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पर्यटन का महत्त्व निबंध- Essay on Importance of Tourism in Hindi

In this article, we are providing Essay on Importance of Tourism in Hindi. ( Paryatan Ka Mahatva )पर्यटन का महत्त्व निबंध,  पर्यटन एक राष्ट्रीय-अंतर्राष्ट्रीय उद्योग।

पर्यटन का महत्त्व निबंध- Essay on Importance of Tourism in Hindi

मानव स्वभाव से ही जिज्ञासु होता है। देश-विदेश की यात्रा की ललक के पीछे भी मनुष्य की जिज्ञासु प्रवृत्ति ही काम करती आई है। यदि मनुष्य चाहता तो वह घर बैठे ही पुस्तकों द्वारा यह जानकारी प्राप्त कर लेता। किंतु पुस्तकों से प्राप्त जानकारी का आनंद कछ ऐसा ही है जैसे किसी चित्र को देखकर हिमालय के सघन देवदार के वनों और हिमाच्छादित शिखरों के सौंदर्य, रूप गंध का अनुभव करना। महापंडित राहुल सांकृत्यायन के शब्दों में, ‘‘घुमक्कड़ दुनिया की सर्वश्रेष्ठ विभूति है इसलिए कि उसी ने आज की दुनिया को बनाया है। अगर घुमक्कड़ों के काफिले न आते-जाते तो सुस्त मानव-जातियाँ सो जातीं और पशु स्तर से ऊपर नहीं उठ पातीं।”

आज पर्यटन के पीछे भी मनुष्य की उसी पुरानी घुमक्कड़ प्रवृत्ति का प्रभाव है। आदिम घुमक्कड़ और आज के पर्यटक में इतना अंतर अवश्य है कि आज पर्यटन उतना कष्ट साध्य नहीं है, जितनी प्राचीन काल की घुमक्कड़ी थी। ज्ञान-विज्ञान के आविष्कारों, अन्वेषणों की जादुई शक्ति के प्रभाव से सुलभ साधनों के कारण पर्यटन अत्यंत सुलभ बन गया है। आज पर्यटन एक राष्ट्रीय-अंतर्राष्ट्रीय उद्योग के रूप में विकसित हो चुका है। इस उद्योग के प्रसार के लिए देश-विदेश में पर्यटन मंत्रालय बनाए गए हैं। विश्वभर में पर्यटकों की सुविधा के लिए बड़े-बड़े पर्यटन स्थल विकसित किए जा रहे हैं। पर्यटन को प्रोत्साहित करने के लिए कई प्रकार के आयोजन भी किए जाते हैं; जैसे- विदेशों में किसी देश के स्थान विशेष की कलाएँ, कलात्मक दृश्य, सांस्कतिक संस्थाओं की प्रदर्शनियाँ आदि। आनंद की प्राप्ति, जिज्ञासा की शांति, बढ़ती आय; इनके अतिरिक्त पर्यटन के और भी कई प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष लाभ हैं।

पर्यटन के माध्यम से अंतर्राष्ट्रीयता की समझ जन्म लेती है: विकसित होती है। प्रेम और मानवीय भाईचारा बढ़ता है। सभ्यता-संस्कृतियों का परिचय मिलता है। पर्यटन से व्यक्ति अपने खोल से बाहर निकलना सीखता है। पर्यटन उस एकरसता से उत्पन्न ऊब का भी परिहार करता है जो एक ही स्थान पर एक जैसे ही वातावरण में लगातार रहने से उत्पन्न हो जाती है। इसलिए पर्यटन की प्यास रखनेवालों को महापंडित राहुल सांकृत्यायन की तरह महाकवि इकबाल के इस । ‘शेर’ को अपना पथ प्रदर्शक बनाना चाहिए, इकबाल लिखते हैं –

‘सैर कर दुनिया की गाफिल जिंदगानी फिर कहाँ,

जिंदगानी गर रही तो नौजवानी फिर कहाँ।’

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3 thoughts on “पर्यटन का महत्त्व निबंध- Essay on Importance of Tourism in Hindi”

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पर्यटन के महत्व पर निबंध

जिंदगी का असली मजा तो घूमने फिरने में है, अपने आसपास और हर उस प्रसिद्ध जगह का कोना कोना देखना कई लोगों का सपना होता है। यही कारण है कि हर एक व्यक्ति के अंदर पर्यटन अथवा यात्रा करने की धुन सवार रहती है। लेकिन पर्यटन अथवा यात्रा का महत्व क्या है?

आज हम आपके लेख के माध्यम से आपको पर्यटन के महत्व विषय पर निबंध प्रस्तुत करने वाले हैं। इस लेख के माध्यम से आपको पता चलेगा कि पर्यटन का क्या महत्व होता है।

आइए जानते हैं, पर्यटन के महत्व विषय पर निबंध…..

पर्यटन का अर्थ होता है – घूमना। घूमना यानि ऐसा घूमना जिसमें आपको सुख की प्राप्ति हो। ऐसे स्थानों की सैर करना जहां से आपकी जिज्ञासा पूर्ति हो। इसके अलावा पर्यटन वह होता है जो आपकी दैनिक चिंताओं से दूर हो, जहां आप अपने अंतर्मन को पूर्ण रूप से आजाद तथा सुकून भरा पाते हैं। यही कारण है कि हर कोई अपना समय निकालकर पर्यटन के लिए निकल पड़ता है। काफी लोगों के जीवन में पर्यटन शौक की तरह होता है।

पर्यटन के लाभ

पर्यटन एक ऐसा माध्यम है, जिसके जरिए देश विदेश की जानकारी प्राप्त होती है। इससे हमारा ज्ञान समृद्ध होता है। हम जानते हैं कि पुस्तकीय ज्ञान उतना प्रभावी नहीं होता जितना कि प्रत्यक्ष ज्ञान। ऐसे में पर्यटन से हमें देश-विदेश के खान-पान, रहान-सहन तथा सभ्यता-संस्कृति की जानकारी मिलती है। पर्यटन के जरिए पूरा देश और विश्व अपना-सा प्रतीत होता है। राष्ट्रिय एकता बढ़ाने में पर्यटन का बहुत बड़ा योगदान है। इतना ही नहीं किसी भी प्रकार की जिज्ञासा को शांत करने में पर्यटन लाभकारी है। यह हमारे मन को ही शांत नहीं करता बल्कि यह देश की आर्थिक, राजनीतिक, शैक्षणिक तथा सांस्कृतिक लाभ भी प्रदान करता है।

पर्यटन के प्रकार

पर्यटन-स्थल अनेक प्रकार के हैं। जिसके अन्तर्गत कुछ प्रकृतिक सौंदर्य के लिए विख्यात हैं, जैसे-प्रसिद्ध पर्वत-चोटियाँ, समुद्र-तल, वन-उपवन। वहीं कुछ पर्यटन-स्थल धर्मित महत्व के लिए प्रसिद्ध हैं, जैसे हरिद्वार, वैष्णो देवी, काबा, कर्बला आदि। इसके साथ ही कुछ पर्यटन-स्थल एतेहासिक महत्व के हैं, जैसे लाल किला, ताजमहल आदि। इसके साथ ही कुछ पर्यटन-स्थल वैज्ञानिक, सांस्कृतिक या अन्य महत्व रखते हैं। इनमें से प्राकृतिक सौंदर्य तथा धार्मिक महत्व के पर्यटन-स्थलों पर सर्वाधिक भीड़ रहती है।

पर्यटन एक उद्योग

वर्तमान समय में पर्यटन एक प्रमुख उद्योग का रूप धारण कर चुका है। हिमाचल प्रदेश, जम्मू कश्मीर जैसे आदि पर्वतीय स्थलों की अर्थव्यवस्था पर्यटन पर आधारित है। यह ऐसे स्थान है जहां दुनियाभर से पर्यटक आते हैं और अपनी कमाई खर्च करते हैं। जिसके चलते पर्यटक स्थलों को आर्थिक लाभ होता है। पर्यटन स्थलों में मौजूद लोगों की आजीविका का साधन मिलता है।

पर्यटन से राष्ट्रीयता की भावना मजबूत होती है। साथ ही पर्यटन से जीवन में उदारता व सहिष्णुता की भावना आती है। साधु-संत जो सामान्य मानव से ऊपर स्थान प्राप्त करते हैं, उसका मुख्य विशेष कारण उनकी घुमक्कड़ी ही है। जिसके चलते वह हर प्रकार का ज्ञान हासिल करने में सक्षम होते हैं, पर्यटन के विशिष्ट गुण को परिलक्षित करते हुए गोस्वामी तुलसीदास जी ने रामचरित मानस में भी लिखा है मुद मंगल मय संत समाजू। जिमि जग जंगप तीरथ राजू।

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पर्यटन का महत्व पर निबंध Essay on Importance Of Tourism In Hindi

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पर्यटन का महत्व पर निबंध Essay on importance of tourism in hindi

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deshatan essay in hindi-दोस्तों कैसे हैं आप सभी, दोस्तों आज हम आपके लिए लाए हैं पर्यटन पर हमारे द्वारा लिखित निबंध इस निबंध के जरिए आप पर्यटन के महत्व को समझ पाएंगे तो चलिए पढ़ते हैं आज के इस निबंध को।

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देश विदेश की यात्रा करने को हम पर्यटन कहते हैं. पर्यटन मनोरंजन के लिए और फुर्सत के दिनों को बिताने के लिए किया जाता है वास्तव में ईश्वर के द्वारा बनाई गई यह दुनिया बहुत ही सुंदर है, हर कोई इस दुनिया को देखना चाहता है। मनुष्य के मन में प्राचीन काल से ही देश दुनिया को घूमने की इच्छा होती रहती है पहले कई लोग पैदल या समुद्री मार्गो के द्वारा, घोड़े, गाड़ियों,ऊटो आदि के द्वारा देश विदेश की यात्राएं करते थे वहां की संस्कृति, सभ्यता आदि का ज्ञान लेते थे यह सब लोगों का बहुत ही मनोरंजन करता था।

देश-विदेश में कई ऐसे स्थान हैं जहां पर लोग घूमना पसंद करते हैं हमारे भारत देश में हर साल कई लोग घूमने के लिए आते हैं भारत में कई ऐसे स्थान हैं जहां पर लोग पर्यटन करने आते हैं और अपने नेत्रों का लाभ उठाते हैं।

इन स्थानों में है आगरा का ताजमहल जहां पर विदेशों से पर्यटन घूमने आते हैं. ताजमहल की सुंदरता पर्यटनों को बहुत ही आकर्षित करती है, दिल्ली का लाल किला भी लोगों को बहुत भाता है. हमारे देश में समय-समय पर होने वाले त्योहार भी लोगों को हमारे भारत देश को घूमने की ओर लालायित करते हैं। मुंबई, अजमेर, ग्वालियर, चित्तौड़गढ़, चेन्नई आदि कई स्थान है जहां पर विदेशों से लोग घूमने के लिए आते हैं वास्तव में पर्यटन हम सभी के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है इससे हमें कई तरह के लाभ भी होते हैं।

देश में पर्यटनों को किसी भी तरह की परेशानी को न झेलना पड़े इसीलिए भारत सरकार हर एक क्षेत्र में अपनी सुविधाएं बेहतर करने की कोशिश करती है. कई बड़े बड़े शहरों जहां पर कई पर्यटक आते हैं वहां पर विशेष स्थानों, होटलों, पार्को आदि के निर्माण में भी भारत सरकार की कई योजनाएं हैं वास्तव में पर्यटन हमारे लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है।

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पर्यटन के महत्व

वास्तव में पर्यटन के बहुत ही महत्व हैं जो हम निम्नलिखित बिंदुओं में जानेंगे पर्यटन से आर्थिक स्थिति मजबूत होती है दरअसल लोग जो विदेशों से हमारे देश में घूमने के लिए आते हैं वह कई तरह के खर्चे करते हैं जिससे कई लोगों को अपना रोजगार बढ़ाने में मदद मिलती है उनकी स्थिति मजबूत होती है तो हमारे देश की भी स्थिति मजबूत होती हैं।

पर्यटन की वजह से विदेशों के लोगों को हमारी भारतीय संस्कृति के बारे में जानने का मौका मिलता है जिससे वह काफी प्रभावित भी होते हैं हमारी भारतीय संस्कृति सभ्यता को अपनाने का भी प्रयत्न करते हैं इससे हमारे देश की संस्कृति सभ्यता का विदेशो तक प्रचार प्रसार होता है।

पर्यटन से लोगों का बहुत ही मनोरंजन होता है जो लोग अपने काम में बहुत ज्यादा व्यस्त रहते हैं वह कुछ समय निकालकर जब पर्यटन के लिए विदेशों में जाते हैं तो उनको कुछ पल का सुकून मिलता है वह एक नई जगह जाकर अपने नेत्रों का लाभ उठाते हैं उनके जीवन की बोरियत खत्म हो जाती है वास्तव में पर्यटनो के लिए पर्यटन करना बहुत ही महत्वपूर्ण है।

आजकल हम देखें तो मोबाइल, इंटरनेट, कंप्यूटर के जमाने में लोग मनोरंजन के लिए ज्यादातर अपने घर पर ही रहते हैं लेकिन पर्यटन करने से आपका मनोरंजन भी होता है और साथ में कई स्वास्थ्य लाभ भी आपको होते हैं इसीलिए भी पर्यटन करना बहुत ही महत्वपूर्ण है।

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पर्यटन पर निबंध – Essay on tourism in Hindi

पर्यटन पर निबंध (Essay on tourism in Hindi): पर्यटन का दूसरा नाम भ्रमण है. हम पुस्तक पढ कर ज्ञान प्राप्त करते हैं. पर उससे अधिक ज्ञान हमें पर्यटन से मिलता है. पुस्तक से पढी हुई बातें पर्यटन से प्रत्यक्ष हो जाती है. पर्यटन ज्ञानवृद्धि का उत्तम साधन होता है. प्राचीन काल में पर्यटन की सुविधा नहीं थी. उस समय पैदल चल कर भी लोग पर्यटन करते थे. लेकिन आजकल पर्यटन के लिए मोटर, रेलगाडी, हवाई जहाज आदि साधन हमें मिलते हैं. पर्यटन से हमारा बहुत लाभ होता है. हमारी दृष्टी विशाल हो जाती है. हमारे शरीर पर भी पर्यटन का गहरा प्रभाव पडता है. स्वास्थ्य परिवर्तन के लिए कुछ लोग पर्यटन करते हैं. हमें शिक्षा संबंधी ज्ञान प्राप्त होता है. विभिन्न प्राकृतिक दृश्य देखने से हमे अपार आनंद मिलता है. मन की थकावट दूर होती है. पर्यटन से भातृभावना बढती है.

तो चलिए हमारे लेख के और बढ़ते हैं जो है पर्यटन पर निबंध (Tourism essay in Hindi).

विशिष्ट लक्ष्यों और दृष्टिकोणों के साथ देश और विदेश के विभिन्न हिस्सों की यात्रा करना और उस स्थान की सभी घटनाओं की खोज करना और अनुभूति पाप्त करना को पर्यटन कहा जाता है. हालांकि पर्यटन प्राचीन काल से ही मानव समाज में प्रचलित रहा है, समय के साथ इसमें अप्रत्याशित विकास हुआ है. आधुनिक मानव जीवन में पर्यटन ने एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. आजकल पर्यटन किसी व्यक्ति की कल्पना तक सीमित नहीं है. आधुनिक युग में, इसे एक उद्योग माना जाता है. दुनिया के अधिकांश देश पर्यटन उद्योग के विकास के लिए कदम उठा रहे हैं.

ऐतिहासिक पृष्ठभूमि

यात्रा एक प्राचीन मानव की प्रवृत्ति थी. भोजन की तलाश में वह विभिन्न स्थानों की यात्रा करता था. प्राचीन मनुष्य के खानाबदोश जीवन से उसकी विभिन्न स्थानों की यात्रा की जानकारी मिलती है. केवल पर्यटन की पृष्ठभूमि पर सभी प्राचीन सभ्यताएं विकसित हुई थी. इतिहास पढ़ने से यह पता चलता है की मेगस्थनीज, फाहियान, ह्वेन त्सांग आदि देशों के पर्यटक विभिन्न देशों की यात्रा करके उसी देश के शिक्षा, सभ्यता, संस्कृति, शासन और सामाजिक जीवन पर ज्ञान प्राप्त किये थे. इसलिए, प्राचीन समय से, पर्यटन मानव जिज्ञासा और अनुसंधान को पूरा करने और विकास के मार्ग में मानव समाज का मार्गदर्शन करने में मदद करने में सक्षम रहा है.

paryatan par nibandh

पर्यटन के लाभ

पर्यटन का क्षेत्र बहुत विस्तृत है. यह आपका राज्य या देश के विभिन्न स्थानों से शुरू होकर पृथ्वी की सतह पर कहीं भी यात्रा करने के लिए पर्याप्त है. पर्यटन के परिणाम स्वरूप, विभिन्न स्थानों के साथ प्रत्यक्ष संपर्क स्थापित होता है. इसलिए यह पर्यटकों के ज्ञान और दृष्टिकोण को समृद्ध करता है. विभिन्न स्थानों और देशों की यात्रा करने से उस सब स्थान के सभ्यता, संस्कृति,  सामाजिक रीति-रिवाजों आदि का सटीक ज्ञान प्राप्त होता है. इन सबका लाभ पर्यटकों को मिलता है. इसलिए, पर्यटन देशों के बीच प्रेम, सद्भावना, भाईचारे और दोस्ती को बढ़ाकर शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व को बढ़ावा देता है. विभिन्न स्थानों की यात्रा करने से पर्यटकों को बहुत अधिक मानसिक संतुष्टि मिलती है. बहुत सी नई जगहों और चीजों को देखकर और अजनबियों के संपर्क में आने से इंसान के मन को खुशी मिलती है. पर्यटन द्वारा विभिन्न स्थानों में आर्थिक स्थिति और राजनीतिक स्थिति के बारे में विचार बनाता है. इससे पर्यटकों के आर्थिक विकास और राजनीतिक चेतना का विकास होता है. पर्यटन धर्म के प्रचार और राजनीतिक जागरूकता बढ़ाने में मदद करता है.

शिक्षा और अनुसंधान में पर्यटन की आवश्यकता

पर्यटन शिक्षा और अनुसंधान के लिए आवश्यक है. साहित्य, भूगोल, इतिहास आदि का अध्ययन करने के लिए पाठ्य पुस्तकें पर्याप्त नहीं हैं. तो इन सभी विषय में प्रत्यक्ष ज्ञान प्राप्त करने के लिए पर्यटन की आवश्यकता है. आप ताजमहल के बारे में चाहे जितनी भी जानकारी इकट्ठा कर लें, जब तक आप उस जगह की यात्रा नहीं करते हैं तब तक आपको उस जगह के बारे में पर्याप्त ज्ञान प्राप्त नहीं कर सकते. पर्यटन शिक्षा प्रणाली से निकटता से जुड़ा हुआ है. पर्यटन के परिणामस्वरूप, एक छात्र का ज्ञान बढ़ता है और उसका सामाजिक दृष्टिकोण बदल जाता है. यह उसकी मानसिक शक्ति के विकास को गति देता है. किसी भी सामाजिक, राजनीतिक, आर्थिक या वैज्ञानिक अनुसंधान के लिए पर्यटन की आवश्यकता होती है. ऐसा इसलिए है क्योंकि प्रासंगिक अनुसंधान के बारे में विस्तृत जानकारी एकत्र करने के लिए विभिन्न स्थानों की यात्रा करना आवश्यक है.

आधुनिक युग में पर्यटन उद्योग का विकास

आधुनिक युग में, पर्यटन को एक उद्योग माना जाता है. ऐसा इसलिए है क्योंकि विभिन्न पर्यटन स्थलों का विकास होने से यह बहुत सारे पर्यटकों को आकर्षित करेगा नतीजतन, यह अप्रत्यक्ष रूप से राज्य या देश के आर्थिक विकास में योगदान देगा. इसलिए, आज दुनिया भर के कई देश पर्यटन उद्योग के विकास पर ध्यान दे रहे हैं. हमारे देश भारत के पास इसके लिए एक विशेष विभाग है.

पर्यटन मानव जीवन के सभी पहलुओं को बेहतर बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. यह न केवल देश के भीतर राष्ट्रीय एकता स्थापित करने में मदद करता है बल्कि अंतर्राष्ट्रीय सद्भावना की स्थापना को भी मजबूत करता है. अगर सरकार और जनता इस बारे में जागरूक होंगे और एक-दूसरे के साथ सहयोग करेंगे तो पर्यटन उद्योग के और बढ़ने की उम्मीद है.

आपके लिए :-                                                                     

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ये था पर्यटन पर निबंध (Essay on tourism in Hindi). उम्मीद है आपको यह निबंध पसंद आया होगा. अगर पसंद आया है, तो अपने दोस्तों के साथ जरूर शेयर करें. मिलते है अगले लेख में. धन्यवाद.    

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पर्यटन पर्व पर निबंध Essay On Paryatan Parv In Hindi

Essay O n Paryatan Parv In Hindi  दोस्तों आज के आर्टिकल में आपका हार्दिक स्वागत है आज हम पर्यटन पर्व का एक निबंध बता रहे हैं.

जीवन में पर्यटन का महत्व आदि पर आधारित यहाँ पर्यटन पर्व निबंध दिया गया हैं.

पर्यटन पर्व पर निबंध Essay On Paryatan Parv In Hindi

हमारे प्राचीन ग्रंथों में भी मनुष्य की उन्नति, सुख सम्रद्धि तथा शान्ति व संतुष्टि के लिए पर्यटन को महत्वपूर्ण माना गया हैं, भारतीय ऋषि मनीषियों ने भी इसके महत्व को उद्घाटित करते हुए कहा था कि पर्यटन के बिना मनुष्य अंधकार का प्रेमी ही बनकर रह जाएगा.

व्यक्ति पर्यटन के माध्यम से अपने जीवन को सरल सहज एवं साधन सम्पन्न बनाते हैं. अन्धकारे भरे जीवन में मानव प्रकाश की भांति ज्ञान की तलाश के लिए पर्यटन करता हैं.

आज आर्थिक रूप से इसके महत्व को भी नकारा नहीं जा सकता, अधिक तर देशों की अर्थव्यवस्था में टूरिस्म का बड़ा योगदान हैं. पर्यटन के इसी महत्व को समझते हुए संयुक्त राष्ट्र संघ ने विश्व पर्यटन संघ की स्थापना की हैं.

संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा 27 सितंबर 1980 को पर्यटन दिवस मनाने का निर्णय किया गया. हर वर्ष 27 सितम्बर को विश्व पर्यटन पर्व मनाया जाता हैं. प्रत्येक देश अपने यहाँ पर्यटकों के अवसर पैदा करने के यत्न में लगे हुए हैं.

घरेलू पर्यटन , इनबॉउंड पर्यटन , आउटबाउंड पर्यटन ये तीन प्रकार के पर्यटन होते हैं इनके सम्बन्ध में आगंतुकों की जानकारी व मुख्य टूरिस्ट प्लेस के बारे में सम्पूर्ण जानकारी UNO का पर्यटन संगठन जारी करता हैं.

Paryatan Parv Essay In Hindi

हमारे देश मे प्रत्येक राज्य में पर्यटन पर्व को धूमधाम के साथ सेलिब्रेट किया जाता है और इस दिन विभिन्न प्रकार के सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन भी होता है ताकि इंडिया में पर्यटन को बढ़ावा दिया जा सके।

पर्यटन पर्व के दिन सांस्कृतिक कार्यक्रमों के अंतर्गत डांस और सिंगिंग का प्रोग्राम रखा जाता है साथ ही विभिन्न प्रकार की झांकियां भी लगाई जाती हैं जिसे देखने के लिए लोग इकट्ठा होते हैं।

भारत के राजस्थान राज्य में इस दिन राजस्थान गवर्नमेंट के द्वारा पर्यटन स्थल को वैश्विक मंच पर रखा जाता है ताकि राजस्थान के प्रसिद्ध पर्यटन स्थलों के बारे में भारत के लोगों के साथ साथ समस्त विश्व को भी जानकारी हो।

परिणामस्वरूप अधिक से अधिक देशी और विदेशी सैलानी राजस्थान के पर्यटन स्थल को घूमने के लिए आएं ताकि राजस्थान के इतिहास के बारे में लोगों को पता चले साथ ही लोकल लोगों को रोजगार भी प्राप्त हो।

पर्यटन पर्व को मनाने का उद्देश्य यह है कि इंडिया में जो प्रसिद्ध पर्यटन स्थल है, उन पर दुनिया की नजर पड़े और दुनिया के सैलानी उन पर्यटन स्थल को घूमने आए जिसकी वजह से स्थानीय लोगों को रोजगार भी मिले और भारत की जीडीपी में भी बढ़ोतरी हो।

हमारे इंडिया में पर्यटन स्थल की कोई भी कमी नहीं है। इंडिया में विभिन्न प्रकार के ऐतिहासिक और धार्मिक पर्यटन स्थल है जैसे कि वैष्णो देवी,अमरनाथ मंदिर, तिरुपति बालाजी,मेहंदीपुर बालाजी, शिरडी साई संस्थान, उज्जैन महाकालेश्वर मंदिर, कामाख्या मंदिर, मां पीतांबरा शक्ति पीठ। 

भारत के इन धार्मिक पर्यटन स्थल पर हर रोज हजारों की संख्या में लोग दर्शन करने के लिए और घूमने आते हैं और जीवन का आनंद उठाते हैं।

इसके अलावा भारत के बर्फीले इलाके में भी घूमने के लिए विभिन्न प्रकार के पर्यटन स्थल मौजूद है जहां पर गर्मियों के मौसम में भारी मात्रा में सैलानी आते हैं।

इंसान को अपनी जिंदगी में खुशियां भरने के लिए और अकेलेपन को खत्म करने के लिए साल में एक या फिर 2 बार किसी ना किसी पर्यटन स्थल पर घूमने अवश्य जाना चाहिए। ऐसा करने से दिमाग भी फ्रेश होता है और हमें खुशी भी प्राप्त होती है।

इंसान के काम करने की एक लिमिट होती है और जब वह उस लिमिट को क्रॉस कर जाता है तो उसे बोरियत महसूस होने लगती है। 

ऐसे में वह अपने आप को फ्रेश करने के लिए और अपने मन को बहलाने के लिए घूमने जाने का विचार बनाता है जिसमें कभी-कभी वह अकेले तो कभी-कभी अपने परिवार के साथ देश/विदेश में स्थित पर्यटन स्थल को घूमने के लिए जाता है। 

जिससे उन्हें कुछ पल जिंदगी के खुल कर के जीने का मौका मिलता है साथ ही उन्हें विभिन्न प्रकार के पर्यटन स्थलों के बारे में भी जानकारी प्राप्त होती है।

पर्यटन के महत्व पर निबंध essay on importance of tourism in hindi

अनंत काल से मानव पर्यटन प्रिय रहा हैं. उसे एक स्थान से दूसरे स्थान पर आना जाना व घूमना पसंद रहा हैं. खाली समय के सदुपयोग व जीवन में आनन्द के पलों की अनुभूति के लिए करोड़ों लोग हर वर्ष देश विदेश की यात्रा करते हैं. पुरा काल में लोग पैदल चलकर अथवा समुद्री यात्राओं के माध्यम से समुद्र पार देशों की यात्राएं थे.

उस समय की यात्राएं साहसिक हुआ करती थी, न तो अधिक आवागमन के अधिक साधन थे और ना ही सुरक्षा के कोई ख़ास प्रबंध हुआ करते थे. लोग ऊंट, हाथी, घोड़ों आदि की मदद से अपनी यात्राओं को सुगम बनाया करते थे.

प्राचीन समय की इन यात्राओं के दो मुख्य उद्देश्य हुआ करते थे पहला शिक्षा अथवा व्यापार, दूसरा शासन सम्बन्धी जिसमें एक राजा दूसरे राज्य के साथ अपने सम्बन्ध स्थापित करने के लिए दूत भेजा करते थे.

आज के समय में हमारे प्राचीन इतिहास को समझने में विदेशी पर्यटकों ने बड़ी मदद की हैं, जिन्होंने अपने यात्रा वृतांत में उस समय की राजनैतिक, सामाजिक आर्थिक स्थिति के बारे में अपनी पुस्तकों में विस्तृत वर्णन दिया हैं.

मौर्यकालीन भारत के इतिहास को जानने में मेगस्थनीज की इंडिका तथा ह्वेंसग आदि की रचनाओं का अहम योगदान रहा हैं.

हवेनसांग, क्रिस्टोफर कोलंबस इत्यादि विदेशी पर्यटकों की रचनाएं काफी विख्यात रही हैं. भारत के लोग भी एक स्थान से दूसरे स्थान धार्मिक यात्राएं किया करते थे.

प्रसिद्ध तीर्थ स्थलों की यात्रा भी पर्यटन का एक अहम स्तम्भ रहा हैं. आदि शंकराचार्य ने इसी तरह भारत की यात्रा कर चारों दिशाओं में चार मठों की स्थापना की थी.

प्राचीन समय के पर्यटन में धर्म की महत्वपूर्ण भूमिका थी. हिन्दू संतों ने देश के आंतरिक भागों में भ्रमण किया तथा जन जन तक धर्म का सही ज्ञान पहुंचाया,

वही अशोक आदि शासकों ने बौद्ध धर्म के प्रचार के लिए कई देशों में अपने दूत भेजे, ईसाई व मुस्लिम मजहब के धर्मगुरुओं ने भी भिन्न भिन्न स्थलों की यात्रा कर अपने मत मजहब का प्रचार प्रसार किया.

भारत में एक ऐसा दौर भी आया जब समुद्र पार की यात्राओं को धर्म विरुद्ध माना जाता था. कहते है कि उस समय समाज में यह धारणा व्याप्त थी कि समुद्री यात्राओं से धर्म भ्रष्ट हो जाता हैं.

शायद यही वजह रही है जिसके चलते हम भारतीय यात्रियों के विदेशी यात्रा वृतांत नहीं मिलते हैं. धीरे धीरे समाज में इस तरह की भ्रांतियां खत्म हो गई आवागमन के साधनों के विकास के साथ ही भारतीयों ने भी बढ़ चढ़कर पर्यटन में भागीदार बने.

पर्यटन पर्व पर निबंध Essay On Paryatan Parv In Hindi – paryatan parv par nibandh

आज व्यक्ति को कहीं भी सुख चैन नसीब नहीं हो रहा हैं हर कोई अपनी अपनी समस्याओं का रौना रोता नजर आता हैं ऐसे तनाव भरे दैनिक माहौल में हर कोई चाहता है थोडा वक्त वह अपनी खुशियों को भी जगाने में लगाए एक दूसरे अच्छे स्थलों का भ्रमण करे.

वैश्विक स्तर पर 27 सितम्बर को विश्व पर्यटन पर्व अथवा दिवस मनाने का उद्देश्य भी यही है कि लोग बाग़ अपने घरों से निकले पर्यटन के लिए जाए.

पर्यटन के अपने व्यक्तिगत फायदे तो है ही मगर यह देशों के आर्थिक सामजिक व धार्मिक कल्चर को भी सम्रद्ध बनता हैं. आर्थिक दृष्टि से आज हर राष्ट्र सशक्त होना चाहता है ऐसे में पर्यटन का क्षेत्र राष्ट्र व समाज की तरक्की में अहम योगदान दे सकता हैं.

कई देश ऐसे है जिनकी अर्थव्यवस्था का मूल आधार पर्यटन ही हैं. हमारे भारत देश की इकोनोमी में भी टूरिज्म का अहम योगदान हैं. बदलते वैश्विक परिदृश्य में हमें अपने पर्यटन स्थलों को और अधिक आकर्षक बनाने पर ध्यान देना होगा, साथ ही साथी देशों के नागरिकों को भी यहाँ आने के लिए आमंत्रित करने की आवश्यकता हैं.

50 के दशक के बाद पर्यटन ने एक बड़े उद्योग के रूप में अपना स्थान बनाया हैं इसके महत्व को समझते हुए संयुक्त राष्ट्र संघ ने 1980 में पहली बार अंतर्राष्ट्रीय पर्यटन दिवस मनाने का निश्चय किया था तथा इसके लिए 27 सितम्बर का दिन चुना गया था,

इस दिन को चुनने का कारण यह था कि वर्ष 1970 में इसी दिन विश्व समुदाय ने विश्व पर्यटन संगठन के संविधान को अंगीकार किया था.

विश्व समुदाय के एक बड़े समूह के लिए पर्यटन आकर्षण का विषय रहा हैं. धार्मिक स्थल, मनोरम प्राकृतिक दृश्य, विश्व अचरज तथा ऐतिहासिक स्थलों की तरफ लोगों का अधिक रुझान देखा गया हैं.

जल तथा जलीय स्रोतों यथा नदियों, तालाबो, झीलों, सागरों के किनारे अच्छे दर्शनीय स्थलों का निर्माण अधिक हुआ हैं भारत में ही ऐसे दर्जनों स्थल है चाहे ताजमहल का नाम ले ले या अमरनाथ जी या कुम्भ इन सभी मे समानताएं हैं.

विश्व पर्यटन पर्व को मनाने का उद्देश्य यह है कि विश्व समुदाय को पर्यटन के सामाजिक, सांस्कृतिक, राजनीतिक व आर्थिक मूल्यों से अवगत कराया जाए.

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Hindi Gyaani

What Is Tourism

टूरिज्म क्या है | What Is Tourism : पर्यटन क्या है

What Is Tourism In Hindi : ( टूरिज्म क्या है ) पर्यटन उन लोगों की गतिविधि को संदर्भित करता है जो अवकाश, व्यवसाय या अन्य उद्देश्यों के लिए अपने सामान्य वातावरण से बाहर यात्रा करते हैं और रहते हैं। इसमें ऐतिहासिक स्थलों, सांस्कृतिक स्थलों, प्राकृतिक आकर्षणों, कार्यक्रमों में भाग लेने और बाहरी मनोरंजक गतिविधियों में भाग लेने जैसी गतिविधियों की एक विस्तृत श्रृंखला शामिल है। पर्यटन एक महत्वपूर्ण उद्योग है जो वैश्विक अर्थव्यवस्था में योगदान देता है और रोजगार सृजित करता है, (Tourism kya hai) राजस्व उत्पन्न करता है और स्थानीय संस्कृतियों और परंपराओं को बढ़ावा देता है।

Parts of Tourism In India ( पर्यटन के भाग )

Accommodation ( आवास ).

पर्यटन के इस भाग में यात्रियों को उनकी यात्रा के दौरान ठहरने के लिए स्थान उपलब्ध कराना शामिल है। आवास विकल्प बजट के अनुकूल हॉस्टल से लेकर लक्ज़री रिसॉर्ट्स और बीच में सब कुछ हैं।

Transportation ( परिवहन )

परिवहन पर्यटन का एक अनिवार्य हिस्सा है, क्योंकि इसमें यात्रियों को एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाना शामिल है। पर्यटकों के लिए परिवहन के साधनों में हवाई जहाज, ट्रेन, बसें, कार और नावें शामिल हैं।

Attractions ( आकर्षण )

पर्यटन के इस हिस्से में वे विभिन्न आकर्षण शामिल हैं जिन्हें यात्री अपनी यात्रा के दौरान देखते हैं, जैसे संग्रहालय, ऐतिहासिक स्थल, थीम पार्क और प्राकृतिक स्थलचिह्न।

Food and Beverage ( खान-पान )

पर्यटन के इस भाग में यात्रियों को उनकी यात्रा के दौरान खाने-पीने के विकल्प उपलब्ध कराना शामिल है। इसमें रेस्तरां, कैफे, बार और फूड स्टॉल शामिल हो सकते हैं।

Activities ( गतिविधियाँ )

गतिविधियाँ पर्यटन का एक अनिवार्य हिस्सा हैं, क्योंकि वे यात्रियों को अपनी यात्रा के दौरान अवकाश गतिविधियों में संलग्न होने का अवसर प्रदान करती हैं। ये गतिविधियाँ साहसिक खेलों से लेकर लंबी पैदल यात्रा और रॉक क्लाइम्बिंग तक, खाना पकाने की कक्षाओं और संगीत प्रदर्शन जैसे सांस्कृतिक अनुभवों तक हो सकती हैं।

Events and Festivals ( घटनाएँ और त्यौहार )

पर्यटन में कार्यक्रमों और उत्सवों में भाग लेना भी शामिल है, जो यात्रियों के लिए एक महत्वपूर्ण आकर्षण हो सकता है। इन घटनाओं के उदाहरणों में संगीत समारोह, सांस्कृतिक समारोह और खेल आयोजन शामिल हैं।

Tour Operators ( टूर ऑपरेटर्स )

टूर ऑपरेटर्स वे कंपनियां होती हैं जो यात्रियों के लिए टूर आयोजित करने में माहिर होती हैं। वे परिवहन और आवास से लेकर गतिविधियों और आकर्षणों तक यात्रा के सभी पहलुओं को संभालते हैं।

Travel Services ( यात्रा सेवाएँ )

पर्यटन के इस भाग में वे विभिन्न सेवाएँ शामिल हैं जिनकी यात्रियों को यात्रा के दौरान आवश्यकता होती है, जैसे यात्रा बीमा, वीज़ा सेवाएँ और मुद्रा विनिमय।

संक्षेप में, पर्यटन एक जटिल उद्योग है जिसमें कई अलग-अलग हिस्से शामिल हैं। इन विभिन्न भागों को समझकर, हम पर्यटन उद्योग और वैश्विक अर्थव्यवस्था पर इसके प्रभाव की बेहतर समझ प्राप्त कर सकते हैं।

What Is Tourism

पर्यटन उन लोगों की गतिविधि को संदर्भित करता है जो अवकाश, व्यवसाय या अन्य उद्देश्यों के लिए अपने सामान्य वातावरण से बाहर यात्रा करते हैं और रहते हैं। इसमें ऐतिहासिक स्थलों, सांस्कृतिक स्थलों, प्राकृतिक आकर्षणों, कार्यक्रमों में भाग लेने और बाहरी मनोरंजक गतिविधियों में भाग लेने जैसी गतिविधियों की एक विस्तृत श्रृंखला शामिल है।

पर्यटन एक महत्वपूर्ण उद्योग है जो वैश्विक अर्थव्यवस्था में योगदान देता है। यह रोजगार सृजित करता है, राजस्व उत्पन्न करता है, और स्थानीय संस्कृतियों और परंपराओं को बढ़ावा देता है। कई देश और क्षेत्र आय के एक प्रमुख स्रोत के रूप में पर्यटन पर बहुत अधिक निर्भर करते हैं, विशेष रूप से प्राकृतिक, सांस्कृतिक या ऐतिहासिक आकर्षण वाले पर्यटन पर।

पर्यटकों को उनकी यात्रा के उद्देश्य के आधार पर विभिन्न श्रेणियों में वर्गीकृत किया जा सकता है, जैसे अवकाश यात्री, व्यापार यात्री, साहसिक यात्री, पर्यावरण-पर्यटक और सांस्कृतिक पर्यटक। प्रत्येक श्रेणी की अलग-अलग ज़रूरतें और प्राथमिकताएँ होती हैं, जिन्हें सर्वोत्तम संभव अनुभव प्रदान करने के लिए पर्यटन उद्योग को पूरा करना चाहिए।

पर्यटन के कई सकारात्मक प्रभाव हैं, जिनमें आर्थिक लाभ, सांस्कृतिक आदान-प्रदान और वैश्विक समझ और शांति को बढ़ावा देना शामिल है। हालाँकि, इसके कुछ नकारात्मक प्रभाव भी हैं, जैसे कि भीड़भाड़, पर्यावरणीय गिरावट और सांस्कृतिक समरूपता। इन नकारात्मक प्रभावों को कम करने और यह सुनिश्चित करने के लिए सतत पर्यटन अभ्यास महत्वपूर्ण हैं कि पर्यटन पर्यटकों और मेजबान समुदायों दोनों के लिए एक सकारात्मक शक्ति है।

संक्षेप में, पर्यटन एक आवश्यक उद्योग है जिसमें महत्वपूर्ण आर्थिक और सामाजिक लाभ पैदा करने की क्षमता है। स्थायी प्रथाओं को अपनाकर और जिम्मेदार यात्रा को बढ़ावा देकर, हम यह सुनिश्चित कर सकते हैं कि पर्यटन शामिल सभी लोगों के लिए एक सकारात्मक शक्ति बना रहे।

Types of Tourism ( पर्यटन के प्रकार )

Leisure tourism ( आराम पर्यटन ).

इस प्रकार के पर्यटन में आराम और आनंद के लिए यात्रा करना शामिल है, आमतौर पर छुट्टी या छुट्टी के लिए। इसमें दर्शनीय स्थलों की यात्रा, धूप सेंकना और मनोरंजक गतिविधियों में भाग लेने जैसी गतिविधियाँ शामिल हैं।

Business Tourism ( बिजनेस टूरिज्म )

बिजनेस टूरिज्म में काम से संबंधित उद्देश्यों के लिए यात्रा करना शामिल है, जैसे सम्मेलनों, बैठकों या व्यापार शो में भाग लेना। व्यावसायिक यात्रियों की अक्सर विशिष्ट ज़रूरतें होती हैं, जैसे कि उच्च गति का इंटरनेट, बैठक की सुविधाएँ और व्यावसायिक जिले से निकटता।

Adventure Tourism ( साहसिक टूरिज्म )

साहसिक पर्यटन में लंबी पैदल यात्रा, पर्वतारोहण और जल क्रीड़ा जैसी साहसिक गतिविधियों में शामिल होने के लिए यात्रा करना शामिल है। इस प्रकार के पर्यटन को आमतौर पर शारीरिक चुनौतियों, जोखिमों और अन्वेषण की भावना की विशेषता होती है।

Cultural Tourism ( सांस्कृतिक पर्यटन )

सांस्कृतिक पर्यटन में विभिन्न संस्कृतियों, परंपराओं और जीवन के तरीकों का अनुभव करने के लिए यात्रा करना शामिल है। इसमें संग्रहालयों, ऐतिहासिक स्थलों का दौरा करने और सांस्कृतिक कार्यक्रमों और त्योहारों में भाग लेने जैसी गतिविधियाँ शामिल हैं।

Eco-Tourism ( इको-टूरिज्म )

इको-टूरिज्म में पर्यावरण और वन्य जीवन के बारे में जानने और उसकी सराहना करने के लिए प्राकृतिक क्षेत्रों की यात्रा करना शामिल है। इस प्रकार का पर्यटन जिम्मेदार यात्रा प्रथाओं, सतत पर्यटन विकास और संरक्षण प्रयासों पर जोर देता है।

Health and Wellness Tourism ( स्वास्थ्य और कल्याण पर्यटन )

स्वास्थ्य और कल्याण पर्यटन में किसी के शारीरिक, मानसिक या आध्यात्मिक कल्याण में सुधार के उद्देश्य से यात्रा करना शामिल है। इसमें विज़िटिंग स्पा, योग रिट्रीट और वेलनेस सेंटर जैसी गतिविधियाँ शामिल हैं।

Religious Tourism ( धार्मिक पर्यटन )

धार्मिक पर्यटन में धार्मिक स्थलों की यात्रा करना और धार्मिक समारोहों और तीर्थयात्राओं में भाग लेना शामिल है। इस प्रकार का पर्यटन अक्सर आध्यात्मिक या धार्मिक विश्वासों से प्रेरित होता है।

Sports Tourism ( खेल पर्यटन )

खेल पर्यटन में ओलंपिक, विश्व कप, या अन्य प्रमुख खेल आयोजनों जैसे खेल आयोजनों में भाग लेने या देखने के लिए यात्रा करना शामिल है।

संक्षेप में, पर्यटन एक विविध उद्योग है जो रुचियों और प्रेरणाओं की एक विस्तृत श्रृंखला को पूरा करता है। इन विभिन्न प्रकार के पर्यटन को समझने से यात्रियों और पर्यटन पेशेवरों को विशिष्ट आवश्यकताओं और प्राथमिकताओं को पूरा करने वाले अनुकूलित यात्रा अनुभव बनाने में मदद मिल सकती है।

History of Tourism : पर्यटन के इतिहास

एक आधुनिक परिघटना के रूप में पर्यटन ( Tourism ) को अक्सर यूरोप के ग्रैंड टूर में खोजा जाता है, जो 17वीं शताब्दी में धनी और कुलीन अंग्रेजी के बीच लोकप्रिय हुआ था। ग्रैंड टूर यूरोप की एक बहु-वर्षीय यात्रा थी जिसका उद्देश्य युवा सज्जनों के लिए शिक्षा और सांस्कृतिक संवर्धन प्रदान करना था।

हालाँकि, पर्यटन की जड़ों को इतिहास में बहुत आगे तक खोजा जा सकता है। प्राचीन यूनानियों और रोमियों को अवकाश और स्वास्थ्य उद्देश्यों के लिए यात्रा करने के लिए जाना जाता था, वे बाथ के हीलिंग स्प्रिंग्स और रोम के थर्मल बाथ जैसी जगहों पर जाते थे। सिल्क रोड, जो यूरोप और एशिया को जोड़ता था, पूरे इतिहास में यात्रियों और व्यापारियों के लिए भी एक प्रमुख मार्ग था।

मध्य युग में, तीर्थ यात्रा पर्यटन का एक महत्वपूर्ण रूप था। ईसाइयों ने यरूशलेम, रोम और अन्य पवित्र स्थलों की यात्रा की, जबकि मुसलमानों ने मक्का की यात्रा की। 11वीं सदी में शुरू हुए धर्मयुद्ध ने भी पवित्र भूमि की यात्रा को बढ़ावा दिया।

19वीं सदी में आधुनिक पर्यटन ( Tourism ) उद्योग ने आकार लेना शुरू किया। रेलवे और स्टीमशिप जैसे परिवहन बुनियादी ढांचे के विकास ने यात्रा को अधिक सुलभ और सस्ता बना दिया है। इससे व्यापक पर्यटन का उदय हुआ, जहां बड़ी संख्या में लोगों ने लोकप्रिय स्थलों की यात्रा की।

20वीं शताब्दी की शुरुआत में, अवकाश के समय में वृद्धि और समृद्धि में वृद्धि के साथ, पर्यटन का विकास जारी रहा। 1930 के दशक में व्यावसायिक विमानन की शुरुआत ने पर्यटन के दायरे को और बढ़ा दिया, जिससे दुनिया भर के दूर-दराज के स्थलों की यात्रा करना संभव हो गया।

द्वितीय विश्व युद्ध के बाद के युग में, पर्यटन एक प्रमुख उद्योग बन गया, विशेष रूप से यूरोप और उत्तरी अमेरिका में। मध्यम वर्ग की वृद्धि और अवकाश के समय में वृद्धि के कारण यात्रा में वृद्धि हुई, विशेष रूप से छुट्टी और मनोरंजन के उद्देश्य से।

आज, पर्यटन एक महत्वपूर्ण वैश्विक उद्योग है, जो खरबों डॉलर का राजस्व पैदा करता है और दुनिया भर में लाखों लोगों को रोजगार देता है। यह सांस्कृतिक आदान-प्रदान, आर्थिक विकास और व्यक्तिगत विकास के अवसर प्रदान करते हुए आधुनिक जीवन का एक अनिवार्य हिस्सा बन गया है।

History of Tourism

Glossary of Tourism : पर्यटन शब्दावली

एक जगह जहां यात्री रात भर रुक सकते हैं, जैसे कि होटल, छात्रावास, या अवकाश किराया।

All-inclusive ( सर्व-समावेशी )

एक प्रकार का अवकाश पैकेज जिसमें सभी भोजन, पेय और गतिविधियाँ शामिल हैं।

Backpacking ( बैकपैकिंग )

बजट यात्रा का एक रूप जहां यात्री अपना सामान बैकपैक में रखते हैं और हॉस्टल या अन्य कम लागत वाले आवासों में रहते हैं।

Cruise ( क्रूज )

एक छुट्टी जिसमें विभिन्न गंतव्यों के लिए जहाज से यात्रा करना शामिल है।

Destination ( गंतव्य स्थान )

वह स्थान जहाँ यात्री मनोरंजन के लिए जाते हैं, जैसे कोई शहर, समुद्र तट या थीम पार्क।

Ecotourism ( इकोटूरिज्म )

प्राकृतिक क्षेत्रों की जिम्मेदार यात्रा जो पर्यावरण का संरक्षण करती है और स्थानीय समुदायों का समर्थन करती है।

Guidebook ( गाइडबुक )

एक किताब जो एक गंतव्य के बारे में जानकारी प्रदान करती है, जिसमें आवास, रेस्तरां और गतिविधियों के लिए सिफारिशें शामिल हैं।

Homestay ( होमस्टे )

एक प्रकार का आवास जहां यात्री अपने घर में एक स्थानीय परिवार के साथ रहते हैं।

Itinerary ( यात्रा कार्यक्रम )

एक यात्रा की योजना जिसमें दिनांक, गंतव्य और गतिविधियाँ शामिल हैं।

Package tour ( पैकेज टूर )

एक छुट्टी पैकेज जिसमें परिवहन, आवास और गतिविधियाँ शामिल हैं।

FAQ – What Is Tourism इन : पर्यटन क्या है

पर्यटन क्या है.

पर्यटन अवकाश, व्यवसाय या अन्य उद्देश्यों के लिए गंतव्यों की यात्रा करने का कार्य है। इसमें दर्शनीय स्थलों की यात्रा, आकर्षणों का भ्रमण और मनोरंजक गतिविधियों में शामिल होने जैसी गतिविधियाँ शामिल हैं।

पर्यटन क्यों महत्वपूर्ण है?

पर्यटन कई कारणों से महत्वपूर्ण है। यह आर्थिक विकास को प्रोत्साहित कर सकता है, रोजगार सृजित कर सकता है, सांस्कृतिक आदान-प्रदान को बढ़ावा दे सकता है और स्थानीय समुदायों का समर्थन कर सकता है। यह व्यक्तिगत विकास और आनंद के अवसर भी प्रदान कर सकता है।

पर्यटन के विभिन्न प्रकार क्या हैं?

सांस्कृतिक पर्यटन, साहसिक पर्यटन, इको-टूरिज्म, चिकित्सा पर्यटन, और बहुत कुछ सहित पर्यटन के कई अलग-अलग प्रकार हैं। प्रत्येक प्रकार का पर्यटन यात्रा के एक विशेष पहलू पर ध्यान केंद्रित करता है, जैसे कि विभिन्न संस्कृतियों का अनुभव करना, बाहरी गतिविधियों में शामिल होना, या चिकित्सा उपचार की तलाश करना।

कुछ लोकप्रिय पर्यटन स्थल कौन से हैं?

कुछ लोकप्रिय पर्यटन स्थलों में पेरिस, न्यूयॉर्क शहर, रोम, टोक्यो और बाली शामिल हैं। ये गंतव्य कई प्रकार के आकर्षण प्रदान करते हैं, ऐतिहासिक स्थलों से लेकर प्राकृतिक आश्चर्यों से लेकर सांस्कृतिक अनुभवों तक।

मैं बजट पर यात्रा कैसे कर सकता हूं?

बजट पर यात्रा करने के कई तरीके हैं, जैसे हॉस्टल या अवकाश किराया में रहना, सार्वजनिक परिवहन का उपयोग करना और पर्यटन स्थलों के बजाय स्थानीय रेस्तरां में भोजन करना। आप उड़ानों, रहने की जगह और गतिविधियों पर सौदे भी देख सकते हैं।

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Essay on importance of tourism in hindi.

Essay on tourism in Hindi for all students of class 1, 2, 3, 4, 5, 7, 8, 9, 10, 11 and 12. Most students find difficulty in writing essay on new topics but you don’t need to worry now. Read and write this essay in your own words. Learn about an essay on Tourism in Hindi 1000 words. पर्यटन का महत्त्व पर निबंध।

hindiinhindi Importance of Tourism in Hindi

Essay on Tourism in Hindi 200 Words

पर्यटन का महत्त्व – विचार – बिंदु – • पर्यटन का आनंद • पर्यटन के लाभ • पर्यटन : एक उद्योग • पर्यटन के प्रकार।

पर्यटन का अर्थ है – घूमना। बस आनंद-प्राप्ति और जिज्ञासा-पूर्ति के लिए घूमना। ऐसे पर्यटन में सुख ही सुख है। ऐसा पर्यटक दैनंदिन जीवन की भारी-भरकम चिंताओं से दूर होता है। वह रसपिपासु होता है। पर्यटन से हमें देश विदेश के खान-पान, रहन-सहन तथा सभ्यता-संस्कृति की जानकारी मिलती है। इससे हमारे मन में बैठे हुए कुछ अंधविश्वास टूटते हैं, पर्वधारणाएँ समाप्त होती हैं। हमें यह विश्वास होता है – विश्व-भर का मानव मूल रूप से एक है। राष्ट्रीय एकता बढ़ाने में पर्यटन का बहुत बड़ा योगदान है।

वर्तमान समय में पर्यटन एक उद्योग का रूप धारण कर चुका है। हिमाचल प्रदेश, जम्मू काश्मीर आदि पर्वतीय स्थलों की अर्थ-व्यवस्था पर्यटन पर आधारित है। आज पर्यटन करना सुविधापूर्ण हो गया है। प्रायः सभी प्रसिद्ध पर्यटन स्थलों पर होटलों, भोजनालयों, विश्रामगृहों, मनोरंजन-स्थलों यातायात के साधनों की भरमार हो गई है। पर्यटन-स्थल अनेक प्रकार के हैं। कुछ प्राकृतिक सौंदर्य के लिए विख्यात हैं। कुछ धार्मिक महत्त्व के हैं। कुछ पर्यटन-स्थल ऐतिहासिक महत्त्व के हैं। जैसे-लाल किला, ताजमहल आदि। कुछ पर्यटन-स्थल वैज्ञानिक, सांस्कृतिक अन्य महत्त्व रखते हैं।

Essay on Delhi in Hindi

Essay on Nainital in Hindi

Essay on Tourism in Hindi 800 Words

मानव स्वभाव से ही जिज्ञासु होता है। वास्तव में मानव की प्रगति का इतिहास उसकी जिज्ञासु प्रवृत्ति का ही परिणाम है। अपनी जिज्ञासा के कारण ही वह प्रकृति के गूढ़ रहस्यों का पता लगा सका। देश-विदेश की यात्रा की ललक के पीछे भी मनुष्य की जिज्ञासु प्रवृत्ति ही काम करती आई है। देश-देशांतर की संस्कृति, सभ्यता, प्राकृतिक सौंदर्य, ऐतिहासिक एवं भौगोलिक विशेषताओं के प्रत्यक्ष ज्ञान की जिज्ञासा ही उसे घर के ऐशो-आराम, सुख-सुविधा छोड़कर अनजान, दुर्गम और बीहड़ रास्तों पर घुमाती रही है।

यदि मनुष्य चाहता तो वह घर बैठे ही पुस्तकों द्वारा यह जानकारी प्राप्त कर लेता, किंतु पुस्तकों से प्राप्त जानकारी का आनंद कुछ ऐसा ही होता है जैसे किसी चित्र को देखकर हिमालय के घने देवदार के वनों और हिमगिरि के उत्तुंग शिखर के सौंदर्य, रूप, गंध का अनुभव करना।

पर्यटन, घुमक्कड़ी का ही आधुनिक नाम है। आज के पर्यटन के पीछे भी मनुष्य की वही पुरानी घुमक्कड़ प्रवृत्ति का प्रभाव है। आज भी जब वह देश-विदेश के विभिन्न स्थानों की खूबियों के बारे में सुनता-पढ़ता है, तो उन्हें निकट से देखने, जानने के लिए उत्सुक हो उठता है और वह अपनी सुविधा और अवसर के अनुसार उस ओर निकल पड़ता है। आदिम घुमक्कड़ और आज के पर्यटक में इतना अंतर अवश्य है कि आज पर्यटन उतना कष्ट-साध्य नहीं जितनी घुमक्कड़ी थी। ज्ञान-विज्ञान के आविष्कारों, अन्वेषणों की जादुई शक्ति के प्रताप से सुलभ साधनों के कारण आज पर्यटन पर निकलने के लिए अधिक सोच-विचार की आवश्यकता नहीं होती। मात्र सुविधा और संसाधन चाहिए, किंतु इतना अवश्य मानना पड़ेगा कि पर्यटक बनने का जोखिम भरा आनंद तो उन पर्यटकों को ही आया होगा जिन्होंने अभावों और विषम परिस्थितियों से जूझते हुए देश-विदेश की यात्राएँ की थीं। फाह्यान, वेनसांग, अलबेरुनी, इब्नबतूता, मार्को पोलो आदि ऐसे ही यात्री रहे होंगे।

आज पर्यटन एक राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय उद्योग के रूप में विकसित हो चुका है। इस उद्योग के प्रसार के लिए देश-विदेश में पर्यटन मंत्रालय बनाए गए हैं।

सारे विश्व भर में पर्यटकों की सुवधा के लिए बड़े-बड़े पर्यटन स्थल विकसित किए जा रहे हैं। कई महत्त्वपूर्ण, पर अब तक उपेक्षित ऐतिहासिक स्थलों को सजाया-संवारा जा रहा है। हमारे देश का पर्यटन विभाग, पुरातत्त्व विभाग के साथ मिलकर इस दिशा में विशेष तौर पर क्रियाशील है। मनोरम पहाड़ी स्थलों पर पर्यटक आवास स्थापित किए जा रहे हैं। पर्यटकों के निवास और भोजन आदि की व्यवस्था के लिए नए-नए होटलों, लॉजों और पर्यटन-गृहों का निर्माण एवं विकास किया जा रहा है। यातायात के सभी प्रकार के सुलभ एवं आवश्यक साधनों की व्यवस्था की जा रही है।

विदेशी पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए सभी देश अपने दूतावासों के माध्यम से अपने-अपने देश की भव्यता, दर्शनीयता के बारे में विदेशों में व्यापक एवं सुनियोजित प्रचार करते हैं। इस प्रकार पर्यटन-संस्कृति का विकास हो रहा है। इतना ही नहीं, आज पर्यटन पर्याप्त लाभ देने वाला उद्योग बन चुका है। यह विदेशी मुद्रा अर्जित करने का एक बड़ा स्रोत बन गया है। जैसे उद्योगपति या व्यापारी अपनी वस्तु की बिक्री के लिए ईश्तहारबाजी करता है, उसी तरह पर्यटन को भी एक वस्तु बनाकर उसका प्रदर्शन और प्रचार किया जा रहा है। इसके लिए रंगीन पुस्तिकाएं, आकर्षक पोस्टर, रंगदार ब्रोशर, पर्यटन स्थलों के रंगीन चित्र, उपलब्ध सुविधाओं का विस्तृत ब्योरा आदि प्रचार सामग्री विमानपत्तनों, रेलवे स्टेशनों, बड़े-बड़े होटलों और देश-विदेश के सभी प्रमुख सार्वजनिक स्थलों पर देखी जा सकती हैं। इसे नि:शुल्क वितरित एवं प्रदर्शित किया जाता है।

पर्यटन के प्रति रुचि जागृत करने के लिए कई बार वृत्तचित्र भी तैयार किए या करवाए जाते हैं। इसमें किसी एक विशिष्ट स्थल की झाँकी प्रस्तुत की जाती है। विशेष स्थलों या प्रदेशों में बने कथाचित्र भी प्रदर्शन के बाद लोगों के मन में प्रदर्शित स्थल को देखने की लालसा जगा देते हैं। कई बार देश-विदेश में भ्रमण करने वाली नृत्य-संगीत आदि की मंडलियाँ भी इस कार्य में सहायक होती हैं। इन सबके परिणामस्वरूप आज पर्यटन के प्रति निश्चय ही अभिरुचि की वृद्धि हो रही है।

आनंद प्राप्ति, जिज्ञासा की शांति, बढ़ती आय के अतिरिक्त पर्यटन के और भी कई प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष लाभ हैं। पर्यटन के माध्यम से अंतर्राष्ट्रीयता की समझ जन्म लेती है और विकसित होती है। प्रेम और मानवीय भाईचारा बढ़ता है। सभ्यता और संस्कृतियों का परिचय मिलता और बढ़ता है। पर्यटन के माध्यम से किसी देश और उसकी संस्कृति के सम्बन्ध में फैली भ्रांतियों का भी निराकरण हो जाता है। आज हम अंतर्राष्ट्रीय युग में जी रहे हैं। आज जिस अंतर्राष्ट्रीय सहयोग की आवश्यकता है, पर्यटन उसमें महत्त्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।

पर्यटन से व्यक्ति अपने खोल से बाहर निकलना सीखता है, उसे अपनी वास्तविकता का अहसास होता है। अपने पर्यावरण से बाहर कठिन परिस्थितियों में जीने का अभ्यास होता है। आत्म-साक्षात्कार का अवसर मिलता है। पर्यटन उस एकरसता से उत्पन्न ऊब का भी परिहार करता है जो एक ही स्थान पर, एक जैसे ही वातावरण में लगातार रहने से उत्पन्न हो जाती है। पर्यटन मनुष्य को उसकी कल्पना की दुनिया से निकालकर यथार्थ की भूमि से जोड़ता है।

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Essay on Tourism in Hindi 1000 Words

पर्यटन व्यवसाय

पर्यटन आदिकाल से ही मनुष्यों का स्वभाव रहा है। घूमना-फिरना भी मनुष्य के जीवन को आनन्द और मस्ती से भर देता है। इसका पता लोगों ने बहुत पहले ही लगा लिया था। पहले लोग पैदल चलकर या समुद्र मार्ग से लम्बी-लम्बी दूरियां तय कर अपने भ्रमण के शौक को पूरा करते थे। कुछ लोग ऊंटों, घोड़ों आदि पर चढ़कर समूह यात्रा करते थे, हालांकि ऐसी कई यात्राएं व्यापार के उद्देश्य से भी की जाती थीं। परन्तु ऐसे लोगों की भी कमी नहीं थी जो यात्रा तो व्यापार, शिक्षा प्राप्ति या राजा के दूत बनकर करते थे परन्तु उनकी यात्रा ऐतिहासिक दृष्टि से बहुत महत्त्वपूर्ण बन जाती थी। ये लोग दूसरे देश की संस्कृति का अध्ययन कर अपने अनुभवों को ग्रंथ रूप में लिख देते थे।

जहाँ तक भारत के लोगों की बात है, हमारे यहां धार्मिक दृष्टि से की गई यात्राओं की बड़ी महत्ता रही है। यहां के लोग धर्म स्थानों की यात्रा को बहुत महत्त्व देते रहे हैं। आदि शंकराचार्य ने अल्प आयु में ही पूरे देश का भ्रमण कर देश के चारों कोनों में चार धर्मपीठों की स्थापना की। इन धर्मपीठों की व्यवस्था आज भी कायम है। सम्राट् अशोक ने बुद्ध धर्म के प्रचार-प्रसार के लिए अपने विभिन्न दूत एशियाई देशों में भेजे। उनका यह धार्मिक अभियान इतिहास में काफी सफल माना गया। परन्तु मध्य युग में स्थिति में काफी बदलाव आ गया। भारतीय लोगों में यह भ्रांत धारणा उत्पन्न हो गई कि समुद्र लांघ कर की गई यात्रा से धर्म भ्रष्ट हो जाता है। अत: किसी भी भारतीय की समुद्रपारीय यात्रा का वर्णन नहीं मिलता।

आधुनिक युग में पर्यटन सम्बन्धी सभी भ्रांतियां समाप्त होने तथा आवागमन के साधनों के क्षेत्र में आए भारी बदलावों के कारण पर्यटन एक व्यवसाय के रूप में प्रतिष्ठित हो चुका है। विभिन्न देशों के लोग दुनिया के अन्य देशों में जाकर वहां की सभ्यता और संस्कृति को निकट से देखने-समझने का प्रयास करते हैं। अनेक लोग देश के प्रमुख स्थलों की यात्रा कर देश के पर्यटन व्यवसाय को उन्नत करने में अपना योगदान देते हैं। आधुनिक युग में पर्यटन को एक व्यवसाय का रूप देने में लोगों की बढ़ती आर्थिक समृद्धि का भी बहुत बड़ा हाथ रहा है। पर्यटन में अच्छा खासा धन व्यय होता है। अत: धनी और उच्च मध्यवर्गीय श्रेणी के लोग ही प्रमुख रूप से पर्यटन में दिलचस्पी दिखाते हैं। इन्हीं साधन-सम्पन्न लोगों की बदौलत दुनिया का पर्यटन व्यवसाय टिका हुआ है।

भारत में पर्यटन की अपार संभावनाएं हैं परन्तु दुर्भाग्यवश इन संभावनाओ का भरपूर दोहन नहीं हो पाया है। हमारा देश बहुधार्मिक और बहुसांस्कृतिक देश है। यहां पर पर्यटन स्थलों की भी भरमार है परन्तु दुनिया भर के पर्यटन व्यवसाय में से भारत का हिस्सा नगण्य ही कहा जा सकता है। थाईलैंड जैसा छोटा सा एशियाई देश हमारी तुलना में कई गुणा अधिक पर्यटकों को आकर्षित कर पाने में सक्षम है। पर्यटन की दृष्टि से हमारे पिछड़ेपन के कई कारण हैं, जिसमें से प्रमुख कारण है – पर्यटकों को आकर्षित करने वाली सुविधाओं का अभाव।

पर्यटक स्थलों को साफ-सुथरा रखना, पर्यटन स्थलों तक पहुंच को आकर्षक बनाना, लोगों के निवास, भोजन आदि की उत्तम व्यवस्था करना, पर्यटन स्थलों को मनोरंजन से भरपूर बनाना, सड़क और संचार व्यवस्था को चुस्त-दुरुस्त रखना, लोगों को आकर्षित करने के लिए प्रचार करना आदि कुछ ऐसे उपाय हैं जिन्हें व्यावहारिक रूप देकर ही देश के पर्यटन उद्योग को विकसित किया जा सकता है।

हमारी खस्ताहालत सड़कें, ट्रेनों में शीघ्र आरक्षण न मिलना, बिजली-पानी जैसी मूलभूत सुविधाओं की कमी आदि पर्यटन व्यवसाय पर नकारात्मक प्रभाव डालती हैं। दूसरी ओर कश्मीर, आसाम तथा अन्य उत्तर पूर्वी राज्यों में व्याप्त हिंमा देश के पर्यटन के लिए नुकसानदायक सिद्ध हो रही है। देश में ऐतिहासिक स्थल बहुत है परन्तु आस-पास का क्षेत्र प्रदूषण और गंदगी की चपेट में है। देश की राजधानी दिल्ली को ही लें। लाल किले तथा जामा मस्जिद का क्षेत्र, बाजार और संकीर्ण गलियों के कारण आकर्षण से विहीन बना हुआ है जबकि इस क्षेत्र को दिल्ली का हृदयस्थल कहा जाता है। विश्व की आश्चर्यजनक एवं अलौकिक इमारत ताजमहल की भी घोर अपेक्षा की गई है। आगरा देश के सर्वाधिक गंदे शहरों में से एक है तो हम कैसे आशा कर सकते हैं कि देश का पर्यटन व्यवसाय दिन-दुगनी रात चौगुनी उन्नति करे। ये तो कुछेक प्रमाण भर हैं, पूरे देश में पर्यटन स्थलों की यही स्थिति है।

यदि देश के पर्यटन को सचमुच बढ़ावा देना है तो हमें इसके लिए ठोस उपाय करने होंगे। इस क्षेत्र में निजी सैक्टर को निवेश के लिए प्रोत्साहित करने की आवश्यकता है क्योंकि केवल सरकारी प्रयास कारगर नहीं हो सकते। सरकारी योजनाओं को बनाने तथा उसे क्रियान्वित करने में भ्रष्टाचार आदि कई कारणों से लम्बा समय लग जाता है। जो पर्यटन उद्योग की वृद्धि को रोक देता है। यह शुभ लक्ष्ण है कि अब सरकार वस्तु स्थिति को समझ कर हर क्षेत्र में निजी क्षेत्र की भागीदारी को सुनिश्चित करने का प्रयास कर रही है। यदि सही दिश में प्रयास किए जाएं तो अगले पाँच वर्षों में ही भारत में पर्यटन व्यवसाय के विकसित होने से देश को बेशकीमती विदेशी मुद्रा की प्राप्ति होगी तथा भुगतान संतुलन की स्थिति को सुधारने में बहुत मदद मिलेगी।

भारतीय पर्यटन उद्योग को विकसित करने में एक बड़ी बाधा को वर्तमान में दिखाई दे रही है – वह है आतंकवाद। आतंकवाद भारत के सभी प्रमुख स्थानों में अपनी जड़ें जमा चुका है। काश्मीर में पर्यटन उद्योग आतंक के साए में दम तोड़ चुका है। जबकि इस स्थान को धरती के स्वर्ग के नाम से संबोधित किया जाता रहा है।

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importance of tourism essay in hindi

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पर्यटन का फायदा और नुकसान Advantages and Disadvantages of Tourism in Hindi

पर्यटन का फायदा और नुकसान Advantages and Disadvantages of Tourism in Hindi

इस लेख में हिंदी में पर्यटन का फायदा और नुकसान (Advantages and Disadvantages of Tourism in Hindi) के विषय में जानकारी दी गई है। इसमें पर्यटन का महत्त्व, भारत के प्रमुख पर्यटन स्थल और पर्यटन के कुछ लाभ और हानि के बारे में विस्तार से बताया गया है।

Table of Content

पर्यटन का महत्त्व Importance of Tourism in Hindi

पर्यटन कितना महत्वपूर्ण है, इसका अंदाजा हम प्राचीन भारतीय ग्रंथों से लगा सकते हैं। बड़े-बड़े ऋषि मुनियों और विद्वानों ने पर्यटन को जीवन का सबसे महत्वपूर्ण भाग बताया है। 

बिना विश्व दर्शन किए ज्ञान कभी पूर्ण नहीं हो सकता है। भारतीय साहित्य ग्रंथों जैसे, पंचतंत्र में पर्यटन के महत्व का साफ उल्लेख किया गया है।

जिस प्रकार पुस्तकों के स्वाध्याय से ज्ञान की प्राप्ति होती है, उसी तरह पर्यटन ज्ञान प्राप्ति का सबसे सर्वश्रेष्ठ मार्ग होता है। विभिन्नता एक ऐसा शब्द है, जो इस पूरी दुनिया में सामान्य है। 

विभिन्न भाषाएं, संस्कृतियों, लोक साहित्य, इतिहास, स्थल, घटनाएं इत्यादि के विषय में जानने का सबसे अच्छा मार्ग पर्यटन है।

पर्यटन किसी भी देश की रीढ़ की हड्डी होती है, जो अर्थव्यवस्था को जीवित रखने में बहुत बड़ा योगदान देती है। इसके अलावा करोड़ों लोगों को जीवन यापन करने के लिए रोजगार का साधन भी मुहैया कराती है।

जब पूरे दुनिया में कोरोना महामारी फैली हुई थी, तब लगभग सभी पर्यटन स्थलों को पूर्ण रूप से बंद कर दिया गया था। यदि इसके कारण होने वाले कुल नुकसान की गणना की जाए, तो पर्यटन बंद पड़ जाने के कारण करोड़ों का नुकसान सारे देश को सहना पड़ा था। 

दुनिया में ऐसे कई देश हैं, जिनकी अर्थव्यवस्था मुख्य रूप से पर्यटन पर ही आश्रित है। यदि कुछ दिनों के लिए भी पर्यटन स्थलों को बंद कर दिया जाए, तो ऐसे देशों में आर्थिक आपातकाल जैसी विकट स्थिति की संभावना उत्पन्न हो सकती है।

भारत के प्रमुख पर्यटन स्थल Top Tourist Places in India

हमारा देश यूं तो नए विभिन्नताओं से भरा पड़ा है, जहां देखने योग्य अनगिनत सुंदर और ऐतिहासिक स्थल मौजूद है। आइए भारत के कुछ प्रमुख पर्यटन स्थलों के बारे में जानते हैं-

उत्तर तथा पश्चिम भारत के प्रमुख पर्यटन स्थल-

औली (उत्तराखंड), शिमला (हिमाचल प्रदेश), डलहौजी (हिमाचल प्रदेश), मथुरा और वृंदावन, लेह लद्दाख (जम्मू और कश्मीर), स्पीति (हिमाचल प्रदेश), नई दिल्ली, आगरा (उत्तर प्रदेश), कुल्लू और मनाली (हिमाचल प्रदेश), हरिद्वार और ऋषिकेश (उत्तराखंड), श्रीनगर (जम्मू और कश्मीर), अमृतसर (पंजाब), चंडीगढ़ (पंजाब), मसूरी (उत्तराखंड), पुष्कर, जयपुर, जैसलमेर, जोधपुर (राजस्थान), कच्छ (गुजरात), मुंबई (महाराष्ट्र), अजमेर इत्यादि।

दक्षिण भारत के प्रमुख पर्यटन स्थल-

मैसूर (कर्नाटक), कुर्ग (कर्नाटक), मुन्नार (केरल), ऊटी (तमिलनाडु), कुन्नूर (तमिलनाडु), कोडाइकनाल (तमिलनाडु), विथिरी (केरल), कुद्रेमुख (कर्नाटक), नंदी हिल्स (कर्नाटक), इडुक्की (केरल) इत्यादि।

पूर्वी भारत के प्रमुख पर्यटन स्थल- 

अंडमान निकोबार द्वीप समूह, चेरापूंजी (मेघालय), दार्जिलिंग, जमशेदपुर, कटक, भुवनेश्वर, कोलकाता, रांची, गंगटोक, रवंगला, पेलिंग (सिक्किम) बोमडिला (अरुणाचल प्रदेश), शिलांग इत्यादि।

पर्यटन का फायदा Advantages of Tourism in Hindi

रोज़गार का केन्द्र.

रोजगार को उत्पन्न करने में पर्यटन के विशेष मायने हैं। देश विदेश में भ्रमण करने वाले पर्यटकों के कारण लाखों रोजगार के माध्यम विकसित होते हैं। पर्यटन के कारण करोड़ों लोगों को जीवन यापन करने में मदद मिलती है।

अर्थव्यवस्था 

देश की अर्थव्यवस्था में पर्यटन का बहुत बड़ा योगदान होता है। यदि पर्यटन को अर्थव्यवस्था से अलग कर दिया जाए, तो देश की कुल अर्थव्यवस्था भी ज्यादा विकास नहीं कर पाएगी। पर्यटन में प्रगति होने पर अर्थव्यवस्था में भी नए सकारात्मक बदलाव आते हैं।

मनोरंजन का सर्वश्रेष्ठ मार्ग

यात्रा करने से न केवल लोग चिंता मुक्त होते हैं, बल्कि साथ ही उनका मनोरंजन भी हो जाता है। नई जगह, नए लोग और नए वातावरण से अच्छा मनोरंजन और दूसरा कुछ नहीं हो सकता है।

अंतरराष्ट्रीय संबंधों को बढ़ावा

जब एक देश के नागरिक दूसरे देशों में पर्यटन स्थलों की यात्रा करने जाते हैं, तो इससे न केवल व्यक्तित्व स्तर पर बल्कि उन देशों के बीच अथवा अंतरराष्ट्रीय स्तर पर संबंधों में सकारात्मक वृद्धि देखी जाती है। इस प्रकार राष्ट्रों में भी मित्रता की भावना विकसित होती है।

विविधताओं की जानकारी 

यह दुनिया अनगिनत जानकारियों से भरी पड़ी है। दुनिया के विस्तृत विविधताओं की जानकारी लेने के लिए पर्यटन अनिवार्य होता है। यह किसी भी चीज के विषय में जानने या सीखने के लिए सबसे प्रैक्टिकल मार्ग होता है।  

राष्ट्रीय विकास को बढ़ावा

पर्यटन विभाग के द्वारा जितना योगदान देश की अर्थव्यवस्था में सम्मिलित किया जाएगा, उससे कुल मिलाकर राष्ट्र का ही विकास होता है। पर्यटकों के आवागमन से विकास के कई नए अवसर खड़े होते हैं, जिससे राष्ट्रीय विकास को बढ़ावा मिलता है।

एकता को बढ़ावा

जाहिर सी बात है कि जब देश विदेश से लोग नए पर्यटन स्थलों पर जाते हैं और वहां का रुख करते हैं, तो स्थानीय लोगों और पर्यटकों के बीच एकता की भावना अन्दर से प्रकट होती है। परिणामस्वरूप  यह अंतराष्ट्रीय एकता को भी बढ़ावा देता है।

स्वच्छता को प्रोत्साहन

देश के किसी भी स्थल पर जब पर्यटक भ्रमण करने आते हैं, तो केंद्र सरकार भी उन स्थान और उसके आसपास के क्षेत्रों का विकास करने में एड़ी चोटी का जोर लगा देती है। पर्यटकों के समक्ष एक अच्छा उदाहरण पेश करने के लिए ही सही, लेकिन पर्यटन से स्वच्छता को प्रोत्साहन अवश्य मिलता है।

पर्यटन का नुकसान Disadvantages of Tourism in Hindi

पर्यावरणीय क्षति.

कई बार पर्यटक इतने बेफिक्र हो जाते हैं, कि उन्हें पर्यावरण का भान ही नहीं रहता और वे स्वच्छता का ख्याल भूल जाते हैं। इसके अलावा जितने पर्यटक विभिन्न देशों से यात्रा करके पर्यटन स्थल तक पहुंचते हैं, यातायात के साधनों के कारण भी पर्यावरण को भारी क्षति पहुंचती है।

पर्यटकों का व्यवहार

विदेशी पर्यटकों के मामले में अक्सर यह देखा जाता है, कि वे स्थानीय लोगों के साथ जाने अनजाने में दुर्व्यवहार करते हैं। अपने आप को ऊंचा दिखाने के लिए कई बार यह पर्यटक अभद्रता पर भी उतर जाते हैं, जो पर्यटन का एक नकारात्मक पहलू माना जा सकता है।

स्थानीय संस्कृति पर प्रभाव

पर्यटन के कारण उत्पन्न होने वाली एक बड़ी समस्या यह भी है कि इससे संस्कृतियों के बीच टकराव भी देखा जाता है। 

कई बार बाहर से आए हुए पर्यटकों के लिए स्थानीय संस्कृति को लेकर सम्मानजनक भावना नहीं रहती, जिसके कारण स्थानीय रीति रिवाज और परंपराओं का सम्मान न करने के कारण दो संस्कृतियों के बीच मतभेद उत्पन्न हो जाता है।

मौसमी नौकरियां

पर्यटन के कारण भले ही देश में नए नए रोजगार के अवसर प्रकट होते हैं, लेकिन यह कहना गलत नहीं होगा कि अधिकतर रोजगार मौसमी होते हैं। 

अर्थात यह पर्यटकों के ऊपर निर्भर होता है, कि रोजगार सफल होगा या विफल। ऐसे में कोई गारंटी नहीं रहती की लोगों से कब उनकी आजीविका चलाने का साधन छीन जाए।

छोटे व्यवसायों के लिए चुनौती

पर्यटन के क्षेत्र में व्यवसाय करने वाले छोटे-मोटे व्यापारियों के लिए सबसे बड़ी चुनौती अपने व्यवसाय क्षेत्र में बड़े कारोबारियों की प्रतिस्पर्धा में लंबे समय तक टिके रहना होता है। 

कुछ परिस्थितियों में छोटे व्यवसाय ऐसे स्पर्धा वाले क्षेत्रों में आ तो जाते हैं, लेकिन लंबे समय तक टिक पाना उनके लिए एक बडी चुनौती होती है।

इंफ्रास्ट्रक्चर और कनेक्टिविटी का अभाव 

देश में पर्यटन का विस्तार बड़े स्तर पर किया जा सकता है, बशर्ते वहां इंफ्रास्ट्रक्चर तथा कनेक्टिविटी दुरुस्त हो। इसके अभाव में इतना विकास और लाभ नहीं मिल पाता है, जितना की होना चाहिए। 

आज भी ऐसे कई खूबसूरत पर्यटन स्थल हैं, लेकीन अधिकार न तो वहां ढंग का इंफ्रास्ट्रक्चर मौजूद होता है और न ही अन्य आवश्यक सुविधाएं।

विदेशी व्यवसाय के स्वामी

यह एक बड़ी समस्या है कि पर्यटन स्थलों पर बेची जाने वाली वस्तुएं विदेशी व्यापारियों के प्रभुत्व में होती हैं। इसके कारण स्थानीय व्यापारियों को इतना मुनाफा नहीं मिल पाता और उनकी चीजें भी पर्यटकों द्वारा बहुत कम स्तर पर खरीदी जाते हैं। 

इसके अलावा लोगों में भी भारतीय प्रोडक्ट्स के लिए इतना विश्वास नही रहता, जितना की कोई अन्य प्रख्यात विदेशी वस्तुओं के लिए होता है।

अन्य क्षेत्रों की उपेक्षा

केवल पर्यटन क्षेत्र में निर्भर होने के कारण अन्य महत्वपूर्ण क्षेत्रों के विकास को अनदेखा किया जा रहा है। माना की अर्थव्यवस्था में पर्यटन बहुत बड़ा सहयोगी है, लेकिन इसके अलावा भी कई क्षेत्र हैं जो बढ़-चढ़कर अर्थव्यवस्था में योगदान देते हैं। 

उदाहरण स्वरूप किसी वैश्विक महामारी, युद्ध या प्राकृतिक आपदाओं के कारण बड़ी शीघ्रता से पर्यटन क्षेत्र का विनाश होता है।  यदि अन्य क्षेत्रों की उपेक्षा की जाती है, तो इससे अर्थव्यवस्था की नीव बुरी तरह से हील सकती है।

पर्यटन के दौरान लूट पाट का डर

पर्यटन से जुड़ी दूसरी समस्या यह भी है कि पर्यटकों को हर समय अपने वस्तुओं की सुरक्षा की चिंता सताती रहती है। जरूरी और कीमती सामानों के साथ यात्रा करने के दौरान पर्यटकों के साथ लूटमार या चोरी होने का बहुत ज्यादा डर रहता है।

कौशल का अभाव

यह तो सच बात है की पर्यटन अधिकतर मौसमी रोजगार प्रदान करता है। कई बार छोटे स्तर के व्यापारियों में कौशल की कमी के कारण उन्हें अपने व्यवसाय में घाटा सहना पड़ता है। अनस्किल्ड लेबर के कारण प्रगति नहीं हो पाती है।

निष्कर्ष Conclusion

इस लेख में आपने पर्यटन का फायदा और नुकसान (Advantages and Disadvantages of Tourism in Hindi) के बारे में पढ़ा। आशा है यह लेख आपको जानकारी से भरपूर लगा होगा। अगर यह लेख आपको अच्छा लगा हो तो इसे शेयर जरूर करें।

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पर्यटन पर संक्षिप्त में निबंध || Short Essay on Tourism in Hindi

  • April 15, 2023

पर्यटन पर निबंध

पर्यटन  एक ऐसा साधन है। जिसका उपयोग मनुष्य  मनोरंजन  या  आनंद  उठाने के लिए करते हैं।  पर्यटन का दूसरा नाम भ्रमण है।  पर्यटन से मनुष्य के जीवन में नई उमंग एवं उत्साह भर जाता है। मनुष्य पुस्तक पढ़ कर ज्ञान प्राप्त करते हैं पर उससे अधिक ज्ञान पर्यटन से मिलता है। पुस्तक से मिली हुई जानकारी पर्यटन से  प्रत्यक्ष  हो जाती है।  आधुनिक  युग में मनुष्य नए-नए जानकारियों पाने का आदि हो गया है। एक नई बातों को सुनना, नए  स्थानों को देखना, नए लोगों से मिलना और  नवीन वातावरण में रहना पसंद करता है। इन सारी बातों की पूर्ति के लिए  पर्यटन  आवश्यक है। इसीलिए मनुष्य  प्राचीन काल  से ही पर्यटन की ओर उन्मुख है। प्राचीन काल में पर्यटन की सुविधा उपलब्ध नहीं थी। उस समय  पैदल  चल कर ही मनुष्य  पर्यटन  करते थे।  आधुनिक युग  में पर्यटन की ओर अधिक दिलचस्पी को देखते हुऐ।  पर्यटन  के लिए अनेक साधन उपलब्ध कराएं गये। अतः पर्यटन से मनुष्य अपने दैनिक दिनचर्या को छोड़कर जीवन का भरपूर आनंद लेता है।

पर्यटन का महत्व 

पर्यटन का इतिहास अति प्राचीन है।  यातायात के साधनों का  अभाव  रहने पर भी मनुष्य पैदल चलकर पर्यटन किया करते थे। उस समय मार्ग  खतरनाक  थे। मार्ग  कंकरों  एवं  पत्थरो  से भरा हुआ था। फिर भी मनुष्य  पर्यटन  से मुंह नहीं मोड़ते थे। क्योंकि उनमें पर्यटन के लिए उत्साह था। आधुनिक युग में पर्यटन के कई सुविधाएं प्राप्त है।  विज्ञान  ने समय और दूरी पर  विजय  प्राप्त कर ली है। अपने-अपने इच्छा अनुसार मनुष्य  पर्यटन  के लिए  स्थानों का चयन करते हैं। पर्यटन मानव मस्तिष्क को विकसित करता है। पर्यटन से मनुष्य को व्यवहारिक ज्ञान की प्राप्ति होती है। इससे मनुष्य जीवन की वास्तविकता से  परिचित होता है। पर्यटन हमारे  मनोरंजन  का साधन है। जीवन का असली मजा घूमने–फिरने तथा नए वातावरण में प्रवेश करने में आता है। अपने आसपास और हर उस पर  प्रसिद्ध स्थानों  का कोना– कोना देखना कई  मनुष्य  का सपना होता है। यही कारण है कि हर मनुष्य के अंदर पर्यटन अथवा भ्रमण करने की इच्छा उत्पन्न होती है। पर्यटन एक ऐसा माध्यम है जिसके द्वारा मनुष्य  देश-विदेश  की जानकारियां प्रत्यक्ष रूप से प्राप्त कर सकता है।

  • "सैर कर दुनिया की गाफिल, जिंदगानी फिर कहां। जिंदगी गर रही तो, नौजवानी फिर कहां।"
  • पर्यटन मानव–मस्तिष्क   को विकसित  करता है। ज्ञानार्जन से मानव–मस्तिष्क  विशाल  बनता है।
  • पर्यटन  के दौरान  मनुष्य जीवन  की वास्तविकता से परिचित होता है। कहीं  महात्माओं  के सद्  दर्शन  होते हैं तो कहीं  दूरात्माओं  से  साक्षरता  होता है।  पर्यटन  के दौरान मनुष्य तनाव  मुक्त  हो जाता है।
  • इससे हमारा  ह्रदय  उदार और विस्तृत होता है। इससे हमारे हृदय में  देशप्रेम  और  विश्व– बंधुत्व  की भावना बढ़ती है।

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भारत में पर्यटन विकास – Full Essay 2019 – निबंध

Essay in hindi.

Tourism Development in India / भारत में पर्यटन विकास : उपलब्धियाँ और चुनौतियांँ – Full Essay 2019 in Hindi |  भारत में पर्यटन विकास पर निबंध |

आधार-बिंदु : 1. एक पर्यटन उद्योग के प्रति बढ़ती सजगता 2. विश्व पर्यटन और भारत 3. भारत में पर्यटन की अनुकूलताएँ 4. भारत में पर्यटन की समस्याएंँ 5. स्वतंत्रता के बाद पर्यटन 6. भारत की पर्यटन नीति 7. पर्यटन विकास के लिए आयाम 8. पर्यटन विकास के लिए जरूरी क़दम

पर्यटन उद्योग के प्रति बढ़ती सजगता :  भारत में पर्यटन विकास – Full Essay 2019

विश्व अब एक गांँव की तरह है । दुनिया के देशों के आपसी संबंध उनके बीच ज्ञान, संस्कृति एवं भौतिक वस्तुओं का आदान-प्रदान दो मोहल्लों के बीच के आदान-प्रदान की तरह हो गया है । परिवहन एवं दूरसंचार ने दुनिया के देशों को सचमुच निकट ला दिया है । फिर दुनिया में बढ़ती जा रही मनुष्य की आर्थिक सामर्थ्य और जिज्ञासा एक देश के लोगों को दूसरे देश के निकट लाती जा रही है, इसलिए संपूर्ण विश्व में पर्यटन उद्योग तेजी से विकसित हो रहा है । अंतर्राष्ट्रीय पर्यटन न केवल आधुनिक युग की देन है बल्कि इसके प्रसार की गति भी आधुनिकता की रफ्तार से जुड़ी हुई है । बिना कुछ निर्यात किए पर्यटन से आमदनी तो प्राप्त होती ही है इससे रोजगार की वृद्धि, विदेशी मुद्रा की प्राप्ति तथा सांस्कृतिक संबंधों में प्रगाढ़ता भी मिलती है । इसलिए पर्यटन एक आर्थिक-सांस्कृतिक-राजनीतिक उद्योग है । दुनिया के सभी देश पर्यटन को विकसित करने की ओर सजगता से उन्मुख है । विश्व पर्यटन और भारत :  भारत में पर्यटन विकास – Full Essay 2019

अमेरिका, कनाडा, फ्रांस, स्वीडन, स्विट्जरलैंड, ब्रिटेन, नीदरलैंड, जर्मनी, बेल्जियम, ऑस्ट्रिया, इटली इत्यादि सर्वाधिक पर्यटकों को आकृष्ट करने वाले देश है, किंतु भारत का स्थान काफी नीचे हैं । विश्व में पर्यटन से होने वाली आय 100 मिलियन अमेरिकी डॉलर में भारत का हिस्सा मात्र 0.44 प्रतिशत है । भारत की भौगोलिक विविधता, सुदीर्ध एवं सांस्कृतिक परंपरा की समृद्धि तथा कम खर्च के बावजूद हम भारत को पर्यटकों के लिए अपेक्षाकृत आकर्षक नहीं बना सके है और संसार के कुल पर्यटकों में से मात्र 0.33 प्रतिशत पर्यटकों को ही भारत की ओर आकृष्ट कर पा रहे हैं ।  You Read This Full Essay 2019 on Lokhindi.com भारत में पर्यटन की अनुकूलताएँ :  भारत में पर्यटन विकास – Full Essay 2019

भारत पर्यटकों को स्वर्ग हो सकता है । हमारे यहांँ हिमालय, सागर, रेगिस्थान, पहाड़, जंगल, नदिया, झीले हैं । हजारों वर्षों की परंपरा लिए हुए गुफाएंँ, किले, महल, हवेलियांँ, बावड़ीयाँ, पनघट हैं । उत्तर से दक्षिण तथा पूर्व से पश्चिम तक सांस्कृतिक विभिनता लिए वेशभूषा, पूर्व-त्योहार, मेले-उत्सव, रीति-रिवाज है । देशी-विदेशी पर्यटकों के लिए इतनी कौतुकभरी समृद्ध विविधता है कि भारत पर्यटक की दृष्टि से अग्रणी देश हो सकता है और भारत के अन्य उद्योगों को चमकाता हुआ पर्यटन उद्योग अपनी चमकदार छटा बिखेर सकता है । भारत में पर्यटन की समस्याएंँ :  भारत में पर्यटन विकास – Full Essay 2019

पर भारत के पर्यटन में कुछ गंभीर समस्याएं भी हैं । भारत में बढ़ रहा आंतकवाद आरामदेह और तीव्रगामी परिवहन साधनों की कमी, रेल तथा हवाई यात्रा की अनिश्चितता, वायु तथा रेल यातायात में समन्वय की कमी, प्रतिवर्ष यात्रा किराये में वृद्धि, सस्ते, आरामदेह, शांत, स्वच्छ एवं सुविधाजनक आवास की कमी, प्रशिक्षित एवं सुसभ्य गाइडों का अभाव, गंदगीयुक्त वातावरण का होना, विद्युत एवं संचार व्यवस्था में अव्यवस्था, पर्यटन संबंधी सूचनाओं के व्यापक प्रचार प्रसार की कमी, पर्यटन सूचना केंद्रों की कमी एवं उनमें व्याप्त अराजकता, पर्यटकों की इच्छा अनिच्छा की समझ का अभाव, राष्ट्र के सांस्कृतिक एवं ऐतिहासिक महत्व के स्थलों की सुरक्षा की अपर्याप्तता, पर्यटको की सुरक्षा की कमी तथा पर्यटकों के साथ शालीन एवं ईमानदार व्यवहार की कमी आदि कुछ ऐसी समस्याएँ है जिनके कारण भारतीय पर्यटन उद्योग तेजी से उन्नत नहीं हो पा रहा है । उक्त समस्याओं के कारण विशेषकर विदेशी पर्यटक भारत में आने से हिचकिचाता है । स्वतंत्रता के बाद पर्यटन :  भारत में पर्यटन विकास – Full Essay 2019

स्वतंत्रता के बाद भारत सरकार ने पर्यटन के विकास पर ध्यान देना प्रारंभ किया है । 1949 में परिवहन मंत्रालय में ही ‘पर्यटक आवागमन कमेटी’ का गठन किया गया । 1955-56 में उसका नया नाम पर्यटन विभाग रखा तथा 1965 में परिवहन एवं पर्यटन विभाग कर दिया गया । 1966 में पर्यटन विभाग को नागरिक उड्डयन विभाग से जोड़ दिया गया और इसी वर्ष ‘भारतीय पर्यटन विकास निगम’ की स्थापना की गई जिसने पर्यटन के क्षेत्र में आधारभूत कार्य किया । भारतीय पर्यटन विकास निगम सार्वजनिक क्षेत्र में एक अर्द्ध स्वायतशासी संस्था है जो पर्यटन विभाग से निकट संपर्क रखती हैं । यह संस्था देश में होटलों व यात्री-आवासों की एक श्रृंखला को चलाती एवं नियंत्रित करती है । पर्यटकों के लिए परिवहन सुविधाओं, प्रचार-प्रसार सामग्री, उनके मनोरंजन के साधन तथा हवाई-अड्डों पर शुल्क मुक्त दुकानों का संचालन करती है । इसके अलावा विभिन्न प्रदेशों एवं केंद्र शासित क्षेत्रों में पर्यटन उद्योग को विकसित करने का कार्य भी इस ‘निगम’ द्वारा संपन्न होता रहा है ।

भारत में पर्यटन विकास – Full Essay 2019  

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भारत की पर्यटन नीति :  भारत में पर्यटन विकास – Full Essay 2019

भारत के पर्यटन विकास में महत्वपूर्ण परिवर्तन छठी पंचवर्षीय योजना के अंतर्गत 8 नवंबर, 1982 को भारत के पर्यटन मंत्रालय द्वारा पर्यटन की प्रथम राष्ट्रीय नीति को संसद में प्रस्तुत करने में आया । नीति के जो मुख्य उद्देश्य रखे हुए हैं उनमें- आपसी भ्रमण के माध्यम में राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय सद्भाव को बढ़ाना; पर्यटन के विकास के माध्यम से विश्व की विचारधारा, जीवन के तरीकों और विकास की तकनीकी का ज्ञान करना; पैतृक संपदा एवं संस्कृति को बनाए रखने, नष्ट होने से बचाने और समृद्ध बनाने के लिए प्रचार-प्रसार करना, पर्यटन के समुदाय के लिए आर्थिक एवं सामाजिक लाभ प्राप्त करना अर्थात रोजगार के अवसरों में वृद्धि, आय का सृजन, राजस्व की प्राप्ति, विदेशी विनियम का अर्जन और मानव व्यवहार में सुधार करना तथा पर्यटन के विकास से राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय एकीकरण की विचारधारा को युवक-युवतियों में विकसित करना एवं मेलों-खेलों आदि के द्वारा राष्ट्रीय चरित्र का निर्माण करना आदि सम्मिलित हैं । हाल ही में भारत सरकार पर्यटन को संविधान की समवर्ती सूची में सम्मिलित करना चाहती है ताकि केंद्र एवं राज्य सरकार दोनों की भागीदारी बन सके । पर्यटन विकास के लिए आयाम :  भारत में पर्यटन विकास – Full Essay 2019

पर्यटन नीति से युवकों हेतु होस्टल और अन्य विकास पर बल दिया गया है, चयनात्मक यात्रा-भ्रमण-पद्धति को अपनाया गया है तथा पर्यटकों के लिए सुविधाओं की आधारभूत संरचनाओं में वृद्धि करने पर जोर दिया गया है । नीति के विपणन व्यूह रचना से यात्री सुविधा बढ़ाने पर बल दिया है, बौद्ध धर्म-स्थलों पर यात्री सुविधा बढ़ाने पर जोर दिया गया है । पर्यटन को एक अंतर-अनुशासन का विषय बनाया गया है ताकि विभिन्न स्तर की सरकारें विभिन्न स्तर के व्यापारियों के साथ समन्वित रूप से कार्य कर सकें ।  You Read This Full Essay 2019 on Lokhindi.com सातवीं पंचवर्षीय योजना भारतीय पर्यटन उद्योग के विकास की दृष्टि से मील का पत्थर रही है । इस योजनावधि के दौरान पर्यटन को विदेशी मुद्रा अर्जित करने और रोजगार के अवसर उत्पन्न करने की भावी संभावनाओं के रूप में स्वीकारा गया तथा इसे उद्योग का दर्जा भी दिया गया । 11वीं पंचवर्षीय योजना में अब राजस्थान सहित अन्य राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में भी इसे उद्योग घोषित कर दिया है तथा पर्यटन के कार्य-कलापों में निवेश के लिए निजी उद्यमियों को बहुत से प्रोत्साहन उपलब्ध कराए गए हैं । सन 1989 में ‘पर्यटन वित्त निगम’ की स्थापना की गई जो होटल, रेस्टोरेंट, मनोरंजन पार्क आदि पर्यटन सुविधाओं के लिए वित्त उपलब्ध कराता है । अंतरराष्ट्रीय पर्यटन के विकास के लिए सहायता योजना के अंतर्गत भी अतिरिक्त सहायता प्रदान की गई है । वर्ष 1991 को ‘भारतीय पैटर्न वर्ष’ घोषित कर के पर्यटकों को आकृष्ट करने के लिए विभिन्न गतिविधियों पर जोर दिया गया । आठवीं पंचवर्षीय योजना में पर्यटन सेवा हेतु निजीकरण को अपनाने पर विशेष बल दिया गया है । इस योजना में विदेशी पर्यटन के साथ-साथ देशी पर्यटन के विकास पर भी बल दिया गया । ‘विशेष पर्यटन क्षेत्र’ योजना के अंतर्गत पर्यटन की संभावनाओंवाले नए क्षेत्र स्थलों की तलाश कर विकास प्रारंभ किया । बिहार में भगवान बुध्द से संबंधित स्थानों और महाराष्ट्र में अजंता एलोरा के विकास हेतु परियोजनाएं विदेशी वित्तीय सहायता से आरंभ की गई है । ‘आगरा सांस्कृतिक विकसित परियोजना’ भी चल रही है । फिर भी भारत की कुल राष्ट्रीय आय का 2% पर्यटन से प्राप्त होता है जबकि हम पर्यटन विकास पर प्रतिवर्ष कुल सार्वजनिक व्यय का मात्र 0.2 प्रतिशत खर्च करते हैं । इस प्रकार निवेश की कमी भी पर्यटन के समुचित विकास में बाधक है । पर्यटन विकास के लिए ज़रूरी कदम :  भारत में पर्यटन विकास – Full Essay 2019

वर्तमान में भारतीय पर्यटन उद्योग को विकसित करने के लिए एक ओर देश में फैले पर्यटन केंद्रों को तीव्र एवं सुविधाजनक परिवहन साधनों से जोड़ना आवश्यक है, वहीं दूसरी ओर देश के प्रमुख हवाई अड्डों को अंतरराष्ट्रीय उड़ानों से जोड़ना जरूरी है । पर्यटन से जुड़े सभी संस्थानों में योग्य, अनुभवी एवं प्रशिक्षित अधिकारियों व कर्मचारियों की नियुक्ति की जानी चाहिए तथा विदेशी पर्यटकों के साथ धोखाधड़ी एवं दुर्व्यवहार करने वाले दोषी व्यक्तियों को कठोर करनेवाले करवाने में मदद करनी चाहिए । विश्राम गृहों एवं सूचना केंद्रों पर ऐतिहासिक एवं सांस्कृतिक ज्ञान रखनेवाले प्रशिक्षित गाइड नियुक्त करने चाहिए । देश में सुरक्षा एवं शांति का माहौल भी पर्यटन के लिए बहुत आवश्यक है । कई बार पर्यटकों के अपरहण हो जाने से भारतीय पर्यटन पर विपरीत प्रभाव पड़ा है । पूर्व में भारत-पाक संबंधों के तनावपूर्ण रहने एवं आतंकवादी गतिविधियों ने भारतीय पर्यटन को दुष्प्रभावित किया है किंतु अब इस दिशा में हो रहे अनुकूल वातावरण से भारतीय पर्यटन में चमक आ रही है ।  You Read This Full Essay 2019 on Lokhindi.com भारत में पर्यटन देश की सांस्कृतिक पहचान एवं आर्थिक समृद्धि को बढ़ाने के लिए एक महत्वपूर्ण एवं विकासशील उद्योग है ही साथ ही यह भारत की ‘वसुधैव कुटुंबकम्’ संस्कृति का विश्व-संस्कृति के साथ आदान-प्रदान करने का भी महनीय कार्य है किंतु इसकी गति तीव्र करने के लिए सरकार के पर्यटन विभाग एवं पर्यटन निगम के अलावा स्वैच्छिक संस्थाओं, निजी उद्यमियों एवं आम जनता के सहयोग की आवश्यकता है । यदि हम हमारे मेहमानों के प्रति भारतीय परंपरा के अनुसार ‘अतिथि देवोभव’ के भाव में शालीन-सुसंस्कृत व्यवहार करेंगे तो हमें अर्थ को प्राप्त होगा ही साथ ही भारतीय इतिहास और सांस्कृतिक परंपरा को विश्वभर में पहुंचा कर गौरवान्वित भी होंगे ।

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पर्यटन उगैर उसका महत्त्व | Essay on The Importance of Tourism in Hindi

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पर्यटन उगैर उसका महत्त्व | Essay on The Importance of Tourism in Hindi!

पर्यटन का महत्त्व प्रत्येक देश में स्वीकार किया जा चुका है । पाश्चात्य जगत् के प्रख्यात विचारक मांटेन का कथन है कि पर्यटन के अभाव में कोई व्यक्ति पूर्ण शिक्षित नहीं कहा जा सकता । आधुनिक युग में प्रत्येक शिक्षा-प्रणाली में पर्यटन की योजना अनिवार्य रूप से सन्निविष्ट है ।

आदिकाल से मनुष्य पर्यटन का प्रेमी रहा है । मनुष्य की प्रकृति में पर्यटन का बीज परमपिता ने बोया । मानवीय सभ्यता उसी के प्रस्कुटन का परिणाम है । जैसा कि नाम से स्पष्ट है, पर्यटन का तात्पर्य देश-विदेश में परिभ्रमण है । पर्यटन निरुद्‌देश्य नहीं होता ।

पर्यटन की प्रेरणा राजनीतिक, धार्मिक, सांस्कृतिक, व्यावसायिक, व्यापारिक आदि अनेक कारणों से प्राप्त हो सकती है । इनके अतिरिक्त मनोरंजन, अनुसंधान, अध्ययन, स्वास्थ्य-लाभ अथवा अन्य व्यक्तिगत कारण भी पर्यटन के मूल में हो सकते हैं । सांस्कृतिक आदान-प्रदान के लिए संसार के सभी सभ्य देशों के बीच नागरिकों की यात्रा अब नित्य की दिनचर्या है ।

विद्याध्ययन के लिए एक देश के छात्र दूसरे देश में जाते हैं । ऐसी यात्राओं से व्यक्तिगत उद्‌देश्यों के साथ-साथ राष्ट्रीय उद्‌देश्यों की पूर्ति भी होती है । पर्यटन में देश-दर्शन की भावना सर्वोपरि होती है । प्रकृति की विविध मनोहारी छटाओं को चुरा-चुराकर हृदय में रखते जाना; उसकी सुषमा से नेत्र और मन को तृप्त करते जाना; मार्ग में आनेवाले नगरों, भवनों, वन-प्रांतरों आदि की शोभा और ग्रामश्री का आस्वादन करते जाना चाहिए ।

सौभाग्य से समस्या-संकुल इस व्यस्त संसार में संयुक्त राष्ट्र संघ ने सन् १९६७ को ‘अंतरराष्ट्रीय पर्यटन वर्ष’ घोषित किया था । संयुक्त राष्ट्र संघ की महासभा ने ४ नवंबर, १९६६ को यह निर्णय लिया । इस प्रकार प्रथम बार अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पर्यटन को बहुत महत्त्व दिया गया ।

ADVERTISEMENTS:

हमारे लिए एक और दृष्टि से भी इसका महत्त्व है । इसमें विकासशील देशों में पर्यटन को प्रोत्साहन देने पर विशेष बल दिया गया था । इसलिए पर्यटन को उद्योग के रूप में अपनाने और उसका प्रचार करने का सन् १९६७ में हमें बड़ा सुअवसर प्राप्त हुआ । कारण, भारत बहुत बड़ा देश है और यहाँ पर्यटन के विकास की काफी संभावनाएँ हैं ।

विदेशी पर्यटकों के लिए भारत में अनेक आकर्षण हैं । विगत पंद्रह-सोलह वर्षों में विदेशी पर्यटकों की संख्या में ८० प्रतिशत की वृद्धि हुई है, फिर भी अभी और वृद्धि की संभावना है । परंतु इसमें हमारे सीमित साधन बाधक हैं, जिसके कारण यहाँ पर्यटकों के ठहरने के स्थान, परिवहन, मनोरंजन आदि की सुविधाएँ बहुत अधिक नहीं बढ़ाई जा सकतीं; किंतु संगठित प्रयत्न करके कम-से-कम समय में उसे दूर किया जा सकता है । सरकार की ओर से कोलकाता, मुंबई, वाराणसी, उदयपुर, बंगलौर तथा अन्य महत्त्वपूर्ण स्थानों में होटलों के निर्माण और विस्तार की योजना है ।

भारत में मेलों और त्योहारों की प्राचीन परंपरा रही है । विदेशी पर्यटक इन्हें देखने को लालायित रहते हैं । अंतरराष्ट्रीय पर्यटन वर्ष में इनका आयोजन पर्यटकों के लिए विशेष रूप से आकर्षक रहा । केरल का ओणम (तिरुओणम्), चेन्नई का पोंगल, मैसूर का दशहरा, गुजरात का नवरात्र, राजस्थान का गणगौर, कोलकाता की दुर्गा-पूजा, दिल्ली की होली आदि देश के विभिन्न भागों में मनाए जानेवाले ऐसे ही त्योहार हैं ।

दिल्ली के लालकिले में ‘ध्वनि और प्रकाश’ का कार्यक्रम संध्याकालीन मनोरंजन प्रदान करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है । अब आगरा, गोलकुंडा, अजमेर, चित्तौड़गढ़ जैसे स्थानों पर भी ऐसे कार्यक्रम करने की योजना है । गणतंत्र दिवस भी देश के राष्ट्रीय त्योहारों में से एक है ।

इस अवसर पर दिल्ली की गणतंत्र दिवस परेड पहले से ही पर्यटकों को बहुत आकर्षित करती आई है । पर्यटन के महत्त्व पर २६ जनवरी, २००६ को परेड में एक विशेष झाँकी प्रस्तुत की गई थी । पर्यटन की सफलता सुविधाओं के विकास पर निर्भर करती है, साथ ही जनता का योगदान भी उतना ही महत्वपूर्ण है । जनता का आतिथ्य और शिष्टता पर्यटकों को आकर्षित करती है ।

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पर्यटन के प्रकार - Types Of Tourism In Hindi

पर्यटन के प्रकार – Types Of Tourism In Hindi

पर्यटन के प्रकार - Types Of Tourism In Hindi

पर्यटन के प्रकार

1) इको-टूरिज्म / जियो टूरिज्म

2) एग्रो टूरिज्म

3) विरासत पर्यटन

4) साहसिक पर्यटन, 5) धार्मिक पर्यटन, 6) स्वास्थ्य पर्यटन.

7) स्पोर्ट टूरिज्म

8) संगीत पर्यटन

9) ग्रैंड टूर

10) वन्य जीवन पर्यटन

what is tourism in hindi

पर्यटन के प्रकार – 1

1) इको-टूरिज्म.

यह कॉसीज़ तरीके से पर्यटन के महत्वपूर्ण प्रकारों में से एक है, पर्यावरण एक प्रमुख आकर्षित करने वाला कारक है, यह हमें बहुत सी चीजें स्वतंत्र रूप से प्रदान करता है इसलिए इन बातों को ध्यान में रखते हुए, हमें पर्यटन स्थल के आसपास के वातावरण का ध्यान रखना चाहिए।

पारिस्थितिकी-उन्मुख हरे रंग के पर्यटक जिसमें वे पर्यावरण की दृष्टि से संवेदनशील यात्रा या छुट्टी चाहते हैं। यह क्षेत्र के वातावरण के ज्ञान को बेहतर बनाने में सहायक है।

इकोटूरिज्म की अवधारणा एक व्यक्ति को आस-पास की सुंदर प्रकृति को महसूस करने और महसूस करने के लिए है। इस प्रकार के पर्यटन मनोरंजन, आनंद के लिए यात्रा नहीं करते हैं, लेकिन वे विशेष गंतव्य के पर्यावरण की रक्षा के लिए यात्रा करते हैं।

पर्यटन जो आसपास के वातावरण के बारे में आम लोगों में जागरूकता पैदा करता है, उसे इकोटूरिज्म के रूप में जाना जाता है।

पर्यटन के प्रकार – 2

2) एग्रो-टूरिज्म.

कृषि हमारे देश की रीढ़ की हड्डी है। हमारा आर्थिक और सामाजिक विकास कृषि अभ्यास पर निर्भर करता है।

कृषि अभ्यास के माध्यम से हमें कच्चा माल, खाद्य पदार्थ, फल और कई अन्य चीजें मिलती हैं जो मानव अस्तित्व और विकास के लिए आवश्यक हैं। कृषि अभ्यास का ज्ञान लेने के लिए कई पर्यटक दूसरे देश में जाने के लिए उपयोग करते हैं।

उदाहरण के लिए भारत से इज़राइल देश में इस उद्देश्य के लिए कई पर्यटक आते हैं और वे कई हालिया चीजें सीखते हैं जो कृषि क्षेत्र के विकास के लिए उपयोगी है। कृषि-पर्यटन आर्थिक विकास से संबंधित है।

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पर्यटन के प्रकार – 3

भारत को सांस्कृतिक विरासत मिली है इसलिए यह पर्यटन से संबंधित उद्योग के लिए एक विशेष गंतव्य है।

इसमें कोई संदेह नहीं है कि पर्यटन के लिए सांस्कृतिक विरासत एक आवश्यक है क्योंकि यह हमारी प्राचीन संस्कृति के बारे में जानकारी देता है। जब विदेशी भारत आते हैं तो वे सांस्कृतिक विरासत के प्रभाव को महसूस करते हैं।

भारत में कई ऐतिहासिक चीजें हैं जैसे कि किले, प्राचीन वास्तुकला, ऐतिहासिक स्मारक, हस्तशिल्प की गुफाएं आदि, हमें सांस्कृतिक विरासत का इतिहास बताती हैं।

सांस्कृतिक विरासत की दो प्रकार की विशेषताएं हैं • प्राचीन वास्तुकला परंपरा • धार्मिक परंपरा

पर्यटन के प्रकार – 4

एक प्रकार का पर्यटन जो पर्यटकों के लिए एक चुनौती पेश करता है क्योंकि इसके लिए पर्यटक के कौशल और शारीरिक दक्षता के परीक्षण की आवश्यकता होती है।

भारत पर्यटकों के लिए कई प्रकार के साहसिक खेलों की पेशकश करता है। हिमालय में ट्रेकिंग, तैराकी से नए भौगोलिक क्षेत्र, समुद्री दुख, जंगल में यात्रा, रिवर राफ्टिंग, पैरासेलिंग, स्कूबा डाइविंग आदि साहसिक पर्यटन के प्रकार हैं।

पर्यटन के प्रकार – 5

भारत में कई धार्मिक समूह हैं जो सद्भाव और एकता में एक साथ रह रहे हैं। जो पर्यटक धार्मिक उद्देश्यों के लिए स्थानों पर जाते हैं उन्हें धार्मिक पर्यटक के रूप में जाना जाता है।

प्रत्येक और हर धार्मिक समूह का अपना विशेष धार्मिक पूजा स्थल होता है, जिस तरह से इन स्थानों पर कई धार्मिक पर्यटक आते हैं।

पर्यटन के प्रकार – 6

यह एक पुरानी कहावत है कि, “स्वास्थ्य ही धन है”। स्वास्थ्य शारीरिक और मानसिक भलाई की स्थिति का प्रतिनिधित्व करता है।

अच्छा स्वास्थ्य मानव की मानसिक स्थिति को बेहतर बनाने में मदद करता है इसलिए अच्छे स्वास्थ्य और पर्यटन के बीच सीधा संबंध है।

भारत योग और आयुर्वेद का जन्मस्थान है, जिसमें विदेशी पर्यटकों के लिए एक विशेष अपील है जो आध्यात्मिक और शारीरिक उपचार की खोज कर रहे हैं।

स्पा ’, हॉट स्प्रिंग जैसी कई जगहें हैं, जो स्वास्थ्य समस्या ओं को सुधारने और कम करने में मददगार हैं, इसलिए अब स्वास्थ्य पर्यटन बढ़ रहा है।

पर्यटन के प्रकार – 7

7) खेल पर्यटन.

भारतीय खेल प्राधिकरण के सात क्षेत्रीय केंद्र हैं जैसे

2) गांधीनगर

8) गुवाहाटी

9) औरंगाबाद 

नेताजी सुभाष नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ स्पोर्ट्स पटियाला, लक्ष्मीबाई नेशनल कॉलेज ऑफ एजुकेशन, तिरुवनंतपुरम इस खेल द्वारा संचालित प्रमुख खेल संस्थान हैं।

जो पर्यटक खेल के उद्देश्य से यात्रा करेगा, उसे खेल पर्यटक के रूप में जाना जाता है। लोग लाइव टूर्नामेंट यानी क्रिकेट, टेनिस, फुटबॉल, विश्व कप विश्व कप आदि का आनंद लेने के लिए खेल केंद्रों की यात्रा करते हैं।

पर्यटन के प्रकार – 8

8) ग्रैंड टूर.

’ग्रैंड टूर’ के विचार का जन्म ग्रेट ब्रिटेन में हुआ था जिसका अर्थ है शैक्षिक यात्रा। ग्रैंड टूर के विकास ने संस्कृति और आर्थिक और राजनीतिक शक्ति के फोकस में बदलाव का अनुसरण किया।

अमीर और शिक्षित व्यक्ति उन देशों का दौरा करते थे, जिन्होंने अपनी प्रतिष्ठा के शिखर को पार किया था, लेकिन ऐतिहासिक भूमि, सांस्कृतिक महत्व है

पर्यटन के प्रकार – 9

9) संगीत पर्यटन.

संगीत पर्यटन: यह आनंद पर्यटन का हिस्सा हो सकता है क्योंकि इसमें लोगों के गाने और संगीत सुनने का क्षण शामिल है और इसका आनंद लें।

पर्यटन के प्रकार – 10

10) संगीत पर्यटन.

ग्राम पर्यटन: इसमें विभिन्न ग्राम स्थलों को लोकप्रिय बनाने के लिए यात्रा करना और पर्यटन की व्यवस्था करना शामिल है।

पर्यटन के प्रकार – 11

11) वन्य जीवन पर्यटन.

वन्य जीवन पर्यटन: यह एक पर्यावरण और पशु अनुकूल पर्यटन हो सकता है। वन्य जीवन पर्यटन का अर्थ है जंगली जानवरों को देखना उनके प्राकृतिक आवास में

पर्यटन के प्रकार – 12

12 अतिथि पर्यटन.

अतिथि पर्यटन में व्यक्ति दूसरे लोगों के घरों में रहता है और उनकी संस्कृति और जीवन शैली को जानता है।

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Tourism Essay for Students and Children

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500+ Words Essay on Tourism

Tourism Essay – Tourism is a major economic activity that has developed significantly over the years. It’s an activity that can be recognized in both developed and developing nations. In general terms, tourism is the movement of a person from one place to another to visit and mesmerize the beauty of that place or to have fun. Moreover, the concept of traveling is considered a luxury and only people with higher income can afford this luxury.

Tourism Essay

The Growth of Tourism

Earlier our ancestors used to travel by sea routes as it was a convenient and most affordable medium but it was time taking. Due to, technological advancement we can now easily travel to any place without wasting time we can travel thousands of miles within a few hours. Technological advancement has shrunk the earth into a global village. Besides, the modern modes are much safer than the modes that our predecessors used.

Effect of Tourism on a Country

For any country, tourism generates a lot of money especially a country like India. Due to the Taj Mahal (one of the seven wonders of the world) every year the government raise a huge sum of revenue. Also, because of tourism other industries also bloom. Such industries include transportation, wildlife, arts and entertainment, accommodation, etc.

Moreover, this ultimately leads to the creation of job and other opportunities in the area. But there are some drawbacks too which can affect the lifestyle and cultural value of the country.

Importance of Tourism

Traveling is a tiring and difficult thing and not everyone is able to travel. But at the same time, it’s a fun activity that takes your tiredness away. Travelling adds flavor to life as you travel to different places that have a different culture and lifestyle. Also, it’s an easy way to learn about the culture and tradition of a place. Besides, for many areas, tourism is their main source of income.

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India- A Tourist Attraction

The Taj Mahal is not the only destination in India that attract tourist. Likewise, there are hundreds of tourist destination that is spread over the Indian plateau. India has a large variety of Flora and Fauna. Besides, the equator divides the geographical land of India into almost two equal halves that make India a country where six seasons occurs.

Moreover, in almost every city of India, there is a historical monument made by the rulers in their time period.

Benefits of Tourism

Tourism not only benefits the government but also the people that live in the local area. It also creates a business as well as employment opportunities for the local people which ultimately help the government to earn income.

Benefits Due to Tourism

As we know that tourism contributes a lot to the revenue of the country. Also, the government uses this income for the growth and development of the country. Likewise, they construct dams, wildlife sanctuaries, national parks, Dharamshala and many more.

In conclusion, we can say that tourism is a very productive activity both for the tourist and the government. As they support each other simultaneously. Also, the government should consider improving the conditions of the country as more and more number of tourist visit their country.

Above all, tourism is one of the fastest-growing industry in the world that has changed the scenario of the world.

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    पर्यटन उगैर उसका महत्त्व | Essay on The Importance of Tourism in Hindi! पर्यटन का महत्त्व प्रत्येक देश में स्वीकार किया जा चुका है । पाश्चात्य जगत् के प्रख्यात विचारक मांटेन का ...

  22. पर्यटन के प्रकार

    Essay; Geography; Yojana; Polity; Economics; पर्यटन के प्रकार - Types Of Tourism In Hindi. 08/25/2023 by Informise. पर्यटन के प्रकार - Types Of Tourism In Hindi.

  23. Tourism Essay for Students and Children

    Also, it's an easy way to learn about the culture and tradition of a place. Besides, for many areas, tourism is their main source of income. Get the huge list of more than 500 Essay Topics and Ideas. India- A Tourist Attraction. The Taj Mahal is not the only destination in India that attract tourist. Likewise, there are hundreds of tourist ...

  24. Bhutan's Tourism Dilemma: Balancing Economy and Sustainability

    Outbound Chinese tourists have become an important economic tool for Beijing to meet its strategic goals in targeted countries. On the economic front, Bhutan's tourism industry contributes just ...