Essay on Exercise in Hindi- व्यायाम पर निबंध हिंदी में

In this article, we are providing an  Essay on Exercise in Hindi | Vyayam Par Nibandh व्यायाम पर निबंध | Nibandh in 100, 200, 250, 300, 500 words For Students & Children.

दोस्तों आज हमने Vyayam | Exercise Essay in Hindi लिखा है, व्यायाम पर निबंध  हिंदी में कक्षा 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9 ,10, और 11, 12 के विद्यार्थियों के लिए है।

( Essay-1 ) 10 Lines Essay on Exercise in Hindi

1. व्यायाम करना हमारे शरीर के लिए बहुत महत्वपूर्ण है।

2. यह हमें स्वस्थ और मजबूत रखने में मदद करता है।

3. व्यायाम करने से हमारी मानसिक चेतना भी बढ़ती है।

4. दौड़ना, स्किपिंग, योग, और खेलना व्यायाम के उदाहरण हैं।

5. यह हमारे खून को शुद्ध करता है और हमें रोगों से बचाता है।

6. व्यायाम करने से हमारी शरीर में ताजगी आती है और और उससे हमें और ऊर्जा मिलती है।

7. यह हमें मोटापे से बचाकर आकर्षक और स्वस्थ बनाता है।

8. व्यायाम करने से हमारी नींद भी अच्छी आती है और हमारा ध्यान बढ़ता है।

9. नियमित व्यायाम करने से हम तनाव को कम करते हैं और मनोवैज्ञानिक तनाव से राहत प्राप्त करते हैं।

10. व्यायाम का आनंद लेकर हम खुश और सकारात्मक जीवन जी सकते हैं।

( Essay- 2 ) Short Essay on Exercise in Hindi- व्यायाम पर निबंध (200 words)

‘पहला सुख नीरोगी काया’ इस उक्ति के अनुसार शरीर का नीरोग या स्वस्थ रहना ही सब से बड़ा सुख है। कारण, अस्वस्थ व्यक्ति न कोई काम कर सकता हैं और न सांसारिक सुखों को भोग सकता है।

व्यायाम का अर्थ है ( Meaning of Exercise in Hindi )

शरीर के अंगों का विकास। व्यायाम करने से शरीर के अंगों का ठीक प्रकार से विकास हो जाता है। व्यायाम से हाथ, पैर और शरीर के पुढे बलिष्ठ हो जाते हैं; शरीर स्फूर्ति-सम्पन्न तथा कर्मण बनता है। इससे पाचन क्रिया भी ठीक रहती है, भूख समय पर लगती है; शरीर में रक्त का निर्माण और रक्त-संचार ठीक प्रकार से होता है और काया पुष्ट होती है तथा मन भी प्रसन्न रहता है। नियमपूर्वक व्यायाम करने वाला कभी अस्वस्थ नहीं होता। व्यायाम के कई प्रकार हैं। जैसे- दण्ड-बैठक लगाना, मुग्दर चलाना, कुश्ती करना, जिमनास्टिक करना, दौड़ लगाना, घुड़ सवारी करना, गदका चलाना आदि। इसी प्रकार विभिन्न प्रकार के आसन और प्राणायाम करना भी श्रेष्ठ व्यायाम हैं। खेलों से भी शरीर का व्यायाम हो जाता है। मस्तिष्क से काम करने वाले व्यक्तियों के लिए घूमना, सूर्य नमस्कार आदि भी हल्के और उपयोगी व्यायाम हैं।

शरीर का प्रभाव मन पर भी पड़ता है। स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ मन निवास करता है। अतः समय निकाल कर सबको व्यायाम अवश्य करना चाहिए।

Morning Walk Essay in Hindi

Essay on Importance of Exercise in Hindi

Vyayam Essay in Hindi

Essay on Exercise in Hindi

( Essay- 3 ) Hindi Essay on Exercise ( 250 words )

हमारे गुरुजन बताते हैं कि जिस प्रकार शरीर के लि भोजन व पानी आवश्यक है उसी प्रकार शरीर को स्वस्थ रखने क लिए व्यायाम भी जरूरी है। व्यायाम के बिना मनुष्य का शरीर रोगी हो जाता है। इसलिए वह मन लगाकर कोई भी कार्य नहीं क सकता है।

आसनों का अभ्यास करना सबसे उत्तम व्यायाम बताया गया है बचपन में बालक हर प्रकार के आसन सरलता से कर लेता हैं। बड़े होने पर कई आसन हो ही नहीं सकते हैं। इसलिए अच्छे जानका व्यक्ति की देख-रेख में आसन बचपन से ही करने चाहिए।

खेल भी एक प्रकार का व्यायाम है। खेलों में उछल-कूद स् सभी अंग संचालित होते हैं। प्रायः बच्चों को खेल करने से व्यायाम के सारे लाभ मिल जाते हैं। इससे एक ओर शरीर में फुर्ती आती है तो दूसरी तरफ हार जीत के कारण मन में उत्सुकता बनी रहती है। खेल बच्चों के लिए सर्वोत्तम व्यायाम है।

व्यायाम करने से शरीर में स्फुर्ति व ताजगी बनी रहती है। जिस लड़के का शरीर स्वस्थ रहता है, उसका दिमाग भी स्वस्थ रहता है। बीमार व रोगी शरीर में रोगी दिमाग ही निवास करता है। व व्यायाम करने वाले लड़के का शरीर ही स्वस्थ नहीं बल्कि वह पढ़ा में भी निपुण होता है। इसलिए दिमाग व शरीर दोनों को स्वस्थ रखने के लिए हमें व्यायाम जरूर करना चाहिए।

( Essay- 4 ) Vyayam Par Nibandh -(कसरत) व्यायाम पर निबंध 300 words

कहा जाता है कि स्वस्थ शरीर में स्वस्थ मन रहता है। जिस व्यक्ति का शारीरिक स्वास्थ्य अच्छा होता है, उसका मानसिक स्वास्थ्य भी, अच्छा होता है। शारीरिक स्वास्थ्य केलिए व्यायाम जरूरी है। यह सब व्यक्तियों के लिए उपयोगी है। कुछ लोग व्यायाम को व्यर्थ समझते हैं। यह गलत विचार है।

व्यायाम के कई प्रकार हैं। हमारे ऋषि लोग प्राणायाम करते थे। प्राणायाम से अच्छा व्यायाम होता है। परन्तु साधारण लोग इसे मुश्किल मानते हैं। प्राणायाम के भी हजारों प्रकार हैं। आजकल शिक्षित लोग प्राणायाम की ओर आकृष्ट हो रहे हैं।

आसन डालना भी व्यायाम का एक विधान है। इसकी अनेक किस्में हैं । घर में ही लोग आसन डाल सकते हैं। प्राणायाम और आसनों में बहुत खर्च नहीं करना पड़ता।

खेल-कूद व्यायाम का सरल विधान है। विद्यार्थी अपने विद्यालय में . ही अपनी इच्छा के अनुसार फुटबॉल, हॉकी, क्रिकेट आदि खेल सकते हैं। ये खेल खर्चीले होते हैं। ग्रामीण प्रांतों में इन खेलों का कोई प्रयोजन नहीं होता। कुश्ती लड़ना, को-को; दंड-बैंठक सरल उपाय हैं। गरीब लोग भी ये कर सकते हैं। बूढ़े लोगों को सैर-सपाटे से व्यायाम होता है।

व्यायाम से कई लाभ हैं। उससे शरीर और मन मजबूत होते हैं। बीमारियाँ पास नहीं आतीं। आदमी फुर्तीला हो जाता है। वह अपने कर्तव्य-पालन में लग जाता है। खन का प्रसार तेजी से होने लगता है। आदमी जल्दी नहीं थकता।

मैदान में तथा खुली हवा में व्यायाम करें। भोजन के बाद व्यायाम नहीं करना चाहिए। व्यायाम के बाद तत्काल भोजन नहीं करना है। व्यायाम में संयम की आवश्यकता है। सब विद्यार्थियों को व्यायाम में मन लगाना चाहिए।

जरूर पढ़े- Essay on Health in Hindi

( Essay- 5 )  Long Exercise Essay in Hindi- व्यायाम पर निबंध( 500 words )

1. भूमिका 2. व्यायाम का महत्व ( Vyayam Ka Mahatva ) 3. व्यायाम के भेद ( Types of Exercise in Hindi ) 4. व्यायाम से लाभ ( Benefits of Exercise in Hindi ) 5. उपसंहार

किसी विद्वान ने कहा है कि स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ मन का वास होता है। शरीर को स्वस्थ रखना सुखी जीवन के लिए आवश्यक है। व्यायाम हमारे स्वास्थ्य की कुंजी है। उत्तम स्वास्थ्य से मनुष्य का जीवन सुखी रहता है। हमारे शारीरिक और मानसिक दोनों प्रकार के स्वास्थ्य के लिए व्यायाम आवश्यक है।

व्यायाम के भेद ( Types of Exercise in Hindi )

व्यायाम अनेक प्रकार के होते हैं। केवल दण्ड बैठक या कुश्ती लड़ने को ही व्यायाम नहीं समझना चाहिए। प्रातः काल खुले मैदान में थोड़ी देर चहल कदमी या टहलना भी व्यायाम है। इससे शरीर में ताजगी और स्फूर्ति आती है और कार्य करने में मन लगता है। खेल-कूद भी व्यायाम के ही अन्तर्गत आते हैं। अनेक देशी-विदेशी खेलों से उत्तम व्यायाम हो जाता है। ऐसे खेलों में कबड्डी, गुल्ली डण्डा, आती-पाती, घोड़े की सवारी, फुटबॉल, हॉकी, बैडमिण्टन, क्रिकेट, वालीबॉल आदि प्रमुख हैं। ये खेल मनोरंजन और व्यायाम के समान रूप से साधन हैं। इसके अलावा दौड़ना, तैरना, गेंद फेंकना, उछलना-कूदना आदि भी व्यायाम के अन्तर्गत आते हैं। हर व्यायाम का शरीर पर अलग-अलग ढंग से प्रभाव पड़ता है। गदा फेरने, मुग्दल उठाने आदि से बाहें और सीना आदि पुष्ट होते हैं। दण्ड–बैठक करने से जाँघे सुगठित और मजबूत होती हैं। दौड़ने से फेफड़े ठीक रहते हैं। साइकिल चलाने से कमर और जांघे पुष्ट होती हैं।

व्यायाम करने के नियम

व्यायाम समय पर और नियमानुसार करना चाहिए। ऐसा न करने से लाभ की अपेक्षा हानि होने की सम्भावना होती है। देशी व्यायाम के लिए प्रात:काल सर्वोत्तम समय होता है। व्यायाम खुले स्थान और सुन्दर वातावरण में करना । चाहिए, जहाँ हवा–प्रकाश की अच्छी व्यवस्था हो ऐसे स्थान पर व्यायाम करने से अधिक लाभ होता है। विदेशी व्यायाम अधिकतर शाम को आयोजित होते हैं। व्यायाम शारीरिक क्षमता के अनुकूल होना चाहिए। अधिक व्यायाम हानिप्रद होता है। व्यायाम के बाद हल्का जलपान लेना चाहिए। बूढ़े लोगों के लिए टहलना ही व्यायाम है। शारीरिक क्षमता के अनुकूल ही व्यायाम करना लाभदायक है।

व्यायाम के लाभ ( Benefits of Exercise in Hindi )

व्यायाम हमारे लिए बहुत आवश्यक है। इससे हमारा शरीर स्वस्थ और नीरोग होता है। व्यायाम से शरीर पुष्ट और शक्तिशाली बनता है। शरीर स्वस्थ और नीरोग होता है। व्यायाम से शरीर पुष्ट और शक्तिशाली बनता है। शरीर स्वस्थ रहने से मन भी स्वस्थ रहता है। इससे शरीर में स्फूर्ति आती है और मन प्रसन्न रहता है। व्यायाम कार्य करने में मन लगता है। अधिक परिश्रम से शरीर में थकावट आती है।

व्यायाम से थकावट दूर हो जाती है। व्यायाम करने से स्वास्थ्य ठीक रहता है और हम दीर्घजीवी होते हैं। व्यायाम से शिथिलता, आलस्य और उदासी दूर होती है। शरीर में रक्त संचार सुन्दर ढंग से होता है। फेफड़ों में स्वच्छ वायु जाने से वे अच्छी तरह कार्य करते हैं। व्यायाम से हमारा शारीरिक गठन सुन्दर होती है।

उपर्युक्त बातों के सन्दर्भ में हम कह सकते हैं कि व्यायाम हमारे शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए बहुत आवश्यक है। उसके करने से शरीर स्वस्थ रहता है, मन प्रसन्न रहता है और हमारा जीवन सुखी और आनन्दमय होता है। हर व्यक्ति को समयानुसार नियमित व्यायाम करना चाहिए। कहा गया है- तन्दुरुस्ती हजार नियामत। व्यायाम हमारे स्वस्थ जीवन की आधारशिला है।

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इस लेख के माध्यम से हमने Vyayam Par Nibandh | Exercise Essay in Hindi का वर्णन किया है और आप यह निबंध नीचे दिए गए विषयों पर भी इस्तेमाल कर सकते है।

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व्यायाम का महत्व निबंध Importance of Exercise Essay in Hindi

व्यायाम का महत्व निबंध Importance of Exercise Essay in Hindi

क्या आप व्यायाम  क्यों जरूरी है जानना चाहते हैं? Want to know Benefits of Exercise in Hindi?

जी हां दोस्तों आज हम आपको प्रतिदिन व्यायाम करने के फायदों के बारे में बतायेंगे और साथ ही हम इसके महत्व के विषय में भी बात करेंगे। तो चलिए शुरू करते हैं…

इस दुनिया में प्रत्येक व्यक्ति हर समय किसी न किसी रोग से घिरा ही हुआ है। उन रोगों से बचने के लिए हर कोई व्यक्ति डॉक्टर या चिकित्सक के पास जाता है। परंतु उनमें से सभी डॉक्टर और चिकित्सक उस रोग या बीमारी को तो ठीक कर देते हैं परंतु स्वास्थ्य को कोई भी सही नहीं करता। अपने स्वास्थ्य को अच्छे से रखना का एक ही रास्ता है और वह है व्यायाम।

जो लोग व्यायाम और योग करते हैं वह लोग कभी भी आसानी से बीमार नहीं पड़ते हैं। रोग मात्र दुर्बल शरीर पर आक्रमण करता है और व्यायाम करने वाला व्यक्ति हमेशा तंदुरुस्त और शक्तिशाली रहता है। इसीलिए बीमारी या रोग से बचने का एकमात्र समाधान है व्यायाम।

प्रतिदिन व्यायाम करने से मनुष्य का मन उत्साहित रहता है और शरीर को शक्ति तथा स्फूर्ति मिलती है। अगर हम व्यायाम की तुलना डॉक्टरों द्वारा दी जाने वाली दवाइयों,  विटामिन सिरप और इंजेक्शन के साथ करें तो सब व्यर्थ है।

एक बड़े चिकित्सक का कथन है कि जो डॉक्टर दवाइयों पर ज्यादा भरोसा किए बिना अपने रोगी का स्वास्थ्य सुधार दे वही सबसे बुद्धिमान और अच्छा डॉक्टर कहलाता है। बड़े-बड़े शोधकर्ताओं का कहना है की आज के युग में मनुष्य रोगों से कम और दवाइयों के कारण ज्यादा मर रहे हैं।  इस से साफ पता चलता है की मनुष्य को दवाइयों से नहीं व्यायाम और योग जैसी क्रियाएं करके अपने स्वास्थ्य को मजबूत बनाना होगा।

If we could give every individual the right amount of nourishment and exercise, not too little and not too much, we would have found the safest way to health. – Hippocrates

फादर ऑफ मेडिसिन हिप्पोक्रेट्स का कथन था – अगर प्रत्येक व्यक्ति को पोषण और व्यायाम का सही मात्रा दिया जाए, ना थोड़ा ज्यादा ना थोड़ा कम, तो हम यह देखेंगे की यह सबसे सुरक्षित स्वस्थ रहने का रास्ता है।

इस बात में तो थोड़ा भी संदेह नहीं है कि स्वास्थ्य से अनमोल कोई चीज नहीं है। सही प्रकार से व्यायाम करने वाले व्यक्ति का शरीर हृष्ट पुष्ट रहता है तथा मन और मुख हमेशा प्रफुल्लित बना रहता है। व्यायाम करने से पाचन तंत्र सही प्रकार से काम करता है और भूख भी बढ़ाता है। व्यायाम करने वाले व्यक्ति का मन हमेशा शांत रहता है और उसके मन में सुविचार भी उत्पन्न होते हैं।

It is health that is real wealth and not pieces of gold and silver. – Mahatma Gandhi

राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी जी का कथन था –  यह स्वास्थ ही है जो असली धन होता है ना की सोना और चांदी। यह बात तो सत्य ही है की अगर  मनुष्य के स्वास्थ्य अच्छा नहीं होगा तो सोना चांदी का वह क्या करेगा?  

इस संसार में जितने भी महापुरुष हुए हैं,  सभी ने व्यायाम को जीवन का सर्वप्रथम कर्म माना है। यह व्यायाम की ही शक्ति का प्रभाव है की उन महान लोगों ने मनुष्य के हित और देश के विकास के लिए अपना योगदान दिया।

आप कई पुस्तकों में कई प्रकार के व्यायाम के विषय में पढ़ेंगे। परंतु अगर आप ज्यादा दौड़-भाग वाले व्यायाम नहीं कर पाते तो आपके लिए सबसे बेहतरीन व्यायाम का तरीका है योगासन या योग अभ्यास करना। आप शुरुआत में कुछ आसान योगासन करके प्रतिदिन व्यायाम को शुरू कर सकते हैं। अगर आप चाहें तो दौड़-भाग वाले व्यायाम भी कर सकते हैं।

व्यायाम करने के शुरुआती दिनों में हो सकता है आपको थोड़ा मुश्किल हो परंतु कुछ दिनों बाद कष्ट कम हो जाएंगे और आपको व्यायाम करने के लाभ दिखने लगेंगे।  कई प्रकार के व्यायाम के तरीके हैं जिसमें घुड़सवारी, तैरना, चलना, दौड़ना इत्यादि विशेष रूप से प्रसिद्ध हैं।

आजकल लोग कई प्रकार के खेल जैसे कबड्डी, खो-खो, क्रिकेट, टेनिस  इत्यादि को उत्तम व्यायाम समझते हैं परंतु इन खेलों में एक से अधिक व्यक्ति की आवश्यकता पड़ती है जो की हर समय संभव नहीं है।

व्यायाम भी प्रतिदिन नियम अनुसार और समय पर  करना आवश्यक है। यह एक दिन का काम नहीं होता है इसे प्रतिदिन निर्धारित समय के लिए करना बहुत ही आवश्यक होता है। पश्चिमी देशों में है पुरुषों की तरह हैं महिलाएं भी प्रतिदिन व्यायाम करती हैं,  परंतु भारत में बहुत कम ही जगह में घर की महिलाएं बाहर निकलकर व्यायाम करती हैं।  परंतु इसका यह मतलब नहीं है कि घर की महिलाएं व्यायाम नहीं करती हैं  क्योंकि चक्की पीसना, खड़े होकर खाना बनाना, कपड़े धोना, और अन्य घरेलू काम भी तो व्यायाम ही हैं।

धीरे धीरे इस टेक्नोलॉजी की दुनिया में शरीर के बल के महत्व को लोग भूलते जा रहे हैं। आज के दिन में प्रत्येक कंपनी मैं आधा से ज्यादा काम मशीनें करती हैं जिसके कारण एक तो बेरोजगारी बढ़ रही है और साथ ही लोगों का स्वास्थ्य भी बिगड़ते जा रहा है।

पहले जमाने में  कारखानों और कंपनियों में लोग काम किया करते थे जो उनके लिए एक व्यायाम के रूप में काम आता था परंतु आज कंप्यूटर की दुनिया में सारा काम कंप्यूटर ही करता है। जिसके कारण लोग बैठ बैठकर आलसी हो गए हैं और वही कई प्रकार के रोगों का बढ़ावा दे रहा है।

इसीलिए दोस्तों नियमित रूप से व्यायाम करें और अगर अभी तक आपने व्यायाम करना शुरू नहीं किया है तो आज ही व्यायाम करना शुरू करें। बहुत जल्द आप स्वयं में एक सकारात्मक बदलाव पाएंगे और रोगमुक्त जीवन के साथ सफलता प्राप्त करेंगे।

आशा करते हैं व्यायाम के विषय में यह निबंध आपको अच्छा लगा होगा।  अगर आपको यह निबंध अच्छा लगा है तो अपने सोशल मीडिया अकाउंट में ज़रुर शेयर करें धन्यवाद।

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व्यायाम पर निबंध Essay on Exercise in Hindi

व्यायाम पर निबंध Essay on Exercise in Hindi

इस लेख में हमने व्यायाम पर निबंध हिंदी में (Essay on Exercise in Hindi) लिखा है। इसमें व्यायाम का अर्थ, प्रकार, महत्व, नियम, लाभ, 10 लाइन के विषय में जानकारी दिया गया है।

तो अगर आप एक्सरसाइज पर हिंदी निबंध की तलाश कर रहे हैं तो यह लेख आपके लिए सहायक सिद्ध हो सकता है। दिया गया निबंध व्यायाम के सभी जानकारियों को संग्रहित करके तैयार किया गया है जो बेहद ही सरल है।

Table of Contents

प्रस्तावना (व्यायाम पर निबंध Essay on Exercise in Hindi)

जिस प्रकार किसी वाहन को सुचारू रूप से चलते रहने के लिए इंधन और रखरखाव की आवश्यकता पड़ती है। उसी प्रकार मनुष्य के शरीर को भी सुचारू रूप से काम करने के लिए व्यायाम की आवश्यकता पड़ती है।

धार्मिक ग्रंथों में भी व्यायाम की एक स्वर में महिमा गाई गई है और इसके अभाव को तमाम तकलीफों को भोगने का कारण बताया गया है।

विकासवाद के इस युग में मनुष्य ने शरीर, मन, बुद्धि और प्रकृति के तरफ से अपना मुंह फेर रखा है जिसके कारण उसे कई तरह की बीमारियों का सामना करना पड़ रहा है।

व्यायाम शारीरिक स्वास्थ्य के साथ-साथ मानसिक विकास के लिए भी जरूरी होता है। आज लोग हजारों रुपये देकर एक खास जगह पर व्यायाम करने जाते हैं।

जो ज्ञान पहले हर किसी को स्वयमेव ग्रहण करना पड़ता था आज उसके लिए व्यायाम टीचर या योग गुरु को हजारों लाखों रुपए देखकर कुछ घंटों का व्यायाम किया जाता है।

व्यायाम न सिर्फ हमें बाहरी तकलीफों से बचाए रखता है बल्कि शरीर के अंदर के रोगाणुओं, जीवाणुओं का नाश करता है और स्वस्थ और सुडौल शरीर बनाने में सहायता करता है।

और पढ़: पर्यावरण पर निबंध

व्यायाम क्या है? What is Exercise in Hindi?

व्यायाम यह संस्कृत सबसे निकला हुआ शब्द है। जिसका अर्थ होता है शरीर के सभी आयामों (अंग-प्रत्यंगों) को विभिन्न क्रियाओं द्वारा गुजारना जिससे उसका विकास हो।

साधारण अर्थों में शरीर के अंगों को तानना, घुमाना, मोड़ना और अन्य काम जैसे खेलना, कूदना, तैरना यह सभी व्यायाम कहलाते हैं।

व्यायाम को अलग-अलग कारणों के लिए किया जाता है। जैसे कि वजन घटाने के लिए, मजबूती बढ़ाने के लिए, लचीलापन और स्फूर्ति बढ़ाने के लिए व शरीर तथा मन को शांत करने के लिए इत्यादि। 

जितने भी खेल वजूद में हैं उन्हें बनाए जाने के पीछे मनोरंजन और व्यायाम ही मुख्य था। जैसे की कबड्डी, खो खो, ऊंची कूद तथा लंबी कूद जैसे खेलों से शारीरिक मजबूती और स्फूर्ति भी बढ़ती है साथ ही खेल भावना की बढ़ोतरी होती है।

व्यायाम के प्रकार Types of Exercises in Hindi

आज के समय में व्यायाम के लिए विभिन्न मशीनों और उपकरणों की सहायता ली जाती है जिससे व्यायाम की शैली और रूपरेखा दोनों बदल गई है। लेकिन व्यायाम की शुरुआत प्राचीन काल में योग और प्राणायाम से ही हुई थी।

प्राचीन काल से योग और खेल को ही व्यायाम का एकमात्र साधन माना जाता था लेकिन समय के साथ व्यायाम के और भी रूप-प्रतिरूप सामने आते गए जो निम्न है।

व्यायाम के मुख्य प्रकारों में आयसोटोनिक, आयसोमट्रिक ,आयसोमेट्रिक और आयसोटोनिक, एनरोबिक्स (शीघ्र व्यायाम), एरोबिक्स  (दमसांस वाले व्यायाम), चलना, खेल इत्यादि को शामिल किया जाता है। 

जिन कसरतों में हलचल ज्यादा होती है उसे आइसोटोनिक प्रकार के व्यायाम कहते हैं जैसे कि साइकल चलाना, तैरना, दौड़ना इत्यादि।

जब शरीर के द्वारा बल लगाकर किसी चीज को उठाया जाता है या धक्का लगाया जाता है जिसमें गतिशीलता नहीं होती है बल्कि ताकत लगती है उसे आइसोमेट्रिक प्रकार का व्यायाम कहते हैं। जैसे जिम में डंबल उठाना इत्यादि

जिस प्रकार के व्यायाम में गतिशीलता के साथ वजन उठाने को भी शामिल किया जाता है उसे आइसोटोनिक तथा आइसोमेट्रिक मिक्स प्रकार का व्यायाम कहते हैं।

ऐसे प्रकार के व्यायाम को एक निश्चित अंतराल पर किया जाता है उसे एनरोबिक्स प्रकार के व्यायाम कहते हैं जैसे कबड्डी, 200 मीटर रेस इत्यादि।

जिन व्यायाम में शरीर की तनन क्षमता, मजबूती और गतिशीलता तीनों का उपयोग होता है उसे एरोबिक्स कहते हैं। कुछ खास प्रकार के व्यायाम के साथ तेज दौड़ना, ऊंची कूद, लंबी कूद, टेनिस जैसे खेलों को इनमें शामिल किया जाता है।

व्यायाम का महत्व Importance of Exercise in Hindi

सुबह होते ही गाय तथा भैंसों के बच्चे व अन्य जानवर उत्साह पूर्वक उछलने कूदने लगते हैं क्योंकि प्रकृति ने हर एक जीव जंतु के लिए एक ही नियम को बनाया है।

पशुओं के जीवन के मुकाबले इंसानों का जीवन सुख सुविधाओं वाला होता है इसलिए व्यायाम का महत्व इंसानों के लिए सबसे ज्यादा होता है।

व्यायाम करने से शरीर को पर्याप्त कसरत मिलता है इसके कारण शरीर के आंतरिक अंग सुचारू रूप से कार्य कर पाते हैं। एक बार आंतरिक अंग स्वस्थ रुप से कार्य करने लगते हैं तो मन स्वतः शांत और स्वस्थ हो जाता है।

शरीर की रोग प्रतिकारक शक्ति को बढ़ाने के लिए व्यायाम को सर्वोपरि माना जाता है व्यायाम के कारण बाहरी रोगाणुओं- जीवाणुओं का शरीर पर कोई नकारात्मक प्रभाव नहीं पड़ता।

बड़े से बड़ा चिकित्सक व्यायाम को सबके लिए सर्वोपरि मानता है। इसलिए ही वह अपने सभी मरीजों को व्यायाम जरूर करने की सलाह देता है।

जो बच्चे व्यायाम और खेलकूद में रुचि रखते हैं उनका जीवन व्यायाम न करने वाले बच्चों से बेहतर देखा गया है।

व्यायाम के नियम Rule of Exercise in Hindi

किसी भी चीज से सटीक लाभ लेने के लिए उसके नियमों का पालन करना पड़ता है तथा सावधानियों की समझ भी रखनी होती है। व्यायाम करने के भी कई नियम हैं इसे अगर नजरअंदाज किया जाए तो शारीरिक व मानसिक कष्ट भुगतना पड़ सकता है।

कसरत को करने के लिए प्रातः काल का समय सर्वश्रेष्ठ माना जाता है। व्यायाम करने से पहले शौच आदि से निवृत हो लेना एक अच्छी आदत मानी जाती है।

व्यायाम के पहले नियम के अनुसार यह कभी भी खाली पेट या खाने के कम से कम 3 घंटे बाद किया जाना चाहिए व आधे घंटे पहले पर्याप्त मात्रा में पानी पिया जा सकता है।

खुले और हवादार जगहों का प्रयोग व्यायाम करने के लिए किया जाता है क्योंकि इस समय सांसे और शारीरिक तापमान अधिक रफ्तार से चढ़ते और उतरते रहते हैं।

किसी भी प्रकार के कठिन या सरल व्यायाम करने से पहले शरीर की मांसपेशियों को तान कर ढीला करना चाहिए ताकि एकाएक व्यायाम से उन्हें कोई हानि न हो।

जिन्हें कोई भी शारीरिक और मानसिक व्याधि हो उन्हें व्यायाम करने से पहले उसके बारे में पूरी जानकारी ले लेनी चाहिए।

व्यायाम से लाभ Benefits of Exercise in Hindi

व्यायाम से शरीर में स्फूर्ति और ताजगी बनी रहती है जिसके कारण अन्य कामों में ध्यान अच्छे से लग पाता है। इसके सबसे बड़े लाभ के रूप में रोग प्रतिकारक क्षमता की बढ़ोतरी है जीसके कारण शरीर स्वस्थ रहता है।

आइसोटोनिक प्रकार के व्यायाम से हर किसी को कई लाभ होते हैं जैसे कि स्टैमिना का बढ़ना, चेहरे पर निखार आना, रक्त का साफ होना इत्यादि।

योग तथा प्राणायाम करने से हर प्रकार की आधी व्याधि दूर होती है। लंबाई बढ़ाने के लिए ताड़ासन जैसे योग को सर्वोपरि माना जाता है।

प्राणायाम के रूप में अनुलोम विलोम, कपालभाति और भस्त्रिका प्राणायाम से शरीर और मन को अनेकों लाभ होते हैं जैसे एकाग्रता का बढ़ना, विचारों का शांत होना, चिंता का कम होना और आध्यात्मिक उन्नति करना इत्यादि। 

व्यायाम पर 10 लाइन Best 10 Lines on Exercise in Hindi

नीचे पढ़ें व्यायाम पर 10 लाइन-

  • कसरत से शरीर में काफी ऊर्जा निकल कर गर्मी पैदा होती है। यह गर्मी पसीना और प्रश्वास के माध्यम से शरीर शुद्ध करती है।
  • वह कार्य जिससे शरीर सुदृढ़ होता है तथा बल मिलता है, उसे व्यायाम कहते हैं।
  • व्यायाम कई प्रकार के होते हैं- दण्ड बैठक करना, प्रातः भ्रमण, दौड़ना, रस्सी कूदना, योगासन करना आदि।
  • ऐसे व्यायाम नहीं करने चाहिएँ जिन्हें हमारा शरीर स्वीकार न करता हो।
  • व्यायाम करने से पाचन क्रिया भी ठीक रहती है व भूख समय पर लगती है। 
  • व्यायाम करने से हाथ-पैर और शरीर के अन्य अंग बलिष्ठ हो जाते हैं। शरीर में स्फूर्ति उत्पन्न हो जाती है।
  • जो विद्यार्थी व्यायाम नहीं करते, उनका शरीर बेडौल हो जाता है 
  • प्रात:काल की खुली वायु में व्यायाम करना सर्वोत्तम होता है।
  • व्यायाम का चुनाव करते समय व्यक्ति को अपनी आयु, क्षमता तथा शरीर को विशेषताओं का ध्यान में रखना चाहिए।
  • बच्चों की लंबाई को बढ़ाने के लिए ताड़ासन जैसे योग को सर्वोपरि माना जाता है। 

निष्कर्ष Conclusion

इस लेख में आपने व्यायाम पर निबंध (Essay on the Exercise in Hindi) पढ़ा। आशा है यह निबंध आपको जानकारी से भरपूर लगा हो। अगर यह लेख आपको पसंद आया हो तो इसे शेयर जरूर करें।

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ESSAY KI DUNIYA

HINDI ESSAYS & TOPICS

Essay On Exercise In Hindi – व्यायाम पर निबंध

September 13, 2017 by essaykiduniya

Here you will get Paragraph & Short Essay on Exercise in Hindi Language for Students of all classes in 200, 300, 400 and 500 words. Essay on Benefits of Exercise in Hindi Language. Importance of exercise in Hindi Language. सभी कक्षा के छात्रों के लिए हिंदी भाषा में व्यायाम के लाभ पर निबंध।

Essay on Exercise in Hindi

Short Essay On Exercise In Hindi Language – व्यायाम पर निबंध ( 200 words )

व्यायाम स्वस्थ रहने के लिए बहुत ही जरूरी है और यह बिमारियों से दुर रहने का एकमात्र साधन है। दवाई किसी भी बिमारी को खत्म करती है पर व्यक्ति को स्वस्थ नहीं रखती है। हमें हमारी दिनचर्या में व्यायाम को जोड़ना चाहिए और नियमित रूप से निर्धारित समय पर व्यायाम करना चाहिए। व्यायाम करने से हमें अनेकों साभ है। यह हमें स्वस्थ, तंदुरूस्त और चुस्त रखता है। व्यायाम करने से व्यक्ति का मन उत्साहित और प्रसन्न रहता है। व्यायाम हमारा मोटापा कम करता है और हमारी माँस पेशियों को मजबूत रखता है। व्यायाम करने से रक्त संचार बना रहता है और दिल के दौरे का खतरा कम हो जाता है।

व्यायाम करना आज की भाग दौड़ भरी जिंदगी में बहुत ही आवश्यक है क्योंकि आज के समय में हर व्यक्ति बिमारियों से घिरा रहता है। व्यायाम हमारे शरीर में रोग निरोधक क्षमता को बढ़ाता है और यह स्वस्थ रहने का सबसे सस्ता और सरल उपाय है। व्यायाम करने से हमें ताजगी का अनुभव होता है और हम मधुमेह और उच्च रक्तचाप जैसी समस्याओं से बचे रहते हैं। व्यायाम हमारे लिए बहुत ही लाभदायक है और हम सबको इसे अपनाना चाहिए। व्यायाम और योग हमारे शरीर को मजबूत बनाते हैं।

Vyayam Ke Labh – Essay On Exercise In Hindi – व्यायाम पर निबंध ( 300 words )

भूमिका- स्वास्थय मनुष्य का सबसे बड़ा धन है और आज के समय में बहुत से लोग अस्वस्थ है क्योंकि वह अपने स्वास्थय पर ध्यान नहीं देते हैं। हमें स्वस्थ रहने के लिए व्यायाम की आवश्यकता है क्योंकि व्यायाम करके ही हम खुद को खुश और तंदुरूस्त रख सकते हैं। डॉक्टर भी व्यक्ति को व्यायाम करने की सलाह देते है क्योंकि दवाई केवल बिमारी को खत्म करती है जबकि व्यायाम हमें स्वस्थ रखता है और हमारी रोग निरोधक क्षमता को बढ़ाता है।

व्यायाम के प्रकार- हमें अपनी दैनिक दिनचर्या में व्यायाम को अपनाना चाहिए। हम तरह तरह के व्यायाम कर सकते हैं जैसे सुबह सुबह टहलना, साईकिल चलाना, योगा करना। यदि हम कोई ऐसा कार्य करते हैं जिसमें हमारा बल लगता है वह भी एक तरह का व्यायाम ही है।

व्यायाम के फायदे- व्यायाम किसी भी व्यक्ति के लिए स्वस्थ रहने का सबसे सरल और सस्ता साधन है। व्यायाम व्यक्ति की माँस पेशियों को ठीक रखता है और रक्त का संचार भी सही रहता है। व्यायाम से हमारे जोड़ो का दर्द ठीक हो जाता है और दिल के दौरे का खतरा कम हो जाता है। रक्तचाप और मधुमेह की समस्या से निजात मिलती है और पाचन शक्ति में वृद्धि होती है। व्यायाम करने से शरीर में फूर्ति आती है और व्यक्ति को पूरा दिन ताजगी अनुभव होती है। व्यायाम करने वाला व्यक्ति पूरा दिन प्रसन्न रहता है।

निष्कर्ष- व्यायाम हर स्वस्थ जीवन की जरुरत है। व्यायाम के माध्यम से ही कोई भी व्यक्ति तंदुरूस्त और स्वस्थ बन सकता है। जो व्यक्ति प्रतिदिन व्यायाम करता है बिमारी उस पर कभी भी आक्रमण नहीं कर पाती है और वह हमेशा स्वस्थ और प्रसन्न रहता है। हमें रोज निर्धारित समय पर व्यायाम करना चाहिए और जीवन को स्वस्थ बनाना चाहिए। व्यायाम करने से मन उत्साहित रहता है और यह रोगों से बचने का एकमात्र समाधान है।

Importance of Exercise in Hindi – Essay On Exercise In Hindi – व्यायाम पर निबंध (400 Words)

व्यायाम से शरीर स्वस्थ, बलवान, चुस्त और फूर्तिला बन जाता है। आज का युग विज्ञान तथा गति का युग है। क्या शहर, क्या गाँव- सब तरफ़ दोड़- सी लगी हुई है। पढ़ना- लिखना, घर का काम, सामान ख़रीदना, दुकान या दफ़्तर का काम करना- बस, इन्हीं में दिन निकल जाता है। इस हड़बड़ी में अपने शरीर का ध्यान किसे रहता है ? किसे फ़ुरसत है कि वह अपनी सेहत का ख्याल रखे ? होश तब अत है जब मनुष्य बीमार होकर चारपाई पर पड़ जाता है।

शरीर को स्वस्थ और तंडरुसत रखना रखना आज एक समस्या बन गया है। लोग कहते हैं – “हमारे पास व्यायाम का समय कहाँ है ?” परन्तु ध्यान रहे – स्वास्थ्य और सौन्दर्य एक बार बिगड़ जाए, तो उसे ठीक करना कठिन हो जाता है। शरीर सुडौल रहे, सुन्दर रहे, जवानी जैसी उमंग क़ायम रहे – यह मनुष्य के वश में है। प्रतिदिन आधे घंटे व्यायाम करके इसका कमाल देखा जा सकता है।

मनुष्य की महान सम्पत्ति उसका स्वास्थ होता ही होता है। व्यायाम का उद्देश्य आपको पहलवान बनाना नहीं है। इसका उद्देश्य है – आपके शरीर को रोगों से बचाना – चुस्त – दुरुस्त और फ़ुर्तिला बनाना – शरीर को सुडौल और सुन्दर बनाना – तरूणई और जवानी के उत्साह को बढ़ाना। व्यायाम करने से शरीर हल्का, चुस्त और निरोग रहता है। शरीर में काम करने की शक्ति बढ़ती है।

व्यायाम योजना वही ठीक है जो शरीर को चुस्त और फ़ुर्तिला बनाते पर ज़ोर दे, ताकि आपको व्यायाम के बाद सुस्ती न हो, दिन में नींद न आए। बल्कि आपके दिन – भर के कामों को आप चूसती – फुर्ती और उत्साह से करें। इसलिए जिन व्यायामों से शरीर पर भोझ नहीं पड़ता, देह की कार्य – शक्ति में कमी नहीं आती, बल्कि व्रिदिध होती है, वे ही व्यायाम लाभकारी हैं।

हम व्यायाम क्यों अपनाएँ ? विज्ञानिक खोजों से सिद्ध हो चुका है की स्वस्थ शरीर वाला मनुष्य ही काम और दोड़ – धूप में होने वाली थकावट को सहन कर सकता है। वह दूसरों की अपेक्षा अधिकाधिक काम कर सकता है, क्योंकि उसकी सहन- शक्ति अधिक होती है। वह शरीर पर पड़ने वाले ज़ोर और दबाव को सहन करने में समर्थ होता है। स्वस्थ शरीर वाले का हृदय अधिक चुस्त होता है। उसका मस्तिष्क चुस्त, चोकन्ना और सक्रिय होता है। स्वस्थ शरीर की नाड़ियाँ – दिन – भर की दोड़ – धूप और हाय – तोबा के तनाव को सहज ही सह लेती हैं। लेकिन अगर शरीर में किसी तरह की कमज़ोरी हो तो वह इस तनाव को नहीं सह पाता।

Essay on Exercise in Hindi Language – व्यायाम पर निबंध (500 Words)

स्वास्थ्य ही जीवन की सबसे बड़ी सम्पत्ति है। यदि शरीर स्वस्थ न होगा  तो मनुष्य के पास कितनी भी सम्पत्ति क्यों न हो वह उसका आनन्द नहीं ले सकता। इसलिए मनुष्य का सबसे पहला कर्त्तव्य तो अपना स्वास्थ्य ठीक रखना है । स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ आत्मा को ” निवास होता है। रोगी व्यक्ति तो जीवन में चिड़चिड़ा हो जाता है। वह न कहीं  घूम सकता है और न ही किसी सांसारिक वस्तु का आनन्द ले सकता है।  शरीर को स्वस्थ रखने का एकमात्र साधन व्यायाम है। जिस प्रकार काम न  लेने के कारण मशीन को जंग लग जाता है। और वह काम नहीं करती, ठीक इसी प्रकार शरीर भी व्यायाम के बिना रोगी और निकम्मा हो जाता है । इसलिए नियमानुसार व्यायाम करना बड़ा ज़रूरी है। यहां इस बात का भी ध्यान रहे कि व्यायाम के साथ पौष्टिक भोजन होना भी ज़रूरी है।

आयु के अनुसार व्यायाम का रूप भी बदलता रहता है। सबसे अच्छा व्यायाम तो दोनों समय लम्बी सैर करना है। बूढ़े लोगों के लिए तो यह सर्वोत्तम व्यायाम है। प्रातःकालीन स्वच्छ वायु के सेवन से शरीर नीरोग होता है। युवाओं और बच्चों के लिए खेल-कूद और दौड़ना व्यायाम के सुन्दर ढंग हैं। पुराने ज़माने में दण्ड निकालना, बैठकें निकालना आदि व्यायाम के प्रसिद्ध साधन थे । रस्सी लेकर कूदना लड़कियों के लिए बहुत अच्छा व्यायाम है। ग्रामों में औरतों के कार्यों में प्रतिदिन चक्की पीसना, कुओं से पानी भरना आदि भी व्यायाम के साधन थे। हाकी, फुटबाल, कबड्डी, खो-खो आदि खेल भी व्यायाम के बड़े सुन्दर साधन हैं। भारत में आजकल योगाभ्यास बहुत प्रचलित हो गया है।

योग का सीधा सम्बन्ध शरीर के भिन्न-भिन्न अंगों से है। इसमें अनेक प्रकार के आसन दिए गए हैं। प्रत्येक आसन का सम्बन्ध शरीर के अलग-अलग अगों से है। योग के शिक्षकों का तो यहां तक कहना है कि योग के माध्यम  से शरीर का ऐसा कोई भी रोग नहीं रहता जिसको दूर न किया जा सके। उनके अनसार योगाभ्यास करने वाले के पास तो रोग फटकते तक नहीं।

दुर्भाग्य की बात है कि आज के विज्ञान ने सभी को आलसी बना दिया है। व्यायाम करना तो एक ओर रहा, आज के बच्चे प्रातः उठना भी उचित नहीं समझते । 8-9 बजे तक सोये रहना तो आज का फैशन हो गया है। यही कारण है कि आजकल के बालक-बालिकाओं के शरीर बड़े दुबले पतले रहते हैं । कद छोटे-छोटे हैं। ये लोग शीघ्र ही रोग-ग्रस्त हो जाते हैं।  व्यायाम करने के कई लाभ हैं। सब से बड़ा लाभ तो यह है कि शरीर स्वस्थ रहता है। इससे मन प्रसन्न रहता है। सांसारिक सुखों को आनन्द के साथ भोग सकता है। मानव-बुद्धि तीब्र होती है। मनुष्य का खाना अच्छी प्रकार पच जाता है। शरीर पर से अनावश्यक चर्बी उतर जाती है, मोटापे से छुटकारा पाना अनेक रोग से मुवित प्राप्त करना है। तभी तो कहा है व्यायाम को अपनाओ डाक्टर को भगाओ। इसीलिए हमें प्रतिदिन , नियमपूर्वक व्यायाम अवश्य करना चाहिए। व्यायाम से शरीर के व्यर्थ मल नष्ट हो जाते हैं, मोटापा घटता है , शरीर सुदोग बनता है। चूसती – फुर्ती आने से कार्य – शक्ति बढ़ती है।

हम आशा करते हैं कि आप इस निबंध (  Essay on Exercise in Hindi – व्यायाम पर निबंध ) को पसंद करेंगे।

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व्यायाम को साधारण भाषा में समझे तो, हमारे शरीर को ऐसा बनाना जो हर स्थिति में कार्य कर सके। नियमित व्यायाम करने से मानवी की रोग प्रतिकारक शक्ति बढ़ती है, जिससे वह कई भयानक रोगों से दूर होता है। वर्तमान समय में हमें कोरोना जैसी भयानक बीमारी से बचने के लिए व्यायाम करना ही चाहिए। लेकिन आज का मानवी व्यायाम और खेल-कूद जैसी चीज़ों से काफी दूर हो गया है। इसकी वजह से ऐसे लोगो के अंदर कई खतरनाक बीमारिया फैल जाती है। जो अंत मे उनके मौत का कारण बनती है। इसलिए आज से ही नियमित रूप से व्यायाम करना शुरू कर दें।

Table of Contents

व्यायाम करने का सही स्थान और समय

वैसे तो हमे जब भी समय मिले उस समय व्यायाम कर सकते है। लेकिन व्यायाम करने का सबसे फायदेमंद समय सुबह और शाम का है। कई लोग देर रात और दोपहर में व्यायाम करते है, लेकिन इससे कुछ खास लाभ नहीं होता है। इसके साथ-साथ हमे रौशनी और स्वच्छ हवा में व्यायाम करना चाहिए। क्योकि खुली जगह में व्यायाम करने से बहुत फायदा होता है। इस तरह मनुष्य के जीवन में व्यायाम का बहुत महत्व है।

अगर आप सर्दियों में सुबह व्यायाम करते है, तो उससे आपके शरीर को विशेष रूप से फायदा होता है। पश्चिमी देशों में पुरुषों के साथ-साथ महिलाएं भी व्यायाम करती है। लेकिन हिंदुस्तान में कुछ प्रतिशत लोग ही व्यायाम करते है। और घर से बाहर निकलकर व्यायाम करने की संख्या तो और भी कम है। इस वजह से भारत में नई तरह की बीमारियां पैदा हो रही है।

व्यायाम के मुख्य प्रकार

व्यायाम के कई प्रकार है। जैसे हर रोज सुबह उठकर टहलना, योग करना, साइकल चलाना, लम्बी कूद, रस्सी कूद, उठक-बैठक और सभी खेल व्यायाम ही है। हम सभी को अपनी दिनचर्या में व्यायाम को अपनाना चाहिए। क्योकि मनुष्य के जीवन मे इसके बहुत लाभ है।

Essay on exercise in Hindi

व्यायाम के लाभ क्या है?

  • आज की भाग-दौड़ भरी जिंदगी में व्यायाम हमारे लिए बहुत जरूरी है। क्योकि व्यायाम करने से हमारा शरीर स्वस्थ, निरोग और सुंदर रहता है।
  • नियमित व्यायाम करने से शरीर तंदुरुस्त और दिमाग शांत रहता है। इसीलिए तो कहा जाता है कि, स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ मन और आत्मा का निवास होता है।
  • व्यायाम करने से शरीर में फुर्ती रहती है और आलसपन दूर होता है।
  • शरीर कि मांसपेशियां सुदृढ़ बनती है और हमारे चहरे पर एक तेज़ उत्पन्न होता है।
  • इसके अलावा जो लोग अधिकतर बैठे रहते है, उनके शरीर में कई प्रकार की बीमारिया उत्पन्न होती है। जैसी कि दर्जी, मोची, लोहार आदि अगर नियमित रूप से व्यायाम करें तो यह लोग बीमारियां से बच सकते है।
  • व्यायाम करने से शरीर का रक्त-संचार ठीक से होता है। जिससे हृदय रोग उत्पन्न नहीं होता।
  • इसके अलावा जिन लोगो के शरीर में चर्बी बढ़ जाती है, तो उनको मेदस्वती और मोटापे जैसी बीमारिया उत्पन्न होती है। इन बीमारियो से सांस फूलने लगती है। परंतु अगर हम नियमित व्यायाम करे तो इन बीमारियो से छुटकारा पा सकते है।
  • व्यायाम करने से हमारे शरीर में जो पसीना आता है, उससे भी कई प्रकार के अनावश्यक और हानिकारक पदार्थ पसीने के साथ बाहर आ जाते है। इससे हमारा शरीर स्वस्थ रहता है।
  • नियमित व्यायाम करने से हमे गहरी नींद आती है, जिससे हमारी थकान दूर हो जाती है।
  • अगर किसी व्यक्ति का स्वभाव चिड़चिड़ापन है और उसे हर छोटी-छोटी बात और क्रोध आता है, तो उसे भी व्यायाम करना चाहिए। व्यायाम करने से क्रोध और चिड़चिड़ापन दूर होते है।
  • व्यायाम हमारे तन और मन दोनों को स्वस्थ रखता है।
  • व्यायाम हर बीमारी को दूर करने का सबसे अच्छा उपाय है। जब हमारा शरीर स्वस्थ और रोगमुक्त रहेगा तब जीवन में चारों और खुशियों ही खुशियां होगी।

(यह भी पढ़े- योग का महत्व पर निबंध )

व्यायाम का महत्व

आज इस दुनिया में लगभग हर व्यक्ति किसी न किसी बीमारी से घिरा हुआ है। इन बीमारियो से बचने के लिए हर कोई डॉक्टर के पास जाता है। लेकिन डॉक्टर सिर्फ बीमारी को ठीक कर सकता है, परंतु आपके स्वास्थ्य को कोई भी सही नहीं कर सकता। इसके लिए आपको खुद व्यायाम करना होगा। क्योकि जो लोग हररोज व्यायाम करते है, उनसे रोग कोसो दूर रहते है। कई बड़े शोधकर्ताओं का यह भी कहना है कि, वर्तमान में मनुष्य बीमारियो से कम और दवाइयों के कारण अधिक मर रहा है। इसलिए मनुष्य अपना स्वास्थ्य दवाइयों से नहीं बल्कि व्यायाम से मजबूत बनाना होगा।

जिस तरह मनुष्य के लिए भोजन, कपड़े और मकान जरूरी है, उसी तरह से व्यायाम भी जरूरी है। क्योकि व्यायाम हमें रोगमुक्त बनाता है और हमारे दिमाग को स्थिर बनाता है। पतला शरीर और उदास दिमाग वाले व्यक्ति के अंदर आत्मविश्वास कि कमी होती है। इसीलिए हमे नियमित व्यायाम करना चाहिए।

इसके अलावा जो लोग हररोज बहुत काम करते है, उनको व्यायाम करने कि जरूरत नहीं। जैसे कृषि के क्षेत्र में मेहनत करने वाले किसान और कारखानों में काम करने वाले विभिन्न श्रमिक। इन लोगो के काम मे बहुत पसीना निकलता है, जिससे उनको कोई बीमारी नहीं होती। लेकिन फिर भी ऐसे लोगो यदि व्यायाम करे तो उनके लिए बहुत अच्छा है।

मनुष्य के तन और मन को स्वस्थ और शांत रखने के लिए सबसे अच्छा उपाय व्यायाम ही है। जैसे अक्सर हम क्रिकेट या फूटबोल में देखते है कि, एक खिलाड़ी चोटिल होने के बाद भी तुरंत खड़ा हो जाता है। इसकी मुख्य वजह व्यायाम है। इसलिए अगर आप भी अपने शरीर को स्वस्थ रखना चाहते है, तो आज से ही रोज सुबह व्यायाम करना शुरू करदे।

अगर आपको इस निबंध से कुछ भी लाभ हुआ हो, तो इसे share करना ना भूले। व्यायाम का महत्व पर निबंध पढ़ने के लिए आप सभी का धन्यवाद ( Essay on exercise in Hindi )

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स्वास्थ्य और व्यायाम पर निबंध | Health And Exercise Essay In Hindi

Health And Exercise Essay In Hindi  नमस्कार दोस्तों आपका स्वागत हैं आज हम स्वास्थ्य और व्यायाम पर निबंध लेकर आए हैं. अच्छे स्वास्थ्य के लिए नित्य व्यायाम एवं खेलकूद अनिवार्य शर्त मानी जाती हैं.

व्यायाम हमें शारीरिक एवं मानसिक रूप से स्वस्थ बनाए रखता हैं. आज के निबंध, भाषण, अनुच्छेद, पैराग्राफ में हम स्वास्थ्य और व्यायाम के संबंध और महत्व के बारें में जानेगे.

स्वास्थ्य व व्यायाम पर निबंध Health And Exercise Essay In Hindi

स्वास्थ्य और व्यायाम पर निबंध Health And Exercise Essay In Hindi

प्रस्तावना : सुखी जीवन के लिए अच्छे स्वास्थ्य को आवश्यक माना जाता हैं. मनुष्य यदि शारीरिक एवं मानसिक रूप से पूर्ण स्वस्थ है तो वह सबसे अधिक धनवान तथा भाग्यशाली हैं.

स्वस्थ व्यक्ति अपने जीवन उद्देश्यों की प्राप्ति कर सकता हैं. तथा औरों के जीवन में भी रौशनी लाने का कार्य कर सकता हैं. व्यक्ति के जीवन के चार मूल ध्येय धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष इन की प्राप्ति के लिए अच्छा स्वास्थ्य होना चाहिए.

अंग्रेजी की प्रसिद्ध कहावत हेल्थ इज वेल्थ स्वास्थ्य के सार्वभौमिक महत्व को दिखाती हैं. अच्छे स्वास्थ्य के कई मार्ग हो सकते है मगर एक संतुलित जीवन में व्यायाम वह माध्यम हैं जिसे बालक से लेकर वृद्ध तक कोई भी सरलता से अपना सकता हैं.

व्यायाम का अर्थ : यह शब्द वि और आयाम से मिलकर बना हैं, जिसका आशय है व्यायाम किसी एक क्रिया का नाम न होकर इसमें कई सारी क्रियाएं समाहित होती है जिनका उद्देश्य व्यक्ति के शरीर को स्वस्थ और स्फूर्तिवान बनाना.

योगासन, खेल कूद, शाम सवेरे का भ्रमण, प्रणायाम, अंग प्रत्यंग क्रियाएं यथा उठक बैठक टहलना, आसन, ध्यान, तैरना, मुगदर आदि को समाहित कर जो नाम दिया जाता हैं वह व्यायाम हैं.

अर्थात विभिन्न वे आयाम जो व्यक्ति स्वयं को स्वस्थ और तन्दुरस्त रखने के लिए करता हैं उसे व्यायाम की संज्ञा दी जाती हैं.

व्यायाम की आवश्यकता: आज भारत ही नहीं पूरा विश्व व्यायाम को अपने जीवन शैली का हिस्सा बना हैं. योग को वैश्विक स्वीकार्यता इसका बड़ा प्रमाण हैं.

संसार में आज हरेक व्यक्ति शारीरिक या मानसिक रोगों से स्वयं को घिरा हुआ पाता हैं. आज की हमारी व्यवस्था में बीमार पड़ने पर चिकित्सक के पास जाकर दवाई ले आने की व्यवस्था हैं.

यह चक्र निरंतर चलता रहता है मगर यदि कोई बीमारी और ईलाज के चक्र को विध्वंस कर व्यक्ति को सदैव स्वस्थ रखने की गारंटी दे सकता हैं तो वह योग व व्यायाम ही हैं.

प्रत्येक व्यक्ति में रोगजनक कीटाणु एक मात्रा में होते हैं मगर हमारा शरीर पर्याप्त शक्तिशाली होने के कारण वे अपना प्रभाव दिखा नहीं पाते हैं.

मगर जैसे ही शरीर में दुर्बलता आती है हम बीमार पड़ जाते हैं. मगर जो व्यक्ति नित्य व्यायाम करता है वह कभी भी बीमार नहीं पड़ता हैं.

एक महान डोक्टर की पंक्तियाँ सारगर्भित हैं. वे कहते है सच्चा चिकित्सक वही है जो दवाई पर यकीन किये बिना अपने मरीज के स्वास्थ्य को ठीक कर दे वही उत्तम चिकित्सक हैं.

आए दिन प्रकाशित होने वाले शोध इस बात की पुष्टि करते है कि दवाई एक बीमारी को मिटाने के लिए दी जाती हैं मगर वह दस नई बीमारियों की सम्भावना को तैयार कर देती हैं.

अतः हमें दवाई पर निर्भर न होकर अपने स्वास्थ्य पर ध्यान देने की आवश्यकता हैं. व्यायाम और योग क्रियाएं हमारे शरीर को पर्याप्त शक्तिशाली बना देगी जिस पर रोगों के परजीवियों का कोई प्रभाव नहीं पड़ता हैं.

व्यायाम के रूप : व्यायाम शारीरिक एवं मानसिक क्रियाओं से जुड़ा विषय हैं. स्वस्थ चिन्तन, मनन कल्पना भी इसका अंग हैं वही शरीर की क्रियाओं यथा खेलकूद और योग आदि शारीरिक व्यायाम के प्रकार हैं.

मूल रूप से स्वास्थ्य को अच्छा बनाने के लिए व्यायाम किया जाता हैं. इन्हें मोटे दो भागों में विभक्त कर सकते है खेलकूद एवं नियमित व्यायाम.

शारीरिक गतिविधियों से जुड़े खेल यथा हॉकी, कबड्डी, तैराकी, कुश्ती, क्रिकेट, दौड़ आदि से शरीर के सभी अंगों व कोशिकाओं में रक्त संचार व ऑक्सीकरण की क्रिया मजबूत होती हैं.

शरीर की वृद्धि तथा मांसपेशियों व हड्डियों को मजबूती मिलती हैं तथा मस्तिष्क में बुद्धि का संचार होता हैं. खासकर स्कूल के विद्यार्थियों के लिए खेलकूद और व्यायाम को पाठ्यक्रम की तरह ही उपयोगी मानकर हमारे देश में इन्हें पाठ्यचर्या का अंग बनाया गया हैं.

वे व्यक्ति जो खेल आदि क्रियाओं में भाग नहीं ले सकते है उन्हें सुबह और शाम के समय भ्रमण, योगासन, नृत्य आदि क्रियाओं को स्वास्थ्य को अच्छा बनाने का प्रयास किया जाना चाहिए.

व्यायाम की मात्रा : प्रत्येक व्यक्ति को कितनी मात्रा में व्यायाम करना चाहिए यह उनकी आयु, शारीरिक क्षमता आदि पर निर्भर करता हैं

बच्चों महिलाओं तथा वृद्धों की तुलना में वयस्क पुरुषों को दिन में अधिक व्यायाम करना चाहिए. वृद्ध तथा बच्चों को विशेष रूप से सवेरे नित्य भ्रमण तथा कसरत को अपनी नित्य दिनचर्या का हिस्सा बनाना चाहिए.

व्यायाम के लिए आवश्यक बातें : सभी के लिए व्यायाम का बेहतरीन समय सवेरे का माना जाता हैं. हाथ मुहं ढोने के बाद निवृत होकर व्यायाम करने चाहिए.

सुबह व्यायाम करने का एक अन्य लाभ यह है कि स्वच्छ वातावरण होता है वायु स्वच्छ होता है आरम्भ में थोड़े थोड़े समय से व्यायाम की आदत डालने के बाद धीरे धीरे इसे बढाना चाहिए.

हरेक व्यक्ति को अपनी शारीरिक क्षमता के मुताबिक़ व्यायाम का चयन करना चाहिए, नाक से श्वास ले तथा व्यायाम करने के बाद दूध और पौष्टिक आहार का सेवन करना चाहिए.

व्यायाम से लाभ :  मानव का सबसे बड़ा शत्रु आलस्य को माना गया हैं जो शरीर को शिथिल व मंदबुद्धि बना देता हैं, समय पर कोई कार्य नहीं होता है रक्त संचार और पाचन क्रियाएं सुस्त पड़ जाती हैं. तथा बीमार पड़ने लगता हैं.

व्यायाम आलस्य को दूर कर शरीर में स्फूर्ति का संचार करता हैं रक्त का परिसंचरण सही ढंग से होने लगता है तथा भोजन भी ठीक तरह से पचता हैं इस तरह वह रोगों से दूरी बना लेता हैं.

निष्कर्ष के रूप में कहा जा सकता है कि व्यायाम और स्वास्थ्य का गहरा अंतरसम्बन्ध है नित्य व्यायाम करके व्यक्ति रोगों से छुटकारा पा सकता हैं तथा अपने जीवन को इच्छित ढंग से जी सकता हैं.

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उम्मीद करता हूँ दोस्तों स्वास्थ्य और व्यायाम पर निबंध Health And Exercise Essay In Hindi  का यह निबंध पसंद आया होगा, यदि आपकों स्वास्थ्य और योग पर दिया गया शोर्ट निबंध एस्से पसंद आया हो तो इसे अपने दोस्तों के साथ जरुर शेयर करें.

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Hindi Essay

व्यायाम पर निबंध हिंदी | Essay on Exercise in Hindi 500 Words | PDF

Essay on exercise in hindi.

Essay on Exercise in Hindi 500 + Words (Download PDF) व्यायाम पर निबंध कक्षा 5, 6, 7, 8, 9, 10 के लिए – व्यायाम के अनेक फायदे है जो शारीरिक स्वास्थ्य के लिए अति आवश्यक है। यह कई प्रकार के होते है और प्रत्येक व्यायाम करने के अलग -अलग तरिके होते है। आज हम जानेंगे व्यायाम का क्या महत्व है और यह कितने प्रकार के होते है तो आइये शुरू करते है।

मानव शरीर एक मशीन के समान है। एक अस्वस्थ शरीर न तो किसी प्रकार का कार्य कर सकता है और न ही किसी प्रकार का सुख भोग सकता है। अस्वस्थ व्यक्ति के लिए यह जीवन नीरस हो जाता है। इसलिए मानव शरीर में कर्म और भोग दोनों के लिए स्वस्थ शरीर आवश्यक है। केवल अच्छी चीजें खाने-पीने से शरीर मजबूत नहीं होता, लेकिन शरीर को स्वस्थ बनाने के लिए व्यायाम नितांत आवश्यक है। केवल अच्छी चीजें खाने से, बिना व्यायाम के यह शरीर बीमारी का घर बन जाता है।

व्यायाम का महत्व

कहा जाता है कि स्वस्थ तन में ही स्वस्थ मन का वास होता है। अस्वस्थ शरीर मानसिक समस्याओं की ओर ले जाता है, और अस्वस्थ मन शारीरिक समस्याओं की ओर ले जाता है। रोजाना व्यायाम करने से शरीर स्वस्थ और फिट रहता है और कई तरह के रोग दूर होते हैं।

स्वस्थ शरीर से मानसिक प्रसन्नता बढ़ती है। मन को शांति मिलती है। व्यायाम से शरीर की ताकत, चेहरे की चमक, मांसपेशियों के उभार का बारीक विभाजन, आलस्य, स्थिरता और शरीर का हल्कापन महसूस होता है। व्यायाम करने से पाचन शक्ति मजबूत होती है, भूख लगती है, शरीर सुगठित, सुव्यवस्थित और सुडौल बनता है।

शरीर के सभी अंग अपना काम ठीक से करते हैं जिससे शरीर में ऊर्जा और ताजगी आती है। व्यायाम से शरीर में एक नई ऊर्जा आती है जिससे उसकी कांति प्रकट होती है। शरीर सुंदर दिखता है और चेहरा निखरता है। व्यायाम करने वाले व्यक्ति की उम्र बढ़ती है। यौवन बुढ़ापे में फूटता है। स्वस्थ शरीर कभी बासी नहीं होता।

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व्यायाम के तरीके

व्यायाम करने के कई तरीके बताए गए हैं। योग के द्वारा साधक कई वर्षों तक जीवित रहा, जिसका प्रमाण शास्त्रों में मिलता है। शास्त्रों में योग के चौरासी लाख आसन बताए गए हैं।

योग से शरीर के सभी अंग नियंत्रित होते हैं। प्राणायाम शरीर और मानसिक स्थिरता के लिए सबसे अच्छा व्यायाम है। ध्यान मन की शांति और आत्मा की भावना लाता है। इस तरह योग के द्वारा हम शरीर के सभी अंगों को मजबूत बना सकते हैं।

खेल भी व्यायाम का एक रूप है। तरह-तरह के खेल शरीर को सक्रिय रखते हैं। खिलाड़ी के अंग अत्यंत गतिशील हो जाते हैं। रक्त संचार बढ़ता है। आजकल खेलों को बहुत महत्व दिया जाता है। इससे एक और मनोरंजन होता है, जिससे मस्तिष्क का विकास होता है। वहीं दूसरी ओर शरीर का व्यायाम भी होता है, जिससे शरीर की ताकत बढ़ती है।

सुबह की सैर

सुबह की सैर भी बहुत अच्छा व्यायाम है। सुबह उठकर बाहर जाने से शरीर तरोताजा और ऊर्जावान रहता है। सुबह की सैर से न सिर्फ शरीर के अंग सक्रिय होते हैं, बल्कि सुबह की हवा शरीर के लिए अमृत का काम करती है। शरीर का व्यायाम दिन की अन्य गतिविधियों से भी होता है। लेकिन अमृत से भरी हवा सुबह के समय ही मिल पाती है। सुबह के बाद हवा कई कारणों से प्रदूषित हो जाती है।

शारीरिक और मानसिक श्रम व्यायाम है। एक किसान और मजदूर किसी भी प्रकार का व्यायाम नहीं करता है और न ही उसे कोई व्यायाम करने की आवश्यकता होती है क्योंकि उसका दैनिक कार्य ऐसा होता है कि शरीर के सभी अंग स्वयं सक्रिय रहते हैं। इसलिए मेहनत करना भी एक तरह का व्यायाम है, जिससे शरीर स्वस्थ रहता है। इसलिए मेहनती व्यक्ति को भी व्यायाम करने की आवश्यकता नहीं होती है।

व्यायाम के सुझाव

जिस तरह खाना-पीना शरीर के लिए जरूरी है, उसी तरह व्यायाम भी बहुत जरूरी है। इसलिए सभी को रोजाना व्यायाम करना चाहिए। शरीर को स्वस्थ रखने के लिए सुबह जल्दी उठना नितांत आवश्यक है। खुली हवा में उठना और यात्रा करना, दौड़ना, योग करना बहुत फायदेमंद होता है।

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किसी भी तरह का व्यायाम शरीर के सभी अंगों के संचालन के लिए अच्छा होता है। इन दिनों खेलों का खूब प्रचार-प्रसार हो रहा है। खेलकूद प्रतियोगिता में भाग लेना चाहिए। इससे शरीर को उचित व्यायाम मिलेगा। वहां हमारी सामाजिक भावना भी विकसित होगी। दिन भर अपने काम में लगे रहना चाहिए, क्योंकि श्रम भी एक प्रकार का व्यायाम है।

हर कोई लंबे समय तक खुशी से जीना चाहता है, लेकिन यह संभव नहीं है। रोजाना उचित व्यायाम करने से इसे संभव बनाया जा सकता है। इसलिए व्यायाम करने में आलस्य नहीं आने देना चाहिए। नियमित व्यायाम से शरीर फिट रहता है। शरीर मनुष्य की सबसे बड़ी संपत्ति है। संसार की अन्य संपत्तियां स्वस्थ शरीर के अधीन हैं। स्वस्थ रहकर मनुष्य लाखों की संपत्ति बना सकता है।

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Q&A. on Exercise in Hindi

व्यायाम करना क्यों जरूरी है.

उत्तर – व्यायाम लोगों की बीमारियों के जोखिम को कम करने और वजन कम करने में मदद करता है। प्रतिदिन व्यायाम करने से टाइप 2 मधुमेह, मोटापा और उच्च रक्तचाप सहित कुछ बीमारियों के विकास का जोखिम कम हो जाता है। यह एक व्यक्ति की अच्छी उम्र में मदद कर सकता है और आपके शरीर को स्वस्थ वजन पर रखने में मदद कर सकता है।

व्यायाम के कौन -कौन से रूप है?

उत्तर – साइकिल चलाना, दौड़ना और खेल, स्वास्थ्य क्लब में व्यायाम करना, तैराकी, गोल्फ और टेनिस, व्यायाम के ये सभी रूप हैं। जॉगिंग या दौड़ना शरीर के लिए अधिक फायदेमंद होता है। यह दैनिक शारीरिक गतिविधि को तीव्रता से हल्का से मध्यम बनता है।

क्या सभी व्यायाम समान हैं?

उत्तर – नहीं, शारीरिक गतिविधि को चार श्रेणियों में वर्गीकृत किया जा सकता है – लचीलापन, धीरज, शक्ति, और संतुलन। सभी व्यायाम अलग – अलग परिणाम देते हैं क्योंकि कुछ व्यायाम शरीर के विभिन्न भागों पर ध्यान केंद्रित करते हैं। प्रत्येक प्रकार का व्यायाम अलग है और उनके तरिके भी।

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Essay on Eid in Hindi

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व्यायाम का महत्व पर निबंध – Essay on the importance of exercise in Hindi

आज में आपके लिए लेकर आया हूँ व्यायाम का महत्व पर निबंध (Essay on the importance of exercise in Hindi). जिसमें आप परिभाषा और रूप, व्यायाम करने का सही स्थान और समय, इसके लाभ और हमारी शिक्षा प्रणाली में व्यायाम के बारे में आप जानेंगे. सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि यह लेख आपको कई प्रकार की परीक्षाओं में मदद करेगा. तो बिना देरी किये चलिए हमारे मुख्य लेख की ओर बढ़ते हैं जो है व्यायाम का महत्व पर निबंध ( The importance of exercise essay in Hindi ).

यह सोचना भ्रामक है कि शरीर को बनाए रखने के लिए भोजन, कपड़े और आश्रय आवश्यक हैं, लेकिन यह कि सुंदर और अच्छी तरह से संतुलित शरीर और एक स्थिर दिमाग के लिए लाभ पर्याप्त हैं. इन सभी संसाधनों की प्रचुरता के कारण, इसमें कोई सच्चाई नहीं है कि एक पतला शरीर और उदास दिमाग के साथ एक व्यक्ति खुशहाल जीवन जी सकता है. शरीर की भलाई और मन की भलाई के लिए नियमित व्यायाम की आवश्यकता से इनकार नहीं किया जा सकता है. ब्रह्मांड में मानव जीवन बहुत दुर्लभ है. इस अनमोल जीवन की सुरक्षा का ध्यान रखना प्रत्येक मनुष्य का कर्तव्य है. मानसिक विकास शरीर की उचित संरचना और वृद्धि पर निर्भर करता है. अतः बिना व्यायाम के स्वस्थ शरीर में स्वस्थ मंत्र की स्थिति उचित नहीं लगती है.

परिभाषा और रूप

शारीरिक वृद्धि और विकास के लिए नियमित अंग चालना का दूसरा नाम व्यायाम है. उन सभी कार्यों में जिनमें शरीर के विभिन्न अंग लगातार गतिशील होते हैं, जिसके कारण शरीर मजबूत और सुव्यवस्थित होता है और यह सब कार्य ही व्यायाम है. यह कहना अतिशयोक्ति नहीं होगी कि कृषि के क्षेत्र में अथक परिश्रम करने वाले किसान, कारखानों में विभिन्न शारीरिक गतिविधियों में सदैव लगे रहने वाले श्रमिक तथा भवनों और सड़कों आदि के निर्माण में कार्यरत श्रमिक रोजाना व्यायाम करते हैं. संक्षेप में, यह कहा जा सकता है कि व्यायाम शारीरिक गतिविधि में संलग्न होने का एक निरंतर तरीका है. चिकित्सक, वकील, शिक्षक, कलाकार, या विभिन्न मानसिक गतिविधियों में लगे कई अन्य पेशेवर शायद ही कभी उपरोक्त शारीरिक गतिविधियों में से कोई भी कार्य करते हैं. परिणामस्वरूप, शारीरिक विकास के लिए आवश्यक अन्य सभी शारीरिक गतिविधियाँ उनके अभ्यास में शामिल होती हैं. कुश्ती, खेल, साइकिल चलाना, नौका विहार और विभिन्न खेलों में भाग लेना जैसे फुटबॉल, क्रिकेट, हॉकी, टेनिस, बैडमिंटन, कबड्डी, आदि व्यायाम है. यहां तक ​​कि तैराकी, दौड़ना या लंबी दूरी तक चलना व्यायाम का हिस्सा है.

vyayam ka mahatva par nibandh

व्यायाम करने का सही स्थान और समय

दैनिक जीवन में पेशे की जरूरतों के अनुसार विभिन्न शारीरिक गतिविधियां करने वालों में व्यायाम के स्थान और समय को निर्धारित करना हमेशा संभव नहीं होता है. बेशक, उनके कार्यस्थल में पर्यावरण को शारीरिक गतिविधि के लिए अनुकूल होना चाहिए. व्यायाम के लिए अत्यधिक रौशनी और स्वच्छ हवा आवश्यक है. ऑक्सीजन की कमी से हवा की शुद्धता कम हो जाती है. इसलिए खुले ग्रामीण इलाकों और हाइलैंड्स व्यायाम करने के लिए सबसे अच्छी जगह हैं. इस स्थान में निर्बाध वायु परिसंचरण होता है. सुबह और दोपहर व्यायाम के लिए महान समय है. देर रात और दोपहर में व्यायाम करने से कोई भी फायदा नहीं होता है. सर्दियों में अधिक समय तक व्यायाम करना शरीर के लिए विशेष रूप से फायदेमंद होता है. यदि किसी भी कारण से शारीरिक बीमारी महसूस होती है तो व्यायाम को पूरी तरह से रोका जा सकता है या इसकी अवधि कम की जा सकती है.

व्यायाम शरीर को स्वस्थ रखने के साथ-साथ शारीरिक संरचना और विकास में मदद करता है. आलस्य उस व्यक्ति से हमेशा दूर रहता है, जो नियमित रूप से व्यायाम करने की आदत में है. व्यायाम के दौरान तेजी से सांस लेने से रक्त का संचार, विभिन्न शारीरिक प्रक्रियाएं अच्छी तरह से प्रबंधित होती हैं और फेफड़े और दिल मजबूत होते हैं और अच्छी तरह से काम करते हैं. रक्त, मांस, हड्डियां, तंत्रिकाओं, मांसपेशियों आदि शरीर के मुख्य अवयवों हैं. व्यायाम करने से शरीर के बीच के ये सभी अंग मजबूत होते हैं और ठीक से काम करते हैं. व्यायाम के दौरान शरीर से अत्यधिक पसीना निकलता है जिससे त्वचा को साफ होता  है और त्वचा में संक्रमण का खतरा नहीं रहता है. नियमित व्यायाम से भूख बढ़ती है, कब्ज का खतरा दूर होता है.

हमारी शिक्षा प्रणाली में व्यायाम

अनुसंधान और परीक्षा के माध्यम से बाल मनोचिकित्सक और शिक्षक इस निष्कर्ष पर पहुंचे हैं कि आधुनिक स्कूलों के पाठ्यक्रम में मानसिक और शारीरिक शिक्षा दोनों का समान महत्व है. इसलिए पाठ्यक्रम में विभिन्न खेल और अभ्यास हैं. प्रत्येक संस्थान के लिए शारीरिक शिक्षा शिक्षकों की नियुक्ति की गई है. लेकिन यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि कुछ स्कूल व्यायाम के महत्व पर जोर नहीं देते हैं. जब प्रत्येक शिक्षक और छात्रों को व्यायाम के लाभों का पता चलेगा, तो वे स्वस्थ जीवन जीने में सक्षम हो सकते हैं.

चाहे प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से, कुछ लोग व्यायाम करने के लिए उपेक्षा करते हैं. नतीजतन, वे विभिन्न बीमारियों से पीड़ित होते हैं. तो इसके बाद में, उनके पश्चाताप उनका सार है. व्यायाम की कमी से मोटापा हो सकता है, जिससे दैनिक गतिविधियों जैसे बैठना, उठना, चलना, दौड़ना जैसी समस्याएं हो सकती हैं. भारत जैसे कम विकसित देश में, व्यायाम के बारे में व्यापक जागरूकता की आवश्यकता है.

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यह था हमारा लेख व्यायाम का महत्व पर निबंध (Essay on the importance of exercise in Hindi ). उम्मीद है कि यह लेख आपको पसंद आया होगा. अगर पसंद आया है, तो अपने दोस्तों के साथ शेयर करना न भूलें. मिलते हैं अगले लेख में. धन्यवाद. 

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व्यायाम के महत्व पर निबंध

व्यायाम के महत्व पर निबंध | essay on value of exercise in hindi.

प्रत्येक इंसान किसी ने किसी बीमारी से जूझता रहता है। अक्सर बीमारियों के निवारण के लिए हम डॉक्टरों के पास जाते है। डॉक्टरों के दवाईयों से हम ठीक तो हो जाते है लेकिन अंदरूनी स्वास्थ्य हमेशा ठीक नहीं होता है।  अंदरूनी स्वास्थ्य को ठीक करने और दवाईयों का सेवन कम करना पड़े , उसके लिए हम सभी को व्यायाम करना चाहिए।

मनुष्य अगर अपना स्वास्थ्य बेहतर बनाना चाहते है तो उन्हें व्यायाम करना चाहिए। व्यायाम करने से मनुष्य का शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य मज़बूत होता है।  आजकल लोग फिट रहने के लिए हर रोज़ व्यायाम करते है।  बहुत सारे लोग कसरत करने के लिए व्यायाम केंद्र जाते है।  वहां विभिन्न तरह की मशीने दी जाती है जहां लोग कसरत करते है।

जो व्यक्ति नियमित रूप से व्यायाम करते है , वह शारीरिक रूप से शक्तिशाली होते है। अनगिनत दवाईयों के सेवन से हमे बचना चाहिए और व्यायाम करने को ही प्राथमिकता देनी चाहिए।व्यायाम करने से व्यक्ति का मन और मस्तिष्क प्रसन्न और सकारात्मक रहता है।

डॉक्टर रोगो को दूर करने के लिए दवाई और इंजेक्शन छोटे छोटे बीमारियों के लिए दे देते है। अगर हम नियमित व्यायाम और योग करे तो शरीर की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है। मनुष्य को दवाईयों पर कम निर्भर रहना चाहिए और व्यायाम को महत्व देना चाहिए।अपने सेहत को मज़बूत बनाने के लिए संतुलित खाना और व्यायाम करना चाहिए।

नियमित व्यायाम करने से पाचन तंत्र अच्छा रहता है।  पेट से जुड़ी बीमारियां कम रहती है। व्यायाम हर रोज़ करने से हमे भूख अधिक लगती है। नियमित व्यायाम करने से मन में शान्ति का अनुभव होता है और हर रोज़ जीवन में कुछ नया करने की प्रेरणा मिलती है।

जब हम व्यायाम करते है तो शरीर फिट रहता है। जब शरीर फिट रहता है तो हम हर काम मन लगाकर कर सकते है।जिन लोगो को अधिक दौड़ भाग करने में दिक्कत होती है , वह योगासन कर सकते है। योगा सीखाने वाले शिक्षक प्रत्येक योग को अच्छे से सीखाते है।

महात्मा  गाँधी ने भी कहा था असली दौलत सोना चांदी नहीं बल्कि मनुष्य का स्वास्थ्य होता है।यह बात सत्य है कि जितने भी महापुरुष आये उन सभी ने योग और व्यायाम को शक्ति बताया है।  यह मनुष्य के लिए लाभदायक है।हमे आरम्भ में योगासन और ध्यान करने के पश्चात व्यायाम करना चाहिए।

कई प्रकार के आउटडोर खेल खेलना भी व्यायाम के अंतर्गत आते है। शुरू शुरू में व्यायाम के क्रियाओं को समझने में वक़्त लगता है। दौड़ना , तैरना , खेलकूद भी व्यायाम करने के विशेष तरीके है।

हर मनुष्य को वक़्त पर व्यायाम करना चाहिए। एक दिन व्यायाम करके शरीर में कोई फिटनेस नहीं आती है।  नियमित रूप से व्यायाम करना ज़रूरी है तभी हम एक अच्छे स्वास्थ्य को बरकरार रख सकते है।देश में  पुरुषो की तुलना में महिलाएं कम व्यायाम करती है।  ऐसा नहीं है कि महिलाएं व्यायाम  नहीं करती है। कई महिलाएं घरेलू कामो में काफी व्यस्त रहती है।  कहीं घंटो तक खड़े होकर भोजन पकाना , मसाला पीसना , कपड़े और बर्तन धोना इत्यादि कार्य व्यायाम के रूप में गिने जा सकते है।

आजकल का युग डिजिटल और टेक्नोलॉजी का है जहां मनुष्य अपने हाथों से कम बल्कि मशीनों द्वारा अधिकतर कार्य करते है। मनुष्य आजकल ऑफिस में ज़्यादातर बैठकर कार्य करते है और शरीर के फिटनेस पर ध्यान नहीं देते है। लगातार बारह घंटे से ऊपर काम करने के बाद वे थक जाते है और व्यायाम करने का उन्हें समय नहीं मिल पाता है।

पुराने समय में लोग कंपनियों में परिश्रम करते थे और वह एक तरह से व्यायाम कहा जा सकता है। आज कल ज़्यादातर कार्य लोग लैपटॉप और कंप्यूटर पर काम करते है और शारीरिक बल के महत्व को भूल जाते है।  जिसका असर उनके स्वास्थ्य पर पड़ता है।लोगो को कंप्यूटर और मोबाइल पर अपना खाली समय नहीं बिताना चाहिए।  इससे हमारे सेहत और आँखों पर बुरा असर पड़ता है।लोगो को अपने खाली समय का उपयोग व्यायाम करने के लिए करना चाहिए। व्यायाम करने की उम्र नहीं होती है , जवान हो , या बच्चे या वयस्क सभी लोगो का व्यायाम करना ज़रूरी है।

अपने सेहत को फिट रखने के लिए पार्क और घर के आस पास घूमना अच्छा होता है।  इससे शरीर को ऑक्सीजन और ताज़ी हवा प्राप्त होती है।नियमित रूप से व्यायाम करने से शरीर में रक्त संचालन अच्छे से होता है।  व्यायाम करने से हर बीमारी से लड़ने की शक्ति मिलती है।

अगर स्वास्थ्य अच्छा रहता है तो दिन की शुरुआत अच्छी होती है। व्यायाम करने से शरीर में स्फूर्ति रहती है। स्वास्थ्य से ज़्यादा कीमती चीज़ और कुछ नहीं है।व्यायाम सभी को करना चाहिए ताकि जीवन में किसी भी रोग से लड़ने की क्षमता बनी रहे और रोगमुक्त जीवन व्यतीत कर सके।

  • महान व्यक्तियों पर निबंध
  • पर्यावरण पर निबंध
  • प्राकृतिक आपदाओं पर निबंध
  • सामाजिक मुद्दे पर निबंध
  • स्वास्थ्य पर निबंध
  • महिलाओं पर निबंध

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व्यायाम (एक्सरसाइज) के प्रकार, महत्व, करने का तरीका, लाभ और हानि – Types of Exercise, Importance And Benefits In Hindi

व्यायाम (एक्सरसाइज) के प्रकार, महत्व, करने का तरीका, लाभ और हानि - Types of exercise, Importance and benefits in Hindi

Exercise In Hindi: स्वस्थ रहने के लिए जिस प्रकार एक संतुलित आहार की आवश्यकता होती है उसकी प्रकार एक मजबूत और फिट शरीर के लिए व्यायाम की आवश्यकता होती है। हम सभी जानते हैं कि व्यायाम हमारे दैनिक जीवन में महत्वपूर्ण है, लेकिन हम ये नहीं जानते कि व्यायाम हमारे लिए क्यों आवश्यक है या व्यायाम क्या कर सकता है। जिस तरह से एक स्पोर्ट्स कार तेजी से जाने के लिए डिज़ाइन की गई है उसकी प्रकार हमारे शरीर को नियमित रूप से सक्रिय रहने के लिए बनाया गया है। कैलोरी को बर्न करने और वसा को जलाने के लिए व्यायाम बहुत ही महत्वपूर्ण है। आइसे इसे विस्तार से जानते हैं।

व्यायाम (एक्सरसाइज) क्या है – What is Exercise in Hindi

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व्यायाम (एक्सरसाइज) क्या है - What is Exercise in Hindi

व्यायाम (एक्सरसाइज) हमारे शरीर के द्वारा की गई एक प्रकार की मूवमेंट या शारीरिक गतिविधियाँ हैं जो आपकी मांसपेशियों पर काम करता है और आपके शरीर को कैलोरी जलाने के लिए इसकी आवश्यकता होती है। उदारहण के लिए तैराकी , दौड़ना , टहलना , चलना और नृत्य सहित कई प्रकार की शारीरिक गतिविधियाँ जिनको व्यायाम की श्रेणी में रखा गया हैं। सक्रिय होने से शारीरिक और मानसिक दोनों रूप से कई स्वास्थ्य लाभ होते हैं। यह आपको लंबे समय तक जीवन जीने में भी मदद कर सकता है। यह आपके वजन को कम करने और वजन को बढ़ाने दोनों में सहायता करता है। आइये व्यायाम के प्रकार को विस्तार से जानते हैं।

(और पढ़े –  वर्कआउट क्या होता है कितनी देर तक करें फायदे और नुकसान… )

सहन-शक्ति – Endurance in Hindi

स्ट्रेंथ एक्सरसाइज – strength exercises in hindi, संतुलन – balance in hindi, फ्लेक्सिबिलिटी एक्सरसाइज – flexibility exercises in hindi.

व्यायाम और शारीरिक गतिविधि को मुख्य रूप से चार भागों में बाँट गया है। अधिकांश लोग व्यायाम के एक प्रकार पर ध्यान केंद्रित करते हैं और सोचते हैं कि वे पर्याप्त व्यायाम कर रहे हैं। लेकिन इसके प्रत्येक भाग अलग है और उन सभी को करने से आपको अधिक लाभ मिलेगा। आइये इसके प्रकारों को विस्तार से जानते हैं।

सहन-शक्ति – Endurance in Hindi

सहन-शक्ति या एरोबिक (aerobic) गतिविधियां आपकी श्वास और हृदय गति को बढ़ाती हैं। यह आपके दिल, फेफड़े और रक्त संचार प्रणाली को स्वस्थ रखती हैं और आपकी संपूर्ण फिटनेस में सुधार करती हैं। अपने धीरज या सहन-शक्ति का निर्माण करना, आपकी रोजमर्रा की कई गतिविधियों को पूरा करना आसान बनाता है। सहन-शक्ति (Endurance) व्यायाम में निम्न गतिविधियां शामिल हैं-

  • तेज चलना या टहलना
  • घास काटना, उगना, खुदाई करना
  • नृत्य करना आदि

(और पढ़े –  फिट बॉडी बनाने के लिए एक्सरसाइज… )

स्ट्रेंथ एक्सरसाइज – Strength Exercises in Hindi

स्ट्रेंथ एक्सरसाइज आपकी मांसपेशियों को मजबूत बनाती हैं। वह आपको बीमारियों से स्वतंत्र रहने और रोजमर्रा की गतिविधियों को करने में मदद कर सकती हैं, जैसे सीढ़ियां चढ़ना और किराने का सामान ले जाना। इन अभ्यासों को स्ट्रेंथ ट्रेनिंग या रेसिस्टेंस ट्रेनिंग भी कहा जाता है। स्ट्रेंथ एक्सरसाइज में निम्न गतिविधियां शामिल हैं-

  • कुछ भार उठाना
  • रेसिस्टेंस बैंड का उपयोग करना
  • अपने शरीर के वजन का उपयोग करना

(और पढ़े – वेट ट्रेनिंग एक्सरसाइज क्या है, कैसे करें और फायदे और नुकसान… )

संतुलन – Balance in Hindi

संतुलन व्यायाम में गिरने से रोकने में मदद करता है, जो कि पुराने वयस्कों में एक आम समस्या है। शरीर के निचले हिस्से में ताकत के लिए व्यायाम भी आपके संतुलन में सुधार करेंगे। संतुलन व्यायाम में निम्न  गतिविधियां शामिल हैं-

  • एक पैर पर खड़ा होना
  • एड़ी और पैरों की उँगलियों पर चलना
  • ताई ची (Tai Chi)

(और पढ़े –  फिट रहने के लिए सिर्फ दस मिनट में किए जाने वाले वर्कआउट और एक्सरसाइज… )

फ्लेक्सिबिलिटी एक्सरसाइज – Flexibility Exercises in Hindi

फ्लेक्सिबिलिटी या लचीलापन व्यायाम आपकी मांसपेशियों को खींचता है और आपके शरीर को लचीला बने रहने में मदद कर सकते हैं। फ्लेक्सिबल होना आपको अन्य व्यायाम के साथ-साथ आपकी रोजमर्रा की गतिविधियों के लिए मूवमेंट (movement)  को अधिक स्वतंत्रता देता है, जिसमें ड्राइविंग और कपड़े पहनना शामिल है। फ्लेक्सिबिलिटी एक्सरसाइज में निम्न गतिविधियां शामिल हैं-

  • कंधे और ऊपरी हाथ में खिंचाव
  • पिंडली में खिंचाव

(और पढ़े –  स्‍ट्रेचिंग एक्‍सरसाइज, आखिर क्यों जरूरी है स्ट्रेचिंग… )

व्यायाम करने के नियम - Rules for Exercise in Hindi

किसी भी व्यायाम को करने के लिए कुछ नियमों का पालन करना होता है। यदि आप ऊपर दिए गए व्यायाम को करते समय निम्न नियमों का पालन करते है तो आप इन एक्सरसाइज का अधिकांस लाभ ले सकते है।

  • किसी भी व्यायाम को करने से पहले अपने शरीर को गर्म करने के लिए वार्म अप जरूर करें।
  • एक्सरसाइज करना प्रारंभ करने से पहले आप थोड़ी देर के लिए स्ट्रेचिंग अवश्य करें, इससे आपके शरीर की मांसपेशियां व्यायाम करने के लिए तैयार होती जाती है।
  • किसी भी व्यायाम को करने का सबसे पहला नियम है कि व्यायाम को सही तरीके से करें, गलत तरीके से किया गया व्यायाम आपके लिए नुकसानदायक हो सकता है।
  • यदि आप एक बिगिनर है तो आप व्यायाम को किसी जिम के ट्रेनर सामने ही करने का प्रयास करें।
  • यदि आपके शरीर की मांसपेशियों में किसी भी प्रकार का दर्द या चोट हो तो आप व्यायाम को डॉक्टर की सलाह से करें।
  • किसी भी व्यायाम को आवश्यकता से अधिक या अपनी क्षमता से अधिक ना करें। इससे आपको चोट लग सकती है या आपको दर्द हो सकता है।

(और पढ़े –  जानिए वार्म अप क्या होता है करने के तरीके और फायदे… )

व्यायाम (एक्सरसाइज) के महत्व - Importance of Exercise in Hindi

हम सभी ने सुना है कि व्यायाम महत्वपूर्ण है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि क्यों? व्यायाम करने से सभी प्रकार के लाभ प्राप्त होते हैं। यह हमारे लिए महत्वपूर्ण है क्योंकि व्यायाम आपको और आपके परिवार को एक खुशहाल और स्वस्थ जीवन जीने में मदद करता है। आइये व्यायाम करने के महत्त्व को विस्तार से जानते हैं।

  • व्यायाम आपके ऊर्जा स्तर को बढ़ाता है। व्यायाम करने से आपके पूरे शरीर को ऑक्सीजन और पोषक तत्व मिलते हैं जो अधिक कुशलता से काम करने और आपके धीरज को बढ़ाने में मदद करते हैं।
  • शारीरिक रूप से सक्रिय रहने से आप स्वस्थ रहेंगे। कुछ शोध कहते है कि दिन में 30 मिनट व्यायाम करना आपको स्वस्थ जीवनशैली बनाए रखने की आवश्यक है।
  • व्यायाम आपको खुश रखने में मदद करता है। यह शारीरिक गतिविधि आपके मस्तिष्क में उन रसायनों को छोड़ती है जिन्हें एंडोर्फिन (endorphins) कहा जाता है जो आपको खुश रखने और अधिक आराम का एहसास कराने के लिए जाने जाते हैं।
  • व्यायाम और अन्य शारीरिक गतिविधियां अक्सर समाजीकरण (socialize) के लिए बहुत अच्छे अवसर हैं। खेल के मैदान में जाना, एक स्पोर्ट्स टीम में शामिल होना या स्थानीय मनोरंजन केंद्र में जाना, ये सभी नए लोगों से मिलने का अच्छा तरीका हैं।
  • व्यायाम आपके दिल के लिए अच्छा है, यह एक स्वस्थ रक्तचाप बनाए रखने में मदद करता है और रक्त परिसंचरण में सुधार करता है।
  • नियमित शारीरिक गतिविधि आपको बेहतर नींद में मदद करती है। जब आप दिन के दौरान सक्रिय होते हैं, तो आप आमतौर पर रात में समय पर सो जाते हैं और एक अच्छी नींद लेते हैं।
  • व्यायाम आपके शरीर का एक स्वस्थ वजन बनाए रखने में मदद करता है।
  • व्यायाम आपके मन, शरीर और आत्मा के लिए अच्छा है।

(और पढ़े –  स्वस्थ और फिट रहने के लिए अपनी दिनचर्या में क्या शामिल करें… )

सामान्य एक्सरसाइज – Common Exercise in Hindi

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व्यायाम कई प्रकार की शारीरिक गतिविधियों का एक समूह है जिसको अलग-अलग तरीके से किया जा जाता है। आइये इसे करने के तरीके को विस्तार जानते है।

सामान्य एक्सरसाइज – Common Exercise in Hindi

कुछ सामान्य शारीरिक गतिविधियों को भी आप कर सकते है ये सभी व्यायाम के अंतर्गत आती है जैसे – दौड़ना, तैरना, साइकिल चला ना, नृत्य करना और रस्सी कूदना आदि। इसके अलावा कुछ अन्य एक्सरसाइज निम्न है।

(और पढ़े – रनिंग करने के फायदे और लाभ… )

बर्पी एक्सरसाइज - Burpee Exercise in Hindi

इस एक्सरसाइज को करने के लिए आप अपने पैरों को कन्धों की चौड़ाई पर रखें और दोनों हाथों को सीधा रखें। अब अपने हाथों को सामने लाये और नीचे की ओर बैठे। अपने दोनों हाथों को फर्श पर रखें और पुशअप की स्थिति में आकार एक पुशअप करें। इसके बाद आप सीधे होकर पुनः अपने प्रारंभिक स्थिति में आयें। यह क्रिया आपको 3 सेट्स में करना है, प्रत्येक सेट में 10 बार में इस क्रिया को करना है।

(और पढ़े –  बर्पी एक्सरसाइज करने के तरीके और फायदे… )

लॅन्ज एक्सरसाइज - Lunges Exercise in Hindi

अपने आपको संतुलन की चुनौती देने के लिए लॅन्ज एक्सरसाइज बहुत ही लाभदायक हैं। इस एक्सरसाइज को करने के लिए आप एक व्यायाम मैट पर सीधे खड़े हो जाएं और अपने दाएं पैर को 2-3 फुट आगे रखें। दोनों हाथों को कमर पर रख कर अपने दाएं पैर को घुटने के यहाँ से 90 डिग्री मोड़ें। अब फिर से पैर को सीधा कर लें। यह क्रिया दोनों पैरों से 10-10 बार के 3 सेट में करें।

(और पढ़े –  लंज एक्सरसाइज करने का तरीका और उसके फायदे… )

सिट-अप एक्सरसाइज - Situps Exercise in Hindi

यह एक क्रंच एक्सरसाइज के समान है, लेकिन सिट-अप में गति और स्थिति अतिरिक्त मांसपेशियों की एक पूरी श्रृंखला होती है। इस एक्सरसाइज को करने के लिए आप फर्श पर सीधे लेट जाएं और दोनों पैरों को घुटनों से मोड़ लें। अपने दोनों हाथों को सिर के पीछे रख लें। अब पैरों को स्थाई रखे हुए सीधे बैठे और फिर से लेट जाएं। यह क्रिया आपको 3 सेट्स में करना है, प्रत्येक सेट में 15 बार में इस क्रिया को करना है।

(और पढ़े –  सिट अप्स एक्सरसाइज करने का तरीका और फायदे… )

बाइसिकल क्रंच एक्सरसाइज - Bicycle Crunch Exercise in Hindi

बाइसिकल क्रंच एक्सरसाइज करने के लिए आप एक एक्सरसाइज मैट को फर्श पर बिछा कर उस पर लेट जाएं। अब अपने दोनों हाथों को ऊपर ले जाकर सिर के पीछे रख लें। इसके बाद अपने दाएं पैर को घुटने से मोड़ें और बाएं पैर को सीधा रहने दें। फिर बाएं पैर को मोड़ें और दाएं पैर को सीधा कर लें। इस व्यायाम को करते समय आपको ऐसा महसूस होगा की आप साइकिल चला रहे हों। बाइसिकल क्रंच एक्सरसाइज के 20 रेप्स के 3 सेट करें।

(और पढ़े –  क्रंच एक्सरसाइज करने का तरीका और उसके फायदे… )

सिंगल-लेग डेडलिफ्ट्स एक्सरसाइज - Single-leg deadlifts exercise in Hindi

इस व्यायाम को पूरा करने के लिए एक हल्के या मध्यम आकार के डंबल को पकड़ने की आवश्यकता होती हैं। फिट रहने की इस एक्सरसाइज को करने के लिए आप फर्श पर सीधे खड़े हो जाएं, और दोनों हाथों में डंबल को पकड़ लें। अब अपने ऊपर के शरीर को आगे की ओर झुकाएं और बाएं पैर को पीछे की ओर ऊपर उठायें। अपनी छाती और बाएं पैर को एक सीधी रेखा में फर्श के समान्तर करने का प्रयास करें। और इसके बाद फिर से अपनी प्रारंभिक स्थिति में आ जाएं। यह एक्सरसाइज दोनों पैरों से 10-12 बार करें।

(और पढ़े –  लेग राईस एक्सरसाइज करने का तरीका और फायदे… )

साइड प्लैंक एक्सरसाइज - Side Planks exercise in Hindi

इस एक्सरसाइज को करने के लिए आप फर्श पर दाएं ओर करवट लेकर लेट जाएं। दायं पैर पर बाएं पैर को रखें। अपने दाएं हाथ को कोहनी से मोड़ कर फर्श रखें और बाएं हाथ को ऊपर की ओर सीधा कर लें। अब दाएं हाथ पर जोर डालते हुए अपन शरीर को ऊपर उठायें। यह एक्सरसाइज आपको 3 सेट्स में करना है, प्रत्येक सेट में इस व्यायाम को 10-15 बार दोहराएं।

(और पढ़े –  फिट रहने के लिए प्लैंक एक्सरसाइज जानें फायदे और सावधानियाँ… )

पुशअप एक्सरसाइज – Push-ups Exercise in Hindi

इस एक्सरसाइज को करने के लिए आप फर्श पर पेट के बल लेट जाएं और अपने दोनों हाथों की हथेलियों को फर्श पर अपनी छाती के पास में रखें। अब दोनों हाथों और पैर की उंगलियों पर वजन डालते हुए शरीर को ऊपर करें और फिर से हाथ की कोहनी को मोड़ें और शरीर को नीचे करें। पुशअप एक्सरसाइज के आप 3 सेट पूरा करें। यदि आप अच्छे फॉर्म के साथ एक मानक पुशअप नहीं कर सकते हैं तो अपने घुटनों को आप फर्श पर रख रख सकते हैं।

(और पढ़े –  पुश अप्स एक्सरसाइज करने के तरीके और फायदे… )

स्क्वाट एक्सरसाइज - Squats Exercise in Hindi

स्क्वाट्स करने के लिए कम शारीरिक शक्ति की आवश्यकता होती है साथ ही यह आपकी पीठ के निचले हिस्से और कूल्हों में लचीलापन बढ़ाता हैं। इसे करने के लिए सीधे खड़े हो जाएं और दोनों पैरों को 1.5 से 2 फुट दूर रखें। दोनों हाथों को छाती के पास ले जाकर जोड़ लें। अब शरीर के ऊपरी हिस्से को सीधा रखे हुए पैरों को घुटनों से मोड़ें और हिप्स को फर्श के समान्तर लाएं। और फिर से सीधे हो जाएं। इस स्क्वाट एक्सरसाइज के 20 प्रतिनिधि के 3 सेट को पूरा करें।

(और पढ़े –  स्क्वेट्स (स्क्वाट) के फायदे और करने का आसान तरीका… )

व्यायाम (एक्सरसाइज) करने के फायदे - Benefits Of The Exercise in Hindi

व्यायाम करने के अनेक लाभ है आइये इसे विस्तार से जानते है-

  • व्यायाम करने से शरीर में ऊर्जा का स्तर बढ़ता है। व्यायाम आपकी मांसपेशियों को ऑक्सीजन और पोषक तत्व प्राप्त करने के लिए आपके हृदय प्रणाली की ताकत में सुधार करता है।
  • व्यायाम करने से मांसपेशियों की ताकत में सुधार होता है। सक्रिय रहने से मांसपेशियां मजबूत होती हैं और टेंडॉन्स (tendons) और अस्थि-बंधन (ligaments) लचीले होते हैं, जिससे आप चोट से बच सकते हैं।
  • स्वस्थ वजन बनाए रखने के लिए व्यायाम आपकी मदद कर सकता है। जितना अधिक आप व्यायाम करते हैं, उतनी अधिक कैलोरी जलाते हैं। इसके अलावा आप जितनी अधिक मांसपेशियों का विकास करते हैं, आपकी चयापचय दर उतनी ही अधिक हो जाती है जिसके कारण जब आप व्यायाम नहीं कर रहे होते हैं तब भी आप अधिक कैलोरी जलाते हैं।
  • व्यायाम आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ाता है। एक्सरसाइज आपके शरीर की ऑक्सीजन और पोषक तत्वों को पंप करने की क्षमता को बेहतर बनाता है जो बैक्टीरिया और वायरस से लड़ने वाली कोशिकाओं को ऊर्जा देने के लिए आवश्यक हैं।
  • व्यायाम से मस्तिष्क की कार्यक्षमता में सुधार होता है। व्यायाम से मस्तिष्क में रक्त प्रवाह और ऑक्सीजन का स्तर बढ़ता है। यह मस्तिष्क के हार्मोन को भी प्रोत्साहित करता है जो हिप्पोकैम्पस (hippocampus) में कोशिकाओं के उत्पादन के लिए जिम्मेदार होते हैं।
  • स्वस्थ ह्रदय के लिए व्यायाम बहुत ही अच्छा है। व्यायाम LDL कोलेस्ट्रॉल को कम करता है, HDL (अच्छे कोलेस्ट्रॉल) को बढ़ाता है । यह रक्तचाप को कम करता है जिससे यह आपके दिल पर दवाब कम होता है। व्यायाम आपके हृदय की मांसपेशियों को भी मजबूत बनाता है।
  • व्यायाम चिंता , तनाव जैसी मानसिक बीमारियों को रोकने और उनका इलाज करने में मदद कर सकता है। शारीरिक गतिविधि से आप नए लोगों से मिल सकते हैं, तनाव के स्तर को कम कर सकते हैं, निराशा का सामना नहीं करते हैं।

(और पढ़े –  शरीर को ताकतवर बनाने के घरेलू उपाय और तरीके… )

व्यायाम (एक्सरसाइज) करने के नुकसान - Disadvantages of Exercise in Hindi

व्यायाम या एक्सरसाइज करने से कोई गंभीर नुकसान नहीं होते है परन्तु किसी भी चीज की अति करना बहुत नुकसानदायक हो सकती है। आइये इस के नुकसान को विस्तार से जानते है।

  • व्यायाम को करते समय अधिक सावधानी रखने की आवश्यकता होती नहीं तो चोट लगने की सम्भावना होती है।
  • व्यायाम की शुरुआत करने में आपकी मांसपेशियों में दर्द हो सकता है।
  • गलत एक्सरसाइज करने से आपकी मांसपेशियों पर बुरा प्रभाव पड़ सकता हैं, इसलिए इसे करने के लिए किसी व्यायाम प्रशिक्षक का आवश्यकता होती है।
  • अधिक व्यायाम करने से आपके पेट में समस्या हो सकती है जिससे पेट पेट दर्द और भूक ना लगना आदि समस्याओं का समाना करना पड़ सकता है।
  • विशेषज्ञों के कुछ अध्ययनों के अनुसार अधिक एक्सरसाइज करना आपके नींद को असंतुलित कर सकता है।

(और पढ़े –  मांसपेशियों में खिंचाव (दर्द) के कारण और उपचार… )

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Essay on Exercise in Hindi | व्यायाम पर निबंध : 2023

Essay on Exercise in Hindi : अगर आप व्यायाम पर निबंध लिखना चाहते है, तो इस आर्टिकल ले माध्यम से आसानी से लिख सकते है | इस निबंध के माध्यम से आप व्यायाम की हमारी जीवन में भूमिका, व्ययाम की विशेषता , व्ययाम के प्रकार , व्ययाम से लाभ आदि के बारे में जान पायेंगे |

Vyayam par Nibandh | Essay on Exercise in Hindi

भूमिका –

किसी ने ठीक ही कहा शरीर को धर्म साधना का एक मात्र माध्यम स्वीकार किया गया है | शरीर ही कर्म का साधक है और धर्म का आराधक है| मानव शरीर में ही आत्मा का निवास भी होता है | पहला सुख निरोगी काया यह कथन अक्षरश: सत्य है , क्योकि जिस व्यक्ति का शरीर रोगी है उसका जीवन ही निरर्थक है | धर्म, अर्थ, काम तथा मोक्ष – जीवन के इन लक्ष्यों को स्वस्थ शरीर द्वारा ही प्राप्त किया जा सकता है |

विशेषता : व्यायाम का महत्व

अच्छा स्वास्थ महा वरदान है | अच्छे स्वास्थ से ही अनेक प्रकार की सुख सुविधाएँ प्राप्त की जा सकती है | जो व्यक्ति अच्छे स्वास्थ तथा स्वस्थ शरीर के महत्व को नकारता है तथा ईश्वर के इस वरदान का निरादर करता है | वह अपना ही नहीं समाज तथा राष्ट का भी अहित करता है | स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ स्वष्ट मस्तिक का निवास हो सकता है | जिस व्यक्ति का शरीर ही स्वस्थ नहीं फिर उसका मस्तिक भला कैसे स्वस्थ रह सकता है | स्वस्थ मस्तिक के आभाव में व्यक्ति कितना पंगु है | इसकी कल्पना आसानी से की जा सकती है |

मनुष्य की दशा उस घडी के सामान है जो यदि ठीक तरह से राखी जाए तो 100 वर्ष तक काम दे सकती है और यदि लपरवाही से वर्ती जाएँ शीघ्र बिगड़ जाती है | व्यक्ति को अपने शरीर को स्वस्थ तथा काम करने योग्य बनाये रखने के लिए व्यायाम आवश्यक है |

व्ययाम और स्वास्थ का चोली-दामन का साथ है | व्ययाम से ना केवल हमारा शरीर पुष्ट होता है , अपितु मानसिक रूप से भी स्वस्थ रहता है, रोगी शरीर में स्वस्थ मन निवास नहीं कर सकता, यदि मन स्वस्थ न हो, तो विचार भी स्वस्थ नहीं हो सकते | जब विचार स्वस्थ नहीं होंगे तो कर्म की साधना कैसे होगा ? शरीर को चुस्त, पुष्टबनाने के लिए व्ययाम आवश्यक है|

व्ययाम न करने वाले मनुष्य आलसी तथा कमजोर बन जाते है | आलस्य को सबसे बड़ा शत्रु कहा गया है | आलसी व्यक्ति जीवन के हर क्षेत्र में असफल होते है तथा निराशा में डूब जाते है | व्ययाम के आभाव में शरीर बोझ सा प्रतीत होता है | क्योकि बेडोल होकर तरह-तरह के रोगों का निमंत्रण देने लगता, ‘मोटापा’ अपने आप में एक बीमारी है जो हृदय रोग, मधुमेह तथा रक्त चाप जैसे बीमारियों को जन्म देती है |

प्रकार- व्यायाम के प्रकार

व्ययाम अनेक प्रकार के हो सकते है – प्रातः भ्रमण, दौडना, खेल-कूद, तैराकी, घुड़सवारी उठक-बैठक लगाना, योगासन आदि प्रमुख व्ययाम है | जिस प्रकार किसी भी मशीन को सुचारू रूप से चलाने के लिए उसमे तेल आदि डालना आनिवार्य होता है , इसी प्रकार शरीर में ताजगी तथा गतिशीलता बनाए रखने के लिए प्रातः भ्रमण तथा यौगिक क्रियाएँ अत्यंत उपयोगी है | तैराकी खेल-कूद तथा घुड़सवारी भी उत्तम व्ययाम है |

लाभ- व्यायाम के लाभ

व्यायाम करने से शरीर में रक्त का संचार बढ़ता है, बुढ़ापा जल्दी आक्रमण नहीं करता, शरीर हल्का-फुल्का  चुस्त तथा गतिशील बना रहता है,शरीर में काम करने की क्षमता बनी रहती है तथा व्यक्ति कर्मठ बनता है जो व्यक्ति नियमित रूप से व्यायाम करने वाला होगा उसका जीवन उतना ही उल्लासपूर्ण तथा सुखी होगा |

व्यायाम करने वाला व्यक्ति हसमुख आत्मविश्वासी उत्साही तथा निरोग होता है | व्यायाम अवस्था के अनुरूप ही करना चाहिए | सभी व्यायाम सभी के लिए उपयोगी नहीं हो सकता है | अतः  भ्रमण सर्वश्रेष्ठ व्यायाम है क्योंकि प्रातः काल की स्वच्छ वायु का सेवन स्वास्थ्य के लिए महा वरदान है |

बच्चों के लिए भाग दौड़, लोगों के लिए भ्रमण  तथा युवकों के लिए अन्य व्यायाम उपयोगी है | आवश्यकता से अधिक किया गया व्यायाम हानिकारक होता है | व्यायाम के नियमों का पालन करना ही करना भी आवश्यक है | व्यायाम खुली हवा में तथा खाली पेट करना चाहिए | व्यायाम के तुरंत बाद स्नान भी वर्जित है |

जीवन की सार्थकता अच्छे स्वास्थ्य में ही निहित है | वीर पुरुष के इस पृथ्वी का भोग करते हैं | यह वीर वे ही है जिनका स्वास्थ्य अच्छा है | इस प्रकार नियमित व्यायाम शरीर को स्वस्थ रखने वाला पौष्टिक भोजन है | रत्नों से भरी इस पृथ्वी पर व्याप्त अनेक प्रकार के सुखों का उपयोग करना है तथा आत्मविश्वास स्फूर्ति एवं उल्लास से भरा जीवन जीना है तो हमें प्रतिदिन व्यायाम करना चाहिए |

व्यायाम पर निबंध हिंदी में class 6 | व्यायाम पर निबंध हिंदी में class 7 | व्यायाम पर निबंध class 5 | व्यायाम पर निबंध हिंदी में class 5 |व्यायाम पर निबंध class 6

व्यायाम के 10 लाभ | व्यायाम के 10 लाभ in hindi.

  • व्यायाम करने से शरीर में रक्त का संचार बढ़ता है |
  • व्यायाम करने से शरीर में बुढ़ापा जल्दी आक्रमण नहीं करता है |
  • व्यायाम करने से शरीर में चुस्ती बनी रहती है |
  • व्यायाम करने से शरीर में काम करने की क्षमता बनी रहती है |
  • व्यायाम करने से शरीर में व्यक्ति कर्मठ बनता है |
  • व्यायाम करने से शरीर में उल्लासपूर्ण तथा सुखी बना रहता है |
  • व्यायाम करने वाला व्यक्ति आत्मविश्वासी बना रहता है |
  • व्यायाम करने से डायबिटीज के खतरे को कम करता है।
  • व्यायाम करने से डिमेंशिया के खतरे को कम करता है।
  • व्यायाम करने से चिंता और डिप्रेशन के रिस्क को कम करता है।

Q1. व्यायाम से क्या लाभ है?

व्यायाम करने से शरीर में रक्त का संचार बढ़ता है, बुढ़ापा जल्दी आक्रमण नहीं करता, शरीर हल्का-फुल्का  चुस्त तथा गतिशील बना रहता है,शरीर में काम करने की क्षमता बनी रहती है तथा व्यक्ति कर्मठ बनता है जो व्यक्ति नियमित रूप से व्यायाम करने वाला होगा उसका जीवन उतना ही उल्लासपूर्ण तथा सुखी होगा |

Q2. व्यायाम का क्या महत्व है ?

मनुष्य की दशा उस घडी के सामान है जो यदि ठीक तरह से राखी जाए तो 100 वर्ष तक काम दे सकती है और यदि लपरवाही से वर्ती जाएँ शीघ्र बिगड़ जाती है | व्यक्ति को अपने शरीर को स्वस्थ तथा काम करने योग्य बनाये रखने के लिए व्यायाम आवश्यक है|

व्ययाम न करने वाले मनुष्य आलसी तथा कमजोर बन जाते है | आलस्य को सबसे बड़ा शत्रु कहा गया है | आलसी व्यक्ति जीवन के हर क्षेत्र में असफल होते है तथा निराशा में डूब जाते है | व्ययाम के आभाव में शरीर बोझ सा प्रतीत होता है | क्योकि बेडोल होकर तरह-तरह के रोगों का निमंत्रण देने लगता, ‘मोटापा’ अपने आप में एक बीमारी है जो हृदय रोग, मधुमेह तथा रक्त चाप जैसे बीमारियों को जन्म देती है |

Q3. व्यायाम कितने प्रकार के होते है?

व्ययाम अनेक प्रकार के हो सकते है – प्रातः भ्रमण दौडना खेल-कूद तैराकी घुड़सवारी उठक-बैठक लगाना, योगासन आदि प्रमुख व्ययाम है |

इस प्रकार आप आसानी से ( Essay on Exercise in Hindi )व्यायाम पर निबंध लिख पाये होंगे |

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व्यायाम का महत्त्व पर अनुच्छेद |Paragraph on Importance of Exercise in Hindi

workout essay in hindi

व्यायाम का महत्त्व पर अनुच्छेद |Paragraph on Importance of Exercise in Hindi!

मानव शरीर एक मशीन की तरह है । जिस तरह एक मशीन को काम में न लाने पर वह ठप पड़ जाती है, उसी तरह यदि शमा जा भी उचित संचालन न किया जाए तो उसमें कई तरह के विकार आने लगते हैं । व्यायाम शरीर के संचालन का एक अच्छा तरीका है । यह शरीर को उचित दशा में रखने में मदद करता है । व्यायाम के लिए अनेक प्रकार की विधियाँ काम में लाई जाती है । कुछ लोग दौड़ लगाते हैं तो कुछ दंड-बैठक करते हैं । बच्चे खेल-कूद कर अपना व्यायाम करते हैं । बुजुर्ग सुबह-शाम तेज चाल से टहलकर अपना व्यायाम करते है । साईकिल चलाना, तैरना, बाग-बगीचों में जाकर उछल-कूद करना आदि व्यायाम की अन्य विधियाँ हैं । नवयुवकों में व्यायामशालाओं में जाकर व्यायाम करने की प्रवृति पाई जाती है । व्यायाम चाहे किसी भी प्रकार का हो, इससे हमें बहुत लाभ होता है । शरीर में ताजगी आती है तथा यह सुगठित बन जाता है । प्रत्येक व्यक्ति को कुछ न कुछ व्यायाम अवश्य करना चाहिए।

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Hindi Essay (Hindi Nibandh) 100 विषयों पर हिंदी निबंध लेखन

Hindi Essay (Hindi Nibandh) | 100 विषयों पर हिंदी निबंध लेखन – Essays in Hindi on 100 Topics

हिंदी निबंध: हिंदी हमारी राष्ट्रीय भाषा है। हमारे हिंदी भाषा कौशल को सीखना और सुधारना भारत के अधिकांश स्थानों में सेवा करने के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। स्कूली दिनों से ही हम हिंदी भाषा सीखते थे। कुछ स्कूल और कॉलेज हिंदी के अतिरिक्त बोर्ड और निबंध बोर्ड में निबंध लेखन का आयोजन करते हैं, छात्रों को बोर्ड परीक्षा में हिंदी निबंध लिखने की आवश्यकता होती है।

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  • कबीरदास पर निबन्ध – (Kabirdas Essay)

इसलिए, यह जानना और समझना बहुत महत्वपूर्ण है कि विषय के बारे में संक्षिप्त और कुरकुरा लाइनों के साथ एक आदर्श हिंदी निबन्ध कैसे लिखें। साथ ही, कक्षा 1 से 10 तक के छात्र उदाहरणों के साथ इस पृष्ठ से विभिन्न हिंदी निबंध विषय पा सकते हैं। तो, छात्र आसानी से स्कूल और प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए हिंदी में निबन्ध कैसे लिखें, इसकी तैयारी कर सकते हैं। इसके अलावा, आप हिंदी निबंध लेखन की संरचना, हिंदी में एक प्रभावी निबंध लिखने के लिए टिप्स आदि के बारे में कुछ विस्तृत जानकारी भी प्राप्त कर सकते हैं। ठीक है, आइए हिंदी निबन्ध के विवरण में गोता लगाएँ।

हिंदी निबंध लेखन – स्कूल और प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए हिंदी में निबन्ध कैसे लिखें?

प्रभावी निबंध लिखने के लिए उस विषय के बारे में बहुत अभ्यास और गहन ज्ञान की आवश्यकता होती है जिसे आपने निबंध लेखन प्रतियोगिता या बोर्ड परीक्षा के लिए चुना है। छात्रों को वर्तमान में हो रही स्थितियों और हिंदी में निबंध लिखने से पहले विषय के बारे में कुछ महत्वपूर्ण बिंदुओं के बारे में जानना चाहिए। हिंदी में पावरफुल निबन्ध लिखने के लिए सभी को कुछ प्रमुख नियमों और युक्तियों का पालन करना होगा।

हिंदी निबन्ध लिखने के लिए आप सभी को जो प्राथमिक कदम उठाने चाहिए उनमें से एक सही विषय का चयन करना है। इस स्थिति में आपकी सहायता करने के लिए, हमने सभी प्रकार के हिंदी निबंध विषयों पर शोध किया है और नीचे सूचीबद्ध किया है। एक बार जब हम सही विषय चुन लेते हैं तो विषय के बारे में सभी सामान्य और तथ्यों को एकत्र करते हैं और अपने पाठकों को संलग्न करने के लिए उन्हें अपने निबंध में लिखते हैं।

तथ्य आपके पाठकों को अंत तक आपके निबंध से चिपके रहेंगे। इसलिए, हिंदी में एक निबंध लिखते समय मुख्य बिंदुओं पर ध्यान केंद्रित करें और किसी प्रतियोगिता या बोर्ड या प्रतिस्पर्धी जैसी परीक्षाओं में अच्छा स्कोर करें। ये हिंदी निबंध विषय पहली कक्षा से 10 वीं कक्षा तक के सभी कक्षा के छात्रों के लिए उपयोगी हैं। तो, उनका सही ढंग से उपयोग करें और हिंदी भाषा में एक परिपूर्ण निबंध बनाएं।

हिंदी भाषा में दीर्घ और लघु निबंध विषयों की सूची

हिंदी निबन्ध विषयों और उदाहरणों की निम्न सूची को विभिन्न श्रेणियों में विभाजित किया गया है जैसे कि प्रौद्योगिकी, पर्यावरण, सामान्य चीजें, अवसर, खेल, खेल, स्कूली शिक्षा, और बहुत कुछ। बस अपने पसंदीदा हिंदी निबंध विषयों पर क्लिक करें और विषय पर निबंध के लघु और लंबे रूपों के साथ विषय के बारे में पूरी जानकारी आसानी से प्राप्त करें।

विषय के बारे में समग्र जानकारी एकत्रित करने के बाद, अपनी लाइनें लागू करने का समय और हिंदी में एक प्रभावी निबन्ध लिखने के लिए। यहाँ प्रचलित सभी विषयों की जाँच करें और किसी भी प्रकार की प्रतियोगिताओं या परीक्षाओं का प्रयास करने से पहले जितना संभव हो उतना अभ्यास करें।

हिंदी निबंधों की संरचना

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उपरोक्त छवि आपको हिंदी निबन्ध की संरचना के बारे में प्रदर्शित करती है और आपको निबन्ध को हिन्दी में प्रभावी ढंग से रचने के बारे में कुछ विचार देती है। यदि आप स्कूल या कॉलेजों में निबंध लेखन प्रतियोगिता में किसी भी विषय को लिखते समय निबंध के इन हिस्सों का पालन करते हैं तो आप निश्चित रूप से इसमें पुरस्कार जीतेंगे।

इस संरचना को बनाए रखने से निबंध विषयों का अभ्यास करने से छात्रों को विषय पर ध्यान केंद्रित करने और विषय के बारे में छोटी और कुरकुरी लाइनें लिखने में मदद मिलती है। इसलिए, यहां संकलित सूची में से अपने पसंदीदा या दिलचस्प निबंध विषय को हिंदी में चुनें और निबंध की इस मूल संरचना का अनुसरण करके एक निबंध लिखें।

हिंदी में एक सही निबंध लिखने के लिए याद रखने वाले मुख्य बिंदु

अपने पाठकों को अपने हिंदी निबंधों के साथ संलग्न करने के लिए, आपको हिंदी में एक प्रभावी निबंध लिखते समय कुछ सामान्य नियमों का पालन करना चाहिए। कुछ युक्तियाँ और नियम इस प्रकार हैं:

  • अपना हिंदी निबंध विषय / विषय दिए गए विकल्पों में से समझदारी से चुनें।
  • अब उन सभी बिंदुओं को याद करें, जो निबंध लिखने शुरू करने से पहले विषय के बारे में एक विचार रखते हैं।
  • पहला भाग: परिचय
  • दूसरा भाग: विषय का शारीरिक / विस्तार विवरण
  • तीसरा भाग: निष्कर्ष / अंतिम शब्द
  • एक निबंध लिखते समय सुनिश्चित करें कि आप एक सरल भाषा और शब्दों का उपयोग करते हैं जो विषय के अनुकूल हैं और एक बात याद रखें, वाक्यों को जटिल न बनाएं,
  • जानकारी के हर नए टुकड़े के लिए निबंध लेखन के दौरान एक नए पैराग्राफ के साथ इसे शुरू करें।
  • अपने पाठकों को आकर्षित करने या उत्साहित करने के लिए जहाँ कहीं भी संभव हो, कुछ मुहावरे या कविताएँ जोड़ें और अपने हिंदी निबंध के साथ संलग्न रहें।
  • विषय या विषय को बीच में या निबंध में जारी रखने से न चूकें।
  • यदि आप संक्षेप में हिंदी निबंध लिख रहे हैं तो इसे 200-250 शब्दों में समाप्त किया जाना चाहिए। यदि यह लंबा है, तो इसे 400-500 शब्दों में समाप्त करें।
  • महत्वपूर्ण हिंदी निबंध विषयों का अभ्यास करते समय इन सभी युक्तियों और बिंदुओं को ध्यान में रखते हुए, आप निश्चित रूप से किसी भी प्रतियोगी परीक्षाओं में कुरकुरा और सही निबंध लिख सकते हैं या फिर सीबीएसई, आईसीएसई जैसी बोर्ड परीक्षाओं में।

हिंदी निबंध लेखन पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

1. मैं अपने हिंदी निबंध लेखन कौशल में सुधार कैसे कर सकता हूं? अपने हिंदी निबंध लेखन कौशल में सुधार करने के सर्वोत्तम तरीकों में से एक किताबों और समाचार पत्रों को पढ़ना और हिंदी में कुछ जानकारीपूर्ण श्रृंखलाओं को देखना है। ये चीजें आपकी हिंदी शब्दावली में वृद्धि करेंगी और आपको हिंदी में एक प्रेरक निबंध लिखने में मदद करेंगी।

2. CBSE, ICSE बोर्ड परीक्षा के लिए हिंदी निबंध लिखने में कितना समय देना चाहिए? हिंदी बोर्ड परीक्षा में एक प्रभावी निबंध लिखने पर 20-30 का खर्च पर्याप्त है। क्योंकि परीक्षा हॉल में हर मिनट बहुत महत्वपूर्ण है। इसलिए, सभी वर्गों के लिए समय बनाए रखना महत्वपूर्ण है। परीक्षा से पहले सभी हिंदी निबन्ध विषयों से पहले अभ्यास करें और परीक्षा में निबंध लेखन पर खर्च करने का समय निर्धारित करें।

3. हिंदी में निबंध के लिए 200-250 शब्द पर्याप्त हैं? 200-250 शब्दों वाले हिंदी निबंध किसी भी स्थिति के लिए बहुत अधिक हैं। इसके अलावा, पाठक केवल आसानी से पढ़ने और उनसे जुड़ने के लिए लघु निबंधों में अधिक रुचि दिखाते हैं।

4. मुझे छात्रों के लिए सर्वश्रेष्ठ औपचारिक और अनौपचारिक हिंदी निबंध विषय कहां मिल सकते हैं? आप हमारे पेज से कक्षा 1 से 10 तक के छात्रों के लिए हिंदी में विभिन्न सामान्य और विशिष्ट प्रकार के निबंध विषय प्राप्त कर सकते हैं। आप स्कूलों और कॉलेजों में प्रतियोगिताओं, परीक्षाओं और भाषणों के लिए हिंदी में इन छोटे और लंबे निबंधों का उपयोग कर सकते हैं।

5. हिंदी परीक्षाओं में प्रभावशाली निबंध लिखने के कुछ तरीके क्या हैं? हिंदी में प्रभावी और प्रभावशाली निबंध लिखने के लिए, किसी को इसमें शानदार तरीके से काम करना चाहिए। उसके लिए, आपको इन बिंदुओं का पालन करना चाहिए और सभी प्रकार की परीक्षाओं में एक परिपूर्ण हिंदी निबंध की रचना करनी चाहिए:

  • एक पंच-लाइन की शुरुआत।
  • बहुत सारे विशेषणों का उपयोग करें।
  • रचनात्मक सोचें।
  • कठिन शब्दों के प्रयोग से बचें।
  • आंकड़े, वास्तविक समय के उदाहरण, प्रलेखित जानकारी दें।
  • सिफारिशों के साथ निष्कर्ष निकालें।
  • निष्कर्ष के साथ पंचलाइन को जोड़ना।

निष्कर्ष हमने एक टीम के रूप में हिंदी निबन्ध विषय पर पूरी तरह से शोध किया और इस पृष्ठ पर कुछ मुख्य महत्वपूर्ण विषयों को सूचीबद्ध किया। हमने इन हिंदी निबंध लेखन विषयों को उन छात्रों के लिए एकत्र किया है जो निबंध प्रतियोगिता या प्रतियोगी या बोर्ड परीक्षाओं में भाग ले रहे हैं। तो, हम आशा करते हैं कि आपको यहाँ पर सूची से हिंदी में अपना आवश्यक निबंध विषय मिल गया होगा।

यदि आपको हिंदी भाषा पर निबंध के बारे में अधिक जानकारी की आवश्यकता है, तो संरचना, हिंदी में निबन्ध लेखन के लिए टिप्स, हमारी साइट LearnCram.com पर जाएँ। इसके अलावा, आप हमारी वेबसाइट से अंग्रेजी में एक प्रभावी निबंध लेखन विषय प्राप्त कर सकते हैं, इसलिए इसे अंग्रेजी और हिंदी निबंध विषयों पर अपडेट प्राप्त करने के लिए बुकमार्क करें।

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स्वास्थ्य और व्यायाम निबंध। Health and exercise essay in hindi

स्वास्थ्य और व्यायाम निबंध। Health and exercise essay in hindi : मानव-जीवन में स्वास्थ्य का अत्यधिक महत्व है। यदि मनुष्य का शरीर स्वस्थ है तो वह जीवन में अपने उद्देश्य की प्राप्ति कर सकता है। यह मानव-जीवन की सर्वश्रेष्ठ पूँजी है। ‘एक तन्दुरूस्ती हजार नियामत’ के अनुसार स्वास्थ्य वह सम्पदा है जिसके द्वारा मनुष्य धर्म¸अर्थ¸काम और मोक्ष चारों पुरूषार्थों को प्राप्त कर सकता है। प्राचीन काल से ही स्वास्थ्य की महत्ता पर बल दिया जाता रहा है। शारीरिक स्वास्थ्य के लिए पौष्टिक भोजन¸ चिन्तामुक्त जीवन¸ उचित विश्राम और पर्याप्त व्यायाम की आवश्यकता होती है। उत्तम स्वास्थ्य के लिए व्यायाम सर्वोत्तम साधन है।

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