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Albert Einstein Biography In Hindi | अल्बर्ट आइंस्टीन जीवनी

Albert Einstein Biography In Hindi

दुनिया से सबसे बुद्धिमान और सर्वश्रेष्ठ वैज्ञानिक अल्बर्ट आइंस्टीन को शायद ही कोई नहीं जानता हो, उन्होंने न सिर्फ विज्ञान के क्षेत्र में अपना अभूतपूर्व योगदान दिया, बल्कि अपनी कई खोजों के माध्यम से कठिन से कठिन चीजों का बेहद आसान बना दिया और अपने सफल अविष्कारों से विज्ञान को एक नई दिशा दी।

अल्बर्ट आइंस्टीन एक महान वैज्ञानिक होने के साथ-साथ एक सफल भौतिक शास्त्री भी थे, जिन्होंने दुनिया में सबसे प्रसिद्ध द्रव्यमान और ऊर्जा का समीकरण सूत्र दिया।

इसके अलावा उन्होंने 300 से भी ज्यादा वैज्ञानिक शोध पत्रों का प्रकाशन किया, वहीं उनके अभूतपूर्व योगदान के लिए उन्हें सर्वोच्च सम्मान नोबेल पुरस्कार से भी सम्मानित किया जा चुका है।

अल्बर्ट आइंस्टीन ने अपने जीवन में कई बार असफलता पाने के बाबजूद भी हार नहीं मानी और निरंतर प्रयास करते रहे और सफलता हासिल कर लोगों के लिए एक मिसाल कायम की।

वहीं आज हम आपको अपने इस आर्टिकल में अल्बर्ट आइंस्टीन के जन्म से लेकर उनके महान वैज्ञानिक बनने तक के सफर के बारे में बताएंगे , साथ ही उनके जीवन के संघर्षों के बारे में भी चर्चा करेंगे, तो आइए जानते हैं, दुनिया के महान वैज्ञानिक अल्बर्ट आइंस्टीन – Albert Einstein के बारे में –

Albert Einstein

अल्बर्ट आइंस्टीन जीवनी | Albert Einstein Biography in Hindi

अल्बर्ट आइंस्टीन का जन्म और शिक्षा – albert einstein education.

दुनिया के महान वैज्ञानिक अल्बर्ट आइंस्टीन, जर्मनी के उल्म शहर में एक यहूदी परिवार में 14 मार्च साल 1879 को जन्में थे। वे हेर्मन आइंस्टीन और पौलिन कोच की संतान थे। उनके पिता एक इंजीनियर और सलेस्मैन थे, वहीं अल्बर्ट आइंस्टीन के जन्म के थोड़े दिनों बाद ही उनका परिवार म्युनिच में शिफ्ट हो गया, जिसके चलते म्युनिच में ही आइंस्टीन ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा की शुरुआत की।

आपको बता दें कि अल्बर्ट आइंस्टीन को शुरु से ही किताबी ज्ञान में कोई रुचि नहीं थी, बचपन में जिद्दी और कमजोर बच्चों में उनकी गिनती होती थी। उनकी कुछ हरकतों की वजह से उन्हें कुछ अध्यापकों ने तो शारीरिक रुप से विकलांग तक कहना शुरु कर दिया था।

आइंस्टीन के बारे में यह भी कहा जाता है कि 9 साल की उम्र तक वे ठीक तरीके से बोल भी नहीं पाते थे।

लेकिन बचपन से ही वे कुछ न कुछ एक्सपेरिमेंट करते रहते थे, उनका कंपास की सुई की दिशा, प्रकृति के नियमों आदि में उनका मन रमता था। वहीं म्यूजिक से उन्हें बचपन से ही काफी लगाव था, यही वजह है कि उन्होंने मात्र 6 साल की उम्र में वायलिन  बजाना सीख लिया था, और अपने जीवन के खाली समय में वे अक्सर इसे बजाते थे। 

इसके अलावा महज 12 साल की उम्र में उन्होंने ज्यामिति की खोज की थी और वे इतनी तेज बुद्दि के छात्र थे कि महज 16 साल की उम्र में वे गणित के कठिन सवालों को भी चुटकियों में हल कर देते थे।

आपको बता दें कि 16 साल की उम्र में ही आइंस्टीन ने अपनी 12वीं  की पढ़ाई पूरी कर ली थी, इसके बाद वे स्विट्ज़रलैंड के ज्यूरिच में ‘फ़ेडरल इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी’ में एडमिशन लेना चाहते थे, उन्होंने इसके लिए इंतिहान भी दिया, लेकिन वे सफल नहीं हो सके।

इसके बाद उन्होंने अपनी एक टीचर की सलाह को मानते हुए स्विट्ज़रलैंड के आरौ में ‘कैनटोनल स्कूल’ से डिप्लोमा किया।

इसके बाद साल  1900 में अल्बर्ट आइंस्टीन ने स्विज फ़ेडरल इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी से अपने ग्रेजुएशन की पढ़ाई पूरी की और इस दौरान उन्होंने स्विट्जरलैंड की नागरिकता भी हासिल की  वहीं इसके 5 साल बाद साल 1905 में उन्होंन PHD की डिग्री हासिल की 

अल्बर्ट आइंस्टीन का कैरियर – Albert Einstein Career

PHD की डिग्री हासिल करने के बाद अल्बर्ट आइंस्टीन की ज्यूरिख यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर के रुप में नियुक्ति की गई। इस दौरान उन्होंने अपना पहला क्रांतिकारी विज्ञान से संबंधित एक डॉक्यूमेंट भी लिखा।   

इसके कुछ दिनों के बाद अल्बर्ट आइंस्टीन  क्ज़ेकोस्लोवाकिया के प्राग शहर में जर्मन यूनिवर्सिटी में प्रिंसिपल के लिए चुने गए। इसके बाद फिर वे  फेडरल इंस्टिटयूट ऑफ़ टेक्नोलोजी में प्रिंसिपल बनाए गए।

साल 1913 में मशहूर वैज्ञानिक मैक्स प्लांक और वाल्थेर नेर्न्स्ट ने आइंस्टीन को बर्लिन की एक यूनिवर्सिटी में एक रिसर्च के लिए प्रोत्साहित किया, जिसके बाद आइंस्टीन बर्लिन चले गए।

फिर साल 1920 में उन्हें हॉलैंड में लंदन की यूनिवर्सिटी की तरफ से आजीवन रिसर्च करने और लेक्चर देने का ऑफर मिला । वहीं इसके बाद विज्ञान के क्षेत्र में उनके द्धारा की गई तमाम खोजों के लिए उन्हें कई अवॉर्ड भी दिए दिए।

वहीं जब आइंस्टीन ने कैलिफोर्निया इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी से जुड़े उस समय उनका कैरियर एक नए मुकाम पर पहुंचा। इसके बाद उन्होंने अपने प्रयोगों से कई नए अविष्कार कर विज्ञान के क्षेत्र में नई दिशा प्रदान की।

अल्बर्ट आइंस्टीन के अविष्कार – Inventions of Albert Einstein

प्रकाश की क्वांटम थ्योरी

प्रकाश की क्वांटम थ्योरी में आइंस्टीन ने ऊर्जा की छोटी थैली को फोटोन कहा और इसकी तरंगों की खासियत बताई है। इसके साथ ही उन्होंने कुछ धातुओं के इलेक्ट्रॉन्स के उत्सर्जन और फोटो इलेक्ट्रिक इफेक्ट की रचना को समझाया. वहीं इसी खोज के आधार पर टेलीविजन की खोज की गई।

E = MC square

साल 1905 में आइंस्टीन ने द्रव्यमान और ऊर्जा के बीच एक ऐसा फॉर्मूला बनाया जो कि पूरी दुनिया में प्रसिद्ध हुआ।

रेफ्रिजरेटर की खोज

आइंस्टीन ने बेहद कम समय में रेफ्रिजरेटर की खोज की थी। इसमें उन्होंने अमोनिया, ब्यूटेन और पानी और ऊर्जा का अधिक इस्तेमाल किया था।

स्पेशल थ्योरी ऑफ रिलेटिविटी

आइंस्टीन ने अपनी इस  थ्योरी में गति  और समय के सम्बन्ध को समझाने की कोशिश की है।

आसमान नीला होता है

इसमें आइंस्टीन के प्रकाश के प्रकीर्णन (Light Scattering) के बारे में बताया था, और इसी वजह से आसमान का रंग नीला होता है। 

इसके अलावा भी अल्बर्ट आइंस्टीन में अपने कई अद्भुत अविष्कारों से विज्ञान के विकास को गति प्रदान की।

अल्बर्ट आइंस्टीन की शादी – Albert Einstein Marriage

विश्व के इस महान वैज्ञानिक ने अपने जीवन में दो शादियां की थी। वे स्कूल में मिलेना मरिअक से मिले थे, जिसके बाद साल 1903 में उन दोनो ने शादी कर ली, उन्हें इस शादी से तीन संतानें भी प्राप्त हुईं थी, हालांकि यह शादी ज्यादा दिनों तक नहीं चल पाई और साल 1919 में उन दोनों में तलाक हो गया। इसके बाद आइंस्टीन ने  एलिसा लोवेस से अपनी दूसरी शादी रचा ली।

अल्बर्ट आइंस्टीन को पुरस्कार – Albert Einstein Awards

विज्ञान के क्षेत्र में उनके  अभूतपूर्व योगदान देने और महान खोजों के लिए अल्बर्ट आइंस्टीन को कई  पुरस्कारों से नवाज़ा गया, जो कि निम्नलिखित है –

  • साल 1921 में भौतिकी का नोबेल पुरस्कार दिया गया।
  • साल 1921 में ही उन्हें मत्तयूक्की मैडल से नवाजा गया।
  • साल 1925 में आइंस्टीन को कोपले मैडल से भी नवाजा गया।
  • साल 1929 में मैक्स प्लांक मैडल से भी आइंस्टीन सम्मानित किया गया।
  • साल 1999 में उन्हें शताब्दी के टाइम पर्सन का पुरस्कार भी दिया गया।

अल्बर्ट आइंस्टीन की मृत्यु – Albert Einstein Death

जर्मनी में जब हिटलर शाही का समय आया  तो अल्बर्ट आइंस्टीन को यहूदी होने के कारण जर्मनी छोड़ कर अमेरिका के न्यजर्सी में आकर रहना पड़ा, जहां प्रिस्टन कॉलेज में काम करते हुए 18 अप्रैल, साल 1955 में उन्होंने अपनी आखिरी सांस ली।

अल्बर्ट आइंस्टीन ने महान खोजों के द्धारा विज्ञान के क्षेत्र में एक नई क्रांति ला दी और मुश्किल से मुश्किल चीजों को बेहद आसान बना दिया। वहीं कई बार हार जाने के बाद भी वे रुके नहीं और अपने प्रयासों को एक दिन दुनिया के सामने लाकर  खुद को साबित किया और दुनिया के सामने एक मिसाल पेश की। 

अल्बर्ट आइंस्टीन सुविचार – Albert Einstein Quotes

Quote – दो चीजें अनंत हैं: ब्रह्माण्ड और मनुष्य कि मूर्खता; और मैं ब्रह्माण्ड के बारे में दृढ़ता से नहीं कह सकता। Quote – जिस व्यक्ति ने कभी गलती नहीं कि उसने कभी कुछ नया करने की कोशिश नहीं की। Quote – ईश्वर के सामने हम सभी एक बराबर ही बुद्धिमान हैं-और एक बराबर ही मूर्ख भी।

अल्बर्ट आइंस्टीन के सुविचार:   Einstein Quotes

Note:  आपके पास About   Albert Einstein in Hindi  मैं और  information हैं, या दी गयी जानकारी मैं कुछ गलत लगे तो तुरंत हमें कमेंट और ईमेल मैं लिखे हम इस अपडेट करते रहेंगे।

46 thoughts on “Albert Einstein Biography In Hindi | अल्बर्ट आइंस्टीन जीवनी”

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You have given very interesting information about Albert Einstein. Here you have explained all the facts very beautifully.

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Sir kya Albert Einstein bachpan me bohot kamzor the aur kya unhe school se nikal diya gaya tha ?

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very nice article sir ji …. thank you

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अल्बर्ट आइंस्टीन की जीवनी | Albert Einstein Biography in Hindi

Albert Einstein Biography, Quotes in Hindi

एक ऐसा व्यक्ति जिसने बीसवीं सदी की शुरुआत में विज्ञान पर राज्य किया। जिसने मानव इतिहास में समय, स्थान और वृत्त आकर्षण जैसे विषयों के नए आयामों की खोज की।

अल्बर्ट आइंस्टीन के जन्म के समय कहा जाता है कि उनके सिर पर पिछला हिस्सा असामान्य था यानी उनके सिर का पिछला हिस्सा बहुत बड़ा था। बताया जाता है कि एक हफ्ते बाद उनका सिर सामान्य हो गया।

कहा जाता है कि 4 साल की उम्र तक आइंस्टीन को बोलने में दिक्कत होती थी इसके अलावा उनके पास पढ़ने के मुद्दे भी थे और उन्हें स्कूल से निकाल दिया जाता था।

उन्होंने दुनिया का सबसे सम्मानीय पुरस्कार भौतिकी के लिए नोबेल पुरस्कार जीता मानव इतिहास में सबसे बुद्धिमान व्यक्ति माने जाने वाले व्यक्ति का नाम अल्बर्ट आइंस्टीन हैं।

अल्बर्ट आइंस्टीन का जीवन परिचय (Albert Einstein Biography)

Table of Contents

अल्बर्ट आइंस्टीन का जीवन परिचय (Albert Einstein Biography)

अल्बर्ट आइंस्टीन का जन्म (albert einstein born).

अल्बर्ट आइंस्टीन का जन्म 14 मार्च 1879 को जर्मनी के उल्म में में हुआ था और उनका परिवार बहुत ही साधारण और मध्यमवर्गीय यहूदी थे।

उनके पिता का नाम हरमन आइंस्टीन था। जो शुरू में एक पंख वाले बिक्री प्रतिनिधि थे और बाद में एक इलेक्ट्रोकेमिकल उत्पादन लाइन चलाते थे और एक मध्यम जीवन यापन करते थे।

उनकी मां पॉलिन कोच परिवार से भागी थी उनकी एक बहन माजा आइंस्टीन थी। माजा, अल्बर्ट से 2 साल छोटी थी।

अल्बर्ट आइंस्टीन की शिक्षा (Albert Einstein Education)

गणित और भौतिकी में उनके अद्भुत प्रदर्शन के कारण, उन्हें स्विस फेडरल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी में प्रवेश मिला और उन्होंने स्नातक की पढ़ाई पूरी की।

उन्हें अभी भी अपनी पूर्व विश्वविद्यालय शिक्षा को पहले पूरा करने की अवश्यकता थी इसलिए बे स्विटरजलैंड के आराऊ में जोस्ट विंटेलर के हाई स्कूल गए।

आइंस्टीन स्कूल मास्टर के परिवार के साथ रहते थे और वह स्कूल मास्टर की बेटी मैरी बिंटलर से प्रभावित थे। सदी के अंत के साथ आइंस्टीन ने अपनी जर्मन नागरिकता छोड़ दी और स्विस नागरिक बन गए।

अल्बर्ट आइंस्टीन का परिवार (Albert Einstein Family)

अल्बर्ट आइंस्टीन की शादी, पत्नी.

अल्बर्ट आइंस्टीन अपनी शिक्षा को खत्म करने के बाद करीबन 6 महीने बाद मरिअक से शादी कर ली। जो कि उनकी ज्यूरिक में सहपाठी थी।

अल्बर्ट आइंस्टीन की शादी के कुछ साल बाद उनकी पत्नी मरीअक ने दो बेटे को जन्म दिया था उनके दो बेटे हुए तब वे बर्न में ही थे और उनकी उम्र 26 साल थी।

उस समय उन्होंने डॉक्टरेट की उपाधि प्राप्त की और अपना पहला क्रांतिकारी विज्ञान संबंधी दस्तावेज लिखा।

अल्बर्ट आइंस्टीन का कैरियर (Albert Einstein Career)

स्नातक की पढ़ाई पूरी करने के बाद उन्हें कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा। 1902 में किसी के रेफरेंस से आइंस्टीन को स्विस पेटेंट ऑफिस में क्लर्क की नौकरी मिल गई वह पहली बार था आइंस्टीन स्थिरता खोजने में सक्षम थे।

एक क्लर्क के रूप में अपनी नौकरी के साथ आइंस्टीन को स्विस फेडरल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी में उन सभी आवधारणाओं का विस्तार और पॉलिश करने का उत्कृष्ट अवसर मिला। जिन्हें उन्होंने समझा था उस समय उन्होंने अपने सबसे लोकप्रिय प्रमेय में प्रिंसिपल ऑफ रिलेटिविटी का काम किया।

1905 में आइंस्टीन ने एनालेन डेर फिजिक में चार पत्र प्रकाशित किए। एनालेन डेर फिजिक समय की सबसे प्रसिद्ध भौतिकी पत्रिकाओं में से एक थी। फोटो इलेक्ट्रिक प्रभाव और ब्राउनियन गति उनमें से दो विषय थे।

अन्य दो जिन्होंने E = Mc Square और सापेक्षता के सिद्धांत को रेखांकित किया आइंस्टीन के कैरियर और विज्ञान के विकास में महत्वपूर्ण थे।

अल्बर्ट आइंस्टीन के अविष्कार (Albert Einstein inventions in Hindi)

अल्बर्ट आइंस्टीन ने बहुत से अविष्कार किए जिसके लिए उनका नाम प्रसिद्ध वैज्ञानिकों में गिना जाने लगा उनकी कुछ अविष्कार इस प्रकार हैं-

प्रकाश की क्वांटम थ्योरी

आइंस्टीन प्रकाश की क्वांटम थ्योरी में उन्होंने ऊर्जा की छोटी थैली की रचना की जिसे फोटोन कहा जाता है। जिनमें तरंग जैसी विशेषता होती है उनकी थ्योरी में उन्होंने कुछ धातुओं से इलेक्ट्रॉन के उत्सर्जन को समझाया।

उन्होंने फोटोइलेक्ट्रिक इफेक्ट की रचना की इस थ्योरी के बाद उन्होंने टेलीविजन का आविष्कार किया जो कि दृश्य को शिल्प विज्ञान के माध्यम से दर्शाया जाता है। आधुनिक समय में बहुत से ऐसे उपकरणों का आविष्कार हो चुका है।

अल्बर्ट आइंस्टीन ने द्रव्यमान और ऊर्जा के बीच एक समीकरण प्रमाणित किया। जिसको आज न्यूक्लियर ऊर्जा कहते हैं।

सापेक्षता का सिद्धांत

सापेक्षता सिद्धांत एक सिद्धांत है जो यह बताता है कि ब्रह्मांड कैसे काम करता है। अल्बर्ट आइंस्टीन की यह व्याख्या की गुरुत्वाकर्षण अंतरिक्ष समय के ताने-बाने को कैसे प्रभावित करता है, सामान्य सापेक्षता के रूप में जाना जाता है।

1915 में प्रकाशित इस परिकल्पना ने आइंस्टीन के विशेष सापेक्षता के सिद्धांत पर सुधार किया जिसे उन्होंने 10 साल पहले प्रकाशित किया था विशेष सापेक्षता के सिद्धांत ने वर्णन किया कि समय और स्थान एक दूसरे से जुड़े हुए हैं और वे गुरुत्वाकर्षण और गुरुत्वाकर्षण बल से परे हैं।

आइंस्टीन का रेफ्रिजरेटर

यह अल्बर्ट आइंस्टीन का सबसे छोटा आविष्कार था जिसके लिए वे प्रसिद्ध हुए। आइंस्टीन ने एक ऐसे रेफ्रिजरेटर का आविष्कार किया जिसमें अमोनिया, पानी और व्यूटेन और ज्यादा से ज्यादा ऊर्जा का उपयोग हो सके। उन्होंने इसमें बहुत सी विशेषताओं को ध्यान में रखकर यह रेफ्रिजरेटर का आविष्कार किया।

  • यह भी पढें। देखें – अमृतपाल सिंह का जीवन परिचय

आइंस्टीन का सिद्धांत और परमाणु बम

संयुक्त राज्य अमेरिका ने क्रमशः 9 अगस्त 1945 को हिरोशिमा और नागासाकी पर परमाणु बमों से हमला किया। दो हमलों में 1,29,000 से 2,26,000 लोगों की हत्या की गई जिनमें से अधिकांश नागरिक थे।

आइंस्टीन ने परमाणु बम का आविष्कार नहीं किया है लेकिन आइंस्टीन के सिद्धांतों ने परमाणु बम बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है बाद में उन्हें इस बात का बहुत दुख हुआ कि उनके द्वारा बनाए गए सूत्र पूरी मानवता के लिए खतरा बन सकते हैं।

अल्बर्ट आइंस्टीन के सम्मान (Albert Einstein Awards)

भौतिकी का नोबेल पुरस्कार सन 1921 में दिया गया।

  • मात्त्युक्की मेडल सन 1921 में दिया गया।
  • कोपले मेडल्स 1925 में दिया गया।
  • मैक्स प्लांक मेडल सन 1929 में दिया गया।
  • शताब्दी के टाइम पर्सन का पुरस्कार सन 1999 में दिया गया।

अल्बर्ट आइंस्टीन के सुविचार

  • जिस व्यक्ति ने कभी गलती नहीं कि उसने कभी कुछ नया करने की कोशिश नहीं की।
  • ईश्वर के सामने हम सभी एक बराबर ही बुद्धिमान हैं और एक बराबर ही मूर्ख भी हैं।
  • जिंदगी जीने के दो तरीके हैं पहला यह है कि कुछ चमत्कार नहीं है दूसरा यह है कि दुनिया की हर चीज चमत्कार है।
  • एक सफल व्यक्ति बनने का प्रयास मत करो बल्कि मूल्यों पर चलने वाले इंसान बनो।
  • वक्त बहुत कम है यदि हमें कुछ करना है तो अभी से शुरुआत कर देनी चाहिए।
  • आपको खेल के नियम सीखने चाहिए और आप किसी भी खिलाड़ी से बेहतर खेलेंगे।
  • मूर्खता और बुद्धिमत्ता में सिर्फ एक फर्क होता है कि बुद्धिमत्ता की एक सीमा होती है।

अल्बर्ट आइंस्टीन की मृत्यु (Albert Einstein Death)

अल्बर्ट आइंस्टीन को जर्मनी छोड़कर जाना पड़ा क्योंकि तब वहां पर हिटलर का समय था अल्बर्ट आइंस्टीन कुछ सालों तक अमेरिका में प्रिंसटन कॉलेज में कार्य करते हुए 18 अप्रैल सन 1955 में उनकी मृत्यु हो गई। दुनिया के महान वैज्ञानिक जिन्होंने अपने ज्ञान से दुनिया को बहुत कुछ सीखा दिया और उनकी खोज को कभी भी भुलाया नहीं जा सकता है।

अल्बर्ट आइंस्टीन के रोचक तथ्य (Albert Einstein interesting facts)

  • अल्बर्ट आइंस्टीन अपने आप को संशयवादी कहते थे वे खुद को नास्तिक नहीं कहते थे।
  • अल्बर्ट आइंस्टीन अपने दिमाग में ही सारे प्रयोग का हल निकाल लेते थे।
  • अल्बर्ट आइंस्टीन बचपन में पढ़ाई में और बोलने में कमजोर हुआ करते थे।
  • अल्बर्ट आइंस्टीन की मृत्यु के बाद एक वैज्ञानिक ने उनके दिमाग को चुरा लिया था फिर वह 20 साल तक एक जार में बंद था।
  • अल्बर्ट आइंस्टीन को नोबेल पुरस्कार भी मिला किंतु उसकी राशि उन्हें नहीं मिल पाई।
  • अल्बर्ट आइंस्टीन को राष्ट्रपति पद के लिए भी अवसर मिला।
  • अल्बर्ट आइंस्टीन यूनिवर्सिटी कि दाखिले की परीक्षा में फेल भी हो चुके हैं।
  • अल्बर्ट आइंस्टीन की याददाश्त बहुत खराब होने के कारण उनको किसी का नाम, नंबर याद नहीं रहता था।
  • अल्बर्ट आइंस्टीन की आंखें एक सुरक्षित डिब्बे में रखी हुई हैं।
  • अल्बर्ट आइंस्टीन के पास खुद की गाड़ी नहीं थी इसलिए उनको गाड़ी चलाना भी नहीं आता था।
  • अल्बर्ट आइंस्टीन का एक गुरु मंत्र था “अभ्यास ही सफलता का मूल मंत्र है।”

अल्बर्ट आइंस्टीन का जन्म कब हुआ था?

अल्बर्ट आइंस्टीन का जन्म 14 मार्च 1879 को जर्मनी के उल्म में में हुआ था।

अल्बर्ट आइंस्टीन की मृत्यु कब हुई थी?

अल्बर्ट आइंस्टीन का कुछ सालों तक अमेरिका में प्रिंसटन कॉलेज में कार्य करते हुए 18 अप्रैल सन 1955 में उनकी मृत्यु हो गई।

अल्बर्ट आइंस्टीन को भौतिकी का नोबेल पुरस्कार कब मिला?

इन्हें भी पढ़ें

  • हिमांशी सिंह का जीवन परिचय
  • रतन टाटा का जीवन परिचय
  • सपना चौधरी का जीवन परिचय
  • पीवी सिंधु का जीवन परिचय
  • नारायण मूर्ति का जीवन परिचय

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Sushil kevat

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अल्बर्ट आइंस्टीन का जीवन परिचय जीवनी Albert Einstein Biography In Hindi

अल्बर्ट आइंस्टीन का जीवन परिचय जीवनी Albert Einstein Biography In Hindi : अल्बर्ट आइंस्टीन विश्व के प्रसिद्ध भौतिक शास्त्रियों में से एक हैं। भौतिक शास्त्र की दुनिया में इन्होने कई बड़े योगदान किये हैं। 

सापेक्ष ब्रह्मांड, क्रांतिक उपच्छाया, सांख्यिक मैकेनिक्स की समस्याऍ, अणुओं का ब्राउनियन गति , केशिकीय गति इनके कुछ प्रमुख योगदान हैं। 

इन के आविष्कार विश्व में काफी प्रसिद्ध रहे हैं जिस की वजह से इनको साल 1921 में नोबल पुरस्कार का सम्मान मिला और इन्होने विश्व के सबसे प्रसिद्ध लोगों में अपना नाम दर्ज कराया।

इस सफल और बुद्धिमान वैज्ञानिक की कहानी काफी रोचक रही है।

अल्बर्ट आइंस्टीन का जीवन परिचय Albert Einstein Biography In Hindi

अल्बर्ट आइंस्टीन का जीवन परिचय जीवनी Albert Einstein Biography In Hindi

महान भौतिक शास्त्री अल्बर्ट आइंस्टीन का जन्म 14 मार्च वर्ष 1879 में उलम नाम के शहर में हुआ। शारीरिक रूप से कमजोर अल्बर्ट को 9 वर्ष की उम्र तक बोलना नहीं आता था और पढ़ाई भी ढंग से नहीं कर पाते थे। इसी वजह से लोगों ने इन्हें दिमागी रूप से विकलांग कहना शुरू कर दिया था। 

परन्तु 16 वर्ष की उम्र तक आते आते ये पढ़ाई में अव्वल आने लगे और ये गणित का कठिन से कठिन सवाल भी बड़ी आसानी से कर लेते। इनकी माता का नाम पौलिन कोच और पिता का नाम हेर्मन्न आइंस्टीन था जो कि एक यहूदी परिवार था।

बचपन से ही ये कंपास की दिशा, वेदना, प्रकृति के नियमों में व्यस्त रहते थे और लगभग 6 वर्ष की उम्र से इन्होने सारंगी बजाना शुरू कर दिया था जो कि जीवन भर जारी रक्खा। आपको शायद जानकर हैरानी होगी कि 12 वर्ष की उम्र में ही इन्होने ज्यामिति की खोज कर ली थी और उसका कुछ प्रमाण भी निकाला।

वैसे तो इनका जन्म जर्मनी शहर में हुआ था लेकिन बाद में ये अपने परिवार समेत 1880 में म्यूनिख शहर चले गए थे जहां पर इन्होंने अपनी पढ़ाई की शुरुआत की। 

अल्बर्ट आइंस्टीन का परिवार यहूदी धर्म को मानता था जिस के कारणवश उन्हें पढ़ने के लिए कैथोलिक स्कूल में जाना पड़ा। 

बचपन के समय में आइंस्टीन को स्कूल जाना बिल्कुल भी पसंद नहीं था। उन्हें ऐसा लगता था कि स्कूल एक कैद खाना है।  म्यूनिच शहर में ही इनके चाचा और पिता ने एक कंपनी की शुरुआत की जिसका नाम Elektrotechnische Fabrik  J.Einstein & Cie था। ये कंपनी बिजली के उपकरण बनाती थी।

अल्बर्ट आइंस्टीन का कैरियर

अपनी डॉक्टरेट लेने के लिए अल्बर्ट आइंस्टीन ने विज्ञानं पर एक दस्तावेज़ लिखा जिसके कारण ये काफी प्रसिद्ध हुए। वर्ष 1909 में ये एक यूनिवर्सिटी में लेक्चरर बन चुके थे जिस के लिए इन्होंने काफी मेहनत की थी। 

इन्होने 2 यूनिवर्सिटी में कुछ समय के लिए प्रिंसिपल के रूप में भी काम किया और कुछ ही समय बाद ये फेडरल इंस्टिटयूट ऑफ़ टेक्नोलोजी के प्रिंसिपल बन चुके थे। सन 1913 में ये बर्लिन चले गए और अलग अलग रहने के कारण इनका अपनी पत्नी के साथ तलाक हो गया। 

बर्लिन आने के बाद अल्बर्ट आइंस्टीन ने एक लड़की जिसका नाम एलसा था से शादी करली। यहां पर ये भी देखने को मिलता है कि आइंस्टीन को भूलने की बीमारी थी।  एक बार वो रेल गाड़ी से सफर कर रहे थे। इसी बीच टी.टी आ गया और उसने आइंस्टीन से टिकट के बारे में पूछा। 

लेकिन आइंस्टीन को टिकट ढूंढ़ने पर भी ना मिला। तभी टी.टी ने कहा कि उसे मत ढूंढें मुझे मालूम है आप ने टिकट ली होगी लेकिन भूल गए होंगे। इसपर आइंस्टीन ने जवाब दिया कि वो सब तो ठीक है लेकिन मुझे देखना है कि मैं जा कहां रहा हूँ।

अपने कैरियर में इन्हें बहुत सारे सम्मान और पुरस्कारों से नवाज़ा गया, जिससे इनका करियर आसमान की ऊँची बुलंदियों पर पहुँच गया। 

1945 वर्ष में इन्होने अपने सबसे प्रसिद्ध समीकरण E=MC का अविष्कार किया।

अल्बर्ट आइंस्टीन के कुछ महत्त्वपूर्ण अविष्कार।।

अल्बर्ट आइंस्टीन ने भौतिक विज्ञान की दुनिया में अपना काफी योगदान दिया जिसकी वजह से इन्होने काफी प्रसिद्धता हासिल की। इनमें से कुछ अविष्कार ये हैं:-

रेफ्रिजरेटर की खोज

रेफ्रिजरेटर का इस्तेमाल आज बहुत सारी जगहों पर किया जाता है। ये इनका छोटा सा ही समीकरण था जिसको बनाने में इन्होने ज़्यादा समय नहीं लगाया।

ऊर्जा के रूप में इन्होने इसमें पानी, अमोनिया और ब्यूटेन का इस्तेमाल किया था। बहुत सारी विशेषताओं को ध्यान में रखकर इन्होंने ये रेफ्रिजरेटर बनाया था।

आसमान नीला क्यों होता है

इसपर अल्बर्ट आइंस्टीन ने बहुत सारी दलीलें पेश की हालाँकि यह एक आसान सा प्रमाण है। इन्होंने आकाश के प्रिकिर्णन के बारे में जानकारी दी जो कि आसमान के नीला होने की वजह है।

ब्रोव्नियन मूवमेंट

ब्रोव्नियन मूवमेंट को अल्बर्ट आइंस्टीन की सबसे अच्छी और सबसे बड़ी खोज माना जा सकता है जिसमें इन्होने परमाणु के निलंबन के बारे में निरीक्षण किया।

ये अणु और परमाणु के अस्तित्व के सबूत के लिए सहायक मानी जा सकती है। हम सब को मालूम है कि ये विज्ञान की सभी शाखाओं में प्रमुख है।

प्रकाश की क्वांटम थ्योरी

अल्बर्ट आइंस्टीन के अनुसार धातुओं में से इलेक्ट्रान बाहर निकलते हैं जिसके कारण फोटो इलेक्ट्रिक इफेक्ट की रचना होती है।

इन्होने इस थ्योरी में तरंगों की विशेषता बताई है और ऊर्जा की छोटी थैली को फोटान का नाम दिया है। इस थ्योरी की वजह सी ही टेलीवजन का अविष्कार संभव हो सका।

ये समीकरण अल्बर्ट आइंस्टीन का सबसे प्रिसद्ध समीकरण रहा है और इसमें इन्होने प्रमाणित द्रव्मान और ऊर्जा के बारे में जानकारी दी है।

आज भी इसे दुनिया के बहुत सारे स्कूलों में पढ़ाया जाता है और आज के समय में इसे नयूक्लेअर ऊर्जा के नाम से जाना जाता है।

आइंस्टीन का मज़ेदार किस्सा 

एक बार आइंस्टीन कहीं पर भाषण देने जा रहे थे। रास्ते में उनके ड्राइवर ने उनसे कहा कि आपका भाषण मैं इतनी बार सुन चूका हूँ की अब मैं भी आप का भाषण दे सकता हूँ।

 तो इसपर आइंस्टीन ने कहा कि ठीक है आज मेरी जगह भाषण तुम देना। ये कहकर आइंस्टीन ने अपने ड्राइवर की पोशाक पहन ली। 

जब भाषण का समय आया तो आइंस्टीन का ड्राइवर बिलकुल उनकी तरह ही धुआंदार भाषण देने लगा। इसके बाद जब सवाल जवाब का सेशन शुरू हुआ तो उसने सवालों के जवाब भी अच्छे से दिए। 

लेकिन बाद में किसी ने उससे अधिक कठिन प्रश्न पूछ लिया। तो इसपर उसने कहा कि ये तो इतना आसान सवाल है कि इसका जवाब तो मेरा ड्राइवर भी दे सकता है। ये कहकर उसने आइंस्टीन को आगे कर दिया।

अल्बर्ट आइंस्टीन के बारे में रोचक तथ्य ?

  • अल्बर्ट आइंस्टीन इतने जिनयस थे कि वो अपने दिमाग में ही सारे सवालों के हल निकाल लेते थे। 
  • आइंस्टीन की मृत्यु के बाद किसी ने उनका दिमाग जांच के लिए चुरा लिया था। 
  • आज भी आइंस्टीन की आँखें एक सुरक्षित डिब्बे में रखी हुई हैं। 
  • खुद की गाड़ी ना होने की वजह से उन्हें गाड़ी चलाना नहीं आता था। 
  • बचपन में आइंस्टीन को बोलने और पढ़ने में मुश्किल होती थी। 
  • एक बार अल्बर्ट आइंस्टीन को राष्ट्रपति बनने का भी अवसर मिला था 
  • अल्बर्ट आइंस्टीन के दिमाग की जांच के दौरान पता चला कि उनके दिमाग में आम लोगों के मुकाबले ज़्यादा सेल्स थे।  
  • यादाश्त कमज़ोर होने की वजह से अल्बर्ट आइंस्टीन किसी का नाम और नंबर याद नहीं रख पाते थे। 
  • यूनिवर्सिटी में दाखिले की परीक्षा में अल्बर्ट आइंस्टीन फेल हो गए थे। 
  • अल्बर्ट आइंस्टीन “अभ्यास ही सफलता का मूलमंत्र है” गुरुमंत्र को मानते थे।
  • आइंस्टीन को नोबेल पुरस्कार मिला लेकिन किसी कारण से उसकी राशि इन्हें नहीं मिल पायी।

अल्बर्ट आइंस्टीन के सुविचार

  • इस बहुत कम वक़्त में अगर कुछ करना है तो शुरुआत अभी से ही कर देनी चाहिए। 
  • मुर्खता और बुद्धिमता में बस इतना सा फर्क होता है कि बुद्धिमता की सीमा होती है लेकिन मूर्खता की नहीं। 
  • अगर आप को खेल के नियम अच्छे से मालूम हों तो आप किसी भी खिलाडी से बेहतर खेल सकते हैं।
  • किनारों पर ही समुद्री जहाज़ सबसे ज़्यादा सुरक्षित रहते हैं लेकिन ये किनारों पर रहने के लिए नहीं बने हैं।

अल्बर्ट आइंस्टीन को मिले पुरस्कार

आइंस्टीन को निम्नलिखित मौजूद पुरस्कारों से सम्मानित किया जा चुका है।

आज लगभग हर व्यक्ति आइंस्टीन को जानता है और उनका सम्मान करता है जो कि किसी पुरस्कार से कम नहीं है।

अल्बर्ट आइंस्टीन की मृत्यु 

हिटलर एक यहूदी विरोधी नेता थे। जब हिटलर की तानाशाही का समय था तब यहूदी होने के कारण आइंस्टीन को जर्मनी छोड़ कर अमेरिका के न्यू जर्सी में जाना पड़ा। 

यहाँ पर आइंस्टीन प्रिस्टन कॉलेज में अपनी सेवाएं दे रहे थे। अपने आखरी समय में इंटरनल ब्लीडिंग की वजह से उन्हें काफी दर्द का सामना करना पड़ा।

आख़िरकार प्रिस्टन कॉलेज में ही कार्य करते समय 18 अप्रैल 1955 को इनकी मृत्यु हो गयी और दुनिया के महान वैज्ञानिकों में से एक अल्बर्ट आइंस्टीन इस दुनिया को अलविदा कह गए। हालाँकि उनकी खोजों और उनके महान कार्यों को कभी भुलाया नहीं जा सकता।

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अल्बर्ट आइंस्टीन का जीवन परिचय | Albert Einstein Biography in Hindi

albert einstein short biography in hindi

इस आर्टिकल में हम आज हम महान वैज्ञानिक अल्बर्ट आइंस्टीन की आत्मकथा अर्थात अल्बर्ट आइंस्टीन की जीवनी (Albert Einstein Biography in Hindi), अल्बर्ट आइंस्टीन की शिक्षा, उनके सिद्धांतों (Inventions of Albert Einstein) और अल्बर्ट आइंस्टीन की प्रमुख खोज के बारे में जानेंगे।

अल्बर्ट आइंस्टीन ((Albert Einstein ) – परिचय

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अल्बर्ट आइंस्टीन जर्मन में जन्मे सैद्धांतिक भौतिक विज्ञानी (Theoretical Physicist) थे जिन्होंने सापेक्षता का सिद्धांत (theory of relativity) विकसित किया, जो आधुनिक भौतिकी के दो स्तंभों में से एक (क्वांटम यांत्रिकी (quantum mechanics) के साथ) है।

अल्बर्ट आइंस्टीन को आमतौर पर 20वीं सदी का सबसे प्रभावशाली भौतिक विज्ञानी और 20वीं सदी के सबसे प्रभावशाली लोगों में से एक माना जाता है। उनका काम विज्ञान के दर्शन पर प्रभाव के लिए भी जाना जाता है। आइंस्टीन ने ब्रह्मांड के बारे में मनुष्य की समझ को विकसित किया और उनके सिद्धान्तों की ने अन्तरिक्ष यात्राओं को लेकर time ट्रेवल जैसे जटिल आविष्कारों के लिय एक द्वार का काम किया ।

अल्बर्ट आइंस्टीन को बीसवीं सदी का सबसे बुद्धिमान व्यक्ति माना जाता है।

अल्बर्ट आइंस्टीन को उनके द्रव्यमान-ऊर्जा तुल्यता सूत्र (mass–energy equivalence formula) E = mc 2 के लिए जाना जाता है, जिसे “ दुनिया का सबसे प्रसिद्ध समीकरण ” माना जाता है। उन्हें “सैद्धांतिक भौतिकी में उनकी सेवाओं के लिए, और विशेष रूप से फोटोइलेक्ट्रिक प्रभाव की खोज के लिए उन्हें भौतिकी में 1921 का नोबेल पुरस्कार मिला, जो क्वांटम सिद्धांत के विकास में एक महत्वपूर्ण कदम था।

अल्बर्ट आइंस्टीन का जीवन परिचय – महत्वपुर्ण बिंदु

जन्म       – 14 मार्च 1879 (उल्म, वुर्ट्टनबर्ग,जर्मन साम्राज्य में (Ulm, Kingdom of Württemberg, German Empire)

मृत्यु      – उम्र ( 18 अप्रैल 1955 (प्रिंसटन (Princeton),न्यू जर्सी New Jersey, USA)

पिता       –  हरमन आइंस्टीन Hermann Einstein

माता         –  पॉलिन कोच आइंस्टीन Pauline Koch Einstein

पत्नी        –  मिलेवा मेरिक  Mileva Marić (1903 – 1919),

                एल्सा लोवेन्थल Elsa Löwenthal (1919 – 1936)

पुरुस्कार –    भौतिकी में नोबेल प्राइज (1921 में)

बच्चे      –  हंस अल्बर्ट आइंस्टीन (Hans Albert Einstein), एडवार्ड आइंस्टीन Eduard Einstein और Lieserl Maric

शिक्षा –     Federal Polytechnic school in Zurich (Federal teaching diploma, 1900)

               University of Zurich (PhD, 1905)

अल्बर्ट आइंस्टीन का बचपन और शिक्षा (Albert Einstein’s early life, Childhood and Schooling in Hindi)

अल्बर्ट आइंस्टीन का जन्म 14 मार्च 1879 को जर्मनी के एक यहूदी परिवार में हुआ था। उसके पिता हरमन आइंस्टीन और माता पॉलिन कोच आइंस्टीन थी। हरमन आइंस्टीन एक सेल्समेन और इंजीनियर थे जो बिजली के उपकरण सप्लाई करते थे । सन 1980 में हरमन आइंस्टीन और पॉलिन आइंस्टीन उल्मा से 160 किलोमीटर दूर म्युनिक ( Munich ) में रहने आ गए । यहां आइंस्टीन के पिता और उनके चाचा जैकब ने इलेक्ट्रोटेक्नीस फैब्रिक जे. आइंस्टीन एंड सी नामक कंपनी की स्थापना की, जो प्रत्यक्ष धारा (Direct current)  पर आधारित विद्युत उपकरण बनाती थी।

1893 में अल्बर्ट आइंस्टीन (आयु 14 वर्ष)

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अल्बर्ट आइंस्टीन बचपन में पढ़ाई में बहुत ही कमजोर थे और उनके कुछ अध्यापकों ने उन्हें मानसिक रूप से विकलांग कहना शुरू कर दिया | 9 साल की उम्र तक वे बोलना नही जानते थे | वे प्रकृति और ब्रहमांड से जुड़े नियमोंसे जुड़े रहस्यों के बारे में सोचा करते  थे | उन्होंने 6 साल की उम्र में सारंगी बजाना शुरू किया और अपनी पूरी जिन्दगी में इसे बजाना जारी रखा | अल्बर्ट जब आठ साल के हुए तो उसका एडमिशन लुइटपोल्ड जिम्नेजियम स्कूल (Luitpold Gymnasium School) में करा दिया गया । वर्तमान में इस स्कूल को अल्बर्ट आइंस्टीन जिम्नेजियम के नाम से जाना जाता है।

12 साल की उम्र में इन्होंने ज्यामिति की खोज की एवं उसका सजग और कुछ प्रमाण भी निकाला | 16 साल की उम्र में, वे गणित के कठिन से कठिन हल को बड़ी आसानी से कर लेते थे | 1894 में अल्बर्ट के पिता की कंपनी ने म्युनिक में बिजली सप्लाई करने के लिए बोली लगाई लेकिन ये काम उन्हें मिल ना सका उस समय उनके पास इतने पैसे भी नही थे की वे डायरेक्ट कर्रेंट के उपकरणों को अल्टरनेटिव करंट में बदल सकें।

इसी कारण उनकी कंपनी को बहुत भारी नुकसान झेलना पड़ा ये नौबत आई कि उन्हें ये कंपनी को बंद तक करना पड़ा। अब उनके पास कोई पैसे का स्त्रोत नही था इसीलिए नए व्यापार की तलाश में अल्बर्ट आइंस्टीन के परिवार को म्युनिक छोड़कर इटली के शहर मिलान में शिफ्ट हो गए ।

आइंस्टीन ने बहुत कम उम्र से ही भौतिकी और गणित में उत्कृष्टता हासिल की और जल्द ही अपने से कई साल बड़े बच्चे की तरह गणितीय विशेषज्ञता हासिल कर ली। जब वह केवल बारह वर्ष के थे, तब उन्होंने खुद को बीजगणित, कैलकुलस और यूक्लिडियन ज्यामिति पढ़ाना शुरू किया; उन्होंने इतनी तेजी से प्रगति की कि उन्होंने अपने तेरहवें जन्मदिन से पहले पाइथागोरस प्रमेय का एक मूल प्रमाण खोज लिया था |

केवल पंद्रह साल की उम्र में सन 1894 में अल्बर्ट ने अपना पहला रिसर्च पेपर को प्रकाशित किया जिसका शीर्षक था ऑन द इन्वेस्टिगेशन ऑफ द स्टेट ऑफ़ द ईथर इन द मैग्नेटिक फील्ड ( On the investigation of the state of the Ether in the magnetic field )

सितम्बर 1896 में अल्बर्ट ने सेकेंडरी स्कूल की पढ़ाई अच्छे अंको के साथ पास की फिर वो वहाँ से जुनिच (Zunich) वापस आ गए और अल्बर्ट ने फिर से फेडरल पॉलीटेक्निक में एंट्रेंस एग्जाम दिया इस बार उनका एडमिशन हो गया। आइंस्टीन की भावी पत्नी, 20 वर्षीय सर्बियाई मिलेवा मैरिक (Mileva Maric)  ने भी उसी वर्ष पॉलिटेक्निक स्कूल में दाखिला लिया। वह शिक्षण डिप्लोमा पाठ्यक्रम के गणित और भौतिकी अनुभाग में छह छात्रों में से एकमात्र महिला थीं। अगले कुछ वर्षों में, आइंस्टीन और मैरिक की दोस्ती प्रेम में बदल गई, और उन्होंने पाठ्येतर भौतिकी पर एक साथ बहस करने और किताबें पढ़ने में अनगिनत घंटे बिताए, जिसमें वे दोनों रुचि रखते थे।

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सन 1903 में अल्बर्ट आइंस्टीन और मिलेवा मैरीक ने बर्न, स्विट्जरलैंड में शादी कर ली। सन 1904 में उनका एक बेटा हुआ जिनका नाम हंस अल्बर्ट आइंस्टीन (Hans Albert Einstein) रखा गया । सन 1910 अल्बर्ट के दूसरे बेटे का जन्म हुआ जिनका नाम एडवार्ड आइंस्टीन (Eduard Einstein) रखा गया। हालांकि एडवार्ड की 20 साल की उम्र में ही मृत्यु हो जाती है।

अल्बर्ट और मिलेवा दोनों 1914 में एक दूसरे से अलग हो गए । मिलेवा मैरिक अपने दोनों बेटों को लेकर अल्बर्ट से अलग हो गई और पाँच साल बाद सन 1919 में दोनों ने तलाक ले लिया । तलाक के बाद अल्बर्ट आइंस्टीन ने एल्सा से शादी कर ली।

अल्बर्ट आइंस्टीन और एल्सा

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अल्बर्ट आइंस्टीन का शैक्षणिक करियर (Academic Career of Albert Einstein)

सन 1900 में जब अल्बर्ट आइंस्टीन 21 साल के हुए तब उन्होंने फेडरल पॉलीटेक्निक टीचिंग डिप्लोमा पास किया। इसी साल उनका एक रिसर्च पेपर भी पब्लिश हुआ उसका शीर्षक था कंनक्लूशन ड्रॉन फ्रॉम द फेनोमेना ऑफ कैपिल्लरिटी (Conclusion Drawn from the Phenomena of Capillarity).

सन 1901 में अल्बर्ट को स्विस (Swiss) की नागरिकता मिल गई और सन 1902 में जब अल्बर्ट 23 वर्ष के थे तब उनको स्विट्जरलैंड में बर्न के फेडरल इंस्टीटूट ऑफ इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी (Federal Institute of Intellectual property) में एक असिस्टेंट एग्जामिनर (Assistant Examiner) लेवल 3 की नौकरी मिल गई । इस नौकरी में काम के घंटे कम होने के कारण अल्बर्ट को रिसर्च करने और उन्हें पब्लिश करने के लिए काफी वक्त मिल जाता था ।

अपने काम करने के साथ – साथ अल्बर्ट पीएचडी भी कर रहे थे, कड़ी मेहनत से उन्होंने 30 अप्रैल 1905 में उन्होंने यूनिवर्सिटी ऑफ जुरिच (University of Zurich) से पीएचडी (PHD) की डिग्री हासिल की।

अल्बर्ट आइंस्टीन का वैज्ञानिक करियर (Scientist Career of Albert Einstein)

1905 में अल्बर्ट आइंस्टीन ने चार अभूतपूर्व रिसर्च पेपर्स को प्रकाशित किए, फोटोइलेक्ट्रिक इफेक्ट (Photoelectric effect), बरौनिन मोशन (Brownian Motion), स्पेशल थ्योरी ऑफ रिलेटिविटी (Special Theory of Relativity), और द एक्विवालेन्स ऑफ मास एंड एनर्जी (The Equivalence of mass and energy) पर । ये ऐसे सिदांत थे जिन्होंने मनुष्य की सोच को एक नया आकार दिया ।

1908 तक, आइंस्टीन को एक अग्रणी वैज्ञानिक के रूप में पहचाना जाने लगा और उन्हें बर्न विश्वविद्यालय में व्याख्याता नियुक्त किया गया । अगले वर्ष, ज्यूरिख विश्वविद्यालय में इलेक्ट्रोडायनामिक्स और सापेक्षता सिद्धांत पर व्याख्यान देने के बाद, अल्फ्रेड क्लिनर (Alfred Kleiner) (जो की आइंस्टीन के Doctoral Advisor थे) ने सैद्धांतिक भौतिकी में नव निर्मित प्रोफेसरशिप के लिए संकाय में उनकी सिफारिश की। आइंस्टीन को 1909 में एसोसिएट प्रोफेसर नियुक्त किया गया था और उसी वर्ष आइंस्टीन में जुरिच, स्विट्जरलैंड चले गए वहाँ पर उन्होंने यूनिवर्सिटी ऑफ जुरिच में प्रोफेसर की नौकरी की ।

सन 1911 में अल्बर्ट आइंस्टीन ने एक और थ्योरी दी जिसका नाम था द जनरल थ्योरी ऑफ रिलेटिविटी (The general theory of relativity) इसी की मदद से आज हम जानते कि गुरुत्वाकर्षण (Gravity) कैसे काम करती है। उसका समय पर क्या प्रभाव पड़ता है।

इसी साल अल्बर्ट जुरिच से प्राग (Prague) शिफ्ट हो गए, वहाँ उन्होंने चार्ल्स फर्डीनांड यूनिवर्सिटी (Charles Ferdinand University) में प्रोफेसर की नौकरी की और साथ ही उन्हें ऑस्ट्रियन  नागरिकता (Austrian Citizenship) भी मिली । यहाँ दो साल रहने के बाद वो बर्लिन जर्मनी चले गए ।

2 अप्रैल 1921 अल्बर्ट ने पहली बार USA के न्यूयॉर्क शहर में कदम रखा वहाँ उंन्हे कोलंबिया और प्रिंसटन यूनिवर्सिटी में लेक्चर देने के लिए बुलाया गया था।

1922 में, उन्हें “सैद्धांतिक भौतिकी में उनकी सेवाओं के लिए, और विशेष रूप से फोटोइलेक्ट्रिक प्रभाव के कानून की खोज के लिए” भौतिकी में नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। 1921 में कोई भी नामांकन अल्फ्रेड नोबेल द्वारा निर्धारित मानदंडों को पूरा नहीं करता था, इसलिए 1921 का पुरस्कार आगे बढ़ाया गया और 1922 में आइंस्टीन को प्रदान किया गया ।

सन 1930 दिसंबर में दूसरी बार USA में कदम रखा और कुछ समय तक कैलिफोर्निया इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (California Institute of Technology) में एक रिसर्च फेलो के रूप किया। फिर वो वापस बर्लिन जर्मनी आ गए।

लेकिन सन 1933 तक हिटलर जर्मनी में बहुत ताकतवर हो चुका था। उसने यहूदियों को सरकारी नौकरियों से निकलना और उंन्हे मारना शुरू कर दिया। इसी कारण अल्बर्ट आइंस्टीन ने जर्मनी को छोड़ने का निर्णय लिया। अल्बर्ट और एल्सा 1933 में USA आ गए। वहाँ पर प्रोफ़ेसर के रूप में काम किया। फिर सात साल बाद उन्हें USA की नागरिकता मिल गई।

अल्बर्ट आइंस्टीन – 1947

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अल्बर्ट आइंस्टीन की मृत्यु (17 अप्रैल 1955)  (Death of Albert Einstein)

17 अप्रैल 1955 को, आइंस्टीन की मेडिसिन प्रिंसटन मेडिकल सेंटर में 76 वर्ष की आयु में मृत्यु हो गई | आइंस्टीन ने अपने व्यक्तिगत अभिलेखागार, पुस्तकालय और बौद्धिक संपदा (personal archives, library, and intellectual assets) को इज़राइल में यरूशलेम के हिब्रू विश्वविद्यालय को सौंप दिया था |

अल्बर्ट आइंस्टीन का दिमाग ( Albert Einstein brain in Hindi )

Albert Einstein brain weight – 1230 g

18 अप्रैल 1955 को अल्बर्ट आइंस्टीन की मृत्यु के बाद, पैथोलॉजिस्ट डॉ थॉमस हार्वे ने आइंस्टीन के परिवार की अनुमति के बिना ही शोध के लिए अल्बर्ट आइंस्टीन का दिमाग निकाल लिया। डॉ हार्वे ने कहा वो अल्बर्ट आइंस्टीन के दिमाग को केवल शोध के लिए इस्तेमाल करना चाहते है, ताकि हम उनकी बुद्धिमत्ता का राज जान सकें। लेकिन अनुमति न मिलने के कारण अल्बर्ट आइंस्टीन का दिमाग 20 सालो तक एक जार में रखा रहा । कुछ रिसर्च ये कहती है कि उनके दिमाग में Gliale Cell की मात्रा शायद अधिक थी। उनका लेफ्ट हिप्पोकैम्पस थोड़ा बड़ा था जो याद रखने और कुछ सीखने में एक बहुत बड़ा योगदान देता है। और इसी एरिया में आम मस्तिष्क के मुकालबे ज्यादा न्यूरॉन्स थे।

अल्बर्ट आइंस्टीन का आईक्यू क्या था? (What was Albert Einstein’s IQ)?

अल्बर्ट आइंस्टीन का आईक्यू लगभग 160 होने का अनुमान है। हालाकिं कोई निश्चित उत्तर या सबूत नहीं है कि आइंस्टीन ने अपने आईक्यू का परीक्षण कराया था, लेकिन सैद्धांतिक भौतिक विज्ञानी स्टीफन हॉकिंग (Stephen Hawking ) का आईक्यू समान होने का अनुमान है, लेकिन दोनों भौतिक विज्ञानी प्रशंसा के बावजूद दर्ज किए गए उच्चतम आईक्यू से बहुत दूर हैं।

अल्बर्ट आइंस्टीन के अविष्कार (Albert Einstein Inventions in Hindi)

प्रकाश की क्वांटम थ्योरी ( quantum theory of light).

आइंस्टीन की प्रकाश की क्वांटम थ्योरी में उन्होंने ऊर्जा की छोटी थैली की रचना की जिसे फोटोन कहा जाता है, जिनमें तरंग जैसी विशेषता होती है | उनकी इस थ्योरी में उन्होंने कुछ धातुओं से इलेक्ट्रॉन्स के उत्सर्जन को समझाया | उन्होंने फोटो इलेक्ट्रिक इफ़ेक्ट की रचना की |

E             =             energy ( उर्जा)

m           =             mass (द्रव्यमान)

c             =             the speed of light (प्रकाश की गति ) आइंस्टीन ने द्रव्यमान और ऊर्जा के बीच एक समीकरण प्रमाणित किया, उसको आज नुक्लेअर ऊर्जा (Nuclear Energy) कहते है | E= mc 2 कहता है, मूलतः, द्रव्यमान और ऊर्जा एक ही भौतिक इकाई हैं। इस समीकरण और उनके अन्य सिद्धांतों ने परमाणु बम के विकास में मदद की, हालांकि आइंस्टीन को मैनहट्टन प्रोजेक्ट नामक अमेरिकी नेतृत्व वाले परमाणु हथियार प्रयास में भाग लेने के लिए कभी नहीं कहा गया था।

ब्रोव्नियन मूवमेंट  (Brownian motion)

यह अल्बर्ट आइंस्टीन की सबसे बड़ी और सबसे अच्छी ख़ोज कहा जा सकता है, जहाँ उन्होंने परमाणु के निलंबन में जिगज़ैग मूवमेंट का अवलोकन किया, जोकि अणु और परमाणुओं के अस्तित्व के प्रमाण में सहायक है |

स्पेशल थ्योरी ऑफ़ रिलेटिविटी (Special Theory of Relativity)

अल्बर्ट आइंस्टीन की इस थ्योरी में समय और गति के सम्बन्ध को समझाया है. ब्रम्हांड में प्रकाश की गति को निरंतर और प्रक्रति के नियम के अनुसार बताया है |

जनरल थ्योरी ऑफ़ रिलेटिविटी (General Theory of Relativity)

1915 में, उन्होंने सापेक्षता का अपना सामान्य सिद्धांत ( (General Theory of Relativity) प्रकाशित किया, जो 1687 में सर आइजैक न्यूटन (Sir Isaac Newton) द्वारा “प्रिंसिपिया” के प्रकाशन के बाद गुरुत्वाकर्षण का पहला सिद्धांत था। न्यूटन के काम ने गुरुत्वाकर्षण को एक अवधारणा और एक सार्वभौमिक कानून दोनों के रूप में स्थापित किया, जिसमें कहा गया कि गुरुत्वाकर्षण एक स्थिर है वह बल जो वस्तुओं को खींचता है। यदि वस्तु का द्रव्यमान अधिक है तो टग मजबूत होगा और यदि आप दो वस्तुओं के बीच की दूरी बढ़ाते हैं तो टग कमजोर होगा।

मेनहट्टन प्रोजेक्ट (Manhattan Project)

अल्बर्ट आइंस्टीन ने मेनहट्टन प्रोजेक्ट Manhattan Project बनाया, यह एक अनुसंधान है, जोकि यूनाइटेड स्टेट्स का समर्थन करता है, उन्होंने सन 1945 में एटॉमिक बम को प्रस्तावित किया | उसके बाद उन्होंने विश्व युद्ध के दौरान जापान में एटॉमिक बम का इस्तेमाल किया |

आइंस्टीन का रेफ्रीजरेटर

यह अल्बर्ट आइंस्टीन का सबसे छोटा अविष्कार था, जिसके लिए वे प्रसिद्ध हुए | आइंस्टीन ने एक ऐसे रेफ्रीजरेटर का अविष्कार किया जिसमे अमोनिया, पानी, और ब्युटेन और ज्यादा से ज्यादा ऊर्जा का उपयोग हो सके |

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अल्बर्ट आइंस्टीन का जीवन परिचय | Albert Einstein Biography in Hindi

Albert Einstein Biography in Hindi

अल्बर्ट आइंस्टीन का जीवन परिचय Albert Einstein Biography, Age, Wiki, Family, Inventions, Education, Achievements, Assets, in Hindi

अल्बर्ट आइंस्टीन एक जर्मन में जन्मे भौतिक विज्ञानी थे जिन्होंने सापेक्षता के विशेष और सामान्य सिद्धांतों को विकसित किया और फोटोइलेक्ट्रिक प्रभाव की व्याख्या के लिए 1921 में भौतिकी के लिए नोबेल पुरस्कार जीता. आइंस्टीन सापेक्षता के सिद्धांत को विकसित करने के लिए जाने जाते हैं लेकिन उन्होंने क्वांटम (प्रमात्रा) यांत्रिकी के सिद्धांत के विकास में भी महत्वपूर्ण योगदान दिया. उनका काम विज्ञान के दर्शन पर इसके प्रभाव के लिए भी जाना जाता है. उन्हें सैद्धांतिक भौतिकी में उनकी सेवाओं के मिल और विशेष रूप से फोटोइलेक्ट्रिक प्रभाव के कानून की खोज के लिए भौतिकी में 1921 का नोबेल पुरस्कार मिला. आइंस्टीन को आमतौर पर 20वीं सदी का सबसे प्रभावशाली भौतिक विज्ञानी माना जाता है.

Albert Einstein Biography in Hindi

प्रारंभिक जीवन और शिक्षा | Albert Einstein Early Life & Education

अल्बर्ट आइंस्टीन का जन्म 14 मार्च 1879 को जर्मन साम्राज्य के वुर्टेमबर्ग राज्य के उल्म में हुआ था. आइंस्टीन के माता-पिता धर्मनिरपेक्ष मध्य वर्गीय यहूदी थे. उनके पिता हरमन आइंस्टीन मूल रूप से एक सेल्समैन (बिक्रीकर्ता) थे और बाद में मध्यम सफलता के साथ एक विद्युत रासायनिक कारखाना चलाते थे. उनकी मां पॉलीन कोच परिवार का घर चलाती थीं. आइंस्टीन की एक बहन थी मारिया जो दो साल बाद पैदा हुई थी.

अल्बर्ट ने पांच साल की उम्र से तीन साल तक म्यूनिख में एक कैथोलिक प्राथमिक विद्यालय में पढ़ाई की. आठ साल की उम्र में उन्हें लुइटपोल्ड जिमनैजियम में स्थानांतरित कर दिया गया जहाँ उन्होंने प्राथमिक और माध्यमिक स्कूली शिक्षा प्राप्त की जब तक कि वह सात साल बाद जर्मन साम्राज्य नहीं छोड़ दिये. आइंस्टीन की शिक्षा उनके पिता के व्यवसाय में बार-बार विफल होने से बाधित हुई थी.

आइंस्टीन अंततः ज्यूरिख में स्विस फेडरल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी में प्रवेश पाने में सक्षम थे विशेष रूप से प्रवेश परीक्षा में उनके शानदार गणित और भौतिकी के अंकों के कारण. उन्हें अभी भी पहले अपनी पूर्व-विश्वविद्यालय शिक्षा पूरी करने की आवश्यकता थी और इस प्रकार जोस्ट विंटेलर द्वारा अभिनीत स्विट्जरलैंड के आराउ में एक हाई स्कूल में भाग लिया.

अल्बर्ट आइंस्टीन की निजी जिंदगी | Albert Einstein Personal Life

आइंस्टीन और मारीक ने जनवरी 1903 में शादी की थी और मई 1904 में उनके बेटे हंस अल्बर्ट आइंस्टीन का जन्म स्विट्जरलैंड के बर्न में हुआ था. उनके एक और बेटे एडुआर्ड का जन्म जुलाई 1910 में ज्यूरिख में हुआ था. अपनी पत्नी से पांच साल तक अलग रहने के बाद 14 फरवरी 1919 को उनका तलाक हो गया.

1912 से उनके साथ संबंध होने के बाद आइंस्टीन ने 1919 में एल्सा लोवेंथल से शादी की. वे 1933 में संयुक्त राज्य अमेरिका चले गए. एल्सा को 1935 में हृदय और गुर्दे की समस्याओं का पता चला और दिसंबर 1936 में उनकी मृत्यु हो गई.

1923 में, आइंस्टीन को बेट्टी न्यूमैन नामक एक सचिव से प्यार हो गया जो एक करीबी दोस्त, हंस मुहसम की भतीजी थी. 2006 में जेरूसलम के हिब्रू विश्वविद्यालय द्वारा जारी पत्रों की एक मात्रा में आइंस्टीन ने मार्गरेट लेबैक, एस्टेला कैटज़ेनलेनबोजेन, टोनी मेंडेल और एथेल मिचानोव्स्की सहित लगभग छह महिलाओं का वर्णन किया जिनके साथ उन्होंने समय बिताया और एल्सा से शादी के दौरान उनसे उपहार प्राप्त किया.

  • 1900 में स्नातक होने के बाद अल्बर्ट आइंस्टीन ने लगभग दो निराशाजनक वर्ष एक शिक्षण पद की खोज में बिताए. उन्होंने फरवरी 1901 में स्विस नागरिकता हासिल कर ली लेकिन चिकित्सा कारणों से उन्हें भर्ती नहीं किया गया. मार्सेल ग्रॉसमैन के पिता की मदद से उन्होंने बर्न में स्विस पेटेंट कार्यालय में एक सहायक परीक्षक स्तर III के रूप में नौकरी हासिल की.
  • 1903 में स्विस पेटेंट कार्यालय में उनकी स्थिति स्थायी हो गई हालांकि उन्हें मशीन प्रौद्योगिकी में पूरी तरह से महारत हासिल होने तक पदोन्नति के लिए पारित कर दिया गया था.
  • 1908 तक उन्हें एक प्रमुख वैज्ञानिक के रूप में मान्यता दी गई और उन्हें बर्न विश्वविद्यालय में व्याख्याता नियुक्त किया गया. 1909 में आइंस्टीन को सह-प्राध्यापक नियुक्त किया गया था.
  • अप्रैल 1911 में आइंस्टीन प्राग में जर्मन चार्ल्स-फर्डिनेंड विश्वविद्यालय में पूर्ण प्रोफेसर बन गए ऐसा करने के लिए ऑस्ट्रो-हंगेरियन साम्राज्य में ऑस्ट्रियाई नागरिकता स्वीकार करते हुए. जुलाई 1912 में, वह ज्यूरिख में अपने अल्मा मेटर (मातृसंस्था) में लौट आए. 1912 से 1914 तक, वह ईटीएच (ETH) ज्यूरिख में सैद्धांतिक भौतिकी के प्रोफेसर थे, जहाँ उन्होंने विश्लेषणात्मक यांत्रिकी और ऊष्मप्रवैगिकी पढ़ाया.
  • 3 जुलाई 1913 को वे बर्लिन में प्रशिया एकेडमी ऑफ साइंसेज के सदस्य बने. 1920 में वह कला और विज्ञान के रॉयल नीदरलैंड अकादमी के एक विदेशी सदस्य बन गया.

आविष्कार और खोज | Albert Einstein Inventions

एक भौतिक विज्ञानी के रूप में अल्बर्ट आइंस्टीन के पास कई खोजें थीं लेकिन वे शायद अपने सापेक्षता के सिद्धांत और समीकरण E=MC2 के लिए जाने जाते हैं जिसने परमाणु शक्ति और परमाणु बम के विकास का पूर्वाभास दिया.

  • सापेक्षता का सिद्धांत

 आइंस्टीन ने पहली बार 1905 में अपने पेपर “ऑन द इलेक्ट्रोडायनामिक्स ऑफ मूविंग बॉडीज (चलती निकायों के विद्युतगतिकी पर)” में भौतिकी को एक नई दिशा में ले जाते हुए सापेक्षता के एक विशेष सिद्धांत का प्रस्ताव रखा था. नवंबर 1915 तक आइंस्टीन ने सापेक्षता के सामान्य सिद्धांत को पूरा किया और आइंस्टीन ने इस सिद्धांत को अपने जीवन शोध की परिणति माना.

वह सामान्य सापेक्षता के गुणों के बारे में आश्वस्त था क्योंकि इसने सूर्य के चारों ओर ग्रहों की कक्षाओं की अधिक सटीक भविष्यवाणी की अनुमति दी थी जो आइज़क न्यूटन के सिद्धांत में कम थी, और अधिक विस्तृत, सूक्ष्म व्याख्या के लिए कि गुरुत्वाकर्षण बल कैसे काम करते हैं.

आइंस्टीन के दावे की पुष्टि ब्रिटिश खगोलविदों सर फ्रैंक डायसन और सर आर्थर एडिंगटन द्वारा टिप्पणियों और मापों के दौरान की गई थी 1919 के सूर्य ग्रहण के दौरान और इस प्रकार एक वैश्विक विज्ञान चिह्न का जन्म हुआ.

  • आइंस्टीन का E=MC2

पदार्थ/ऊर्जा संबंध पर आइंस्टीन के 1905 के पेपर ने समीकरण E=MC2:- एक शरीर की ऊर्जा का प्रस्ताव दिया (E) उस शरीर के द्रव्यमान (M) के बराबर है जो प्रकाश वर्ग की गति (C2) है. इस समीकरण ने सुझाव दिया कि पदार्थ के छोटे कणों को बड़ी मात्रा में ऊर्जा में परिवर्तित किया जा सकता है एक ऐसी खोज जिसने परमाणु शक्ति की शुरुआत की.

प्रसिद्ध क्वांटम सिद्धांतकार मैक्स प्लैंक ने आइंस्टीन के दावे का समर्थन किया जो इस प्रकार व्याख्यान सर्किट का एक सितारा बन गया और शिक्षाविद, कैसर विल्हेम इंस्टीट्यूट फॉर फिजिक्स के निदेशक बनने से पहले विभिन्न पदों पर कार्य कर रहे हैं (आज भौतिकी के लिए मैक्स प्लैंक संस्थान के रूप में जाना जाता है) 1917 से 1933 तक.

पुरस्कार और सम्मान | Albert Einstein Awards

आइंस्टीन ने कई पुरस्कार और सम्मान प्राप्त किए और 1922 में उन्हें सैद्धांतिक भौतिकी में उनकी सेवाओं के लिए और विशेष रूप से फोटोइलेक्ट्रिक प्रभाव के कानून की खोज के लिए  1921 में भौतिकी में नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया. 1921 में कोई भी नामांकन अल्फ्रेड नोबेल द्वारा निर्धारित मानदंडों को पूरा नहीं करता था इसलिए 1921 के पुरस्कार को आगे बढ़ाया गया और 1922 में आइंस्टीन को प्रदान किया गया.

अल्बर्ट आइंस्टीन को दिया गया सम्मान:

  • नोबेल पुरस्कार 1921 रॉयल सोसाइटी के फेलो.
  • 1921 एलएमएस (LMS) मानद सदस्य .
  • 1924 रॉयल सोसाइटी कोपले मेडल.
  • 1925 एडिनबर्ग की रॉयल सोसाइटी के फेलो.
  • 1927 एम्स गिब्स लेक्चरर.
  • लोकप्रिय जीवनी सूची संख्या 30.

वसीयत संपदा

आइंस्टीन की मृत्यु के बाद से प्रतिष्ठित विचारक के जीवन पर पुस्तकों का एक सत्य पर्वत लिखा गया है जिसमें अल्बर्ट आइंस्टीन: हिज लाइफ एंड यूनिवर्स बाय वाल्टर इसाकसन और आइंस्टीन: ए बायोग्राफी जुर्गन नेफ़े द्वारा. आइंस्टीन के अपने शब्दों को संग्रह “द वर्ल्ड ऐज़ आई सी इट” में प्रस्तुत किया गया है.

2018 में, वैज्ञानिकों की एक टीम ने आइंस्टीन के सापेक्षता के सामान्य सिद्धांत के एक पहलू की पुष्टि की कि एक तारे से प्रकाश एक ब्लैक होल के पास से गुजरता है तो अत्यधिक गुरुत्वाकर्षण क्षेत्र द्वारा लंबी तरंग दैर्ध्य तक फैलाया जाएगा.

ट्रैकिंग स्टार एस 2 (S2) उनके माप ने संकेत दिया कि स्टार की कक्षीय वेग 25 मिलियन किमी (kph) प्रति घंटे से अधिक हो गई क्योंकि यह आकाशगंगा के केंद्र में विशालकाय ब्लैक होल के पास था, गुरुत्वाकर्षण के खिंचाव से बचने के लिए इसकी तरंग दैर्ध्य बढ़ने पर इसका स्वरूप नीले से लाल हो जाता है.

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प्रसिद्ध वैज्ञानिक अलबर्ट आइंस्टाइन की जीवनी | Albert Einstein Biography in Hindi

Albert Einstein Biography & History in Hindi / अलबर्ट आइंस्टाइन एक प्रसिद्ध वैज्ञानिक और सैद्धांतिक भौतिकविद् थे। वे सापेक्षता के सिद्धांत और द्रव्यमान-ऊर्जा समीकरण E = mc2 के लिए जाने जाते हैं। अपनी खोजों के आधार पर उन्होंने अंतरिक्ष, समय और गुरुत्वाकर्षण के सिद्धांत दिये। उन्हें सैद्धांतिक भौतिकी, ख़ासकर प्रकाश-विद्युत ऊत्सर्जन की खोज के लिए 1921 में नोबेल पुरस्कार मिला था।

Albert Einstein Biography in Hindi

अलबर्ट आइंस्टाइन का परिचय – Albert Einstein Biography in Hindi

जाने-माने बुद्धिजीवी और महान वैज्ञानिक अल्बर्ट आइंस्टीन जो की 20 वीं सदि के प्रारंभिक बीस वर्षों तक विश्व के विज्ञान जगत पर छाए रहे। वे सापेक्षता के सिद्धांत और द्रव्यमान-ऊर्जा समीकरण E = mc2 के लिए जाने जाते हैं। उन्हें सैद्धांतिक भौतिकी, खासकर प्रकाश-विद्युत ऊत्सर्जन की खोज के लिए 1921 में नोबेल पुरस्कार प्रदान किया गया।

एक बार उन्होने अपने गुरु से पूछा  ‘श्रीमान मैं अपनी बुद्धी का विकास कैसे कर सकता हूँ?’  अध्यापक ने कहा – अभ्यास ही सफलता का मूलमंत्र है। उस बालक ने निश्चय किया कि अभ्यास के बल पर ही मैं एक दिन सबसे आगे बढकर दिखाऊँगा। बाल्यकाल से अध्यापकों द्वारा मंद बुद्धी और अयोग्य कहा जाने वाला ये बालक अपने अभ्यास के बल पर ही विश्व में आज सम्मान के साथ जाना जाता है। इस बालक को दुनिया आइंस्टाइन के नाम से जानती है। उनका जीवन इस बात का प्रमाण है कि साधारण से साधारण व्यक्ति भी मेहनत, हिम्मत और लगन से सफलता प्राप्त कर सकता है। आइये आज हम इस प्रतिभावान वैज्ञानिक के प्रेरणादायक जीवन के बारे में जानते हैं ।

प्रारंभिक जीवन और शिक्षा – Early Life of Albert Einstein

आइंस्टीन का जन्म 14 मार्च, 1879 को जर्मनी में वुटेमबर्ग के एक यहूदी परिवार में हुआ। उनके पिता हर्मन आइंस्टाइन एक इंजीनियर और सेल्समैन थे। उनकी मां पौलीन आइंस्टीन थी। हालाँकि आइंस्टीन को शुरू-शुरू में बोलने में कठिनाई होती थी, लेकिन वे पढाई में अव्वल थे। उनकी मातृभाषा जर्मन थी और बाद में उन्होंने इटालियन और अंग्रेजी सीखी।

अलबर्ट आइंस्टाइन आगे बढने की चाह हमेशा उनपर हावी रहती थी। पढने में मन नहीं लगता था फिर भी किताब हाँथ से नहीं छोङते थे, मन को समझाते और वापस पढने लगते। कुछ ही समय में अभ्यास का सकारात्मक परिणाम दिखाई देने लगा। शिक्षक भी इस विकास से दंग रह गये। गुरु मंत्र के आधार पर ही आइंस्टाइन अपनी विद्या संपदा को बढाने में सफल रहे। आगे चल कर उन्होने अध्ययन के लिये गणित जैसे जटिल विषय को चुना। उनकी योग्यता का असर इस तरह हुआ कि जब कोई सवाल अध्यापक हल नहीं कर पाते तो वे आइंस्टाइन की मदद लेते थे।

1880 में, उनका परिवार म्यूनिख शहर चला गया जहा उनके पिता और चाचा ने Elektrotechnische Fabrik J. Einstein & Co. नामक कंपनी खोली। कंपनी बिजली के उपकरण बनाती थी और इसने म्यूनिख के Oktoberfest मेले में पहली बार रौशनी का इंतजाम भी किया था। अल्बर्ट आइंस्टीन परिवार यहूदी धार्मिक परम्पराओ को नहीं मानता था और इसीलिए आइंस्टीन कैथोलिक विद्यालय में पढने के लिए गये। लेकिन बाद में 8 साल की उम्र में वे वहा से स्थानांतरित होकर लुइटपोल्ड जिम्नेजियम (जिसे आज अल्बर्ट आइंस्टीन जिम्नेजियम के नाम से जाना जाता है) गये, जहा उन्होंने माध्यमिक और उच्च माध्यमिक शिक्षा ग्रहण की। वे वहा अगले 7 सालो तक रहे, जब तक उन्होंने जर्मनी नहीं छोड़ी।

गुरु मंत्र को गाँठ बाँध कर आइंस्टाइन सफलता की सीढी चढते रहे। आर्थिक स्थिति कमजोर होने की वजह से आगे की पढाई में थोङी समस्या हुई। परन्तु लगन के पक्के आइंस्टाइन को ये समस्या निराश न कर सकी। उन्होने ज्युरिक पॉलिटेक्निक कॉलेज में दाखिला ले लिया। शौक मौज पर वे एक पैसा भी खर्च नहीं करते थे, फिर भी दाखिले के बाद अपने खर्चे को और कम कर दिये थे।

उनकी मितव्ययता का एक किस्सा आप सभी से साझा कर रहे हैं। “एक बार बहुत तेज बारिश हो रही थी। अल्बर्ट आइंस्टीन अपनी हैट को बगल में दबाए जल्दी-जल्दी घर जा रहे थे। छाता न होने के कारण भीग गये थे। रास्ते में एक सज्जन ने उनसे पूछा कि –“भाई! तेज बारिश हो रही है, हैट से सिर को ढकने के बजाय तुम उसे कोट में दबाकर चले जा रहे हो। क्या तुम्हारा सिर नहीं भीग रहा है?

आइंस्टीन ने कहा –“भीग तो रहा है परन्तु बाद में सूख जायेगा, लेकिन हैट गीला हुआ तो खराब हो जायेगा। नया हैट खरीदने के लिए न तो मेरे पास पैसे हैं और न ही समय।“

करियर और अविष्कार – Albert Einstein Inventions

1895 में आइंस्टीन ने 16 साल की उम्र में स्विस फ़ेडरल पॉलिटेक्निक, जुरिच की एंट्रेंस परीक्षा दी, जो बाद में Edigenossische Technische Hochschule (ETH) के नाम से जानी जाती थी। भौतिकी और गणित के विषय को छोड़कर बाकी दुसरे विषयो में वे पर्याप्त मार्क्स पाने में असफल हुए। और अंत में पॉलिटेक्निक के प्रधानाध्यापक की सलाह पर वे आर्गोवियन कैनटोनल स्कूल, आरु स्विट्ज़रलैंड गये। जब वे अपने परिवार के साथ कुछ दिनों तक रह रहे थे तभी उन्हें विन्टेलेर की बेटी मैरी से प्रेम हुआ।

जनवरी 1896 में उनके पिता के आदेश पर उन्होंने फिर से जर्मन नागरिकता स्वीकार की। सितम्बर 1896 में, उन्होंने स्विस की परीक्षा पास की और इस समय उन्हें अच्छे ग्रेड मिले थे, जिनमे भौतिकी और गणित में वे टॉप 6 में से एक थे। फिर जुरिच पॉलिटेक्निक में उन्होंने 4 साल का गणित और भौतिकी का डिप्लोमा पूरा किया। जहा मैरी विन्टेलेर ओल्सबर्ग, स्विट्ज़रलैंड चली गयी।

अल्बर्ट आइंस्टीन की भविष्य की पत्नी मीलेवा मारीक ने भी उसी साल पॉलिटेक्निक में एडमिशन ले रखा था। गणित और भौतिकिशास्त्र के 6 विद्यार्थियों में से वो अकेली महिला थी। और कुछ ही सालो में मारिक और आइंस्टीन की दोस्ती, प्यार में बदल गयी। बाद में वे लम्बे समय तक साथ में रहने लगे, साथ में पढने लगे और आइंस्टीन को भी उनमे बहुत दिलचस्पी आने लगी थी।

1900 में, आइंस्टीन को जुरिच पॉलिटेक्निक डिप्लोमा से पुरस्कृत किया गया लेकिन मारिक को गणित में कम ग्रेड होने की वजह से वह फेल हो गयी। ऐसा कहा जाता है की मारिक ने परीक्षा के दौरान आइंस्टीन की असंवेधानिक तरीके से सहायता की थी, लेकिन इसके कोई सबूत हमें इतिहास में नहीं दिखाई देते है।

आइंस्टीन को प्रतिकूल परिस्थिती में भी आगे बढने के लिये प्रेरित करती रही। उनके विचारों ने एक नई खोज को जन्म दिया जिसे सापेक्षतावाद का सिद्धान्त (Theory of Relativity; E=mc^2) कहते हैं। इस सिद्धानत का प्रकाशन उस समय की प्रसिद्ध पत्रिका “आनलोन डेर फिजिक” में हुआ। पूरी दुनिया के वैज्ञानिकों और बुद्धीजीवियों पर इस लेख का बहुत गहरा असर हुआ। एक ही रात में आइंस्टीन विश्वविख्यात हो गये। जिन संस्थाओं ने उन्हे अयोग्य कहकर साधारण सी नौकरी देने से मना कर दिया था वे संस्थाएं उन्हे निमंत्रित करने लगी। ज्युरिक विश्वविद्यालय से भी निमंत्रण मिला जहाँ उन्होने अध्यापक का पद स्वीकार कर लिया।

आइंसटाइन ने सापेक्षता के विशेष और सामान्य सिद्धांत सहित कई योगदान दिए। उनके अन्य योगदानों में- सापेक्ष ब्रह्मांड, केशिकीय गति, क्रांतिक उपच्छाया, सांख्यिक मैकेनिक्स की समस्याऍ, अणुओं का ब्राउनियन गति, अणुओं की उत्परिवर्त्तन संभाव्यता, एक अणु वाले गैस का क्वांटम सिद्धांतम, कम विकिरण घनत्व वाले प्रकाश के ऊष्मीय गुण, विकिरण के सिद्धांत, एकीक्रीत क्षेत्र सिद्धांत और भौतिकी का ज्यामितीकरण शामिल है।

सन् 1919 में इंग्लैंड की रॉयल सोसाइटी ने सभी शोधों को सत्य घोषित कर दिया था। जर्मनी में जब हिटलरशाही का युग आया तो इसका प्रकोप आइंस्टाइन पर भी हुआ और यहूदी होने के नाते उन्हे जर्मनी छोङकर अमेरीका के न्यूजर्सी में जाकर रहना पङा। वहाँ के प्रिस्टन कॉलेज में अंत समय तक अपनी सेवाएं देते रहे।

आइंस्टाइन ने सापेक्षता के विशेष और सामान्य सिद्धांत सहित कई योगदान दिए। उनके अन्य योगदानों में- सापेक्ष ब्रह्मांड, केशिकीय गति, क्रांतिक उपच्छाया, सांख्यिक मैकेनिक्स की समस्याऍ, अणुओं का ब्राउनियन गति, अणुओं की उत्परिवर्त्तन संभाव्यता, एक अणु वाले गैस का क्वांटम सिद्धांत, कम विकिरण घनत्व वाले प्रकाश के ऊष्मीय गुण, विकिरण के सिद्धांत, एकीक्रीत क्षेत्र सिद्धांत और भौतिकी का ज्यामितीकरण शामिल है। आइंसटाइन ने पचास से अधिक शोध-पत्र और विज्ञान से अलग किताबें लिखीं। 1999 में टाइम पत्रिका ने शताब्दी-पुरुष घोषित किया। एक सर्वेक्षण के अनुसार वे सार्वकालिक महानतम वैज्ञानिक माने गए। आइंसटाइन शब्द बुद्धिमान का पर्याय माना जाता है।

पुरस्कार – Albert Einstein Award Winners List

1) भौतिकी का नोबेल पुरस्कार (1921)

2) मतटेउक्सी मेडल (1921)

3) कॉप्ली मेडल (1925)

4) मॅक्स प्लॅंक मेडल (1929)

5) टाइम पर्सन ऑफ थे सेंचुरी (1999)

अल्बर्ट आइंस्टीन मृत्यु – Albert Einstein Death

18 अप्रैल, 1955 को अलबर्ट आइंस्टाइन की मृत्यु प्रिंसटन अस्पताल न्यू जर्सी, संयुक्त राज्य में हुई। कहा जाता है की अच्छी संगती और अच्छे विचार इंसान की प्रगति का द्वार खोल देते है। ये दोनों ही हमारे जीवन में बहुत मायने रखते है। अल्बर्ट आइंस्टीन का हमेशा से यही मानना था की हम चाहे कोई छोटा काम ही क्यू ना कर रहे हो, हमें उस काम को पूरी लगन और सच्चाई के साथ करना चाहिये, तबी हम एक बुद्धिमान व्यक्ति बन सकते है।

और अधिक लेख –

  • सर आइज़क न्यूटन की जीवनी व नियम
  • स्टीफन हॉकिंग के 50 अनमोल विचार
  • डॉ॰ मार्टिन लूथर किंग का जीवन परिचय

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8 thoughts on “प्रसिद्ध वैज्ञानिक अलबर्ट आइंस्टाइन की जीवनी | albert einstein biography in hindi”.

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बहुत ही प्रेरणादायी जीवनी है अल्बर्ट आइन्स्टीन की।

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very impressive biography of einstein…….thanks for share……

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अल्बर्ट आइन्स्टीन जी ने हमें सिखाया आर्थिक स्तिथि कमजोर होने के करना भी हमें कामयाबी पाने से कोई नहीं रोक सकता

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really very impressive biography of sir Albert eistein thanks

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अल्बर्ट आइंस्टीन सर के बारे में आपने एक अच्छी जानकारी के साथ ही , उनके जीवन की कई और भी पहलू बताए है , जो कि कुछ ना कुछ सीखने की प्रेरणा देते है ,

जैसे उनकी हेट गीली ना हो उसकी चिन्ता करना , सर अल्बर्ट से हमे वाकई में बहुत कुछ सीखने को मिला है । इस आर्टिकल के लिये धन्यवाद ।।

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Very motivational and inspiring.

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Thankyou for this great article.

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Bahut hi achi post hai

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Albert Einstein Biography In Hindi

अल्बर्ट आइंस्टीन का जीवन परिचय Albert Einstein Biography In Hindi

Albert Einstein Biography In Hindi आधुनिक भौतिक विज्ञान के जन्मदाता अल्बर्ट आइंस्टीन ने भौतिक विश्व को उसके यतार्थ स्वरूपों में ही समझने का प्रयास किया था। इस सम्बन्ध में उन्होंने कहा था कि “शब्दों का भाषा को जिस रूप में लिखा या बोला जाता है मेरी विचार पद्दति में उनकी उस रूप में कोई भूमिका नही है। पारम्परिक शब्दों अथवा अन्य चिन्हों के लिए दुसरे चरण में मात्र तब परिश्रम करना चाहिए जब सम्बंधिकरण का खेल फिर से दोहराया जा सके ”।

अल्बर्ट आइंस्टीन का प्रारम्भिक जीवन :-

अल्बर्ट आइंस्टीन का जन्म 14 मार्च 1879 को जर्मनी के उल्क नामक छोटे से कस्बे में हुआ था। उनके पिता का नाम हर्मन आइंस्टीन और माता का नाम पौलिन था। पौलीन को अपने पुत्र से बहुत प्यार था और कभी वो उसको अपने से दूर नही करती थी। एल्बर्ट तीन वर्ष का हुआ तो उसकी माता के लिए एक समस्या खड़ी हो गयी कि वो बोलता नही था।

  • ‘भारत के एडिसन’ शंकर आबाजी भिसे की जीवनी

सामान्यत: तीन वर्ष के बालक तुतलाकर बोलना सीख जाते है। फिर भी माँ ने उम्मीद नही छोड़ी और उसे पियानो बजाना सिखाया। बचपन में एल्बर्ट शांत स्वाभाव का और शर्मीला बच्चा था और उसका कोई मित्र नही था। वह अपने पडोस में रहने वाले बच्चो के साथ भी खेलना पसंद नही करता था। एल्बर्ट के माता -पिता म्यूनिख रहने लगे थे। बच्चे म्यूनिख की सड़को पर सेना की परेड को देखकर उनकी नकल उतारा करते थे जबकि [Albert Einstein] अल्बर्ट सिपाहियों को देखते ही रोने लगता था।

उस समय दुसरे सभी बच्चे बड़ा होकर सिपाही बनने की बात करते थे लेकिन उसकी सिपाही बनने में कोई रूचि नही थी। अब एल्बर्ट पांच वर्ष का हो गया था और उसके जन्मदिन पर उसके माता-पिता ने मैग्नेटिक कम्पस उपहार में दिया जिसे देखकर वो बहुत प्रसन्न हुआ था। जब उस मैग्नेटिक कम्पस की सुई हमेशा उत्तर दिशा की तरफ रहती तो उसके दिमाग में प्रश्न आते थे कि ऐसा कैसे और क्यों होता है।

अल्बर्ट बचपन से ही पढने लिखने में होशियार था लेकिन शिक्षको के साथ उसका तालमेंल नही बैठता था क्योंकि वो रटंत विद्या सीखाते थे। अल्बर्ट इसाई नही यहूदी था जिसके कारण स्कूल में इसाई लडके उसे परेशान करते थे इसी वजह से उसके दिमाग में अकेलेपन की भावना आ गयी थी। उसका बचपन में एक ही मित्र बना था जिसका नाम मैक्स टेमले था जिससे वो अपने मन की बाते करता था और तर्कसंगत प्रश्न करता रहता था।

एक दिन अल्बर्ट ने मैक्स से पूछा कि “ये ब्रह्मांड कैसे काम करता है ” इसका उत्तर मैक्स के पास नहीं था। इस तरह बचपन से उसका भौतिकी में बहुत रूचि रही थी। एल्बर्ट के चाचा जैकब एक इंजिनियर थे जिन्होंने अल्बर्ट के मन में गणित के प्रति रूचि दिखाई थी। उन्होंने उसे सिखाया था कि जब भी बीजगणित में कुछ अज्ञात वस्तु को ढूँढना चाहते है तो उसे बीजगणित में X मान लेते है और तब तक ढूंढते रहते है जब तक कि पता नही लगा लेते है।

एल्बर्ट जब 15 वर्ष का हुआ तो उसके पिता के कारोबार में समस्याए आ गयी जिसके कारण उन्हें कारोबार बंद करना पड़ा। अब उसके माता पिता उसको जिम्नेजियम स्कूल में दाखिला दिलाकर नौकरी की तलाश में दुसरे शहर चले गये। अब माता पिता के जाने के बाद अल्बर्ट उदास रहने लगा और उसका पढ़ाई में ध्यान नही लगा इसलिए वो भी अपने परिवार के पास इटली चला गया।

इटली में उसने बहुत सुखद समय बिताया उसके बाद सोलह वर्ष की उम्र में अल्बर्ट को स्विट्ज़रलैंड के एक स्कूल में पढने के लिए रखा गया। यहाँ पर उसने भौतिकी में गहरी रूचि दिखाना शुरू कर दिया और उसे योग्य अध्यापक भी मिले। यही पर उन्होंने सापेक्षता का सिद्धांत का पता लगाया था। एल्बर्ट ने ज्यूरिख से स्नातक की डिग्री प्राप्त की थी।

अल्बर्ट आइंस्टीन अध्यापक के रूप में :-

स्नातक की डिग्री लेने के बाद उन्होंने विद्यार्थियों को पढ़ाने के बारे में विचार किया लेकिन अल्बर्ट के अधिक ज्ञान की वजह से प्रारम्भ में उन्हें नौकरी नही मिली। सन 1902 में अल्बर्ट आइन्स्टाइन को स्विज़रलैंड के बर्न शहर में एक अस्थाई नौकरी मिल गयी। अब उन्हें अपने शोध लेखो को लिखने और प्रकाशित कराने का बहुत समय मिला। उन्होंने डॉक्टरेट की डिग्री प्राप्त करने के लिए मेहनत करना शुरू कर दिया और अंत में उन्हें डाक्टरेट की उपाधि मिल ही गयी।

अल्बर्ट आइंस्टीन वैज्ञानिक के रूप में :-

ज्यूरिख विश्वविद्यालय में उनको प्रोफेसर की नियुक्ति मिली और लोगों ने उन्हें महान वैज्ञानिक मानना शुरू कर दिया। सं 1905 में 26 वर्ष की आयु में उन्होंने सापेक्षता का सिद्धांत प्रतिपादित किया जिसने उन्हें विश्वविख्यात कर दिया। इस विषय पर उन्होंने केवल चार लेख लिखे थे जिन्होंने भौतिकी का चेहरा बदल दिया।

  • राहुल द्रविड का जीवन परिचय

इस सिद्धांत का प्रसिद्ध समीकरण E=mc2 है जिसके कारण ही परमाणु शक्ति प्राप्त हो सकी। इसी के कारण इलेक्ट्रिक ऑय की बुनियाद रखी गयी। इसी के कारण ध्वनि चलचित्र और टीवी पर शोध हो सके। आइन्स्टाइन को अपनी इसी खोज के लिए विश्व प्रसिद्ध नोबल पुरुस्कार मिला था। सारा संसार आइन्स्टाइन की प्रशंसा करने लगा और जगह-जगह पर समारोह आयोजित किये जाने लगे।

इतना सब कुछ होने के बाद भी वो हमेशा नम्रता से रहते थे। आइन्स्टाइन विश्व शान्ति और समानता में विश्वास रखते थे इसी कारण उन्हें गांधीजी की तरह महान पुरुष कहा जाता था। आइन्स्टाइन को अपने जीवन में सबसे ज्यादा दुःख तब हुआ जब उनके वैज्ञानिक अविष्कारों के कारण बाद में परमाणु शक्ति का आविष्कार हुआ था जिससे हिरोशिमा और नागासाकी जैसे नगर ध्वस्त हो गये थे।

अल्बर्ट आइंस्टीन का परिवार :-

1903 में अल्बर्ट आइन्स्टाइन का विवाह मिलवा मैरिक से हुआ था। उनके यहाँ दो पुत्रों एल्बर्ट और एडूआई ने जन्म लिया था। आइन्स्टाइन के विवाह से पहले भी पुत्री थी जिसे आइन्स्टाइन ने गोद लिया था लेकिन उसकी बचपन में ही मौत हो गयी थी। 14 फरवरी 1919 ने उनका मैरिक से तलाक हो गया और इसी वर्ष में उन्होंने दुसरी शादी कर ली थी। उनकी दुसरी पत्नी का नाम एलसा था लेकिन वो भी 1936 में चल बसी। वैसे भी उनकी पारिवारिक जीवन में रूचि कम थी और अपना ज्यादातर समय अपनी वैज्ञानिक खोजों में लगाते थे।

अल्बर्ट आइंस्टीन की मृत्यु :-

18 अप्रैल 1955 में महान वैज्ञानिक अल्बर्ट आइन्स्टाइन की अमेरिका के न्यू जर्सी शहर में मृत्यु हो गयी। वह अपने जीवन एक अंत तक कार्य करते रहे और मानवता की भलाई में उन्होंने अपना जीवन समर्पित कर दिया था। इतना सब होने के बाद भी वो किसी के घनिष्ट मित्र नही बन सके क्योंकि उनका लक्ष्य हमेशा सृष्टि को जानने का रहा था। आइन्स्टाइन की प्रतिभा से प्रभावित होने के कारण मृत्यु के बाद उनके दिमाग का अध्ययन किया गया लेकिन कुछ विशेष तथ्य हाथ नही आये।

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अल्बर्ट आइंस्टीन का पहला आविष्कार क्या था?

प्रकाश-क्वांटम

अल्बर्ट आइंस्टीन की मृत्यु क्यों हुई?

पेट की गंभीर समस्‍या के चलते

अल्बर्ट आइंस्टीन कौन सी जातीयता है?

जर्मन यहूदी

अल्बर्ट आइंस्टीन सबसे महान वैज्ञानिक क्यों है?

अंतरिक्ष, समय, द्रव्यमान, गति और गुरुत्वाकर्षण के नए सिद्धांतों के साथ वैज्ञानिक विचारों में क्रांति ला दी। 

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albert einstein short biography in hindi

  • Alexander III of Macedon – was a king of the ancient Greek kingdom of Macedon / सिकंदर या अलेक्जेंडर द ग्रेट 
  • Jalal-ud-din Muhammad Akbar – was the third Mughal emperor / जलाल उद्दीन मोहम्मद अकबर
  • Subhas Chandra Bose – an Indian nationalist / सुभाष चन्द्र बोस
  • Vikram Ambalal Sarabhai – an Indian Physicist and Astronomer / विक्रम साराभाई
  • Krishnakumar Kunnath (KK), was an Indian playback singer / कृष्णकुमार कुन्नथ
  • Tantia Tope an general in the Indian Rebellion of 1857 and notable leaders / तात्या टोपे
  • Sudha Murty – an Indian educator, author and philanthropist / सुधा मूर्ति
  • Droupadi Murmu – an Indian politician, president of India / द्रौपदी मुर्मू
  • Homi Jehangir Bhabha – was an Indian nuclear physicist, founding director, and professor of physics / होमी जहांगीर भाभा
  • Anandibai Joshi – First Indian Female Doctor / आनंदीबाई जोशी

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अल्बर्ट आइंस्टीन जीवनी - Albert Einstein biography in hindi

Albert Einstein-German-born Theoretical Physicist/अल्बर्ट आइंस्टीन

अल्बर्ट आइंस्टीन जीवनी – Albert Einstein biography in hindi

विश्व के सुप्रसिद्ध वैज्ञानिक और भौतिक शास्त्री Albert Einstein का कहना है कि —-“जिस व्यक्ति ने कभी गलती नहीं  की, उसने कभी भी नया करने की कोशिश नहीं की”  Einstein ने हमारे युग को विकसित बनाने में बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। वह अपने  “सापेक्षता के सिद्धांत” के और “द्रव्यमान ऊर्जा समीकरण” के लिए विख्यात हैं ।इस “E = mc2” का प्रयोग मुख्यता ऑटोमिक बम को बनाने में किया जाता है जिसके लिए उन्हें फिजिक्स में नोबेल पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया था। Einstein का जन्म 14 मार्च 1879 को जर्मनी के “Hume” शहर में हुआ था ।उनके पिता का नाम  Albert Einstein था जो कि एक  इंजीनियर और सेल्समेन थे ।

जब Einstein पैदा हुए थे तो उनका सिर उनके शरीर के हिसाब से काफी बड़ा था। शुरू से ही वह अन्य छोटे बच्चों से अलग थे। वह छोटे बच्चों की तरह शरारते नहीं करते थे बल्कि बिल्कुल शांत रहते थे। बच्चे एक साल में बोलना शुरू कर देते हैं लेकिन इन्होंने बोलने में 4 वर्ष लगा दिए  और करीब 9 वर्ष तक वह अच्छे से बोल नहीं पाते थे। इसकी वजह से उनके माता-पिता को उनकी भविष्य की चिंता होने लगी ।इनको अपने हम उम्र के बच्चों के साथ खेलना भी पसंद नहीं था। उन्होंने अपनी अलग ही दुनिया बना रखी थी। उन्हें हमेशा रविवार का इंतजार रहता था क्योंकि उनके पापा उन्हें रविवार को ही कहीं शांत जगह घुमाने ले जाते थे और वहां बैठकर वह पेड़ पौधों और इस ब्राह्मण के बारे में सोचा करते थे। उनके मन में हमेशा यह बात  रहती थी कि यह दुनिया चलती कैसे है? अपनी ना बोल पाने की वजह से उन्होंने स्कूल जाना बहुत देर से शुरू किया ।

Einstein को स्कूल एक जेल की तरह लगता था। उनका मानना था कि स्कूल एक ऐसी जगह है जहां कोई भी आजाद नहीं है ।इस सोच उसके पीछे एक कारण था कि वह अपने अध्यापक द्वारा बताई गई बातों को स्वीकार नहीं करते थे क्योंकि उन्हें अध्यापक द्वारा पढ़ाई गई चीजें “अधूरी” लगती थी। वह अध्यापकों से ज्यादा प्रश्न पूछा करते थे जिससे अध्यापक उनसे नाराज  रहते थे और उन्होंने Einstein को मन बुद्धि भी कहना शुरू कर दिया था। बार-बार मन बुद्धि कहे जाने के कारण  Einstein को लगने लगा था कि मेरी बुद्धि अभी विकसित नहीं हुई है।

एक बार उन्होंने अध्यापक से पूछा— सर मैं अपनी बुद्धि का विकास कैसे कर सकता हूं? अध्यापक ने कहा कि “अभ्यास ही सफलता का मूल मंत्र है” यह बात  Einstein  ने अपने दिमाग में बैठा ली  और दृढ़ निश्चय किया कि अभ्यास के बल पर में एक  दिन सबसे आगे बढ़ कर दिखाऊंगा ।उसके बाद अपने कठिन परिश्रम व अभ्यास  की मदद से उन्होंने गणित व फिजिक्स में महारथ हासिल कर ली। जिसके बाद उन्होंने बहुत सारी अद्भुत खोज की । सापेक्षता के सिद्धांत ,द्रव्यमान ऊर्जा, गति प्रकाशीय में उष्मीय गुण आदि ।आज घर बैठे इंटरनेट के द्वारा हमें जो जानकारियां प्राप्त हो रही हैं उन सभी आविष्कारों में Einstein का महत्वपूर्ण योगदान है ।उन्होंने दिखा दिया कि मेहनत के बल पर इंसान कुछ भी कर सकता है।  Einstein अपने दिमाग में ही अपनी रिसर्च का पूरा सोच कर अपना प्लान तैयार करते थे जो कि उनके प्रयोगशाला  के, प्रयोग से ज्यादा सटीक होता था।

Einstein को  इजरायल के राष्ट्रपति पद का प्रस्ताव भी दिया गया था लेकिन उन्होंने उसे विनम्रता पूर्वक मना कर दिया था ।अमेरिका की सरकार आइंस्टाइन की योग्यता से  इतना डर गई थी कि उनके पीछे अपना जासूस लगा कर रखती थी ताकि उनके शोध का कोई गलत प्रयोग ना हो सके, जो देश के लिए हानिकारक हो। यहां तक कि एक Pathology Dr. ने Einstein के 100 परीक्षण के दौरान उनका दिमाग चुरा लिया था ताकि उनके बुद्धिजीवी होने का पता लगा सके । Einstein ने मानवता की भलाई और मनुष्य का जीवन अधिक सफल बनाने के लिए अपना पूरा जीवन समर्पित कर दिया। 18 अप्रैल 1955 को 76 वर्ष की उम्र में उन्होंने इस दुनिया को अलविदा कह दिया। 

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Biography Hindi

अल्बर्ट आइंस्टीन जीवन परिचय(Biography)?

अल्बर्ट आइंस्टीन एक भौतिक विज्ञानी थे जिन्होंने सापेक्षता के सामान्य सिद्धांत को विकसित किया था। उन्हें 20वीं सदी के सबसे प्रभावशाली वैज्ञानिकों में से एक माना जाता है।

  • नाम अल्बर्ट हरमन आइंस्टीन
  • जन्म 14 मार्च 1879
  • जन्मस्थान उल्मा (जर्मनी)
  • पिता हरमन आइंस्टीन
  • माता पॉलिन कोच
  • ज्यूरिख विश्वविद्यालय से शिक्षा पीएच.डी.
  • पत्नी मारिक, एलिसा लोवेन थालु
  • बेटा एडुआर्ड आइंस्टीन, हंस अल्बर्ट आइंस्टीन
  • बेटी लिसेरल आइंस्टीन
  • व्यवसाय भौतिक विज्ञानी
  • पुरस्कार नोबेल पुरस्कार, कोपले पदक, फ्रैंकलिन पदक
  • नागरिकता अमेरिकी, स्विस, जर्मन, प्रशिया

आइंस्टीन ने सापेक्षता के विशेष और सामान्य सिद्धांत सहित कई योगदान दिए। उनके अन्य योगदानों में शामिल हैं- सापेक्षतावादी ब्रह्मांड, केशिका गति, महत्वपूर्ण पेनम्ब्रा, सांख्यिकीय यांत्रिकी की समस्या, अणुओं की ब्राउनियन गति, अणुओं की उत्परिवर्तन संभावना, एक-अणु गैस का क्वांटम सिद्धांत, कम विकिरण घनत्व वाले प्रकाश के थर्मल गुण, विकिरण का सिद्धांत, एकीकृत क्षेत्र सिद्धांत और भौतिकी की ज्यामिति।

प्रारंभिक जीवन:

  • अल्बर्ट आइंस्टीन का जन्म 14 मार्च, 1879 को जर्मनी के वुर्टेमबर्ग में एक यहूदी परिवार में हुआ था। उनके पिता हरमन आइंस्टीन एक इंजीनियर और सेल्समैन थे जबकि उनकी मां पोलिन आइंस्टीन थीं। 1880 में, उनका परिवार म्यूनिख शहर चला गया, जहां उनके पिता और चाचा ने इलेक्ट्रोटेक्निश फैब्रिक जे आइंस्टीन एंड कंपनी की स्थापना की।
  • अल्बर्ट आइंस्टीन परिवार यहूदी धार्मिक परंपराओं में विश्वास नहीं करता था और इसीलिए आइंस्टीन कैथोलिक स्कूल में पढ़ने गए। लेकिन बाद में, 8 साल की उम्र में, वह वहां से लुइटपोल्ड जिमनैजियम (अब अल्बर्ट आइंस्टीन जिमनैजियम के रूप में जाना जाता है) में चले गए, जहाँ उन्होंने माध्यमिक और उच्च माध्यमिक शिक्षा प्राप्त की, अगले 7 वर्षों तक वहाँ रहे, जब तक कि उन्होंने जर्मनी नहीं छोड़ा।

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  • 1895 में इंस्टेन ने 16 साल की उम्र में स्विस फेडरल पॉलिटेक्निक, ज्यूरिख में प्रवेश परीक्षा दी, जिसे बाद में एडिजेनॉसिस टेक्नीश होचस्चुले (ईटीएच) के नाम से जाना गया। वह भौतिकी और गणित को छोड़कर अन्य विषयों में पर्याप्त अंक प्राप्त करने में असफल रहा। और अंत में पॉलिटेक्निक के प्रधानाध्यापक की सलाह पर वे अर्गोवियन कैंटोनल स्कूल, आरू, स्विटज़रलैंड गए। उन्होंने वहां से 1895-96 में अपनी उच्च माध्यमिक शिक्षा पूरी की।

1) अल्बर्ट आइंस्टीन ने कई आविष्कार किए, जिसके लिए उनका नाम प्रसिद्ध वैज्ञानिकों में गिना जाता था। उनके कुछ आविष्कार इस प्रकार हैं-

2) प्रकाश का क्वांटम सिद्धांत – आइंस्टीन के प्रकाश के क्वांटम सिद्धांत में, उन्होंने फोटॉन नामक ऊर्जा के छोटे-छोटे थैले बनाए, जिनमें तरंग जैसी विशेषताएं होती हैं। अपने सिद्धांत में, उन्होंने कुछ धातुओं से इलेक्ट्रॉनों के उत्सर्जन की व्याख्या की। उन्होंने फोटो इलेक्ट्रिक इफेक्ट बनाया। इस सिद्धांत के बाद उन्होंने टेलीविजन का आविष्कार किया, जो मूर्तिकला विज्ञान के माध्यम से दृश्य को दर्शाता है। आधुनिक समय में ऐसे कई उपकरणों का आविष्कार किया गया है। ई = एमसी वर्ग – आइंस्टीन ने द्रव्यमान और ऊर्जा के बीच एक समीकरण साबित किया, आज इसे परमाणु ऊर्जा कहा जाता है।

3) ब्रोवियन आंदोलन – इसे अल्बर्ट आइंस्टीन की सबसे बड़ी और सबसे अच्छी खोज कहा जा सकता है, जहां उन्होंने परमाणु के निलंबन में ज़िगज़ैग आंदोलन का अवलोकन किया, जो अणुओं और परमाणुओं के अस्तित्व के प्रमाण में सहायक है। हम सभी जानते हैं कि आज के समय में यह विज्ञान की अधिकांश शाखाओं में प्रमुख है। विज्ञान का चमत्कारी निबंध यहाँ पढ़ें।

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4) सापेक्षता का विशेष सिद्धांत – अल्बर्ट आइंस्टीन के इस सिद्धांत में समय और गति के संबंध को समझाया गया है। ब्रह्मांड में प्रकाश की गति को स्थिर और प्रकृति के नियम के अनुसार वर्णित किया गया है। सापेक्षता का सामान्य सिद्धांत – अल्बर्ट आइंस्टीन ने प्रस्तावित किया कि गुरुत्वाकर्षण अंतरिक्ष-समय सातत्य में एक वक्र क्षेत्र है, जो द्रव्यमान के अस्तित्व का वर्णन करता है।

5) उन्हें ज्यूरिख विश्वविद्यालय में प्रोफेसर की नियुक्ति मिली और लोग उन्हें एक महान वैज्ञानिक मानने लगे। 1905 में, 26 वर्ष की आयु में, उन्होंने सापेक्षता के सिद्धांत को प्रतिपादित किया, जिसने उन्हें विश्व प्रसिद्ध बना दिया। उन्होंने इस विषय पर केवल चार लेख लिखे जिन्होंने भौतिकी का चेहरा बदल दिया। इस सिद्धांत का प्रसिद्ध समीकरण E=mc2 है, जिससे परमाणु बम बनाया जा सकता है। इसी वजह से इलेक्ट्रिक आई की नींव रखी गई थी। इससे साउंड फिल्म और टीवी पर शोध हो सका। इस खोज के लिए आइंस्टीन को विश्व प्रसिद्ध नोबेल पुरस्कार मिला था।

6) स्नातक की डिग्री लेने के बाद, उन्होंने छात्रों को पढ़ाने के बारे में सोचा, लेकिन अल्बर्ट के अधिक ज्ञान के कारण, उन्हें शुरुआत में नौकरी नहीं मिली। 1902 में अल्बर्ट आइंस्टीन को स्विट्जरलैंड के बर्न में एक अस्थायी नौकरी मिल गई। अब उन्हें अपने शोध लेख लिखने और प्रकाशित करने के लिए बहुत समय मिला। उन्होंने डॉक्टरेट की डिग्री हासिल करने के लिए कड़ी मेहनत करनी शुरू की और आखिरकार उन्हें डॉक्टरेट की डिग्री मिल गई।

अल्बर्ट आइंस्टीन की ट्रैवल डायरी

  • 2018 में, द ट्रैवल डायरीज ऑफ अल्बर्ट आइंस्टीन: द फार ईस्ट, फिलिस्तीन, और स्पेन में पाठकों को एक युवा व्यक्ति के रूप में आइंस्टीन के कुछ अनफ़िल्टर्ड व्यक्तिगत विचार दिए गए थे। 1922-1923 के प्रकाशन के साथ एक झलक की अनुमति दी गई थी।
  • युवा वैज्ञानिक ने अपनी दूसरी पत्नी एल्सा के साथ 1922 की शरद ऋतु में फ्रांस के मार्सिले में जापान की समुद्री यात्रा शुरू की। उन्होंने स्वेज नहर से होते हुए सीलोन, सिंगापुर, हांगकांग, शंघाई और जापान की यात्रा की। दंपति मार्च 1923 में फिलिस्तीन और स्पेन के रास्ते जर्मनी लौट आए।

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  • द ट्रैवल डायरीज़ में चीनी और श्रीलंकाई लोगों सहित उन लोगों का एक बेतुका विश्लेषण था, जो अपने बाद के वर्षों में नस्लवाद की घोर निंदा के लिए जाने जाते थे।
  • नवंबर 1922 के लिए एक प्रविष्टि में, आइंस्टीन ने हांगकांग के निवासियों को मेहनती, गंदी, सुस्त लोगों के रूप में संदर्भित किया। बच्चे भी मंदबुद्धि और सुस्त दिखते हैं।

आपको हमारे द्वारा दी गई जानकारी कैसे लेगी आप हमें कमेंट करके बता सकते हैं ,यदि आपको यह पोस्ट अच्छी लगी हो तो आप इस पोस्ट को अपने दोस्तों के साथ शेयर भी कर सकते हैं.

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अल्बर्ट आइंस्टीन की जीवनी| Albert Einstein Biography In Hindi

अल्बर्ट आइंस्टीन का जीवन परिचय व इतिहास | Albert Einstein Biography History  Quotes In Hindi

एक ऐसा व्यक्ति जिसने 20 वीं सदी की शुरुआत में विज्ञान पर राज किया , जिसने मानव इतिहास में समय, स्थान और गुरुत्वाकर्षण जैसे विषयों के नए आयामों की खोज की । 

अल्बर्ट आइंस्टीन के जन्म के समय कहा जाता है कि उनके सिर का पिछला हिस्सा असामान्य था यानी उनके सिर का पिछला हिस्सा बहुत बड़ा था। बताया जाता है कि एक हफ्ते बाद उनका सिर सामान्य हो गया।

कहा जाता है कि चार साल की उम्र तक आइंस्टीन को बोलने में दिक्कत होती थी। इसके अलावा, उनके पास पढ़ने के मुद्दे भी थे और उन्हें स्कूल से निकाल दिया गया था।

उन्होंने दुनिया का सबसे सम्माननीय पुरस्कार भौतिकी के लिए नोबल पुरस्कार जीता। । मानव इतिहास में सबसे बुद्धिमान व्यक्ति माने जाने वाले व्यक्ति का नाम अल्बर्ट आइंस्टीन है।

आज हम उनके जीवन की कहानी जानने जा रहे हैं और साथ ही आइंस्टीन के जीवन के बारे में 10 अनसुने तथ्य (अंत तक पढ़ें) से न चूकें। आइए इसमें गहराई से गोता लगाएँ:

अल्बर्ट आइंस्टीन की जीवनी| Albert Einstein Biography In Hindi

अल्बर्ट आइंस्टीन का जीवन परिचय

Table of Contents

अल्बर्ट आइंस्टीन का जन्म (Albert Einstein Birth )

अल्बर्ट आइंस्टीन का जन्म 14 मार्च, 1879 को जर्मनी के उल्म में हुआ था । आइंस्टीन और उनका परिवार बहुत ही साधारण और मध्यमवर्गीय यहूदी थे।

 उनके पिता का नाम हरमन आइंस्टीन था, जो शुरू में एक पंख वाले बिक्री प्रतिनिधि थे और बाद में एक इलेक्ट्रोकेमिकल उत्पादन लाइन चलाते थे और एक मध्यम जीवनयापन करते थे। 

उनकी मां पॉलीन कोच परिवार से भागी थीं। उनकी एक बहन माजा आइंस्टीन थी। माजा ,अल्बर्ट से दो साल छोटी थी।

अल्बर्ट आइंस्टीन का बचपन (Albert Einstein Early Life )

आइंस्टीन अपने बचपन में बहुत ही जिज्ञासा रखने वाले बच्चे हुआ करते थे और अपने स्कूल में अपने शिक्षक से बहुत सारे प्रश्न पूछा करते थे । कभी-कभी उसके शिक्षक भी उसके सवालों से चिढ़ जाते थे। आइंस्टीन मुख्य रूप से दो अजूबों से प्रभावित थे जिन्हें उन्होंने काफी कम उम्र में अनुभव किया था।

उनका प्राथमिक अनुभव एक  कंपास  के साथ था जब वह पांच साल का था। उसे धोखा दिया गया था कि ज्ञानी ताकत सुई से बच सकती है। यह ज्ञानी शक्तियों के साथ लंबे समय तक चलने वाले हित को बढ़ावा देगा  ।  दूसरा प्रभाव तब आया जब वह 12 वर्ष के थे। उन्होंने अपनी ज्यामिति पुस्तक में कुछ दिलचस्प पाया।

उन्हें बोलने में भी कठिनाई होती थी; हालाँकि, उन्हें शास्त्रीय संगीत और वायलिन बजाने का शौक था, जिसे वे अपने वरिष्ठ वर्षों में निभाएंगे। सबसे विशेष रूप से, आइंस्टीन के लड़कपन को गहन जिज्ञासा और पूछताछ द्वारा परिभाषित किया गया था।

अल्बर्ट आइंस्टीन की शिक्षा    (Albert Einstein Education) 

गणित और भौतिकी में उनके अध्भुत प्रदर्शन के कारण , उन्हें स्विस फेडरल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी में प्रवेश मिला और उन्होंने स्नातक की पढ़ाई पूरी की।

अल्बर्ट आइंस्टीन की जीवनी

उन्हें अभी भी अपनी पूर्व-विश्वविद्यालय शिक्षा को पहले पूरा करने की आवश्यकता थी, इसलिए वे स्विट्जरलैंड के आराउ में जोस्ट विंटेलर के हाई स्कूल गए। 

आइंस्टीन स्कूल मास्टर के परिवार के साथ रहते थे और वह स्कूल मास्टर की बेटी मैरीविंटलर से प्रभावित थे। सदी के अंत के साथ, आइंस्टीन ने अपनी जर्मन नागरिकता छोड़ दी और स्विस नागरिक बन गए।

अल्बर्ट आइंस्टीन का परिवार  (Albert Einstein Family )

अल्बर्ट आइंस्टीन की शादी ,पत्नी  (  (albert einstein marriage,wife ) –.

आइंस्टीन ने 6 जनवरी 1903 को मिलेवामैरिक से शादी की। मैरिक सर्बियाई भौतिकी का छात्र था। ज्यूरिख में स्कूल जाते समय आइंस्टीन और मैरिक की मुलाकात हुई थी।

आइंस्टीन मैरिक के और करीब हो गए, लेकिन उनके माता-पिता उनकी जातीयता के कारण रिश्ते के सख्त खिलाफ थे। इसके बावजूद, आइंस्टीन पागलों की तरह मैरिक के प्यार में पड़ गए। उसने उसे देखना जारी रखा और उसे पत्र लिखे।

आइंस्टीन और मैरिक ने तीन बच्चों को जन्म दिया था। उनकी एक बेटी लीसेरल और दो बेटे, हंस अल्बर्ट आइंस्टीन और एडुआर्ड आइंस्टीन थे।

आइंस्टीन और मैरिक की प्रेम कहानी और विवाह 1919 में तलाक के साथ समाप्त हो गया। उसके बाद विभाजन के परिणामस्वरूप मैरिक ने भावनात्मक टूटने का अनुभव किया था। अपनी दूसरी शादी के दौरान, जो 1936 में लोवेंथल की मृत्यु के साथ समाप्त हुई, उन्होंने अन्य महिलाओं से मिलना जारी रखा।

अल्बर्ट आइंस्टीन का कैरियर (Albert Einstein Career)

स्नातक की पढ़ाई पूरी करने के बाद उन्हें कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा। 1902 में किसी के रेफरेंस से आइंस्टीन को स्विस पेटेंट ऑफिस में क्लर्क की नौकरी मिल गई । वह पहली बार था; आइंस्टीन स्थिरता खोजने में सक्षम थे।

एक क्लर्क के रूप में अपनी नौकरी के साथ, आइंस्टीन को स्विस फेडरल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी में उन सभी अवधारणाओं का विस्तार और पॉलिश करने का उत्कृष्ट अवसर मिला, जिन्हें उन्होंने समझा था । उस समय, उन्होंने अपने सबसे लोकप्रिय प्रमेय, प्रिंसिपल ऑफ रिलेटिविटी पर काम किया।

1905 में, आइंस्टीन ने एनालेन डेर फिजिक में चार पत्र प्रकाशित किए। एनालेन डेर फिजिक उस समय की सबसे प्रसिद्ध भौतिकी पत्रिकाओं में से एक थी। फोटोइलेक्ट्रिक प्रभाव और ब्राउनियन गति उनमें से दो विषय थे ।

अन्य दो, जिन्होंने ई = एमसी² और सापेक्षता के विशेष सिद्धांत को रेखांकित किया, आइंस्टीन के करियर और विज्ञान के विकास में महत्वपूर्ण थे।

अल्बर्ट आइंस्टीन के अविष्कार (Albert Einstein Inventions in hindi)

एक भौतिक विज्ञानी के रूप में, आइंस्टीन ने कई खोजें कीं .

E=MC² –

उनके सापेक्षता के सिद्धांत और समीकरण E=MC² को सबसे अच्छी तरह से मान्यता प्राप्त है। बाद में आइंस्टीन के सिद्धांतों और आविष्कारों ने परमाणु शक्ति और परमाणु बम के निर्माण में मदद की। आइए जानते हैं उनकी खोजों के बारे में:

आइंस्टीन का समीकरण  –

समीकरण E=MC² का सुझाव आइंस्टीन ने 1905 में दिया था। इस समीकरण को आइंस्टीन के समीकरण के रूप में भी जाना जाता है। यह समीकरण पदार्थ-ऊर्जा संबंध का वर्णन करता है जहां E ऊर्जा को दर्शाता है, M शरीर के द्रव्यमान को दर्शाता है और C प्रकाश की गति (3X10? m/sec) है।

इस समीकरण का अर्थ है कि पदार्थ के छोटे-छोटे टुकड़े भारी मात्रा में ऊर्जा में परिवर्तित हो सकते हैं। संपूर्ण क्वांटम भौतिकी इसी एक सूत्र पर टिकी हुई है।

सापेक्षता का सिद्धांत  –

सापेक्षता सिद्धांत एक सिद्धांत है जो बताता है कि ब्रह्मांड कैसे काम करता है। अल्बर्ट आइंस्टीन की यह व्याख्या कि गुरुत्वाकर्षण अंतरिक्ष-समय के ताने- बाने को कैसे प्रभावित करता है, सामान्य सापेक्षता के रूप में जाना जाता है।

1915  में प्रकाशित इस परिकल्पना ने आइंस्टीन के विशेष सापेक्षता के सिद्धांत पर सुधार किया, जिसे उन्होंने दस साल पहले प्रकाशित किया था। विशेष सापेक्षता के सिद्धांत ने वर्णन किया कि समय और स्थान एक दूसरे से जुड़े हुए हैं और वे गुरुत्वाकर्षण और गुरुत्वाकर्षण बल से परे हैं।

फोटोइलेक्ट्रिक प्रभाव  –

हालाँकि, आइंस्टीन ने कई सिद्धांतों की खोज की है। फिर भी, 1921 में, उन्हें उनके फोटोइलेक्ट्रिक प्रभाव के लिए सर्वोच्च पुरस्कार, नोबल पुरस्कार से सम्मानित किया गया।

फोटोइलेक्ट्रिक प्रभाव में, उन्होंने समझाया कि प्रकाश की दोहरी प्रकृति है। प्रकाश एक तरंग की तरह कार्य करता है और कण भी। उनकी थ्योरी पर अभी भी काफी रिसर्च चल रही है।

आइंस्टीन का सिद्धांत और परमाणु बम  –

संयुक्त राज्य अमेरिका ने क्रमशः 6 और 9 अगस्त, 1945 को हिरोशिमा और नागासाकी (जापान के दो शहर) पर दो परमाणु बमों से हमला किया। दो हमलों में 129,000 से 226,000 लोगों की हत्या की गई, जिनमें से अधिकांश नागरिक थे।

आइंस्टीन ने परमाणु बम का आविष्कार नहीं किया है लेकिन  आइंस्टीन  के सिद्धांतों ने परमाणु बम बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। बाद में उन्हें इस बात का बहुत दुख हुआ कि उनके द्वारा बनाए गए सूत्र पूरी मानवता के लिए खतरा बन सकते हैं।

क्वांटम भौतिकी और समय यात्रा  –

आइंस्टीन को अपने एकीकृत क्षेत्र सिद्धांत में अत्यधिक रुचि थी, इसलिए उन्होंने द्वितीय विश्व युद्ध के बाद इस पर काम करना शुरू कर दिया है। उन्होंने सापेक्षता के सामान्य सिद्धांत की प्रमुख विशेषताओं और ब्रह्मांड के कुछ रहस्यमय पहलुओं जैसे ब्लैक होल, टाइम ट्रैवल और वर्महोल पर भी काम किया था।

जब वे ब्रह्मांड की उत्पत्ति के बारे में अधिक जानने के लिए मोहित हो गए, उस समय उनके अधिकांश सहयोगी क्वांटम सिद्धांत पर ध्यान केंद्रित कर रहे थे। सुर्खियों में रहने की उनकी कोई इच्छा नहीं थी। इसलिए उन्होंने अपने जीवन के अंतिम दस वर्षों में खुद को समूह से अलग कर लिया और प्रिंसटन में रहना पसंद किया।

जब एक तारे से प्रकाश एक ब्लैक होल के करीब यात्रा करता है, तो यह गुरुत्वाकर्षण बल के कारण लंबी तरंग दैर्ध्य तक फैला होगा, जैसा कि आइंस्टीन के सापेक्षता के सामान्य सिद्धांत के अनुसार, जो  2018 में वैज्ञानिकों की एक टीम द्वारा सिद्ध किया गया था।

अल्बर्ट आइंस्टीन का नोबल पुरस्कार  –

1921 वह वर्ष था जब दुनिया जिज्ञासु होने की शक्ति और चमत्कार को देखने वाली थी। 1921 में, आइंस्टीन को सर्वोच्च पुरस्कार, भौतिकी में नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया था । 

फोटोइलेक्ट्रिक प्रभाव की व्याख्या के लिए उन्हें नोबल पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। उनका मानना ​​​​था कि उनका मस्तिष्क उनकी प्रयोगशाला है और उनका फाउंटेन पेन उनका उपकरण है।

अल्बर्ट आइंस्टीन के अन्य पुरस्कार (Albert Einstein Awards) –

अल्बर्ट आइंस्टीन को निम्न पुरस्कारों से नवाज़ा गया.

  • भौतिकी का नॉबल पुरस्कार सन 1921 में दिया गया.
  • मत्तयूक्की मैडल सन 1921 में दिया गया.
  • कोपले मैडल सन 1925 में दिया गया.
  • मैक्स प्लांक मैडल सन 1929 में दिया गया.
  • शताब्दी के टाइम पर्सन का पुरस्कार सन 1999 में दिया गया.

अल्बर्ट आइंस्टीन की मृत्यु और विरासत    (Albert Einstein Death) –

आइंस्टीन का 18 अप्रैल, 1955 को प्रिंसटन के यूनिवर्सिटी मेडिकल सेंटर में निधन हो गया। जब उनकी मृत्यु हुई, तब वे 76 वर्ष के थे। आइंस्टीन को पेट की महाधमनी धमनीविस्फार का सामना करना पड़ा था। धूम्रपान करने वालों और वृद्ध पुरुषों में भी यह रोग सबसे आम है ।

जब उन्हें इलाज के लिए अस्पताल ले जाया गया, लेकिन उन्होंने सर्जरी से इनकार कर दिया। आइंस्टीन ने कहा कि उन्होंने अपना जीवन पूरी तरह से जिया है और अपने भाग्य से खुश हैं। आइंस्टीन ने अस्पताल में इलाज से इनकार किया।

आइंस्टीन ने अपने जीवन के अंतिम क्षणों के दौरान कहा था,  “कृत्रिम रूप से जीवन को लम्बा करना बेस्वाद है। मैंने अपना हिस्सा किया है, यह जाने का समय है। मैं इसे शान से करूंगा।”

एक प्रतिभाशाली और रहस्यमय मस्तिष्क  –

जब आइंस्टीन की मृत्यु हो गई, तो डॉक्टर थॉमस स्टोल्ट्ज़ हार्वे ने अपने परिवार की अनुमति के बिना अपना दिमाग वापस ले लिया।

बाद में इसके लिए डॉक्टर को नौकरी से निकाल दिया गया। उसने कबूल किया और कहा कि वह आइंस्टीन के दिमाग पर शोध करना चाहता है और जानना चाहता है कि उसका दिमाग असाधारण क्यों सोच सकता है।

प्रिंसटन यूनिवर्सिटी मेडिकल सेंटर में आज भी आइंस्टीन के दिमाग को सुरक्षित रखा गया है । और उनके शरीर के बाकी हिस्सों का उनकी इच्छा के अनुसार अंतिम संस्कार किया गया।

1999 में, कनाडा के वैज्ञानिक थे जो आइंस्टीन के मस्तिष्क पर शोध कर रहे थे, उन्होंने पाया कि उनके मस्तिष्क का कुछ हिस्सा औसत बुद्धि की तुलना में 15% चौड़ा था। 

शोधकर्ताओं ने यह भी पाया कि उनके मस्तिष्क में अन्य कोशिकाओं की तुलना में अधिक कोशिकाएं थीं। शोधकर्ताओं का मानना ​​​​है कि इससे यह समझाने में मदद मिल सकती है कि आइंस्टीन इतने बुद्धिमान क्यों थे।

अल्बर्ट आइंस्टीन के बारे में 10 अनसुने तथ्य   (10 interesting facts about Albert Einstein ) –

आइंस्टीन का जीवन हमारे लिए एक प्रेरणा है। वह भगवान, भाग्य और सभी में विश्वास नहीं करता था, वह केवल यह मानता है कि मनुष्य जो कुछ भी चाहता है उसे केवल कड़ी मेहनत करके ही प्राप्त कर सकता है। यहां उनके जीवन के बारे में 10 अनसुने तथ्य हैं:

  • आइंस्टीन का जन्मदिन जो 14 मार्च को होता है, उसे जीनियस डे के रूप में पहचानें या मनाएं ।
  • आइंस्टीन ने अपनी अंतिम सांस लेते हुए कुछ शब्द कहे जो जर्मन भाषा में थे, दुर्भाग्य से जो व्यक्ति उस समय उनके साथ था वह जर्मन भाषा नहीं जानता था। तो उसके आखिरी शब्द हमेशा के लिए रहस्य बन गए थे।
  • हालांकि आइंस्टीन एक प्रतिभाशाली थे, फिर भी उनकी याददाश्त कमजोर थी, वे अक्सर नाम, तारीख और फोन नंबर भूल जाते थे।
  • सभी जानते हैं कि महान आइंस्टीन को उनके विशेष और सामान्य सापेक्षता सिद्धांत के लिए दुनिया भर में जाना जाता है। लेकिन 1921 में, उन्होंने सापेक्षता के सिद्धांत के लिए नहीं बल्कि फोटोइलेक्ट्रिक प्रभाव के लिए नोबल पुरस्कार जीता।
  • उन्हें स्कूलों में गूंगा बच्चा माना जाता था, लेकिन वह गूंगा बच्चा भविष्य में एक प्रतिभाशाली व्यक्ति बन गया।
  • जब वह पैदा हुआ तो उसका सिर अन्य सामान्य बच्चों से बड़ा था तो डॉक्टरों ने उसे मानसिक रूप से विकलांग घोषित कर दिया।
  • 1999 में, सबसे लोकप्रिय टाइम्स पत्रिका ने अल्बर्ट आइंस्टीन को 20  वीं सदी के  व्यक्ति के  रूप में घोषित किया ।
  • 1952 में, आइंस्टीन को इज़राइल के राष्ट्रपति बनने का प्रस्ताव मिला, लेकिन उन्होंने इनकार कर दिया और कहा कि उन्हें राजनीति में कोई दिलचस्पी नहीं है ।
  • आइंस्टीन ने ऑटोग्राफ देने के लिए फाइवडॉलर और भाषण देने के लिए एक हजार डॉलर अपनी फीस के रूप में लिए। और बाद में उन्होंने सारा पैसा चैरिटी में दे दिया
  • नाजी गतिविधियों के कारण उन्हें जर्मनी छोड़ना पड़ा। इसलिए उन्हें अमेरिका ले जाया गया। अमेरिका के कई विश्वविद्यालयों ने उन्हें प्रोफेसर के रूप में शामिल होने की पेशकश की। लेकिन शांतिपूर्ण माहौल के चलते उन्होंने प्रिंसटन यूनिवर्सिटी को चुना.
  • गैलीलियो गैलीली आइंस्टीन के आदर्श थे। वह एक इतालवी वैज्ञानिक और खगोलशास्त्री थे।

यह भी जानें  :-

  • नंबी नारायणन का जीवन परिचय
  • विक्रम साराभाई का जीवन परिचय

अंतिम कुछ शब्द –

दोस्तों मै आशा करता हूँ आपको “ अल्बर्ट आइंस्टीन का जीवन परिचय | Albert Einstein Biography In Hindi”  वाला Blog पसंद आया होगा अगर आपको मेरा ये Blog पसंद आया हो तो अपने दोस्तों और अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर शेयर करे लोगो को भी इसकी जानकारी दे

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Albart Einstein Biography in Hindi – अल्बर्ट आइंस्टीन का जीवन परिचय

अल्बर्ट आइंस्टीन, दुनिया के महान वैज्ञानिक, जिन्होंने बिज्ञान को नयी ऊंचाइयों पर पहुंचाया इन्होंने लोगों में बिज्ञान के प्रति रूचि पैदा की, इनके अविष्कारों को आज भी दुनिया याद करती है। आइंस्टीन ने थ्योरी ऑफ़ रिलेटिविटी का सिद्धांत दिया था। साइंस सेक्टर में अभूतपूर्व योग्यदान के लिए उन्हें 1921 में फिजिक्स का नोबेल पुरस्कार दिया गया था, इस पोस्ट में आप Albart Einstein Biography in Hindi से जुडी जानकारी प्राप्त करेंगे।

Albart Einstein Biography in Hindi – जीवन परिचय

Albart Einstein Biography in Hindi

अल्बर्ट आइंस्टीन का जन्म (Albert Einstein Birthday) 14 March 1879 को जर्मनी के उल्मा में हुआ था, इनका पूरा नाम अल्बर्ट हेमर्न आइन्स्टीन था। बताया जाता है की जब इनका जन्म हुआ था तब इनके सिर का आकार कुछ अजीब सा था, मगर समय के साथ वो ठीक हो गया। इनके बारे में कहां जाता है की ये बचपन में दूसरे बच्चों की अपेक्षा थोड़ा टाइम बाद बोल पाए थे, बताया जाता है की 4 वर्ष के हो जाने के बाद ही ये बोल पाए थे। आइंस्टीन क्लासिकल म्यूजिक के बहुत बड़े फेन थे, उन्होंने एक बार कहा था की अगर मैं बैज्ञानिक नहीं होता तो एक अच्छा म्यूजिशियन जरूर होता।

अल्बर्ट आइंस्टीन का परिवार – (Albert Einstein Family)

अल्बर्ट का जन्म एक मध्यम वर्गीय यहूदी परिवार में हुआ था, इनके पिता का नाम हेमर्न आइन्स्टीन और माँ का नाम पौलिन कोच था। बताया जाता है की इनके पिताजी सैल्मन और इंजीनियर थे जिन्होंने अपने भाई के साथ मिलकर इलेक्ट्रिक उपकरण बनाने की कंपनी खोली थी। उनकी माताजी एक गृहणी थी, इनके बहन का नाम माजा था जो अल्बर्ट आइंस्टीन से 2 वर्ष छोटी थी।

वैवाहिक जीवन (Albert Einstein Marriage Life)

बताया जाता है की अल्बर्ट आइंस्टीन ने 2 शादी की थी, उनकी पहली शादी वर्ष 1903 में मिलेना मरिक से हुई थी, जिससे वो अपने स्कूल के दिनों में मिले थे, वर्ष 1902 में पिता की मृत्यु के बाद ही अल्बर्ट ने मिलेना मरिक से शादी की थी। उसके बाद इस शादी से अल्बर्ट को एक बेटी और दो बेटे पैदा हुए, उसके बाद वर्ष 1919 में इनका तलाक हो गया, इसके बाद अल्बर्ट आइंस्टीन ने अपनी कजिन से शादी कर ली।

Albert Einstein Inventions and Discoveries in Hindi – अल्बर्ट आइंस्टीन के आविष्कार

बताया जाता है की अल्बर्ट ने अपने जीवन में कई अविष्कार किये, लेकिन थॉयरी ऑफ़ रिलेटिविटी (सापेक्षता का सिद्धांत) के कारण उन्हें बहुत याद किया जाता है। यही वो सिद्धांत था जिसके वजह से परमाणु ऊर्जा और परमाणु बॉम्ब दुनिया के आधार में आया।

Albart Einstein Biography in Hindi  – थॉयरी ऑफ़ रिलेटिविटी

अल्बर्ट ने वर्ष 1905 में स्पेशल थॉयरी ऑफ़ रिलेटिविटी का सिद्धांत दुनिया को दिया, उसके बाद वो वर्ष 1915 में जनरल थ्योरी ऑफ़ रिलेटिविटी का सिद्धांत दिया, इस थ्योरी की मदद से उन्होंने ग्रहों की सूर्य की परिक्रमा की कक्षाओं की सही भविष्यवाणी की थी, गुरत्वाकर्षण बल कैसे काम करता इसमें इन्होंने अच्छे से बताया है। इसके बाद दो ब्रिटिश वैज्ञानिकों (British Scientist) सर फ्रैंक डयसन और सर आर्थर एड्डिंगटन ने 1919 में सूर्य ग्रहण के दौरान इनकी पुष्टि की थी।

E=MC2 सिद्धांत

वर्ष 1905 में अपने एक रिसर्च में अल्बर्ट ने E=MC2 का सिद्धांत बताया था, जो आगे चलकर दुनिया का सबसे प्रसिद्ध फार्मूला बन गया इस फार्मूला में E एनर्जी है जो कि वस्तु के मास (m) और स्पीड ऑफ़ लाइट (C) की पावर 2 के बराबर माना गया।

Albert Einstein Facts in Hindi – रोचक तथ्य

  • बताया जाता है की अल्बर्ट आइंस्टीन बहुत कम उम्र (महज 16 वर्ष) की आयु में अपना पहला रिसर्च पेपर पब्लिश किये थे, जिसका शीर्षक ” द इन्वेस्टीगेशन ऑफ़ द स्टेट ऑफ़ ऐथेर इन मेग्नेटिक फ़ील्ड्स ” था।
  • जब अल्बर्ट अपने स्कूल (स्विस फ़ेडरल पॉलिटेक्निक स्कूल) में एडमिशन के लिए टेस्ट देने गए थे तब उनका प्रदर्शन मैथ और फिजिक्स को छोड़कर बाकी सब्जेक्ट्स में बहुत बुरा था।
  • बताया गया है की अल्बर्ट के दिमाग में पैरिटल लोब का आकार सामान्य ब्रेन के मुकाबले 15 % बड़ा था।
  • जन्म से ही अल्बर्ट आइंस्टीन अनलिटिकल और क्यूरियस माइंड वाले थे लेकिन उनकी मेमोरी बहुत वीक थी वो डेट और फ़ोन नंबर याद नहीं कर पाते थे।
  • आइंस्टीन को मोजा पहनना बिलकुल भी पसंद नहीं था।
  • यह एक यहूदी समाज से सम्बन्ध रखते थे और इजरायल में रहते थे, जो की एक यहूदी देश है बताया ज्यादा है की इनको वर्ष 1952 में इज़रायल का राष्ट्रपति बनने का अवसर दिया गया था लेकिन आइंस्टीन ने उसे ठुकरा दिया था।
  • इन्होंने अलकोहल गैस से चलने वाले रेफ्रिजरेटर का अविष्कार भी किया था, मगर नयी टेक्नोलॉजी आने के कारण इसपर आगे कभी काम नहीं हो पाया।
  • आइंस्टीन की मृत्यु के बाद जिस डॉक्टर ने उनके शव का परीक्षण किया उसने उनके दिमाग को निकाल कर एक जार में रख लिया था, जिसके लिए उसको नौकरी से निकाल दिया गया था फिर भी उसके वो जार नहीं लौटाया, बाद में कुछ दिन बाद उसके वह जार स्वतः लौटा दिया।
  • अल्बर्ट को जिस e=mc2 फार्मूला से पहचान मिली वो फार्मूला सबसे पहले फ्रेड्रिच के द्वारा इस्तेमाल किया था।
  • जब हिटलर जर्मनी का वाईस चांसलर बना, उसके ठीक एक महीने बाद आइंस्टीन ने जर्मनी छोड़ दिया और स्थाई रूप से अमेरिका में जाकर बस गए, उसके बाद वो कभी भी जर्मनी नहीं आये। कहा जाता है की अमेरिका में बहार से आये दिमाग ने ऐसी तरक्की की, जिसकी वजह से आज अमेरिका नंबर वन बना है अमेरिकी लोग ऐसे लोगों की कदर भी बहुत करते है।
  • प्राइज फोटोइलेक्ट्रिक इफ़ेक्ट के लिए आइंस्टीन को नॉवल पुरस्कार दिया गया था, जबकि बहुत लोग यह मानते है की इनको यह पुरस्कार “अवार्ड थ्योरी ऑफ़ रिलेटिविटी” के लिए मिला था।

Albert Einstein दुनिया के महान बैज्ञानिक थे, आज भी लोग उनको याद करते है, जब तक यह दुनिया रहेगी लोग उनको याद करते रहेंगे।

Albart Einstein Biography in Hindi, से जुडी जानकारी आपको कैसी लगी ?

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भौतिकी महान वैज्ञानिक में से एक अल्बर्ट आइंस्टीन की जीवनी परिचय | Albert einstein biography in hindi

सदी के सबसे बड़े वैज्ञानिक अल्बर्ट आइंस्टीन की जीवनी परिचय, albert einstein biography in hindi,albert einstein life story in hindi, albert einstein jivan, albert einstein scientist, albert einstein quotes in hindi, albert einstein wikipedia 

सदी के सबसे बड़े वैज्ञानिक जिनका नाम जीनियस शब्द का पर्यायवाची माना जाता है, जिन्होने अपनी खोज से पूरी दुनिया को ही बदल कर रख दी। और आज के समय में जितने भी आधुनिक टेक्निकल उपकरण है, जो इन्ही के बनाए फॉर्मूले पर चल रही है।

जिन्होंने भौतिक शास्त्र की दुनिया ही बदल कर रख दी। और जब उनका मृत्यु हुए था तब दकत्रो ने उनके दिमाग पर रिसर्च किया था की ऐसा किया है इनके दिमाग में जो ये इतने बड़े जीनियस थे। तो आइए हम जानते है उसी महान जीनीयस Albert instian biography in hindi के बारे में। 

Albert einstein biography in hindi

अल्बर्ट आइंस्टीन की जीवनी परिचय,albert einstein biography in hindi

अल्बर्ट आइंस्टीन संक्षिप्त परिचय, अल्बर्ट आइंस्टीन का जन्म और परिवार ( albert einstein birthday and female).

अल्बर्ट  आइंस्टीन जन्म 14 मार्च 1879 को विश्व युद्ध के समय जर्मनी के एक छोटे से शहर अलम में एक अहुदी परिवार में हुआ था। उस समय जर्मनी में हिटलर का राज चलता था। उनके पिताजी का नाम हरमन आइंस्टीन जो एक इंजिनियर और सेल्स मैन थे। उनकी मां का नाम पॉलिन कोच आइंस्टीन था।

बचपन में उनका सर नॉर्मल बच्चो से बड़ा था, पर धीरे धीरे उनका सर नॉर्मल साईज में आ गया। और 4 साल की उम्र तक यह नहीं बोलते थे। इस कारण से इनके माता-पिता को टेंशन होने लगा था कि क्या मेरा बेटा गूंगा तो नहीं है। कहा जाता है कि आइंस्टीन ने पहली बार the soup is too hot बोले थे।

अल्बर्ट आइंस्टीन की बचपना ( albert einstein childhood)

7 साल की उम्र तक इन्हें भाषा पाकर में नहीं आती थी। इसीलिए वे सेंटेंस को अपने माइंड में बार-बार दोहराते रहते थे। बचपन में वे अपने पिता के बहुत करीब था। अपने पिता से हमेशा अटपटी सवाल पूछा करते थे। एक बार अल्बर्ट के पिता जी ने उनके जन्म दिन पर एक कंपास गिफ्ट किया था।

उन्होंने पिता जी से पूछा पिता जी ये कंपास की सुई हमेशा हिलती किया रहती   उनके पिता जी ने उन्हे समझाए और तब से आइंस्टीन को भौतिक शास्त्र में रुचि बढ़ने लगा। अल्बर्ट आइंस्टीन के जन्म के एक साल बाद इनका परिवार मंच शहर जाकर रहने लगे।

वहा उनके पिताजी और चाचा जाकोब आइंस्टीन ने मिलकर एक कंपनी शुरू की जिसका नाम Elctrotechnische Fabrik J. Einstein & cie था। और उस समय थॉमस अल्वा एडिसन का दबदबा मार्केट में था, कियोकि उस समय एडिशन ने बल्ब का आविष्कार किया।

1894 में इनकी पिता जी की कंपनी बहुत घाटे में चली गई और कंपनी को बेचना पड़ा। अल्बर्ट के पिताजी एक अच्छे व्यापार की तलाश में जर्मनी से इटली के मिलन शहर या गए। और मिलन में कुछ दिन तक रहे, और बाद में पविया नाम की शहर में जाकर रहने लगे।

अल्बर्ट आइंस्टीन की शिक्षा ( albert einstein qualification)

अल्बर्ट आइंस्टीन पढ़ने में काफी तेज या कोई टॉपर नही थे। बचपन में तो प्रिंसीपल ने मां को एक चिट्ठी भेजी जिसमे लिखा था। आपका बेटा मंदबुद्धि है, और पढ़ नही सकता। और स्कूल से निकल दिया। तब आइंस्टीन ने पूछा मां मुझे क्यों निकल दिया। मां ने आइंस्टीन को उस चिट्ठी के विपरित बताया की बेटा प्रिसिपल ने कहा की आपका बेटा बहुत जीनियस है , मैं इसे पढ़ा नहीं सकता।

उन्होंने अपनी प्रारंभ शिक्षा 5 साल की उम्र से कैथोलिक एलिमेंट्री स्कूल मुनिच से की और 3 साल बाद प्राइमरी और स्केंड्री स्कूल की पढ़ाई लाउटपोल्ड जिम्नेशियम स्कूल से पूरी जिसका नाम बाल कर वर्तमान में अलबर्ट आइंस्टीन स्कूल रखा है।

अल्बर्ट 12 साल की उम्र में पाइथागोरस थ्योरम का एक अलग ही नियम बना दी और 14 साल के उम्र में ही कैलकुलस, डिफरेंटशिएशन और इंटीग्रेशन जैसे कठिन गणित के विषयो में महारत हासिल कर लिए थे। लेकिन गणित और भौतिकी शास्त्र को छोड़कर और सभी विषयों को पढ़ने में जरा भी इंटरेस्ट नहीं था।

उनका कहना था कि इतिहास विषयों मैं जो डेट होता है उसे हम क्यों पढ़ें या याद रखें, इसका क्या फायदा है। 1894 को अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद अपने परिवार के यहां इटली पहुंच गए। 1895 में उन्होंने स्विस फेडरल पॉलिटेक्निक इन जुरीच का इंट्रेस एग्जाम दिए और उसमें भौतिक शास्त्र और गणित को छोड़कर सभी विषयों में हो गए।

उस स्कूल के प्रिंकपेल ने साल दिया की फिर एग्जाम देना तब तक तुम कही और जाकर पढ़ाई करो। उसके बाद उन्होंने अपने फैमली प्रोफेसर जोस्ट विंटलर के घर रहने लगे और वहा   एरोगोवियन सेंट्रल स्कूल इन आर्य   सुजरलैंड में नामांकन करवाए। और वही प्रोफेसर की बेटी से प्यार गया।

1896 मैं उन्होंने फिर से दोबारा एंट्रेंस एग्जाम दिए और फाइनली जुरिच पॉलिटेक्निक में स्लेक्सेशन हो गया। जब यह पहले दिन क्लास गए तो टीचर ने एक साल पूछा पर भी उसका जवाब नहीं दे पाए। तब उसी क्लास की एक लड़की मालवा मेरिक ने जवाब दिया। मालवा मेरिक भी भौतिक शास्त्र की बहुत अच्छी स्टूडेंट थी जो आगे जाकर उनकी पत्नी बनी।

अल्बर्ट आइंस्टीन का विवाह, Albert Einstein marriage

अल्बर्ट आइंस्टीन और मालवा मेरिक की शादी 1903 में हुआ था। जब रिसर्च पेपर बनाया करते थे तो उसमें मालवा मेरिक भी मदद क्या करती थी। वह चाहती थी की यह शोध पेपर जब पब्लिश हो तो उसने मेरा भी नाम हो। लेकिन जब यह पेपर पब्लिश हुआ तो उसमें मालवा मेरिक नाम नहीं था।

और इस वजह से मेरिक डिप्रेशन में चली गई, और दोनों के बीच विवाद बढ़ गया, और दोनों के बीच तलाक हो गया। तलाक से पहले उन्हें दो बेटा था। बड़ा का नाम हंस आइंस्टीन जिनका जन्म मई 1940 में हुआ था। और छोटा बेटा एडवर्ड आइंस्टीन जिनका जन्म जुलाई 1910 को हुआ था।

तलाक के कुछ समय बाद से अल्बर्ट आइंस्टीन अपनी कजन ऐसा लोंथल के बीच उनकी नजदीकियां बढ़ने लगा था। और कुछ समय बाद 1919 में उन्होंने ऐसा से शादी कर लिए। 1936 में किसी कारण बस ऐसा की मृत्यु हो गई।  

अल्बर्ट आइंस्टाइन की प्रारंभिक कैरियर,Albert Einstein career

1900 में ग्रेजुएशन फाइनल करने के बाद उन्हें कोई काम नहीं मिल रहा था। तो उन्होंने एक क्लर्क की नौकरी की। उसके बाद उन्होंने को पढ़ाना शुरू किए , पढ़े ही सफल नहीं हो पाया। उसके बाद फिर उन्होंने एयरटेल ऑफिस में एक क्लर्क का काम करने लगे जहां उन्हें रिसर्च के लिए काफी समय मिल जाता था।

2 अप्रैल 1921 को अमेरिका के न्यूयॉर्क शहर पहुंचे जहां उन्हें कोलंबिया यूनिवर्सिटी में लेक्चर देने के लिए बुलाया गया था। 1992 में उन्हें law of theoretical physics and electro effect के लिए नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया था। नोबेल पुरस्कार के सभी प्राइज मनी उन्होंने अपनी पहली पत्नी मालवा मेरिक को दे दिया। ताकि वे अपने बच्चों का परवरिश ठीक तरह से कर सकें।

1930 में अल्बर्ट आइंस्टीन ने दूसरी बार अमेरिका गए इस बार वे California institute of technology mein एक रिसर्च अट बनकर काम करने गए थे। 1933 को जर्मनी में हटकर कादर दवा काफी बढ़ गया था। जर्मनी के घर में हिटलर ने कई बार रेट डाला पर आइंस्टाइन नहीं मिले तो हिटलर ने उनके फोटो को लगा कर जगह जगह पर तलाश करने लगा और उस पर $5000 का इनाम दे रखा था और लिखा था एक ऐसा शख्स है जिसे अभी तक फांसी नहीं दिया गया।

उस समय जर्मनी ने आहुति जाति के लिए एक लॉ जारी किया था जिसमें यहूदी कहीं भी गवर्नमेंट जॉब नहीं कर सकते थे ना ही कोई यूनिवर्सिटी में काम कर सकता था। उसके बाद उन्होंने 1935 में जर्मनी छोड़ दिया और अमेरिका चली आए। और 7 साल बाद उन्हें अमेरिका की नागरिकता मिल गई है। अमेरिका के FBI ने जर्मनी का सीक्रेट एजेंट समझकर बहुत दिनों तक परेशान किया। फिर बाद में सब ठीक हो गया।

अल्बर्ट आइंस्टीन का रिसर्च ( Albert Einstein research)

अल्बर्ट आइंस्टीन ने अपने जीवन काल में 300 से भी अधिक वैज्ञानिक शोध पत्र प्रकाशित किए हैं। कुछ रिसर्च में आइंस्टीन की पहली पत्नी मालवा मेरिक ने मदद किया था।

Albert einstein e=mc2

उन्होंने अपने जीवन में कई सारे खोज किए ही पर विश्व विख्यात प्रसिद्ध वैज्ञानिक होने का वजह E=MC²   रहा था। इस इक्वेशन का खोज उन्होंने 1945 में किया था। E=MC² में परमाणु द्रव्यमान और ऊर्जा का यह समीकरण है जिससे आज परमाणु ऊर्जा और क्लियर ऊर्जा जैसे खतरनाक मिसाइल बनाने में इस फार्मूले का यूज़ होता है।

अल्बर्ट आइंस्टीन के द्वारा प्रकाशित की गई क्वांटम थ्योरी ऊर्जा का एक छोटा सा प्रारूप है चीन की रचना को फोटो कहा जाता है। जिस माध्यम से धातु से इलेक्ट्रॉन का उत्सर्जन को समझा जाता है। उसके बाद उन्होंने फोटोइलेक्ट्रिक इफेक्ट खिचड़ी प्रकाशित किया। जिसके माध्यम से टेलीविजन का आविष्कार किया गया, आज के युग में कई सारे इलेक्ट्रॉनिक उपकरण है जो फोटो इलेक्ट्रॉन इफेक्ट की थड़ी पर आधारित है।

उसके बाद उन्होंने ब्रोवनियन मूवमेंट थ्योरी को प्रकाशित किया। इस खोज को सबसे बड़ी और सबसे अच्छी खोज भी कहा जाता है जिसमें उन्होंने परमाणु के निलंबन जिगजैक मोमेंट की गणना की है। जोकि परमाणुओं के अस्तित्व को प्रमाणित करता हमें

उसके बाद उन्होंने अगली खोज स्पेशल थ्योरी ऑफ रियलिटी   को प्रकाशित किया जैसे गति और प्रकाश के बारे में समझा जा सकता है। आइंस्टीन की जनरल थ्योरी ऑफ रिलेटिविटी इसमें उन्होंने स्पेस में गुरुत्वाकर्षण और द्रव्यमान को बताता है। 1939 में आई स्टैंड ने एटॉमिक बॉम्ब की संरचना में भी उनका बहुत महत्वपूर्ण योगदान रहा।

आइंस्टीन ने एक रेफ्रिजरेटर का आविष्कार किया था जिसे इन का सबसे छोटा आविष्कार भी माना जाता है इसमें उन्होंने अमोनियम पानी और ब्रिटेन और ज्यादा से ज्यादा ऊर्जा का उत्पन्न कर सके इसलिए उन्होंने बनाया। इसी तरह से उन्होंने कई सारे सवाल पात्र और अविष्कार किए जिस का यूज़ आधुनिक टेक्नोलॉजी उपकरण बनाने में किया जाता है।

अल्बर्ट आइंस्टाइन की रोचक बातें ( albert einstein facts)

अल्बर्ट आइंस्टीन अपने प्रोजेक्ट का हल प्रयोगशाला में करने से पहले वह अपने दिमाग में ही सब कुछ कर लिया करते थे।

अल्बर्ट आइंस्टाइन बचपन से कोई टॉपर स्टूडेंट नहीं रहे वह एक मिडिल व के स्टूडेंट रहे उन्हें बचपन से पढ़ने और बोलने में मैं बहुत कमजोर थे।

अल्बर्ट आइंस्टीन की मृत्यु के बाद एक साइंटिस्ट ने उनके दिमाग को चोरी कर लिया था रिसर्च किया और फिर 20 साल तक एक जार बंद करके रखा था।

अल्बर्ट आइंस्टीन को नोबेल पुरस्कार मिला उन्होंने नोबेल पुरस्कार की प्राइस अपनी पहली पत्नी मालवा मैरिको दे दिया ताकि वे अपनी बेटे की परवरिश अच्छी तरह से कर सकें।

अल्बर्ट आइंस्टाइन को राष्ट्रपति बनने का भी मौका मिला था पर उन्होंने इस ऑफर को ठुकरा दिए।

अल्बर्ट आइंस्टीन यूनिवर्स केंट एस एग्जाम में गणित और भौतिक शास्त्र को छोड़कर सभी विषयों में फेल हो गए थे।

अल्बर्ट आइंस्टीन का दांत बहुत कमजोर था वह किसी व्यक्ति के नाम और नंबर आज नहीं रख पाते थे।

अल्बर्ट आइंस्टीन की आंखों को सुरक्षित तरह से एक म्यूजियम में रखा गया है।

अल्बर्ट आइंस्टीन कहा करते थे कि अभ्यास ही सफलता का मूल मंत्र है।  

अल्बर्ट आइंस्टीन का पुरस्कार और सम्मान ( Albert Einstein Awards and Honors)

  • 1921 में भौतिक शास्त्र के लिए नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया था
  • 1921 में मत्तयुक्की   मेडल से सम्मानित किया गया था।
  • 1925 में को कोपले मेडल से सम्मानित किया गया था।
  • 1929 में मैक्स प्लांक मेडल से सम्मानित किया गया था।
  • 1999 में शताब्दी टाइम पर्सन पुरस्कार से सम्मानित किया गया

अल्बर्ट आइंस्टाइन की मृत्यु,albert einstein death

जर्मनी में उस समय हिटलर का काफी दबाव बढ़ गया था और अल्बर्ट आइंस्टाइन यहूदी होने के कारण उन्हें जर्मनी छोड़कर अमेरिका के कैलिफोर्निया शहर में आकर रहना पड़ा था। और वहां कोलंबिया यूनिवर्सिटी में एक रिसर्च प्रोफेसर के रूप में काम कर रहे थे और वही 18 अप्रैल 1955 में उनकी मृत्यु हो गई

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अल्बर्ट आइंस्टीन का जीवन परिचय व इतिहास | Albert Einstein Biography History Quotes In Hindi

अल्बर्ट आइंस्टीन का जीवन परिचय व इतिहास | Albert Einstein Biography History  Quotes In Hindi

अल्बर्ट आइंस्टीन विश्व के जाने माने वैज्ञानिक और थ्योरिटीकल भौतिकशास्त्री है. इन्होंने साधारण रिलेटिविटी की थ्योरी को विकसित किया. विज्ञान के दर्शन शास्त्र को प्रभावित करने के लिए भी इनका नाम प्रसिद्ध है. अल्बर्ट आइंस्टीन का विश्व में सबसे ज्यादा नाम द्रव्यमान – ऊर्जा के समीकरण सूत्र E=MC square के लिए है, यह विश्व का बहुत ही प्रसिद्ध समीकरण है. अल्बर्ट आइंस्टीन ने अपने जीवन में बहुत से अविष्कार किये, कुछ अविष्कारों के लिए आइंस्टीन का नाम इतिहास के पन्नों में दर्ज हो गया. वे एक सफल और बहुत ही बुद्धिमानी वैज्ञानिक थे. आधुनिक समय में भौतिकी को सरल बनाने में इनका बहुत बड़ा योगदान रहा है. सन 1921 में अल्बर्ट आइंस्टीन को उनके अविष्कारों के लिए नोबल पुरस्कार से नवाजा गया. अल्बर्ट आइंस्टीन ने कड़ी मेहनत कर यह मुकाम हासिल किया. इनको गणित में भी बहुत रूचि थी. इन्होंने भौतिकी को सरल तरीके से समझाने के लिए बहुत से अविष्कार किये जोकि लोगों के लिए प्रेरणादायक है.

Table of Contents

अल्बर्ट आइंस्टीन का जीवन परिचय  व इतिहास  ( Albert Einstein Biography History In Hindi )

अल्बर्ट आइंस्टीन का जन्म, परिवार, पुरस्कार और मृत्यु नीचे दी हुई सूची में दर्शाई गई है-

अल्बर्ट आइंस्टीन का सम्पूर्ण जीवन परिचय निन्म बिंदुओं पर आधारित है-

  • अल्बर्ट आइंस्टीन का जन्म और शिक्षा
  • अल्बर्ट आइंस्टीन का कैरियर
  • अल्बर्ट आइंस्टीन के अविष्कार
  • अल्बर्ट आइंस्टीन के रोचक तथ्य
  • अल्बर्ट आइंस्टीन के सुविचार
  • अल्बर्ट आइंस्टीन को पुरस्कार
  • अल्बर्ट आइंस्टीन की मृत्यु

अल्बर्ट आइंस्टीन का जन्म और शिक्षा (Albert Einstein education) –

अल्बर्ट आइंस्टीन का जन्म 14 मार्च सन 1879 को जर्मनी के उल्म शहर में हुआ. किन्तु जर्मनी के म्युनिच शहर में वे बड़े हुए और इनकी शिक्षा का आरम्भ भी यही से हुआ. वे बचपन में पढ़ाई में बहुत ही कमजोर थे और उनके कुछ अध्यापकों ने उन्हें मानसिक रूप से विकलांग कहना शुरू कर दिया. 9 साल की उम्र तक वे बोलना नही जानते थे. वे प्रक्रति के नियमों, आश्चर्य की वेदना का अनुभव, कंपास की सुई की दिशा आदि में मंत्रमुग्ध रहते थे. उन्होंने 6 साल की उम्र में सारंगी बजाना शुरू किया और अपनी पूरी जिन्दगी में इसे बजाना जारी रखा. 12 साल की उम्र में इन्होंने ज्यामिति की खोज की एवं उसका सजग और कुछ प्रमाण भी निकाला. 16 साल की उम्र में, वे गणित के कठिन से कठिन हल को बड़ी आसानी से कर लेते थे.

Albert Einstein

अल्बर्ट आइंस्टीन की सेकेंडरी पढ़ाई 16 साल की उम्र तक ख़त्म हो चुकी थी. उनको स्कूल पसंद नही था, और वे बिना किसी को परेशान किये, विश्वविद्यालय में जाने के अवसर को ढूंढने की योजना बनाने लगे. उनके अध्यापक ने उन्हें वहाँ से हटा दिया, क्युकि उनका बर्ताव अच्छा नहीं था, जिसके कारण उनके सहपाठी प्रभावित होते थे. अल्बर्ट आइंस्टीन स्विट्ज़रलैंड के ज्यूरिच में ‘फ़ेडरल इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी’ में जाने के लिए प्रयास करने लगे, किन्तु वे वहाँ के दाखिले की परीक्षा में असफल हुए. फिर उनके प्राध्यापक ने सलाह दी कि सबसे पहले उन्हें स्विट्ज़रलैंड के आरौ में ‘कैनटोनल स्कूल’ में डिप्लोमा करना चाहिए. उसके बाद सन 1896 में फ़ेडरल इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी में अपने आप ही दाखिला मिल जायेगा. उन्होंने प्राध्यापक की सलाह को समझा, वे यहाँ जाने के लिए बहुत ज्यादा इक्छुक थे और वे भौतिकी और गणित में अच्छे थे.

सन 1900 में अल्बर्ट आइंस्टीन ने फ़ेडरल इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी से अपने ग्रेजुएशन की परीक्षा पास की, किन्तु उनके एक अध्यापक उनके खिलाफ थे, उनका कहना था की आइंस्टीन युसूअल युनिवर्सिटी असिस्टेंटशिप के लिए योग्य नही है. सन 1902 में उन्होंने स्विट्ज़रलैंड के बर्न में पेटेंट ऑफिस में एक इंस्पेक्टर को रखा. उन्होंने 6 महीने बाद मरिअक से शादी कर ली जोकि उनकी ज्युरिच में सहपाठी थी. उनके 2 बेटे हुए, तब वे बर्न में ही थे और उनकी उम्र 26 साल थी. उस समय उन्होंने डॉक्टरेट की उपाधि प्राप्त की और अपना पहला क्रांतिकारी विज्ञान सम्बन्धी दस्तावेज लिखा.

अल्बर्ट आइंस्टीन का कैरियर (Albert Einstein Career) –

अल्बर्ट आइंस्टीन ने बहुत सारे दस्तावेज लिखे इन दस्तावेजों से वे प्रसिद्ध हो गए. उनको जॉब के लिए युनिवर्सिटी में मेहनत करनी पड़ी. सन 1909 में बर्न युनिवर्सिटी में लेक्चरर की जॉब के बाद, आइंस्टीन ने ज्युरिच की युनिवर्सिटी में सहयोगी प्राध्यापक के लिए अपना नाम दिया. दो साल बाद क्ज़ेकोस्लोवाकिया के प्राग शहर में जर्मन युनिवर्सिटी में प्राध्यापक के लिए चुने गए. साथ ही 6 महीने के अंदर ही फ़ेडरल इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी में प्राध्यापक बन गए. सन 1913 में जाने माने वैज्ञानिक मैक्स प्लांक और वाल्थेर नेर्न्स्ट ज्यूरिक आये और उन्होंने आइंस्टीन को जर्मनी में बर्लिन की युनिवर्सिटी में एक फायदेमंद अनुसंधान प्राध्यापकी के लिए प्रोत्साहित किया और उन्होंने विज्ञान की प्रुस्सियन अकादमी की पूरी मेम्बरशिप भी दी. आइंस्टीन ने इस अवसर को स्वीकार कर लिया. जब वे बर्लिन चले गए, तब उनकी पत्नी ज्यूरिक में अपने दो बच्चों के साथ ही रह रहीं थी और उनका तलाक़ हो गया. सन 1917 में आइंस्टीन ने एलसा से शादी कर ली.

सन 1920 में आइंस्टीन हॉलैंड में लेइदेन की युनिवर्सिटी में जीवनपरियंत सम्माननीय प्राध्यापकी के लिए चुने गए. इसके बाद इन्हें बहुत से पुरस्कार भी मिले. इसके बाद इनका कैरियर एक नए पड़ाव पर पहुँचा. इस समय आइंस्टीन ने कैलिफोर्निया इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी में प्रस्थान किया, यह उनकी यूनाइटेड स्टेट्स में आखिरी ट्रिप थी. वे वहाँ 1933 में गए.

आइंस्टीन ने सन 1939 में एक एटॉमिक बम की संरचना में अपना बहुत ही महत्वपूर्ण योगदान दिया. सन 1945 में आइंस्टीन ने अपना प्रसिद्ध समीकरण E=MC square का अविष्कार किया.

अल्बर्ट आइंस्टीन के अविष्कार (Albert Einstein Inventions in hindi) –

अल्बर्ट आइंस्टीन ने बहुत से अविष्कार किये जिसके लिए उनका नाम प्रसिद्ध वैज्ञानिको में गिना जाने लगा. उनके कुछ अविष्कार इस प्रकार है-

प्रकाश की क्वांटम थ्योरी –

आइंस्टीन की प्रकाश की क्वांटम थ्योरी में उन्होंने ऊर्जा की छोटी थैली की रचना की जिसे फोटोन कहा जाता है, जिनमें तरंग जैसी विशेषता होती है. उनकी इस थ्योरी में उन्होंने कुछ धातुओं से इलेक्ट्रॉन्स के उत्सर्जन को समझाया. उन्होंने फोटो इलेक्ट्रिक इफ़ेक्ट की रचना की. इस थ्योरी के बाद उन्होंने टेलेविज़न का अविष्कार किया, जोकि द्रश्य को शिल्पविज्ञान के माध्यम से दर्शाया जाता है. आधुनिक समय में बहुत से ऐसे उपकरणों का अविष्कार हो चूका है.

E= MC square –

आइंस्टीन ने द्रव्यमान और ऊर्जा के बीच एक समीकरण प्रमाणित किया, उसको आज नुक्लेअर ऊर्जा कहते है.

ब्रोव्नियन मूवमेंट –

यह अल्बर्ट आइंस्टीन की सबसे बड़ी और सबसे अच्छी ख़ोज कहा जा सकता है, जहाँ उन्होंने परमाणु के निलंबन में जिगज़ैग मूवमेंट का अवलोकन किया, जोकि अणु और परमाणुओं के अस्तित्व के प्रमाण में सहायक है. हम सभी जानते है कि आज के समय में विज्ञान की अधिकतर सभी ब्रांच में मुख्य है. विज्ञान के चमत्कार निबंध यहाँ पढ़ें.

स्पेशल थ्योरी ऑफ़ रिलेटिविटी –

अल्बर्ट आइंस्टीन की इस थ्योरी में समय और गति के सम्बन्ध को समझाया है. ब्रम्हांड में प्रकाश की गति को निरंतर और प्रक्रति के नियम के अनुसार बताया है.

जनरल थ्योरी ऑफ़ रिलेटिविटी –

अल्बर्ट आइंस्टीन ने प्रस्तावित किया कि गुरुत्वाकर्षण स्पेस – टाइम कोंटीनूम में कर्व क्षेत्र है, जोकि द्रव्यमान के होने को बताता है.

मन्हात्तम प्रोजेक्ट –

अल्बर्ट आइंस्टीन ने मन्हात्तम प्रोजेक्ट बनाया, यह एक अनुसंधान है, जोकि यूनाइटेड स्टेट्स का समर्थन करता है, उन्होंने सन 1945 में एटॉमिक बम को प्रस्तावित किया. उसके बाद उन्होंने विश्व युद्ध के दौरान जापान में एटॉमिक बम का विनाश करना सिखा.

आइंस्टीन का रेफ्रीजरेटर –

यह अल्बर्ट आइंस्टीन का सबसे छोटा अविष्कार था, जिसके लिए वे प्रसिद्ध हुए. आइंस्टीन ने एक ऐसे रेफ्रीजरेटर का अविष्कार किया जिसमे अमोनिया, पानी, और ब्युटेन और ज्यादा से ज्यादा ऊर्जा का उपयोग हो सके. उन्होंने इसमें बहुत सी विशेषताओं को ध्यान में रखकर यह रेफ्रीजरेटर का अविष्कार किया.

आसमान नीला होता है –

यह एक बहुत ही आसान सा प्रमाण है कि आसमान नीला क्यों होता है किन्तु अल्बर्ट आइंस्टीन ने इस पर भी बहुत सी दलीलें पेश की.

इस तरह अल्बर्ट आइंस्टीन ने बहुत से अविष्कार किये जिसके लिए उनका नाम इतिहास में मशहूर हो गया.

अल्बर्ट आइंस्टीन के रोचक तथ्य (Albert Einstein interesting facts) –

  • अल्बर्ट आइंस्टीन अपने आप को संशयवादी कहते थे, वे खुद को नास्तिक नहीं कहते थे.
  • अल्बर्ट आइंस्टीन अपने दिमाग में ही सारे प्रयोग का हल निकाल लेते थे.
  • अल्बर्ट आइंस्टीन बचपन में पढाई में और बोलने में कमजोर हुआ करते थे.
  • अल्बर्ट आइंस्टीन की मृत्यु के बाद एक वैज्ञानिक ने उनके दिमाग को चुरा लिया था, फिर वह 20 साल तक एक जार में बंद था.
  • अल्बर्ट आइंस्टीन को नॉबल पुरस्कार भी मिला किन्तु उसकी राशि उन्हें नही मिल पाई.
  • अल्बर्ट आइंस्टीन को राष्ट्रपति के पद के लिए भी अवसर मिला.
  • अल्बर्ट आइंस्टीन युनिवर्सिटी की दाखिले की परीक्षा में फेल भी हो चुके है.
  • अल्बर्ट आइंस्टीन की याददाश बहुत ख़राब होने के कारण, उनको किसी का नाम, नम्बर याद नही रहता था.
  • अल्बर्ट आइंस्टीन की आँखे एक सुरक्षित डिब्बे में रखी हुई है.
  • अल्बर्ट आइंस्टीन के पास खुद की गाड़ी नही थी, इसलिए उनको गाड़ी चलाना भी नहीं आता था.
  • अल्बर्ट आइंस्टीन का एक गुरुमंत्र था “अभ्यास ही सफलता का मूलमंत्र है”.

अल्बर्ट आइंस्टीन के सुविचार (Albert Einstein Quotes) –

  • वक्त बहुत कम है यदि हमें कुछ करना है तो अभी से शुरुआत कर देनी चाहिए.
  • आपको खेल के नियम सिखने चाहिए और आप किसी भी खिलाड़ी से बेहतर खेलेंगे.
  • मुर्खता और बुद्धिमता में सिर्फ एक फर्क होता है कि बुद्धिमता की एक सीमा होती है.

अल्बर्ट आइंस्टीन को पुरस्कार (Albert Einstein Awards) –

अल्बर्ट आइंस्टीन को निम्न पुरस्कारों से नवाज़ा गया.

  • भौतिकी का नॉबल पुरस्कार सन 1921 में दिया गया.
  • मत्तयूक्की मैडल सन 1921 में दिया गया.
  • कोपले मैडल सन 1925 में दिया गया.
  • मैक्स प्लांक मैडल सन 1929 में दिया गया.
  • शताब्दी के टाइम पर्सन का पुरस्कार सन 1999 में दिया गया.

अल्बर्ट आइंस्टीन की मृत्यु (Albert Einstein Death) –

जर्मनी में जब हिटलर शाही का समय आया, तो अल्बर्ट आइंस्टीन को यहूदी होने के कारण जर्मनी छोड़ कर अमेरिका के न्यूजर्सी में आकर रहना पड़ा. अल्बर्ट आइंस्टीन वहाँ के प्रिस्टन कॉलेज में अपनी सेवाएं दे रहे थे और उसी समय 18 अप्रैल 1955 में उनकी मृत्यु हो गई.

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अल्बर्ट आइंस्टीन (Einstein) और उनकी रोमांच से भरी जिंदगी | All about Einstein

सदी के सबसे बड़े वैज्ञानिक albert einstein के बारे में क्या आप इन बातों को जानते हैं.

Photo of Bineet Patel

मित्रों! कैसे हैं आप सब? आज मैंने सोचा है कि आपको अलग हटकर मैं सबसे महान वैज्ञानिक आइंस्टीन (All about Einstein In Hindi)  के बारे में आपको बताऊँ।  हालाँकि ( although ) मैने आप सभी को रसायन विज्ञान से जुड़ी रोचक बातें , Black hole के रहस्य तथा सूर्य-मंडल से जुड़ी बहुत अज्ञात बातों को आप सभी के सामने ( in front ) पहले ( before ) ही रख चुका हूँ।

इसलिए ( therefore ) मैंने आज थोड़ा अलग विषय को चुना हैं। मित्रों! आज मेँ  Einstein की रोमांच से भरी जिंदगी ( all about Einstein ) और उन से संबंधित बहुत सारे रोचक बातों को आपको बताने जा रहा हूँ।

विषय - सूची

आइंस्टीन के बारे में हर एक बात को ( All about Einstein ) जानने से पहले , जान लीजिए इन बातों को :-

यहाँ ( here ) पर अगर हम किसी भी विषय को विशेष ( specifically ) रूप से गौर करेंगे| तो, आप को पता चलेगा की आज ( now ) का युग विज्ञान का है| इस धरती पर कई सारे विज्ञान की अजूबे मौजूद है| चारों तरफ विज्ञान और सिर्फ विज्ञान की ही चर्चा है| परंतु ( but ) यहाँ ( here ) थोड़ा अच्छे से सोचिए| आज ( now ) हम जिस विज्ञान की गुण-गान कर रहे हैं , इस का वजह क्या है? क्या आप इस के ऊपर ( above ) कभी गहराई से सोचने का प्रयास किए हैं| खैर उस के ऊपर ( above ) हम आज ( now ) बात करेंगे| क्योंकि ( because ) यह बातों का जानना आपके लिए बहुत ही जरूरी है|

Einstein और उनकी रोमांच से भरी जिंदगी| - All about Einstein.

अल्बर्ट आइंस्टीन (Albert Einstein) , आज ( now ) के सबसे बड़े वैज्ञानिकों में से एक| इनकी पूरी जिंदगी ( All about Einstein ) और इस से जुड़ी हर एक बातें , आपको जरूरी हैरान कर देगा| मित्रों! मेरा यहाँ ( here ) यकीन कीजिए क्योंकि ( because ) आगे आप जिस विशेष ( specifically ) विषय पर पढ़ने जा रहें हैं , वह वाकई में बहुत अद्भुत है| तो , चलिए जानते हैं Einstein से जुड़ी हर एक बातों को ( All about Einstein )|

Einstein की जीवनी संखिप्त में – Einstein biography In Hindi.

मित्रों! मैंने यहाँ पर Einstein की जीवनी को तीन हिस्सों में बाँटा है| पहला ( first ) है उनकी प्रारंभिक जीवनी , दूसरा है ( second ) उनकी पढ़ाई के बारे में ( छात्र जीवन ) और तीसरा है ( third ) उनके आखिरी के जीवन काल का|

तो, में आशा करता हूँ की आप सब इसे धैर्य के साथ मजे ले कर पढ़ेंगे|

प्रारंभिक जीवनी और स्कूल :-

जैसे की किसी भी महान व्यक्ति का जन्म एक महान स्थान पर होता है , ठीक इसी तरह ( likewise ) Einstein का जन्म 14 मार्च सन 1879 को जर्मन साम्राज्य में हुआ था| यहाँ ( here ) में आपको पहले ( before ) ही बता दूँ की , उस समय पूरे विश्व में जर्मन साम्राज्य का वर्चस्व चरम सीमा पर था| उनके पिताजी उस समय एक Direct current के उपकरणों का दुकान चलाया करते थे| Einstein ने बाद में ( later ) Munich आ कर अपनी दस वीं तक की पढ़ाई पूरी की|

बाद में ( later ) वह अपने परिवार के साथ Italy को स्थानांतरित हुए| बचपन से ही ( since ) उनको विज्ञान और गणित में बहुत रुचि था| हर किसी साधारण व्यक्ति की तरह ( likewise ) , वह भी जीवन के कई सारे  परीक्षा में असफल रहे थे| परंतु ( but ) निरंतर बढ्ने की चाह ने , उन्हें बाद में ( later ) सदी का सबसे वैज्ञानिक बना दिया| सन 1896 Einstein जी ने अपनी 12 वीं कक्षा Switzerland पूरी की |

जब ( when ) सन 1900 में Einstein ने स्नातक ( graduation ) पूरी कर ली| तब , उनको Swiss patent office में स्थाई नौकरी मिला| यहाँ ( here ) दफ्तर में , पहली बार ( first ) Einstein की मुलाक़ात अंतरिक्ष और प्रकाश जैसे विषयों से हुई| जो , की बाद में ( later ) उनको एक महान वैज्ञानिक बनाने वाला था|

उनका छात्र जीवन और उनके शोध :-

Einstein और उनकी रोमांच से भरी जिंदगी| - All about Einstein.

सन 1908 तक वह एक विरल वैज्ञानिक के तौर पर समाज में प्रठीस्थित हो चुके थे| इसके अलावा ( in addition to this ) वह एक मेधावी छात्र भी बन चुके थे| उन को इसी वजह से 1909 में भौतिक विज्ञान का विशेष ( specifically ) अध्यापक के तौर पर University of Bern में नियुक्त किया गया| बाद में ( later ) 1913 में उनको प्रसिद्ध वैज्ञानिक Max Planck के साथ काम करने का मौका मिला|

उनसे मिलने से पहले ( before ) Einstein ने 1911 में Theory of General Relativity की खोज कर ली थी| यहाँ ( here ) से Einstein की सफलता की कहानी शुरू होती है| कई सारे वैज्ञानिकों के द्वारा शाबासी पाने के बाद , उन्होंने अपना पूरा ध्यान भौतिक विज्ञान पर केंद्रित कर दिया| सन 1921 में उनको भौतिक विज्ञान में Photoelectric effect के ऊपर ( above ) अभूतपूर्व काम के लिए नोवल पुरस्कार से सम्मानित किया गया|

उनके बाकी की अध्ययन काल द्वितीय विश्व युद्ध के कारण अमेरिका में ही गुजरा और उन्होंने 1940 अमेरिका का नागरिकता ले ली| इस से न बल्कि जर्मनी ने अपना एक विरल वैज्ञानिक खोया | परंतु ( but ) अमेरिका को एक विशेष  ( specifically ) और भविष्य वादी वैज्ञानिक भी मिला|

Einstein के जीवन की आखिरी पलें :-

किसी भी आम इंसान की तरह Einstein भी रोगों से अपने आखिरी की जीवन काल में काफी कष्ट झेले| हालाँकि ( however ) उन के शरीर में पहले भी ( before ) कई सारे आपरेशन किए गए थे| परंतु ( but ) उन्होंने अपने अंतिम पलों में आपरेशन कर ने से मना कर दिया था|

वह  कहते थे की , ” कृतिम जीवन में वो मजा कहाँ , जो की प्राकृतिक जीवन मे होती है”|  17 अप्रैल 1955 यह वह दिन था , जब ( when ) विज्ञान ने अपना एक अमूल्य रत्न को हमेशा-हमेशा के लिए खो दिया| Abdominal aortic aneurysm के कारण से उनका मौत हुआ| इस के बाद ( next ) जब उनको autopsy के लिए लिया गया तो , पता चला की उनको उस समय सर्जरी कर के बचाया जा सकता था|

खैर यहाँ ( here ) मेँ आपको बता दूँ की , भविष्य के शोध के लिए Thomas Stoltz Harvey ने Einstein के दिमाग को निकाल कर एक सुरक्षित जगह पर छुपा दिया था|

तो, मित्रों! मैंने  यहाँ ( here ) आपको Einstein के जीवनी से जुड़ी कुछ बातों को बता दिया है| इसलिए ( therefore ) Einstein के ऊपर आधारित इस लेख ( All about Einstein ) आगे बढ़ते हुए उनके द्वारा किए गए खोजो के बारे में जानते हैं|

Einstein के तीन प्रमुख खोज – 3 major invetions of Einstein In Hindi.

मित्रों आगे बढ्ने से पहले ( before ) में आपको यहाँ ( here ) बता दूँ की , Einstein ने विज्ञान में काफी सारी खोज की है| परंतु ( but ) मैंने उन सब में से तीन प्रमुख खोजो को यहाँ ( here ) पर आपके लिए चुना हैं| इसलिए ( therefore ) में आप से अनुरोध करता हूँ की , लेख के इस भाग को ध्यान से पढ़ें|

1.दुनिया की सबसे महान समीकरण ( equation ) की खोज :-

दुनिया की सबसे जटिल समीकरण|

यहाँ ( here ) पर अगर में आप से पूछूँ की , क्या आप ने कभी समीकरण ( equation ) देखा है , तो शायद आप सभी का जबाव हाँ! ही आएगा| परंतु ( but ) यहाँ ( here ) पर अगर में पूछूँ की दुनिया का सबसे रहस्यमय समीकरण ( equation ) का नाम क्या है ? तो, आपका जबाव क्या होगा?

ज्यादा सोचिए नहीं ! क्योंकि ( because ) में हूँ ना! मित्रों! दुनिया का सबसे अद्भुत और रहस्यमय समीकरण ( equation ) है , E=mc^2| तो, यहाँ ( here ) पर आपके मन में सवाल खड़ा हो रहा होगा की , आखिर इस को किसने बनाया था| तो, दोस्तों जाहिर सी बात है Einstein ने ही किया था| क्योंकि ( because ) हम Einstein के ऊपर ही ( All about Einstein ) बात कर रहें हैं|

अगर में यहाँ ( here ) पर इस समीकरण को आसान भाषा में कहूँ तो , (m) द्रव्य मान ( mass ) और (c) ऊर्जा ( energy ) आपस में एक दूसरे के साथ विनिमय ( interchangeable ) कर सकते हैं| मतलब एक दूसरे के साथ बदल सकते हैं|  उदाहरण ( for example ) के तौर पर अगर आप एक छोटी सी सुई में मौजूद हर एक atom को ऊर्जा ( energy ) में परिणत कर देंगे तो , यह एक छोटी सी सुई Hiroshima पर गिराया गया atomic bomb से ज्यादा तबाही मचा सकती है|

यहाँ ( here ) पर कहने का मतलब यह है की , अगर किसी भी वस्तु में मौजूद हर एक atom ( द्रव्य मान का एकक ) को ऊर्जा में परिणत करेंगे तो , वह एक विशाल ऊर्जा के स्रोत में भी परिवर्तित हो सकता है|

2. Theory of general Relativity In Hindi :-

क्या है Theory of general relativity

यह जो थिओरी है , इसने Einstein को महान वैज्ञानिक बनाने में काफी मदद किया| तो, यहाँ (here) पर सवाल उठता है की, आखिर यह थिओरी है क्या ? इस थिओरी का क्या मतलब है? तो, इसलिए (therefore) इन सवालों के जबाव को हम यहाँ (here) खोजेंगे|

तो, अगर हम आसान में कहूँ तो, Special Relativity प्रकाश के गति के ऊपर आधारित एक थिओरी है| जिसमें कहा हमेशा प्रकाश को ही priority दिया गया है| यहाँ ( here ) में आपको और भी बता दूँ की प्रकाश की गति शून्य  में भी उतना ही रहेगा जितना की बाकी माध्यमों मे| यहाँ ( here ) पर प्रकाश को देखने वाले व्यक्ति के माध्यम से प्रकाश को कोई फर्क नहीं पड़ने वाला है|

यहाँ ( here ) में आपको और भी बता दूँ की बहुत बड़े-बड़े आकाशीय पिंड , अंतरिक्ष में बहने वाले समय के चक्र को विश्रुंखलित कर सकते हैं और इसका उदाहरण ( for example ) है Black Hole

3. Photo electric effect In Hindi:-

आप सभी ने पहले ( before ) भी Photo Electric Effect के विषय पर जरूर कुछ न कुछ पढ़ा ही होगा|

परंतु ( but ) क्योंकि यह Einstein की सबसे बड़ी खोज थी , इसलिए ( therefore ) मैंने इसे यहाँ ( here ) स्थान दिया हैं| तो, Photo electric आसान भाषा में विद्युत और प्रकाश के बीच होने वाला एक भौतिक प्रक्रिया है|

इसके ऊपर ( above ) सबसे पहले शोध Heinrich Rudolf Hertz किया था| बाद में ( later ) Einstein ने इस के ऊपर ( above ) गहराई से शोध कर के दुनिया के सामने बहुत सारे नई-नई बातों को रखा| इस थिओरी के हिसाब से अगर किसी भी धातु के सतह पर किसी भी प्रकार का प्रकाश ऊर्जा के रूप में पड़ता हैं तो , धातु में से Photon नाम के छोटे-छोटे कण निकलते हैं|

तो, अब ( now ) जब आपने Einstein के ऊपर करीब-करीब सब जान ही लिया है ( All about Einstein ) तो , चलिए थोड़ा सा और जान ने में क्या हर्ज है|

अब ( now ) में आपको Einstein से जुड़ी रोचक बातों को आपके सामने रखूँगा| इसलिए ( therefore ) इसे मजे ले कर पढ़ते रहिए|

आइन्सटाइन से जुड़ी कुछ रोचक बातें :-

मित्रों! मैंने यहाँ ( here ) पर Einstein से जुड़ी सबसे रोचक , अनकही और अनजानी बातों को बताया है| इसलिए ( therefore ) इस को पढ़ते वक़्त ज्यादा गौर दीजिएगा|

1. काफी देरी से सीखा बोलना :-  

अगर में कहूँ की Einstein बचपन में थोड़ा slow learner थे , तो क्या आप विश्वास करेंगे| परंतु ( but ) मित्रों यह सच्चाई है| उदाहरण ( for example ) के तौर पर उन के बोलने के समय को ही ले लीजिए| उन्होंने अपने जीवन का पहला एक शब्द बोलने के लिए 3 साल का समय लिए थे|

2. Compass से प्यार :-

क्यूँ था Einstein को compass से प्यार?

आखिर एक भौतिक वैज्ञानिक का सबसे पसंदीदा चीज़ क्या हो सकता है! शायद एक Compass| जी हाँ! जनाब आपने सही सुना, Einstein की सबसे पसंदीदा चीज़ Compass ही थी| जब ( when ) वह 5 साल के थे तो , उनके पिताजी ने उनको एक Compass दिखाया था| जिसे देखने के बाद ( later ) वह उस Compass से प्यार कर बैठे|

3. Violin बजाना था उनका पहला पसंद :-

Einstein की माँ एक अच्छी कलाकार ( संगीतकार ) थीं| इसलिए ( therefore ) वह हमेशा चाहती थीं , की उनका पुत्र ( Einstein ) भी संगीत सीखे| पहले-पहले तो Einstein को संगीत पसंद नहीं था| परंतु ( but ) 14 साल में एक अनोखा लगाव उन्हें संगीत से होने लगा|

इसलिए ( hence ) वह उस समय अपने सब से पसंदीदा वाद्य यंत्र के रूप में Violin को चुना|

4. राष्ट्रपति बन सकते थे Einstein :- 

इस्राइल के प्रथम राष्ट्रपति Chaim Weizmann के मृत्यु के बाद Einstein को इस्राइल के राष्ट्रपति बनने का मौका मिला | परंतु ( but ) इसे Einstein ने मना कर दिया और अपने शोधो में केंद्र भूत हो गए|

वाकई में अपने काम के प्रति इतनी समर्पण की भावना ही Einstein को बाद ( later ) में इतना सफल बना या|

5. तैरना नहीं आता था उनको :-

आज ( now ) के समय में भी ऐसे कई व्यक्ति मौजूद हैं , जिन्हें तैरना नहीं आता| इसलिए ( therefore ) उनको कभी कभी मन में इसके लिए बहुत दुख भी महसूस होता है| परंतु ( but ) में आपको यहाँ ( here ) एक पते की बात बताता हूँ|

Einstein को भी दोस्तों तैरना नहीं आता था| जी हाँ! इतने बुद्धिमान व्यक्ति होने के बावजूद उन्होंने कभी तैरना नहीं सीखा| यहाँ ( here ) पर और भी आपको बता दूँ की Einstein जी को नाव चलना बहुत ही ज्यादा पसंद था| बिना तैरना सीख के नाव चलाना और वह भी कई बार| वाह!

खैर , मित्रों लेख को खत्म करने का वक़्त आ गया है| इसलिए जाते-जाते कुछ बातों को यहाँ ( here )आपको बता ने जा रहा हूँ| मित्रों! आपने ऊपर ( above ) देखा ही होगा की , Einstein की जीवन मे काफी मुसीबत आयी| परंतु ( but ) उन्होंने उससे डट कर सामना किया| तभी तो वह इतना सफल हो पाए| इस लिए ( therefore ) आप भी कभी हार मत मानिएगा| कोशिश करते रहिए सफलता जरूर एक दिन आपको मिलेगी|

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अल्बर्ट आइंस्टीन की जीवनी Albert Einstein Biography in Hindi

अल्बर्ट आइंस्टीन दुनिया के महान वज्ञानिक और थ्योरिटिकल भौतिकवादी थे। आइंस्टीन पूरे विश्व में द्रव्मान और ऊर्जा के समीकरण  E= mc2  और सपेक्षता के सिध्दांत के लिये प्रसिद्ध थे। ये समीकरण अल्बर्ट आइंस्टीन के सबसे प्रसिद्ध समीकरणों में से एक था।

इन्होने अपने जीवन में बहुत से खोज किये। उनके कुछ अविष्कार पुरे दुनिया में बहुत फेमस हुआ जिनके वजह से अल्बर्ट आइंस्टीन का नाम इतिहास के सुनहरे पन्नो में दर्ज हो गया। आइंस्टीन एक बुद्धिमान और सफल वज्ञानिक रहे है।

धुनिक समय के भौतिक विज्ञान को सरल बनाने में इनका बहुत बड़ा हाथ रहा है। अल्बर्ट आइंस्टीन को 1921 में प्रकाश विधुत उत्सर्जन की खोज के  लिए इनका नोबेल पुरस्कार भी प्राप्त हुआ। आइंस्टीन ने बहुत से खोज में अपना योगदान दिया है जैसे – सापेक्ष ब्राम्हण, क्वांटम सिद्धांत, अणुओ की ब्राउनियन गति, विकिरण का सिद्धांत और अन्य बहुत से खोज में अपना योगदान दिया है।

इन्होने 50 से अधिक शोध पत्र और विज्ञानं की अलग अलग किताबे भी लिखी है जिसकी वजह से 1999 में टाइम्स पत्रिका में इनको शताब्दी पुरुष घोषित किया गया और एक सर्वे के अनुसार ये सार्वकालिक महानतम वज्ञानिक मने गए है। इनकी बौद्धिक उपयोगितो को देखते हुए आइंस्टीन शब्द को बुद्धिमान का पर्याय बना दिया गया है।

नाम – अल्बर्ट हेर्मन्न आइंस्टीन जन्म – 14 मार्च 1879 स्थान – उल्मा (जर्मनी) पिता – हेर्मन्न आइंस्टीन माता – पौलिन  कोच पुरस्कार – भौतिक का नोबेल पुरस्कार, मैक्स प्लैंक पदक, कोल्पे पदक मृत्यु – 18 अप्रैल 1955

अल्बर्ट आइंस्टीन की जीवनी  Albert Einstein Biography in Hindi

प्रारंभिक जीवन earlier life.

विश्वप्रसिद्ध अल्बर्ट आइंस्टीन का जन्म 14 मार्च 1879 को जर्मनी के एक यहूदी परिवार में वुटेमबर्ग नामक स्थान में हुआ था। इनके पिता का नाम हेर्मन्न आइंस्टीन जोकि पेशे से एक इंजीनियर और सेल्समैन थे। इनकी माता का नाम पौलिन  कोच था। आइंस्टीन बचपन से पढाई में अव्वल थे लेकिन बचपन में आइंस्टीन को बोलने में थोड़ी दिक्कत होती थी।

इनकी मात्रभाषा जर्मन थी लेकिन बाद में इन्होने अंगेजी और इतालवी भी सीखी। इनका जन्म तो जर्मनी के उल्म शहर में हुआ लेकिन इनका परिवार 1880 में म्यूनिख शहर चला गया। वहीँ पर इन्होने अपनी पढाई शुरू की।

आइंस्टीन पिता और उनके चाचा ने म्यूनिख शहर में एक कंपनी खोली जिसका नाम “इलेक्ट्राटेक्निक फ्रैबिक जे आइंस्टीन एंड सी” (Elektrotechnische Fabrik  J.Einstein & Cie) था, जोकि बिजली के उपकरण बनती थी।

शिक्षा Education

अल्बर्ट आइंस्टीन का परिवार यहूदी धर्म को मानते थे और जिसकी वजह से आइंस्टीन को पढने के लिए कैथोलिक विद्यालय में जाना पड़ा। आइंस्टीन की माँ को सारंगी बजाना आता था। इन्होने अपनी माँ से सारंगी बजाना सिखा लेकिन बाद में इन्होने इसे बजन छोड़ दिया। बाद में 8 साल की उम्र में आइंस्टीन वहां से स्थान्तरित होकर लुइटपोल्ड जिम्रेजियम चले गए।

जहाँ से आइंस्टीन ने अपनी माध्यमिक शिक्षा और उच्च माध्यमिक शिक्षा भी प्राप्त की। सन 1895 में आइंस्टीन ने स्विस फ़ेडरल पोलिटेक्निक की परिक्षा दी, जो बाद में Edigenossische Technische Hochschule (ETH) के नाम से जाना जाने लगा। उस वक़्त इनकी उम्र 16 साल थी। लेकिन गणित और भौतिक के विषय को छोड़ कर बाकि सभी विषयों में फेल हो गये थे।

और अंत में वहां से प्रधानाचार्य के सलाह पर वो स्विट्जर्लैंड के आरू में आर्गोवियन कैंटोनल स्कूल में चले गये।  यहाँ से आइंस्टीन ने डिप्लोमा किया और उसके बाद इन्होने 1896 में इन्होने फेडरल इंस्टिटयूट ऑफ़ टेक्नोलोजी में दाखिला लिया।

सन 1900 में अल्बर्ट आइंस्टीन ने फेडरल इंस्टिटयूट ऑफ़ टेक्नोलोजी से ग्रेजुएशन किया। सन 1902 में इन्होने मरिअक से शादी कर ली। मरिअक उनकी साथ में ही पढ़ती थी और प्यार के कारण इन्होने उनसे शादी कर ली। शादी के बाद इनके 2 बेटे हुए। आइंस्टीन ने वहां से ही डाक्टरेट की उपाधि भी ली और अपना पहला विज्ञानं दस्तावेज लिखा।

अल्बर्ट आइंस्टीन का करियर और उनकी खोज (Invention and Career)

अल्बर्ट आइंस्टीन ने अपनी डाक्टरेट लेने के बाद इन्होने बहुत से विज्ञानं दस्तावेज लिखा जिसकी वजह से ये बहुत ही प्रसिद्ध हुए। यूनिवर्सिटी में जॉब करने के लिए इन्होने बहुत मेहनत किया। और सन 1909 में ये बर्न यूनिवर्सिटी के लेक्चरर बन गये।

कुछ दिन के इन्होने 2 और यूनिवर्सिटी में प्राचार्य के रूप में काम किया और कुछ ही दिनों में फेडरल इंस्टिटयूट ऑफ़ टेक्नोलोजी में प्राचार्य बनाये गए। सन 1913 में मैक्स प्लांक और वाल्थेर नेंस्र्ट के द्वारा दिए गए अवसर पर आइंस्टीन बर्लिन चले गए। जिसकी वजह से इनका तलाक हो गया। बर्लिन जाने के बाद इन्होने एलसा नाम के लड़की से शादी कर ली।

अल्बर्ट आइंस्टीन के अविष्कार Inventions of Albert Einstein

अल्बर्ट आइंस्टीन ने अपने जीवन में बहुत से अविष्कार किये है जिनकी वजह से वो पूरे विश्व में प्रसिद्ध हुए। उनके कुछ खोज इस प्रकार है-

अल्बर्ट आइंस्टीन के द्वारा प्रमाणित द्रव्मान और ऊर्जा का ये समीकरण है जिसको आज नयूक्लेअर ऊर्जा के नाम से जाना जाता है।

स्पेशल थ्योरी ऑफ़ रिलेटिविटी

आइंस्टीन ने एक थ्योरी में गति  और समय के सम्बन्ध को समझाया है।

प्रकाश की क्वांटम थ्योरी

अल्बर्ट आइंस्टीन की प्रकाश की क्वांटम थ्योरी में उन्होंने ऊर्जा की छोटी थैली को फोटान कहा है और तंरंगों की विशेषता बताई है। इनके अनुसार धातुओ में से इलेक्ट्रान निकलते है और वो फोटो इलेक्ट्रिक इफेक्ट की रचना करते है। इसी थ्योरी के आधार पर टेलीविजन की खोज भी हुई।

रेफिजरेटर की खोज

ये आइंस्टीन का सबसे छोटा खोज था। इसको बनाने में इन्होने ज्यादा समय नही लगाया था। इसमें ऊर्जा के रूप में इन्होने अमोनिया, पानी, और ब्यूटेन का प्रयोग किया था।

आकाश नीला क्यों होता है?

ये एक छोटा सा प्रमाण था जिसमे इन्होने प्रकाश के प्रिकिर्णन के बारे में बताया है और यही एक वजह है जिसकी वहज से आकाश नीला दिखाई देता है। इनके द्वारा और भी बहुत से खोज की गई है जिनकी वजह से ये पुरे विश्व में प्रसिद्ध हो गये।

पुरस्कार Awards

अल्बर्ट आइंस्टीन ने बहुत से खोज किये और जिसकी वजह से उनको कई सरे पुरस्कार से नवाजा भी गया है सबसे पहला 1921 भौतिकी का नोबेल पुरस्कार , मत्तयूक्की मेडल, 1925 में कोपले मैडल, सन 1929 में मैक्स प्लांक मेडल मिला और 1999 में शताब्दी के टाइम पर्सन का पुरस्कार भी मिला।

मृत्यु Death

हिटलर के समय में अल्बर्ट आइंस्टीन को जर्मनी छोड़ कर जाना पड़ा क्योकि ये यहूदी थे। कुछ सालो तक अमेरिका में प्रिस्टन कालेज में कार्य करते हुए 18 अप्रैल सन 1955 में इनकी मृत्यु हो गई। दुनिया के महान वैज्ञानिक जिन्होंने अपने ज्ञान से दुनिया को बहुत कुछ दिया, और उनकी खोज को कभी भी भुलाया नही जा सकता है।

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नमस्कार रीडर्स, मैं बिजय कुमार, 1Hindi का फाउंडर हूँ। मैं एक प्रोफेशनल Blogger हूँ। मैं अपने इस Hindi Website पर Motivational, Self Development और Online Technology, Health से जुड़े अपने Knowledge को Share करता हूँ।

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अल्बर्ट आइंस्टीन जीवनी – Biography of Albert Einstein in Hindi Jivani

अल्बर्ट आइंस्टीन जीवनी विज्ञान की शिक्षा के आधार पर महत्वपूर्ण है। अल्बर्ट आइंस्टीन मानव इतिहास के सबसे बुद्धिमान व्यक्ति थे। यह 20वी शताब्दी के शुरूआती 20 वर्षो तक विश्व के विज्ञान जगत पर छाए रहे। इन्होने अपनी खोजो के आधार पर अंतरिक्ष, गुरुत्वाकर्षण, समय गति के सिद्धांत दिए। यह उस समय के सबसे महान, विद्वान् ... Read more

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Reported by Rohit Kumar

Published on 20 April 2024

अल्बर्ट आइंस्टीन जीवनी विज्ञान की शिक्षा के आधार पर महत्वपूर्ण है। अल्बर्ट आइंस्टीन मानव इतिहास के सबसे बुद्धिमान व्यक्ति थे। यह 20वी शताब्दी के शुरूआती 20 वर्षो तक विश्व के विज्ञान जगत पर छाए रहे। इन्होने अपनी खोजो के आधार पर अंतरिक्ष, गुरुत्वाकर्षण, समय गति के सिद्धांत दिए।

यह उस समय के सबसे महान, विद्वान् और लोकप्रिय वैज्ञानिक थे। आइंस्टीन हमेशा कहते थे कि मैं कोई महान व्यक्ति नहीं हूँ मैं भी अन्य लोगो की तरह सामान्य ही हूँ मेरे अंदर बस जिज्ञासा कूट कूट कर भरी है।

तो चलिए जानते है ऐसे विश्व विख्यात महान वैज्ञानिक के बारे में। आज हम आपको बतायेगे अल्बर्ट आइंस्टीन जीवनी – Biography of Albert Einstein in Hindi Jivani . विषय समबन्धी अधिक जानकारी प्राप्त करने के लिए लेख को अंत तक पढ़े :-

अल्बर्ट आइंस्टीन जीवनी - Biography of Albert Einstein in Hindi Jivani

अल्बर्ट के अंदर एक असमान्य चीज थी जो उनको अन्य बच्चो से भिन्न बनाती थी वो था उनका सर। उनका सर बचपन में किसी सामान्य बच्चे की तुलना अधिक बड़ा था जो समय के साथ ठीक हो गया । जैसे जैसे वे बड़े होते रहे वे पूरी तरह सही से बोल नहीं पाते थे उन को बोलने में कठिनाई होती थी। और लगभग 4 वर्ष की उम्र तक वे कुछ भी नहीं बोल पाए।

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एक दिन जब आइंस्टीन अपने परिवार के साथ बैठ कर भोजन ग्रहण कर रहे थे तो इन्होने अपनी चार साल की चुप्पी तोड़ते हुए बोला कि सूप बहुत गर्म है। इस घटना से इनके माता पिता एक दम हैरान रह गए और बेहद ही खुश हुए।

बचपन में इनको अपनी उम्र के बच्चो के साथ खेलना पसंद नहीं था। उनकी एक अलग ही काल्पनिक दुनिया थी वे हमेशा पेड़ पौधो और इस ब्रह्माण्ड के बारे में सोचते रहते थे। उनके आतंरिक मैं में हमेशा ये बात रहती थी कि ये दुनिया आखिर चलती कैसे है।

आइंस्टीन के अंदर पहली बार विज्ञान के प्रति रूचि तब पैदा हुई जब उनके पिता जी ने उनको एक magnetic compass (चुम्बकीय परकार) ला कर दिया। कंपास को देख कर वे बहुत खुश हुए। लेकिन जब उन्होंने देखा की उस मैग्नेटिक कंपास की सूई हमेशा उत्तर दिशा की तरफ रहती है तो वे यह देख कर काफी हैरान भी हुए। नीचे आपको विस्तृत रूप से अल्बर्ट आइंस्टीन जीवनी के बारे में बताया जा रहा है।

जन्म और परिवार

Albert Einstein का जन्म 14 मार्च 1879 में जर्मनी के उल्म नामक शहर में हुआ था। यह एक यहूदी परिवार में जन्मे थे। इनके पिता जी का नाम हरमन आइंस्टीन और इनकी माता का नाम पॉलिन आइंस्टीन था। इनके पिता एक इंजीनियर थे और बिजली उपकरणो की सप्लाई करते थे।

इनका परिवार 1880 में म्यूनिख में रहने चला गया था। वहाँ इनके पिता जी और इनके चाचा ने एक कंपनी की स्थापना की जो बिजली के उपकरण बनती थी। अल्बर्ट के जन्म के 2 साल बाद उनकी बहन माजा का जन्म हुआ।

प्रारंभिक शिक्षा

5 वर्ष की उम्र में आइंस्टीन को कैथोलिक प्राइमरी स्कूल में डाल दिया लेकिन उनको स्कूल जाना बिलकुल पसंद नहीं था। बोलने में होने वाली कठिनाई के कारण इन्होने स्कूल जाना बहुत देर में शुरू किया। 9 साल की उम्र तक वे साफ़ नहीं बोल पाते थे।

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Albert Einstein बचपन में एक अच्छे स्टूडेंट नहीं थे पढ़ाई में कमजोर होने के कारण उनको मंदबुद्धि भी कहा जाता था। 8 वर्ष की उम्र में उनका एडमिशन लुइटपोल्ड जिम्नेजियम स्कूल में हुआ।

आइंस्टीन को लगता था कि उनके अध्यापक समझाने से ज्यादा किताबो को रटना सिखाते थे। फिर वे अपने अध्यापको से बहुत से अलग अलग प्रकार के सवाल करते थे। जिस बात से परेशान होकर उनके अध्यापक उनको मंदबुद्धि कहते थे। ये सब सुनने के बाद उनको लगा की उनकी बुद्धि का सम्पूर्ण विकास नहीं हुआ है।

उन्होंने दृढ निश्चय कर लिया कि अब वे भी सबसे आगे निकल कर दिखाएंगे। उस दिन के बाद आगे बढ़ने की चाह लेकर वे ज्यादा समय पढ़ने में बिताने लगे। कुछ ही समय में उनके इस अभ्यास का सकारात्मक प्रभाव दिखाई देना लगा जिसे देख कर उनके अध्यापक भी दंग रह गए।

उच्च शिक्षा

12 वर्ष की उम्र में अल्बर्ट आइंस्टीन ने पाइथागोरस थियोरम का अपना ही प्रूफ दे डाला और 14 वर्ष की उम्र में इंटीग्रल कैलकुलस में निपूर्ण हो गए थे। अल्बर्ट के अंकल जैकब उनकी पढ़ने में मदद करते थे उनको जब किसी सवाल में दिक्कत आती वे उसको बड़ी आसानी में समझा देते।

इसी दौरान अल्बर्ट के पिता जी की कंपनी को नुक्सान हुआ जिस कारण कंपनी बंद करनी पड़ी और नया काम ढूंढ़ने के लिए उनका परिवार इटली के के मिलान शहर में चले गए और कुछ महीनो बाद इटली के पाविया शहर में चले गए लेकिन पढाई के लिए अल्बर्ट म्यूनिख में ही अपने चचेरे भाई के साथ रहे। 1894 में वे बीमारी का बहाना करके अपने परिवार से मिलने के लिए इटली चले गए।

16 वर्ष की उम्र में आते आते वो गणित के कठिन से कठिन सवाल भी हल कर लेते थे। । 1895 में इन्होने ज़्यूरिख में स्विस फ़ेडरल पॉलिटेक्निक की प्रवेश परीक्षा दी जिसमे वे असफल रहे। लेकिन इस परीक्षा में उनके भौतिक विज्ञान और गणित में असाधारण अंक प्राप्त किये थे।

पॉलिटेक्निक स्कूल के प्रधानाचार्य की सलाह पर, उन्होंने 1895 से 1896 में स्विट्जरलैंड के आरौ में आर्गोवियन केंटोनल स्कूल में अपनी माध्यमिक स्कूली शिक्षा पूरी की। जिसके बाद 1896 में उनको ज़्यूरिख में स्विस फ़ेडरल पॉलिटेक्निक स्कूल में प्रवेश मिल गया। सन 1900 में इन्होने अपनी पॉलिटेक्निक से ग्रेजुएशन की। 11 अप्रैल 1905 में उन्होंने यूनिवर्सिटी ऑफ़ जुरिच से पीएचडी की।

वैवाहिक जीवन

उनका विवाह उनकी सहपाठी मिलेवा मेरिक से हुआ था। मेरिक भी उन्ही के साथ पॉलिटेक्निक स्कूल से विज्ञान और भौतिकी विभाग में अध्य्यन पूरा करने वाली दूसरी महिला थी। इनकी शादी जनवरी 1903 में हुई थी। 1904 में उनके बेटे हंस अल्बर्ट का जन्म बर्न स्विज़रलैंड में हुआ था। उनके दूसरे बेटे एडुअर्ड का जन्म 1910 में ज्यूरिख में हुआ था।

इनकी पत्नी ने इनके बहुत सी रिसर्च में इनका पूरा साथ दिया। 1914 में आपसी झगड़ो के कारण मेरिक अपने दोनों बच्चो को लेकर Albert Einstein से अलग हो गयी और 1919 में दोनों ने एक दूसरे से तलाक ले लिया। तलाक के बाद अल्बर्ट ने एल्सा से दूसरी शादी कर ली।

करियर की शुरुआत

1900 में डिप्लोमा प्राप्त करने के बाद उनको अपना खर्चा चलाने के लिए कुछ काम की आवश्यकता थी इसलिए अल्बर्ट ने सोचा कि वे कोचिंग में बच्चो को पढ़ाएंगे उस समय उनको कुछ बच्चे मिले भी लेकिन उनसे प्राप्त धन घर चलाने के लिए पर्याप्त नहीं थी। 1901 में उनको स्विस की नागरिकता मिल गयी थी।

1902 में उनको स्विटज़लैंड बर्न के फेडरल इंस्टिट्यूट ऑफ़ इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी में असिस्टेंट एग्जामिनर की नौकरी मिल गयी। पेटेंट ऑफिस में काम करने के लिए उन्होंने 1905 में पीएचडी की।

इसी साल उन्होंने चार अभूतपूर्व रिसर्च पेपर प्रकाशित किये फोटोइलेक्ट्रिक इफ़ेक्ट, ब्रोनियन मोशन, स्पेशल थ्योरी ऑफ़ रिलेटिविटी और द एक्विवैलेन्स ऑफ़ मास एंड एनर्जी। जिसके बाद इनकी प्रसिद्धि बढ़ती गयी।

जिसके बाद वे यूनिवर्सिटी ऑफ़ बर्न के प्रोफेसर बन गए। 1909 में वे ज्यूरिख चले गए यूनिवर्सिटी ऑफ़ ज्यूरिख में प्रोफेसर की नौकरी की। 1911 में इन्होने जेनेरल थ्योरी ऑफ़ रिलेटिविटी दी जिसकी मदद से पता चलता है कि गुरुत्वाकर्षण कैसे काम करता है। इसी साल Albert Einstein जुरिच के प्राग में रहने लगे।

वहाँ उन्होंने चार्ल्स फर्डीनांड यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर की नौकरी की। और उन्हें ऑस्ट्रेलियन नागरिकता भी मिली। 2 अप्रैल 1921 में वे न्यूयोर्क शहर गए और उन्हें कोलम्बिआ और प्रिंसटन यूनिवर्सिटी में लैक्चर देने के लिए बुलाया गया।

विचार

अपने कठिन परिश्रम और अभ्यास के चलते Albert Einstein ने गणित और भौतिक विज्ञान में महारत हासिल की। शिक्षा को लेकर उनका विचार था कि शिक्षा वो है जो आपको तब भी याद रहे जब आप सब कुछ भूल गए हो। समय के साथ साथ वे इतने बुद्धिमान हो गए कि उन्होंने बहुत सारी अद्भुत खोज की।

आज पूरा विश्व उनको सापेक्षता के सिद्धांत और द्रव्यमान ऊर्जा के समीकरण E =MC 2 के लिए जानता है। उन्हें सैद्धांतिक भौतिकी और प्रकाश विद्युत उत्सर्जन की खोज के लिए सन 1921 में नोबेल पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया। सन 1952 में अमेरिका ने अल्बर्ट आइंस्टीन के समक्ष इज़राइल का राष्ट्रपति बनने का प्रस्ताव रखा लेकिन अल्बर्ट ने यह प्रस्ताव को खारिज करते हुए कहा की वे राजनीति के लिए नहीं बने

प्रेरणा

इनसे हमे प्रेरणा मिलती है कि कोई भी व्यक्ति चाहे वो मंदबुद्धि और तेजबुद्धि अपने कठिन परिश्रम के बलबूते पर संसार में कुछ भी कर सकता है। यह इतने बुद्धिमान थे कि अपने दिमाग में ही पूरी रिसर्च को सोच कर पूरा प्लान कर लेते थे जो लैब के प्रयोग से ज्यादा सटीक होता था।

इसलिए अल्बर्ट आइंस्टीन सबसे ज्यादा बुद्धिमान व्यक्ति माने जाते है। अल्बर्ट कहते थे कि धरती का प्रत्येक इंसान जिसने इस संसार में जन्म लिया है वे जीनियस है। लेकिन यदि आप किसी मछली को उसकी पेड़ पर चढ़ने की योग्यता से जज करोगे तो वो अपनी सम्पूर्ण जीवन में खुद को मुर्ख सोच कर जीती रहेगी। सबमे एक अलग प्रकार का टैलेंट होता है।

अल्बर्ट आइंस्टीन जीवनी से सम्बंधित प्रश्न उत्तर

अल्बर्ट आइंस्टीन ने 300 से ज्यादा वैज्ञानिक शोध पत्रों को प्रकाशित किया है।

अल्बर्ट आइंस्टीन का पहला रिसर्च पेपर 1894 में लिखा था जिसका नाम द इन्वेस्टीगेशन ऑफ़ थे मैग्नेटिक फील्ड।

आइंस्टीन को नोबेल पुरस्कार सन 1921 में मिला था।

Albert Einstein के चाचा का नाम जैकब था।

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अल्बर्ट आइंस्टीन की जीवनी – Albert Einstein Biography Hindi

आज इस आर्टिकल में हम आपको अल्बर्ट आइंस्टीन की जीवनी – Albert Einstein Biography Hindi के बारे में बताएगे।

अल्बर्ट आइंस्टीन की जीवनी – Albert Einstein Biography Hindi

अल्बर्ट आइंस्टीन की जीवनी

आइंस्टीन दुनिया के महान वैज्ञानिकों में से एक थे, उन्होंने भौतिकी में बहुत से खोज और आविष्कार किये थे, जिनके लिए उन्हें नोबेल पुरस्कार भी दिया गया था., भौतिक विज्ञान में उनका योगदान अद्वितीय रहा है।

अल्बर्ट आइंस्टीन 14 मार्च 1879 उल्म, वुर्ट्टनबर्ग, जर्मन साम्राज्य में हुआ था।

उनके पिता का नाम हेर्मन्न आइंस्टीन था जो एक इंजीनियर और सेल्समैन थे।

उनके माता का नाम पौलिन कोच था।

बचपन में उन्हें शब्दों के उच्चारण में काफी दिक्कत होती थी लेकिन वो पढाई में सबसे अव्वल थे।

उन्होंने अपनी पढाई ईटीएच ज्यूरिख, ज्यूरिख विश्वविद्यालय से खत्म की.

वैज्ञानिक खोज और आविष्कार

उन्होंने अपने जीवनकाल में बहुत से महत्वपूर्ण खोज और आविष्कार किये। इनके बारे में हम आपको नीचे बताने जा रहे है।

  • क्वांटम थ्योरी ऑफ़ लाइट
  • स्पेशल थ्योरी ऑफ़ रिलेटिविटी
  • जनरल थ्योरी ऑफ़ रिलेटिविटी
  • आइंस्टीन रेफ्रीजिरेटर
  • ब्रोविनियन मूवमेंट
  • आसमान का रंग नीला क्यों है?

सम्मान और पुरस्कार

  • भौतिकी का नोबेल पुरस्कार (1921)
  • मेट्यूक्सी पदक (1921)
  • कोप्ले पदक (1925)
  • मैक्स प्लैंक पदक (1929)
  • टाइम सदी के सबसे महत्वपूर्ण व्यक्ति (1999)

अल्बर्ट आइंस्टीन  का निधन 18 अप्रैल 1955 (उम्र 76) प्रिंस्टन हस्पताल, न्यू जर्सी, संयुक्त राज्य में हुआ।

Also Read >>  गुलजार की जीवनी – Gulzar Biography Hindi

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Who was Albert Einstein? (Short biography)

Albert Einstein was a German physicist of the XIX and XX centuries. He was born on March 14, 1879 and died on April 18, 1955. Einstein was known mainly for the development of the theory of relativity (special and general), the theoretical explanation of the Brownian motion and the photoelectric effect .

Einstein was born in the German city of Ulm, but one year later his family moved to Munich, where he would live until he was 15 years old. At 17, he entered the Federal Polytechnic School of Zurich to study mathematics and physics. Five years later, when he was a graduate, he obtained Swiss citizenship and in 1902 he began to work in the Federal Office of Intellectual Property in Switzerland. He worked this job until his 30s and was able to combine is with his scientific research.

1905 was his most successful year . He published four scientific articles on the photoelectric effect, the Brownian motion, the theory of special relativity and the mass-energy equivalence (E = mc²). The first earned him the Nobel Prize in Physics in 1921, the second the degree of doctor and the last two, over time, would make him the greatest scientist of the twentieth century .

In 1908 he began to practice as a professor of physics at the University of Bern, a position he would continue later in Prague and finally in Berlin. He lived there until the rise of the Nazi regime made him leave Germany and move to the United States (1932). There he taught at the Institute of Advanced Studies in Princeton and became an American citizen (obtaining dual Swiss-American citizenship). He spent the rest of his life trying to integrate the physical laws of gravity and electromagnetism. He also spread pacifist, socialist and Zionist values. He died as a result of an internal hemorrhage on April 18, 1955 (76 years old).

2. ALBERT EINSTEIN DOCUMENTARY

3. REFERENCES

  • Saber es práctico (2018). ¿Quién fue Albert Einstein? ¿Qué hizo? (Resumen) . Text in Spanish. Avaliable [ HERE ].
  • ScienceNet – Youtube (2014).  Albert Einstein Documentary HD .
  • Sofi – Flickr (2009). Albert Einstein by Philippe Halsman, 1947 . Avaliable [ HERE ].

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Learner Trip

PhD in Education. I've been sharing all kind of content/information on the Internet for 14+ years now. I try to do it in the most straightforward and reliable way possible, cross-referencing information with the primary sources of authority in each field (unless unnecessary). You can reach out to me in the comments. I read all your inquiries and typically respond to most of them daily. If you find what I do helpful, you can support me here . 🙂

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  1. अल्बर्ट आइंस्टीन

    कोप्ले पदक (1925) मैक्स प्लैंक पदक (1929) टाइम सदी के सबसे महत्वपूर्ण व्यक्ति (1999) हस्ताक्षर. आल्बर्ट आइन्स्टाइन ( जर्मन: Albert Einstein; 14 मार्च 1879 - 18 ...

  2. Albert Einstein Biography In Hindi

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  3. अल्बर्ट आइंस्टीन की जीवनी

    अल्बर्ट आइंस्टीन का जीवन परिचय (Albert Einstein Biography) नाम (Full Name) अल्बर्ट आइंस्टीन. प्रसिद्धि (Famous for) सिद्धांत के भौतिक विज्ञान. जन्मदिन (Date of Birth) 14 ...

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    अल्बर्ट आइंस्टीन का जीवन परिचय Albert Einstein Biography In Hindi. महान भौतिक शास्त्री अल्बर्ट आइंस्टीन का जन्म 14 मार्च वर्ष 1879 में उलम नाम के शहर में हुआ ...

  5. अल्बर्ट आइंस्टीन का जीवन परिचय

    अल्बर्ट आइंस्टीन ( (Albert Einstein) - परिचय. अल्बर्ट आइंस्टीन जर्मन में जन्मे सैद्धांतिक भौतिक विज्ञानी (Theoretical Physicist) थे जिन्होंने सापेक्षता का ...

  6. अल्बर्ट आइंस्टीन का जीवन परिचय

    अल्बर्ट आइंस्टीन का जीवन परिचय. Albert Einstein Biography, Age, Wiki, Family, Inventions, Education, Achievements, Assets, in Hindi. अल्बर्ट आइंस्टीन एक जर्मन में जन्मे भौतिक विज्ञानी थे ...

  7. ALBERT EINSTEIN BIOGRAPHY IN HINDI

    ALBERT EINSTEIN BIOGRAPHY IN HINDI | A SHORT STORYAlbert Einstein was a German-born theoretical physicist who developed the theory of relativity, one of the...

  8. प्रसिद्ध वैज्ञानिक अलबर्ट आइंस्टाइन की जीवनी

    Albert Einstein Biography & History in Hindi / अलबर्ट आइंस्टाइन एक प्रसिद्ध वैज्ञानिक और सैद्धांतिक भौतिकविद् थे। वे सापेक्षता के सिद्धांत और द्रव्यमान-ऊर्जा समीकरण E = mc2 के लिए ...

  9. अल्बर्ट आइंस्टीन का जीवन परिचय Albert Einstein Biography In Hindi

    March 4, 2024 by Hindi Varsa Team. Albert Einstein Biography In Hindi आधुनिक भौतिक विज्ञान के जन्मदाता अल्बर्ट आइंस्टीन ने भौतिक विश्व को उसके यतार्थ स्वरूपों में ही समझने ...

  10. Albert Einstein biography in hindi

    Albert Einstein-German-born Theoretical Physicist/अल्बर्ट आइंस्टीन. अल्बर्ट आइंस्टीन जीवनी - Albert Einstein biography in hindi. विश्व के सुप्रसिद्ध वैज्ञानिक और भौतिक शास्त्री Albert Einstein ...

  11. Albert Einstein Biography in Hindi

    Albert Einstein Bhautik Vigyaanee Jinhonne Saapekshata ke Vishesh Aur Saamaany Siddhaanton ko Vikasit Kiya.Janiye Albert Einstein Biography in Hindi.

  12. अल्बर्ट आइंस्टीन की जीवनी| Albert Einstein Biography In Hindi

    अल्बर्ट आइंस्टीन की शादी ,पत्नी ( (Albert Einstein marriage,Wife ) - अल्बर्ट आइंस्टीन का कैरियर (Albert Einstein Career) अल्बर्ट आइंस्टीन के अविष्कार (Albert Einstein Inventions in hindi)

  13. Albart Einstein Biography in Hindi

    Albart Einstein Biography in Hindi - जीवन परिचय. अल्बर्ट आइंस्टीन का जन्म (Albert Einstein Birthday) 14 March 1879 को जर्मनी के उल्मा में हुआ था, इनका पूरा नाम अल्बर्ट हेमर्न ...

  14. भौतिकी महान वैज्ञानिक में से एक अल्बर्ट आइंस्टीन की जीवनी परिचय

    अल्बर्ट आइंस्टीन का जन्म और परिवार (albert einstein birthday and female)अल्बर्ट आइंस्टीन जन्म 14 मार्च 1879 को विश्व युद्ध के समय जर्मनी के एक छोटे से शहर अलम में एक अहुदी परिवार ...

  15. अल्बर्ट आइंस्टीन का जीवन परिचय व इतिहास

    अल्बर्ट आइंस्टीन के अविष्कार (Albert Einstein Inventions in hindi) - अल्बर्ट आइंस्टीन ने बहुत से अविष्कार किये जिसके लिए उनका नाम प्रसिद्ध वैज्ञानिको ...

  16. अल्बर्ट आइंस्टीन (Einstein) और उनकी रोमांच से भरी जिंदगी

    Einstein की जीवनी संखिप्त में - Einstein biography In Hindi. Einstein के तीन प्रमुख खोज - 3 major invetions of Einstein In Hindi. आइन्सटाइन से जुड़ी कुछ रोचक बातें :-

  17. अल्बर्ट आइंस्टीन जीवनी

    अल्बर्ट आइंस्टीन जीवनी - Biography of Albert Einstein in Hindi Jivani. Published By : Jivani.org. नाम : अल्बर्ट हेर्मन्न आइंस्टीन. जन्म : 14 मार्च 1879 उल्मा (जर्मनी) पिता : हेर्मन्न ...

  18. अल्बर्ट आइंस्टीन की जीवनी Albert Einstein Biography in Hindi

    अल्बर्ट आइंस्टीन की जीवनी Albert Einstein Biography in Hindi. अल्बर्ट आइंस्टीन दुनिया के महान वज्ञानिक और थ्योरिटिकल भौतिकवादी थे। आइंस्टीन पूरे विश्व ...

  19. अल्बर्ट आइंस्टीन जीवनी

    अल्बर्ट आइंस्टीन जीवनी - Biography of Albert Einstein in Hindi Jivani. अल्बर्ट के अंदर एक असमान्य चीज थी जो उनको अन्य बच्चो से भिन्न बनाती थी वो था उनका सर। उनका सर बचपन में किसी ...

  20. अल्बर्ट आइंस्टीन की जीवनी

    निधन. अल्बर्ट आइंस्टीन का निधन 18 अप्रैल 1955 (उम्र 76) प्रिंस्टन हस्पताल, न्यू जर्सी, संयुक्त राज्य में हुआ।. Also Read >> गुलजार की जीवनी - Gulzar Biography ...

  21. दुनिया का सबसे बुद्धिमान व्यक्ति बनने की कहानी

    Welcome To TheAwesomeWorldThe Channel purpose is to entertain you with some important, interesting and knowledgeable facts & contents of the worldचैनल का उद्...

  22. Albert Einstein

    Albert Einstein (born March 14, 1879, Ulm, Württemberg, Germany—died April 18, 1955, Princeton, New Jersey, U.S.) was a German-born physicist who developed the special and general theories of relativity and won the Nobel Prize for Physics in 1921 for his explanation of the photoelectric effect.

  23. Who was Albert Einstein? (Short biography)

    Albert Einstein was a German physicist of the XIX and XX centuries. He was born on March 14, 1879 and died on April 18, 1955. Einstein was known mainly for the development of the theory of relativity (special and general), the theoretical explanation of the Brownian motion and the photoelectric effect. Einstein was born in the German city of ...