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मेक इन इंडिया निबंध (Make In India Essay in Hindi)

मेक इन इंडिया

भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा शुरु किया गया मेक इन इंडिया अभियान एक नयी योजना है, जिसके तहत विदेशों के कई निवेशकों को भारत में विभिन्न व्ययसायों में पैसा लगाने के लिये एक अवसर उपलब्ध कराया जा रहा है। भारत में बने हुए उत्पादों के लिये राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर घरेलू कंपनी के साथ ही बहुदेशीय कंपनीयों को प्रसन्न करने के लिये भारतीय सरकार द्वारा ये एक शुरुआती अभियान चलाया जा रहा है। भारत में रोजगार लाने के लिये प्रधानमंत्री के द्वारा किया गया ये एक प्रयास है। नयी दिल्ली के विज्ञान भवन में 25 सितंबर 2014 को प्रधानमंत्री द्वारा इस मुहिम की शुरुआत की गयी थी।

मेक इन इंडिया पर छोटे तथा बड़े निबंध (Long and Short Essay on Make in India in Hindi, Make in India par Nibandh Hindi mein)

मेक इन इंडिया निबंध – 1 (200 – 300 शब्द).

नयी दिल्ली के विज्ञान भवन में 25 सितंबर 2014 को मेक इन इंडिया अभियान की शुरुआत की गयी थी। भारतीय अर्थव्यवस्था को आगे बढ़ाने के साथ ही एक प्रभावशाली लक्ष्य की ओर भारत को मुख्य भूमिका निभाने के लिये इस अभियान को चलाया गया। ये देश के युवाओं के लिये रोज़गार का एक सफल रास्ता उपलब्ध कराता है जो निश्चित ही भारत में गरीबी के स्तर को घटाने और दूसरे सामाजिक मद्दों को हल करने में मदद करेगा।

मेक इन इंडिया: एक आह्वान

भारतीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा पूरे विश्व के प्रमुख निवेशकों के लिये मेक इन इंडिया एक आह्वान है, कि भारत आओ और यहाँ उत्पादों के निर्माण के द्वारा अपने व्यापार को बढ़ाओ। भारत के पीएम ने निवेशकों से कहा कि इससे कोई मतलब नहीं कि आप किस देश में अपने उत्पाद को बेच रहें हैं हालाँकि आपको भारत में उत्पादन करना चाहिये। लक्ष्य को पाने के लिये भारत के युवाओं में प्रचुर मात्रा में योग्यता, कौशल, अनुशासन और प्रतिबद्धता है।

मेक इन इंडिया का उद्देश्य

इस अभियान को शुरु करने का उद्देश्य भारत को विश्व स्तर पर उत्पादन का पावर हाऊस बनाना है जो भारतीय अर्थव्यवस्था के बड़े मुद्दों का समाधान करने में जरुर मदद करेगी। मुकेश अंबानी (रिलायंस इंडस्ट्रीज़ केअध्यक्ष), अजीम प्रेमजी (विप्रो के अध्यक्ष) आदि सहित भारत के प्रमुख उद्योगपतियों के साथ नयी दिल्ली में सफलता पूर्वक विदेशी निवेशकों के लिये नये समझौते के साथ इस पहल की शुरुआत हुई।

मेक इन इंडिया अभियान सभी मुख्य निवेशकों को एक लाभदायक अवसर उपलब्ध कराता है कि आप भारत आये और उपग्रह से पनडुब्बी, ऑटोमोबाईल से कृषि, विद्युत से इलेक्ट्रॉनिक आदि किसी भी व्यवसाय में निवेश करें। नयी दिल्ली के विज्ञान भवन में, मुकेश अंबानी, कुमार मंगलम बिरला, साइरस मिस्त्री, अजीम प्रेमजी आदि शिखर के उद्योगपतियों की मौजूदगी में अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के लिये मेक इन इंडिया योजना के संदर्भ में पीएम ने एक घोषणा की।

निबंध 2 (250 शब्द)

नयी दिल्ली में 25 सितंबर 2014 को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के द्वारा आरंभ किया गया मेक इन इंडिया एक महत्वकांक्षी अभियान है। इस अभियान की शुरुआत का उद्देश्य भारत को वैश्विक उत्पादन केन्द्र का एक स्थान बनाना है।

इस अभियान को एक सफल अभियान बनाने के लिये अलग-अलग 500 धनी कंपनियों के प्रमुख 40 सीईओ से भारत के पीएम ने मुलाकात की। इंडिया इंक के प्रमुख सीईओ, एम्बेस्डर्स, अंतरराष्ट्रीय उद्योग नेता, मंत्री, सरकारी अधिकारी आदि की मौजूदगी में इस योजना की शुरुआत की गयी। अच्छे से निर्धारित किये गये देशों के प्रमुख कंपनियों का आह्वान करने के लिये इस अभियान ने लक्ष्य बनाया है।

कुछ चुनी हुई घरेलू कंपनियाँ जो नवाचार और नयी तकनीक के क्षेत्र में प्रमुख है, उनको भी आमंत्रित किया गया है। “इन्वेस्ट इंडिया” नाम से वाणिज्य मंत्रालय में एक विशेष ईकाई है जो नियामक अनापत्ति को प्राप्त करने में सहयोग करने के साथ ही नियामक और नीतिगत मुद्दे के संबंध में सभी प्रमुख विदेशी निवेशकों का मार्गदर्शन करता है।

निवेशकों पर से किसी भी प्रकार का बोझ घटाने के लिये भारतीय सरकार एक बड़ा प्रयास कर रही है। वेब पोर्टल (makeinindia.com) के द्वारा व्यापारिक कंपनियों से सभी सवालों के उत्तर देने के लिये एक तैयार समर्पित टीम का प्रबंध है। 72 घंटों के अंदर विशेष प्रश्नों के जवाब के लिये एक पश्च सिरा की टीम भी सहायता के लिये तैयार है। एक विश्व अगुआ बनने और निवेशकों के लिये कार्य करने के लिये सरकार द्वारा लगभग 25 मुख्य क्षेत्रकों (जैसे विमानन, रसायन, आईटी, ऑटोमोबाईल, टेक्सटाईल्स, बंदरगाह, दवा के क्षेत्र में, चमड़ा, मेहमानदारी, पर्यटन, स्वास्थ्य, रेलवे आदि) को पहचाना गया है।

निबंध 3 (300 शब्द)

नयी दिल्ली में 25 सितंबर 2014 को भारत में मेक इन इंडिया नाम से एक पहल की शुरुआत भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा की गयी। इस अभियान का मुख्य लक्ष्य भारत को आर्थिक वैश्विक पहचान दिलाना है। इस कार्यक्रम के आरंभ के दौरान, पीएम ने कहा कि निवेशकों को इसे एक अवसर के रुप में देखना चाहिये ना कि भारत में बाजार के रुप में। सेवा-चालित वृद्धि मॉडल से श्रम वृद्धिकर उत्पादन चालित वृद्धि से भारतीय अर्थव्यवस्था को नया रुप देना इस अभियान का लक्ष्य है। इस कार्यक्रम को सफलतापूर्वक लागू करना भारत में 10 मिलियन लोगों से ज्यादा के लिये रोजगार का कारण बनेगा। ये एक असरदार योजना है जो यहाँ भारत में अपने व्यवसाय को लगाने के लिये प्रमुख विदेशी कंपनियों को आकर्षित करेगी।

विदेशी निवेश आकर्षित करने के लिये, रक्षा उत्पादन और बीमा क्षेत्रों में बहुत बड़ा बदलाव किया गया है, हालाँकि विश्लेषकों के अनुसार इसे और असरदार तरीके से करने की जरुरत है। देश में ज्यादा रोजगार आम आदमी की क्रय शक्ति को बढ़ायेगा। भारत एक ऐसा देश है जिसके पास अलग तरह की जनसांख्यिकी, लोकतंत्र और माँग है जो निवेशकों को फायदा पहुँचा सकता है।

नीतिगत मुद्दों पर स्पष्टता और संसाधनों की कमी के कारण, भारतीय व्यापारी भी भारत को छोड़ने और अपना व्यापार कहीं और जमाने की योजना बना रहे थे। अगर ऐसा होता तो ये और खराब अर्थव्यवस्था का कारण बनता। विभिन्न असरदार संसाधनों के साथ मेक इन इंडिया अभियान किसी भी व्यापार के लिये भारत में निवेश के लिये विश्व के प्रमुख उद्योगपतियों का ध्यान खींचेगा। दूसरे देशों से भारतीय कारोबार की अनिवार्यता से बचने के लिये पीएम मोदी ने इस आकर्षिक योजना की शुरुआत की। अपने असरदार शासन के द्वारा वृद्धि केन्द्रित रोजगार और विकास लाने के द्वारा पीएम मोदी का सपना इस देश को बेरोज़गारी मुक्त बनाने का है। युवाओं के लिये बेरोजगारी की समस्या का समाधान करने के द्वारा भारत में बड़े स्तर पर गरीबी को घटाया जा सकता है जिसकी वजह से कई सामाजिक मुद्दे सुलझ सकते हैं।

Essay on Make in India in Hindi

निबंध 4 (400 शब्द)

25 सितंबर 2014 को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा नयी दिल्ली में मेक इन इंडिया कार्यक्रम की शुरुआत की गयी थी। भारत में निवेश करने के लिये (राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय) पूरे विश्व से मुख्य व्यापारिक निवेशकों को बुलाने के लिये ये एक पहल थी। देश में किसी भी क्षेत्र में (उत्पादन, टेक्सटाईल्स, ऑटोमोबाईल्स, निर्माण, खुदरा, रसायन, आईटी, बंदरगाह, दवा के क्षेत्र में, अतिथि सत्कार, पर्यटन, स्वास्थ्य, रेलवे, चमड़ा आदि) अपने व्यापार को स्थापित करने के लिये सभी निवेशकों के लिये ये एक बड़ा अवसर है। भारत में विनिर्माण पावरहाऊस की स्थापना के लिये विदेशी कंपनियों के लिये इस आकर्षक योजना के पास साधन-संपन्न प्रस्ताव है।

व्यापार (उपग्रह से पनडुब्बी तक, कार से सॉफ्टवेयर, औषधीय से बंदरगाह तक, कागज़ से ऊर्जा तक आदि) के लिये इसे एक वैश्विक केन्द्र बनाने के लिये देश में डिजिटल नेटवर्क के बाजार के सुधार के साथ ही असरदार भौतिक संरचना के निर्माण पर केन्द्रित भारतीय सरकार द्वारा मेक इन इंडिया अभियान की शुरुआत की गयी। इसका प्रतीक (भारत के राष्ट्रीय प्रतीक से लिया हुआ) एक विशाल शेर है जिसके पास ढ़ेर सारे पहिये (शांतिपूर्णं प्रगति और चमकीले भविष्य के रास्ते को इंगित करता है) है। कई पहियों के साथ चलता हुआ शेर हिम्मत, मजबूती, दृढ़ता और बुद्धिमत्ता को इंगित करता है। फेसबुक पर मेक इन इंडिया पेज़ को 1,20,00 लाईक्स मिलें हैं और आरंभ करने के तारीख से कुछ महीनों के अंदर 1,30,000 से ज्यादा फालोअर्स इसके ट्वीटर पर हो चुके हैं।

एक वैश्विक व्यापारिक केन्द्र में देश को बदलने के लिये इस राष्ट्रीय कार्यक्रम को डिज़ाईन किया गया है क्योंकि इसके पास स्थानीय और विदेशी कंपनियों के लिये आकर्षक प्रस्ताव है। देश के युवाओं की स्थिति को सुधारने के लिये लगभग 25 क्षेत्रकों में कौशल को बढ़ाने के साथ ही इस अभियान का ध्यान बड़ी संख्या में मूल्यवान और सम्मानित नौकरी उत्पन्न करना है। इसमें ऑटोमोबाईल, रसायन, आईटी तथा बीपीएम, विमानन उद्योग, औषधीय, निर्माण, बिजली से संबंधित मशीन, खाद्य प्रसंस्करण, रक्षा, विनिर्माण, अंतरिक्ष, टेक्सटाईल्स, कपड़ा उद्योग, बंदरगाह, चमड़ा, मीडिया और मनोरंजन, स्वास्थ्य, खनन, पर्यटन और मेहमानदारी, रेलवे, ऑटोमोबाईल घटक, नवीकरणीय ऊर्जा, बायोटेक्नोलॉजी, सड़क और हाईवे, इलेक्ट्रानिक निकाय और थर्मल ऊर्जा शामिल हैं।

इस योजना के सफलतापूर्वक लागू होने से भारत में 100 स्मार्ट शहर प्रोजेक्ट और वहन करने योग्य घर बनाने में मदद मिलेगी। प्रमुख निवेशकों के मदद के साथ देश में ठोस वृद्धि और मूल्यवान रोजगार उत्पन्न करना इसका मुख्य लक्ष्य है। ये दोनों तरफ के लोगों को फायदा पहुँचायेगा, निवेशक और हमारे देश दोनों को। निवेशकों के असरदार और आसान संचार के लिये एक ऑनलाईन पोर्टल (makeinindia.com) और एक समर्पित सहायक टीम भारतीय सरकार ने बनायी है। किसी भी समय व्यापारिक कंपनियों के सभी प्रश्नों का उत्तर देने के लिये एक वफादार शेल भी समर्पित है।

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मेक इन इंडिया पर निबंध

essay on make in india in hindi

By विकास सिंह

essay on make in india in hindi

विषय-सूचि

मेक इन इंडिया पर निबंध, essay on make in india in hindi (100 शब्द)

मेक इन इंडिया अभियान भारत के प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू की गई एक नई योजना है, जिससे विदेशी निवेशकों को भारत में कई व्यवसायों में निवेश करने का मौका मिल सके। यह भारत सरकार द्वारा बहुराष्ट्रीय कंपनियों के साथ-साथ राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर घरेलू कंपनियों को खुश करने के लिए एक पहल अभियान है, ताकि भारत में उत्पादों का निर्माण किया जा सके।

यह भारत में रोजगार लाने के लिए पीएम द्वारा किया गया प्रयास है। यह अभियान प्रधान मंत्री द्वारा 25 सितंबर 2014 को नई दिल्ली के विज्ञान भवन में शुरू किया गया था। इस तरह इस योजना से भारत में निवेश को बहुत तेजी से बढाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।

मेक इन इंडिया पर निबंध, essay on make in india in hindi (150 शब्द)

make in india

मेक इन इंडिया, पीएम नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू किया गया एक अभियान है, जो दुनिया भर के सभी बड़े व्यापार निवेशकों को सुविधा प्रदान करता है जो भारत में व्यापार करना चाहते हैं। यह कार्यक्रम 2014 में 25 सितंबर को नई दिल्ली के विज्ञान भवन में पीएम द्वारा शुरू किया गया था।

यह भारत सरकार द्वारा देश के युवाओं के सामने आने वाली बेरोजगारी के स्तर को कम करने के लिए उठाया गया एक बड़ा कदम है। यह अभियान मंगल मिशन के एक दिन बाद शुरू किया गया था जब नरेंद्र मोदी को भारत के प्रधानमंत्री के रूप में यूएसए की अपनी पहली यात्रा पर जाना था।

इस अभियान को भारत में शुरू करने का उद्देश्य भारत को एक विश्व स्तरीय विनिर्माण घर बनाना है जो निश्चित रूप से भारतीय अर्थव्यवस्था के सबसे बड़े मुद्दे को हल करने में मदद करेगा। यह पहल भारत के शीर्ष उद्योगपतियों के साथ नई दिल्ली में सफलतापूर्वक विदेशी निवेशकों के लिए नए सौदों के साथ शुरू की गई थी, जिसमें मुकेश अंबानी (रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन), अजीम प्रेमजी (विप्रो अध्यक्ष), आदि शामिल थे।

मेक इन इंडिया पर निबंध, make in india essay in hindi (200 शब्द)

2014 में 25 सितंबर को नई दिल्ली में विज्ञान भवन में मेक इन इंडिया अभियान शुरू किया गया था। यह अभियान भारत को एक प्रभावी गंतव्य की ओर ले जाने के साथ-साथ भारतीय अर्थव्यवस्था को आगे बढ़ाने के लिए है। यह देश के युवाओं को रोजगार का एक सफल ट्रैक प्रदान करता है जो निश्चित रूप से भारत में गरीबी के स्तर और अन्य सामाजिक मुद्दों को कम करने में मदद करेगा।

मेक इन इंडिया भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा दुनिया भर के शीर्ष निवेशकों के लिए एक आह्वान है, जो भारत में आते हैं और यहां उत्पादों का निर्माण करके अपना व्यवसाय बढ़ाते हैं। भारत के पीएम ने निवेशकों से कहा कि आप अपने उत्पादों को जिस भी देश में बेचते हैं, इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि आपको भारत में निर्माण करना चाहिए। भारत के युवाओं के पास लक्ष्य पाने के लिए पर्याप्त प्रतिभा, कौशल, अनुशासन और दृढ़ संकल्प है।

मेक इन इंडिया अभियान सभी शीर्ष निवेशकों को भारत में आने का एक उपयुक्त अवसर प्रदान करता है और इलेक्ट्रिकल से लेकर इलेक्ट्रॉनिक्स तक के कारोबार में निवेश करता है, ऑटोमोबाइल से लेकर एग्रो वैल्यू एडिशन तक, सैटेलाइट से पनडुब्बी तक, नई दिल्ली के विज्ञान भवन में, पीएम ने शीर्ष व्यापारियों जैसे मुकेश अंबानी, कुमार मंगलम बिड़ला, साइरस मिस्त्री, अजीम प्रेमजी, आदि की उपस्थिति में अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने की योजना के बारे में घोषणा की थी।

मेक इन इंडिया पर लेख, article on make in india in hindi (250 शब्द)

make in india

मेक इन इंडिया नई दिल्ली में 2014 में 25 सितंबर को प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू किया गया एक महत्वाकांक्षी अभियान है। इस अभियान को शुरू करने का उद्देश्य भारत को वैश्विक विनिर्माण केंद्र का गंतव्य बनाना है। इस अभियान को सफल बनाने के लिए, भारत के पीएम ने कई फॉर्च्यून 500 कंपनियों के शीर्ष 40 सीईओ से मुलाकात की। यह योजना इंडिया इंक, राजदूतों, अंतर्राष्ट्रीय उद्योग के नेताओं, मंत्रियों, सरकारी अधिकारियों आदि से शीर्ष सीईओ की उपस्थिति में शुरू की गई थी।

इस अभियान ने अच्छी तरह से पहचाने गए देशों की शीर्ष कंपनियों को कॉल करने का लक्ष्य रखा है। कुछ चुनिंदा घरेलू कंपनियां जो नवाचार और नई तकनीकों के क्षेत्र में अग्रणी हैं, उन्हें भी आमंत्रित किया गया है। “इन्वेस्ट इंडिया” नाम के वाणिज्य मंत्रालय में एक विशेष इकाई है जो नियामक और नीतिगत मुद्दों के साथ-साथ सभी शीर्ष विदेशी निवेशकों का मार्गदर्शन करने में मदद करती है और नियामक मंजूरी प्राप्त करने में सहायता करती है।

निवेशकों पर किसी भी प्रकार के बोझ को कम करने के लिए भारत सरकार एक बड़ा प्रयास कर रही है। वेब पोर्टल (makeinindia.com) के माध्यम से व्यावसायिक संस्थाओं से सभी प्रश्नों का उत्तर देने के लिए तैयार एक समर्पित टीम की व्यवस्था है।

72 घंटे की अवधि के भीतर विशिष्ट प्रश्नों का जवाब देने के लिए एक बैक-एंड सपोर्ट टीम भी है। निवेशकों द्वारा काम करने और विश्व नेता बनने के लिए लगभग 25 प्रमुख क्षेत्रों (जैसे कि विमानन, रसायन, आईटी, ऑटोमोबाइल, वस्त्र, बंदरगाह, फार्मास्यूटिकल्स, चमड़ा, आतिथ्य, पर्यटन, कल्याण, रेलवे, आदि) की पहचान की गई है।

मेक इन इंडिया पर अनुच्छेद, paragraph on make in india in hindi (300 शब्द)

भारत के प्रधान मंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने 25 सितंबर, 2014 को नई दिल्ली में मेक इन इंडिया नामक एक पहल शुरू की है। इस अभियान का उद्देश्य भारत को आर्थिक वैश्विक मान्यता प्रदान करना है। कार्यक्रम की शुरुआत करते हुए, पीएम ने कहा कि निवेशकों को इसे एक अवसर के रूप में लेना चाहिए न कि भारत में बाजार के रूप में।

इस अभियान का उद्देश्य भारतीय अर्थव्यवस्था को सेवा-संचालित विकास मॉडल से श्रम-गहन विनिर्माण-संचालित विकास तक नवीनीकृत करना है। कार्यक्रम का एक सफल कार्यान्वयन भारत में 10 मिलियन से अधिक लोगों के लिए रोजगार का कारण होगा। यह एक प्रभावी योजना है जो भारत में अपने व्यापार को स्थापित करने के लिए शीर्ष विदेशी कंपनियों को आकर्षित करेगी।

विदेशी पूंजी को आकर्षित करने के लिए, रक्षा विनिर्माण और बीमा क्षेत्रों में भारी बदलाव किए गए हैं, हालांकि विश्लेषक के अनुसार इसे अधिक प्रभावी तरीके से करने की आवश्यकता है। देश में अधिक रोजगार आम आदमी की क्रय शक्ति को बढ़ावा देगा। भारत एक ऐसा देश है जिसमें जनसांख्यिकी, लोकतंत्र और मांग का अनूठा संगम है, जिससे निवेशकों को लाभ मिल सकता है।

नीतिगत मुद्दों पर संसाधनों की कमी और स्पष्टता के कारण, भारतीय व्यवसायी भी भारत छोड़ने और अपना व्यवसाय कहीं और स्थापित करने की योजना बना रहे थे। अगर ऐसा होता है, तो और अधिक खराब अर्थव्यवस्था का कारण होगा। विभिन्न प्रभावी संसाधनों के साथ मेक इन इंडिया अभियान दुनिया भर के शीर्ष व्यापारियों का ध्यान किसी भी संबंधित व्यवसाय के लिए भारत में निवेश करने के लिए आकर्षित करेगा। दूसरे देशों में भारतीय व्यवसायों की मजबूरी से बचने के लिए, पीएम ने यह आकर्षक योजना शुरू की है। पीएम नरेंद्र मोदी का सपना

अपने प्रभावी शासन के माध्यम से विकास और विकासोन्मुखी रोजगार लाकर इस देश को बेरोजगारी से मुक्त बनाना है। युवाओं के लिए बेरोजगारी के मुद्दे को हल करके भारत में गरीबी को एक बड़े स्तर तक कम किया जा सकता है जो विभिन्न सामाजिक मुद्दों को हल कर सकता है।

मेक इन इंडिया पर निबंध, essay on make in india in hindi (400 शब्द)

2014 में 25 सितंबर को प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा नई दिल्ली में मेक इन इंडिया अभियान शुरू किया गया था। यह भारत में निवेश करने के लिए दुनिया भर के (राष्ट्रीय या अंतर्राष्ट्रीय) शीर्ष व्यापारिक निवेशकों को बुलाने की एक पहल है।

यह सभी निवेशकों के लिए किसी भी क्षेत्र में अपना व्यवसाय (विनिर्माण, कपड़ा, ऑटोमोबाइल, उत्पादन, खुदरा, रसायन, आईटी, बंदरगाह, फार्मास्यूटिकल्स, आतिथ्य, पर्यटन, कल्याण, रेलवे, चमड़ा, आदि) स्थापित करने का एक बड़ा अवसर है। इस आकर्षक योजना में विदेशी कंपनियों के लिए भारत में विनिर्माण पॉवरहाउस स्थापित करने के लिए संसाधन प्रस्ताव हैं।

भारत सरकार द्वारा शुरू किया गया मेक इन इंडिया अभियान प्रभावी भौतिक अवसंरचना के निर्माण के साथ-साथ देश में डिजिटल नेटवर्क के बाजार को बेहतर बनाने पर केंद्रित है, इसे व्यापार का वैश्विक केंद्र बनाने के लिए (उपग्रहों से लेकर पनडुब्बियों तक, कारों से लेकर सॉफ्टवेयर्स, फार्मास्युटिकल्स से बंदरगाहों तक , पेपर टू पॉवर, आदि) तक की छूट दी गयी है।

इस पहल का प्रतीक (भारत के राष्ट्रीय प्रतीक से प्राप्त) एक विशालकाय शेर है जिसमें कई पहिए हैं (जो शांतिपूर्ण प्रगति और जीवंत भविष्य के लिए संकेत देता है)। कई पहियों के साथ एक विशाल चलने वाला शेर साहस, शक्ति, तप और ज्ञान का संकेत देता है। फेसबुक पर मेक इन इंडिया का पेज 1 लाख से अधिक लाइक्स को पार कर चुका है और इसके ट्विटर फॉलोअर्स लॉन्च होने की कुछ महीनों के भीतर 13 हज़ार से अधिक हैं।

इस राष्ट्रीय कार्यक्रम को देश को वैश्विक व्यापार केंद्र में बदलने के लिए डिज़ाइन किया गया है क्योंकि इसमें शीर्ष स्थानीय और विदेशी कंपनियों के लिए आकर्षक प्रस्ताव हैं। यह अभियान देश के युवाओं की स्थिति में सुधार के लिए लगभग 25 क्षेत्रों में मूल्यवान और सम्मानित नौकरियों के साथ-साथ कौशल वृद्धि बनाने पर ध्यान केंद्रित करता है।

इसमें शामिल ऑटोमोबाइल, रसायन, आईटी और बीपीएम, विमानन, फार्मास्यूटिकल्स, निर्माण, विद्युत मशीनरी, खाद्य प्रसंस्करण, रक्षा विनिर्माण, अंतरिक्ष, वस्त्र, बंदरगाह, चमड़ा, मीडिया और मनोरंजन, कल्याण, खनन, पर्यटन और आतिथ्य, रेलवे हैं। , ऑटोमोबाइल घटक, नवीकरणीय ऊर्जा, खनन, जैव-प्रौद्योगिकी, सड़क और राजमार्ग, इलेक्ट्रॉनिक्स सिस्टम और थर्मल पावर आदि हैं।

इस योजना के सफल कार्यान्वयन से भारत में 100 स्मार्ट शहरों की परियोजना और किफायती आवास में मदद मिलेगी। मुख्य उद्देश्य शीर्ष निवेशकों की मदद से देश में ठोस विकास और मूल्यवान रोजगार सृजन सुनिश्चित करना है। इसका लाभ दोनों पक्षों, निवेशकों और हमारे देश को मिलेगा। भारत सरकार ने निवेशकों के आसान और प्रभावी संचार के लिए एक समर्पित सहायता टीम और एक ऑनलाइन पोर्टल (makeinindia.com) बनाया है। एक समर्पित सेल कभी भी व्यावसायिक संस्थाओं से सभी प्रश्नों का उत्तर देने के लिए प्रतिबद्ध है।

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विकास नें वाणिज्य में स्नातक किया है और उन्हें भाषा और खेल-कूद में काफी शौक है. दा इंडियन वायर के लिए विकास हिंदी व्याकरण एवं अन्य भाषाओं के बारे में लिख रहे हैं.

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Essay on Make in India

Essay writing on make in india : mission to glory.

India’s 68th Independence Day gave a new vision to its citizen by its new Prime Minister Narendra Modi . The vision has created a buzz among all the people and sectors alike. The inspiring vision is seen as the new formula for the success Of every individual, every company, and every business. To boost the Indian economy, Prime Minister Narendra Modi coined the term “Make in India”. An initiative to boost manufacturing by easing business processes. It aims at attracting foreign companies to set up factories in India and invest in the country’s infrastructure. In simple terms, Modi is trying to create job opportunities for the huge population.

The mission had its origin in the Prime Minister’s Independence Day speech, inviting global companies to pick India to locate factories, promising to replace hurdles with red-carpet welcomes. Make in India, an international marketing campaigning slogan was officially launched on 25 September, 2014.

The push for manufacturing could not have come at a better time as today, India needs to grow faster to increase the income level. It will create jobs for over million people who join the workforce every year. “We at the Tata Group welcome PM Modi’s Make in India programme. It’s an opportunity to make India truly and globally competitive,” was related by Tata group CEO Cyrus Mistry. The perfect logo of the mission is personified by a lion with a mechanical body. Modi exclaimed that the logo is derived from Ashoka Chakra.

The lion in the logo stands for strength and power while the wheels are a sign Of development and progress. He further said that : “My definition of FDI for the people of India is First Develop India.” While inviting world-class companies to India, Narendra Modi also requested Indian manufacturers not to leave the country and supported that Indian companies too should shine as multinational companies. On this ITC chairman YC Deveshwar said : “The boldness of your vision and the simplicity with which you have communicated it is inspiring.”

For the fruitful start, the new government has laid guidelines for the progress of the project. Some examples are like: reducing the paper work required for establishing companies and minimising the time required for government approvals, abolishing the Corporate Social Responsibility (CSR) from the project cost. Guidelines have been issued for quickening clearances to projects that are approved by state governments.

Policies have been made for the easy transfer of funds while switching jobs anywhere in the country: A dedicated cell has been created to answer queries from business entities through a newly created web portal. These are some mere steps taken while the government, with the help of experts, is trying hard to improve every bit.

Analysts give the reason as to why the mission could prove beneficial for India: contrasting to farming, which employs nearly 50% of population, but contributes just 14% to GDP. The services sector contributes nearly 60% to the economy, but employs just around 27% of workforce. Indian manufacturers are becoming more competitive with respect to their product designs, manufacturing and testing facilities. Additionally, India is the third largest producer of chemicals in Asia and sixth by output, in the world. Through the last four decades, India’s space programme has attracted global attention for its accelerated rate of development.

These few examples support the fact that India has every potential to compete with developed nations. However as a flip side of a coin, there are some challenges too. India’s poor infrastructure and logistics shortfall with inefficient transport networks makes it tough for manufacturing companies to achieve just-in-time production. “The combination of improved transport connectivity and simplified, one point collection of taxation will go a long way in implementing the Prime Minister’s vision of ‘Make in India’,” Deutsche Bank says.

A lot of sectors have been included in the mission some of which are as automobiles, chemicals, construction, ports, railways, space etc. Make in India’s success relies a lot on the fate of the newer companies. But, since its inception, a lot of reputed multinational companies have re-analyzed their expansion plans. Narendra Modi is about to give the source, the tool to improve the purchasing power of the common man. The coming together of smart entrepreneurs, employees, infrastructure and know-how could over time become a durable advantage, as had happened in China’s case.

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मेक इन इंडिया पर निबंध

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रूपरेखा : परिचय - मेक इन इंडिया की शुरुआत - मेक इन इंडिया का उद्देश्य - देश की अर्थव्यवस्था - मेक इन इंडिया के लिए प्रतिक्रिया - मेक इन इंडिया योजना से जुड़ी महत्वपूर्ण बातें - मेक इन इंडिया कैम्पेन - मेक इन इंडिया के फायदे - उपसंहार।

मेक इन इंडिया भारत सरकार द्वारा शुरू की गयी एक नई पहल है। इस अभियान को सफल बनाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने सभी राज्यों के सरकारों, भारतीय व्यवसायी, विदेशी व्यवसायी से मुलाकात की और उन्हें भारत में निवेश करने के लिए प्रेरित किया था। इस योजना का कई बड़ी कंपनियां साथ दे रही थीं और साथ-ही-साथ उन कंपनियों ने भारत में कई जगह अपने कारखानों को स्थापित कर भारत में निवेश किया है और साथ में कई भारतीय लोगों को इससे रोजगार भी मिल रहा है।

मेक इन इंडिया की शुरुआत

साल 2013 में, बहुत से उभरते उभरते बाजार का नुकसान हो गया था और विकास दर बढ़ गई थी। उस समय, भारत एक गंभीर स्थिति में आर्थिक संकट था। वैश्विक निवेशक इस बात पर बहस कर रहे थे कि क्या भारत में निवेश करना एक अवसर या एक जोखिम होगा। इसी बीच भारत के प्रधानमंत्री ने 25 सितंबर, 2014 को 'मेक इन इंडिया' कार्यक्रम का आरंभ किया। 'मेक इन इंडिया' का शुभारंभ नई दिल्ली के विज्ञान भवन में हुआ था। इस योजना का मुख्य उद्देश्य यही है कि लोगों द्वारा रोजमर्रा में उपयोग किए जाने वाले समान का निर्माण इंडिया में हो अर्थात स्वदेशी हो। इस योजना को और बेहतर तरीके से प्रस्तुत करने के लिए औद्योगिक नीति व विकास विभाग द्वारा 29 दिसंबर, 2014 को एक वर्कशॉप आयोजित की गई थी। इस कार्यक्रम में नरेंद्र मोदी के साथ उनके कैबिनेट मंत्री, सभी राज्यों के मुख्य सचिव व बड़ी-बड़ी इंडस्ट्री के लीडर भी शामिल थे।

मेक इन इंडिया का उद्देश्य

इस योजना के तहत भारतीय कंपनियों के उत्पादों को बढ़ावा दिया जा रहा है। भारत में आज असाक्षरता, बेरोजगारी, भ्रष्टाचार, गरीबी और स्वास्थ्य सेवाओं में कमी मौजूद है। मेक इन इंडिया अभियान के जरिये इन सभी समस्याओं को भारत से दूर करने की एक बहुत ही अच्छी पहल है। भारत सरकार के अनुसार 'मेक इन इंडिया' द्वारा भारत में कई स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट और किफायती आवास योजना लोगों को मिलने की आशा है। इस योजना का मुख्य उद्देश्य बड़े निवेशकों की सहायता से देश में मजबूत विकास और मूल्यवान रोजगार हर घर के लोगों तक सुनिश्चित करना है।

देश की अर्थव्यवस्था

भारत में अधिक सामान बनने से समान की कीमत कम होगी और बाहर से निर्यात होने देश की अर्थव्यवस्था को फायदा होगा। इसके अतिरिक्त देश में रोजगार बढ़ेगा, गरीबी कम होगी। कई उत्पादों कम कीमत पर मिलेगा। दूसरे मुल्क के निवेशक हमारे यहाँ आकर पैसा निवेश करेंगे जिससे देश में बाहर से पैसा आएगा साथ ही की अर्थव्यवस्था में सुधार होगा। देश के युवाओं को अपनी सोच सबको बताने का अवसर मिलेगा। देश के युवा विदेश में जाकर काम करने की जगह, यही रहकर काम करना पसंद करेंगे।

मेक इन इंडिया के लिए प्रतिक्रिया

सितंबर, 2014 में जब इस योजना की शुरुआत हुई थी तब कुछ विदेशी कंपनी भारत देश में निवेश करने के लिए आगे आए थे। जनवरी, 2015 को स्पाइस मोबाईल कंपनी के मालिक ने उत्तरप्रदेश के साथ डील करके वहां पर अपने मोबाइल फोन बनाने की कंपनी स्थापित की। साथ ही जनवरी, 2015 में ही सैमसंग मोबाईल कंपनी के सीईओ ह्यून चिल होंग MSME के मंत्री कलराज मिश्रा से मिले थे और नोएडा में इसके प्रोजेक्ट शुरू करने का विचार प्रस्तुत किया था। फरवरी, 2015 में हिताची ने भी भारत में निवेश की बात कही और आज चेन्नई में अपनी एक कंपनी वहां स्थापित किया।

फरवरी, 2015 में HUAWEI ने बैगलुरु में अपना रिसर्च व् डेवलोपमेंट कैंपस खोला। इसके साथ ही उन्होंने टेलीकॉम हार्डवेयर प्लांट चेन्नई में बनाने की बात कही जिसे चेन्नई सरकार से मान्यता दे दी थी। फरवरी, 2015 में XIAOMI मोबाइल कंपनी ने आंध्रप्रदेश सरकार के साथ काम करने का प्रस्ताव रखा। अगस्त, 2015 में लेनोवो ने उनके मोटोरोला के मोबाइल फोन चेन्नई के पास प्लांट में बनाना शुरू किया। दिसंबर, 2015 में VIVO मोबाइल कंपनी ने नॉयडा में अपने मोबाइल का निर्माण कार्य शुरू कर दिया जिसमें 2200 लोगों को काम पर रखा गया।

दिसंबर, 2015 में जापान के प्रधानमंत्री भारत दौरे में थे उन्होंने मेक इन इंडिया प्रोजेक्ट के लिए जापान की तरफ से 12 लाख करोड़ का फंड दिया। इसके साथ जब नरेंद्र मोदी दिसंबर में रूस दौरे पर थे, तब उन्होंने मेक इन इंडिया कैम्पेन के तहत अब तक कि सबसे बड़ी डील साइन की थी। इसके साथ-साथ कई विदेशी कंपनियों ने सरकार को अपने प्लांस भेजे और साथ देने का प्रस्ताव भेजा। आज भारत सरकार को दुनिया भर की ढेरों कंपनियां ने प्रोपोसल भेजे हैं जो भारत में काम शुरू करना चाहते हैं।

मेक इन इंडिया योजना से जुड़ी महत्वपूर्ण बातें

इस योजना ने देश-विदेश सभी स्थानों के निवेशकों के लिए भारत में व्यापार करने के दरवाजे खोल दिए हैं। बड़ी-बड़ी कंपनियां आज भारत में निवेश रही हैं। भारत एक लोकतंत्र देश है जो अब अपनी अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने की राह पर चल पड़ा है। सरकार ने इस योजना के लिए 25 सेक्टर का चुनाव किया है जैसे – ऑटोमोबाइल, बायोटेक्नोलाजी, केमिकल, इलेक्ट्रोनिक्स, फ़ूड प्रोसेसिंग, इम्फोर्मेशन टेक्नोलोजी, लेदर, माइनिंग, मिडिया व एंटरटेनमेंट, आउल व गैस, रेलवे, पोर्ट्स एंड शिपिंग, टेक्सटाइल व गारमेंट्स, थर्मल पॉवर, टूरिज्म, थर्मल पॉवर, इलेक्ट्रिकल मशीन, रोड व हाईवे, विमान उद्योग, निर्माण आदि। इसके अलावा रक्षा, स्पेस और भी दूसरे सेक्टर के रास्ते यहाँ निवेश के लिए खुल गए। आंकलन के अनुसार ये योजना 20 हजार करोड़ की थी, लेकिन शुरुआत में इसके लिए 930 करोड़ का इन्वेस्टमेंट प्लान किया गया था, जिसमें से 580 करोड़ भारत की सरकार दे रही थी।

मेक इन इंडिया कैम्पेन

मेक इन इंडिया कैम्पेन को जन-जन तक पहुँचाने के लिए 13, फरवरी 2016 को मुंबई में मेक इन इंडिया वीक इवेंट मनाया गया था। यहाँ 2500 अंतर्राष्ट्रीय व 8000 राष्ट्रिय कंपनियों ने हिस्सा लिया था इसके साथ ही 72 देशों के बिजनेश टीम व देश के 17 प्रदेशों से भी लोग आये थे। मेक इन इंडिया की तर्ज पर महाराष्ट्र सरकार से मेक इन महाराष्ट्र कैम्पेन शुरू किया। इसका उद्देश्य मेक इन इंडिया को और आगे बढ़ाना है। इससे महाराष्ट्र में व्यापार के लिए लोग आकर्षित होंगे और देश तथा राज्य का अर्थव्यवस्था सुधरेगी।

मेक इन इंडिया के फायदे

मेक इन इंडिया अभियान की मदद से बहुत से बेरोजगार युवाओं को रोजगार मिल रहा है इसी वजह से देश का विकास हो रहा है। इस अभियान की सहायता से हम अपने भारत देश को अन्य विकसित देशों को सूचि में जल्द ही देख सकते है। अगर बाहरी देशों की कंपनियां हमारे देश में शाखाएं बनायेंगे तो हमारे भारत के साथ-साथ उन्हें भी फायदा होगा और देश के लोगों को कम दाम में उत्पाद उपलब्ध हो सकेंगे और साथ में लोगों को रोजगार मिलता रहेगा। इससे देश की अर्थव्यवस्था में सुधार और देश का विकास होगा।

मेक इन इंडिया अभियान के शुरू होने से भारत में जोर शोर से कई निवेशकों ने विनिर्माण, वस्त्र, ऑटोमोबाइल, उत्पादन, खुदरा, रसायन, आईटी, बंदरगाह, फार्मास्यूटिकल, पर्यटन, कल्याण, आदि ने रेलवे के क्षेत्र में निवेश किया है जो भारत के लिए एक बहुत ही अच्छी बात है। मेक इन इंडिया के शुभारंभ के दिन सभी अंतर्राष्ट्रीय और भारतीय कंपनियों को इस अभियान का साथ देने के लिए आमंत्रित किया गया था। मेक इन इण्डिया अभियान ने भारत में अंतर्राष्ट्रीय व्यापर में निवेश के क्षेत्र में एक क्रांति उत्पन्न कर दी है। कई विदेशी कंपनियां अपनी शाखाओं को भारत में शुरू कर रही है जिससे आने वाले सालों में लोगों के लिए रोजगार का एक अच्छा माध्यम होगा।

मेक इन इंडिया अभियान भारत को विकसित बनाने में एक बेहतरीन पहल साबित हुई है। भारत सरकार अपनी पूरी कोशिश कर रही है मेक इन इंडिया को सही मार्ग देने की और लोगों को प्रेरित करने की। हमें स्वदेशी अपनाने की सोचनी चाहिए जिससे भारत को लाफ मिले और भारत की अर्थव्यवस्था बने रहे।

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essay on make in india in hindi

मेक इन इंडिया पर निबंध – Essay on Make in India in Hindi

Essay on Make in India in Hindi: दोस्तो आज हमने मेक इन इंडिया पर निबंध   कक्षा 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9 ,10, 11, 12 के विद्यार्थियों के लिए लिखा है।

  • मेक इन इंडिया पर निबंध – Essay on Make in India in Hindi

25 सितंबर 2014 को प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा मेक इन इंडिया अभियान शुरू किया गया था। यह भारत में निवेश के लिए दुनिया भर के शीर्ष व्यापार निवेशकों को कॉल करने की एक पहल है। यह सभी निवेशकों के लिए देश में कहीं भी किसी भी क्षेत्र में अपना व्यवसाय स्थापित करने का एक बड़ा अवसर है।

Essay on Make in India in Hindi

इस आकर्षक योजना में विदेशी कंपनियों के लिए भारत में विनिर्माण इकाइयां स्थापित करने के लिए संसाधन प्रस्ताव हैं। भारत सरकार द्वारा शुरू किया गया मेक इन इंडिया अभियान प्रभावी भौतिक बुनियादी ढांचे के निर्माण पर केंद्रित है। यह देश में डिजिटल नेटवर्क के बाजार में सुधार के लिए भी था, ताकि व्यापार के लिए एक वैश्विक केंद्र बनाया जा सके।

अनोखा प्रतीक- इसका महत्व

इस पहल का प्रतीक एक विशालकाय शेर है जिसमें कई पहिए हैं। यह शांतिपूर्ण प्रगति और देश के जीवंत भविष्य के लिए संकेत देता है। कई पहियों के साथ एक विशाल चलने वाला शेर साहस, शक्ति, तप और ज्ञान का प्रतिनिधित्व करता है।

अलग अभियान क्यों?

यह राष्ट्रीय कार्यक्रम देश को वैश्विक व्यापार केंद्र में बदलने के लिए बनाया गया था। क्योंकि इसमें स्थानीय और विदेशी कंपनियों के आकर्षक प्रस्ताव हैं। यह अभियान कई मूल्यवान और सम्मानित नौकरियां बनाने पर केंद्रित है। यह देश के युवाओं की स्थिति में सुधार के लिए लगभग हर क्षेत्र में कौशल वृद्धि प्रदान कर रहा है।

मेक इन इंडिया के फायदे

इस योजना का सफल कार्यान्वयन निश्चित रूप से निम्नलिखित प्रमुख उद्देश्यों को पूरा करेगा:

  • श में ठोस विकास और मूल्यवान रोजगार सृजन सुनिश्चित करना।
  • शीर्ष निवेशकों की मदद से देश विनिर्माण क्षेत्र में पूरी तरह से आत्म निर्भर बन जाएगा।
  • यह दोनों पक्षों अर्थात निवेशकों और हमारे देश को लाभ प्रदान करेगा।
  • ग्लोबल मार्केट में अपने ब्रांड वैल्यू बनाने के लिए मेक इन इंडिया भी कंपनियों की मदद करेगा।
  • यह निश्चित रूप से भारतीय जीडीपी के विकास के साथ-साथ भारतीय मुद्रा के मूल्य को बढ़ाने में मदद करेगा
  • हमारे अपने निवेशक देश में ही बने रहेंगे, जो संसाधनों की कमी और नीतिगत मुद्दों पर स्पष्टता के कारण भारत से बाहर अपने व्यवसाय को आगे बढ़ाने की योजना बना रहे थे।
  • इस तथ्य के कारण दुनिया भर की कंपनियां मेक इन इंडिया परियोजना में भारी निवेश कर रही हैं

मेक इन इंडिया की नीति संरचना

निवेशकों पर किसी भी प्रकार के बोझ को कम करने के लिए भारत सरकार एक बड़ा प्रयास कर रही है। इसके कारण, व्यावसायिक संस्थाओं से सभी प्रश्नों को हल करने के लिए एक समर्पित वेब पोर्टल की व्यवस्था है। यह पोर्टल www.makeinindia.com अब एक उत्कृष्ट प्रतिक्रिया प्राप्त कर रहा है। सरकार ने एक समर्पित बैक-एंड सपोर्ट टीम बनाई है, ताकि 72 घंटे की अवधि के भीतर प्रतिक्रिया दी जा सके।

लगभग 25 प्रमुख क्षेत्रों जैसे विमानन, रसायन, आईटी, ऑटोमोबाइल, वस्त्र, बंदरगाह, फार्मास्यूटिकल्स, आतिथ्य, पर्यटन, कल्याण और रेलवे को निवेशकों द्वारा काम करने और विश्व नेता बनने के लिए सरकार द्वारा चिह्नित किया गया है।

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मेक इन इंडिया का नुकसान

अब आइए नज़र डालते हैं मेक इन इंडिया के कुछ संभावित नुकसान। इन पहलुओं पर, सरकार को कुछ सुधारात्मक उपाय लागू करने चाहिए।

  • कृषि की लापरवाही
  • प्राकृतिक संसाधनों की कमी
  • लघु उद्यमियों के लिए नुकसान
  • भूमि का विघटन
  • विनिर्माण आधारित अर्थव्यवस्था
  • अंतर्राष्ट्रीय ब्रांडों में रुचि
  • चीन के साथ खराब संबंध

विकास और विकास लाकर भारत को बेरोजगारी से मुक्त बनाना इस नीति की तत्काल आवश्यकता है। हम युवाओं के लिए बेरोजगारी के मुद्दे को हल करके भारत में गरीबी को काफी हद तक कम कर सकते हैं। इस प्रकार देश की अर्थव्यवस्था इस अभियान की सफलता के बाद एक नई ऊंचाई हासिल करेगी। यह बदले में, देश में विभिन्न सामाजिक मुद्दों को हल कर सकता है।

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essay on make in india in hindi

Essay on Make in India in Hindi | Make in India policy | Scheme | Information in Hindi

Essay on Make in India

देश मे माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने देश मे मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देने के लिए Make in india scheme की शुरुआत की थी।

इस Scheme का उद्देश्य लोगो को रोजगार देने के अलावा देश के लिए जरूरी समानों का उत्पादन देश मे ही करना था।

कई परीक्षाओं में Make in india policy के ऊपर निबंध लिखने के लिए है। तो आज हम आपके लिए Make in india essay in hindi लेकर आए हैं, जिसका उपयोग आप परीक्षा में कर सकते हैं।

Table of Contents

Make in india essay in Hindi (मेक इन इंडिया पर हिंदी में निबंध) – (200 words)

हमारा देश भले ही एक कृषि प्रधान देश है लेकिन आज की सबसे बड़ी जरूरत है लोगो की जरूरत का सामान, जो कि मैन्युफैक्चर किया जाता है। हम दुनियाँ के सभी देशों की इकॉनमी पर गौर करें तो पता चलता है कि जो देश कुछ बनाकर बेच रहे है, उन्ही की इकनॉमी मजबूत है।

हमारे देश भारत ने भी अब यह संकल्प कर लिया है कि वह अब सिर्फ एक बाजार नही है बल्कि बाजार में सामान की आपूर्ति करने वाला एक देश है। इसलिए देश की सरकार ने Make in india scheme की शुरुआत की है।

इस योजना के तरह दुनियाँ के तमाम देशों के छोटे-बड़े सभी उद्योगपतियों से यह कहा गया है कि आप भारत मे आकर अपनी कंपनी खड़ी कर सकते हैं और उत्पाद बना सकते हैं।

इसके लिए देश जमीन, बिजली, पानी, सड़क ट्रेन आदि सभी सुविधाएं उपलब्ध करवाएगा।

योजना का उद्देश्य.

देश में नए रोजगार का निर्माण करना और मैन्यूफैक्चरिंग के लिए एक पृष्ठभूमि तैयार करना ही इस योजना का मुख्य उद्देश्य है। इस योजना का लाभ देश के हर नागरिक को मिलेगा। यदि इस योजना से जरिये कोई विदेशी कंपनी देश में प्लांट लगाती है तो रोजगार सृजन होगा जिससे की बेरोजगार लोगो को लाभ मिलेगा।

कई सेक्टर ऐसे है जहाँ पर देशी कंपनियां काफी मजबूत है पर कई सेक्टरों में हमें विदेशी कंपनियों की जरूरत है। Make in india एक बहुत ही अच्छी पहल है। इससे न सिर्फ रोजगार का निर्माण होगा बल्कि साथ मे कई चीजों की टेक्नोलॉजी भी हमें मिल सकेगी।

Make in india essay in Hindi (मेक इन इंडिया पर हिंदी में निबंध) – (250 words)

25 सितंबर 2014 देश के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने देश को एक मैन्युफैक्चरिंग हब बनाने के उद्देश्य से Make in india scheme की शुरुआत की।

देश मे मैन्युफैक्चरिंग नही हो रही थी, या बहुत कम पैमाने में हो रही थी, इस वजह से देश दुनियाँ के बाकी बड़े देशों से पिछड़ रहा था।

इसी कमी को दूर करने के लिए Make in india योजना शुरू किया गया।

Information of Make in India scheme (मेक इन इंडिया योजना के बारे में जानकारी)

Make in india का प्रमुख उद्देश्य यह है कि विदेशी कंपनियां भारत मे आएं और उत्पाद को यही बनाएं। इसके बाद भारत से वह उत्पाद बाकी दुनियाँ में जाए।

भारत को दुनियाँ अभी एक बाजार के रूप में ज्यादा देखती है, जबकि यह योजना पूरी दुनियाँ को बताती है कि भारत आप सामान बनाना चाहता है।

मेक इन इंडिया के तहत अब कोई भी विदेशी कंपनी 100% निवेश करती है। इससे सिर्फ कुछ सेक्टर को बाहर रखा गया है जैसे कि डिफेंस सेक्टर में 49% बाहरी निवेश की अनुमति है।

स्पेस सेक्टर में 74% निवेश की आजादी है, वही मीडिया में 26% विदेशी निवेश की अनुमति दी गई है।

मेक इन इंडिया का उद्देश्य.

भारत इस वक़्त दुनियाँ का दूसरा सबसे बड़ा आबादी वाला देश है और आगे आने वाले कुछ वर्षों में यह चीन को भी पीछे छोड़ देगा।

इतना बड़ा देश और इतनी विशाल जनसंख्या होने के बावजूद भी हमारा देश मैन्युफैक्चरिंग के मामले में काफी पीछे है।

यदि हम अपने पड़ोसी देश चीन की बात करें तो चीन और भारत का GDP 1980 में एक बराबर थी। लेकिन उसके बाद चीन ने निर्माण आधारित जनसंख्या बनने का फैसला किया और आज परिणाम सामने है कि चीन दुनियाँ का एक मैन्युफैक्चरिंग केंद्र बन गया है।

भारत भी यही चाहता है कि आगे आने वाले 25 वर्षों में भारत खुद की जरूरत को पूरा करने के साथ साथ दुनियाँ की जरूरत भी पूरी कर सकें। लेकिन यह तभी संभव होगा जब भारत मे निर्माण होगा।

मेक इन इंडिया में शामिल सेक्टर.

Make in India के तहत भारत के कई सेक्टर आते हैं। इसमे ऑटोमोबाइल, बायोटेक्नोलॉजी, केमिकल्स, कंस्ट्रक्शन,डिफेंस के साजोसामान,बिजली की मशीनरी, इलेक्ट्रिकल सिस्टम, फ़ूड पोसेसिंग, चमड़ा, उद्योग, माइनिंग, रेलवे,दवा का उद्योग,रोड और हाईवे, थर्मल पावर टूरिस्म के अलावा और भी कई सेक्टर आते हैं।

Make in india भारत सरकार की तरफ से की गई एक पहल है जिसका मकसद देश में निर्माण कार्य को बढ़ावा देना है। भारत के कई विभाग इस योजना को सफल बनाने में पूरी तरह से तत्पर है।

देश की इस योजना से बहुत ज्यादा आशा है। इस योजना से तहत कोई भी काम शुरू कर सकता है। यदि देश का कोई नागरिक भी अपना खुद का कोई उद्योग शुरू करना चाहता है तो जरूर करना चाहिए।

Make in india essay in Hindi (मेक इन इंडिया पर हिंदी में निबंध) – (300 words)

देश को मैन्युफैक्चरिंग का केंद्र बनाने के लिए तथा देश मे बेरोजगारी की दर को घटाने के लिए देश के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के द्वारा एक द्विउद्देश्यीय योजना, Make in india की शुरुआत की गई थी।

Make in india के तरह कई विदेशी कंपनियों को आमंत्रित किया गया था कि राह भारत मे आये और जरूरी सामान को भारत मे ही बनाए।

25 सितंबर 2014 को देश के प्रधानमंत्री ने घरेलू उत्पादन क्षमता को बढ़ाने के लिए Make in yojna को शुरू किया था। इस योजना को शुरू करने का मकसद था कि देश की GDP में मैन्युफैक्चरिंग का योगदान 16% से बढ़कर 22% तक हो जाए।

इस लक्ष्य को 2022 तक हासिल करना है। मेक इन इंडिया के तहत देश के 25 अलग अलग सेक्टर्स पर पूरा ध्यान दिया गया, जिसमे ऑटोमोबाइल, इलेक्ट्रॉनिक्स, माइनिंग जैसे क्षेत्र शामिल हैं।

मेक इन इंडिया शुरू करने की मुख्य वजह.

देश के कई बुद्धिजीवी इस बात को लेकर हमेशा चिंतित रहते थे कि आखिर किस तरह से देश मे विनिर्माण की प्रक्रिया को बढ़ावा दिया जाए।

जब तक देश मे मैन्युफैक्चरिंग होना शुरू नही होगा तब तक देश की प्रतिभाओं का सही उपयोग नही हो सकता है। इसी बात को ध्यान में रखकर प्रधानमंत्री ने अपने पहले ही कार्यकाल में Make in india योजना को शुरू किया।

दुनियाँ के सभी उधोगपति से किया आवाहन.

प्रधानमंत्री ने दुनियाँ भर की सभी बड़ी बड़ी कंपनियों को अपने देश मे कंपनी लगाने का आवाहन किया था। सभी कंपनियों से यह कहा गया था कि आप हमारे देश मे आइए, अपना बिज़नेस शुरू करिए।

बदले में भारत सस्ती बिजली, कुशल मजदूरों की आपूर्ति और उद्योग शुरू करने के लिए जमीन की व्यवस्था भी की जाएगी।

इस योजना को सफल बनाने के लिए मोदी जी ने भरसक प्रयास किए। करीब 500 अलग अलग कंपनियों के CEO लगातार मुलाकात की और इस योजना के क्रियान्वयन के तरीके को समझाया गया।

इसके साथ ही दुनियाँ के बड़े बड़े देशो में खुद मोदी जी गए और वहां के राष्ट्र प्रमुखों से मुलाकात करके इस योजना के बारे में विस्तार से समझाया है।

यह योजना सुचारू रूप से चल सकें और निवेशकों को उनकी समस्याओं का तुरंत समाधान मिल सके इसके लिए makeinindia.com वेब पोर्टल शुरू किया गया।

जहाँ निवेशकों की किसी भी समस्या का हल 72 घंटे के अंदर किया जाता है। इसके साथ ही वाणिज्य मंत्रालय के अंदर ही एक इन्वेस्ट इंडिया का विभाग बनाया गया है।

इस विभाग का काम है मेक इन इंडिया के तहत होने वाले निवेश पर ध्यान रखना और बिज़नेस के भूमि से संबंधित अनापत्ति प्रमाणपत्र प्रदान करना।

आज यह बहुत जरूरी है कि देश एक मैन्युफैक्चरिंग के केंद्र के रूप में बने क्योंकि देश की बढ़ती जरूरतों के लिए हम दूसरे देशों पर निर्भर नही सकते। साथ ही देश की युवा शक्ति का सदुपयोग करने का यह सही वक्त है।

Make in india essay in Hindi (मेक इन इंडिया पर हिंदी में निबंध) – (400 words)

विश्व पटल पर भारत का डंका बज रहा है। देश अभी एक एक बड़े बाजार के तौर पर देखा जा रहा था लेकिन Make in india के तहत अब भारत मैन्युफैक्चरिंग का सेंटर भी बनने की तैयारी कर रहा है।

देश के कई विभाग इस योजना को सफल बनाने की पूरी कोशिश कर रहे हैं। Make in india योजना की शुरुआत भी बहुत जोरशोर के साथ हुई थी।

प्रधानमंत्री जी ने इस योजना को सफल बनाने के लिए IT सेक्टर से बड़े बड़े पेशेवर लोगो के साथ एक मीटिंग की थी, जिसमें इस योजना को सफल बनाने के लिए एक प्रारूप तैयार किया गया था।

मेक इन इंडिया की शुरुआत.

Make in india योजना की शुरुआत 25 सितम्बर, 2014 को दिल्ली में हुई थी। इस योजना के बारे में अच्छी समझ बन सके इसके लिए एक वर्कशॉप भी लगाई गई थी, जिसमे प्रधानमंत्री के अलावा कई अन्य मंत्री और कई बड़ी इंडस्ट्री के मुखिया भी शामिल हुए थे।

जब इस योजना को शुरू किया था तो उस वक़्त इसका सिर्फ एक मकसद था कि देश मे निर्माण कार्य को बढ़ावा दिया जाए। भारत अब चीजों को बनाना चाहता है यदि एक संदेश था जो इस योजना के जरिए दुनियाँ को दिया गया।

इस योजना का सफल कियान्वयन का मलतब था कि देश मे रोजगार भी निर्मित होंगे जिससे योग्य लोगो को रोजगार मिल सकेगा।

मेक इन इंडिया योजना का उद्देश्य.

हमारी देश की आबादी दिनोदिन बढ़ती जा रही है, ऐसे में लोगो के सामने रोजगार की समस्या भी बढ़ती जा रही है। हमारा देश सर्विस सेक्टर में तो काफी आगे है, लेकिन जहां बात निर्माण की आती है तो वहाँ हमारा देश काफी पिछड़ा नजर आता है।

यानी स्पष्ट शब्दों में कहा जाए तो हमारे देश मे मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर पर काफी ज्यादा ध्यान नही दिया गया था इस वजह से यह बहुत कमजोर है।

मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर के कमजोर होने से मैन्युफैक्चरिंग के क्षेत्र में पैदा होने के वाले रोजगार भी नही बन रहे, और नतीजतन बेरोजगारी बढ़ रही है।

ऐसे में यह बहुत जरूरी है कि इस सेक्टर को मजबूत किया जाए। इसके अलावा दूसरा उद्देश्य है देश मे सामान को बनाना।

हमें बाहर से सामान खरीदना मंहगा पड़ता है। वही कोई सामान देश मे ही बनने लग जाए तो इससे कीमत भी कम होगी साथ दूसरे देशों को बेचकर पैसा भी कमाया जा सकता है।

Make in india इन्ही दो उद्देश्यों को ध्यान में रखकर बनाया गया है।

मेक इन इंडिया के फायदे.

Make in india योजना यदि सफल हो जाती है और इसके जरिए देश मे नई नई कंपनियां खुल जाती है तो इसका सबसे बड़ा फायदा यह होने वाला है कि बेरोजगारी की समस्या काफी कम हो जाएगी।

आज हमारे देश मे युवाओं की यह स्थिति है कि पढ़े लिखे होने के बावजूद भी उन्हें अपनी योग्यता से कम का काम करना पड़ता है तो वही कई लोगो को तो कोई काम ही नही मिल पाता है।

Make in india के तहत बनने वाले उत्पादों के दाम भी कम रहेंगे। भारत के मजदूर सस्ते दाम में उपलब्ध हो जाते है, इससे किसी भी उत्पाद को बनाने में लगने वाला खर्च काफी कम आता है, और यही चीज़ बाजार में कम दाम में मिलता है।

मेक इन इंडिया से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण बातें.

इस योजना को शुरू करते वक़्त ही यह कह दिया गया था कि अब भारत मे बिज़नेस खोलना पहले ही तरह मुश्किल नही है।

पहले जमीन खरीदने और बिजली का कनेक्शन लेने में ही बिज़नेस करने वालों को बड़ी दिक्कत होती थी, इस वजह से भारत को बिज़नेस करने के लिहाज से एक अच्छा देश नही माना जाता था। लेकिन अब स्थिति बदल रही है।

Make in india के तरह देश मे अपनी फैक्ट्री खोलने के लिए 25 सेक्टर चुने गए हैं, जिसमे ऑटोमोबाइल, बायोटेक्नोलॉजी, केमिकल्स, कंस्ट्रक्शन,डिफेंस के साजोसामान,बिजली की मशीनरी, इलेक्ट्रिकल सिस्टम, फ़ूड पोसेसिंग, चमड़ा, उद्योग, माइनिंग, रेलवे,दवा का उद्योग,रोड और हाईवे, थर्मल पावर टूरिस्म जैसे कई अन्य सेक्टर भी शामिल हैं।

इस योजना के लिए कुल 20 हजार करोड़ निवेश करने की योजना है लेकिन शुरुआती चरण में इसमे मात्र 930 करोड़ का निवेश किया गया था।

व्यापार करने के लिहाज से जो देश सबसे अच्छे माने जाते है, उस सूची में भारत 130 नंबर पर है। यह स्थिति अभी और सुधर रही है।

देश का विकास हो सके इसके लिए यह बहुत जरूरी है कि अब देश अपने मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर को मजबूत करें। दुनियाँ सभी बड़ी अर्थव्यवस्था पर जब नजर डालते हैं तो पता चलता है कि वो मैन्युफैक्चरिंग मव काफी आगे है। इसलिए भारत को भी इन्ही देशो से सीख लेते हुए Make in india Scheme को सफल बनाने की पूरी कोशिश करना चाहिए।

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मेक इन इंडिया अभियान पर निबंध Essay on Make in India in Hindi

मेक इन इंडिया अभियान पर निबंध Make in India Essay in Hindi

Do you want to Read Make in India Information in Hindi? क्या आप मेक इन इंडिया मिशन के विषय में पढना चाहते हो?

Table of Content

मेक इन इंडिया भारत सरकार द्वारा शुरू की गई एक नई पहल है जिसका 25 सितंबर 2014 को हमारे माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने शुभारंभ किया। मेक इन इंडिया अभियान या मिशन भारत में नई टेक्नालॉजी के विकास और भारत में ही बनाए जाने वाले उत्पादों को बढ़ावा देना है।

मेक इन इंडिया अभियान का सबसे बड़ा सिद्धांत है विदेशी कंपनियों को भारत में निवेश करने के लिए प्रेरणा मिले तथा भारत में ही उत्पादों को बनाने का प्रोत्साहन दिया जाये। ना सिर्फ विदेशी उत्पादों बल्कि योजना के तहत भारतीय कंपनियों के उत्पादों को भी बढ़ावा दिया जा रहा है।

मेक इन इंडिया अभियान को सफल बनाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी कई देशों के IT कंपनियों के सीईओ से मुलाकात की और उन्हें भारत में निवेश करने के लिए प्रेरित किया। इस योजना का साथ कई मल्टीनेशनल कंपनियां दे रही हैं और साथ ही उन कंपनियों ने भारत में कई जगह अपने कारखाने लगा कर भारत में निवेश भी किया है।

साथ ही कई भारतीय लोगों को इससे रोज़गार भी मिल रहा है। यह योजना भारत को विकसित बनाने के लिए एक बेहतरीन पहल साबित हुआ है। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने 25 सितंबर 2014 को नई दिल्ली के विज्ञान भवन में ‘मेक इन इंडिया’ अभियान की शुरुआत की थी।

मेक इन इंडिया अभियान के फायदे Benefits of Make in India Campaign

  • मेक इन इंडिया अभियान की मदद से कई बेरोज़गार नौजवानों को रोज़गार मिल रहा है और इसी कारण से देश का विकास भी हो रहा है।
  • इस अभियान की मदद से हम अपने देश भारत को अन्य विकसित देशो की सूची में जल्द ही पाएंगे। क्योंकि अगर बाहरी देशों की कंपनियां हमारे देश में शाखाएं बनायेंगे तो उन्हें भी फायदा होगा और देश के लोगों को भी कम दाम में उत्पाद उपलब्ध हो सकेंगे और साथ ही लोगों को नौकरी भी मिलेगी।
  • इससे देश की अर्थव्यवस्था मैं सुधार और विकास होगा।
  • मेक इन इंडिया अभियान शुरू होने के बाद से भारत में जोर शोर से कई निवेशकों ने विनिर्माण, वस्त्र, ऑटोमोबाइल, उत्पादन, खुदरा, रसायन, आईटी, बंदरगाह, फार्मास्यूटिकल्स, पर्यटन, कल्याण, रेलवे, के क्षेत्र में निवेश किया है जो कि भारत के लिए बहुत ही अच्छी बात है।
  • मेक इन इंडिया अभियान के शुभ आरंभ के दिन सभी बड़ी-बड़ी अंतरराष्ट्रीय तथा भारतीय कंपनियों को इस अभियान का साथ देने के लिए आमंत्रित किया गया था।

कार्यान्वयन Implementation

मेक इन इंडिया अभियान मैं भारत में अंतरराष्ट्रीय व्यापार के निवेश के क्षेत्र में एक क्रांति सा छेड़ दिया है। प्रतिदिन कोई ना कोई बड़ी अंतर्राष्ट्रीय  मल्टीनेशनल कंपनी भारत में निवेश कर रही है और अपनी शाखाओं को शुरू कर रही हैं जो आने वाले वर्षों में लोगों के लिए रोज़गार का एक अच्छा माध्यम बनेगा।

भारत विश्व का सबसे बड़ा लोकतंत्र देश है और विश्व में   जनसंख्या के मामले में दूसरे नंबर पर है। भारत में असाक्षरता, बेरोज़गारी, महिलाओं की गिनती में गिरावट, भ्रष्टाचार , गरीबी और स्वास्थ्य सेवाओं में कमी आज के दिन में भी मौजूद है। मेक इन इंडिया का अभियान इन सब मुश्किलों को भारत से दूर करने का एक बहुत ही अच्छा पहल है।

मेक इन इंडिया प्रोजेक्ट के अनुसार भारत में 100 स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट और किफायती आवास योजना लोगों को मिलने की आशा है। इस योजना का मुख्य उद्देश्य बड़े निवेशकों की सहायता से देश में मजबूत विकास और मूल्यवान रोज़गार हर घर के लोगों तक सुनिश्चित करना है।

भारत के सरकार ने एक टीम को तैयार किया है जो मेक इन इंडिया ऑनलाइन पोर्टल को संभालते हैं। मेक इन इंडिया का ऑफिशियल वेबसाइट है https://www.makeinindia.com/home

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मेक इन इंडिया पर निबंध (Make In India Essay In Hindi)

मेक इन इंडिया पर निबंध (Make In India Essay In Hindi)

आज के इस लेख में हम मेक इन इंडिया पर निबंध (Essay On Make In India In Hindi) लिखेंगे। मेक इन इंडिया पर लिखा यह निबंध बच्चो (kids) और class 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10, 11, 12 और कॉलेज के विद्यार्थियों के लिए लिखा गया है।

मेक इन इंडिया पर लिखा हुआ यह निबंध (Essay On Make In India In Hindi) आप अपने स्कूल या फिर कॉलेज प्रोजेक्ट के लिए इस्तेमाल कर सकते है। आपको हमारे इस वेबसाइट पर और भी कही विषयो पर हिंदी में निबंध मिलेंगे , जिन्हे आप पढ़ सकते है।

प्रस्तावना 

देश में बढ़ रही बेरोजगारी और देश की बिगड़ती अर्थव्यवस्था को ध्यान में रखते हुए सरकार द्वारा देश के विकास के लिए निर्णय लिए गए। सरकार द्वारा लोगों के लिए बहुत सी योजनाएं भी चलाई गई, जिससे लोगों को रोजगार के अवसर मिल सके।

इसी तरह सरकार द्वारा मेक इन इंडिया नीति का भी प्रावधान रखा गया। सरकार द्वारा इस योजना का उद्देश्य था की देश में होने वाला निर्यात को कम किया जा सके और देश में रोजगार के अवसर पैदा किये जा सके, जिससे देश की अर्थव्यवस्था में भी सुधार होगा।

मेक इन इंडिया

मेक इन इंडिया एक महत्वपूर्ण निर्णय है जो कि भारत के हित के लिए लिया गया है। मेक इन इंडिया का निर्णय भारत सरकार द्वारा 25 सितंबर 2014 में ले लिया गया था। इसके अंदर सरकार द्वारा देशी और विदेशी कंपनी द्वारा भारत के अंदर वस्तुओं का निर्माण हो सके इस बात पर जोर दिया गया है।

मेक इन इंडिया का उद्देश्य था कि देश की अर्थव्यवस्था को बढ़ाया जा सके और रोजगार के अवसर निकाले जा सके। साथ ही भारत में सबसे ज्यादा होने वाले निर्यात को रोका जा सके और आयात ज्यादा किया जा सके।

देश के अंदर विदेशी चीजों को बनाने की योजना चालू की गई। इस योजना का नाम “मेक इन इंडिया” रखा गया। यह एक महत्वपूर्ण नीति बनी, जिससे लोगों को बहुत से रोजगार के अवसर मिल पाये।

मेक इन इंडिया का इतिहास

मेक इन इंडिया की शुरुआत 2014 में की गई थी। इस नीति का आयोजन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा किया गया। नरेंद्र मोदी द्वारा अपने मंत्रिमंडल की बैठक करके राज्य मंत्रियों के साथ बात करके इस योजना को चालू करने का निर्णय लिया गया।

इस योजना के अंतर्गत उद्योग के नेताओं को भी शामिल किया गया, ताकि इस योजना के दौरान किसी तरह की परेशानी ना हो। मेक इन इंडिया को बनाने का उद्देश्य था कि देश में लोगों को रोजगार के अवसर मिल सके और देश की अर्थव्यवस्था को सुधारा जा सके।

इस नीति के दौरान 25 मुख्य क्षेत्रों पर बहुत ध्यान देना निर्धारित किया गया। इस नीति के दौरान महत्वपूर्ण कौशल विकास वाले क्षेत्रों को अधिक विकसित किए जाने पर जोर दिया गया। भारत के अंदर पर्यावरण को कम प्रभावित करने वाले विषयों को बढ़ावा दिया गया।

ऐसे व्यवसाय को शुरू किया जाना तय किया गया, जिसके अंदर लोगों को अधिक फायदा हो और देश की अर्थव्यवस्था में भी सुधार हो सके। नए व्यवसाय को चालू करने वालों को लाइसेंस दिए गए। इन लाइसेंस की वैधता सरकार द्वारा 3 साल रखी गई।

मेक इन इंडिया के अंदर ऑटोमोबाइल, केमिकल, इलेक्ट्रॉनिक, फूड प्रोसेसिंग, गैस, रेलवे, टेक्सटाइल, थर्मल पावर, रोड, विमान उद्योग, रक्षा क्षेत्र, स्पेस, लेदर, माइनिंग, शिपिंग आदि क्षेत्र पर बहुत ध्यान दिया जाने लगा। इन क्षेत्रों के शेयरों में निवेश भी किए जाने लगे।

मेक इन इंडिया के उद्देश्य

भारत के अंदर मेक इन इंडिया नीति का चालू करना देश में बहुत से उद्देश्य को ध्यान में रखकर किया गया है। इस नीति के दौरान भारत में बहुत सी नई टेक्नोलॉजी का विकास किया जाएगा। इस योजना का मुख्य उद्देश्य है की भारत के अंदर विदेशी कंपनी द्वारा निवेश किया जाए, ताकि भारत भी विदेशी उत्पादन कर सके।

भारत द्वारा किए जाने वाले निर्यात को कम किया जाए, ताकि देश की अर्थव्यवस्था को सुधारा जा सके। इसका उद्देश्य यह है कि देश के अंदर बढ़ने वाली बेरोजगाई को रोका जा सके और लोगों को अधिक से अधिक रोजगार मिल सके।

इसका एक और उद्देश्य यह भी है की कंपनियों को बढ़ावा दिया जाना है जो कि कुछ सालों के अंदर ही बंद कर दी गई। भारत के अंदर बढ़ने वाली बेरोजगारी, साक्षरता, भ्रष्टाचार , गरीबों का और गरीब होना आदि बातों को ध्यान में रखा गया। इस नीति के दौरान 100 से अधिक स्मार्ट प्रोजेक्ट चालू किए जाएंगे।

मेक इन इंडिया के लाभ

मेक इन इंडिया नीति के बनाने पर भारत देश में बहुत से लाभ हुए हैं। इस नीति के आने पर भारत में बहुत से क्षेत्रों में सुधार हुए हैं, बहुत से लोगों को इस नीति का लाभ अच्छी तरह से मिला भी है।

एक विनिर्माण हब का बनना

सरकार द्वारा मेक इन इंडिया नीति लागू की गई, जिससे बहुत सी विदेशी कंपनियों को भारत में टैक्स की छूट दी गई और बहुत सी विदेशी कंपनियों को भारत के अंदर लाने के लिए प्रोत्साहित किया गया।

ताकि भारत के अंदर बहुत सी विदेशी चीजों का निर्माण हो सके और देश में होने वाले निर्यात को रोका जा सके। भारत को एक विनिर्माण हब बनाया गया, जिससे लोगों को बहुत से रोजगार के अवसर मिलने में मदद मिले।

आर्थिक विकास और सुधार

मेक इन इंडिया नीति के बनाने से भारत में आर्थिक रूप से बहुत सुधार हुए हैं। भारत के अंदर जैसे-जैसे नए-नए चीजों का उत्पादन किया जाने लगा, वैसे वैसे निर्यात में वृद्धि होने लगी। इसके फल स्वरुप देश की अर्थव्यवस्था सुधर ती गई और देश के अंदर बहुत से नए नए क्षेत्रों में निवेश करने के अवसर भी मिलने लगे।

रोजगार के अवसर

मेक इन इंडिया नीति के बनने पर भारत देश में बहुत से लोगों को रोजगार के अवसर मिले, क्योंकि भारत के अंदर बहुत से विदेशी उत्पाद और नए-नए कंपनियों का निर्माण होने लगा।जिससे लोगों को रोजगार के अवसर मिलने लगे।

सरकार द्वारा कुशल व्यक्तियों को मुद्रा योजना के अनुसार सही आय निर्धारित की गई, जिससे लोगों में काम करने की इच्छा बड़ी। नए-नए लोगों को नई नई कंपनियां शुरू करने का अवसर मिला, साथ ही साथ जिन लोगों की कंपनियां बंद हो चुकी थी उन कंपनियों को वापस शुरुआत करने का मौका मिला।

इस योजना के तहत 25 क्षेत्रों के अंदर बहुत ध्यान दिया जाने लगा, जिससे लोगों को रोजगार मिल सका। इस योजना के तहत 10 लाख लोगों को रोजगार मिलने की उम्मीद मिली।   जैसे-जैसे भारत के अंदर भारतीय उत्पादन की मांग बढ़ती गई, वैसे-वैसे रोजगार के अवसर भी बढ़ते गए और देश की अर्थव्यवस्था भी सुधरती गई।

विदेशी निवेश का मौका

सरकार द्वारा इस योजना के तहत मुंबई के अंदर एक कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम के अंदर 68 देशों और 2500 अंतरराष्ट्रीय और घरेलू प्रतिनिधि द्वारा भाग लिया गया।

इस योजना के अंदर विदेशी कंपनियों का भारत में आकर उत्पादन करने से भारत के लोगों को निवेश करने का मौका मिला। बहुत से भारतीय उद्योगपतियों ने इस दौरान बड़ी-बड़ी निवेश कंपनियों के अंदर अपने निवेश किए, जिससे उन्हीं कंपनियों को लाभ मिला और नए-नए उत्पादन करने में समर्थन भी मिला।

मेक इन इंडिया के फायदे

मेक इन इंडिया नीति के बनाने पर देश में बहुत से फायदे हुए हैं।

  • मेक इन इंडिया के दौरान देश में बेरोजगारी को कम करने और युवाओं को रोजगार मिलने के अवसर प्राप्त हुए हैं।
  • इस अभियान के दौरान देश के अंदर अन्य देशों की सूची को जल्दी रखा गया।
  • विदेशी उत्पादन को अब देश के अंदर भी किया जाने लगा।
  • भारत में उत्पादन करने वाले लोग अब बाहर की कंपनी के साथ भी उत्पादन कर सकेंगे।
  • व्यक्तियों को अपने कौशल के अनुसार नौकरियां मिल सकेगी।
  • देश की अर्थव्यवस्था मैं भी सुधार होगा।
  • मेक इन इंडिया के दौरान देश के क्षेत्र जैसे विनिर्माण बंदरगाह, रसायन पर्यटन, कल्याण उत्पादन, ऑटोमोबाइल में निवेश किए जा सकेंगे।
  • इस नीति के दौरान देश और विदेश नीतियों के लोग आपस में मिल सकेंगे और एक दूसरे को आमंत्रित कर सकेंगे।
  • मेक इन इंडिया के अंदर विदेशी उद्योगपतियों के साथ उद्योगपति अपनी कंपनी को जोड़ सकेंगे और एक दूसरे की कंपनियों में निवेश भी कर सकेंगे।

मेक इन इंडिया से जुड़ी महत्वपूर्ण बातें

मेक इन इंडिया के चालू होने पर देश और विदेश के सभी निवेशकों द्वारा भारत के अंदर निवेश किए जाएंगे। सभी देशों के लिए भारत के अंदर व्यापार करने के लिए आमंत्रण दिए जाएंगे। जैसा कि हम सभी जानते हैं कि भारत एक लोकतांत्रिक देश है। जिसके लिए भारत की अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाना बहुत ही आवश्यक है।

इस नीति के दौरान भारत के अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने के महत्वपूर्ण फैसले लिए गए। भारत के अंदर 25 मुख्य क्षेत्रों पर ध्यान दिया जाएगा। इन क्षेत्रों के अंदर ऑटोमोबाइल, गेज, रेलवे, थर्मल पावर निर्माण, विमान उद्योग, हाईवे, शिपिंग, मीडिया, एंटरटेनमेंट, माइनिंग, लेदर, फूड प्रोसेसिंग, केमिकल, रोड निर्माण, इलेक्ट्रॉनिक मशीनें, स्पेस, रक्षा क्षेत्र आदि मुख्य क्षेत्रों पर ज्यादा ध्यान दिया जाएगा और इन क्षेत्रों के अंदर निवेश के अवसर भी निकाले जाएंगे।

देश के अंदर होने वाले निर्यात को कम किया जाएगा और होने वाले आयात पर कर की छूट दी जाएगी। इस नीति के दौरान शुरुआत के अंदर 930 करोड़ का इन्वेस्ट करने का प्लान किया गया है। इस दौरान सरकार द्वारा 580 करोड़ का इन्वेस्ट दिया जाएगा, ताकि इस नीति को सही से चालू किया जा सके और किसी तरह की परेशानी का सामना ना करना पड़े।

देश के अंदर 17 शहरों का सर्वे किया गया, जिसके दौरान सबसे ज्यादा निवेश करने वाले शहर लुधियाना, हैदराबाद, अहमदाबाद, गुड़गांव और भुवनेश्वर सामने आए हैं, जो कि किसी भी व्यापार को करने में सक्षम है।

सरकार द्वारा चलाई गई इस योजना से देश में बहुत से लोगों को लाभ मिलेगा। लोगों को नए नए रोजगार के अवसर मिलेंगे और बहुत से व्यक्तियों को अपने बंद हुए व्यवसाय को चालू करने का मौका मिलेगा। देश में बहुत से मुद्दों पर ध्यान दिया जाएगा, जिससे देश की अर्थव्यवस्था को तेजी से बढ़ाया जा सकेगा और देश का विकास किया जा सकेगा।

इन्हे भी पढ़े :-

  • डिजिटल इंडिया पर निबंध (Digital India Essay In Hindi)
  • भारत पर हिंदी निबंध (Essay On India In Hindi)
  • स्वच्छ भारत अभियान पर निबंध (Swacch Bharat Abhiyan Essay In Hindi)

तो यह था मेक इन इंडिया पर निबंध , आशा करता हूं कि मेक इन इंडिया पर हिंदी में लिखा निबंध (Hindi Essay On Make In India) आपको पसंद आया होगा। अगर आपको यह लेख अच्छा लगा है , तो इस लेख को सभी के साथ शेयर करे।

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मेक इन इंडिया – (essay on make in india in hindi), भारत में औद्योगिक क्रांति – industrial revolution in india.

संकेत बिन्दु–

  • सम्पन्नता क्यों?
  • धनोपार्जन और उद्योग,
  • मेक इन इंडिया,
  • विदेशी पूँजी की जरूरत,
  • पूँजी के साथ तकनीक का आगमन,

साथ ही, कक्षा 1 से 10 तक के छात्र उदाहरणों के साथ इस पृष्ठ से विभिन्न हिंदी निबंध विषय पा सकते हैं।

भूमिका– वस्तुओं पर “मेड इन इंडिया” की छाप देख हमारा मन गर्व से भर जाता है। यह देश में स्वदेशी उद्योगों के निरंतर विकास का सूचक तो होता ही है साथ ही हर भारतीय को आत्मविश्वास से भरने वाला भी होता है। किन्तु हमारे प्रधानमंत्री जी ने इसके साथ–साथ ‘मेक इन इंडिया’ नारा भी दिया है, जिसका आशय है विदेशी निवेशकों को भारत में उद्योग स्थापित करने के लिए आमंत्रण देना। औद्योगिक प्रगति और संपन्नता की दृष्टि से यह एक नई सोच है।

सम्पन्नता क्यों–प्रश्न उठता है कि मनुष्य सम्पन्न होना क्यों चाहता है ? हमारे जीवन में अनेक आवश्यकताएँ होती हैं। उनकी पूर्ति के लिए साधन चाहिए। ये साधन हमको सम्पन्न होने पर ही प्राप्त होंगे। आवश्यकता की पूर्ति न होने पर हम सुख से नहीं रह सकते। अतः धन कमाना और सम्पन्न होना आवश्यक है।

धनोपार्जन और उद्योग–धन कमाने के लिए कुछ करना होगा, कुछ पैदा भी करना होगा। कृषि और उद्योग उत्पादन के माध्यम हैं। व्यापार भी इसका एक साधन है। हम कुछ पैदा करें, कुछ वस्तुओं का उत्पादन करें यह जरूरी है। देश को आगे बढ़ाने और समृद्धिशाली बनाने के लिए हमें अपनी आवश्यकता की ही नहीं, दूसरों की आवश्यकता की वस्तुएँ भी बनानी होंगी।

मेक इन इंडिया–आजकल छोटे–छोटे देश अपने यहाँ उत्पादित वस्तुओं का विदेशों में निर्यात करके अपनी समृद्धि को बढ़ा रहे हैं। द्वितीय विश्वयुद्ध में नष्ट हुआ जापान स्वदेशी के बल पर ही अपने पैरों पर खड़ा हो सका है। भारत के प्रधानमंत्री मोदी ने ‘मेक इन इंडिया’ का नारा दिया है।

इसका उद्देश्य विदेशी पूँजी को भारत में आकर्षित करना तथा उससे यहाँ उद्योगों की स्थापना करना है। इन उद्योगों में बनी वस्तुएँ भारत में निर्मित होंगी। उनको विश्व के अन्य देशों के बाजारों में बेचा जायेगा। इससे धन का प्रवाह भारत की ओर बढ़ेगा और वह एक समृद्ध राष्ट्र बन सकेगा।

विदेशी पूँजी की जरूरत– उद्योगों की स्थापना तथा उत्पादन करने और उसकी वृद्धि करने के लिए पूँजी की आवश्यकता होगी ही। अभी भारत के पास इतनी पूँजी नहीं हैं कि वह अपने साधनों से बड़े–बड़े उद्योग स्थापित कर सके तथा उन्हें संचालित कर सके। हमारे प्रधानमंत्री चाहते हैं कि विदेशों में रहने वाले सम्पन्न भारतीय तथा अन्य उद्योगपति भारत आयें और यहाँ पर अपनी पूँजी से उद्योग लगायें। उत्पादित माल के लिए उनको भारतीय बाजार तो प्राप्त होगा ही, वे विदेशी बाजारों में भी अपना उत्पादन बेचकर मुनाफा कमा सकेंगे। उससे भारत के साथ ही उनको भी लाभ होगा।

पूँजी के साथ तकनीक का आगमन– प्रधानमंत्री जानते हैं कि भारत को पूँजी ही नहीं नवीन तकनीक की भी आवश्यकता है। वह विदेशी उद्योगपतियों को भारत में उत्पादन के लिए आमंत्रित करके पूँजी के साथ नवीन तकनीक की प्राप्ति के द्वार भी खोलना चाहते हैं। यह सोच उनकी दूरदृष्टि को प्रकट करने वाली है। बच्चा चलना सीखता है, तो उसको किसी की उँगली पकड़ने की आवश्यकता होती है। फिर तो वह सरपट दौड़ने लगता है। भारत भी कुशल उद्योगपतियों के अनुभव का लाभ उठाकर एक शक्तिशाली औद्योगिक देश बन सकता है।

उपसंहार– ‘मेक इन इंडिया’ की सफलता के लिए हमें अनेक प्रबंध करने और कदम उठाने होंगे। देश में ऐसा औद्योगिक वातावरण बनाना होगा जिससे विदेशी निवेशक यहाँ अपने उद्योग लगाने को प्रेरित हों। सड़क, बिजली, परिवहन के क्षेत्र में सुधार करने होंगे।

उद्योग– स्थापना में कानूनी जटिलताएँ दूर हो और विभागीय अनुभूतियाँ सरलता तथा शीघ्रता से प्राप्त हों, ऐसा प्रबन्ध करना होगा। भारत सरकार इस दिशा में निरंतर समुचित कदम उठा रही है।

मेक इन इंडिया पहल

भारतीय अर्थव्यवस्था, दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था है। हमारी अर्थव्यवस्था, मजबूत विकास और व्यापार के समग्र दृष्टिकोण के साथ आगे बढ़ रही है। अर्थव्यवस्था को गति देने और भारत में निर्माण को बढ़ावा देने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने साल 2014 में 25 सितंबर को ‘मेक इन इंडिया’ कार्यक्रम की शुरुआत की थी। इसका उद्देश्य भारत को महत्वपूर्ण निवेश एवं निर्माण, संरचना तथा अभिनव प्रयोगों के वैश्विक केंद्र के रुप में स्थापित करना है।

केंद्र सरकार का ‘मेक इन इंडिया’ प्रोग्राम मुख्य रुप से निर्माण क्षेत्र और उद्यमशीलता को बढ़ावा देने पर केंद्रित है। साथ ही इस कार्यक्रम के द्वारा देश में विदेशी निवेश के लिए एक अनुकूल माहौल तैयार करने की कोशिश की जा रही है। इस योजना के द्वारा देश में आधुनिक और कुशल बुनियादी संरचना तैयार करने के साथ- साथ विदेशी निवेश के लिए नए क्षेत्रों को खोल कर,सरकार एवं उद्योग के बीच एक साझेदारी का निर्माण किया जा रहा है।

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आईएएस परीक्षा 2023 की तैयारी करने वाले उम्मीदवार ‘मेक इन इंडिया’ के बारे में अधिक जानने के लिए इस लेख को ध्यान से पढ़ें। इस लेख में हम आपको ‘मेक इन इंडिया’ की उपलब्धियों, इसके लाभा और चुनौतियों के बारे में विस्तार से बताएंगे। ‘मेक इन इंडिया’ विषय के बारे में अंग्रेजी में पढ़ने के लिए Make In India पर क्लिक करें।

‘मेक इन इंडिया’ में विदेशी निवेश

भारत की ‘मेक इन इंडिया’ मुहिम को देश के साथ- साथ विदेशों से अच्छी प्रतिक्रिया मिल रही है। ‘मेक इन इंडिया’ प्रोग्राम के शुरू होने के बाद अब तक इनवेस्ट इंडिया को 12,000 से अधिक क्वेरी प्राप्त हुई है।  

‘मेक इन इंडिया’ के तहत भारत में निवेश करने के लिए जापान, चीन, फ्रांस और दक्षिण कोरिया जैसे देशों नें रुची दिखा है। ये देश भारत में औद्योगिक और बुनियादी ढांचा परियोजनाओं में निवेश की योजना बना रहे हैं।    

भारत सरकार की ‘मेक इन इंडिया’ योजना का उद्देश्य घरेलू विनिर्माण क्षेत्र को बढ़ावा देना और देश में निवेश को बढ़ाना है। ‘मेक इन इंडिया’ के बारे में अंग्रेजी में पढ़ने के लिए 00 पर क्लिक करें। इस लेख में हम आपको मेक इन इंडिया योजना से संबंधित उद्देश्यों, योजनाओं और पहलों, के साथ 25 विशेष क्षेत्रों, लाभों, चुनौतियों और प्रगति पर विस्तार से जानकारी देंगे।

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मेक इन इंडिया पहल के द्वारा केंद्र सरकार देश के पिछड़े विनिर्माण क्षेत्र को पुनर्जीवित करना चाहती है और अर्थव्यवस्था के विकास को गति देना चाहती है। भारत सरकार का इरादा देश के ‘ईज ऑफ डूइंग बिजनेस’ इंडेक्स में सुधार करके विदेशों के व्यवसायों को देश में निवेश करने और यहां निर्माण करने के लिए प्रोत्साहित करना है। साथ ही इस योजना का दीर्घकालिक दृष्टिकोण भारत को धीरे-धीरे एक वैश्विक विनिर्माण केंद्र के रूप में विकसित करना है, और देश में रोजगार के अवसरों को भी बढ़ावा देना है।

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मेक इन इंडिया का ‘लोगो’

मेक इन इंडिया का लोगो एक शेर है। यह विनिर्माण, राष्ट्रीय गौरव और शक्ति का प्रतीक है। 

‘मेक इन इंडिया’ के ‘लोगो’ का चुनाव: ‘मेक इन इंडिया’ कार्यक्रम के जरिए मोदी सरकार विदेशी निवेश को आमंत्रित करने की एक अहम पहल की है। इस योजना का लोगों भी अपने आप में बेहद महत्वपूर्ण है। इस योजना का के प्रतीक चिन्ह के तौर पर ‘सिंह’ का उपयोग किया गया है। बताया जाता है कि केंद्र सरकार ने लंबे विमर्श के बाद इस योजना के लोगों के रुप में ‘सिंह’ का चयन किया था। भारत ने मेक इन इंडिया के लोगो में सिंह को रख कर कारोबारी दुनिया में अपने प्रतिद्वंदी चीन के ‘ड्रैगन’ के सामने एक चुनौती पेश करने की कोशिश की है। लेकिन पिछले कई दशकों से अर्थशास्त्री और निवेशक, भारत की अर्थव्यवस्था को हाथी की संज्ञा देते रहे थे। इसका कारण यह था कि हमारी अर्थव्यवस्था तो बेहद विशाल है, लेकिन इसकी चाल बेहद धीमी है।  

मेक इन इंडिया में इन क्षेत्रों पर विशेष ध्यान दिया गया है –

मेक इन इंडिया की वेबसाइट पर 25 विशेष महत्व के क्षेत्रों को सूचीबद्ध किया है और इन क्षेत्रों के बारे में सभी प्रासंगिक विवरण भी प्रस्तुत किए हैं। यहां सरकार की एफडीआई नीतियों, आईपीआर, सहित तमाम संबंधित सरकारी योजनाओं की जानकारी भी उपलब्ध कराई गई है। इस अभियान के तहत शामिल मुख्य क्षेत्रों (25 क्षेत्रों) को नीचे दिया दिया जा रहा है। 

विनिर्माण क्षेत्र (Manufacturing Sectors) –

  • एयरोस्पेस और रक्षा
  • ऑटोमोटिव और ऑटो कंपोनेंट्स
  • फार्मास्यूटिकल्स और चिकित्सा उपकरण
  • जैव-प्रौद्योगिकी
  • पूंजीगत वस्तुएं
  • कपड़ा और परिधान
  • रसायन और पेट्रो रसायन
  • इलेक्ट्रॉनिक्स सिस्टम डिजाइन और विनिर्माण (ESDM)
  • चमड़ा और जूते
  • खाद्य प्रसंस्करण
  • रत्न और आभूषण
  • नई और नवीकरणीय ऊर्जा

 सेवा क्षेत्र (Services Sectors) –

  • सूचना प्रौद्योगिकी और सूचना प्रौद्योगिकी सक्षम सेवाएं (आईटी और आईटीईएस)
  • पर्यटन और आतिथ्य सेवाएं
  • चिकित्सा मूल्य यात्रा
  • परिवहन और रसद सेवाएं
  • लेखा और वित्त सेवाएं
  • ऑडियो विजुअल सेवाएं
  • कानूनी सेवा
  • संचार सेवाएं
  • निर्माण और संबंधित इंजीनियरिंग सेवाएं
  • पर्यावरण सेवा
  • वित्तीय सेवाएं
  • शिक्षा सेवाएं

नोट: आप खुद को नवीनतम UPSC Current Affairs in Hindi से अपडेट रखने के लिए BYJU’S के साथ जुडें , यहां हम प्रमुख जानकारियों को आसान तरीके से समझाते हैं।

मेक इन इंडिया योजना के अन्य लाभ और उद्देश्य 

मेक इन इंडिया अभियान देश में कई सकारात्मक बदलावों का साक्षी बना है। नीचे इस अभियान से प्राप्त हुए कुछ लाभ और उद्देश्यों पर चर्चा की जा रही हैं। 

  • रोजगार के अवसर पैदा करना।
  • आर्थिक विकास का विस्तार करके सकल घरेलू उत्पाद में वृद्धि करना।
  • जब FDI का प्रवाह अधिक होगा, तो रुपया मजबूत होगा।
  • छोटे विनिर्माताओं को विशेष रूप से तब बल मिलेगा जब विदेशी निवेशक उनमें निवेश करेंगे।
  • जो निवेशक देश, भारत में निवेश करेंगे वे अपने साथ विभिन्न क्षेत्रों की नवीनतम तकनीकें भी यहां लाएंगे।
  • इस मिशन के तहत की गई विभिन्न पहलों के कारण, भारत ने ईओडीबी सूचकांक उच्च रैंक हासिल की है।
  • ग्रामीण क्षेत्रों में विनिर्माण केंद्र और कारखाने स्थापित करने से इन क्षेत्रों के विकास को भी बढ़ावा मिलेगा।

मेक इन इंडिया क्यों?

पिछले दो दशकों से, भारत की विकास गाथा का नेतृत्व सेवा क्षेत्र ने किया है। इस क्षैत्र ने अल्पावधि में अच्छा काम किया, और भारत के आईटी और बीपीओ क्षेत्र ने एक बड़ी छलांग लगाई है। इसके बाद से भारत को अक्सर ‘दुनिया का बैक ऑफिस’ कहा जाने लगा था। हालांकि 2013 में सेवा क्षेत्र की भारतीय अर्थव्यवस्था में हिस्सेदारी बढ़कर 57% हो गई, लेकिन रोजगार के हिस्से में केवल 28% का योगदान दिया रहा। इसलिए, सरकार को रोजगार को बढ़ावा देने के लिए विनिर्माण क्षेत्र को बढ़ाने की जरूरत महसूस हुई। 

मेक इन इंडिया अभियान शुरू करने का एक अन्य कारण भारत में विनिर्माण की खराब स्थिति है। समग्र भारतीय अर्थव्यवस्था में विनिर्माण का हिस्सा केवल लगभग 15% है। यह पूर्वी एशिया में हमारे पड़ोसियों की तुलना में काफी कम है। जब माल की बात आती है तो समग्र व्यापार घाटा होता है। सेवाओं में व्यापार अधिशेष माल में भारत के व्यापार घाटे के पांचवें हिस्से को मुश्किल से कवर करता है। अकेला सेवा क्षेत्र, इस व्यापार घाटे को कम करने के लिए पर्याप्त नहीं है। इसलिए मैन्युफैक्चरिंग क्षैत्रे को आगे बढ़ना होगा। सरकार भारत में मैन्युफैक्चरिंग में निवेश करने के लिए भारतीय और विदेशी दोनों निवेशकों को प्रोत्साहित करने की कोशिश कर रही है, जो इस क्षेत्र की मदद करेंगे और कुशल और अकुशल दोनों स्तरों पर रोजगार भी पैदा करेंगे।

विभिन्न अध्ययनों के अनुसार, विनिर्माण पर ध्यान केंद्रित करने के लिए किसी अन्य क्षेत्र का किसी देश में आर्थिक विकास पर इतना बड़ा प्रभाव नहीं पड़ता है। मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में बड़े बैकवर्ड लिंकेज हैं और इसलिए, मैन्युफैक्चरिंग में मांग में वृद्धि अन्य क्षेत्रों में भी ग्रोथ को बढ़ावा देती है। यह अधिक रोजगार, निवेश और नवाचार उत्पन्न करता है, और आम तौर पर एक अर्थव्यवस्था को उच्च जीवन स्तर की ओर ले जाता है।  

मेक इन इंडिया – महत्पूर्ण तथ्य

पहली बार रेलवे, बीमा, रक्षा और चिकित्सा उपकरणों के क्षेत्रों को अधिक प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) के लिए खोला गया है।

रक्षा क्षेत्र में स्वचालित मार्ग के तहत एफडीआई की अधिकतम सीमा 49% से बढ़ाकर 74% कर दी गई है। FDI में इस वृद्धि की घोषणा वित्त मंत्री निर्मला सीतारमन ने 16 मई, 2020 को की थी।

निर्माण और निर्दिष्ट रेल अवसंरचना परियोजनाओं में स्वचालित मार्ग के तहत 100% एफडीआई की अनुमति दी गई है।

एक निवेशक सुविधा प्रकोष्ठ है जो निवेशकों की सारी जरुरतों को पूरा करने का काम करता है। यह 2014 में निवेशकों को सभी चरणों में सेवाएं देने के लिए बनाया गया था जैसे कि निवेश पूर्व चरण, निष्पादन और वितरण सेवाओं के बाद की सुविधा।

सरकार ने भारत की ‘ईज ऑफ डूइंग बिजनेस’ रैंक में सुधार के लिए कई कदम उठाए हैं। भारत 2019 में ईज ऑफ डूइंग बिजनेस इंडेक्स में 23 अंक चढ़कर 77 वें स्थान पर पहुंच गया। भारत ने इस सूचकांक में दक्षिण एशिया में सर्वोच्च स्थान प्राप्त किया था।

श्रम सुविधा पोर्टल, ईबिज पोर्टल आदि शुरू किए गए हैं। ईबिज पोर्टल, भारत में व्यवसाय शुरू करने से जुड़ी 11 सरकारी सेवाओं तक एकल-खिड़की पहुंच प्रदान करता है।

व्यवसाय शुरू करने के लिए आवश्यक अन्य परमिट और लाइसेंस में भी ढील दी गई है। संपत्ति पंजीकरण, करों का भुगतान, बिजली कनेक्शन प्राप्त करने, अनुबंध लागू करने और दिवाला समाधान जैसे क्षेत्रों में सुधार किए जा रहे हैं।

अन्य सुधारों में लाइसेंस प्रक्रिया, विदेशी निवेशकों के आवेदनों के लिए समयबद्ध मंजूरी, कर्मचारी राज्य बीमा निगम और कर्मचारी भविष्य निधि संगठन के साथ पंजीकरण के लिए प्रक्रियाओं का स्वचालन, मंजूरी देने में राज्यों द्वारा सर्वोत्तम प्रथाओं को अपनाना, दस्तावेजों की संख्या को कम करना शामिल है। निर्यात, और सहकर्मी मूल्यांकन, स्व-प्रमाणन आदि के माध्यम से अनुपालन सुनिश्चित करना।

सरकार मुख्य रूप से निवेश के पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप मोड (public private partnership mode) के माध्यम से बुनियादी ढांचे में सुधार की उम्मीद कर रही है। बंदरगाहों और हवाई अड्डों में निवेश बढ़ा है। इसके लिए डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर भी विकसित किए जा रहे हैं।

सरकार ने 5 औद्योगिक कॉरिडोर बनाने की योजना शुरू की है। जो फिलहाल जारी हैं। ये कॉरिडोर भारत के कोने-कोने में फैले हुए हैं, जिसमें समावेशी विकास पर रणनीतिक ध्यान दिया गया है, जो योजनाबद्ध तरीके से औद्योगीकरण और शहरीकरण को बढ़ावा देगा। ये 5 औद्योगिक गलियारे हैं –

  • दिल्ली-मुंबई औद्योगिक गलियारा (Delhi-Mumbai Industrial Corridor)
  • अमृतसर-कोलकाता औद्योगिक गलियारा (Amritsar-Kolkata Industrial Corridor)
  • बेंगलुरु-मुंबई आर्थिक गलियारा (Bengaluru-Mumbai Economic Corridor)
  • चेन्नई-बेंगलुरु औद्योगिक गलियारा (Chennai-Bengaluru Industrial Corridor)
  • विजाग-चेन्नई औद्योगिक गलियारा (Vizag-Chennai Industrial Corridor) 

मेक इन इंडिया के सहयोग के लिए लॉन्च की गई अन्य योजनाएं –

मेक इन इंडिया, कार्यक्रम का समर्थन और सहयोग करने के लिए केंद्र सरकार द्वारा कई अन्य योजनाओं की शुरूआत की गई है। इन योजनाओं पर के बारे में नीचे विस्तार से चर्चा की गई है –

कौशल भारत (Skill India) –

स्किल इंडिया मिशन का लक्ष्य भारत में विभिन्न क्षेत्रों में सालाना 10 मिलियन लोगों को कौशल प्रदान करना है। मेक इन इंडिया को वास्तविकता में बदलने के लिए, उपलब्ध विशाल मानव संसाधन को अपस्किल करने की आवश्यकता है। यह मिशन बेहद महत्वपूर्ण है क्योंकि भारत में औपचारिक रूप से कुशल कार्यबल का प्रतिशत जनसंख्या का केवल 2% है।

स्टार्टअप इंडिया (Startup India) –

स्टार्टअप इंडिया कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य एक एक पारिस्थितिकी तंत्र का निर्माण करना है जो स्टार्टअप्स के विकास को बढ़ावा दे सके। इससे देश के स्थायी आर्थिक विकास को बढ़ावा मिलेगा और बड़े पैमाने पर रोजगार पैदा होंगे।

डिजिटल इंडिया (Digital India) –

डिजिटल इंडिया मिशन का उद्देश्य भारत को ज्ञान आधारित और डिजिटल रूप से सशक्त अर्थव्यवस्था में बदलना है।  

प्रधानमंत्री जन धन योजना (Pradhan Mantri Jan Dhan Yojana) –

प्रधानमंत्री जन धन योजना भारत में वित्तीय समावेशन की परिकल्पना करता है ताकि वित्तीय सेवाओं, अर्थात् बैंकिंग बचत और जमा खातों, प्रेषण, क्रेडिट, बीमा, पेंशन तक पहुंच को वहनीय तरीके से सुनिश्चित किया जा सके।  

स्मार्ट सिटीज (Smart Cities) –

स्मार्ट सिटीज मिशन का उद्देश्य भारतीय शहरों को बदलना और उनका कायाकल्प करना है। कई उप-पहलों के माध्यम से भारत में 100 स्मार्ट शहर बनाने का लक्ष्य तय किया गया है।

कायाकल्प और शहरी परिवर्तन के लिए अटल मिशन (Atal Mission for Rejuvenation and Urban Transformation) –

अमृत, कायाकल्प और शहरी परिवर्तन के लिए अटल मिशन है। इसका उद्देश्य बुनियादी सार्वजनिक सुविधाओं का निर्माण करना और भारत में 500 शहरों को अधिक रहने योग्य और समावेशी बनाना है।

स्वच्छ भारत अभियान (Swachh Bharat Abhiyan) –

स्वच्छ भारत अभियान का उद्देश्य भारत को और अधिक स्वच्छ बनाना और बुनियादी साफ- सफाई और स्वच्छता को बढ़ावा देना है।  

सागरमाला परियोजना (sagarmala project) –

इस योजना का उद्देश्य बंदरगाहों का विकास करना और देश में बंदरगाह आधारित विकास को बढ़ावा देना है।   

अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन (International Solar Alliance) –

अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन, 121 देशों का एक गठबंधन है, जिनमें से अधिकांश ऐसे देश है जहां सूरज की भरपूर रोशनी मिलत है। ये देश पूरी तरह से या आंशिक रूप से कर्क रेखा और मकर रेखा के बीच स्थित हैं। यह संगठन सौर प्रौद्योगिकियों में अनुसंधान और विकास को बढ़ावा देने और उस संबंध में नीतियां बनाने के उद्देश्य से भारत सरकार द्वारा बनाया गया है।

अग्नि (Accelerating Growth of New India’s Innovations) –

AGNII या नए भारत के नवाचार का त्वरित विकास, लोगों को जोड़ने और नवाचारों के व्यावसायीकरण में सहायता करके देश में नवाचार पारिस्थितिकी तंत्र को आगे बढ़ाने के लिए शुरू किया गया था।  

मेक इन इंडिया पहली की प्रगति रिपोर्ट

मेक इन इंडिया योजना ने कई मील के पत्थर बनाए हैं। इनमें से कुछ प्रमुख नीचे सूचीबद्ध किए गए हैं –  

वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) की शुरूआत ने व्यवसायों के लिए कर प्रक्रिया प्रणाली को आसान बना दिया है। जीएसटी, मेक इन इंडिया अभियान को बढ़ावा देने वाला रहा है।

देश में डिजिटाइजेशन ने रफ्तार पकड़ी है। कराधान, कंपनी निगमन, और कई अन्य प्रक्रियाओं को समग्र प्रक्रिया को आसान बनाने और दक्षता में सुधार करने के लिए ऑनलाइन किया गया है। इससे ईज ऑफ डूईंग बिजनेस (EoDB) इंडेक्स में भारत की रैंक में सुधार हुआ है।

नई दिवाला संहिता अर्थात् दिवाला और शोधन अक्षमता संहिता 2016 (Insolvency and Bankruptcy Code 2016) ने दिवाला से संबंधित सभी कानूनों और नियमों को एक ही कानून में एकीकृत कर दिया। इसने भारत की दिवालियापन संहिता को वैश्विक मानकों के अनुरूप बना दिया है।

पीएमजेडीवाई (PMJDY) जैसी वित्तीय समावेशन की योजनाओं के कारण मई 2019 तक 356 मिलियन नए बैंक खाते खोले गए।

एफडीआई उदारीकरण ने भारत के ईओडीबी सूचकांक को अनुकूल बनाने में मदद की है। बड़े एफडीआई प्रवाह से रोजगार, आय और निवेश का सृजन होगा।

इंफ्रास्ट्रक्चर और कनेक्टिविटी को भारतमाला और सागरमाला जैसी योजनाओं के साथ-साथ विभिन्न रेलवे इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट स्कीमों के माध्यम से गति मिली है।

भारतनेट – यह देश के ग्रामीण क्षेत्रों में डिजिटल नेटवर्क को बढ़ाने के लिए भारत सरकार द्वारा स्थापित एक दूरसंचार अवसंरचना प्रदाता है। यह शायद दुनिया की सबसे बड़ी ग्रामीण ब्रॉडबैंड परियोजना है।

भारत, पवन से ऊर्जा प्राप्त करने की क्षमता के मामले में दुनिया में चौथे स्थान पर है और सौर ऊर्जा का उपयोग करने में दुनिया में छठे स्थान पर है। कुल मिलाकर, स्थापित अक्षय ऊर्जा क्षमता में भारत दुनिया में पांचवें स्थान पर है।

मेक इन इंडिया के सामने प्रमुख चुनौतियां –

भले ही मेक इन इंडिया अभियान को सफलताएं मिली हो, लेकिन साथ ही इसकी आलोचनाएं भी हुई हैं। अगर इस योजना द्वारा निर्धारित किए गए ऊंचे लक्ष्यों को हासिल करना है तो देश के सामने कई चुनौतियां भी हैं। नीचे इसकी कुछ चुनौतियों और आलोचनाओं पर चर्चा की जा रही है।

भारत के पास लगभग 60% कृषि योग्य भूमि है। कहा जाता है कि मैन्युफैक्चरिंग पर जोर देने से कृषि पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। यह कृषि योग्य भूमि के स्थायी व्यवधान का कारण भी बन सकता है।

यह भी माना जाता है कि तेजी से औद्योगीकरण प्राकृतिक संसाधनों की कमी का कारण बन सकता है।

बड़े पैमाने पर एफडीआई आमंत्रित करने का एक नतीजा यह है कि स्थानीय किसान और छोटे उद्यमी अंतरराष्ट्रीय निवेशकों से प्रतिस्पर्धा का सामना करने में सक्षम नहीं हो सकते हैं।

यह अभियान, विनिर्माण पर अपने पूरे ध्यान के साथ, प्रदूषण और पर्यावरणीय दुष्प्रभाव पैदा कर सकता है।

देश में भौतिक अवसंरचना सुविधाओं में गंभीर कमी है। इसलिए इस अभियान की सफलता के लिए जरूरी है कि देश में उपलब्ध बुनियादी ढांचे का निर्माण किया जाए और भ्रष्टाचार जैसी समस्याओं को सबसे निचले स्तर पर कम किया जाए। यहां, भारत चीन से सबक ले सकता है, जिसने 1990 के दशक में 2.6% से 2013 में 24.9% तक नाटकीय रूप से वैश्विक विनिर्माण में अपनी हिस्सेदारी में सुधार किया है। चीन ने रेलवे, रोडवेज, बिजली, हवाई अड्डे आदि जैसे अपने भौतिक बुनियादी ढांचे को तेजी से विकसित किया है।

यूपीएससी परीक्षा 2023 और अन्य सरकारी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले उम्मीदवारों को करंट अफेयर्स के नवीनतम घटनाक्रमों का गंभीरता से अध्ययन करना चाहिए।

मेक इन इंडिया के बारे में अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

मेक इन इंडिया कितना सफल है.

मेक इन इंडिया अभियान ने सफलता की कई ऊंचाईया देखी है, इसके बावजूद इसमें कईं कमियां भी है। इस अभियान के बाद मोबाइल फोन निर्माण क्षेत्र को एक बड़ी सफलता मिली है, जिसमें 120 इकाइयां स्थापित की गईं है। इसके कारण पूरी तरह से निर्मित इकाइयों (सीबीयू) के आयात को घरेलू स्तर पर असेंबल और निर्मित इकाइयों द्वारा प्रतिस्थापित किया गया है। इस अभियान ने इस क्षैत्र में 2014 के बाद संभावित 3 लाख करोड़ रुपये बचाए हैं। इससे मोबाइल फोन के आयात में कमी आने की उम्मीद है।

मेक इन इंडिया की चुनौतियां क्या हैं?

इस मिशन की कुछ प्रमुख चुनौतियां हैं,- व्यवसाय के लिए एक स्वस्थ वातावरण का निर्माण, अनुसंधान और विकास की कमी, कौशल विकास और उन्नयन, श्रम-गहन प्रौद्योगिकी का निर्माण, भारत में निर्मित वस्तुओं की प्रतिस्पर्धात्मकता को बढ़ाना आदि।

IAS परीक्षा 2023 की तैयारी करने वाले उम्मीदवार लिंक किए गए लेख के माध्यम से पूरा UPSC Syllabus in Hindi प्राप्त कर सकते हैं। परीक्षा से संबंधित अधिक तैयारी सामग्री नीचे दिए गए लिंक के माध्यम से मिलेगी।

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essay on make in india in hindi

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Make In India Essay for Students and Children

500+ words essay on make in india.

Make in India campaign was launched by the Prime Minister Narendra Modi on 25th of September in 2014. It is an initiative to make a call to the top business investors all across the world for investment in India. It is a big opportunity for all the investors to set up their business in any field anywhere in the country. This attractive plan has resourceful proposals for foreign companies to set up manufacturing units in India. Make in India campaign launched by the Indian government focuses on building effective physical infrastructure. It also meant for improving the market of digital network in the country to create a global hub for business.

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Unique Symbol- Its Significance

The symbol of this initiative is a giant lion having many wheels. This indicates peaceful progress and way to the vibrant future of the country. A giant walking lion with many wheels represents courage, strength, tenacity, and wisdom.

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Why Separate Campaign?

This national program was designed to transform the country into a global business hub. Because it contains attractive proposals for local and foreign companies. This campaign focuses on creating a number of valuable and honored jobs. It is also providing skill enhancement in almost every sectors for improving the status of youths of the country.

Advantages of Make in India

The successful implementation of this plan will definitely fulfill the following major objectives:

  • To ensure solid growth and valuable employment creation in the country.
  • With the help of top investors country will become completely self-dependent in the manufacturing sector.
  • It will provide the benefits to both parties, i.e. the investors and our country.
  • Make in India will also help the companies for creating their brand values in the global market.
  • It will definitely help for the growth of Indian GDP as well as to increase the value of Indian currency
  • Our own investors will retain in the country itself, who were planning to move their business outside India due to lack of resources and clarity on policy issues.
  • Due to this fact companies from across the globe making a huge investment in Make in India project,

Policy Structure of Make in India

The government of India is making a huge effort in order to reduce any type of burden on investors. Due to this, there is an arrangement of a dedicated web portal for solving all the queries from business entities. This portal www.makeinindia.com is now receiving an excellent response. Government has created a dedicated back-end support team, so that response can be given within 72 hours of duration.

Almost 25 key sectors like aviation, chemicals, IT, automobiles, textiles, ports, pharmaceuticals, hospitality, tourism, wellness, and railways have been identified by the government to work for the investors and become a world leader.

Disadvantages of Make in India

Now let’s have a look some probable disadvantages of Make in India. On these aspects, the government must apply some corrective measures.

  • Negligence of Agriculture
  • Depletion of Natural Resources
  • The loss for Small Entrepreneurs
  • Disruption of Land
  • Manufacturing based Economy
  • Interest in International Brands
  • Bad Relations with China

To make India free of unemployment by bringing development and growth this policy is the urgent need. We can downsize poverty in India to a great level by solving the unemployment issue for youths. Thus the country economy will achieve a new height after the success of this campaign. This, in turn, may solve various social issues in the country.

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  • Essay on Types of Sports

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  • Make in India Essay

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Essay on Make in India

Make in India means to encourage foreign investment that brings the latest technology, broadens the realm of knowledge, and infuses research and development within the country. 

In 2013, India was in a severe economic crisis when the emerging market had crashed and the growth rate had fallen drastically. The global investors were contemplating their investment in India. 

Prime Minister Narendra Modi launched the ‘Make in India’ program amidst the crisis situation on 25 th September 2014, which aimed at attracting foreign companies to set up factories in India and invest in the country’s infrastructure.

The ‘Make in India’ campaign aims at promoting India as a destination of foreign investments and a pivot for manufacturing, design, and innovation globally. The ‘Make in India’ initiative does not only target the manufacturing Sector but also aims at promoting entrepreneurship in the country. 

This initiative further aims at creating a favorable environment for investment, modern infrastructure, opening up new sectors for foreign investment, and establishing a partnership between government and industry through a broader outlook. 

The manufacturing sector currently contributes to 15% of the country’s GDP. The action plan of the mission is to raise the contribution to 25% of the GDP by 2020. 

A lion with a body made up of clogs inspired from the Ashoka Chakra Symbolizes the mission. The lion on the prowl in the logo stands for strength and power and the wheels on the body of the lion signify development and progress. Through this mission, the government took a big step to reduce the level of unemployment faced by the youth of the country. 

This campaign was launched a day after the Mars Mission when the PM had to go on his first visit to the USA. The aim of launching this campaign was to raise the level of the manufacturing sector in India, which will definitely boost the Indian economy.

Guidelines and Policy for Make in India

The government laid new Guidelines to start the mission successfully. The main objective of the Guidelines was to sanction the projects that are approved by state governments. Some Guidelines are like:

Reduce paperwork required for establishing companies.

Minimize the time required for government approvals.

Abolish the Corporate Social Responsibility (CSR) from the project cost. 

Policies have been made for convenient transfer of funds while switching jobs anywhere in the country. A cell was dedicated to responding to the queries for business entities through a web portal. 

Sectors That Were Identified Under The ‘Make In India’ Mission:

There are twenty-five Sectors that were identified under this mission. It includes Automobile, automobile parts, aviation, biotechnology, chemicals, construction, defense production, electrical machinery, electronic systems, food process, IT and BPM, leather, entertainment and media, mining, oil and gas, pharmaceutical industry, shipping, railways, renewable energy, roads and highways, space, textiles and garments, thermal power, tourism and hospitality, wellness. 

Benefits and Criticism

Labor and natural resources are available in plenty in India and that Makes it a preferred manufacturing destination. More job opportunities can be provided for the huge population.

The manufacturing Sectors will not only boost the trading Sector but also increase the GDP of the Indian economy. The opening of factories will contribute to the development of the rural sector. 

This highly beneficiary initiative faces several challenges like rigid labor laws, red tape at providing environmental clearance for big projects, poor technology, and transportation system.

The increase in production leads to the growth in the economy of any country. Make in India campaign will provide a platform for many small entrepreneurs to grow and employment to a huge population. The investments coming from foreign companies and growth in the manufacturing sector can raise the bar of the Indian economy.

Is There Any Disadvantage Associated with the Concept of Make in India?

Every concept has some advantages and disadvantages associated with it. The Make in India concept is no exception as well. Since the campaign of Make in India demands a lot of industrial sectors and the development of technologies, the agricultural sector will be neglected because most of the Indian population earns their livelihoods through it. The development of industrial Sectors demands a lot of plots, water, and other natural resources. Currently, India is not in the position to allow the unnecessary depletion of natural resources in order to develop industrial Sectors.

Since plots are highly required in order to establish a particular industrial Sector, the industrialists will use the lands that are available for agricultural purposes. Moreover, the journey of the common business people and entrepreneurs will be halted.

With the development of industrial Sectors, the necessity to seek help from franchisees will also increase due to the requirement of funds. Only international private Sectors can arrange for a huge amount of funds to invest in and it will contradict the goals of the campaign itself. Also, there is a chance of increased pollution due to the development of industrial Sectors.

What is the Primary Importance of the Make in India Campaign?

The campaign can prove to be highly important for the growth of India as a country. To cope up with work pressure, the various industrial Sectors recruit young aspirants who are talented and in need of urgent jobs. The campaign will help India to build a strong reputation all over the world as a manufacturing hub and a lot of international private Sectors will show their interest to manufacture their own products in India. A lot of people will get the opportunity to develop their skills depending on the market trends as well.

But, to make the campaign even more successful, the government needs to take special care of the other Sectors apart from chemicals and aviation. A lot of research projects are undertaken by researchers in the field of chemistry and aviation. But the Make in India campaign is not particularly successful in terms of building the reputation of an efficient manufacturing hub.

What are the Major Challenges that should be Taken Care of in order to Make the Campaign Successful?

In order to Make a particular campaign successful, a lot of difficulties and issues should be addressed at the same time. India is a country where various political debates take place at times and this usually impacts the Industrial Sectors. A lot of people in India do not have the basic education that is needed to develop their skills and contribute to various kinds of industrial Sectors. 

The people of India often face difficulties to carry out their tasks properly due to insufficient power supply. The infrastructure of various Industrial Sectors in India is not really developed and this hampers the workflow. The people of India often face other challenges as well like poor drainage systems in order to flush out the toxins of the factories. To Make any particular campaign successful in India, the government must take remedial steps at once.

What is the Importance of Having Knowledge of the Make in India Campaign?

It is highly important for the students and the common people to remain updated about the latest occurrences that are taking place and are considered highly important in terms of the growth and development of the nation. The students who are appearing for their class examinations may need to answer some questions regarding this topic. 

The students are often asked to deliver a speech on one of the important topics like this. They are often asked to write essays. In order to write a particular essay, the students need to have at least some basic information on the topic. To know more about such campaigns, the students should build the habit of reading newspapers and following the latest blogs and articles published on the websites.

There are various articles published on the website of Vedantu that deal with different topics and social awareness movements. There are also some reference books available on the website that can provide them with the key concepts in detail so that they can develop their thought process and rational thinking ability depending on that.

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FAQs on Make in India Essay

1. Who Launched The ‘Make In India’ Campaign?

Narendra Modi launched the ‘Make in India’ campaign on 25th September 2014.

2. What is the objective of ‘Make in India’?

‘Make in India’ campaign aims at attracting foreign companies to set up factories in India and invest in the country’s infrastructure. The main objective was to create employment opportunities for the huge population.

3. What Does The Logo Of The Lion Signify?

The lion in the logo signifies strength and power while the wheels on the body of the lion are a sign of development and progress.

4. What are the Advantages of the Campaign ‘Make in India’?

The Advantages of the campaign are: Employment opportunities for a huge population.

Boost the economic growth of the country

Attract more foreign investments

Global recognition.

5. Can any individual use the Make in India logo on the products?

This particular logo cannot be used by any individual without the permission of DIPP. If any individual entrepreneur or marketer wants to use the Make in India logo on their products they need to take permission from DIPP by following proper legal procedures. Only after the Government of India allows them to do so, can they use the particular logo. To know more about the Make in India products, go through the articles published on the website of Vedantu.

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मेक इन इंडिया पर निबंध | Make In India Essay In Hindi

मेक इन इंडिया पर निबंध | Make In India Essay In Hindi  प्रिय विद्यार्थियों आपका स्वागत है आज हम मेक इन इंडिया पर निबंध बता रहे हैं.

यहाँ आपकों विभिन्न शब्द सीमा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू किये गये मेक इन इंडिया अभियान कार्यक्रम पर Make In India Essay In Hindi को बच्चों के लिए प्रस्तुत कर रहे हैं.

हिंदी निबंध लेखन के इस नयें अध्याय को स्टूडेंट्स परीक्षा के लिहाज से भी याद कर सकते हैं. तो चलिए आरम्भ करते हैं.

मेक इन इंडिया पर निबंध | Make In India Essay In Hindi

Thanks For Visit Us Guys Here We Share With You Few Make In India Essay In Hindi For Students & Kids In 5, 10 Lines, 100, 200, 250, 300, 400, 500-word Limit Essay For Class 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10th Students.

Short Make In India Essay In Hindi In 100 Words

मेक इन इंडिया का अर्थ है भारत का माल भारत में ही बने. इसके लिए बहुराष्ट्रीय कंपनियों के भारत में आगमन एवं निवेश की राह भी खुली हैं. 25 दिसम्बर 2014 को दिन देश के लोकप्रिय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने मेक इन इंडिया की शुरुआत की थी.

मोदी जी ने इस कार्यक्रम को लौंच करते वक्त कहा कि हम कभी नहीं चाहते कि किसी उद्योग पति को भारत छोड़कर जाना पड़े. भारत में उद्योगों की स्थिति अच्छी हो जिससे विदेशी निवेश को भी आकर्षित किया जा सके. उन्होंने उन पूंजीपतियों को भी विश्वास दिलाया कि उनका पैसा सरकार नहीं डूबने देगी.

इस तरह देश के उद्योगों के लिए मेक इन इंडिया आर्थिक सुरक्षा का भी कार्य करेगा. दूसरे शब्दों में कहे तो यह स्वदेशी अभियान है जिसके द्वारा देश की आवश्यकता का अधिक से अधिक माल भारत में ही बनने से न सिर्फ भारत की अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी बल्कि लोगों के रोजगार के अवसर खुलेगे तथा विकास भी तेज गति से आगे बढ़ पाएगा.

Make In India Essay In Hindi Language In 1000 Words

वस्तुओं पर मेड इन इंडिया की छाप देखकर मन गर्व से भर जाता हैं. यह देश में स्वदेशी उद्योगों के निरंतर विकास का सूचक तो होता ही हैं साथ ही हर भारतीय को आत्मविश्वास से भी भरने वाला होता हैं.

किन्तु हमारे प्रधानमंत्री जी ने इसके साथ साथ मेक इन इंडिया का नारा भी दिया हैं, जिसका आशय है कि विदेशी निवेशकों को भारत में उद्योग स्थापित करने के लिए आमंत्रण देना. औद्योगिक प्रगति और सम्पन्नता की दृष्टि से यह एक नई सोच हैं.

सम्पन्नता क्यों-

प्रश्न उठता हैं कि मनुष्य सम्पन्न होना क्यों चाहता हैं? हमारे जीवन में अनेक आवश्यकताएं होती है, उनकी पूर्ति के लिए साधन चाहिए. ये साधन हमकों सम्पन्न होने पर ही प्राप्त होंगे. आवश्यकता की पूर्ति न होने पर हम सुख से नहीं रह सकते हैं. अतः धन कमाना और सम्पन्न होना आवश्यक हैं.

धनोपार्जन और उद्योग-

धन कमाने के लिए कुछ करना होगा, कुछ पैदा भी करना होगा. कृषि और उद्योग उत्पादन के माध्यम हैं. व्यापार भी इसका एक साधन हैं. हम कुछ पैदा करे, कुछ वस्तुओं का उत्पादन करे यह जरुरी हैं.

देश को आगे बढने तथा समृद्धशाली बनाने के लिए हमें अपनी आवश्यकता की ही नहीं, दूसरों की आवश्यकता की वस्तुएं भी बनानी होगी.

मेक इन इंडिया-

मेक इन इंडिया विश्व की वर्तमान स्थितियों को देखा जाए तो यह योजना भारत के लिए न सिर्फ मजबूत आर्थिक भविष्य का आधार है बल्कि समय की जरूरत भी।

दुनिया में चीनी और अमेरिकी बाजार के समक्ष भारतीय बाजार उत्पादकता में काफी पीछे है। तमाम तरह के कच्चे पदार्थों की उपलब्धता के बावजूद भी भारत का निर्यात समान आकार वाली अर्थव्यवस्थाओं के मुकाबले काफी कम है जिसका मुख्य कारण विनिर्माण क्षेत्र की अकुशलता रहा है।

चीन की अर्थव्यवस्था में विनिर्माण का क्षेत्र जीडीपी में वर्तमान में करीब 26% की हिस्सेदारी रखता है अगर यह योजना सफल रहती है तो भारतीय विनिर्माण क्षेत्र भी जीडीपी की एक चौथाई हिस्सेदारी प्राप्त कर लेगा, जिससे न सिर्फ अर्थव्यवस्था के बुनियादी ढांचे को मजबूती मिलेगी बल्कि विश्व बाजार में भारतीय अर्थव्यवस्था को लेकर दमन की नीतियों को भी मुंह तोड़ जवाब मिलेगा।

जो भारतीय अर्थव्यवस्था कृषि क्षेत्र से सीधे सेवा क्षेत्र में परिवर्तित हो चली थी, जिस कारण अर्थव्यवस्था का मॉडल पेचीदा हो चुका था, इस योजना की सफलता भारतीय अर्थव्यवस्था को फिर से पटरी पर लाने की दिशा में अहम भूमिका निभाएगी।

आजकल छोटे छोटे देश अपने यहाँ उत्पादित वस्तुओं का विदेशों में निवेश करके अपनी सम्रद्धि को बढ़ा रहे है. द्वितीय विश्व युद्ध में नष्ट हुआ जापान स्वदेशी के बल पर ही अपने पैरों पर खड़ा हो सका हैं. भारत के प्रधानमंत्री मोदी ने मेक इन इंडिया का नारा दिया हैं.

इसका उद्देश्य विदेशी पूंजी को भारत में आकर्षित करना तथा उससे यहाँ उद्योगों की स्थापना करना हैं. इन उद्योगों में बनी वस्तुएं भारत में निर्मित होगी. उनकों विश्व के अन्य बाजारों में बेचा जाएगा. इससे धन का प्रवाह भारत की ओर बढ़ेगा और वह एक समृद्ध राष्ट्र बन सकेगा.

विदेशी पूंजी की जरूरत-

उद्योगों की स्थापना तथा उत्पादन करने और उसकी वृद्धि करने के लिए पूंजी की आवश्यकता तो होती ही हैं. अभी भारत के पास इतनी पूंजी नहीं है कि वह अपने साधनों से बड़े बड़े उद्योग स्थापित कर सके तथा उन्हें संचालित कर सके.

हमारे प्रधानमंत्री चाहते है कि विदेशों में रहने वाले सम्पन्न भारतीय तथा अन्य उद्योगपति भारत आए और यहाँ अपनी पूंजी से उद्योग लगाए. उत्पादित माल के लिए उसकों भारतीय बाजार तो प्राप्त होगा ही, वे विदेशी बाजारों में भी अपना उत्पादन बेचकर मुनाफा कमा सकेगे. इससे भारत के साथ ही उनकों भी मुनाफा होगा.

मेक इन इंडिया या स्वदेशिता-

मेक इन इंडिया चूंकि नाम से ही स्पष्ट है, भारत में निर्मित सामान। किसी भी अर्थव्यवस्था के आत्मनिर्भर बनने हेतु और विदेशी ताकतवर बाजारों की दमनकारी नीतियों से बचने के लिए यह जरूरी है कि अर्थव्यवस्था के विनिर्माण क्षेत्र का आधार मजबूत रहे 

और भारत जैसी श्रमिक आधिक्य वाली अर्थव्यवस्थाओं के लिए विनिर्माण क्षेत्र की भूमिका दोगुनी हो जाती है। विनिर्माण हेतु कारखानों की संख्या को बढ़ाना पड़ता है जिससे देश के बेरोजगारों को रोजगार मिलता है। ग्रामीण अर्थव्यवस्था एवं शहरी अर्थव्यवस्था दोनों बूस्ट होती है।

चूंकि अनुकूल भौगोलिक परिस्थितियों के चलते लगभग हर तरह का कच्चा पदार्थ भारत में उपलब्ध है। कच्चे पदार्थों की उपलब्धता और श्रमिक आधिक्य वाली अर्थव्यवस्था विनिर्माण के क्षेत्र में स्वयं को बहुत जल्द आत्मनिर्भर बना सकती है।

घरेलू घरेलू कच्चे पदार्थों की उपलब्धता एवं श्रमिकों की सप्लाई विनिर्माण क्षेत्र में बने उत्पादों की कम कीमतों की गारंटी होती है, जिनसे निर्यात के पश्चात भी उत्पादों की कीमत तुलनात्मक रूप से कम रहती है और विदेशी बाजारों में इनकी मांग तुलनात्मक रूप से अधिक होती है। जिससे देश का फॉरेन रिजर्व बढ़ता है और घरेलू करेंसी मजबूत होती है।

कहा जाए तो कच्चे माल की उपलब्धता और सुलभ एवं सस्ते श्रमिकों की सप्लाई न सिर्फ देश की बेरोजगारी को दूर करती है बल्कि विश्व बाजार में भी देश में निर्मित उत्पादों की मांग को बढ़ाती है।

मेक इन इंडिया योजना में शामिल क्षेत्रों की सूची-

इस दूरदर्शी एवं महत्वपूर्ण योजना के अंतर्गत भारत सरकार ने अर्थव्यवस्था के 25 महत्वपूर्ण क्षेत्रों को शामिल किया। जिन को आधार मानकर अर्थव्यवस्था इस योजना के मानकों तक पहुंच सकती है। यह 25 महत्वपूर्ण क्षेत्र विनिर्माण क्षेत्र की एक मजबूत कड़ी है जिनमें क्रांतिकारी बदलाव लाकर भारत अपने इस योजना के निर्धारित आयामों को प्राप्त कर सकती है।

  • विमानन aviation
  • जैव प्रौद्योगिकी biotechnology
  • रक्षा निर्माण defence manufacturing
  • निर्माण construction
  • विद्युत electricity  machinery
  • मशीनरी electronic systems
  • खाद्य प्रसंस्करण food processing
  • चमड़ा leather
  • आईटी और बीपीएम it and BPM
  • खनिज mining
  • मीडिया एवं मनोरंजन media and entertainment
  • तेल और गैस oil and gas
  • फार्मास्यूटिकल्स pharmaceuticals
  • रेलवे railways
  • नवीकरणीय ऊर्जा renewable energy
  • बंदरगाह ports
  • सड़कें एवं राजमार्ग roads and highways
  • अंतरिक्ष space
  • कपड़ा textiles and garments
  • रसायन chemicals
  • ऑटो पार्ट्स automobile components
  • ऑटोमोबाइल automobiles
  • तापीय ऊर्जा thermal power
  • पर्यटन और आतिथ्य tourism and hospitality
  • कल्याण wellness

मेक इन इंडिया योजना के मुख्य उद्देश्य-

प्राचीन भारतीय अर्थव्यवस्था पूरी तरह से व्यापार आधारित अर्थव्यवस्था थी। अर्थात भारतीय अर्थव्यवस्था निर्यात के क्षेत्र में संपूर्ण विश्व में सभी अर्थव्यवस्थाओं से कई गुना मजबूती थी।

विश्व बाजार में भारतीय अर्थव्यवस्था की भागीदारी करीब 44% हुआ करती थी। इससे निर्यात आधारित अर्थव्यवस्था को पुनः निर्यात के क्षेत्र में मजबूत करने के लिए भारत के प्रधानमंत्री द्वारा मेक इन इंडिया योजना का शुभारंभ किया गया।

इसका मूल उद्देश्य भारत में निर्माताओं को आमंत्रित करना था। इसके लिए भारत सरकार ने अर्थव्यवस्था के प्रमुख क्षेत्रों में 100% एफडीआई की अनुमति दी। इस योजना ने मीडिया (26%), अंतरिक्ष (74%) और रक्षा (49%) को पूरी तरह से शामिल नहीं किया गया।

अर्थव्यवस्था को लेकर मुख्य उद्देश्य इस प्रकार है

  • भारतीय अर्थव्यवस्था को वैश्विक विनिर्माण का केंद्र बनाना।
  • भारतीय अर्थव्यवस्था के विनिर्माण क्षेत्र की हिस्सेदारी बढ़ाकर 12 से 14% प्रति वर्ष तक करना।
  • भारत की जीडीपी में विनिर्माण क्षेत्र की हिस्सेदारी 2025 (संशोधित) तक बढ़ाकर 25% तक करना।

makeinindia.com

योजना के अंतर्गत विनिर्माण क्षेत्र की वृद्धि एवं विकास को लेकर भारत सरकार ने एक बड़ा प्रयास करते हुए इस योजना हेतु एक विशिष्ट वेब पोर्टल भी तैयार किया है। जिस पर निवेशक की किसी भी प्रकार की समस्या 72 घंटे के अंदर निवारित करने का प्रयास रहेगा, जिसके लिए एक बैक एंड सपोर्ट टीम भी तैयार की गई है

चूंकि इस योजना के अंतर्गत विनिर्माण क्षेत्र को बढ़ावा दिया गया है परंतु भारत की आधी से ज्यादा आबादी आधारित, कृषि क्षेत्र पर बल नहीं दिया गया जिस कारण इस योजना का सबसे ज्यादा नकारात्मक प्रभाव कृषि क्षेत्र पर पड़ा।

  • श्रमिक कानूनों की जटिलता एक मुख्य वजह रही है और अभी भी है जिसकी वजह से फॉरेन इन्वेस्टमेंट को अधिक बढ़ावा नहीं मिल पाता। इसको लेकर भी भारत सरकार के द्वारा कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया जोकि योजना के समक्ष एक बड़ी चुनौती बन कर उभरा।
  • भारतीय अर्थव्यवस्था को विनिर्माण आधारित अर्थव्यवस्था बनाने हेतु सबसे पहली शर्त थी, बड़े पैमाने पर कारखानों का निर्माण। चूंकि भारत सरकार योजना को लेकर बहुत सक्रिय रही लेकिन बुनियादी जरूरतों, जैसे कारखानों का निर्माण, इत्यादि पूरी नहीं कर पाई।
  • हालांकि भारतीय अर्थव्यवस्था में फॉरेन डायरेक्ट इन्वेस्टमेंट का एक बड़ा हिस्सा सेल कंपनीयों से आता है। जिस कारण योजना का मूल्यांकन बहुत सूक्ष्म पैमाने पर करना पड़ेगा।
  • योजना को लेकर सरकार के द्वारा अत्यधिक महत्व काशी आंकड़े निर्धारित कर लिए गए जिनको लेकर विशेषज्ञों का मानना है कि इन आंकड़ों तक पहुंचना मुश्किल है। जैसे 12-14% की वार्षिक वृद्धि औद्योगिक क्षेत्र की क्षमता से बाहर है।
  • विदेशी निवेश को भारतीय अर्थव्यवस्था के विनिर्माण क्षेत्र की वृद्धि का आधार मान लेना एक बड़ी भूल साबित हुई क्योंकि भारतीय अर्थव्यवस्था सेल कंपनियों पर ज्यादा आधारित है

पूंजी के साथ तकनीक का आगमन-

प्रधानमंत्री जानते है कि भारत को पूंजी की ही नहीं नवीन तकनीक की भी आवश्यकता हैं. वह विदेशी उद्योगपतियों को भारत में उत्पादन के लिए आमंत्रित करके पूंजी के साथ नवीन तकनीक प्राप्ति के द्वार भी खोलना चाहते हैं.

यह सोच उनकी दूरदृष्टि को प्रकट करने वाली हैं. बच्चा चलना सीखता है, तो उसको किसी की अंगुली पकड़ने की आवश्यकता होती हैं. फिर तो वह सरपट दौड़ने लगता हैं. भारत भी कुशल उद्योगपतियों के अनुभव का लाभ उठाकर एक शक्तिशाली औद्योगिक देश बन सकता हैं.

मेक इन इंडिया की सफलता के लिए हमें अनेक प्रबंध करने और कदम उठाने होंगे. देश में ऐसा औद्योगिक वातावरण बनाना होगा जिससे विदेशी निवेशक यहाँ अपने उद्योग लगाने के लिए प्रेरित हो.

सड़क, बिजली, परिवहन के क्षेत्र में सुधार करना होगा. उद्योग स्थापना में कानूनी जटिलताएँ दूर हो और विभागीय अनुभूतियाँ सरलता तथा शीघ्रता से प्राप्त हो, ऐसा प्रबंध करना होगा. भारत सरकार इस दिशा में निरंतर समुचित कदम उठा रही हैं.

  • स्वदेशी अपनाओं देश बचाओं निबंध
  • देश प्रेम पर निबंध
  • आत्मनिर्भर भारत पर निबंध

उम्मीद करता हूँ दोस्तों आपकों Make In India Essay In Hindi – मेक इन इंडिया पर निबंध का यह निबंध पसंद आया होगा.

यदि आपकों मेक इन इंडिया एस्से इन हिंदी का आर्टिकल पसंद आया हो तो इसे अपने दोस्तों के साथ शेयर करे. आपका कोई सवाल या सुझाव हो तो प्लीज कमेंट कर जरुर बताए.

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Make in India Essay

The Make in India initiative aims to start domestic manufacturing of various goods instead of importing them from other countries. This scheme will give the people of India more opportunities to improve their skills and abilities. The campaign concentrated on 25 industries to increase investments and job possibilities. Here are a few sample essays on "Make in India".

Make in India Essay

100 Words Essay On Make In India

India experienced a severe economic crisis in 2013 when the developing market collapsed, and the growth rate sharply decreased. Investors from over the world were thinking about investing in India. On September 25, 2014, our prime minister, Narendra Modi, founded the "Make in India" initiative. A request for investment in India is being made to the best business investors around the world. All investors have an excellent opportunity to launch their businesses in any industry, anywhere in the nation. This attractive campaign includes creative recommendations for foreign enterprises to establish manufacturing facilities in India. The Make In India campaign can help the country's economy reach a new height and solve various social issues.

200 Words Essay On Make In India

The Indian government's Make in India campaign is centred on creating efficient physical infrastructure. Further, it was intended to extend the nation's digital network market and become a hub for international trade.

3 Is | Make in India is the promotion of foreign investment such that it brings the latest technology, increases the scope of knowledge, and promotes research and development. Thus, make in India focuses on 3Is, which are infrastructure, investment and innovation.

Focus On 25 Sectors | The campaign focused on 25 sectors to increase investments and job opportunities. The development of these 25 sectors will contribute to the nation's economy growing more quickly.

Logo | The logo for the “Make In India” mission shows a lion with wheels encompassing every inch of its body. It represents development, sturdiness, and intelligence.

Objective | This initiative's objective is to increase foreign investment in the country. This will facilitate the establishment of international corporations in India. 15% of the country's GDP comes from manufacturing. By 2022, the campaign aims to boost the manufacturing sector's GDP contribution by 25%.

In India, both unemployment and poverty rates are high. By creating new job opportunities, the "Make in India" initiative aims to reduce poverty and the unemployment rate in the country. The initiative also emphasises the growth of Indian people in rural areas.

500 Words Essay On Make In India

The "Make in India" campaign strives to promote India as a place where international investments can be made and a global hub for manufacturing, design, and innovation. The "Make in India" project encourages entrepreneurship in the nation and the manufacturing sector.

The "Make in India" initiative aims to turn India into a manufacturing centre. This campaign's primary goal is to require that everything sold everywhere in the world be made in India. Both domestic and international businesses can perform the manufacturing. This project aims to increase global investment in the country as well. This will make it easier for multinational corporations to establish operations in India.

The day following the Mars Mission, when Indian prime minister, Narendra Modi, had to leave for his first visit to the USA, this campaign was started. Indian government created this programme to improve India's manufacturing sector, which will undoubtedly help the country's economy.

Support For Investors

The Indian government is working hard to minimise any form of burden on investors. A specialised team has been set up and is prepared to respond to any questions from business organisations via the website (makeinindia.com). To reply to individual inquiries within 72 hours, there is also a back-end support team.

Advantages Of Make In India

Most of the raw materials needed to manufacture various items are readily available in our nation. By advocating this plan, the resource will only be used appropriately in our country.

This plan will strengthen the economy of our country.

Creating as many employment options for Indian nationals as possible is one of the critical goals of the Make in India campaign.

Boosting economic growth to raise GDP.

The inflow of FDI will increase, strengthening the rupee.

Small manufacturers will benefit significantly if foreign investors invest in them.

Disadvantages Of Make In India

The ecology will suffer significantly due to the growth of new industries. It will degrade the quality of water, air, and soil of the country.

The agricultural industry might get ignored as a result. Less attention would be paid to agricultural activity.

Small enterprises might lose a lot of money. They will compete more fiercely with foreign investor firms.

Since no one wants to encourage competitors, this will undoubtedly ruin relations with nations that have already established themselves in the same industry.

Examples Of Execution

A few examples of how "Make in India" came into action are discussed below.

In January 2015, Samsung Mobile Company CEO Hyun Chil Hong met MSME Minister Kalraj Mishra and discussed potential collaborations and the company's Noida facility.

In February 2015, HUAWEI inaugurated its Research and Development Campus in Bengaluru, and Hitachi discussed investing in India and stated they could set up shop there. Along with this, he discussed how the Chennai government had approved the construction of a telecom hardware plant in Chennai.

In February 2015, XIAOMI Mobile Company suggested working with the Andhra Pradesh government.

In August 2015, Lenovo announced that production of its Motorola mobile phones had begun at a facility close to Chennai.

In December 2015, VIVO Mobile Company, which employed 2200 employees, began producing its mobile devices in Noida.

When the Japanese Prime Minister visited India in December 2015, he donated 12 lakh crores of Japanese money to the Make in India initiative.

The scheme Make in India will help in developing the country in various ways. The proper execution of policy will slowly eradicate the problem of poverty and unemployment in our country.

Explore Career Options (By Industry)

  • Construction
  • Entertainment
  • Manufacturing
  • Information Technology

Data Administrator

Database professionals use software to store and organise data such as financial information, and customer shipping records. Individuals who opt for a career as data administrators ensure that data is available for users and secured from unauthorised sales. DB administrators may work in various types of industries. It may involve computer systems design, service firms, insurance companies, banks and hospitals.

Bio Medical Engineer

The field of biomedical engineering opens up a universe of expert chances. An Individual in the biomedical engineering career path work in the field of engineering as well as medicine, in order to find out solutions to common problems of the two fields. The biomedical engineering job opportunities are to collaborate with doctors and researchers to develop medical systems, equipment, or devices that can solve clinical problems. Here we will be discussing jobs after biomedical engineering, how to get a job in biomedical engineering, biomedical engineering scope, and salary. 

Ethical Hacker

A career as ethical hacker involves various challenges and provides lucrative opportunities in the digital era where every giant business and startup owns its cyberspace on the world wide web. Individuals in the ethical hacker career path try to find the vulnerabilities in the cyber system to get its authority. If he or she succeeds in it then he or she gets its illegal authority. Individuals in the ethical hacker career path then steal information or delete the file that could affect the business, functioning, or services of the organization.

GIS officer work on various GIS software to conduct a study and gather spatial and non-spatial information. GIS experts update the GIS data and maintain it. The databases include aerial or satellite imagery, latitudinal and longitudinal coordinates, and manually digitized images of maps. In a career as GIS expert, one is responsible for creating online and mobile maps.

Data Analyst

The invention of the database has given fresh breath to the people involved in the data analytics career path. Analysis refers to splitting up a whole into its individual components for individual analysis. Data analysis is a method through which raw data are processed and transformed into information that would be beneficial for user strategic thinking.

Data are collected and examined to respond to questions, evaluate hypotheses or contradict theories. It is a tool for analyzing, transforming, modeling, and arranging data with useful knowledge, to assist in decision-making and methods, encompassing various strategies, and is used in different fields of business, research, and social science.

Geothermal Engineer

Individuals who opt for a career as geothermal engineers are the professionals involved in the processing of geothermal energy. The responsibilities of geothermal engineers may vary depending on the workplace location. Those who work in fields design facilities to process and distribute geothermal energy. They oversee the functioning of machinery used in the field.

Database Architect

If you are intrigued by the programming world and are interested in developing communications networks then a career as database architect may be a good option for you. Data architect roles and responsibilities include building design models for data communication networks. Wide Area Networks (WANs), local area networks (LANs), and intranets are included in the database networks. It is expected that database architects will have in-depth knowledge of a company's business to develop a network to fulfil the requirements of the organisation. Stay tuned as we look at the larger picture and give you more information on what is db architecture, why you should pursue database architecture, what to expect from such a degree and what your job opportunities will be after graduation. Here, we will be discussing how to become a data architect. Students can visit NIT Trichy , IIT Kharagpur , JMI New Delhi . 

Remote Sensing Technician

Individuals who opt for a career as a remote sensing technician possess unique personalities. Remote sensing analysts seem to be rational human beings, they are strong, independent, persistent, sincere, realistic and resourceful. Some of them are analytical as well, which means they are intelligent, introspective and inquisitive. 

Remote sensing scientists use remote sensing technology to support scientists in fields such as community planning, flight planning or the management of natural resources. Analysing data collected from aircraft, satellites or ground-based platforms using statistical analysis software, image analysis software or Geographic Information Systems (GIS) is a significant part of their work. Do you want to learn how to become remote sensing technician? There's no need to be concerned; we've devised a simple remote sensing technician career path for you. Scroll through the pages and read.

Budget Analyst

Budget analysis, in a nutshell, entails thoroughly analyzing the details of a financial budget. The budget analysis aims to better understand and manage revenue. Budget analysts assist in the achievement of financial targets, the preservation of profitability, and the pursuit of long-term growth for a business. Budget analysts generally have a bachelor's degree in accounting, finance, economics, or a closely related field. Knowledge of Financial Management is of prime importance in this career.

Underwriter

An underwriter is a person who assesses and evaluates the risk of insurance in his or her field like mortgage, loan, health policy, investment, and so on and so forth. The underwriter career path does involve risks as analysing the risks means finding out if there is a way for the insurance underwriter jobs to recover the money from its clients. If the risk turns out to be too much for the company then in the future it is an underwriter who will be held accountable for it. Therefore, one must carry out his or her job with a lot of attention and diligence.

Finance Executive

Product manager.

A Product Manager is a professional responsible for product planning and marketing. He or she manages the product throughout the Product Life Cycle, gathering and prioritising the product. A product manager job description includes defining the product vision and working closely with team members of other departments to deliver winning products.  

Operations Manager

Individuals in the operations manager jobs are responsible for ensuring the efficiency of each department to acquire its optimal goal. They plan the use of resources and distribution of materials. The operations manager's job description includes managing budgets, negotiating contracts, and performing administrative tasks.

Stock Analyst

Individuals who opt for a career as a stock analyst examine the company's investments makes decisions and keep track of financial securities. The nature of such investments will differ from one business to the next. Individuals in the stock analyst career use data mining to forecast a company's profits and revenues, advise clients on whether to buy or sell, participate in seminars, and discussing financial matters with executives and evaluate annual reports.

A Researcher is a professional who is responsible for collecting data and information by reviewing the literature and conducting experiments and surveys. He or she uses various methodological processes to provide accurate data and information that is utilised by academicians and other industry professionals. Here, we will discuss what is a researcher, the researcher's salary, types of researchers.

Welding Engineer

Welding Engineer Job Description: A Welding Engineer work involves managing welding projects and supervising welding teams. He or she is responsible for reviewing welding procedures, processes and documentation. A career as Welding Engineer involves conducting failure analyses and causes on welding issues. 

Transportation Planner

A career as Transportation Planner requires technical application of science and technology in engineering, particularly the concepts, equipment and technologies involved in the production of products and services. In fields like land use, infrastructure review, ecological standards and street design, he or she considers issues of health, environment and performance. A Transportation Planner assigns resources for implementing and designing programmes. He or she is responsible for assessing needs, preparing plans and forecasts and compliance with regulations.

Environmental Engineer

Individuals who opt for a career as an environmental engineer are construction professionals who utilise the skills and knowledge of biology, soil science, chemistry and the concept of engineering to design and develop projects that serve as solutions to various environmental problems. 

Safety Manager

A Safety Manager is a professional responsible for employee’s safety at work. He or she plans, implements and oversees the company’s employee safety. A Safety Manager ensures compliance and adherence to Occupational Health and Safety (OHS) guidelines.

Conservation Architect

A Conservation Architect is a professional responsible for conserving and restoring buildings or monuments having a historic value. He or she applies techniques to document and stabilise the object’s state without any further damage. A Conservation Architect restores the monuments and heritage buildings to bring them back to their original state.

Structural Engineer

A Structural Engineer designs buildings, bridges, and other related structures. He or she analyzes the structures and makes sure the structures are strong enough to be used by the people. A career as a Structural Engineer requires working in the construction process. It comes under the civil engineering discipline. A Structure Engineer creates structural models with the help of computer-aided design software. 

Highway Engineer

Highway Engineer Job Description:  A Highway Engineer is a civil engineer who specialises in planning and building thousands of miles of roads that support connectivity and allow transportation across the country. He or she ensures that traffic management schemes are effectively planned concerning economic sustainability and successful implementation.

Field Surveyor

Are you searching for a Field Surveyor Job Description? A Field Surveyor is a professional responsible for conducting field surveys for various places or geographical conditions. He or she collects the required data and information as per the instructions given by senior officials. 

Orthotist and Prosthetist

Orthotists and Prosthetists are professionals who provide aid to patients with disabilities. They fix them to artificial limbs (prosthetics) and help them to regain stability. There are times when people lose their limbs in an accident. In some other occasions, they are born without a limb or orthopaedic impairment. Orthotists and prosthetists play a crucial role in their lives with fixing them to assistive devices and provide mobility.

Pathologist

A career in pathology in India is filled with several responsibilities as it is a medical branch and affects human lives. The demand for pathologists has been increasing over the past few years as people are getting more aware of different diseases. Not only that, but an increase in population and lifestyle changes have also contributed to the increase in a pathologist’s demand. The pathology careers provide an extremely huge number of opportunities and if you want to be a part of the medical field you can consider being a pathologist. If you want to know more about a career in pathology in India then continue reading this article.

Veterinary Doctor

Speech therapist, gynaecologist.

Gynaecology can be defined as the study of the female body. The job outlook for gynaecology is excellent since there is evergreen demand for one because of their responsibility of dealing with not only women’s health but also fertility and pregnancy issues. Although most women prefer to have a women obstetrician gynaecologist as their doctor, men also explore a career as a gynaecologist and there are ample amounts of male doctors in the field who are gynaecologists and aid women during delivery and childbirth. 

Audiologist

The audiologist career involves audiology professionals who are responsible to treat hearing loss and proactively preventing the relevant damage. Individuals who opt for a career as an audiologist use various testing strategies with the aim to determine if someone has a normal sensitivity to sounds or not. After the identification of hearing loss, a hearing doctor is required to determine which sections of the hearing are affected, to what extent they are affected, and where the wound causing the hearing loss is found. As soon as the hearing loss is identified, the patients are provided with recommendations for interventions and rehabilitation such as hearing aids, cochlear implants, and appropriate medical referrals. While audiology is a branch of science that studies and researches hearing, balance, and related disorders.

An oncologist is a specialised doctor responsible for providing medical care to patients diagnosed with cancer. He or she uses several therapies to control the cancer and its effect on the human body such as chemotherapy, immunotherapy, radiation therapy and biopsy. An oncologist designs a treatment plan based on a pathology report after diagnosing the type of cancer and where it is spreading inside the body.

Are you searching for an ‘Anatomist job description’? An Anatomist is a research professional who applies the laws of biological science to determine the ability of bodies of various living organisms including animals and humans to regenerate the damaged or destroyed organs. If you want to know what does an anatomist do, then read the entire article, where we will answer all your questions.

For an individual who opts for a career as an actor, the primary responsibility is to completely speak to the character he or she is playing and to persuade the crowd that the character is genuine by connecting with them and bringing them into the story. This applies to significant roles and littler parts, as all roles join to make an effective creation. Here in this article, we will discuss how to become an actor in India, actor exams, actor salary in India, and actor jobs. 

Individuals who opt for a career as acrobats create and direct original routines for themselves, in addition to developing interpretations of existing routines. The work of circus acrobats can be seen in a variety of performance settings, including circus, reality shows, sports events like the Olympics, movies and commercials. Individuals who opt for a career as acrobats must be prepared to face rejections and intermittent periods of work. The creativity of acrobats may extend to other aspects of the performance. For example, acrobats in the circus may work with gym trainers, celebrities or collaborate with other professionals to enhance such performance elements as costume and or maybe at the teaching end of the career.

Video Game Designer

Career as a video game designer is filled with excitement as well as responsibilities. A video game designer is someone who is involved in the process of creating a game from day one. He or she is responsible for fulfilling duties like designing the character of the game, the several levels involved, plot, art and similar other elements. Individuals who opt for a career as a video game designer may also write the codes for the game using different programming languages.

Depending on the video game designer job description and experience they may also have to lead a team and do the early testing of the game in order to suggest changes and find loopholes.

Radio Jockey

Radio Jockey is an exciting, promising career and a great challenge for music lovers. If you are really interested in a career as radio jockey, then it is very important for an RJ to have an automatic, fun, and friendly personality. If you want to get a job done in this field, a strong command of the language and a good voice are always good things. Apart from this, in order to be a good radio jockey, you will also listen to good radio jockeys so that you can understand their style and later make your own by practicing.

A career as radio jockey has a lot to offer to deserving candidates. If you want to know more about a career as radio jockey, and how to become a radio jockey then continue reading the article.

Choreographer

The word “choreography" actually comes from Greek words that mean “dance writing." Individuals who opt for a career as a choreographer create and direct original dances, in addition to developing interpretations of existing dances. A Choreographer dances and utilises his or her creativity in other aspects of dance performance. For example, he or she may work with the music director to select music or collaborate with other famous choreographers to enhance such performance elements as lighting, costume and set design.

Social Media Manager

A career as social media manager involves implementing the company’s or brand’s marketing plan across all social media channels. Social media managers help in building or improving a brand’s or a company’s website traffic, build brand awareness, create and implement marketing and brand strategy. Social media managers are key to important social communication as well.

Photographer

Photography is considered both a science and an art, an artistic means of expression in which the camera replaces the pen. In a career as a photographer, an individual is hired to capture the moments of public and private events, such as press conferences or weddings, or may also work inside a studio, where people go to get their picture clicked. Photography is divided into many streams each generating numerous career opportunities in photography. With the boom in advertising, media, and the fashion industry, photography has emerged as a lucrative and thrilling career option for many Indian youths.

An individual who is pursuing a career as a producer is responsible for managing the business aspects of production. They are involved in each aspect of production from its inception to deception. Famous movie producers review the script, recommend changes and visualise the story. 

They are responsible for overseeing the finance involved in the project and distributing the film for broadcasting on various platforms. A career as a producer is quite fulfilling as well as exhaustive in terms of playing different roles in order for a production to be successful. Famous movie producers are responsible for hiring creative and technical personnel on contract basis.

Copy Writer

In a career as a copywriter, one has to consult with the client and understand the brief well. A career as a copywriter has a lot to offer to deserving candidates. Several new mediums of advertising are opening therefore making it a lucrative career choice. Students can pursue various copywriter courses such as Journalism , Advertising , Marketing Management . Here, we have discussed how to become a freelance copywriter, copywriter career path, how to become a copywriter in India, and copywriting career outlook. 

In a career as a vlogger, one generally works for himself or herself. However, once an individual has gained viewership there are several brands and companies that approach them for paid collaboration. It is one of those fields where an individual can earn well while following his or her passion. 

Ever since internet costs got reduced the viewership for these types of content has increased on a large scale. Therefore, a career as a vlogger has a lot to offer. If you want to know more about the Vlogger eligibility, roles and responsibilities then continue reading the article. 

For publishing books, newspapers, magazines and digital material, editorial and commercial strategies are set by publishers. Individuals in publishing career paths make choices about the markets their businesses will reach and the type of content that their audience will be served. Individuals in book publisher careers collaborate with editorial staff, designers, authors, and freelance contributors who develop and manage the creation of content.

Careers in journalism are filled with excitement as well as responsibilities. One cannot afford to miss out on the details. As it is the small details that provide insights into a story. Depending on those insights a journalist goes about writing a news article. A journalism career can be stressful at times but if you are someone who is passionate about it then it is the right choice for you. If you want to know more about the media field and journalist career then continue reading this article.

Individuals in the editor career path is an unsung hero of the news industry who polishes the language of the news stories provided by stringers, reporters, copywriters and content writers and also news agencies. Individuals who opt for a career as an editor make it more persuasive, concise and clear for readers. In this article, we will discuss the details of the editor's career path such as how to become an editor in India, editor salary in India and editor skills and qualities.

Individuals who opt for a career as a reporter may often be at work on national holidays and festivities. He or she pitches various story ideas and covers news stories in risky situations. Students can pursue a BMC (Bachelor of Mass Communication) , B.M.M. (Bachelor of Mass Media) , or  MAJMC (MA in Journalism and Mass Communication) to become a reporter. While we sit at home reporters travel to locations to collect information that carries a news value.  

Corporate Executive

Are you searching for a Corporate Executive job description? A Corporate Executive role comes with administrative duties. He or she provides support to the leadership of the organisation. A Corporate Executive fulfils the business purpose and ensures its financial stability. In this article, we are going to discuss how to become corporate executive.

Multimedia Specialist

A multimedia specialist is a media professional who creates, audio, videos, graphic image files, computer animations for multimedia applications. He or she is responsible for planning, producing, and maintaining websites and applications. 

Quality Controller

A quality controller plays a crucial role in an organisation. He or she is responsible for performing quality checks on manufactured products. He or she identifies the defects in a product and rejects the product. 

A quality controller records detailed information about products with defects and sends it to the supervisor or plant manager to take necessary actions to improve the production process.

Production Manager

A QA Lead is in charge of the QA Team. The role of QA Lead comes with the responsibility of assessing services and products in order to determine that he or she meets the quality standards. He or she develops, implements and manages test plans. 

Process Development Engineer

The Process Development Engineers design, implement, manufacture, mine, and other production systems using technical knowledge and expertise in the industry. They use computer modeling software to test technologies and machinery. An individual who is opting career as Process Development Engineer is responsible for developing cost-effective and efficient processes. They also monitor the production process and ensure it functions smoothly and efficiently.

AWS Solution Architect

An AWS Solution Architect is someone who specializes in developing and implementing cloud computing systems. He or she has a good understanding of the various aspects of cloud computing and can confidently deploy and manage their systems. He or she troubleshoots the issues and evaluates the risk from the third party. 

Azure Administrator

An Azure Administrator is a professional responsible for implementing, monitoring, and maintaining Azure Solutions. He or she manages cloud infrastructure service instances and various cloud servers as well as sets up public and private cloud systems. 

Computer Programmer

Careers in computer programming primarily refer to the systematic act of writing code and moreover include wider computer science areas. The word 'programmer' or 'coder' has entered into practice with the growing number of newly self-taught tech enthusiasts. Computer programming careers involve the use of designs created by software developers and engineers and transforming them into commands that can be implemented by computers. These commands result in regular usage of social media sites, word-processing applications and browsers.

Information Security Manager

Individuals in the information security manager career path involves in overseeing and controlling all aspects of computer security. The IT security manager job description includes planning and carrying out security measures to protect the business data and information from corruption, theft, unauthorised access, and deliberate attack 

ITSM Manager

Automation test engineer.

An Automation Test Engineer job involves executing automated test scripts. He or she identifies the project’s problems and troubleshoots them. The role involves documenting the defect using management tools. He or she works with the application team in order to resolve any issues arising during the testing process. 

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मेक इन इंडिया पर निबंध

Essay on Make In India in Hindi : यहां पर मेक इन इंडिया पर निबंध पर निबन्ध शेयर कर रहे है। यह निबन्ध सभी कक्षाओं के विद्यार्थियों के लिए मददगार है।

Essay on Make in India in Hindi

Read Also:  हिंदी के महत्वपूर्ण निबंध

मेक इन इंडिया पर निबंध | Essay on Make in India in Hindi

मेक इन इंडिया पर निबंध (250 शब्द).

भारत में बढ़ते आत्मनिर्भर के इस प्रोग्राम के चलते देश में कई तरह के घरेलु उद्यमों और कामों का विकास हो रहा हैं। देश में बढ़ते घरेलु उद्योगों से भारत में कई नई-नई चीजों का विकास हो रहा हैं, जिससे हम यह कह सकते हैं कि देश में घरेलु उत्पादों में वृदि हो रही हैं।

देश की आर्थिक स्थिति को मजबूत बनाने के लिए देश की सरकार भी अपने स्तर पर इन उद्योगों को गति देने के लिए कई योजनाओं के जरिये काम कर रही हैं। देश में कई नये-नये स्टार्टअप की शुरुआत हुई हैं, जिससे देश में बना समान देश में तो बिक ही रहा हैं, इसके साथ ही यह समान देश के बाहर विदेशों में भी जाता हैं।

हमारा राजस्थान में भी कई ऐसे प्रोडक्ट हैं, जो देश में निर्मित होते है और राज्य के बाहर देश और विदेश में भी जाते हैं। इन प्रोडक्ट ने राजस्थान की सोजत की मेहंदी सबसे प्रशिद्ध हैं। राजस्थान में बनी बिकाजी नमकीन भी काफी ज्यादा प्रशिद्ध हैं, जिसे देश और विदेश के लोग पसंद करते हैं।

हमारे देश की कंपनी Intex को हम कैसे भूल सकते हैं। यह कंपनी भारत में इलेक्ट्रॉनिक समान बनाती है। यह कंपनी हमारे देश ही कंपनी हैं, जो मोबाइल और इससे सम्बंधित समान बनती हैं और भारत के बार मेनुफक्टुरिंग करती हैं। देश के घरेलु उत्पादों का विकास करना और उन्हें बढ़ावा देना ही हमारा फर्ज है।

मेक इन इंडिया पर निबंध (800 शब्द)

मेक इन इंडिया भारत के प्रधानमंत्री द्वारा शुरू किया एक अभियान है। देश में चलने वाले इस अभियान के अंतर्गत देश में किसी भी जरूरत को पूरा करने के लिए विदेश से समान मांगने पर निर्भर ना रह कर देश के छोटे-छोटे उद्योगों को बढ़ावा दिया जाए ताकि इससे देश की आर्थिक भी मजबूत हो और देश के छोटे-छोटे उद्योगों का उद्धार हो सके।

इस पहल का उदेश्य देश में बने प्रोडक्ट को ही देश में इतेमाल किया जाए और विदेशों पर निर्भर कम रहा जाए। देश में बने प्रोडक्ट को राष्ट्रीय और बहुराष्ट्रीय स्तर पर बढ़ावा देना हैं। इससे हमारे देश के छोटे उद्योगों को एक मंच मिलेगा। देश में बनने वाले प्रोडक्ट को अंतराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाना और देश को आत्मनिर्भर बनने के लिए यह एक अच्छा रामबाण साबित हो सकता हैं।

मेक इन इंडिया का अर्थ

मेक इन इंडिया का सामान्य अर्थ एक ऐसे कार्य से हैं जो हम देश के अधीन ही करते हैं। देश में छोटे-बड़े उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए देश के प्रधानमंत्री ने इस पहल की शुरुआत की हैं। इस पहल से देश में रोजगार के अवसर भी उपलब्ध होंगे।

देश में कई ऐसे उद्योगों हैं, जिनको आगे लाने की जरुरत हैं और देश में उनको एक नई पहचान देने की जरुरत हैं। हमारे देश में ऐसे कई उद्योग हैं, जिनके विकास के बारे में हमे सोचना चाहिए। देश के इन उद्योगों को बढ़ावा देना और प्रोत्सहान देना ही हमारा पहला फर्ज होना चाहिए।

देश में मेक इन इंडिया का अर्थ, देश में रोजगारो की उपब्धता करवाना हैं। इसके साथ ही देश में छोटे-बड़े उद्योगों का उद्धार करना भी इस पहल का उदेश्य हैं। भारत के इस पहल का पूरे देश में असर हैं, कई छोटे कारोबारी अब आगे आ रहे हैं और अपने काम को राष्ट्रीय और अंतराष्ट्रीय स्तर पर पंहुचा रहे हैं।

मेक इन इंडिया के लाभ

हमारे देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इस बात की पहल की है कि देश के छोटे-बड़े उद्योगों को बढ़ावा दिया जाए और किसी भी चीज़ के लिए विदेशों पर निर्भर कम निर्भर रहे और देश में बनी स्वदेशी वस्तुओं का इस्तेमाल करें। मेक इन इंडिया प्रोग्राम चलाने के कुछ निम्न उदेश्य हैं, जो इस प्रकार हैं:

  • मेक इन इंडिया प्रोग्राम से देश में स्वदेशी वस्तुओं का निर्माण होगा और उससे महंगाई घटेगी। अगर देश में बनी चीज़े हमारे देश में भी बिकेगी तो इससे छोटे कारोबारियों को प्रोत्सहान मिलेगा।
  • मेक इंडिया प्रोग्राम से देश में रोजगार की कमी भी नहीं रहेगी। देश में हर क्षेत्र में मेक इन इंडिया के तहत काम होगा तो इससे देश में रोजगार की भी कोई कमी नहीं रहेगी। देश में ऐसे प्रोग्राम को चलाना चाहिए ताकि देश को कुछ अच्छा मिले।
  • मेक इन इंडिया देश में विनिर्माण का हब बनेगा और देश को एक नई राह मिलेगी, जिससे देश के विकास में मदद मिलेगी।आज चीन और अमेरिका हमसे आगे क्यों हैं, इसका कारण हैं कि उनके देश में सब उन्ही चीजों का इस्तेमाल होता हैं जो वे खुद बनाते हैं। देश में बनी चीज़े देश के बाहर बेची जायेगी तो देश में विदेशी मुद्रा का भंडार भी बढेगा।
  • मेक इन इंडिया प्रोग्राम से देश की आर्थिक स्थिति में सुधार होगा और देश की जीडीपी में भी बढ़ोतरी होगी, जिससे देश को फायदा होगा।
  • देश में स्थानीय रोजगार के अवसर ही बढ़ेगे और देश में तकनिकी का विकास होगा। जैसे-जैसे देश की जरुरत होती हैं, उसके हिसाब से तकनीकी में सुधार किया जाएगा और उसे देश के लिए बेहतर बनाया जाएगा।
  • मेक इन इंडिया से देश में विदेश निवेश की बढ़ोतरी होगी। देश में विदेशी निवेश बढ़ने से देश के आर्थिक हालत में सुधार आएगा। देश के हालातो में सुधार आएगा जो देश को विकासशील से विकसित देश की और ले जाएगा।

मेक इन इंडिया प्रोग्राम के तहत देश के स्वदेशी उद्योगों को बढ़ावा देना चाहिए।

मेक इन इंडिया के तहत हमारा उद्देश्य यही होना चाहिए कि हमें देश के उन उद्योगों को बढ़ावा और प्रोत्सहान देना चाहिए जो देश के कौने-कौने में छुपे हैं। हमारा देश एक महान देश बनना चाहिए। 

अंतिम शब्द  

हमने यहां पर “मेक इन इंडिया पर निबंध (Essay on make in india in Hindi)” शेयर किया है। उम्मीद करते हैं कि आपको यह निबंध पसंद आया होगा, इसे आगे शेयर जरूर करें। आपको यह निबन्ध कैसा लगा, हमें कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं।

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Rahul Singh Tanwar

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मेक इन इंडिया पर निबंध

Essay on Make in India in Hindi

मेक इन इंडिया पर निबंध : Essay on Make in India in Hindi :- आज के इस लेख में हमनें ‘मेक इन इंडिया पर निबंध’ से सम्बंधित जानकारी प्रदान की है।

यदि आप मेक इन इंडिया पर निबंध से सम्बंधित जानकारी खोज रहे है? तो इस लेख को शुरुआत से अंत तक अवश्य पढ़े। तो चलिए शुरू करते है:-

मेक इन इंडिया पर निबंध : Essay on Make in India in Hindi

प्रस्तावना :-

यह योजना भारत को आत्मनिर्भर बनाने के लिए बनाई गयी है। इसके तहत देश में छोटे उद्योगों का विकास करना है। देश को आर्थिक रूप से मजबूत करने के लिए सरकार द्वारा कईं योजनाएं बनाई जा रही है।

मेक इन इंडिया के तहत नए स्टार्टअप के लिए लोगों को प्रोत्साहित किया जा रहा है और देश में आयात को कम करके निर्यात को बढ़ाने पर ध्यान दिया जा रहा है।

मेक इन इंडिया की शुरुआत कब व क्यों हुई? :-

भारत के प्रधानमंत्री द्वारा 25 सितंबर 2014 को नई दिल्ली में मेक इन इंडिया कार्यक्रम की शुरुआत की गई थी। यह भारत के व्यापारों में निवेश को बढ़ाने के लिए एक पहल है।

मेक इन इंडिया योजना को लागू करने का मुख्य कारण है कि भारत वस्तुओं के लिए दूसरे देश पर निर्भर न रहकर स्वयं ही आत्मनिर्भर बनेगा। इससे देश में छोटे-छोटे व्यापर बढ़ेंगे और लोगों को रोजगार भी मिलेगा। इसके साथ-साथ देश आर्थिक रूप से भी मजबूती मिलेगी।

मेक इन इंडिया के लाभ :-

मेक इन इंडिया योजना के कईं फायदें है, जो कि निम्नलिखित है:-

  • मेक इन इंडिया से देश में छोटे व्यापारों को प्रोत्साहन मिलेगा, जिससे देश में व्यापार बढ़ेगा।
  • व्यापार बढ़ने से देश में आयात कम होगा, जिससे वस्तुएं सस्ती होगी और देश में छोटे व्यापारी बढ़ेंगे।
  • देश में स्वदेश की वस्तुओं का उपयोग होगा, तो देश का विकास भी अधिक होगा।
  • मेक इन इंडिया के आने से देश की जीडीपी भी बढ़ेगी।
  • छोटे व्यापारों के बढ़ने से देश में बेरोजगारी की समस्या कम होगी और रोजगार बढ़ेगा।
  • इससे दुनिया में रुपया भी मजबूत होगा।
  • इससे देश में विदेशी निवेश भी बढ़ेगा, जिससे देश का आर्थिक विकास भी होगा।
  • इससे देश आर्थक रूप से ही नहीं बल्कि सामाजिक रूप से भी विकसित होगा।

मेक इन इंडिया के उद्देश्य :-

मेक इन इंडिया के उद्देश्य निम्नलिखित है:-

  • मेक इन इंडिया का मुख्य उद्देश्य विदेशी निवेश को अपने देश की तरफ आकर्षित करना है।
  • इसका उद्देश्य स्वदेशी वस्तुओं का अधिक उपयोग करना है, जिससे आयात कम हो सके और वस्तु की कीमत भी कम हो सके।
  • देश को आर्थिक रूप से मजबूत करना।
  • इसका मुख्य उद्देश्य आयात को कम करना है और निर्यात को बढ़ाना है।
  • इससे भारत में व्यापारों को बढ़ावा देना है।
  • रोजगार को बढ़ाना।

इसका कार्य देश में व्यापार का प्रोत्साहन करना है। इससे देश विकसित होगा और आत्मनिर्भर बन पाएगा। हमारे देश में जो बेरोजगारी की समस्या है, वह कम होगी और युवाओं को रोजगार मिलेगा।

इससे देश में गरीबी भी कम होगी और हमारा देश भी विकसित देशों की सूची में शामिल हो पाएगा। यह योजना भारत के लिए काफी लाभकारी साबित हो सकती है।

अंत में आशा करता हूँ कि यह लेख आपको पसंद आया होगा और आपको हमारे द्वारा इस लेख में प्रदान की गई अमूल्य जानकारी फायदेमंद साबित हुई होगी।

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नमस्कार, मेरा नाम सूरज सिंह रावत है। मैं जयपुर, राजस्थान में रहता हूँ। मैंने बी.ए. में स्न्नातक की डिग्री प्राप्त की है। इसके अलावा मैं एक सर्वर विशेषज्ञ हूँ। मुझे लिखने का बहुत शौक है। इसलिए, मैंने सोचदुनिया पर लिखना शुरू किया। आशा करता हूँ कि आपको भी मेरे लेख जरुर पसंद आएंगे।

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मेक इन इंडिया पर निबंध-Make In India Essay In Hindi

मेक इन इंडिया पर निबंध (make in india essay in hindi) :.

essay on make in india in hindi

भूमिका : भारत विश्व का सबसे बड़ा लोकतंत्र देश है और विश्व में जनसंख्या के विषय में दूसरे स्थान पर है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी भारत देश के विकास के लिए हमेशा तत्पर रहते हैं उनकी सोच बिलकुल युवाओं की तरह की है। नरेंद्र मोदी जी में ऊर्जा कूट-कूटकर भरी हुई है उनके मन में काम के प्रति लगन को साफ तरीके से देखा जा सकता है।

मेक इन इंडिया भारत सरकार द्वारा शुरू की गयी एक नई पहल है। इस अभियान को सफल बनाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने बहुत से देशों में IT कंपनियों के सीईओ से मुलाकात की और उन्हें भारत में निवेश करने के लिए प्रेरित किया था। इस योजना का साथ बहुत ही मल्टीनेशनल कंपनियां दे रही थीं और साथ-ही-साथ उन कंपनियों ने भारत में कई जगह पर अपने कारखानों को खोलकर भारत में निवेश किया है और साथ में कई भारतीय लोगों को इससे रोजगार भी मिल रहा है।

मेक इन इंडिया का आरंभ : मेक इन इण्डिया का शुभारंभ माननीय प्रधानमन्त्री नरेंद्र मोदी जी के द्वारा 25 सितम्बर, 2014 को नई दिल्ली के विज्ञान भवन में हुआ था। इस योजना का मुख्य उद्देश्य यही है कि लोगों द्वारा रोजमर्रा में उपयोग किए जाने वाले समान का निर्माण इण्डिया में ही हो।

इस योजना को सबको समझाने के लिए औद्योगिक नीति व विकास विभाग द्वारा 29 दिसंबर, 2014 को एक वर्कशॉप आयोजित की गई थी। इसमें खुद नरेंद्र मोदी भी शामिल हुए इनके साथ उनके कैबिनेट मंत्री, सभी राज्यों के मुख्य सचिव व बड़ी-बड़ी इंडस्ट्री के लीडर भी शामिल थे।

इस योजना का मुख्य उद्देश्य देश की अर्थव्यवस्था को प्रभावित करने वाली 25 जगहों पर बदलाव लाना है योजना के तहत इसमें रोजगार बढ़ेंगे जिससे देश में बेरोजगारी की समस्या दूर होगी साथ में ही इन क्षेत्रों में कौशल विकास होगा। जिससे देश-विदेश में सभी बड़े निवेशकों का ध्यान हमारी ओर केंद्रित होगा।

मेक इन इंडिया के फायदे : मेक इन इण्डिया अभियान की मदद से बहुत से बेरोजगार युवाओं को रोजगार मिल रहा है इसी वजह से देश का विकास भी हो रहा है। इस अभियान की सहायता से हम अपने देश भारत को अन्य विकसित देशों को सूचि में जल्द ही देखा जायेगा।

अगर बाहरी देशों की कंपनियां हमारे देश में शाखाएं बनायेंगे तो हमारे भारत के साथ-साथ उन्हें भी फायदा होगा और देश के लोगों को भी कम दाम में उत्पाद उपलब्ध हो सकेंगे और साथ में लोगों को भी नौकरी मिल सकेगी। इससे देश की अर्थव्यवस्था में सुधार और विकास होगा।

मेक इन इण्डिया जब से मेक इन इण्डिया अभियान शुरू हुआ है तब से भारत में जोर शोर से कई निवेशकों ने विनिर्माण, वस्त्र, ऑटोमोबाइल, उत्पादन, खुदरा, रसायन, आईटी, बंदरगाह, फार्मास्यूटिकल, पर्यटन, कल्याण, आदि ने रेलवे के क्षेत्र में निवेश किया है जो भारत के लिए एक बहुत ही अच्छी बात है।

मेक इन इण्डिया के शुभारंभ के दिन सभी अंतर्राष्ट्रीय और भारतीय कंपनियों को इस अभियान का साथ देने के लिए आमंत्रित किया गया था। मेक इन इण्डिया अभियान ने भारत में अंतर्राष्ट्रीय व्यापर में निवेश के क्षेत्र में एक क्रांति उत्पन्न कर दी है। इससे रोज कोई-ना-कोई बड़ी अंतर्राष्ट्रीय कंपनी भारत में निवेश कर रही है और अपनी शाखाओं को भारत में शुरू कर रही है जो आने वाले सालों में लोगों के लिए रोजगार का एक अच्छा माध्यम होगा।

मेक इन इंडिया का मुख्य उद्देश्य : मेक इन इण्डिया अभियान का उद्देश्य भारत में नई टेक्नालॉजी के विकास और भारत में ही बनाए जाने वाले उत्पादों को बढ़ावा देना है। मेक इन इण्डिया का मुख्य सिद्धांत है कि विदेशी कंपनियों को भारत में निवेश करने के लिए प्रेरणा मिले तथा भारत में ही उत्पादों को बनाने का प्रोत्साहन दिया जाए।

ना सिर्फ विदेशी उत्पादों बल्कि योजना के तहत भारतीय कंपनियों के उत्पादों को बढ़ावा दिया जा रहा है। भारत में आज तक असाक्षरता, बेरोजगारी, महिलाओं की गिनती में गिरावट, भ्रष्टाचार, गरीबी और स्वास्थ्य सेवाओं में कमी मौजूद है। मेक इन इण्डिया अभियान इन सभी मुश्किलों को भारत से दूर करने की एक बहुत ही अच्छी पहल है।

मेक इन इण्डिया अभियान के अनुसार भारत में 100 स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट और किफायती आवास योजना लोगों को मिलने की आशा है। इस योजना का मुख्य उद्देश्य बड़े निवेशकों की सहायता से देश में मजबूत विकास और मूल्यवान रोजगार हर घर के लोगों तक सुनिश्चित करना है।

ज्यादा-से-ज्यादा समान भारत में बने जिससे समान की कीमत कम होगी और बाहर से निर्यात होने देश की अर्थव्यवस्था को फायदा होगा। देश में रोजगार बढ़ेगा, गरीबी कम होगी। उच्च गुणवत्ता का समान कम कीमत पर मिलेगा। दूसरे मुल्क के निवेशक हमारे यहाँ आकर पैसा लगाएगा जिससे देश में बाहर से पैसा आएगा साथ ही देश का नाम दुनिया में प्रसिद्ध होगा। देश के नौजवानों को अपनी सोच सबको बताने का मौका मिलेगा। देश के नौजवान विदेश में जाकर काम करने की जगह, यही रहकर काम करना पसंद करेंगे।

मेक इन इंडिया को रिस्पांस : सितंबर, 2014 में जब से इस योजना की शुरुआत हुई है तब से नवंबर, 2015 तक भारत सरकार को दुनिया भर की ढेरों इलेक्ट्रॉनिकस कंपनी ने प्रोपोसल भेजे हैं जो भारत में काम करना शुरू करना चाहती हैं। जनवरी, 2015 को स्पाइस मोबाईल कंपनी के मालिक ने उत्तर प्रदेश के साथ डील करके वहां पर अपने मोबाइल फोन बनाने की कंपनी डाली।

जनवरी, 2015 में ही सैमसंग मोबाईल कंपनी के सीईओ ह्यून चिल होंग MSME के मंत्री कलराज मिश्रा से मिले थे उन्होंने साथ में काम करने की बात कही थी और नोएडा में इसके प्लांट की बात भी कही थी। फरवरी, 2015 में हिताची ने भी भारत में निवेश की बात कही और कहा वे चेन्नई में अपना सेटअप लगा सकते है।

फरवरी, 2015 में HUAWEI ने बैगलुरु में अपना रिसर्च व् डेवलोपमेंट कैंपस खोला। इसके साथ ही उन्होंने टेलीकॉम हार्डवेयर प्लांट चेन्नई में बनाने की बात कही जिसे चेन्नई सरकार से मान्यता दे दी। फरवरी, 2015 में XIAOMI मोबाइल कंपनी ने आंध्रप्रदेश सरकार के साथ काम करने का प्रस्ताव रखा।

अगस्त, 2015 में लेनोवो ने कहा कि उसके मोटोरोला के मोबाइल फोन चेन्न्यो के पास प्लांट में बनने शुरू हो गये है। दिसंबर, 2015 में VIVO मोबाइल कंपनी ने नॉयडा में अपने मोबाइल का निर्माण कार्य शुरू कर दिया जिसमें 2200 लोगों को काम पर रखा गया। इसके साथ-साथ कई विदेशी कंपनियों ने सरकार को अपने प्लांस भेजे और साथ देने का प्रस्ताव भेजा।

दिसंबर, 2015 में जापान के प्रधानमंत्री भारत दौरे में थे उन्होंने मेक इन इण्डिया प्रोजेक्ट के लिए जापान की तरफ से 12 लाख करोड़ का फंड दिया। इसके साथ जब नरेंद्र मोदी दिसंबर में रूस दौरे पर थे, तब उन्होंने मेक इन इंडिया कैम्पेन के तहत अब तक कि सबसे बड़ी डील साइन की। मलती रोल हेलिकोप्टर भारत में बनते हैं जिसे रूस ने खरीदने का निश्चय किया।

मेक इन इंडिया योजना से जुडी बातें : इस योजना ने देश विदेश सभी स्थानों के निवेशकों के लिए भारत में व्यापर करने के दरवाजे खोल दिए हैं। बड़ी-बड़ी कंपनियां इस मंत्र को अपना रही हैं। भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र है जो अब अपनी अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने की राह पर चल पड़ा है।

सरकार ने इस योजना के लिए 25 सेक्टर का चुनाव किया है जैसे – ऑटोमोबाइल, बायोटेक्नोलाजी, केमिकल, इलेक्ट्रोनिक्स, फ़ूड प्रोसेसिंग, इम्फोर्मेशन टेक्नोलोजी, लेदर, माइनिंग, मिडिया व एंटरटेनमेंट, आउल व गैस, रेलवे, पोर्ट्स एंड शिपिंग, टेक्सटाइल व गारमेंट्स, थर्मल पॉवर, टूरिज्म, थर्मल पॉवर, इलेक्ट्रिकल मशीन, रोड व हाईवे, विमान उद्योग, निर्माण आदि। इसके अलावा रक्षा, स्पेस और भी दूसरे सेक्टर के रास्ते यहाँ निवेश के लिए खुल गए।

इसके साथ ही नियामक राजनीति ने निवेशकों व व्यापार करने वालों को बहुत सी छूट भी दी। आंकलन के अनुसार ये पूरी में में में योजना में 20 हजार करोड़ की है, लेकिन शुरुआत में इसके लिए 930 करोड़ का इन्वेस्टमेंट प्लान किया गया है, जिसमें से 580 करोड़ भारत की सरकार दे रही है।

प्रत्येक देश में व्यापार व निवेश करने के अलग अलग नियम कानून होते हैं। 2015 में 189 देशों के बीच वर्ल्ड बैंक द्वारा एक रिसर्च की गई जिसके अनुसार भारत की रैंक 130 नंबर है। मोदी जी इन्हीं सब बातों को ध्यान में रखकर योजनायें निकालते है अब देश में व्यापार संबंधित बहुत से नियम बदले जा रहे हैं। वर्ल्ड बैंक ने भारत में व्यापार के लिए देश के 17 शहरों में सर्वे किया था जिसके अनुसार लुधियाना, हैदराबाद, भुवनेश्वर, गुडगाँव, आहमदाबाद टॉप 5 शहर है, जहाँ आसानी से कोई व्यापर किया जा सकता है।

मेक इन इंडिया कैम्पेन : मेक इन इंडिया कैम्पेन को जन-जन तक पहुँचाने के लिए 13, फरवरी 2016 को मुंबई में मेक इन इण्डिया वीक इवेंट मनाया गया था। यहाँ 2500 अंतर्राष्ट्रीय व 8000 राष्ट्रिय कंपनियों ने हिस्सा लिया था इसके साथ ही 72 देशों के बिजनेश टीम व देश के 17 प्रदेशों से भी लोग आये थे। मेक इन इण्डिया की तर्ज पर महाराष्ट्र सरकार से मेक इन महाराष्ट्र कैम्पेन शुरू किया। इसका उद्देश्य मेक इन इण्डिया को और आगे बढ़ाना है। इससे महाराष्ट्र में व्यापार के लिए लोग आकर्षित होंगे व अर्थव्यवस्था सुधरेगी।

मेक इन इंडिया पर नारे : मेक इन इण्डिया अभियान के लिए बहुत से नारों का प्रयोग किया गया है।

1. नई सुबह की भौर, नव निर्माण की ओर। 2. देश-देश में शौर है, भारत निर्माण की ओर है। 3. भारत निर्माण की ओर, नए युग का दौर। 4. दिल से निकले एक ही दरकार, मेक इन इण्डिया का सपना हो साकार। 5. वही देश है समृद्धशाली, जहाँ का युवा हो प्रभावशाली। 6. कण-कण कर मूरत बनायेंगे, देश को विकसित करके दिखलायेंगे। 7. इतिहास हमारा सदियों पुराना, वेदों में निहित ज्ञान है, जिस देश की महिमा अलक निरंजन, उसे दिलाना पुनः सम्मान है। 8. मेक इन इण्डिया, युवा शक्ति का आईना। 9. ज्ञान का है जहाँ अलौकिक प्रकाश, जहाँ की मिट्टी में अमरता का आशीर्वाद, क्यूँ झुके वो देश करने विकास, चलो मिलकर करे मेक इन इण्डिया का आगाज। 10. विकास का दौर, निर्माण की ओर।

उपसंहार : यह योजना भारत को विकसित बनाने में एक बहुत ही बेहतरीन पहल साबित हुई है। भारत सरकार अपनी पूरी कोशिश कर रही है मेक इन इण्डिया को सही मार्ग देने की लेकिन हमको भी ऐसी कोशिश करनी चाहिए। हमें सदेशी अपनाने की सोचनी चाहिए जिससे ज्यादा-से-ज्यादा हमारा भी लाभ ही होगा।

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मेक इन इंडिया पर निबंध – Make in India Essay in Hindi

by StoriesRevealers | May 16, 2020 | Essay in Hindi | 0 comments

make in india essay in hindi

Make in India Essay in Hindi : मेक इन इंडिया, भाजपा नेतृत्व वाली एनडीए सरकार का प्रमुख अभियान है जिसका उद्देश्य घरेलू विनिर्माण उद्योग को बढ़ावा देना और विदेशी निवेशकों को भारतीय अर्थव्यवस्था में निवेश करने के लिए आकर्षित करना है। भारतीय प्रधान मंत्री, श्री नरेंद्र मोदी ने पहले लाल किले की प्राचीर से अपने पहले स्वतंत्रता दिवस के संबोधन में इसका उल्लेख किया और एक महीने के बाद सितंबर 2014 में भारत में विनिर्माण व्यवसायों को पुनर्जीवित करने और प्रमुख क्षेत्रों पर जोर देने के इरादे से मेक इन इंडिया, अभियान शुरू किया। बढ़ती चिंताओं के बीच कि ज्यादातर उद्यमी व्यावसायिक रेटिंग में कमी के कारण देश से बाहर जा रहे हैं।

द मेक इन इंडिया 

वर्तमान में विनिर्माण राष्ट्रीय सकल घरेलू उत्पाद में सिर्फ 15 प्रतिशत योगदान देता है। इस अभियान का उद्देश्य इसे 25 प्रतिशत योगदान के रूप में विकसित करना है जैसा कि एशिया के अन्य विकासशील देशों के साथ देखा गया है। इस प्रक्रिया में, सरकार को उम्मीद है कि वह नौकरियों का सृजन करेगी, विदेशी प्रत्यक्ष निवेश को आकर्षित करेगी और भारत को दुनिया भर में पसंद किए जाने वाले विनिर्माण हब में बदल देगी।

Make in India Essay in Hindi

make in india essay in hindi

मेक इन इंडिया अभियान का प्रतिक एक सुंदर शेर है, जो अशोक चक्र से प्रेरित है और सभी क्षेत्रों में भारत की सफलता का प्रतिनिधित्व करने के लिए बनाया गया है। यह अभियान प्रधानमंत्री द्वारा प्रख्यात देशभक्त, दार्शनिक और राजनीतिक व्यक्तित्व पंडित दीन दयाल को समर्पित किया गया था। उपाध्याय जिनका जन्म 1916 में उसी तिथि को हुआ था।

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पीएम मेक इन इंडिया क्यों चाहते हैं

प्रधान मंत्री ने अभियान से जुड़े सभी लोगों, विशेष रूप से उद्यमियों और कॉरपोरेट्स को, फर्स्ट डेवलपिंग इंडिया द्वारा भारतीय नागरिकों के रूप में अपने कर्तव्यों का निर्वहन करने और विदेशी निवेशकों के साथ देश का समर्थन करने के लिए कहा। प्रधान मंत्री ने यह भी वादा किया कि उनका प्रशासन भारत को निवेशकों के लिए एक सुखद अनुभव बनाने मे मदद करेंगे। और उनकी सरकार ने देश के समग्र विकास को एक राजनीतिक एजेंडा के बजाय विश्वास का एक लेख माना। उन्होंने मेक इन इंडिया के पूरक के रूप में प्रौद्योगिकी-प्रेमी डिजिटल इंडिया के अपने दृष्टिकोण के लिए एक मजबूत नींव रखी। उन्होंने रोजगार सृजन और गरीबी उन्मूलन पर जोर दिया जो अनिवार्य रूप से इस अभियान की सफलता के साथ होगा।

समारोह का शुभारंभ

प्रधान मंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने 25 सितंबर, 2014 को मेक इन इंडिया अभियान का शुभारंभ किया। लॉन्च की तारीख को अधिकतम लाभ के लिए चुना गया था। मंगलयान के सफल सम्मिलन के ठीक बाद – एक पूर्ण स्वदेशी रूप से मंगल ग्रह की कक्षा में कम लागत वाली जांच – इस घटना ने विनिर्माण, विज्ञान और प्रौद्योगिकी में भारत की सफलता को उजागर किया, और यह सब सस्ती कीमत पर हुआ। यह प्रधानमंत्री की पहली अमेरिकी यात्रा से ठीक एक दिन पहले आया था। एक निवेश गंतव्य के रूप में भारत के आकर्षण को बढ़ाने के लिए, लॉन्च समारोह नई दिल्ली में विज्ञान भवन में आयोजित किया गया था। एएचएल ने उपस्थित लोगों के साथ इस योजना पर जोर दिया, जिनमें से कई को सीटें भी नहीं मिलीं। अग्रणी उद्यमियों और 30 देशों के लगभग 3000 कंपनियों के मुख्य अधिकारियों को लॉन्च में भाग लेने के लिए आमंत्रित किया।

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इस अवसर पर कानून मंत्री श्री रविशंकर प्रसाद और वाणिज्य मंत्री सुश्री निर्मला सीतारमण उपस्थित थे। उनके अलावा, देश के कई बड़े कॉरपोरेट हेड ने भी इस अवसर पर बात की। इनमें शामिल हैं – श्री साइरस मिस्त्री (अध्यक्ष, टाटा संस), श्री केनिची आयुकावा (एमडी और सीईओ, मारुति सुजुकी इंडिया), श्री मुकेश अंबानी (अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक, रिलायंस इंडस्ट्रीज), श्री अजीम प्रेमजी (अध्यक्ष, विप्रो लिमिटेड), श्री केएम बिड़ला चेयरमैन, आदित्य बिड़ला समूह), सुश्री चंदा कोचर (एमडी और सीईओ, आईसीआईसीआई बैंक), श्री फिल शॉ (सीईओ, लॉकहीड मार्टिन), और श्री वाईसी देवेश्वर (अध्यक्ष, आईटीसी)।

वह सेक्टर जिनपे ज्यादा ध्यान दिया जाना था

मेक इन इंडिया अभियान के लिए, भारत सरकार ने 25 प्राथमिकता वाले क्षेत्रों की पहचान की जिन्हें पर्याप्त रूप से बढ़ावा दिया जाएगा। ये ऐसे क्षेत्र हैं जहां एफडीआई (प्रत्यक्ष विदेशी निवेश) की संभावना सबसे अधिक है और निवेश को भारत सरकार द्वारा बढ़ावा दिया जाएगा। अभियान के शुभारंभ पर, प्रधान मंत्री श्री मोदी ने कहा कि इन क्षेत्रों का विकास यह सुनिश्चित करेगा कि दुनिया के सभी उद्योगपति भारत मे निवेश कर सकते हैं, जहां लोकतांत्रिक स्थितियों और विनिर्माण श्रेष्ठता दोनों की उपलब्धता ने इसे सबसे अच्छा गंतव्य बना दिया।

sectors in make in India campaign

मेक इन इंडिया के फायदे और नुकसान

भारत प्राकृतिक संसाधनों से समृद्ध देश है। श्रम सहायक है और कुशल श्रम देश के शिक्षित वर्ग के बीच बेरोजगारी की उच्च दर है। एशिया दुनिया के आउटसोर्सिंग हब के रूप में विकसित होने के साथ, भारत जल्द ही दुनिया भर में अधिकांश निवेशकों का पसंदीदा विनिर्माण गंतव्य बन रहा है। भारत सरकार का प्रयास है कि मेक इन इंडिया योजना के द्वारा भारतीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा दिया जाए।

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  10. मेक इन इंडिया

    वर्ष 2014 में लॉन्च किये गए मेक इन इंडिया का मुख्य उद्देश्य देश को एक अग्रणी वैश्विक विनिर्माण और निवेश गंतव्य में बदलना है।. इसका ...

  11. मेक इन इंडिया पर निबंध (Make In India Essay In Hindi)

    तो यह था मेक इन इंडिया पर निबंध, आशा करता हूं कि मेक इन इंडिया पर हिंदी में लिखा निबंध (Hindi Essay On Make In India) आपको पसंद आया होगा। अगर आपको यह लेख ...

  12. मेक इन इंडिया

    मेक इन इंडिया - (Essay on Make In India In Hindi) भारत में औद्योगिक क्रांति - Industrial Revolution In India संकेत बिन्दु- भूमिका, सम्पन्नता क्यों? धनोपार्जन और उद्योग, मेक इन इंडिया, विदेशी ...

  13. मेक इन इंडिया पहल/ Make In India Initiatives in Hindi

    Azadi Ka Amrit Mahotsav in Hindi: Ayushman Bharat Diwas in Hindi: Vertical And Horizontal reservation in Hindi IAS Interview Questions In Hindi With Answer History NCERT Books For UPSC in Hindi World History Book For UPSC in Hindi: Best Optional Subject For UPSC in Hindi Medium: Polity Questions For UPSC Prelims in Hindi

  14. मेक इन इंडिया पर निबंध Essay On Make In India In Hindi

    Essay On Make In India In Hindi मेक इन इंडिया अभियान को दुनिया भर के कई वाणिज्यिक क्षेत्रों को भारत में अपने उत्पादों को स्थापित करने और जहां चाहें उन्हें बेचने के लिए ...

  15. मेक इन इंडिया स्कीम यूपीएससी नोट्स

    मेक इन इंडिया स्कीम (Make in India scheme in Hindi) की सफलता पर निर्भर तीन प्रमुख कारक नीचे सूचीबद्ध हैं: निवेश: पिछले पांच वर्षों में हमने ...

  16. Make In India Essay for Students and Children

    500+ Words Essay on Make in India. Make in India campaign was launched by the Prime Minister Narendra Modi on 25th of September in 2014. It is an initiative to make a call to the top business investors all across the world for investment in India. It is a big opportunity for all the investors to set up their business in any field anywhere in ...

  17. Make in India Essay

    Essay on Make in India. Make in India means to encourage foreign investment that brings the latest technology, broadens the realm of knowledge, and infuses research and development within the country. In 2013, India was in a severe economic crisis when the emerging market had crashed and the growth rate had fallen drastically.

  18. Make In India Essay In Hindi

    उम्मीद करता हूँ दोस्तों आपकों Make In India Essay In Hindi - मेक इन इंडिया पर निबंध का यह निबंध पसंद आया होगा.

  19. Make in India Essay

    200 Words Essay On Make In India. The Indian government's Make in India campaign is centred on creating efficient physical infrastructure. Further, it was intended to extend the nation's digital network market and become a hub for international trade. 3 Is | Make in India is the promotion of foreign investment such that it brings the latest ...

  20. मेक इन इंडिया निबंध

    अंतिम शब्द. हमने यहां पर "मेक इन इंडिया पर निबंध (Essay on make in india in Hindi)" शेयर किया है। उम्मीद करते हैं कि आपको यह निबंध पसंद आया होगा, इसे आगे ...

  21. मेक इन इंडिया पर निबंध : Essay on Make in India in Hindi

    मेक इन इंडिया पर निबंध : Essay on Make in India in Hindi:- आज के इस महत्वपूर्ण लेख में हमनें 'मेक इन इंडिया पर निबंध' से सम्बंधित सम्पूर्ण जानकारी प्रदान की है।

  22. मेक इन इंडिया पर निबंध-Make In India Essay In Hindi

    मेक इन इंडिया पर निबंध (Make In India Essay In Hindi) : भूमिका : भारत विश्व का सबसे बड़ा लोकतंत्र देश है और विश्व में जनसंख्या के विषय में दूसरे स्थान पर ...

  23. मेक इन इंडिया पर निबंध

    Make in India Essay in Hindi. मेक इन इंडिया अभियान का प्रतिक एक सुंदर शेर है, जो अशोक चक्र से प्रेरित है और सभी क्षेत्रों में भारत की सफलता का ...