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मेरी अविस्मरणीय यात्रा पर निबंध | Meri Avismarniya Yatra Essay in Hindi | Essay in Hindi | Hindi Nibandh | हिंदी निबंध | निबंध लेखन | Essay on my unforgettable journey in Hindi

By: Amit Singh

मेरी अविस्मरणीय यात्रा पर निबंध | Meri Avismarniya Yatra Essay in Hindi

“सैर कर दुनिया की गाफिल, जिन्दगानी फिर कहाँ,  जिन्दगानी गर रही तो, नौजवानी फिर कहाँ।”

मैं शुरू से ही घुमक्कड़ प्रवृत्ति का हूँ तथा राहुल सांकृत्यायन की तरह नवाज़िन्दा-याजिन्द्रा की लिखी उपरोक्त पंक्तियाँ मुझे भी घूमने हेतु प्रोत्साहित करती रही हैं। मुझे अगस्टीन की कही बात बिल्कुल सत्य प्रतीत होती है-“संसार एक महान पुस्तक है, जो घर से बाहर नहीं निकलते वे व्यक्ति इस पुस्तक का मात्र एक पृष्ठ ही पढ़ पाते हैं।” पिछले पाँच वर्षों में मैंने भारत के लगभग बीस शहरों की यात्रा की है, इनमें दिल्ली, मुम्बई, राजस्थान, मध्य प्रदेश, ओडिशा, गोवा आदि शामिल हैं।

इन शहरों में भुवनेश्वर ने मुझे सर्वाधिक प्रभावित किया है। पिछले वर्ष ही गर्मी की सप्ताह भर की छुट्टी में मैं इस शहर की यात्रा पर था। यह यात्रा मेरे लिए अविस्मरणीय है।

मैं दिल्ली से रेल यात्रा का आनन्द उठाते हुए अपने सभी साथियों के साथ सुबह लगभग दस बजे भुवनेश्वर पहुँच गया था। हमने पहले ही होटल बुक करवा लिया था। वहाँ पहुँचकर सबसे पहले हम होटल में गए। मैं इस शहर के बारे में पहले ही काफी कुछ सुन चुका था। मेरे सभी दोस्त चाहते थे कि उस दिन आराम किया जाए, लेकिन मैं उनके इस विचार से सहमत नहीं था। मेरी व्याकुलता को देखते हुए सबने थोड़ी देर आराम करने के बाद तैयार होकर यात्रा पर निकलने का निर्णय लिया। भुवनेश्वर के बारे में जैसा हमने सुना था, उससे कहीं अधिक दर्शनीय पाया।

भुवनेश्वर, भारत के खूबसूरत एवं हरे-भरे प्रदेश ओडिशा की राजधानी है। यहाँ की प्राकृतिक सुन्दरता देखते ही बनती है। ऐतिहासिक ही नहीं धार्मिक दृष्टिकोण से भी यह शहर भारत के प्रमुख दर्शनीय स्थलों में से एक है। इसे ‘मन्दिरों का शहर’ भी कहा जाता है। यहाँ प्राचीनकाल के लगभग 600 से अधिक मन्दिर हैं, इसलिए इसे पूर्व का काशी’ भी कहा जाता है।

तीसरी शताब्दी ईसा पूर्व में सम्राट अशोक ने यहीं पर कलिंग युद्ध के बाद धम्म की दीक्षा ली थी। धम्म की दीक्षा लेने के बाद अशोक ने यहाँ पर बौद्ध स्तूप का निर्माण कराया था, इसलिए यह बौद्ध धर्मा बलम्बियों का भी एक बड़ा तीर्थ स्थल है। कहा जाता है कि प्राचीन काल में भुवनेश्वर में 7,000 से अधिक मन्दिर थे, इनमें से अब केवल 600 मन्दिर ही शेष बचे हैं।

हम जिस होटल में ठहरे थे, उसके निकट ही राजा-रानी मन्दिर है, इसलिए सबसे पहले हम उसी के दर्शनों के लिए पहुँचे। इस मन्दिर की स्थापना ग्यारहवीं शताब्दी में हुई थी। इस मन्दिर में शिव एवं पार्वती की भव्य मूर्तियाँ हैं। इस मन्दिर की दीवारों पर सुन्दर कलाकृतियाँ बनी हुई हैं। इस मन्दिर से लगभग एक किलोमीटर दूर मुक्तेश्वर मन्दिर स्थित है। इसे ‘मन्दिर समूह’ भी कहा जाता है, क्योंकि यहाँ पर एक साथ कई मन्दिर हैं।

इन मन्दिरों में से दो मन्दिर अति महत्त्वपूर्ण है- परमेश्वर मन्दिर एवं मुक्तेश्वर मन्दिर । इन दोनों मन्दिरों की स्थापना 650 ई. के आस-पास हुई थी। इन दोनों मन्दिरों की दीवारों पर की गई नक्काशी देखते ही बनती है। मुक्तेश्वर मन्दिर की दीवारों पर पंचतन्त्र की कहानियों को मूर्तियों के रूप में प्रस्तुत किया गया है। राजा-रानी मन्दिर एवं मुक्तेश्वर मन्दिर की सैर करते-करते हम थक गए थे। वैसे भी हम दोपहर के बाद सैर करने निकले थे और अब रात होने को थी। इसलिए हम लोग आराम करने के लिए अपने होटल लौट आए।

Meri Avismarniya Yatra Essay in Hindi

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अगली सुबह हम लोग जल्दी तैयार होकर लिंगराज मन्दिर समूह देखने गए। इस मन्दिर के आस-पास सैकड़ों छोटे-छोटे मन्दिर बने हुए हैं, इसलिए इसे ‘लिंगराज मन्दिर समूह’ भी कहा जाता है। इसका निर्माण 11वीं शताब्दी में किया गया था। 185 फीट लम्बी यह मन्दिर भारत की प्राचीन शिल्पकला का अप्रतिम उदाहरण है। मन्दिरों की दीवारों पर निर्मित मूर्तियाँ शिल्पकारों की कुशलता की परिचायक हैं।

भुवनेश्वर की यात्रा इतिहास की यात्रा के समान है। इस शहर की यात्रा करते हुए ऐसा लगता है मानो हम उस काल में चले गए हो, जब इस शहर का निर्माण किया जा रहा था। शहर के मध्य स्थित भुवनेश्वर संग्रहालय में प्राचीन मूर्तियों एवं हस्तलिखित ताड़पत्रों का अनूठा संग्रह इस आभास को और भी अधिक बल प्रदान करता है।

भुवनेश्वर के आस-पास भी ऐसे अनेक अप्रतिम स्थल हैं, जो ऐतिहासिक एवं धार्मिक महत्त्व रखते हैं और जिनकी सैर के बिना इस शहर की यात्रा अधूरी ही रह जाती है। ऐसा ही एक स्थान है-धौली। यहाँ दूसरी शताब्दी ईसा पूर्व में निर्मित एक बौद्ध स्तूप है, जिसका जीर्णोद्वार हाल ही में हुआ है। इस स्तूप के पास ही सम्राट अशोक निर्मित एक स्तम्भ भी है, जिसमे उनके जीवन एवं बौद्ध दर्शन का वर्णन किया गया है। इसके अतिरिक्त भगवान बुद्ध की मूर्ति तथा उनके जीवन से सम्बन्धित विभिन्न घटनाओं से सम्बद्ध मूर्तियाँ भी देखने लायक है। धौली के बौद्ध स्तूप के दर्शन के बाद हम लोग भुवनेश्वर शहर से लगभग 6 किमी दूर स्थित उदयगिरि एच खण्डगिरि की गुफाओं को देखने गए। इन गुफाओं को पहाड़ियों को काटकर बनाया गया है। इन गुफाओं में की गई अधिकांश चित्रकारी नष्ट हो चुकी है, किन्तु यहाँ निर्मित मूर्तियाँ अभी भी अपने प्रारम्भिक स्वरूप में ही विद्यमान है।

सैर के बाद हम लोगों ने ओडिशा के स्थानीय भोजन का आनन्द उठाया। पखाल भात, छलु तरकारी, महूराली चडचडी एवं चिगुडि ओडिशा की कुछ लोकप्रिय व्यंजन है। पखाल भात एक दिन पहले बने बाचल को आलू के साथ तलकर बनाया जाता है। छतु तरकारी एक तीखा भोजन है, जो मशरूम से बनता है। ओडिशा के लोगों को भी बंगालियों की तरह मछली खाने का बहुत शौक है। महूराली चडचडी छोटी मछली से बनी एक डिश है।

चिल्का झील में पाई जाने वाली झींगा मछली से चिगुडि नामक डिश बनाई आती है। भुवनेश्वर की यात्रा को अविस्मरणीय बनाने के लिए हमने जमकर फोटोग्राफी की थी, किन्तु फोटो के साथ-साथ हम यहाँ की कुछ प्रसिद्ध वस्तुएँ भी ले जाना चाहते थे। यहाँ पत्थर से निर्मित बड़ी खूबसूरत वस्तुएँ, जैसे-मूर्तियाँ, बर्तन, खिलौने इत्यादि मिलते हैं। यहाँ की ताड़ के पत्तों पर की गई चित्रकारी भी लोगों को खूब पसन्द आती है, जिसे पत्ता चित्रकारी’ कहते हैं। हम सबने कई प्रकार की वस्तुएँ खरीदी। ये वस्तुएँ हमें हमेशा भुवनेश्वर की प्राचीन कला की याद दिलाती है।

भुवनेश्वर की यात्रा मेरे लिए ही नहीं मेरे सभी साथियों के लिए भी एक अविस्मरणीय यात्रा बन गई वस्तुतः किसी भी व्यक्ति की यात्रा का उद्देश्य केवल मनोरंजन ही नहीं, बल्कि मानसिक शान्ति प्राप्त करना भी होता है। सचमुच भुवनेश्वर के यातावरण में अजीब-सी पवित्रता घुली हुई है। इस यात्रा से हमारी मित्र मण्डली को जिस मानसिक शान्ति का अनुभव हुआ, उसे शब्दों में बयान नहीं किया जा सकता। इस अविस्मरणीय यात्रा से मैं भी डॉ. जॉनसन के इस कथन से पूर्णतः सहमत हो गया कि “यात्रा कल्पना को वास्तविकता में व्यवस्थित कर देती है।”

मेरी अविस्मरणीय यात्रा पर निबंध | My Unforgettable Trip Essay in Hindi / meri aabismaraniye Yatra video

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Nibandh

मेरी अविस्मरणीय यात्रा पर निबंध

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रूपरेखा : प्रस्तावना - गंतव्य स्थान तक पहुँचना - वहाँ का वातावरण - दर्शनीय स्थल - अन्य मनोरंजन - बाजार - उपसंहार।

मुझे यात्रा करना बहुत अच्छा लगता है। मैंने आज तक कई यात्राएँ की हैं। पिछली छुट्टियों में मैं माथेरान गया था। यह यात्रा मेरे लिए यादगार बन गई है।

बारिश के मौसम में मैंने अपने कुछ मित्रों के साथ माथेरान जाने का निश्चय किया था। मेरा पड़ोसी में रहने वाला राहुल भी हमारे साथ था। वह कालेज में पढ़ता है। हम मुंबई के छत्रपति शिवाजी टर्मिनस से ट्रैन में बैठे। ढाई घंटे के सफर के बाद हम नेरल पहुँचें।

वहाँ से हम छोटी ट्रैन जिसे 'मिनी ट्रेन' कहते है उसमें बैठकर माथेरान की ओर चल पड़े। चारों ओर फैली हरियाली, हरे भरे पेड़ और गहरी घाटियों की शोभा का आनंद लेते हुए हम माथेरान पहुँचे। वहाँ हम होटल में ठहरे।

माथेरान का वातावरण मोहक और स्फूर्तिदायक था। लाल-लाल मटमैले रास्ते और घने जंगल मन को मोह लेते थे। दोपहर के समय भी वहाँ की हवा में ठंडक थी। माथेरान में देखने लायक कई स्थल हैं। सुबह और शाम के समय हमने घूम-घूमकर इनमें से अनेक स्थल देखे।

यहाँ के हर स्थल की अपनी अलग सुंदरता और विशेषता है। पर कुछ स्थल तो सचमुच अद्भुत हैं। एको (प्रतिध्वनि) प्वाइंट पर हमने कई बार चिल्लाकर अपनी ही प्रतिध्वनियाँ सुनीं। दूसरे दिन शाम को हमने सनसेट (सूर्यास्त) प्वाइंट पर डूबते हुए सूर्य के दर्शन किए। पैनोरमा (चित्रावली) प्वाइंट ने तो हमारा दिल ही जीत लिया। शारलोट तालाब की शोभा निराली थी। हमने घुड़सवारी की और हाथ-रिक्शे पर बैठने का मजा भी लिया। हमने अपने कैमरों से वहाँ के कई स्थानों की तस्वीरें खीची। वहाँ हम रोज घंटों पैदल चलते थे, पर जरा भी थकान नहीं लगती थी।

माथेरान के छोटे-से बाजार में दिनभर यात्रियों का मेला-सा लगा रहता था। जूते-चप्पल, शहद, चिक्की, रंगबिरंगी छड़ियाँ, सुंदर-सुंदर फूलों के गुलदस्ते आदि चीजें यहाँ खूब बिकती हैं। हमने भी चिक्की और शहद खरीदा।

माथेरान में चार दिन चार पल की तरह बीत गए और हम घर लौट आए। वहाँ के मनोहर दृश्य आज भी मेरी आँखों के सामने तैर रहे हैं।

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मेरी अविस्मरणीय यात्रा पर निबंध

My Unforgettable Trip Essay In Hindi : अनादि काल से इंसान एक घुमक्कड़ जी रहा है, जिसे हर जगह घूमना पसंद है। घूमने की कला के वजह से ही इंसानों ने इतने कम समय में पृथ्वी के लगभग सभी इलाकों पर अपना वर्चस्व पा लिया है। जिन लोगों को घूमना पसंद होता है उनके जीवन में एक यात्रा ऐसी होती है, जिसे वह कभी नहीं भूल सकते।

आज हम आप सभी लोगों को मेरी अविस्मरणीय यात्रा पर निबंध के विषय में बताने वाले हैं। यदि आप इसके लिए इच्छुक हैं, तो हमारे इस निबंध को अंत तक जरूर पढ़ें क्योंकि हमारा यहां निबंध विद्यार्थियों के लिए बहुत ही ज्यादा उपयोगी होने वाला है क्योंकि ऐसे निबंध परीक्षाओं में भी पूछे जाते हैं, तो चलिए शुरू करते हैं।

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मेरी अविस्मरणीय यात्रा पर निबंध | My Unforgettable Trip Essay in Hindi

मेरी अविस्मरणीय यात्रा पर निबंध (250 शब्द).

लगभग सभी लोगों को अनोखे और विचित्र जगह पर घूमना पसंद होता है। घूमने से हमें उस क्षेत्र के बारे में जानकारी मिलती है। मुझे भी नए जगहों पर घूमना काफी पसंद है। इस वजह से मैं अक्सर विभिन्न जगहों पर घूमने जाता रहता हूं। हाल ही में मैंने उड़ीसा की राजधानी भुवनेश्वर का सफर किया, जो मेरे लिए कभी ना भूलने वाला सफर रहेगा। 

अगर आप उड़ीसा की राजधानी भुवनेश्वर जाएंगे तो सबसे पहले वहां के साफ-सफाई को देखकर आश्चर्यचकित रह जाएंगे। भारत में जब से स्वच्छ भारत अभियान चला है, तब से भारत के सभी राज्य अपने आप को पहले से और ज्यादा खूबसूरत बनाने के लिए साफ-सफाई बड़ी जोरों से कर रहे है उसमें भुवनेश्वर भी पीछे नहीं है।

मैंने भुवनेश्वर का सफर अपने गृह शहर पटना से किया। पटना से भुवनेश्वर जाने की एक सीधी ट्रेन जाती है। हम अपने सभी मित्रों के साथ इस ट्रेन पर शाम को चल गए और अगले दिन सुबह भुवनेश्वर की स्टेशन पर उतरे। 

ऑनलाइन सुविधा आ जाने की वजह से हमने स्टेशन के पास एक ओयो कंपनी के कमरे को बुक कर लिया था। अपने सभी मित्रों के साथ हम कमरे में गए और कुछ देर विश्राम करने के बाद भुवनेश्वर शहर के ट्रिप पर निकले। जब आप इस शहर को घूमने निकलेंगे तो इसकी खूबसूरती आपको कुछ इस कदर चकाचौंध करेगी कि आप अपने पूरे जीवन यहां की खुशबू को भूल नहीं पाएंगे।

नीले आसमान में कोई फीट ऊंचे मंदिर पर शिल्पकार की बनाई हुई। एक खूबसूरत आकृति आपके मन को इस कदर उतर जाएगी कि आप उन आकृतियों में कहीं खो से जाएंगे और पुराने जमाने के लोग कितनी समझदारी और गंभीरता से काम कर सकते थे। उनकी यह काबिलियत देखकर आपके होश उड़ जाएंगे।  

शिल्प पर बनाई हुई आकृतियों की बात करें और सम्राट अशोक का याद ना आए ऐसा हो नहीं सकता। भारत के सर्वश्रेष्ठ राजाओं में हमेशा हम सम्राट अशोक को याद रखेंगे। इन की बनाई हुई शिल्प कारीगरी आज भी भुवनेश्वर के म्यूजियम में जीवित है। यहां के मंदिर और शिल्पकार इतनी प्रसिद्ध है कि भुवनेश्वर को पूर्व काशी की उपाधि मिली है। 

इन सभी ऊंचे ऊंचे मंदिर और शिल्प कारी को देखने के बाद वहां के कुछ स्वादिष्ट व्यंजनों को भी हमने चखा मसालेदार खाने है और हरे भरे इलाके खूबसूरत मंदिर ने हमारे मन को कुछ इस कदर लूट लिया कि भुवनेश्वर की खूबसूरती को हम कभी नहीं भूल पाएंगे। 

मेरी अविस्मरणीय यात्रा पर निबंध (500 शब्द)

लगभग हर व्यक्ति को घूमना बहुत पसंद होता है आखिर इस दुनिया में शायद ही कोई ऐसा होगा जो अनोखे और विचित्र जगहों को देखकर आश्चर्यचकित ना होता हो। मैं भी इस दुनिया के अन्य घुमक्कड़ लोगों में से एक हूं जो किसी ने जगह पर जाने की बात को सुनकर ही उत्साह से भर जाता हूं। एक बार अपने मित्रों के साथ मैंने कोलकाता जाने का मन बनाया। सभी को भारत के पूर्व राजधानी को देखने का काफी मन था इस वजह से कोलकाता जाने का प्लान बना। 

हम झारखंड की राजधानी रांची में निवास करते थे। यहां से सुबह एक ट्रेन कोलकाता के लिए थी जिस पर विराजमान होकर रात तक कोलकाता पहुंच गए। सबसे पहले तो कोलकाता के स्टेशन पर उतरते। हम बड़े आश्चर्य चकित और उत्साह से भर गए।

यह सोचकर ही आश्चर्य लगता है कि कोलकाता से आगे ट्रेन नहीं जाती। यह भारत की ट्रेन का अंतिम छोर है। कोलकाता भारत के उन गिने-चुने स्टेशनों में से है, जहां आपको स्टेशन पर पुल देखने को नहीं मिलेगा मगर ऐसा नहीं है कि पुल बनाने में कोलकाता पीछे है। स्टेशन से बाहर निकलते ही हावड़ा पुल को देखकर आपके होश उड़ जाएंगे। 

उसे स्टेशन की खूबसूरती और हावड़ा पुल को पार करते हुए हमने इन सब को निहारा और फिर पास ही एक होटल के कमरे में गए। कुछ देर विश्राम करने के बाद अगले दिन सुबह कोलकाता घूमने का निश्चय किया गया। इस जगह पर सबने एक्वा पार्क और जू के बारे में बहुत सुन रखा था मगर सबसे पहले रानी विक्टोरिया का महल देखने का निश्चय किया गया।

विक्टोरिया मेमोरियल कोलकाता के एक प्रसिद्ध महल में से एक है, जिसे देखकर आपके होश उड़ जाएंगे। वह बिल्कुल ताजमहल की तरह सफेद है मगर काफी बड़ा है। विक्टोरिया मेमोरियल के दरवाजे पर खड़े होकर बहुत देर तक हम इस बात के बारे में सोचते रहे कि आखिर वह कौन होगा जो इस महल में रहता होगा। 

वहां से आगे जाने के लिए हमने मेट्रो ट्रेन का सहारा लिया। जिसे हमारे मित्रों के समूह में बहुत सारे लोगों ने पहली बार इस्तेमाल किया था। हालांकि इसके बाद एक्वा पार्क और जू में जाकर हमने बहुत सारी मस्ती की। ऐसी एक से एक ऐसे झूले थे जिसपर बैठ कर हम उत्साह और खुशी से भर गए। इसके बाद हम वहा के काली मंदिर में जाने का विचार किया। 

कोलकाता की काली मंदिर में काली मां को देखकर ऐसा लगता था, जैसे वह मंदिर से बाहर आ रही है। मगर इन सबके बाद हम आपने सभी मित्रो के साथ इतने विभिन्न प्रकार के खाना को हमने खाया और कोलकाता के इतने खूबसूरत नजारे मस्ती देने वाले पार्क और एक से बढ़कर एक स्वादिष्ट व्यंजन ने हमारे दिल को कुछ इस तरह लूटा कि हम अपने इस सफर को जीवन भर भूल ना पाए।

मेरी अविस्मरणीय यात्रा पर निबंध (850 शब्द)

घूमना हर किसी को पसंद है लेकिन कभी-कभी हम ऐसे विचित्र सफर पर चले जाते हैं, जिस सफर को हम कभी अपने जीवन में भूल नहीं पाते।  यह हमारे जीवन भर हमारी चाय के साथ हो हम से जुड़ा हुआ रहता है। मैं एक घुमक्कड़ किस्म का इंसान हूं। मैंने भारत में कश्मीर से कन्याकुमारी और गुजरात से मिजोरम तक की दूरी तय की है। मैंने भारत के विभिन्न राज्यों को काफी करीब से देखा है। मगर जब मैं कश्मीर घूमने गया था, तो अपने कश्मीर के सफर को कभी भूल नहीं पाया। 

धरती का स्वर्ग है कश्मीर

कश्मीर को भारतीय धरती का स्वर्ग कहा जाता है। इसी से इसकी खूबसूरती का अंदाजा लगा सकते हैं। चारों और इतने सफेद पहाड़ जिसे देखकर मानव लगता है कि जैसे उन पर कोई दूध उड़ेला रहा है। इतनी लाल सेब के बगीचे जिसे देख कर आप किसी गोरी के गाल को भूल जाएं। ना केवल वहां के बगीचे और पहाड़ बल्कि हरे भरे खेत खलिहान और उन में घूमते हुए गोरे चिट्टे लोग आपको अपना दीवाना बना लेंगे। 

वहां क्या क्या देखा?

इतना खूबसूरत पहाड़ और बगीचा हमने अपने पूरे जीवन में कभी नहीं देखा। बगीचा में सेब के पेड़ के नीचे सोकर हमने कहीं देर तक अपने मित्रों से बातें की। बर्फीले पहाड़ पर चढ़ाई की। वहां के खेत खलिहान को देखते हुए हम कश्मीर के कुछ गांव में भी गए, जहां लगे हुए मेले और उन मेलों में अखरोट और विभिन्न ड्राई फ्रूट के व्यंजन ने हमारी भूख के साथ-साथ हमारे दिल को भी असीम सुख का अनुभव करवाया। 

कश्मीर घूमना किसी सपने से कम नहीं था। हमने वहां डल झील को देखा जहां पानी के आरपार सभी जीव अमित साफ साफ दिखाई दे रहे होते है हाउसबोट का सफर तो बिल्कुल ऐसा लग रहा था। जैसे मानो हम अपने घर में बैठे हो और वह घर पानी में तैरने निकल पड़ा हो।

कश्मीर की वादियां और वहां की खूबसूरत नजारों की तारीफ करते हुए हमारे मस्तिष्क में उपमाओं की कमी हो जाएगी। मगर ऐसी कोई उपमा नहीं बनी, जो उस खूबसूरत शहर की खूबसूरती का परिचय दे सके। कश्मीर को घूमते वक्त लेह को भी जरूर घूमे। लेह गर्मी में घूमने लायक जगह है, जहां की खूबसूरत वादियां और पहाड़ आपको दीवाना बना देंगे।

घाटी और झील कुछ इतने प्रसिद्ध प्रसिद्ध झील हैं, जिनके आसपास के बगीचे और उन पर चल रहे वोट आपको दीवाना बना देंगे यहां हाउसबोट का सफर करना ना भूलें। 

डल झील कुछ गिने-चुने ऐसे जिलों में आता है जहां आपको पानी के अंदर की चीज है बिल्कुल साफ साफ बाहर से ही नजर आती हैं इस जगह पर भी जाना ना भूलें। 

इन सबके अलावा कारगिल की पहाड़ियां अपनी वीरता और पराक्रम की कहानियों की वजह से काफी प्रचलित है उस जगह को भी घूम आए और वहां की युद्ध की कहानियों को सुनें और वीरों को नमन कर के अपने सफर पर आगे बढ़े। 

कश्मीर का सफर कब करना चाहिए

केवल हम नहीं इस विश्व में शायद ही ऐसा कोई होगा जो कभी कश्मीर घूमने जाए और वह इस बात को भूल जाए। कश्मीर और वहां के लोग दोनों ही अपनी खूबसूरती के वजह से पूरे विश्व भर में प्रचलित है। इस जगह को सभी के लिए खूबसूरत कहा जाता है, जब आप गर्मी के दिन में यहां घूमने जाएं। गर्मी के दिन में आपको वहां सभी वादियां हरी-भरी दिखाई देंगी और वहां के सर्द मौसम कब सही मायने में लुफ्त उठा पाएंगे। 

कश्मीर घूमने लायक जगह है और इस सफर को हम भूल जाएं, इस सोच से ही हमारा मन इस प्रकार चिंतित हो जाता है। जैसे मानो अपनी जिंदगी के सबसे खूबसूरत पल को त्यागने के बारे में कोई कह रहा हो। इस वजह से मस्तिक से चाहकर भी कश्मीर की खूबसूरती यों को भूल नहीं पाता। कुछ सबसे सुनहरे पलों में से आपके जीवन का वह पल होगा ,जब आप कश्मीर की वादियों में खड़े होकर वहां के ड्राई फ्रूट की खुशबू लेते हुए बड़े-बड़े बर्फ से नहाते हुए पहाड़ को देखेंगे और अपने आप आपके मुंह पर एक मुस्कुराहट आ जाएगी। जो इस बात का प्रमाण होगी कि इस जगह की खूबसूरती ने आपके दिल को छू लिया है। 

मैंने कभी सोचा भी नही था की यह सफर मेरे जीवन में यादगार बन जायेगा। जब कभी भी इस सफर को अपने खाली पलों में याद करता हूँ, तब मेरा मन फिर से रोमांचित हो जाता है और शरीर में पूरी ऊर्जा भर जाती है।

आज के आर्टिकल में हमने मेरी अविस्मरणीय यात्रा पर निबंध (My Unforgettable Trip Essay in Hindi) के बारे में बात की है। मुझे पूरी उम्मीद है की हमारे द्वारा लिखा गया यह आर्टिकल आपको पसंद आया होगा। यदि किसी व्यक्ति को इस आर्टिकल में कोई शंका है तो वह हमें कमेंट में पूछ सकते है।

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My Journey Essay in Hindi – मेरी यादगार यात्रा पर निबंध

October 2, 2017 by essaykiduniya

यहां आपको सभी कक्षाओं के छात्रों के लिए हिंदी भाषा में मेरी यादगार यात्रा पर निबंध मिलेगा। Here you will get Short My Journey Essay in Hindi Language for students of all Classes in 500 words.

My Journey Essay in Hindi – मेरी यादगार यात्रा पर निबंध : यात्रा में शैक्षणिक मूल्य है। यह हमारे ज्ञान को बढ़ाता है। यात्रा पर होने पर, एक व्यक्ति विभिन्न जातियों, क्षेत्रों, धर्म, जातियों के लोगों से मिलता है। एक व्यक्ति भी विभिन्न स्थानों का दौरा करता है। प्रत्येक स्थान का अपना महत्व है। शिक्षा संस्थान अपनी छुट्टियों के दौरान अपने छात्रों के लिए यात्रा कार्यक्रमों की व्यवस्था करते हैं। पश्चिमी देशों के छात्र अक्सर और दूर तक यात्रा करते हैं। यात्रा भी बहुत खुशी देते हैं। यह हमें पर्यावरण का परिवर्तन देता है। यह हमें दिन-दिन की चिंताओं से राहत देता है। यह विभिन्न आदतों और रिवाजों के साथ लोगों से मिलने का मौका देता है। उनका भोजन अलग-अलग हो सकता है इस प्रकार हम यात्रा पुस्तकों के माध्यम से विदेशी मौसम के लोगों के बारे में सीख सकते हैं। लेकिन जब हम व्यक्तिगत रूप से यात्रा करते हैं-यह एक फर्क पड़ता है।

हम इन देशों और लोगों के पहले हाथ ज्ञान प्राप्त करते हैं व्यक्तिगत स्पर्श हमें हमेशा के लिए याद करता है हम आगरा, गया, जयपुर, झांसी, हैदराबाद, नालंदा, मैसूर, उदयपुर जैसे ऐतिहासिक स्थानों पर जा सकते हैं। हम अजमेर, अमृतसर, बद्रीनाथ, हरद्वार, केदारनाथ, प्रयागराज, रामेश्वरम, तिरुपति, यू। जेन, वैष्णोदेवी, वाराणसी जैसे धार्मिक महत्व के स्थानों की भी यात्रा कर सकते हैं। यात्रा हमें गर्मी के दौरान या सर्दियों के खेलों के दौरान देश में पहाड़ी रिसॉर्ट में ले जा सकता है फ्रांसिस बेकन, अंग्रेजी गद्य लेखक ने कहा है: “युवा में यात्रा शिक्षा का एक हिस्सा है, पुराने में, अनुभव का एक हिस्सा है।

” यात्रा करने से युवा लोगों को भारी लाभ मिलता है। उनकी शिक्षा को परिष्कृत किया जाता है। यह विभिन्न लोगों के साथ मिश्रण करने और सामाजिक संबंधों के साथ बाध्य करने में सक्षम भी है। इससे हमें एक कुंआरे में गोल और गोल के चारों ओर एक मेंढक के विपरीत संकीर्ण विचारों से ऊपर उठने की अनुमति मिलती है। यात्रा हमारे क्षितिज को बढ़ाता है और हम नए विचारों के साथ वापस आते हैं। हमारा दृष्टिकोण बदलता है, हमारे पास बेहतर परिप्रेक्ष्य है। राष्ट्रीय एकात्मता और लोगों के संबंधों में यात्रा महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। अलग-अलग भाषा, ड्रेस और खाने की आदतों वाले विविध लोग एक साथ मिलते हैं। अन्य देशों के दौरे से, हमें पता चला कि अन्य लोगों ने कैसे प्रगति की है। हम उनकी संस्कृति और सभ्यता से परिचित हैं।

इन दिनों यात्रा, विशेष रूप से समूह यात्रा, अन्य देशों और महाद्वीपों को प्रोत्साहित किया जाता है। आकर्षक समूह यात्रा पैकेज प्रदान किए जाते हैं। इस प्रकार यात्रा एक प्रशंसनीय अनुभव है। यह यूसुरुधाता कुटंबकूम की भावना और अवधारणा में मदद करता है। पूरी दुनिया एक परिवार है। यह हमारे अवलोकन की भावना को सुधारता है और क्यूएस सामाजिक बनाता है। यह हमारे दिमाग को तेज करता है और हमारी आत्मा को ऊपर उठता है। यात्रा के लिए शौक और प्रेम, देश या विदेशों में, महान रिटर्न सुनिश्चित करता है और मानस में सुधार में परिणाम।

हम आशा करेंगे कि आपको यह निबंध ( My Journey Essay in Hindi – मेरी यादगार यात्रा पर निबंध ) पसंद आएगा।

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मेरी अविस्मरणीय यात्रा निबंध | Essay on My Unforgettable Journey in Hindi

मेरी अविस्मरणीय यात्रा निबंध | My Unforgettable Journey in Hindi | Hindi Essay | My Unforgettable Journey Essay in hindi.

कई लोगों को भागनl दौड़ना,नाचना ,गाना, कविताएं लिखना किताबें पढ़ना आदि छंद होते हैं। उसी प्रकार मुझे यात्राएं करने का छंद है। मुझे यात्रा करना बहुत पसंद आता है। जंगल की हरियाली देखना, पेड़ पौधों से बातें करना। कभी ऊंचे ऊंचे पहाड़ कभी सपाट जमीन पर बहती हुई नदी के साथ बहना। ऐतिहासिक किलो तथा ऐतिहासिक स्थानों में जाकर इतिहास को फिर से जीना, इतिहास को समझना। शहरों की ऊंची आसमानों से बातें करती हुई इमारतों को नजर उठा कर देखना। तो कभी गांव की सभ्यता को समझना। कभी ट्रेन से यात्रा करना। तो कभी ऑटो बस रिक्शl से यात्रा करना। नए नए स्थानों पर जाकर नए नए लोगों से मुलाकात करना नए लोगों से मिलना। ऐसे कई कारण है जिनकी वजह से मुझे यात्रा करना बहुत पसंद है। यह तो मैंने अपने जीवन में कई यात्राएं की है। जंगलों के ऊंचे ऊंचे पहाड़ से देखें शहरों की ऊंची ऊंची इमारत देखी है। कई बार ऐतिहासिक स्थानों पर जाकर इतिहास में खो गई हु । कई बार मंदिर में जाकर अचल मन को शांत किया है। ऐसे कई यात्राएं मैंने की है। परंतु इन सब में से मेरी अविश्वसनीय और पसंदीदा यात्रा दिल्ली की याद आ रही है।

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ठंड के मौसम में की गई दिल्ली की यात्रा मुझे आज भी याद है। मेरी यह अविस्मरणीय यात्रा है जो मुझे अपने जीवन भर याद रहेगी। इस यात्रा में जो सुखद में अनुभव किया है शायद मैंने किसी अन्य यात्रा में किया हो। यूं तो दिल्ली एक भीड़भाड़ भरे शहर है। हमने जब दिल्ली की यात्रा करने के बारे में विचार किया तो दिल्ली में यात्रा करें या ना करें इस बात पर चर्चा की गई। हमने जब दिल्ली की यात्रा की तो वह सर्दियों के दिनों से। दिल्ली अपने सर्दी के लिए काफी मशहूर है। मुझे तारीख ठीक से तो याद नहीं पर शायद वह जनवरी का अंतिम सप्ताह था जब हम दिल्ली आए। सुबह के समय दिल्ली पहुंचने के बाद हमारी जैसे-जैसे दिल्ली की ओर बढ़ते जा रही थी वैसे वैसे कोहरा बढ़ता जा रहा था। सुबह के लगभग 7:00 या 8:00 बज चुके थे पर कोहरा घना होने के कारण कुछ दिखाई ना दे रहा था। चारों तरफ कोहरा ही कोहरा छाया हुआ था। कोहरे की चादर में कोई व्यक्ति एक दूसरे को भी देख पाना काफी मुश्किल हो रहा था। उस समय ऐसा महसूस हो रहा था मानो जैसे सुबह के 4:00 या 5:00 बजे हो। इसी तरह सुबह के 9 ,10 बजे तक कोहरे के बादल बने रहे। हमने उस समय जो ठंड महसूस कि वह शायद ही शब्दों में बयां कर पाऊं। शरीर का हर एक सर्दी से कांप रहा था। ऊपर से सर्द हवा के झोंके इनसे ऐसा महसूस हो रहा था मानो जैसे हम बर्फ कर खड़े हैं। स्टेशन से बाहर निकल कर हम अपने स्थान की ओर प्रस्थान किया। मेट्रो ट्रेन से की गई चांदनी चौक तक की यात्रा की। दिल्ली के लोगों के चकाचौंध तथा भागदौड़ भरी जिंदगी देखकर दंग रह गए।

शाम के समय हमने चांदनी चौक बाजार का लुफ्त उठाया। तन्ग गलियों में सजा बाजार हर किसी को अपनी और आकर्षित करता है। रास्ते के किनारे लगी वह चूड़ियां कंगन और बालियों की दुकान हमें अपने और बुलाती है। इतना सुंदर बाजार मैंने पहले कभी शायद देखा था। कहां घूमते वक्त का पता ही नहीं चलताl जामा मस्जिद चांदनी चौक न्यू दिल्ली में स्थित है। यह मुगलों द्वारा बनाया गया वास्तुकला का एक उत्तम उदाहरण है। यह वास्तुकला शाहजहां द्वारा बनाई गई थी। यह एक साथ 25000 लोग बैठ कर एक साथ नमाज पढ़ सकते हो आप। जामा मस्जिद में प्रतिदिन हजारों पर्यटक आते हैं।

दिल्ली में जो दूसरा स्थल हमने देखा वह का इंडिया गेट। इंडिया गेट यह जनपद के पास स्थित है। यह तो हम सभी जानते हैं कि इंडिया के स्वतंत्रता का राष्ट्रीय स्मारक है। दिल्ली में स्थित लोटस मंदिर यह एक आकर्षण का मुख्य केंद्र है। लोटस मंदिर यह बहाइ लोगों का मंदिर है। लोटस मंदिर में दिनभर पर्यटकों का आना-जाना शुरु रहता है। यह एक ऐसा खूबसूरत स्मारक है जो लोगों का मन अपनी तरफ मोह जाता है। इसकी खूबसूरती ऐसी है कि वह लोगों को आश्चर्य में डाल दिया। ऐतिहासिक इमारतों के लिए प्रसिद्ध दिल्ली में हमने अन्य कई स्थान देखें l सर्दी में जो ठंडा वातावरण होता है। खूबसूरत ऐतिहासिक स्मारक। इन सब के कारण मेरी दिल्ली की यात्रा अविश्वसनीय रही।

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मेरी यादगार यात्रा पर निबंध | Essay on My Memorable Tour in Hindi

यात्रा का अपना एक सुखद अनुभव होता है। हर यात्रा अपने में कई यादें समेटे होती है पर कुछ बहोत यादगार होती हैं । गर्मी की छुट्टियों में अधिकतर लोग घूमने जाते हैं और इस मौसम में पर्वतों की यात्रा अत्यधिक सुखद होती है।

पहली यात्रा:

हमारी पहली पर्वतीय यात्रा पिछले वर्ष गर्मी की छुट्टियों में हुई जब पिताजी के पुराने मित्र ने नैनीताल में अपने आवास पे एक समारोह रखा और पिताजी को आमंत्रित करने के साथ साथ ज़रूर आने का आग्रह भी किया।

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पिताजी ने इस आग्रह का सम्मान करते हुए समारोह में जाने के लिए और साथ साथ नैनीताल घूमने के लिए पांच दिन की योजना बनायी। हमने 20 मई को नैनीताल के लिए रेल पकड़ी और अगले दिन सुबह 10 बजे वहां पहुँच गए। स्टेशन पे पिताजी के मित्र हमें लेने आये हुए थे।

हम उनके साथ उनके घर गए। उन्होंने पिताजी की योजना की सराहना करते हुए उन्हें आने के लिए धन्यवाद कहा और हमें नैनीताल घुमाने की जिम्मेदारी अपने ड्राइवर को सौंप दी। क्योंकि समारोह तीन दिन बाद था तो हम नैनीताल घूमने निकल गए। नैनीताल के रास्ते बहुत टेड़े मेढ़े थे और रास्ते के दोनों ओर घाटियों का मनमोहक दृश्य था। कहीं ये घाटियां अत्यंत सुन्दर थीं और कहीं इनकी गहरायी डरा देने वाली थी। पर्वतों पर पेड़ों की सुंदरता देखते ही बनती थी। गर्मी के मौसम में भी शीतल हवायें मन को अत्यंत सुख दे रही थीं। नगर की सड़कें स्वछ थीं और घर साफ़ सुथरे थे नैनीताल का नाम एक ताल के कारण पड़ा जो वहां पर है जिसका नाम भी नैनीताल है। इसी ताल के एक किनारे पे नयना देवी का मंदिर है। मंदिर के बहन अत्यंत खूबसूरत पर्वत हैं जो सबका मन मोह लेते हैं। उसके अलावा भी नैनीताल मैं कई स्थल हैं जो बेहद मनमोहक हैं। तीन दिन हम काफी घूमे। उसके बाद पिताजी के मित्र के यहाँ समारोह मैं सम्मिलित होकर हमने अगले दिन घर के लिए रेल पकड़ी।

नैनीताल की यह यात्रा मेरे लिए बहुत सुखद और यादगार रही। वहां की प्राकृतिक सुंदरता ने मन मोह लिया और वहां के दृस्यों को मैं कैमरे में कैद कर लिया। अवसर मिलने पर मैं एक बार फिर ऐसी सुखद यात्रा पे वहां अवश्य जाना चाहूंगा।

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27 responses to “मेरी यादगार यात्रा पर निबंध | Essay on My Memorable Tour in Hindi”

Unknown Avatar

Very nice and write more like these

grate mistake

just joking

Abcd Avatar

Kya phaltu bakwas hai

You have not described the places which you have visited

IT IS VERY INFORMATIVE THANK U SO MUCH

It is written very nice

Thankyou sir bohot achha nibhand he👌👌

Nice not that much good

Really greatly written well. NICE

Silly mistakes

😆😆😆😆😆😆😆😆😆😆😆😆😆😆😆😆😆😆😆😆😆😆😆😆😆😆😆😆😆😆😆😆

nice experience great

Pooja Lal Avatar

पर नैनीताल में रेलवे स्टेशन नहीं है

nice …

Azra Ahmad Avatar

Bhut accha hai ……..

अच्छा लिखा है आप ने

Your comments and feedback are most important for us to write quality article.

doordie Avatar

Thank u .well written. Informative

Anil Sahu Avatar

बहुत मजेदार होती हैं कई यात्रायें.

ha ha ha very funny

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यात्रा | Essay on Journey in Hindi Language

unforgettable trip essay in hindi

Here is a compilation of Essays on ‘Journey’  for the students of Class 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10, 11 and 12 as well as for teachers. Find paragraphs, long and short essays on ‘Journey’ especially written for School Students and Teachers in Hindi Language.

List of Essays on Journey in Hindi Language

Essay Contents:

  • निराशाजनक यात्रा पर निबंध । Essay on a Disappointing Journey in Hindi Language

1. यात्रा, एक शौक पर निबंध । Essay on Journey in Hindi Language

बेकन के अनुसार बचपन में यात्रा करना शिक्षा का एक भाग है, एवं बड़े होने पर यह अनुभव का एक भाग है । कुछ लोग अलग तरह से भी सोचते हैं उनके लिये चर्च एवं मठों में जाना, महल एवं किलों में जाना पुरातन एवं खंडहरों में एवं पुस्तकालय एवं विश्वविद्यालयों में जाना केवल समय ही बरबादी है ।

वह यह भी कहते हैं कि व्यक्ति इनके बारे में पढ़ सकता हैं अथवा तस्वीरें देख सकता है जिनमें विश्व की महत्वपूर्ण जगहों को देखा जा सकता है । किन्तु वह भूल जाते हैं कि सत्य को पास से देखने उसे छूने एवं महसूस करने से एक अलग प्रकार की सन्तुष्टि एवं रोमांच की अनुभूति होती है ।

यात्रा करना एक महंगा शौक है किन्तु यह वित्तीय घाटे की भरपाई करता है । अगर एक यात्री को जीवन में एवं इसके आविर्भाव में रुचि है तो वह अपने को व्यस्त एवं प्रसन्न रखने के लिये बहुत सी खोज कर सकता है ।

समाजशास्त्र का एक विद्यार्थी विश्व के विभिन्न हिस्सों में रहने वाले लोगों के रीतिरिवाजों एवं धर्मिक अनुष्ठानों से बहुत कुछ प्राप्त कर सकता है । इतिहास का एक विद्यार्थी ऐतिहासिक स्मारकों से इतिहास का जीवत ज्ञान प्राप्त कर सकता है ।

एक इन्जीनियर वास्तुशिल्प की विभिन्न इमारतों को देख कर अपने ज्ञान में वृद्धि कर सकता है । वास्तव में यात्रा से व्यक्ति हर चीज पा सकता है जो उसके ऐन्द्रिय एवं बौद्धिक ललक को सन्तुष्ट करती है । यात्रा का शौक होने पर हम अपने खाली समय में व्यस्त रहते है ।

यह समय के सदुपयोग का सर्वोतम तरीका है । जब तक कोई व्यक्ति अपनी नीरस शारीरिक एवं मानसिक दिनचर्या को तोड़ता नहीं है उसे सन्तुष्टि नहीं मिल सकती । यात्रा से हम दिनचर्या की इस नीरसता को भंग कर सकते है । एक नयी जगह पर व्यक्ति कुछ जानने के लिये उत्सुक एवं ज्ञान अर्जित करने के लिये व्यस्त हो जाता है । रोमांचित एवं आश्चर्य चकित करने वाले स्थल उसके उत्साह को जागृत रखते है ।

यात्रा के समय हम भिन्न-भिन्न लोगों से मिलते हैं । मनोविज्ञान में रुचि रखने वाले व्यक्तियों को दूसरों को समझने का अनुभव एवं दृष्टि प्राप्त होती है । मनुष्य के स्वभाव को समझ पाना सर्वोतम शिक्षा है ।

ADVERTISEMENTS:

यात्रा का शौक रखना बहुत लाभदायक है इससे हम व्यस्त रहते हैं, शिक्षा प्राप्त होती है एवं हमारे शरीर एवं मन को नयी ऊर्जा प्रदान होती है ।

2. पर्वतीय स्थल की यात्रा  पर निबंध | Essay on Journey to a Hill Station for Teachers in Hindi Language

प्रस्तावना:.

ऐतिहासिक स्थलों व धार्मिक स्थलों की यात्रा मैं कई बार कर चुका हूँ परन्तु पिछले ग्रीष्मावकाश में मुझे पर्वतीय स्थल की यात्रा करने का शुभ अवसर भी प्राप्त हुआ । मेरे पिता जी के एक मित्र नैनीताल में रहते हैं । मैंने कई बार अपने पिता जी से पर्वतीय स्थलो की यात्रा का आग्रह किया था ।

ग्रीष्मावकाश में उन्होंने नैनीताल अपने मित्र के पास जाने का निश्चय किया । उन्होने पहले अपने मित्र को पत्र द्वारा सूचित किया । उनके मित्र ने उन्हे सहर्ष नैनीताल आने का निमत्रण दिया । फिर हमने सपरिवार नैनीताल जाने का कार्यक्रम बनाया ।

यात्रा का शुभारम्भ:

विद्यालय से दृष्टियों पड़ने पर 20 मई को हमने दिल्ली से चलने का निश्चय किया । नैनीताल को प्रतिदिन उत्तर प्रदेश रोडवेज की बसे जाती रहती हैं परन्तु ग्रीष्म काल में नैनीताल जाने के लिए काफी भीड़ रहती है इसलिये वहाँ के लिए करीब पाँच दिन पूर्व हमने आरक्षण के द्वारा अपनी सीटें बुक करा ली थी । हम परिवार के चार सदस्य थे माता-पिता और हम दो भाई-बहिन ।

20 मई को प्रात: बजे हम अपने घर से टैक्सी द्वारा अन्तर्राज्यीय बस अड्‌डे के लिए चल पड़े । 10 बजे बस के प्रस्थान का समय था । हमारे पास सामान भी कुछ अधिक हो गया था क्योंकि मेरे पिता जी ने बताया कि वहीं गर्मियो में भी गरम कपड़ों की आवश्यकता पड़ती है । इसलिए हम अपने साथ सर्दी के कपड़े, बिस्तर आदि ले गये थे ।

अन्तर्राज्यीय बस अड्‌डे से ठीक 10 बजे नैनीताल के लिए बस चल पड़ी । गर्मी बहुत पड़ रही थी । बस मुरादाबाद होते हुए हलद्वानी-काठगोदाम पहुँची । काठगोदाम तक भीषण गर्मी के कारण लू चल रही थी क्योंकि काठगोदाम तक मैदानी भाग रहता है और वहाँ से पर्वतीय भाग शुरू हो जाते हैं ।

काठगोदाम, हलद्वानी से ही पर्वतमालाएँ आकाश को कती हुई दिखाई दे रही थी । कहा है : ”दूरतः पर्वता: रम्या ।” अर्थात् दूर से पर्वत बड़े सुन्दर लगते है । मैं दूर से एकटक होकर पर्वतों के रमणीय दृश्यों को देख रहा था । काठगोदाम से हमारी बस पहाड़ी के टेढ़े-मेढ़े सर्पाकार रास्तों पर चलने लगी । लेकिन वातावरण में एकदम परिवर्तन आ गया था ।

जहाँ थोड़ी देर पहले मैदानी भागो की भीषण गर्मी से हम झुलसे जा रहे थे अब वहाँ के पहाडों पर ठण्डी-ठण्डी हवा चलने लगी थी । पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार मेरे पिता जी के मित्र वहाँ बस अड्‌डे पर हमारी प्रतीक्षा कर रहे थे । कुली के द्वारा सामान लेकर हम अपने पिता जी के मित्र के घर चले गये ।

नैनीताल का वातावरण:

नैनीताल उत्तर प्रदेश की उत्तराखण्ड पर्वत माला में स्थित लगभग सात हजार फुट की ऊँचाई पर है । नैनीताल भारत का सबसे उत्तम दर्शनीय पर्वतीय स्थल है । यह स्थल अग्रेजों को बड़ा प्रिय था । वहाँ के वातावरण को देरवकर वे इसको छोटी विलायत कहते थे । सभी पर्वतीय स्थलो में नैनीताल की अपनी एक विशेषता है । यहाँ पर सात हजार फुट की ऊँचाई पर एक बहुत गहरा तालाब है ।

जिसकी लम्बाई एक किलोमीटर से अधिक व गहराई बहुत अधिक है । उसके निचले चोर को तल्लीताल व ऊपरी छोर को मल्लीताल कहते हैं । पहाड़ की चोटी पर इतना बड़ा ताल एक अद्‌भुत व अनुपम वस्तु है ।हमने दूसरे दिन नैनीताल मे घूमने का निश्चय किया ।

मेरे पिता जी के मित्र के भी दो सन्तान है एक लड़का व एक लड़की । वे भी हमारी आयु वर्ग के बालक हैं । उन्होने हमें नैनीताल में घुमाने का निश्चय किया ।

हम प्रात: उनके साथ घूमने के लिए निकल पड़े । मेरे मन में वहाँ घूमने की बड़ी उत्सुकता हो रही थी । हमने अपनी यात्रा तल्लीताल से शुरू की । मेरे मित्र ने कहा कि पहले तल्लीताल हनुमान गढ़ी देखेगे । हम वहाँ पहुंचे जो एक सुन्दर पहाड़ी टीले पर स्थित है ।

हनुमान गढ़ी पर हनुमान जी का एक मन्दिर है जहाँ से चारों ओर के दृश्य अत्यन्त मनोरम व चित्ताकर्षक दिखाई दे रहे थे । वहाँ से लौटने पर हम मल्लीताल जाना चाहते थे । उसके लिए पैदल, रिका ल गाव द्वारा जाया जा सकता है ।

मेरी इच्छा नाव द्वारा मल्लीताल जान को थी इसलिए हमने वहाँ से दो नावे ली और उन पर सवार होकर तालाब में नाव द्वारा मल्लीताल को चल पड़े । नाव मे बैठना मेरे लिये जीवन का प्रथम अवसर था । नाव द्वारा विहार करने में मुझे बड़ा आनन्द आ रहा था । मल्लीताल पहुँच कर हमने वहाँ के कई दर्शनीय स्थल देखे ।

पर्वत प्रकृति का भूगार है । यह हमारा सौभाग्य है कि हमारे देश में अनेक पर्वतमालाएँ हैं । विश्व का सबसे ऊँचा पर्वत हिमालय यहाँ पर स्थित है । सौभाग्य से मुझे वह अवसर प्राप्त हुआ जब हमने हिमालय को दूर से देखा । हमे ऐसे पवित्र रमणीय स्थलो की यात्रा कर आनन्द लेना चाहिए ।

3. हवाई जहाज की  यात्रा । Essay on an Aeroplane Journey for School Students in Hindi Language

पिछली गर्मियों में मैं काठमंडू गया । मैंने विमान द्वारा जाने का निश्चय किया और रॉयल नेपाल एयरलाइन्स द्वारा अपना आर क्षण एक सप्ताह पहले ही करा लिया । मेरे विमान ने इ॰ग॰अ॰ हवाई अड्‌डे से सुबह दस बजे उड़ान भरी । उड़ान से पूर्व हर तरह की पूरी जाँच पड़ताल हुई एवं सीटों पर बैठने के पश्चात यात्रीओं को बेल्ट पहन  के  निर्देश दिये   गये ।

अब विमान तीव्र ने ‘रन वे’ पर दौड़ना प्रारम्भ किया तो बहुत तेज आवाज हुई । पर कुछ ही समय में यह उड़ने लगा । यह मेरी प्रथम हवाई यात्रा थी जब विमान उड़ रहा था मुझे कुछ चक्कर से महसूस हुये । मेरे कान सुन हो  गये । किन्तु कुछ देर पश्चात् में सामान्य अनुभव करने लगा ।

अबविमान तीव्र गतिसे  उड़ रहा था । मैंने-खिड़की से नीचेदेखा तो शहरों और नगरों के मकान खिलौनों जैसे छोटे-छोटे दिखायी पड़ रहे थे । नीचे की दृश्यावली अत्यन्त मोहक थी । जंगल एवं वृक्ष छोटे-छोटे पौधों की तरह लग रहे थे ।

बड़ी नदी भी पानी की एक छोटी धारा प्रतीत हो रही थी जब मैं नीचे की ओर देख रहा था परिचारिका ने मुझे बुलाकर कॉफी एवं कुछ नाश्ता प्रस्तुत किया । मुझे नाश्ता अत्यन्त स्वाद लगा । हवाई जहाज के अन्दर यात्रियों को देखने में बहुत आन्नद आ रहा था । कुछ यात्री ऊँघ रहे थे तो कुछ खर्राटे भर रहे थे । कुछ को चक्कर से महसूस हो रहे थे कुछ असहज से थे ।

कुछ यात्री पत्र-पत्रिकाओं पर दृष्टि डाल रहे थे तो कुछ कोई अपना प्रिय उपन्यास पढ़ कर समय व्यतीत कर रहे थे । कई यात्री आपस में परिचय करने के पश्चात् बात-चीत में व्यस्त हो गये थे । साढ़े ग्यारह बजे हमारे विमान ने पटना में थोड़ी देर का विराम लिया ।

हमें पुन: हल्का नाश्ता दिया गया । कुछ यात्री समाचार पत्र एवं उपन्यास ले आये । और विमान ने अन्तत: नेपाल की राजधानी काठमंडू के लिये उड़ान भरी । जब हवाई जहाज उड़ रहा था मैंने रास्ते की रमणीय दृश्यावली का आनंद उठाया ।

कॉकपिट के मध्य से झाँकने एवं नीचे के दृश्यों को देखना वास्तव में बहुत अच्छा लगा । जब हमारा विमान नेपाल के पहाड़ी इलाकों पर उड़ान भर रहा था तो दृश्यावली और भी अधिक आकर्षक एवं आनददायक हो गयी ।

ऊँचे-ऊँचे पहाड़ विशाल जल-प्रपात संर्कीण-घाटी मार्ग एवं दर्रे घने जंगल पहाड़ों के ऊपर हरी वनस्पति एवं साइप्रस वृक्ष एक अदभुत दृश्य प्रस्तुत कर रह थे । काठमंडू घाटी का दृश्य भी अत्यन्त सुन्दर प्रतीत हो रहा था ।

पहाड़ों से घिरी काठमंडू घाटी को ऊपर से निहारना एक निराला अनुभव है । काठमंडु  की घाटी में मिनारें कँगूरे दार बुर्जों, पैगोडा एवं स्कूपों का सौन्दर्य अनुपम है । अन्तत: हमारा विमान दो बजे के लगभग काठमंडु हवाई अड्‌डे पर उतरा । उस समय सम्पूर्ण काठमंडू शहर सुनहली धूप से नहाया हुआ था । मैंने विमान से बाहर आ हवाई अड्‌डे पर एक रेस्तरा में कॉफी पी एवं एक टैक्सी करके अपने मित्र के घर चला गया ।

4. मेरी प्रथम रेल यात्रा पर निबंध | Paragraph on My First Train Journey for School Students in Hindi Language

स्थल यातायात में रेलगाड़ी का महत्त्वपूर्ण स्थान है । हमारे देश में सारे देश को रेल लाइनों से जोड़ दिया गया है । मै बस द्वारा तो कई बार यात्रा कर चुका था परन्तु रेल द्वारा यात्रा करने का अवसर मुझे कभी नहीं मिला था । विगत ग्रीष्मकालीन अवकाश में मैने प्रथम बार रेल द्वारा यात्रा की ।

बम्बई जाने का कार्यक्रम:

मेरे पिताजी सरकारी कर्मचारी हैं । उन्हे समय-समय पर अवकाश यात्रा की खूट मिलती है जिसको एल॰टी॰सी॰ कहते हैं । प्रत्येक सरकारी कर्मचारी समय-समय पर एल॰टी॰सी॰ पर यात्रा करते हैं । विगत ग्रीष्मावकाश पर मेरे पिताजी ने एल॰टी॰सी॰ पर बम्बई जाने का कार्यक्रम बनाया । इस अवसर पर हमने रेल द्वारा बम्बई जाने की योजना बनाई । यह मेरी प्रथम रेल यात्रा थी ।

ग्रीष्मावकाश पड़ने पर हम 20 मई को घर से नई दिल्ली रेलवे स्टेशन को चल पड़े । बिस्तरा व आवश्यक सामान लेकर हम टैक्सी द्वारा रेलवे स्टेशन पहुंचे । हमारी गाड़ी को प्लेटफार्म न. 10 पर खड़ा होना था । हम दस नम्बर प्लेटफार्म पर अपनी गाड़ी की प्रती क्षा के लिए बैच पर बैठ गए ।

हमारी गाड़ी ने प्रात: 7 बजे बम्बई को जाना था परन्तु ध्वनि प्रसारण यन्त्र से बताया गया कि बम्बई जाने वाली उक्त गाडी आज एक घण्टा विलम्ब से प्रस्थान करेगी । हम फिर अपने प्लेटफार्म पर इधर-उधर घूमने लगे । 8 बजे तक प्रतीक्षा करने के लिये समाचार-पत्र का अध्ययन करने लगे ।

प्लेटफार्म पर कई प्रकार की दुकाने उपलब्ध होती हैं । पत्र, पत्रिकाये व पुस्तक विक्रेता की दुकाने, फल वाले की दुकान, खाद्य सामग्री की दुकाने आदि । मैंने गाड़ी में पढ़ने के लिए एक पत्रिका ‘पराग’ व एक नन्दन खरीदी । 8 बजे क्षक-क्षक करते हुए रेलगाड़ी प्लेटफार्म दस पर पहुँच गयी ।

यात्रा का अनुभव:

हमारा पहले से ही आरक्षण था । अपने आरक्षित डिब्बे मे हम अपनी पूर्व निर्धारित सीट पर बैठ गए । हमारी ही तरह अन्य यात्री भी उस कम्पार्टमेट में अपनी-अपनी सीट पर आसीन होने लगे । अभी गाड़ी प्रस्थान में पन्द्रह मिनट शेष थे । मैने बाहर आकर सामान्य डिब्बे की ओर देखा । वहीं की भीड़ को देखकर मै दग रह गया ।

गार्ड ने सीटी बजाई और हरी झण्डी दिखाई । मैं फौरन अपने कम्पार्टमेट की ओर दौड़ पड़ा और अपनी सीट पर जा बैठा । गाड़ी शनै:-शनै: छुक-छुक करती हुई नई दिल्ली के स्टेशन से विदा हो गई । नई दिल्ली रेलवे स्टेशन की वह चहल-पहल देखते-देखते मेरी निगाह से ओझल हो गई ।

केवल रेलगाड़ी अपनी हुत गति से आगे बढ रही थी । मैं गाड़ी की खिड़की के पास बैठकर बाहर के दृश्यो को देखने का आनन्द ले रहा था । सभी प्रकार के दृश्य सामने आ रहे थे और तुरन्त ही दर्शन देकर पीछे को भाग कर क्षप जाते थे । प्रत्येक दृश्य मानो मेरे साथ आंख-मिचौली का खेल खेल रहे थे । मुझे मेरी प्रथम रेल यात्रा बड़ी आनन्ददायक लग रही थी ।

मुझे बाहर के दृश्य अत्यन्त लुभावने लग रहे थे । अभी हम लहलहाते हरे-भरे खेतो के सामने से गुजर रहे थे । क्षण भर में सुन्दर भवनो व अट्टालिका से भरा हुआ शहर सामने आया । एक क्षण में हम शहर में होते थे तो दूसरे क्षण जगल मे पहुंच जाते थे ।

अल्प समय में ही इतनी विविधता मैने पहले नही देखी थी । बड़े-बड़े शहरों, नदियों, जगलों को पार करती हुई हमारी रेलगाड़ी दूसरे दिन प्रात: बम्बई पहुँच गई । रास्ते में हमने समय पर भोजन व नाश्ता लिया था । मेरी माता जी रास्ते में खाने के लिए कई अन्य पदार्थ भी लायी थी ।

यात्रा समाप्ति पर:

हमारी रेलगाड़ी हमारे गन्तव्य स्थल पर पहुंच गयी थी । गाड़ी के अच्छी प्रकार रुक जाने पर हम अपना सामान लेकर नीचे उतरे । कुली ने हमारा सामान उठाया प्लेटफार्म पर वही चहल-पहल थी जो दिल्ली में थी । वहाँ पर भी रेलगाड़ियों के आने-जाने की घोषणाएँ हो रही थीं । चाय वाले, नाश्ते वाले सामने आकर अपने-अपने सामान खरीदने को विवश कर रहे थे ।

कुली हमारा सामान प्लेटफार्म से बाहर लाया । हमने सबसे पहले गाइड दूढा क्योंकि हमे बम्बई शहर का अच्छी प्रकार ज्ञान नही था । तुरन्त एक गाइड हमारे पास आया हमने अपनी सारी योजना से उसको अवगत कराया । तब उसने बम्बई के लिए हमारा मार्ग-दर्शन किया । हमारी रेलयात्रा यही पर समाप्त हो गई ।

मेरी प्रथम रेलयात्रा मेरे लिए जीवन की एक अविस्मरणीय घटना थी । रेलयात्रा बड़ी आनन्ददायक यात्रा होती है । हमारे देश में रेल-गाड़ियों की सख्या काफी बढ़ी है परन्तु भीड़ में कोई कमी नहीं आई है ।

भीड़ विगत दिनों से अधिक ही बढ गई है । हमारी सरकार को रेल व्यवस्था में सुधार करना चाहिए व रेलो की संख्या बढ़ानी चाहिए ।

5. निराशाजनक यात्रा  पर निबंध  । Essay on a Disappointing Journey for Teachers in Hindi Language

बेकन ने कहा है कि बचपन में यात्रा करना शिक्षा अर्जित करना है । शायद उसके मन में एक यात्रा का संस्मरण रहा होगा जिससे अनुभव प्राप्त होता है  एवं हिम्मत बढ़ती है । हेनलिट ने अपने एक निबन्ध में कहा है कि यात्रा सुखद हो जाती है अगर उसमें यात्रा के पश्चात् एवं अच्छा भोजन सुखद आराम मिलने की आशा हो ।

वह आगे कहते हैं कि इस तरह की यात्रा सर्वाधिक प्रसन्नता प्रदान करती है । शायद उसे ऐसी किसी यात्रा का अनुभव नहीं होगा जो और भी अधिक शिक्षाप्रद हो सकती है । वह विफलताओं से भरा एक दिन

था । आशावादी होने के कारण मैंने अपशकुनों को अधिक महत्व नहीं दिया ।

सर्वप्रथम तो स्टेशन जाने के लिये मैंने जो टैक्सी ली वह अन्य गाड़ियों की अपेक्षा अधिक धूँआ फेंकती थी एवं अधिक शोर करती थी । चूंकि मेरे पास समय कम था मैंने उससे ही यात्रा करने का निर्णय लिया । थोड़ी दूर जाने के पश्चात् यह एक थके हुये राक्षस की भांति हाँफने लगी और अचानक रुक गयी । यह पहली निराशा थी ।

मैं तागा करके किसी तरह स्टेशन पहुँचा तो देखा वहा टिकट के लिये लम्बी पंक्ति लगी हुयी है । गाड़ी जाने में कुछ ही समय शेष था और टिकट की खिड़की तक पहुँचने की कोई उम्मीद नहीं थी । यह दूसरी निराशा थी । मैंने बिना टिकट यात्रा करने का निर्णय लिया और सोच लिया कि जुर्माना  भरुंगा ।

गाड़ी में सवार होना भी अपने आप में एक अनुभव था । हालांकि मैं स्वस्थ और हट्टे-कट्टे शरीर का मालिक हूँ लेकिन मुझे बैडमिंटन की शटल कॉक चिड़िया की तरह बाहर धकेल दिया गया एवं मेरा सामान पैरों में रोंद दिया गया ।  किसी तरह मैंने एक कोने में ठहरने की जगह बना ली ।

वहां कुछ लोग सिगरेट पी रहे थे । मैं न तो उस  गन्ध को सह पा रहा था न एक  इन्च भी वहां से हट पा रहा था । मैंने रुमाल से अपना नाक ढक लिया किन्तु उस गन्ध से मेरा दम घुटने लगा । जैसा कि प्रत्याशित था टिकट की जाँच करने वाला निरीक्षक आ गया एवं मैंने स्वयं उसे टिकट न ले पाने की बात बतायी । उसने मुझे अजनबी दृष्टि से देखा एवं डिब्बे के सभी यात्री मुझे घूरने लगे ।

टिकट निरीक्षक मुझे और यात्रा करने देने के पक्ष में नहीं था किन्तु मैंने विरोध किया एवं कहा कि अगर एक यात्री जुर्माना देने के लिये तैयार हो तो उसे यात्रा की अनुमति होनी चाहिये । बहुत बहस बाजी के पश्चात् मैंने उसे मना लिया एवं चैन की सांस ली ।

जब मैं अपनी मंजिल पर पहुँचा मैंने ईश्वर को धन्यवाद दिया । मैं सोच रहा था । मैं अपने चाचा एवं चाची से अच्छे  मूड़ में मुस्कुरा कर मिलूंगा और उनकी मेहमान नवाजी यात्रा की सारी थकावट मिटा देगी । मैं इसका स्वप्न ले रहा था और रिका वाला अर्धसुप्त अवस्था में रिका चला रहा था ।

वहां पहुँचने पर पता चला कि मेरे चाचा-चाची एक महीने के लिये शिमला गये हैं एवं घर पर ताला लगा है । यह सबसे बड़ी निराशा थी । मेरे पास वापसी के लिये पूरे पैसे भी नहीं थे । मैं उस विफल यात्रा को और अधिक याद नहीं करना चाहता क्योंकि वो सब याद करके मेरा मन उदास हो जाता है ।

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यात्रा पर निबंध Essay on Journey in Hindi

यात्रा पर निबंध Essay on Journey in Hindi नमस्कार दोस्तों आज का निबंध देशाटन अथवा यात्रा पर दिया गया हैं. देशाटन के लाभ आवश्यकता महत्व पर सरल भाषा में यह अनुच्छेद निबंध स्टूडेंट्स के लिए दिया गया हैं.

Essay on Journey in Hindi – यात्रा पर निबंध

यात्रा पर निबंध Essay on Journey in Hindi

देशाटन शब्द को समझने के लिए सबसे पहले हमें इसके तोड़ को जानना होगा. देश +अटन इन शब्दों से मिलकर बने नये शब्द देशाटन में देश का अर्थ किसी भूभाग से है जबकि अटन का अर्थ घूमना फिरना होता हैं.

सरल शब्दों में कहे तो देश का निर्माण विभिन्न धरातलीय स्वरूपों से निर्मित होता हैं जो अलग अलग भागों से मिलकर बना होता हैं.

प्राकृतिक और भौगोलिक विभिन्नताओं – विविधताओं से भरे क्षेत्र में भ्रमण करने उनके ऐतिहासिक व दार्शनिक स्थलों को देखने निहारने वहां बसने वाली जनता के रहन सहन संस्कृति को करीब से जानने को ही देशाटन अथवा यात्रा कहा जाता हैं.

कई उद्देश्यों को लेकर यात्राएं की जाती हैं. कुछ धार्मिक तो कुछ सामाजिक महत्व की होती हैं. भ्रमणं करने के कई लाभ भी हैं. कुछ लोग ऐसा मनोरंजन के लिए करते है तो कुछ स्वास्थ्य लाभ की दृष्टि के लिए पर्यटन करते हैं.

जिज्ञासु अथवा ज्ञान पिपासु लोग एक दुसरे स्थानों की यात्राओं में अधिक रूचि रखते हैं. पहाड़ों, सागरीय तटों तथा प्रकृति के मनोरम स्थलों पर घूमना सभी को आनंदित करता हैं.

पर्यटन के लिहाज से हमारा देश समृद्ध हैं. देश दुनियां से बड़ी संख्या में लोग यहाँ आते है तथा देशाटन करते हैं. प्रकृति के विभिन्न और विविध स्वरूपों को जानने का एक तरीका देशाटन हैं.

कही हरी भरी वादियाँ तो कही बर्फ से ढके पर्वतों के मनोरम दृश्य का नजारा तथा पहाड़ों से मिले एडवेंचर से उनके साहस में भी वृद्धि होती हैं.

बिरंगे वेश – भूषा, रहन – सहन, रीती – रिवाजों, उत्सव – त्योहारों, भाषा- बोलियों, सभ्यता, संस्कृतियों तथा जानकारियों ज्ञान का आदान प्रदान करने में पर्यटन का महत्वपूर्ण योगदान हैं.

देशाटन यात्रा अथवा भ्रमण का ही दूसरा नाम हैं, भ्रमण करने से हमें कई प्रकार के अनुभव प्राप्त होते हैं. साथ ही ज्ञान में वृद्धि भी होती हैं.

देशाटन के दौरान विभिन्न देशो सभ्यता तथा संस्कृति के लोगों का मिलन होता है. लोगों के रहन सहन भाषा संवाद से बहुत कुछ सीखने को भी मिलता हैं. वैसे भी इन्सान हमेशा कुछ न कुछ जानने के लिए उत्सुक रहता हैं.

पर्यटन कई मायनों में महत्वपूर्ण है यह व्यक्ति के जीवन में गति भी लाता है कहा भी गया है कि ठहराव का अर्थ मृत्यु है इसलिए मनुष्य की जीवतंता का प्रमाण उसकी गतिशीलता एवं निरन्तरता ही हैं.

जो जीवन में नया उत्साह जगाती हैं. कई बार व्यक्ति विभिन्न लोगों भिन्न भिन्न स्थानों की यात्रा से ही अनेक सद्गुणों को सीखता हैं. मानवता का असली स्वरूप उन्हें इस तरह के अवसरों में ही महसूस करने का अवसर मिलता हैं.

  • मेरी पहली हवाई यात्रा पर निबंध
  • गांव की यात्रा पर निबंध
  • पहाड़ी स्थल की यात्रा

आशा करता हूँ मित्रों आपकों यात्रा पर निबंध Essay on Journey in Hindi  का यह छोटा सा निबंध पसंद आया होगा. यदि आपकों यात्रा पर निबंध का यह लेख अच्छा लगा हो तो अपने दोस्तों के साथ भी शेयर करे.

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मेरी अविस्मरणीय यात्रा पर निबंध – My Unforgettable Trip Essay In Hindi

Hindi Essay प्रत्येक क्लास के छात्र को पढ़ने पड़ते है और यह एग्जाम में महत्वपूर्ण भी होते है इसी को ध्यान में रखते हुए hindilearning.in में आपको विस्तार से essay को बताया गया है |

मेरी अविस्मरणीय यात्रा पर निबंध – Essay On My Unforgettable Trip In Hindi

संकेत-बिंदु –

  • यात्रा की अविस्मरणीय बातें
  • यात्रा की तैयारी
  • अविस्मरणीय होने के कारण

साथ ही, कक्षा 1 से 10 तक के छात्र उदाहरणों के साथ इस पृष्ठ से विभिन्न हिंदी निबंध विषय पा सकते हैं।

प्रस्तावना – मनुष्य आदिकाल से ही घुमंतू प्राणी रहा है। यह घुमंतूपन उसके स्वभाव का अंग बन चुका है। आदिकाल में मनुष्य अपने भोजन और आश्रय की तलाश में भटकता था तो बाद में अपनी बढ़ी आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए। इनके अलावा यात्रा का एक और उद्देश्य है-मनोरंजन एवं ज्ञानवर्धन। कुछ लोग समय-समय पर इस तरह की यात्राएँ करना अपने व्यवहार में शामिल कर चुके हैं। ऐसी एक यात्रा करने का अवसर मुझे अपने परिवार के साथ मिला था। दिल्ली से वैष्णों देवी तक की गई इस यात्रा की यादें अविस्मरणीय बन गई हैं।

यात्रा की तैयारी – वैष्णों देवी की इस यात्रा के लिए मन में बड़ा उत्साह था। यह पहले से ही तय कर लिया गया था कि इस बार दशहरे की छुट्टियों में हमें वैष्णों देवी की यात्रा करना है। इसके लिए दो महीने पहले ही आरक्षण करवा लिया गया था। आरक्षण करवाते समय यह ध्यान रखा गया था कि हमारी यात्रा दिल्ली से सवेरे शुरू हो ताकि रास्ते के दृश्यों का आनंद उठाया जा सके। रास्ते में खाने के लिए आवश्यक खाद्य पदार्थ घर पर ही तैयार किए गए। चूँकि हमें सवेरे-सवेरे निकलना था, इसलिए कुछ गर्म कपड़ों के अलावा अन्य कपड़े एक-दो पुस्तकें, पत्र-पत्रिकाएँ टिकट, पहचान पत्र आदि दो-तीन सूटकेसों में यथास्थान रख लिए गए। शाम का खाना जल्दी खाकर हम अलार्म लगाकर सो गए ताकि जल्दी उठ सकें और रेलवे स्टेशन पहुँच सकें।

यात्रा की अविस्मरणीय बातें – दिल्ली से जम्मू और वैष्णों देवी की इस यात्रा में एक नहीं अनेक बातें अविस्मरणीय बन गई। हम सभी लगभग चार बजे नई दिल्ली से जम्मू जाने वाली ट्रेन के इंतजार में प्लेटफॉर्म संख्या 5 पर पहुँच गए। मैं सोचता था कि इतनी जल्दी प्लेटफॉर्म पर इक्का-दुक्का लोग ही होंगे पर मेरी यह धारणा गलत साबित हुई। प्लेटफार्म पर सैकड़ों लोग थे। हॉकर और वेंडर खाने-पीने की वस्तुएँ समोसे, छोले, पूरियाँ और सब्जी बनाने में व्यस्त थे। अखबार वाले अखबार बेच रहे थे। कुली ट्रेन आने का इंतज़ार कर रहे थे और कुछ लोग पुराने गत्ते बिछाए चद्दर ओढ़कर नींद का आनंद ले रहे थे।

ट्रेन आने की घोषणा होते ही प्लेटफार्म पर हलचल मच गई। यात्री और कुली सजग हो उठे तथा वेंडरों ने अपना-अपना सामान उठा लिया। ट्रेन आते ही पहले चढ़ने के चक्कर में धक्का-मुक्की होने लगी। दो-चार यात्री ही उस डिब्बे से उतरे पर चढ़ने वाले अधिक थे। हम लोग अपनी-अपनी सीट पर बैठ भी न पाए थे कि शोर उठा, ‘जेब कट गई’। जिस यात्री की जेब कटी थी उसका पर्स और मोबाइल फ़ोन निकल चुका था। हमने अपनी-अपनी जेबें चेक किया, सब सही-सलामत था। आधे घंटे बाद ट्रेन अपने गंतव्य की ओर चल पड़ी। एक-डेढ़ घंटे चलने के बाद बाहर का दृश्य खिड़की से साफ़-साफ़ नज़र आने लगा। रेलवे लाइन के दोनों ओर दूर-दूर तक धरती ने हरी चादर बिछा दी थी। हरियाली का ऐसा नजारा दिल्ली में दुर्लभ था। ऐसी हरियाली घंटों देखने के बाद भी आँखें तृप्त होने का नाम नहीं ले रही थीं। हमारी ट्रेन आगे भागी जा रही थी और पेड़ पीछे की ओर। कभी-कभी जब बगल वाली पटरी से कोई ट्रेन गुज़रती तो लगता कि परदे पर कोई ट्रेन गुज़र रही थी।

ट्रेन में हमें नाश्ता और काफी मिल गई। दस बजे के आसपास अब खेतों में चरती गाएँ और अन्य जानवर नज़र आने लगे। उन्हें चराने वाले लड़के हमें देखकर हँसते, तालियाँ बजाते और हाथ हिलाते। सब कुछ मस्तिष्क की मेमोरी कार्ड में अंकित होता जा रहा था। लगभग एक बजे ट्रेन में ही हमें खाना दिया गया। खाना स्वादिष्ट था। हमने पेट भर खाया और जब नींद आने लगी तब सो गए। चक्की बैंक पहुँचने पर ही हमारी आँखें शोर सुनकर खुली कि बगल वाली सीट से कोई सूटकेस चुराने की कोशिश कर रहा था पर पकड़ा गया। कुछ और आगे बढ़ने पर पर्वतीय सौंदर्य देखकर आँखें तृप्त हो रही थीं। जम्मू पहुँचकर हम ट्रेन से उतरे और बस से कटरा गया। सीले रास्ते पर चलने का रोमांच हमें कभी नहीं भूलेगा। कटरा में रातभर आराम करने के बाद हम सवेरे तैयार होकर पैदल वैष्णों देवी के लिए चल पड़े और दो बजे वैष्णों देवी पहुंच गए।

अविस्मरणीय होने के कारण – इस यात्रा के अविस्मरणीय होने के कारण मेरी पहली रेल यात्रा, प्लेटफॉर्म का दृश्य, ट्रेन में चोरी, जेब काटने की घटना के अलावा प्राकृतिक दृश्य और पहाड़ों को निकट से देखकर उनके नैसर्गिक सौंदर्य का आनंद उठाना था। पहाड़ आकार में इतने बड़े होते हैं, यह उनको देखकर जाना। पहाड़ी जलवायु और वहाँ के लोगों का परिश्रमपूर्ण जीवन का अनुभव मुझे सदैव याद रहेगा।

उपसंहार – मैं सोच भी नहीं सकता था कि हरे-भरे खेत इतने आकर्षक होंगे और ट्रेन की यह यात्रा इस तरह रोमांचक होगी। पहाड़ी सौंदर्य देखकर मन अभिभूत हो उठा। अब तो इसी प्रकार की कोई और यात्रा करने की उत्सुकता मन में बनी हुई है। इस यात्रा की यादें मुझे सदैव रोमांचित करती रहेंगी।

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An Unforgettable Trip Essay

My most unforgettable Trip occurred about 3 years ago during the summer vacation, when I and my sister were embarking on our journey to Spain due to relocation. The day of the trip I laid in bed thinking about the friends of mine whom I was going to leave behind. Thoughts kept coming in. A night before we planned the journey from a city in Nigeria to the capital to catch the plane the next day. We didn’t book to take a van.

So thought of waking earlier to get to the station were they hire cars and taxis for travelling because we could drive down due to the far distance. So the day came when we had to travel and got to the station as planned.

When we arrived at the hire station we seemed to have some problems with our luggage because they were too much for a car our taxi so we had to book for a van to be able to take our luggage.

We waited for a long period of time to find the perfect car that would fit our luggage but they seemed to too small or parked up. My aunty who was going to accompanied me and my sister to the airport got so angry because she tend to get very hot tempered because we didn’t have a very long period of time to waste before our plane could take off because the journey from were we where to the airport was about 3 hours long.

unforgettable trip essay in hindi

Proficient in: Hobby

“ Rhizman is absolutely amazing at what he does . I highly recommend him if you need an assignment done ”

Write An Essay About My Trip

And we had to be their before 7pm. It was about 12pm we hungry so we went for food everyone looking frustrated at the time hoping we leave soon. We where about to leave to another hire company when they assigned us to the perfect van that could take us to the place and fit our entire luggage. Before leaving we had to pray, and I felt very bad because I was going to a different country and was going to miss all my friends and family. I was not comfortable and I cried and wished I never moved. I then got used to the fact that I could come and visit them often and call them.

So we took some pictures and we where very happy. The journey was almost perfect but they rain started and it was extremely heavy the drivers driving couldn’t see as far due to the rain and that caused a huge traffic jam. I was sitting close to the window with my can of coke and eating my lunch which I had purchased earlier on from the shop. My aunty and my sister fell asleep. During that time I was bored and thinking about other things that were bothering me. My eyes moved into seeing the hill at were in font of us.

A bus suddenly came into the picture and which was very close to us. Every car speeding by passing, no limit what so ever. At my side I could say lakes which were very deep inside: I wondered to myself ‘what if something someone fell in side it’ Then suddenly the bus that was in front of our van suddenly stopped, due to the rain and the speed those cars where taking no one could see what was going to happen and, ‘Boom’ we smashed into each other. Our car tumbled and we were in luck that the car didn’t stumble into the lake.

People came across to help us get out of the car because we where stocked and the driver was half dead. We struggled to get out of the car and our entire luggage went lost. Everything was very strange; I had never had that kind of experience before. It was like watching a horror movie. Some people who also participated in the accident started crying, looking for their children, tears beginning to increase, and my leg was deeply injured, my aunty was seeking some help, and my sister was full of injury.

It almost seemed that the strategy was never going to end. It felt that I was dreaming and was confused. I was losing a lot of blood and then the emergency aid came and took me and some other people to the hospital where we where treated. We had to pay for some fees but someone came to our aid and did the payments. That was miraculous because we didn’t have any money on our hands. We finally got to where we where headed to. And rested but didn’t miss our flight. We were happy that we made it through because someone could have lost their life.

Cite this page

An Unforgettable Trip Essay. (2019, Dec 05). Retrieved from https://paperap.com/paper-on-my-unforgettable-trip/

"An Unforgettable Trip Essay." PaperAp.com , 5 Dec 2019, https://paperap.com/paper-on-my-unforgettable-trip/

PaperAp.com. (2019). An Unforgettable Trip Essay . [Online]. Available at: https://paperap.com/paper-on-my-unforgettable-trip/ [Accessed: 22 Apr. 2024]

"An Unforgettable Trip Essay." PaperAp.com, Dec 05, 2019. Accessed April 22, 2024. https://paperap.com/paper-on-my-unforgettable-trip/

"An Unforgettable Trip Essay," PaperAp.com , 05-Dec-2019. [Online]. Available: https://paperap.com/paper-on-my-unforgettable-trip/. [Accessed: 22-Apr-2024]

PaperAp.com. (2019). An Unforgettable Trip Essay . [Online]. Available at: https://paperap.com/paper-on-my-unforgettable-trip/ [Accessed: 22-Apr-2024]

  • Make A Diary Entry About Your Most Unforgettable Moment Pages: 2 (306 words)
  • My Unforgettable School Camping Experience Pages: 2 (477 words)
  • The On Unforgettable Concert Pages: 2 (369 words)
  • The Unforgettable Good Experience in Teaching Pages: 2 (332 words)
  • Disney's Unforgettable Films Pages: 3 (862 words)
  • The Unsung Admirers of Blandford: A Quaint Affair with an Unforgettable Town Pages: 2 (538 words)
  • Narrative Essay About Trip Pages: 4 (941 words)
  • Our Class Field Trip to the Zoo Pages: 10 (2753 words)
  • Income Statement For One Round-trip Of an Unprofitable Flight Pages: 5 (1392 words)
  • Understanding The Motivation Of People Going On A Trip Pages: 5 (1223 words)

An Unforgettable Trip Essay

Question and Answer forum for K12 Students

Hindi Essay (Hindi Nibandh) 100 विषयों पर हिंदी निबंध लेखन

Hindi Essay (Hindi Nibandh) | 100 विषयों पर हिंदी निबंध लेखन – Essays in Hindi on 100 Topics

हिंदी निबंध: हिंदी हमारी राष्ट्रीय भाषा है। हमारे हिंदी भाषा कौशल को सीखना और सुधारना भारत के अधिकांश स्थानों में सेवा करने के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। स्कूली दिनों से ही हम हिंदी भाषा सीखते थे। कुछ स्कूल और कॉलेज हिंदी के अतिरिक्त बोर्ड और निबंध बोर्ड में निबंध लेखन का आयोजन करते हैं, छात्रों को बोर्ड परीक्षा में हिंदी निबंध लिखने की आवश्यकता होती है।

निबंध – Nibandh In Hindi – Hindi Essay Topics

  • सच्चा धर्म पर निबंध – (True Religion Essay)
  • राष्ट्र निर्माण में युवाओं का योगदान निबंध – (Role Of Youth In Nation Building Essay)
  • अतिवृष्टि पर निबंध – (Flood Essay)
  • राष्ट्र निर्माण में शिक्षक की भूमिका पर निबंध – (Role Of Teacher In Nation Building Essay)
  • नक्सलवाद पर निबंध – (Naxalism In India Essay)
  • साहित्य समाज का दर्पण है हिंदी निबंध – (Literature And Society Essay)
  • नशे की दुष्प्रवृत्ति निबंध – (Drug Abuse Essay)
  • मन के हारे हार है मन के जीते जीत पर निबंध – (It is the Mind which Wins and Defeats Essay)
  • एक राष्ट्र एक कर : जी०एस०टी० ”जी० एस०टी० निबंध – (Gst One Nation One Tax Essay)
  • युवा पर निबंध – (Youth Essay)
  • अक्षय ऊर्जा : सम्भावनाएँ और नीतियाँ निबंध – (Renewable Sources Of Energy Essay)
  • मूल्य-वृदधि की समस्या निबंध – (Price Rise Essay)
  • परहित सरिस धर्म नहिं भाई निबंध – (Philanthropy Essay)
  • पर्वतीय यात्रा पर निबंध – (Parvatiya Yatra Essay)
  • असंतुलित लिंगानुपात निबंध – (Sex Ratio Essay)
  • मनोरंजन के आधुनिक साधन पर निबंध – (Means Of Entertainment Essay)
  • मेट्रो रेल पर निबंध – (Metro Rail Essay)
  • दूरदर्शन पर निबंध – (Importance Of Doordarshan Essay)
  • दूरदर्शन और युवावर्ग पर निबंध – (Doordarshan Essay)
  • बस्ते का बढ़ता बोझ पर निबंध – (Baste Ka Badhta Bojh Essay)
  • महानगरीय जीवन पर निबंध – (Metropolitan Life Essay)
  • दहेज नारी शक्ति का अपमान है पे निबंध – (Dowry Problem Essay)
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  • राजस्थान में जल संकट पर निबंध – (Water Scarcity In Rajasthan Essay)
  • खुला शौच मुक्त गाँव पर निबंध – (Khule Me Soch Mukt Gaon Par Essay)
  • रंगीला राजस्थान पर निबंध – (Rangila Rajasthan Essay)
  • राजस्थान के लोकगीत पर निबंध – (Competition Of Rajasthani Folk Essay)
  • मानसिक सुख और सन्तोष निबंध – (Happiness Essay)
  • मेरे जीवन का लक्ष्य पर निबंध नंबर – (My Aim In Life Essay)
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  • ट्वेन्टी-20 क्रिकेट पर निबंध – (T20 Cricket Essay)
  • मेरा प्रिय खेल-क्रिकेट पर निबंध – (My Favorite Game Cricket Essay)
  • पुस्तकालय पर निबंध – (Library Essay)
  • सूचना प्रौद्योगिकी और मानव कल्याण निबंध – (Information Technology Essay)
  • कंप्यूटर और टी.वी. का प्रभाव निबंध – (Computer Aur Tv Essay)
  • कंप्यूटर की उपयोगिता पर निबंध – (Computer Ki Upyogita Essay)
  • कंप्यूटर शिक्षा पर निबंध – (Computer Education Essay)
  • कंप्यूटर के लाभ पर निबंध – (Computer Ke Labh Essay)
  • इंटरनेट पर निबंध – (Internet Essay)
  • विज्ञान: वरदान या अभिशाप पर निबंध – (Science Essay)
  • शिक्षा का गिरता स्तर पर निबंध – (Falling Price Level Of Education Essay)
  • विज्ञान के गुण और दोष पर निबंध – (Advantages And Disadvantages Of Science Essay)
  • विद्यालय में स्वास्थ्य शिक्षा निबंध – (Health Education Essay)
  • विद्यालय का वार्षिकोत्सव पर निबंध – (Anniversary Of The School Essay)
  • विज्ञान के वरदान पर निबंध – (The Gift Of Science Essays)
  • विज्ञान के चमत्कार पर निबंध (Wonder Of Science Essay in Hindi)
  • विकास पथ पर भारत निबंध – (Development Of India Essay)
  • कम्प्यूटर : आधुनिक यन्त्र–पुरुष – (Computer Essay)
  • मोबाइल फोन पर निबंध (Mobile Phone Essay)
  • मेरी अविस्मरणीय यात्रा पर निबंध – (My Unforgettable Trip Essay)
  • मंगल मिशन (मॉम) पर निबंध – (Mars Mission Essay)
  • विज्ञान की अद्भुत खोज कंप्यूटर पर निबंध – (Vigyan Ki Khoj Kampyootar Essay)
  • भारत का उज्जवल भविष्य पर निबंध – (Freedom Is Our Birthright Essay)
  • सारे जहाँ से अच्छा हिंदुस्तान हमारा निबंध इन हिंदी – (Sare Jahan Se Achha Hindustan Hamara Essay)
  • डिजिटल इंडिया पर निबंध (Essay on Digital India)
  • भारतीय संस्कृति पर निबंध – (India Culture Essay)
  • राष्ट्रभाषा हिन्दी निबंध – (National Language Hindi Essay)
  • भारत में जल संकट निबंध – (Water Crisis In India Essay)
  • कौशल विकास योजना पर निबंध – (Skill India Essay)
  • हमारा प्यारा भारत वर्ष पर निबंध – (Mera Pyara Bharat Varsh Essay)
  • अनेकता में एकता : भारत की विशेषता – (Unity In Diversity Essay)
  • महंगाई की समस्या पर निबन्ध – (Problem Of Inflation Essay)
  • महंगाई पर निबंध – (Mehangai Par Nibandh)
  • आरक्षण : देश के लिए वरदान या अभिशाप निबंध – (Reservation System Essay)
  • मेक इन इंडिया पर निबंध (Make In India Essay In Hindi)
  • ग्रामीण समाज की समस्याएं पर निबंध – (Problems Of Rural Society Essay)
  • मेरे सपनों का भारत पर निबंध – (India Of My Dreams Essay)
  • भारतीय राजनीति में जातिवाद पर निबंध – (Caste And Politics In India Essay)
  • भारतीय नारी पर निबंध – (Indian Woman Essay)
  • आधुनिक नारी पर निबंध – (Modern Women Essay)
  • भारतीय समाज में नारी का स्थान निबंध – (Women’s Role In Modern Society Essay)
  • चुनाव पर निबंध – (Election Essay)
  • चुनाव स्थल के दृश्य का वर्णन निबन्ध – (An Election Booth Essay)
  • पराधीन सपनेहुँ सुख नाहीं पर निबंध – (Dependence Essay)
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  • यदि मैं प्रधानमंत्री होता तो हिंदी निबंध – (If I were the Prime Minister Essay)
  • आजादी के 70 साल निबंध – (India ofter 70 Years Of Independence Essay)
  • भारतीय कृषि पर निबंध – (Indian Farmer Essay)
  • संचार के साधन पर निबंध – (Means Of Communication Essay)
  • भारत में दूरसंचार क्रांति हिंदी में निबंध – (Telecom Revolution In India Essay)
  • दूरसंचार में क्रांति निबंध – (Revolution In Telecommunication Essay)
  • राष्ट्रीय एकता का महत्व पर निबंध (Importance Of National Integration)
  • भारत की ऋतुएँ पर निबंध – (Seasons In India Essay)
  • भारत में खेलों का भविष्य पर निबंध – (Future Of Sports Essay)
  • किसी खेल (मैच) का आँखों देखा वर्णन पर निबंध – (Kisi Match Ka Aankhon Dekha Varnan Essay)
  • राजनीति में अपराधीकरण पर निबंध – (Criminalization Of Indian Politics Essay)
  • प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर हिन्दी निबंध – (Narendra Modi Essay)
  • बाल मजदूरी पर निबंध – (Child Labour Essay)
  • भ्रष्टाचार पर निबंध (Corruption Essay in Hindi)
  • महिला सशक्तिकरण पर निबंध – (Women Empowerment Essay)
  • बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ पर निबंध (Beti Bachao Beti Padhao)
  • गरीबी पर निबंध (Poverty Essay in Hindi)
  • स्वच्छ भारत अभियान पर निबंध (Swachh Bharat Abhiyan Essay)
  • बाल विवाह एक अभिशाप पर निबंध – (Child Marriage Essay)
  • राष्ट्रीय एकीकरण पर निबंध – (Importance of National Integration Essay)
  • आतंकवाद पर निबंध (Terrorism Essay in hindi)
  • सड़क सुरक्षा पर निबंध (Road Safety Essay in Hindi)
  • बढ़ती भौतिकता घटते मानवीय मूल्य पर निबंध – (Increasing Materialism Reducing Human Values Essay)
  • गंगा की सफाई देश की भलाई पर निबंध – (The Good Of The Country: Cleaning The Ganges Essay)
  • सत्संगति पर निबंध – (Satsangati Essay)
  • महिलाओं की समाज में भूमिका पर निबंध – (Women’s Role In Society Today Essay)
  • यातायात के नियम पर निबंध – (Traffic Safety Essay)
  • बेटी बचाओ पर निबंध – (Beti Bachao Essay)
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इसलिए, यह जानना और समझना बहुत महत्वपूर्ण है कि विषय के बारे में संक्षिप्त और कुरकुरा लाइनों के साथ एक आदर्श हिंदी निबन्ध कैसे लिखें। साथ ही, कक्षा 1 से 10 तक के छात्र उदाहरणों के साथ इस पृष्ठ से विभिन्न हिंदी निबंध विषय पा सकते हैं। तो, छात्र आसानी से स्कूल और प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए हिंदी में निबन्ध कैसे लिखें, इसकी तैयारी कर सकते हैं। इसके अलावा, आप हिंदी निबंध लेखन की संरचना, हिंदी में एक प्रभावी निबंध लिखने के लिए टिप्स आदि के बारे में कुछ विस्तृत जानकारी भी प्राप्त कर सकते हैं। ठीक है, आइए हिंदी निबन्ध के विवरण में गोता लगाएँ।

हिंदी निबंध लेखन – स्कूल और प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए हिंदी में निबन्ध कैसे लिखें?

प्रभावी निबंध लिखने के लिए उस विषय के बारे में बहुत अभ्यास और गहन ज्ञान की आवश्यकता होती है जिसे आपने निबंध लेखन प्रतियोगिता या बोर्ड परीक्षा के लिए चुना है। छात्रों को वर्तमान में हो रही स्थितियों और हिंदी में निबंध लिखने से पहले विषय के बारे में कुछ महत्वपूर्ण बिंदुओं के बारे में जानना चाहिए। हिंदी में पावरफुल निबन्ध लिखने के लिए सभी को कुछ प्रमुख नियमों और युक्तियों का पालन करना होगा।

हिंदी निबन्ध लिखने के लिए आप सभी को जो प्राथमिक कदम उठाने चाहिए उनमें से एक सही विषय का चयन करना है। इस स्थिति में आपकी सहायता करने के लिए, हमने सभी प्रकार के हिंदी निबंध विषयों पर शोध किया है और नीचे सूचीबद्ध किया है। एक बार जब हम सही विषय चुन लेते हैं तो विषय के बारे में सभी सामान्य और तथ्यों को एकत्र करते हैं और अपने पाठकों को संलग्न करने के लिए उन्हें अपने निबंध में लिखते हैं।

तथ्य आपके पाठकों को अंत तक आपके निबंध से चिपके रहेंगे। इसलिए, हिंदी में एक निबंध लिखते समय मुख्य बिंदुओं पर ध्यान केंद्रित करें और किसी प्रतियोगिता या बोर्ड या प्रतिस्पर्धी जैसी परीक्षाओं में अच्छा स्कोर करें। ये हिंदी निबंध विषय पहली कक्षा से 10 वीं कक्षा तक के सभी कक्षा के छात्रों के लिए उपयोगी हैं। तो, उनका सही ढंग से उपयोग करें और हिंदी भाषा में एक परिपूर्ण निबंध बनाएं।

हिंदी भाषा में दीर्घ और लघु निबंध विषयों की सूची

हिंदी निबन्ध विषयों और उदाहरणों की निम्न सूची को विभिन्न श्रेणियों में विभाजित किया गया है जैसे कि प्रौद्योगिकी, पर्यावरण, सामान्य चीजें, अवसर, खेल, खेल, स्कूली शिक्षा, और बहुत कुछ। बस अपने पसंदीदा हिंदी निबंध विषयों पर क्लिक करें और विषय पर निबंध के लघु और लंबे रूपों के साथ विषय के बारे में पूरी जानकारी आसानी से प्राप्त करें।

विषय के बारे में समग्र जानकारी एकत्रित करने के बाद, अपनी लाइनें लागू करने का समय और हिंदी में एक प्रभावी निबन्ध लिखने के लिए। यहाँ प्रचलित सभी विषयों की जाँच करें और किसी भी प्रकार की प्रतियोगिताओं या परीक्षाओं का प्रयास करने से पहले जितना संभव हो उतना अभ्यास करें।

हिंदी निबंधों की संरचना

Hindi Essay Parts

उपरोक्त छवि आपको हिंदी निबन्ध की संरचना के बारे में प्रदर्शित करती है और आपको निबन्ध को हिन्दी में प्रभावी ढंग से रचने के बारे में कुछ विचार देती है। यदि आप स्कूल या कॉलेजों में निबंध लेखन प्रतियोगिता में किसी भी विषय को लिखते समय निबंध के इन हिस्सों का पालन करते हैं तो आप निश्चित रूप से इसमें पुरस्कार जीतेंगे।

इस संरचना को बनाए रखने से निबंध विषयों का अभ्यास करने से छात्रों को विषय पर ध्यान केंद्रित करने और विषय के बारे में छोटी और कुरकुरी लाइनें लिखने में मदद मिलती है। इसलिए, यहां संकलित सूची में से अपने पसंदीदा या दिलचस्प निबंध विषय को हिंदी में चुनें और निबंध की इस मूल संरचना का अनुसरण करके एक निबंध लिखें।

हिंदी में एक सही निबंध लिखने के लिए याद रखने वाले मुख्य बिंदु

अपने पाठकों को अपने हिंदी निबंधों के साथ संलग्न करने के लिए, आपको हिंदी में एक प्रभावी निबंध लिखते समय कुछ सामान्य नियमों का पालन करना चाहिए। कुछ युक्तियाँ और नियम इस प्रकार हैं:

  • अपना हिंदी निबंध विषय / विषय दिए गए विकल्पों में से समझदारी से चुनें।
  • अब उन सभी बिंदुओं को याद करें, जो निबंध लिखने शुरू करने से पहले विषय के बारे में एक विचार रखते हैं।
  • पहला भाग: परिचय
  • दूसरा भाग: विषय का शारीरिक / विस्तार विवरण
  • तीसरा भाग: निष्कर्ष / अंतिम शब्द
  • एक निबंध लिखते समय सुनिश्चित करें कि आप एक सरल भाषा और शब्दों का उपयोग करते हैं जो विषय के अनुकूल हैं और एक बात याद रखें, वाक्यों को जटिल न बनाएं,
  • जानकारी के हर नए टुकड़े के लिए निबंध लेखन के दौरान एक नए पैराग्राफ के साथ इसे शुरू करें।
  • अपने पाठकों को आकर्षित करने या उत्साहित करने के लिए जहाँ कहीं भी संभव हो, कुछ मुहावरे या कविताएँ जोड़ें और अपने हिंदी निबंध के साथ संलग्न रहें।
  • विषय या विषय को बीच में या निबंध में जारी रखने से न चूकें।
  • यदि आप संक्षेप में हिंदी निबंध लिख रहे हैं तो इसे 200-250 शब्दों में समाप्त किया जाना चाहिए। यदि यह लंबा है, तो इसे 400-500 शब्दों में समाप्त करें।
  • महत्वपूर्ण हिंदी निबंध विषयों का अभ्यास करते समय इन सभी युक्तियों और बिंदुओं को ध्यान में रखते हुए, आप निश्चित रूप से किसी भी प्रतियोगी परीक्षाओं में कुरकुरा और सही निबंध लिख सकते हैं या फिर सीबीएसई, आईसीएसई जैसी बोर्ड परीक्षाओं में।

हिंदी निबंध लेखन पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

1. मैं अपने हिंदी निबंध लेखन कौशल में सुधार कैसे कर सकता हूं? अपने हिंदी निबंध लेखन कौशल में सुधार करने के सर्वोत्तम तरीकों में से एक किताबों और समाचार पत्रों को पढ़ना और हिंदी में कुछ जानकारीपूर्ण श्रृंखलाओं को देखना है। ये चीजें आपकी हिंदी शब्दावली में वृद्धि करेंगी और आपको हिंदी में एक प्रेरक निबंध लिखने में मदद करेंगी।

2. CBSE, ICSE बोर्ड परीक्षा के लिए हिंदी निबंध लिखने में कितना समय देना चाहिए? हिंदी बोर्ड परीक्षा में एक प्रभावी निबंध लिखने पर 20-30 का खर्च पर्याप्त है। क्योंकि परीक्षा हॉल में हर मिनट बहुत महत्वपूर्ण है। इसलिए, सभी वर्गों के लिए समय बनाए रखना महत्वपूर्ण है। परीक्षा से पहले सभी हिंदी निबन्ध विषयों से पहले अभ्यास करें और परीक्षा में निबंध लेखन पर खर्च करने का समय निर्धारित करें।

3. हिंदी में निबंध के लिए 200-250 शब्द पर्याप्त हैं? 200-250 शब्दों वाले हिंदी निबंध किसी भी स्थिति के लिए बहुत अधिक हैं। इसके अलावा, पाठक केवल आसानी से पढ़ने और उनसे जुड़ने के लिए लघु निबंधों में अधिक रुचि दिखाते हैं।

4. मुझे छात्रों के लिए सर्वश्रेष्ठ औपचारिक और अनौपचारिक हिंदी निबंध विषय कहां मिल सकते हैं? आप हमारे पेज से कक्षा 1 से 10 तक के छात्रों के लिए हिंदी में विभिन्न सामान्य और विशिष्ट प्रकार के निबंध विषय प्राप्त कर सकते हैं। आप स्कूलों और कॉलेजों में प्रतियोगिताओं, परीक्षाओं और भाषणों के लिए हिंदी में इन छोटे और लंबे निबंधों का उपयोग कर सकते हैं।

5. हिंदी परीक्षाओं में प्रभावशाली निबंध लिखने के कुछ तरीके क्या हैं? हिंदी में प्रभावी और प्रभावशाली निबंध लिखने के लिए, किसी को इसमें शानदार तरीके से काम करना चाहिए। उसके लिए, आपको इन बिंदुओं का पालन करना चाहिए और सभी प्रकार की परीक्षाओं में एक परिपूर्ण हिंदी निबंध की रचना करनी चाहिए:

  • एक पंच-लाइन की शुरुआत।
  • बहुत सारे विशेषणों का उपयोग करें।
  • रचनात्मक सोचें।
  • कठिन शब्दों के प्रयोग से बचें।
  • आंकड़े, वास्तविक समय के उदाहरण, प्रलेखित जानकारी दें।
  • सिफारिशों के साथ निष्कर्ष निकालें।
  • निष्कर्ष के साथ पंचलाइन को जोड़ना।

निष्कर्ष हमने एक टीम के रूप में हिंदी निबन्ध विषय पर पूरी तरह से शोध किया और इस पृष्ठ पर कुछ मुख्य महत्वपूर्ण विषयों को सूचीबद्ध किया। हमने इन हिंदी निबंध लेखन विषयों को उन छात्रों के लिए एकत्र किया है जो निबंध प्रतियोगिता या प्रतियोगी या बोर्ड परीक्षाओं में भाग ले रहे हैं। तो, हम आशा करते हैं कि आपको यहाँ पर सूची से हिंदी में अपना आवश्यक निबंध विषय मिल गया होगा।

यदि आपको हिंदी भाषा पर निबंध के बारे में अधिक जानकारी की आवश्यकता है, तो संरचना, हिंदी में निबन्ध लेखन के लिए टिप्स, हमारी साइट LearnCram.com पर जाएँ। इसके अलावा, आप हमारी वेबसाइट से अंग्रेजी में एक प्रभावी निबंध लेखन विषय प्राप्त कर सकते हैं, इसलिए इसे अंग्रेजी और हिंदी निबंध विषयों पर अपडेट प्राप्त करने के लिए बुकमार्क करें।

Andre Cardoso

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Dubai’s Extraordinary Flooding: Here’s What to Know

Images of a saturated desert metropolis startled the world, prompting talk of cloud seeding, climate change and designing cities for intensified weather.

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A dozen or so cars, buses and trucks sit in axle-deep water on a wide, flooded highway.

By Raymond Zhong

Scenes of flood-ravaged neighborhoods in one of the planet’s driest regions have stunned the world this week. Heavy rains in the United Arab Emirates and Oman submerged cars, clogged highways and killed at least 21 people. Flights out of Dubai’s airport, a major global hub, were severely disrupted.

The downpours weren’t a freak event — forecasters anticipated the storms several days out and issued warnings. But they were certainly unusual. Here’s what to know.

Heavy rain there is rare, but not unheard-of.

On average, the Arabian Peninsula receives a scant few inches of rain a year, although scientists have found that a sizable chunk of that precipitation falls in infrequent but severe bursts, not as periodic showers.

U.A.E. officials said the 24-hour rain total on Tuesday was the country’s largest since records there began in 1949 . But parts of the nation had experienced an earlier round of thunderstorms just last month.

Oman, with its coastline on the Arabian Sea, is also vulnerable to tropical cyclones. Past storms there have brought torrential rain, powerful winds and mudslides, causing extensive damage.

Global warming is projected to intensify downpours.

Stronger storms are a key consequence of human-caused global warming. As the atmosphere gets hotter, it can hold more moisture, which can eventually make its way down to the earth as rain or snow.

But that doesn’t mean rainfall patterns are changing in precisely the same way across every corner of the globe.

In their latest assessment of climate research , scientists convened by the United Nations found there wasn’t enough data to have firm conclusions about rainfall trends in the Arabian Peninsula and how climate change was affecting them. The researchers said, however, that if global warming were to be allowed to continue worsening in the coming decades, extreme downpours in the region would quite likely become more intense and more frequent.

The role of cloud seeding isn’t clear.

The U.A.E. has for decades worked to increase rainfall and boost water supplies by seeding clouds. Essentially, this involves shooting particles into clouds to encourage the moisture to gather into larger, heavier droplets, ones that are more likely to fall as rain or snow.

Cloud seeding and other rain-enhancement methods have been tried across the world, including in Australia, China, India, Israel, South Africa and the United States. Studies have found that these operations can, at best, affect precipitation modestly — enough to turn a downpour into a bigger downpour, but probably not a drizzle into a deluge.

Still, experts said pinning down how much seeding might have contributed to this week’s storms would require detailed study.

“In general, it is quite a challenge to assess the impact of seeding,” said Luca Delle Monache, a climate scientist at the Scripps Institution of Oceanography in La Jolla, Calif. Dr. Delle Monache has been leading efforts to use artificial intelligence to improve the U.A.E.’s rain-enhancement program.

An official with the U.A.E.’s National Center of Meteorology, Omar Al Yazeedi, told news outlets this week that the agency didn’t conduct any seeding during the latest storms. His statements didn’t make clear, however, whether that was also true in the hours or days before.

Mr. Al Yazeedi didn’t respond to emailed questions from The New York Times on Thursday, and Adel Kamal, a spokesman for the center, didn’t immediately have further comment.

Cities in dry places just aren’t designed for floods.

Wherever it happens, flooding isn’t just a matter of how much rain comes down. It’s also about what happens to all that water once it’s on the ground — most critically, in the places people live.

Cities in arid regions often aren’t designed to drain very effectively. In these areas, paved surfaces block rain from seeping into the earth below, forcing it into drainage systems that can easily become overwhelmed.

One recent study of Sharjah , the capital of the third-largest emirate in the U.A.E., found that the city’s rapid growth over the past half century had made it vulnerable to flooding at far lower levels of rain than before.

Omnia Al Desoukie contributed reporting.

Raymond Zhong reports on climate and environmental issues for The Times. More about Raymond Zhong

(415) 520-5258

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