हमारे राष्ट्रीय त्योहार हिंदी निबंध Our National Festivals Essay in Hindi

Our National Festivals Essay in Hindi : बहुत प्राचीन राष्ट्र होने के कारण भारत के लिए राष्ट्रीयता की कल्पना नई नहीं है। इसके बावजूद ब्रिटिश शासन से मुक्ति की घटना ने हमारी राष्ट्रीयता को नया परिवेश और नई ताजगी दी है । यही कारण है कि हम अपने परंपरागत धार्मिक तथा सामाजिक त्योहारों के साथ अपने राष्ट्रीय त्योहारों को भी बड़े उत्साह से मनाते हैं।

हमारे राष्ट्रीय त्योहार हिंदी निबंध - Our National Festivals Essay in Hindi

हमारे राष्ट्रीय त्योहार हिंदी निबंध – Our National Festivals Essay in Hindi

राष्ट्रीय त्योहारों का परिचय.

हमारे राष्ट्रीय त्योहारों का संबंध इन महत्त्वपूर्ण घटनाओं और व्यक्तियों से है जो भारत की स्वतंत्रता और प्रगति से गहरे जुड़े हुए हैं। १५ अगस्त, १९४७ को भारत सदियों की गुलामी के बाद स्वतंत्र हुआ। इसलिए प्रतिवर्ष १५ अगस्त को हम स्वातंत्र्य दिन के रूप में मनाते हैं। २६ जनवरी, १९५० को हमारा देश सार्वभौम गणतंत्र घोषित हुआ। इस दिन की स्मृति में हम प्रतिवर्ष २६ जनवरी को गणतंत्र दिवस मनाते हैं। हम गांधी जयंती, तिलक जयंती, बालदिन ( नेहरू जयंती), शहीद दिन और एकता दिन (इंदिरा गांधी जयंती) को भी राष्ट्रीय स्तर पर बड़े चाव से मनाते हैं ।

त्योहारों का वर्तमान रूप

राष्ट्रीय त्योहारों के दिन प्रायः सार्वजनिक छुट्टी होती है। स्वातंत्र्य-दिन तथा गणतंत्र दिवस पर देश के गाँव-गाँव और नगर-नगर में ध्वजवंदन के कार्यक्रम होते हैं तथा राष्ट्रगीत गाया जाता है। १५ अगस्त की प्रभातबेला में राजधानी दिल्ली में प्रधानमंत्री लाल किले पर तिरंगा फहराते हैं और राष्ट्र को संबोधित करते हैं । २६ जनवरी की पूर्वसंध्या पर राष्ट्रपति राष्ट्र के नाम अपना संदेश प्रसारित करते हैं। इस दिन दिल्ली में सांस्कृतिक झाँकियाँ देखते ही बनती हैं। गांधी जयंती पर कताई के कार्यक्रम तथा प्रार्थनाएँ आयोजित की जाती हैं। तिलक जयंती पर राष्ट्र स्वतंत्रता के महान योद्धा लोकमान्य टिळक का स्मरण करता है। बालदिन पर बच्चों के लिए विशेष कार्यक्रम होते हैं । शहीद दिन पर भूतपूर्व सैनिकों के लिए चंदा एकत्र किया जाता है । एकता दिन पर राष्ट्रीय एकता के कार्यक्रमों का आयोजन होता है।

राष्ट्रीय त्योहारों का महत्त्व

राष्ट्रीय त्योहार जनता के लिए प्रेरणा के स्रोत होते हैं । इनसे राष्ट्र में एकता और अखंडता की भावना दृढ़ होती है। सारा राष्ट्र एक रंग में रंग जाता है। एकता और राष्ट्रीयता का यह रंग हमें नए बल और उत्साह से भर देता है।

त्योहारों का आदर्श स्वरूप

हम अपने राष्ट्रीय त्योहारों को प्रतिवर्ष मनाते हैं, परंतु केवल सरकारी स्तर पर या शैक्षणिक संस्थाओं में ही थोडे बहुत उत्साह के दर्शन होते हैं । सामान्य जनता इन आयोजनों से अछूती ही रहती है। राष्ट्र का सच्चा स्वरूप तो साधारण जनता ही है। वही राष्ट्र का बल है। इसलिए हमारे राष्ट्रीय समारोहों में जनता का हृदय से शामिल होना जरूरी है । जब तक ये त्योहार जनसाधारण से नहीं जुड़ते तब तक वे सार्थक नहीं हो सकते।

यह ठीक है कि स्वतंत्र भारत की जनता आज अनेक समस्याओं से पीड़ित है, परंतु उसे यह नहीं भूलना चाहिए कि भारत उसका है और वह भारत की है। इसलिए राष्ट्र के जन-जन को इन राष्ट्रीय त्योहारों को भावविभोर होकर मनाना चाहिए।

Rakesh More

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भारतीय त्योहार पर निबंध (Indian Festivals Essay in Hindi)

विश्व भर में भारत ही एक ऐसा देश है जिसे त्योहारों का देश कहा जाता है। यहां विभिन्न धर्मों के लोग रहते हैं। हर धर्म के लोग अपनी संस्कृति और परंपराओं के अनुसार अपने त्योहार मनाते है। भारत को धर्मनिरपेक्ष देश भी कहा जाता है। यहां सभी लोग एक साथ मिलजुल कर भाईचारे के साथ रहते है। वे अपने और अन्य धर्मों के त्योहार को भी बड़ी धूमधाम से मनाते है। इनका हर्षोल्लास इन त्योहारों के समय देखा जा सकता है। हर धर्म के त्योहारों का अपना महत्व और विशेषताएं होती है। महिलाओं और बच्चों में त्योहार का एक अलग उत्साह और जोश देखा जा सकता है।

भारतीय त्योहारों पर दीर्घ निबंध (Long Essay on Indian Festivals in Hindi, Bhartiya Tyohar par Nibandh Hindi mein)

भारतीय त्योहारों पर निबंध – 1 (250 – 300 शब्द).

भारत त्योहारों का देश है, यहाँ अनेक त्यौहार मनाये जाते है। सभी त्योहारों को मनाने की खास विधि और परम्परा है। मकर संक्रांति, होली और दीपावली कुछ प्रमुख त्योहार है, जो बड़े धूम धाम से मनाये जाते है।आइये इन त्योहारों को विस्तार से जानें –

मकर संक्रान्तिका त्यौहार

यह त्यौहार नए वर्ष के आगमन का प्रतीक है। जिस दिन सूर्य मकर रेखा में प्रवेश करता है, उस दिन मकर संक्रांति मनाई जाती है। इस दिन सूर्य देवता की पूजा की जाती है। इस पर्व के माध्यम से सूर्य को धन्यवाद अर्पित किया जाता है और उनकी पूजा भी की जाती है।

होली का त्यौहार

होली का त्यौहार रंगो का त्यौहार है। यह त्यौहार भक्त प्रह्लाद की जीत की ख़ुशी में मनाया जाता है। यह त्यौहार हमें सन्देश देता है की हमें अपनी भक्ति और श्रद्धा के द्वारा अपने जीवन के दुःख को समाप्त कर ख़ुशी के रंग भरने चाहिए।

दीपावली  का त्यौहार

दीपावली दीपों और प्रकाश कात्यौहार है। यह त्यौहार भगवान राम के लंका विजय के बाद, अयोध्या लौटने की ख़ुशी में मनाई जाती है। यह त्यौहार राम रूपी प्रकाश द्वारा रावण रूपी अंधकार पर विजय का सन्देश देती है। अंधेरों और अज्ञानता को दूर भगाने के लिए दीयों और मोमबत्तियों से चारों ओर रोशनी की जाती है। सभी इस महान त्योहार को बहुत ही उत्साह और ख़ुशी के साथ मिलजुल कर मनाते है।

अतः यह स्पष्ट है की त्योहारों का हमारे जीवन में विशेष महत्व है। त्यौहार हमारे जीवन को खुशियों से भर देते है और हमें सदा खुश रहने की प्रेरणा देते है। अतः हमें जीवन का हर दिन एक त्यौहार की तरह जीना चाहिए।

भारतीय त्योहारों पर दीर्घ निबंध (1200 शब्द)

भारत विभिन्न धर्मों के साथ अनेकता में एकता का देश है। त्यौहार चाहे किसी भी धर्म का हो, सभी धर्म और जाती के लोग इन्हें मिल जुलकर मनाते हैं। सभी लोग आपसी भेदभाव को भुलाकर इन त्योहारों का एक साथ आनंद लेते है। लोग उसी धर्म और संस्कृति के रंग में रंगकर उस त्योहार को बड़े ही उत्साह और आनंद के साथ मनाते है। इसके साथ ही आपसी प्यार और सद्भाव की भावना देखने को मिलती है।

भारतीय त्योहारों की श्रेणिया

भारत में विभिन्न धर्मों के त्योहारों का अपना एक महत्त्व है। त्योहारों को मनाये जाने का एक विशेष कारण भी होता है फिर चाहे वो कारण धार्मिक, सांस्कृतिक या पारम्परिक भी हो सकता है। भारतीय त्योहारों को मुख्यतः तीन श्रेणियों में विभाजित किया गया है।

  • धार्मिक त्योहार

भारत में हिन्दू, मुस्लिम, सिख, ईसाई व अन्य धर्म को मानने वाले लोग रहते है, और सभी एक साथ मिलकर त्योहारों को मानते है। यहां जैसा की नाम से पता चल रहा है, इस प्रकार के त्योहार विभिन्न धर्मों और उनकी परम्पराओं के अनुसार होती है। इन त्योहारों में जैसे – होली, दिवाली, दशहरा, रक्षाबंधन, कृष्ण जन्माष्टमी, इत्यादि अन्य त्योहार हिन्दुओं के मुख्य त्योहार है। ईद-उल-फितर, बारावफात, मुहर्रम, इत्यादि मुसलमानों के मुख्य त्योहार है। क्रिसमस, गुडफ्राइडे, ईस्टर जैसे त्योहार ईसाइयों के है। मैंने इनमें से कुछ त्योहारों के बारे में निचे चर्चा कीया है।

दिवाली या दीपावली को हम दीयों या रौशनी के त्योहार के नाम से भी जानते है। इसे हिंदुओं के महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक जाना जाता है। हिन्दू मान्यताओं के अनुसार ऐसा कहा जाता है कि इसी दिन भगवन रामचंद्र ने अपनी पत्नी सीता और भाई लक्ष्मण के साथ 14 वर्ष का वनवास काटकर अयोध्या वापस आये थे। वनवास के दौरान राक्षस राज रावण ने सीता को धोखे से अगवा कर लिया था, इसी कड़ी में श्री रामचंद्र ने रावण को मारकर सीता को उसके चंगुल से आज़ाद करवाया था। अयोध्या वासियों ने श्री राम को अपने राज्य में वापस आने की खुशी में पुरे राज्य को दीयों से सजाया था। एक परंपरा के अनुसार अंधेरों और अज्ञानता को दूर भागने के लिए दीयों और मोमबत्तियों से चारों ओर रोशनी की जाती है। सभी इस महान त्योहार को बहुत ही उत्साह और ख़ुशी के साथ मिलजुल कर मनाते है।

ईसाई धर्म के लोगों के लिए यह सबसे बड़ा और महत्वपूर्ण त्योहार होता है। लोग इसे ईसा मशीह के जन्मदिवस के रूप में पुरे हर्षोल्लास और उत्साह के साथ मनाते है। इस दिन क्रिसमस के पेड़ को खाश तौर पर सजाया जाता है, और चर्च में प्रार्थनाएं की जाती है। बाद में लोग आपस में मिलकर प्यार और सद्भाव को बाटते है और एक दूसरे को उपहार और बधाइयाँ भी देते है। इस दिन सांता क्लॉस बच्चों के लिए उपहार लाता है और बच्चे उपहार पाकर बहुत ही प्रसन्न होते है।

मुख्य रूप से मुसलमानों का यह एक बड़ा त्योहार है। यह रमजान के पवित्र महीने के बाद मनाया जाता है। इस दिन बच्चे, बड़े सभी मस्जिदों में नमाज अदा करते है और एक दूसरे को शुभकामनाएं और बधाइयां देते है। बड़े बच्चों को ईदी के रूप में उपहार देते है और बच्चे बहुत ही प्रसन्न होते है। इस दिन उनके घरों में सेवइयां और विभिन्न प्रकार के पकवान बनाये जाते है और सभी अपने मित्रों, रिश्तेदारों को दावत के लिए आमंत्रित करते है।

  • राष्ट्रीय पर्व

राष्ट्रीय त्योहार हमारे देश के महान स्वतंत्रता सेनानियों की देश भक्ति और राष्ट्र के प्रति उनके बलिदान की याद में मनाया जाता है। ऐसे त्योहारों में उनके कार्य और बलिदान की कृत्यज्ञता और उन्हें सम्मान देने के लिए मनाते है। राष्ट्रीय पर्व को सभी धर्मों के लोग मिल कर मनाते है।

  • गाँधी जयंती

यह पर्व प्रत्येक वर्ष 2 अक्टूबर के दिन महात्मा गांधी के जन्म समारोह के रूप में मनाते है। इस दिन महात्मा गाँधी के उनके अद्भुत कार्य और उनके बलिदान की याद में समर्पित किया जाता है। गांधी जयंती के दिन सभी सरकारी और गैर सरकारी संस्थाओं में विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन कर उनके महान कार्य को याद किया जाता है और उन्हें श्रद्धांजलि दी जाती है।

  • स्वतंत्रता दिवस

प्रतिवर्ष 15 अगस्त को हमारे देश के प्रधानमंत्री द्वारा लाल किले पर झंडा फहराकर स्वतंत्रता सेनानियों द्वारा देश के प्रति किये गए कार्य और बलिदान को याद किया जाता है। इस दिन सभी सरकारी और गैर सरकारी संस्थाओं में भी भारतीय झंडे को फहराया जाता है और इन महान स्वतंत्रता सेनानियों के बलिदान को याद किया जाता है। इनके सम्मान में भाषण और अन्य कार्यकर्मों का भी आयोजन किया जाता हैं।

  • गणतंत्र दिवस

26 जनवरी 1950 के दिन हमारे देश का संविधान लागु हुआ था, तब से इसे गणतंत्र दिवस के रूप में मानते है और देश के स्वतंत्रता सेनानियों और डॉ. भीमराव अम्बेडकर जिन्होंने हमारे देश के संविधान को लिखा था उन्हें याद किया जाता है। स्कूलों में कई कार्यक्रम आयोजित होते है और बच्चों में मिठाईया बांटी जाती हैं।

  • भारत के मौसमी त्योहार

भारत में कई प्रकार के मौसमी त्योहार फसलों की कटाई या मौसमों के परिवर्तन के लिए मनाये जाते है। इनमें से कुछ पारम्परिक तो कुछ सांस्कृतिक त्योहारों को दर्शाते है। जिनमें से कुछ इस प्रकार है –

वसंत पंचमी हिन्दुओं का एक प्रमुख त्योहार है। आमतौर पर यह फरवरी-मार्च के महीने में होता है। वसंत पंचमी इस बात का प्रतिक है की इस दिन से वसंत ऋतू और होली के पर्व का शुभारम्भ होता है। इस दिन लोग “माँ सरस्वती” की पूजा करते है, गीत संगीत के साथ इस पर्व को धूमधाम से मानते है।

  • पोंगल/ मकर संक्रान्ति

भारत के उत्तरी हिस्से में 14 जनवरी के दिन मकर-संक्रांति के रूप में तो वही देश के दक्षिण इलाके में पोंगल के रूप में मनाते है। इस दिन नयी उपज से पैदा अन्न के पकवान बनाकर भगवान को अर्पित कर उनसे समृद्धि और आशीर्वाद मांगते है। इस दिन सूर्य देवता की पूजा की जाती है। इस पर्व के माध्यम से सूर्य को धन्यवाद और उनकी पूजा भी की जाती है। परम्परा के अनुसार सूर्य के दक्षिणायन से उत्तरायण में प्रवेश करने के रूप में भी मनाया जाता है।

बिहू पर्व असम राज्य की फसल कटाई के पर्व के रूप में मनाई जाती है। इस दिन फसलों की अच्छी पैदावार के लिए भगवान से प्रार्थना की जाती है और घरों की साफ़ सफाई कर हल-कुदाल इत्यादि उपकरणों की पूजा नए वस्त्र पहनकर की जाती है। गीत-संगीत के साथ इस पर्व में लोग आपस में मिलकर एक-दूसरे को बधाइयाँ और उपहार बाटते है।

यह पर्व मुख्य रूप से बिहार, झारखण्ड, और उत्तर प्रदेश में मनाई जाती है। इस पर्व में उगते और डूबते सूरज की आराधना और आर्ग दी जाती है। परिवार में अपनों की सलामती के लिए यह पर्व मनाया जाता है। यह त्योहार दीवाली से छः दिन पश्चात हर वर्ष मनाया जाता है।

विश्व भर में मनाये जाने वाले सभी पर्वों में भारत सबसे ज्यादा पर्व वाला देश है। ये पर्व देश के सांस्कृतिक और समृद्धि का भी प्रतिक है। भारत में अनेक धर्म के लोग अपने धर्म, संस्कृति और परंपरा के प्रचार-प्रसार करने के लिए बड़ी ही धूमधाम से एक साथ मिलकर मानते है। ये सभी पर्व हमारे देश की अनेकता में एकता का सन्देश सारे विश्व में देते है।

Essay on Indian Festivals

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हमारे राष्ट्रीय त्योहार पर निबंध

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१५ अगस्त हमारा स्वाधीनता दिवस है। २६ जनवरी हमारा गणतंत्र दिवस है। ये दोनों हमारे राष्ट्रीय त्योहार हैं।

राष्ट्रीय त्योहारों पर सार्वजनिक छुट्टी होती है। सुबह विद्यार्थी गणवेश पहन कर अपने-अपने विद्यालय में जाते हैं। वहाँ तिरंगा झंडा फहराया जाता है। राष्ट्रगान गाया जाता है। बच्चों को मिठाई बाँटी जाती है। गाँवों में ग्रामपंचायत में तिरंगा फहराया जाता है। कहीं-कहीं प्रभातफेरी भी निकाली जाती है।

भारत को त्योहारों का देश भी कहा जाता है। अगर आप पंचांग खोलकर देखेंगे, तो आपको हर दिन कोई न कोई त्यौहार तथा मेला ही नजर आएगा । इनमें प्रमुख पर्व चार हैं। विद्यालयों और कार्यालयों में छुट्टी रहती है। सुबह जगह-जगह झंडा-वंदन के कार्यक्रम होते हैं। राष्ट्रगान 'जन-गण-मन गाया जाता है। स्कूलों और कॉलेजों में अनेक कार्यक्रम होते हैं।

राष्ट्रीय त्योहार के पूर्व संध्या को हमारे राष्ट्रपति दूरदर्शन पर राष्ट्र के नाम अपना संदेश प्रसारित करते हैं। इस संदेश में वे देश से जुड़ी हुई समस्याओं की चर्चा करते हैं और देशवासियों तथा विदेशों में बसे भारतीयों का अभिनंदन करते हैं।

राजधानी दिल्ली में इस दिन भारतीय सेना की शानदार परेड होती है। परेड में विभिन्न प्रांतों की सुंदर झाँकियाँ भी होती हैं। भारत के राष्ट्रपति परेड की सलामी लेते हैं।

राष्ट्रीय त्योहार के दिन मकानों की खिड़कियों पर छोटे-छोटे तिरंगे झंडों की शोभा दर्शनीय होती है। जगह-जगह ध्वजवंदन के कार्यक्रमों की धूम मच जाती है।

हमें अपने राष्ट्रीय पर्व हर्ष और उल्लास से मनाने चाहिए।

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भारत के राष्ट्रीय पर्व पर निबंध

Essay on National Festivals of India in Hindi: राष्ट्रीय पर्व वह होते हैं, जो राष्ट्रीय से संबंधित मनाए जाते हैं। जैसे कि स्वतंत्रता दिवस, गणतंत्र दिवस, इत्यादि। तो आज हम आपको अपने इस लेख में इसी से संबंधित जानकारी देने वाले हैं। हम यहां पर  भारत के राष्ट्रीय पर्व   पर निबंध  शेयर कर रहे है। इस निबंध में  भारत के राष्ट्रीय पर्व   के संदर्भित सभी माहिति को आपके साथ शेअर किया गया है। यह निबंध सभी कक्षाओं के विद्यार्थियों के लिए मददगार है।

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भारत के राष्ट्रीय पर्व पर निबंध | Essay on National Festivals of India in Hindi

भारत के राष्ट्रीय पर्व पर निबंध (250 शब्द).

हमारा भारत त्योहारों का देश है। यहां पर अनेक प्रकार के त्योहार मनाए जाते हैं। होली, दिवाली, ईद, बैसाखी, हर तरह के त्योहारों को बड़े धूमधाम के साथ मनाया जाता है। इसी प्रकार इनमें से कुछ राष्ट्रीय त्योहार भी हैं, जिन्हें हम बड़ी धूमधाम के साथ मनाते हैं।

स्वतंत्रता दिवस

15 अगस्त 1947 को भारत को आजादी मिली थी। इस दिन को स्वतंत्रता दिवस के रूप में मनाया जाता है और हमारे स्वतंत्रता सेनानियों को श्रद्धांजलि दी जाती है और इस बात से अवगत कराया जाता है कि किस तरह अंग्रेजों से हमें आजादी दिलवाई थी। स्वतंत्रता सेनानियों ने और उनके लिए कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं।

गणतंत्र दिवस

26 जनवरी 1950 को भारत का संविधान लागू हुआ था। इस उपलक्ष में गणतंत्र दिवस मनाया जाता है। यह भारत का सबसे महत्वपूर्ण दिन है, इसीलिए इस दिन को बहुत ही महत्वपूर्ण तरीके से मनाया जाता है। दिल्ली के लाल किला पर परेड निकाली जाती है और प्रधानमंत्री द्वारा झंडा फहराया जाता है। स्कूलों में भी अनेक प्रकार के कार्यक्रम किए जाते हैं।

गांधी जयंती

गांधी जयंती 2 अक्टूबर को मनाई जाती है। इस दिन महात्मा गांधी का जन्म दिवस होता है। महात्मा गांधी उन स्वतंत्रता सेनानियों में से एक हैं, जिन्होंने भारत को आजादी दिलाई थी। महात्मा गांधी के द्वारा बहुत से आंदोलन किए गए थे, सबसे महत्वपूर्ण योगदान महात्मा गांधी का रहा है।

ये राष्ट्रीय त्यौहार भारत के इतिहास के आवश्यक अध्याय हैं। राष्ट्रीय त्योहार देशभक्ति की एक महान भावना के साथ और हमारी स्वतंत्रता की जीत की याद में मनाया जाता है। ये त्यौहार हमें याद दिलाते हैं कि भले ही हम एक दूसरे से भिन्न हों, हमारा प्यार हमें राष्ट्र के लिए एकजुट करता है।

भारत के राष्ट्रीय पर्व पर निबंध (850 शब्द)

हमारा भारत त्योहारों का देश है। यहां पर अलग-अलग तरह के त्यौहार बड़ी ही धूमधाम के साथ मनाया जाते हैं। सभी धर्म समुदाय और जाति के लोग मिलकर सभी त्योहारों को एक साथ मनाते हैं। समुदाय के त्योहार होते हैं, जैसे होली, दिवाली, ईद, बैसाखी इत्यादि।

आज हम यहां पर बात कर रहे हैं, राष्ट्रीय त्योहार के बारे में। भारत के तीन प्रमुख राष्ट्रीय त्योहार हैं;- स्वतंत्रता दिवस, गणतंत्र दिवस, और गांधी जयंती इन तीनों त्योहारों को बड़ी ही धूमधाम के साथ मनाया जाता है।

राष्ट्रीय त्योहार क्या है?

राष्ट्रीय त्योहार वह त्योहार होते हैं, जो त्योहार हमारे देश के उपलक्ष में मनाए जाते हैं। जिन त्योहारों से हमारा इतिहास जुड़ा होता है। उन त्योहारों को राष्ट्रीय त्योहार कहा जाता है। इन त्योहारों को उतनी ही धूमधाम के साथ मनाया जाता है। जितनी धूमधाम के साथ सामुदायिक त्योहारों को मनाया जाता है, क्योंकि यह हमारे देश से जुड़े हैं और हमारी देश प्रेम भावना को जागरूक करते हैं।

15 अगस्त 1947 के उपलक्ष में स्वतंत्रता दिवस मनाया जाता है, क्योंकि इस दिन भारत को अंग्रेजों की गुलामी से आजादी मिली थी। इस त्यौहार को बड़ी ही धूमधाम के साथ मनाया जाता है। आइए इससे  जुड़ी कुछ बातें आपको बताते हैं;-

  • स्वतंत्रता सेनानियों को श्रद्धांजलि

स्कूलों में कॉलेज में अन्य जगहों पर बड़े-बड़े कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं, और स्वतंत्रता सेनानियों को श्रद्धांजलि दी जाती है। उनके त्याग बलिदान के उपलक्ष में उनको याद किया जाता है, और उनका मान सम्मान बढ़ाया जाता है। जिसके कारण इस त्यौहार को बड़ी ही धूमधाम के साथ मनाया जाता है। साथ ही लाल किले पर प्रधानमंत्री के द्वारा झंडा फहराया जाता है।

  • युवा पीढ़ी के लिए स्वतंत्रता संघर्ष का महत्व ;-

आज की युवा पीढ़ी  को स्वतंत्रता दिवस के बारे में बताया जाता है, उन्हें जागरूक किया जाता है और भारतीयों के द्वारा सही गई यात्राओं के बारे में बताया जाता है। किस तरह से अंग्रेजों ने भारत के ऊपर शासन किया था और लोगों को प्रताड़ना दी थी और किस तरह से हमारे स्वतंत्रता सेनानियों ने अपनी जान की कुर्बानी देकर भारत को आजादी दिलाई थी। इन सब बातों से युवा पीढ़ी को अवगत कराया जाता है, भाषण दिया जाता है और उत्सव मनाया जाता है।

  • युवा पीढ़ी में देश भक्ति जागृत के लिए

इस उत्सव के जरिए युवा पीढ़ी को भी जागरूक किया जाता है और उनके अंदर देशभक्ति पैदा करने का यह बहुत ही अच्छा जरिया है। आजकल की युवा पीढ़ी में देशभक्ति बहुत ही कम देखने को मिलती है इसीलिए इस उत्सव को बहुत ही अच्छे तरीके के साथ मनाया जाता है।

26 जनवरी 1950 को भारत का संविधान लागू किया गया था। इस उपलक्ष में गणतंत्र दिवस मनाया जाता है। आइए इससे  जुड़ी कुछ बातें आपको बताते हैं;-

  • संविधान के महत्व को समझाने के लिए

इस दिन युवा पीढ़ी को और सभी लोगों को संविधान का महत्व समझाने के लिए इस त्यौहार को बहुत ही धूमधाम के साथ मनाया जाता है। दिल्ली के लाल किला पर परेड निकाली जाती है और झंडा फहराया जाता है।

  • युवा पीढ़ी को देश के करीब लाने के लिए और उसका महत्व समझाने के लिए

संविधान में सभी कर्तव्य और अधिकार सम्मिलित हैं, जिन से युवा पीढ़ी को अवगत होना चाहिए और अपने देश के करीब रहना चाहिए। अपने देश के इतिहास को जानना चाहिए, इसी उपलक्ष में गणतंत्र दिवस का उत्सव बहुत ही धूमधाम के साथ मनाया जाता है। खासतौर पर स्कूल और कॉलेज में आयोजित किया जाता है। भाषण दिया जाता है और नाटक प्रस्तुत किए जाते हैं।

2 अक्टूबर को गांधी जयंती मनाई जाती है। इस दिन गांधी जी का जन्म दिवस होता है। इसी उपलक्ष में गांधी जयंती मनाई जाती है। आइए इससे जुड़ी कुछ और बातें बताते हैं;-

  • महात्मा गांधी के विचार धाराओं के बारे में बताने के लिए

महात्मा गांधी जी को देश के पिता के रूप में संबोधित किया जाता है। सब लोगों ने प्यार से बापू कहकर बुलाते थे। स्कूल और कॉलेज मैं गांधी जयंती को भी बड़े धूमधाम के साथ मनाया जाता है। गांधी जी को सम्मान देने के लिए इस दिन को मनाया जाता है, और युवा पीढ़ी को प्रोत्साहित किया जाता है, कि वह महात्मा गांधी के चरण कमल और उनकी विचारधारा को ध्यान में रखते हुए, अपने जीवन का मार्गदर्शन करते रहें। जिस तरह से वह सच्चाई और अहिंसा के मार्ग पर चले थे। हमें भी उसी तरह से हमेशा सच्चाई और अहिंसा का रास्ता ही अपनाना चाहिए, फिर कितनी मुश्किलें क्यों ना आए हम हर मुश्किल को पार कर जाएंगे।

  • जागरूकता देशभक्ति के लिए

युवा पीढ़ी को जागरूक किया जाता है, देश भक्ति के लिए जिस तरह से महात्मा गांधी एक सच्चे भक्त थे। उसी तरह से लोगों को भी जागरूक किया जाता है, कि वह देश के प्रति सच्चे और ईमानदार रहें।

त्योहारों का महत्व

  • गांधी जयंती का अपना एक अलग महत्व है क्योंकि यह त्यौहार गांधी जी के विचारों की तरह सोच रखने की सीख देता है। यह भी सीख देता है कि हमें एकजुट होकर रहना चाहिए और हर त्यौहार को आपस में मिलकर मनाना चाहिए।
  • स्वतंत्रता दिवस का यह महत्व होता है कि लोग अपने आप को स्वतंत्र मानते हैं और खुशी मनाते हैं क्योंकि वह किसी भी बंदिश में नहीं है। लोगों को आजादी बहुत ही प्रिय होती है। इस दिन के उपलक्ष में पतंगबाजी भी की जाती है, जिसमें लोग बहुत ही आनंद लेते हैं।
  • गणतंत्र दिवस इसका भी अपना ही एक अलग महत्व है क्योंकि इस दिन भारत का संविधान लागू किया गया था और लाल किले पर परेड निकाली जाती है। जिसका आनंद लेने के लिए वहां पर लाखों की भीड़ पहुंचती है और इसको बहुत ही उत्साह के साथ मनाया जाता है।

हमारे राष्ट्रीय त्योहार बहुत ही महत्वपूर्ण है, इसीलिए हमें इन्हें धूमधाम के साथ मनाना चाहिए, और अपने देश भक्ति के प्रति जागरूक रहना चाहिए। अपने देश का सम्मान करना चाहिए। अपने आप को स्वच्छ रखना चाहिए, और इन त्योहारों के साथ संबंध बनाए रखना चाहिए, क्योंकि यह हमारे देश के इतिहास से अवगत कराते हैं।

दोस्तों आज हमने अपने इस लेख में आपको भारत के राष्ट्रीय पर्व पर निबंध ( Essay on National Festivals of India in Hindi) के बारे में बताया है और उनका महत्व भी समझाया है। आशा करते हैं कि आपको यह लेख पसंद आया होगा और आप भी अपने देश के प्रति जागरूक रहेंगे। अगर आपको इससे संबंधित कोई भी जानकारी चाहिए तो आप कमेंट बॉक्स में कमेंट कर सकते हैं।

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Essay on Indian Festivals in Hindi – भारतीय त्योहार पर निबंध

November 13, 2017 by essaykiduniya

यहां आपको सभी कक्षाओं के छात्रों के लिए हिंदी भाषा में भारतीय त्योहार पर निबंध मिलेगा। Here you will get Paragraph, Short Essay on Indian Festivals in Hindi Language for students of all Classes in 100, 200 and 1500 words.

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Essay on Indian Festivals in Hindi – भारतीय त्योहार पर निबंध (100 words) 

भारत त्योहारों की भूमि है। भारतीय त्योहारों के कैलेंडर में दीवाली एक व्यापक रूप से मनाया जाने वाला त्योहार है। यह हिंदुओं का त्योहार है| श्री राम इस दिन 14 साल बाद अयोध्या में वापस आए। इस दिन मुगल सम्राट ने श्री गुरु हरगोविंद को नि: शुल्क मुहैया कराया था। यह त्योहार हर गांव और शहर में मनाया जाता है। मकान और दुकानों को नए रंगों में चित्रित किया गया है। लोग मोमबत्तियों और बिजली के रोशनी के साथ अपने घरों को प्रकाशते हैं। वे मिठाई और खिलौने खरीदते हैं। वे मित्रों और रिश्तेदारों के बीच उपहार वितरित करते हैं। बच्चे रात में आतिशबाजी का आनंद लेते हैं। इस दिन, लोग देवी लक्ष्मी की पूजा करते हैं। कुछ लोग इस दिन जुआ करते हैं यह एक बुराई है इसे समाप्त करना चाहिए|

Essay on Indian Festivals in Hindi – भारतीय त्योहार पर निबंध 

Essay on Indian Festivals in Hindi – भारतीय त्योहार पर निबंध (200 Words) : भारत त्योहारों और मेलों की भूमि है। दीवाली भारत के सबसे महत्वपूर्ण और रंगीन त्योहारों में से एक है इसे रोशनी का त्योहार कहा जाता है 14 वर्षों के निर्वासन में रहने के बाद दीवाली भगवान राम, सीता और लक्ष्मण को अयोध्या के बहुत से लौटने का जश्न मनाते हैं। अयोध्या के लोगों ने उन्हें प्राप्त करने के लिए बड़ी संख्या में आनन्दित किया, यह त्योहार भगवान राम के दिनों से मनाया गया है लोग अपने घरों, दुकानों और अन्य इमारतों को मिटाने और पेंट करने के द्वारा महान त्योहारों की तैयारी करते हैं।

दिवाली के दिन, घरों, दुकानों और अन्य इमारतों को रोशनी वाले मोमबत्तियों, डाईयों और छोटे बल्बों से सजाया जाता है। हम सभी पर रोशनी देख सकते हैं दिवाली के दिन लोगों ने अच्छे कपड़े पहने, वे खुश दिखते हैं और उत्सव के मूड में हैं। वे मिलते हैं और उनके संबंधों और दोस्तों के साथ शुभकामनाएं करते हैं। उन्होंने मिठाई का आदान-प्रदान भी किया।

दिवाली की रात में, धन की देवी भगवान गणेश और लक्ष्मी की पूजा की जाती है। पटाखे और चिंगारी के साथ खेल रहे लोग धन, स्वास्थ्य और समृद्धि के लिए प्रार्थना यह त्योहार पूरे भारत में मनाया जाता है सभी लोगों को, चाहे जाति के भले ही या उत्सव में शामिल होने के अवसर पैदा हों। इस त्यौहार को मनाने के लिए अन्य देशों में रहने वाले भारतीय समुदाय।

Essay on Indian Festivals in Hindi – भारतीय त्योहार पर निबंध (1500 Words) : त्योहार जीवन का उत्सव है| त्योहार सभी को शांति और खुशी देता है। वे जीवन की एकरसता को तोड़ते हैं| भारतीय त्योहार कई हैं| वे तीन प्रकार के हैं – राष्ट्रीय, धार्मिक और मौसमी त्योहारों का पहला प्रकार, अर्थात्, राष्ट्रीय त्योहारों को महान देशभक्तिपूर्ण उत्साह के साथ मनाया जाता है। त्योहारों का दूसरा प्रकार लोगों के धार्मिक संघों को दर्शाता है तीसरे व्यक्तियों के मौसम के परिवर्तन को चिन्हित करते हैं। लोग उत्साह या उत्साह के साथ अपने विश्वास या मौसमी बदलाव का जश्न मनाते हैं।

राष्ट्रीय त्योहारों में गणतंत्र दिवस , स्वतंत्रता दिवस , गांधी जयंती आदि शामिल हैं। भारत के धार्मिक त्योहारों में गुरु पर्व, लोहड़ी , होली , बुद्ध पूर्णिमा, महावीर जयंती, दशहरा , दिवाली , जन्माष्टमी, छत, नवरात्रि, ईद , क्रिसमस ,  आदि शामिल हैं। मौसमी त्यौहारों में बीहु, बैसाखी , ओणम, पोंगल, बसंत पंचमी, मकर संक्रांति आदि शामिल हैं।

अगर सच्ची भावना में नहीं मनाया जाता है तो त्योहारों पर भी समाज पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। उत्सव सादगी के साथ मनाया जाना चाहिए उन्हें राष्ट्रीय एकीकरण और सांप्रदायिक सौहार्द को बढ़ावा देने के लिए मनाया जाना चाहिए। एकरसता और खुशी के निशान के उन्मूलन के लिए लगभग सभी त्योहार पूरे विश्व में मनाए जाते हैं। सामान्य रूप से सभी और विशेष रूप से बच्चों को इन समारोहों में बहुत उत्साहित हैं। वे त्यौहारों की उत्सुकता के लिए उत्सुक हैं क्योंकि इसके लिए वे कुछ नया करने का अवसर प्रदान करते हैं। वे नए कपड़े पहनते हैं, अपने घरों को सजाते हैं और त्योहारों को बहुत धूमधाम से मनाते हैं।

त्योहार जीवन का उत्सव है यह एक विशेष प्रकार का प्रदर्शन, मनोरंजन या प्रदर्शन श्रृंखला है, जो प्रायः समय-समय पर आयोजित होता है। त्योहार जीवन की एकरसता को तोड़ते हैं वे जनता के लिए शांति और खुशी लाते हैं। सभी देशों में उनके धार्मिक और सांस्कृतिक त्योहार हैं भारतीय त्योहार कई हैं वे लोग खुद के रूप में भिन्न हैं वे सामंजस्यपूर्ण, समृद्ध और रंगीन हैं उन्हें तीन श्रेणियों में विभाजित किया जा सकता है- राष्ट्रीय या राजनीतिक, धार्मिक और मौसमी ज्यादातर भारतीय त्योहारों का जन्म या तो धर्म या मिथक और लोकप्रिय धर्मों की किंवदंतियों में है। कुछ बहुत ही सम्मानित पुरुषों और घटनाओं की याद से जुड़े हुए हैं|

वे उन घटनाओं और व्यक्तित्वों की स्मृति को जीवित रखने के उद्देश्य हैं, और इसलिए, वे लोगों को उनके उदाहरणों का पालन करने के लिए प्रेरणा देते हैं। फिर त्योहार जो वर्ष के मौसम से जुड़े हुए हैं। राष्ट्रीय त्योहार, अर्थात् गणतंत्र दिवस, स्वतंत्रता दिवस, गांधी जयंती, आदि महान देशभक्ति उत्साह से मनाया जाता है। इन दिनों को राष्ट्रीय छुट्टियों के रूप में घोषित किया गया है और देश के सभी हिस्सों में बहुत उत्साह के साथ मनाया जाता है। राजधानी, नई दिल्ली, ऐसे अवसरों पर राष्ट्रीय समारोह की सीट है।

यह गणतंत्र दिवस पर सबसे राजसी परेडों में से एक है। सशस्त्र बलों के अलावा, पूरे देश के स्कूली बच्चों ने भी इस परेड में भाग लिया। भारत के राज्यों के टेबलटेक्स पर प्रदर्शित होते हैं ‘उनकी विशिष्ट विशेषताएं, संसाधन और हालिया उपलब्धियां परेड, भारत की सैन्य शक्ति और कई हथियार, गोला-बारूद, टैंक और लड़ाकू विमानों को प्रदर्शित करने का एक अवसर भी है। गांधी जयंती पर, विभिन्न क्षेत्रों के नेताओं और लोगों ने राष्ट्र के पिता को श्रद्धांजलि अर्पित की।

स्वतंत्रता दिवस पर, देश के प्रधान मंत्री ने राष्ट्रीय ध्वज फहराया और ऐतिहासिक लाल किले के रास्ते से राष्ट्र को संबोधित किया। भारत के धार्मिक त्योहारों में दुर्गा पूजा, दशहरा, दिवाली, जन्माष्टमी, शिवरात्रि, गुरु पर्व, राम नवमी, होली, छठ, नवरात्रि, ईद-उल-ज़ुहा, ईद-उल-फिट, क्रिसमस, बुद्ध पूर्णिमा, महावीर जयंती नौरोज शामिल हैं ( पार्सियों का त्योहार) और हनुक्का (यहूदियों का त्योहार) दिवाली हिंदू त्योहारों में सबसे महत्वपूर्ण है यह रोशनी का त्योहार है|

रावण के राक्षस राज पर विजय के बाद इस दिन, हिंदुओं ने अयोध्या में भगवान राम की वापसी का जश्न मनाया। घरों को साफ और सफेदी कर रहे हैं। इस दिन, जीवन के सभी क्षेत्रों से लोग नए कपड़े पहनते हैं, अपने घरों को प्रकाश देते हैं, और देवी लक्ष्मी की पूजा करते हैं, और व्यवसायी अपने नए खाते शुरू करते हैं। मिठाई की एक किस्म तैयार की जाती है, एक दूसरे से भेंट और भेंट की जाती है पटाखे फट रहे हैं और बच्चों और साथ ही युवा उन्हें आनंद लेते हैं। राम नवमी को भगवान राम के जन्मदिन के रूप में मनाया जाता है। जन्माष्टमी को भगवान कृष्ण के जन्मदिन के रूप में मनाया जाता है।

दुर्गा पूजा बंगाल, असम, उड़ीसा और भारत के कुछ अन्य हिस्सों में महान धूमधाम और शो के साथ मनाई जाती है। देवी दुर्गा की नौ दिन पूजा की जाती है दसवें दिन, विजयादशमी, देवी की मूर्ति एक जल निकाय में डुबो गई है। उत्तरी भारत में, दशहरा को विजयादशमी के दिन मनाया जाता है, रावण के ऊपर राम की बुराई की भयावहता का जश्न मनाता है। महाराष्ट्र में, भगवान गणेश को महान धूमधाम के साथ पूजा की जाती है और दस दिवसीय गणेश चतुर्थी उत्सव के दौरान दिखाया जाता है।

होली सर्दियों के मौसम के अंत में मनाया जाता है। इस त्योहार के दौरान मणिपुर का एक सांस्कृतिक नृत्य रूप रासलीला का आयोजन किया है। यह नृत्य भगवान कृष्ण और गोपी को समर्पित है। होली रंगों का त्योहार है लोग एक दूसरे पर रंग बौछार करते हैं होली को प्रह्लाद के सम्मान में मनाया जाता है, भगवान विष्णु के संरक्षक, जिसे भगवान ने बचाया था, जब उनके पिता और भगवान का शत्रुता, हिरण्यकश्यपु ने उन्हें एक चिड़िया पर जला दिया था।

यह बुराई पर अच्छाई की जीत का जश्न मनाता है छठ मुख्य रूप से बिहार और भारत के अन्य हिस्सों में मनाया जाता है सूर्य-देवता सूर्यास्त पर पूजा की जाती है और फिर फल, आदि के साथ निम्नलिखित सूर्योदय पर, अरगी (भेंट) के रूप में। रमजान के अंत में चिह्नित करने के लिए बोली का जश्न मनाया जाता है। यह रमजान के महीने के दौरान था कि पवित्र कुरान पैगंबर मोहम्मद से पता चला था। रमज़ान के महीने में मुसलमान तेजी से उपवास करते हैं महीने के अंत में, ईद को उत्सवों के साथ मनाया जाता है। गुरु नानक देव का जन्मदिन सिखों और अन्य समुदायों के सदस्यों द्वारा मनाया जाता है।

इस अवसर पर, धार्मिक संगति में भाग ले रहे हैं, दीपक जला रहे हैं और पटाखे फट रहे हैं। गुरु अर्जुन देव और गुरु तेग बहादुर के ‘शहीद के दिन’ भी समुदाय के लिए विशेष महत्त्व के हैं। इन दिनों शांति और सामंजस्य के दिनों के रूप में मनाया जाता है और लंगर सेव (मुक्त भोजन की सेवा) बहुत बड़े पैमाने पर आयोजित किया जाता है। ये दिन, बौद्ध और पहाड़ियों ने अपने धार्मिक त्योहारों को क्रमशः बुद्ध पूर्णिमा और महावीर जयंती मनाते हुए, भव्य भक्ति के साथ क्रिसमस ईसाइयों का सबसे महत्वपूर्ण त्योहार है।

यह 25 दिसंबर को भगवान यीशु मसीह के जन्मदिन के रूप में मनाया जाता है। इस दिन कृत्रिम सितारों, रोशनी, खिलौने आदि से सजाया गया है। केक और पुडिंग्स परोसे जाते हैं। बच्चों को नए कपड़े पहने हुए हैं सांता क्लॉज़ बच्चों के बीच मिठाई वितरित के रूप में प्रच्छन्न व्यक्ति चर्चों में प्रार्थना की जाती है यहूदियों ने अपने त्योहारों को ईसाइयों के समान एक समान रूप में मनाया। वे सर्वशक्तिमान के सामने प्रार्थना करने के लिए आराधनालय जाते हैं।

केरल के यहूदी महान धार्मिक उत्साह के साथ यूनानी देवता ज़ीउस का जन्मदिन हनुक्काह मनाते हैं। पार्सिस हर साल अगस्त-सितंबर के दौरान नौरोज मनाते हैं। यह उनके नए साल की शुरुआत है पूरे देश में मौसमी त्योहारों को विभिन्न तरीकों से मनाया जाता है बिहू को असम के महान उत्साह के साथ मनाया जाता है पंजाब में गेहूं की फसलों की कटाई के निशान के रूप में विसाही को मनाया जाता है। ओणम केरल में एक फसल त्योहार के रूप में मनाया जाता है|

पोंगल भी तमिलनाडु में एक समान त्यौहार मनाया जाता है। बसंत पंचमी उत्तर भारत और पश्चिम बंगाल में मनाया जाता है। यह सर्दियों के मौसम के अंत के निशान। मौसमी परिवर्तन एक नई शुरुआत चिन्हांकित करते हैं इन त्योहारों के दौरान लोगों के दिल की खुशी भर जाती है। चूंकि भारत में हर त्योहार में राजनीतिक, धार्मिक या पौराणिक पृष्ठभूमि है, इसलिए बच्चों को उनसे सीखने का पर्याप्त मौका मिलता है। जब वे एक राष्ट्रीय त्यौहार मनाते हैं, तो वे भारत की आजादी के आंदोलन के बारे में सीखते हैं और इस प्रकार देशभक्ति उनके बीच में डालती है। ऐसा धार्मिक त्योहार मनाने का मामला है। उनमें से अधिकांश ने बुराई पर अच्छाई की जीत का जश्न मनाया।

इस प्रकार, यह सबक सीखा है कि सच्चाई अंततः प्रचलित है। फिर, जब वे एक त्यौहार मनाते हैं जो एक सीजन के आगमन/अंत के निशान हैं, तो वे एक हिंदी महीने का नाम सीखते हैं। त्योहारों, इस प्रकार, उनकी मातृभूमि के साथ ही प्रकृति के बारे में अधिक स्पष्ट रूप से उन्हें जानने में मदद करें। त्योहारों का हमारे समाज पर भी नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है, यदि हम उन्हें सही भावना में नहीं मनाते हैं। दीवाली के दौरान पटाखों को फोड़ते हुए वातावरण को गंभीर रूप से प्रदूषित करता है। जुआ सार्वजनिक और साथ ही पारिवारिक जीवन को परेशान करता है होली के दौरान, शराबी सड़कों पर बार-बार विवादों में संलग्न होते हैं।

मंदिरों को लाखों रुपयों में चलने वाले खर्चों से सजाया जाता है जो कि भूख को खिलाने में या देश के आर्थिक विकास के लिए बेहतर इस्तेमाल किया जा सकता है। रंग होली का जरूरी विषय है लेकिन उन पर न तो छिड़ना चाहिए जो विरोध करते हैं और विरोधियों के साथ स्कोर तय करने के लिए इस्तेमाल नहीं करते हैं। पटाखों को फोड़ते समय कम से कम किया जाना चाहिए त्योहार सादगी और शांतिपूर्ण तरीके से मनाया जाना चाहिए। धार्मिक त्योहारों के दौरान अन्य समुदायों से संबंधित लोगों को आमंत्रित किया जाना चाहिए। इससे राष्ट्रीय एकीकरण और सांप्रदायिक सौहार्द को बढ़ावा देने में मदद मिलेगी।

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भारत के राष्ट्रीय पर्व पर निबंध । National Festival of India in Hindi

भारत का राष्ट्रीय पर्व

भारत के राष्ट्रीय पर्व, भारत में विभिन्नता का ख्याल रखना एक महत्वपूर्ण मूल्य है। यह विभिन्न सांस्कृतिक और सामाजिक परंपराओं को समर्थन करता है और विभिन्न समुदायों को एक साथ जीने का अवसर प्रदान करता है। राष्ट्रीय पर्वों के माध्यम से लोग एक साथ आते हैं और राष्ट्रीय एकता का भावना सुदृढ़ करते हैं। इन पर्वों के माध्यम से हम अपने देश के वीर सुपूतों को याद करते हैं और उनके बलिदान को सलाम करते हैं।

ये राष्ट्रीय पर्व भारतीय जन-मानस में वीरता, समर्पण और एकता के भावनाओं को जागृति करते हैं। इन पर्वों के माध्यम से हम अपने राष्ट्र के शौर्य पूर्ण इतिहास को याद करते हैं और उन वीरों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं जिन्होंने अपने जीवन का समर्पण देश की स्वतंत्रता और गौरव के लिए किया। यह भारतीय समुदाय को एक बड़े परिवार के रूप में महसूस कराता है और उन्हें अपने राष्ट्र के लिए समर्पित होने का एक मार्ग प्रशस्त करता है।

भारत एक ऐसा देश है जो विविधता में अमूर्त है। यहाँ पर्वों का अनूठा और भव्य आयोजन होता है, जिनसे लोग आपसी सम्बंधों को मजबूत बनाते हैं और अपने विभिन्न सांस्कृतिक धारणाओं को मानते हैं। राष्ट्रीय पर्वों को विशेष महत्व दिया जाता है, जिनमें गांधी जयंती , गणतंत्र दिवस और स्वतंत्रता दिवस शामिल हैं। इन अवसरों पर देश भर में सभी स्कूल, कालेज, कार्यालय और बाजार बंद होते हैं और लोग उन्हें समर्पित करते हैं। यह समाज के विभिन्न वर्गों को एक साथ आने का अवसर प्रदान करता है और सांस्कृतिक कार्यक्रमों, गाने, और भोजन के माध्यम से उनके एकत्रित होने का उत्साह देता है। यह सब विभिन्न समुदायों के बीच एकता और शांति के संकेत के रूप में हैं।

भारतीयों के राष्ट्रीय पर्व

भारतीयों के राष्ट्रीय पर्व उन विशेष अवसरों को संकेतित करते हैं जो भारत के ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व को मनाते हैं। ये त्योहार राष्ट्रीय एकता, धार्मिक सहमति और स्वतंत्रता की भावना को बढ़ाते हैं। इन अवसरों पर, विभिन्न समुदायों और धर्मों के लोग एक साथ आते हैं और अपने संस्कृति और सांस्कृतिक धरोहर को समर्थन करते हैं। ये पर्व भारतीय समाज को एकजुट करने और राष्ट्रीय अभिवादन के रूप में महत्वपूर्ण योगदान करते हैं।

स्वतंत्रता दिवस

15 अगस्त 1947 को भारत को आजादी मिली थी और उस दिन से हर साल 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस के रूप में मनाया जाता है। यह एक महत्वपूर्ण राष्ट्रीय उत्सव है जो हमें हमारे देश की महानता और उसके वीर सुपूतों की साहसी यात्रा को याद करने के लिए मौका प्रदान करता है। इस दिन हम स्वतंत्रता सेनानियों को भी श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं जिन्होंने देश की स्वतंत्रता के लिए अपने प्राणों की आहुति दी। उनके वीरता और समर्पण को स्मरण करते हुए, हम आज भी आजाद भारत के लिए कैसे अभिमानी हैं, यह अहसास होता है।

स्वतंत्रता दिवस समारोह

लाल किले में स्वतंत्रता दिवस के उपलक्ष्य में विशेष आयोजन होता है, जिसमें देश के प्रधान मंत्री राष्ट्रीय ध्वज को फहराते हैं। 15 अगस्त 1947 को भारत को ब्रिटिश शासन से आजादी मिली थी और उसी दिन पंडित जवाहरलाल नेहरू ने लाल किले से राष्ट्रीय ध्वज को फहराया था, जिससे इस अवसर का महत्व और गरिमा बढ़ती है। इस दिन के आयोजन देश भर में स्थानीय स्तर पर भी आम जनता द्वारा उत्साहिती से आयोजित किए जाते हैं।

यह एक ऐतिहासिक दिन है जिसे हम स्वतंत्रता और आजादी के भावनाओं के साथ मनाते हैं। यह उत्सव हमें दिखाता है कि कैसे हमारे पूर्वजों ने गुजारे दशकों में उन आजादी की लड़ाई में अपने प्राणों का बलिदान किया था ताकि आज हम एक स्वतंत्र और समृद्ध देश में जी सकें।

स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर हर साल 21 बंदूकों की सलामी दी जाती है। प्रधानमंत्री देश के नागरिकों को अपने भाषण से संबोधित करते हैं। देश के विभिन्न हिस्सों में झंडा फहराने के कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। इस मौके पर स्कूल, कॉलेज, कार्यालयों और आवासीय क्षेत्रों में सांस्कृतिक कार्यक्रम और पतंग उड़ाने की प्रतियोगिताएँ भी आयोजित की जाती हैं।

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स्वतंत्रता दिवस के मनाने के स्कूलों में महत्व:

  • स्वतंत्रता सेनानियों को याद करने के लिए: स्वतंत्रता दिवस के समारोह का प्रमुख उद्देश्य है स्वतंत्रता सेनानियों को समर्पण और बलिदान का सम्मान देना। इसके माध्यम से छात्रों को उन महान व्यक्तियों के योगदान के बारे में जानकारी मिलती है जिन्होंने देश की स्वतंत्रता के लिए संघर्ष किया।
  • स्वतंत्रता संघर्ष की महत्वपूर्ण घटनाओं के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए: स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर स्कूलों में छात्रों को अंग्रेज शासन के दौरान भारतीय स्वतंत्रता संघर्ष की महत्वपूर्ण घटनाओं के बारे में जानकारी मिलती है, जिससे उन्हें इतिहास की महत्वपूर्ण पाठशाला मिलती है।
  • स्वतंत्रता के भावना को प्रोत्साहित करने के लिए : स्वतंत्रता दिवस समारोह छात्रों को वे भावनाएँ और गर्व प्रदान करता है जो भारतीय स्वतंत्रता संघर्ष के पीछे थीं। यह छात्रों को अपने देश के प्रति आदर्श और बौद्धिकता की ओर मोड़ने में मदद करता है।
  • देशभक्ति की भावना को प्रोत्साहित करने के लिए: यह उत्सव युवा पीढ़ी के भीतर देशभक्ति की भावना को जाग्रत करने का एक सुनहरा मौका प्रदान करता है, जो अब के युवाओं के बीच अक्सर कमी दिखाई देती है।

गणतंत्र दिवस

26 जनवरी को भारत का संविधान लागू हुआ था और उस दिन से ही हम गणराज्य बन गए। इस खास दिन को हर साल गणतंत्र दिवस के रूप में उत्साह और गर्व से मनाते हैं। नई दिल्ली के राजपथ पर आयोजित गणतंत्र दिवस समारोह में परेड, नृत्य और विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रम होते हैं जो हमारे संविधान का सम्मान करते हैं।

26 जनवरी को भारतीय गणराज्य के गठन की खुशी मनाई जाती है और राष्ट्रपति राजपथ, नई दिल्ली में राष्ट्रीय ध्वज फहराते हैं। इसके बाद, भारतीय सेना द्वारा दृढ़ रेखा समारोह आयोजित किया जाता है और विभिन्न राज्यों के प्रतिनिधित्व द्वारा विभिन्न संस्कृतियों का प्रदर्शन किया जाता है। स्कूल और कॉलेजों में भी विभिन्न कार्यक्रम आयोजित होते हैं। इस दिन को सैनिकों को याद करने और सम्मानित करने के रूप में मनाने का एक खास तरीका माना जाता है। राष्ट्रपति भी उपाधियों से सम्मानित करते हैं।

आपने सही बताया है, इस दिन सैनिकों की बहादुरी को याद किया जाता है और उन्हें सम्मानित किया जाता है। राष्ट्रपति द्वारा अशोक चक्र और कीर्ति चक्र के माध्यम से उन्हें सम्मान दिया जाता है। इसके अलावा, विभिन्न राज्यों के गवर्नर अपने संबंधित राज्यों में राष्ट्रीय ध्वज को फहराते हैं, और स्कूल, कॉलेज, कार्यालय, और अन्य संस्थानों में विभिन्न समारोह और कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं, जिनमें सैनिकों के साथ-साथ देश के संविधान के महत्व को भी महसूस किया जाता है।

गणतंत्र दिवस का महत्व

गणतंत्र दिवस भारत के लिए एक महत्वपूर्ण और गर्व का दिन है। यह दिन संविधान के निर्माण को याद करने और उसकी महत्वपूर्ण भूमिका को समझाने का एक अच्छा अवसर प्रदान करता है। इसके अलावा, यह युवा पीढ़ी को उनके देश के नेतृत्व और नागरिक उत्साह को बढ़ाने के लिए एक अच्छा अवसर है।

भारतीय संविधान के महत्व को समझाने के लिए, 26 जनवरी 1950 को भारतीय संविधान का निर्माण किया गया था, और इस दिन स्कूलों में छात्रों को इसके महत्व के बारे में जागरूक करने के लिए उत्साहित किया जाता है। दूसरे शब्दों में, यह दिन छात्रों को भारतीय संविधान के महत्व को समझाने के लिए मनाया जाता है। वे समय के दौरान जिस प्रकार से नेताओं और उनके सामने आने वाली मुश्किलों और चुनौतियों का सामना करते हैं और उनसे प्रेरित होते हैं, वह भाषण के माध्यम से समझाते हैं। इस रूप में, गणतंत्र दिवस एक अच्छा उपाय है जो युवा पीढ़ी को उनके देश के पास लाने के लिए प्रेरित करता है।

विशेष उत्सव का समय

गणतंत्र दिवस को प्रति वर्ष विशेष आनंद और गौरव के साथ मनाया जाता है। नई दिल्ली, भारत की राजधानी, में एक विशेष गणतंत्र दिवस समारोह आयोजित होता है। यहाँ पर भारत के राष्ट्रपति राजपथ में राष्ट्रीय ध्वज फहराते हैं और राष्ट्रीय गान का आरम्भ होता है। इसके बाद, एक विशेष परेड और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है। इस अवसर पर वीरता पुरस्कार भी वितरित किए जाते हैं।

गांधी जयंती

2 अक्टूबर को गांधी जयंती मनाने से हम राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को उनके योगदान और विचारों की स्मृति में याद करते हैं। उन्होंने सत्याग्रह और अहिंसा के सिद्धांतों का पालन करके भारत को स्वतंत्रता दिलाने के लिए संघर्ष किया था। उनके नेतृत्व में भारत ने अंग्रेजी साम्राज्य का अंत किया था। उनकी अद्भुत व्यक्तित्व और विचारों ने लोगों को एक साथ आने और स्वतंत्रता के लिए संघर्ष करने के लिए प्रेरित किया।

गांधी जयंती उत्सव

महात्मा गांधी, राष्ट्र के पिता, का जन्म 2 अक्टूबर को हुआ था। उनकी जयंती को विशेष रूप से याद किया जाता है क्योंकि वे एक लोकप्रिय नेता थे। इस दिन, उनकी मूर्तियों को फूलों से सजाया जाता है और विभिन्न शैक्षणिक संस्थानों और कार्यालयों में विशेष कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। वहाँ भाषणों द्वारा उनकी उपलब्धियों और योगदान के बारे में चर्चा की जाती है। उपयुक्त श्रद्धांजलि व्यक्त करने के लिए विभिन्न मंत्रियों द्वारा उनके स्मारकों का दौरा किया जाता है। देशभक्ति गीतों की गायन सभाएं भी आयोजित की जाती हैं और चित्रकला और निबंध प्रतियोगिताओं का आयोजन भी होता है।

गांधी जयंती उत्सव का महत्व

गांधी जयंती को स्कूलों में मनाने के निम्नलिखित महत्वपूर्ण कारण हैं:

  • युवा को गांधीजी के विचारों से प्रेरित करने के लिए: महात्मा गांधी को देश के पिता के रूप में माना जाता है। उनके विचारों और आदर्शों को जानकर, छात्रों को सजीव उपदेश मिलता है और वे उनके मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित होते हैं।
  • देशभक्ति भावना को बढ़ाने के लिए: महात्मा गांधी एक सच्चे देशभक्त थे और उनके योगदान को समझकर, छात्रों को अपने देश के प्रति अपनी भावना को स्थापित करने के लिए प्रेरित किया जाता है।

इस तरह, गांधी जयंती का उत्सव स्कूलों में अहम भूमिका निभाता है और छात्रों को महात्मा गांधी के मूल्यों और सिद्धांतों के प्रति समर्पित करने के लिए प्रेरित करता है।

सत्य और अहिंसा के मार्ग का पालन करने की प्रेरणा

महात्मा गांधी जी की विचारधारा एक अद्वितीय और अत्यधिक प्रेरणादायक थी। उन्होंने अहिंसा और सत्य के मार्ग पर चलने का प्रेरणा दिया और इसे अपने जीवन में अमल में लाया। उनके आदर्शों ने स्वतंत्रता संघर्ष को एक नए दिशा दी और उन्होंने देश को एक शक्तिशाली आंदोलन के रूप में एकजुट किया। गांधी जी की विचारधारा न केवल उनके समय के लिए बल्कि आज भी हमारे लिए एक महत्वपूर्ण संदेश है। उनके जन्मदिन को गांधी जयंती के रूप में मनाकर हम उनकी महान विचारधारा को याद करते हैं और उसे अपने जीवन में अमल में लाने के लिए प्रेरित होते हैं।

भारत के राष्ट्रीय त्योहारों के महत्व पर 10 लाइन

  • स्वतंत्रता दिवस, गणतंत्र दिवस और गांधी जयंती भारत के राष्ट्रीय त्योहार हैं।
  • ये त्योहार राष्ट्रवाद और देशभक्ति को प्रेरित करते हैं।
  • धर्मों के अनुसार, लोग एकसाथ उत्सव मनाते हैं।
  • ये त्योहार विभिन्न समुदायों को एक साथ लाते हैं और एकता बढ़ाते हैं।
  • स्कूलों, कार्यालयों, बाजारों और आवास समितियों को तिरंगे रंग से सजाया जाता है।
  • विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रम और प्रतियोगिताएं आयोजित की जाती हैं।
  • गांधी जयंती पर बापू की विचारधारा को याद किया जाता है और उनकी प्रेरणा मिलती है।
  • ये उत्सव हमारे इतिहास, स्वतंत्रता संग्राम और संविधान के महत्व को बताते हैं।
  • युवाओं को नागरिकता और राष्ट्रभक्ति की महत्वपूर्ण सीखें देते हैं।
  • ये त्योहार भारतीय समुदाय के विभिन्न घटकों को एक साथ आने के लिए एक अवसर प्रदान करते हैं।

यह त्योहार हमें भारतीय राष्ट्रीयता और स्वतंत्रता के महत्वपूर्ण अध्यायों की याद दिलाते हैं। स्वतंत्रता दिवस हमें आजादी की लड़ाई और उसके महान संघर्षों की याद दिलाता है। गणतंत्र दिवस भारतीय संविधान के उत्थान की खुशी मनाता है और हमारे लोकतांत्रिक आदर्शों का महत्वपूर्ण हिस्सा है। गांधी जयंती हमें अहिंसा और सत्य के मार्ग पर चलने का संकल्प दिलाती है। ये त्योहार एकता और राष्ट्रीय आत्मगौरव की भावना को उत्तेजित करते हैं और भारतीय समाज की गरिमा को उचित मानते हैं।

भारत में कुछ महत्वपूर्ण राष्ट्रीय पर्व हैं, जैसे कि गणतंत्र दिवस, स्वतंत्रता दिवस, गांधी जयंती, रक्षाबंधन, दीपावली, होली, ईद-उल-फित्र और ईद-उल-अज़हा।

भारतीय समुदाय में गणतंत्र दिवस और स्वतंत्रता दिवस सबसे अधिक महत्वपूर्ण राष्ट्रीय पर्व होते हैं।

भारत का राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा होता है, जिसमें सफेद, केसरिया, और हरा रंग होते हैं।

सबसे अधिक लोकप्रिय राष्ट्रीय पर्व दीवाली होता है, जो रोशनी, खुशियों, और समृद्धि का प्रतीक है।

भारत में हिंदू, मुस्लिम, सिख, और ईसाई धर्मों के अलग-अलग राष्ट्रीय पर्व मनाए जाते हैं।

भारतीय समुदाय में सबसे बड़ा राष्ट्रीय पर्व दीपावली होता है, जो खुशियों का त्योहार है।

हां, हॉकी को भारत का राष्ट्रीय खेल माना जाता है, और हॉकी की महत्ता को ध्यान में रखते हुए कई त्योहार आयोजित किए जाते हैं।

राष्ट्रीय पर्वों पर स्कूल, कॉलेज, और सार्वजनिक स्थानों पर संस्कृतिक कार्यक्रम, प्रतियोगिताएं, और उत्सव आयोजित किए जाते हैं।

गणतंत्र दिवस भारतीय संविधान के अधोध्यायन और प्रभावी रूप से लागू होने का पर्व होता है।

राष्ट्रीय पर्वों का मुख्य उद्देश्य राष्ट्रीय एकता, सामाजिक सद्भावना, और समृद्धि को प्रोत्साहित करना होता है।

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हमारे राष्ट्रीय त्योहारों का महत्त्व हिंदी निबंध – Importance of Our National Festivals Essay in Hindi

राष्ट्र की एकता और राष्ट्रप्रेम के प्रतीक.

राष्ट्रीय त्योहार सारे राष्ट्र के होते हैं। वे प्रांतीयता, सांप्रदायिकता, जातीयता के बंधन से मुक्त होते हैं । राष्ट्र के सभी नागरिक उन्हें अपना मानते है और धूमधाम से मनाते हैं। ये त्योहार हमारी राष्ट्रीय एकता के प्रतीक हैं। इनके द्वारा हमारा राष्ट्रप्रेम प्रकट होता है। स्वतंत्रता दिवस, गणतंत्र दिवस, टिळक जयंती और गांधी जयंती जैसे त्योहार सारे भारत में मनाए जाते हैं । इन्हें हिंदू, मुसलमान, पारसी, ईसाई सभी अपना मानते हैं । दूरदर्शन एवं आकाशवाणी पर इन त्योहारों से संबंधित विशेष कार्यक्रम पेश किए जाते है। सभी प्रांतों के सभी वर्गों द्वारा इन दिनों उल्लास प्रकट किया जाता है। सारे भेदभाव मिट जाते हैं। सारा भारत राष्ट्रीय एकता और प्रेम के रंग में डूब जाता है।

राष्ट्रीय घटनाओं का स्मारक

राष्ट्रीय त्योहारों के पीछे कुछ विशेष घटनाएँ होती हैं। इन त्योहारों को मनाकर हम कई ऐतिहासिक अथवा राष्ट्रीय घटनाओं की यादें अमर बनाए रखते हैं। ये घटनाएँ हमें प्रेरणा और संदेश देती है। १५ अगस्त के दिन हम प्रतिज्ञा करते हैं कि हम अपनी स्वतंत्रता की रक्षा करेंगे और उसके लिए हर कुर्बानी देने के लिए हरदम तैयार रहेंगे। २६ जनवरी के दिन हम संकल्प करते हैं कि हम भारत को एक आदर्श और महान लोकतंत्र देश बनाएँगे। प्रभुसत्ता हमेशा जनता के हाथ में रहेगी और शासन का काम केवल जनता की सेवा करना होगा।

राष्ट्रीय पुरुषों के संदेशवाहक

टिळक और गांधी जैसे महान नेताओं के जन्मदिन हमें देशप्रेम और देशसेवा की प्रेरणा देते हैं। राष्ट्रीय त्योहारों के साथ राष्ट्र के महान, त्यागी, वीर, बलिदानी पुरुषों का जीवन भी जुड़ा रहता है। इन त्योहारों के अवसरों पर हम उनका पवित्र स्मरण करते हैं। उनके उज्ज्वल चरित्र से शिक्षा ग्रहण करते हैं। विवेकानंद, टिळक, गांधी, नेहरू, सरदार पटेल, भगतसिंह आदि के चरित्र भारतवासियों को राष्ट्रीयता का पाठ पढ़ाते हैं। उनकी याद हमारी भावना को चेतना और बल देती है।

सचमुच, राष्ट्रीय त्योहार-हमारे राष्ट्रीय उत्सव-राष्ट्रीयता की भावना के पोषक होते हैं। उनसे हमें स्वदेशाभिमान तथा स्वदेशप्रेम की शिक्षा मिलती है। उन्हें प्रेम, उमंग और उल्लास के साथ मनाकर हम भारतमाता की ही पूजा करते हैं।

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Rakesh more.

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essay on national festival in hindi

ये हैं भारत के राष्ट्रीय पर्व…

National Festivals of India in Hindi

भारत एक ऐसा देश है, जहां अलग-अलग जाति, धर्म और समुदाय के लोग रहते हैं। यहां के लोगों के रहन-सहन, भाषा, संस्कृति और परंपरा में काफी अंतर है, इतनी विविधता होने के बाद भी हम सभी भारतीय एक है।

भारत में सभी धर्म के लोग अपने-अपने अंदाज में और अपने-अपने तरीके से त्योहारों को मनाते हैं, लेकिन सभी त्योहारों का मकसद प्रेम, परोपकार, आपसी भाईचारा, सोहार्द, उपकार, सामाजिकता ही है।

इन धार्मिक त्योहारों के अलावा भी भारत में कुछ ऐसे त्योहार भी हैं, जो किसी विशेष जाति या समुदाय के द्धारा नहीं मनाया जाता हैं, बल्कि इन त्योहारों को राष्ट्र के सभी लोग मिलजुल कर मनाते हैं। इन त्योहारों को हम राष्ट्रीय पर्व का नाम देते हैं।

National festivals of India

भारत के राष्ट्रीय पर्व – National Festivals of India

गांधी जयंती, गणतंत्र दिवस और स्वतंत्रता दिवस को हमारे देश में राष्ट्रीय पर्व के रुप में मनाया जाता है। यह राष्ट्रीय पर्व हम सभी भारतीय को एकता के सूत्र में बांधे रखते हैं और हमारे अंदर नई ऊर्जा भरते हैं और देशभक्ति की भावना पैदा करते हैं।

इन राष्ट्रीय पर्वों पर भारत सरकार ने राष्ट्रीय अवकाश भी घोषित किया है। इन पर्वों पर स्कूल, कॉलेज, सरकारी दफ्तर और बाजार बंद रहते हैं।

आपको बता दें कि राष्ट्रीय पर्वों पर हम सभी भारतीय देश के उन महान स्वतंत्रता सेनानियों और देश के वीर सपूतों को याद करते हैं, जो देश को आजाद करवाने के लिए अपने पूरे जीवन भर संघर्ष करते रहे और जिन्होंने देश की रक्षा के लिए अपने प्राणों की आहुति दे दी।

इसके साथ ही राष्ट्रीय पर्वों पर उनकी वीरता के किस्से सुनाए जाते हैं और श्रद्धांजली अर्पित की जाती है। 15 अगस्त और 26 जनवरी के दिन भारत के प्रधानमंत्री दिल्ली के लाल किले में झंडा फहराते हैं।

इसके अलावा स्कूल, कॉलेजों, सरकारी दफ्तरों, राजनीतिक कार्यालयों में सभी जगह तिरंगा झंडा फहराया जाता है। इस दौरान स्कूल, कॉलेजों में देशभक्ति के कई सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है। खेल-कूद, निबंध लेखन प्रतियोगिताएं आयोजित होती हैं।

वहीं इन राष्ट्रीय पर्व के दौरान होने वाली परेड की रिर्हसल कई महीनों पहले से ही शुरु हो जाती है। इसके साथ ही इन राष्ट्रीय पर्वों के दौरान उत्कृष्ट काम करने वाले लोगों को सम्मानित भी किया जाता है।

वहीं राष्ट्रीय पर्वों को आजकल सोशल नेटवर्किंग साइट पर भी विशेष तरीके से मनाया जाता है। लोग एक-दूसरे को इस पर्व की बधाई देते हैं। इस दिन पूरा राष्ट्र देशभक्ति में डूबा नजर आता है।

इन राष्ट्रीय पर्वों का हमारे देश में अपना एक अलग महत्व है, इन पर्वों को हमारे देश में पूरे जोश और उत्साह के साथ मनाया जाता है। इन पर्वों के माध्यम से लोगों में देशभक्ति की भावना जाग्रत होती है। हम अपने इस लेख में आपको भारत के राष्ट्रीय पर्वों – National Festivals of India  के बारे में बता रहे हैं जो कि इस प्रकार हैं –

स्वतंत्रता दिवस – Independence Day

स्वतंत्रता दिवस, भारत के राष्ट्रीय पर्वों में से एक है। स्वतंत्रता दिवस को हमारे देश में पूरे जोश और उत्साह के साथ मनाया जाता है। 15 अगस्त को हर साल हमारे देश में स्वतंत्रता दिवस मनाया जाता है क्योंकि, इसी दिन साल 1947 में कई सालों तक अंग्रेजों की गुलामी करने के बाद और उनके अत्याचारों के सहने के बाद हमारा भारत देश, ब्रिटिश राज से आजाद हुआ था।

भारत देश को आजाद करवाने के लिए सुभाषचंद्र बोस , भगत सिंह , चन्द्र शेखर आजाद , सरदार बल्लभ भाई पटेल , महात्मा गांधी, लाला लाजपत राय , बालगंगाधऱ तिलक और पंडित जवाहर लाल नेहरू समेत तमाम महान स्वतंत्रता सेनानी और देश के कई महान सपूतों ने अपना पूरे जीवन भर संघर्ष किया और आजादी के लिए कई लड़ाईयां लड़ी, यही नहीं इन्होंने देश की खातिर अपने प्राणों को आहुति दे दी।

भारत के इन वीर सपूतों की वजह से ही आज हम आजाद भारत में चैन की सांस ले पा रहे हैं। इसलिए इनके सम्मान में और इनके त्याग, बलिदान और आत्मसमर्पण को याद करने के लिए स्वतंत्रता दिवस को हर साल 15 अगस्त को राष्ट्रीय पर्व के रुप में मनाया जाता हैं।

15 अगस्त, 1947 की पूर्व संध्या पर, आजाद भारत के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू ने राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा झंडा को लाल किले पर गर्व के साथ फहराया था, तभी से लेकर अब तक स्वतंत्रता दिवस के मौके पर भारत के प्रधानमंत्री दिल्ली के लाल किले पर झंडा फहराते हैं और इस मौके पर देश के महान स्वतंत्रता सेनानियों और वीर सपूतों के द्धारा देश के लिए दिए गए त्याग, बलिदान और याद करते हैं और शहीदों की प्रतिमा पर श्रद्धासुमन अर्पित कर उन्हें भावपूर्ण श्रद्धांली देते हैं।

देश के प्रधानमंत्री, राष्ट्रीय पर्व के मौके पर भाषण देते हैं, इसके अलावा इस दौरान उत्कृष्ठ काम करने वालों को सम्मानित किया जाता है। इस मौके पर स्कूल, कॉलेजों, सरकारी दफ्तरों में भी झंडा फहराया जाता हैं।

कई दौरान कई सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है, निबंध लेखन, भाषण, खेल-कूद प्रतियोगिताएं आयोजित होती हैं। इसके अलावा लोग देशभक्ति के गीत गाते हैं, खास नृत्य करते हैं और अपने-अपने तरीके से लोग देश के वीर जवानों को याद कर उन्हें नमन करते हैं और उनके पथ पर चलने का संकल्प लेते हैं।

देश के हर राज्यों, जिलों, गांवों समेत देश के कोने-कोने में लोग अपने-अपने स्तर पर आजादी के इस पर्व को मनाते हैं, इस दिन हर कोई देशप्रेम और देशभक्ति की भावना में डूबा रहता है। काफी संघर्ष और लड़ाई लड़ने के बाद इस दिन भारत के महान क्रांतिकारी और स्वतंत्रता सेनानी ने आजादी हासिल की थी।

इसके लिए कई आंदोलन लड़े, जिसमें देश के वीर जवानों की जान भी चली गई। इस दौरान देश के क्रांतिकारी नेताओं ने गुलामी का दंश झेल रही जनता में आजाद भारत में रहने की इच्छा प्रकट की और स्वतंत्रता आंदोलन में ज्यादा से ज्यादा लोगों को शामिल किया, आजादी की लड़ाई में कई भारतीय लोगों ने भी बढचढ़ कर हिस्सा लिया तो वहीं कई भारतीयों को इसमें अपनी जान से भी हाथ धोना पडा।

वहीं अगर देश की आजादी के इतिहास पर गौर करें तो 17 वीं सदी से ही आजादी की लड़ाई शुरु हो गई थी। दरअसल, यूरोपीय व्यापारियों ने 17वीं सदी से ही भारतीय उपमहाद्धीप में खुद को स्थापित करने में लग गए थे।

1757 में प्लासी की लड़ाई और 1764 में हुए बक्सर का युद्ध में भारत अपनी क्षमता का भलीभांति प्रदर्शन करने में नाकामयाब रहा और यह लड़ाईयां हार गया, जिसके बाद अंग्रेजों ने बंगाल पर ब्रिटिश ईस्ट कंपनी द्धारा शिकंजा कसा और अपने शासन को और ज्यादा शक्तिशाली और मजबूत बनाने के लिए कई नई नियम बनाए।

वहीं 18वीं सदी के आखिरी तक ब्रिटिश की ईस्ट इंडिया कंपनी ने भारत के कई स्थानीय राज्यों में अपना कब्जा कर लिया था। कंपनी के कड़क नियम – कानून से भारतीय जनता में भारी असंतोष पैदा हो गया था और तभी से विदेशी शासन के प्रति नफरत पैदा गई थी।

इसी के चलते 1857 के विद्रोह ने जन्म लिया। इस महान क्रांति की शुरुआत 10 मई, 1857 में मेरठ से हुई थी। 1857 की क्रांति को भारत की आजादी की पहली लड़ाई माना जाता है, इस विद्रोह में नाना साहब , तात्या टोपे , महारानी लक्ष्मी बाई , बाबू कुंवर सिंह, रानी अवंति बाई , बेगम हजरत महल जैसे महान क्रांतिकारियों ने अहम भूमिका निभाई, इससे आजादी तो हासिल नहीं हो सकी, लेकिन अंग्रेजों को भारतीयों की ताकत का अंदाजा लग गया था, तभी से भारत में ईस्ट इंडिया कंपनी की दमनकारी नीतियां कमजोर पड़ने लगी थीं।

1857 के विद्रोह की खास बात यह रही कि यहीं से भारतीयों के दिल में अंग्रेजों के प्रति और अधिक घृणा पैदा हो गई थी। वहीं 1857 के विद्रोह के बाद 1858 में ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी के हाथों से भारत का शासन छीन लिया गया था और इसे ब्रिटिश क्राउन अर्थात ब्रिटेन की राजशाही के हाथों को सौंप दिया गया था।

इस विद्रोह की लहर काफी भड़क उठी थी, जिसके बाद 1885 से 1905 तक राष्ट्रवाद की लड़ाई का नेतृत्व गोपाल कृष्ण गोखले , दादाभाई नौरोजी और मदन मोहन मालवीय जैसे महान क्रांतिकारियों ने किया, जो कि उदारवादी राजनीतिक विचारधारा के थे।

वहीं 19वीं शताब्दी के आखिरी में बाल गंगाधर तिलक, लाला लाजपत राज, बिपिन चन्द्र पाल ने भारतीय जनता में अंग्रेजों के खिलाफ रोष पैदा किया और एकजुट होकर स्वराज्य की मांग की। इस दौरान महात्मा गांधी के अहिंसक आंदोलन सविनय अवज्ञा आंदोलन, अहसहयोग आंदोलन ने राष्ट्र में जन आंदोलनों को नई दिशा दी और भारत में ब्रिटिश शासन की नींव को हिला कर रख दिया।

1885 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी का गठन हुआ। 1929 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस द्धारा पूर्ण स्वराज की मांग की गई, जिसके बाद 15 अगस्त 1947 को भारत को स्वतंत्र देश घोषित कर दिया गया।

इस तरह भारत देश की आजादी की लड़ाई में कई महान क्रांतिकारियों और स्वतंत्रता सेनानियों में अपना बलिदान दिया, जिन्हें याद करने के लिए और देश के वीर सपूतों को याद करने के लिए 15 अगस्त को राष्ट्रीय पर्व के रुप में मनाते हैं।

15 अगस्त का पर्व मुख्य रुप से स्वतंत्रता सेनानियों को श्रद्दांजली अर्पित करने के लिए, आज की युवा पीढ़ी को स्वतंत्रता संघर्ष का महत्व समझाने के लिए और देश भक्ति की भावना जागृत करने के लिए मनाया जाता है। इस दिन पूरा देश देशभक्ति में सराबोर रहता है।

शहीदों की चिताओं पर लगेंगे हर बरस मेले, वतन पे मर मिटनेवालों का बाकी यही निशाँ होगा !!

गणतंत्र दिवस – Republic Day

भारत में गणतंत्र दिवस को भी राष्ट्रीय पर्व के रुप में मनाते हैं। यह हमारे राष्ट्र के लिए बेहद महत्वपूर्ण और गौरवशाली दिन हैं। राष्ट्रीयता के इस पर्व को हर धर्म, जाति और समुदाय के लोग मिलजुल कर मनाते हैं। सभी देशवासी पूरे जोश, उत्साह, सम्मान और देश प्रेम की भावना के साथ गणतंत्र दिवस के पर्व को धूमधाम से मनाते हैं।

आपको बता दें कि 26 जनवरी, 1950 के दिन ही हमारा देश का संविधान लागू हुआ था और उसी दिन से हमारा देश भारत एक संप्रभु, समाजवादी, लोकतंत्रात्मक और धर्मनिरपेक्ष गणराज्य बन गया था। इसी के उपलक्ष्य में हर साल 26 जनवरी को इसे गणतंत्र दिवस के रुप में मनाते हैं।

भारत के महान स्वतंत्रता सेनानी और क्रांतिकारियों के काफी संघर्ष और लड़ाई के बाद, हमारा देश भारत 15, 1947 को आजाद तो हो गया, लेकिन आजादी के बाद भी भारत एक स्वशासित देश नहीं था, इसके करीब ढ़ाई साल बाद 26 जनवरी, 1950 को भारत सरकार ने खुद का संविधान लागू किया और भारत को एक लोकतंत्रात्मक, प्रजातांत्रिक गणतंत्र घोषित किया।

आपको बता दें कि लगभग 2 साल, 11 महीने और 18 दिन बाद 26 जनवरी, 1950 को भारत के संविधान को भारत की संविधान सभा में पास किया गया और तभी से 26 जनवरी को राष्ट्रीय पर्व के रुप में मनाया जाने लगा।

आपको बता दें कि भारत का संविधान दुनिया का सबसे लंबा संविधान है, जिसमें 395 अनुच्छेद और 12 अनुसूचियां हैं और ये 22 हिस्सों में बांटा गया है। हमारे संविधान में भारत के सभी नागरिक को 6 मौलिक अधिकार दिए गए हैं।

संविधान के आधार पर सभी भारतीय नागरिकों को समानता का अधिकार प्राप्त है, स्वतंत्रता का अधिकार है, शोषण के खिलाफ अधिकार प्राप्त है, धर्म की स्वतंत्रता का अधिकार प्राप्त है, शिक्षा और संस्कृति संबंधी अधिकार प्राप्त है और संवैधानिक उपचारों का अधिकार प्राप्त है।

आपको बता दें कि भारत के मूल संविधान में सात मौलिक अधिकार थे, लेकिन 44वें संविधान संशोधन के तहत संपत्ति के अधिकार को मौलिक अधिकार की सूची से हटाकर इसे संविधान के अनुच्छेद 300 (a) के तहत कानूनी अधिकार के रुप में रखा गया है।

संविधान की वजह से ही हमारे समाज में फैली छुआछूत और भेदभाव जैसे कुरीति को जड़ से खत्म कर दिया गया, महिलाओं को उनके अधिकार दिलवाए गए और भारत के सभी नागरिकों को अपनी मर्जी से नेता चुनने का अधिकार दिया गया, जिससे भारत देश का सही दिशा में विकास हो सके। राष्ट्रीयता के इस पर्व 26 जनवरी के दिन भारत सरकार ने राष्ट्रीय अवकाश भी घोषित किया है।

इस दिन स्कूल, कॉलेज समेत तमाम शिक्षण संस्थान और बाजार बंद रहते हैं। वहीं इस मौके पर दिल्ली के लाल किले और स्कूल-कॉलेजों और सरकारी दफ्तरों, राजनीतिक कार्यालय में तिरंगा झंडा फहराया जाता है और देश के लिए मर मिटने वाले भारत के महान क्रांतिकारियों और वीर सपूतों को याद किया जाता है और उन्हें सच्चे मन से श्रद्दासुमन अर्पित किए जाते हैं।

इस मौके पर देशभक्ति से जुड़े कई सांस्कृतिक और रंगारंग कार्यक्रम, नुक्कड़ नाटक, निबंध लेखन, भाषण प्रतियोगिताओं का भी आयोजन होता है।

गणतंत्र दिवस के मौके पर दिल्ली के राजपथ पर खास तरीके की परेड का आयोजन होता है, जिसमें भारत की जल, थल और वायु सेना द्धारा देश के सर्वोच्च पद पर विराजे व्यक्ति राष्ट्रपति को सलामी दी जाती है।

इस दौरान भारत की सैन्य शक्ति का प्रदर्शन किया जाता है। इसके अलावा सेना में इस्तेमाल किए जाने वाले शक्तिशाली हथियारों का भी प्रदर्शन किया जाता है। इस मौके पर हर राज्य अपनी खास झांकी भी निकालता है।

दिल्ली के राजपथ पर हर राज्य की झांकी निकाली जाती है, जिसमें उस राज्य की उसकी संस्कृति और परंपरा की अनूठी झलक दिखती है। राष्ट्रीयता के इस पर्व पर मार्च पास्ट भी किया जाता है। वहीं देश के प्रधानमंत्री देश के लिए अच्छे काम करने वाले को सम्मानित करते हैं साथ ही देश की एकता और अखंडता बनाए रखने का संकल्प लेते हैं।

इस दिन पूरा देश देशभक्ति में सराबोर दिखता है, हर तरफ राष्ट्रगान, वंदे मातरम , जय हिन्द, भारत माता की जय, की गूंज सुनाई देती है। हर कोई अपने-अपने तरीके से देश के लिए जान देने वाले वीर सपूतों को नम आंखों से श्रद्धासुमन अर्पित कर श्रद्धांजली देते हैं और उनकी वीरता के किस्से सुनाते हैं।

गणतंत्र दिवस में आयोजित कार्यक्रमों के माध्यम से आज की युवा पीढ़ी में भारतीय संविधान के महत्व को समझाया जाता है। इसके साथ ही युवाओं को भारतीय संविधान के गठन और इसमें शामिल नेताओं के द्धारा सामना की जाने वाली चुनौतियों के बारे में भी बताया जाता है।

आज की युवा पीढ़ी को देश के वीर सपूतों के द्धारा दी गई कुर्बानियों के बारे में भी बताया जाता है ताकि उनके मन में देशभक्ति और देशप्रेम की भावना जागृत हो सके।

गांधी जयंती – Gandhi Jayanti

देश के राष्ट्रपिता और आजादी के महानायक महात्मा गांधी की जयंती हर साल 2 अक्टूबर को मनाई जाती है। गांधी जयंती को राष्ट्रीय पर्व के तौर पर पूरे देश में मनाया जाता है। महापुरुष महात्मा गांधी जी का जन्म 2 अक्टूबर 1869 को गुजरात के पोरबंदर शहर में एक हिंदू परिवार में हुआ था।

सत्य और अहिंसा के मार्ग पर चलने वाले महात्मा गांधी ने देश की आजादी की लड़ाई में अपनी महत्पूर्ण भूमिका अदा की और अपना पूरा जीवन देश के लिए कुर्बान कर दिया। उन्होंने शांति और सच्चाई के बल पर कई आंदोलन चलाए जिससे अंग्रेज, भारत छोड़कर भागने के लिए बेवस हो गए।

महात्मा गांधी, आजादी की लड़ाई के एक ऐसे महानायक थे, जिन्होंने अपने उच्च विचारों का प्रभाव न सिर्फ भारत में बल्कि पूरी दुनिया में छोड़ा है और अपने स्वतंत्रता आंदोलन के माध्यम से अंग्रेज सरकार की नाक पर दम कर दिया था। महात्मा गांधी को राष्ट्रपिता और बापू कहकर भी जाना जाता है। महात्मा गांधी की कुर्बानी की मिसाल आज भी दी जाती है।

2 अक्टूबर को भारत सरकार ने राष्ट्रीय अवकाश भी घोषित किया है, हालांकि गांधी जयंती पर अन्य दो राष्ट्रीय पर्व गणतंत्र दिवस और स्वतंत्रता दिवस जैसे भव्य उत्सवों का आयोजन नहीं होता है, लेकिन फिर भी इसने पूरे राष्ट्र की कल्पना को पकड़ लिया है क्योंकि यह दिन सभी को शांति, सद्भाव और प्रेम का संदेश देता है।

गांधी जयंती पर देश के राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और देश के गणमान्य नागरिकों द्धारा दिल्ली के राजघाट पर महात्मा गांधी के समाधी स्थल पर उन्हें विशेष रुप से श्रद्धांजली अर्पित की जाती है। इसके साथ ही इस मौके पर कई जगह गांधी जी की प्रतिमा को फूलों से सजाया जाता है। और कई शैक्षणिक संस्थानों, सरकारी दफ्तरों में कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है।

इसके अलावा महात्मा गांधी जी के जीवन और उनकी उपलब्धियों और उनके द्धारा देश के लिए दिए योगदान को बताने के लिए भाषण, निबंध लेखन प्रतियोंगिताओं का भी आयोजन किया जाता है, ताकि युवा पीढ़ी गांधी जी के बताए गए सच्चाई और अहिंसा के मार्ग पर चल सकें और उनसे प्रेरणा ले सकें। गांधी जयंती के मौके पर कई तरह की प्रार्थना सभाओं का भी आयोजन किया जाता है। देशभक्ति गीत गाए जाते हैं, गांधी जयंती पर मुख्य रूप से राघुपति राघव राजाराम गीत गाया जाता है।

गांधी जयंती के माध्यम से आज की युवा पीढ़ी को गांधी जी द्धारा बताए गए सत्य और अहिंसा के मार्ग का पालन करने की प्रेरणा दी जाती है। दरअसल, स्वतंत्रता संग्राम के दौरान गांधी जी ही एक ऐसे महापुरुष थे, जिनकी विचारधारा अन्य कई नेताओं से एकदम अलग थी, वे अन्त क्रांतिकारियों और स्वतंत्रता सेनानियों की तरह हिंसात्मक गतिविधियों पर यकीन नहीं करते थे, बल्कि उन्हें शांतिपूर्ण तरीके से आंदोलन करने पर भरोसा था। उनकी यह विचारधारा न केवल अपने समय के लोगों के लिए बल्कि आज की युवा पीढ़ी के लिए भी प्रेरणास्त्रोत है।

आपको बता दें कि साल 2014 में गांधी जंयती के मौके पर देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने स्वच्छ भारत अभियान की भी शुरुआत की थी, दरअसल बापू ने स्वच्छ भारत का सपना देखा था, इस अभियान के माध्यम से बापू के सपनों को पूरा करने की कोशिश की गई है।

हर साल 2 अक्टूबर को मनाई जाने वाली गांधी जयंती के माध्यम से लोगों में देशभक्ति की भावना जागृत होती है। दरअसल, महात्मा गांधी एक सच्चे देशभक्त थे, उनके रोम-रोम में देशप्रेम की भावना थी और यही भावना आज की युवा पीढ़ी के रगों में भरने के लिए गांधी जयंती को राष्ट्रीय उत्सव के रुप में मनाया जाता है।

गणतंत्र दिवस, स्वतंत्रता दिवस और गांधी जयंती को राष्ट्रीय उत्सव के तौर पर मनाए जाने से न सिर्फ आज की युवा पीढ़ी में देश भक्ति की भावना जागृत होती है बल्कि राष्ट्र के प्रति अपने मूल्यों को समझने में भी मद्द मिलती है। यह राष्टीय पर्व हर सभी भारतीयों को एकता के सूत्र में बांधते हैं और सभी को आपस में प्रेम और भाईचारे के साथ मिलजुल कर रहने का संदेश देते हैं।

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2 thoughts on “ये हैं भारत के राष्ट्रीय पर्व…”

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शिवांगी जी आपके रिसर्च से हम तक बहुत सारी ऐसी जानकारी पहुँचती है..जिससे हम पहले अनभिज्ञ रहते है..हम तक जानकारी पहुँचाने लिए बहुत बहुत आभार

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विविधता मे एकता हमारी पहचान । शिवांगी अग्रवाल जी आप की हर एक post unique & complete होती है । Thanks for sharing

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भारतीय त्योहारों पर निबंध

essay on national festival in hindi

By विकास सिंह

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भारत त्योहारों का देश है। यह विभिन्न धर्मों और संस्कृतियों के लोगों से मिलकर बना है और इस प्रकार कई धार्मिक त्योहार मनाता है। भारतीय तीन राष्ट्रीय त्योहार भी मनाते हैं।

भारत में त्योहारों का पूरे साल इंतजार किया जाता है और इसे बहुत ही धूमधाम के साथ मनाया जाता है। त्योहारी सीजन के दौरान पूरा माहौल खुशी और उत्साह से भरा होता है।

भारतीय त्योहारों पर निबंध, essay on indian festivals in hindi (200 शब्द)

भारतीय अपने त्योहारों को विशेष महत्व देते हैं। प्रत्येक वर्ष विभिन्न त्योहारों के उत्सव के लिए विशेष व्यवस्था की जाती है। गांव हों या बड़े शहर हों चारों तरफ खुशी है। त्यौहारों के मौसम के दौरान सभी स्थानों को अलंकृत किया जाता है। कुछ मुख्य भारतीय त्योहारों में दिवाली, होली, रक्षा बंधन, गणेश चतुर्थी, दुर्गा पूजा, दशहरा, पोंगल और भाई दूज शामिल हैं।

हमारे देश में लोग त्योहारों को अपने नजदीकियों के साथ मनाना पसंद करते हैं। प्रत्येक भारतीय त्योहार का उत्सव मनाने का अपना अनूठा तरीका है और लोग उसी उत्सव को मनाते हुए परंपरा का पालन करते हैं। हालांकि, कुछ चीजें आम हैं, उदाहरण के लिए लोग त्योहारों के दौरान अपने घरों को फूलों और रोशनी से सजाते हैं और नए कपड़े पहनते हैं। वे एक दूसरे से मिलने जाते हैं और उपहारों का आदान-प्रदान करते हैं। मेहमानों के इलाज के लिए घर पर विशेष मिठाइयाँ तैयार की जाती हैं।

भारत के लोग भी देश के राष्ट्रीय त्योहारों के लिए बहुत सम्मान रखते हैं। गांधी जयंती, स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस हमारे देश के तीन राष्ट्रीय त्योहार हैं। ये त्यौहार एकता और प्रगति का प्रतीक हैं। वे हमें हमारे देशभक्त नेताओं की याद दिलाते हैं जिन्होंने निस्वार्थ भाव से देश की सेवा की। राष्ट्रीय त्योहार समान उत्साह के साथ मनाए जाते हैं। इन त्योहारों के दौरान देशभक्ति की भावना से पूरा वातावरण भर जाता है।

सभी सभी, भारतीय धार्मिक और राष्ट्रीय त्योहारों को बहुत उत्साह के साथ मनाते हैं। बच्चों के साथ-साथ बड़ों को भी त्योहारों का इंतजार रहता है।

भारतीय त्योहारों पर निबंध, essay on indian festivals in hindi (300 शब्द)

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प्रस्तावना :

भारत में त्यौहार का समय छात्रों द्वारा विशेष रूप से पूरे वर्ष भर इंतजार किया जाता है। वे विभिन्न कारणों से त्योहारों की प्रतीक्षा करते हैं। इसका एक मुख्य कारण यह है कि त्योहारों के दौरान स्कूल और कॉलेज बंद रहते हैं और यह सांसारिक दिनचर्या और सख्त अध्ययन कार्यक्रम से राहत प्रदान करता है।

छात्र त्योहारों को भी पसंद करते हैं क्योंकि यह अपने चचेरे भाई और रिश्तेदारों से मिलने का समय है जो उन्हें उपहार के साथ शुभकामनाएं देते हैं। इसके अलावा, उन्हें बहुत सारी स्वादिष्ट मिठाइयाँ खाने और नए कपड़े पहनने को मिलते हैं।

स्कूलों / कॉलेजों में समारोह:

भारत में त्योहारों को न केवल परिवार के साथ घर पर मनाया जाता है, बल्कि स्कूलों और कॉलेजों में भी मनाया जाता है। त्योहारों के दौरान शैक्षिक संस्थान फूलों, रोशनी, सुंदर पोस्टर और रंगीन पर्दे के साथ तैयार किए जाते हैं। छात्रों को त्योहारों के रंग में जोड़ने के लिए जातीय परिधान में आने के लिए कहा जाता है।

सामान्य कक्षा सत्रों को इन दिनों मजेदार गतिविधियों से बदल दिया जाता है। सांस्कृतिक कार्यक्रम और अन्य दिलचस्प गतिविधियाँ स्कूलों और कॉलेजों में उत्सव के उत्सव का एक हिस्सा बनती हैं। छात्रों के साथ-साथ शिक्षक भी इन गतिविधियों में पूरे मनोयोग से भाग लेते हैं और पूरा वातावरण खुशी और हँसी से भर जाता है।

ये उत्सव आम तौर पर त्योहार से एक दिन पहले किया जाता है क्योंकि यह त्योहार के दिन छुट्टी होती है।

सांस्कृतिक मूल को समझना:

भारतीय त्योहार देश की संस्कृति का प्रतिबिंब हैं। त्योहारों पर आयोजित समारोह हमारे देश की संस्कृति और परंपरा से छात्रों को परिचित कराते हैं। प्रत्येक त्यौहार का एक धार्मिक अर्थ और उससे जुड़ी परंपरा है। त्योहार का समय छात्रों को हमारे देश की सांस्कृतिक जड़ों के बारे में समझने और उन्हें इससे जुड़ने में मदद करने का एक शानदार अवसर है।

निष्कर्ष:

इस प्रकार भारतीय त्योहार एक से अधिक तरीकों से छात्रों के लिए महत्वपूर्ण हैं। ये निकट और प्रिय लोगों के साथ संबंध बनाने और देश के समृद्ध सांस्कृतिक अतीत के बारे में जानने का एक शानदार तरीका है।

भारतीय त्योहारों पर निबंध, indian festivals essay in hindi (400 शब्द)

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भारतीय अपने त्योहारों को विशेष महत्व देते हैं। यह क्षेत्रीय त्यौहार हों या राष्ट्रीय त्यौहार – हमारे देश में सभी त्यौहार प्रेम और उल्लास के साथ मनाए जाते हैं। इनमें से अधिकांश त्योहारों पर स्कूलों, कॉलेजों और कार्यालयों में अवकाश होता है।

त्यौहारों के लिए धार्मिक धारणा का महत्त्व :

भारत में त्योहारों के महत्व को बहुत अच्छे तरीके से देखा जा सकता है। लोग न केवल घर पर त्यौहार मनाते हैं बल्कि अपने निकट और प्रिय लोगों के साथ उन्हें मनाने के लिए भी जाते हैं। उत्सव स्कूलों और कार्यस्थलों में भी किया जाता है। हमारी संस्कृति धार्मिक प्रथाओं के लिए उच्च सम्मान रखती है। भारत में लोग ज्यादातर भगवान से डरते हैं।

चूंकि, भारतीय त्यौहारों से जुड़ी कुछ धार्मिक धारणाएँ हैं, भारतीय अपने देवताओं को खुश करने और अपने जीवन में सकारात्मकता और खुशियाँ लाने के लिए पूरे मन से मनाते हैं। मिसाल के तौर पर, दिवाली भगवान राम के अपने गृह नगर अयोध्या में लौटने के लिए मनाई जाती है।

जन्माष्टमी भगवान कृष्ण के जन्म का जश्न मनाती है, दुर्गा पूजा देवी दुर्गा को प्रार्थना करने के लिए मनाई जाती है और उनके विभिन्न अवतार और गणेश चतुर्थी भगवान गणेश की पूजा करने के लिए मनाई जाती है।

त्योहार का समय शुभ माना जाता है:

त्योहार का समय हिंदू धर्म के अनुसार शुभ माना जाता है। यह एक और कारण है कि लोग इस समय को इतना महत्व क्यों देते हैं। वे जीवन में कुछ भी नया शुरू करने के लिए इस समय का इंतजार करते हैं ताकि एक अच्छे नोट पर शुरुआत कर सकें।

उदाहरण के लिए, लोगों का मानना ​​है कि नवरात्रों के दौरान या दिवाली के अवसर पर नए घर में जाना सौभाग्य में लाता है, इसी तरह गणेश उत्सव के दौरान या मकर संक्रांति के दौरान नई नौकरी में शामिल होना उनके लिए अच्छा साबित हो सकता है।

इसी तरह, बैसाखी, गुरु पूर्णिमा, पोंगल, महा शिवरात्रि, राम नवमी, बसंत पंचमी और अक्षय तृतीया जैसे कई अन्य त्यौहारों को बहुत शुभ माना जाता है और विशेष रूप से कुछ नया शुरू करने के लिए इंतजार किया जाता है जैसे कि एक नई दुकान खरीदना, व्यवसाय शुरू करना, हस्ताक्षर करना। एक बड़ा व्यापारिक सौदा, शादी की तारीख तय करना, आदि।

राष्ट्रीय त्योहार भी समान रूप से महत्वपूर्ण हैं

हमारे राष्ट्रीय त्योहार विशेष रूप से स्वतंत्रता दिवस हमें उस संघर्ष और बलिदान की याद दिलाते हैं जो हमारे लोगों ने स्वतंत्रता हासिल करने के लिए किया था। भारत के सभी तीन राष्ट्रीय त्योहारों को विशेष महत्व दिया जाता है। पूरा देश इस दौरान देशभक्ति में डूब जाता है। ये त्यौहार पूरे देश में पूरे जोश के साथ मनाया जाता है। ये हमारे बहादुर देशभक्त नेताओं का सम्मान करने का एक तरीका है।

इस प्रकार, त्यौहार भारतीयों के लिए उच्च महत्व रखते हैं। चाहे वे भारत में रहें या विदेश में, भारतीय अपने त्योहारों को विशेष महत्व देते हैं और उन्हें खुशी और खुशी के साथ मनाते हैं।

भारतीय त्योहारों पर निबंध, essay on indian festivals in hindi (500 शब्द)

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भारत को अक्सर त्योहारों की भूमि कहा जाता है क्योंकि यहां कई रंगीन और खुशी के त्योहार मनाए जाते हैं। हमारे देश के विभिन्न हिस्सों में विभिन्न जातियों, संस्कृति और परंपरा से संबंधित लोग रहते हैं। प्रत्येक धर्म की अपनी धार्मिक मान्यताओं के आधार पर त्योहारों का एक सेट है।

दक्षिण से संबंधित लोगों के अपने त्योहार हैं; उत्तर के लोग कुछ अन्य त्योहारों को महत्व देते हैं जबकि पूर्व में रहने वाले कुछ अन्य त्योहारों को मनाते हैं। हालांकि, कुछ त्यौहार हैं जो पूरे देश में समान उत्साह के साथ मनाए जाते हैं। कुछ ऐसे त्योहारों में दीवाली, होली और रक्षा बंधन शामिल हैं।

भारत के मुख्य त्यौहार:

भारत के मुख्य त्यौहार हमारे देश में सभी धर्मों और क्षेत्रों से संबंधित लोग हैं जो बहुत उत्साह के साथ मनाते हैं और मनाते हैं। यहाँ इन त्योहारों में से कुछ हैं:

दिवाली : 

दिवाली हमारे देश के प्रमुख त्योहारों में से एक है। लोग इसे बहुत खुशी और उत्साह के साथ मनाते हैं। इसके उत्सव की तैयारी त्योहार से लगभग एक महीने पहले शुरू हो जाती है। लोग अपने घरों और दुकानों को सजाने के लिए सजावटी वस्तुओं की सफाई करते हैं। घरों को रोशनी, मोमबत्तियों और दीयों से सजाया जाता है। लोग रंगोली बनाते हैं, देवी लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा करते हैं और इस त्योहार को मनाने के लिए पटाखे जलाते हैं। पूरा देश इस दिन रोशनी करता है।

होली:

होली रंग का त्योहार है। यह सबसे मजेदार भारतीय त्योहारों में से एक है। हालांकि इसके लिए एक धार्मिक अर्थ है, इस दिन का पूरा उद्देश्य मौज-मस्ती करना और हारना है। लोग एक दूसरे पर रंग डालते हैं और मिठाई खाते हैं। यह त्योहार हाउसिंग सोसायटी और आवासीय कॉलोनियों में सामूहिक रूप से मनाया जाता है।

लोग एक-दूसरे को रंगने के लिए इकट्ठा होते हैं और होली के जश्न के हिस्से के रूप में एक दूसरे पर पानी फेंकते हैं। अधिकांश स्थानों पर लाउड संगीत बजाया जाता है और लोग इस गाने का आनंद लेते हुए पैरों के टेपिंग गानों की धुन पर थिरकते हैं। कुछ स्थानों पर, लोग एक दूसरे को लाठी से पीटते हैं और एक परंपरा के रूप में एक दूसरे पर कीचड़ फेंकते हैं।

रक्षाबंधन:

रक्षा बंधन एक और भारतीय त्योहार है जिसे पूरे देश में मनाया जाता है। यह त्योहार भाई-बहन के बंधन को मजबूत करने के लिए मनाया जाता है। बहनें इस दिन अपने भाइयों के पास जाती हैं और उनकी कलाई पर राखी बांधती हैं। बदले में भाई अपनी बहनों की रक्षा करने और ज़रूरत के समय उनके लिए रहने का वादा करते हैं। इसके बाद मिठाइयों का आदान-प्रदान होता है। भाई इस दिन अपनी बहनों के लिए विशेष उपहार भी लाते हैं।

जो लोग एक दूसरे से मिलने नहीं जा सकते वे डाक के माध्यम से राखी और उपहार भेजते हैं। यह वास्तव में एक सुंदर परंपरा है जिसका पालन युगों से किया जा रहा है। रक्षा बंधन के उत्सव के पीछे कई पौराणिक कथाएँ हैं। यह न केवल भाइयों और बहनों के लिए बंधन का समय है, बल्कि पारिवारिक संबंधों को मजबूत करने का भी समय है। यह उत्सव सुबह-सुबह होता है और इसके बाद पारिवारिक ब्रंच होता है।

गणेश चतुर्थी, जन्माष्टमी, नवरात्रि, ईद उल फितर, बैसाखी, ओणम, पोंगल, बिहू, गुरुपर्वब, नवरात्रि, गुरु पूर्णिमा, राम नवमी, वसंत नवमी, दुर्गा पूजा, छठ और दशहरा कुछ अन्य त्यौहार हैं, जो इन त्योहारों के साथ मनाए जाते हैं। इनमें से कुछ के साथ भारत के विभिन्न हिस्सों में उत्साह एक विशेष क्षेत्र के लिए विशिष्ट है। कोई आश्चर्य नहीं, हमारे देश को त्योहारों का देश कहा जाता है।

भारतीय त्योहारों पर निबंध, essay on indian festivals in hindi (600 शब्द)

indian festivals

भारतीय त्योहार धार्मिक मान्यताओं पर आधारित हैं। भारतीय विभिन्न देवी-देवताओं की पूजा करते हैं और उनके द्वारा मनाए जाने वाले विभिन्न त्योहार एक देवता या दूसरे को समर्पित होते हैं। ये त्यौहार देवताओं को प्रार्थना करने और सुख, समृद्धि और प्रेम लाने के लिए उनका आशीर्वाद पाने का एक तरीका है।

भारतीय त्योहार धार्मिक विश्वासों पर आधारित हैं:

यहां कुछ भारतीय त्योहार और उनसे जुड़ी धार्मिक मान्यताएं हैं:

दशहरा:

ऐसा माना जाता है कि यह वह दिन था जब भगवान राम ने सीता को अपने चंगुल से मुक्त करने के लिए रावण का वध किया था। यह बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है। इस दिन को मनाने के लिए देश के विभिन्न हिस्सों में रावण, कुंभकरण और मेघनाथ के विशाल पुतले जलाए जाते हैं।

दिवाली: 

दीवाली या दीपावली वह दिन कहा जाता है जब भगवान राम 14 वर्ष के वनवास के बाद अपनी पत्नी सीता और भाई लक्ष्मण के साथ अयोध्या लौटे थे। उनके स्वागत के लिए पूरे नगर को दीयों से जलाया गया था। इस अवसर को आज तक मनाया जाता है। हर साल, लोग अपने घरों को साफ करते हैं और भगवान राम की वापसी का जश्न मनाने के लिए उन्हें रोशनी, दीये और मोमबत्तियों से अलंकृत करते हैं।

इस दिन शाम के समय भगवान गणेश और देवी लक्ष्मी की पूजा की जाती है क्योंकि ऐसा माना जाता है कि यह समृद्धि और सौभाग्य लाता है।

नवरात्रि: 

नवरात्रों के शुभ नौ दिन देवी दुर्गा को समर्पित हैं। ऐसा कहा जाता है कि देवी दुर्गा को भगवान ब्रह्मा, विष्णु और शिव द्वारा संयुक्त रूप से बनाया गया था और उन्हें शक्ति प्रदान करने के लिए इन सभी देवताओं द्वारा शक्ति प्रदान की गई थी। वह राक्षस महिषासुर को मारने के लिए बनाया गया था जो निर्दोष लोगों को मार रहा था। देवी दुर्गा ने नौ दिनों तक उनके साथ युद्ध किया और दसवें दिन उनका सिर काट दिया। यह फिर से अच्छे और बुरे के बीच लड़ाई थी और यह अच्छा था जो विजयी हुआ।

लोग नवरात्रों के दौरान उपवास रखते हैं और हर दिन देवी दुर्गा के अलग-अलग अवतार की पूजा करते हैं।

गणेश चतुर्थी: 

गणेश चतुर्थी भगवान गणेश के जन्म दिन को मनाने के लिए मनाई जाती है। उत्सव दस दिनों तक जारी रहता है। ऐसा माना जाता है कि भगवान गणेश हर साल इन दिनों के दौरान पृथ्वी पर आते हैं और हर जगह खुशी फैलाते हैं। उनके भक्तों का मानना ​​है कि जो भी इन दिनों भगवान गणेश की पूजा करता है उसे जीवन में आने वाली सभी समस्याओं और नकारात्मकता से मुक्ति मिलती है।

भगवान गणेश की मूर्तियों को घर लाया जाता है और हर दिन उनकी स्तुति में प्रार्थना की जाती है। फिर इन मूर्तियों को पूजा के अंतिम दिन नदी में विसर्जित कर दिया जाता है।

मकर संक्रांति: 

मकर संक्रांति एक अन्य प्रमुख हिंदू त्योहार है। इसे देश के विभिन्न हिस्सों में अलग-अलग नामों से जाना जाता है। असम में इसे बिहू नाम से जाना जाता है, तमिलनाडु में इसे पोंगल के नाम से जाना जाता है, गुजरात में इसे उत्तरायण कहा जाता है और बंगाल में इसे पौष पारबोन के नाम से जाना जाता है। हिंदुओं के लिए दिन बेहद शुभ है। ऐसा माना जाता है कि इस दिन पवित्र नदी गंगा में पवित्र डुबकी लगाने से सभी बुरे कर्मों से छुटकारा मिलता है और लोगों की आभा साफ होती है।

करवा चौथ: 

यह ज्यादातर उत्तर भारत में मनाया जाता है। इस दिन महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र के लिए व्रत रखती हैं। ऐसा माना जाता है कि इस दिन उपवास रखने से भगवान प्रसन्न होते हैं जो पतियों को अच्छे स्वास्थ्य और लंबे जीवन प्रदान करते हैं। महिलाएं दिन के दौरान कुछ भी नहीं खाती या पीती हैं। वे शाम के समय पारंपरिक रूप से तैयार होते हैं और पूजा करते हैं। रात में चांद देखने के बाद ही उनके पास भोजन और पानी होता है।

इसी तरह, कृष्ण जन्माष्टमी भगवान कृष्ण के जन्मदिन को मनाने के लिए मनाई जाती है, महा शिवरात्रि भगवान शिव को प्रार्थना करने के लिए मनाई जाती है और गुरु नानक देव, पहले सिख गुरु, गुरु नानक देव के जन्म की खुशी में मनाया जाता है।

भारत के राष्ट्रीय त्यौहारों के अलावा, अन्य सभी त्योहारों में कुछ धार्मिक मान्यताएँ जुड़ी होती हैं। इन त्योहारों पर, लोग अपने देवताओं के लिए प्रार्थना करते हैं, जातीय कपड़े पहनते हैं और अपने निकट और प्रियजनों के साथ यह त्यौहार मनाते हैं।

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विकास नें वाणिज्य में स्नातक किया है और उन्हें भाषा और खेल-कूद में काफी शौक है. दा इंडियन वायर के लिए विकास हिंदी व्याकरण एवं अन्य भाषाओं के बारे में लिख रहे हैं.

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  • निबंध ( Hindi Essay)

essay on national festival in hindi

Essay on Festivals Of India in Hindi

भारत एक ऐसा देश है जिस को विश्व स्तर पर सबसे ज्यादा त्यौहार वाला देश माना जाता है। यहां बहुत सारे धर्मों के लोग रहते हैं। हर धर्म के लोगों का अपनी अपनी अलग संस्कृति और परंपराओं के अनुसार त्यौहार निर्धारित किया गया है। भारत को एक धर्मनिरपेक्ष (Essay on Festivals Of India in Hindi) देश भी कहा जाता है। यहां हर कोई एक दूसरे के साथ भाईचारा का रिश्ता रखता है। यहां हर कोई अपने और हर धर्म के लोगों के द्वारा मनाया जाने वाला त्यौहार को धूमधाम से मनाते हैं। लोगों की मेलजोल और उनके प्रियता का प्रतीक इन त्योहारों के समय पर ही मिलता है। हर त्यौहार का अपना अलग महत्व और विशेषता है जो कि महिलाओं और बच्चों में अलग-अलग उत्साह को दिखाकर के साबित करता है। भारत एक ऐसा देश है जहां विभिन्न धर्मों के साथ अनेकता में एकता जैसे मूल्यवान शब्दों का उपयोग भी किया जाता है।

भारतीय त्योहार:-

चाहे त्यौहार किसी भी धर्म का हो परंतु भारत देश में हर कोई हर किसी धर्म के त्योहार को बहुत धूमधाम से और मिलजुल कर मनाते हैं। हर कोई अपने आप से भेदभाव को भूलकर के भारत में त्योहारों को एक साथ आनंदित करके बनाते हैं और उससे हर्षोल्लास पूरे भारत में फैलता हैं। त्योहार के समय में हर कोई एक दूसरे के धर्म में पूरी तरीके से रंग जाता है और बड़े ही उत्साह और आनंद के साथ त्यौहार का आनंद लेता है। इसके अलावा भारतीय त्योहारों में अनेक संस्कृति और प्राकृतिक (Essay on Festivals Of India in Hindi) मत भावना भी देखने को मिलती है जो कि हर किसी के लिए अपनी अपनी अलग स्तर पर होती है। त्योहारों के आने पर स्त्रियों और बच्चे बहुत ज्यादा आनंदित हो जाते हैं वहीं पर पुरुष अपने सारे कार्य भूल कर के उस दिन परिवार के साथ अपनी खुशियां सांझा करते हैं।

भारतीयों द्वारा मनाया जाने वाला त्यौहार:-

भारत में बहुत सारे अलग-अलग धर्मों के त्योहार है जिनका अपना अलग-अलग महत्व है। भारत में हर त्यौहार को मनाने के लिए अलग-अलग धार्मिक सांस्कृतिक और पारंपरिक कारण है। त्यौहार को तीन प्रमुख हिस्सों में बांटा गया है।

भारत में कई सारे अलग-अलग धर्म है जैसे कि हिंदू, मुस्लिम, सिख, ईसाई और अन्य धर्म। यहां हर किसी के धर्म की पहचान उनके नाम और पहनावे से होती है। धर्मों को अलग-अलग परंपराओं और संस्कृति के हिसाब से रखा जाता है। कुछ पारंपरिक और धार्मिक त्योहारों में आते हैं होली, दिवाली, दशहरा, रक्षाबंधन, कृष्ण जन्माष्टमी, आदि इन (Essay on Festivals Of India in Hindi) त्योहारों को हिंदू धर्म में मुख्य रूप से बनाया जाता है। वही मुस्लिम धर्मो द्वारा ईद, उल फितर, बारावफात मुहर्रम इत्यादि जैसे मुख्य त्योहार मनाए जाते हैं। क्रिसमस, गुड फ्राइडे, ईस्टर जैसे त्यौहारों को क्रिश्चियन द्वारा मनाया जाता है इन सभी त्योहारों को उनके धर्म के हिसाब से विभाजित किया गया है।

हमारे भारत देश में संस्कृति को सबसे पहले देखा जाता है मुख्य रूप से संस्कृति ही हमारे भारत देश के स्थापित का कारण है। यहां कई सारे ऐसे सांस्कृतिक त्योहार मनाए जाते हैं जो हर किसी द्वारा मिलजुल कर आनंदित किए जाते हैं।

इसी गिनती में कुछ ऐसे त्यौहार भी देखे जाते हैं जो परंपरागत आज तक चलते आ रहे हैं और आगे भी चलते रहेंगे। इसकी शुरुआत यदि किसी ने प्राचीन में कर दी तो आज तक लोग उसी परंपरा के अनुसार चले जा रहे हैं। यही कारण है कि भारत में अनेक प्रकार के त्योहारों को अपने-अपने परंपरा और संस्कारों के हिसाब से मनाया जाता है।

भारत के अनेक त्यौहार और उनकी विशेषता:-

भारत में बहुत सारे त्यौहार है जो अपने लिए अलग-अलग विशेषता लेकर चलती है। हर त्यौहार के पीछे कोई ना कोई कारण होता है जो कि विशेष रूप से लोगों के सामने आता है और लोगों को उसे मानना पड़ता है। कुछ ऐसे ही त्यौहार और उनकी विशेषता के बारे में हम बात करेंगे:-

हिन्दू भगवान के आयोधया पुनः आगमन पर लाखों दीप जला कर के उनका स्वागत किया गया था इस दिन को दिवाली के नाम से आज तक मनाया जाता है। दिवाली को हर धर्म द्वारा मनाया जाता है। दिवाली की विशेषता यही है कि इसको हर कोई अपने कर्मों को भूल कर के एक दूसरे के साथ मिलजुलकर इस त्यौहार का आनंद लेते हैं और अपने अंदर की बुराइयों को मिटाते हैं।

दिवाली के बाद भारत में सबसे ज्यादा मनाया जाने वाला त्यौहार होली है जो हर वर्ष साल की शुरुआत में आता है और बहुत सारे रंगों से हमारे पूरे साल को रंग जाता है। इसमें हर कोई रंग लगाकर अपनी अपनी खुशियों को एक दूसरे के साथ सांझा करता है और बहुत सारे पकवानों को मिलजुल कर बांटते हैं।

मुस्लिम धर्म द्वारा मनाया जाने वाला ईद आज भारत में हर किसी द्वारा मनाया जाने लगा है इस दिन लोग हर किसी से गले मिलकर अपनी खुशी जाहिर करते हैं और सारे गिले-शिकवे भूलकर एक दूसरे के साथ सेवइयां खाते हैं।

वैसे तो क्रिसमस को ईसाई धर्म द्वारा बनाया जाता था परंतु आज के समय में यह हर किसी का सबसे मन पसंदीदा त्यौहार बन चुका है बच्चों को तोहफे देते हैं और हर किसी के लिए खुशी की कामना करते हैं। केवल भारत ही नहीं पूरे विश्व में क्रिसमस को बहुत धूमधाम से मनाया जाता है।

हमारे देश में हर धर्म के लिए अलग-अलग त्योहारों को मनाया गया है परंतु जब त्यौहार आते हैं तो हर कोई अपना धर्म भूल कर एक दूसरे के साथ मिल जाता है। त्यौहार की यही खासियत है जो हर किसी को एक दूसरे से जुड़े रखते हैं। यहां पर त्यौहार का अर्थ खुशियां हैं जो लोग एक दूसरे के साथ पाते हैं और मिल जुलकर त्यौहारों (Essay on Festivals Of India in Hindi) को मना कर अपनी खुशियां जाहिर करते हैं। कुछ यही कारण है कि भारत को सबसे ज्यादा त्योहारों का देश कहा जाता है क्योंकि यहां हर धर्म के लिए एक समान आदर और प्रेम रखा गया है।

1. भारत में कोन कोन से धर्मो के त्योहार मनाए जाते है ?

उत्तर:-  भारत में हर धर्म के त्योहार मनाए जाते है जैसे हिन्दू मुस्लिम सिख ईसाई आदि।

2. मुस्लिम द्वारा कौन-कौन से मुख्य त्योहार मनाए जाते हैं?

उत्तर:- मुस्लिम धर्मो द्वारा ईद उल फितर बारावफात मुहर्रम इत्यादि जैसे मुख्य त्योहार मनाए जाते हैं।

3. त्योहारों को किन चीजों के विशेषण पर बांटा गया है?

उत्तर:- भारत में हर त्यौहार को मनाने के लिए अलग-अलग धार्मिक सांस्कृतिक और पारंपरिक कारण है। त्यौहार को तीन प्रमुख हिस्सों में बांटा गया है।

4. त्यौहार का क्या अर्थ होता है?

उत्तर:- त्यौहार का अर्थ होता है खुशियां जो कि लोग एक दूसरे के साथ त्यौहार को मना कर बांटते है।

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भारतीय त्यौहार  पर लिखा हुआ यह निबंध (Essay On Indian Festivals In Hindi) आप अपने स्कूल या फिर कॉलेज प्रोजेक्ट के लिए इस्तेमाल कर सकते है। आपको हमारे इस वेबसाइट पर और भी कही विषयो पर हिंदी में निबंध मिलेंगे , जिन्हे आप पढ़ सकते है।

Table of Contents

हमारा देश भारत विभिन्नता का एक ऐसा समूह है, जो अत्यंत अदभुत ओर दुर्लभ भी है। इस दुर्लभता ओर अद्भुत स्वरूप को देखकर मन मे खुशियों का उल्लास छा जाता है। हमारे देश भारत मे जो भी त्योहार मनाए जाते है, उनमें अनेक रूप दिखाई देते है।

जैसे कि कोई त्योहार ऋतु ओर मौसम पर आधारित है, तो कुछ सांस्कृतिक या किसी घटना विशेष से सम्बंधित होकर सम्पन्न होते है। हमारे देश मे तो जैसे त्योहारों का जाल सा बिछा है।

हमारे देश के त्योहार

हमारे देश के त्योहारों के बारे में ये कहना अत्युक्ति अथवा अनुचित बात नहीं होंगी की यंहा आये दिन कोई न कोई त्योहार पड़ता ही रहता है। ऐसा इसलिए कि हमारे देश के ये त्योहार किसी एक ही वर्ग, जाती या सम्प्रदाय से ही सम्बंधित नहीँ होते है। अपितु ये विभिन्न वर्गों, जातियों और सम्प्रदायो के द्वारा सम्पन्न ओर आयोजित होते रहते है।

जिसे हम सभी मिलकर खुशयो के साथ मनाते है। ये त्योहार धार्मिक, सांस्कृतिक, राजनीतिक और सामाजिक होते है। इन सभी प्रकार के त्योहारों का कुछ ना कुछ विशिष्ट अर्थ होता है।इस विशिष्ट अर्थ के साथ इनका कोई न कोई महत्व भी अवश्य होता है। इस महत्व में मानव की प्रकृति और दशा किसी न किसी रूप में अवश्य झलकती हैं।

मानवीय मूल्यों और मानविय आदर्श के त्योहार

मानवीय मूल्यों और मानवीय आदर्शो को स्थापित करने वाले हमारे देश के त्योहार तो श्रंखलाबद्ध है। जैसे ही एक त्योहार समाप्त हुआ कि दूसरा त्योहार आ धमकता है। कहने का मतलब बस इतना है कि हमारे देश मे पूरे साल ही त्योहार चलते रहते है।

हमें इन त्योहार से फुरसत तो समझो मिल ही नहीं सकती। हमारे देश के प्रमुख त्योहार में दीपावली, रक्षाबंधन, होली, जन्माष्ठमी, बैसाखी, रथयात्रा, दशहरा, ईद, मुहर्रम, बकरी ईद, क्रिसमस, ओणाम, नागपंचमी, बुद्ध -पूर्णिमा, राम-नवमी आदि है।

रक्षाबंधन के त्योहार का महत्व प्राचीन परंपरा के अनुसार गुरु-महत्व को प्रतिपादित करने से है। लोगो की यह मान्यता है कि इस दिन गुरु अपने शिष्य यथाशक्ति दान – दक्षिणा देकर अपनी श्रद्धा – निष्ठा को प्रकट करता है।

आज की परंपरा के अनुसार बहने अपने भाईयों के हाथ मे राखी का बंधन बांधकर उससे परस्पर प्रेम के निर्वाह का वचन दान लेती है। भाद्र मास जन्माष्टमी का त्योहार श्रीकृष्ण जनमोत्स्व के रूप में मनाया जाता है।

दशहरा का त्योहार पूरे देश मे आश्विनी मास में मनाया जाता है। यधपि इस त्योहार के मनाने के विभिन्न तोर तरीके है, जिनसे हमारी धार्मिक भावनाएं जुड़ी हुई है। यह त्योहार लगातार आश्विन मास के पूरे शुक्ल-पक्ष तक परम् हर्षोउल्लास के साथ मनाया जाता है।

वही नागपंचमी शुक्ल पक्ष की पंचमी को नाग पूजा उत्सव के रूप में पूरे देश मे धूम-धाम से मनाया जाता है। नागपंचमी के दिन शेषनाग के प्रति श्रद्धा भक्ति व्यक्त करते है। लोगो का मानना है कि इस दिन नाग देवता प्रसन्न होते है। इससे हमारे धार्मिक संस्कार जागृत होते है।

फिर इन त्योहारो में दिवाली के त्योहार को कैसे भूल सकते है। दिवाली का त्योहार कार्तिक मास की अमावस्या के अंधकार को पराजित करने के लिए आयोजित करते है। यह अज्ञान को छिन्न भिन्न करके ज्ञान की स्थापना करता है।

मान्यतानुसार इस दीन श्रीराम जी ने रावण को पराजित करके अपने घर अयोध्या लौटे थे और उनके स्वागत में अनगिनत दीपो को जलाकर, अमावस्या का अंधेरा मिटाकर श्रीराम जी का अयोध्या में स्वागत किया गया था।

होली जैसे त्योहार के बारे में कोन नहीँ जानता। इस आनंद ओर उमंग के त्योहार को प्रत्येक प्रकार की कटुता भुलाकर हर्षोउल्लास के साथ मनाया जाता है। इसी प्रकार ईद, क्रिसमस, बकरी ईद इनसभी त्योहार का अपना – अपना महत्व है।

हमारे देश भारत के त्योहार के ज्वार

हमारे देश मे त्योहारों का ज्वार आये दिन उमड़ता ही रहता है। कोई भी ऐसा दिन नहीँ होता, जो किसी तिथि, पर्व या त्योहार का दिन न हो। हमारे इन पर्वो, तिथियों ओर त्योहारो से हमारी सांस्कृतिक एकता की तरंगें उछलती, कूदती ओर उमड़ती हुई हमारे देश के कण-कण को स्नेह सुधा से सिंचित करती चलती है।

हमारे देश का चाहे उत्तरी भाग हो या दक्षिणी, पूर्वी हो या पश्चिमी अथवा ह्रदय स्थल ही क्यों ना हो। सभी को संजीवनी प्रदान करने वाले हमारे तिथि, त्योहार ओर पर्व ही है। जिस प्रकार से हमारे देश में जातीय भिन्नता ओर भौगोलिक असमानता है, उसी प्रकार से हमारे यहाँ सम्पन्न होने वाले त्यौहारों की एकरूपता नही है।

कोई इतना बड़ा त्योहार होता है की उसे पूरा देश खुशी से गले लगता है। तो कोई इतना छोटा है कि वह केवल सीमित स्थान में ही जनप्रिय होता है। होली, दशहरा, दिवाली जँहा व्यापक रूप से पूरे देश मे बड़े धूमधाम के साथ मनाते है। वही क्षेत्रीय त्योहार जैसे उत्तर प्रदेश, बिहार का घट त्यौहार, तमिलनाडु का पोंगल, पंजाब की बैसाखी आदि है।

भारत देश के त्यौहार का आगमन

हमारे देश के त्योहार का आगमन या आयोजन ऋतुचक्र से होता है। हमारी सांस्कृतिक चेतना का जीवंत प्रतिनिधि के रूप में है। जिससे हमारी सामाजिक और राष्टीय मान्यताएं झांकती हुई दिखाई देती है। हमारी मनोवर्तिया इससे सपष्ट होती है। हमारी जातियां दिखाई देती है।

हम क्या है और हमारी अवधारणाएं क्या है। हम दूसरों की अपेक्षा क्या है या हम दूसरों को क्या समझते है, इन सभी प्रश्नों का उत्तर और स्पष्टीकरण इन त्योहारों के माध्यम से होता है।अतएव हमें अपने यहां सम्पन्न होने वाले त्यौहारों का यथोचित उल्लेख करना आवश्यक प्रतीत होता है।

रक्षाबंधन का त्योहार राखी, रखड़ी, कई नामो से चर्चित है। जो वर्षाऋतु के श्रावण पूर्णिमा के दिन श्रद्धा विश्वास ओर प्रेम के त्रिकोण से प्रकट होता हैं। प्राचीनकाल से इसके प्रति अनेक धारणाएं रही है, लेकिन आधुनिक इस त्यौहार का खुला ओर सच्चा रूप भाई-बहन के परस्पर स्नेह और मंगल भावनाओ के द्वारा सामने आता हैं।

पूरे देश मे यह हर्ष ओर उल्लास के साथ मनाया जाता हैं। विजय का प्रेरक ओर दृढ़ संकल्प का प्रतीक दशहरा का त्योहार आश्विन मास के शुक्लपक्ष की दशमी को अन्याय और अत्याचार के विरुद्ध लड़ने का पाठ पढ़ाता है।

दशहरा के त्यौहार को श्री राम द्वारा प्राप्त रावण पर विजय के रूप में सम्पूर्ण देश मे व्यापक ढंग से मनाया जाता है। राष्ट्रीय स्तर पर निष्ठा और श्रद्धा के रूप में मनाया जाने वाला त्योहार दीपावली का त्योहार कार्तिक मास की अमावस्या को मनाया जाता है।

दिवाली का त्यौहार समशीतोष्ण ऋतु की मुस्कान को दीपो की सुंदर और मनमोहक लो के साथ प्रस्तुत करके हमारे ज्ञान दिप को प्रज्ज्वलित करने की सचेतना प्रदान करता है। राष्टीय स्तर पर मनाए जाने वाले अल्पसंख्यक वर्ग के त्योहारों में ईद, मुहर्रम ओर क्रिसमस के त्योहार भी हममें परस्पर मेल-मिलाप ओर बन्दुत्व की भावना को जाग्रत करते है। जिन्हे हम सभी मिलजुल कर मनाते हैं।

हमारे देश भारत में त्योहार के महत्व

हमारे देश भारत के त्योहार का महत्व इसलिए भी है, क्योंकि इसमें परस्पर एकता, एकरूपता ओर एकात्मकता का पाठ पड़ाते है। यही कारण है कि हम हिन्दू, मुसलमानों, ईसाइयों, सिक्खों आदि के त्योहार ओर पर्वो को अपना त्योहार ओर पर्व मानकर उसमे भाग लेते है और आपस मे एक दुसरो को ह्रदय से लगाते है।

इसी तरह से मुसलमान, सिक्ख, ईसाई भी हमारे हिन्दू त्योहारों को पर्वो को तन और मन से अपनाकर के अभिन्न भावनाओ को प्रकट करते है। अतएव हमारे देश के त्योहार का महत्व धार्मिक, सास्कृतिक, सामाजिक ओर आद्यात्मिक दृष्टि से बहुत अधिक है।

राष्टीय महत्व की दृष्टि से 15 अगस्त, 26 जनवरी, 2 अक्टूबर, 14 नबंवर का महत्व अधिक है। संक्षेप में हम कह सकते है कि हमारे देश के त्योहार विशुद्ध प्रेम, भेदभाव ओर सहानुभूति का महत्व रखते है।

इनसे आपस मे मित्रता, एकता और सद्भावना प्रकट होती है। एक प्रकार से अगर ये त्योहार नहीं होते तो समझ लीजिए हमारा जीवन कितना बेरंग ओर नीरस होता। हमें एक दूसरे से कोई मतलब नही होता। पर इन त्योहारों की बजह से ही हम भारतीय आपस मे जुड़े हुए है ओर इन त्योहारों की खुशियों को आपस मे मिलकर बाटते है।

हमारा देश भारत त्योहारों का देश है। यहां कोई भी त्योहार हो उससे कोई फर्क नहीं पड़ता, क्योंकि हमारे देश मे सभी लोग हर जाति और धर्म को भुलाकर त्यौहारों का आनन्द उठाते है। हमारे देश में धर्म का इतना कोई महत्व नहीं है, जितना त्योहारों का है।

इसलिये भारत देश ऐसे ही नही पूरे विश्व मे अपनी साम्प्रदायिकता ओर अखंडता के लिए त्योहारों के नाम से विख्यात है। ये त्योहारों से जुड़ी एकता केवल हमारे देश भारत मे ही देखने को मिलती है।

सबसे बड़ी बात तो यह होती है कि ये त्योहार अपने जन्मकाल से लेकर अब तक उसी पवित्रता और सात्विकता की भावना को संजोए हुए है। युग बदले, कई परिवर्तन हुए है और हो भी रहे है, पर इन त्योहारों पर इसका कोई प्रभाव नही पड़ा।

इन त्योहार का रूप चाहे बड़ा हो, चाहे छोटा, चाहे एक क्षेत्र विशेष तक ही सीमित हो या चाहे सम्पूर्ण समाज और राष्ट को प्रभावित करने वाला हो। ये त्योहार शुद्धता, नैतिकता और विश्वास का प्रतीक है, ये भारत के त्योहार है।

List Of Festivals Of India In Hindi

तो यह था भारत के त्यौहार पर निबंध (Festivals Of India Essay In Hindi) , आशा करता हूं कि भारतीय त्यौहार  पर हिंदी में लिखा निबंध (Hindi Essay On Indian Festivals) आपको पसंद आया होगा। अगर आपको यह लेख अच्छा लगा है , तो इस लेख को सभी के साथ शेयर करे।

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भारत के प्रमुख त्योहार पर निबंध | Major Festivals of India Essay in Hindi | Essay in Hindi | Hindi Nibandh | हिंदी निबंध | निबंध लेखन | Essay on Indian Festivals in Hindi

By: savita mittal

हमारे प्रमुख त्योहार पर निबंध | Major Festivals of India Essay in Hindi

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भारत देश ‘ अनेकता में एकता’ का देश है। भौगोलिक विविधता के कारण यहाँ विभिन्न धर्मों, जातियों एवं सम्प्रदायों के लोग रहते हैं। अनेक धर्मों व जातियों के लोग होने से, यहाँ सभी के अपने-अपने त्योहार हैं। इस दृष्टिकोण से देखा आए, तो भारत में प्रत्येक माह किसी-न-किसी त्योहार की धूम रहती है। त्योहार जीवन में नवस्फूर्ति, चेतना, उमंग, स्नेह एवं आनन्द का अनुभव कराते हैं, साथ ही मानवीय गुणों को स्थापित कर लोगों में प्रेम, भाईचारे एवं नैतिकता का सन्देश देते हैं। ये त्योहार देश की एकता और अखण्डता को भी मजबूत बनाते हैं।

भारतवर्ष में सभी त्योहारों का अपना महत्त्व है। यहाँ मनाए जाने वाले त्योहारों में होली, रक्षाबन्धन, दुर्गापूजा, हरा, गणेश-चतुर्थी, दीपावली, बैसाखी, गुडफाइडे, क्रिसमस, सिंह, ओणम, पोंगल, ईद, मुहर्रम, सरहुल, गुरुपर्व आदि प्रमुख हैं। इनमें से हिन्दू सम्प्रदाय से सम्बन्धित कुछ त्योहार धार्मिक रीति-रिवाजों, वेदों और पुराणों की घटनाओं एवं मान्यताओं के अनुसार मनाए जाते हैं। भारत में मनाए जाने वाले कुछ प्रमुख त्योहारों के विषय में जानकारी प्राप्त करते हैं।

Major Festivals of India Essay in Hindi

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होली रंगों का त्योहार है। यह फाल्गुन मास की समाप्ति के बाद चैत्र मास के प्रथम दिन (प्रतिपदा को) मनाया जाता है। चैत्र मास हिन्दू कैलेण्डर का प्रथम मास होता है। इस प्रकार, होली हिन्दुओं के लिए नववर्ष का त्योहार भी है। इस त्योहार में लोग एक-दूसरे को रंग, अबीर एवं गुलाल लगाते हैं, अपने लड़ाई-झगड़ों को भूलकर एक-दूसरे से गले मिलते हैं एवं सभी के साथ मिलकर नाचते-गाते हैं। इस प्रकार, बसन्त ऋतु में मनाया जाने बाला यह त्योहार रंग-बिरंगा एवं मस्ती से परिपूर्ण होता है।

होली के त्योहार के पीछे कई पौराणिक कथाएँ विद्यमान हैं, जिनमें से प्रह्लाद एवं होलिका की कथा सर्वाधिक मान्य एवं प्रचलित है। ‘विष्णु पुराण’ की एक कथा के अनुसार, हिरण्यकश्यप, विष्णु भगवान को नहीं मानता था तथा विष्णु की पूजा-आराधना करने को मना किया करता था। बिडम्बना यह थी कि उसका अपना ही पुत्र प्रह्लाद, भगवान विष्णु का परम भक्त था। हिरण्यकश्यप को यह ज्ञात होते ही उसने प्रह्लाद को तरह-तरह के कष्ट देने प्रारम्भ कर दिए।

जब इन सभी का प्रह्लाद पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा, तब उसने अपनी बहन होलिका को बुलाया, जिसे अग्नि में न जलने का बरदान प्राप्त था। हिरण्यकश्यप ने होलिका को आदेश दिया कि वह प्रह्लाद को गोद में लेकर अग्नि में बैठ जाए। होलिका प्रह्लाद को अपनी गोद में लेकर अग्नि में बैठ गई, किन्तु होलिका अग्नि में भस्म हो गई और प्रह्लाद बच गया। विष्णु भगवान ने हिरण्यकश्यप का वध करके प्रह्लाद को पिता के कष्टों से मुक्ति दिलाई।

इस प्रकार, लोग इस घटना को स्मरण कर होलिका दहन करके अगले दिन रंगों से होली खेलते हैं। होली का साहित्य में भी विवरण हुआ है। कविवर “निराला जी कहते हैं- “नयनों के डोरे लाल गुलाल भरे, खेली होली।”

होली का त्योहार राधा और कृष्ण के पवित्र प्रेम से भी सम्बन्धित है। इसलिए श्रीकृष्ण की नगरी मथुरा एवं वृन्दावन में होली अत्यधिक धूमधाम से मनाई जाती है। भारत में होली का त्योहार पूरे हर्षोल्लास से मनाया जाता है, किन्तु क्षेत्रीय विविधता के कारण देश के कई क्षेत्रों में इसे अन्य नाम भी दिए गए हैं। पश्चिम बंगाल में होली को ‘बसन्तोत्सव’ के रूप में मनाया जाता है।

पंजाब में इस त्योहार को ‘होला मोहल्ला’ कहा जाता है। तमिलनाडु में इसे ‘कामन पोडिगई’ कहा जाता है। हरियाणा में इसे ‘पुलेण्डी’ कहा जाता है। महाराष्ट्र में इसे ‘रंग-पंचमी’ के रूप में मनाया जाता है। भारत में होली किसी भी नाम से मनाई जाए, लेकिन समानता यह है कि इस लोग रंग, अबीर एवं गुलाल का प्रयोग करके ही खेलते हैं।

होली के अवसर पर कुछ लोग शराब पीकर धमा चौकड़ी करते हैं। ऐसी घटनाएँ होली की पवित्रता को नष्ट करती हैं। होली के अवसर पर आजकल रासायनिक रंगों का प्रयोग किया जा रहा है, जो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है। अतः को रासायनिक रंगों के प्रयोग से बचना चाहिए एवं प्राकृतिक रंगों का ही प्रयोग करना चाहिए। यह पवित्र त्योहार मुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है।

दुर्गापूजा हिन्दुओं का ऐसा त्योहार है, जिसकी धूम पूरे दस दिनों तक रहती है। वैसे तो यह त्योहार वर्ष में दो बार आता है, एक बार चैत्र मास के शुक्ल पक्ष में, जिसे वासन्तिक नवरात्र कहते हैं एवं दूसरी बार आश्विन मास के शुक्ल पक्ष में, जिसे शारदीय नवरात्र कहा जाता है, किन्तु इन दोनों में शारदीय नवरात्र अधिक प्रचलित है। नवरात्र का प्रारम्भ कलश एवं दुर्गा माँ की प्रतिमा स्थापित करके किया जाता है।

दुर्गापूजा का सम्बन्ध एक पौराणिक कथा से है। इस कथा को अनुसार, एक समय देवताओं के राजा इन्द्र एवं दैत्यों के राजा महिषासुर के बीच भयंकर युद्ध छिड़ गया। इस युद्ध में देवराज इन्द्र की पराजय हुई। देवताओं को महिषासुर के प्रकोप से बचाने के लिए दुर्गा माँ ने उसके साथ लगातार नौ दिनो तक युद्ध किया और दसवें दिन उसको पराजित कर उसका वध कर दिया। इसी कारण उन्हें ‘महिषासुरमर्दिनी’ कहा जाता है।

यह त्योहार बंगाल में बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। बंगाल में पष्ठी के दिन प्राण-प्रतिष्ठा के इस विधान को बोधन अर्थात् आरम्भ कहा जाता है। इसी दिन माता के 1 से आवरण हटाया जाता है। गुजरात में शारदीय नवरात्र के दौरान गरबा की धूम रहती है। नवयुवक एवं नवयुवतियाँ अपने साथियों के साथ गरबा खेलते हैं। इस दौरान लोग व्रत रखते है, देवी की अखण्ड ज्योत जलाते हैं और प्रतिदिन हवन करते हैं।

इस प्रकार, दुर्गापूजा पूरे नौ दिनों तक चलती है। नौ दिनों तक माँ दुर्गा की पूजा के बाद दशमी के दिन शाम को उनकी प्रतिमा का विसर्जन कर दिया जाता है। इस दिन को विजयादशमी या दशहरा के रूप में मनाया जाता है। दशमी को बिजयादशमी के रूप में मनाने के पीछे भी एक पौराणिक कथा है। भगवान राम ने रावण पर विजय पाने के लिए दुर्गा की पूजा की थी, इसलिए इस दिन को लोग शक्ति-पूजा के रूप में भी मनाते हैं एवं अपने अस्त्र-शस्त्र की पूजा करते हैं। अन्ततः श्रीराम इसी दिन माँ दुर्गा के आशीर्वाद से रावण पर विजय प्राप्त करने में सफल रहे थे, तब से इस दिन को बिजयादशमी के रूप में मनाया जाता है।

विजयादशमी के पूर्व शहरों एवं गाँवों में रामलीला का आयोजन किया जाता है। विजयादशमी वाले दिन रावण, कुम्भकरण और मेघनाद के पुतले जलाए जाते हैं। हिमाचल प्रदेश के ‘कुल्लू’ शहर में दशहरे का मेला प्रसिद्ध है, जो कई दिनों तक रहता है। विजयादशमी का त्योहार अनीति, अत्याचार तथा तामसिक ॐ प्रवृत्तियों के नाश का प्रतीक है। यह त्योहार दुर्गा माँ (सिंहवाहिनी) की असीम शक्ति और रामचन्द्र जी के आदर्शों का आभास कराता है।

भारत के प्रमुख त्योहार पर निबंध

दीपावली का शाब्दिक अर्थ होता है- दीपों की पंक्ति । इस त्योहार में लोग दीपों को पंक्तिबद्ध रूप में अपने घर के अन्दर एवं बाहर जलाते हैं। इस प्रकार, यह प्रकाश का त्योहार है। यह कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या को मनाया जाता है। इस दिन लोग गणेश-लक्ष्मी का पूजन करते हैं, जिन्हें पौराणिक कथा के अनुसार धन, समृद्धि, विघ्नहरण एवं ऐश्वर्य का भगवान माना जाता है। दीपावली से एक दिन पहले का दिन ‘घन त्रयोदशी’ या ‘धनतेरस’ अतिशुभ माना जाता है। इस दिन लोग सोना-चाँदी एवं बर्तन खरीदते हैं।

धनतेरस मनाने के पीछे का पौराणिक कारण इस प्रकार है-कहा जाता है कि समुद्र मंथन के पश्चात् लक्ष्मी की उत्पत्ति इसी दिन हुई थी इसलिए इस दिन लक्ष्मी जी की पूजा की जाती है। समुद्र मंथन से ही धनवन्तरि, जिन्हें औषध विज्ञान का प्रणेता माना जाता है, की उत्पत्ति कार्तिक मास की त्रयोदशी को हुई थी। इसलिए इस दिन को धनतेरस के रूप में मनाया जाता है। श्रीरामचन्द्र जी जब रावण का वध एवं चौदह वर्ष का बनवास व्यतीत करके अयोध्या वापस लौटे, तो अयोध्यावासियों ने उनके स्वागत में अपने घर एवं नगर को घी के दीपों से जगमगा दिया था। गोस्वामी तुलसीदास जी ने ‘गीतावली’ में इसका रमणीय वर्णन किया है

“साँझ समय रघुवीर पुरी की शोभा आजु बनी। ललित दीप मालिका बिलोकहि हितकरि अवध धनी।।”

पश्चिम बंगाल में लोग दीपावली को काली पूजा के रूप में मनाते हैं। वहाँ बड़े-बड़े एवं भव्य पण्डालों के अन्दर माँ काली की प्रतिमा प्रतिस्थापित की जाती है। काली पूजा के बाद वहाँ लक्ष्मी जी की पूजा की जाती है। दीपावली का अपना धार्मिक, सामाजिक एवं सांस्कृतिक महत्त्व है, किन्तु आज इस त्योहार में कई प्रकार की बुराइयाँ भी समाहित हो गई हैं। इस त्योहार के नाम पर लोग अपनी सामर्थ्य का प्रदर्शन करते हुए हज़ारों रुपये पटाखों में उड़ा देते हैं। अत्यधिक पटाखे जलाना जिस डाल पर बैठे, उसी डाल को काटने जैसा है।

जिस शुद्ध हवा में हम साँस लेते हैं, उसी को पटाखों से हम अशुद्ध करते हैं, यह कितनी अज्ञानता है। जुआ खेलना इस त्योहार की सबसे बड़ी बुराई है, यदि जुआ नहीं खेला जाए तथा पटाखे न जलाए जाएँ, तो यह त्योहार अन्धकार पर प्रकाश की विजय के अपने सन्देश को सार्थक करता नज़र आएगा। आज इन बुराइयों को दूर कर इस त्योहार के उद्देश्यों को सार्थक करने की आवश्यकता है।

यदि एक ऐसे अन्तर्राष्ट्रीय त्योहार का नाम पूछा जाए, जो भारत में धार्मिक सहिष्णुता एवं भाईचारे का प्रतीक बन गया हो, तो नि:सन्देह सभी का जवाब ‘ईद’ ही होगा, क्योंकि यह मुसलमानों का एक ऐसा त्योहार है, जिसे दुनिया के कई मुस्लिम देशों में भले ही बड़ी धूमधाम से मनाया जाता हो, किन्तु अन्य देशों से अलग भारत एक ऐसा देश है, जहाँ दूसरे धर्मों के लोग भी मुसलमान भाइयों को ईद की मुबारकबाद देते हुए इस पवित्र त्योहार में सम्मिलित होकर भारत की सर्वप्रमुख विशेषता ‘अनेकता में एकता’ का सर्वोत्तम उदाहरण प्रस्तुत करते हैं।

ईद दो तरह की होती है- एक ईद-उल-फितर एवं दूसरी ईद-उल-जुहा जब हम ईद की बात करते हैं, तो इसका तात्पर्य ईद-उल-फ़ितर ही होता है। ईद-उल-जुहा को बकरीद कहा जाता है।

पहली ईद-उल-फितर पैगम्बर मुहम्मद ने 624 ई. में जंग-ए-बदर के बाद मनाई थी। ईद-उल-फितर इस्लाम के उपवास के महीने ‘रमज़ान’ के समाप्त होने के बाद मनाई जाती है। इस्लामी कैलेण्डर के सभी महीनों की तरह इसकी शुरुआत भी नए चाँद के दिखने पर होती है। इस ईद में मुसलमान तीस दिनों तक रोजा रखने के बाद पहली बार दिन में खाना खाते हैं और अल्लाह का शुक्रिया अदा करते हैं कि उन्होंने उन्हें महीनेभर रोज़ा रखने की शक्ति दी। ईद की तिथि के काफ़ी पहले से ही लोग इस त्योहार की तैयारी में जुट जाते हैं।

घरों की साफ-सफाई की जाती है एवं परिवार के सभी सदस्यों के लिए नए कपड़े सिलवाए जाते हैं। ईद के दौरान नए पकवान बनाने के अतिरिक्त, नए कपड़े भी पहने जाते हैं और परिवार तथा मित्रों के बीच उपहारों का आदान-प्रदान किया जाता है। ईद के दिन मस्जिद में सुबह की नमाज़ से पहले, नमाजी गरीबों को खैरात या दान देते हैं, जिसे ज़कात-उल-फितर कहा जाता है।

ईद के दिन ईदगाह में जाकर सबके साथ नमाज़ अदा करना शुभ माना जाता है। नमाज़ के दौरान छोटे-बड़े का कोई अन्तर नहीं रहता। राजा हो या रंक, सभी एक ही पंक्ति में खड़े होकर नमाज़ पढ़ते हैं। नमाज समाप्त होने के बाद ईद की मुबारकबाद ‘ईद मुबारक’ कहकर देते हैं। उम्र में अपने से छोटे लोगों को आशीर्वाद स्वरूप जो उपहार एवं धन दिया जाता है, उसे ईदी कहा जाता है। सेवइयों का ईद के दिन अपना अलग ही महत्त्व है, इसी के कारण इसे ‘मीठी ईद’ के नाम से भी जाना जाता है।

ईद का वर्णन नजीर अकबराबादी ने अपनी नज्म में भली-भाँति किया है “”है आधियों को तअत-ओ-तजरीद की ख़ुशी और जाहिदों को जुहद की तमहीद की ख़ुशी ऐसी न शब-ए-बारात न बकरीद की ख़ुशी जैसी कि हर एक दिल में है इस ईद की खुशी।”

शब्दार्थ –आबिद श्रद्धालु, तअत श्रद्धा, जाहिद इबादत करने वाला, जुहद की तमहीद धर्म की बात की शुरुआत। कहने का अर्थ है कि ईंद एक ऐसा त्योहार है, जिसकी खुशी ‘शब-ए-बारात’ और ‘बकरीद’ जैसे अन्य त्योहारों से भी बढ़कर है। इस त्योहार में श्रद्धालुओं को जहाँ अल्लाह के प्रति श्रद्धा की खुशी होती है, यहीं इबादत करने वाले को इस बात की खुशी होती है कि धर्म की बातों की फिर शुरुआत हुई है।

ईद का त्योहार भाईचारे एवं मैत्री का सन्देश देता है। इस्लाम के संस्थापक मुहम्मद साहब का सन्देश केवल मुसलमानों के लिए ही नहीं, बल्कि पूरी मानवता के लिए कल्याणकारी है। ईद-उल-फितर से पूर्व रोजा रखना हमें त्याग एवं तपस्या की प्रेरणा देता है। यह हमें सिखाता है कि हमारा जीवन केवल सुख-सुविधाओं एवं आराम का उपयोग करने के लिए नहीं है, बल्कि इसमें त्याग, अनुशासन एवं बलिदान को भी स्थान देना अनिवार्य है।

ईसाइयों में भी दो प्रमुख त्योहार मनाए जाते हैं-क्रिसमस और गुडफ्राइडे। ये दोनों त्योहार ईसा मसीह से सम्बन्ध रखते हैं। गुडफ्राइडे को ईसा मसीह के बलिदान दिवस के रूप में तथा क्रिसमस की ईसा मसीह के जन्मदिवस के रूप में मनाया जाता है। क्रिसमस को बड़ा दिन’ के नाम से भी जाना जाता है। ईसाई मान्यता के अनुसार, पहला क्रिसमस रोम में 336 ई. में मनाया गया था।

ईसाइयों के धर्मग्रन्थ ‘न्यू टेस्टामेण्ट’ में वर्णित क्रिसमस से सम्बन्धित एक कथा है। ईश्वर ने मरियम नामक एक कुँबारी लड़की के पास एक देवदूत भेजा, जिसका नाम गैब्रियल था। उस देवदूत ने मरियम को बताया कि वह ईश्वर के पुत्र को जन्म देगी तथा बालक का नाम जीसस रखा जाएगा। वह बड़ा होकर राजा बनेगा तथा उसके राज्य की कोई सीमा नहीं होगी।

देवदूत गैब्रियल जोसेफ के पास भी गए और उन्होंने उसे बताया कि मरियम एक बच्चे को जन्म देगी और उसे सलाह दी कि वह मरियम की देखभाल करे व उसका परित्याग न करे। जब राजकीय आदेशानुसार सभी नागरिकों को अपने मूल जन्मस्थान पर जनगणना में शामिल होने के लिए कहा गया, तब एक रात मरियम और जोसेफ नाजरथ से येथलेहम जाने के लिए निकले।

तभी रास्ते में तूफानी हवाओं और खराब मौसम के कारण उन्होंने एक अस्तबल में शरण ली, जहाँ मरियम ने 25 दिसम्बर की आधी रात को जीसस को जन्म दिया। जीसस के जन्मदिन के स्मरणस्वरूप ही प्रत्येक वर्ष 25 दिसम्बर को क्रिसमस का त्योहार मनाया जाता है।

जीसस का जन्म अर्द्धरात्रि को हुआ था, इसलिए क्रिसमस के समारोह अर्द्धरात्रि के बाद शुरू होते हैं। इसमें मोमबत्तियाँ जलाकर चर्च व घरों में जीसस क्राइस्ट एवं माता मरियम की सामूहिक पूजा की जाती है। इसके बाद जीसस क्राइस्ट की प्रशंसा में लोग कैरोल (सामूहिक गीत) गाते हैं तथा घर-घर जाकर गाने के रूप में क्राइस्ट का शुभ सन्देश एवं आने वाले नववर्ष के लिए शुभकामनाएँ देते हैं। ‘जिंगल बेल्स जिंगल बेल्स, जिंगल ऑल द बे’ क्रिसमस के अवसर पर गाया जाने वाला एक प्रसिद्ध गीत है।

क्रिसमस की बात हो और लाल व सफेद ड्रेस पहने हुए सफेद बाल एवं दाढ़ी वाले मोटे वृद्ध सान्ता क्लॉज, जो अपने बाहन रेडियर पर सवार रहता है, की कोई चर्चा न हो भला ऐसा कैसे हो सकता है। यही तो वह पात्र है, जिसकी प्रतीक्षा क्रिसमस के दिन प्रत्येक बच्चे को होती है। सान्ता क्लॉज एक क्रिश्चियन पौराणिक पात्र है, जो नए साल के आगमन से कुछ दिन पूर्व क्रिसमस की रात बच्चों को ढेर सारे उपहार एवं मिठाइयाँ दिया करता था। इसलिए कुछ लोग क्रिसमस के अवसर पर सान्ता क्लॉज बनकर बच्चों को उपहार एवं मिठाइयाँ देते हैं।

क्रिसमस के मौके पर घर के आँगन में क्रिसमस ट्री लगाने तथा इसे सजाने की भी परम्परा है। सिटीको एवं समृद्धि का प्रतीक माना जाता है। इस दिन चर्च को भी सजाया जाता है तथा जीसस क्राइस्ट की जन्मसम्बन्धी झांकियां लगाई जाती है।

इस दिन पृथ्वी पर अवतरित होकर जीसस फ्राइस्ट ने अपने छोटे से जीवनकाल में मानवता के कल्याण के लिए सदावरण एवं सहनशीलता का अद्वितीय उदाहरण प्रस्तुत करते हुए सबको प्रेम एवं भाईचारे का सन्देश दिया था। यह उत्सव सुख, शान्ति व समृद्धि का सूचक है। जीसस ने कहा था कि ईयर सभी व्यक्तियों से प्यार करते हैं, इसलिए हमें प्रेम को जीवन में अपनाकर ईश्वर की सेवा करनी चाहिए। ईश्वर की सेवा का सबसे उत्तम मार्ग गरीबों की सेवा करना है, फ्रिसमस का त्योहार हमें यही सन्देश देता है। अत: इसे सार्थक करने के लिए हमें अपने व्यावहारिक जीवन में जीसस के सन्देशों को लागू करना चाहिए। 

सिखों के भी अपने त्योहार होते हैं। इनमें ‘मैसाखी’ और ‘लोहड़ी’ प्रमुख है। वैसाखी के त्योहार को मनाने की मान्यता है कि इसी दिन 1699 ई. में सिखों के दसवें गुरु, गुरु गोबिन्द सिंह ने खालसा पन्थ’ की स्थापना की थी। इस स्थापना से गुरु गोबिन्द सिंह का मुख्य उद्देश्य था- लोगों को तत्कालीन मुगल शासकों के अत्याचारों से मुक्त करके, उनके धार्मिक, नैतिक और व्यावहारिक जीवन को श्रेष्ठ बनाना। इस दिन सिख लोग गुरुद्वारों में जाते हैं और पवित्र ‘गुरु ग्रन्थ साहिब’ का पाठ करते हैं। यह त्योहार उत्तर भारत में दिल्ली, हरियाणा, पंजाब, उत्तर प्रदेश सहित कई क्षेत्रों में मनाया जाता है।

इन त्योहारों की तरह तमिलनाडु में ‘पोंगल’, केरल में ‘ओणम’ एवं असम में ‘बिह’ को भी बड़ी धूमधाम से मनाने की परम्परा है। इन प्रसिद्ध त्योहारों के अतिरिक्त जैनियों की ‘महावीर जयन्ती’, बौद्धों की ‘बुद्ध जयन्ती’ एवं सिखों की ‘गुरुनानक जयन्ती’ भी हमारे देश के मुख्य पर्व है। भारत देश में धार्मिक एवं सांस्कृतिक त्योहारों की भाँति राष्ट्रीय त्योहार भी मनाए जाते हैं। इनमें 2 अक्टूबर ‘गाँधी जयन्ती’, 14 नवम्बर ‘बाल दिवस’, 15 अगस्त स्वतन्त्रता दिवस’ और 26 जनवरी ‘गणतन्त्र दिवस’ के रूप में उत्साहपूर्वक मनाए जाते हैं।

विभिन्न प्रकार के पर्व-त्योहार हमारे जीवन में खुशियों एवं मनोरंजन के रंग भरते हैं और नीरसता को समाप्त करते हैं। हमारी भारतीय संस्कृति की परम्परा विशेष समय में विशेष प्रकार के त्योहार मनाने की रही हैं। ये त्योहार सभ्यता-संस्कृति के अभिन्न अंग है। ये सभी त्योहार राष्ट्र को एकता के सूत्र में बाँधे रहने में अहम भूमिका का निर्वाह करते हैं। हमें चाहिए कि हम अपनी इस संस्कृति एवं एकता को बनाए रखने में विशेष योगदान दें और जाति, धर्म के भेद जैसी अफवाहों से बचें। हमें राष्ट्र को गौरवान्वित एवं समृद्धशाली बनाने के लिए लोगों में भाईचारे और बन्धुत्व की भावना जागृत करनी चाहिए तथा त्योहार के महत्व को जीवन में उतारना चाहिए।

26 जनवरी हम देशवासियों के लिए अति शुभ एवं गौरवपूर्ण दिन है। स्वतन्त्रता प्राप्ति के लगभग ढाई वर्ष बाद इसी ऐतिहासिक तिथि 26 जनवरी, 1950 को स्वतन्त्र भारत का संविधान लागू हुआ था। इस तिथि को डॉ. राजेन्द्र प्रसाद ने भारत के प्रथम राष्ट्रपति के रूप में शपथ ली थी और तत्कालीन वायसराय श्री राजगोपालाचारी ने विधिवत् रूप से अपने समस्त अधिकार उन्हें सौंपे थे।

डॉ. भीमराव अम्बेडकर एवं उनके सहयोगियों के अथक प्रयास से निर्मित संविधान के जारीहोते ही भारत सम्प्रभुता सम्पन्न गणराज्य बन गया। इसी उपलक्ष्य में प्रत्येक वर्ष 26 जनवरी, गणतन्त्र दिवस के रूप में मनाया जाता है। गणतन्त्र का अर्थ है-ऐसी शासन व्यवस्था, जिसमे सत्ता जनसाधारण में समाहित हो अतः सागू होने के साथ ही भारत 26 जनवरी, 1950 से गणतन्त्र राष्ट्र बन गया।

गणतन्त्र दिवस हमारा राष्ट्रीय पर्व है। इस दिन प्रत्येक भारतीय, देश की आजादी में अपने प्राणों की आहत देने शहीदों को याद कर उन्हें श्रद्धाजलि अर्पित करते है| गणतन्त्र दिवस की पूर्व संध्या पर राष्ट्रपति राष्ट्र के नाम सन्देश देने है, जिसका सीधा प्रसारण रेडियो एवं दूरदर्शन पर किया जाता है। इण्डिया गेट, विजय पथ, नई दिल्ली में गणतन्त्र दिवस का समारोह विशेष रूप से आयोजित किया जाता है।

देश के अतिथि के रूप में प्राय: किसी देश के राष्ट्राध्यक आमन्त्रित किया जाता है। राष्ट्रपति द्वारा राष्ट्रीय ध्वज फहराने के बाद भव्य झांकी का आयोजन किया जाता है। नेट से लेकर विजय पथ तक इसे देखने के लिए लाखों लोगों की भीड़ उमड़ पड़ती है। थल सेना, नौसेना, वायु सेना एवं अर्द्धसैनिक बलों की परेड इस समारोह की सर्वाधिक मनोरम दृश्य होती है। इसके अतिरिक्त, पूरे देश की संस्कृति का आभास कराते हुए प्रायः सभी प्रदेशों की भव्य एवं खूबसूरत झाँकियाँ लोगों का मन मोह लेती है।

इस समारोह में देश के लिए अपनी जान की बाजी लगा देने वाले जवानों को विशेष रूप से सम्मानित किया जाता है। देश के कोने-कोने से किसी विशेष अवसर पर अपनी सूझ-बूझ एवं वीरता का प्रदर्शन करने वाले बहादुर बच्चों को भी इस दिन राष्ट्रपति द्वारा पुरस्कृत किया जाता है। परेड के अन्त में वायु सेना के जहाज आकाश में कलाबाजियाँ प्रस्तुत कर दर्शकों का मन मोह लेते हैं। प्रजातन्त्र एवं लोकतन्त्र गणतन्त्र के ही समानार्थी शब्द है। प्रजातान्त्रिक शासन प्रणाली के अनेक लाभ है।

प्रजातान्त्रिक शासन में राज्य की अपेक्षा व्यक्ति को अधिक महत्त्व दिया जाता है। राज्य व्यक्ति के विकास के लिए पूर्व अवसर प्रदान कराता है। जिस प्रकार व्यक्ति और समाज को अलग करके दोनों के अस्तित्व की कल्पना नहीं की जा सकती, ठीक उसी प्रकार प्रजातान्त्रिक शासन प्रणाली में प्रजा और सरकार को अलग-अलग नहीं देखा जा सकता प्रजातन्त्र के अनेक लाभ हैं, तो इससे कई प्रकार की हानियाँ भी सम्भव हैं। प्रजातन्त्र की सफलता के लिए यह आवश्यक है कि जनता शिक्षित हो एवं अपना हित समझती हो। जनता को यह समझना होगा कि आज़ादी हमें सरलता से नहीं मिली है।

इसके लिए हज़ारों लोगों ने अपने प्राण गँवाए हैं। आज़ादी मिलने के बाद देश का गणतन्त्र बनना हमारे लिए दोहरी खुशी है। इस शुभ दिन का सभी को आदर करना चाहिए। गणतन्त्र दिवस आजादी के शहीदों को याद करने एवं उन्हें श्रद्धांजलि देने में मुख्य भूमिका निभाता है। इस दिन राष्ट्रपति भवन में अनेक राजकीय समारोह आयोजित किए जाते हैं। विदेशी राजनयिक, वरिष्ठ सम्माननीय जन व पदक बिजेता यहाँ एकत्र होते हैं। रात्रि को राष्ट्रपति भवन, सचिवालय, इण्डिया गेट व अन्य राजकीय कार्यालय रंग-बिरंगे प्रकाश से जगमगा उठते हैं। लालकिले के प्रांगण में कवि सम्मेलन का आयोजन किया जाता है।

स्कूलों में देशभक्ति एवं सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है। राष्ट्रीय एकता का यह पर्व सभी धर्मों के लोगों को मिल-जुलकर रहने एवं प्रेम-भाईचारे का सन्देश देता है। यह हमें देश की स्वतन्त्रता, अखण्डता एवं सम्प्रभुता बनाए रखने की सीख देता है।

यह नहीं भूलना चाहिए कि हम आज जिस आज़ादी की साँस ले रहे हैं, वह वीर जवानों की देन है। सरहद पर जवान सर्दी-गर्मी आदि परेशानियों को सहते हुए भी हर समय दुश्मनों पर केवल इसलिए दृष्टि रखते कि हमारा गणतन्त्र सुरक्षित रह सके। हमें भी अपनी स्वतन्त्रता एवं अखण्डता बनाए रखने का संकल्प लेते हुए, देश के बिकास में हर सम्भव योगदान देना चाहिए। महान् सन्त ‘रामतीर्थ’ कहते थे-“राष्ट्र के हित के लिए प्रयत्न करना विश्व की शक्तियों अर्थात् देवताओं की आराधना करना है।”

reference Major Festivals of India Essay in Hindi

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मेरा नाम सविता मित्तल है। मैं एक लेखक (content writer) हूँ। मेैं हिंदी और अंग्रेजी भाषा मे लिखने के साथ-साथ एक एसईओ (SEO) के पद पर भी काम करती हूँ। मैंने अभी तक कई विषयों पर आर्टिकल लिखे हैं जैसे- स्किन केयर, हेयर केयर, योगा । मुझे लिखना बहुत पसंद हैं।

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भारतीय के राष्ट्रीय पर्व पर निबंध | Indian National Festivals Essay in hindi

भारतीय के राष्ट्रीय पर्व पर निबंध Indian National Festivals Essay in hindi

हमारा भारत देश एक धर्मनिरपेक्ष देश है, यहाँ सारे तीज त्यौहार को सभी जाति धर्म के लोग मिल जुलकर बड़े धूमधाम से मनाते है. राखी, दिवाली, दशहरा, ईद, क्रिसमस और भी अनेको त्यौहार को सभी लोग साथ में मनाते है. भारत देश में त्योहारों की कमी नहीं है, धर्म जाति के हिसाब से सबके अलग अलग त्यौहार है. लेकिन कुछ ऐसे भी त्यौहार है, जो किसी जाति विशेष के नहीं है, बल्कि हमारे राष्ट्र के है, जिसे हम राष्ट्री पर्व कहते है.

Table of Contents

भारतीय के राष्ट्रीय पर्व  (Indian national festivals in hindi)

1947 से देश की आजादी के बाद ये राष्ट्रीय पर्व हमारे जीवन का हिस्सा बन गए, तब से लेकर अब तक हम इन्हें बड़े ही हर्षोल्लास से मनाते है. ये पर्व हमारी राष्ट्रीय एकता को दर्शाते है. भारत के प्रमुख राष्ट्रीय पर्व –

ये नेशनल पर्व है, साथ ही ये नेशनल हॉलिडे भी है. इसके अलावा टीचर्स डे, चिल्ड्रन डे भी नेशनल हॉलिडे है, ये हमारे देश के महान स्वतंत्रता संग्रामी की याद में मनाये जाते है. इसके अलावा सरदार वल्लभभाई पटेल , भगत सिंह व् भीमराव अम्बेडकर जैसे महान स्वतंत्रता संग्रामी व् नेताओं को विशेष दिन श्रधांजलि दी जाती है. ये त्यौहार देश को प्रेम व् एकता का सन्देश देते है. भारत में राष्ट्रीय त्योहारों को विशेष रूप से मनाया जाता है, इसलिए ये उन्हें बाकि त्योहारों से अलग करता है. सरकार इन पर्व को मनाने के लिए विशेष तौर पर तैयारी करती है, पूरे देश  को एक दुल्हन की तरह सजाया जाता है. तरह तरह के सांस्कृतिक कार्यक्रम होते है.

indian national festivals

स्वतंत्रता दिवस व् गणतंत्र दिवस को सर्वोच्च स्थान प्राप्त है. ये हमारे देश के विशिष्ठ त्योहारों में से एक है. इस दिन हर राज्य, जिले, व् सरकारी भवनों में तिरंगा झंडा फ़हराया जाता है.  सभी सरकारी दफ्तर, संस्थान व् शैक्षिक संसथान में विशेष रूप से कार्यक्रमों का आयोजन होता है, व् सभी जगह इसे एक समान रूप में मनाया जाता है. भारत की राजधानी दिल्ली में विशेष रूप से कार्यक्रम आयोजित होते है, हमारे देश की सैन्य शक्ति का भी प्रदर्शन किया जाता है. इस दिन पुरुस्कार व् सम्मान समारोह भी आयोजित होते है, जिसमें देश के लिए अद्भुत काम करने वालों को सम्मानित किया जाता है. देश की जनता एक दुसरे को मेसेज, कार्ड देकर इस दिन बधाई देती है.

स्वतंत्रता दिवस (Independence day) –

1947 को भारत देश को ब्रिटिश शासन से 200 सालों बाद स्वतंत्रता मिली थी. जिसे हम हर साल सेलिब्रेट करते है. हर साल 15 अगस्त को हमारे देश की स्वतंत्रता को पुरे जोश के साथ मनाया जाता है. ये हर एक भारतीय के लिए आनंदमय दिन होता है, इस दिन सभों को देश के लिए जान देने वाले शहीदों की याद आती है, सब उन्हें श्रधांजलि देते है. इस दिन प्रधानमंत्री दिल्ली के लाल किले में झंडा फहराते है, सभी मुख्यमंत्री अपने अपने प्रदेश में, व् और बड़े नेता किसी न किसी जिले में हमारे देश की शान तिरंगे झंडे को फहराते है. लाल किले  से प्रधानमंत्री जी देश के नाम भाषण भी देते है. प्रधानमंत्री जी देश में हुए विकास व् आने वाले समय की नयी योजनाओं के बारे में बात करते है. झंडा बंधन के बाद राष्ट्रगान भी गाया जाता है. प्रधानमंत्री देश की सेना को सलामी देते है.

स्कूल, कॉलेज में भी इस दिन के लिए पहले से तैयारियां शुरू हो जाती है. नाच गाने, भाषण के साथ इस दिन को मनाया जाता है. जिसके बाद पुरुस्कार वितरण भी होता है. अलग अलग शैक्षिक संस्थान के अलावा, जिले में इसे एक साथ भी मनाया जाता है, जहाँ सारे स्कूल, कॉलेज के बच्चे भाग लेते है. यहाँ डांस, पीटी, परेड, भाषण, गाने का प्रोग्राम होता है. साथ में इस दिन के कुछ दिन पूर्व से तरह तरह के खेल, वाद-विवाद, फेस पेंटिंग जैसी प्रतियोगिताओं का भी आयोजन किया जाता है. इन सभी गतिविधियों से देश के नागरिक की एकता और मजबूत होती है. टीवी, रेडियो पर इस दिन स्वतंत्रता से जुड़े कार्यक्रम आते है, फ़िल्में गाने के अलावा किसी व्यक्ति विशेष के बारे में बताया जाता है.

गणतंत्र दिवस (Republic day)

26 जनवरी 1950 को भारत देश का स्वतंत्र संविधान लागु हुआ था. जिसके बाद से हर साल 26 जनवरी को हम गणतंत्र दिवस के रूप में मनाते है. इस दिन प्रधानमंत्री इंडिया गेट पर देश के सभी शहीदों को श्रध्दा सुमन अर्पित करते है. इस दिन का भारत के हर एक नागरिक के जीवन में विशेष महत्त्व है, इस दिन भारत सम्पूर्ण गणराज्य बन गया था. देश को अपनी सरकार चलाने का हक मिला था. गणतंत्र दिवस के मौके पर भी स्वतंत्रता दिवस जैसी तैयारी होती है, हर जगह झंडा बंधन होता है, राष्ट्रगान फिर भाषण. दिल्ली के राजपथ पर इसकी विशेष तयारी होती है. दिल्ली के स्कूली बच्चों के द्वारा स्पेशल फोल्क डांस तैयार किया जाता है, साथ ही इस दिन एक विशेष तयारी होती है. इस दिन देश के सभी राज्य, मंत्रालय द्वारा राजपथ पर विशेष झाकियां निकाली जाती है. ये झांकी किसी भी विषय पर बनाई जाती है. इस दिन भारत में गेस्ट के रूप में विदेश से किसी नेता को बुलाया जाता है. नरेंद्र मोदी जी के प्रधानमंत्री बनने के बाद उसके पहले गणतंत्र दिवस पर 2015 में अमेरिका के राष्ट्रपति बराक ओबामा को बुलाया गया था. राजपथ पर ये प्रोग्राम 2 घंटे के लगभग चलता है.

इसी दिन शोर्य व् वीरता के पुरुस्कार भी वितरित किये जाते है, पद्म भूषण, विभूषण, भारत रत्न जैसे विशेष सम्मान के लिए नामों का नामांकन भी इसी दिन होता है. देश के हर जिले में इसे मनाते है, वहां भी अलग अलग झाकियां निकाली जाती है, जो आकर्षण का मुख्य केंद्र होती है. राज्य के गवर्नर सेना की परेड को सलामी देते है.

गाँधी जयंती (Gandhi Jayanti)-

हमारे देश के राष्ट्रपिता ‘मोहनदास करमचन्द गाँधी’ जी के जन्म दिन 2 अक्टूबर को गाँधी जयंती के रूप में समस्त भारत में मनाया जाता है. महात्मा गाँधी ने अपने कठिन प्रयासों से भारत देश को आजादी दिलाई थी. अहिंसावादी गाँधी जी देश के लिए जान देने को तैयार थे, उन्हें बस देश की आजादी प्यारी थी. राष्ट्रीय पर्व में इसका भी महत्वपूर्ण स्थान है. इस दिन को स्वतंत्रता दिवस व् गणतंत्र दिवस जैसे बड़े तौर पर नहीं मनाया जाता है, लेकिन यह दिन हर भारतीय को शांति व् भाईचारे का सन्देश देता है. गाँधी जी सत्याग्रह व् अहिंसा के साथ हमेशा खड़े रहे है, उन्होंने अपने मूल्यों पर चलकर देश को आजादी दिलाई थी. इस दिन सरकारी, व् शैक्षिक संसथान पर गाँधी जी को श्रद्धा सुमन अर्पित किये जाते है, उनके बारे में गीत भाषण का आयोजन होता है.

इस दिन प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति व् देश का हर एक बड़ा नेता गाँधी जी के समाधी स्थल राजघाट में जाता है और महात्मा गाँधी को श्रधांजलि देते है, यहाँ विशेष प्राथना सभा का भी आयोजन किया जाता है. साथ ही गाँधी जी के जीवन पर आधारित भाषण, वाद-विवाद, पेंटिंग, निबंध, क्रिएटिव राइटिंग प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाता है. इससे बच्चे गाँधी जी को और करीब से जान पाते है. 2014 में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी ने गाँधी जयंती पर ही ‘ स्वच्छ भारत अभियान’ का  शुभारम्भ किया था.

उपर बताये गए दिनों के अलावा कुछ और यादगार दिन भी है, जैसे लाला लाजपत राय, रानी लक्ष्मी बाई, सुभाषचंद्र बोस आदि ये वे सभी लोग है, जिन्होंने हमारे देश की आजादी के लिए अपने प्राण न्योछावर कर दिए. इन्होने देश को आजाद करना अपना पहला कर्तव्य समझा. ये सभी दिनों को छोटे तौर पर मनाया जाता है. राष्ट्रीय तौर पर यही त्यौहार हमारे देश को एकिकृत करते है, जहाँ कोई जाति, धर्म, समाज हमें इन त्यौहारों को ना मनाने के लिए बाध्य नहीं कर सकता.

राष्ट्रीय पर्व पर भारतीय क्या – क्या करते हैं

  • राष्ट्रीय पर्व के दौरान स्कूलों एंव सार्वजनिक स्थानों में कार्यक्रम किये जाते हैं.
  • इस दिन छात्र देश हित में नाट्य करते हैं.
  • कुछ सरकारी स्कूल एंव प्राइवेट स्कूलों में प्रतियोगिता रखी जाती है.
  • समाजिक शांति चाहने वाले लोग इस दिन देश के वीर जवानों एंव देश हित में कार्य करने वाले लोगों के बारें में जानकारी देते हैं.
  • गणतंत्र दिवस एंव स्वंत्रता दिवस के दिन भारतीय देशभक्ति गीत एंव देशभक्तों का गुणगान करते हैं.
  • महात्मा गांधी जयंती पर बापू के जीवन के बारें में बताया जाता है. बताया जाता है की कैसे उन्होंने भारत के लिए क्या – क्या किया था.
  • वैसे तो राष्ट्रीय पर्व राष्ट्रीय हॉलिडे होते हैं राष्ट्रीय पर्वों पर स्कूलों एंव कार्यालयों में सांस्कृतिक आयोजन किये जाते हैं.
  • गणतंत्र दिवस हिंदी कविता
  • देशभक्ति मेसेज
  • वैलेंटाइन डे इतिहास, गिफ्ट आईडिया

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भारतीय त्योहार पर निबंध | Essay on Indian Festivals in Hindi

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भारतीय त्योहार पर निबंध | Essay on Indian Festivals in Hindi!

आज का युग विज्ञान का युग है । बीसवीं शताब्दी में मनुष्य का चाँद पर पदार्पण मानव-जाति के लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है । जीवन के लगभग सभी क्षेत्रों में नित नए अनुसंधान एवं प्रयोगों के माध्यम से मनुष्य बहुआयामी विकास की ओर अग्रसर हुआ है ।

ADVERTISEMENTS:

इसके बावजूद मनुष्य का सर्वांगीण विकास तब तक संभव नहीं है जब तक कि बौद्‌धिक विकास के साथ-साथ उसमें भावनात्मक विकास न हो । हमारे देश के त्योहार, हमारे पर्व, मनुष्य के भावनात्मक विकास में सदैव सहभागी रहे हैं ।

ये त्योहार करुणा, दया, सरलता, आतिथ्य सत्कार, पास्परिक प्रेम एवं सद्‌भावना तथा परोपकार जैसे नैतिक गुणों का मनुष्य में विकास करते हैं । इन्हीं नैतिक मूल्यों की अवधारणा से मनुष्य को चारित्रिक अथवा भावनात्मक बल प्रदान होता है ।

नैतिक मूल्यों के साथ-साथ त्योहारों को मनाने से जो खुशियाँ मिलती हैं, आज के तनावग्रस्त माहौल में उसका महत्व भी कम नहीं है । भारत को यदि त्योहारों का देश कहें तो अतिशयोक्ति नहीं होगी । इस देश में विभिन्न धर्मों एवं संप्रदायों के लोग निवास करते हैं तथा किसी न किसी धर्म या संप्रदाय से संबद्‌ध त्योहारों का क्रम यहाँ चलता ही रहता है ।

कभी हिंदुओं की दीवाली होती है तो कभी सिक्खों की वैशाखी । मुसलमान कभी ईद की खुशियाँ मनाते हैं तो कभी ईसाई क्रिसमस के अवसर पर चर्च में प्रार्थना करते दिखाई देते हैं । ये त्योहार मनुष्य की नीरस दिनचर्या में सुख का अरुण प्रभात लेकर आते हैं ।

भारत के त्योहार देश की संस्कृति की महानता को उजागर करते हैं । ये उत्सव हमारा गौरव हैं । विभिन्न जातियों, भाषाओं, प्रांतों व भिन्न-भिन्न संप्रदायों के विभिन्न रंगों को एकाकार करने में हमारे त्योहार सदैव ही प्रमुख भूमिका निभते हैं । विभिन्नताओं के इस देश में होने वाले त्योहारों का स्वरूप भी भिन्न है । कुछ त्योहारों का स्वरूप इतना व्यापक है कि इसमें देश के अधिकांश लोग भाग लेते हैं वहीं कुछ त्योहार क्षेत्रीय होते हैं जो किसी क्षेत्र विशेष तक ही सीमित होते हैं, जैसे – बिहार का छठ, पंजाब की बैशाखी या तमिलनाडु का पोंगल ।

भारतीय त्योहार प्राय: ऋतु चक्र के अनुसार आयोजित किए जाते हैं । सभी त्योहार जनमानस के लिए खुशियाँ, उल्लास व उत्साह प्रदान करते हैं तथा ये त्योहार स्वयं में एक विशेष संदेश भी समाहित किए होते हैं । जैसे रक्षाबंधन का त्योहार भाई-बहन के प्रेम की प्रगाढ़ता को दर्शाता है और आजीवन बहन की रक्षा के लिए भाई वचन लेता है ।

हर्षोंल्लास से परिपूरित ‘विजयादशमी’ का त्योहार हमारी गौरवशाली पौराणिक गाथा को दोहराता है जिसमें भगवान राम ने राक्षसराज रावण का वध कर धरती पर से पाप का नाश करने की चेष्टा की थी । यह त्योहार बुराई पर अच्छाई की, असत्य पर सत्य की विजय का प्रतीक है । इसी प्रकार हर तरफ जगमगाते दीयों से रौशन त्योहार ‘दीपावली’ हर एक के दिलों में उत्साह और खुशी लाता है जिसमें दुश्मन भी अपने पुराने झगड़े भूलकर नया मैत्रीपूर्ण जीवन प्रारंभ करते हैं ।

इसके अतिरिक्त राष्ट्रीय स्तर पर अल्पसंख्यक वर्ग के भी अनेक त्योहार हैं जैसे मुस्लिम भाइयों की ईद, मुहर्रम तथा सिक्खों का बैशाखी; इसी प्रकार ईसाइयों का प्रसिद्‌ध क्रिसमस का त्योहार । ये सभी त्योहार लोगों में खुशियाँ, उत्साह व मन में नवीनता लाते हैं जो मनुष्य की नीरसता को तो दूर करते ही हैं साथ ही साथ लोगों को नैतिक मूल्यों की अवधारणा हेतु भी प्रेरित करते हैं ।

यदि हम अपने कुछ राष्ट्रीय त्योहारों की चर्चा करें तो ये भी धार्मिक त्योहारों से कम महत्व के नहीं हैं । स्वतंत्रता दिवस, गणतंत्र दिवस, बाल दिवस, गाँधी जयंती, शिक्षक दिवस आदि राष्ट्रीय त्योहार देश और समाज के प्रति हमारे कर्तव्यों का स्मरण कराते हैं ।

इन त्योहारों के आगमन पर हमें अपने देश के इतिहास, उसकी परंपराओं तथा वर्तमान में हम किस ओर जा रहे हैं, इसका निरीक्षण करने का एक अवसर प्राप्त होता है । विभिन्न अवसरों पर हम अपने महापुरुषों का स्मरण करते हैं तथा उनके आदर्शों का पालन करने की चेष्टा करते हैं ।

इन धार्मिक व सामाजिक त्योहारों के अतिरिक्त स्वतंत्रता दिवस, गणतंत्र दिवस एवं गाँधी जयंती हमारे राष्ट्रीय पर्व हैं जिन्हें हम हर वर्ष पूरे धूमधाम से मनाते हैं । ये राष्ट्रीय पर्व हमें उन अमर शहीदों की याद दिलाते हैं जिन्होंने देश की आजादी के लिए हँसते-हँसते अपने प्राण न्यौछावर कर दिए । इन त्योहारों पर हर भारतवासी यह संकल्प लेता है कि वह देश की एकता, गौरव व इसकी अखंडता बनाए रखने हेतु सदैव तत्पर रहेगा ।

हमारे भारतीय त्योहारों का स्वरूप भिन्न है । इन्हें मनाने की विधियाँ अलग हैं परतु इन सभी त्योहारों का मूल एक है । यही हमारी भारतीय संस्कृति का भी मूल है जो समस्त भारतवासियों को एक सूत्र में पिरोए रखता है । सभी त्योहार लोगों को उत्साह, खुशी व भाई-चारे का संदेश देते हैं । वर्तमान में हमारे क्षेत्रीय त्योहार भी जब राष्ट्रीय स्तर पर मनाए जाने लगे हैं तो इन त्योहारों का महत्व और भी बढ़ जाता है ।

देश के त्योहार सामाजिक, धार्मिक, सांस्कृतिक एवं आध्यात्मिक हर दृष्टि से महत्वपूर्ण हैं । इन त्योहारों की शुद्‌धता, पवित्रता व मूल भावना को बनाए रखने का दायित्व हम सभी पर है । ये त्योहार हमारी भारतीय संस्कृति का गौरव हैं और हमारी पहचान भी । इनके महत्व के कम होने का सीधा तात्पर्य है हमारी स्वयं की पहचान का खोना जिसे एक जिम्मेदार नागरिक कभी स्वीकार नहीं कर सकता है ।

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10 Lines on National Festivals in Hindi – 10 Lines Essay

10 lines on national festivals in hindi language :.

Hello Student, Here in this post We have discussed about National Festivals in Hindi. Students who want to know a detailed knowledge about National Festivals, then Here we posted a detailed view about 10 Lines Essay National Festivals in Hindi. This essay is very simple.

National Festivals

1) हमारे देश मे बहुत सारे राष्ट्रीय पर्व मनाए जाते हैं।

2) हमारे देश में सबसे बड़े पैमाने पर मनाए जाने वाले तीन राष्ट्रीय त्यौहार है।

3) 15 अगस्त जिस दिन को हम स्वतंत्रता दिवस के त्तौर पर मनाते हैं।

4) 2 अक्टूबर महात्मा गांधी की जन्म दिवस को हम गांधी जयंती के रूप में मनाते हैं।

5) 26 जनवरी जिस दिन को हम गणतंत्र दिवस के रूप में मनाते हैं।

6) स्वतंत्रता दिवस पर हमारे देश के प्रधानमंत्री लाल किले पर ध्वजारोहण करते हैं।

7) इन राष्ट्रीय पर्व पर हमारे देश में राष्ट्रीय अवकाश घोषित किया गया है।

8) इन राष्ट्रीय पर्व के वजह से भारतीयों में एकता की भावना जागृत होती है।

9) राष्ट्रीय पर्व मनाने से हमारे मन में देश के लिए गौरव और देश भक्ति जागृत होती है।

10) 15 अगस्त, 26 जनवरी और 2 अक्टूबर को मनाए जाने वाले तीन  राष्ट्रीय त्योहारों को हम सभी भारतीय मिलकर मनाते हैं।

1) हमारा देश त्योहारों की भूमि है।

2) भारत में कई सारे राष्ट्रीय पर्व उत्सव मनाए जाते हैं।

3) हमारे देश में कई सारे धार्मिक उत्सव और राष्ट्रीय पर्व मनाए जाते हैं।

4) हमारे देश के राष्ट्रीय उत्सव स्वतंत्रता दिवस, गांधी जयंती और गणतंत्र दिवस है।

5) यह तीन उत्सव पूरा देश मनाता है।

6) यह तीन राष्ट्रीय पर्व स्कूलों और सरकारी दफ्तर में मनाए जाते हैं।

7) हमारे देश में राष्ट्रीय पर्व अपने नागरिकों के लिए विशेष महत्व रखता है।

8) राष्ट्रीय पर्व को हमारे देश में राष्ट्रीय अवकाश घोषित कर दिया है।

9) गांधी जयंती को हर साल 2 अक्टूबर को मनाया जाता है।

10) यह उत्सव मनाने से देशभक्ति का वातावरण बना रहता है।

Hope above 10 lines on National Festivals in Hindi will help you to study. For any help regarding education Students please comment us. Here we are always ready to help You.

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  • National Festivals of India Essay

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Essay on National Festivals of India

Vibrant, cheerful and joyful – are the words to describe the festivals of India. There are umpteen number of festivals which are celebrated joyfully in India.On top of these festivals, there are few National festivals that the whole of India proudly comes together to celebrate irrespective of their religion or caste. This National Festivals of India essay is for kids studying in Class 5 and above. The language is kept plain and simple to make it easy for students to understand well. They will be easily able to write a short National Festivals of India essay in English after going through this article.

Long Essay on National Festivals of India

India is a culturally diverse country. It is home to many religions, castes and communities. People celebrate many different festivals in the way the respective festivals are celebrated in their respective communities. But these national festival days have been immensely important in the chapters of Indian history. National festivals help bring in a sense of patriotism. It reminds us that despite all our differences, our love for our country unites us all. We commemorate these festivals with great pomp and show to celebrate the milestones of India’s history. National festivals in India constitute Independence Day, Republic Day and Gandhi Jayanti.

Independence Day falls on the 15th of August. On this day, in 1947, the colonization of India by the British came to an end, which had lasted for two hundred years. It took a long drawn out struggle to free the country and its citizens from the shackles of British rule. The likes of Mahatma Gandhi, Bhagat Singh, Sarojini Naidu and Bal Gangadhar Tilak, those who fought for our freedom are honored on this day. This day also marks the partition of India and Pakistan. To commemorate this day, first the President addresses the nation through a broadcast on the eve of 15th August. In the morning of the day, the present prime minister arrives at the Red Fort in New Delhi and the guard of honour greets him. The Indian national flag is hoisted and then the national anthem is sung across the nation. The prime minister addresses the nation from Red Fort, exactly the way Jawaharlal Nehru, the first prime minister of India, had done back in 1947. It is followed by a parade by the Indian military and paramilitary forces. Selected performances by school children are also carried out. Flag hoisting is done across India, majorly in schools and colleges. Every government building in the country sports the tri-color on its terrace. Kids and elders enjoy flying kites and playing with colors of our tri-color. Different plays and movies are showcased on various platforms, to remind the new generation of the contributions and sacrifices the freedom fighters made for us to be able to breathe in the free air.

On 26th of January 1950, the Constitution of India came into effect and our country became a republic. On this day in the year 1929 the Indian National Congress had proclaimed “Poorna Swaraj” against the Dominion status offered by the British Regime. The final draft of the Constitution took two years and eleven months to be ready. It contained the preamble and fundamental rights that are guaranteed to each and every Indian citizen. The commemoration begins with the parade from RashtrapatiBhavan to Rajpath. Unlike Independence day, the President presides over the Republic Day celebration. The armed forces march towards the India Gate, the flag hoisting is done and the national anthem is sung. Armed forces and tableaus from various states, selected by the ministry of defense participate in the parade. Bravery awards are presented, the graves of those who sacrificed their lives for the country are garlanded- a leader from a foreign country is invited as a chief guest to honor the event. People wake up early on a Republic Day morning to watch the parade.

To remember the Father of the Nation Mohandas Karamchand Gandhi also known as Mahatma Gandhi, his birth anniversary is commemorated as Gandhi Jayanti. It falls on the 2nd October. He was one of the revered freedom fighters and is known for his ideologies of non-violence. His beliefs are still practiced. The Prime Minister pays homage at Raj Ghat, his crematorium. This day is observed in the schools too. Students take part in various events like essay competitions, poem recitation and banner-making promoting nonviolence. This day is also celebrated as the International day of Non-Violence in honor of Mahatma Gandhi.

Short Paragraph on National Festivals of India

Three national festivals are celebrated in India. They are Independence Day, Republic Day and Gandhi Jayanti. People celebrate the National Festivals of India with as much magnificence as the regional religious festivals. The citizens of the nation get doused in patriotism on all three occasions. Many different events- big and small, get organized all over the country at various locations to celebrate the three festivals.To add splendor to the festive mood, schools, colleges, squares, roads, market spaces, offices, buses etc. are all decked up with flags, balloons, flowers, fairy-lights, and drapes in tri-colour. Essay writing, poem recitation, debates, skits, fancy dress competitions, plays, and many other cultural activities are carried out as a part of these National Day Festival celebrations.In a country like India with so much cultural diversity, festivals like these really help the citizens of the country stay united.

What Are The Major National Festivals Of India? 

India is a very vast country with a wide variety of cultures, religions, etc. So, you can see diversity in festivals celebrated in India as well. These festivals are in huge numbers. Therefore, we will only discuss some of the major national festivals of India. These are as follows:

Diwali (Deepavali): It is one of the most important festivals that is celebrated all over India in October - November. This festival is marked by people - lighting earthen lamps, distributing sweets to friends, family and relatives and bursting firecrackers. 

Holi: It is also one of the most popular festivals celebrated across the country. It is also named the festival of colours as it is marked by people putting colours on each other's faces, clothes, etc. This festival is celebrated with the start of the spring season. 

Navratri: This is one of the major festivals celebrated by the Hindu community. It is celebrated all over India. Navratri is a Sanskrit word and means nine nights. So, as the name suggests, this festival lasts for nine days and nine nights. In some parts of India, people dance during this festival as well. 

Durga Puja: If we talk about the major festivals of India, we can't skip Durga Puja. This festival is celebrated all over India by millions of Hindus. It lasts for four days and during those four days, people worship Goddess Durga. All the people wear new dresses during this festival. 

Dussehra: This festival is celebrated when Navratri ends or even when Durga Puja ends. Dussehra is also known as Vijayadashami. In different parts of the country, you will see that this festival is celebrated differently. In Mysore, Dussehra is celebrated in the best possible way by decorating the Mysore Palace with dazzling lights. 

Janmashtami: It is also one of the most prominent festivals celebrated all over the country. This festival is celebrated on the day of the birth of Lord Krishna. On this day, people from all parts of India worship Krishna either at their homes or at temples. 

Ganesh Chaturthi: This festival is also known as Vinayaka Chaturthi. It is a significant festival for all the Hindus all over India. This festival marks the birth of Ganesha and is celebrated for over 10 days. 

Eid-ul-Fitr: This is one of the most important festivals for the Muslim community of India. It marks the end of Ramadan (the most sacred month for Muslims). It is celebrated on the first day of Shaban (Islamic Month). On this auspicious occasion, all the people wear new clothes, pray Eid Namaz in mosques and visit their relatives' houses. 

Christmas: This is the most popular festival in the world as it marks the birth of Jesus Christ. In India, it is celebrated on a large scale as well. It is celebrated on the 25th of December, every year and is followed by the New Year. 

There are other National Festivals that are celebrated in India as well. These include Maha Shivratri, Pongal, Onam, Baisakhi, Rakshabandhan, Gurpurab, Makar Sankranti. 

The national festivals of India are very important days to be celebrated in honor of our great leaders and to draw inspiration from their unparalleled deeds. It gives us an opportunity to keep the history of our nation close to our hearts even after so many years. It facilitates keeping aside the differences of the citizens and getting united with each other. The events organized to celebrate these days offer us to feel proud of our nation and help us to bond with our neighbors, colleagues and other near and dear ones over patriotism. Students in school develop patriotism from a very early age.

A lot of students find it very hard to write a good essay as they struggle to put the right words in the right place. If you are struggling with your essays as well and want to learn more about essay writing then this article will be very helpful for you. To write a good essay, you first need to do detailed research about the topic on which you are writing your essay. When you grasp all that information, then you should be able to pen it down in such a way that it looks attractive, and it should be able to draw the attention of readers. Your words should be simple and easy to understand and you should not make it too long as readers would get bored if they have to read a very long text. You should not write it short either as you won't be able to fit all the information in it. So, your essay should be of medium length. 

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FAQs on National Festivals of India Essay

1. What are the National Festivals Commemorated in Our Country?

We have 3 national festivals, namely, Independence Day, Republic Day and Gandhi Jayanti.

2. Why are National Festivals Celebrated?

It’s to stay in touch with our country’s history and to honour those who have been brave to fight for the freedom we have today.

3. State the difference between Religious Festivals and National Festivals?

Religious festivals are celebrated differently amongst different communities whereas national festivals are celebrated by all Indians in the same way irrespective of their religion, caste or community.

4. How do I write a good essay on National Festivals in English? 

To write a good essay on the National Festivals, you first need to do detailed research on the different festivals that different people celebrate all over the country. Once you have the data related to all these festivals, you can then frame your essay accordingly. You have to go through all the important festivals and collect information about them. You can then put all that information in your essay which will make it more attractive. 

5. What are the different types of festivals celebrated in India? 

India being a secular country experiences a variety of festivals. All these festivals in one way or another bring people together. You will see a diverse range of cultures related to each of these festivals. Some of the most popular festivals celebrated in India are Diwali, Holi, Eid, Christmas, Guru Nanak Gurpurab, Onam, Pongal, etc. All these festivals are associated with different religions of India. All these festivals are a major source of happiness and joy for people across religions. 

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