HiHindi.Com

HiHindi Evolution of media

वसंत ऋतु पर निबंध | Essay on Spring Season in Hindi Language

Essay on Spring Season in Hindi Language  प्रिय विद्यार्थियों आज के लेख में हम  वसंत ऋतु पर निबंध  में मेरे प्रिय मौसम एवं ऋतु वसंत पर हिंदी निबंध बता रहे हैं.

ऋतुराज पर यहाँ सरल शब्दों में कक्षा 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9 तथा 10 के विद्यार्थियों के लिए 100, 200, 250, 300, 400 और 500 शब्दों में Essay on Spring Season in Hindi Language आपके साथ शेयर कर रहे हैं.

वसन्त ऋतु पर निबंध (Long and Short Essay on Spring Season in Hindi

वसन्त ऋतु पर निबंध (Long and Short Essay on Spring Season in Hindi

हम आपके लिए essays on Spring Season in Hindi language के इस निबंध को 100, 150, 250, 350, 450 और 500 शब्दों की सीमा के साथ यहाँ प्रस्तुत कर रहे हैं.

Essay on Spring Season in Hindi Language

बसंत ऋतु को ऋतुराज भी कहा जाता है. सभी ऋतुओं में श्रेष्ठ इस ऋतु को हम सभी पसंद करते है. अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार यह फरवरी और मार्च महीने में हल्की फुलकी ठंड और गर्मी के हल्के मौसम की सुगबुगाहट में होती हैं.

स्कूल के विद्यार्थियों को वसंत ऋतु के बारे आर्टिकल अथवा निबंध लिखने को कहा जाता है. हमेशा की तरह आज भू हम आपके लिए वसंत ऋतु पर निबंध लेकर आए हैं.

हमने बड़े विस्तार के साथ वसंत ऋतु पर निबंध को आपके सामने रखने की कोशिश की हैं. जिससे आप अपने मनचाहे स्वरूप में इसे याद कर सकते हैं.

वसंत ऋतु पर निबंध 1 कक्षा 1,2 के लिए

एक वर्ष में बारह महीने होते है. तथा छः ऋतुएँ होती है. दो दो महीने की हर एक ऋतु की शोभा निराली हैं. चैत और वैशाख में बसंत ऋतु होती है. अंग्रेजी के मार्च अप्रैल महीने होते है. इस ऋतु में दिन और रात एक जितने होते हैं.

बसंत का मौसम बड़ा ही सुहावना होता है. इस कारण इसे ऋतुराज की संज्ञा भी दी जाती हैं. इस ऋतु में नयें नयें पत्ते और फूल खिलते है, फूलों पर भौरों का गुंजन सभी के मन को भाता हैं. खेतों में हरियाली छा जाती हैं. मंद मंद पवन बहती है.

उसमें एक अजीब सी खुशबु का एहसास होता हैं. पूरा आसमा स्वच्छ व नीले रंग का हो जाता हैं. आम के वृक्ष पर बौर आ जाती है जिस पर बैठी कोयल का मीठी वाणी में कुहू कुहू का मधुर संगीत सभी के मन को भा जाता हैं.

वसंत ऋतु पर निबंध 2, कक्षा 3,4 के लिए

वसंत के दिनों में सब ओर प्रसन्नता और ख़ुशी का माहौल छा जाता है. हिन्दुओं के तीन बड़े पर्व होली, रामनवमी और वैशाखी इसी ऋतु में आते है.

वसंत ऋतु में सैर करने से स्वास्थ्य अच्छा रहता है. तथा शरीर में नयें रक्त का जन्म होता है. शरीर का अंग अंग खिल जाता है और पाले तथा सर्दी का पूरी तरह समापन हो जाता है. भगवान कृष्ण ने गीता में कहा था कि मैं सभी ऋतुओं में वसंत हूँ.

वसन्त, ग्रीष्म, वर्षा, शरद, हेमन्त और शिशिर ये भारत की मुख्य ऋतुएँ है जो बारी बारी से आकर हमारे जीवन में नयें उत्साह का संचार करती हैं. इन सभी का काल दो दो माह का ही होता है.

हर एक ऋतु का अपना विशेष महत्व है. सभी का मौसम तथा उल्लास एक दूसरी से पूर्णतया भिन्न होता है. फाल्गुन से चैत्र तक चलने वाला मौसम मनभावन वसंत का होता है. इसमें मानव व सम्पूर्ण जीव जगत प्रसन्न हो जाता हैं. यह ऐसा मौसम होता हैं जिसमें न अधिक सर्दी सताती है न ही गर्मी.

वसंत ऋतु पर निबंध 3 कक्षा 5,6 के लिए

भारत की छः ऋतुएँ वर्षा, ग्रीष्म, शरद, शिशिर एवं हेमंत में सबसे अधिक मनोहर वसंत का मौसम होता है. जो हेमंत के ठीक पश्चात इसकी शुरुआत होती हैं. इसे ऋतुराज की उपाधि प्रदान की गई हैं. अंग्रेजी माह के अनुसार यह दो महीने मार्च और अप्रैल तक होता हैं.

कई बार मौसम चक्र में परिवर्तन के चलते इसकी शुरुआत जनवरी में तथा अंत अप्रैल में भी होता हैं. मुख्य रूप से जनवरी का अंतिम सप्ताह इसके आगमन की आहट दे जाता हैं.

इस मौसम में तापमान सामान्य स्तर का रहता हैं. शिशिर ऋतु के ठंडे झोकों से परेशान मानव जीवन वसंत के आगमन पर चैन की सांस लेता हैं.

वसंत में प्रकृति दुल्हन की तरह सज धजकर तैयार हो जाती हैं. पेड़ों पर नयें पत्ते और फूल आने लगते हैं. फूलों की सुगंध हवा में घुलकर सम्पूर्ण वातावरण को सुगन्धित बना देती हैं. सरसों तथा महुए की सुगंध से हवा में एक अनोखा स्वाद उत्पन्न हो जाता हैं.

इस ऋतु को प्रकृति का उत्सव भी कहा जाता हैं. जिसमें प्रक्रति की सुषमा अपने चरमोत्कर्ष पर होती हैं. यह जीवन में यौवनकाल की तरह आन्न्दायी जीवन होता हैं.

इस ऋतु में चारो ओर आनन्द ही आनन्द रहता हैं. लहलहाते खेतों को देखकर किसान फूला नहीं समाता हैं. अधिकतर भाषाओं के कवियों ने अपने लेखनी में वसंत का बखान अवश्य ही किया हैं.

वसंत ऋतु पर निबंध 4 कक्षा 7,8 के लिए

भारत में वर्ष में छः ऋतुएँ होती है. हेमंत, शिशिर, वसंत, ग्रीष्म और शरद, इन सभी में वसंत सबसे सुहावनी होती हैं. इसी कारण इसे कवि कालिदास ने ऋतुराज कहा हैं. इस ऋतु में न गर्मी होती है न ठंड. प्रातःकाल, दोपहर और सायंकाल और रात्रि चारो काल मधुर होते है.

वसंत ऋतु में प्रकृति की शोभा बहुत सुंदर होती हैं. पेड़ पौधों बेलों पर रंग बिरंगे फूल खिल जाते हैं. वन उपवन की छटा आनन्द देती हैं. आम के पेड़ों पर बौर लग जाता हैं. उनकी डाली पर बैठी कोयल कूकती है. खेतों में सरसों के पीले पीले फूल ही दिखाई देते है.

वसंत में शीतल, मंद, सुगन्धित पवन चलती है. वह शरीर को सुखदायी लगती हैं. वसंत में जो सैर का आनन्द आता है वह किसी और मौसम में नहीं.

इस मौसम में हर एक मनुष्य का मन प्रसन्न हो जाता हैं. उदासी दूर हो जाती है. शरीर में नया खून दौड़ने लगता हैं. मन में उत्साह पैदा होता हैं. मुखड़े पर लाली छा जाती हैं.

वसंत में मनुष्य ही नहीं पशी पक्षी भी आनन्द में भरकर मीठी बोली बोलने लगते हैं. फूलों पर भौरें गुंजन करने लगते हैं. रंग बिरंगी तितलियाँ फूल फूल पर जाकर मीठा रस पीती हैं. सचमुच वसंत ऋतुराज हैं.

Essay on Spring Season in Hindi Language In 500 words With Headings

प्रस्तावना- वसंत ऋतु का आगमन हेमंत ऋतु के बाद होता है तथा इसका काल ग्रेगेरियन कैलेंडर के अनुसार मार्च से अप्रैल तक एवं हिन्दू कैलेंडर के अनुसार फाल्गुन से चैत्र मास तक होता हैं.

कभी कभी फरवरी के मध्य से लेकर अप्रैल के मध्य तक वसंत का मौसम रहता हैं. हिन्दू मान्यताओं के अनुसार वसंत ऋतु का आगमन हर वर्ष माघ शुक्ल पंचमी से होता हैं.

भारत में ऋतुएँ- भारत की धरा प्राकृतिक सौन्दर्य की दृष्टि से विश्व में अनूठा स्थान रखती हैं. विश्व के अन्य देशों में प्रायः तीन ऋतुएँ ही होती हैं. पर भारत में ग्रीष्म, वर्षा, शरद, हेमंत, शिशिर तथा वसंत इन छः ऋतुओं का चक्र गतिशील रहता हैं.

ऋतुराज कहलाने का कारण- इस ऋतु में प्रकृति की सुंदरता देखते ही बनती हैं. पेड़ों पर नयें पत्ते उग आते हैं. तो ऐसा लगता है मानो प्रकृति ने हरियाली एवं खूबसूरत फूलों की चादर ओढ़कर अपना श्रृंगार किया हो. इस सुहावने मौसम में जीवन का आनन्द दुगुना हो जाता हैं.

हर तरफ नयें फूलों की सुगंध वातावरण को मनमोहक बना देती हैं. आमों के पेड़ों की सुगंध भरी मादकता का तो कहना ही क्या. कोयल की कूक भी इस मौसम की ख़ास विशेषता हैं. सरसों के पीले फूल जहाँ प्रकृति की स्वर्णमयी होने का आभास कराते है,

वही महुए एवं आम्रमंजरी की मादक गंध से प्रकृति बौराई हुई सी नजर आती हैं, यह स्थिति मन को मोहने के लिए पर्याप्त होती हैं. ऋतुराज वसंत को कवियों एवं लेखकों का विशेष अनुराग प्राप्त होता हैं. लेखकों एवं कवियों ने भी वसंत ऋतु को केंद्र में रखकर रचनाएं की हैं.

हाँ, वसंत की सरस घड़ी है जी करता मैं भी कुछ गाऊ कवि हूँ आज प्रकृति पूजन में निज कविता के दीप जलाऊं

सत्य ही है कि वसंत के आगमन के साथ ही त्योहारों की एक श्रंखला शुरू हो जाती हैं. सरस्वती पूजन से प्रारम्भ हुआ वसंतोत्सव ,शिवरात्रि की उन्माद एवं होली के उत्साह के साथ अपने चरम पर होता हैं.

किन्तु इसका उत्साह काफी पहले से ही लोगों में देखने को मिलने लगता हैं. इस तरह वसंत अपने साथ न केवल प्रकृति की सुंदर छटा बल्कि त्योहारों की सौगात भी लेकर आता हैं. वसंत की इन्ही विशेषताओं के कारण इसे ऋतुराज ऋतुओं का राजा कहा जाता हैं.

प्राकृतिक वातावरण- वसंत ऋतु में वातावरण का तापमान सामान्य बना रहता है. न अधिक गर्मी और न अधिक ठंड होती हैं. शीत ऋतु की समाप्ति के बाद शिशिर ऋतु ठंडी होती हैं. ठंडी हवाओं के झोके से प्राणी सिहरने लगते हैं. इसी के बाद जब वसंत आता है, वातावरण सुहाना हो जाता हैं.

उपसंहार- वसंत ऋतु मानव को यह संदेश देती हैं कि दुःख के बाद एक दिन सुख का आगमन भी होता है. जिस तरह परिवर्तनशीलता प्रकृति का नियम है उसी प्रकार जीवन में भी परिवर्तनशीलता का नियम लागू होता है.

जिस तरह शिशिर ऋतु के बाद वसंत की मादकता का अपना एक अलग ही आनन्द होता है, उसी प्रकार जीवन में भी दुखों के बाद सुख का आनन्द दुगुना हो जाता हैं.

ऋतुराज वसंत पर निबंध, essay on basant ritu in hindi for class 8, Spring Season par nibandh

प्रस्तावना-

भारत भूमि पर विधाता की विशेष कृपा दृष्टि प्रतीत होती है, क्योंकि यहाँ पर समय की गति के साथ ऋतुओं का चक्र घूमता रहता है. इससे यहाँ प्राकृतिक परिवेश में निरंतर परिवर्तन एवं गतिशीलता दिखाई देती है.

सामाजिक चेतना, भौगोलिक सुषमा एवं पर्यावरणीय विकास की दृष्टि से भारत में ऋतु परिवर्तन का अनेक तरह से काफी महत्व माना जाता है. इसमें भी वंसत ऋतु का अपना विशिष्ट सौन्दर्य सभी को आनन्ददायी लगता है.

भारत में ऋतुएँ

हमारे भारत में एक वर्ष में छः ऋतुएँ होती है वसंत, ग्रीष्म, वर्षा, शरद, शिशिर और हेमंत. प्रत्येक ऋतु का समय दो माह का होता है. जब सूर्य कर्क रेखा पर होता है, तब ग्रीष्म ऋतु पड़ती है. इस ऋतु में भयानक गर्मी और तपन रहती है. फिर सावन भादों में वर्षा ऋतु आती है और चारों ओर जल वर्षण होता रहता हैं.

सूर्य विषुवत रेखा पर रहता है तब शरद ऋतु आती है, दीपावली के बाद शिशिर ऋतु प्रारम्भ होती है. इसमें कड़ाके की ठंड पड़ती है तथा पर्वतीय स्थलों पर बर्फ व पाला गिरता है.

इसके बाद हेमंत ऋतु आती है, इसमें वृक्षों लताओं के पत्ते सूखकर झड़ने लगते है. सूर्य वापिस विषुवत रेखा पर पहुचते ही वसंत ऋतु का आगमन होता है. इस प्रकार भारत में वर्ष भर में छः ऋतुएँ बदल जाती हैं.

ऋतुराज कहलाने का कारण

प्रत्येक ऋतु का अपना अलग महत्व है परन्तु वसंत ऋतु का विशेष महत्व हैं. इस ऋतु में समस्त प्रकृति में सौन्दर्य एवं उन्माद छा जाता हैं. धरती का नया रूप सज जाता है, प्रकृति अपना श्रृंगार सा करती है तथा समस्त प्राणियों के ह्रदय में उमंग, उत्साह एवं मादकता से भर जाते हैं.

इस ऋतु का आरम्भ माघ शुक्ल पंचमी से होता है, होली का त्यौहार इसी ऋतु में पड़ता है. नयें संवत्सर का आरम्भ भी इसी से माना जाता हैं. इन सब कारणों से वसंत को ऋतुराज अर्थात ऋतुओं का राजा कहा जाता हैं. कवियों एवं साहित्यकारों ने इस ऋतु की अनेकश प्रशंसा की हैं.

प्राकृतिक वातावरण

वसंत ऋतु में सभी पेड़ पौधे नयें पत्तों, कोपलों, कलियों एवं पुष्पों से लद जाते हैं. शीतल, मंद एवं सुगन्धित हवा चलती है. न गर्मी और न सर्दी रहती है.

कोयल कूकने एवं भौरें गुंजार करने लगते है. होली, फाग एवं गणगौर का उत्सव किशोर किशोरियों को उमंगित करता है. सारा ही प्राकृतिक वातावरण अतीव सुंदर, मनमोहक एवं मादक बन जाता हैं.

कवियों के कंठ से श्रृंगार रस झरने लगता है. दूर दूर तक सौन्दर्य एवं पीताभ सुषमा फ़ैल जाती है. रात्री का परिवेश भी अतीव मनोरम लगता हैं.

भारत में वैसे सभी ऋतुओं का महत्व है, सभी उपयोगी है और समय परिवर्तन के साथ प्राकृतिक परिवेश की शोभा बढ़ाती है. परन्तु सभी ऋतुओं में वंसत का सौन्दर्य सर्वोपरि रहता है.

इसी से इसे ऋतुराज कहा जाता है. यह ऋतु कवियों, प्रकृति प्रेमियों एवं भावुकजनों को अतिशय प्रिय लगती है.

  • गर्मी का मौसम हिंदी निबंध
  • सुन्दरता पर अनमोल वचन
  • गंगा सफाई अभियान पर निबंध

आशा करता हूँ दोस्तों आपकों Essay on Spring Season in Hindi Language & वसंत ऋतु पर निबंध का यह लेख अच्छा लगा होगा. यदि आपकों यह लेख पसंद आया हो तो प्लीज अपने दोस्तों के साथ भी शेयर करे.

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

वसंत ऋतु पर निबंध- Spring Season Essay in Hindi

दोस्तों इस आर्टिकल में हम आपके लिए Spring Season Essay in Hindi ( Basant Ritu Par Nibandh ) शेयर कर रहे है, हमने 100 words, 200 words, 250 words, 300 words, 500 words 600 words ke essay लिखे है जो की class 1,2,3,4,5,6,7,8,9,10,11,12 ke students | Vidyarthi ke liye upyogi hai.

In this article, we are providing information about Spring Season in Hindi | 4 well written essay on Spring Season in Hindi Language. बसंत ऋतु पर पूरी जानकारी जैसे की सामान्य परिचय, प्राकृतिक शोभा, जन-जीवन, लाभ-हानि अदि के बारे बताया गया है। 

वसंत ऋतु पर निबंध- Spring Season Essay in Hindi

10 Lines Essay on Spring Season in Hindi

1. बसंत ऋतु का स्वागत करने हेतु प्रकृति का कण-कण खिल उठता है ।

2. बसंत ऋतु को ‘ऋतुराज’ की उपधि दी गई है।

3. यह पर्व केवल मौसमी ही नही हैं, इसका आर्थिक महत्व भी हैं ।

4. बसंत ऋतु शिशिर ऋतु की समाप्ति पर आती है।

5. बसंत पंचमी और होली बसन्त ऋतु के ही पर्व हैं।

6. बसंत ऋतु के आते ही पेड़-पौधों में नए-नए पत्ते लग जाते हैं।

7. बसंत ऋतु का प्राकृतिक सौन्दर्य देखकर जन-जन का मन प्रसन्न हो जाता है।

8. हमें इस ऋतु का खुले मन से स्वागत करना चाहिए।

9. बसंत ऋतु हर प्राणी के लिए सुखद और स्वास्थ्यवर्द्धक है।

10. बसंत ऋतु में चारों ओर प्रकृति का सौंदर्य निखर उठता है।

Read Also – 10 Lines on Spring Season in Hindi

Basant Ritu Par Nibandh 300 words

अहा ! बसन्त ऋतु आ गई। चारों ओर प्रकृति का सौंदर्य निखर उठा । प्राणी मोहित हो उठे । शीतल पवन का स्पर्श से लता कुंज महक उठे । सरसों पीले वस्त्रों में सुसज्जित खेतों में नृत्य कर उठी । खेतों की हरियाली फूलों की मुसकान, कोयल को कुहू-कुहू पपीहे का बसन्त राग सुनकर कौन-सा जीव बिना झूमें रह सकता है । बसन्त का स्वागत करने हेतु प्रकृति का कण-कण खिल उठता है ।

भारत की छह ऋतुएं ग्रीष्म, वर्षा, शरद् ,शिशिर, हेतन्त और बसन्त है । इनमें से बसन्त को ‘ऋतुराज’ की उपधि दी गई है। यह हर्ष से भरपूर पर्व प्रति वर्ष भारत में भादवा सुदी पंचमी के दिन मनाया जाता है । इस उवसर पर बच्चे लेकर बूढ़े तक हर मानव पर एक नया रूप छा जाता है । प्रकृति की सुन्दर छवि देख कर सब विभोर हो उठते हैं । सारे घरों में लोग पीतवर्ण के वस्त्र धारण करके प्रकृति की सुन्दरता से मेल रखने की चेष्टा करते हैं। इस दिन नव-युवतियां पीली साड़ियों में लता के समान झूम उठती हैं, इसके अतिरक्त कई प्रकार के नए-नए पकवान तैयार किए जाते हैं । विशेषकर नव-विवाहित रमणियों के लिए तो यह दिवस हर्ष व उल्लास की झोली भर लाता हैं। उन्हें अपने माता-पिता से पीले रंग के सुन्दर वस्त्र मिलते हैं। लोग पीले रंग के चावलों का पुलाव में तो इस दिवस पर एक और विशेष रीति देखने योग्य है। इस दिन सारे आकाश में पतंग ही पतंग उड़ते हुए नीले व पीले रंग के सुन्दर पक्षी से जान पड़ते हैं ।

यह पर्व केवल मौसमी ही नही हैं, इसका आर्थिक महत्व भी हैं । इसे शुभ मानकर कई समारोह इसी दिन निश्चित किए जाते हैं । बसन्त आता है और अपने साथ लाता है रंग भरी होली। इसमें सभी को रंग खेलने का अवसर मिलता है । स्वास्थ्य सुधारने के लिए यह ऋतु विशेष महत्व रखती है । देह में फुर्ती-सी आती है, न तो सर्दी की कंप-कंपी न गर्मी की लू । ऐसे सुन्दर दिन और शीतल रातों का मोह सबको बसन्त की प्रशंसा करने पर बाध्य कर देता है। ऐसे आमोद में बसन्त का पर्व हमारे देश में मनाया जाता है ।

जरूर पढ़े- Summer Season Essay in Hindi

Spring Season Essay in Hindi ( 350 words )

भारत प्रकृति रूपी नटी की क्रीडास्थली है। इसकी प्राकृतिक शोभा को बढ़ाने में ऋतुओं का बड़ा ही महत्त्वपूर्ण स्थान है। हमारे देश में छह ऋतुएँ क्रम से आती हैं। ये हैं- बसन्त, ग्रीष्म, वर्षा, शरद, हेमन्त और शिशिर। उनमें सर्वश्रेष्ठ मादक और आकर्षक ऋतु है- बसन्त ऋतु। इसे ‘ऋतुराज’ का ‘ऋतुपति’ भी कहा जाता है।

बसन्त ऋतु शिशिर ऋतु की समाप्ति पर आती है। बसन्त के आते ही प्रकृति में नई उमंग भर जाती है; उसका आँचल विविध प्रकार के फूलों से भर जाता है। वृक्षों, पादपों और लताओं पर नई कोपलें फूटने लगती हैं। आमों पर बौर आने लगते हैं। माधवी लता पर फूल खिलकर भौरों के पास आने का निमंत्रण देते हैं। वनों में खिले हुए लाल-लाल टेसू और खेलों में सरसों के पीले फूल हृदयों में मस्ती और आनन्द का संचार कर देते हैं। गुलाब, गेंदा, चम्पा, चमेली सब की अनुपम शोभा देखते ही बनती है। बसन्त में मौसम बड़ा ही सुहावना हो जाता है। न अधिक गर्मी होती है और न अघि कि सर्दी। फूलों की अधिकता के कारण ही यह ऋतु ‘कुसुमाकर’ बन जाती है।

बसन्त के इस मादक वातावरण से मस्त होकर कोयल मधुर स्वर से कूकने लगती है। प्राणी भी नव जीवन पाकर प्रसन्न हो जाते हैं। बसन्त का शीतल, मन्द, सुगन्ध वायु मानव-मन को हर्षित कर स्फूर्ति से भर देता है।

बसन्त पंचमी और होली बसन्त ऋतु के ही पर्व हैं। बसन्त का आरम्भ बसन्त पंचमी से ही मनाया जाता है। इसे ही ‘श्री पंचमी’ भी कहते हैं। प्राचीन काल में इस दिन नृत्य, गीत, नाटक आदि का आयोजन किया जाता था। इस दिन लोग पीले फूलों से घरों को सजाते हैं। श्री पंचमी का यह दिन अत्यन्त ही शुभ माना जाता है। अतः विवाह, नामकरण आदि कई शुभ कार्य इस दिन किए जाते हैं। बसन्त पंचमी के दिन लोग बसन्त रंग के वस्त्र पहनकर नाचते-गाते हैं। इसी दिन विद्या की देवी सरस्वती का पूजन भी किया जाता है। होली के रंग भरे त्यौहार में इसका सर्वश्रेष्ठ रूप देखने को मिलता है। यह ऋतु वीरों के मन में बलिदान की प्रेरणा भी जगाती है।

वस्तुतः बसन्त उल्लास, उमंग तथा नव जीवन का संचार करने वाली और देश-धर्म के लिए बलिदान एवं त्याग की प्रेरणा देने वाली श्रेष्ठ ऋतु है। इसका नाम ऋतुराज सार्थक ही है।

Basant Ritu Essay in Hindi

Hindi spring season Essay

Long Essay on Spring Season in Hindi ( 600 words )

भूमिका

समय सदा बदलता रहता है। ग्रीष्म के बाद वर्षा उसके बाद जाड़ा आता है। जिस प्रकार हम एक ही प्रकार का भोजन प्रतिदिन करें तो उससे मन ऊबने लगता है, वैसे ही एक ही ऋतु रहने से हमारे जीवन में एकरसता आ जाती है। मौसम बदलने से हमारी नीरसता और एकरसता दूर होती है। अतः ऋतु परिवर्तन बहुत आवश्यक है।

सामान्य परिचय

भारत में कुल छः ऋतुएँ होती हैं। बसंत ऋतु उनमें सबसे श्रेष्ठ ऋतु’मानी जाती है। यह अन्य सभी ऋतुओं से सुन्दर और सुखद ऋतु है। इसलिए इसे “ऋतु राज’ कहा जाता है। इस ऋतु में मौसम बहुत सुहावना होता है। इस समय न अधिक जाड़ा पड़ता है और न ही अधिक गर्मी पड़ती है। हर ऋतु दो महीने की होती है। बसंत ऋतु चैत्र और बैसाख महीने में आती है। मनुष्य, पशु-पक्षी और प्रकृति सभी इसका खूब स्वागत करते हैं।

प्राकृतिक शोभा

बसंत ऋतु शिशिर या पतझड़ ऋतु के बाद आती है। पतझड़ ऋतु में पेड़-पौधों के पत्ते पीले होकर झड़ जाते हैं। प्रकृति में हर ओर उदासी छा जाती है। बसंत ऋतु के आते ही पेड़-पौधों में नए-नए पत्ते लग जाते हैं। चारों और फूल-फल दिखाई देने लगते हैं। शीतल मंद सुगन्ध बयार बहने लगती है। बाग-बगीचों, खेतों में लहलहाती फसलों में फूल खिल जाते हैं। चारों ओर सुगंध फैल जाती है। फूलों पर भौरे गुनगुन गीत गाते मँडराने लगते हैं। अमराइयों में कोयल फूंकने लगती है। फूलों के आस-पास तितलियाँ घूमने लगती हैं। जलाशयों में कमल के फूल खिल जाते हैं जिनकी शोभा अपूर्व होती है। गाँव के बाहर दूर तक फैले खेतों में तीसी, सरसों, अरहर के फूल बासंती हवा के झोकों से झूमने लगते हैं। बसंत का प्राकृतिक सौन्दर्य देखकर जन-जन का मन प्रसन्न हो जाता है। कहने का अर्थ यह है कि बसंत की प्राकृतिक शोभा अपूर्व होती है।

जन-जीवन

बसंत ऋतु का प्रभाव मनुष्य के मन पर भी पड़ता है। मनुष्य जितना स्वस्थ और प्रसन्न इस ऋतु में होता है उतना किसी अन्य ऋतु में नहीं। मनुष्य पर्वो’ के माध्यम से आन्नद लेता है। बसंत ऋतु में अनेक त्यौहार मनाए जाते हैं। यद्यपि बसंत ऋतु का काल चैत–बैसाख मास है, किन्तु इसका प्रारंभ माघ शुक्ल पंचमी से ही हो जाता है। इस दिन बसंतोत्सव मनाया जाता है। इस दिन लोग सरस्वती देवी की पूजा करते हैं। माँ सरस्वती विद्या की देवी हैं। इसलिए इस दिन छात्र-छात्राएँ बहुत उल्लास से माँ सरस्वती की पूजा करते हैं। इसके कुछ दिन बाद महाशिवरात्रि का त्यौहार आता है। इस दिन लोग बड़ी श्रद्धा से शिवजी की पूजा करते हैं। फागुन पूर्णिमा को होली का त्यौहार प्रारम्भ होता है। इस दिन होलिका दहन होता है। दूसरे दिन बच्चे, जवान और बूढ़े सभी उत्साह के साथ रंग खेलते हैं। भगवान राम के जन्म दिवस के रूप में राम नवमी इसी ऋतु में मनाई जाती है। इस पर्व पर भारतीय रामचन्द्रजी के आदर्शों को याद करते है।

लाभ-हानि

बसंत ऋतु में मनुष्य प्रसन्न रहता है। प्रकृति का रूप सुन्दर और आकर्षक होता है। इस वातावरण का प्रभाव मनुष्य के स्वास्थ्य पर बहुत अच्छा पड़ता है। इस ऋतु में लोगों का स्वास्थ्य बहुत अच्छा रहता है। ऐसे समय में व्यायाम करना और प्रातः भ्रमण करना स्वास्थ्य के लिए अनुकूल होता है। यह ऋतु ग्रामवासियों के लिए अधिक लाभप्रद है, शहर के लिए उतना नहीं। बसंत का प्रभाव नगर वासियों पर अधिक नहीं पड़ पाता है। फिर भी नगरवासी अपनी सीमा में बसंत का आनंद लेते हैं।

उस ऋतु में चेचक का रोग होता है जिसे बसंत रोग कहते हैं। यह रोग विशेषरूप से बच्चों को होता है। इस रोग के कारण अनेक लोगों की मृत्यु हो जाती है और अनेक लोगों के चेहरे विकृत हो जाते हैं। कुछ लोगों की आँखें भी चली जाती हैं।

उपसंहार

बसंत ऋतु हर प्राणी के लिए सुखद और स्वास्थ्यवर्द्धक है। कवियों ने इस ऋतु की भूरि-भूरि प्रशंसा की है। इस ऋतु में हमें प्राकृतिक उपादानों-नदी, तालाब, समुद्र, झरनों, खेतों, मैदानों आदि के निकट रहना चाहिए। इसी अवस्था में हम बसंत का आनंद ले सकते हैं। हमें इस ऋतु का खुले मन से स्वागत करना चाहिए।

ध्यान दें – प्रिय दर्शकों Spring Season Essay in Hindi article आपको अच्छा लगा तो जरूर शेयर करे ।

1 thought on “वसंत ऋतु पर निबंध- Spring Season Essay in Hindi”

' src=

बसंत ऋतु के बारे में बहुत ही रोचक एवं विस्तृत जानकारी देने के लिए धन्यवाद।

Leave a Comment Cancel Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

वसंत ऋतु निबंध – Basant Ritu Essay in Hindi

by Editor updated January 16, 2019, 1:43 PM 4 Comments

वसंत ऋतु निबंध | बसंत ऋतु | Basant Ritu Essay in Hindi 

ऋतुओं में सर्वश्रेष्ठ वसंत ऋतु की महिमा का जितना गुणगान किया जाए उतना कम है। प्रकृति की सुंदरता का दर्शन यदि हमें करना हो तो बसंत ऋतु में हम कर सकते हैं। वसंत ऋतु की इसी महिमा को हम निबंध के द्वारा आपके सामने प्रस्तुत कर रहे हैं। 

वसंत ऋतु निबंध (150 शब्द)

प्रकृति का अगर सौन्दर्य देखना है तो वसंत ऋतु  में देखिये, इस ऋतु के समय प्रकृति अपनी सुंदरता के चरम पर होती है। वसंत ऋतु का आगमन फरवरी से लेकर अप्रैल के मध्य में होता है। भारत में छह मुख्य ऋतुओं में वसंत ऋतु को ऋतुओं का राजा कहा जाता है।

इस ऋतु के दौरान पेड़ों में नए पत्ते आ जाते हैं, किसानों की फसल पक जाती है और यह समय फसल काटने का होता है, फूलों में नयी कलियाँ खिलने लगतीं हैं, पक्षी बाग-बगीचों में कलरव करने लगते हैं, लोग खुशनुमा मौसम का आनंद लेने के लिए घूमने निकल जाते हैं। इस ऋतु में मौसम बड़ा सुहावना होता है।

कड़ी सर्दी के मौसम के बाद वसंत ऋतु का आगमन होता है, इस समय ना ही अधिक गर्मी पड़ती है और ना ही अधिक सर्दी इसलिए मौसम अत्यंत सुखद होता है और सभी के लिए आनंददायक होता है।

वसंत ऋतु के समय ही वसंत पंचमी, होली और शिवरात्रि त्योहारों को मनाया जाता है। संतुलित मौसम होने के कारण वसंत ऋतु सबकी प्रिय ऋतु होती है।

वसंत ऋतु निबंध (200 शब्द)

वसंत ऋतु भारत की छह ऋतुओं में से एक ऋतु है जिसका आगमन फरवरी, मार्च और अप्रैल महीने के मध्य में होता है। इस ऋतु के आते ही प्रकृति अपने सबसे सुंदर रूप में आ जाती है। इस ऋतु के दौरान प्रकृति का सौन्दर्य देखते ही बनता है। हिन्दू पंचांग के वर्ष का अंत और प्रारम्भ भी वसंत ऋतु में होता है। वसंत ऋतु सर्दी के मौसम के बाद आती है इसलिए इस ऋतु के आते ही ठंड कम हो जाती है। पेड़ों में नए हरे-हरे पत्ते आ जाते हैं, आम के पेड़ नयी बौरों से लद जाते हैं, खेतों में सरसों के पीले-पीले फूल दिखाई देते है और पुष्पों की कलियाँ खिलने लगतीं हैं।

वसंत ऋतु को ऋतुओं का राजा कहा जाता है क्यूंकी इस समय मनुष्य, पशु पक्षी, पेड़-पौधे सभी नयी ऊर्जा, नया उत्साह और तरो-ताजा मौसम का आनंद लेते हैं। इस ऋतु में वातावरण अत्यंत सुखद और ताजा होता है। शिवरात्रि, होली का त्योहार भी वसंत ऋतु में ही आता है। इस ऋतु को वसंत पचमी उत्सव के रूप में मनाया जाता है।

वसंत ऋतु का आनंद सभी लेते हैं, लोग अपने घरों से निकलकर बाग-बगीचों में सैर करने निकल पड़ते हैं, पक्षी मधुर गुंजन करते हैं, पेड़ हरे-भरे हो जाते हैं, पुष्प वातावरण में अपनी सुगंध फैलाकर माहोल खुशनुमा कर देते हैं। मुझे भी वसंत ऋतु बहुत प्रिय है।

वसंत ऋतु निबंध (300 शब्द)

वसंत ऋतु को ऋतुओं का राजा कहा जाता है और इसका आगमन फरवरी, मार्च और अप्रैल माह के मध्य में होता है। इस ऋतु के दौरान प्रकृति चारों तरफ अपनी सुंदरता को बिखेरती है। हिन्दू पंचांग के अनुसार यह ऋतु माघ महीने की शुक्ल पंचमी से प्रारम्भ होती है और फाल्गुन व चैत्र मास वसंत ऋतु के माने गए हैं। होली, शिवरात्रि और वसंत पंचमी जैसे त्योहार भी वसंत ऋतु के समय मनाए जाते हैं।

वसंत ऋतु का आगमन शीत ऋतु के बाद होता है और इस समय सर्दी भी कम हो जाती है और अधिक गर्मी का एहसास भी नहीं होता। एक तरह से इस ऋतु में मौसम संतुलित होता है, ना ही अधिक गर्मी और ना ही अधिक सर्दी।

वसंत ऋतु में मौसम बड़ा ही सुहाना लगता है इसलिए सभी को यह ऋतु प्रिय है। वसंत ऋतु में पेड़ों में नए हरे-हरे पत्ते आते हैं, मैदान हरी-हरी घास से आच्छादित हो जाते हैं, फूलों में कलियाँ फूटने लगतीं है और चारों तरफ फूलों की खुशबू महकने लगती है, खेतों में सरसों की फसल पक जाती है जिसमे पीले-पीले फूल आ जाते हैं, पक्षी मधुर स्वर से कलरव करते हैं और लोग इस मौसम का आनंद लेने के लिए घूमने निकल पड़ते हैं।

वसंत ऋतु के दौरान चारों तरफ एक उत्सव का माहौल हो जाता है, सभी आनंदमय होकर प्रकृति की खूबसूरती को निहारते हैं, एक नयी ऊर्जा, एक नयी चेतना के साथ सभी तरो-ताजा महसूस करते हैं

पुराणों की कथाओं के अनुसार वसंत को कामदेव का पुत्र माना गया है। भगवान कृष्ण ने गीता में वसंत ऋतु का वर्णन करते हुये कहा है की ऋतुओं में मैं वसंत ऋतु हूँ।

वसंत ऋतु में प्रकृति अपनी सोलह कलाओं से खिल उठती है, प्रकृति का यौवन हमें वसंत ऋतु में देखने को मिलता है। सभी जीवों, पेड़-पौधों को यह ऋतु अपनी ओर आकृष्ट करती है।

वसंत ऋतु निबंध (400 शब्द)

वसंत ऋतु में प्रकृति अपने उत्कृष्ट सौन्दर्य में होती है अतः इस ऋतु को छह ऋतुओं में से सर्वश्रेष्ठ ऋतुओं का राजा कहा गया है। प्रकृति की वास्तविक सुंदरता हमें वसंत ऋतु में देखने को मिलती है। हिन्दू पंचांग के अनुसार वसंत ऋतु का आगमन माघ महीने की शुक्ल पंचमी से होता है। यह ऋतु फरवरी, मार्च और अप्रैल में मध्य में प्रारम्भ होती है।

रामायण में वसंत ऋतु का सुंदर चित्रण किया गया है, भगवान श्री कृष्ण गीता में स्वयं को वसंत ऋतु बताते हैं, कवि जय देव ने तो वसंत ऋतु का वर्णन अपनी सुंदर कविताओं से किया है।

वसंत ऋतु के समय मौसम बड़ा ही सुहावना होता है और मनुष्य, पशु-पक्षी सभी को अपनी ओर आकृष्ट करता है। विकट शीत ऋतु के समाप्त होने के बाद और गर्मी शुरू होने से पहले वसंत का आगमन होता है अतः इस समय मौसम संतुलित होता है और सभी प्राणियों के लिए सुखद होता है।

वसंत ऋतु के आगमन होते ही पेड़ों में नए हरे-भरे पत्ते आने लग जाते हैं और सभी वृक्ष नए पत्तों से आच्छादित होकर ताजा हवा का संचार वातावरण में कर देते हैं। बाग-बगीचों में खिल रहे पुष्पों में नयी कलियाँ फूटने लगतीं हैं और चारों तरफ पुष्प अपनी सुगंध फैलाकर मौसम को खुशनुमा बना देते हैं। ठड़ के मौसम से बर्फ की चादर बने नदी, तालाब, झील, जलाशय आदि फिर से बहने लगते हैं। कोयल अपनी कुहु-कुहु की मधुर ध्वनि से गायन करती है, आम के पेड़ नयी बौरों से सज जाते हैं, फसलें पक जातीं हैं और उनके कटने का समय आ जाता है। एक प्रकार से चारों ओर प्रकृति अपने सौन्दर्य को बिखेर देती है।

आम लोगों के लिए वसंत ऋतु घूमने-फिरने का और मौसम का लुफ्त उठाने का समय होता है। इस समय लोग प्रकृति के सौन्दर्य का दर्शन करने के लिए घरों से बाहर निकल पड़ते हैं। स्वास्थ्य के लिए वसंत ऋतु सबसे अच्छी मानी गयी है और एक नयी ऊर्जा का एहसास इस मौसम में हमें होता है।

वसंत ऋतु में ही होली, शिवरात्रि और वसंत पंचमी जैसे प्रमुख त्योहारों को मनाया जाता है। पुराणों में वसंत को कामदेव का पुत्र कहा जाता है जिसके आने की खुशी में प्रकृति चारों ओर सुंदरता को बिखेरकर उत्सव मनाती है।

सभी जीवों, पेड़-पौधों को खुशहाली देने वाली वसंत ऋतु की प्रतीक्षा सभी करते हैं क्यूंकी अन्य ऋतुओं में जो कष्ट होता है वो इस ऋतु में समाप्त हो जाता है और सभी एक नयी ऊर्जा और स्फूर्ति के साथ खड़े हो जाते हैं।

वसंत ऋतु निबंध (600 शब्द)

वसंत ऋतु भारत की मुख्य छह ऋतुओं में से एक है। इस ऋतु को सभी जीवों के लिए अनुकूल और सुखद माना जाता है क्यूंकी इस समय प्रकृति एक नए रंग रूप में उपस्थित होती है। धरती के सभी जीव, पेड़-पौधे इसी ऋतु की प्रतीक्षा करते हैं क्यूंकी इसी ऋतु में उन्हें एक नयी चेतना और ऊर्जा प्राप्त होती है।

वसंत का आगमन

हिन्दू पंचांग के अनुसार वसंत ऋतु का आगमन माघ महीने की शुक्ल पंचमी से शुरू होता है। फाल्गुन और चैत्र का महिना वसंत ऋतु का माना गया है। हिन्दू पंचांग के साल का प्रारम्भ और अंत भी वसंत ऋतु में होता है। अँग्रेजी कलेंडर के अनुसार वसंत ऋतु फरवरी,मार्च और अप्रैल के मध्य में आती है। शीत ऋतु के समाप्त होते ही वसंत ऋतु आरंभ होती है और अप्रैल महीने में इसका समापन होता है।गर्मी और ठंड के मध्य में वसंत ऋतु आती है।

वसंत ऋतु के समय ही होली, शिवरात्रि और बसंत पंचमी त्योहारों को मनाया जाता है।

ऋतुओं की राजा वसंत

वसंत ऋतु को सभी ऋतुओं का राजा कहा गया है क्यूंकी इस समय प्रकृति अपने सौन्दर्य की चरम सीमा पर होती है। अन्य ऋतुओं में हमें प्रकृति की वो सुंदरता देखने को नहीं मिलती जो वसंत ऋतु में देखने को मिलती है। प्रकृति का वास्तविक सौन्दर्य अगर हम देखना चाहते हैं तो हमें वसंत ऋतु में देखना चाहिए।

ग्रीष्म ऋतु में अधिक गर्मी पड़ती है, सावन में अधिक वर्षा और शीत ऋतु में अधिक ठंड, लेकिन वसंत ऋतु में मौसम संतुलित होता है। न ही अधिक ठंड पड़ती है और ना ही अधिक गर्मी।

धरती के सभी प्राणियों के लिए वसंत ऋतु का समय सबसे अनुकूल और सुखद माना गया है। वसंत का सुहावना मौसम सभी को प्रिय है। एक नया उत्साह, नयी ताजगी और स्फूर्ति हमें अपने अंदर देखने को मिलती है।

आम लोग इस ऋतु में अपने घरों से बाहर घूमने निकलते हैं। स्वास्थ्य के लिए भी वसंत ऋतु को सबसे अच्छा माना गया है क्यूंकी इस समय हरे-भरे वृक्षों से शीतल और ताजा हवा बहती जो हमारे अंदर एक नई ऊर्जा का संचार कर देती है।

वसंत ऋतु में प्रकृति का सौन्दर्य

वसंत ऋतु का आरंभ होते ही प्रकृति अपना सबसे सुंदर रूप हमें दिखाती है, प्रकृति अपनी सोलह कलाओं का प्रदर्शन इस समय करती है। ऐसा मनोरम दृश्य चारो तरफ देखने को मिलता है की उसे देखते- देखते आँखें नहीं थकतीं।

वसंत ऋतु के प्रारम्भ होते ही सभी वृक्षों में नए हरे-हरे पत्ते आने लगते हैं और सभी पेड़-पौधे पुनः पत्तों से लद जाते हैं। मैदानों में हरी-हरी घास बिछ जाती है। मुरझाए हुये फूलों में नयी कलियाँ फूटने लगतीं हैं और उनकी सुगंध पूरे वातावरण को सुगंधित कर देती है, कोयल व अन्य पक्षी अपने मधुर स्वर में गायन करते हैं, आम के पेड़ों पर नयी बौरें आ जातीं हैं। ठंड के कारण बर्फ बन गए नदी-तालाब, झरने आदि फिर से शीतल जल से बहने लगते हैं।

खेतों में फसल भी वसंत ऋतु में पक जाती है और उनके काटने का समय आज जाता है। किसानों के चेहरे पर नयी फसल आने की खुशी देखते ही बनती है। चारों ओर खुशहाली का माहौल बन जाता है। हरा-भरा खुशनुमा वातावरण देखकर ऐसा लगता है मानो प्रकृति ने हरे रंग की चादर ओढ़ ली हो।

Bhot Acha BHI bhut Acha Likha hai ma happy ho Gaya muja ya sir ko dikhna tha to mana ya likh Diya sir na muja berry good aur chocolate Diya ya sab tumara chalta hua hai Thanks bhi

They were so helpful for me so thank you so much

This was great website i love it i can found each para what i want like if i want 200 one it was easy available who makes this website or who write this in it thank you

Leave a Reply Cancel reply

' src=

Your email address will not be published. Required fields are marked *

करियर हिन्दी निबंध Career essay in Hindi

करियर पर हिन्दी निबंध – Essay on Career in Hindi

mParivahan kya hai

mParivahan क्या है? RC और Driving Licence Details ऑनलाइन देखें

© Copyright 2018. · All Logos & Trademark Belongs To Their Respective Owners

वसंत ऋतु पर निबंध / Essay on Spring Season in Hindi

vasant ritu essay in hindi

वसंत ऋतु पर निबंध / Essay on Spring Season in Hindi!

वसंत शीत के बाद आती है । भारत मे फरवरी और मार्च मे इस ऋतु का आगमन होता है । बहुत सुहावनी ऋतु है यह । इस ऋतु में सम जलवायु रहती है अर्थात् सर्दी और गर्मी की अधिकता नहीं होती है । इस ऋतु में प्रकृति में कई प्रकार से सुखद बदलाव दृष्टिगोचर होते हैं । इसलिए इसे ऋतुओं का राजा या ऋतुराज कहा जाता है ।

वसंत ऋतु मनमोहक ऋतु होती है । इस ऋतु में गुलाब, गेंदा, सूरजमुखी, सरसों आदि के फूल बहुतायत में फूलते हैं । हवा में इन फूलों की सुगंध और मादकता का

प्रवेश होने लगता है । रंग-बिरंगे फूलों को देखकर आँखें तृप्त हो जाती हैं । पेडों की पुरानी पत्तियाँ झड़ती हैं और उनमें नई कोमल पत्तियों उग आती हैं । उधर टेसू के फूल और इधर आम की मंजरियाँ । नवकिसलयदल पेड़ों की शोभा में चार चाँद लगा देते हैं । खेतों में सरसों के पीले फूलों से तो समूचा परिदृश्य बदल जाता है ।

वसंत वनस्पति जगत ही नहीं, प्राणी जगत को भी प्रभावित करता है । समस्त जीवजगत एक नई स्कूर्ति से युक्त दिखाई देता है । मानव समुदाय रजाई-चादर और ऊनी वस्त्रों के आवरण से निकल कर स्वस्थ अंगड़ाई लेने लगता है । वसंत में वृद्धों और बीमारों में भी नवजीवन के संकेत दिखाई देने लगते हैं । जनसमूह नए उल्लास से भर जाता है । इसी उल्लास का प्रतीक है-वसंत पंचमी और होली का त्योहार । ललनाएँ वसंत पंचमी में प्रकृति से सामंजस्य बिठाते हुए पीली साड़ी पहनती हैं । किसान होली के गीत गाते हैं । लोकगीतों की धुन पर सब नाच उठते हैं ।

मनुष्यों के साथ-साथ पशु-पक्षी भी बहुत खुश हैं । तितलियाँ फूलों पर मँडरा रही हैं, आम की मंजरियों से मुग्ध होकर कोयल ‘ कुहू-कुहू ‘ का रट लगा रही है । भौंरे क्यों चुप रहें, वे गुन-गुन करते हुए बागों में डोल रहे हैं । पिंजड़ा से ही सही तोतों का स्वर सुनाई पड़ ही जाता है । समशीतोष्ण ऋतु का सब आनंद उठा रहे हैं ।

ADVERTISEMENTS:

कामदेव को वसंत का दूत माना जाता है । कामदैव उल्लास और उमंग के प्रतीक हैं । वे जीवन में उत्साह भरते हैं । इसी उत्साह से जीवन के सभी क्रियाकलाप संचालित होते हैं । इसी से श्रम करके जीने की चाह उत्पन्न होती है । वसंत ऋतु की इन्हीं खूबियों के कारण गीता में भगवान कृष्ण ने कहा था-ऋतुओं में मैं बसंत हूँ । इस ऋतु में वे ब्रजधाम में गोपियों के साथ नाचते रहे होंगे । इस ऋतु में राधा शृंगार करते हुए कृष्ण के साथ रास करती होंगी ।

आज की शहरी संस्कृति में वसंत पुराने समय जैसा उत्साह लेकर नहीं आता । एक तो प्राकृतिक वनस्पति का अभाव तो दूसरी तरफ यहाँ का प्रदूषित वातावरण । ऊपर से काम की आपाधापी, लोग वसंत की शोभा देखने की फुर्सत कम ही निकाल पाते हैं । वसंत कब आता है, कब चला जाता है, कुछ पता ही नहीं चलता । पेड़ों के पत्ते कब झड़े, कब नए पत्ते उगे, कब कलियों ने अपना जादू चलाया, कब तितलियों और भौंरों ने इनका रसास्वादन किया, कुछ ज्ञात नहीं । प्रकृति से दूर होता जा रहा मनुष्य अपनी मिट्‌टी की खुशबू नहीं पहचान पाता है । फिर भी वसंत अपनी छटा तो बिखेरता ही है । भले उसकी कोई कद्र करे या न करे ।

वसंत ऋतु प्रकृति का उपहार है । यह बीमारियों को दूर भगाने का काल है । इस ऋतु में मच्छरों तथा अन्य हानिकारक कीटाणुओं का प्रकोप घट जाता है । लोग बिना

थके अपना काम कर सकते हैं । रबी की फसल इस ऋतु में लगभग पक जाती है । बाजार में नए अनाज और नई सब्जियों आती हैं । लोग इनका पूरा आनंद लेते हैं ।

वसंत ऋतु का सीधा संबंध प्रकृति से है । पेड़ों, पहाड़ों, नदियों और झीलों से है । बाग-बगीचों की मौजूदगी से है । अत: प्रकृति की देखभाल जरूरी है । पेड़ों की कम कटाई हो और नए पेड़ ओं । नदियों में स्वच्छ जल प्रवाहित हो । धरती पर बाग-बगीचों की भरमार हो । सब लोग खुशहाल हों । लोगों की पीड़ा घट जाए, वसंत यही चाहता है । वसंत सौंदर्य, उन्नति और नवयौवन का दूसरा नाम है ।

Related Articles:

  • वसंत ऋतु | Essay on Spring Season in Hindi
  • वसंत ऋतु पर निबन्ध | Essay for Kids on Spring Season in Hindi
  • ऋतुराज बसंत पर निबंध | Essay on Spring Season in Hindi
  • बसन्त ऋतु |Spring Season in Hindi

Hindihaat

Encyclopedia of Hindi Articles

  • Business ideas
  • general knowledge
  • entertainment
  • Hindi Grammar
  • Download Books

Recent Posts

  • देवनारायण जयंती Bhagwan Devnarayan Story in Hindi

हिंदी भाषा पर निबंध एवं संवैधानिक उपबंध – Essay on Hindi Bhasa

  • सत्य का महत्व और सुविचार-Quotes on Truth
  • वरुथिनी एकादशी पूजा विधि – Varuthani ekadashi Pooja Vidhi
  • शीतलाष्टमी पूजा विधि – Sheetlasthami Pooja Vidhi
  • अनंत चतुर्दशी कथा और पूजा विधि – Anant Chaturdashi Katha pooja vidhi
  • गणेश जी के 101 नाम- 101 names of Lord Ganesha
  • गणेश चतुर्थी पूजा विधि – All about Ganesh Chaturthi in Hindi
  • खेजड़ली बलिदान दिवस-Amrita Devi Bishnoi story in hindi
  • How to go on Ramdevra Yatra in Hindi – रामदेवरा की पद यात्रा 
  • business ideas
  • Calendar 2019 January
  • Calendar 2919
  • Cattle fair
  • download ebook
  • film review
  • historical places
  • Important Days
  • interesting facts
  • korona virus
  • learn online
  • life style and fashion
  • Lunar Eclipse
  • Motivational Stories
  • religious places
  • sarkari yojna
  • tourist places
  • Uncategorized
  • Toggle the search field

Basant Ritu Essay in Hindi - बसंत ऋतु पर निबंध  

Basant Ritu Essay in Hindi – वसंत ऋतु पर निबंध  

Table of Contents

Spring Season Essay in Hindi

वसंत ऋतु कब आती है, वसंत ऋतु का शब्द चित्र, वसंत ऋतु में आने वाले त्यौहार, वसंतु ऋतु पर कविता, वसंत पर बिहारी की कविता.

छकि रसाल-सौरभ सने मधुर गंध, ठौर-ठौर झौरत झंपत झौर झौर मधु अंध.

वसंत पर मैथिलीशरण गुप्त की कविता

काली काली कोयल बोली होली होली होली हंसकर लाल-लाल होठों पर हरियाली हिल-डोली, फूटा यौवन, फाड़ प्रकृति की पीली-पीली चोली. अलस कमलिनी ने कलरव सुन उन्मद अंखियां खोली मल दी ऊषा ने अम्बर में दिन के मुख पर रोली. होली-होली-होली

निराला की सखि बसंत आया कविता

सखि बसंत आया भरा हर्ष वन के मन, नवोत्कर्ष छाया. किसलय वसना, नव-वय लतिका मिली मधुर प्रिय उर तरु पतिका, मधुप-वृन्द बन्दी पिक-स्वर नभ सरसाया.

Follow

Leave a Reply Cancel reply

Related posts.

global warming causes and effects in hindi - ग्लोबल वार्मिंग

global warming causes and effects in hindi – ग्लोबल वार्मिंग

tableeghi jamaat in hindi क्या है तबलीगी जमात

tableeghi jamaat in hindi क्या है तबलीगी जमात

हिंदी भाषा पर निबंध एवं संवैधानिक उपबंध - Essay on Hindi Bhasa

Hostel Life Essay in Hindi-छात्रावास का जीवन पर निबन्ध 

Nibandh

वसंत ऋतु पर निबंध

ADVERTISEMENT

रूपरेखा : प्रस्तावना - प्रकृति की विचित्र देन - वसंत ऋतु का आगमन – स्वास्थ्यप्रद ऋतु - ऋतुओं का राजा - वसंत के मेले और उत्सव - जीवन के विभिन्न रंगों का त्योहार - उपसंहार ।

वसंत की व्याख्या है, 'वसन्त्यस्मिन् सुखानि।' अर्थात् जिस ऋतु में प्राणियों को ही नहीं, अपितु वृक्ष, लता आदि को भी आनंदमय करने वाला मधुरम प्रकृति से प्राप्त होता है, उसको ' वसन्त' कहते हैं। वसंत ऋतु का आगमन सभी देशों में अलग-अलग होता है। यह सर्दियों के तीन महीनों के लम्बे समय के बाद आती है, जिसमें लोगों को सर्दी और ठंड से राहत मिलती है। वसन्त ऋतु में तापमान में नमी आ जाती है और सभी जगह हरे-भरे पेड़ों और फूलों के कारण चारों तरफ हरियाली और रंगीन दिखाई देता है। भारत में वसंत ऋतु मार्च, अप्रैल और मई के महीने में, सर्दियों और गर्मियों के बीच में आती है। वसंत पुरे संसार को लीन करके समूची धरती को पुष्पाभरण से सजाकर मानव-चित्त की कोमल वृत्तियों को जागरित करता है। इसलिए 'सर्वप्रिये चारुतरं बसन्ते' कहकर कालिदास ने वसंत का अभिनन्दन किया है।

प्रकृति की विचित्र देन है कि वसंत में बिना पानी के बरसे ही वृक्ष, लता आदि बढ़ते होते हैं। फरथई, काँकर, कवड़, कचनार, महुआ, आम और अत्रे के फूल अवनि-अंचल को ढक लेते हैं। पलाश तो ऐसा फूलता है, मानों पृथ्वी माता के चरणों में कोटि-कोटि सुमनांजलि अर्पित करना चाहता हो | घने रूप में उगने वाला कमल -पुष्प जब वसंत ऋतु में अपने पूर्ण युवावस्था के साथ खिलता है। आमों पर नौर आने लगते हैं आदि फूलो जैसे गुलाब, गंधराज, म्थलकमल, कर्माफूल के गुल्म महकते हैं। तो दूसरी और रजनीगंधा, अनार, नींबू, के खेत ऐसे लहरा उठते हैं, मानों किसी ने हरी और पीली मखमल बिछा दी हो ।

वसंत ऋतु का आगमन सभी देशों में अलग-अलग होने के साथ ही तापमान भी अलग-अलग देशों में अलग-अलग होता है। पेड़-पौधों की शाखाओं पर नई और हल्की हरी पत्तियाँ आना शुरु होती है। वृक्षों पर नव पल्लव अंकरित हो जाते हैं और कलियाँ खिलकर फूलों का रूप धारण कर लेती हैं । वसंत के आगमन पर आमों पर बौर आ जाते हैं । पुष्पों से पराग झड़ने लगता है । फलों पर भँवरे मंडराने लगते हैं और उद्यानों में तितलियाँ नृत्य करने लगती हैं । वसंत ऋतु में हमे एक खुशनुमा माहौल मिलता है। हवाओं में अनोखी सुगंध होती है। सभी ऋतुओं की अपनी-अपनी शोभा होती है।

वसंत स्वास्थ्यप्रद ऋतु है। इसके शीतल-मन्द-सुगंध पुरे शरीर को नीरोग कर देता है। थोड़ा-सा व्यायाम और योग के आसन मानव को 'लम्बी उम्र ' का वरदान देते हैं। इसीलिए आयुर्वेद- शास्त्र में वसंत को “स्वास्थ्यप्रद ऋतु' विशेषण से सजाया गया है। कालिदास ने वसंत के उत्सव को 'ऋतुत्सव' माना है। माघ शुक्ल पँचमी (वसंत पँचमी) से आरंभ होकर फाल्गुन-पूर्णिमा (होली) तक पूरे चालीस दिन, ये उत्सव चलते हैं । आचार्य हजारीप्रसाद द्विवेदी इसे मादक-उत्सवों का काल कहते हैं । उनका कहना है कि 'कभी अशोक-दोहद के रूप में, कभी मदन देवता की पूजा के रूप में, कभी कामदेवायन-यात्रा के रूप में, कभी होली के हुड़दंग के रूप में, कभी होलाका (होला), आदि के रूप में समूचा वसंत काल नाचने - गाने उठता है। वसंत ऋतु का प्रथम उत्सव वसंत-पँचमी विद्या और कला की देवी सरस्वती का पूजा भी करते है।

वसंत को ऋतुओं का राजा कहा जाता है। इसी कारण इसे 'ऋतुराज' भी कहा जाता है । प्रकति ऋतुराज वसंत का हृदय की सम्पूर्ण भावनाओं से स्वागत करती है। वसंत ऋतु की शोभा सबसे निराली होती है। वसंत ऋतु का ऋतुओं में सर्वश्रेष्ठ स्थान होता है इसी वजह से यह ऋतुओं का राजा माना जाता है। इस ऋतु का समशीतोष्ण वातावरण सभी को प्रिय लगता है। वसंत का नाम ही उत्कंठा है। ' मादक महकतो वासंती बयार' में, 'मोहक रस पगे फूलों की बहार' में, भौरों की गुंजा' और कोयल की कूक में मानव-हृदय अतिप्रसन्न जाता है। प्राणियों के मनों में मदन-विकार का प्रकट होता है।

कई जगह वसंत के मेले तथा उत्सव भी मनाए जाते है। वसंत के उत्सव का विशेष आकर्षण होता है -- नृत्य-संगीत, खेलकूद प्रतियोगिताएँ तथा पतंगबाजी जैसे खेल खेले जाते है। बच्चो अपने दोस्त के साथ अपने घरो के छत तथा मैदानों में पतंगबाजी का आनंद लेते है। वसंत-पंचमी के दिन पीले वस्त्र पहनकर सभी अपना खुशी प्रकट करते है। वसंती हलुआ, पीले चाबल तथा केसरिया खीर का आनंद लिया जाता है।

वसंत ऋतु में वसंत-पचमी का त्योहार आता है । इस दिन अनेक स्थलों पर माँ सरस्वती की पूजा - अर्चना करते है। समस्त बंगाल , उडीसा असम तथा बिहार में लोग विद्या तथा कला की अधिष्ठात्री देवी सरस्वती की पूजा - उपासना करते हैं । इसी दिन कई लोग वसंती कपड़े पहन कर ऋतुराज के आगमन पर अपनी प्रसन्न व्यक्त करते हैं। वसंत ऋतु त्याग और बलिदान का प्रेरक है । इस ऋतं में गरु गोविन्द सिंह के नन्हे बच्चों ने धर्म के गौरव की रक्षा के लिए बलिदान दिया था । वसंत पंचमी के दिन वीर हकीकत राय ने भी अपने जीवन पुष्प को धर्म की वेदी पर समाप्त कर दिया था। वसंत ऋतु सर्दियों के तीन महीने के लंबे इंतिजार के बाद सुनहरा मौसम आता है।

वसंत ऋतु का वास्तविक सौंदर्य हमारे स्वास्थ्य को पोषण देता है जिससे हमारा शरीर को लम्बी आयु मिलता है। इस प्रकार वसंत ऋतु आते ही सभी के जीवन में खुशहाली लाती है। जिसका बच्चो, युवाओं, तथा बूढ़े इंतिजार करते है। खासकर के किसानों इसका बड़ी बेसब्री से इंतिजार करते है, क्योंकि वे नई फसल को बहुत महीनों की कठिन मेहनत के बाद अपने घर पुरस्कार के रुप में सफलता पूर्वक लाते हैं। यही है वसंत ऋतु जो जन–जन में नवजीवन का संचार कर देती है और सभी के जीवन में नयी उर्जा प्रदान करती है।

Nibandh Category

hindimeaning.com

बसंत ऋतु पर निबंध-Essay On Basant Ritu In Hindi

बसंत ऋतु पर निबंध :.

vasant ritu essay in hindi

भूमिका : भारत को अनेक ऋतुओं का देश माना जाता है। भारत में सर्दी-गर्मी, बरसात-पतझड़, वसंत-ग्रीष्म आदि छ: ऋतुएँ आती जाती रहती हैं। साल में आने वाली बसंत ऋतु सबकी प्रिय होती है। बसंत ऋतु के आने पर पूरा प्राणी जगत हर्ष और उल्लास से झूम उठता है। बसंत ऋतुओं का राजा होती है इसी वजह से इसे ऋतुराज बसंत के नाम से जाना जाता है।

ऋतुओं का राजा :- भारत की प्रसिद्धि का कारण उसकी प्राकृतिक शोभा होती है। लोग अपने आप को धन्य मानते हैं जो इस पृथ्वी पर रहते हैं। ये ऋतुएँ एक-एक करके आती हैं और भारत माता का श्रृंगार करती हैं और चली जाती है। सभी ऋतुओं की अपनी-अपनी शोभा होती है। लेकिन बसंत ऋतु की शोभा सबसे निराली होती है। बसंत ऋतु का ऋतुओं में सर्वश्रेष्ठ स्थान होता है इसी वजह से यह ऋतुओं की राजा मानी जाती है।

बसंत ऋतु की विशेषता :- बसंत के समय में ऋतु बहुत सुहावनी होती है। सर्दी खत्म और गर्मी शुरू होने वाली होती हैं। इस समय में न ही तो ज्यादा सर्दी होती है और न ही ज्यादा गर्मी होती है। प्रत्येक व्यक्ति बाहर घूमने का इच्छुक होता है। यह इस मीठी ऋतु की विशेषता होती है। सब जीव-जंतुओं और पेड़-पौधों में नव जीवन का संचार हो जाता है।

वृक्षों के नए-नए पत्ते लद जाते हैं। फूलों का सौंदर्य और हरियाली की छटा मन को भा जाती है। आमों के पेड़ों पर बौर आने लगता है और कोयल भी मीठी आवाज में कुहू-कुहू करने लगती है। इस सुगंधित वातावरण में सैर करने से बहुत सी बीमारियाँ  दूर हो जाती है। ठंडी-ठंडी हवा चलती रहती है जिससे मनुष्य की उम्र और बल में वृद्धि होती है। बसंत ऋतु पतझड़ और शिशिर के बाद आती है।

देखा जाये तो बसंत फाल्गुन मास से ही शुरू हो जाती है। इसके वास्तविक महीने चैत्र और बैसाख होते हैं। 15 फरवरी से लेकर 15 अप्रैल तक का समय बसंत ऋतु का ही होता है। बसंत ऋतु में मौसम बहुत सुहावना होता है। प्रकृति में चारों ओर बसंत का प्रभाव दिखाई देने लगता है।

बसंत ऋतु का स्वागत :- बसंत के आगमन पर नई फसलें पकने लगती हैं। सरसों के पीले-पीले फूल खिल-खिला कर खुशी व्यक्त करते हैं। सिट्टे भी ऐसे लगते हैं जैसे सिर उठाकर ऋतुराज का स्वागत कर रहे हों।

सरोवरों में कमल के फूल खिल कर इस तरह पानी को छिपा लेते हैं जैसे मनुष्यों को संकेत देते हैं कि अपने मन को खोल कर हंसों और सारे दुखों को मन में समेट लो। आसमान में पक्षी किलकारियां मारकर बसंत का स्वागत करते हैं।

प्राणी जगत में उल्लास :- प्राणी जगत में इस ऋतु के आने से उल्लास और उमंग का संचार होता है। पशु-पक्षी जोश, उत्साह और उल्लास से भर जाते हैं। कोयल अपने मधुर स्वर से गीत गाती है जो पूरी अमराईयों में गूंजता है। मनुष्य जाती उमग से भरकर नाचने लगती है। किसान का मन अपनी फसल को देखकर खुशी से भर जाता है।

कवि और कलाकार इस ऋतु से प्रभावित होकर नई कविताएँ बनाते हैं। इस ऋतु का सबसे अच्छा प्रभाव मनुष्य के स्वास्थ्य पर पड़ता है। शरीर में नए रक्त का संचार होता है और स्वास्थ्य में उन्नति होती है। बसंत ऋतु के आने से दिशाएं साफ हो जाती हैं और आसमान निर्मल हो जाता है।

चारों ओर प्रसन्नता से जड़ में भी चेतना आ जाती है। सूर्य भी अधिक तीव्र नहीं होता हैं। दिन रात एक जैसे होते हैं। बसंत ऋतु में हवा दक्षिण से उत्तर की तरफ बहती है। दक्षिण से आने वाली हवा शीतल, मंद और मतवाली होती है।

बसंत पंचमी :- बसंत पंचमी को ऋतुराज के आगमन में उत्सव के रूप में मनाया जाता है। बसंत पंचमी के दिन लोग खेलते हैं झूला झूलते हैं और अपनी प्रसन्नता को व्यक्त करते हैं। हर घर में वसंती हलवा, केसरिया खीर बनते हैं। इस दिन लोग पीले रंग के वस्त्र पहनते हैं और बच्चे पीले रंग के पतंग उड़ाते हैं।

फाल्गुन की पंचमी को बसंत पंचमी का मेला लगता है। इस दिन लोग सुबह से लेकर शाम तक पतंगें उड़ाते रहते हैं। होली को भी बसंत ऋतु का ही त्यौहार माना जाता है। इस दिन सारा वातावरण रंगीन हो जाता है और सभी आनंद से मगन होते हैं।

बसंत ऋतु की ऐतिहासिकता :- बसंत पंचमी के दिन ज्ञान की अधिष्ठात्री देवी सरस्वती का जन्म हुआ था। इस दिन सरस्वती पूजन किया जाता है। इसी दिन वीर हकीकत राय की भी मृत्यु हुई थी। वीर हकीकत राय के कारण इस दिन का महत्व और भी अधिक बढ़ गया है।

वीर हकीकत राय जी का बलिदान हमें अपने धर्म पर अडिग रहने का संदेश देता है। हमें सभी धर्मों से प्रेरणा लेनी चाहिए और किसी भी धर्म के प्रति नफरत नहीं रखनी चाहिए। वीर हकीकत राय जी की याद में हर साल मेला लगता है। इस दिन वीर हकीकत राय जी को श्रद्धांजली दी जाती है।

Related posts:

  • भाग्य और पुरुषार्थ पर निबंध-Essay on Bhagya aur Purusharth
  • प्रातःकाल का भ्रमण पर निबंध-Paragraph On Morning Walk In Hindi
  • यदि मैं शिक्षा मंत्री होता पर निबंध
  • ई-कॉमर्स व्यवसाय पर निबंध
  • भारत के गाँव पर निबंध-Essay On Indian Village In Hindi
  • कल्पना चावला पर निबंध-Kalpana Chawla Essay In Hindi
  • झाँसी की रानी लक्ष्मीबाई पर निबंध-Rani Laxmi Bai In Hindi
  • मुंशी प्रेमचंद पर निबंध-Munshi Premchand Par Nibandh
  • वर्तमान शिक्षा प्रणाली-Essay on Modern Education System in Hindi
  • मेरे जीवन का लक्ष्य पर निबंध-My Aim In Life Essay In Hindi
  • रक्षाबंधन पर निबंध-Essay On Raksha Bandhan In Hindi
  • वायु प्रदूषण पर निबंध-Essay On Air Pollution In Hindi (100, 200, 300, 400, 500, 700, 1000 Words)
  • क्रिसमस पर निबंध-Essay on Christmas In Hindi
  • शिक्षक पर निबंध-Essay On Teacher In Hindi
  • जल बचाओ पर निबंध-Essay On Save Water In Iindi
  • इंटरनेट पर निबंध-Essay On Internet In Hindi
  • मित्रता पर निबंध-Essay On Friendship In Hindi (100, 200, 300, 400, 500, 700, 1000 Words)
  • दीपावली पर निबंध – Diwali Essay In Hindi
  • समाचार पत्र पर निबंध-Essay On Newspaper In Hindi
  • Essay On Beti Bachao Beti Padhao In Hindi For Class 5,6,7 And 8

Hindi Jaankaari

वसंत ऋतु पर निबंध 2022- Essay on Spring Season in Hindi – Short Hindi Essay on Vasant Ritu

वसंत ऋतु पर निबंध

वसंत ऋतु के आगमन पर सब लोग वसंत पंचमी का त्यौहार बना खुशिया मनाते हैं| वसंत के आने पर सर्दियों का अंत होता है और सब जगह खुशाली छा जाती है| वसंत ऋतु के त्योहार पर हम आपके सामने पेश करने वाले हैं basant ritu par nibandh in hindi, vasant ऋतु पर निबंध , basant ऋतु पर निबंध vasant ritu essay, वसंत पर निबंध (basant par nibandh) hindi language, composition, hindi font यानी की हिंदी भाषा में जिसमे शामिल होगी इस त्यौहार की जानकारी जैसे की समारोह, वसंत परंपरा, अनुष्ठान आदि|

ये एस्से छोटे बच्चो Kids को स्कूलों में पढ़ाया जाता है तथा उसमे हर क्लास के बच्चे basant Ritu एस्से in hindi for class 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10, 11 और 12 इस तरह से इंटरनेट पर सर्च करते है व स्कूलों ले प्रोग्राम में भाग लेते है, आइये देखे कुछ निबंध|आप चाहे तो  वसंत ऋतु पर कविता  भी देख सकते हैं |

वसंत ऋतु का महत्व

बसंत पंचमी की पूजा का हिन्दू धर्म मे बहोत महत्त्व है| इस दिन पर सभी लोग मिलकर माँ सरस्वती की पूजा करते हैं क्योकी यह माना जाता है की इस दिन माँ सरस्वती अवतरित हुई थी|आप यहाँ से हमारे दर्शाये हुए essays on Spring Season in Hindi language स्टूडेंट्स के लिए 100, 150, 250, 350, 400 व 450 words (शब्दों) में देख व pdf डाउनलोड कर सकते हैं|

ऋतुराज बसंत पर निबंध

Essay on Spring Season in Hindi

Basant ritu par nibandh in hindi Font

वसंत ऋतु पर निबंध – essay on spring season in hindi.

Essay on Spring Season in Hindi

A Short Essay On Spring Season In Hindi Language – 100 words

Vasant ritu par nibandh in hindi  – small paragraph, वसंत ऋतु पर निबंध हिंदी में.

Short Hindi Essay on Vasant Ritu

Vasant Ritu par laghu nibandh – वसंत ऋतु पर लघु निबंध

वसंत ऋतु पर निबंध संस्कृत में, हिन्दी अनुवाद :.

vasant ritu essay in hindi

Vasant Ritu Sanskrit Essay

वसंत ऋतु निबंध मराठी – वसंत ऋतु in marathi.

यहाँ आप वसंत ऋतु मराठी गाणी व वसंत ऋतु वर निबंध मराठी या write an essay on spring season in hindi देख सकते हैं|

वसंत ऋतू वर निबंध – स्प्रिंग वर निबंध

भारतातील वसंत ऋतु हिवाळ्या नंतर मार्च, एप्रिल आणि मे महिन्यांत येते. हा हंगाम उन्हाळ्याच्या स्वरुपात समाप्त होतो भारतात, वसंत ऋतु मार्च महिन्यापासून सुरू होते आणि मे महिन्यात संपते. भारताच्या काही भागात, गरम हवामानामुळे लोकांना या हंगामाचा पूर्ण आनंद… Click To Tweet [su_spoiler title=”Related Search:”] अक्सर log 10 lines on spring season, 5 lines on spring season, a paragraph on spring season, a short essay on india, a short essay on rainy season, about spring season for kids, about spring season in english, on spring season, spring seasion, spring season, spring season description, spring season essay, spring season essay for kids, spring season essay in english, spring season essay in hindi, spring season essay in urdu, rainy season essay for kids, rainy season essay in english, season i like most essay, seasons essay, seasons essay for kids, seasons essay in english, seasons essay in hindi, seasons in hindi essay, seasons in india for kids, seasons in pakistan essay, seasons of pakistan essay, seasons of the year essay, sentences about spring for kids, sentences about spring season, sentences on spring season, short essay about india, short essay for kids, short essay in hindi, short essay on autumn season for kids, short essay on flowers, short essay on india, short essay on india for kids, short essay on my favourite festival, short essay on my favourite season, short essay on seasons, short essay on seasons for kids, short essay on spring season, short essay on spring season for kids, short essay on spring season in hindi, short essay on summer season, short essay on winter season, short essay on winter season for kids, short note on spring season, short paragraph on spring season, small essay for kids, some lines on spring season, speech about spring season, speech on spring season, spring break essay, spring break essay ideas, spring break essay papers, spring break writing paper, spring composition, spring description, spring descriptive words, spring descriptive writing, spring essay, spring essay for kids, spring essay ideas, spring essay writing, spring in hindi, spring is beautiful, spring is my favorite season, spring is my favorite season because, spring is my favorite season essay, spring is my favourite season, spring my favorite season, spring season hindi, spring season in hindi, spring season in hindi essay, spring season in india सर्च करते हैं | हेमंत ऋतु, पर निबंध, वसंत ऋतु की, paragraph, composition, वसंत ऋतु के फूल, basant ऋतु पर निबंध, वसंत ऋतु पर कविता, वसंत ऋतु पर छोटी कविता, वसंत ऋतु निबंध मराठी, वसंत ऋतु पर कविता चित्र सहित, vasant ऋतु पर कविता [/su_spoiler]

You may also like

9xflix Movies Download

9xflix.com | 9xflix 2023 HD Movies Download &...

Mallumv Movies Download

Mallumv 2023 | Mallu mv Malayalam Movies HD Download...

Movierulz Tv

Movierulz Telugu Movie Download – Movierulz Tv...

kmut login

Kmut Login | கலைஞர் மகளிர் உரிமைத் திட்டம் | Kalaignar...

rts tv apk download

RTS TV App 2023 | RTS TV APK v16.0 Download For...

hdhub4u movie download

HDHub4u Movie Download | HDHub4u Bollywood Hollywood...

About the author.

' src=

Hindi Facts

2 Best Vasant Ritu Essay in Hindi | वसंत ऋतू पर निबंध

ऋतुओं का राजा: वसंत.

हैल्लो दोस्तों कैसे है आप सब आपका बहुत स्वागत है इस ब्लॉग पर। हमने इस आर्टिकल में Vasant Ritu in Hindi पर 2 निबंध लिखे है जो कक्षा 5 से लेकर Higher Level के बच्चो के लिए लाभदायी होगा। आप इस ब्लॉग पर लिखे गए Essay को अपने Exams या परीक्षा में लिख सकते हैं ।

Vasant Ritu Essay in Hindi (450 Words)

शिशिर ऋतू आयी, पथिकों के प्राण संकट में पड़े। ‘शिशिर’ संज्ञा की सार्थकता भी इसी में है कि जिसमें शैत्य के कारण पथिकों को शश अर्थात् खरगोश की तरह भागना पड़े। माघ और फाल्गुन वाली इस ऋतु में अतिशीत के कारण अपार कष्ट था। कहा गया है न, ‘अति सर्वत्र वर्जयेत् !’ हमारी प्रकृतिरानी ने इसीलिए माघ-श्रीपंचमी को ऋतुराज वसन्त के पास निमंत्रण भेजा।

माघ-श्रीपंचमी को वसन्तपंचमी कहने का यही रहस्य है। ऋतुराज ने अपने आगमन की स्वीकृति दे दी। फिर क्या था ! जन-जन में आनन्द की बाँसुरी बज उठी। जनता ने अपने वसन्त महाराज के स्वागत में आम्र-पल्लव के बन्दनवार लटकाये और फालान पूर्णिमा के दिन उल्लास में रंग-अबीर से दिग्दिगन्त को रंगीन कर दिया। जनता के स्वागत से ऋतुराज सचमुच बड़ा प्रसन्न हुआ और एक-दो दिन की बात कौन कहे, पूरे दो महीने-चैत और वैशाखभर के लिए उसने पड़ाव डाल दिया। शीर्णा शिशिर गयी और जग पड़ी मधुमास ऋतु-‘मैं शिशिर शीर्णा चली, अब जाग तू मधुमास आली !’

अब क्या था? जहाँ राजा ही हो, वहीं राजधानी उतर आयी-‘तहँइ अवध जहँ राम निवासू ।’ प्रकृति रानी रंग-बिरंगे परिधानों से अपने राजा को आकृष्ट करने लगी, अनगिन हाव-भावों से मन मोहने लगी। और, फिर क्या था ! इस मदन-सखा की रास के लिए मदनोत्सव मनाया जाने लगा; क्योंकि वह सौन्दर्य-देवता कामदेव का सबसे बड़ा सहायक है। जिस उर्वशी के अपरूप रूप-निर्माण में वेद पढ़-पढ़कर पथराये खूसट वृद्ध ब्रह्मा असफल रहे, उसके निर्माण में कुसुमाकर वसंत सफल हो सका। यही कारण है कि कवियों ने इस ऋतुराज के स्वागत में अपने हृदय उन्मुक्त कर दिये और असंख्य कविताएँ लिखीं। कविवर दिनकर की ये पंक्तियाँ देखें

हाँ! वसन्त की सरस घड़ी है, जी करता मैं भी कुछ गाऊँ, कवि हूँ, आज प्रकृति-पूजन में निज कविता के दीप जलाऊँ। उफ ! वसन्त या मदनबाण है? वन-वन रूप-ज्वार आया है; सिहर रही वसुधा रह-रहकर, यौवन में उभार आया है। कसक रही सुन्दरी, ‘आज मधु-ऋतु में मेरे कन्त कहाँ?’ दूर द्वीप में प्रतिध्वनि उठती, ‘प्यारी और वसन्त कहाँ ?

वसन्त का नाम ‘पुष्प-समय’ है, अर्थात् इसमें रंग-बिरंगे फूल खिलते हैं। इसे ‘माधव’ कहते हैं, यानी यह मधुवाला है। अर्थात्, सर्वत्र मिठास-ही-मिठास भरी रहती है। वसुन्धरा इसी ऋतु में धनधान्य से परिपूर्ण होकर अपनी सार्थकता सिद्ध करती है और सब अन्नपूर्णा धरती की गोद में इन्द्रपुरी का सुख लूटते हैं।

अब हम शिशिर के शर से विद्ध नहीं होते, Basant की मादक सुरभि से प्रफुल्लित होते हैं। वस्तुतः, वसन्तऋतु में प्रकृति एक चिरन्तन रहस्य का उद्घाटन करती है कि यदि हम शिशिर में कष्ट-सहन का साहस रख सकें, तो फिर हमारे जीवन में वसन्त अवश्य उतरेगा, यदि हम पतझड की उदासी बर्दाश्त कर सकें. तो वसन्त की रंगीनी का मजा जरूर लूटेंगे।

यहि आसा अटक्यो रहयो, अलि गुलाब के मूल। ह्हें बहरि वसन्त ऋत, इन डारिन वे फल। – बिहारीलाल

ऋतुओं की रानी वर्षा पर निबंध – यह भी पढ़े

Vasant-ritu-in-hindi

Vasant Ritu Essay in Hindi (750 Words)

जिसके आगमन का समाचार सुनते ही मन-प्राणों की क्यारी-क्यारी लहलहा उठती है, अंतरआत्मा की डाली-डाली मुस्कुरा उठती है- वह है ऋतुओ का राजा Vasant Ritu । ऋतुराज का आविर्भाव होते ही सर्वत्र स्वर्गिक माधुरी का प्याला छलकता दीखता है; वातावरण दुग्धधवल हास्य के झोके से अनुगुंजित होता दीखता है। उदास-निराश पहाड़ियां का सुहाग जग उठता है और वे लाल चूनर पहने नई-नवेली दलहनों-सी सजी दीखती है।

वृक्ष अपने तन से पुराने पत्तों के जीर्ण वस्त्र को त्यागकर, नवीन कोंपलों का परिधान धारण कर, नवजीवन की अगड़ाइयाँ लेते दीखते हैं। गुलाब-फल में अटकानेवाले भौरे नई खिली कलियों का आमंत्रण पाकर गुनगुनाना आरंभ करते हैं। न तो तनं को विद्युत-तरंग मारनेवाला शीत है और न नागिन की तरह जिहाए खोलनेवाली लू की लपटों की आशंका ही।

एक हलका गुलाबी जाड़ा-तन-मन में गजब स्फूर्ति भरनेवाला ! न तो शीत-निशिचर के कठोर स्पर्श का उत्पीड़न है और न ग्रीष्म-दैत्य का उत्तप्त अत्याचार। अब यामिनी प्रमोदिनी हो गई है, उषा मधुरहासिनी। पादप-पत्रों के आनत अधरों का सोया संगीत जग उठता है। पारे-सी पारदर्शी नदियाँ मोटापा दूर होने के कारण जैसे किसी की आगमनी से नाचने लगती हैं और तब लगता है-वसंत सचमुच वसंत है, जिसमें आनंद, केवल आनंद का ही वास है। इसीलिए तो भगवान श्रीकृष्ण ने अपने श्रीमुख से अपने को ‘ऋतूनां कुसुमाकरः’ (ऋतुओं में मैं वसंत हूँ) कहकर इसकी महत्ता सिद्ध की थी।

Vasant Ritu के आते ही प्रकृति रानी नई वेशभूषा, नई विच्छित्ति में उपस्थित होती हैं। उसके परिधान में रंग-बिरंगे फूल टँके होते हैं। उसके स्वागत के लिए अलिकुल वाद्यवादन करते दौड़ पड़ते हैं, शिखिसमूह नर्तन करते दीख पड़ते हैं। चंपा उसके मस्तक पर छत्र धारण करता है। आम्रमंजरियाँ उसके मुकुट हैं।

पक्षिसमूह उसका अभिषेक-मंत्र पढ़ता है। पुष्पराग उड़कर चंदोबा-सा टॅग जाता है। मलयपवन उसके ऊपर पंखा झलता है। कुंदतरु निशान धारण करते हैं। पाटल के पत्ते ही उसके तरकस हैं, अशोक के पत्ते ही बाण। पलाश के पुष्प उसके धनुष हैं, लवंगलता उसकी प्रत्यंचा। मधुमक्षिकाओं की विशाल सेना सजाकर राजा वसंत ने जैसे शिशिर की पूरी सेना को परास्त कर दिया है।

खेतों में दूर-दूर तक गेहूँ के गोरे गालों पर रूपसी तितलियाँ बल खा रही हैं-तीसी के मरकती तथा सरसों के पुखराजी फूलों पर भ्रमरों की पंक्तियाँ मँडराती हैं। मालतीलताओं को मतवाले भौरे चूम रहे हैं और उनकी कोमल कलियाँ मंद-मंद पवन के हिंडोले पर झूल रही हैं। कहीं सुग्गे की चोंच के समान टेसू के फूल खिले हैं, तो कहीं हल्दी के रंग के कनेर के फूल। रूई के फाहे की तरह कुंद-कलियाँ, आम्रमंजरियों से इत्र को मात करनेवाली भीनी-भीनी महक, दिलफरेब चाँदनी, मस्तानी काकली, गंधमाती हवा, उन्मादक गुंजार – कष्टभरे जीवन के लिए अनोखे रसायन हैं।

ऐसी मनमोहक ऋतु में गौतम बुद्ध का कथन ‘सर्वं दुःखं दुःखम्, सर्वं क्षणिक क्षणिकम्’ मिथ्यावचन प्रतीत होता है। लगता है, जीवन में केवल आनंद का ही पारावार लहरा रहा है, सम्मोहन का साम्राज्य और अनुराग का ऐश्वर्य ही पग-पग पर लुट रहा है, उन्मुक्त यौवन की रसवंती धारा कूल-किनारा तोड़ रही है, उच्छल उत्साह की सरिता उमड़ चली है। सचमुच वासंती सुषमा की एक बाँकी चितवन पर लाख-लाख स्वर्गिक सुख न्योछावर हैं।

यही कारण है कि संसार के प्रसिद्ध कवियों ने इसी Vasant Ritu को सर्वाधिक पसंद किया और अक्षरबद्ध कर अक्षर बना दिया, श्लोकबद्ध कर पुण्यश्लोक कर दिया। महाकवियों ने आत्मा-परमात्मा या नायक-नायिकाओं का प्रेम-मिलन कराया, तो इसी हृदयावर्जक ऋतु में। जयदेव ने राधा-कृष्ण का मिलन इसी ऋतु में कराया, तो गोस्वामी तुलसीदास ने राम-सीता का मिलन उस जनक की पुष्पवाटिका में कराया, जहाँ वसंत ऋतु लुभाकर रह गई थी।

त्रिपुरासुर के विनाश के लिए जब कामदेव ने योगिराज शंकर की समाधि भंग करनी चाही थी, तब उसे वसंत की सहायता लेनी पड़ी थी। क्या वाल्मीकि, क्या कालिदास, क्या सूरदास, क्या तुलसीदास, क्या पंत, क्या विद्यापति, क्या रवींद्रनाथ ठाकुर, क्या सूर्यकांत त्रिपाठी ‘निराला’ सभी ने वसंत पर कविताए लिखी हैं। अंगरेजी के महान कवियों में शेक्सपियर, मिल्टन, टेनीसन, ब्राउनिग, थॉमसन-सबने वसंत का गुणगान अपनी कविताओं में किया है।

Vasant Ritu प्रतीक है आनंद का, उल्लास का, रूप और सौंदर्य का, मौज और मस्ती का, जवानी और रवानी का, स्फूर्ति और संचेतना का; किंतु क्या पृथ्वी के मन में इस संजीवन वसंत में भी आनंद और उल्लास का स्रोतस्विनी उमड़ पड़ती है? कदापि नहीं। तभी हमें डॉ. हजारीप्रसाद द्विवेदी के वैयत्तिक निबंध ‘वसंत आ गया’ की पंक्ति याद हो आती है, “Vasant Ritu आता नहीं ले आया जाता है।

यदि हम भी रूढ़ियों, अधविश्वासों, कुसंस्कारों के जीर्ण-शीर्ण पत्रों को त्यागकर नवीनता और प्रगतिशीलता के नूतन किसलयों से अपना श्रंगार कर सकें, तो सचमुच Vasant Ritu हमारे जीवन में वर्ष में केवल एक बार ही नहीं, वरन बार-बार लहराता रहेगा, इसमें संदेह नहीं।

तो दोस्तों आपको यह Vasant Ritu in Hindi पर यह निबंध कैसा लगा। कमेंट करके जरूर बताये। अगर आपको इस निबंध में कोई गलती नजर आये या आप कुछ सलाह देना चाहे तो कमेंट करके बता सकते है।

Leave a Comment Cancel reply

Save my name, email, and website in this browser for the next time I comment.

Hindi Mania

Hindisiksa sexy bf video: A Comprehensive Guide to India’s Premier Video Publishing Platform

In the ever-evolving landscape of digital content, Hindisiksa sexy bf video has emerged as a prominent player in the Indian market. As an online video publishing website, Hindisiksa sexy bf video has carved out a unique space for itself, catering to a diverse audience with a wide range of content. One of the platform’s most … Read more

What is the best food in Sonipat? (Sonipat ka sabse acha khana kon sa hai)

vasant ritu essay in hindi

Sonipat ka sabse acha khana kon sa hai : हरियाणा के दिल में बसा सोनीपत एक ऐसा शहर है जो इतिहास, संस्कृति और जीवंत पाक परंपराओं में डूबा हुआ है। स्ट्रीट फूड स्टॉल से लेकर बढ़िया डाइनिंग रेस्तरां तक, सोनीपत स्वादिष्ट व्यंजनों की एक विविध श्रृंखला प्रदान करता है जो हर तालू को पूरा करते हैं। आइए सोनीपत के पाक परिदृश्य में उतरें और इस शहर में मिलने वाले सबसे अच्छे भोजन की खोज करें।

Sonipat ke sabse ache khane ki Dish kon si hai (What is the best food in Sonipat)

Paranthas at sukhdev dhaba murthal (sonipat).

सोनीपत के खाद्य परिदृश्य की कोई भी खोज मुरथल में प्रतिष्ठित ढाबों का उल्लेख किए बिना पूरी नहीं होती है। अपने मुँह में पानी लाने वाले पराठों के लिए जाने जाने वाले, ये सड़क के किनारे के भोजनालय विभिन्न प्रकार के भरे हुए पराठे परोसते हैं जिन्हें शुद्ध देसी घी में पूरी तरह से पकाया जाता है। चाहे आप आलू, पनीर, या मिश्रित शाकाहारी पराठे पसंद करें, मुरथल की यात्रा हर भोजन उत्साही के लिए जरूरी है।

Chole Bhature at Bhagat Ji (Sonipat)

एक हार्दिक और परिपूर्ण भोजन के लिए, सोनीपत में भगत जी के पास जाएँ, जहाँ आप शहर के सबसे अच्छे छोले भटूरे का स्वाद ले सकते हैं। मसालेदार और तीखे छोले के साथ जोड़े गए रूखे भटुरा एक स्वादिष्ट संयोजन बनाते हैं जो आपको और अधिक के लिए लालायित कर देगा। यह प्रतिष्ठित व्यंजन स्थानीय लोगों और आगंतुकों के बीच समान रूप से पसंदीदा है।

Samosas at Gulshan Sweets (Sonipat)

जब स्ट्रीट फूड की बात आती है, तो सोनीपत निराश नहीं करता है। गुलशन स्वीट्स में अपना रास्ता बनाएँ और उनके कुरकुरा और स्वादिष्ट समोसे का आनंद लें। चाहे आप उन्हें मसालेदार चटनी या तीखी इमली की चटनी के साथ पसंद करें, अच्छाई के ये सुनहरे पार्सल निश्चित रूप से एक त्वरित और स्वादिष्ट नाश्ते के लिए आपकी लालसा को संतुष्ट करेंगे।

Paneer Tikka at Spice Route (Sonipat)

यदि आप कुछ और बेहतर करने के मूड में हैं, तो सोनीपत के एक लोकप्रिय रेस्तरां स्पाइस रूट पर जाएं, जो अपने स्वादिष्ट उत्तर भारतीय व्यंजनों के लिए जाना जाता है। उनका रसीला पनीर टिक्का, सुगंधित मसालों के मिश्रण में मैरीनेट किया जाता है और पूरी तरह से ग्रिल किया जाता है, एक सच्चा भोजन आनंद है जो आपके स्वाद की कलियों को आकर्षित करेगा।

Lassi at Bikaner Sweet Shop (Sonipat)

सोनीपत में कोई भी भोजन बिना तरोताजा करने वाले लस्सी के गिलास के पूरा नहीं होता है। बीकानेर मिठाई की दुकान पर जाएँ और उनकी मलाईदार और झागदार लस्सी का आनंद लें, जो ताजे दही से बनाई जाती है और इलायची या गुलाब के अर्क से सुगंधित होती है। यह पारंपरिक पंजाबी पेय सोनीपत के माध्यम से आपकी पाक यात्रा को समाप्त करने का सही तरीका है।

Rajma Chawal at Prem Dhaba (Sonipat)

एक आरामदायक और घरेलू भोजन के लिए, प्रेम ढाबा जाएं और उनके स्वादिष्ट राजमा चावल का स्वाद लें। सुगंधित बासमती चावल के साथ मलाईदार किडनी बीन करी, एक क्लासिक संयोजन है जिसे स्थानीय लोगों और पर्यटकों द्वारा समान रूप से पसंद किया जाता है। एक अतिरिक्त सुखद स्पर्श के लिए ऊपर घी का एक टुकड़ा डालें।

Jalebis at Om Sweets (Sonipat)

सोनीपत की अपनी पाक कला की खोज को ओम स्वीट्स की गर्म और कुरकुरा जलेबी की थाली के साथ एक मीठे नोट पर समाप्त करें। मीठा के ये गहरे तले हुए, सिरप से लथपथ सर्पिल सोनीपत में एक लोकप्रिय मिठाई विकल्प हैं और एक कप मसाला चाय के साथ गर्म पाइपिंग का सबसे अच्छा आनंद लिया जाता है।

अंत में, सोनीपत एक पाक स्वर्ग है जो आपके स्वाद की कलियों को लुभाने के लिए मुँह में पानी लाने वाले व्यंजनों की एक विविध श्रृंखला प्रदान करता है। चाहे आप स्ट्रीट फूड के शौकीन हों या बढ़िया भोजन के शौकीन, इस शहर में सभी के लिए कुछ न कुछ है।

  • Hindisiksa sexy bf video: A Comprehensive Guide to India’s Premier Video Publishing Platform 16 May 2024

vasant ritu essay in hindi

  • Top 10 tourist places in Sonipat (Sonipat me ghumne ke liye 10 sabse achi Jagah) 12 March 2024
  • The Downsides of Living in Sonipat (Sonipat me rahne ke nuksaan) 12 March 2024
  • 9 Benefits of Living in Sonipat: अंतहीन अवसरों वाला एक आकर्षक शहर 12 March 2024

Top 10 tourist places in Sonipat (Sonipat me ghumne ke liye 10 sabse achi Jagah)

Sonipat me ghumne ke liye 10 sabse achi Jagah: हरियाणा के मध्य में स्थित, सोनीपत एक ऐसा शहर है जो एक समृद्ध ऐतिहासिक और सांस्कृतिक विरासत का दावा करता है। प्राचीन स्मारकों से लेकर जीवंत बाजारों तक, सोनीपत पर्यटकों को देखने के लिए विभिन्न प्रकार के आकर्षण प्रदान करता है। इस लेख में, हम सोनीपत … Read more

The Downsides of Living in Sonipat (Sonipat me rahne ke nuksaan)

Sonipat me rahne ke nuksaan: उत्तरी भारतीय राज्य हरियाणा का एक जीवंत शहर सोनीपत अपने ऐतिहासिक महत्व, शैक्षणिक संस्थानों और बढ़ते औद्योगिक क्षेत्र के लिए जाना जाता है। हालाँकि, किसी भी अन्य शहर की तरह, सोनीपत में भी चुनौतियों का अपना हिस्सा है जिसे निवासियों को प्रतिदिन पार करना पड़ता है। इस लेख में, हम … Read more

9 Benefits of Living in Sonipat: अंतहीन अवसरों वाला एक आकर्षक शहर

9 Benefits of Living in Sonipat: सोनीपत, भारतीय राज्य हरियाणा में स्थित एक शहर, शहरी सुविधाओं और ग्रामीण आकर्षण के अपने अनूठे मिश्रण के लिए निवासियों और पर्यटकों के बीच समान रूप से लोकप्रियता प्राप्त कर रहा है। अपने समृद्ध इतिहास से लेकर अपनी आधुनिक सुविधाओं तक, सोनीपत जीवन की एक उच्च गुणवत्ता प्रदान करता … Read more

Sonipat Haryana ki Sabse ache Cities me se ek kyon hai?

Sonipat Haryana ki Sabse ache Cities me se ek kyon hai: हरियाणा राज्य में स्थित एक सुंदर शहर सोनीपत को अक्सर अच्छे कारणों से “शिक्षा का शहर” कहा जाता है। अपने समृद्ध इतिहास, जीवंत संस्कृति और प्रभावशाली बुनियादी ढांचे के साथ, सोनीपत हरियाणा के सर्वश्रेष्ठ शहरों में से एक है। इस लेख में, हम उन … Read more

वसंत ऋतु पर निबंध – Spring Season Essay in Hindi

Spring Season in Hindi : भारत में छ: ॠतुओ को माना जाता है जो सब अपनी अपनी विशेषताओ को दर्शाति है। इन सब में सबसे पहला और सबसे पर्मुख स्थान बसंत ऋतु को प्राप्त हुआ है इसी कारण इस ऋतु को ऋतुराज भी कहा जाता है। बसंत ऋतु को वसंत ऋतु के नाम से भी जाना जाता है। नीचे हमने ऋतुओ के राजा बसंत ऋतु पर सरल भाषा में निबंध लिखा है।

Table of Contents

प्रस्तावना और अर्थ

ऋतुराज बसंत – spring – king of all seasons, वसंत ऋतु का महत्व और मनाने का तरीका, वसंत ऋतु – खुशी का पर्व, बलिदान और त्याग का पर्व, कवियों का प्रेरणा स्त्रोत वसंत ऋतु, बसंत ऋतु पर दस लाइन: 10 line on spring season, essay on spring season in hindi: वसंत ऋतु पर निबंध.

Spring Season Essay in Hindi वसंत ऋतु पर निबंध

बसंत संस्कृत के शब्द बस धातु से निकला है बस का अर्थ होता है चमकना। बसंत का अर्थ हुआ चमकता हुआ। प्रकृति के चमकते हुए रूप को बसंत ऋतु कहते है। प्राचीनकाल मे किसी भी शुभ कार्य का श्री गणेश बसंत ऋतु से होता था। क्योंकि बसंत, शुभ और शगुन का प्रतीक माना जाता है। वैदिक युग मे विद्या प्राप्ति का कोई भी काम व महाजनो का अनुष्ठांण इसी ऋतु से प्रारंभ होता था। हमारे प्राचीन ऋषियों ने ॠतुओ का सूक्षम अध्यन कर वर्ष का प्रारम्भ बसंत ऋतु से किया। भारतीय परंपरा के अनुसार चैत्र माह वर्ष का पहला महीना है। इसलिए चैत्र, बैसाख दो माह बसंत ऋतु कहलाते है। हिन्दू कैलेन्डर के अनुसार वसंत ऋतु मार्च और अप्रैल महीने में आती है ।

बसंत ऋतु को ॠतुओ का राजा या ऋतुराज भी कहा जाता है। प्रकृति का श्रृंगार इसी ऋतु में होता है। इस महीना मे प्रकृति क्रीड़ा करती है। प्रकृति ने मानो सभी ऋतुओ के गुणों का मिश्रण से इस ऋतु का निर्माण किया। हम यह भी कह सकते है कि सभी ॠतुओ ने अपने अपने अंश के द्वारा अपने राजा की रचना की हो। बसंत ऋतु में सभी ॠतुओ के गुण शामिल है। इसलिए इस ऋतु को ऋतुराज की उपाधि दी गई है। यह ऋतु प्रकृति का मुकुट है। जिसमे सभी उल्लास के रंग बिखरे हुए है। यही कारण है बसंत ऋतु भारत में सभी ॠतुओ मे महान मानी जाती है।

इस ऋतु का शुभारंभ बसंत पंचमी से होता है। इस दिन लोग पीले रंग के वस्त्र धारण करते हैं , जो की उल्लास का प्रतीक मना जाता है। घरों में तरह तरह के पकवान बनाए जाते है। कुछ स्थानो पर बसंत मेलो का आयोजन भी होता है, जो बड़ा ही मनमोहन लगता है। इस ऋतु में लोग सहज भाव से आनंद विभोर होकर नाचते और गाते है। इसलिए रंगों का त्योहार होली भी इसी ऋतु में आता है। इस त्योहार पर लोग अपने दिलों के रंगों को बाहर के रंगों में रंग देते है। लोग रंगों को अपनी खुशियों के रूप मे दूसरों पर बिखेर देते है। आनन्द के इस पावन महीने में चारों और आंनद ही आंनद देखने को मिलता हैं।

बसंत ऋतु मे प्रकृति के सारे रूप हर्ष व्यक्त करते हुए दिखाई देते है। जब प्रकृति के सभी रंग खुशियाँ मानते है, तो मानव जाति इसका लुत्फ़ से वछित कैसे रह सकती है। प्रकृति का पुजारी कह लाने वाली मानव जाति इस ऋतु का खुब लाभ उठाती आई है इस ऋतु में सभी का मन स्वभाविक रूप से हर्षित रहता है चाहे वो पशु पक्षी हो या मनुष्य ।

किसी ऋतु में अधिक गर्मी होती है तो किसी मे सर्दी या वर्षा, इस कारण मानव मन आशांत रहता है। किसी भी कार्य को करने मे असमर्थ सा दिखाई देता है किंतु बसंत ऋतु में ऐसा बिल्कुल नहीं होता इस ऋतु में न तो अधिक सर्दी होती है न अधिक गर्मी। इन दिनों बरसात भी समान रूप से होती है जिस वजह से किसी भी कार्य को करने की रुचि भी अधिक होती है। इन दिनों बच्चो नौजवानों से लेकर बुजर्गो में भी उल्लास भर उठता है। ठंडी और सुगंधित वायु का आंनद लेने के लिए लोग प्रात काल उठकर सैर करने के लिए निकल जाते है।

अपने शरीर को स्वस्थ बनाने हेतु भी यह ऋतु काफी लाभप्रद होती है। हमारे जीवन मे प्रात काल की शुद्ध वायु बहुमुल्य ओषद्धि का कार्य करती है , और हमारे लिए बहुत उपयोगी सिद्ध होती है। बसंत ऋतु में सभी लोगों के मुख पर प्रसनता छाई होती है, इसलिए इस ऋतु को हर्ष और उल्लास का सूचक माना गया है।

बसंत का यह पर्व हमे एक ऐतिहासिक घटना की याद भी दिलाता है। इस दिन वीर बालक हकीकत राय ने अपना शीश काटकर अभूतपूर्व बलिदान किया था। उसी पावन दिन को स्मरण करते हुए उसकी समाधि पर हर वर्ष शाम के समय मेला लगाया जाता है। पहले यह मेला लाहौर में लगता था, परंतु अब ये नई दिल्ली हिंदू महासभा भवन में लगता है। इसी कारण यह दिन बलिदान और त्याग का पर्व भी कहलाता है।

पुराने वर्षों से बसंत ऋतु ने सबसे ज्यादा कवियों को प्रेरित किया है। कवियों में ऐसा कोई नहीं हो सकता जिसकी कलम बसंत ऋतु पर ना उठी हो। सभी महान कवियों ने जैसे कि कालिदास, बाल्मीकि, तुलसीदास , व्यास ,भवभूति आदि कवियों ने इस ऋतु पर संस्कृत मे कविताओं की रचना की है।

हिंदी कवियों ने भी इस ऋतु राज से प्रभावित होकर कितनी ही कविताओं को रचा है। हिंदी साहित्य के प्रसिद्ध कवि महादेवी वर्मा, दिवाकर, निराला, प्रसाद ये सब भी बसंत ऋतु से प्रभावित हुए बिना नहीं रह सके। इन सभी कवियों के ह्रदय मे वसंत ने अपनी अनुपम सुंदरता का स्त्रोत बहाया है। इनमें नई धड़कन पैदा करके उमंग का संचार किया। फलसवरूप इन सब महान कवियों के हृदय से नयी कविताओं का निर्माण हुआ।

यह ऋतु सभी जनजाति मे नवयौवन का संचार करती है । गीता का उपदेश देते समय भगवान श्री कृष्ण जी ने अपने आप को सभी ॠतुओ मे बसंत बताया है। इस ऋतु में जड़ चेतन्य का संचार होने लगता है। इसी कारण बसंत ऋतु को उल्लास से भरा और हर्षित करने वाला पर्व कहते हैं।

  • बसंत ऋतु ऋतुओ मे सबसे सर्वोत्तम माना गया है। भारत में यह ऋतु सभी ॠतुओ से महान कहलाती है।
  • इस ऋतु को ॠतुओ का राजा भी कहते हैं।
  • बसंत शब्द की रचना संस्कृत के बस धातु से हुई है बस का अर्थ होता है चमकना। इस प्रकार बसंत का अर्थ हुआ चमकता हुआ।
  • इस ऋतु को भारतीय सभ्यता के अनुसार बहुत शुभ माना जाता है।
  • बसंत ऋतु मे प्राकृतिक सुंदरता को निखर प्राप्त होता है।
  • यह ऋतु मानव स्वास्थ्य के लिए बड़ी ही लाभदायक सिद्ध होती है।
  • यह ऋतु मनुष्यों के लिए अनेकों त्योहारो का आगमन करती है, बसंत पंचमी का पर्व भी इसी माह में मनाया जाता है।
  • इस ऋतु को हम वीर बालक हकीकत राय द्वारा शीश बलिदान दिवस के रूप मे भी मानते हैं। जो कि एक ऐतिहासिक घटना है
  • भगवान श्री कृष्ण जी ने गीता का उपदेश देते हुए अपने आप को इसी ऋतु मे बताया है।
  • बसंत ऋतु मन मे नया उल्लास भर देने वाला पर्व है।

पीएचडी क्या हैं? PHD कैसे करे : फीस, योग्यता

PHD क्या है कैसे करे: Full Form, Fees, Subject in Hindi

एनडीए NDA full form kya hain in Hindi

एनडीए क्या हैं NDA (Indian Army, Air Force, Navy) Join कैसे करे

GNM Full Form, College Fees, Salary

GNM Course क्या है जीएनएम कैसे करे? Full Form, College Fees, Salary

वैसाखी पर निबंध Baisakhi Essay in Hindi

[2023] बैसाखी पर निबंध: Baisakhi Essay in Hindi

BSC Full Form in Hindi

BSC Full Form in Hindi – बीएससी कैसे करे, सब्जेक्ट, फीस और कैरियर

पॉलिटेक्निक क्या हैं Polytechnic in Hindi

पॉलिटेक्निक क्या हैं? Polytechnic कैसे करे पूरी जानकारी हिंदी में

' src=

About Hindi Use

HindiUse.com एक ऐसा प्लेटफार्म है जहाँ पर एक प्रोफेशनल ब्लॉगर की टीम है जो शिक्षा, सामान्य ज्ञान, बैंकिंग, ज्योतिष और अन्य इंटरनेट से संबधित जानकारी हिंदी भाषा में शेयर करते है।

Leave a Comment Cancel reply

Notify me of follow-up comments by email.

Notify me of new posts by email.

Gurukul99

बसंत ऋतु पर निबंध – Essay on Basant Ritu in Hindi

Basant ritu par nibandh.

भारत प्राकृतिक बदलावों की क्रीड़ा स्थली है। यहां प्रकृति विभिन्न रूपों में उपस्थित रहती है। साथ ही प्रकृति की शोभा बढ़ाने में ऋतुओं का योगदान महत्वपूर्ण है। अन्य देशों में तीन ग्रीष्म, वर्षा और शीत ऋतुएं होती हैं, किन्तु भारत ही ऐसा देश है, जहां छह ऋतुएं अपने श्रृंगार से उसकी शोभा को अत्यधिक बढ़ा देती हैं। इनमें सबसे श्रेष्ठ मादक, सुंदर और आकर्षक ऋतु है बसंत ऋतु। इसे ऋतुराज और कुसुमाकर भी कहते हैं। मानव जीवन की तरह प्रकृति भी परिवर्तनशील है। जिस प्रकार मनुष्य के जीवन में भिन्न भिन्न काल आते हैं, उसी प्रकार प्रकृति भी शैशव, यौवन और वृद्धा अवस्था की स्थिति को प्राप्त करती है। बसंत प्रकृति का यौवन है। बसंत आया और प्रकृति खिल उठी। वृक्षों पर नव पल्लव अंकुरित हो गए और कली खिलकर पुष्प बन गई।

बसंत ऋतु का आगमन

बसंत ऋतु को मधु ऋतु भी कहते हैं। तभी तो बसंत आने पर प्रकृति में माधुर्य, मादकता और सौंदर्य भर जाता है। शिशिर की कड़ी ठंड के पश्चात् प्रकृति खिल उठना चाहती हैं। प्रसिद्ध अंग्रेजी कवि शैलै ने कहा है यदि शिशिर आएगा तो क्या बसंत दूर रहेगी। नहीं ! नहीं ! वह तो शिशिर की अनुगमिनी है। अवश्य ही शीत ऋतु के आगमन की घोषणा करता है। बसंत में प्रकृति नववधू की भांति शोभायमान हो जाती है। कोयल कूंकने लगती है। चारों ओर फूल खिल उठते हैं। उनकी सुगंध वातावरण में छा जाती है। बसंत के आते ही आमों पर बौर आ जाते हैं  पुष्पों से मधु टपकने लगता है। बागों के भंवरों के उल्लासमय गीत और तितलियों के नाच प्रारंभ हो जाते हैं। वनों में पलाश के लाल – लाल फूल शोभित होने लगते हैं। पीली सरसों की शोभा तो बहुत ही निराली होती है। धरती ने मानों पीले फूलों की साड़ी पहने हो। उसकी शोभा से आकृष्ट हो अनंग भी मुग्ध हो जाता है।

बसंत ऋतु के रूप

बसंत ऋतु त्याग और बलिदान की भी ऋतु है। गुरु गोविन्द सिंह के अबोध बच्चे देश और धर्म की बलिदेवी पर न्योछावर हो गए थे। वीर हकीकत ने अपने जीवन पुष्प को धर्म की वेदी पर अर्पित कर दिया था। ऐसे में आज भी बसंत ऋतु चमकौर दुर्ग की मिट्टी की उन वीर शहीदों के रंग से रंगी मालूम होती है और नवयुवकों में स्फूर्ति भरती हुई प्रतीत होती है। बसंत पंचमी पर मेले लगते हैं। साथ ही इन दिनों लोक गीत बसंत बहार का रंग बिखेर देते हैं पर प्रकृति अपनी श्रद्धा प्रकट करने के लिए ऐसा सुंदर रूप अपनाती है। बसंत पंचमी के दिन बग प्रदेश, असम और बिहार के कुछ भागों में लोग विद्या और कला की देवी सरस्वती की पूजा उपासना करते हैं। इस पर्व पर बसंती रंग के सरसों के फूलों से घर बाहर सज जाते हैं और बसंती रंग के कपड़े पहनकर प्रकृति के रूप और कार्य के साथ मिलकर प्रसन्नता प्रकट करते हैं।

वसंत ऋतु में आने वाले त्योहार

हिंदू संवत के अनुसार, वसंत ऋतु से ही नए साल का शुभारंभ होता है। वसंत ऋतु अपने साथ हरियाली और खुशहाली लेकर आती है। इस दौरान पेड़ों पर नए पत्ते आ जाते हैं और खेतों में पीली सरसों लहराती है। हिंदू धर्म में वसंत ऋतु को सभी ऋतुओं का राजा कहा जाता है। यह ऋतु हर वर्ष मार्च-अप्रैल यानि फाल्गुन और चैत के महीने में पड़ती है। जिसमें हिंदू धर्म के अनेक महत्वपूर्ण त्योहार भी मनाए जाते हैं। जोकि निम्न प्रकार हैं:-

  • होली – हिंदुओं के प्रमुख त्योहारों में से एक होली का त्योहार वसंत ऋतु में मनाया जाता है। इसे रंग धुलेंडी और रंगों के त्योहार के नाम से भी जाना जाता है। होली के दिन सभी लोग एक दूसरे से गिले शिकवे भुलाकर गले मिलते हैं और रंग लगाते हैं। होली का त्योहार आपसी भाईचारे का त्योहार है, जिसे सम्पूर्ण भारतवर्ष में हर्षोल्लास से मनाया जाता है। होली के आने से पहले ही भारतीय घरों में पकवान और पापड़ बनने शुरू हो जाते हैं और होली से एक दिन पहले गुजिया बनाकर भगवान को भोग लगाया जाता है। होली का त्योहार दो दिन तक मनाया जाता है। जिसके अगले दिन सभी लोग एक दूसरे के घर जाकर उन्हें होली की बधाई देते हैं। इस प्रकार, वसंत ऋतु की शुरुआत रंगों के त्योहार होली से होती है।
  • बसंत पंचमी – वसंत ऋतु में ही बसंत पंचमी का त्योहार मनाया जाता है। इस दिन विशेष रूप से हिंदुओं द्वारा विद्या की देवी सरस्वती की पूजा की जाती है। बसंत पंचमी के दिन पीले रंग के कपड़े पहनने का चलन है। उत्तर भारत में कई स्थानों पर बसंत पंचमी के दिन पतंग उड़ाई जाती है।
  • महाशिवरात्रि – भगवान शिव को हिंदू धर्म का प्रमुख देवता माना गया है। जिनकी महाशिवरात्रि के दिन विशेष रूप से पूजा अर्चना की जाती है। शंकर भगवान का यह पवित्र त्योहार वसंत ऋतु में ही मनाया जाता है। महाशिवरात्रि पर भक्तों द्वारा शिवलिंग पर बेल पत्र, धतूरा और दूध आदि चढ़ाकर भोलेनाथ को प्रसन्न किया जाता है।
  • बैसाखी – मुख्य रूप से यह पर्व सिख समुदाय के लोगों द्वारा मनाया जाता है। वसंत ऋतु का आगमन अपने साथ खेतों की रौनक वापिस लेकर आता है। ऐसे में बैसाखी पर नई फसल की कटाई को सबसे पहले ईश्वर के चरणों में अर्पित करके फिर उसको लोगों द्वारा ग्रहण किया जाता है।
  • रामनवमी – वसंत ऋतु में ही रामनवमी मनाई जाती है। कहा जाता है इसी दिन भगवान विष्णु के अवतार भगवान श्री राम ने जन्म लिया था। रामनवमी से पहले नवरात्रि मनाई जाती है, जिस दौरान मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा की जाती है। नवरात्रि के दिनों में भक्तों द्वारा व्रत का भी पालन किया जाता है और रामनवमी वाले दिन कन्या भोज का आयोजन किया जाता है। रामनवमी वाले दिन भगवान श्री राम, लक्ष्मण और माता सीता को पूजा जाता है और उनका आशीर्वाद प्राप्त किया जाता है।

इसके अलावा, वसंत ऋतु में अक्षय तृतीया, परशुराम जयंती, हनुमान जयंती, नवरात्रि आदि त्योहार भी मनाए जाते हैं। वसंत ऋतु जोकि अपने साथ प्राकृतिक सौंदर्य लेकर आती है, उसका महत्व उपरोक्त त्योहारों के चलते और अधिक बढ़ जाता है।

बसंत ऋतु जिन रंग बिरंगे फूलों से प्रकृति को सजाती है, उन्हीं रंगों को भारत की जनता होली के पर्व पर एक दूसरे को उड़ेल देती है। बसंत का पीला रंग खेतों में फूली हुई सरसों की फसल पर छा जाता है। जहां तक दृष्टि जाती है, बासन्ती परिधान में प्रकृति अपना रंग जमा कर देखने वालों के हृदय को आकर्षित करती है। सुखद बसंत ऋतु फूलों से प्रकृति के यौवन का श्रृंगार करती प्रतीत होती है। इस ऋतु का पूर्ण प्रभाव होली के उत्सव में दिखाईं देता है। जिसमें प्रकृति के साथ मनुष्य भी मस्ती से झूम उठते हैं।

इसके साथ ही हमारा आर्टिकल – Basant Ritu Par Nibandh समाप्त होता है। आशा करते हैं कि यह आपको पसंद आया होगा। ऐसे ही अन्य कई निबंध पढ़ने के लिए हमारे आर्टिकल – निबंध लेखन को चैक करें।

अन्य निबंध – Essay in Hindi

' src=

अंशिका जौहरी

Leave a comment cancel reply.

Save my name, email, and website in this browser for the next time I comment.

most recent

anmol vachan

जीवन के अनमोल वचन | Life Anmol Vachan

how to become rich in hindi

How to become rich? अमीर बनना चाहते हैं, तो अपनाएं ये 5 आदतें

Self Disipline

Facts , Motivational

Self discipline बढ़ाने के 10 तरीके.

महाभारत के युद्ध के दौरान भगवान श्री कृष्ण रोज मूंगफली क्यों खातेथे?

महाभारत युद्ध के समय भगवान श्रीकृष्ण प्रतिदिन मूंगफली क्यों खाते थे?

भगवान श्री राम को 14 वर्षों का ही वनवास क्यों मिला?

भगवान श्री राम को 14 वर्षों का ही वनवास क्यों मिला?

12 Yodha Mahabharat

Religious , Mahabharat

जानिए महाभारत के उन 12 योद्धाओं के बारे में, जो युद्ध के बाद जीवित बचे थे.

Dharm | Mahabharat | Motivational | Quotes | Jivani | Hindi Grammar | Nibandh | English Grammar

Trending Articles

Free SEO Course in Hindi | Free Blogging Course in Hindi  | Education Quotes in Hindi | जीवन के अनमोल वचन | Mahabharat Quotes in Hindi | Mahabharat Story in Hindi | Ganesh Quotes | Jivani kya hai | Motivational Poems in Hindi | Krishna Quotes in Hindi

About Us | Contact Us | Disclaimer | Terms and Conditions | Privacy Policy | Affiliate Disclosure © 2024 Gurukul99

HindiKiDuniyacom

वर्षा ऋतु पर निबंध (Rainy Season Essay in Hindi)

वर्षा ऋतु

वर्ष ऋतु हमारे लिए ढेर सारी खुशियों की बौछार लेके आती है। भारत में वर्षा ऋतु एक बेहद ही महत्वपूर्ण ऋतु है। वर्षा ऋतु आषाढ़, श्रावण तथा भादो मास में मुख्य रूप से होती है। वर्षा ऋतु मुझे बहुत पसंद है। ये भारत के चार ऋतुओं में से मेरी सबसे प्रिय ऋतु है। यह गर्मी के मौसम के बाद आती है, जो साल की सबसे गर्म ऋतु होती है। भयंकर गर्मी, गर्म हवाएँ (लू), और तमाम तरह की चमड़े की दिक्कतों की वजह से मैं गर्मी के मौसम में काफी परेशान हो जाता हूँ। हालाँकि, सभी परेशानियाँ वर्षा ऋतु के आने के साथ ही दूर हो जाती है।

Seasons in India Essay in Hindi | 10 Lines on Rainy Season in Hindi

वर्षा ऋतु पर छोटे तथा बड़े निबंध (Short and Long Essay on Rainy Season in Hindi, Varsha Ritu par Nibandh Hindi mein)

वर्षा ऋतु पर निबंध – 1 (250 – 300 शब्द).

मनुष्यों के साथ ही साथ पेड़, पौधे, चिड़ियाँ और जानवर सभी उत्सुकता के साथ वर्षा ऋतु का इंतजार करते है और इसके स्वागत के लिये ढेर सारी तैयारियाँ करते है। इस मौसम में सभी को गर्मी से राहत और सुकून मिलता है।

वर्षा ऋतु का आगमन

भारत में वर्षा ऋतु जुलाई महीने में शुरु हो जाती है और सितंबर के आखिर तक रहती है। ये असहनीय गर्मी के बाद सभी के जीवन में उम्मीद और राहत की फुहार लेकर आती है। आकाश बहुत चमकदार, साफ और हल्के नीले रंग का दिखाई पड़ता है और कई बार तो सात रंगों वाला इन्द्रधनुष भी दिखाई देता है। पूरा वातावरण सुंदर और आकर्षक दिखाई देता है। आकाश में सफेद, भूरे और गहरे काले बादल भ्रमण करते दिखाई देते है।

प्रकृति पर वर्षा ऋतु का प्रभाव

सभी पेड़ और पौधे नयी हरी पत्तियों से भर जाते है तथा बगीचें और मैदान सुंदर दिखाई देने वाले हरे मखमल की घासों से ढक जाते है। जल के सभी प्राकृतिक स्रोत जैसे नदियां, तालाबें, गड्ढें आदि पानी से भर जाते है। सड़कें और खेल के मैदान भी पानी से भर जाते है और मिट्टी कीचड़ युक्त हो जाती है।

वर्षा ऋतु की विशेषताएं

वर्षा ऋतु, किसानों के लिये फसलों के लिहाज से बहुत फायदेमंद रहती है। वर्षा ऋतु में जीव जन्तु भी बढ़ने लगते हैं। ये हर एक के लिये शुभ मौसम होता है और सभी इसमें खुशी के साथ ढेर सारी मस्ती करते है। इस मौसम में हम सभी पके हुये आम का लुत्फ उठाते है। वर्षा से फसलों के लिए पानी मिलता है तथा सूखे हुए कुएं, तालाबों तथा नदियों को फिर से भरने का कार्य वर्षा के द्वारा ही किया जाता है।

वर्षा ऋतु में वातावरण शुद्ध और दर्शनीय हो जाता है। प्रकृति फल और फूलों से लद जाती है। हमें वर्षा ऋतु बहुत पसंद आता है।

इसे यूट्यूब पर देखें : Essay on Rainy Season in Hindi

निबंध 2 (300 शब्द) – वर्षा ऋतु के फायदे व नुकसान

वर्षा ऋतु में आकाश में बादल छा जाते हैं, वे गरजते हैं और सुंदर लगते हैं। हरियाली से धरती हरी-हरी मखमल सी लगने लगती है। वृक्षों पर नये पत्ते फिर से निकलने लगते हैं। वृक्ष लताएँ मानो हरियाली के स्तम्भ लगते हैं। खेत फूले नहीं समाते, वास्तव में वर्षा ऋतु किसानों के लिये ईश्वर के द्वारा दिया गया एक वरदान है। वर्षा ऋतु में जीव जन्तु भी बढ़ने लगते हैं। ये हर एक के लिये शुभ मौसम होता है और सभी इसमें खुशी के साथ ढेर सारी मस्ती करते है।

वर्षा ऋतु में इंद्रधनुष

भारत में वर्षा ऋतु जुलाई महीने में शुरु हो जाती है और सितंबर के आखिर तक रहता है। ये असहनीय गर्मी के बाद सभी के जीवन में उम्मीद और राहत की फुहार लेकर आता है। इंसानों के साथ ही पेड़, पौधे, चिड़ियाँ और जानवर सभी उत्सुकता के साथ इसका इंतजार करते है और इसके स्वागत के लिये ढेर सारी तैयारियाँ करते है। इस मौसम में सभी को राहत की साँस और सुकून मिलता है।

आकाश बहुत चमकदार, साफ और हल्के नीले रंग का दिखाई पड़ता है और कई बार तो सात रंगों वाला इन्द्रधनुष भी दिखाई देता है। पूरा वातावरण सुंदर और आकर्षक दिखाई देता है। सामान्यतः मैं हरे-भरे पर्यावरण और दूसरी चीजों की तस्वीर लेता हूँ जिससे ये मेरे कैमरे में यादों की तरह रहे। आकाश में सफेद, भूरा और गहरा काला बादल भ्रमण करता दिखाई देता है।

इस मौसम में हम सभी पके हुये आम का लुत्फ़ उठाते है। वर्षा से फसलों के लिए पानी मिलता है तथा सूखे हुए कुएं, तालाबों तथा नदियों को फिर से भरने का कार्य वर्षा के द्वारा ही किया जाता है। इसीलिए कहा जाता है कि जल ही जीवन है।

संक्रामक बीमारियों के फैलने का डर

सभी पेड़ और पौधे नयी हरी पत्तियों से भर जाते है तथा उद्यान और मैदान सुंदर दिखाई देने वाले हरे मखमल की घासों से ढक जाते है। जल के सभी प्राकृतिक स्रोत जैसे नदियॉ, तालें, तालाबें, गड्ढें आदि पानी से भर जाता है। सड़कें और खेल का मैदान भी पानी से भर जाता है और मिट्टी कीचड़युक्त हो जाती है। वर्षा ऋतु के ढेर सारे फायदे और नुकसान है।

एक तरफ ये लोगों को गरमी से राहत देती तो दूसरी तरफ इसमें कई सारी संक्रामक बीमारियों के फैलने का डर बना रहता है। यह किसानों के लिये फसलों के लिहाज से बहुत फायदेमंद रहता है लेकिन यह कई सारी संक्रमित बीमारियों को भी फैलाता है। इससे शरीर की त्वचा को काफी असुविधा होती है। इसके कारण डायरिया, पेचिश, टाईफॉइड और पाचन से संबंधित परेशानियाँ सामने आती है।

वर्षा ऋतु में रोगों के संक्रमण की संभावना अधिक हो जाती है और लोग अधिक बीमार पड़ने लगते है। इसलिए इस ऋतु में लोगों को सावधानी से रहना चाहिए और बारिश का मजा लेना चाहिए और जहां तक हो सके बारिश के पानी को संचित करने का उपाय ढूँढना चाहिए।

Rainy Season Essay in Hindi

निबंध 3 (400 शब्द) – वर्षा ऋतु का महत्व

धरती तप रही थी सूर्य आग उगल रहा था। सारे पेड़ पौधे सुख रहे थे। पक्षी-पशु जल बिना बेहाल थे। हर व्यक्ति उत्तेजना से मानसून की प्रतीक्षा कर रहा था। तभी आश्चर्यजनक रूप से मौसम में बदलाव आया। आकाश बदलो से घिर गया, तेज हवा और गड़गड़ाहट के साथ मध्य वर्षा होने लगी। मिट्टी की सौंधी सुगंध सांसों को महकने लगी। पेड़ पौधों में नया जीवन आ गया।

वर्षा ऋतु हम सभी के लिये प्यारा मौसम होता है। सामान्यतः: ये जुलाई के महीने में आता है और सितंबर के महीने में जाता है। ये प्रचण्ड गर्मी के मौसम के बाद आता है। ये धरती पर मौजूद हर जीव-जन्तु के लिये एक उम्मीद और जीवन लेकर आता है जो सूरज की ताप की वजह से खत्म हो जाता है। यह अपने प्राकृतिक और ठंडे बारिश के पानी की वजह से लोगों को बहुत राहत देता है। गर्मी के कारण जो नदी और तालाब सूख जाते वे फिर से बारिश के पानी से भर जाते है इससे जलचरों को नया जीवन मिल जाता है। यह उद्यानों और मैदानों को उनकी हरियाली वापस देती है। वर्षा हमारे पर्यावरण को एक नयी सुंदरता प्रदान करती है हालाँकि ये दुख की बात है कि ये सिर्फ तीन महीनों के लिये रहती है।

वर्षा ऋतु का सबसे अधिक महत्व किसानों के लिये

आम जन जीवन के अलावा वर्षा ऋतु का सबसे अधिक महत्व किसानों के लिये है क्योंकि खेती के लिये पानी की अत्यधिक आवश्यकता होती है जिससे फसलों को पानी की कमी न हो। सामान्यतः: किसान कई सारे गड्ढे और तालाब बनाकर रखते है जिससे वर्षा के जल का जरूरत के समय उपयोग कर सकें। वास्तव में वर्षा ऋतु किसानों के लिये ईश्वर के द्वारा दिया गया एक वरदान है। बारिश न होने पर वे इन्द्रराज देव से वर्षा के लिये प्रार्थना करते है और अंततः: उन्हें वर्षा का आशीर्वाद मिल जाता है। आसमान में बादल छाये रहते है क्योंकि आकाश में यहाँ और वहाँ काले, सफेद और भूरे बादल भ्रमण करते रहते है। घूमते बादल अपने साथ पानी लिये रहते है और जब मानसून आता है तो बारिश हो जाती है।

वर्षा ऋतु के आने से पर्यावरण की सुंदरता बढ़ जाती है। मुझे हरियाली बेहद पसंद है। वर्षा ऋतु के पलों का आनन्द लेने के लिये मैं सामान्यतः अपने परिवार के साथ बाहर घूमने जाता हूँ। पिछले साल मैं नैनीताल गया था और वह एक अच्छा अनुभव था। कई पानी से भरे बादल कार में हमारे शरीर पर पड़े और कुछ खिड़की से बाहर निकल गये। बारिश बहुत धीमे हो रही थी और हम सभी इसका आनन्द उठा रहे थे। हम लोगों ने नैनीताल में बोटिंग (नौकायन) का भी आनन्द उठाया। हरियाली से भरा नैनीताल बहुत अद्भुत लग रहा था।

ज्यादा बारिश हमेशा खुशियां ही नहीं लाता कभी-कभी जल प्रलय का कारण भी बन जाता है। कई जगह ज्यादा बारिश होने से गांव डूब जाते है और जन-धन की भी हानि होती है। बहुत ज्यादा बारिश के कारण खेते डूब जाते है फसलें भी नष्ट हो जाती और किसानों को बहुत नुकसान भी होता है।

Essay on Rainy Season in Hindi

निबंध 4 (600 शब्द) – वर्षा ऋतु के अगर फायदे हैं तो नुकसान भी है

वर्षा ऋतु को सभी ऋतुओं का रानी कहा जाता है। भारत में चार मुख्य ऋतुओं में वर्षा ऋतु एक है। यह हर साल गरमी के मौसम के बाद जुलाई से शुरु होकर सितंबर तक रहता है। जब मानसून आता है तो आकाश के बादल बरसते है । गर्मी के मौसम में तापमान अधिक होने के कारण पानी के संसाधन जैसे महासागर, नदी आदि वाष्प के रुप में बादल बन जाते है। वाष्प आकाश में इकट्ठा होती है और बादल बन जाते है जो वर्षा ऋतु में चलते है जब मानसून बहता है और बादल आपस में घर्षण करते है। इससे बिजली चमकती और गरजती है और फिर बारिश होती है।

हमारे देश में चार मुख्य ऋतुओं में वर्षा ऋतु एक है। यह ऐसी ऋतु है जो लगभग सभी लोगों की पसंदीदा होती है क्योंकि झुलसा देने वाली गर्मी के बाद ये राहत का एहसास लेकर आती है। वर्षा ऋतु जुलाई से शुरू होती है अर्थात सावन भादों के महीनों में होती है। यह मौसम भारतीय किसानों के लिए बेहद ही हितकारी एवं महत्वपूर्ण है।

कड़कड़ाती गर्मी के बाद जून और जुलाई के महीने में वर्षा ऋतु का आगमन होता है और लोगों को गर्मी से काफी राहत मिलती है। वर्षा ऋतु एक बहुत ही सुहाना ऋतु है। वर्षा ऋतु आते ही लोगों में खासकर के किसानों में खुशियों का संचार हो जाता है। वर्षा ऋतु सिर्फ गर्मी से ही राहत नहीं देता है बल्कि यह खेती के लिए वरदान है। बहुत सारे फसल अच्छी वर्षा पर निर्भर करता है। अगर अच्छी वर्षा नहीं हुई तो ज्यादा उपज नहीं हो पाएगा, जिससे लोगों को सस्ते में अनाज नहीं मिल पाएगा।

वर्षा ऋतु के दोनों पहलू : फायदे और नुकसान

वर्षा ऋतु के अपने फायदे और नुकसान है। बारिश का मौसम सभी को अच्छा लगता है क्योंकि यह सूरज की तपती गर्मी से राहत देता है। यह पर्यावरण से सभी गर्मी को हटा देता है और एक ठंडक एहसास होता है। यह पेड़, पौधे, घास, फसल और सब्जियों आदि को बढ़ने में मदद करता है। यह मौसम सभी जानवरों और पक्षियों को भी बेहद पसंद होता है क्योंकि उन्हें चरने के लिये ढेर सारी घास और पीने के लिये पानी मिल जाता है। और इससे हमें दिन में दो बार गाय और भैंसों का दूध उपलब्ध हो जाता है। सभी प्राकृतिक संसाधन जैसे नदी और तालाब आदि पानी से भर जाते है।

जब बारिश होती है तो सभी सड़कें, उद्यान तथा खेल के मैदान आदि जलमग्न और कीचड़युक्त हो जाते है। इससे हमें रोज खेलने में बाधा उत्पन्न होती है। सूरज की उपयुक्त रोशनी के बिना सब कुछ बदबू करने लगता है। सूरज की रोशनी की कमी की वजह से बड़े स्तर पर संक्रामक बीमारियों (विषाणु, फफूंदी और बैक्टीरिया से होने वाली) के फैलने का खतरा बढ़ जाता है। वर्षा ऋतु में, भूमि की कीचड़ और संक्रमित वर्षा का पानी धरती के अंदर जाकर पानी के मुख्य स्रोत के साथ में मिलकर पाचन क्रियाओं के तंत्र को बिगाड़ देते है। भारी बारिश के कारण बाढ़ की संभावना भी बनी रहता है।

वर्षा का दृश्य

पृथ्वी को मनोरम और अलौकिक रूप को देखकर बादल भी उसकी ओर आकर्षित होकर प्रेमी नायक की भांति झुकते ही चले आते हैं। और रसमय होकर उसे सरस बना देते हैं।  जैसे ही पृथ्वी पर बूँदें पड़ने लगती है वैसे ही पृथ्वी से अद्भुत भीनी-भीनी सुगंध उठने लगती है। वृक्षों में नया जीवन आ जाता है और वे हरे-भरे हो जाते हैं। पक्षी गण कलरव करने लगते हैं। इस प्रकार वर्षा के आगमन से  वातावरण ही बदल जाता हैं।

आखिरकार सभी के द्वारा वर्षा ऋतु को बहुत पसंद किया जाता है। हर तरफ हरियाली ही दिखाई देती है। पेड़, पौधे और लताओं में नयी पत्तियाँ आ जाती है। फूल खिलना शुरु हो जाते है। हमें आकाश में इन्द्र धनुष देखने का बेहतरीन मौका मिलता है। इस मौसम में सूरज भी लुका-छिपी खेलता है। मोर और दूसरे पक्षी अपने पंखों को फैलाकर झूमने लगते है। हम सभी वर्षा ऋतु का आनन्द स्कूल और घर दोनों जगह लेते है।

FAQs: Frequently Asked Questions

उत्तर – वर्ष भर में एक बार आने वाली वह ऋतु जिसमें वायुमंडलीय तापमान और आर्द्रता सामान्यतः उच्च रहते हैं, वर्षा ऋतु कहलाती है।

उत्तर – वर्षा ऋतु जून-जुलाई के महीने में आती है।

उत्तर – वर्षा ऋतु में अरहर, चावल, मक्का, मूंगफली, सोयाबीन आदि फसलें बोई जाती हैं।

उत्तर – वर्षा ऋतु में बोई जाने वाली फसलों को खरीफ फसल कहते हैं।

सम्बंधित जानकारी:

Rainy Day Essay in Hindi

10 Lines on Rainy Day in Hindi

बारिश/वर्षा ऋतु पर कविता

वर्षा जल संचयन पर निबंध

संबंधित पोस्ट

मेरी रुचि

मेरी रुचि पर निबंध (My Hobby Essay in Hindi)

धन

धन पर निबंध (Money Essay in Hindi)

समाचार पत्र

समाचार पत्र पर निबंध (Newspaper Essay in Hindi)

मेरा स्कूल

मेरा स्कूल पर निबंध (My School Essay in Hindi)

शिक्षा का महत्व

शिक्षा का महत्व पर निबंध (Importance of Education Essay in Hindi)

बाघ

बाघ पर निबंध (Tiger Essay in Hindi)

वर्षा ऋतु पर निबंध – सरल शब्दों में | Essay on Rainy Season in Hindi

क्या आप वर्षा ऋतु पर निबंध लिखना चाहते हैं? अगर आप ढूंढ रहे हैं Essay on Rainy Season in Hindi तो आप बिलकुल सही जगह पर आये हैं। इस पोस्ट में हम आपके लिए बरसात के मौसम पर short essay लेकर आये हैं जो की बहुत ही सरल भाषा में लिखे गये हैं। हमें उम्मीद है आपको ये वर्षा ऋतु के बारे में निबंध पसंद आयेंगे। आप इस निबंध को स्कूल-कॉलेज या प्रतियोगिता आदि में लिख सकते हैं।

वर्षा ऋतु पर निबंध – 100 शब्दों में | Short Essay on Rainy Season in Hindi

मुझे वर्षा ऋतु बहुत पसंद है। यह हर वर्ष जुलाई के महीने में आता है और हमें मई जून की तपती गर्मी से राहत देता है। यह मौसम जुलाई से सितम्बर तक तीन महीने तक रहता है। जब बारिश होती है तो सूखे हुए पेड़-पौधे फिर से हरे-भरे हो जाते हैं।

इस मौसम में हम मीठे-मीठे आम को खाने का आनंद लेते हैं। साथ ही इस ऋतु में हम सभी भारतीय कई सारे त्यौहार जैसे रक्षाबंधन, कृष्ण जन्माष्टमी, गणेश पूजा, ईद-उल-जुहा, मुहर्रम आदि को बड़े धूम-धाम से मनाते हैं। इसके अलावा लम्बी छुट्टी के बाद इसी महीने में हमारी स्कूल फिर से शुरू होती है। नये कॉपी-किताबों के साथ हम बड़े उत्साह से नई कक्षा में प्रवेश लेते हैं।

Varsha Ritu Par Nibandh – 250 शब्द

मई-जून की तपती हुई गर्मी को शांत करने के लिए हमारे देश में जुलाई महीने में वर्षा ऋतु का आगमन होता है। बरसात का यह मौसम पेड़, पौधे, मनुष्य तथा सम्पूर्ण जीव जगत में एक नया उत्साह पैदा कर देती है।

गर्मी से सूखे हुए पेड़ फिर से हरे-भरे हो जाते हैं, तपती हुई धरती में जब पानी की बूँदें पड़ती हैं तो बंजर खाली जमीन में घास और नये पौधे निकल आते हैं।

किसानो के लिए वर्षा ऋतु किसी वरदान से कम नही है। गर्मी के मौसम में सारे खेत-खलिहान सूख जाते हैं। नदी-तालाबों, कुओं और सभी जल स्त्रोतों में पानी की कमी हो जाती है ऐसे में किसान फसल नही उगा सकते इसलिए उन्हें बरसात के मौसम का इन्तजार रहता है ताकि खेती करके अच्छी फसल उगा सकें और साल भर के लिए अनाज का प्रबंध कर सकें।

वर्षा ऋतु का महत्त्व

सभी ऋतुओं में वर्षा ऋतु का अपना एक अलग महत्व है। जैसा की हम सब को पता है की जल के बिना जीवन सम्भव नही है, अगर बरसात नही होगी तो पानी की कमी हो जाएगी और अकाल भी पड़ सकता है इससे जन-जीवन पर बहुत ही बुरा असर पड़ सकता है।

हमारा देश कृषि प्रधान देश है, और बिना वर्षा के खेती करना बहुत मुश्किल है। यही वजह है की जब वर्षा ऋतु का आगमन होता है तो किसान खुश हो जाते हैं क्योंकि इससे खेतों पर पानी की कमी पूरी हो जाती है।

वर्षा ऋतु को ऋतुओं की रानी कहा गया है। वर्षा ऋतु के अपने फायदे भी हैं तो कुछ नुकसान भी जैसे इस मौसम में मच्छर, कीड़े-मकोड़े आदि भी पैदा होते हैं और बीमारियाँ फैलने का खतरा भी रहता है। अधिक वर्षा होने पर बाढ़ का खतरा बना रहता है। लेकिन इन सब के बावजूद यह ऋतु सम्पूर्ण जीव जगत के लिए जीवनदायिनी है।

वर्षा ऋतु पर निबंध – 300 शब्द

भारत में ग्रीष्म ऋतु की चिलचिलाती हुई गर्मी जून तक रहती है, इसके बाद वर्षा ऋतु की शुरुआत होती है और यह सुहाना मौसम सितम्बर रहता है। वर्षा की फुहारें बेहद आनंददायक और सुकून देने वाली होती हैं। इंसानों से लेकर हर जीव जंतु तो इस मौसम का इंतजार रहता है।

इस मौसम में बादलों में काली-भूरी घटायें छा जाती हैं और जब मौसम साफ़ हो जाता है तो पूरा आसमान नीला और मनमोहक दिखाई देने लगता है। और हाँ इन्द्रधनुष को हम कैसे भूल सकते हैं, सात रंगों वाला यह मनमोहक दृश्य सिर्फ सिर्फ इसी मौसम में ही तो दिखाई देते हैं। पूरी धरती हरी-भरी हो जाती है, मिटटी से सौंधी-सौंधी खुशबू, पक्षियों की चहचाहट मन मोह लेती हैं।

वर्षा ऋतु की विशेषताएं

खेती करने लिए बरसात का मौसम ही अनुकूल होता है क्योंकि गर्मी में जल स्तर कम होने और जलाशय के सूखने के बाद इसी ऋतू में सिंचाई के लिए पानी का प्रबंध हो पाता है। वर्षा ऋतू सिर्फ इंसानों के लिए ही फायदेमंद नही है इससे सूखे हुए पेड़-पौधों और गर्मी से व्याकुल पशु पक्षियों में भी नई जान आ जाती है।

इस मौसम में जंगलों का नजारा बेहद अनोखा होता है, आपने मयूर के बारे में तो सुना ही होगा काले बादल जब छाते हैं तो ये अपने खूबसूरत पंखों को फैलाकर नृत्य करते हैं, गर्मी में बेहाल और प्यासे जानवर पहली बारिश से ही राहत महसूस करते हैं।

वर्षा ऋतु से लाभ और हानि

वर्षा ऋतु में खेतों में हरियाली आ जाती है, बीजों से अंकुरण निकल आता है, किसानों के चेहरे पर मुस्कान आ जाती है। धरती का जल स्तर भी बढ़ जाता है इससे पानी की कम दूर हो जाती है। अगर वर्षा ऋतु न आये तो हमारे पास अनाज की कमी हो जाएगी जन-जीवन अस्त-व्यस्त हो जायेगा।

बेशक वर्षा ऋतु का हमारे जीवन में बहुत महत्त्व है, लेकिन फायदों के साथ-साथ इस मौसम के कुछ नुकसान भी हैं। अत्यधिक बारिश होने से बाढ़ आ सकता है नदी नालों में उफान आ जाता है। गावों से लेकर शहर तक जलमग्न हो सकते हैं इससे जानमाल की बहुत हानि होती है।

वर्षा ऋतु पर निबंध -400 शब्द | Essay on Rainy Season in Hindi

भारत में छः ऋतुएं आती हैं जिनमे से वर्षा ऋतु का अपना एक खास महत्त्व होता है। वर्षा ऋतु को ऋतुओं की रानी भी कहा जाता है। हमारे देश में वर्षा ऋतु का समय जुलाई से सितम्बर तक होता है।

मुख्य रूप से सावन का महिना ऐसा समय होता है जब मानसून सबसे अधिक सक्रिय हो जाता है। जून की झुलसा देने वाली गर्मी और गर्म हवाओं से राहत तभी मिलती है जब वर्षा की फुहारें धरती पर पड़ती हैं। धरती की प्यास बुझ जाती है, सूखे हुए पेड़ पौधों को नया जीवन मिल जाता है, तालाब, नदी नाले और जलाशय पानी से भर जाते हैं।

बरसात का मौसम जब आता है तो चारो ओर हरियाली छा जाती है, चिड़िया चहचहाने लगते हैं, मेंढक टर्राने लगते हैं, जंगली-जानवर भी चैन की सांस लेते हैं मानो सभी जीव-जंतुओं को इसी मौसम का बेसब्री से इन्तजार रहता है। पपीहे की पीहू-पीहू बहुत ही प्यारी लगती है, रात में जुगनू भी दिखाई देते हैं और झींगुर की झंकार भी सुने देती है ऐसा लगता है मानो सम्पूर्ण प्रकृति बोल उठी हो।

वर्षा ऋतु में आने वाले त्योहार

वर्षा ऋतु तीज-त्योहारों का भी मौसम है इस समय भारत में कई सारे त्यौहार मनाये जाते हैं जैसे:

  • रक्षाबंधन – यह भाई-बहन के प्यार को दर्शाने वाला हिन्दुओं का प्रमुख त्यौहार है।
  • तीज – यह हिन्दू महिलाओं द्वारा अपने पति की लम्बी उम्र के लिए रखा जाने वाला व्रत है।
  • जन्माष्टमी – कृष्ण जन्मोत्सव का यह त्यौहार हिन्दुओ द्वारा पूरे देश में मनाया जाता है।
  • श्री कृष्ण जयंती – यह भी समूर्ण भारत में मनाया जाता है।
  • ईद उल जुहा – यह मुसलमानों का एक प्रमुख त्यौहार है।
  • प्रकाश वर्ष – पंजाब में इस पर्व को धूमधाम से मनाया जाता है।
  • मुहर्रम – यह सिया मुस्लिमों का प्रमुख त्योहार है।
  • ओणम – यह केरल का प्रमुख त्योहार है।
  • गणेश पूजा – इसे पूरे भारत में बड़े उत्साह के साथ हिन्दुओं द्वारा मनाया जाता है।

वर्षा ऋतु के लाभ

  • ग्रीष्म ऋतु की असहनीय गर्मी को कम करता है और वातावरण में ठंडक आ जाती है।
  • खेती के लिए अनुकूल मौसम बनता है और किसानो को सिंचाई के लिए पानी मिल जाता है।
  • सूखे हुए नदी-नाले, तालाब और पोखर पानी से भर जाते हैं।
  • वर्षा जल का संचयन करके पूरे वर्ष के लिए पानी बचाया जा सकता है।
  • भू-जल स्तर में भी सुधार होता है।
  • पर्यावरण हरा-भरा हो जाता है।
  • गाय-भैंस और जानवरों के लिए हरे चारे का प्रबंध हो जाता है।

वर्षा ऋतु से हानि

  • मिटटी गीली हो जाती है जिससे कीचड और गन्दगी फ़ैल जाती है।
  • अधिक बारिश से आवागमन में परेशानी होती है।
  • बाढ़ का खतरा रहता है।
  • संक्रामक रोग फैलने का खतरा रहता है।
  • छोटे-छोटे गड्ढों में पानी जमा हो जाते हैं जहाँ मच्छर पैदा हो जाते हैं।

आपको यह वर्षा ऋतु पर निबंध (Essay on rainy season in Hindi) कैसी लगी हमें कमेंट करके जरुर बताएं। वर्षा ऋतु पर निबंध for class 1, class 2, class 3, class 4, class 5 से class 10 तक के बच्चे इसे लिख सकते हैं। हमने इस आर्टिकल में वर्षा पर 100 शब्द से 400 शब्दों में निबंध लिखें हैं और ये आपके जरुरत के अनुसार अलग-अलग परीक्षाओं और प्रतियोगिताओं में आपके काम आ सकते हैं।

  • सभी ऋतुओं के नाम
  • ग्रीष्म ऋतु पर निबंध
  • 10 Lines on Winter Season in Hindi
  • 10 lines on spring season in Hindi

Related Posts

विद्यालय पर निबंध

मेरे विद्यालय पर निबंध 100, 150, 250, 500 शब्दों में | मेरी पाठशाला निबंध

Pigeon-in-Hindi

कबूतर के बारे में 25 हैरान करने वाले रोचक तथ्य – Facts About Pigeon in Hindi

मेरा घर पर निबंध 10 लाइन

मेरा घर पर निबंध 10 लाइन | 10 Lines on my Home in Hindi

It was an incredible essay. Especially, I like the essay on vasra ritu in 250 words.

Thank you Piyush

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Save my name, email, and website in this browser for the next time I comment.

हेमंत ऋतु पर निबंध

Hemant Season Essay in Hindi:  भारत की ऋतुओं में हेमंत ऋतु का भी विशेष महत्व होता है। हम यहां पर हेमंत ऋतु पर निबंध शेयर कर रहे है। यह निबन्ध सही विद्यार्थियों के लिए लाभदायक होगा।

hemant season essay in hindi

Read Also:  हिंदी के महत्वपूर्ण निबंध

हेमंत ऋतू पर निबंध | Hemant Season Essay in Hindi

हेमंत ऋतू पर निबंध (250 शब्द).

ऋतुओं के बंधन में बंधी यह भी एक ऋतू हैं जिसकी शुरुआत नवम्बर से होती हैं जो जनवरी के अंत तक चलती हैं। यह ऋतु सर्दी के बाद आती हैं जिस वजह से इस ऋतु में मौसम काफी ठंडा होता है। हेमंत ऋतु शरद और शिशिर ऋतु के बीच में ऋतू हैं। यह ऋतु हमारे शरीर के लिए काफी भारी माना जाता हैं, इस मौसम में शरीर में पाचन क्रिया काफी काफी धीमी होती हैं। इस ऋतू में मौसम काफी ठंडा होता हैं।

हेमंत ऋतू का समय

साल का सबसे सुहावन ऋतू कहा जाने वाले इस मौसम की शुरुआत नवम्बर माह में होती हैं जो की जनवरी माह तक चलती हैं। इस ऋतु में मौसम काफी सुहावना होता है। इस मौसम में सर्दी अपने अंतिम चरम पर होती और इस मौसम में दिन और रात का तापमान काफी निचले स्तर पर होता है।

हेमंत ऋतू की हानि

इस ऋतु के सन्दर्भ में कई लोग ऐसा भी मानते हैं की हमे हेमंत ऋतु के समय हमें ठंडी चीजों को कभी नहीं खाना चाहिए, इससे हमारे स्वास्थ्य पर प्रभाव पड़ सकता हैं। इस मौसम में ठंडी चीजों का सेवन करने से हम बीमार पड़ सकते हैं। हेमंत ऋतू में ठंडी चीजों को ना खाए।

इस ठंड वाली ऋतु के समय में हम जानते हैं कि काफी कड़ाके की ठंड पड़ती है जिस कारण कोहरा भी अधिक होता है, जिससे आते जाते समय यातायात के साधनों में भी रुकावट बनती है।

हेमंत ऋतू पर निबंध (600 शब्द)

गुलाबी ठंडी के नाम से जाना जाने वाले इस मौसम से को सामान्य भाषा में हेमंत ऋतु भी कहते हैं। हेमंत ऋतु के मौसम से हम भारत में रौशनी का त्यौहार दीपावली मनाते हैं। इस ऋतु का समय नवंबर और जनवरी माह के मध्य होता हैं। इस मौसम में लोग गर्म कपड़े पहनते हैं।

इस मौसम में लोगों की दिनचर्या भी एकदम अलग होती हैं, शाम को जल्दी सोना और सुबह देरी से उठना इस मौसम में लोगों की दिनचर्या का हिस्सा है। इस मौसम को साल के सभी मौसम में सबसे प्यारा मौसम माना जाता है।

हेमंत ऋतू में दिनचर्या

हेमंत ऋतु (hemant ritu) में लोगों की दिनचर्या में हल्का बदलाव आता है। इस मौसम में लोग हलके गर्म कपड़े पहनते हैं। इस मौसम को सबसे अच्छा मौसम माना जाता है। इस ऋतू  में पेड़ पोधे काफी हरे भरे रहते हैं वही इस ऋतू में लोग भारी और ऊनी कपडे पहनना पसंद करते हैं ताकि से सर्दी से बच सके।

हेमंत ऋतू में वातावरण

हेमंत ऋतू में वातावरण की बात करे तो इस ऋतू में हमारे आसपास का वातावरण हरा-भरा होता है और यह काफी सुहावना भी होता हैं। हेमंत ऋतू के आते ही आपने आसपास देखा होगा की फूल खिलने लगते हैं और साथ ही उन फूलो में चमक आती है। हेमंत ऋतू में अक्सर सुबह के समय हल्का हल्का कोहरा पड़ता हैं। दिन की शुरुआत में आने वाली धुप भी काफी सुहावनी लगती है। हेमंत ऋतू में लोग धुप में घूमना ज्यादा पसंद करते हैं।

हेमंत ऋतु में मनाए जाने वाले त्योहार

हेमंत ऋतु की अक्टूबर से शुरू हो जाती हैं। इस ऋतु की शुरुआत से ही हम देखते हैं की हमारे आसपास कई प्रकार के त्यौहार मनाये जाते हैं। हेमंत ऋतू के समय में हिन्दू माह कार्तिक,अगहन और पौष मास पड़ते हैं जिसमे कार्तिक मास में औरते करवा चौथ मानती हैं और साथ ही लोग इस माह में धनतेरस, रुप चतुर्दशी, दीपावली, गोवर्धन पूजा, भाई दूज आदि त्यौहार को एक साथ मना कर इन त्योहारों का आनंद लेते हैं।

हेमंत ऋतु का वातावरण

हमारे देश में हेमंत ऋतु (hemant ritu) के समय का मौसम काफी सुहावना होता है । इस मौसम का आनंद लेने के लिए कई लोग दुसरे देशो से भारत घूमने को आते हैं। यह मौसम किसानों के लिए काफी अच्छा होता है, इस मौसम में धान की फसल पूरी तरीके से पक कर तैयार हो जाती है। हेमंत ऋतु के इस समय में बादल एक प्रकार से कोमल रूप से धूप से बाहर आते हैं।

हेमंत ऋतू में हमे आसमान नीले रंग में काफी साफ़ और स्पस्ट दिखाई देता हैं। हेमंत ऋतू के मौसम में दिन छोटा और रात बड़ी होती हैं। गर्मी के मौसम में जहां दिन सुबह 5:30 के बाद उगने लगता है वह इस मौसम में दिन सुबह 7 बजे के बाद उगता हैं।

हेमंत ऋतु में रात के समय में हलकी हलकी बूंदा बांदी होती हैं। इस मौसम में रात में होने वाली बारिश को देसी भाषा में पाला गिरना कहते हैं वह राजस्थान और कई एनी राज्यों में इसे ओस गिरना भी कहते हैं।

हेमंत ऋतु (hemant season essay in hindi) के समय का मौसम काफी ठंडा होता है। इस मौसम में दिन छोटा और रात बड़ी होती हैं। हेमंत ऋतु को चारो ऋतुओं में सबसे खूबसूरत ऋतु माना जाता है। हेमंत ऋतु के समय लोगो की दिनचर्या में भी काफी बदलाव देखने को मिलता है।

इन्हें भी पढ़ें

  • वर्षा ऋतु पर निबंध
  • वसंत ऋतु पर निबंध
  • शीत ऋतू पर निबंध
  • ग्रीष्म ऋतु पर निबंध
  • शरद ऋतु पर निबंध

Rahul Singh Tanwar

Related Posts

Leave a comment जवाब रद्द करें.

IMAGES

  1. 10 line Vasant ritu par nibandh

    vasant ritu essay in hindi

  2. वसंत ऋतु पर निबंध

    vasant ritu essay in hindi

  3. वसंत ऋतू पर निबंध । Essay on Spring season in Hindi । Vasant Ritu par

    vasant ritu essay in hindi

  4. 2 Best Vasant Ritu Essay In Hindi

    vasant ritu essay in hindi

  5. 2 Best Vasant Ritu Essay In Hindi

    vasant ritu essay in hindi

  6. वसंत ऋतु पर निबंध || 10 Lines on Spring Season || Basant Ritu Essay in

    vasant ritu essay in hindi

VIDEO

  1. Vasant Ritu, spring season. #song

  2. बसंत ऋतु पर निबंध

  3. Vasant ritu☘️ #ayurveda🌿🌞#nature🌿 #ritucharya☘️#healthylifestyle☘️#👍 #lifestyle share & subscribe✅️

  4. vasant ritu hindi project ❤❤ kaisa laga🤔🤔

  5. basant ritu par nibandh/essay on spring season in Hindi

  6. वर्षा ऋतु पर निबंध

COMMENTS

  1. वसंत ऋतु पर निबंध

    यह भी पढ़ें: वसंत ऋतु पर 10 वाक्य - 10 lines on spring season in Hindi बसंत ऋतु पर निबंध 150 शब्द. भारत में फरवरी और मार्च में वसंत ऋतु आता है। वसंत ऋतु को ऋतुओं का राजा या ऋतुराज ...

  2. वसंत ऋतु पर निबंध

    वसंत ऋतु पर निबंध (Spring Season Essay in Hindi) By अर्चना सिंह / January 13, 2017. वसन्त ऋतु हम सभी को आनंद देने वाला होता है। भारत में वसन्त ऋतु मार्च, अप्रैल और मई ...

  3. वसंत ऋतु पर निबंध

    ऋतुराज वसंत पर निबंध, essay on basant ritu in hindi for class 8, Spring Season par nibandh. भारत भूमि पर विधाता की विशेष कृपा दृष्टि प्रतीत होती है, क्योंकि यहाँ पर समय की गति ...

  4. वसंत ऋतु पर निबंध- Spring Season Essay in Hindi

    दोस्तों इस आर्टिकल में हम आपके लिए Spring Season Essay in Hindi ( Basant Ritu Par Nibandh) शेयर कर रहे है, हमने 100 words, 200 words, 250 words, 300 words, 500 words 600 words ke essay लिखे है जो की class 1,2,3,4,5,6,7,8,9,10,11,12 ke students | Vidyarthi ke liye upyogi hai.

  5. वसंत ऋतु निबंध

    वसंत ऋतु निबंध (300 शब्द) वसंत ऋतु को ऋतुओं का राजा कहा जाता है और इसका आगमन फरवरी, मार्च और अप्रैल माह के मध्य में होता है। इस ऋतु के ...

  6. वसंत ऋतु पर निबंध

    July 22, 2021 by admin. वसंत ऋतु पर निबंध (Essay on spring season in Hindi): प्राचीन विद्वानों ने वसंत ऋतु को ऋतुराज का नाम दिया है. ऋतुओं वसंत राजा है; क्योंकि इस ऋतु ...

  7. वसंत ऋतु पर निबंध / Essay on Spring Season in Hindi

    वसंत ऋतु पर निबंध / Essay on Spring Season in Hindi! वसंत शीत के बाद आती है । भारत मे फरवरी और मार्च मे इस ऋतु का आगमन होता है । बहुत सुहावनी ऋतु है यह । इस ऋतु में सम जलवायु ...

  8. Basant Ritu Essay in Hindi

    Basant Ritu Essay in Hindi - वसंत ऋतु पर निबंध ... Spring Season Essay in Hindi. भारतवर्ष में क्रम-क्रम से ऋतुएं आती हैं. ग्रीष्म, वर्षा, शरद्, हेमन्त, शिशिर और वसंत. ये 6 ...

  9. वसंत ऋतु पर निबंध (Basant Ritu Essay In Hindi Language)

    वसंत ऋतु पर लिखा हुआ यह निबंध (Essay On Basant Ritu In Hindi) आप अपने स्कूल या फिर कॉलेज प्रोजेक्ट के लिए इस्तेमाल कर सकते है। आपको हमारे इस वेबसाइट पर और भी कही विषयो पर ...

  10. वसंत ऋतु पर निबंध

    Essay In Hindi कक्षा 1 से 4 के लिए निबंध कक्षा 5 से 9 के लिए निबंध कक्षा 10 से 12 के लिए निबंध प्रतियोगी परीक्षा के लिए निबंध ऋतुओं पर निबंध त्योहारों ...

  11. Essay on Basant Ritu (Spring Season) in Hindi

    Short Essay on Basant Ritu in Hindi वसंत ऋतु पर अनुच्छेद 100, 150, 200, 250 से 350 शब्दों में. वसंत ऋतु पर निबंध - वसंत ऋतु खुशी, उत्सव और नई शुरुआत का मौसम है। यह एक ऐसा ...

  12. बसंत ऋतु पर निबंध-Essay On Basant Ritu In Hindi

    मित्रता पर निबंध-Essay On Friendship In Hindi (100, 200, 300, 400, 500, 700, 1000 Words) दीपावली पर निबंध - Diwali Essay In Hindi; समाचार पत्र पर निबंध-Essay On Newspaper In Hindi; Essay On Beti Bachao Beti Padhao In Hindi For Class 5,6,7 And 8

  13. वसंत ऋतु पर निबंध 2022- Essay on Spring Season in Hindi

    वसंत ऋतु पर निबंध 2022- Essay on Spring Season in Hindi - Short Hindi Essay on Vasant Ritu. 2 years ago. 1 Comment. ... basant ऋतु पर निबंध vasant ritu essay, वसंत पर निबंध (basant par nibandh) hindi language, composition, hindi font यानी की हिंदी ...

  14. 2 Best Vasant Ritu Essay In Hindi

    Vasant Ritu पर आपको इस वेबसाइट में 2 अच्छे छोटे से बड़े निबंध (Essay) मिलेंगे। जो की कक्षा 5 से लेकर Higher Level Exam के students के लिए उपलब्ध हैं।

  15. Basant Ritu Essay In Hindi (बसंत ऋतु पर निबंध)

    भारत में वसंत ऋतु Basant Ritu Essay In Hindi (बसंत ऋतु पर निबंध) को सबसे सुहावना मौसम माना जाता है। प्रकृति में सब कुछ सक्रिय है

  16. वसंत ऋतु पर निबंध

    Spring Season Essay in Hindi बसंत ऋतु को वसंत ऋतु के नाम से भी जाना जाता है। नीचे हमने ऋतुओ के राजा बसंत ऋतु पर सरल भाषा में निबंध लिखा है।

  17. बसंत ऋतु पर निबंध

    बसंत ऋतु पर निबंध - Essay on Basant Ritu in Hindi. August 2, 2021 February 3, 2021 by अंशिका जौहरी. Basant Ritu Par Nibandh

  18. वर्षा ऋतु पर निबंध (Rainy Season Essay in Hindi)

    वर्षा ऋतु पर छोटे तथा बड़े निबंध (Short and Long Essay on Rainy Season in Hindi, Varsha Ritu par Nibandh Hindi mein) वर्षा ऋतु पर निबंध - 1 (250 - 300 शब्द)

  19. बसंत ऋतु पर निबंध

    बसंत ऋतु पर निबंध | Basant Ritu Par Nibandh | Essay on Spring Season in Hindi | Basant RituThis video is about an essay on spring season in Hindi or Basant R...

  20. Basant Ritu Essay In Hindi

    Basant Ritu Essay In Hindi | Vasant Ritu Par Nibandh | वसंत ऋतु तीन महीने की होती है हालांकि, इसकी चारों ओर की सुन्दरता के कारण ऐसा लगता है कि, यह बहुत थोड़े समय के लिए ही रहती है। पक्षी ...

  21. वर्षा ऋतु पर निबंध

    Essay on Rainy Season in Hindi आपके लिए short essay जो की बहुत ही सरल भाषा में लिखे गये हैं। 100 शब्दों में, 250, 300, 400 words. ... I like the essay on vasra ritu in 250 words. Reply. vivek says: June 4, 2022 at 12:11 am. Thank you Piyush. Reply ...

  22. वर्षा ऋतु पर निबंध

    वर्षा ऋतु पर निबंध. भारत में मुख्य रूप से तीन ऋतु है, जिसमें वर्षा ऋतु लोगों की प्रिय ऋतु होती है। वर्षा ऋतु शुरू होते ही विद्यालयों ...

  23. Hemant Season Essay in Hindi

    हेमंत ऋतु (Hemant Season Essay in Hindi) शरद और शिशिर ऋतु के बीच में ऋतू हैं। यह ऋतु हमारे शरीर के लिए काफी भारी माना जाता हैं।