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5+ पुस्तकालय पर निबंध – Essay on Library in Hindi

Essay on Library in Hindi : दोस्तों आज हमने पुस्तकालय पर निबंध लिखा है क्योंकि पुस्तकालय हमारे विद्यार्थी जीवन में बहुत ही महत्वपूर्ण स्थान रखते है. इनके माध्यम से हमें देश विदेश महान लेखकों की लिखी हुई किताबें पढ़ने का अवसर मिलता है.

अक्सर विद्यार्थियों से परीक्षाओं और विद्यालय में pustakalay per nibandh  लिखने के लिए दिया जाता है इसी को ध्यान में रखते हुए हमने कक्षा 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10, 11 और 12 के विद्यार्थियों के लिए अलग अलग शब्द सीमा में यह निबंध लिखा है.

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Get Some Essay on Library in Hindi under 150, 300, 500 or 1100 words.

Short Essay on Library in Hindi 150 Words – पुस्तकालय पर निबंध 150 words

पुस्तकालय शब्द दो शब्दों से मिलकर बना हुआ है जिसे हम पुस्तक + आलय कहते है जिसे हम आसान शब्दों में पुस्तकों का घर भी कह सकते है क्योंकि यहां पर ज्ञान विज्ञान ग्रंथ साहित्य राजनीतिक विज्ञान एवं अलग-अलग भाषाओं का संग्रह होता है.

पुस्तकालय कई प्रकार के होते है जैसे व्यक्तिगत पुस्तकालय, विद्यालय का पुस्तकालय, सार्वजनिक पुस्तकालय, चलते फिरते पुस्तकालय और आजकल तो डिजिटल पुस्तकालय भी उपलब्ध है.

इन सभी पुस्तकालयों में तरह-तरह की ज्ञानवर्धक पुस्तकें मिलती है जिन्हें कोई भी पुस्तक प्रेमी जाकर पड़ सकता है और अपने ज्ञान में वृद्धि कर सकता है.

पुस्तकालय हमारे राष्ट्रीय धरोहर के रूप में होते है क्योंकि यहां पर हमारे पूर्वजों की लिखी हुई अच्छी किताबों का संग्रहण किया जाता है जिसका उपयोग हम आगे आने वाले जीवन को बेहतर बनाने के लिए कर सकते है.

जो भी व्यक्ति अच्छी और अधिक मूल्य वाली पुस्तके नहीं करी सकता है वह यहां पर आकर आराम से शांत माहौल में पुस्तकें पड़ सकता है और अपने ज्ञान के जिज्ञासा को शांत कर सकता है.

Best Essay on Library in Hindi 300 Words – पुस्तकालय पर निबंध 300 words

पुस्तकालय हमारे जीवन का अभिन्न अंग होते है क्योंकि पुस्तकालय में हम शांतिपूर्वक विभिन्न ज्ञानवर्धक किताबें पढ़कर ज्ञान का अर्जन कर सकते है जो कि हमारे जीवन को खुशहाल बनाता है और हमें सोचने समझने की शक्ति भी प्रदान करता है.

पुस्तकालय की भूमिका मानव जीवन में प्राचीन काल से ही रही है क्योंकि प्राचीन काल में प्रिंटिंग मशीन नहीं होने के कारण हस्तलिखित किताबे ही होती हो थी जिस कारण उनका मूल्य भी अधिक होता था और किताबें भी कम ही उपलब्ध हो पाती थी इसीलिए पुस्तकालय की स्थापना की गई.

पुस्तकालय की स्थापना से जो भी व्यक्ति किताबें पढ़ने का इच्छुक होता था वह पुस्तकालय में जाकर शांत माहौल में किताबें पढ़ सकता था इससे गरीब वर्ग के लोगों को अधिक फायदा हुआ क्योंकि वे लोग अधिक मूल्य की किताबें पढ़ नहीं सकते थे.

एक पुस्तकालय में लगभग सभी प्रकार की पुस्तके जैसे कला, धर्म, जाति, राजनीतिक, विज्ञान, कृषि, राष्ट्रीय, अंतरराष्ट्रीय पुस्तके मिल जाती है जिनकी सहायता से सभी लोग अपने ज्ञान में वृद्धि कर सकते है कुछ बड़े पुस्तकालयों में अलग-अलग भाषा और प्रांत की पुस्तकें भी उपलब्ध होती है.

वर्तमान में पुस्तकालय विभिन्न प्रकार के होते है जैसे विद्यालय के पुस्तकालय जहां पर छात्र-छात्राएं और शिक्षक जाकर किताबें और पत्र पत्रिकाएं पढ़ सकते है दूसरे पुस्तकालय विश्वविद्यालयों के होते है जहां पर वहां के विद्यार्थी जाकर पढ़ सकते है.

कुछ पुस्तकालय ट्रस्ट द्वारा भी संचालित किए जाते है जिनका मूल उद्देश्य गरीब एवं पिछड़े वर्ग के लोगों को शिक्षा प्रदान करना होता है क्योंकि गरीब विद्यार्थी के पास मूल्यवान उसको को खरीदने के लिए धन नहीं होता है. इन पुस्तकालयों में महीने की न्यूनतम फीस रखी जाती है.

चौथे नंबर पर सार्वजनिक पुस्तकालय आते है जो कि सरकार द्वारा चलाए जाते है जिसमें सभी लेखकों और कवियों की प्रमुख किताबें होती है साथी देश और विदेश की पत्र-पत्रिकाएं में होती है जिन्हें कोई भी व्यक्ति या विद्यार्थी पुस्तकालय में जाकर पढ़ सकता है.

Pustakalay Per Nibandh – पुस्तकालय पर निबंध 500 Words

रूपरेखा –

पुस्तकालय हमारे देश में प्राचीन युग से ही प्रचलन में रहा है जिसका सबसे बड़ा उदाहरण नालंदा विश्वविद्यालय का पुस्तकालय जो कि विदेशी आक्रमणकारियों ने नष्ट कर दिया था लेकिन अब उसे पुन: स्थापित कर दिया गया है.

पुस्तकालयों की भूमिका मानव जीवन के लिए बहुत महत्वपूर्ण रही है इसी कारण आज हमारी शिक्षा पद्धति इतनी सुदृढ़ हो पाई है. पुस्तकालयों के कारण गरीब विद्यार्थियों को भी अच्छी किताबें पढ़ने को मिली है जिसे चाहो और सामाजिक और आर्थिक विकास भी हुआ है.

वर्तमान में भी पुस्तकालयों की महत्वता कम नहीं हुई है आज भी विद्यार्थी शिक्षक और अन्य व्यक्ति उच्च स्तर की किताबें पढ़ने के लिए पुस्तकालय में जाते है.

पुस्तकालय क्या है –

प्राचीन काल में शिक्षा पद्धति इतनी उन्नत नहीं थी और साथ ही पुस्तकों का भी अभाव था इसलिए पुस्तकालय की स्थापना की गई जहां पर सभी प्रकार की पुस्तकें उपलब्ध करवाई जाती थी ताकि सभी लोग आकर उन पुस्तकों से ज्ञान अर्जित कर सकें.

शिक्षा के क्षेत्र में यह बहुत ही अच्छा कदम साबित हुआ. एक सार्वजनिक पुस्तकालय में धर्म साहित्य वाणिज्य कला विज्ञान पत्र पत्रिकाएं बच्चों के मनोरंजन के लिए ज्ञानवर्धक एवं चुटकुलों की किताब और पुराने ग्रंथ दादी सभी प्रकार की पुस्तकें उपलब्ध होती है.

पुस्तकालय में कोई भी व्यक्ति जाकर अपनी इच्छा के अनुसार किताबों का चयन करके उसे पुस्तकालय में बैठ कर पढ़ सकता है कुछ पुस्तकालय में किताबें कुछ समय के लिए घर पर ले जाने के लिए भी दी जाती है.

पुस्तकालयों के कारण नई नई किताबें पढ़ने वाले जिज्ञासु लोगों और ज्ञान की वृद्धि करने के लिए विद्यार्थियों को बहुत अधिक लाभ हुआ.

पुस्तकालय की विशेषता –

(1) पुस्तकालयों की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि पाठकों को अंतर्मुखी और चिंतनशील बनाते है.

(2) पुस्तकालय में पुस्तक पढ़ने के लिए शांत माहौल मिलता है जिसे एकाग्र होकर हम पढ़ाई कर सकते है.

(3) पुस्तकालय में देश दुनिया में क्या हो रहा है और आगे क्या होने वाला है इसका पता लगता है

(4) पुस्तक पढ़ने से हमारे सोचने समझने की शक्ति का विकास होता है.

(5) यहां पर हमें ज्ञान अर्जन करने के लिए अधिक मूल्य की आवश्यकता नहीं होती है.

(6) प्रसिद्ध मनोवैज्ञानिक समीक्षक आर. ए. रिएर्ड्स लिखा था कि अगर हम किसी अच्छी पुस्तक को पढ़ते हैं तो उससे हमारी सोच बदल जाती है जिससे व्यक्ति का पुन: सर्जन होता है.

(7) यहां पर हमें प्रत्येक भाषा में किताबें पढ़ने को मिलती है इसलिए किसी भी देश का नागरिक यहां पर आकर किताबें पढ़ सकता है.

(8) पुस्तकें हमें दूसरे देशों की संस्कृतियों और सामाजिक जीवन से जोड़ती है.

निष्कर्ष –

किसी भी देश में पुस्तकालयों का होना बहुत आवश्यक होता है यह व्यक्ति के जीवन के साथ साथ देश के आर्थिक विकास में भी सहयोग करता है. वर्तमान में असहज जीवन प्रणाली से जीवन यापन कर रहे लोगों के लिए पुस्तकालय और भी अधिक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते है.

पुस्तकालय उन्हें एकांत में बैठकर चिंतन और मनन करने का अवसर प्रदान करते है जो की बाहरी जीवन में असंभव के समान है. हमें पुस्तकालयों की महत्वता को समझते हुए उन्हें बढ़ावा देना चाहिए.

Essay on Library in Hindi 1100 Words

प्रस्तावना –

पुस्तकालय शब्द दो शब्दों में समाहित है पुस्तक + आलय जिसका शाब्दिक अर्थ पुस्तक रखने का स्थान होता है. पुस्तकें मानव की सबसे अच्छी दोस्त होती है जो कि बचपन से लेकर वृद्धावस्था तक उसका सहारा होती है.

पुस्तकों के कारण ही आज शिक्षा पद्धति इतनी सुदृढ़ हो पाई है लेकिन पुराने जमाने में आज की तरह पुस्तक प्रिंटिंग की व्यवस्था नहीं थी जिसके कारण पुस्तकें हाथों से लिखी जाती थी इसलिए पुस्तकों की संख्या भी कम होती थी.

जिसके कारण पुस्तकों का मूल्य अधिक होता था और साधारण व्यक्ति उन्हें खरीद कर पढ़ नहीं पाता था और वह पुस्तके आसानी से उपलब्ध भी नहीं हो पाती थी इसीलिए पुस्तकालय की स्थापना की गई. पुस्तकालय की स्थापना के बाद शिक्षा के जगत में एक अनोखी क्रांति देखने को मिली.

पुस्तकालय के प्रकार –

व्यक्तिगत पुस्तकालय – व्यक्तिगत पुस्तकालयों की श्रेणी में व पुस्तकालय आते हैं जो लोग अपने घरों मैं एक अलग कमरे की व्यवस्था करके उसमें अपनी रुचि की किताबें रखते हैं और उन्हें पढ़ते हैं इन पुस्तकालय उसे सिर्फ उस घर के व्यक्ति ही शिक्षा ग्रहण कर सकते है.

विद्यालय, विश्वविद्यालय का पुस्तकालय – विद्यालय और विश्वविद्यालय के पुस्तकालय वहां के विद्यार्थी और शिक्षकों के लिए होते है जहां पर कई प्रकार की भाषाओं और ज्ञान वाली पुस्तकें पत्र पत्रिकाएं उपलब्ध होती है यह पर छोटे बच्चों के मनोरंजन के लिए चुटकुलों वाली किताबें भी उपलब्ध होती हैं वही शिक्षकों के लिए दैनिक अखबार उपलब्ध होता है.

सार्वजनिक पुस्तकालय – सार्वजनिक पुस्तकालय में दो श्रेणी के पुस्तकालय आते है जिसमें कुछ पुस्तकालय समाजसेवी ट्रस्ट द्वारा चलाए जाते हैं और कुछ सरकार के अनुदान द्वारा चलाए जाते हैं यहां पर कोई भी व्यक्ति आकर पुस्तके पढ़ सकता है.

चल-पुस्तकालय – चल पुस्तकालय वे पुस्तकालय होते है जो की मोटर वाहनों में संचालित होते हैं इन्हीं संचालित करने के लिए मोटर वाहनों में किताबे रखती जाती हैं और प्रतिदिन गांव गांव जाकर पुस्तकालय संचालित किए जाते है इन पुस्तकालय से किताबे कम मूल्य पर खरीदी भी जा सकती है.

डिजिटल पुस्तकालय – वर्तमान में इंटरनेट व्यवस्था और मोबाइल के सस्ते होने के कारण ज्यादातर लोग किताबों को मोबाइल और कंप्यूटर पर पढ़ना पसंद करते है. इसीलिए अब किताबों को पीडीएफ के रूप में बनाकर लोगों को पढ़ने के लिए उपलब्ध कराया जाता है यह विभिन्न वेबसाइटों की माध्यम से उपलब्ध कराई जाती है जिनमें से एक हिंदी यात्रा भी है जिसे आप अभी पढ़ रहे है.

पुस्तकालय का महत्व –

पुस्तके मानव की सच्ची साथी होती है और इन को पढ़ने की लालसा सभी विद्यार्थियों और व्यक्तियों में होती है. उसको को पढ़ने से ज्ञान का संचार तो होता ही है साथ ही में व्यक्तिगत गुणों का विकास भी होता है शायद इसीलिए वृद्धावस्था में भी लोग किताबों से मोह नहीं छुड़ा पाते है.

सभी व्यक्तियों को नई नई किताबें पढ़ना पसंद होती हैं किसी की पसंद कोई लेखक विशेष की किताब होती है तो किसी की पसंद मनोरंजन वाली किताबें पढ़ने का होता है तो किसी का ज्ञान ज्ञान वाली पत्र पत्रिकाएं पढ़ने का होता है लेकिन इसके लिए बहुत अधिक धन की आवश्यकता होती है जो कि सभी व्यक्तियों के पास नहीं होता है.

यहीं पर पुस्तकालय अपनी अहम भूमिका निभाते हैं और हमें हर दिन नवीनतम और पुराने लेखों द्वारा लिखी गई किताबें एक जगह ही उपलब्ध करवाते है.

साथ ही इन पुस्तकालय में किताबें पढ़ने के लिए अधिक रुपयों की भी आवश्यकता नहीं होती है जिसके कारण समाज का प्रत्येक व्यक्ति पुस्तकालय में जाकर अपने पसंद की किताबें पढ़ सकता है और अपने जीवन को सुदृढ़ बना सकता है.

पुस्तकालयों ने हमारी शिक्षा व्यवस्था में रीड की हड्डी का काम किया है आज प्रत्येक वर्ग का व्यक्ति अगर हर प्रकार की पुस्तक पढ़ पा रहा है तो यह सिर्फ पुस्तकालयों के कारण ही हो पाया है.

पुस्तकालय के नियम –

पुस्तकालय में पढ़ने के लिए कुछ नियमों का पालन करना बहुत अधिक जरूरी होता है.

(1) पुस्तकालय में पुस्तक पढ़ते समय शांति व्यवस्था बनाए रखना जरूरी होता है.

(2) पुस्तकालय की किताबों और पत्र-पत्रिकाओं को फाड़ना एवं पर लिखना सख्त मना होता है.

(3) पुस्तकालय में शोर शराबा मचाने पर आपको कुछ करने में से निलंबित भी किया जा सकता है.

(4) यहां से ली गई किताबों को नियमित अवधि में वापस लौटाना आवश्यक होता है.

(5) पुस्तकालय में किसी भी प्रकार का कचरा फैलाने या फिर थूकना की सख्त मनाही होती है.

पुस्तकालय के लाभ –

(1) पुस्तकालय से हमें विभिन्न प्रकार की पुस्तकें पढ़ने का अवसर प्रदान होता है.

(2) यहां पर हम विभिन्न प्रकार की भाषाओं वाली किताबें पढ़ सकते है.

(3) यहां पर किताबें पढ़ने से मन एकाग्र रहता है क्योंकि पुस्तकालय कक्ष शांत होते है.

(4) पुस्तकालय में पुस्तक पढ़ने के लिए अधिक धन की आवश्यकता नहीं होती है.

(5) पुस्तकालय में सभी वर्गों के लोगों को किताब पढ़ने के लिए समान अवसर होता है.

(6) इनके माध्यम से हमारी शिक्षा व्यवस्था बहुत सुदृढ़ होती है.

(7) इनसे हमारे देश की सामाजिक और आर्थिक व्यवस्था में सहयोग मिलता है क्योंकि यहां पर ज्ञानवर्धक किताबें पढ़कर व्यक्ति अच्छा काम करता है.

वर्तमान में पुस्तकालयों की आवश्यकता –

वर्तमान में भी पुस्तकालय उतनी ही अहमियत रखते हैं जितनी कि वह पुराने जमाने में रखा करते थे खासकर हमारे भारत देश में आज भी पुस्तकालयों की कमी है क्योंकि हमारे देश में आज भी कई लोगों को शिक्षा उपलब्ध नहीं हो पाती है जिसका एक अहम कारण शिक्षा का वाणिज्य करण है जिसके कारण शिक्षा दिन-प्रतिदिन महंगी होती जा रही है.

इसीलिए पुस्तकालयों की महत्वता और अधिक बढ़ती जा रही है आज भी हमारे देश के गांव में पुस्तकालय देखने को नहीं मिलते है जिसके कारण वहां के गरीब लोग पढ़ लिख नहीं पाते हैं और अपना पूरा जीवन गरीबी में व्यतीत करने को मजबूर हो जाते है.

अगर हमें हमारे देश के प्रत्येक बच्चे को अच्छी शिक्षा देनी है तो हमें अच्छे पुस्तकालयों का विकास करना होगा. विदेशों में शिक्षा व्यवस्था इसीलिए सुदृढ़ है क्योंकि वहां के प्रत्येक गांव और शहर में एक पुस्तकालय जरूर होता है.

हमें भी प्रत्येक गांव में पुस्तकालय खोलने चाहिए जिससे हमारे देश का प्रत्येक बच्चा पढ़ लिख कर एक अच्छा व्यक्ति बनेगा और सामाजिक विकास के साथ-साथ देश के आर्थिक विकास में भी सहयोग करें.

उपसंहार –

प्रत्येक राष्ट्र की सांस्कृतिक और ज्ञान-विज्ञान के विकास के लिए पुस्तकालयों की बहुत आवश्यकता है. पुस्तकालय शिक्षा व्यवस्था की रीड की हड्डी माना जाता है यहां पर प्रत्येक व्यक्ति अपने ज्ञान की पिपासा को शांत कर सकता है.

अगर हमें हमारे देश में शिक्षा का प्रचार प्रसार करना है तो प्रत्येक स्थान पर पुस्तकालयों की स्थापना की जानी बहुत आवश्यक है साथ ही उन्हें सुचारू रूप से चलाने की भी आवश्यकता है. अच्छे पुस्तकालयों से हमारे देश के भविष्य का निर्माण अधिक तेजी से होगा.

इसीलिए हमें पुस्तकालयों की अहम भूमिका समझते हुए इन्हें सामाजिक और सरकारी अनुदान से बढ़ावा देना होगा.

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21 thoughts on “5+ पुस्तकालय पर निबंध – Essay on Library in Hindi”

Thnx for this paragraph ☺️🥰🥰

Mujhe tou bohot acha laga.

thank you for this paragraph or as known as best essay this help me a lot thanks a lot I have no more words for appreciation now 🙂

Thank you for the essay this is so easy to learn other then any other

Thanks for this wonderful essay it helped me a lot thanks 🙏

Welcome Arsha

ok ok ok ko ko ok ok o o o kok o k

Good this is your good thoughts give me more thought thanks

Welcome Pranjal Singh Meena

Pustakalay ruprekha

Best essay in pustkalay ka mahtva.

Thank you Akshay Pandey for appreciation

आपने 11 क्लस के लिए कियो नही लिखी?

Rahima sagol, हमने यह निबंध कक्षा 11 के लिए भी लिखा बस हम लिखना भूल गये, अब हमने अपनी भूल को सही कर लिया. सुझाव के लिए आप का बहुत बहुत धन्यवाद.

Mahabidhyalay ke liye kyo nhi a rha nibandh

Sonam ji aap yah dekhe Mera Vidyalaya Essay in Hindi – मेरा विद्यालय पर निबंध

Pustkalay samagri k chhati k kya karan hai…

Rakesh kumar mishra, hum is bare me jald hi likhnge

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Pustakalaya Essay in Hindi : जानिए पुस्तकालय पर निबंध के बारे में 

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  • Updated on  
  • मार्च 1, 2024

Pustakalaya Essay in Hindi

पुस्तकालय में पुस्तकों की सहायता से हम साहित्य, कला और ऐतिहासिक और सांस्कृतिक विरासत के ज्ञान संरक्षित कर सकते हैं। छात्रों के जीवन में पुस्तक का अत्यधिक महत्व होता है। पुस्तकालय से आप अपनी जरूरत के समय किताबें ले सकते हैं तथा अपना कार्य पूर्ण होने के बाद वे उन्हें वापस लौटा सकते हैं। Pustakalaya Essay in Hindi के बारे में अधिक जानने के लिए इस ब्लॉग को अंत तक पढ़ें। 

This Blog Includes:

पुस्तकालय पर 100 शब्दों में निबंध, पुस्तकालय पर 200 शब्दों में निबंध, पुस्तकालय का महत्व, पुस्तकालय और शिक्षा के बीच संबंध, पुस्तकालय पर 10 लाइन्स.

Pustakalaya Essay in Hindi 100 शब्दों में निबंध नीचे दिया गया है:

पुस्तकालय ज्ञान के अमूल्य भंडार होते हैं। पुस्तकालय में विभिन्न प्रकार की पुस्तक पत्रिकाएं और डिजिटल संसाधन होते हैं जिनसे आप ज्ञान प्राप्त कर सकते हैं। पुस्तकालय छात्रों, विद्वानों और आम जनता की जरूरतों को पूरा करते हैं। किताबों से परे, पुस्तकालय अध्ययन, अनुसंधान और चिंतन के लिए शांत स्थान प्रदान करते हैं। ये बौद्धिक विकास और रचनात्मकता को बढ़ावा देते हैं। पुस्तकालय सामुदायिक केंद्र के रूप में भी काम करते हैं, वहां कार्यक्रमों, कार्यशालाओं और शैक्षिक कार्यक्रमों की मेजबानी की जा सकती है। पुस्तकालय कंप्यूटर, इंटरनेट कनेक्टिविटी और डिजिटल संसाधनों तक पहुंच प्रदान करके डिजिटल विभाजन को कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। पुस्तकालय ज्ञान और संपर्क का केंद्र बिंदु होते हैं।

Pustakalaya Essay in Hindi 200 शब्दों में निबंध नीचे दिया गया है:

पुस्तकालय ज्ञान और कौशल को बढ़ाने के लिए अहम स्थान होते हैं। वे सूचना और ज्ञान के चाहने वालों के लिए एक समृद्ध स्थान होते हैं। पुस्तकालय में पुस्तकों, पत्रिकाओं और डिजिटल संसाधनों की एक विशाल श्रृंखला होती है। साहित्य के भंडार होने के के साथ पुस्तकालय सामुदायिक स्थानों के रूप में भी काम करते हैं जहां व्यक्ति शांत अध्ययन, अनुसंधान और चिंतन में संलग्न हो सकते हैं। वे उन संसाधनों और सेवाओं तक पहुंच प्रदान करते हैं जो शिक्षा, आजीवन सीखने और व्यक्तिगत विकास देते हैं। बड़े पुस्तकालय में व्यक्ति ऐसी किताबें प्राप्त कर सकते हैं जिन्हे वे स्वयं खरीद नहीं पाते हैं। 

पुस्तकालय ज्ञान को बढ़ावा देने महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। पुस्तकालय में सुनाने के सत्रों, पुस्तक क्लबों और शैक्षिक कार्यक्रमों के माध्यम के माध्यम से भी लोगों को प्रेरित किया जाता है। 

पुस्तकालय सामुदायिक जुड़ाव, कार्यक्रमों, कार्यशालाओं और प्रदर्शनियों के केंद्र के रूप में भी काम करते हैं। वे लोगों को संस्कृति और विरासत के लिए एक साथ लाते हैं।  

आज के डिजिटल युग में, पुस्तकालय, ई-पुस्तकें, ऑनलाइन डेटाबेस और इंटरनेट एक्सेस सहित डिजिटल संसाधनों की एक विस्तृत श्रृंखला की पेशकश करने के लिए विकसित हो गए हैं। पुस्तकालय में लोग सूचना प्राप्त कर सकते हैं। पुस्तकालय समाज में ज्ञान, संबंध और सशक्तिकरण के प्रतीक के रूप में कार्य करते हैं। वे शिक्षा और बौद्धिक स्वतंत्रता के मूल्यों को कायम रखते हैं। 

पुस्तकालय पर 500 शब्दों में निबंध

Pustakalaya Essay in Hindi 500 शब्दों में निबंध नीचे दिया गया है:

पुस्तकालय को ज्ञान का स्तंभ कहा जाता है। ये वर्षों से मानवता के लिए ज्ञान के स्त्रोत बने हुए हैं। कहा जाता है की नालंदा विश्वविद्यालय का पुस्तकालय अपने समय का दुनिया में सबसे विशाल पुस्तकालय था। शिक्षा के स्थान युगों से आगे निकल गए हैं, जो ज्ञान के चाहने वालों को अमूल्य संसाधन प्रदान करते हैं। प्राचीन स्क्रॉल से लेकर डिजिटल अभिलेखागार तक, पुस्तकालय प्रगति की गति के साथ विकसित हुए हैं। पुस्तकालय की वजह से छात्रों को उन पुस्तकों तक पहुंच भी आसानी से मिल जाती है जिन्हें वह सामान्य बाजार में नहीं खरीद सकते। 

पुस्तकालय का महत्व शिक्षा, संस्कृति और समुदाय की आधारशिला के रूप में अपनी भूमिका निभाते हैं। पुस्तकालय भविष्य की पीढ़ियों के लिए पुस्तकों, पांडुलिपियों और अन्य दस्तावेजों को संरक्षित करके मानवता के सामूहिक ज्ञान की रक्षा करते हैं। वे सांस्कृतिक विरासत के भंडार के रूप में कार्य करते हैं, यह सुनिश्चित करते हुए कि बहुमूल्य जानकारी और अंतर्दृष्टि समय के साथ नष्ट न हो जाएं। पुस्तकालय विविध रुचियों और जरूरतों को पूरा करते हुए ढेर सारी जानकारी तक पहुंच प्रदान करते हैं। शैक्षणिक अनुसंधान से लेकर मनोरंजक पढ़ने तक, पुस्तकालय पुस्तकों, पत्रिकाओं, मल्टीमीडिया सामग्री और डिजिटल डेटाबेस सहित संसाधनों की एक विशाल श्रृंखला प्रदान करते हैं। पुस्तकालय साक्षरता को बढ़ावा देने और पढ़ने के प्रति प्रेम को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। कहानी सत्र, साक्षरता कार्यशालाएं और पुस्तक क्लब जैसे कार्यक्रमों के माध्यम से, पुस्तकालय सभी उम्र के लोगों को साहित्य से जुड़ने और आवश्यक साक्षरता कौशल विकसित करने के लिए प्रेरित करते हैं। छात्र अपनी शैक्षणिक गतिविधियों को बढ़ाने के लिए पाठ्यपुस्तकों, सामग्रियों और अध्ययन संसाधनों तक पहुंच सकते हैं। पुस्तकालय सामुदायिक केंद्र के रूप में काम करते हैं, लोगों को विभिन्न गतिविधियों और आयोजनों के लिए एक साथ लाते हैं। लेखक वार्ता और व्याख्यान से लेकर कला प्रदर्शनियों और कार्यशालाओं तक, पुस्तकालय कई सारे सीखने के अवसर प्रदान करते हैं। डिजिटल युग में, पुस्तकालय कंप्यूटर, इंटरनेट कनेक्टिविटी और डिजिटल संसाधनों तक पहुंच प्रदान करके डिजिटल अंतर को भी कम करते हैं। वे व्यक्तियों को आवश्यक डिजिटल साक्षरता कौशल से सशक्त बनाते हैं और सूचना और प्रौद्योगिकी तक समान पहुंच सुनिश्चित करते हैं।

पुस्तकालयों और शिक्षा के बीच संबंध सहजीवी है। यह संबंध एक दूसरे को समर्थन देने और बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। पुस्तकालय छात्रों और शिक्षकों को पाठ्यपुस्तकों, अध्ययन सामग्री, विद्वान पत्रिकाओं और मल्टीमीडिया संसाधनों सहित संसाधनों की एक विस्तृत श्रृंखला तक पहुंच प्रदान करते हैं। ये संसाधन अतिरिक्त जानकारी और सीखने के अवसर प्रदान करते हैं। पुस्तकालय अनुसंधान के लिए अमूल्य केंद्र के रूप में काम करते हैं, जो अकादमिक डेटाबेस विशेष संग्रह तक पहुंच प्रदान करते हैं। छात्र और शिक्षक अपने शैक्षणिक प्रयासों के लिए अनुसंधान कर सकते हैं, डेटा एकत्र कर सकते हैं और विद्वान साहित्य तक पहुंच सकते हैं। पुस्तकालय साक्षरता को बढ़ावा देने और छात्रों के बीच पढ़ने के प्रति प्रेम को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। साक्षरता कार्यक्रमों, कहानी कहने के सत्रों और पुस्तक क्लबों के माध्यम से, पुस्तकालय सीखने के लिए जुनून पैदा करते हैं और छात्रों को पढ़ने और समझने के कौशल विकसित करने में मदद करते हैं। पुस्तकालय छात्रों को जानकारी को प्रभावी ढंग से नेविगेट करने, गंभीर मूल्यांकन करने और गलत सूचना से विश्वसनीय जानकारी को समझना सिखाते हैं। आज के डिजिटल युग में पुस्तकालय छात्रों को कंप्यूटर, इंटरनेट कनेक्टिविटी और डिजिटल संसाधनों तक पहुंच प्रदान करते हैं। यह सुनिश्चित करता है कि सभी छात्रों को उनकी सामाजिक-आर्थिक पृष्ठभूमि की परवाह किए बिना, आधुनिक शिक्षा के लिए डिजिटल शिक्षण उपकरणों तक पहुंच प्राप्त हो। छात्र और शिक्षक समान रूप से व्यक्तिगत और व्यावसायिक विकास के लिए जीवन भर पुस्तकालयों से जुड़ सकते हैं।

पुस्तकालय पर 10 लाइन्स नीचे दी गई है:

  • पुस्तकालय ज्ञान के भंडार होते हैं, जिनमें पुस्तकों, पत्रिकाओं और डिजिटल संसाधनों की एक विशाल श्रृंखला होती है।
  • वे भावी पीढ़ियों के लिए मानवता के सामूहिक ज्ञान को संरक्षित करते हुए, सांस्कृतिक भंडार के रूप में कार्य करते हैं।
  • पुस्तकालय शैक्षिक कार्यक्रमों और संसाधनों के माध्यम से साक्षरता और आजीवन सीखने को बढ़ावा देते हैं।
  • वे जानकारी तक पहुंच प्रदान करते हैं और विभिन्न विषयों में अनुसंधान प्रयासों का समर्थन करते हैं।
  • पुस्तकालय अध्ययन, चिंतन और शैक्षणिक गतिविधियों के लिए शांत स्थान प्रदान करते हैं।
  • वे कहानी सुनाने के सत्रों और पुस्तक क्लबों के माध्यम से पढ़ने और साहित्य के प्रति प्रेम को बढ़ावा देते हैं।
  • पुस्तकालय कंप्यूटर और इंटरनेट कनेक्टिविटी तक पहुंच प्रदान करके डिजिटल विभाजन कम करते हैं।
  • वे ऐसे सामुदायिक केंद्र के रूप में कार्य करते हैं, जहां कार्यक्रमों, कार्यशालाओं और प्रदर्शनिया आयोजित की जा सकती हैं।
  • डिजिटल युग में आगे बढ़ने के लिए पुस्तकालय व्यक्तियों को आवश्यक सूचना साक्षरता कौशल प्रदान करते हैं।
  • पुस्तकालय अमूल्य संस्थान होते हैं जो जीवन को समृद्ध बनाते हैं, समुदायों को सशक्त बनाते हैं और मानवता की बौद्धिक विरासत को संरक्षित करते हैं।

पुस्तकालय ज्ञान की खोज के लिए लगातार बदलती दुनिया में ज्ञान के प्रकाशस्तंभ के रूप में कार्य कर रहे हैं। वे किताबों से भरी इमारतों से कहीं अधिक हैं। वे ज्ञान के भंडार होते हैं, सीखने के प्रति प्रेम को बढ़ावा देते हैं, साक्षरता को बढ़ावा देते हैं। आधुनिक युग के लिए आवश्यक कौशल वाले व्यक्तियों को सशक्त बनाते हैं। हमारी सांस्कृतिक विरासत के संरक्षक के रूप में, पुस्तकालय भविष्य की संभावनाओं को अपनाते हुए अतीत के खजाने को भी संरक्षित करते हैं। उनका महत्व सीमाओं और पीढ़ियों से परे होता है। पुस्तकों से प्राप्त ज्ञान लोगों में रचनात्मकता को प्रेरित करता है और जीवन को समृद्ध बनाता है। जानकारी से भरी दुनिया में, पुस्तकालय पहुंच प्रदान करने, समझ को बढ़ावा देने का महत्वपूर्ण कार्य करते हैं। पुस्तकालय वे स्तंभ हैं जिन पर सभ्यताओं का निर्माण होता है, जो यह सुनिश्चित करते हैं कि सीखने की रोशनी आने वाली पीढ़ियों के लिए आगे का मार्ग रोशन करती रहे।

पुस्तकालय पुस्तकों, पत्रिकाओं,  समाचार पत्रों, डिजिटल डेटाबेस, मल्टीमीडिया सामग्री और शैक्षिक उपकरणों सहित संसाधनों की एक विस्तृत श्रृंखला प्रदान करते हैं।

कई पुस्तकालय अपनी वेबसाइटों या लाइब्रेरी ऐप्स के माध्यम से ई-पुस्तकें, ऑडियोबुक, ऑनलाइन डेटाबेस और स्ट्रीमिंग सेवाओं जैसे डिजिटल संसाधनों तक पहुंच प्रदान करते हैं।  इन संसाधनों तक पहुंचने के लिए उपयोगकर्ताओं को अक्सर लाइब्रेरी कार्ड की आवश्यकता होती है।

हाँ, पुस्तकालय में अक्सर सभी उम्र के लोगों के लिए विभिन्न प्रकार के कार्यक्रम किए जाते हैं, जिनमें लेखक वार्ता, पुस्तक क्लब, कहानी कहने के सत्र, कार्यशालाएँ, व्याख्यान, कला प्रदर्शनियाँ और शैक्षिक कार्यक्रम शामिल हैं।

आशा है कि आपको इस ब्लाॅग में Pustakalaya Essay in Hindi के बारे में पूरी जानकारी मिल गई होगी। इसी प्रकार के निबंध के ब्लॉग्स पढ़ने के लिए Leverage Edu के साथ बने रहें।

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Nibandh

पुस्तकालय पर निबंध

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पुस्तकालय शब्द पुस्तक ओर आलय से मिलकर बना है इसका अर्थ है – पुस्तकों का घर । सचमुच, पुस्तकालय वह जगह है, जहाँ पढ़ने के लिए तरह-तरह की पुस्तकें मिलती हैं। पुस्तकालय पाठकों के लिए ज्ञान का भंडार होता है जहाँ प्रत्येक विद्यार्थी ज्ञान प्राप्त करते हैं।

पुस्तकालय में कई अलमारियाँ होती हैं। इनमें अलग-अलग विषयों की पुस्तकें होती हैं। जैसे- हिन्दी और अंग्रेजी भाषा की पुस्तकें, उपन्यास-कहानी, नाटक-एकांकी, कविता, निबंध आदि विधाओं में विभकत हैं। प्रत्येक पुस्तक पर उसके क्रमांक का लेबल चिपका होता है।

पुस्तकालय में कुछ बड़ी-बड़ी मेजें और उनके दोनों ओर कुर्सियाँ लगी होती हैं। मेजों पर अखबार और पत्रिकाएँ रखी रहती हैं। लोग वहाँ बैठकर इन्हें पढ़ते हैं। पुस्तकालय की देखरेख करने वाले व्यक्ति को पुस्तकालयाध्यक्ष कहा जाता है।

पुस्तकालय पुस्तकों से समृद्ध है, पत्र-पत्रिकाओं से भरपूर है, अध्ययनशील वातावरण से सुगन्धित है। यह ज्ञान-विज्ञान का प्रसारक है और है मानसिक क्षुधा-शान्ति का साधन हैं। सचमुच, पुस्तकालय ज्ञान-विज्ञान का मंदिर है। हमें उसका लाभ अवश्य लेना चाहिए।

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पुस्तकालय पर निबंध | Essay on Library in Hindi Language

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Here is a compilation of essays on ‘Library’ for Class 5, 6, 7, 8, 9, 10, 11 and 12. Find paragraphs, long and short essays on ‘Library’ especially written for School and College Students in Hindi Language.

List of Essays on Library

Essay Contents:

  • Essay on the Library Revolution for College Students

1. पुस्तकालय   | Essay on Library in Hindi Language

पुस्तकालय शब्द पर जब हम विचार करते हैं, तो हम इसे दो शब्दों के मेल से बना हुआ पाते हैं- पुस्तक+आलय; अर्थात् पुस्तक का घर । जहाँ विभिन्न प्रकार की पुस्तकें होती हैं और जिनका अध्ययन स्वतंत्र रूप से किया जाता है, उसे पुस्तकालय कहा जाता है । इसके विपरीत जहाँ पुस्तकें तो हों लेकिन उनका अध्ययन स्वतंत्र रूप से न हो और वे अलमारी में बन्द पड़ी रहती हों, उसे पुस्तकालय नहीं कहते हैं । इस दृष्टिकोण से पुस्तकालय ज्ञान और अध्ययन का एक बड़ा केन्द्र होता है ।

प्राचीनकाल में पुस्तकें आजकल के पुस्तकालयों की तरह एक जगह नहीं होती थीं; अपितु प्राचीनकाल में पुस्तकें हस्तलिखित हुआ करती थीं । इसलिए इन पुस्तकों का उपयोग केवल एक ही व्यक्ति कर पाता था । दूसरी बात यह कि प्राचीनकाल में पुस्तकों से ज्ञान प्राप्त करना एक बड़ा कठिन कार्य होता था; क्योंकि पुस्तकें आज जितनी प्रकार की एक ही जगह मिल जाती हैं; उतनी तब नहीं मिलती थीं ।

इसलिए विविध प्रकार की पुस्तकों से आनन्द, ज्ञान या मनोरंजन करने के लिए आज हमें जितनी सुविधा प्राप्त हो चुकी हैं, उतनी इससे पहले नहीं थीं । इस प्रकार से पुस्तकालय हमारी इस प्रकार की सुविधाओं को प्रदान करने में आज अपनी महत्त्वपूर्ण भूमिका को निभा रहे हैं ।

पुस्तकालय की कोटियाँ या प्रकार कई प्रकार के होते हैं । कुछ पुस्तकालय व्यक्तिगत होते हैं, कुछ सार्वजनिक होते हैं और कुछ सरकारी पुस्तकालय होते हैं । व्यक्तिगत पुस्तकालय, वे पुस्तकालय होते हैं, जो किसी व्यक्ति-विशेष से ही सम्बन्धित होते हैं ।

ऐसे पुस्तकालयों में पुस्तकों की संख्या बहुत ही सीमित और थोड़े प्रकार को होती है । हम कह सकते हैं कि व्यक्तिगत पुस्तकालय एक प्रकार से स्वतंत्र और ऐच्छिक पुस्तकालय होते हैं । इन पुस्तकालयों का लाभ और उपयोग उठाने वाले भी सीमित और विशेष वर्ग के ही विद्यार्थी होते हैं । इन पुस्तकालयों की पुस्तक बहुत सामान्य या माध्यम श्रेणी की होती हैं ।

व्यक्तिगत पुस्तकालय को निजी पुस्तकालय की भी संज्ञा दी जाती है । इस प्रकार के पुस्तकालय मुख्य रूप से धनी और सम्पन्न वर्ग के लोगों से चलाए जाते हैं । ऐसे पुस्तकालयों की संख्या भी पाठकों के समान ही सीमित होती है; क्योंकि स्वतंत्र अधिकार के कारण इन पुस्तकालयों के नियम-सिद्धान्त का पालन करने में सभी पाठक समर्थ नहीं हो पाते हैं ।

ADVERTISEMENTS:

संस्थागत पुस्तकालय भी पुस्तकालयों के विभिन्न प्रकारों में एक विशेष प्रकार का पुस्तकालय है । संस्थागत पुस्तकालय का अर्थ है-किसी संस्था द्वारा चलने वाले पुस्तकालय । ऐसे पुस्तकालय स्कूलों, कॉलेजों, विश्वविद्यालयों या किसी अन्य संस्था के द्वारा संचालित हुआ करते हैं । इस प्रकार के पुस्तकालय व्यक्तिगत या निजी पुस्तकालय के समान नहीं होते हैं, जो स्वतंत्रतापूर्वक चलाए जाते हैं ।

संस्थागत पुस्तकालय के पाठक न तो सीमित होते हैं और न इसके सीमित नियम ही होते हैं, अपितु इस प्रकार के पुस्तकालय तो विस्तृत नियमों के साथ अपने पाठकों की संख्या असीमित ही रखते हैं । इसलिए इन पुस्तकालयों में पुस्तकों की संख्या भी बहुत बड़ी या असीमित होती है । इसी तरह इस प्रकार के पुस्तकालयों की पुस्तकें बहुमूल्य और अवक्षय अर्थात् सस्ती और महँगी दोनों ही होती हैं । हम यह कह सकते हैं कि इस प्रकार के पुस्तकालयों की पुस्तकें महँगी होती हुई भी मध्यम श्रेणी की होती हैं ।

संस्थागत पुस्तकालयों की पुस्तकें साहित्य, संगीत, कला, दर्शन, धर्म, राजनीति, विज्ञान, समाज, राष्ट्रीय, अन्तर्राष्ट्रीय आदि सभी स्तरों की अवश्य होती हैं । संस्थागत पुस्तकालयों की संख्या सभी प्रकार के पुस्तकालयों से अधिक होती है । इस दृष्टिकोण से संस्थागत पुस्तकालयों का महत्त्व सभी प्रकार के पुस्तकालयों से बढ़कर है ।

पुस्तकालयों का तीसरा प्रकार सार्वजनिक पुस्तकालयों का है । सार्वजनिक पुस्तकालयों की संख्या संस्थागत पुस्तकालयों की संख्या से बहुत कम होती है; क्योंकि इस प्रकार के पुस्तकालयों का उपयोग या सम्बन्ध केवल बौद्धिक और पुस्तक-प्रेमियों से ही उाधिक होता है । कहीं-कहीं तो सरकार के द्वारा और कहीं-कहीं सामाजिक संस्थाओं के द्वारा भी सार्वजनिक पुस्तकालयों का संचालन होता है ।

चाहे जो कुछ हो सरकार द्वारा ये पुस्तकालय मान्यता प्राप्त होते हैं । सरकार इन पुस्तकालयों की सहायता समय-समय पर किया करती है । अत: सार्वजनिक पुस्तकालयों का भविष्य व्यक्तिगत पुस्तकालयों के समान अंधकारमय नहीं होता है ।

पुस्तकालय का एक छोटा-सा प्रकार चलता-फिरता पुस्तकालय है । इस प्रकार के पुस्तकालयों का महत्त्व अवश्य है; क्योंकि समय के अभाव के कारण लोग इस प्रकार के पुस्तकालयों का अवश्य लाभ उठाते हैं । सुविधाजनक अर्थात् घर बैठे ही इन पुस्तकालयों का लाभ उठा पाने के कारण इनका महत्त्व और लोकप्रिय होना निश्चय ही सत्य है । सीमित संख्या होने के कारण यद्यपि इन पुस्तकालयों का प्रसार कम है, लेकिन महिलाओं के लिए ये अवश्य अधिक उपयोगी है ।

पुस्तकालय ज्ञान-विज्ञान की रहस्यमय जानकारी को प्रदान करने में अवश्य महत्त्वपूर्ण भूमिका को निभाते हैं । ये हमें सत्संगति प्रदान करते हैं । हमें अज्ञान के अंधकार से ज्ञान के प्रकाश की ओर ले जाते हैं । इसलिए हमें पुस्तकालयों का अवश्य अधिक-से-अधिक उपयोग करना चाहिए ।

2.   पुस्तकालय की उपयोगिता । Essay on Library and its Benefits for School Students in Hindi Language

शारीरिक स्वास्थ्य के लिए जिस प्रकार मनुष्य को संयमित और संतुलित भोजन कोई आवश्यकता है उसी प्रकार मानसिक स्वास्थ्य के लिए ज्ञानार्जन परमावश्यक है । मस्तिष्क को क्रियाशील और गतिशील रखने के लिए शुद्ध ज्ञान एवं नवीन विचारों की आवश्यकता होती है । यह ज्ञान और शुद्ध विचार हमें अज्ञानांधकार से निकलकर ज्ञान के प्रकाशपूर्ण लोक में ले जाते हैं ।

सरस्वती की उपासना के लिए दो आराधना मंदिर है: एक विद्यालय और दूसरा पुस्तकालय । पुस्तकालय में विद्यार्थी विस्तृत व्यापक ज्ञान प्राप्त करता है । जहाँ सरस्वती के अनंत पुत्रों अर्थात् गनी किताबों का संग्रह होता है, जिनके अध्ययन से मानव अपने जीवन के अशांत संर्धामय क्षणों में शांति प्राप्त करता है ।

पुस्तकालयों की दृष्टि से इंग्लैंड अमेरिका और रूस सबसे आगे हैं । अमेरिका में ‘वाशिंगटन कांग्रेस पुस्तकालय’ विश्व का सबसे बड़ा पुस्तकालय माना जाता है । रूस का सबसे बड़ा पुस्तकालय ‘लेनिन पुस्तकालय है । भारत वर्ष में कोलकाता के राष्ट्रीय पुस्तकालय में दस लाख पुस्तकें हैं ।

भारत का दूसरा महत्वपूर्ण पुस्तकालय बड़ौदा का केंन्द्रीय पुस्तकालय है इसमें 1 लाख 31 हजार पुस्तकें हैं । पुस्तकालयों से अनेक लाभ है । ज्ञान की वृद्धि में पुस्तकालय से जो सहायता मिलती है वह किसी अन्य साधन द्वारा नहीं मिल सकती । किसी विषय का पूर्ण ज्ञान प्राप्त करने के लिए उस विषय से संबंधित पुस्तकों को पढ़ना आवश्यक होता है ।

ज्ञान-वृद्धि के अतिरिक्त पुस्तकालयों से ज्ञान का प्रसार भी सरलता से होता है । पुस्तकालय के संपर्क में रहने से मनुष्य कुवासनाओं और प्रलोभनों से बच जाता है । पुस्तकालय मनुष्य को सत्संग की सुविधा प्रदान करता है । पुस्तक पढ़ते-पढ़ते कभी मनुष्य मन ही मन प्रसन्न हो उठता है और कभी खिलखिलाकर हँस पड़ता है ।

श्रेष्ठ पुस्तकों के अध्ययन से हमें मानसिक शांति प्राप्त होती है उस समय संसार की समस्त चिंताओं से पाठक मुका हो जाता है । अत: पुस्तकालय हमारे लिए नित्य जीवन साथियों की योजना करता है । जिसके साथ आप बैठकर बातों का आनंद ले सकते हैं, चाहे वह शेक्सपीयर हो या कालीदास, न्यूटन हो या प्लेटो अरस्तु हो या शंकराचार्य ।

आधुनिक युग में यद्यपि मनोरंजन के अनेक साधन हैं परंतु ये सब मनोरंजन के साधन पुस्तकालय के सामने नगण्य हैं क्योंकि पुस्तकालय से मनोरंजन के साथ-साथ पाठक का आत्म-परिष्कार एवं ज्ञान वृद्धि होती है । पुस्तकालयों में भिन्न-भिन्न रसों की पुस्तकों के अध्ययन से हम समय का सदुपयोग भी कर लेते है ।

अपने रिक्त समय को पुस्तकालय में व्यतीत करना समय की सबसे बड़ी उपयोगिता है । व्यक्तिगत हित के अतिरिक्त पुस्तकालयों से समाज का भी हित होता है ।  भिन्न-भिन्न देशों की नवीन एवं प्राचीन पुस्तकों के अध्ययन से विभिन्न देशों की सामाजिक परंपराओं-मान्यताओं और व्यवसायों का परिचय होता है ।

पुस्तकालय वास्तव में ज्ञान का असीम भंडार है । देश की शिक्षित जनता के लिए यह उन्नति का सर्वोत्तम साधन है । भारत वर्ष में भी अच्छे पुस्तकालयों की संख्या पर्याप्त नहीं है । भारत सरकार इस दिशा में प्रयत्नशील हैं । वास्तव में पुस्तकें मनुष्य की सच्ची मित्र सदगुरु और जीवन पथ की संरक्षिका है ।

देश की अशिक्षित जनता को सुशिक्षित बनाने के लिए सार्वजनिक पुस्तकालयों की बड़ी आवश्यकता है । भारत सरकार ने ग्राम-पंचायतों की देख-रेख में गाँव-गाँव में ऐसे पुस्तकालयों की व्यवस्था की है । गाँव की निर्धन जनता अपने ज्ञान प्रसार के लिए पुस्तकें नहीं खरीद सकती ।

उस अज्ञानांधकार को दूर करने के लिए सरकार का यह प्रयास प्रशंसनीय है । जिन लोगों पर लक्ष्मी की अटूट कृपा है, उन्हें इस प्रकार के पुस्तकालय जनहित के लिए खुलवाने चाहिए । पुस्तकालय का महत्व देवताओं से अधिक है क्योंकि पुस्तकालय ही हमें देवालय में जाने योग्य बनाते हैं ।

3. पुस्तकालय का महत्व । Essay on Library and its Importance for School Students in Hindi Language

सृष्टि के समस्त चराचरों में मनुष्य ही सर्वोत्कृष्ट कहलाने का गौरव प्राप्त करता है । मनुष्य ही चिंतन-मनन कर सकता है । अच्छे-बुरे का निर्णय कर सकता है तथा अपने छोटे से जीवन में बहुत कुछ सीखना चाहता है ।

उसी जिज्ञासावृत पुस्तकें शांत करती हैं अर्थात ज्ञान का भंडार पुस्तकों में समाहित है । ऐसा स्थान जहाँ अनेक पुस्तकों को संगृहीत करके उनका एक विशाल भंडार बनाया जाता है: पुस्तकालय कहलाता है पुस्तकालय ज्ञान के वे मंदिर हैं जो मानव इच्छा को शांत करते हैं, उसे विभिन्न विषयों पर नई जानकारियाँ उपलब्ध करते हैं, ज्ञान के संचिर कोश से उसे निश्चित करते है, अतीत झरोखों की झलक दिखाते हैं तथा उसके बौद्धिक स्तर को उन्नत करते हैं ।

दुनियाँ में विषय अनंत हैं उन विषयों से संबंधित पुस्तकें भी अनंत हैं । उन सभी पुस्तकों को खरीद कर पड़ पाना किसी के बस की बात नहीं । इस आवश्यकता की पूर्ति पुस्तकालय अत्यंत सुगमता से कर सकता है । बड़े बड़े पुस्तकालयों में लाखों पुस्तके संगृहीत होती हैं ।

इनमें वे दुलर्भ पुस्तकें भी होती हैं जो अब अप्राप्य हैं जिन्हें किसी भी कीमत पर खरीदा नहीं जा सकता । पुस्तकालय में बैठकर कोई भी व्यक्ति एक ही विषय पर अनेक व्यक्तियों के विचारों से परिचित हो सकता है । अन्य विषयों के साथ अपने विषय का तुलनात्मक अध्ययन भी कर सकता है ।

अनगिनत पुस्तकों वाले अधिकांश पुस्तकालय पूरी तरह व्यवस्थित होते हैं । विद्यार्थी कुछ देर में ही अपनी जरूरत की पुस्तक पा सकता है । पुस्तकालय में जाते समय उसके नियमों की जानकारी प्राप्त करनी चाहिए । वहाँ जाकर वहीं पुस्तके पढ़नी चाहिए जिनकी आपको जरूरत हो । पुस्तकालय में ऐसी अनेक पुस्तकें होती हैं ।

यदि विद्यार्थी पुस्तकालय में केवल किस्से कहानियों की किताबे पढ़कर अपना समय बरबाद करने के लिए जाते हो तो सदुपयोग करना चाहिए तथा पुस्तकालय में बैठकर शांत वातावरण में एकाग्रचित्त होकर अध्ययन करना चाहिए ।

पुस्तकालय में बैठकर पुस्तकें पढ़ते समय बिल्कुल शांत रहना चाहिए । पुस्तकालय की पुस्तकों पर पेंसिल या पेन से निशान लगाना, उनके चित्रों आदि को फाड़ना या गदा करना ठीक नहीं है । वहाँ बैठकर हमें औरों का भी ध्यान रखना चाहिए । हमें कोई ऐसा आचरण नहीं करना चाहिए जिससे दूसरों को असुविधा हो ।

पुस्तकालय किसी एक व्यक्ति के लिए नहीं इसलिए वहाँ सगृहीत पुस्तकें सामाजिक संपति होती हैं अत: हमें पुस्तकालय की पुस्तकों को उसी दृष्टि से देखना चाहिए । पुस्तकालयों में संकलित पुस्तकों के माध्यम से व्यक्ति भाव-विचार, भाषा, ज्ञान-विज्ञान आदि सभी विषयों के क्रमिक विकास का इतिहास जानकर उनका किसी भी विशिष्ट दृष्टि से अध्ययन कर सकता है ।

अपने प्रिय महापुरुष, राजनेता, कवि, साहित्यकार आदि के जीवन और विचारों से कोई व्यक्ति सहज ही साक्षात्कार संभव हो जाता है । जातियों, राष्ट्रों, धर्मों आदि के उत्थान-पतन का इतिहास भी पुस्तकों से जानकर उत्थान और पतन के कारणों को अपनाया या उनसे बचा जा सकता है ।

पुस्तकालय ज्ञान-विज्ञान के अनंत भंडार होते हैं । उन्हें अपने भीतर समाए रहने वाला अनंत नदी-धारों, विचार-रत्नों, भाव-विचार-प्राणियों का अनंत सागर एवं निधि कहा जा सकता है । जैसे ज्ञान-विज्ञान के कई तरह के साधन पाकर भी सागर की अथाह गहराई एवं अछोर स्वरूपाकार को सही रूप से नाप-तोल संभव नहीं हुआ करता, उसी प्रकार पुस्तकालयों में संचित अथाह ज्ञान-विज्ञान, विचारों-भावों, आदि को खंगाल पाना भी नितांत असंभव हुआ करता है ।

जैसे अनंत नदियों का प्रवाह नित्य प्रति सागर में मिलते रहकर उसे भरित बनाए रखता है वैसे ही नित्य नई-नई पुस्तकें भी प्रकाशित होकर पुस्तकालयों को भरा-पूरा किए रहती हैं । यही उनका महत्व एवं गौरव    है ।

4. पुस्तकालय की उपयोगिता एवं महत्त्व । Essay on Library, Its Benefits and Importance for College Students in Hindi Language

1. प्रस्तावना ।

2. पुस्तकालय की उपयोगिता एवं आवश्यकता ।

3. उपसंहार ।

1. प्रस्तावना:

व्यक्ति के चरित्र निर्माण में पुस्तकों का अभिन्न स्थान है । पुस्तकें जहां एकान्त में किसी शुभचिन्तक मित्र एवं मार्गदर्शक की भूमिका निभाती है, वहीं हमारे व्यक्तित्व को भी सन्तुलित करती हैं । बाल्यकाल के साथ ही व्यक्ति पुस्तकों के महत्त्व को समझने लगता है । मनोरंजन के साथ-साथ ज्ञान-प्राप्ति की लालसा उसे पुस्तकों तक खींच लाती है ।

व्यक्ति यह समझने लगता है कि अच्छे भोजन के साथ-साथ अच्छी पुस्तकें भी उसके लिए जरूरी हैं । पुस्तकों की सहज प्राप्ति हेतु वह पुस्तकालय तक जाता है । ज्ञानराशि का अक्षय भण्डार पुस्तकें उसे ज्ञान-विज्ञान की विभिन्न शाखाओं एवं विधाओं से परिचित कराती हैं ।

वह कभी व्यक्तिगत पुस्तकालयों के माध्यम से, तो कभी सार्वजनिक पुस्तकालयों के माध्यम से अपनी आवश्यकता की पूर्ति करता है । शिक्षा संस्थानों से सुलभ होने वाली पुस्तकों को भी वह पढ़कर अपने लक्ष्य प्राप्ति की ओर अग्रसर होता है ।

2. पुस्तकालय की उपयोगिता एवं आवश्यकता:

पुस्तकालय चाहे शैक्षिक संस्थानों का हो या फिर सार्वजनिक स्थानों का, उसका महत्त्व एवं उपयोगिता तो शाश्वत है । हमारा देश भारत प्राचीनकाल से ही पुस्तकालयों का भण्डार रहा है । पुस्तकालय विषयक उसकी समृद्धि नालन्दा, तक्षशिला, विक्रमशिला, ओदन्त पुरी आदि विद्यालयों के माध्यम से भी मिलती है ।

हमारे देश में वर्तमान में राष्ट्रीय पुस्तकालय भी है, जहां प्राचीन अन्यों की ऐतिहासिक दस्तावेजों सहित पाण्डुलिपियां संग्रहित हैं । कलकत्ता, दिल्ली, मुम्बई, बड़ौदा के राष्ट्रीय एवं राजकीय पुस्तकालयों में पुस्तकों का अक्षय भण्डार है, जिसका अध्ययन कर धनी, दरिद्र, बाल, वृद्ध, युवा सभी लाभान्वित होते हैं ।

ज्ञान वृद्धि एवं ज्ञान प्रकाश के स्थायी केन्द्रों के रूप में पुस्तकालयों की महत्ता एवं उपयोगिता अक्षुण्ण है । पुस्तकालय न केवल हमारी ज्ञान-पिपासा को शान्त करते हैं, वरन् हमारे व्यक्तित्व का निर्माण भी करते हैं । पुस्तकालय में जाकर जब हम महान पुरुषों, मनीषियों, कलाकारों, वैज्ञानिकों, राष्ट्रमक्तों के आदर्श एवं प्रेरणापरक चरित्र को पढ़ते हैं, तो हम उनसे प्रेरणा लेते हैं ।

हमारा बौद्धिक, मानसिक, चारित्रिक, नैतिक विकास भी होता है । समय के सदुपयोग एवं मनोरंजन के साधनों के रूप में पुस्तकालय की हमारे जीवन में काफी उपयोगिता है । पुस्तकों, पत्र-पत्रिकाओं के माध्यम से हमें देश-विदेश के समाचार मिलते हैं, वहीं हमारी आन्तरिक वृत्तियों का शोधन, परिष्करण भी होता है ।

पुस्तकें विश्वबसुत्च, मैत्री, सदभाव की भावना जगाने के साथ-साथ विश्व की सभ्यता, संस्कृति, साहित्य से भी परिचित कराती है । पुस्तकालयों की महत्ता एवं उपयोगिता को जानकर ही हमारे देश के नगर, महानगर, गांव-गांव में भी पुस्तकालय की व्यवस्था का प्रयास सरकार द्वारा किया जाता रहा है ।

3. उपसंहार:

पुस्तकालयों की महत्ता, उपयोगिता एवं उसकी आवश्यकता अक्षुण्ण है. । मानव के व्यक्तित्व के निर्माण में पुस्तकालयों की भूमिका सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण होती है । इसमें शैक्षिक संस्थान का पुस्तकालय हो या सार्वजनिक स्थान का हो या कि व्यक्तिगत हो ।

व्यक्तित्व निर्माण, ज्ञान-पिपासा की शान्ति, मनोरंजन, चित्तवृत्तियों का परिष्कार पुस्तकों द्वारा ही होता है । पुस्तकों के बिना तो मानव जीवन अधूरा ही होगा । पुस्तकें व्यक्तित्व निर्माण के साथ-साथ परिवार, समाज, देश की उन्नति में भी अपनी महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं । जिस देश का नागरिक सुशिक्षित, ज्ञान सम्पन्न होगा, वह देश निश्चित ही उन्नति की चरम सीमा को प्राप्त करेगा ।

5. पुस्तकालय । Essay on Library in Hindi Language

मानव शरीर को स्वस्थ बनाये रखने के लिए जिस प्रकार हमें पौष्टिक तथा संतुलित भोजन की आवश्यकता होती है । उसी प्रकार मानसिक स्वास्थ्य के लिए ज्ञान की प्राप्ति आवश्यक है । मस्तिष्क को बिना गतिशील बनाये ज्ञान प्राप्त नहीं किया जा सकता । ज्ञान प्राप्ति के लिए विद्यालय जाकर गुरु की शरण लेनी पड़ती है ।

इसी तरह ज्ञान अर्जित करने के लिए पुस्तकालय की सहायता लेनी पड़ती है । लोगों को शिक्षित करने तथा ज्ञान देने के लिए एक बड़ी राशि व्यय करनी पड़ती है । इसलिए स्कूल, कॉलेज खोले जाते हैं और उनमें पुस्तकालय स्थापित किये जाते हैं । जिससे कि ज्ञान चाहने वाला व्यक्ति सरलता से ज्ञान प्राप्त कर सके ।

पुस्तकालय के दो भाग होते हैं । वाचनालय तथा पुस्तकालय । वाचनालय में देशभर से प्रकाशित दैनिक अखबार के अलावा साप्ताहिक, पाक्षिक तथा मासिक पत्र-पत्रिकाओं का पठन केन्द्र है । यहां से हमें दिन प्रतिदिन की घटनाओं की जानकारी मिलती है । पुस्तकालय विविध विषयों और इनकी विविध पुस्तकों का भण्डार ग्रह होता है । पुस्तकालय में दुर्लभ से दुर्लभ पुस्तक भी मिल जाती है ।

भारत में पुस्तकालयों की परम्परा प्राचीनकाल से ही रही है । नालन्दा, तक्षशिला के पुस्तकालय विश्वभर में प्रसिद्ध थे । मुद्रणकला के साथ ही भारत में पुस्तकालयों की लोकप्रियता बढ़ती चली गई । दिल्ली में दिल्ली पब्लिक लाइब्रेरी की सैकड़ों शाखाएं हैं । इसके अलावा दिल्ली में एक नेशनल लाइब्रेरी भी है ।

पुस्तकें मनुष्य की मित्र होती हैं । एक ओर जहां वे हमारा मनोरंजन करती हैं वहीं वह हमारा ज्ञान भी बढ़ाती हैं । हमें सभ्यता की जानकारी भी पुस्तकों से ही प्राप्त होती है । पुस्तकें ही हमें प्राचीनकाल से लेकर वर्तमानकाल के विचारों से अवगत कराती हैं । इसके अलावा पुस्तकें संसार के कई रहस्यों से परिचित कराती हैं । कोई भी व्यक्ति एक सीमा तक ही पुस्तक खरीद सकता है ।

सभी प्रकाशित पुस्तकें खरीदना सबके बस की बात नहीं है । इसलिए पुस्तकालयों की स्थापना की गई । पुस्तकालय का अर्थ है पुस्तकों का घर । यहाँ हर विषय की पुस्तकें उपलब्ध होती हैं । इनमें विदेशी पुस्तकें भी शामिल होती हैं । विद्यालय की तरह पुस्तकालय भी ज्ञान का मंदिर है ।

पुस्तकालय कई प्रकार के होते हैं । इनमें पहले पुस्तकालय वे हैं जो स्कूल, कॉलेज तथा विश्वविद्यालय के होते हैं । दूसरी प्रकार के पुस्तकालय निजी होते हैं । ज्ञान प्राप्ति के शौकीन व्यक्ति अपने-अपने कार्यालयों या घरों में पुस्तकालय बनाकर अपना तथा अपने परिचितों का ज्ञान अर्जन करते हैं ।

तीसरे प्रकार के पुस्तकालय राजकीय पुस्तकालय होते हैं । इनका संचालन सरकार द्वारा किया जाता है । इन पुस्तकों का लाभ सभी लोग उठा सकते हैं । चौथी प्रकार के पुस्तकालय सार्वजनिक होते हैं । इनसे भी सरकारी पुस्तकालयों की तरह लाभ उठा सकते हैं ।

इनके अतिरिक्त स्वयं सेवी संगठनों व सरकार द्वारा चल पुस्तकालय चलाये जा रहे हैं । यह पुस्तकालय एक वाहन पर होते हैं । हमारा युग ज्ञान का युग है । वर्तमान में ज्ञान ही ईश्वर है ज्ञान ही शक्ति है ।

पुस्तकालय से ज्ञान वृद्धि में जो सहायता मिलती है वह और कहीं से सम्भव नहीं है । विद्यालय में विद्यार्थी केवल विषय से संबंधित ज्ञान प्राप्त कर सकता है लेकिन पुस्तकालय ज्ञान का खजाना है ।

6. पुस्तकालय-क्रान्ति । Essay on the Library Revolution for College Students

अधिकांश विद्यालयों के पुस्तकालय में पुस्तकों में दीमक लग रही है । पुस्तकों पर मनों (दुनिया भर की) पक्की धूल जमी है । ढेर की ढेर पुस्तकें प्रतिवर्ष विद्यालयों में जमा होती जा रही हैं और खासे पुस्तकालय पुस्तकों की संख्या को दृष्टि में रखकर तैयार हो चुके हैं । अच्छे पुस्तकालय देश की प्रगति के प्रतीक हैं ।

जिस देश में जितने अधिक अच्छे पुस्तकालय हैं, वह देश उतना ही अधिक सम्पन्न और विकासशील है । इस दृष्टि से समृद्धिशाली पुस्तकालयों का विस्तार होना निश्चित ही बौद्धिक, आध्यात्मिक तथा सांस्कृतिक क्रान्ति का द्योतक है, परन्तु राजकीय राशि तथा लोकल फण्ड से विकसित होने वाले पुस्तकालय तब तक अपने उद्देश्य में सफल नहीं हो सकते जब तक कि उनमें संगृहीत पुस्तकें अधिक-से-अधिक जनों के द्वारा पड़ी-समझी नही जाती ।

तथ्य यह है कि पुस्तकालयों में तेजी से पुस्तकों का आना शुरू हुआ है उसकी रफ्तार को मद्देनजर रखते हुए पुस्तकों के अध्ययन करने वालों की संख्या निरंतर न्यून से न्यूनतम होती जा रही है । रीक्षण होने के कारण से, उसी समय हाँ होती है और दीमक लगी पुस्तकों को निरीक्षक महोदय के सामने पेश कर उनको नष्ट करने की कार्रवाई की आवश्यकता पर ध्यान दिलाया जाता है और यूं कितनी ही हतभाग्या पुस्तकें बिना किसी की आंखों से गुजरे काल के गाल में समा जाती है ।

इसका परिणाम यह होता है कि सरकार की पूर्व-निर्धारित योजना में इजाफा होने के स्थान पर घाटा होता है । और साध्यतिक सांस्कृतिक तथा बौद्धिक क्रान्ति बाल-बाल होने से बच जाती है । विद्यालयों में जितनी दिलचस्पी पुस्तकें खरीदने में प्राय: रखने को मिलती है ।

उससे बहुत कम अभिरूचि पुस्तकालय व्यवस्था में नजर आती है । पुस्तकालय कम से कम विद्यालय-समय के अलावा सुबह-शाम अलग से खुलना चाहिए । कारण ‘स्कूल के समय’ में छात्र पुस्तकालय व वाचनालय का आवश्यकतानुरूप प्रयोग नहीं कर पाते हैं क्योंकि वे कक्षाओं में अध्ययनरत रहते हैं ।

आज आवश्यकता इस प्रयास की है कि पुस्तकों को दीमकों से बचाकर अधिक-से-अधिक दिमागों के लिए खुराक के रूप में इस्तेमाल किया जाए । इस दृष्टि से पुस्तकालय आकर्षक हो, साज-सज्जा से पूर्ण हो । छात्रों को वहीं बैठकर मनपसद पुस्तक पढ़ने की इजाजत हो । पुस्तकालय में प्रवेश करने और वहाँ से जाने के समय छात्र हस्ताक्षर करे ।

साथ ही एक पंजिका ऐसी भी रखी होनी चाहिए जिसमें छात्र यदि किसी पुस्तक पर अपनी राय लिखना चाहे तो लिख सके । उस पंजिका के प्रारम्भ में ”इंडैक्स ” रहना चाहिए जिसमें निबन्ध, कहानी, उपन्यास, राजनीति-शास्त्र, इतिहास आदि पुस्तकों के संबंध में राय लिखने के लिए पृष्ठ संख्या अंकित हो, यथा 1 से 15 तक उपन्यास, 16 से 30 तक इतिहास । छात्र जिस विषय पर पुस्तक पढ़ेगा, यदि वह चाहेगा तो तत्सम्बन्धी पुस्तक पर अपनी राय ”इंडैक्स” में दर्शाए पृष्ठ पर लिख सकेगा ।

इस प्रकार विभिन्न विषयों पर न केवल छात्रों की राय आसानी से जानी जा सकेगी बल्कि छात्रों की रूचि, उनके स्तर पर बोध का भी पता चल सकेगा और अन्त में जाकर उनकी रायों के अध्ययन से बहुत कुछ सार्थक निर्णय लिए जाने में सहायता मिल सकेगी ।

पुस्तकालय के बाहर बोर्ड हो, जिस पर जाली रहे और उसके अन्दर ‘रैपर’ लगाए जाएं: कम-से-कम सत्र में आने वाली पुस्तकों के । उसके साथ ही एक बोर्ड ऐसा होना चाहिए जिस पर गत सत्र अथवा सत्रों में विभिन्न विषयों की पढ़ी-जाने वाली पुस्तकों के ‘रैपर’ लगाए गए हों तथा साथ में उन पर अंकित की गई राय के आवश्यक वाक्यों को मय छात्र के नाम अथवा कक्षा के माध्यम से लिखा गया हो ।

यों यदि व्यवस्था जम जाए तो यह काम मासिक/ द्विमासिक/त्रैमासिक आधारों पर चालू सत्र में भी किया जा सकता है । छात्रों में आत्म-प्रदर्शन की भावना बलवती होती है इससे उसे पर्याप्त अवसर मिल 

सकेगा । इसी आधार पर देश भर के पुस्तकालयों में विभिन्न विषयों में सबसे अधिक पढ़ी गई ।

पुस्तकों के नाम आ सकेंगे और जिन्हें पत्रिका के माध्यम से प्रकाशित कर लेखक तथा पाठक के मध्य खासा विचार-मंच तैयार किया जा सकेगा । पुस्तकों को मानसिक आयु के आधार पर समान्यतया वर्गीकृत करने का यत्न होना चाहिए ।

यह जरूरी नही है कि कक्षा स्तर अथवा आयु के अनुसार वर्गीकृत की गई पुस्तकों में से ही छात्र अपनी मनपसन्द पुस्तक छांटने-पढ़ने के लिए विवश हो बल्कि वह वर्गीकरण तो पुस्तकों को पढ़ने के लिए छाँटने में सिर्फ मार्गदर्शन करने की सुविधा प्रदान करेगा ।

अक्सर ऐसा होता है कि छात्र कोई भारी-भरकम पुस्तक उठा ले जाता है और फिर उसे पढ़ते समय सिरदर्द महसूस करता है । इस प्रकार उसमें पुस्तकों के प्रति अरूचि पैदा होने लगती है । पुस्तकालय में पुस्तक-गोष्ठी का आयोजन प्रति माह किया जा सकता है, जिसमें चर्चित होने वाली पुस्तकों की घोषणा पूर्व में की जाएगी ।

छात्र तथा अध्यापक दोनों का ही उन पुस्तकों पर ”पेपर रीडिंग” और प्रश्नोतरात्मक ढंग का प्रयत्न रह सकता है । पेपर रीडिंग ओर प्रश्नोतरात्मक ढंग के लिए प्रयास का संक्षिप्त विवरण रखा जाता है । गोष्ठी का समय पुस्तकालय के अतिरिक्त समय में खुलने के वक्त रखा जाए तो इससे यह लाभ होगा क्योंकि उसमें रूचि रखने वाले छात्र अवश्य हिस्सा लेगे ।

इस गोष्ठी के लिए बाहर से व्यक्तियों को आमंत्रित किया जा सकता है और विद्यालय निरीक्षण के लिए आए हुए महानुभावों से भी निवेदन किया जा सकता है, जिससे अधिकारी वर्ग तथा छात्रों में आत्मीयता पैदा हो सके और वे परस्पर समझने की सहज दृष्टि पा सकें ।

यों छात्रों की महान व्यक्तियों से साक्षात्कार करने की दृष्टि से विस्तार होगा, गम्भीरता आएगी और साक्षात्कार लिखने की विद्या में निपुणता प्राप्त होगी । विद्यालयों में समय-समय पर प्रकाश अपनी विषय-सूची तथा नई पुस्तकों की सूचना भेजते रहते हैं, जिसे रही की टोकरी में डाल दिया जाता है ।

पता नहीं कि ऐसा क्यों किया जाता है ? प्रकाशक कागज छपाई तथा डाक-खर्च वहन करता है, सो क्यों ? उसके द्वारा प्रेषित की गई सामग्री का प्रयोग होना चाहिए । वह इस रूप में हो सकता है कि प्रकाशक से प्राप्त सूची पत्रों तथा अन्य सूचनाओं की पुस्तकालय के नोटिस बोर्ड पर लगाया जाए और छात्रों को उसमें से पुस्तक छाँटने और छाँटकर पुस्तक का नाम लेखक का नाम, मूल्य तथा प्रकाशक का नाम लिखकर पुस्तक अध्यक्ष को देने के लिए प्रोत्साहित किया जाए ।

पुस्तकें माँगते समय उनका विशेष ध्यान रखा जाए तथा जिन छात्रों की माँग पर जो-जो पुस्तकें मँगाई गई हो, उन छात्रों का नाम प्रार्थना-सभा में अवश्य सुनाया जाए ताकि वे छात्र अपनी मँगाई पुस्तकों का न केवल स्वयं अध्ययन कर सकें बल्कि दूसरे छात्रों को भी पढ़ने हेतु प्रोत्साहित कर सके ।

प्राथमिक तथा उच्च प्राथमिक शालाए जिनके पास पुस्तकालय का अभाव रहता है, जहाँ अध्यापक चाहते हुए भी विभिन्न पुस्तकों के अध्ययन से वंचित रह जाते हैं, उनको सेकण्डरी तथा हायर सेकण्डरी के पुस्तकालय से संबंध किया जाना चाहिए ।  वे माह में एक या दो बार अपने तथा अपने छात्रों के लिए वहाँ से पुस्तकें ले जा सके और समय पर उनको लौटा दें ।

जिला स्तर पर वर्ष में एक बार अवश्य पुस्तक मेला लगना चाहिए जिसके द्वारा देश-विदेश में होने वाली प्रगति को समझाया जा सके और अध्यनशील अध्यापक तथा छात्रों की विभिन्न पुस्तकों पर दी गई राय का प्रकाशन हो सके, विषयानुसार श्रेष्ठ पड़ी गई पुस्तकों के नाम सामने लाए जा सकें ।

देश भर में होने वाली पुस्तक-प्रगति के आकड़े अन्तर्राष्ट्रीय पुस्तक-प्रगति के  सन्दर्भ   में चार्ट द्वारा प्रस्तुत किए जाए । इस कार्य में प्रकाशक संघ से  (आँकड़े इकट्‌ठे करने के सम्बन्ध में) सहायता ली जा सकती

है । पुस्तकों के प्रति गम्भीर रूचि रखने वाले योग्यतम छात्रों को इस अवसर पर पुरस्कृत भी किया जा सकता है । पुस्तक मेले के समय पर ही पत्रिका-प्रदर्शनी का आयोजन भी किया जाए ।

जो पत्र-पत्रिकाएं विद्यालय में न ही आती है, प्रयत्न करने पर उनकी एक-एक प्रति प्राप्त हो सकती है और उनका प्रदर्शन किया जा सकता है । उपर्युक्त बिन्दुओं पर प्रत्येक विद्यालय अपनी परिस्थितियों तथा सुविधाओं को ध्यान में रखकर इस प्रकार से छोटे अथवा बड़े रूप में कार्य प्रारम्भ कर सकता है ।

इसके अलावा और नए तरीकों की ईजाद कर सकता है । अपने विद्यालयों में अभी तक इस दिशा में कार्य करने की सुविधाएं बहुत न्यून है । परन्तु विभाग द्वारा आवश्यक सुविधाएं मुहैया करने पर सहज ही प्रत्येक विद्यालय ‘पुस्तकालय-क्रान्ति’ में सक्रिय सहायोग प्रदान कर, अध्यापक तथा छात्रों को चिन्तन के लिए नए क्षितिज दे सकता है । निश्चित ही इस प्रकार से कॉफी के प्याले में उठने वाला तनाब और दिशा भ्रमित हो जाएगा । और युवा शक्ति एक नई तथा सशक्त दिशा में कार्यरत हो सकेगी ।

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पुस्तकालय पर निबंध | Essay on Library in Hindi

पुस्तकालय पर निबंध Essay on Library in Hindi:  पुस्तकालय अर्थात लाइब्रेरी हमारे सामाजिक और शैक्षिक जीवन का एक अहम स्थान हैं. आज का निबंध पुस्तकालय पर हिंदी में दिया गया हैं. स्कूल स्टूडेंट्स या कॉलेज के विद्यार्थी प्रोजेक्ट के रूप में लाइब्रेरी एस्से का उपयोग कर सकते हैं.

Essay on Library in Hindi- पुस्तकालय पर निबंध

essays on ‘Library ‘ for Class 1, 2, 3, 4, 5,  6, 7, 8, 9, 10 कक्षा के स्टूडेंट्स के लिए Library Essay पुस्तकालय निबंध  यहाँ पर 100, 200, 250, 300, 400, 500 शब्दों में दिया गया हैं.

प्रत्येक स्कूल में एक पुस्तकालय भवन होता है, जिसमें छात्रों तथा अध्यापकों के पढ़ने के लिए विविध प्रकार की ज्ञानवर्धक पुस्तकों तथा पत्रिकाओं का संग्रह रहता हैं.

बच्चों को मेरे विद्यालय के पुस्तकालय पर छोटा बड़ा निबंध (hindi essay pustakalaya) आदि लिखने को कहा जाता हैं. आप हमारे इस निबंध की मदद से एक बेहतरीन पुस्तकालय निबंध को प्रस्तुत कर सकते हैं.

पुस्तकालय पर निबंध-

विद्यालयों तथा कॉलेज में पुस्तकालय स्थापित करने का मुख्य उद्देश्य एक ऐसे वातावरण का निर्माण करना है जहां पर उन्हें डिस्टर्ब करने वाला कोई भी ना हो और यही वजह है कि लाइब्रेरी में पुस्तकें पढ़ते वक्त हम ध्यानमग्न हो जाते है। क्योंकि यहां पर हम जो भी पढ़ते हैं, वह शांत वातावरण होने के कारण सीधा हमारे दिमाग में बैठ जाता है।

लाइब्रेरी की स्थापना हो जाने के कारण अब लोगों को विभिन्न प्रकार के विषयों से संबंधित ज्ञानवर्धक किताबें एक ही जगह पर मिल जाती है, साथ ही कुछ पुस्तकालय ऐसे भी हैं जो फ्री में लोगों को पुस्तकालय में आकर के किताब पढ़ने का मौका देते हैं। इससे हम अपनी मनपसंद किताब पढ़ सकते हैं और अपने ज्ञान में बढ़ोतरी कर सकते हैं।

पुस्तकालय के स्थापित होने का सबसे ज्यादा फायदा अगर किसी को मिला है तो वह लोग गरीब समुदाय के लोग ही हैं, क्योंकि इन लोगों के पास किताबें खरीदने के लिए कभी कबार पैसे नहीं होते हैं। यही वजह है कि सार्वजनिक पुस्तकालयों में जाकर के वे लोग भी अपनी पसंदीदा किताब पढ़ अपने ज्ञान का विस्तार कर सकते है।

पुस्तकालय के अंदर हमें पॉलिटिक्स, जाति, धर्म, कला, साइंस,राष्ट्रीय, अंतरराष्ट्रीय मुद्दों से संबंधित किताबे आसानी से पढ़ने के लिए मिल जाती है। इससे हमें विभिन्न प्रकार की घटनाओं का ज्ञान होता है जो प्रतियोगी परीक्षा में हमारे लिए काफी काम आता है।

पुस्तकालय में आपको अंग्रेजी भाषा के अलावा हिंदी तथा अन्य कई भाषाओं की किताबें भी आसानी से मिल जाती है। साहित्य प्रेमी के लिए तो पुस्तकालय साक्षात स्वर्ग के समान होता है।

पुस्तकालय पर निबंध (Essay on Library in Hindi)

पुस्तकालय वह स्थान है भिन्न भिन्न तरह के ज्ञान, जानकारों, सन्दर्भ एवं सेवाओं का विस्तृत संग्रह रहता हैं. पुस्तकालय शब्द अंग्रेजी के लाइब्रेरी शब्द का हिंदी रूपान्तरण हैं.

लेटिन भाषा के लाइवर शब्द से इसकी उत्पत्ति मानी जाती हैं, जिसका अर्थ होता है पुस्तक. पुस्तकालय की हिस्ट्री लेखनी प्रणाली तथा पुस्तक व दस्तावेजों को उसी स्वरूप में लम्बे समय तक रखने की प्रणाली से साथ शुरू हुआ था.

हिंदी शब्द पुस्तकालय एक संधि शब्द हैं जो पुस्तक+आलय दो भिन्न शब्दों से मिलकर बना हैं जिनका आशय उस स्थान से हैं जहाँ पढ़ने की सामग्री पुस्तकें, फिल्म, पत्रपत्रिकाएँ, मानचित्र, हस्तलिखित ग्रंथ, ग्रामोफोन रेकार्ड एव अन्य पठनीय सामग्री आदि का विस्तृत संग्रह किया गया हो.

हालांकि कई बुक स्टॉल पर भी अलमारियां भरी ढेरों पुस्तके होती हैं मगर व्यवसायिक दृष्टि से पुस्तक संग्रह होने के कारण उसे पुस्तकालय की श्रेणी में नहीं गिना जाता हैं.

आज हम बच्चों के पुस्तकालय पर निबंध लेकर आए हैं. स्कूल में कई बार बच्चों को पुस्तकालय के महत्व पर निबंध लिखने को कहा जाता हैं, आप यहाँ दिए गये निबंध को अपने शब्दों में छोटा बड़ा करके उपयोग कर सकते हैं.

पुस्तकालय का महत्व पर निबंध

पुस्तकालय (पुस्तक+आलय) शब्द का अर्थ हैं पुस्तकों का घर. वह स्थान जहाँ पुस्तकों का संग्रह किया जाता हैं. पुस्तकालय कहा जाता हैं. पुस्तकालय में अनेक विषयों की पुस्तकें विषयानुसार क्रम से लगी रहती हैं. इनमें से लोग अपनी रूचि और आवश्यकता के अनुसार पुस्तकें पढ़कर हमारा ज्ञान बढ़ाते हैं.

पुस्तकालयों के प्रकार (types of library in hindi) – पुस्तकालय मुख्य रूप से दो प्रकार के होते हैं, निजी पुस्तकालय और सार्वजनिक पुस्तकालय.

निजी पुस्तकालय वह होता हैं जो अपने ही घर के लिए स्थापित करते हैं. ऐसे पुस्तकालय में केवल एक ही व्यक्ति या परिवार की रूचि की पुस्तके होती हैं.

सार्वजनिक पुस्तकालय आम जनता के लिए होता हैं. ऐसे पुस्तकालयों का संचालन तीन तरह से होता हैं. व्यक्तिगत स्तर पर, पंचायती स्तर पर और सरकारी स्तर पर. कुछ धनी लोग अपने ही पैसों से पुस्तकालय खुलवाकर लोगों की मदद करते हैं. ये व्यक्तिगत पुस्तकालय कहलाते हैं.

मंदिर, मस्जिद, गिरजाघर तथा विद्यालयों द्वारा संचालित पुस्तकालय पंचायती होते हैं. इनके अतिरिक्त सरकार भी कुछ पुस्तकालय चलाती हैं.

पुस्तकालय की उपयोगिता-  पुस्तकालय ज्ञान के भंडार होते हैं. जिनके पास विद्यालय जाने का समय नही हैं, वे लोग पुस्तकालय की पुस्तकों से अपना ज्ञान बढ़ाते हैं. आज पुस्तकों के मूल्य बढ़ गये हैं.

इसलिए सब लोग उन्हें खरीद नही पाते हैं. किन्तु पुस्तकालय से पुस्तकें लेकर तो सभी पढ़ सकते हैं. इस प्रकार निर्धन व्यक्तियों के लिए पुस्तकालय विशेष लाभदायक होते हैं.

पुस्तक पढ़ना खाली समय बिताने का एक अच्छा साधन हैं. जब हमारे पास कोई काम नही होता है तो हमारा दिमाग बहुत सी अनुचित बाते सोचने लगता हैं. इस प्रकार पुस्तकालय हमें बुरी आदतों से बचाकर अच्छा नागरिक बनाते हैं.

पुस्तकालय में वे ही लोग आते हैं. जो ज्ञान बढ़ाना तथा स्वयं को सुधारना चाहते हैं. इस प्रकार पुस्तकालय में जाने से हमारी भले लोगों से भेट होती हैं इससे आपसी प्रेम भी बढ़ता हैं.

उपसंहार-  पुस्तकालय हमारे सच्चे मित्र होते हैं. वे हमें उबने नही देते. वे हमारा मनोरंजन करते तथा ज्ञान बढ़ाते हैं.

पुस्तकालय के लाभ हिंदी निबंध

मानव शरीर को स्वस्थ बनाए रखने के लिए जिस प्रकार हमें पौष्टिक संतुलित भोजन की आवश्यकता होती हैं. उसी प्रकार मानसिक स्वास्थ्य के लिए ज्ञान की प्राप्ति आवश्यक हैं.

यदि हमे ज्ञान की प्राप्ति करनी है तो इसके लिए मस्तिष्क को गतिशील बनाना पड़ता हैं. ज्ञान प्राप्ति का सबसे सरल रास्ता विद्यालय में जाकर गुरूजी से अध्ययन करना होता हैं. तथा इसका दूसरा माध्यम पुस्तकालय होते हैं.

किसी व्यक्ति को ज्ञान की प्राप्ति के लिए विविध संस्थानों में प्रवेश के लिए बहुत सारी राशि खर्च करनी पड़ती हैं. मगर इन्ही के विकल्प के रूप में सरकार द्वारा सरकारी विद्यालय खोले जाते है.

इसमें छात्रों तथा अध्यापकों के पढ़ने के लिए एक अलग कक्ष का प्रावधान होता हैं जिसे हम पुस्तकालय कहते हैं. इससे हर वह व्यक्ति ज्ञान प्राप्त कर सकता हैं, जिसको पढने में रूचि एवं लग्न हो.

पुस्तकालय का अर्थ होता है पुस्तक घर अथवा जहाँ किताबों को सहेज कर रखा जाता हैं. इस हिसाब से उन सभी रूम, म्यूजियम अथवा शॉप्स को पुस्तकालय की श्रेणी में गिना जाता हैं.

जहाँ ढेरों नवीन प्राचीन पठन पाठन के लिहाज से उपयोगी पुस्तकों का संग्रह किया जाता हो. मानव के लिए पुस्तके ज्ञान की उपहार है तो पुस्तकालयों को ज्ञान भंडार कह सकते हैं. जो ज्ञान राशि रुपी मूल्यवान पुस्तकों का भंडारण करके रखता हैं.

पुस्तकालय का महत्व (Importance of Library in Hindi)

हमारे लिए पुस्तकालय ज्ञान मन्दिर अथवा जहाँ स्वयं देवी सरस्वती विराजमान होती हैं वह स्थान हैं जहाँ मनुष्य ज्ञान रुपी धन को पाकर जीवन के अज्ञान रुपी अँधेरे को दूर कर पाता हैं. ये हमें प्रत्यक्ष ज्ञान प्रदान करते हैं.

समाज तथा राष्ट्र की दशा व दिशा के निर्धारण में पुस्तकालयों की अहम भूमिका होती हैं. मानव के विकास में पुस्तकीय ज्ञान की महत्वपूर्ण भूमिका मानी गई हैं. हमारे मस्तिष्क, बुद्धि, दृष्टिकोण के विकास में पुस्तक तथा पुस्तकालय का अहम योगदान होता हैं.

हम पुस्तकीय ज्ञान पाकर न केवल अपने जीवन को समर्थ बना सकते हैं बल्कि देश समाज तथा मानवता के कल्याण के कार्य भी कर सकते हैं. हर व्यक्ति अपनी मनचाही पुस्तक को बाजार से लाकर नहीं पढ़ सकता हैं.

वह आर्थिक रूप से इतना सबल नहीं होता कि पुस्तकों पर व्यय कर सके. अथवा दुर्लभ ग्रंथ तथा पुस्तकों को कहीं से मंगवा सके. पुस्तकालय उन लोगों की बड़ी मदद करता हैं.

यह उन पुस्तकों का भी एकमात्र स्रोत हैं जिनका वर्तमान में प्रकाशन नहीं किया जाता हैं. यह पुस्तक मन्दिर ही अमूल्य धरोहर रुपी पुस्तकों की प्रतियों को समाज के लिए सहेजकर रखता हैं.

पुस्तकालयों के प्रकार (Types of Library)

पुस्तकालय अपने स्वरूप के आधार पर भिन्न भिन्न प्रकार के होते हैं जिनमें से कुछ ये हैं.

  • व्यक्तिगत पुस्तकालय
  • विद्यालय एवं महाविद्यालय के पुस्तकालय
  • सार्वजनिक पुस्तकालय
  • सरकारी पुस्तकालय

सरकारी तथा सार्वजनिक प्रकार के पुस्तकालय आज के दौर में बेहद कम देखने को मिलते हैं. बड़े बड़े नगरों शहरों में है भी तो लोगों को इस सम्बन्ध में पर्याप्त जानकारी नहीं रहती हैं. विद्यालयों तथा महाविद्यालयों के पुस्तकालयों का क्षेत्र सीमित होता हैं.

इसमें स्कूल कॉलेज में पढाए जाने वाले विषयों से सम्बन्धित ही नवीन तथा प्राचीन लेखकों की पुस्तकें ही रहती हैं. आज के समय में बड़ी संख्या में व्यक्तिगत पुस्तकालय चलन में हैं.

हर छोटे बड़े शहर में इस प्रकार के पुस्तकालय देखने को मिल जाएगे. जहाँ निर्धारित फीस देकर शांत एवं व्यवस्थित माहौल के मध्य पुस्तकों का अध्ययन किया जा सकता हैं.

पुस्तकालय से लाभ (Benefits of Library)

पुस्तकालय मानव जाति के कल्याण की राह दिखाने वाले केंद्र हैं इसके कुछ फायदे इस प्रकार हैं.

ज्ञान की प्राप्ति (Knowledge Gain)

शिक्षा का मूलभूत उद्देश्य मानव के मस्तिष्क का विकास हैं. वह अपने पसंद के विषयों को पढकर ज्ञान प्राप्त करता हैं. विद्याल यों में सीमित पुस्तकीय व व्यवहारिक ज्ञान की प्राप्ति होती हैं.

बच्चें मात्र चंद पुस्तकों को पढकर अगली कक्षा में प्रवेश कर जाते हैं. उन्हें अपने विषय का पूर्ण ज्ञान पटापट नहीं होता है. विषयवार ज्ञान को विस्तृत दायरे में पढ़ने के लिए विविध पुस्तकों को पढना पड़ता हैं.

मनोरंजन का स्वस्थ साधन (Library as a Entertainment)

आज मनोरंजन के सैकड़ों साधन हो गये हैं व्यक्ति अपने खाली समय का उपयोग मनोरंजन के लिए कभी फिल्म, खेल, गेम्स आदि में व्यतीत करते हैं. पुस्तकालय मनोरंजन एवं खाली समय के सदुपयोग का सबसे बेहतरीन साधन हैं.

पुस्तकें न केवल हमें संसार के सम्बन्ध में हमारे ज्ञान को बढ़ाती हैं बल्कि हमारे विचार तथा दृष्टिकोण को भी परिपक्व बनाती हैं. पुस्तकों से मानसिक विकास को गति मिलती हैं तथा अपने रूचि के अनुसार खाली समय में अच्छी पुस्तकों को पढकर मनोरंजन भी कर सकते हैं.

दुर्लभ पक्षियों की प्राप्ति के साधन

पुस्तकालय अतीत और वर्तमान के बीच सेतु का कार्य करते हैं. किसी विषय पर शोध, अनुसन्धान में ये पुस्तकें बड़ी मददगार साबित होती हैं. जहाँ हम दुलर्भ विषयों के सम्बन्ध में जानकारी पा सकते हैं. पुस्तकालय में आसानी से प्रत्येक विषय से सम्बंधित दुर्लभ पुस्तकें आसानी से मिल जाती हैं.

पठन-पाठन में सहयोगी (Beneficial for both Student and Teachers)

विद्यार्थी व शिक्षक दोनों के लिए पुस्तकालय बड़े मददगार साबित हो सकते हैं. अपने बौद्धिक ज्ञान तथा सामान्य ज्ञान व जानकारी में वृद्धि आसानी से कर सकते हैं.

उपसंहार (Conclusion)

यही मायनों में पुस्तकालय ही ज्ञान के मन्दिर हैं जो हमें विविध विषयों की पुस्तके सुलभता से उपलब्ध करवाकर मानव जीवन को वास्तविक अर्थ प्रदान करते हैं.

सरकार व समाज को चाहिए कि वे अपने नागरिकों को लिए ऐसे अधिक से अधिक पुस्तकआलयों की स्थापना करे तथा उनका सही ढंग से संचालन किया जाए.

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Thank you. Sir/ma’am

Thank you sir /Ma’am

I,m a school student

I’m a school student My name is Pavithra and I am using my mother’s phone

It was very helpful And I had an ASL about this topic it was very helpful than Wikipedia because you’re giving the basic ideas which is more important Thank you sir/maam But I found one mistake That is In Hindi language full stop is one line no line segment (l) But here you are putting English language’s full stop I know you know it most probably you must be mistakenly written Any way Thankyou

I’m a school student Pavithra And I am using my mother’s phone It was very helpful than Wikipedia because you’re giving the basic ideas which is more important I had an ASL about this topic and it was very helpful But I found a mistake that In Hindi language full stop is one line no line segment but here you have used the dot full stop Any way thank you sir /maam

दरअसल हम जिस हिंदी फॉण्ट को उपयोग कर रहे हैं उसमें पूर्ण विराम के लिए अंग्रेजी का फुल स्टॉप … ही हैं जबकि हिंदी के पूर्ण विराम की खड़ी लाइन | भी हम उपयोग करने की कोशिश करेगे. आप हमसे निरंतर जुड़े रहे इसके लिए आपका हार्दिक अभिनन्दन करते हैं. हम आपकी आशाओं पर खरा उतरने का प्रयत्न करेंगे|

Thank you Sir.

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पुस्तकालय पर निबंध (Library Essay In Hindi)

पुस्तकालय पर निबंध (Library Essay In Hindi Language)

आज के इस लेख में हम पुस्तकालय पर निबंध (Essay On Library In Hindi) लिखेंगे। पुस्तकालय पर लिखा यह निबंध बच्चो (kids) और class 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10, 11, 12 और कॉलेज के विद्यार्थियों के लिए लिखा गया है।

पुस्तकालय पर लिखा हुआ यह निबंध (Essay On Library In Hindi) आप अपने स्कूल या फिर कॉलेज प्रोजेक्ट के लिए इस्तेमाल कर सकते है। आपको हमारे इस वेबसाइट पर और भी कही विषयो पर हिंदी में निबंध मिलेंगे, जिन्हे आप पढ़ सकते है।

जहाँ ज्ञान का भण्डार एक साथ हमें मिल जाये, जहाँ ज्ञान की बढ़ोतरी होती है, जहा हम हमारे समय का सदुपयोग करते है, उसे हम पुस्तकालय कहते है। पुस्तकालय में तरह-तरह की ज्ञानवर्धक पुस्तके पड़ने को हमे मिलती है। जिन्हें कोई भी पुस्तक प्रेमी जाकर पड़ सकता है।

पुस्तकालय में जाकर आप अपने ज्ञान में व्रद्धि कर सकते है। पुस्तक वो कीमती धन है, जिसमें हमे ढेरों काम की चीजें मिल जाती है। प्रत्येक समस्या का हल पुस्तक होती है और ये पुस्तके हमें पुस्तकालय में आसानी से मिल जाती है।

पुस्तकालय में पुस्तक संग्रह

पुस्तकालय में विभिन्न प्रकार के पुस्तकों का संग्रह होता है। पुस्तकालय नाम से ही हमे समझ में आता है की पुस्तकों का बहुत बड़ा संग्रह पुस्तकालय कहलाता है, जहां विभिन्न विषयों जैसे हिंदी, गणित, इतिहास, अंग्रेजी, सामाजिक विज्ञान, विज्ञान, वाणिज्य, दर्शन शास्त्र, ग्रह विज्ञान आदि विभिन्न विषयों की पुस्तकें होती है ।

हिंदी के पुस्तकालय में काव्य, कहानियां, कविता, गीत, लेखकों का परिचय आदि जानकारियां प्राप्त होती है। हिंदी के पुस्तकालय में जाने माने ऐतिहासिक कारको की जीवनियां पड़ने को मिल जाती है।

पुस्तकालय का महत्व

पुस्तको में वह ज्ञान का भंडार होता है, जिसे हम पड़ कर अपने ज्ञान को और अधिक बढ़ा सकते हैं। एक ही विषय की कई पुस्तकें और उनके लेखक भी अलग-अलग होते हैं। सब का ज्ञान पुस्तक में ही लिखित होता है। पुस्तक पढ़ने वाला कई ढेर सारी जानकारी, शब्दों का उच्चारण, विषयों की गहराई आदि जानकारी पुस्तकों से प्राप्त करता है।

पुस्तकालय के रूप

  • पाठशाला का पुस्तकालय

पाठशाला पुस्तकालय में विद्यार्थियों को अपने समय का सही उपयोग, एकांत वातावरण, ध्यान चित विषयो को सही और समझ से पढ़ने का अवसर प्राप्त होता है। विद्यार्थी नोट्स बनाने जैसे आदि कामो के लिए पुस्तकालय में पुस्तकों से ज्ञान ओर समय का सही उपयोग कर सकते है। विद्यार्थी पुस्तकालय के साथ से सभी महत्वपूर्ण जानकारी हासिल कर सकते है।

  • विश्वविद्यालय का पुस्तकालय

विश्वविद्यालय के पुस्तकालय का विद्यार्थि समय- समय पर उपयोग करते हैं और इसका महत्व समझते हैं। कई विषयों के कई लेखक होते है और एक विषय के अनेक लेखक होते है, जिससे विद्यार्थी अपने नोट एक ही विषय की अलग अलग किताबे पढ़ कर बनाते है।

परीक्षा परिणाम में पुस्तकालय की मद्त से अधिक अंक प्राप्त किये जा सकते हैं। पुस्तकालय में विद्यार्थियों के अलावा शिक्षकगण भी जाते है ओर उनके लिए वो सभी पुस्तके उपलब्ध हो जाती है।

शिक्षकों को वह सारी किताबे मिल जाती है, जिसकी उन्हें जरूरत होती है। जो पुस्तके हमे बहार ढूढ़ने पर भी नही मिलती, वो हमे पुस्तकालय में आसानी से मिल जाती है। इसलिए विद्यार्थीगण पुस्तकालय का प्रयोग करते हैं। विश्वविद्यालय के पुस्तकालय में विद्यार्थियों के लिए समाचार पत्र, कहानियां, रोजगार के अखबार प्रदान किये जाते है।

बड़ी-बड़ी फैक्ट्रियों में भी पुस्तकालय की सुविधा रहती है। पुस्तकों के ज्ञान के भंडार से आम व्यक्तियों और उनके कर्मचारियों को, जिन्हे पढ़ने और लिखने का शौक होता है, वह इसका समय- समय पर उपयोग करते हैं।

  • सामाजिक संस्था

सामाजिक संस्था में कई उच्चगण पुस्तकालय का संग्रह कर पुस्तकालय खोल देते है। जिससे समाजिकगण पुस्तकालय का उपयोग करते हैं। कई नाटक, उसका चित्रात्मक अभिनय जैसे रामलीला, रामायण, महाभारत, महापुरुषों के बारे में वर्णन, देश को आजाद कराने वाले क्रांतिकारियों के बारे में वर्णन आदि जानकारी पुस्तकों के द्वारा ही प्राप्त की जाती है।

आज हम अपने इतिहास के बारे में जानते है तो उसका सबसे बड़ा श्रेय पुस्तकों को ही जाता है। क्युकी हमारे इतिहास के बारे में हमे पुस्तकों और हमारे बड़ो से ही पता चल पाया है।

पुस्तकालय के भाग

सामान्यतः पुस्तकालय में दो भाग होते हैं। पुस्तकालय में एक भाग किताबो को पढ़ने के लिए और दूसरा भाग किताबों को जारी करने के लिए होता है। यहां लाइब्रेरियन होता है जो लाइब्रेरी में आने वाले लोगों की सूची की जानकारी रखता है। पुस्तकालय के भाग कुछ इस प्रकार है।

सर्वप्रथम पुस्तकालय में प्रवेश करने से पूर्व पुस्तकालय के बाहर एक रूम होता है, जिसमें कई अलमारी या खाने बने होते हैं। इन अलमारियों में या फिर खानो में बैग, थैला या अन्य चीजों को रख दिया जाता है।

इनकी देखभाल के लिए एक कर्मचारी भी होता है, जो समान का ध्यान रखता है। पुस्तकालय में प्रवेश के लिए कलम, लिखने के लिए कॉपी, पेज को लेकर जाने की अनुमति होती है।

  • किताबे जारी करने का भाग

इस कक्ष में सभी पुस्तकालय की देख-रेख के लिए लाइब्रेरियन होता है। लाइब्रेरियन द्वारा लाइब्रेरी में रखी गई किताबें, लाइब्रेरी में आने जाने वाले व्यक्तियों की सूची, उनके द्वारा जारी की गई किताबों का रिकॉर्ड रखा जाता है।

कौन -कौन से व्यक्ति पुस्तकालय में आ रहे हैं तथा उनके द्वारा पढ़ने के लिए चुनी गई किताबों की लिस्ट किताबे जारी करने के भाग में लाइब्रेरियन द्वारा रख रखाव कि जाती है।पुस्तकालय में जाने के लिए एक कार्ड होता है, जिसमें फोटो या पहचान पत्र होता है।

लाइब्रेरियन उसे देखकर अपने रिकॉर्ड में हस्ताक्षर करवाता है तथा कार्ड अपने पास रख लेता है। एक रजिस्टर में आने का समय, तारीख और दिन का विवरण व हस्ताक्षर करना होता है। वहा अनुचित सामग्री को ले जाना वर्जित है।

आप पुस्तकालय में कोपी ओर कलम के अलावा कुछ नहीं ले जा सकते है। पुस्तकालय के बाहर निकलते वक्त समय, तारीख, दिन और हस्ताक्षर कर आई कार्ड वापस ले लिया जाता है।

  • रीडिंग सेक्शन व राइटिंग सेक्शन

इस कक्ष में एक लंबा टेबल, किताबें, अखबार, मासिक दैनिक पत्रिकाये (मैगजीन्स) रखी होती है जिन्हे आप पढ़ सकते है। साथ ही इस कक्ष में बैठने के लिए कुर्सियां होती है। कॉपी में कुछ नोट करना हो तो टेबल पर रख कर नोट किया जाता हैं।

किताबों के पेजो को सावधानीपूर्वक व किताबों को संभाल कर पढ़ा जाता है व नोट किया जाता है। इस भाग में विभिन्न विषयों पर आधारित ढेर सारी पुस्तकें रखी जाती है। कोई भी व्यक्ति अपनी रूचि के अनुसार उस विषय पर रखी हुई पुस्तकों को इस कक्ष में आराम से बैठ कर पढ़ सकता है।

  • निगरानी कक्ष या कर्मचारी

पुस्तकालय में कैमरे लगे रहते हैं। वह एक कर्मचारी होती है, जो व्यक्ति गण व शिक्षार्थियों पर नजर रखते है। यहाँ से पुस्तकालय में हल्ला या शोर ना हो और शांत वातावरण बना रहे आदि बातों पर ध्यान दिया जाता है।

  • पुस्तकालय का सदस्य बनने के सामान्य नियम

वैसे तो अलग-अलग पुस्तकालय के अपने -अपने नियम होते हैं। परंतु फिर भी कुछ नियम प्रत्येक पुस्तकालय में लागू किए जाते हैं। पुस्तकालय में आने जाने के लिए कुछ सामान्य नियम बना दिये गए है।

पुस्तकालय का सदस्य बनने के लिए पुस्तकालय में मासिक रूप से कुछ शुल्क देय करना होता है। साथ ही ऐसे कही पुस्तकालय है जहा आपको कोई शुल्क देने की आवश्यकता नहीं होती है।

एक बार पुस्तकालय का सदस्य बनने के बाद व्यक्ति पुस्तकालय में उपलब्ध अपनी मनचाही कोई भी किताब पढ़ सकता है। किसी भी पुस्तकालय का सदस्य बनते समय शुल्क जमा करवाना होता है, ये शुल्क किताबो की देखरेख के लिए लिया जाता है।

पुस्तकालय में समय सीमा के अंदर किताबो को लौटना होता है। किताब जमा करवाने तथा उन्हें लौटाने के अलग-अलग पुस्तकालय के अलग-अलग नियम होते है।

पुस्तकालय के प्रकार

  • सार्वजनिक पुस्तकालय

सार्वजनिक पुस्तकालय ऐसा पुस्तकालय है, जो सभी वर्ग के लोगो के लिए उपलब्ध रहता है। इस पुस्तकालय में कोई भी व्यक्ति जाकर अपनी मनचाही किताब पढ़ सकता है। आपको सार्वजानिक पुस्तकालय कही जगह देखने को मिल जायेंगे।

  • निजी पुस्तकालय

कुछ विशेष वर्ग के लोग जैसे वकील, चार्टर्ड अकाउंटेंट, डॉक्टर, इंजीनियर आदी के पेशे से जुड़े पहलुओं को जानने और समझने के लिए अलग-अलग किताबों की आवश्यकता होती है। इसलिए वे अपने पेशे से जुड़ी किताबों का संग्रह कर स्वयं का पुस्तकालय बना लेते हैं और ऐसे पुस्तकालय को ही प्राइवेट या निजी पुस्तकालय कहा जाता है।

पुस्तकालय के लाभ

अगर आपको अपने ज्ञान के भंडार को बढ़ाना है तो पुस्तक ही सहायक होती हैं। जब कभी किसी विषय में महारत हासिल करनी होती है, तो पुस्तक ही आपको मदद कर सकती है।पुस्तकालय में जाकर पढ़ने से पढाई में ध्यान लगता है।

ऐसा इसलिए होता है, क्योकि पुस्तकालय में शांत वातावरण रहता है। शांत वातावरण होने से हमारा ध्यान पढ़ने पर केंद्रित रहता है। पुस्तकालय के शांत वातावरण से एकाग्रता में बढ़ोतरी होती है।

अगर आप पुस्तकालय में पढ़ने या लिखने नियमित रूप से जाते है, तो आपके उच्चारण व पढ़ने में सुधार होता है। ये सुधार आप अपने घर पर पढ़ कर भी कर सकते है, परन्तु पुस्तकालय में इसकी बात ही कुछ और होती है।

जब विद्यार्थी नियमित रूप से पुस्तकालय का उपयोग करते है और पुस्तकालय में पढाई करते है, तो उन्हें अच्छे अंक प्राप्त होते है। इसका कारण पुस्तकालय में रहने वाला शांत वातावरण होता है।

पुस्तकालय हमारे राष्टीय धरोहर

पुस्तकालय में हमारे पूर्वजों की लिखी हुई कई अच्छी किताबे है। जैसे महात्मा गांधी, जवाहरलाल नेहरू, ए पी जे अब्दुल कलम, ऐसे कई महान व्यक्ति है, जिनकी लिखी पुस्तके हमे पुस्तकालय में उपलब्ध हो जाती है। जिन्हें पड़कर हम हमारे ज्ञान में बढ़ोतरी करते।

पुस्तकालय में कई अच्छे लेखकों की भी पुसतको का संग्रहण किया जाता है। जिसका उपयोग हम आगे आने वाले जीवन को बेहतर बनाने के लिए कर सकते है। जो भी व्यक्ति अच्छी और अधिक मूल्य वाली पुस्तके नहीँ खरीद सकता, वह यहां पर आकर आराम से शांत माहौल में वह पुस्तक पड़ सकता है और अपने ज्ञान के जिज्ञासा को शांत कर सकता है।

पुस्तकालय का असर पुराने काल से

पुस्तकालय का असर हमारे उप्पर पुराने काल से ही है। क्योंकि प्राचीन काल मे प्रिंटिंग मशीन नहीं होने के कारण, जो भी लिखना रहता था वो पुस्तकों में हाथो से ही लिखा जाता था। जिस कारण उनका मूल्य भी अधिक रखा जाता था।

हाथो से लिखे जाने के कारण किताबे भी कम ही उपलब्ध हो पाती थी, क्योंकि हस्तलिखित पुस्तक का निर्माण बहुत कम होता था। इसी को देखकर पुस्तकालय की स्थापना की गई थी।

पुस्तकालय की स्थापना से जो भी व्यक्ति किताबे पड़ने का इक्छुक होता था, वह पुस्तकालय में जाकर शांत माहौल में किताबे पढ़ सकता है। इससे गरीब वर्ग के लोगो को अधिक फायदा हुआ, क्योंकि वो लोग अधिक मूल्य की पुस्तक पड़ नही सकते थे।

पुस्तकालय में सावधानियां

पुस्तकालय एक ज्ञान का मंदिर है, जहा हमे कुछ बातो का ध्यान रखना जरुरी होता है। हमे पुस्तकालय के नियमों का पालन करना चाहिए। पुस्तकालय में हमे कभी भी शोर और आवाज नही करना चाहिए।

पुस्तकालय में अक्सर देखा गया है की कुछ लोग किताबें चोरी या पेन चोरी करते है, जो बिलकुल भी अच्छी बात नहीं होती है। कही लोग तो पुस्तकालय के पुस्तको को भी फाड़ते है, ऐसे में वो ना सिर्फ दुसरो का और देश का नुकसान कर रहे है बल्कि खुदका भी नुकसान कर रहे है।

हमे पुस्तकालय में जाकर चोरी, किताबे फाड़ना जैसे काम नहीं करना चाहिए। जब भी हम पुस्तकालय में जाते है, तो हमे अनुशासन का पालन करना चाहिए। क्युकी बिना अनुशासन के पुस्तकालय में पढ़ने का वातावरण नहीं बन सकता है।

सभी पुस्तकालयों के नियम अलग अलग होते है, इसलिए हमे लाइब्रेरियन के दिशा निर्देशों का पालन करना चाहिए।

किताबों से ही पुस्तकालय बनता है, उन्हें पढ़कर ही विषयों में समझ ओर ज्ञान के भंडार में बढ़ावा होता है। अनुशासित जीवन शैली, एकांत व एकाग्रचित वातावरण, आराम से किताबो को पढ़ना ये सब पुस्तकालय से पाप्त होता है।

पुस्तकालय हमारे जीवन में बहुत बड़ा महत्त्व रखता है, जो लोग पुस्तकालय का नियमित रूप से इस्तेमाल करते है वे इस बात को भले भाती समज़ते है। अगर आप एक विद्यार्थी है या फिर किताबे पढ़ने में रूचि रखते है, तो आपको पुस्तकालय में एक बार जरूर जाना चाहिए।

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तो यह था पुस्तकालय पर निबंध, आशा करता हूं कि पुस्तकालय पर हिंदी में लिखा निबंध (Hindi Essay On Library) आपको पसंद आया होगा। अगर आपको यह लेख अच्छा लगा है, तो इस लेख को सभी के साथ शेयर करे।

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पुस्तकालय पर निबंध – Essay on library in Hindi

पुस्तकालय पर निबंध (Essay on library in Hindi): सभ्यता के विकास के साथ-साथ मानव ज्ञान का दायरा बढ़ता जा रहा है. शिक्षित लोगों की संख्या भी दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही है. पुस्तक मनुष्य का एक वफादार दोस्त है. यह अधिक से अधिक ज्ञान प्राप्त करने का एक शानदार तरीका है. इसके अलावा, पत्रिकाओं और समाचार पत्रों को पढ़ने से आपको वर्तमान घटनाओं के साथ-साथ भाषा और साहित्य के विकास के बारे में जानने में आसान होती है. जिस संस्था में ये सभी चीजें एक साथ मिलती हैं उसे पुस्तकालय कहा जाता है. वास्तव में पुस्तकालय ज्ञान की मंजिल है.  

जिस प्रकार शरीर को स्वस्थ रखने के लिए उत्तम भोजन की आवश्यकता होती है उसी प्रकार मस्तिष्क को स्वस्थ रखने के लिए अध्ययन की आवश्यकता होती है. विविध पुस्तकों के अध्ययन से ज्ञान में वृद्धि होती है. विविध प्रकार की पुस्तकें हमें पुस्तकालय से उपलब्ध होती हैं. पुस्तकालय दो शब्दों के मेल से बना है. पुस्तक + आलय अर्थात पुस्तकों का घर. जिस स्थान पर पढ़ने के उद्देश्य से विभिन्न पुस्तकों का संग्रह होता है उसको पुस्तकालय कहते हैं. पुस्तकालय ज्ञानर्जन का प्रमुख साधन है.

पुस्तकालयों के विभिन्न रूप

पुस्तकालय के विभिन्न रूप होते हैं. कई पुस्तकालय एक ही विषय के होते हैं. वहां अन्य विषयों की पुस्तकें नहीं मिलती हैं. जैसे- विज्ञान पुस्तकालय, वाणिज्य विषयक पुस्तकालय, कानून विषयक पुस्तकालय आदि. जहां पर विभिन्न विषयों की पुस्तकें होती हैं वे पुस्तकालय भी कई प्रकार के होते हैं. ऐसे पुस्तकालय मुख्य रूप से तीन प्रकार के होते हैं. एक – व्यक्तिगत पुस्तकालय, दो – विद्यालयी पुस्तकालय, तीन – सार्वजनिक पुस्तकालय. कई व्यक्तियों को पुस्तक संग्रह का शौक होता है. धीरे-धीरे उनका यह संग्रह पुस्तकालय का रूप धारण कर लेता है. यह व्यक्तिगत पुस्तकालय कहलाता है. विभिन्न विद्यालयों तथा संस्थाओं में भी पुस्तकालय होते हैं. वे विद्यालयी पुस्तकालय कहलाते हैं. विद्यालयों, महाविद्यालयों, विश्वविद्यालयों के पुस्तकालय इसके ही अंतर्गत आते हैं. सार्वजानिक पुस्तकालय जनता के लिए होते हैं जिनका संचालन सरकार या सार्वजनिक संस्थाएं करती हैं. ग्रामीण क्षेत्रों में भी पुस्तकालय की सुविधा दी गयी है. आजकल चलते-फिरते पुस्तकालय भी चल गए हैं जो गाड़ियों में चलते हैं.

pustakalaya par nibandh

विद्यालयों में पुस्तकालय

प्रत्येक विद्यालय में एक पुस्तकालय अवश्य होता है. हमारे विद्यालय में भी एक पुस्तकालय है. पुस्तकालय की व्यवस्था के लिए एक पुस्तकालयाध्यक्ष होता है जो छात्रों को पुस्तकें आबंटित करता है. यह निश्चित समय के लिए दी जाती हैं और बाद में वापस करनी पड़ती हैं. माध्यमिक स्तर तक के विद्यालयों में दो प्रकार की पुस्तकें होती हैं. एक, बुक बैंक की पुस्तकें जो केवल कक्षाओं की पाठ्य पुस्तकें होती हैं. दूसरी, सामान्य पुस्तकें जो पाठ्यक्रम के अतिरिक्त सामान्य ज्ञान की वृद्धि के लिए होती हैं. सभी प्रकार की पुस्तकें छात्रों व अध्यापकों को एक निश्चित अवधि तक के लिए मिलती हैं. पुस्तकालय में पढ़ने के लिए भी पुस्तकें मिलती हैं जो तुरंत लौटनी पड़ती हैं. 

संरचना और प्रबंधन

पुस्तकालयों में आमतौर पर निबंधों, कहानियों, उपन्यासों, कविता, यात्रा कहानियों और महापुरुषों की जीवनी पर बड़ी संख्या में किताबें होती हैं. इसके अलावा, कुछ पुस्तकालयों में विभिन्न समाचार पत्र और पत्रिकाएँ आने की व्यवस्थाएं होती है. उन्हें बड़ी-बड़ी अलमारी में सजा कर रखा जाता है. प्रत्येक विषय के लिए अलग अलमारी होती है. पुस्तकालय में सभी पुस्तकों की सूची एक बड़े खाते में रहता है. इसे कैटलॉग(catalogue) कहा जाता है. इसके अलावा, पाठकों को किताबें उपलब्ध कराने के लिए एक और रजिस्टर रहता है. स्कूलों में, एक एक शिक्षक इन सभी जिम्मेदारियों को निभाते है.

पुस्तकालयों से लाभ

पुस्तकालय ज्ञान का भंडार है और एक सच्चा शिक्षक है. विद्वान लोगों की ज्ञान की प्यास इन्हीं पुस्तकालयों में बैठकर बुझती है. कोई भी ऐसा व्यक्ति नहीं है जिसके पास सब प्रकार की पुस्तकें उपलब्ध हों. यह संभव भी नहीं हो सकता कि एक व्यक्ति हर प्रकार की पुस्तकें खरीद सके. पुस्तकालय ही एक ऐसा भंडार है जहां से हर प्रकार की पुस्तकें मिल सकती हैं. अध्यापक, वकील, चिकित्सक, लेखक, कवि आदि पुस्तकालयों से ही अपने ज्ञान की वृद्धि करते हैं. इसके अतिरिक्त पुस्तकालय में विभिन्न प्रकार की पत्र-पत्रिकाएं भी मिल जाती हैं जिनका अध्ययन हर व्यक्ति करना चाहता है. प्रत्येक व्यक्ति को अध्ययन करने के लिए शांत वातावरण की आवश्यकता होती है. यह वातावरण हमें घरों, कार्यालयों तथा अन्य स्थलों पर नहीं मिल सकता. यह वातावरण हमें केवल पुस्तकालय ही दे सकता है. 

आजकल हर जगह पुस्तकालय उपलब्ध होते हैं. हमें पुस्तकालयों में जाकर समय का सदुपयोग करना चाहिए. पुस्तकालयों की पुस्तकें सार्वजनिक संपत्ति होती हैं. इसलिए हमें उनकी रक्षा करनी चाहिए. उनके चित्रों या उनके किसी पृष्ठ को कोई क्षति नहीं पहुंचानी चाहिए क्योंकि एक पुस्तक से अनेक व्यक्तियों को लाभ मिलता है.

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तो यह था पुस्तकालय पर निबंध (Essay on library in Hindi). उम्मीद है यह निबंध आपके लिए सहायक हुआ होगा. यह निबंध को अपने दोस्तों के साथ जरूर शेयर करें. मिलते है अगले निबंध. धन्यवाद.   

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पुस्तकालय पर निबंध | Essay on Library in Hindi

Essay on Library in Hindi

पुस्तकालय पर निबंध (महत्व, लाभ और प्रकार) | Essay on Library (Impoertance, Benefits and Types) in Hindi | Pustakalaya Par Nibandh

पुस्तकालय का अर्थ होता है ‘पुस्तकों का घर’. जहां पुस्तकों को रखा जाता हो या संग्रह किया जाता है. अतः पुस्तकों के उन सभी संग्रहालयों को पुस्तकालय कहा जा सकता है जहाँ पुस्तकों का उपयोग पठन-पाठन के लिए किया जाता है. पुस्तकों को ज्ञान प्राप्ति का सर्वश्रेष्ठ माध्यम माना गया है. पुस्तकें ज्ञान राशि भंडार को अपने में संचित किए रहती है. ज्ञान ही ईश्वर है तथा सत्य एवं आनंद है.

पुस्तकालय का महत्व (Importance of Library in Hindi)

पुस्तकालय सरस्वती देवी की आराधना का मंदिर है. यहां आराधना करके आराधक वीणापानी सरस्वती का प्रत्यक्ष दर्शन करता है. यह ज्ञान प्राप्ति में सहायक होता है. इसी कारण व्यक्ति, समाज तथा राष्ट्र तीनों के लिए महत्वपूर्ण है. पुस्तकें ज्ञान प्राप्ति का सर्वोत्तम साधन है. इनसे मनुष्य के ज्ञान का विकास होता है तथा उनका दृष्टिकोण व्यापक होता है. उनकी बुद्धि और विचार क्षमता में वृद्धि होती है. एक ज्ञानी व्यक्ति ही समाज एवं राष्ट्र के साथ साथ मानवता का कल्याण कर सकता है जो प्रत्येक व्यक्ति के लिए महत्वपूर्ण है.

एक व्यक्ति अपनी रुचि एवं आवश्यकता के अनुसार पुस्तक खरीद नहीं सकता. कोई भी व्यक्ति आर्थिक रूप से इतना सशक्त नहीं होता कि वह मनचाही पुस्तक खरीद सके. अनेक बार पैसा जुटा लेने पर पुस्तके प्राप्त नहीं होती है क्योंकि उनमें से कुछ का प्रकाशन बंद हो चुका होता है और उनकी प्रतियां भी दुर्लभ हो जाती है. पुस्तकालय में जिज्ञासु अपनी आवश्यकता एवं प्रयोजन के अनुसार सभी पुस्तकों को प्राप्त कर लेता है तथा उनका अध्ययन करता है. अतः ज्ञान प्राप्ति के क्षेत्र में पुस्तकालय का महत्व अत्यधिक है.

पुस्तकालयों के प्रकार (Types of Library)

पुस्तकालय के विभिन्न प्रकार होते हैं जैसे

  • व्यक्तिगत पुस्तकालय
  • विद्यालय एवं महाविद्यालय के पुस्तकालय
  • सार्वजनिक पुस्तकालय
  • सरकारी पुस्तकालय

व्यक्तिगत पुस्तकालय के अंतर्गत पुस्तकों के वे संग्रहालय आते हैं जिनमें कोई व्यक्ति अपनी विशेष रुचि एवं आवश्यकता के अनुसार पुस्तकों का संग्रह करता है. विद्यालय तथा महाविद्यालय के अंतर्गत वे पुस्तकालय आते हैं जिनमें छात्रों और शिक्षकों के पठन पाठन हेतु पुस्तकों का संग्रह किया जाता है. कोई भी व्यक्ति सदस्य बन कर इसका उपयोग कर सकता है. सरकारी पुस्तकालयों का प्रयोग राज्य कर्मचारी एवं सरकारी अनुमति प्राप्त व्यक्तियों द्वारा किया जाता है.

पुस्तकालय से लाभ (Benefits of Library)

पुस्तकालय ज्ञान का भंडार होता है. इससे अनेक लाभ है, जिनमें से कुछ निम्नलिखित हैं.

ज्ञान की प्राप्ति (Knowledge Gain)

शिक्षा का वास्तविक अर्थ मनुष्य के ज्ञान का विकास करना है. यह ज्ञान मनुष्य की रुचि के अनुसार विभिन्न विषयों से संबंधित होता है. विद्यालय तथा महाविद्यालय में दी जाने वाली शिक्षा की परिसीमा संकुचित होती है. पाठ्यक्रम को पढ़कर कोई विद्यार्थी पास तो हो सकता है किंतु उससे उस विषय का समुचित ज्ञान प्राप्त नहीं होता. विषयगत ज्ञान के वास्तविक स्वरुप को प्राप्त करने के लिए उस विषय से संबंधित ज्ञान प्राप्त करने के लिए अन्य पुस्तकों का अध्ययन करने के लिए पुस्तकालय की आवश्यकता होती है. अतः पुस्तकालय ज्ञान की प्राप्ति में अमूल्य योगदान प्रदान करते हैं.

मनोरंजन का स्वस्थ साधन (Library as a Entertainment)

प्रत्येक मनुष्य के लिए मनोरंजन आवश्यक होता है तथा मनोरंजन के लिए पुस्तकों से अच्छा कोई साधन नहीं है. यह मनोरंजन के साथ-साथ संसार के अन्य विषयों की जानकारी भी बढ़ाती है. इससे हमारे विचारों में व्यापकता आती है. मानसिक योग्यता का विकास होता है. पुस्तकालय में आप अपनी रुचि के अनुसार पुस्तकों का अध्ययन कर सकते हैं. इसी कारण या मनोरंजन का एक स्वस्थ एवं सस्ता साधन है.

दुर्लभ पक्षियों की प्राप्ति के साधन

किसी भी विषय पर शोध एवं अनुसंधानात्मक कार्यों के लिए पुस्तकालय में संग्रहित पुस्तकों से व्यक्ति उन दुर्लभ शक्तियों को प्राप्त कर सकता है जिनकी जानकारी उसे अन्य किसी प्रकार से नहीं हो सकती. किसी भी विषय से संबंधित यह पुस्तकें पुस्तकालय में मिल जाती है जो प्रायः दुर्लभ हो जाती है.

पठन-पाठन में सहयोगी (Beneficial for both Student and Teachers)

पुस्तकालय छात्र और कक्षा अध्यापक दोनों के पठन-पाठन में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. शिक्षक छात्र दोनों ही अपने बौद्धिक शक्तियों एवं व्यक्तिगत ज्ञान के विस्तार की दृष्टि से इसमें संग्रहित पुस्तकों से लाभान्वित होते हैं.

उपसंहार (Conclusion)

पुस्तकालय ज्ञान का भंडार है जो हमें ज्ञान प्रदान करता है. ज्ञान की प्राप्ति से ही मनुष्य वास्तविक अर्थों में मनुष्य बनता है. ऐसे ही मनुष्य से समाज या राष्ट्र का कल्याण होता है. अतः पुस्तकालय हमारे लिए अत्यंत महत्वपूर्ण और आवश्यक है. हर सरकार तथा स्वयंसेवी सामाजिक संस्थाओं को संपूर्ण देश में अधिक से अधिक पुस्तकालयों की स्थापना करनी चाहिए.

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पुस्तकालय | pustakalaya par nibandh | library hindi essay.

Pustakalaya Par Nibandh

कक्षा 1 से कक्षा 10 के लिए निबंध / essay for class 1 to class 10  

100 Words - 150 Words      

एक पुस्तकालय ज्ञान और सूचना का खजाना होता है जो लोगों की जिंदगी को समृद्ध करता है । यह वह स्थान है जहाँ व्यक्ति एक विस्तृत पुस्तक संग्रह , जर्नल और अन्य शैक्षणिक संसाधनों तक पहुँच पाता है । पुस्तकालयों में रीडिंग रूम , कंप्यूटर लैब और समूह अध्ययन क्षेत्र जैसी अनेक सुविधाएं भी होती हैं , जो इसे छात्रों और शोधकर्ताओं के लिए अध्ययन और सीखने का एक आदर्श स्थान बनाती हैं ।  

पुस्तकालय समुदाय का केंद्र होते हैं, जहाँ लोग सभी आयु और पृष्ठभूमि के व्यक्ति साथ आकर सीखने, अन्वेषण करने और नए विचारों की खोज करने के लिए मिलते हैं। वे शांत और शांतिपूर्ण वातावरण प्रदान करते हैं, जहाँ व्यक्ति दैनिक जीवन की हलचल से बचकर खुद को पढ़ने में लीन कर सकते हैं। इसके अलावा, पुस्तकालय दुर्लभ पुस्तकें, मस्तिष्क लेख, और संग्रहालय जैसे संसाधनों तक पहुंच प्रदान करते हैं जो कहीं और आसानी से उपलब्ध नहीं होते हैं।  

समाप्ति में, पुस्तकालय व्यक्तियों और समुदायों को शिक्षित और सशक्त बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। ज्ञान और सूचना की तलाश में कोई भी इनका महत्वपूर्ण संसाधन होता है, और वे सभी द्वारा समर्थित और प्रिय रखे जाने चाहिए।  

200 Words - 250 Words - 300 Words  

पुस्तकालय एक ज्ञान और जानकारी का भण्डार है जो दुनिया की समझ और विस्तार करने की कोशिश करने वाले किसी भी व्यक्ति के लिए एक खजाना है। पुस्तकालय स्कूलों, विश्वविद्यालयों, समुदायों और ऑनलाइन भी मिलते हैं और वे किसी भी व्यक्ति के शिक्षा, ज्ञान और कौशल में सुधार करने के लिए एक आवश्यक संसाधन हैं।  

   

पुस्तकालय विभिन्न संसाधनों की विस्तृत श्रृंखला प्रदान करते हैं, जिसमें किताबें, मैगजीन, जर्नल और अन्य मुद्रित सामग्री शामिल हैं। वे इलेक्ट्रॉनिक सामग्री, जैसे ई-बुक, ऑनलाइन डेटाबेस और एकेडमिक जर्नल के उपयोग की भी सुविधा प्रदान करते हैं। पुस्तकालय सिर्फ किताबों और सामग्रियों के भण्डार नहीं हैं बल्कि संदर्भ और शोध सहायता, प्रौद्योगिकी संसाधन और अध्ययन के स्थान जैसी अनेक सेवाएं भी प्रदान करते हैं। पुस्तकालय का वातावरण सीखने के लिए उपयुक्त होता है, और शांत माहौल व्यक्तियों को अपने अध्ययन पर ध्यान केंद्रित करने की सुविधा प्रदान करता है।  

पुस्तकालय समुदाय के एक केंद्र भी होते हैं, जो अलग-अलग उम्र और पृष्ठभूमि वाले लोगों को एकत्रित करते हुए नई विचारों का अध्ययन, खोज और अनुभव करने में मदद करते हैं। पुस्तकालय घटनाएं, कार्यशालाएं और सेमिनार भी आयोजित करते हैं, जो समुदाय के विभिन्न सेगमेंट की आवश्यकताओं को पूरा करते हैं। वे बुक क्लब, लेखक वार्ताएं और सांस्कृतिक घटनाएं भी आयोजित करते हैं, जो उन्हें सामाजिक और सांस्कृतिक गतिविधियों के एक जीवंत केंद्र बनाते हैं।  

इसके अलावा, पुस्तकालय अन्यत्र आसानी से उपलब्ध न होने वाले संसाधनों तक पहुंच प्रदान करते हैं, जैसे कि दुर्लभ पुस्तकें, हस्तलिखित लेख और अभिलेख। वे शोधकर्ताओं और विद्वानों के लिए जानकारी का एक महत्वपूर्ण स्रोत भी हैं, जो उन्हें एकेडमिक जर्नल, विद्वानगत लेख और अन्य शोध सामग्री तक पहुंच प्रदान करते हैं।  

पुस्तकालय विशेष रूप से गरीब समुदायों में साक्षरता और शिक्षा को बढ़ावा देने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। वे साक्षरता कक्षाएं, बच्चों के लिए स्टोरीटाइम और वयस्क शिक्षा पाठ्यक्रम जैसी कार्यक्रम और सेवाएं भी प्रदान करते हैं जो पढ़ने को बढ़ावा देते हैं। पुस्तकालय तकनीक और डिजिटल संसाधनों तक पहुंच भी प्रदान करते हैं ताकि सभी को सूचना तक पहुंच और सीखने के बराबर अवसर हो सके।  

समाप्ति में, पुस्तकालय किसी भी शैक्षणिक प्रणाली का एक महत्वपूर्ण अंग हैं, जो सीखने, शोध और व्यक्तिगत विकास को बढ़ावा देने वाली अनेक साधनों और सेवाओं की खजानी प्रदान करते हैं। वे ज्ञान और सूचना की खजानी हैं जो लोगों के जीवन को समृद्ध करती हैं, और उन्हें सभी द्वारा समर्थन और संरक्षित किया जाना चाहिए।  

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पुस्तकालय | pustakalaya par nibandh | library hindi essay.

नमस्ते दोस्तों! हमारे इस नए ब्लॉग पोस्ट में आपका स्वागत है, जहाँ हम एक ऐसे अद्वितीय स्थान पर बातचीत करने वाले हैं, जो ज्ञान का एक सशक्त भंडार है - 'पुस्तकालय'. इस निबंध में हम विस्तृत रूप से जानेंगे कि पुस्तकालय क्यों महत्वपूर्ण है, और इसका सबसे महत्वपूर्ण अंग क्या है।

पुस्तकालय का सार्थक अर्थ, इसका इतिहास और इसके प्रभाव - सब कुछ हम इस नए निबंध में जानेंगे।

तो चलिए, जुड़िए हमारे साथ और खोजिए इस ज्ञान के भंडार को, जो हमें समृद्धि और सोचने की क्षमता प्रदान करता है।

पुस्तकालय पर निबंध: ज्ञान का अद्भूत भंडार

प्रस्तावना:.

जब समय बदलता है, तो मानव समाज में उस परिवर्तन का साक्षात्कार किसी विशेष दृष्टिकोण से होता है।

सभी परिवर्तनों में से एक अहम बदलाव है 'शिक्षा' का।

शिक्षा का सामाजिक स्वरूप, अधिकार, और उपायों में सुधार के साथ साथ एक महत्वपूर्ण स्रोत, पुस्तकालय, भी बदल रहा है।

पुस्तकालय का महत्व:

ज्ञान का सफर

पुस्तकालय, ज्ञान का एक सफर का स्रोत है।

यहां हर वर्ग और वर्ग के लोग अपनी रुचियों और आवश्यकताओं के अनुसार विभिन्न प्रकार की पुस्तकें उधारी ले सकते हैं।

साहित्य से लेकर विज्ञान तक, पुस्तकालय सभी क्षेत्रों के ज्ञान को एकत्र करता है और लोगों को अनूठी जानकारी प्रदान करता है।

ज्ञान का साझा केंद्र

पुस्तकालय एक ऐसा स्थान है जहां ज्ञान का साझा केंद्र होता है।

यहां लोग अपने अध्ययन और समीक्षा के लिए एक समृद्ध और शांत माहौल में बैठकर अपनी शिक्षा को सुधार सकते हैं।

समृद्धि और उन्नति का केंद्र

पुस्तकालय एक समृद्धि और उन्नति का केंद्र भी है।

यह नए विचारों और नवीनतम तकनीकी विकास को प्रोत्साहित करता है।

यहां लोग विशेषज्ञता की प्राप्ति के लिए अपनी जिज्ञासा को संतुलित कर सकते हैं और समाज में योगदान करने के लिए तैयार हो सकते हैं।

पुस्तकालय का इतिहास:

पुस्तकालय का आदान-प्रदान वेदों के समय से ही हुआ है।

वेदों के साथी तथा अनुवादक, शिक्षक और ज्ञानी व्यक्तियों ने अपने ज्ञान को सुरक्षित रखने के लिए पुस्तकालय का संचालन किया।

आधुनिक समय में, पुस्तकालयों का आदान-प्रदान बहुत उच्च स्तर पर हो गया है।

विभिन्न शहरों और गाँवों में सार्वजनिक और निजी पुस्तकालय हैं, जो विशेषज्ञता क्षेत्रों में विभाजित होते हैं और लोगों को विभिन्न विषयों पर विशेषज्ञता प्रदान करते हैं।

पुस्तकालय में शिक्षा का महत्व:

शिक्षा का सबसे महत्वपूर्ण स्रोत

पुस्तकालय शिक्षा का सबसे महत्वपूर्ण स्रोत है।

यहां विभिन्न ग्रंथ, पुस्तकें, और जर्नल्स होते हैं जो छात्रों को विभिन्न विषयों में जानकारी प्रदान करते हैं।

छात्र यहां से अपनी आवश्यकता के अनुसार सही जानकारी प्राप्त कर सकते हैं और अपने अध्ययन को समृद्ध कर सकते हैं।

स्वतंत्र अध्ययन का केंद्र

पुस्तकालय छात्रों को स्वतंत्र अध्ययन का अवसर प्रदान करता है।

यहां विभिन्न ग्रंथों के साथ-साथ इंटरनेट और डिजिटल स्रोतों का भी उपयोग किया जा सकता है, जो छात्रों को विषयों को गहराई से समझने का सुझाव देते हैं।

पुस्तकालय का सामाजिक महत्व:

समृद्धि और एकता का केंद्र

पुस्तकालय समृद्धि और एकता का एक महत्वपूर्ण केंद्र भी है।

यहां विभिन्न वर्गों के लोग एक साथ आते हैं और ज्ञान को साझा करते हैं।

यहां छात्रों को विभिन्न सामाजिक, धार्मिक, और सांस्कृतिक परंपराओं के बारे में जानकारी प्राप्त होती है, जिससे वे समृद्ध और समरस समाज का हिस्सा बन सकते हैं।

समाज के विकास का एक अभिवादन

पुस्तकालय समाज के विकास का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।

यहां ज्ञान का संग्रह होता है और लोगों को विकसित और समृद्ध समाज की दिशा में मदद करता है।

पुस्तकालय के लाभों का अनुभव:

ज्ञान का सच्चा खजाना

पुस्तकालय के माध्यम से ज्ञान का सच्चा खजाना प्राप्त होता है।

यहां विभिन्न विषयों में गहराई से अध्ययन करने का अवसर मिलता है, जिससे व्यक्ति अपनी रूचियों और लक्ष्यों के अनुसार अध्ययन कर सकता है।

आत्म-निर्माण और विकास

पुस्तकालय व्यक्ति के आत्म-निर्माण और विकास में मदद करता है।

यहां लोग नए और अनूठे विचारों से मिलते हैं और अपनी सोच को विकसित करने का अवसर प्राप्त करते हैं।

सामाजिक संबंध बनाए रखना

पुस्तकालय सामाजिक संबंध बनाए रखने का भी एक अच्छा स्थान है।

यहां लोग अपनी रुचियों और शौकों के अनुसार एक-दूसरे से मिलते हैं और विभिन्न विषयों पर चर्चा करते हैं।

महाकवि वाल्मीकि के श्रीरामचरितमानस में एक श्लोक है जो पुस्तकालय के महत्व को सुंदरता से व्यक्त करता है:

"पुस्तके पढ़ि पुनि पुनि मिलिहि बुद्धि बिसेष | गुरु गोविन्द कृपाबलं यह भाग्य बिधाता है ||"

इस श्लोक में यह कहा गया है कि पुस्तकों को पढ़ने से व्यक्ति की बुद्धि में विशेष विकास होता है और यह गुरु और गोविन्द की कृपा से ही संभव है।

निष्कर्ष:

पुस्तकालय एक ऐसा स्थान है जो समृद्धि, ज्ञान, और उन्नति का स्रोत है।

यहां लोग विभिन्न विषयों में ज्ञान अर्जित करते हैं और अपनी सोच को विकसित करते हैं।

पुस्तकालय समाज के विकास का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है और इसे सही रूप से संरक्षित रखना हम सभी की जिम्मेदारी है।

इसलिए, हम सभी को इस महत्वपूर्ण संसाधन का सही रूप से उपयोग करने का प्रयास करना चाहिए ताकि हम सभी समृद्ध, ज्ञानी, और समरस समाज की दिशा में कदम से कदम मिलाकर चल सकें।

पुस्तकालय पर निबंध हिंदी में 100 शब्द

पुस्तकालय, ज्ञान का अनमोल भंडार है।

यहां विभिन्न विषयों पर साहित्य, विज्ञान, कला आदि की समृद्धि होती है।

पुस्तकालय में विशेषज्ञता क्षेत्रों की विस्तृत शृंगारी उपलब्धता से छात्रों को उत्कृष्टता की दिशा में मार्गदर्शन होता है।

यहां समय बिताना अक्सर एकांत में होता है, जिससे आत्म-विकास और समझ में सुधार होता है।

पुस्तकालय, शिक्षा का एक महत्वपूर्ण स्तम्भ है जो समृद्धि की ओर एक कदम बढ़ाता है।

पुस्तकालय पर निबंध हिंदी में 150 शब्द

पुस्तकालय हमारे समाज के लिए एक महत्वपूर्ण साधन है जो ज्ञान और सृजनात्मकता का स्थान है।

यहां विभिन्न प्रकार की पुस्तकें और साहित्यिक रचनाएं होती हैं, जो हमें अद्वितीय ज्ञान और विचार प्रदान करती हैं।

पुस्तकालय शिक्षा का महत्वपूर्ण स्रोत है जो छात्रों को विभिन्न विषयों में बढ़ते हुए ज्ञान का अद्वितीय अनुभव करने का अवसर प्रदान करता है।

इसके साथ ही, पुस्तकालय साहित्यिक सृष्टि को बढ़ावा देता है और समृद्धि में योगदान करता है।

इसलिए, हमें इस महत्वपूर्ण संसाधन का सही उपयोग करके ज्ञान में वृद्धि करना चाहिए।

पुस्तकालय पर निबंध हिंदी में 200 शब्द

पुस्तकालय, जो ज्ञान का एक अद्भुत संग्रहालय है, हमारे समाज के लिए एक महत्वपूर्ण साधन है।

इसे 'ज्ञान का मंदिर' कहा जाता है, जहां विभिन्न विषयों पर समृद्धि और विकास होता है।

पुस्तकालय में हजारों की संख्या में पुस्तकें होती हैं, जो विज्ञान, साहित्य, कला, इतिहास, धर्म, आदि विषयों पर होती हैं।

छात्र यहां से ज्ञान का नया आदान-प्रदान करते हैं और अपनी शिक्षा को समृद्ध करते हैं।

पुस्तकालय एक सामाजिक स्थान भी है जहां लोग एक-दूसरे से विचार विनिमय करते हैं और अपने ज्ञान को साझा करते हैं।

यह एक समृद्ध और ज्ञानी समाज की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

इसलिए, हमें पुस्तकालय का सही तरीके से उपयोग करना चाहिए ताकि हम अपने समाज को ज्ञान में वृद्धि करने का सामर्थ्य प्रदान कर सकें और समृद्धि की ओर एक कदम और बढ़ा सकें।

पुस्तकालय पर निबंध हिंदी में 300 शब्द

पुस्तकालय, ज्ञान का अद्भुत संग्रहालय, हमारे समाज को शिक्षा और ज्ञान के प्रति अद्वितीय रूप से समर्पित करने वाला एक महत्वपूर्ण स्थान है।

इसे 'ज्ञान का मंदिर' कहना बिल्कुल उचित है, क्योंकि यहां विभिन्न विषयों पर विस्तृत जानकारी उपलब्ध है और यह शिक्षा के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

पुस्तकालय में हजारों की संख्या में पुस्तकें होती हैं, जो विभिन्न ग्रंथों और लेखकों की सृजनात्मकता को दर्शाती हैं।

यहां शिक्षा के स्तर को बढ़ाने के लिए विभिन्न प्रकार की पुस्तकें उपलब्ध होती हैं, जिनसे छात्रों को विभिन्न विषयों में महारत हासिल हो सकती है।

पुस्तकालय विशेषज्ञता क्षेत्रों के लिए एक महत्वपूर्ण स्रोत है, जहां लोग नवीनतम और सबसे उत्तम जानकारी को प्राप्त कर सकते हैं।

यहां शोधकर्ताओं के लिए विभिन्न ग्रंथ, जर्नल्स और अन्य संसाधनों का संग्रह है जो उन्हें उनके शोध को बढ़ाने के लिए सहायक हो सकते हैं।

पुस्तकालय एक सामाजिक स्थान भी है जहां लोग एक-दूसरे के साथ ज्ञान और अनुभवों को साझा करते हैं।

यहां विभिन्न विषयों पर चर्चा के दौरान नए और उत्तेजना भरे विचार उत्पन्न होते हैं जो समृद्धि और सामाजिक समृद्धि में योगदान कर सकते हैं।

समाप्त करते हुए, हम कह सकते हैं कि पुस्तकालय ज्ञान का एक महत्वपूर्ण स्रोत है जो हमें नए विचारों से मिलता है और हमारी शिक्षा में समृद्धि का माध्यम बनता है।

इसे सही रूप से सहयोगिता करना हम सभी की जिम्मेदारी है ताकि हम सभी एक बेहतर और ज्ञान से भरपूर समाज की दिशा में अग्रसर हो सकें।

पुस्तकालय पर निबंध हिंदी में 500 शब्द

पुस्तकालय वह अद्भुत स्थान है जहां ज्ञान, साहित्य, और सृजनात्मकता के सागर से मिलता है।

इसे हम सामाजिक संस्कृति का एक महत्वपूर्ण हिस्सा मान सकते हैं, जो शिक्षा और समृद्धि की ओर एक कदम बढ़ाता है।

पुस्तकालय का अर्थ:

'पुस्तकालय' शब्द संस्कृत से आया है जिसका अर्थ होता है 'पुस्तकों का संग्रहालय'।

यह एक स्थान है जहां विभिन्न प्रकार की पुस्तकें रखी जाती हैं, ताकि लोग उन्हें पढ़कर नए ज्ञान का अध्ययन कर सकें।

पुस्तकालय ज्ञान का एक अद्भुत स्रोत है।

यहां विभिन्न विषयों पर सैकड़ों पुस्तकें, जर्नल्स, और सृजनात्मक लेख होते हैं जो विद्यार्थियों को गहराई से पढ़ाई करने का मौका देते हैं।

यहां छात्रों को अपनी रुचियों के अनुसार विषय चयन करने का स्वतंत्रता मिलती है, जिससे उनका अध्ययन समृद्ध होता है।

पुस्तकालय सामाजिक संबंध बनाए रखने का एक भी महत्वपूर्ण स्थान है।

यहां लोग एक साथ आते हैं और ज्ञान को साझा करते हैं।

इससे सामाजिक बंधन मजबूत होते हैं और लोग एक दूसरे से शिक्षा और अनुभवों को साझा करने में सक्षम होते हैं।

ज्ञान का सबसे महत्वपूर्ण स्रोत:

पुस्तकालय ज्ञान का सबसे महत्वपूर्ण स्रोत है।

स्वतंत्र अध्ययन का केंद्र:

समृद्धि और एकता का केंद्र:

पुस्तकालय एक सामाजिक स्थान भी है जहां विभिन्न वर्गों के लोग एक साथ आते हैं।

यहां चर्चाएं, व्याख्यान, और कार्यशालाएं आयोजित की जाती हैं, जो लोगों को एक-दूसरे के साथ मिलने का अवसर देती हैं और समृद्धि के माध्यम से समृद्ध समाज की दिशा में एकता और सामरस्य बढ़ाती हैं।

उत्कृष्टता का केंद्र:

पुस्तकालय उत्कृष्टता की ओर एक कदम बढ़ाता है।

यहां लोग नवीनतम और अद्वितीय जानकारी प्राप्त करके अपनी क्षमताओं में सुधार कर सकते हैं और समाज के लिए योजनाएं बना सकते हैं।

समाप्ति में:

पुस्तकालय हमारे समाज के लिए एक बहुमुखी साधन है जो शिक्षा, ज्ञान, और सृजनात्मकता को बढ़ावा देता है।

इसे सही रूप से सहयोगिता करके हम सभी एक बेहतर और ज्ञान से भरपूर समाज की दिशा में अग्रसर हो सकते हैं।

इसलिए, हमें पुस्तकालय को समर्थन देना और इसका सही तरीके से उपयोग करना चाहिए, ताकि हम एक शिक्षित, समृद्ध, और समरस समाज की दिशा में कदम से कदम मिलाकर चल सकें।

पुस्तकालय पर 5 लाइन निबंध हिंदी

  • पुस्तकालय विद्या का अद्भुत खजाना है जो हमें विभिन्न विषयों में गहराई से ज्ञान प्रदान करता है।
  • यह स्थान न केवल पुस्तकों का भंडार है, बल्कि सामाजिक संबंध बनाए रखने का केंद्र भी है।
  • छात्रों को अपनी रुचियों के अनुसार विभिन्न विषयों में पढ़ाई करने का मौका मिलता है।
  • इससे हम नए विचार प्राप्त करके अपनी सोच को विकसित कर सकते हैं।
  • पुस्तकालय हमारे समाज को ज्ञान, समृद्धि, और सामरस्य की दिशा में एक कदम आगे बढ़ने में मदद करता है।

पुस्तकालय पर 10 लाइन निबंध हिंदी

  • पुस्तकालय एक शिक्षा केंद्र है जो विभिन्न विषयों पर ज्ञान और जानकारी प्रदान करता है।
  • इसमें हजारों पुस्तकें होती हैं जो विद्यार्थियों को अद्वितीय अनुसंधान करने का अवसर देती हैं।
  • पुस्तकालय छात्रों को स्वतंत्र अध्ययन करने का सुझाव देता है, जिससे उनकी आत्म-विकास और सृजनात्मकता होती है।
  • यह समृद्धि और सामरस्य की भावना को बढ़ावा देने में मदद करता है, क्योंकि लोग यहां एक-दूसरे के साथ ज्ञान और अनुभव साझा करते हैं।
  • पुस्तकालय नई रचनाएं और नए विचारों का एक बोझालय है, जो समृद्ध समाज की दिशा में अग्रसर होने में मदद करता है।
  • यह विभिन्न विषयों में नवीनतम संशोधन और शोध को प्रोत्साहित करता है।
  • पुस्तकालय आत्म-नियंत्रण और समर्पण की भावना विकसित करने में मदद करता है।
  • इसका सही तरीके से उपयोग करने से विभिन्न वर्गों के लोग एक साथ आकर्षित होते हैं, जो विविधता को बढ़ावा देता है।
  • पुस्तकालय से नए और उत्तेजना भरे विचार प्राप्त होते हैं जो विद्यार्थियों को अच्छे नागरिक बनने के लिए प्रेरित करते हैं।
  • इसका सही उपयोग करने से हम सभी मिलकर एक शिक्षित और समृद्ध समाज की दिशा में कदम से कदम मिलाकर चल सकते हैं।

पुस्तकालय पर 15 लाइन निबंध हिंदी

  • पुस्तकालय एक विद्या का महत्वपूर्ण स्थान है, जहां विभिन्न विषयों पर बहुसंख्यक पुस्तकें उपलब्ध हैं।
  • इसमें हर वर्ग के लोगों के लिए उपयुक्त पुस्तकें होती हैं, जिससे सभी को ज्ञान का समान अधिकार होता है।
  • पुस्तकालय शिक्षा का महत्वपूर्ण स्रोत है, जिससे छात्रों को विभिन्न विषयों में विशेषज्ञता प्राप्त होती है।
  • यहां से लोग नवीनतम रचनाएं, ग्रंथ, और लेख प्राप्त करके अपनी सोच को विकसित करते हैं।
  • छात्रों को विभिन्न उच्च शिक्षा के स्रोतों की भी पहुंच मिलती है, जो उनके अध्ययन को समृद्ध करता है।
  • यह एक ऐसा स्थान है जहां लोग नई रचनाएं और अनुसंधान कार्य करते हैं, जो समृद्ध समाज को बढ़ावा देता है।
  • पुस्तकालय के सही उपयोग से छात्र आत्म-निर्भर बनते हैं और समाज के साथ योजना बना सकते हैं।
  • यहां विभिन्न भाषाओं में पुस्तकें उपलब्ध हैं, जो सांस्कृतिक समृद्धि को बढ़ावा देती हैं।
  • छात्रों को समृद्ध और विचारशील समाज की दिशा में कदम बढ़ाने का आत्मविश्वास मिलता है।
  • पुस्तकालय एक सहारा बनता है, जिससे लोग जीवन की चुनौतियों का सामना कर सकते हैं।
  • इससे लोग नए और विविध दृष्टिकोण प्राप्त करते हैं, जो समाज में समृद्धि की ऊर्जा बढ़ाता है।
  • पुस्तकालय एक स्थान है जहां लोग शोध और विकास के क्षेत्र में नवीनतम जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
  • यह छात्रों को उच्च शिक्षा की दिशा में मार्गदर्शन करता है और उन्हें विभिन्न करियर विकल्पों के बारे में सूचित करता है।
  • पुस्तकालय लोगों को नई रचनाओं से मिलकर उत्साहित करता है और समृद्ध समाज की ओर एक कदम और बढ़ने में सहायक होता है।
  • इससे हम एक ज्ञान-भरित और समृद्ध समाज की दिशा में एक समृद्धि की ओर अग्रसर हो सकते हैं।

पुस्तकालय पर 20 लाइन निबंध हिंदी

  • पुस्तकालय ज्ञान का खजाना है, जो विभिन्न विषयों पर सर्वोत्तम पुस्तकों को संग्रहित करता है।
  • यहां से हम नए और बेहतर विचार प्राप्त करके अपनी सोच को विकसित कर सकते हैं।
  • पुस्तकालय शिक्षा का एक अद्भुत केंद्र है, जो विद्यार्थियों को विभिन्न विषयों में निपुणता प्रदान करता है।
  • इसमें लाखों पुस्तकें होती हैं, जिनमें से हर व्यक्ति अपनी रुचि के अनुसार कुछ न कुछ प्राप्त कर सकता है।
  • पुस्तकालय एक सामाजिक स्थान है जहां लोग ज्ञान को साझा करते हैं और नए दृष्टिकोण प्राप्त करते हैं।
  • यह छात्रों को उच्च शिक्षा के लिए सही दिशा में मार्गदर्शन करने में सहायक है।
  • छात्रों को यहां से स्वतंत्रता मिलती है कि वे अपने रुचि और इंटरेस्ट के हिसाब से पढ़ाई कर सकें।
  • पुस्तकालय आत्म-नियंत्रण और आत्म-समर्पण की भावना को विकसित करने का एक महत्वपूर्ण स्थान है।
  • यह स्थान छात्रों को नए और उत्तेजना भरे शिक्षा के अवसर प्रदान करता है।
  • इससे लोग अपनी सामाजिक साक्षरता बढ़ाते हैं और समृद्धि के माध्यम से समाज में योगदान करते हैं।
  • पुस्तकालय में नवीनतम तकनीकी साधनों का उपयोग करने से छात्रों को दुनिया भर में हो रहे घटनाओं के साथ अपडेट रहने का सुझाव दिया जा सकता है।
  • यहां विभिन्न भाषाओं की पुस्तकें मिलती हैं, जो सांस्कृतिक समृद्धि को बढ़ावा देती हैं।
  • पुस्तकालय के सही तरीके से उपयोग से लोग अपनी भाषा कौशल को सुधारते हैं और अच्छी भाषा में व्यक्ति बनते हैं।
  • यहां से छात्र विभिन्न क्षेत्रों में विकसित होने का अवसर पाते हैं जैसे कि कला, विज्ञान, और साहित्य।
  • पुस्तकालय को विशेषज्ञता क्षेत्रों का स्रोत माना जा सकता है, जो शोध करने वालों के लिए एक महत्वपूर्ण साधन है।
  • यह स्थान विभिन्न योजनाओं, वार्षिकोत्सवों, और विशेष चर्चाओं के लिए सभी वर्गों के लोगों को एकत्र करने में मदद करता है।
  • छात्रों को यहां से लाभ होता है कि वे खुद से स्वतंत्रता से पढ़ाई कर सकते हैं और अच्छी भाषा में व्यक्ति बनते हैं।
  • इससे लोग नई रचनाएं और नए दृष्टिकोण प्राप्त कर सकते हैं, जो समाज में समृद्धि की ऊर्जा बढ़ाता है।
  • इसका सही उपयोग करने से हम सभी एक ज्ञान-भरित और समृद्ध समाज की दिशा में एक समृद्धि की ओर अग्रसर हो सकते हैं।
  • पुस्तकालय एक समृद्ध समाज की नींव है, जो ज्ञान, साहित्य, और विचारों को समृद्धि की ऊर्जा में रूपांतरित करता है।

इस ब्लॉग पोस्ट में हमने "पुस्तकालय पर निबंध" के महत्वपूर्ण पहलुओं को विश्लेषण किया है और देखा है कि पुस्तकालय कैसे हमारे समाज में एक महत्वपूर्ण स्थान का होना चाहिए।

हमने देखा है कि पुस्तकालय विभिन्न विषयों पर ज्ञान और जानकारी का एक संग्रहण स्थान है, जिससे लोग अपनी शिक्षा में सुधार कर सकते हैं।

इसके साथ ही, हमने देखा है कि पुस्तकालय एक सामाजिक स्थान भी है, जहां लोग एक-दूसरे से मिलते हैं और विचारों को साझा करते हैं।

यहां से हमने जाना कि यह कैसे एक ऐसा केंद्र है जो विविधता, शिक्षा, और समृद्धि की ओर हमें बढ़ावा देता है।

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पुस्तकालय पर निबंध – Essay On Library In Hindi

नमस्कार दोस्तों स्वागत है हमारे वेबसाइट पर आज की पोस्ट में हम बात करेंगे Essay on library in hindi के बारे में। पुस्तकालय का हमारे जीवन में विशेष महत्व है। इनके माध्यम से आप दुनिया के महान व्यक्तियों के द्वारा लिखी गई बातों को पढ़कर आप को ज्ञान की प्राप्ति होती हैI पुस्तकालय एक प्रकार का ज्ञान का केंद्र है I  

यहां पर आपको सभी प्रकार के ज्ञान से भरपूर किताबें आसानी से मिल जाएंगी और आप यहां पर आकर उनका अध्ययन कर सकते हैं I 

इसलिए पुस्तकालय का हमारे जीवन में विशेष स्थान है I  ऐसे में अगर आप पुस्तकालय पर एक अच्छा निबंध लिखना चाहते हैं, लेकिन आपको समझ में नहीं आ रहा है क्या आप निबंध की शुरुआत कैसे करें तो हम आपसे अनुरोध करेंगे कि आर्टिकल को आखिर तक पढ़े।

इस पोस्ट के माध्यम से हमने बताया है कि पुस्तकालय का क्या अर्थ है, पुस्तकालय का क्या महत्व है, पुस्तकालय के क्या लाभ है, पुस्तकालय क्यों जरूरी है तथा पुस्तकालय कितने प्रकार के होते हैं इत्यादि के बारे में जानेंगे।

इस पोस्ट में आपको पुस्तकालय पर कई निबन्ध दिए गए है जैसे पुस्तकालय पर निबंध 100 शब्दों में, Library essay in hindi in 300 words, Library par nibandh 500 शब्दों में तथा लाइब्रेरी पर 10 लाइन इत्यादि।

पुस्तकालय पर निबंध 100 शब्दों में – Essay On Library In Hindi

पुस्तकालय शब्द दो शब्दों से मिलकर बना हुआ है जिसे हम पुस्तक + आलय कहते है I आसान भाषा में इसे पुस्तकों का घर कहा जाता है ,यानी पुस्तकालय एक ऐसा जगह होता है, जहां पर दुनिया की सभी भाषाओं की किताबें उपलब्ध हो और अगर आपको कोई भी किताब पढ़नी है तो इसके लिए आप वहां पर जा सकते हैं I 

पुस्तकालय एक प्रकार का ज्ञान का संग्रह भंडार है यहां पर विभिन्न प्रकार पुस्तकें आपको आसानी से यहां पर उपलब्ध मिलेंगे और आप उनका अध्ययन यहां पर जाकर कर सकते हैं I  ताकि आपके ज्ञान में वृद्धि हो सके पुस्तकालय कई प्रकार के होते हैं I 

जैसे व्यक्तिगत लाइब्रेरी, विद्यालय का पुस्तकालय, सार्वजनिक लाइब्रेरी, चलते-फिरते पुस्तकालय, डिजिटल पुस्तकालय यानी जहां पर किताबें ऑनलाइन तरीके से उपलब्ध होती है और आप वहां पर जाकर कुछ पैसे देकर किताबों को पढ़ सकते हैं और कई तो वेबसाइट पर आपको फ्री में किताबें पढ़ने का अवसर मिलेगा I 

सभी पुस्तकालय में आपको ज्ञानवर्धक किताबे मिलेंगे पुस्तकालय हमारे लिए राष्ट्रीय धरोहर है I  यहां पर हमारे पूर्वजों के द्वारा विभिन्न विषयों पर किताबें लिखी गई है ताकि हम किताबों के माध्यम से जान सके कि हमारे पूर्वज किस प्रकार का जीवन व्यतीत करते थे और उनकी सभ्यता क्या थी अगर आपके पास सभी प्रकार के किताबे खरीदने के पैसे नहीं है तो आप पुस्तकालय में आ सकते हैं I 

 यहां पर आप थोड़े पैसे देकर कई किताबें पढ़ सकते हैं और अपने ज्ञान में वृद्धि भी कर सकते हैं ताकि आप अपने जीवन में व्याप्त अंधकार को दूर कर सकें।

पुस्तकालय पर निबंध 300 शब्दों में – Pustakalaya Par Nibandh

लाइब्रेरी का हमारे जीवन से प्राचीन काल से ही संबंध है I  प्राचीन काल में आज के समय जैसे कंप्यूटर नहीं थे I  

उस समय किताबें लिखी जाती थी और उसके बाद किताबों को रखने के लिए ही पुस्तकालय की स्थापना प्राचीन काल में की गई ताकि लोग पुस्तकालय में जाकर किताबों का अध्ययन कर सकें I ताकि उनके ज्ञान में वृद्धि हो सके।

पहले के समय बच्चे गुरुकुल में जाया करते थे गुरुकुल के अंदर पुस्तकालय का भवन हुआ करता था जिसमें विभिन्न भाषाओं में किताबें उपलब्ध थे और बच्चे उन पुस्तकालय में जाकर किताबों का अध्ययन करते थे एक प्रकार से कहे तो पुस्तकालय प्राचीन काल में हमारे लिए संस्कृति से जुड़ने का अच्छा माध्यम हुआ करते थे  I  

आज के समय में पुस्तकालय का वही महत्व है जो प्राचीन काल में था हालांकि आज के समय ऑनलाइन प्लेटफार्म आने से आप किताबों को अपने मोबाइल में ही पढ़ सकते हैं फिर भी स्कूल कॉलेज और विश्वविद्यालय में पुस्तकालय का एक अलग भवन होता है जहां पर जाकर आप किताबों का अध्ययन कर सकते हैं I  

इसलिए पुस्तकालय आज भी हमारे जीवन का अभिन्न अंग है I आज के वक्त में कई ऐसे सामाजिक संस्था है जो पुस्तकालय का संचालन करती हैं और यहां पर अगर आप पुस्तक अध्ययन करने के लिए जाएंगे तो आपको एक भी पैसा अपनी जेब से नहीं देना पड़ेगा I 

इसके अलावा कई पुस्तकालय प्राइवेट भी हैं जहां पर अगर आप किताबें पढ़ना चाहते हैं तो आपको कुछ शुल्क देने पड़ेंगे और यह शुल्क महीने के अनुसार होते हैं I  इसलिए अगर आपके पास थोड़े पैसे हैं तो प्राइवेट पुस्तकालय में जा सकते हैं I 

पुस्तकालय के लाभ – Library ke labh

  • पुस्तकालय के द्वारा आप तो अंतर्मुखी और चिंतनशील बन सकते हैं
  • पुस्तकालय के द्वारा आप अपने ज्ञान में वृद्धि कर सकते हैं I 
  • पुस्तकालय का वातावरण शांति में होता है इसलिए यहां पर पढ़ाई करना काफी सहज है I 
  • कालों के द्वारा आप देश दुनिया के बारे में कई प्रकार की जानकारी हासिल कर सकते हैं I 
  •   पुस्तकालय के द्वारा आप अपने इतिहास से जुड़े हुए कई महत्वपूर्ण पहलुओं की जानकारी यहां से प्राप्त कर सकते हैं I 
  • पुस्तकालय के द्वारा आपके सोचने और समझने की शक्ति में वृद्धि होती है I 
  • पुस्तकालय के द्वारा आप अपना ज्ञान की प्राप्ति कर सकते हैं इसके लिए आपको बहुत ही कम मूल्य देना पड़ेगा।
  • पुस्तकालय ज्ञान का केंद्र होते हैं।
  • पुस्तकालय में विभिन्न भाषा और भिन्न प्रकार की किताबें उपलब्ध है I 
  • पुस्तके हमारे जीवन को दूसरे देश की संस्कृति और विचारधारा से भी जोड़ने का काम करती हैं I 
  •  प्रसिद्ध मनोवैज्ञानिक समीक्षक आर. ए. रिएर्ड्स लिखा था कि अगर हम किसी अच्छी पुस्तक को पढ़ते हैं तो उससे हमारी सोच बदल जाती है जिससे व्यक्ति का पुन: जन्म होता है I 

पुस्तकालय में पुस्तक पढ़ने के नियम

  • पुस्तकालय में पुस्तक पढ़ते समय शांति बनाए रखें I 
  • पुस्तकालय में किताबों को भरना या उस पर कुछ लिखना मना है I 
  •  अगर आप कोई किताब पढ़ रहे हैं और उस समय अगर आप किसी प्रकार का भी शोरगुल करेंगे तो आपको पुस्तकालय से निलंबित किया जा सकता है या नहीं आपको पुस्तकालय में पढ़ने की अनुमति नहीं दी जाएगी I 
  • पुस्तकालय से अगर आप कोई भी किताबें ले रहे हैं तो उसे आपको सही वक्त में वापस करना होगा I 
  • पुस्तकालय में एक कचरा और गंदगी ना फैलाएं I 
  • पुस्तकालय में आप किसी प्रकार की भी अश्लील हरकत या इशारे ना करें I 

पुस्तकालय पर निबंध 500 शब्दों में – Long Essay On Library In Hindi

पुस्तकालय के प्रकार.

व्यक्तिगत पुस्तकालय

व्यक्तिगत पुस्तकालय का मतलब होता है ऐसा पुस्तकालय जिसका निर्माण आप अपने घर में करते हैं और वहां पर आप अपने रूचि के मुताबिक पुस्तक को सजाकर रखते हैं I इन पुस्तकों को पढ़ने का अधिकार केवल आपका आपके घर के लोगों का होता है और आप ही उस किताबों को पढ़ पाएंगे दूसरे अन्य व्यक्ति नहीं I 

विद्यालय, विश्वविद्यालय का पुस्तकालय

विद्यालय और विश्वविद्यालय के पुस्तकों का मतलब होता है कि ऐसे पुस्तकालय विश्वविद्यालय और विद्यालय के भवन में एक अलग कमरे के रूप में स्थित होते हैं I यहां पर विभिन्न भाषाओं की किताबें और अब पत्र पत्रिकाएं होती हैं I 

जिसका अध्ययन के बल विद्यालय के शिक्षक और छात्र ही कर पाएंगे इसके अलावा छोटे बच्चों के लिए चुटकुले मनोरंजन कहानी के पुस्तक उपलब्ध होते हैं ताकि छोटे बच्चे इन पुस्तकों को पढ़कर अपना मनोरंजन कर सके I 

सार्वजनिक पुस्तकालय

 सार्वजनिक पुस्तकालय दो प्रकार के होते हैं पहला समाजसेवी ट्रस्ट के द्वारा संचालित किया जाता है और दूसरा सरकार के द्वारा जिसमें कोई भी व्यक्ति आकर किताबें पढ़ सकता है उसके लिए उसे कोई भी शुल्क देने की आवश्यकता नहीं है।

चलता फिरता पुस्तकालय

 चल पुस्तकालय का मतलब होता है ऐसा पुस्तकालय जो मोटर वाहन के द्वारा संचालित होती हैं और ऐसे पुस्तकालय गांव गांव में जाते हैं और वहां पर लोगों को किताबें बेचने का काम करते हैं इस प्रकार के पुस्तकालय से अगर आप कोई भी किताब खरीदते हैं तो आपको बहुत ही कम पैसे देने पड़ेंगे।

डिजिटल पुस्तकालय

 आज के वक्त में सभी व्यक्तियों के पास मोबाइल फोन और इंटरनेट की सुविधा है I ऐसे में लोग मोबाइल में ही किताबें पढ़ना बहुत ज्यादा पसंद करते हैं क्योंकि इसके लिए उन्हें कहीं जाने की आवश्यकता नहीं है वह घर में भी किताबों को पढ़ सकते हैं I  इस प्रकार के किताब डिजिटल तरीके में बनाए जाते हैं और आप इन्हें पीडीएफ फाइल के रूप में अपने मोबाइल में डाउनलोड कर लीजिए और उसे पढ़ सकते हैं I 

इस प्रकार के किताब आपको भिन्न प्रकार के वेबसाइट के माध्यम से उपलब्ध कराए जाते हैं कुछ किताबें फ्री में होती हैं और कुछ के लिए आपको पैसे देने पड़ते हैं I 

पुस्तकालय का महत्व – Library ka mahatva

पुस्तके मानव का सच्चा साथी होती हैं अगर आप नियमित रूप से पुस्तक के पढ़ते हैं तो आपके ज्ञान में अपार भी दी होगी इसके अलावा आपके अंदर व्यक्तिगत गुणों का विकास होगा और इन गुणों के द्वारा आप अपने चरित्र का भी निर्माण कर सकते हैं किताबें समाज और देश दोनों के लिए प्रेरणा के स्रोत होते हैं I  इन के माध्यम से आप किसी भी समाज और देश के इतिहास के बारे में जानकारी हासिल कर सकते हैं  I 

इसलिए लाइब्रेरी का विशेष महत्व हमारे जीवन में है कुछ लोग किताबों के प्रेमी होते हैं I उन्हें किताबें पढ़ना सबसे ज्यादा पसंद है I विशेष तौर पर वह कुछ विशेष लेखक के किताब पढ़ते हैं I उनका अपना एक अलग नजरिया है I कुछ लोगों को पत्र पत्रिकाएं पढ़ने का ज्यादा शौक है और महिलाओं को नारी से जुड़े हुए पत्रिका सबसे ज्यादा पसंद उन्हें आती है  I 

 सबसे बड़ी बात है कि पत्र-पत्रिकाओं को पढ़ने के लिए अधिक पैसे देने की आवश्यकता नहीं है I अगर किसी व्यक्ति के पास पैसे नहीं है ज्ञान अर्जित करने के लिए तो आप पुस्तकालय जा सकता है क्योंकि पुस्तकालय में पुस्तक पढ़ने के लिए पैसे देने की जरूरत नहीं पड़ती है I पुस्तकालय शिक्षा व्यवस्था में रीड की हड्डी की तरह काम करती हैं इसके द्वारा देश के भावी भविष्य का निर्माण होता है I 

पुस्तकालय के लाभ

(1) पुस्तकालय के द्वारा आप को भिन्न प्रकार के किताबें पढ़ने का अवसर मिलता है इससे आपके ज्ञान में वृद्धि होती है।

(2) यहां पर आपको विभिन्न भाषाओं में किताबें पढ़ने का अवसर मिलेगा।

(3) पुस्तकालय वातावरण काफी शांत रहता है ऐसे में अगर आप यहां पर किताब काफी ध्यान केंद्रित कर कर पढ़ सकते हैं।

(4) पुस्तकालय में किताबें पढ़ने के लिए अधिक पैसे की आवश्यकता नहीं है आप मुफ्त में है किताबे पढ़ सकते हैं।

(5) पुस्तकालय में सभी वर्ग और जाति के लोग आकर किताबें पढ़ सकते हैं यहां पर किसी प्रकार का भेदभाव नहीं होता है।

(6) पुस्तकालय के माध्यम से भारत की शिक्षा व्यवस्था मजबूत और सशक्त होगी।

(7) इसके द्वारा देश की आर्थिक और सामाजिक व्यवस्था मजबूत होती है।

(8) पुस्तकालय हमारे जीवन में अज्ञानता के अंधकार को दूर करते हैं ।

वर्तमान में पुस्तकालयों की आवश्यकता

आज के तारीख में पुस्तकालय की जरूरत और ऐसे ही है जैसे प्राचीन काल में थी इसकी प्रमुख वजह है कि आज के समय शिक्षा का जिस प्रकार वाणिज्य करण किया गया है ऐसे में शिक्षा को गर्म कर पाना सभी लोगों के लिए संभव नहीं है क्योंकि इसके लिए अधिक पैसे की आवश्यकता है है और अगर आपके पास पैसे नहीं है तो पुस्तकालय शिक्षा ग्रहण करने का सबसे अच्छा माध्यम है I

आप यहां पर जाकर मुफ्त में किताबें पढ़ सकते हैं और अपने ज्ञान में वृद्धि कर सकते हैं प्ले आज की तारीख में पुस्तकालय की आवश्यकता बढ़ती जा रही है I विशेष तौर पर गांव में पुस्तकालय की संख्या ना के बराबर है  I  

जिसके कारण गरीब लोग पढ़ लिख नहीं पाते हैं और अपना जीवन गरीबी में व्यक्त करने के लिए मजबूर होते हैं इसलिए गांव में सरकार को अधिक से अधिक पुस्तकालय खोलने की योजना पर काम करना चाहिए ताकि गरीब के बच्चे भी ज्ञान प्राप्त कर अपने जीवन में कुछ बन सके I 

अगर हमें अपने देश के प्रत्येक बच्चे को अच्छी शिक्षा देनी है तो पुस्तकालय का विकास भारत में तेजी के साथ करना होगा। तभी जाकर हमारी शिक्षा व्यवस्था मजबूत और सशक्त बनेगी क्योंकि अगर कोई भी देश आज की तारीख में शिक्षित नहीं है तो उसे विकास करने में काफी दिक्कत और परेशानियों का सामना करना पड़ता है I 

इसलिए देश में अगर शिक्षा को समाप्त करना है तो पुस्तकालय की संख्या में वृद्धि करनी होगी ताकि लोग अधिक से अधिक पुस्तकालय जाकर ज्ञान की प्राप्ति कर सकें।

हमें भी प्रत्येक गांव में पुस्तकालय खोलने चाहिए जिससे हमारे देश का प्रत्येक बच्चा पढ़ लिख कर एक अच्छा व्यक्ति बनेगा और सामाजिक विकास के साथ-साथ देश के आर्थिक विकास में भी सहयोग करें।

पुस्तकालय पर 10 लाइन – Library Par 10 Line 

  • पुस्तकालय का अर्थ होता है – पुस्तकों का घर।
  • पुस्तकालय में सभी ज्ञानवर्धक किताबें उपलब्ध होती हैं।
  • पुस्तकालय में माता सरस्वती का निवास होता है।
  • आपके पास किताब खरीदने के पैसे नहीं आए तो आप पुस्तकालय में जाकर किताबें पढ़ सकते हैं।
  • विधार्थी को नियमित रूप से पुस्तकालय जाना चाहिए ताकि उनके ज्ञान में वृद्धि हो सके।
  • पुस्तकालय में पढ़ते समय शांति बनाए रखें।
  • अपने कोई भी पुस्तक पढ़ने के लिए लिया है तो उसे पढ़ने के बाद आप पुस्तकालय को वापस कर दे।
  • किसी भी पुस्तक के ऊपर कुछ ना लिखें और ना ही उसके किसी पेज को फाड़े
  • पुस्तकालय ज्ञान का मंदिर होता है।
  • काले में अगर आप किसी भी पुस्तक का अध्ययन करें तो पढ़ने के बाद उसे सही जगह पर रखें I 

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उम्मीद करता हूं दोस्तों की “पुस्तकालय ( Library Essay In Hindi )” से सम्बंधित हमारी यह पोस्ट आपको काफी पसंद आई होगी। इस पोस्ट में हमनें लाइब्रेरी से सम्बंधित सभी महत्वपूर्ण जानकारियां देने का प्रयास किया है। आशा है आपको पूर्ण जानकारी मिल पाई होगी।

अगर आप यह पोस्ट आपको अच्छा लगा तो आप अपने दोस्तों के साथ इसे शेयर कर सकते हैं। अगर आपके मन मे कोई सवाल है तो आप हमें कमेंट के माध्यम से बता सकते हैं हम आपसे जल्द ही संपर्क करेंगे। अपना कीमती समय देने के लिए आपका बहुत – बहुत धन्यवाद।

FAQ About Library In Hindi

Q: पुस्तकालय में किताब पढ़ने के लिए पैसे देने पड़ते हैं क्या.

Ans: पुस्तकालय में अगर आप किताब पढ़ना चाहते हैं तो आपको इसके लिए पैसे देने की आवश्यकता नहीं है क्योंकि भारत में जो भी सरकारी पुस्तकालय होते हैं वहां पर कोई भी व्यक्ति जाकर किताबें पढ़ सकता है और पैसे वहां पर आपको देने की जरूरत नहीं है लेकिन अगर आप कोई प्राइवेट पुस्तकालय में किताबें पढ़ने के लिए जा रहे हैं वहां पर आपको कुछ शुल्क देने पड़ेंगे I

Q: पुस्तकालय का देश के विकास में क्या भूमिका है?

Ans: लाइब्रेरी की देश के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका है पुस्तकालय ज्ञान का भंडार होते हैं ऐसे में अगर देश के नागरिक जिनके पास पैसे नहीं है अगर वह पुस्तकालय में जाकर शिक्षा प्राप्त करते हैं तो देश का प्रत्येक नागरिक शिक्षित होगा और अगर ऐसा होता है तो देश को विकास करने में आसानी होगी क्योंकि देश में गिरा शिक्षा की भावना होगी तो देश तेजी के साथ विकास के पथ पर अग्रसर नहीं हो पाएगा इसलिए पुस्तकालय का हमारे देश के विकास में बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका है I 

Q: पुस्तकालय में कितनी भाषाओं में पुस्तके उपलब्ध होती हैं?

Ans: पुस्तकालय में विभिन्न प्रकार के भाषाओं में पुस्तके उपलब्ध होती हैं आप अपनी भाषा के मुताबिक पुस्तक का चयन कर सकते हैं I 

Q: भारत का सबसे बड़ा पुस्तकालय कहां स्थित है?

Ans: भारत का सबसे बड़ा पुस्तकालय कोलकाता में स्थित है यहां पर आपको 2 मिलियन से अधिक किताबें मिल जाएंगे और विभिन्न भाषाओं में उपलब्ध है इसकी स्थापना 1948 में की गई थी या भारत का सबसे पुराना पुस्तकालय है और इसे राष्ट्रीय महत्व का दर्जा दिया गया है I 

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Essay On Library In Hindi पुस्तकालय का महत्व पर निबंध

इस निबंध Essay On Library In Hindi में पुस्तकालय पर निबंध (Pustakalaya Par Nibandh) और पुस्तकालय का महत्व (Importance Of Library Essay) के बारे में जानकारी बतायी गयी है। पुस्तकालय किताबों का संग्रह होता है। अंग्रेजी में इसे लाइब्रेरी भी कहते है। किताबें ज्ञान का भंडार होती है और पुस्तकालय ज्ञान का सागर है। पुस्तकालय का महत्व पर निबंध लेखन का प्रयास यहां पर किया गया है।

लाइब्रेरी को पुस्तक या किताबों का घर भी कहते है। वो घर जहाँ पर किताबें होती है, पुस्तकालय कहलाता है। निर्धन छात्रों और गरीब पाठकों के लिए पुस्तकालय एक ज्ञान का वरदान है। तो आइए मित्रों पुस्तकालय पर निबंध “Pustakalaya Essay in Hindi” की चर्चा करते है।

पुस्तकालय पर निबंध Essay On Library In Hindi

पुस्तकालय ( Library ) में पुस्तकों का संग्रह होता है, इसलिए इसे पुस्तकों का संग्रहालय भी कहते है। पुस्तकालय में तमाम तरह की किताबों का संग्रह होता है। लाइब्रेरी में हर विषय वस्तु से संबंधित किताबें मिलती है। चाहे किताब राजनीति, इतिहास से प्रेरित हो या फिर गणित और विज्ञान को बताती हो, हर विषय की महत्वपूर्ण पुस्तकें मिल जाती है। यहां पर मनोरंजन की पत्रिका, उपन्यास, कहानियां भी पढ़ने को मिलती है। “पुस्तकालय” शब्द पुस्तक और आलय दो शब्दों से मिलकर बना है। इसलिए पुस्तकालय का अर्थ हुआ “पुस्तकों का घर”। लाइब्रेरी में ज्ञानवर्धक पुस्तकें होती है जो ज्ञान का रसपान करवाती है। किसी भी विषय का श्रेस्ठ ज्ञान पाने का स्थान पुस्तकालय है। एक अच्छा पुस्तकालय साफ सुथरा और व्यवस्थित होता है।

दोस्तों, लाइब्रेरी कई प्रकार की होती है और कई जगह होती है। जैसे आप स्कूल या कॉलेज में पढ़ाई करते है, वहां पर पुस्तकालय होता है। चाहे वो कॉलेज या स्कूल सरकारी हो या फिर प्राइवेट। स्कूली पुस्तकालयों में केवल उसी स्कूल के विद्यार्थियों और शिक्षकों को अनुमति होती है। बड़े शहरों में सार्वजनिक पुस्तकालय भी होते है जो सरकार की तरफ से खोले गए होते है। कुछ लोग घर में भी एक छोटा पुस्तकालय रखते है जिसे निजी लाइब्रेरी भी कहते है।

सार्वजनिक संस्थाओं के द्वारा भी लाइब्रेरी स्थापित होती है जहां मुफ्त में या कुछ फीस देकर पुस्तके पढ़ी जा सकती है। पुस्तकालय में किताबों की संख्या कितनी भी हो सकती है। जितना बड़ा पुस्तकालय होगा, उतनी ही ज्यादा पुस्तकें उसमें होती है। पुस्तकालय का आकार इस बात पर निर्भर करता है कि पाठकों की संख्या कितनी है। आज इंटरनेट का जमाना है, किताबों ने सॉफ्टवेयर की शक्ल ले ली है। ई बुक के रूप में विज्ञान, राजनीति, भाषा, गणित जैसे कई विषयों की पुस्तकें ऑनलाइन उपलब्ध है।

पुस्तकालय पर निबंध Pustakalaya Par Nibandh –

Essay On Library In Hindi – पुस्तकालय (Library) ज्ञान को बढ़ाता है। यहां पर केवल स्कूली विषय से संबंधित पुस्तकों के अलावा भी कई विषयो की पुस्तकें मिलती है। स्कूली पुस्तकों के अलावा मोटिवेशनल किताबें, महापुरुषों की जीवनी, धर्मग्रंथ इत्यादि भी मिलते है। इसलिए पुस्तकें बौद्धिक विकास के साथ चरित्र का विकास भी करती है। प्रेम, ईष्या, वीरता इत्यादि रसों की पुस्तकें लाइब्रेरी में मिल जाती है। फिल्मी मैगज़ीन हो या फिर मुंशी प्रेमचंद जी की लिखी कहानियां हो, पुस्तकालय श्रेस्ठ स्थान है। एक ही जगह पर विभिन्न विषयों की कई लेखकों द्वारा लिखित पुस्तकें मिलने का एकमात्र स्थान पुस्तकालय है। चाहे साहित्य के सम्राट शेक्सपियर की किताब हो या फिर आइजेक न्यूटन की लिखी विज्ञान की कोई पुस्तक हो, हर लेखक का ज्ञान आपको एक जगह पर मिल जाता है।

लाइब्रेरी में पढ़ाई के लिए शांत वातावरण होता है। इसमें टेबल और कुर्सी लगी होती है जहां पर बैठकर पाठक पुस्तक पढ़ने का आनन्द लेते है। इस जगह को वाचनालय भी कहते है। गर्मियों से बचाव के लिए पुस्तकालय में पंखा लगा होता है। कई पुस्तकालयों में कूलर या एसी भी होता है। पीने के लिए पानी की समुचित व्यवस्था भी होती है। कुछ बड़े पुस्तकालयों में चाय नास्ते का इंतेजाम भी होता है।

प्रत्येक लाइब्रेरी के अपने नियम होते है जो अनिवार्य रूप से लागू होते है। एक नियम जो हर लाइब्रेरी में होता है, वह है शांति स्थापित रखना। पुस्तकालय में किताबें सुव्यवस्थित तरीके से रखी होती है। विषयवार किताबों को लाइब्रेरी की आलमारियों में व्यवस्थित किया जाता है। लाइब्रेरी में रखी हुई पुस्तकें राष्ट्रीय संपदा है और हमें इन्हें गन्दा नही करना चाहिए। किताबों के पन्ने फाड़ना, पेन से किताबों पर लिखना जैसे कृत्य हमे नही करने चाहिए।

पुस्तकालय का महत्व Importance Of Library In Hindi –

Essay On Library In Hindi – देश और दुनिया के इतिहास को संजोकर रखी गयी पुस्तकें भी लाइब्रेरी में होती है। इतिहास को बताती कालजयी किताबें इतिहास का दर्पण है जिनमें हमें भूतकाल का पता चलता है। दुनिया में कई ऐसे पुस्तकालय है जो अमर ऐतिहासिक किताबों को रखे हुए है। आज भी इतिहास इन किताबों में सुरक्षित लाइब्रेरी में पड़ा है। पुस्तकालयों में कई दुलर्भ किताबें भी मौजूद है। पुस्तकालय की किताबें बेची नही जाती है, इन्हें किराए पर ले जाकर घर पर पढ़ सकते है। यहां पर कई ऐसी किताबें भी होती है जो आसानी से पाठकों को उपलब्ध नही होती है। लेकिन पाठक पुस्तकालय आकर उन किताबों का अध्ययन कर सकते है।

दुनिया में लगभग प्रत्येक देश में पुस्तकालय है। इंग्लैंड और रूस में सबसे ज्यादा लाइब्रेरी मौजूद है। कांग्रेस लाईब्रेरी, वाशिंगटन डीसी दुनिया का सबसे बड़ा पुस्तकालय है। इसमें 16.40 करोड़ के आसपास पुस्तकें मौजूद है। इसके अलावा ब्रिटिश पुस्तकालय लंदन, लेनिन पुस्तकालय रूस इत्यादि दुनिया के बड़े पुस्तकालय है। नेशनल लाइब्रेरी ऑफ इंडिया कोलकाता, भारत देश का सबसे बड़ा पुस्तकालय है। इस पुस्तकालय में करीब 10 लाख पुस्तकें मौजूद है। भारत में प्राचीनकाल में भी तक्षशिला, नालन्दा जैसे विश्वविद्यालय थे और इनमें पुस्तकालय भी मौजूद थे।

पुस्तकालय प्राचीनकाल से ही शिक्षा और ज्ञान के भंडार के रूप में लोगो के लिए हमेशा से ही उपलब्ध है। पुराने जमाने में भी किताबों का घर लाइब्रेरी होती थी। एक प्रश्न यह भी उठता है की पुस्तकालय की आवश्यकता क्यों महसूस हुई? पहले प्रिंटिंग करने की सुविधा नही थी और पुस्तकों को हाथों से लिखा जाता था। इसलिए पुस्तकें बहुत कम उपलब्ध थी। इसलिए सभी लोगों के पास पुस्तक का ज्ञान पहुँचाने के लिए पुस्तकालय की स्थापना की गई थी।

Pustakalaya Essay in Hindi लाइब्रेरी पर निबंध –

Essay On Library In Hindi – शुरुआत में लाइब्रेरी कुछ जगहों पर ही होते थे। विद्वानों और जिज्ञासुओं को बड़े शहरों में ज्ञान के लिए जाना पड़ता था। जब प्रिटिंग प्रेस का आविष्कार हुआ, तब भी पुस्तकालय का महत्व था। इसके कई वर्षों बाद तक लाइब्रेरी का महत्व था लेकिन वर्तमान में पुस्तकालय का महत्व कम हुआ है। इसका मुख्य कारण इंटरनेट का बढ़ता प्रभाव और ई बुक की उपलब्धता है। फिर भी पुस्तकालय अपना स्थान बनाये हुए है।

ज्ञान अनमोल होता है जिस पर हर इंसान का अधिकार है। गरीब बच्चें और विद्यार्थी पुस्तकें खरीदने में सक्षम नही होते है। लाइब्रेरी इस समस्या का हल है जहां बच्चों को फ्री में पुस्तकें पढ़ने को मिल जाती है। पुस्तकालय स्वतंत्र होता है जिस पर हर जिज्ञासु का अधिकार है। पुस्तकालय को अध्ययन का केंद्र भी कहते है। छात्र जीवन में लाइब्रेरी का विशेष महत्व होता है। छात्रों को हर प्रकार के विषय की पुस्तक लाइब्रेरी में मिल जाती है। गरीब छात्रों को भी किताबों का अध्ययन करने की सुविधा मिलती है। छात्र इन पुस्तकों से नोट्स बनाकर परीक्षा की तैयारी कर सकता है।

एक अच्छा “पुस्तकालय” वह है, जहाँ पर पाठकों के अनुरूप विभिन्न विषयों की पुस्तकें होती है। जिस तरह से मनुष्य को जीवित रहने हेतु भोजन की आवश्यकता है, ठीक उसी तरह मनुष्य जीवन व्यतीत करने के लिए ज्ञान की आवश्यकता होती है। विचारों की शुद्धता और शक्ति के लिए पुस्तकों का अध्ययन जरूरी है। पुस्तकों के अध्ययन की श्रेस्ठ जगह “पुस्तकालय” है।

अन्य निबंध –

  • शिक्षा पर निबंध
  • पुस्तक पर निबंध
  • विद्यालय पर निबंध

Note – इस पोस्ट Essay On Library In Hindi में पुस्तकालय पर निबंध (Pustakalaya Par Nibandh) और पुस्तकालय का महत्व (Importance Of Library In Hindi) के बारे में जानकारी आपको कैसी लगी। यह आर्टिकल “Pustakalaya Essay in Hindi” पसंद आया हो तो इसे शेयर भी करे।

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पुस्तकालय के लाभ हिंदी निबंध pustakalaya ke labh essay in hindi

Pustakalaya ki upyogita par nibandh in hindi.

मनुष्य का जीवन परिश्रम और ज्ञान के बिना अधूरा माना जाता है । जब तक किसी मनुष्य को ज्ञान प्राप्त नहीं होता वह अपने जीवन को सही तरह से नहीं जी सकता क्योंकि ज्ञान के बिना यह दुनिया अधूरी मानी जाती है । आज हम आपको पुस्तकालय की उपयोगिता के बारे में बताने वाले हैं की पुस्तकालय मनुष्य के लिए कितने आवश्यक है ।

pustakalaya ke labh essay in hindi

पुराने समय में जब कोई ज्ञान प्राप्त करने के लिए गुरुकुल जाते थे तो वहां पर ऋषि मुनियों के द्वारा ज्ञान प्राप्त करके लोगों की भलाई के कार्य करते थे जैसे जैसे समय आगे बढ़ता गया वैसे वैसे ज्ञान प्राप्त करने के नए-नए साधन प्राप्त हुए आज सभी विद्यालयों में ज्ञान प्राप्त करने के लिए जाते हैं और वहां से ज्ञान प्राप्त करते हैं लेकिन दोस्तों विद्यालय से ही हम पूर्ण रूप से ज्ञान प्राप्त नहीं कर सकते इसलिए पुस्तकालय खोलने की योजना हमारे देश में बनाई गई ।

पुस्तकालय में हर तरह की पुस्तक उपलब्ध होती हैं और वहां पर कोई भी व्यक्ति जाकर पुस्तकों से ज्ञान प्राप्त कर सकता है । हर तरह के इतिहास के बारे में हम पुस्तकालय मैं पढ़ सकते हैं और जानकारी ले सकते । पुस्तकालय में कोई भी व्यक्ति जा सकता है चाहे वह व्यक्ति गरीब हो या फिर अमीर हो बिना किसी शुल्क के वहां पर पुस्तकें पड़ सकता है । पुस्तकालय खोलने का एक ही उद्देश्य था कि अगर कोई गरीब व्यक्ति है वह पुस्तके नहीं खरीद सकता तो वह व्यक्ति पुस्तकालय में जाकर तरह-तरह की पुस्तक पढ़कर ज्ञान प्राप्त कर सकता है । पुस्तकालय में कविताएं , निबंध , जीवनी , इतिहास की नॉलेज हम प्राप्त कर सकते हैं ।

पुस्तकालय मैं यह आवश्यक नहीं है की कोई बड़ा व्यक्ति या पढ़ा लिखा व्यक्ति ही पुस्तकालय में पुस्तक पढ़ने के लिए जाए , पुस्तकालय में हर वर्ग , हर जाति धर्म के लोग पढ़ने के लिए जा सकते हैं । पुस्तकालय में हर तरह की धार्मिक पुस्तकें , जनरल नॉलेज की किताबें , इतिहास की किताबें उपलब्ध होती हैं जिन पुस्तकों को पढ़कर हम ज्ञान प्राप्त कर सकते हैं । पुस्तकालय में हर भाषा की पुस्तक उपलब्ध होती हैं जो व्यक्ति हिंदी की पुस्तक पढ़ना चाहता है उसको हिंदी की पुस्तकें उपलब्ध होती हैं और जो व्यक्ति इंग्लिश भाषा में पुस्तकों को पढ़ना चाहता है उनको इंग्लिश भाषा की पुस्तकें पढ़ने को मिल जाती हैं । पुस्तकालय खोलने के लिए सरकार के द्वारा मदद दी जाती है और शहर के सभी स्कूलों , कॉलेजों और शहर वासियों के लिए भी पुस्तकालय खोले जाते हैं । पुस्तकालय में पुस्तक पढ़ने के लिए कुछ नियम बनाए गए हैं अगर कोई व्यक्ति पुस्तकालय में जाता है तो वहां पर किसी भी प्रकार का धुम्रपान नहीं कर सकता, किसी तरह का विवाद नहीं कर सकता, शोर शराबा नहीं कर सकता ,वहां पर शांति का वातावरण रहता है।

हमारे देश के कई पुस्तकालयों में युवा और बुजुर्ग पुस्तक पढ़ने के लिए जाते हैं और ज्ञान प्राप्त करते हैं। छोटे-छोटे बच्चों को भी पुस्तकालय मैं पढ़ने के लिए भेजा जाता है जिससे कि वह कहानी , कविताएं पढ़ें और ज्ञान प्राप्त कर सकें पुस्तकालय में हर तरह के अखबार उपलब्ध होते हैं जिन अखबारों को पढ़कर देश विदेश की जानकारी मिल जाती है। पुस्तकालय में ज्ञान , विज्ञान के विषय में पढ़कर ज्ञान प्राप्त किया जा सकता है । जो व्यक्ति पुस्तकालय भवन जाकर पुस्तकें पड़ता है उस व्यक्ति को हर तरह का ज्ञान प्राप्त हो जाता है वह व्यक्ति उस ज्ञान का उपयोग अपने जीवन में आने वाली मुसीबतों से लड़ने के लिए करता है । अगर कोई बिजनेसमैन व्यक्ति है तो उसे बिजनेस से संबंधित पुस्तकें पढ़ने को मिल जाती हैं । पुस्तकालय खुलने का समय निर्धारित गया है सुबह और शाम के समय देश के सभी पुस्तकालय खुलते हैं ।

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hindi essay pustakalaya par nibandh

kamlesh kushwah

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पुस्तकालय पर निबंध

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पुस्तकालय का अर्थ:- पुस्तकालय वह स्थान है जहाँ विभिन्न प्रकार के ज्ञान, सूचनाओं, स्रोतों आदि का जमावड़ा(संग्रह) रहता है। पुस्तकालय शब्द अंग्रेजी के लाइब्रेरी [library] शब्द का हिंदी रूपांतर है। लाइबेरी शब्द की उत्पत्ति लेतिन शब्द ‘ लाइवर ‘ से हुई है, जिसका अर्थ है पुस्तक। पुस्तकालय का इतिहास लेखन प्रणाली पुस्तकों और दस्तावेज के स्वरूप को संरक्षित रखने की पद्धतियों और प्रणालियों से जुड़ा है। पुस्तकालय यह शब्द दो शब्दों से मिलकर बना है- पुस्तक + आलय । पुस्तकालय उस स्थान को कहते हैं जहाँ पर अध्ययन सामग्री (पुस्तकें, पत्रपत्रिकाएँ, मानचित्र, हस्तलिखित ग्रंथ, एव अन्य पठनीय सामग्री) संगृहीत रहती है और इस सामग्री की सुरक्षा की जाती है। पुस्तकों से भरी अलमारी अथवा पुस्तक विक्रेता के पास पुस्तकों का संग्रह पुस्तकालय नहीं कहलाता क्योंकि वहाँ पर पुस्तकें व्यावसायिक दृष्टि से रखी जाती हैं।

मानव शरीर को स्वस्थ बनाये रखने के लिए जिस प्रकार हमें पौष्टिक तथा संतुलित भोजन की आवश्यकता होती है। उसी प्रकार मानसिक स्वास्थ्य के लिए ज्ञान की प्राप्ति आवश्यक है। मस्तिष्क को बिना गतिशील बनाये ज्ञान प्राप्त नहीं किया जा सकता। ज्ञान प्राप्ति के लिए विद्यालय जाकर गुरु की शरण लेनी पड़ती है। इसी तरह ज्ञान अर्जित करने के लिए पुस्तकालय की सहायता लेनी पड़ती है। लोगों को शिक्षित करने तथा ज्ञान देने के लिए एक बड़ी राशि व्यय करनी पड़ती है। इसलिए स्कूल कालेज खोले जाते हैं और उनमें पुस्तकालय स्थापित किये जाते हैं। जिससे कि ज्ञान चाहने वाला व्यक्ति सरलता से ज्ञान प्राप्त कर सके।

पुस्तकालय के दो भाग होते हैं। वाचनालय तथा पुस्तकालय। वाचनालय में देशभर से प्रकाशित दैनिक अखबार के अलावा साप्ताहिक, पाक्षिक तथा मासिक पत्र-पत्रिकाओं का पठन केन्द्र है। यहां से हमें दिन प्रतिदिन की घटनाओं की जानकारी मिलती है। पुस्तकालय विविध विषयों और इनकी विविध पुस्तकों का भण्डार ग्रह होता है। पुस्तकालय में दुर्लभ से दुर्लभ पुस्तक भी मिल जाती है।

भारत में पुस्तकालयों की परम्परा प्राचीनकाल से ही रही है। नालन्दा, तक्षशिला के पुस्तकालय विश्वभर में प्रसिद्ध थे। मुद्रणकला के साथ ही भारत में पुस्तकालयों की लोकप्रियता बढ़ती चली गई। दिल्ली में दिल्ली पब्लिक लाइब्रेरी की सैकड़ों शाखाएं हैं। इसके अलावा दिल्ली में एक नेशनल लाइब्रेरी भी है। पुस्तकें मनुष्य की मित्र होती हैं। एक ओर जहां वे हमारा मनोरंजन करती हैं वहीं वह हमारा ज्ञान भी बढ़ाती हैं। हमें सभ्यता की जानकारी भी पुस्तकों से ही प्राप्त होती है। पुस्तकें ही हमें प्राचीनकाल से लेकर वर्तमानकाल के विचारों से अवगत कराती है। इसके अलावा पुस्तकें संसार के कई रहस्यों से परिचित कराती हैं। कोई भी व्यक्ति एक सीमा तक ही पुस्तक खरीद सकता है। सभी प्रकाशित पुस्तकें खरीदना सबके बस की बात नहीं है। इसलिए पुस्तकालयों की स्थापना की गई। पुस्तकालय का अर्थ है पुस्तकों का घर । यहां हर विषय की पुस्तकें उपलब्ध होती हैं। इनमें विदेशी पुस्तकें भी शामिल होती हैं। विद्यालय की तरह पुस्तकालय भी ज्ञान का मंदिर है।

पुस्तकालय कई प्रकार के होते हैं। इनमें पहले पुस्तकालय वे हैं जो स्कूल, कालेज तथा विश्वविद्यालय के होते हैं। दूसरी प्रकार के पुस्तकालय निजी होते हैं। ज्ञान प्राप्ति के शौकीन व्यक्ति अपने-अपने कार्यालयों या घरों में पुस्तकालय बनाकर अपना तथा अपने परिचितों का ज्ञान अर्जन करते हैं। तीसरे प्रकार के पुस्तकालय राजकीय पुस्तकालय होते हैं। इनका संचालन सरकार द्वारा किया जाता है। इन पुस्तकों का लाभ सभी लोग उठा सकते हैं। चौथी प्रकार के पुस्तकालय सार्वजनिक होते हैं। इनसे भी सरकारी पुस्तकालयों की तरह लाभ उठा सकते हैं।

इनके अतिरिक्त स्वयं सेवी संगठनों व सरकार द्वारा सचल पुस्तकालय सेवाएं चलाये जा रहे हैं। यह पुस्तकालय एक वाहन पर होते हैं। हमारा युग ज्ञान का युग है। वर्तमान में ज्ञान ही ईश्वर है व शक्ति है। पुस्तकालय से ज्ञान वृद्धि में जो सहायता मिलती है वह और कहीं से सम्भव नहीं है। विद्यालय में विद्यार्थी केवल विषय से संबंधित ज्ञान प्राप्त कर सकता है लेकिन पुस्तकालय ज्ञान का खजाना है।

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पुस्तकालय पर निबंध, Hindi Essay on library 900 words.

भूमिका :- जिस प्रकार संतुलित आहार से हमारा शरीर हस्टपुस्ट होता है। उसी प्रकार मानसिक विकास के लिए अध्ययन तथा स्वास्थ्य का बड़ा महत्व है। इस संसार मे ज्ञान से बड़कर कोई अन्य वस्तु पवित्र  नही हो सकती। ज्ञान के अभाव में मानव था पशु में कोई अंतर नहीं होता। ज्ञान ही ईशवर है। ज्ञान प्राप्त करने के अनेक साधन है। जिसमें सत्संग , देशाटन तथा सद्ग्रन्थों का अध्धयन है। इन सब मे पुस्तक को ज्ञान पताप्ति का सर्वश्रेष्ठ साधन मना गया है। पुस्तकें ज्ञान राशि के अथाह भंडार को अपने मे संचित किये रहती है। इनके द्वारा घर बैठे हजारो वर्षो के सद्ग्रन्थों की प्राप्ति होती है। जो हमें पुस्तकालयों से होती है। जिनमे हम विज्ञान से परिचित हो सकते है।

पुस्तकालय की उत्पत्ती:- पुस्तकालय दो शब्दों के योग से बना है। पुस्तकों का घर। केवल पुस्तको को एक स्थान पर एकत्रित करने अथवा एक कमरे में भर देने से पुस्तकालय नहीं बन जाता। पुस्तकालय तो एक ऐसा स्थान है। जिसके उपयोगादी का सुनियोजित विधान होता हैं।

पुस्तकालय का महत्व:- पुस्तकालय वह स्थान है। जहाँ पुस्तकों   का समूह होता है। यह पुस्तकें पाठकों को कुछ समय के लिए पढ़ने के लिए उधार दी जाती है। जब समय समाप्त हो जाता है , तो वे पस्तकें वापस कर देते है और नई पस्तकें उधार ले लेते है। प्रत्येक जो पुस्तकालय से पुस्तक उधार लेता है, उसे मासिक या वार्षिक शुल्क चुकाना पड़ता है। फिर वह पुस्तकालय का सदस्य बन जाता है और पुस्तक उधार लेने का अधिकार प्राप्त कर लेता है।

पुस्तकालय सबका सच्चा दोस्त:- पुस्तकालय उनको एक अच्छा अवसर प्रदान करता है। जो पुस्तके क्रय नही कर सकते है। हमारे देश मे प्रत्येक पाठक प्रत्येक पुस्तक खरीद नही सकता है। बहुत कम लोग ऐसा कर पाते है। पुस्तकालय सार्वजनिक सम्पत्ति है। सरकार कस्बो, नगरों, गाँवो में पुस्तकालय खोलती है और उनकी भी मद्त हो जाती है। जो पुस्तक खरीदने में असमर्थ होती है। लेकिन शिक्षा प्राप्त करना चाहते है। इसलिए पुस्तकालय गरीब हो या कोई अमीर व्यक्ति सभी की एक सच्चा मित्र के समान होती है।

पुस्तकालय में पुस्तकों के प्रकार :- पुस्तकालय में अनेक प्रकार की पुस्तकें होती है। पाठक अपनी पसंद  की पुस्तकें उधार लेते है। पुस्तकालय में उपन्यास, जीवनी, आत्मकथाएं, कविताएं, कहानियां आदि से सम्बंधित पुस्तके होती है। कुछ पुस्तकालयों में समाचार पत्र और पत्रिकाएं भी मिलती है।

पुस्तकालय विभिन्न प्रकार के होते है। इनमें से प्रथम प्रकार के पुस्तकालय वे है। जो विद्यालयों , महाविद्यालयो तथा विशवविद्यालय , में विधमान है । दूसरे प्रकार के निजी पुस्तकालय है। जिनके स्वामी तथा उपयोग करने वाले प्रायः एक ही व्यक्ति होते है। अध्यपको , वकीलों , डॉक्टरों , साहित्यकारों राजनीतियो तथा अन्य ज्ञान पिपासुओं एवं धनाढ्यों के पुस्तकालय इसी श्रेणी में आते है। तीसरे प्रकार के पुस्तकालय वर्गगत होते है। इनका स्वामी कोई सम्प्रदाय या वर्ग होता है। इन पुस्तकालयो का प्रयोग केवल इन्ही सम्प्रदायो अथवा संस्थानों से सम्बद्ध व्यक्ति कर पाते है। चौथे प्रकार के पुस्तकालय सार्वजनिक होते है। ये भी प्रायः संस्थागत अथवा राजकीय होते है। इनका सदस्य कोई भी हो सकता है। ये भी दो प्रकार के हो सकते है।

स्थायी एवं चलते फिरते। इनके अतिरिक्त चल व्यापारिक पुस्तकालय भी होते है। जो बसों या रेलगाड़ी में होते है। इनके अतिरिक्त राजकीय पुस्तकालय भी होते है। जिनकी व्यवस्था सरकार द्वारा होती है तथा इनका प्रयोग विशेष व्यक्तियों तक सीमित होता है। ये जन साधरण की पहुँच से बाहर होते है।

पुस्तकालय के लाभ:- पुस्तकालय से अनेक लाभ है। ये ज्ञान का सक्षम भण्डार है। पुस्तकालय एक ऐसा स्त्रोत है। जहाँ से ज्ञान की निर्मल धारा सदैव वहति रहती है। रामचन्द्र शुक्ल ने ठीक कहा है।

“पुस्तकों के द्वारा हम किसी महापुरुष को जितना जान सकते है। उतना उनके मित्र क्या पुत्र तक भी नही जान सकते”

एक ही स्थान पर विभिन्न भाषाओं, धर्मो, विषयों, वैज्ञानिको, आविष्कारो ऐतिहासिक तथ्यों से सम्बंधित पुस्तकें केवल पुस्तकालय मे ही उपलब्ध हो सकती है।

पुस्तकालय के द्वारा हम आत्मबुद्धि तथा आत्म परिष्कार कर सकते है। पुस्तकों से एक ऐसी ज्ञान धारा बहती है। जो हमारे ह्रदय और हमारे मस्तिष्क का विकास करती है। एकान्त तथा शांत वातावरण में अध्ययनशील होकर कोई भी व्यक्ति ज्ञान की अनेक मणियो को प्राप्त कर सकता है। इस स्थान पर विभिन्न देश तथा कालो के अमूल्य अप्राप्य ग्रन्थ , सुलभता से मिल सकते है पुस्तकों के ज्ञान से हमारा सामान्य ज्ञान भी बढ़ता है।

आधुनिक महंगाई और निर्धनता में प्रत्येक व्यक्ति के लिये अधिक गर्न्थो का क्रय करना सम्भव नही है। पुस्तकालय में नाममात्र का शुल्क देकर अथवा मुफ्त सदस्यता प्राप्त करके अनेक ग्रन्थों का अध्ययन किया जा सकता है। पुस्तकालय में जाकर हमारा पर्याप्त मनोरंजन भी होता है। यहाँ हम अपने अवकाश के क्षणों का सदुपयोग कर सकते है। पुस्तकालय में बेठने से अध्ययन व्रती को बढ़ावा मिलता है तथा गहन अध्ययन सम्भव होता है। महात्मा गांधी कहा करतें थे कि – भारत के प्रत्येक घर मे पुस्तकालय होना चाहिए।

पुस्तकालय की पुस्तक का सदुपयोग:- पुस्तकालय समाजिक महत्व की जगह है। अतः यहाँ के ग्रन्थों को बर्बाद नही करना चाहिए। पुस्तकें समय पर लौटानी चाहिए तथा उनके पृष्ठो को गंदा नही करना चाहिए और न ही पृष्ठ फाड़ने अथवा चित्र काटने चाहिए। पुस्तकालय में बैठ कर शांतिपूर्ण अध्ययन करना चाहिए। पुस्तक जहां से निकली है। अध्यनोपरांत पुस्तक वहीं रख दी जानी चाहिए।

उपसंहार:- आज हमारे देश मे अनेक पुस्तकालय है। परंतु अभी भी अच्छे पुस्तकालय की बहुत कमी है। इस अभाव को दूर करना  सरकार का कर्त्तव्य है। अशिक्षा, निर्धनता, अधिकारो की उपेक्षा आदि के कारण हमारे देश मे पुस्तकालय की हिन दशा है। पुस्तकालय का छात्रों के लिए विशेष महत्व है। अच्छे पुस्तकालय राष्ट निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते है। अतः सरकार तथा अन्य संस्थानों को चाहिए कि अच्छे पुस्तकालय की स्थापना करें व पुस्तक के महत्व पर लोकमान्य तिलक ठीक ही कहा करते थे।

“में नरक में भी उत्तम पुस्तकों के स्वागत करूँगा , क्योंकि पुस्तके जहां होंगी वही स्वर्ग आ जाएगा”।

#सम्बंधित:- Hindi Essay, हिंदी निबंध। 

  • हिंदी भाषा पर निबंध
  • बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ
  • मेरे प्रिय अध्यापक
  • हिन्दी दिवस पर निबंध
  • मेरा प्रिय लेखक पर निबंध
  • कंप्यूटर पर निबंध
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  • , शिक्षा पर निबंध , शिक्षा का महत्व
  • महान व्यक्तियों पर निबंध
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8 thoughts on “पुस्तकालय पर निबंध”

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Very good essay It helped me very much,thanks a lot.😊😊

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You then type in search box for ten lines essay 😂😂

Can’t you cut some lines? They have written a very nice essay.

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3 Best Pustakalaya Par Nibandh | Library in Hindi Essay | पुस्तकालय पर निबंध

हैल्लो दोस्तों कैसे है आप सब आपका बहुत स्वागत है इस ब्लॉग पर। हमने इस आर्टिकल में पुस्तकालय पर निबंध – Pustakalaya par Nibandh | Library in Hindi Essay पर 1 निबंध लिखे है जो कक्षा 5 से लेकर Higher Level के बच्चो के लिए लाभदायी होगा। आप इस ब्लॉग पर लिखे गए Essay को अपने Exams या परीक्षा में लिख सकते हैं ।

क्या आप खुद से अच्छा निबंध लिखना चाहते है या अच्छा निबंध पढ़ना चाहते है तो – Essay Writing in Hi ndi

10 Lines Essay on Pustakalaya in Hindi | Short Essay on Pushtakalaya

  • प्रत्येक विद्यालय में एक पुस्तकालय होता है। पुस्तकालय में अनेक विषयों पर पुस्तकों के संग्रह होते हैं।
  • यह ज्ञान के स्रोत हैं छात्र गण पुस्तकालय से लाभान्वित होते हैं।
  • मेरे विद्यालय में भी अच्छा पुस्तकालय है। यह सार्वजनिक पुस्तकालय से सर्वथा भिन्न है।
  • हमारे विद्यालय का पुस्तकालय केवल हम लोगों के लिए है।
  • पुस्तकालय के लिए एक पृथक कमरा है। वहां वाचनालय है। यहां विभिन्न विषयों पर पुस्तकें हैं।
  • पुस्तकालय में 9000 पुस्तकें हैं, यह अलमारियों में अच्छी तरह रखी जाती है।
  • यह काफी संख्या में समाचार पत्र एवं पत्रिका प्राप्त करते हैं।
  • एक पुस्तकालय अध्यक्ष पुस्तकालय की देखभाल करता है, वह शिक्षकों एवं छात्रों को पुस्तके जारी करता है।
  • यहां कहानियों कविताओं नाटक उपन्यास तथा विज्ञान की पुस्तकें हैं।
  • यह पुस्तकें हिंदी अंग्रेजी और उर्दू भाषा में है हमारे विद्यालय का पुस्तकालय हम लोगों के लिए बहुत सहायक है।

पुस्तकालय पर निबंध – Pustakalaya par Nibandh | Library in Hindi Essay

‘पुस्तकालय’ शब्द ‘पुस्तक+आलय’ से बना है। इसका अर्थ है पुस्तकों का घर। ‘पुस्तकालय सरस्वती का मन्दिर’ कहलाता है। यहाँ देश-विदेश की कई भाषाओं और कई विषयों की पुस्तकें होती हैं। यहाँ एक वाचनालय होता है, जहाँ पाठक बैठकर समाचार-पत्र, पत्रिकाएँ और पुस्तकें पढ़ते हैं। खाली समय बिताने का यह उत्तम स्थान है। यहाँ शान्ति होती है तथा लोगों को ऐसे धन और सुख की प्राप्ति होती है जिसका वर्णन नहीं किया जा सकता।

जिस प्रकार शरीर को स्वस्थ रखने के लिए उत्तम भोजन की आवश्यकता होती है, ठीक उसी प्रकार मानसिक विकास के लिए अच्छी पुस्तकों की आवश्यकता होती है। पुस्तके मनुष्य का सच्चा साथी हैं। वे मानव का मार्गदर्शन करती हैं। वे उसे बराई से हटा कर अच्छाई की ओर ले जाती हैं। ये ज्ञान का भंडार होती हैं। इनसे मनोरजंन भी होता है।

माता-पिता द्वारा दिया गया विद्यारूपी धन वास्तव में बच्चों की सच्ची पूँजी है। विद्यार्थी विद्या पाने के लिए अनेक पस्तकें पढता है। पुस्तकें पढ़कर वह चिन्तन और मनन करता है। फिर वह जीवन में महान् बनता है। महान् पुरुषों की जीवनियाँ और शिक्षाप्रद कहानियाँ लोगों का जीवन बदल देती हैं। अत: छात्रों को आरम्भ से ही पस्तकालय में जाकर पुस्तकें पढ़ने की आदत डालनी चाहिए।

पुस्तकालय दो प्रकार के होते हैं-निजी पुस्तकालय और सार्वजनिक पुस्तकालय। प्राचीन काल में अधिकतर पुस्तकालय वैयक्तिक थे। राजा-महाराजा ही इनके स्वामी होते थे। आधुनिक युग में सार्वजनिक पुस्तकालयों की संख्या दिनादिन बढ़ती जा रही है। ये पुस्तकालय प्राय: सरकारी अनुदान से चलते हैं। भारत का सबसे बड़ा पुस्तकालय ‘राष्ट्रीय पुस्तकालय’ कलकत्ता में है। दिल्ली में दिल्ली पब्लिक पुस्तकालय भी बड़ा प्रसिद्ध है। चलती-फिरती पुस्तकालय योजना देश की बहुत सेवा कर रही है।

हमारे विद्यालय में भी दूसरे विद्यालयों की तरह एक सुन्दर पुस्तकालय है। पुस्तकालय अध्यक्ष छात्रों एवं अध्यापकों को घर में पढ़ने के लिए पुस्तकें देते हैं सचाई यह है कि पुस्तकालय एक कल्पतरु है। सब छात्रों को पुस्तकालय स लाभ उठाना चाहिए। उनमें से कोई कागज नहीं फाड़ना चाहिए। पुस्तक पर कुछ लिखना भी उचित नहीं होता। पुस्तके पढकर समय पर लौटा देनी चाहिए ताकि दूसरे लोग पुस्तकालय से लाभान्वित हो सक।

प्रेरणा का स्रोत पुस्तकालय

स्कूल पुस्तकालय का गठन.

स्कूल पुस्तकालय का अच्छी प्रकार से गठन किया जाना चाहिए। उसकी ओर उचित ध्यान देना चाहिए। पुस्तकालय तथा वाचनालय के लिए उचित जगह होनी चाहिए और प्रशिक्षित लाइब्रेरियन को उनका इंचार्ज बनाना चाहिए। पुस्तकालय को अच्छी प्रकार से सुसज्जित करने के लिए स्कूल की आय का कुछ भाग उन पर खर्च किया जा सकता है।

पुस्तकालय की स्थापना के पश्चात् विद्यार्थियों को उसका महत्व भी बताना चाहिए। विद्यार्थियों में पुस्तकालय का उचित प्रचार भी होना चाहिए। यदि सम्भव हो तो विद्यार्थियों के माता-पिता को भी पुस्तकालय का प्रयोग करने देना चाहिए। जो पुस्तकें कम हों उन्हें पुस्तकालय में बैठकर पढ़ने की आज्ञा देनी चाहिए। ऐसी पुस्तके केवल एक रात के लिए ही विद्यार्थियों को घर पर ले जाने के लिए देनी चाहिए।

अच्छे पुस्तकालय के गठन के सम्बन्ध में रवीन्द्रनाथ ठाकुर का कथन है कि “मेरे विचार में एक छोटा पुस्तकालय वह है जिसमें प्रत्येक विषय पर पुस्तके हों, चुनी हुई, पुस्तकें, ऐसा नहीं जिसमें पुस्तकों की संख्या की पूजा होती हो बल्कि जहां पुस्तकें अपने गुणों के कारण विद्यमान हों, जहां का लाइब्रेरियन अपने काम के प्रति समर्पित हो, जिसमें किसी प्रकार का स्वार्थ न हो उसमें एक मेजबान के गुण हों, एक स्टोर कीपर के नहीं।”

पुस्तकालय के लिए पुस्तकें पुस्तकालय में वे पुस्तकें होनी चाहिए जिनका बच्चों के लिए महत्व हो। अतः यह आवश्यक है कि पुस्तकालय के लिए पुस्तकों का चयन करते समय विद्यार्थियों की रूचियों का पूरा-पूरा ध्यान रखा जाए। बच्चों को पुस्तकालय की ओर आकर्षित करने के लिए सचित्र पुस्तकें भी रखी जानी चाहिए। भले ही पुस्तकों में पूरी सूचना न हो परन्तु उनमें जो कुछ भी दिया हो रोचक ढंग से दिया गया हो। सैकेण्डरी शिक्षा आयोग ने इस बात पर बल देकर कहा है कि पुस्तकालय की पुस्तकों का चयन न्याय संगत होना चाहिए।

निम्नलिखित प्रकार की पुस्तकें पुस्तकालय में होनी चाहिए

  • यात्रा, साहसपूर्ण कार्यों, खोजों आदि की पुस्तकें।
  • महापुरूषों और महान् नारियों की जीवनियां।
  • स्कूल में लगी हुई पाठ्य-पुस्तकें जिनका प्रयोग अध्यापक भी कर सकते हैं।
  • बुक बैंक में पाठ्य-पुस्तकें प्रचुर मात्रा में होनी चाहिए ताकि निर्धन विद्यार्थी उनका प्रयोग कर सकें।
  • मनोरंजक पुस्तकें-कहानियां, आदि ।
  • उच्च विषयों पर अच्छे स्तर की पुस्तकें।
  • अध्यापकों के मार्ग-दर्शन के लिए।
  • संदर्भ पुस्तकें-शब्द-कोष, विश्व कोष आदि।

पुस्तकालय कक्ष

पुस्तकालय स्कूल-भवन के एक कोने में स्थित होने चाहिए। जहां कक्षाओं के शोरगल से किसी प्रकार की बाधा न हो। उसमें पुस्तकें तथा अलमारियां रखने के लिए उपयोगी कमरे हों और सुसज्जित वाचनालय हो। पुस्तकालय चार्ट और चित्रों से सजा होना चाहिए। वाचनालय हो। वाचनालय में बैठने का सुप्रबन्ध होना चाहिए तथा हवा और प्रकाश की सुव्यवस्था होनी चाहिए।

उसमें कृत्रिम प्रकाश का भी प्रबन्ध होना चाहिए ताकि आवश्यकता पड़ने पर उसका प्रयोग किया जा सके। पुस्तकालय में धम्रपान और बातें करना वर्जित होना चाहिए।

इस संदर्भ में श्री एस. आर. रंगानथन ने कहा है।

“पुस्तकालय प्रचुर मात्रा में आकर्षक सुमुद्रित एवं सुचित्रित पुस्तकों,” आरामदेह फर्नीचर ‘ओपन शैल्बज’, आकर्षक चित्रों, लटकते हुए फलों तथा ज्ञानप्रद रूप से सुसज्जित होना चाहिए और उनका लाइब्रेरियन ऐसा होना चाहिए जिसे बच्चों और पुस्तकों दोनों से प्यार हो।

पुस्तकालय का प्रचार और उसके नियम

स्कूल के प्रत्येक व्यक्ति को स्कूल पुस्तकालय के प्रयोग का ज्ञान होना चाहिए। पुस्तकालय के नियमों को नोटिस-बोर्ड पर चिपकाना चाहिए। इस दृष्टिकोण से निम्नलिखित बातों की ओर ध्यान देना जरूरी है-

  • प्रत्येक कक्षा के लिए पुस्तकालय पीरियड नियत किया जाए।
  • स्कूल-पुस्तकालय के खुलने तथा बन्द होने का समय सभी को पता होना चाहिए।
  • पुस्तकें लेने और देने का समय निश्चित होना चाहिए।
  • विद्यार्थियों को उन पुस्तकों का रिकॉर्ड रखने को कहना चाहिए. जो वे पढ़ रहे हैं। उन पुस्तकों के प्रति उनकी प्रतिक्रिया भी चोट करनी चाहिए।
  • बच्चों को पुस्तकें खराब न करने की चेतावनी देनी चाहिए।

विद्यार्थियों में अतिरिक्त-अध्ययन की आदतों का विकास

विद्यार्थियों में अतिरिक्त-अध्ययन की आदत के विकास की ओर आजकल ध्यान नहीं दिया जाता। विद्यार्थी केवल अपनी पाठ्य-पुस्तकों तक ही सीमित रहते हैं। अधिकांश विद्यार्थी तो केवल परीक्षा में उत्तीर्ण होने के लिए सस्ते नोट्स पर ही आश्रित रहते हैं। परिणामस्वरूप स्थिति निरन्तर बिगड़ती जा रही है।

इस दिशा म पयाप्त प्रयास करने की आवश्यकता है अर्थात् विद्यार्थियों में अतिरिक्त अध्ययन की आदत को विकसित करने की आवश्यकता है और पुस्तकालय इसके लिए उपयोगी सिद्ध हो सकता है।

रविन्द्रनाथ टैगोर के कथनानुसार,

“इस पुस्तकालय के पूर्ण प्रयोग के लिए यह आवश्यक है कि इसी सामग्री की ओर स्पष्ट एवं विशिष्ट रूप से ध्यान दिलाया जाए नहीं तो एक साधारण व्यक्ति के लिए पुस्तकालय में अपना मार्ग ढूंढना कठिन हो जाएगा और पुस्तकालय एक नगर के समान बनकर रह जाएगा जिसमें जगह तो बहुत है परन्तु आवागमन के साधन बहुत कम है।”
  • विद्यार्थी अतिरिक्त पुस्तकें तभी पढ़ते हैं जब उन्हें पुस्तकालय के प्रयोग का ज्ञान हो। अध्यापक को उन्हें पुस्तकालय का ज्ञान देना चाहिए।
  • पुस्तकालय में सभी विद्यार्थियों के लिए उपयोगी पुस्तकें होनी चाहिए। बच्चों के लिए, बड़ों के लिए, अध्यापकों के लिए, प्रतिभा सम्पन्न विद्यार्थियों के लिए अर्थात् सभी के लिए उचित पुस्तकें होनी चाहिए।
  • नई पुस्तकों की सूचना नोटिस-बोर्ड पर लगानी चाहिए। यदि सम्भव हो सके तो उन पुस्तकों के कवर नोटिस-बोर्ड पर प्रदर्शित करने चाहिए।
  • विद्यार्थियों का एक पुस्तकालय संघ बनाना चाहिए। उन्हें पुस्तकालय में कुछ कामों पर लगाना चाहिए जैसे अलमारियों की सफाई करना, पुस्तकों को तरीके से लगाना आदि। ये काम करते समय उनकी दृष्टि कई पुस्तकों पर पड़ेगी और उनके मन में उन्हें पढ़ने का शौक भी पैदा होगा।
  • पुस्तकालय सेवा कुशल होनी चाहिए। पुस्तकालय स्टॉफ का व्यवहार सहानुभूतिपूर्ण होना चाहिए। उन्हें विद्यार्थियों की सहायता के लिए हमेशा तैयार रहना चाहिए।
  • विषय-अध्यापकों को भी अपने-अपने विषयों में निपुण होना चाहिए। उन्हें पुस्तकालय की पुस्तकें पढ़ने का शौक होना चाहिए। उनके शौक को विद्यार्थियों की सहायता के लिए हमेशा तैयार रहना चाहिए।
  • विषय-अध्यापकों को भी अपने-अपने विषयों में निपुण होना चाहिए। उन्हें पुस्तकालय की पुस्तकें पढ़ने का शौक होना चाहिए। उनके शौक को विद्यार्थी भी अपनाने लगेंगे।
  • अध्यापक को उन विद्यार्थियों की कक्षा में घोषणा करनी चाहिए जो अतिरिक्त-अध्ययन करते है। इससे एक तो उन विद्यार्थियों को स्वीकृति प्राप्त होगी और दूसरा अन्य विद्यार्थियों को प्रेरणा मिलेगी।
  • जहां तक सम्भव हो सके पुस्तकालय में ओपन-शैल्फ-सिस्टम रखना चाहिए ताकि विद्यार्थी पुस्तकों तक आसानी से पहुंच सकें।
  • अध्यापक को चाहिए कि पुस्तकालय की पुस्तकों में से पढ़ी कहानियां विद्यार्थियों को सुनाए। इससे उन्हें पुस्तकें पढ़ने की प्रेरणा मिलेगी।
  • कक्षीय शिक्षण को इस प्रकार गणित किया जाए कि विद्यार्थी पुस्तकालय के प्रयोग के बिना अपनी पढ़ाई को अधूरा समझें। अपने कक्षीय ज्ञान को पूर्ण करने के लिए उन्हें पुस्तकालय की पुस्तकें पढ़ने की आवश्यकता अनुभव हो। पूरक-पुस्तकों का नाम अध्यापकों द्वारा बताना चाहिए।
  • जिन पुस्तकों की विद्यार्थियों द्वारा अधिक पढ़े जाने की आशा होती है। उनकी प्रतियां पर्याप्त संख्या में रखी जानी चाहिए।
  • पुस्तकालय का अधिकतम प्रयोग करने वाले विद्यार्थी को पुरस्कार दिए जाने चाहिए।
  • परीक्षाओं में भी कुछ प्रश्न पूरक-पुस्तकों में से पूछे जाने चाहिए। इससे विद्यार्थी पूरक-पुस्तकें पढ़ने के लिए बाध्य होंगे।

विद्यार्थी आसानी से पुस्तकालय में पहुंच सके इसके लिए आवश्यक है कि लाइब्रेरियन का व्यवहार प्रभावशाली हो। उसे छोटे बच्चों की सहायता के लिए हमेशा तैयार रहना चाहिए। लाईब्रेरियन का काम केवल पुस्तकें देना और लेना नहीं है। यह भी वस्तुतः एक अध्यापक होता है जो व्यावहारिक शिक्षण प्रदान करता है। वह मौन अध्यापक है।

पुस्तकालय स्कूल का निष्क्रिय-भाग नहीं होना चाहिए। वह ऐसा हो कि प्रत्येक व्यक्ति उसका अस्तित्व अनुभव करे। पुस्तकों, फर्नीचरों अलमारियों आदि से सुसज्जित पुस्तकालय एक अच्छा पुस्तकालय होता है। उसकी सफलता के लिए उचित कैटालॉग की व्यवस्था भी आवश्यक है। कैटालॉग के बिना पुस्तकालय ऐसे भवन के सामान है जिसमें प्रकाश और आवागमन का कोई प्रबन्ध नहीं। टैगोर के कथनानुसार, “पुस्तकालय को तभी मेहमान-नवाज” कहा जा सकता है जब उसमें पाठकों को आमन्त्रित करने की उत्सुकता हो। यह मेहमान-नवाजी ही पुस्तकालय को वास्तविक महानता प्रदान करती है। पाठक पुस्तकालय को बनाते हैं। यह समूची सच्चाई नहीं, पुस्तकालय भी पाठाकों का निर्माण करता है।

स्कूल पुस्तकालय के लाभ

  • पुस्तकालय कक्षा में प्राप्त ज्ञान को पूर्णता प्रदान करता है।

सैकेण्डरी-शिक्षा-आयोग के कथनानुसार, “व्यक्ति कार्य, ग्रुप-प्रॉजैक्ट का काम, शैक्षणिक मनोरंजन कार्यों तथा पाठ्य-सहायक क्रियाओं के लिए एक अच्छा एवं कुशल पुस्तकालय अत्यन्त आवश्यक है। विद्यार्थियों की रूचियों को विस्तृत करना, उनकी शब्द-शक्ति को बढ़ाना, कक्षा में न पाठ्य-पुस्तकों में पढ़े प्रकरणों के सम्बन्ध में अधिक ज्ञान प्राप्त करना-यह सब इस बात पर निर्भर करता है कि विद्यार्थियों को पुस्तकालय में कितने साधन प्राप्त हैं।”

  • बहुत से विद्यार्थियों में विभिन्न क्षेत्रों के सम्बन्ध में जानने की इच्छा होती है। पुस्तकालय के द्वारा ही उनकी यह इच्छा सन्तुष्ट हो सकती है।
  • इससे विद्यार्थियों का दृष्टिकोण विकसित होता है। कई विद्यार्थियों तो इतने प्रेरित हो उठते हैं कि उनमें नई पुस्तक लिखने की इच्छा जागने लगती
  • इससे विद्यार्थियों में आनन्द और मनोरंजन के लिए पढ़ने की आदत का विकास हो सकता है।
  • पुस्तकालयों में रखी पुस्तकों को पढ़कर कई विद्यार्थियों के जीवन में नया मोड़ आ जाता है।
  • पुस्तकालय अवकाश के सदुपयोग का अच्छा साधन है।
  • पुस्तकालय में बैठकर पढ़ने से विद्यार्थियों में मौन-पाठ की आदत का विकास होता है। यह आदत उन्हें घर में पढ़ने के लिए भी उपयोगी सिद्ध होती है। विशेषकर उस में जहां पढ़ने वाले कई बच्चे हों।
  • पुस्तकालय पुस्तकों के उचित प्रयोग का प्रशिक्षण प्रदान करता है। पुस्तकालय-नियमों की मांग होती है कि पुस्तकें साफ-सुथरी रखी जाएं। इस नियम का पालन करने में विद्यार्थियों में पुस्तकों को साफ-सुथरा रखने की आदत विकसित हो जाती है।

इस सन्दर्भ में एच.सी. डेण्ट का कथन है,

‘स्कूल के अच्छे पुस्तकालय-जिसका व्यापक प्रयोग होता हो- से बच्चों को पुस्तकों का कुशल प्रयोग सिखाना, सम्भव हो सकता है। यह एक ऐसी शिक्षा है जिसे सीखना आसान नहीं और न ही इसे कोई सिखाता है।’
  • पुस्तकालय की पुस्तकों को समय पर लौटना पड़ता है। अतः पुस्तकालय का प्रयोग करने वाले विद्यार्थी समय के भी पाबन्द हो जाते है।
  • यह विद्यार्थियों को सुअनुशासित बनने में सहायता प्रदान करता है। जब भी उनके पास खाली समय होता है, उसे वे पुस्तकालय में बिताते हैं।

एडमान्सन का कथन है,

“आधुनिक स्कूल पुस्तकालय के सुयोग्य सेवा विभाग माना जाता है, यह रूचियों के विकास और विस्तार की सामग्री प्रदान करता है। अपने सन्दर्भ साधनों विषय-सूचियों, पुस्तक-सूचियों तथा कैटलाग द्वारा यह ज्ञान का भण्डार खोला जाता है। विद्यार्थियों को पुस्तकों तथा पुस्तकालयों का प्रयोग सिखाने, सूचना प्राप्त करने तथा अध्ययन करने में शिक्षण के अन्य साधनों के साथ पुस्तकालय भी सहयोग प्रदान करता है। पुस्तकालय अपने बुलेटिन, पोस्टरों तथा वातावरण द्वारा अनौपचारिक शिक्षण प्रदान करता है। अपनी पुस्तकों के परिचय द्वारा यह जीवन पर्यंत रोचक अध्ययन का सुझाव देता है।”

तो दोस्तों आपको यह पुस्तकालय पर निबंध – Pustakalaya par Nibandh | Library in Hindi Essay पर यह निबंध कैसा लगा। कमेंट करके जरूर बताये। अगर आपको इस निबंध में कोई गलती नजर आये या आप कुछ सलाह देना चाहे तो कमेंट करके बता सकते है।

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1 thought on “3 Best Pustakalaya Par Nibandh | Library in Hindi Essay | पुस्तकालय पर निबंध”

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हिंदी में निबंध (Essay in Hindi) - छात्र जीवन में विभिन्न विषयों पर हिंदी निबंध (essay in hindi) लिखने की आवश्यकता होती है। हिंदी निबंध लेखन (essay writing in hindi) के कई फायदे हैं। हिंदी निबंध से किसी विषय से जुड़ी जानकारी को व्यवस्थित रूप देना आ जाता है तथा विचारों को अभिव्यक्त करने का कौशल विकसित होता है। हिंदी निबंध (hindi nibandh) लिखने की गतिविधि से इन विषयों पर छात्रों के ज्ञान के दायरे का विस्तार होता है जो कि शिक्षा के अहम उद्देश्यों में से एक है। हिंदी में निबंध या लेख लिखने से विषय के बारे में समालोचनात्मक दृष्टिकोण विकसित होता है। साथ ही अच्छा हिंदी निबंध (hindi nibandh) लिखने पर अंक भी अच्छे प्राप्त होते हैं। इसके अलावा हिंदी निबंध (hindi nibandh) किसी विषय से जुड़े आपके पूर्वाग्रहों को दूर कर सटीक जानकारी प्रदान करते हैं जिससे अज्ञानता की वजह से हम लोगों के सामने शर्मिंदा होने से बच जाते हैं।

आइए सबसे पहले जानते हैं कि हिंदी में निबंध की परिभाषा (definition of essay) क्या होती है?

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हिंदी निबंध (Hindi Nibandh / Essay in Hindi) - हिंदी निबंध लेखन, हिंदी निबंध 100, 200, 300, 500 शब्दों में

कुछ सामान्य विषयों (common topics) पर जानकारी जुटाने में छात्रों की सहायता करने के उद्देश्य से हमने हिंदी में निबंध (Essay in Hindi) और भाषणों के रूप में कई लेख तैयार किए हैं। स्कूली छात्रों (कक्षा 1 से 12 तक) एवं प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी में लगे विद्यार्थियों के लिए उपयोगी हिंदी निबंध (hindi nibandh), भाषण तथा कविता (useful essays, speeches and poems) से उनको बहुत मदद मिलेगी तथा उनके ज्ञान के दायरे में विस्तार होगा। ऐसे में यदि कभी परीक्षा में इससे संबंधित निबंध आ जाए या भाषण देना होगा, तो छात्र उन परिस्थितियों / प्रतियोगिता में बेहतर प्रदर्शन कर पाएँगे।

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छात्र जीवन प्रत्येक व्यक्ति के जीवन के सबसे सुनहरे समय में से एक होता है जिसमें उसे बहुत कुछ सीखने को मिलता है। वास्तव में जीवन की आपाधापी और चिंताओं से परे मस्ती से भरा छात्र जीवन ज्ञान अर्जित करने को समर्पित होता है। छात्र जीवन में अर्जित ज्ञान भावी जीवन तथा करियर के लिए सशक्त आधार तैयार करने का काम करता है। नींव जितनी अच्छी और मजबूत होगी उस पर तैयार होने वाला भवन भी उतना ही मजबूत होगा और जीवन उतना ही सुखद और चिंतारहित होगा। इसे देखते हुए स्कूलों में शिक्षक छात्रों को विषयों से संबंधित अकादमिक ज्ञान से लैस करने के साथ ही विभिन्न प्रकार की पाठ्येतर गतिविधियों के जरिए उनके ज्ञान के दायरे का विस्तार करने का प्रयास करते हैं। इन पाठ्येतर गतिविधियों में समय-समय पर हिंदी निबंध (hindi nibandh) या लेख और भाषण प्रतियोगिताओं का आयोजन करना शामिल है।

करियर संबंधी महत्वपूर्ण लेख :

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निबंध, गद्य विधा की एक लेखन शैली है। हिंदी साहित्य कोष के अनुसार निबंध ‘किसी विषय या वस्तु पर उसके स्वरूप, प्रकृति, गुण-दोष आदि की दृष्टि से लेखक की गद्यात्मक अभिव्यक्ति है।’ एक अन्य परिभाषा में सीमित समय और सीमित शब्दों में क्रमबद्ध विचारों की अभिव्यक्ति को निबंध की संज्ञा दी गई है। इस तरह कह सकते हैं कि मोटे तौर पर किसी विषय पर अपने विचारों को लिखकर की गई अभिव्यक्ति ही निबंध है।

अन्य महत्वपूर्ण लेख :

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आइए अब जानते हैं कि निबंध के कितने अंग होते हैं और इन्हें किस प्रकार प्रभावपूर्ण ढंग से लिखकर आकर्षक बनाया जा सकता है। किसी भी हिंदी निबंध (Essay in hindi) के मोटे तौर पर तीन भाग होते हैं। ये हैं - प्रस्तावना या भूमिका, विषय विस्तार और उपसंहार।

प्रस्तावना (भूमिका)- हिंदी निबंध के इस हिस्से में विषय से पाठकों का परिचय कराया जाता है। निबंध की भूमिका या प्रस्तावना, इसका बेहद अहम हिस्सा होती है। जितनी अच्छी भूमिका होगी पाठकों की रुचि भी निबंध में उतनी ही अधिक होगी। प्रस्तावना छोटी और सटीक होनी चाहिए ताकि पाठक संपूर्ण हिंदी लेख (hindi me lekh) पढ़ने को प्रेरित हों और जुड़ाव बना सकें।

विषय विस्तार- निबंध का यह मुख्य भाग होता है जिसमें विषय के बारे में विस्तार से जानकारी दी जाती है। इसमें इसके सभी संभव पहलुओं की जानकारी दी जाती है। हिंदी निबंध (hindi nibandh) के इस हिस्से में अपने विचारों को सिलसिलेवार ढंग से लिखकर अभिव्यक्त करने की खूबी का प्रदर्शन करना होता है।

उपसंहार- निबंध का यह अंतिम भाग होता है, इसमें हिंदी निबंध (hindi nibandh) के विषय पर अपने विचारों का सार रखते हुए पाठक के सामने निष्कर्ष रखा जाता है।

ये भी देखें :

अग्निपथ योजना रजिस्ट्रेशन

अग्निपथ योजना एडमिट कार्ड

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अंत में यह जानना भी अत्यधिक आवश्यक है कि निबंध कितने प्रकार के होते हैं। मोटे तौर निबंध को निम्नलिखित श्रेणियों में रखा जाता है-

वर्णनात्मक निबंध - इस तरह के निबंधों में किसी घटना, वस्तु, स्थान, यात्रा आदि का वर्णन किया जाता है। इसमें त्योहार, यात्रा, आयोजन आदि पर लेखन शामिल है। इनमें घटनाओं का एक क्रम होता है और इस तरह के निबंध लिखने आसान होते हैं।

विचारात्मक निबंध - इस तरह के निबंधों में मनन-चिंतन की अधिक आवश्यकता होती है। अक्सर ये किसी समस्या – सामाजिक, राजनीतिक या व्यक्तिगत- पर लिखे जाते हैं। विज्ञान वरदान या अभिशाप, राष्ट्रीय एकता की समस्या, बेरोजगारी की समस्या आदि ऐसे विषय हो सकते हैं। इन हिंदी निबंधों (hindi nibandh) में विषय के अच्छे-बुरे पहलुओं पर विचार व्यक्त किया जाता है और समस्या को दूर करने के उपाय भी सुझाए जाते हैं।

भावात्मक निबंध - ऐसे निबंध जिनमें भावनाओं को व्यक्त करने की अधिक स्वतंत्रता होती है। इनमें कल्पनाशीलता के लिए अधिक छूट होती है। भाव की प्रधानता के कारण इन निबंधों में लेखक की आत्मीयता झलकती है। मेरा प्रिय मित्र, यदि मैं डॉक्टर होता जैसे विषय इस श्रेणी में रखे जा सकते हैं।

इसके साथ ही विषय वस्तु की दृष्टि से भी निबंधों को सामाजिक, आर्थिक, सांस्कृतिक, खेल, विज्ञान और प्रौद्योगिकी जैसी बहुत सी श्रेणियों में बाँटा जा सकता है।

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जिस प्रकार बातचीत को आकर्षक और प्रभावी बनाने के लिए लोग मुहावरे, लोकोक्तियों, सूक्तियों, दोहों, कविताओं आदि की मदद लेते हैं, ठीक उसी तरह निबंध को भी प्रभावी बनाने के लिए इनकी सहायता ली जानी चाहिए। उदाहरण के लिए मित्रता पर हिंदी निबंध (hindi nibandh) लिखते समय तुलसीदास जी की इन पंक्तियों की मदद ले सकते हैं -

जे न मित्र दुख होंहि दुखारी, तिन्हिं बिलोकत पातक भारी।

यानि कि जो व्यक्ति मित्र के दुख से दुखी नहीं होता है, उनको देखने से बड़ा पाप होता है।

हिंदी या मातृभाषा पर निबंध लिखते समय भारतेंदु हरिश्चंद्र की पंक्तियों का प्रयोग करने से चार चाँद लग जाएगा-

निज भाषा उन्नति अहै, सब उन्नति को मूल

बिन निज भाषा-ज्ञान के, मिटत न हिय को सूल।

प्रासंगिकता और अपने विवेक के अनुसार लेखक निबंधों में ऐसी सामग्री का उपयोग निबंध को प्रभावी बनाने के लिए कर सकते हैं। इनका भंडार तैयार करने के लिए जब कभी कोई पंक्ति या उद्धरण अच्छा लगे, तो एकत्रित करते रहें और समय-समय पर इनको दोहराते रहें।

उपरोक्त सभी प्रारूपों का उपयोग कर छात्रों के लिए हमने निम्नलिखित हिंदी में निबंध (Essay in Hindi) तैयार किए हैं -

सुभाष चंद्र बोस ने ब्रिटिश शासन के खिलाफ भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। सुभाष चंद्र बोस भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (आईएनसी) के नेता थे और बाद में उन्होंने फॉरवर्ड ब्लॉक का गठन किया। इसके माध्यम से भारत में सभी ब्रिटिश विरोधी ताकतों को एकजुट करने की पहल की थी। बोस ब्रिटिश सरकार के मुखर आलोचक थे और स्वतंत्रता प्राप्त करने के लिए और अधिक आक्रामक कार्रवाई की वकालत करते थे। विद्यार्थियों को अक्सर कक्षा और परीक्षा में सुभाष चंद्र बोस जयंती (subhash chandra bose jayanti) या सुभाष चंद्र बोस पर हिंदी में निबंध (subhash chandra bose essay in hindi) लिखने को कहा जाता है। यहां सुभाष चंद्र बोस पर 100, 200 और 500 शब्दों का निबंध दिया गया है।

भारत में 26 जनवरी 1950 को संविधान लागू हुआ। इस दिन को गणतंत्र दिवस के रूप में मनाया जाता है। गणतंत्र दिवस के सम्मान में स्कूलों में विभिन्न प्रकार के सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित होते हैं। गणतंत्र दिवस के दिन सभी स्कूलों, सरकारी व गैर सरकारी दफ्तरों में झंडोत्तोलन होता है। राष्ट्रगान गाया जाता है। मिठाईयां बांटी जाती है और अवकाश रहता है। छात्रों और बच्चों के लिए 100, 200 और 500 शब्दों में गणतंत्र दिवस पर निबंध पढ़ें।

26 जनवरी, 1950 को हमारे देश का संविधान लागू किया गया, इसमें भारत को गणतांत्रिक व्यवस्था वाला देश बनाने की राह तैयार की गई। गणतंत्र दिवस के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में भाषण (रिपब्लिक डे स्पीच) देने के लिए हिंदी भाषण की उपयुक्त सामग्री (Republic Day Speech Ideas) की यदि आपको भी तलाश है तो समझ लीजिए कि गणतंत्र दिवस पर भाषण (Republic Day speech in Hindi) की आपकी तलाश यहां खत्म होती है। इस राष्ट्रीय पर्व के बारे में विद्यार्थियों को जागरूक बनाने और उनके ज्ञान को परखने के लिए गणतत्र दिवस पर निबंध (Republic day essay) लिखने का प्रश्न भी परीक्षाओं में पूछा जाता है। इस लेख में दी गई जानकारी की मदद से Gantantra Diwas par nibandh लिखने में भी मदद मिलेगी। Gantantra Diwas par lekh bhashan तैयार करने में इस लेख में दी गई जानकारी की मदद लें और अच्छा प्रदर्शन करें।

मोबाइल फ़ोन को सेल्युलर फ़ोन भी कहा जाता है। मोबाइल आज आधुनिक प्रौद्योगिकी का एक अहम हिस्सा है जिसने दुनिया को एक साथ लाकर हमारे जीवन को बहुत प्रभावित किया है। मोबाइल हमारे जीवन का अभिन्न अंग बन गया है। मोबाइल में इंटरनेट के इस्तेमाल ने कई कामों को बेहद आसान कर दिया है। मनोरंजन, संचार के साथ रोजमर्रा के कामों में भी इसकी अहम भूमिका हो गई है। इस निबंध में मोबाइल फोन के बारे में बताया गया है।

भारत में प्रत्येक वर्ष 14 सितंबर को हिंदी दिवस मनाया जाता है। 14 सितंबर, 1949 को संविधान सभा ने जनभाषा हिंदी को राजभाषा का दर्जा प्रदान किया। इस दिन की याद में हर वर्ष 14 सितंबर को राष्ट्रीय हिंदी दिवस मनाया जाता है। वहीं हिंदी भाषा को सम्मान देने के लिए 10 जनवरी को प्रतिवर्ष विश्व हिंदी दिवस (World Hindi Diwas) मनाया जाता है। इस लेख में राष्ट्रीय हिंदी दिवस (14 सितंबर) और विश्व हिंदी दिवस (10 जनवरी) के बारे में चर्चा की गई है।

मकर संक्रांति का त्योहार यूपी, बिहार, दिल्ली, राजस्थान, मध्यप्रदेश सहित देश के विभिन्न राज्यों में 14 जनवरी को मनाया जाता है। इसे खिचड़ी के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन लोग पवित्र नदियों में स्नान के बाद पूजा करके दान करते हैं। इस दिन खिचड़ी, तिल-गुड, चिउड़ा-दही खाने का रिवाज है। प्रयागराज में इस दिन से कुंभ मेला आरंभ होता है। इस लेख में मकर संक्रांति के बारे में बताया गया है।

पर्यावरण से संबंधित मुद्दों की चर्चा करते समय ग्लोबल वार्मिंग की चर्चा अक्सर होती है। ग्लोबल वार्मिंग का संबंध वैश्विक तापमान में वृद्धि से है। इसके अनेक कारण हैं। इनमें वनों का लगातार कम होना और ग्रीन हाउस गैसों का उत्सर्जन प्रमुख है। वनों का विस्तार करके और ग्रीन हाउस गैसों पर नियंत्रण करके हम ग्लोबल वार्मिंग की समस्या के समाधान की दिशा में कदम उठा सकते हैं। ग्लोबल वार्मिंग पर निबंध- कारण और समाधान में इस विषय पर चर्चा की गई है।

भारत में भ्रष्टाचार एक बड़ी समस्या है। समाचारों में अक्सर भ्रष्टाचार से जुड़े मामले प्रकाश में आते रहते हैं। सरकार ने भ्रष्टाचार पर नियंत्रण के लिए कई उपाय किए हैं। अलग-अलग एजेंसियां भ्रष्टाचार करने वालों पर कार्रवाई करती रहती हैं। फिर भी आम जनता को भ्रष्टाचार का सामना करना पड़ता है। हालांकि डिजीटल इंडिया की पहल के बाद कई मामलों में पारदर्शिता आई है। लेकिन भ्रष्टाचार के मामले कम हुए है, समाप्त नहीं हुए हैं। भ्रष्टाचार पर निबंध के माध्यम से आपको इस विषय पर सभी पहलुओं की जानकारी मिलेगी।

समय-समय पर ईश्वरीय शक्ति का एहसास कराने के लिए संत-महापुरुषों का जन्म होता रहा है। गुरु नानक भी ऐसे ही विभूति थे। उन्होंने अपने कार्यों से लोगों को चमत्कृत कर दिया। गुरु नानक की तर्कसम्मत बातों से आम जनमानस उनका मुरीद हो गया। उन्होंने दुनिया को मानवता, प्रेम और भाईचारे का संदेश दिया। भारत, पाकिस्तान, अरब और अन्य जगहों पर वर्षों तक यात्रा की और लोगों को उपदेश दिए। गुरु नानक जयंती पर निबंध से आपको उनके व्यक्तित्व और कृतित्व की जानकारी मिलेगी।

कुत्ता हमारे आसपास रहने वाला जानवर है। सड़कों पर, गलियों में कहीं भी कुत्ते घूमते हुए दिख जाते हैं। शौक से लोग कुत्तों को पालते भी हैं। क्योंकि वे घर की रखवाली में सहायक होते हैं। बच्चों को अक्सर परीक्षा में मेरा पालतू कुत्ता विषय पर निबंध लिखने को कहा जाता है। यह लेख बच्चों को मेरा पालतू कुत्ता विषय पर निबंध लिखने में सहायक होगा।

स्वामी विवेकानंद जी हमारे देश का गौरव हैं। विश्व-पटल पर वास्तविक भारत को उजागर करने का कार्य सबसे पहले किसी ने किया तो वें स्वामी विवेकानंद जी ही थे। उन्होंने ही विश्व को भारतीय मानसिकता, विचार, धर्म, और प्रवृति से परिचित करवाया। स्वामी विवेकानंद जी के बारे में जानने के लिए आपको इस लेख को पढ़ना चाहिए। यह लेख निश्चित रूप से आपके व्यक्तित्व में सकारात्मक परिवर्तन करेगा।

हम सभी ने "महिला सशक्तिकरण" या नारी सशक्तिकरण के बारे में सुना होगा। "महिला सशक्तिकरण"(mahila sashaktikaran essay) समाज में महिलाओं की स्थिति को सुदृढ़ बनाने और सभी लैंगिक असमानताओं को कम करने के लिए किए गए कार्यों को संदर्भित करता है। व्यापक अर्थ में, यह विभिन्न नीतिगत उपायों को लागू करके महिलाओं के आर्थिक और सामाजिक सशक्तिकरण से संबंधित है। प्रत्येक बालिका की स्कूल में उपस्थिति सुनिश्चित करना और उनकी शिक्षा को अनिवार्य बनाना, महिलाओं को सशक्त बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इस लेख में "महिला सशक्तिकरण"(mahila sashaktikaran essay) पर कुछ सैंपल निबंध दिए गए हैं, जो निश्चित रूप से सभी के लिए सहायक होंगे।

भगत सिंह एक युवा क्रांतिकारी थे जिन्होंने भारत की आजादी के लिए लड़ते हुए बहुत कम उम्र में ही अपने प्राण न्यौछावर कर दिए थे। देश के लिए उनकी भक्ति निर्विवाद है। शहीद भगत सिंह महज 23 साल की उम्र में शहीद हो गए। उन्होंने न केवल भारत की आजादी के लिए लड़ाई लड़ी, बल्कि वह इसे हासिल करने के लिए अपनी जान जोखिम में डालने को भी तैयार थे। उनके निधन से पूरे देश में देशभक्ति की भावना प्रबल हो गई। उनके समर्थकों द्वारा उन्हें शहीद के रूप में सम्मानित किया गया था। वह हमेशा हमारे बीच शहीद भगत सिंह के नाम से ही जाने जाएंगे। भगत सिंह के जीवन परिचय के लिए अक्सर छोटी कक्षा के छात्रों को भगत सिंह पर निबंध तैयार करने को कहा जाता है। इस लेख के माध्यम से आपको भगत सिंह पर निबंध तैयार करने में सहायता मिलेगी।

वसुधैव कुटुंबकम एक संस्कृत वाक्यांश है जिसका अर्थ है "संपूर्ण विश्व एक परिवार है"। यह महा उपनिषद् से लिया गया है। वसुधैव कुटुंबकम वह दार्शनिक अवधारणा है जो सार्वभौमिक भाईचारे और सभी प्राणियों के परस्पर संबंध के विचार को पोषित करती है। यह वाक्यांश संदेश देता है कि प्रत्येक व्यक्ति वैश्विक समुदाय का सदस्य है और हमें एक-दूसरे का सम्मान करना चाहिए, सभी की गरिमा का ध्यान रखने के साथ ही सबके प्रति दयाभाव रखना चाहिए। वसुधैव कुटुंबकम की भावना को पोषित करने की आवश्यकता सदैव रही है पर इसकी आवश्यकता इस समय में पहले से कहीं अधिक है। समय की जरूरत को देखते हुए इसके महत्व से भावी नागरिकों को अवगत कराने के लिए वसुधैव कुटुंबकम विषय पर निबंध या भाषणों का आयोजन भी स्कूलों में किया जाता है। कॅरियर्स360 के द्वारा छात्रों की इसी आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए वसुधैव कुटुंबकम विषय पर यह लेख तैयार किया गया है।

गाय भारत के एक बेहद महत्वपूर्ण पशु में से एक है जिस पर न जाने कितने ही लोगों की आजीविका आश्रित है क्योंकि गाय के शरीर से प्राप्त होने वाली हर वस्तु का उपयोग भारतीय लोगों द्वारा किसी न किसी रूप में किया जाता है। ना सिर्फ आजीविका के लिहाज से, बल्कि आस्था के दृष्टिकोण से भी भारत में गाय एक महत्वपूर्ण पशु है क्योंकि भारत में मौजूद सबसे बड़ी आबादी यानी हिन्दू धर्म में आस्था रखने वाले लोगों के लिए गाय आस्था का प्रतीक है। ऐसे में विद्यालयों में गाय को लेकर निबंध लिखने का कार्य दिया जाना आम है। गाय के इस निबंध के माध्यम से छात्रों को परीक्षा में पूछे जाने वाले गाय पर निबंध को लिखने में भी सहायता मिलेगी।

क्रिसमस (christmas in hindi) भारत सहित दुनिया भर में मनाए जाने वाले बेहद महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक है। यह ईसाइयों का प्रमुख त्योहार है। प्रत्येक वर्ष इसे 25 दिसंबर को मनाया जाता है। क्रिसमस का महत्व समझाने के लिए कई बार स्कूलों में बच्चों को क्रिसमस पर निबंध (christmas in hindi) लिखने का कार्य दिया जाता है। क्रिसमस पर एग्जाम के लिए प्रभावी निबंध तैयार करने का तरीका सीखें।

रक्षाबंधन हिंदुओं के प्रमुख त्योहारों में से एक है। यह पर्व पूरी तरह से भाई और बहन के रिश्ते को समर्पित त्योहार है। इस दिन बहनें अपने भाइयों की कलाई पर रक्षाबंधन बांध कर उनके लंबी उम्र की कामना करती हैं। वहीं भाई अपनी बहनों को कोई तोहफा देने के साथ ही जीवन भर उनके सुख-दुख में उनका साथ देने का वचन देते हैं। इस दिन छोटी बच्चियाँ देश के प्रधानमंत्री व राष्ट्रपति को राखी बांधती हैं। रक्षाबंधन पर हिंदी में निबंध (essay on rakshabandhan in hindi) आधारित इस लेख से विद्यार्थियों को रक्षाबंधन के त्योहार पर न सिर्फ लेख लिखने में सहायता प्राप्त होगी, बल्कि वे इसकी सहायता से रक्षाबंधन के पर्व का महत्व भी समझ सकेंगे।

होली त्योहार जल्द ही देश भर में हर्षोल्लास के साथ मनाया जाने वाला है। होली आकर्षक और मनोहर रंगों का त्योहार है, यह एक ऐसा त्योहार है जो हर धर्म, संप्रदाय, जाति के बंधन की सीमा से परे जाकर लोगों को भाई-चारे का संदेश देता है। होली अंदर के अहंकार और बुराई को मिटा कर सभी के साथ हिल-मिलकर, भाई-चारे, प्रेम और सौहार्द्र के साथ रहने का त्योहार है। होली पर हिंदी में निबंध (hindi mein holi par nibandh) को पढ़ने से होली के सभी पहलुओं को जानने में मदद मिलेगी और यदि परीक्षा में holi par hindi mein nibandh लिखने को आया तो अच्छा अंक लाने में भी सहायता मिलेगी।

दशहरा हिंदू धर्म में मनाया जाने वाला एक महत्वपूर्ण त्योहार है। बच्चों को विद्यालयों में दशहरा पर निबंध (Essay in hindi on Dussehra) लिखने को भी कहा जाता है, जिससे उनकी दशहरा के प्रति उत्सुकता बनी रहे और उन्हें दशहरा के बारे पूर्ण जानकारी भी मिले। दशहरा पर निबंध (Essay on Dussehra in Hindi) के इस लेख में हम देखेंगे कि लोग दशहरा कैसे और क्यों मनाते हैं, इसलिए हिंदी में दशहरा पर निबंध (Essay on Dussehra in Hindi) के इस लेख को पूरा जरूर पढ़ें।

हमें उम्मीद है कि दीवाली त्योहार पर हिंदी में निबंध उन युवा शिक्षार्थियों के लिए फायदेमंद साबित होगा जो इस विषय पर निबंध लिखना चाहते हैं। हमने नीचे दिए गए निबंध में शुभ दिवाली त्योहार (Diwali Festival) के सार को सही ठहराने के लिए अपनी ओर से एक मामूली प्रयास किया है। बच्चे दिवाली पर हिंदी के इस निबंध से कुछ सीख कर लाभ उठा सकते हैं कि वाक्यों को कैसे तैयार किया जाए, Class 1 से 10 तक के लिए दीपावली पर निबंध हिंदी में तैयार करने के लिए इसके लिंक पर जाएँ।

बाल दिवस पर भाषण (Children's Day Speech In Hindi), बाल दिवस पर हिंदी में निबंध (Children's Day essay In Hindi), बाल दिवस गीत, कविता पाठ, चित्रकला, खेलकूद आदि से जुड़ी प्रतियोगिताएं बाल दिवस के मौके पर आयोजित की जाती हैं। स्कूलों में बाल दिवस पर भाषण देने और बाल दिवस पर हिंदी में निबंध लिखने के लिए उपयोगी सामग्री इस लेख में मिलेगी जिसकी मदद से बाल दिवस पर भाषण देने और बाल दिवस के लिए निबंध तैयार करने में मदद मिलेगी। कई बार तो परीक्षाओं में भी बाल दिवस पर लेख लिखने का प्रश्न पूछा जाता है। इसमें भी यह लेख मददगार होगा।

हिंदी दिवस हर साल 14 सितंबर को मनाया जाता है। भारत देश अनेकता में एकता वाला देश है। अपने विविध धर्म, संस्कृति, भाषाओं और परंपराओं के साथ, भारत के लोग सद्भाव, एकता और सौहार्द के साथ रहते हैं। भारत में बोली जाने वाली विभिन्न भाषाओं में, हिंदी सबसे अधिक उपयोग की जाने वाली और बोली जाने वाली भाषा है। भारतीय संविधान के अनुच्छेद 343 के अनुसार 14 सितंबर 1949 को हिंदी भाषा को राजभाषा के रूप में अपनाया गया था। हमारी मातृभाषा हिंदी और देश के प्रति सम्मान दिखाने के लिए हिंदी दिवस का आयोजन किया जाता है। हिंदी दिवस पर भाषण के लिए उपयोगी जानकारी इस लेख में मिलेगी।

हिन्दी में कवियों की परम्परा बहुत लम्बी है। हिंदी के महान कवियों ने कालजयी रचनाएं लिखी हैं। हिंदी में निबंध और वाद-विवाद आदि का जितना महत्व है उतना ही महत्व हिंदी कविताओं और कविता-पाठ का भी है। हिंदी दिवस पर विद्यालय या अन्य किसी आयोजन पर हिंदी कविता भी चार चाँद लगाने का काम करेगी। हिंदी दिवस कविता के इस लेख में हम हिंदी भाषा के सम्मान में रचित, हिंदी का महत्व बतलाती विभिन्न कविताओं की जानकारी दी गई है।

15 अगस्त, 1947 को हमारा देश भारत 200 सालों के अंग्रेजी हुकूमत से आजाद हुआ था। यही वजह है कि यह दिन इतिहास में दर्ज हो गया और इसे भारत के स्वतंत्रता दिवस के तौर पर मनाया जाने लगा। इस दिन देश के प्रधानमंत्री लालकिले पर राष्ट्रीय ध्वज फहराते तो हैं ही और साथ ही इसके बाद वे पूरे देश को लालकिले से संबोधित भी करते हैं। इस दौरान प्रधानमंत्री का पूरा भाषण टीवी व रेडियो के माध्यम से पूरे देश में प्रसारित किया जाता है। इसके अलावा देश भर में इस दिन सभी कार्यालयों में छुट्टी होती है। स्कूल्स व कॉलेज में रंगारंग कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। स्वतंत्रता दिवस से संबंधित संपूर्ण जानकारी आपको इस लेख में मिलेगी जो निश्चित तौर पर आपके लिए लेख लिखने में सहायक सिद्ध होगी।

प्रदूषण पृथ्वी पर वर्तमान के उन प्रमुख मुद्दों में से एक है, जो हमारी पृथ्वी को व्यापक स्तर पर प्रभावित कर रहा है। यह एक ऐसा मुद्दा है जो लंबे समय से चर्चा में है, 21वीं सदी में इसका हानिकारक प्रभाव बड़े पैमाने पर महसूस किया जा रहा है। हालांकि विभिन्न देशों की सरकारों ने इन प्रभावों को रोकने के लिए कई बड़े कदम उठाए हैं, लेकिन अभी भी एक लंबा रास्ता तय करना बाकी है। इससे कई प्राकृतिक प्रक्रियाओं में गड़बड़ी आती है। इतना ही नहीं, आज कई वनस्पतियां और जीव-जंतु या तो विलुप्त हो चुके हैं या विलुप्त होने की कगार पर हैं। प्रदूषण की मात्रा में तेजी से वृद्धि के कारण पशु तेजी से न सिर्फ अपना घर खो रहे हैं, बल्कि जीने लायक प्रकृति को भी खो रहे हैं। प्रदूषण ने दुनिया भर के कई प्रमुख शहरों को प्रभावित किया है। इन प्रदूषित शहरों में से अधिकांश भारत में ही स्थित हैं। दुनिया के कुछ सबसे प्रदूषित शहरों में दिल्ली, कानपुर, बामेंडा, मॉस्को, हेज़, चेरनोबिल, बीजिंग शामिल हैं। हालांकि इन शहरों ने प्रदूषण पर अंकुश लगाने के लिए कई कदम उठाए हैं, लेकिन अभी बहुत कुछ और बहुत ही तेजी के साथ किए जाने की जरूरत है।

वायु प्रदूषण पर हिंदी में निबंध के ज़रिए हम इसके बारे में थोड़ा गहराई से जानेंगे। वायु प्रदूषण पर लेख (Essay on Air Pollution) से इस समस्या को जहाँ समझने में आसानी होगी वहीं हम वायु प्रदूषण के लिए जिम्मेदार पहलुओं के बारे में भी जान सकेंगे। इससे स्कूली विद्यार्थियों को वायु प्रदूषण पर निबंध (Essay on Air Pollution) तैयार करने में भी मदद होगी। हिंदी में वायु प्रदूषण पर निबंध से परीक्षा में बेहतर स्कोर लाने में मदद मिलेगी।

एक बड़े भू-क्षेत्र में लंबे समय तक रहने वाले मौसम की औसत स्थिति को जलवायु की संज्ञा दी जाती है। किसी भू-भाग की जलवायु पर उसकी भौगोलिक स्थिति का सर्वाधिक असर पड़ता है। पृथ्वी ग्रह का बुखार (तापमान) लगातार बढ़ रहा है। सरकारों को इसमें नागरिकों की सहभागिता सुनिश्चित करने के लिए उपयुक्त कदम उठाने होंगे। जलवायु परिवर्तन को नियंत्रित करने के लिए सरकारों को सतत विकास के उपायों में निवेश करने, ग्रीन जॉब, हरित अर्थव्यवस्था के निर्माण की ओर आगे बढ़ने की जरूरत है। पृथ्वी पर जीवन को बचाए रखने, इसे स्वस्थ रखने और ग्लोबल वार्मिंग के खतरों से निपटने के लिए सभी देशों को मिलकर ईमानदारी से काम करना होगा। ग्लोबल वार्मिंग या जलवायु परिवर्तन पर निबंध के जरिए छात्रों को इस विषय और इससे जुड़ी समस्याओं और समाधान के बारे में जानने को मिलेगा।

हमारी यह पृथ्वी जिस पर हम सभी निवास करते हैं इसके पर्यावरण के संरक्षण के लिए विश्व पर्यावरण दिवस (World Environment Day) हर साल 5 जून को मनाया जाता है। इसकी शुरुआत 1972 में मानव पर्यावरण पर आयोजित संयुक्त राष्ट्र सम्मलेन के दौरान हुई थी। पहला विश्व पर्यावरण दिवस (Environment Day) 5 जून 1974 को “केवल एक पृथ्वी” (Only One Earth) स्लोगन/थीम के साथ मनाया गया था, जिसमें तत्कालीन प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गाँधी ने भी भाग लिया था। इसी सम्मलेन में संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (UNEP) की भी स्थापना की गई थी। इस विश्व पर्यावरण दिवस (World Environment Day) को मनाने का उद्देश्य विश्व के लोगों के भीतर पर्यावरण (Environment) के प्रति जागरूकता लाना और साथ ही प्रकृति के प्रति अपने कर्तव्य का निर्वहन करना भी है। इसी विषय पर विचार करते हुए 19 नवंबर, 1986 को पर्यवरण संरक्षण अधिनियम लागू किया गया तथा 1987 से हर वर्ष पर्यावरण दिवस की मेजबानी करने के लिए अलग-अलग देश को चुना गया।

आज के युग में जब हम अपना अधिकतर समय पढाई पर केंद्रित करने का प्रयास करते नजर आते हैं और साथ ही अपना ज़्यादातर समय ऑनलाइन रह कर व्यतीत करना पसंद करते हैं, ऐसे में हमारे जीवन में खेलों का महत्व कई गुना बढ़ जाता है। खेल हमारे लिए केवल मनोरंजन का साधन ही नहीं, अपितु हमारे सर्वांगीण विकास का एक माध्यम भी है। हमारे जीवन में खेल उतना ही जरूरी है, जितना पढाई करना। आज कल के युग में मानव जीवन में शारीरिक कार्य की तुलना में मानसिक कार्य में बढ़ोतरी हुई है और हमारी जीवन शैली भी बदल गई है, हम रात को देर से सोते हैं और साथ ही सुबह देर से उठते हैं। जाहिर है कि यह दिनचर्या स्वास्थ्य के लिए अच्छी नहीं है और इसके साथ ही कार्य या पढाई की वजह से मानसिक तनाव पहले की तुलना में वृद्धि महसूस की जा सकती है। ऐसी स्थिति में जब हमारे जीवन में शारीरिक परिश्रम अधिक नहीं है, तो हमारे जीवन में खेलो का महत्व बहुत अधिक बढ़ जाता है।

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हमेशा से कहा जाता रहा है कि ‘आवश्यकता ही अविष्कार की जननी है’, जैसे-जैसे मानव की आवश्यकता बढती गई, वैसे-वैसे उसने अपनी सुविधा के लिए अविष्कार करना आरंभ किया। विज्ञान से तात्पर्य एक ऐसे व्यवस्थित ज्ञान से है जो विचार, अवलोकन तथा प्रयोगों से प्राप्त किया जाता है, जो कि किसी अध्ययन की प्रकृति या सिद्धांतों की जानकारी प्राप्त करने के लिए किए जाते हैं। विज्ञान शब्द का प्रयोग ज्ञान की ऐसी शाखा के लिए भी किया जाता है, जो तथ्य, सिद्धांत और तरीकों का प्रयोग और परिकल्पना से स्थापित और व्यवस्थित करता है।

शिक्षक अपने शिष्य के जीवन के साथ साथ उसके चरित्र निर्माण में भी एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते है। कहा जाता है कि सबसे पहली गुरु माँ होती है, जो अपने बच्चों को जीवन प्रदान करने के साथ-साथ जीवन के आधार का ज्ञान भी देती है। इसके बाद अन्य शिक्षकों का स्थान होता है। किसी व्यक्ति के व्यक्तित्व का निर्माण करना बहुत ही बड़ा और कठिन कार्य है। व्यक्ति को शिक्षा प्रदान करने के साथ-साथ उसके चरित्र और व्यक्तित्व का निर्माण करना भी उसी प्रकार का कार्य है, जैसे कोई कुम्हार मिट्टी से बर्तन बनाने का कार्य करता है। इसी प्रकार शिक्षक अपने छात्रों को शिक्षा प्रदान करने के साथ साथ उसके व्यक्तित्व का निर्माण भी करते हैं।

अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस की शुरुआत 1908 में हुई थी, जब न्यूयॉर्क शहर की सड़को पर हजारों महिलाएं घंटों काम के लिए बेहतर वेतन और सम्मान तथा समानता के अधिकार को प्राप्त करने के लिए उतरी थीं। अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मनाने का प्रस्ताव क्लारा जेटकिन का था जिन्होंने 1910 में यह प्रस्ताव रखा था। पहला अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस 1911 में ऑस्ट्रिया, डेनमार्क, जर्मनी और स्विट्ज़रलैंड में मनाया गया था।

हम उम्मीद करते हैं कि स्कूली छात्रों के लिए तैयार उपयोगी हिंदी में निबंध, भाषण और कविता (Essays, speech and poems for school students) के इस संकलन से निश्चित तौर पर छात्रों को मदद मिलेगी।

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बाल श्रम को बच्चो द्वारा रोजगार के लिए किसी भी प्रकार के कार्य को करने के रूप में परिभाषित किया गया है जो उनके शारीरिक और मानसिक विकास में बाधा डालता है और उन्हें मूलभूत शैक्षिक और मनोरंजक जरूरतों तक पहुंच से वंचित करता है। एक बच्चे को आम तौर व्यस्क तब माना जाता है जब वह पंद्रह वर्ष या उससे अधिक का हो जाता है। इस आयु सीमा से कम के बच्चों को किसी भी प्रकार के जबरन रोजगार में संलग्न होने की अनुमति नहीं है। बाल श्रम बच्चों को सामान्य परवरिश का अनुभव करने, गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्राप्त करने और उनके शारीरिक और भावनात्मक विकास में बाधा के रूप में देखा जाता है। जानिए कैसे तैयार करें बाल श्रम या फिर कहें तो बाल मजदूरी पर निबंध।

एपीजे अब्दुल कलाम की गिनती आला दर्जे के वैज्ञानिक होने के साथ ही प्रभावी नेता के तौर पर भी होती है। वह 21वीं सदी के प्रसिद्ध वैज्ञानिकों में से एक हैं। कलाम देश के 11वें राष्ट्रपति बने, अपने कार्यकाल में समाज को लाभ पहुंचाने वाली कई पहलों की शुरुआत की। मेरा प्रिय नेता विषय पर अक्सर परीक्षा में निबंध लिखने का प्रश्न पूछा जाता है। जानिए कैसे तैयार करें अपने प्रिय नेता: एपीजे अब्दुल कलाम पर निबंध।

हमारे जीवन में बहुत सारे लोग आते हैं। उनमें से कई को भुला दिया जाता है, लेकिन कुछ का हम पर स्थायी प्रभाव पड़ता है। भले ही हमारे कई दोस्त हों, उनमें से कम ही हमारे अच्छे दोस्त होते हैं। कहा भी जाता है कि सौ दोस्तों की भीड़ के मुक़ाबले जीवन में एक सच्चा/अच्छा दोस्त होना काफी है। यह लेख छात्रों को 'मेरे प्रिय मित्र'(My Best Friend Nibandh) पर निबंध तैयार करने में सहायता करेगा।

3 फरवरी, 1879 को भारत के हैदराबाद में एक बंगाली परिवार ने सरोजिनी नायडू का दुनिया में स्वागत किया। उन्होंने कम उम्र में ही कविता लिखना शुरू कर दिया था। उन्होंने कैम्ब्रिज में किंग्स कॉलेज और गिर्टन, दोनों ही पाठ्यक्रमों में दाखिला लेकर अपनी पढ़ाई पूरी की। जब वह एक बच्ची थी, तो कुछ भारतीय परिवारों ने अपनी बेटियों को स्वतंत्रता आंदोलन में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित किया। हालाँकि, सरोजिनी नायडू के परिवार ने लगातार उदार मूल्यों का समर्थन किया। वह न्याय की लड़ाई में विरोध की प्रभावशीलता पर विश्वास करते हुए बड़ी हुई। सरोजिनी नायडू से संबंधित अधिक जानकारी के लिए इस लेख को पढ़ें।

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Frequently Asked Question (FAQs)

किसी भी हिंदी निबंध (Essay in hindi) को तीन भागों में विभाजित किया जा सकता है- ये हैं- प्रस्तावना या भूमिका, विषय विस्तार और उपसंहार (conclusion)।

हिंदी निबंध लेखन शैली की दृष्टि से मुख्य रूप से तीन प्रकार के होते हैं-

वर्णनात्मक हिंदी निबंध - इस तरह के निबंधों में किसी घटना, वस्तु, स्थान, यात्रा आदि का वर्णन किया जाता है।

विचारात्मक निबंध - इस तरह के निबंधों में मनन-चिंतन की अधिक आवश्यकता होती है।

भावात्मक निबंध - ऐसे निबंध जिनमें भावनाओं को व्यक्त करने की अधिक स्वतंत्रता होती है।

विषय वस्तु की दृष्टि से भी निबंधों को सामाजिक, आर्थिक, सांस्कृतिक, खेल, विज्ञान और प्रौद्योगिकी जैसी बहुत सी श्रेणियों में बाँटा जा सकता है।

निबंध में समुचित जगहों पर मुहावरे, लोकोक्तियों, सूक्तियों, दोहों, कविता का प्रयोग करके इसे प्रभावी बनाने में मदद मिलती है। हिंदी निबंध के प्रभावी होने पर न केवल बेहतर अंक मिलेंगी बल्कि असल जीवन में अपनी बात रखने का कौशल भी विकसित होगा।

कुछ उपयोगी विषयों पर हिंदी में निबंध के लिए ऊपर लेख में दिए गए लिंक्स की मदद ली जा सकती है।

निबंध, गद्य विधा की एक लेखन शैली है। हिंदी साहित्य कोष के अनुसार निबंध ‘किसी विषय या वस्तु पर उसके स्वरूप, प्रकृति, गुण-दोष आदि की दृष्टि से लेखक की गद्यात्मक अभिव्यक्ति है।’ एक अन्य परिभाषा में सीमित समय और सीमित शब्दों में क्रमबद्ध विचारों की अभिव्यक्ति को निबंध की संज्ञा दी गई है। इस तरह कह सकते हैं कि मोटे तौर पर किसी विषय पर अपने विचारों को लिखकर की गई अभिव्यक्ति निबंध है।

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Explore Career Options (By Industry)

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Data Administrator

Database professionals use software to store and organise data such as financial information, and customer shipping records. Individuals who opt for a career as data administrators ensure that data is available for users and secured from unauthorised sales. DB administrators may work in various types of industries. It may involve computer systems design, service firms, insurance companies, banks and hospitals.

Bio Medical Engineer

The field of biomedical engineering opens up a universe of expert chances. An Individual in the biomedical engineering career path work in the field of engineering as well as medicine, in order to find out solutions to common problems of the two fields. The biomedical engineering job opportunities are to collaborate with doctors and researchers to develop medical systems, equipment, or devices that can solve clinical problems. Here we will be discussing jobs after biomedical engineering, how to get a job in biomedical engineering, biomedical engineering scope, and salary. 

Ethical Hacker

A career as ethical hacker involves various challenges and provides lucrative opportunities in the digital era where every giant business and startup owns its cyberspace on the world wide web. Individuals in the ethical hacker career path try to find the vulnerabilities in the cyber system to get its authority. If he or she succeeds in it then he or she gets its illegal authority. Individuals in the ethical hacker career path then steal information or delete the file that could affect the business, functioning, or services of the organization.

GIS officer work on various GIS software to conduct a study and gather spatial and non-spatial information. GIS experts update the GIS data and maintain it. The databases include aerial or satellite imagery, latitudinal and longitudinal coordinates, and manually digitized images of maps. In a career as GIS expert, one is responsible for creating online and mobile maps.

Data Analyst

The invention of the database has given fresh breath to the people involved in the data analytics career path. Analysis refers to splitting up a whole into its individual components for individual analysis. Data analysis is a method through which raw data are processed and transformed into information that would be beneficial for user strategic thinking.

Data are collected and examined to respond to questions, evaluate hypotheses or contradict theories. It is a tool for analyzing, transforming, modeling, and arranging data with useful knowledge, to assist in decision-making and methods, encompassing various strategies, and is used in different fields of business, research, and social science.

Geothermal Engineer

Individuals who opt for a career as geothermal engineers are the professionals involved in the processing of geothermal energy. The responsibilities of geothermal engineers may vary depending on the workplace location. Those who work in fields design facilities to process and distribute geothermal energy. They oversee the functioning of machinery used in the field.

Database Architect

If you are intrigued by the programming world and are interested in developing communications networks then a career as database architect may be a good option for you. Data architect roles and responsibilities include building design models for data communication networks. Wide Area Networks (WANs), local area networks (LANs), and intranets are included in the database networks. It is expected that database architects will have in-depth knowledge of a company's business to develop a network to fulfil the requirements of the organisation. Stay tuned as we look at the larger picture and give you more information on what is db architecture, why you should pursue database architecture, what to expect from such a degree and what your job opportunities will be after graduation. Here, we will be discussing how to become a data architect. Students can visit NIT Trichy , IIT Kharagpur , JMI New Delhi . 

Remote Sensing Technician

Individuals who opt for a career as a remote sensing technician possess unique personalities. Remote sensing analysts seem to be rational human beings, they are strong, independent, persistent, sincere, realistic and resourceful. Some of them are analytical as well, which means they are intelligent, introspective and inquisitive. 

Remote sensing scientists use remote sensing technology to support scientists in fields such as community planning, flight planning or the management of natural resources. Analysing data collected from aircraft, satellites or ground-based platforms using statistical analysis software, image analysis software or Geographic Information Systems (GIS) is a significant part of their work. Do you want to learn how to become remote sensing technician? There's no need to be concerned; we've devised a simple remote sensing technician career path for you. Scroll through the pages and read.

Budget Analyst

Budget analysis, in a nutshell, entails thoroughly analyzing the details of a financial budget. The budget analysis aims to better understand and manage revenue. Budget analysts assist in the achievement of financial targets, the preservation of profitability, and the pursuit of long-term growth for a business. Budget analysts generally have a bachelor's degree in accounting, finance, economics, or a closely related field. Knowledge of Financial Management is of prime importance in this career.

Underwriter

An underwriter is a person who assesses and evaluates the risk of insurance in his or her field like mortgage, loan, health policy, investment, and so on and so forth. The underwriter career path does involve risks as analysing the risks means finding out if there is a way for the insurance underwriter jobs to recover the money from its clients. If the risk turns out to be too much for the company then in the future it is an underwriter who will be held accountable for it. Therefore, one must carry out his or her job with a lot of attention and diligence.

Finance Executive

Product manager.

A Product Manager is a professional responsible for product planning and marketing. He or she manages the product throughout the Product Life Cycle, gathering and prioritising the product. A product manager job description includes defining the product vision and working closely with team members of other departments to deliver winning products.  

Operations Manager

Individuals in the operations manager jobs are responsible for ensuring the efficiency of each department to acquire its optimal goal. They plan the use of resources and distribution of materials. The operations manager's job description includes managing budgets, negotiating contracts, and performing administrative tasks.

Stock Analyst

Individuals who opt for a career as a stock analyst examine the company's investments makes decisions and keep track of financial securities. The nature of such investments will differ from one business to the next. Individuals in the stock analyst career use data mining to forecast a company's profits and revenues, advise clients on whether to buy or sell, participate in seminars, and discussing financial matters with executives and evaluate annual reports.

A Researcher is a professional who is responsible for collecting data and information by reviewing the literature and conducting experiments and surveys. He or she uses various methodological processes to provide accurate data and information that is utilised by academicians and other industry professionals. Here, we will discuss what is a researcher, the researcher's salary, types of researchers.

Welding Engineer

Welding Engineer Job Description: A Welding Engineer work involves managing welding projects and supervising welding teams. He or she is responsible for reviewing welding procedures, processes and documentation. A career as Welding Engineer involves conducting failure analyses and causes on welding issues. 

Transportation Planner

A career as Transportation Planner requires technical application of science and technology in engineering, particularly the concepts, equipment and technologies involved in the production of products and services. In fields like land use, infrastructure review, ecological standards and street design, he or she considers issues of health, environment and performance. A Transportation Planner assigns resources for implementing and designing programmes. He or she is responsible for assessing needs, preparing plans and forecasts and compliance with regulations.

Environmental Engineer

Individuals who opt for a career as an environmental engineer are construction professionals who utilise the skills and knowledge of biology, soil science, chemistry and the concept of engineering to design and develop projects that serve as solutions to various environmental problems. 

Safety Manager

A Safety Manager is a professional responsible for employee’s safety at work. He or she plans, implements and oversees the company’s employee safety. A Safety Manager ensures compliance and adherence to Occupational Health and Safety (OHS) guidelines.

Conservation Architect

A Conservation Architect is a professional responsible for conserving and restoring buildings or monuments having a historic value. He or she applies techniques to document and stabilise the object’s state without any further damage. A Conservation Architect restores the monuments and heritage buildings to bring them back to their original state.

Structural Engineer

A Structural Engineer designs buildings, bridges, and other related structures. He or she analyzes the structures and makes sure the structures are strong enough to be used by the people. A career as a Structural Engineer requires working in the construction process. It comes under the civil engineering discipline. A Structure Engineer creates structural models with the help of computer-aided design software. 

Highway Engineer

Highway Engineer Job Description:  A Highway Engineer is a civil engineer who specialises in planning and building thousands of miles of roads that support connectivity and allow transportation across the country. He or she ensures that traffic management schemes are effectively planned concerning economic sustainability and successful implementation.

Field Surveyor

Are you searching for a Field Surveyor Job Description? A Field Surveyor is a professional responsible for conducting field surveys for various places or geographical conditions. He or she collects the required data and information as per the instructions given by senior officials. 

Orthotist and Prosthetist

Orthotists and Prosthetists are professionals who provide aid to patients with disabilities. They fix them to artificial limbs (prosthetics) and help them to regain stability. There are times when people lose their limbs in an accident. In some other occasions, they are born without a limb or orthopaedic impairment. Orthotists and prosthetists play a crucial role in their lives with fixing them to assistive devices and provide mobility.

Pathologist

A career in pathology in India is filled with several responsibilities as it is a medical branch and affects human lives. The demand for pathologists has been increasing over the past few years as people are getting more aware of different diseases. Not only that, but an increase in population and lifestyle changes have also contributed to the increase in a pathologist’s demand. The pathology careers provide an extremely huge number of opportunities and if you want to be a part of the medical field you can consider being a pathologist. If you want to know more about a career in pathology in India then continue reading this article.

Veterinary Doctor

Speech therapist, gynaecologist.

Gynaecology can be defined as the study of the female body. The job outlook for gynaecology is excellent since there is evergreen demand for one because of their responsibility of dealing with not only women’s health but also fertility and pregnancy issues. Although most women prefer to have a women obstetrician gynaecologist as their doctor, men also explore a career as a gynaecologist and there are ample amounts of male doctors in the field who are gynaecologists and aid women during delivery and childbirth. 

Audiologist

The audiologist career involves audiology professionals who are responsible to treat hearing loss and proactively preventing the relevant damage. Individuals who opt for a career as an audiologist use various testing strategies with the aim to determine if someone has a normal sensitivity to sounds or not. After the identification of hearing loss, a hearing doctor is required to determine which sections of the hearing are affected, to what extent they are affected, and where the wound causing the hearing loss is found. As soon as the hearing loss is identified, the patients are provided with recommendations for interventions and rehabilitation such as hearing aids, cochlear implants, and appropriate medical referrals. While audiology is a branch of science that studies and researches hearing, balance, and related disorders.

An oncologist is a specialised doctor responsible for providing medical care to patients diagnosed with cancer. He or she uses several therapies to control the cancer and its effect on the human body such as chemotherapy, immunotherapy, radiation therapy and biopsy. An oncologist designs a treatment plan based on a pathology report after diagnosing the type of cancer and where it is spreading inside the body.

Are you searching for an ‘Anatomist job description’? An Anatomist is a research professional who applies the laws of biological science to determine the ability of bodies of various living organisms including animals and humans to regenerate the damaged or destroyed organs. If you want to know what does an anatomist do, then read the entire article, where we will answer all your questions.

For an individual who opts for a career as an actor, the primary responsibility is to completely speak to the character he or she is playing and to persuade the crowd that the character is genuine by connecting with them and bringing them into the story. This applies to significant roles and littler parts, as all roles join to make an effective creation. Here in this article, we will discuss how to become an actor in India, actor exams, actor salary in India, and actor jobs. 

Individuals who opt for a career as acrobats create and direct original routines for themselves, in addition to developing interpretations of existing routines. The work of circus acrobats can be seen in a variety of performance settings, including circus, reality shows, sports events like the Olympics, movies and commercials. Individuals who opt for a career as acrobats must be prepared to face rejections and intermittent periods of work. The creativity of acrobats may extend to other aspects of the performance. For example, acrobats in the circus may work with gym trainers, celebrities or collaborate with other professionals to enhance such performance elements as costume and or maybe at the teaching end of the career.

Video Game Designer

Career as a video game designer is filled with excitement as well as responsibilities. A video game designer is someone who is involved in the process of creating a game from day one. He or she is responsible for fulfilling duties like designing the character of the game, the several levels involved, plot, art and similar other elements. Individuals who opt for a career as a video game designer may also write the codes for the game using different programming languages.

Depending on the video game designer job description and experience they may also have to lead a team and do the early testing of the game in order to suggest changes and find loopholes.

Radio Jockey

Radio Jockey is an exciting, promising career and a great challenge for music lovers. If you are really interested in a career as radio jockey, then it is very important for an RJ to have an automatic, fun, and friendly personality. If you want to get a job done in this field, a strong command of the language and a good voice are always good things. Apart from this, in order to be a good radio jockey, you will also listen to good radio jockeys so that you can understand their style and later make your own by practicing.

A career as radio jockey has a lot to offer to deserving candidates. If you want to know more about a career as radio jockey, and how to become a radio jockey then continue reading the article.

Choreographer

The word “choreography" actually comes from Greek words that mean “dance writing." Individuals who opt for a career as a choreographer create and direct original dances, in addition to developing interpretations of existing dances. A Choreographer dances and utilises his or her creativity in other aspects of dance performance. For example, he or she may work with the music director to select music or collaborate with other famous choreographers to enhance such performance elements as lighting, costume and set design.

Social Media Manager

A career as social media manager involves implementing the company’s or brand’s marketing plan across all social media channels. Social media managers help in building or improving a brand’s or a company’s website traffic, build brand awareness, create and implement marketing and brand strategy. Social media managers are key to important social communication as well.

Photographer

Photography is considered both a science and an art, an artistic means of expression in which the camera replaces the pen. In a career as a photographer, an individual is hired to capture the moments of public and private events, such as press conferences or weddings, or may also work inside a studio, where people go to get their picture clicked. Photography is divided into many streams each generating numerous career opportunities in photography. With the boom in advertising, media, and the fashion industry, photography has emerged as a lucrative and thrilling career option for many Indian youths.

An individual who is pursuing a career as a producer is responsible for managing the business aspects of production. They are involved in each aspect of production from its inception to deception. Famous movie producers review the script, recommend changes and visualise the story. 

They are responsible for overseeing the finance involved in the project and distributing the film for broadcasting on various platforms. A career as a producer is quite fulfilling as well as exhaustive in terms of playing different roles in order for a production to be successful. Famous movie producers are responsible for hiring creative and technical personnel on contract basis.

Copy Writer

In a career as a copywriter, one has to consult with the client and understand the brief well. A career as a copywriter has a lot to offer to deserving candidates. Several new mediums of advertising are opening therefore making it a lucrative career choice. Students can pursue various copywriter courses such as Journalism , Advertising , Marketing Management . Here, we have discussed how to become a freelance copywriter, copywriter career path, how to become a copywriter in India, and copywriting career outlook. 

In a career as a vlogger, one generally works for himself or herself. However, once an individual has gained viewership there are several brands and companies that approach them for paid collaboration. It is one of those fields where an individual can earn well while following his or her passion. 

Ever since internet costs got reduced the viewership for these types of content has increased on a large scale. Therefore, a career as a vlogger has a lot to offer. If you want to know more about the Vlogger eligibility, roles and responsibilities then continue reading the article. 

For publishing books, newspapers, magazines and digital material, editorial and commercial strategies are set by publishers. Individuals in publishing career paths make choices about the markets their businesses will reach and the type of content that their audience will be served. Individuals in book publisher careers collaborate with editorial staff, designers, authors, and freelance contributors who develop and manage the creation of content.

Careers in journalism are filled with excitement as well as responsibilities. One cannot afford to miss out on the details. As it is the small details that provide insights into a story. Depending on those insights a journalist goes about writing a news article. A journalism career can be stressful at times but if you are someone who is passionate about it then it is the right choice for you. If you want to know more about the media field and journalist career then continue reading this article.

Individuals in the editor career path is an unsung hero of the news industry who polishes the language of the news stories provided by stringers, reporters, copywriters and content writers and also news agencies. Individuals who opt for a career as an editor make it more persuasive, concise and clear for readers. In this article, we will discuss the details of the editor's career path such as how to become an editor in India, editor salary in India and editor skills and qualities.

Individuals who opt for a career as a reporter may often be at work on national holidays and festivities. He or she pitches various story ideas and covers news stories in risky situations. Students can pursue a BMC (Bachelor of Mass Communication) , B.M.M. (Bachelor of Mass Media) , or  MAJMC (MA in Journalism and Mass Communication) to become a reporter. While we sit at home reporters travel to locations to collect information that carries a news value.  

Corporate Executive

Are you searching for a Corporate Executive job description? A Corporate Executive role comes with administrative duties. He or she provides support to the leadership of the organisation. A Corporate Executive fulfils the business purpose and ensures its financial stability. In this article, we are going to discuss how to become corporate executive.

Multimedia Specialist

A multimedia specialist is a media professional who creates, audio, videos, graphic image files, computer animations for multimedia applications. He or she is responsible for planning, producing, and maintaining websites and applications. 

Quality Controller

A quality controller plays a crucial role in an organisation. He or she is responsible for performing quality checks on manufactured products. He or she identifies the defects in a product and rejects the product. 

A quality controller records detailed information about products with defects and sends it to the supervisor or plant manager to take necessary actions to improve the production process.

Production Manager

A QA Lead is in charge of the QA Team. The role of QA Lead comes with the responsibility of assessing services and products in order to determine that he or she meets the quality standards. He or she develops, implements and manages test plans. 

Process Development Engineer

The Process Development Engineers design, implement, manufacture, mine, and other production systems using technical knowledge and expertise in the industry. They use computer modeling software to test technologies and machinery. An individual who is opting career as Process Development Engineer is responsible for developing cost-effective and efficient processes. They also monitor the production process and ensure it functions smoothly and efficiently.

AWS Solution Architect

An AWS Solution Architect is someone who specializes in developing and implementing cloud computing systems. He or she has a good understanding of the various aspects of cloud computing and can confidently deploy and manage their systems. He or she troubleshoots the issues and evaluates the risk from the third party. 

Azure Administrator

An Azure Administrator is a professional responsible for implementing, monitoring, and maintaining Azure Solutions. He or she manages cloud infrastructure service instances and various cloud servers as well as sets up public and private cloud systems. 

Computer Programmer

Careers in computer programming primarily refer to the systematic act of writing code and moreover include wider computer science areas. The word 'programmer' or 'coder' has entered into practice with the growing number of newly self-taught tech enthusiasts. Computer programming careers involve the use of designs created by software developers and engineers and transforming them into commands that can be implemented by computers. These commands result in regular usage of social media sites, word-processing applications and browsers.

Information Security Manager

Individuals in the information security manager career path involves in overseeing and controlling all aspects of computer security. The IT security manager job description includes planning and carrying out security measures to protect the business data and information from corruption, theft, unauthorised access, and deliberate attack 

ITSM Manager

Automation test engineer.

An Automation Test Engineer job involves executing automated test scripts. He or she identifies the project’s problems and troubleshoots them. The role involves documenting the defect using management tools. He or she works with the application team in order to resolve any issues arising during the testing process. 

Applications for Admissions are open.

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Majha Nibandh

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Pustakalaya Ka Mahatva Par Nibandh

{Best 2024} पुस्तकालय का महत्व निबंध | Pustakalaya Ka Mahatva Par Nibandh

पुस्तकालय का महत्व निबंध हिंदी में.

स्कूल मे अक्सर छात्रों को पुस्तकालय का महत्व, पुस्तकालय पर निबंध, pustakalaya ka mahatva in hindi short essay, essay on library in hindi, pustakalaya essay in hindi, ऐसे कुछ essay topics दिये जाते है जीनपर उन्हे कम से कम शब्दों मे एक अर्थपूर्ण pustakalaya par nibandh लिखने को कहा जाता है। ऊपर दिये गए search queries को ध्यान मे रखकर हमने इस पोस्ट मे pustakalaya par nibandh अर्थपूर्ण जानकारी मे लिखा हुआ है। छात्रों के लिए यह essay बहुत उपयोगी साबित होगा।

पुस्तकालय सभी के लिए एक मूल्यवान संसाधन हैं,  जो हमें नया सीखने का और जिंदगी मे आगे बढ़ने का अवसर प्रदान करते हैं। किताबों का महत्व ध्यान मे रखते हुये हर पाठशाला मे और छोटे बड़े शहरो मे पुस्तकालय का निर्माण किया गया है। पुस्तकालय ज्ञान और मनोरंजन का एक महत्वपूर्ण स्रोत है।

पुस्तकालय ज्ञान प्राप्त करने का ऑफ़लाइन स्रोत है, जहां ज्ञान की जानकारी हासिल करने के लिए आपको किताबें पढ़नी होती हैं। पुस्तकालय मे एक ही विषय पर कई सारे लेखकों ने लिखी हुई किताबें मिल जाती है, जो लेखकों के अनुभव को प्रकट करती है। पुस्तकालय मे कई तरह के विषय पर आधारित किताबें पाई जाती है, जैसे इतिहास, भूगोल, मनोविज्ञान, उपन्यास, कविता, कहानियाँ, विज्ञान, व्यक्तित्व विकास और सामान्य ज्ञान आदि।

Pustakalaya Ka Mahatva in Hindi

1) विदेशियों के लिए   महत्वपूर्ण:

अप्रवासियों के लिए पुस्तकालय भी एक महत्वपूर्ण संसाधन हैं, क्योंकि वे पुस्तकालय मे पाई जानेवाली किताबों की सहायता से स्थानीय समुदाय और संस्कृति के बारे में जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। पुस्तकालय आप्रवासियों को स्थानीय भाषा और स्थानीय लोगों की संस्कृति को समझने में मदद कर सकता है। अप्रवासी चीजों को बेहतर ढंग से समझ सकते हैं।

2) जानकारी और मनोरंजन का महत्वपूर्ण संसाधन:

पुस्तकालय जानकारी और मनोरंजन का एक अच्छा स्त्रोत है। किताबें आपके बोरिंग समय को मजेदार बना देती हैं। किताबें आपको विभिन्न संस्कृतियों और धर्मों के बारे में जानकारी देते हैं,  किताबें आपको वो ज्ञान देते है जिनकी मदत से आप अपनी जिंदगी मे सफलता, सुख, धन और ज्ञान की प्राप्ति बड़ी आसानी कर सकते है।

3) परिवारों के लिए महत्वपूर्ण:

पुस्तकालय परिवारों के लिए विशेष रूप से महत्वपूर्ण हैं,  क्योंकि वे बच्चों को सीखने के लिए अच्छी जगह प्रदान करते हैं। पुस्तकालय मे पाई जानेवाली कुछ किताबें ऐसी भी होती है जो रिश्तों को संभालने की सीख देती है, परिवारों प्रेम, एकता, और ज्ञान बढ़ाने का अवसर प्रदान करती है।

4) छात्र के लिए सीखने और आगे बढ़ने के लिए महत्वपूर्ण:

छात्रों के जीवन में किताबों का बहुत महत्व है। पुस्तकालय में हमें स्कूली शिक्षा से संबंधित कई पुस्तकें मिलती हैं। किताबें छात्रों के ज्ञान को बढ़ाकर छात्रों को सही दिशा दिखाने का काम करती हैं, किताबें छात्रों के जीवन में सबसे अच्छी भूमिका निभाती हैं। किताबें छात्रों को आगे बढ़ने के लिए प्रेरित कर उनमें आत्मविश्वास बढ़ाती हैं।

5) शांतिपूर्ण माहौल:

सबसे जादा शांति का माहौल हमे सिर्फ पुस्तकालय मे दिखाई देता है। पुस्तकालय मे सभी पाठकों को किसीसे बात न करने की सलाह दी जाती है।

6) पुस्तकालय का अर्थ जाने:

“पुस्तक” और “आलय” यह दो शब्द मिलकर पुस्तकालय शब्द का निर्माण हुआ है। यहा पुस्तक का अर्थ किताबें और आलय का मतलब स्थान है, इसी तरह “पुस्तकों का स्थान” पुस्तकालय हुआ है।

7) कुछ प्रसिद्ध पुस्तकालयों के नाम:

  • खुदा बख्श ओरिएंटल लाइब्रेरी : पटना
  • सिन्हा लाइब्रेरी : पटना
  • डॉ. फ्रान्सिस्को लुईस गोमेस डिस्ट्रिक्ट लाइब्रेरी : साउथ गोवा
  • बूक्वोर्क चिल्ड्रन : पणजी (गोवा)
  • गुलाब बाघ पब्लिक लाइब्रेरी : उदयपुर, राजस्थान
  • गोवा सेंट्रल लाइब्रेरी : पणजी
  • मौलाना आजाद लाइब्रेरी : अलीगढ़, उत्तर प्रदेश
  • नेशनल लाइब्रेरी ऑफ इंडिया : पश्चिम बंगाल
  • दयाल सिंह लाइब्रेरी : दिल्ली

पुस्तकालय मे शांतिपूर्ण माहौल होता है, पुस्तकालय मे सभी पाठकों को शोर न करने की सलाह दी जाती है। पुस्तकालय मे कोई किसीसे बात नहीं करता है। सभी पाठक पुस्तकालय मे शोर न होने मे सहयोग देते है।

8 ) प्रेरणा के लिए महत्वपूर्ण:

किताबें व्यक्ति के जीवन की सबसे महत्वपूर्ण चीजों में से एक हैं। किताबें ज्ञान का मुख्य स्रोत हैं। किताबें मानव जीवन के विभिन्न क्षेत्रों का ज्ञान देती हैं। किताबें लोगों को उनके मुक्काम तक पहुंचा सकती है। किताबें आपको आपकी सफलता पाने मे मदत करते है।

पुस्तकालय मे हमे कुछ ऐसी महत्वपूर्ण किताबें मिलती है जो हमे कठिन समय मे हौसला प्रदान करती है किताबें संकट से किस तरह लड़ना है यह सिखाती है। अपने आसपास की दुनिया की बेहतर समझ विकसित करने के लिए पुस्तकालय का होना बहुत जरूरी है। अच्छी किताबे आत्मविश्वास बढ़ाने में मदद करती है। पुस्तकालय नई जानकारी सीखने के लिए मूल्यवान उपकरण माना जाता है।

किताबें आपकी समझ को व्यापक बनाने मे सहायक होती है। इसलिए हर व्यक्ति को एक अच्छी library को जॉइन करना जरूरी है, जहां जीवन के हर विषय पर लिखी हुई किताबें मिल जाती हो। 

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HindiKiDuniyacom

निबंध (Hindi Essay)

आजकल के समय में निबंध लिखना एक महत्वपूर्ण विषय बन चुका है, खासतौर से छात्रों के लिए। ऐसे कई अवसर आते हैं, जब आपको विभिन्न विषयों पर निबंधों की आवश्यकता होती है। निबंधों के इसी महत्व को ध्यान में रखते हुए हमने इन निबंधों को तैयार किया है। हमारे द्वारा तैयार किये गये निबंध बहुत ही क्रमबद्ध तथा सरल हैं और हमारे वेबसाइट पर छोटे तथा बड़े दोनो प्रकार की शब्द सीमाओं के निबंध उपलब्ध हैं।

निबंध क्या है?

कई बार लोगो द्वारा यह प्रश्न पूछा जाता है कि आखिर निबंध क्या है? और निबंध की परिभाषा क्या है? वास्तव में निबंध एक प्रकार की गद्य रचना होती है। जिसे क्रमबद्ध तरीके से लिखा गया हो। एक अच्छा निबंध लिखने के लिए हमें कुछ बातों का ध्यान देना चाहिए जैसे कि – हमारे द्वारा लिखित निबंध की भाषा सरल हो, इसमें विचारों की पुनरावृत्ति न हो, निबंध के विभिन्न हिस्सों को शीर्षकों में बांटा गया हो आदि।

यदि आप इन बातों का ध्यान रखगें तो एक अच्छा निबंध(Hindi Nibandh) अवश्य लिख पायेंगे। अपने निबंधों के लेखन के पश्चात उसे एक बार अवश्य पढ़े क्योंकि ऐसा करने पर आप अपनी त्रुटियों को ठीक करके अपने निबंधों को और भी अच्छा बना पायेंगे।

हम अपने वेबसाइट पर कक्षा 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10, 11, 12 और कॉलेज विद्यार्थियों के लिए विभिन्न प्रकार के निबंध(Essay in Hindi) उपलब्ध करा रहे हैं| इस प्रकार के निबंध आपके बच्चों और विद्यार्थियों की अतिरिक्त पाठ्यक्रम गतिविधियों जैसे: निबंध लेखन, वाद-विवाद प्रतियोगिता और विचार-विमर्श में बहुत सहायक हो साबित होंगे।

ये सारे ‎हिन्दी निबंध (Hindi Essay) बहुत आसान शब्दों का प्रयोग करके बहुत ही सरल और आसान भाषा में लिखे गए हैं। इन निबंधों को कोई भी व्यक्ति बहुत ही आसानी से समझ सकता है। हमारे वेबसाइट पर स्कूलों में दिये जाने वाले निबंधों के साथ ही अन्य कई प्रकार के निबंध उपलब्ध है। जो आपके परीक्षाओं तथा अन्य कार्यों के लिए काफी सहायक सिद्ध होंगे, इन दिये गये निबंधों का आप अपनी आवश्यकता अनुसार उपयोग कर सकते हैं। ऐसे ही अन्य सामग्रियों के लिए भी आप हमारी वेबसाइट का प्रयोग कर सकते हैं।

Essay in Hindi

IMAGES

  1. पुस्तकालय पर निबंध || Pustakalaya par Nibandh || Essay on Library in

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  2. पुस्तकालय पर निबंध हिन्दी में || An essay on Library || Pustakalay per

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  3. पुस्तकालय पर निबंध ll An essay on Library ll Pustakalay per nibandh

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  4. पुस्तकालय पर निबंध/essay on library in hindi/10 lines on library hindi

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  5. मेरी प्रिय पुस्तक पर निबंध || Meri Priya Pustak par Nibandh || Essay on

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  6. पुस्तकों का महत्व पर निबंध

    hindi essay pustakalaya par nibandh

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  1. Mera chota sa niji pustakalaya || Animation || Class 9 Hindi Sanchayan Chapter 4

  2. "Importance of Library" "Class 8 Lesson 24 Importance of library"

  3. पुस्तकालय का महत्व पर निबंध

  4. निबंध के तत्व/ Nibandh ke Tatva/ निबंध लेखन/ Nibandh Lekhan/ Essay writing in Hindi/ हिन्दी निबंध

  5. पुस्तकालय पर हिंदी निबंध लिखे/निबंध लेखन- पुस्तकालय/Essay on Library in hindi/Pustakalay par nibandh

  6. Pustakalay Hindi Important Nibandh

COMMENTS

  1. 5+ पुस्तकालय पर निबंध

    Pustakalay Per Nibandh - पुस्तकालय पर निबंध 500 Words. रूपरेखा -. पुस्तकालय हमारे देश में प्राचीन युग से ही प्रचलन में रहा है जिसका सबसे बड़ा उदाहरण नालंदा विश्वविद्यालय का पुस्तकालय जो कि विदेशी आक्रमणकारियों ने नष्ट कर दिया था लेकिन अब उसे पुन: स्थापित कर दिया गया है.

  2. पुस्तकालय पर निबंध (Essay on Library in Hindi)

    Pustakalaya Par Nibandh : Essay on Library in Hindi: आज के इस पोस्ट में हम पुस्तकालय पर निबंध कैसे लिखा जाता है क्या जानेगें।

  3. Pustakalaya Essay in Hindi

    Pustakalaya Essay in Hindi 500 शब्दों में निबंध नीचे दिया गया है: प्रस्तावना.

  4. पुस्तकालय पर निबंध

    पुस्तकालय शब्द पुस्तक ओर आलय से मिलकर बना है इसका अर्थ है - पुस्तकों का घर । सचमुच, पुस्तकालय वह जगह है, जहाँ पढ़ने के लिए तरह-तरह की ...

  5. पुस्तकालय पर निबंध

    Here is a compilation of essays on 'Library' for Class 5, 6, 7, 8, 9, 10, 11 and 12. Find paragraphs, long and short essays on 'Library' especially written for School and College Students in Hindi Language.

  6. पुस्तकालय पर निबंध

    पुस्तकालय पर निबंध (Essay on Library in Hindi) पुस्तकालय वह स्थान है भिन्न भिन्न तरह के ज्ञान, जानकारों, सन्दर्भ एवं सेवाओं का विस्तृत संग्रह रहता हैं. पुस्तकालय शब्द अंग्रेजी के लाइब्रेरी शब्द का हिंदी रूपान्तरण हैं. लेटिन भाषा के लाइवर शब्द से इसकी उत्पत्ति मानी जाती हैं, जिसका अर्थ होता है पुस्तक.

  7. पुस्तकालय पर निबंध (Library Essay In Hindi Language)

    पुस्तकालय पर लिखा हुआ यह निबंध (Essay On Library In Hindi) आप अपने स्कूल या फिर कॉलेज प्रोजेक्ट के लिए इस्तेमाल कर सकते है। आपको हमारे इस वेबसाइट पर और भी कही विषयो पर ...

  8. पुस्तकालय पर निबंध

    पुस्तकालय पर निबंध(Essay on library in Hindi): सभ्यता के विकास के साथ-साथ मानव ज्ञान का दायरा बढ़ता जा रहा है. शिक्षित लोगों की संख्या भी दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही है.

  9. पुस्तकालय पर निबंध

    पुस्तकालय पर निबंध | Essay on Library in Hindi. by Ujjawal Dagdhi. पुस्तकालय पर निबंध (महत्व, लाभ और प्रकार) | Essay on Library (Impoertance, Benefits and Types) in Hindi | Pustakalaya Par Nibandh. पुस्तकालय का अर्थ होता है 'पुस्तकों का घर'. जहां पुस्तकों को रखा जाता हो या संग्रह किया जाता है.

  10. पुस्तकालय

    पुस्तकालय | Pustakalaya Par Nibandh | Library Hindi Essay. मई 09, 2023. कक्षा 1 से कक्षा 10 के लिए निबंध / essay for class 1 to class 10. 100 Words - 150 Words.

  11. पुस्तकालय का महत्व निबंध (Importance Of Library Essay Hindi)

    पुस्तकालय का महत्व पर निबंध - Essay on importance of library in Hindi. 1. परिचय. पुस्तकालय एक ऐसी स्थान है जो ज्ञान, सृजनशीलता और शिक्षा के संग्रहालय के रूप में कार्य करता है। यह एक स्थान है जहाँ विभिन्न विषयों पर कई प्रकार की पुस्तकें, पत्रिकाएं, साहित्यिक रचनाएं और अन्य संदर्भ सामग्री उपलब्ध होती है।.

  12. पुस्तकालय

    पुस्तकालय | Pustakalaya Par Nibandh | Library Hindi Essay. Robert E. Reynolds. नमस्ते दोस्तों! हमारे इस नए ब्लॉग पोस्ट में आपका स्वागत है, जहाँ हम एक ऐसे अद्वितीय स्थान पर बातचीत करने वाले हैं, जो ज्ञान का एक सशक्त भंडार है - 'पुस्तकालय'. इस निबंध में हम विस्तृत रूप से जानेंगे कि पुस्तकालय क्यों महत्वपूर्ण है, और इसका सबसे महत्वपूर्ण अंग क्या है।.

  13. पुस्तकालय पर निबंध

    पुस्तकालय पर निबंध 300 शब्दों में - Pustakalaya Par Nibandh लाइब्रेरी का हमारे जीवन से प्राचीन काल से ही संबंध है I प्राचीन काल में आज के समय जैसे कंप्यूटर नहीं थे I

  14. Pustakalaya Par Nibandh : पुस्तकालय पर निबंध व 10 लाइन

    पुस्तकालय पर निबंध 200. Pustakalaya par nibandh, एक विशेष प्रकार की वह जगह जहाँ विभिन्न प्रकार की जानकारी, शिक्षा, ज्ञान, सेवाओं आदि की पुस्तकों का संग्रह हो उसे पुस्तकालय कहते हैं।. पुस्तकालय स्कूल, कॉलेज व निजी जगह पर मौजूद होते हैं । जहाँ पर छात्र शिक्षक और अन्य लोग शांति से बैठकर अपने मनपसंद विषय पर ज्ञान प्राप्त कर सकते हैं ।.

  15. Essay On Library In Hindi पुस्तकालय का महत्व पर निबंध

    पुस्तकालय पर निबंध Pustakalaya Par Nibandh - Essay On Library In Hindi - पुस्तकालय (Library) ज्ञान को बढ़ाता है। यहां पर केवल स्कूली विषय से संबंधित पुस्तकों के ...

  16. पुस्तकालय के लाभ हिंदी निबंध pustakalaya ke labh essay in hindi

    Pustakalaya ki upyogita par nibandh in hindi. मनुष्य का जीवन परिश्रम और ज्ञान के बिना अधूरा माना जाता है । जब तक किसी मनुष्य को ज्ञान प्राप्त नहीं होता वह अपने ...

  17. पुस्तकालय पर निबंध » हिंदी निबंध, Nibandh

    पुस्तकालय पर निबंध, Hindi Essay on library 900 words. भूमिका:- जिस प्रकार संतुलित आहार से हमारा शरीर हस्टपुस्ट होता है। उसी प्रकार मानसिक विकास के लिए अध्ययन तथा स्वास्थ्य ...

  18. 3 Best Pustakalaya Par Nibandh

    पुस्तकालय पर निबंध - Pustakalaya par Nibandh | Library in Hindi Essay. प्रेरणा का स्रोत पुस्तकालय. 10 Lines Essay on Pustakalaya in Hindi | Short Essay on Pushtakalaya. प्रत्येक विद्यालय में एक पुस्तकालय होता है। पुस्तकालय में अनेक विषयों पर पुस्तकों के संग्रह होते हैं।. यह ज्ञान के स्रोत हैं छात्र गण पुस्तकालय से लाभान्वित होते हैं।.

  19. पुस्तकालय पर हिंदी निबंध लिखे/निबंध लेखन- पुस्तकालय/Essay on Library in

    इस वीडियो में, पुस्तकालय पर हिंदी में 150 शब्दों का निबंध लिखा गया है।कृपया ...

  20. पुस्तकालय पर निबंध

    पुस्तकालय पर निबंध | Essay on Library in hindi | पुस्तकालय पर हिंदी निबंध | Pustakalay par ...

  21. हिंदी निबंध (Hindi Nibandh / Essay in Hindi)

    हिंदी में निबंध (Essay in Hindi) - छात्र जीवन में विभिन्न विषयों पर हिंदी निबंध (essay in hindi) लिखने की आवश्यकता होती है। हिंदी निबंध लेखन (essay writing in hindi) के कई फायदे हैं। हिंदी निबंध से किसी विषय से जुड़ी जानकारी को व्यवस्थित रूप देना आ जाता है तथा विचारों को अभिव्यक्त करने का कौशल विकसित होता है। हिंदी निबंध (hindi nibandh) लिखने की...

  22. {Best 2024} पुस्तकालय का महत्व निबंध

    पुस्तकालय का महत्व निबंध हिंदी में. स्कूल मे अक्सर छात्रों को पुस्तकालय का महत्व, पुस्तकालय पर निबंध, pustakalaya ka mahatva in hindi short essay, essay on library in hindi ...

  23. ‎हिन्दी निबंध

    यहाँ विभिन्न विषयों पर ‎हिन्दी निबंध (Hindi Essay) प्राप्त करें जो आपके बच्चे और कक्षा 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10, 11 और 12 के विद्यार्थियों के लिए उपयोगी है| Nibandh in Hindi: Find Essay in Hindi for all Class students.