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क्रियात्मक शोध के चरण

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क्रियात्मक शोध के चरण 

क्रियात्मक शोध के चरण

प्रथम सोपान- समस्या चयन ( Selection of the Problem)

किसी भी अनुसन्धान का सबसे पहला सोपान वह समस्या होती है जिसके सम्बन्ध में अनुसन्धान किया जाना है; क्योंकि समस्या के अभाव में समाधान किसका किया जाए? समस्या के समाधान के लिए आवश्यकता है-अनुसन्धान की। अत: अनुसन्धानकर्ता को सबसे पहले उस समस्या को समझना चाहिए, जिसे वह हल करना चाहता है; क्योंकि समाधान हेतु की गई समस्त क्रियाएँ भी समस्या से सम्बन्धित ही होंगी। जब शिक्षक या अनुसन्धानकर्ता को अपनी समस्या का ही पता नहीं होगा तो उसके द्वारा किए गए समस्त प्रयास निरर्थक ही होंगे; परन्तु उन्होंने जो भी प्रयत्नों की रूपरेखा बनाई, उसमें मौखिक अभिव्यक्ति के अतिरिक्त लिखित अभिव्यक्ति को कहीं स्थान ही नहीं था। इसका आशय स्पष्ट था कि उनकी दृष्टि में उच्चारण एवं वर्तनी दोनों एक ही हैं। यथार्थतः, दोनों एक न होकर अलग-अलग हैं। यद्यपि दोनों परस्पर सम्बद्ध अवश्य हैं; परन्तु एक नहीं। उच्चारण का सम्बन्ध मौखिक अभिव्यक्ति से है तो वर्तनी का सम्बन्ध लिखित अभिव्यक्ति से। अतः किसी समस्या का समाधान खोजने से पूर्व उस समस्या को भली-भाँति समझा जाना चाहिए।

द्वितीय सोपान – समस्या को परिभाषित करना (Defining the Problem)

इसके अन्तर्गत-आप जिस समस्या पर कार्य कर रहे हैं, उसको स्पष्ट कीजिए कि वास्तव में उस समस्या से आपका तात्पर्य क्या है; उदाहरण के लिए-वर्तनी वाली समस्या को ही बताइए कि अधिकतर लड़के लिखने में अशुद्धियाँ करते हैं। वे ‘बीड़ी’ का ‘बिड़ी’, ‘फूल’ का ‘फुल’ लिखते हैं।

तृतीय सोपान – समस्या सीमांकन (Delimiting the Problem)

इसके अन्तर्गत-समस्या के उस क्षेत्र को बताइए जहाँ आप कार्य करेंगे; उदाहरणार्थ-वर्तनी सम्बन्धी अशुद्धियाँ तो प्रत्येक पाठशाला के छात्र कर सकते हैं; परन्तु आप सभी पाठशालाओं के सभी छात्रों की अशुद्धियों का संशोधन कर सकें-यह कम ही सम्भव है। अत: आपको अपनी समस्या के समाधान हेतु अपनी पाठशाला को चुनना पड़ेगा। अपनी पाठशाला में भी यदि बहुत-सी कक्षाएँ हैं तो यह सम्भव नहीं कि आप सभी कक्षाओं में सभी छात्रों की वर्तनी सम्बन्धी अशुद्धियों को दूर कर सकें। ऐसी स्थिति में आपको अपनी कक्षा या कुछ सीमित कक्षाएँ ही लेनी पड़ेंगी और इस सोपान के अन्तर्गत उस पाठशाला एवं कक्षा का उल्लेख करना होगा, जिसमें आप अपना अनुसन्धान कार्य करेंगे!

चतुर्थ सोपान – समस्या के सम्भावित कारणों का पता लगाना तथा कारणों का विश्लेषण

इस सोपान के अन्तर्गत उन कारणों पर विचार कीजिए जो वर्तनी सम्बन्धी अशुद्धियों मूल कारण हैं; उदाहरण के लिए निम्न कारण हो सकते हैं-

  • बालकों का अशुद्ध उच्चारण,
  • उच्चारण पर स्थानीय प्रभाव,
  • वर्तनी सम्बन्धी के नियमों से अनभिज्ञ होना,
  • शिक्षकों का अपूर्ण ज्ञान आदि।

अब पुनः इन कारणों पर विचार कीजिए और देखिए कि इन सभी कारणों में सबसे प्रमुख कारण कौन-सा है ?

पंचम सोपान – क्रियात्मक परिकल्पना-निर्माण (Formulation of Action Hypothesis)

इसके अन्तर्गत-आप उन क्रियाओं पर विचार कीजिए, जिनके द्वारा समस्या के ऊपर दिए हुए कारणों को मिटाया या दूर किया जा सके; उदाहरण के लिए-हम छात्रों की वर्तनी सम्बन्धी अशुद्धियों को दूर करने के लिए कई क्रियायें अपना सकते हैं। क्रियायें हो सकती हैं-

  • पहले शिक्षकों द्वारा की जाने वाली वर्तनी सम्बन्धी अशुद्धियों को दूर करने के लिए उपलब्ध साधन-सुविधाओं के अनुसार शिक्षक संगोष्ठियों का आयोजन करें। एक ही पाठशाला के सभी शिक्षक एक साथ बैठकर इस पर विचार कर सकते हैं।
  • पुनः, विद्यार्थियों की सामान्य अशुद्धियाँ, अर्थात् उन अशुद्धियों को दूर करने के लिए जो प्रायः अधिकतर विद्यार्थियों द्वारा की जाती हैं; सामूहिक कार्यक्रम चलायें। इस कार्यक्रम में उन्हें वर्तनी सम्बन्धी नियमों से अवगत करायें।
  • विद्यार्थियों द्वारा व्यक्तिगत रूप से की जाने वाली वर्तनी सम्बन्धी अशुद्धियों को अलग से; अर्थात् व्यक्तिगत रूप से ही विद्यार्थियों को बतायें।

षष्ठ सोपान – अभिकल्प निर्माण एवं उपकरणों का विकास (Developing Design and Tools for Action Hypothesis)

इस सोपान के अन्तर्गत-आप उन सभी बातों पर विचार कीजिए, जिनके द्वारा आप अपने प्रयत्नों का मूल्यांकन कर सकें। मूल्यांकन हेतु जो भी उदाहरण तैयार करने हों, उनका निर्माण-उल्लेख भी इसी सोपान के अन्तर्गत कीजिए; उदाहरण के लिए-ऊपर की समस्या के लिए ही वर्तनी सुधार के लिए किए गए प्रत्येक प्रयत्न के पश्चात् उसके परिणामों का परीक्षण किया जा सकता है और उसके लिए उन शब्दों की सूची तैयार की जा सकती है, जिन्हें लिखने में बालक प्रायः भूल करते हैं। इसी सूची के शब्दों को समयान्तर से लेखनी की दृष्टि से समान शब्दों द्वारा बदला जा सकता है।

सप्तम सोपान – विश्लेषण (Analysis)

इस सोपान के अन्तर्गत समस्या के समाधान हेतु आपके द्वारा किए गए प्रयासों या प्राप्त आंकड़ों का विश्लेषण कीजिए। इसमें सांख्यिकीय गणना के आधार पर आप यह ज्ञात कर सकते हैं कि आपके द्वारा छात्रों की वर्तनी सम्बन्धी अशुद्धियों के सुधार में क्या और कितना परिवर्तन आया ?

अष्टम सोपान – निष्कर्ष (Conclusion)

इसके अन्तर्गत आप अपने द्वारा वर्तनी सुधार के प्रयलों में जिस निष्कर्ष पर पहुँचे, उसका उल्लेख कीजिए और बताइए कि विद्यार्थियों में क्या परिवर्तन आया और यदि आपके प्रयत्नों में कोई कमी रह गई तो है उसे आगे कैसे दूर किया जा सकता है ?

उपकरण निर्माण- अनुसंधान समस्या से सम्बन्धित परिकल्पना की रचना के पश्चात् उसके परीक्षण के लिए आवश्यक तथा तर्कसंगत आँकड़ों के संकलन की आवश्यकता होती है। इसके लिए प्रयुक्त साधन को उपकरण कहते हैं। क्रियात्मक अनुसंधान में समस्या न्यादर्श व जनसंख्या को ध्यान में रखकर उपयोगितानुसार उपकरणों का निर्माण किया जाता है। क्रियात्मक अनुसंधान में उपकरण इस प्रकार हो सकते हैं- प्रश्नावली, सर्वेक्षण, अवलोकन, साक्षात्कार, अनुसूची, अनुश्रवण, पर्यवेक्षण, अनुभवों का संयोजन तथा निरीक्षण के स्वरूप में होते हैं।

उपकरण के निर्माण में ध्यान रखना चाहिए कि उपकरण में उत्तरदाता को ज्यादा लिखना न पड़े तथा उसके मन में स्वाभाविक बात निकल आए और उपकरणों से प्राप्त होने वाले तथ्य विश्वसनीय, वैध व वस्तुनिष्ठ हों। उपकरण लिखित, मौखिक, भौतिक-सूक्ष्म परिकल्पना की आवश्यकता व न्यादर्श की पूर्ण क्षमता अनुसार होना चाहिए।

महत्वपूर्ण लिंक

  • निर्देशन के उद्देश्य (Aims of Guidance in Hindi)
  • क्रियात्मक अनुसन्धान (Action Research)- अर्थ, क्षेत्र (Scope), महत्व, लाभ
  • क्रियात्मक शोध के चरण या सोपान (Steps of Action Research)
  • शैक्षिक निर्देशन (Educational Guidance)-परिभाषा, विशेषताएँ, सिद्धान्त
  • शैक्षिक निर्देशन-उद्देश्य एवं आवश्यकता (Objectives & Need)
  • व्यावसायिक निर्देशन (Vocational guidance)- अर्थ, उद्देश्य, शिक्षा का व्यावसायीकरण
  • परामर्श (Counselling)- परिभाषा, प्रकार, उद्देश्य, विशेषताएँ
  • व्यावसायिक निर्देशन- आवश्यकता एवं उद्देश्य (Need & Objectives)
  • अनुसंधान (Research)- अर्थ, परिभाषा, उद्देश्य और वर्गीकरण
  • विशेष शिक्षा की आवश्यकता | Need for Special Education
  • New Education Policy 1986- Characteristics & Objectives in Hindi
  • राष्ट्रीय शिक्षा नीति-1992 की संकल्पनाएँ या विशेषताएँ- NPE 1992

Disclaimer: wandofknowledge.com केवल शिक्षा और ज्ञान के उद्देश्य से बनाया गया है। किसी भी प्रश्न के लिए, अस्वीकरण से अनुरोध है कि कृपया हमसे संपर्क करें। हम आपको विश्वास दिलाते हैं कि हम अपनी तरफ से पूरी कोशिश करेंगे। हम नकल को प्रोत्साहन नहीं देते हैं। अगर किसी भी तरह से यह कानून का उल्लंघन करता है या कोई समस्या है, तो कृपया हमें [email protected] पर मेल करें।

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क्रियात्मक अनुसंधान का अर्थ, प्रकार, परिभाषाएं एवं उद्देश्य | Action Research Meaning, Types, Definitions and Objectives

क्रियात्मक अनुसंधान (action research).

क्रियात्मक अनुसंधान एक प्रक्रिया है जिसका उद्देश्य मौलिक समस्याओं का अध्ययन करके नवीन तथ्यों की खोज करना, जीवन सत्य की स्थापना करना तथा नवीन सिद्धान्तों का प्रतिपादन करना है। अनुसंधान एक सोद्देश्य प्रक्रिया है, जिसके द्वारा मानव ज्ञान में वृद्धि की जाती है। इसमें अनुसंधानकर्ता विद्यालय के शिक्षक, प्रधानाध्यापक, प्रबंधक और निरीक्षक स्वयं ही होते हैं। इस अनुसंधान का मुख्य उद्देश्य विद्यालय की कार्यप्रणाली में संशोधन कर सुधार लाना है। क्रियात्मक अनुसंधान को संपादित करने में शिक्षक, प्रधानाध्यापक, प्रबंधक और निरीक्षक वैज्ञानिक दृष्टिकोण अपनाते हैं। अनुसंधान के अंतर्गत तत्कालीन प्रयोग पर अधिक बल देते हैं।

Action Research Meaning

आधुनिक युग में जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में प्रगति लाने के लिए अनुसंधान कार्य को बहुत महत्व दिया जाता है. शिक्षा के क्षेत्र में आज अनेक ऐसी समस्याएं उत्पन्न हो गई हैं जिनका सामना शिक्षा से संबंधित प्रत्येक व्यक्तियों को करना पड़ता है. शिक्षा की विविध समस्याओं का समाधान करने के लिए और व्यवहारिक रूप से वांछित परिवर्तन करने के लिए शिक्षा क्षेत्र में भी शोध कार्य या अनुसंधान की आवश्यकता है.

इस दृष्टि से शिक्षा क्षेत्र में जो अनुसंधान कार्य होते हैं वह शिक्षण के सिद्धांत पक्ष को सबल बनाने में महत्वपूर्ण योगदान देते हैं, किंतु शिक्षा की क्रियात्मक या व्यावहारिक पक्ष में अनुसंधान कार्य से कोई विशेष लाभ नहीं हुआ. ऐसी स्थिति में एक ऐसी पद्धति की आवश्यकता का अनुभव किया गया जिसके फलस्वरूप विद्यालय से संबंधित समस्याओं का समाधान खोजा जा सके और विशिष्ट स्थिति में परिवर्तन और सुधार किया जा सके इन विचारों के फलस्वरुप क्रियात्मक अनुसंधान का महत्व बढ़ा.

क्रियात्मक अनुसंधान शिक्षक की समस्याओं के समाधान के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण उपकरण है. इसके अंतर्गत शिक्षण की समस्याओं का वैज्ञानिक विधि से समाधान खोजा जाता है. क्रियात्मक अनुसंधान विद्यालय के कार्य पद्धति में विकास करने का एक सबल साधन है. इसके माध्यम से शिक्षक अपनी कक्षा तथा विद्यालय के समस्याएं सुलझाने का प्रयत्न करता है. आज शिक्षा के क्षेत्र में नए-नए अनुसंधान होते जा रहे हैं जिनका उद्देश्य शिक्षा को उत्तम बनाना है और शिक्षा संबंधित समस्याओं को सुलझाना है. क्रियात्मक अनुसंधान, अनुसंधान की प्रक्रिया को गति प्रदान करता है. क्रियात्मक अनुसंधान समस्याओं के अध्ययन की वैज्ञानिक पद्धति है, जो ज्ञान की खोज के लिए किया जाता है.

वास्तव में यह निरंतर गहरी तथा सौद्देश्य प्रक्रिया है, जो सत्य की खोज करती है. साथ ही साथ उसका लक्ष्य उन्नति एवं उत्तम करने मे सहायक है. अतः कहा जा सकता है कि अनुसंधान एक क्रमबद्ध वैज्ञानिक, वस्तुनिष्ठ तथा सौद्देश्य क्रिया है, जिसका प्रमुख ध्येय ज्ञान के क्षेत्र में वृद्धि करना, सत्यता की पुष्टि करना तथा नए तथ्यों, सत्यों एवं सिद्धांतों का निर्माण और प्रतिपादन करना होता है. शैक्षिक अनुसंधानों का अंतिम लक्ष्य शिक्षण नियमों तथा उनकी पुष्टि करना होता है.

क्रियात्मक अनुसंधान का अर्थ एवं परिभाषाएँ (Meaning and Definitions of Action Research)

विद्यालय से संबंधित व्यक्तियों द्वारा अपनी और विद्यालय की समस्याओं का वैज्ञानिक अध्ययन करके अपनी क्रियाओं और विद्यालय की गतिविधियों में सुधार लाना क्रियात्मक अनुसंधान कहलाता है। इसकी कुछ परिभाषाएँ निम्नलिखित हैं:-

1. मेक ग्रेथटे के अनुसार, "क्रियात्मक अनुसंधान व्यवस्थित खोज की क्रिया है जिसका उद्देश्य व्यक्ति समूह की क्रियाओं में रचनात्मक सुधार तथा विकास लाना है।"

2.स्टीफन एम. कोरे के अनुसार, “शिक्षा में क्रियात्मक अनुसंधान, कार्यकर्ताओं द्वारा किया जाने वाला अनुसंधान है ताकि वे अपने कार्यों में सुधार कर सकें।"

3. मुनरो के अनुसार, "अनुसंधान समस्याओं को सुलझाने की वह विधि है, जिसमें सुझावों की पुष्टि तथ्यों द्वारा की जाती है।"

4. मौले के अनुसार, "शिक्षक के समक्ष उपस्थित होने वाली समस्याओं में से अनेक तत्काल ही समाधान चाहती है। मौके पर किये जाने वाले ऐसे अनुसंधान जिसका उद्देश्य तात्कालिक समस्या का समाधान होता है, शिक्षा में साधारणतः क्रियात्मक अनुसंधान के नाम से प्रसिद्ध है।"

क्रियात्मक अनुसन्धान के उद्देश्य (Objectives of Action Research)

  • विद्यालय की कार्य प्रणाली में सुधार तथा विकास करना। 
  • छात्रों तथा शिक्षकों में प्रजातन्त्र के वास्तविक गुणों का विकास करना। 
  • विद्यालय के कार्य-कर्ताओं, शिक्षक, प्रधानाचार्य, प्रबन्धक तथा निरीक्षकों में वैज्ञानिक दृष्टिकोण का विकास करना।
  • विद्यालय के कार्य-कर्ताओं में कार्य कौशल का विकास करना।
  • शैक्षिक प्रशासकों तथा प्रबन्धकों को विद्यालयों की कार्य प्रणाली में सुधार तथा परिवर्तन के लिये सुझाव देना।
  • विद्यालय की परम्परागत रूढ़िवादिता तथा यान्त्रिक वातावरण को समाप्त करना।
  • विद्यालय की कार्य प्रणाली को प्रभावशली बनाना।
  • छात्रों के निष्पत्ति स्तर को ऊँचा उठाना।

क्रियात्मक अनुसन्धान का क्षेत्र (Scope of Action Research)

क्रियात्मक अनुसन्धान को विद्यालय की कार्य प्रणाली के अधोलिखित क्षेत्रों में प्रयोग किया जाता है:-

  • कक्षा शिक्षण विधियों एवं युक्तियों में सुधार लाना है।
  • शिक्षण में प्रयुक्त होने वाली सहायक सामग्री जिसकी उपयोगिता के सम्बन्ध में निर्णय लेने के लिये इसका प्रयोग करते हैं।
  • छात्रों की अभिरूचि, ध्यान, तत्परता तथा जिज्ञासा में वृद्धि के लिये इसे प्रयुक्त करते हैं।
  • शिक्षकों द्वारा विभिन्न विषयों में दिये जाने वाले गृह कार्यों की प्रणाली को प्रभावशाली बनाने के लिये इसे प्रयोग करते हैं। 
  • छात्रों की अनुसन्धान सम्बन्धी समस्याओं के समाधान के लिये इस प्रयुक्त करते हैं। 
  • भाषा शिक्षण में वर्तनी तथा वाचन की समस्याओं के लिये तथा भाषाई शुद्धि के लिए भी क्रियात्मक-अनुसन्धान को प्रयुक्त किया जाता है। 
  • छात्रों की अनुपस्थिति तथा विद्यालय विलम्ब से आने की समस्याओं के समाधान में इसे प्रयोग करते है। 
  • छात्रों एवं शिक्षक सम्बन्धी समस्याओं तथा छात्रों में परस्पर आदान-प्रदान की समस्याओं के लिये प्रयुक्त करते हैं।
  • परीक्षा में छात्रों के नकल करने की समस्याओं के समाधान में प्रयोग करते हैं।
  • विद्यालय के संगठन एवं प्रशासन से संबंधित समस्याओं के समाधान हेतु प्रयोग करते हैं।

क्रियात्मक अनुसंधान के चरण/सोपान (Steps of Action Research)

  • समस्या का चयन
  • उपकल्पना का निर्माण
  • तथ्य संग्रहण की विधियाँ
  • तथ्यों का संकलन
  • तथ्यों का सांख्यिकीय विश्लेषण
  • तथ्यों पर आधारित निष्कर्ष
  • सत्यापन
  • परिणामों की सूचना

एण्डरसन ने क्रियात्मक अनुसंधान के निम्न सात चरण बताये हैं:-

1. पहला सोपान (समस्या का ज्ञान):- क्रियात्मक-अनुसंधान का पहला सोपान है– विद्यालय में उपस्थित होने वाली समस्या को भली-भाँति समझना। यह तभी सम्भव है, जब विद्यालय के शिक्षक, प्रधानाध्यापक, प्रधानाचार्य आदि उसके सम्बन्ध में अपने विचार व्यक्त करें। ऐसा करके ही वे वास्तविक समस्या को समझकर अपने कार्य में आगे सुधार करना चाहते हैं।

2. दूसरा सोपान (कार्य के लिए प्रस्तावों पर विचार विमर्श):- क्रियात्माक-अनुसंधान का दूसरा सोपान है– समस्या को भली-भांति समझने के बाद इस बात पर विचार करना कि उसके कारण क्या हैं और उसका समाधान करने के लिए हमें कौन-से कार्य करने हैं। शिक्षक, प्रधानाचार्य, प्रबन्धक आदि इन कार्यों के सम्बन्ध में अपने-अपने प्रस्ताव या सुझाव देते हैं। उसके बाद वे अपने विश्वासों, सामाजिक मूल्यों, विद्यालयों के उद्देश्यों आदि को ध्यान में रखकर उन पर विचार-विमर्श करते हैं।

3. तीसरा सोपान (योजना का चयन व उपकल्पना का निर्माण):- क्रियात्मक-अनुसन्धान का तीसरा सोपान है- विचार-विमर्श के फलस्वरूप समस्या का समाधान करने के लिए एक योजना का चयन और उपकल्पना का निर्माण करना। इसके लिए विचार-विमर्श करने वाले सब व्यक्ति संयुक्त रूप से उत्तरदायी होते हैं। उपकल्पना में तीन बातों का सविस्तार वर्णन किया जाता है—

  • समस्या का समाधान करने के लिए अपनाई जाने वाली योजना,
  • योजना का परीक्षण,
  • योजना द्वारा प्राप्त किया जाने वाला उद्देश्य।

4. चौथा सोपान (तथ्य संग्रह करने की विधियो का निर्माण):- क्रियात्मक-अनुसंधान का चौथा सोपान है– योजना को कार्यान्वित करने के बाद तथ्यों या प्रमाणों का संग्रह करने की विधियाँ निश्चित करना—इन विधियों की सहायता से जो तथ्य संग्रह किये जाते हैं, उनसे यह अनुमान लगाया जाता है कि योजना का क्या प्रभाव पड़ रहा है।

6. छठा सोपान (तथ्यों पर आधारित निष्कर्ष):- क्रियात्मक अनुसंधान का छठा सोपान है– योजना की समाप्ति के बाद संग्रह किए हुए तथ्यों या प्रमाणों से निष्कर्ष निकालना।

7. सातवाँ सोपान (दूसरे व्यक्तियों को परिणामों की सूचना):- क्रियात्मक-अनुसंधान का सातवाँ और अन्तिम सोपान है– दूसरे व्यक्तियों को योजना के परिणामों की सूचना देना।

क्रियात्मक अनुसंधान के लाभ (Benefits of Action Research)

  • इससे शिक्षक अपनी कक्षा के वातारण में अपनी कार्यप्रणाली में सुधार तथा प्रगति करता है। 
  • शिक्षक शोध के पदों से परिचित होता है। 
  • शिक्षकों में वैज्ञानिक-प्रवृत्ति, शोध कार्य के लिए जाग्रत होती है।
  • इसके द्वारा विद्यालय के प्रशासन में सुधार तथा परिवर्तन लाया जाता है। 
  • यह विद्यालय से संबंधित व्यक्तियों की विभिन्न दैनिक समस्यओं का व्यावहारिक एवं तथ्यपूर्ण समाधान करता है।
  • यह विद्यालय को आधुनिक तथा समयानुकूल बनाने का प्रयास करता है। 
  • इसके द्वारा प्राप्त निष्कर्ष व्यवहारिक रूप से काफी सफल होते हैं।
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  • पुरुषत्व और नारीवाद सिद्धांत
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Monday, October 26, 2020

क्रियात्मक अनुसंधान अर्थ, प्रकार, परिभाषाएं, उद्देश्य,चरण और इतिहास action research meaning, types, definitions, objectives, stages and history.

 शिक्षा में क्रियात्मक अनुसंधान, कार्यकर्ताओं द्वारा किया जाने वाला अनुसंधान  है ताकि वे अपने कार्यों में सुधार कर सकें।स्टीफन  एम. कोरे

क्रियात्मक अनुसंधान के   प्रकार

क्रियात्मक अनुसंधान का अर्थ एवं परिभाषाएँ, क्रियात्मक अनुसंधान का इतिहास और प्रयोग, क्रियात्मक अनुसन्धान के उद्देश्य , क्रियात्मक अनुसन्धान का क्षेत्र , क्रियात्मक अनुसंधान के चरण/सोपान,   क्रियात्मक अनुसंधान के लाभ.

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8 comments:

action research project in hindi

OUTSTANDING SIR THANKS A LOT

Shiksha Mein kriyatmak Anusandhan karykartaon dwara Kiya jane wala Anusandhan Hai Taki vah Apne Karya Mein Sudhar kar Saken Stephen M Kore

बहुत ही उपयोगी पोस्ट है मेने भी यही से अपना कॉपी त्यार किया है

धन्यवाद

Nice information

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क्रियात्मक अनुसंधान के सोपान एवं प्रविधियाँ | Steps of Action Research in Hindi

क्रियात्मक अनुसंधान के सोपान एवं प्रविधियाँ | Steps of Action Research in Hindi

इतिहास शिक्षण में क्रियात्मक अनुसंधान के प्रमुख सोपानों की विवेचना कीजिए।

क्रियात्मक अनुसंधान के सोपान एवं प्रविधियाँ (Steps of Action Research)

क्रियात्मक अनुसंधान के प्रमुख सोपान एवं प्रविधियाँ निम्नलिखित हैं-

  • समस्या की पहचान एवं परिभाषीकरण (To Identify and Define the Problem),
  • समस्या के सम्बद्ध कारणों का विश्लेषण (Analysis of Causes of the Problem),
  • क्रियात्मक परिकल्पना का निर्माण (Formulation of the Action Hypothesis),
  • क्रियात्मक परिकल्पना के परीक्षण हेतु अनुसंधान की रूपरेखा तैयार करना (Preparation of Research Design to Test the Action Hypothesis)
  • निष्कर्ष निकालना (Deriving Conclusion )

(1) समस्या की पहचान एवं परिभाषीकरण – प्रत्येक सोपान का सबसे पहला सोपान यह होता है कि जिस समस्या का समाधान करना है उसे भली-भाँति पहचान लिया जाय। यह कार्य इस हेतु आवश्यक है कि जब तक समस्याओं की पहचान नहीं होगी तब तक उसका समाधान नहीं ढूँढ़ा जा सकेगा। प्रायः यह देखा जाता है कि विद्यालय के प्रधानाचार्य और शिक्षक समस्या से पूर्णतः परिचित नहीं होते। उन्हें समस्या का भली-भाँति ज्ञान नहीं होता फलस्वरूप उन्हें सर्वप्रथम समस्याओं को पहचानना चाहिए और तत्पश्चात् उसका ठीक प्रकार से विश्लेषण करके उसका परिभाषित एवं सीमांतित रूप प्रस्तुत करना चाहिए। समस्या को परिभाषित करते समय उसके अन्तर्गत बहुअर्थक और जटिल शब्दों का सरल अर्थ स्पष्ट कर लेना चाहिए। समस्या सीमांकन करने के लिए उसके अत्यन्त व्यापक स्वरूप को थोड़ा विशिष्ट बना लेना चाहिए।

(2) समस्या से सम्बद्ध कारणों का विश्लेषण – अनुसंधानकर्ता को यह चाहिए कि जब उसके द्वारा समस्या का विशिष्ट रूप निश्चित कर लिया जाय तो साक्ष्यों सहित उससे सम्बद्ध कारणों का विश्लेषण करें। उसके द्वारा सम्बद्ध कारणों की एक सुस्पष्ट और विस्तृत सूची तैयार की जानी चाहिए तथा कारणों के सामने उनके साक्ष्यों का भी उल्लेख किया जाना चाहिए।

(3) क्रियात्मक परिकल्पना का निर्माण- समस्या से सम्बद्ध कारणों का विश्लेषण कर लेने के पश्चात् उसके समाधान पर विचार किया जाता है। यह विचार किया जाता है कि यदि हमारे द्वारा ऐसा कार्य किया जायेगा तो समस्या का समाधान निकल आयेगा। दूसरे शब्दों में हम कह सकते हैं कि समस्या का एक सम्भावित समाधान निकाला जाता है और एक निश्चित दिशा में कार्य करने हेतु कदम बढ़ाया जाता है। इस तरह संक्षेप में, क्रियात्मक परिकल्पना किसी समस्या के सम्भावित समाधान हेतु दिया गया सुझाव है।

(4) क्रियात्मक परिकल्पना के परीक्षण हेतु अनुसंधान की रूपरेखा तैयार करना- परिकल्पना का निर्माण करने के बाद उसके यथार्थ और प्रभावशीलता का परीक्षण करना आवश्यक है। इस कार्य के लिए अनुसंधान की एक रूपरेखा तैयार की जाती है। इस तरह की रूपरेखा तैयार कर लेने से अनुसंधानकर्ता को काफी आसानी हो जाती है। इस कल्पना की यथार्थता का पता लगाने में अशुद्धियों के होने की बहुत कम सम्भावना रहती है। अनुसंधानकर्त्ता अपनी कार्य-विधियों में होने वाली भूलों को सफलतापूर्वक पहचान लेता है और कुछ निश्चित परिणामों तक पहुँच जाता है। यही नहीं बल्कि सम्पूर्ण अनुसंधान कार्य पूरी तरह से वैज्ञानिक हो जाता है।

क्रियात्मक परिकल्पना के परीक्षण के लिए तैयार की गयी रूपरेखा में निम्न बातों का समावेश होता है-

  • क्रियाएँ जो प्रारम्भ करनी हैं-क्रियात्मक परिकल्पना के परीक्षण के हेतु जिन •क्रियाओं को प्रारम्भ करना है उनका स्पष्ट रूप से उल्लेख कर दिया जाता है।
  • विधि-इन क्रियाओं को सम्पादित करने हेतु जिस विधि का प्रयोग किया जायेगा उसका वर्णन किया जाता है।
  • अपेक्षित साधन-इन क्रियाओं के सफलतापूर्वक सम्पादन के लिये जिन साधनों की आवश्यकता होती है उनका उल्लेख किया जाता है।
  • अनुमानित समय-क्रियाओं के सम्पादन में जो अनुमानित समय लगता हैं उसका उल्लेख किया जाता है।

(5) निष्कर्ष निकालना- परिकल्पना का परीक्षण करने के पश्चात् उसका निष्कर्ष निकाला जाता है, सामान्यीकरण प्राप्त किए जाते हैं तथा उनका पुनर्परीक्षण किया जाता है। प्राप्त परिणाम के आधार पर परिकल्पना को सत्य अथवा असत्य घोषित किया जाता है। यदि उस परिकल्पना के अन्तर्गत सम्पादित क्रियाओं द्वारा लक्ष्य की प्राप्ति होती है तो परिकल्पना को सत्य माना जाता है, परन्तु जब लक्ष्य की प्राप्ति नहीं होती तो परिकल्पना को असत्य अथवा अस्वीकृत मान लिया जाता है। परिकल्पना को अस्वीकार कर देने के पश्चात् दूसरी नई परिकल्पना का निर्माण किया जाता है और तत्पश्चात् उसका परीक्षण करके निष्कर्ष निकाला जाता है।

क्रियात्मक अनुसंधान के प्रमुख तत्त्व (Important Elements of Action Research)

क्रियात्मक अनुसंधान के सोपानों का परिचय प्राप्त करने के पश्चात् उसके प्रमुख तत्त्वों की जानकारी भी आवश्यक हो जाती है। इसके प्रमुख तत्व निम्न हैं-

  • क्रियात्मक अनुसंधान का प्रमुख तत्त्व ऐसे समस्या क्षेत्र से परिचित होना है जो कि एक व्यक्ति अथवा समूह को इतना महत्त्वपूर्ण लगे कि वह किसी क्रिया को करने हेतु तैयार हो।
  • एक विशिष्ट समस्या का चयन तथा उससे सम्बन्धित परिकल्पना का निर्माण।
  • एक उद्देश्य का निर्धारण और उस उद्देश्य की पूर्ति हेतु उपयुक्त विधि का चयन।
  • प्रदत्त सामग्री का एकत्रीकरण और उसका विश्लेषण।
  • विश्लेषण के आधार पर यह देखना कि उद्देश्य की प्राप्ति किस सीमा तक हो सकी है।
  • सामान्यीकरण प्राप्त किया जाना चाहिए और यह देखा जाना चाहिए कि प्रारम्भ की गयी क्रिया और वांछित उद्देश्य में क्या सम्बन्ध है।
  • प्राप्त सामान्यीकरणों का क्रियात्मक परिस्थितियों में परीक्षण किया जाना चाहिए।

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  • आदर्श इतिहास शिक्षक के गुण एंव समाज में भूमिका
  • विभिन्न स्तरों पर इतिहास शिक्षण के उद्देश्य प्राथमिक, माध्यमिक तथा उच्चतर माध्यमिक स्तर
  • इतिहास शिक्षण के उद्देश्य | माध्यमिक स्तर पर इतिहास शिक्षण के उद्देश्य | इतिहास शिक्षण के व्यवहारात्मक लाभ
  • इतिहास शिक्षण में सहसम्बन्ध का क्या अर्थ है ? आप इतिहास शिक्षण का सह-सम्बन्ध अन्य विषयों से किस प्रकार स्थापित करेंगे ?
  • इतिहास क्या है ? इतिहास की प्रकृति एवं क्षेत्र
  • राष्ट्रीय उच्चतर शिक्षा अभियान के विषय में आप क्या जानते हैं ?
  • शिक्षा के वैकल्पिक प्रयोग के सन्दर्भ में एस० एन० डी० टी० की भूमिका
  • राष्ट्रीय पाठ्यचर्या की रूपरेखा (एन.सी.एफ.-2005) [National Curriculum Framework (NCF-2005) ]

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इस वेब साईट में हम College Subjective Notes सामग्री को रोचक रूप में प्रकट करने की कोशिश कर रहे हैं | हमारा लक्ष्य उन छात्रों को प्रतियोगी परीक्षाओं की सभी किताबें उपलब्ध कराना है जो पैसे ना होने की वजह से इन पुस्तकों को खरीद नहीं पाते हैं और इस वजह से वे परीक्षा में असफल हो जाते हैं और अपने सपनों को पूरे नही कर पाते है, हम चाहते है कि वे सभी छात्र हमारे माध्यम से अपने सपनों को पूरा कर सकें। धन्यवाद..

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What is Action Research in Hindi? (PDF)

What is action research in hindi.

What is Action Research in Hindi? क्रियात्मक अनुसन्धान क्या है? आदि के बारे में जानेंगे। इन नोट्स के माध्यम से आपके ज्ञान में वृद्धि होगी और आप अपनी आगामी परीक्षा को पास कर सकते है | Notes के अंत में PDF Download का बटन है | तो चलिए जानते है इसके बारे में विस्तार से |

  • शिक्षा एक गतिशील क्षेत्र है, जो शिक्षकों और शिक्षार्थियों दोनों की जरूरतों को पूरा करने के लिए लगातार विकसित हो रहा है। यह सुनिश्चित करने के लिए कि शिक्षण पद्धतियाँ प्रभावी रहें और छात्रों को सर्वोत्तम संभव शैक्षिक अनुभव प्रदान किया जाए, क्रियात्मक अनुसंधान के रूप में जाना जाने वाला एक शक्तिशाली उपकरण तेजी से अभिन्न हो गया है। क्रियात्मक अनुसंधान एक व्यवस्थित और चिंतनशील दृष्टिकोण है जिसमें शिक्षकों और अन्य शिक्षा पेशेवरों को समस्याओं की पहचान करने, समाधान विकसित करने और उनके हस्तक्षेप के प्रभाव का आकलन करने की प्रक्रिया में शामिल किया जाता है। इन नोट्स में, हम क्रियात्मक अनुसंधान की अवधारणा, इसके महत्व और शिक्षा के क्षेत्र पर इसके सकारात्मक प्रभाव का पता लगाएंगे।
  • अनुसंधान किसी भी समस्या के व्यवस्थित अध्ययन की एक प्रक्रिया है।
  • तथ्यों तक पहुँचने में अधिक समय लगता है।
  • इसके कारण, पारंपरिक शोध स्कूल की दैनिक समस्याओं का समाधान नहीं कर सकते हैं।
  • विद्यालय की रोजमर्रा की समस्याओं का समाधान पारंपरिक अनुसंधान विधियों पर आधारित ‘क्रियात्मक अनुसंधान’ द्वारा किया जाता है।
  • इसमें स्कूल से जुड़ी विभिन्न समस्याएं शामिल हैं|

क्रियात्मक अनुसंधान क्या है ?

(what is action research).

क्रियात्मक अनुसंधान एक उद्देश्यपूर्ण प्रक्रिया है जिसे विशिष्ट संदर्भों में मूलभूत समस्याओं का समाधान करके नए ज्ञान की खोज के लिए डिज़ाइन किया गया है। पारंपरिक अनुसंधान के विपरीत, शिक्षक, प्रधानाध्यापक, प्रबंधक और निरीक्षक सहित शिक्षक सक्रिय रूप से इस प्रक्रिया में संलग्न होते हैं। क्रियात्मक अनुसंधान का प्राथमिक उद्देश्य तरीकों और रणनीतियों को संशोधित करके स्कूलों की कार्यप्रणाली को बढ़ाना है। यह व्यावहारिक समाधान खोजने के लिए वैज्ञानिक दृष्टिकोण और समसामयिक प्रयोगों पर जोर देता है।

  • विद्यालय से संबंधित किसी भी समस्या का तत्काल समाधान करना क्रियात्मक अनुसंधान कहलाता है।
  • क्रियात्मक अनुसंधान विद्यालय में की जाने वाली वह कार्यवाही है जिसके द्वारा विद्यालय की विभिन्न समस्याओं का वैज्ञानिक ढंग से अध्ययन किया जाता है तथा उन्हें तुरंत सुधारने का प्रयास किया जाता है।
  • इसे प्रयोग करने का श्रेय स्टीफन M. Corey को दिया गया है।
  • इसमें स्कूल के प्रिंसिपल, इंस्पेक्टर और शिक्षक शोधकर्ता होते हैं।
  • ये सभी लोग क्रियात्मक अनुसंधान के माध्यम से विद्यालय की समस्याओं को शीघ्रता से ठीक करने का प्रयास करते हैं।

Understanding Action Research in Education

(शिक्षा में क्रियात्मक अनुसंधान को समझना).

  • शिक्षा में क्रियात्मक अनुसंधान का महत्व (The Importance of Action Research in Education): आधुनिक युग में शिक्षा सहित विभिन्न क्षेत्रों में शोध का महत्वपूर्ण महत्व है। हालाँकि शिक्षण के सैद्धांतिक पहलुओं का व्यापक अध्ययन किया गया है, व्यावहारिक चुनौतियाँ अभी भी बनी हुई हैं। पारंपरिक अनुसंधान, हालांकि मूल्यवान है, हमेशा प्रत्यक्ष व्यावहारिक लाभ प्रदान नहीं करता है। इस अंतर के कारण क्रियात्मक अनुसंधान की प्रमुखता में वृद्धि हुई। शिक्षकों ने एक ऐसी पद्धति की आवश्यकता महसूस की जो स्कूल से संबंधित समस्याओं के अनुरूप समाधान प्रदान कर सके, जिससे शिक्षा में क्रियात्मक अनुसंधान का महत्व बढ़ गया। उदाहरण: उच्च ड्रॉपआउट दर का सामना करने वाले एक स्कूल जिले पर विचार करें। शिक्षा में पारंपरिक शोध अध्ययन स्कूल छोड़ने के कारणों के बारे में सामान्य जानकारी प्रदान कर सकते हैं, लेकिन वे जिले की अनूठी चुनौतियों का समाधान नहीं करते हैं। इस अंतर को पहचानते हुए, जिला अधिकारी विभिन्न स्कूलों में कार्रवाई अनुसंधान परियोजनाओं को लागू करते हैं। प्रत्येक स्कूल की विशिष्ट आवश्यकताओं के अनुरूप अनुसंधान करके, वे ड्रॉपआउट दरों को प्रभावी ढंग से कम करने के लिए लक्षित हस्तक्षेप विकसित कर सकते हैं।
  • शिक्षकों के लिए समस्या-समाधान उपकरण के रूप में क्रियात्मक अनुसंधान की भूमिका (Role of Action Research as a Problem-Solving Tool for Teachers): क्रियात्मक अनुसंधान शिक्षकों के लिए शिक्षण-संबंधित मुद्दों को व्यवस्थित रूप से हल करने के लिए एक शक्तिशाली उपकरण के रूप में कार्य करता है। यह कक्षाओं और स्कूलों के भीतर समस्याओं की पहचान, विश्लेषण और समाधान के लिए वैज्ञानिक तरीकों का इस्तेमाल करता है। शिक्षक इस प्रक्रिया में सक्रिय रूप से भाग लेते हैं, अपनी शिक्षण विधियों को बढ़ाने के लिए काम करते हैं। उदाहरण के लिए, एक शिक्षक छात्र सहभागिता रणनीतियों को बेहतर बनाने या अपनी कक्षा में एक नई शिक्षण तकनीक की प्रभावशीलता का आकलन करने के लिए क्रियात्मक अनुसंधान का उपयोग कर सकता है। उदाहरण: एक कक्षा शिक्षक ने देखा कि छात्रों का एक समूह लगातार एक विशेष गणित अवधारणा के साथ संघर्ष करता है। इस समस्या के समाधान के लिए, शिक्षक क्रियात्मक अनुसंधान करने का निर्णय लेता है। विभिन्न शिक्षण विधियों के साथ प्रयोग करके, छात्रों की प्रतिक्रिया एकत्र करके और परीक्षण परिणामों का विश्लेषण करके, शिक्षक छात्रों की आवश्यकताओं के अनुरूप एक अधिक आकर्षक शिक्षण दृष्टिकोण की पहचान करता है, जिससे समझ और प्रदर्शन में सुधार होता है।
  • क्रियात्मक अनुसंधान: एक सतत एवं उद्देश्यपूर्ण प्रक्रिया (Action Research: A Continuous and Purposeful Process): क्रियात्मक अनुसंधान एक बार का प्रयास नहीं है; यह एक सतत, गहरी और उद्देश्यपूर्ण प्रक्रिया है। इसका लक्ष्य सत्य की खोज करना और शैक्षिक प्रथाओं में प्रगति और सुधार को सुविधाजनक बनाना है। क्रियात्मक अनुसंधान के माध्यम से, शिक्षक व्यावहारिक ज्ञान के विकास में योगदान करते हैं। अपनी कक्षाओं में वास्तविक मुद्दों से सक्रिय रूप से जुड़कर, वे सुधार लाते हैं जो सीधे उनके छात्रों के सीखने के अनुभवों को प्रभावित करते हैं। उदाहरण: एक स्कूल प्रिंसिपल, छात्रों के बीच पढ़ने की घटती दक्षता से चिंतित होकर, एक एक्शन रिसर्च प्रोजेक्ट शुरू करता है। शिक्षक सहयोगात्मक रूप से पढ़ने के हस्तक्षेप को लागू करते हैं, छात्र प्रगति पर डेटा एकत्र करते हैं, और हस्तक्षेप की प्रभावशीलता का लगातार आकलन करते हैं। यह प्रक्रिया पूरे स्कूल वर्ष में जारी रहती है, जिससे स्कूल को वास्तविक समय के डेटा के आधार पर अपनी रणनीतियों को अनुकूलित करने की अनुमति मिलती है, जिससे निरंतर सुधार सुनिश्चित होता है।
  • अंतिम लक्ष्य: शिक्षण नियमों की स्थापना और पुष्टि (Ultimate Goal: Establishing and Confirming Teaching Rules): इसके मूल में, शैक्षिक अनुसंधान, जिसमें क्रियात्मक अनुसंधान भी शामिल है, का उद्देश्य प्रभावी शिक्षण नियमों को स्थापित करना और पुष्टि करना है। विशिष्ट संदर्भों में क्या काम करता है इसकी पहचान करके, शिक्षक शिक्षण पद्धतियों की व्यापक समझ में योगदान करते हैं। खोज और अनुप्रयोग की यह सतत प्रक्रिया शिक्षा की निरंतर प्रगति और दुनिया भर में शिक्षण प्रथाओं में सुधार के लिए आवश्यक है। उदाहरण: एक शोध-केंद्रित स्कूल में, शिक्षक शिक्षण विधियों को परिष्कृत करने के लिए नियमित रूप से क्रियात्मक अनुसंधान में संलग्न होते हैं। उदाहरण के लिए, एक विज्ञान शिक्षक अपनी कक्षा में पूछताछ-आधारित शिक्षण तकनीकों का प्रयोग कर सकता है। छात्र की भागीदारी, समझ और उत्साह पर डेटा एकत्र करके, शिक्षक शिक्षण नियम स्थापित करता है: विशिष्ट तरीके जो लगातार छात्र की समझ और जुड़ाव को बढ़ाते हैं, शैक्षिक ज्ञान के व्यापक निकाय में योगदान करते हैं।

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क्रियात्मक अनुसंधान का अर्थ एवं परिभाषाएँ

(meaning and definitions of action research).

क्रियात्मक अनुसंधान एक सहयोगात्मक और चक्रीय प्रक्रिया है जिसमें शिक्षक, प्रशासक और अन्य हितधारक शैक्षिक सेटिंग में समस्याओं की पहचान करने और उन्हें संबोधित करने के लिए रणनीति विकसित करने के लिए मिलकर काम करते हैं। इसकी व्यावहारिक और समस्या-समाधान प्रकृति की विशेषता है, जिसका उद्देश्य वैज्ञानिक जांच और चिंतनशील अभ्यास को लागू करके शिक्षण और सीखने के परिणामों में सुधार करना है।

  • क्रियात्मक अनुसंधान शिक्षा के क्षेत्र में एक व्यवस्थित जांच प्रक्रिया है, जहां एक स्कूल समुदाय के भीतर व्यक्ति वैज्ञानिक रूप से अपने स्वयं के मुद्दों और चुनौतियों का अध्ययन करते हैं, जिसका लक्ष्य उनके कार्यों और समग्र स्कूल गतिविधियों को बढ़ाना है।
  • वह प्रक्रिया जिसके द्वारा विद्यालय से संबंधित लोग अपनी तथा विद्यालय की समस्याओं का वैज्ञानिक ढंग से अध्ययन कर अपने कार्यों तथा विद्यालय की गतिविधियों में सुधार करते हैं, क्रियात्मक अनुसंधान कहलाती है।

यहां, हम उदाहरणों के साथ पूरक, क्रियात्मक अनुसंधान की व्यापक समझ हासिल करने के लिए दी गई परिभाषाओं पर गहराई से विचार करेंगे।

  • McCarthy’s Definition: मैक्कार्थी क्रियात्मक अनुसंधान को “लोगों के समूह की गतिविधियों में रचनात्मक सुधार और विकास” लाने के उद्देश्य से “व्यवस्थित जांच की प्रक्रिया” के रूप में परिभाषित करते हैं। इस संदर्भ में, यह एक समूह द्वारा अपने सामूहिक कार्यों और गतिविधियों का अध्ययन करने और उन्हें बढ़ाने के लिए उपयोग किया जाने वाला एक व्यवस्थित और उद्देश्यपूर्ण दृष्टिकोण है। उदाहरण: शिक्षकों का एक समूह बेहतर शैक्षिक परिणाम प्राप्त करने के लिए एक व्यवस्थित प्रक्रिया का उपयोग करके, अपने शिक्षण तरीकों की प्रभावशीलता में सुधार करने के लिए सहयोगात्मक रूप से क्रियात्मक अनुसंधान करता है।
  • Stephen M. Corey’s Definition: स्टीफ़न एम. कोरी शिक्षा में क्रियात्मक अनुसंधान का वर्णन अभ्यासकर्ताओं द्वारा अपने स्वयं के कार्य में सुधार लाने के लक्ष्य के साथ किए गए अनुसंधान के रूप में करते हैं। इस अर्थ में, यह शिक्षकों या स्कूल स्टाफ द्वारा उनकी दैनिक प्रथाओं को संबोधित करने और बढ़ाने के लिए किया गया शोध है। उदाहरण: एक स्कूल प्रिंसिपल छात्रों की सहभागिता और सीखने के परिणामों को बढ़ाने के लिए रणनीतियों की पहचान करने के लिए शिक्षकों के बीच कार्रवाई अनुसंधान शुरू कर सकता है। यह शोध सीधे शिक्षकों के काम और समग्र शैक्षिक अनुभव को प्रभावित करता है।
  • Munro’s Perspective: मुनरो अनुसंधान को तथ्यात्मक साक्ष्यों के साथ सुझावों की पुष्टि के माध्यम से समस्याओं को हल करने की एक विधि के रूप में वर्णित करते हैं। यह परिभाषा क्रियात्मक अनुसंधान के समस्या-समाधान पहलू पर प्रकाश डालती है। जब शिक्षक अपनी कक्षाओं में विशिष्ट चुनौतियों का सामना करते हैं, तो वे संभावित समाधानों का परीक्षण और पुष्टि करने के लिए कार्रवाई अनुसंधान में संलग्न होते हैं। उदाहरण: यदि कोई शिक्षक मानता है कि बैठने की व्यवस्था बदलने से छात्रों की बातचीत और सीखने में सुधार होगा, तो वे इस परिवर्तन की प्रभावशीलता पर साक्ष्य इकट्ठा करने के लिए कार्रवाई अनुसंधान कर सकते हैं।
  • Maule’s Explanation: मौले शिक्षा में कुछ समस्याओं की तात्कालिकता पर प्रकाश डालते हैं। क्रियात्मक अनुसंधान को समाधान-केंद्रित, ऑन-द-स्पॉट अनुसंधान दृष्टिकोण के रूप में देखा जाता है जिसका उद्देश्य तत्काल समस्याओं का समाधान करना है। उदाहरण: एक स्कूल परामर्शदाता नए कार्यान्वित सहकर्मी मध्यस्थता कार्यक्रम की प्रभावशीलता का आकलन करने के लिए कार्रवाई अनुसंधान का उपयोग कर सकता है। वास्तविक समय में डेटा और फीडबैक एकत्र करके, वे छात्रों की तत्काल जरूरतों को बेहतर ढंग से पूरा करने के लिए कार्यक्रम में समायोजन कर सकते हैं।

संक्षेप में, क्रियात्मक अनुसंधान एक व्यवस्थित और व्यावहारिक दृष्टिकोण है जहां शिक्षा के क्षेत्र में व्यक्ति या समूह अपने कार्यों को समझने और सुधारने और तत्काल मुद्दों का समाधान करने के लिए अनुसंधान में संलग्न होते हैं। ये परिभाषाएँ इसकी समस्या-समाधान प्रकृति और शिक्षा के संदर्भ में रचनात्मक सुधार पर इसके फोकस पर जोर देती हैं।

Objectives of Action Research

(क्रियात्मक अनुसन्धान के उद्देश्य).

शिक्षा में क्रियात्मक अनुसंधान कई प्रमुख उद्देश्यों से प्रेरित होता है, जिनमें से प्रत्येक का उद्देश्य शैक्षिक प्रणाली के विभिन्न पहलुओं में सुधार करना है। आइए व्यापक समझ प्रदान करने के लिए उदाहरणों के साथ प्रत्येक उद्देश्य पर विचार करें।

  • विद्यालय की कार्य प्रणाली को प्रभावी बनाना (Making the Working System of the School Effective): शिक्षा में क्रियात्मक अनुसंधान का एक प्राथमिक उद्देश्य स्कूल की परिचालन प्रक्रियाओं की प्रभावशीलता में सुधार करना है। उदाहरण के लिए, एक स्कूल प्रशासनिक प्रक्रियाओं को सुव्यवस्थित करने के लिए कार्रवाई अनुसंधान शुरू कर सकता है, जिससे अधिक कुशल संसाधन आवंटन और सुचारू दैनिक संचालन हो सके।
  • छात्रों के सीखने के स्तर का विकास करना (Developing the Learning Level of the Students): क्रियात्मक अनुसंधान का उद्देश्य छात्रों के सीखने के परिणामों को बढ़ाना है। शिक्षक इस दृष्टिकोण का उपयोग उन शिक्षण रणनीतियों की पहचान करने और उन्हें लागू करने के लिए कर सकते हैं जो उनके छात्रों के साथ बेहतर ढंग से जुड़ती हैं। उदाहरण के लिए, एक शिक्षक विभेदित निर्देश विधियों का पता लगाने के लिए क्रियात्मक अनुसंधान कर सकता है जो विभिन्न शिक्षण शैलियों को पूरा करता है, जिससे छात्र के प्रदर्शन में सुधार होता है।
  • एक प्रभावी शिक्षण-अधिगम वातावरण बनाना (Creating an Effective Teaching-Learning Environment): क्रियात्मक अनुसंधान का उद्देश्य स्कूलों और कक्षाओं में एक प्रभावी शिक्षण-अध्ययन वातावरण स्थापित करना है। शिक्षक जुड़ाव और सीखने को बढ़ावा देने वाला वातावरण बनाने के लिए कक्षा प्रबंधन तकनीकों, निर्देशात्मक डिजाइन, या शैक्षिक प्रौद्योगिकी के उपयोग का पता लगा सकते हैं।
  • विद्यालय की कार्य प्रणाली में सुधार (Improving the Working System of the School): महत्व को दोहराते हुए, क्रियात्मक अनुसंधान लगातार स्कूल के कामकाज में सुधार लाने पर ध्यान केंद्रित करता है। इसमें पाठ्यक्रम में समायोजन, संकाय विकास कार्यक्रम, या वास्तविक समय के डेटा और फीडबैक के आधार पर स्कूल की नीतियों में बदलाव शामिल हो सकते हैं।
  • विद्यालय कर्मियों में वैज्ञानिक दृष्टिकोण का विकास करना (Developing Scientific Attitude among School Workers): क्रियात्मक अनुसंधान शिक्षकों, प्रधानाध्यापकों और अन्य स्कूल कर्मचारियों के बीच वैज्ञानिक दृष्टिकोण के विकास को प्रोत्साहित करता है। इसमें पूछताछ की मानसिकता, साक्ष्य-आधारित निर्णय लेने और निरंतर आत्म-सुधार के प्रति प्रतिबद्धता को बढ़ावा देना शामिल हो सकता है।
  • शैक्षिक प्रशासकों और प्रबंधकों को सुझाव प्रदान करना (Providing Suggestions to Educational Administrators and Managers): स्कूलों की कार्यप्रणाली को बढ़ाने और बदलने के लिए सिफारिशें तैयार करने के लिए कार्रवाई अनुसंधान एक मूल्यवान उपकरण है। स्कूल व्यवसायी, अपने शोध निष्कर्षों के माध्यम से, बेहतर नीति-निर्माण और संसाधन आवंटन के लिए शैक्षिक प्रशासकों और प्रबंधकों को अंतर्दृष्टि प्रदान कर सकते हैं।
  • लोकतंत्र के गुणों का विकास (Developing the Qualities of Democracy): क्रियात्मक अनुसंधान छात्रों और शिक्षकों में लोकतांत्रिक गुणों के विकास में योगदान दे सकता है। उदाहरण के लिए, एक स्कूल कार्रवाई अनुसंधान परियोजनाओं को लागू कर सकता है जो छात्रों को निर्णय लेने की प्रक्रियाओं में शामिल करते हैं, उन्हें भागीदारी, सहयोग और नागरिक जुड़ाव के मूल्यों को सिखाते हैं।
  • स्कूल कर्मियों के बीच कार्य कौशल का विकास करना (Developing Work Skills among School Workers): क्रियात्मक अनुसंधान शिक्षकों से लेकर सहायक कर्मचारियों तक, स्कूल कर्मियों के कौशल और दक्षताओं को बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित कर सकता है। उदाहरण के लिए, एक स्कूल जिला शिक्षकों को प्रदान किए गए व्यावसायिक विकास कार्यक्रमों को बेहतर बनाने के लिए कार्रवाई अनुसंधान का उपयोग कर सकता है, जिससे उन्हें नए कौशल हासिल करने और अधिक प्रभावी ढंग से लागू करने में मदद मिलेगी।
  • पारंपरिक रूढ़िवाद और यांत्रिक स्कूल वातावरण को समाप्त करना (Ending Traditional Conservatism and Mechanical School Environments): क्रियात्मक अनुसंधान स्कूलों के भीतर पारंपरिक और यांत्रिक प्रथाओं से अलग होने का प्रयास करता है। यह नवाचार और अनुकूलनशीलता की संस्कृति को बढ़ावा देता है। उदाहरण के लिए, एक स्कूल छात्रों के बीच रचनात्मकता और आलोचनात्मक सोच को बढ़ावा देने के लिए परियोजना-आधारित शिक्षण पद्धतियों को लागू करने के लिए एक्शन रिसर्च का उपयोग कर सकता है।
  • छात्रों का प्रदर्शन स्तर बढ़ाना ( Raising the Performance Level of Students): अंततः, क्रियात्मक अनुसंधान का उद्देश्य छात्रों के प्रदर्शन को बढ़ाना है। शिक्षण विधियों, पाठ्यक्रम और समग्र स्कूल वातावरण को लगातार परिष्कृत करके, शिक्षक छात्रों को बेहतर शैक्षणिक परिणाम प्राप्त करने में मदद कर सकते हैं।

संक्षेप में, शिक्षा में क्रियात्मक अनुसंधान के उद्देश्यों में स्कूलों के भीतर व्यापक सुधार शामिल हैं, जिनमें शिक्षण और सीखने का माहौल, परिचालन प्रक्रियाएं और स्कूल कर्मियों के बीच वैज्ञानिक मानसिकता का विकास शामिल है। इन उद्देश्यों को संबोधित करके, क्रियात्मक अनुसंधान एक अधिक प्रभावी और गतिशील शैक्षिक प्रणाली में योगदान देता है।

Steps of Action Research

(क्रियात्मक अनुसन्धान के चरण / सोपान).

  • Identifying the Problem (समस्या की पहचान करना): इस प्रारंभिक चरण में, शोधकर्ता शैक्षिक सेटिंग के भीतर एक विशिष्ट समस्या की पहचान करता है जिस पर ध्यान देने की आवश्यकता है। उदाहरण के लिए, एक शिक्षक कक्षा चर्चाओं में भाग लेने के लिए छात्रों की प्रेरणा में महत्वपूर्ण गिरावट देखता है। उदाहरण: शिक्षक देखता है कि इतिहास की कक्षा में छात्र पाठ के दौरान तेजी से निष्क्रिय हो गए हैं, जिससे कक्षा की समग्र व्यस्तता प्रभावित हो रही है।
  • Select the problem (समस्या का चयन करना): एक बार समस्या की पहचान हो जाने के बाद, इसे एक विशिष्ट संदर्भ या समूह तक सीमित करने की आवश्यकता है। पिछले उदाहरण को जारी रखते हुए, शिक्षक इतिहास की कक्षा में विशेष रूप से हाई स्कूल के वरिष्ठ नागरिकों के बीच भागीदारी में सुधार पर ध्यान केंद्रित करने का निर्णय ले सकते हैं। उदाहरण: शिक्षक ने वरिष्ठ छात्रों के बीच बढ़ती भागीदारी पर ध्यान केंद्रित करने का निर्णय लिया है, जिनकी पिछले कुछ महीनों में भागीदारी में गिरावट देखी गई है।
  • Define and Delimit the Problem (समस्या को परिभाषित एवं सीमांकन करना): समस्या को स्पष्ट रूप से परिभाषित करना और सीमाएँ निर्धारित करना महत्वपूर्ण है। यह शोधकर्ताओं को अपने प्रयासों पर ध्यान केंद्रित करने में मदद करता है और गुंजाइश कम होने से बचाता है। भागीदारी के मुद्दे के लिए, उन विशिष्ट व्यवहारों और स्थितियों को परिभाषित करना आवश्यक है जहां भागीदारी की कमी है। उदाहरण: शिक्षक समस्या को कक्षा में चर्चा के दौरान सक्रिय भागीदारी की कमी के रूप में परिभाषित करता है और अध्ययन को सोमवार और बुधवार को आयोजित इतिहास के पाठों तक सीमित रखता है।
  • Discuss Possible Causes of the Problem (समस्या के संभावित कारणों पर चर्चा करना): शोधकर्ता समस्या के संभावित कारणों या योगदान देने वाले कारकों पर विचार-विमर्श करते हैं। ये चर्चाएँ उन अंतर्निहित मुद्दों की पहचान करने में मदद करती हैं जिन्हें संबोधित करने की आवश्यकता है। उदाहरण: शिक्षक संभावित कारणों पर चर्चा करता है जैसे कि विषय में अरुचि, निर्णय का डर, या आकर्षक शिक्षण विधियों की कमी के कारण भागीदारी कम हो जाती है।
  • Formulation of Research Hypothesis (शोध परिकल्पना का प्रतिपादन करना): संभावित कारणों के बारे में चर्चा के आधार पर, शोधकर्ता समस्या से संबंधित विभिन्न चर के बीच संबंधों के बारे में परिकल्पना और शिक्षित अनुमान विकसित करते हैं। उदाहरण: शिक्षक का अनुमान है कि ऐतिहासिक घटनाओं से संबंधित इंटरैक्टिव समूह गतिविधियों को लागू करने से कक्षा चर्चाओं में छात्रों की भागीदारी बढ़ेगी।
  • Research Design (शोध की रुपरेखा तैयार करना): शोधकर्ता योजना बनाते हैं कि वे अध्ययन कैसे करेंगे, उन तरीकों और उपकरणों की रूपरेखा तैयार करेंगे जिनका उपयोग वे डेटा एकत्र करने और अपनी परिकल्पनाओं का परीक्षण करने के लिए करेंगे। उदाहरण: शिक्षक इतिहास के पाठों के दौरान सक्रिय भागीदारी को प्रोत्साहित करने के लिए समूह गतिविधियों, खुली चर्चाओं और गुमनाम प्रतिक्रिया तंत्र को शामिल करते हुए एक शोध योजना तैयार करता है।
  • Data Collection (आँकड़ों का संकलन करना): इस चरण में चुनी गई विधियों का उपयोग करके पहचानी गई समस्या से संबंधित जानकारी एकत्र करना शामिल है। शोधकर्ता विश्लेषण करने और निष्कर्ष निकालने के लिए डेटा एकत्र करते हैं। उदाहरण: शिक्षक इतिहास के पाठों के दौरान छात्रों की सहभागिता पर जानकारी संकलित करने के लिए कक्षा अवलोकन, छात्र सर्वेक्षण और भागीदारी लॉग के माध्यम से डेटा एकत्र करता है।
  • Data Analysis (आँकड़ों का विश्लेषण करना): हस्तक्षेप की प्रभावशीलता के बारे में सार्थक निष्कर्ष निकालने के लिए शोधकर्ता उचित तरीकों, चाहे गुणात्मक या मात्रात्मक, का उपयोग करके एकत्रित डेटा का विश्लेषण करते हैं। उदाहरण: शिक्षक इंटरैक्टिव समूह गतिविधियों को लागू करने से पहले और बाद में भागीदारी दरों का विश्लेषण करता है, सहभागिता पर प्रभाव का आकलन करने के लिए छात्र प्रतिक्रियाओं और कक्षा की गतिशीलता की तुलना करता है।
  • Conclusion and Generalization (निष्कर्ष एवं सामान्यीकरण): डेटा विश्लेषण के आधार पर, शोधकर्ता हस्तक्षेप की प्रभावशीलता के बारे में निष्कर्ष निकालते हैं और इन निष्कर्षों को व्यापक संदर्भों में सामान्यीकृत करते हैं, अध्ययन किए गए विशिष्ट मामले से परे संभावित अनुप्रयोगों का सुझाव देते हैं। उदाहरण: शिक्षक ने निष्कर्ष निकाला कि इंटरैक्टिव समूह गतिविधियों से इतिहास की कक्षाओं में वरिष्ठ छात्रों की भागीदारी में उल्लेखनीय सुधार हुआ। वे इन निष्कर्षों को सामान्यीकृत करते हैं, यह सुझाव देते हुए कि समान इंटरैक्टिव दृष्टिकोण अन्य विषयों और ग्रेड स्तरों में जुड़ाव बढ़ा सकते हैं।

Characteristics of Action Research

(क्रियात्मक अनुसंधान की विशेषताएँ).

1. तत्काल समस्या-समाधान (Immediate Problem-Solving):

  • परिभाषा: क्रियात्मक अनुसंधान समस्याओं का तत्काल समाधान प्रदान करने पर केंद्रित है।
  • उदाहरण: एक शिक्षक ने नोटिस किया कि छात्र एक विशिष्ट कक्षा के दौरान लगातार ऊब रहे हैं। इस मुद्दे को तुरंत संबोधित करने के लिए, शिक्षक छात्रों की भागीदारी में सुधार की उम्मीद करते हुए, इसे और अधिक आकर्षक बनाने के लिए पाठ योजना को संशोधित करता है।

2. प्रत्यक्ष भागीदारी (Direct Involvement):

  • परिभाषा: क्रियात्मक अनुसंधान आमतौर पर समस्या से सीधे जुड़े व्यक्तियों द्वारा किया जाता है।
  • उदाहरण: एक स्कूल प्रिंसिपल ने छात्र मनोबल में गिरावट की पहचान की। इसे संबोधित करने के लिए, प्रिंसिपल शिक्षकों और छात्रों के साथ मिलकर कार्रवाई अनुसंधान करते हैं, जिसमें सक्रिय रूप से मुद्दे से सीधे प्रभावित लोगों को शामिल किया जाता है।

3. व्यावहारिक एवं दैनिक जीवन विषय वस्तु (Practical and Daily Life Subject Matter):

  • परिभाषा: क्रियात्मक अनुसंधान रोजमर्रा की जिंदगी या व्यावहारिक स्थितियों से संबंधित विषयों को संबोधित करता है।
  • उदाहरण: एक स्कूल स्टाफ कैफेटेरिया के भोजन की गुणवत्ता और छात्रों के स्वास्थ्य पर पड़ने वाले प्रभाव से संबंधित समस्याओं की पहचान करता है। वे छात्रों के दैनिक अनुभवों को बढ़ाने के उद्देश्य से, स्कूल की खाद्य सेवा में व्यावहारिक सुधार करने के लिए कार्रवाई अनुसंधान करते हैं।

4. वास्तविक विद्यालय समस्याओं का समाधान (Solutions to Real School Problems):

  • परिभाषा: क्रियात्मक अनुसंधान का उद्देश्य स्कूल के माहौल में वास्तविक, ठोस समस्याओं का समाधान खोजना है।
  • उदाहरण: शिक्षक अपने स्कूल में बदमाशी की उच्च दर की पहचान करते हैं। कार्रवाई अनुसंधान के माध्यम से, वे स्कूल समुदाय के भीतर इस वास्तविक और महत्वपूर्ण मुद्दे को संबोधित करने के लिए धमकाने-विरोधी कार्यक्रमों और नीतियों को लागू करते हैं।

5. स्कूल की कार्यप्रणाली में सुधार (Improvement of School Functioning):

  • परिभाषा: क्रियात्मक अनुसंधान का प्राथमिक लक्ष्य विद्यालय के समग्र संचालन को बढ़ाना है।
  • उदाहरण: एक स्कूल प्रशासन अपनी संचार और प्रशासनिक प्रक्रियाओं को सुव्यवस्थित करने के लिए कार्रवाई अनुसंधान करता है, जिससे अंततः स्कूल की दक्षता और कार्यक्षमता में सुधार होता है।

6. कम समय में पूरा करना (Completion in a Short Time):

  • परिभाषा: क्रियात्मक अनुसंधान आमतौर पर अपेक्षाकृत कम समय सीमा के भीतर पूरा किया जाता है।
  • उदाहरण: शिक्षकों का एक समूह मानता है कि छात्रों की सहभागिता कम हो रही है। उन्होंने कक्षा की व्यस्तता में त्वरित सुधार के लक्ष्य के साथ नई शिक्षण रणनीतियों को विकसित करने और लागू करने के लिए कुछ महीनों में कार्रवाई अनुसंधान करने का निर्णय लिया।

संक्षेप में, क्रियात्मक अनुसंधान की विशेषता इसके तत्काल समस्या-समाधान फोकस, प्रभावित लोगों की प्रत्यक्ष भागीदारी, व्यावहारिक मुद्दों पर जोर, वास्तविक स्कूल समस्याओं को संबोधित करने की प्रतिबद्धता, स्कूल संचालन को बढ़ाने का प्राथमिक लक्ष्य और अपेक्षाकृत कम शोध समयरेखा है। ये विशेषताएँ इसे शैक्षिक अनुभव को तेजी से बेहतर बनाने के लिए एक मूल्यवान उपकरण बनाती हैं।

Advantages of Action Research

(क्रियात्मक अनुसन्धान के लाभ).

1. शिक्षा में समस्या-समाधान उपकरण (Problem-Solving Tool in Education):

  • स्पष्टीकरण: शैक्षिक चुनौतियों के समाधान के लिए क्रियात्मक अनुसंधान एक महत्वपूर्ण उपकरण के रूप में कार्य करता है।
  • उदाहरण: गणित में कम छात्र प्रदर्शन का सामना करने वाला एक स्कूल जिला छात्रों के सामने आने वाली विशिष्ट कठिनाइयों की पहचान करने के लिए क्रियात्मक अनुसंधान का उपयोग करता है। समग्र गणित शिक्षा में सुधार के लिए शिक्षक नवीन शिक्षण विधियों को विकसित करने, उन्हें लागू करने और परिणामों का विश्लेषण करने में सहयोग करते हैं।

2. वैज्ञानिक समस्या-समाधान (Scientific Problem-Solving):

  • स्पष्टीकरण: क्रियात्मक अनुसंधान शिक्षण समस्याओं का समाधान खोजने के लिए एक वैज्ञानिक पद्धति लागू करता है।
  • उदाहरण: एक शिक्षक ने देखा कि छात्र पढ़ने की समझ में कठिनाई से जूझ रहे हैं। शिक्षक एक शोध परिकल्पना विकसित करता है, विभिन्न पढ़ने की तकनीकों को लागू करता है, छात्र के प्रदर्शन पर डेटा इकट्ठा करता है, और सबसे प्रभावी शिक्षण पद्धति निर्धारित करने के लिए वैज्ञानिक रूप से परिणामों का विश्लेषण करता है।

3. विद्यालय के कामकाज में विकास (Development in School Functioning):

  • स्पष्टीकरण: क्रियात्मक अनुसंधान स्कूल की कार्यप्रणाली और दक्षता को बढ़ाने में योगदान देता है।
  • उदाहरण: शिक्षकों और अभिभावकों के बीच संचार संबंधी समस्याओं का सामना करने वाला एक स्कूल कार्रवाई अनुसंधान आयोजित करता है। वे एक नई संचार रणनीति लागू करते हैं, फीडबैक एकत्र करते हैं और अभिभावक-शिक्षक बातचीत पर इसके प्रभाव का आकलन करते हैं, जिससे स्कूल समुदाय के भीतर बेहतर संचार और सहयोग होता है।

4. कक्षा और स्कूल स्तर पर समस्या-समाधान (Problem-Solving at Class and School Level):

  • स्पष्टीकरण: क्रियात्मक अनुसंधान शिक्षकों को कक्षा-विशिष्ट और स्कूल-व्यापी दोनों चुनौतियों का समाधान करने का अधिकार देता है।
  • उदाहरण: एक शिक्षिका को अपनी कक्षा में विघटनकारी व्यवहार नज़र आता है। वह मूल कारणों की पहचान करने के लिए कार्रवाई अनुसंधान करती है, व्यवहार प्रबंधन रणनीतियों को लागू करती है और प्रभाव का आकलन करती है। इसके साथ ही, स्कूल प्रशासन कई कक्षाओं में व्यापक व्यवहार संबंधी मुद्दों को संबोधित करने के लिए अपना कार्य अनुसंधान करता है।

5. शिक्षा को बढ़ावा देना उद्देश्य (Aimed at Enhancing Education):

  • स्पष्टीकरण: क्रियात्मक अनुसंधान का प्राथमिक लक्ष्य शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार करना है।
  • उदाहरण: शिक्षकों का एक समूह छात्र सहभागिता में गिरावट की पहचान करता है। वे सहयोगात्मक रूप से क्रियात्मक अनुसंधान करते हैं, इंटरैक्टिव शिक्षण विधियों का परिचय देते हैं। छात्र सहभागिता में देखा गया सुधार शिक्षा को बढ़ाने के अपने लक्ष्य को पूरा करते हुए कार्रवाई अनुसंधान की सफलता को दर्शाता है।

6. समस्या अध्ययन की वैज्ञानिक विधि (Scientific Method for Problem Study):

  • स्पष्टीकरण: क्रियात्मक अनुसंधान समस्याओं के अध्ययन के लिए एक व्यवस्थित और वैज्ञानिक दृष्टिकोण अपनाता है।
  • उदाहरण: एक स्कूल प्रशासक शिक्षक के मनोबल में गिरावट देखता है। क्रियात्मक अनुसंधान के माध्यम से, सर्वेक्षण और साक्षात्कार आयोजित किए जाते हैं, और डेटा का व्यवस्थित रूप से विश्लेषण किया जाता है। प्राप्त अंतर्दृष्टि से लक्षित हस्तक्षेपों को बढ़ावा मिला, जिससे स्कूल के भीतर शिक्षकों की संतुष्टि और प्रेरणा में सुधार हुआ।

संक्षेप में, शिक्षा में क्रियात्मक अनुसंधान के लाभ बहुआयामी हैं, जिनमें लक्षित समस्या-समाधान से लेकर वैज्ञानिक तरीकों के व्यवस्थित अनुप्रयोग तक शामिल हैं। क्रियात्मक अनुसंधान का उपयोग करके, शिक्षक सहयोगात्मक रूप से चुनौतियों का समाधान कर सकते हैं, शिक्षण पद्धतियों में सुधार कर सकते हैं और छात्रों के लिए समग्र शैक्षिक अनुभव को बढ़ा सकते हैं।

Scope of Action Research

(क्रियात्मक अनुसन्धान के कार्यक्षेत्र).

1. Teaching Method (शिक्षण विधि):

  • दायरा: शिक्षण विधियों को बेहतर बनाने के लिए क्रियात्मक अनुसंधान को लागू किया जा सकता है। यह शिक्षकों को विभिन्न शिक्षण रणनीतियों के साथ प्रयोग करने और छात्रों के सीखने पर उनके प्रभाव का आकलन करने की अनुमति देता है।
  • उदाहरण: एक शिक्षक जटिल वैज्ञानिक अवधारणाओं की छात्रों की समझ को बेहतर बनाने में पारंपरिक व्याख्यान-आधारित तरीकों की तुलना में परियोजना-आधारित शिक्षा का उपयोग करने की प्रभावशीलता की जांच करने के लिए कार्रवाई अनुसंधान को नियोजित करता है।

2. Teaching Aids (शिक्षण सहायक सामग्री):

  • दायरा: क्रियात्मक अनुसंधान में पाठ्यपुस्तकों, प्रौद्योगिकी, या शैक्षिक सॉफ्टवेयर जैसे शिक्षण सहायक सामग्री का मूल्यांकन और संवर्द्धन शामिल हो सकता है।
  • उदाहरण: एक भाषा शिक्षक यह निर्धारित करने के लिए कार्रवाई अनुसंधान करता है कि क्या ऑनलाइन भाषा सीखने के प्लेटफार्मों जैसे मल्टीमीडिया संसाधनों के एकीकरण से छात्र की व्यस्तता और भाषा दक्षता में वृद्धि होती है।

3. Language Difficulties (भाषा सम्बन्धी समस्याएँ):

  • दायरा: क्रियात्मक अनुसंधान छात्रों के सामने आने वाली भाषा संबंधी कठिनाइयों को दूर करने में उपयोगी है। शिक्षक छात्रों को भाषा संबंधी बाधाओं को दूर करने में मदद करने के लिए हस्तक्षेप डिज़ाइन कर सकते हैं।
  • उदाहरण: विविध छात्र आबादी वाला एक स्कूल गैर-देशी अंग्रेजी बोलने वालों के लिए भाषा संवर्धन कार्यक्रम विकसित करने, उनकी भाषा अधिग्रहण और संचार कौशल में सुधार करने के लिए कार्रवाई अनुसंधान करता है।

4. Problems Related to Social Science (सामाजिक विज्ञान से सम्बंधित समस्याएँ) :

  • दायरा: सामाजिक विज्ञान विषयों को पढ़ाने और सीखने से संबंधित मुद्दों को हल करने के लिए क्रियात्मक अनुसंधान लागू किया जा सकता है।
  • उदाहरण: सामाजिक विज्ञान शिक्षकों का एक समूह छात्रों के लिए इतिहास के पाठों को अधिक आकर्षक बनाने के लिए नवीन तरीके खोजने के लिए सहयोगात्मक रूप से कार्रवाई अनुसंधान करता है, जिससे विषय में बेहतर समझ और रुचि पैदा होती है।

5. Absenteeism of Students in Class (कक्षा में विद्यार्थियों की अनुपस्थिति):

  • दायरा: कार्रवाई अनुसंधान स्कूलों को छात्रों की अनुपस्थिति की समस्या का समाधान करने, इसके कारणों की पहचान करने और उपस्थिति में सुधार के लिए रणनीतियों को लागू करने में मदद करता है।
  • उदाहरण: उच्च अनुपस्थिति दर का अनुभव करने वाला एक स्कूल छात्रों की अनुपस्थिति के पैटर्न और कारणों की पहचान करने के लिए कार्रवाई अनुसंधान का उपयोग करता है, जिससे लक्षित हस्तक्षेप और उपस्थिति में वृद्धि होती है।

6. Late arrival of students in school (विद्यालय में विद्यार्थियों का विलम्ब से आना):

  • दायरा: कार्रवाई अनुसंधान देर से छात्र आगमन के मुद्दे से निपट सकता है, स्कूलों में कारणों की पहचान करने और समय की पाबंदी को संबोधित करने के उपायों को लागू करने के लिए अनुसंधान किया जाता है।
  • उदाहरण: छात्रों की देरी से जूझ रहा एक स्कूल परिवहन मुद्दों जैसे अंतर्निहित कारणों को निर्धारित करने के लिए कार्रवाई अनुसंधान करता है, और एक नया परिवहन कार्यक्रम पेश करता है जो समस्या का समाधान करता है।

7. Effectiveness of homework given by teachers. (शिक्षकों द्वारा दिये जाने वाले गृह कार्यों की प्रभावशीलता):

  • दायरा: क्रियात्मक अनुसंधान शिक्षकों को होमवर्क असाइनमेंट की प्रभावशीलता का मूल्यांकन करने में मदद करता है। यह सीखने पर उनके प्रभाव को बढ़ाने के लिए होमवर्क प्रथाओं को परिष्कृत करने की अनुमति देता है।
  • उदाहरण: गणित शिक्षकों का एक समूह यह आकलन करने के लिए क्रियात्मक अनुसंधान का उपयोग करता है कि क्या होमवर्क असाइनमेंट की आवृत्ति और प्रकार से छात्रों की गणितीय अवधारणाओं की समझ और अनुप्रयोग में उल्लेखनीय सुधार होता है।

8. Students’ interest, attention, readiness and curiosity. (विद्यार्थियों की अभिरूचि, ध्यान, तत्परता तथा जिज्ञासा):

  • दायरा: क्रियात्मक अनुसंधान शिक्षकों को सीखने की प्रक्रिया में छात्रों की रुचि, ध्यान, तत्परता और जिज्ञासा बढ़ाने में सक्षम बनाता है।
  • उदाहरण: एक प्राथमिक विद्यालय का शिक्षक यह समझने के लिए क्रियात्मक अनुसंधान करता है कि व्यावहारिक, इंटरैक्टिव गतिविधियों को शामिल करने से विज्ञान कक्षाओं में युवा छात्रों की व्यस्तता और जिज्ञासा कैसे बढ़ सकती है।

9. Problem of students cheating in examination. (परीक्षा में विद्यार्थियों के नकल करने की समस्या ):

  • दायरा: शैक्षणिक अखंडता और परीक्षाओं में धोखाधड़ी से संबंधित मुद्दों से निपटने के लिए क्रियात्मक अनुसंधान को नियोजित किया जा सकता है।
  • उदाहरण: एक हाई स्कूल परीक्षा में छात्रों के नकल करने के पीछे के कारणों का पता लगाने के लिए कार्रवाई अनुसंधान लागू करता है और नैतिक व्यवहार को बढ़ावा देने और धोखाधड़ी को रोकने के लिए हस्तक्षेप विकसित करता है।

10. Problems related to the organization and administration of the school. (विद्यालय के संगठन एवं प्रशासन से संबंधित समस्या):

  • दायरा: स्कूलों के संगठन और प्रशासन से संबंधित मुद्दों के समाधान के लिए कार्रवाई अनुसंधान मूल्यवान है।
  • उदाहरण: एक स्कूल की प्रशासनिक टीम संगठनात्मक अक्षमताओं की पहचान करने और उन्हें सुधारने के लिए कार्रवाई अनुसंधान का उपयोग करती है, जिससे स्कूल प्रबंधन और समग्र कामकाज में सुधार होता है।

संक्षेप में, शिक्षा में क्रियात्मक अनुसंधान का दायरा व्यापक और बहुमुखी है। इसमें शैक्षणिक दृष्टिकोण और कक्षा प्रबंधन से लेकर प्रशासनिक चुनौतियों तक मुद्दों की एक विस्तृत श्रृंखला शामिल है, जो शिक्षकों को समस्याओं को हल करने और शैक्षिक प्रथाओं को बढ़ाने के लिए एक मूल्यवान ढांचा प्रदान करती है।

क्रियात्मक अनुसंधान के लाभ

(benefits of action research).

1. शिक्षण पद्धति में सुधार (Improvement in Teaching Methodology):

  • स्पष्टीकरण: क्रियात्मक अनुसंधान शिक्षकों को अपनी कक्षाओं के भीतर अपनी शिक्षण विधियों को बढ़ाने के लिए सशक्त बनाता है, जिससे छात्रों को बेहतर सीखने का अनुभव प्राप्त होता है।
  • उदाहरण: एक शिक्षक ने देखा कि छात्रों को समूह चर्चा में कठिनाई होती है। क्रियात्मक अनुसंधान के माध्यम से, शिक्षक विभिन्न चर्चा प्रारूपों के साथ प्रयोग करते हैं, अंततः एक ऐसा दृष्टिकोण ढूंढते हैं जो छात्रों की भागीदारी और समझ में उल्लेखनीय सुधार करता है।

2. अनुसंधान प्रक्रियाओं से परिचित होना (Familiarity with Research Processes):

  • स्पष्टीकरण: क्रियात्मक अनुसंधान में संलग्न शिक्षक अनुसंधान पद्धतियों और प्रक्रियाओं से परिचित हो जाते हैं, और मूल्यवान अनुसंधान कौशल प्राप्त करते हैं।
  • उदाहरण: शिक्षकों का एक समूह कक्षाओं में प्रौद्योगिकी एकीकरण के प्रभाव का पता लगाने के लिए सहयोगात्मक रूप से क्रियात्मक अनुसंधान करता है। इस प्रक्रिया में, वे सर्वेक्षण डिज़ाइन, डेटा संग्रह और सांख्यिकीय विश्लेषण के बारे में सीखते हैं।

3. वैज्ञानिक प्रवृत्ति का विकास (Cultivation of Scientific Inclination):

  • स्पष्टीकरण: क्रियात्मक अनुसंधान शिक्षकों को वैज्ञानिक मानसिकता विकसित करने, पूछताछ और साक्ष्य-आधारित निर्णय लेने की संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए प्रोत्साहित करता है।
  • उदाहरण: एक विज्ञान शिक्षक व्यावहारिक प्रयोगों की प्रभावशीलता का आकलन करने के लिए क्रियात्मक अनुसंधान करता है। डेटा का विश्लेषण करके, शिक्षक सबसे आकर्षक प्रयोगों की पहचान करता है, जिससे छात्रों में वैज्ञानिक जिज्ञासा पैदा होती है।

4. स्कूल प्रशासन में सुधार (Improvements in School Administration):

  • स्पष्टीकरण: क्रियात्मक अनुसंधान से विद्यालय के समग्र प्रशासन और प्रबंधन में सकारात्मक परिवर्तन और संवर्द्धन हो सकता है।
  • उदाहरण: स्कूल प्रशासक नामांकन प्रक्रियाओं को सुव्यवस्थित करने के लिए कार्रवाई अनुसंधान करते हैं। परिणामस्वरूप, स्कूल पंजीकरण प्रणाली को नया रूप दिया गया है, जिससे प्रतीक्षा समय और प्रशासनिक त्रुटियाँ कम हो गई हैं।

5. दैनिक समस्याओं का व्यावहारिक समाधान (Practical Solutions to Daily Problems):

  • स्पष्टीकरण: एक्शन रिसर्च स्कूल स्टाफ और छात्रों के सामने आने वाली रोजमर्रा की चुनौतियों का व्यावहारिक और वास्तविक दुनिया का समाधान प्रदान करता है।
  • उदाहरण: बदमाशी की समस्या के समाधान के लिए शिक्षक कार्रवाई अनुसंधान पर सहयोग करते हैं। जागरूकता अभियान और संघर्ष समाधान कार्यक्रमों को लागू करने से, बदमाशी की घटनाओं में काफी कमी आती है, जिससे स्कूल में सुरक्षित माहौल बनता है।

6. स्कूल प्रथाओं का आधुनिकीकरण (Modernization of School Practices):

  • स्पष्टीकरण: क्रियात्मक अनुसंधान का उद्देश्य शैक्षिक प्रथाओं का आधुनिकीकरण करना है, यह सुनिश्चित करना कि वे समकालीन शैक्षिक आवश्यकताओं और मानकों के साथ संरेखित हों।
  • उदाहरण: एक स्कूल पाठ्यक्रम में डिजिटल शिक्षण प्लेटफार्मों को एकीकृत करने के लिए कार्रवाई अनुसंधान आयोजित करता है। शिक्षक अपनी शिक्षण विधियों को अपनाते हैं, ऑनलाइन संसाधनों और इंटरैक्टिव ऐप्स को शामिल करते हैं, जिससे छात्रों की डिजिटल साक्षरता और सहभागिता बढ़ती है।

7. निष्कर्षों का सफल व्यावहारिक कार्यान्वयन (Successful Practical Implementation of Findings):

  • स्पष्टीकरण: वास्तविक शैक्षिक सेटिंग्स में लागू होने पर क्रियात्मक अनुसंधान से प्राप्त निष्कर्ष व्यावहारिक और प्रभावी होते हैं।
  • उदाहरण: संघर्षरत छात्रों पर सहकर्मी शिक्षण के प्रभाव का पता लगाने के लिए शिक्षक कार्रवाई अनुसंधान करते हैं। परिणामों में महत्वपूर्ण सुधार दिखाई देता है, जिससे स्कूल को एक सहकर्मी शिक्षण कार्यक्रम स्थापित करने में मदद मिलती है जो एक सफल चल रही पहल बन जाती है।

संक्षेप में, क्रियात्मक अनुसंधान शिक्षकों और स्कूलों को अनेक लाभ प्रदान करता है। यह निरंतर व्यावसायिक विकास की सुविधा प्रदान करता है, अनुसंधान-उन्मुख मानसिकता को बढ़ावा देता है, प्रशासनिक दक्षता को बढ़ाता है और सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि यह व्यावहारिक समाधान प्रदान करता है जो शिक्षण और सीखने के अनुभव पर सकारात्मक प्रभाव डालता है।

  • शिक्षा की गतिशील दुनिया में, क्रियात्मक अनुसंधान निरंतर सुधार के लिए एक शक्तिशाली उपकरण के रूप में उभरा है। शिक्षकों और प्रशासकों को समस्याओं की पहचान करने और उन्हें हल करने में सबसे आगे रखकर, यह सुनिश्चित करता है कि शिक्षण पद्धतियाँ प्रासंगिक और प्रभावी बनी रहें। क्रियात्मक अनुसंधान पेशेवर विकास को बढ़ावा देता है, व्यावहारिक समाधानों को प्रोत्साहित करता है, शिक्षकों को सशक्त बनाता है, और सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि यह छात्रों को उनके सीखने के अनुभव को बढ़ाकर लाभान्वित करता है। जैसे-जैसे शिक्षा परिदृश्य विकसित हो रहा है, इसके भविष्य को आकार देने में क्रियात्मक अनुसंधान के महत्व को कम करके आंका नहीं जा सकता है। यह एक ऐसी पद्धति है जो दुनिया भर के कक्षाओं और स्कूलों में सकारात्मक परिवर्तन और नवाचार लाती है।
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शैक्षिक अनुसंधान का स्वरूप एवं विषय क्षेत्र

Table of Contents

शैक्षिक अनुसंधान का स्वरूप एवं विषय क्षेत्र (Nature and Scope of Educational Research)

जॉर्ज जी मॉर्टे   ने शिक्षा की एक वैज्ञानिक पद्धति से व्याख्या की है और शैक्षिक अनुसंधान को विशेष महत्व दिया है। उन्होंने शिक्षा को वैज्ञानिक स्वरूप देने के लिए इसकी समस्याओं, आधुनिकीकरण या संवर्धन के लिए नियोजित अनुसंधान करने को कहा है। शैक्षणिक व्यवस्था के विस्तार का उद्देश्य छात्रों को बेहतर शिक्षा देना है।

इसलिए बेहतर शिक्षा का विकास शिक्षा की पद्धतियों को व्यवस्थागत स्वरूप देने, शिक्षण पद्धति को विकसित करने, प्रशासन, निरीक्षण से सुनिश्चित होता है। अनुसंधान मानव क्रियाओं का महत्वपूर्ण अंग है।

किसी भी विशेष अनुसंधान से हम जीवन के किसी क्षेत्र विशेष में प्रगति कर सकते हैं। मानव में स्थायी विकास की सभ्यता के विकास के साथ ही जिज्ञासा की प्रवृत्ति में उत्तरोत्तर वृद्धि प्राप्त होती है। मानव का प्रथम प्रयास प्रकृति के रहस्यों को ज्ञात करने का था, जिसमें काफी अधिक सफल नहीं हो सके। किंतु इन रहस्यों के स्थायी पहचान पर मानव ने ध्यान देना शुरू कर दिया।

आग और हथियारों की खोज से मनुष्य ने शक्ति अर्जित करने में सफलता हासिल की। इसी क्रम में हमें बोली का विकास और रहस्यों को समझने के लिए शिक्षा का विकास मिलता है। प्रकृति के रहस्यों को लेकर अपने अनुसंधान को मानव ने शिक्षा के माध्यम से ही आने वाली पीढ़ी को सौंपा।

वर्तमान समय में अनुसंधान और नई खोजों से हमने शिक्षा के क्षेत्र में व्यापक विस्तार कर लिया है और यह प्रक्रिया सतत जारी है। लगातार नई अवधारणा, नए रास्तों की तलाश से हमारा जीवन सुगम हुआ है और शिक्षा के क्षेत्र में एक क्रांति आई है। वास्तव में अनुसंधान के तीन महत्वपूर्ण कारक हैं-

1. अनुसंधान को पूछताछ की प्रवृत्ति कहा जा सकता है। इसमें किसी विषय के सभी आयामों को सैद्धान्तिक रूप नहीं दिया जाता है बल्कि आवश्यक तथ्यों को ज्ञात करने की कोशिश की जाती है। 2. व्यवस्थागत व शोधार्थ क्रियाकलाप का अनुसंधान एक वैज्ञानिक पद्धति है। जैसे कि हम वैज्ञानिक पद्धति में उपकरणों व चरणबद्ध तकनीकों का प्रयोग कर किसी निष्कर्ष पर पहुंचते हैं, उसी प्रकार अनुसंधान से हम शिक्षा के नए आयाम की तलाश करते हैं । 3. अनुसंधान आवश्यक रूप से मस्तिष्क की एक विशेष अवस्था है, जो परिवर्तन के प्रति मित्रवत व आग्राही विचार रखता है। परंपरागत पद्धतियों में बदलाव लाने, उनमें एक नए प्रकार का रास्ता तलाश करने, नए तथ्यों की खोज करने में शोधकर्ता की अत्यंत दिलचस्पी होती है।

शैक्षिक अनुसंधान का स्वरूप एवं विषय क्षेत्र

अनुसंधान को निम्नलिखित भागों में बांटा गया है-

आधारभूत अनुसंधान (Fundamental or Basic Research)

आधारभूत अनुसंधान से हमें किसी भी विषय में गहन विश्लेषण के बाद सामान्यीकरण करने और अनुसंधान की विभिन्न पद्धतियों से प्राप्त प्रदत्तों से प्राप्त करते हैं। यथा- नमूना एकत्र करना, प्राथमिक प्रदत्तों का विश्लेषण करना। सामान्य रूप से हम कह सकते हैं कि अनुसंधान की इस पद्धति में हम व्यवस्थित कार्य से खोज की तरफ अग्रसर होते हैं जो हमें एक व्यवस्थित निकाय विकसित करने में सहायक होता है और इससे हम वैज्ञानिक ज्ञान प्राप्त करते हैं।

व्यवहृत या अनुप्रयुक्त अनुसंधान (Applied Research)

आधारभूत अनुसंधान में जहाँ हम सिद्धांतों को प्राप्त करते हैं, वही हम क्रियात्मक अनुसंधान में प्राप्त सिद्धांतों के प्रयोग की संभावना ज्ञात करते हैं। कार्यरूप में शोधकर्ता क्षेत्र अध्ययन के दौरान नियमों का आकलन करता है और उन्हें व्यवहारिक रूप देकर किसी समस्या का हल प्राप्त करने में प्रयुक्त करता है। इसे किसी त्वरित समस्या को हल करने के लिए भी प्रयोग में लाया जाता है।

क्रियात्मक अनुसंधान (Action Research)

यह किसी सिद्धान्त की स्थापना के लिए नहीं  किया जाता है, बल्कि त्वरित समस्या के निवारण के लिए प्रयोग में लाया जाता है। त्वरित निवारण अनुसंधान में पूर्व के प्रयोग, स्थापित मानदंड, प्रदत्त महत्वपूर्ण फीडबैक का कार्य करते हैं । इसी तरह शैक्षिक अनुसंधान को तीन भागों में विभाजित किया जा सकता है-

(i) ऐतिहासिक अनुसंधान (Historical Research) (ii) वस्तुनिष्ठ अनुसंधान (Descriptive Research) (iii) प्रायोगिक अनुसंधान (Experimental Research)

ऐतिहासिक अनुसंधान में भूतकाल की व्याख्या की जाती है। इसमें प्राचीन अनुभवों का गहन विवेचन, विश्लेषण कर निष्कर्ष तक पहुंचने की कोशिश की जाती है और समस्याओं के सामान्यीकरण से हल निकाला जाता है। यह अनुसंधान पद्धति बहुत हद तक भूत और वर्तमान को समझने के साथ-साथ भविष्य का अनुमान लगाने में मददगार साबित होता है।

जबकि वस्तुनिष्ठ अनुसंधान में हमें किसी समस्या का भूत ज्ञात होता है। विभिन्न आंकड़ों की विवेचना, विश्लेषण और निष्कर्षों से हम नए अनुसंधान की तरफ बढ़ते हैं।

वही प्रायोगिक अथवा प्रयोगात्मक अनुसंधान में किसी विशेष वैरिएबल को नियंत्रित कर निष्कर्षों का अध्ययन करते हैं। अनुसंधान की इस पद्धति में वैरिएबल के संबंधों पर ध्यान दिया जाता है।

एल. वी. रेडमन (L.V.Redman) ने “Encyclopedia of Social Science” में परिभाषा इस प्रकार दी है,” अनुसंधान नवीन ज्ञान प्राप्त करने के लिए एक व्यवस्थित प्रयास है।”

पी. एम. कुक (P.M. Cook) के अनुसार, “किसी समस्या के संदर्भ में ईमानदारी, विस्तार तथा बुद्धिमानी से तथ्यों, उनके अर्थ तथा उपयोगिता की खोज करना ही अनुसंधान है।”

एम. एम. ट्रेवर्स (M.M. Traverse) के अनुसार, “शैक्षिक अनुसंधान वह प्रक्रिया है, जो शैक्षिक परिस्थितियों में एक व्यवहार संबंधी विज्ञान के विकास की ओर अग्रसर होती है।”

सी. सी. क्रोफोर्ड (C.C. Crowford) के अनुसार, “ अनुसंधान किसी समस्या के अच्छे हेतु क्रमबद्ध तथा विशुद्ध चिन्तन एवं विशिष्ट उपकरणों के प्रयोग की एक विधि है।”

डॉ. एम. वर्मा के अनुसार, “अनुसंधान एक बौद्धिक प्रक्रिया है, जो नए ज्ञान को प्रकाश में लाती है अथवा पुरानी त्रुटियों एवं भ्रान्तधारणाओं का परिमार्जन करती है, तथा व्यवस्थित रूप से वर्तमान ज्ञान-कोष में वृद्धि करती है।”

पारस नाथ राय व चाँद भटनागर के अनुसार, “अनुसंधान का मुख्य उद्देश्य वैज्ञानिक विधियों द्वारा विशिष्ट प्रश्नों का उत्तर अथवा विशिष्ट समस्याओं का समाधान प्राप्त करना है। इस उत्तर की प्राप्ति के लिए विशेष विधियों का विकास किया जाता है जिनसे इस बात की सम्भावना बढ़ जाती है कि प्राप्त जानकारी न केवल पूछे गए प्रश्नों से सम्बन्धित है अपितु वह विश्वसनीय भी है। वैज्ञानिक अनुसंधान की एक अन्य विशेषता यह है कि वह सदा ही किसी प्रश्न या समस्या के रूप में उत्पन्न होता है।”

अनुसंधान एक उद्देश्यपूर्ण बौद्धिक क्रिया है। इसमें किसी सैद्धान्तिक या व्यवहारिक समस्या के समाधान का प्रयास होता है और अनुसंधान की समस्या सीमांकित (Delimited) होती है। इसके अंतर्गत किसी नए सत्य की खोज, पुराने सत्यों का नए ढंग से प्रस्तुतीकरण अथवा प्रदत्तों में व्याप्त नए सम्बन्धों का स्पष्टीकरण होता है।

यह प्रक्रिया वैज्ञानिक होती है, इसमें प्रदत्तों (Dates) प्राप्त करने हेतु, विश्वसनीय (Reliable) तथा वैध (Valid) तथा वस्तुनिष्ठ वैज्ञानिक उपकरणों (Tools) का प्रयोग होता है। इसमें प्राकल्पनाओं (Hypothesis) का निर्माण और उनका वैज्ञानिक ढंग से परीक्षण होता है । प्रदत्तों के विश्लेषण (Analysis) हेतु सांख्यिकीय, (Statistical) विधियों का प्रयोग होता है। साथ में प्राप्त निष्कर्ष पूर्ण रूप से प्रदत्तों के विश्लेषण पर ही आधारित होते हैं। सम्पूर्ण प्रक्रिया का वास्तविक प्रतिवेदन (Repent) प्रस्तुत किया जाता है जिससे अन्य लोग भी उसकी परीक्षा एवं सत्यापन कर सकें ।

डॉ. बी. बी. पाण्डेय ने कहा है, अनुसंधान प्रक्रिया के द्वारा प्रदत्तों के विश्लेषण के आधार पर किसी समस्या का विश्वसनीय समाधान ज्ञात किया जाता है।……इसमें नवीन तथ्यों की खोज की जाती है एवं नवीन सत्यों या तथ्यों का प्रतिपादन किया जाता है तथा साथ ही साथ प्राचीन तथ्यों तथा प्रत्ययों का नवीन अर्थामत या व्याख्या (New interpretation) भी किया जाता है।”

अनुसंधान के अंतर्गत किसी तथ्य को बार-बार सम्बन्धित प्रदत्तों के आधार पर देखने या खोजने का प्रयास किया जाता है एवं निष्कर्ष निकाला जाता है। मूल रूप से अनुसंधान का अर्थ (Enquiry) से सम्बन्धित रहा है किन्तु धीरे-धीरे निरन्तर इसका संशोधन और विकास होता गया है ।

डॉ. पारसनाथ राय के अनुसार यह शिक्षा से स्वस्थ दर्शन पर आधारित है। यह सूझ तथा कल्पना पर आधारित है। इसमें अंतर-वैज्ञानिक (Inter-disciplinary) पद्धति का प्रयोग होता है। इसमें प्रायः निगमनात्मक तर्क पद्धति का प्रयोग होता है। यह शिक्षा-क्षेत्रों में सुधार करता है तथा उसके विकास की समस्याओं का समाधान करता है। शैक्षिक अनुसंधान में उतनी सीमा तक शुद्धता नहीं होती जितनी प्राकृतिक विज्ञानों में होती है। यह केवल विशेषज्ञों द्वारा ही नहीं किया जाता अपितु शिक्षक, प्रधानाचार्य, निरीक्षक, प्रशासक आदि के द्वारा किया जाता है।

शैक्षिक अनुसंधान के क्षेत्र (Scope of Education Research)

शैक्षिक अनुसंधान के क्षेत्र शिक्षा-दर्शन, शैक्षिक उद्देश्यों का निर्धारण, उद्देश्यों की प्राप्ति हेतु नियोजन, व्यवस्थापन, संचालन, समायोजन, व्यवस्था, शिक्षण-विधि, अधिगम व उसे प्रभावित करने वाले तत्त्व, प्रशासन, पर्यवेक्षण, मूल्यांकन आदि। इनके अतिरिक्त शिक्षक संबंध, पाठ्यक्रम, पाठ्यपुस्तक, सहायक-सामग्री आदि।

अनुसंधान की आवश्यकता (Need and Significance)

शैक्षिक अनुसंधान शैक्षिक समस्याओं के समाधान में इस प्रकार सहायक है : 1. ज्ञान के विकास में सहायक – गुड व स्केट्स (Good & Scates) का मत है, “विज्ञान का कार्य बुद्धि का विकास करना है तथा अनुसंधान का कार्य विज्ञान का विकास करना है।” 2. अनुसंधान उद्देश्य प्राप्ति का सर्वोत्तम साधन है -शैक्षिक अनुसंधान एक उद्देश्यपूर्ण प्रक्रिया है जो शिक्षा के उद्देश्यों की प्राप्ति में अत्यन्त सहायक है । 3. समाज-परिवर्तन की मन्द गति को तीव्र बनाने में सहायक है -अनुसंधान द्वारा नवीन आविष्कारों से समाज परिवर्तन की प्रक्रिया में शिक्षा सहायक होती है । 4. राष्ट्रीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय भावना के विकास में सहायक -शैक्षिक अनुसंधान के अंर्तगत लोकहितकारी भावनाओं का समन्वय होता है जिससे वह राष्ट्रीय व अन्तर्राष्ट्रीय सद्भाव के विकास में सहायक होता है। 5. शैक्षिक अनुसंधान व उद्देश्यों की प्राप्ति हेतु सरल उपाय बतलाता है -अतः इसकी आवश्यकता एवं महत्व बना रहता है। 6. अनुसंधान सुधार प्रक्रिया में सहायक होता है क्योंकि वह वैज्ञानिक होने के कारण रूढ़िगत विचारों व व्यवहारों में सुधार लाता है । 7. यह सत्य-ज्ञान की खोज की उत्सुकता शान्त करता है -विज्ञान सम्मत होने का कारण शैक्षिक अनुसंधान सत्य की खोज में सहायक होता है। 8. प्रशासनिक क्षेत्र में सहायक -प्रशासन की अनेक समस्याओं के समाधान द्वारा उसे प्रभावी बनाता है । 9. अध्यापक के लिए अपरिहार्य -क्योंकि अध्यापन में आ रही अनेक कठिनाइयाँ व समस्याएं क्रियात्मक अनुसंधान द्वारा हल हो जाती है। अतः यह शिक्षक के लिए अत्यन्त आवश्यक और महत्त्वपूर्ण है। 10. विभिन्न विज्ञानों की प्रगति में सहायक -अनुसंधान भौतिक एवं सामाजिक सभी विज्ञानों की प्रगति में सहायक होता है। 11. व्यवहारिक समस्याओं का मूल स्रोत -शिक्षा क्षेत्र की व्यावहारिक समस्याओं का “क्रिया अनुसंधान” (Action research) जैसी अनुसंधान विधियों द्वारा समाधान मिलता है। 12. पूर्वग्रहों का निदान व निवारण -शैक्षिक अनुसंधान द्वारा शिक्षा क्षेत्र में व्याप्त अनेक हानिकारक पूर्वग्रहों व मान्यताओं का पता लगाकर उन्हें किया जा सकता है ।

डॉ. बी. बी. पाण्डेय ने अपनी पुस्तक “ शैक्षिक और सामाजिक अनुसंधान एवं सर्वेक्षण ” में कहा है, “मानव-जाति की अधिकतम उन्नति एवं विकास के क्रियान्वयन में अनुसंधान का बहुत ही महत्त्वपूर्ण योगदान है। इसीलिए अनुसंधान की ख्याति दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही है।”

शैक्षिक अनुसंधान का उद्देश्य

शैक्षिक समस्याओं का वैज्ञानिक विधि से निदान व समाधान करना है । डब्ल्यू. एस. मुनरो (W.S. Munroe) ने शैक्षिक अनुसंधान की परिभाषा देते हुए उसके उद्देश्य को इस प्रकार व्यक्त किया है- “अनुसंधान उन समस्याओं के अध्ययन की एक विधि है, जिसका अपूर्ण अथवा पूर्ण समाधान तथ्यों के आधार पर ढूँढना है। अनुसंधान के लिए तथ्य, लोगों के मतों के कथन, ऐतिहासिक तथ्य, लेख अथवा अभिलेख, परखों (Tests) से प्राप्त कर, प्रश्नावाली के उत्तर अथवा प्रयोगों से प्राप्त सामग्री से हो सकता है।”

वैज्ञानिक खोज और सिद्धान्त का विकास (Scientific Research and Principle of Development)

पारसनाथ राय एवं सी. भटनागर ने अपनी पुस्तक “अनुसंधान परिचय” में कहा है- “मनुष्य जैसे-जैसे प्रगति के पथ पर बढ़ता गया, उसने ज्ञान प्राप्त करने की नवीन विधियाँ खोजी……जिनमें केवल वैज्ञानिक विधि (Scientific Method) ही ज्ञान प्राप्त करने की प्रामाणिक विधि मानी जाती है।”

वैज्ञानिक खोज या अनुसंधान के अंतर्गत चरों तथा घटनाओं के पारस्परिक सम्बन्धों का वैज्ञानिक विधि के अनुसार अन्वेषण तथा विश्लेषण किया जाता है। यह सांख्यिकी विधि के आधार पर किया जाता है। अन्वेषण द्वारा प्राप्त व विश्वसनीयता की जाँच की जाती है। अत: अनुसंधान ज्ञान को विस्तृत, विशुद्ध, संगठित तथा क्रमबद्ध बनाता है। अनुसंधान द्वारा वैज्ञानिक ज्ञान की प्राप्ति की जाती है।

अनुसंधान की नई प्रवृतियाँ हैं- वस्तुनिष्ठता (Objectivity), निश्चयात्मकता (Definiteness), सत्यनीयता (Verifi-ability), सामान्यता (Generality), अर्थात् सिद्धान्त निर्माण, भविष्य-कथन की क्षमता, आत्म संशोधनीयता, (Self-correction), परिकल्पना (Hypothesis), का प्रयोग मात्रात्मक अनुमान (Qualitative estimate)।

अनुसंधान के प्रकार (Types of Research)

मूलभूत अनुसंधान (fundamental or basic research).

मूलभूत अनुसंधान में अनुसंधानकर्त्ता प्राकृतिक परिदृश्य (Phenomenon) को अपने अध्ययन के निष्कर्षों से सम्बन्धित करता है। इस प्रकार के अनुसंधान का उद्देश्य तथ्यों का एकत्रीकरण है क्योंकि ये तथ्य हमारे ज्ञान में वृद्धि करते हैं।

अनुप्रयुक्त अनुसंधान (Applied Research)

इस प्रकार के अनुसंधान द्वारा किसी विशेष समस्या का समाधान किया जाता है। इसमें विज्ञान के कुछ विशेष नियमों का किसी विशेष प्रकरण पर प्रभाव जाना जाता है। यदि अनुसंधानकर्त्ता किसी समस्या का समाधान करें तो यह अनुसंधान व्यहृत या अनुप्रयुक्त अनुसंधान कहलाता है

सामाजिक विज्ञानों में क्रियात्मक समस्याओं (Practical problems) पर किए गए अनुसंधान नए सिद्धान्तों तथा नियमों के बुलाने में सहायक होते हैं।

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[BEST] B.Ed Practical Files Download PDF Free 2024 - 2025

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  • B.Ed 1st And 2nd Year Practical Files PDF In English
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  • Lesson Plan File for B Ed Students
  • B.Ed Books And Notes PDF With Short Examination Notes
  • B-Ed Previous Year and Sample Papers
  • Check B.Ed Practical And Projects Files Online
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Not Only Practical File But Here You Can Also Download The Free PDF Notes for B-Ed , Books and Previous Year Question Papers, And Lesson Plan File Of All The Teaching Subjects of B.Ed Like English, Hindi, Mathematics, Science, Social Science, Sanskrit, Biological Science, Physical Science, Computer, Economics, Commerce, Home Science.

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B.Ed 1st and 2nd Year Practical File in English PDF

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B.Ed Year 1 and 2 Practical File in Hindi PDF

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BEd Is A Teacher Training Course For 2 Years Basically, In Which The Student Teachers Have To Prepare Lots Of Practical Files And Assignments Of Their Teaching Subjects.

It Is Not Easy To Find All The Practical And Project Material For B.Ed Course Online. Here We Have Provided All Assignment Reports and Files PDF for Free for Various Practical Subjects Like

  • Reading and Reflecting on Texts
  • Critical Understanding Of ICT
  • Drama and Art in Education
  • Understanding the Self
  • School-Based Activities (SBA)
  • Observation and Internship Report
  • Arts and Crafts in Education
  • Action Research

These Sample Files Are Specially Designed According to The Latest Syllabus Of All the B.Ed Colleges and Universities. Some of Them Are:

  • CRSU (Chaudhary Ranbir Singh University)
  • MDU (Maharshi Dayanand University, Rohtak - Haryana)
  • KUK (Kurukshetra University)
  • Lovely Professional University (LPU)
  • Guru Gobind Singh Indraprastha University
  • Jamia Millia Islamia University
  • Lady Irwin College
  • University of Delhi (DU)
  • GD Goenka University
  • University of Calicut, Kerala
  • Lady Shri Ram College for Women
  • St Xavier's College of Education
  • Chaudhary Charan Singh University (CCS)
  • CDLU (Chaudhary Devi Lal University)

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These Practical Files Will Provide A Lots Of Help To All The B.Ed Students Of Any College Or University.

B.Ed Lesson Plans Practical File In English Medium

  b.ed lesson plan practical files in hindi, about b.ed practical files subjects, action research project file for b.ed students.

Action Research, according to Corey, the originator of the term, is the research undertaken by practitioners so that they may improve their practices. It helps practitioners to perceive understand and assess the situation, and it further facilitates a systematic analysis and working out plausible reasons, for the unsatisfactory condition.

Action Research in B.Ed

Action Researchproject has become an integral part of current B.Ed practical files. The university with the inculcation of action research in B.Ed. the syllabus has made the course more effective and efficient with the knowledge of this discipline of research. The student-teachers would be able to solve the problem arising in their practice field in the near future very easily and make their practice field more conductive.

Achievement Test Report for B.Ed

What is achievement test.

An achievement test is a test aimed to get the data about the students’ knowledge or capability in one subject. An achievement test is also a test that can identify the students’ strength and weaknesses in one subject

Achievement Test Report in B.Ed

Achievement Test Report is another important component of today’s B.ed Course and B.Ed practical file.

Critical Analysis of Syllabus and Textbookin B.Ed

Syllabus and Textbook analysis has also been included in modern B.Ed course. A good syllabus is a resource for students. It should, at the very least, offer suggestions to assist students in pursuing topics that interest them, but it can also serve as a reference, a field outline to which they can refer long after they have finished our course.

Case Study Report for B.Ed Internship Programme for B.Ed

What is case study.

A case study is an intensive, holistic description and analysis of a single social unit such as an individual, a group, an institution, or a community. It is necessary to perform a case study in order to find out problems existing among the students in an educational institution.

In B.Ed internship program those who do not want to conduct action research they can submit a Case study report.

Lesson Plan File in B.Ed

B.Ed practical files are incomplete without lesson plans. A lesson plan is the brief outline of the lesson that one teacher is supposed to teach. It is the blueprint of the lesson. The lesson plan is a means to achieve an end. It helps the teacher to conduct the class smoothly. Without a lesson plan, a teacher can’t complete his/her lesson.

School Internship Report for B.ed

What is school internship report.

School internship is an important part of the Teacher’s Training Program. It is an integral part of total B.Ed. course, as well as B.Ed practical files and 250 marks, are allotted for the internship program. An internship program is a period of work experience for a limited period of time.

💁Hello Friends, If You Want To Contribute To Help Other Students To Find All The Stuff At A Single Place, So Feel Free To Send Us Your Notes, Assignments, Study Material, Files, Lesson Plan, Paper, PDF Or PPT Etc. - 👉 Upload Here

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  • B.Ed Files Pics and Charts Collection
  • All Subject Lesson Plans for Teachers

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action research project in hindi

pls provide science and math practical files sir

we will upload maths lesson plan file soon

Hame BHI chahiye

How to download maths lesson plan pdf

Please upload the question paper of BEd. 2 nd yearjune 2018 of CRSU Jind

B.Ed question papers of 2018 session has been uploaded.

B.Ed 2018 Question papers

Hi please provide maths and science practical files

Please help any one for economics notes for session 2018-2020

please upload science files

Please upload mathematics file in hindi

kindly upload science file also.....

HOME SCI K ENGLISH M UPLOAD KRO LESSON PLAN

plz provide CCE practical material

hi dear.. I have uploaded some CCE practical file matter pdfs

Please provide english and sosoci scscien lesson plan in hindi

I have uploaded english and social science lesson plans .. dear..

Social Studies Lesson Plan in Hindi

Please provide english and social science lesson plans

Please upload school based activities file

Please upload economics lesson plan file in English

hi dear... I have started uploading economics micro, macro and real teaching lesson plans in English medium .. please check Economics Lesson Plans

Please upload some science lesson plans in English medium that would be a great help for us.

please provide social science practical file in english

hi dear.. social studies lesson plans for middle and high school are now available. this is the link - Social Science and Social Studies Lesson Plans in English

Please provide the biological sciences lesson plan as soon as possible with the mega and real teaching plan

Please provide economics and commerce practical file matter

economics and commerce file material is now available

Please provide economics file

Plz provide bed urdu syllabus For mdu

MDU B.Ed urdu syllabus This is the link for mdu urdu b.ed syllabus dear, but this is for session 2015-2017, I must say that you should confirm from the university whether it is also valid for current session or not.

Hey! Sir pls provide hindi lesson plans

Yes Dear, Hindi lesson plans will be uploaded soon

Hindi Lesson Plans.. Both Micro and Macro are now available .. Hindi Lesson Plans

Hello friends, thanks for giving your valuable feedback and response, currently I have no economics, commerce, and biological science lesson plans. but whenever I have, I will upload. If anyone of you have then please share it with us to help my all friends here. You can mail us on [email protected]

Main b.ed mud se kar rahi hu. Mere pass first year me Hindi aur social science tha main subject. To ab second year me mujhe particul files Hindi aur social science ki dono banani ha ya sirf Hindi ki file banani ha..

ha dear... aapko apna dono teaching subjects hindi or social science ki lesson plan file banani padegi B.Ed 2nd year me.

Please upload economics lesson plans.. .

Plz upload B ed second year commerce file of ccsuniccs university

Micro 5 and mega 5 stop 20 bed practical file in PDF

sir b.ed biological science practical nots uplabdh krwaye

sir b.ed ka biological science ka practical file uplabdh kre sir

biological science Lesson Plans of B.Ed are Now available Biology Lesson Plans

Sir b.ed scout file upload kariye plz

Please upload commerce lesson plans

Please upload lesson plan for micro teaching for mathematics of all skills.....couldnt find them..!! 😢

hi dear.. I have started uploading micro teaching lesson plans of mathematics.. Please Check

Thanku sir.you provide us such a good hand made material.

thank you for your consideration

Hello friends.. Economics Lesson Plans are now available .. please check the link Economics Lesson Plans

teaching of commerce lesson plans both micro and macro or real teaching are now available.. this is link - Commerce Lesson Plans

Dear All, thanks for your patience and being continuously connected with us.. biological science, life science or natural science lesson plans for B.Ed will be available today.. The link is - Biology / Life Science Lesson Plans

Sir please provide school based activity file for b.ed

Pls send lesson plan of sanskrit subject for b.ed second year

Plzz provide SBA file

Sir please provide the practicum for epc2 "prepare a script of bhavai based on some socio political issues" in English

Sir please provide B.Ed 2 year notes and practical file.... This will b very beneficial for us.... Thanks and regard

Hi plz upload HC 7 and HC 8 assignments also

Plz provide lesson plan on data handling

Plzz provide lesson plans for all microteachibg skills

Plz provide cce and test management in computer science

Sir pls upload discussion lesson of social study and english

I need 2nd year intership PDF file ignou

Where is unit plans

required art n drama in education file. kindly upload. I am pursuing b.ed. from mdu. i am unable to find my topics in the already uploaded files.

required in english. thanks

Yeh MDU K STUDENTS K LIYE FILES HAI KYA PLZ TELL ME .........

Ccsu meerut ki b.ed 2nd year ka lesson plan

Please upload lesson plan of biological sciences as soon as possible.

Sir please send I want practical file for physical science in Hindi

Home science ki pratical file mil sakti ha 2nd year ki kya hindi mein pls jawab jrur dena

Sir please upload physical science practical file.... In English

Sir plz pedagogy of physical science Or math ka assignment bna do b.ed first year ke lia hindi medium ke lia. Ma crsu university se hoo

Please upload MEd practical files

Sir plz provide me english and computer practical file and lesson plan b.ed 2nd yr

Please upload asignment file on gender,school and society

B.Ed file social science and home science ke file delaye

12th all manth asaiment bhej dijiyega sir esi email address me

Please provide science teaching methods in hindi

Plzz provide me action research file on problems during online teaching in covid 19

Please send me the practical file of ICT ,the teacher teaching online classes

dear sir please send b.ed first year pracical file on my whatsaap no 7073547439

Plzzzz sir provide me action research file on problem during studies and online studies in pandemic

Good afternoon sir please send physical science assimant in hindi for b.ed 1 st year on my whatsapp number 9119137598

please upload knowledge and curriculum practical.....

Draft a list of interview questions for higher secondary school students focussing on their academic problem & mention the process of conducting the interview. Can i get this?

Hey I'm doing b.ed form Mahatma Jyotiba Phule Rohilkhand University, Bareilly can you please uplod Two teaching methods (computer and blackboard file.

Please provide life science and English practical files for Punjabi university patiala

plz upload political science lesson plan in hindi for punjabi university patiala

Plz provide unit plans of social scinece

Internal assessment topic kese download kre

Please upload b.ed 1st year physical science lesson plan

Please sir language across curriculum practical file work for bed 1 year in hindi

kindly upload punjabi file please

Bed 1st year ke epc1 file ke topic bta denge kya

PLZZ upload practical of biology

PLZ SEND ME B.ED 2ND YEAR PRACTICAL FILE IN MATHEMATICS

Please give me commerce lesson plan of b. Ed for 3rd sem

Psychological test file

Education physiology practical file work

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Steps of Action Research

Kishan

In designing and conducting an action research project, the following steps are used.

5 Steps of Action Research Process

  • Identification Of The Problem
  • Definition And Delimitation Of The Problem
  • Analyzing The Causes Of The Problem
  • Design For The Action Hypotheses
  • Conclusions Of Action Research Project

Step 1 - Identification Of The Problem

  • A researcher should be serious about various activities. The problems are isolated from the broad fields.
  • An investigator must realize the seriousness of the problems.

Step 2 - Definition And Delimitation Of The Problem

  • After identifying the problem, it should be defined. So, the action and goal may be specified.
  • The delimitation means to localize the problem in terms of class , s ubject , group,  and period in which a teacher perceives the problem.

Step 3 - Analyzing The Causes Of The Problem

  • The causes of the problem are analyzed with the help of some relevance.
  • The nature of causes is also analyzed whether it is the control or beyond the control of the investigator.
  • This helps in formulating the action hypotheses.

Step 4 - Design For The Action Hypotheses

  • The design is developed for testing the most important action hypotheses.
  • Some action may be taken and their results are observed.
  • If the hypotheses are not accepted , a  second design is developed for testing the hypotheses .
  • The design of action research is flexible and can be designed at any time according to the convenience of the researcher.

Step 5 - Conclusions Of Action Research Project

  • The accepting or rejecting action hypotheses lead to drawing some conclusions.
  • The conclusions are useful in modifying and improving the current practices of school and classroom teaching.

Steps of Action Research Notes

Action Research Process 5 Essential Steps - Identification, Define, Analyzing, Design, Conclusions Notes For B.Ed In English Medium

(What Are The Different Steps Of Action Research? | Action Research Process 5 Essential Steps - Identification, Define, Analyzing, Design, Conclusions) Notes And Study Material, PDF, PPT, Assignment, File For B.Ed 1st and 2nd Year, DELED, M.Ed, CTET, TET, Entrance Exam, All Teaching Exam Test Download Free For Action Research Subject.

Check Also:

  • Benefits of Action Research
  • Need of Action Research
  • Benefits Of Action Research For Teachers?
  • Importance Of Action Research

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Action Research For Teachers

Watermark of CIET LOGO

ACTION RESEARCH

The purpose of this course is to provide teachers with the knowledge and skills to integrate Action Research as a teaching and problem solving methodology. Action Research is a process for problem solving and problem verification. The process can be used by an individual, teacher or a Principal, but studies indicate the process works best through cooperation and collaboration. This course will be taught by employing the following attributes of the Action Research process:

  • Problem definition/identification, the research questions
  • Data recording and interpretation

After presenting the elements of Action Research and having participants demonstrate competency in their use, the participants will employ the process to answer prescribed questions, and discover solutions to educational/classroom related problems. The participants are required to prepare a plan of Action Research on the real problem in the field of Education.

  Course Coordinator

action research project in hindi

Prof. Rajendra Pal

CIET, NCERT, New Delhi [email protected]

action research project in hindi

Enroll the course on SWAYAM

Course titles.

© 2024 | Developed by CIET, NCERT | Hosted by NIC

  • Privacy Policy

Logo

How to prepare an action research project in school?

एक क्रिया अनुसंधान परियोजना तैयार करने के लिए महत्वपूर्ण तत्व हैं:

1. समस्या क्षेत्र की पहचान की जानी चाहिए।

2. विशिष्ट समस्या का चयन बहुत सावधानी से किया जाना चाहिए।

3. समस्या के संभावित कारण का निदान करना।

4. क्रिया परिकल्पना तैयार की जानी चाहिए। क्रिया परिकल्पना से हमारा तात्पर्य एक विचार, एक कूबड़ या एक नए दृष्टिकोण की स्लेटिंग से है जो प्रस्तावित कार्रवाई से कुछ वांछित परिणामों की अपेक्षा की जाती है।

5. कार्रवाई कार्यक्रम तैयार किया जाना चाहिए और उसे क्रियान्वित किया जाना चाहिए।

6. लक्ष्य प्राप्त करने की डिग्री का पता लगाने के लिए एकत्र किए गए डेटा तथ्यों का संग्रह। इस चरण को परिकल्पना के सत्यापन के रूप में जाना जाता है।

7. सामान्यीकरण तैयार किया जाना है और निष्कर्ष निकाला जाना है और पीढ़ियों को बाद की कार्रवाई स्थितियों में परीक्षण किया जाना है।

I. समस्या का चयन:

एक शिक्षक को ऐसी समस्या का चयन करना चाहिए जिसमें वह वास्तव में रूचि रखता हो। क्षेत्र में अपने अनुभवों के कारण उसे इसकी जांच करने की आवश्यकता महसूस होनी चाहिए। बेहतर होगा कि आप ऐसी समस्या का चयन करें जिसमें अन्य शिक्षक भी रुचि रखते हों, और समूह कार्य संभव हो।

द्वितीय. समस्या क्षेत्र का परिसीमन:

विदेश समस्या क्षेत्र से एक विशिष्ट समस्या को इंगित किया जाना चाहिए।

III. कठिनाइयों का निदान:

क्रियात्मक अनुसंधान की सफलता अंतर्निहित कारणों का पता लगाने की सफलता पर निर्भर करेगी।

चतुर्थ। क्रिया परिकल्पना का निरूपण:

यह बहुत सावधानी से किया जाना चाहिए। उदाहरण के लिए “यदि सुबह की सभा से पहले उपस्थिति ली जाए तो देर से आने की घटना कम हो जाएगी।”

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IMAGES

  1. 1. Action Research file hindi क्रियात्मक शोध(सुलेख) D.El.Ed

    action research project in hindi

  2. Action Research Hindi

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  3. 3.Action Research file hindi क्रियात्मक शोध विषय:- हिन्दी (वर्तनी अवधारणा)

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  4. Action Research (HINDI MEDIUM) B.Ed. Textbook

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  5. # Action research hindi grammar (class 3)

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  6. How to write an effective Research Proposal

    action research project in hindi

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  1. Action Research Project Presentation

  2. Research Process/Nursing research/NCLEX IN HINDI

  3. RDEP Presentation 2024

  4. Action Research Project

  5. Action research project

  6. TCH 539 Action Research Project

COMMENTS

  1. क्रियात्मक शोध के चरण या सोपान (Steps of Action Research)

    निर्देशन के उद्देश्य (Aims of Guidance in Hindi) क्रियात्मक अनुसन्धान (Action Research)- अर्थ, क्षेत्र (Scope), महत्व, लाभ; क्रियात्मक शोध के चरण या सोपान (Steps of Action Research)

  2. क्रियात्मक अनुसंधान का अर्थ, प्रकार, परिभाषाएं एवं उद्देश्य

    क्रियात्मक अनुसंधान (Action Research) क्रियात्मक अनुसंधान एक प्रक्रिया है जिसका उद्देश्य मौलिक समस्याओं का अध्ययन करके नवीन तथ्यों की खोज करना, जीवन सत्य की ...

  3. Action Research Project File

    In this video, u will get information about Action Research Project file (in Hindi)#ccsu#b_ed_2ndyear#i_m_monikasinghEmail ID : [email protected] ...

  4. क्रियात्मक अनुसंधान अर्थ, प्रकार, परिभाषाएं, उद्देश्य,चरण और इतिहास

    kriyatmk-anusandhan Action Research Meaning, Types, Definitions, Objectives, Stages and History शिक्षा में क्रियात्मक अनुसंधान, कार्यकर्त...

  5. क्रियात्मक अनुसंधान के सोपान एवं प्रविधियाँ

    क्रियात्मक अनुसंधान के प्रमुख सोपान एवं प्रविधियाँ निम्नलिखित हैं-. समस्या की पहचान एवं परिभाषीकरण (To Identify and Define the Problem), समस्या के ...

  6. What Is Action Research In Hindi? (PDF) » Prateek Shivalik

    Steps of Action Research (क्रियात्मक अनुसन्धान के चरण / सोपान) Identifying the Problem (समस्या की पहचान करना): इस प्रारंभिक चरण में, शोधकर्ता शैक्षिक सेटिंग के भीतर एक विशिष्ट समस्या ...

  7. शैक्षिक अनुसंधान का स्वरूप एवं विषय क्षेत्र » Teaching World

    क्रियात्मक अनुसंधान (Action Research) यह किसी सिद्धान्त की स्थापना के लिए नहीं किया जाता है, बल्कि त्वरित समस्या के निवारण के लिए प्रयोग में ...

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    ACTION RESEARCH PROJECT IN ECONOMICS B.ED (HINDI)B.ed iii semester student teacher (NOTES PLATFORM PLEASE LIKE AND SHEAR )..पालमपुर गांव की कहानी ।(पाठ ...

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    क्रियात्मक अनुसंधान (Action Research) किसी समुदाय की विशेषताओं को ध्यान में रखकर, नियोजित प्रयास, जो सामुदायिक जीवन के अनेक पहलुओं को ...

  10. Action Research file b.ed 2nd year in hindi kriyatmak ...

    Action Research file b.ed 2nd year in hindi kriyatmak anusandhan Late aana absent project micro #BEd #बीएड #BedFiles #MicroClassesअगर आप UP BEd से संबंधित को...

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    Action Research Project File for B.Ed Students Action Research, according to Corey, the originator of the term, is the research undertaken by practitioners so that they may improve their practices. It helps practitioners to perceive understand and assess the situation, and it further facilitates a systematic analysis and working out plausible ...

  12. शोध प्रस्ताव तैयार करना Preparation of a Research Proposal

    Discover the world's research. 25+ million members; 160+ million publication pages; 2.3+ billion citations; Join for free. Public Full-text 1. Content uploaded by Patanjali Mishra. Author content.

  13. Steps of Action Research

    Step 4 - Design For The Action Hypotheses. The design is developed for testing the most important action hypotheses. Some action may be taken and their results are observed. If the hypotheses are not accepted, a second design is developed for testing the hypotheses. The design of action research is flexible and can be designed at any time ...

  14. Action Research For Teachers

    Action Research is a process for problem solving and problem verification. The process can be used by an individual, teacher or a Principal, but studies indicate the process works best through cooperation and collaboration. This course will be taught by employing the following attributes of the Action Research process:

  15. What Is Action Research?

    Action research is a research method that aims to simultaneously investigate and solve an issue. In other words, as its name suggests, action research conducts research and takes action at the same time. It was first coined as a term in 1944 by MIT professor Kurt Lewin.A highly interactive method, action research is often used in the social sciences, particularly in educational settings.

  16. (PDF) A Practical Guide in Writing Your Action Research

    Action research (AR) is a methodical process of self-inquiry accomplished by practitioners to unravel work-related problems. This paper analyzed the action research reports (ARRs) in terms of ...

  17. PDF Action Research in Education

    Participants will plan an Action Research project and submit report. Most modules take one week to complete (about two hours per week). Each week a new Module will be uploaded. There will be one-hour synchronous communication as well. T . Online Course on Action Research, MPD - Pal, R. 2018-19

  18. Action Research file b.ed 2nd year in hindi

    Action Research file b.ed 2nd year in hindi | kriyatmak Anusandhan project | Action Research | DRAJ.

  19. PDF UNIT 11 UNDERST ANDING ACTION RESEARCH

    UNIT 11 UNDERST ANDING ACTION RESEARCH Structure 11.1 Introduction 11.2 Objectives 11.3 Research Evidence to Action Research ... that needs attention. As we said, action research is not a library project where we learn more about a topic that interests us. It is also not research where we attempt to uncover what is wrong, but rather, it is a ...

  20. How to prepare an action research project in school?

    How to prepare an action research project in school? एक क्रिया अनुसंधान परियोजना तैयार करने के लिए महत्वपूर्ण तत्व हैं: 1. समस्या क्षेत्र की पहचान की जानी चाहिए। 2.

  21. Action Research: A Methodology for Organizational Change

    In 1991, Elliot suggested that action research is a cyclical process that requires repeated evaluation and change. This process in ongoing with changes taking place over time. Action research is a methodology for intentionally and deliberately devising first, what needs to change, and second, how to go about change.

  22. Action Research in Education; Theory and Practice

    Defining. Action. Research. as a systematic study that combines. action and reflec tion with the intention. of improving practice. a process in w hich practitioners study. problems scientific ...

  23. action research in Hindi

    action research. meaning in Hindi. 1. The third stage of action research is the output, or results, phase. 2. Collective action research and publication projects have been organized by Erica Burman. 3. The second stage of action research is the action, or transformation, phase. 4.