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साइबर सुरक्षा पर निबंध Essay on Cyber Security in Hindi

साइबर सुरक्षा पर निबंध Essay on Cyber Security in Hindi

इस लेख में हम साइबर सुरक्षा पर निबंध (Essay on Cyber Security in Hindi) के बारे में बताएँगे। इसमें हम आपको साइबर सुरक्षा क्या है, इसके प्रकार, इसकी ज़रूरत, साइबर अटैक और भारत की साइबर सुरक्षा कैसी है इसके बारे में भी बात करेंगें।

Table of Content

दोस्तों, हम इक्कीसवीं सदी में जी रहे ही है और आज हर कोई अपने सभी काम इंटरनेट की मदद से करते है। हमारी सारी जानकारी इंटरनेट पर मौजूद है, हमारे डाटा को कोई चोरी न करे इसी के लिए साइबर सुरक्षा (Cyber Security) की जरूरत पड़ती है। आज के समय में पूरी दुनिया में साइबर अपराध बढ़ते जा रहे है इसी को रोकने के लिए साइबर सुरक्षा को मजबूत किया जा रहा है। 

डाटा को चोरी होने से बचाने के लिए सभी देशों द्वारा कड़ी साइबर सुरक्षा (Cyber Security) का इंतज़ाम किया गया है। इसके अलावा इंटरनेट के माध्यम से हैकिंग हमारे बैंक अकाउंट और अन्य कई प्रकार के डाटा को चुरा लिया जाता है। जो हमारे लिए एक चिंता का विषय है। 

साइबर सुरक्षा क्या है? What is Cyber Security in Hindi?

आज हम एक आधुनिक दौर में रह रहे है, और यहाँ हमसे जुड़ी सारी जानकारी इंटरनेट पर मौजूद है। जिसको कोई भी हैक करके चुरा सकता है।

इस समस्या से बचने के लिए इंटरनेट से जुड़े सभी प्रकार के कार्यों के लिए एक प्रकार की सुरक्षा की व्यवस्था की गई है। जिसे साइबर सुरक्षा कहा जाता है, जो हमारे डिवाइस के जरूरी डाटा, डिवाइस के हार्डवेयर और साफ्टवेयर के डाटा को साइबर अपराध से बचाने का कार्य करती है। 

इन गतिविधियों से हमारे डाटा और हमारे फाइलों को चोरी होने से बचाने के लिए साइबर सुरक्षा (Cyber Security) का इंतज़ाम किया गया है। जिससे साइबर अपराध को रोका जा सके।

दोस्तों,  साइबर अपराध या डाटा चोरी को रोकने के लिए साइबर सुरक्षा के अंतर्गत कई प्रकार के स्तर पर कार्य किये जाते है। इनमें डाटा सुरक्षा (Data Security), मोबाइल सुरक्षा (Mobile Security), जानकारी सुरक्षा (Information Security), नेटवर्क सुरक्षा (Network Security), अप्लीकेशन सुरक्षा (Application Security), यूज़र सुरक्षा (User Security), आपातकालीन सुरक्षा (Emergency Security) इसके साथ ही क्लाउड सुरक्षा (Cloud Security) की व्यवस्था भी की गई है। जिससे इस बदलती दुनिया में हमें किसी भी प्रकार के साइबर अपराध के खतरे से कोई दिक्कत न हो।

साइबर सुरक्षा और भारत India and Cyber Security

आज भारत भी दुनिया के विभिन्न देशों के साथ कदम से कदम मिला कर चल रहा है। इंटरनेट के उपयोग में भारत आज तीसरे स्थान पर है। इस बात से आप समझ सकते है कि भारत आज कितना आगे बढ़ चुका है।

आज हर चीज इंटरनेट के माध्यम से होती है इससे कई प्रकार के खतरे भी बढ़ जाते है जिससे निपटने के लिए भारत सरकार द्वारा कई कदम उठाये गए है। लेकिन फिर भी कई मामलों में भारत अभी भी पीछे है। इस बात का पता आप बीते पिछले कुछ वर्षों से लगा सकते है।

बीते हुए पिछले कुछ वर्षों में कई प्रकार की घटनाएँ सामने आई है जैसे – रेलवे से डाटा चोरी, Zomato  के लगभग 17 मिलियन डाटा चोरी, कई प्रकार मशीनों में मालवेयर अटैक आदि।  

साइबर सुरक्षा भारत के लिए समस्या का विषय है जिस पर भारत सरकार कई प्रकार के कदम उठायें है लेकिन इस दिशा में भारत को और भी कई अन्य कदम उठाने की जरुरत है। जिससे किसी भी प्रकार की साइबर अपराध न हो पायें।

साइबर सुरक्षा की जरूरत क्यों? Importance of Cyber Security

आज के समय में दुनिया भर में इंटरनेट का उपयोग पूरी तरह से किया जा रहा है। समय के साथ इंटरनेट चलाने वालों की संख्या भी बढ़ रही है। लोग अपने सारे कार्य इंटरनेट के मदद से ही करते है चाहे वो निजी कार्य हो या सरकारी कार्य। ऐसे में इंटरनेट पर किसी भी प्रकार के हैकिंग से किसी का भी डाटा चुराया जा सकता है।

डाटा चोरी के अलावा कई प्रकार के साइबर अपराध को रोकने के लिए साइबर सुरक्षा की ज़रूरत पड़ती है। जिससे इंटरनेट यूजर के डिवाइस के साथ उसकी सभी प्रकार के जानकारी को सुरक्षित रखा जा सके।   

आज इंटरनेट की दुनिया में हर रोज हैकिंग, फ्रॉड, डाटा चोरी जैसी समस्या लगातार आ रही है, ऐसे में साइबर सुरक्षा के द्वारा ही इन सारी समस्याओं से बचने के लिए एक प्रकार का सुरक्षा कवच तैयार किया जाता है, जो इंटरनेट पर होने वाले साइबर अटैक को रोकता है।

साइबर अटैक क्या होता है? Information about Cyber Attack in Hindi

साइबर अटैक एक प्रकार का वर्चुअल अटैक होता है। जिस प्रकार किसी देश के किसी विशेष क्षेत्र को पाने के लिए कई देश लड़ाई लड़ते है उसी प्रकार डिजिटल दुनिया में भी किसी फाइल को हैक करने या किसी नेटवर्क को अपने कब्जे में लाने के लिए साइबर अटैक (Cyber Attack) किये जाते है।

दोस्तों साइबर आक्रमण करने के कई उद्देश्य होते है इनमें किसी व्यक्ति,संस्थाओं या देशों के महत्वपूर्ण जानकारी चुराने के लिए किये जाते है। इसे साइबर आतंकवाद का हिस्सा भी माना जाता है क्योंकि इसमें दो पक्षों के बीच आपस में साइबर अटैक किये जाते है। इसे साइबर युद्ध भी कहा जाता है।  

साइबर अटैक के प्रकार? Types of Cyber Attack in Hindi

बदलते समय के साथ हम अपनी सुरक्षा में भी बदलाव कर रहे है। क्योंकि समय के साथ तकनीकी में भी बड़े बदलाव हर किसी के लिए चुनौती भी है। जैसे जैसे तकनीकी में बदलाव हो रहे है साइबर अटैक के प्रकृति भी बदल रहे है। तो आइये जानते है साइबर आक्रमण कितने प्रकार होते है:

  • मालवेयर (Malware) –   किसी भी डिवाइस के डाटा को अपने कंट्रोल में लाने के लिए इसका इस्तेमाल किया जाता है। किसी भी नेटवर्क को हैक करने के लिए स्रोत में लिंक और ईमेल अटैच होते है। जिस पर क्लिक करने पर सॉफ्टवेयर रन हो जाता है और यूज़र के डिवाइस का कंट्रोल हैकर के हाथों में चला जाता है। इसमें अंतर्गत Spyware, वायरस, वार्म, रैंसमवेयर आदि आते है।
  • फिशिंग –   ये एक प्रकार की डिजिटल धोखाधड़ी करने की प्रक्रिया है। जिसमे किसी प्रतिष्ठित संस्था के नाम से किसी यूज़र को ईमेल की जाती है, उसकी निजी जानकारी मांग ली जाती है जैसे क्रेडिट कार्ड, डेबिट कार्ड के साथ अन्य जानकारी। 
  • Man-in-the-middle attack (MitM) –  इस अटैक से अटैककर किसी भी दो पक्षों के बीच हुए बातचीत की जानकारी को हासिल कर लेते है। इससे तरह हमलों से बचने के लिए इंटरनेट की https वाली वेबसाइट का इस्तेमाल करे, इसके अलावा किसी भी App  को Google PlayStore से ही daownlod किया जाए।
  • Smishing – ये एक प्रकार से फिशिंग टैक के जैसे ही है, जिसमे मैसेज SMS के माध्यम से किया जाता है। इसमें आपके पास लॉटरी जितने का मैसेज आता है। लॉटरी के लालच में बहुत से अपनी सारी जानकरी अनजाने में इन्हें दे देते है।
  • SQL Injection and Cross-Site Scripting (XSS) – किसी वेबसाइट की संवेदनशील जानकारी के डाटा को चुराने के लिए हैकर SQL इंजेक्शन का इस्तेमाल करके वेबसाइट के डाटाबेस तक पहुँच जाते है। और इससे जुड़ी जानकारी आसानी से हासिल कर लेता है।
  •  Zero Day – हम सभी जानते है कि हर किसी सॉफ्टवेयर में कुछ न कुछ कमी होती है, उसी का फायदा उठाकर हैकर्स उसमे छेड़ छाड़ कर दिया जाता है। जिससे वो उसका एक्सिस पा सके। 

साइबर अटैक का कारण? Reasons Behind Cyber Attack

दोस्तों अगर हम साइबर अटैक होने के कारणों के बारे बताया जाए, तो ऐसा करने के पीछे कई कारण हो सकते है जैसे लोगों के पर्सनल जानकारी के लिए, क्रेडिट कार्ड डाटा के लिए, डेबिट कार्ड डाटा, संवेदनशील जानकारी, किसी व्यापार की जानकारी आदि। इसके अलावा भी बहुत से ऐसे कारण है जिनके लिए साइबर अटैक किये जाते है। इनमे जासूसी, राजनैतिक कार्यों के लिए या रहस्यों का पता लगाने के लिए भी साइबर अटैक किये जाते है।

भारत में साइबर सुरक्षा कानून Cyber Security Laws in India

हम सभी जानते है कि साइबर अपराध एक गैर कानूनी काम है और इसमें कुछ आपराधिक गतिविधियाँ भी शामिल हो सकती है। इनमें डाटा चोरी, धोखाधड़ी, जालसाज़ी, के साथ अन्य कई कार्य भारतीय दंड सहिंता में अंतर्गत आते है। इन गैर कानूनी कार्यों को रोकने के लिए भारत में भी साइबर सुरक्षा ज़रूरत है।

साइबर अपराधों को संज्ञान में लेते हुए भारत में “सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम 2000” पारित किया गया। जिसके अंतर्गत साइबर हमलों को निपटाने के प्रबंध किये गये है।

“सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम 2000” में कई धाराएँ बनायीं गई है जो हैकिंग और साइबर अपराधों से जुड़ी हुई है जैसे 43, 43A, 66, 66, 66C, 66D, 66E, 66F, 67, 67A, 67B, 70, 72, 72A और 74 आदि।

भारत सरकार द्वारा साइबर सुरक्षा के लिए उठाए गए कदम

भारत सरकार द्वारा देश में होने वाले साइबर अपराधों को रोकने के लिए साइबर सुरक्षा की दिशा में कई कदम उठाये गए है जो इस प्रकार है-

  •   “ सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम 2000 ” पारित किया गया, जिससे साइबर अपराध कम हो सके।
  •   इसके अंतर्गत ये धाराएँ 43, 43A, 66, 66, 66C, 66D, 66E, 66F, 67, 67A, 67B, 70, 72, 72A और 74 बने गई है जो हैकिंग और साइबर अपराधों से संबंधित है।
  • साइबर सुरक्षा के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद सचिवालय को नोडल एजेंसी बनाया है, इसके साथ राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी अनुसंधान संगठन को भी नोडल एजेंसी बनी गई है।
  • भारत सरकार द्वारा 2013 में राष्ट्रीय सुरक्षा नीति जारी की गई, इसके तहत राष्ट्रीय अतिसंवेदनशील सूचना अवसंरचना संरक्षण केंद्र (National Critical Information Infrastructure protection center-NCIIPC) का भी गठन किया गया है।
  • इसके अलावा भारत सरकार द्वारा कंप्यूटर इमरजेंसी रिस्पॉन्स टीम (CERT-In)’ की स्थापना की गई, जो साइबर सुरक्षा के लिए बनाया गया है।
  • भारत सरकार ने Indian Cyber Crime Co-ordination Centre-I4C की स्थापना की है।

साइबर सुरक्षा के बीच में आने वाली मुश्किलें Obstacles During Cyber Security

साइबर सुरक्षा हर किसी के लिए एक गंभीर मुद्दा है। आज छोटी से छोटी जानकारी इंटरनेट पर मौजूद है। इस पर सारा डाटा सुरक्षित रहे, साइबर सुरक्षा के लिए ये एक बड़ी चुनौती है।

इन चुनौतियों में रैंसमवेयर, मालवेयर, फिशिंग मामले इसके अलावा कई और भी है। दोस्तों अगर विश्व के स्तर पर देखा जाए तो भारत में साइबर हमलों के मामलें 11 वें स्थान पर है। 

निष्कर्ष Conclusion

दोस्तों आप सभी ने साइबर सुरक्षा और साइबर अटैक के बारे पढ़ा इससे आप समझ सकते है कि हर समय साइबर अपराध का ख़तरा बना रहता है।

आप सभी को इंटरनेट का उपयोग करते समय छोटी छोटी बातों का ध्यान रखना चाहिए जिससे आपका डाटा चोरी होने से बच सके। आशा करते हैं साइबर सुरक्षा पर निबंध Essay on Cyber Security in Hindi आपको अच्छा लगा होगा। लेख कैसा लगा कमेन्ट के माध्यम से जरूर बताएं।

4 thoughts on “साइबर सुरक्षा पर निबंध Essay on Cyber Security in Hindi”

I am actually not much aware about Cyber System before your essay. But your essay imbibe so much motivation as well as inspiration to gain much about this function.So Iam thankful to you .

Waaahhh bete

Isse mahatvpoorn jankari ek hi lekh me ek jagah prat hui.parantu yah 10 th std. Ke bachcho ke liye prapat hai.parantu or adhik graduation level ke IQ hetu pr adhik ja kare ka samavesh kare.to padhne se or adhik gyan prapti hogi.

I want to learn about cyber security or ethical hacker.. can you please teach me about this

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essay on security in hindi

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राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस पर निबंध, 2023 थीम और महत्व | National Safety Day Essay in Hindi

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राष्ट्रीय सुरक्षा सप्ताह 2023 पर निबंध (National Safety Day Essay in Hindi, Safety Day Theme 2023, National Security Day 2023, Essay on National Safety Day and Week 2023 in Hindi)

National Safety Day 2023: आज इस लेख के जरिए हम आपको भारतीय राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस/सप्ताह पर निबंध (National Safety Day 2023 Essay In Hindi) के बारे में बताने वाले हैं।

भारत में हर साल 4 मार्च का दिन राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस दौरान राष्ट्रीय सुरक्षा को बढ़ावा देने के लिए केवल राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस ही नहीं अपितु राष्ट्रीय सुरक्षा सप्ताह मनाया जाता है।

राष्ट्रीय सुरक्षा सप्ताह की शुरुआत राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस 4 मार्च से ही होती है और यह सप्ताह 10 मार्च तक चलता है। राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस और सप्ताह हर साल एक नई थीम अर्थात विषय के साथ मनाया जाता है।

इस साल भी 4 मार्च 2023 को राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस मनाया जाएगा और 4 मार्च 2023 से लेकर 10 मार्च 2023 तक राष्ट्रीय सुरक्षा सप्ताह की गतिविधियां और कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।

राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस और सप्ताह के खास मौके पर विभिन्न शिक्षण संस्थानों और सरकारी तथा गैर सरकारी संगठनों द्वारा राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस और सप्ताह पर निबंध लेखन (Essay On National Safety Day / Week In Hindi) प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाता है।

  • राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस क्यों मनाया जाता है?
  • राष्ट्रीय एकता दिवस पर निबंध व कविता
  • राष्ट्रीय बालिका दिवस पर निबंध व भाषण
  • राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस पर भाषण
  • राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस 2023 पर स्लोगन

विषय–सूची

राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस 2023 का संक्षिप्त विवरण (Essay on National Safety Day in Hindi)

राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस पर निबंध (national safety day essay in hindi) –, प्रस्तावना–.

प्रत्येक वर्ष 4 मार्च का दिन भारतीय राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस के रूप में मनाया जाता है। 4 मार्च 1972 का दिन वह विशेष दिन था जब राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस मनाने की शुरुआत हुई।

भारत में राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस मनाने की पहल भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद (National Safety Council) ने की थी। राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद एक गैर-लाभकारी संगठन है जिसकी स्थापना 4 मार्च साल 1966 में मुंबई में सोसायटी अधिनियम एक्ट के तहत की गई थी।

यही कारण है कि 4 मार्च के दिन भारतीय राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद की स्थापना होने के कारण साल 1972 से इसे राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस के रुप में मनाया जाने लगा।

जब भारत में राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस मनाने की शुरुआत हुई तो उस समय भारत के राष्ट्रपति डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन जी थे। जिन्होंने सुरक्षा मामले में जागरूकता की गंभीरता को समझते हुए राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस मनाने का आह्वान किया ताकि भारतीय उद्योगों और उद्योगपतियों को औद्योगिक सुरक्षा के मामले में जागरूक किया जा सके।

राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस की शुरुआत होने के बाद लगातार भारत में होने वाली औद्योगिक और अन्य दुर्घटनाओं में कमी देखने को मिली है। सुरक्षा मामलों में यह सतर्कता और उपलब्धि राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस और सप्ताह की ही देन है।

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राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस एवं सप्ताह मनाने के उद्देश्य –

राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस एवं सप्ताह मनाने का सबसे प्रमुख उद्देश्य भारतीय लोगों को राष्ट्रीय सुरक्षा और स्वयं की सुरक्षा दोनों के प्रति जागरूक करना है।

राष्ट्रीय सुरक्षा सप्ताह के खास मौके पर पूरे सप्ताह भर राष्ट्रीय सुरक्षा से संबंधित विभिन्न प्रकार के कार्यक्रम और गतिविधियां आयोजित की जाती हैं। इन सुरक्षा कार्यक्रमों के जरिए न केवल देश की राष्ट्रीय सुरक्षा बल्कि पर्यावरण एवं मानव स्वास्थ्य की सुरक्षा इत्यादि मुद्दों पर भी चर्चा होती है।

राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस केवल लोगों को उनकी सुरक्षा के प्रति जागरूक ही नहीं करता बल्कि परस्पर सुरक्षा में सहयोग की भूमिका के लिए भी प्रेरित करता है। इस पूरे सप्ताह और राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस के विशेष मौके पर सुरक्षा के उपायों पर गहन शोध और चर्चाएं होती हैं।

आपकी और हमारी सुरक्षा केवल सुरक्षा परिषद की जिम्मेदारी नहीं है बल्कि यह हमारी नैतिक जिम्मेदारी है और हमें अपनी जिम्मेदारी का पूरी तरह निर्वहन करना चाहिए। राष्ट्रीय सुरक्षा सप्ताह और दिवस पर्यावरण तथा परिवेश की सुरक्षा के लिए भी समर्पित होता है।

राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस एवं सप्ताह के मुद्दों में पर्यावरण की स्वच्छता, प्रदूषण की रोकथाम, औद्योगिक सुरक्षा, गरीबी एवं बेरोजगारी, प्राकृतिक आपदा प्रबंधन, आतंकवाद और नक्सलवाद से सुरक्षा तथा नारी सुरक्षा सशक्तिकरण और स्वावलंबन जैसे विषय शामिल होते हैं।

राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस एवं सप्ताह के कार्यक्रम –

भारत में राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस और राष्ट्रीय सुरक्षा सप्ताह की गतिविधियां 4 मार्च को शुरू होती हैं और 10 मार्च तक चलती हैं।

सप्ताह के 7 दिनों में अलग-अलग मुद्दों पर अलग-अलग गतिविधियां और कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। इन कार्यक्रमों में पर्यावरण और स्वास्थ्य सुरक्षा के ऊपर भी विचार-विमर्श किया जाता है।

राष्ट्रीय सुरक्षा सप्ताह और दिवस भारत की सीमा सुरक्षा के लिए भी बेहद विशेष महत्व रखता है क्योंकि यह नेशनल सिक्योरिटी से भी संबंधित है। इन खास मौके पर विभिन्न कार्यक्रमों में भारत की सीमा सुरक्षा पर कुर्बान वीर जवानों और सैनिकों को श्रद्धांजलि अर्पित कर उन्हें याद भी किया जाता है।

राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस 2023 की थीम (National Safety Day Theme 2023)

राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस एवं सप्ताह भारत में हर साल एक नई थीम के साथ मनाया जाता है।

इस दिवस को थीम के साथ मनाने का सबसे प्रमुख उद्देश्य है अलग-अलग विषयों पर एक-एक करके प्रकाश डालना और उनसे जुड़ी हुई समस्याओं का निपटारा करना।

इस साल राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस 2023 के लिए एक नई थीम “Our Aim – Zero Harm” अर्थात् “हमारा लक्ष्य – शून्य नुकसान” निर्धारित की गई है।

राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस एवं सप्ताह का महत्व –

सुरक्षा के प्रति जागरूकता को लेकर राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस एक बेहद खास दिन है। इसके कार्यक्रम लगातार राष्ट्र की सुरक्षा और राष्ट्रीय नागरिकों की सुरक्षा को बढ़ावा देने में और उन्हें सुरक्षा के प्रति जागरूक करने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं।

जब से राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस एवं सप्ताह बनाने की शुरुआत हुई है भारत में औद्योगिक दुर्घटनाओं में बेहद कमी आई है और लगातार औद्योगिक सुरक्षा एवं अन्य क्षेत्रों में सुरक्षा के प्रति लोगों की जागरूकता बढ़ती जा रही है।

सुरक्षा दिवस मनाने का प्रमुख उद्देश्य ही है लोगों को सुरक्षा के प्रति जागरूक करना।

भारतीय राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद –

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि भारतीय राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद एक गैर लाभकारी संगठन है जिसका काम राष्ट्रीय सुरक्षा और उसकी रणनीति के मामले में लोगों को सुझाव देना और जागरूक करना है।

इसकी स्थापना 4 मार्च 1966 को भारतीय श्रम मंत्रालय द्वारा की गई थी।

सुरक्षा के प्रति जागरूकता को बढ़ावा देना केवल राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद का काम नहीं है बल्कि यह हमारी व्यक्तिगत जिम्मेदारी भी है।

हमें एक साथ मिलकर देशभर के लोगों को राष्ट्रीय सुरक्षा पर्यावरण की सुरक्षा और उनके स्वयं की सुरक्षा के प्रति जागरूक करना चाहिए।

हमें परस्पर सुरक्षा में सहयोग की भूमिका निभानी चाहिए और हमेशा एक दूसरे की सुरक्षा में मदद करनी चाहिए।

इन्हें भी पढ़ैं-

  • राष्ट्रीय विज्ञान दिवस 2023 पर भाषण व निबंध
  • बाल दिवस पर निबंध और भाषण
  • अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर भाषण
  • अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर निबंध

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आंतरिक सुरक्षा की चुनौतियां पर निबंध | Internal Security Challenges Essay In Hindi

नमस्कार आज का निबंध आंतरिक सुरक्षा की चुनौतियां पर निबंध Internal Security Challenges Essay In Hindi पर दिया गया हैं.

भारत में आंतरिक सुरक्षा के खतरे और समाधान पर आधारित सरल भाषा में स्टूडेंट्स के लिए निबंध दिया गया हैं. आशा करते है इन्टरनल सिक्योरिटी पर दिया गया निबंध आपको पसंद आएगा.

आंतरिक सुरक्षा की चुनौतियां पर निबंध Internal Security Challenges Essay In Hindi

आंतरिक सुरक्षा की चुनौतियां पर निबंध | Internal Security Challenges Essay In Hindi

जब किसी देश के नागरिकों में असुरक्षा का भाव हो तथा आंतरिक समस्याओं में उलझा राष्ट्र कभी भी प्रगति की राह पर आगे नही बढ़ सकता.

विकास और नागरिकों के उन्नत जीवन जैसे विषयों पर ध्यान देने की बजाय प्रशासन आंतरिक चुनौतियों में उलझ कर रह जाता हैं. जिसका राष्ट्र के विकास और गौरव पर प्रतिकूल असर पड़ता हैं.

आज भले ही हम कुछ क्षेत्रों में अग्रणी हो गये हो लेकिन बार-बार हमारी आंतरिक सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठते आए हैं. कभी साम्प्रदायिकता, क्षेत्रवाद, नक्सलवाद, अलगाववाद और जम्मू कश्मीर में आंतरिक आतंकवाद आज बड़े Internal Security Issue बन चुके हैं.

हमारी आंतरिक व्यवस्था और शांति पर सवाल उठाने वाली कुछ खतरनाक समस्याओं के बारे में इस निबंध में विस्तार पूर्वक जानेगे.

आंतरिक सुरक्षा की चुनौतियां Internal Security Challenges In Hindi

जम्मू कश्मीर और अन्य राज्यों में आतंकवाद की समस्या (terrorism problem in jammu and kashmir and other states)-.

सरल शब्दों में कहा जाए तो पिछले कुछ वर्षो से जम्मू कश्मीर राज्य में गृह युद्ध चल रहा है. एक तरफ भारतीय सेना, सुरक्षा बल और जम्मू कश्मीर पुलिस हैं तो दूसरी तरफ जिहादी विचारधारा को मानने वाले लोगों के गुट है.

सेना और इन आतंकवादियों के बिच आए दिन घटनाएं पढने को मिलती हैं. जिहादी विचारधारा और पाकिस्तान का समर्थन करने वाले ये लोग सीमा पार से आने वाले आतंकियों को प्रश्रय देकर किसी बड़ी घटना को अंजाम देने में मदद करते हैं.

सालों से चली आ रही इस आंतरिक सुरक्षा समस्या से निपटने के लिए केंद्र और राज्य सरकार को कुटनीतिक और सैनिक दोनों स्तर की बड़ी कार्यवाही करने की आवश्यकता हैं.

जम्मू कश्मीर राज्य की जनता को भी चाहिए कि आंतरिक शांति और सुव्यवस्था के लिए सरकार द्वारा उठाए जा रहे कदमों का समर्थन कर सक्रिय सहयोग दे.

समय रहते यदि इस समस्या पर लगाम नही लगाई गई तो न केवल कश्मीर की वादिया यू ही खून से लथपत होती रहेगी, बल्कि इसका बुरा असर देश के अन्य हिस्सों में भी देखने को मिल सकता हैं.

नक्सलवाद की समस्या और समाधान (Naxalism Problems and Solutions)

यदि आतंकवाद के बाद भारत की आंतरिक सुरक्षा की चुनौती पर नजर डाले तो नक्सलवाद का ही नाम आता हैं. भारत में नक्सलवाद की शुरुआत आजादी के साथ ही मानी जाती हैं.

पश्चिम बंगाल के नक्सलबाड़ी गाँव से शुरू हुआ एक सशस्त्र विद्रोह आज आँध्र प्रदेश, छत्तीसगढ, उड़ीसा, झारखंड और बिहार सहित दर्जन राज्यों तक फ़ैल चूका हैं.

चीन के कम्यूनिस्ट नेता माओत्से तुंग की विचारधारा से प्रभावित होकर किसानों तथा मजदूरों की मांगो की पूर्ति के लिए 1967 में चारू मजूमदार और कानू सान्याल द्वारा शुरू की गई यह क्रांति आज जनसंहार का माध्यम बन चुकी हैं.

साम्यवादी विचारधारा के समर्थन से भू स्वामियों के खिलाफ की गई कार्यवाही नक्सलवाद के रूप में इसकी शुरुआत हुई थी.

अशिक्षित और आदिवासी नवयुवकों को बहला फुसला कर अपने अधिकारों के नाम पर इस सिस्टम का विरोधी बना दिया जाता हैं. मन में कुंठा और विद्रोह का भाव लिए राह से भटके नवयुवक हिंसक घटनाओं को अंजाम देते है,

बड़े स्तर पर इस तरह की कार्यवाही आज भारत की बड़ी आंतरिक सुरक्षा की समस्या बन चुकी हैं. सरकार और इन समुदाय के लोगों द्वारा बातचीत या उनकी मांगो को स्वीकार कर नक्सलवाद की समस्या को समाप्त किया जा सकता हैं.

साम्प्रदायिकता (Communalism)

इस बात की पुष्टि के लिए किसी प्रमाण की आवश्यकता नही हैं. कि अलग-अलग धर्म जाति और भाषाओं में विविधता होने के उपरांत भी हम भारतीय सदा एकता के सूत्र में बंधे रहे हैं.

हमारा इतिहास इस बात का गवाह हैं, कि प्राचीन काल से आज तक हजारों जातियों और समुदायों, विचारधाराओ के लोग भारत आए और भारत की इस संस्कृति के साथ रस बस गये, इन्हे अपना लिया.

इस देश का प्रत्येक नागरिक चाहे वो हिन्दू, मुस्लिम, सिख,इसाई किसी सम्रदाय से आता हो हमेशा आपस में मिल-जुलकर रहना चाहते हैं.

मगर कुछ राजनेता और कट्टरपंथी राजनितिक दल जाति और धर्म के नाम पर हमे बाटकर अपना स्वार्थ सिद्ध करने में लगे हैं. वे हर घटना कों जाति और धर्म के नजरिये से देखकर उस पर राजनीती करने का कोई अवसर नही छोड़ते हैं. ये ही चंद लोग भारत में साम्प्रदायिकता का जहर घोलकर अपना उल्लू सीधा करने लगे हैं.

अलगाववाद (Separatism)

अलगाव अपने आप में अशुभ शब्द हैं. भारत राज्यों का संघ हैं, किसी भी देश के समग्र विकास के लिए सता की धुरी का मजबूत होना जरुरी समझा जाता हैं. इसे दुर्भाग्य ही कहा जाए, हर समय भारत में एक नये राज्य की मांग होती रहती हैं.

प्रशासन की सुविधा और अधिक अधिकारों के नाम पर आजादी के बाद से कई बड़े राज्यों का विघटन होकर लघु राज्यों में तब्दील हो गये हैं. एक सीमा तक यदि राज्य बहुत बड़ा हैं, जिनका प्रशासन सुचारू रूप से चलाना असम्भव हो तो जरुरी हैं उस राज्य का टुकड़ा कर पृथक राज्य बनाए जाए.

मगर एक संभाग से भी कम आकार के क्षेत्र को लेकर बार-बार अलग राज्य बनाने की जिद्द और इसी जिद्द को लेकर उग्र प्रदर्शन, हड़ताले और तोड़फोड़ कहा तक उचित हैं.

भाषा के आधार पर विभाजित पहला राज्य आंध्रप्रदेश था, जो 1953 में बना था और आज 2017 आते आते भारत में कुल राज्यों की संख्या 29 हो गईं हैं. देश की आंतरिक सुरक्षा और समुचित विकास में बड़े राज्य महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं.

किसी भी तरह की कार्यवाही या प्रशासन व्यवस्था में ये छोटे-छोटे राज्यों की सीमाएँ राष्ट्र की एकता और अखंडता के लिए अच्छा संकेत नही हैं.

क्षेत्रवाद और भाषावाद (Regionalism and philology)

लोगों द्वारा अपने क्षेत्र स्थान को दूसरों से विशिष्ट और अच्छा मानना, अपने निवास स्थान, क्षेत्र, राज्य के प्रति निष्ठा रखना. देश के दुसरे भागों के बारे में तनिक भी न सोचकर अपने ही क्षेत्र के विकास की सकीर्ण विचारधारा को क्षेत्रवाद कहा जाता हैं.

इस तरह की विचारधारा से देश के अन्य क्षेत्र और अपना क्षेत्र टकराव की स्थति में आ जाते हैं. क्षेत्रवाद के कारण लोगों में अपने क्षेत्र विशेष के लिए अधिक आर्थिक, राजनितिक और सामजिक विकास की भावना घर कर जाती हैं. जिसके कारण असमानता का जन्म होता हैं, जो देश की एकता के लिए खतरा हैं.

भाषावाद – भारत में 22 भाषाओं को सविधान द्वारा मान्यता प्रदान की गई हैं, देश के विभिन्न कोनों में तक़रीबन 1700 बोलिया बोली जाती हैं. विविधता में एकता की पहचान लिए हमारे देश के अधिकतर भागों में हिंदी भाषा बोली व समझी जाती हैं. इस कारण इसे राजभाषा का दर्जा दिया गया हैं.

कुछ दक्षिणी भारत के राज्य जिनमे मुख्य रूप से तमिलनाडू और केरल में हिंदी को राष्ट्रिय भाषा बनाने के विरोध में कई विद्रोह हुए. इस प्रकार के भाषाई टकराव देश की आंतरिक सुरक्षा के लिए बड़ा खतरा साबित हो सकता हैं.

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  • राष्ट्रीय सुरक्षा और विज्ञान पर निबंध
  • नक्सलवाद एक भयानक समस्या

उम्मीद करता हूँ दोस्तों आंतरिक सुरक्षा की चुनौतियां पर निबंध Internal Security Challenges Essay In Hindi का यह निबंध आपको पसंद आया होगा. आंतरिक सुरक्षा पर दिया गया निबंध पसंद आया हो तो अपने दोस्तों के साथ जरुर शेयर करें.

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राष्ट्रीय सुरक्षा के समक्ष मौजूद खतरे पर निबंध | Essay on Dangers to National Security in Hindi

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राष्ट्रीय सुरक्षा के समक्ष मौजूद खतरे पर निबंध | Essay on Dangers to National Security in Hindi!

भारत में राष्ट्रीय सुरक्षा को हानि पहुंचाने वाले तत्त्वों की जानकारी आम नागरिक को नहीं है । आज के हालात में बाहरी और आंतरिक सुरक्षा में भेद करना कठिन हो गया है । हमारी सुरक्षा को वास्तविक खतरा गुप्त कार्रवाइयों, विद्रोही और आतंककारी गतिविधियों से है ।

जम्यू-कश्मीर में लम्बे समय तक चला आन्दोलन इसका ताजा उदाहरण है । सुरक्षा एजेंसियों को इस बात को मानने में कोई परहेज नहीं है कि इन आन्दोलनों में हिंसा फैलाने वालों में पाकिस्तान प्रशिक्षित आतंकवादियों का हाथ था । जम्मू-कश्मीर मुस्लिम बहुल राज्य है ।

यही वजह है कि आतंककारी आसानी से यहा के नागरिकों में घुल-मिल जाते हैं । धर्म और जाति के नाम पर लोगों में फूट और उनमें मुकाबले की स्थिति उत्पन्न कर अपने आतंककारी मंसूबों में आसानी से कामयाब हो सकते हैं । राष्ट्रीय सुरक्षा, पर प्रभाव डालने वाले कुछ मुख्य बिन्दुओं पर हम यहाँ विचार करेंगे ताकि महत्त्वपूर्ण मुद्दों पर आम आदमी में जागरूकता बढ़ाई जा सके ।

पाक प्रायोजित आतंकवाद:

भारत को स्थायी रूप से हानि पहुंचाने की पाकिस्तान की क्षमता भले ही धीरे-धीरे घटती जा रही है, लेकिन पाकिस्तान मौन रहकर राजनीतिक और सैन्य रूप से विरोधी रूख अपनाए रह सकता है । यह सम्भव है कि पाकिस्तान में उग्रवादी दल काबिज हो जायें और तालिबान की तरह पाकिस्तान सरकार से हमें बातचीत समझौते के लिए कोई समुचित उपाय निकालना पड़े ।

बांग्लादेशियों की बढ़ती घुसपैठ:

बांग्लादेश से भारी संख्या में लोगों के पलायन कर भारत में आने की समस्या पर तुरन्त ध्यान दिये जाने की जरूरत है । इस मुद्दे पर बांग्लादेश सरकार के साथ बातचीत कर एक व्यापक नीति बनाने की जरूरत है सिर्फ समय-समय पर होने वाली वार्ताओं और तदर्थ उपायों से अवैध बांग्लादो,शेयों की इस ‘बाढ़’ को नहीं रोका जा सकता है ।

भारत में जातीय , धार्मिक और सामाजिक-आर्थिक हिंसा:

कुछ गलत नीतियों और राजनीतिक एजेण्डों के चलते उत्पन्न आतरिक हिंसा ने बाहरी खतरों की अपेक्षा आन्तरिक सुरक्षा को ज्यादा प्रभावित किया है । समुदायों के बीच उत्पन्न समस्याओं को ज्यादा लम्बे समय तक अटकाए रहने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए । यदि ये समस्याएं उत्पन्न होती हैं, तो इसे सभी राजनीतिक दलों के प्रयास से सुलझाया जा सकता है । धार्मिक और जातीय दंगे, मन्दिर-मस्जिद विवाद जैसी समस्याओं को शीध्र सुलझाना चाहिए । यदि ऐसी समस्याएं जारी रहती हैं तो देश के वातावरण में केवल जहर ही घुलेगा ।

बाहरी तत्त्वों का अलगाववाद को समर्थन:

बाहरी तत्त्वों द्वारा अलगाववादी आन्दोलनों और आतंककारी गतिविधियों को दिये जा रहे समर्थन को केवल पुलिस बल के सहारे ही नियंत्रित नहीं किया जा सकता । इसके लिए उचित राजनीतिक पहल की जरूरत है । हिंसात्मक आन्दोलनों पर नियंत्रण पाने के लिए हमें पिछड़े लोगों के आर्थिक उत्थान और उनके सामाजिक और राजनीतिक कल्याण के लिए कार्य करना होगा ।

समाज का धार्मिक ध्रुवीकरण:

ADVERTISEMENTS:

धार्मिक ध्रुवीकरण हमारी राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए बहुत खतरा बन जायेगा । इसका आर्थिक सुदृढ़ता और राष्ट्रीय विकास पर असर पडेगा । हमारे शत्रुओं और सहयोगियों की सैन्य और आर्थिक क्षमताओं का आकलन किया जाना चाहिए, ताकि हम पूरी तैयारी के साथ उचित रक्षात्मक उपाय करने में समर्थ हो सकें । इस्लामिक कट्‌टरवाद की गिरफ्त में हम और ज्यादा आये हैं जिससे आन्तरिक अन्तर्द्वंद्व और हिंसा को बढ़ावा मिला है । बढ़ते खतरों को देखते हुए योजनाएं बने तथा इसे नियमित रूप से ‘अपडेट’ किया जाये ।

इसके कुछ उपाय नीचे दिये जा रहे हैं :

i. आतंकवाद और विद्रोह से प्रभावी ढंग से निपटने के लिए राजनीतिक, आर्थिक और सामाजिक क्षेत्र में सुधार किये जायें । जरूरत पड़ने पर सैन्य मदद ली जाये ।

ii. कुछ भागों में स्थायी रूप से आतंकवाद और विद्रोह से निपटने के लिए तंत्र स्थापित किया जाये ।

iii. प्रभावित क्षेत्रों में तटस्थ नागरिकों के संरक्षण के लिए महत्त्वपूर्ण कदम उठाने के साथ ही शांति योजनाएं चलाई जाये ।

iv. सुरक्षा बलों को संचार के आधुनिकतम साधन उपलब्ध कराए जायें ।

v. खतरे की पूर्व चेतावनी के लिए बेहतर सूवना तत्र बने ।

आतंकवादियों के क्षेत्रीय सम्यकों को खत्म करने के प्रयास किये जाने चाहिए । इनमें से कुछ निम्न हैं :

i. भारत के बड़े भू-भाग में नक्सली गतिविधियां संचालित हैं । नक्सली अक्सर नेपाल के माओवादी संगठन से हाथ मिला लेते हैं । वे हथियार हासिल करने के लिए अंतर्राष्ट्रीय संगठनों से भी सम्पर्क जोड़ लेते हैं ।

ii. सशस्त्र नागा विद्रोही म्यामार के जनजातीय इलाकों में शरण पा लेते हैं और उनसे जाति के आधार पर संबंध जोड़ लेते हैं ।

iii. असम (असोम) के अलगाववादियों का आईएसआई और बांग्लादेश के कट्‌टरपंथी संगठनों से तालमेल ।

iv. कश्मीर के आतंकवादियों का पाकिस्तान के कट्‌टरपंथियों से धार्मिक और जातीय संबंध ।

देश के समक्ष मौजूद हर तरह के खतरों, जिसमें हमारे शत्रुओं, अंतर्राष्ट्रीय और घरेलू आतंकवादियों, विद्रोहियों और संगठित अपराधी गिरोहों से मिलने वाली सभी तरह की धमकियां हैं, पर हमें अपना ध्यान केन्द्रित करना चाहिए ।

आन्तरिक अशांति, विद्रोह, आतंकवाद और संगठित अपराध से जुड़े तत्त्वों को हमें कुचल देना चाहिए । बाहरी ताकतें और अंदरूनी सामाजिक सकट देश के आर्थिक, सामाजिक और राजनीतिक स्थिरता को हानि पहुंचाते हैं । उनके साथ सख्ती से पेश आते हुए उन्हें कुचल देना चाहिए । आम आदमी को इस बारे में शिक्षित किया जाना चाहिए और राष्ट्रीय सुरक्षा को प्रभावित करने वाले मामलों में उन्हें शामिल करना चाहिए ।

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अपनी सुरक्षा अपना दायित्व पर निबंध

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वर्त्तमान समय में सुरक्षित रहना हर वर्ग एवं जाति के लिए एक चुनौती सा बन गया है, यदि हमारे साथ कोई भी ऐसी घटना हो जाती है जिसका संबंध हमारी सुरक्षा से होता है तो इसके लिए हम कभी समाज को- तो कभी सरकार को ज़िम्मेवार ठहराते हैं, और ये सिलसिला यूँ ही चलता रहता है, अब प्रश्न यह उठता है की हमारी स्वयं की सुरक्षा का दायित्व किसका है? समाज, सरकार या स्वयं हमारा, इसकी विवेचना करने की आवश्यकता है।

यदि हम आदि काल की बात करे जब मनुष्य पृथ्वी पे आया तो उसके सामने सबसे बड़ी चुनौती उसकी स्वयं की सुरक्षा थी हिंसक पशुओंसे, इस परिस्थिति का सामना उसे स्वयं को ही करना पड़ा क्यूंकि उस समय न तो सरकार थी और नहीं ही समाज परन्तु जैसे-जैसे मानव सभ्यता विकसित हुई समाज का प्रादुर्भाव हुआ जहाँ लोग एक दूसरे की अवश्यकताओं की पूर्ति हेतु साथ-साथ रहने लगे और तब उनकी सुरक्षा की पूर्णतया जिम्मेवारी समाज पे आ गयी। वर्त्तमान में परिस्थितियां कुछ ख़ास परिवर्तित नहीं हुई हैं, पहले लोगो को अपनी सुरक्षा जंगली जीव-जंतुओं से करना पड़ता था परन्तु अब समाज में रहने वाला मनुष्य ही पशु प्रवृत्ति का हो गया है अब मनुष्य को मनुष्य से सुरक्षित रहने की आवश्यकता पड़ रही है क्यों? यह कथन विचारणीय है।

वर्त्तमान में बढ़ती जनसँख्या एवं बेरोजगारी ने लोगो के अंदर संवेदनाओ को पूर्ण रूप से समाप्त कर दिया है, आज लोग बहुत से ऐसे अमानवीय कार्य में लिप्त है जिसके कारण न केवल उनकी अपितु उस समाज में रह रहे और लोगो की सुरक्षा भी खतरे में पड़ जाती है।

स्वयं की सुरक्षा करना मनुष्य के लिए हमेशा से कठिन कार्य रहा है चाहे हम आज की बात करे या बीते कल की, परन्तु आज के मनुष्य ने इस कठिन कार्य को आसान बना दिया है, वर्तमान समय में महिलाओं की सुरक्षा एक महत्वपूर्ण मुद्दा बन गया है लोक सभा से लेकर राज्य सभा हर जगहं इसके लिए बहस होती है लेकिन दूसरी तरफ आजकल के माता-पिता अपने बच्चो को खास कर बेटियों को ऐसे बहुत से स्वरक्षण तकनीकियों का प्रशिक्षण करवा रहे हैं जिससे वो अपनी रक्षा स्वयं कर सके क्यूंकि यदि कभी भी वे किसी मुसीबत में फस जाएँ तो अपनी रक्षा स्वयं कर सके।

कुछ ऐसी भी आदतें है जिनको सुधार के भी हम अपनी सुरक्षा स्वयं कर सकते हैं, अक्सर हमे मार्ग में बोर्ड पे जगह-जगह यह सन्देश लिखा मिलता है कि जल्दी से देर भली, सावधानी हटी दुर्घटना घटी आदि इनका मूल सिर्फ इतना होता है की अपनी सुरक्षा आपके अपने हाथ होती है, अमुमन ये देखा गया है की जितनी भी सड़क दुर्घटनाये होती हैं, उसके लिए ज्यादातर चालक ही जिम्मेवार होता है, या तो उसने यातायात के नियमो का पालन नहीं किया या फिर वाहन चलाते वक़्त सावधानी नहीं बरती, ऐसा कर के वो ना केवल अपना ही अपितु दूसरों का जीवन भी मुश्किल में डाल देता है।

एक पुरानी कहावत है कि” तुम्हारी स्वतंत्रता वही समाप्त हो जाती है जहाँ से मेरी नाक शुरू होती है”, अभिप्राय किसी भी मनुष्य द्वारा किया गया कोई भी कृत्य तब तक सही है जब तक वह दूसरों की स्वतंत्रता अथवा सुरक्षा में बाधक न हो। 

एक उदहारण के माध्यम से मैं अपनी सुरक्षा अपना दायित्व को समझाने का प्रयास कर रही हूँ, हर वर्ष डेंगू जो एक मच्छर के काटने से उत्पन्न होने वाला रोग है हज़ारो लोगो कि जान ले लेता है इस महामारी की रोक थाम के लिए हम एक हद तक ही सरकार को दोषी ठहरा सकते हैं परन्तु कहीं न कहीं हम स्वयं भी इस बीमारी के महामारी बनने में उत्तरदायी हैं, यह तो हम सब को पता है की ये बीमारी कैसे फैलती है और इसकी रोकथाम कैसे की जा सकती है, घर को साफ़ सुथरा रखके, सोने के लिए मच्छरदानी का प्रयोग कर के, घर में पानीके जमाव को रोक के काफी हद तक अपनी ही नहीं अपितु इस बीमारी से औरों की भी सुरक्षा कर सकते हैं।

अंततः मैं यही कहना चाहूंगी कि यदि हर नागरिक यह बात मानले कि उसकी स्वयं की सुरक्षा उसकी स्वयं की जिम्मेवारी है तो ऐसा कर के ना केवल वह स्वयं को बहुत सी दुर्घटनाओं से बचा सकता है अपितु सरकार एवं समाज के साथ कंधे से कन्धा मिला कर चल सकता है, जिसके निर्माण का मुख्य उद्देश्य मानव समाज की सुरक्षा है।

जागृति अस्थाना-लेखक

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साइबर सुरक्षा पर निबंध Essay On Cyber Security In Hindi

वर्तमान मे चल रही इस सदी मे हर कार्य इन्टरनेट के माध्यम से होता है। इसमे हमारे बैंक से लेकर हमारे व्यवसाय सभी का डाटा इसमे होता है। आज का हमारे निबंध का उद्देश्य है।  साइबर सुरक्षा से कैसे बचे? हमारा सम्पूर्ण डेटा इंटरनेट मे होता है। इसलिए हम अपने डेटा को सुरक्षित रखने के लिए साइबर सुरक्षा पर ध्यान देते है। 

आज के इस जमाने मे अनेक लोग डेटा चोरी करके लोगो को लूट रहे है। यहा तक कि बैंक खातो को भी हैक कर लिया जाता है। हमारे लिए ये एक चिंता का विषय है। हमे इस अमल करना चाहिए। इसे सुक्षित रखने के लिए हमे साइबर सुरक्षा को और बढ़ाना होगा। दिनो-दिन अपराध बढ़ते जा रहे है। इसे रोकने के लिए हमे सतर्क रहना होगा।

साइबर सुरक्षा पर 10 पंक्तिया 10 Line on cyber security In Hindi 

साइबर सुरक्षा पर 10 पंक्तिया 10 Line on cyber security In Hindi

  • साइबर सुरक्षा अर्थात् डेटा की सुरक्षा है.
  • साइबर सुरक्षा ऑनलाइन तथा ऑफलाइन तरीको से की जा सकती है.
  • डेटा का चोरी होना साइबर क्राइम/साइबर अपराध कहलाता है.
  • साइबर सुरक्षा के लिए भारत सरकार ने सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम 2000 को लागु किया.
  • साइबर अपराध के अनेक साधन है.जिनके जरिये हमारे डाटा को चोरी किया जाता है.जैसे-स्पैम ईमेल, हैकिंग, फिशिंग, वायरस को डालना.
  • साइबर अपराधी के खिलाफ भारत सरकार के सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम 2000 के तहत हमें क़ानूनी सहयता मिलेगी.
  • साइबर सुरक्षा के लिए हमें अपने खाते के पासवर्ड को कुछ समया अवधि बाद बदलते रहना चाहिए.
  • अपने पुराने खाते को डिलीट कर देना चाहिए.जिसका आप प्रयोग नहीं करते हो.
  • साइबर हमलो में हमारा देश 11 वें स्थान पर है.
  • अपना मोबाइल किसी अनजान व्यक्ति को नहीं देना चाहिए.न ही किसी को कोई पासवर्ड बताना चाहिए.

साइबर सुरक्षा क्या है? What is Cyber Security in Hindi?

आज के हमारे आधुनिक जमाने मे सभी लोग इन्टरनेट से ही जुड़े हुए है। हर कार्य इन्टरनेट के माध्यम से होता है। इंटरनेट के पास हमारी सभी डेटा उपलब्ध होती है। जिसे कोई भी चुरा सकता है। इसलिए हमे अपनी साइबर सुरक्षा पर ध्यान देना होगा। जिससे हम अपने डेटा को सुरक्षित रख सकें।

डेटा को चोरी होने से बचाव के लिए हमारे देश मे कई डिवाइस हार्डवेयर और साफ्टवेयर उपलब्ध है। जिसका प्रयोग कर हम अपने साइबर क्राइम से बचाव कर सकते है। ये डिवाइस हार्डवेयर और साफ्टवेयर हमे साइबर अपराध से बचाते है। इसलिए हमे इनका प्रयोग करना चाहिए।

साइबर सुरक्षा के अंतगर्त कई प्रकार के स्तर है। डाटा सुरक्षा (Data Security) एक ऐसी प्रक्रिया जिसमे डिजिटल डाटा (कंप्यूटर द्वारा तैयार की गई जानकारी) को हैक होने से बचाया जाता है। जिसे डाटा सुरक्षा कहते है।

साइबर सुरक्षा किसे कहते है? What is cyber security?

अपने इन्टरनेट के डेटा को सुरक्षित बनाने के लिए एक सुरक्षा व्यवस्था का निर्माण किया गया है। जिसे ''साइबर सुरक्षा'' कहते है। अर्थात अपने अपने ऑनलाइन तथा ऑफलाइन दस्तावेज़ो को सुरक्षित करना ही साइबर सुरक्षा है। हमारे  देश मे साइबर क्राइब की संख्या निरंतर बढ़ती जा रही है। 

मोबाइल सुरक्षा (Mobile Security) , जानकारी सुरक्षा (Information Security) , नेटवर्क सुरक्षा (Network Security), अप्लीकेशन सुरक्षा (Application Security), यूज़र सुरक्षा (User Security), आपातकालीन सुरक्षा (Emergency Security) तथा क्लाउड सुरक्षा (Cloud Security) आदि की सुविधा उपलब्ध कराई गई है। इनका उपयोग करने से हमे किसी भी प्रकार से साइबर क्राइम का शिकार नहीं होना पड़ेगा।

प्रौद्योगिकी का तेजी से विकास Rapid development of technology

भारत एक समय मे बहुत ही पिछड़ा हुआ देश हुआ करता था। आज हमारा देश पिछले कुछ दशको से अन्य देशो की तुलना मे बहुत ही ज्यादा विकास हुआ है। भारत मे प्रौद्योगिकी का सबसे अधिक विकास हो रहा है। इसका अनुमान हम इस बात से लगा सकते है। कि इन्टरनेट का सबसे ज्यादा उपयोग करने वाले देशो मे भारत तीसरे स्थान पर है। 

साइबर सुरक्षा और भारत India and Cyber Security

हर व्यक्ति अपने जीवन मे इन्टरनेट का प्रयोग करता है। इन्टरनेट के अधिक ग्राहक होने के कारण इसका सुरक्षा करना बहुत ही मुश्किल है। हमारे देश मे हर वर्ष अनेक साइबर क्राइम देखने को मिलते है। जिसका प्रमुख कारण है, लोगो की सुरक्षा के प्रति जागरूकता की कमी है। 

हर साल सैकड़ो मिलयन साइबर क्राइम के मामले सामने आते है। भारत सरकार ने साइबर सुरक्षा के लिए कई कदम उठाए है। जिससे क्राइम की संख्या मे कमी नजर आई। परंतु देश को साइबर क्राइम से मुक्त करने के लिए और कई महत्वपूर्ण कदम उठाने है। जिससे हमारे देश मे हो रहे इस प्रकार के आपराधों को रोका जाए।

पैसो से ज्यादा उपयोगी साइबर सुरक्षा Cyber ​​security more useful than money

सम्पूर्ण डेटा को यदि हैक कर लिया जाए तो पीछे कुछ ही नहीं बचाता है। आज के जमाने मे रुपयो से साइबर की सुरक्षा अति आवश्यक है। क्योकि पैसो को वापस प्राप्त किया जा सकता है। परंतु यदि किसी का डेटा चुरा लिया जाए तो उसे वापस प्राप्त नहीं किया जा सकता है। उसे हैकर अपने वास मे कर लेता है। और जो भी मिलता है। उसे प्राप्त कर लेता है।

साइबर अपराध Cyber ​​crimes

आज के युग मे इन्टरनेट ही सब-कुछ है। इन्टरनेट पर साइबर क्राइम का खतरा मडराया रहता है। हैकरो की वजह से इन्टरनेट असुरक्षित है। हैकर हमारा डेटा किसी भी माध्यम से ले सकता है। इस प्रकार का क्राइम कभी-भी हो सकता है। इसलिए साइबर अपराध से सावधान रहे। तथा अपने किसी भी डेटा का चोरी होने पर सरकार को इसके बारे मे जानकारी दे। ताकि उस हैकर को पकड़ा जाए।

साइबर हमलो का तरीका Cyber ​​Attack Method

हमारा डेटा चुराने के लिए हैकर कई माध्यमों का उपयोग करते है। जिसमे अधिंकांश मैसेज धोखा-धड़ी और वायरस फिशिंग से होती है। इनके माध्यम से हैकर हमारे सुरक्षित डेटा को चुरा लेते है। कई बार हैकर एक मैसेज भेजते है। जिसमे वे लोगो को लालच देते है। कि आप विजेता रहे है। 

आपको 10 लाख रुपये मिलेंगे पैसो को प्राप्त करने के लिए इस लिंक पर कील्क करें। लोग लालच मे आकर कील्क कर देते है। और अपने डेटा को हैक करवा देते है। इसलिए हमे देखना चाहिए।  कि पैसे हमारे लिए कहा से आए है। और कैसे आए है। बिना वजह आपको कोई पैसा नहीं भेजता है। इसलिए लालच मे नहीं आए। और इस प्रकार के मैसेज को पुलिस कर्मियों के को बताए।

सस्ती साइबर सुरक्षा 

हमारे लिए साइबर सुरक्षा बहुत ही महत्वपूर्ण है। अपने डेटा को सुरक्षा प्रदान करने के लिए हमारे लिए सबसे आसानी तरीका हमारे पासवर्ड को समय-समय पर बदलना है। हमे अपना एक ही पासवर्ड नहीं रखना है। क्योकि हैकर जो होते है। वे एक ही पासवर्ड को आसानी से ढूंढ सकते है। 

यदि हम पासवर्ड को नियमित रूप से अपडेट करते रहे तो हमारा डेटा सुरक्षित रह सकता है। अपना कोई पुराना खाता है। जिसका आप प्रयोग नहीं करते है। उसे हटा दें। हमलावर दूसरे खाते से भी हमारे ऊपर हमला कर सकते है। हमेशा अपने सॉफ्टवेयर्स को अपडेट करते रहें। किसी भी प्रकार की ठील ना दें।

उम्मीद करता हूँ, दोस्तो आज का हमारा लेख साइबर सुरक्षा  Essay On Cyber Security In Hindi   के बारे मे आपके लिए सहायक रहा होगा,यदि आज का हमारा ये लेख आपको पसंद अपने दोस्तो के साथ शेयर करें।

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Cyber security क्या है और इसके प्रकार ? | What is Cyber security in Hindi

Table of Contents

साइबर सुरक्षा का परिचय | Introduction of Cyber security in Hindi

हमारी आधुनिक जीवनशैली में, जहां हमारा सब कुछ Digital हो रहा है, साइबर सुरक्षा ने अपना विशेष स्थान बना लिया है। इंटरनेट, सोशल मीडिया, बैंकिंग, और अन्य डिजिटल साधनों के साथ हमारा जुड़ाव हमें नए खतरों के सामने खड़ा कर रहा है। Cyberspace में अधिकारिता, वायरस, और Online Crime का खतरा हमेशा बढ़ता जा रहा है, और इसी में हमारी साइबर सुरक्षा का महत्वपूर्ण योगदान है।इस Blog में, हम साइबर सुरक्षा के बारे मै सब कुछ जानने की कोसिस करेंगे जैसे लाभ ,प्रकार ,कैसे काम करती आदि।

साइबर सुरक्षा क्या है ? | What is Cyber security in Hindi

Cyber security एक प्रक्रिया है जिसका मुख्य उद्देश्य इंटरनेट और संबंधित तकनीकी संरचनाओं को सुरक्षित रखना है ताकि users की जानकारी, डेटा, और संबंधित सिस्टमों को किसी भी प्रकार के unauthorized पहुंच, बदलाव, या हमले से बचाया जा सके। इसका मतलब है कि साइबर सुरक्षा से आप अपनी डिजिटल सुरक्षा को सुनिश्चित करते हैं ताकि आपकी online activities में सुरक्षितता बनी रहे।

इसके अलावा, Cyber security में नियमित रूप से Update किए जाने वाले Software और Hardware का उपयोग किया जाता है ताकि latest साइबर हमलों के खिलाफ सुरक्षित रहा जा सके। यह एक निरंतर प्रक्रिया है जो सुरक्षा की स्तरों को बनाए रख ने का manage करती है और सुनिश्चित करती है कि सभी digital संबंधित गतिविधियाँ सुरक्षित रूप से हो रही हैं।

साइबर सुरक्षा के तंत्रों में कई प्रक्रियाएं शामिल होती हैं, जैसे कि Firewalls , antivirus software, intrusion protection, और cyber human protection जैसी चीजें। साइबर ह्यूमेन संरक्षण में लोगों को साइबर जोखिमों के बारे में शिक्षित किया जाता है ताकि वे सुरक्षित रूप से इंटरनेट और डिजिटल सार्वजनिकता का उपयोग कर सकें।

साइबर सुरक्षा का आदान-प्रदान कई प्रकार से हो सकता है, जैसे कि नेटवर्क सुरक्षा, डेटा सुरक्षा, operating system security, आदि। यह एक संगठन के लिए भी महत्वपूर्ण है ताकि वह अपनी संस्था की निजी जानकारी को बचा सके और आत्मनिर्भर रूप से संबंधित तंतुओं की सुरक्षा कर सके।

Cyber security काम कैसे करती है ?

साइबर सुरक्षा काम कैसे करती है, यह समझने के लिए हमें कुछ मुख्य तत्वों को समझना आवश्यक है।

  • Firewalls : Cyber security का पहला कदम Firewall का उपयोग है। एक फ़ायरवॉल एक रक्षात्मक कवच की भूमिका निभाता है जो आपके कंप्यूटर और नेटवर्क को अनधिकृत पहुंच से बचाता है। यह specified directory अनुसार Incoming और Outgoing डेटा को स्क्रीन करता है और अनुमतियों के अनुसार ही डेटा को पास करने की अनुमति देता है।
  • Antivirus software : Antivirus software कंप्यूटर सिस्टम को वायरस और Malware से बचाने में मदद करता है। यह नियमित रूप से आपके सिस्टम को scan करता है और किसी भी संभावित खतरे को पहचानने का प्रयास करता है और उसे हटा देता है।

Cyber security

साइबर सुरक्षा का घटक | Component of Cyber security in Hindi

1.  Intrusion Detection Systems(IDS): इनका उपयोग नेटवर्क पर visitors की निगरानी रखने के लिए होता है और हमलों को पहचानने में मदद करता है।

2. Antivirus software: इसका उपयोग Computer system को वायरस और Malware से बचाने के लिए होता है।

3. Antimalware: इससे unauthorized या हानिकारक ईमेलों को ब्लॉक किया जाता है ताकि Computer system  को सुरक्षित रखा जा सके।

4. Cryptography: यह सुनिश्चित करता है कि आपके डेटा को एक सुरक्षित तरीके से stored किया जाता है, ताकि कोई unauthorized व्यक्ति इसे पढ़ने में असमर्थ हो।

साइबर सुरक्षा के प्रकार | Types of Cyber security in Hindi

Cyber ​​security एक विशेष शाखा है जो डिजिटल जगत की सुरक्षा में संबंधित है। साइबर सुरक्षा के क्षेत्र में कई प्रकार की चुनौतियां हैं, और इन चुनौतियों का सामना करने के लिए विभिन्न तंत्रों का उपयोग किया जाता है।

1. Network Security: नेटवर्क सुरक्षा एक प्रमुख Cyber ​​security पहलु है जो नेटवर्क को सुरक्षित बनाए रखती है। इसमें फ़ायरवॉल, Intrusion Detection System (IDS), and Intrusion Prevention System (IPS) शामिल हो सकते हैं। फ़ायरवॉल नेटवर्क को unauthorized पहुंच से बचाता है, जबकि IDS और IPS नेटवर्क में हो रही updated activities को मॉनिटर करते हैं और आक्रमणों को रोकने का कार्य करते हैं।

2. Application Security: एप्लीकेशन सुरक्षा उन सॉफ़्टवेयर और Application की सुरक्षा को सचित्र करती है जो सीधे users से जुड़े होते हैं। इसमें सॉफ़्टवेयर में कोड की सुरक्षा, विभिन्न एप्लीकेशन्स की एक दूसरे के साथ संवाद (communication ) सुरक्षा, और एप्लीकेशन के विभिन्न स्तरों में सुरक्षा शामिल होती है।

3. Data Security: डेटा सुरक्षा डेटा की सुरक्षा को सुनिश्चित करती है, ताकि unauthorized पहुंच से बचा जा सके। इसमें Data Encryption, Data Loss Prevention, और डेटा backup शामिल हो सकते हैं। डेटा एन्क्रिप्शन डेटा को सुरक्षित रूप से रखने में मदद करता है, जबकि डेटा बैकअप नुकसान के मामले में डेटा को पुनर्निर्मित करने में मदद कर सकता है।

4. Identity Security: आईडेंटिटी सुरक्षा users की पहचान को सुरक्षित रखने का कार्य करती है। इसमें Multi-Factor Authentication(MFA) जैसे तंत्र शामिल हो सकते हैं, जो उपयोगकर्ता की पहचान को और भी सुरक्षित बनाते हैं।

5. Endpoint Security: यह सुनिश्चित करता है कि व्यक्तिगत डिवाइसेस जैसे कंप्यूटर, लैपटॉप, और स्मार्टफोन सुरक्षित हैं और किसी अधिकृत उपयोग से बचाव किया जा सकता है। यह Antivirus software, antimalware, और device loss prevention के साथ आता है।

6. Cyber Human Protection: साइबर ह्यूमेन संरक्षण में लोगों को साइबर जोखिमों के बारे में शिक्षित किया जाता है ताकि वे सुरक्षित रूप से इंटरनेट और डिजिटल सार्वजनिकता का उपयोग कर सकें। इसमें Social engineering, phishing ,और online बदले के खिलाफ सचेतता शामिल होती है।

इन सभी प्रकार के साइबर सुरक्षा के तंत्रों का उपयोग करके, संगठन और व्यक्ति अपनी डिजिटल गतिविधियों को सुरक्षित रख सकते हैं। यह एक निरंतर प्रक्रिया है जो latest cyber attacks के खिलाफ सुरक्षित रहने में मदद करती है और सुनिश्चित करती है कि सभी डिजिटल संबंधित गतिविधियाँ सुरक्षित रूप से हो रही हैं।

साइबर सुरक्षा के लाभ | Advantages of Cyber security in Hindi

Cyber security का महत्व बढ़ रहा है और यह आजकल के डिजिटल युग में हमारी सुरक्षा के लिए बहुत आवश्यक है। यहाँ कुछ मुख्य फायदे हैं जो साइबर सुरक्षा का मामूल्य हैं:

  • Cyber security से यह सुनिश्चित होता है कि हमारा महत्वपूर्ण डेटा सुरक्षित रहता है। यह डेटा उन लोगों से बचाता है जो नकारात्मक उद्देश्यों के लिए इसका दुरुपयोग करना चाहते हैं।
  • साइबर हमलों से बचने के लिए व्यवसायों को अपनी सुरक्षा को बढ़ाने के लिए सक्षम बनाता है। इससे उन्हें अपने ग्राहकों के साथ विश्वास स्थापित करने में मदद होती है और उनके लिए एक safe environment बनाए रखने में मदद होती है।
  • साइबर सुरक्षा personal information की सुरक्षा में मदद करती है, जिससे व्यक्ति अपनी privacy को बचा सकता है। यह सुनिश्चित करता है कि personal information का दुरुपयोग गलत तरीके से नहीं हो रहा है।
  • Cyber security के उपायों से साइबर अपराधों को पहचाना और रोका जा सकता है। यह बड़े नुकसान से बचने में मदद करता है और साइबर अपराधियों को भ्रष्टाचारी करने से रोकता है।
  • Cyber security नेटवर्क को Hacking और unauthorized access से बचाने में मदद करती है। इससे नेटवर्क का सही तरीके से Management होता है और इसकी सुरक्षा बनी रहती है।
  • साइबर हमलों से बचने से व्यवसायों को आर्थिक हानि से बचाव होता है। यह उन्हें नुकसान से बचाकर स्थिरता और सफलता की दिशा में मदद करता है।

Cyber security का महत्वपूर्ण होना हमारी डिजिटल दुनिया में अपने आत्मविश्वास को बनाए रखने और सुरक्षित रहने के लिए है। यह हमें आत्म-रक्षा में मदद करता है और एक सुरक्षित और सुरक्षित डिजिटल माहौल बनाए रखने में सहायक होता है।

साइबर सुरक्षा क्यों महत्वपूर्ण है? | Why is cyber security important in Hindi ?

Cyber security एक महत्वपूर्ण मुद्दा है क्योंकि आधुनिक डिजिटल युग में हमारा अधिकांश जीवन Internet और इलेक्ट्रॉनिक माध्यमों के साथ जुड़ा हुआ है। यहाँ कुछ कारण हैं जो Cyber security को महत्वपूर्ण बनाते हैं:

  • हम अपनी personal और business information को ऑनलाइन माध्यमों के माध्यम से साझा करते हैं, जैसे कि बैंक खाता जानकारी, email , और सोशल मीडिया। साइबर सुरक्षा से हम इस जानकारी को unauthorized पहुंच से बचा सकते हैं।
  • व्यापारों में online लेन-देन, ग्राहक जानकारी, और और भी कई collections होती हैं जो अगर hack हो जाएं तो भारी नुकसान हो सकता है। साइबर सुरक्षा इन collections को सुरक्षित रखने में मदद करती है।
  • एक देश की सुरक्षा भी cyber inflation से जुड़ी होती है। साइबर हमलों से बचने और देश के cyber network को सुरक्षित रखने के लिए विशेषज्ञों की आवश्यकता होती है।
  • साइबर हमले से अगर किसी कंपनी को वित्तीय हानि होती है, तो इससे उसकी स्थिति पर गंभीर प्रभाव पड़ता है। सुरक्षा उपायों की अच्छी तैयारी से ऐसी स्थितियों से बचा जा सकता है।
  • आधुनिक डिजिटल युग में हमारी self-privacy का ख्याल रखना महत्वपूर्ण है। साइबर सुरक्षा से हम अपनी online activities को सुरक्षित रख सकते हैं और unauthorized access से बच सकते हैं।

इन कारणों से ही Cyber security हमारे सभी ऑनलाइन गतिविधियों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है।

हैकिंग और साइबर अपराध में क्या अंतर है | Difference between Hacking and Cyber Crime in Hindi

Faqs of cyber security in hindi.

1. साइबर सुरक्षा क्या है?

साइबर सुरक्षा एक प्रकार की तकनीकी सुरक्षा है जो organizations, devices, networks और डेटा को साइबर हमलों से सुरक्षित रखती है। यह सुनिश्चित करने के लिए होती है कि कोई अवैध पहुंच नहीं प्राप्त करता है और गोपनीयता, unwanted Entry , data transfer और अन्य संबंधित मुद्दों का उल्लंघन नहीं होता।

2. साइबर हमले क्या होते हैं?

साइबर हमले विभिन्न प्रकार के होते हैं, जैसे Virus, Malware, Phishing, Denial of Service (DoS), Ransomware , और बहुत कुछ। इन हमलों का उद्देश्य जासूसी, डेटा चोरी, सेवाओं के बंद हो जाना, या नेटवर्क को नुकसान पहुंचाना होता है।

3. कैसे साइबर सुरक्षा हमें सुरक्षित रख सकती है?

साइबर सुरक्षा उपायों की एक समृद्ध श्रृंखला है जो आवश्यकताओं को समझती है और organizations को सुरक्षित रखने में मदद करती है। इसमें firewalls, antivirus software, नेटवर्क सुरक्षा के उपकरण, साइबर नीतियों का अनुसरण और कर्मचारी शिक्षा शामिल होती है।

4. क्या साइबर सुरक्षा केवल व्यक्तिगत स्तर पर है?

नहीं, साइबर सुरक्षा personal , organizational ,और Public स्तर पर होती है। संगठनों को अपनी नेटवर्क सुरक्षा, कंप्यूटर सुरक्षा, और कर्मचारी प्रशिक्षण में निवेश करना चाहिए। सार्वजनिक स्तर पर, सरकारें और अन्य संगठनों को सुरक्षित cyber structures का विकास करना चाहिए।

5. साइबर सुरक्षा कैसे सीखी जा सकती है?

साइबर सुरक्षा की शिक्षा के लिए विभिन्न प्रमाणित पाठ्यक्रम उपलब्ध हैं, जैसे कि certification और certified courses। इसके अलावा, ऑनलाइन संसाधनों, ब्लॉग, और संबंधित websites भी साइबर सुरक्षा के बारे में जानकारी प्रदान करते हैं।

6. क्या साइबर सुरक्षा महत्वपूर्ण है?

हाँ, साइबर सुरक्षा महत्वपूर्ण है क्योंकि साइबर हमले लाभकर होते हैं और इनसे होने वाला नुकसान personal और commercial दोनों होता है। साइबर सुरक्षा का उद्देश्य हमेशा अवांछित पहुंच को रोकना और नेटवर्क, उपकरण और डेटा को सुरक्षित रखना होता है।

7. साइबर हमलों से कैसे बचा जा सकता है?

साइबर हमलों से बचने के लिए कई उपाय हैं। यह उपाय शामिल हो सकते हैं: साइबर सुरक्षा सॉफ्टवेयर का उपयोग करना, सुरक्षित password का उपयोग करना, सतर्कता बढ़ाना, साइबर हमलों की पहचान करना, और समय-समय पर software और system Update करना।

8. साइबर सुरक्षा के लिए कौन-कौन सी टूल्स और तकनीकें हैं?

साइबर सुरक्षा के लिए कई उपकरण और तकनीकें हैं, जैसे कि Firewall , Antivirus software, entry gateway, आदि। इन उपकरणों का उपयोग साइबर हमलों को रोकने और अनिश्चितता को control करने में मदद करता है।

9. साइबर सुरक्षा में क्या नवीनतम रुझान हैं?

साइबर सुरक्षा में कुछ नवीनतम रुझान शामिल हैं जैसे कि AI, Machine Learning, Blockchain, और  Quantum Computing का उपयोग सुरक्षा को मजबूत करने के लिए।

Conclusion:

समापन बधाई! Cyber Security एक महत्वपूर्ण तकनीकी क्षेत्र है जो Digital Information और संसाधनों को सुरक्षित रखने का काम करती है। इस पोस्ट में, हमने साइबर सुरक्षा के काम, महत्व, और उपयोग के बारे में जानकारी प्राप्त की। आशा है कि आपको इस पोस्ट से अच्छी जानकारी मिली होगी। अगर आपके पास इस विषय पर कोई प्रश्न या सुझाव हैं, तो कृपया हमें नीचे comment करें। धन्यवाद!

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हिंदी निबंध (Hindi Nibandh / Essay in Hindi) - हिंदी निबंध लेखन, हिंदी निबंध 100, 200, 300, 500 शब्दों में

हिंदी में निबंध (Essay in Hindi) - छात्र जीवन में विभिन्न विषयों पर हिंदी निबंध (essay in hindi) लिखने की आवश्यकता होती है। हिंदी निबंध लेखन (essay writing in hindi) के कई फायदे हैं। हिंदी निबंध से किसी विषय से जुड़ी जानकारी को व्यवस्थित रूप देना आ जाता है तथा विचारों को अभिव्यक्त करने का कौशल विकसित होता है। हिंदी निबंध (hindi nibandh) लिखने की गतिविधि से इन विषयों पर छात्रों के ज्ञान के दायरे का विस्तार होता है जो कि शिक्षा के अहम उद्देश्यों में से एक है। हिंदी में निबंध या लेख लिखने से विषय के बारे में समालोचनात्मक दृष्टिकोण विकसित होता है। साथ ही अच्छा हिंदी निबंध (hindi nibandh) लिखने पर अंक भी अच्छे प्राप्त होते हैं। इसके अलावा हिंदी निबंध (hindi nibandh) किसी विषय से जुड़े आपके पूर्वाग्रहों को दूर कर सटीक जानकारी प्रदान करते हैं जिससे अज्ञानता की वजह से हम लोगों के सामने शर्मिंदा होने से बच जाते हैं।

आइए सबसे पहले जानते हैं कि हिंदी में निबंध की परिभाषा (definition of essay) क्या होती है?

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हिंदी निबंध (Hindi Nibandh / Essay in Hindi) - हिंदी निबंध लेखन, हिंदी निबंध 100, 200, 300, 500 शब्दों में

कुछ सामान्य विषयों (common topics) पर जानकारी जुटाने में छात्रों की सहायता करने के उद्देश्य से हमने हिंदी में निबंध (Essay in Hindi) और भाषणों के रूप में कई लेख तैयार किए हैं। स्कूली छात्रों (कक्षा 1 से 12 तक) एवं प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी में लगे विद्यार्थियों के लिए उपयोगी हिंदी निबंध (hindi nibandh), भाषण तथा कविता (useful essays, speeches and poems) से उनको बहुत मदद मिलेगी तथा उनके ज्ञान के दायरे में विस्तार होगा। ऐसे में यदि कभी परीक्षा में इससे संबंधित निबंध आ जाए या भाषण देना होगा, तो छात्र उन परिस्थितियों / प्रतियोगिता में बेहतर प्रदर्शन कर पाएँगे।

महत्वपूर्ण लेख :

  • 10वीं के बाद लोकप्रिय कोर्स
  • 12वीं के बाद लोकप्रिय कोर्स
  • क्या एनसीईआरटी पुस्तकें जेईई मेन की तैयारी के लिए काफी हैं?
  • कक्षा 9वीं से नीट की तैयारी कैसे करें

छात्र जीवन प्रत्येक व्यक्ति के जीवन के सबसे सुनहरे समय में से एक होता है जिसमें उसे बहुत कुछ सीखने को मिलता है। वास्तव में जीवन की आपाधापी और चिंताओं से परे मस्ती से भरा छात्र जीवन ज्ञान अर्जित करने को समर्पित होता है। छात्र जीवन में अर्जित ज्ञान भावी जीवन तथा करियर के लिए सशक्त आधार तैयार करने का काम करता है। नींव जितनी अच्छी और मजबूत होगी उस पर तैयार होने वाला भवन भी उतना ही मजबूत होगा और जीवन उतना ही सुखद और चिंतारहित होगा। इसे देखते हुए स्कूलों में शिक्षक छात्रों को विषयों से संबंधित अकादमिक ज्ञान से लैस करने के साथ ही विभिन्न प्रकार की पाठ्येतर गतिविधियों के जरिए उनके ज्ञान के दायरे का विस्तार करने का प्रयास करते हैं। इन पाठ्येतर गतिविधियों में समय-समय पर हिंदी निबंध (hindi nibandh) या लेख और भाषण प्रतियोगिताओं का आयोजन करना शामिल है।

करियर संबंधी महत्वपूर्ण लेख :

  • डॉक्टर कैसे बनें?
  • सॉफ्टवेयर इंजीनियर कैसे बनें
  • इंजीनियर कैसे बन सकते हैं?

निबंध, गद्य विधा की एक लेखन शैली है। हिंदी साहित्य कोष के अनुसार निबंध ‘किसी विषय या वस्तु पर उसके स्वरूप, प्रकृति, गुण-दोष आदि की दृष्टि से लेखक की गद्यात्मक अभिव्यक्ति है।’ एक अन्य परिभाषा में सीमित समय और सीमित शब्दों में क्रमबद्ध विचारों की अभिव्यक्ति को निबंध की संज्ञा दी गई है। इस तरह कह सकते हैं कि मोटे तौर पर किसी विषय पर अपने विचारों को लिखकर की गई अभिव्यक्ति ही निबंध है।

अन्य महत्वपूर्ण लेख :

  • हिंदी दिवस पर भाषण
  • हिंदी दिवस पर कविता
  • हिंदी पत्र लेखन

आइए अब जानते हैं कि निबंध के कितने अंग होते हैं और इन्हें किस प्रकार प्रभावपूर्ण ढंग से लिखकर आकर्षक बनाया जा सकता है। किसी भी हिंदी निबंध (Essay in hindi) के मोटे तौर पर तीन भाग होते हैं। ये हैं - प्रस्तावना या भूमिका, विषय विस्तार और उपसंहार।

प्रस्तावना (भूमिका)- हिंदी निबंध के इस हिस्से में विषय से पाठकों का परिचय कराया जाता है। निबंध की भूमिका या प्रस्तावना, इसका बेहद अहम हिस्सा होती है। जितनी अच्छी भूमिका होगी पाठकों की रुचि भी निबंध में उतनी ही अधिक होगी। प्रस्तावना छोटी और सटीक होनी चाहिए ताकि पाठक संपूर्ण हिंदी लेख (hindi me lekh) पढ़ने को प्रेरित हों और जुड़ाव बना सकें।

विषय विस्तार- निबंध का यह मुख्य भाग होता है जिसमें विषय के बारे में विस्तार से जानकारी दी जाती है। इसमें इसके सभी संभव पहलुओं की जानकारी दी जाती है। हिंदी निबंध (hindi nibandh) के इस हिस्से में अपने विचारों को सिलसिलेवार ढंग से लिखकर अभिव्यक्त करने की खूबी का प्रदर्शन करना होता है।

उपसंहार- निबंध का यह अंतिम भाग होता है, इसमें हिंदी निबंध (hindi nibandh) के विषय पर अपने विचारों का सार रखते हुए पाठक के सामने निष्कर्ष रखा जाता है।

ये भी देखें :

अग्निपथ योजना रजिस्ट्रेशन

अग्निपथ योजना एडमिट कार्ड

अग्निपथ योजना सिलेबस

अंत में यह जानना भी अत्यधिक आवश्यक है कि निबंध कितने प्रकार के होते हैं। मोटे तौर निबंध को निम्नलिखित श्रेणियों में रखा जाता है-

वर्णनात्मक निबंध - इस तरह के निबंधों में किसी घटना, वस्तु, स्थान, यात्रा आदि का वर्णन किया जाता है। इसमें त्योहार, यात्रा, आयोजन आदि पर लेखन शामिल है। इनमें घटनाओं का एक क्रम होता है और इस तरह के निबंध लिखने आसान होते हैं।

विचारात्मक निबंध - इस तरह के निबंधों में मनन-चिंतन की अधिक आवश्यकता होती है। अक्सर ये किसी समस्या – सामाजिक, राजनीतिक या व्यक्तिगत- पर लिखे जाते हैं। विज्ञान वरदान या अभिशाप, राष्ट्रीय एकता की समस्या, बेरोजगारी की समस्या आदि ऐसे विषय हो सकते हैं। इन हिंदी निबंधों (hindi nibandh) में विषय के अच्छे-बुरे पहलुओं पर विचार व्यक्त किया जाता है और समस्या को दूर करने के उपाय भी सुझाए जाते हैं।

भावात्मक निबंध - ऐसे निबंध जिनमें भावनाओं को व्यक्त करने की अधिक स्वतंत्रता होती है। इनमें कल्पनाशीलता के लिए अधिक छूट होती है। भाव की प्रधानता के कारण इन निबंधों में लेखक की आत्मीयता झलकती है। मेरा प्रिय मित्र, यदि मैं डॉक्टर होता जैसे विषय इस श्रेणी में रखे जा सकते हैं।

इसके साथ ही विषय वस्तु की दृष्टि से भी निबंधों को सामाजिक, आर्थिक, सांस्कृतिक, खेल, विज्ञान और प्रौद्योगिकी जैसी बहुत सी श्रेणियों में बाँटा जा सकता है।

ये भी पढ़ें-

  • केंद्रीय विद्यालय एडमिशन
  • नवोदय कक्षा 6 प्रवेश
  • एनवीएस एडमिशन कक्षा 9

जिस प्रकार बातचीत को आकर्षक और प्रभावी बनाने के लिए लोग मुहावरे, लोकोक्तियों, सूक्तियों, दोहों, कविताओं आदि की मदद लेते हैं, ठीक उसी तरह निबंध को भी प्रभावी बनाने के लिए इनकी सहायता ली जानी चाहिए। उदाहरण के लिए मित्रता पर हिंदी निबंध (hindi nibandh) लिखते समय तुलसीदास जी की इन पंक्तियों की मदद ले सकते हैं -

जे न मित्र दुख होंहि दुखारी, तिन्हिं बिलोकत पातक भारी।

यानि कि जो व्यक्ति मित्र के दुख से दुखी नहीं होता है, उनको देखने से बड़ा पाप होता है।

हिंदी या मातृभाषा पर निबंध लिखते समय भारतेंदु हरिश्चंद्र की पंक्तियों का प्रयोग करने से चार चाँद लग जाएगा-

निज भाषा उन्नति अहै, सब उन्नति को मूल

बिन निज भाषा-ज्ञान के, मिटत न हिय को सूल।

प्रासंगिकता और अपने विवेक के अनुसार लेखक निबंधों में ऐसी सामग्री का उपयोग निबंध को प्रभावी बनाने के लिए कर सकते हैं। इनका भंडार तैयार करने के लिए जब कभी कोई पंक्ति या उद्धरण अच्छा लगे, तो एकत्रित करते रहें और समय-समय पर इनको दोहराते रहें।

उपरोक्त सभी प्रारूपों का उपयोग कर छात्रों के लिए हमने निम्नलिखित हिंदी में निबंध (Essay in Hindi) तैयार किए हैं -

दुनिया के कई देशों में मजदूरों और श्रमिकों को सम्मान देने के उद्देश्य से हर वर्ष 1 मई को मजदूर दिवस मनाया जाता है। इसे लेबर डे, श्रमिक दिवस या मई डे भी कहा जाता है। श्रम दिवस एक विशेष दिन है जो मजदूरों और श्रम वर्ग को समर्पित है। यह मजदूरों की कड़ी मेहनत को सम्मानित करने का दिन है। ज्यादातर देशों में इसे 1 मई को अंतरराष्ट्रीय मजदूर दिवस के रूप में मनाया जाता है। श्रम दिवस का इतिहास और उत्पत्ति अलग-अलग देशों में अलग-अलग है। विद्यार्थियों को कक्षा में मजदूर दिवस पर निबंध लिखने, मजदूर दिवस पर भाषण देने के लिए कहा जाता है। इस निबंध की मदद से विद्यार्थी अपनी तैयारी कर सकते हैं।

सुभाष चंद्र बोस ने ब्रिटिश शासन के खिलाफ भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। सुभाष चंद्र बोस भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (आईएनसी) के नेता थे और बाद में उन्होंने फॉरवर्ड ब्लॉक का गठन किया। इसके माध्यम से भारत में सभी ब्रिटिश विरोधी ताकतों को एकजुट करने की पहल की थी। बोस ब्रिटिश सरकार के मुखर आलोचक थे और स्वतंत्रता प्राप्त करने के लिए और अधिक आक्रामक कार्रवाई की वकालत करते थे। विद्यार्थियों को अक्सर कक्षा और परीक्षा में सुभाष चंद्र बोस जयंती (subhash chandra bose jayanti) या सुभाष चंद्र बोस पर हिंदी में निबंध (subhash chandra bose essay in hindi) लिखने को कहा जाता है। यहां सुभाष चंद्र बोस पर 100, 200 और 500 शब्दों का निबंध दिया गया है।

भारत में 26 जनवरी 1950 को संविधान लागू हुआ। इस दिन को गणतंत्र दिवस के रूप में मनाया जाता है। गणतंत्र दिवस के सम्मान में स्कूलों में विभिन्न प्रकार के सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित होते हैं। गणतंत्र दिवस के दिन सभी स्कूलों, सरकारी व गैर सरकारी दफ्तरों में झंडोत्तोलन होता है। राष्ट्रगान गाया जाता है। मिठाईयां बांटी जाती है और अवकाश रहता है। छात्रों और बच्चों के लिए 100, 200 और 500 शब्दों में गणतंत्र दिवस पर निबंध पढ़ें।

26 जनवरी, 1950 को हमारे देश का संविधान लागू किया गया, इसमें भारत को गणतांत्रिक व्यवस्था वाला देश बनाने की राह तैयार की गई। गणतंत्र दिवस के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में भाषण (रिपब्लिक डे स्पीच) देने के लिए हिंदी भाषण की उपयुक्त सामग्री (Republic Day Speech Ideas) की यदि आपको भी तलाश है तो समझ लीजिए कि गणतंत्र दिवस पर भाषण (Republic Day speech in Hindi) की आपकी तलाश यहां खत्म होती है। इस राष्ट्रीय पर्व के बारे में विद्यार्थियों को जागरूक बनाने और उनके ज्ञान को परखने के लिए गणतत्र दिवस पर निबंध (Republic day essay) लिखने का प्रश्न भी परीक्षाओं में पूछा जाता है। इस लेख में दी गई जानकारी की मदद से Gantantra Diwas par nibandh लिखने में भी मदद मिलेगी। Gantantra Diwas par lekh bhashan तैयार करने में इस लेख में दी गई जानकारी की मदद लें और अच्छा प्रदर्शन करें।

मोबाइल फ़ोन को सेल्युलर फ़ोन भी कहा जाता है। मोबाइल आज आधुनिक प्रौद्योगिकी का एक अहम हिस्सा है जिसने दुनिया को एक साथ लाकर हमारे जीवन को बहुत प्रभावित किया है। मोबाइल हमारे जीवन का अभिन्न अंग बन गया है। मोबाइल में इंटरनेट के इस्तेमाल ने कई कामों को बेहद आसान कर दिया है। मनोरंजन, संचार के साथ रोजमर्रा के कामों में भी इसकी अहम भूमिका हो गई है। इस निबंध में मोबाइल फोन के बारे में बताया गया है।

भारत में प्रत्येक वर्ष 14 सितंबर को हिंदी दिवस मनाया जाता है। 14 सितंबर, 1949 को संविधान सभा ने जनभाषा हिंदी को राजभाषा का दर्जा प्रदान किया। इस दिन की याद में हर वर्ष 14 सितंबर को राष्ट्रीय हिंदी दिवस मनाया जाता है। वहीं हिंदी भाषा को सम्मान देने के लिए 10 जनवरी को प्रतिवर्ष विश्व हिंदी दिवस (World Hindi Diwas) मनाया जाता है। इस लेख में राष्ट्रीय हिंदी दिवस (14 सितंबर) और विश्व हिंदी दिवस (10 जनवरी) के बारे में चर्चा की गई है।

मकर संक्रांति का त्योहार यूपी, बिहार, दिल्ली, राजस्थान, मध्यप्रदेश सहित देश के विभिन्न राज्यों में 14 जनवरी को मनाया जाता है। इसे खिचड़ी के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन लोग पवित्र नदियों में स्नान के बाद पूजा करके दान करते हैं। इस दिन खिचड़ी, तिल-गुड, चिउड़ा-दही खाने का रिवाज है। प्रयागराज में इस दिन से कुंभ मेला आरंभ होता है। इस लेख में मकर संक्रांति के बारे में बताया गया है।

पर्यावरण से संबंधित मुद्दों की चर्चा करते समय ग्लोबल वार्मिंग की चर्चा अक्सर होती है। ग्लोबल वार्मिंग का संबंध वैश्विक तापमान में वृद्धि से है। इसके अनेक कारण हैं। इनमें वनों का लगातार कम होना और ग्रीन हाउस गैसों का उत्सर्जन प्रमुख है। वनों का विस्तार करके और ग्रीन हाउस गैसों पर नियंत्रण करके हम ग्लोबल वार्मिंग की समस्या के समाधान की दिशा में कदम उठा सकते हैं। ग्लोबल वार्मिंग पर निबंध- कारण और समाधान में इस विषय पर चर्चा की गई है।

भारत में भ्रष्टाचार एक बड़ी समस्या है। समाचारों में अक्सर भ्रष्टाचार से जुड़े मामले प्रकाश में आते रहते हैं। सरकार ने भ्रष्टाचार पर नियंत्रण के लिए कई उपाय किए हैं। अलग-अलग एजेंसियां भ्रष्टाचार करने वालों पर कार्रवाई करती रहती हैं। फिर भी आम जनता को भ्रष्टाचार का सामना करना पड़ता है। हालांकि डिजीटल इंडिया की पहल के बाद कई मामलों में पारदर्शिता आई है। लेकिन भ्रष्टाचार के मामले कम हुए है, समाप्त नहीं हुए हैं। भ्रष्टाचार पर निबंध के माध्यम से आपको इस विषय पर सभी पहलुओं की जानकारी मिलेगी।

समय-समय पर ईश्वरीय शक्ति का एहसास कराने के लिए संत-महापुरुषों का जन्म होता रहा है। गुरु नानक भी ऐसे ही विभूति थे। उन्होंने अपने कार्यों से लोगों को चमत्कृत कर दिया। गुरु नानक की तर्कसम्मत बातों से आम जनमानस उनका मुरीद हो गया। उन्होंने दुनिया को मानवता, प्रेम और भाईचारे का संदेश दिया। भारत, पाकिस्तान, अरब और अन्य जगहों पर वर्षों तक यात्रा की और लोगों को उपदेश दिए। गुरु नानक जयंती पर निबंध से आपको उनके व्यक्तित्व और कृतित्व की जानकारी मिलेगी।

कुत्ता हमारे आसपास रहने वाला जानवर है। सड़कों पर, गलियों में कहीं भी कुत्ते घूमते हुए दिख जाते हैं। शौक से लोग कुत्तों को पालते भी हैं। क्योंकि वे घर की रखवाली में सहायक होते हैं। बच्चों को अक्सर परीक्षा में मेरा पालतू कुत्ता विषय पर निबंध लिखने को कहा जाता है। यह लेख बच्चों को मेरा पालतू कुत्ता विषय पर निबंध लिखने में सहायक होगा।

स्वामी विवेकानंद जी हमारे देश का गौरव हैं। विश्व-पटल पर वास्तविक भारत को उजागर करने का कार्य सबसे पहले किसी ने किया तो वें स्वामी विवेकानंद जी ही थे। उन्होंने ही विश्व को भारतीय मानसिकता, विचार, धर्म, और प्रवृति से परिचित करवाया। स्वामी विवेकानंद जी के बारे में जानने के लिए आपको इस लेख को पढ़ना चाहिए। यह लेख निश्चित रूप से आपके व्यक्तित्व में सकारात्मक परिवर्तन करेगा।

हम सभी ने "महिला सशक्तिकरण" या नारी सशक्तिकरण के बारे में सुना होगा। "महिला सशक्तिकरण"(mahila sashaktikaran essay) समाज में महिलाओं की स्थिति को सुदृढ़ बनाने और सभी लैंगिक असमानताओं को कम करने के लिए किए गए कार्यों को संदर्भित करता है। व्यापक अर्थ में, यह विभिन्न नीतिगत उपायों को लागू करके महिलाओं के आर्थिक और सामाजिक सशक्तिकरण से संबंधित है। प्रत्येक बालिका की स्कूल में उपस्थिति सुनिश्चित करना और उनकी शिक्षा को अनिवार्य बनाना, महिलाओं को सशक्त बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इस लेख में "महिला सशक्तिकरण"(mahila sashaktikaran essay) पर कुछ सैंपल निबंध दिए गए हैं, जो निश्चित रूप से सभी के लिए सहायक होंगे।

भगत सिंह एक युवा क्रांतिकारी थे जिन्होंने भारत की आजादी के लिए लड़ते हुए बहुत कम उम्र में ही अपने प्राण न्यौछावर कर दिए थे। देश के लिए उनकी भक्ति निर्विवाद है। शहीद भगत सिंह महज 23 साल की उम्र में शहीद हो गए। उन्होंने न केवल भारत की आजादी के लिए लड़ाई लड़ी, बल्कि वह इसे हासिल करने के लिए अपनी जान जोखिम में डालने को भी तैयार थे। उनके निधन से पूरे देश में देशभक्ति की भावना प्रबल हो गई। उनके समर्थकों द्वारा उन्हें शहीद के रूप में सम्मानित किया गया था। वह हमेशा हमारे बीच शहीद भगत सिंह के नाम से ही जाने जाएंगे। भगत सिंह के जीवन परिचय के लिए अक्सर छोटी कक्षा के छात्रों को भगत सिंह पर निबंध तैयार करने को कहा जाता है। इस लेख के माध्यम से आपको भगत सिंह पर निबंध तैयार करने में सहायता मिलेगी।

वसुधैव कुटुंबकम एक संस्कृत वाक्यांश है जिसका अर्थ है "संपूर्ण विश्व एक परिवार है"। यह महा उपनिषद् से लिया गया है। वसुधैव कुटुंबकम वह दार्शनिक अवधारणा है जो सार्वभौमिक भाईचारे और सभी प्राणियों के परस्पर संबंध के विचार को पोषित करती है। यह वाक्यांश संदेश देता है कि प्रत्येक व्यक्ति वैश्विक समुदाय का सदस्य है और हमें एक-दूसरे का सम्मान करना चाहिए, सभी की गरिमा का ध्यान रखने के साथ ही सबके प्रति दयाभाव रखना चाहिए। वसुधैव कुटुंबकम की भावना को पोषित करने की आवश्यकता सदैव रही है पर इसकी आवश्यकता इस समय में पहले से कहीं अधिक है। समय की जरूरत को देखते हुए इसके महत्व से भावी नागरिकों को अवगत कराने के लिए वसुधैव कुटुंबकम विषय पर निबंध या भाषणों का आयोजन भी स्कूलों में किया जाता है। कॅरियर्स360 के द्वारा छात्रों की इसी आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए वसुधैव कुटुंबकम विषय पर यह लेख तैयार किया गया है।

गाय भारत के एक बेहद महत्वपूर्ण पशु में से एक है जिस पर न जाने कितने ही लोगों की आजीविका आश्रित है क्योंकि गाय के शरीर से प्राप्त होने वाली हर वस्तु का उपयोग भारतीय लोगों द्वारा किसी न किसी रूप में किया जाता है। ना सिर्फ आजीविका के लिहाज से, बल्कि आस्था के दृष्टिकोण से भी भारत में गाय एक महत्वपूर्ण पशु है क्योंकि भारत में मौजूद सबसे बड़ी आबादी यानी हिन्दू धर्म में आस्था रखने वाले लोगों के लिए गाय आस्था का प्रतीक है। ऐसे में विद्यालयों में गाय को लेकर निबंध लिखने का कार्य दिया जाना आम है। गाय के इस निबंध के माध्यम से छात्रों को परीक्षा में पूछे जाने वाले गाय पर निबंध को लिखने में भी सहायता मिलेगी।

क्रिसमस (christmas in hindi) भारत सहित दुनिया भर में मनाए जाने वाले बेहद महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक है। यह ईसाइयों का प्रमुख त्योहार है। प्रत्येक वर्ष इसे 25 दिसंबर को मनाया जाता है। क्रिसमस का महत्व समझाने के लिए कई बार स्कूलों में बच्चों को क्रिसमस पर निबंध (christmas in hindi) लिखने का कार्य दिया जाता है। क्रिसमस पर एग्जाम के लिए प्रभावी निबंध तैयार करने का तरीका सीखें।

रक्षाबंधन हिंदुओं के प्रमुख त्योहारों में से एक है। यह पर्व पूरी तरह से भाई और बहन के रिश्ते को समर्पित त्योहार है। इस दिन बहनें अपने भाइयों की कलाई पर रक्षाबंधन बांध कर उनके लंबी उम्र की कामना करती हैं। वहीं भाई अपनी बहनों को कोई तोहफा देने के साथ ही जीवन भर उनके सुख-दुख में उनका साथ देने का वचन देते हैं। इस दिन छोटी बच्चियाँ देश के प्रधानमंत्री व राष्ट्रपति को राखी बांधती हैं। रक्षाबंधन पर हिंदी में निबंध (essay on rakshabandhan in hindi) आधारित इस लेख से विद्यार्थियों को रक्षाबंधन के त्योहार पर न सिर्फ लेख लिखने में सहायता प्राप्त होगी, बल्कि वे इसकी सहायता से रक्षाबंधन के पर्व का महत्व भी समझ सकेंगे।

होली त्योहार जल्द ही देश भर में हर्षोल्लास के साथ मनाया जाने वाला है। होली आकर्षक और मनोहर रंगों का त्योहार है, यह एक ऐसा त्योहार है जो हर धर्म, संप्रदाय, जाति के बंधन की सीमा से परे जाकर लोगों को भाई-चारे का संदेश देता है। होली अंदर के अहंकार और बुराई को मिटा कर सभी के साथ हिल-मिलकर, भाई-चारे, प्रेम और सौहार्द्र के साथ रहने का त्योहार है। होली पर हिंदी में निबंध (hindi mein holi par nibandh) को पढ़ने से होली के सभी पहलुओं को जानने में मदद मिलेगी और यदि परीक्षा में holi par hindi mein nibandh लिखने को आया तो अच्छा अंक लाने में भी सहायता मिलेगी।

दशहरा हिंदू धर्म में मनाया जाने वाला एक महत्वपूर्ण त्योहार है। बच्चों को विद्यालयों में दशहरा पर निबंध (Essay in hindi on Dussehra) लिखने को भी कहा जाता है, जिससे उनकी दशहरा के प्रति उत्सुकता बनी रहे और उन्हें दशहरा के बारे पूर्ण जानकारी भी मिले। दशहरा पर निबंध (Essay on Dussehra in Hindi) के इस लेख में हम देखेंगे कि लोग दशहरा कैसे और क्यों मनाते हैं, इसलिए हिंदी में दशहरा पर निबंध (Essay on Dussehra in Hindi) के इस लेख को पूरा जरूर पढ़ें।

हमें उम्मीद है कि दीवाली त्योहार पर हिंदी में निबंध उन युवा शिक्षार्थियों के लिए फायदेमंद साबित होगा जो इस विषय पर निबंध लिखना चाहते हैं। हमने नीचे दिए गए निबंध में शुभ दिवाली त्योहार (Diwali Festival) के सार को सही ठहराने के लिए अपनी ओर से एक मामूली प्रयास किया है। बच्चे दिवाली पर हिंदी के इस निबंध से कुछ सीख कर लाभ उठा सकते हैं कि वाक्यों को कैसे तैयार किया जाए, Class 1 से 10 तक के लिए दीपावली पर निबंध हिंदी में तैयार करने के लिए इसके लिंक पर जाएँ।

बाल दिवस पर भाषण (Children's Day Speech In Hindi), बाल दिवस पर हिंदी में निबंध (Children's Day essay In Hindi), बाल दिवस गीत, कविता पाठ, चित्रकला, खेलकूद आदि से जुड़ी प्रतियोगिताएं बाल दिवस के मौके पर आयोजित की जाती हैं। स्कूलों में बाल दिवस पर भाषण देने और बाल दिवस पर हिंदी में निबंध लिखने के लिए उपयोगी सामग्री इस लेख में मिलेगी जिसकी मदद से बाल दिवस पर भाषण देने और बाल दिवस के लिए निबंध तैयार करने में मदद मिलेगी। कई बार तो परीक्षाओं में भी बाल दिवस पर लेख लिखने का प्रश्न पूछा जाता है। इसमें भी यह लेख मददगार होगा।

हिंदी दिवस हर साल 14 सितंबर को मनाया जाता है। भारत देश अनेकता में एकता वाला देश है। अपने विविध धर्म, संस्कृति, भाषाओं और परंपराओं के साथ, भारत के लोग सद्भाव, एकता और सौहार्द के साथ रहते हैं। भारत में बोली जाने वाली विभिन्न भाषाओं में, हिंदी सबसे अधिक उपयोग की जाने वाली और बोली जाने वाली भाषा है। भारतीय संविधान के अनुच्छेद 343 के अनुसार 14 सितंबर 1949 को हिंदी भाषा को राजभाषा के रूप में अपनाया गया था। हमारी मातृभाषा हिंदी और देश के प्रति सम्मान दिखाने के लिए हिंदी दिवस का आयोजन किया जाता है। हिंदी दिवस पर भाषण के लिए उपयोगी जानकारी इस लेख में मिलेगी।

हिन्दी में कवियों की परम्परा बहुत लम्बी है। हिंदी के महान कवियों ने कालजयी रचनाएं लिखी हैं। हिंदी में निबंध और वाद-विवाद आदि का जितना महत्व है उतना ही महत्व हिंदी कविताओं और कविता-पाठ का भी है। हिंदी दिवस पर विद्यालय या अन्य किसी आयोजन पर हिंदी कविता भी चार चाँद लगाने का काम करेगी। हिंदी दिवस कविता के इस लेख में हम हिंदी भाषा के सम्मान में रचित, हिंदी का महत्व बतलाती विभिन्न कविताओं की जानकारी दी गई है।

15 अगस्त, 1947 को हमारा देश भारत 200 सालों के अंग्रेजी हुकूमत से आजाद हुआ था। यही वजह है कि यह दिन इतिहास में दर्ज हो गया और इसे भारत के स्वतंत्रता दिवस के तौर पर मनाया जाने लगा। इस दिन देश के प्रधानमंत्री लालकिले पर राष्ट्रीय ध्वज फहराते तो हैं ही और साथ ही इसके बाद वे पूरे देश को लालकिले से संबोधित भी करते हैं। इस दौरान प्रधानमंत्री का पूरा भाषण टीवी व रेडियो के माध्यम से पूरे देश में प्रसारित किया जाता है। इसके अलावा देश भर में इस दिन सभी कार्यालयों में छुट्टी होती है। स्कूल्स व कॉलेज में रंगारंग कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। स्वतंत्रता दिवस से संबंधित संपूर्ण जानकारी आपको इस लेख में मिलेगी जो निश्चित तौर पर आपके लिए लेख लिखने में सहायक सिद्ध होगी।

प्रदूषण पृथ्वी पर वर्तमान के उन प्रमुख मुद्दों में से एक है, जो हमारी पृथ्वी को व्यापक स्तर पर प्रभावित कर रहा है। यह एक ऐसा मुद्दा है जो लंबे समय से चर्चा में है, 21वीं सदी में इसका हानिकारक प्रभाव बड़े पैमाने पर महसूस किया जा रहा है। हालांकि विभिन्न देशों की सरकारों ने इन प्रभावों को रोकने के लिए कई बड़े कदम उठाए हैं, लेकिन अभी भी एक लंबा रास्ता तय करना बाकी है। इससे कई प्राकृतिक प्रक्रियाओं में गड़बड़ी आती है। इतना ही नहीं, आज कई वनस्पतियां और जीव-जंतु या तो विलुप्त हो चुके हैं या विलुप्त होने की कगार पर हैं। प्रदूषण की मात्रा में तेजी से वृद्धि के कारण पशु तेजी से न सिर्फ अपना घर खो रहे हैं, बल्कि जीने लायक प्रकृति को भी खो रहे हैं। प्रदूषण ने दुनिया भर के कई प्रमुख शहरों को प्रभावित किया है। इन प्रदूषित शहरों में से अधिकांश भारत में ही स्थित हैं। दुनिया के कुछ सबसे प्रदूषित शहरों में दिल्ली, कानपुर, बामेंडा, मॉस्को, हेज़, चेरनोबिल, बीजिंग शामिल हैं। हालांकि इन शहरों ने प्रदूषण पर अंकुश लगाने के लिए कई कदम उठाए हैं, लेकिन अभी बहुत कुछ और बहुत ही तेजी के साथ किए जाने की जरूरत है।

वायु प्रदूषण पर हिंदी में निबंध के ज़रिए हम इसके बारे में थोड़ा गहराई से जानेंगे। वायु प्रदूषण पर लेख (Essay on Air Pollution) से इस समस्या को जहाँ समझने में आसानी होगी वहीं हम वायु प्रदूषण के लिए जिम्मेदार पहलुओं के बारे में भी जान सकेंगे। इससे स्कूली विद्यार्थियों को वायु प्रदूषण पर निबंध (Essay on Air Pollution) तैयार करने में भी मदद होगी। हिंदी में वायु प्रदूषण पर निबंध से परीक्षा में बेहतर स्कोर लाने में मदद मिलेगी।

एक बड़े भू-क्षेत्र में लंबे समय तक रहने वाले मौसम की औसत स्थिति को जलवायु की संज्ञा दी जाती है। किसी भू-भाग की जलवायु पर उसकी भौगोलिक स्थिति का सर्वाधिक असर पड़ता है। पृथ्वी ग्रह का बुखार (तापमान) लगातार बढ़ रहा है। सरकारों को इसमें नागरिकों की सहभागिता सुनिश्चित करने के लिए उपयुक्त कदम उठाने होंगे। जलवायु परिवर्तन को नियंत्रित करने के लिए सरकारों को सतत विकास के उपायों में निवेश करने, ग्रीन जॉब, हरित अर्थव्यवस्था के निर्माण की ओर आगे बढ़ने की जरूरत है। पृथ्वी पर जीवन को बचाए रखने, इसे स्वस्थ रखने और ग्लोबल वार्मिंग के खतरों से निपटने के लिए सभी देशों को मिलकर ईमानदारी से काम करना होगा। ग्लोबल वार्मिंग या जलवायु परिवर्तन पर निबंध के जरिए छात्रों को इस विषय और इससे जुड़ी समस्याओं और समाधान के बारे में जानने को मिलेगा।

हमारी यह पृथ्वी जिस पर हम सभी निवास करते हैं इसके पर्यावरण के संरक्षण के लिए विश्व पर्यावरण दिवस (World Environment Day) हर साल 5 जून को मनाया जाता है। इसकी शुरुआत 1972 में मानव पर्यावरण पर आयोजित संयुक्त राष्ट्र सम्मलेन के दौरान हुई थी। पहला विश्व पर्यावरण दिवस (Environment Day) 5 जून 1974 को “केवल एक पृथ्वी” (Only One Earth) स्लोगन/थीम के साथ मनाया गया था, जिसमें तत्कालीन प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गाँधी ने भी भाग लिया था। इसी सम्मलेन में संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (UNEP) की भी स्थापना की गई थी। इस विश्व पर्यावरण दिवस (World Environment Day) को मनाने का उद्देश्य विश्व के लोगों के भीतर पर्यावरण (Environment) के प्रति जागरूकता लाना और साथ ही प्रकृति के प्रति अपने कर्तव्य का निर्वहन करना भी है। इसी विषय पर विचार करते हुए 19 नवंबर, 1986 को पर्यवरण संरक्षण अधिनियम लागू किया गया तथा 1987 से हर वर्ष पर्यावरण दिवस की मेजबानी करने के लिए अलग-अलग देश को चुना गया।

आज के युग में जब हम अपना अधिकतर समय पढाई पर केंद्रित करने का प्रयास करते नजर आते हैं और साथ ही अपना ज़्यादातर समय ऑनलाइन रह कर व्यतीत करना पसंद करते हैं, ऐसे में हमारे जीवन में खेलों का महत्व कई गुना बढ़ जाता है। खेल हमारे लिए केवल मनोरंजन का साधन ही नहीं, अपितु हमारे सर्वांगीण विकास का एक माध्यम भी है। हमारे जीवन में खेल उतना ही जरूरी है, जितना पढाई करना। आज कल के युग में मानव जीवन में शारीरिक कार्य की तुलना में मानसिक कार्य में बढ़ोतरी हुई है और हमारी जीवन शैली भी बदल गई है, हम रात को देर से सोते हैं और साथ ही सुबह देर से उठते हैं। जाहिर है कि यह दिनचर्या स्वास्थ्य के लिए अच्छी नहीं है और इसके साथ ही कार्य या पढाई की वजह से मानसिक तनाव पहले की तुलना में वृद्धि महसूस की जा सकती है। ऐसी स्थिति में जब हमारे जीवन में शारीरिक परिश्रम अधिक नहीं है, तो हमारे जीवन में खेलो का महत्व बहुत अधिक बढ़ जाता है।

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हमेशा से कहा जाता रहा है कि ‘आवश्यकता ही अविष्कार की जननी है’, जैसे-जैसे मानव की आवश्यकता बढती गई, वैसे-वैसे उसने अपनी सुविधा के लिए अविष्कार करना आरंभ किया। विज्ञान से तात्पर्य एक ऐसे व्यवस्थित ज्ञान से है जो विचार, अवलोकन तथा प्रयोगों से प्राप्त किया जाता है, जो कि किसी अध्ययन की प्रकृति या सिद्धांतों की जानकारी प्राप्त करने के लिए किए जाते हैं। विज्ञान शब्द का प्रयोग ज्ञान की ऐसी शाखा के लिए भी किया जाता है, जो तथ्य, सिद्धांत और तरीकों का प्रयोग और परिकल्पना से स्थापित और व्यवस्थित करता है।

शिक्षक अपने शिष्य के जीवन के साथ साथ उसके चरित्र निर्माण में भी एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते है। कहा जाता है कि सबसे पहली गुरु माँ होती है, जो अपने बच्चों को जीवन प्रदान करने के साथ-साथ जीवन के आधार का ज्ञान भी देती है। इसके बाद अन्य शिक्षकों का स्थान होता है। किसी व्यक्ति के व्यक्तित्व का निर्माण करना बहुत ही बड़ा और कठिन कार्य है। व्यक्ति को शिक्षा प्रदान करने के साथ-साथ उसके चरित्र और व्यक्तित्व का निर्माण करना भी उसी प्रकार का कार्य है, जैसे कोई कुम्हार मिट्टी से बर्तन बनाने का कार्य करता है। इसी प्रकार शिक्षक अपने छात्रों को शिक्षा प्रदान करने के साथ साथ उसके व्यक्तित्व का निर्माण भी करते हैं।

अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस की शुरुआत 1908 में हुई थी, जब न्यूयॉर्क शहर की सड़को पर हजारों महिलाएं घंटों काम के लिए बेहतर वेतन और सम्मान तथा समानता के अधिकार को प्राप्त करने के लिए उतरी थीं। अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मनाने का प्रस्ताव क्लारा जेटकिन का था जिन्होंने 1910 में यह प्रस्ताव रखा था। पहला अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस 1911 में ऑस्ट्रिया, डेनमार्क, जर्मनी और स्विट्ज़रलैंड में मनाया गया था।

हम उम्मीद करते हैं कि स्कूली छात्रों के लिए तैयार उपयोगी हिंदी में निबंध, भाषण और कविता (Essays, speech and poems for school students) के इस संकलन से निश्चित तौर पर छात्रों को मदद मिलेगी।

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बाल श्रम को बच्चो द्वारा रोजगार के लिए किसी भी प्रकार के कार्य को करने के रूप में परिभाषित किया गया है जो उनके शारीरिक और मानसिक विकास में बाधा डालता है और उन्हें मूलभूत शैक्षिक और मनोरंजक जरूरतों तक पहुंच से वंचित करता है। एक बच्चे को आम तौर व्यस्क तब माना जाता है जब वह पंद्रह वर्ष या उससे अधिक का हो जाता है। इस आयु सीमा से कम के बच्चों को किसी भी प्रकार के जबरन रोजगार में संलग्न होने की अनुमति नहीं है। बाल श्रम बच्चों को सामान्य परवरिश का अनुभव करने, गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्राप्त करने और उनके शारीरिक और भावनात्मक विकास में बाधा के रूप में देखा जाता है। जानिए कैसे तैयार करें बाल श्रम या फिर कहें तो बाल मजदूरी पर निबंध।

एपीजे अब्दुल कलाम की गिनती आला दर्जे के वैज्ञानिक होने के साथ ही प्रभावी नेता के तौर पर भी होती है। वह 21वीं सदी के प्रसिद्ध वैज्ञानिकों में से एक हैं। कलाम देश के 11वें राष्ट्रपति बने, अपने कार्यकाल में समाज को लाभ पहुंचाने वाली कई पहलों की शुरुआत की। मेरा प्रिय नेता विषय पर अक्सर परीक्षा में निबंध लिखने का प्रश्न पूछा जाता है। जानिए कैसे तैयार करें अपने प्रिय नेता: एपीजे अब्दुल कलाम पर निबंध।

हमारे जीवन में बहुत सारे लोग आते हैं। उनमें से कई को भुला दिया जाता है, लेकिन कुछ का हम पर स्थायी प्रभाव पड़ता है। भले ही हमारे कई दोस्त हों, उनमें से कम ही हमारे अच्छे दोस्त होते हैं। कहा भी जाता है कि सौ दोस्तों की भीड़ के मुक़ाबले जीवन में एक सच्चा/अच्छा दोस्त होना काफी है। यह लेख छात्रों को 'मेरे प्रिय मित्र'(My Best Friend Nibandh) पर निबंध तैयार करने में सहायता करेगा।

3 फरवरी, 1879 को भारत के हैदराबाद में एक बंगाली परिवार ने सरोजिनी नायडू का दुनिया में स्वागत किया। उन्होंने कम उम्र में ही कविता लिखना शुरू कर दिया था। उन्होंने कैम्ब्रिज में किंग्स कॉलेज और गिर्टन, दोनों ही पाठ्यक्रमों में दाखिला लेकर अपनी पढ़ाई पूरी की। जब वह एक बच्ची थी, तो कुछ भारतीय परिवारों ने अपनी बेटियों को स्वतंत्रता आंदोलन में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित किया। हालाँकि, सरोजिनी नायडू के परिवार ने लगातार उदार मूल्यों का समर्थन किया। वह न्याय की लड़ाई में विरोध की प्रभावशीलता पर विश्वास करते हुए बड़ी हुई। सरोजिनी नायडू से संबंधित अधिक जानकारी के लिए इस लेख को पढ़ें।

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Frequently Asked Question (FAQs)

किसी भी हिंदी निबंध (Essay in hindi) को तीन भागों में विभाजित किया जा सकता है- ये हैं- प्रस्तावना या भूमिका, विषय विस्तार और उपसंहार (conclusion)।

हिंदी निबंध लेखन शैली की दृष्टि से मुख्य रूप से तीन प्रकार के होते हैं-

वर्णनात्मक हिंदी निबंध - इस तरह के निबंधों में किसी घटना, वस्तु, स्थान, यात्रा आदि का वर्णन किया जाता है।

विचारात्मक निबंध - इस तरह के निबंधों में मनन-चिंतन की अधिक आवश्यकता होती है।

भावात्मक निबंध - ऐसे निबंध जिनमें भावनाओं को व्यक्त करने की अधिक स्वतंत्रता होती है।

विषय वस्तु की दृष्टि से भी निबंधों को सामाजिक, आर्थिक, सांस्कृतिक, खेल, विज्ञान और प्रौद्योगिकी जैसी बहुत सी श्रेणियों में बाँटा जा सकता है।

निबंध में समुचित जगहों पर मुहावरे, लोकोक्तियों, सूक्तियों, दोहों, कविता का प्रयोग करके इसे प्रभावी बनाने में मदद मिलती है। हिंदी निबंध के प्रभावी होने पर न केवल बेहतर अंक मिलेंगी बल्कि असल जीवन में अपनी बात रखने का कौशल भी विकसित होगा।

कुछ उपयोगी विषयों पर हिंदी में निबंध के लिए ऊपर लेख में दिए गए लिंक्स की मदद ली जा सकती है।

निबंध, गद्य विधा की एक लेखन शैली है। हिंदी साहित्य कोष के अनुसार निबंध ‘किसी विषय या वस्तु पर उसके स्वरूप, प्रकृति, गुण-दोष आदि की दृष्टि से लेखक की गद्यात्मक अभिव्यक्ति है।’ एक अन्य परिभाषा में सीमित समय और सीमित शब्दों में क्रमबद्ध विचारों की अभिव्यक्ति को निबंध की संज्ञा दी गई है। इस तरह कह सकते हैं कि मोटे तौर पर किसी विषय पर अपने विचारों को लिखकर की गई अभिव्यक्ति निबंध है।

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औद्योगिक सुरक्षा पर निबंध, नियम

essay on security in hindi

By विकास सिंह

industrial safety essay in hindi

विषय-सूचि

औद्योगिक सुरक्षा पर निबंध (industrial safety essay in hindi)

औद्योगिक सुरक्षा की परिभाषा:.

औद्योगिक सुरक्षा (industrial safety) के महत्व को इस तथ्य के कारण महसूस किया गया था कि हर साल लाखों व्यावसायिक/औद्योगिक दुर्घटनाएं होती हैं।

इनमें से लगभग पाँचवाँ उत्पादन समय उन लोगों द्वारा खो दिया जाता है जो वास्तव में अस्थायी और स्थायी विकलांगता के कारण घायल हो जाते हैं और शेष उत्पादन समय साथी संचालकों / लोगों द्वारा घायलों की मदद करने, दुर्घटना से हुए नुकसान की देखभाल करने आदि में खो जाता है। औद्योगिक इकाई दुर्घटनाओं के कारण होने वाली मौतों के मामलों में बहुत अधिक खतरनाक होगी।

इसलिए औद्योगिक दुर्घटनाओं के कारणों की पहचान / जांच करना और उन्हें नियंत्रित करने के लिए कदम उठाना आवश्यक है। कई विषयों का संबंध इस सुरक्षा दृष्टिकोण से है। औद्योगिक इंजीनियरिंग एक क्षेत्र है जो कुशल कार्य स्थान, उपकरण और औद्योगिक लेआउट डिजाइन के डिजाइन से संबंधित है। अन्य विषय जो सुरक्षित कार्य वातावरण में योगदान कर सकते हैं वे हैं मनोविज्ञान, समाजशास्त्र और मेडिकेयर विज्ञान।

असुरक्षित कार्यशील वातावरण को प्रभावी ढंग से और कुशलता से समाप्त करने के लिए निम्नलिखित कदम उठाए जा सकते हैं:

(1) दुर्घटनाओं के कारणों का यदि संभव हो तो उन्मूलन करना।

(2) यदि दुर्घटनाओं के कारण को समाप्त करना संभव नहीं है, तो गार्ड, बाड़े या इसी तरह की व्यवस्था से खतरनाक जगह को ढालने की व्यवस्था करें।

industrial safety

सुरक्षा की आवश्यकता:

एक असुरक्षित स्थिति विभिन्न रूपों में मौजूद हो सकती है। दोषपूर्ण या दोषपूर्ण विद्युत फिटिंग, गिरोह के तरीके के अपर्याप्त रखरखाव। दोषपूर्ण उपकरणों आदि का उपयोग करना ताकि दुर्घटनाओं की घटना को रोका जा सके, असुरक्षित कृत्यों को टाला / समाप्त किया जा सकता है या जाँच की जा सकती है।

असुरक्षित कृत्यों के कारण कारणों के सुधार के लिए निम्नलिखित कारकों पर ध्यान दिया जाना चाहिए:

(1) कार्मिक समायोजन:

यदि एक फोरमैन / सुपरवाइजर यह पहचानता है कि एक कार्यकर्ता शारीरिक या मानसिक या नौकरी / कार्य के लिए अयोग्य है, तो उसे कार्मिक विभाग के परामर्श से काम से जल्दी निकाल देना चाहिए।

(2) विधि / तकनीक का उपयोग किया जाता है:

परिवर्तन की आवश्यकता वाली कुछ तकनीकों को सुरक्षित तरीकों द्वारा प्रतिस्थापित किया जाना चाहिए।

(3) संचालक प्रशिक्षण:

नौकरी का तरीका सुरक्षित या असुरक्षित हो सकता है लेकिन ऑपरेटर को नौकरी करने के लिए प्रशिक्षित होना चाहिए।

(4) दुर्घटना की रोकथाम के बारे में प्रचार और शिक्षा:

श्रमिकों / लोगों का नेतृत्व फोरमैन / पर्यवेक्षक के कौशल, ऊर्जा और नेतृत्व के द्वारा किया जाता है। तो यह इन लोगों का कर्तव्य है कि वे दुर्घटनाओं की रोकथाम के बारे में श्रमिकों को शिक्षित करें। इसका उद्देश्य उन्हें सुरक्षा के प्रति जागरूक होना सिखाना है ताकि वे असुरक्षित कार्य या स्थिति को पहचान सकें और इस तरह से कार्य कर सकें कि दुर्घटना से बचा जा सके।

industrial safety

असुरक्षित स्थिति:

असुरक्षित परिस्थितियों के कारण दुर्घटनाओं से बचने के लिए, “प्रावधान अधिनियम” में विभिन्न प्रावधानों पर चर्चा की गई है, ये प्राइम मूवर्स, विद्युत जनरेटर और ट्रांसमिशन मशीनरी के बढ़ते भागों से संबंधित हो सकते हैं: अग्नि सुरक्षा उपकरण, खतरनाक धुएं का नियंत्रण, अत्यधिक वजन उठाना और प्रकाश मशीनों, जंजीरों और रस्सियों आदि पर सुरक्षित पहरेदार।

इस प्रकार उद्योग में सुरक्षा मदद करती है:

(i) उत्पादन दर बढ़ाना।

(ii) उत्पादन की लागत को कम करना।

(iii) मशीनरी और उपकरण को होने वाली क्षति को कम करना।

(iv) संगठन के कर्मचारियों को अवांछित पीड़ा और दर्द को रोकना।

(v) प्रतिभावान श्रमिकों की समय से पहले / असामयिक मृत्यु को रोकना जो उद्यम और समाज के लिए एक संपत्ति हो सकते हैं।

सुरक्षा कार्यक्रम:

एक सुरक्षा कार्यक्रम की पहचान करने का इरादा है कि दुर्घटनाएं कब और क्यों होती हैं। इसी तर्ज पर एक सुरक्षा कार्यक्रम का उद्देश्य दुर्घटनाओं और उससे जुड़े नुकसानों को कम करना है। एक सुरक्षा कार्यक्रम इस धारणा के साथ शुरू किया गया है कि अधिकांश काम से जुड़े दुर्घटनाओं को रोकना संभव है।

एक सुरक्षा कार्यक्रम एक सतत प्रक्रिया है और व्यक्तिगत और पर्यावरणीय कारकों के प्रभाव को कम करने की कोशिश करता है जो दुर्घटनाओं का कारण बनते हैं। आम तौर पर एक सुरक्षा कार्यक्रम में सुरक्षा उपकरण और कामगार या कर्मचारियों को विशेष प्रशिक्षण प्रदान करना शामिल है।

भारतीय मानक संस्थान ने इस संदर्भ में सराहनीय कार्य किया है और निम्नानुसार है:

(i) परिचालन संचालन के दौरान की जाने वाली सुरक्षा सावधानियां।

(ii) औद्योगिक इकाई के उचित प्रकाश, वेंटिलेशन और उचित लेआउट के लिए मानक।

(iii) सुरक्षित औद्योगिक संचालन और प्रथाओं आदि के मानक और विनिर्देश।

(iv) उपकरण और उपकरण के प्रभावी रखरखाव के लिए आवश्यकताएँ

(v) सुरक्षित कटाई और वेल्डिंग प्रक्रियाओं पर मार्गदर्शन।

(vi) संचालित औद्योगिक ट्रकों, बेल्ट कन्वेयर और अग्नि सुरक्षा उपकरणों के उपयोग पर मार्गदर्शन।

(vii) व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरणों के लिए सुरक्षा आवश्यकताएँ

(viii) खतरनाक रसायनों का वर्गीकरण और दुर्घटना प्रावधान टैग का प्रावधान।

(ix) खतरनाक वस्तुओं / वस्तुओं की हैंडलिंग और लेबिलिंग के लिए अंकन।

(x) सुरक्षा के मानक:

(a) औद्योगिक भवन में

(बी) विद्युत कार्य में सुरक्षा प्रक्रियाओं का पालन किया जाना

(ग) खतरनाक क्षेत्र और विस्फोटक वातावरण में बिजली के उपकरणों के उपयोग में।

(xi) सुरक्षात्मक कपड़ों के लिए विनिर्देशों, सुरक्षा हेलमेट चेहरे की ढाल और आंखों के कानों के लिए सुरक्षा उपकरण आदि।

[ratemypost]

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विकास नें वाणिज्य में स्नातक किया है और उन्हें भाषा और खेल-कूद में काफी शौक है. दा इंडियन वायर के लिए विकास हिंदी व्याकरण एवं अन्य भाषाओं के बारे में लिख रहे हैं.

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Hindi Essay (Hindi Nibandh) 100 विषयों पर हिंदी निबंध लेखन

Hindi Essay (Hindi Nibandh) | 100 विषयों पर हिंदी निबंध लेखन – Essays in Hindi on 100 Topics

हिंदी निबंध: हिंदी हमारी राष्ट्रीय भाषा है। हमारे हिंदी भाषा कौशल को सीखना और सुधारना भारत के अधिकांश स्थानों में सेवा करने के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। स्कूली दिनों से ही हम हिंदी भाषा सीखते थे। कुछ स्कूल और कॉलेज हिंदी के अतिरिक्त बोर्ड और निबंध बोर्ड में निबंध लेखन का आयोजन करते हैं, छात्रों को बोर्ड परीक्षा में हिंदी निबंध लिखने की आवश्यकता होती है।

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इसलिए, यह जानना और समझना बहुत महत्वपूर्ण है कि विषय के बारे में संक्षिप्त और कुरकुरा लाइनों के साथ एक आदर्श हिंदी निबन्ध कैसे लिखें। साथ ही, कक्षा 1 से 10 तक के छात्र उदाहरणों के साथ इस पृष्ठ से विभिन्न हिंदी निबंध विषय पा सकते हैं। तो, छात्र आसानी से स्कूल और प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए हिंदी में निबन्ध कैसे लिखें, इसकी तैयारी कर सकते हैं। इसके अलावा, आप हिंदी निबंध लेखन की संरचना, हिंदी में एक प्रभावी निबंध लिखने के लिए टिप्स आदि के बारे में कुछ विस्तृत जानकारी भी प्राप्त कर सकते हैं। ठीक है, आइए हिंदी निबन्ध के विवरण में गोता लगाएँ।

हिंदी निबंध लेखन – स्कूल और प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए हिंदी में निबन्ध कैसे लिखें?

प्रभावी निबंध लिखने के लिए उस विषय के बारे में बहुत अभ्यास और गहन ज्ञान की आवश्यकता होती है जिसे आपने निबंध लेखन प्रतियोगिता या बोर्ड परीक्षा के लिए चुना है। छात्रों को वर्तमान में हो रही स्थितियों और हिंदी में निबंध लिखने से पहले विषय के बारे में कुछ महत्वपूर्ण बिंदुओं के बारे में जानना चाहिए। हिंदी में पावरफुल निबन्ध लिखने के लिए सभी को कुछ प्रमुख नियमों और युक्तियों का पालन करना होगा।

हिंदी निबन्ध लिखने के लिए आप सभी को जो प्राथमिक कदम उठाने चाहिए उनमें से एक सही विषय का चयन करना है। इस स्थिति में आपकी सहायता करने के लिए, हमने सभी प्रकार के हिंदी निबंध विषयों पर शोध किया है और नीचे सूचीबद्ध किया है। एक बार जब हम सही विषय चुन लेते हैं तो विषय के बारे में सभी सामान्य और तथ्यों को एकत्र करते हैं और अपने पाठकों को संलग्न करने के लिए उन्हें अपने निबंध में लिखते हैं।

तथ्य आपके पाठकों को अंत तक आपके निबंध से चिपके रहेंगे। इसलिए, हिंदी में एक निबंध लिखते समय मुख्य बिंदुओं पर ध्यान केंद्रित करें और किसी प्रतियोगिता या बोर्ड या प्रतिस्पर्धी जैसी परीक्षाओं में अच्छा स्कोर करें। ये हिंदी निबंध विषय पहली कक्षा से 10 वीं कक्षा तक के सभी कक्षा के छात्रों के लिए उपयोगी हैं। तो, उनका सही ढंग से उपयोग करें और हिंदी भाषा में एक परिपूर्ण निबंध बनाएं।

हिंदी भाषा में दीर्घ और लघु निबंध विषयों की सूची

हिंदी निबन्ध विषयों और उदाहरणों की निम्न सूची को विभिन्न श्रेणियों में विभाजित किया गया है जैसे कि प्रौद्योगिकी, पर्यावरण, सामान्य चीजें, अवसर, खेल, खेल, स्कूली शिक्षा, और बहुत कुछ। बस अपने पसंदीदा हिंदी निबंध विषयों पर क्लिक करें और विषय पर निबंध के लघु और लंबे रूपों के साथ विषय के बारे में पूरी जानकारी आसानी से प्राप्त करें।

विषय के बारे में समग्र जानकारी एकत्रित करने के बाद, अपनी लाइनें लागू करने का समय और हिंदी में एक प्रभावी निबन्ध लिखने के लिए। यहाँ प्रचलित सभी विषयों की जाँच करें और किसी भी प्रकार की प्रतियोगिताओं या परीक्षाओं का प्रयास करने से पहले जितना संभव हो उतना अभ्यास करें।

हिंदी निबंधों की संरचना

Hindi Essay Parts

उपरोक्त छवि आपको हिंदी निबन्ध की संरचना के बारे में प्रदर्शित करती है और आपको निबन्ध को हिन्दी में प्रभावी ढंग से रचने के बारे में कुछ विचार देती है। यदि आप स्कूल या कॉलेजों में निबंध लेखन प्रतियोगिता में किसी भी विषय को लिखते समय निबंध के इन हिस्सों का पालन करते हैं तो आप निश्चित रूप से इसमें पुरस्कार जीतेंगे।

इस संरचना को बनाए रखने से निबंध विषयों का अभ्यास करने से छात्रों को विषय पर ध्यान केंद्रित करने और विषय के बारे में छोटी और कुरकुरी लाइनें लिखने में मदद मिलती है। इसलिए, यहां संकलित सूची में से अपने पसंदीदा या दिलचस्प निबंध विषय को हिंदी में चुनें और निबंध की इस मूल संरचना का अनुसरण करके एक निबंध लिखें।

हिंदी में एक सही निबंध लिखने के लिए याद रखने वाले मुख्य बिंदु

अपने पाठकों को अपने हिंदी निबंधों के साथ संलग्न करने के लिए, आपको हिंदी में एक प्रभावी निबंध लिखते समय कुछ सामान्य नियमों का पालन करना चाहिए। कुछ युक्तियाँ और नियम इस प्रकार हैं:

  • अपना हिंदी निबंध विषय / विषय दिए गए विकल्पों में से समझदारी से चुनें।
  • अब उन सभी बिंदुओं को याद करें, जो निबंध लिखने शुरू करने से पहले विषय के बारे में एक विचार रखते हैं।
  • पहला भाग: परिचय
  • दूसरा भाग: विषय का शारीरिक / विस्तार विवरण
  • तीसरा भाग: निष्कर्ष / अंतिम शब्द
  • एक निबंध लिखते समय सुनिश्चित करें कि आप एक सरल भाषा और शब्दों का उपयोग करते हैं जो विषय के अनुकूल हैं और एक बात याद रखें, वाक्यों को जटिल न बनाएं,
  • जानकारी के हर नए टुकड़े के लिए निबंध लेखन के दौरान एक नए पैराग्राफ के साथ इसे शुरू करें।
  • अपने पाठकों को आकर्षित करने या उत्साहित करने के लिए जहाँ कहीं भी संभव हो, कुछ मुहावरे या कविताएँ जोड़ें और अपने हिंदी निबंध के साथ संलग्न रहें।
  • विषय या विषय को बीच में या निबंध में जारी रखने से न चूकें।
  • यदि आप संक्षेप में हिंदी निबंध लिख रहे हैं तो इसे 200-250 शब्दों में समाप्त किया जाना चाहिए। यदि यह लंबा है, तो इसे 400-500 शब्दों में समाप्त करें।
  • महत्वपूर्ण हिंदी निबंध विषयों का अभ्यास करते समय इन सभी युक्तियों और बिंदुओं को ध्यान में रखते हुए, आप निश्चित रूप से किसी भी प्रतियोगी परीक्षाओं में कुरकुरा और सही निबंध लिख सकते हैं या फिर सीबीएसई, आईसीएसई जैसी बोर्ड परीक्षाओं में।

हिंदी निबंध लेखन पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

1. मैं अपने हिंदी निबंध लेखन कौशल में सुधार कैसे कर सकता हूं? अपने हिंदी निबंध लेखन कौशल में सुधार करने के सर्वोत्तम तरीकों में से एक किताबों और समाचार पत्रों को पढ़ना और हिंदी में कुछ जानकारीपूर्ण श्रृंखलाओं को देखना है। ये चीजें आपकी हिंदी शब्दावली में वृद्धि करेंगी और आपको हिंदी में एक प्रेरक निबंध लिखने में मदद करेंगी।

2. CBSE, ICSE बोर्ड परीक्षा के लिए हिंदी निबंध लिखने में कितना समय देना चाहिए? हिंदी बोर्ड परीक्षा में एक प्रभावी निबंध लिखने पर 20-30 का खर्च पर्याप्त है। क्योंकि परीक्षा हॉल में हर मिनट बहुत महत्वपूर्ण है। इसलिए, सभी वर्गों के लिए समय बनाए रखना महत्वपूर्ण है। परीक्षा से पहले सभी हिंदी निबन्ध विषयों से पहले अभ्यास करें और परीक्षा में निबंध लेखन पर खर्च करने का समय निर्धारित करें।

3. हिंदी में निबंध के लिए 200-250 शब्द पर्याप्त हैं? 200-250 शब्दों वाले हिंदी निबंध किसी भी स्थिति के लिए बहुत अधिक हैं। इसके अलावा, पाठक केवल आसानी से पढ़ने और उनसे जुड़ने के लिए लघु निबंधों में अधिक रुचि दिखाते हैं।

4. मुझे छात्रों के लिए सर्वश्रेष्ठ औपचारिक और अनौपचारिक हिंदी निबंध विषय कहां मिल सकते हैं? आप हमारे पेज से कक्षा 1 से 10 तक के छात्रों के लिए हिंदी में विभिन्न सामान्य और विशिष्ट प्रकार के निबंध विषय प्राप्त कर सकते हैं। आप स्कूलों और कॉलेजों में प्रतियोगिताओं, परीक्षाओं और भाषणों के लिए हिंदी में इन छोटे और लंबे निबंधों का उपयोग कर सकते हैं।

5. हिंदी परीक्षाओं में प्रभावशाली निबंध लिखने के कुछ तरीके क्या हैं? हिंदी में प्रभावी और प्रभावशाली निबंध लिखने के लिए, किसी को इसमें शानदार तरीके से काम करना चाहिए। उसके लिए, आपको इन बिंदुओं का पालन करना चाहिए और सभी प्रकार की परीक्षाओं में एक परिपूर्ण हिंदी निबंध की रचना करनी चाहिए:

  • एक पंच-लाइन की शुरुआत।
  • बहुत सारे विशेषणों का उपयोग करें।
  • रचनात्मक सोचें।
  • कठिन शब्दों के प्रयोग से बचें।
  • आंकड़े, वास्तविक समय के उदाहरण, प्रलेखित जानकारी दें।
  • सिफारिशों के साथ निष्कर्ष निकालें।
  • निष्कर्ष के साथ पंचलाइन को जोड़ना।

निष्कर्ष हमने एक टीम के रूप में हिंदी निबन्ध विषय पर पूरी तरह से शोध किया और इस पृष्ठ पर कुछ मुख्य महत्वपूर्ण विषयों को सूचीबद्ध किया। हमने इन हिंदी निबंध लेखन विषयों को उन छात्रों के लिए एकत्र किया है जो निबंध प्रतियोगिता या प्रतियोगी या बोर्ड परीक्षाओं में भाग ले रहे हैं। तो, हम आशा करते हैं कि आपको यहाँ पर सूची से हिंदी में अपना आवश्यक निबंध विषय मिल गया होगा।

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महिलाओं की सुरक्षा पर निबंध (Women Safety Essay in Hindi)

महिलाओं की सुरक्षा

हम सभी जानते है की हमारा देश हिंदुस्तान पूरे विश्व में अपनी अलग रीती रिवाज़ तथा संस्कृति के लिए प्रसिद्ध है। भारत में प्राचीन काल से ही यह परंपरा रही है की यहाँ महिलाओं को समाज में विशिष्ट आदर एवं सम्मान दिया जाता है। भारत वह देश है जहाँ महिलाओं की सुरक्षा और इज्ज़त का खास ख्याल रखा जाता है। भारतीय संस्कृति में महिलाओं को देवी लक्ष्मी का दर्जा दिया गया है। अगर हम इक्कीसवीं सदी की बात करे तो महिलाएं हर कार्यक्षेत्र में पुरुषों के साथ कंधे से कंधा मिला काम कर रही है चाहे वो राजनीति, बैंक, विद्यालय, खेल, पुलिस, रक्षा क्षेत्र, खुद का कारोबार हो या आसमान में उड़ने की अभिलाषा हो।

भारत में महिलाओं की सुरक्षा पर छोटे तथा बड़े निबंध (Short and Long Essay on Women Safety in Hindi, Bharat me Mahilaon ki Suraksha par Nibandh Hindi mein)

महिलाओं की सुरक्षा पर निबंध – 1 (250 – 300 शब्द).

भारतीय समाज में महिला को देवी के सामान पूजा जाता है। पर महिलाओं के प्रति नकारात्मक पहलू को भी नज़रअंदाज नहीं किया जा सकता। नाबालिग लड़कियों से छेड़छाड़ की जा रही है। उन्हें परेशान किया जा रहा है। राह चलते फब्तियां कसी जा रही है। सड़के, सार्वजनिक स्थल, रेल, बस आदि असामाजिक तत्वों के अड्डे बन गए है।

महिला सुरक्षा की आवश्यकता क्यों है ? –

स्कूल तथा कॉलेज जाने वाली छात्रायें भय के साये में जी रही है। जब भी वे घर से बाहर निकलती है तो सिर से लेकर पैर तक ढकने वाले कपडे पहनने को मजबूर है। इससे भी अजीब बात तो यह है की कई जगहों पर ऐसा भी देखा गया है माँ-बाप पैसे के लालच में अपनी ही बेटी को वैश्यावृति के नरक में धकेल देते है। राह चलती लड़की पर तेज़ाब फेंकना और शारीरिक संबंध की इच्छा को पूरा करने के लिए किसी का भी अपहरण करना आम बात हो गई है। आंकड़ो के अनुसार भारत में हर 20 मिनट में एक औरत से बलात्कार होता है।

महिलाओं की सुरक्षा के उपाय

महिला सुरक्षा के लिए सरकार को नियम और कानून को सख्त बनाना चाहिए। महिलाओं के लिए विशेष सुरक्षा का प्रावधान होना चाहिए। हमें अश्लील और अनैतिक जानकारियों पर प्रतिबंध लगाना चाहिए।

महिलाओं की संख्या देश की कुल जनसंख्या की आधी है। इसका मतलब वे देश के विकास में भी आधी भागीदार है। उसके बावजूद 21वीं सदी में हिंदुस्तान में ऐसी घटनाओं का होना हमारी संस्कृति को केवल शर्मसार ही करता है।

इसे यूट्यूब पर देखें : Essay on Women Safety in Hindi

निबंध 2 (300 शब्द)

महिलायों की सुरक्षा अपने आप में ही बहुत विस्तृत विषय है। पिछले कुछ सालों में महिलाओं के प्रति बढ़ते अत्याचारों को देखकर हम यह तो बिलकुल नहीं कह सकते की हमारे देश में महिला पूर्ण तरीके से सुरक्षित है। महिलाएं अपने आपको असुरक्षित महसूस करती है खास तौर पर अगर उन्हें अकेले बाहर जाना हो तो। यह वाकई हमारे लिए शर्मनाक है की हमारे देश में महिलाओं को भय में जीना पड़ रहा है। हर परिवार के लिए उनकी महिला सदस्यों की सुरक्षा चिंता का मुद्दा बन चुका है। अगर महिला सुरक्षा में कुछ सुधार करने हो तो नीचे कुछ तथ्य दिए है जिन्हें ध्यान में रखते हुए हम समाज में बड़ा बदलाव ला सकते है:-

महिला सुरक्षा से जुड़े कुछ सुझाव

  • सबसे पहले हर महिला को आत्म-रक्षा करने की तकनीक सिखानी होगी तथा उनके मनोबल को भी ऊँचा करने की जरुरत है। इससे महिलाओं को विपरीत परिस्थितियों का सामना करने में किसी तरह की परेशानी महसूस नही होगी।
  • अक्सर ऐसा देखा गया कि महिलाएं स्थिति की गंभीरता को किसी भी पुरुष की बजाए जल्दी भांप लेती है। अगर उन्हें किसी तरह की गड़बड़ी की आशंका लगती है तो उन्हें जल्द ही कोई ठोस कदम उठा लेना चाहिए।
  • महिलाओं को इस बात का भी ध्यान रखना चाहिए की वे किसी भी अनजान पुरुष के साथ अकेले में कही न जाये। ऐसे हालात से उन्हें अपने आप को दूर ही रखना चाहिए।
  • महिलाओं को कभी भी अपने आप को पुरुषों से कम नही समझना चाहिए फिर चाहे वह मानसिक क्षमता की बात हो या फिर शारीरिक बल की बात हो।
  • महिलाओं को इस बात का खास ख्याल रखना चाहिए कि वे इंटरनेट या किसी भी अन्य माध्यम के द्वारा किसी भी तरह के अनजान व्यक्ति से बातचीत करते वक्त सावधान रहे और उन्हें अपना किसी भी तरह का निजी विवरण न दे।
  • महिलाओं को घर से बाहर जाते वक़्त हमेशा अपने साथ मिर्च स्प्रे करने का यंत्र रखना चाहिए। हालाँकि ऐसा जरुरी भी नहीं की इसी पर पूरी तरह निर्भर रहें वे किसी और विकल्प का भी इस्तेमाल कर सकती है।
  • अपने आप को विपरीत परिस्थिति में गिरता देख महिलाएं अपने फ़ोन से इमरजेंसी नंबर या किसी परिजन को व्हाट्सएप्प भी कर सकती है।
  • किसी भी अनजान शहर के होटल या अन्य जगह रुकना हो तो वहाँ के स्टाफ के लोगो तथा बाकी चीज़ो की सुरक्षा को पहले ही सुनिश्चित कर ले।

महिला सुरक्षा एक सामाजिक मसला है, इसे जल्द से जल्द सुलझाने की जरुरत है। महिलाएं देश की लगभग आधी जनसँख्या है जो शारीरिक, मानसिक, और सामाजिक रूप से पीड़ित है। यह देश के विकास तथा तरक़्क़ी में बाधा बन रहा है।

निबंध 3 (400 शब्द)

पिछले कुछ वर्षो में महिला सुरक्षा का स्तर लगातार गिरता जा रहा है। इसके पीछे कारण है लगातार होते अपराधों में इजाफ़ा। मध्यकालीन युग से लेकर 21वीं सदी तक महिलाओं की प्रतिष्ठा में लगातार गिरावट देखी गयी है। महिलाओं को भी पुरुषों के बराबर अधिकार है। वे देश की आधी जनसँख्या का प्रतिनिध्त्वि करती है तथा विकास में भी आधी भागीदार है।

इस तर्क को तो कतई नहीं नकारा जा सकता की आज के आधुनिक युग में महिला पुरुषों के साथ ही नहीं बल्कि उनसे दो कदम आगे निकल चुकी है। वे राष्ट्रपति के दफ्तर से लेकर ज़िला स्तर की योजनाओं का आधार बन चुकी है। महिलाओं के बिना दिनचर्या की कल्पना भी नहीं की जा सकती। भारतीय संविधान के अनुसार महिलाओं को भी पुरुषों के समान, स्वतंत्र, गौरवमयी जीवन जीने का हक़ है। महिलाओं को लगातार यौन हिंसा, दहेज़ हत्या और मारपीट का शिखर होना पड़ता है। तेज़ाब फेंकना, जबरदस्ती वैश्यावृति करवाना आम बात हो गयी है। ये सब एक सभ्य समाज के लिए बेहद शर्मनाक है।

शिक्षा और आर्थिक विकास

ग्रामीण क्षेत्र की महिलाएं एवं पुरुषों में ज़मीन आसमान का फर्क है जबकि शहरी क्षेत्र में ऐसा नहीं है। इसका कारण है गांव में महिलाओं की कम साक्षरता दर। अगर हम केरल और मिजोरम का उदाहरण ले तो ये अपवाद की श्रेणी में आते है। इन दोनों राज्यों में महिला साक्षरता दर पुरुषों के बराबर है। महिला साक्षरता दर में कमी का मुख्य कारण है पर्याप्त विद्यालयों की कमी, शौचालयों की कमी, महिला अध्यापकों की कमी, लिंग भेदभाव आदि। आंकड़ो के अनुसार 2015 में महिला साक्षरता दर 60.6% थी जबकि पुरुष साक्षरता दर 81.3% थी।

भारत में महिला अपराध

भारत में महिला अपराध की फेहरिस्त देखी जाये तो यह बहुत लंबी है। इसमें तेज़ाब फेंकना, जबरदस्ती वैश्यावृति, यौन हिंसा, दहेज़ हत्या, अपहरण, ऑनर किलिंग, बलात्कार, भ्रूण हत्या, मानसिक उत्पीड़न आदि शामिल है।

महिला सुरक्षा से जुड़े कानून

भारत में महिला सुरक्षा से जुड़े कानून की लिस्ट बहुत लंबी है इसमें चाइल्ड मैरिज एक्ट 1929, स्पेशल मैरिज एक्ट 1954, हिन्दू मैरिज एक्ट 1955, हिंदू विडो रीमैरिज एक्ट 1856, इंडियन पीनल कोड 1860, मैटरनिटी बेनिफिट एक्ट 1861, फॉरेन मैरिज एक्ट 1969, इंडियन डाइवोर्स एक्ट 1969, क्रिस्चियन मैरिज एक्ट 1872, मैरिड वीमेन प्रॉपर्टी एक्ट 1874, मुस्लिम वुमन प्रोटेक्शन एक्ट 1986, नेशनल कमीशन फॉर वुमन एक्ट 1990, सेक्सुअल हर्रास्मेंट ऑफ़ वुमन एट वर्किंग प्लेस एक्ट 2013 आदि।

इसके अलावा 7 मई 2015 को लोक सभा ने और 22 दिसम्बर 2015 को राज्य सभा ने जुवेनाइल जस्टिस बिल में भी बदलाव किया है। इसके अन्तर्गत यदि कोई 16 से 18 साल का किशोर जघन्य अपराध में लिप्त पाया जाता है तो उसे भी कठोर सज़ा का प्रावधान है (खास तौर पर निर्भया जैसे केस में किशोर अपराधी के छूट जाने के बाद)।

कड़े कानूनों के बनाने के बावजूद भी महिला अपराध में कमी के बजाये दिन प्रतिदिन लगातार उछाल देखने को मिल रहा है। समाज में महिलाओं की सुरक्षा गिरती जा रही है। महिलाएं अपने आप को असुरक्षित महसूस कर रही है। महिलाओं के लिए गंदे होते माहौल को बदलने की जिम्मेदारी सिर्फ सरकार की ही नहीं अपितु हर आम आदमी की है ताकि हर महिला गर्व से अपने जीवन को जी सके।

Essay on Women Safety in India in Hindi

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Industrial Safety Essay in Hindi Language – औद्योगिक सुरक्षा पर निबंध

September 13, 2018 by essaykiduniya

Here you will get Paragraph and Short Industrial Safety Essay in Hindi Language for students of all Classes in 200 and 400 words. यहां आपको सभी कक्षाओं के छात्रों के लिए हिंदी भाषा में औद्योगिक सुरक्षा पर निबंध मिलेगा।

Industrial Safety Essay in Hindi

Industrial Safety Essay in Hindi Language – औद्योगिक सुरक्षा पर निबंध ( 200 words )

आज के युग में बढ़ती उद्योगों की संख्या के साथ साथ दुर्घटनाओं का खतरा भी बढ़ गया है। काम के साथ साथ जोखिम भी बढ़ रहा है। उद्योग में काम करने वालों की सुरक्षा के लिए औद्योगिक सुरक्षा प्रबंधन बनाए जाते है जो मशीनों आदि से होने वाले हादसों में कमी करवाते हैं और सुरक्षा के सभी प्रबंध करते हैं। सुरक्षा प्रबंधन के साथ साथ प्रत्येक व्यक्ति को व्यक्तिगत स्तर पर भी सुरक्षा का ध्यान ऱखना चाहिए क्योंकी आपकी अपनी सुरक्षा आपके अपने हाथ में हैं।

कर्मचारी जिस भी मशीन पर कार्य कर रहा है उसे उसके सही से प्रयोग करना आना चाहिए और मशीन की जानकारी होनी चाहिए। उद्योग में मशीन पर कार्य करते वक्त किसी से बात नहीं करनी चाहिए अन्यथा दुर्घटना हो सकती है। उद्योगों मैं प्राथमिक चिकित्सा का सामान हमेशा उपलब्ध होना चाहिए। औद्योगिक सुरक्षा प्रबंधन सुरक्षा के कुछ नियम भी बनाती है जिनका पालन करके दुर्घटना से बचा जा सकता है। औद्योगिक सुरक्षा कै अंदर रोजगार, दुर्घटना से सुरक्षा और कर्मचारी का स्वास्थय आता है जिसका ध्यान सभी को रखना चाहिए। औद्योगिक सुरक्षा प्रबंधक को सुरक्षा के सभी माध्यम पता होने चाहिए और पूरी जानकारी होनी चाहिए। अगर होगा उद्योग से जुड़ी बातों का ग्यान तो नहीं होगा कोई भी नुकसान।

Industrial Safety Essay in Hindi Language – औद्योगिक सुरक्षा पर निबंध ( 400 words )

औद्योगिक सुरक्षा का अर्थ उद्योगों में होने वाली दुर्घटनाओं से कर्मचारियों की सुरक्षा करना है। निरंतर बढ़ रहे उद्योगों से दुर्घटना का खतरा भी बढ़ता जा रहा है इसलिए सुरक्षा के सभी प्रबंध करना आवश्यक हो गया है। सरकार द्वारा भी इसके लिए सख्त कानुन बनाए गए है। उद्योगों में अपने औद्योगिक सुरक्षा प्रबंधक होते हैं जो सुरक्षा को नियम बनाते हैं जिनका पालन करके दुर्घटना और उनसे होने वाले नुकसानों को कम किया जा सकता है। सुरक्षा प्रबंधक को सुरक्षा को नए तरीको पता होने चाहिए और वह ऐसा होना चाहिए जो सही समय पर सही निर्णय ले सके।

व्यक्तिगत स्तर पर सुरक्षा-

उद्योग में ताम करते समय व्यक्ति को स्वयं की सुरक्षा का ध्यान रखना चाहिए क्योंकि अपनी खुद की सुरक्षा अपने हाथ में होती है। व्यक्ति जिस मशीन पर कीर्य करे उसे वह भली भाँति तरीके से चलानी आनी चाहिए और मशीन पर कार्य करते समय उसे किसी से बात नहीं करनी चाहिए क्योंकि नजर हटी तो दुर्घटना घटी। कर्मचारी को कार्य करते समय सावधानी बरतनी चाहिए।

औद्योगिक सुरक्षा के अंतर्गत-

औद्योगिक सुरक्षा के अंतर्गत दुर्घटना से सुरक्षा सो लेकर स्वास्थ्य और काम करने का वातावरण भी आता है। कर्मचारियों को कार्य करने के लिए अच्छा वातावरण मिलना चाहिए अन्यथा धुल और रसायनों से भरे वातावरण में कार्य करके वो बिमार पड़ जाऐंगे और उनकी मृत्यु हो जाएगी। रसायनों आदि से उनकी सुरक्षा भी औद्योगिक सुरक्षा का ही हिस्सा है।

औद्योगिक सुरक्षा की आवश्यकता-

उद्योगों में सुरक्षा बहुत ही आवश्यक है यदि ऐसा नहीं होगा तो बहुत से कर्मचारी दुर्घटना का शिकार हो जाऐंगे जिसे उद्योग के मालिक और कर्मचारी दोनों को नुकसान होगा। घायल कर्मचारी अपना वेतन और स्वास्थय दोनों खो देगा और उद्योग मालिक उसके इलाज पर पैसे खर्च करेगा और समय भी बर्बाद होगा और साथ ही एक कर्मचारी को भी खो देगा।

औद्योगिक सुरक्षा को लिए कदम-

फद्योगों में हादसे दो ही कारण से होते हैं या तो मशीन में खराबी के कारण या फिर कर्मचारी का लापरवाही या बिजली के करंट के कारण। औद्योगिक सुरक्षा प्रबंधक को चाहिए ति वह समय समय पर मशीनों की जाँच करवाता रहें और बिजली की सभी तारे सुरक्षित होनी चाहिए। बिजली की कोई भी तार बिना कोटिंग के नहीं होनी चाहिए। छोटी छोटी बातों का ध्यान रखकर हादसों से बचा जा सकता है। उद्योग में हमेशा चौकन्ना रहना चाहिए। किसी भी चलती मशीन में हाथ नहीं डालना चाहिए और मशीन को चालू करके कोई दुसरा कार्य नहीं करना चाहिए।

हम आशा करते हैं कि आप इस निबंध ( Industrial Safety Essay in Hindi Language – औद्योगिक सुरक्षा पर निबंध ) को पसंद करेंगे।

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essay on security in hindi

Committee for a Responsible Federal Budget

Analysis of the 2024 social security trustees’ report.

The Social Security and Medicare Trustees released their annual reports today on the financial status of the Social Security and Medicare programs over the next 75 years. The latest Social Security projections show that the program is quickly approaching insolvency and highlight the need for trust fund solutions sooner rather than later to prevent across-the-board benefit cuts or abrupt changes to tax or benefit levels. The Social Security Trustees project:

  • Social Security is approaching insolvency. Under current law, Social Security cannot guarantee full benefits to current retirees. The Trustees project the Social Security Old-Age and Survivors Insurance (OASI) trust fund will deplete its reserves by 2033, when today’s 58-year-olds reach the full retirement age and today’s youngest retirees turn 71. Upon insolvency, all beneficiaries will face a 21 percent across-the-board benefit cut. Including the Disability Insurance (SSDI) trust fund, the theoretically combined trust funds will be insolvent by 2035 and beneficiaries would face a 17 percent cut.
  • Social Security faces large and rising imbalances. According to the Trustees, Social Security will run cash deficits of $3 trillion over the next decade, the equivalent of 2.3 percent of taxable payroll or 0.8 percent of Gross Domestic Product (GDP). Annual deficits will grow to 3.4 percent of payroll (1.2 percent of GDP) by 2050 and 4.6 percent of payroll (1.6 percent of GDP) by 2098. Social Security’s 75-year actuarial imbalance totals 3.5 percent of payroll, which is over 1.2 percent of GDP or nearly $24 trillion in present value terms.
  • Social Security’s finances have improved from last year but remain perilous. Social Security’s 75-year solvency gap was reduced from 3.61 to 3.50 percent of payroll as a result of stronger-than-expected economic performance and fewer expected disability applicants, partially offset by lower expected birth rates in future years.
  • Time is running out to save Social Security. Policymakers have only a few years left to restore solvency to the program, and the longer they wait, the larger and more costly the necessary adjustments will be. Acting sooner allows more policy options to be considered, allows for more gradual phase in, and gives employees and employers time to plan.

With insolvency rapidly approaching, failing to address Social Security’s imbalances is an implicit endorsement of a 21 percent benefit cut imposed on all beneficiaries regardless of age, income, or need. Policymakers should implement pro-growth trust fund solutions sooner rather than later to ensure long-term solvency and give beneficiaries time to plan and adjust.

Social Security is Approaching Insolvency

Social Security’s retirement program is only nine years from insolvency, and action must be taken soon to prevent an across-the-board benefit cut for many current and future beneficiaries.

The Trustees project the Social Security Old-Age and Survivors’ Insurance (OASI) trust fund will deplete its reserves by 2033; the SSDI trust fund is in much stronger shape and will remain solvent over the next 75 years. On a theoretically combined basis – assuming revenue is reallocated between the trust funds – Social Security will become insolvent by 2035.

Upon insolvency of the OASI fund, all retirees – regardless of age, income, or need – will face a 21 percent across-the-board benefit cut, which will grow to 31 percent by the end of the 75-year projection window. We previously estimated that a typical couple retiring in the year of insolvency would face a $17,400 cut in their annual benefits. On a combined basis, insolvency would lead to a 17 percent initial cut, growing to 27 percent by the end of the window.

essay on security in hindi

The year 2033 is only nine years away. That means the OASI trust fund is on course to run out of reserves when today’s 58-year-olds reach the normal retirement age and when today’s youngest retirees turn 71. Meanwhile, the Medicare Hospital Insurance (HI) trust fund will exhaust its reserves in 2036, when today’s 53-year-olds become eligible.

The Trustees’ findings are similar to recent estimates from the Congressional Budget Office (CBO), which estimated the OASI trust fund would be exhausted by Fiscal Year (FY) 2033, the HI trust fund by FY 2035, and the theoretically combined Social Security trust funds by FY 2034.

Social Security Faces a Large and Growing Shortfall

The Trustees project that Social Security will run chronic deficits. They estimate the combined program will run a cash-flow deficit of $169 billion this year – which is 1.7 percent of taxable payroll or 0.6 percent of GDP. Social Security will run $3.0 trillion of deficits over the next decade.

Over the long term, the Trustees project Social Security’s cash shortfall (assuming full benefits are paid) will grow to 2.6 percent of taxable payroll (0.9 percent of GDP) by 2035, to 3.4 percent of payroll (1.2 percent of GDP) by 2050, and to a high of 5.1 percent of payroll (1.7 percent of GDP) by 2079. Costs will then decline to 4.6 percent of payroll (1.6 percent of GDP) by 2098.

Social Security’s growing long-term shortfall is the result of rising costs, mostly due to the aging of the population. Total Social Security costs have already risen from 11.0 percent of taxable payroll in 2003 to 14.5 percent of payroll in 2023 and are projected to rise further to 16.8 percent by 2050 and 18.1 percent of payroll by 2098. Revenue will fail to keep up with growing costs, rising only modestly from 13.0 percent of payroll today to 13.5 percent by 2098.

essay on security in hindi

On a 75-years basis, the Social Security trust funds face an actuarial shortfall of 3.5 percent of taxable payroll, which is 1.2 percent of GDP or $23.8 trillion in present-value terms. A plan to restore sustainable solvency over the next 75 years would require the equivalent of increasing payroll taxes immediately by 27 percent or reducing spending by 21 percent for all current and future beneficiaries, or some combination. Actual reforms could be better targeted, rather than across the board, and phased in gradually.

Social Security’s Finances Have Improved Modestly But Time Has Run Short

Social Security’s long-term outlook has improved relative to last year’s projection, mainly on the disability side, but its financial challenges remain large. The 2023 Social Security Trustees’ Report estimated a 75-year actuarial imbalance of 3.61 percent of taxable payroll, which has declined to 3.50 percent in this year’s report. The insolvency date for the theoretically combined trust funds has been pushed back one year from 2034 to 2035 but is still only 11 years away. 

The most significant improvements from last year’s report are driven by changes in economic and disability assumptions. On the economic side, stronger near-term output, updated educational attainment, and greater covered employment led to a 0.13 percent of payroll improvement. Meanwhile, a significant reduction in expected disability applications – driven by recent experience – led to an additional 0.12 percent of payroll improvement.

essay on security in hindi

Methodological and programmatic data changes improved the 75-year outlook by 0.08 percentage points of payroll mostly due to updates to the sample of newly eligible retired worker and disabled-worker beneficiaries used to project average benefit levels as well as updated post-entitlement benefit adjustment factors.

Partially offsetting these improvements, new demographic assumptions increased Social Security’s 75-year shortfall by 0.16 percentage points of payroll. Most significantly, the Trustees now expect lower fertility – at 1.9 children per woman instead of 2.0 percent. They also incorporated lower-than-projected actual fertility in 2023, higher mortality rates, and other updates to population, immigration, and marriage assumptions.

Legislative and regulatory changes had a negligible effect on Social Security’s 75-year shortfall. Since the 2023 report, there have been ongoing judicial developments related to immigration policy, including a ruling on the Deferred Action for Childhood Arrivals (DACA) program that deferred full implementation of the program. While the 2023 report assumed the DACA program would be fully implemented by mid-2023, the Trustees now assume the program will not be fully implemented until mid-2024.

The remaining changes to the outlook come from the new projection window. Including the year 2098 in the Trustees’ 75-year solvency projections worsened Social Security’s 75-year actuarial imbalance by 0.06 percentage points of payroll.

Although the 75-year imbalance shrunk this year, it has generally been growing over the past 15 years. This year’s 3.50 percent of payroll imbalance is more than 80 percent larger than the 1.92 percent of payroll imbalance estimated in 2010.

essay on security in hindi

Importantly, while Social Security’s finances have generally worsened overall, Social Security Disability Insurance’s finances have continued to improve. As recently as 2015, the SSDI program faced a 0.31 percent of payroll (17 percent of revenue) shortfall and was only one year from insolvency. A temporary reallocation of payroll taxes from the old-age program reduced that shortfall to 0.26 percent of payroll the next year.

Since that time, a combination of administrative reforms, strong labor markets, and other factors has eliminated that shortfall, turning it into a 0.14 percent of payroll surplus. Despite this improvement, policymakers should continue to support improvements to the disability program, which can improve fairness and administration of benefits while supporting individuals with disabilities who want to remain in or return to the workforce. Such reforms can also help grow the economy and improve the Social Security program’s combined finances.

Delaying Fixes to Social Security is Costly

The Trustees recommend that “lawmakers address the projected trust fund shortfalls in a timely way in order to phase in necessary changes gradually and give workers and beneficiaries time to adjust to them.” Quick action would also give policymakers choices in making targeted adjustments, enhancing benefits for vulnerable populations, and achieving pro-growth reforms.

According to the Trustees, lawmakers could restore 75-year solvency with the equivalent of a 27 percent (3.3 percentage point) payroll tax increase, a 21 percent reduction in all benefits, or a 25 percent reduction in benefits for new beneficiaries if they act today.

Delaying action until 2035 would increase the size of necessary adjustments by about one-fifth. In that year, taxes would need to be raised by 32 percent (4.0 percentage points) or benefits cut for all beneficiaries by 25 percent. It would be impossible to restore solvency from new beneficiaries alone – even eliminating all benefits would be insufficient.

essay on security in hindi

Thoughtful trust fund solutions would not only prevent deep across-the-board benefit cuts, but could also support economic growth , reduce inflationary pressures, and improve the nation’s fiscal outlook . We have published ten options to improve Social Security solvency   – including a number of benefit and revenue changes. Other proposals can be designed with our Social Security Reformer tool . The closer we get to insolvency, the fewer of these options remain available.

The Social Security Trustees continue to warn that the Social Security retirement program is significantly out of balance and just nine years from insolvency. Absent reforms, Social Security will be unable to pay full benefits to many current beneficiaries, let alone today’s workers and future generations.  Taking no action to fix Social Security will be an implicit endorsement of a 21 percent across-the-board cut to all beneficiaries, regardless of age or need.

As policymakers delay necessary action, the program’s finances continue to deteriorate. The longer policymakers wait, the larger and more abrupt any adjustments will need to be. All options should be on the table including changes to revenue, spending and the retirement age.

Fortunately, many well-known options to fix Social Security’s finances exist and could be enacted and implemented with political will and bipartisanship. A number of comprehensive plans already exist to restore solvency, and our Social Security Reformer Tool allows anyone to design their own. Policymakers should also consider pursuing new, innovative solutions to promote economic growth and improve retirement security in concert with addressing the program’s finances.

Policymakers cannot wait much longer to enact thoughtful Social Security reforms.

What's Next

Social Security and Dollars

Event Recap: The Trustees' Reports on the Social Security and Medicare Trust Funds

essay on security in hindi

Maya MacGuineas on Fox News' "Special Report"

essay on security in hindi

Social Security and Medicare Trustees Confirm Trust Funds Need Saving

Ascension Sacred Heart Hospital facing disruptions after cyberattack

essay on security in hindi

Ascension Sacred Heart Hospital is facing disruptions from a possible cyberattack .

Ascension , the nation's largest non-profit Catholic health system, said on its website Wednesday afternoon that it believed that "select technology network systems" were affected by what it believed was a "cyber security event."

Before Ascension posted the statement on its website, Ascension Florida spokesperson Gary Nevolis told the News Journal in a written statement that they were investigating the incident.

"We responded immediately, initiated our investigation and activated our remediation efforts," Nevolis said. "Access to some systems have been interrupted as this process continues. Our care teams are trained for these kinds of disruptions and have initiated procedures to ensure patient care delivery continues to be safe and as minimally impacted as possible."

EMS is bypassing Ascension, diverting to other hospitals

Ambulances are diverting patients to other hospitals. Escambia County spokesperson Davis Wood confirmed to the News Journal that Escambia County EMS is "on a bypass" for Sacred Heart and is currently transporting patients to other area hospitals.

The incident appears to be affecting Ascension hospitals in multiple states. News reports affecting other hospitals have been reported in other cities in Wisconsin, Texas, Oklahoma, Indiana and Michigan.

What kind of cyber attack hit Ascension health system?

Employees report to the News Journal that charting, scheduling and prescription writing systems are down.

Ascension has not released many details, other than a short statement on its website just after 2:30 p.m. Wednesday.

"We have notified the appropriate authorities and are working to fully investigate what information, if any, may have been affected by the situation," Nevolis said. "Should we determine that any sensitive information was affected, we will notify and support those individuals in accordance with all relevant regulatory and legal guidelines."

Ascension said on its website that its business partners should temporarily suspend the connection to Ascension's networks.

"We will inform partners when it is appropriate to reconnect into our environment," the statement said.

Ascension full statement

"On Wednesday, May 8, we detected unusual activity on select technology network systems, which we now believe is due to a cyber security event. At this time we continue to investigate the situation. We responded immediately, initiated our investigation and activated our remediation efforts. Access to some systems have been interrupted as this process continues.

Our care teams are trained for these kinds of disruptions and have initiated procedures to ensure patient care delivery continues to be safe and as minimally impacted as possible. There has been a disruption to clinical operations, and we continue to assess the impact and duration of the disruption.

We have engaged Mandiant, a third party expert, to assist in the investigation and remediation process, and we have notified the appropriate authorities. Together, we are working to fully investigate what information, if any, may have been affected by the situation. Should we determine that any sensitive information was affected, we will notify and support those individuals in accordance with all relevant regulatory and legal guidelines.

Out of an abundance of caution we are recommending that business partners temporarily suspend the connection to the Ascension environment. We will inform partners when it is appropriate to reconnect into our environment.

This is an ongoing situation and we will provide updates as we learn more."

Who is Madiant?

Ascension said it had hired cybersecurity firm Madiant to assist in the investigation and response to the incident.

Madiant is a subsidiary of Google that the tech giant bought in 2022.

This story will be updated as more information becomes available.

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The secret life of apis: five steps to improve api security posture.

Forbes Technology Council

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Rupesh Chokshi is Senior Vice President and General Manager of Akamai 's Application Security Portfolio.

Imagine a world where every digital touchpoint from your morning news app to your online banking portal is a potential backdoor for intruders. That’s today’s reality.

In my conversations with clients, API vulnerability is becoming a central concern. Akamai’s 10th annual State of the Internet (SOTI) Report , which analyzed trillions of data points, shines a bit more light on what’s happening to APIs when you’re not looking. The more you know about this threat, the better able you will be to defend against it.

Understanding The State Of API Attacks Today

According to the report, nearly one-third of all web attacks in 2023 targeted APIs. This serves as a wake-up call for businesses across the industry spectrum, especially for those in commerce (which accounted for nearly half of all API attacks), followed by business services. The risk is also great in those industries heavily reliant on APIs that have troves of customer data.

API attacks are not just increasing in frequency, but also in magnitude. Attacks range from phishing scams and API key access to unsecured data resources and SQL injections delivered via unprotected APIs. Dropbox, Twitter and Zendesk are just a few of the major players that have experienced API attacks that resulted in breaches.

It's not uncommon for API vulnerabilities to hide in plain view. In the case of a company offering restaurant inventory management software, for example, strange alerts were being received by the company, and the timestamps seemed to indicate cases of 'impossible time travel.'

Apple iPad 2024 Release Date: Your Final, Complete Guide To What And When

Katy perry met gala dresses go viral but they re ai fakes, huawei pura 70 ultra global version just available with features that outdo samsung galaxy.

Using API security analytics, our team was able to discover that a significant portion of the company’s customer success team used the same username and password for customer resets—a critical security vulnerability. Identifying practices such as this can help prevent a series of future attacks impacting both the business and its customers.

Gauging Your Risk

To begin getting a handle on the API security threat, I urge clients to start by asking themselves some critical questions. First, when it comes to visibility, do you have the process and technical controls to ensure all your APIs are protected? Then, regarding vulnerabilities, are your APIs following best practices for secure development? Finally, do you have a baseline of what normal API traffic looks like so you can identify suspicious activity?

This last question is crucial because even properly written APIs can be vulnerable to abuse. And, while the techniques favored by attackers are generally 'tried-and-true' methods that are easy to measure, they are hard to predict.

Taking Steps To Reduce Your Risk

So, how can you protect your enterprise and your customers from rampant API abuse? It comes down to three core activities: discovery, visibility and remediation. If we drill down a bit, there are five things to think about when it comes to securing APIs:

1. Get out of the dark. Discovering shadow APIs is a key first step in ensuring API security. It is critical that all APIs are either documented or decommissioned as this can dramatically help reduce your API threat surface.

2. Get organized. It’s important to rationalize and organize your API inventory. This may include segmentation by broad categories and hierarchies to make security alerting and analytics more meaningful and actionable.

3. Harden your API posture. Posture and runtime alerts can inform high-priority changes to improve API implementations. Look at your most common alert types to identify strategies for reducing API risk, such as correcting flaws in API code and addressing misconfiguration issues.

4. Sharpen threat detection and response. Spikes in API security alerts can be caused by internal factors, such as changes to your API footprint, or external factors including attacks. Plan ahead for these spikes and have well-defined response procedures in place to reduce the time it takes to respond, investigate, contain and recover from active API threats.

5. Develop a stronger offense. Complement defensive measures with an offensive approach to API security, including establishing a formal threat-hunting discipline to identify and mitigate potential API threats early.

Don’t be the next statistic.

Will you lead with foresight or follow in hindsight? The emergence of APIs as a prime vector of cyberattacks makes it essential to take proactive steps to reduce your attack surface and harden your API security. Improving visibility is at the heart of this imperative, eliminating the blind spots and addressing the issues revealed. Taking steps now to shine a light on your API security posture and runtime vulnerabilities can help ensure your enterprise doesn’t become another statistic.

Forbes Technology Council is an invitation-only community for world-class CIOs, CTOs and technology executives. Do I qualify?

Rupesh Chokshi

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Schneier on Security

How criminals are using generative ai.

There’s a new report on how criminals are using generative AI tools:

Key Takeaways: Adoption rates of AI technologies among criminals lag behind the rates of their industry counterparts because of the evolving nature of cybercrime. Compared to last year, criminals seem to have abandoned any attempt at training real criminal large language models (LLMs). Instead, they are jailbreaking existing ones. We are finally seeing the emergence of actual criminal deepfake services, with some bypassing user verification used in financial services.

Tags: artificial intelligence , cybercrime , LLM

Posted on May 9, 2024 at 12:05 PM • 8 Comments

Echo of past arising • May 9, 2024 1:03 PM

@Bruce Schneier @ALL

From the extract

“We are finally seeing the emergence of actual criminal deepfake services, with some bypassing user verification used in financial services.”

Perhaps not surprising when you consider from another recent report that’s been mentioned on MSM it’s been said the number one most profitable crime currently is fraud.

Though other figures say other types of more traditional crime like burglary have not gone down.

At the moment it can be said that online crime is safer for criminals than other forms of crime so it’s not surprising that they would start into AI as a tool for crime.

I suspect what may be holding things back is the fact that AI systems are not that easy to access, nor access safely from the criminal perspective, though this will change.

Also creating your own AI LLM system is not cheap and has high electrical power and cooling demands. So are not yet something for Grandma’s back bedroom or similar. Especially when you consider high electrical power and water has been associated with “illegal herb growing” so authorities are already on the lookout for it.

This in effect turns the LLM into a sitting duck for authorities to find…

But I do expect this to change if the AI hype bubble does not burst.

I guess one question we should think about is,

How long before an AI can sit in on a Zoom meeting?

Because as finance related crime rises, banks will move towards interactive online “proof of life and ID”.

echo • May 9, 2024 1:20 PM

To improve their social engineering tricks. LLMs prove to be particularly well-suited to the domain of social engineering, where they are able to offer a variety of capabilities. Criminals use such technology for crafting scam scripts and scaling up production on phishing campaigns. Benefits include the ability to convey key elements such as a sense of urgency and the ability to translate text in different languages. While seemingly simple, the latter has proven to be one of the most disruptive features for the criminal world, opening new markets that were previously inaccessible to some criminal groups because of language barriers.
To circumvent this, criminals are now offering to take a stolen ID and create a deepfake image to convince the system of a customer’s legitimacy.

Annoying but limited. The current level of technology is convincing for low bandwidth automated and low task orientated work. I’m sure much worse is coming one day but we’re not there yet.

Problems arise for criminals when a deepfake attack targets somebody close to the subject being impersonated, as deepfake videos have not yet reached a level where they can fool people with an intimate knowledge of the impersonated subject. As a consequence, criminals looking for more targeted attacks toward individuals — like in the case of virtual kidnapping scams — prefer audio deepfakes instead. These are more affordable to create, require less data from the subject, and generate more convincing results. Normally, a few seconds of the subject’s voice can suffice, and this type of audio is often publicly available on social media.

I can be chatty or have behaviours which look like nothing on the surface but pull more information out of another person. Discussion tilt, tone, emotional microexpressions can mean something as can none verbal equivalents, timing, and responses. And also what they don’t say and don’t do. I also have a few tricks like being busy or kicking the can down the road, or putting on an act of agreeing with them while I’m buying time and they’re giving me more information for free, or just waiting to see what happens with other people as part of that feedback/evaluation loop. Sometimes I’m just me being me. It’s hard to say, really.

I never like urgent. The more urgent someone is the less I like it. What are they really after, and how are they lying to me, and what else is happening I don’t know about?

I know from experience and feedback from other sources I made the correct decision when it mattered. I didn’t get it right every single time but you pick up a sense about it. It’s none linear. You can only get that from experience. My toleration for something “off” is low.

Let’s see how far an “AI” gets with an in-person meeting.

Welcome to my web said the spider to the fly.

For anything else I would call the cops.

noname • May 9, 2024 4:20 PM

Isabelle Bousquette reports:

Deepfake incidents in the fintech sector increased 700% in 2023 from the previous year

Yowza. Will they increase more still? I can’t recall if these entities have reporting requirements?

Looks like at least one bank is changing their identity verification protocols for setting up an online account. Users will have to take selfies using the bank’s app. The app instructs users to look in different directions, which is said may be unanticipated by a generic AI deepfake.

The financial institutions will own the costs of fraud, right? Will be an interesting space to watch for new developments.

https://www.wsj.com/articles/deepfakes-are-coming-for-the-financial-sector-0c72d1e5#

ratwithahat • May 9, 2024 5:28 PM

@noname I’m also pretty worried about this. However, I don’t have a lot of confidence in banks. I’m fairly certain many are still using voice ID despite AI voice cloning.

Unrelated, I wonder about use of AI by nation-backed hackers. Unlike criminals, nation-backed hackers probably have the resources to create their own LLMs, but I imagine jailbreaking would still be much more convenient. Unfortunately, it’s probably not possible to gather data on this.

Mr. Peed Off • May 9, 2024 5:39 PM

The illiterate thugs may find the learning curve and hardware requirements beyond reach, although I would not underestimate the more motivated ones ability to overcome adversity. I question whether cloud based AI providers have the ability or motivation to prevent or even discourage fraudulent behaviors.

echo • May 9, 2024 6:27 PM

I question whether cloud based AI providers have the ability or motivation to prevent or even discourage fraudulent behaviors.

I wouldn’t be surprised if the do know and don’t care. See also tobacco, climate change, Brexit, social media etcetera. AI needs regulating like a biohazard. That or people need to discover physical retail banks again.

Madame doesn’t use online banking. If I wanted to I would need to visit my bank so it can be activated. I am in no hurry.

David • May 9, 2024 10:00 PM

Rural towns in the UK don’t have physical bank branches to go to these days

echo • May 9, 2024 10:24 PM

I’m sure you know all this but an FYI for anyone who wants to know what the Tories and neo-liberalism have done to the UK.

After retail banks were allowed to open investment banks and began making more money from investment retail banking ceased to become a priority. Retail bank closures followed leaving many in rural or poor areas without easy bank access. Of course the increasing mantra of “light touch regulation” and “market forces” has gathered pace not to mention captured regulators so…

Then there’s similar fun and games with cashpoint machines, or lack of access to decent supermarkets, and Post Office closures or reductions in service, closures or reductions in bus services, and out of town shopping centres hollowing out high street retail.

But hey as long as megacorporations and “high net worth” individuals don’t pay their fair share and suck up all the wealth, and public owned assets which generated revenue have been flogged off to the Tories friends and the money disappears offshore to wherever.

This isn’t half of it either!

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    About Bruce Schneier. I am a public-interest technologist, working at the intersection of security, technology, and people.I've been writing about security issues on my blog since 2004, and in my monthly newsletter since 1998. I'm a fellow and lecturer at Harvard's Kennedy School, a board member of EFF, and the Chief of Security Architecture at Inrupt, Inc.