डाकघर पर निबंध | Essay On Post Office In Hindi

Essay On Post Office In Hindi : नमस्कार दोस्तों आज हम डाकघर पर निबंध पढ़ेगे. आज संदेश प्रेषण के तमाम आधुनिक उपलब्ध है जैसे ईमेल, संदेश, सोशल मिडिया इत्यादि. मगर आज से कुछ दशक पूर्व तक एक स्थान से दूसरे स्थान पर समाचार भेजने का साधन डाक ही हुआ करती थी.

जहाँ से डाक भेजी व प्राप्त की जाती है उसे डाकघर कहा जाता हैं. शायद आपमें से बहुत से लोगों ने इसे न भी देखा हो. इस निबंध, भाषण, अनुच्छेद, लेख में डाकघर के इतिहास, कार्यप्रणाली आदि के बारे में जानकारी प्राप्त करेंगे.

डाकघर पर निबंध | Essay On Post Office In Hindi

कई बार स्टूडेंट्स को परीक्षा में डाक घर पर छोटा बड़ा निबंध Essay On Post Office In Hindi लिखने को कहा जाता हैं. अथवा भारतीय डाक प्रणाली पर लिखने को कहा जाए

तो आप क्लास 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10, 11, 12 तक के स्टूडेंट्स के लिए डाक पर अच्छा निबंध तैयार कर सकते हैं. शोर्ट व लॉन्ग एस्से यहाँ दिया गया हैं.

essay on post office in hindi for class 6

डाकघर वह स्थान है जहाँ से डाक प्राप्ति व प्रेषण का कार्य सम्पन्न किया जाता हैं. डाकघर का मुखिया डाकपाल होता है. यहाँ पोस्टकार्ड, डाक टिकट, लिफ़ाफ़े व पोस्टल आर्डर आदि मिलते है.

यहाँ से अन्य स्थानों से आई डाक को डाकिये द्वारा घरों तक पहुंचाया जाता हैं व स्थानीय प्राप्त डाक को गन्तव्य स्थान तक पहुंचाया जाता हैं.

डाकघर के कार्य

  • यहाँ डाक प्राप्त कर गन्तव्य तक पहुंचाने एवं बाहर से आई डाक को वितरित करने का कार्य किया जाता हैं.
  • यहाँ से प्रमुख दस्तावेजों को रजिस्ट्री के माध्यम से भेजा जाता हैं.
  • दूरस्थ स्थानों पर यदि किसी व्यक्ति को रूपया अपने रिश्तेदारों को भेजना हो तो मनीआर्डर द्वारा भेजा जा सकता हैं. मनीआर्डर पोस्ट ऑफिस द्वारा जारी किया गया आदेश हैं जो डाकघर की एजेंसी के माध्यम से रूपये के भुगतान के लिए किया जाता हैं. एक मनीआर्डर में अधिकतम पांच हजार रूपये की राशि के भुगतान का आदेश किया जा सकता हैं. यह सेवा 2015 में बंद कर दी गई हैं.
  • अंतर्राष्ट्रीय मनी ट्रान्सफर सेवा – यह सेवा ऐसे आम आदमी को विदेश में रहने वाले अपने सम्बन्धियों और परिवार के सदस्यों द्वारा भेजे गये रूपयों को प्राप्त करने की सुविधा प्रदान करती हैं. जिनका कोई बैंक खाता नहीं हैं, इंटरनेट की सुविधा नहीं हैं और विदेश में रहने वाले लोगों द्वारा भेजे गये रूपये को प्राप्त करने का अन्य कोई जरिया नहीं हैं.
  • तत्काल मनीआर्डर सेवा IMO – यह एक ऑनलाइन घरेलू मनी प्रेषण सेवा हैं, जिसका उद्देश्य बाजार में ग्राहकों को उनके भेजे गये रूपयों को उसी क्षण उपलब्ध करवाता हैं. इस सेवा के द्वारा ग्राहक IMO सेवा प्रदान करने वाले किसी डाकघर में मिनटों में रूपया प्राप्त कर सकते हैं. यह सेवा 20 जनवरी 2006 को शुरू की गई.
  • ई मनी आर्डर EMO – डाक विभाग ने 10 अक्टूबर 2008 को ईएमओ सेवा शुरू की है. इलेक्ट्रॉनिक मनीआर्डर प्रणाली के अंतर्गत मनीआर्डर की राशि को इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से भेजा जाता हैं.
  • डाकघर द्वारा डाकघर जमा योजना, 5 वर्षीय डाकघर आवर्ती जमा खाता, डाकघर सावधि जमा खाता, डाकघर बचत खाता योजना, लोक भविष्य निधि स्कीम, किसान विकास पत्र स्कीम, राष्ट्रीय बचत प्रमाण पत्र और वरिष्ठ नागरिक बचत योजनाएं संचालित की जाती हैं.
  • पोस्ट ऑफिस में बचत खाता हम 100 रूपये जमा करवाकर खोल सकते हैं. तथा इसमें कितनी ही राशि जमा करवा सकते हैं. परन्तु एक दिन में केवल एक ही बार रकम निकाली जा सकती हैं. डाकघर सावधि जमा खाते में एक निश्चित समय के लिए निश्चित राशि जमा कराई जाती हैं तथा उस अवधी के बाद वह राशि ब्याज सहित वापस मिल जाती हैं. आवर्ती जमा खाते में हर माह एक निश्चित रकम जमा कराई जाती हैं. जो 3 वर्ष 5 वर्ष बाद ब्याज सहित वापस मिल जाती हैं.
  • डाकघर इन सभी जमाओं पर ब्याज देता हैं. ब्याज की दर सावधि जमा पर सर्वाधिक, आवर्ती जमा पर थोड़ी कम एवं बचत खाते पर सबसे कम होती हैं.
  • डाकघर में सेवानिवृत कर्मचारियों व वरिष्ठ नागरिकों के लिए जमा योजनाएं भी संचालित होती हैं.
  • पोस्टऑफिस में टेलीफोन की राशि भी जमा कराई जा सकती हैं.
  • स्पीड पोस्ट सेवा – स्पीड पोस्ट सेवा 1 अगस्त 1986 को शुरू की गई थी. इस सेवा के अंतर्गत पत्रों, दस्तावेजो और पार्सलों की डिलीवरी एक निश्चित अवधि के अंतर्गत की जाती है और उस अवधि में डिलीवरी न होने पर ग्राहक को डाक शुल्क पूर्ण रूप से वापस कर दिया जाता हैं.
  • स्पीड नेट- इंटरनेट आधारित ट्रेक एंड ट्रेस सर्विस स्पीड नेट को 3 जनवरी 2002 को शुरू किया गया था.
  • डाक जीवन बीमा – डाक विभाग जीवन बीमा की सुविधा भी प्रदान करता हैं. यह अपेक्षाकृत कम प्रीमियम पर अधिक राशि की जीवन बीमा सुविधा देता हैं.
  • ग्रामीण डाक जीवन बीमा – इस योजना की शुरुआत 24 मार्च 1995 को की गई थी, इसका उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में आम लोगों और समाज के कमजोर वर्गों को कम प्रीमियम पर बीमा सुरक्षा उपलब्ध कराना हैं.

भारत में डाकघर का इतिहास (History of post office in india)

भारत में आधुनिक डाक व्यवस्था की स्थापना 18 वीं सदी के उत्तरार्ध में हुई हैं. वर्ष 1776 में लार्ड क्लाइव द्वारा स्थापित इस डाक व्यवस्था का आगे विकास वारेन हेस्टिंग्स ने वर्ष 1774 में एक पोस्ट मास्टर जनरल के अधीन कलकत्ता जीपीओ की स्थापना करके किया.

मद्रास व बम्बई की अन्य प्रेसिडेंसीयों में जनरल पोस्ट ऑफिस क्रमशः 1786 व 1793 में अस्तित्व में आए.

1837 के अधिनियम के द्वारा तीन प्रेसिडेंसीयों में पोस्ट ऑफिस संगठन को एक अखिल भारतीय सेवा के रूप में समान आधार पर एक करने के लिए विनियमित किया गया.

सिंध के कमिश्नर सर बार्टेल फ्रेर ने 1852 में पहला पेपर डाक टिकट जारी किया. इन्हें सिंध डाक के नाम से जाना जाता था.

इससे पहले ताम्बे के टोकन डाक टिकट के रूप में काम में लिए जाते थे. गर्वनर जनरल लार्ड डलहौजी के काल में 1854 के डाकघर अधिनियम ने डाक प्रणाली के स्वरूप में आमूल चूल संशोधन किया और भारतीय डाक विभाग 1 अक्टूबर 1854 को स्थापित किया गया.

वर्तमान में भारतीय पोस्ट ऑफिस अधिनियम 1898 देश में पोस्टल सेवाओं को नियंत्रित कर रहा हैं. पोस्ट ऑफिस नेटवर्क डाक संचार सुविधाओं को प्रदान करने के अतिरिक्त पैसा भेजने, बैंकिंग और बीमा सेवाओं की सुविधाओं को भी प्रदान कर रहा हैं. 

भारत में आज विश्व का सबसे बड़ा पोस्टल नेटवर्क हैं. भारत के पोस्टल नेटवर्क में तीन श्रेणियों के डाकघर हैं.

  • प्रधान डाकघर
  • अतिरिक्त विभागीय डाकघर

सभी श्रेणियों के डाकघर समान पोस्टल सेवाएं प्रदान करते हैं. हालांकि डिलीवरी का काम विशिष्ट डाकघरों तक ही सिमित हैं. प्रबन्धन, नियन्त्रण के लिए शाखा डाकघरों से कोष को उप डाकघरों में और अंत में प्रधान डाकघर में लाकर जमा कराया जाता हैं.

भारत में अंतर्राष्ट्रीय डाक: भारत 1876 से युनिवर्सल पोस्टल यूनियन का और 1964 से एशिया पैसिफिक पोस्टल यूनियन का सदस्य हैं. भारत 217 से भी अधिक देशों के साथ स्थलीय और विमान सेवा द्वारा पत्रों का आदान प्रदान करता हैं.

प्रोजेक्ट ऐरो: अपने आधारभूत कार्यकलापों को मजबूत करने और आम आदमी को भी नई प्रोद्योगिकी समर्पित सेवाएं उपलब्ध कराने के लिए डाक विभाग ने प्रोजेक्ट ऐरो नामक परियोजना प्रारम्भ की हैं. इस परियोजना का उद्देश्य डाकघरों की नई पहचान बनाना हैं, जिसके लिए उनमें भीतरी व बाह्य साज सज्जा को आधुनिक स्वरूप दिया जा रहा है.

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1 thought on “डाकघर पर निबंध | Essay On Post Office In Hindi”

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Short Essay on Post Office in Hindi Language – डाक घर पर निबंध

March 9, 2018 by essaykiduniya

यहां आपको सभी कक्षाओं के छात्रों के लिए हिंदी भाषा में डाक घर पर निबंध मिलेगा। Here you will get Paragraph and Short Essay on Post Office in Hindi Language for students of all Classes in 300, 400, 500 words. Learn about Post Office in Hindi Language.

Short Essay on Post Office in Hindi Language

Short Essay on Post Office in Hindi Language – डाक घर पर निबंध ( 400 words )

सभी बच्चों ने डाक घर तो अवश्य देखा होगा। प्रत्येक डाक घर के बाहर पत्रमंजूषा (लैटरबॉक्स) होती है, जिसका रंग प्रायः लाल होता है। डाक घर डाक से सम्बन्धित कायों का केन्द्र होता है, जिस में अनेक कर्मचारी भिन्न-भिन्न प्रकार के कार्य करते दिखाई देते डाक घर में पोस्ट कार्ड, अन्तर्देशीय और विदेशीय पत्र और सामान्य लिफाफे बेचने की एक खिड़की होती है। इसी खिड़की से डाक-टिकटें आदि भी मिलती है। खिड़की के अन्दर बैठा कर्मचारी मूल्य लेकर गांहकों को उनकी इच्छानुसार पत्र और टिकटें दे देता है।

इसी प्रकार की और भी खिड़कियां होती हैं। वहां भिन्न-भिन्न कार्यों के लिए कर्मचारी बैठे होते हैं। कोई रजिस्टरी करता है, कोई मनीआर्डर करता है, कोई सेविंग्ज़ बैंक के लिए पैसे लेता-देता है तो कोई अन्य प्रकार के कार्य करता है। बड़े डाक घर में डाक छांटने के लिए भी कार्य होते हैं। डाक घर से हमें बहुत लाभ हैं। देश या विदेश में बैठे सम्बन्धियों को हम थोड़े से पैसे खर्च करके अपना समाचार दे सकते हैं और उनसे प्राप्त कर सकते हैं। रूपये-पैसे या कोई वस्तू भेजनी हो तो हम मनीआर्डर और पार्सल करके देश-विदेश में कहीं भी भेज सकते हैं।

अपने पास बचे रूपयों को डाक घर के सेविंग्ज़ बैंक में जमा करके हम चोरी आदि के भय से भी बच जाते हैं और हमें ब्याज भी मिल जाता है। आवश्यकता पड़ने पर हम वहां से इच्छानुसार अपने रूपये निकलवा भी सकते हैं। इस प्रकार डाक घर हमारे लिए उपयोगी है। डाक घर में किसी भी काम के लिए जाने पर हमें वहां शोरगुल नहीं करना चाहिए। हमें जो भी कामकाज करवाना हो, पंकित में खड़े होकर करवाना चाहिए। उतावलापन नहीं करना चाहिए। साथ ही ध्यान रखना चाहिए कि कोई व्यकित पैसा छीन कर या जेब कुतर कर न चला जाए।

Short Essay on Post Office in Hindi Language – डाक घर पर निबंध ( 500 words )

डाकघर केंद्र सरकार द्वारा संचालित एक संस्थान है। डाकघर का मुख्य कार्य पत्रों, बीमा पत्रों, पंजीकृत पत्रों, और मनी ऑर्डर और लोगों को पोस्ट कार्ड, लिफाफे और टिकटों को बेचना है। हर शहर और यहां तक कि दूरदराज के गांवों में, इन चीजों को स्वीकार करने और वितरित करने के लिए डाकघर हैं। डाकघर के प्रमुख को पोस्ट मास्टर कहा जाता है।

पोस्टमैन भुगतानकर्ता को पत्र और धन आदेश प्रदान करता है। वे घर से घर जाते हैं। बाहर भेजे गए अक्षरों को पोस्ट करने के लिए डाकघर में एक पत्र बॉक्स है। इन चीजों के अलावा, कुछ डाकघरों में एक टेलीफोन और टेलीग्राम सुविधा भी है। बचत बैंक खाते उनके साथ खोले जा सकते हैं। संचयी जमा, समय जमा और नकद प्रमाण पत्र भी उनके साथ उपलब्ध हैं। डाकघर में जमा और निकासी की जाती है। पहले, पत्र घोड़ों द्वारा भेजे गए थे लेकिन आजकल ये रेलवे, परिवहन और वायुमार्गों द्वारा भेजे जाते हैं। नतीजतन, लंबी दूरी से कम समय में गंतव्य तक पहुंचने के माध्यम से भेजे गए पत्र और अन्य लेख।

हमारे दैनिक जीवन में डाकघर हमारे लिए बहुत उपयोगी है। पोस्ट ऑफिस में अपना पैसा रखना भी सुरक्षित है।

डाकघर का महत्व ( Importance of Post Office )

एक डाकघर एक बहुत ही महत्वपूर्ण जगह है। यह हमारे पत्र और पार्सल को एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाने के लिए मामूली राशि लेता है। यह हमें अपने मित्रों और रिश्तेदारों के संपर्क में रहने में मदद करता है, जो दूर-दूर के स्थानों पर रहते हैं। हम पोस्ट ऑफिस के माध्यम से पंजीकृत पत्र, जन्मदिन की शुभकामनाएं, पार्सल और मनी ऑर्डर भेज सकते हैं।

हम पोस्ट ऑफिस के बाहर लेटरबॉक्स में हमारे पत्र पोस्ट करते हैं। डाकिया इन पत्रों को एकत्र करता है और उन्हें अपने गंतव्य पर भेजता है। पोस्टमैन दिन-प्रतिदिन काम करते हैं। हमें उनके कड़ी मेहनत का सम्मान और सराहना करना चाहिए।

हालांकि आजकल संचार के कई नए तरीके हैं, डाकघर अभी भी बहुत महत्वपूर्ण है। छुट्टियों पर किसी मित्र से पोस्टकार्ड प्राप्त करने या हमें जन्मदिन मुबारक होने की इच्छा रखने के लिए हमें जो आनंद मिलता है उससे तुलना नहीं कर सकता।

डाकघर हमारे लिए बहुत उपयोगी है। यह हमें कई तरीकों से मदद करता है। डाकघर के माध्यम से हम अपने पत्र भेजते हैं और प्राप्त करते हैं। यह भारतीय डाक विभाग की एक शाखा है। अतीत में कोई डाकघर नहीं था। पत्र भेजे गए और पूरे देश में दूतों के माध्यम से मिला। यह एक महंगी चीज थी क्योंकि दूरी अधिक थी। लेकिन वर्तमान में, हमें उस तरह की कठिनाई का सामना नहीं करना पड़ता है।

अंत में हम कह सकते हैं कि डाकघर “पत्र और पैसे बचाने, आदि भेजने और प्राप्त करने का एक महत्वपूर्ण माध्यम है। डाकघर की भूमिका प्रतिदिन बढ़ी है। भारत सरकार ने बीमारों के लिए कुछ बचत योजनाएं घोषित की हैं और सेवानिवृत्त व्यक्ति। डाकघर में पैसे बचाने के इतने सारे माध्यम हैं। डाक विभाग ने डाकघर को जनता द्वारा बचाए गए पैसे से निपटने की अनुमति दी है। इसलिए डाकघर हमारे देश में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

हम आशा करते हैं कि आप इस निबंध ( Short Essay on Post Office in Hindi Language – डाक घर पर निबंध ) को पसंद करेंगे।

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 डाकघर पर निबंध Essay on Post Office In Hindi

संचार के साधनों में डाक एक महत्वपूर्ण साधन हैं, डाक का इतिहास वैसे तो सदियों पुराना है मगर आधुनिक डाक का स्वरूप भारत में अंग्रेजों की देन हैं. 18 वीं सदी में ब्रिटिश सरकार ने ख़ुफ़िया तंत्र को अधिक प्रभावी बनाने के लिए डाकघर का उपयोग शुरू किया. देश में पहली बार 1688 में मुंबई में देश का पहला डाकघर अंग्रेजों ने खोला.

कालान्तर में ब्रिटिश सरकार ने डाकघर को सिविल सेवाओं के लिए खोल दिया तथा देशभर में अलग अलग महत्व के स्थानों पर  पोस्ट ऑफिस खोली गई. 1 अक्टूबर 1854 को आधिकारिक रूप से डाक विभाग को मान्यता देकर विधिवत रूप से भारत में शुरू किया गया. अपने शुरूआती दौर में डाकघर सूचना के आदान प्रदान के माध्यम थे, एक जगह से दूसरे स्थान पर डाकिये द्वारा पोस्ट कार्ड बांटे जाते थे.

वर्तमान में संसार के सबसे डाक सेवाओं में भारतीय डाक सेवा प्रमुख हैं. इसे केंद्र सरकार द्वारा संचालित किया जाता हैं. डाकघर द्वारा अनेको प्रकार की सुविधाएं प्रदान की जाती हैं. देश के छोटे गाँव, कस्बें से लेकर शहर और हर राज्य में लाखों की संख्या में डाकघर उपलब्ध हैं. डाकघरों के माध्यम से लिफाफा, मनी आर्डर और पोस्ट कार्ड एक स्थान से दूसरे डाक पत्ते पर आसानी से भेजा जा सकता हैं.

प्रत्येक डाकघर का एक प्रमुख होता है जिन्हें पोस्ट मास्टर कहा जाता हैं. जिनका कार्य डाक के डिब्बे में प्राप्त डाक को गन्तव्य स्थान पर पहुचाना होता हैं. कालान्तर में सूचना के एक स्थान से दूसरे स्थान पर पहुचाने की कोई ख़ास व्यवस्था नहीं हुआ करती थी, कबूतर आदि के माध्यम से संदेश भेजे जाते थे. धीरे धीरे उस प्रणाली में सुधार आया और डाकघर अस्तित्व में आए. अब न केवल संदेश, सूचना बल्कि छोटे बड़े सामान और पैसे का लेन देन भी डाकघर द्वारा किये जाने लगे हैं.

डाकघर के कार्य पर निबंध हिंदी में (Essay on post office work in hindi)

डाकघर एक केन्द्रीय संस्थान है जो लोगों द्वारा प्रेषित लिफाफों, पोस्ट कार्ड, मनी आर्डर और सामान को गन्तव्य स्थल तक पहुचाने का काम करते हैं. साथ ही ये पोस्ट कार्ड और डाक टिकेट के अलावा बचत योजनाएं, पेशन सेवाएं तथा लोकर की भूमिका भी अदा करते हैं. हजारों किलोमीटर दूर दराज के क्षेत्रों में जहाँ आज भी संदेश और सामान पहुचाने के साधन उपलब्ध नहीं है वहां डाकघर का आम जीवन में महत्वपूर्ण स्थान हैं.

सरकारी दस्तावेज, बैंक आदि द्वारा भेजे गये दस्तावेज, कार्ड आदि भी ग्राहकों तो डाक द्वारा ही पहुचाएं जाते हैं, प्रत्येक भारतीय तक आधार कार्ड समेत अधिकतर सरकारी योजनाओं के दस्तावेज भी डाक घर के माध्यम से ही पहुचाएं जाए गये हैं. कई ऑनलाइन शोपिंग साइट्स का भारतीय डाक सेवा के साथ अनुबंध हैं, बहुत कम सेवा शुल्क में यह ग्राहक तक उनकी सामग्री को पहुचाने का कार्य करते हैं. हम अपनी छोटी छोटी बचत के पैसे को भी पोस्ट ऑफिस में सुरक्षित रख सकते हैं, हमें इस पर उचित ब्याज भी मिलता हैं. 

डाकघर का महत्व ( Importance of Post Office )

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Post Office

डाकघर एक सरकारी कार्यालय है। यहाँ डाक-संबंधी काम किए जाते हैं।

डाकघर में कई खिड़कियाँ होती हैं। किसी खिड़की पर पोस्टकार्ड, अंतर्देशीय पत्र, लिफाफे और डाक-टिकट मिलते हैं। किसी खिड़की पर मनीऑर्डर (धनादेश) लिया जाता है। रजिस्ट्री और पार्सल के लिए अलग-अलग खिड़कियाँ होती हैं। तार के लिए अलग विभाग होता है। डाकघर में बचत-बैंक भी होता है।

लोग पत्र-पेटियों में पत्र डालते हैं। डाकिया उन पत्रों को डाकघर ले जाता है। वहाँ से इन पत्रों को पते के अनुसार अलग-अलग जगह भेजा जाता है। बाहर से आनेवाले पत्रों को पते के अनुसार छाँटा जाता है। फिर डाकिया उन पत्रों पर लिखे पतों के अनुसार उन्हें घर-घर पहुँचाता

सचमुच, डाकघर लोगों की बहुत सेवा करता है।

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10 Lines on Post Office in Hindi and English

10 Lines on Post Office in Hindi and English In this article we are providing short essay or 10 Lines on Post office in Hindi and English language for class 1, 2, 3, 4, 5. इस लेख में पढ़ें हिंदी तथा अंग्रेजी में पोस्ट ऑफिस पर 10 वाक्य।

10 Lines on Post Office in Hindi

  • पोस्ट ऑफिस को हिंदी में डाकघर कहते हैं। 
  • भारत में डाकसेवा की शुरुआत 1 अप्रैल 1854 को हुई। 
  • वारेन हेस्टिंग्स ने कलकत्ता में प्रथम डाकघर स्थापित किया.
  • पोस्ट ऑफिस एक महत्वपूर्ण कार्यालय होता है। 
  • डाकघर प्रत्येक जिले, कस्बे व गाँव में होता है। 
  • डाकघर के द्वारा पत्रों का आदान-प्रदान किया जाता है। 
  • डाकघर के बाहर पत्र जमा करने की एक पेटी होती है। 
  • इस पत्र पेटी का रंग लाल होता है। 
  • डाकघर पत्रों को भेजने के लिए पिनकोड प्रयोग करते हैं। 
  • भारत में रेलवे तथा सेना के अपने अलग डाकघर होते हैं। 
  • यहां डाकिया, पोस्टमॉस्टर क्लर्क व चपरासी आदि काम करते हैं। 
  • प्रत्येक पोस्ट ऑफिस में एक टिकट काउंटर होता है। 
  • टिकट काउंटर पर टिकट व स्टाम्प खरीदी जाती हैं। 
  • डाकघर में पत्रों को जमा करने, छांटने व पहुंचाने का कार्य होता है।
  • डाकघर से पार्सल व मनीआर्डर आदि भी भेजे जाते हैं। 
  • कई लोग डाकघरों में अपने पैसे भी जमा करते हैं। 

10 Lines on Post Office in English

  • Postal services is the cheapest mode of communication.
  • Postal service started in India on 1 April 1854.
  • Post offices are found in every city, town, and village.
  • Post office carries our letters from one place to the other
  • Here the postman, postmaster clerk and peon are working.
  • There is a red box to collect letters outside the post office.
  • People put their letters into the letter box.
  • Each post office has a ticket counter and inquiry counter .
  • Tickets and stamps are purchased at the ticket counter.
  • Postcode is used to send letters to the post office.
  • Railways and the army have their own post offices in India.
  • The post office has the task of collecting, sorting and delivering letters.
  • Parcel and money orders are also sent from the post office.
  • Many people deposit their money also  in post offices.
  • Post offices offer services such as acceptance of letters and parcels.
  • The postal network in India is the largest in world

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डाकघर की उपयोगिता पर निबंध | Essay on The Utility of the Post Office in Hindi

post office essay in hindi

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डाकघर की उपयोगिता पर निबंध | Essay on The Utility of the Post Office in Hindi!

सरकार अपने विभिन्न विभागों के माध्यम से जनसेवा के कार्य संपन्न करती है । विभाग दो प्रकार के होते हैं- प्रमुख और गौण । शिक्षा, आयकर, आबकारी आदि गौण विभाग हैं ।

यदि इन विभागों के कर्मचारी अपनी माँग पूरी कराने के लिए किसी समय हड़ताल कर दें तो कुछ दिनों तक सरकारी कार्य चलना रहना है । रेलवे, सेना, पुलिस आदि प्रमुख और अत्यंत आवश्यक विभाग हैं । इनके कर्मचारियों के किसी कारण हड़ताल करने पर जनसेवा का सारा काम ठप हो जाता हें । डाक विभाग भी ऐसा ही प्रमुख विभाग है । इसके कार्यों में रुकावट आने पर सरकार अपंग हा जाना है ।

राज्यों की राजधानी में डाक विभाग का एक प्रादेशिक कार्यालय होता है । राज्य के विभिन्न छोटे-बड़े स्थानों में स्थापित डाकघर उसी की देखरेख में कार्य करते हैं । बड़े-बड़े नगरों में एक प्रधान डाकघर होता है । उसके अंतर्गत नगर के स्थानों में अनेक छोटे-बड़े डाकघर होते हैं । बड़े-बड़े कस्बे और ग्रामों में केवल एक डाकघर होता है । डाकघर के प्रमुख अधिकारी को ‘पोस्ट मास्टर’ कहते हैं ।

डाकघरों में पोस्ट मास्टर के अतिरिक्त आवश्यकतानुसार डाकिया होते हैं । नगर के उप-डाकघरों में पोस्ट मास्टर की सहायता के लिए एक अथवा दो कर्मचारी रहते हैं, किंतु बड़े और प्रमुख डाकघरों में डाक संबंधी विभिन्न प्रकार के कार्यों के लिए कई कर्मचारी होते हैं । प्रत्येक डाकघर दस बजे खुलता है और पाँच बजे बंद हो जाता है ।

डाकघर का प्रमुख कार्य है- बाहर से आई हुई डाक, पार्सल, मनीऑर्डर, पत्र आदि को पावती के घरों तक पहुँचाना और उस स्थान की डाक को बाहर भेजने की व्यवस्था करना, जिसमें वह स्थित है । कस्बों के डाकघरों में कार्य-भार अधिक नहीं होता, इसलिए दोनों कार्य वहाँ के डाकिए एक साथ ही साथ लेते हैं । नगर के प्रमुख तथा केंद्रीय डाकघरों में कार्य-भार अधिक होता है, इसलिए वहाँ दोनों प्रकार के कार्यों के अलग-अलग उप-विभाग होते हैं ।

एक उप-विभाग बाहर से आई हुई डाक को नगर में वितरण कराने का कार्य करता है और इसके साथ ही नगर के विभिन्न स्थानों में स्थापित पत्र-पेटिकाओं में संगृहीत पत्रों तथा उप-डाकघरों से आए हुए रजिस्टर्ड पत्रों, पार्सलों, मनीऑर्डरों आदि को उनके गंतव्य स्थानों के अनुसार उनकी छँटाई करता है और फिर उन्हें थैलों में भरकर डाक ढोनेवाली लाल रंग की मोटर से स्टेशन तक पहुँचाता है ।

स्टेशन से विभिन्न दिशाओं की ओर जानेवाली रेलगाड़ियों द्वारा डाक बाहर भेजी जाती है । डाक ले जानेवाली रेलगाड़ियों में लाल रंग का एक बड़ा डिब्बा लगा रहता है । उसके कर्मचारी पत्रों आदि को छाँटकर पत्रों के थैलों को गंतव्य स्थान के स्टेशनों पर उतार देते हैं ।

प्रमुख डाकघर के दूसरे उप-विभाग का संबंध जनसेवा से रहता है । यह उप-विभाग कार्य की सुविधा के लिए कई शाखाओं में विभाजित रहता है । डाकघरों में एक खिड़की पर पोस्टकार्ड, टिकट, लिफाफे आदि मिलते हैं तो दूसरी खिड़की पर मनीऑर्डर लिये जाते है तीसरी खिड़की पार्सलों के लिए होती है, चौथी खिड़की पर पत्रों की रजिस्ट्री होती है और पाँचवीं खिड़की सेविंग बैंक की होती है । खिड़कियों पर नियुक्त कर्मचारी अपना कार्य अत्यंत सावधानी और तत्परता से करते हैं ।

तारघर की व्यवस्था एक अलग कमरे में की जाती है । उसके कर्मचारी भी अलग होते हैं । उनका अपना विभाग होता है । नगरों में डाकघर से संबंधित तारघर केवल तार भेजने का कार्य करता है । बाहर से आए हुए तारों कों वह प्राप्त नहीं करता ।

नगर के समस्त तारों को बाहर भेजने और नगर में आए हुए समस्त तारों को पते के अनुसार वितरित कराने का कार्य नगर का केंद्रीय तारघर करता है । तार संबंधी दोनों कार्यों के लिए दो उप-विभाग होते है । एक उप-विभाग बाहर तार भेजता है और दूसरा उप-विभाग बाहर से आए हुए तारों का वितरण कराता है । ये तारघर दिन-रात खुले रहते हैं ।

डाकघर हमारे लिए बहुत उपयोगी है । यह जनसेवा का मुख्य केंद्र है । प्राय: सभी वर्गों के लोग इससे लाभ उठाते हैं । व्यापारियों के लिए तो यह वरदान ही है । इसके द्वारा उन्हें अपने व्यापार में अत्यधिक सुविधा रहती है ।

समाचार-पत्र भी हवाई डाक से भेजे जाते हैं । तार से समाचार ही नहीं, मनीऑर्डर भेजने की भी सुविधा है । ऐसी स्थिति में डाक विभाग को अपना पूरा सहयोग देना जनता का परम कर्तव्य है और उसके कर्मचारी धन्यवाद के पात्र हैं ।

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post office essay in hindi

10 Lines on Post office in Hindi Language

In this article, we are providing 10 Lines on Post office in Hindi. In this, you will get information about Post office in Hindi for students and kids for classes 2nd 3rd, 4th, 5th, 6th, 7th, 8th, 9th, 10th 11th, 12th. हिंदी में डाकघर पर 10 लाइनें, Short 10 lines essay on Post office.

1. डाकघर एक महत्वपूर्ण कार्यालय होता है जो पत्रों को आदान-प्रदान करने का काम करता है ।

2. डाकघर के अंदर डाकिया,क्लर्क, व चपरासी आदि काम करते हैं ।

3. भारत में डाकसेवा की शुरुआत 1 अप्रैल 1854 को हुई थी ।

4. भारत में 1854 से लेकर करीब आज तक 1,55,015 जितने डाकघर बनाए गए है ।

5. अंतर्राष्ट्रीय डाक दिवस 9 अक्टूबर को मनाया जाता है, जिसकी शुरुआत सन् 1874 से हुई थी ।

6. डाकघर के बाहर पत्र जमा करने के लिए एक लाल रंग की पेटी होती है ।

7. डाकघर केंद्र सरकार द्वारा संचालित एक संस्थान है ।

8. श्रीनगर के अंदर एक ऐसा डाकघर है,जो झील के बीचो बीच बनाया गया है । जिसे डूबता हुआ डाकघर भी कहा जाता है ।

9. हिमाचल प्रदेश के हिक्किम जिले में स्थित डाकघर दुनिया का सबसे ऊंचा डाकघर है, जिसकी ऊंचाई 4440 मीटर है।

10. वैश्विक डाक संघ की स्थापना 1874 में कि गई थी, जिसका हेतु दुनिया में ज्यादा से ज्यादा डाकघर बनाने का था ।

Essay on Postman in Hindi

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post office essay in hindi

डाकघर पर 10 वाक्य | 10 Lines on Post Office in Hindi

10 Lines on Post Office in Hindi: आज हम आपको डाकघर पर 10 वाक्य निबंध हिंदी में उपलब्ध करा रहे है जिसके तहत आपको post office par 10 line essay और कंही खोजने की जरुरत न पड़े।

Post Office भारत सरकार द्वारा उपलब्ध कराई जाने वाली सार्वजनिक सुविधा है जिसमे पत्र और पार्सल का आदान प्रदान किया जाता है। डाकघर में डाक टिकट, पैकेजिंग, मेल और स्टेशनरी सम्बंधित सुविधाएँ भी उपलब्ध होती है। हर डाकघर के बहार कुछ बॉक्स लगाए जाते है जिसमे लोग अपने जान पहचान सम्बंधित लोगो के लिए पत्र डालते है जिसके तहत वह अपना सन्देश भी पहुंचा पाते है।

10 Lines on Post Office in Hindi

  • डाकघर को अंग्रेजी में Post Office कहते हैं।
  • डाकघर में महत्वपूर्ण काम पत्रों का आदान प्रदान किया जाता है।
  • डाकघर के बाहर एक लाल रंग की पेटी होती जिसमें पत्र जमा किए जाते हैं।
  • अंतर्राष्ट्रीय डाकघर दिवस 9 अक्टूबर को मनाया जाता है।
  • डाकघर हर गांव कस्बे इत्यादि शहर में उपस्थित होता है।
  • डाकघर से हम चिट्टियां तथा पैसे ट्रांसफर भी कर सकते हैं।
  • सरकारी दस्तावेज डाकघर द्वारा ही लोगों के घर पर पहुंचाया जाता है।
  • डाकघर की शुरुआत सबसे पहले 1 अक्टूबर 1854 में की गई।
  • भारत में 1.5 लाख डाकघर मौजूद है।
  • डाकघर में खाता खुलवाने से बैंक से ज्यादा ब्याज मिलता है।

10 lines on post office in hindi

डाकघर पर 10 वाक्य

  • डाकघर के अंदर चपरासी डाकिए आदि क्लर्क काम करते हैं।
  • श्रीनगर में एक ऐसा डाकघर है जो झील के बीचो बीच बनाया गया जिसे डूबता हुआ है डाकघर भी कहा जाता है।
  • डाकघर पत्रों को भेजने के लिए पिन कोड का उपयोग करते हैं।
  • डाकघर से सरकारी दस्तावेज में लगने वाली स्टैंप मिलती है।
  • डाकघर से सबसे पहले ज्यादा चिट्टियां तथा पैसे भेजे जाते थे लेकिन अब मोबाइल के आ जाने से लोगों ने
  • डाकघर का उपयोग कम कर दिया है।
  • डाकघर में वजन के अनुसार शुल्क लगता है।
  • भारतीय डाकघर में मनी ऑर्डर की सेवा 9 अगस्त 2003 में शुरू की गई।
  • डाकघर में कई बचत योजनाएं चलती रहती हैं जैसे कि सुकन्या योजना बुजुर्गों से संबंधित।
  • भारत में सबसे पहले डाकघर की शुरुआत वारेन हेस्टिंग्स ने की थी।
  • वर्ष 1983 से हिक्किम गांव में विश्व का सबसे उंचा पोस्ट आफिस चल रहा है।

अगर आपको डाकघर पर 10 वाक्य हिंदी निबंध अच्छा लगा है तो post office par 10 line essay को आप अपने अन्य दोस्तों के साथ सांझा कर सकते है फेसबुक और व्हाट्सप्प के जरिये और अगर आपको किसी विशेष टॉपिक पर शार्ट निबंध चाहिए तो आप कमेंट कर के बता सकते है।

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डाकघर पर निबंध Essay on post office in hindi

Essay on dakghar in hindi.

Post office – दोस्तों आज हम आपको इस आर्टिकल के माध्यम से डाकघर पर लिखे निबंध के बारे में बताने जा रहे हैं । चलिए अब हम आगे बढ़ते हैं और इस आर्टिकल को पढ़कर डाकघर के बारे में जानकारी प्राप्त करते हैं ।

Essay on post office in hindi

भारतीय डाकघर के बारे में – भारत देश में डाकघर की सुविधा प्रारंभ करने के लिए ब्रिटिश शासन के दौरान अंग्रेजों ने सबसे पहले सैनी एवं खुफिया एजेंसी की मदद के लिए भारत में पहली बार 1688 में डाकघर खोलने का विचार बनाया था । जो कि ब्रिटिश अधिकारियों के द्वारा मुंबई में पहला डाकघर खोला गया था । भारत देश में नागरिकों को डाकघर की सुविधा प्रदान की गई है । जिसके माध्यम से भारत के नागरिक एक स्थान से दूसरे स्थान पर सूचना पहुंचाने का काम करते हैं । 1854 में  भारत देश में पोस्ट ऑफिस प्रथम बार 1 अक्टूबर 1854 को  राष्ट्रीय महत्व  के  लिए पृथक रूप से  डायरेक्टर जनरल के  संयुक्त नियंत्रण के अंतर्गत  मान्यता देकर  यह सुविधा प्रारंभ की गई थी ।

डाकघर की सभी सुविधाएं केंद्र सरकार के द्वारा दी जाती हैं । डाकघर सुविधा केंद्र सरकार द्वारा संचालित संस्थान है । डाकघर की सुविधा भारत के हर राज्य , हर जिलों में , हर कस्बों में उपलब्ध है । डाकघर के माध्यम से मनी ऑर्डर , पोस्टकार्ड , लिफाफे को एक शहर से दूसरे शहर पहुंचाया जाता है और जिस पते पर पोस्टकार्ड पहुंचाना होता है उस पते पर डाकघर में कार्यरत डाकिया पोस्टकार्ड को पहुंचा देता है । डाकघर का मुख्य कार्य मनीआर्डर , बीमा पत्रों , पत्रों , पंजीकृत पत्रों , पोस्टकार्ड , टिकटों , लिफाफा को सही पते पर पहुंचाना होता है ।

डाकघर का जो प्रमुख होता है वह पोस्ट मास्टर कहा जाता है । डाकघर मे पत्र बॉक्स से पत्र को निकाल कर लाया जाता है और जिस पते पर पत्र को पहुंचाना होता है उस पते पर उस पत्र को पहुंचा दिया जाता है । डाकघर में टेलीग्राम , टेलीफोन की सुविधा भी मौजूद है । यदि हम प्राचीन समय की बात करें तो प्राचीन समय में जब किसी व्यक्ति को दूर स्थित व्यक्ति के पास खबर  पहुंचानी होती थी तो वह पत्र को घोड़ों , कबूतरों के माध्यम से भेजा जाता था । परंतु धीरे-धीरे समय बदलता गया और डाकघर की स्थापना हुई और डाकघर के माध्यम से रेलवे परिवहन एवं हवाई मार्गों के माध्यम से पत्र एक स्थान से दूसरे स्थान पर पहुंचाया जाने लगा ।

डाकघर में बचत बैंक खाते , बीमा खाते की सुविधा भी उपलब्ध है । जहां पर भारतीय नागरिक बैंक खाते खुलवा कर पैसे जमा कर सकते हैं  । यदि कोई व्यक्ति पोस्ट ऑफिस से बीमा करवाता है तो उसे कई तरह का लाभ डाकघर के माध्यम से दिया जाता है । भारत देश में पहली बार पेनी डाकघर सुविधा की शुरुआत 1963 में ब्रिटिश शासन के दौरान ग्रेट ब्रिटेन के लॉर्ड डलहौजी द्वारा की गई थी । जिसके बाद धीरे-धीरे डाकघर की सेवाओं को भारत के हर कोने में पहुंचाई गई थी ।

भारत में प्रारंभ की गई डाकघर की सेवाओं के बारे में – भारत में डाकघर की सेवाओं के बारे में जानने के बाद यह ज्ञात होता है कि भारत में डाकघर के माध्यम से कितना बदलाव हुआ है । 1774 में भारत में वारेन हेस्टिंग्स ने प्रथम डाकघर की स्थापना कोलकाता में करवाई थी । इसके बाद 1766 में लॉर्ड क्लाइव द्वारा भारत देश में प्रथम डाक व्यवस्था की स्थापना की गई थी । जिसके बाद डाकघर के माध्यम से नागरिकों को बहुत ही लाभ प्राप्त हुआ था । इसके बाद धीरे-धीरे समय बदलता गया और 1793 मे ब्रिटिश शासन के दौरान प्रधान डाकघर की सेवा बंबई में उपलब्ध कराई गई थी ।

1863 में भारतीय डाक सेवा के विकास के लिए रेल डाक सेवा प्रारंभ की गई थी ।जिससे कि भारतीय डाक सेवा की सुविधा देश के हर कोने में पहुंचाई जा सके । सन 1870 के दौरान भारत की केंद्र सरकार की ओर से नक्काशी दार लिफाफे की बिक्री डाकघर में प्रारंभ की गई थी । सन 1876 के दौरान डाकघर में भारत पार्सल पोस्टल यूनियन की शुरुआत की गई थी और भारत पार्सल पोस्टल यूनियन में डाकघर को शामिल किया गया था । 1877 में VPP और पार्सल जैसी सुविधाएं डाकघर में प्रारंभ की गई थी ।

सन 1880 में डाकघर के माध्यम से मनी ऑर्डर सेवा प्रारंभ की गई थी जिसका लाभ भारत के लोगों ने प्राप्त किया था । सन 1911 में प्रथम ईयर मेल सेवा भारत में प्रारंभ की गई थी जो इलाहाबाद से नैनी डाक से भेजी गई थी । इसके बाद 1935 में इंडियन पोस्टल ऑर्डर प्रारंभ किया गया और सभी इस सुविधा का लाभ प्राप्त करने लगे थे । 1972 में भारत की केंद्र सरकार के द्वारा डाकघरों के माध्यम से पिन कोड प्रारंभ किए गए थे ।

1954 में भारतीय डाक सेवा को सफल बनाने के लिए और भारत के सभी नागरिकों को डाकघर से जुड़ने के लिए डाक जीवन बीमा प्रारंभ किया गया था और कई भारतीय नागरिकों ने डाक जीवन बीमा पोस्ट ऑफिस में करवाया था । भारत देश में डाकघर की महत्वता को देखते हुए टेलिकॉम विभाग एवं पोस्ट विभाग को पृथक किया गया था । 1990 में चेन्नई , मुंबई में दो स्वचालित डाक  प्रसंस्करण केंद्र भारतीय केंद्र सरकार की ओर से स्थापित किए गए थे । 1995 में ग्रामीण डाक जीवन बीमा की शुरुआत की गई थी । 1996 में डाकघर के माध्यम से मीडिया डाक सेवा की स्थापना की गई थी ।

1997 में डाकघर के माध्यम से बिजनेस पोस्ट सेवा प्रारंभ की गई थी जिसका लाभ काफी व्यापारियों ने प्राप्त किया था और उनको बहुत अधिक फायदा प्राप्त हुआ था । 1998 में भारत सरकार के द्वारा पोस्ट ऑफिस में उपग्रह डाक सेवा प्रारंभ की गई थी ।1999 में डाटा डाक व एक्सप्रेस डाक सेवा  जैसी सुविधाएं डाकघर में प्रारंभ की गई थी । जिसके बाद डाकघर की सेवाओं का लाभ भारतीय नागरिकों को प्राप्त हुआ था । सन 2000 में भारतीय डाक घर के माध्यम से ग्रीटिंग पोस्ट सेवा प्रारंभ की गई थी । सन 2001 भारत के सभी डाकघरों  में इलेक्ट्रॉनिक फंड ट्रांसफर सेवा प्रारंभ की गई थी ।

3 जनवरी 2002 को भारत की सरकार के द्वारा डाकघर के माध्यम से भारतीय नागरिकों को लाभ देने के लिए इंटरनेट आधारित ट्रैक एवं टैक्स सेवा प्रारंभ की गई थी । भारतीय डाक सेवा के माध्यम से 15 सितंबर 2003 को  मेल सेवा प्रारंभ की गई थी । 10 अगस्त 2004 को भारत सरकार के द्वारा भारतीय डाकघर के माध्यम से लोगों को लाभ देने के लिए लॉजिस्टिक्स पोस्ट प्रारंभ की गई थी । जिसका लाभ कई भारतीय नागरिकों ने लिया है ।

डाकघर की सुविधाएं facilities of post office in hindi – डाकघर के माध्यम से भारतीय नागरिकों को कई तरह की सुविधाएं दी गई थी । डाकघर की शुरुआत होने के बाद भारत में रहने वाले लोग अपने रिश्तेदारों , जान पहचान वालों को पत्र भेजकर  डाकघर के माध्यम से खबर पहुंचाते हैं । डाकघर के माध्यम से ग्रामीण डाक सेवाएं , मीडिया डाक सेवाएं , बिजनेस पोस्ट सेवाएं , ग्रीटिंग पोस्ट सेवाएं , इलेक्ट्रॉनिक फंड ट्रांसफर सेवाएं , ई पोस्ट सेवा , बिल मेल सेवा , लॉजिस्टिक पोस्ट एवं और भी कई सेवाएं प्राप्त हुई हैं ।

पोस्ट ऑफिस के माध्यम से , मासिक आय बचत योजना के माध्यम से भारतीय नागरिक पोस्ट ऑफिस में खाता खुलवा कर लाभ प्राप्त कर सकता है ।डाकघर के माध्यम से डाक पार्सल मनी ऑर्डर भेजने की सुविधा का लाभ भारतीय नागरिकों को प्राप्त हुआ है ।डाकघर विभाग के माध्यम से भारतीय नागरिकों को कई तरह की सुविधाएं प्राप्त हुई हैं । भारतीय डाक घरों में लिफाफे , खाली पत्र , टिकट वितरण करने की सुविधा होती है । जहां से भारत का कोई भी नागरिक खाली लिफाफा या पत्र खरीद कर उस पत्र पर टिकट लगा कर दूसरे शहर भेज सकता है ।

डाकघर के माध्यम से भारतीय व्यापारियों को बहुत ही लाभ प्राप्त हुआ है । डाकघर के माध्यम से हवाई डाक से समाचार पत्र भी एक शहर से दूसरे शहर भेजे जाते हैं । इस तरह से भारत देश की केंद्र सरकार की सहायता से डाकघर के माध्ययम से भारतीय नागरिकोंं को यह सभी सुविधाएं प्राप्त हुई हैं । समय बदलने के साथ साथ भारत में स्थित सभी डाकघरों में केंद्र सरकार  की सहायता से कई तरह की सुविधाएं भारतीय नागरिकों को दी गई है ।

भारत में डाकघर की उपयोगिता के बारे में – जब  भारत देश में  डाकघर  की  उपयोगिता देखी गई तब ब्रिटिश अधिकारियों के द्वारा भारत देश में डाकघर की सुविधा प्रारंभ की गई थी । जब भारत देश आजाद हुआ तब डाकघर की उपयोगिता को देखते हुए ग्रामीण क्षेत्रों , शहरी क्षेत्रों में डाकघर का निर्माण किया गया था । राज्यों की सभी राजधानी में डाकघर के प्रादेशिक कार्यालय भी खोले गए थे । आज हम डाकघर की उपयोगिता को जान सकते हैं क्योंकि डाकघर के माध्यम से कई तरह की सुविधाएं भारतीय नागरिकों को प्राप्त हैं ।

जिसके माध्यम से भारतीय नागरिक सुविधा लेकर अपने जीवन को सरल बनाते हैं । नगर एवं केंद्रीय डाकघरों की स्थापना भी भारत देश में की गई है । जो भारतीय नागरिकों की सुविधाओं के लिए खोली गई हैं । डाकघर के उपविभाग की उपयोगिता को देखते हुए भारत देश में डाकघर विभाग की स्थापना की गई है । जहां पर बाहर से आने वाले डाक को एकत्रित करके शहर में वितरण किया जाता है ।

डाकघर के कार्यभार के बारे में – डाकघर में कार्यरत कर्मचारियों के ऊपर काफी जिम्मेदारियां होती हैं । उनका कार्यभार बहुत अधिक होता है । नगर में स्थित डाकघर एवं केंद्रीय डाकघरों में कार्यरत कर्मचारियों पर काफी अधिक कार्यभार होता है । जब यह देखा गया कि डाकघर का कार्यभार बढ़ता जा रहा है तब केंद्र की सरकार के द्वारा उप विभाग की स्थापना की गई थी । उप विभाग का सबसे महत्वपूर्ण कार्य बाहर से आई हुई सभी डाक को एक स्थान पर एकत्रित करके उनकी छटनी करके डाकिया के माध्यम से पूरे शहर में वितरण करना है ।

डाकघरों के उपविभाग नगर के विभिन्न चौराहों , विभिन्न स्थानों पर स्थापित की गई पत्र पेटी से पत्र संग्रहित करके उन सभी पत्रों की छटनी करके शहर में वितरण कराया जाता है ।भारतीय पोस्ट ऑफिस का सबसे बड़ा कार्यभार सभी पार्षलो को एकत्रित करना , रजिस्टर्ड पत्रों को एकत्रित करना , सभी मनी ऑर्डर  को एकत्रित करना और उनको सही पते पर पहुंचाना है क्योंकि भारतीय डाकघर का संबंध , उपविभाग का संबंध जनसेवा से रहता है । डाकघर मे अलग-अलग खिड़कियां भी रखी जाती हैं ।

जिसकी एक खिड़की में टिकट वितरण किए जाते हैं और दूसरी खिड़की में पोस्टकार्ड वितरण किए जाते हैं , तीसरी खिड़की में लिफाफे आदि वितरण किए जाते हैं । जिन खिड़कियों पर भारतीय पोस्ट ऑफिस में कार्यरत कर्मचारी मौजूद रहते हैं । जो डाकघर की सभी सेवाओं को बड़ी सावधानी से देखते हैं । यह काम कोई आसान काम नहीं है । यह कार्यभार एक साधारण व्यक्ति नहीं संभाल सकता है ।

डाकघर में स्थित ताल घर के बारे में – भारत में स्थित सभी डाकघरों में 1 ताल घर भी होता है । जो अलग कमरे में बनाया जाता है । भारत में स्थित सभी डाकघरों में ताल घरों के लिए अलग से कर्मचारी नियुक्त किए जाते हैं । यह उनका अपना अलग से एक विभाग होता है । भारत के सभी नगरों में स्थित तालघर सिर्फ और सिर्फ तार भेजने का काम करते हैं । ताल घर में जो कर्मचारी काम करते हैं वह बाहर से आए हुए तार को  प्राप्त नहीं करते हैं । नगर में आए हुए सभी तारों को एकत्रित करके कर्मचारियों के माध्यम से वितरण किए जाते हैं ।

यह कार्य नगर में स्थित केंद्रीय तालघर करता है । दूर-दूर से आए तार को एकत्रित करके उनको सही पते पर वितरण करना तार घर से संबंधित सभी कार्य को करना बहुत ही मेहनत का कार्य होता है । तार संबंधी कार्यों को करने के लिए दो विभाग भी निर्धारित किए गए हैं । पहला विभाग उप विभाग जो बाहर तार भेजता है और दूसरा विभाग भी नियुक्त किया गया है जिस विभाग में कार्यरत कर्मचारी बाहर से आए तारों का वितरण करते हैं । यह ताल घर 24 घंटे खुले रहते हैं ।

पोस्ट ऑफिस मासिक आय बचत योजना के बारे में – पोस्ट ऑफिस मासिक आय बचत योजना केंद्रीय संचार मंत्रालय के द्वारा प्रारंभ की गई एक बेहतरीन योजना है ।जिस योजना का लाभ कई लोगों ने प्राप्त किया है । इस योजना में जो भी व्यक्ति हिस्सा लेता है उस व्यक्ति को 7.5 फ़ीसदी  सालाना ब्याज पोस्ट ऑफिस की तरफ से दिया जाता है । पोस्ट ऑफिस मासिक आय योजना के तहत व्यक्ति को एफडी की तुलना में सबसे ज्यादा रिटर्न दिया जाता है । यदि कोई व्यक्ति पोस्ट ऑफिस मासिक आय बचत योजना के तहत खाता खुलवाना चाहता है तो वह अपने पास में स्थित डाकघर में 1500 रुपए प्रतिमाह जमा करके निवेश शुरू कर सकता है ।

पोस्ट ऑफिस मासिक आय बचत योजना के तहत जो भी व्यक्ति जुड़ता है उस व्यक्ति को काफी लाभ  डाकघर के माध्यम से दिया जाता है । डाकघर मासिक आय योजना की सबसे बड़ी खास बात यह है कि डाकघर मासिक आय योजना की अवधि 5 वर्ष है । जिसमें आप अधिकतम ₹900000 जमा कर सकते हैं । यदि कोई व्यक्ति पोस्ट ऑफिस मासिक आय बचत योजना  के तहत खाता खुलवाता है तो उसे खाते को किसी अन्य जगह के पोस्ट ऑफिस में ट्रांसफर करने की भी व्यवस्था दी गई है । यदि कोई व्यक्ति 1 साल के अंदर पैसा निकालना चाहता  है तो उसे पैसा रिटर्न नहीं दिया जाता है ।

इस योजना के तहत व्यक्ति अपने परिवार के साथ मिलकर जॉइंट अकाउंट भी खोल सकता है । एक व्यक्ति यदि अपने नाम पर अकाउंट खोलता है तो वह इस खाते में अधिकतर 450000 रुपए ही निवेश कर सकता है । कोई भी व्यक्ति नाबालिक के नाम से भी डाकघर मासिक आय योजना के तहत खाता खोल सकता है और इस योजना का लाभ ले सकता है । परंतु नाबालिग व्यक्ति के नाम पर सिर्फ ₹300000 ही निवेश किए जा सकते हैं। कोई भी व्यक्ति पोस्ट ऑफिस में जाकर डाकघर मासिक आय योजना के तहत दो प्रकार से खाता खुलवा सकता है ।

पहला खाता सिंगल खाता , दूसरा खाता जॉइंट खाता ।कहने का तात्पर्य है कि यदि कोई व्यक्ति सिंगल अकाउंट खोलना चाहता है तो वह अपने नाम पर या परिवार के किसी एक व्यक्ति के नाम पर अकाउंट खोल सकता है ।यदि व्यक्ति पूरे परिवार के नाम पर जॉइंट अकाउंट खोलना चाहता है तो वह पूरे परिवार के नाम पर जॉइंट अकाउंट खोल सकता है । यदि कोई व्यक्ति डाकघर मासिक आय योजना के तहत खाता खोलता है तो उसे टैक्स  में विशेष छूट नहीं दी जाती है ।

आयकर कानून के सेक्शन 80c डाकघर मासिक आय योजना में जो व्यक्ति अकाउंट खोलता है उस व्यक्ति को टैक्स में विशेष छूट नहीं मिलती है । यदि कोई व्यक्ति डाकघर मासिक आय योजना के तहत अपना खाता खुलवाता है तो वह 1 साल के बाद पैसा निकाल सकता है लेकिन यदि वह व्यक्ति 3 साल से पहले पैसा निकलता है तो उस व्यक्ति को 3% पेनल्टी भरनी पड़ती है । यदि 3 साल के बाद वह व्यक्ति पैसा निकालता है तो उस व्यक्ति को जमा राशि की 1% कटौती काट करके पैसा दिया जाता है ।

यदि कोई व्यक्ति 5 साल के बाद पैसा निकलता है तो उस व्यक्ति को किसी भी तरह की कोई भी पेनल्टी नहीं देनी पड़ती है । भारत के लाखों लोगों ने डाकघर बचत योजना के तहत खाते खुलवाए हैं । जिसके बाद कई लोगों ने इस योजना का लाभ प्राप्त किया है । इस तरह से केंद्र सरकार की ओर से डाकघर मासिक आय योजना की शुरुआत की गई थी । जिसके बाद भारत के सभी डाकघरों के माध्यम से लोगों को इस योजना का लाभ दिया गया था ।

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  • डाकिया पर निबंध Essay on Postman in Hindi

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Post Office Essay in Hindi | डाकघर पर निबंध

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डाकघर पर निबंध

डाकघर एक केन्द्रीय संस्थान है जो लोगों द्वारा प्रेषित लिफाफों, पोस्ट कार्ड, मनी आर्डर और सामान को गन्तव्य स्थल तक पहुचाने का काम करते हैं। साथ ही ये पोस्ट कार्ड और डाक टिकेट के अलावा बचत योजनाएं, पेशन सेवाएं तथा लोकर की भूमिका निभाती है।

डाकघर एक सरकारी कार्यालय है। यहाँ से पत्र एक स्थान से दूसरे स्थान भेजे जाते हैं। डाकघर को पोस्ट आफिस भी कहते हैं। डाकघर से हम पोस्टकार्ड, अंतर्देशीय-पत्र और लिफाफे खरीदते हैं। डाकघर से हम टिकट भी खरीदते हैं। अपने घर से कही भी दूर रहकर भी अपने परिवार और रिश्तेदारों को अपने संदेश अथवा कोई वस्तु आसानी से डाक के जरिये प्रेषित कर सकते हैं। डाकघर के जरिये हम पंजीकृत पत्र, जन्मदिन की शुभकामनाएं, पार्सल और मनी ऑर्डर आदि भेज सकते हैं।

डाकघर से हम किसी को पारसल भेज सकते हैं। यहाँ से हम मनीआर्डर द्वारा रुपये भी भेज सकते हैं। डाकघर में बचतखाता भी होता है। सार्वजनिक जीवन में उपयोग आने वाली महत्वपूर्ण संस्थाओं में डाकघर भी हैं। इसकी मदद से हम अपने पार्सल या कागजात को कही भी भेज सकते है अथवा घर बैठे आसानी से प्राप्त कर सकते हैं।

बदलते वक्त और संचार के साधनों में वृद्धि के साथ ही डाक घर और डाक प्रणाली की उपयोगिता जरुर कम हुई है मगर फिर भी इसका महत्व खत्म नहीं हुआ हैं। डाक पत्र वितरित करने वाले पोस्टमैन (डाकिया) के साथ हमारे विशिष्ट सम्बन्ध होते हैं। कई बार हम ऑनलाइन खरीददारी की डिलीवरी भी डाक के जरिये पोस्ट ऑफिस से ही प्राप्त करते हैं।

डाकघर ने हमारे जीवन में कई मुश्किलों को सरल किया हैं। सरकारी योजनाओं से जुड़े लाभ हमें डाक के जरिये ही प्राप्त होते हैं। विद्यार्थी, वृद्ध, महिलाओं के लिए छोटी छोटी बचत योजनाएं जीवन में कई बार बहुत कारगर साबित होती हैं। डाकघर हमारे समय और धन दोनों की बचत कर आवश्यक वस्तु को हमारे द्वार तक पहुचाता हैं, एक तरह से जीवन में डाकघर जनसेवा केंद्र की भूमिका निभाकर अपनी उपयोगिता सिद्ध कर रहे हैं।

डाकघर तरह-तरह से जनता की सेवा करता है। मध्य-वर्ग के लिए यह वरदान से कम नहीं हैं, उन्हें बहुत कम खर्च में अत्यधिक सुविधाएं डाकघर उपलब्ध करवाता हैं।

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