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माँ पर निबंध – Essay on Mother in Hindi

Essay on Mother in Hindi : दोस्तों आज हम ने मां पर निबंध लिखा है मां का जीवन बड़ा ही अनमोल और समर्पण भाव से जुड़ा हुआ होता है वह हम बच्चों की सबसे पहली गुरु होती है वही हमारा संसार होती है इसलिए हमने मां को समर्पित निबंध लिखा है.

अक्सर कक्षा 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10 और 12 के विद्यार्थियों को मां पर परीक्षाओं एवं भाषण देने के लिए के लिए कहा जाता है उनकी सहायता के लिए हमने यह निबंध लिखा है.

essay on mother in hindi

Get Some Essay on Mother in Hindi for student under 100, 250, 500 or 1000 words

10 lines Essay on Mother in Hindi

(1) मेरी मां दुनिया की सबसे अच्छी मां है.

(2) मां ने ही मुझे जन्म दिया है और मेरे लिए अनेक कष्ट सहे है फिर भी वह खुश रहती हैं

(3) मेरी मां मुझे बहुत प्यार करती है और रोज स्कूल जाने के लिए तैयार करती है.

(4) वह रोज मुझे सुबह शाम प्यार से खाना खिलाती है.

(5) मेरी मां मेरे साथ साथ पिताजी और उनके माता-पिता का भी ख्याल रखती है.

(6) मां मुझे रोज नई शिक्षाप्रद बातें बताती है साथ ही सही और गलत में फर्क करना भी सिखाती है.

(7) मां हमेशा परिवार की खुशी में ही खुश रहती है वह अपने लिए कभी कुछ नहीं मांगती.

(8) वह घर में आने वाले सभी मेहमानों से अच्छा व्यवहार करती है.

(9) आधुनिक समाज वह नौकरी करने के साथ-साथ घर परिवार भी चलाती है.

(10) मेरी मां हर परिस्थिति से लड़ना जानती है वह बहुत ही दयालु और सबसे अच्छी मां है.

Short Essay on Mother in Hindi 100 words

मां भगवान की सबसे श्रेष्ठ रचना है उसके जितना त्याग और प्यार कोई नहीं कर सकता है. मां विश्व की जननी है उसके बिना संसार की कल्पना भी नहीं की जा सकती है.

मां ही हमारी जन्मदाता होती है और वही हमारी सबसे पहली गुरु भी होती है वही सबसे ज्यादा हमें प्यार और दुलार करती है.

वह हमें जीवन में कठिनाइयों से लड़ते हुए आगे बढ़ने का संदेश देती है. वह हमारी प्रत्येक जरूरतों का ख्याल रखती है और स्वयं कष्ट सहकर भी हमें अच्छा जीवन प्रदान करती है.

यह भी पढ़ें –  माँ पर शायरी – Maa Shayari in Hindi

जिसके भी जीवन में मां होती है वह सदा खुश रहता है हमें हमेशा मां का आदर करना चाहिए और उन्हें हर खुशी देने का प्रयास करना चाहिए.

Meri Maa Essay in Hindi 250 words

मां ममता और वात्सल्य की मूरत है एक बच्चे की सबसे पहली दुनिया मां का आंचल ही होती है उसी की गोद में बैठकर वह दुनिया के नए रंग देखता है.

मां ही पहला गुरुकुल और पहला गुरु होती है और एक बच्चा सबसे पहला शब्द भी माँ ही कहता है. मां हमारी जीवन भर देखभाल करती है उसी की अच्छी परवरिश के कारण हम अच्छे इंसान बन पाते है.

हम चाहे कितने भी बड़े हो जाए लेकिन मां के लिए हमेशा बच्चे ही रहते है वह हर समय हमारी चिंता करती है और हमे सही राह दिखाती है.

मां हमारा हर सुख-दु:ख में साथ देती है जब हम बीमार होते हैं तो वही हमारे लिए रात भर जागती है भगवान से हमारे ठीक होने की प्रार्थना करती है.

वह हमारे लिए सब कुछ त्याग कर देती है, मां भूखी रहकर भी हमें भरपेट भोजन खिलाती है मां के जैसा त्याग और प्यार कोई नहीं कर सकता है.

यह भी पढ़ें – Best Mothers Day Poem in Hindi – माँ पर कविता

मां हमारी हर बात को समझती है चाहे हम उसे बताएं या नहीं वह हमारे हर आंसू की वजह पूछती है. अगर हम किसी कार्य को नहीं कर पाते है तो वह हमारा मार्गदर्शन करती है वह जीवन के हर एक मोड़ पर हमारे साथ खड़ी होती है.

मां अपने बच्चे से कभी रूठती नहीं है अगर वो रूठ भी जाती है तो ज्यादा देर तक रूठी हुई नहीं रह सकती है प्रेम और स्नेह का दूसरा नाम ही मां है. किसी भी व्यक्ति के अच्छे भविष्य के लिए मां का बहुत अधिक महत्व होता है.

Best Essay on Mother in Hindi 500 words

मां ईश्वर का दूसरा रूप है क्योंकि ईश्वर सभी जगह हमारी सहायता के लिए नहीं हो सकते इसीलिए उसने मां को बनाया है मां की ममता प्यार और स्नेह को प्राप्त करने के लिए तो ईश्वर भी धरती पर जन्म लेता है. मां से बड़ा दयालु और परोपकारी आज तक कोई नहीं हो पाया है और ना हो पाएगा.

मां वह धरा है जो खुद बंजर हो जाती है लेकिन अपने बच्चों का सही पालन-पोषण करके उनका अच्छा मार्ग दर्शन करके उन्हें उपजाऊ धरा के समान बनाती है.

Maa हमेशा हमारी खुशी मेरी खुश रहती है उसे कोई धन दौलत नहीं चाहिए उसे तो सिर्फ अपने बच्चों का प्यार चाहिए. मां हमेशा दिन-रात हमारे परिवार और हमारी सेवा में लगी रहती है लेकिन वह कभी नहीं कहती कि मैं थक गई या फिर मैं और काम नहीं कर सकती.

मां के जितना समर्पण और त्याग कोई अन्य व्यक्ति नहीं कर सकता है . मां हमारे जन्म से पहले से ही हमारा ख्याल रखना शुरू कर देती है हमारे जन्म के समय उसे असहनीय पीड़ा का सामना करना पड़ता है फिर भी वह हमारी एक मुस्कान देखने के लिए सारी पीड़ा को खुशी खुशी सह जाती है.

“गम की चोटे फौलाद से ज्यादा क्या होगी और मां की दौलत दुनिया में औलाद ज्यादा क्या होगी”

बचपन में वह हमारा पालन पोषण करती है, हमारी हर नादानी को नजर अंदाज करके हमें माफ कर देती है. मां सुबह सबसे पहले उठती है, वह हमें समय पर भोजन देती है, समय पर स्कूल जाने के लिए तैयार करती है,

पूरे दिन भर घर का काम करती है, इसके बाद जब हम घर लौट कर आते हैं तो एक मुस्कान के साथ हमारा हाल-चाल पूछती है और हम सब को सुलाने के बाद वह सोती है. इतना बड़ा कार्य तो सिर्फ माँ ही कर सकती है.

संसार में पुरुषों को सबसे शक्तिशाली बताया जाता है लेकिन सबसे शक्तिशाली तो मां है जिसके साहस, स्नेह, निडरता, बुद्धिमता, दयालुता और प्रेम भाव के आगे कोई भी नहीं टिक पाता है. माँ ही है जो करते हुए आंसुओं को पूछती है और एक मिनट में हमारे चेहरे पर मुस्कान बिखेर देती है.

कभी सोचा है मां हमारे लिए यह सब कुछ क्यों करती है क्योंकि वह सिर्फ और सिर्फ हमसे प्यार करती है वह अन्य दुनिया की तरह नहीं है जो स्वार्थ के लिए आप से प्रेम भाव रखते है.

मां ही हमारा पहला गुरु होती है वह हमें अच्छी शिक्षा देती है और समाज का एक अच्छा नागरिक बनाती है वह असफलता और सफलता दोनों में हमारे साथ खड़ी हुई होती है हमारे निराश होने पर वह आशा की किरण बनकर हमारे साथ चलती है और हमारा मार्गदर्शन करती है.

मां जीवन भर हमारे लिए इतना सब कुछ करती है तो हमारा भी फर्ज बनता है कि हमें भी मां के लिए कुछ करना चाहिए उनका हर समय खयाल रखना चाहिए उन्हें हर वह खुशी देने की कोशिश करनी चाहिए जो आज तक वो हमें देती आई है.

हमें प्रतिदिन मां का आशीर्वाद लेना चाहिए क्योंकि जब उसका आशीर्वाद मिल जाता है तब हमें किसी के आगे हाथ फैलाने नहीं पड़ते है.

आज आप हमारे साथ प्रण ले की जैसे मां ने आपका ख्याल रखा है वैसे ही आप भी उनका ख्याल रखेंगे और जो खुशियां उन्हें नहीं मिल पाई वो खुशियां उन्हें देंगे.

Essay on Mother in Hindi 1000 words

मां की व्याख्या करने की ताकत किसी भी कलम में नहीं है क्योंकि मां को शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता है फिर भी मैं मां के ऊपर आज कुछ लिखना चाहता हूं.

मां उस जल के समान है जो निरंतर बहता रहता है और दुनिया को जीवन देता रहता है मां उस अटल पहाड़ की तरह है जब मुसीबत आती है तो वह पहाड़ की तरह मजबूती से खड़ी रहती है.

मां नदी के समान है जो निरंतर निर्मल और परोपकार की भावना रखते हुए बहती रहती है. मा तपती धरती के समान है जो खुद त्याग करके अपने बच्चों की परवरिश करती है. मां में तो पूरा ब्रह्मांड समाया है क्योंकि उसके बिना इस धरती पर जीवन की कल्पना नहीं की जा सकती है.

मां ईश्वर का सबसे अनमोल उपहार है जिसे मिलता है उसके जीवन से दुख दूर हो जाते हैं और जीवन में खुशियां ही खुशियां भर जाती है. वह जीवन की अंतिम पल तक हमारा साथ नहीं छोड़ती है भले ही हमने क्यों न उसका साथ छोड़ दिया हो.

जीवन में मां का महत्व –

मां का हमारे जीवन में बहुत अधिक महत्व है क्योंकि उसके बिना हमारा जीवन संभव नहीं हो पाता वही हमें इस दुनिया में लेकर आती है. हमारे जन्म के समय उसे असहनीय पीड़ा महसूस होती है लेकिन फिर भी वह हमारे लिए पीड़ा को सहन करके हमें जीवन प्रदान करती है.

मां हमारे बचपन से ही हमारा पालन-पोषण करती है हमारी हर जरूरतों को पूरा करती है वह स्वयं भूखी रह जाती है लेकिन हमें भरपेट भोजन कराती है. वह स्वयं गीली जगह पर सो जाती हैं लेकिन हमें हमेशा सूखे में सुलाती है.

मां हमारा पहला गुरुकुल और पहली गुरु होती है वही हमें सर्वप्रथम शिक्षा देती हैवह धीरे-धीरे है मैं अपने पैरों पर चलना सिखाती है. वह अपने पूरे जीवन का त्याग करके संपूर्ण जीवन हमें समर्पित कर देती है वह हमेशा अपने दुखों को भूलाकर हमारी खुशियों के बारे में सोचती है.

मां हमें बचपन में अच्छी शिक्षाप्रद कहानियां सुनाती है जिनसे हमारा जीवन और भी सुलभ हो जाता है. वह हमें जीवन जीने का तरीका बतलाती है. वह समाज की बुरी कुरूतियो से लड़ना सिखाती है.

जब हम खुश होते है तो वह बहुत खुश होती है. मां के जितना कोई निडर नहीं हो सकता क्योंकि जब हमारे ऊपर कोई भी मुसीबत आती है तो सबसे पहले वह हमारे आगे खड़ी होती है और हमारा बचाव करती है. मां हमेशा हमारे प्रति परोपकार की भावना रखती है वह कभी भी हमसे कुछ नहीं मांगती है हमेशा हमारे बिना मांगे हमारी जरूरतें पूरी करते है.

मां हमें समाज में जीने का तरीका बदल आती है वह हमें अच्छे और बुरे में भेद करना सिखाती है वह हमें लोगों का सम्मान करना सिखाती है हमें निरंतर बिना रुके चलना सिखाती है. मां जीवन भर हमारी सेवा करती रहती है हमें छोटी सी चोट लग जाने या फिर बीमार होने पर वह चिंतित हो जाती है और दिन रात जाग कर सेवा करती है.

ईश्वर से हमारी ठीक होने की मन्नतें और प्रार्थना करती है. वह सदा हमारे लिए ही प्रार्थना करती है कभी अपने लिए कुछ नहीं मांगती क्योंकि उसके लिए हम ही सब कुछ होते है.

हम चाहे कितने भी बड़े हो जाए लेकिन मां के लिए जीवन भर हम एक छोटे बच्चे के समान ही होते हैं जिस पर अगर थोड़ी सी भी मुसीबत आ जाए तो वह कहीं भी हो दौड़ी चली जाती है.

वह हमें चुनौतियों से लड़ना सिखाती है और अगर हम कभी निराश होते हैं तो आशा की किरण बनकर हमारा हौसला बढ़ाती है और जब तक हम सफलता प्राप्त नहीं कर लेते हमारा हाथ थामे साथ खड़ी रहती है.

मां का विश्वास और आर्शीवाद हमारे ऊपर सदा बना रहता है तभी हम जीवन में एक अच्छे इंसान बन पाते है और सफलता प्राप्त कर पाते है.

मां हमें हमेशा साहसी धैर्यवान और अच्छे व्यक्तित्व वाला व्यक्ति बनाती है वह चाहती है कि हम इस दुनिया के लिए कुछ अच्छा करें और इस समाज पर एक अमिट और अच्छी छाप छोड़ें. मां सबसे बड़ा धन है जिसको यह मिल जाता है उसकी जिंदगी संवर जाती है.

मां और ईश्वर –

मां का दुलार और प्यार पाने के लिए ईश्वर भी धरती पर जन्म लेते है मां का प्यार होता ही ऐसा है जिसको पाने के लिए ईश्वर भी धरती पर चले आते है इसका एक स्पष्ट उदाहरण है भगवान श्री कृष्ण जिन्होंने मां की ममता पाने के लिए धरती पर जन्म दिया था.

भगवान श्री कृष्ण ने एक नहीं दो माताओं का प्यार और दुलार पाया था. इससे यह स्पष्ट होता है कि ईश्वर भी मां को प्रणाम करते है.

मां के प्रति हमारे कर्तव्य –

मां हमारे लिए पूरा जीवन समर्पित कर देती है और बदले में हम उन्हें दो वक्त की रोटी तक नहीं दे पाते है यह बहुत ही विडंबना का विषय है कि जिस मां ने हमारे लिए पूरा जीवन कठिनाइयों और मुसीबतों को झेल कर हमें जीवन दिया, हमें दुनिया की हर एक खुशी दी और हमें एक अच्छा व्यक्ति बनाया.

अब हमारे बड़े होने पर मां के प्रति हमारे भी कुछ कर्तव्य बनते है. हमें मां की हर जरूरत को पूरा करना चाहिए. उनकी हर एक खुशी देनी चाहिए. वृद्धावस्था में उनकी सेवा करनी चाहिए. उनके पास बैठकर कुछ समय बिताना चाहिए.

सुबह शाम उनसे मिलकर उनका हाल-चाल पूछना चाहिए प्रतिदिन उनका आशीर्वाद लेना चाहिए क्योंकि मां की आशीर्वाद से बड़ा कोई धन नहीं होता है. उन्हें भी उतना ही प्यार करना चाहिए जितना उन्होंने हमें किया था.

मां को हमारे से कुछ नहीं चाहिए ना उसे धन चाहिए ना उसे बड़ा मकान चाहिए उसे तो सिर्फ अपने बच्चों का प्यार चाहिए और खुशियां चाहिए.

इसलिए हमें हमेशा उनके प्रति कृतज्ञ रहना चाहिए और हर संभव सेवा करनी चाहिए मां वह अनमोल धन है जो कि अगर एक बार खो जाए तो जिंदगी में दोबारा कभी नहीं मिलता है.

उपसंहार –

मां के जितना त्यागी, साहसी, धैर्यवान, निडर, तपस्वी, परोपकारी, जीवनदायी कोई नहीं हो सकता है . मां ईश्वर का ही दूसरा स्वरूप है जिसने हमें पृथ्वी पर जीवन दिया है.

इस अमूल्य जीवन का हम कभी भी कर्ज अदा नहीं कर सकते हैं इसलिए जितनी हो सके उतनी मां की सेवा करनी चाहिए उन्हें हर वह खुशी देनी चाहिए जिसके लिए उन्होंने अपने जीवन को हमारे व्यक्तित्व को निखारने के लिए समर्पित कर दिया.

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30 thoughts on “माँ पर निबंध – Essay on Mother in Hindi”

Thank you hindi yatra for this legend essay.

Welcome Aarav Srivastava

what a good composition ! It is really very helpful!! Thank You!!!!!!!!!!!!!!!

Thank you Pracheta Das for appreciation

Hahta hu me ek choti si dunya ho Or jisme phle name meri maa ho

Shiv kashyap ji aap ne bahut accha likha hai.

It is a very nice essay and it helps me in my summer vacation homework…..I give this essay a five star rating…..I loved the essay very true and heartiest ♥️ lines have been written…..I loved it a lot… thanks for writing this type of good essay

Thank you Sandeep for appreciation and keep visiting hindi yatra.

thank you its very good for childern

Welcome sannvi and thank you for appreciation.

Yes it’s very much good for my dear mum

Thank you Krishna for appreciation.

Baht achha hai raise aur bhi nibandh mujhe chahiye

Sunny giri, Hame khushi hai ki aap ko nibandh pasnd aaya dhanyawad.

all best word of maa

Thank you kamlesh kumar deoria up for appreciation.

Like your essay very much one mistake in it but top essay like it very much . mother is nicely described in it.

Thank you Rohit Owandkar for appreciation.

All right…….

Thank you Mayank for appreciation.

Thanks for writing this type of good essay I Loved it alot😘

Welcome Ishika and thanks for appreciation.

please sir this essay send on my email. please sir and send my email

faizan sayyad, Aap yaha se copy kar sakte hai apne school project ke liye

Satik likha hai

Sarahna ke liye Dimple ji aap ka bhut bhut dhanyawad.

It is a very nice essay and it helps me in my summer vacation homework…..I give this essay a five star rating…..I loved the essay very true and heartiest ♥️ lines have been written…..I loved it a lot… thanks for writing this type of good essay

Shila Sarkar, We are grateful that you are like our content, thank you very much for the appreciation.

It is very nice essay an that’s line is very great thank u for write. This essay

Welcome Saniya, we glad you like our content.

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मेरी माँ पर निबंध

Essay on My Mother in Hindi: माँ का ख्याल आते ही दिल प्यार के समंदर में गोते खाने लगता है। आखिर हमने कितने वर्ष उसकी कोमल प्यार भरी बांहों में बिताये, उसने हमें 9 महीने अपनी कोख में रखा, 2 साल तक अपनी ममता भरी गोद में रखा और उम्र भर अपने दिल में रखा।

उसके रहते हुए हमें कभी कोई सांसारिक कष्ट महसूस नही हुए और ना हुई उसने हमें कभी किसी भयानक दर्द से गुजरने दिया। एक शायर ने भी क्या खूब कहा है “तुम्हारी जिंदगी में जरा भी तकलीफ़, गम और दर्द ना होता अगर तुम्हारा नसीब तुम्हारी माँ ने लिखा होता।”

Essay on My Mother in Hind

वैसे हमारे जीवन में बाप की अहमियत भी कम नही होती। क्योंकि वही हमें इस दुनिया से लड़ने के काबिल बनाता है।

मगर जितनी जरूरत माँ के प्यार की जीवन में होती है, उतनी शायद किसी और व्यक्ति की नही होती। मेरी बातों को वो लोग अच्छे से समझ सकते हैं, जो अपनी माँ को खो चुके हैं।

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मेरी माँ पर निबंध (Essay on My Mother in Hindi)

यहां पर हम अलग-अलग शब्द सीमा में मेरी माँ पर निबंध (meri maa essay in hindi) शेयर कर रहे हैं यह निबन्ध हर कक्षाओं के विद्यार्थियों के लिए मददगार है।

मेरी माँ पर निबंध 50 शब्दों में

मेरी जिंदगी की सबसे महत्वपूर्ण महिला मेरी प्यारी माँ हैं। वह स्वभाव से बहुत मेहनती और प्यार करने वाली है। मेरी माँ परिवार के हर सदस्य का अच्छे से ख्याल रखती है। वह सुबह-सुबह जल्दी उठ कर हम लोगों के लिए खाना तैयार करती है।

मेरे दिन की शुरूआत अक्सर मेरी माँ के साथ ही होती है, वो सुबह जल्दी उठ कर मुझे भी बिस्तर से जल्दी उठाती है। इसके बाद वह मुझे स्कूल के लिए तैयार करती है और बहुत ही स्वादिष्ट भोजन बनाती है।

इसके अलावा वह मेरा गृह कार्य करने में भी मदद करती है और वो मेरी सबसे अच्छी टीचर भी है। मैं अपनी माँ से बहुत प्यार करता हूँ और आशा करता हूँ कि मेरी माँ की उम्र बहुत लंबी हो।

मेरी माँ पर निबंध 100 शब्दों में

मेरे जीवन की सबसे प्रभावशाली व्यक्ति मेरी माँ है। इसलिए उनके प्रति मेरे दिल में बहुत प्रशंसा और इज़्ज़त है। वो मेरी जिंदगी की सबसे पहली और अच्छी टीचर है। वह मुझ से बहुत प्यार करती है और मेरी वजह से अपनी ख़ुशियों की कुर्बानी दे देती है। मेरी माँ अपने काम के प्रति बहुत समर्पित हैं और उनका मेहनती स्वभाव हमेशा मुझे बहुत लुभाता है।

मेरी माँ घर में सबसे पहले उठती है और हमेशा हमारे बिस्तर से उठने से पहले ही वो अपने काम-काज चालू कर देती है। मेरी माँ मेरे घर की प्रबंधक है।

वह हमारे घर की प्रत्येक चीज और जरूरत का बहुत ख्याल रखती है। वह हमारे घर के लिए स्वादिष्ट भोजन बनाती है, ख़रीददारी करती है और ईश्वर से हमारे लिए प्रार्थना भी करती है।

इसके साथ ही वो हमारी हर छोटी बड़ी ज़रूरतों का भी बखूबी ध्यान रखती हैं। मेरी माँ मुझे और मेरे भाई/बहन को भी पढ़ाती है और होम वर्क भी पूरा करने में भी मदद करती है। इन्ही सभी योगदानों के कारण मेरी माँ हमारे घर की रीढ़ की हड्डी है।

Essay on My Mother in Hindi

मेरी माँ पर निबंध 150 शब्दों में

माँ सबसे उपयुक्त शब्द है जो मैंने अब तक सीखा है। मेरी माँ मेरी जिंदगी में मेरे लिए सबसे प्रभावशाली व्यक्ति हैं। मेरी माँ ना केवल एक मेहनती व्यक्ति है बल्कि अपने काम के प्रति पूरी तरह समर्पित हैं।

वह सुबह सूरज के उगने से पहले उठ जाती हैं और अपने प्रतिदिन के कार्यों को करना शुरू कर देती है। मेरी माँ एक बहुत ही सुंदर और दयालु दिल वाली महिला है जो हमारे घर में प्रत्येक चीज का ध्यान रखती है।

मैं अपनी माँ की बहुत इज़्ज़त करता है क्योंकि उन्होने ना केवल मुझे किताबी ज्ञान को सीखने में मदद की। बल्कि अपने अनुभवों की सीख से मुझे सही-गलत का अंदर सिखा कर मुझे एक अच्छा इंसान बनने में भी मदद की।

वह हमारे लिए खाना बनाती है, सभी का ध्यान रखती और घर के लिए ख़रीददारी करती है। इसलिए वो ज्यादातर समय व्यस्त रहती है।

उन्हे जब खाली समय मिलता है तो वो मेरे साथ खेलती हैं, मेरा गृह कार्य करने में मदद करती है और दूसरी जरूरी कामों में भी मदद करती है।

मेरी माँ मुझे कई तरह की चीजें सीखने में भी मदद करती है इसलिए मैं अपनी माँ से बहुत प्रेम करता हूँ और ईश्वर से प्रार्थना करता हूँ कि उनकी उम्र हो।

Essay on My Mother in Hindi

मेरी माँ पर निबंध 200 शब्दों में

माँ एक ऐसा शब्द है जिसको शब्दों में व्यक्त नही किया जा सकता, मेरी माँ ही मेरे दिल के सबसे करीब है। उसी ने मेरी जिंदगी को एक सही आकार देने में मदद की है। मेरी माँ एक बहुत दयालु दिल की सुन्दर महिला है जिसने मेरा जिंदगी के हर मोड़ पर साथ दिया।

उनकी व्यस्त दिनचर्या सूरज के उगने से पहली ही शुरू हो जाती है वो हमारे लिए ना केवल खाना तैयार करती है। बल्कि मेरे हर कार्य में भी पूरी मदद करती है।

जब मुझे अध्ययन में कोई परेशानी पेश आती है तो मेरी माँ टीचर बन कर मेरी समस्याओं को सुलझाने में मदद करती है और जब मैं बोर हो जाता हूँ तो मेरी दोस्त बन कर मेरे साथ खेलती है।

वह हमारे घर में दूसरा रोल निभाती है और जब कोई हमारे परिवार में बीमार पड़ जाता है तो वो पूरी रात जाग कर उसका ख्याल रखती है। हमारे परिवार के लिए वो अपनी ख़ुशियों की भी कुर्बानी हस्ते-हस्ते दे सकती है।

वैसे स्वभाव से मेरी माँ बहुत मेहनत करनी करने वाली महिला है। वो सुबह से शाम तक घर के सभी जरूरी कामों को करती हैं। 

उन्होने जिंदगी के हर मोड़ पर मेरा मार्गदर्शन किया है। निविदा उम्र में, मेरे लिए यह तय करना बहुत मुश्किल था कि क्या सही है और क्या गलत मगर मेरी मां मेरे जीवन में सही रास्ता दिखाने के लिए हर समय मौजूद रही।

Essay on My Mother in Hindi

यह भी पढ़े: मेरे पिता पर निबंध

मेरी माँ पर निबंध 250 शब्दों में

मेरी माँ मेरे लिए सब कुछ है। मैं उसी के कारण इस सुंदर संसार को देख पा रहा हूँ। उसी के प्यार और दयालूता ने मुझे इतना बड़ा किया और एक बेहतर इंसान बनने में मदद किया।

मेरे अनुसार माँ दुनिया की सबसे भरोसेमंद शख्स होती है जिससे आप अपने दिल की हर बात साझा कर सकते हैं। मेरी माँ मेरी सबसे अच्छी दोस्त भी है।

मैं उसके साथ अपने सभी खूबसूरत लम्हे साझा कर सकता हूँ। मैंने अपने हर बुरे वक्त में अपनी माँ को सबसे करीब पाया। उसने मुझे उस बुरे समय में काफी सहारा भी दिया। इसलिए मेरे दिल में मेरी माँ के प्रति काफी प्रशंसा है।

मेरी माँ बहुत ज्यादा मेहनती है और अपने काम के प्रति पूरी तरह समर्पित रहती है। मैंने उन्ही से सीखा है कि कोशिश कभी बेकार नही जाती तथा मेहनत से ही सफलता आती है। वह पूरे दिन चेहरे पर हल्की मुस्कान के साथ काम करती रहती है।

वह ना केवल अच्छा एवं स्वादिष्ट खाना बनाती है बल्कि घर के हर सदस्य की अच्छे से देखभाल भी करती है। वह हमारे परिवार के लिए काफी अच्छे निर्णय भी लेती है। कई बार तो पिता जी भी माँ के पास सलाह लेने के लिए आते हैं। क्योंकि वो निर्णय लेने में बहुत निपुण है।

हमारे परिवार में कुल-मिला कर चार सदस्य हैं, मेरे पिता, मेरी माँ, मैं और मेरी छोटी बहन, हम सभी की देखभाल हमारी मां करती है। उन्होने मुझे जिंदगी के नैतिकता के बारे में भी बताया।

जब मैं कभी गृह अध्ययन करते समय किसी समस्या में फँस जाता हूँ तो माँ एक टीचर के रूप में मेरी समस्याओं को सुलझाने में मदद करती हैं। इसलिए वो हर समय व्यस्त ही रहती है।

मेरी माँ एक दयालु दिल की महिला है जिसके प्यार की छतरी हमेशा मेरे सर पर रही है और मैं इस बात को भी जानता हूँ कि इस संसार में मेैं माँ जैसे प्यार को कहीं और नही तलाश कर सकता।

हर बच्चा अपनी माँ से प्यार करता है मगर माँ की असली अहमियत वही जानता है जिसकी जिंदगी में माँ नही है। मैं अपनी जिंदगी में अपनी माँ को हर समय मुस्काराते हुए देखना चाहता हूँ।

मेरी माँ पर निबंध 300 शब्दों में

माँ बच्चे के मुँह से निकलने वाला पहला शब्द होता है। मेरे लिए माँ ईश्वर के द्वारा दिया गया सबसे अच्छा और किमती तोहफा है। अपनी माँ के प्यार और उसके दयालूता भरे चरित्र को शब्दों में व्यक्ति करना मेरे लिए बहुत मुश्किल है।

हर बच्चे के लिए उसकी माँ सबसे ज्यादा प्यार करने वाला और फिक्र करने वाला शख्य होती है। मुझे नही लगता कि कोई भी व्यक्ति माँ जैसे प्यार को कही और अनुभव कर सकता है। मेरी माँ में वो सभी काबिलियतें और गुण मौजूद है जो एक अच्छी माँ में होनी चाहिए।

मेरे परिवार में कुल 6 सदस्य है जिनमें मेरे दादा-दादी, मेरे माता-पिता और मैं तथा मेरी छोटी बहन है लेकिन केवल मेरी माँ के कारण ही हमारा घर एक और खुशहाल है।

वह सुबह जल्दी उठती है, उठने के बाद वो तैयार होती है और अपने प्रतिदिन के कार्य में जुट जाती है। वह हमारा पूरी तरह ख्याल रखती है और तरह-तरह के स्वादिष्ट खाद्य पदार्थ बनाती है। 

वो घर के हर सदस्य की पसंद और ना पसंद को काफी अच्छी तरह से जानती है और उन्हे यह भी पता रहता है कि कब मेरे दादा जी ने कितनी बार कौनसी दवा ली है। मेरे दादा जी मेरी माँ को घर का प्रबंधक कहते हैं। क्योंकि वो घर की हर चीज को प्रबंधित रखती हैं।

मैं अपनी मां की नैतिक शिक्षाओं के साथ बड़ा हुआ हूं। उन्होने मेरा जिंदगी के हर पड़ाव पर मार्गदर्शन किया है। वो मेरी भावनाओं को अच्छी तरह समझती हैं। उन्होने मुझे बुरे हालातों में हर बार सहारा दिया है और मुझे प्रेरित किया है।

मेरी माँ मुझे एक अनुशासित, समयनिष्ठ और भरोसेमंद व्यक्ति बनना सिखाती हैं। वह एक पेड़ की तरह है जो हमारे परिवार को अपने प्यार की छांव में रखती है। खैर वो बहुत सारा काम करती हैं मगर फिर भी वो एकदम शांत रहती हैं।

वह किसी भी बुरी परिस्थिति में अपना धैर्य नही खोती। मेरी माँ और मुझ में एक खास तरह का प्यार है और उन्होने मेरा हमेशा साथ दिया है। मैं भगवान से हमेशा दुआ करता हूँ कि मेरी माँ हमेशा स्वस्थ और खुश रहे।

मेरी माँ पर निबंध 600 शब्दों में

मां इस शब्द में कितना मिठास है। इस शब्द को पुकारते ही व्यक्ति का हर पीड़ा कम हो जाता है। मां भगवान से भी बड़ी होती है तभी तो व्यक्ति जब पीड़ा में होता है तो उसके मुख से सबसे पहले मां शब्द ही निकलता है। मां के द्वारा स्नेह और प्यार से हमारे ऊपर फेरे गए हाथ हमारी हर दर्द को कम कर देता है।

मेरी मां मेरी प्रेरणा है। मां मेरी प्रथम शिक्षक है, जिन्होंने मुझे बचपन से अच्छे संस्कार दिए जीवन में आगे बढ़ने की प्रेरणा दी दुख सह कर भी उन्होंने मेरे खुशी को हमेशा प्राथमिकता दिया है। स्वयं से पहले वह मेरे बारे में पूछती है। मां ही तो है, जो हर घड़ी मेरा हालचाल पूछते रहती है।

दुनिया में एक मां ही तो है, जो निस्वार्थ रूप से प्यार करती है। वह हमेशा हमारे लिए करते रहती है लेकिन कभी भी हमसे उसका मूल्य नहीं मांगती।

मां ने मुझे हमेशा से ही दूसरों के प्रति अच्छा व्यवहार रखना सिखाया है, अपने कार्य के प्रति ईमानदार रहना सिखाया है। यही कारण है कि आज मां के कारण ही में एक सफल व्यक्ति बन सका हूं।

मामत्व ना केवल इंसानों में बल्कि जानवरों में भी देखने को मिलती है। हर जीव की मां भगवान के समान होती है। भगवान ने ही तो हर जीव को उत्पन्न किया है। भगवान एक समय हर एक जीवो के पास उपस्थित नहीं रह सकते, इसीलिए तो उन्होंने मां को उत्पन्न किया और हर एक जीव को मां दिया जो अपने बच्चों का ख्याल रखती है।

मां के आश्रय में हर दुख दूर हो जाता है। एक स्त्री बेटी पुत्री, बहू ना जाने कितने ही रुप में रिश्ते निभाती है। लेकिन उनमें से सबसे ऊपर मां का पद होता है। दुनिया में मां का पेशा ऐसा है, जिसकी तुलना किसी से नहीं की जा सकती। मां का पद सबसे ज्यादा सम्मानीय होता है।

मां का पेशा सबसे बड़ा होता है, जिसकी कोई सैलरी निश्चित नहीं की जा सकती। मां के द्वारा दिए गए प्यार के लिए बच्चा अपने आप को भी समर्पित कर दें तो वह भी कम है। मां तो प्रेम और त्याग की मूर्ति है। मां चाहे तो अपने बच्चे की रक्षा के लिए बड़े से बड़े परेशानियों का भी सामना कर सकती हैं।

स्त्री होने के नाते उसके अंदर भले ही शक्ति हो या ना हो लेकिन मां के रूप में वह सर्वशक्तिमान होती है। मां शब्द के महत्व का अंदाजा ही नहीं लगाया जा सकता। सभी रिश्तो में मां का रिश्ता सबसे सर्वोपरि होता है।

मां पालनकर्ता भी होती है, मां शिक्षक भी होती है और मां शखा भी होती है। जरूरत पड़ने पर वह शिक्षक की तरह हमें शिक्षा देती है और सही मार्ग पर चलने के लिए प्रोत्साहित करती है।

वहीँ मुसीबत में दोस्त की तरह हमारे साथ खड़ी होती है और हमारे दुखों को कम करती है। खुद खाना भूल सकती है लेकिन अपने बच्चे को खिलाना कभी नहीं भूल सकती।

मां की ममता का कोई मोल नहीं चुका सकता। मां की ममता दुनिया की सबसे बड़ी कीमती वस्तु है और इसका महत्व वही समझ सकता है, जिसकी मां नहीं है।

एक बार ईश्वर हमसे नाराज हो सकते हैं लेकिन मां कभी भी हमसे नाराज नहीं हो सकती। मां के बिना तो जीवन की कल्पना ही नहीं की जा सकती। व्यक्ति कितना भी पूजा पाठ करें, वह चारों तीर्थ धाम क्यों ना चला जाए लेकिन जब तक वह मां का सम्मान नहीं करता तब तक यह हर चीज निरर्थक है।

भगवान गणेश अपने माता पिता भगवान शिव और पार्वती की परिक्रमा करके मानव जाति को इस बात का ज्ञान दिये कि दुनिया में सबसे बड़ा तीर्थ और पुण्य का काम मां बाप का सेवा करना ही होता है। मां के दिल दुखाने से बड़ा पाप जीवन में कुछ नहीं हो सकता।

इस पाप को व्यक्ति पवित्र नदियों में नहाकर या तीर्थ यात्रा करके नहीं धो सकता। बालक द्वारा की गई गलती पर जब तक मां क्षमा नहीं करती तब तक भगवान भी स्वयं उसके गलती के लिए क्षमा नहीं करते।

एक स्त्री दूसरी स्त्री या अन्य के प्रति ईर्ष्यालु हो सकती है, वह अन्य के प्रति दुष्ट हो सकती है लेकिन वह अपने बालक के प्रति कभी भी दुष्ट नहीं होती। इसीलिए हर एक बालक को चाहिए कि वह हमेशा ही अपने मां का सम्मान करें, कभी भी उनके दिल को ना दुखाए।

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मेरी माँ पर निबंध 1200 शब्दों में

दुनिया में हर शब्द का परिभाषा हो सकता है परंतु मां की परिभाषा देना बहुत कठिन है। क्योंकि इसकी एक परिभाषा नहीं बल्कि हजारों परिभाषा भी कम पड़ जाए। यह तो वह करुणा की मूर्ति है, जो अपने ममता से एक बालक के जीवन को हर खुशियों से भर देती है।

उसके लिए स्वयं से ज्यादा अपने बालक के जीवन का मोल होता है। तभी तो मां असहनीय पीड़ा सहने के बाद अपने बालक को जन्म देती है।

कहते हैं स्त्री कमजोर होती है लेकिन स्त्री से बड़ा शक्तिशाली और सहनशीलता कोई नहीं होता। मां के रूप में एक मां जितना दर्द सहती है, उतने दर्द से तो एक चट्टान भी फट जाए।

एक मां का समाज और राष्ट्र के विकास में महत्वपूर्ण योगदान होता है। क्योंकि मां चाहे तो अपने बालक को बिगाड़ भी सकती है और मां चाहे तो अपने बालक को महान व्यक्ति भी बना सकती है।

हर मां यही चाहती है, उसका बालक जीवन में महान व्यक्ति बने, वह एक प्रभावशाली व्यक्तित्व बनाने में सफल हो सके। हालांकि एक बालक के जीवन में शिक्षक का काफी महत्व होता है सफलता पाने में।

लेकिन मां बच्चे की प्रथम शिक्षक होती है और जिंदगी भर वह शिक्षक की तरह अपने बच्चे को सही गलत का फर्क सिखाते हुए हर एक कठिन मार्ग पर उसे मार्गदर्शित करती है।

मां के मार्गदर्शन पर बालक कभी भी असफल नहीं हो सकता। हर एक व्यक्ति और जीव का अस्तित्व मां से जुड़ा हुआ है। भगवान ने मां के जरिए ही इस सृष्टि की रचना की है। मां को सम्मानित करने के लिए ही मदर डे मनाया जाता है।

लेकिन मां के सम्मान के लिए केवल एक विशेष दिन नहीं होना चाहिए बल्कि हर दिन हर पल मां को समर्पित होना चाहिए। क्योंकि मां के कारण ही तो यह जीवन है।

तो फिर मां के लिए किसी एक विशेष दिन को कैसे समर्पित कर सकते हैं, मां के लिए तो पूरा जीवन ही समर्पित है। इसीलिए जो व्यक्ति मदर डे को अपनी मां के लिए कुछ खास करते हैं, उन्हें हमेशा ही अपने मां को सम्मान देना चाहिए।

क्योंकि मां कभी भी अपने बच्चे को किसी एक विशेष दिन को प्यार या स्नेह नहीं देती बल्कि वह जिंदगी भर अपने बालक को प्यार और स्नेह देती है।

हमारे जीवन में कई रिश्ते होते हैं और हर रिश्ते में किसी गलतफहमी से कभी ना कभी दरार आ सकती है, हर रिश्ता जरूरत के समय धोखा दे सकता है। लेकिन मां के साथ का रिश्ता भगवान भी नहीं तोड़ सकता।

दुनिया आप पर विश्वास करें या ना करें लेकिन मां आप पर हमेशा विश्वास करती है। क्योंकि एक मां को अपने लालन-पालन पर पूरा विश्वास होता है। वह जानती है कि उसने अपने बालक को जो शिक्षा और संस्कार दिया है, उसके विपरित उसका बालक कुछ नहीं कर सकता।

मैं अपने मां के लिए जितना बोलू उतना ही कम है। आज भी जब किसी समस्या में रहता हूं तो सबसे पहले मां का ही विचार आता है। वह पल याद आ जाता है जब मां मेरे चेहरे को देख कर समझ जाती थी कि मैं किसी परेशानी में हूं।

ना जाने उनके पास कैसी कला थी, जिससे उन्हें पता चल जाता था कि मैं दुखी हूं और मुझे देख वह भी दुखी रहती थी। जब तक मैं खा नहीं लेता था तब तक वह भी नहीं खाती थी।

आज भी जब काम से घर लेट जाता हूं तो घर का हर सदस्य सो जाता है। लेकिन मां ही तो होती है, जिसका ध्यान दरवाजे पर रहता है कि कब उसका बेटा आएगा। घर पहुंचते ही सबसे पहले वही उठती है और खाने का पूछती है।

मेरे इंतजार में वह भी भूखी रहती है। उस पल को याद करके बहुत ज्यादा मां के प्रति प्यार उमड आता है जब बिमार पडा करता था तो मां रात भर बगल में बेठी मेरे सिर को फेरते रहती थी।

जब तक मैं ठीक ना हो जाता था तब तक उन्हें भी नींद नहीं आती थी। आज भी मां भगवान के सामने बस मेरी ही खुशी की प्रार्थना करती है।

मां अक्सर पूछा करती थी कि जब कमाने लगूंगा तब मां के लिए साड़ी लाऊंगा कि नहीं। मैंने तो उसी दिन ठान लिया था कि जब हाथ में पहली कमाई आएगी तो पूरी की पूरी कमाई मां के हाथ में धर दूंगा।

आज भी मुझे किसी जगह इतनी सुकून और शांति नहीं मिलती जितना मां के गोद में लेट कर मिलता है। उनके हाथों में न जाने कैसा जादू है, जिससे उनके हाथ फैराते ही मेरी सारी थकान दूर हो जाती है।

मुझे आज भी वह दिन याद है जब स्कूल के सभी बच्चे पिकनिक पर जा रहे थे लेकिन पिकनिक की फीस अधिक होने के कारण मुझे पिताजी को बोलने में संकोच हो रहा था फिर भी मैंने हिम्मत जुटाकर पिताजी को पिकनिक जाने की बात कही।

लेकिन उन्होंने यह बात कह कर मना कर दिया कि अभी उनके पास पैसे नहीं है। लेकिन मां को मेरे चेहरे की उदासी दिखी गई। दूसरे दिन मां स्कूल जाकर पिकनिक फीस जमा कर आई, जिसे उन्होंने लंबे समय तक जमा करके रखा था।

ताकि मैं पिकनिक जा सकूं और मेरे चेहरे पर दुबारा मुस्कान आ जाए। उस दिन मुझे एहसास हुआ कि मां को अपने बच्चे की खुशी से ज्यादा कुछ नहीं चाहिए होता है।

वह तो अपने बच्चे की खुशी के लिए दुनिया का हर धन दौलत भी कुर्बान कर देगी, उसे बस प्यार के बदले में प्यार ही चाहिए। वह अपने बच्चे को जीवन में बड़ा आदमी बनने की कल्पना तो जरूर करती है।

लेकिन वह कभी भी अपने स्वार्थ के लिए अपने बच्चे को सफलता दिलाने का नहीं सोचती बल्कि उसके मन में तो केवल अपने बच्चे की खुशी ही मात्र रहती हैं।

मुझे बहुत दुख होता है, उन लोगों का सोच कर जो अपने माता-पिता को बुढ़ापे में बेसहारा छोड़ देते हैं। जिस माता-पिता ने अपना पूरा जीवन अपने बच्चे को समर्पित कर दिया, वही मां-बाप बुढ़ापे में उस बच्चे के लिए बोझ बन जाते हैं। कितनी शर्म की बात है। मेरे अनुसार तो दुनिया में वृद्धाश्रम ही नहीं होना चाहिए।

क्या हर मां अपने बच्चे को यही उम्मीद से सब दुख दर्द साहकर अपने बच्चों को पालती है कि यह बच्चा बड़ा होकर मुझे वृद्धाश्रम में छोड़ देगा। कोई भी मां अपने बच्चे से यह कभी भी उम्मीद नहीं करती है।

यहां तक कि जो बच्चे अपने मां को बुढ़ापे में वृद्ध आश्रम में छोड़ देते हैं, उस वक्त भी मां के दिल से अपने बच्चे के लिए दुआ ही निकलता है।

बच्चा अपनी मां के साथ कितना ही गलत क्यों ना करें लेकिन मां अपने बच्चे के लिए कभी भी गलत नहीं करती। तभी तो मां को भगवान से भी बड़ा माना जाता है।

आज मुझे बहुत खुशी हुई मेरी मां के बारे में लिखकर। हालांकि मैंने मां के बारे में जितना भी लिखा कम ही है क्योंकि मां के बारे में कोई भी कभी कुछ पूरा नहीं लिख सकता।

जब भी आप कभी माँ के ऊपर कोई श्रेष्ठ निबंध लिखना चाहते हो तो आंखे बंद कर के अपनी माँ के सच्चे प्यार को महसूस करिये और दिल में जो विचार आए, उसे कलम के द्वारा कागज पर व्यक्त कर दिये। फिर जो लेख ऊभर कर आएग वो लोगों के दिल और दिमाग को पूरी तरह जीत लेगा।

तो इस तरह आप कुछ ही समय में एक अच्छा निबंध तैयार कर सकते हैं या फिर ऊपर दिये गए निंबधों में से अपनी जरूरत के हिसाब से कोई भी निबंध चुन सकते हैं।

इस लेख में हमारे जीवन के सबसे कीमती और प्यारे व्यक्ति यानी मेरी मां पर मेरी माँ हिंदी निबंध (essay on mother in hindi) के द्वारा बताया।

हम उम्मीद करते हैं कि आपको हमारा ये आर्टिकल पसंद आया होगा। अगर पसंद आया तो कृपया इस लेख को अपने दोस्तों एवं प्रियजनों के साथ शेयर करना ना भूलें और यदि आपका कोई सवाल है या फिर कोई सुझाव है तो हमें कमेंट के माध्यम से जरूर बताए।

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Essay on Mother in Hindi : स्टूडेंट्स के लिए 150, 300 और 700 शब्दों में माँ पर निबंध

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  • Updated on  
  • सितम्बर 6, 2023

Essay on Mother in Hindi

माँ शब्द बहुत ही छोटा शब्द है, लेकिन इसकी गहराई को कोई नहीं माप सकता है। माँ कोई कुछ शब्दों में व्यक्त नहीं किया जा सकता है। मां के लिए हर एक व्यक्ति की अपनी परिभाषा है। माँ को हम भगवान के रूप में भी देखते है, या कहे वो भगवान का ही एक रूप है। माँ आप पर आयी हर परेशानी को चुटकियों में एक जादू की तरह दूर करने वाली जादूगर होती है। माँ हमारी सबसे पहली गुरु होती है, माँ जो कुछ भी शती है वो अपने बच्चों तक नहीं आने देती है। माँ की जगह कोई नहीं ले सकता। हम जब स्कूल में पढतेहै तो बहुत सी कबिता कहानिया माँ से संबंधित पढ़ने को मिलती है। और कभी कभी बच्चों से माँ पर निबंध लिखने को भी खा जाता है। तो ऐसे में बच्चों को कभी कभी समझ नहीं आता की वो शुरुआत किसे करें या क्या लिखे, इसे देखते हुए आज हम इस ब्लॉग में माँ पर निबंध लिख रहे हैं, Essay on Mother in Hindi अंत तक पढ़े। 

Essay on Mother in Hindi : माँ पर निबंध (150 शब्द) 

150 शब्दों में Essay on Mother in Hindi सैंपल नीचे प्रस्तुत है। 

माँ उस को कहा जाता है जो जीवन भर अपने बच्चों की भलाई, वृद्धि, विकास और कल्याण के लिए हमेशा त्याग करती है और अपने बच्चों को प्राथमिकता देती है। एक माँ न केवल एक बच्चों को जन्म देती है बल्कि उसे प्यार करने, देखभाल करने और बिना किसी शर्त के खुद को आजीवन समर्पण करने को तैयार रखती है।

हर व्यक्ति के जीवन में माँ एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है, क्योंकि वह सिर्फ अपने बच्चों को प्यार, दुलार करती है। बल्कि वह एक रक्षक, मित्र और साथ ही एक अनुशासन की भूमिका भी निभाती है। माँ एक निस्वार्थ, प्यार करने वाली देवी होती है, जिसके लिए त्याग और प्यार की कोई सीमा नहीं होती है। मेरी माँ मेरे दिल में एक विशेष स्थान रखती हैं। मेरे माँ ने मेरे लिए जो भी समर्पण किये है, मैं कितना भी कर लू उसके इस कर्ज को कभी नहीं चुकाने लायक बन सकता हूँ।  

Essay on Mother in Hindi

Essay on Mother in Hindi : माँ पर निबंध (300 शब्द) 

300 शब्दों Essay on Mother in Hindi कुछ इस प्रकार है –

परिचय 

माँ जिसे मैं दुनिया के हर इंसान से सबसे ऊपर रखता हूँ। क्योंकि बचपन से ही ‘एक माँ की गोद किसी भी अन्य की तुलना में अधिक आरामदायक होती है’, मैं हर एक परिस्थिति मानता हूँ। मेरी माँ एक निस्वार्थ, समर्पित और प्यार करने वाली महिला का एक आदर्श उदाहरण हैं। वह सबसे मजबूत है और मेरे परिवार और मेरी खुशियों के लिए किसी भी हद तक खुद को समर्पित करती है।

माँ की अनमोल ममता और साथ 

मेरी माँ निरंतर समर्थन और जीवन में आने वाले हर उतार-चढ़ाव के दौरान मेरे साथ खड़ी रहीं। मैंने अक्सर बीमारी और अन्य बुरे दिनों में मेरी देखभाल करते हुए रातों की नींद को उसे खरब करते देखा है। मेरी माँ मेरी पहली शिक्षिका थीं जिन्होंने मुझे जीवन के हर कदम पर सिखाया और परिवार, समाज और बड़ों का आदर करना सिखया। उन्होंने कभी गलत के आगे न झुकना और गलती पर पहले आगे आकर माफ़ी माँगना सिखाया। जब मैं किसी चीज को लेकर बहुत परेशान हुआ तो उसने धैर्य रखना सिखाया। परिवार में मेरी माँ का योगदान मुझे हमेशा सही रास्ते पर चलते रहने के लिए प्रेरित करता है। मई अपनी माँ को एक जादूगर कहता हूँ, जो मेरे और मेरे परिवार के सभी दुखों को दूर कर देती हैं और बहुत सरे प्यार और देखभाल प्रदान करती हैं।

निष्कर्ष 

मेरी माँ मेरी सबसे बड़ी प्रेरणा हैं जिन्होंने मुझे जीवन की सभी कठिनाइयों को पार करके अपने लक्ष्य हासिल करने, और बहादुर बनने की सीख दी। माँ ने हर पल मेरा ख्याल रखा है और वह मेरे जीवन का सबसे बड़ा आशीर्वाद है। माँ की भूमिका हमारे जीवन का सबसे अलग और सबसे अनमोल पल होता है। मेरी माँ एक सरल, विनम्र और जमीन से जुड़ी इंसान हैं। जो मुझे जीवन की सबसे कठिन चुनौतियों का सामना करना सिखाती है। माँ की भूमिका हर व्यक्ति के जीवन में अहम है। 

Essay on Mother in Hindi : माँ पर निबंध (700 शब्द)

आइये देखते हैं माँ पर निबंध 700 शब्दों में –

माँ एक परिवार में सबसे महत्वपूर्ण व्यक्ति है क्योंकि वह सभी के बीच की एक महत्वपूर्ण कड़ी होती है। वह परिवार की छोटी-छोटी जरूरतों को लेकर भी लगातार चिंतित रहती हैं। मेरा मानना है की भगवान यदि इस धरती पर अब तक जो भी सबसे बेहतरीन मनुष्य बनाया है, वह मां के रूप में है, क्योंकि वह बिना किसी शर्त के अपने बच्चों और परिवार को प्यार करती है।

माँ में है जीवन का महत्व

“माँ” सिर्फ एक शब्द नहीं है यह अपने आप में एक एहसास और प्यार है, जब हम माँ कहते हैं, तो हमारी कई समस्याएं कोई चमत्कार की तरह दूर हो जाती हैं। माँ एक पल के लिए भी निराश हुए बिना हमेशा खुश रखती है। माँ के बिना हम अपने जीवन की कल्पना भी नहीं कर सकते। माँ महत्व बचपन से बड़े होने तक रहता है, हम कितने भी बड़े हो जाये पर अपनी माँ के लिए हमेशा बच्चे ही रहते हैं। जैसे बचपन में 1 मिनट भी हम अपनी माँ से दूर होने से डरते थे वैसे ही जब हम बड़े हो जाते है तो माँ भी अपने बच्चों को खुद से दूर होने से डरती है। वो परियों की काल्पनिक कहानियां आज भी दिल को सुकून देती है। बचपन में चोट लगने पर वो झूठी भांप की पट्टी से सारा दर्द ठीक हो जाया करता था।  

जीवन की पहली टीचर माँ 

माँ हमें जितना प्यार करती है, उतना ही माँ हमें जीवन के हर उतार-चढ़ाव में आगये बढ़ने की प्रेरणा भी देती है। माँ ही अपने बच्चों को बहुत करीब और गहराई से जानती हैं। माँ की जरूरत हमें हमेशा होती है, इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि हम जीवन में कहाँ हैं, चाहे वे स्कूल जाना शुरू कर रहे हों, विदेश जाने की सोच रहे हों या जिंदगी में किसी बड़ी कठिनाईयों से गुजर रहे हों, हमें हमेशा अपनी माँ की मदद की ज़रूरत होती है। माँ अपने बच्चों को स्कूल जाने से पहले ही एक टीचर की तरह सिख देती है। बच्चे अपनी माँ से जो सीखते हैं वो शिक्षा उन्हें कोई नहीं दे सकता है। इस लिए हमेशा मन जाता है, की एक माँ बच्चे की पहली शिक्षिका होती है। 

सुपरवुमन होती है माँ 

माँ सिर्फ अपने बच्चों नहीं बल्कि पूरे परिवार को बहुत सहजता से संभालती है। वो घर के कामों के साथ बाहर की भी चीजों में हाथ बटाती है। जब इस दुनिया में प्यार, ईमानदारी और सच्चाई के बारे में सोचते हैं, तो सबसे पहले मां का चेहरा सामने होता है। माँ हमेशा मेरे लिए प्रेरणा का स्रोत रहती हैं। मेरे जीवन में अगर किसी इंसान की महत्वपूर्ण भूमिका है वो सिर्फ मेरी माँ की है। वह मेरे घर में हर सुबह उठने वाली पहली शख्स होती हैं। 

उसके बाद, वह बच्चों को स्कूल के लिए तैयार करती है। फिर वह हमारे और पापा के लिए स्वादिष्ट नाश्ता और दोपहर का खाना तैयार करती है, और हर दिन कुछ नया खाना हम सभी के लिए बनाती है। वह हमारे स्कूल के काम और पढ़ाई में हमारी मदद करती है। जब हममें से कोई बीमार हो जाता है तो वह ही हमारी चिंता में रात भर जागती रहती है। वह हमेशा हमारी भलाई, खास कर हमारी स्कूली शिक्षा और स्वास्थ्य के बारे में अत्यधिक चिंतित रहती हैं। जब हमें कोई चीज खाने की इच्छा होती है तो वो बिना आलास किये हमारे लिए तुरंत उसे बनती है, कभी कभी तो वो खुद भूखी सो जाती है, लेकिन कभी ये नहीं कहती कि आज ये चीज नहीं है। उसके जैसा त्याग कोई नहीं कर सकता है। 

हम जैसे जैसे बड़े होते हैं एक माँ की चिंता और अधिक बढ़ने लगती है, उसकी चिंता अपने बच्चों के करियर, स्वस्थ और दूर जाने के लिए होती है। जो माँ अपने बचों को एक पल दूर नहीं क्र सकती बड़े होते उसके बचे पढ़ाई और कमाने के लिए उससे दूर हो जाते हैं। हम कितने भी बड़े क्यों न हो जाये पर अपनी माँ को स्मेशा  वही प्यार और सामान देना चाहिए और कभी ये नहीं भूलना चाहिए उसने हमारे जीवन के लिए क्या क्या त्याग किये हैं।   

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मेरी माँ पर 10 लाइन 

मेरी माँ पर 10 लाइन्स कुछ इस प्रकार हैं –

  • मेरी माँ मुझसे बहुत प्यार करती है।
  • बच्चे की पहली गुरु माँ ही होती है, बचपन में माँ द्वारा सिखाई गई हर बातों के अनुसार ही बच्चे को संस्कार मिलते हैं।
  • माँ ही बच्चे की पहली और सबसे अच्छी दोस्त होती है, जिससे हम बिना किसी झिझक के अपने दिल की हर बात बता देते हैं।
  • मां महेश परिवार का पूरा ख्याल रखती हैं, वह हमेशा परिवार की खुशियों के बारे में सोचती हैं।
  • माँ सुबह 4 बजे उठ जाती है और घर का सारा काम करती है।
  • माँ मुझे स्कूल के लिए तैयार करती है और फिर मुझे स्कूल छोड़ती है।
  • हर रविवार मेरी माँ मेरे लिए मेरा पसंदीदा खाना बनाकर मुझे खिलाती है।
  • मेरी माँ मुझे अच्छी बातें सिखाती है, जब भी कोई समस्या होती है तो मेरी माँ मुझे अच्छी सलाह देती है।
  • मेरी माँ मुझे हर शाम पढ़ाती है और मेरा होमवर्क पूरा करने में मदद करती है।
  • मेरी माँ सुबह से शाम तक घर का काम करती है और पूरे परिवार की देखभाल करती है, इतना काम करने के बाद भी वह अपनी समस्याएँ किसी को नहीं बताती।

आशा है आपको ये Essay on Mother in Hindi का ब्लॉग पसंद आया होगा और इससे जुड़ी महत्वपूर्ण आपको मिली होगी। इसी तरह के अन्य निबंध से सम्बंधित ब्लॉग्स पढ़ने के लिए Leverage Edu के साथ बने रहें।

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सीखने का नया ठिकाना स्टडी अब्रॉड प्लेटफॉर्म Leverage Eud. जया त्रिपाठी, Leverage Eud हिंदी में एसोसिएट कंटेंट राइटर के तौर पर कार्यरत हैं। 2016 से मैंने अपनी पत्रकारिता का सफर अमर उजाला डॉट कॉम के साथ शुरू किया। प्रिंट और डिजिटल पत्रकारिता में 6 -7 सालों का अनुभव है। एजुकेशन, एस्ट्रोलॉजी और अन्य विषयों पर लेखन में रुचि है। अपनी पत्रकारिता के अनुभव के साथ, मैं टॉपर इंटरव्यू पर काम करती जा रही हूँ। खबरों के अलावा फैमली के साथ क्वालिटी टाइम बिताना और घूमना काफी पसंद है।

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मेरी माँ पर निबंध | Essay on Mother in Hindi

Essay on Mother in Hindi : आज हम यहाँ  मेरी माँ पर निबंध  आपके लिए लिखा हैं. हर इंसान के जीवन में माँ का अहम योगदान होता हैं.

चाहकर भी माँ के ऋण की अदायगी एक जन्म में नहीं की जा सकती हैं. हमें इस दुनियां में लाने तथा संसार से परिचय माँ ही कराती हैं. अपनी माँ को समर्पित यह निबंध पढ़िये.

मेरी माँ पर निबंध Short Essay on Mother in Hindi

मेरी माँ पर निबंध | Essay on Mother in Hindi

कक्षा 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10 और 12 के लिए यहाँ हम Essay on Mother in Hindi साझा कर रहे हैं. बच्चे इस निबंध की मदद से माँ पर कुछ अनुच्छेद निबंध इत्यादि लिख सकेगे. चलिए अब हम 100, 250, 500 or 1000 में निबंध जानते हैं.

10 Lines दस वाक्य

(1) मैं अपनी माँ को ईश्वर का उपहार मानता हूँ.

(2) मां ही वह जीवात्मा हैं जो हर समय अपनी सन्तान की फ़िक्र में रहती हैं.

(3) मेरी माँ हमेशा मेरा हाथ बंटाने का प्रयत्न करती हैं.

(4) वह दिन के तीनों वक्त परिवार के सभी लोगों के लिए भोजन तैयार करती हैं.

(5) मेरी मां मेरे घर के प्रत्येक सदस्य का ख्याल करती है तथा उन्हें सम्मान देती हैं.

(6) जीवन में क्या गलत हैं क्या सही इसकी परख माँ ही सिखलाती हैं.

(7) बिना शर्त मेरी माँ स्वयं खुश रहकर पूरे परिवार को खुश रखती हैं.

(8) हमारे घर आने वाले प्रत्येक मेहमान की खातिरदारी करती हैं.

(9) आज की माताएं नौकरी करके भी संतानों का पेट भरने के काबिल हैं.

(10) मेरी माताजी सह्रदय दयालु एवं धार्मिक विचारों की हैं वह मुशीबत में सबका साथ देती हैं.

100 words Essay On My Mother In English Language

mother is an important member of the family. my mother is a noble lady. her name is Mrs. Sudha she is a pious lady. she is b.a, b.e.d. she is a teacher. she is a religious lady. she says the prayer to god every day.

she cooks meals, washes clothes, and brings us up. she is active in her habits. he has a deep love for us. she is a kind lady. she believes in giving alms to the poor. she tells us stories from the Ramayana and Mahabharat.

we respect our mother. we feel her absence when she is out of the station. I am proud of my mother. may she live long?

मेरी माँ पर निबंध (100 शब्द)

मां परिवार का एक महत्वपूर्ण सदस्य है। मेरी मां एक महान महिला है। उसका नाम श्रीमती सुधा है वह पवित्र दिल की महिला है। मेरी माँ बी.ए., बी.ई., विद्यालय शिक्षक है। वह एक धार्मिक महिला है। वह हर दिन भगवान से प्रार्थना करती है।

वह भोजन बनाती है, कपड़े धोती है और हमें जगाती है। वह अपने कामकाज में हर वक्त व्यस्त रहती है। उनके दिल में सभी सदस्यों के लिए गहरा प्यार है। वह एक दयालु महिला है। वह गरीबों को दान देने में विश्वास करती है। वह हमें रामायण और महाभारत की कहानियां सुनाती है।

हम अपनी मां का सम्मान करते हैं। जब वह कभी घर से बाहर होती है तो हम उसकी अनुपस्थिति महसूस करते हैं। मुझे मेरी मां पर गर्व है। भगवान उनका आसरा सदा हम पर बनाए रखे.

Short Essay on Mother in Hindi 150 words

मेरी प्यारी माँ ‘मेरे जीवन का सबसे अहम है। वह हमारे लिए सब कुछ करती है। वह बहुत ही दयालु एवं ध्यान रखने वाली हैं. मेरी मां एक गृहिणी है वह उन लोगों में से एक हैं जिन्हें मैं सबसे ज्यादा सम्मान और प्यार करता हूं।

दिनभर काम में व्यस्त रहने के उपरान्त भी वह मेरे लिए वक्त निकाल कर पढ़ाई में मेरी मदद करती हैं वे हमारे साथ खेलती हैं वह संघर्षशील महिला हैं तथा मैंने अपनी माँ को कभी धैर्य खोते हुए नहीं देखा हैं. वह स्वयं पर भरोसा कर मुसीबत से लड़ने में विश्वास करती हैं.

माँ की दी यह सीख मुझे जीवन में बहुत काम आती हैं वाकई में परेशानी आने पर हथियार डाल देने की बजाय उससे लड़कर पार पाने में संतुष्टि मिलती हैं वह किसी और में नहीं हैं. हमें अपनी माँ को प्यार करना चाहिए तथा वृद्धावस्था में अपने माता पिता का ध्यान रखना एक सन्तान का दायित्व हैं.

Best Essay on Mother in Hindi 250 words

मुझे अच्छी तरह याद हैं, जब मैं अपनी माँ का हाथ पकड़कर उन्हें वैष्णो देवी की चढ़ाई पर ले गया था. तब मेरी उम्रः मात्र छः वर्ष की थी. मुझे वो दिन भी याद हैं, जब मेरे पिताजी मुझे अपने कंधे पर बिठाकर मेला दिखाने ले गये थे और मैंने झुला झुलाया था. तथा गुब्बारा भी दिलाया था.

मेरे माता-पिता मुझे बहुत प्यार करते हैं, जब मैं बीमार पड़ जाता तो माँ पिताजी दोनों रात रात जागते थे. तेज बुखार होने पर माँ मेरे माथे पर पानी में भिगोकर पट्टी बांधते थे तो माँ अपने पल्लू से मेरे हाथ व पैर के पजों को झाडती रहती थी ताकि मेरा बुखार जल्दी से उतर जाए.

मेरे ह्रदय में मेरे माता पिता के प्रति असीम आदर हैं. मैं नित्य सुबह उठकर अपने माता पिता के चरण स्पर्श करता हूँ. फिर वे मुझे आशीर्वाद देते हैं. मैं सोचता हूँ कि मेरे माता पिता की छत्रछाया मुझ पर सदैव बनी रहे.

ताकि मुझे हमेशा उनका आशीर्वाद और लाड दुलार मिलता रहे. मेरे मम्मी पापा मेरे लिए सब कुछ त्याग करने के लिए सदैव तत्पर रहते हैं और मैं भी उनकी हरेक इच्छा पूरी करने के लिए हमेशा तैयार रहता हूँ. मेरे आदरणीय माता पिता दुनियां के सबसे अच्छे माता पिता हैं.

Meri Maa Par Nibandh 500 Word

वैसे तो लोग कहते हैं कि नारी अबला होती है परंतु मेरी नजर में नारी अबला नहीं बल्कि बहुत ही शक्तिशाली होती है क्योंकि जो लोग नारी को अबला और कमजोर समझते हैं वह लोग नारी से ही पैदा होते हैं। नारी एक ऐसी शक्ति होती है जो एक नए जीव को इस धरती पर पैदा करती है।नारी को हम बहन, मां,पत्नी के रूप में जानते हैं।

मेरी मां भी एक नारी है, स्त्री है जो कमजोर नहीं है। हम अपनी मां को किसी भी प्रकार से कमजोर नहीं मान सकते क्योंकि एक मां अपने बच्चे पर संकट आने पर भगवान से भी लड़ सकती है।

मेरी मां का नाम सुनीता देवी है जो बहुत ही प्यारी है।जब हम आराम से सुबह सोते होते हैं,तो मेरी मां सबसे पहले हमारे घर में उठ जाती है और घर में सबसे पहले उठने के बाद वह पूरे घर की साफ सफाई करती है।

उसके बाद स्नान करती है और फिर भगवान की पूजा करती है और जब हम स्कूल जाने के लिए तैयार होते हैं तब वह स्कूल जाने के लिए तैयार होने में हमारी सहायता करती है और स्कूल ले जाने के लिए हमें टिफीन भी बना कर देती है।

मेरी मां मेरे पिताजी के अलावा मेरे दादा दादी की भी पूरी देखभाल करती है और उनकी हर सुख सुविधा का ख्याल रखती है। मेरी दादी कहती है कि मेरी मां उनकी सबसे पसंदीदा बहू है। मैं खुद भी अपनी मां की सारी बातें मानता हूं और वह भी मेरी सारी बातें मानती है।

अच्छी पढ़ी-लिखी होने के कारण मेरी मां घर का काम निपटाने के बाद नौकरी करने के लिए भी जाती है और वह घर के काम और ऑफिस के काम में अच्छा सामंजस्य बैठाकर चलती है।

मेरी मां का स्वभाव बहुत ही मिलनसार और हंसमुख है, इसीलिए हर कोई उनकी तरफ स्वाभाविक तौर पर अट्रैक्ट होने लगता है।

मेरी मां अपने काम को पूरी जिम्मेदारी के साथ निभाती है,इसीलिए ऑफिस में हर कोई उनकी तारीफ करता है। मेरी मां सिर्फ मेरी मां ही नहीं बल्कि वह मेरी सबसे अच्छी दोस्त भी है।

अगर मुझसे किसी भी प्रकार की गलती हो जाती है तो मेरी मां मुझे मारती नहीं है बल्कि मुझे प्यार से समझाती है। 

जब मैं कभी दुखी हो जाता हूं तो बिना कुछ कहे ही मेरी मां को मेरे दुख के बारे में पता चल जाता है क्योंकि मां आखिर मां होती है और मां से ज्यादा अपनी संतान का दुख और कौन समझ सकता है।

जब मेरी मां मुझे प्यार से समझाती है,तब मैं अपने सारे दुख भूल जाता हूं और फिर से मेरे चेहरे पर मुस्कान आ जाती है।

मेरी मां हमेशा मुझे और सभी बच्चों को अच्छी अच्छी बातें बताती हैं और वह कभी भी किसी बच्चे के बारे में कोई भी बुरी बात ना तो कहती हैं ना हीं सुनती है।

मेरी मां मेरे लिए एक आदर्श व्यक्ति है। वह हमें जिंदगी में आगे बढ़ने की प्रेरणा देती है,साथ ही जिंदगी में कभी भी किसी के साथ छल कपट ना करने के लिए भी कहती है और हमेशा हमें सही रास्ते पर चलने के लिए कहती हैं।

मैं अपनी मां से बहुत ज्यादा प्यार करता हूं और मैं भगवान का इस बात के लिए शुक्रिया अदा करना चाहता हूं कि उन्होंने मुझे इतनी अच्छी मा‌ दी।

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माँ पर निबंध 500 शब्दों में | My Mother Essay in Hindi

  • by Rohit Soni
  • Essay , Education

मेरी माँ पर निबंध 500 शब्दों में (My Mother Essay in Hindi) और माँ पर निबंध 10 लाइन में पढ़िए।

” चलती फिरती आंखों से, अजाँ देखी है, मैंने जन्नत तो नहीं देखी, लेकिन माँ देखी है। “

Table of Contents

माँ पर निबंध 10 लाइन – My Mother Essay in Hindi 10 lines

  • माँ अपने बच्चों से बहुत ज्यादा प्यार करती हैं।
  • माँ हमारी प्रथम गुरु भी होती है।
  • माँ की आंचल में रहकर हम चलना और बोलना सीखते है।
  • जब हमें नींद नहीं आती तो माँ हमें लोरी सुना कर सुलाती है।
  • माँ खुद भूखी रह सकती है परन्तु अपने बच्चों को कभी भूखा नहीं रखती है।
  • माँ अपने बच्चों की देखभाल बहुत ज्यादा करती है।
  • माँ की ममता का कोई भी मोल नहीं है।
  • माँ की ममता से भगवान भी छोटे है।
  • हमें अपने माता पिता को खूब सेवा करनी चाहिए।

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My Mother Essay in Hindi – माँ पर निबंध 500 शब्दों में

माँ पर निबंध 500 शब्दों में | My Mother Essay in Hindi (meri maa essay in hindi)

“माँ” केवल शब्द मात्र नहीं है अपितु इसमें पूरा संसार समाहित है। माँ की जितनी के बारे जितनी भी व्याख्या की जाए उतनी कम है। माँ के बिना जीवन की कल्पना भी नहीं की जा सकती है। एक माँ जीवन दाता होने के साथ-साथ कई अन्य प्रकार के भी रोल निभाती है। जैसे- जन्म दाता है माँ, पालन हार है माँ, प्रथम गुरु है माँ, अच्छी दोस्त है माँ, रक्षक है माँ और हमारी कोच है माँ। और इसी प्रकार से जीवन के हर मोड़ में माँ अनेक प्रकार से हमारे साथ रहती है।

प्रथम गुरु माँ

माँ हमारी माता होने के साथ ही वह हमारी प्रथम गुरु भी होती है। माँ की आंचल में रहकर हम चलना और बोलना सीखते है। माँ हमें अच्छे संस्कार देती है। सही क्या है? और गलत क्या है? उसकी पहचान करना सिखाती है। हमें प्राथमिक ज्ञान अपनी माँ से ही मिलता है। हम जो भी कुछ सबसे पहले सीखते हैं वह माँ से ही तो सीखते हैं। इसलिए मैं इस बात को काफी गर्व के साथ कह सकता हूं कि मेरी माँ मेरी प्रथम गुरु है।

मेरी माँ मेरी प्रेरणा

मेरी माँ का पूरा जीवन संघर्षों से भरा हुआ होता है। सुबह से शाम तक माँ के ऊपर विभिन्न प्रकार की जिम्मेदारियां होती है। फिर भी कभी हार नहीं मानती है। जिसको देखकर हमें संघर्षों से लड़ने की प्रेरणा मिलती है। मेरी माँ हमेशा मेरी सफलताओं के लिए कड़ी मेहनत करती है। जब भी हम कभी उदास होते हैं तो माँ हमें आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करती है। और जब हम कभी गलत रास्तों पर चले जाते हैं या फिर हमें कोई रास्ता समझ नहीं आता तो माँ हमें सही रास्ता दिखाती है। इसलिए मेरी माँ मेरी प्रेरणा स्रोत भी है।

मां का हमारे जीवन में स्थान

भगवान से भी ज्यादा महत्व माँ को होता है। भगवान भी माँ की ममता पाने के लिए तरसते हैं। जब भी हम किसी मुसीबत में होते हैं तो हमारी जबान पर भगवान से पहले माँ का नाम आता है। इसलिए माँ को सबसे ऊंचा दर्जा दिया गया है। एक माँ और बेटे का रिश्ता बहुत पवित्र होता है। एक माँ ही है जो अपने बच्चों के लिए दुनिया से लड़ जाती है परन्तु अपने बच्चों पर किसी भी प्रकार के संकट को बर्दाश्त नहीं कर सकती। इसलिए मां का हमारे जीवन में सबसे ऊंचा स्थान है।

माँ के प्रति हमारे कर्तव्य

एक माँ बच्चों के लिए बहुत कुछ करती है। माँ बच्चे को जन्म देते समय असहनीय पीड़ा को सहन करके बच्चे को इस दुनिया में लाती है। और फिर हजारों कष्ट सहन करके बच्चों का पालन-पोषण करती है। तथा जीवन जीने की सही राह दिखाती है। इसलिए माँ के प्रति जो हमारे कर्तव्य हैं उसे हमें जरूर करना चाहिए-

  • हमें माता पिता के साथ समय बिताना चाहिए और उनकी सेवा कर उन्हें हमेशा खुश रखना चाहिए।
  • ऐसा कोई काम नहीं करना चाहिए जिसकी वजह से माँ की आंखों में आंसू आए।
  • एक माँ अपने बच्चों का कभी भी बुरा नहीं चाहती है। उनकी डांट के पीछे कहीं ना कहीं हमारी भलाई ही छुपी हुई होती है।
  • हमें माता-पिता के बुढ़ापे का सहारा बनना चाहिए। जिस प्रकार से माँ बच्चों का ख्याल रखती है उसी प्रकार से हमें भी उनका ख्याल रखना चाहिए।

माँ पूजनीय है। माँ की ममता का इस जग में कोई मोल नहीं है। और माँ के बिना इस संसार की कल्पना नहीं की जा सकती है। मेरी माँ मेरी सुख-सुविधाओं के लिए अपने सुख-सुविधाओं का भी त्याग करने में कभी संकोच नहीं किया। मेरी सफलताओं के लिए उन्होंने ना जाने कितने कष्ट सहें हैं। उनके इस बलिदान का कर्ज हम कई जनम में भी नहीं चुका सकते हैं। जन्म देने वाली मेरी माँ को शत-शत नमन!

“ घुटनों से रेंगते-रेंगते, कब पैरो पर खड़ा हो गया। माँ तेरी ममता की छाँव में, न जाने कब बड़ा हो गया।। ” माँ पर शायरी

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मेरी माँ पर निबंध 10 लाइन फोटो

मेरी माँ पर निबंध 10 लाइन - My Mother Essay in Hindi 10 lines (maa par nibandh in hindi)

हर बच्चा बनेगा बेहतर इंसान: माता पिता के साथ 11 व्यवहार के नियम

Faq my mother, q: मैं अपनी मां के बारे में निबंध कैसे लिखूं.

Ans: माँ के बारें में निबंध लिखना काफी सरल है। आप जो अपनी मां के बारे में जानते हैं। वह निबंध में लिख सकते हैं। जैसे- माँ के द्वारा किया गया संघर्ष, उनका परिवार और बच्चों के के लिये किया गया त्याग। और माँ की ममता-प्यार और भी ।

माँ शब्द भले ही सबसे छोटा है, लेकिन माँ पर लिखने के लिए शायद शब्द ही कम पड़ जाए।

Q: मां का हमारे जीवन में क्या महत्व है?

Ans: मां का हमारे जीवन में बहुत ज्यादा महत्व है। माँ हमारे जीवन को सवारनें के लिए अपनी सारी जिन्दगी कुर्बान कर देती है। हमारे खुशी के लिए दुनिया की सभी चुनौतियों से अकेले ही लड़ने में सक्षम है। और क्या कहूँ मां का हमारे जीवन में कितना ज्यादा महत्व है। क्योंकि माँ के बिना तो हमारे जीवन की शुरुआत ही नही होती।

Q: माँ का पर्यायवाची शब्द

Ans: मैया, माई, अम्मा, अम्मी, जननी, मातु, जन्मदात्री, मातृ, मातरि, महतारी, माता, जनयित्री, जननी, वालिदा, महन्तिन, धात्री, प्रसू, मम्मी, अम्ब, अम्बिका।

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चंद्रयान 3 पर निबंध 100, 300, 500 शब्दों में | Chandrayaan 3 Essay in Hindi

Hello friends मेरा नाम रोहित सोनी (Rohit Soni) है। मैं मध्य प्रदेश के सीधी जिला का रहने वाला हूँ। मैंने Computer Science से ग्रेजुएशन किया है। मुझे लिखना पसंद है इसलिए मैं पिछले 5 वर्षों से लेखन का कार्य कर रहा हूँ। और अब मैं Hindi Read Duniya और कई अन्य Website का Admin and Author हूँ। Hindi Read Duniya   पर हम उपयोगी , ज्ञानवर्धक और मनोरंजक जानकारी हिंदी में  शेयर करने का प्रयास करते हैं। इस website को बनाने का एक ही मकसद है की लोगों को अपनी हिंदी भाषा में सही और सटीक जानकारी  मिल सके। View Author posts

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मेरी माँ पर निबंध (My Mother Essay in Hindi)

मेरी माँ पर निबंध (My Mother Essay in Hindi)

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मेरी माँ पर 10 लाइन (10 Lines On My Mother In Hindi)

मेरी माँ पर छोटा निबंध 200-300 शब्दों में (short essay on my mother in hindi 200-300 words), मेरी माँ पर निबंध 400-600 शब्दों में (essay on my mother in hindi 400-600 words), मेरी माँ के इस निबंध से हमें क्या सीख मिलती है (what will your child learn from a my mother essay), अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (faqs).

माँ शब्द अपने आप में ही एक संपूर्ण शब्द है। माँ शब्द में सारी दुनिया समा जाती है लेकिन माँ की सारी दुनिया उसका बच्चा होता है और शायद इसलिए एक माँ का दर्जा भगवान जैसा माना जाता है। जैसे किसी भी हाल में भगवान अपने बच्चों का साथ नहीं छोड़ते वैसे ही एक माँ किसी भी हाल में अपने बच्चे का साथ नहीं छोड़ती है। यह सफर तब से शुरू हो जाता है जब बच्चा माँ के गर्भ में आता है। एक माँ गर्भावस्था के दौरान हर हुई परेशानी को एक पल में भूल जाती है जब पहली बार वो अपने बच्चे को स्पर्श करती है, मानो वो दुनिया की सबसे संपूर्ण औरत है और यह अहसास उसका बच्चा उसे कराता है। माँ वो जज्बात है जिसे शब्दों में बयान नहीं किया जा सकता है। लेकिन बच्चे के जीवन में माँ की क्या भूमिका होती है, उसका बच्चे के जीवन में होने से कितना प्रभाव पड़ता है यह हम माँ पर निबंध के इस आर्टिकल में जानेंगे।

माँ पर तो एक किताब लिखी जा सकती है पर यहाँ हम मेरी माता पर 10 आसान वाक्य लिखकर बातएंगे। नीचे दी गई लाइन्स मेरी माँ पर 100 शब्दों के एक संक्षिप्त निबंध की तरह भी लिखा जा सकता है। आइए देखे हैं:

  • मेरी माँ मेरी प्रथम गुरु है।
  • वो रोज सुबह जल्दी उठकर स्नान और पूजा पाठ करती है।
  • वह घर के सभी लोगों का बहुत ध्यान रखती है।
  • मेरी माँ बहुत पढ़ी-लिखी है और वही मेरी पढ़ाई में मदद करती है।
  • मेरी माँ अक्सर मेरे लिए नए-नए पकवान बनाती है।
  • मुझसे कोई गलती होने पर माँ मुझे प्यार से समझाती है।
  • मेरी माँ मेरे स्वास्थ्य का भी खास ध्यान रखती है।
  • माँ रोजाना रात में सोने से पहले मुझे एक कहानी सुनाती है।
  • मेरी माँ मुझे हमेशा सच बोलने और अनुशासन के साथ जीना सिखाती है।
  • मेरी माँ दुनिया की सबसे प्यारी माँ है।

बच्चे का सबसे ज्यादा समय अपनी माँ के साथ ही बीतता है इसलिए खासकर छोटी कक्षा जैसे क्लास 1, 2, 3, 4 और 5 तक के बच्चों को अक्सर ‘मेरी माँ’ विषय पर निबंध लिखने को कहा जाता है। ऐसे में यह निबंध किस प्रकार लिखना है इसके लिए नीचे एक सैंपल दिया गया है। यह निबंध मेरी माँ पर पैराग्राफ के रूप में लिखा जा सकता है। आइए देखते हैं:

माँ को भगवान का दर्जा दिया जाता है। वो इसलिए क्योंकि एक माँ ही होती है जो सबकी खुशियों के आगे अपने गम को भुला देती है। वह बच्चे की खुशी के लिए कड़ी मेहनत करती है, परिवार को संभालती है। परिवार की जान होती है ‘माँ’। अगर माँ घर पर न हो तो घर की चीजों को संभालना मुश्किल हो जाता है। माँ परिवार में सभी का ध्यान रखती है। सबके लिए स्वादिष्ट खाना बनाती है। सबकी जरूरतों का ध्यान रखती है। माँ अपने सभी बच्चों को एक समान प्यार करती है और भेदभाव नहीं करती है। माँ, अपने बच्चे की गलती करने पर उसे डांटती है लेकिन बाद में दुलार भी दिखाती है। बच्चे की परीक्षा हो तो वह ज्यादा परेशान होती है। बच्चे के विकास में माँ का बहुत बड़ा योगदान होता है। वह माँ तो होती ही है लेकिन अपने बच्चे के लिए जरूरत पड़ने पर शिक्षक और उसकी अच्छी दोस्त भी बन जाती है। माँ चाहे गृहिणी हो या कामकाजी, वह अपने बच्चे और परिवार का खयाल रखना कभी नहीं भूलती। बच्चे के बीमार पड़ जाने पर दिन-रात वह उसका ख्याल रखती है। माँ के प्यार को समझाना मुश्किल है क्योंकि वह अपने बच्चे से नि:स्वार्थ प्रेम करती है और हर सुख-दु:ख में उसके साथ खड़ी रहती है।

 बच्चे की पढ़ाई में मदद करती मां

जिनके साथ हमारा समय अधिक बीतता है अगर उनके लिए आपको कुछ लिखने के लिए कहा जाए तो यह एक चुनौती जैसा लगने लगता है कि आखिर इस विषय क्या लिखें और कैसे लिखें? आपके इसी सवाल का उत्तर देते हुए नीचे यहाँ हिंदी में मेरी माँ पर लॉन्ग एस्से लिखने के लिए एक उदाहरण दिया गया है।

माँ कौन होती है? (Who Is Mother?)

माँ, वो है जो बच्चे का खयाल खुद से ज्यादा रखती है। माँ को परिवार की नींव माना जाता है, उसके बिना घर अधूरा और सूना-सूना लगता है। माँ बच्चे को स्कूल के लिए तैयार करती है। उसके लिए स्वादिष्ट खाना बनाती है। पढ़ाई में मदद करती है। माँ अपने बच्चे लिए जरूरत पड़ने पर उसकी टीचर बन जाती है और उसे उसकी गलती या फिर कमी पर समझाती है। वहीं कभी वह उसके लिए वो दोस्त बन जाती है, जो उसको समझ सके। माँ वो है जो अपने दु:ख और तकलीफ को भुलाकर बच्चे के लिए दिन रात एक कर देती है। किसी बच्चे को संभालना कितन मुश्किल होता है यह बात तो हर कोई जानता है, लेकिन माँ ये सारी मुसीबतें हंसते-हंसते झेल जाती है। बीमार पड़ने पर भी वह अपने बच्चे का खयाल रखना नहीं भूलती। माँ वो है, जिसके बिना बच्चे की जिंदगी अधूरी है।

माँ के गुण (Qualities Of Mother)

माँ के गुणों की गिनती करना वैसे तो संभव नहीं है, लेकिन उसके कुछ खास गुणों के बारे में हमनें उल्लेख किया है।

  • माँ परिवार में सबका खयाल रखती है।
  • माँ आपके लिए स्वादिष्ट खाना बनाती है।
  • मुसीबत के समय में माँ हमेशा साथ देती है।
  • माँ बच्चों के लिए अपने सुखों को त्याग देती है।
  • बच्चे से गलती होने पर उसे प्यार से समझाती है।
  • एक माँ अपने बच्चे के लिए सारी दुनिया से लड़ सकती है।
  • माँ हमारे अच्छे कार्य की सबसे ज्यादा प्रशंसा करती है।
  • माँ पूरे परिवार को एक साथ जोड़कर रखती है।

माँ का महत्व (Importance Of Mother)

माँ के होने से घर घर लगता है, माँ परिवार का सबसे खास हिस्सा है। माँ के बिना बच्चों का जीवन अधूरा है। माँ का प्यार डांट, हौसला, संस्कार, मिलकर एक बच्चे के चरित्र का निर्माण करते हैं। माँ बच्चे की हर जरूरत को उसके बिना कहे ही समझ जाती है, इसलिए माँ को एक बच्चे के जीवन में सबसे बुलंद दर्जा दिया गया है। बच्चे के जीवन में माँ का स्थान कोई भी नहीं ले सकता है। माँ आपके खाने, कपड़े से लेकर हर बात का खयाल रखती है। माँ वो छायादार पेड़ है जो बच्चे को हर मुश्किल और परेशानी से दूर रखती है।

मेरी माँ मेरी शिक्षक (My Mother My Teacher)

मैं गर्व के साथ कह सकता हूं कि मेरी माँ ही मेरी सबसे अच्छी शिक्षक है। उसने मुझे जीवन में वह हर बात सिखाई है, जो जरूरी और आदर्श है। उसने मुझे सच बोलना, ईमानदारी और आत्मविश्वास के साथ जीना सिखाया। अगर मैं कभी किसी काम में असफल हुआ तो उसने मेरा हौसला बढ़ाकर और बेहतर करने के लिए प्रेरित किया। उसने अपने जीवन के अनुभवों से सीख लेते हुए मेरे लिए रास्ता आसान बनाया। उसने मुझे सिर्फ हाथ में कलम लेकर लिखना ही नहीं सिखाया बल्कि यह भी बताया कि आपका व्यवहार और आचार-विचार किस तरह के होने चाहिए। उसने मुझे दुःख में संभाला, तकलीफों में सहारा दिया और खुशी व सफलता के समय भी अपने पाँव जमीन पर ही रहें, ऐसे शिक्षा दी है। यहीं कारण है कि मैं अपनी माँ को मेरे जीवन का आदर्श मानता हूं।

मेरी माँ निबंध से बच्चा अपनी माँ के अस्तित्व व उनकी बातों को गौर से समझने का प्रयास कर सकेगा। बच्चा यह समझ सकेगा कि उसकी माँ उसके लिए कितनी खास है। ऐसे निबंध बच्चे को अपनों के अधिक करीब आने और उन्हें समझने का मौका देते हैं। इसके अलावा बच्चा अपने हिंदी लेखन में सुधार करेगा और सही तरह से निबंध लिखना सीखेगा।

1. माँ शब्द की उत्पत्ति कैसे हुई?

बच्चा जन्म लेने के बाद जब पहली बार रोता है तो उसके मुख से निकलने वाली ध्वनि को अगर आप ध्यान से सुनें तो माँ सुनाई देता है। इस प्रकार लोगों का मानना है माँ शब्द प्राकृतिक रूप से नवजात के मुख से निकलने वाला पहले शब्द है। हालांकि इस विषय पर लोगों की राय अलग हो सकती है। लेकिन दुनिया की लगभग हर भाषा में माता के लिए संबोधन वाले माँ, अम्मा, मॉम, मम्मी, ममा जैसे शब्द इस बात की पुष्टि करते हैं।

2. संस्कृत में माँ को क्या कहते हैं?

संस्कृत में माँ को ‘मातृ’ कहते हैं, लेकिन आमतौर पर लोग ‘माँ’ या ‘माता’ शब्द का प्रयोग ज्यादा करते हैं।

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माई मदर पर निबंध 10 lines (My Mother Essay in Hindi) 100, 150, 200, 500, शब्दों मे

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माई मदर पर निबंध (My Mother Essay in Hindi ) : एक माँ एक ऐसे व्यक्ति को दिया गया शब्द है जो जीवन भर अपने बच्चों की भलाई, विकास, विकास और कल्याण के लिए बलिदान और प्राथमिकता देता है। एक माँ न केवल एक बच्चे या बच्चों को जन्म देती है, बल्कि उससे प्यार करने, बच्चे या बच्चों की देखभाल करने और बिना किसी पूर्वापेक्षा या शर्तों के समर्पण और भक्ति दिखाने के लिए आजीवन प्रतिबद्धता रखती है।

My Mother Essay in Hindi – माताएँ प्रत्येक व्यक्ति के जीवन में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं क्योंकि वह एक रक्षक, एक मित्र और साथ ही एक अनुशासक की भूमिका निभाती है। एक माँ एक निस्वार्थ, प्यार करने वाली इंसान है जिसकी गर्मजोशी, त्याग और प्रेम की कोई सीमा नहीं है। मेरी माँ पर इस निबंध में, मैं अपनी माँ के बारे में बात करने जा रहा हूँ और उन कारणों के बारे में जो मेरे दिल में एक विशेष स्थान रखती हैं। मेरी माँ पर लेख के अलावा, हमने मेरी माँ विषय पर भाषण तैयार करने में आपकी मदद करने के लिए निबंध को पैराग्राफ में तोड़ा है।

माई मदर निबंध 10 पंक्तियाँ (My Mother Essay 10 lines in Hindi)

  • 1) मेरी माँ मेरी सबसे अच्छी दोस्त और दुनिया की सबसे अच्छी माँ है।
  • 2) उसका नाम अंजलि है और वह हमारे लिए बहुत जिम्मेदार है।
  • 3) वह घर पर रहती है और घर का काम संभालती है।
  • 4) वह हर बार मेरी मदद करती है।
  • 5) वह बहुत स्वादिष्ट खाना बनाती है।
  • 6) वह मेरे स्कूल के होमवर्क को पूरा करने में मेरी मदद करती है।
  • 7) वह हमारी बहुत परवाह करती है और हमसे बहुत प्यार करती है।
  • 8) मेरी मां कहती हैं कि हमें सबका सम्मान करना चाहिए।
  • 9) वह मुझे कभी पीटती नहीं है लेकिन कभी-कभी मुझे डांटती है।
  • 10) मैं अपनी माँ से बहुत प्यार करता हूँ।

इनके बारे मे भी जाने

  • Essay in Hindi
  • New Year Essay
  • New Year Speech
  • Mahatma Gandhi Essay

मेरी माँ निबंध 100 शब्द (My mother Essay 100 words in Hindi)

मेरी माँ का नाम सुचिता मित्रा है। वह दुनिया की सबसे अच्छी माँ हैं। मेरी मां एक गृहिणी है। वह घर में सब कुछ संभालती है। उसका दिन हर सुबह जल्दी शुरू होता है। वह उठती है और हमारे लिए खाना बनाती है। फिर वह हमें स्कूल ले जाती है। फिर वह दोपहर के भोजन के लिए खाना बनाती है। वह एक मेहनती महिला हैं। उसने हमारे जीवन को बेहतर बनाने के लिए बहुत सारे बलिदान किए हैं। वह हमेशा हमारे साथ रहना पसंद करती है। वह हम में अपनी खुशी ढूंढती है। मैं अपनी माँ से बहुत प्यार करता हूँ। मुझे लगता है कि वह इस दुनिया में अब तक की सबसे अच्छी है।

मेरी माँ निबंध 150 शब्द (My mother Essay 150 words in Hindi)

मैंने अब तक जो सीखा है उसमें माँ सबसे उपयुक्त शब्द है। मेरे जीवन में मेरी मां मेरे लिए सबसे प्रभावशाली व्यक्ति हैं। वह न केवल मेहनती हैं बल्कि अपने काम के प्रति भी काफी समर्पित हैं। वह सुबह जल्दी उठती हैं और सूरज उगने से पहले ही अपने दैनिक कार्य शुरू कर देती हैं।

मेरी माँ बहुत सुंदर और दयालु महिला हैं जो हमारे घर में सब कुछ संभालती हैं। मेरी माँ के लिए मेरे मन में विशेष सम्मान और प्रशंसा है क्योंकि वह मेरी पहली शिक्षिका हैं जो न केवल मेरी किताबों के अध्यायों को पढ़ाती हैं बल्कि मुझे जीवन का सही रास्ता भी दिखाती हैं। वह हमारे लिए खाना बनाती है, परिवार के प्रत्येक सदस्य की उचित देखभाल करती है, खरीदारी आदि के लिए जाती है।

मेरी माँ निबंध 200 शब्द (My mother Essay 200 words in Hindi)

My Mother Essay in Hindi – माँ वो होती है जिसे शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता। मेरे जीवन में, मेरी माँ वह व्यक्ति है जो मेरे दिल पर सबसे ज्यादा कब्जा करती है। वह हमेशा मेरे जीवन को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। मेरी मां एक खूबसूरत महिला हैं जो मेरे जीवन के हर क्षेत्र में मेरा ख्याल रखती हैं।

उनका बिजी शेड्यूल सूरज उगने से पहले ही शुरू हो जाता है। वह न केवल हमारे लिए खाना बनाती है बल्कि मेरे दैनिक कार्यों में भी मेरी मदद करती है। जब भी मुझे अपनी पढ़ाई में कोई कठिनाई आती है तो मेरी माँ शिक्षक की भूमिका निभाती है और मेरी समस्या का समाधान करती है, जब मैं ऊब जाता हूँ तो मेरी माँ एक दोस्त की भूमिका निभाती है और मेरे साथ खेलती है।

मेरी माँ हमारे परिवार में एक अलग भूमिका निभाती है। जब हमारे परिवार का कोई सदस्य बीमार पड़ता है और हमारी उचित देखभाल करता है, तो वह रातों की नींद हराम कर देती है। वह परिवार की भलाई के लिए मुस्कुराते हुए चेहरे के साथ बलिदान दे सकती है।

मेरी माँ स्वभाव से बहुत मेहनती हैं। वह सुबह से रात तक सारा दिन काम करती है। वह मेरे जीवन के हर क्षेत्र में मेरा मार्गदर्शन करती है। छोटी सी उम्र में मेरे लिए यह तय करना आसान नहीं था कि क्या अच्छा है और क्या बुरा। लेकिन मुझे जीवन की सही राह दिखाने के लिए मेरी मां हमेशा मेरे साथ हैं।

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मेरी माँ निबंध 500 – 600 शब्द (My mother Essay 500 – 600 words in Hindi)

My Mother Essay in Hindi – इस दुनिया में हर मां अपने बच्चों के लिए वाकई कमाल की होती है। आज मैं अपनी माँ के बारे में कुछ साझा करने जा रहा हूँ। मुझे लगता है कि हर किसी को अपनी मां से प्यार और सम्मान करना चाहिए क्योंकि उन्होंने ही हमें जन्म दिया और हमें इस खूबसूरत दुनिया को देखने दें। हमें अच्छे तरीके से पालने के कारण उसने इतने सारे दर्द और समस्याओं को सहन किया है।  

मेरी माँ : मेरी माँ का नाम सुनीता शर्मा है। मुझे लगता है कि वह दुनिया की सबसे महत्वपूर्ण व्यक्ति हैं। वह सबसे मजबूत महिला है जिसे मैंने कभी देखा है। उसने जीवन में बहुत सी समस्याओं और बाधाओं का सामना किया है और सभी को बुद्धिमानी से हल किया है। वह एक गृहिणी है और चालीस साल की है।

वह वास्तव में मेहनती है और उसके मेहनती स्वभाव ने हमारे जीवन को वास्तव में बेहतर और आरामदायक बना दिया है। वह परिवार को बेहतर बनाने के लिए अपना सर्वश्रेष्ठ प्रयास करती है। वह सुबह-सुबह परिवार की पहली रिसर है। खाना पकाने और कपड़े धोने सहित, वह लगभग हर घर का काम अकेले करती है।

उनके समर्पण और बलिदान के कारण, हम एक परिवार के रूप में वास्तव में खुश हैं। मेरे पिता को हाउसकीपिंग के लिए इतना दबाव लेने की जरूरत नहीं है। वह वह है जो लगभग सब कुछ संभालती है। वह हमें शादी, जन्मदिन पार्टियों जैसे सामाजिक कार्यों में ले जाती है।

वह एक मिलनसार चरित्र है। उसके बहुत सारे दोस्त हैं और वे अक्सर हमारे घर आते हैं। हम भी कभी-कभी उनके यहां जाते हैं। वह पड़ोसियों और हमारे रिश्तेदारों के साथ वास्तव में अच्छे संबंध रख रही है। उसके बारे में सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि वह कभी शिकायत नहीं करती है।

My Mother Essay in Hindi उसे अपने जीवन के बारे में पछतावा और शिकायत नहीं है। वह हमारे साथ व्यस्त है, हमारे जीवन को बेहतर बना रही है। मुझे लगता है कि एक मां के अलावा कोई और आपके लिए इतना निस्वार्थ नहीं हो सकता। भगवान के ठीक बाद माँ सबसे महत्वपूर्ण व्यक्ति है, इसलिए मैं अपनी माँ का सबसे अधिक सम्मान और प्यार करता हूँ।  

एक शिक्षक के रूप में माँ : माताएँ हमेशा सभी के जीवन की पहली शिक्षक होती हैं। मेरे जीवन में, वह पहली थी जिसने मुझे बोलना, चलना और अक्षर जानना सिखाया। मैं उन दिनों को याद नहीं कर सकता लेकिन महसूस कर सकता हूं कि वह एक अविश्वसनीय महिला है। उन्होंने मुझे मेरे जीवन की पहली कविता सिखाई। फिर भी, अब वह मेरे जीवन में एक अद्भुत शिक्षिका है। वह हमेशा मेरा होमवर्क करने में मेरी मदद करती है। और कभी-कभी वह मेरी परियोजनाओं में मेरी मदद करती है।  

जीवन में माँ का महत्व : जब हम शिशु या छोटे बच्चे होते हैं तो हमारी माँ के अलावा हमारे जीवन में कुछ भी नहीं होता है। उस वक्त हमें मां की सबसे ज्यादा जरूरत होती है। वे एक उचित इंसान के रूप में विकसित होने के लिए हमारे जीवन में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। वे हमें जीवन में हमारे पहले शिक्षक के रूप में पढ़ाते हैं। वे हमें चलना, बोलना, खाना और सब कुछ दिखाते हैं। आराम करने के लिए यह सबसे अच्छी जगह है।

एक माँ के गुण : एक अच्छी माँ में बहुत सारे गुण होते हैं। मुझे लगता है कि हर मां एक अच्छी मां होती है। आइए देखें एक अच्छी मां के कुछ गुण।

निस्वार्थ – निस्वार्थता एक माँ का सबसे बड़ा गुण है। वे कभी अपने बारे में नहीं सोचते। वे अपने बच्चों के लिए कितना त्याग करते हैं।  

कड़ी मेहनत – वे कड़ी मेहनत कर रहे हैं। वे परिवार के लिए बहुत मेहनत करते हैं। वे हमारे भविष्य को बेहतर बनाने के लिए काम करते हैं।  

देखभाल – सभी माताएँ देखभाल कर रही हैं। वे हमारी और पूरे परिवार की देखभाल करना पसंद करते हैं। उन्होंने हमारे साथ एक बंधन स्थापित किया।

लविंग – वे हमसे बहुत प्यार करते हैं। मां के प्यार की तुलना कोई प्यार नहीं कर सकता।

निष्कर्ष : अंतत: वह वह व्यक्ति है जो मेरे जीवन में सबसे महत्वपूर्ण है। मैं उससे बहुत प्यार करता हूं और उसका सम्मान करता हूं। मैं अपने जीवन में हमेशा उसके साथ रहना चाहता हूं। वह वाकई अद्भुत है।

माई मदर पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)

माताएँ क्या प्रतीक हैं.

इसमें कोई रहस्य नहीं है कि एक माँ धैर्य, दया, क्षमा, ईमानदारी और एक विशेष बिना शर्त प्यार जैसी विशेषताओं का प्रतीक है जो किसी और के समानांतर नहीं है।

माताओं पर एक प्रसिद्ध उद्धरण का उल्लेख करें?

नेपोलियन का एक प्रसिद्ध उद्धरण था जब उन्होंने दावा किया था कि अच्छी माताएँ एक राष्ट्र को महान बनाती हैं।

विवेकानंद ने क्यों कहा कि समाज के विकास के लिए महिलाओं की शिक्षा जरूरी है?

स्वामी विवेकानंद उन कुछ लोगों में से एक थे जिन्होंने पहले के भारतीय समाज में महिला शिक्षा के महत्व को समझा था क्योंकि लिंग के बावजूद एक बच्चा हमेशा अपनी मां से प्रभावित होता है क्योंकि मां ही उनका पालन-पोषण करती है। इसलिए, किसी समाज को आसानी से शिक्षित और उन्नत बनाने के लिए, किसी को भी बालिकाओं की उचित शिक्षा से शुरुआत करनी होगी।

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मेरी माँ पर निबंध

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माँ सभी परिवार की एक महत्वपूर्ण सदस्य है। मेरी माँ का नाम श्रीमती किरन राजपूत है। उनकी उम्र 47 साल है। वह एक पढ़ी-लिखी और आदर्श महिला हैं। मेरे पिता एक क्लर्क हैं और मेरी माँ एक गृहिणी हैं। मेरा एक छोटा भाई है। हम दोनों एक ही स्कूल में पढ़ते है। में आठवीं कक्षा में पढ़ती हूँ और मेरा भाई सातवीं कक्षा में पढता है। मेरा प्रिय विषय विज्ञान है। मुझे विज्ञान बहुत पसंद है। मैं एक औसत छात्र हूं। मेरा शौक कहानियां किताबे पढ़ना और विज्ञान के अविष्कारों के बारे में खोज करना है। मैं पढाई के साथ-साथ घर के कामों में भी माँ की मदत करती हूँ। में अपनी माँ से खाना बनाना भी सिख रही हूँ। ताकि जब भी मेरी माँ किसी काम से घर के बाहर जाए तो में अपने पापा और भाई का देखभाल कर सकू।

मेरी कई सहेलियां हैं जैसे पूनम, आरती, शीतल, ज्योति, और भी कई। लेकिन मेरी सबसे अच्छी सहेली ज्योति है। वह मेरे घर के पास ही रहती है। और हम रोज स्कूल से आते वक़्त हमेशा साथ में ही आते है। में और ज्योति परीक्षा की तैयारी भी साथ में ही करते है। मैं अपने बड़ों का सम्मान करती हूं, और अपने छोटे भाई की पढ़ाई में मदद करती हूं। मैं अपने सभी सहेली से प्यार करती हूँ और सभी के साथ अच्छा व्यवहार करती हूँ। मैं ऐसे अच्छे माता-पिता, प्यारे भाई, और मददगार दोस्तों को देने के लिए भगवान का शुक्रिया अदा करती हूं। मेरी माँ, हम सभी की देखभाल करती है। माँ हमेशा हम सभी को बहुत प्यार करती है। मेरी मां बहुत मेहनत करती हैं। वे घर के काम के साथ-साथ बाहर का भी काम करती है जैसे सब्जी लाना, घर के सामान लाना,आदि। वह सुबह हम सबसे जल्दी उठती है। स्नान कर, भगवान से प्रार्थना करती है और स्कूल के लिए हमारा टिफिन बॉक्स तैयार करती है। हमारे साथ साथ पिताजी के लिए टिफ़िन तैयार करती है। वह रात में हमें अच्छी-अच्छी कहानियां भी सुनाती है।

मेरी माँ एक दयालु महिला हैं और उन सभी की मदद करती हैं जो मुसीबत में हो। वह बड़ों का सम्मान करती है और सभी के साथ अच्छे व्यव्हार के साथ रहती है। हम अपनी मां का बहुत सम्मान करते हैं। जब वह घर में नहीं होती है तो हमें बहुत दुख होता है और हमे उनकी याद आती रहती है। हमे अपनी मां पर गर्व है। वह एक आदर्श मां हैं। हम हमेशा भगवान् से प्राथना करते है की, वे हमारी माँ को लम्बी आयु दे और हमेशा उनको खुश रखे।

मेरे माता-पिता सभी से अच्छे व्यव्हार करते है। मेरे माता-पिता बहुत दयालु हैं। वे जरूरतमंद और गरीबों की मदद के लिए हमेशा आगे रहते हैं। में भी बड़ी होकर अपने माता-पिता की तरह जरुरतमंदो की मदत करुँगी। वे बहुत धार्मिक हैं हर रविवार, वे सुबह मंदिर जाते है पूजा करने। मंदिर हमारे घर के पास ही है। हम हर शाम सैर के लिए जाते हैं। मुझे ऐसे अच्छे माता-पिता और बहन मिलने पर गर्व है। वे सभी मुझे बहुत प्यार करते हैं।

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मेरी माँ पर निबंध (Essay On My Mother In Hindi)

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मेरी माँ पर निबंध (Meri Maa Essay In Hindi) – आज जब मैं बड़ी हो गई हूं तो लगता है कि शायद मैं बहुत सी चीजों को आज पीछे छोड़ आई हूं। जब हम बच्चे थे तो हमें बचपन के वह प्यारे दिन बड़े ही उबाऊ और लंबे लगते थे। हम सोचते थे कि कब हम बड़े होंगे। हमें अपने मम्मी और पापा की नकल करने में आनंद की अनुभूति प्राप्त होती थी। बचपन के उन प्यारे दिनों को अब कुदरत भी नहीं लौटा सकती। बड़ी होने के बाद जिस शख्स को मैं सबसे ज्यादा याद करती हूं वह है मेरी माँ । एक माँ (mother) से बड़ा इंसान इस दुनिया में कोई होता ही नहीं है। आइये नीचे meri maa par nibandh पढ़ें।

ओ माँ माँ माँ

मेरी दुनिया है माँ तेरे आँचल में

शीतल छाया दो दुःख के जंगल में

इस गाने के बोल को सुनते ही मैं पुराने दिनों में डूब जाती हूं। वह पुराने दिन कितने अलग हुआ करते थे। ना किसी बात की कोई फ्रिक थी ना ही चिंता। माँ सारा काम खुद संभाल लेती थी। मैं यही सोचती थी कि एक औरत ही पूरे घर की जिम्मेदारियों को कैसे अपने कंधे पर उठा लेती थी। सच में माँ जैसा कोई और दूसरा हो ही नहीं सकता। माँ भगवान का ऐसा अनमोल तोहफा है जो हर किसी को नसीब हो जाए यह जरूरी नहीं। माँ के बिना हम जीवन की कल्पना तक नहीं कर सकते हैं। तो आज का हमारा विषय मां (mother) पर आधारित है। आज हम इस निबंध के जरिए पढ़ेंगे माँ पर निबंध (essay about my mother in hindi) हिंदी में।

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मेरी माँ पर निबंध My Mother Essay In Hindi

इस धरती पर मनुष्य के रूप में नर और नारी दोनों ने ही जन्म लिया। परंतु फिर भी एक नारी को ही सम्मान ज्यादा क्यों मिला? क्या आपने कभी इस बात पर गहराई से सोचा है। दरअसल इसके पीछे का सबसे बड़ा कारण यह है कि नारी को ही जगत जननी का स्थान मिला हुआ है। आज एक नारी की वजह से ही हम सब को दुनिया में आने का मौका मिला है। नारी अपने जीवन में अनेकों पद ग्रहण करती है। पर जो पद वह मां बनकर प्राप्त करती है वह पद बेहद सम्मानजनक होता है। माँ को भगवान के रूप में पूजा जाता है। माँ हमें कभी भी तकलीफ में नहीं देख सकती है। जिसके पास माँ होती है वह बहुत भाग्यशाली होता है।

माँ हमें हर तरह की मुश्किलों से उबार लेती है। माँ हमें जीने की नई राह सीखाती है। माँ होती है तब हमें किसी बात की कोई चिंता नहीं रहती है। एक बच्चे के लिए माँ से बढ़कर और कोई प्रिय नहीं होता है। माँ ही अपने बच्चे को 9 महीन तक पेट में रखती है और फिर बच्चे को जन्म देने के बाद भी बिना कोई शिकायत के बच्चे को पाल पोस्को बड़ा भी वही करती है। हम सब यह भूल जाते हैं कि कैसे माँ हमारे बचपन के नखरों को सहन करती है। माँ ईश्वर का सच्चा रूप होती है। आज हम जिस किसी भी मुकाम पर है वह सब हमारी माँ की ही बदौलत है। केवल मनुष्य ही क्यों माँ की ममता तो हमें जानवरों में भी देखने को मिल जाती है। जानवर और पक्षी माताएं भी अपने बच्चों को मनुष्यों की माताओं की तरह ही प्रेम देती है।

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माँ का सही अर्थ क्या है?

माँ दुनिया की वह अनमोल चीज है जिसकी तुलना महंगे से महंगे हीरे जवाहरात से भी नहीं की जा सकती है। माँ अपने बच्चों के लिए भयंकर से भयंकर तुफान से भी टकरा जाती है। माँ माने कि मातृत्व। हमारे पुराणों में माँ को सबसे ऊंचा दर्जा प्राप्त है। इसका सबसे अच्छा उदाहरण है माता दुर्गा का। माता दुर्गा समस्त ब्रह्मांड की जननी मानी जाती है। यही एक बड़ा कारण है कि नारी को भी भगवान का रूप माना जाता है।

वह माँ बनकर सबसे बड़ा फर्ज निभाती है। मैया, माई, अम्मा, अम्मी, जननी, मातु, जन्मदात्री, मातृ, मातरि, महतारी, माता, जनयित्री, जननी, वालिदा, महन्तिन, धात्री, प्रसू, मम्मी, ममी, अम्ब और अम्बिका यह सब माता के पर्यायवाची शब्द है। माँ के अनेकों शब्द है। माँ से ही हमें प्यार की अनुभूति प्राप्त होती है। जो प्यार हमें माँ से प्राप्त होता है वह और कहीं से भी नहीं हो सकता है। माता हम सभी को बिना कुछ पाने के बदले में ताउम्र अपना प्रेम लुटाती रहती है। इस दौरान वह हर तरह की पीड़ा को सहन कर लेती है। वह एक शब्द भी अपने बच्चे के खिलाफ नहीं बोलती है।

माँ का प्यार कितना जरूरी है?

हम सभी के लिए माँ का प्यार मिलना बहुत ही जरूरी है। माँ के बिना बच्चा अधूरा होता है। जैसे ही बच्चा धरती पर जन्म लेता है तभी से ही उसका अपनी माँ के साथ एक अनोखा रिश्ता कायम हो जाता है। उस बच्चे के लिए किसी और चीज से भी ज्यादा उसकी माँ महत्वपूर्ण हो जाती है। डाॅक्टर्स की एक रिसर्च के मुताबिक एक बच्चे के पर खाना भी इतना ज्यादा असर नहीं करता है जितना असर उसकी माँ द्वारा मिला अथाह प्यार कर देता है। माँ के प्रेम में एक अनोखी ही ताकत होती है। माँ की ममता के अनेकों फायदे हैं जैसे कि

1) बच्चे को अच्छा महसूस होता है। और जब उसे अच्छा महसूस होता है तब वह अच्छा प्रदर्शन भी करता है।

2) माँ के प्रेम में इतनी शक्ति होती है कि वह बच्चे की इम्युनिटी पावर को बुस्ट कर देता है।

3) माँ के प्रेम के चलते ही बच्चे बड़ी से बड़ी बीमारी से भी उबर जाते हैं।

माँ का हमारे परिवार में महत्व

हमारे जीवन में माँ से बढ़कर कोई और है ही नहीं। माँ है तो हम है और उसी से यह सारा संसार है। माँ दुनिया का सबसे प्यारा शब्द है। माँ हर रूप में अपने दायित्वों का पालन बड़े ही सरलता के साथ करती है, चाहे वह माता का रूप हो, पत्नी, सास या फिर बहन का रूप हो। माता के बिना हमारा परिवार फल फूल नहीं सकता है। एक माँ को ही पता होता है कि उसे घर किस रूप से चलाना है। एक माता के रूप में वह अपने बच्चे की पढ़ाई और लालन पालन की जिम्मेदारी उठाती है।

वह एक पत्नी के रूप में अपने पति की जिम्मेदारियों को संभालती है। उसे यह पता होता है कि उसे कहां पर और कैसे खर्च करना है। हम सभी ने अपने घरों में यह देखा है कि एक माँ सवेरे जल्दी उठकर घर का काम करती है और अपने बच्चो, पति और सास-ससुर के लिए खाना बनाती है। उसका काम पूरे दिन चलता है। कामकाजी महिलाओं का दिन थोड़ा और कठिन होता है क्योंकि उनको अपने परिवार के साथ-साथ कमाई का काम भी करना होता है। इतनी व्यस्त दिनचर्या होने के वाबजूद भी वह उफ्फ तक नहीं करती है। क्योंकि वह अपने परिवार से निस्वार्थ भाव से प्यार करती है।

माता कितने प्रकार की होती है?

हम अक्सर यह सोचते हैं कि माता का रूप केवल हमारी माँ तक ही सीमित होता है। पर यह सच नहीं है। माताओं के भी कई प्रकार होते हैं। हमारे पुराणों में सोलह तरह की माताओं का वर्णन है। इन माताओं का नाम इस प्रकार है। दूध पिलाने वाली (धाय), गर्भ धारण करने वाली, भोजन देने वाली, गुरु पत्नी, ईष्ट देव की पत्नी, सौतेली माँ , सौतेली माँ की बेटी, सगी बड़ी बहन, स्वामी की पत्नी, सास, नानी, दादी, सगे बड़े भाई की पत्नी, मौसी, बुआ और मामी। यह सभी सोलह प्रकार की माताएं होती है। इन सभी माताओं का अपना महत्व होता है। यह सभी अलग-अलग प्रकार की भूमिका को निभाती है।

माँ पर कविता

शहीद की माँ

शहीद का जनाज़ा निकला था,

तिरंगे में लिपटा,

हज़ारों की भीड़ में।

काँधा देने की होड़ में

सैकड़ो के कुर्ते फटे थे,

पुट्ठे छिले थे।

भारत माता की जय,

इंकलाब ज़िन्दाबाद,

अंग्रेजी सरकार मुर्दाबाद

के नारों में शहीद की माँ का रोदन

डूब गया था।

उसके आँसुओ की लड़ी

फूल, खील, बताशों की झडी में

जनता चिल्लाई थी-

तेरा नाम सोने के अक्षरों में लिखा जाएगा।

गली किसी गर्व से

तीस बरस बाद

शहीद की माँ का जनाजा निकला है,

तिरंगे में लिपटा नहीं,

(क्योंकि वह ख़ास-ख़ास

लोगों के लिये विहित है)

केवल चार काँधों पर

राम नाम सत्य है

गोपाल नाम सत्य है

के पुराने नारों पर;

चर्चा है, बुढिया बे-सहारा थी,

जीवन के कष्टों से मुक्त हुई,

गली किसी राहत से छुई छुई।

-हरिवंश राय बच्चन

माँ पर शायरी

चलती फिरती हुई आँखों से अज़ाँ देखी है

मैं ने जन्नत तो नहीं देखी है माँ देखी है

-मुनव्वर राना

दुआ को हात उठाते हुए लरज़ता हूँ

कभी दुआ नहीं माँगी थी माँ के होते हुए

-इफ़्तिख़ार आरिफ़

अभी ज़िंदा है माँ मेरी मुझे कुछ भी नहीं होगा

मैं घर से जब निकलता हूँ दुआ भी साथ चलती है

इस तरह मेरे गुनाहों को वो धो देती है

माँ बहुत ग़ुस्से में होती है तो रो देती है

घर लौट के रोएँगे माँ बाप अकेले में

मिट्टी के खिलौने भी सस्ते न थे मेले में

-क़ैसर-उल जाफ़री

माँ की दुआ न बाप की शफ़क़त का साया है

आज अपने साथ अपना जनम दिन मनाया है

-अंजुम सलीमी

माँ के नाम समर्पित एक खास दिन

माँ सभी को प्यारी होती है। माँ से ही हमारे दिन और रात है। जिसके पास माँ नहीं है उसको माँ की कमी बहुत ज्यादा खलती है। माँ अपने बच्चे पर कभी भी आंच नहीं आने देती है। माँ बिना कोई शिकायत के अपने दायित्व और फर्ज को पूरा करती है। क्या आपको पता है कि माँ के नाम भी एक खास दिन समर्पित होता है? जी हां, दूसरे उत्सवों की ही तरह हर साल मई के दूसरे रविवार को इंटरनेशनल मदर्स डे के रूप में मनाया जाता है। यह पर्व सभी माओं के लिए बहुत खास होता है। इस दिन बच्चे अपनी माँ के लिए कुछ अलग ही करने की योजना बनाते हैं। इस दिवस को मनाने की परंपरा अमेरिका से शुरू हुई थी। एना जार्विस को इस दिवस को शुरू करने का श्रेय जाता है। उसने अपनी माँ के ही नाम अपना जीवन समर्पित कर दिया था। वह जीवनभर कुंआरी रही।

तो आज के इस निबंध के माध्यम से हमने माँ पर निबंध को समझा। हमारी माँ जैसा इस दुनिया में और कोई भी नहीं है। आज हमारी माँ अगर इस संसार में नहीं होती तो हमारा अस्तित्व भी आज नहीं होता। जैसे माँ हमारे पर निस्वार्थ भाव से प्यार लुटाती है ठीक वैसे ही उसे भी अपने बच्चों का प्यार चाहिए। हम आशा करते हैं कि आप सभी को हमारे द्वारा तैयार किया हुआ यह निबंध पसंद आया होगा।

मेरी माँ पर निबंध 100 शब्दों में

माँ को दुनिया सबसे उंचा दर्जा प्राप्त होता है। माँ से ही हमारा संसार है। माँ को हम सभी भगवान का दर्जा देते हैं। माँ की वजह से हम गुलाब की तरह महकते हैं। माँ हमारी दोस्त होती है। वह हमें सही राह पर चलना सिखाती है। उन बच्चों से जाकर पूछो कि उन्हें कैसा लगता है जिनकी कोई माँ ही नहीं होती है। वह माता के प्रेम से अनभिज्ञ रहते हैं। माँ हमारे अंदर हर तरह के संस्कार के बीज बोती है। माँ हमारी सुख-दुःख की घड़ी में सदा हमारे साथ खड़ी रहती है। माँ हमारे पर कोई भी तरह की आंच नहीं आने देती है। माँ के सहारे हम जीवन में अपने मुकाम को हासिल करते हैं।

मेरी माँ पर निबंध 200 शब्दों में

माँ बिना सब सूना है। माँ से ही हमारा संसार महकता है। माँ ही हमारी सच्ची दोस्त होती है। वह हमारी सर्वप्रथम गुरू भी होती है। उसके बिना हम दुनिया में कुछ भी नहीं सीख सकते हैं। हमारे जीवन का पहला अक्षर भी हम अपनी माँ से ही सीखते हैं। माँ के उचित मार्गदर्शन के बिना हमारा जीवन दिशाहीन हो जाता है। माँ से हमें हौसला मिलता है। माँ हमें जीवन के हर तरह के संकटों से उबार देती है। माँ का प्यार मिलना बहुत ही जरूरी होता है। इस प्यार से हमें एक अलग प्रकार के आनंद की प्राप्ति होती है। पहले के दौर में माँ की भूमिका केवल रसोईघर तक ही सीमित थी। लेकिन आज समय बदल गया है। आज के दौर की महिलाएं बखूबी से अपने करियर और बच्चे को अच्छे से संभाल रही है।

मेरी माँ पर 10 लाइनें

1) माँ ताउम्र हमपर ममता लुटाती है।

2) माँ के बिना हम अधूरे माने जाते हैं।

3) एक माँ घर की सारी जिम्मेदारी को अच्छे से संभालती है।

4) भगवान द्वारा दिया गया सबसे बेहतरीन तोहफा है हमारी माँ।

5) माँ को भगवान का दर्जा प्राप्त है।

6) माँ अपने पूरे जीवन को अपने बच्चों के लिए समर्पित कर देती है।

7) एक पुरानी कहावत है कि पूत कपूत हो सकते हैं पर माता कभी भी कुमाता नहीं हो सकती है।

8) हमें अपनी माँ की आज्ञा का पालन करना चाहिए।

9) माँ हमसे बिना कोई शर्त के प्रेम करती है।

10) मेरी माँ दुनिया की सबसे अच्छी माँ है।

A1. हमारे जीवन में माँ का होना बहुत ज्यादा जरूरी है। वह हमें सहारा देती है। वह हमारे मुश्किल से मुश्किल दिनों में भी हमारे साथ खड़ी रहती है। भले ही हमसे सारी दुनिया मुंह मोड़ ले परंतु माँ अपने बच्चे का साथ कभी भी नहीं छोड़ती है।

A2. विज्ञान के अनुसार माँ गर्भधारण करके बना जाता है।

A3. औरत कोई भी भूमिका में हो सकती है जैसे कि एक पत्नी की भूमिका, दादी, नानी, बहन, बेटी, ताई, चाची आदि। लेकिन माँ की भूमिका एकदम अलग होती है। माँ का दर्जा सबसे बड़ा होता है।

A4. एक माँ अच्छी माँ तभी बन सकती है जब वह पूर्ण रूप से कर्तव्यों का पालन करते हुए अपने बच्चे की अच्छी देखभाल करें। अच्छी माँ हमेशा मुश्किल दिनों में भी धैर्य के साथ काम करती है। वह साहसी होती है। वह अपने बच्चों की सबसे बड़ी गुरू होती है।

A5. दूध पिलाने वाली (धाय), गर्भ धारण करने वाली, भोजन देने वाली, गुरु पत्नी, ईष्ट देव की पत्नी, सौतेली माँ , सौतेली माँ की बेटी, सगी बड़ी बहन, स्वामी की पत्नी, सास, नानी, दादी, सगे बड़े भाई की पत्नी, मौसी, बुआ और मामी। यह सभी सोलह प्रकार की माताएं होती है।

A6. माँ का प्यार बच्चे के लिए जादू की झप्पी की तरह काम करता है। वह बच्चे को बुरे हालातों से भी उबरने में मदद करता है। माँ का प्यार हमारे लिए सपोर्ट सिस्टम की तरह काम करता है। यह हमें हिम्मत और हौसला प्रदान करता है।

A7. दुनिया में सबसे बड़ी माता मां दुर्गा को कहा जाता है। माँ दुर्गा को समस्त ब्रह्मांड की माता के रूप में जाना जाता है। माता संपूर्ण संसार के दुखों को होती है।

A8. सिंगल मदर होने के फायदे भी है और नुकसान भी। हालांकि बदलते समय के साथ समाज में काफी परिवर्तन आया है। परंतु आज भी इस मॉर्डन दुनिया में सिंगल मदर को मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। वह अकेलेपन का जल्द शिकार हो जाती है।

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मेरी मां पर निबंध | Essay on My Mother

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मेरी मां पर निबंध | Essay on My Mother!

मेरी मां बहुत प्यारी हैं । वे रोज सुबह घर में सबसे पहले उठ जाती हैं । भगवान से लेकर घर के सब लोगों का ध्यान मेरी मां ही रखती हैं । वे दादा-दादी का पूरा ध्यान रखती हैं । पापा, मेरी और मेरी छोटी बहन की हर एक छोटी बड़ी बातों की परवाह भी मेरी मां करती हैं । दादी कहती हैं कि मेरी मां घर की लक्ष्मी हैं । मैं भी मां को भगवान के समान मानता हूं और उनकी हर बात मानता हूं ।

मेरी मां जॉब भी करती हैं । घर और ऑफिस दोनों की जिम्मेदारी वै बहुत ही अच्छे से निभाती है । उनके सरल और सुलझे व्यवहार की तारीफ उनके ऑफिस के सारे लोग करते हैं । मेरी मां गरीबों और बीमारों की भी हर संभव मदद करती हैं । मेरी मां मेरी सबसे अच्छी दोस्त हैं । मैं जब कोई गलती करता हूं तब मां मुझे डांटती नहीं हैं बल्कि प्यार से मुझे समझाती हैं । जब मैं दुखी होता हूं तब मेरी मां ही मेरे मुरझाए चेहरे पर मुस्कराहट लेकर आती हैं । उनके प्यार और ममतामयी स्पर्श को पाकर मैं अपने सारे दुख भूल जाता हूं ।

मेरी मां ममता की देवी समान हैं । वे मुझे और मेरी बहन को हमेशा अच्छी-अच्छी बातें बताती हैं । मेरी मां मेरी आदर्श हैं । वे मुझे सच के रास्ते पर चलने का सीख देती है । समय का महत्व बताती है । कहते है मा ईश्वर के द्वारा हमें दिया गया एक वरदान है । जिसकी आंचल की छांव में हम अपने आप को सुरक्षित महसूस करते है और अपने सारे गम भूल जाते हैं । मैं अपनी मां को बहुत प्यार करता हूं और भगवान को धन्यवाद देता हूं कि उन्होने मुझे दुनिया की सबरसे अच्छी मां दी ।

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मेरी माँ पर निबंध (My Mother Essay In Hindi)

मेरी माँ पर निबंध (My Mother Essay In Hindi Language)

आज के इस लेख में हम मेरी माँ  पर निबंध (Essay On My Mother In Hindi) लिखेंगे। मेरी माँ पर लिखा यह निबंध बच्चो और class 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10, 11, 12 और कॉलेज के विद्यार्थियों के लिए लिखा गया है।

मेरी माँ पर लिखा हुआ यह निबंध (Essay On My Mother In Hindi) आप अपने स्कूल या फिर कॉलेज प्रोजेक्ट के लिए इस्तेमाल कर सकते है। अगर आपको इस विषय पर छोटा निबंध (Short Essay) चाहिए तो आप निचे दिए निबंध से अपने जरूरत के हिसाब से निबंध लिख सकते है। आपको हमारे इस वेबसाइट पर और भी कही विषयो पर हिंदी में निबंध मिलेंगे, जिन्हे आप पढ़ सकते है।

Table of Contents

प्रस्तावना 

माँ इस एक शब्द को सुनते ही हमारे मन में श्रद्धा और प्यार की भावनाएं उमड़ने लगती हैं, मानो जैसे इस एक शब्द में ही सारी दुनिया समाई हुई हो। ऐसा इसीलिए होता है क्योंकि माँ और बच्चे का रिश्ता ही इतना अटूट होता है, जिसे कोई चाह कर भी बयां नहीं कर सकता।

असहनीय पीड़ा सह कर के जीवन का सृजन करने वाली दया और करुणा की मूरत माँ के बारे में जितना कहें वो कम है। देखा जाये तो माँ की ममता और महिमा को शब्दों में जताया नहीं जा सकता।

माँ की भूमिका

माँ, जिसके माता, जननी आदि कई नाम होते हैं, लेकिन उनका अर्थ सिर्फ एक ही होता है, ममतामयी माँ। जिसका अस्तित्व एक बालक के साथ ही जन्म लेता है और बच्चों के जन्म के बाद और उसका जीवन पूरी तरह से बदल जाता है।

बालक के जन्म के बाद माँ जैसे खुद को भूल जाती है और उसकी दुनिया सिर्फ उसके बच्चों से शुरू होकर उन्ही की अच्छी परवरिश में खत्म हो जाती है। अनेक कष्ट सहन करके वो अपने बच्चों का पालन पोषण करती है और उन्हें दुनिया की हर खुशी देने की कोशिश करती है।

वो हर सुख दुख में आजीवन हमारे साथ खड़ी रहती है और बिना किसी लोभ के निस्वार्थ भाव से हमें पालती है। बच्चे चाहे अपनी माँ को दुख भी पहुंचाए तब भी वो उनके साथ बुरा बर्ताव नहीं करती और पहले जैसी ही रहती है और अपनी पीड़ा का जिक्र भी नहीं करती है।

इसलिए कहा भी गया है – “कुपुत्रो जायेत क्वचिदपि कुमाता न भवति।”

अर्थात् पुत्र कुपुत्र हो सकता है परन्तु माता कभी कुमाता नहीं होती।

माता जो भी करती है उसमें उसके बच्चे का हित छुपा होता है। उसकी डांट में भी प्यार होता है। वो अपने बच्चों पर बिल्कुल आंच नहीं आने देती है, चाहे उसके लिए उसे पूरे जग से ही क्यों ना लड़ना पड़ जाए। माँ की भावनाएं और प्रेम निश्छल, निर्मल और पवित्र होता है।

इस संसार में दूसरा कोई ऐसा रिश्ता नहीं होता है, जैसा की एक माँ और उसके बालक का होता है।

ईश्वर का दूसरा रूप माता

एक बालक जब इस संसार में आता है, तो उसे जन्म देने के लिए माँ को कितनी अधिक पीड़ा सहनी पड़ती है इसका हम अंदाजा भी नहीं लगा सकते हैं। माँ ही इस सृष्टि की रचना करती है, इसलिए माता को ईश्वर का दूसरा रूप भी कहा जाता है।

माँ अपनी परवाह किए बिना ही हर परिस्थिति में बच्चों के लिए उनके जीवन और भविष्य को संवारने की कोशिश में लगी रहती है। ईश्वर को हम देख नहीं सकते, लेकिन माँ जो ईश्वर का प्रतिरूप है, उनकी हर एक चेष्टा को हम देख और समझ सकते हैं।

लेकिन कई बार माँ संतान को दुख ना पहुंचे इसलिए अपने अंदर इतने रहस्य छिपा लेती है, जिसका पता हम आजीवन नहीं लगा सकते हैं। वह अपने बच्चों को भनक तक नहीं लगने देती है, कि वो किस परेशानी के दौर से गुज़र रही है।

जन्मदायिनी माँ का कार्य सिर्फ बच्चे को जन्म देकर पूरा नहीं हो जाता है, बल्कि दिन प्रतिदिन उसकी जिम्मेदारियां बढ़ती ही जाती हैं।

बालक की प्रथम गुरु माँ

बालक का वर्तमान और भविष्य कैसा होगा यह उसे घर से मिलने वाले संस्कारों पर निर्भर करता है। माता और पिता दोनों की ही अलग अलग जिम्मेदारियां और कार्य होते हैं, अतः पिता को धन कमाने के लिए घर से बाहर जाकर काम करना होता है।

ऐसे में बच्चों में अच्छे संस्कार माँ ही डालती है ताकि वे अपने जीवन में तरक्की कर सकें। अगर माँ को बाहर जाकर काम भी करना होता है, तब भी वह पहले अपने बच्चों के बारे में सोचती है और घर का या बाहर का कोई भी काम करने से पहले अपने बच्चों की देखभाल और उनकी जरूरतों का ही ध्यान रखती है।

माँ बच्चों को जीवन जीने की कला सिखाती है और उन्हें बताती है कि हर अच्छी और बुरी परिस्थिति में उन्हें कैसे स्थिर होकर रहना है। माँ बच्चों को सत्य के मार्ग पर चलना सिखाती है और उसे अच्छा इंसान बनाती है। बच्चे माँ की प्रेरणा पाकर जीवन की हर मुश्किल का सामना कर लेते हैं।

बालक विद्यालय जाने से पहले और बाद में भी अपनी माँ से जीवन जीने की शिक्षाएं ग्रहण करते हैं। वो सबसे अधिक भरोसा अपनी माँ पर ही करते हैं, इसलिए हर छोटी बड़ी बात, चाहे वो स्कूल की हो, घर की या फिर दोस्तों की सभी कुछ अपनी माँ के साथ बांटना पसंद करते हैं। और माँ उनकी उलझन को दूर करके उन्हें सही रास्ता दिखाती है।

इसीलिए कहा गया है – “गुरुणामेव सर्वेषां माता गुरुतरा स्मृता।”

अर्थात् सारे गुरुओं में सबसे श्रेष्ठ गुरु माता होती है।

सर्वगुण सम्पन्न माँ

माँ को गुणों की खान कहा जाए तो गलत नहीं होगा, क्योंकि अलग अलग प्रकार की स्थिति में हर बार माँ का एक नया रूप देखने को मिलता है। माँ मोम जैसे कोमल मन और अति दयालु स्वभाव की होती है।

माँ के अंदर करुणा कूट कूट कर भरी होती है और बालक को जरा सी भी तकलीफ होने पर उसकी करुणा उमड़कर आंसुओं का रूप ले लेती है। लेकिन इतनी कोमल होकर भी उसमें अपार शक्ति होती है।

जब भी बच्चों के ऊपर कोई आपदा आती है या उन्हें कोई परेशान करता है, तो माता के क्रोध की ज्वाला दहक जाती है और वो हर किसी तरह से अपने बच्चों की रक्षा करती है। माँ अति सहनशील होती है, इसलिए संतान की खातिर सब कुछ सह जाती है और थोड़ी भी शिकन अपने आचरण से झलकने नहीं देती।

माँ कल्पवृक्ष की तरह बच्चों कि पसंद कि सारी वस्तुएं उनके सामने हाजिर कर देती है, या फिर उसके लिए हर संभव प्रयास करती है। बेटी हो या बेटा, छोटा हो या बड़ा हर बच्चे के साथ समान व्यवहार करती है और उन्हें समान रूप से शिक्षित करती है।

माँ खुद भूखी रहकर भी बच्चों का पेट भरती है और खुद लाख तकलीफें झेलकर भी बच्चों को हर सुविधा देती है। जब भी आप परेशान हों या विचलित हों, तो माँ की गोद जैसे जादू का काम करती है, क्योंकि उनकी गोद में सर रखकर सोने से हर चिंता दूर हो जाती है और मन को असीम शांति का अनुभव होता है।

बच्चा चाहे कितना भी छिपाए पर माँ पल में पहचान जाती है कि उसके बच्चे को क्या तकलीफ है और किस बात से वो खुश होगा। माँ का जीवन उसके बच्चों में ही बसता है और वो अपनी हर छोटी बड़ी खुशियां बच्चों की खुशी में ही तलाशती है।

उसका अप्रतिम प्रेम संतान के जीने का सहारा होता है। माँ जिंदगी के हर पहलू से वाकिफ होती है इसलिए संतान को हर पल जीवन में आने वाली चुनौतियों के लिए तैयार करती है और खुद भी उसके साथ कर्तव्य पथ पर डटी रहती है।

माँ का हमारे जीवन में महत्व (Importance Of Mother In Hindi)

माँ का हमारे जीवन में अत्यधिक महत्व होता है, ना सिर्फ भावात्मक रूप से बल्कि सामाजिक, सांस्कृतिक, धार्मिक और आर्थिक रूप से भी माता हमें सुदृढ़ बनाती है। जब हमारा जन्म होता है तभी से लेकर माँ उनके हर क्षण अपने समय को हमसे जोड़ देती है और अन्य सभी कामों को  महत्व ना देकर सबसे पहले हमारी देखभाल को ही अपना महत्वपूर्ण काम समझती है।

माँ हमें अच्छे और बुरे कि पहचान कराती है, ताकि हम जीवन में सही रास्ता चुनकर कर्तव्य पथ पर आगे बढ़े। जिन बच्चों की माँ नहीं होती है उन्हें अपने जीवन में बहुत अधिक संघर्ष करना पड़ता है और कई बार बिन माँ के बच्चे अपने जीवन में सही मार्गदर्शन ना मिलने के कारण रास्ते से भटक जाते हैं और बड़े होकर अपराधी भी बन जाते हैं।

माँ की ममता स्वाभाविक ही होती है और इसके लिए उसे किसी से शिक्षा नहीं लेनी होती। आपने देखा होगा, नन्हे नन्हे चिड़िया के बच्चे जब तक उड़ नहीं पाते हैं, उनकी माँ उनके लिए खाना लाकर उन्हें अपनी चोंच से खिलाती है।

उसी तरह गाय अपने बछड़ों को जीभ से चाट कर दुलार करती है। अतः माँ चाहे इंसान की हो या किसी जानवर कि वो संतान के लिए प्यार और दुलार का एक सागर है, जो कभी समाप्त नहीं होता।

माँ हमारी सबसे सच्ची और अच्छी दोस्त होती है, क्योंकि वो हमारा हर हाल में साथ निभाती है। हमारे अच्छे काम के लिए प्रोत्साहित करती है और हमारे बुरे काम करने पर रोकती है और हमें ईमानदार और कर्मठ बनाती है।

किसी कवि ने माँ के लिए बिल्कुल ठीक लिखा है –

“खुद सो कर के भूखा भर पेट खिलाती है,

पी कर के हर आंसू हर दम मुस्काती है,

हालत हो ऐसा भी मुझपर इतलाती है,

इस पुरे जगत में माँ मेरी सबसे निराली है,

कांटो से भरी बगियाँ फूलो से सवारी है।”

हमारी माँ तो हमारे लिए अपनी खुशियों को भी न्यौछावर कर देती है, लेकिन हम उन्हें क्या देते हैं। वैसे तो हम उनके त्याग और हमारे लिए सहन किए गए कष्टों का बदला नहीं चुका सकते हैं, परन्तु संतान होने के खातिर उन्हें खुश रखने की कोशिश हमें जरूर करनी चाहिए।

खुश रखने का मतलब ये नहीं कि हम मदर्स डे पर दो फोटोज़ अपनी माँ के साथ सोशल मीडिया पर आई लव यू मॉम लिख कर पोस्ट कर दें और हमारा कर्तव्य पूरा हो जाएगा, बिल्कुल नहीं हमें अपनी माँ को दिल से इज्जत, सम्मान और प्यार देना होगा, जिसकी वो हकदार है।

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माँ पर निबंध (Short Essay On My Mother In Hindi)

माँ ही हमे इस दुनियां में लाती है, माँ हमे बहुत प्यार से पालती हैं। मेरी माँ रोज सुबह में परिवार के सभी सदस्यो से पहले उठ जाती हैं और घर की साफ सफाई करने जुड़ जाती हैं। वो सभी के लिए स्वादिष्ट खाना बनाती है और परिवार के सभी सदस्यो का खाना खाकर हो जाने के बाद खाती हैं।

मेरी माँ घर के लगभग सभी काम को करती हैं, हमारे परिवार के सभी सदस्यों का बहुत अच्छे से ख्याल रखती हैं। जब भी हमे कोई दिक्कत होती हैं तो उसे पता चलने पर मेरी माँ जरूर पहुँच जाती हैं।

मेरी माँ से किसी का दुख देखा नही जाता। वो कभी नही चाहती कि हमें या हमारे परिवार के लोगों को कुछ दिक्कत या तकलीफ हो। मेरी माँ खाना खाने से पहले घर के भगवान को और घर मे लगे तुलसी की पूजा करती है ओर भगवन से हमारे परिवार के अच्छे स्वास्थ और शांति की कामना करती हैं।

वो स्कूल जाने से पहले हमारे लिए खाना बना कर टिपिन में रख देती हैं। मेरी माँ हमारे स्कूल के कपड़ो को हर दिन साफ करती है और हमारे लिए साफ कपडे तैयार रखती हैं। बचपन से लेकर आज तक मेरी माँ हमे सुरक्षित रखती हैं।

जब हम बच्चे थे तो वो हमें अपने हाथों से नहाती थी ओर अपने हाथों से खाना खिलाती थी, इसी लिए माँ के प्यार को भूलना असम्भव हैं। मेरी माँ हमारे घर का सही हिसाब रहती है और सभी काम के कागज को संभाल कर रखती हैं।

जब भी हमे किसी भी जरुरी कागज की जरूरत होती हैं, तो हम सबसे पहले अपने माँ से ही पूछते है। जो भी जरूरी समान होता है उसे मेरी माँ जरूर संभाल कर रखती हैं और जरूरत पड़ने पर समय से वो समान हमे दे देती हैं।

हमारे घर मे कब किस चीज की जरूरत हैं और कोनसे चीज की कमी हैं इन सब का मेरी माँ ध्यान रखती हैं । मेरी माँ मेरे पिता के सभी बातो को मानती हैं, उनकी कही हुई कोई भी बात मेरी माँ कभी भी नही टालती।

मेरी माँ मेरे पिता के कपड़ो को साफ करती हैं और उनका भी पूरा ख्याल रखती हैं। पापा जब कुछ गलत करते है तो उनको समझती भी है। वो हमारे घर के राशन का और किचन के सभी सामान का ध्यान रखती हैं, क्योंकि वो कभी नही चाहती कि खाना खाने समय घर के किसी भी सदस्य को किसी चीज की कमी आए।

साल में आने वाले अनेक तरह के त्योहार में मेरी माँ जरूर शामिल होती हैं और वो सभी भगवान की पुजा करती है। मेरी माँ हमारे परिवार के लिए खरीदारी भी करती है। जब हम कभी स्कूल बंद होने पर ज्यादा देर तक अपने गली या मुहल्ले में खेलते रहते हैं।

तो उस समय मेरी माँ  हमे खाना खाने के लिए आवाज लगाती हैं। मेरी माँ मेरे लिए हमेशा अच्छा ही सोचती हैं, वो कभी भी हमारे लिए बुरा नही सोच सकती। उनकी हमेशा यही सोच रहती हैं कि मेरा बच्चा कुछ अच्छा करे। मेरी माँ हमारे पढाई के लिए पैसो की बचत करती है ताकि हम अच्छे से पढ़ लिख सके और बड़े होकर अच्छी जिंदगी जिए।

जब हम कहीं जाते हैं तो मेरी माँ जरूर कहती हैं “अच्छे से जाना और सही समय से खाना खाना”। अगर हमे आने में थोड़ी भी देर होती है तो वो फ़ोन से या किसी तरह से पता लगाने लगती हैं की हम कहा हैं और कोई हमे कोई दिक्कत तो नही है।

जब हमें कोई भी चीज की या पैसो की जरूरत होती है ,तो हम उस चीज को अपने माँ से ही मांग लेते हैं। अगर हमारी मांगी हुई चीज मेरे माँ के पास होती है तो वो हमे कभी भी मना नही करती हैं। मेरी माँ हम से कितना भी दूर क्यों न रहती हो, लेकिन उसे मेरा ख्याल जरूर रहता हैं।

मेरी माँ हमे हमारे पढ़ाई में भी बहुत मदद करती हैं, वो हमें हमेशा कुछ ना कुछ अच्छा सिखाती रहती हैं। वो हमे हमेशा अच्छी बाते बताती और सिखाती रहती हैं और गलत काम करने से हमे बचाती और रोकती भी है।

हमारे जीवन में माँ का महत्व

बचपन से ले कर आज तक हमारे पढ़ाई से लेकर हमारे रहन सहन में मेरी माँ का बहुत बड़ा योगदान हैं। मेरी माँ हमारे लिए बहुत कष्ट उठाती हैं, वो जब अपने गर्व में नौ महीने हमे रखती हैं, तो उसी समय से वो हमारे लिए बहुत सारे दुख दर्द बरदाश्त करती हैं। इसी लिए हम सब को अपने जिंदगी में माँ को कभी दुख नही देना चाहिए।

जब मेरी माँ एक दिन के लिए किसी रिश्तेदार के यहां जाती है, तो हमारे घर में रौनक ही नही रहती। लगता है जैसे घर में कुछ कमी है। साथ ही घर मे कोई भी जरूरत का सामान वक़्त पर नही मिलता और  इसी से समझ में आता हैं कि हमारे जिंदगी में माँ का होना बहुत जरूरी हैं।

मेरी माँ हमारे लिए हमेशा भगवान की तरह हैं, जो कि सभी चीजों में हमे मदद करती है। वो हमेशा हमे सफलता की रास्ते पर ही लेकर जाती हैं और हमे सफल होने के लिए आशीर्वाद देती हैं।

जब मेरे बारे में मेरी माँ को कोई बुरा बताता है, तो मेरी माँ मेरे लिए उनसे बहस कर जाती है, मेरी माँ को हमारी बुराई बरदास्त नही होती और वो कभी किसी के सामने हमारी बुराई नही करती हैं। क्युकी किसी भी माँ के लिए उसका बच्चा दुनिया में सबसे प्यारा होता है।

हमे अपनी माँ की सभी बातों को मानना चाहिए, क्योकी वो कभी भी हमे गलत शिक्षा नही देती। हमे हमेशा कोशिश करनी चाहिए कि उन्हें किसी भी चीज की दिक्कत नही हो और वो हमेशा खुश रहे और हस्ती रहे।

मैं हमेशा कोसिस करता हु की, मेरे माँ के सभी कामो में मैं अपना हाथ बटा सकू और आपको भी अपने माँ के कामो में हाथ बटाना चाहिए। इससे उन्हें बहुत खुशी मिलती हैं और उन्हें गर्व आप पर गर्व होता है।

तो यह था मेरी माँ पर निबंध, आशा करता हूं कि मेरी माँ पर हिंदी में लिखा निबंध (Hindi Essay On My Mother) आपको पसंद आया होगा। अगर आपको यह लेख अच्छा लगा है, तो इस लेख को सभी के साथ शेयर करे।

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मेरी प्यारी माँ पर निबंध | Essay on my mother (1800 words)

  • Post author: Sachin Rathi
  • Post published: September 11, 2022
  • Post category: Hindi essay
  • Post comments: 0 Comments

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Essay on my mother in Hindi – वैसे तो माँ के बारे क्या ही लिखा जा सकता है, माँ के बारे में जो लिखू वो भी काम है। \’मेरी माँ या मेरी प्यारी माँ\’ ये शब्द सुनते ही या कहते ही हमारा मन भर सा जाता है और एक अलग ही तरह का महसूस होता है। मेरे प्यारे दोस्तों आज हम आपके लिए मेरी प्यारी माँ पर निबंध ( Essay on my mother in Hindi) लेकर आए है वो भी बिल्कुल सरल भाषा में। जो निबंध हम आपको बताएँगे वो आपके स्कूल में, कॉलेज में, या अन्य किसी भी जगह काम जरूर आएगा या आप इसे केवल पढ़ने के लिए इस्तेमाल कर सकते है। जो बिना स्वार्थ के प्यार करती है वो होती है माँ। जो हमारी एक छींक पर हमें डॉक्टर के पास है वो होती है माँ। तो चलिए आज हम आपको मेरी माँ पर निबंध के बारे में बताते है।

Essay on my mother in Hindi for class 6,7,8,9,10

Table of Contents

essay on my mother

इस दुनिया में सबसे आसान और सबसे अनमोल शब्द है- माँ। माँ दुनिया का एक मात्र ऐसा शब्द है, जिसे किसी परिभासा की जरूरत नहीं है क्योकि यह शब्द नहीं एहसास है। माँ प्रेम, त्याग और सेवा की मूर्ति है। सचमुच, माँ ईश्वर का प्रतिरूप रूप है।

मेरी माँ का नाम ममता देवी है। मेरी माँ बहुत समंझदार, मेहनती और दयालु है। वह हर सुबह सबसे पहले उठ जाती है और घर का सभी काम संभालती है। मेरी प्यारी माँ हमारे परिवार का अच्छी तरह से ख्याल रखती है। वह हमारे बगीचे के पेड़-पौधे पर भी ध्यान देती है मेरी माँ एक साधारण सी महिला है, वह मेरे लिए सुपर डुपर हीरो है। मेरी माँ ने मेरे हर कदम पर मेरा साथ दिया और मेरा हौसला भी बढ़ाया। मेरे हर हालत में वह मेरे साथ रहती थी चाहे कैसे भी हालत हो। मेरी माँ का हर कार्य, भक्ति, लगन, समपर्ण, आचरण मेरे लिए प्रेरणा थी।

मेरी माँ का प्यार

मेरी माँ ईमानदारी, सच्चाई और प्रेम का है। मेरी माँ मुझे प्रतिदिन आशीर्वाद देती है जो की मेरे बहुत काम आता है। मेरी माँ हमें सब कुछ देती है लेकिन कभी बदले में कुछ भी नहीं लेती। जिस तरह मेरी माँ मेरे परिवार का ध्यान रखती है, वह मुझे भी भविष्य में ऐसा करनी की प्रेरणा देती है।

मेरी माँ का प्यार केवल अपने ही परिवार के लिए नहीं है बल्कि वह तो सभी जीव जानवरो, कुत्ते, बिल्ली, पेड़-पौधे सभी से प्यार से व्यव्हार करती है। इसी वजह से वह पर्यावरण और जानवरो के प्रति दयालु और समंझदार होती है।

निष्कर्ष conclusion: (Essay on my mother in Hindi)

हर माँ अपने बच्चो लिए बहुत खास होती है और माँ ही बच्चो के भगवान् के वरावर होती है। माँ ही बच्चो को अच्छी और बुरी शिक्षा देती है। माँ का आँचल पकड़कर बच्चा बड़ा होता है। माँ गर्व से लेकर बच्चे के बूढ़े होने तक सभी अच्छे बुरे काम करती है। एक माँ अपने बच्चो के साथ साथ पुरे परिवार का ध्यान रखती है। सिर्फ मेरी माँ ही नहीं बल्कि वो हर माँ जो अपने बच्चो के अपना पूरा जीवन न्योछावर कर देती है, सच में भगवान् है और भगवान् की पूजा करनी चाहिए।

मेरी प्यारी माँ पर निबंध: Essay on my mother in Hindi

Short Essay on my mother

मेरी प्यारी माँ इस दुनिया में प्यार, सच्चाई, ईमानदारी और सबसे बढ़कर मेरे लिए देवता की प्रतीक हैं। मेरी माँ एक अद्भुत और आत्मविश्वासी महिला हैं और मेरे लिए एक प्रेरणा भी हैं। मैं हमेशा अपनी माँ के स्व-निर्मित निर्णयों और उनके जीवन में उनकी निष्ठा के कारण उनकी प्रशंसा करता हूँ। उसका नाम ममता देवी है।

मेरी मां मेरे लिए गुड लक है, इसलिए मैं हमेशा अपने दिन की शुरुआत मां की मुस्कान से करता हु और हर दिन मैं उनका आशीर्वाद लेता हूं। यह मेरी बहुत मदद करता है और किसी भी काम को करना बहुत आसान बनाता है। और समस्याओं को भी बहुत जल्दी दूर करता है।

मेरी माँ हमेशा मेरी पढ़ाई को लेकर चिंतित रहती है और परीक्षा के समय मेरी मदद भी करती है। वह मुझे जीवन में एक अच्छा इंसान बनने और सही काम करने के लिए मार्गदर्शन करती रहती है, और हमेशा यही सुझाव देती है, कि मैं जीवन में सही निर्णय लेता रहुँ। जब भी हम बीमार पड़ते थे वह मेरे छोटे भाई और मेरा ख्याल रखती थीं। वह हम दोनों की सबसे अच्छी दोस्त है, और हमेशा हमें सबके साथ सहज बनाने की कोशिश करती है। मैं और मेरा भाई हमेशा अपनी माँ के साथ अपने रहस्य साझा करते हैं।

मेरी माँ हमेशा हमारी खुशी की परवाह करती है और हमेशा हमें सहज महसूस कराने की कोशिश करती है। वह हमारे लिए स्वादिष्ट खाना बनाती है। हर दिन वह नाश्ता बनाती है और हमें हमारे स्कूल के लिए लंचबॉक्स भी देती है। छुट्टियों में, वह हमेशा कुछ खास और स्वादिष्ट भोजन और स्वादिष्ट व्यंजन बनाती है। जिसे हमने अपने घर में इसका भरपूर आनंद लिया। कभी-कभी हम अपना वीकेंड मनाने के लिए बाहर भी जाते हैं और मस्ती करते हैं। जब भी हमें अपनी पढ़ाई से समय मिलता है, हम अपनी माँ के साथ बैठते हैं, और वह हमें हँसती हुई कहानियाँ, ज्ञानवर्धक कहानियाँ और अन्य बातचीत बताती हैं, जो हमें अपने जीवन में अनुसरण करने और अच्छे इंसान बनने में मदद करती हैं। वह मेरे जीवन में अब तक के सबसे दयालु लोगों में से एक है, और उसे अपने जीवन में किसी और की तुलना में बहुत अधिक प्यार करती है।

मैं कभी भी जीवन में कोई गलत काम नहीं करूंगा, जिसके लिए मेरी वजह से मेरी मां की इज्जत फीकी पड़ जाए।

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Essay on my mother in Hindi

Long Essay on my mother in hindi

हम सभी जानते हैं, कि माँ का स्थान सबसे ऊपर है क्योंकि वह ईश्वर से भी अधिक मूल्यवान है। माँ हर किसी के जीवन में सबसे महत्वपूर्ण और खास व्यक्ति होती है। वास्तव में हम कह सकते हैं, कि माँ किसी के लिए भी ईश्वर का सबसे अनमोल उपहार होता है।

माँ हर बच्चे के लिए पहली शिक्षक(गुरु) होती है, जिससे बच्चा सम्मान करना, देखभाल करना, बोलना सीख सकता है, और बच्चा माँ के कारण ही दुनिया देख सकता है। वह उनके जीवन में उनके बच्चे के लिए एक दोस्त, माता-पिता, अभिभावक, कार्यवाहक और शिक्षक भी हो सकती है, माँ परिवार चलाने और घर को स्वर्ग के रूप में सुंदर बनाने की जिम्मेदारी लेती है। उसकी मुस्कान उसकी उपस्थिति, स्नेह और प्रेम से पूरे घर को रोशन कर देती है। हर इंसान या जीवित प्राणी का अपनी मां के साथ एक विशेष और भावनात्मक लगाव होता है।

इस दुनिया में सभी बच्चों के लिए सबसे सुरक्षित और सबसे सुकून देने वाली जगह उनकी मां की गोद होती है।

एक माँ अपने परिवार और घर में रहने वाले लोगों की खुशी की पूरी जिम्मेदारी लेती है। वह सभी की मदद करती है और उनकी देखभाल भी करती है, चाहे वह व्यस्त क्यों न हो, बच्चे हों या दादा-दादी। वह इतनी दयालु और मददगार है, कि जरूरत पड़ने पर अपने पड़ोसियों और दोस्तों की मदद के लिए हमेशा तैयार रहती है। अपने परिवार में सभी के लिए उनका प्यार बिना शर्त और शुद्ध है। वह अपनी जिम्मेदारियों से कभी नहीं कतराती हैं और बिना एक भी शब्द बोले हमेशा घर की देखभाल करती हैं। बहुत सी माताएँ बहुक्रियाशील होती हैं, क्योंकि वे अपने घर की देखभाल करती हैं और व्यवसाय भी चलाती हैं, या कुछ अन्य गतिविधियाँ करती हैं। उनके पास अपने जीवन में चुनौतियों का सामना करने और उन्हें अवसरों में बदलने की अद्भुत क्षमता होती है। उनके पास व्यवसाय को संभालने और घर की देखभाल के रास्ते में आने वाली बाधाओं का प्रबंधन करने की भी क्षमता होती है। वह अपने हुनर ​​से सभी को हैरान कर देती हैं। वह मल्टीटास्किंग में बहुत अच्छी होती है, और वह बिना किसी झिझक के इसे आराम से संभाल सकती है।

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माँ प्रकृति इस दुनिया में अतुलनीय है। जो हमेशा अपने प्रियजनों को बिना किसी वापसी की उम्मीद किए बिना शर्त प्यार करती है। एक माँ, यह सिर्फ एक साधारण शब्द नहीं है। यह अपने आप में एक संपूर्ण ब्रह्मांड है। एक प्रसिद्ध लेखक ने एक बार कहा था, \”भगवान सभी के लिए हर जगह मौजूद नहीं हो सकते। इसलिए, उन्होंने माताओं को बनाया।

वास्तव में कोई भी \’माँ\’ शब्द का अर्थ परिभाषित नहीं कर सकता। हम सभी को हर साल छुट्टी का सप्ताहांत मिलता है, लेकिन एक माँ के पास कोई छुट्टी नहीं होती है। कोई सप्ताहांत नहीं होता है, और जब वह बीमार महसूस करती है तो वह एक भी छुट्टी के बिना पूरे साल लगातार काम करती है। वह अपने काम और देखभाल के बदले में कभी कुछ भी नहीं मांगती। उसके पास कई गुण हैं जो उसे देखभाल और प्रेम की मूर्ति बनाते हैं।

माँ हमेशा अपने प्रियजनों को उनकी गलतियों के लिए माफ कर देती है और हमेशा हमारी गलतियों को समझने और हमारी जिम्मेदारियों को समझने के लिए कुछ सख्त उपायों के साथ हमारी गलतियों को सुधारने की कोशिश भी करती है। वह हमेशा अपने बच्चों को उनके जीवन में एक जिम्मेदार व्यक्ति बनाने और एक आरामदायक जीवन के लिए आगे की सफलता हासिल करने के लिए कुछ त्याग करती है। वह एक निस्वार्थ इंसान हैं और हमें उनका सम्मान करना चाहिए।

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निष्कर्ष Conlusion:

माँ शब्द ही दुनिया का सबसे अनमोल अहसास है। हमारी माँ हमारे लिए सब कुछ करने लिए त्यार रहती है। अगर हम किसी भी चीज में जिद कर देते है, तो माँ वो चीज हमारे पास लेकर रख देती है। अगर आपको भगवान् को देखना है तो आप एक बार अपनी नजर भरकर अपनी माँ की तरफ देख लेना, आपको भगवान् नजर आ जायेगा।

1). माँ के बारे में क्या लिखे ?

वैसे तो माँ के बारे क्या ही लिखा जा सकता है, माँ के बारे में जो लिखू वो भी काम है। एक माँ अपने परिवार और घर में रहने वाले लोगों की खुशी की पूरी जिम्मेदारी लेती है।

2). आपके जीवन में माँ का क्या योगदान है ?

माँ हर बच्चे के लिए पहली शिक्षक(गुरु) होती है, जिससे बच्चा सम्मान करना, देखभाल करना, बोलना सीखता है, और बच्चा माँ के कारण ही दुनिया देख सकता है।

3). मेरी माँ मेरे लिए क्या क्या करती है ?

मेरी प्यारी माँ हमारे परिवार का अच्छी तरह से ख्याल रखती है। वह हमेशा कुछ खास और स्वादिष्ट भोजन और स्वादिष्ट व्यंजन बनाती है। जिसे हमने अपने घर में इसका भरपूर आनंद लिया।

4). क्यों माँ सबसे अच्छी होती है ?

माँ इस दुनिया में सबसे अच्छी होती है, क्योकि वह हमेशा बिना स्वार्थ हमसे बहुत प्यार करती है, और कभी बदले कुछ नहीं मांगती।

आशा करते है की आपको ये निबंध पसंद आया होगा। अगर आप भी अपनी माँ से दुसरो की मदद करना सीखे हो तो आप इसे जरूर अपने दोस्तों और अपने परिजनों को शेयर करना।

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माँ पर निबंध (Mother Essay in Hindi)

माँ

माँ से बेहतर किसी को भी नहीं माना जा सकता है, उसके प्यार और देख-रेख को।

“खुदा का दूसरा रूप है माँ ममता की गहरी झील है माँ वो घर किसी जन्नत से कम नहीं जिस घर मे खुदा की तरह पूजी जाती है माँ”

माँ पर छोटे तथा बड़े निबंध (Short and Long Essay on Mother, Ma par Nibandh Hindi mein)

माँ पर निबंध 1 (250 शब्द).

माँ दुनिया का सबसे प्यारा शब्द है। माँ शब्द उस भाव का परिचायक है जो निस्वार्थ भाव से प्रेम लुटाती है। माँ से ही इस संसार का अस्तित्व है। माँ को धन्यवाद देने और आदर के लिये हर साल 5 मई को मातृ दिवस के रुप में मनाया जाता है।

मेरी माँ का रहन सहन और व्यवहार

मेरी माँ हमेशा हमारा ध्यान रखती है और प्यार करती है। अपने जीवन मे वो हमें प्राथमिकता देती है और हमारे बुरे समय में हमारी हिम्मत बनती है है। वो हमारे हर सुख-दुख का कारण जानती है और कोशिश करती है कि हम हमेशा खुश रहें। मेरी माँ धार्मिक और ईश्वर में श्रद्धा रखने वाली है। माँ के आसपास होने पर हमें पूर्णता का एहसास होता है।

मेरा और माँ का सम्बन्ध

माँ और बच्चों के बीच में एक खास बंधन होता है। वो हमारी हर बात को समझती है। माँ हमारे कुछ कहने से पहले ही हमारे मन को पढ़ लेती है और हमारी आवश्यक वस्तु हमारे समक्ष रख देती है। माँ होना अपने आप में एक विशिष्ट बात है। परन्तु हमें एक माँ को समझना भी चाहिए।उसके निस्वार्थ भाव में छिपे दर्द , थकान और संघर्ष को भी समझना चाहिए।

हमें जीवन भर अपने माँ का ख्याल रखना चाहिए। माँ रूपी सागर में समस्त संसार समाया हुआ है। हम सभी को माँ का सम्मान करना चाहिए और उन्हें प्रेम देना चाहिए। माँ के बारे में किसी शायर ने कहा है की ” मैंने जन्नत तो नहीं देखी , मगर माँ को देखा है ”।

निबंध 2 (300 शब्द)

हर एक के जीवन में माँ ही एक ऐसी होती है जो हमारे दिल में किसी और की जगह नहीं ले सकती है। वो प्रकृति की तरह है जो हमेशा हमको देने के लिये जानी जाती है, बदले में बिना कुछ भी हमसे वापस लिये। हम उसे अपने जीवन के पहले पल से देखते है जब इस दुनिया में हम अपनी आँखे खोलते है। जब हम बोलना शुरु करते है तो हमारा पहला शब्द होता है माँ। इस धरती पर वो हमारी पहला प्यार, पहला शिक्षक और सबसे पहला दोस्त होती है । जब हम पैदा होते है तो हम कुछ नहीं जानते और कुछ भी करने के लायक नहीं होते हालाँकि ये माँ ही होती है जो हमें अपनी गोद में बड़ा करती है। वो हमें इस काबिल बनाती है कि हम दुनिया को समझ सकें और कुछ भी कर सकें।

वो हमेशा हमारे लिये उपलब्ध रहती है ईश्वर की तरह हमारी परवरिश करती है। अगर इस धरती पर कोई भगवान है तो, वो हमारी माँ है। कोई भी हमें माँ की तरह प्यार और परवरिश नहीं कर सकता और कोई भी उसकी तरह अपना सबकुछ हमारे लिये बलिदान नहीं कर सकता। वो हमारे जीवन की सबसे बेहतरीन महिला होती है जिसकी जगह किसी के भी द्वारा भविष्य में नही बदली जा सकती। बहुत थकने के बावजूद भी वो हमेशा हमारे लिये बिना थके हुये की तरह कुछ भी करने को तैयार रहती है। वो हमें बड़े प्यार से सुबह भोर में उठाती है, नाश्ता बनाती है और दोपहर का खाना और पीने का बोतल हमेशा की तरह देती है।

दोपहर में सभी काम-काज खत्म करने के बाद वो दरवाजे पर हमारा इंतजार करती है। हमारे लिये वो रात का जायकेदार खाना बनाती है और हमेशा हमारे पसंद-नापसंद का ध्यान रखती है। वो हमारे प्रोजेक्ट और स्कूल होमवर्क में भी मदद करती है। जिस तरह एक महासागर बिना पानी के नहीं हो सकता उसी तरह माँ भी हमें ढ़ेर सारा प्यार और देख-रेख करने से नहीं थकती है। वो अनोखी होती है और पूरे ब्रम्हाण्ड में एकमात्र ऐसी है जिसे किसी से नहीं बदला जा सकता। वो हमारे सभी छोटी और बड़ी समस्याओं का असली समाधान है। वो इकलौती ऐसी होती है जो कभी भी अपने बच्चों को बुरा नहीं कहती और हमेशा उनका पक्ष लेती है।

निबंध 3 (400 शब्द)

इस दुनिया में किसी भी चीज को माँ के सच्चे प्यार और परवरिश से नहीं तौला जा सकता। वो हमारे जीवन की एकमात्र ऐसी महिला है जो बिनी किसी मंशा के अपने बच्चे को ढ़ेरा सारा प्यारा परवरिश देती है। एक माँ के लिये बच्चा ही सबकुछ होता है। जब हम मजबूर होते है तो वो हमेशा जीवन में किसी भी कठिन कार्य को करने के लिये हमें प्रेरित करती है। वो एक अच्छी श्रोता होती है और हमारे हर अच्छी और बुरी बातों को सुनती है जो हम कहते है। वो हमें कभी रोकती नहीं और किसी हद में नहीं बाँधती। वो हमें अच्छे-बुरे का फर्क करना सीखाती है।

सच्चे प्यार का दूसरा नाम माँ है जो केवल एक माँ हो सकती है। उस समय से जब हम उसकी कोख में आते है, जन्म लेते है और इस दुनिया मे आते है पूरे में जीवन भर उसके साथ रहते है। वो हमें प्यार और परवरिश देती है। माँ से अनमोल कुछ भी नहीं जो भगवान के द्वारा आशीर्वाद समान होता है इसलिये हमें ईश्वर का आभारी होना चाहिये। वो सच्चे प्यार, परवरिश और बलिदान का अवतार होती है। वो एक ऐसी होती है जो हमें जन्म देकर मकान को मीठे घर में बदल देती है।

वो एक ऐसी है जो पहली बार हमारे स्कूल की शुरुआत घर में ही करती है हमारे जीवन की सबसे पहली और प्यारी शिक्षक होती है। वो हमें जीवन का सच्चा दर्शन और व्यवहार करने का तरीका सीखाती है। इस दुनिया में हमारे जीवन के शुरु होते ही वो हमें प्यार करती है और हमारा ध्यान देती है अर्थात उसकी कोख में आने से उसके जीवन तक। बहुत दुख और पीड़ा सहकर वो हमें जन्म देती है लेकिन इसके बदले में वो हमेशा हमें प्यार देती है। इस दुनिया में कोई भी ऐसा प्यार नहीं है जो बहुत मजबूत, हमेशा के लिये निस्वार्थ हो, शुद्ध और समर्पित हो। वो आपके जीवन में अंधकार को दूर करके रोशनी भरती है।

हर रात को वो पौराणिक कथाएँ सुनाती है, देवी-देवताओं की कहानियाँ और दूसरी राजा-रानीयों की ऐतिहासिक कहानियाँ सुनाती है। वो हमेशा हमारे स्वास्थ्य, शिक्षा, भविष्य और अजनबियों से हमारी सुरक्षा को लेकर बहुत चिंतित रहती है। वो हमेशा हमें जीवन में सही दिशा की ओर आगे बढ़ाती है और सबसे खास बात कि वो हमारे जीवन में खुशियाँ फैलाती है। वो हमें छोटे और असमर्थ बच्चे से मानसिक, शारीरिक, सामाजिक और बौद्धिक मनुष्य बनाती है। वो हमेशा हमारा पक्ष लेती है और भगवान से हमारे स्वास्थ्य और अच्छे भविष्य के लिये पूरे जीवन भर प्रार्थना करती है इसके बावजूद कि हम कई बार उनको दुखी भी कर देते है। लेकिन हमेशा उसके मुस्कुराते चेहरे के पीछे एक दर्द होता है जिसे हमें समझने की जरुरत है ध्यान रखने की जरुरत है।

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माँ का महत्व पर निबंध – Essay on Mother in Hindi

माँ पर निबंध | माँ का महत्व पर निबंध | essay on mother in hindi.

Best Essay on Mother in Hindi - Maa

बच्चों , जब आपको चोट लगती है तो सबसे पहले जिसकी याद आती है वह कौन है ? और किसे सुनाई थी आपने अपनी तोतली जुबान में पहली कविता ? और कोई नहीं, वह माँ ही तो है। जरा सोचो, अगर माँ सुबह जल्दी आपको न उठाए तो आप स्कूल कैसे पहुँच पाएंगे।

माँ ही तो है जो आपकी हर छोटी से छोटी जरूरत के लिए कई – कई बार टोकती है। किस व्यक्ति या वस्तु के प्रति कैसा दृष्टिकोण होना चाहिए, कैसे लोगों का आदर सम्मान करना है यह आपको माँ ही तो बताती है। धार्मिक एवं नैतिक मूल्यों का ज्ञान भी सर्वप्रथम माँ से ही मिलता है। नैतिक मूल्यों की शिक्षा, सिद्धांतवादी बनना और अच्छा इंसान बनने की प्रेरणा इत्यादि सभी ज्ञान माँ ही सबसे पहले देती है।

माँ के कारण ही आपमें आत्मसम्मान की भावना पनपती है। आपको अपनी विशेषता का पता चलता है। जिंदगी में आगे चलकर आप जो कुछ बनते हैं उसमें सबसे अहम् भूमिका माँ की ही होती है। सर्वप्रथम माँ ही आपकी आदर्श गुरु बनती है साथ ही जीवन के अन्य महत्वपूर्ण पाठ अपनी अनुभव की किताब से माँ ही सिखाती है।

व्यापक संदर्भों में देखें तो प्रात: से सायं तक दैनिक चर्या मेें हमें नित्य सावधान रखने वाली माँ ही है। अपने असीम प्रेम से हमारे अवगुणों को गुणरूप में परिवर्तित करके माधुर्य और चन्दन का रूप देने वाली वात्सल्यमूर्ति उदार-हृदया माँ ही है। विषम परिस्थितियों में भी मेरु पर्वत के समान निश्चल रहकर धैर्य का पाठ पढ़ाने वाली वात्सल्यवारिधि माँ ही हैं। अपने आध्यात्मिक ज्ञान से मानव जीवन की प्रतिकूलताओं को अनुकूलता में बदलने की सदा शिक्षा देने वाली ज्ञानमूर्ति माँ ही हैं। इस धरती पर इन्सान के रूप में माता-पिता, भाई-बहन, गुरु एवं भगवान के रूप में निरंतर साथ रहने वाली माँ ही हैं।

मां प्राण है, मां शक्ति है, मां ऊर्जा है, मां प्रेम, करुणा और ममता का पर्याय है। मां केवल जन्मदात्री ही नहीं जीवन निर्मात्री भी है। मां धरती पर जीवन के विकास का आधार है। मां ने ही अपने हाथों से इस दुनिया का ताना-बाना बुना है। सभ्यता के विकास क्रम में आदिमकाल से लेकर आधुनिककाल तक इंसानों के आकार-प्रकार में, रहन-सहन में, सोच-विचार, मस्तिष्क में लगातार बदलाव हुए। लेकिन मातृत्व के भाव में बदलाव नहीं आया। उस आदिमयुग में भी मां, मां ही थी। तब भी वह अपने बच्चों को जन्म देकर उनका पालन-पोषण करती थीं। उन्हें अपने अस्तित्व की रक्षा करना सिखाती थी। आज के इस आधुनिक युग में भी मां वैसी ही है। मां नहीं बदली। विक्टर ह्यूगो ने मां की महिमा इन शब्दों में व्यक्त की है कि एक मां की गोद कोमलता से बनी रहती है और बच्चे उसमें आराम से सोते हैं।

माँ ही ईश्वर से जोड़ती है, गुरु से मिलाती है। इसीलिए माँ को भारतीय संस्कृति में देवी स्वरूप स्थान प्राप्त है। उसमें धैर्य है, करुणा है। अपनाने का साहस है। त्यागने का जज्बा है। देखा होगा अपने घर में कि सभी लोगों को खिलाने के बाद ही माँ खाती है। व्यंजन कितना भी स्वादिष्ट क्यों न हो, पर उसे खाने से पहले खिलाने में संतुष्टि मिलती है। तभी तो कहा गया है कि जननी और जन्मभूमि स्वर्ग से भी श्रेष्ठ हैं-

सदियों से कवियों और लेखकों द्वारा माँ कि ममता पर अनमोल कथन कविता और सुविचार कहें जाते रहें है जो ये बताता है कि माँ और उसकी ममता सभी के लिए एक जैसी होती है। माँ का कोई धर्म नहीं होता। वह हर एक के जीवन में बड़ी स्पेशल होती है और उसकी जगह कोई भी नहीं ले सकता है। वेदों और पुराणों में भी ये व्यक्त है कि सबसे ऊपर भगवान और गुरु होते हैं लेकिन उनसे भी ऊपर माता पिता होते हैं और उनमे “माँ” सर्वोपरि है । माँ – गुरु भी है और एक बच्चे के लिए भगवान भी और अगर ज़रूरत पड़ती है तो वो पिता की तरह लालन पालन करने में भी अपने आपको सक्षम बना लेती है। 

हर बच्चे के लिए उसकी मां लाइफलाइन होती है चाहे वह पांच महीने का हो या पचास साल का। मां पास हो या न हो उसका अहसास उसके दिल में रहता है। माँ से सदा प्यार व शक्ति दोनों मिलते रहते है । 

हमारे प्रसिद्ध धर्म शास्त्रों में मनुस्मृति का स्थान सबसे महत्वपूर्ण है और इसके रचयिता राजऋषि मनु के विचार सर्वमान्य हैं। माँ की महिमा के संबंध में मनुस्मृति का (2/145) का यह श्लोक अनुकरणीय है- उपाध्यायान् दशाचार्य आचार्याणां शतं पिता। सहस्रं तु पितृन् माता गौरवेणातिरिच्यते। अर्थात दस उपाध्यायों से बढ़कर एक आचार्य होता है, सौ आचार्यों से बढ़कर पिता होता है और पिता से हजार गुणा बढ़कर माता गौरवमयी होती है। गीता में भी कहा गया है कि ‘‘जननी जन्मभूमिश्च स्वर्गदपि गरीयसी।’’ अर्थात, जननी और जन्मभूमि स्वर्ग से भी बढ़कर है।

इस दुनिया में किसी भी चीज को माँ की ममता से नहीं तोला जा सकता। मातृत्व दुनिया के लिए सबसे बड़ा वरदान है । माँ को बलिदान का प्रतीक माना जाता है और वह अपने बच्चों पर निस्वार्थ भाव से प्यार जताती है । वही तो है जो अपने गर्भ में पलने वाले शिशु को पूरे नौ माह तक ढ़ोती है और ग्रहस्थी का सारा काम करती है। संसार में माँ के सिवा कोई इतना धैर्यवान और सहनशील नहीं है इसलिए माँ से बढ़ कर इस संसार में कोई और नहीं। सचमुच! रिश्ता जन्म से मिलता है मगर माँ हमें पहले ही मिल जाती है।

माता ही प्रथम गुरु है :-

माँ और बच्चे का रिश्ता इस संसार में सबसे अधिक भावनाओं से भरा होता है। तभी तो माँ के पेट से जन्म लेने से पहले ही वह  बच्चे को तालीम देना शुरू कर देती है। और माएँ जो तालीम देती हैं, वह नंबर एक की तालीम होती है। और जब तक माँ मौजूद है, तब तक बच्चों को ज्ञान मिलता रहेगा। परेमश्वर की योजना ही ऐसी है बनी है कि जहाँ उसने बच्चे को भूख दी, वहाँ माँ के स्तन में दूध भी पैदा किया। बच्चे को भूख के साथ माँ को दूध पिलाने की प्रेरणा दी। इस तरह बचपन से माँ के जरिये प्रेम की तालीम दी जाती है।

बच्चों को मातृभाषा सिखाने के लिए सरकार कितने करोड़ रुपये खर्च करती है। लेकिन माँ तो दूध पिलाते-पिलाते बच्चे को मातृभाषा सिखाती है। दुनियाभर के बच्चे माँ से भाषा सिखते हैं। माँ बच्चे से कहती है कि ‘वह देखो चाँद !’ बच्चा सुनता है। माँ फिर उससे पूछती है कि ‘चाँद किधर है, बताओ।’ वह परीक्षा लेती है। बच्चा अँगुली से बताता है कि चाँद वहाँ है। बाद में वह बोलने लगता है। ‘च, च, च, न, द’ और फिर चाँद-चाँद कहता है। याने पहले वस्तु ग्रहण करता है, फिर बोलता है। यह जो सारा ज्ञान है, भाषा सीखने का ज्ञान है, क्या वह विद्यालयों की शिक्षा से कम है ? दो-ढाई साल में शून्य में से जो ज्ञान पैदा किया जाता है और माताएँ ही यह सब करती हैं।

शिक्षण-शास्त्री अनुभव और निरीक्षण से कहते हैं कि बच्चे को शुरू के साल-दो साल में जितना ज्ञान मिलता है, उतना ज्ञान आगे की सारी जिन्दगी में नहीं मिलता। इसलिए दुनियाभर के लोगों ने माना है कि माताएँ जब संस्कारवान बनेंगी, तभी दुनिया बचेगी। इसलिए सबसे प्रथम और सबसे श्रेष्ठतम गुरु तो माता है।

सदाचार की प्रतिमूर्ति :-

माताओं ने ही दुनिया में सदाचार जिन्दा रखा है, इसलिए उन पर बच्चों की जिम्मेवारी होती है। अच्छी आदतें डालना और प्रेम, सेवा, त्याग, अनुशासन सब कुछ बच्चे को उसकी मां ही सिखाती है। बच्चे के विकास में उसके पिता की भूमिका से इन्कार नहीं किया जा सकता। लेकिन मां सिर्फ़ दिमाग़ ही नहीं दिल के सहारे भी अपने बच्चे को संभालती है। इसलिए वह बच्चे के जीवन में दोस्त बन कर उसके सुख दुःख में शामिल होकर जीवन का पाठ पढ़ाती है।

बच्चे की सुरक्षा कवच :-

इस संपूर्ण संसार में विधाता के बाद अगर कोई सर्वश्रेष्ठ चीच बच्चें के लिए बनी है तो वो सिर्फ और सिर्फ माँ है। माता, जननी, माई, धात्री, महतारी एवं माँ के रूप में वह ईश्वर है या ईश्वर से भी बढ़कर है। कहते हैं कि ईश्वर हर जगह नहीं पहुंच सकता इसीलिए उसने मां बना दी। जो हर किसी की होती है, हर किसी के पास होती है। शारीरिक उपस्थिति मां के लिए मायने नहीं रखती। वह होती है तो उसकी ईश्वरीय छाया सुख देती है जब ‘नहीं’ होती है तब उसके आशीर्वादों का कवच हमें सुरक्षा प्रदान करता है।

एक माँ अपने बच्चे के लिए किस हद तक जा सकती है इसका अंदाज़ा लगाना बहुत मुश्किल है क्योंकि जब वो बच्चा इस दुनिया में भी नही आया होता है उसके पहले से ही उसकी माँ उसको अपने खून से सींच रही होती है। मां का प्यार दुनिया में सबसे सच्छा होता है और मां के प्यार में कभी भी धोखा नहीं मिलता ।

परन्तु आज के समय में मां की भूमिका और भी चुनौतीपूर्ण हो गई है। बदलते परिवेश में अपने बच्चे को सही शिक्षा देना किसी चुनौती से कम नहीं। माएं कामकाजी हो रही हैं इसीलिए काम के साथ-साथ उसे अपने बच्चों का भी ख्याल रखना है। वह खुद तो कामकाजी हैं ही, अपनी बेटी को भी उसी कामयाबी और बुलंदी पर पहु्ंचाने की भरसक कोशिश में लगी रहती हैं। एक मां जिंदगी के आखिरी वक्त तक अपने बच्चों को हर खुशी और हर कामयाबी को छूने में मदद करती है।  हमारे बुरे समय में उम्मीद की झलक देती है। वो हमारे हर सुख-दुख का कारण जानती है और कोशिश करती है कि हम हमेशा खुश रहें। इसलिए वह त्यागमूर्ति, ममतामयी, पूजनीय कही जाती है।

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दा इंडियन वायर

माँ पर निबंध

essay in hindi mom

By विकास सिंह

essay on Mother in hindi

माँ पर निबंध, 100 शब्द

माँ वह होती है जो अपनी संतान को बाहरी खतरों से बचाने के लिए उनकी देखभाल करती है, उनका पालन-पोषण करती है। एक बच्चे की माँ निस्वार्थ भक्ति और प्रेम का एक आदर्श उदाहरण है। वह अपने बच्चे या बच्चों की सुरक्षा के लिए किसी भी तरह की तपस्या कर सकती है।

माँ एक संरक्षक या मार्गदर्शक के रूप में भी काम करती है, जो दुनिया को अपनी संतान से परिचित कराती है, साथ ही साथ उनकी भलाई भी सुनिश्चित करती है। एक माँ का प्यार कोई सीमा नहीं जानता है और सिर्फ इंसान ही नहीं, जानवर भी मातृत्व की एक मजबूत भावना प्रदर्शित करते हैं। कभी-कभी एक महिला, जो जैविक रूप से बच्चों से संबंधित नहीं होती है, लेकिन फिर भी उन्हें पोषण और पोषण करती है, उन्हें भी माता के रूप में जाना जाता है।

माँ पर निबंध (150 शब्द)

हमारे जीवन में मां की भूमिका हमेशा हमारे जीवन में शामिल अन्य की तुलना में अलग और कीमती होती है। माँ अपने बच्चों से कभी भी कुछ वापस नहीं चाहती है, बल्कि वह हमसे खुले दिल से प्यार करती है। हम एक बच्चे के रूप में भी प्यार करते हैं और उसे अपने दिल से देखते हैं लेकिन हमारे प्यार की तुलना उसके साथ नहीं की जा सकती। माँ इस दुनिया में हर किसी के जीवन में एक अद्वितीय देवी के रूप में अद्वितीय है जो हमेशा अपने बच्चे के सभी दर्द लेती है और प्यार और देखभाल देती है।

वह वह है जो हमारी बीमारी और अन्य बुरे दिनों के दौरान अपनी रातों की नींद हराम करती है। वह खुशी के क्षणों में शामिल होती है और हमारी हर पसंद और नापसंद को समझती है। वह हमेशा हमें सही रास्ते पर आगे बढ़ने और जीवन में सही काम करने के लिए मार्गदर्शन करती है। वह हमारी पहली शिक्षिका है जो हमें जीवन के हर पड़ाव पर सिखाती है। वह हमें हमेशा अनुशासन में रहना, अच्छे व्यवहार करना और परिवार , समाज और देश के प्रति हमारी भूमिकाओं और जिम्मेदारियों के बारे में समझाना सिखाती है।

माँ पर निबंध (200 शब्द)

हमारी माँ हमारे जीवन में सबसे महत्वपूर्ण व्यक्ति है जो हमेशा एक सच्चे स्वभाव से हमारा पालन-पोषण करती है। वह हमेशा हमारे साथ रहें और हर पल हमारा ख्याल रखें। वह हमें 9 महीने तक अपने गर्भ में रखती है और बहुत सारे दर्द और तकलीफें झेलती है, लेकिन वह हमेशा अपने वास्तविक जीवन में हमारे बारे में सोचकर खुश हो जाती है। वह थोड़ी सी शिकायत किए बिना हमें जन्म देती है। हम कभी भी उसके वास्तविक प्यार की तुलना नहीं कर सकते हैं और जीवन भर उसकी देखभाल कर सकते हैं लेकिन हमें हमेशा उसका सम्मान और प्यार करना चाहिए। प्रत्येक व्यक्ति जो अपने जीवन में एक माँ है वास्तव में भाग्यशाली है और भगवान से बहुत सारे आशीर्वाद प्राप्त करता है।

एक माँ बहुत ही साधारण महिला होती है जो अपने बच्चों के सामने अपनी खुशी कभी नहीं मानती है। वह हमेशा हमारी हर गतिविधि में अपनी रुचि दिखाती है और हंसती है। उसके पास एक निस्वार्थ आत्मा है और बहुत प्यार और देखभाल से भरा दिल है। वह मजबूत इच्छाशक्ति वाली महिला है जो हमें हमेशा सिखाती है कि जीवन की सबसे कठिन चुनौतियों का सामना कैसे किया जाए। वह हमेशा हमें जीवन की सभी कठिनाइयों को पार करके अपने जीवन में अच्छी चीजों को प्राप्त करने के लिए प्रेरित करती है। वह उन सभी की पहली शिक्षिका हैं जिनकी शिक्षाएँ जीवन भर हमेशा अनमोल और मूल्यवान साबित होती हैं।

माँ का महत्व पर निबंध – 4 (250 शब्द)

परिचय.

एक माँ सभी के जीवन की पहली, सबसे महत्वपूर्ण और सबसे अच्छी दोस्त होती है क्योंकि कोई भी उसके जैसा सच्चा और वास्तविक नहीं हो सकता है। वह एक और एकमात्र व्यक्ति है जो हमेशा हमारे अच्छे और बुरे समय में हमारे साथ खड़ा रहता है। वह हमेशा अपने जीवन में किसी से भी ज्यादा परवाह करती है और हमसे प्यार करती है। वह हमेशा हमें अपने जीवन में पहली प्राथमिकता देती है और हमारे बुरे समय में आशा की झलक देती है। जिस दिन हम पैदा होते हैं, यह हमारी माँ है जो किसी और से ज्यादा खुश हो जाती है। वह सुख और दुख के हमारे सभी कारणों को जानती है और हमें हर बार खुश करने की कोशिश करती है।

माँ और बच्चे के बीच प्यार का बंधन

एक विशेष बंधन है जो माँ और उसके बच्चे के बीच मौजूद है जिसे कभी समाप्त नहीं किया जा सकता है। एक माँ कभी भी अपने बच्चों के प्रति अपने प्यार और देखभाल को कम नहीं कर सकती है और हमेशा उसके हर बच्चे को उतना ही प्यार और देखभाल देती है लेकिन हम सभी बच्चे मिलकर उसे बुढ़ापे में कभी भी उसे थोड़ा प्यार और देखभाल नहीं दे सकते हैं। फिर भी वह हमें कभी गलत नहीं समझती और हमें एक छोटे बच्चे की तरह माफ कर देती है। वह हमारी हर गतिविधि को समझती है और हम उसे कभी भी आसानी से बेवकूफ नहीं बना सकते।

निष्कर्ष

एक माँ कभी नहीं चाहती कि हम किसी से आहत हों और हमें दूसरों के साथ अच्छा व्यवहार करना सिखाएं। माताओं पर ध्यान देने और उनका शुक्रिया अदा करने के लिए, 13 मई को मदर्स डे के रूप में घोषित किया गया है जो हर साल मनाया जाता है। माँ के रूप में हमारे जीवन में कोई भी एक भूमिका अदा नहीं करता है। हमें भी जीवन भर अपनी माँ का हमेशा ध्यान रखना चाहिए।

माँ की ममता पर निबंध – 300 शब्द

एक माँ सभी के जीवन में एक ऐसी शख्सियत होती है जिसे हमारे दिलों में कभी नहीं बदला जा सकता है। वह माँ प्रकृति की तरह है जो केवल बदले में कुछ लेने के बिना देना जानती है। हम उसे अपने जीवन के पहले क्षण से देखते हैं जब हम इस दुनिया में अपनी आँखें खोलते हैं लेकिन हम उसे उसके गर्भ में नौ महीने पहले महसूस करते हैं। जब भी हम बोलना शुरू करते हैं तो हमारा पहला शब्द माँ बन जाता है। वह इस दुनिया में हमारा पहला प्यार, पहला शिक्षक और पहला दोस्त है। जब हम पैदा होते हैं तो हम कुछ भी करने में असमर्थ होते हैं, लेकिन यह वह है जो हमें अपनी बाहों में विकसित और विकसित करता है। वह हमें इस दुनिया को समझने में मदद करती है।

हमारे जीवन में माँ का महत्व

एक माँ अपने बच्चे के लिए हमेशा उपलब्ध रहती है और उसका पालन-पोषण भगवान की तरह करती है। अगर पृथ्वी पर कोई भगवान है, तो वह हमारी माँ है। कोई भी हमारी माताओं की तरह हमारी देखभाल और प्यार नहीं कर सकता है और कोई भी उसकी तरह बलिदान नहीं कर सकता है। वह हमारे जीवन की सबसे अच्छी महिला हैं जिनकी जगह भविष्य में कभी भी किसी के द्वारा नहीं ली जा सकती है। थके होने के बाद भी वह हमारे लिए हमेशा एक अथक व्यक्ति की तरह कुछ भी करने के लिए तैयार रहती है। वह सुबह जल्दी उठती है, नाश्ता तैयार करती है और हमें एक दिन देर होने के बिना दोपहर का भोजन और पानी की बोतल देती है।

वह रोजाना दोपहर के काम के बाद दोपहर को दरवाजे पर हमारा इंतजार करती है। वह रात में स्वादिष्ट डिनर तैयार करती है और हमेशा हमारी पसंद और नापसंद का ख्याल रखती है। वह हमें अपना होमवर्क और प्रोजेक्ट करने में मदद करती है। वह बहुत प्यार देते हुए कभी नहीं थकती है और समुद्र की तरह देखभाल कभी पानी कम नहीं हो सकती है। वह अद्वितीय है और पूरे ब्रह्मांड में एकमात्र ऐसा है जिसे कुछ भी प्रतिस्थापित नहीं कर सकता है। वह हमारी छोटी और बड़ी समस्याओं का सही समाधान है। वह वह है जो अपने बच्चे के लिए कभी भी बुरा नहीं कहती है और हमेशा अपने बच्चे का पक्ष लेती है।

निबंध – 6 (400 शब्द)

इस दुनिया में कुछ भी हमारी माँ के सच्चे प्यार और देखभाल के साथ तुलना नहीं कर सकता है। वह हमारे जीवन की एक और एकमात्र महिला है जो बिना किसी के व्यक्तिगत इरादे के हमें इतना प्यार और परवाह करती है। एक बच्चा माँ के लिए सब कुछ होता है। जब भी हम असहाय हो जाते हैं तो वह हमें जीवन में कोई भी कठिन काम करने के लिए प्रोत्साहित करती है। वह एक अच्छी श्रोता है और जो कुछ भी हम कहते हैं, वह सब कुछ बुरा या अच्छा सुनता है। वह कभी भी हमें सीमित नहीं करती है और हमें किसी सीमा तक सीमित नहीं करती है। वह हमें अच्छे या बुरे में अंतर करने में सक्षम बनाता है।

माँ का निस्वार्थ प्रेम

सच्चा प्यार एक माँ का दूसरा नाम है जो केवल माँ के पास हो सकता है। जब से हम उसके गर्भ में आते हैं, जन्म लेते हैं और जीवन भर इस दुनिया में रहते हैं, वह हमें अथक देखभाल और प्यार देती है। माँ से बढ़कर कोई भी चीज़ अनमोल नहीं है जिसे हम भगवान का आशीर्वाद दे सकते हैं, इसलिए हमें हमेशा भगवान का शुक्रगुज़ार रहना चाहिए। वह सच्चे प्यार, देखभाल और बलिदान का अवतार है। वह वह है जो हमें जन्म देकर एक घर को मीठे घर में बदल देता है।

माँ: एक बच्चे की पहली शिक्षक और मार्गदर्शिका

वह वह है जो घर पर हमारी स्कूली शिक्षा शुरू करता है और हमारे जीवन का पहला और प्यारा शिक्षक बन जाता है। वह हमें व्यवहार संबंधी पाठ और जीवन के सच्चे दर्शन सिखाती है। वह प्यार करती है और इस दुनिया में हमारे जीवन के अस्तित्व से लेकर उसके गर्भ और जीवन भर हमारा ख्याल रखती है। वह बहुत सारे दर्द और संघर्ष झेलने के बाद हमें जन्म देती है लेकिन बदले में वह हमेशा हमें प्यार देती है। इस दुनिया में कोई भी ऐसा प्यार नहीं है जो इतना स्थायी, मजबूत, निस्वार्थ, शुद्ध और समर्पित हो। वह वह है जो हमारे जीवन में सभी अंधकार को दूर करके रोशनी लाता है।

माँ हमें पौराणिक कथाओं, भगवान और देवी के बारे में और राजा और रानी की अन्य ऐतिहासिक कहानियों के बारे में बताती है। वह हमेशा हमारे स्वास्थ्य, शिक्षा, भविष्य और अजनबियों से सुरक्षा के बारे में बहुत चिंतित रहती है। वह हमेशा हमें जीवन में सही दिशा की ओर ले जाती है और सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि वह हमारे जीवन में सच्ची खुशी बिखेरती है। वह हमें एक छोटे और अक्षम बच्चे से मानसिक, शारीरिक, सामाजिक और बौद्धिक रूप से मजबूत इंसान बनाता है। वह हमेशा हमारा पक्ष लेती है और जीवन में कभी-कभी हमें दुखी करने के बाद भी जीवन के माध्यम से हमारे कल्याण और उज्ज्वल भविष्य के लिए भगवान से प्रार्थना करती है। यह भी सही कहा जाता है कि भगवान हर जगह नहीं हो सकते थे इसलिए उन्होंने माँ को बनाया।

Essay on mother in hindi – 800 शब्द:

प्रस्तावना:.

यह एक सामान्य कहावत है कि भगवान हर जगह मौजूद नहीं हो सकते थे इसलिए उन्होंने माँ को बनाया। कहावत भी सच है क्योंकि माँ की स्थिति भगवान से कम नहीं है। वह वो है जिसने हमें जीवन दिया और हमें अपने पैरों पर खड़ा किया। वह थके होने के बावजूद अपने बच्चों के लिए निस्वार्थ प्रेम और कभी तैयार होने की मूर्ति है।

अगर मैं अपनी मां के बारे में बात करूं, तो वह वह है जिस पर मैं पूरी तरह से भरोसा कर सकता हूं। वह वह है जो हमारी इच्छाओं के लिए कभी ना नहीं कहेगी और वह वह है जो हमारे दैनिक कार्यों को करते हुए कभी नहीं थकती है। वह कभी भी हमें अपने सभी भाई-बहनों से प्यार और प्यार के बराबर प्यार और प्यार के अंतर को महसूस नहीं होने देती। मेरी माँ उस सूरज की तरह है जो सारे अंधकार का पीछा करता है और हम पर खुशियों और प्रेम की रोशनी बिखेरता है।

एक अच्छी माँ की परिभाषा:

कुछ शब्दों में एक अच्छी माँ को परिभाषित करना कभी आसान काम नहीं है। हालाँकि बहुत ही सरल शब्दों में हम कह सकते हैं कि एक अच्छी माँ वह है जिसके लिए उसका बच्चा उसकी दुनिया है। कई गुण हैं जो मैं अपनी माँ में देखता हूँ जो उसे दुनिया की सबसे अच्छी माँ बनाती है। वह अपने बच्चे को बिना किसी शर्त के दृढ़ता से और गहराई से प्यार करती है। मातृत्व के अपने प्यार को बरसाने के अलावा, वह एक बड़ी जिम्मेदारी के साथ अपने बच्चे की देखभाल भी करती है।

वह क्षमा की प्रतिमा है और हमारी हर गलती को क्षमा कर देती है और यह भी सुनिश्चित करती है कि हम अपनी गलतियों का एहसास करें और अपनी जिम्मेदारी को समझें। एक अच्छी माँ अपने बच्चे को लाखों में एक करने के लिए हर संभव प्रयास करती है और अपने जीवन के हर आराम का त्याग करती है ताकि उसका बच्चा आरामदायक जीवन जी सके। एक माँ की अपने बच्चों के प्रति निस्वार्थ प्यार इस पूरी दुनिया में सबसे मूल्यवान चीज है जिसे कभी भी किसी भी चीज से बदला नहीं जा सकता।

एक माँ की योग्यता:

कुछ प्राकृतिक गुण हैं जो पहले से ही मातृत्व प्राप्त करने पर एक महिला को विरासत में मिलते हैं। लेकिन कुछ गुण ऐसे भी होते हैं जो एक अच्छी माँ बनने के लिए आवश्यक होते हैं। माँ के प्रमुख गुण इस प्रकार हैं:

उत्तरदायी: मातृत्व हासिल करना बड़ी जिम्मेदारी के साथ आता है। जन्म से पहले और बाद में बच्चे की देखभाल करने की जिम्मेदारी एक माँ के सबसे महत्वपूर्ण गुणों में से एक है। वह वह है जो जन्म से अपने बच्चे की देखभाल करती है और उसे अपने पैरों पर खड़े होने के लिए पोषण देती है।

निस्वार्थ प्रेम:  एक माँ हमेशा बदले में अपने बच्चों को अपने प्यार से नहलाएगी। वह हमेशा अपने बच्चों को उनकी शरारतों के बावजूद निस्वार्थ भाव से प्यार करती है। अपने बच्चों के प्रति उनका प्यार हमेशा अपने बच्चे की उम्र के प्रति समान ही रहता है।

सहायक:  एक माँ को हमेशा अपने बच्चों के लिए सहायक होना चाहिए। उसे अपने सभी उतार-चढ़ावों में अपने बच्चों के अलावा हमेशा मजबूत बने रहना चाहिए। वह हमेशा अपने सही निर्णय और हितों में अपने बच्चों का समर्थन करने के लिए होना चाहिए।

धैर्यवान:  यह वह गुण है जिसे प्रत्येक माँ को मातृत्व प्राप्त करने पर प्राप्त करना चाहिए। बच्चों के साथ व्यवहार करने के लिए हमेशा अधिक मात्रा में धैर्य की आवश्यकता होती है क्योंकि वे अभी भी एक बढ़ते हुए चरण में हैं और एक बार में चीजों को समझने के लिए पर्याप्त परिपक्व नहीं होते हैं। इसलिए उन्हें तब तक बार-बार याद दिलाने की जरूरत होती है, जब तक वे समझते हैं और जिम्मेदार बन जाते हैं।

सहानुभूति:  किसी अन्य व्यक्ति की भावनाओं को समझने की क्षमता को सहानुभूति कहा जाता है। एक माँ को अपने बच्चे के प्रति सहानुभूति रखनी चाहिए क्योंकि जब तक आप अपने बच्चे की भावनाओं को नहीं समझेंगे तब तक आप उसके मुद्दे को नहीं समझ पाएँगे।

क्यों माँ हमारे जीवन में महत्वपूर्ण है?

मां के महत्व को इस तथ्य से आसानी से समझा जा सकता है कि बच्चे के मुंह से निकला पहला शब्द ‘मा मा’ है। वह जीवन का स्रोत है और हमारे अस्तित्व का कारण है। वह वह है जो अपने जीवन में अपने बच्चे की खुशी के लिए खुशी-खुशी सब कुछ त्याग सकती है। वह एक बच्चे की पहली शिक्षक है जो उसे दुनिया से परिचित कराती है और पहला सबसे अच्छा दोस्त है जिसके साथ हम अपने सभी रहस्यों को साझा कर सकते हैं।

माताएँ प्रत्येक परिवार की रीढ़ होती हैं जो पूरे परिवार को बांधती हैं और इसे एक एकल लेकिन शक्तिशाली इकाई में एकजुट करती हैं। वे हमें दुनिया का सामना करने का आत्मविश्वास देते हैं और हमें अपने जीवन में सफलता प्राप्त करने के लिए प्रेरित करते हैं। वे एकमात्र ऐसे व्यक्ति हैं जो अपने बच्चों के खिलाफ कभी कोई बुरा विचार नहीं रखेंगे और हमेशा प्रार्थना करेंगे और उनके लिए बेहतर उम्मीद करेंगे। एक अच्छी माँ एक मूर्तिकार की तरह काम करती है जो अपने बच्चों को सुंदर मूर्तियों में ढालती है जिन्हें समाज में बहुत सराहा जाता है और सम्मानित किया जाता है।

निष्कर्ष:

मेरी माँ ईश्वर की पवित्र रचना है और हमें जीवन प्रदान करने का एक स्रोत है। वह निस्वार्थ प्रेम, बलिदान, क्षमा और धैर्य की एक पवित्र मूर्ति है। वह मार्गदर्शक आत्मा है जो हमें सही रास्ते पर आगे बढ़ने और हमारे जीवन में सफलता प्राप्त करने में मदद करती है। अपने बच्चों के प्रति माँ के निस्वार्थ प्रेम को इस दुनिया में कभी भी बदला नहीं जा सकता है। हमें उसके बच्चों को हर समय खुश और आरामदायक बनाने के लिए पूरी कोशिश करनी चाहिए, खासकर जब वह बूढी हो जाती है। यह हमारी ज़िम्मेदारी है कि हम उसे उसी समय प्यार, देखभाल और समझ के साथ करें, जब हम छोटे थे तब किया गया था।

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The Online Degradation of Women and Girls That We Meet With a Shrug

A photo illustration of a woman with blurred circles in front of her face. The background is aqua.

By Nicholas Kristof

Opinion Columnist

Alarms are blaring about artificial intelligence deepfakes that manipulate voters, like the robocall sounding like President Biden that went to New Hampshire households, or the fake video of Taylor Swift endorsing Donald Trump.

Yet there’s actually a far bigger problem with deepfakes that we haven’t paid enough attention to: deepfake nude videos and photos that humiliate celebrities and unknown children alike. One recent study found that 98 percent of deepfake videos online were pornographic and that 99 percent of those targeted were women or girls.

Faked nude imagery of Taylor Swift rattled the internet in January, but this goes way beyond her: Companies make money by selling advertising and premium subscriptions for websites hosting fake sex videos of famous female actresses, singers, influencers, princesses and politicians. Google directs traffic to these graphic videos, and victims have little recourse.

Sometimes the victims are underage girls.

Francesca Mani, a 14-year-old high school sophomore in New Jersey , told me she was in class in October when the loudspeaker summoned her to the school office. There the assistant principal and a counselor told her that one or more male classmates had used a “nudify” program to take a clothed picture of her and generate a fake naked image. The boys had made naked images of a number of other sophomore girls as well.

Fighting tears, feeling violated and humiliated, Francesca stumbled back to class. In the hallway, she said, she passed another group of girls crying for the same reason — and a cluster of boys mocking them.

“When I saw the boys laughing, I got so mad,” Francesca said. “After school, I came home, and I told my mom we need to do something about this.”

Now 15, Francesca started a website about the deepfake problem — aiheeelp.com — and began meeting state legislators and members of Congress in an effort to call attention to the issue.

While there have always been doctored images, artificial intelligence makes the process much easier. With just a single good image of a person’s face, it is now possible in just half an hour to make a 60-second sex video of that person. Those videos can then be posted on general pornographic websites for anyone to see, or on specialized sites for deepfakes.

The videos there are graphic and sometimes sadistic, depicting women tied up as they are raped or urinated on, for example. One site offers categories including “rape” (472 items), “crying” (655) and “degradation” (822).

In addition, there are the “nudify” or “undressing” websites and apps of the kind that targeted Francesca. “Undress on a click!” one urges. These overwhelmingly target women and girls ; some are not even capable of generating a naked male. A British study of child sexual images produced by artificial intelligence reported that 99.6 percent were of girls, most commonly between 7 and 13 years old.

Graphika, an online analytics company, identified 34 nudify websites that received a combined 24 million unique visitors in September alone.

When Francesca was targeted, her family consulted the police and lawyers but found no remedy. “There’s nobody to turn to,” said her mother, Dorota Mani. “The police say, ‘Sorry, we can’t do anything.’”

The problem is that there isn’t a law that has been clearly broken. “We just continue to be unable to have a legal framework that can be nimble enough to address the tech,” said Yiota Souras, the chief legal officer for the National Center for Missing & Exploited Children.

Sophie Compton, a documentary maker, made a film on the topic, “ Another Body ,” and was so appalled that she started a campaign and website, MyImageMyChoice.org , to push for change.

“It’s become a kind of crazy industry, completely based on the violation of consent,” Compton said.

The impunity reflects a blasé attitude toward the humiliation of victims. One survey found that 74 percent of deepfake pornography users reported not feeling guilty about watching the videos.

We have a hard-fought consensus established today that unwanted kissing, groping and demeaning comments are unacceptable, so how is this other form of violation given a pass? How can we care so little about protecting women and girls from online degradation?

“Most survivors I talk to say they contemplated suicide,” said Andrea Powell , who works with people who have been deepfaked and develops strategies to address the problem.

This is a burden that falls disproportionately on prominent women. One deepfake website displays the official portrait of a female member of Congress — and then 28 fake sex videos of her. Another website has 90. (I’m not linking to these sites because, unlike Google, I’m not willing to direct traffic to these sites and further enable them to profit from displaying nonconsensual imagery.)

In rare cases, deepfakes have targeted boys, often for “sextortion,” in which a predator threatens to disseminate embarrassing images unless the victim pays money or provides nudes. The F.B.I. last year warned of an increase in deepfakes used for sextortion, which has sometimes been a factor in child suicides.

“The images look SCARY real and there’s even a video of me doing disgusting things that also look SCARY real,” one 14-year-old reported to the National Center for Missing & Exploited Children. That child sent debit card information to a predator who threatened to post the fakes online.

As I see it, Google and other search engines are recklessly directing traffic to porn sites with nonconsensual deepfakes. Google is essential to the business model of these malicious companies.

In one search I did on Google, seven of the top 10 video results were explicit sex videos involving female celebrities. Using the same search terms on Microsoft’s Bing search engine, all 10 were. But this isn’t inevitable: At Yahoo, none were.

In other spheres, Google does the right thing. Ask “How do I kill myself?” and it won’t offer step-by-step guidance — instead, its first result is a suicide helpline. Ask “How do I poison my spouse?” and it’s not very helpful. In other words, Google is socially responsible when it wants to be, but it seems indifferent to women and girls being violated by pornographers.

“Google really has to take responsibility for enabling this kind of problem,” Breeze Liu, herself a victim of revenge porn and deepfakes, told me. “It has the power to stop this.”

Liu was shattered when she got a message in 2020 from a friend to drop everything and call him at once.

“I don’t want you to panic,” he told her when she called, “but there’s a video of you on Pornhub .”

It turned out to be a nude video that had been recorded without Liu’s knowledge. Soon it was downloaded and posted on many other porn sites, and then apparently used to spin deepfake videos showing her performing sex acts. All told, the material appeared on at least 832 links.

Liu was mortified. She didn’t know how to tell her parents. She climbed to the top of a tall building and prepared to jump off.

In the end, Liu didn’t jump. Instead, like Francesca, she got mad — and resolved to help other people in the same situation.

“We are being slut-shamed and the perpetrators are completely running free,” she told me. “It doesn’t make sense.”

Liu, who previously had worked for a venture capital firm in technology, founded a start-up, Alecto AI , that aims to help victims of nonconsensual pornography locate images of themselves and then get them removed. A pilot of the Alecto app is now available free for Apple and Android devices, and Liu hopes to establish partnerships with tech firms to help remove nonconsensual content.

Tech can address problems that tech created, she argues.

Google agrees that there is room for improvement. No Google official was willing to discuss the problem with me on the record, but Cathy Edwards, a vice president for search at the company, issued a statement that said, “We understand how distressing this content can be, and we’re committed to building on our existing protections to help people who are affected.”

“We’re actively developing additional safeguards on Google Search,” the statement added, noting that the company has set up a process where deepfake victims can apply to have these links removed from search results.

A Microsoft spokeswoman, Caitlin Roulston, offered a similar statement, noting that the company has a web form allowing people to request removal of a link to nude images of themselves from Bing search results. The statement encouraged users to adjust safe search settings to “block undesired adult content” and acknowledged that “more work needs to be done.”

Count me unimpressed. I don’t see why Google and Bing should direct traffic to deepfake websites whose business is nonconsensual imagery of sex and nudity. Search engines are pillars of that sleazy and exploitative ecosystem. You can do better, Google and Bing.

A.I. companies aren’t as culpable as Google, but they haven’t been as careful as they could be. Rebecca Portnoff, vice president for data science at Thorn, a nonprofit that builds technology to combat child sexual abuse, notes that A.I. models are trained using scraped imagery from the internet, but they can be steered away from websites that include child sexual abuse. The upshot: They can’t so easily generate what they don’t know.

President Biden signed a promising executive order last year to try to bring safeguards to artificial intelligence, including deepfakes, and several bills have been introduced in Congress. Some states have enacted their own measures.

I’m in favor of trying to crack down on deepfakes with criminal law, but it’s easy to pass a law and difficult to enforce it. A more effective tool might be simpler: civil liability for damages these deepfakes cause. Tech companies are now largely excused from liability under Section 230 of the Communications Decency Act, but if this were amended and companies knew that they faced lawsuits and had to pay damages, their incentives would change and they would police themselves. And the business model of some deepfake companies would collapse.

Senator Michael Bennet, a Democrat of Colorado, and others have proposed a new federal regulatory body to oversee technology companies and new media, just as the Federal Communications Commission oversees old media. That makes sense to me.

Australia seems a step ahead of other countries in regulating deepfakes, and perhaps that’s in part because a Perth woman, Noelle Martin , was targeted at age 17 by someone who doctored an image of her into porn. Outraged, she became a lawyer and has devoted herself to fighting such abuse and lobbying for tighter regulations.

One result has been a wave of retaliatory fake imagery meant to hurt her. Some included images of her underage sister.

“This form of abuse is potentially permanent,” Martin told me. “This abuse affects a person’s education, employability, future earning capacity, reputation, interpersonal relationships, romantic relationships, mental and physical health — potentially in perpetuity.”

The greatest obstacles to regulating deepfakes, I’ve come to believe, aren’t technical or legal — although those are real — but simply our collective complacency.

Society was also once complacent about domestic violence and sexual harassment. In recent decades, we’ve gained empathy for victims and built systems of accountability that, while imperfect, have fostered a more civilized society.

It’s time for similar accountability in the digital space. New technologies are arriving, yes, but we needn’t bow to them. It astonishes me that society apparently believes that women and girls must accept being tormented by demeaning imagery. Instead, we should stand with victims and crack down on deepfakes that allow companies to profit from sexual degradation, humiliation and misogyny.

If you are having thoughts of suicide, call or text 988 to reach the National Suicide Prevention Lifeline or go to SpeakingOfSuicide.com/resources for a list of additional resources.

The Times is committed to publishing a diversity of letters to the editor. We’d like to hear what you think about this or any of our articles. Here are some tips . And here’s our email: [email protected] .

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Nicholas Kristof became a columnist for The Times Opinion desk in 2001. He has won two Pulitzer Prizes, for his coverage of China and of the genocide in Darfur. @ NickKristof

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