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माँ पर निबंध – Essay on Mother in Hindi

Essay on Mother in Hindi : दोस्तों आज हम ने मां पर निबंध लिखा है मां का जीवन बड़ा ही अनमोल और समर्पण भाव से जुड़ा हुआ होता है वह हम बच्चों की सबसे पहली गुरु होती है वही हमारा संसार होती है इसलिए हमने मां को समर्पित निबंध लिखा है.

अक्सर कक्षा 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10 और 12 के विद्यार्थियों को मां पर परीक्षाओं एवं भाषण देने के लिए के लिए कहा जाता है उनकी सहायता के लिए हमने यह निबंध लिखा है.

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10 lines Essay on Mother in Hindi

(1) मेरी मां दुनिया की सबसे अच्छी मां है.

(2) मां ने ही मुझे जन्म दिया है और मेरे लिए अनेक कष्ट सहे है फिर भी वह खुश रहती हैं

(3) मेरी मां मुझे बहुत प्यार करती है और रोज स्कूल जाने के लिए तैयार करती है.

(4) वह रोज मुझे सुबह शाम प्यार से खाना खिलाती है.

(5) मेरी मां मेरे साथ साथ पिताजी और उनके माता-पिता का भी ख्याल रखती है.

(6) मां मुझे रोज नई शिक्षाप्रद बातें बताती है साथ ही सही और गलत में फर्क करना भी सिखाती है.

(7) मां हमेशा परिवार की खुशी में ही खुश रहती है वह अपने लिए कभी कुछ नहीं मांगती.

(8) वह घर में आने वाले सभी मेहमानों से अच्छा व्यवहार करती है.

(9) आधुनिक समाज वह नौकरी करने के साथ-साथ घर परिवार भी चलाती है.

(10) मेरी मां हर परिस्थिति से लड़ना जानती है वह बहुत ही दयालु और सबसे अच्छी मां है.

Short Essay on Mother in Hindi 100 words

मां भगवान की सबसे श्रेष्ठ रचना है उसके जितना त्याग और प्यार कोई नहीं कर सकता है. मां विश्व की जननी है उसके बिना संसार की कल्पना भी नहीं की जा सकती है.

मां ही हमारी जन्मदाता होती है और वही हमारी सबसे पहली गुरु भी होती है वही सबसे ज्यादा हमें प्यार और दुलार करती है.

वह हमें जीवन में कठिनाइयों से लड़ते हुए आगे बढ़ने का संदेश देती है. वह हमारी प्रत्येक जरूरतों का ख्याल रखती है और स्वयं कष्ट सहकर भी हमें अच्छा जीवन प्रदान करती है.

यह भी पढ़ें –  माँ पर शायरी – Maa Shayari in Hindi

जिसके भी जीवन में मां होती है वह सदा खुश रहता है हमें हमेशा मां का आदर करना चाहिए और उन्हें हर खुशी देने का प्रयास करना चाहिए.

Meri Maa Essay in Hindi 250 words

मां ममता और वात्सल्य की मूरत है एक बच्चे की सबसे पहली दुनिया मां का आंचल ही होती है उसी की गोद में बैठकर वह दुनिया के नए रंग देखता है.

मां ही पहला गुरुकुल और पहला गुरु होती है और एक बच्चा सबसे पहला शब्द भी माँ ही कहता है. मां हमारी जीवन भर देखभाल करती है उसी की अच्छी परवरिश के कारण हम अच्छे इंसान बन पाते है.

हम चाहे कितने भी बड़े हो जाए लेकिन मां के लिए हमेशा बच्चे ही रहते है वह हर समय हमारी चिंता करती है और हमे सही राह दिखाती है.

मां हमारा हर सुख-दु:ख में साथ देती है जब हम बीमार होते हैं तो वही हमारे लिए रात भर जागती है भगवान से हमारे ठीक होने की प्रार्थना करती है.

वह हमारे लिए सब कुछ त्याग कर देती है, मां भूखी रहकर भी हमें भरपेट भोजन खिलाती है मां के जैसा त्याग और प्यार कोई नहीं कर सकता है.

यह भी पढ़ें – Best Mothers Day Poem in Hindi – माँ पर कविता

मां हमारी हर बात को समझती है चाहे हम उसे बताएं या नहीं वह हमारे हर आंसू की वजह पूछती है. अगर हम किसी कार्य को नहीं कर पाते है तो वह हमारा मार्गदर्शन करती है वह जीवन के हर एक मोड़ पर हमारे साथ खड़ी होती है.

मां अपने बच्चे से कभी रूठती नहीं है अगर वो रूठ भी जाती है तो ज्यादा देर तक रूठी हुई नहीं रह सकती है प्रेम और स्नेह का दूसरा नाम ही मां है. किसी भी व्यक्ति के अच्छे भविष्य के लिए मां का बहुत अधिक महत्व होता है.

Best Essay on Mother in Hindi 500 words

मां ईश्वर का दूसरा रूप है क्योंकि ईश्वर सभी जगह हमारी सहायता के लिए नहीं हो सकते इसीलिए उसने मां को बनाया है मां की ममता प्यार और स्नेह को प्राप्त करने के लिए तो ईश्वर भी धरती पर जन्म लेता है. मां से बड़ा दयालु और परोपकारी आज तक कोई नहीं हो पाया है और ना हो पाएगा.

मां वह धरा है जो खुद बंजर हो जाती है लेकिन अपने बच्चों का सही पालन-पोषण करके उनका अच्छा मार्ग दर्शन करके उन्हें उपजाऊ धरा के समान बनाती है.

Maa हमेशा हमारी खुशी मेरी खुश रहती है उसे कोई धन दौलत नहीं चाहिए उसे तो सिर्फ अपने बच्चों का प्यार चाहिए. मां हमेशा दिन-रात हमारे परिवार और हमारी सेवा में लगी रहती है लेकिन वह कभी नहीं कहती कि मैं थक गई या फिर मैं और काम नहीं कर सकती.

मां के जितना समर्पण और त्याग कोई अन्य व्यक्ति नहीं कर सकता है . मां हमारे जन्म से पहले से ही हमारा ख्याल रखना शुरू कर देती है हमारे जन्म के समय उसे असहनीय पीड़ा का सामना करना पड़ता है फिर भी वह हमारी एक मुस्कान देखने के लिए सारी पीड़ा को खुशी खुशी सह जाती है.

“गम की चोटे फौलाद से ज्यादा क्या होगी और मां की दौलत दुनिया में औलाद ज्यादा क्या होगी”

बचपन में वह हमारा पालन पोषण करती है, हमारी हर नादानी को नजर अंदाज करके हमें माफ कर देती है. मां सुबह सबसे पहले उठती है, वह हमें समय पर भोजन देती है, समय पर स्कूल जाने के लिए तैयार करती है,

पूरे दिन भर घर का काम करती है, इसके बाद जब हम घर लौट कर आते हैं तो एक मुस्कान के साथ हमारा हाल-चाल पूछती है और हम सब को सुलाने के बाद वह सोती है. इतना बड़ा कार्य तो सिर्फ माँ ही कर सकती है.

संसार में पुरुषों को सबसे शक्तिशाली बताया जाता है लेकिन सबसे शक्तिशाली तो मां है जिसके साहस, स्नेह, निडरता, बुद्धिमता, दयालुता और प्रेम भाव के आगे कोई भी नहीं टिक पाता है. माँ ही है जो करते हुए आंसुओं को पूछती है और एक मिनट में हमारे चेहरे पर मुस्कान बिखेर देती है.

कभी सोचा है मां हमारे लिए यह सब कुछ क्यों करती है क्योंकि वह सिर्फ और सिर्फ हमसे प्यार करती है वह अन्य दुनिया की तरह नहीं है जो स्वार्थ के लिए आप से प्रेम भाव रखते है.

मां ही हमारा पहला गुरु होती है वह हमें अच्छी शिक्षा देती है और समाज का एक अच्छा नागरिक बनाती है वह असफलता और सफलता दोनों में हमारे साथ खड़ी हुई होती है हमारे निराश होने पर वह आशा की किरण बनकर हमारे साथ चलती है और हमारा मार्गदर्शन करती है.

मां जीवन भर हमारे लिए इतना सब कुछ करती है तो हमारा भी फर्ज बनता है कि हमें भी मां के लिए कुछ करना चाहिए उनका हर समय खयाल रखना चाहिए उन्हें हर वह खुशी देने की कोशिश करनी चाहिए जो आज तक वो हमें देती आई है.

हमें प्रतिदिन मां का आशीर्वाद लेना चाहिए क्योंकि जब उसका आशीर्वाद मिल जाता है तब हमें किसी के आगे हाथ फैलाने नहीं पड़ते है.

आज आप हमारे साथ प्रण ले की जैसे मां ने आपका ख्याल रखा है वैसे ही आप भी उनका ख्याल रखेंगे और जो खुशियां उन्हें नहीं मिल पाई वो खुशियां उन्हें देंगे.

Essay on Mother in Hindi 1000 words

मां की व्याख्या करने की ताकत किसी भी कलम में नहीं है क्योंकि मां को शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता है फिर भी मैं मां के ऊपर आज कुछ लिखना चाहता हूं.

मां उस जल के समान है जो निरंतर बहता रहता है और दुनिया को जीवन देता रहता है मां उस अटल पहाड़ की तरह है जब मुसीबत आती है तो वह पहाड़ की तरह मजबूती से खड़ी रहती है.

मां नदी के समान है जो निरंतर निर्मल और परोपकार की भावना रखते हुए बहती रहती है. मा तपती धरती के समान है जो खुद त्याग करके अपने बच्चों की परवरिश करती है. मां में तो पूरा ब्रह्मांड समाया है क्योंकि उसके बिना इस धरती पर जीवन की कल्पना नहीं की जा सकती है.

मां ईश्वर का सबसे अनमोल उपहार है जिसे मिलता है उसके जीवन से दुख दूर हो जाते हैं और जीवन में खुशियां ही खुशियां भर जाती है. वह जीवन की अंतिम पल तक हमारा साथ नहीं छोड़ती है भले ही हमने क्यों न उसका साथ छोड़ दिया हो.

जीवन में मां का महत्व –

मां का हमारे जीवन में बहुत अधिक महत्व है क्योंकि उसके बिना हमारा जीवन संभव नहीं हो पाता वही हमें इस दुनिया में लेकर आती है. हमारे जन्म के समय उसे असहनीय पीड़ा महसूस होती है लेकिन फिर भी वह हमारे लिए पीड़ा को सहन करके हमें जीवन प्रदान करती है.

मां हमारे बचपन से ही हमारा पालन-पोषण करती है हमारी हर जरूरतों को पूरा करती है वह स्वयं भूखी रह जाती है लेकिन हमें भरपेट भोजन कराती है. वह स्वयं गीली जगह पर सो जाती हैं लेकिन हमें हमेशा सूखे में सुलाती है.

मां हमारा पहला गुरुकुल और पहली गुरु होती है वही हमें सर्वप्रथम शिक्षा देती हैवह धीरे-धीरे है मैं अपने पैरों पर चलना सिखाती है. वह अपने पूरे जीवन का त्याग करके संपूर्ण जीवन हमें समर्पित कर देती है वह हमेशा अपने दुखों को भूलाकर हमारी खुशियों के बारे में सोचती है.

मां हमें बचपन में अच्छी शिक्षाप्रद कहानियां सुनाती है जिनसे हमारा जीवन और भी सुलभ हो जाता है. वह हमें जीवन जीने का तरीका बतलाती है. वह समाज की बुरी कुरूतियो से लड़ना सिखाती है.

जब हम खुश होते है तो वह बहुत खुश होती है. मां के जितना कोई निडर नहीं हो सकता क्योंकि जब हमारे ऊपर कोई भी मुसीबत आती है तो सबसे पहले वह हमारे आगे खड़ी होती है और हमारा बचाव करती है. मां हमेशा हमारे प्रति परोपकार की भावना रखती है वह कभी भी हमसे कुछ नहीं मांगती है हमेशा हमारे बिना मांगे हमारी जरूरतें पूरी करते है.

मां हमें समाज में जीने का तरीका बदल आती है वह हमें अच्छे और बुरे में भेद करना सिखाती है वह हमें लोगों का सम्मान करना सिखाती है हमें निरंतर बिना रुके चलना सिखाती है. मां जीवन भर हमारी सेवा करती रहती है हमें छोटी सी चोट लग जाने या फिर बीमार होने पर वह चिंतित हो जाती है और दिन रात जाग कर सेवा करती है.

ईश्वर से हमारी ठीक होने की मन्नतें और प्रार्थना करती है. वह सदा हमारे लिए ही प्रार्थना करती है कभी अपने लिए कुछ नहीं मांगती क्योंकि उसके लिए हम ही सब कुछ होते है.

हम चाहे कितने भी बड़े हो जाए लेकिन मां के लिए जीवन भर हम एक छोटे बच्चे के समान ही होते हैं जिस पर अगर थोड़ी सी भी मुसीबत आ जाए तो वह कहीं भी हो दौड़ी चली जाती है.

वह हमें चुनौतियों से लड़ना सिखाती है और अगर हम कभी निराश होते हैं तो आशा की किरण बनकर हमारा हौसला बढ़ाती है और जब तक हम सफलता प्राप्त नहीं कर लेते हमारा हाथ थामे साथ खड़ी रहती है.

मां का विश्वास और आर्शीवाद हमारे ऊपर सदा बना रहता है तभी हम जीवन में एक अच्छे इंसान बन पाते है और सफलता प्राप्त कर पाते है.

मां हमें हमेशा साहसी धैर्यवान और अच्छे व्यक्तित्व वाला व्यक्ति बनाती है वह चाहती है कि हम इस दुनिया के लिए कुछ अच्छा करें और इस समाज पर एक अमिट और अच्छी छाप छोड़ें. मां सबसे बड़ा धन है जिसको यह मिल जाता है उसकी जिंदगी संवर जाती है.

मां और ईश्वर –

मां का दुलार और प्यार पाने के लिए ईश्वर भी धरती पर जन्म लेते है मां का प्यार होता ही ऐसा है जिसको पाने के लिए ईश्वर भी धरती पर चले आते है इसका एक स्पष्ट उदाहरण है भगवान श्री कृष्ण जिन्होंने मां की ममता पाने के लिए धरती पर जन्म दिया था.

भगवान श्री कृष्ण ने एक नहीं दो माताओं का प्यार और दुलार पाया था. इससे यह स्पष्ट होता है कि ईश्वर भी मां को प्रणाम करते है.

मां के प्रति हमारे कर्तव्य –

मां हमारे लिए पूरा जीवन समर्पित कर देती है और बदले में हम उन्हें दो वक्त की रोटी तक नहीं दे पाते है यह बहुत ही विडंबना का विषय है कि जिस मां ने हमारे लिए पूरा जीवन कठिनाइयों और मुसीबतों को झेल कर हमें जीवन दिया, हमें दुनिया की हर एक खुशी दी और हमें एक अच्छा व्यक्ति बनाया.

अब हमारे बड़े होने पर मां के प्रति हमारे भी कुछ कर्तव्य बनते है. हमें मां की हर जरूरत को पूरा करना चाहिए. उनकी हर एक खुशी देनी चाहिए. वृद्धावस्था में उनकी सेवा करनी चाहिए. उनके पास बैठकर कुछ समय बिताना चाहिए.

सुबह शाम उनसे मिलकर उनका हाल-चाल पूछना चाहिए प्रतिदिन उनका आशीर्वाद लेना चाहिए क्योंकि मां की आशीर्वाद से बड़ा कोई धन नहीं होता है. उन्हें भी उतना ही प्यार करना चाहिए जितना उन्होंने हमें किया था.

मां को हमारे से कुछ नहीं चाहिए ना उसे धन चाहिए ना उसे बड़ा मकान चाहिए उसे तो सिर्फ अपने बच्चों का प्यार चाहिए और खुशियां चाहिए.

इसलिए हमें हमेशा उनके प्रति कृतज्ञ रहना चाहिए और हर संभव सेवा करनी चाहिए मां वह अनमोल धन है जो कि अगर एक बार खो जाए तो जिंदगी में दोबारा कभी नहीं मिलता है.

उपसंहार –

मां के जितना त्यागी, साहसी, धैर्यवान, निडर, तपस्वी, परोपकारी, जीवनदायी कोई नहीं हो सकता है . मां ईश्वर का ही दूसरा स्वरूप है जिसने हमें पृथ्वी पर जीवन दिया है.

इस अमूल्य जीवन का हम कभी भी कर्ज अदा नहीं कर सकते हैं इसलिए जितनी हो सके उतनी मां की सेवा करनी चाहिए उन्हें हर वह खुशी देनी चाहिए जिसके लिए उन्होंने अपने जीवन को हमारे व्यक्तित्व को निखारने के लिए समर्पित कर दिया.

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हम आशा करते है कि हमारे द्वारा Essay on Mother in Hindi  आपको पसंद आया होगा। अगर यह लेख आपको पसंद आया है तो अपने दोस्तों और परिवार वालों के साथ शेयर करना ना भूले। इसके बारे में अगर आपका कोई सवाल या सुझाव हो तो हमें कमेंट करके जरूर बताएं।

30 thoughts on “माँ पर निबंध – Essay on Mother in Hindi”

Thank you hindi yatra for this legend essay.

Welcome Aarav Srivastava

what a good composition ! It is really very helpful!! Thank You!!!!!!!!!!!!!!!

Thank you Pracheta Das for appreciation

Hahta hu me ek choti si dunya ho Or jisme phle name meri maa ho

Shiv kashyap ji aap ne bahut accha likha hai.

It is a very nice essay and it helps me in my summer vacation homework…..I give this essay a five star rating…..I loved the essay very true and heartiest ♥️ lines have been written…..I loved it a lot… thanks for writing this type of good essay

Thank you Sandeep for appreciation and keep visiting hindi yatra.

thank you its very good for childern

Welcome sannvi and thank you for appreciation.

Yes it’s very much good for my dear mum

Thank you Krishna for appreciation.

Baht achha hai raise aur bhi nibandh mujhe chahiye

Sunny giri, Hame khushi hai ki aap ko nibandh pasnd aaya dhanyawad.

all best word of maa

Thank you kamlesh kumar deoria up for appreciation.

Like your essay very much one mistake in it but top essay like it very much . mother is nicely described in it.

Thank you Rohit Owandkar for appreciation.

All right…….

Thank you Mayank for appreciation.

Thanks for writing this type of good essay I Loved it alot😘

Welcome Ishika and thanks for appreciation.

please sir this essay send on my email. please sir and send my email

faizan sayyad, Aap yaha se copy kar sakte hai apne school project ke liye

Satik likha hai

Sarahna ke liye Dimple ji aap ka bhut bhut dhanyawad.

It is a very nice essay and it helps me in my summer vacation homework…..I give this essay a five star rating…..I loved the essay very true and heartiest ♥️ lines have been written…..I loved it a lot… thanks for writing this type of good essay

Shila Sarkar, We are grateful that you are like our content, thank you very much for the appreciation.

It is very nice essay an that’s line is very great thank u for write. This essay

Welcome Saniya, we glad you like our content.

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Essay on Mother in Hindi : स्टूडेंट्स के लिए 150, 300 और 700 शब्दों में माँ पर निबंध

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  • Updated on  
  • सितम्बर 6, 2023

Essay on Mother in Hindi

माँ शब्द बहुत ही छोटा शब्द है, लेकिन इसकी गहराई को कोई नहीं माप सकता है। माँ कोई कुछ शब्दों में व्यक्त नहीं किया जा सकता है। मां के लिए हर एक व्यक्ति की अपनी परिभाषा है। माँ को हम भगवान के रूप में भी देखते है, या कहे वो भगवान का ही एक रूप है। माँ आप पर आयी हर परेशानी को चुटकियों में एक जादू की तरह दूर करने वाली जादूगर होती है। माँ हमारी सबसे पहली गुरु होती है, माँ जो कुछ भी शती है वो अपने बच्चों तक नहीं आने देती है। माँ की जगह कोई नहीं ले सकता। हम जब स्कूल में पढतेहै तो बहुत सी कबिता कहानिया माँ से संबंधित पढ़ने को मिलती है। और कभी कभी बच्चों से माँ पर निबंध लिखने को भी खा जाता है। तो ऐसे में बच्चों को कभी कभी समझ नहीं आता की वो शुरुआत किसे करें या क्या लिखे, इसे देखते हुए आज हम इस ब्लॉग में माँ पर निबंध लिख रहे हैं, Essay on Mother in Hindi अंत तक पढ़े। 

Essay on Mother in Hindi : माँ पर निबंध (150 शब्द) 

150 शब्दों में Essay on Mother in Hindi सैंपल नीचे प्रस्तुत है। 

माँ उस को कहा जाता है जो जीवन भर अपने बच्चों की भलाई, वृद्धि, विकास और कल्याण के लिए हमेशा त्याग करती है और अपने बच्चों को प्राथमिकता देती है। एक माँ न केवल एक बच्चों को जन्म देती है बल्कि उसे प्यार करने, देखभाल करने और बिना किसी शर्त के खुद को आजीवन समर्पण करने को तैयार रखती है।

हर व्यक्ति के जीवन में माँ एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है, क्योंकि वह सिर्फ अपने बच्चों को प्यार, दुलार करती है। बल्कि वह एक रक्षक, मित्र और साथ ही एक अनुशासन की भूमिका भी निभाती है। माँ एक निस्वार्थ, प्यार करने वाली देवी होती है, जिसके लिए त्याग और प्यार की कोई सीमा नहीं होती है। मेरी माँ मेरे दिल में एक विशेष स्थान रखती हैं। मेरे माँ ने मेरे लिए जो भी समर्पण किये है, मैं कितना भी कर लू उसके इस कर्ज को कभी नहीं चुकाने लायक बन सकता हूँ।  

Essay on Mother in Hindi

Essay on Mother in Hindi : माँ पर निबंध (300 शब्द) 

300 शब्दों Essay on Mother in Hindi कुछ इस प्रकार है –

परिचय 

माँ जिसे मैं दुनिया के हर इंसान से सबसे ऊपर रखता हूँ। क्योंकि बचपन से ही ‘एक माँ की गोद किसी भी अन्य की तुलना में अधिक आरामदायक होती है’, मैं हर एक परिस्थिति मानता हूँ। मेरी माँ एक निस्वार्थ, समर्पित और प्यार करने वाली महिला का एक आदर्श उदाहरण हैं। वह सबसे मजबूत है और मेरे परिवार और मेरी खुशियों के लिए किसी भी हद तक खुद को समर्पित करती है।

माँ की अनमोल ममता और साथ 

मेरी माँ निरंतर समर्थन और जीवन में आने वाले हर उतार-चढ़ाव के दौरान मेरे साथ खड़ी रहीं। मैंने अक्सर बीमारी और अन्य बुरे दिनों में मेरी देखभाल करते हुए रातों की नींद को उसे खरब करते देखा है। मेरी माँ मेरी पहली शिक्षिका थीं जिन्होंने मुझे जीवन के हर कदम पर सिखाया और परिवार, समाज और बड़ों का आदर करना सिखया। उन्होंने कभी गलत के आगे न झुकना और गलती पर पहले आगे आकर माफ़ी माँगना सिखाया। जब मैं किसी चीज को लेकर बहुत परेशान हुआ तो उसने धैर्य रखना सिखाया। परिवार में मेरी माँ का योगदान मुझे हमेशा सही रास्ते पर चलते रहने के लिए प्रेरित करता है। मई अपनी माँ को एक जादूगर कहता हूँ, जो मेरे और मेरे परिवार के सभी दुखों को दूर कर देती हैं और बहुत सरे प्यार और देखभाल प्रदान करती हैं।

निष्कर्ष 

मेरी माँ मेरी सबसे बड़ी प्रेरणा हैं जिन्होंने मुझे जीवन की सभी कठिनाइयों को पार करके अपने लक्ष्य हासिल करने, और बहादुर बनने की सीख दी। माँ ने हर पल मेरा ख्याल रखा है और वह मेरे जीवन का सबसे बड़ा आशीर्वाद है। माँ की भूमिका हमारे जीवन का सबसे अलग और सबसे अनमोल पल होता है। मेरी माँ एक सरल, विनम्र और जमीन से जुड़ी इंसान हैं। जो मुझे जीवन की सबसे कठिन चुनौतियों का सामना करना सिखाती है। माँ की भूमिका हर व्यक्ति के जीवन में अहम है। 

Essay on Mother in Hindi : माँ पर निबंध (700 शब्द)

आइये देखते हैं माँ पर निबंध 700 शब्दों में –

माँ एक परिवार में सबसे महत्वपूर्ण व्यक्ति है क्योंकि वह सभी के बीच की एक महत्वपूर्ण कड़ी होती है। वह परिवार की छोटी-छोटी जरूरतों को लेकर भी लगातार चिंतित रहती हैं। मेरा मानना है की भगवान यदि इस धरती पर अब तक जो भी सबसे बेहतरीन मनुष्य बनाया है, वह मां के रूप में है, क्योंकि वह बिना किसी शर्त के अपने बच्चों और परिवार को प्यार करती है।

माँ में है जीवन का महत्व

“माँ” सिर्फ एक शब्द नहीं है यह अपने आप में एक एहसास और प्यार है, जब हम माँ कहते हैं, तो हमारी कई समस्याएं कोई चमत्कार की तरह दूर हो जाती हैं। माँ एक पल के लिए भी निराश हुए बिना हमेशा खुश रखती है। माँ के बिना हम अपने जीवन की कल्पना भी नहीं कर सकते। माँ महत्व बचपन से बड़े होने तक रहता है, हम कितने भी बड़े हो जाये पर अपनी माँ के लिए हमेशा बच्चे ही रहते हैं। जैसे बचपन में 1 मिनट भी हम अपनी माँ से दूर होने से डरते थे वैसे ही जब हम बड़े हो जाते है तो माँ भी अपने बच्चों को खुद से दूर होने से डरती है। वो परियों की काल्पनिक कहानियां आज भी दिल को सुकून देती है। बचपन में चोट लगने पर वो झूठी भांप की पट्टी से सारा दर्द ठीक हो जाया करता था।  

जीवन की पहली टीचर माँ 

माँ हमें जितना प्यार करती है, उतना ही माँ हमें जीवन के हर उतार-चढ़ाव में आगये बढ़ने की प्रेरणा भी देती है। माँ ही अपने बच्चों को बहुत करीब और गहराई से जानती हैं। माँ की जरूरत हमें हमेशा होती है, इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि हम जीवन में कहाँ हैं, चाहे वे स्कूल जाना शुरू कर रहे हों, विदेश जाने की सोच रहे हों या जिंदगी में किसी बड़ी कठिनाईयों से गुजर रहे हों, हमें हमेशा अपनी माँ की मदद की ज़रूरत होती है। माँ अपने बच्चों को स्कूल जाने से पहले ही एक टीचर की तरह सिख देती है। बच्चे अपनी माँ से जो सीखते हैं वो शिक्षा उन्हें कोई नहीं दे सकता है। इस लिए हमेशा मन जाता है, की एक माँ बच्चे की पहली शिक्षिका होती है। 

सुपरवुमन होती है माँ 

माँ सिर्फ अपने बच्चों नहीं बल्कि पूरे परिवार को बहुत सहजता से संभालती है। वो घर के कामों के साथ बाहर की भी चीजों में हाथ बटाती है। जब इस दुनिया में प्यार, ईमानदारी और सच्चाई के बारे में सोचते हैं, तो सबसे पहले मां का चेहरा सामने होता है। माँ हमेशा मेरे लिए प्रेरणा का स्रोत रहती हैं। मेरे जीवन में अगर किसी इंसान की महत्वपूर्ण भूमिका है वो सिर्फ मेरी माँ की है। वह मेरे घर में हर सुबह उठने वाली पहली शख्स होती हैं। 

उसके बाद, वह बच्चों को स्कूल के लिए तैयार करती है। फिर वह हमारे और पापा के लिए स्वादिष्ट नाश्ता और दोपहर का खाना तैयार करती है, और हर दिन कुछ नया खाना हम सभी के लिए बनाती है। वह हमारे स्कूल के काम और पढ़ाई में हमारी मदद करती है। जब हममें से कोई बीमार हो जाता है तो वह ही हमारी चिंता में रात भर जागती रहती है। वह हमेशा हमारी भलाई, खास कर हमारी स्कूली शिक्षा और स्वास्थ्य के बारे में अत्यधिक चिंतित रहती हैं। जब हमें कोई चीज खाने की इच्छा होती है तो वो बिना आलास किये हमारे लिए तुरंत उसे बनती है, कभी कभी तो वो खुद भूखी सो जाती है, लेकिन कभी ये नहीं कहती कि आज ये चीज नहीं है। उसके जैसा त्याग कोई नहीं कर सकता है। 

हम जैसे जैसे बड़े होते हैं एक माँ की चिंता और अधिक बढ़ने लगती है, उसकी चिंता अपने बच्चों के करियर, स्वस्थ और दूर जाने के लिए होती है। जो माँ अपने बचों को एक पल दूर नहीं क्र सकती बड़े होते उसके बचे पढ़ाई और कमाने के लिए उससे दूर हो जाते हैं। हम कितने भी बड़े क्यों न हो जाये पर अपनी माँ को स्मेशा  वही प्यार और सामान देना चाहिए और कभी ये नहीं भूलना चाहिए उसने हमारे जीवन के लिए क्या क्या त्याग किये हैं।   

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मेरी माँ पर 10 लाइन 

मेरी माँ पर 10 लाइन्स कुछ इस प्रकार हैं –

  • मेरी माँ मुझसे बहुत प्यार करती है।
  • बच्चे की पहली गुरु माँ ही होती है, बचपन में माँ द्वारा सिखाई गई हर बातों के अनुसार ही बच्चे को संस्कार मिलते हैं।
  • माँ ही बच्चे की पहली और सबसे अच्छी दोस्त होती है, जिससे हम बिना किसी झिझक के अपने दिल की हर बात बता देते हैं।
  • मां महेश परिवार का पूरा ख्याल रखती हैं, वह हमेशा परिवार की खुशियों के बारे में सोचती हैं।
  • माँ सुबह 4 बजे उठ जाती है और घर का सारा काम करती है।
  • माँ मुझे स्कूल के लिए तैयार करती है और फिर मुझे स्कूल छोड़ती है।
  • हर रविवार मेरी माँ मेरे लिए मेरा पसंदीदा खाना बनाकर मुझे खिलाती है।
  • मेरी माँ मुझे अच्छी बातें सिखाती है, जब भी कोई समस्या होती है तो मेरी माँ मुझे अच्छी सलाह देती है।
  • मेरी माँ मुझे हर शाम पढ़ाती है और मेरा होमवर्क पूरा करने में मदद करती है।
  • मेरी माँ सुबह से शाम तक घर का काम करती है और पूरे परिवार की देखभाल करती है, इतना काम करने के बाद भी वह अपनी समस्याएँ किसी को नहीं बताती।

आशा है आपको ये Essay on Mother in Hindi का ब्लॉग पसंद आया होगा और इससे जुड़ी महत्वपूर्ण आपको मिली होगी। इसी तरह के अन्य निबंध से सम्बंधित ब्लॉग्स पढ़ने के लिए Leverage Edu के साथ बने रहें।

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मेरी माँ पर निबंध (My Mother Essay in Hindi)

मेरी माँ पर निबंध (My Mother Essay in Hindi)

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मेरी माँ पर 10 लाइन (10 Lines On My Mother In Hindi)

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माँ शब्द अपने आप में ही एक संपूर्ण शब्द है। माँ शब्द में सारी दुनिया समा जाती है लेकिन माँ की सारी दुनिया उसका बच्चा होता है और शायद इसलिए एक माँ का दर्जा भगवान जैसा माना जाता है। जैसे किसी भी हाल में भगवान अपने बच्चों का साथ नहीं छोड़ते वैसे ही एक माँ किसी भी हाल में अपने बच्चे का साथ नहीं छोड़ती है। यह सफर तब से शुरू हो जाता है जब बच्चा माँ के गर्भ में आता है। एक माँ गर्भावस्था के दौरान हर हुई परेशानी को एक पल में भूल जाती है जब पहली बार वो अपने बच्चे को स्पर्श करती है, मानो वो दुनिया की सबसे संपूर्ण औरत है और यह अहसास उसका बच्चा उसे कराता है। माँ वो जज्बात है जिसे शब्दों में बयान नहीं किया जा सकता है। लेकिन बच्चे के जीवन में माँ की क्या भूमिका होती है, उसका बच्चे के जीवन में होने से कितना प्रभाव पड़ता है यह हम माँ पर निबंध के इस आर्टिकल में जानेंगे।

माँ पर तो एक किताब लिखी जा सकती है पर यहाँ हम मेरी माता पर 10 आसान वाक्य लिखकर बातएंगे। नीचे दी गई लाइन्स मेरी माँ पर 100 शब्दों के एक संक्षिप्त निबंध की तरह भी लिखा जा सकता है। आइए देखे हैं:

  • मेरी माँ मेरी प्रथम गुरु है।
  • वो रोज सुबह जल्दी उठकर स्नान और पूजा पाठ करती है।
  • वह घर के सभी लोगों का बहुत ध्यान रखती है।
  • मेरी माँ बहुत पढ़ी-लिखी है और वही मेरी पढ़ाई में मदद करती है।
  • मेरी माँ अक्सर मेरे लिए नए-नए पकवान बनाती है।
  • मुझसे कोई गलती होने पर माँ मुझे प्यार से समझाती है।
  • मेरी माँ मेरे स्वास्थ्य का भी खास ध्यान रखती है।
  • माँ रोजाना रात में सोने से पहले मुझे एक कहानी सुनाती है।
  • मेरी माँ मुझे हमेशा सच बोलने और अनुशासन के साथ जीना सिखाती है।
  • मेरी माँ दुनिया की सबसे प्यारी माँ है।

बच्चे का सबसे ज्यादा समय अपनी माँ के साथ ही बीतता है इसलिए खासकर छोटी कक्षा जैसे क्लास 1, 2, 3, 4 और 5 तक के बच्चों को अक्सर ‘मेरी माँ’ विषय पर निबंध लिखने को कहा जाता है। ऐसे में यह निबंध किस प्रकार लिखना है इसके लिए नीचे एक सैंपल दिया गया है। यह निबंध मेरी माँ पर पैराग्राफ के रूप में लिखा जा सकता है। आइए देखते हैं:

माँ को भगवान का दर्जा दिया जाता है। वो इसलिए क्योंकि एक माँ ही होती है जो सबकी खुशियों के आगे अपने गम को भुला देती है। वह बच्चे की खुशी के लिए कड़ी मेहनत करती है, परिवार को संभालती है। परिवार की जान होती है ‘माँ’। अगर माँ घर पर न हो तो घर की चीजों को संभालना मुश्किल हो जाता है। माँ परिवार में सभी का ध्यान रखती है। सबके लिए स्वादिष्ट खाना बनाती है। सबकी जरूरतों का ध्यान रखती है। माँ अपने सभी बच्चों को एक समान प्यार करती है और भेदभाव नहीं करती है। माँ, अपने बच्चे की गलती करने पर उसे डांटती है लेकिन बाद में दुलार भी दिखाती है। बच्चे की परीक्षा हो तो वह ज्यादा परेशान होती है। बच्चे के विकास में माँ का बहुत बड़ा योगदान होता है। वह माँ तो होती ही है लेकिन अपने बच्चे के लिए जरूरत पड़ने पर शिक्षक और उसकी अच्छी दोस्त भी बन जाती है। माँ चाहे गृहिणी हो या कामकाजी, वह अपने बच्चे और परिवार का खयाल रखना कभी नहीं भूलती। बच्चे के बीमार पड़ जाने पर दिन-रात वह उसका ख्याल रखती है। माँ के प्यार को समझाना मुश्किल है क्योंकि वह अपने बच्चे से नि:स्वार्थ प्रेम करती है और हर सुख-दु:ख में उसके साथ खड़ी रहती है।

 बच्चे की पढ़ाई में मदद करती मां

जिनके साथ हमारा समय अधिक बीतता है अगर उनके लिए आपको कुछ लिखने के लिए कहा जाए तो यह एक चुनौती जैसा लगने लगता है कि आखिर इस विषय क्या लिखें और कैसे लिखें? आपके इसी सवाल का उत्तर देते हुए नीचे यहाँ हिंदी में मेरी माँ पर लॉन्ग एस्से लिखने के लिए एक उदाहरण दिया गया है।

माँ कौन होती है? (Who Is Mother?)

माँ, वो है जो बच्चे का खयाल खुद से ज्यादा रखती है। माँ को परिवार की नींव माना जाता है, उसके बिना घर अधूरा और सूना-सूना लगता है। माँ बच्चे को स्कूल के लिए तैयार करती है। उसके लिए स्वादिष्ट खाना बनाती है। पढ़ाई में मदद करती है। माँ अपने बच्चे लिए जरूरत पड़ने पर उसकी टीचर बन जाती है और उसे उसकी गलती या फिर कमी पर समझाती है। वहीं कभी वह उसके लिए वो दोस्त बन जाती है, जो उसको समझ सके। माँ वो है जो अपने दु:ख और तकलीफ को भुलाकर बच्चे के लिए दिन रात एक कर देती है। किसी बच्चे को संभालना कितन मुश्किल होता है यह बात तो हर कोई जानता है, लेकिन माँ ये सारी मुसीबतें हंसते-हंसते झेल जाती है। बीमार पड़ने पर भी वह अपने बच्चे का खयाल रखना नहीं भूलती। माँ वो है, जिसके बिना बच्चे की जिंदगी अधूरी है।

माँ के गुण (Qualities Of Mother)

माँ के गुणों की गिनती करना वैसे तो संभव नहीं है, लेकिन उसके कुछ खास गुणों के बारे में हमनें उल्लेख किया है।

  • माँ परिवार में सबका खयाल रखती है।
  • माँ आपके लिए स्वादिष्ट खाना बनाती है।
  • मुसीबत के समय में माँ हमेशा साथ देती है।
  • माँ बच्चों के लिए अपने सुखों को त्याग देती है।
  • बच्चे से गलती होने पर उसे प्यार से समझाती है।
  • एक माँ अपने बच्चे के लिए सारी दुनिया से लड़ सकती है।
  • माँ हमारे अच्छे कार्य की सबसे ज्यादा प्रशंसा करती है।
  • माँ पूरे परिवार को एक साथ जोड़कर रखती है।

माँ का महत्व (Importance Of Mother)

माँ के होने से घर घर लगता है, माँ परिवार का सबसे खास हिस्सा है। माँ के बिना बच्चों का जीवन अधूरा है। माँ का प्यार डांट, हौसला, संस्कार, मिलकर एक बच्चे के चरित्र का निर्माण करते हैं। माँ बच्चे की हर जरूरत को उसके बिना कहे ही समझ जाती है, इसलिए माँ को एक बच्चे के जीवन में सबसे बुलंद दर्जा दिया गया है। बच्चे के जीवन में माँ का स्थान कोई भी नहीं ले सकता है। माँ आपके खाने, कपड़े से लेकर हर बात का खयाल रखती है। माँ वो छायादार पेड़ है जो बच्चे को हर मुश्किल और परेशानी से दूर रखती है।

मेरी माँ मेरी शिक्षक (My Mother My Teacher)

मैं गर्व के साथ कह सकता हूं कि मेरी माँ ही मेरी सबसे अच्छी शिक्षक है। उसने मुझे जीवन में वह हर बात सिखाई है, जो जरूरी और आदर्श है। उसने मुझे सच बोलना, ईमानदारी और आत्मविश्वास के साथ जीना सिखाया। अगर मैं कभी किसी काम में असफल हुआ तो उसने मेरा हौसला बढ़ाकर और बेहतर करने के लिए प्रेरित किया। उसने अपने जीवन के अनुभवों से सीख लेते हुए मेरे लिए रास्ता आसान बनाया। उसने मुझे सिर्फ हाथ में कलम लेकर लिखना ही नहीं सिखाया बल्कि यह भी बताया कि आपका व्यवहार और आचार-विचार किस तरह के होने चाहिए। उसने मुझे दुःख में संभाला, तकलीफों में सहारा दिया और खुशी व सफलता के समय भी अपने पाँव जमीन पर ही रहें, ऐसे शिक्षा दी है। यहीं कारण है कि मैं अपनी माँ को मेरे जीवन का आदर्श मानता हूं।

मेरी माँ निबंध से बच्चा अपनी माँ के अस्तित्व व उनकी बातों को गौर से समझने का प्रयास कर सकेगा। बच्चा यह समझ सकेगा कि उसकी माँ उसके लिए कितनी खास है। ऐसे निबंध बच्चे को अपनों के अधिक करीब आने और उन्हें समझने का मौका देते हैं। इसके अलावा बच्चा अपने हिंदी लेखन में सुधार करेगा और सही तरह से निबंध लिखना सीखेगा।

1. माँ शब्द की उत्पत्ति कैसे हुई?

बच्चा जन्म लेने के बाद जब पहली बार रोता है तो उसके मुख से निकलने वाली ध्वनि को अगर आप ध्यान से सुनें तो माँ सुनाई देता है। इस प्रकार लोगों का मानना है माँ शब्द प्राकृतिक रूप से नवजात के मुख से निकलने वाला पहले शब्द है। हालांकि इस विषय पर लोगों की राय अलग हो सकती है। लेकिन दुनिया की लगभग हर भाषा में माता के लिए संबोधन वाले माँ, अम्मा, मॉम, मम्मी, ममा जैसे शब्द इस बात की पुष्टि करते हैं।

2. संस्कृत में माँ को क्या कहते हैं?

संस्कृत में माँ को ‘मातृ’ कहते हैं, लेकिन आमतौर पर लोग ‘माँ’ या ‘माता’ शब्द का प्रयोग ज्यादा करते हैं।

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माँ पर निबंध

essay on mother in hindi

By विकास सिंह

essay on Mother in hindi

माँ पर निबंध, 100 शब्द

माँ वह होती है जो अपनी संतान को बाहरी खतरों से बचाने के लिए उनकी देखभाल करती है, उनका पालन-पोषण करती है। एक बच्चे की माँ निस्वार्थ भक्ति और प्रेम का एक आदर्श उदाहरण है। वह अपने बच्चे या बच्चों की सुरक्षा के लिए किसी भी तरह की तपस्या कर सकती है।

माँ एक संरक्षक या मार्गदर्शक के रूप में भी काम करती है, जो दुनिया को अपनी संतान से परिचित कराती है, साथ ही साथ उनकी भलाई भी सुनिश्चित करती है। एक माँ का प्यार कोई सीमा नहीं जानता है और सिर्फ इंसान ही नहीं, जानवर भी मातृत्व की एक मजबूत भावना प्रदर्शित करते हैं। कभी-कभी एक महिला, जो जैविक रूप से बच्चों से संबंधित नहीं होती है, लेकिन फिर भी उन्हें पोषण और पोषण करती है, उन्हें भी माता के रूप में जाना जाता है।

माँ पर निबंध (150 शब्द)

हमारे जीवन में मां की भूमिका हमेशा हमारे जीवन में शामिल अन्य की तुलना में अलग और कीमती होती है। माँ अपने बच्चों से कभी भी कुछ वापस नहीं चाहती है, बल्कि वह हमसे खुले दिल से प्यार करती है। हम एक बच्चे के रूप में भी प्यार करते हैं और उसे अपने दिल से देखते हैं लेकिन हमारे प्यार की तुलना उसके साथ नहीं की जा सकती। माँ इस दुनिया में हर किसी के जीवन में एक अद्वितीय देवी के रूप में अद्वितीय है जो हमेशा अपने बच्चे के सभी दर्द लेती है और प्यार और देखभाल देती है।

वह वह है जो हमारी बीमारी और अन्य बुरे दिनों के दौरान अपनी रातों की नींद हराम करती है। वह खुशी के क्षणों में शामिल होती है और हमारी हर पसंद और नापसंद को समझती है। वह हमेशा हमें सही रास्ते पर आगे बढ़ने और जीवन में सही काम करने के लिए मार्गदर्शन करती है। वह हमारी पहली शिक्षिका है जो हमें जीवन के हर पड़ाव पर सिखाती है। वह हमें हमेशा अनुशासन में रहना, अच्छे व्यवहार करना और परिवार , समाज और देश के प्रति हमारी भूमिकाओं और जिम्मेदारियों के बारे में समझाना सिखाती है।

माँ पर निबंध (200 शब्द)

हमारी माँ हमारे जीवन में सबसे महत्वपूर्ण व्यक्ति है जो हमेशा एक सच्चे स्वभाव से हमारा पालन-पोषण करती है। वह हमेशा हमारे साथ रहें और हर पल हमारा ख्याल रखें। वह हमें 9 महीने तक अपने गर्भ में रखती है और बहुत सारे दर्द और तकलीफें झेलती है, लेकिन वह हमेशा अपने वास्तविक जीवन में हमारे बारे में सोचकर खुश हो जाती है। वह थोड़ी सी शिकायत किए बिना हमें जन्म देती है। हम कभी भी उसके वास्तविक प्यार की तुलना नहीं कर सकते हैं और जीवन भर उसकी देखभाल कर सकते हैं लेकिन हमें हमेशा उसका सम्मान और प्यार करना चाहिए। प्रत्येक व्यक्ति जो अपने जीवन में एक माँ है वास्तव में भाग्यशाली है और भगवान से बहुत सारे आशीर्वाद प्राप्त करता है।

एक माँ बहुत ही साधारण महिला होती है जो अपने बच्चों के सामने अपनी खुशी कभी नहीं मानती है। वह हमेशा हमारी हर गतिविधि में अपनी रुचि दिखाती है और हंसती है। उसके पास एक निस्वार्थ आत्मा है और बहुत प्यार और देखभाल से भरा दिल है। वह मजबूत इच्छाशक्ति वाली महिला है जो हमें हमेशा सिखाती है कि जीवन की सबसे कठिन चुनौतियों का सामना कैसे किया जाए। वह हमेशा हमें जीवन की सभी कठिनाइयों को पार करके अपने जीवन में अच्छी चीजों को प्राप्त करने के लिए प्रेरित करती है। वह उन सभी की पहली शिक्षिका हैं जिनकी शिक्षाएँ जीवन भर हमेशा अनमोल और मूल्यवान साबित होती हैं।

माँ का महत्व पर निबंध – 4 (250 शब्द)

परिचय.

एक माँ सभी के जीवन की पहली, सबसे महत्वपूर्ण और सबसे अच्छी दोस्त होती है क्योंकि कोई भी उसके जैसा सच्चा और वास्तविक नहीं हो सकता है। वह एक और एकमात्र व्यक्ति है जो हमेशा हमारे अच्छे और बुरे समय में हमारे साथ खड़ा रहता है। वह हमेशा अपने जीवन में किसी से भी ज्यादा परवाह करती है और हमसे प्यार करती है। वह हमेशा हमें अपने जीवन में पहली प्राथमिकता देती है और हमारे बुरे समय में आशा की झलक देती है। जिस दिन हम पैदा होते हैं, यह हमारी माँ है जो किसी और से ज्यादा खुश हो जाती है। वह सुख और दुख के हमारे सभी कारणों को जानती है और हमें हर बार खुश करने की कोशिश करती है।

माँ और बच्चे के बीच प्यार का बंधन

एक विशेष बंधन है जो माँ और उसके बच्चे के बीच मौजूद है जिसे कभी समाप्त नहीं किया जा सकता है। एक माँ कभी भी अपने बच्चों के प्रति अपने प्यार और देखभाल को कम नहीं कर सकती है और हमेशा उसके हर बच्चे को उतना ही प्यार और देखभाल देती है लेकिन हम सभी बच्चे मिलकर उसे बुढ़ापे में कभी भी उसे थोड़ा प्यार और देखभाल नहीं दे सकते हैं। फिर भी वह हमें कभी गलत नहीं समझती और हमें एक छोटे बच्चे की तरह माफ कर देती है। वह हमारी हर गतिविधि को समझती है और हम उसे कभी भी आसानी से बेवकूफ नहीं बना सकते।

निष्कर्ष

एक माँ कभी नहीं चाहती कि हम किसी से आहत हों और हमें दूसरों के साथ अच्छा व्यवहार करना सिखाएं। माताओं पर ध्यान देने और उनका शुक्रिया अदा करने के लिए, 13 मई को मदर्स डे के रूप में घोषित किया गया है जो हर साल मनाया जाता है। माँ के रूप में हमारे जीवन में कोई भी एक भूमिका अदा नहीं करता है। हमें भी जीवन भर अपनी माँ का हमेशा ध्यान रखना चाहिए।

माँ की ममता पर निबंध – 300 शब्द

एक माँ सभी के जीवन में एक ऐसी शख्सियत होती है जिसे हमारे दिलों में कभी नहीं बदला जा सकता है। वह माँ प्रकृति की तरह है जो केवल बदले में कुछ लेने के बिना देना जानती है। हम उसे अपने जीवन के पहले क्षण से देखते हैं जब हम इस दुनिया में अपनी आँखें खोलते हैं लेकिन हम उसे उसके गर्भ में नौ महीने पहले महसूस करते हैं। जब भी हम बोलना शुरू करते हैं तो हमारा पहला शब्द माँ बन जाता है। वह इस दुनिया में हमारा पहला प्यार, पहला शिक्षक और पहला दोस्त है। जब हम पैदा होते हैं तो हम कुछ भी करने में असमर्थ होते हैं, लेकिन यह वह है जो हमें अपनी बाहों में विकसित और विकसित करता है। वह हमें इस दुनिया को समझने में मदद करती है।

हमारे जीवन में माँ का महत्व

एक माँ अपने बच्चे के लिए हमेशा उपलब्ध रहती है और उसका पालन-पोषण भगवान की तरह करती है। अगर पृथ्वी पर कोई भगवान है, तो वह हमारी माँ है। कोई भी हमारी माताओं की तरह हमारी देखभाल और प्यार नहीं कर सकता है और कोई भी उसकी तरह बलिदान नहीं कर सकता है। वह हमारे जीवन की सबसे अच्छी महिला हैं जिनकी जगह भविष्य में कभी भी किसी के द्वारा नहीं ली जा सकती है। थके होने के बाद भी वह हमारे लिए हमेशा एक अथक व्यक्ति की तरह कुछ भी करने के लिए तैयार रहती है। वह सुबह जल्दी उठती है, नाश्ता तैयार करती है और हमें एक दिन देर होने के बिना दोपहर का भोजन और पानी की बोतल देती है।

वह रोजाना दोपहर के काम के बाद दोपहर को दरवाजे पर हमारा इंतजार करती है। वह रात में स्वादिष्ट डिनर तैयार करती है और हमेशा हमारी पसंद और नापसंद का ख्याल रखती है। वह हमें अपना होमवर्क और प्रोजेक्ट करने में मदद करती है। वह बहुत प्यार देते हुए कभी नहीं थकती है और समुद्र की तरह देखभाल कभी पानी कम नहीं हो सकती है। वह अद्वितीय है और पूरे ब्रह्मांड में एकमात्र ऐसा है जिसे कुछ भी प्रतिस्थापित नहीं कर सकता है। वह हमारी छोटी और बड़ी समस्याओं का सही समाधान है। वह वह है जो अपने बच्चे के लिए कभी भी बुरा नहीं कहती है और हमेशा अपने बच्चे का पक्ष लेती है।

निबंध – 6 (400 शब्द)

इस दुनिया में कुछ भी हमारी माँ के सच्चे प्यार और देखभाल के साथ तुलना नहीं कर सकता है। वह हमारे जीवन की एक और एकमात्र महिला है जो बिना किसी के व्यक्तिगत इरादे के हमें इतना प्यार और परवाह करती है। एक बच्चा माँ के लिए सब कुछ होता है। जब भी हम असहाय हो जाते हैं तो वह हमें जीवन में कोई भी कठिन काम करने के लिए प्रोत्साहित करती है। वह एक अच्छी श्रोता है और जो कुछ भी हम कहते हैं, वह सब कुछ बुरा या अच्छा सुनता है। वह कभी भी हमें सीमित नहीं करती है और हमें किसी सीमा तक सीमित नहीं करती है। वह हमें अच्छे या बुरे में अंतर करने में सक्षम बनाता है।

माँ का निस्वार्थ प्रेम

सच्चा प्यार एक माँ का दूसरा नाम है जो केवल माँ के पास हो सकता है। जब से हम उसके गर्भ में आते हैं, जन्म लेते हैं और जीवन भर इस दुनिया में रहते हैं, वह हमें अथक देखभाल और प्यार देती है। माँ से बढ़कर कोई भी चीज़ अनमोल नहीं है जिसे हम भगवान का आशीर्वाद दे सकते हैं, इसलिए हमें हमेशा भगवान का शुक्रगुज़ार रहना चाहिए। वह सच्चे प्यार, देखभाल और बलिदान का अवतार है। वह वह है जो हमें जन्म देकर एक घर को मीठे घर में बदल देता है।

माँ: एक बच्चे की पहली शिक्षक और मार्गदर्शिका

वह वह है जो घर पर हमारी स्कूली शिक्षा शुरू करता है और हमारे जीवन का पहला और प्यारा शिक्षक बन जाता है। वह हमें व्यवहार संबंधी पाठ और जीवन के सच्चे दर्शन सिखाती है। वह प्यार करती है और इस दुनिया में हमारे जीवन के अस्तित्व से लेकर उसके गर्भ और जीवन भर हमारा ख्याल रखती है। वह बहुत सारे दर्द और संघर्ष झेलने के बाद हमें जन्म देती है लेकिन बदले में वह हमेशा हमें प्यार देती है। इस दुनिया में कोई भी ऐसा प्यार नहीं है जो इतना स्थायी, मजबूत, निस्वार्थ, शुद्ध और समर्पित हो। वह वह है जो हमारे जीवन में सभी अंधकार को दूर करके रोशनी लाता है।

माँ हमें पौराणिक कथाओं, भगवान और देवी के बारे में और राजा और रानी की अन्य ऐतिहासिक कहानियों के बारे में बताती है। वह हमेशा हमारे स्वास्थ्य, शिक्षा, भविष्य और अजनबियों से सुरक्षा के बारे में बहुत चिंतित रहती है। वह हमेशा हमें जीवन में सही दिशा की ओर ले जाती है और सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि वह हमारे जीवन में सच्ची खुशी बिखेरती है। वह हमें एक छोटे और अक्षम बच्चे से मानसिक, शारीरिक, सामाजिक और बौद्धिक रूप से मजबूत इंसान बनाता है। वह हमेशा हमारा पक्ष लेती है और जीवन में कभी-कभी हमें दुखी करने के बाद भी जीवन के माध्यम से हमारे कल्याण और उज्ज्वल भविष्य के लिए भगवान से प्रार्थना करती है। यह भी सही कहा जाता है कि भगवान हर जगह नहीं हो सकते थे इसलिए उन्होंने माँ को बनाया।

Essay on mother in hindi – 800 शब्द:

प्रस्तावना:.

यह एक सामान्य कहावत है कि भगवान हर जगह मौजूद नहीं हो सकते थे इसलिए उन्होंने माँ को बनाया। कहावत भी सच है क्योंकि माँ की स्थिति भगवान से कम नहीं है। वह वो है जिसने हमें जीवन दिया और हमें अपने पैरों पर खड़ा किया। वह थके होने के बावजूद अपने बच्चों के लिए निस्वार्थ प्रेम और कभी तैयार होने की मूर्ति है।

अगर मैं अपनी मां के बारे में बात करूं, तो वह वह है जिस पर मैं पूरी तरह से भरोसा कर सकता हूं। वह वह है जो हमारी इच्छाओं के लिए कभी ना नहीं कहेगी और वह वह है जो हमारे दैनिक कार्यों को करते हुए कभी नहीं थकती है। वह कभी भी हमें अपने सभी भाई-बहनों से प्यार और प्यार के बराबर प्यार और प्यार के अंतर को महसूस नहीं होने देती। मेरी माँ उस सूरज की तरह है जो सारे अंधकार का पीछा करता है और हम पर खुशियों और प्रेम की रोशनी बिखेरता है।

एक अच्छी माँ की परिभाषा:

कुछ शब्दों में एक अच्छी माँ को परिभाषित करना कभी आसान काम नहीं है। हालाँकि बहुत ही सरल शब्दों में हम कह सकते हैं कि एक अच्छी माँ वह है जिसके लिए उसका बच्चा उसकी दुनिया है। कई गुण हैं जो मैं अपनी माँ में देखता हूँ जो उसे दुनिया की सबसे अच्छी माँ बनाती है। वह अपने बच्चे को बिना किसी शर्त के दृढ़ता से और गहराई से प्यार करती है। मातृत्व के अपने प्यार को बरसाने के अलावा, वह एक बड़ी जिम्मेदारी के साथ अपने बच्चे की देखभाल भी करती है।

वह क्षमा की प्रतिमा है और हमारी हर गलती को क्षमा कर देती है और यह भी सुनिश्चित करती है कि हम अपनी गलतियों का एहसास करें और अपनी जिम्मेदारी को समझें। एक अच्छी माँ अपने बच्चे को लाखों में एक करने के लिए हर संभव प्रयास करती है और अपने जीवन के हर आराम का त्याग करती है ताकि उसका बच्चा आरामदायक जीवन जी सके। एक माँ की अपने बच्चों के प्रति निस्वार्थ प्यार इस पूरी दुनिया में सबसे मूल्यवान चीज है जिसे कभी भी किसी भी चीज से बदला नहीं जा सकता।

एक माँ की योग्यता:

कुछ प्राकृतिक गुण हैं जो पहले से ही मातृत्व प्राप्त करने पर एक महिला को विरासत में मिलते हैं। लेकिन कुछ गुण ऐसे भी होते हैं जो एक अच्छी माँ बनने के लिए आवश्यक होते हैं। माँ के प्रमुख गुण इस प्रकार हैं:

उत्तरदायी: मातृत्व हासिल करना बड़ी जिम्मेदारी के साथ आता है। जन्म से पहले और बाद में बच्चे की देखभाल करने की जिम्मेदारी एक माँ के सबसे महत्वपूर्ण गुणों में से एक है। वह वह है जो जन्म से अपने बच्चे की देखभाल करती है और उसे अपने पैरों पर खड़े होने के लिए पोषण देती है।

निस्वार्थ प्रेम:  एक माँ हमेशा बदले में अपने बच्चों को अपने प्यार से नहलाएगी। वह हमेशा अपने बच्चों को उनकी शरारतों के बावजूद निस्वार्थ भाव से प्यार करती है। अपने बच्चों के प्रति उनका प्यार हमेशा अपने बच्चे की उम्र के प्रति समान ही रहता है।

सहायक:  एक माँ को हमेशा अपने बच्चों के लिए सहायक होना चाहिए। उसे अपने सभी उतार-चढ़ावों में अपने बच्चों के अलावा हमेशा मजबूत बने रहना चाहिए। वह हमेशा अपने सही निर्णय और हितों में अपने बच्चों का समर्थन करने के लिए होना चाहिए।

धैर्यवान:  यह वह गुण है जिसे प्रत्येक माँ को मातृत्व प्राप्त करने पर प्राप्त करना चाहिए। बच्चों के साथ व्यवहार करने के लिए हमेशा अधिक मात्रा में धैर्य की आवश्यकता होती है क्योंकि वे अभी भी एक बढ़ते हुए चरण में हैं और एक बार में चीजों को समझने के लिए पर्याप्त परिपक्व नहीं होते हैं। इसलिए उन्हें तब तक बार-बार याद दिलाने की जरूरत होती है, जब तक वे समझते हैं और जिम्मेदार बन जाते हैं।

सहानुभूति:  किसी अन्य व्यक्ति की भावनाओं को समझने की क्षमता को सहानुभूति कहा जाता है। एक माँ को अपने बच्चे के प्रति सहानुभूति रखनी चाहिए क्योंकि जब तक आप अपने बच्चे की भावनाओं को नहीं समझेंगे तब तक आप उसके मुद्दे को नहीं समझ पाएँगे।

क्यों माँ हमारे जीवन में महत्वपूर्ण है?

मां के महत्व को इस तथ्य से आसानी से समझा जा सकता है कि बच्चे के मुंह से निकला पहला शब्द ‘मा मा’ है। वह जीवन का स्रोत है और हमारे अस्तित्व का कारण है। वह वह है जो अपने जीवन में अपने बच्चे की खुशी के लिए खुशी-खुशी सब कुछ त्याग सकती है। वह एक बच्चे की पहली शिक्षक है जो उसे दुनिया से परिचित कराती है और पहला सबसे अच्छा दोस्त है जिसके साथ हम अपने सभी रहस्यों को साझा कर सकते हैं।

माताएँ प्रत्येक परिवार की रीढ़ होती हैं जो पूरे परिवार को बांधती हैं और इसे एक एकल लेकिन शक्तिशाली इकाई में एकजुट करती हैं। वे हमें दुनिया का सामना करने का आत्मविश्वास देते हैं और हमें अपने जीवन में सफलता प्राप्त करने के लिए प्रेरित करते हैं। वे एकमात्र ऐसे व्यक्ति हैं जो अपने बच्चों के खिलाफ कभी कोई बुरा विचार नहीं रखेंगे और हमेशा प्रार्थना करेंगे और उनके लिए बेहतर उम्मीद करेंगे। एक अच्छी माँ एक मूर्तिकार की तरह काम करती है जो अपने बच्चों को सुंदर मूर्तियों में ढालती है जिन्हें समाज में बहुत सराहा जाता है और सम्मानित किया जाता है।

निष्कर्ष:

मेरी माँ ईश्वर की पवित्र रचना है और हमें जीवन प्रदान करने का एक स्रोत है। वह निस्वार्थ प्रेम, बलिदान, क्षमा और धैर्य की एक पवित्र मूर्ति है। वह मार्गदर्शक आत्मा है जो हमें सही रास्ते पर आगे बढ़ने और हमारे जीवन में सफलता प्राप्त करने में मदद करती है। अपने बच्चों के प्रति माँ के निस्वार्थ प्रेम को इस दुनिया में कभी भी बदला नहीं जा सकता है। हमें उसके बच्चों को हर समय खुश और आरामदायक बनाने के लिए पूरी कोशिश करनी चाहिए, खासकर जब वह बूढी हो जाती है। यह हमारी ज़िम्मेदारी है कि हम उसे उसी समय प्यार, देखभाल और समझ के साथ करें, जब हम छोटे थे तब किया गया था।

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विकास नें वाणिज्य में स्नातक किया है और उन्हें भाषा और खेल-कूद में काफी शौक है. दा इंडियन वायर के लिए विकास हिंदी व्याकरण एवं अन्य भाषाओं के बारे में लिख रहे हैं.

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Pariksha Point

मेरी माँ पर निबंध (Essay On My Mother In Hindi)

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मेरी माँ पर निबंध (Meri Maa Essay In Hindi) – आज जब मैं बड़ी हो गई हूं तो लगता है कि शायद मैं बहुत सी चीजों को आज पीछे छोड़ आई हूं। जब हम बच्चे थे तो हमें बचपन के वह प्यारे दिन बड़े ही उबाऊ और लंबे लगते थे। हम सोचते थे कि कब हम बड़े होंगे। हमें अपने मम्मी और पापा की नकल करने में आनंद की अनुभूति प्राप्त होती थी। बचपन के उन प्यारे दिनों को अब कुदरत भी नहीं लौटा सकती। बड़ी होने के बाद जिस शख्स को मैं सबसे ज्यादा याद करती हूं वह है मेरी माँ । एक माँ (mother) से बड़ा इंसान इस दुनिया में कोई होता ही नहीं है। आइये नीचे meri maa par nibandh पढ़ें।

ओ माँ माँ माँ

मेरी दुनिया है माँ तेरे आँचल में

शीतल छाया दो दुःख के जंगल में

इस गाने के बोल को सुनते ही मैं पुराने दिनों में डूब जाती हूं। वह पुराने दिन कितने अलग हुआ करते थे। ना किसी बात की कोई फ्रिक थी ना ही चिंता। माँ सारा काम खुद संभाल लेती थी। मैं यही सोचती थी कि एक औरत ही पूरे घर की जिम्मेदारियों को कैसे अपने कंधे पर उठा लेती थी। सच में माँ जैसा कोई और दूसरा हो ही नहीं सकता। माँ भगवान का ऐसा अनमोल तोहफा है जो हर किसी को नसीब हो जाए यह जरूरी नहीं। माँ के बिना हम जीवन की कल्पना तक नहीं कर सकते हैं। तो आज का हमारा विषय मां (mother) पर आधारित है। आज हम इस निबंध के जरिए पढ़ेंगे माँ पर निबंध (essay about my mother in hindi) हिंदी में।

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मेरी माँ पर निबंध My Mother Essay In Hindi

इस धरती पर मनुष्य के रूप में नर और नारी दोनों ने ही जन्म लिया। परंतु फिर भी एक नारी को ही सम्मान ज्यादा क्यों मिला? क्या आपने कभी इस बात पर गहराई से सोचा है। दरअसल इसके पीछे का सबसे बड़ा कारण यह है कि नारी को ही जगत जननी का स्थान मिला हुआ है। आज एक नारी की वजह से ही हम सब को दुनिया में आने का मौका मिला है। नारी अपने जीवन में अनेकों पद ग्रहण करती है। पर जो पद वह मां बनकर प्राप्त करती है वह पद बेहद सम्मानजनक होता है। माँ को भगवान के रूप में पूजा जाता है। माँ हमें कभी भी तकलीफ में नहीं देख सकती है। जिसके पास माँ होती है वह बहुत भाग्यशाली होता है।

माँ हमें हर तरह की मुश्किलों से उबार लेती है। माँ हमें जीने की नई राह सीखाती है। माँ होती है तब हमें किसी बात की कोई चिंता नहीं रहती है। एक बच्चे के लिए माँ से बढ़कर और कोई प्रिय नहीं होता है। माँ ही अपने बच्चे को 9 महीन तक पेट में रखती है और फिर बच्चे को जन्म देने के बाद भी बिना कोई शिकायत के बच्चे को पाल पोस्को बड़ा भी वही करती है। हम सब यह भूल जाते हैं कि कैसे माँ हमारे बचपन के नखरों को सहन करती है। माँ ईश्वर का सच्चा रूप होती है। आज हम जिस किसी भी मुकाम पर है वह सब हमारी माँ की ही बदौलत है। केवल मनुष्य ही क्यों माँ की ममता तो हमें जानवरों में भी देखने को मिल जाती है। जानवर और पक्षी माताएं भी अपने बच्चों को मनुष्यों की माताओं की तरह ही प्रेम देती है।

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माँ का सही अर्थ क्या है?

माँ दुनिया की वह अनमोल चीज है जिसकी तुलना महंगे से महंगे हीरे जवाहरात से भी नहीं की जा सकती है। माँ अपने बच्चों के लिए भयंकर से भयंकर तुफान से भी टकरा जाती है। माँ माने कि मातृत्व। हमारे पुराणों में माँ को सबसे ऊंचा दर्जा प्राप्त है। इसका सबसे अच्छा उदाहरण है माता दुर्गा का। माता दुर्गा समस्त ब्रह्मांड की जननी मानी जाती है। यही एक बड़ा कारण है कि नारी को भी भगवान का रूप माना जाता है।

वह माँ बनकर सबसे बड़ा फर्ज निभाती है। मैया, माई, अम्मा, अम्मी, जननी, मातु, जन्मदात्री, मातृ, मातरि, महतारी, माता, जनयित्री, जननी, वालिदा, महन्तिन, धात्री, प्रसू, मम्मी, ममी, अम्ब और अम्बिका यह सब माता के पर्यायवाची शब्द है। माँ के अनेकों शब्द है। माँ से ही हमें प्यार की अनुभूति प्राप्त होती है। जो प्यार हमें माँ से प्राप्त होता है वह और कहीं से भी नहीं हो सकता है। माता हम सभी को बिना कुछ पाने के बदले में ताउम्र अपना प्रेम लुटाती रहती है। इस दौरान वह हर तरह की पीड़ा को सहन कर लेती है। वह एक शब्द भी अपने बच्चे के खिलाफ नहीं बोलती है।

माँ का प्यार कितना जरूरी है?

हम सभी के लिए माँ का प्यार मिलना बहुत ही जरूरी है। माँ के बिना बच्चा अधूरा होता है। जैसे ही बच्चा धरती पर जन्म लेता है तभी से ही उसका अपनी माँ के साथ एक अनोखा रिश्ता कायम हो जाता है। उस बच्चे के लिए किसी और चीज से भी ज्यादा उसकी माँ महत्वपूर्ण हो जाती है। डाॅक्टर्स की एक रिसर्च के मुताबिक एक बच्चे के पर खाना भी इतना ज्यादा असर नहीं करता है जितना असर उसकी माँ द्वारा मिला अथाह प्यार कर देता है। माँ के प्रेम में एक अनोखी ही ताकत होती है। माँ की ममता के अनेकों फायदे हैं जैसे कि

1) बच्चे को अच्छा महसूस होता है। और जब उसे अच्छा महसूस होता है तब वह अच्छा प्रदर्शन भी करता है।

2) माँ के प्रेम में इतनी शक्ति होती है कि वह बच्चे की इम्युनिटी पावर को बुस्ट कर देता है।

3) माँ के प्रेम के चलते ही बच्चे बड़ी से बड़ी बीमारी से भी उबर जाते हैं।

माँ का हमारे परिवार में महत्व

हमारे जीवन में माँ से बढ़कर कोई और है ही नहीं। माँ है तो हम है और उसी से यह सारा संसार है। माँ दुनिया का सबसे प्यारा शब्द है। माँ हर रूप में अपने दायित्वों का पालन बड़े ही सरलता के साथ करती है, चाहे वह माता का रूप हो, पत्नी, सास या फिर बहन का रूप हो। माता के बिना हमारा परिवार फल फूल नहीं सकता है। एक माँ को ही पता होता है कि उसे घर किस रूप से चलाना है। एक माता के रूप में वह अपने बच्चे की पढ़ाई और लालन पालन की जिम्मेदारी उठाती है।

वह एक पत्नी के रूप में अपने पति की जिम्मेदारियों को संभालती है। उसे यह पता होता है कि उसे कहां पर और कैसे खर्च करना है। हम सभी ने अपने घरों में यह देखा है कि एक माँ सवेरे जल्दी उठकर घर का काम करती है और अपने बच्चो, पति और सास-ससुर के लिए खाना बनाती है। उसका काम पूरे दिन चलता है। कामकाजी महिलाओं का दिन थोड़ा और कठिन होता है क्योंकि उनको अपने परिवार के साथ-साथ कमाई का काम भी करना होता है। इतनी व्यस्त दिनचर्या होने के वाबजूद भी वह उफ्फ तक नहीं करती है। क्योंकि वह अपने परिवार से निस्वार्थ भाव से प्यार करती है।

माता कितने प्रकार की होती है?

हम अक्सर यह सोचते हैं कि माता का रूप केवल हमारी माँ तक ही सीमित होता है। पर यह सच नहीं है। माताओं के भी कई प्रकार होते हैं। हमारे पुराणों में सोलह तरह की माताओं का वर्णन है। इन माताओं का नाम इस प्रकार है। दूध पिलाने वाली (धाय), गर्भ धारण करने वाली, भोजन देने वाली, गुरु पत्नी, ईष्ट देव की पत्नी, सौतेली माँ , सौतेली माँ की बेटी, सगी बड़ी बहन, स्वामी की पत्नी, सास, नानी, दादी, सगे बड़े भाई की पत्नी, मौसी, बुआ और मामी। यह सभी सोलह प्रकार की माताएं होती है। इन सभी माताओं का अपना महत्व होता है। यह सभी अलग-अलग प्रकार की भूमिका को निभाती है।

माँ पर कविता

शहीद की माँ

शहीद का जनाज़ा निकला था,

तिरंगे में लिपटा,

हज़ारों की भीड़ में।

काँधा देने की होड़ में

सैकड़ो के कुर्ते फटे थे,

पुट्ठे छिले थे।

भारत माता की जय,

इंकलाब ज़िन्दाबाद,

अंग्रेजी सरकार मुर्दाबाद

के नारों में शहीद की माँ का रोदन

डूब गया था।

उसके आँसुओ की लड़ी

फूल, खील, बताशों की झडी में

जनता चिल्लाई थी-

तेरा नाम सोने के अक्षरों में लिखा जाएगा।

गली किसी गर्व से

तीस बरस बाद

शहीद की माँ का जनाजा निकला है,

तिरंगे में लिपटा नहीं,

(क्योंकि वह ख़ास-ख़ास

लोगों के लिये विहित है)

केवल चार काँधों पर

राम नाम सत्य है

गोपाल नाम सत्य है

के पुराने नारों पर;

चर्चा है, बुढिया बे-सहारा थी,

जीवन के कष्टों से मुक्त हुई,

गली किसी राहत से छुई छुई।

-हरिवंश राय बच्चन

माँ पर शायरी

चलती फिरती हुई आँखों से अज़ाँ देखी है

मैं ने जन्नत तो नहीं देखी है माँ देखी है

-मुनव्वर राना

दुआ को हात उठाते हुए लरज़ता हूँ

कभी दुआ नहीं माँगी थी माँ के होते हुए

-इफ़्तिख़ार आरिफ़

अभी ज़िंदा है माँ मेरी मुझे कुछ भी नहीं होगा

मैं घर से जब निकलता हूँ दुआ भी साथ चलती है

इस तरह मेरे गुनाहों को वो धो देती है

माँ बहुत ग़ुस्से में होती है तो रो देती है

घर लौट के रोएँगे माँ बाप अकेले में

मिट्टी के खिलौने भी सस्ते न थे मेले में

-क़ैसर-उल जाफ़री

माँ की दुआ न बाप की शफ़क़त का साया है

आज अपने साथ अपना जनम दिन मनाया है

-अंजुम सलीमी

माँ के नाम समर्पित एक खास दिन

माँ सभी को प्यारी होती है। माँ से ही हमारे दिन और रात है। जिसके पास माँ नहीं है उसको माँ की कमी बहुत ज्यादा खलती है। माँ अपने बच्चे पर कभी भी आंच नहीं आने देती है। माँ बिना कोई शिकायत के अपने दायित्व और फर्ज को पूरा करती है। क्या आपको पता है कि माँ के नाम भी एक खास दिन समर्पित होता है? जी हां, दूसरे उत्सवों की ही तरह हर साल मई के दूसरे रविवार को इंटरनेशनल मदर्स डे के रूप में मनाया जाता है। यह पर्व सभी माओं के लिए बहुत खास होता है। इस दिन बच्चे अपनी माँ के लिए कुछ अलग ही करने की योजना बनाते हैं। इस दिवस को मनाने की परंपरा अमेरिका से शुरू हुई थी। एना जार्विस को इस दिवस को शुरू करने का श्रेय जाता है। उसने अपनी माँ के ही नाम अपना जीवन समर्पित कर दिया था। वह जीवनभर कुंआरी रही।

तो आज के इस निबंध के माध्यम से हमने माँ पर निबंध को समझा। हमारी माँ जैसा इस दुनिया में और कोई भी नहीं है। आज हमारी माँ अगर इस संसार में नहीं होती तो हमारा अस्तित्व भी आज नहीं होता। जैसे माँ हमारे पर निस्वार्थ भाव से प्यार लुटाती है ठीक वैसे ही उसे भी अपने बच्चों का प्यार चाहिए। हम आशा करते हैं कि आप सभी को हमारे द्वारा तैयार किया हुआ यह निबंध पसंद आया होगा।

मेरी माँ पर निबंध 100 शब्दों में

माँ को दुनिया सबसे उंचा दर्जा प्राप्त होता है। माँ से ही हमारा संसार है। माँ को हम सभी भगवान का दर्जा देते हैं। माँ की वजह से हम गुलाब की तरह महकते हैं। माँ हमारी दोस्त होती है। वह हमें सही राह पर चलना सिखाती है। उन बच्चों से जाकर पूछो कि उन्हें कैसा लगता है जिनकी कोई माँ ही नहीं होती है। वह माता के प्रेम से अनभिज्ञ रहते हैं। माँ हमारे अंदर हर तरह के संस्कार के बीज बोती है। माँ हमारी सुख-दुःख की घड़ी में सदा हमारे साथ खड़ी रहती है। माँ हमारे पर कोई भी तरह की आंच नहीं आने देती है। माँ के सहारे हम जीवन में अपने मुकाम को हासिल करते हैं।

मेरी माँ पर निबंध 200 शब्दों में

माँ बिना सब सूना है। माँ से ही हमारा संसार महकता है। माँ ही हमारी सच्ची दोस्त होती है। वह हमारी सर्वप्रथम गुरू भी होती है। उसके बिना हम दुनिया में कुछ भी नहीं सीख सकते हैं। हमारे जीवन का पहला अक्षर भी हम अपनी माँ से ही सीखते हैं। माँ के उचित मार्गदर्शन के बिना हमारा जीवन दिशाहीन हो जाता है। माँ से हमें हौसला मिलता है। माँ हमें जीवन के हर तरह के संकटों से उबार देती है। माँ का प्यार मिलना बहुत ही जरूरी होता है। इस प्यार से हमें एक अलग प्रकार के आनंद की प्राप्ति होती है। पहले के दौर में माँ की भूमिका केवल रसोईघर तक ही सीमित थी। लेकिन आज समय बदल गया है। आज के दौर की महिलाएं बखूबी से अपने करियर और बच्चे को अच्छे से संभाल रही है।

मेरी माँ पर 10 लाइनें

1) माँ ताउम्र हमपर ममता लुटाती है।

2) माँ के बिना हम अधूरे माने जाते हैं।

3) एक माँ घर की सारी जिम्मेदारी को अच्छे से संभालती है।

4) भगवान द्वारा दिया गया सबसे बेहतरीन तोहफा है हमारी माँ।

5) माँ को भगवान का दर्जा प्राप्त है।

6) माँ अपने पूरे जीवन को अपने बच्चों के लिए समर्पित कर देती है।

7) एक पुरानी कहावत है कि पूत कपूत हो सकते हैं पर माता कभी भी कुमाता नहीं हो सकती है।

8) हमें अपनी माँ की आज्ञा का पालन करना चाहिए।

9) माँ हमसे बिना कोई शर्त के प्रेम करती है।

10) मेरी माँ दुनिया की सबसे अच्छी माँ है।

A1. हमारे जीवन में माँ का होना बहुत ज्यादा जरूरी है। वह हमें सहारा देती है। वह हमारे मुश्किल से मुश्किल दिनों में भी हमारे साथ खड़ी रहती है। भले ही हमसे सारी दुनिया मुंह मोड़ ले परंतु माँ अपने बच्चे का साथ कभी भी नहीं छोड़ती है।

A2. विज्ञान के अनुसार माँ गर्भधारण करके बना जाता है।

A3. औरत कोई भी भूमिका में हो सकती है जैसे कि एक पत्नी की भूमिका, दादी, नानी, बहन, बेटी, ताई, चाची आदि। लेकिन माँ की भूमिका एकदम अलग होती है। माँ का दर्जा सबसे बड़ा होता है।

A4. एक माँ अच्छी माँ तभी बन सकती है जब वह पूर्ण रूप से कर्तव्यों का पालन करते हुए अपने बच्चे की अच्छी देखभाल करें। अच्छी माँ हमेशा मुश्किल दिनों में भी धैर्य के साथ काम करती है। वह साहसी होती है। वह अपने बच्चों की सबसे बड़ी गुरू होती है।

A5. दूध पिलाने वाली (धाय), गर्भ धारण करने वाली, भोजन देने वाली, गुरु पत्नी, ईष्ट देव की पत्नी, सौतेली माँ , सौतेली माँ की बेटी, सगी बड़ी बहन, स्वामी की पत्नी, सास, नानी, दादी, सगे बड़े भाई की पत्नी, मौसी, बुआ और मामी। यह सभी सोलह प्रकार की माताएं होती है।

A6. माँ का प्यार बच्चे के लिए जादू की झप्पी की तरह काम करता है। वह बच्चे को बुरे हालातों से भी उबरने में मदद करता है। माँ का प्यार हमारे लिए सपोर्ट सिस्टम की तरह काम करता है। यह हमें हिम्मत और हौसला प्रदान करता है।

A7. दुनिया में सबसे बड़ी माता मां दुर्गा को कहा जाता है। माँ दुर्गा को समस्त ब्रह्मांड की माता के रूप में जाना जाता है। माता संपूर्ण संसार के दुखों को होती है।

A8. सिंगल मदर होने के फायदे भी है और नुकसान भी। हालांकि बदलते समय के साथ समाज में काफी परिवर्तन आया है। परंतु आज भी इस मॉर्डन दुनिया में सिंगल मदर को मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। वह अकेलेपन का जल्द शिकार हो जाती है।

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मेरी माँ पर निबंध

Essay on My Mother in Hindi: माँ का ख्याल आते ही दिल प्यार के समंदर में गोते खाने लगता है। आखिर हमने कितने वर्ष उसकी कोमल प्यार भरी बांहों में बिताये, उसने हमें 9 महीने अपनी कोख में रखा, 2 साल तक अपनी ममता भरी गोद में रखा और उम्र भर अपने दिल में रखा।

उसके रहते हुए हमें कभी कोई सांसारिक कष्ट महसूस नही हुए और ना हुई उसने हमें कभी किसी भयानक दर्द से गुजरने दिया। एक शायर ने भी क्या खूब कहा है “तुम्हारी जिंदगी में जरा भी तकलीफ़, गम और दर्द ना होता अगर तुम्हारा नसीब तुम्हारी माँ ने लिखा होता।”

Essay on My Mother in Hind

वैसे हमारे जीवन में बाप की अहमियत भी कम नही होती। क्योंकि वही हमें इस दुनिया से लड़ने के काबिल बनाता है।

मगर जितनी जरूरत माँ के प्यार की जीवन में होती है, उतनी शायद किसी और व्यक्ति की नही होती। मेरी बातों को वो लोग अच्छे से समझ सकते हैं, जो अपनी माँ को खो चुके हैं।

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मेरी माँ पर निबंध (Essay on My Mother in Hindi)

यहां पर हम अलग-अलग शब्द सीमा में मेरी माँ पर निबंध (meri maa essay in hindi) शेयर कर रहे हैं यह निबन्ध हर कक्षाओं के विद्यार्थियों के लिए मददगार है।

मेरी माँ पर निबंध 50 शब्दों में

मेरी जिंदगी की सबसे महत्वपूर्ण महिला मेरी प्यारी माँ हैं। वह स्वभाव से बहुत मेहनती और प्यार करने वाली है। मेरी माँ परिवार के हर सदस्य का अच्छे से ख्याल रखती है। वह सुबह-सुबह जल्दी उठ कर हम लोगों के लिए खाना तैयार करती है।

मेरे दिन की शुरूआत अक्सर मेरी माँ के साथ ही होती है, वो सुबह जल्दी उठ कर मुझे भी बिस्तर से जल्दी उठाती है। इसके बाद वह मुझे स्कूल के लिए तैयार करती है और बहुत ही स्वादिष्ट भोजन बनाती है।

इसके अलावा वह मेरा गृह कार्य करने में भी मदद करती है और वो मेरी सबसे अच्छी टीचर भी है। मैं अपनी माँ से बहुत प्यार करता हूँ और आशा करता हूँ कि मेरी माँ की उम्र बहुत लंबी हो।

मेरी माँ पर निबंध 100 शब्दों में

मेरे जीवन की सबसे प्रभावशाली व्यक्ति मेरी माँ है। इसलिए उनके प्रति मेरे दिल में बहुत प्रशंसा और इज़्ज़त है। वो मेरी जिंदगी की सबसे पहली और अच्छी टीचर है। वह मुझ से बहुत प्यार करती है और मेरी वजह से अपनी ख़ुशियों की कुर्बानी दे देती है। मेरी माँ अपने काम के प्रति बहुत समर्पित हैं और उनका मेहनती स्वभाव हमेशा मुझे बहुत लुभाता है।

मेरी माँ घर में सबसे पहले उठती है और हमेशा हमारे बिस्तर से उठने से पहले ही वो अपने काम-काज चालू कर देती है। मेरी माँ मेरे घर की प्रबंधक है।

वह हमारे घर की प्रत्येक चीज और जरूरत का बहुत ख्याल रखती है। वह हमारे घर के लिए स्वादिष्ट भोजन बनाती है, ख़रीददारी करती है और ईश्वर से हमारे लिए प्रार्थना भी करती है।

इसके साथ ही वो हमारी हर छोटी बड़ी ज़रूरतों का भी बखूबी ध्यान रखती हैं। मेरी माँ मुझे और मेरे भाई/बहन को भी पढ़ाती है और होम वर्क भी पूरा करने में भी मदद करती है। इन्ही सभी योगदानों के कारण मेरी माँ हमारे घर की रीढ़ की हड्डी है।

Essay on My Mother in Hindi

मेरी माँ पर निबंध 150 शब्दों में

माँ सबसे उपयुक्त शब्द है जो मैंने अब तक सीखा है। मेरी माँ मेरी जिंदगी में मेरे लिए सबसे प्रभावशाली व्यक्ति हैं। मेरी माँ ना केवल एक मेहनती व्यक्ति है बल्कि अपने काम के प्रति पूरी तरह समर्पित हैं।

वह सुबह सूरज के उगने से पहले उठ जाती हैं और अपने प्रतिदिन के कार्यों को करना शुरू कर देती है। मेरी माँ एक बहुत ही सुंदर और दयालु दिल वाली महिला है जो हमारे घर में प्रत्येक चीज का ध्यान रखती है।

मैं अपनी माँ की बहुत इज़्ज़त करता है क्योंकि उन्होने ना केवल मुझे किताबी ज्ञान को सीखने में मदद की। बल्कि अपने अनुभवों की सीख से मुझे सही-गलत का अंदर सिखा कर मुझे एक अच्छा इंसान बनने में भी मदद की।

वह हमारे लिए खाना बनाती है, सभी का ध्यान रखती और घर के लिए ख़रीददारी करती है। इसलिए वो ज्यादातर समय व्यस्त रहती है।

उन्हे जब खाली समय मिलता है तो वो मेरे साथ खेलती हैं, मेरा गृह कार्य करने में मदद करती है और दूसरी जरूरी कामों में भी मदद करती है।

मेरी माँ मुझे कई तरह की चीजें सीखने में भी मदद करती है इसलिए मैं अपनी माँ से बहुत प्रेम करता हूँ और ईश्वर से प्रार्थना करता हूँ कि उनकी उम्र हो।

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मेरी माँ पर निबंध 200 शब्दों में

माँ एक ऐसा शब्द है जिसको शब्दों में व्यक्त नही किया जा सकता, मेरी माँ ही मेरे दिल के सबसे करीब है। उसी ने मेरी जिंदगी को एक सही आकार देने में मदद की है। मेरी माँ एक बहुत दयालु दिल की सुन्दर महिला है जिसने मेरा जिंदगी के हर मोड़ पर साथ दिया।

उनकी व्यस्त दिनचर्या सूरज के उगने से पहली ही शुरू हो जाती है वो हमारे लिए ना केवल खाना तैयार करती है। बल्कि मेरे हर कार्य में भी पूरी मदद करती है।

जब मुझे अध्ययन में कोई परेशानी पेश आती है तो मेरी माँ टीचर बन कर मेरी समस्याओं को सुलझाने में मदद करती है और जब मैं बोर हो जाता हूँ तो मेरी दोस्त बन कर मेरे साथ खेलती है।

वह हमारे घर में दूसरा रोल निभाती है और जब कोई हमारे परिवार में बीमार पड़ जाता है तो वो पूरी रात जाग कर उसका ख्याल रखती है। हमारे परिवार के लिए वो अपनी ख़ुशियों की भी कुर्बानी हस्ते-हस्ते दे सकती है।

वैसे स्वभाव से मेरी माँ बहुत मेहनत करनी करने वाली महिला है। वो सुबह से शाम तक घर के सभी जरूरी कामों को करती हैं। 

उन्होने जिंदगी के हर मोड़ पर मेरा मार्गदर्शन किया है। निविदा उम्र में, मेरे लिए यह तय करना बहुत मुश्किल था कि क्या सही है और क्या गलत मगर मेरी मां मेरे जीवन में सही रास्ता दिखाने के लिए हर समय मौजूद रही।

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यह भी पढ़े: मेरे पिता पर निबंध

मेरी माँ पर निबंध 250 शब्दों में

मेरी माँ मेरे लिए सब कुछ है। मैं उसी के कारण इस सुंदर संसार को देख पा रहा हूँ। उसी के प्यार और दयालूता ने मुझे इतना बड़ा किया और एक बेहतर इंसान बनने में मदद किया।

मेरे अनुसार माँ दुनिया की सबसे भरोसेमंद शख्स होती है जिससे आप अपने दिल की हर बात साझा कर सकते हैं। मेरी माँ मेरी सबसे अच्छी दोस्त भी है।

मैं उसके साथ अपने सभी खूबसूरत लम्हे साझा कर सकता हूँ। मैंने अपने हर बुरे वक्त में अपनी माँ को सबसे करीब पाया। उसने मुझे उस बुरे समय में काफी सहारा भी दिया। इसलिए मेरे दिल में मेरी माँ के प्रति काफी प्रशंसा है।

मेरी माँ बहुत ज्यादा मेहनती है और अपने काम के प्रति पूरी तरह समर्पित रहती है। मैंने उन्ही से सीखा है कि कोशिश कभी बेकार नही जाती तथा मेहनत से ही सफलता आती है। वह पूरे दिन चेहरे पर हल्की मुस्कान के साथ काम करती रहती है।

वह ना केवल अच्छा एवं स्वादिष्ट खाना बनाती है बल्कि घर के हर सदस्य की अच्छे से देखभाल भी करती है। वह हमारे परिवार के लिए काफी अच्छे निर्णय भी लेती है। कई बार तो पिता जी भी माँ के पास सलाह लेने के लिए आते हैं। क्योंकि वो निर्णय लेने में बहुत निपुण है।

हमारे परिवार में कुल-मिला कर चार सदस्य हैं, मेरे पिता, मेरी माँ, मैं और मेरी छोटी बहन, हम सभी की देखभाल हमारी मां करती है। उन्होने मुझे जिंदगी के नैतिकता के बारे में भी बताया।

जब मैं कभी गृह अध्ययन करते समय किसी समस्या में फँस जाता हूँ तो माँ एक टीचर के रूप में मेरी समस्याओं को सुलझाने में मदद करती हैं। इसलिए वो हर समय व्यस्त ही रहती है।

मेरी माँ एक दयालु दिल की महिला है जिसके प्यार की छतरी हमेशा मेरे सर पर रही है और मैं इस बात को भी जानता हूँ कि इस संसार में मेैं माँ जैसे प्यार को कहीं और नही तलाश कर सकता।

हर बच्चा अपनी माँ से प्यार करता है मगर माँ की असली अहमियत वही जानता है जिसकी जिंदगी में माँ नही है। मैं अपनी जिंदगी में अपनी माँ को हर समय मुस्काराते हुए देखना चाहता हूँ।

मेरी माँ पर निबंध 300 शब्दों में

माँ बच्चे के मुँह से निकलने वाला पहला शब्द होता है। मेरे लिए माँ ईश्वर के द्वारा दिया गया सबसे अच्छा और किमती तोहफा है। अपनी माँ के प्यार और उसके दयालूता भरे चरित्र को शब्दों में व्यक्ति करना मेरे लिए बहुत मुश्किल है।

हर बच्चे के लिए उसकी माँ सबसे ज्यादा प्यार करने वाला और फिक्र करने वाला शख्य होती है। मुझे नही लगता कि कोई भी व्यक्ति माँ जैसे प्यार को कही और अनुभव कर सकता है। मेरी माँ में वो सभी काबिलियतें और गुण मौजूद है जो एक अच्छी माँ में होनी चाहिए।

मेरे परिवार में कुल 6 सदस्य है जिनमें मेरे दादा-दादी, मेरे माता-पिता और मैं तथा मेरी छोटी बहन है लेकिन केवल मेरी माँ के कारण ही हमारा घर एक और खुशहाल है।

वह सुबह जल्दी उठती है, उठने के बाद वो तैयार होती है और अपने प्रतिदिन के कार्य में जुट जाती है। वह हमारा पूरी तरह ख्याल रखती है और तरह-तरह के स्वादिष्ट खाद्य पदार्थ बनाती है। 

वो घर के हर सदस्य की पसंद और ना पसंद को काफी अच्छी तरह से जानती है और उन्हे यह भी पता रहता है कि कब मेरे दादा जी ने कितनी बार कौनसी दवा ली है। मेरे दादा जी मेरी माँ को घर का प्रबंधक कहते हैं। क्योंकि वो घर की हर चीज को प्रबंधित रखती हैं।

मैं अपनी मां की नैतिक शिक्षाओं के साथ बड़ा हुआ हूं। उन्होने मेरा जिंदगी के हर पड़ाव पर मार्गदर्शन किया है। वो मेरी भावनाओं को अच्छी तरह समझती हैं। उन्होने मुझे बुरे हालातों में हर बार सहारा दिया है और मुझे प्रेरित किया है।

मेरी माँ मुझे एक अनुशासित, समयनिष्ठ और भरोसेमंद व्यक्ति बनना सिखाती हैं। वह एक पेड़ की तरह है जो हमारे परिवार को अपने प्यार की छांव में रखती है। खैर वो बहुत सारा काम करती हैं मगर फिर भी वो एकदम शांत रहती हैं।

वह किसी भी बुरी परिस्थिति में अपना धैर्य नही खोती। मेरी माँ और मुझ में एक खास तरह का प्यार है और उन्होने मेरा हमेशा साथ दिया है। मैं भगवान से हमेशा दुआ करता हूँ कि मेरी माँ हमेशा स्वस्थ और खुश रहे।

मेरी माँ पर निबंध 600 शब्दों में

मां इस शब्द में कितना मिठास है। इस शब्द को पुकारते ही व्यक्ति का हर पीड़ा कम हो जाता है। मां भगवान से भी बड़ी होती है तभी तो व्यक्ति जब पीड़ा में होता है तो उसके मुख से सबसे पहले मां शब्द ही निकलता है। मां के द्वारा स्नेह और प्यार से हमारे ऊपर फेरे गए हाथ हमारी हर दर्द को कम कर देता है।

मेरी मां मेरी प्रेरणा है। मां मेरी प्रथम शिक्षक है, जिन्होंने मुझे बचपन से अच्छे संस्कार दिए जीवन में आगे बढ़ने की प्रेरणा दी दुख सह कर भी उन्होंने मेरे खुशी को हमेशा प्राथमिकता दिया है। स्वयं से पहले वह मेरे बारे में पूछती है। मां ही तो है, जो हर घड़ी मेरा हालचाल पूछते रहती है।

दुनिया में एक मां ही तो है, जो निस्वार्थ रूप से प्यार करती है। वह हमेशा हमारे लिए करते रहती है लेकिन कभी भी हमसे उसका मूल्य नहीं मांगती।

मां ने मुझे हमेशा से ही दूसरों के प्रति अच्छा व्यवहार रखना सिखाया है, अपने कार्य के प्रति ईमानदार रहना सिखाया है। यही कारण है कि आज मां के कारण ही में एक सफल व्यक्ति बन सका हूं।

मामत्व ना केवल इंसानों में बल्कि जानवरों में भी देखने को मिलती है। हर जीव की मां भगवान के समान होती है। भगवान ने ही तो हर जीव को उत्पन्न किया है। भगवान एक समय हर एक जीवो के पास उपस्थित नहीं रह सकते, इसीलिए तो उन्होंने मां को उत्पन्न किया और हर एक जीव को मां दिया जो अपने बच्चों का ख्याल रखती है।

मां के आश्रय में हर दुख दूर हो जाता है। एक स्त्री बेटी पुत्री, बहू ना जाने कितने ही रुप में रिश्ते निभाती है। लेकिन उनमें से सबसे ऊपर मां का पद होता है। दुनिया में मां का पेशा ऐसा है, जिसकी तुलना किसी से नहीं की जा सकती। मां का पद सबसे ज्यादा सम्मानीय होता है।

मां का पेशा सबसे बड़ा होता है, जिसकी कोई सैलरी निश्चित नहीं की जा सकती। मां के द्वारा दिए गए प्यार के लिए बच्चा अपने आप को भी समर्पित कर दें तो वह भी कम है। मां तो प्रेम और त्याग की मूर्ति है। मां चाहे तो अपने बच्चे की रक्षा के लिए बड़े से बड़े परेशानियों का भी सामना कर सकती हैं।

स्त्री होने के नाते उसके अंदर भले ही शक्ति हो या ना हो लेकिन मां के रूप में वह सर्वशक्तिमान होती है। मां शब्द के महत्व का अंदाजा ही नहीं लगाया जा सकता। सभी रिश्तो में मां का रिश्ता सबसे सर्वोपरि होता है।

मां पालनकर्ता भी होती है, मां शिक्षक भी होती है और मां शखा भी होती है। जरूरत पड़ने पर वह शिक्षक की तरह हमें शिक्षा देती है और सही मार्ग पर चलने के लिए प्रोत्साहित करती है।

वहीँ मुसीबत में दोस्त की तरह हमारे साथ खड़ी होती है और हमारे दुखों को कम करती है। खुद खाना भूल सकती है लेकिन अपने बच्चे को खिलाना कभी नहीं भूल सकती।

मां की ममता का कोई मोल नहीं चुका सकता। मां की ममता दुनिया की सबसे बड़ी कीमती वस्तु है और इसका महत्व वही समझ सकता है, जिसकी मां नहीं है।

एक बार ईश्वर हमसे नाराज हो सकते हैं लेकिन मां कभी भी हमसे नाराज नहीं हो सकती। मां के बिना तो जीवन की कल्पना ही नहीं की जा सकती। व्यक्ति कितना भी पूजा पाठ करें, वह चारों तीर्थ धाम क्यों ना चला जाए लेकिन जब तक वह मां का सम्मान नहीं करता तब तक यह हर चीज निरर्थक है।

भगवान गणेश अपने माता पिता भगवान शिव और पार्वती की परिक्रमा करके मानव जाति को इस बात का ज्ञान दिये कि दुनिया में सबसे बड़ा तीर्थ और पुण्य का काम मां बाप का सेवा करना ही होता है। मां के दिल दुखाने से बड़ा पाप जीवन में कुछ नहीं हो सकता।

इस पाप को व्यक्ति पवित्र नदियों में नहाकर या तीर्थ यात्रा करके नहीं धो सकता। बालक द्वारा की गई गलती पर जब तक मां क्षमा नहीं करती तब तक भगवान भी स्वयं उसके गलती के लिए क्षमा नहीं करते।

एक स्त्री दूसरी स्त्री या अन्य के प्रति ईर्ष्यालु हो सकती है, वह अन्य के प्रति दुष्ट हो सकती है लेकिन वह अपने बालक के प्रति कभी भी दुष्ट नहीं होती। इसीलिए हर एक बालक को चाहिए कि वह हमेशा ही अपने मां का सम्मान करें, कभी भी उनके दिल को ना दुखाए।

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मेरी माँ पर निबंध 1200 शब्दों में

दुनिया में हर शब्द का परिभाषा हो सकता है परंतु मां की परिभाषा देना बहुत कठिन है। क्योंकि इसकी एक परिभाषा नहीं बल्कि हजारों परिभाषा भी कम पड़ जाए। यह तो वह करुणा की मूर्ति है, जो अपने ममता से एक बालक के जीवन को हर खुशियों से भर देती है।

उसके लिए स्वयं से ज्यादा अपने बालक के जीवन का मोल होता है। तभी तो मां असहनीय पीड़ा सहने के बाद अपने बालक को जन्म देती है।

कहते हैं स्त्री कमजोर होती है लेकिन स्त्री से बड़ा शक्तिशाली और सहनशीलता कोई नहीं होता। मां के रूप में एक मां जितना दर्द सहती है, उतने दर्द से तो एक चट्टान भी फट जाए।

एक मां का समाज और राष्ट्र के विकास में महत्वपूर्ण योगदान होता है। क्योंकि मां चाहे तो अपने बालक को बिगाड़ भी सकती है और मां चाहे तो अपने बालक को महान व्यक्ति भी बना सकती है।

हर मां यही चाहती है, उसका बालक जीवन में महान व्यक्ति बने, वह एक प्रभावशाली व्यक्तित्व बनाने में सफल हो सके। हालांकि एक बालक के जीवन में शिक्षक का काफी महत्व होता है सफलता पाने में।

लेकिन मां बच्चे की प्रथम शिक्षक होती है और जिंदगी भर वह शिक्षक की तरह अपने बच्चे को सही गलत का फर्क सिखाते हुए हर एक कठिन मार्ग पर उसे मार्गदर्शित करती है।

मां के मार्गदर्शन पर बालक कभी भी असफल नहीं हो सकता। हर एक व्यक्ति और जीव का अस्तित्व मां से जुड़ा हुआ है। भगवान ने मां के जरिए ही इस सृष्टि की रचना की है। मां को सम्मानित करने के लिए ही मदर डे मनाया जाता है।

लेकिन मां के सम्मान के लिए केवल एक विशेष दिन नहीं होना चाहिए बल्कि हर दिन हर पल मां को समर्पित होना चाहिए। क्योंकि मां के कारण ही तो यह जीवन है।

तो फिर मां के लिए किसी एक विशेष दिन को कैसे समर्पित कर सकते हैं, मां के लिए तो पूरा जीवन ही समर्पित है। इसीलिए जो व्यक्ति मदर डे को अपनी मां के लिए कुछ खास करते हैं, उन्हें हमेशा ही अपने मां को सम्मान देना चाहिए।

क्योंकि मां कभी भी अपने बच्चे को किसी एक विशेष दिन को प्यार या स्नेह नहीं देती बल्कि वह जिंदगी भर अपने बालक को प्यार और स्नेह देती है।

हमारे जीवन में कई रिश्ते होते हैं और हर रिश्ते में किसी गलतफहमी से कभी ना कभी दरार आ सकती है, हर रिश्ता जरूरत के समय धोखा दे सकता है। लेकिन मां के साथ का रिश्ता भगवान भी नहीं तोड़ सकता।

दुनिया आप पर विश्वास करें या ना करें लेकिन मां आप पर हमेशा विश्वास करती है। क्योंकि एक मां को अपने लालन-पालन पर पूरा विश्वास होता है। वह जानती है कि उसने अपने बालक को जो शिक्षा और संस्कार दिया है, उसके विपरित उसका बालक कुछ नहीं कर सकता।

मैं अपने मां के लिए जितना बोलू उतना ही कम है। आज भी जब किसी समस्या में रहता हूं तो सबसे पहले मां का ही विचार आता है। वह पल याद आ जाता है जब मां मेरे चेहरे को देख कर समझ जाती थी कि मैं किसी परेशानी में हूं।

ना जाने उनके पास कैसी कला थी, जिससे उन्हें पता चल जाता था कि मैं दुखी हूं और मुझे देख वह भी दुखी रहती थी। जब तक मैं खा नहीं लेता था तब तक वह भी नहीं खाती थी।

आज भी जब काम से घर लेट जाता हूं तो घर का हर सदस्य सो जाता है। लेकिन मां ही तो होती है, जिसका ध्यान दरवाजे पर रहता है कि कब उसका बेटा आएगा। घर पहुंचते ही सबसे पहले वही उठती है और खाने का पूछती है।

मेरे इंतजार में वह भी भूखी रहती है। उस पल को याद करके बहुत ज्यादा मां के प्रति प्यार उमड आता है जब बिमार पडा करता था तो मां रात भर बगल में बेठी मेरे सिर को फेरते रहती थी।

जब तक मैं ठीक ना हो जाता था तब तक उन्हें भी नींद नहीं आती थी। आज भी मां भगवान के सामने बस मेरी ही खुशी की प्रार्थना करती है।

मां अक्सर पूछा करती थी कि जब कमाने लगूंगा तब मां के लिए साड़ी लाऊंगा कि नहीं। मैंने तो उसी दिन ठान लिया था कि जब हाथ में पहली कमाई आएगी तो पूरी की पूरी कमाई मां के हाथ में धर दूंगा।

आज भी मुझे किसी जगह इतनी सुकून और शांति नहीं मिलती जितना मां के गोद में लेट कर मिलता है। उनके हाथों में न जाने कैसा जादू है, जिससे उनके हाथ फैराते ही मेरी सारी थकान दूर हो जाती है।

मुझे आज भी वह दिन याद है जब स्कूल के सभी बच्चे पिकनिक पर जा रहे थे लेकिन पिकनिक की फीस अधिक होने के कारण मुझे पिताजी को बोलने में संकोच हो रहा था फिर भी मैंने हिम्मत जुटाकर पिताजी को पिकनिक जाने की बात कही।

लेकिन उन्होंने यह बात कह कर मना कर दिया कि अभी उनके पास पैसे नहीं है। लेकिन मां को मेरे चेहरे की उदासी दिखी गई। दूसरे दिन मां स्कूल जाकर पिकनिक फीस जमा कर आई, जिसे उन्होंने लंबे समय तक जमा करके रखा था।

ताकि मैं पिकनिक जा सकूं और मेरे चेहरे पर दुबारा मुस्कान आ जाए। उस दिन मुझे एहसास हुआ कि मां को अपने बच्चे की खुशी से ज्यादा कुछ नहीं चाहिए होता है।

वह तो अपने बच्चे की खुशी के लिए दुनिया का हर धन दौलत भी कुर्बान कर देगी, उसे बस प्यार के बदले में प्यार ही चाहिए। वह अपने बच्चे को जीवन में बड़ा आदमी बनने की कल्पना तो जरूर करती है।

लेकिन वह कभी भी अपने स्वार्थ के लिए अपने बच्चे को सफलता दिलाने का नहीं सोचती बल्कि उसके मन में तो केवल अपने बच्चे की खुशी ही मात्र रहती हैं।

मुझे बहुत दुख होता है, उन लोगों का सोच कर जो अपने माता-पिता को बुढ़ापे में बेसहारा छोड़ देते हैं। जिस माता-पिता ने अपना पूरा जीवन अपने बच्चे को समर्पित कर दिया, वही मां-बाप बुढ़ापे में उस बच्चे के लिए बोझ बन जाते हैं। कितनी शर्म की बात है। मेरे अनुसार तो दुनिया में वृद्धाश्रम ही नहीं होना चाहिए।

क्या हर मां अपने बच्चे को यही उम्मीद से सब दुख दर्द साहकर अपने बच्चों को पालती है कि यह बच्चा बड़ा होकर मुझे वृद्धाश्रम में छोड़ देगा। कोई भी मां अपने बच्चे से यह कभी भी उम्मीद नहीं करती है।

यहां तक कि जो बच्चे अपने मां को बुढ़ापे में वृद्ध आश्रम में छोड़ देते हैं, उस वक्त भी मां के दिल से अपने बच्चे के लिए दुआ ही निकलता है।

बच्चा अपनी मां के साथ कितना ही गलत क्यों ना करें लेकिन मां अपने बच्चे के लिए कभी भी गलत नहीं करती। तभी तो मां को भगवान से भी बड़ा माना जाता है।

आज मुझे बहुत खुशी हुई मेरी मां के बारे में लिखकर। हालांकि मैंने मां के बारे में जितना भी लिखा कम ही है क्योंकि मां के बारे में कोई भी कभी कुछ पूरा नहीं लिख सकता।

जब भी आप कभी माँ के ऊपर कोई श्रेष्ठ निबंध लिखना चाहते हो तो आंखे बंद कर के अपनी माँ के सच्चे प्यार को महसूस करिये और दिल में जो विचार आए, उसे कलम के द्वारा कागज पर व्यक्त कर दिये। फिर जो लेख ऊभर कर आएग वो लोगों के दिल और दिमाग को पूरी तरह जीत लेगा।

तो इस तरह आप कुछ ही समय में एक अच्छा निबंध तैयार कर सकते हैं या फिर ऊपर दिये गए निंबधों में से अपनी जरूरत के हिसाब से कोई भी निबंध चुन सकते हैं।

इस लेख में हमारे जीवन के सबसे कीमती और प्यारे व्यक्ति यानी मेरी मां पर मेरी माँ हिंदी निबंध (essay on mother in hindi) के द्वारा बताया।

हम उम्मीद करते हैं कि आपको हमारा ये आर्टिकल पसंद आया होगा। अगर पसंद आया तो कृपया इस लेख को अपने दोस्तों एवं प्रियजनों के साथ शेयर करना ना भूलें और यदि आपका कोई सवाल है या फिर कोई सुझाव है तो हमें कमेंट के माध्यम से जरूर बताए।

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माँ पर निबंध 500 शब्दों में | My Mother Essay in Hindi

  • by Rohit Soni
  • Essay , Education

मेरी माँ पर निबंध 500 शब्दों में (My Mother Essay in Hindi) और माँ पर निबंध 10 लाइन में पढ़िए।

” चलती फिरती आंखों से, अजाँ देखी है, मैंने जन्नत तो नहीं देखी, लेकिन माँ देखी है। “

Table of Contents

माँ पर निबंध 10 लाइन – My Mother Essay in Hindi 10 lines

  • माँ अपने बच्चों से बहुत ज्यादा प्यार करती हैं।
  • माँ हमारी प्रथम गुरु भी होती है।
  • माँ की आंचल में रहकर हम चलना और बोलना सीखते है।
  • जब हमें नींद नहीं आती तो माँ हमें लोरी सुना कर सुलाती है।
  • माँ खुद भूखी रह सकती है परन्तु अपने बच्चों को कभी भूखा नहीं रखती है।
  • माँ अपने बच्चों की देखभाल बहुत ज्यादा करती है।
  • माँ की ममता का कोई भी मोल नहीं है।
  • माँ की ममता से भगवान भी छोटे है।
  • हमें अपने माता पिता को खूब सेवा करनी चाहिए।

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My Mother Essay in Hindi – माँ पर निबंध 500 शब्दों में

माँ पर निबंध 500 शब्दों में | My Mother Essay in Hindi (meri maa essay in hindi)

“माँ” केवल शब्द मात्र नहीं है अपितु इसमें पूरा संसार समाहित है। माँ की जितनी के बारे जितनी भी व्याख्या की जाए उतनी कम है। माँ के बिना जीवन की कल्पना भी नहीं की जा सकती है। एक माँ जीवन दाता होने के साथ-साथ कई अन्य प्रकार के भी रोल निभाती है। जैसे- जन्म दाता है माँ, पालन हार है माँ, प्रथम गुरु है माँ, अच्छी दोस्त है माँ, रक्षक है माँ और हमारी कोच है माँ। और इसी प्रकार से जीवन के हर मोड़ में माँ अनेक प्रकार से हमारे साथ रहती है।

प्रथम गुरु माँ

माँ हमारी माता होने के साथ ही वह हमारी प्रथम गुरु भी होती है। माँ की आंचल में रहकर हम चलना और बोलना सीखते है। माँ हमें अच्छे संस्कार देती है। सही क्या है? और गलत क्या है? उसकी पहचान करना सिखाती है। हमें प्राथमिक ज्ञान अपनी माँ से ही मिलता है। हम जो भी कुछ सबसे पहले सीखते हैं वह माँ से ही तो सीखते हैं। इसलिए मैं इस बात को काफी गर्व के साथ कह सकता हूं कि मेरी माँ मेरी प्रथम गुरु है।

मेरी माँ मेरी प्रेरणा

मेरी माँ का पूरा जीवन संघर्षों से भरा हुआ होता है। सुबह से शाम तक माँ के ऊपर विभिन्न प्रकार की जिम्मेदारियां होती है। फिर भी कभी हार नहीं मानती है। जिसको देखकर हमें संघर्षों से लड़ने की प्रेरणा मिलती है। मेरी माँ हमेशा मेरी सफलताओं के लिए कड़ी मेहनत करती है। जब भी हम कभी उदास होते हैं तो माँ हमें आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करती है। और जब हम कभी गलत रास्तों पर चले जाते हैं या फिर हमें कोई रास्ता समझ नहीं आता तो माँ हमें सही रास्ता दिखाती है। इसलिए मेरी माँ मेरी प्रेरणा स्रोत भी है।

मां का हमारे जीवन में स्थान

भगवान से भी ज्यादा महत्व माँ को होता है। भगवान भी माँ की ममता पाने के लिए तरसते हैं। जब भी हम किसी मुसीबत में होते हैं तो हमारी जबान पर भगवान से पहले माँ का नाम आता है। इसलिए माँ को सबसे ऊंचा दर्जा दिया गया है। एक माँ और बेटे का रिश्ता बहुत पवित्र होता है। एक माँ ही है जो अपने बच्चों के लिए दुनिया से लड़ जाती है परन्तु अपने बच्चों पर किसी भी प्रकार के संकट को बर्दाश्त नहीं कर सकती। इसलिए मां का हमारे जीवन में सबसे ऊंचा स्थान है।

माँ के प्रति हमारे कर्तव्य

एक माँ बच्चों के लिए बहुत कुछ करती है। माँ बच्चे को जन्म देते समय असहनीय पीड़ा को सहन करके बच्चे को इस दुनिया में लाती है। और फिर हजारों कष्ट सहन करके बच्चों का पालन-पोषण करती है। तथा जीवन जीने की सही राह दिखाती है। इसलिए माँ के प्रति जो हमारे कर्तव्य हैं उसे हमें जरूर करना चाहिए-

  • हमें माता पिता के साथ समय बिताना चाहिए और उनकी सेवा कर उन्हें हमेशा खुश रखना चाहिए।
  • ऐसा कोई काम नहीं करना चाहिए जिसकी वजह से माँ की आंखों में आंसू आए।
  • एक माँ अपने बच्चों का कभी भी बुरा नहीं चाहती है। उनकी डांट के पीछे कहीं ना कहीं हमारी भलाई ही छुपी हुई होती है।
  • हमें माता-पिता के बुढ़ापे का सहारा बनना चाहिए। जिस प्रकार से माँ बच्चों का ख्याल रखती है उसी प्रकार से हमें भी उनका ख्याल रखना चाहिए।

माँ पूजनीय है। माँ की ममता का इस जग में कोई मोल नहीं है। और माँ के बिना इस संसार की कल्पना नहीं की जा सकती है। मेरी माँ मेरी सुख-सुविधाओं के लिए अपने सुख-सुविधाओं का भी त्याग करने में कभी संकोच नहीं किया। मेरी सफलताओं के लिए उन्होंने ना जाने कितने कष्ट सहें हैं। उनके इस बलिदान का कर्ज हम कई जनम में भी नहीं चुका सकते हैं। जन्म देने वाली मेरी माँ को शत-शत नमन!

“ घुटनों से रेंगते-रेंगते, कब पैरो पर खड़ा हो गया। माँ तेरी ममता की छाँव में, न जाने कब बड़ा हो गया।। ” माँ पर शायरी

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मेरी माँ पर निबंध 10 लाइन फोटो

मेरी माँ पर निबंध 10 लाइन - My Mother Essay in Hindi 10 lines (maa par nibandh in hindi)

हर बच्चा बनेगा बेहतर इंसान: माता पिता के साथ 11 व्यवहार के नियम

Faq my mother, q: मैं अपनी मां के बारे में निबंध कैसे लिखूं.

Ans: माँ के बारें में निबंध लिखना काफी सरल है। आप जो अपनी मां के बारे में जानते हैं। वह निबंध में लिख सकते हैं। जैसे- माँ के द्वारा किया गया संघर्ष, उनका परिवार और बच्चों के के लिये किया गया त्याग। और माँ की ममता-प्यार और भी ।

माँ शब्द भले ही सबसे छोटा है, लेकिन माँ पर लिखने के लिए शायद शब्द ही कम पड़ जाए।

Q: मां का हमारे जीवन में क्या महत्व है?

Ans: मां का हमारे जीवन में बहुत ज्यादा महत्व है। माँ हमारे जीवन को सवारनें के लिए अपनी सारी जिन्दगी कुर्बान कर देती है। हमारे खुशी के लिए दुनिया की सभी चुनौतियों से अकेले ही लड़ने में सक्षम है। और क्या कहूँ मां का हमारे जीवन में कितना ज्यादा महत्व है। क्योंकि माँ के बिना तो हमारे जीवन की शुरुआत ही नही होती।

Q: माँ का पर्यायवाची शब्द

Ans: मैया, माई, अम्मा, अम्मी, जननी, मातु, जन्मदात्री, मातृ, मातरि, महतारी, माता, जनयित्री, जननी, वालिदा, महन्तिन, धात्री, प्रसू, मम्मी, अम्ब, अम्बिका।

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चंद्रयान 3 पर निबंध 100, 300, 500 शब्दों में | Chandrayaan 3 Essay in Hindi

Hello friends मेरा नाम रोहित सोनी (Rohit Soni) है। मैं मध्य प्रदेश के सीधी जिला का रहने वाला हूँ। मैंने Computer Science से ग्रेजुएशन किया है। मुझे लिखना पसंद है इसलिए मैं पिछले 5 वर्षों से लेखन का कार्य कर रहा हूँ। और अब मैं Hindi Read Duniya और कई अन्य Website का Admin and Author हूँ। Hindi Read Duniya   पर हम उपयोगी , ज्ञानवर्धक और मनोरंजक जानकारी हिंदी में  शेयर करने का प्रयास करते हैं। इस website को बनाने का एक ही मकसद है की लोगों को अपनी हिंदी भाषा में सही और सटीक जानकारी  मिल सके। View Author posts

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केंद्र एव राज्य की सरकारी योजनाओं की जानकारी in Hindi

मेरी माँ पर निबंध हिंदी में | Essay on Mother in Hindi

Maa per Niband

Essay on Mother in Hindi :- कोई भी निबंध कभी भी एक Mother का वर्णन करने के लिए सक्षम नहीं हो सकता। जब माँ के बारे में कुछ लिखना होता है तो शब्द हमेशा ही कम पढ़ जाते है। Mother के बिना हर घर और बच्चा अधूरा होता है। माँ की दांट में भी प्यार होता है तभी को माँ (Mother) को भगवान (Mother is God) कहां जाता है। पूत कपूत हो सकता है पर माँ कूमाता कभी नहीं। माँ – अक्सर अपने बच्चों के जीवन में एक जीवित देवी के रूप में चित्रित करती है, सभी पीड़ा और पीड़ा लेती है और इसे प्यार और देखभाल के साथ बदल देती है।

वह है जो रातों की नींद हराम कर देती है जब हम परेशान होते हैं या बीमार होते हैं, वह वह है जो हमारे खराब समय में हमारा सहारा बनती है और हमारी खुशियाों में सबसे ज्यादा उत्साहित महसूस करती है।हम आज इस लेख के जरिए उन्हीं माँ के उपर Essay प्रस्तुत कर रहे है। इस लेख में हमने माँ पर निबंध,माँ पर निबंध हिंदी में ,माँ पर निबंध PDF , essay on mother in Hindi ,माँ पर निबंध 10 लाइन ,माँ पर निबंध Class 5, 6, 7, 8, 10 इस सभी पॉइन्ट पर जानकारी मिल जाएगी।

Essay on My Mother in Hindi

मेरी माँ पर निबंध हिंदी में | meri maa par nibandh.

Importance of Mothers:- सबसे पहले, Mother घर की सबसे ज्यादा जिम्मेदार महिला होती हैं। वे निश्चित रूप से एक बच्चे के पालन-पोषण (Upbringing) में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। सबसे उल्लेखनीय, माँ एक बच्चे के दृष्टिकोण (Outlook ) को निर्धारित करने में एक बड़ी भूमिका निभाती हैं। भविष्य (Future) में बच्चा अच्छा होगा या बुरा, यह माँ पर निर्भर करता है। माँ द्वारा सिखाए गए नैतिक मूल्य (Moral Values) एक व्यक्ति के निर्माण के लिए बहुत बड़ी भूमिका निभाते हैं। व्यक्ति अक्सर बुढ़ापे तक अपनी माँ के मूल्यों को याद करते हैं। इसलिए, Mother समाज की भलाई (good for society ) के लिए जिम्मेदार है। बड़े पैमाने पर Society का भविष्य एक माँ द्वारा बच्चें को दी गई Education का Result है।

Mother का अपने बच्चों के साथ गहरा संबंध होता है। यह Connection निश्चित रूप से किसी और के द्वारा मेल नहीं खाया जा सकता है। यहां तक कि Father भी उस प्रकार की समझ स्थापित करने में विफल रहते हैं। इस संबंध की उत्पत्ति शैशवावस्था (Infancy) से होती है। सबसे उल्लेखनीय, एक माँ बिना किसी  संचार के अपने शिशु, बच्चे को समझ सकती है। यह निश्चित रूप से एक माँ और बच्चे (Mother and Child) के बीच एक मजबूत भावनात्मक संबंध (Emotional Relations) विकसित करता है। यह बंधन वयस्क जीवन (Adult life) में ले जाता है।

एक माँ हमेशा बता सकती है कि उसके बच्चे को भूख कब लग रही है। यही कारण है जब हम माँ से दूर जाते है और जब माँ से बात करते है तो सबसे पहला सवाल माँ यही पूछती है कि बेटा खाना खाया। माँ की जगह आज तक इस दुनिया में ना कोई ले सकता है और ना ले पाएगा।

माँ पर निबंध PDF | Essay On Mother Pdf

माँ का हमारे जीवन में रोल

Role of Mother In Our life;- माँ शब्द खुद ईश्वर का प्रतीक (Symbol of God) है। जिस दिन हमने  गर्भधारण किया और फिर इस दुनिया में पहली बार अपनी आँखें खोलीं, एक व्यक्ति जिसने अपने दिल में सारा प्यार और स्नेह हम पर निछावर किया, वो माँ है। वह एक बच्चे के आने के दिन से उसके लिए क्या करती है, यह कोई और नहीं कर सकता है। सर्वश्रेष्ठ का पोषण करना, बिना किसी शर्त के प्यार करना, देखभाल करना, चलना सिखाना, बात करना और बचपन से जीवन की मूल बातें बताना कुछ भूमिकाएं हैं ।

एक Mother निस्संदेह हमारे पूरे विकास में सबसे महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। हमारे जीवन में उसका महत्व अन्य सभी संपत्तियों से ऊपर और बड़ा है। कोई फर्क नहीं पड़ता कि आप कितना सफल होते हैं, आपके लिए पर्दे के पीछे काम करने और प्रार्थना करने वाली हमेशा एक Mother ही होती है। Mother आपको हमेशा दुनिया की सारी खुशियां लाकर देती है चाहें वह उन्हें लाना में सक्षम हो या नहीं। आज हम जो भी है वह माँ की ही वजह से है। सबसे ज्यादा धन्यवाद अगर हमें किसी का करना चाहिए तो वह माँ है। माँ का प्यार बिना किसी शर्त के होता है। माँ का प्यार इस दुनिया में सबसे अतुल्य है।

who is Mother | माँ कौन होती है ?

एक Mother , क्या क्या नहीं होती है। वह अपने Family और Kids के लिए अपना सब कुछ Sacrifice कर देती है। अपनी नौकरी छोड़ देती है और वह बच्चे के लिए हाउसकीपर (Housekeeper), कुक (Cook), बेकर(Baker), ड्राइवर (Driver), मनोवैज्ञानिक (psychologicalist), डॉक्टर(Doctor) सब बन जाती है। वे वही हैं जो दिन वा दिन हर अच्छी और बुरी चीज का बोझ उठाती हैं। वे वे हैं जो पीछे छूट सकती है। जितना माँ अपने बच्चे के लिए करती है वह कोई नहीं कर सकता ये बात तो सब जानते है फिर भी हम उनकी उतनी सराहना नहीं करते है जितने की वह हकदार है।

एक Mother हमेशा आपके आँसू पोंछते हुए आपको करीब और प्यार से रखेगी।  एक माँ हमेशा  कोशिश करेगी कि वह आपके सभी दर्द और दुख को दूर करे सके और उन्हें अपना बना सके। वे आपके जीवन के बुरे समय में चट्टान बन कर खड़ी हो जाएगी और अपका हर वक्त समर्थन करेगी। एक माँ का बच्चा देखने में चाहे कैसा भी हो वह हमेशा अपने बच्चे पर प्यार लुटाती है।

मेरी माँ पर निबंध 10 लाइन

1) एक माँ एक ऐसी व्यक्ति है जो जीवन में किसी और चीज़ से पहले अपने बच्चों के बारे में सोचती है।

 2) एक माँ का प्यार निस्वार्थ है, और वह बदले में कुछ भी माँ गे बिना अपने बच्चों से प्यार करती है।

 3) वह वह है जो हमें अपने पैरों पर खड़ा करती है और हमें पहला कदम उठाने में मदद करती है।

 4) वह वह व्यक्ति है जो हमारी सोच को अत्यधिक प्रभावित करता है और हमें एक जिम्मेदार व्यक्ति बनने में मदद करता है।

5) वह अपने परिवार के लिए 24 घंटे काम करती है।

6) एक माँ को अपने दैनिक जीवन में बहुत सारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है, लेकिन वह हमेशा अपने बच्चों का स्वागत एक बड़ी मुस्कान के साथ करती है।

 7) वह परीक्षा के दौरान एक ट्यूटर, जीवन के महत्वपूर्ण निर्णयों के दौरान एक गाइड और हमारी बीमारी के दौरान एक नर्स के रूप में कार्य करती है।

 8) दुनिया हमारी माँ को धन्यवाद देने और श्रद्धांजलि देने के लिए मातृ दिवस मनाती है।

 9) अन्ना जार्विस संयुक्त राज्य अमेरिका में मातृ दिवस की संस्थापक हैं। 10) एक माँ वह पहला व्यक्ति होता है जिसे एक बच्चा एक शिशु के रूप में पहचानता है और प्यार और स्नेह का यह बंधन जीवन भर जारी रहता है।

मेरी माँ पर निबंध Class 5, 6, 7, 8, 10 

माँ के प्रति हमारी जिम्मेदारी | Our Responsibility for Mothers

हमे हमेशा अपनी माँ का सम्मान (Respect Mother) करना चाहिए क्योंकि वह ईश्वर का स्वरुप है और हमारे सबसे बड़े दाता है।माँ का सम्मान करने का मतलब है भगवान का सम्मान (Respecting God) करना। हमे कोशिश करनी चाहिए की हम कभी भी अपनी माँ का दिल ना दुखाएं। Mother अपने जीवन में बच्चें होने के बाद अपनी इच्छाओं को दबाने लग जाती है,तो हमे कोशिश करनी चाहिए कि हम माँ की सभी Wishes को जाने और जितनी पूरी कर सके उन्हें पूरी करे। माँ के ऊपर पूरे घर की जिम्मेदारी  का बोझ होता है तो हमारी जिम्मेदारी बनती है कि माँ के कंधे से कुछ बोझ हलका कर दें, यानि की उनकी काम में मदद कर दें ये देखे बिना ही हम लड़का है या लड़की।

माँ से हमेशा प्रेम से बात करें। हमें कोशिश करनी चाहिए की हम माँ के मन में चल रही सभी उलझनों को समझ कर उसे सुलझा सके। जिस तरह माँ अपने बच्चें की ढाल बन जाती है उसी तरह हमे कोशिश करना चाहिए कि हम माँ के बूरे समय में उनके सामने चट्टान बन कर उनकी रक्षा कर सकें।

FAQ’s:- Essay on Mother in Hindi

Q. माँ को किसका का प्रतीक कहा जाता है .

Ans. माँ को भगवान का प्रतीक कहा जाता है।

Q. दुनिया का सबसे बड़ा योद्धा किसे कहा गया है ?

Ans. माँ को दुनिया का सबसे बड़ा योद्धा कहा गया है।

Q. क्या दुनिया में माँ को समर्पित कोई दिन है ?

Ans.  जी हां, मदर्स डे माँ को समर्पित एक दिन है जिसको दुनिया भर में मनाया जाता है।

Q. मदर्स डे कब मनाया जाता है ?

Ans. हर साल मदर्स डे मई के दूसरे रविवार को मनाया जाता है।

Q. दुनिया में सबसे पहले मदर्स डे कब मनाया गया था ?

Ans. साल 1914 में पहली बार मदर्स डे मनाया गया था।

इस ब्लॉग पोस्ट पर आपका कीमती समय देने के लिए धन्यवाद। इसी प्रकार के बेहतरीन सूचनाप्रद एवं ज्ञानवर्धक लेख easyhindi.in पर पढ़ते रहने के लिए इस वेबसाइट को बुकमार्क कर सकते हैं

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Essay On My Mother In Hindi 500 + Words (Download PDF) मेरी माँ पर निबंध कक्षा 5, 6, 7, 8, 9, 10 के लिए। – इस निबंध के माध्यम से हम जानेंगे कि अपने माँ के बारे में एक अच्छा निबंध कैसे लिखे तो शुरू करते है।

हर माँ अपने बच्चे को दुनिया की किसी भी चीज़ से ज्यादा प्यार करती है। हम सभी की माँएँ हैं और हमें अपनी माँओं से प्यार और सम्मान करना चाहिए। आज मैं अपनी माँ के बारे में बहुत सी बातें साझा करने जा रहा हूँ। एक माँ अपने बच्चे को आर्थिक , शारीरिक और भावनात्मक रूप से बड़ा करने के लिए सर्वश्रेष्ट प्रयास करती है |

कभी-कभी वे हमारे जीवन को बेहतर बनाने के लिए अतिरिक्त काम करते हैं, लेकिन वे इसके लिए कभी बुरा नहीं मानते हैं। माताएं निस्वार्थ और गैर-शिकायत हैं, वे अपने जीवन के बारे में कभी शिकायत नहीं करती हैं। यह एक माँ के बारे में सबसे महत्वपूर्ण बात है। वे ज़िम्मेदारियाँ लेना और उन्हें पूरा करना करती हैं। माँ वह है; जिसकी वजह से हम इस दुनिया को देख रहे हैं। हमें कभी भी उन्हें निराश नहीं करना चाहिए। हमें उनसे प्यार और सम्मान करना चाहिए।

My mother essay in Hindi & paragraph

मेरी माँ का नाम कविता है और वह एक शिक्षिका हैं। वह पचास साल की है। वह हमारे परिवार में सबसे महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। उसका दिन बहुत सुबह शुरू होता है; वह उठती है और हम सभी के लिए खाना बनाती है। फिर वह पूरे घर की सफाई करती है और हमें स्कूल ले जाती है।

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स्कूल से वापस आने के बाद, खाना फिर से बनाती है, और हमें परोसती है । मुझे लगता है कि वह अब तक की सबसे अच्छी कुक है। वह वास्तव में स्वादिष्ट भोजन बनाती है। मेरी मां मेरी सबसे बड़ी समर्थक हैं। मैं जो भी करता हूं, वह प्रेरित करती है और एक मार्गदर्शक के रूप में मेरे पीछे खड़ी रहती है। मेरी पिछली विज्ञान परियोजना में, उसने मेरी सबसे अधिक मदद की और मैं प्रतियोगिता में प्रथम स्थान पर आया। जब मुझे कुछ भी सफलता मिलती है, तो वह उस समय सबसे खुश होती है।

माँ और बच्चे का संबंध:

एक माँ और बच्चे के बीच का संबंध वास्तव में अद्भुत है। हर बच्चे के लिए मां सबसे महत्वपूर्ण चीज होती है और बच्चे माताओं की पहली प्राथमिकता होते हैं। यह रिश्ता दुनिया का सबसे शुद्ध रिश्ता है।

माँ बिना किसी अपेक्षा के अपने बच्चों के लिए सब कुछ करती है। वे सिर्फ अपने बच्चों के लिए एक बेहतर जीवन चाहती हैं। तो माँ और बच्चे के बीच की बॉन्डिंग मज़बूत होती है और कोई भी ताकत इस बॉन्डिंग को तोड़ नहीं सकती है।

वह मुझे कितना प्यार करती है:

कोई सीमा नहीं है या मैं उसके लिए मेरे प्यार को नहीं माप सकता। मुझे पता है कि वह मुझसे सबसे ज्यादा प्यार करती है और मैं भी उससे बहुत प्यार करता हूं। केवल उसी के कारण घर को ‘गृह’ कहा जाता है। वह मेरी सबसे अच्छी दोस्त और मार्गदर्शक है। वह मुझे सिखाती है कि दुनिया में कैसे जीवित रहना है।

माँ वह है जो कभी भी हमसे ज्यादा प्यार करते नहीं थकती। एक माँ का प्यार अलग है, अनोखा है और किसी अन्य व्यक्ति द्वारा प्रतिस्थापित करना संभव नहीं है। हमें पूरी दुनिया में ऐसा कोई प्यार नहीं मिला जिसकी तुलना मां के प्यार से की जा सके।

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माँ की आवश्यकता

हम जहां भी हैं, माता का आशीर्वाद हमारे साथ है। माँ के आशीर्वाद के बिना जीना हमारी कल्पना से परे है। सुबह वह बच्चे को बड़े प्यार से उठाती है और रात के दौरान वह बच्चे को बड़े प्यार से कहानियां सुनाती है।

माँ अपने बच्चे को स्कूल के लिए तैयार होने में मदद करती है और बच्चे के लिए सुबह का नाश्ता और दोपहर का भोजन भी बनाती है। माँ दरवाजे पर खड़ी रहती है, दोपहर को बच्चे के स्कूल से आने का इंतज़ार करती है। मां बच्चे को होमवर्क करवाने में मदद करती है।

लेकिन साथ ही, वे उनके संस्कारों और उनके रीति-रिवाजों का भी दृढ़ता से पालन करते हैं। हमारे घर में सभी त्योहार पूरे रीति-रिवाज के साथ मनाए जाते हैं। घर में आने वाले हर मेहमान का स्वागत करने के लिए मेरी मां बहुत अच्छा प्रयास करती है।

एक गाइड के रूप में:

एक मार्गदर्शक के रूप में मेरे जीवन में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका है। मैं जो भी करता हूं, वह मुझे सही रास्ते पर ले जाती है। कभी-कभी, हम गलतियाँ करते हैं और वे हमें अभिभावक के रूप में सही बात शिखाती हैं। वह वह है जो हमें प्रकाश में लाता है और जीवन से सभी अंधकार को दूर करता है।

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निष्कर्ष :- मुझे अपनी माँ से बहुत प्यार है। मुझे लगता है कि वह दुनिया की सबसे अच्छी इंसान हैं। वह मेरी जिंदगी है; मैं उसके साथ हमारे लंबे जीवन की कामना करता हूं। उन लोगो को जिनके पास माँ कहने को नहीं है। वे एक माँ के मूल्य और महत्व को समझते हैं। इसलिए हमें अपने जीवन में उसकी उपस्थिति की सराहना करने की जरूरत है।

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FAQs. On My Mother In Hindi

आपके जीवन में माँ का क्या महत्व है.

उत्तर – यह बहुत पुरानी कहावत है कि भगवान हर जगह नहीं हो सकते, इसलिए उन्होंने एक ऐसी माँ बनाई जो अपने बच्चों से हर सुख और दुख में निस्वार्थ भाव से प्यार करती है। माँ के महत्व को शब्दों में नहीं बताया जा सकता है। यह समझने की बात है,

माँ आप के विचार से कैसी होनी चाहिए?

उत्तर – माँ कल्पना करने की चीज नहीं है। वह प्रेम की मूर्ति है, माँ जो भी है, वह अपने बच्चों की नज़र में सबसे खास है जिसे शब्दों में पिरोया नहीं जा सकता।

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मेरी माँ पर निबंध (My Mother Essay In Hindi)

मेरी माँ पर निबंध (My Mother Essay In Hindi Language)

आज के इस लेख में हम मेरी माँ  पर निबंध (Essay On My Mother In Hindi) लिखेंगे। मेरी माँ पर लिखा यह निबंध बच्चो और class 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10, 11, 12 और कॉलेज के विद्यार्थियों के लिए लिखा गया है।

मेरी माँ पर लिखा हुआ यह निबंध (Essay On My Mother In Hindi) आप अपने स्कूल या फिर कॉलेज प्रोजेक्ट के लिए इस्तेमाल कर सकते है। अगर आपको इस विषय पर छोटा निबंध (Short Essay) चाहिए तो आप निचे दिए निबंध से अपने जरूरत के हिसाब से निबंध लिख सकते है। आपको हमारे इस वेबसाइट पर और भी कही विषयो पर हिंदी में निबंध मिलेंगे, जिन्हे आप पढ़ सकते है।

Table of Contents

प्रस्तावना 

माँ इस एक शब्द को सुनते ही हमारे मन में श्रद्धा और प्यार की भावनाएं उमड़ने लगती हैं, मानो जैसे इस एक शब्द में ही सारी दुनिया समाई हुई हो। ऐसा इसीलिए होता है क्योंकि माँ और बच्चे का रिश्ता ही इतना अटूट होता है, जिसे कोई चाह कर भी बयां नहीं कर सकता।

असहनीय पीड़ा सह कर के जीवन का सृजन करने वाली दया और करुणा की मूरत माँ के बारे में जितना कहें वो कम है। देखा जाये तो माँ की ममता और महिमा को शब्दों में जताया नहीं जा सकता।

माँ की भूमिका

माँ, जिसके माता, जननी आदि कई नाम होते हैं, लेकिन उनका अर्थ सिर्फ एक ही होता है, ममतामयी माँ। जिसका अस्तित्व एक बालक के साथ ही जन्म लेता है और बच्चों के जन्म के बाद और उसका जीवन पूरी तरह से बदल जाता है।

बालक के जन्म के बाद माँ जैसे खुद को भूल जाती है और उसकी दुनिया सिर्फ उसके बच्चों से शुरू होकर उन्ही की अच्छी परवरिश में खत्म हो जाती है। अनेक कष्ट सहन करके वो अपने बच्चों का पालन पोषण करती है और उन्हें दुनिया की हर खुशी देने की कोशिश करती है।

वो हर सुख दुख में आजीवन हमारे साथ खड़ी रहती है और बिना किसी लोभ के निस्वार्थ भाव से हमें पालती है। बच्चे चाहे अपनी माँ को दुख भी पहुंचाए तब भी वो उनके साथ बुरा बर्ताव नहीं करती और पहले जैसी ही रहती है और अपनी पीड़ा का जिक्र भी नहीं करती है।

इसलिए कहा भी गया है – “कुपुत्रो जायेत क्वचिदपि कुमाता न भवति।”

अर्थात् पुत्र कुपुत्र हो सकता है परन्तु माता कभी कुमाता नहीं होती।

माता जो भी करती है उसमें उसके बच्चे का हित छुपा होता है। उसकी डांट में भी प्यार होता है। वो अपने बच्चों पर बिल्कुल आंच नहीं आने देती है, चाहे उसके लिए उसे पूरे जग से ही क्यों ना लड़ना पड़ जाए। माँ की भावनाएं और प्रेम निश्छल, निर्मल और पवित्र होता है।

इस संसार में दूसरा कोई ऐसा रिश्ता नहीं होता है, जैसा की एक माँ और उसके बालक का होता है।

ईश्वर का दूसरा रूप माता

एक बालक जब इस संसार में आता है, तो उसे जन्म देने के लिए माँ को कितनी अधिक पीड़ा सहनी पड़ती है इसका हम अंदाजा भी नहीं लगा सकते हैं। माँ ही इस सृष्टि की रचना करती है, इसलिए माता को ईश्वर का दूसरा रूप भी कहा जाता है।

माँ अपनी परवाह किए बिना ही हर परिस्थिति में बच्चों के लिए उनके जीवन और भविष्य को संवारने की कोशिश में लगी रहती है। ईश्वर को हम देख नहीं सकते, लेकिन माँ जो ईश्वर का प्रतिरूप है, उनकी हर एक चेष्टा को हम देख और समझ सकते हैं।

लेकिन कई बार माँ संतान को दुख ना पहुंचे इसलिए अपने अंदर इतने रहस्य छिपा लेती है, जिसका पता हम आजीवन नहीं लगा सकते हैं। वह अपने बच्चों को भनक तक नहीं लगने देती है, कि वो किस परेशानी के दौर से गुज़र रही है।

जन्मदायिनी माँ का कार्य सिर्फ बच्चे को जन्म देकर पूरा नहीं हो जाता है, बल्कि दिन प्रतिदिन उसकी जिम्मेदारियां बढ़ती ही जाती हैं।

बालक की प्रथम गुरु माँ

बालक का वर्तमान और भविष्य कैसा होगा यह उसे घर से मिलने वाले संस्कारों पर निर्भर करता है। माता और पिता दोनों की ही अलग अलग जिम्मेदारियां और कार्य होते हैं, अतः पिता को धन कमाने के लिए घर से बाहर जाकर काम करना होता है।

ऐसे में बच्चों में अच्छे संस्कार माँ ही डालती है ताकि वे अपने जीवन में तरक्की कर सकें। अगर माँ को बाहर जाकर काम भी करना होता है, तब भी वह पहले अपने बच्चों के बारे में सोचती है और घर का या बाहर का कोई भी काम करने से पहले अपने बच्चों की देखभाल और उनकी जरूरतों का ही ध्यान रखती है।

माँ बच्चों को जीवन जीने की कला सिखाती है और उन्हें बताती है कि हर अच्छी और बुरी परिस्थिति में उन्हें कैसे स्थिर होकर रहना है। माँ बच्चों को सत्य के मार्ग पर चलना सिखाती है और उसे अच्छा इंसान बनाती है। बच्चे माँ की प्रेरणा पाकर जीवन की हर मुश्किल का सामना कर लेते हैं।

बालक विद्यालय जाने से पहले और बाद में भी अपनी माँ से जीवन जीने की शिक्षाएं ग्रहण करते हैं। वो सबसे अधिक भरोसा अपनी माँ पर ही करते हैं, इसलिए हर छोटी बड़ी बात, चाहे वो स्कूल की हो, घर की या फिर दोस्तों की सभी कुछ अपनी माँ के साथ बांटना पसंद करते हैं। और माँ उनकी उलझन को दूर करके उन्हें सही रास्ता दिखाती है।

इसीलिए कहा गया है – “गुरुणामेव सर्वेषां माता गुरुतरा स्मृता।”

अर्थात् सारे गुरुओं में सबसे श्रेष्ठ गुरु माता होती है।

सर्वगुण सम्पन्न माँ

माँ को गुणों की खान कहा जाए तो गलत नहीं होगा, क्योंकि अलग अलग प्रकार की स्थिति में हर बार माँ का एक नया रूप देखने को मिलता है। माँ मोम जैसे कोमल मन और अति दयालु स्वभाव की होती है।

माँ के अंदर करुणा कूट कूट कर भरी होती है और बालक को जरा सी भी तकलीफ होने पर उसकी करुणा उमड़कर आंसुओं का रूप ले लेती है। लेकिन इतनी कोमल होकर भी उसमें अपार शक्ति होती है।

जब भी बच्चों के ऊपर कोई आपदा आती है या उन्हें कोई परेशान करता है, तो माता के क्रोध की ज्वाला दहक जाती है और वो हर किसी तरह से अपने बच्चों की रक्षा करती है। माँ अति सहनशील होती है, इसलिए संतान की खातिर सब कुछ सह जाती है और थोड़ी भी शिकन अपने आचरण से झलकने नहीं देती।

माँ कल्पवृक्ष की तरह बच्चों कि पसंद कि सारी वस्तुएं उनके सामने हाजिर कर देती है, या फिर उसके लिए हर संभव प्रयास करती है। बेटी हो या बेटा, छोटा हो या बड़ा हर बच्चे के साथ समान व्यवहार करती है और उन्हें समान रूप से शिक्षित करती है।

माँ खुद भूखी रहकर भी बच्चों का पेट भरती है और खुद लाख तकलीफें झेलकर भी बच्चों को हर सुविधा देती है। जब भी आप परेशान हों या विचलित हों, तो माँ की गोद जैसे जादू का काम करती है, क्योंकि उनकी गोद में सर रखकर सोने से हर चिंता दूर हो जाती है और मन को असीम शांति का अनुभव होता है।

बच्चा चाहे कितना भी छिपाए पर माँ पल में पहचान जाती है कि उसके बच्चे को क्या तकलीफ है और किस बात से वो खुश होगा। माँ का जीवन उसके बच्चों में ही बसता है और वो अपनी हर छोटी बड़ी खुशियां बच्चों की खुशी में ही तलाशती है।

उसका अप्रतिम प्रेम संतान के जीने का सहारा होता है। माँ जिंदगी के हर पहलू से वाकिफ होती है इसलिए संतान को हर पल जीवन में आने वाली चुनौतियों के लिए तैयार करती है और खुद भी उसके साथ कर्तव्य पथ पर डटी रहती है।

माँ का हमारे जीवन में महत्व (Importance Of Mother In Hindi)

माँ का हमारे जीवन में अत्यधिक महत्व होता है, ना सिर्फ भावात्मक रूप से बल्कि सामाजिक, सांस्कृतिक, धार्मिक और आर्थिक रूप से भी माता हमें सुदृढ़ बनाती है। जब हमारा जन्म होता है तभी से लेकर माँ उनके हर क्षण अपने समय को हमसे जोड़ देती है और अन्य सभी कामों को  महत्व ना देकर सबसे पहले हमारी देखभाल को ही अपना महत्वपूर्ण काम समझती है।

माँ हमें अच्छे और बुरे कि पहचान कराती है, ताकि हम जीवन में सही रास्ता चुनकर कर्तव्य पथ पर आगे बढ़े। जिन बच्चों की माँ नहीं होती है उन्हें अपने जीवन में बहुत अधिक संघर्ष करना पड़ता है और कई बार बिन माँ के बच्चे अपने जीवन में सही मार्गदर्शन ना मिलने के कारण रास्ते से भटक जाते हैं और बड़े होकर अपराधी भी बन जाते हैं।

माँ की ममता स्वाभाविक ही होती है और इसके लिए उसे किसी से शिक्षा नहीं लेनी होती। आपने देखा होगा, नन्हे नन्हे चिड़िया के बच्चे जब तक उड़ नहीं पाते हैं, उनकी माँ उनके लिए खाना लाकर उन्हें अपनी चोंच से खिलाती है।

उसी तरह गाय अपने बछड़ों को जीभ से चाट कर दुलार करती है। अतः माँ चाहे इंसान की हो या किसी जानवर कि वो संतान के लिए प्यार और दुलार का एक सागर है, जो कभी समाप्त नहीं होता।

माँ हमारी सबसे सच्ची और अच्छी दोस्त होती है, क्योंकि वो हमारा हर हाल में साथ निभाती है। हमारे अच्छे काम के लिए प्रोत्साहित करती है और हमारे बुरे काम करने पर रोकती है और हमें ईमानदार और कर्मठ बनाती है।

किसी कवि ने माँ के लिए बिल्कुल ठीक लिखा है –

“खुद सो कर के भूखा भर पेट खिलाती है,

पी कर के हर आंसू हर दम मुस्काती है,

हालत हो ऐसा भी मुझपर इतलाती है,

इस पुरे जगत में माँ मेरी सबसे निराली है,

कांटो से भरी बगियाँ फूलो से सवारी है।”

हमारी माँ तो हमारे लिए अपनी खुशियों को भी न्यौछावर कर देती है, लेकिन हम उन्हें क्या देते हैं। वैसे तो हम उनके त्याग और हमारे लिए सहन किए गए कष्टों का बदला नहीं चुका सकते हैं, परन्तु संतान होने के खातिर उन्हें खुश रखने की कोशिश हमें जरूर करनी चाहिए।

खुश रखने का मतलब ये नहीं कि हम मदर्स डे पर दो फोटोज़ अपनी माँ के साथ सोशल मीडिया पर आई लव यू मॉम लिख कर पोस्ट कर दें और हमारा कर्तव्य पूरा हो जाएगा, बिल्कुल नहीं हमें अपनी माँ को दिल से इज्जत, सम्मान और प्यार देना होगा, जिसकी वो हकदार है।

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माँ पर निबंध (Short Essay On My Mother In Hindi)

माँ ही हमे इस दुनियां में लाती है, माँ हमे बहुत प्यार से पालती हैं। मेरी माँ रोज सुबह में परिवार के सभी सदस्यो से पहले उठ जाती हैं और घर की साफ सफाई करने जुड़ जाती हैं। वो सभी के लिए स्वादिष्ट खाना बनाती है और परिवार के सभी सदस्यो का खाना खाकर हो जाने के बाद खाती हैं।

मेरी माँ घर के लगभग सभी काम को करती हैं, हमारे परिवार के सभी सदस्यों का बहुत अच्छे से ख्याल रखती हैं। जब भी हमे कोई दिक्कत होती हैं तो उसे पता चलने पर मेरी माँ जरूर पहुँच जाती हैं।

मेरी माँ से किसी का दुख देखा नही जाता। वो कभी नही चाहती कि हमें या हमारे परिवार के लोगों को कुछ दिक्कत या तकलीफ हो। मेरी माँ खाना खाने से पहले घर के भगवान को और घर मे लगे तुलसी की पूजा करती है ओर भगवन से हमारे परिवार के अच्छे स्वास्थ और शांति की कामना करती हैं।

वो स्कूल जाने से पहले हमारे लिए खाना बना कर टिपिन में रख देती हैं। मेरी माँ हमारे स्कूल के कपड़ो को हर दिन साफ करती है और हमारे लिए साफ कपडे तैयार रखती हैं। बचपन से लेकर आज तक मेरी माँ हमे सुरक्षित रखती हैं।

जब हम बच्चे थे तो वो हमें अपने हाथों से नहाती थी ओर अपने हाथों से खाना खिलाती थी, इसी लिए माँ के प्यार को भूलना असम्भव हैं। मेरी माँ हमारे घर का सही हिसाब रहती है और सभी काम के कागज को संभाल कर रखती हैं।

जब भी हमे किसी भी जरुरी कागज की जरूरत होती हैं, तो हम सबसे पहले अपने माँ से ही पूछते है। जो भी जरूरी समान होता है उसे मेरी माँ जरूर संभाल कर रखती हैं और जरूरत पड़ने पर समय से वो समान हमे दे देती हैं।

हमारे घर मे कब किस चीज की जरूरत हैं और कोनसे चीज की कमी हैं इन सब का मेरी माँ ध्यान रखती हैं । मेरी माँ मेरे पिता के सभी बातो को मानती हैं, उनकी कही हुई कोई भी बात मेरी माँ कभी भी नही टालती।

मेरी माँ मेरे पिता के कपड़ो को साफ करती हैं और उनका भी पूरा ख्याल रखती हैं। पापा जब कुछ गलत करते है तो उनको समझती भी है। वो हमारे घर के राशन का और किचन के सभी सामान का ध्यान रखती हैं, क्योंकि वो कभी नही चाहती कि खाना खाने समय घर के किसी भी सदस्य को किसी चीज की कमी आए।

साल में आने वाले अनेक तरह के त्योहार में मेरी माँ जरूर शामिल होती हैं और वो सभी भगवान की पुजा करती है। मेरी माँ हमारे परिवार के लिए खरीदारी भी करती है। जब हम कभी स्कूल बंद होने पर ज्यादा देर तक अपने गली या मुहल्ले में खेलते रहते हैं।

तो उस समय मेरी माँ  हमे खाना खाने के लिए आवाज लगाती हैं। मेरी माँ मेरे लिए हमेशा अच्छा ही सोचती हैं, वो कभी भी हमारे लिए बुरा नही सोच सकती। उनकी हमेशा यही सोच रहती हैं कि मेरा बच्चा कुछ अच्छा करे। मेरी माँ हमारे पढाई के लिए पैसो की बचत करती है ताकि हम अच्छे से पढ़ लिख सके और बड़े होकर अच्छी जिंदगी जिए।

जब हम कहीं जाते हैं तो मेरी माँ जरूर कहती हैं “अच्छे से जाना और सही समय से खाना खाना”। अगर हमे आने में थोड़ी भी देर होती है तो वो फ़ोन से या किसी तरह से पता लगाने लगती हैं की हम कहा हैं और कोई हमे कोई दिक्कत तो नही है।

जब हमें कोई भी चीज की या पैसो की जरूरत होती है ,तो हम उस चीज को अपने माँ से ही मांग लेते हैं। अगर हमारी मांगी हुई चीज मेरे माँ के पास होती है तो वो हमे कभी भी मना नही करती हैं। मेरी माँ हम से कितना भी दूर क्यों न रहती हो, लेकिन उसे मेरा ख्याल जरूर रहता हैं।

मेरी माँ हमे हमारे पढ़ाई में भी बहुत मदद करती हैं, वो हमें हमेशा कुछ ना कुछ अच्छा सिखाती रहती हैं। वो हमे हमेशा अच्छी बाते बताती और सिखाती रहती हैं और गलत काम करने से हमे बचाती और रोकती भी है।

हमारे जीवन में माँ का महत्व

बचपन से ले कर आज तक हमारे पढ़ाई से लेकर हमारे रहन सहन में मेरी माँ का बहुत बड़ा योगदान हैं। मेरी माँ हमारे लिए बहुत कष्ट उठाती हैं, वो जब अपने गर्व में नौ महीने हमे रखती हैं, तो उसी समय से वो हमारे लिए बहुत सारे दुख दर्द बरदाश्त करती हैं। इसी लिए हम सब को अपने जिंदगी में माँ को कभी दुख नही देना चाहिए।

जब मेरी माँ एक दिन के लिए किसी रिश्तेदार के यहां जाती है, तो हमारे घर में रौनक ही नही रहती। लगता है जैसे घर में कुछ कमी है। साथ ही घर मे कोई भी जरूरत का सामान वक़्त पर नही मिलता और  इसी से समझ में आता हैं कि हमारे जिंदगी में माँ का होना बहुत जरूरी हैं।

मेरी माँ हमारे लिए हमेशा भगवान की तरह हैं, जो कि सभी चीजों में हमे मदद करती है। वो हमेशा हमे सफलता की रास्ते पर ही लेकर जाती हैं और हमे सफल होने के लिए आशीर्वाद देती हैं।

जब मेरे बारे में मेरी माँ को कोई बुरा बताता है, तो मेरी माँ मेरे लिए उनसे बहस कर जाती है, मेरी माँ को हमारी बुराई बरदास्त नही होती और वो कभी किसी के सामने हमारी बुराई नही करती हैं। क्युकी किसी भी माँ के लिए उसका बच्चा दुनिया में सबसे प्यारा होता है।

हमे अपनी माँ की सभी बातों को मानना चाहिए, क्योकी वो कभी भी हमे गलत शिक्षा नही देती। हमे हमेशा कोशिश करनी चाहिए कि उन्हें किसी भी चीज की दिक्कत नही हो और वो हमेशा खुश रहे और हस्ती रहे।

मैं हमेशा कोसिस करता हु की, मेरे माँ के सभी कामो में मैं अपना हाथ बटा सकू और आपको भी अपने माँ के कामो में हाथ बटाना चाहिए। इससे उन्हें बहुत खुशी मिलती हैं और उन्हें गर्व आप पर गर्व होता है।

तो यह था मेरी माँ पर निबंध, आशा करता हूं कि मेरी माँ पर हिंदी में लिखा निबंध (Hindi Essay On My Mother) आपको पसंद आया होगा। अगर आपको यह लेख अच्छा लगा है, तो इस लेख को सभी के साथ शेयर करे।

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माँ पर निबंध : Essay on Mother in Hindi :- आज के इस लेख में हमनें ‘माँ पर निबंध’ से सम्बंधित जानकारी प्रदान की है। यदि आप माँ पर निबंध से सम्बंधित जानकारी खोज रहे है? तो इस लेख को शुरुआत से अंत तक अवश्य पढ़े। तो चलिए शुरू करते है:-

माँ पर निबंध : Essay on Mother in Hindi

प्रस्तावना :-

इस धरती पर हम सभी को लाने वाली और कोई नही हमारी माँ ही होती है। प्रत्येक प्राणी सबसे पहले इस दुनिया मे आने के बाद अपनी माँ को ही देखता है।

एक माँ का पूरा जीवन अपने बच्चे के लालन-पालन में लग जाता है, माँ चाहे इंसान की हो या जानवर की। सभी माँ अपने बच्चे से बहुत प्रेम करती है।

माँ के बिना एक बच्चे का पूरा जीवन निराधार हो जाता है। माँ ममता की देवी होती है। माँ बच्चे को जीवन देने के साथ जीवन जीने के उचित नियम भी सिखाती है। बच्चे को अच्छे संस्कार देने का काम भी माता का ही होता है।

माँ का महत्व :-

माँ एक ऐसा शब्द है, जिसे एक बच्चा हर मुश्किल परिस्थिति में लेता है। व्यक्ति चाहे कितना भी बड़ा क्यों न हो जाए, लेकिन जब भी उसे कोई दुख होता है, तो वह किसी और को नही सिर्फ अपनी माँ को याद करता है।

एक व्यक्ति को जन्म देने से लेकर उसे इस दुनिया में सब कुछ से परिचित उसकी माँ ही करती है। एक व्यक्ति को सबसे अधिक प्रेम उसकी माँ के द्वारा ही किया जाता है। एक व्यक्ति चाहे कितनी भी तरक्की कर ले, लेकिन माँ के प्रेम को कभी खरीद नही सकता है।

माँ ही सबसे अच्छी शिक्षक होती है :-

इस धरती पर जब एक बच्चा जन्म लेता है, तो यह दुनिया उसके लिए नई होती है। एक बच्चे की पहली गुरु उसकी माँ ही होती है। एक माँ ही बच्चे को खाना, पीना, चलना, बोलना, आदि सीखाती है।

एक बच्चे को सबसे पहले अक्षर का ज्ञान उसकी माँ के द्वारा ही करवाया जाता है। माँ ही व्यक्ति को संस्कार देती है। एक व्यक्ति के व्यक्तित्व की नींव उसकी माँ के द्वारा ही रखी जाती है।

जब बच्चा कोई गलत काम करता है, तो माँ ही उसे जोर से डांट लगाती है। कोई भी माँ कभी भी यह नही चाहती कि उसका बेटा गलत राह पर जाए। इसलिए माँ हमेशा बच्चे का ध्यान रखती है।

मेरी माँ का व्यक्तित्व :-

मेरी माँ एक बहुत ही शांत महिला है। मेरी माँ एक घरेलू महिला है। वह बहुत ही मेहनती है। वह सुबह उठकर हम सभी के लिए सबसे पहले नाश्ता बनाती है।

उसके बाद हम सभी को विद्यालय के लिए तैयार कर हम सभी को विद्यालय भेजती है। पूरे घर का ध्यान रखती है। पूरा दिन घर के सभी लोगों का ध्यान रखती है।

जब मैं विद्यालय से घर आता हूँ तो मुझे पढ़ाती है। उन्होंने मुझे हमेशा ही विपत्तियों का सामना करने के लिए कहा है। वह कहती है कि हमें हमेशा विपत्तियों का सामना करना चाहिए, कभी भी उनसे दूर नहीं भागना चाहिए।

माँ मात्र एक शब्द नही बल्कि एक बच्चे के लिए उसका पूरा जीवन होता है। हम वर्तमान समय में कितनी भी तरक्की कर लें, लेकिन हम कभी भी माँ की शिक्षा से ऊपर ककी शिक्षा प्राप्त नही कर सकते है। माँ एक बच्चे का पूरा जीवन होती है।

वहीं माँ के लिए उसका बच्चा भी उसकी पूरी दुनिया होती है। जब भी व्यक्ति कमजोर पड़ता है, तब वह हमेशा अपनी माँ को याद करता है। माँ को भगवान से ऊपर का दर्जा दिया जाता है। माँ की पूजा तो भगवान भी करते है। माँ के चरणों में स्वर्ग माना गया है।

अंत में आशा करता हूँ कि यह लेख आपको पसंद आया होगा और आपको हमारे द्वारा इस लेख में प्रदान की गई अमूल्य जानकारी फायदेमंद साबित हुई होगी।

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नमस्कार, मेरा नाम सूरज सिंह रावत है। मैं जयपुर, राजस्थान में रहता हूँ। मैंने बी.ए. में स्न्नातक की डिग्री प्राप्त की है। इसके अलावा मैं एक सर्वर विशेषज्ञ हूँ। मुझे लिखने का बहुत शौक है। इसलिए, मैंने सोचदुनिया पर लिखना शुरू किया। आशा करता हूँ कि आपको भी मेरे लेख जरुर पसंद आएंगे।

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मेरी प्यारी माँ पर निबंध | Essay on my mother (1800 words)

  • Post author: Sachin Rathi
  • Post published: September 11, 2022
  • Post category: Hindi essay
  • Post comments: 0 Comments

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Essay on my mother in Hindi – वैसे तो माँ के बारे क्या ही लिखा जा सकता है, माँ के बारे में जो लिखू वो भी काम है। \’मेरी माँ या मेरी प्यारी माँ\’ ये शब्द सुनते ही या कहते ही हमारा मन भर सा जाता है और एक अलग ही तरह का महसूस होता है। मेरे प्यारे दोस्तों आज हम आपके लिए मेरी प्यारी माँ पर निबंध ( Essay on my mother in Hindi) लेकर आए है वो भी बिल्कुल सरल भाषा में। जो निबंध हम आपको बताएँगे वो आपके स्कूल में, कॉलेज में, या अन्य किसी भी जगह काम जरूर आएगा या आप इसे केवल पढ़ने के लिए इस्तेमाल कर सकते है। जो बिना स्वार्थ के प्यार करती है वो होती है माँ। जो हमारी एक छींक पर हमें डॉक्टर के पास है वो होती है माँ। तो चलिए आज हम आपको मेरी माँ पर निबंध के बारे में बताते है।

Essay on my mother in Hindi for class 6,7,8,9,10

Table of Contents

essay on my mother

इस दुनिया में सबसे आसान और सबसे अनमोल शब्द है- माँ। माँ दुनिया का एक मात्र ऐसा शब्द है, जिसे किसी परिभासा की जरूरत नहीं है क्योकि यह शब्द नहीं एहसास है। माँ प्रेम, त्याग और सेवा की मूर्ति है। सचमुच, माँ ईश्वर का प्रतिरूप रूप है।

मेरी माँ का नाम ममता देवी है। मेरी माँ बहुत समंझदार, मेहनती और दयालु है। वह हर सुबह सबसे पहले उठ जाती है और घर का सभी काम संभालती है। मेरी प्यारी माँ हमारे परिवार का अच्छी तरह से ख्याल रखती है। वह हमारे बगीचे के पेड़-पौधे पर भी ध्यान देती है मेरी माँ एक साधारण सी महिला है, वह मेरे लिए सुपर डुपर हीरो है। मेरी माँ ने मेरे हर कदम पर मेरा साथ दिया और मेरा हौसला भी बढ़ाया। मेरे हर हालत में वह मेरे साथ रहती थी चाहे कैसे भी हालत हो। मेरी माँ का हर कार्य, भक्ति, लगन, समपर्ण, आचरण मेरे लिए प्रेरणा थी।

मेरी माँ का प्यार

मेरी माँ ईमानदारी, सच्चाई और प्रेम का है। मेरी माँ मुझे प्रतिदिन आशीर्वाद देती है जो की मेरे बहुत काम आता है। मेरी माँ हमें सब कुछ देती है लेकिन कभी बदले में कुछ भी नहीं लेती। जिस तरह मेरी माँ मेरे परिवार का ध्यान रखती है, वह मुझे भी भविष्य में ऐसा करनी की प्रेरणा देती है।

मेरी माँ का प्यार केवल अपने ही परिवार के लिए नहीं है बल्कि वह तो सभी जीव जानवरो, कुत्ते, बिल्ली, पेड़-पौधे सभी से प्यार से व्यव्हार करती है। इसी वजह से वह पर्यावरण और जानवरो के प्रति दयालु और समंझदार होती है।

निष्कर्ष conclusion: (Essay on my mother in Hindi)

हर माँ अपने बच्चो लिए बहुत खास होती है और माँ ही बच्चो के भगवान् के वरावर होती है। माँ ही बच्चो को अच्छी और बुरी शिक्षा देती है। माँ का आँचल पकड़कर बच्चा बड़ा होता है। माँ गर्व से लेकर बच्चे के बूढ़े होने तक सभी अच्छे बुरे काम करती है। एक माँ अपने बच्चो के साथ साथ पुरे परिवार का ध्यान रखती है। सिर्फ मेरी माँ ही नहीं बल्कि वो हर माँ जो अपने बच्चो के अपना पूरा जीवन न्योछावर कर देती है, सच में भगवान् है और भगवान् की पूजा करनी चाहिए।

मेरी प्यारी माँ पर निबंध: Essay on my mother in Hindi

Short Essay on my mother

मेरी प्यारी माँ इस दुनिया में प्यार, सच्चाई, ईमानदारी और सबसे बढ़कर मेरे लिए देवता की प्रतीक हैं। मेरी माँ एक अद्भुत और आत्मविश्वासी महिला हैं और मेरे लिए एक प्रेरणा भी हैं। मैं हमेशा अपनी माँ के स्व-निर्मित निर्णयों और उनके जीवन में उनकी निष्ठा के कारण उनकी प्रशंसा करता हूँ। उसका नाम ममता देवी है।

मेरी मां मेरे लिए गुड लक है, इसलिए मैं हमेशा अपने दिन की शुरुआत मां की मुस्कान से करता हु और हर दिन मैं उनका आशीर्वाद लेता हूं। यह मेरी बहुत मदद करता है और किसी भी काम को करना बहुत आसान बनाता है। और समस्याओं को भी बहुत जल्दी दूर करता है।

मेरी माँ हमेशा मेरी पढ़ाई को लेकर चिंतित रहती है और परीक्षा के समय मेरी मदद भी करती है। वह मुझे जीवन में एक अच्छा इंसान बनने और सही काम करने के लिए मार्गदर्शन करती रहती है, और हमेशा यही सुझाव देती है, कि मैं जीवन में सही निर्णय लेता रहुँ। जब भी हम बीमार पड़ते थे वह मेरे छोटे भाई और मेरा ख्याल रखती थीं। वह हम दोनों की सबसे अच्छी दोस्त है, और हमेशा हमें सबके साथ सहज बनाने की कोशिश करती है। मैं और मेरा भाई हमेशा अपनी माँ के साथ अपने रहस्य साझा करते हैं।

मेरी माँ हमेशा हमारी खुशी की परवाह करती है और हमेशा हमें सहज महसूस कराने की कोशिश करती है। वह हमारे लिए स्वादिष्ट खाना बनाती है। हर दिन वह नाश्ता बनाती है और हमें हमारे स्कूल के लिए लंचबॉक्स भी देती है। छुट्टियों में, वह हमेशा कुछ खास और स्वादिष्ट भोजन और स्वादिष्ट व्यंजन बनाती है। जिसे हमने अपने घर में इसका भरपूर आनंद लिया। कभी-कभी हम अपना वीकेंड मनाने के लिए बाहर भी जाते हैं और मस्ती करते हैं। जब भी हमें अपनी पढ़ाई से समय मिलता है, हम अपनी माँ के साथ बैठते हैं, और वह हमें हँसती हुई कहानियाँ, ज्ञानवर्धक कहानियाँ और अन्य बातचीत बताती हैं, जो हमें अपने जीवन में अनुसरण करने और अच्छे इंसान बनने में मदद करती हैं। वह मेरे जीवन में अब तक के सबसे दयालु लोगों में से एक है, और उसे अपने जीवन में किसी और की तुलना में बहुत अधिक प्यार करती है।

मैं कभी भी जीवन में कोई गलत काम नहीं करूंगा, जिसके लिए मेरी वजह से मेरी मां की इज्जत फीकी पड़ जाए।

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Essay on my mother in Hindi

Long Essay on my mother in hindi

हम सभी जानते हैं, कि माँ का स्थान सबसे ऊपर है क्योंकि वह ईश्वर से भी अधिक मूल्यवान है। माँ हर किसी के जीवन में सबसे महत्वपूर्ण और खास व्यक्ति होती है। वास्तव में हम कह सकते हैं, कि माँ किसी के लिए भी ईश्वर का सबसे अनमोल उपहार होता है।

माँ हर बच्चे के लिए पहली शिक्षक(गुरु) होती है, जिससे बच्चा सम्मान करना, देखभाल करना, बोलना सीख सकता है, और बच्चा माँ के कारण ही दुनिया देख सकता है। वह उनके जीवन में उनके बच्चे के लिए एक दोस्त, माता-पिता, अभिभावक, कार्यवाहक और शिक्षक भी हो सकती है, माँ परिवार चलाने और घर को स्वर्ग के रूप में सुंदर बनाने की जिम्मेदारी लेती है। उसकी मुस्कान उसकी उपस्थिति, स्नेह और प्रेम से पूरे घर को रोशन कर देती है। हर इंसान या जीवित प्राणी का अपनी मां के साथ एक विशेष और भावनात्मक लगाव होता है।

इस दुनिया में सभी बच्चों के लिए सबसे सुरक्षित और सबसे सुकून देने वाली जगह उनकी मां की गोद होती है।

एक माँ अपने परिवार और घर में रहने वाले लोगों की खुशी की पूरी जिम्मेदारी लेती है। वह सभी की मदद करती है और उनकी देखभाल भी करती है, चाहे वह व्यस्त क्यों न हो, बच्चे हों या दादा-दादी। वह इतनी दयालु और मददगार है, कि जरूरत पड़ने पर अपने पड़ोसियों और दोस्तों की मदद के लिए हमेशा तैयार रहती है। अपने परिवार में सभी के लिए उनका प्यार बिना शर्त और शुद्ध है। वह अपनी जिम्मेदारियों से कभी नहीं कतराती हैं और बिना एक भी शब्द बोले हमेशा घर की देखभाल करती हैं। बहुत सी माताएँ बहुक्रियाशील होती हैं, क्योंकि वे अपने घर की देखभाल करती हैं और व्यवसाय भी चलाती हैं, या कुछ अन्य गतिविधियाँ करती हैं। उनके पास अपने जीवन में चुनौतियों का सामना करने और उन्हें अवसरों में बदलने की अद्भुत क्षमता होती है। उनके पास व्यवसाय को संभालने और घर की देखभाल के रास्ते में आने वाली बाधाओं का प्रबंधन करने की भी क्षमता होती है। वह अपने हुनर ​​से सभी को हैरान कर देती हैं। वह मल्टीटास्किंग में बहुत अच्छी होती है, और वह बिना किसी झिझक के इसे आराम से संभाल सकती है।

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माँ प्रकृति इस दुनिया में अतुलनीय है। जो हमेशा अपने प्रियजनों को बिना किसी वापसी की उम्मीद किए बिना शर्त प्यार करती है। एक माँ, यह सिर्फ एक साधारण शब्द नहीं है। यह अपने आप में एक संपूर्ण ब्रह्मांड है। एक प्रसिद्ध लेखक ने एक बार कहा था, \”भगवान सभी के लिए हर जगह मौजूद नहीं हो सकते। इसलिए, उन्होंने माताओं को बनाया।

वास्तव में कोई भी \’माँ\’ शब्द का अर्थ परिभाषित नहीं कर सकता। हम सभी को हर साल छुट्टी का सप्ताहांत मिलता है, लेकिन एक माँ के पास कोई छुट्टी नहीं होती है। कोई सप्ताहांत नहीं होता है, और जब वह बीमार महसूस करती है तो वह एक भी छुट्टी के बिना पूरे साल लगातार काम करती है। वह अपने काम और देखभाल के बदले में कभी कुछ भी नहीं मांगती। उसके पास कई गुण हैं जो उसे देखभाल और प्रेम की मूर्ति बनाते हैं।

माँ हमेशा अपने प्रियजनों को उनकी गलतियों के लिए माफ कर देती है और हमेशा हमारी गलतियों को समझने और हमारी जिम्मेदारियों को समझने के लिए कुछ सख्त उपायों के साथ हमारी गलतियों को सुधारने की कोशिश भी करती है। वह हमेशा अपने बच्चों को उनके जीवन में एक जिम्मेदार व्यक्ति बनाने और एक आरामदायक जीवन के लिए आगे की सफलता हासिल करने के लिए कुछ त्याग करती है। वह एक निस्वार्थ इंसान हैं और हमें उनका सम्मान करना चाहिए।

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निष्कर्ष Conlusion:

माँ शब्द ही दुनिया का सबसे अनमोल अहसास है। हमारी माँ हमारे लिए सब कुछ करने लिए त्यार रहती है। अगर हम किसी भी चीज में जिद कर देते है, तो माँ वो चीज हमारे पास लेकर रख देती है। अगर आपको भगवान् को देखना है तो आप एक बार अपनी नजर भरकर अपनी माँ की तरफ देख लेना, आपको भगवान् नजर आ जायेगा।

1). माँ के बारे में क्या लिखे ?

वैसे तो माँ के बारे क्या ही लिखा जा सकता है, माँ के बारे में जो लिखू वो भी काम है। एक माँ अपने परिवार और घर में रहने वाले लोगों की खुशी की पूरी जिम्मेदारी लेती है।

2). आपके जीवन में माँ का क्या योगदान है ?

माँ हर बच्चे के लिए पहली शिक्षक(गुरु) होती है, जिससे बच्चा सम्मान करना, देखभाल करना, बोलना सीखता है, और बच्चा माँ के कारण ही दुनिया देख सकता है।

3). मेरी माँ मेरे लिए क्या क्या करती है ?

मेरी प्यारी माँ हमारे परिवार का अच्छी तरह से ख्याल रखती है। वह हमेशा कुछ खास और स्वादिष्ट भोजन और स्वादिष्ट व्यंजन बनाती है। जिसे हमने अपने घर में इसका भरपूर आनंद लिया।

4). क्यों माँ सबसे अच्छी होती है ?

माँ इस दुनिया में सबसे अच्छी होती है, क्योकि वह हमेशा बिना स्वार्थ हमसे बहुत प्यार करती है, और कभी बदले कुछ नहीं मांगती।

आशा करते है की आपको ये निबंध पसंद आया होगा। अगर आप भी अपनी माँ से दुसरो की मदद करना सीखे हो तो आप इसे जरूर अपने दोस्तों और अपने परिजनों को शेयर करना।

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Essay on My Mother In Hindi

Essay on My Mother In Hindi: मेरी मां पर निबंध

अगर आपको है, Essay On My Mother In Hindi (मेरी मां पर निबंध) की तलाश, तो आप बिल्कुल सही वेबसाइट  essayduniya.com पर आए हो। क्योंकि आज के इस आर्टिकल में हम स्कूली छात्रों और बच्चों के लिए मेरी मां पर निबंध, Hindi Essay on my mother लेकर आए हैं, जहां आप Best Essay on my mother को देख सकते हैं। 

Essay On My Mother In Hindi (मेरी मां पर निबंध)

इस आर्टिकल में हम आपको मेरी मां हिंदी निबंध, Short essay on my mother के बारे में जानकारी देने जा रहे हैं। जिसमें आप Essay on my mother in Hindi को देख सकते हैं। यह निबंध 4, 5, 6, 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10, 11 और 12 कक्षा में पढ़ने वाले बच्चों के लिए या उनके किसी प्रोजेक्ट के लिए बहुत उपयोगी साबित हो सकता हैं। यदि आपको अपने स्कूल में किसी निबंध या स्पीच के लिए Essay On My Mother In Hindi (मेरी मां पर निबंध) का टॉपिक मिला है, तो  आप इस आर्टिकल में बताए गए मेरी मां पर निबंध की सहायता ले सकते हैं, जो आपके लिए बहुत उपयोगी साबित होगा। इसलिए इस आर्टिकल को ध्यानपूर्वक जरूर पढ़िए।

दशहरा पर निबंध विज्ञान के चमत्कार हिंदी में निबंध
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इंटरनेट पर निबंध

मेरी मां पर निबंध 100 Words 

मेरी मां का नाम सुशीला देवी है। वो मुझसे बहुत प्यार करती हैं। मेरी मां एक बहुत सरल और सुलझी हुई महिला हैं। वे खुशमिजाज हैं, और हमेशा मुस्कुराती रहती हैं। वे मेरा और पुरे परिवार का बहुत ध्यान रखती  हैं। घर में सबसे पहली उठकर वे सबके लिए नाश्ता बनाती हैं। मुझे स्कूल के लिए तैयार करती हैं, और पापा को भी समय से ऑफिस पहुंचाने के लिए उनके सभी काम करती हैं। मेरी मां घर में सभी का खयाल रखती हैं।

मुझे कभी बाहर दोस्त बनाने या किसी और से कोई बात करने की जरूरत महसूस नहीं हुई। क्योंकि मेरी मां मेरी हर बात सुनती और समझती हैं। वो घर के सारे काम करने के बाद भी मेरी और सभी की जरूरत का ख्याल रखने के साथ उनके साथ समय भी बिताती हैं। वो सच में एक सुपरवूमेन हैं, जो सब कुछ करने में सक्षम है। मैं अपनी मां से बहुत प्यार करती हूं और उनका आदर करती हूं।

Short Essay on my Mother 200 Words 

हम सभी के जीवन में मां का संबंध बहुत महत्वपूर्ण और प्रेमपूर्ण होता है। सभी लोग अपनी मां से बहुत लगाव महसूस करते हैं। मेरी मां के साथ मेरा एक खास रिश्ता है, जो मां-बेटी से ज्यादा और किसी भी परिभाषा या शब्द के परे है। वो मेरी मां ही नहीं बल्कि मेरी एक बहुत अच्छी दोस्त भी हैं। जो मुश्किल समय में मेरा साथ देती हैं। वो मेरी छोटी से छोटी बात समझती हैं, और उसका हल निकालने में मेरी मदद करती हैं। मेरी मां हमारी गलतियों पर डांटने की जगह प्यार से समझाती है।

इसलिए ही मैंने आज तक अपनी मां से कुछ भी नहीं छुपाया है। मैं अपनी मां को हर बात बताती हूं। वो एक दोस्त की तरह मेरे साथ रहती हैं। वो एक मां की तरह मेरा पालन पोषण करती हैं, मुझे अच्छे संस्कार देती हैं, पढ़ाई में मेरी सहायता करती हैं, एक दोस्त की तरह मेरी हर एक बात को सुनती हैं, और मेरे साथ हंसी-ठिठोली भी करती हैं। मेरी मां का पूरा जीवन त्याग, समर्पण और प्रेम से भरा हुआ है। उन्हें प्रेम की मूरत कहना गलत नहीं होगा।

वो अपनी जरूरत से पहले हमारी जरूरत का ख्याल रखती हैं। वे स्कूल में शिक्षिका है, इसके बावजूद भी वे घर में हर एक काम को बड़े सलीके से करती हैं, और सबका ख्याल रखती हैं। हम सभी लोग मां के काम में हाथ भी बंटाते हैं, लेकिन मेरी मां जिस तरह से घर और घर के सभी सदस्यों को संभाल लेती हैं, वह हम में से किसी के लिए भी कर पाना संभव नहीं है। मेरे घर में सभी लोग मेरी मां का बहुत सम्मान करते हैं, और उनसे प्रेम करते हैं।

Meri Maa Par Nibandh 300 Words  

भगवान की संज्ञा अगर कोई है, तो वो मां है। मैंने भगवान नहीं देखे, लेकिन अपनी मां को देखा है। एक मां स्वयं कष्ट और पीड़ा  उठाकर संतान को जन्म देती है। उसका पालन-पोषण करती है, रातों को जगकर अपनी संतान की देखभाल करती है। मेरी मां का मेरे जीवन में बहुत महत्वपूर्ण स्थान है, उन्होंने मुझे पोषण देने के साथ अच्छी शिक्षा और संस्कार भी दिए हैं। मेरी मां घर में सबसे पहले उठ जाती है, और सबसे बाद में सोती है। सुबह उठकर मेरी मां स्नान आदि करके पहले भगवान को पूजा करती है और फिर हम सबके लिए नाश्ता बनाती है।

मेरी मां के कारण मैं अपने स्कूल और मेरे पिताजी कभी ऑफिस के लिए लेट नहीं हुए है। मेरी मां हम सबकी जरूरतों का ख्याल इतनी अच्छे से रखती हैं, की हमारे मांगने के पहले ही उन्हें पता होता है, की हमें क्या चाहिए। हम सब मेरे दाद-दादी के साथ ही रहते हैं। मेरी मां उनका विशेष ख्याल रखती हैं, और उन्हें कभी अकेला महसूस नहीं होने देती हैं।

कभी-कभी मुझे मेरी मां महामानव जैसी लगती हैं, जो कुछ भी करने में सक्षम हैं। वो हर काम इतने सलीके और तल्लीनता से करती हैं, की उसमें कमी निकालना बहुत मुश्किल है। मेरी मां मेरे घर की रौनक हैं, अगर वे दो पल के लिए भी कहीं चली जाती हैं, तो हमें अपना घर, घर जैसा नहीं लगता है। मेरे घर में सभी लोग मेरी मां से बहुत प्रेम करते हैं, और उनका आदर करते हैं।

मेरी मां मुझे स्कूल भेजने और स्कूल से लाने से लेकर पढ़ाने का काम खुद ही करती हैं। उन्हीं के कारण मैं हमेशा कक्षा में अच्छे नंबरों के साथ पास होती हूं, और स्कूल में आयोजित होने वाली प्रतियोगिता में भी अव्वल आती हूं। मेरी मां ने मुझे संस्कार और शिक्षा दोनों ही दिए हैं, जिसके कारण आज मैं इतनी सक्षम हो गई हूं। मैं अपनी मां का बहुत सम्मान और उनसे बहुत प्यार करती हूं। 

तो हमारे नन्हें पाठकों और मित्रों! यह था हमारा मेरी मां विषय पर निबंध आप इस निबंध को लेकर क्या सोचते हैं, और यह निबंध आपको कैसा लगा, इसके बारे में हमें कॉमेंट बॉक्स में जरूर लिख भेजिए। ऐसे ही निबंध, स्पीच और एप्लीकेशन पढ़ने के लिए हमारी वेबसाइट के साथ बने रहिए।

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हिंदी कोना

essay on mother in hindi। माँ पर निबंध

essay on mother in hindi

माँ भगवान् का स्वरुप है, अपने जीवन से बढ़कर यदि संतान को प्रेम करने वाला कोई है तो वो केवल माँ ही हो सकती है। आज हम आपके लिए इस पोस्ट में essay on mother in hindi ले कर आये है । माँ पर निबंध को आप स्कूल और कॉलेज इस्तेमाल कर सकते है । इस हिंदी निबंध को आप hindi essay on mother for class 1, 2, 3 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10, 11, 12 तक के लिए थोड़े से संशोधन के साथ प्रयोग कर सकते है।

मां ईश्वर की एक ऐसी रचना है जो ईश्वर के समान है। बड़े बुजुर्ग कहते है कि भगवान हर जगह नही रह सकते इसीलिए उन्होंने  हर घर मे मां की रचना की। जिससे एक चलते फिरते भगवान से ये दुनिया अवगत हो। मां के बारे में हम आमजन जितना भी बोले वह कम ही है। इस पूरी सृष्टि में मां का कोई विकल्प नही। हमारे जीवन का सबसे अनमोल तोहफा मां है। वह हमे ज़िंदगी के हर सुख प्रदान करती है। चाहे वह स्वयं दुखी रह लेंगी परंतु अपनी संतान को वह कभी दुखी नही देख सकती। मां संतान का एक अभिन्न अंग होती है। हम सभी ने अपने जीवन में मां के प्रेम, समर्पण व शिक्षा का अनुभव ज़रूर किया है। शुरुवात करेंगे स्त्री से , हर मां स्त्री पहले होती है। कहते है कि स्त्री का हृदय कोमल होता है। लेकिन जिस स्थिति में स्त्री का हृदय सबसे कोमल होता है वह उसके मां बनने पर होता है। एक मां दुनिया के सारे रिवाजों को निभाते हुए अपनी संतान की जुम्मेदारी लेती है। वह इस दुनिया मे अपनी संतान के लिए  किसी से भी लड़ने के लिए तैयार होती है। साथ ही वह अपनी संतान की खुशी के लिए किसी के सामने झुकने को भी तैयार रहती है। 

प्रस्तावना- एक मां के समर्पण के बारे में हम सभी जानते है। मां अपनी संतान की खुशियों के लिए हर सम्भव प्रयास करती है। वह कठोर से कठोर त्याग करती है जिससे उनकी संतान के जीवन मे खुशियां रहे। एक मां के लिए उसकी सभी संतान एक होती है। चाहे वह लड़का हो या लड़की। चाहे संतान कितनी भी उम्र की क्यों न हो जाये मां के लिए वह छोटे बच्चे के समान ही रहता है। एक मां के लिए अपनी सभी संतान एक समान होती है। एक संतान को जन्म देने वाली मां का अपने पुत्र व पुत्री पर सर्वप्रथम व सबसे अधिक अधिकार होता है। पुत्र व पुत्री को इस दुनिया मे लाने वाली मां से बढ़ा ओधा किसी और का नही होता। इस दुनिया मे हर कार्य की कुछ विशेषता होती है। ठीक वैसे ही हमे जीवन देने वाली मां की अद्बुद्ध विशेषताएं है। जिसपर हम कुछ क्षण पश्च्यात गौर फरमाएंगे। संतान को जन्म देकर एक औरत मां का ओधा पाती है। किसी को जीवन देना वह विश्व के हर कार्य से सर्वोपरी है। इसीलिए मां को सर्वोपरि माना जाता है। 

मां की विशेषताएं-  

◆ यह नादान मनुष्य हर कार्य के लिए पैसे ले सकता है। जीवन का कोई भी कार्य हो आमजन बिना पैसे के या अन्य किसी लालच के नही करते। कोई भी काम को करने का उनका उद्देश्य पैसे कामना होता है। लेकिन सिर्फ मां होती है जो जीवन भर अपनी संतान को निष्काम रूप से प्रेम करती है। जो बिना किसी स्वार्थ के अपनी संतान की खुशियों के लिए हर संभव प्रयास करती है। मां अपने प्रेम के लिए कोई पैसा नही लेती। वह एक दिन दो दिन नही बल्कि अपनी जीवन के आखरी क्षण तक अपनी संतान की परवाह करती है। बिना किसी स्वार्थ के वह अपने पुत्र व पुत्री का हर काम करती है। खुद अधिक से अधिक कठनाइयों का सामना कर  अपनी संतान को सभी परेशानियों से दूर रखती है।

◆ इस जीवन मे हर छोटी बड़ी चीज़ का दाम लगाया जा सकता है। परंतु मां की ममता का दाम लगाने की किसी मनुष्य की हिम्मत नही। मां की ममता इतनी अनमोल है कि मां अपनी संतान की रक्षा के लिए अपने आप की जान न्योछावर करने के लिए तैयार होती है। अपने पुत्र व पुत्री के लिए जान भी देना पड़े तो माँ कभी पीछे नही हटती। यह अन्य किसी भी रिश्ते से सबसे बड़ा रिश्ता है। अन्य कोई रिश्ते में जान न्योछावर करने की क्षमता नही होती। मां के अलावा कोई मनुष्य व जानवर नही है जो अपनी ममता से अपनी संतान को हर सुख प्राप्त करवा सके।

 ◆ मां नौ माह तक हमे अपने गर्भ में रखती है। उसे अनंत कठिनाइयों व पीड़ा का सामना करना पड़ता है। इसके बाद भी वह अपनी संतान के लिए हर पीड़ा को खुशी-खुशी सहन करती है। अपनी संतान के अलावा उस वक़्त उस मां के लिए कोई ज़रुरी नही होता। इसके बाद हमारे पैदा होने के बाद से जो हर क्षण हमारे साथ हमारे जीवन के हर उतार चढ़ाव में रहती है वह मां है। मां एक अभिन्न अंग होने के साथ ममता की जीती जागती मूरत है।

◆ आज संसार विभिन्न जाती, वर्ग, धर्म, सम्प्रदाय में बंटा हुआ है। लेकिन मां की ममता का कोई धर्म कोई जाति कोई सम्प्रदाय नही होता। उसकी ममता अपनी संतान के लिए निष्काम होती है। वह इन सभी चोंचलों से परी है। इन सभी की विभिन्नता के बावजूद मां की ममता सर्वोपरि व सबसे ऊपर है। 

◆ मां हर रुतबे से बड़ी है। विशेषकर मां कभी गरीब व अमीर नही होती। चाहे कितनी भी खराब स्थिति में मां क्यों न रहे वह अपने पुत्र व पुत्री को एक अच्छा जीवन देने का प्रयास करती है। चाहे कितनी भी गरीबी में उन्हें क्यों ना जीना पड़े वह अपनी संतान के लिए अच्छा खाना, अच्छी शिक्षा, अच्छा माहौल देने का प्रयास करती है। एवं वह जितना कर सकती हैं उससे कई ज़्यादा वह अपनी संतान के लिए करती है। मां  के पास अपनी संतान को रखने के लिए चाहे पैसों की कमी क्यों न हो वह अपनी संतान के भरण पोषण के लिए दिन-रात जी जान लगा कर कार्य करती है। मां की ममता का कोई दाम नही होता हर मां अपनी संतान की खुशियों के लिए अपना पूरा जीवन समर्पित करती है।

◆ एक मां हमेशा अपनी संतान का भला चाहती है। मां ने चाहे कितने भी संघर्षो के साथ अपना जीवन क्यों न बिताया हो पर वह अपनी संतान के लिए एक बढ़िया जीवन की कामना करती हैं। वह अपनी संतान के जीवन मे खुशहाली, मिठास की कामना करती है। वह हर प्रयास कर अपनी संतान को जीवन का हर सुख देती है। और भविष्य में उसे परेशान ना होना पड़े इसकी कामना करती है। 

◆ एक मां के लिए उसका पुत्र काला , गौरा, लंबा, छोटा नही होता। मां के लिए पुत्र व पुत्री दोनो समान होती है और मां कभी भी ना लड़का लड़की में भेद भाव करती है, और ना ही रंग रूप व कद काठी में। मां की ममता उसकी हर संतान के लिए समान होती है। ज़माने के लिए चाहे उसकी संतान कैसी भी क्यों ना हो पर मां के लिए हमेशा उसकी संतान अव्वल होती है।चाहे लोग कुछ भी बोले मां के लिए उसका पुत्र व पुत्री सबसे अच्छा होता है। चाहे उसकी संतान ज़माने के लिए विकलांग क्यों ना हो पर मां के लिए वह सम्पन्न होता है। माँ की ममता ये रंग-रूप, कद-काठी की महोताज नही है। वह इन सभी से कोसो ऊपर है। वह अनमोल से भी अनमोल दिखावटी चीजों से भी ऊपर है।

 ◆  दुनिया वाले चाहे कितना भी कष्ट पहुचाने का प्रयास क्यों न करे व कितनी बेकार परिस्थिति क्यों ना आजाये मां अपनी संतान के सामने हमेशा ढाल बनकर खड़ी होती है। 

◆ मां अपनी संतान को जीवन जीना सीखती है। मां अपनी संतान को संस्कारों से सम्पन्न करती है। उसमे अन्य लोगो के प्रति आदर, सम्मान, अपनापन, दीनता, परोपकार का भाव पैदा करती है। जिससे वह अपने जीवन के नैतिक मूल्यों को ना भूले। मां अपनी संतान को ऐसे संस्कार देती है जिससे वह जहां भी जाये खूब कीर्ति व ख्याति प्राप्त करे। 

मां का अपमान व बुज़ुर्ग अवस्था- बचपन मे हमे हाथ पकड़ कर चलना सीखाने वाली मां को हम बड़े होकर वृद्ध आश्रम में छोड़ जाते है। क्या यही दिन देखने के लिए उन्होंने हमे चलना सीखाया था? हम बड़े होकर प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से अपनी ही मां के साथ अपमानजनक व्यवहार करते है। क्या यही अपमान देखने के  लिए उन्होंने हमे हर कठिनाईयों से दूर रखा? हमारे बड़े होने पर हमें अन्य हर रिश्ते महत्वपूर्ण लगते है। क्या यही व्यवहार देखने के लिए उन्होंने हमे हर बेहकावों से बचा कर रखा?

ऐसे नाजाने कितनी बार हम मां के साथ गलत व्यवहार करते है। हम बड़े होकर उनके हर समर्पण को भूल जाते है जो वह हमारे लिए बचपन से करती आ रही है।

उपसंहार- मां इस सृष्टि की सबसे खूबसूरत व कोमल रचना है। जिसके बिना मनुष्य ममता से अछूता रहेगा। मां का प्रेम पाने वाले हम सब नसीबवाले है। हमे हमेशा उनके समर्पण को याद रख उनके चरणों मे समर्पित रहना चाहिए। जिस तरह से उन्होंने अपनी छाया में हमे सुरक्षित रखा ठीक उसी तरह हमे भी उनका ख्याल रखना चाहिए। उनकी खुशियों का ध्यान रख उन्हें समय देकर हर उन्हें जीवन का हर सुख प्राप्त करवाना चाहिए। 

हमें आशा है आपको mother in hindi निबंध पसंद आया होगा। आप इस निबंध को mother day essay in hindi के रूप में भी प्रयोग कर सकते है। इस निबंध को essay on my mother in hindi के लिए भी प्रयोग कर सकते है ।

HindiKiDuniyacom

मदर टेरेसा पर निबंध (Mother Teresa Essay in Hindi)

मदर टेरेसा

मदर टेरेसा एक महान महिला और “एक महिला, एक मिशन” के रुप में थी जिन्होंने दुनिया बदलने के लिये एक बड़ा कदम उठाया था। उनका जन्म मेसेडोनिया में 26 अगस्त 1910 में अग्नेसे गोंकशे बोजशियु के नाम से हुआ था। 18 वर्ष की उम्र में वो कोलकाता आयी थी और गरीब लोगों की सेवा करने के अपने जीवन के मिशन को जारी रखा। कुष्ठरोग से पीड़ित कोलकाता के गरीब लोगों की उन्होंने खूब मदद की। उन्होंने उनको आश्वस्त किया कि ये संक्रामक रोग नहीं है और किसी भी दूसरे व्यक्ति तक नहीं पहुंच सकता। मानव जाति की उत्कृष्ट सेवा के लिये उन्हें सितंबर 2016 में ‘संत’ की उपाधि से नवाजा जाएगा जिसकी आधिकारिक पुष्टि वेटिकन से हो गई है।

मदर टेरेसा पर छोटे तथा बड़े निबंध (Short and Long Essay on Mother Teresa in Hindi, Mother Teresa par Nibandh Hindi mein)

निबंध 1 (250 शब्द).

मदर टेरेसा एक महान महिला थी जिनको हमेशा उनके अद्भुत कार्यों और उपलब्धियों के लिये पूरे विश्वभर के लोगों द्वारा प्रशंसा और सम्मान दिया जाता है। वो एक ऐसी महिला थी जिन्होंने उनके जीवन में असंभव कार्य करने के लिये बहुत सारे लोगों को प्रेरित किया है। वो हमेशा हम सभी के लिये प्रेरणास्रोत रहेंगी। महान मनावता लिये हुए ये दुनिया अच्छे लोगों से भरी हुयी है लेकिन हरेक को आगे बढ़ने के लिये एक प्रेरणा की जरुरत होती है। मदर टेरेसा एक अनोखी इंसान थी जो भीड़ से अलग खड़ी दिखाई देती थी।

मदर टेरेसा का जन्म 26 अगस्त 1910 को मेसेडोनिया गणराज्य के सोप्जे में हुआ था। जन्म के बाद उनका वास्तविक नाम अग्नेसे गोंकशे बोजाशियु था लेकिन अपने महान कार्यों और जीवन में मिली उपलब्धियों के बाद विश्व उन्हें एक नये नाम मदर टेरेसा के रुप में जानने लगा। उन्होंने एक माँ की तरह अपना सारा जीवन गरीब और बीमार लोगों की सेवा में लगा दिया।

वो अपने माता-पिता की सबसे छोटी संतान थी। वो अपने माता-पिता के दान-परोपकार से अत्यधिक प्रेरित थी जो हमेशा समाज में जरुरतमंद लोगों की सहायता करते थे। उनकी माँ एक साधारण गृहिणी थी जबकि पिता एक व्यापारी थे। राजनीति में जुड़ने के कारण उनके पिता की मृत्यु के बाद उनके परिवार की आर्थिक स्थिति खराब होने लगी। ऐसी स्थिति में, उनके परिवार के जीवनयापन के लिये चर्च बहुत ही महत्वपूर्ण बना।

18 वर्ष की उम्र में उनको महसूस हुआ कि धार्मिक जीवन की ओर से उनके लिये बुलावा आया है और उसके बाद उन्होंने डुबलिन के लौरेटो सिस्टर से जुड़ गयी। इस तरह से गरीब लोगों की मदद के लिये उन्होंने अपने धार्मिक जीवन की शुरुआत की। मानव जाति की उत्कृष्ट सेवा के लिये उन्हें सितंबर 2016 में ‘संत’ की उपाधि से नवाजा जाएगा जिसकी आधिकारिक पुष्टि वेटिकन से हो गई है।

निबंध 2 (300 शब्द)

मदर टेरेसा एक बहुत ही धार्मिक और प्रसिद्ध महिला थी जो “गटरों की संत” के रुप में भी जानी जाती थी। वो पूरी दुनिया की एक महान शख्सियत थी। भारतीय समाज के जरुरतमंद और गरीब लोगों के लिये पूरी निष्ठा और प्यार के परोपकारी सेवा को उपलब्ध कराने के द्वारा एक सच्ची माँ के रुप में हमारे सामने अपने पूरे जीवन को प्रदर्शित किया। उन्हें “हमारे समय की संत” या “फरिश्ता” या “अंधेरे की दुनिया में एक प्रकाश” के रुप में भी जनसाधारण द्वारा जाना जाता है। मानव जाति की उत्कृष्ट सेवा के लिये उन्हें सितंबर 2016 में ‘संत’ की उपाधि से नवाजा जाएगा जिसकी आधिकारिक पुष्टि वेटिकन से हो गई है।

उनका जन्म के समय अग्नेसे गोंकशे बोज़ाशियु नाम था जो बाद में अपने महान कार्यों और जीवन की उपलब्धियों के बाद मदर टेरेसा के रुप में प्रसिद्ध हुयी। एक धार्मिक कैथोलिक परिवार में मेसेडोनिया के सोप्जे में 26 अगस्त 1910 को उनका जन्म हुआ था। अपने शुरुआती समय में मदर टेरेसा ने नन बनने का फैसला कर लिया था। 1928 में वो एक आश्रम से जुड़ गयी और उसके बाद भारत आयीं (दार्जिलिंग और उसके बाद कोलकाता)।

एक बार, वो अपने किसी दौरे से लौट रही थी, वो स्तंभित हो गयी और उनका दिल टूट गया जब उन्होंने कोलकाता के एक झोपड़-पट्टी के लोगों का दुख देखा। उस घटना ने उन्हें बहुत विचलित कर दिया था और इससे कई रातों तक वो सो नहीं पाई थीं। उन्होंने झोपड़-पट्टी में दुख झेल रहे लोगों को सुखी करने के तरीकों के बारे में सोचना शुरु कर दिया। अपने सामाजिक प्रतिबंधों के बारे में उन्हें अच्छे से पता था इसलिये सही पथ-प्रदर्शन और दिशा के लिये वो ईश्वर से प्रार्थना करने लगी।

10 सितंबर 1937 को दार्जिलिंग जाने के रास्ते पर ईश्वर से मदर टेरेसा को एक संदेश (आश्रम छोड़ने के लिये और जरुरतमंद लोगों की मदद करें) मिला था। उसके बाद उन्होंने कभी-भी पीछे मुड़ के नहीं देखा और गरीब लोगों की मदद करने की शुरुआत कर दी। एक साधारण नीले बाडर्र वाली सफेद साड़ी को पहनने के लिये को उन्होंने चुना। जल्द ही, निर्धन समुदाय के पीड़ित व्यक्तियों के लिये एक दयालु मदद को उपलब्ध कराने के लिये युवा लड़कियाँ उनके समूह से जुड़ने लगी। मदर टेरेसा सिस्टर्स की एक समर्पित समूह बनाने की योजना बना रही थी जो किसी भी परिस्थिति में गरीबों की सेवा के लिये हमेशा तैयार रहेगा। समर्पित सिस्टरों के समूह को बाद में “मिशनरीज़ ऑफ चैरिटी” के रुप में जाना गया।

Essay on Mother Teresa in Hindi

निबंध 3 (400 शब्द)

मदर टेरेसा एक महान व्यक्तित्व थी जिन्होंने अपना सारा जीवन गरीबों की सेवा में लगा दिया। वो पूरी दुनिया में अपने अच्छे कार्यों के लिये प्रसिद्ध हैं। वो हमारे दिलों में हमेशा जीवित रहेंगी क्योंकि वो एक सच्ची माँ की तरह थीं। वो एक महान किंवदंती थी तथा हमारे समय की सहानुभूति और सेवा की प्रतीक के रुप में पहचानी जाती हैं। वो एक नीले बाडर्र वाली सफेद साड़ी पहनना पसंद करती थीं। वो हमेशा खुद को ईश्वर की समर्पित सेवक मानती थी जिसको धरती पर झोपड़-पट्टी समाज के गरीब, असहाय और पीड़ित लोगों की सेवा के लिये भेजा गया था। उनके चेहरे पर हमेशा एक उदार मुस्कुराहट रहती थी।

उनका जन्म मेसेडोनिया गणराज्य के सोप्जे में 26 अगस्त 1910 में हुआ था और अग्नेसे ओंकशे बोजाशियु के रुप में उनके अभिवावकों के द्वारा जन्म के समय उनका नाम रखा गया था। वो अपने माता-पिता की सबसे छोटी संतान थी। कम उम्र में उनके पिता की मृत्यु के बाद बुरी आर्थिक स्थिति के खिलाफ उनके पूरे परिवार ने बहुत संघर्ष किया था। उन्होंने चर्च में चैरिटी के कार्यों में अपने माँ की मदद करनी शुरु कर दी थी। वो ईश्वर पर गहरी आस्था, विश्वास और भरोसा रखनो वाली महिला थी। मदर टेरेसा अपने शुरुआती जीवन से ही अपने जीवन में पायी और खोयी सभी चीजों के लिये ईश्वर का धन्यवाद करती थी। बहुत कम उम्र में उन्होंने नन बनने का फैसला कर लिया और जल्द ही आयरलैंड में लैरेटो ऑफ नन से जुड़ गयी। अपने बाद के जीवन में उन्होंने भारत में शिक्षा के क्षेत्र में एक शिक्षक के रुप में कई वर्षों तक सेवा की।

दार्जिलिंग के नवशिक्षित लौरेटो में एक आरंभक के रुप में उन्होंने अपने जीवन की शुरुआत की जहाँ मदर टेरेसा ने अंग्रेजी और बंगाली (भारतीय भाषा के रुप में) का चयन सीखने के लिये किया इस वजह से उन्हें बंगाली टेरेसा भी कहा जाता है। दुबारा वो कोलकाता लौटी जहाँ भूगोल की शिक्षिका के रुप में सेंट मैरी स्कूल में पढ़ाया। एक बार, जब वो अपने रास्ते में थी, उन्होंने मोतीझील झोपड़-पट्टी में रहने वाले लोगों की बुरी स्थिति पर ध्यान दिया। ट्रेन के द्वारा दार्जिलिंग के उनके रास्ते में ईश्वर से उन्हें एक संदेश मिला, कि जरुरतमंद लोगों की मदद करो। जल्द ही, उन्होंने आश्रम को छोड़ा और उस झोपड़-पट्टी के गरीब लोगों की मदद करनी शुरु कर दी। एक यूरोपियन महिला होने के बावजूद, वो एक हमेशा बेहद सस्ती साड़ी पहनती थी।

अपने शिक्षिका जीवन के शुरुआती समय में, उन्होंने कुछ गरीब बच्चों को इकट्ठा किया और एक छड़ी से जमीन पर बंगाली अक्षर लिखने की शुरुआत की। जल्द ही उन्हें अपनी महान सेवा के लिये कुछ शिक्षकों द्वारा प्रोत्साहित किया जाने लगा और उन्हें एक ब्लैकबोर्ड और कुर्सी उपलब्ध करायी गयी। जल्द ही, स्कूल एक सच्चाई बन गई। बाद में, एक चिकित्सालय और एक शांतिपूर्ण घर की स्थापना की जहाँ गरीब अपना इलाज करा सकें और रह सकें। अपने महान कार्यों के लिये जल्द ही वो गरीबों के बीच में मसीहा के रुप में प्रसिद्ध हो गयीं। मानव जाति की उत्कृष्ट सेवा के लिये उन्हें सितंबर 2016 में संत की उपाधि से नवाजा जाएगा जिसकी आधिकारिक पुष्टि वेटिकन से हो गई है।

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MY MOTHER ESSAY IN HINDI

मेरी प्यारी माँ पर सुंदर सा निबंध (MY MOTHER ESSAY IN HINDI)

 मेरी माँ पर निबंध (My Mother Essay in Hindi):   माँ शब्द से हर कोई रूबरू है। इस माँ शब्द का मतलब उसकी ममता है जो अपने बच्चों को देती है। क्योंकि माँ के द्वारा दिये गए हमारे जीवन का अर्थ सिर्फ माँ ही है।

आज हम मातृ दिवस पर दिये जाने वाले भाषण और निबंध को आपके लिए लेकर आए है जिसे आप अपने विद्यालय में प्रस्तुत कर सकते है। हमारे इस लेख में आपको Happy Mother’s Day Speech , Maa Par Kavita , Maa Shayari और मेरी माँ पर निबंध मिलेगा। ऊपर लिखे सभी विषय आपको इस लेख में सरल और मधुर शब्दों में मिल जाएगा जिसके लिए आपको हमारे दिये गए संपूर्ण लेख को पढ़ना होगा। तो चलिए माँ निबंध के इस लेख को पढ़ना शुरू करते हैं।

Mothers Day Kab Hai 2022

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  • My Mother Essay in Hindi 2022

My Mother Essay in Hindi

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कहते है की माँ भगवान का रूप होती है क्योंकि इस विश्व की रचना भगवान ने की है और धरती पर एक परिवार की रचना एक माँ करती है इसलिए तो माँ भगवान का रूप होती है। माँ एक बच्चे को नौ महीने अपनी गर्भ में रखती है और ध्यान रखती है की उसके बच्चे को गर्भ के अंदर भी किसी भी वजह से उसे पीड़ा ना पहुंचे। नौ महीने एक माँ उस पीड़ा को सहन करती है जो असहनीय होती है। कहते है उस माँ के अंदर सहने की क्षमता वो ईश्वर देता है और वो माँ अपने बच्चे को गर्भ में ही अपना संसार मानती है इसलिए जन्म से होने वाली असहनीय पीड़ा को वो सहन करती है।

इस दुनिया में आते ही बच्चा सबसे पहले अपनी माँ का चेहरा देखता है। जब वह बच्चा नौ महीने उस माँ की गर्भ में था तो उसे सिर्फ अपनी माँ की धड़कन का एहसास था और जब इस दुनिया में आया तो सबसे पहले वह अपनी माँ के गले लगता है और जब बच्चा रोता है तो माँ उसे गले लगाकर चुप कराती है क्योंकि माँ के गले लगाने पर बच्चा सबसे पहले चुप होता है। जब बच्चा गर्भ में था तो उसे अपनी माँ की धड़कन का एहसास था और वो अपनी माँ की धड़कन को सुनते ही चुप हो जाता है इसलिए माँ बच्चे के लिए भगवान होती है।

हमने आपके लिए माँ पर भाषण पेश किया है क्योंकि आप और हमारे जीवन में माँ का सबसे बड़ा महत्व है। हमारे जीवन का अस्तित्व है ‘माँ’ हमारे जीने की वजह है इसलिए जो भी माँ का महत्वपर निबंध हमने आपके लिए लिखा है वो बहुत ही महत्वपूर्ण और खास है इसलिए हमारे द्वारा लिखे गए इस my mother essay in hindi को आप अवश्य पढ़े। क्या पता शायद essay on my mother in hindi language में पढ़ने से आपको कुछ नया एहसास अपनी माँ के लिए हो। इसलिए हम आपसे इसे पढ़ने के लिए बोल रहे है तो देखते है कि इस निबंध, कहानी तथा माँ पर कविता में ऐसा क्या खास है।

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Essay on Mother in Hindi

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आज हम सब उस व्यक्ति की बात करने जा रहे है जो हमारे जीवन का अस्तित्व है। हमारी प्यारी माँ .

माँ, जिसने हमे जन्म देकर हमारा जीवन बनाया, वो माँ जिसने खुद धूप में रहकर अपने बच्चों को छाव दी वो माँ जो खुद गीले में रहकर अपने बच्चों को सूखे में सुलाती है.

वो माँ जो हमारे उदास रहने पर पूछती है क्या हुआ बेटा तू इतना उदास क्यों है?

वो माँ जो हमे कभी रोता नहीं देख सकती है, वो माँ जो हमे चोट लगने पर भागी – भागी डॉक्टर के पास जाती है। हाँ वो सिर्फ एक माँ कर सकती है.

मेरी माँ के होने से मेरा जीवन है। मेरी माँ के होने से मेरी साँसे चलती है। वो सिर्फ मेरी माँ ही हैं.

दोस्तों, आपकी हमारी और सबकी प्यारी माँ जिस माँ ने हमे ज़िंदगी दी है उस माँ की बात कर रहे है।

ये मैंने माँ पर लाइन उस माँ के लिए लिखी है जिसने अपना सारा जीवन हमेशा अपने बच्चों पर नियोछावर किया है।

माँ पहले अपने बच्चों को खाना खिलाकर बाद में खुद खाती है। वो माँ जब हमारे घर लेट आने पर खुद रात भर बैठकर इंतजार करती है। हम सब की माँ जो हमे जीवन का वरदान देती है.

Meri Maa Essay in Hindi

मेरी माँ पर निबंध (500 शब्द):  मां को ऐसे ही भगवान का रूप नहीं कहा जाता है क्योंकि पृथ्वी पर ईश्वर हर जगह नहीं उपलब्ध हो पाता है, इसलिए उसने अपनी मौजूदगी को दर्शाने के लिए मां को बनाया है और मां के अंदर भर भर के ममता प्यार और स्नेह दिया है, ताकि वह ईश्वर की अनुपस्थिति में अपनी संतान का ख्याल रख सके।

मां का दिल बहुत ही दयालु होता है। यह सिर्फ अपने संतान के प्रति दयालु नहीं होता है बल्कि दुनिया के अन्य जीवों के प्रति भी यह दयालु ही होता है। मां से बड़ा दुनिया में आज तक कोई परोपकारी ना तो पैदा हुआ है ना कभी पैदा होगा। इसलिए भगवान भी कहते है कि मेरे दर्शन जो लोग कर पाने में सक्षम नहीं है, वह अपने माता पिता की सेवा कर लेते है तो मेरा आशीर्वाद उन्हें अवश्य प्राप्त होता है क्योंकि कहीं ना कहीं माता-पिता भी भगवान का ही प्रतिबिंब होते हैं।

जिस प्रकार संसार को चलाने की जिम्मेदारी भगवान के ऊपर है, उसी प्रकार अपनी संतान को पालने की जिम्मेदारी माता-पिता के ऊपर होती है। इसलिए संतान के पालनहार को मां कहा जाता है।

माता को ना तो धन से मोह होता है ना ही दौलत से मोह होता है, उसे सिर्फ अपनी संतान से मोह होता है और वह यही चाहती है कि उसकी संतान हमेशा खुश रहे और जिंदगी में तरक्की करें तथा सफलता की ऊंचाइयों को छुए।

माता हमेशा अपने बच्चे की और अपने परिवार की सेवा में लगी हुई रहती है फिर चाहे दिन हो या रात, वह कभी भी यह नहीं कहती है कि उसे थकान लगी है या फिर वह काम नहीं कर सकती है। यहां तक की बीमारी की अवस्था में भी वह अपने कर्तव्यों का सही ढंग से पालन करती है और घर के सभी सदस्यों को खुश रखने का प्रयास करती है। मां जितना समर्पण कर सकती है उतना अन्य कोई व्यक्ति नहीं कर सकता है। इसीलिए मां को समर्पण और त्याग की मूरत कहा गया है।

लोग पुरुष को सबसे शक्तिशाली कहते हैं परंतु मेरी नजर में सबसे शक्तिशाली मां होती है, जो अपनी निडरता, बुद्धिमता, साहस और प्रेम भाव से सभी लोगों का दिल जीत लेती है। कहा जाता है कि एक नारी जब अपने सही रूप पर आती है तो वह 100 मर्दों के बराबर होती है और इसीलिए जगत जननी महाकाली को दुष्ट विनाशक कहा जाता है , क्योंकि वह भी एक स्त्री है परंतु इसके बावजूद उन्होंने अकेले ही कई दुष्टों का संहार किया था।

हर सामान्य नारी भी महाकाली के समान ही होती है और उसका यह रूप तब दिखाई देता है जब उसके परिवार के ऊपर या फिर उसकी संतान के ऊपर कोई आच जाती है।

माँ हमेशा अपनी संतान की ढाल बन कर के रहती है और अपने संतान की हर प्रकार से रक्षा करती है और बदले में ना तो वह कुछ मांगती है ना ही कुछ कहती है, उसकी सिर्फ एक ही मांग होती है वह है अपनी संतान का प्यार और इस दुनिया में शायद ही ऐसा कोई व्यक्ति होगा जो बिना स्वार्थ के इतना सब कर सकें।

मां हमारे पैदा होने से लेकर के हमारे चलने तक हमारा ख्याल रखती है। इसके अलावा जब तक वह जिंदा रहती है तब तक उसके दिल और दिमाग में हमारा ही ख्याल रहता है। वह हमेशा यही सोचती रहती है कि मेरे बच्चे ने खाना खाया होगा या नहीं, मेरा बच्चा स्वस्थ होगा या नहीं, इत्यादि। इसलिए मां के चरणों में हमें रोजाना नमस्कार अथवा प्रणाम करना चाहिए और हमारा साथ देने के लिए उन्हें धन्यवाद कहना चाहिए।

M aa Par Nibandh

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मेरे माननीय प्रधानाचार्य जी और सभी अध्यापक एवं भाई बहनों को मेरा नमस्कार…।

यह दिन हम सब के लिए बहुत बड़ा दिन है। इस महान दिवस पर हम सब यहाँ एकत्रित हुये है और में इसका हिस्सा बना मुझे इसकी बहुत प्रसन्नता है.

हम सब अपनी माँ को सम्मान देने के लिए और उनके सभी आदर्शो का पालन करके उनके लिए हम इस दिन को मातृ दिवस के रूप में मानते है। मैं इस दिन पर अपनी प्रिय माँ के लिए कुछ शब्द यहाँ बोलना चाहता हूँ.

10 Lines on Mother in Hindi For Class 4, 5, 6

मेरी माँ जो सबसे पहले मुझे प्यार से सुबह उठाती है और उसी मीठी सी आवाज से मुझसे कहती है “उठ जा मेरे बेटे सुबह हो गयी” और जब वो मुझे उठाती है तो मेरी सुबह और दिन दोनों मेरे लिए सुखमय होते है.

वो सबका ध्यान रखती है। सुबह जल्दी उठकर पापा के दफ्तर जाने के लिए खाना बनाती है। मेरी बहनों और मुझे स्कूल के लिए तैयार करती है.

मुझे स्कूल छोड़ने जाती है, सबको अपने हाथों से खाना बनाकर खिलाती है। लेकिन सबका ध्यान रखते रखते वो अपना ध्यान रखना और खाना खाना भूल जाती है.

अपनी प्रत्येक ज़िम्मेदारी को प्रसन्नता पूर्वक निभाती है, मेरी दादी बोलती है बेटा तेरी माँ मेरे घर की लक्ष्मी है। तब मुझे बहुत खुशी होती है.

पापा कहते है तुम सबका खयाल रखती हो पर अपना ख्याल रखना भूल जाती हो।

मैं अपनी माँ की हर बात का पालन करता हूँ, उनका सम्मान करता हूँ क्योंकि यह मेरा कर्तव्य है…

कहते है माता – पिता भगवान का रूप होते है और मेरे घर में तो साक्षात भगवान का निवास है.

माँ को हम पूजते है वो ही दुर्गा, लक्ष्मी, काली सबका रूप होती है.

वो हमे अच्छी अच्छी सीख देती है और कहती है कि अपने से बड़ों का हमेशा पालन करो। जब मेरी बहन मुझसे लड़ती है तो माँ बोलती है तुम दोनों अच्छे बच्चे हो और अच्छे बच्चे कभी लड़ते नहीं है.

मेरी प्यारी माँ सबको हमेशा प्यार देती है और वो हमेशा मेरा ध्यान से होमवर्क कराती है और कहती है कि कभी भी गलत रास्ते पर नहीं चलना चाहिए हमेशा सत्य के रास्ते पर चलना चाहिए और हमेशा सत्य बोलना चाहिए इसलिए माँ भगवान का रूप होती है.

माँ पूरे परिवार को बनाती है और उसी माँ के बिना पूरा परिवार अधूरा है इसलिए अपनी माँ के सत्य वचनों और आदर्शों का पालन करे.

Maa Par Kavita Hindi Mein (Essay on Meri Maa in Hindi)

⇓ maa ki mamta heart touching shayari on mother in hindi ⇓, माँ पर कविता हिंदी में.

मदर्स डे के लिए बहुत ही सुंदर और अनोखे शब्दों में हमने आपके लिए ये माँ पर कविताएं  लिखी है तो आप इसे जरूर पढ़े.

My Mother Poem in Hindi

भावुक कर देने वाली माँ पर कहानी.

आज मैं आपको माँ के ऊपर भावुक कर देने वाली कहानी सुनाने जा रहा हूँ। इस कहानी को आप पूरा पढ़े और शायद ये आपको भावुक भी कर सकती है.

एक माँ जिसका एक बेटा था जिसे वह बहुत प्यार करती थी उसका बच्चा छोटा था और उस बच्चे के पिता की मृत्यु हो गयी और उस छोटे बच्चे के सर से पिता का साया चला गया लेकिन पिता की कमी उसकी माँ ने पूरी की और बच्चे को अच्छी परवरिश देने के लिए पूरी मेहनत की.

पिता की मृत्यु होने के बाद उस बच्चे की माँ के पास पैसे नहीं थे पर फिर भी उस माँ ने घर घर में जाकर बर्तन धोना शुरू कर दिया और अपने बच्चे को पढ़ाया और उसे अच्छे स्कूल में दाखिला दिलाया.

माँ अपने बच्चे और अपना पेट पालने के लिए रोज घरों में बर्तन धोया करती थी और बच्चे को इसी तरह पढ़ा लिखा कर बड़ा किया.

जब बच्चा धीरे धीरे बड़ा होने लगा तो उसे इस बात से बुरा लगने लगा की उसकी माँ घरों में जाकर बर्तन धोती है।

उसे अपने दोस्तों और लोगों के सामने यह बताने में शर्म आने लगी की यह उसकी माँ है।

लेकिन उसकी माँ को इस बात से कभी भी बुरा नहीं लगता था की उसका बेटा सबके सामने उसे अपनी माँ कहने में हिचकिचाता है इसलिए तो कहते है माँ जो कभी बच्चों की किसी भी बात पर नाराज नहीं होती है.

जब बेटा बड़ा हो गया उसके बेटे ने अपनी शादी कर ली उस माँ के लिए एक बहू आ गयी अब उसकी माँ बूढ़ी हो गयी थी और उस बूढ़ी माँ के लिए बहू तो आई लेकिन वो भी बहुत चालाक बहू थी.

बहू घर पर हमेशा आराम करती और उस बूढ़ी माँ से सारा काम करवाती थी।

उस माँ की उम्र हो चुकी थी लेकिन फिर भी बूढ़ी माँ धीरे धीरे सारा काम करती और सुबह उठकर झाड़ू, पोछा, बर्तन मांजना, नास्ता बनाना सब कुछ वही करती थी।

फिर भी उस बूढ़ी माँ को अपने बहू और बेटे से कोई शिकायत नहीं थी.

जब उस बूढ़ी माँ के बहू के बेटा हुआ तो वो बूढ़ी माँ बहुत खुश हुई।

वो बूढ़ी माँ जो दिन और दिन बूढ़ी होती जा रही थी जो अब ठीक से खड़े होने के लिए सहारा लेने लगी थी अब उस माँ के लिए और भी काम हो गया था इसलिए अपने बूढ़े शरीर की वजह से वो ठीक से काम नहीं कर पा रही थी.

उस बूढ़ी माँ का बेटा उससे कहता था तुम ठीक से कुछ भी काम नहीं करती हो और ना ही सुबह जल्दी खाना तैयार करती हो मुझे दफ्तर के लिए देर हो जाती है इस वजह से बहू ने भी माँ को डांट दिया.

उस बूढ़ी माँ की तबियत बहुत खराब थी और किसी को भी इस बात की कोई परवाह नहीं थी की वह बीमार है.

एक दिन अचानक उस बूढ़ी माँ का चश्मा गिर कर टूट गया जिसकी वजह से अब वह ठीक से देख भी नहीं पा रही थी। उन्होंने अपने बेटे से कहा मेरा चश्मा टूट गया है बेटा चश्मा बनवा दे।

बेटे ने कहा तुम्हारे फालतू खर्चे के लिए मेरे पास पैसे नहीं है और कह दिया और भी बहुत सारे काम है और वो बूढ़ी माँ बिना चश्मे के काम करती थी और एक दिन जब वह सीढ़ियों से उतर रही थी और अचानक गिर गयी.

अब इसकी वजह से वह चल फिर भी नहीं पा रही थी और बहू का उस बूढ़ी माँ का काम करना पड़ रहा था और बेटे का खर्चा बढ़ गया उसकी माँ के गिरने और बीमार पड़ने की वजह से अब वह बूढ़ी माँ उन दोनों को बोझ लगाने लगी.

पहले वह कम से कम घर का सारा काम कर देती थी लेकिन बहू और बेटे को उनका सारा काम करना पड़ रहा था।

उस बहू और बेटे ने उस माँ को मारने की साजिश बना ली और एक दिन जब रात में सब सो रहे थे तो उन दोनों ने अपनी माँ को मार दिया लेकिन उससे पहले बूढ़ी माँ ने पानी पीने के लिए गुजारिश की अपने बेटे से लेकिन उस ने उस बूढ़ी माँ को पानी तक नहीं पिलाया.

उन दोनों ने सबसे बड़ा अपराध किया था जिसकी उनको सजा भी मिली…

दोस्तों, कभी भी अपनी माँ के साथ ऐसा मत करना क्योंकि कभी कभी लोग अपना फर्ज भूल जाते हैं और अपने माता पिता की सेवा नहीं करते। आज की नयी युवा पीढ़ी ये भूलती जा रही है.

माँ और पिता बच्चे को जन्म देकर उनका पालन पोषण करते है उनको पैरो पर खड़े होने लायक बनाते है लेकिन बच्चे ही अपना फर्ज भूल जाते है.

हमने जो माँ पर कहानी बताई है क्या आपको उस कहानी में कुछ भी सत्य लगता हो तो हमे कमेंट करके जरूर बताए.

मां के बारे में क्या लिखें

अपनी मां से काफी ज्यादा प्यार करता हूं, क्योंकि वह हमेशा किसी भी प्रकार की परिस्थिति में मेरे साथ कंधे से कंधा मिलाकर के खड़ी रहती है और वह बिना किसी स्वार्थ के मुझे प्यार करती है। माँ ही मेरी पहली शिक्षक होती है जो मुझे जन्म से लेकर के तब तक सही राह दिखाती है, जब तक वह जिंदा होती है यानी कि हमारे साथ होती हैं।

मां हमें पैदा करने के लिए अनेक प्रकार के दर्द सहती है। यहां तक कि वह अपनी सुंदरता को भी हमारे लिए ही गवा देती है परंतु इसके बावजूद उन्हें जरा सा भी अफसोस नहीं होता है, बल्कि वह तो और भी खुश होती है कि उनकी कोख से कोई संतान पैदा हुई है।

जब हम पैदा होते है तो उसके पहले से ही मां हमारे खाने पीने का ध्यान रखती है और पैदा होने के बाद वह हमारा और भी ध्यान रखने लगती है। उसके दिल और दिमाग में हर दम हम ही रहते हैं। वह समय से हमारी सेवा करती है और हमारी मालिश करती है और अपने व्यस्त समय से टाइम निकाल कर के वह हमारा ख्याल रखती है। जब हम रात में सोते नहीं है तो वह हमें रात भर जागकर के लोरियां या फिर कहानियां सुना कर के सुलाने का प्रयास करती है और उसके बाद ही खुद सोती है। हमें हमेशा अपनी मां को खुश रखने का प्रयास करना चाहिए क्योंकि उनसे बड़ा हितकारी हमारा दुनिया में दूसरा कोई नहीं है।

इस लेख में हमने आपको सब कुछ बताया है। इसमें आपके Speech on Mother in Hindi, Essay on my Mother in Hindi देने के समस्या तथा Maa Poem in Hindi के लिए होने वाली परेशानी को आसानी से दूर कर दिया। इसमें हमने आपको माँ के उन सभी फर्ज और कर्तव्य को बताया है जो एक माँ हमेशा निभाती है और आप भी अपने माँ तथा पिता के प्रति कर्तव्यों को निभाएंगे। मेरी माँ तो मेरे ज़िंदगी है आप अपनी माँ से कितना प्रेम करते है वो आप कमेंट में बताए और इस लेख को सभी के साथ सोशल मीडिया पर शेयर करे।  ( MY MOTHER ESSAY IN HINDI )

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हेल्लो दोस्तों आप सभी का 10Lines.co पर बहुत स्वागत है. ये आर्टिकल Free Mothers day Wallpaper and Quotes पर आधारित है जहा से आप अपनी माँ के लिए Latest Mothers day images download कर सको. मदर डे एक पवित्र फेस्टिवल है ये त्यौहार सभी माँ को सम्मान देने के लिए मनाया जाता है. इस दिन सभी…

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मेरी माँ पर निबंध | Essay on Mother in Hindi

Essay on Mother in Hindi : आज हम यहाँ  मेरी माँ पर निबंध  आपके लिए लिखा हैं. हर इंसान के जीवन में माँ का अहम योगदान होता हैं.

चाहकर भी माँ के ऋण की अदायगी एक जन्म में नहीं की जा सकती हैं. हमें इस दुनियां में लाने तथा संसार से परिचय माँ ही कराती हैं. अपनी माँ को समर्पित यह निबंध पढ़िये.

मेरी माँ पर निबंध Short Essay on Mother in Hindi

मेरी माँ पर निबंध | Essay on Mother in Hindi

कक्षा 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10 और 12 के लिए यहाँ हम Essay on Mother in Hindi साझा कर रहे हैं. बच्चे इस निबंध की मदद से माँ पर कुछ अनुच्छेद निबंध इत्यादि लिख सकेगे. चलिए अब हम 100, 250, 500 or 1000 में निबंध जानते हैं.

10 Lines दस वाक्य

(1) मैं अपनी माँ को ईश्वर का उपहार मानता हूँ.

(2) मां ही वह जीवात्मा हैं जो हर समय अपनी सन्तान की फ़िक्र में रहती हैं.

(3) मेरी माँ हमेशा मेरा हाथ बंटाने का प्रयत्न करती हैं.

(4) वह दिन के तीनों वक्त परिवार के सभी लोगों के लिए भोजन तैयार करती हैं.

(5) मेरी मां मेरे घर के प्रत्येक सदस्य का ख्याल करती है तथा उन्हें सम्मान देती हैं.

(6) जीवन में क्या गलत हैं क्या सही इसकी परख माँ ही सिखलाती हैं.

(7) बिना शर्त मेरी माँ स्वयं खुश रहकर पूरे परिवार को खुश रखती हैं.

(8) हमारे घर आने वाले प्रत्येक मेहमान की खातिरदारी करती हैं.

(9) आज की माताएं नौकरी करके भी संतानों का पेट भरने के काबिल हैं.

(10) मेरी माताजी सह्रदय दयालु एवं धार्मिक विचारों की हैं वह मुशीबत में सबका साथ देती हैं.

100 words Essay On My Mother In English Language

mother is an important member of the family. my mother is a noble lady. her name is Mrs. Sudha she is a pious lady. she is b.a, b.e.d. she is a teacher. she is a religious lady. she says the prayer to god every day.

she cooks meals, washes clothes, and brings us up. she is active in her habits. he has a deep love for us. she is a kind lady. she believes in giving alms to the poor. she tells us stories from the Ramayana and Mahabharat.

we respect our mother. we feel her absence when she is out of the station. I am proud of my mother. may she live long?

मेरी माँ पर निबंध (100 शब्द)

मां परिवार का एक महत्वपूर्ण सदस्य है। मेरी मां एक महान महिला है। उसका नाम श्रीमती सुधा है वह पवित्र दिल की महिला है। मेरी माँ बी.ए., बी.ई., विद्यालय शिक्षक है। वह एक धार्मिक महिला है। वह हर दिन भगवान से प्रार्थना करती है।

वह भोजन बनाती है, कपड़े धोती है और हमें जगाती है। वह अपने कामकाज में हर वक्त व्यस्त रहती है। उनके दिल में सभी सदस्यों के लिए गहरा प्यार है। वह एक दयालु महिला है। वह गरीबों को दान देने में विश्वास करती है। वह हमें रामायण और महाभारत की कहानियां सुनाती है।

हम अपनी मां का सम्मान करते हैं। जब वह कभी घर से बाहर होती है तो हम उसकी अनुपस्थिति महसूस करते हैं। मुझे मेरी मां पर गर्व है। भगवान उनका आसरा सदा हम पर बनाए रखे.

Short Essay on Mother in Hindi 150 words

मेरी प्यारी माँ ‘मेरे जीवन का सबसे अहम है। वह हमारे लिए सब कुछ करती है। वह बहुत ही दयालु एवं ध्यान रखने वाली हैं. मेरी मां एक गृहिणी है वह उन लोगों में से एक हैं जिन्हें मैं सबसे ज्यादा सम्मान और प्यार करता हूं।

दिनभर काम में व्यस्त रहने के उपरान्त भी वह मेरे लिए वक्त निकाल कर पढ़ाई में मेरी मदद करती हैं वे हमारे साथ खेलती हैं वह संघर्षशील महिला हैं तथा मैंने अपनी माँ को कभी धैर्य खोते हुए नहीं देखा हैं. वह स्वयं पर भरोसा कर मुसीबत से लड़ने में विश्वास करती हैं.

माँ की दी यह सीख मुझे जीवन में बहुत काम आती हैं वाकई में परेशानी आने पर हथियार डाल देने की बजाय उससे लड़कर पार पाने में संतुष्टि मिलती हैं वह किसी और में नहीं हैं. हमें अपनी माँ को प्यार करना चाहिए तथा वृद्धावस्था में अपने माता पिता का ध्यान रखना एक सन्तान का दायित्व हैं.

Best Essay on Mother in Hindi 250 words

मुझे अच्छी तरह याद हैं, जब मैं अपनी माँ का हाथ पकड़कर उन्हें वैष्णो देवी की चढ़ाई पर ले गया था. तब मेरी उम्रः मात्र छः वर्ष की थी. मुझे वो दिन भी याद हैं, जब मेरे पिताजी मुझे अपने कंधे पर बिठाकर मेला दिखाने ले गये थे और मैंने झुला झुलाया था. तथा गुब्बारा भी दिलाया था.

मेरे माता-पिता मुझे बहुत प्यार करते हैं, जब मैं बीमार पड़ जाता तो माँ पिताजी दोनों रात रात जागते थे. तेज बुखार होने पर माँ मेरे माथे पर पानी में भिगोकर पट्टी बांधते थे तो माँ अपने पल्लू से मेरे हाथ व पैर के पजों को झाडती रहती थी ताकि मेरा बुखार जल्दी से उतर जाए.

मेरे ह्रदय में मेरे माता पिता के प्रति असीम आदर हैं. मैं नित्य सुबह उठकर अपने माता पिता के चरण स्पर्श करता हूँ. फिर वे मुझे आशीर्वाद देते हैं. मैं सोचता हूँ कि मेरे माता पिता की छत्रछाया मुझ पर सदैव बनी रहे.

ताकि मुझे हमेशा उनका आशीर्वाद और लाड दुलार मिलता रहे. मेरे मम्मी पापा मेरे लिए सब कुछ त्याग करने के लिए सदैव तत्पर रहते हैं और मैं भी उनकी हरेक इच्छा पूरी करने के लिए हमेशा तैयार रहता हूँ. मेरे आदरणीय माता पिता दुनियां के सबसे अच्छे माता पिता हैं.

Meri Maa Par Nibandh 500 Word

वैसे तो लोग कहते हैं कि नारी अबला होती है परंतु मेरी नजर में नारी अबला नहीं बल्कि बहुत ही शक्तिशाली होती है क्योंकि जो लोग नारी को अबला और कमजोर समझते हैं वह लोग नारी से ही पैदा होते हैं। नारी एक ऐसी शक्ति होती है जो एक नए जीव को इस धरती पर पैदा करती है।नारी को हम बहन, मां,पत्नी के रूप में जानते हैं।

मेरी मां भी एक नारी है, स्त्री है जो कमजोर नहीं है। हम अपनी मां को किसी भी प्रकार से कमजोर नहीं मान सकते क्योंकि एक मां अपने बच्चे पर संकट आने पर भगवान से भी लड़ सकती है।

मेरी मां का नाम सुनीता देवी है जो बहुत ही प्यारी है।जब हम आराम से सुबह सोते होते हैं,तो मेरी मां सबसे पहले हमारे घर में उठ जाती है और घर में सबसे पहले उठने के बाद वह पूरे घर की साफ सफाई करती है।

उसके बाद स्नान करती है और फिर भगवान की पूजा करती है और जब हम स्कूल जाने के लिए तैयार होते हैं तब वह स्कूल जाने के लिए तैयार होने में हमारी सहायता करती है और स्कूल ले जाने के लिए हमें टिफीन भी बना कर देती है।

मेरी मां मेरे पिताजी के अलावा मेरे दादा दादी की भी पूरी देखभाल करती है और उनकी हर सुख सुविधा का ख्याल रखती है। मेरी दादी कहती है कि मेरी मां उनकी सबसे पसंदीदा बहू है। मैं खुद भी अपनी मां की सारी बातें मानता हूं और वह भी मेरी सारी बातें मानती है।

अच्छी पढ़ी-लिखी होने के कारण मेरी मां घर का काम निपटाने के बाद नौकरी करने के लिए भी जाती है और वह घर के काम और ऑफिस के काम में अच्छा सामंजस्य बैठाकर चलती है।

मेरी मां का स्वभाव बहुत ही मिलनसार और हंसमुख है, इसीलिए हर कोई उनकी तरफ स्वाभाविक तौर पर अट्रैक्ट होने लगता है।

मेरी मां अपने काम को पूरी जिम्मेदारी के साथ निभाती है,इसीलिए ऑफिस में हर कोई उनकी तारीफ करता है। मेरी मां सिर्फ मेरी मां ही नहीं बल्कि वह मेरी सबसे अच्छी दोस्त भी है।

अगर मुझसे किसी भी प्रकार की गलती हो जाती है तो मेरी मां मुझे मारती नहीं है बल्कि मुझे प्यार से समझाती है। 

जब मैं कभी दुखी हो जाता हूं तो बिना कुछ कहे ही मेरी मां को मेरे दुख के बारे में पता चल जाता है क्योंकि मां आखिर मां होती है और मां से ज्यादा अपनी संतान का दुख और कौन समझ सकता है।

जब मेरी मां मुझे प्यार से समझाती है,तब मैं अपने सारे दुख भूल जाता हूं और फिर से मेरे चेहरे पर मुस्कान आ जाती है।

मेरी मां हमेशा मुझे और सभी बच्चों को अच्छी अच्छी बातें बताती हैं और वह कभी भी किसी बच्चे के बारे में कोई भी बुरी बात ना तो कहती हैं ना हीं सुनती है।

मेरी मां मेरे लिए एक आदर्श व्यक्ति है। वह हमें जिंदगी में आगे बढ़ने की प्रेरणा देती है,साथ ही जिंदगी में कभी भी किसी के साथ छल कपट ना करने के लिए भी कहती है और हमेशा हमें सही रास्ते पर चलने के लिए कहती हैं।

मैं अपनी मां से बहुत ज्यादा प्यार करता हूं और मैं भगवान का इस बात के लिए शुक्रिया अदा करना चाहता हूं कि उन्होंने मुझे इतनी अच्छी मा‌ दी।

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हम आशा करते हैं दोस्तों मेरी माँ पर निबंध Short Essay on Mother in Hindi का यह लेख आपकों अच्छा लगा होगा.

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माता पिता पर निबंध- Essay on Parents in Hindi

In this article, we are providing information about  the Importance of Parents in Hindi- माता पिता पर निबंध- Essay on Parents in Hindi Language.

essay on mother in hindi

माता पिता भगवान की दिए हुए सबसे अनमोल उपहार है। माता पिता का स्थान हर व्यक्ति के जीवन में भगवान से भी पहले आता है और यह पूजनीय है। माता पिता का प्यार निस्वार्थ होता है और वह हमारी खुशियों के लिए अपनी खुशियों को त्याग देते हैं। बच्चे चाहे कितने भी बड़े हो जाए पर वह माँ बाप के लिए हमेशा छोटे ही रहते हैं। दुनिया का कोई भी रिश्ता झूठा हो सकता है लेकिन माँ बाप का रिश्ता हमेशा सच्चा होता है। माता पिता हमेशा अपने बच्चों को सफल होते हुए देखना चाहते हैं और उनकी जरूरतें पूरी करते हैं।

माता पिता दिन रात हमारे लिए कार्य करते हैं और हर मुसीबत को हमारे तक आने से पहले ही रोक देते हैं। माता पिता का अपने बच्चों के साथ एक पवित्र रिश्ता होता है। सिर्फ माता पिता ही होते हैं जो हमें जीवन देते हैं और अच्छे संस्कारों से सींचते हैं। हमारे जन्म से लेकर उनकी मृत्यु तक वह हर कदम पर हमारे साथ होते हैं। वह हमें संस्कार देकर इस समाज में रहने योग्य बनाते हैं और हमारा सही मार्गदर्शन करते हैं। माता पिता की ममता और त्याग का कर्ज हम कभी नहीं चुका सकते हैं पर हमें भी उन्हें खुश रखने की कोशिश करनी चाहिए। आधुनिक समय में लोग माता पिता के महत्व को भूलते जा रहे हैं और उनसे सही तरीके से बात भी नहीं करते हैं। बच्चे बड़े होते माँ बाप का प्यार भूल जाते हैं और उन्हें वृदाश्रम छोड़ आते हैं जो कि बहुत गलत है।

माता पिता का निरादर भगवान के निरादर के समान हैं। हमें अपने माता पिता का कहना मानना चाहिए और उन्हें खुश रखना है। माता पिता अद्वितीय है उनके समान दुनिया में दुसरा कोई भी नहीं है। हमें हमेशा अपने माता पिता का सम्मान करना चाहिए क्योंकि वह जीवन में सिर्फ एक बार ही मिलते हैं।

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Francesca and Dorota Mani stand next to each other outside in front of foliage, both folding their hands at their waists.

Teen Girls Confront an Epidemic of Deepfake Nudes in Schools

Using artificial intelligence, middle and high school students have fabricated explicit images of female classmates and shared the doctored pictures.

After boys at Francesca Mani’s high school fabricated and shared explicit images of girls last year, she and her mother, Dorota, began urging schools and legislators to enact tough safeguards. Credit... Shuran Huang

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By Natasha Singer

Natasha Singer has covered student privacy for The Times since 2013. She reported this story from Westfield, N.J.

  • April 8, 2024

Westfield Public Schools held a regular board meeting in late March at the local high school, a red brick complex in Westfield, N.J., with a scoreboard outside proudly welcoming visitors to the “Home of the Blue Devils” sports teams.

But it was not business as usual for Dorota Mani.

In October, some 10th-grade girls at Westfield High School — including Ms. Mani’s 14-year-old daughter, Francesca — alerted administrators that boys in their class had used artificial intelligence software to fabricate sexually explicit images of them and were circulating the faked pictures. Five months later, the Manis and other families say, the district has done little to publicly address the doctored images or update school policies to hinder exploitative A.I. use.

“It seems as though the Westfield High School administration and the district are engaging in a master class of making this incident vanish into thin air,” Ms. Mani, the founder of a local preschool, admonished board members during the meeting.

In a statement, the school district said it had opened an “immediate investigation” upon learning about the incident, had immediately notified and consulted with the police, and had provided group counseling to the sophomore class.

A blue sign on manicured grounds says, “Westfield High School.” In the background, a large, low brick building sits under a blue sky.

“All school districts are grappling with the challenges and impact of artificial intelligence and other technology available to students at any time and anywhere,” Raymond González, the superintendent of Westfield Public Schools, said in the statement.

Blindsided last year by the sudden popularity of A.I.-powered chatbots like ChatGPT, schools across the United States scurried to contain the text-generating bots in an effort to forestall student cheating. Now a more alarming A.I. image-generating phenomenon is shaking schools.

Boys in several states have used widely available “nudification” apps to pervert real, identifiable photos of their clothed female classmates, shown attending events like school proms, into graphic, convincing-looking images of the girls with exposed A.I.-generated breasts and genitalia. In some cases, boys shared the faked images in the school lunchroom, on the school bus or through group chats on platforms like Snapchat and Instagram, according to school and police reports.

Such digitally altered images — known as “deepfakes” or “deepnudes” — can have devastating consequences. Child sexual exploitation experts say the use of nonconsensual, A.I.-generated images to harass, humiliate and bully young women can harm their mental health, reputations and physical safety as well as pose risks to their college and career prospects. Last month, the Federal Bureau of Investigation warned that it is illegal to distribute computer-generated child sexual abuse material, including realistic-looking A.I.-generated images of identifiable minors engaging in sexually explicit conduct.

Yet the student use of exploitative A.I. apps in schools is so new that some districts seem less prepared to address it than others. That can make safeguards precarious for students.

“This phenomenon has come on very suddenly and may be catching a lot of school districts unprepared and unsure what to do,” said Riana Pfefferkorn , a research scholar at the Stanford Internet Observatory, who writes about legal issues related to computer-generated child sexual abuse imagery .

At Issaquah High School near Seattle last fall, a police detective investigating complaints from parents about explicit A.I.-generated images of their 14- and 15-year-old daughters asked an assistant principal why the school had not reported the incident to the police, according to a report from the Issaquah Police Department. The school official then asked “what was she supposed to report,” the police document said, prompting the detective to inform her that schools are required by law to report sexual abuse, including possible child sexual abuse material. The school subsequently reported the incident to Child Protective Services, the police report said. (The New York Times obtained the police report through a public-records request.)

In a statement, the Issaquah School District said it had talked with students, families and the police as part of its investigation into the deepfakes. The district also “ shared our empathy ,” the statement said, and provided support to students who were affected.

The statement added that the district had reported the “fake, artificial-intelligence-generated images to Child Protective Services out of an abundance of caution,” noting that “per our legal team, we are not required to report fake images to the police.”

At Beverly Vista Middle School in Beverly Hills, Calif., administrators contacted the police in February after learning that five boys had created and shared A.I.-generated explicit images of female classmates. Two weeks later, the school board approved the expulsion of five students, according to district documents . (The district said California’s education code prohibited it from confirming whether the expelled students were the students who had manufactured the images.)

Michael Bregy, superintendent of the Beverly Hills Unified School District, said he and other school leaders wanted to set a national precedent that schools must not permit pupils to create and circulate sexually explicit images of their peers.

“That’s extreme bullying when it comes to schools,” Dr. Bregy said, noting that the explicit images were “disturbing and violative” to girls and their families. “It’s something we will absolutely not tolerate here.”

Schools in the small, affluent communities of Beverly Hills and Westfield were among the first to publicly acknowledge deepfake incidents. The details of the cases — described in district communications with parents, school board meetings, legislative hearings and court filings — illustrate the variability of school responses.

The Westfield incident began last summer when a male high school student asked to friend a 15-year-old female classmate on Instagram who had a private account, according to a lawsuit against the boy and his parents brought by the young woman and her family. (The Manis said they are not involved with the lawsuit.)

After she accepted the request, the male student copied photos of her and several other female schoolmates from their social media accounts, court documents say. Then he used an A.I. app to fabricate sexually explicit, “fully identifiable” images of the girls and shared them with schoolmates via a Snapchat group, court documents say.

Westfield High began to investigate in late October. While administrators quietly took some boys aside to question them, Francesca Mani said, they called her and other 10th-grade girls who had been subjected to the deepfakes to the school office by announcing their names over the school intercom.

That week, Mary Asfendis, the principal of Westfield High, sent an email to parents alerting them to “a situation that resulted in widespread misinformation.” The email went on to describe the deepfakes as a “very serious incident.” It also said that, despite student concern about possible image-sharing, the school believed that “any created images have been deleted and are not being circulated.”

Dorota Mani said Westfield administrators had told her that the district suspended the male student accused of fabricating the images for one or two days.

Soon after, she and her daughter began publicly speaking out about the incident, urging school districts, state lawmakers and Congress to enact laws and policies specifically prohibiting explicit deepfakes.

“We have to start updating our school policy,” Francesca Mani, now 15, said in a recent interview. “Because if the school had A.I. policies, then students like me would have been protected.”

Parents including Dorota Mani also lodged harassment complaints with Westfield High last fall over the explicit images. During the March meeting, however, Ms. Mani told school board members that the high school had yet to provide parents with an official report on the incident.

Westfield Public Schools said it could not comment on any disciplinary actions for reasons of student confidentiality. In a statement, Dr. González, the superintendent, said the district was strengthening its efforts “by educating our students and establishing clear guidelines to ensure that these new technologies are used responsibly.”

Beverly Hills schools have taken a stauncher public stance.

When administrators learned in February that eighth-grade boys at Beverly Vista Middle School had created explicit images of 12- and 13-year-old female classmates, they quickly sent a message — subject line: “Appalling Misuse of Artificial Intelligence” — to all district parents, staff, and middle and high school students. The message urged community members to share information with the school to help ensure that students’ “disturbing and inappropriate” use of A.I. “stops immediately.”

It also warned that the district was prepared to institute severe punishment. “Any student found to be creating, disseminating, or in possession of AI-generated images of this nature will face disciplinary actions,” including a recommendation for expulsion, the message said.

Dr. Bregy, the superintendent, said schools and lawmakers needed to act quickly because the abuse of A.I. was making students feel unsafe in schools.

“You hear a lot about physical safety in schools,” he said. “But what you’re not hearing about is this invasion of students’ personal, emotional safety.”

Natasha Singer writes about technology, business and society. She is currently reporting on the far-reaching ways that tech companies and their tools are reshaping public schools, higher education and job opportunities. More about Natasha Singer

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