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व्यायाम का महत्व निबंध Importance of Exercise Essay in Hindi

व्यायाम का महत्व निबंध Importance of Exercise Essay in Hindi

क्या आप व्यायाम  क्यों जरूरी है जानना चाहते हैं? Want to know Benefits of Exercise in Hindi?

जी हां दोस्तों आज हम आपको प्रतिदिन व्यायाम करने के फायदों के बारे में बतायेंगे और साथ ही हम इसके महत्व के विषय में भी बात करेंगे। तो चलिए शुरू करते हैं…

इस दुनिया में प्रत्येक व्यक्ति हर समय किसी न किसी रोग से घिरा ही हुआ है। उन रोगों से बचने के लिए हर कोई व्यक्ति डॉक्टर या चिकित्सक के पास जाता है। परंतु उनमें से सभी डॉक्टर और चिकित्सक उस रोग या बीमारी को तो ठीक कर देते हैं परंतु स्वास्थ्य को कोई भी सही नहीं करता। अपने स्वास्थ्य को अच्छे से रखना का एक ही रास्ता है और वह है व्यायाम।

जो लोग व्यायाम और योग करते हैं वह लोग कभी भी आसानी से बीमार नहीं पड़ते हैं। रोग मात्र दुर्बल शरीर पर आक्रमण करता है और व्यायाम करने वाला व्यक्ति हमेशा तंदुरुस्त और शक्तिशाली रहता है। इसीलिए बीमारी या रोग से बचने का एकमात्र समाधान है व्यायाम।

प्रतिदिन व्यायाम करने से मनुष्य का मन उत्साहित रहता है और शरीर को शक्ति तथा स्फूर्ति मिलती है। अगर हम व्यायाम की तुलना डॉक्टरों द्वारा दी जाने वाली दवाइयों,  विटामिन सिरप और इंजेक्शन के साथ करें तो सब व्यर्थ है।

एक बड़े चिकित्सक का कथन है कि जो डॉक्टर दवाइयों पर ज्यादा भरोसा किए बिना अपने रोगी का स्वास्थ्य सुधार दे वही सबसे बुद्धिमान और अच्छा डॉक्टर कहलाता है। बड़े-बड़े शोधकर्ताओं का कहना है की आज के युग में मनुष्य रोगों से कम और दवाइयों के कारण ज्यादा मर रहे हैं।  इस से साफ पता चलता है की मनुष्य को दवाइयों से नहीं व्यायाम और योग जैसी क्रियाएं करके अपने स्वास्थ्य को मजबूत बनाना होगा।

If we could give every individual the right amount of nourishment and exercise, not too little and not too much, we would have found the safest way to health. – Hippocrates

फादर ऑफ मेडिसिन हिप्पोक्रेट्स का कथन था – अगर प्रत्येक व्यक्ति को पोषण और व्यायाम का सही मात्रा दिया जाए, ना थोड़ा ज्यादा ना थोड़ा कम, तो हम यह देखेंगे की यह सबसे सुरक्षित स्वस्थ रहने का रास्ता है।

इस बात में तो थोड़ा भी संदेह नहीं है कि स्वास्थ्य से अनमोल कोई चीज नहीं है। सही प्रकार से व्यायाम करने वाले व्यक्ति का शरीर हृष्ट पुष्ट रहता है तथा मन और मुख हमेशा प्रफुल्लित बना रहता है। व्यायाम करने से पाचन तंत्र सही प्रकार से काम करता है और भूख भी बढ़ाता है। व्यायाम करने वाले व्यक्ति का मन हमेशा शांत रहता है और उसके मन में सुविचार भी उत्पन्न होते हैं।

It is health that is real wealth and not pieces of gold and silver. – Mahatma Gandhi

राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी जी का कथन था –  यह स्वास्थ ही है जो असली धन होता है ना की सोना और चांदी। यह बात तो सत्य ही है की अगर  मनुष्य के स्वास्थ्य अच्छा नहीं होगा तो सोना चांदी का वह क्या करेगा?  

इस संसार में जितने भी महापुरुष हुए हैं,  सभी ने व्यायाम को जीवन का सर्वप्रथम कर्म माना है। यह व्यायाम की ही शक्ति का प्रभाव है की उन महान लोगों ने मनुष्य के हित और देश के विकास के लिए अपना योगदान दिया।

आप कई पुस्तकों में कई प्रकार के व्यायाम के विषय में पढ़ेंगे। परंतु अगर आप ज्यादा दौड़-भाग वाले व्यायाम नहीं कर पाते तो आपके लिए सबसे बेहतरीन व्यायाम का तरीका है योगासन या योग अभ्यास करना। आप शुरुआत में कुछ आसान योगासन करके प्रतिदिन व्यायाम को शुरू कर सकते हैं। अगर आप चाहें तो दौड़-भाग वाले व्यायाम भी कर सकते हैं।

व्यायाम करने के शुरुआती दिनों में हो सकता है आपको थोड़ा मुश्किल हो परंतु कुछ दिनों बाद कष्ट कम हो जाएंगे और आपको व्यायाम करने के लाभ दिखने लगेंगे।  कई प्रकार के व्यायाम के तरीके हैं जिसमें घुड़सवारी, तैरना, चलना, दौड़ना इत्यादि विशेष रूप से प्रसिद्ध हैं।

आजकल लोग कई प्रकार के खेल जैसे कबड्डी, खो-खो, क्रिकेट, टेनिस  इत्यादि को उत्तम व्यायाम समझते हैं परंतु इन खेलों में एक से अधिक व्यक्ति की आवश्यकता पड़ती है जो की हर समय संभव नहीं है।

व्यायाम भी प्रतिदिन नियम अनुसार और समय पर  करना आवश्यक है। यह एक दिन का काम नहीं होता है इसे प्रतिदिन निर्धारित समय के लिए करना बहुत ही आवश्यक होता है। पश्चिमी देशों में है पुरुषों की तरह हैं महिलाएं भी प्रतिदिन व्यायाम करती हैं,  परंतु भारत में बहुत कम ही जगह में घर की महिलाएं बाहर निकलकर व्यायाम करती हैं।  परंतु इसका यह मतलब नहीं है कि घर की महिलाएं व्यायाम नहीं करती हैं  क्योंकि चक्की पीसना, खड़े होकर खाना बनाना, कपड़े धोना, और अन्य घरेलू काम भी तो व्यायाम ही हैं।

धीरे धीरे इस टेक्नोलॉजी की दुनिया में शरीर के बल के महत्व को लोग भूलते जा रहे हैं। आज के दिन में प्रत्येक कंपनी मैं आधा से ज्यादा काम मशीनें करती हैं जिसके कारण एक तो बेरोजगारी बढ़ रही है और साथ ही लोगों का स्वास्थ्य भी बिगड़ते जा रहा है।

पहले जमाने में  कारखानों और कंपनियों में लोग काम किया करते थे जो उनके लिए एक व्यायाम के रूप में काम आता था परंतु आज कंप्यूटर की दुनिया में सारा काम कंप्यूटर ही करता है। जिसके कारण लोग बैठ बैठकर आलसी हो गए हैं और वही कई प्रकार के रोगों का बढ़ावा दे रहा है।

इसीलिए दोस्तों नियमित रूप से व्यायाम करें और अगर अभी तक आपने व्यायाम करना शुरू नहीं किया है तो आज ही व्यायाम करना शुरू करें। बहुत जल्द आप स्वयं में एक सकारात्मक बदलाव पाएंगे और रोगमुक्त जीवन के साथ सफलता प्राप्त करेंगे।

आशा करते हैं व्यायाम के विषय में यह निबंध आपको अच्छा लगा होगा।  अगर आपको यह निबंध अच्छा लगा है तो अपने सोशल मीडिया अकाउंट में ज़रुर शेयर करें धन्यवाद।

19 thoughts on “व्यायाम का महत्व निबंध Importance of Exercise Essay in Hindi”

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व्यायाम पर निबंध Essay on Exercise in Hindi

व्यायाम पर निबंध Essay on Exercise in Hindi

इस लेख में हमने व्यायाम पर निबंध हिंदी में (Essay on Exercise in Hindi) लिखा है। इसमें व्यायाम का अर्थ, प्रकार, महत्व, नियम, लाभ, 10 लाइन के विषय में जानकारी दिया गया है।

तो अगर आप एक्सरसाइज पर हिंदी निबंध की तलाश कर रहे हैं तो यह लेख आपके लिए सहायक सिद्ध हो सकता है। दिया गया निबंध व्यायाम के सभी जानकारियों को संग्रहित करके तैयार किया गया है जो बेहद ही सरल है।

Table of Contents

प्रस्तावना (व्यायाम पर निबंध Essay on Exercise in Hindi)

जिस प्रकार किसी वाहन को सुचारू रूप से चलते रहने के लिए इंधन और रखरखाव की आवश्यकता पड़ती है। उसी प्रकार मनुष्य के शरीर को भी सुचारू रूप से काम करने के लिए व्यायाम की आवश्यकता पड़ती है।

धार्मिक ग्रंथों में भी व्यायाम की एक स्वर में महिमा गाई गई है और इसके अभाव को तमाम तकलीफों को भोगने का कारण बताया गया है।

विकासवाद के इस युग में मनुष्य ने शरीर, मन, बुद्धि और प्रकृति के तरफ से अपना मुंह फेर रखा है जिसके कारण उसे कई तरह की बीमारियों का सामना करना पड़ रहा है।

व्यायाम शारीरिक स्वास्थ्य के साथ-साथ मानसिक विकास के लिए भी जरूरी होता है। आज लोग हजारों रुपये देकर एक खास जगह पर व्यायाम करने जाते हैं।

जो ज्ञान पहले हर किसी को स्वयमेव ग्रहण करना पड़ता था आज उसके लिए व्यायाम टीचर या योग गुरु को हजारों लाखों रुपए देखकर कुछ घंटों का व्यायाम किया जाता है।

व्यायाम न सिर्फ हमें बाहरी तकलीफों से बचाए रखता है बल्कि शरीर के अंदर के रोगाणुओं, जीवाणुओं का नाश करता है और स्वस्थ और सुडौल शरीर बनाने में सहायता करता है।

और पढ़: पर्यावरण पर निबंध

व्यायाम क्या है? What is Exercise in Hindi?

व्यायाम यह संस्कृत सबसे निकला हुआ शब्द है। जिसका अर्थ होता है शरीर के सभी आयामों (अंग-प्रत्यंगों) को विभिन्न क्रियाओं द्वारा गुजारना जिससे उसका विकास हो।

साधारण अर्थों में शरीर के अंगों को तानना, घुमाना, मोड़ना और अन्य काम जैसे खेलना, कूदना, तैरना यह सभी व्यायाम कहलाते हैं।

व्यायाम को अलग-अलग कारणों के लिए किया जाता है। जैसे कि वजन घटाने के लिए, मजबूती बढ़ाने के लिए, लचीलापन और स्फूर्ति बढ़ाने के लिए व शरीर तथा मन को शांत करने के लिए इत्यादि। 

जितने भी खेल वजूद में हैं उन्हें बनाए जाने के पीछे मनोरंजन और व्यायाम ही मुख्य था। जैसे की कबड्डी, खो खो, ऊंची कूद तथा लंबी कूद जैसे खेलों से शारीरिक मजबूती और स्फूर्ति भी बढ़ती है साथ ही खेल भावना की बढ़ोतरी होती है।

व्यायाम के प्रकार Types of Exercises in Hindi

आज के समय में व्यायाम के लिए विभिन्न मशीनों और उपकरणों की सहायता ली जाती है जिससे व्यायाम की शैली और रूपरेखा दोनों बदल गई है। लेकिन व्यायाम की शुरुआत प्राचीन काल में योग और प्राणायाम से ही हुई थी।

प्राचीन काल से योग और खेल को ही व्यायाम का एकमात्र साधन माना जाता था लेकिन समय के साथ व्यायाम के और भी रूप-प्रतिरूप सामने आते गए जो निम्न है।

व्यायाम के मुख्य प्रकारों में आयसोटोनिक, आयसोमट्रिक ,आयसोमेट्रिक और आयसोटोनिक, एनरोबिक्स (शीघ्र व्यायाम), एरोबिक्स  (दमसांस वाले व्यायाम), चलना, खेल इत्यादि को शामिल किया जाता है। 

जिन कसरतों में हलचल ज्यादा होती है उसे आइसोटोनिक प्रकार के व्यायाम कहते हैं जैसे कि साइकल चलाना, तैरना, दौड़ना इत्यादि।

जब शरीर के द्वारा बल लगाकर किसी चीज को उठाया जाता है या धक्का लगाया जाता है जिसमें गतिशीलता नहीं होती है बल्कि ताकत लगती है उसे आइसोमेट्रिक प्रकार का व्यायाम कहते हैं। जैसे जिम में डंबल उठाना इत्यादि

जिस प्रकार के व्यायाम में गतिशीलता के साथ वजन उठाने को भी शामिल किया जाता है उसे आइसोटोनिक तथा आइसोमेट्रिक मिक्स प्रकार का व्यायाम कहते हैं।

ऐसे प्रकार के व्यायाम को एक निश्चित अंतराल पर किया जाता है उसे एनरोबिक्स प्रकार के व्यायाम कहते हैं जैसे कबड्डी, 200 मीटर रेस इत्यादि।

जिन व्यायाम में शरीर की तनन क्षमता, मजबूती और गतिशीलता तीनों का उपयोग होता है उसे एरोबिक्स कहते हैं। कुछ खास प्रकार के व्यायाम के साथ तेज दौड़ना, ऊंची कूद, लंबी कूद, टेनिस जैसे खेलों को इनमें शामिल किया जाता है।

व्यायाम का महत्व Importance of Exercise in Hindi

सुबह होते ही गाय तथा भैंसों के बच्चे व अन्य जानवर उत्साह पूर्वक उछलने कूदने लगते हैं क्योंकि प्रकृति ने हर एक जीव जंतु के लिए एक ही नियम को बनाया है।

पशुओं के जीवन के मुकाबले इंसानों का जीवन सुख सुविधाओं वाला होता है इसलिए व्यायाम का महत्व इंसानों के लिए सबसे ज्यादा होता है।

व्यायाम करने से शरीर को पर्याप्त कसरत मिलता है इसके कारण शरीर के आंतरिक अंग सुचारू रूप से कार्य कर पाते हैं। एक बार आंतरिक अंग स्वस्थ रुप से कार्य करने लगते हैं तो मन स्वतः शांत और स्वस्थ हो जाता है।

शरीर की रोग प्रतिकारक शक्ति को बढ़ाने के लिए व्यायाम को सर्वोपरि माना जाता है व्यायाम के कारण बाहरी रोगाणुओं- जीवाणुओं का शरीर पर कोई नकारात्मक प्रभाव नहीं पड़ता।

बड़े से बड़ा चिकित्सक व्यायाम को सबके लिए सर्वोपरि मानता है। इसलिए ही वह अपने सभी मरीजों को व्यायाम जरूर करने की सलाह देता है।

जो बच्चे व्यायाम और खेलकूद में रुचि रखते हैं उनका जीवन व्यायाम न करने वाले बच्चों से बेहतर देखा गया है।

व्यायाम के नियम Rule of Exercise in Hindi

किसी भी चीज से सटीक लाभ लेने के लिए उसके नियमों का पालन करना पड़ता है तथा सावधानियों की समझ भी रखनी होती है। व्यायाम करने के भी कई नियम हैं इसे अगर नजरअंदाज किया जाए तो शारीरिक व मानसिक कष्ट भुगतना पड़ सकता है।

कसरत को करने के लिए प्रातः काल का समय सर्वश्रेष्ठ माना जाता है। व्यायाम करने से पहले शौच आदि से निवृत हो लेना एक अच्छी आदत मानी जाती है।

व्यायाम के पहले नियम के अनुसार यह कभी भी खाली पेट या खाने के कम से कम 3 घंटे बाद किया जाना चाहिए व आधे घंटे पहले पर्याप्त मात्रा में पानी पिया जा सकता है।

खुले और हवादार जगहों का प्रयोग व्यायाम करने के लिए किया जाता है क्योंकि इस समय सांसे और शारीरिक तापमान अधिक रफ्तार से चढ़ते और उतरते रहते हैं।

किसी भी प्रकार के कठिन या सरल व्यायाम करने से पहले शरीर की मांसपेशियों को तान कर ढीला करना चाहिए ताकि एकाएक व्यायाम से उन्हें कोई हानि न हो।

जिन्हें कोई भी शारीरिक और मानसिक व्याधि हो उन्हें व्यायाम करने से पहले उसके बारे में पूरी जानकारी ले लेनी चाहिए।

व्यायाम से लाभ Benefits of Exercise in Hindi

व्यायाम से शरीर में स्फूर्ति और ताजगी बनी रहती है जिसके कारण अन्य कामों में ध्यान अच्छे से लग पाता है। इसके सबसे बड़े लाभ के रूप में रोग प्रतिकारक क्षमता की बढ़ोतरी है जीसके कारण शरीर स्वस्थ रहता है।

आइसोटोनिक प्रकार के व्यायाम से हर किसी को कई लाभ होते हैं जैसे कि स्टैमिना का बढ़ना, चेहरे पर निखार आना, रक्त का साफ होना इत्यादि।

योग तथा प्राणायाम करने से हर प्रकार की आधी व्याधि दूर होती है। लंबाई बढ़ाने के लिए ताड़ासन जैसे योग को सर्वोपरि माना जाता है।

प्राणायाम के रूप में अनुलोम विलोम, कपालभाति और भस्त्रिका प्राणायाम से शरीर और मन को अनेकों लाभ होते हैं जैसे एकाग्रता का बढ़ना, विचारों का शांत होना, चिंता का कम होना और आध्यात्मिक उन्नति करना इत्यादि। 

व्यायाम पर 10 लाइन Best 10 Lines on Exercise in Hindi

नीचे पढ़ें व्यायाम पर 10 लाइन-

  • कसरत से शरीर में काफी ऊर्जा निकल कर गर्मी पैदा होती है। यह गर्मी पसीना और प्रश्वास के माध्यम से शरीर शुद्ध करती है।
  • वह कार्य जिससे शरीर सुदृढ़ होता है तथा बल मिलता है, उसे व्यायाम कहते हैं।
  • व्यायाम कई प्रकार के होते हैं- दण्ड बैठक करना, प्रातः भ्रमण, दौड़ना, रस्सी कूदना, योगासन करना आदि।
  • ऐसे व्यायाम नहीं करने चाहिएँ जिन्हें हमारा शरीर स्वीकार न करता हो।
  • व्यायाम करने से पाचन क्रिया भी ठीक रहती है व भूख समय पर लगती है। 
  • व्यायाम करने से हाथ-पैर और शरीर के अन्य अंग बलिष्ठ हो जाते हैं। शरीर में स्फूर्ति उत्पन्न हो जाती है।
  • जो विद्यार्थी व्यायाम नहीं करते, उनका शरीर बेडौल हो जाता है 
  • प्रात:काल की खुली वायु में व्यायाम करना सर्वोत्तम होता है।
  • व्यायाम का चुनाव करते समय व्यक्ति को अपनी आयु, क्षमता तथा शरीर को विशेषताओं का ध्यान में रखना चाहिए।
  • बच्चों की लंबाई को बढ़ाने के लिए ताड़ासन जैसे योग को सर्वोपरि माना जाता है। 

निष्कर्ष Conclusion

इस लेख में आपने व्यायाम पर निबंध (Essay on the Exercise in Hindi) पढ़ा। आशा है यह निबंध आपको जानकारी से भरपूर लगा हो। अगर यह लेख आपको पसंद आया हो तो इसे शेयर जरूर करें।

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(2022) व्यायाम का महत्व पर निबंध- Essay on exercise in Hindi

(व्यायाम का महत्व निबंध , व्यायाम और जीवन पर निबंध )

व्यायाम को साधारण भाषा में समझे तो, हमारे शरीर को ऐसा बनाना जो हर स्थिति में कार्य कर सके। नियमित व्यायाम करने से मानवी की रोग प्रतिकारक शक्ति बढ़ती है, जिससे वह कई भयानक रोगों से दूर होता है। वर्तमान समय में हमें कोरोना जैसी भयानक बीमारी से बचने के लिए व्यायाम करना ही चाहिए। लेकिन आज का मानवी व्यायाम और खेल-कूद जैसी चीज़ों से काफी दूर हो गया है। इसकी वजह से ऐसे लोगो के अंदर कई खतरनाक बीमारिया फैल जाती है। जो अंत मे उनके मौत का कारण बनती है। इसलिए आज से ही नियमित रूप से व्यायाम करना शुरू कर दें।

Table of Contents

व्यायाम करने का सही स्थान और समय

वैसे तो हमे जब भी समय मिले उस समय व्यायाम कर सकते है। लेकिन व्यायाम करने का सबसे फायदेमंद समय सुबह और शाम का है। कई लोग देर रात और दोपहर में व्यायाम करते है, लेकिन इससे कुछ खास लाभ नहीं होता है। इसके साथ-साथ हमे रौशनी और स्वच्छ हवा में व्यायाम करना चाहिए। क्योकि खुली जगह में व्यायाम करने से बहुत फायदा होता है। इस तरह मनुष्य के जीवन में व्यायाम का बहुत महत्व है।

अगर आप सर्दियों में सुबह व्यायाम करते है, तो उससे आपके शरीर को विशेष रूप से फायदा होता है। पश्चिमी देशों में पुरुषों के साथ-साथ महिलाएं भी व्यायाम करती है। लेकिन हिंदुस्तान में कुछ प्रतिशत लोग ही व्यायाम करते है। और घर से बाहर निकलकर व्यायाम करने की संख्या तो और भी कम है। इस वजह से भारत में नई तरह की बीमारियां पैदा हो रही है।

व्यायाम के मुख्य प्रकार

व्यायाम के कई प्रकार है। जैसे हर रोज सुबह उठकर टहलना, योग करना, साइकल चलाना, लम्बी कूद, रस्सी कूद, उठक-बैठक और सभी खेल व्यायाम ही है। हम सभी को अपनी दिनचर्या में व्यायाम को अपनाना चाहिए। क्योकि मनुष्य के जीवन मे इसके बहुत लाभ है।

Essay on exercise in Hindi

व्यायाम के लाभ क्या है?

  • आज की भाग-दौड़ भरी जिंदगी में व्यायाम हमारे लिए बहुत जरूरी है। क्योकि व्यायाम करने से हमारा शरीर स्वस्थ, निरोग और सुंदर रहता है।
  • नियमित व्यायाम करने से शरीर तंदुरुस्त और दिमाग शांत रहता है। इसीलिए तो कहा जाता है कि, स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ मन और आत्मा का निवास होता है।
  • व्यायाम करने से शरीर में फुर्ती रहती है और आलसपन दूर होता है।
  • शरीर कि मांसपेशियां सुदृढ़ बनती है और हमारे चहरे पर एक तेज़ उत्पन्न होता है।
  • इसके अलावा जो लोग अधिकतर बैठे रहते है, उनके शरीर में कई प्रकार की बीमारिया उत्पन्न होती है। जैसी कि दर्जी, मोची, लोहार आदि अगर नियमित रूप से व्यायाम करें तो यह लोग बीमारियां से बच सकते है।
  • व्यायाम करने से शरीर का रक्त-संचार ठीक से होता है। जिससे हृदय रोग उत्पन्न नहीं होता।
  • इसके अलावा जिन लोगो के शरीर में चर्बी बढ़ जाती है, तो उनको मेदस्वती और मोटापे जैसी बीमारिया उत्पन्न होती है। इन बीमारियो से सांस फूलने लगती है। परंतु अगर हम नियमित व्यायाम करे तो इन बीमारियो से छुटकारा पा सकते है।
  • व्यायाम करने से हमारे शरीर में जो पसीना आता है, उससे भी कई प्रकार के अनावश्यक और हानिकारक पदार्थ पसीने के साथ बाहर आ जाते है। इससे हमारा शरीर स्वस्थ रहता है।
  • नियमित व्यायाम करने से हमे गहरी नींद आती है, जिससे हमारी थकान दूर हो जाती है।
  • अगर किसी व्यक्ति का स्वभाव चिड़चिड़ापन है और उसे हर छोटी-छोटी बात और क्रोध आता है, तो उसे भी व्यायाम करना चाहिए। व्यायाम करने से क्रोध और चिड़चिड़ापन दूर होते है।
  • व्यायाम हमारे तन और मन दोनों को स्वस्थ रखता है।
  • व्यायाम हर बीमारी को दूर करने का सबसे अच्छा उपाय है। जब हमारा शरीर स्वस्थ और रोगमुक्त रहेगा तब जीवन में चारों और खुशियों ही खुशियां होगी।

(यह भी पढ़े- योग का महत्व पर निबंध )

व्यायाम का महत्व

आज इस दुनिया में लगभग हर व्यक्ति किसी न किसी बीमारी से घिरा हुआ है। इन बीमारियो से बचने के लिए हर कोई डॉक्टर के पास जाता है। लेकिन डॉक्टर सिर्फ बीमारी को ठीक कर सकता है, परंतु आपके स्वास्थ्य को कोई भी सही नहीं कर सकता। इसके लिए आपको खुद व्यायाम करना होगा। क्योकि जो लोग हररोज व्यायाम करते है, उनसे रोग कोसो दूर रहते है। कई बड़े शोधकर्ताओं का यह भी कहना है कि, वर्तमान में मनुष्य बीमारियो से कम और दवाइयों के कारण अधिक मर रहा है। इसलिए मनुष्य अपना स्वास्थ्य दवाइयों से नहीं बल्कि व्यायाम से मजबूत बनाना होगा।

जिस तरह मनुष्य के लिए भोजन, कपड़े और मकान जरूरी है, उसी तरह से व्यायाम भी जरूरी है। क्योकि व्यायाम हमें रोगमुक्त बनाता है और हमारे दिमाग को स्थिर बनाता है। पतला शरीर और उदास दिमाग वाले व्यक्ति के अंदर आत्मविश्वास कि कमी होती है। इसीलिए हमे नियमित व्यायाम करना चाहिए।

इसके अलावा जो लोग हररोज बहुत काम करते है, उनको व्यायाम करने कि जरूरत नहीं। जैसे कृषि के क्षेत्र में मेहनत करने वाले किसान और कारखानों में काम करने वाले विभिन्न श्रमिक। इन लोगो के काम मे बहुत पसीना निकलता है, जिससे उनको कोई बीमारी नहीं होती। लेकिन फिर भी ऐसे लोगो यदि व्यायाम करे तो उनके लिए बहुत अच्छा है।

मनुष्य के तन और मन को स्वस्थ और शांत रखने के लिए सबसे अच्छा उपाय व्यायाम ही है। जैसे अक्सर हम क्रिकेट या फूटबोल में देखते है कि, एक खिलाड़ी चोटिल होने के बाद भी तुरंत खड़ा हो जाता है। इसकी मुख्य वजह व्यायाम है। इसलिए अगर आप भी अपने शरीर को स्वस्थ रखना चाहते है, तो आज से ही रोज सुबह व्यायाम करना शुरू करदे।

अगर आपको इस निबंध से कुछ भी लाभ हुआ हो, तो इसे share करना ना भूले। व्यायाम का महत्व पर निबंध पढ़ने के लिए आप सभी का धन्यवाद ( Essay on exercise in Hindi )

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व्यायाम का महत्व पर निबंध – Essay on the importance of exercise in Hindi

आज में आपके लिए लेकर आया हूँ व्यायाम का महत्व पर निबंध (Essay on the importance of exercise in Hindi). जिसमें आप परिभाषा और रूप, व्यायाम करने का सही स्थान और समय, इसके लाभ और हमारी शिक्षा प्रणाली में व्यायाम के बारे में आप जानेंगे. सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि यह लेख आपको कई प्रकार की परीक्षाओं में मदद करेगा. तो बिना देरी किये चलिए हमारे मुख्य लेख की ओर बढ़ते हैं जो है व्यायाम का महत्व पर निबंध ( The importance of exercise essay in Hindi ).

यह सोचना भ्रामक है कि शरीर को बनाए रखने के लिए भोजन, कपड़े और आश्रय आवश्यक हैं, लेकिन यह कि सुंदर और अच्छी तरह से संतुलित शरीर और एक स्थिर दिमाग के लिए लाभ पर्याप्त हैं. इन सभी संसाधनों की प्रचुरता के कारण, इसमें कोई सच्चाई नहीं है कि एक पतला शरीर और उदास दिमाग के साथ एक व्यक्ति खुशहाल जीवन जी सकता है. शरीर की भलाई और मन की भलाई के लिए नियमित व्यायाम की आवश्यकता से इनकार नहीं किया जा सकता है. ब्रह्मांड में मानव जीवन बहुत दुर्लभ है. इस अनमोल जीवन की सुरक्षा का ध्यान रखना प्रत्येक मनुष्य का कर्तव्य है. मानसिक विकास शरीर की उचित संरचना और वृद्धि पर निर्भर करता है. अतः बिना व्यायाम के स्वस्थ शरीर में स्वस्थ मंत्र की स्थिति उचित नहीं लगती है.

परिभाषा और रूप

शारीरिक वृद्धि और विकास के लिए नियमित अंग चालना का दूसरा नाम व्यायाम है. उन सभी कार्यों में जिनमें शरीर के विभिन्न अंग लगातार गतिशील होते हैं, जिसके कारण शरीर मजबूत और सुव्यवस्थित होता है और यह सब कार्य ही व्यायाम है. यह कहना अतिशयोक्ति नहीं होगी कि कृषि के क्षेत्र में अथक परिश्रम करने वाले किसान, कारखानों में विभिन्न शारीरिक गतिविधियों में सदैव लगे रहने वाले श्रमिक तथा भवनों और सड़कों आदि के निर्माण में कार्यरत श्रमिक रोजाना व्यायाम करते हैं. संक्षेप में, यह कहा जा सकता है कि व्यायाम शारीरिक गतिविधि में संलग्न होने का एक निरंतर तरीका है. चिकित्सक, वकील, शिक्षक, कलाकार, या विभिन्न मानसिक गतिविधियों में लगे कई अन्य पेशेवर शायद ही कभी उपरोक्त शारीरिक गतिविधियों में से कोई भी कार्य करते हैं. परिणामस्वरूप, शारीरिक विकास के लिए आवश्यक अन्य सभी शारीरिक गतिविधियाँ उनके अभ्यास में शामिल होती हैं. कुश्ती, खेल, साइकिल चलाना, नौका विहार और विभिन्न खेलों में भाग लेना जैसे फुटबॉल, क्रिकेट, हॉकी, टेनिस, बैडमिंटन, कबड्डी, आदि व्यायाम है. यहां तक ​​कि तैराकी, दौड़ना या लंबी दूरी तक चलना व्यायाम का हिस्सा है.

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व्यायाम करने का सही स्थान और समय

दैनिक जीवन में पेशे की जरूरतों के अनुसार विभिन्न शारीरिक गतिविधियां करने वालों में व्यायाम के स्थान और समय को निर्धारित करना हमेशा संभव नहीं होता है. बेशक, उनके कार्यस्थल में पर्यावरण को शारीरिक गतिविधि के लिए अनुकूल होना चाहिए. व्यायाम के लिए अत्यधिक रौशनी और स्वच्छ हवा आवश्यक है. ऑक्सीजन की कमी से हवा की शुद्धता कम हो जाती है. इसलिए खुले ग्रामीण इलाकों और हाइलैंड्स व्यायाम करने के लिए सबसे अच्छी जगह हैं. इस स्थान में निर्बाध वायु परिसंचरण होता है. सुबह और दोपहर व्यायाम के लिए महान समय है. देर रात और दोपहर में व्यायाम करने से कोई भी फायदा नहीं होता है. सर्दियों में अधिक समय तक व्यायाम करना शरीर के लिए विशेष रूप से फायदेमंद होता है. यदि किसी भी कारण से शारीरिक बीमारी महसूस होती है तो व्यायाम को पूरी तरह से रोका जा सकता है या इसकी अवधि कम की जा सकती है.

व्यायाम शरीर को स्वस्थ रखने के साथ-साथ शारीरिक संरचना और विकास में मदद करता है. आलस्य उस व्यक्ति से हमेशा दूर रहता है, जो नियमित रूप से व्यायाम करने की आदत में है. व्यायाम के दौरान तेजी से सांस लेने से रक्त का संचार, विभिन्न शारीरिक प्रक्रियाएं अच्छी तरह से प्रबंधित होती हैं और फेफड़े और दिल मजबूत होते हैं और अच्छी तरह से काम करते हैं. रक्त, मांस, हड्डियां, तंत्रिकाओं, मांसपेशियों आदि शरीर के मुख्य अवयवों हैं. व्यायाम करने से शरीर के बीच के ये सभी अंग मजबूत होते हैं और ठीक से काम करते हैं. व्यायाम के दौरान शरीर से अत्यधिक पसीना निकलता है जिससे त्वचा को साफ होता  है और त्वचा में संक्रमण का खतरा नहीं रहता है. नियमित व्यायाम से भूख बढ़ती है, कब्ज का खतरा दूर होता है.

हमारी शिक्षा प्रणाली में व्यायाम

अनुसंधान और परीक्षा के माध्यम से बाल मनोचिकित्सक और शिक्षक इस निष्कर्ष पर पहुंचे हैं कि आधुनिक स्कूलों के पाठ्यक्रम में मानसिक और शारीरिक शिक्षा दोनों का समान महत्व है. इसलिए पाठ्यक्रम में विभिन्न खेल और अभ्यास हैं. प्रत्येक संस्थान के लिए शारीरिक शिक्षा शिक्षकों की नियुक्ति की गई है. लेकिन यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि कुछ स्कूल व्यायाम के महत्व पर जोर नहीं देते हैं. जब प्रत्येक शिक्षक और छात्रों को व्यायाम के लाभों का पता चलेगा, तो वे स्वस्थ जीवन जीने में सक्षम हो सकते हैं.

चाहे प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से, कुछ लोग व्यायाम करने के लिए उपेक्षा करते हैं. नतीजतन, वे विभिन्न बीमारियों से पीड़ित होते हैं. तो इसके बाद में, उनके पश्चाताप उनका सार है. व्यायाम की कमी से मोटापा हो सकता है, जिससे दैनिक गतिविधियों जैसे बैठना, उठना, चलना, दौड़ना जैसी समस्याएं हो सकती हैं. भारत जैसे कम विकसित देश में, व्यायाम के बारे में व्यापक जागरूकता की आवश्यकता है.

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यह था हमारा लेख व्यायाम का महत्व पर निबंध (Essay on the importance of exercise in Hindi ). उम्मीद है कि यह लेख आपको पसंद आया होगा. अगर पसंद आया है, तो अपने दोस्तों के साथ शेयर करना न भूलें. मिलते हैं अगले लेख में. धन्यवाद. 

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Importance Of Exercise Essay In Hindi

व्यायाम का महत्व निबंध – Importance Of Exercise Essay In Hindi

व्यायाम का महत्व निबंध – essay on importance of exercise in hindi.

संकेत बिंदु –

  • पुरुषार्थ प्राप्ति के लिए आवश्यक
  • व्यायाम के लाभ
  • व्यायाम का उचित समय
  • ध्यान रखने योग्य बातें

व्यायाम एक-लाभ अनेक (Vyayam Ek-Labh Anek) – Exercise – Many Benefits

साथ ही, कक्षा 1 से 10 तक के छात्र उदाहरणों के साथ इस पृष्ठ से विभिन्न  हिंदी निबंध  विषय पा सकते हैं।

भूमिका – गोस्वामी तुलसीदास ने कहा है- ‘बड़े भाग मानुष तन पावा’ अर्थात् मानव शरीर बड़ी किस्मत से मिलता है। इस शरीर से सुख-सुविधाओं का आनंद उठाने के लिए इसका स्वस्थ एवं नीरोग होना अत्यावश्यक है। यूँ तो स्वस्थ शरीर पाने के कई तरीके हो सकते हैं पर व्यायाम उनमें सर्वोत्तम है।

Essay On Importance Of Exercise In Hindi

पुरुषार्थ प्राप्ति के लिए आवश्यक – मानव जीवन के चार पुरुषार्थ माने जाते हैं। ये हैं-धर्म अर्थ, काम और मोक्ष। इन्हें पाने का साधन है- स्वास्थ्य। अर्थात् यदि मनुष्य का जीवन नीरोग है तभी इन पुरुषार्थों के माध्यम से जीवन को सफल बनाया जा सकता है। रोगी और अस्वस्थ व्यक्ति न तो धर्मचिंतन कर सकता है और न उद्यम करके धनोपार्जन कर सकता है, न वह काम की प्राप्ति कर सकता है और न मोक्ष की प्राप्ति। अतः उत्तम स्वास्थ्य की ज़रूरत निस्संदेह है और उत्तम स्वास्थ्य पाने का सर्वोत्तम साधन हैव्यायाम। वास्तव में व्यायाम स्वास्थ्य का मूलमंत्र है।

व्यायाम के लाभ – उत्तम स्वास्थ्य के लिए संतुलित पौष्टिक भोजन शुद्ध जलवायु, संयमित जीवन, स्वच्छता आदि आवश्यक है, परंतु इनमें सर्वोपरि है-व्यायाम। व्यायाम के अभाव में पौष्टिक भोजन पूरी तरह से प्रभावी नहीं हो पाता है।

व्यायाम में चिरयौवन पाने का राज छिपा है। जो व्यक्ति नियमित व्यायाम करता है, बुढ़ापा उसके निकट नहीं आता है। इससे उसका शरीर ऊर्जावान बना रहता है और लंबे समय तक चेहरे या शरीर पर झुर्रियाँ नहीं पड़ती हैं। व्यायाम हमारे शरीर की पाचन क्रिया को दुरुस्त रखता है। सही ढंग से पचा भोजन ही रक्त, मज्जा, माँस आदि में परिवर्तित हो पाता है। व्यायाम हमारे शरीर कर रक्त संचार भी ठीक रखता है। इससे शारीरिक स्वास्थ्य ही नहीं मानसिक स्वास्थ्य भी उत्तम बनता है। इसके अलावा शरीर सुगठित, फुरतीला, लचीला और सुंदर बनता है।

व्यायाम का उचित समय – व्यायाम करने का सर्वोत्तम समय प्रातः काल है। इस समय पूरब की लालिमा शरीर में नवोत्साह भर देती है। इससे मन प्रफुल्लित हो जाता है। इस समय बहने वाली शीतल मंद हवा चित्त को प्रसन्न कर देती है और शरीर को ऊर्जा से भर देती है। पक्षियों का कलख कुछ-कहकर हमें व्यायाम करने की प्रेरणा देता हुआ प्रतीत होता है। इस समय शौच आदि से निवृत्त होकर बिना कुछ खाए व्यायाम करना चाहिए। ऋतु और मौसम को ध्यान में रखकर शरीर पर सरसों के तेल की मालिश व्यायाम से पूर्व करना अच्छा रहता है। दोपहर या तेज़ धूप में व्यायाम से बचना चाहिए। यदि किसी कारण सवेरे समय न मिले तो शाम को व्यायाम करना चाहिए।

ध्यान देने योग्य बातें – व्यायाम करते समय कुछ बाते अवश्य ध्यान में रखना चाहिए। व्यायाम इस तरह करना चाहिए कि शरीर के सभी अंगों का सही ढंग से व्यायाम हो। शरीर के कुछ अंगों पर ही ज़ोर पड़ने से वे पुष्ट हो जाते हैं परंतु अन्य अंग कमजोर रह जाते हैं। इससे शरीर बेडौल हो जाता है। व्यायाम करते समय श्वास फूलने पर व्यायाम बंद कर देना चाहिए, अन्यथा शरीर की नसें टेढ़ी होने का डर रहता है। व्यायाम करते समय सदा नाक से साँस लेनी चाहिए, मुँह से कदापि नहीं। व्यायाम करने के तुरंत उपरांत कभी नहाना नहीं चाहिए। इसके अलावा व्यायाम ऐसी जगह पर करना चाहिए जहाँ पर्याप्त वायु और प्रकाश हो। व्यायाम की मात्रा धीरे-धीरे बढ़ानी चाहिए अन्यथा अगले दिन व्यायाम करने की इच्छा नहीं होगी।

उपसंहार – व्यायाम उत्तम स्वास्थ्य पाने की मुफ़्त औषधि है। इसके लिए बस इच्छाशक्ति और लगन की आवश्यकता होती है। हमें सवेरे देर तक सोने की आदत छोड़कर प्रतिदिन व्यायाम अवश्य करना चाहिए।

Hindi Essay

व्यायाम पर निबंध हिंदी | Essay on Exercise in Hindi 500 Words | PDF

Essay on exercise in hindi.

Essay on Exercise in Hindi 500 + Words (Download PDF) व्यायाम पर निबंध कक्षा 5, 6, 7, 8, 9, 10 के लिए – व्यायाम के अनेक फायदे है जो शारीरिक स्वास्थ्य के लिए अति आवश्यक है। यह कई प्रकार के होते है और प्रत्येक व्यायाम करने के अलग -अलग तरिके होते है। आज हम जानेंगे व्यायाम का क्या महत्व है और यह कितने प्रकार के होते है तो आइये शुरू करते है।

मानव शरीर एक मशीन के समान है। एक अस्वस्थ शरीर न तो किसी प्रकार का कार्य कर सकता है और न ही किसी प्रकार का सुख भोग सकता है। अस्वस्थ व्यक्ति के लिए यह जीवन नीरस हो जाता है। इसलिए मानव शरीर में कर्म और भोग दोनों के लिए स्वस्थ शरीर आवश्यक है। केवल अच्छी चीजें खाने-पीने से शरीर मजबूत नहीं होता, लेकिन शरीर को स्वस्थ बनाने के लिए व्यायाम नितांत आवश्यक है। केवल अच्छी चीजें खाने से, बिना व्यायाम के यह शरीर बीमारी का घर बन जाता है।

व्यायाम का महत्व

कहा जाता है कि स्वस्थ तन में ही स्वस्थ मन का वास होता है। अस्वस्थ शरीर मानसिक समस्याओं की ओर ले जाता है, और अस्वस्थ मन शारीरिक समस्याओं की ओर ले जाता है। रोजाना व्यायाम करने से शरीर स्वस्थ और फिट रहता है और कई तरह के रोग दूर होते हैं।

स्वस्थ शरीर से मानसिक प्रसन्नता बढ़ती है। मन को शांति मिलती है। व्यायाम से शरीर की ताकत, चेहरे की चमक, मांसपेशियों के उभार का बारीक विभाजन, आलस्य, स्थिरता और शरीर का हल्कापन महसूस होता है। व्यायाम करने से पाचन शक्ति मजबूत होती है, भूख लगती है, शरीर सुगठित, सुव्यवस्थित और सुडौल बनता है।

शरीर के सभी अंग अपना काम ठीक से करते हैं जिससे शरीर में ऊर्जा और ताजगी आती है। व्यायाम से शरीर में एक नई ऊर्जा आती है जिससे उसकी कांति प्रकट होती है। शरीर सुंदर दिखता है और चेहरा निखरता है। व्यायाम करने वाले व्यक्ति की उम्र बढ़ती है। यौवन बुढ़ापे में फूटता है। स्वस्थ शरीर कभी बासी नहीं होता।

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व्यायाम के तरीके

व्यायाम करने के कई तरीके बताए गए हैं। योग के द्वारा साधक कई वर्षों तक जीवित रहा, जिसका प्रमाण शास्त्रों में मिलता है। शास्त्रों में योग के चौरासी लाख आसन बताए गए हैं।

योग से शरीर के सभी अंग नियंत्रित होते हैं। प्राणायाम शरीर और मानसिक स्थिरता के लिए सबसे अच्छा व्यायाम है। ध्यान मन की शांति और आत्मा की भावना लाता है। इस तरह योग के द्वारा हम शरीर के सभी अंगों को मजबूत बना सकते हैं।

खेल भी व्यायाम का एक रूप है। तरह-तरह के खेल शरीर को सक्रिय रखते हैं। खिलाड़ी के अंग अत्यंत गतिशील हो जाते हैं। रक्त संचार बढ़ता है। आजकल खेलों को बहुत महत्व दिया जाता है। इससे एक और मनोरंजन होता है, जिससे मस्तिष्क का विकास होता है। वहीं दूसरी ओर शरीर का व्यायाम भी होता है, जिससे शरीर की ताकत बढ़ती है।

सुबह की सैर

सुबह की सैर भी बहुत अच्छा व्यायाम है। सुबह उठकर बाहर जाने से शरीर तरोताजा और ऊर्जावान रहता है। सुबह की सैर से न सिर्फ शरीर के अंग सक्रिय होते हैं, बल्कि सुबह की हवा शरीर के लिए अमृत का काम करती है। शरीर का व्यायाम दिन की अन्य गतिविधियों से भी होता है। लेकिन अमृत से भरी हवा सुबह के समय ही मिल पाती है। सुबह के बाद हवा कई कारणों से प्रदूषित हो जाती है।

शारीरिक और मानसिक श्रम व्यायाम है। एक किसान और मजदूर किसी भी प्रकार का व्यायाम नहीं करता है और न ही उसे कोई व्यायाम करने की आवश्यकता होती है क्योंकि उसका दैनिक कार्य ऐसा होता है कि शरीर के सभी अंग स्वयं सक्रिय रहते हैं। इसलिए मेहनत करना भी एक तरह का व्यायाम है, जिससे शरीर स्वस्थ रहता है। इसलिए मेहनती व्यक्ति को भी व्यायाम करने की आवश्यकता नहीं होती है।

व्यायाम के सुझाव

जिस तरह खाना-पीना शरीर के लिए जरूरी है, उसी तरह व्यायाम भी बहुत जरूरी है। इसलिए सभी को रोजाना व्यायाम करना चाहिए। शरीर को स्वस्थ रखने के लिए सुबह जल्दी उठना नितांत आवश्यक है। खुली हवा में उठना और यात्रा करना, दौड़ना, योग करना बहुत फायदेमंद होता है।

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किसी भी तरह का व्यायाम शरीर के सभी अंगों के संचालन के लिए अच्छा होता है। इन दिनों खेलों का खूब प्रचार-प्रसार हो रहा है। खेलकूद प्रतियोगिता में भाग लेना चाहिए। इससे शरीर को उचित व्यायाम मिलेगा। वहां हमारी सामाजिक भावना भी विकसित होगी। दिन भर अपने काम में लगे रहना चाहिए, क्योंकि श्रम भी एक प्रकार का व्यायाम है।

हर कोई लंबे समय तक खुशी से जीना चाहता है, लेकिन यह संभव नहीं है। रोजाना उचित व्यायाम करने से इसे संभव बनाया जा सकता है। इसलिए व्यायाम करने में आलस्य नहीं आने देना चाहिए। नियमित व्यायाम से शरीर फिट रहता है। शरीर मनुष्य की सबसे बड़ी संपत्ति है। संसार की अन्य संपत्तियां स्वस्थ शरीर के अधीन हैं। स्वस्थ रहकर मनुष्य लाखों की संपत्ति बना सकता है।

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Q&A. on Exercise in Hindi

व्यायाम करना क्यों जरूरी है.

उत्तर – व्यायाम लोगों की बीमारियों के जोखिम को कम करने और वजन कम करने में मदद करता है। प्रतिदिन व्यायाम करने से टाइप 2 मधुमेह, मोटापा और उच्च रक्तचाप सहित कुछ बीमारियों के विकास का जोखिम कम हो जाता है। यह एक व्यक्ति की अच्छी उम्र में मदद कर सकता है और आपके शरीर को स्वस्थ वजन पर रखने में मदद कर सकता है।

व्यायाम के कौन -कौन से रूप है?

उत्तर – साइकिल चलाना, दौड़ना और खेल, स्वास्थ्य क्लब में व्यायाम करना, तैराकी, गोल्फ और टेनिस, व्यायाम के ये सभी रूप हैं। जॉगिंग या दौड़ना शरीर के लिए अधिक फायदेमंद होता है। यह दैनिक शारीरिक गतिविधि को तीव्रता से हल्का से मध्यम बनता है।

क्या सभी व्यायाम समान हैं?

उत्तर – नहीं, शारीरिक गतिविधि को चार श्रेणियों में वर्गीकृत किया जा सकता है – लचीलापन, धीरज, शक्ति, और संतुलन। सभी व्यायाम अलग – अलग परिणाम देते हैं क्योंकि कुछ व्यायाम शरीर के विभिन्न भागों पर ध्यान केंद्रित करते हैं। प्रत्येक प्रकार का व्यायाम अलग है और उनके तरिके भी।

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व्यायाम (एक्सरसाइज) के प्रकार, महत्व, करने का तरीका, लाभ और हानि – Types of Exercise, Importance And Benefits In Hindi

व्यायाम (एक्सरसाइज) के प्रकार, महत्व, करने का तरीका, लाभ और हानि - Types of exercise, Importance and benefits in Hindi

Exercise In Hindi: स्वस्थ रहने के लिए जिस प्रकार एक संतुलित आहार की आवश्यकता होती है उसकी प्रकार एक मजबूत और फिट शरीर के लिए व्यायाम की आवश्यकता होती है। हम सभी जानते हैं कि व्यायाम हमारे दैनिक जीवन में महत्वपूर्ण है, लेकिन हम ये नहीं जानते कि व्यायाम हमारे लिए क्यों आवश्यक है या व्यायाम क्या कर सकता है। जिस तरह से एक स्पोर्ट्स कार तेजी से जाने के लिए डिज़ाइन की गई है उसकी प्रकार हमारे शरीर को नियमित रूप से सक्रिय रहने के लिए बनाया गया है। कैलोरी को बर्न करने और वसा को जलाने के लिए व्यायाम बहुत ही महत्वपूर्ण है। आइसे इसे विस्तार से जानते हैं।

व्यायाम (एक्सरसाइज) क्या है – What is Exercise in Hindi

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व्यायाम (एक्सरसाइज) क्या है - What is Exercise in Hindi

व्यायाम (एक्सरसाइज) हमारे शरीर के द्वारा की गई एक प्रकार की मूवमेंट या शारीरिक गतिविधियाँ हैं जो आपकी मांसपेशियों पर काम करता है और आपके शरीर को कैलोरी जलाने के लिए इसकी आवश्यकता होती है। उदारहण के लिए तैराकी , दौड़ना , टहलना , चलना और नृत्य सहित कई प्रकार की शारीरिक गतिविधियाँ जिनको व्यायाम की श्रेणी में रखा गया हैं। सक्रिय होने से शारीरिक और मानसिक दोनों रूप से कई स्वास्थ्य लाभ होते हैं। यह आपको लंबे समय तक जीवन जीने में भी मदद कर सकता है। यह आपके वजन को कम करने और वजन को बढ़ाने दोनों में सहायता करता है। आइये व्यायाम के प्रकार को विस्तार से जानते हैं।

(और पढ़े –  वर्कआउट क्या होता है कितनी देर तक करें फायदे और नुकसान… )

सहन-शक्ति – Endurance in Hindi

स्ट्रेंथ एक्सरसाइज – strength exercises in hindi, संतुलन – balance in hindi, फ्लेक्सिबिलिटी एक्सरसाइज – flexibility exercises in hindi.

व्यायाम और शारीरिक गतिविधि को मुख्य रूप से चार भागों में बाँट गया है। अधिकांश लोग व्यायाम के एक प्रकार पर ध्यान केंद्रित करते हैं और सोचते हैं कि वे पर्याप्त व्यायाम कर रहे हैं। लेकिन इसके प्रत्येक भाग अलग है और उन सभी को करने से आपको अधिक लाभ मिलेगा। आइये इसके प्रकारों को विस्तार से जानते हैं।

सहन-शक्ति – Endurance in Hindi

सहन-शक्ति या एरोबिक (aerobic) गतिविधियां आपकी श्वास और हृदय गति को बढ़ाती हैं। यह आपके दिल, फेफड़े और रक्त संचार प्रणाली को स्वस्थ रखती हैं और आपकी संपूर्ण फिटनेस में सुधार करती हैं। अपने धीरज या सहन-शक्ति का निर्माण करना, आपकी रोजमर्रा की कई गतिविधियों को पूरा करना आसान बनाता है। सहन-शक्ति (Endurance) व्यायाम में निम्न गतिविधियां शामिल हैं-

  • तेज चलना या टहलना
  • घास काटना, उगना, खुदाई करना
  • नृत्य करना आदि

(और पढ़े –  फिट बॉडी बनाने के लिए एक्सरसाइज… )

स्ट्रेंथ एक्सरसाइज – Strength Exercises in Hindi

स्ट्रेंथ एक्सरसाइज आपकी मांसपेशियों को मजबूत बनाती हैं। वह आपको बीमारियों से स्वतंत्र रहने और रोजमर्रा की गतिविधियों को करने में मदद कर सकती हैं, जैसे सीढ़ियां चढ़ना और किराने का सामान ले जाना। इन अभ्यासों को स्ट्रेंथ ट्रेनिंग या रेसिस्टेंस ट्रेनिंग भी कहा जाता है। स्ट्रेंथ एक्सरसाइज में निम्न गतिविधियां शामिल हैं-

  • कुछ भार उठाना
  • रेसिस्टेंस बैंड का उपयोग करना
  • अपने शरीर के वजन का उपयोग करना

(और पढ़े – वेट ट्रेनिंग एक्सरसाइज क्या है, कैसे करें और फायदे और नुकसान… )

संतुलन – Balance in Hindi

संतुलन व्यायाम में गिरने से रोकने में मदद करता है, जो कि पुराने वयस्कों में एक आम समस्या है। शरीर के निचले हिस्से में ताकत के लिए व्यायाम भी आपके संतुलन में सुधार करेंगे। संतुलन व्यायाम में निम्न  गतिविधियां शामिल हैं-

  • एक पैर पर खड़ा होना
  • एड़ी और पैरों की उँगलियों पर चलना
  • ताई ची (Tai Chi)

(और पढ़े –  फिट रहने के लिए सिर्फ दस मिनट में किए जाने वाले वर्कआउट और एक्सरसाइज… )

फ्लेक्सिबिलिटी एक्सरसाइज – Flexibility Exercises in Hindi

फ्लेक्सिबिलिटी या लचीलापन व्यायाम आपकी मांसपेशियों को खींचता है और आपके शरीर को लचीला बने रहने में मदद कर सकते हैं। फ्लेक्सिबल होना आपको अन्य व्यायाम के साथ-साथ आपकी रोजमर्रा की गतिविधियों के लिए मूवमेंट (movement)  को अधिक स्वतंत्रता देता है, जिसमें ड्राइविंग और कपड़े पहनना शामिल है। फ्लेक्सिबिलिटी एक्सरसाइज में निम्न गतिविधियां शामिल हैं-

  • कंधे और ऊपरी हाथ में खिंचाव
  • पिंडली में खिंचाव

(और पढ़े –  स्‍ट्रेचिंग एक्‍सरसाइज, आखिर क्यों जरूरी है स्ट्रेचिंग… )

व्यायाम करने के नियम - Rules for Exercise in Hindi

किसी भी व्यायाम को करने के लिए कुछ नियमों का पालन करना होता है। यदि आप ऊपर दिए गए व्यायाम को करते समय निम्न नियमों का पालन करते है तो आप इन एक्सरसाइज का अधिकांस लाभ ले सकते है।

  • किसी भी व्यायाम को करने से पहले अपने शरीर को गर्म करने के लिए वार्म अप जरूर करें।
  • एक्सरसाइज करना प्रारंभ करने से पहले आप थोड़ी देर के लिए स्ट्रेचिंग अवश्य करें, इससे आपके शरीर की मांसपेशियां व्यायाम करने के लिए तैयार होती जाती है।
  • किसी भी व्यायाम को करने का सबसे पहला नियम है कि व्यायाम को सही तरीके से करें, गलत तरीके से किया गया व्यायाम आपके लिए नुकसानदायक हो सकता है।
  • यदि आप एक बिगिनर है तो आप व्यायाम को किसी जिम के ट्रेनर सामने ही करने का प्रयास करें।
  • यदि आपके शरीर की मांसपेशियों में किसी भी प्रकार का दर्द या चोट हो तो आप व्यायाम को डॉक्टर की सलाह से करें।
  • किसी भी व्यायाम को आवश्यकता से अधिक या अपनी क्षमता से अधिक ना करें। इससे आपको चोट लग सकती है या आपको दर्द हो सकता है।

(और पढ़े –  जानिए वार्म अप क्या होता है करने के तरीके और फायदे… )

व्यायाम (एक्सरसाइज) के महत्व - Importance of Exercise in Hindi

हम सभी ने सुना है कि व्यायाम महत्वपूर्ण है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि क्यों? व्यायाम करने से सभी प्रकार के लाभ प्राप्त होते हैं। यह हमारे लिए महत्वपूर्ण है क्योंकि व्यायाम आपको और आपके परिवार को एक खुशहाल और स्वस्थ जीवन जीने में मदद करता है। आइये व्यायाम करने के महत्त्व को विस्तार से जानते हैं।

  • व्यायाम आपके ऊर्जा स्तर को बढ़ाता है। व्यायाम करने से आपके पूरे शरीर को ऑक्सीजन और पोषक तत्व मिलते हैं जो अधिक कुशलता से काम करने और आपके धीरज को बढ़ाने में मदद करते हैं।
  • शारीरिक रूप से सक्रिय रहने से आप स्वस्थ रहेंगे। कुछ शोध कहते है कि दिन में 30 मिनट व्यायाम करना आपको स्वस्थ जीवनशैली बनाए रखने की आवश्यक है।
  • व्यायाम आपको खुश रखने में मदद करता है। यह शारीरिक गतिविधि आपके मस्तिष्क में उन रसायनों को छोड़ती है जिन्हें एंडोर्फिन (endorphins) कहा जाता है जो आपको खुश रखने और अधिक आराम का एहसास कराने के लिए जाने जाते हैं।
  • व्यायाम और अन्य शारीरिक गतिविधियां अक्सर समाजीकरण (socialize) के लिए बहुत अच्छे अवसर हैं। खेल के मैदान में जाना, एक स्पोर्ट्स टीम में शामिल होना या स्थानीय मनोरंजन केंद्र में जाना, ये सभी नए लोगों से मिलने का अच्छा तरीका हैं।
  • व्यायाम आपके दिल के लिए अच्छा है, यह एक स्वस्थ रक्तचाप बनाए रखने में मदद करता है और रक्त परिसंचरण में सुधार करता है।
  • नियमित शारीरिक गतिविधि आपको बेहतर नींद में मदद करती है। जब आप दिन के दौरान सक्रिय होते हैं, तो आप आमतौर पर रात में समय पर सो जाते हैं और एक अच्छी नींद लेते हैं।
  • व्यायाम आपके शरीर का एक स्वस्थ वजन बनाए रखने में मदद करता है।
  • व्यायाम आपके मन, शरीर और आत्मा के लिए अच्छा है।

(और पढ़े –  स्वस्थ और फिट रहने के लिए अपनी दिनचर्या में क्या शामिल करें… )

सामान्य एक्सरसाइज – Common Exercise in Hindi

बर्पी एक्सरसाइज – burpee exercise in hindi, लॅन्ज एक्सरसाइज – lunges exercise in hindi, सिट-अप एक्सरसाइज – situps exercise in hindi, बाइसिकल क्रंच एक्सरसाइज – bicycle crunch exercise in hindi, सिंगल-लेग डेडलिफ्ट्स एक्सरसाइज – single-leg deadlifts exercise in hindi, साइड प्लैंक एक्सरसाइज – side planks exercise in hindi, पुशअप एक्सरसाइज – push-ups exercise in hindi, स्क्वाट एक्सरसाइज – squats exercise in hindi.

व्यायाम कई प्रकार की शारीरिक गतिविधियों का एक समूह है जिसको अलग-अलग तरीके से किया जा जाता है। आइये इसे करने के तरीके को विस्तार जानते है।

सामान्य एक्सरसाइज – Common Exercise in Hindi

कुछ सामान्य शारीरिक गतिविधियों को भी आप कर सकते है ये सभी व्यायाम के अंतर्गत आती है जैसे – दौड़ना, तैरना, साइकिल चला ना, नृत्य करना और रस्सी कूदना आदि। इसके अलावा कुछ अन्य एक्सरसाइज निम्न है।

(और पढ़े – रनिंग करने के फायदे और लाभ… )

बर्पी एक्सरसाइज - Burpee Exercise in Hindi

इस एक्सरसाइज को करने के लिए आप अपने पैरों को कन्धों की चौड़ाई पर रखें और दोनों हाथों को सीधा रखें। अब अपने हाथों को सामने लाये और नीचे की ओर बैठे। अपने दोनों हाथों को फर्श पर रखें और पुशअप की स्थिति में आकार एक पुशअप करें। इसके बाद आप सीधे होकर पुनः अपने प्रारंभिक स्थिति में आयें। यह क्रिया आपको 3 सेट्स में करना है, प्रत्येक सेट में 10 बार में इस क्रिया को करना है।

(और पढ़े –  बर्पी एक्सरसाइज करने के तरीके और फायदे… )

लॅन्ज एक्सरसाइज - Lunges Exercise in Hindi

अपने आपको संतुलन की चुनौती देने के लिए लॅन्ज एक्सरसाइज बहुत ही लाभदायक हैं। इस एक्सरसाइज को करने के लिए आप एक व्यायाम मैट पर सीधे खड़े हो जाएं और अपने दाएं पैर को 2-3 फुट आगे रखें। दोनों हाथों को कमर पर रख कर अपने दाएं पैर को घुटने के यहाँ से 90 डिग्री मोड़ें। अब फिर से पैर को सीधा कर लें। यह क्रिया दोनों पैरों से 10-10 बार के 3 सेट में करें।

(और पढ़े –  लंज एक्सरसाइज करने का तरीका और उसके फायदे… )

सिट-अप एक्सरसाइज - Situps Exercise in Hindi

यह एक क्रंच एक्सरसाइज के समान है, लेकिन सिट-अप में गति और स्थिति अतिरिक्त मांसपेशियों की एक पूरी श्रृंखला होती है। इस एक्सरसाइज को करने के लिए आप फर्श पर सीधे लेट जाएं और दोनों पैरों को घुटनों से मोड़ लें। अपने दोनों हाथों को सिर के पीछे रख लें। अब पैरों को स्थाई रखे हुए सीधे बैठे और फिर से लेट जाएं। यह क्रिया आपको 3 सेट्स में करना है, प्रत्येक सेट में 15 बार में इस क्रिया को करना है।

(और पढ़े –  सिट अप्स एक्सरसाइज करने का तरीका और फायदे… )

बाइसिकल क्रंच एक्सरसाइज - Bicycle Crunch Exercise in Hindi

बाइसिकल क्रंच एक्सरसाइज करने के लिए आप एक एक्सरसाइज मैट को फर्श पर बिछा कर उस पर लेट जाएं। अब अपने दोनों हाथों को ऊपर ले जाकर सिर के पीछे रख लें। इसके बाद अपने दाएं पैर को घुटने से मोड़ें और बाएं पैर को सीधा रहने दें। फिर बाएं पैर को मोड़ें और दाएं पैर को सीधा कर लें। इस व्यायाम को करते समय आपको ऐसा महसूस होगा की आप साइकिल चला रहे हों। बाइसिकल क्रंच एक्सरसाइज के 20 रेप्स के 3 सेट करें।

(और पढ़े –  क्रंच एक्सरसाइज करने का तरीका और उसके फायदे… )

सिंगल-लेग डेडलिफ्ट्स एक्सरसाइज - Single-leg deadlifts exercise in Hindi

इस व्यायाम को पूरा करने के लिए एक हल्के या मध्यम आकार के डंबल को पकड़ने की आवश्यकता होती हैं। फिट रहने की इस एक्सरसाइज को करने के लिए आप फर्श पर सीधे खड़े हो जाएं, और दोनों हाथों में डंबल को पकड़ लें। अब अपने ऊपर के शरीर को आगे की ओर झुकाएं और बाएं पैर को पीछे की ओर ऊपर उठायें। अपनी छाती और बाएं पैर को एक सीधी रेखा में फर्श के समान्तर करने का प्रयास करें। और इसके बाद फिर से अपनी प्रारंभिक स्थिति में आ जाएं। यह एक्सरसाइज दोनों पैरों से 10-12 बार करें।

(और पढ़े –  लेग राईस एक्सरसाइज करने का तरीका और फायदे… )

साइड प्लैंक एक्सरसाइज - Side Planks exercise in Hindi

इस एक्सरसाइज को करने के लिए आप फर्श पर दाएं ओर करवट लेकर लेट जाएं। दायं पैर पर बाएं पैर को रखें। अपने दाएं हाथ को कोहनी से मोड़ कर फर्श रखें और बाएं हाथ को ऊपर की ओर सीधा कर लें। अब दाएं हाथ पर जोर डालते हुए अपन शरीर को ऊपर उठायें। यह एक्सरसाइज आपको 3 सेट्स में करना है, प्रत्येक सेट में इस व्यायाम को 10-15 बार दोहराएं।

(और पढ़े –  फिट रहने के लिए प्लैंक एक्सरसाइज जानें फायदे और सावधानियाँ… )

पुशअप एक्सरसाइज – Push-ups Exercise in Hindi

इस एक्सरसाइज को करने के लिए आप फर्श पर पेट के बल लेट जाएं और अपने दोनों हाथों की हथेलियों को फर्श पर अपनी छाती के पास में रखें। अब दोनों हाथों और पैर की उंगलियों पर वजन डालते हुए शरीर को ऊपर करें और फिर से हाथ की कोहनी को मोड़ें और शरीर को नीचे करें। पुशअप एक्सरसाइज के आप 3 सेट पूरा करें। यदि आप अच्छे फॉर्म के साथ एक मानक पुशअप नहीं कर सकते हैं तो अपने घुटनों को आप फर्श पर रख रख सकते हैं।

(और पढ़े –  पुश अप्स एक्सरसाइज करने के तरीके और फायदे… )

स्क्वाट एक्सरसाइज - Squats Exercise in Hindi

स्क्वाट्स करने के लिए कम शारीरिक शक्ति की आवश्यकता होती है साथ ही यह आपकी पीठ के निचले हिस्से और कूल्हों में लचीलापन बढ़ाता हैं। इसे करने के लिए सीधे खड़े हो जाएं और दोनों पैरों को 1.5 से 2 फुट दूर रखें। दोनों हाथों को छाती के पास ले जाकर जोड़ लें। अब शरीर के ऊपरी हिस्से को सीधा रखे हुए पैरों को घुटनों से मोड़ें और हिप्स को फर्श के समान्तर लाएं। और फिर से सीधे हो जाएं। इस स्क्वाट एक्सरसाइज के 20 प्रतिनिधि के 3 सेट को पूरा करें।

(और पढ़े –  स्क्वेट्स (स्क्वाट) के फायदे और करने का आसान तरीका… )

व्यायाम (एक्सरसाइज) करने के फायदे - Benefits Of The Exercise in Hindi

व्यायाम करने के अनेक लाभ है आइये इसे विस्तार से जानते है-

  • व्यायाम करने से शरीर में ऊर्जा का स्तर बढ़ता है। व्यायाम आपकी मांसपेशियों को ऑक्सीजन और पोषक तत्व प्राप्त करने के लिए आपके हृदय प्रणाली की ताकत में सुधार करता है।
  • व्यायाम करने से मांसपेशियों की ताकत में सुधार होता है। सक्रिय रहने से मांसपेशियां मजबूत होती हैं और टेंडॉन्स (tendons) और अस्थि-बंधन (ligaments) लचीले होते हैं, जिससे आप चोट से बच सकते हैं।
  • स्वस्थ वजन बनाए रखने के लिए व्यायाम आपकी मदद कर सकता है। जितना अधिक आप व्यायाम करते हैं, उतनी अधिक कैलोरी जलाते हैं। इसके अलावा आप जितनी अधिक मांसपेशियों का विकास करते हैं, आपकी चयापचय दर उतनी ही अधिक हो जाती है जिसके कारण जब आप व्यायाम नहीं कर रहे होते हैं तब भी आप अधिक कैलोरी जलाते हैं।
  • व्यायाम आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ाता है। एक्सरसाइज आपके शरीर की ऑक्सीजन और पोषक तत्वों को पंप करने की क्षमता को बेहतर बनाता है जो बैक्टीरिया और वायरस से लड़ने वाली कोशिकाओं को ऊर्जा देने के लिए आवश्यक हैं।
  • व्यायाम से मस्तिष्क की कार्यक्षमता में सुधार होता है। व्यायाम से मस्तिष्क में रक्त प्रवाह और ऑक्सीजन का स्तर बढ़ता है। यह मस्तिष्क के हार्मोन को भी प्रोत्साहित करता है जो हिप्पोकैम्पस (hippocampus) में कोशिकाओं के उत्पादन के लिए जिम्मेदार होते हैं।
  • स्वस्थ ह्रदय के लिए व्यायाम बहुत ही अच्छा है। व्यायाम LDL कोलेस्ट्रॉल को कम करता है, HDL (अच्छे कोलेस्ट्रॉल) को बढ़ाता है । यह रक्तचाप को कम करता है जिससे यह आपके दिल पर दवाब कम होता है। व्यायाम आपके हृदय की मांसपेशियों को भी मजबूत बनाता है।
  • व्यायाम चिंता , तनाव जैसी मानसिक बीमारियों को रोकने और उनका इलाज करने में मदद कर सकता है। शारीरिक गतिविधि से आप नए लोगों से मिल सकते हैं, तनाव के स्तर को कम कर सकते हैं, निराशा का सामना नहीं करते हैं।

(और पढ़े –  शरीर को ताकतवर बनाने के घरेलू उपाय और तरीके… )

व्यायाम (एक्सरसाइज) करने के नुकसान - Disadvantages of Exercise in Hindi

व्यायाम या एक्सरसाइज करने से कोई गंभीर नुकसान नहीं होते है परन्तु किसी भी चीज की अति करना बहुत नुकसानदायक हो सकती है। आइये इस के नुकसान को विस्तार से जानते है।

  • व्यायाम को करते समय अधिक सावधानी रखने की आवश्यकता होती नहीं तो चोट लगने की सम्भावना होती है।
  • व्यायाम की शुरुआत करने में आपकी मांसपेशियों में दर्द हो सकता है।
  • गलत एक्सरसाइज करने से आपकी मांसपेशियों पर बुरा प्रभाव पड़ सकता हैं, इसलिए इसे करने के लिए किसी व्यायाम प्रशिक्षक का आवश्यकता होती है।
  • अधिक व्यायाम करने से आपके पेट में समस्या हो सकती है जिससे पेट पेट दर्द और भूक ना लगना आदि समस्याओं का समाना करना पड़ सकता है।
  • विशेषज्ञों के कुछ अध्ययनों के अनुसार अधिक एक्सरसाइज करना आपके नींद को असंतुलित कर सकता है।

(और पढ़े –  मांसपेशियों में खिंचाव (दर्द) के कारण और उपचार… )

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व्यायाम के महत्व पर निबंध

Vyayam Par Nibandh : हम यहां पर व्यायाम के महत्व पर निबंध शेयर कर रहे है। इस निबंध में व्यायाम के महत्व (Vyayam ka Mahatva) के संदर्भित सभी माहिति को आपके साथ शेयर किया गया है। यह निबंध सभी कक्षाओं के विद्यार्थियों के लिए मददगार है।

Vyayam-Par-Nibandh

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व्यायाम के महत्व पर निबंध | Vyayam Par Nibandh

व्यायाम के महत्व पर निबंध 100 शब्दों में (vyayam ka mahatva in hindi).

आज के समय में लोगों की व्यस्त जिंदगी उन्हें व्यायाम से दूर ले जा रही है और इसी के चलते लोगों को कई प्रकार की बीमारियों का सामना करना पड़ता है। जिस प्रकार से हमें भोजन की जरूरत रहती है और उसी प्रकार से व्यायाम हमारे शरीर के लिए बहुत ही ज्यादा महत्वपूर्ण है।

व्यायाम से शरीर को कई प्रकार के फायदे होते हैं। शरीर को ताजा ऑक्सीजन मिलती है और ऑक्सीजन का सरकुलेशन पूरे शरीर में अच्छे से होता है। व्यायाम हमारे शरीर को हष्ट पुष्ट और तंदुरुस्त बनाता है। इतना ही नहीं हमारे शरीर की पाचन क्रिया को संतुलित रखने में व्यायाम अपनी मुख्य भूमिका निभाता है।

व्यायाम करने से हमारे शरीर में खून का सरकुलेशन नियमित रहता है, जिससे ब्लड प्रेशर या बीपी जैसी समस्याएं दूर होती है। व्यायाम करने से आपके शरीर की हजारों बीमारियां जड़ों से दूर हो जाएगी। लेकिन यदि आप व्यायाम नहीं करेंगे तो बीमारियों का घेरा आपके इर्द-गिर्द घूमेगा। व्यायाम करना हर उम्र के व्यक्ति के लिए बहुत ही जरूरी है। बच्चों के लिए व्यायाम उनके शरीर में स्फूर्ति पैदा करता है तो बुड्ढों के लिए व्यायाम उनके शरीर की अकड़न को दूर करता है।

Vyayam Par Nibandh

व्यायाम के महत्व पर निबंध 150 शब्दों में (Vyayam ka Mahatva Nibandh)

मनुष्य के जीवन में व्यायाम बहुत ही जरूरी है। शरीर को स्वस्थ रखने में व्यायाम की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। व्यायाम का सही अर्थ ही अपने शरीर की देखरेख करना होता है। रोजाना नियमित रूप से व्यायाम करने से आपका शरीर बीमारियों से मुक्त हो जाता है और आपका मानसिक संतुलन बना रहता है।

व्यायाम आपको हमेशा खुले वातावरण जैसे कि बाहर किया अपने घरों की छतों पर करना चाहिए। क्योंकि वह हम करते समय आपके शरीर को शुध्द हवा और रोशनी की जरूरत होती है। हर उम्र के व्यक्ति को ब्याव की जरूरत होती है। विद्यार्थियों को व्यायाम करने से मानसिक संतुलन में वृद्धि होती हैं। आलस दूर होता है, याददाश्त बढ़ती है और शरीर तंदुरुस्त रहता है।

वयस्क लोगों को व्यायाम करने से शरीर की अकड़न और मोटापा जैसी समस्याएं खत्म हो जाती है। रोजाना व्यायाम करने से शरीर की हड्डियां मजबूत होती है। लोगों के शरीर को ऊर्जावान बनाता है। पाचन क्रिया को नियमित रूप से चलाता है और शरीर की मांसपेशियों को मजबूत करता है।

व्यायाम नहीं करने से व्यक्ति के शरीर मैं कई प्रकार की बीमारियां लग सकती है। ऑक्सीजन और खून का सही प्रकार से संचालन नहीं होने की वजह से आपके शरीर में हृदय संबंधित और मानसिक बीमारियां आ सकती है। हर मनुष्य का स्वस्थ होना जरूरी है और उसके लिए मनुष्य को हैं हम करना जरूरी है। वह मनुष्य को स्वस्थ रखने में मददगार साबित होता है।

Vyayam Par Nibandh

व्यायाम का महत्व पर निबंध 250 शब्दों में (Vyayam ka Mahatva Essay in Hindi)

हमारे जीवन में व्यायाम का बहुत अधिक महत्व होता है लेकिन काफ़ी लोग अपने काम -काज में इतने व्यस्त होते है कि उनको व्यायाम के महत्व के बारे में कुछ पता नहीं है। स्कूल जाने वाले बच्चों के लिए जितनी पढाई की महत्ता है, उतनी महत्ता व्यायाम की भी है। बच्चों को स्कूल में व्यायाम के महत्व के बारे में बताना चाहिए।

कुछ समय से देखा जाता है कि छोटे बच्चे के हाथों में ज्यादातर मोबाइल देखने को मिलता है और ज्यादा मोबाइल चलाने से बच्चे के सेहत और आँखों के लिये नुकसानदायक होता है। अगर वही जगह पर बच्चों को मोबाइल ना देकर पार्क में ले जाकर खुले वातावरण में खेलना और व्यायाम करवाना चाहिए, जिससे बच्चों की सेहत अच्छी रहेगी।

दूसरी ओर यही हाल बड़े और बुजुर्गो का होता है, जो लॉकडाउन के चलते घर में समय ना काटने के वजह से वह सारा दिन मोबाइल में ही घुसे रहते है, जिससे कारण अच्छी ऑक्सीजन नहीं मिल पाती है और वह बीमार हो जाते है। हमें अपनी सेहत को ठीक रखने के लिये रोज़ सुबह-शाम 1-2 घंटे पार्क या अपने घर की छत में घूमना चाहिए, जिससे आपका व्यायाम भी हो जायेगा और आपको खुले वातावरण में ऑक्सीजन भी प्राप्त होगा।

व्यायाम करने से हमारे शरीर के सभी अंग को भरपूर मात्रा में ऑक्सीजन मिलती है और व्यायाम करने से हमारे शरीर में ब्लड का सही से संचालन होता है। अगर शरीर के किसी भी अंग में ब्लड जम जाता है तो व्यायाम करने से ब्लड का संचालन सही मात्रा में होता है और व्यायाम करने से बीमारियों से लड़ने की हिम्मत रहती है और हम जल्दी किसी बीमारी का शिकार नहीं हो पाते है।

व्यायाम के महत्व पर निबंध 1000 शब्दों में (Vyayam ka Mahatva Par Nibandh)

आज के युग में सारा काम मशीन से ही हो जाता है, जिस कारण से मानव दिन-प्रतिदिन आलसी होता जा रहा है। यही आलसपन की वजह से लोग कई बीमारियों का शिकार हो रहे है। मनुष्य के जीवन का सबसे बड़ा दुश्मन आलसपन होता है, आलस आने से आपका मन किसी भी काम में नहीं लगता है। सिर्फ दिनभर खाना, बैठे रहना, आलसी रहना और फिर धीरे – धीरे आपका शरीर कई बीमारियों से घिर जाता है।

अपने जीवन की सुरक्षा का ध्यान रखना हर व्यक्ति का अपना कर्तव्य होता है। अपने खानपान और शरीर की सुरक्षा के लिये हर तरह के व्यायाम करें ताकि बीमारियों से अपने शरीर को सुरक्षित रख सके। व्यायाम करने से मानसिक तनाव कम होता है और हमारे शरीर के किसी अंग मे दर्द हो तो व्यायाम करने से दर्द दूर हो जाता है। व्यायाम करने से मांस पेशीयाँ मजबूत होती है। किसी खुले स्थान में जाकर व्यायाम करने से ऑक्सीजन फेफड़े तक पहुँचता है।

व्यायाम क्या होता है?

व्यायाम क्या होता है, आइये जानते है कि व्यायाम का अर्थ अपने शरीर की सुरक्षा का देख-रेख करना होता है। अपने शरीर को सुरक्षित रखने के लिये व्यायाम अति आवश्यक होता है। शारीरिक वृद्धि और विकास करने के लिए नियमित रूप से व्यायाम करते रहना चाहिए। जिन लोगों का शरीर दुर्बल होता है तो व्यायाम करने से मांसपेशियां मजबूती बनती है।

बहुत से लोग मोटे होते है और मोटे लोग बहुत सी बीमारियों जैसे थाइराइड, सांस फूलने बीमारी से ग्रासित होते है। लोग अपना मोटापा कम करने के लिये व्यायाम करते है। लेकिन एक गलती करते है कि अपने खानपान में अधिक वसा वाली चीजों का सेवन करते है। जिस कारण से उनके व्यायाम करने का कोई मतलब नहीं निकलता है।

अगर मोटापा कम करने लिये व्यायाम करते है तो तेल, मसाला वाली चीज़ो दूर रहे। तभी आप अपने शरीर की चर्बी को कम कर पाएंगे और तभी व्यायाम करने का सही महत्व आपको समझ आएगा।

व्यायाम करने का सही स्थान और समय

व्यायाम करने के लिए सही जगह खुले वातावरण और स्वच्छ हवा वाला स्थान होना चाहिए। व्यायाम करने के लिये सही खुली जगह जैसे कि छत, पार्क, किसी छाया वाले पेड़ आदि जगहों मे व्यायाम करना चाहिये, जिस से हमें ऑक्सीजन प्राप्त होती है। ज्यादातर पेड़-पौधे के आस-पास रहकर व्यायाम करने से हमें स्वच्छ वायु मिलती है और हमारा मन भी स्वच्छ रहता है।

कसरत करने के लिए कोई सही समय नहीं होता है लेकिन फिर भी व्यायाम करने का समय सुबह और शाम का होता है। आप चाहे तो सुबह 1-2 घंटे और शाम को 1-2 घंटे व्यायाम कर सकते है। सुबह का समय व्यायाम करने का सबसे अच्छा समय होता है क्योंकि सुबह की ताजी हवा और अनुकूल वातावरण रहता है।

सुबह व्यायाम करने का सही समय सुबह 4 बजे से लेकर 7 बजे तक समय में 1 घंटे टाइम निकालकर रोज़ व्यायाम करें ताकि आपकी बॉडी बिल्कुल फ्रेश और तंदुरुस्त रहे।

व्यायाम के प्रकार

सभी व्यक्तियों के लिये व्यायाम करने का समय एक ही होता है लेकिन सभी के उम्र के हिसाब से व्यायाम अलग-अलग तरह के होते है। जैसे कि बच्चों के लिए व्यायाम करने के लिए उनके उम्र हिसाब से व्यायाम अलग प्रकार के होते है और बूढ़े लोगों के लिये अलग ही प्रकार व्यायाम होते है तथा नौजवान के लिए अलग प्रकार व्यायाम होते है।

बच्चों के व्यायाम करने के लिये जैसे सुबह उठकर बच्चों का साइकिल चलाना, पार्क में घूमना, रस्सी कूदना, फुटबाल खेलना, हॉकी खेलना आदि खेल खेलने से बच्चों मनोरंजन भी हो जाता है और बच्चों की कसरत भी हो जाती है।

नौजवान के व्यायाम करने के लिये तरीके: सुबह-सुबह उठकर रनिंग करना, कुश्ती लड़ना, टेनिस खेलना, बॉडी बनने के लिये डंबल उठाना या कोई भरी चीज़ो बड़े पत्थर उठना आदि।

बूढ़ो के लिये व्यायाम करने के लिये तरीके: सुबह उठकर बुजुर्ग स्नान करके सूर्यदेव जल चढ़ाते है। फिर धीमी गति से दोडते है, और जमीन बैठे कर सांस को रोक कर नाक से सांस ना छोड़ कर वह मुँह से सांस छोड़ते है और अपने पैर को फैला कर बैठे अपने हाथ-पैर ऊँगली से पकड़ने का प्रयास करते है।

व्यायाम करने से लाभ

व्यायाम करने से कई लाभ होते है, जो इस प्रकार होते है।

  • व्यायाम करना हमारे शरीर के लिए वैसे ही जरूरी होता है जैसे कि हमारे शरीर के लिये भोजन करना जरूरी होता है। अगर एक दिन भोजन नहीं करते तो बीमार हो जाते है, उसी तरह रोजाना व्यायाम करना हमारे शरीर के लिए जरूरी होता है।
  • प्रतिदिन व्यायाम करने से हमे डॉक्टर की लिखी गई दवाइयों को खाने की नौबत ही ना आएगी। अगर हम अच्छे से व्यायाम करेंगे तो किसी बीमारी के शिकार नहीं होंगे।
  • शारीरिक, मानसिक तनाव, डिप्रेशन जैसी बीमारियों से छुटकारा पाने के लिये हर रोज़ व्यायाम करना आवश्यक होता है।
  • जो लोग हार्ट के मरीज होते है, उनकी बॉडी में रक्त जम जाता है और वह डॉक्टर के पास इलाज के लिए जाते लेकिन डॉक्टर दवाई देता है और दवाई के साथ साथ व्यायाम करने की सलाह देता है। ताकि व्यायाम करने से कोलेस्टॉल को काफ़ी हद तक कम किया जा सकता है।
  • कुछ बुजुर्ग के हड्डियों में खिंचाव आ जाता है, जैसे कि उनके गर्दन और कमर खिंचाव आने से दर्द बना रहता है तो अगर रोज़ 1 घंटे व्यायाम करें तो धीरे-धीरे उनकी हड्डियों का दर्द ठीक हो जायेगा।
  • व्यायाम करने से हमारे शरीर की थकान दूर होती है और व्यायाम हमारे शरीर को तंदुरुस्त और स्वच्छ बनाये रखने में मदद करता है। सारी बीमारियों को हम से दूर रखता है।
  • कसरत से मांसपेशिया मजबूत होती ही है और हमारे शरीर मे ब्लड का संचालन सही मात्रा में होता है, जो हमारे जीवन के लिए लाभदायक होता है।

व्यायाम करने से शरीर को शक्ति और स्फूर्ति दोनों मिलती है। शरीर को सुरक्षित रखने जैसी जीवन की कोई बड़ी अनमोल चीज नहीं होती है। व्यायाम करने वाले लोगों का शरीर फिट रहता है। वह व्यायाम करने के साथ ही खाने-पीने ध्यान रखते है। मनुष्य दवाई खाना ज्यादा पंसद करते है लेकिन व्यायाम, योगा करना पंसद नहीं करते। उनको लगता है ये सब टाइम बर्बादी है, लेकिन उनको बता दें कि व्यायाम करने के बाद ही व्यायाम का असली महत्व पता चलता है।

ज्यादातर लोगों भाग दौड़ वाले व्यायाम नहीं कर पाते है, वह योगासन का अभ्यास करके भी प्रतिदिन व्यायाम करने की शुरुआत कर सकते है। क्योंकि मानव का अपने खुद के जीवन की सुरक्षा का ख्याल रखना खुद के हाथों में होता है।

हमने यहां पर व्यायाम के महत्व पर निबंध (Vyayam Par Nibandh) शेयर किया है। उम्मीद करते हैं कि आपको यह निबंध पसंद आया होगा, इसे आगे शेयर जरूर करें। आपको यह निबन्ध कैसा लगा, हमें कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं।

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Comments (4).

I like this essay

This essay is very usefull and informative there is long and short essay too.it helped me in my homework a lot.

This essay is very helpful

This eassy is very very very good ✌?☝✍?

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importance of exercise essay in hindi

व्यायाम का महत्व पर निबंध- Essay on Importance of Exercise in Hindi

In this article, we are providing Essay on Importance of Exercise in Hindi. व्यायाम का महत्व पर निबंध-  व्यायाम का अर्थ और रूप, व्यायाम करने का ढंग, व्यायाम के लाभ

व्यायाम का महत्व निबंध- Essay on Importance of Exercise in Hindi

भूमिका- जीवन-उपवन में खुशियों के फूल और सुख का सौरभ तभी बिखरता है, जब शरीर सुन्दर, स्वस्थ और नीरोग होता है। जीवन संघर्ष में, जीवन यात्रा में, सफलता की चोटियों पर तभी पहुंच सकते हैं जब शरीर शक्ति और उत्साह से भरा होता है। मनुष्य को शारीरिक और मानसिक परिश्रम करना पड़ता है। इससे शक्ति का क्षय होता है। इसकी पूर्ति होने पर ही पुन: क्रियाशील होना सम्भव होता है। शरीर की तुलना इंजन से की जा सकती है, जो उसी स्थिति में क्रियान्वित होता है जब उसे ऊर्जा प्राप्त होती है। केवल पोषक  तत्व खाने पर ही शरीर स्वस्थ और बलशाली नहीं होता है अपितु इसके लिए अन्य साधन भी अपनाने पड़ते हैं और इन्हीं साधनों में व्यायाम भी प्रमुख और अनिवार्य साधन है।

व्यायाम का अर्थ और रूप- संस्कृत के कथन के अनुसार-शरीरमाद्य खलु धर्म साधनम’ अर्थात् शरीर ही सभी धर्मों का साधन है। इसी प्रकार अंग्रेज़ी में कहा गया है

‘स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ मस्तिष्क का निवास होता है।’

महर्षि चरक के अनुसारया

चेष्टा स्थैर्याथा बलवर्धिनी देह व्यायामः।

अर्थात् वह कार्य जिससे शरीर सुदृढ़ होता है जिससे बल बढ़ता है, उसे व्यायाम कहते हैं। स्पष्ट है कि व्यायाम का अर्थ उन शारीरिक क्रियाओं से है जिनके द्वारा शरीर नीरोग रहता है, बल की वृद्धि होती है तथा मस्तिष्क संतुलित रहता है।

व्यायाम का कोई एक विशेष रूप नहीं होता, अपितु शरीर के अनुसार ही व्यायाम करना उचित होता है। व्यायाम में आयु का विशेष ध्यान रखा जाता है। बच्चों के लिए रस्सी कूदना, विभिन्न प्रकार के खेल खेलना, योगासन करना व्यायाम के रूप हैं। जिमनास्टिक, तैराकी जैसे खेल भी व्यायाम के ही स्वरूप हैं। बच्चों के शरीर में विकास और वृद्धि तीव्र गति से होती है। अत: व्यायाम के द्वारा शरीर का विकास संतुलित रूप में हो सकता है। बच्चों के शरीर की अस्थि और माँस-पेशियां अपेक्षाकृत अधिक लचकदार होती है अत: वे सहजता से मुड़ सकती हैं। भार-तोलन जैसे व्यायाम में विशेष सावधानी रखना आवश्यक होती है। इसी प्रकार बच्चों के लिए दौड़ना भी व्यायाम का ही रूप है। युवावस्था में विभिन्न प्रकार के व्यायाम किए जा सकते हैं। खिलाड़ियों को भी व्यायाम की आवश्यकता होती है ताकि वे अपने शरीर का संतुलन बना कर रख सकें। इस अवस्था में योगाभ्यास के अतिरिक्त सभी प्रकार के खेलकूद, व्यायाम इस प्रकार के होने चाहिए जिसमें अधिक शरीरिक श्रम न करना पड़े। प्रात:काल का भ्रमण इस अवस्था के लिए सबसे अधिक उपयोगी व्यायाम है।

व्यायाम केवल पुरुषों के लिए नहीं होते है अपितु स्त्रियों के लिए भी विशेष प्रकार के व्यायाम उपयोगी होते हैं। केवल घर के काम करने से ही अथवा नित्य प्रति काम करने से व्यायाम नहीं होता। किसान जो अपने खेतों में हल चलाता है तथा मज़दूर हमेशा शारीरिक श्रम करता है, को भी व्यायाम की आवश्यकता होती है। व्यायाम के लिए किसी निश्चित समय का होना आवश्यक है। दिन-भर व्यायाम नहीं किया जा सकता तथा भोजन करने के तुरन्त बाद भी उचित नहीं होता।

व्यायाम करने का ढंग- व्यायाम करने से पूर्व तथा पश्चात् कुछ विशेष बातों का ध्यान अवश्य रखना चाहिए जैसे भरे हुए पेट के बाद व्यायाम करना हानिकारक होता है। इसी प्रकार व्यायाम करने के तुरन्त बाद स्नान करना शरीर के लिए हानिकारक होता है। व्यायाम करने में लगातार घंटा अथवा दो घंटे का समय भी लगाना उचित नहीं होता। कुछ समय बाद थोड़ा-सा विश्राम करना श्वसन प्रणाली के लिए लाभदायक होता है। जब साँस फूलने लगती है तब विश्राम करना आवश्यक होता है। इससे फेफड़ों पर अनावश्यक दबाव  नहीं पड़ता। शरीर पर मालिश करने से भी शरीर लचकदार बनता है तथा माँसपेशियाँ सरलता से गतिशील होती है। विशेष प्रकार के व्यायामों में विशेष प्रकार की सावधानियों को ध्यान में रखा जाता है। प्राणायाम जैसे व्यायाम करते समय एक नासिका का बंद होना आवश्यक होता है। व्यायाम करते हुए यह बात भी ध्यान में रखनी चाहिए कि अनावश्यक रूप से अधिक शक्ति का प्रयोग न किया जाए। 

व्यायाम के लाभ- व्यायाम के लाभों को अंगुलियों पर गिनना सम्भव नहीं है। संक्षेप में कहा जा सकता है कि व्यायाम तन, मन तथा मस्तिष्क के लिए प्रत्येक पहलू से उपयोगी होता है। जहां तक तन का प्रश्न है व्यायाम के द्वारा शरीर सुगठित होता है। मांसपेशियां सुदृढ़ होती हैं। चेहरे पर कान्ति तथा तेज़ उत्पन्न होता हैं। शरीर में अनेक प्रकार की जो व्याधियां उत्पन्न होती है वे व्यायाम के द्वारा दूर हो जाती हैं। पेट के रोग, अपच की शिकायत उन लोगों को अधिक होती है जो अधिकतर बैठे रहते हैं और कोई शारीरिक श्रम नहीं करते। जैसे-दर्जी, मोची आदि। ये लोग यदि नित्य प्रति समय निकाल कर व्यायाम करें तो इनके शरीर को बीमारियां नहीं घेर सकती हैं।

व्यायाम के द्वारा रक्त-संचार ठीक प्रकार से होता है। इसलिए शरीर में स्फूर्ति रहती है, मन में उत्साह रहता है तथा किसी भी कार्य को करने के लिए व्यक्ति तत्पर रहता है।

प्राय: देखा जाता है कि लोगों का शरीर अधिक चर्बी बढ़ने से अनावश्यक रूप से मोटा हो जाता है। इस प्रकार का मोटापा आ जाने से सांस फूलने लगती है तथा चलना-फिरना, उठना-बैठना कष्टदायक सिद्ध होता है।

व्यायाम करने से शरीर में पसीना आता है तथा विभिन्न प्रकार के अनावश्यक पदार्थ जो शरीर के लिए हानिकारक हो सकते हैं पसीने के साथ बाहर निकल आते हैं। इस प्रकार शरीर स्वस्थ रहता है। रोम छिद्र के खुल जाने से पसीना सरलता से आ जाता है।

प्राणायाम जैसे व्यायाम के द्वारा अधिक मात्रा में आक्सीजन गैस फेफड़ों में प्रवेश करती है तथा दूषित वायु कार्बनडाई-आक्साइड के रूप में शरीर से बाहर निकल आती है। इस प्रकार शरीर में ताप का भी नियन्त्रण होता है।

व्यायाम करने से मन और मस्तिष्क स्वस्थ तथा संतुलित रहते हैं जिससे बुद्धि क्रियाशील रहती है तथा समस्याओं का समाधान करने में समर्थ होती है। स्नायु का नियन्त्रण होने से आंखों की शक्ति बढ़ती है तथा किसी भी प्रकार का मानसिक आघात सहन करने के लिए व्यक्ति तत्पर होता है।

व्यायाम करने से रक्त संचार नियन्त्रित रहता है। इसलिए जब शरीर के किसी भाग में कोशिकाओं का क्षय होता है तो व्यायाम करने से नई कोशिकाओं का निर्माण भी तीव्र गति से होता है।

नियमित व्यायाम करना अनेक दृष्टिकोणों से सार्थक होता है। शक्ति संचार के साथ-साथ हड़ियों का ताकतवर होना शरीर में लचकता तथा शरीर का विकसित होना भी व्यायाम के द्वारा सम्भव होता है। सोने पर व्यक्ति गहरी नींद में सोता है और प्रात:काल जल्दी ही जाग जाता है। उसका स्वभाव हंसमुख बनता है तथा चिड़चिड़ापन और क्रोध आदि दूर होते हैं।

उसनहार- व्यायाम के ये लाभ अतिश्योकित नहीं है अपितुः दैनिक जीवन में देखा जाता है की नियमित रूप से व्यायाम करने वाला व्यक्ति निरोग तथा दीर्ष- जीवी होता है। यह सत्य है की व्यायाम करने के साथ- साथ पोस्टिक आहार खाना चाहिए : ब्रमचर्य का पालन करना चाहिए तथा नशीले पद याँ से दूर रहना चाहिए। किसी भी ढंग का व्यायाम उसे नियमित और उचित ढंग से व ने पर सदैव लाभ होता है। तन और मन की शुद्ध के लिए व्यायाम अत्यावश्यक है तथा विद्यार्थी जीवन में इसका विशेष महत्व हैनीरोगता उपचार जो चाहो, शक्ति का भण्डार जो चाहो, प्रतिदिन करो सभी व्यायाम, सुखी रहोगे आठों याम।

योग के महत्व पर निबंध- Essay on Importance of Yoga in Hindi

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ESSAY KI DUNIYA

HINDI ESSAYS & TOPICS

Essay On Exercise In Hindi – व्यायाम पर निबंध

September 13, 2017 by essaykiduniya

Here you will get Paragraph & Short Essay on Exercise in Hindi Language for Students of all classes in 200, 300, 400 and 500 words. Essay on Benefits of Exercise in Hindi Language. Importance of exercise in Hindi Language. सभी कक्षा के छात्रों के लिए हिंदी भाषा में व्यायाम के लाभ पर निबंध।

Essay on Exercise in Hindi

Short Essay On Exercise In Hindi Language – व्यायाम पर निबंध ( 200 words )

व्यायाम स्वस्थ रहने के लिए बहुत ही जरूरी है और यह बिमारियों से दुर रहने का एकमात्र साधन है। दवाई किसी भी बिमारी को खत्म करती है पर व्यक्ति को स्वस्थ नहीं रखती है। हमें हमारी दिनचर्या में व्यायाम को जोड़ना चाहिए और नियमित रूप से निर्धारित समय पर व्यायाम करना चाहिए। व्यायाम करने से हमें अनेकों साभ है। यह हमें स्वस्थ, तंदुरूस्त और चुस्त रखता है। व्यायाम करने से व्यक्ति का मन उत्साहित और प्रसन्न रहता है। व्यायाम हमारा मोटापा कम करता है और हमारी माँस पेशियों को मजबूत रखता है। व्यायाम करने से रक्त संचार बना रहता है और दिल के दौरे का खतरा कम हो जाता है।

व्यायाम करना आज की भाग दौड़ भरी जिंदगी में बहुत ही आवश्यक है क्योंकि आज के समय में हर व्यक्ति बिमारियों से घिरा रहता है। व्यायाम हमारे शरीर में रोग निरोधक क्षमता को बढ़ाता है और यह स्वस्थ रहने का सबसे सस्ता और सरल उपाय है। व्यायाम करने से हमें ताजगी का अनुभव होता है और हम मधुमेह और उच्च रक्तचाप जैसी समस्याओं से बचे रहते हैं। व्यायाम हमारे लिए बहुत ही लाभदायक है और हम सबको इसे अपनाना चाहिए। व्यायाम और योग हमारे शरीर को मजबूत बनाते हैं।

Vyayam Ke Labh – Essay On Exercise In Hindi – व्यायाम पर निबंध ( 300 words )

भूमिका- स्वास्थय मनुष्य का सबसे बड़ा धन है और आज के समय में बहुत से लोग अस्वस्थ है क्योंकि वह अपने स्वास्थय पर ध्यान नहीं देते हैं। हमें स्वस्थ रहने के लिए व्यायाम की आवश्यकता है क्योंकि व्यायाम करके ही हम खुद को खुश और तंदुरूस्त रख सकते हैं। डॉक्टर भी व्यक्ति को व्यायाम करने की सलाह देते है क्योंकि दवाई केवल बिमारी को खत्म करती है जबकि व्यायाम हमें स्वस्थ रखता है और हमारी रोग निरोधक क्षमता को बढ़ाता है।

व्यायाम के प्रकार- हमें अपनी दैनिक दिनचर्या में व्यायाम को अपनाना चाहिए। हम तरह तरह के व्यायाम कर सकते हैं जैसे सुबह सुबह टहलना, साईकिल चलाना, योगा करना। यदि हम कोई ऐसा कार्य करते हैं जिसमें हमारा बल लगता है वह भी एक तरह का व्यायाम ही है।

व्यायाम के फायदे- व्यायाम किसी भी व्यक्ति के लिए स्वस्थ रहने का सबसे सरल और सस्ता साधन है। व्यायाम व्यक्ति की माँस पेशियों को ठीक रखता है और रक्त का संचार भी सही रहता है। व्यायाम से हमारे जोड़ो का दर्द ठीक हो जाता है और दिल के दौरे का खतरा कम हो जाता है। रक्तचाप और मधुमेह की समस्या से निजात मिलती है और पाचन शक्ति में वृद्धि होती है। व्यायाम करने से शरीर में फूर्ति आती है और व्यक्ति को पूरा दिन ताजगी अनुभव होती है। व्यायाम करने वाला व्यक्ति पूरा दिन प्रसन्न रहता है।

निष्कर्ष- व्यायाम हर स्वस्थ जीवन की जरुरत है। व्यायाम के माध्यम से ही कोई भी व्यक्ति तंदुरूस्त और स्वस्थ बन सकता है। जो व्यक्ति प्रतिदिन व्यायाम करता है बिमारी उस पर कभी भी आक्रमण नहीं कर पाती है और वह हमेशा स्वस्थ और प्रसन्न रहता है। हमें रोज निर्धारित समय पर व्यायाम करना चाहिए और जीवन को स्वस्थ बनाना चाहिए। व्यायाम करने से मन उत्साहित रहता है और यह रोगों से बचने का एकमात्र समाधान है।

Importance of Exercise in Hindi – Essay On Exercise In Hindi – व्यायाम पर निबंध (400 Words)

व्यायाम से शरीर स्वस्थ, बलवान, चुस्त और फूर्तिला बन जाता है। आज का युग विज्ञान तथा गति का युग है। क्या शहर, क्या गाँव- सब तरफ़ दोड़- सी लगी हुई है। पढ़ना- लिखना, घर का काम, सामान ख़रीदना, दुकान या दफ़्तर का काम करना- बस, इन्हीं में दिन निकल जाता है। इस हड़बड़ी में अपने शरीर का ध्यान किसे रहता है ? किसे फ़ुरसत है कि वह अपनी सेहत का ख्याल रखे ? होश तब अत है जब मनुष्य बीमार होकर चारपाई पर पड़ जाता है।

शरीर को स्वस्थ और तंडरुसत रखना रखना आज एक समस्या बन गया है। लोग कहते हैं – “हमारे पास व्यायाम का समय कहाँ है ?” परन्तु ध्यान रहे – स्वास्थ्य और सौन्दर्य एक बार बिगड़ जाए, तो उसे ठीक करना कठिन हो जाता है। शरीर सुडौल रहे, सुन्दर रहे, जवानी जैसी उमंग क़ायम रहे – यह मनुष्य के वश में है। प्रतिदिन आधे घंटे व्यायाम करके इसका कमाल देखा जा सकता है।

मनुष्य की महान सम्पत्ति उसका स्वास्थ होता ही होता है। व्यायाम का उद्देश्य आपको पहलवान बनाना नहीं है। इसका उद्देश्य है – आपके शरीर को रोगों से बचाना – चुस्त – दुरुस्त और फ़ुर्तिला बनाना – शरीर को सुडौल और सुन्दर बनाना – तरूणई और जवानी के उत्साह को बढ़ाना। व्यायाम करने से शरीर हल्का, चुस्त और निरोग रहता है। शरीर में काम करने की शक्ति बढ़ती है।

व्यायाम योजना वही ठीक है जो शरीर को चुस्त और फ़ुर्तिला बनाते पर ज़ोर दे, ताकि आपको व्यायाम के बाद सुस्ती न हो, दिन में नींद न आए। बल्कि आपके दिन – भर के कामों को आप चूसती – फुर्ती और उत्साह से करें। इसलिए जिन व्यायामों से शरीर पर भोझ नहीं पड़ता, देह की कार्य – शक्ति में कमी नहीं आती, बल्कि व्रिदिध होती है, वे ही व्यायाम लाभकारी हैं।

हम व्यायाम क्यों अपनाएँ ? विज्ञानिक खोजों से सिद्ध हो चुका है की स्वस्थ शरीर वाला मनुष्य ही काम और दोड़ – धूप में होने वाली थकावट को सहन कर सकता है। वह दूसरों की अपेक्षा अधिकाधिक काम कर सकता है, क्योंकि उसकी सहन- शक्ति अधिक होती है। वह शरीर पर पड़ने वाले ज़ोर और दबाव को सहन करने में समर्थ होता है। स्वस्थ शरीर वाले का हृदय अधिक चुस्त होता है। उसका मस्तिष्क चुस्त, चोकन्ना और सक्रिय होता है। स्वस्थ शरीर की नाड़ियाँ – दिन – भर की दोड़ – धूप और हाय – तोबा के तनाव को सहज ही सह लेती हैं। लेकिन अगर शरीर में किसी तरह की कमज़ोरी हो तो वह इस तनाव को नहीं सह पाता।

Essay on Exercise in Hindi Language – व्यायाम पर निबंध (500 Words)

स्वास्थ्य ही जीवन की सबसे बड़ी सम्पत्ति है। यदि शरीर स्वस्थ न होगा  तो मनुष्य के पास कितनी भी सम्पत्ति क्यों न हो वह उसका आनन्द नहीं ले सकता। इसलिए मनुष्य का सबसे पहला कर्त्तव्य तो अपना स्वास्थ्य ठीक रखना है । स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ आत्मा को ” निवास होता है। रोगी व्यक्ति तो जीवन में चिड़चिड़ा हो जाता है। वह न कहीं  घूम सकता है और न ही किसी सांसारिक वस्तु का आनन्द ले सकता है।  शरीर को स्वस्थ रखने का एकमात्र साधन व्यायाम है। जिस प्रकार काम न  लेने के कारण मशीन को जंग लग जाता है। और वह काम नहीं करती, ठीक इसी प्रकार शरीर भी व्यायाम के बिना रोगी और निकम्मा हो जाता है । इसलिए नियमानुसार व्यायाम करना बड़ा ज़रूरी है। यहां इस बात का भी ध्यान रहे कि व्यायाम के साथ पौष्टिक भोजन होना भी ज़रूरी है।

आयु के अनुसार व्यायाम का रूप भी बदलता रहता है। सबसे अच्छा व्यायाम तो दोनों समय लम्बी सैर करना है। बूढ़े लोगों के लिए तो यह सर्वोत्तम व्यायाम है। प्रातःकालीन स्वच्छ वायु के सेवन से शरीर नीरोग होता है। युवाओं और बच्चों के लिए खेल-कूद और दौड़ना व्यायाम के सुन्दर ढंग हैं। पुराने ज़माने में दण्ड निकालना, बैठकें निकालना आदि व्यायाम के प्रसिद्ध साधन थे । रस्सी लेकर कूदना लड़कियों के लिए बहुत अच्छा व्यायाम है। ग्रामों में औरतों के कार्यों में प्रतिदिन चक्की पीसना, कुओं से पानी भरना आदि भी व्यायाम के साधन थे। हाकी, फुटबाल, कबड्डी, खो-खो आदि खेल भी व्यायाम के बड़े सुन्दर साधन हैं। भारत में आजकल योगाभ्यास बहुत प्रचलित हो गया है।

योग का सीधा सम्बन्ध शरीर के भिन्न-भिन्न अंगों से है। इसमें अनेक प्रकार के आसन दिए गए हैं। प्रत्येक आसन का सम्बन्ध शरीर के अलग-अलग अगों से है। योग के शिक्षकों का तो यहां तक कहना है कि योग के माध्यम  से शरीर का ऐसा कोई भी रोग नहीं रहता जिसको दूर न किया जा सके। उनके अनसार योगाभ्यास करने वाले के पास तो रोग फटकते तक नहीं।

दुर्भाग्य की बात है कि आज के विज्ञान ने सभी को आलसी बना दिया है। व्यायाम करना तो एक ओर रहा, आज के बच्चे प्रातः उठना भी उचित नहीं समझते । 8-9 बजे तक सोये रहना तो आज का फैशन हो गया है। यही कारण है कि आजकल के बालक-बालिकाओं के शरीर बड़े दुबले पतले रहते हैं । कद छोटे-छोटे हैं। ये लोग शीघ्र ही रोग-ग्रस्त हो जाते हैं।  व्यायाम करने के कई लाभ हैं। सब से बड़ा लाभ तो यह है कि शरीर स्वस्थ रहता है। इससे मन प्रसन्न रहता है। सांसारिक सुखों को आनन्द के साथ भोग सकता है। मानव-बुद्धि तीब्र होती है। मनुष्य का खाना अच्छी प्रकार पच जाता है। शरीर पर से अनावश्यक चर्बी उतर जाती है, मोटापे से छुटकारा पाना अनेक रोग से मुवित प्राप्त करना है। तभी तो कहा है व्यायाम को अपनाओ डाक्टर को भगाओ। इसीलिए हमें प्रतिदिन , नियमपूर्वक व्यायाम अवश्य करना चाहिए। व्यायाम से शरीर के व्यर्थ मल नष्ट हो जाते हैं, मोटापा घटता है , शरीर सुदोग बनता है। चूसती – फुर्ती आने से कार्य – शक्ति बढ़ती है।

हम आशा करते हैं कि आप इस निबंध (  Essay on Exercise in Hindi – व्यायाम पर निबंध ) को पसंद करेंगे।

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व्यायाम के लाभ पर निबंध

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व्ययाम से अभिप्राय है अपने तन मन को स्वस्थ और निरोग बनाये रखने के लिए किया गया परिश्रमपूर्ण कार्य या प्रयास। सर्वप्रसिद्ध युक्ति पहला सुख निरोगी काया के अनुसार शरीर का स्वस्थ व निरोग रहना ही सबसे बड़ा सुख है। अस्वस्थ व रोगी व्यक्ति संसार के सुखों का भोग कदापि नहीं कर सकता है। स्वस्थ शरीर के लिए व्यायाम अत्यंत आवश्यक है। जो व्यक्ति नित्यप्रति व्ययाम करते है। वे सदैव स्वस्थ व सुखी रहते है।

किसी ने कहा है  ‘ शरीर माधम खलु धर्म साधनम ;– अर्थात शरीर को धर्म साधना का एक मात्र माध्यम स्वीकार किया गया है। शरीर ही कर्म का साधक है। ‘पहला शुख निरोगी काया’– यह कथन अक्षरश सत्य है। क्योंकि जिस व्यक्ति का शरीर रोगी है। उसका जीवन ही निर्रथक है। धर्म, अर्थ, काम तथा मोक्ष जीवन के इन लक्ष्यों को स्वस्थ शरीर द्वारा ही प्राप्त किया जा सकता है।

विशेषता:-  व्ययाम शरीर को स्वस्थ, हस्तपुठ, सुंदर सुडोल तो बनाता ही है अपितु मन, मस्तिष्क और आत्मा के उचित विकास में भी सहायक होता है। मस्तिष्क से काम करने वालो के लिए प्रातः काल ब्रह्ममुहूर्त में घूमना, सूर्य नमस्कार करना आदि लाभकारी व्यायाम है। प्रातःकाल खुले वातावरण में घूमना बिना मूल्य का लाभकारी व्ययाम है। इससे हमें प्रातःकाल सुबह जल्दी उठने की आदत पड़ती है तथा हमारी दिन चर्या नियमित रूप से चलती है। महात्मा गांधी जी ने भी अपनी आत्मकथा में प्रातः और सायंकाल में भृमण करना एक अच्छा व्ययाम बताया है।

अच्छा स्वास्थ्य एक महावरदान है। अच्छे स्वास्थ्य से ही अनेक प्रकार की सुख सुविधाये प्राप्त की जा सकती है। जो व्यक्ति अच्छे स्वास्थ्य तथा स्वस्थ शरीर के महत्व को नकारता है तथा ईशवर के इस वरदान का निरादर करता है, वह अपना ही नही समाज तथा ईशवर के इस वरदान का निरादर करता है, वह अपना ही नही, समाज तथा राष्ट्र को भी अहित करता है। स्वस्थ शरीर मे ही स्वस्थ मस्तिष्क का निवास हो सकता है। जिस व्यक्ति का शरीर ही स्वस्थ नही, फिर उसका मस्तिष्क भला कैसे स्वस्थ रह सकता है। स्वस्थ मस्तिष्क के अभाव में व्यक्ति कितना पंगु है। इसकी कल्पना आसानी से की जा सकती है।

मनुष्य की दशा उस घड़ी के समान है ,जो यदि ठीक तरह से रखी जाए, तो सो वर्ष तक काम दे सकती है और यदि लापरवाही बरती जाए तो शीघ्र बिगड़ जाती है। व्यक्ति को अपने शरीर को स्वस्थ तथा काम करने योग्य बनाये रखने के लिए व्यायाम आवश्यक है। व्यायाम और स्वास्थ्य का चोली दामन का साथ है। व्यायाम से न केवल हमारा शरीर पुष्ट होता है। अपितु मानसिक रूप से भी स्वस्थ रहता है। रोगी शरीर मे स्वस्थ मन निवास नही कर सकता है। यदि मन स्वस्थ न हो, तो विचार भी स्वस्थ नही होते। जब विचार स्वस्थ नही होंगे, तो कर्म की साधना केसे होगी। कर्तव्यों का पालन कैसे होगा शरीर को पुष्ट चुस्त यवं बलिष्ट बनाने के लिए व्यायाम आवशयक है।

व्यायाम न करने वाले मनुष्य आलसी तथा अकम्रण्य बन जाते है। अलस्य को मनुष्य का सबसे बड़ा शत्रु कहा गया है। आलसी व्यक्ति जीवन के हर क्षेत्र में असफल होते है तथा निराशा में डूबे रहते है। व्यायाम के अभाव में शरीर बोझ सा प्रतीत होता है। क्योंकि यह बेडौल होकर तरह तरह के रोगों को निमंत्रण देने लगता है, ‘मोटापा’ अपने आप मे एक बीमारी है। जो ह्रदय रोग, डायबिटीज, तनाव तथा रक्त चाप जैसे बीमारियों को जन्म देती है।

व्यायाम के प्रकार:-  खेलना कूदना प्रातः भृमण दौड़ना तैराकी, घुड़सवारी, दण्डबेठक लगाना ,योगासन आदि प्रमुख व्यायाम है। जिनमे प्रातः भृमण अत्यन्त उपयोगी है। जिस प्रकार किसी मशीन को सुचारू रूप से चलाने के लिए उसमे तेल आदि डालना अनिवार्य है। इसी प्रकार शरीर मे ताजगी तथा गतिशीलता बनाये रखने के लिए प्रातः भृमण तथा यौगिक क्रियाएं अत्यंत उपयोगी है। तैराकी , खेल कूद तथा घुड़सवारी भी उत्तम व्ययाम है।

व्यायाम के लाभ:-  व्यायाम करने से शरीर मे रक्त का संचार बढ़ता है, बुढापा जल्दी आक्रमण नही करता, शरीर हल्का-फुल्का बना रहता है , चुस्त गतिशील बना रहता है । शरीर मे काम करने की क्षमता बनी रहती है तथा व्यक्ति कर्मठ बनता है। जो व्यक्ति नियमित रूप से व्यायाम करने वाला होगा, उसका जीवन उतना ही उल्लासपूर्ण तथा सुखी होगा। व्यायाम करने वाला व्यक्ति हँसमुख, आत्मविश्वासी , उत्साही तथा निरोग होता है।

व्यायाम अवस्था के अनुरूप ही करना चाहिए। सभी व्यायाम सभी के लिए उपयोगी नही हो सकते। अतः भृमण सर्वश्रेष्ठ व्यायाम है, क्योंकि प्रातः काल की स्वच्छ वायु का सेवन स्वास्थ के लिए महावरदान है। बच्चों के लिए भाग दौड़, लोगों के लिए भृमण तथा युवकों के लिए अन्य व्यायाम उपयोगी है। आवश्यकता से अधिक किया गया व्यायाम हानिकार होता है। व्यायाम के नियमों का पालन करना भी आवश्यक है। व्यायाम खुली हवा में तथा खाली पेट करना चाहिए। व्यायाम के तुरंत बाद स्नान भी वर्जित है।

जीवन की सार्थकता अच्छे स्वास्थ्य में ही निहित है। वीर पुरुष ही इस पृथ्वी का भोग करते है। ये वीर पुरुष वे ही है, जिनका स्वास्थ्य अच्छा है। इस प्रकार नियमित व्यायाम शरीर को स्वस्थ रखने वाला पौष्टिक भोजन है। रत्नों से भरी इस पृथ्वी पर व्याप्त अनेक प्रकार के सुखों का उपयोग करना है तथा आत्मविश्वास ,स्फुर्ति एवं उल्ल्लास से भरा जीवन जिना है। तो हमे प्रतिदिन व्यायाम करना चाहिए।

लेखक :- कविता यादव 

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1 thought on “व्यायाम के लाभ पर निबंध”

Very long nibandh but is write to notes

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व्यायाम पर निबन्ध | Essay on Exercise in Hindi

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व्यायाम पर निबन्ध | Essay on Exercise in Hindi!

खेलना-कूदना, दौड़ लगाना, उछलना (Jump) आदि हमें बचपन से ही अच्छा लगता है । कहते हैं कि बच्चा जितना उछल-कूद करेगा, उतना ही बढ़ेगा और स्वस्थ (Healthy) भी रहेगा । जीवन में हर काम तभी अच्छा हो सकता है जब हमारा मन और शरीर दोनों स्वस्थ हों । ऐसा तभी हो सकता है जब हम नियमित रूप से (Regularly) व्यायाम करें ।

ADVERTISEMENTS:

व्यायाम कई प्रकार के हो सकते हैं । अपनी उम्र (Age) और शारीरिक गठन (Physique) के अनुसार हम अलग-अलग प्रकार के व्यायाम का चयन (Selection) कर सकते हैं । रस्सी-कूद, उठक-बैठक, ऊँची-कूद, लम्बी-कूद (High Jump-Long Jump), गोला फेंक (Shot-Put), कबड्‌डी, तैराकी (Swimming), कुश्ती (Wrestling), योगासन आदि अनेक प्रकार के प्रचलित (Traditional) व्यायाम हैं ।

इनमें से अपनी शारीरिक अवस्था और सुवि धा के अनुसार कोई भी व्यायाम चुना जा सकता है । छोटे बच्चों के लिए रस्सी-कूद, ऊँची-कूद और लम्बी कूद, तैराकी और योगाभ्यास लाभकारी (Beneficial) रहता है । इन व्यायामों से उनके शरीर की मांसपेशियाँ (Muscles) हड्‌डियाँ (Bones) आदि मजबूत (Strong) बनती हैं, रक्त का संचार (Blood Circulation) ठीक रहता है त था फेफड़े (Lungs) स्वस्थ रहते हैं ।

इसी प्रकार वृद्ध व्यक्तियों (Aged persons) के लिए योगासन त था टहलना (Walking) फायदेमंद होते हैं, जबकि युवा (Youth) व्यक्ति के लिए इनमें से किसी भी प्रकार का व्यायाम लाभकारी हो सकता है ।

स्त्री हो या पुरुष, वृद्ध हो या अधेड़, युवा हो या बालक, स भी के लिए व्यायाम लाभकारी होता है । खुले वातावरण (Open Atmosphere) में तथा अच्छे प्रशिक्षक (A Good Trainer) की देखरेख (Supervision) में किया जाने वाला व्यायाम व्यक्ति के शरीर के लिए अमृत के समान होता है । व्यक्ति का मन, उसकी बुद्धि और उसके शरीर के स भी तत्र (Systems) ठीक रहते हैं, जिससे व्यक्ति अधिक समय तक प्रसन्न रहते हुए जीवित रह सकता है ।

4. उपसंहार:

पुराने ग्रन्थों (Epics) मैं कहा गया है कि धन यदि चला जाय तो फिर लौट सकता है या उसके बिना भी मनुष्य जीवित रह सकता है किन्तु स्वास्थ्य (Health) के बिना मनुष्य का जीवन निरर्थक (Purposeless) बन जाता है क्योंकि रोगी (Patient) को न तो कोई भोजन और नही कोई आमोद-प्रमोद (Amusement) खुशकर सकताहै । अत: स्वास्थ्य ही सबसे बड़ा धन है और इसकी रक्षा के लिए व्यायाम करना आवश्यक है ।

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यातायात के नियम पर निबंध | essay on traffic rules in hindi, व्यायाम का महत्व निबंध importance of exercise essay in hindi.

व्यायाम का महत्व निबंध Importance of Exercise Essay in Hindi

व्यायाम पर निबंध

  • शारीरिक शक्ति का बढ़ना.
  • एक स्वस्थ जीवन की प्राप्ति.
  • बिमारियों से मुक्ति.
  • तेजी, फुर्ती और चुस्ती आना.
  • शरीर में लचीलापन उत्पन्न होना.
  • शरीर का तेजी से विकास होना.
  • एकाग्रता का बढ़ना.
  • हर कार्य में मन लगना.
  • पोषण, श्वसन, उत्सर्जन, पाचन, और रक्त वहन का संतुलन बना रहता है.
  • एक विशेष उर्जा की प्राप्ति होती है. जिससे कार्य करने की ;लग्न पैदा होती है.
  • रोग प्रतिरोधक क्षमता का बढ़ना.
  • व्यायाम करने के तुरंत बाद स्नान करना या पानी पीना हानिकारक होता है.
  • व्यायाम एक समय अवधि के अनुसार करें.
  • इसे नियमित रूप से करें.
  • व्यायाम करने के कुछ समय बाद दूध का सेवन करें. भोजन न करें.
  • क्षमता के अनुसार ही व्यायाम करें.
  • प्रातःकाल को व्यायाम करें. खुली हवा में करें.
  • अपनी आयु के अनुसार व्यायाम करें.
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योग के महत्व पर निबंध (Importance of Yoga Essay in Hindi)

योग – अभ्यास का एक प्राचीन रूप जो भारतीय समाज में हजारों साल पहले विकसित हुआ था और उसके बाद से लगातार इसका अभ्यास किया जा रहा है। इसमें किसी व्यक्ति को सेहतमंद रहने के लिए और विभिन्न प्रकार के रोगों और अक्षमताओं से छुटकारा पाने के लिए विभिन्न प्रकार के व्यायाम शामिल हैं। यह ध्यान लगाने के लिए एक मजबूत विधि के रूप में भी माना जाता है जो मन और शरीर को आराम देने में मदद करता है। दुनियाभर में योग का अभ्यास किया जा रहा है। विश्व के लगभग 2 अरब लोग एक सर्वेक्षण के मुताबिक योग का अभ्यास करते हैं।

योग के महत्व पर छोटे तथा बड़े निबंध (Short and Long Essay on Importance of Yoga in Hindi, Yog ke Mahatva par Nibandh Hindi mein)

अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर 10 वाक्य | योग पर 10 वाक्य

निबंध – 1 (250 – 300 शब्द)

योग का शब्द का उद्भव संस्कृत के ‘ युज ‘ धातु से हुआ है।  जिसका अर्थ है , शारीरिक और मानसिक शक्तियों का संयोग।योगएक अभ्यास है जो मानसिक, शारीरिक, आध्यात्मिक और सामाजिक स्वास्थ्यको बनाए रखता है। योग एक कला है जो हमारे शरीर, मन और आत्मा को एक साथ जोड़ता है।

शारीरिक स्वास्थ्य में योग की भूमिका

लचीलापन – लोग आजकल कई प्रकार के दर्द से पीड़ित हैं। वे पैर की उंगलियों को छूने या नीचे की ओर झुकने के दौरान कठिनाइयों का सामना करते हैं। योग का नियमित अभ्यास सभी प्रकार के दर्द से राहत प्रदान करता है।

रक्त प्रवाह बढ़ाएं – योग आपके हृदय को स्वस्थ बनाने में मदद करता है और यह आपके शरीर और नसों में रक्त के प्रवाह को बढ़ाता है। यह आपके शरीर को ऑक्सीजन युक्त रखने में मदद करता है।

मानसिक  स्वास्थ्य में योग की भूमिका

आंतरिक शांति – योग आंतरिक शांति प्राप्त करने और तनाव के खिलाफ लड़ाई में मदद करता है। योग एक व्यक्ति में शांति के स्तर को बढ़ाता है और उसके आत्मविश्वास को और अधिक बढ़ाने तथा उसे खुश रहने में मदद करता है।

ध्यान केंद्रित करने की शक्ति – योग आपके शरीर को शांत करने और आराम करने में मदद करता है जिसका मतलब तनाव का कम होना है और आप अपने काम पर ध्यान केंद्रित कर सकते है। यही कारण है कि बच्चों और किशोरों को योग करने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है क्योंकि यह उनकी पढ़ाई में बेहतर तरीके से ध्यान केंद्रित करने में मदद करता है।

योग के नियम कापालन और प्रतिदिनअभ्यास करके हम अपने स्वास्थ्य को बेहतर बना सकते है।कहा गया है की स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ मन का वाश होता है।

निबंध – 2 (400 शब्द): योग के फायदे

शरीर, मन और आत्मा को नियंत्रित करने में योग मदद करता है। शरीर और मन को शांत करने के लिए यह शारीरिक और मानसिक अनुशासन का एक संतुलन बनाता है। यह तनाव और चिंता का प्रबंधन करने में भी सहायता करता है और आपको आराम से रहने में मदद करता है। योग आसन शक्ति, शरीर में लचीलेपन और आत्मविश्वास विकसित करने के लिए जाना जाता है।

योग के फायदे

  • मांसपेशियों के लचीलेपन में सुधार
  • शरीर के आसन और एलाइनमेंट को ठीक करता है
  • बेहतर पाचन तंत्र प्रदान करता है
  • आंतरिक अंग मजबूत करता है
  • अस्थमा का इलाज करता है
  • मधुमेह का इलाज करता है
  • दिल संबंधी समस्याओं का इलाज करने में मदद करता है
  • त्वचा के चमकने में मदद करता है
  • शक्ति और सहनशक्ति को बढ़ावा देता है
  • एकाग्रता में सुधार
  • मन और विचार नियंत्रण में मदद करता है
  • चिंता, तनाव और अवसाद पर काबू पाने के लिए मन शांत रखता है
  • तनाव कम करने में मदद करता है
  • रक्त परिसंचरण और मांसपेशियों के विश्राम में मदद करता है
  • चोट से संरक्षण करता है

ये सब योग के लाभ हैं। योग स्वास्थ्य और आत्म-चिकित्सा के प्रति आपके प्राकृतिक प्रवृत्ति पर ध्यान केंद्रित करता है।

योग सत्र में मुख्य रूप से व्यायाम, ध्यान और योग आसन शामिल होते हैं जो विभिन्न मांसपेशियों को मजबूत करते हैं। दवाओं, जो हमारे मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है, से बचने का यह एक अच्छा विकल्प है।

योग अभ्यास करने के मुख्य लाभों में से एक यह है कि यह तनाव कम करने में मदद करता है। तनाव का होना इन दिनों एक आम बात है जिससे शरीर और मन पर विनाशकारी प्रभाव पड़ता है। तनाव के कारण लोगों को सोते समय दर्द, गर्दन का दर्द, पीठ दर्द, सिरदर्द, तेजी से दिल का धड़कना, हथेलियों में पसीने आना, असंतोष, क्रोध, अनिद्रा और ध्यान केंद्रित करने में असमर्थता जैसी गंभीर समस्याएं पैदा होती हैं। समय गुज़रने के साथ इन प्रकार की समस्याओं का इलाज करने में योग वास्तव में प्रभावी है। यह एक व्यक्ति को ध्यान और साँस लेने के व्यायाम से तनाव कम करने में मदद करता है और एक व्यक्ति के मानसिक कल्याण में सुधार करता है। नियमित अभ्यास मानसिक स्पष्टता और शांति बनाता है जिससे मन को आराम मिलता है।

योग एक बहुत ही उपयोगी अभ्यास है जिसे करना बहुत आसान है और यह कुछ गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं, जो आज के जीवन शैली में सामान्य हैं, से भी छुटकारा पाने में मदद करता है।

Essay on Importance of Yoga in Hindi

निबंध – 3 (500 शब्द): योग की उत्पत्ति

योग की उत्पत्ति संस्कृत के शब्द, ‘यूज’ (YUJ) से हुई है। इसका मतलब है जुड़ना, कनेक्ट या एकजुट होना। यह सार्वभौमिक चेतना के साथ व्यक्तिगत चेतना का संघ है। योग 5000 साल पुराना भारतीय दर्शनशास्त्र है। इसका सबसे पहले प्राचीन पवित्र पाठ – ऋग्वेद में उल्लेख किया गया था (वेद आध्यात्मिक जानकारी, गीत और ब्राह्मणों द्वारा इस्तेमाल होने वाले अनुष्ठानों, वैदिक पुजारियों के ग्रंथों का एक संग्रह थे)।

हजारों सालों से भारतीय समाज में योग का अभ्यास किया जा रहा है। योग करने वाला व्यक्ति अलग-अलग क्रियाएँ करता है जिसे आसन कहते हैं। योग उन लोगों को लाभ देता है जो इसका नियमित रूप से अभ्यास करते हैं।

योग में किए गए व्यायाम को ‘आसन’ कहा जाता है जो शरीर और मन की स्थिरता लाने में सक्षम हैं। योग आसन हमारे शरीर के अधिक वजन को कम करने और फिट रखने का सबसे सरल तरीका है।

योग की उत्पत्ति

योग का जन्म प्राचीन भारत में हजारों साल पहले हुआ था। सबसे पहले धर्म या विश्वास प्रणाली के जन्म से भी पहले। यह माना जाता है कि शिव पहले योगी या आदियोगी और पहले गुरु हैं। हजारों साल पहले हिमालय में कंटिसारोकर झील के तट पर आदियोगी ने अपने ज्ञान को महान सात ऋषियों के साथ साझा किया था क्योंकि इतने ज्ञान को एक व्यक्ति में रखना मुश्किल था। ऋषियों ने इस शक्तिशाली योग विज्ञान को दुनिया के विभिन्न हिस्सों में फैलाया जिसमें एशिया, उत्तरी अफ्रीका, मध्य पूर्व और दक्षिण अमेरिका शामिल हैं। भारत को अपनी पूरी अभिव्यक्ति में योग प्रणाली को प्राप्त करने का आशीष मिला हुआ है।

सिंधु-सरस्वती सभ्यता के जीवाश्म अवशेष प्राचीन भारत में योग की मौजूदगी का प्रमाण हैं। इस उपस्थिति का लोक परंपराओं में उल्लेख है। यह सिंधु घाटी सभ्यता, बौद्ध और जैन परंपराओं में शामिल है। अध्ययनों के अनुसार एक गुरु के प्रत्यक्ष मार्गदर्शन के तहत योग का अभ्यास किया जा रहा था और इसके आध्यात्मिक मूल्य को बहुत महत्व दिया गया था। सूर्य को वैदिक काल के दौरान सर्वोच्च महत्व दिया गया था और इसी तरह सूर्यनमस्कार का बाद में आविष्कार किया गया था।

महर्षि पतंजलि को आधुनिक योग के पिता के रूप में जाना जाता है। हालाँकि उन्होंने योग का आविष्कार नहीं किया क्योंकि यह पहले से ही विभिन्न रूपों में था। उन्होंने इसे प्रणाली में आत्मसात कर दिया। उन्होंने देखा कि किसी को भी अर्थपूर्ण तरीके से समझने के लिए यह काफी जटिल हो रहा है। इसलिए उन्होंने आत्मसात किया और सभी पहलुओं को एक निश्चित प्रारूप में शामिल किया जिसे योग सूत्र कहते हैं।

आसन या योग पदों के अभ्यास में सांस की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण है। सांस हमारे कार्यों के आधार पर एक महत्वपूर्ण बल है और ऑक्सीजन परिवर्तन हमारे शरीर की आवश्यकता है। अगर हम व्यायाम करते हैं तो हमें अधिक ऑक्सीजन की आवश्यकता होती है इसलिए हम साँस तेजी से लेते है और अगर हम आराम करते हैं तो हम साँस आराम से लेते हैं। योग में धीमी गति से आसन करते समय पूरा ध्यान सांस पर एकीकृत करना होता है। योग अभ्यास आराम से साँस लेने और साँस छोड़ने को बढ़ावा देता है।

योग को आसान तक सीमित होने की वजह से आंशिक रूप से ही समझा जाता है, लेकिन लोगों को शरीर, मन और सांस को एकजुट करने में योग के लाभों का एहसास नहीं है। किसी भी आयु वर्ग और किसी भी शरीर के आकार के व्यक्ति द्वारा योग का चयन और इसका अभ्यास किया जा सकता है। यह किसी के लिए भी शुरू करना संभव है। आकार और फिटनेस स्तर से कोई फर्क नहीं पड़ता क्योंकि योग में विभिन्न लोगों के अनुसार प्रत्येक आसन के लिए संशोधन मौजूद हैं।

निबंध – 4 (600 शब्द): योग के प्रकार व उनके महत्व

योग आसन हमेशा योग संस्कृति में एक महत्वपूर्ण चर्चा रही है। विदेशों में स्थित कुछ योग स्कूलों में योग मुद्राओं को खड़े रहने, बैठेने, पीठ के बल लेटने और पेट के बल लेटने के रूप में वर्गीकृत किया गया है लेकिन योग के वास्तविक और पारंपरिक वर्गीकरण में कर्म योग, ज्ञान योग, भक्ति योग और क्रिया योग सहित चार मुख्य योग शामिल हैं।

योग के प्रकार व उनके महत्व

यहां योग के चार मुख्य मार्गों और उनके महत्व को समझने के लिए संक्षेप में देखें:

  • कर्म योग- यह पश्चिमी संस्कृति में ‘कार्य के अनुशासन’ के रूप में भी जाना जाता है। यह योग के चार महत्वपूर्ण भागों में से एक है। यह निस्वार्थ गतिविधियों और कर्तव्यों के साथ संलग्न हुए बिना तथा फ़ल की चिंता किए बिना कोई काम करना सिखाता है। यह मुख्य पाठ है जो कर्म योगी को सिखाया जाता है। यह उन लोगों के लिए है जो आध्यात्मिक पथ की खोज करते हैं और परमेश्वर के साथ मिलना चाहते हैं। इसका अपने नियमित जीवन में ईमानदार तरीके से नतीजे की चिंता किए बिना अपने कर्तव्य का संचालन करके भी अभ्यास किया जा सकता है। यह आध्यात्मिक विकास का मार्ग है। असल में कर्म जो हम करते हैं वह क्रिया है और उसका नतीज़ा इसकी प्रतिक्रिया है। व्यक्ति का जीवन अपने कर्म चक्र द्वारा शासित होता है। अगर उस व्यक्ति के अच्छे विचार, अच्छे कार्य और अच्छी सोच है तो वह सुखी जीवन जिएगा वहीँ वह व्यक्ति अगर बुरे विचार, बुरे काम और बुरी सोच रखता है तो वह दुखी और कठिन जीवन जिएगा आज की दुनिया में ऐसे निस्वार्थ जीवन जीना बहुत मुश्किल है क्योंकि मानव कर्म करने से पहले फ़ल की चिंता करने लगता है। यही कारण हैं कि हम उच्च तनाव, मानसिक बीमारी और अवसाद जैसी समस्याओं का सामना कर रहे हैं। कर्म योग सभी भौतिकवादी रास्तों से छुटकारा पाता है और एक खुश और सफल जीवन का नेतृत्व करता है।
  • ज्ञान योग- इसे ‘विज़डम योग’ के रूप में भी जाना जाता है। यह सभी के बीच एक बहुत ही कठिन और जटिल रास्ता है। यह किसी व्यक्ति को गहरी अंतरात्मा के मन से ध्यान और आत्म-प्रश्न सत्र आयोजित करने के द्वारा विभिन्न मानसिक तकनीकों का अभ्यास करके आंतरिक आत्म में विलय करना सिखाता है। यह किसी व्यक्ति को स्थायी जागरूक और अस्थायी भौतिकवादी दुनिया के बीच अंतर करना सिखाता है। यह पथ 6 मौलिक गुणों – शांति, नियंत्रण, बलिदान, सहिष्णुता, विश्वास और ध्यान केंद्रित करके मन और भावनाओं को स्थिर करना सिखाता है। लक्ष्य को प्राप्त करने और सर्वोत्तम तरीके से इसे करने के लिए एक सक्षम गुरु के मार्गदर्शन में ज्ञान योग का अभ्यास करने की सलाह दी जाती है।
  • भक्ति योग- इसे ‘आध्यात्मिक या भक्ति योग’ के रूप में भी जाना जाता है। यह दिव्य प्रेम के साथ जुड़ा हुआ है क्योंकि यह प्रेम और भक्ति के माध्यम से आध्यात्मिक ज्ञान का सबसे बड़ा मार्ग है। इस योग के रास्ते में एक व्यक्ति भगवान को सर्वोच्च अभिव्यक्ति और प्यार के अवतार के रूप में देखता है। इसकी मुख्य विशेषताएं हैं – भगवान का नाम जपना, उसकी स्तुति या भजन गाना और पूजा और अनुष्ठान में संलग्न होना। यह सबसे आसान और सबसे लोकप्रिय है। भक्ति योग मन और हृदय की शुद्धि से जुड़ा है और कई मानसिक और शारीरिक योग प्रथाओं द्वारा इसे प्राप्त किया जा सकता है। यह प्रतिकूल परिस्थितियों में भी साहस देता है। यह मूल रूप से दयालुता का एहसास कराती है और परमात्मा को दिव्य प्रेम से शुद्ध करने पर केंद्रित है।
  • क्रिया योग- यह शारीरिक प्रथा है जिसमें कई शरीर मुद्राएं ऊर्जा और सांस नियंत्रण या प्राणायाम की ध्यान तकनीकों के माध्यम से की जाती हैं। इसमें शरीर, मन और आत्मा का विकास होता है। क्रिया योग का अभ्यास करके पूरे मानव प्रणाली को कम समय में सक्रिय किया जाता है। सभी आंतरिक अंग जैसे कि यकृत, अग्न्याशय आदि सक्रिय हैं। शरीर को स्वस्थ रखने के लिए आवश्यक हार्मोन और एंजाइमों को सक्रीय अवस्था में लाया जाता है। रक्त ऑक्सीजन की उच्च मात्रा को अवशोषित करता है और जल्द डी-कार्बोनाइज हो जाता है जो आम तौर पर बीमारियों की संख्या घटाता है। सिर में अधिक परिसंचरण के माध्यम से मस्तिष्क की कोशिकाओं को सक्रिय किया जाता है जिससे मस्तिष्क की कामकाजी क्षमता बढ़ जाती है और स्मृति तेज हो जाती है और व्यक्ति जल्दी थका हुआ महसूस नहीं करता।

योग गुरु या शिक्षक चार मौलिक मार्गों के समुचित संयोजन को पढ़ा सकते हैं क्योंकि ये प्रत्येक साधक के लिए आवश्यक है। प्राचीन कहावतों की माने तो उपरोक्त योग मार्ग प्राप्त करने के लिए गुरु के निर्देशों के तहत काम करना जरूरी है।

अंतरराष्ट्रीय योग दिवस 2022 पर अधिक जानकारी

FAQs: Frequently Asked Questions on Importance of Yoga (योग के महत्व पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न)

उत्तर- भारत

उत्तर- पतंजलि योगपीठ भारत में।

उत्तर- भगवान शिव एवं दत्तात्रेय को योग का जनक माना जाता है।

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Importance of Exercise Essay

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Exercise is basically any physical activity that we perform on a repetitive basis for relaxing our body and taking away all the mental stress. It is important to do regular exercise. When you do this on a daily basis, you become fit both physically and mentally. Moreover, not exercising daily can make a person susceptible to different diseases. Thus, just like eating food daily, we must also exercise daily. The importance of exercise essay will throw more light on it.

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Importance of Exercise

Exercising is most essential for proper health and fitness. Moreover, it is essential for every sphere of life. Especially today’s youth need to exercise more than ever. It is because the junk food they consume every day can hamper their quality of life.

If you are not healthy, you cannot lead a happy life and won’t be able to contribute to the expansion of society. Thus, one needs to exercise to beat all these problems. But, it is not just about the youth but also about every member of the society.

These days, physical activities take places in colleges more than often. The professionals are called to the campus for organizing physical exercises. Thus, it is a great opportunity for everyone who wishes to do it.

Just like exercise is important for college kids, it is also essential for office workers. The desk job requires the person to sit at the desk for long hours without breaks. This gives rise to a very unhealthy lifestyle.

They get a limited amount of exercise as they just sit all day then come back home and sleep. Therefore, it is essential to exercise to adopt a healthy lifestyle that can also prevent any damaging diseases .

Benefits of Exercise

Exercise has a lot of benefits in today’s world. First of all, it helps in maintaining your weight. Moreover, it also helps you reduce weight if you are overweight. It is because you burn calories when you exercise.

Further, it helps in developing your muscles. Thus, the rate of your body will increases which helps to burn calories. Moreover, it also helps in improving the oxygen level and blood flow of the body.

When you exercise daily, your brain cells will release frequently. This helps in producing cells in the hippocampus. Moreover, it is the part of the brain which helps to learn and control memory.

The concentration level in your body will improve which will ultimately lower the danger of disease like Alzheimer’s. In addition, you can also reduce the strain on your heart through exercise. Finally, it controls the blood sugar levels of your body so it helps to prevent or delay diabetes.

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Conclusion of Importance of Exercise Essay

In order to live life healthily, it is essential to exercise for mental and physical development. Thus, exercise is important for the overall growth of a person. It is essential to maintain a balance between work, rest and activities. So, make sure to exercise daily.

FAQ of Importance of Exercise Essay

Question 1: What is the importance of exercise?

Answer 1: Exercise helps people lose weight and lower the risk of some diseases. When you exercise daily, you lower the risk of developing some diseases like obesity, type 2 diabetes, high blood pressure and more. It also helps to keep your body at a healthy weight.

Question 2: Why is exercising important for students?

Answer 2: Exercising is important for students because it helps students to enhance their cardiorespiratory fitness and build strong bones and muscles. In addition, it also controls weight and reduces the symptoms of anxiety and depression. Further, it can also reduce the risk of health conditions like heart diseases and more.

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Essay on importance of exercise in hindi.

Essay on Importance of Exercise in Hindi for all students of class 1, 2, 3, 4, 5, 7, 8, 9, 10, 11 and 12. Most students find difficulty in writing essay on new topics but you don’t need to worry now. Read and write this essay in your own words. व्यायाम का महत्व पर निबंध।

hindiinhindi Importance of Exercise in Hindi

Importance of Exercise in Hindi

जीवन में व्यायाम का महत्त्व – विचार – बिंदु – • स्वास्थ्य का अर्थ • स्वस्थ रहने के उपाय • स्वास्थ्य का महत्त्व।

आत्मा को स्वस्थ और प्रसन्न रखने के लिए शरीर को स्वस्थ होना अनिवार्य है। स्वस्थ शरीर का आशय है रोग-रहित शरीर। उसका सर्वोत्तम उपाय है – व्यायाम। ‘व्यायाम’ का आशय है – ऐसी शारीरिक क्रियाएँ, जिनसे विभिन्न अंगों में सक्रियता बढ़े। शारीरिक खेल, दौड़-कूद, नृत्य, श्रमपूर्ण कार्य, सैर आदि व्यायाम के ही विभिन्न प्रकार हैं। खेल व्यायाम का सबसे अच्छा और रुचिकर साधन है। हॉकी, फुटबाल, कबड्डी, खो-खो, क्रिकेट, बैडमिंटन, टी-टी, लॉन-टेनिस, घुड़सवारी, वॉलीबाल, बास्केट-बाल आदि खेलों की लंबी सूची है जिन्हें खेलने से शरीर का अंगअंग स्फूर्ति पाता है।

ओलंपिक या एशियाड खेलों की ओर ध्यान दें। इनमें दौड़, कूद, फेंक, शरीर-नियंत्रण तथा तैराकी से संबंधित अनेक प्रतियोगिताएँ होती हैं। इन सबका उद्देश्य व्यायाम को प्रोत्साहन देना है। स्वस्थ शरीर का महत्त्व मन, बुद्धि, आत्मा, धन, वैभव सबसे ऊपर है। ‘जान है तो जहान है’। स्वास्थ्य से ही सब सांसारिक आनंदों के द्वार खुलते हैं। तभी धन और वैभव का भोग संभव है। घर में सभी स्वस्थ हों तभी घर में आनंद-मंगल रहता है।

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