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नशीली दवाओं के सेवन पर निबंध Essay on Drug Abuse in Hindi -Drug Addiction

मादक द्रव्य और नशीली दवाओं के सेवन पर निबंध Essay on Drug Abuse in Hindi (Drug Addiction Information)

आज के समय में  मादक पदार्थों का सेवन एक बड़ी चुनौती बन चुकी है। युवाओ का एक बड़ा वर्ग इसकी चपेट में आ गया है। कोकीन (चरस, हशीश), हेरोइन, अफीम, गांजा(मारिजुआना), शराब, व्हिस्की, रम, बियर, ब्राउन शुगर, हशीश, भांग जैसे नशीले पदार्थो का सेवन करके लोग अपना जीवन खराब कर रहे है।

ये पदार्थ कुछ समय के लिए नशा देते है जिसमे व्यक्ति को सुखद अनुभूति होती है, पर जैसे ही नशा खत्म होता है व्यक्ति फिर से उसे लेना चाहता है। कुछ ही दिनों में उसे इन पदार्थो की लत लग जाती है।

स्कूल, कॉलेजो में ड्रग्स, नशीली गोलियां चोरी छिपे बेचीं जा रही है जो युवाओं के भविष्य को नष्ट कर रही है। इन मादक पदार्थों का सेवन करने के बाद जल्द ही इसकी लत लग जाती है। उसके बाद लोग चाहकर भी इसे छोड़ नही पाते हैं।

बच्चे अपनी पॉकेट मनी को खर्च करके इसे लेने लग जाते हैं। जल्द ही यह सेवन करने वाले व्यक्ति को पूरी तरह से बर्बाद कर देती है। आज देश के कई राज्यों में इन मादक पदार्थों/ ड्रग्स को चोरी छिपे बेचा जा रहा है।

पंजाब जैसे राज्यों में नशीले पदार्थो के सेवन ने एक विकराल रूप धारण कर लिया है। दिल्ली, मुंबई, चेन्नई जैसे महानगरो में रेव पार्टिस में लोग इसका अधिक सेवन करते हैं। आमतौर पर पैसे वाले लोग इसका जादा शिकार होते है।

Table of Content

नशीली दवाओं के सेवन पर निबंध Essay on Drug Abuse in Hindi (Drug Addiction Information)

प्रमुख नशीले पदार्थ common drugs and narcotics.

कुछ प्रमुख नशीले पदार्थ –

  • कोकीन (चरस), हेरोइन, अफीम, गांजा(मारिजुआना), शराब, व्हिस्की, रम, बियर, ब्राउन शुगर, भांग
  • डॉक्टर द्वारा लिखी गयी- नींद की गोलियां, तनाव, चिंता, अवसाद कम करने  वाली गोलियां
  • कफ सीरप जैसे कोरेक्स का सेवन
  • तम्बाकू वाले पदार्थ जैसे- बीड़ी, सिगरेट, गुटखा, खैनी, जर्दा, पान मसाला
  • वाष्पशील विलायक जैसे- नेल पॉलिश रिमूवर (Nail Polish Remover), पेट्रोल,   पेंट (Paint)

मादक पदार्थ लेने के कारण   REASONS OF DRUG ABUSE

इसके पीछे निम्न कारण है-

  • आनन्द पाने के लिए युवा और अधेड़ दोनों वर्गों के लोग इसका सेवन करते हैं। इसके सेवन से कुछ समय के लिए शरीर में ताकत रहती है, मनोबल, आत्मविश्वास बढ़ जाता है। लोगो को इसका प्रयोग उपयोगी लगने लगता है।
  • आजकल की महंगी जीवनशैली में माता-पिता दोनों ही पैसा कमाने के लिए नौकरियां करने लगे है। वो बच्चो का ख्याल नही रख पाते है। जादातर माता-पिता सुबह घर से निकलते है और रात में घर वापिस आते है। वो बच्चो को जेब खर्च के लिए अधिक से अधिक पैसा देते है जिससे वो ड्रग्स जैसे नशीले पदार्थों का सेवन करने लग जाते है। कई बार बच्चे अपने अकेलापन को दूर करने के लिए नशीले पदार्थों का सेवन करने लग जाते हैं। उन्हें सही तरह का मार्गदर्शन नही मिलने के कारण वो भटक जाते हैं।
  • अपने दोस्तों के प्रभाव में आकर बच्चे सबसे पहले ड्रग्स लेना शुरू करते हैं। वो इसे शौक-शौक में लेते है पर जल्द ही इसकी लत लग जाती है। कई बच्चे इसको फैशन समझने लगे हैं। अमीर बच्चो में ये समस्या कुछ जादा ही है। ये नशीले पदार्थ बहुत महंगे होते है, पर अमीर घर के बच्चे इसे आसानी से खरीद लेते है।
  • कुछ लोग अपने दुःख दर्दों, जीवन की समस्याओं से पलायन करने के लिए नशीले पदार्थों का सेवन करने लग जाते है।
  • कुछ लोग बोरियत, अनिद्रा, गुस्से से बचने के लिए इसका सेवन करते है।

मादक पदार्थो के सेवन का प्रभाव EFFECTS OF DRUG ABUSE

मादक पदार्थो के सेवन का निम्न दुष्परिणाम निकलता है-

  •  नशीले पदार्थो की लत लग जाने के बाद कुछ भी अच्छा नही लगता है। बार-बार नशीला पदार्थ लेने की तलब लगती है। व्यक्ति अपने भविष्य के बारे में कुछ नही सोच पाता है। जब वो पदार्थ नही लेता है तो उसे बड़ी बेचैनी लगती है। बदन दर्द होता है। चिड़चिड़ापन, भूख न लगना, गुस्सा, हाथ पैरो में दर्द और भारीपन, शरीर कांपना, अनियंत्रित रक्तचाप, उलटी मितली आना, जैसे लक्षण दिखने लग जाते हैं।
  • इन नशीले पदार्थों का मस्तिष्क, यकृत, ह्रदय, गुर्दों पर बुरा प्रभाव होता है। हार्टअटैक का खतरा बढ़ जाता है।
  • व्यक्ति अपनी सामाजिक जिम्मेदारियों से विमुख हो जाता है। वो अपने रुचिकर कार्यों से भी विमुख हो जाता है।
  • नशे के प्रभाव में व्यक्ति दूसरे लोगो के साथ बुरा व्यवहार करता है। महिलाओं से छेड़खानी, बलात्कार, हिंसा , आत्महत्या, मोटरवाहन दुर्घटना, हत्या, असुरक्षित यौन सम्बन्ध, बाल शोषण, घरेलू हिंसा जैसे अपराध नशीले पदार्थो के सेवन के बाद हो जाते है।
  • मादक पदार्थों के सेवन के लिए व्यक्ति अपने सारे पैसे खर्च कर देता है। दूसरे लोगो के पैसे चोरी करने लग जाता है। कई बार वो अपनी जमीन, मकान, कार, घर का सामान, गहने और दूसरी सम्पदा भी नशा करने के लिए बेच देता है। व्यक्ति की आर्थिक स्तिथि बद से बदतर होती चली जाती है।

मादक पदार्थो की लत से कैसे बचे? HOW TO OVERCOME DRUGS ADDICTION?

नशीले पदार्थो के सेवन के लिए निम्न उपाय अपनायें –

  • अपने मन में नशे की लत को छोड़ने की ठान लीजिये। मन में प्रबल इक्षा होना जरूरी है।
  • पुनर्वास केंद्र/ नशा मुक्तिकेंद्र (Rehabilitation Centre) में भर्ती होना अच्छा विकल्प है। वहां पर और भी लोग आते है। सबका इलाज एक साथ डॉक्टरों की देख रेख में किया जाता है। समूह चिकित्सा (Group Therapy) में मरीज का इलाज किया जाता है।
  • मनोवैज्ञानिक पद्धति से रोगी का इलाज किया जाता है।
  • ध्यान और योग के द्वारा भी मादक पदार्थो की लत को छोड़ा जा सकता है।
  • हर समय अपने दोस्तों, रिश्तेदारों और हितैषियों के साथ रहे। जब आप उनके सामने हर समय रहेंगे तो आपको नशा करने का मौका ही नही मिलेगा।
  • नशे से ग्रस्त रोगियों को रोज डायरी लिखनी चाहिये। ऐसा करने से बहुत लाभ होता है। जीवन की हर एक बात लिखनी चाहिये। नशा करने के बाद के दुषपरिणामो को लिखने से व्यक्ति को आभास होता है की किस तरह उसकी जिन्दगी नशे से खराब हो रही है।

निष्कर्ष CONCLUSION

नशीले पदार्थो का सेवन कुछ मिनटों के लिए आनन्द देता है पर इसके दूरगामी दुष्परिणाम होते है। यह व्यक्ति को धीरे धीरे निगल जाता है और उसके जीवन को हर तरह से बर्बाद कर देता है। ऐसे लोग आये दिन लोगो से झगड़ा करने लगते है, ऑफिस या कार्यस्थल पर साथी कर्मचारियों के साथ मारपीट, दुर्व्यवहार शुरू कर देते है।

काम करते हुए दुर्घटना ग्रस्त हो जाना, सस्पेंड होना, बार बार नौकरी बदलना, नौकरी छोड़ना, चिड़चिड़ा और गुस्सैल स्वभाव दिखाने से व्यक्ति का सब कुछ खत्म हो जाता है। व्यक्ति के बुरे दिन शुरू हो जाते है। अतः हमे नशीले पदार्थो का सेवन बिलकुल नही करना चाहिये। जो लोग इस समस्या से ग्रस्त है उनको दृढ़ निश्चय करके इसे छोड़ देना चाहिये। याद रखे नशा एक जहर है।

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नमस्कार रीडर्स, मैं बिजय कुमार, 1Hindi का फाउंडर हूँ। मैं एक प्रोफेशनल Blogger हूँ। मैं अपने इस Hindi Website पर Motivational, Self Development और Online Technology, Health से जुड़े अपने Knowledge को Share करता हूँ।

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नशाखोरी की समस्या पर निबंध | Drug Abuse Essay In Hindi

नमस्कार आज के निबंध , नशाखोरी की समस्या पर निबंध Drug Abuse Essay In Hindi में आपका स्वागत हैं. आज का निबंध भारत में नशे की समस्या पर आसान भाषा में निबंध दिया गया हैं.

युवाओं में नशाखोरी की समस्या और समाज पर इसके प्रभाव पर स्टूडेंट्स के लिए निबंध दिया गया हैं. उम्मीद करते है आपको यह पसंद आएगा.

नशाखोरी की समस्या पर निबंध Drug Abuse Essay In Hindi

नशाखोरी की समस्या पर निबंध | Drug Abuse Essay In Hindi

पिछले कुछ वर्षो से भारत में नशे के लिए ड्रग्स (Drugs) और मादक दवाओं (Narcotic drugs) का उपयोग बढ़ता ही जा रहा है. एवं इसने एक विकराल समस्या का रूप ले लिया है. एक अनुमान के अनुसार भारत में लगभग 70 लाख लोग नशे की लत के शिकार है.

जिनमे लगभग 10 लाख लोग हेरोइन के नशे की चपेट में है. गैर आधिकारिक आंकड़ो के अनुसार यह संख्या 50 लाख तक भी हो सकती है.

स्कूली छात्रों के मध्य किये गये एक सर्वे में पाया गया कि भारत में नौवी क्लाश तक पहुचने वाले छात्रों में 50 प्रतिशत छात्र ऐसे है. जिन्होंने एक बार किसी न किसी नशे का सेवन किया है.

राजस्थान में भी नशे की गम्भीर समस्या है राजस्थान में मुख्य रूप से डोडा पोस्त (Doda Post) ,अफीम (Opium) व अफीम से बने नशीले पदार्थो का सेवन किया जाता है.

राजस्थान परम्परिक रूप से अफीम उत्पादक है. यहाँ कोटा बारां, झालावाड़, चितोड़गढ़ उदयपुर और प्रतापगढ़ जिलों में अफीम की खेती की जाती है.

नारकोटिक्स सेंट्रल ब्यूरो (Narcotics central bureau) द्वारा इन क्षेत्रों में अफीम की खेती करने के लिए लाइसेंस जारी किये जाते है. सरकार की अफीम कृषि निति के अनुसार जितनी भी अफीम की खेती का उत्पादन होता है उसे दवाइयों में उपयोग करने के लिए सरकारी एजेंसियों को सौपा जाता है.

परन्तु सरकारी स्तर पर चार चौकसी की व्यवस्था नही होने के चलते इस निति का पूर्ण क्रियान्वयन नही हो पाता है. तथा किसान अफीम का एक बहुत बड़ा हिस्सा चोरी छिपे ड्रग माफिया को दे दिया जाता है. क्युकि अफीम का अंतर्राष्ट्रीय मूल्य अधिक होने के कारण इससे किसानों को अधिक आर्थिक लाभ होता है.

यह अफीम देश ही नही दुनिया के कई हिस्सों में स्मगल की जाती है. इस अफीम का एक हिस्सा पश्चिमी राजस्थान में पहुच जाता है. जहाँ विवाह, मृत्यु व अन्य सामाजिक अवसरों पर अफीम का उपयोग करने की पुरानी परम्परा है.

वर्तमान समय में यह परम्परा कुरीति का रूप ले चुकी है. पश्चिमी राजस्थान के कुछ जिले विशेषकर बाड़मेर, बीकानेर व जैसलमेर में अफीम Opium  का काफी प्रचलन है.

पश्चिमी राजस्थान अफीम का अंतर्राष्ट्रीय हब बन चूका है. पाकिस्तान व अफगानिस्तान को यहाँ से अफीम की सप्लाई किये जाने का कारोबार भी बड़े स्तर पर फ़ैल चूका है.

नशे के दुष्प्रभाव (Side effects of intoxication/Drug Abuse In Hindi)

नशे का सेवन करने वाले व्यक्ति न केवल व्यक्तिगत रूप से प्रभावित होते है बल्कि इससे उसका पूरा परिवार तथा समाज प्रभावित होता है. ड्रग्स की लत न केवल व्यक्ति को शारीरिक रूप से अपंग बना देती है बल्कि उसकी मानसिक क्षमताओं को भी बुरी तरह प्रभावित करती है.

परिवार के मुखिया या परिवार के किसी सदस्य को ड्रग्स की लत जाने से पूरा परिवार तबाह हो जाता है. तथा इसका असर समाज और देश पर भी पड़ता है.

नशे का गुलाम व्यक्ति तब तक जीता है, अपने आप पर, अपने परिवार तथा देश पर एक बोझ की तरह जीता है. नशे की लत लग जाने पर नशा प्राप्त करने के लिए व्यक्ति चोरी चकारी करता है तथा जरूरत पड़ने पर बड़े अपराधों को भी अंजाम दे देता है.

ड्रग्स माफिया नशे के आदि व्यक्तियों को कैरियर के रूप में काम में लेते है. तथा उनके माध्यम से ड्रग्स की तस्करी करवाते है वे खुद कभी भी कानून की पकड़ में नही आते है जबकि ड्रग्स का आदि व्यक्ति केवल नशे की पूर्ति के लिए सभी अनैतिक कार्य करने के लिए विवश होता है और इसका परिणाम स्वयं व उसका पूरा परिवार भुगतता है

नशे के उपयोग में लाई गई सूइया hiv का कारण बनती है जो अन्तः एड्स का रूप धारण कर लेती है. नशे के प्रभाव में व्यक्ति पागल व सुसुप्तावस्था में आ जाता है व नशे की उतेजना में अपराध तक कर बैठता है. नशे के सेवन से अनमोल जीवन समय से पहले ही मौत का शिकार हो जाता है.

भारत में मादक ड्रग्स का उपयोग बढ़ने के कारण (Due to the increase in the use of narcotic drugs in India In Hindi)

एक आंकलन के अनुसार भारत की आधे से ज्यादा संपदा केवल 50 लोगों के हाथो में है. अमीर और अमीर होता जा रहा है तथा गरीब के लिए अपने परिवार को चलाना ही एक चुनौती है.

गरीब लोगों के पास अपने परिवार को मूलभूत सुविधाएं दे पाना मुश्किल हो गया है. गरीब व्यक्ति बड़ी मुश्किल से अपने परिवार को दो समय का भोजन दे पाता है. अच्छी शिक्षा उपलब्ध करवाना तो बहुत दूर की बात है.

ऐसी स्थति में गरीब व्यक्ति तनाव व अवसाद में रहता है जिसके चलते कई बार अपने आपकों तनाव से मुक्त करने के लिए ड्रग्स का सहारा लेता है और धीरे धीरे इसका आदि हो जाता है.

भारत में अधिकाँश युवा ऊँची शिक्षा प्राप्त करने के बावजूद भी बेरोजगार है. वे शारीरिक श्रम कर या छोटा मोटा व्यवसाय कर पर्याप्त आय अर्जित नही कर पाते है. क्युकि बड़ी बड़ी बहुराष्ट्रीय कंपनियों ने किसी छोटे व्यवसायी के लिए कोई जगह नही छोडी है.

ऐसी स्थति में युवावर्ग ड्रग्स माफिया का चंगुल में आ जाता है. तथा थोड़े से लाभ के लिए ड्रग्स कैरियर के रूप में काम करने को तैयार हो जाता है और अंतत नशे की लत का शिकार हो जाता है.

यधपि ड्रग्स की रोकथाम के लिए कठोर कानून एन डी पी एस अधिनियम बनाया गया है परन्तु इसकी पूरी तरह से पालना नही हो रही है. सरकार ने ड्रग्स की रोकथाम के लिए अनेकों एजेंसियों जैसे नारकोटिक्स, कंट्रोल ब्यूरो, केन्द्रीय नारकोटिक्स ब्यूरो, कस्टम आयुक्तालय, केन्द्रीय आबकारी आयुक्तालय, राज्य आबकारी विभाग आदि बनाए गये है.

परन्तु इन एजेंसियों एवं विभागों के मध्य सामजस्य का अभाव है. व ड्रग्स व नशे पर पूरी तरह से रोकथाम लगाने में विफल रहे है.

वर्तमान में व्यवसायिक गतिविधिया बढ़ने के साथ साथ ट्रांसपोर्ट के साधन जैसे ट्रक, बस, ट्रेन हवाई जहाज आदि बढ़ गये हीन सारे ट्रांसपोर्ट माध्यमो पर निगरानी नही हो पाती है. ड्रग्स माफिया इसका फायदा उठाते है और आसानी से ड्रग्स की स्मगलिंग करते है. इससे भी नशे में बढ़ोतरी हुई है.

नशे की समस्या का निवारण (Redressal problem Drug Abuse solution In Hindi)

ड्रग्स की समस्या के निवारण के लिए कठोर अफीम निति और इसका पूरा पालन सुनिनिश्चित किये जाने की आवश्यकता है. अफीम की खेती चारदीवारी या पूरी तरह सरकार की निगरानी में की जानी चाहिए.

किसानों को अफीम का उचित मूल्य दिया जावें, जिससे वे आर्थिक लाभ के लिए अफीम को ड्रग्स माफिया को नही बेचे. किसानों को भी जागरूक किया जाना चाहिए और उन्हें नशे के दुष्प्रभाव को बताकर प्रेरित किया जाना चाहिए कि वे अफीम को सरकारी एजेंसियों को ही सौपे .

कुल मिलाकर एक ऐसी व्यवस्था कायम करने की आवश्यकता है जहाँ एक ग्राम भी अफीम ड्रग्स तस्करों के हाथ नही पहुचे.

ड्रग्स की प्रभावी रोकथाम के लिए समाज में ख़ुफ़िया तन्त्र विकसित करने की आवश्यकता है. जो ड्रग्स की जानकारी मिलते ही इसकी सुचना तुरंत सम्बन्धित एजेंसी को दे.

सुचना देने वाले व्यक्तियों को पर्याप्त पुरस्कार एवं सुरक्षा प्रदान करनी चाहिए ऐसा करके उनका विश्वास जितने की आवश्यकता है.

ड्रग्स की रोकथाम में लगी हुई विभिन्न एजेंसियों के मध्य सामजस्य के लिए एक केन्द्रीय एजेंसी बनाई जानी चाहिए जो सभी एजेंसियों के मध्य सामजस्य के साथ साथ इसकी गतिविधियों पर नियन्त्रण रखे. इन एजेंसियों को सभी साधन उपलब्ध कराए जाने की आवश्यकता है. और समय समय पर आवश्यक प्रक्षिक्षण दिया जाना चाहिए.

विभिन्न सरकारी एजेंसियों को उनके कार्यो के प्रति उतरदायी ठहराया जाना चाहिए एवं यदि उनके द्वारा कर्तव्य पालन में चुक की जाती है. तो उचित उदाहरणत्मक कार्यवाही की जानी चाहिय.

ड्रग्स की रोकथाम के लिए भी न्याय व्यवस्था को सुद्रढ़ किये जाने की आवश्यकता है. एन. डी. पी. एस. अधिनियम के प्रावधान अपने आप में पर्याप्त है. परन्तु इसकी पालना सुन्शिचित करवाने के लिए अनुसन्धान एजेंसियों को पर्याप्त प्रशिक्षण दिया जाना चाहिए.

जिससे अनुसन्धान में रही तकनीक त्रुटी के आधार पर दोषी बचने में सफल नही हो पाए. अभियोजन को पूरी साक्ष्य न्यायालय के समक्ष रखकर सजगता से पैरवी करनी चाहिए. और न्यायालय को छोटी छोटी तकनीकी त्रुटियों के आधार पर अभियुक्तगण को बरी नही किया जाना चाहिए.

ऐसी न्याय व्यवस्था कायम की जानी चाहिए जिसका समाज में यह संदेश जावे कि ड्रग्स का कारोबार करने वाला कोई भी व्यक्ति कानून के शिकंजे से नही बचेगा और उसे अवश्य ही सजा मिलेगी.

निति निर्माताओं को देश की अर्थ निति, कृषि निति और शिक्षा निति पर भी नए सिरे से विचार करने की आवश्यकता है.

अर्थ निति ऐसी होनी चाहिए जिससे गरीब अमीर का अंतर कम हो सके. कर चोरी पर पूरी तरह से रोकथाम लगे. काले धन का संचय नही हो और पब्लिक मनी का उपयोग राष्ट्रहित में किया जावे.

शिक्षा निति में आवश्यक बदलाव कर यह सुनश्चित किया जाना चाहिए कि उसका उद्देश्य केवल उच्च शिक्षा प्राप्त करना न होकर रोजगार हासिल करना हो.

ग्राम स्वराज्य की तर्ज पर युवाओं को व किसानों को गाँव में ही रोजगार उपलब्ध करवाया जावे जिससे उनमे शहरों की पलायन की प्रवृति रुक सके.

ऐसा करने से गरीब किसान व युवावर्ग को नशे से दूर रखा जा सकता है. चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग को विभिन्न स्थानों पर, कम से कम एक जिला स्तर पर नशामुक्ति केंद्र स्थापित करना चाहिए.

जहाँ विशेज्ञयों द्वारा नशे की लत से शिकार व्यक्तियों को परामर्श उपलब्ध करवाकर नशा छोड़ने के लिए प्रेरित किया जावे और उन्हें आवश्यक चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध करवाई जावे.

इन केन्द्रों पर आधुनिक तकनीक व सुविधाए होनी चाहिए. गरीब लोगों के लिए वे सुविधाएं मुफ्त होनी चाहिए. इन सुविधाओं का पर्याप्त प्रसार प्रसार होना चाहिए जिससे अधिक से अधिक लोगों को नशे के बारे में जानकारी मिल सके.

नशा छोड़ देने वाले व्यक्ति लो निगरानी के लिए ऐसी व्यवस्था होनी चाहिए जिससे पुन; नशे की दलदल में नही फसे. ऐसे व्यक्तियों को पुनः समाज की मुख्य धारा में लाने के लिए रोजगार परक प्रशिक्षण दिया जाना चाहिए एवं उन्हें उत्पादक गतिविधियों में शामिल किया जाना चाहिए जिससे फिर से वे नशे का रुख नही करे.

आवश्यकता होने पर ऐसे व्यक्तियों को नये रोजगार के लिए आर्थिक सहायता भी उपलब्ध करवाई जानी चाहिए. उनके परिवारों को प्रेरित किया जाना चाहिए कि वे पुरानी बातो को भुलाते हुए खुले दिल से नशा छोड़ने वाले व्यक्ति का स्वागत करे और उसे आत्मीय व्यवहार प्रदान करे.

केवल कानून से ड्रग्स की समस्या से निजात नही पाई जा सकती है. इसके लिए जनचेतना और पुरे समाज की सोच में बदलाव लाने की आवश्यकता है. समाज को ड्रग्स के दुष्प्रभावो के बारे में जागरूक किया जाना चाहिए.

और ऐसा माहौल तैयार किया जाना चाहिए, जहाँ न केवल आम आदमी नशे से दूर रहे बल्कि नशीले पदार्थो की तस्करी की सप्लाई की कोई भी जानकारी मिलते ही इसकी सुचना तुरंत सरकारी एजेंसियों को दे जिससे नशे के कारोबारियों को तुरंत सजा मिल सके.

नशे की रोकथाम के उपाय (Drug prevention measures In Hindi)

विधिक सेवा संस्थाओ का यह सामाजिक एवं विधिक दायित्व है कि वे ड्रग्स की रोकथाम के लिए आवश्यक कदम उठाए. विधिक सेवा संस्थाओं को सरकारी एजेंसियों विशेज्ञयों के साथ मिलकर ड्रग्स की रोकथाम के लिए ठोस योजना निति बनानी चाहिए.

जिसके तहत आम जन को ड्रग्स की रोकथाम के लिए बने हुए कानूनों तथा समाज पर इसके दुष्प्रभावों के बारे में जागरूक किया जावे. विधिक सेवा संस्थाओं के पैनल अधिवक्ता व पैरालीगल वोलेंटीयर्स सरकारी विभागों के साथ मिलकर इस दिशा में प्रभावी कार्य कर सकते है. 

विधिक सेवा संस्थाओं द्वारा स्कुल कोलेजों में भी जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किये जा सकते है. निबंध, पोस्टर, पेंटिंग, वाद विवाद प्रतियोगिताएं आयोजित कर विद्यार्थियों को जागरूक किया जावे.

विद्यार्थी विधिक सेवा व शान्ति दूत के रूप में कार्य करते हुए नशा मुक्ति का संदेश पूरे समाज में पहुचाना चाहिए. विधिक सेवा संस्थाओं द्वारा नशा मुक्ति केन्द्रों का दौरा कर नशा छोड़ने वाले व्यक्तियों को आवश्यक परामर्श दिया जावें.

यदि विभिन्न सरकारी एजेंसियों द्वारा अपने कर्तव्य की पालना नही की जाती है तो विधिक सेवा संस्थाए सर्वोच्च न्यायालय एवं उच्च न्यायालय में जनहित याचिकाएं दायर की जा सकती है.

नशे की रोकथाम के लिए हम सभी को पुरे मनोयोग से सामूहिक प्रयास किये जाने की आवश्यकता है एकल प्रयासों इस पर पार पाना संभव नही है.

सभी सरकारी एजेंसियों व विधिक सेवा संस्थाओं को मिलकर इस बुराई की रोकथाम के लिए प्रयास करने चाहिए. तभी नशा मुक्ति भारत का सपना साकार हो सकेगा.

नशा मुक्ति De Addiction Meaning Drug Abuse In Hindi

एक व्यक्ति द्वारा ऐसी मादक दवाएं / नशीली दवाएं अथवा नशीली सामग्री का उपयोग करना जिससे शारीरिक/मानसिक/ मनोवैज्ञानिक क्षमताएं प्रभावित होती हो, नशाखोरी / दुर्व्यसन कहलाता हैं.

लोग प्रायः अपने आधुनिक जीवन में तनाव से मुक्ति पाने के लिए गम या हर्ष का प्रदर्शन करने के लिए, अपनी समर्द्धता या स्फूर्ति अनुभव कराने के लिए नशा करते हैं.

सरकारी आकडे के अनुसार देश में 7.3 करोड़ लोग नशे का सेवन करते है तथा 70 प्रतिशत इसके अभ्यस्त हो चुके हैं. नशाखोरी के उदहारण- भांग, गांजा, चरस, शराब/ एल्कोहल, अफीम, हेरोइन, एलएसडी, मार्फीन, कोकीन आदि.

नशाखोरी के प्रकार

उद्दीपक दवाएं अपर्स/पेप पिल्स/स्पीड.

  • मस्तिष्क की क्रियाशीलता बढ़ती है तथा अस्थायी स्फूर्ति आने से व्यक्ति में अतिरिक्त ऊर्जा का संचार हो जाता हैं. जैसे एमफोटेमाईन दवा, कोकेन (कोका के पौधे से प्राप्त क्षारतत्व- एल्केलायड) क्रैक (कोकीन क ही एक ओर रूप) अधिकतर खिलाड़ियों एवं विद्यार्थियों के द्वारा उपयोग
  • कोकीन के अधिक उपयोग से मनोवैज्ञानिक समस्याएं यथा- चिंता, तनाव, भय, अनिद्रा आदि समस्याएं उत्पन्न होती हैं तथा शरीर का वजन कम हो जाता हैं.

अवसादक दवाएं / डाउनर्स

  • मस्तिष्क एवं मांसपेशियों की क्रियाशीलता को कम करती हैं जैसे शराब/ एल्कोहल, मैड्रेक्स, वेलियम, लिब्रियम आदि.
  • गोलियां अधिक उपयोग करने से आलस्य, चिड़चिड़ापन, मानसिक निष्क्रियता आदि हैं.
  • प्रायः अवसादक गोलियों में बार्बीटुरेट रसायन होते हैं. जो नीद की गोलियों में भी पाए जाते हैं.
  • इन दवाओं के अधिक सेवन से या बिना चिकित्सकीय निरिक्षण के इनका उपयोग बंद करने पर खतरे की स्थिति पैदा होती हैं.

विभ्रांति कारक दवाएं/ चेतना प्रसार दवाईयां

  • मानसिक संवेदन को तीव्र करने वाली हमारी चेतना का ढंग/ सुनने/ देखने/ अनुभव का ढंग बदलने वाली दवाईयां
  • इन दवाओं के सेवन से समय, स्थान, पहचान का बोध धीरे धीरे समाप्त हो जाता हैं. व्यक्ति को इसकी कम मात्रा में लगता है जैसे वह अधिक उंचाई पर हैं.

स्वापक दवाएं / अफीमी दवाएं

  • पोस्त के पौधे से बनने वाली दवाइयां जैसे अफीम हेरोइन, मार्फीन, मीथेडीन, पैथीडीन आदि.
  • अफीम पोस्त पौधे से तैयार होती हैं. अफीम का वैज्ञानिक नाम Lachryma Papaveris या पैपेवर सेमेइफेरम हैं. अफीम में
  • 12 प्रतिशत मार्फीन होती हैं. मार्फीन से ही हेरोइन को तैयार किया जाता हैं.
  • हेरोइन महंगी होने के कारण उसके अपरिष्कृत रूप में ब्राउन शुगर एवं स्मैक प्रयुक्त होते हैं.
  • गाँवों में अफीम का उपयोग कब्ज पैदा करने हेतु, सर्दी जुकाम से निजात हेतु, युद्ध के समय मल मूत्र रोकने हेतु एवं यौन शक्ति बढ़ाने हेतु किया जाता था. राजस्थान के ग्रामीण क्षेत्रों में अत्यंत व्यापक रूप से इसका उपयोग होता हैं.
  • राजस्थान में चित्तौड़गढ़ अफीम का सबसे बड़ा उत्पादक जिला हैं.

अन्य नशीले पदार्थ

  • भांग के पौधे से ही भांग गांजा चरस आदि प्राप्त होते हैं जिन्हें खाकर, पीकर, धुम्रपान के रूप में सेवन किया जा सकता हैं.
  • केनबिस सैटिवा के जंगली/ कृषिजात नर / नारी सभ प्रकार के पौधों की पत्तियों से भांग प्राप्त होती हैं.
  • कृषिजात नारी पौधों के फूलदार, फलदार शाखाओं को क्रमश सुखाकर व दबाकर गांजा तैयार करते हैं जो इन्ही पौधों से जो रालदार स्राव निकलता है उससे चरस/ सल्फा प्राप्त करते हैं.
  • चरस गांजे के पेड़ से ही निकला एक प्रकार का गोंद हैं जो मोम की तरह हरें पीले रंग का द्रव्य हैं.

मादक द्रव्यों के दुष्परिणाम

  • मादक पदार्थों से व्यक्ति के केन्द्रीय तंत्रिका तंत्र पर प्रभाव पड़ता हैं.
  • स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव- मानसिक अक्षमता, संवेगात्मक असंतुलन, अत्यधिक निद्रा
  • विभिन्न दुर्घटनाएं
  • अवैध व्यापार, तस्करी को बढ़ावा, अपराधीकरण, भ्रष्टाचार, अनैतिक आचरण, पारिवारिक पतन
  • आर्थिक संकट

नशाखोरी के तथ्य

  • विश्व में 1968 में अंतर्राष्ट्रीय नारकोटिक्स कंट्रोल बोर्ड की स्थापना हुई. यह स्वतंत्र व अर्द्धन्यायिक संस्था है जिसका मुख्यालय वियना आस्ट्रिया हैं.
  • केन्द्रीय नारकोटिक्स ब्यूरो, ग्वालियर (मध्यप्रदेश) की स्थापना नवम्बर 1950
  • विश्व में मादक द्रव्यों के विरोध में अंतर्राष्ट्रीय दिवस- २६ जून

Very nice sir thanku….

Very inspired essay for peoples To abuse drugs

धन्यवाद हर्ष जी

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Lybrate

ड्रग एब्यूज (Drug Abuse) - उपचार, लक्षण, और कारण

ड्रग एब्यूज (drug abuse) क्या है.

किसी व्यक्ति द्वारा आदत के रूप में अडिक्टिवे सब्स्टेन्सेस (addictive substances) का लगातार उपयोग, उपयोग के एक विशिष्ट पैटर्न (specific pattern) के बाद ड्रग एब्यूज (Drug Abuse) कहा जाता है। लंबे समय तक, रेपेटिटिव (repetitive) और कमपलसिव (compulsive) उपयोग उपयोगकर्ता को पदार्थ (substances) के एब्यूज (Abuse) के प्रभावों के प्रति सहनशील बना सकता है। इस तरह के पदार्थों (substances) का उपयोग एब्यूजर (abuser) की प्रणाली में शामिल हो जाता है, और विशिष्ट लक्षणों (specific symptoms) के एक सेट (set) में वापसी परिणाम (withdrawal results) , एक को एक रिलैप्स (relapse)के लिए प्रोत्साहित करते हैं। उपयोग और निकासी (withdrawal) के इस दुष्चक्र (vicious cycle) में ड्रग एडिक्शन ( drug addiction ) नामक एक कंडीशन (condition) होती है।

जबकि व्यापक धारणा (widespread notion) यह है कि ड्रग एब्यूज (Drug Abuse) और परिणामी एडिक्शन (resultant addiction) एक बिहेवियरल डिसऑर्डर (behavioral disorder) है, यह वास्तव में एक गलतफहमी है। ड्रग यूज़ (Drug use) के प्रभाव अधिक व्यापक (pervasive) हैं। दवाओं का निरंतर उपयोग मस्तिष्क कोशिकाओं (brain cells) के तंत्रिका कार्य (neural functioning) को बदल देता है। मस्तिष्क पर नशीली दवाओं के दुरुपयोग के प्रभाव के रूप में देखी जाने वाली तंत्रों (mechanisms) में से 'प्राकृतिक रासायनिक दूतों की नकल (imitation of natural chemical messengers)' और 'रिवॉर्ड सर्किट ओवर-स्टिमुलेशन (reward circuit over-stimulation)' है, जिससे पदार्थ (substance) मस्तिष्क विकार (brain disorder) का दुरुपयोग कर रहा है। पिछले कुछ वर्षों की चिकित्सा प्रगति के साथ, ड्रग एब्यूज (Drug Abuse) की पिछली कमी को केवल एक बिहेवियरल डिफ्लेक्शन (behavioral deflection) के बजाय, मस्तिष्क विकार (brain disorder) की तरह निदान और इलाज किया गया है। ड्रग एब्यूज (Drug Abuse) की पहचान और इसी तरह के इलाज के प्राथमिक कदमों में से एक मजबूत समझ है कि उपचार किसी की इच्छाशक्ति से परे है। ज्यादातर मामलों में, उपचार चिकित्सा सहायता और परामर्श का एक उचित संयोजन है। यह विभिन्न मामलों के लिए परिवर्तनीय (variable) हो सकता है।

ड्रग एब्यूज (Drug Abuse) के कारण।

किशोरों (teenagers) और युवा वयस्कों (young adults) के बीच ड्रग (Drugs) का उपयोग करना एक आम प्रथा है। लेकिन वह चरण जहां व्यक्ति इस तरह के पदार्थों से रोक नहीं सकता है, ड्रग एब्यूज (Drug Abuse) की ओर जाता है। सबसे प्रमुख कारण हैं:

  • जेनेटिक्स (Genetics): यह देखा गया है कि कई ड्रग एब्यूजर (Drug Abuser) और एडिक्ट्स (addicts) का परिवार का इतिहास एक ही जैसा होता है। हालांकि ड्रग एब्यूज (Drug Abuse) और जेनेटिक्स (Genetics) के बीच कोई सीधा संबंध स्थापित नहीं किया गया है, लेकिन यह अनुमान लगाया जा सकता है कि ड्रग एब्यूज (Drug Abuse) करने वाले परिवार के सदस्यों के लिए उच्च पूर्वाग्रह (predisposition) है।
  • सह-परिस्थितियों की स्थिति (Co-occurring conditions): मानसिक बीमारी (Mental illness), गहन तनाव (profound stress), मौखिक (verbal), शारीरिक (physical) या सेक्सुअल एब्यूज (sexual abuse) ड्रग एब्यूज (Drug Abuse) के शीर्ष कारणों में से हैं। इस तरह के बीमारियों / दुर्व्यवहार के पीड़ितों को निराशा से बाहर निकलने के लिए एक चैनल (channel) की आवश्यकता होती है या वे जिस चिंता का सामना करते हैं उससे राहत दें। इस प्रकार, वे एक विकृति (disorder) के रूप में ड्रग्स (drugs) की ओर मुड़ते हैं।
  • एनवायर्नमेंटल कॉसेस (Environmental causes): एनवायर्नमेंटल कॉस (Environmental cause) मुख्य रूप से सहकर्मी दबाव या धमकाने शामिल होते हैं। ड्रग एब्यूज (Drug Abuse) करने वाले किशोर (Adolescents) अज्ञानी माता-पिता (ignorant parents) के ध्यान के लिए झुकाव कर सकते हैं।

ड्रग एब्यूज (Drug Abuse) के लक्षण क्या हैं?

फिजियोलॉजिकल इंडिकेशन (Physiological indications): एक व्यक्ति की एब्यूज हैबिट (abuse habit) मजबूत होने के कारण, वे अपनी ड्रग डोसेज (drug dosage) बढ़ाते हैं, क्योंकि उन्हें छोटी मात्रा में उच्च सहनशीलता का सामना करना पड़ता है। यह स्पष्ट फिजिकल सिम्पटम्स (physical symptoms) देने, अधिक मात्रा में सक्षम बनाता है। इनमें ब्लूडशॉट (bloodshot) या चमकदार आंखें, प्यूपिल कॉन्सट्रिक्शन (pupil constriction) या फैलाव, असामान्य या उनप्रीसीडेटेड वेट अल्ट्रेशंस (unprecedented weight alterations), ड्रग एंट्रेंस (drug entrance) की साइट (site) पर घाव या चोट , से पीड़ित हैं। इनके अलावा, ऑर्गन फेलियर (organ failure) भी देखी जा सकती है। बिहेवियरल चेंजेस (Behavioral changes): व्यवहार में अचानक परिवर्तन, परिवार और दोस्तों की ओर, देखा जा सकता है। पीड़ित नेगेटिव बिहेवियरल मॉडिफिकेशन्स (negative behavioral modifications) दिखाता है खासकर जब उनकी सामान्य ड्रग (usual drug) का उपयोग करने में असमर्थ होता है। किसी की प्राथमिकताओं (priorities) में बदलाव, पूर्व प्रतिबंधित गतिविधियों (previously restricted activities) की ओर अवरोध (inhibitions) को कम करना संकेत हैं।

ड्रग एब्यूज (Drug Abuse) का उपचार।

ड्रग एब्यूज (Drug Abuse) के शिकारों के लिए कई उपचार योजनाओं का पालन किया जा सकता है। आम तौर पर, कार्यवाही का कोर्स (course) केस-स्पेसिफिक फैक्टर्स (case-specific factors) जैसे कि शामिल पदार्थों (substances involved), एब्यूज (Abuse) की फ्रीक्वेंसी (frequency), प्रोग्राम (program) में प्रवेश के समय रोगी की स्थिति आदि के आधार पर तय किया जाता है। उपचार के सबसे महत्वपूर्ण पहलू कंसिस्टेंसी (consistency) और इंटेंसिटी (intensity) हैं। आम तौर पर, उपचार का कोर्स (course) मेडिकल असिस्टेंस (medical assistance) और काउन्सलिंग (counseling) या अन्य बिहेवियरल थेरेपीज (behavioral therapies) का संयोजन है। रोगी की प्रगति की जांच करने और आवश्यकतानुसार संशोधित करने के लिए उपचार की लगातार समीक्षा की जानी चाहिए। किसी भी पूर्व सामना या वर्तमान में सामना करने वाली मानसिक बीमारी के लिए उपचार शामिल होना चाहिए। रोगी ट्रीटमेंट कोर्स (treatment course) के दौरान विशेष रूप से कमजोर है। प्रत्येक दवा के कैरेक्टरिस्टिक विथड्रावल (characteristic withdrawal) के लक्षणों के कारण, एक रिलैप्स (relapse) की संभावना बहुत अधिक है। इसलिए, रोगी की नज़दीकी और सावधानीपूर्वक निगरानी अत्यंत महत्वपूर्ण है।

ड्रग एब्यूज (Drug Abuse) से बचने के लिए रोकथाम।

रोकथाम की दिशा में पहला कदम ड्रग एब्यूज (Drug Abuse) के कई पहलुओं के बारे में उचित जागरूकता शामिल है। यह पहले एस्टैब्लिशड (established) किया गया है कि ड्रग एब्यूज (Drug Abuse) और बाद में सबसीक़ुएन्ट एडिक्शन (subsequent addiction) अनिवार्य रूप से एक ब्रेन डिसऑर्डर (brain disorder) है। यह यंग अबुज़रस (young abusers), ज्यादातर टीनएजर्स (teenagers) और एडोलैसैंट्स (adolescents) को अधिक जोखिम पर रखता है। सबसे प्रभावी रोकथाम रणनीति ड्रग एब्यूज (Drug Abuse) के प्रभाव और परिणामों के बारे में इन्फोर्मटिवे डिसकशंस (informative discussions) हैं। ज्यादातर बच्चों के लिए, यह आकर्षण को खत्म कर देगा, और इसलिए लेइज़र (leisure) के लिए एब्यूज (abuse) की संभावना है। शुरुआती उम्र में ड्रग एब्यूज (Drug Abuse) को रोकना सबसे फायदेमंद होगा। अत्यधिक तनावपूर्ण स्थितियां (Excessively stressful conditions) वयस्कों (adults) में ड्रग एब्यूज (Drug Abuse) का कारण बन सकती हैं, जिन्हें शुभचिंतक से रेपेटिटिवे गाइडेंस (repetitive guidance) और मेन्टल सपोर्ट (mental support) से बचा जा सकता है।

ड्रग एब्यूज (Drug Abuse) के विथड्रावल (Withdrawal) के लक्षण।

ड्रग एब्यूज (Drug Abuse) की वापसी के सामान्य लक्षण बेचैनी, मांसपेशियों की ऐंठन और पूर्ण शरीर में दर्द, थकान, प्रोफीयूज़ लैक्रिमशन (profuse lacrimation), चिंता, इंसोम्निया (insomnia), नाक बहने आदि हैं। इनके अलावा, प्रत्येक ड्रग (drug) में इसके स्पष्ट विथड्रावल (Withdrawal) के लक्षण होते हैं। यहाँ कुछ है:

  • हीरोइन (Heroine): पिछले खुराक के 12 घंटों के भीतर लक्षण 24-48 घंटों के बीच बढ़ने लगते हैं। विथड्रावल (Withdrawal) और सामान्य फ्लू के लक्षण समान हैं।
  • कोकीन (Cocaine): डिप्रेशन (Depression) और रेस्टलेससनेस्स (restlessness) आमतौर पर लक्षणों में देखा जाता है। पिछली खुराक के कुछ घंटों के भीतर विथड्रावल (Withdrawal) शुरू होती है, कुछ दिनों के भीतर पीक (peaks) पर होती है, और एब्यूज (abuse) की इंटेंसिटी (intensity) के आधार पर, कुछ महीनों तक, 7-10 दिनों तक लगातार रह सकती है।
  • प्रिस्क्रिप्शन ओपिएट्स (Prescription Opiates): विथड्रावल (Withdrawal) आमतौर पर 5-10 दिनों के लिए फैलता है, 8-12 घंटे के भीतर शुरू होता है और पीक (peak) 12-48 घंटों में देखा जाता है।
  • Eiseman S, Wingard JA, Huba GJ. Drug abuse: Foundation for a psychosocial approach. Routledge; 2019 Apr 15. [Cited 26 July 2019]. Available from: https://books.google.co.in/books?hl=en&lr=&id=pp6RDwAAQBAJ
  • Drug Abuse- Medline Plus, Health Topics, NIH, U.S. National Library of Medicine [Internet]. medlineplus.gov 2019 [Cited 26 July 2019]. Available from: https://medlineplus.gov/drugabuse.html
  • Seeking Drug Abuse Treatment: Know What To Ask- NIH, National Institute on Drug Abuse [Internet]. drugabuse.gov 2013 [Cited 26 July 2019]. Available from: https://www.drugabuse.gov/publications/seeking-drug-abuse-treatment-know-what-to-ask/introduction

Also low capacity of bladder. That's problem occurs at urge when I free at home .even no out gone. Just evening playing volleyball for 1 hrs. I drink alcohol once a month. Evem 3 a month. cigrate one or two per day for 5 month with break 20 days .10 days even last time continue is 4 month with breaks now from last 2 month even not drink and cigrate. I have problem before this symptoms seem release drop in daily life.

I suffered alcoholism and mental depression and i was on mood stabilizers and antidepressants for a long time below are the medications prescribed to me but they are stopped now dicorate er 500 mg nexito 10 mg acamprol 333 mg oleanz 2.5 mg i am facing erection problems. please let me know if it is temporary or needs treatment., mai husband ko disulfiram 250 mg deti hu wo drink krte hai uske dene ke pina band kar dete hai .fir pine lagte ye dea kb tk diya. jata hai isko dene ke bad unhe hafi aayi hai kamjori mahsus hoti kay iski dene se koi preshani hoti hai countinue de to. mai bina kisi doctor ke salah se de rahi. hu .kyo ki bta kr dwa nahi de sakte hai. wo drink puri tarah se nahi chhod rahe jab tk dea deti hu tabhi tk nahi nahi pite unhe pta chal jata hai. please suggest me. log bolte jayda dun dwa dene nukshan krta hai., my husband is an alcoholic for the last so many years. i gave him dizone in the morning n qutan 25 at night. but about a month back, he had a seizure. now the neuro physician has given levepsy, librium. anxilor-2.but these medicines are making him more aggressive n violent. should i give him levepsy, qutan n dizone then., dear doctors thanks for always being helpful. i want to quit alcohol because i have kind of asthma or we can shortness of breathing issue. every evening i drink and in the morning time i have to take medicine like montas-l to normal my breathing. i heard about dexona tablets which helps to quit alcohol. kindly advise if i can use this tablet., what should you know about liver disorders, chronic pancreatitis - everything you should be knowing, preconception counselling - know its importance, avn hip - its causes, diagnosis and treatment, laparoscopy & hysteroscopy - diagnosing unknown infertility & pelvic pain, संबंधित लैब टेस्ट, book appointment with:.

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दवाई का दुरूपयोग हेल्थ सेंटर

दवाई का दुरूपयोग - drug abuse in hindi, dr. ayush pandey mbbs,pg diploma july 15, 2017, february 01, 2024.

दवाई का दुरूपयोग

जब कोई व्यक्ति किसी दवा पर शारीरिक या मनोवैज्ञानिक रूप से इस कदर निर्भर हो जाए है कि वह शख्स बार-बार नियमित रूप से उस दवा का सेवन करने के लिए मजबूर हो जाए तो ऐसी स्थिति को ही ड्रग एब्यूज या दवाइयों का दुरुपयोग कहते हैं। दवाइयों का अत्यधिक इस्तेमाल या दुरुपयोग एक ऐसी विनाशकारी समस्या है जिसका सामना एक बहुत बड़ी संख्या में दुनियाभर के किशोर बच्चे और वयस्क कर रहे हैं। यह देखने में आया है कि ज्यादातर नशीली दवाइयां या वैसी दवाइयां जिनकी व्यक्ति को लत लग जाती है वे मस्तिष्क को हद से ज्यादा उत्तेजित कर देती हैं ताकि मस्तिष्क कुछ ऐसे न्यूरोट्रांसमिटर्स का उत्पादन करे जो व्यक्ति को ऐसे उत्साह या परम सुख का आनंद देता है जिस वजह से उस व्यक्ति में बार-बार वही दवा लेने की तीव्र इच्छा पैदा होती है।

शुरुआत में आप किसी दवा का सेवन करने का विकल्प इसलिए चुनते हैं क्योंकि वह दवा आपको जो महसूस करवाती है वह अनुभव आपको अच्छा लगता है। आप सोचते हैं कि आप इस दवा का उपयोग कितना और कितनी बार करेंगे इसे नियंत्रित कर सकते हैं। लेकिन समय के साथ धीरे-धीरे, ये दवाइयां आपके मस्तिष्क के काम करने के तरीके को ही बदल देती हैं। इससे जुड़े शारीरिक परिवर्तन लंबे समय तक जारी रह सकते हैं। दवाइयों पर निर्भरता की वजह से आप खुद पर से अपना नियंत्रण खोने लगते हैं और कई बार तो हानिकारक व्यवहार करने के लिए भी प्रेरित हो जाते हैं।

दुनिया भर में करीब 190 मिलियन से अधिक ड्रग उपयोगकर्ता हैं और यह समस्या खतरनाक दरों पर बढ़ रही है, विशेष रूप से 30 वर्ष से कम आयु के वयस्कों में। शरीर में नशीली दवाओं के दुरुपयोग से जो दीर्घकालिक नुकसान होता है उसके अलावा, नशीले पदार्थों का उपयोग करने वाले वे लोग जो सुईयों का इस्तेमाल करते हैं उन्हें एचआईवी और हेपेटाइटिस बी और हेपेटाइटिस सी संक्रमण होने का भी जोखिम अधिक होता है।

लत बनाम दुरुपयोग दवाइयों का दुरुपयोग तब होता है जब आप कानूनी या अवैध पदार्थों का उपयोग इस तरह से करते हैं जैसे आपको नहीं करना चाहिए। आप गोलियों की नियमित खुराक से अधिक गोलियां खाने लगते हैं या किसी फिर किसी और की प्रिस्क्रिप्शन वाली दवाइयों का उपयोग करने लगते हैं। आप अच्छा महसूस करने, तनाव कम करने या वास्तविकता से बचने के लिए दवाओं का दुरुपयोग करने लगते हैं। लेकिन आमतौर पर, आप अपनी इन हानिकारक आदतों को बदलने में सक्षम होते हैं या पूरी तरह से इनका इस्तेमाल करना बंद भी कर सकते हैं।

अडिक्शन या लत तब होती है जब आप रुक नहीं सकते। तब भी नहीं जब यह आपके स्वास्थ्य को खतरे में डालता है। तब भी नहीं नहीं जब यह आपके या आपके प्रियजनों के लिए वित्तीय, भावनात्मक और अन्य समस्याओं का कारण बनता है। ड्रग्स प्राप्त करने और उपयोग करने की तीव्र इच्छा दिन के हर मिनट में होने लगती है भले ही आप इसे छोड़ना क्यों न चाहें।

दवाई का दुरूपयोग के लक्षण - Drug Abuse Symptoms in Hindi

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दवाइयों का अत्यधिक इस्तेमाल या दुरुपयोग भारत में भी एक प्रमुख समस्या है और कोई व्यक्ति किसी सामाजिक आर्थिक वर्ग से आता है इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता। ज्यादातर मौकों पर तो युवाओं को पता भी नहीं चलता और वे किसी निश्चित प्रिस्क्रिप्शन वाली दवाइयों, बिना प्रिस्क्रिप्शन वाली दवाइयों या अवैध पदार्थों की तरफ आकर्षित हो जाते हैं। दवाइयों के दुरुपयोग के लक्षणों और संकेतों को 3 कैटिगरी में बांटा जा सकता है- शारीरिक, व्यवहारिक और जैविक। शारीरिक लक्षण

  • बहुत ज्यादा सोना या बिलकुल नींद न आना
  • आंखों का एकदम लाल हो जाना
  • आंखों की पुतलियों का संकीर्ण या संकुचित होना
  • शरीर के वजन में अचानक बदलाव होना
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व्यवहारिक लक्षण: दवाइयों के दुरुपयोग के कारण व्यक्ति की आदतों और व्यवहार में कुछ निश्चित बदलाव हो सकता है। निम्नलिखित लक्षणों को पहचान कर आप उन्हें और ज्यादा बिगड़ने से रोक सकते हैं:

  • सामाजिक संपर्कों में बदलाव होना
  • आक्रामक व्यवहार
  • चिड़चिड़ेपन का बढ़ना
  • हर वक्त अकेले रहने की आदत
  • सामाजिक समारोह, भीड़भाड़ या परिवारवालों से कन्नी काटना

जैविक लक्षण: दवाइयों का दुरुपयोग आपके अंगों पर भी नकारात्मक असर डालता है। ड्रग एब्यूज के कारण निम्नलिखित जटिलताएं हो सकती हैं:

  • लिवर सिरोसिस
  • एचआईवी इंफेक्शन
  • मुंह की सेहत से जुड़ी समस्याएं

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नैशनल इंस्टिट्यूट ऑफ ड्रग एब्यूज के मुताबिक, दुरुपयोग की जाने वाली दवाइयों में शामिल हैं- ऐनाबॉलिक या उपचय वाले स्टेरॉयड्स, ओटीसी (ओवर द काउंटर) दवाइयां, हेरोइन, मेथैमफेटामिन और कई और दवाइयां। दवाइयों के दुरुपयोग शुरू करने का कारण भावनात्मक या इमोशनल भी हो सकता है और सामाजिक भी। ये निम्नलिखित कारक हैं जो किसी व्यक्ति द्वारा दवाइयों के दुरुपयोग का कारण बनती हैं:

  • ऐसे लोगों की संगति में रहना जो आपको दवाइयों का दुरुपयोग करने के लिए प्रोत्साहित करें
  • परिवार के किसी सदस्य या भाई-बहन को अगर पहले से ही ड्रग्स की लत हो
  • कम उम्र में ही हानि पहुंचाने वाले पदार्थों के संपर्क में आना
  • अकेलापन और अवसाद
  • माता-पिता की देखरेख और निरीक्षण की कमी या परिवार से जुड़ी मुश्किल परिस्थितियां

व्यक्ति के लक्षणों को देखकर ही कुछ निश्चित पदार्थों की लत को प्राथमिक रूप से डायग्नोज किया जा सकता है। व्यक्ति की संपूर्ण जांच करने के लिए निम्नलिखित टेस्ट किए जाते हैं:

  • फिजिशियन द्वारा पूछे गए सवालों का जवाब देना
  • यूरिन टेस्ट  

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दवाइयों का दुरुपयोग चिकित्सा के योग्य स्थिति है और इसका पूरी तरह से इलाज किया जा सकता है। सही तरीके से तैयार किए गए पुनरुद्धार प्रोग्राम के जरिए मरीज की बेहतर तरीके से मदद की जा सकती है। दवाइयों के दुरुपयोग के इलाज से जुड़े 2 स्तंभ हैं- सलाह और चिकित्सा या दवा। मरीज को दवाइयां देकर इलाज किए जाने के साथ ही साइकायट्रिस्ट या साइकोलॉजिस्ट द्वारा काउंसलिंग की जाए तो मरीज की स्थिति में बेहतर तरीके से सुधार हो सकता है। दवाइयों के दुरुपयोग के इलाज में मुख्य रूप से निम्नलिखित दवाइयों का इस्तेमाल किया जाता है:

  • एंटीडिप्रेसेंट
  • एंटीसाइकोटिक्स
  • शराब के लिए एंटीडोट या विषहरण
  • ओपियोइड के दुरुपयोग के मामले में एंटी-ओपियोइड

इसके अलावा जीवनशैली से जुड़े कुछ बदलाव जैसे- नियमित रूप से योग और मेडिटेशन करने से दिमाग को शांति मिलती है और मरीज की रिकवरी का रास्ता आसान हो जाता है। हालांकि दवाइयों के दुरुपयोग की समस्या से बाहर आने यानी रिकवरी का रास्ता बेहद लंबा है, बावजूद इसके सामान्य और स्वस्थ जीवन को फिर से हासिल करना पूरी तरह से संभव है।

डॉक्टर के साथ नियमित रूप से फॉलोअप करना और इलाज के शेड्यूल का सख्ती से पालन किया जाए तो मरीज की पूरी तरह से रिकवरी हो सकती है। दुरुपयोग की इस समस्या में फंसने वाले मरीजों की यह आदत पूरी तरह से छूट जाए इसके लिए परिवार और दोस्तों का सपोर्ट भी बेहद जरूरी होता है।

  • Nessa, A & Latif, Sara & Siddiqui, Naveed & Hussain, MA & Hossain, Md.Abul. Drug abuse and addiction . Mymensingh medical journal : MMJ. 17. 227-35.
  • Shekarchizadeh H, Khami MR, Mohebbi SZ, Ekhtiari H, Virtanen JI. Oral Health of Drug Abusers: A Review of Health Effects and Care . Iran J Public Health. 2013 Sep;42(9):929-40. PMID: 26060654
  • National institute of drug abuse. Commonly Abused Drugs Charts . National Institute of health. [internet].
  • Indian Journal Psychiatry. Substance use and addiction research in India . Indian Psychiatric Society. [internet].
  • National institute of drug abuse. Understanding Drug Use and Addiction . National Institute of health. [internet].

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Drug Abuse Essay In Hindi

नशे की दुष्प्रवृत्ति निबंध – Drug Abuse Essay In Hindi

नशे की दुष्प्रवृत्ति निबंध – essay on drug abuse in hindi, मादक द्रव्य : मौत का द्वार – substance: the gate of death.

  • प्रस्तावना,
  • मादक द्रव्यों के प्रकार और प्रभाव,
  • मादक द्रव्यों के सेवन के दुष्परिणाम,
  • मादक द्रव्यों के सेवन की बढ़ती प्रवृत्ति,
  • मादक द्रव्यों से छुटकारे के उपाय,

साथ ही, कक्षा 1 से 10 तक के छात्र उदाहरणों के साथ इस पृष्ठ से विभिन्न हिंदी निबंध विषय पा सकते हैं।

नशे की दुष्प्रवृत्ति निबंध – Nashe Ke Dush Pravrtti Nibandh

प्रस्तावना– वैदिक ऋषियों ने राजा सोम (रस) की प्रशंसा में मंत्र रचे और आगे के उपासकों ने अपने–अपने इष्टदेव या इष्टदेवी के साथ कोई–न–कोई मादक द्रव्य जोड़कर उसके सेवन का धार्मिक और सामाजिक अनुमति–पत्र प्र भोले बाबा के उपासकों ने भाँग, महाकाली के अर्चकों ने मदिरा और इन्द्रियसंयम तथा निर्विघ्न–ध्यान समाधि के साधकों ने चरस, गाँजा, तम्बाकू आदि के सेवन की छूट या सामाजिक स्वीकृति प्राप्त कर ली।

मादक द्रव्यों के प्रकार और प्रभाव– परम्परागत मादक द्रव्यों: यथा–शराब, भाँग, अफीम के अतिरिक्त आज अनेक नये और तीव्र प्रभाव वाले मादक द्रव्यों का आविष्कार हो चुका है, जो पुराने मादक द्रव्यों से कहीं अधिक घातक हैं। इनमें से कुछ निम्नलिखित हैं-

  • (क) मदिरा–मदिरा या शराब तो जैसे मनुष्य के साथ ही पृथ्वी पर जन्मी है। समुद्र मंथन से प्राप्त रत्नों में यह भी सम्मिलित है। मदिरा सेवन की व्यापकता का युवावर्ग में बढ़ते जाना, समाज के लिए एक अशुभ संकेत है। यह सरकारों की आमदनी का भी बड़ा स्रोत है।
  • (ख) मार्फीन–यह अफीम से बनायी जाती है। यह अफीम से अधिक नशीली होती है। इसके अभ्यस्त लोग इसको इंजेक्शन के रूप में प्रयुक्त करते हैं।
  • (ग) हेरोइन–यह मार्फीन से बनायी जाती है और इससे दस गुना अधिक नशीली होती है। इसका सेवन बहुतायत में किया जाता है।
  • (घ) हशीश–यह भाँग से प्राप्त की जाती है। इसे जलाकर सिगरेट की भाँति प्रयोग में लाया जाता है।
  • (ङ) ब्राउन शुगर–यह अशुद्ध हेरोइन होती है। यह कई अन्य पदार्थों को मिलाकर प्रयोग की जाती है और एक प्रकार का विष ही बन जाती है।
  • (च) एल. एस. डी.–कुछ लोग मानसिक तनाव दूर करने के लिए इसका प्रयोग करते हैं।
  • (छ) स्मैक–यह युवावर्ग में प्रचलित सबसे खतरनाक नशा है। व्यक्ति केवल दो–तीन खुराकों में इसका अभ्यस्त हो जाता है। इसकी लत को छोड़ पाना बहुत कठिन होता है।

मादक द्रव्यों के सेवन के दुष्परिणाम– कोई भी नशा हो, अन्ततः मनुष्य के लिए हानिकारक ही होता है। आज समाज में बढ़ती नशाखोरी की प्रवृत्ति बड़ी चिन्ताजनक है। इनका अभ्यस्त होने पर मनुष्य निष्क्रिय और हर तरह से बेकार हो जाता है। वह हर कीमत पर इन द्रव्यों को पाना चाहता है।

आज मादक पदार्थों का अनैतिक और अवैध व्यापार जोरों पर है। अनेक संगठित गिरोह इस धन्धे में लगे हैं। ये चीजें आज सोने से भी कीमती तथा व्यवसाय–सुलभ हैं।

युवावर्ग में मादक पदार्थों का सेवन जिस गति से बढ़ रहा है, वह उन्हीं के लिए नहीं, बल्कि देश और समाज के लिए भी खतरे की घण्टी है। किसी देश को तबाह करने के लिए आज युद्ध की नहीं, बल्कि मादक द्रव्यों की आवश्यकता होती है। मादक–द्रव्यों के व्यापार की छाया में आतंकवाद और अपराध भी पनप रहे हैं।

मादक द्रव्यों के सेवन की बढ़ती प्रवृत्ति– मादक द्रव्यों से धन कमाने वाले लोग घोर अपराधी हैं। ये युवक–युवतियों को बहलाकर या एक–दो खुराक मुफ्त में सेवन कराकर उनको आदी बना देते हैं और फिर वह व्यक्ति इनका गुलाम हो जाता है।

गीच यह प्रवृत्ति बढ़ती जा रही है। कुछ युवक चोरी–छिपे और कुछ इसे शान समझकर अपना रहे हैं। यह युवावर्ग के जीवन को चौपट करने वाली प्रवृत्ति है।

मादक द्रव्यों से छुटकारे के उपाय– मादक द्रव्यों के प्रसार की समस्या किसी व्यक्ति या देश–विशेष की नहीं है। यह एक अन्तर्राष्ट्रीय समस्या है। पूरे विश्व में मादक पदार्थों के विक्रेताओं का जाल फैला हुआ है। इस पर नियन्त्रण न करना विश्व को दारुण विनाश की ओर धकेलना है।

अनेक देशों ने मादक पदार्थों की बिक्री अथवा इसे अपने पास रखने को दण्डनीय अपराध घोषित कर रखा है। कई देशों में इसके अवैध व्यापार पर मृत्यु–दण्ड की भी व्यवस्था है। हर सभ्य और दूरदर्शी देश इसे मौत का व्यापार मानता है।

लेकिन कानूनों के बल पर इस संकट से पार पाना सम्भव नहीं लगता है। जनता को इसके खतरे से जागरूक बनाकर तथा इसकी आदत से ग्रस्त युवक–युवतियों के साथ सहानुभूति से पेश आकर इससे बचने की सम्भावना हो सकती है। सरकार को भी कड़े से कड़े कानून बनाकर और निरन्तर सतर्क रहकर इस पर काबू पाना होगा।

उपसंहार– मादक पदार्थों का सेवन मौत को निमन्त्रण देना है। मौत भी अत्यन्त दारुण, धीरे–धीरे चेतना को ग्रसती और लाचार बनाती मौत! मादक पदार्थों का अब हथियार की तरह भी प्रयोग हो रहा है। यह विरोधी देश की युवाशक्ति को खोखला बनाने और बिना युद्ध के ही उसे नष्ट कर देने का घृणित उपाय है।

सहयोग Summary in Hindi

दा इंडियन वायर

ड्रग एडिक्शन/मादक पदार्थों की लत पर निबंध

hindi essay on drug abuse

By विकास सिंह

drug addiction essay in hindi

दवाएं शरीर और मस्तिष्क पर प्रतिकूल प्रभाव डालती हैं। विभिन्न प्रभावों को प्रस्तुत करने के लिए विभिन्न प्रकार की दवाओं का निर्माण किया गया है। ये सभी नशे की लत को छोड़ना कठिन होता हैं। नशा एक गंभीर समस्या है।

विषय-सूचि

मादक पदार्थों की लत पर निबंध, drug addiction essay in hindi (200 शब्द)

इन दिनों नशा एक आम समस्या है। दुनिया भर में बड़ी संख्या में लोग इस समस्या से पीड़ित हैं। ड्रग्स एक त्वरित खुशी और तनाव से राहत प्रदान करते हैं। कई लोग ड्रग्स को अपनी दर्दनाक वास्तविकता से भागने के रूप में लेना शुरू करते हैं। दूसरों को यह अनुभव करने के लिए ड्रग्स लेते हैं कि यह कैसा लगता है।

फिर भी अन्य लोग केवल अपने दोस्तों को कंपनी देने के लिए इसे लेते हैं ताकि वे बचे नहीं। जो भी कारण हो, इससे पहले कि कोई व्यक्ति जानता है, वह ड्रग्स का आदी हो जाता है और इस लत से छुटकारा पाना मुश्किल है। दवाओं के उपयोग से अल्पकालिक आनंद गंभीर दीर्घकालिक समस्याओं को जन्म दे सकता है। यह गंभीर स्वास्थ्य मुद्दों और व्यवहार में परिवर्तन का कारण बन सकता है।

नशीली दवाओं की लत के कुछ लक्षणों में भूख में कमी, बिगड़ा हुआ समन्वय और बेचैनी, काम में रुचि की कमी, वित्तीय मुद्दे और सामाजिक चक्र का परिवर्तन, गुप्त व्यवहार, बार-बार मूड स्विंग और उत्सुक व्यवहार शामिल हैं।

कई लोगों का तर्क है कि नशे पर काबू पाने के लिए बस इच्छा शक्ति और दृढ़ संकल्प की आवश्यकता होती है। हालाँकि, यह ऐसा नहीं है। इसके लिए बहुत कुछ चाहिए। नशा मस्तिष्क को बदल देता है। नशीली दवाओं की लत से छुटकारा पाने के लिए पेशेवर मदद लेना और उचित दवा लेना आवश्यक है। इस लत को दूर करने में कई साल लग सकते हैं और एक रिलेप्स की संभावना को पूरी तरह से खारिज नहीं किया जा सकता है।

नशे की लत पर निबंध, drug addiction essay in hindi (300 शब्द)

drug addiction essay in hindi

प्रस्तावना:

नशा: शारीरिक स्वास्थ्य पर प्रभाव:, ड्रग की लत: मानसिक स्वास्थ्य पर प्रभाव:, ड्रग की लत: अजन्मे शिशुओं पर प्रभाव:, निष्कर्ष:.

दवाओं की नियमित खुराक के कारण किसी व्यक्ति का संपूर्ण स्वास्थ्य बेहद कमजोर हो जाता है। ऐसा व्यक्ति अक्सर वास्तविकता से संपर्क खो देता है और भ्रमित हो जाता है। कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली के कारण वह संक्रमण को बहुत तेजी से पकड़ सकता है।

ड्रग एडिक्शन पर निबंध, drug addiction essay in hindi (400 शब्द)

drug addiction essay in hindi

विभिन्न आयु वर्ग और जीवन के विभिन्न क्षेत्रों से संबंधित लोग नशाखोरी के शिकार होते हैं। जबकि कुछ इस लत को कुछ कठिनाई से पार करने में सक्षम हैं, दूसरों को हमेशा के लिए दवाओं की अंधेरी दुनिया में फेंक दिया जाता है। मादक पदार्थों की लत से छुटकारा पाने और इस दुरुपयोग को दूर करने के लिए यथासंभव प्रयास करने के लिए एक व्यक्ति को तैयार होने की जरूरत है।

मादक पदार्थों की लत के जोखिम:

जबकि कोई भी नशीली दवाओं की लत विकसित कर सकता है, कुछ लोगों को इसे विकसित करने की अधिक संभावना होती है। यहां उन लोगों पर एक नज़र है जो नशीली दवाओं की लत के विकास के उच्च जोखिम में हैं:

  • जिन लोगों को जीवन में कुछ दिल टूटने / दर्दनाक अनुभव हुए हैं।
  • जिनके पास नशाखोरी का पारिवारिक इतिहास है।
  • जिन्हें मानसिक या शारीरिक शोषण या उपेक्षा का सामना करना पड़ा है।
  • जो अवसाद और चिंता से पीड़ित हैं।

नशीली दवाओं की लत पर काबू पाने के तरीके:

यहाँ नशे को दूर करने के कुछ तरीके दिए गए हैं:

छोड़ने के कारणों की सूची बनाएं

जैसा कि आप नशीली दवाओं की लत को छोड़ने का फैसला करते हैं, आपकी लत के कारण होने वाली समस्याओं की एक सूची बनाएं। इसमें काम के मोर्चे पर समस्याएं, आपके जीवनसाथी, बच्चों और माता-पिता के साथ समस्याएं, शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के मुद्दे और बहुत कुछ शामिल हो सकते हैं। इस सूची को हर रोज पढ़ें क्योंकि आप इस खतरनाक आदत को छोड़ने के लिए अपनी यात्रा शुरू करते हैं। यह आपको इसे छोड़ने के लिए प्रेरित करेगा।

एक पुनर्वास केंद्र में दाखिला लिया

यह मादक पदार्थों की लत को दूर करने के लिए मुख्य कदमों में से एक है। अच्छे पुनर्वास केंद्रों में योग्य और अनुभवी पेशेवर होते हैं, जो नशेड़ी लोगों से निपटना जानते हैं और उन्हें नशीली दवाओं की लत से छुटकारा पाने में मदद करते हैं। अन्य नशीली दवाओं के व्यसनों से मिलना और यह देखना कि वे सामान्य जीवन को वापस पाने के लिए इस लत को छोड़ने के लिए कितना कठिन प्रयास कर रहे हैं, उत्साहजनक भी हो सकते हैं।

दोस्तों और परिवार से सहायता लें

अपने निकट और प्रिय लोगों से प्यार और समर्थन एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है जब यह नशीली दवाओं की लत से छुटकारा पाने के लिए आता है। यह नशे की लत को निर्धारित करने में मदद कर सकता है और इस घृणित आदत को छोड़ने के लिए प्रेरित कर सकता है। इसलिए, उनके साथ इस समस्या पर चर्चा करने में संकोच न करें। वे लत से छुटकारा पाने में आपकी मदद करने के लिए तैयार होने से अधिक होंगे।

इलाज

जैसा कि आप ड्रग्स की खपत को रोकते हैं, आप लक्षणों से पीड़ित हो सकते हैं। इन लक्षणों से निपटने के लिए दवा की आवश्यकता होती है। दवा भी रिलेप्स को रोकने में मदद करती है। नशीली दवाओं की लत के कारण होने वाले स्वास्थ्य के मुद्दों को भी ठीक करने की आवश्यकता है। दवाएं उन्हें ठीक करने में मदद करेंगी।

नशा छोड़ने के लिए अत्यंत कठिन हो सकता है। हालांकि, ऐसा करना असंभव नहीं है। दोस्तों और परिवार के मजबूत दृढ़ संकल्प और समर्थन से नशा छुड़ाने में मदद मिल सकती है।

नशे की लत पर निबंध, essay on drug addiction in hindi (500 शब्द)

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ड्रग एडिक्ट्स द्वारा सामना किए जाने वाले सामान्य व्यवहार संबंधी मुद्दे:

ड्रग की लत के कारण व्यवहार संबंधी समस्याएं हो सकती हैं जो किसी व्यक्ति के व्यक्तिगत और साथ ही पेशेवर जीवन को नकारात्मक रूप से प्रभावित कर सकती हैं। यह एक लत है कि व्यक्ति को जल्द से जल्द छुटकारा पाना चाहिए। एक व्यक्ति अपने नशा छोड़ने के लंबे समय बाद अपने व्यवहार में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए संघर्ष कर सकता है।

नशे की लत पर निबंध, essay on drug addiction in hindi (600 शब्द)

drug addiction

नशीली दवाओं के सेवन से बड़ी मात्रा में डोपामाइन निकलता है जो एक व्यक्ति को परमानंद में डाल देता है। लोग इस खुशहाल स्थिति का अनुभव करना पसंद करते हैं और यहां बार-बार आने की इच्छा रखते हैं जो नशा के मुख्य कारणों में से एक है। प्रारंभ में अधिकांश लोग स्वेच्छा से ड्रग्स लेते हैं लेकिन यह जल्द ही एक लत बन जाता है। ड्रग की लत सबसे बुरी तरह की लत है। यह छोड़ने के लिए कठिन है और किसी व्यक्ति को इस लत से छुटकारा पाने के बाद होने वाले नकारात्मक नतीजे भी हो सकते हैं।

ड्रग्स के प्रकार:

ड्रग्स को मोटे तौर पर तीन प्रकारों में वर्गीकृत किया गया है। ये अवसाद, उत्तेजक और मतिभ्रम हैं। यहाँ एक प्रभाव मानव मस्तिष्क और शरीर पर उनमें से प्रत्येक पर एक नज़र है:

डिप्रेसेन्ट्स: डिप्रेसेन्ट्स में कैनबिस, ओपिएट्स, बेंजोडायजेपाइन और अल्कोहल शामिल हैं। वे मस्तिष्क से और जाने वाले संदेशों की गति को धीमा करने के लिए जाने जाते हैं और इस प्रकार किसी स्थिति को संभालने की क्षमता को कम करते हैं। जब कम मात्रा में लिया जाता है, तो अवसाद एक व्यक्ति को आराम महसूस कर सकता है। हालांकि, जब बड़ी मात्रा में लिया जाता है, तो ये मतली, उल्टी और बेहोशी पैदा कर सकते हैं।

उत्तेजक पदार्थ: उत्तेजक, दूसरी ओर, मस्तिष्क से और जाने वाले संदेशों को गति देते हैं। उनके पास किसी व्यक्ति के आत्मविश्वास स्तर को तुरंत बढ़ावा देने की शक्ति है। नकारात्मक पक्ष में, वे उच्च रक्तचाप का कारण बन सकते हैं, हृदय गति बढ़ा सकते हैं और बेचैनी, आंदोलन और अनिद्रा पैदा कर सकते हैं। इस तरह की दवाओं के लगातार उपयोग से पैनिक अटैक, चिंता और व्यामोह होता है। उत्तेजक पदार्थों में निकोटीन, कैफीन, कोकीन और एम्फ़ैटेमिन शामिल हैं।

हैलुसिनोजन : हैलुसिनोजन में मेस्कालाइन और साइलोकाइबिन शामिल हैं। ये दवाएं मतिभ्रम का कारण बनती हैं और किसी व्यक्ति की वास्तविकता को विकृत करती हैं। जब लगातार लिया जाता है, तो ये दवाएं उच्च रक्तचाप, मतली, व्यामोह और सुन्नता का कारण बन सकती हैं।

नशीली दवाओं की लत के लक्षण और लक्षण:

एक व्यक्ति जो ड्रग्स का आदी है, वह निम्नलिखित लक्षण और लक्षण दिखाने की संभावना है:

  • भूख में बदलाव
  • अप्रत्याशित वजन बढ़ना या वजन कम होना
  • स्लीप पैटर्न में बदलाव
  • तिरस्कारपूर्ण भाषण
  • मित्र मंडली में बदलें
  • अचानक गुस्से में आ गए
  • खून सी लाल आंखें
  • काम में रुचि की कमी
  • काम / स्कूल में कम प्रदर्शन
  • गुप्त व्यवहार
  • सुस्त, दूर और उदासीन होना
  • बार-बार मूड बदलना
  • उत्तेजना की कमी
  • घिनौना व्यवहार
  • ड्रग एडिक्शन पेशेवर जीवन पर प्रभाव डालता है

किसी व्यक्ति के मस्तिष्क पर नशे का प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। लोग अपना आत्म नियंत्रण खो देते हैं। वे ड्रग्स के इतने आदी हो जाते हैं कि उनके बारे में सोचने वाले सभी उन्हें खा रहे हैं। यही एक चीज है जो उन्हें दिलचस्पी देती है। वे काम पर ध्यान केंद्रित करने और इसमें रुचि खोने में असमर्थ हैं। यहां तक ​​कि अगर वे काम करने की कोशिश करते हैं तो वे सुस्ती महसूस करते हैं और वापस ले लेते हैं।

ड्रग्स का उनके संज्ञानात्मक कौशल, विश्लेषणात्मक कौशल और निर्णय लेने की शक्ति पर प्रभाव पड़ता है। यह उनके पेशेवर जीवन पर प्रतिकूल प्रभाव डालता है। ड्रग एडिक्ट्स भी तर्कहीन व्यवहार प्रदर्शित करते हैं। वे आक्रामक हो जाते हैं, बिगड़ा हुआ निर्णय विकसित करते हैं और आवेगी बन जाते हैं। कार्यालय सेटिंग में ऐसा व्यवहार अस्वीकार्य है। यह उन्हें खराब रोशनी में डालता है और पेशेवर विकास की संभावना को रोक देता है।

नशीली दवाओं की लत का व्यक्तिगत संबंध पर असर:

ड्रग्स का आदी व्यक्ति ड्रग्स लेने वालों की कंपनी से प्यार करता है और अपना ज्यादातर समय उनके साथ बिताने की कोशिश करता है। उसे अब अपने परिवार और दोस्तों में कोई दिलचस्पी नहीं है। वह अक्सर उनसे दूरी बना लेता है। वह चिड़चिड़ा और आक्रामक हो जाता है। इससे अक्सर तर्क और झगड़े होते हैं जो उनके पारिवारिक जीवन के साथ-साथ उनके दोस्तों के साथ उनके समीकरण को बिगाड़ते हैं। नशे का आदी व्यक्ति न केवल अपने जीवन को बल्कि अपने आस-पास के लोगों को भी खराब कर देता है।

ड्रग्स एक व्यक्ति की सोचने और कार्य करने की क्षमता को प्रबल कर सकता है। वे कई स्वास्थ्य खतरों, व्यवहार संबंधी समस्याओं और संबंधों के मुद्दों को जन्म दे सकते हैं। सबसे सुरक्षित शर्त ड्रग्स से दूर रहना है। जो लोग नशे के आदी होते हैं उनके पास इस लत को छोड़ने का बहुत कम मौका होता है। वे अपने जीवन को बर्बाद कर देते हैं और अपने प्रियजनों को बहुत दुख भी देते हैं।

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विकास नें वाणिज्य में स्नातक किया है और उन्हें भाषा और खेल-कूद में काफी शौक है. दा इंडियन वायर के लिए विकास हिंदी व्याकरण एवं अन्य भाषाओं के बारे में लिख रहे हैं.

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