस्तियों ने अपनी पहली शादी कज़िन से की थी।

मृत्यु 

आइंस्टाइन की मृत्यु के बाद उनके परिवार की अनुमति के बिना उनका दिमाग निकाल लिया गया। यह अनैतिक कार्य Dr.Thomas Harvey ने उनके दिमाग पर रिसर्च करने के लिए किया गया। 1975 में उनके बेटे Hans की आज्ञा से उनके दिमाग के 240 सैंपल कई वैज्ञानिकों के पास भेजे जिन्हें देखने के बाद उन्होने पाया कि उन्के दिमाग में आम इन्सान से ज्यादा cells की गिनती हुई।

1-अल्बर्ट आइंस्टीन का दिमाग क्यों था खास?

 उत्तर- वैज्ञानिकों का दावा है कि आज टीम के दिमाग पर अन्य मस्तिक की तुलना में ज्यादा फोल्डर्स धारिया थी संभवतः यही उनकी इंटेलिजेंसी का कारण भी था नोबेल विजेता आइंस्टीन की मृत्यु के बाद 1955 में उनके दिमाग को 240 ब्लॉक्स में विभाजित कर वैज्ञानिकों को शोध के लिए दिया गया था।

2-आइंस्टीन की थ्योरी क्या है?

 उत्तर- आइंस्टीन का सिद्धांत यह है कि काल और अंतरिक्ष टाइम एंड स्पेस में किसी भी भारी पिंड की वजह से जो झूल पड़ जाता है वही गुरुत्वाकर्षण है। वर्षों की मेहनत के बाद जो आंकड़े सामने आए उनसे यह निष्कर्ष निकला कि पृथ्वी के आसपास सचमुच गुरु आकर्षण में अनियमित सिलवटें पाई जाती हैं।

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Essay on Albert Einstein

500 words essay on albert einstein.

Albert Einstein was a physicist who is responsible for developing the famous general theory of relativity. Furthermore, he is one of the most influential and celebrated scientists of the 20th century. Let’s take a look at the life and achievements of this genius with the essay on Albert Einstein.

essay on albert einstein

                                                                                                                 Essay On Albert Einstein

Early Life of Albert Einstein

Albert Einstein was born in Germany into a Jewish family on 14th March 1879. Furthermore, Einstein had to deal with speech difficulties early on but was a brilliant student at his elementary school. His father, Hermann Einstein founded an electrical equipment manufacturing company with the help of his brother.

At the age of five, Albert’s father showed him a pocket compass . Moreover, this made him realize that the needle was moving due to something in empty space. According to Einstein, this experience left a deep and lasting impression on him.

In 1889, a ten-year-old Albert became introduced to popular science and philosophy texts. This happened due to a family friend named Max Talmud.

Albert Einstein spent time on books like Kant’s ‘Critique of Pure Reason’ and ‘Euclid’s Elements’. From the latter book, Albert developed an understanding of deductive reasoning. Furthermore, by the age of 12, he was able to learn Euclidian geometry from a school booklet.

Einstein’s father’s intention was to see his son pursue electrical engineering. However, a clash took place between Albert and the authorities. This was because Albert had resentment for rote learning as, according to him,  it was against creative thought.

Achievements of Albert Einstein

In 1894, Einstein’s father’s business failed and his family went to Italy. At this time, Einstein was only fifteen. During this time, he wrote ‘The Investigation of the State of Aether in Magnetic Fields’, which was his first scientific work.

In 1901, there was the publishing of a paper by Einstein on the capillary forces of a straw in the prestigious ‘Annalen der Physik’. Furthermore, his graduation took place from ETH with a diploma in teaching.

In the year 1905, while working in the patent office, there took place the publishing of four papers by Einstein in the prestigious journal ‘Annalen der Physik’. Experts recognize all four papers as tremendous achievements of Albert Einstein. Therefore, people call the year 1905 as Einstein’s wonderful year’.

The four papers were special relativity, photoelectric effect, Brownian motion , and equivalence of matter and energy. He also made the discovery of the famous equation, E = mc².

The theory of relativity was completed by Einstein in 1915. The confirmation of his theory was by British astronomer, Sir Arthur Eddington, during the solar eclipse of 1919.

There was the continuation of research works by Einstein and finally, in 1921, his efforts bore fruits. Most noteworthy, the Nobel Prize in Physics was awarded to Albert Einstein for his services to Theoretical Physics.

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Conclusion of the Essay on Albert Einstein

Albert Einstein’s contribution to the field of physics is priceless. Furthermore, his ideas and theories are still authoritative for many physicists. Einstein’s lasting legacy in physics will continue to be an inspiration for young science enthusiasts.

FAQs For Essay on Albert Einstein

Question 1: What is the legacy of Albert Einstein?

Answer 1: Albert Einstein is one of the world’s greatest physicists and a Nobel Laureate. Furthermore, his greatest achievement is the theory of relativity which made a significant change in our understanding of the universe like. However, this wasn’t his only legacy as Einstein was also a refugee and a humanitarian.

Question 2: What is the equation E = MC 2 ?

Answer 2: Einstein’s E = MC 2 is the world’s most famous equation.  Furthermore, this equation means that energy is equal to mass times the speed of light squared.  Moreover, on the most basic level, this equation tells us that energy and mass happen to be interchangeable and that they are different forms of the same thing.

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    Albert Einstein Quotes in Hindi को पढ़कर युवाओं को विज्ञान के महत्व की जानकारी के साथ-साथ, स्वयं को प्रेरित करने का भी एक महान अवसर मिलेगा। यूँ तो विश्व के हर कोने में कई ऐसे ...

  17. अल्बर्ट आइंस्टीन पर निबंध

    Essay on Albert Einstein in Hindi: अल्बर्ट आइंस्टाइन ने कई वैज्ञानिक, गणितज्ञ सूत्रों की खोज की थी। इनकी खोज के बारे में आज हम अपनी पढ़ाई में कभी ना कभी किसी कक्षा में जरूर ...

  18. The World As I See It

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  19. Essay on Albert Einstein in Hindi

    dramatalk.in अल्बर्ट आइंस्टीन पर निबन्ध: Essay on Albert Einstein 500 words in Hindi आइंस्टीन का बचपन, शिक्षा, शुरुआती जीवन, शादी, बच्चे, नोबेल प्राइज

  20. Albert Einstein Essay for Students in English

    Albert Einstein was a German theoretical physicist who developed the theory of general relativity, effecting a revolution in physics. He is best known in popular culture for his mass-energy equivalence formula E = mc 2 (which has been dubbed "the world's most famous equation"). He received the 1921 Nobel Prize in Physics "for his services to theoretical physics, and especially for his ...

  21. Albert Einstein Essay In Hindi Language

    Albert Einstein Essay In Hindi Language Albert Einstein Essay In Hindi Language 2. Ancient Egyptians Vs Sumerians While both the Egyptians and Sumerians developed a sophisticated way of life with complex religion, political system, system of writing and social classes, there are numerous differences between the two groups. The Egyptian s ...

  22. अल्बर्ट आइंस्टीन पर निबंध//essay on Albert Einstein in Hindi

    अल्बर्ट आइंस्टीन पर निबंध//essay on Albert Einstein in Hindi. नमस्कार दोस्तों आज के इस आर्टिकल में आप लोगों को बताएंगे अल्बर्ट आइंस्टीन पर निबंध, अल्बर्ट आइंस्टीन पर 10 लाइन ...

  23. Essay On Albert Einstein in English for Students

    Answer 1: Albert Einstein is one of the world's greatest physicists and a Nobel Laureate. Furthermore, his greatest achievement is the theory of relativity which made a significant change in our understanding of the universe like. However, this wasn't his only legacy as Einstein was also a refugee and a humanitarian.