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Hindi Essay (Hindi Nibandh) 100 विषयों पर हिंदी निबंध लेखन

Hindi Essay (Hindi Nibandh) | 100 विषयों पर हिंदी निबंध लेखन – Essays in Hindi on 100 Topics

हिंदी निबंध: हिंदी हमारी राष्ट्रीय भाषा है। हमारे हिंदी भाषा कौशल को सीखना और सुधारना भारत के अधिकांश स्थानों में सेवा करने के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। स्कूली दिनों से ही हम हिंदी भाषा सीखते थे। कुछ स्कूल और कॉलेज हिंदी के अतिरिक्त बोर्ड और निबंध बोर्ड में निबंध लेखन का आयोजन करते हैं, छात्रों को बोर्ड परीक्षा में हिंदी निबंध लिखने की आवश्यकता होती है।

निबंध – Nibandh In Hindi – Hindi Essay Topics

  • सच्चा धर्म पर निबंध – (True Religion Essay)
  • राष्ट्र निर्माण में युवाओं का योगदान निबंध – (Role Of Youth In Nation Building Essay)
  • अतिवृष्टि पर निबंध – (Flood Essay)
  • राष्ट्र निर्माण में शिक्षक की भूमिका पर निबंध – (Role Of Teacher In Nation Building Essay)
  • नक्सलवाद पर निबंध – (Naxalism In India Essay)
  • साहित्य समाज का दर्पण है हिंदी निबंध – (Literature And Society Essay)
  • नशे की दुष्प्रवृत्ति निबंध – (Drug Abuse Essay)
  • मन के हारे हार है मन के जीते जीत पर निबंध – (It is the Mind which Wins and Defeats Essay)
  • एक राष्ट्र एक कर : जी०एस०टी० ”जी० एस०टी० निबंध – (Gst One Nation One Tax Essay)
  • युवा पर निबंध – (Youth Essay)
  • अक्षय ऊर्जा : सम्भावनाएँ और नीतियाँ निबंध – (Renewable Sources Of Energy Essay)
  • मूल्य-वृदधि की समस्या निबंध – (Price Rise Essay)
  • परहित सरिस धर्म नहिं भाई निबंध – (Philanthropy Essay)
  • पर्वतीय यात्रा पर निबंध – (Parvatiya Yatra Essay)
  • असंतुलित लिंगानुपात निबंध – (Sex Ratio Essay)
  • मनोरंजन के आधुनिक साधन पर निबंध – (Means Of Entertainment Essay)
  • मेट्रो रेल पर निबंध – (Metro Rail Essay)
  • दूरदर्शन पर निबंध – (Importance Of Doordarshan Essay)
  • दूरदर्शन और युवावर्ग पर निबंध – (Doordarshan Essay)
  • बस्ते का बढ़ता बोझ पर निबंध – (Baste Ka Badhta Bojh Essay)
  • महानगरीय जीवन पर निबंध – (Metropolitan Life Essay)
  • दहेज नारी शक्ति का अपमान है पे निबंध – (Dowry Problem Essay)
  • सुरीला राजस्थान निबंध – (Folklore Of Rajasthan Essay)
  • राजस्थान में जल संकट पर निबंध – (Water Scarcity In Rajasthan Essay)
  • खुला शौच मुक्त गाँव पर निबंध – (Khule Me Soch Mukt Gaon Par Essay)
  • रंगीला राजस्थान पर निबंध – (Rangila Rajasthan Essay)
  • राजस्थान के लोकगीत पर निबंध – (Competition Of Rajasthani Folk Essay)
  • मानसिक सुख और सन्तोष निबंध – (Happiness Essay)
  • मेरे जीवन का लक्ष्य पर निबंध नंबर – (My Aim In Life Essay)
  • राजस्थान में पर्यटन पर निबंध – (Tourist Places Of Rajasthan Essay)
  • नर हो न निराश करो मन को पर निबंध – (Nar Ho Na Nirash Karo Man Ko Essay)
  • राजस्थान के प्रमुख लोक देवता पर निबंध – (The Major Folk Deities Of Rajasthan Essay)
  • देशप्रेम पर निबंध – (Patriotism Essay)
  • पढ़ें बेटियाँ, बढ़ें बेटियाँ योजना यूपी में लागू निबंध – (Read Daughters, Grow Daughters Essay)
  • सत्संगति का महत्व पर निबंध – (Satsangati Ka Mahatva Nibandh)
  • सिनेमा और समाज पर निबंध – (Cinema And Society Essay)
  • विपत्ति कसौटी जे कसे ते ही साँचे मीत पर निबंध – (Vipatti Kasauti Je Kase Soi Sache Meet Essay)
  • लड़का लड़की एक समान पर निबंध – (Ladka Ladki Ek Saman Essay)
  • विज्ञापन के प्रभाव – (Paragraph Speech On Vigyapan Ke Prabhav Essay)
  • रेलवे प्लेटफार्म का दृश्य पर निबंध – (Railway Platform Ka Drishya Essay)
  • समाचार-पत्र का महत्त्व पर निबंध – (Importance Of Newspaper Essay)
  • समाचार-पत्रों से लाभ पर निबंध – (Samachar Patr Ke Labh Essay)
  • समाचार पत्र पर निबंध (Newspaper Essay in Hindi)
  • व्यायाम का महत्व निबंध – (Importance Of Exercise Essay)
  • विद्यार्थी जीवन पर निबंध – (Student Life Essay)
  • विद्यार्थी और राजनीति पर निबंध – (Students And Politics Essay)
  • विद्यार्थी और अनुशासन पर निबंध – (Vidyarthi Aur Anushasan Essay)
  • मेरा प्रिय त्यौहार निबंध – (My Favorite Festival Essay)
  • मेरा प्रिय पुस्तक पर निबंध – (My Favourite Book Essay)
  • पुस्तक मेला पर निबंध – (Book Fair Essay)
  • मेरा प्रिय खिलाड़ी निबंध हिंदी में – (My Favorite Player Essay)
  • सर्वधर्म समभाव निबंध – (All Religions Are Equal Essay)
  • शिक्षा में खेलकूद का स्थान निबंध – (Shiksha Mein Khel Ka Mahatva Essay)a
  • खेल का महत्व पर निबंध – (Importance Of Sports Essay)
  • क्रिकेट पर निबंध – (Cricket Essay)
  • ट्वेन्टी-20 क्रिकेट पर निबंध – (T20 Cricket Essay)
  • मेरा प्रिय खेल-क्रिकेट पर निबंध – (My Favorite Game Cricket Essay)
  • पुस्तकालय पर निबंध – (Library Essay)
  • सूचना प्रौद्योगिकी और मानव कल्याण निबंध – (Information Technology Essay)
  • कंप्यूटर और टी.वी. का प्रभाव निबंध – (Computer Aur Tv Essay)
  • कंप्यूटर की उपयोगिता पर निबंध – (Computer Ki Upyogita Essay)
  • कंप्यूटर शिक्षा पर निबंध – (Computer Education Essay)
  • कंप्यूटर के लाभ पर निबंध – (Computer Ke Labh Essay)
  • इंटरनेट पर निबंध – (Internet Essay)
  • विज्ञान: वरदान या अभिशाप पर निबंध – (Science Essay)
  • शिक्षा का गिरता स्तर पर निबंध – (Falling Price Level Of Education Essay)
  • विज्ञान के गुण और दोष पर निबंध – (Advantages And Disadvantages Of Science Essay)
  • विद्यालय में स्वास्थ्य शिक्षा निबंध – (Health Education Essay)
  • विद्यालय का वार्षिकोत्सव पर निबंध – (Anniversary Of The School Essay)
  • विज्ञान के वरदान पर निबंध – (The Gift Of Science Essays)
  • विज्ञान के चमत्कार पर निबंध (Wonder Of Science Essay in Hindi)
  • विकास पथ पर भारत निबंध – (Development Of India Essay)
  • कम्प्यूटर : आधुनिक यन्त्र–पुरुष – (Computer Essay)
  • मोबाइल फोन पर निबंध (Mobile Phone Essay)
  • मेरी अविस्मरणीय यात्रा पर निबंध – (My Unforgettable Trip Essay)
  • मंगल मिशन (मॉम) पर निबंध – (Mars Mission Essay)
  • विज्ञान की अद्भुत खोज कंप्यूटर पर निबंध – (Vigyan Ki Khoj Kampyootar Essay)
  • भारत का उज्जवल भविष्य पर निबंध – (Freedom Is Our Birthright Essay)
  • सारे जहाँ से अच्छा हिंदुस्तान हमारा निबंध इन हिंदी – (Sare Jahan Se Achha Hindustan Hamara Essay)
  • डिजिटल इंडिया पर निबंध (Essay on Digital India)
  • भारतीय संस्कृति पर निबंध – (India Culture Essay)
  • राष्ट्रभाषा हिन्दी निबंध – (National Language Hindi Essay)
  • भारत में जल संकट निबंध – (Water Crisis In India Essay)
  • कौशल विकास योजना पर निबंध – (Skill India Essay)
  • हमारा प्यारा भारत वर्ष पर निबंध – (Mera Pyara Bharat Varsh Essay)
  • अनेकता में एकता : भारत की विशेषता – (Unity In Diversity Essay)
  • महंगाई की समस्या पर निबन्ध – (Problem Of Inflation Essay)
  • महंगाई पर निबंध – (Mehangai Par Nibandh)
  • आरक्षण : देश के लिए वरदान या अभिशाप निबंध – (Reservation System Essay)
  • मेक इन इंडिया पर निबंध (Make In India Essay In Hindi)
  • ग्रामीण समाज की समस्याएं पर निबंध – (Problems Of Rural Society Essay)
  • मेरे सपनों का भारत पर निबंध – (India Of My Dreams Essay)
  • भारतीय राजनीति में जातिवाद पर निबंध – (Caste And Politics In India Essay)
  • भारतीय नारी पर निबंध – (Indian Woman Essay)
  • आधुनिक नारी पर निबंध – (Modern Women Essay)
  • भारतीय समाज में नारी का स्थान निबंध – (Women’s Role In Modern Society Essay)
  • चुनाव पर निबंध – (Election Essay)
  • चुनाव स्थल के दृश्य का वर्णन निबन्ध – (An Election Booth Essay)
  • पराधीन सपनेहुँ सुख नाहीं पर निबंध – (Dependence Essay)
  • परमाणु शक्ति और भारत हिंदी निंबध – (Nuclear Energy Essay)
  • यदि मैं प्रधानमंत्री होता तो हिंदी निबंध – (If I were the Prime Minister Essay)
  • आजादी के 70 साल निबंध – (India ofter 70 Years Of Independence Essay)
  • भारतीय कृषि पर निबंध – (Indian Farmer Essay)
  • संचार के साधन पर निबंध – (Means Of Communication Essay)
  • भारत में दूरसंचार क्रांति हिंदी में निबंध – (Telecom Revolution In India Essay)
  • दूरसंचार में क्रांति निबंध – (Revolution In Telecommunication Essay)
  • राष्ट्रीय एकता का महत्व पर निबंध (Importance Of National Integration)
  • भारत की ऋतुएँ पर निबंध – (Seasons In India Essay)
  • भारत में खेलों का भविष्य पर निबंध – (Future Of Sports Essay)
  • किसी खेल (मैच) का आँखों देखा वर्णन पर निबंध – (Kisi Match Ka Aankhon Dekha Varnan Essay)
  • राजनीति में अपराधीकरण पर निबंध – (Criminalization Of Indian Politics Essay)
  • प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर हिन्दी निबंध – (Narendra Modi Essay)
  • बाल मजदूरी पर निबंध – (Child Labour Essay)
  • भ्रष्टाचार पर निबंध (Corruption Essay in Hindi)
  • महिला सशक्तिकरण पर निबंध – (Women Empowerment Essay)
  • बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ पर निबंध (Beti Bachao Beti Padhao)
  • गरीबी पर निबंध (Poverty Essay in Hindi)
  • स्वच्छ भारत अभियान पर निबंध (Swachh Bharat Abhiyan Essay)
  • बाल विवाह एक अभिशाप पर निबंध – (Child Marriage Essay)
  • राष्ट्रीय एकीकरण पर निबंध – (Importance of National Integration Essay)
  • आतंकवाद पर निबंध (Terrorism Essay in hindi)
  • सड़क सुरक्षा पर निबंध (Road Safety Essay in Hindi)
  • बढ़ती भौतिकता घटते मानवीय मूल्य पर निबंध – (Increasing Materialism Reducing Human Values Essay)
  • गंगा की सफाई देश की भलाई पर निबंध – (The Good Of The Country: Cleaning The Ganges Essay)
  • सत्संगति पर निबंध – (Satsangati Essay)
  • महिलाओं की समाज में भूमिका पर निबंध – (Women’s Role In Society Today Essay)
  • यातायात के नियम पर निबंध – (Traffic Safety Essay)
  • बेटी बचाओ पर निबंध – (Beti Bachao Essay)
  • सिनेमा या चलचित्र पर निबंध – (Cinema Essay In Hindi)
  • परहित सरिस धरम नहिं भाई पर निबंध – (Parhit Saris Dharam Nahi Bhai Essay)
  • पेड़-पौधे का महत्व निबंध – (The Importance Of Trees Essay)
  • वर्तमान शिक्षा प्रणाली – (Modern Education System Essay)
  • महिला शिक्षा पर निबंध (Women Education Essay In Hindi)
  • महिलाओं की समाज में भूमिका पर निबंध (Women’s Role In Society Essay In Hindi)
  • यदि मैं प्रधानाचार्य होता पर निबंध – (If I Was The Principal Essay)
  • बेरोजगारी पर निबंध (Unemployment Essay)
  • शिक्षित बेरोजगारी की समस्या निबंध – (Problem Of Educated Unemployment Essay)
  • बेरोजगारी समस्या और समाधान पर निबंध – (Unemployment Problem And Solution Essay)
  • दहेज़ प्रथा पर निबंध (Dowry System Essay in Hindi)
  • जनसँख्या पर निबंध – (Population Essay)
  • श्रम का महत्त्व निबंध – (Importance Of Labour Essay)
  • जनसंख्या वृद्धि के दुष्परिणाम पर निबंध – (Problem Of Increasing Population Essay)
  • भ्रष्टाचार : समस्या और निवारण निबंध – (Corruption Problem And Solution Essay)
  • मीडिया और सामाजिक उत्तरदायित्व निबंध – (Social Responsibility Of Media Essay)
  • हमारे जीवन में मोबाइल फोन का महत्व पर निबंध – (Importance Of Mobile Phones Essay In Our Life)
  • विश्व में अत्याधिक जनसंख्या पर निबंध – (Overpopulation in World Essay)
  • भारत में बेरोजगारी की समस्या पर निबंध – (Problem Of Unemployment In India Essay)
  • गणतंत्र दिवस पर निबंध – (Republic Day Essay)
  • भारत के गाँव पर निबंध – (Indian Village Essay)
  • गणतंत्र दिवस परेड पर निबंध – (Republic Day of India Essay)
  • गणतंत्र दिवस के महत्व पर निबंध – (2020 – Republic Day Essay)
  • महात्मा गांधी पर निबंध (Mahatma Gandhi Essay)
  • ए.पी.जे. अब्दुल कलाम पर निबंध – (Dr. A.P.J. Abdul Kalam Essay)
  • परिवार नियोजन पर निबंध – (Family Planning In India Essay)
  • मेरा सच्चा मित्र पर निबंध – (My Best Friend Essay)
  • अनुशासन पर निबंध (Discipline Essay)
  • देश के प्रति मेरे कर्त्तव्य पर निबंध – (My Duty Towards My Country Essay)
  • समय का सदुपयोग पर निबंध – (Samay Ka Sadupyog Essay)
  • नागरिकों के अधिकारों और कर्तव्यों पर निबंध (Rights And Responsibilities Of Citizens Essay In Hindi)
  • ग्लोबल वार्मिंग पर निबंध – (Global Warming Essay)
  • जल जीवन का आधार निबंध – (Jal Jeevan Ka Aadhar Essay)
  • जल ही जीवन है निबंध – (Water Is Life Essay)
  • प्रदूषण की समस्या और समाधान पर लघु निबंध – (Pollution Problem And Solution Essay)
  • प्रकृति संरक्षण पर निबंध (Conservation of Nature Essay In Hindi)
  • वन जीवन का आधार निबंध – (Forest Essay)
  • पर्यावरण बचाओ पर निबंध (Environment Essay)
  • पर्यावरण प्रदूषण पर निबंध (Environmental Pollution Essay in Hindi)
  • पर्यावरण सुरक्षा पर निबंध (Environment Protection Essay In Hindi)
  • बढ़ते वाहन घटता जीवन पर निबंध – (Vehicle Pollution Essay)
  • योग पर निबंध (Yoga Essay)
  • मिलावटी खाद्य पदार्थ और स्वास्थ्य पर निबंध – (Adulterated Foods And Health Essay)
  • प्रकृति निबंध – (Nature Essay In Hindi)
  • वर्षा ऋतु पर निबंध – (Rainy Season Essay)
  • वसंत ऋतु पर निबंध – (Spring Season Essay)
  • बरसात का एक दिन पर निबंध – (Barsat Ka Din Essay)
  • अभ्यास का महत्व पर निबंध – (Importance Of Practice Essay)
  • स्वास्थ्य ही धन है पर निबंध – (Health Is Wealth Essay)
  • महाकवि तुलसीदास का जीवन परिचय निबंध – (Tulsidas Essay)
  • मेरा प्रिय कवि निबंध – (My Favourite Poet Essay)
  • मेरी प्रिय पुस्तक पर निबंध – (My Favorite Book Essay)
  • कबीरदास पर निबन्ध – (Kabirdas Essay)

इसलिए, यह जानना और समझना बहुत महत्वपूर्ण है कि विषय के बारे में संक्षिप्त और कुरकुरा लाइनों के साथ एक आदर्श हिंदी निबन्ध कैसे लिखें। साथ ही, कक्षा 1 से 10 तक के छात्र उदाहरणों के साथ इस पृष्ठ से विभिन्न हिंदी निबंध विषय पा सकते हैं। तो, छात्र आसानी से स्कूल और प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए हिंदी में निबन्ध कैसे लिखें, इसकी तैयारी कर सकते हैं। इसके अलावा, आप हिंदी निबंध लेखन की संरचना, हिंदी में एक प्रभावी निबंध लिखने के लिए टिप्स आदि के बारे में कुछ विस्तृत जानकारी भी प्राप्त कर सकते हैं। ठीक है, आइए हिंदी निबन्ध के विवरण में गोता लगाएँ।

हिंदी निबंध लेखन – स्कूल और प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए हिंदी में निबन्ध कैसे लिखें?

प्रभावी निबंध लिखने के लिए उस विषय के बारे में बहुत अभ्यास और गहन ज्ञान की आवश्यकता होती है जिसे आपने निबंध लेखन प्रतियोगिता या बोर्ड परीक्षा के लिए चुना है। छात्रों को वर्तमान में हो रही स्थितियों और हिंदी में निबंध लिखने से पहले विषय के बारे में कुछ महत्वपूर्ण बिंदुओं के बारे में जानना चाहिए। हिंदी में पावरफुल निबन्ध लिखने के लिए सभी को कुछ प्रमुख नियमों और युक्तियों का पालन करना होगा।

हिंदी निबन्ध लिखने के लिए आप सभी को जो प्राथमिक कदम उठाने चाहिए उनमें से एक सही विषय का चयन करना है। इस स्थिति में आपकी सहायता करने के लिए, हमने सभी प्रकार के हिंदी निबंध विषयों पर शोध किया है और नीचे सूचीबद्ध किया है। एक बार जब हम सही विषय चुन लेते हैं तो विषय के बारे में सभी सामान्य और तथ्यों को एकत्र करते हैं और अपने पाठकों को संलग्न करने के लिए उन्हें अपने निबंध में लिखते हैं।

तथ्य आपके पाठकों को अंत तक आपके निबंध से चिपके रहेंगे। इसलिए, हिंदी में एक निबंध लिखते समय मुख्य बिंदुओं पर ध्यान केंद्रित करें और किसी प्रतियोगिता या बोर्ड या प्रतिस्पर्धी जैसी परीक्षाओं में अच्छा स्कोर करें। ये हिंदी निबंध विषय पहली कक्षा से 10 वीं कक्षा तक के सभी कक्षा के छात्रों के लिए उपयोगी हैं। तो, उनका सही ढंग से उपयोग करें और हिंदी भाषा में एक परिपूर्ण निबंध बनाएं।

हिंदी भाषा में दीर्घ और लघु निबंध विषयों की सूची

हिंदी निबन्ध विषयों और उदाहरणों की निम्न सूची को विभिन्न श्रेणियों में विभाजित किया गया है जैसे कि प्रौद्योगिकी, पर्यावरण, सामान्य चीजें, अवसर, खेल, खेल, स्कूली शिक्षा, और बहुत कुछ। बस अपने पसंदीदा हिंदी निबंध विषयों पर क्लिक करें और विषय पर निबंध के लघु और लंबे रूपों के साथ विषय के बारे में पूरी जानकारी आसानी से प्राप्त करें।

विषय के बारे में समग्र जानकारी एकत्रित करने के बाद, अपनी लाइनें लागू करने का समय और हिंदी में एक प्रभावी निबन्ध लिखने के लिए। यहाँ प्रचलित सभी विषयों की जाँच करें और किसी भी प्रकार की प्रतियोगिताओं या परीक्षाओं का प्रयास करने से पहले जितना संभव हो उतना अभ्यास करें।

हिंदी निबंधों की संरचना

Hindi Essay Parts

उपरोक्त छवि आपको हिंदी निबन्ध की संरचना के बारे में प्रदर्शित करती है और आपको निबन्ध को हिन्दी में प्रभावी ढंग से रचने के बारे में कुछ विचार देती है। यदि आप स्कूल या कॉलेजों में निबंध लेखन प्रतियोगिता में किसी भी विषय को लिखते समय निबंध के इन हिस्सों का पालन करते हैं तो आप निश्चित रूप से इसमें पुरस्कार जीतेंगे।

इस संरचना को बनाए रखने से निबंध विषयों का अभ्यास करने से छात्रों को विषय पर ध्यान केंद्रित करने और विषय के बारे में छोटी और कुरकुरी लाइनें लिखने में मदद मिलती है। इसलिए, यहां संकलित सूची में से अपने पसंदीदा या दिलचस्प निबंध विषय को हिंदी में चुनें और निबंध की इस मूल संरचना का अनुसरण करके एक निबंध लिखें।

हिंदी में एक सही निबंध लिखने के लिए याद रखने वाले मुख्य बिंदु

अपने पाठकों को अपने हिंदी निबंधों के साथ संलग्न करने के लिए, आपको हिंदी में एक प्रभावी निबंध लिखते समय कुछ सामान्य नियमों का पालन करना चाहिए। कुछ युक्तियाँ और नियम इस प्रकार हैं:

  • अपना हिंदी निबंध विषय / विषय दिए गए विकल्पों में से समझदारी से चुनें।
  • अब उन सभी बिंदुओं को याद करें, जो निबंध लिखने शुरू करने से पहले विषय के बारे में एक विचार रखते हैं।
  • पहला भाग: परिचय
  • दूसरा भाग: विषय का शारीरिक / विस्तार विवरण
  • तीसरा भाग: निष्कर्ष / अंतिम शब्द
  • एक निबंध लिखते समय सुनिश्चित करें कि आप एक सरल भाषा और शब्दों का उपयोग करते हैं जो विषय के अनुकूल हैं और एक बात याद रखें, वाक्यों को जटिल न बनाएं,
  • जानकारी के हर नए टुकड़े के लिए निबंध लेखन के दौरान एक नए पैराग्राफ के साथ इसे शुरू करें।
  • अपने पाठकों को आकर्षित करने या उत्साहित करने के लिए जहाँ कहीं भी संभव हो, कुछ मुहावरे या कविताएँ जोड़ें और अपने हिंदी निबंध के साथ संलग्न रहें।
  • विषय या विषय को बीच में या निबंध में जारी रखने से न चूकें।
  • यदि आप संक्षेप में हिंदी निबंध लिख रहे हैं तो इसे 200-250 शब्दों में समाप्त किया जाना चाहिए। यदि यह लंबा है, तो इसे 400-500 शब्दों में समाप्त करें।
  • महत्वपूर्ण हिंदी निबंध विषयों का अभ्यास करते समय इन सभी युक्तियों और बिंदुओं को ध्यान में रखते हुए, आप निश्चित रूप से किसी भी प्रतियोगी परीक्षाओं में कुरकुरा और सही निबंध लिख सकते हैं या फिर सीबीएसई, आईसीएसई जैसी बोर्ड परीक्षाओं में।

हिंदी निबंध लेखन पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

1. मैं अपने हिंदी निबंध लेखन कौशल में सुधार कैसे कर सकता हूं? अपने हिंदी निबंध लेखन कौशल में सुधार करने के सर्वोत्तम तरीकों में से एक किताबों और समाचार पत्रों को पढ़ना और हिंदी में कुछ जानकारीपूर्ण श्रृंखलाओं को देखना है। ये चीजें आपकी हिंदी शब्दावली में वृद्धि करेंगी और आपको हिंदी में एक प्रेरक निबंध लिखने में मदद करेंगी।

2. CBSE, ICSE बोर्ड परीक्षा के लिए हिंदी निबंध लिखने में कितना समय देना चाहिए? हिंदी बोर्ड परीक्षा में एक प्रभावी निबंध लिखने पर 20-30 का खर्च पर्याप्त है। क्योंकि परीक्षा हॉल में हर मिनट बहुत महत्वपूर्ण है। इसलिए, सभी वर्गों के लिए समय बनाए रखना महत्वपूर्ण है। परीक्षा से पहले सभी हिंदी निबन्ध विषयों से पहले अभ्यास करें और परीक्षा में निबंध लेखन पर खर्च करने का समय निर्धारित करें।

3. हिंदी में निबंध के लिए 200-250 शब्द पर्याप्त हैं? 200-250 शब्दों वाले हिंदी निबंध किसी भी स्थिति के लिए बहुत अधिक हैं। इसके अलावा, पाठक केवल आसानी से पढ़ने और उनसे जुड़ने के लिए लघु निबंधों में अधिक रुचि दिखाते हैं।

4. मुझे छात्रों के लिए सर्वश्रेष्ठ औपचारिक और अनौपचारिक हिंदी निबंध विषय कहां मिल सकते हैं? आप हमारे पेज से कक्षा 1 से 10 तक के छात्रों के लिए हिंदी में विभिन्न सामान्य और विशिष्ट प्रकार के निबंध विषय प्राप्त कर सकते हैं। आप स्कूलों और कॉलेजों में प्रतियोगिताओं, परीक्षाओं और भाषणों के लिए हिंदी में इन छोटे और लंबे निबंधों का उपयोग कर सकते हैं।

5. हिंदी परीक्षाओं में प्रभावशाली निबंध लिखने के कुछ तरीके क्या हैं? हिंदी में प्रभावी और प्रभावशाली निबंध लिखने के लिए, किसी को इसमें शानदार तरीके से काम करना चाहिए। उसके लिए, आपको इन बिंदुओं का पालन करना चाहिए और सभी प्रकार की परीक्षाओं में एक परिपूर्ण हिंदी निबंध की रचना करनी चाहिए:

  • एक पंच-लाइन की शुरुआत।
  • बहुत सारे विशेषणों का उपयोग करें।
  • रचनात्मक सोचें।
  • कठिन शब्दों के प्रयोग से बचें।
  • आंकड़े, वास्तविक समय के उदाहरण, प्रलेखित जानकारी दें।
  • सिफारिशों के साथ निष्कर्ष निकालें।
  • निष्कर्ष के साथ पंचलाइन को जोड़ना।

निष्कर्ष हमने एक टीम के रूप में हिंदी निबन्ध विषय पर पूरी तरह से शोध किया और इस पृष्ठ पर कुछ मुख्य महत्वपूर्ण विषयों को सूचीबद्ध किया। हमने इन हिंदी निबंध लेखन विषयों को उन छात्रों के लिए एकत्र किया है जो निबंध प्रतियोगिता या प्रतियोगी या बोर्ड परीक्षाओं में भाग ले रहे हैं। तो, हम आशा करते हैं कि आपको यहाँ पर सूची से हिंदी में अपना आवश्यक निबंध विषय मिल गया होगा।

यदि आपको हिंदी भाषा पर निबंध के बारे में अधिक जानकारी की आवश्यकता है, तो संरचना, हिंदी में निबन्ध लेखन के लिए टिप्स, हमारी साइट LearnCram.com पर जाएँ। इसके अलावा, आप हमारी वेबसाइट से अंग्रेजी में एक प्रभावी निबंध लेखन विषय प्राप्त कर सकते हैं, इसलिए इसे अंग्रेजी और हिंदी निबंध विषयों पर अपडेट प्राप्त करने के लिए बुकमार्क करें।

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Essay in Hindi (Hindi Nibandh) | 200 विषयों पर हिंदी निबंध लेखन – 200 Hindi Essay Topics

essay on hindi 200 words

Hindi Essay Topics:निबंध (Nibandh) एक विस्तृत लेख होता है जो किसी विषय के बारे में विस्तार से लिखा जाता है। इसमें आमतौर पर लेखक अपने विषय के बारे में अपने विचार, अनुभव, विश्लेषण और संदर्भ देता है। निबंध लेखन के दौरान लेखक की उद्देश्य होती है कि वह अपने पाठकों को अपनी बात समझाए और उन्हें विषय के बारे में अधिक जानकारी प्रदान करे। निबंध लिखना एक महत्वपूर्ण लेखन कौशल होता है जो विद्यार्थियों, शोधकर्ताओं, लेखकों और संवाददाताओं को सीखना चाहिए।

  • 1 निबंध लिखना हिंदी में कैसे लिखें, इसके लिए आप निम्नलिखित चरणों का पालन कर सकते हैं।
  • 2 निबंध – Nibandh In Hindi – Best 35 Hindi Essay Topics
  • 3 निबंध – Nibandh In Hindi – Best 10 Short Hindi Essay Topics
  • 4 निबंध – Nibandh In Hindi – Best 1 7 Long Hindi Essay Topics
  • 5.1 हिंदी भाषा में दीर्घ और लघु निबंध विषयों की सूची
  • 5.2 दीर्घ निबंध विषय:
  • 5.3 लघु निबंध विषय:
  • 6 हिंदी निबंधों की संरचना इस प्रकार होती है:
  • 7 हिंदी भाषा में कई प्रसिद्ध निबंध हैं। निम्नलिखित कुछ प्रसिद्ध निबंध हैं:

निबंध लिखना हिंदी में कैसे लिखें, इसके लिए आप निम्नलिखित चरणों का पालन कर सकते हैं।

  • विषय चुनें: निबंध लिखने से पहले, अपने निबंध के लिए एक विषय चुनें। आपको उस विषय के बारे में विस्तार से जानना होगा ताकि आप एक संपूर्ण और स्पष्ट निबंध लिख सकें।
  • निबंध का ढांचा बनाएं: निबंध लिखने से पहले, अपने निबंध के ढांचा को तैयार करें। आप अपने निबंध के लिए विभिन्न विषयों को एकत्रित कर सकते हैं और उन्हें एक अनुक्रम में रख सकते हैं।
  • विस्तारपूर्वक लिखें: निबंध लिखते समय, अपने विषय को विस्तारपूर्वक विवरण दें। आप अपने निबंध में अधिकतम जानकारी देने का प्रयास करें ताकि आपके पाठक उस विषय को समझ सकें।
  • आकर्षक शीर्षक: अपने निबंध के शीर्षक को आकर्षक बनाने के लिए एक उत्तेजक शीर्षक चुनें। शीर्षक उन शब्दों का एक समूह होता है जो आपके निबंध के मुख्य विषय को सार्थकता से दर्शाते हैं।
  • निष्कर्ष लिखें: अपने निबंध के अंत में एक निष्कर्ष लिखें जिसमें आप अपने विषय के बारे में अपनी मत का विवरण देते हैं।

निबंध – Nibandh In Hindi – Best 35 Hindi Essay Topics

  • नरेंद्र मोदी पर निबंध   (Essay on Narendra Modi )
  • डाकिया पर निबंध  ( Essay on Post Man )
  • सड़क सुरक्षा पर निबंध  (Essay on Road Safety )
  • पर्यावरण प्रदूषण पर निबंध (Essay on Environmental Pollution)
  • कंप्यूटर पर निबंध  ( Computer Essay )
  • ईंधन संरक्षण पर निबंध  (Essay on Fuel Conservation )
  • महा शिवरात्रि पर निबंध (Essay on Maha Shivaratri Festival )
  • ताजमहल पर निबंध ( Essay on Taj Mahal )
  • प्रेम विस्तार है और स्वार्थ संकुचन है निबंध (All Love is Expansion and Selfishness )
  • हैप्पी न्यू ईयर पर निबंध (Essay on Happy New Year Celebration )
  • यात्रा पर निबंध ( Essay on Travelling)
  • भारत में जल संकट पर निबंध  (Water Crisis in India )
  • प्यार पर निबंध ( Essay on Love )
  • अंतर्राष्ट्रीय मित्रता दिवस (International Friendship Day (Date, History, Importance, Celebration)
  • गुरु गोबिंद सिंह जयंती ( Guru Gobind Singh Jayanti : Significance, History) लोहड़ी पर्व पर निबंध  ( Essay on Lohri Festival)
  • विश्व स्वास्थ्य दिवस पर निबंध (Essay on World Health Day )
  • गुरु तेग बहादुर पर निबंध( Essay on Guru Tegh Bahadur )
  • ईमानदारी सबसे अच्छी नीति क्यों है पर निबंध (Essay on Why Honesty is the Best Policy )
  • महात्मा गांधी के नैतिक मूल्यों और सिद्धांतों पर निबंध  ( Essay on Moral Values and Principles of Mahatma Gandhi )
  • मौलिक कर्तव्यों पर निबंध  ( Essay on Fundamental Duties of India )
  • जितिया पूजा पर निबंध  ( Essay on Jitiya Puja/Jitiya Festival )
  • अजीब सपना पर निबंध  (Essay on Strange Dream )
  • ई-कूटनीति पर निबंध  (Essay on E-Diplomacy )
  • मैंने अपनी सर्दी की छुट्टी कैसे बिताई पर निबंध  (Essay on How I Spent My Winter Vacation )
  • मोर पर निबंध  ( Essay on Peacock)
  • सोशल मीडिया पर निबंध – स्कूल के लिए वरदान या अभिशाप ( Essay on Social Media)
  • सोशल नेटवर्किंग के फायदे और नुकसान ( Advantages and Disadvantages of Social Networking)
  • खराब मूड को कैसे हराया जाए पर निबंध  (Essay on How to Beat Bad Mood )
  • कला और संस्कृति हमें कैसे जोड़ती है पर निबंध  (Essay on How Art and Culture Unifies )
  • विपत्ति कैसे एक व्यक्ति को बदल सकती है पर निबंध  (Essay on How Adversity can Change a Person)
  • प्रदूषण कैसे नकारात्मक रूप से प्रभावित कर रहा है पर निबंध ( Essay on How Pollution is Negatively Affecting Humanity)
  • किसान क्यों महत्वपूर्ण हैं पर निबंध ( Essay on Why are Farmers Important )
  • निबंध ऐतिहासिक स्मारक का दौरा ( Essay on a Visit to Historical Monument)
  • पशु हमारे लिए कैसे उपयोगी हैं इस पर निबंध  (Essay on How Animals are Useful to us)
  • चिड़ियाघर की यात्रा पर निबंध  (Best 10 Essay on A Visit to Zoo )

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निबंध – Nibandh In Hindi – Best 1 7 Long Hindi Essay Topics

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  • रक्षाबंधन निबंध ( Raksha Bandhan Essay)
  • teacher’s Day Essay (शिक्षक दिवस निबंध )
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  • International yoga day Essay ( अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस निबंध )
  • world health day Essay ( विश्व स्वास्थ्य दिवस निबंध)
  • children’s day (बाल दिवस निबंध )
  • Essay on My school ( मेरे स्कूल पर निबंध )
  • ज्ञान पर निबंध ( Best 10 Essay on Knowledge)

 स्कूल और प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए हिंदी में निबन्ध कैसे लिखें?

स्कूल और प्रतियोगी परीक्षाओं में हिंदी में निबंध लिखना एक महत्वपूर्ण कौशल है। निबंध लिखते समय ध्यान रखने वाली बातें हैं:

  • विषय का चयन: सबसे पहले, आपको उस विषय का चयन करना होगा जिसके बारे में आप लिखना चाहते हैं। आपको एक ऐसा विषय चुनना चाहिए जो आपके अध्ययन से संबंधित होता हो। उस विषय के बारे में आपके पास पूर्ण जानकारी होनी चाहिए ताकि आप इसे अच्छी तरह से विश्लेषण कर सकें।
  • निबंध की योजना बनाएं: निबंध की योजना बनाना बहुत महत्वपूर्ण होता है। आपको अपने निबंध के लिए एक तालिका बनाना चाहिए जिसमें निम्नलिखित बातें शामिल हों:
  • शुरुआती अनुच्छेद (जो आपके निबंध का परिचय देता है)
  • मुख्य विषयों की सूची (जो आप अपने निबंध में विस्तार से विश्लेषण करेंगे)
  • निष्कर्ष (जो आप अपने निबंध से निकालेंगे)
  • संरचना: निबंध में संरचना बहुत महत्वपूर्ण होती है।

हिंदी भाषा में दीर्घ और लघु निबंध विषयों की सूची

दीर्घ निबंध विषय:.

  • भारत का इतिहास
  • स्वतंत्रता संग्राम
  • ग्लोबल वार्मिंग
  • पर्यावरण संरक्षण
  • महिला शिक्षा एवं उनका सम्मान
  • बेरोजगारी की समस्या
  • स्वास्थ्य समस्याएँ और उनका समाधान
  • दुर्घटनाओं की समस्या और समाधान
  • संचार के विकास और इसके प्रभाव
  • राजनीति और नागरिक अधिकार

लघु निबंध विषय:

  • मेरे परिवार का सदस्य
  • मेरे प्रिय शिक्षक
  • मेरी प्रिय फसल
  • मेरा प्रिय खेल
  • मेरी सड़क सुरक्षा
  • मेरा प्रिय त्योहार
  • मेरा स्वच्छ भारत
  • मेरी प्रिय किताब
  • मेरी प्रिय शहर

हिंदी निबंधों की संरचना इस प्रकार होती है:

  • प्रस्तावना: इसमें निबंध के विषय को परिचय दिया जाता है और पाठक का ध्यान आकर्षित किया जाता है।
  • मुख्य भाग: यहां पर निबंध का मुख्य विषय विस्तार से विवरण दिया जाता है। इसमें विषय के बारे में जानकारी, अभिप्राय और समर्थन के आधार पर अपने विचार प्रस्तुत किए जाते हैं।
  • निष्कर्ष: इस भाग में निबंध के मुख्य विषय के बारे में संक्षिप्त विचार एवं समाप्ति वाक्य दिए जाते हैं।
  • संदर्भ: इसमें उन सभी स्रोतों का उल्लेख किया जाता है जिनसे निबंध के लिए जानकारी प्राप्त की गई है।
  • संलग्नक: इसमें निबंध में प्रयोग किए गए चित्र, आंकड़े, चार्ट, टेबल, आदि का संलग्न किया जाता है।

इन सभी भागों को स्पष्ट, संगठित एवं अंतर्वस्तृत ढंग से लिखा जाना चाहिए ताकि पाठकों को निबंध का संदेश समझ में आ सके।

हिंदी भाषा में कई प्रसिद्ध निबंध हैं। निम्नलिखित कुछ प्रसिद्ध निबंध हैं:

  • “भ्रष्टाचार का उच्चाटन” – विषय: भ्रष्टाचार के विरुद्ध लड़ाई
  • “भारत की संस्कृति” – विषय: भारतीय संस्कृति और उसका महत्त्व
  • “स्वच्छ भारत अभियान” – विषय: स्वच्छता और इसका महत्त्व
  • “जीवन में सफलता के मूल मंत्र” – विषय: सफलता के लिए जरूरी मंत्र
  • “मेरा विद्यालय” – विषय: अपने विद्यालय का वर्णन और महत्त्व
  • “जल ही जीवन है” – विषय: जल के महत्त्व और उसके संरक्षण के उपाय
  • “स्त्री शिक्षा” – विषय: स्त्रियों के लिए शिक्षा के महत्त्व और उसके लिए समाज की जिम्मेदारी
  • “स्वतंत्रता दिवस” – विषय: भारत की स्वतंत्रता का महत्त्व और उसकी अर्थपूर्ण विशेषताएं
  • “विदेशी भाषाओं के प्रति हमारी दृष्टि” – विषय: भाषा के महत्त्व और विदेशी भाषाओं के प्रति हमारी दृष्टि

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ESSAY KI DUNIYA

HINDI ESSAYS & TOPICS

Essay in Hindi Language – निबंध

December 12, 2017 by essaykiduniya

Essay in Hindi –   These Hindi essays are for Nursery Class, Class 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10, 11, 12. We provide various types of essay in Hindi such as education, speech, science and technology, India, festival, national day, environmental issues, social issues, social awareness, ethical values, nature and health etc in 100, 200, 300, 400, 500, 600, 700, 800, 900, 1000, 1100, 1200, 1300, 1400, 1500 and 1600 words.

ये हिंदी निबंध नर्सरी कक्षा से कक्षा 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10, 11, 12 के लिए हैं। हम शिक्षा, भाषण, विज्ञान और प्रौद्योगिकी, एनीमा, भारत, त्योहार, राष्ट्रीय दिवस, पर्यावरण मुद्दों, सामाजिक मुद्दे, सामाजिक जागरूकता, नैतिक मूल्यों, प्रकृति और स्वास्थ्य आदि जैसे विभिन्न प्रकार के निबंधों को हिंदी में प्रदान करते हैं।

हर कोई इन निबंध को आसानी से समझ सकता है क्योंकि हमने  इनमें बहुत सरल और आसान शब्दों का इस्तेमाल किया है। । ये किसी छात्र द्वारा आसानी से समझे जा सकते है| ऐसे निबंध छात्रों को भारतीय संस्कृति, विरासत, स्मारकों, प्रसिद्ध स्थानों, शिक्षकों, माताओं, पशुओं, पारंपरिक त्योहारों, घटनाओं, अवसरों, प्रसिद्ध व्यक्तित्वों, किंवदंतियों, सामाजिक मुद्दों और इतने सारे अन्य विषयों के बारे में जानने में मदद और प्रेरित कर सकते हैं। हमने बहुत विशिष्ट और सामान्य विषय निबंध प्रदान किए हैं। 

ESSAY IN HINDI – निबंध

निबंध कैसे लिखें

त्योहारों पर निबंध – Essay on Festivals

महान व्यक्तियों पर निबंध – Essay on great personalities 

पर्यावरण के मुद्दें और जागरूकता पर निबंध – Essay on Environment 

स्वास्थ्य और तंदुस्र्स्ती पर निबंध – Essay on Health

 रिश्तो पर निबंध – Essay on Relations

खेल पर निबंध – Essay on Sports

सामाजिक मुद्दे और सामाजिक जागरूकता पर निबंध – Essay on Social Issues

निबंध – Essay in Hindi

भारत पर निबंध –  Essay on India

जानवर पर निबंध – Essay on Animals

हिंदी निबंध – Hindi Essay

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समाचार पत्र पर निबंध (Essay On Newspaper in Hindi) 100, 150, 200, 250, 300, 400, शब्दों मे

essay on hindi 200 words

Essay On Newspaper in Hindi – समाचार पत्र बड़ी शीटों का एक सेट होता है जिसमें मुद्रित समाचार, कहानियां, सूचना, लेख, विज्ञापन आदि होते हैं। यह हमें आस-पास के साथ-साथ सीमाओं के पार की घटनाओं पर अद्यतित रखने में एक बड़ी भूमिका निभाता है। समाचार पत्र दुनिया भर के समाचारों का एक संग्रह है जो हमें हमारे घरों के बाहर होने वाली महत्वपूर्ण चीजों के बारे में अद्यतित रखता है। हमें दैनिक आधार पर समाचार पढ़ने का अभ्यास करना चाहिए। यह एक अच्छी आदत है क्योंकि यह आपके सामान्य ज्ञान में सुधार करती है और आपको अपने देश के आर्थिक, सामाजिक और राजनीतिक मुद्दों से अवगत कराती है।

आप अपने बच्चों और बच्चों को अखबार पढ़ने के लिए प्रोत्साहित कर सकते हैं और उनका ज्ञान बढ़ा सकते हैं। यह उन्हें अपने देश की राजनीति, सामाजिक संरचना और भूगोल से भी परिचित कराएगा। समाचार पत्र पढ़ना कुछ ऐसे शौक हैं जिन्हें लगभग कहीं भी किया जा सकता है और इसका कोई दुष्प्रभाव नहीं है।

अखबार पर 10 लाइनें (10 Lines on Newspaper in Hindi)

  • 1) समाचार पत्र एक ऐसा प्रकाशन है जहाँ समाचार कागज पर छपे होते हैं और घरों में प्रसारित किए जाते हैं।
  • 2) ऐसे समाचार पत्र हैं जो दैनिक, साप्ताहिक और पाक्षिक यानी 15 दिनों के आधार पर छपते हैं।
  • 3) समाचार पत्र कई भाषाओं में छपता है जिसमें हिन्दी समाचार पत्र व्यापक रूप से प्रसारित होता है।
  • 4) भारत में बहुत से लोग हिंदी अखबार पढ़ते हैं और उसके बाद हिन्दी और अन्य भाषाओं का।
  • 5) समाचार पत्र दुनिया भर में क्या हो रहा है इसकी खबर और जानकारी देता है।
  • 6) आमतौर पर लोग अखबार पढ़ना पसंद करते हैं जिसमें उनके स्थानीय क्षेत्र या शहर की खबरें और जानकारी होती है।
  • 7) राजनीति, अर्थव्यवस्था, खेल, राष्ट्रीय आदि जैसे विभिन्न विषयों के लिए समाचार पत्रों में अलग-अलग खंड होते हैं।
  • 8) समाचार पत्रों को बेहतर तरीके से समझाने के लिए समाचार पत्र तस्वीरों का उपयोग करते हैं।
  • 9) समाचार पत्रों में हास्य श्रृंखला, वर्ग पहेली, दैनिक राशिफल और मनोरंजन के लिए मौसम का पूर्वानुमान भी शामिल है।
  • 10) समाचार पत्र में एक पृष्ठ को संपादकीय कहा जाता है जहां प्रसिद्ध पत्रकार और लेखक किसी भी विषय पर अपने विचार व्यक्त करते हैं।

इसके बारे मे भी जाने

  • Essay On Mobile Phone
  • Essay On Internet
  • Essay On Dussehra
  • Essay On Cricket

समाचार पत्र पर लंबा और छोटा निबंध

  • हमने छात्रों के लिए हिन्दी में अखबार पर कुछ सरल और आसान, लंबा और छोटा निबंध उपलब्ध कराया है।
  • समाचार पत्रों पर ये हिन्दी निबंध आपको समाचार पत्रों की उपयोगिता और लोगों को सूचित, सुरक्षित और एकजुट रखने में उनके महत्व की प्रशंसा करने देगा।
  • आप इन अखबारों के निबंधों का उपयोग अपने स्कूल के असाइनमेंट या निबंध लेखन, वाद-विवाद, प्रतियोगिताओं में कर सकते हैं।

समाचार पत्र निबंध 1 (100 शब्द)

आजकल समाचार पत्र के बिना जीवन की कल्पना करना कठिन है। यह पहली और सबसे महत्वपूर्ण चीज है जिसे हर कोई हर सुबह देखता है। समाचार पत्र भी हमें दुनिया भर की हर खबर के बारे में अप-टू-डेट रखने में बहुत मदद करता है। इससे हमें पता चलता है कि समाज, देश और दुनिया में क्या चल रहा है। अखबार दुनिया के हर कोने से हम तक हर खबर और विचार पहुंचाता है। समाचार पत्र व्यापारियों, राजनेताओं, सामाजिक मुद्दों, बेरोजगार लोगों, खेल, खेल, अंतर्राष्ट्रीय समाचार, बच्चों, विज्ञान, शिक्षा, चिकित्सा, मशहूर हस्तियों, मेलों, त्योहारों, प्रौद्योगिकियों आदि के बारे में जानकारी लाता है। यह हमारे ज्ञान, कौशल और विस्तार में हमारी मदद करता है। तकनीकी जागरूकता।

समाचार पत्र पर निबंध 2 (150 शब्द)

आधुनिक युग में समाचार पत्रों की क्रांति पूरे देश में फैल चुकी है। आजकल, हर कोई अपने ज्ञान के बारे में बहुत जागरूक हो गया है। रोजाना अखबार पढ़ना एक अच्छी आदत है। हम सभी को अपने दैनिक जीवन में समाचार पत्र पढ़ने का अभ्यास करना चाहिए। यह हमें नवीनतम रुझानों और परंपराओं के बारे में बताता है। यह स्कूलों, कॉलेजों, अदालतों, राजनीति, कार्यालयों, होटलों, रेस्तरां और बाजारों में नई चीजों के बारे में बताकर हमारी मदद करता है।

समाचार पत्र किसी भी धर्म, जाति या पंथ के सभी (अमीर या गरीब) द्वारा उपयोग की जाने वाली सबसे महत्वपूर्ण चीज है। यह हमारे स्कूल प्रोजेक्ट्स और होम वर्क्स को तैयार करने में हमारी बहुत मदद करता है। यह हमें नए शोधों, नई तकनीकों, बाजार के सभी उच्च और निम्न और बहुत सी चीजों के बारे में बताता है। ब्रांड और सब्सक्रिप्शन के हिसाब से कई तरह के अखबार और मैगजीन होते हैं।

समाचार पत्र निबंध 3 (200 शब्द)

आज के समय में समाचार पत्र जीवन की एक आवश्यकता बन गया है। यह बाजार में लगभग सभी भाषाओं में उपलब्ध है। समाचार पत्र समाचार का एक प्रकाशन है जो कागज पर छप जाता है और सभी को उनके घर पर वितरित किया जाता है। विभिन्न देशों की अपनी समाचार प्रकाशन एजेंसियां ​​हैं। समाचार पत्र हमें अपने देश के साथ-साथ पूरी दुनिया में क्या हो रहा है, इसके बारे में सब कुछ देता है। हम आपको खेल, राजनीति, धर्म, समाज, अर्थव्यवस्था, फिल्म उद्योग, चलचित्र, भोजन, रोजगार आदि विषयों से संबंधित सटीक जानकारी देते हैं।

पहले, समाचार पत्रों को केवल समाचार विवरण के साथ प्रकाशित किया जाता था, लेकिन वर्तमान में इसमें विभिन्न विषयों के बारे में समाचार और विचार लगभग हर चीज में होते हैं। बाजार में विभिन्न समाचार पत्रों की कीमत उनके समाचार विवरण और क्षेत्र में लोकप्रियता के अनुसार अलग-अलग होती है। वर्तमान दैनिक मामलों वाले समाचार पत्र दैनिक रूप से छपते हैं, लेकिन उनमें से सप्ताह में दो बार, सप्ताह में एक बार या महीने में एक बार छपते हैं।

समाचार पत्र लोगों की आवश्यकता और आवश्यकता के अनुसार एक से अधिक उद्देश्यों की पूर्ति करते हैं। समाचार पत्र बहुत प्रभावी और शक्तिशाली होते हैं जो दुनिया भर की सभी जानकारी एक ही स्थान पर देते हैं। यह जो जानकारी देता है उसकी तुलना में इसकी कीमत बहुत कम होती है। यह हमें अपने आसपास होने वाली सभी घटनाओं के बारे में अच्छी तरह से सूचित रखता है।

समाचार पत्र निबंध 4 (250 शब्द)

आज के समय में अखबार बहुत ही महत्वपूर्ण चीज है। हर किसी के लिए दिन की शुरुआत करना सबसे पहली और जरूरी चीज होती है। अपने दिन की शुरुआत ताजा खबरों और सूचनाओं से अपने दिमाग को भरकर करना बेहतर है। समाचार पत्र हमें आत्मविश्वासी बनाता है और हमारे व्यक्तित्व को निखारने में मदद करता है। सुबह सबसे पहले यह परिवार के प्रत्येक सदस्य को ढेर सारी सूचनाओं के साथ अभिवादन करता है। देश के एक नागरिक के रूप में, हम देश या अन्य देशों में चल रहे सभी पेशेवरों और विपक्षों को जानने के लिए पूरी तरह से जिम्मेदार हैं। यह हमें राजनीति, खेल, व्यापार, उद्योग आदि के वर्तमान मामलों के बारे में सूचित करता है। यह हमें बॉलीवुड और व्यावसायिक हस्तियों के व्यक्तिगत मामलों के बारे में भी सूचित करता है।

समाचार पत्र हमें संस्कृतियों, परंपराओं, कलाओं, शास्त्रीय नृत्य आदि के बारे में बताते हैं। ऐसे आधुनिक समय में जब सभी के पास अपनी नौकरी के अलावा अन्य चीजों के बारे में जानने का समय नहीं है, यह हमें मेलों, त्योहारों के दिनों और तारीखों के बारे में बताता है। अवसर, सांस्कृतिक कार्यक्रम आदि। यह समाचारों के साथ-साथ समाज, शिक्षा, भविष्य, प्रेरक संदेश और विषयों आदि के बारे में दिलचस्प बातों का संग्रह है, इसलिए यह हमें कभी बोर नहीं करता। यह हमें हमेशा अपने दिलचस्प विषयों के माध्यम से दुनिया की हर चीज के बारे में उत्साहित और उत्साहित करता है।

आधुनिक समय में, जब हर कोई अपने दैनिक जीवन में इतना व्यस्त है, उनके लिए बाहरी दुनिया के बारे में कोई विचार या ज्ञान प्राप्त करना शायद ही संभव हो, इसलिए ऐसी कमजोरी को दूर करने के लिए समाचार पत्र सबसे अच्छा विकल्प है। यह हमें केवल 15 मिनट या आधे घंटे में एक विशाल ज्ञान देता है। यह सभी क्षेत्रों के लोगों के लिए फायदेमंद है क्योंकि इसमें छात्रों, व्यापारियों, राजनेताओं, खिलाड़ियों, शिक्षकों, उद्योगपतियों आदि सभी के लिए ज्ञान है।

समाचार पत्र पर निबंध 5 (300 शब्द)

हर सुबह अखबार हमारे पास आता है और मुझे अपनी बालकनी में चाय के गर्म कप के साथ अखबार रखना अच्छा लगता है। दिन-ब-दिन अखबार अपने बढ़ते महत्व के कारण पिछड़ा हो या अगड़ा हर क्षेत्र में लोकप्रियता प्राप्त कर रहा है। समाज में लोग अपने ज्ञान स्तर और देश के वर्तमान मामलों खासकर राजनीति और बॉलीवुड के बारे में अधिक जागरूक हो रहे हैं। अखबार पढ़ना छात्रों के लिए सबसे अच्छी गतिविधि है क्योंकि यह हर चीज के बारे में सामान्य ज्ञान देता है। यह उन्हें सरकारी नौकरी या गैर-सरकारी नौकरियों के लिए किसी भी तकनीकी और प्रतियोगी परीक्षा को मात देने में मदद करता है।

न्यूज पेपर पढ़ना बहुत ही दिलचस्प काम है। अगर किसी को इसकी आदत हो जाए तो वह अखबार पढ़ना कभी नहीं छोड़ता। यह छात्रों के लिए अच्छा है क्योंकि यह हमें सही उच्चारण के साथ धाराप्रवाह हिन्दी बोलने के लिए प्रेरित करता है। समाचार पत्र देश के पिछड़े इलाकों में लोकप्रिय हो रहे हैं। कोई भी भाषा बोलने वाले लोग समाचार पत्र पढ़ सकते हैं क्योंकि यह क्षेत्रों के अनुसार हिंदी, हिन्दी , उर्दू आदि भाषाओं में उपलब्ध है। समाचार पत्र हम सभी के लिए बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि यह दुनिया भर से हमारे लिए बहुत सारी खबरें लाता है।

समाचार हमारे लिए सबसे पहले और सबसे महत्वपूर्ण रुचि और आकर्षण है। समाचार पत्र और समाचार के बिना हम कुछ भी नहीं हैं और पानी के बिना मछली की तरह हैं। भारत एक लोकतांत्रिक देश है जहाँ जनता अपने देश पर शासन करती है इसलिए उनके लिए राजनीति में प्रत्येक गतिविधि के बारे में जानना आवश्यक है।

आधुनिक तकनीकी दुनिया में जहां सब कुछ उच्च तकनीक पर निर्भर करता है, समाचार कंप्यूटर और इंटरनेट पर भी उपलब्ध हैं। इंटरनेट का उपयोग करके हम दुनिया के बारे में सारी जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। आम जनता के बीच किसी भी सामाजिक मुद्दे के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए समाचार पत्र सबसे अच्छा तरीका है। यह देश की सरकार और उसकी जनता के बीच संचार का सबसे अच्छा तरीका है।

समाचार पत्र पर निबंध 6 (400 शब्द)

समाचार पत्र एक शक्तिशाली उपकरण है जो व्यक्ति के आत्मविश्वास और व्यक्तित्व को बढ़ाता है। यह बाहरी दुनिया और लोगों के बीच संचार का सबसे अच्छा साधन है। ज्ञान का सबसे महत्वपूर्ण माध्यम। यह अधिक ज्ञान और जानकारी प्राप्त करने के साथ-साथ कौशल स्तर को बढ़ाने का एक अच्छा स्रोत है। यह बहुत कम कीमत पर सभी क्षेत्रों में उपलब्ध है। हम किसी भी अखबार तक आसानी से पहुंच सकते हैं। हमें बस किसी भी अखबार से संपर्क करने और उसकी सदस्यता लेने की जरूरत है। यह देश की विभिन्न भाषाओं में प्रकाशित होता है। सुबह-सुबह सभी लोग पूरी हिम्मत के साथ अखबार का इंतजार करते हैं।

समाचार पत्रों ने समाज के लोगों को सकारात्मक रूप से प्रभावित किया है। देश के करेंट अफेयर्स को जानने में हर किसी की दिलचस्पी हो गई है। समाचार पत्र सरकार और लोगों के बीच ज्ञान की सबसे अच्छी कड़ी है। यह लोगों को पूरी दुनिया के बारे में हर बड़ी और छोटी जानकारी देता है। यह लोगों को देश में उनके नियमों, विनियमों और अधिकारों के बारे में अच्छी तरह से जागरूक करता है। समाचार पत्र छात्रों के लिए विशेष रूप से बहुत महत्वपूर्ण हैं क्योंकि यह उन्हें बहुत सारे सामान्य ज्ञान और राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर के करंट अफेयर्स प्रदान करता है। यह हमें सभी घटनाओं, विकास, नई तकनीक, अनुसंधान, ज्योतिष, मौसमी परिवर्तन, प्राकृतिक आपदाओं आदि के बारे में जानकारी देता है।

समाचार पत्र में सामाजिक मुद्दों, मानवता, संस्कृतियों, परंपराओं, जीवन जीने की कला, ध्यान, योग आदि पर भी अच्छे लेख होते हैं। इसमें आम जनता के विचारों की जानकारी होती है और विभिन्न सामाजिक और आर्थिक मुद्दों को सुलझाने में मदद मिलती है। इसके प्रयोग से राजनीतिज्ञों, उनके बारे में समीक्षा, अन्य राजनीतिक दलों सहित कुछ सरकारी नीतियों के बारे में जान सकते हैं। यह नौकरी चाहने वालों को नई नौकरी खोजने में मदद करता है, छात्रों को सर्वश्रेष्ठ स्कूल में भर्ती होने में मदद करता है, व्यवसायियों को वर्तमान और महत्वपूर्ण व्यावसायिक गतिविधियों, बाजार के मौजूदा रुझानों, नई रणनीतियों आदि के बारे में जानने में मदद करता है।

यदि हम दैनिक आधार पर इसे पढ़ने की आदत बना लें तो समाचार पत्र हमारी बहुत मदद करते हैं। यह पढ़ने की आदतों को विकसित करता है, हमारे लहजे में सुधार करता है और हमें बाहर के बारे में सब कुछ जानने देता है। कुछ लोगों को सुबह इस अखबार को पढ़ने की अत्यधिक आदत होती है। समाचार-पत्र के अभाव में वे बहुत बेचैन हो जाते हैं और सारा दिन यही अनुभव करते हैं कि कुछ छूट गया है। प्रतियोगी परीक्षाओं में शामिल होने की तैयारी कर रहे छात्र करंट अफेयर्स के बारे में अपने दिमाग को अपडेट रखने के लिए नियमित रूप से समाचार पत्र पढ़ते हैं। समाचार पत्र में सभी की पसंद के अनुसार आकर्षक शीर्षकों के तहत बड़ी मात्रा में जानकारी होती है ताकि कोई भी बोर न हो सके। हमें तरह-तरह के अखबार पढ़ते रहना चाहिए और परिवार के अन्य सदस्यों और दोस्तों को भी अखबार पढ़ने के लिए प्रेरित करना चाहिए।

समाचार पत्र पैराग्राफ पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)

हम अखबारों पर पैराग्राफ कैसे लिखते हैं.

समाचार पत्रों पर एक पैराग्राफ लिखने के लिए, हमें समाचार पत्र पढ़ने के महत्व, समाचार पत्र में क्या उम्मीद की जा सकती है, प्रत्येक पाठक को क्या रुचि हो सकती है, यह व्यक्ति को कैसे मदद करता है आदि जैसी जानकारी जोड़ने की आवश्यकता है।

समाचार पत्र हमारे जीवन में कितने महत्वपूर्ण हैं?

बड़ी संख्या में ऐसे लोग हैं जो समाचार पत्र पढ़े बिना अपने दिन की शुरुआत नहीं कर सकते हैं। समाचार पत्र हमें दुनिया भर में होने वाली सभी घटनाओं के बारे में जानकारी देते हैं और हमें अप-टू-डेट रहने में मदद करते हैं।

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  • Essays in Hindi /

Essay on APJ Abdul Kalam in Hindi : स्टूडेंट्स के लिए 100, 200 और 500 शब्दों में ए पी जे अब्दुल कलाम पर निबंध 

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  • Updated on  
  • अक्टूबर 14, 2023

Essay on APJ Abdul Kalam in Hindi

एपीजे अब्दुल कलाम भारत के सबसे प्रतिष्ठित व्यक्तियों में से एक हैं। वह एक राष्ट्रपति, एक वैज्ञानिक और एक प्रेरणा के रूप में सभी के प्रिय हैं। कलाम एक बहुमुखी प्रतिभा के धनी व्यक्ति थे, जिनका भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान में योगदान अविश्वसनीय है। वह भारत के लाखों बच्चों को कड़ी मेहनत करने और अपने सपनों को पूरा करने के लिए प्रेरित करते हैं। वह वर्ष 2002 में भारत के 11वें राष्ट्रपति बने और उन्होंने अगले पांच वर्षों तक राष्ट्रपति के रूप में देश की सेवा की। Essay on APJ Abdul Kalam in Hindi स्टूडेंट्स के लिए परीक्षा और असाइनमेंट की दृष्टि से एक महत्वपूर्ण विषय है। इस ब्लॉग के माध्यम से जानिए 100, 200 और 500 शब्दों में Essay on APJ Abdul Kalam in Hindi. 

This Blog Includes:

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ए पी जे अब्दुल कलाम भारत के 11वें राष्ट्रपति थे। वे एक महान वैज्ञानिक और इंजीनियर थे, जिन्होंने भारत को एक मजबूत मिसाइल कार्यक्रम विकसित करने में मदद की। उन्हें “मिसाइल मैन ऑफ इंडिया” के रूप में जाना जाता है।

कलाम का जन्म 15 अक्टूबर, 1931 को तमिलनाडु के रामेश्वरम में हुआ था। उन्होंने मद्रास इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से एयरोस्पेस इंजीनियरिंग की पढ़ाई की। उन्होंने रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) और भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) में काम किया।

कलाम ने भारत को कई मिसाइलों, जैसे कि अग्नि और पृथ्वी का विकास करने में मदद की। उन्होंने भारत को अंतरिक्ष में भी एक प्रमुख शक्ति बनाने में मदद की।

कलाम एक प्रेरणादायक व्यक्ति थे। उन्होंने हमेशा युवाओं को अपने सपनों को पूरा करने के लिए प्रोत्साहित किया। वे एक महान देशभक्त थे और उन्होंने हमेशा भारत को एक बेहतर देश बनाने के लिए काम किया।

यह भी पढ़ें : ए पी जे अब्दुल कलाम की शायरी

डॉ. ए पी जे अब्दुल कलाम का पूरा नाम ‘अवुल पाकिर जैनुलाब्दीन अब्दुल कलाम’ है। उनका जन्म 15 अक्टूबर, 1931 को तमिलनाडु राज्य के रामेश्वरम में एक तमिल मुस्लिम परिवार में हुआ था। डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम एक भारतीय वैज्ञानिक थे जिन्हें भारत के रक्षा शस्त्रागार के विकास में उनकी भूमिका के लिए जाना जाता है। वह वर्ष 2002-2007 के दौरान देश के राष्ट्रपति थे। वह बच्चों के बीच लोकप्रिय थे क्योंकि उन्होंने कई छात्रों से बातचीत की और उन्हें उज्ज्वल भविष्य के लिए कड़ी मेहनत करने के लिए प्रेरित किया। 

डॉ. कलाम ने अपने जीवन की विनम्र शुरुआत एक नाव मालिक के बेटे के रूप में रामेश्वरम से की थी। उनकी कड़ी मेहनत और शैक्षणिक प्रतिभा ने उन्हें कुछ सबसे महत्वपूर्ण रक्षा कार्यों को करने के लिए आगे बढ़ाया जिसने देश को बदल दिया।

लंबी दूरी की क्रूज मिसाइल पृथ्वी और अग्नि के विकास में उनके योगदान के लिए उन्हें देश में ‘भारत के मिसाइल मैन’ के रूप में बहुत माना जाता था। उन्होंने भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के शुरुआती दिनों में इसे विकसित करने में भी योगदान दिया। 

एक प्रेरणादायक व्यक्ति के रूप में, डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम को देश में हर कोई प्यार करता था और विशेष रूप से स्कूली बच्चे उनसे प्रेरित थे। 2015 में उनकी मृत्यु पर देश ने एक बड़ी क्षति के रूप में शोक व्यक्त किया था।

यह भी पढ़ें – एपीजे अब्दुल कलाम के अनमोल विचार

Essay on APJ Abdul Kalam in Hindi 500 शब्दों में

500 शब्दों में Essay on APJ Abdul Kalam in Hindi कुछ इस प्रकार है –

डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम का नाम विश्वभर में मशहूर है, और उन्हें 21वीं सदी के प्रमुख वैज्ञानिकों में गिना जाता है। वे भारत के 11वें राष्ट्रपति रहे हैं और अपने देश की सेवा की। वे न केवल एक प्रमुख वैज्ञानिक हैं, बल्कि एक राष्ट्रपति के रूप में उनका योगदान भारत के लिए अत्यंत मूल्यवान है। उन्होंने भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। वे कई परियोजनाओं के नेतृत्व में थे, जिनसे समाज को लाभ पहुँचा, और उन्होंने अग्नि और पृथ्वी मिसाइलों के विकास में भी महत्वपूर्ण योगदान किया। उनके परमाणु ऊर्जा के क्षेत्र में भी महत्वपूर्ण योगदान के कारण वे “भारत के मिसाइल मैन” के रूप में मशहूर थे, और उन्हें सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार से सम्मानित किया गया।

डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम का जन्म तमिलनाडु में हुआ था। उस समय उनके परिवार की आर्थिक स्थिति बहुत खराब थी, इसलिए उन्होंने छोटी उम्र से ही अपने परिवार की आर्थिक सहायता करना शुरू किया था। लेकिन उन्होंने कभी भी अपनी पढ़ाई को छोड़ने का निर्णय नहीं लिया। वह अपने परिवार के साथी होते हुए अपनी शिक्षा का पूरा करने में सफल रहे और स्नातक की डिग्री हासिल की। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि उन्होंने 1998 में हुए पोखरण परमाणु परीक्षण के सदस्य के रूप में भी योगदान दिया।

एक एयरोस्पेस वैज्ञानिक के रूप में, कलाम ने रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) और भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के साथ अपने काम के माध्यम से भारत के अंतरिक्ष अनुसंधान में महत्वपूर्ण योगदान दिया।

27 जुलाई, 2015 को आईआईएम शिलांग में एक व्याख्यान देते समय दिल का दौरा पड़ने से डॉ. कलाम का निधन हो गया। प्रेरणा स्रोत के रूप में उनकी विरासत आज भी कायम है और पूरे भारत में छात्रों और नागरिकों के बीच गूंजती रहती है।

डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम ने देश के लिए अनगिनत योगदान किया है, लेकिन वे अपने सबसे बड़े योगदान के रूप में मिसाइलों के विकास के लिए प्रसिद्ध हुए, जिन्हें अग्नि और पृथ्वी के नाम से जाना जाता है।

2015 में शिलांग में छात्रों को व्याख्यान देते समय अचानक उन्हें दिल का दौरा पड़ा, जिसके कारण उनकी मृत्यु हो गई। वे एक प्रमुख वैज्ञानिक और अग्रणी इंजीनियर थे, जिन्होंने अपने पूरे जीवन को देश की सेवा में समर्पित किया, और उनकी मृत्यु देश की सेवा करते हुए हुई। डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम के पास भारत को एक महान देश बनाने का दृष्टिकोण था। और उनके अनुसार युवा ही देश की असली संपत्ति हैं इसलिए हमें उन्हें प्रेरित और प्रेरित करना चाहिए।

ए पी जे अब्दुल कलाम पर 10 लाइन्स जो स्टूडेंट्स के निबंध लेखन में कारगर साबित हो सकती हैं, कुछ इस प्रकार हैं –

  • डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम भारत के पूर्व राष्ट्रपति थे।
  • उनका जन्म 15 अक्टूबर 1931 को तमिलनाडु के रामेश्वरम में हुआ था।
  • अब्दुल कलाम एक प्रमुख वैज्ञानिक और अंतरिक्ष वैज्ञानिक थे।
  • उन्होंने भारतीय मिसाइल प्रोग्राम को महत्वपूर्ण रूप से बढ़ावा दिया और “मिसाइल मैन” के उपनाम से प्रसिद्ध हुए।
  • उन्होंने भारत को अग्नि, पृथ्वी, और अन्य मिसाइल प्रणालियों की विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
  • डॉ. कलाम एक उपग्रह साइंटिस्ट भी थे और भारतीय अंतरिक्ष प्रोग्राम के सफलता में उनका महत्वपूर्ण योगदान था।
  • उन्होंने अपने जीवन के दौरान शिक्षा और विज्ञान के क्षेत्र में युवाओं को प्रेरित करने के लिए कई पुस्तकें लिखी।
  • वे भारतीय युवाओं के बीच महान प्रेरणा स्रोत रहे हैं।
  • उन्होंने 2002 में भारतीय राष्ट्रपति के रूप में सेवा की और “व्यक्ति और विज्ञान” के क्षेत्र में अपने योगदान के लिए प्रमुख रूप से याद किए जाते हैं।
  • उनकी मृत्यु 27 जुलाई 2015 को हुई, लेकिन उनकी यादें और उनके कार्य आज भी हमारे दिलों में हैं और हमें प्रेरित करते हैं।

सम्बंधित ब्लॉग्स 

  • ए पी जे अब्दुल कलाम का पूरा नाम
  • मिसाइल मैन ए पी जे अब्दुल कलाम का संपूर्ण जीवन परिचय
  • ए.पी.जे. अब्दुल कलाम की किताबें
  • ए.पी.जे. अब्दुल कलाम के पिता का नाम

डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम, जिनका पूरा नाम अवुल पकीर जैनुलअब्दीन अब्दुल कलाम था, भारतीय वैज्ञानिक और राजनेता थे, जिन्होंने 2002 से 2007 तक भारत के 11वें राष्ट्रपति के रूप में सेवा की। उन्हें भारतीय मिसाइल विकास कार्यक्रमों में उनके योगदान के लिए “भारत के मिसाइल मैन” के रूप में पुकारा जाता है।

डॉ. अब्दुल कलाम का जन्म 15 अक्टूबर 1931 को तमिलनाडु राज्य के दक्षिणी शहर रामेश्वरम में हुआ था।

डॉ. कलाम ने भारत के मिसाइल और अंतरिक्ष कार्यक्रमों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होंने अग्नि और पृथ्वी जैसी मिसाइलों के विकास में महत्वपूर्ण योगदान किया। उन्होंने भारत के अंतरिक्ष अनुसंधान में भी महत्वपूर्ण योगदान किया, जैसे कि उपग्रह प्रक्षेपण यांत्रों पर काम किया।

डॉ. कलाम शिक्षा के पक्षधर और युवा जनता के प्रेरणास्त्रोत रहे। उन्होंने अक्सर छात्रों के साथ संवाद किया और उन्हें विज्ञान और प्रौद्योगिकी में करियर बनाने की प्रोत्साहित की। उन्होंने किताबें लिखी और भारतीय युवा मनोबल को बढ़ावा देने के लिए भाषण दिए।

आशा हैं कि आपको इस ब्लाॅग में Essay on APJ Abdul Kalam in Hindi के बारे में पूरी जानकारी मिल गई होगी। इसी प्रकार के हिंदी निबंध के ब्लॉग्स पढ़ने के लिए Leverage Edu के साथ बने रहें।

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विशाखा सिंह

A voracious reader with degrees in literature and journalism. Always learning something new and adopting the personalities of the protagonist of the recently watched movies.

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ए.पी.जे. अब्दुल कलाम पर निबंध (Abdul Kalam Essay in Hindi)

ए.पी.जे. अब्दुल कलाम

ए.पी.जे. अब्दुल कलाम जनसाधारण में डॉ ए.पी.जे. अब्दुल कलाम के रुप में जाने जाते हैं। वो भारतीय लोगों के दिलों में “जनता के राष्ट्रपति” और “भारत के मिसाइल मैन” के रुप में हमेशा जावित रहेंगे। वास्तव में वो एक महान वैज्ञानिक थे जिन्होंने बहुत सारे आविष्कार किये। वो भारत के एक पूर्व राष्ट्रपति थे जिनका जन्म 15 अक्टूबर 1931 में हुआ (रामेश्वरम्, तमिलनाडु, भारत) और 27 जुलाई 2015 में निधन हुआ था (शिलांग, मेघालय, भारत)। देश के महान वैज्ञानिक और पूर्व राष्ट्रपति ए.पी.जे अब्दुल कलाम के जीवन और उनकी उपलब्धियों के बारे में विद्यार्थियों को बताने के लिये हम यहाँ पर बेहद सरल और आसान भाषा में विभिन्न शब्द सीमाओं में कुछ निबंध उपलब्ध करा रहें हैं।

ए.पी.जे. अब्दुल कलाम पर छोटे तथा बड़े निबंध (Short and Long Essay on APJ Abdul Kalam, Abdul Kalam par Nibandh Hindi mein)

यहाँ बहुत ही आसान भाषा में ए.पी.जे. अब्दुल कलाम पर हिंदी में निबंध पायें:

निबंध 1 (250 – 300 शब्द)

भारत के मिसाइल मैन एपीजे अब्दुल कलाम का जन्म तमिलनाडु के रामेश्वरम में हुआ था। एपीजे अब्दुल कलाम भारत के 11 वें राष्ट्रपति थे। उन्हें जनता का राष्ट्रपति कहा जाता था।

प्रारंभिक जीवन और शिक्षा

उन्होंने 1954 में तिरुचिरापल्ली के सेंट जोसेफ़ कॉलेज से अपना ग्रेजुएशन और 1960 में चेन्नई के मद्रास इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉज़ी से एयरोस्पेस इंजीनियरिंग कीपढ़ाई पूरी की।डॉ कलाम ने बहुत सारी किताबें लिखी जैसे विंग्स ऑफ फायर, इग्नीइटेड माइन्ड्स, टारगेट्स 3 बिलीयन इन 2011, टर्निमग प्वॉइंट्स, माई जर्नी आदि।

संघर्ष और सफलता

एक गरीब परिवार से होने के बावजूद, उन्होंने कभी-भी अपनी पढ़ाई को नहीं रोका।वो पूरे भारत भर में “भारत के मिसाइल मैन” के रुप में जाने जाते हैं क्योंकि बैलिस्टिक मिसाइल और स्पेस रॉकेट टेक्नोलॉजी के विकास में उन्होंने बहुत बड़ा योगदान दिया है। देश में रक्षा टेक्नोलॉजी के विकास के पीछे वो संचालक शक्ति थे। उनके महान योगदान ने देश को परमाणु राष्ट्रों के समूह में खड़ा होने का मौका दिया।भारत सरकार में एक वैज्ञानिक सलाहकार के रुप में, साथ ही साथ इसरो और डीआरडीओ में अपने योगदान के लिये 1981 में पदम् भूषण और 1990 में पदम् विभूषण से भी सम्मानित किया गया।

भारत देश को सदा ही एपीजे अब्दुल कलाम पर गर्व रहेगा। उनका जीवन देश के युवाओं को कठोर परिश्रम और देशभक्ति की प्रेरणा देता रहेगा।वो भारतीय लोगों के दिलों में “जनता के राष्ट्रपति” और “भारत के मिसाइल मैन” के रुप में हमेशा विराजमान रहेंगे।

इसे यूट्यूब पर देखें : Essay on Abdul Kalam in Hindi

निबंध 2 (300 शब्द)

डॉ ए.पी.जे अब्दुल कलाम का पूरा नाम अवुल पाकिर जैनुल्लाब्दीन अब्दुल कलाम था। मिसाइल मैन और जनता के राष्ट्रपति के रुप में भारतीय इतिहास में वो प्रकाशमान सितारे हैं। उनका जन्म तमिलनाडु में 15 अक्टूबर 1931 को हुआ था। डॉ कलाम का जीवन बेहद संघर्षपूर्ण था हालांकि भारत की नयी पीढ़ी के लिये वो प्रेरणा स्वरुप हैं। वो ऐसे व्यक्ति थे जिन्होंने भारत को एक विकसित देश बनाने का सपना देखा था। जिसके लिये उन्होंने कहा कि “आपके सपने के सच हो सकने के पहले आपको सपना देखना है”। एक वैमानिकी इंजीनियर होने के अपने सपने को पूरा करने के लिये जहाज में उनकी विशाल इच्छा ने उन्हें सक्षम बनाया। एक गरीब परिवार से होने के बावजूद, उन्होंने कभी-भी अपनी पढ़ाई को नहीं रोका। डॉ कलाम ने तिरुचिरापल्ली में सेंट ज़ोसेफ़ से विज्ञान में ग्रेजुएशन और 1954 में मद्रास इंस्टीट्यूट से एयरोनॉटिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी की।

1958 में एक वरिष्ठ वैज्ञानिक सहायक के रुप में उन्होंने डीआरडीओ ज्वॉइन किया जहाँ उनकी अगुवाई में एक छोटी टीम, एक हावरक्राफ्ट के विकास में लगी थी। हावरक्राफ्ट कार्यक्रम से उत्साहजनक परिणाम की कमी के कारण, उन्होंने भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (आईएसआरओ) ज्वॉइन कर लिया। वो पूरे भारत भर में “भारत के मिसाइल मैन” के रुप में जाने जाते हैं क्योंकि बैलिस्टिक मिसाइल और स्पेस रॉकेट टेक्नोलॉजी के विकास में उन्होंने बहुत बड़ा योगदान दिया है। देश में रक्षा टेक्नोलॉजी के विकास के पीछे वो संचालक शक्ति थे। उनके महान योगदान ने देश को परमाणु राष्ट्रों के समूह में खड़ा होने का मौका दिया।

वो एक ख्यातिप्राप्त वैज्ञानिक और एक इंजीनियर थे जिन्होंने वर्ष 2002 से 2007 तक देश के राष्ट्रपति के रुप में भी देश की सेवा की है। 1998 के पोखरन-द्वितीय परमाणु परीक्षण में भी उनकी समर्पित भागीदारी थी। वो दूरदर्शिता पूर्ण विचारों से युक्त व्यक्ति थे जिसने हमेशा देश के विकास का लक्ष्य देखा। “भारत 2020” के शीर्षक की अपनी किताब में उन्होंने देश के विकास बारे में कार्य योजना को स्पष्ट किया। उनके अनुसार, देश की असली संपत्ति युवा है इसी वजह से वो हमेशा उनको प्रोत्साहित और प्रेरित करते रहें हैं। वो कहते थे कि “राष्ट्र को नेतृत्व में आदर्श की जरुरत है जो युवाओं को प्रेरित कर सकें”।

निबंध 3 (400 शब्द)

डॉ एपीजे अब्दुल कलाम एक महान भारतीय वैज्ञानिक थे जिसने भारत के 11वें राष्ट्रपति के रुप में वर्ष 2002 से 2007 तक देश की सेवा की। वो भारत के सबसे प्रतिष्ठित व्यक्ति थे क्योंकि एक वैज्ञानिक और राष्ट्रपति के रुप में देश के लिये उन्होंने बहुत बड़ा योगदान दिया था। ‘इसरो’ के लिये दिया गया उनका योगदान अविस्मरणीय है। बहुत सारे प्रोजेक्ट को उनके द्वारा नेतृत्व किया गया जैसे रोहिणी-1 का लाँच, प्रोजेक्ट डेविल और प्रोजेक्ट वैलिएंट, मिसाइलों का विकास (अग्नि और पृथ्वी) आदि। भारत की परमाणु शक्ति को सुधारने में उनके महान योगदान के लिये उन्हें “भारत का मिसाइल मैन” कहा जाता है। अपने समर्पित कार्यों के लिये उन्हें भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न से नवाज़ा गया। भारत के राष्ट्रपति के रुप में अपने कार्यकाल के पूरा होने के उपरान्त, डॉ कलाम ने विभिन्न कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में एक अतिथि प्रोफेसर के रुप में देश की सेवा की।

उनका व्यवसाय और योगदान

15 अक्टूबर 1931 को जैनुल्लाब्दीन और आशियम्मा के घर में डॉ कलाम का जन्म हुआ। उनके परिवार की माली हालत ठीक नहीं थी जिसके कारण इन्होंने बहुत कम उम्र में ही आर्थिक सहायता देने के लिये काम करना शुरु कर दिया था। हालांकि अपने काम करने के दौरान इन्होंने कभी-भी अपनी पढ़ाई नहीं छोड़ी। 1954 में तिरुचिरापल्ली के सेंट जोसेफ़ कॉलेज से उन्होंने अपना ग्रेजुएशन और मद्रास इंस्टीट्यूट से वैमानिकी इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी की। ग्रेजुएशन के बाद कलाम एक मुख्य वैज्ञानिक के रुप में डीआरडीओ से जुड़ गये हालांकि बहुत जल्द ही ये भारत के पहले स्वदेशी उपग्रह प्रक्षेपास्त्र के प्रोजेक्ट निर्देशक के रुप में भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन में विस्थापित हो गये। डॉ कलाम ने गाइडेड मिसाइल विकास कार्यक्रम के मुख्य कार्यकारी के रुप में भी कार्य किया जिसमें मिसाइलों के एक कंपन के एक साथ होने वाले विकास शामिल थे।

डॉ कलाम वर्ष 1992 से वर्ष 1999 तक प्रधानमंत्री के मुख्य वैज्ञानिक सलाहकार और डीआरडीओ के सेक्रेटरी भी बने। पोखरन द्वितीय परमाणु परीक्षण के लिये मुख्य प्रोजेक्ट कोर्डिनेटर के रुप में उनके सफल योगदान के बाद उन्हें “भारत का मिसाइल मैन” कहा जाने लगा। वो पहले ऐसे वैज्ञानिक थे जो बिना किसी राजनीतिक पृष्ठभूमि के वर्ष 2002 से 2007 वर्ष तक भारत के राष्ट्रपति थे।

उन्होंने बहुत सारी प्रेरणादायक किताबें लिखी जैसे “इंडिया 2020, इग्नाइटेड माइन्ड्स, मिशन इंडिया, द ल्यूमिनस स्पार्क, इंस्पायरिंग थॉट्स” आदि। डॉ कलाम ने देश में भ्रष्टाचार को मिटाने के लिये “वॉट कैन आई गिव मूवमेंट” नाम से युवाओं के लिये एक मिशन की शुरुआत की। देश (इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट अहमदाबाद और इंदौर, आदि) के विभिन्न इंस्टीट्यूट और विश्वविद्यालयों में उन्होंने अतिथि प्रोफेसर के रुप में अपनी सेवा दी, इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ स्पेस साइंस एण्ड टेक्नोलॉजी तिरुअनन्तपुरम् में चांसलर के रुप में, जेएसएस यूनिवर्सिटी (मैसूर), एयरोस्पेस इंजीनियरिंग ऐट अन्ना यूनिवर्सिटी (चेन्नई) आदि। उन्हें कई प्रतिष्ठित पुरस्कारों और सम्मान से नवाज़ा गया जैसे पद्म भूषण, पद्म विभूषण, भारत रत्न, इंदिरा गांधी अवार्ड, वीर सावरकर अवार्ड, रामानुजन अवार्ड आदि।

Essay on APJ Abdul Kalam in Hindi

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होली पर निबंध (Essay on Holi in Hindi): इतिहास, महत्व, 200 से 500 शब्दों में होली पर हिंदी में निबंध लिखना सीखें

Updated On: March 07, 2024 12:55 pm IST

  • होली पर निबंध 200 शब्दो में (Essay on Holi in …
  • होली पर निबंद 500 शब्दो में (Essay on Holi in …

होली पर निबंध 10 लाइन (Holi Par Nibandh 10 Lines)

होली पर निबंध (Essay on Holi in Hindi)

होली पर निबंध (Essay on Holi in Hindi)  - होली एक ऐसा रंगबिरंगा त्योहार है, जिसे हिन्दू धर्म के लोग पूरे उत्साह और सौहार्द के साथ मनाते हैं। प्यार भरे रंगों से सजा यह पर्व हिन्दू धर्म के लोगो के बीच भाई-चारे का संदेश देता है। इस दिन सभी लोग अपने पुराने गिले-शिकवे भूल कर गले लगते हैं और एक दूजे को गुलाल लगाते हैं। बच्चे और युवा रंगों से खेलते हैं। होली रंगो और खुशियों का त्योहार है। होली का त्यौहार विश्व भर में प्रसिद्ध है। होली का त्यौहार (Holi Festival) हिंदू धर्म में मनाया जाने वाला दूसरा सबसे बड़ा त्यौहार है। इस त्यौहार को रंगो के त्यौहार के नाम से भी जाना जाता है। होली का त्यौहार भारत के साथ-साथ नेपाल, बांग्लादेश, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा जैसे कई देशों में भी प्रसिद्ध है। इस त्यौहार को सभी वर्गों के लोग मनाते हैं। वर्तमान में तो अन्य धर्मों को मानने वाले लोग भी इस त्यौहार को बड़ी धूमधाम से मनाने लगे हैं। इस त्यौहार में ऐसी शक्ति है कि वर्षों पुरानी दुश्मनी भी इस दिन दोस्ती में बदल जाती है। इसीलिए होली को सौहार्द का त्यौहार भी कहा गया है। ऐसा माना जाता है कि होली का त्योहार (Festival of Holi) हजारों वर्षों से मनाया जा रहा है। होली का त्यौहार बुराई पर अच्छाई की जीत के प्रतीक के रूप में मनाया जाता है। ये भी पढ़ें - अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर भाषण होली पर निबंध (Holi Par Nibandh) लिखने के इच्छुक छात्र इस लेख के माध्यम से 200 से 500 शब्दों तक हिंदी में होली पर निबंध (Essay on Holi in Hindi)  लिखना सीख सकते हैं। 

होली पर निबंध 200 शब्दो में (Essay on Holi in 200 words)

होली पर निबंध (holi par nibandh) - होली का महत्व , होली पर निबंध (essay on holi in hindi) - होली कब और क्यों मनाई जाती है.

होली पर निबंध (Essay on Holi in Hindi) - होली के पर्व को हिन्दू कैलेंडर के मुताबिक फाल्गुन मास की पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है। होली अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार अधिकतर फरवरी और मार्च के महीने में पड़ता है। इस त्योहार को बसंतोत्सव के रुप में भी मनाया जाता है। हर त्योहार के पीछे कोई न कोई कहानी या किस्सा प्रचलित होता है। ‘होली’ मनाए जाने के पीछे भी कहानी है। वैसे तो होली पर कई कहानियां सुनाई व बताई जाती है लेकिन कुछ कहानियां हैं जो गहराई से हमारी संस्कृति एंव भाव से जुड़ी है। तो आईये जानते है होली मनाने के पीछे का कारण और संस्कृति एंव भाव।

इसी तरह भगवान कृष्ण पर आधारित कहानी होली का पर्व किस खुशी में मनाया जाता है, इसके विषय में अनेक कथाएँ प्रचलित हैं। एक कथा के अनुसार भगवान कृष्ण ने दुष्टों का वध कर गोप व गोपियों के साथ रास रचाई तब से होली का प्रचलन हुआ। वृंदावन में श्री कृष्ण ने राधा और गोप गोपियों के साथ रंगभरी होली खेली थी इसी कारण वृंदावन की होली सबसे अच्छी और विश्व की सबसे प्रसिद्ध होली मानी जाती है। इस मान्यता के अनुसार जब श्री कृष्ण दुष्टों का संहार करके वृंदावन लौटे थे तब से होली का प्रचलन हुआ और तब से हर्षोल्लास के साथ होली मनाई जाती है।

होली पर निबंद 500 शब्दो में (Essay on Holi in 500 words)

प्रस्तावना .

होली पर निबंध (Essay on Holi in Hindi):  होली भारतीय संस्कृति का एक प्रमुख धार्मिक पर्व है। यह पर्व फागुन मास के शुक्ल पक्ष में मनाया जाता है और भारत वर्ष में खुशी, आनंद, प्रेम और एकता का प्रतीक है। होली एक सांस्कृतिक महोत्सव है जिसमें लोग अपनी पूर्वाग्रहों और विभिन्न सामाजिक प्रतिष्ठानों को छोड़कर आपसी भाईचारा और प्रेम का आनंद लेते हैं। यह पर्व विभिन्न आदतों, परंपराओं और धार्मिक आराधनाओं के साथ मनाया जाता है और भारतीय समाज के लिए एक महत्वपूर्ण और आनंदमय अवसर है।

होली का त्यौहार कैसे मनाया जाता है?

विश्व के अलग-अलग कोने में अलग-अलग तरह से होली खेली जाती है कहीं फूल भरी होली खेली जाती है तो कहीं लठमार होली तो कहीं होली का नाम ही अलग होता है। होली खेलने का तरीका भले ही सबका अलग अलग हो लेकिन होली हर जगह रंगों के साथ ज़रूर खेली जाती है। होलिका दहन के लिए बड़कुल्ले बनाना, होली की पूजा करना, पकवान बनाना, होलिका का दहन करना इत्यादि किया जाता है।

होली पर निबंध (Holi Par Nibandh) - होली की तैयारी कैसे करें?

पकवान बनाने के बाद घर के सभी लोग उसे एक थाली में सजाकर होलिका दहन वाली जगह जाते हैं। इसके अलावा वे अपने साथ बड़कुल्ले और पूजा का अन्य सामान भी लेकर जाते हैं जिसमें कच्चा कुकड़ा (सूती धागा), लौटे में जल, चंदन इत्यादि सम्मिलित हैं। फिर उस जगह पहुंचकर होली की पूजा की जाती हैं, पकवान का भोग लगाया जाता हैं और बड़कुल्लों को उस ढेर में रख दिया जाता हैं। उसके बाद सभी लोग कच्चे कुकड़े को उस गोल घेरे के चारों और बांधते हैं और भगवान से प्रह्लाद की रक्षा की प्रार्थना करते हैं। पूजा करने के पश्चात सभी अपने घर आ जाते हैं। 

रात में सूर्यास्त होने के बाद पंडित जी वहां की पूजा करते हैं। सभी लोग उस स्थल पर एकत्रित हो जाते हैं। उसके बाद उन लकड़ियों में अग्नि लगा दी जाती हैं। अग्नि लगाते ही, उस ढेर के बीच में रखे मोटे बांस (प्रह्लाद) को बाहर निकाल लिया जाता हैं। होलिका दहन को देखने के लिए लोग अपने घर से पानी का लौटा, कच्चा कुकड़ा, हल्दी की गांठ व कनक के बाल लेकर जाते हैं। पानी से होली को अर्घ्य दिया जाता है। दूर से उस अग्नि को कच्चा कुकड़ा, हल्दी की गांठ और कनक के बाल दिखाए जाते हैं। कुछ लोग होलिका दहन के पश्चात उसकी राख को घर पर ले जाते हैं। 

होली पर निबंध (Holi Par Nibandh in Hindi) - होली कैसे खेलते है?

इन सब के बाद शुरू होता हैं असली रंगों का त्यौहार। सभी लोग अपने मित्रों, रिश्तेदारों, जान-पहचान वालों के साथ होली का त्यौहार खेलते हैं। पहले के समय में केवल प्राकृतिक रंगों से ही होली खेलने का विधान था लेकिन आजकल कई प्रकार के रंगों से होली खेली जाती हैं।

इसी के साथ लोग फूलों, पानी, गुब्बारों से भी होली खेलते हैं। कई जगह लट्ठमार होली खेली जाती हैं तो कहीं पुष्प वर्षा की जाती हैं। कई जगह कपड़ा-फाड़ होली खेलते हैं तो कई लड्डुओं की होली भी खेलते है। यह राज्य व लोगों के अनुसार भिन्न-भिन्न प्रकार की होती हैं। बस रंग हर जगह उड़ाए जाते हैं।

यह उत्सव लगभग दोपहर तक चलता हैं और उसके बाद सभी अपने घर आ जाते हैं। इसके बाद होली का रंग उतार लिया जाता हैं, घर की सफाई कर ली जाती हैं और नए कपड़े पहनकर तैयार हुआ जाता हैं। भाषण पर हिंदी में लेख पढ़ें- 

होली पर निबंध (Holi Par Nibandh) -  होली के हानिकारक प्रभाव

होली  का इन्तजार लोगो को पुरे साल भर रहता है। लेकिन कई बार होली पर बहुत सी दुर्घटनाएं भी हो जाती है जिसका ध्यान रखना चाहिए। लोगों द्वारा होली के दिन गुलाल का प्रयोग न कर के केमिकल और कांच मिले रंगों का प्रयोग किया जाता है। जिससे चेहरा खराब हो जाता है कई लोग मादक पदार्थों का सेवन व भाग मिला कर नशा करते हैं जिससे कई लोग दुर्घटना का शिकार भी हो जाते हैं। ऐसे ही होली के दिन बच्चे गुब्बारों में पानी भर कर गाड़ियों के ऊपर फेंकते हैं या पिचकारी और रंगो को आँखों में फेंक के मरते हैं होली में ऐसे रंगों व हरकतों को न करें जिससे किसी व्यक्ति के जीवन पर बुरा प्रभाव पड़ें इसलिए होली के दिन सावधानीपूर्वक रंगो को खेलिये जिससे किसी के लिए हानिकारक न हो।

सुरक्षित तरीके से होली खेलने के सुझाव 

होली का त्योहार (Holi Festival) ऐसा त्योहार है, जिसमें सभी लोग इसके रंग में डूबे नजर आते हैं, लेकिन इसकी मौज-मस्ती आपको इन बातों का भी विशेष ख्याल रखना चाहिए ताकि इस प्यार भरे उत्सव का मजा किरकिरा न हो।

  • होली खेलने से पहले अपने पूरे शरीर और बालों पर अच्छी तरह तेल और मॉइश्चराइजर लगा लें। ताकि रंग आसानी से छूट जाएं।
  • होली खेलने के लिए नैचुरल और ऑर्गेनिक रंगों का इस्तेमाल करें, कैमिकल भरे रंगों के इस्तेमाल से बचें। क्योंकि कैमिकल वाले रंगों की वजह से कई बार स्किन एलर्जी तक हो जाती है।
  • होली में ज्यादा पानी को बर्बाद न करें।
  • होली पर फुल कपड़े पहनने की कोशिश करें, ताकि कलर ज्यादा स्किन पर न आए।
  • होली में किसी पर जबरदस्ती कलर नहीं डालें और ध्यान रखें कि मौज-मस्ती में किसी को चोट न आए।
  • होली की मौज-मस्ती में बच्चों का विशेष ख्याल रखें, कई बार ज्यादा समय तक पानी में गीले रहने से बच्चे बीमार भी पड़ जाते हैं

होली रंग का त्योहार है, जिसे मस्ती और आनंद के साथ मनाया जाता है। होली में पानी और रंग में भीगने के लिए तैयार रहें, लेकिन खुद को और दूसरों को नुकसान न पहुंचाने के लिए भी सावधान रहें। अपने दिमाग को खोलें, अपने अवरोधों को बहाएं, नए दोस्त बनाएं, दुखी लोगों को शांत करें और टूटे हुए रिश्तों को जोड़ें। चंचल बनें लेकिन दूसरों के प्रति भी संवेदनशील रहें। किसी को भी अनावश्यक रूप से परेशान न करें और हमेशा अपने आचरण की देखरेख करें। इस होली में केवल प्राकृतिक रंगों से खेलने का संकल्प लें।

होली पर निबंध (Essay on Holi in Hindi) - होली से जुड़ी सामाजिक कुरीतियां 

होली जैसे धार्मिक महत्व वाले पर्व को भी कुछ असामाजिक तत्व अपने गलत आचरण से प्रभावित करने की कोशिश करते हैं। कुछ असामाजिक तत्व मादक पदार्थों का सेवन कर आपे से बाहर हो जाते हैं और हंगामा करते नजर आते हैं। कुछ लोग होलिका में टायर जलाते हैं, उनको इस बात का अंदाजा नहीं होता कि इससे वातावरण को बहुत अधिक नुकसान पहुँचता है। कुछ लोग रंग और गुलाल की जगह पर पेंट और ग्रीस लगाने का गंदा काम करते हैं जिससे लोगों को शारीरिक क्षति होने की आशंका रहती है। अगर में होली से इन कुरीतियों को दूर रखा जाए तो होली का पर्व वास्तव में हैप्पी होली बन जाएगा। इसलिए होली में कुरीतियों से बचें और खुशुयों से होली मनाये यह लोगो के बीच एकता और प्यार लाता है। होली पर निबंध (Holi Par Nibandh) कुछ लाइनों में लिखने के इच्छुक छात्र इस लेख के माध्यम से होली पर निबंध 10 लाइनों (Holi Par Nibandh 10 Lines) में लिखना सीखें।

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essay on hindi 200 words

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दिवाली पर निबंध: 200 शब्दों में जानिए दिवाली का महत्व और मनाने का तरीका

DiwaliShare

Essay on Diwali in Hindi 200 Words

  • दीपावली पर निबंध 200 शब्दों में

इस पोस्ट मे शुभ दिवाली के शुभ अवसर पर  Happy Diwali   के लिए  Diwali Essay In Hindi 200 Words   शेयर कर रहे है ,  जिस निबंध को C lass 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10, 11, 12 के विद्यार्थियों के लिए लिखी गई है। जिसे इन कक्षा के छात्र अपनों के साथ शेयर  कर सकते है ,   तो चलिये अब 200 Words On Diwali In Hindi Essay   –  दीपावली पर निबंध 200 शब्दों में  को जानते है।

  • दिवाली पर निबंध 200 शब्द

Essay on Diwali In Hindi 200 Words

दिवाली का त्यौहार हर किसी के लिए खुशियां लेकर आता है, फिर चाहे वो बड़ा हो या बच्चा। हर कोई इस त्यौहार को बड़ी ही धूम धाम से मनाता है। साथ ही स्कूलों, कॉलेजों, दफ्तरों आदि में भी दीवाली का त्यौहार बहुत ही उल्लास के साथ मनाया है, दीपावली का ये त्यौहार साल में एक बार आता है जो कि अक्टूबर या नवम्बर की माह में होता है, दीपावली  कार्तिक मास की अमावस्या को मनाया जाता है,

Table of Contents

दीवाली के कुछ हफ्ते पहले से ही लोग आते ही लोग अपने घर की साफ-सफाई भी करते है। फिर दिवाली के दिन नए कपड़े पहनते है, मिठाई खाते हैं, दीप जलाते है, पटाखे जलाते हैं, लक्ष्मी-गणेश भगवान की पूजा करते हैं, और एक दूसरे को दिवाली की मिठाई बांटते है, और एक दूसरे को दिवाली की शुभकामना देते है, और मिलजुलकर इस तरह दिवाली का त्योहार मनाते है।

ऐसा भी कहा जाता है कि दीपावली के दिन साफ सफाई रखने से लक्ष्मी का वास होता है। इसीलिए दीपावली के दिन धन की देवी लक्ष्मी माँ और गणेश जी की पूजा होती है. और माँ लक्ष्मी जी के आशीर्वाद से घर मे सुख शांति और वैभव प्राप्त होते है, इसलिए दिवाली के दिन माँ लक्ष्मी और गणेश जी विशेष अर्चना किया जाता है।

दिवाली को पूरे भारत में खूब धूमधाम से मनाया जाता है, यहा तक कि दिवाली  सिर्फ भारत में ही नहीं बल्कि भारत के बाहर रहने वाले विदेशो मे भी भारतीय और अन्य धर्म के लोग भी बहुत धूम धाम से मनाते हैं…

उसी परम्परा को आगे बढ़ाते हुए हम हर साल दिवाली का उत्सव बड़ी धूमधाम से मनाते हैं. इस दिन धन की देवी माँ लक्ष्मी की पूजा आराधना की जाती हैं. इस तरह यह एक खुशियों का पर्व है जो हमारे जीवन में आनन्द बिखेर जाता हैं.

तो आप सभी को यह  दिवाली के लिए निबंध – Essay on Diwali in Hindi 200 Words  खूब पसंद आया होगा, तो आप अपने विचार कमेंट मे जरूर बताए और  दिवाली पर निबंध 200 शब्दों में –  Diwali Essay In Hindi 200 Words  को शेयर भी लोगो के साथ जरूर करे। और अंत मे आप सभी को  हैप्पी दिवाली…

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Bahut hi badhiya essay diwali ke liye.

Thank you Ranjana Pandey. aapko bhi Happy Diwali

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Major Dhyan Chand Essay in Hindi

Major Dhyan Chand Essay in Hindi: मेजर ध्यानचंद पर निबंध

क्या आप भी “Major Dhyan Chand Essay in Hindi” की तलाश कर रहे हैं? यदि हां, तो आप इंटरनेट की दुनिया की सबसे बेस्ट वेबसाइट essayduniya.com पर टपके हो. यदि आप Major Dhyan Chand Essay in Hindi, Major Dhyan Chand Nibandh, Essay on Major Dhyan Chand in Hindi यही सब सर्च कर रहे हैं तो आपका इंतजार यही पूरा होता है.

Major Dhyan Chand Essay in Hindi

यहां हम आपको “Major Dhyan Chand Essay in Hindi” उपलब्ध करा रहे हैं. इस निबंध/ स्पीच को अपने स्कूल या कॉलेज के लिए या अपने किसी प्रोजेक्ट के लिए उपयोग कर सकते हैं. इसके साथ ही यदि आपको किसी प्रतियोगिता के लिए भी Essay on Major Dhyan Chand in Hindi तैयार करना है तो आपको यह आर्टिकल पूरा बिल्कुल ध्यान से पढ़ना चाहिए. 

Major Dhyan Chand Essay In Hindi 200 Words

मेजर ध्यानचंद जी खेल जगत का एक जाना माना नाम है। हॉकी के जादूगर कहे जाने वाले ध्यानचंद जी का जन्म उत्तरप्रदेश प्रयागराज में 29 अगस्त 1905 को हुआ था। हर साल भारत में खेल दिवस (National Sports Day) के मौके पर राष्ट्रपति भवन में कार्यक्रम आयोजित किया जाता है, जिसमें देश के उत्कृष्ट खिलाड़ियों को राष्ट्रीय खेल पुरुस्कार से पुरस्कृत किया जाता है। इसमें खिलाड़ियों को उनके प्रदर्शन अनुसार राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार, द्रोणाचार्य पुरस्कार, अर्जुन पुरस्कार और ध्यानचंद पुरस्कार से सम्मानित किया जाता है।

मेजर ध्यानचंद जी खेल जगत में एक विशेष प्रतिभा के धनी थे। उन्होंने अपने पूरे करियर में लगभग हजार गोल किए हैं। जिसमें से 400 से भी अधिक अंतरराष्ट्रीय गोल हैं। ध्यानचंद जी ने सन 1928 1932 और 1936 के ओलंपिक में अपने टीम के साथ स्वर्ण पदक जीते हैं। मेजर ध्यानचंद जी की उपलब्धि से न केवल उन्हें दुनिया में एक अलग पहचान मिली बल्कि उन्होंने अपने हुनर से भारत का भी नाम रोशन किया है। ध्यानचंद जी का हॉकी के खेल में योगदान देखते हुए भारत सरकार ने सन 2012 में मेजर ध्यानचंद जी की जयंती को खेल दिवस के रूप में मनाने की घोषणा की थी। इसके बाद से अब तक हर साल 29 अगस्त को राष्ट्रीय खेल दिवस के रूप में मनाया जाता है।

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Major Dhyan Chand Essay in Hindi 300 Words

खेल जगत का चमकता सितारा मेजर ध्यानचंद जी का जन्म 29 अगस्त 1905 को वर्तमान में प्रयागराज उत्तरप्रदेश में हुआ था। मेजर ध्यानचंद जी अपनी प्रारंभिक शिक्षा पूरी करने के बाद भारतीय सेना में भर्ती हो गए थे। इसके बाद से ध्यानचंद जी की रुचि हॉकी खेल में बढ़ने लगी और वह इस खेल को काफी गंभीरता से लेने लगे थे। उन्होंने भारतीय सेवा में रहते हुए 1922 से लेकर 1926 के बीच कई रेजीमेंट मैच खेले जिसमें उन्होंने सभी का ध्यान अपनी तरफ खींचा। जिसके बाद उनकी टीम को न्यूजीलैंड दौरे के लिए चुन लिया गया।

इस दौर में भारतीय सी टीम ने 18 मैच जीते थे, जिसमें से दो मैच ड्रॉ रहे और केवल एक ही मैच हर भारतीय सेना टीम और ध्यानचंद जी का ऐसा प्रदर्शन देखकर सब लोग उनकी और आकर्षित हो गए। सन 1936 के ओलंपिक में भारत ने हॉकी के फाइनल में जर्मनी को 8-1 से हराकर करारी हार दी थी। जिसे देखकर हिटलर काफी प्रभावित हुआ था जब उसे ध्यानचंद जी के भारतीय सेवा में होने की खबर मिली तो उसने ध्यानचंद जी को जर्मनी सेवा में शामिल होने का ऑफर दिया। ध्यानचंद जी ने इस ऑफर को ठुकरा दिया था।

अपने पूरे करियर में ध्यानचंद जी ने कई नेशनल और इंटरनेशनल स्तर पर हॉकी मैच खेले और भारतीय टीम को तीन स्वर्ण पदक जिताने में भी उन्होंने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। मेजर ध्यानचंद जी को हॉकी खेल का जादूगर कहा जाता है। भारत के मुख्य चार राष्ट्रीय खेल पुरुस्कार में से एक पुरुस्कार मेजर ध्यानचंद जी के नाम पर ही रखा गया है। खेल जगत में ध्यानचंद जी के योगदान के कारण सन 2012 में उनकी जयंती को राष्ट्रीय खेल दिवस (National Sports Day) के रूप में मनाए जाने की घोषणा की थी। जिसके बाद से हर साल 29 अगस्त को National Sports Day मनाया जाता है। 

Essay on Major Dhyan Chand in Hindi 500 Words

हर साल 29 अगस्त को भारत में राष्ट्रीय खेल दिवस मनाया जाता है। इस दिन भारत के दिग्गज हॉकी खिलाड़ी मेजर ध्यानचंद जी का जन्म हुआ था। उन्हीं की जयंती को आज खेल दिवस के रूप में मनाया जाता है। मेजर ध्यानचंद जी हॉकी के एक अद्वितीय खिलाड़ी थे। जिन्होंने भारत को कई स्वर्ण पदक दिलाए हैं, और हॉकी खेल में भारत का नाम दुनियां भर में रोशन किया है। आज के दिन खेल दिवस के अवसर पर स्कूल, कॉलेजों और अन्य खेल जगत से जुड़े संस्थानों में कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है। 

खेल दिवस का महत्व

खेल प्रत्येक मनुष्य के लिए आवश्यक है क्योंकि इससे न केवल मनोरंजन होता है, बल्कि व्यक्ति का शारीरिक और मानसिक विकास भी होता है। खेल मनोरंजन के साथ शरीर का व्यायाम करने के लिए एक बहुत अच्छा माध्यम है। स्वास्थ्य की दृष्टि से खेल बहुत महत्वपूर्ण होते हैं इसके साथ ही यह व्यक्तित्व का निर्माण करने में भी सहायक होते हैं। आज कहीं खिलाड़ियों को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खेल के जरिए रोजगार भी प्राप्त हो रहा है और इससे वे न केवल अपना बल्कि अपने देश का भी नाम रोशन कर रहे हैं।

खेल दिवस का मनाने का उद्देश्य

खेल दिवस को मनाए जाने का मुख्य उद्देश्य लोगों को खेल के महत्व के बारे में जागरूक करना और खेलने के लिए प्रेरित करना है। इसके साथ ही खेल दिवस के जरिए जो लोग खेलने में रुचि रखते हैं और खेल के क्षेत्र में आगे बढ़ना चाहते हैं उन्हें भी प्रोत्साहित किया जाता है। खेल दिवस के अवसर पर शिक्षण संस्थान खेल अकादमी और सरकार द्वारा विभिन्न कार्यक्रम और सेमिनार द्वारा लोगों को खेलों के महत्व के बारे में जागरूक किया जाता है ताकि वे खेल के क्षेत्र में आगे बढ़कर अपने और देश के भविष्य के लिए कुछ बहते कर सकें।

खेल के क्षेत्र में भारत की अंतरराष्ट्रीय उपलब्धियां

  • सन 1948 लंदन ओलंपिक, में हॉकी स्वर्ण पदक
  • सन 1975 मलेशिया में हॉकी विश्व कप
  • सन 1975 में भारत ने पहली बार हॉकी विश्व कप जीता। 
  • भारत ने फाइनल में पाकिस्तान को 2-1 के गोल अंतर से हराया।
  • सन 1983 और 2011 में भारत ने दो बार वनडे विश्व कप जीता था।
  • सन 1951 में भारत ने प्रथम एशियाई खेलों की मेजबानी की थी। भारत की ओर से एशियाई खेलों में सचिन नाग ने पहला स्वर्ण पदक हासिल किया था।
  • सन 1951 में भारत ने एशियाई खेल में कुल 51 पदक, 15 स्वर्ण, 16 रजत और 20 कांस्य पदक जीते था और दुसरा स्थान था। जबकि जापान 60 पदक जीतकर प्रथम स्थान पर था। 
  • सन 1982 में भारत ने फिर से एशियाई खेलों की मेजबानी की थी। भारत ने 1982 के एशियाई खेलों में पांचवें स्थान पर रखा गया था।
  • सन 1970 में बैंकाक में एशियाई खेलों का कांस्य अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारतीय फुटबॉल की आखिरी बड़ी सफलता मिली थी।
  • सन 1980 में भारत ने इंग्लैंड में ओपन बैडमिंटन चैंपियनशिप जीती थी।
  • साल 2000 में विश्वनाथन आनंद जी ने विश्व शतरंज चैंपियनशिप जीती थी। ऐसा करने वाले वे पहले भारतीय 
  • खिलाड़ी बने थे।
  • तब से लेकर अब तक विश्वनाथन आनंद जी ने पांच बार चैंपियनशिप जीती थी।
  • सन 1900 में भारत की पहली बार पेरिस ओलंपिक खेलों में हिस्सा लिया था। जिसमें नॉर्मन प्रिचर्ड के एकमात्र प्रतिनिधि के तौर पर सम्मिलित हुए थे।
  • केडी जाधव ओलंपिक पदक जीतने वाले पहले भारतीय एथलीटों में से एक थे। सन 2004 के एथेंस ओलंपिक में राज्यवर्धन सिंह राठौर ने रजत पदक जीता था।
  • सन 2008 में बीजिंग ओलंपिक में, भारत को मुक्केबाजी में विजेंदर सिंह ने कांस्य जीता था। इसी साल में ओलंपिक में अभिनव बिंद्रा ने स्वर्ण पदक जीता था। 
  • साल 2020 में नीरज चोपड़ा ने टोक्यो ओलंपिक ने स्वर्ण पदक जीतकर इतिहास रच दिया था।

खेल केवल राष्ट्रीय या अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खेलने वाले खिलाड़ियों के लिए ही जरूरी नहीं है, बल्कि यह हर एक व्यक्ति के लिए आवश्यक है। क्योंकि खेल से व्यक्ति के मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य के बेहतर विकास के साथ उनके व्यक्तित्व का निर्माण भी होता है। जैसा कि हम सभी जानते हैं, कि एक स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ मस्तिष्क का निवास होता है, और खेल मस्तिष्क और शरीर को स्वस्थ रखने के साथ मन को एकाग्र रखने में सहायक होता है। इसलिए खेल मनुष्यों के विकास के लिए बहुत आवश्यक है। हम सभी को स्वयं को अपनी आने पीढ़ी को खेलों के महत्व को बताते हुए उन्हें खेल के लिए प्रेरित करना चाहिए।

Essay on Major Dhyan Chand in Hindi

हमारे सभी प्रिय विद्यार्थियों को इस “Major Dhyan Chand Essay in Hindi” जरूर मदद हुई होगी यदि आपको यह Essay on Major Dhyan Chand in Hindi अच्छा लगा है तो कमेंट करके जरूर बताएं कि आपको यह Major Dhyan Chand Essay in Hindi कैसा लगा? हमें आपके कमेंट का इंतजार रहेगा और आपको अगला Essay या Speech कौन से टॉपिक पर चाहिए. इस बारे में भी आप कमेंट बॉक्स में बता सकते हैं ताकि हम आपके अनुसार ही अगले टॉपिक पर आपके लिए निबंध ला सकें.

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Essay On Holi In Hindi (100, 200, 300, 500, 700, 1000 Words)

होली निबंध 1 (100 शब्द) :.

हम सभी भारत वासी हैं और हमारे देश को उसके भिन्न-भिन्न त्यौहारों की वजह से जाना जाता है जिसमें हिंदुओं का पर्व होली एक बहुत ही महत्वपूर्ण पर्व है। होली एक रंगों का त्यौहार है जो बसंत ऋतू में अथार्त फाल्गुन मास में मनाया जाता है। होली के दिन सभी लोग छोटे-बड़े, युवा-बूढ़े आदि एक-दूसरे को रंग लगाते हुए होली की बधाईयाँ देते हैं।

होली को एक-दूसरे के प्रति स्नेह का प्रतिक माना जाता है क्योंकि आज के दिन सभी लोग अपने आपसी मत-भेद भूलकर एक दूसरे के साथ होली खेलते हैं। होली पर सभी लोग एक-दूसरे को रंग लगाते हैं जिसके दौरान सभी लोग मिलकर ढोलक, डी.जे., आदि की धुन पर नाचकर अपने उत्साह को प्रकट करते हैं।

होली के दिन सभी घरों में अलग-अलग तरह के व्यंजन और पकवान बनाए जाते हैं। होली त्यौहार से एक दिन पहले रात के समय होलिका दहन किया जाता है जिसके अगले दिन लोग मौज-मस्ती और उत्साह के साथ एक-दूसरे को रंग लगाते हैं।

होली निबंध 2 (200 शब्द) :

भारत एक ऐसा देश है जहाँ पर विभिन्न धर्मों को मानने वाले और विभिन्न त्यौहार मनाने वाले लोग रहते हैं। भारत के त्यौहारों में से एक प्रमुख त्यौहार है होली का त्यौहार जिसे रंगों का त्यौहार भी कहा जाता है। होली के त्यौहार को बसंत ऋतू के फाल्गुन मास में मनाया जाता है। होली के त्यौहार को भक्त प्रहलाद के आग से बचने और उनके पिता की बहन होलिका के आग में जलने की खुशी में मनाया जाता है।

आज के दिन प्रहलाद के पिता की बहन प्रहलाद को अपनी गोद में लेकर चिता पर बैठी थी क्योंकि होलिका को एक चुंदरी के रूप में यह वरदान प्राप्त था कि जब तक वह चुंदरी उसके पास है आग उसका कुछ नहीं बिगाड़ सकती।

लेकिन आज के दिन भक्त प्रहलाद के प्राण बच गए थे और होलिका के पास वरदान होते हुए भी वह आग में जलकर राख हो गई थी जिसकी खुशी में लोगों में एक-दूसरे पर गुलाल और रंग बिखेरे थे जिसकी वजह से आज के दिन को होली के नाम से मनाया जाने लगा था। हर साल की तरह होली से एक दिन पहले होलिका दहन किया जाता है जिसके अगले दिन लोग खुशी से एक-दूसरे के साथ होली खेलते हैं।

होली निबंध 3 (300 शब्द) :

भूमिका : जिस तरह भारत में दीपावली के त्यौहार को मनाया जाता है उसी प्रकार भारत में होली को भी बहुत उत्साह के साथ मनाया जाता है। होली के त्यौहार को बसंत ऋतू के फाल्गुन मास में मनाया जाता है क्योंकि आज के ही दिन भक्त प्रहलाद के पिता की बहन की आग में जलकर मृत्यु हुई थी जिसे बुराई पर अच्छाई की जीत के रूप में माना गया था और उसी दिन से इस उत्सव को हर साल मनाया जाने लगा था जिसकी वजह से इसका इतिहास और महत्व अधिक हो गया है।

होलिका दहन : होली का त्यौहार फाल्गुन मास के आखिरी दिन पर होलिका दहन से शुरू होता है और अगले दिन को रंगों से रंग दिया जाता है। होलिका दहन के लिए बहुत से लोग छोटे-छोटे उपलों की माला बनाकर उसे एक निर्धारित स्थान पर रखा जाता है जिसके बाद रात के समय पंडित जी के बताए गए समय पर उपलों की माला के ढेर में आग लगा दी जाती है जिसे लोग होलिका दहन के नाम से जानते हैं।

इसके अगले दिन सभी लोग एक-दूसरे को रंग लगाते हैं और रंगों से भरे गुब्बारे और पिचकारी से भीगा हुआ रंग फेंकते हैं। आज के दिन लोग सभी तरह के भेद-भाव भूलकर एक-दूसरे को होली की बधाई देते हैं।

उपसंहार : होली एक प्रमुख त्यौहार है जिसे भारत देश के साथ-साथ अन्य प्रदेशों में भी बहुत ही उत्साह और खुशी के साथ मनाया जाता है। यह त्यौहार रंगों से भरा एक पर्व है जिसे हिंदुओं के द्वारा बहुत ही हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है।

भारत में अनेक त्यौहार मनाए जाते हैं लेकिन होली का त्यौहार बाकि सभी त्यौहारों से कुछ अलग तरह का त्यौहार है। होली का त्यौहार हम सभी को मौज-मस्ती, मनोरंजन, खुशी, उत्साह आदि का संदेश देता है। होली के त्यौहार को दुखों, उलझनों और संतापों को भूलकर अपनी संपूर्णता के साथ इस त्यौहार को मनाते हैं।

होली निबंध 4 (400 शब्द) :

भूमिका : होली एक ऐसा त्यौहार है जिसमें लोग एक-दूसरे को रंग या गुलाल लगाते हैं जिसकी वजह से इस त्यौहार को हर धर्म के लोग पूरे उत्साह और खुशी के साथ मनाते हैं। होली को रंगों का उत्सव कहा जाता है जो भारत के हिंदू धर्म के लोगों के द्वारा बड़ी धूम-धाम से मनाया जाता है।

होली के त्यौहार को हर साल बसंत ऋतू के समय फाल्गुन मास में आता है जो दीपावली की तरह ही अधिक खुशी प्रदान करने वाला त्यौहार है। होली का यह दिन हर साल चैत्र मास के एक दिन पहले आता है जिस दिन पूरी प्रकृति और वातावरण बहुत ही सुंदर और रंगीन नजर आती है।

होली का उद्देश्य : होली के त्यौहार को होलिकोत्सव के नाम से भी जाना जाता है। होलिका शब्द की उत्पत्ति संस्कृत के होल्क शब्द से हुई थी जिसका अर्थ होता है भुना हुआ अन्न जिससे होलिका शब्द से होली शब्द की उत्पत्ति हो गई।

पुराने समय में जब लोग अपनी नई फसल को काटते थे तो उससे कोई भी काम करने से पहले भगवान का भोग लगाते थे इसलिए नवान्न को आग के प्रति समर्पित करके उसे भूना जाता था। अन्न के ठीक प्रकार से भुनने के बाद उसे सभी लोगों में प्रसाद के रूप में बाँट देते थे और आग से सेक लेते हुए बड़े ही स्वाद से खाते थे इसी वजह से आज भी बहुत से क्षेत्रों में होलिकोत्सव मनाया जाता है।

ऐतिहासिकता : होली के त्यौहार के पीछे एक ऐसे भक्त की कहानी है जिसने कभी अपनी भक्ति को हारने नहीं दिया था। पुराने समय में एक राजा थे हिरण्यकश्यप उनका एक पुत्र था जो विष्णु देव की भक्ति करता था लेकिन उसके पिता को यह अच्छा नहीं लगता था इसलिए उन्होंने अपनी बहन होलिका को यह आदेश दिया कि वह उसको लेकर चिता पर बैठेगी।

होलिका को ब्रह्मा देव ने यह वरदान दिया था कि आग उनका कुछ नहीं बिगाड़ सकती। भक्त प्रहलाद भगवान विष्णु का नाम लेकर अपनी बुआ के साथ चिता पर बैठ गए जिसमें भक्त प्रहलाद को कोई चोट नहीं पहुंची लेकिन होलिका जलकर राख हो गई उसी की खुशी में हर साल इस दिन को होली के रूप में मनाया जाने लगा।

उपसंहार : होली को खुशियों, उत्साह, रंगों और एकता का प्रतिक माना जाता है क्योंकि होली के दिन सिर्फ खुशियाँ होती हैं। होली को भारत देश में एक राष्ट्रिय त्यौहार के रूप में मनाया जाता है क्योंकि होली के दिन सभी स्कूलों, कॉलेजों, विश्वविद्यालयों, कार्यालयों, बैंकों, और दूसरे सभी संस्थानों में होली की शुभकामनाएं दी जाती हैं लेकिन होली के दिन ये सभी स्थान बंद रहते हैं ताकि लोग होली के दिन सभी तरह की चिंताओं से मुक्त होकर होली का आनंद ले सकें।

होली निबंध 5 (500 शब्द) :

भूमिका : होली भारत के मुख्य त्यौहारों में से एक त्यौहार है क्योंकि यह एक ऐसा त्यौहार है जिस दिन सभी लोग एक-दूसरे का खुलकर मजाक उड़ाते हैं। होली के दिन सभी बच्चे, बूढ़े, युवा रंगों से खेलते हैं।

होली के पर्व को हर साल मार्च के महीने में मनाया जाता है। सभी लोगों के द्वारा इस दिन को एकत्र, प्यार, खुशी, सुख और जीत के पर्व के रूप में मनाया जाता है। होली के पर्व को एक-दूसरे के साथ प्यार और खुशी जाहिर करने के लिए चमकीले और आकर्षक रंगों से होली को खेला जाता है।

रंगों का त्यौहार : भगवान श्री कृष्ण के जन्म से पहले होली को सिर्फ होलिकोत्सव के रूप में मनाया जाता था जिसमें होलिका दहन में नवान्न अर्पित किए जाते थे लेकिन जब भगवान श्री का जन्म हुआ तो उन्होंने इस त्यौहार को रंगों के त्यौहार में परिवर्तित कर दिया।

एक बार होलिकोत्सव के दिन भगवान श्री कृष्ण के घर पूतना नाम की राक्षसी आई थी लेकिन कृष्ण ने उसका वध कर दिया था। जब कृष्ण युवा अवस्था में पहुंचे थे तो उन्होंने इस पर्व को गोपी-गोपिकाओं के साथ रासलीला और रंग खेलने के साथ-साथ रात में समय होलिका दहन करने की परंपरा बन गई थी।

बसंत का आगमन : जब प्रकृति में बसंत का आगमन होता है तो प्रकृति के अंग-अंग में यौवन फूटने लगता है तब होली का त्यौहार बसंत ऋतू का श्रंगार करने के लिए आता है। होली का पर्व एक ऋतू से संबंधित त्यौहार है।

जब एक ऋतू यानि शीतकाल ऋतू की समाप्ति होती है तो ग्रीष्मकाल ऋतू का आगमन होता है और जब ये दोनों ऋतुएं मिलती हैं तो इन दोनों के मिलने से होने वाले संधिकाल को होली का त्यौहार कहा जाता है। जब शीतकाल ऋतू की समाप्ति होती है तो सभी किसान आनंद से भर जाते हैं क्योंकि यही वह समय होता है जब उनका साल भर यानि पूरी साल किया गया कठोर परिश्रम सफल होता है और उनकी फसल पकनी शुरू हो जाती है।

(और पढ़ें : होली पर निबंध ,  होली से जुडी कुछ महत्वपूर्ण बातें )

होली की तैयारियां : होली त्यौहार से एक दिन पहले सभी लोग गोबर, लकड़ी, घास आदि के ढेर को एक निश्चित स्थान पर लगा देते हैं। रात के समय निश्चित समय पर उस ढेर में आग लगा दी जाती है और उसके साथ पौराणिक कथाओं को भी याद किया जाता है।

बहुत से लोगों का तो यह भी मानना है कि अगर आज के दिन परिवार के सभी सदस्यों के शरीर पर सरसों के उबटन से मसाज की जाए तो घर और मन से सारी गंदगी दूर हो जाती है और खुशियों तथा सकरात्मक शक्तियों का संचार होता है।

होलिका दहन के अगले दिन सभी लोग अपने मित्र, परिवार, सगे-संबंधियों को होली के त्यौहार की शुभकामनाएं देते हैं। इस दिन बच्चों के लिए गुब्बारे, रंग, पिचकारियाँ, गुलाल आदि खरीदा जाता है जिसे देखकर बच्चे बहुत अधिक खुश होते हैं। होली के दिन सभी घरों में तरह-तरह की मिठाईयां, व्यंजन, पकवान बनाए जाते हैं।

उपसंहार : होली त्यौहार को रंगों का त्यौहार भी कहा जाता है जो हर साल फाल्गुन मास के महीने में मनाया जाता है। होली को हिंदुओं का प्रमुख त्यौहार कहा जाता है लेकिन यह सिर्फ हिंदुओं का ही नहीं बल्कि सभी लोगों का त्यौहार है।

होली को सभी लोग एक नए उत्साह, आशा और जोश के साथ मनाते हैं। होली के त्यौहार पर लोग आपस में गले मिलते हैं, एक-दूसरे को रंग लगाते हैं और होली के पर्व की शुभकामनाएं देते हैं। होली के दिन लोग खासतौर पर पापड़, हलवा, गुजिया, पकोड़े आदि व्यंजन खाते हैं।

होली निबंध 6 (600 शब्द) :

भूमिका : होली एक ऐसा त्यौहार है जो सभी के लिए सुख, खुशियों के साथ-साथ अनेक संकेत लेकर आता है। होली के त्यौहार का इंतजार सभी लोग बहुत ही उत्साह के साथ करते हैं क्योंकि होली के दिन सभी लोग बेफिक्र होकर रंगों के साथ खेलते हैं। होली के त्यौहार को भक्त प्रहलाद की भक्ति और होलिका के आग में जलकर राख होने की खुशी में मनाया जाता है जिस दिन सभी लोग अपने गिले, शिकवे भुलाकर एक-दूसरे के गले मिलते हैं।

होली का यथार्त उद्देश्य : प्राचीन समय में जब भी किसानों की फसल पककर तैयार होती थी तो भगवान पर भोग के रूप में थोड़े से अन्न को भूनकर भगवान को चढाया जाता है। भगवान को भोग लगाने के बाद बाकि के भूने हुए अन्न को सभी लोगों में प्रसाद की तरह बाँट दिया जाता है और सभी लोग आग की सेंक लेते हुए उस प्रसाद को ग्रहण करते हैं और साथ-साथ बहुत से गीत, भजन, गाते हैं। एक-दूसरे के दुःख-सुख की बातें करते हैं, मौज-मस्ती के साथ बहुत सारा समय एक-दूसरे के साथ व्यतीत करते हैं।

होली का महत्व : होली के त्यौहार का हिंदू समाज के लिए बहुत अधिक महत्व है क्योंकि होली का पर्व दुश्मनों को भी दोस्त बना देता है। होली के त्यौहार पर अमीर-गरीब, क्षेत्र, जाति और धर्म में कोई भेदभाव नहीं किया जाता है। होली त्यौहार के दिन सभी लोग एक-दूसरे के घर जाकर लोगों के साथ रंगों से खेलते हैं।

जो लोग अपनों से दूर रहते हैं वो इस पर्व के माध्यम से एक-दूसरे से मिल जाते हैं। होली के दिन सभी लोग अपने गम, नफरत, नाराजगी भुलाकर आपस में एक नए रिश्ते को कायम करते हैं। जिस तरह दीपावली का पर्व अपने साथ बहुत से उद्देश्य और संदेश लेकर आता है उसी तरह होली भी बहुत से संदेश लेकर आता है। होली का त्यौहार सभी को भेदभाव और बुराईयों से दूर रहने की सलाह देता है।

भक्त प्रहलाद की कहानी : पुरातन काल में एक राजा हिरण्यकश्यप था जो अपने आप को भगवान मानता था। राजा अपनी पूरी प्रजा पर कहर बरसाता था क्योंकि वह चाहता था कि सभी लोग उसे ही भगवान मानें। लेकिन राजा का बेटा प्रहलाद अपने भगवान विष्णु की भक्ति नहीं छोड़ना चाहता था। उस पर बहुत सारे अत्याचार किए गए लेकिन फिर भी वह अपने दृढ निश्चय से पीछे नहीं हटा।

अंत में राजा ने अपनी बहन होलिका को प्रहलाद को गोद लेकर चिता पर बैठने का आदेश दिया क्योंकि उसे कभी न जलने का वरदान प्राप्त था। होलिका प्रहलाद को लेकर चिता पर बैठ गई जिसमें प्रहलाद अपनी भक्ति में लीन हो गया और उसे कोई चोट भी नहीं आई लेकिन होलिका उसी आग में जलकर राख हो गई इसी वजह से भक्त प्रहलाद की भक्ति को याद करते हुए इस दिन को हर साल मनाया जाने लगा।

होली मनाने की विधि : होली को दो दिन का त्यौहार माना जाता है क्योंकि होली से एक दिन पहले किसी स्थान को निश्चित कर दिया जाता है। पूरा गाँव उस निश्चित जगह पर गोबर, घास, लकड़ियाँ आदि का ढेर लगा देता है। भारत के हिन्दू धर्म के अनुसार इस जगह की पूजा करने के बाद इस ढेर में आग लगा दी जाती है जिसे सभी लोग होलिका दहन कहते हैं।

इसी आग में सभी किसान अपने खेत की सबसे पहली फसल को भूनकर उसे प्रसाद के रूप में सभी को बांटते हैं। इसी की वजह से सभी में मिलन और भाईचारे की भावना पैदा होती है। अगले दिन सभी लोग एक-दूसरे को रंग लगाते हैं जिसकी वजह से अगले दिन को धुलेंडी कहते हैं।

उपसंहार : होली एक पवित्र और शुद्धता का त्यौहार माना जाता है लेकिन आजकल लोग प्राकृतिक रंगों की जगह पर रासायनिक रंगों का प्रयोग करते हैं जिसकी वजह से त्वचा को नुकसान पहुंचता है। होली के इस दिन लोग भांग-ठंडाई पीने की जगह पर नशेबाजी करते हैं और लोक संगीत सुनने की जगह पर आधुनिक गानों को सुनते हैं।

होली निबंध 7 (700 शब्द) :

भूमिका : होली का त्यौहार ढेर सारी मौज-मस्ती और मजाक का त्यौहार माना जाता है क्योंकि आज के दिन सभी लोग अपने शिष्टाचार के बंधनों को तोडकर एक-दूसरे का खुलकर मजाक उड़ाते हैं क्योंकि आज के दिन कोई भी नाराज नहीं होता है।

होली के इस पर्व को भारत देश के साथ-साथ विदेशों में भी बहुत धूम-धाम से मनाया जाता है। होली के इस पावन पर्व पर सभी लोगों के चेहरे पर अपने-आप ही मुस्कान आ जाती है यहाँ तक कि वृद्ध लोगों में भी इसके नाम से उल्लास का संचार होता है।

होली क्यों मनायी जाती है : होली एक खुशी और उत्साहपूर्ण त्यौहार है जो होलिका के आग में जलकर राख होने की वजह से इसे होली के नाम से हर साल मनाया जाता है। तभी से हिन्दू धर्म के लोग बुराई या शैतानी शक्ति पर अच्छाई या ईश्वरीय शक्ति की विजय के रूप में इस दिन को बड़े धूम-धाम से मनाने लगे थे। जब कृष्ण जी का जन्म हुआ तो उन्होंने गोपियों के साथ रासलीला करके होली के इस त्यौहार को रंगों के त्यौहार में बदल दिया था।

होली का उत्सव : होली का त्यौहार रंगों का त्यौहार है। होली के त्यौहार से एक दिन पहले सभी लोक होलिका दहन करके अपने देश के प्राचीन काल को या अतीत को याद करते हैं जिसकी वजह से आज हम होली जैसे पवित्र त्यौहार को मना पाते हैं।

आज के दिन सभी लोग एक-दूसरे को रंगों और गुलाल से रंग देते हैं और होली की शुभकामनाएं देते हैं। आज के दिन सभी घरों में मिठाईयां, व्यंजन और तरह-तरह के पकवान बनवाते हैं और सभी लोग आपस में मिलजुलकर नाश्ता करते हैं। आज के दिन बहुत सी जगहों पर कार्यक्रम भी किए जाते हैं।

होली की मनोवैज्ञानिक दृष्टि : होली को आनंद का सरोवर और खुशी का बेसकीमती खजाना होता है जो कभी खत्म नहीं होता है। इस तरह का खजाना सब लोगों के अंतःकरण में विद्यमान होता है लेकिन वह कुछ कारणों या शिष्टाचार के बंधनों की वजह से पूर्ण रूपेण व्यक्त नहीं हो पाता है।

जब किसी व्यक्ति के शिष्टाचार के बंधन टूट जाते हैं तो उस व्यक्ति का खुशी का खजाना फूट पड़ता है और वह व्यक्ति आनंद से विभोर हो उठता है। होली के त्यौहार पर सभी लोग शिष्टाचार के बंधन को तोडकर एक-दूसरे पर रंग बरसाते हैं इसमें कोई भी व्यक्ति कुछ कहकर, खुद नाचकर, गाकर अपने अंतःकरण की खुशियों को व्यक्त करते हैं।

होली के दोष : होली का त्यौहार एक खुशियों का त्यौहार है लेकिन किसी भी त्यौहार में समय के साथ विकार उत्पन्न हो ही जाते हैं। आज के समय में लोग होली जैसे पवित्र त्यौहार पर शराब पीते हैं और शराब के नशे में चूर होकर लड़ाई-झगड़े पर उतर आते हैं।

कई बार तो ऐसा होता है कि लोग त्यौहार से अधिक महत्व अपनी शत्रुता को देते हैं जिसकी वजह से वे अपना बदला लेने के लिए अनुचित साधनों का प्रयोग करते हैं। जिसकी वजह से रंगों का पर्व रंज के पर्व में बदल जाता है। बहुत से लोग तो ऐसे भी होते हैं जो इधर-उधर गंदगी फैला देते हैं जिसकी वजह से यह त्यौहार दूषित हो जाता है और इसमें विकार उत्पन्न हो जाते हैं।

होलिका दहन : रंगों के त्यौहार होली को फाल्गुन मास के आखिरी दिन होलिका दहन की शाम से शुरू किया जाता है और अगले दिन रंगों में रंगने का होता है। होली के पर्व को सभी बच्चे, बूढ़े, और जवान बहुत ही खुशी और उत्सुकता के साथ मनाते हैं। होली के आने से पहले ही लोग रंग, पिचकारी और गुब्बारे आदि खरीदकर तैयारी कर लेते हैं तथा साथ ही सडक के चौराहे पर लकड़ी, घास और गोबर के ढेर को विधि पूर्वक जलाकर होलिका दहन किया जाता है। इस समय पर लोग गीत, भजन और संगीत से सभी लोगों का मनोरंजन करते हैं जिसकी वजह से उस जगह का माहौल खुशनुमा बन जाता है।

उपसंहार : होली एक रंगों का त्यौहार है जिस पर सभी लोग अपने आपस की मत-भेद या भेदभाव भूलकर अपने नए जीवन की शुरुआत के साथ अपने अंदर नई ऊर्जा का संचार करते हैं।

भारत और हिन्दू समाज इस खुशी के त्यौहार का बहुत ही उत्साह और बेसब्री के साथ इंतजार करता है। होली के दिन सभी जगहों पर रंग-ही-रंग दिखाई देते हैं। पूरा शहर ऐसा लगता है जैसे पूरा शहर रंगों से रंग गया हो। होली के दिन शाम के समय सभी लोग एक-दूसरे के घर जाते हैं और रंग लगाकर होली की बधाई देते हैं।

होली निबंध 8 (1000 शब्द) :

भूमिका : होली का त्यौहार बसंत ऋतू का एक बहुत ही हर्षोल्लास वाला त्यौहार है जिसे बसंत का यौवन भी कहा जाता है। दुनिया अथार्त प्रकृति सरसों की पीली साडी पहनकर किसी का रास्ता देखती हुई प्रतीत होती हैं।

पुराने समय में होली के पर्व को आपसी प्रेम का प्रतीक माना जाता है जिसमें सभी छोटे-बड़े लोग मिलकर पुराने भेदभावों को भूल जाते हैं। जब पूरी प्रकृति रंग से सराबोर होने लगती है तो मनुष्य एक अलग तरह के आनंद में झूमने लगता है।

होली का महत्व : होली त्यौहार का सभी लोगों के लिए समान महत्व होता है लेकिन भारत देश के हिंदुओं के लिए इसका अधिक महत्व होता है क्योंकि आज के ही दिन होलिका नाम की राक्षसी जलकर राख हो गई थी जिसकी खुशी में सभी हिंदुओं ने जश्न मनाया था और उस दिन से इसे हर साल होली के नाम से मनाया जाने लगा।

होली का त्यौहार सभी लोगों को आपस में भेदभाव, अमीरी-गरीबी, क्षेत्र, जाति, धर्म आदि को भूलकर एक-दूसरे पर रंग फेंकने का उपदेश देता है। यह त्यौहार हमें सिखाता है कि हम सभी मनुष्य हैं और सभी मनुष्य एक समान होते हैं इनमें कोई छोटा या बड़ा नहीं होता है। होली के त्यौहार की वजह से जिन लोगों में वर्षों से दुश्मनी चलती है वे भी आपस में दोस्त बन जाते हैं।

होली से जुड़े तथ्य : होली के पर्व को मनाने से एक दिन पहले होलिका जलाना बहुत अधिक महत्वपूर्ण होता है क्योंकि अगर होलिका दहन नहीं किया जाएगा तो लोग अपने प्राचीनकाल के नियमों या रीति-रिवाजों को भूल जाएँगे जिससे उन्हें अपने देश के इतिहास का पता नहीं होगा और वे अपने देश के वीर पुरुषों और भक्तों से अनजान रह जाएंगे इसलिए अपने देश के इतिहास को याद रखने के लिए होलिका दहन करना बहुत जरुरी होता है। अगले दिन होली को केवल दोपहर तक खेलने की परंपरा होती है। जब ऋतुराज बसंत का आगमन होता है तो होली के त्यौहार को मनाया जाता है।

होली का इतिहास : एक बार हिरण्यकश्यप नाम का एक राजा था जिसकी बहन को बहुत-सी शैतानी शक्तियाँ और वरदान प्राप्त थे जिनके बल पर वह देश पर शासन करना चाहता था। वह अपने आप को भगवान समझता था। वह चाहता था कि सभी उसे भगवान समझें और उसकी पूजा करें लेकिन प्रहलाद अपनी विष्णु भक्ति नहीं छोड़ना चाहता था जिसकी वजह से उसके पिता ने उसपर बहुत अत्याचार किए लेकिन वह अपने दृढ निश्चय पर अड़ा रहा।

राजा ने अपनी बहन होलिका को प्रहलाद को गोद में लेकर चिता पर बैठने के लिए कहा लेकिन उस चिता में होलिका जलकर राख हो गई और प्रहलाद को कोई चोट नहीं आई इसी वजह से इस दिन को हर साल मनाया जाने लगा।

होली की तैयारियां : भारत में बहुत से त्यौहार मनाए जाते हैं लेकिन होली का त्यौहार बहुत अधिक महत्वपूर्ण होता है। होली को रंगों का त्यौहार कहा जाता है जिसमें लोग बहुत से साधनों के द्वारा एक-दूसरे को रंगों से रंग देते हैं। होली से एक दिन पहले होलिका दहन की तैयारी की जाती है जिसमें सभी लोग घास, लकड़ी और गोबर का ढेर लगते हैं।

शाम के समय इस ढेर में आग लगा दी जाती है जिसके अगले दिन के लिए लोग अपने से ही लोग रंग, गुब्बारे, पिचकारी, आदि खरीदकर रखते हैं। होली के दिन सभी लोग तरह-तरह के व्यंजन और पकवान बनाते हैं जिसका सभी लोग मिलजुलकर आनंद लेते हैं।

होली का रंगों में परिवर्तन : होली एक ऐसा त्यौहार है जिसके पास आते-आते सभी के ह्रदय में एक नए प्रकार के उत्साह का संचार होने लगता है। पहले समय में इस त्यौहार को रंगों से नहीं मनाया जाता था लेकिन जब श्रीकृष्ण जी ने अपनी रासलीला से गोप-गोपिकाओं को मंत्रमुग्ध किया तब से इस पर्व को रंगों का पर्व कहा जाने लगा और हर साल इसे रंगों से खेला जाने लगा। होली के इस पर्व पर सभी लोग अपने सगे-संबंधियों से मिलते हैं और एक-दूसरे को गुलाल लगाते हैं।

अपनेपन की होली : होली के त्यौहार को अपनेपन की होली इसलिए कहा जाता है क्योंकि आज के दिन को रंगों, खुशियों, मिठाईयों और पकवानों का दिन कहा जाता है। होली के त्यौहार से एक दिन पहले होलिका दहन किया जाता है जिसे बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक माना जाता है।

होलिका दहन एक ऐसा समय होता है जब सभी लोग आपस में मिलकर सभी प्रकार के भेदभाव भूलकर एक-दूसरे के साथ समय व्यतीत करते हैं। होली के दिन बच्चे अपने लड़ाई-झगड़े भूलकर एक-दूसरे के ऊपर गुब्बारों और पिचकारियों से रंग फेंकते हैं। होली के दिन कोई भी किसी की बात का बुरा नहीं मानता है।

होली के आधुनिक दोष : त्यौहार का महत्व चाहे कितना भी हो लेकिन कालातंर में उसमें दोष उत्पन्न हो ही जाते हैं। होली जैसे खुशियों के दिन भी बहुत से लोग शराब पीते हैं, जूआ खेलते हैं और घरों में लड़ाई-झगड़ा करते हैं। कई बार तो लोग अपनी दुश्मनी का बदला लेने के लिए इस होली जैस पवित्र दिन को भी छोड़ते हैं।

आज के दिन लोग सूखे और हल्के रंगों का प्रयोग करने की जगह पर काली स्याही और तवे की कालिख का प्रयोग करते हैं जिसकी वजह से उसे निकालने में त्वचा भी छिल जाती है। बहुत से लोग तो आज के दिन इधर-उधर गंदगी फैला देते हैं जिसकी वजह से आज के दिन में अस्वच्छता फैलती है।

प्रेम और एकता का प्रतीक : होली एक ऐसा पर्व है जिस दिन सभी लोग अपने शिष्टाचार के बंधनों को तोड़कर बच्चों, बूढों, राजा या रंक आदि सभी का खुलकर मजाक उड़ा सकते हैं क्योंकि आज के दिन कोई बुरा नहीं मानता है। आज के दिन सभी लोग मिलजुलकर गीत गाते हैं, नाचते हैं और भोजन भी करते हैं।

होली के पर्व के दिन सभी लोग एक-दूसरे के साथ एकता के बंधन में बंध जाते हैं। होली के दिन किसी भी बात का बुरा मानना गलत समझा जाता है। होली के दिन सभी लोग एक-दूसरे के गले मिलते हैं और अपने दिल की बातें लोगों से करते हैं। आज के दिन को मेल और प्रेम की एकता का प्रतीक माना जाता है।

उपसंहार : दीपावली की तरह होली भी भारत के प्रमुख त्यौहारों में से एक होता है। होली को मेल, एकता, प्रेम, खुशी, उत्साह और आनंद का पर्व माना जाता है। होली के दिन की खुशी की वजह से सभी में एक नए जीवन को जीने की प्रेरणा आ जाती है।

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