ए.पी.जे. अब्दुल कलाम पर निबंध (Abdul Kalam Essay in Hindi)
ए.पी.जे. अब्दुल कलाम जनसाधारण में डॉ ए.पी.जे. अब्दुल कलाम के रुप में जाने जाते हैं। वो भारतीय लोगों के दिलों में “जनता के राष्ट्रपति” और “भारत के मिसाइल मैन” के रुप में हमेशा जावित रहेंगे। वास्तव में वो एक महान वैज्ञानिक थे जिन्होंने बहुत सारे आविष्कार किये। वो भारत के एक पूर्व राष्ट्रपति थे जिनका जन्म 15 अक्टूबर 1931 में हुआ (रामेश्वरम्, तमिलनाडु, भारत) और 27 जुलाई 2015 में निधन हुआ था (शिलांग, मेघालय, भारत)। देश के महान वैज्ञानिक और पूर्व राष्ट्रपति ए.पी.जे अब्दुल कलाम के जीवन और उनकी उपलब्धियों के बारे में विद्यार्थियों को बताने के लिये हम यहाँ पर बेहद सरल और आसान भाषा में विभिन्न शब्द सीमाओं में कुछ निबंध उपलब्ध करा रहें हैं।
ए.पी.जे. अब्दुल कलाम पर छोटे तथा बड़े निबंध (Short and Long Essay on APJ Abdul Kalam, Abdul Kalam par Nibandh Hindi mein)
यहाँ बहुत ही आसान भाषा में ए.पी.जे. अब्दुल कलाम पर हिंदी में निबंध पायें:
निबंध 1 (250 – 300 शब्द)
भारत के मिसाइल मैन एपीजे अब्दुल कलाम का जन्म तमिलनाडु के रामेश्वरम में हुआ था। एपीजे अब्दुल कलाम भारत के 11 वें राष्ट्रपति थे। उन्हें जनता का राष्ट्रपति कहा जाता था।
प्रारंभिक जीवन और शिक्षा
उन्होंने 1954 में तिरुचिरापल्ली के सेंट जोसेफ़ कॉलेज से अपना ग्रेजुएशन और 1960 में चेन्नई के मद्रास इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉज़ी से एयरोस्पेस इंजीनियरिंग कीपढ़ाई पूरी की।डॉ कलाम ने बहुत सारी किताबें लिखी जैसे विंग्स ऑफ फायर, इग्नीइटेड माइन्ड्स, टारगेट्स 3 बिलीयन इन 2011, टर्निमग प्वॉइंट्स, माई जर्नी आदि।
संघर्ष और सफलता
एक गरीब परिवार से होने के बावजूद, उन्होंने कभी-भी अपनी पढ़ाई को नहीं रोका।वो पूरे भारत भर में “भारत के मिसाइल मैन” के रुप में जाने जाते हैं क्योंकि बैलिस्टिक मिसाइल और स्पेस रॉकेट टेक्नोलॉजी के विकास में उन्होंने बहुत बड़ा योगदान दिया है। देश में रक्षा टेक्नोलॉजी के विकास के पीछे वो संचालक शक्ति थे। उनके महान योगदान ने देश को परमाणु राष्ट्रों के समूह में खड़ा होने का मौका दिया।भारत सरकार में एक वैज्ञानिक सलाहकार के रुप में, साथ ही साथ इसरो और डीआरडीओ में अपने योगदान के लिये 1981 में पदम् भूषण और 1990 में पदम् विभूषण से भी सम्मानित किया गया।
भारत देश को सदा ही एपीजे अब्दुल कलाम पर गर्व रहेगा। उनका जीवन देश के युवाओं को कठोर परिश्रम और देशभक्ति की प्रेरणा देता रहेगा।वो भारतीय लोगों के दिलों में “जनता के राष्ट्रपति” और “भारत के मिसाइल मैन” के रुप में हमेशा विराजमान रहेंगे।
इसे यूट्यूब पर देखें : Essay on Abdul Kalam in Hindi
निबंध 2 (300 शब्द)
डॉ ए.पी.जे अब्दुल कलाम का पूरा नाम अवुल पाकिर जैनुल्लाब्दीन अब्दुल कलाम था। मिसाइल मैन और जनता के राष्ट्रपति के रुप में भारतीय इतिहास में वो प्रकाशमान सितारे हैं। उनका जन्म तमिलनाडु में 15 अक्टूबर 1931 को हुआ था। डॉ कलाम का जीवन बेहद संघर्षपूर्ण था हालांकि भारत की नयी पीढ़ी के लिये वो प्रेरणा स्वरुप हैं। वो ऐसे व्यक्ति थे जिन्होंने भारत को एक विकसित देश बनाने का सपना देखा था। जिसके लिये उन्होंने कहा कि “आपके सपने के सच हो सकने के पहले आपको सपना देखना है”। एक वैमानिकी इंजीनियर होने के अपने सपने को पूरा करने के लिये जहाज में उनकी विशाल इच्छा ने उन्हें सक्षम बनाया। एक गरीब परिवार से होने के बावजूद, उन्होंने कभी-भी अपनी पढ़ाई को नहीं रोका। डॉ कलाम ने तिरुचिरापल्ली में सेंट ज़ोसेफ़ से विज्ञान में ग्रेजुएशन और 1954 में मद्रास इंस्टीट्यूट से एयरोनॉटिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी की।
1958 में एक वरिष्ठ वैज्ञानिक सहायक के रुप में उन्होंने डीआरडीओ ज्वॉइन किया जहाँ उनकी अगुवाई में एक छोटी टीम, एक हावरक्राफ्ट के विकास में लगी थी। हावरक्राफ्ट कार्यक्रम से उत्साहजनक परिणाम की कमी के कारण, उन्होंने भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (आईएसआरओ) ज्वॉइन कर लिया। वो पूरे भारत भर में “भारत के मिसाइल मैन” के रुप में जाने जाते हैं क्योंकि बैलिस्टिक मिसाइल और स्पेस रॉकेट टेक्नोलॉजी के विकास में उन्होंने बहुत बड़ा योगदान दिया है। देश में रक्षा टेक्नोलॉजी के विकास के पीछे वो संचालक शक्ति थे। उनके महान योगदान ने देश को परमाणु राष्ट्रों के समूह में खड़ा होने का मौका दिया।
वो एक ख्यातिप्राप्त वैज्ञानिक और एक इंजीनियर थे जिन्होंने वर्ष 2002 से 2007 तक देश के राष्ट्रपति के रुप में भी देश की सेवा की है। 1998 के पोखरन-द्वितीय परमाणु परीक्षण में भी उनकी समर्पित भागीदारी थी। वो दूरदर्शिता पूर्ण विचारों से युक्त व्यक्ति थे जिसने हमेशा देश के विकास का लक्ष्य देखा। “भारत 2020” के शीर्षक की अपनी किताब में उन्होंने देश के विकास बारे में कार्य योजना को स्पष्ट किया। उनके अनुसार, देश की असली संपत्ति युवा है इसी वजह से वो हमेशा उनको प्रोत्साहित और प्रेरित करते रहें हैं। वो कहते थे कि “राष्ट्र को नेतृत्व में आदर्श की जरुरत है जो युवाओं को प्रेरित कर सकें”।
निबंध 3 (400 शब्द)
डॉ एपीजे अब्दुल कलाम एक महान भारतीय वैज्ञानिक थे जिसने भारत के 11वें राष्ट्रपति के रुप में वर्ष 2002 से 2007 तक देश की सेवा की। वो भारत के सबसे प्रतिष्ठित व्यक्ति थे क्योंकि एक वैज्ञानिक और राष्ट्रपति के रुप में देश के लिये उन्होंने बहुत बड़ा योगदान दिया था। ‘इसरो’ के लिये दिया गया उनका योगदान अविस्मरणीय है। बहुत सारे प्रोजेक्ट को उनके द्वारा नेतृत्व किया गया जैसे रोहिणी-1 का लाँच, प्रोजेक्ट डेविल और प्रोजेक्ट वैलिएंट, मिसाइलों का विकास (अग्नि और पृथ्वी) आदि। भारत की परमाणु शक्ति को सुधारने में उनके महान योगदान के लिये उन्हें “भारत का मिसाइल मैन” कहा जाता है। अपने समर्पित कार्यों के लिये उन्हें भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न से नवाज़ा गया। भारत के राष्ट्रपति के रुप में अपने कार्यकाल के पूरा होने के उपरान्त, डॉ कलाम ने विभिन्न कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में एक अतिथि प्रोफेसर के रुप में देश की सेवा की।
उनका व्यवसाय और योगदान
15 अक्टूबर 1931 को जैनुल्लाब्दीन और आशियम्मा के घर में डॉ कलाम का जन्म हुआ। उनके परिवार की माली हालत ठीक नहीं थी जिसके कारण इन्होंने बहुत कम उम्र में ही आर्थिक सहायता देने के लिये काम करना शुरु कर दिया था। हालांकि अपने काम करने के दौरान इन्होंने कभी-भी अपनी पढ़ाई नहीं छोड़ी। 1954 में तिरुचिरापल्ली के सेंट जोसेफ़ कॉलेज से उन्होंने अपना ग्रेजुएशन और मद्रास इंस्टीट्यूट से वैमानिकी इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी की। ग्रेजुएशन के बाद कलाम एक मुख्य वैज्ञानिक के रुप में डीआरडीओ से जुड़ गये हालांकि बहुत जल्द ही ये भारत के पहले स्वदेशी उपग्रह प्रक्षेपास्त्र के प्रोजेक्ट निर्देशक के रुप में भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन में विस्थापित हो गये। डॉ कलाम ने गाइडेड मिसाइल विकास कार्यक्रम के मुख्य कार्यकारी के रुप में भी कार्य किया जिसमें मिसाइलों के एक कंपन के एक साथ होने वाले विकास शामिल थे।
डॉ कलाम वर्ष 1992 से वर्ष 1999 तक प्रधानमंत्री के मुख्य वैज्ञानिक सलाहकार और डीआरडीओ के सेक्रेटरी भी बने। पोखरन द्वितीय परमाणु परीक्षण के लिये मुख्य प्रोजेक्ट कोर्डिनेटर के रुप में उनके सफल योगदान के बाद उन्हें “भारत का मिसाइल मैन” कहा जाने लगा। वो पहले ऐसे वैज्ञानिक थे जो बिना किसी राजनीतिक पृष्ठभूमि के वर्ष 2002 से 2007 वर्ष तक भारत के राष्ट्रपति थे।
उन्होंने बहुत सारी प्रेरणादायक किताबें लिखी जैसे “इंडिया 2020, इग्नाइटेड माइन्ड्स, मिशन इंडिया, द ल्यूमिनस स्पार्क, इंस्पायरिंग थॉट्स” आदि। डॉ कलाम ने देश में भ्रष्टाचार को मिटाने के लिये “वॉट कैन आई गिव मूवमेंट” नाम से युवाओं के लिये एक मिशन की शुरुआत की। देश (इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट अहमदाबाद और इंदौर, आदि) के विभिन्न इंस्टीट्यूट और विश्वविद्यालयों में उन्होंने अतिथि प्रोफेसर के रुप में अपनी सेवा दी, इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ स्पेस साइंस एण्ड टेक्नोलॉजी तिरुअनन्तपुरम् में चांसलर के रुप में, जेएसएस यूनिवर्सिटी (मैसूर), एयरोस्पेस इंजीनियरिंग ऐट अन्ना यूनिवर्सिटी (चेन्नई) आदि। उन्हें कई प्रतिष्ठित पुरस्कारों और सम्मान से नवाज़ा गया जैसे पद्म भूषण, पद्म विभूषण, भारत रत्न, इंदिरा गांधी अवार्ड, वीर सावरकर अवार्ड, रामानुजन अवार्ड आदि।
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डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम पर निबंध (Essay on Dr. APJ Abdul Kalam in Hindi) - सभी क्लास के लिए हिंदी में 100, 200 और 500 शब्दों में निबंध लिखें
Updated On: September 29, 2023 12:17 pm IST
- एपीजे अब्दुल कलाम पर हिंदी में निबंध (Essay on APJ …
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एपीजे अब्दुल कलाम पर हिंदी में निबंध (Essay on APJ Abdul Kalam in Hindi) - ऐसे तैयार करें
एपीजे अब्दुल कलाम पर निबंध (essay on apj abdul kalam) - 100 से 500 शब्दों में , एपीजे अब्दुल कलाम पर निबंध (essay on apj abdul kalam) - देश के प्रति योगदान , are you feeling lost and unsure about what career path to take after completing 12th standard.
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ए.पी.जे. अब्दुल कलाम पर निबंध
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रूपरेखा : परिचय - डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम जी का जीवन - डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम जी की पढ़ाई - राष्ट्र के विकास में योगदान - पुरस्कार एवं उपलब्धियाँ - निष्कर्ष।
डॉ एपीजे अब्दुल कलाम एक महान भारतीय वैज्ञानिक थे। एपीजे अब्दुल कलाम का पूरा नाम डॉ. अवुल पकिर जैनुलदेबेन अब्दुल कलाम था। वे मिसाइल मैन और राष्ट्रपति के रूप में भारतीय इतिहास में एक चमकते सितारे रहे हैं। उन्होंने भारत के 11वें राष्ट्रपति के रुप में वर्ष 2002 से 2007 तक देश की सेवा की। वो भारत के सबसे प्रतिष्ठित व्यक्ति थे क्योंकि एक वैज्ञानिक और राष्ट्रपति के रुप में देश के लिये उन्होंने बहुत बड़ा योगदान दिया था। उनका जीवन संघर्ष से भरा था, लेकिन भारत की नई पीढ़ी के लिए प्रेरणा रहे हैं। वह एक ऐसा व्यक्ति था जिसने भारत को एक विकसित देश होने का सपना देखा था। ‘इसरो’ के लिये दिया गया उनका योगदान अविस्मरणीय है।
डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम का जन्म 15 अक्टूबर 1931 को रामेश्वरम्, तमिलनाडु में हुआ था। उनका परिवार बहुत गरीब था। उन्हें अपनी पढ़ाई के लिए पैसे कमाने हेतु कठिन परिश्रम करना पड़ता था। उन्होंने संत जोसेफ स्कूल में अध्ययन किया और 'मद्रास इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नॉलॉजी' से इंजीनियरिंग की। डॉ. कलाम अपनी बाल्यावस्था से ही एक बहुत मेधावी छात्र थे।
उड़ान में उनकी अत्यधिक रुचि ने उन्हें वैमानिकी इंजीनियरिंग के अपने सपने को पूरा करने में सक्षम बनाया। एक गरीब परिवार से होने के बावजूद उन्होंने अपनी शिक्षा कभी नहीं रोकी। उन्होंने 1954 में मद्रास इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से तिरुचिरापल्ली से अपनी स्नातक की पढ़ाई पूरी की और एरोनॉटिकल इंजीनियरिंग में सेंट जोसेफ कॉलेज। वह वर्ष 1958 में एक वरिष्ठ वैज्ञानिक सहायक के रूप में DRDO में शामिल हुए और एक प्रोटोटाइप होवरक्राफ्ट विकसित करने के लिए छोटी टीम का नेतृत्व किया।
डॉ. कलाम ने अनेक तरह से देश की सेवा की। उन्होंने सुरक्षाशोध एवं विकास-संस्थान और भारतीय अंतरिक्ष शोध-संस्थान में विभिन्न पदों को सफलतापूर्वक सँभाला। इसरो में वे एस. एल. वी. परियोजना के अनुदेशक थे। इस परियोजना के तहत अभी तक कई प्रक्षेपास्त्रों को प्रक्षेपित किया गया है। बहुत सारे प्रोजेक्ट को उनके द्वारा नेतृत्व किया गया जैसे रोहिणी-1 का लाँच, प्रोजेक्ट डेविल और प्रोजेक्ट वैलिएंट, मिसाइलों का विकास (अग्नि और पृथ्वी) आदि। भारत की परमाणु शक्ति को सुधारने में उनके महान योगदान के लिये उन्हें “भारत का मिसाइल मैन” कहा जाता है। अपने समर्पित कार्यों के लिये उन्हें भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न से नवाज़ा गया। भारत के राष्ट्रपति के रुप में अपने कार्यकाल के पूरा होने के उपरान्त, डॉ कलाम ने विभिन्न कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में एक अतिथि प्रोफेसर के रुप में देश की सेवा की।
1982 ई. में शोध एवं विकास-संगठन, हैदराबाद से वे निदेशक के रूप में जुड़े। उन्होंने एकीकृत नियंत्रित प्रक्षेपास्त्र विकास कार्यक्रम के लिए कार्य किया। उन्होंने विभिन्न प्रक्षेपास्त्रों, जैसे—अग्नि, आकाश, पृथ्वी, नाग, त्रिशूल आदि के प्रक्षेपण-परियोजना का नेतृत्व किया। भारत-जैसे देश के लिए यह कोई आसान कार्य नहीं था। किंतु, डॉ. कलाम ने कभी उम्मीदें नहीं छोड़ी। वे अपने लक्ष्य की ओर काम करते रहे। इसके बाद, उन्होंने सन् 2002 से 2007 तक भारत के राष्ट्रपति के रूप में सेवा की।
डॉ. कलाम बहुत ही सामान्य व्यक्ति थे। उन्हें अध्ययन से प्रेम था। वे शास्त्रीय संगीत और कविताएँ लिखना भी पसंद करते थे। वे बच्चों और युवा छात्रों को प्रोत्साहित किया करते थे। वे भारत को पूर्णतया विकसित देश के रूप में देखना चाहते थे। वे बुद्धिमान् होने के साथ-ही विनम्र थे।
डॉ. कलाम को देश के प्रति अनुपम योगदान के लिए भारत रत्न' प्राप्त हुआ। २७ जुलाई २०१५ को उनकी मृत्यु शिलांग में हो गई। यह देश के लिए भारी क्षति थी। हमलोग उनके योगदान और प्रयासों को कभी नहीं भूल सकते। उनके जादुई उद्धरण हमें देश की प्रगति के लिए कठिन परिश्रम करने हेतु सदा प्रोत्साहित करते रहेंगे।
Nibandh Category
ए.पी.जे. अब्दुल कलाम पर निबंध
भारत के अनमोल रत्न – डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम पर निबंध essay on apj abdul kalam in hindi.
“यदि आप सूर्य की तरह चमकना चाहते हो, तो सूर्य की तरह जलना होगा।” –डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम
यकीनन डॉ. अब्दुल कलाम ने अपने इस कथन को अपने निजी जीवन में चरितार्थ कर दिखाया। सूर्य की तरह जलकर ही वह सूर्य की तरह चमके और इस देश को अपने व्यक्तित्व व कृतित्व से आलोकित कर अमर हो गए। साधारण पृष्ठभूमि में पले-बढ़े कलाम तमाम अभावों से दो-चार होने के बावजूद विपरीत परिस्थितियों से संघर्ष करते हुए न सिर्फ एक सफल और महान वैज्ञानिक बने, बल्कि देश के सर्वोच्च पद तक भी पहुंचे। वह जीवन की कठिनाइयों के सामने न तो कभी कमजोर पड़े और न ही इनसे घबराए।
उनका जीवन दर्शन कितना व्यावहारिक एवं उच्च था, इसका पता उनके इस कथन से चलता है – “इंसान को कठिनाइयों की आवश्यकता होती है, क्योंकि सफलता का आनंद उठाने के लिए ये जरूरी हैं।” सच्चे अर्थों में वह एक उच्च कोटि के राष्ट्रनायक थे।
डॉ. कलाम ने फर्श से अर्श तक का सफर तय किया। 15 अक्टूबर, 1931 को भारत के तमिलनाड प्रांत के रामेश्वरम में एक गरीब तमिल मुस्लिम परिवार में इस असाधारण प्रतिभा ने जन्म लिया। जन्म के समय शायद ही किसी ने सोचा हो कि यह नन्हा बालक आगे चलकर एक राष्ट्र निर्माता के रूप में भारत को बुलंदी पर ले जाएगा। कलाम के पिता जैनल आबिदीन पेशे से मछआरे थे तथा एक धर्मपरायण व्यक्ति थे।
उनकी माता आशियम्मा एक साधारण गृहिणी थीं तथा एक दयालु एवं धर्मपरायण महिला थीं। मां-बाप ने अपने इस सबसे छोटे बेटे का नाम अबुल पाकिर जैनुलाब्दीन अब्दुल कलाम रखा। जीवन के अभाव कलाम के प्रारंभिक जीवन से ही जुड़े हुए थे। संयुक्त परिवार था और आय के स्रोत सीमित थे। कलाम के पिता मछुआरों को किराए पर नाव दिया करते थे। इससे जो आय होती थी, उसी से परिवार का भरण-पोषण होता था। विपन्नता के बावजूद माता-पिता ने कलाम को अच्छे संस्कार दिए। कलाम के जीवन पर उनके पिता का बहुत प्रभाव रहा। वे भले ही पढ़े-लिखे नहीं थे, किन्तु उनके दिए संस्कार कलाम के बहुत काम आए।
पांच वर्ष की अवस्था में रामेश्वरम के पंचायत प्राथमिक विद्यालय से उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा प्रारंभ की। यहीं उन्हें उनके शिक्षक इयादराई सोलोमन से एक नेक सीख मिली_“जीवन में सफलता तथा अनुकूल परिणाम प्राप्त करने के लिए तीव्र इच्छा, आस्था, अपेक्षा इन तीनों शक्तियों को भली-भांति समझ लेना और उन पर प्रभुत्व स्थापित कर लेना चाहिए।” नन्हें कलाम ने इस सीख को आत्मसात कर आगे का सफर शुरू किया। उन्होंने प्रारंभिक शिक्षा के दौरान जिस प्रतिभा का परिचय दिया, उससे उनके शिक्षक बहुत प्रभावित हुए। प्रारंभिक शिक्षा के दौरान ही अर्थाभाव आड़े आया तो उन्होंने अपनी पढ़ाई जारी रखने एवं परिवार की आय को सहारा देने के लिए अखबार बांटने का काम किया। प्रारंभिक शिक्षा के बाद कलाम ने रामनाथपुरम के एक विद्यालय से हाईस्कूल की शिक्षा पूरी की।
विज्ञान में उनकी गहरी रूचि शुरू से थी। वर्ष 1950 में उन्होंने तिरुचरापल्ली के सेंट जोसेफ कॉलेज में प्रवेश लिया और वहां से बीएससी की डिग्री प्राप्त की। अपने अध्यापकों की सलाह पर उन्होंने स्नातकोत्तर शिक्षा के लिए ‘मद्रास इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी’, चेन्नई का रुख किया। वहां पर उन्होंने अपने सपनों को आकार देने के लिए एयरोनॉटिकल इंजीनियरिंग का चयन किया।
‘मद्रास इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी’ से तालीम पूरी करने के बाद एक उदीयमान युवा वैज्ञानिक के रूप में कलाम ने विज्ञान के क्षेत्र में अपने स्वर्णिम सफर की शुरुआत की। वर्ष 1958 में उन्होंने बंगलुरू के सिविल विमानन तकनीकी केन्द्र से अपनी पहली नौकरी की शुरूआत की, जहां उन्होंने अपनी विलक्षण प्रतिभा का परिचय देते हुए एक पराध्वनिक लक्ष्यभेदी विमान का डिजाइन तैयार किया। कलाम के जीवन में एक महत्वपूर्ण मोड़ तब आया, जब वर्ष 1962 ‘भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन’ (इसरो) से जुड़ने का मौका मिला। यहां भी उनके काम की खूब सराहना हुई। इसरो में कलाम ने होबरक्राफ्ट परियोजना पर काम शुरू किया। वे कई उपग्रह प्रक्षेपण परियोजनाओं से गहराई से जुड़े रहे। परियोजना निदेशक के रूप में भारत के प्रथम स्वदेशी उपग्रह प्रक्षेपण यान ‘एसएलवी-3’ के निर्माण में उन्होंने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। वर्ष 1980 में उन्होंने ‘रोहणी उपग्रह’ को पृथ्वी की कक्षा के निकट स्थापित करने में केन्द्रीय भूमिका निभाई और इसके साथ ही भारत अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष क्लब का सदस्य बना।
वर्ष 1982 में कलाम को भारत के ‘रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन’ (डीआरडीओ) का निदेशक नियुक्त किया गया तथा इसी वर्ष मद्रास के ‘अन्ना विश्वविद्यालय’ ने उन्हें ‘डॉक्टर ऑफ साइंस’ की मानद उपाधि से विभूषित किया। डॉ. कलाम ने ‘अग्नि’ और ‘पृथ्वी’ जैसी मिसाइलों को ईजाद कर भारत की सामरिक शक्ति को बढ़ाया तथा ‘मिसाइलमैन’ के रूप में देश-देशांतर में प्रख्यात हुए। उनकी वैज्ञानिक उपलब्धियों ने देश को न सिर्फ ताकतवर बनाया, बल्कि विश्वस्तर पर भारत के मान-सम्मान एवं गौरव को भी बढ़ाया। भारत के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई के वैज्ञानिक सलाहकार के रूप में डॉ. कलाम ने वर्ष 1998 में एक और गैरमामूली कारनामा कर दिखाया। डॉ. कलाम के कुशल नेतृत्व में पोखरण में भारत ने अपना दूसरा सफल परमाणु परीक्षण किया, जिसकी गूंज सारे विश्व में सुनी गई। इसके बाद भारत परमाणु शक्ति सम्पन्न राष्ट्रों की सूची में शामिल हुआ।
जहां एक वैज्ञानिक के रूप में अपनी उपलब्धियों से डॉ. कलाम ने भारत के गौरव को बढ़ाया, वहीं भारत के राष्ट्रपति के रूप में उनका कार्यकाल सराहनीय रहा। वर्ष 2002 में डॉ. कलाम भारत के 11वें राष्ट्रपति निर्वाचित हुए। उन्हें भारतीय जनता पार्टी समर्थित एनडीए के घटक दलों ने अपना उम्मीदवार बनाया था। 25 जुलाई, 2002 से 25 जुलाई, 2007 तक वह भारत के राष्ट्रपति रहे। राष्ट्रपति भवन एवं महामहिम के भारी-भरकम प्रोटोकाल से बाहर निकल कर डॉ. कलाम ने एक जनप्रिय राष्ट्रपति के रूप में हिन्दुस्तानियों के दिलों पर राज किया। राष्ट्रपति के रूप में उन्होंने न सिर्फ समस्त देश को प्रेरणा प्रदान की, अपितु एक उच्चकोटि के राष्ट्रनायक का उदाहरण पेश किया।
उन्होंने राष्ट्रपति के रूप में भारतीय राजनीति की दिशा बदलने की हर संभव कोशिश की। वह पहले ऐसे राष्ट्रपति थे, जिन्होंने सांसदों को कर्तव्य पथ पर अडिग रहने की शपथ दिलाई। उन्होंने देश को न केवल महाशक्ति बनाने का मूलमंत्र दिया, बल्कि लोगों में यह विश्वास भी जगाया कि भारत वास्तव में उन्नति के शिखर पर पहुंच सकता है।
उन्होंने देश भर में घूम-घूम कर असंख्य छात्रों को प्रेरित करने, उनके सपने जगाने और उन्हें पूरा करने का जो मंत्र दिया, उसकी मिसाल मिलनी मुश्किल है। उन्होंने यह भी दिखाया कि अपना काम करते हुए विवादों से कैसे दूर रहा जा सकता है। एक अराजनीतिक व्यक्ति होते हुए भी डॉ. कलाम राजनीतिक दृष्टि से सम्पन्न थे। अपनी इसी दृष्टि के बल पर उन्होंने भारत की कल्याण संबंधी नीतियों का जो खाका खींचा, वह अद्भुत है। उनकी सोच राष्ट्रवादी थी। वह एक महान देश हितैषी थे। भारत को एक सबल और सक्षम राष्ट्र बनाना उनका सपना था।
अपनी पुस्तक ‘इंडिया 2020-ए विजन फॉर द न्यू मिलेनियम’ में उन्होंने यह रेखांकित किया है कि भारत को वर्ष 2020 तक एक विकसित देश और “नालेज सुपरपॉवर’ बनाना होगा, ताकि वह दुनिया की प्रथम चार आर्थिक शक्तियों में शुमार हो सके। राष्ट्रपति पद से हटने के बाद वह राष्ट्रीय शिक्षक की भूमिका में थे।
डॉ. कलाम का व्यक्तित्व बहुआयामी था। वह एक महान वैज्ञानिक एवं राष्ट्रनायक ही नहीं थे, बल्कि एक अच्छे कवि, लेखक एवं संगीत साधक भी थे। अपने जीवनकाल में जहां उन्होंने मर्मस्पर्शी कविताओं का सृजन किया, वहीं एक लेखक के रूप में ‘इंडिया 2020-ए विजन फॉर द न्यू मिलेनियम’, मॉय जर्नी, ‘इग्नाइटेड माइंड्स : अनलीशिंग द पॉवर विदिन इंडिया’, ‘एनविजनिंग अनएम्पावर्ड नेशन : टेक्नोलॉजी फॉर सोसायटल ट्रांसफॉर्मेशन’ आदि उनकी चर्चित कृतियां हैं। अरूण तिवारी द्वारा लिखी गई उनकी जीवनी ‘विंग्स ऑफ फायर’ को पढ़ने के लिए युवा और बच्चे आतुर रहते हैं। एक संगीत साधक के रूप में रूद्रवीणा के वादन में उन्हें महारत हासिल थी। डॉ. कलाम का जीवन सिर्फ वैज्ञानिक प्रयोगों एवं राजनीति तक ही सीमित नहीं रहा, बल्कि सामाजिक जीवन को उच्च स्तर पर लाने के लिए भी वह समर्पित रहे। यही कारण है कि उन्हें अपार लोकप्रियता मिली।
डॉ. कलाम के जीवनकाल में उनकी उपलब्धियों एवं जनसेवा के लिए उन्हें अनेक पुरस्कारों एवं सम्मानों से नवाजा गया। भारत सरकार द्वारा उन्हें वर्ष 1981 में ‘पद्म भूषण’ तथा वर्ष 1990 में ‘पद्म विभूषण’ की उपाधियों से अलंकृत किया गया। वर्ष 1997 में जहां उन्हें देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘भारत रत्न’ से अलंकृत किया गया, वहीं इसी वर्ष उन्हें राष्ट्रीय एकता के लिए ‘इंदिरा गांधी पुरस्कार’ से नवाजा गया। उनकी वैज्ञानिक उपलब्धियों के लिए उन्हें अनेकानेक पुरस्कारों से नवाजा गया।
डॉ. कलाम देश के लिए ही जिए और देश के लिए ही मरे। अंत तक एक राष्ट्रीय शिक्षक के रूप में वह हमारे पथप्रदर्शक बने रहे। 27 जुलाई, 2015 को उत्तर-पूर्व के शिलांग में जब इस अनमोल रत्न ने अंतिम सांस ली, तो भी वह अपनी इसी भूमिका में थे। वह वहां के एक शिक्षण संस्थान में ‘लिवेबल प्लेनेट अर्थ’ विषय पर व्याख्यान देने गए थे। व्याख्यान के दौरान ही उनकी हालत बिगड़ी और 84 वर्ष की अवस्था में भारतवासियों को ‘उम्मीद’ शब्द का एक नया अर्थ देने वाला यह महान राष्ट्रनायक अलविदा हो गया।
विज्ञान डॉ. कलाम की बुनियाद थी, जबकि उनके चिंतन में शिक्षा, दर्शन और आधुनिकता की अद्भुत त्रिवेणी थी। वह दिमाग से वैज्ञानिक थे तथा दिल से दार्शनिक थे। उनकी आंखों में विकसित भारत का सपना था। उनकी सबसे बड़ी खूबी यह थी कि उन्होंने मूल्यों और मानवता को विज्ञान से जोड़ने का अद्भुत काम किया। आज कलाम साहब हमारे बीच भले ही नहीं हैं, किन्तु वह देश के नन्हें-मुन्नों की चमकती आंखों, युवकों की आंखों में झिलमिलाते सपनों और बुजुर्गों की उम्मीदों में सदा अमर रहेंगे। हम उनके सपनों का भारत बनाकर उन्हें सच्ची श्रद्धांजलि अर्पित कर सकते हैं।
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एपीजे अब्दुल कलाम पर निबंध Essay on A. P. J. Abdul Kalam in Hindi
क्या आप एपीजे अब्दुल कलाम पर निबंध (Essay on Apj Abdul Kalam in Hindi) की तलाश कर रहे हैं? अगर हां तो इस लेख के बाद आपकी सारी तलाश पूरी होने वाली है।
जो कि इस लेख में हमने डॉ एपीजे अब्दुल कलाम के ऊपर बेहतरीन निबंध लिखा है। डॉक्टर कलाम पर निबंध परीक्षाओं में कक्षा 5 से 12 तक विभिन्न रूपों में पूछा जाता है।
Image Credit – Tulane Public Relations, CC BY 2.0 , via Wikimedia Commons
Table of Contents
प्रस्तावना (एपीजे अब्दुल कलाम पर निबंध Essay on A. P. J. Abdul Kalam in Hindi)
भारतीय इतिहास में ऐसे लाखों लोगों ने जन्म लिया है उन्होंने अपने ज्ञान व कुशलता के माध्यम से भारतवर्ष को महान बनाने में अपना अप्रतिम योगदान दिया है।
आजाद भारत में डॉक्टर एपीजे अब्दुल कलाम का बहुत ही बड़ा योगदान रहा है। जब भारत को दुनिया में गरीब कह कर संबोधित किया जाता था तब मिसाइल मैन कलाम जी ने अंतरिक्ष के क्षेत्र में भारत का झंडा बुलंद किया था।
डॉ कलाम का जीवन बहुत ही साधारण स्तर का रहा। उन्होंने अपने जीवन काल में कभी भी धन को ज्यादा महत्व नहीं दिया। भारत को दुश्मनों से सुरक्षित रखने के लिए उन्होंने मिसाइल की तकनीकों का निजात किया।
जब भारत में शिक्षा को उतना महत्व नहीं दिया जाता था तब कलाम ने शिक्षा-ग्रहण को अपने जीवन में वरीयता दी तथा जब वे उच्च पद पर आसीन हुए तब भी सामान्य बच्चों के बीच जाकर शिक्षा पर जोर देते रहे।
मात्र मिसाइल ही नहीं बल्कि भारत के परमाणु कार्यक्रम में भी डॉक्टर एपीजे अब्दुल कलाम की महत्वपूर्ण भूमिका रही।
कलाम को हजारों- लाखों भारतीय आदर्श की दृष्टि से देखते हैं तथा उनके योगदान की भरपूर सराहना करते हैं। रॉकेट साइंटिस्ट कलाम को अपना भगवान भी मानते हैं।
और पढ़े : गांधी जयंती पर निबंध
मेरे प्रिय वैज्ञानिक एपीजे अब्दुल कलाम My Favorite Scientist A. P. J. Abdul Kalam
दुनिया भर में ऐसे हजारों वैज्ञानिक हुए हैं जिन्होंने अपने ज्ञान और खोज के माध्यम से मनुष्य के जीवन को सरल बनाया है। चाहे वह जेम्स वाट हो जिन्होंने इंजन का आविष्कार किया। चाहे वह चार्ल्स बेबेज हों जिन्होंने कंप्यूटर का आविष्कार किया।
किसी भी वैज्ञानिक की तुलना उनकी उपलब्धियों से नहीं की जाती इसलिए हर किसी का योगदान अप्रतिम होता है।
मेरे प्रिय वैज्ञानिक डॉक्टर ए पी जे अब्दुल कलाम है क्योंकि उन्होंने ना सिर्फ मध्यम वर्ग में जन्म लेकर ऊंचाइयों तक पहुंचे बल्कि सफलता के बाद भी हजारों गरीब लोगों को शिक्षा के लिए प्रेरित किया।
डॉ ए.पी.जे अब्दुल कलाम का पूरा नाम अबुल पाकिर जैनुल्लाब्दीन अब्दुल कलाम था। कलाम का जन्म 15 अक्टूबर सन 1931 को रामेश्वरम तमिलनाडु में हुआ था।
जहां एक तरफ भारत अंग्रेजों से आजादी के लिए संघर्ष कर रहा था वहीं दूसरी ओर गरीबी, बेरोजगारी और छुआछूत अपने चरम पर था। इसलिए ऐसे माहौल में योगदान तो दूर ज्ञानार्जन भी बहुत मुश्किल से हो पाता था।
कलाम के पिता जी का नाम जैनुलाब्दीन और माता का नाम आशियम्मा था। कलाम का परिवार एक मध्यमवर्गीय परिवार था उनके पिता जी मछुवारों को नाव किराए पर देकर घर का गुजारा करते थे इसलिए कलाम भी बेहद कम उम्र में अपने पिताजी की सहायता करने के लिए काम करने लगे थे।
लेकिन कलाम ने इतनी मजबूरियों के बाद भी अपनी पढ़ाई नहीं छोड़ी। कई बार उन्होंने जातिगत भेदभाव के कारण प्रताड़ना भी सहा लेकिन वे शिक्षा ग्रहण करने के मार्ग पर डटे रहे।
उनके भाई अखबार बेचने का कार्य करते थे जिसमें वे उनका हाथ बटा कर कुछ पैसे कमा लिया करते थे तथा अपने पिताजी की मदद किया करते थे।
तमाम तकलीफों के बावजूद भी कलाम ने पढ़ाई को हमेशा आगे रखा और वैमानिकी विज्ञान में अभिरुचि बनाए रखें और भारत के लिए तमाम मिसाइल का आविष्कार किया। आगे चलकर जो भारत के 11 वे राष्ट्रपति बने।
प्रारंभिक जीवन Early life of A. P. J. Abdul Kalam in Hindi
कलाम का जन्म एक मुस्लिम परिवार में हुआ था उनके पिता जी एक कट्टर मुस्लिम थे। जिसके कारण वे बचपन से ही कलाम को मस्जिद ले जाना तथा नमाज में शामिल करना शुरू कर दिए थे।
डॉ एपीजे अब्दुल कलाम के बचपन में उनके कई दोस्त थे जिनमें हिंदू, मुसलमान तथा क्रिश्चियन शामिल थे। इसलिए उन्होंने कभी भी धार्मिक भेदभाव को मन में पनपने नहीं दिया।
उनके प्रारंभिक जीवन में बड़ी कठिनाइयां आई जब विद्यालय में उनके साथ धार्मिक भेदभाव तथा अन्याय पूर्ण बर्ताव किया जाने लगा।
उनका परिवार बेहद ही गरीब था उनके पिताजी चाहते थे कि कलाम पढ़ाई लिखाई छोड़ कर उनके साथ काम में हाथ बटाएं लेकिन कलाम ने कभी भी पढ़ाई नहीं छोड़ी और संघर्ष करते रहे।
और पढ़े : उधम सिंह जयंती पर निबंध
शिक्षा Education of Abdul Kalam in Hindi
मध्यम वर्ग में जन्म लेने के कारण उनके पास इतना पैसा नहीं हुआ करता था कि वे महंगी किताबें खरीद सके इसलिए वे पुस्तक की दुकान में छोटा मोटा काम कर किताबें पढ़ने के लिए मांग लेते थे।
- डॉ कलाम कि शुरुआती पढ़ाई तिरुचिरापल्ली के सेंट जोसेफ स्कूल में हुई। शुरुआती पढ़ाई के बाद उन्होंने विज्ञान में मद्रास इंस्टीट्यूट से ग्रेजुएशन की डिग्री प्राप्त की।
उसके बाद 1954 में मद्रास इंस्टीट्यूट से एयरोनॉटिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी की। इसके साथ ही वे अपने भाइयों को पढ़ाया करते थे।
पढ़ाई में तेज होने के कारण वह पूरे कॉलेज में पसंद किए जाने लगे थे। उनकी तीव्र बुद्धि के आगे अंग्रेज प्रोफेसर भी आश्चर्यचकित रह जाते थे।
प्रारंभिक कैरियर Starting Carrier of A. P. J. Abdul Kalam in Hindi
डॉ कलाम ने अच्छे नंबरों से अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद नौकरी के लिए आवेदन दिया तथा 1958 में वे एक वरिष्ठ वैज्ञानिक के सहायक के रूप में डीआरडीओ से जुड़े ।
उनकी अगुवाई में कलाम को विज्ञान के क्षेत्र में जरूरी दिशा निर्देशन प्राप्त हुआ। उनकी टीम ने एक हेलीकॉप्टर और होवरक्राफ्ट का मॉडल तैयार किया जिसमें कलाम का बहुत ही बड़ा योगदान था।
उनके उत्साह और समर्पण भाव के कारण उन्हें बहुत जल्द डीआरडीओ और इसरो में मुख्य पहचान मिली। परिणाम स्वरुप उन्हें भारत के बड़े-बड़े अनुसंधान कार्यक्रमों में शामिल किया जाने लगा।
वैज्ञानिक के रूप में कार्य Work as a Scientist
इसरो में ज्वाइन होने के बाद उनकी कार्य शैली के कारण उन्हें मिसाइल मैन के नाम से जाना जाने लगा। क्योंकि बैलिस्टिक मिसाइल और स्पेस रॉकेट टेक्नोलॉजी के विकास में उनका बहुत ही बड़ा योगदान रहा है।
डॉ कलाम ख्याति प्राप्त वैज्ञानिक और इंजीनियर थे जिनके मार्गदर्शन में परमाणु परीक्षण और कई रॉकेट टेक्नोलॉजी का विकास हुआ।
उनके कार्य के लिए सिर्फ भारत में ही नहीं बल्कि विदेशों में भी उनकी सराहना की जाती है। ऑक्सफर्ड जैसे विशाल विश्वविद्यालयों में उनके संबोधन को आज भी याद किया जाता है।
डॉ कलाम मुख्य वैज्ञानिक सलाहकार और डीआरडीओ के सेक्रेटरी भी रहे। पोखरण परमाणु कार्यक्रम में उन्होंने एक मुख्य कोऑर्डिनेटर के रूप में अपनी भूमिका निभाई।
एक मुख्य वैज्ञानिक रहने के साथ वह एक कुशल लेखक तथा वक्ता भी थे। उन्हें संगीत से काफी लगाव था तथा छोटे बच्चों को सलाह देना उन्हें बहुत ही अच्छा लगता था।
उनके मुख्य किताबों में इंडिया 2020, इगनाइटेड माइंड्स, मिशन इंडिया, द लुमिनस स्पार्क और इंस्पायरिंग थॉट्स शामिल है।
निजी जीवन A. P. J. Abdul Kalam Personal Life in Hindi
अब्दुल कलाम राष्ट्र के प्रति अपने समर्पण भाव को जारी रखना चाहते थे इसके फलस्वरूप उन्होंने आजीवन विवाह नहीं किया।
उनका मानना था कि राष्ट्र की सेवा के लिए अपना सर्वस्व त्याग देना ही मुख्य राष्ट्र धर्म है। व्यक्तिगत जीवन में उन्हें बच्चों के साथ घुलना मिलना बेहद ही पसंद था।
इसलिए जब भी उन्हें समय मिलता तो छोटे बच्चों और युवाओं को संबोधित करने अवश्य ही जाते थे। डॉ कलाम अपने धन का एक बड़ा हिस्सा जरूरतमंद लोगों में बांट दिया करते थे।
डॉ कलाम को पुस्तकें पढ़ने का बहुत ही शौक था वे अन्य धर्मों में बिल्कुल भी भेदभाव नहीं रखते थे इसलिए वे नमाज पढ़ने के साथ गीता भी पढ़ा करते थे।
उन्हें संगीत के प्रति गहरा लगाव था जिसके कारण वे अक्सर खाली समय में वीणा बजाया करते थे। जब वे राष्ट्रपति पद पर रहे तब उनका एक कमरा पुस्तकों से भरा रहता था।
राष्ट्रपति के पद पर कार्य Work as President of India
डॉ एपीजे अब्दुल कलाम वर्ष 1992 से 1999 तक प्रधानमंत्री के मुख्य वैज्ञानिक सलाहकार और डीआरडीओ के सेक्रेटरी रहे जिसके बाद सन 2002 में वे निर्विवाद राष्ट्रपति के पद पर चुन लिए गए।
राष्ट्रपति के पद पर रहते हुए उन्होंने व्हाट कैन आई गिव मोमेंट मिशन की शुरुआत की जिसमें युवाओं को भ्रष्टाचार के प्रति जागरूक करना उनका मुख्य उद्देश्य था।
कलाम बेहद ही उदार स्वभाव के व्यक्ति थे इसलिए राष्ट्रपति के पद पर रहते हुए उन्होंने कई गुनहगारों की फांसी पर रोक लगाया था तथा उन्हें सुधारने का मौका दिया था।
उन्होंने राष्ट्रपति के पद पर रहकर भारत की बहुत ही अधिक सेवा की जिसके कारण उन्हें पद्मभूषण, पद्म विभूषण, इंदिरा गांधी अवॉर्ड, अवार्ड वीर सावरकर अवार्ड, रामानुजन अवॉर्ड और भारत का सर्वश्रेष्ठ नागरिक सम्मान भारत रत्न से सम्मानित किया गया।
मृत्यु Death
एपीजे अब्दुल कलाम भारत के बच्चों और युवाओं को भारत की असली संपत्ति मानते थे इसलिए वे अक्सर ही विद्यार्थियों को संबोधित करते रहते थे और 2015 में ऐसे ही एक संबोधन के दौरान उन्हें हार्ट अटैक आया।
अस्पताल में अपनी आखरी सांसो के साथ उन्होंने यह आग्रह किया कि उनकी मृत्यु के बाद एक दिन की बेफिजूल की छुट्टी ना दी जाए बल्कि एक दिन अतिरिक्त पढ़ाई की व्यवस्था हो। 27 जुलाई 2015 के दिन डॉ कलाम जैसे सितारे का अस्त हो गया।
एपीजे अब्दुल कलाम जी पर 10 लाइन Few Lines on A. P. J. Abdul Kalam ji in Hindi
- जब भारत में शिक्षा को उतना महत्व नहीं दिया जाता था तब कलाम ने शिक्षा-ग्रहण को अपने जीवन में वरीयता दी।
- भारत के परमाणु कार्यक्रम में भी डॉक्टर एपीजे अब्दुल कलाम की महत्वपूर्ण भूमिका रही।
- डॉ ए.पी.जे अब्दुल कलाम का पूरा नाम अवुल पाकिर जैनुल्लाब्दीन अब्दुल कलाम था।
- कलाम के पिता जी का नाम जैनुलाब्दीन और माता का नाम आशीयम्मा था।
- उनके भाई अखबार बेचने का कार्य करते थे जिसमें वे उनका हाथ बटा कर कुछ पैसे कमा लिया करते थे
- डॉ एपीजे अब्दुल कलाम के बचपन में उनके कई दोस्त थे जिनमें हिंदू मुसलमान तथा क्रिश्चियन शामिल थे।
- उसके बाद 1954 में मद्रास इंस्टीट्यूट से एयरोनॉटिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी की।
- पढ़ाई पूरी करने के बाद नौकरी के लिए आवेदन दिया तथा 1958 में उन्होंने एक वरिष्ठ वैज्ञानिक के सहायक के रूप में डीआरडीओ ज्वाइन किया।
- इसरो में ज्वाइन होने के बाद उनके कार्य शैली के कारण उन्हें मिसाइल मैन के नाम से जाना जाने लगा।
निष्कर्ष Conclusion
इस लेख में अपने एपीजे अब्दुल कलाम पर निबंध हिंदी में (Essay on Dr. A. P. J. Abdul Kalam in Hindi) पढ़ा। आशा है यह लेख आपको जानकारियों से भरपूर लगा होगा। अगर यह लेख आपको अच्छा लगा हो तो इसे शेयर जरूर करें।
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एपीजे अब्दुल कलाम पर निबंध (APJ Abdul Kalam Essay In Hindi)
In this Article
अब्दुल कलाम पर 10 लाइन (10 Lines On APJ Abdul Kalam In Hindi)
एपीजे अब्दुल कलाम पर निबंध 200-300 शब्दों में (short essay on apj abdul kalam in hindi 200-300 words), एपीजे अब्दुल कलाम पर निबंध 400-500 शब्दों में (essay on apj abdul kalam in hindi 400-500 words), एपीजे अब्दुल कलाम के बारे में रोचक तथ्य (interesting facts about apj abdul kalam in hindi).
- आपका बच्चा क्या सीखेगा एपीजे अब्दुल कलाम निबंध से? (What Will Your Child Learn From APJ Abdul Kalam Essay?)
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)
ऐसी शख्सियत बहुत कम होती है जिनके होने से देश को उन पर गर्व हो , लेकिन कुछ लोगों के लिए देश प्रेम और उसका सबसे ऊपर होता है। जिस महान व्यक्तित्व की हम बात कर रहे हैं वो है डॉ एपीजे अब्दुल कलाम। इनका पूरा नाम ‘ अवुल पकिर जैनुलाबदीन ‘ अब्दुल कलाम है। अब्दुल कलाम का जन्म 15 अक्टूबर 1931 को रामेश्वरम , तमिलनाडु में हुआ था। इनके पिता का नाम जैनुलबुद्दीन और माता का नाम आशियम्मा था। भारत के लोगों के दिलों में उनकी पहचान हमेशा से ‘ जनता के राष्ट्रपति ‘ और ‘ मिसाइल मैन ‘ के नाम से बनी हुई है। कलाम एक बेहद प्रतिष्ठित वैज्ञानिक थे , जिन्होंने कई तरह के आविष्कार किए हैं। इनका इसरो (ISRO) में बेहतरीन योगदान रहा है और इन्होंने कई तरह की मिसाइल का विकास भी किया था। सबसे प्रसिद्ध मिसाइल ‘ पृथ्वी ‘ और ‘ अग्नि ‘ के विकास में इन्होने अहम भूमिका निभाई थी। इनके इस योगदान की वजह से भारत सरकार द्वारा उन्हें देश के सर्वोच्च नागरिक के रूप में सम्मानित किया गया। ऐसे महान व्यक्ति के बारे आप कैसे निबंध लिखें यह जाने के लिए लेख को पूरा पढ़ें।
एपीजे अब्दुल कलाम बहुत सरल स्वभाव के जमीन से जुड़े व्यक्ति थे। यह दुनिया भर में युवाओं के लिए प्रेरणा थे और हैं। आप हिंदी में एपीजे अब्दुल कलाम पर शॉर्ट नोट के तौर नीचे दी गए 10 आसान वाक्य से उनके बारे में जान सकते हैं।
- अब्दुल कलाम का पूरा नाम ‘अवुल पकिर जैनुलाब्दीन’ अब्दुल कलाम आजाद है।
- इनका जन्म 15 अक्टूबर 1931 तमिल नाडु में हुआ था।
- इनके पिता का नाम जैनुलबिद्दीन मरकयार और माता का नाम आशियम्मा था
- इन्होंने 1960 में मद्रास इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से ग्रेजुएशन किया।
- इन्हें भारत का ‘ मिसाइल मैन ‘ कहा जाता है।
- कलाम एक अच्छे लेखक थे।
- कलाम एयरोनॉटिकल इंजीनियर भी थे।
- अब्दुल कलाम 2002 में देश के 11 वें राष्ट्रपति बने थे।
- इन्हें भारत रत्न , पद्म विभूषण , पद्म भूषण आदि जैसे कई प्रतिष्ठित पुरस्कार मिले हैं।
- 27 जुलाई 2015 को दिल का दौरा पड़ने से इनकी मृत्यु हो गई।
स्कूल में अक्सर बच्चों ऐसे लोगों निबंध लिखने को खा जाता है , हमारे लिए प्रेरणा है और देश लिए गर्व। बच्चे अगर इन्हे अपना आदर्श मानेगे तो कल वो खुद भी देश कुछ कर सकेंगे। नीचे दिया गया एपीजे अब्दुल कलाम पर हिंदी में पैराग्राफ उनके बारे में बच्चों को काफी कुछ जानकारी दे सकता है और उन्हें एक अच्छा लेख लिखने में मदद कर सकता है।
डॉ . एपीजे अब्दुल कलाम को दुनिया के सर्वश्रेष्ठ वैज्ञानिकों में से एक माना जाता है। राष्ट्रपति बनने से पहले उनका नाम एक वैज्ञानिक के तौर पर काफी प्रसिद्ध था। इनका जन्म 15 अक्टूबर 1931 को भारत के रामेश्वरम में हुआ था। इनके पिता का नाम जैनुलबिद्दीन मरकयार और माता का नाम आशियम्मा था। कलाम बहुत गरीब परिवार से आते थे और अपने पिता की आर्थिक रूप से मदद करने के लिए वे स्टेशन पर अखबार बेचते थे। इनका बचपन से ही पढ़ाई के प्रति अधिक रुझान था। 25 जुलाई 2002 में वह भारत के 11 वें राष्ट्रपति के रूप में चुने गए थे। राष्ट्रपति पद का कार्यकाल उन्होंने साल 2002 से 2007 तक संभाला था। अपना राष्ट्रपति कार्यकाल पूरा करने के बाद कलाम ने ‘ इसरो ‘ और ‘ डीआरडीओ ‘ जैसे बड़े सरकारी विभाग में कई प्रमुख पदों पर काम किया था। इसके बाद भारत सरकार ने कैबिनेट मंत्री के रूप में प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार का पद नियुक्त किया था। भारत के लोगों ने उन्हें एक महान राष्ट्रपति होने का दर्जा दिया था। कलाम हमेशा से ही बच्चों और युवाओं के लिए एक प्रेरणा स्त्रोत थे , हैं और रहेंगे। उन्होंने हमेशा बच्चों को नया सीखने और अपने अंदर की कला तलाशने के लिए प्रेरित करने का प्रयास किया। डॉ कलाम आज भी भारत की जनता के दिलों में एक महान राष्ट्रपति और मिसाइल मैन के रूप में बसते हैं। 27 जुलाई 2015 में इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ मैनेजमेंट में अपने लेक्चर के दौरान उन्हें दिल का दौरा पड़ा , जिसकी वजह से उनका निधन हो गया।
डॉ एपीजे अब्दुल कलाम भारत के 11 वें राष्ट्रपति थे। युवाओं के लिए कलाम किसी प्रेरणा से कम नहीं थे , शायद यही वजह थी वह उनके लोकप्रिय राष्ट्रपति थे। डॉ कलाम एक प्रख्यात वैज्ञानिक थे , जिन्होंने भारत सरकार की नामी संस्था जैसे ‘ इसरो ‘ और ‘ डीआरडीडो ‘ के साथ कार्य किया था। इन्होंने देश के लिए कई मिसाइल बनाई है , जिसमे सबसे लोकप्रिय ‘ अग्नि ‘ और ‘ पृथ्वी ‘ थीं। काम को लेकर इनकी इस लगन और देश के लिए किए गए कई योगदानों की वजह से भारत सरकार ने इन्हें प्रतिष्ठित पुरस्कार से भी नवाजा है। भारत के वैज्ञानिक विकास में इनका योगदान काबिले तारीफ है।
एपीजे अब्दुल कलाम का शुरूआती जीवन और बचपन (Early Life and Childhood of APJ Abdul Kalam)
डॉ एपीजे अब्दुल कलाम का जन्म 15 अक्टूबर 1931 को तमिलनाडु के रामेश्वरम में हुआ था। कलाम जी के पिता का नाम जैनुलाब्दीन था जो कि एक नाव के मालिक और स्थानीय मस्जिद के इमाम थें और उनकी माता का नाम आशियम्मा था। कलाम के 4 भाई – बहन थे , जिनमें वह सबसे छोटे थें। इनका बचपन बहुत ही कठिनाई में बिता है क्योंकि यह एक गरीब परिवार से थें। घर के खर्चों और अपनी पढ़ाई के लिए पैसा जमा करने के लिए कलाम जी ने अखबार बेचने का काम भी किया था। बचपन में वह पढ़ाई में एक औसत छात्र थे , लेकिन इनके अंदर कुछ नया सीखने और बड़ा कर दिखाने की ललक हमेशा से थी। इनकी इस लगन को देखते हुए इनके शिक्षक भी उन्हें पसंद करते थे। यह पढ़ाई करने में बहुत समय बिताते थें , खासकर की गणित में क्योंकि यह उनका पसंदीदा विषय था। इनकी शुरूआती शिक्षा रामनाथपुरम के श्वार्ट्ज हायर सेकेंडरी स्कूल में हुई , जिसके बाद उन्होंने तिरुचिरापल्ली के सेंट जोसेफ कॉलेज में पढ़ाई की। वहां से उन्होंने 1954 में भौतिकी ( फिजिक्स ) विषय में स्नातक किया। इसके बाद साल 1960 में अपनी एयरोस्पेस इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने के लिए मद्रास इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी में दाखिला लिया था।
अब्दुल कलाम का वैज्ञानिक करियर (Scientific career of Abdul Kalam)
डॉ एपीजे अब्दुल कलाम एयरोस्पेस इंजीनियरिंग करने बाद डीआरडीओ ( रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन ) में एक वैज्ञानिक के तौर पर काम करने लगे थें। इस बीच इन्होने प्रसिद्ध वैज्ञानिक विक्रम साराभाई के साथ भी काम किया था। साल 1969 में डॉ कलाम डीआरडीओ को छोड़कर इसरो (ISRO) में शामिल हो गए। इसरो में इनको प्रोजेक्ट डायरेक्टर का पद दिया गया था। इसी पद पर काम करते समय साल 1980 में भारत ने अपना पहला सैटेलाइट ( रोहिणी ) पृथ्वी के ऑर्बिट पर स्थापित किया था। इसरो में शमिल होने के बाद डॉ कलाम बेहद खुश थें क्योंकि उनका मानना था कि जिस उद्देश्य से वह अपना जीवन जी रहे हैं , वह अब थोड़ा – थोड़ा कर के पूरा हो रहा है। साल 1963-64 में अब्दुल कलाम ने अमेरिकी संस्था नासा (NASA) में भी दौरा किया। भारत के प्रसिद्ध परमाणु वैज्ञानिक राजा रमन्ना ने पहले परमाणु परिक्षण में डॉ कलाम को बुलाया था। ऐसे करते करते वह देश के एक प्रसिद्ध वैज्ञानिक के तौर पर उभर कर सबके सामने आने लगे।
एपीजे अब्दुल कलाम का राजनीतिक जीवन (Political Life of APJ Abdul Kalam)
राजनीती में आने से पहले ही डॉ कलाम देश में अपने कार्यों से मशहूर थें। पहली बार जून 2002 में रूलिंग पार्टी एनडीए ( राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन ) ने कलाम का नाम भारत के राष्ट्रपति पद के लिए प्रस्तावित किया था। कलाम की इस उम्मीदवारी को कांग्रेस और समाजवादी पार्टी का समर्थन भी मिला था। भारत के पूर्व राष्ट्रपति के . आर . नारायणन ने डॉ कलाम के लिए जगह बनाने के लिए फिर से चुनाव नहीं लड़ने का फैसला किया था। कलाम के विपरीत सिर्फ एक विरोधी लक्ष्मी सहगल थीं। लेकिन कलाम जी की कौशलता और लोकप्रियता के कारण यह चुनाव एक तरफा रहा जिसमे कलाम की विजय हुई। 25 जुलाई 2002 को उन्होंने राष्ट्रपति पद की शपथ ली और वह देश के 11 वें राष्ट्रपति बने।
एपीजे अब्दुल कलाम के पुरस्कार ( APJ Abdul Kalam Awards)
डॉ एपीजे अब्दुल कलाम ने देश के लिए कई महत्वपूर्ण योगदान दिए हैं , उनकी इस काबिलियत को समझते हुए उन्हें कई पुरस्कार और उपलब्धियों से नवाजा गया है। भारत सरकार द्वारा दिए गए पुरस्कार ये रहें –
- पद्म भूषण (1981)
- पद्म विभूषण (1990)
- भारत रत्न (1997)
- इंदिरा गांधी राष्ट्रीय एकता पुरस्कार (1997)
- वीर सावरकर (1998)
एपीजे अब्दुल कलाम की मृत्यु (Death Of APJ Abdul Kalam)
27 जुलाई 2015 को डॉ कलाम ने शिलांग के इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ मैनेजमेंट में 84 साल की उम्र में अपनी आखिरी सांस ली। कॉलेज में अपने लेक्चर के दौरान डॉ कलाम को दिल का दौरा पड़ा और वह वहीँ बेहोश हो गए। अस्पताल ले जाने के कुछ समय बाद ही उनकी मृत्यु हो गयी। डॉ एपीजे अब्दुल कलाम का अंतिम संस्कार उनके पैतृक गांव रामेश्वरम में 30 जुलाई 2015 को हुआ था। इस में देश के प्रधानमंत्री और कई जाने – माने मंत्री आदि शामिल हुए थे।
- डॉ अब्दुल कलाम ने कभी भी शादी नहीं की थी।
- कलाम को 40 राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय विश्वविद्यालयों से डॉक्टरेट की उपाधि मिली थी।
- पोखरण में किए गए परमाणु परीक्षण में कलाम का अहम योगदान था।
- मुस्लिम समुदाय से होने के बावजूद डॉ कलाम शाकाहारी थे।
- यह भारत के पहले अविवाहित राष्ट्रपति बने थे।
- इनसे प्रेरित होकर साल 2011 में ‘ आई एम कलाम ‘ नाम की फिल्म रिलीज हुई थी।
- इनके अंतिम संस्कार में लगभग साढ़े तीन लाख से ज्यादा लोग शामिल हुए थे।
आपका बच्चा क्या सीखेगा एपीजे अब्दुल कलाम निबंध से ? (What Will Your Child Learn From APJ Abdul Kalam Essay?)
डॉ एपीजे अब्दुल कलाम एक प्रख्यात और प्रतिभा से भरे वैज्ञानिक और बेहतरीन राजनीतिज्ञ थे , जो हमेशा से भारत के विकास के बारें में सोचते थे। भारत के वैज्ञानिक विभाग में इनका योगदान बेमिसाल रहा है। डॉ कलाम बच्चों को बहुत पसंद करते थें और उन्हें हमेशा शिक्षा के क्षेत्र में कुछ बड़ा करने के लिए प्रेरित भी किया करते थे। बच्चे भी इन्हें अपना आदर्श मानते थें , हैं और रहेंगे। ऐसे में डॉ कलाम के इस निबंध से बच्चे और भी ज्यादा प्रेरित होंगे और उनके जैसा बनने का प्रयास करेंगे। हमारे देश के इस प्रतिभाशाली पुरुष के बारें में हर किसी को ज्ञान होना जरूरी।
1. डॉ कलाम द्वारा लिखी गई उनकी आत्मकथा का क्या नाम है ?
डॉ कलाम की आत्मकथा का नाम ‘ विंग्स ऑफ फायर ‘ है।
2. मृत्यु के दौरान कलाम ने कौन सा व्याख्यान दिया था ?
डॉ कलाम द्वारा उनकी मृत्यु के दिन दिया गया व्याख्यान ‘ क्रिएटिंग अ लिवेबल प्लैनेट अर्थ ‘ था।
3. एपीजे अब्दुल कलाम ने कौनसा ई – पेपर लॉन्च किया था ?
कलाम ने ‘ बिलियन बीट्स ‘ नाम का ई – पेपर का नाम लॉन्च किया था।
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डाॅ. एपीजे अब्दुल कलाम पर निबंध (Dr. APJ Abdul Kalam Essay In Hindi)
डाॅ. एपीजे अब्दुल कलाम पर निबंध (Dr. APJ Abdul Kalam Essay In Hindi)- मैं जब स्कूल में पढ़ा करती थी, तो उस समय सभी बच्चों को क्लास में यही पूछा जाता था कि वह बड़े होकर क्या बनना पसंद करेंगे। किसी का उत्तर होता था डाॅक्टर, इंजीनियर, पायलट, सैनिक आदि। लेकिन मेरे जवाब पर सभी को हंसी आ जाया करती थी। मैं कहती थी कि मुझे बड़ा होकर राष्ट्रपति बनना है। खैर वो तो बचपन की बात थी। लेकिन आज सोचती हूं कि राष्ट्रपति बनना कितना चुनौतीपूर्ण कार्य है। राष्ट्रपति बनने के लिए ढेरों गुण चाहिए होते हैं।
Essay On APJ Abdul Kalam In Hindi
हम सभी भारत के नागरिक कहलाए जाते हैं। लेकिन क्या आपको पता है कि भारत का प्रथम नागरिक कौन कहलाता है? भारत का प्रथम नागरिक भारत का राष्ट्रपति होता है। प्रथम नागरिक का तात्पर्य यह है कि वह देश का सबसे सम्मानीय नागरिक होता है। राष्ट्रपति को पांच साल के लिए कार्यकाल संभालना होता है। प्रधानमंत्री के बाद सबसे पहली राय राष्ट्रपति से ली जाती है। भारत के राष्ट्रपति का निवास स्थल राष्ट्रपति भवन कहलाता है। भारत के सर्वप्रथम राष्ट्रपति डॉ. राजेन्द्र प्रसाद थे। उन्होंने 26 जनवरी 1950 को राष्ट्रपति का पदभार संभाला था।
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डाॅ. एपीजे अब्दुल कलाम पर निबंध
हमारे वर्तमान राष्ट्रपति का नाम द्रौपदी मुर्मू है। वह भारत की 15वीं राष्ट्रपति हैं। आज का हमारा विषय भारत के भूतपूर्व राष्ट्रपति और मिसाइल मैन कहे जाने वाले डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम पर आधारित है। आज हम भारत के सबसे लोकप्रिय राष्ट्रपति डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम पर निबंध पढ़ेंगे। तो आइए हम निबंध पढ़ना शुरू करते हैं।
रामेश्वरम शहर को पूरी दुनिया में रामेश्वरम मंदिर के लिए जाना जाता है। रामेश्वरम मंदिर को भारत के चारों धामों में से एक महत्वपूर्ण तीर्थ स्थल माना जाता है। रामेश्वरम को एक और वजह से भी जाना जाता है। दरअसल जैनुलाब्दीन एक साधारण सा मछुआरा था। इनकी पत्नी भी साधारण गृहिणी थी। दोनों बहुत मेहनती थे। दोनों के पांच बच्चे थे। एक निम्न मध्यमवर्गीय परिवार के लिए इतना बड़ा परिवार संभालना थोड़ा मुश्किल होता है।
लेकिन जैनुलाब्दीन ने कभी भी अपने परिवार को बोझ नहीं समझा। उन्हीं पांच बच्चों में से एक था अवुल पकिर जैनुलाब्दीन अब्दुल कलाम। जैनुलाब्दीन का यह पुत्र पढ़ाई लिखाई में बहुत होशियार था। वह बचपन से ही दूसरे बच्चों से बिल्कुल अलग था। उसके परिवार की परिस्थितियां अच्छी नहीं थी। लेकिन फिर भी उसने समझदारी के साथ अपने परिवार को संभाले रखा।
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डाॅ. एपीजे अब्दुल कलाम का बचपन
जैनुलाब्दीन के घर 15 अक्टूबर 1931 को डाॅ. एपीजे अब्दुल कलाम का जन्म हुआ था। अब्दुल कलाम को मिलाकर कुल पांच भाई-बहन थे। इन सभी भाई-बहन में अब्दुल कलाम कुशाग्र बुद्धि के इंसान थे। बचपन से ही वह अपने परिवार के लिए बड़ी सोच रखते थे। अब्दुल कलाम के पिता एक साधारण से मछुआरे थे। उनके पिता को अपने सभी बच्चों का पेट पालना था। अब्दुल कलाम ने अपने पिता का साथ दिया। अब्दुल कलाम बचपन में पढ़ाई भी किया करते थे। और साथ ही साथ वह आर्थिक स्तिथि को संभालने के लिए अखबार भी बेचा करते थे। अब्दुल कलाम ने अपने पिता को संघर्ष करते देख लिया था, इसलिए वह पढ़-लिखकर एक बड़ा इंसान बनना चाहते थे। वह अपने परिवार की पूर्ण रूप से जिम्मेदारी संभालना चाहते थे।
डाॅ. एपीजे अब्दुल कलाम की शिक्षा
एपीजे अब्दुल कलाम के पिता अपने बेटे को एक मछुआरे के रूप में काम करते हुए नहीं देखना चाहते थे। वह चाहते थे कि उनका बेटा नामी डॉक्टर या इंजीनियर बने। जैनुलाब्दीन ने अपने बेटे का Schwartz Higher Secondary School में दाखिला करवाया। बाद में अब्दुल कलाम ने जब मैट्रिक की परीक्षा पास की तो उनका एडमिशन सेंट जोसेफ कॉलेज में हुआ। वहां पर उन्होंने भौतिक विज्ञान में ग्रेजुएशन किया। बाद में उन्होंने एयरोस्पेस इंजीनियरिंग में आगे की पढ़ाई पूरी की।
डाॅ. एपीजे अब्दुल कलाम और वैज्ञानिक उपलब्धियां
जब अब्दुल कलाम ने अपनी एयरोस्पेस इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी कर ली तो कलाम ने सोचा कि अब आगे क्या किया जाए। अब्दुल कलाम की यह उलझन तब सुलझी जब वर्ष 1962 में अब्दुल कलाम ने भारतीय अन्तरिक्ष अनुसंधान संगठन में दाखिला लिया। भारतीय अन्तरिक्ष अनुसंधान संगठन को हम इसरो (ISRO) के नाम से जानते हैं। इसरो में रहते हुए कलाम ने साथी वैज्ञानिकों के साथ मिलकर एसएलवी-III का प्रक्षेपण किया। बाद में अब्दुल कलाम के ही नेतृत्व में पोखरण-द्वितीय परमाणु परीक्षणों पर भी काम किया गया।
डाॅ. एपीजे अब्दुल कलाम का देश प्रेम
“सपने वे नहीं जो हम सोते हुए देखते हैं, सपने वे हैं जो हमें सोने नहीं देते।” यह प्रसिद्ध वाक्य अब्दुल कलाम ने कहा था। एपीजे अब्दुल कलाम को भारत के प्रति अति लगाव था। वह अपने देश और देश के नागरिकों का सम्मान करते थे। वह देश के गरीबों को लेकर चिंतित रहते थे। वह देश के युवाओं को हर क्षेत्र में आगे बढ़ते हुए देखना चाहते थे। अब्दुल कलाम ने युवाओं को हर पल प्रेरित किया। यही एक वजह थी कि वह सभी बच्चों और युवाओं के लिए प्रेरणास्रोत बन गए थे।
एपीजे अब्दुल कलाम का वैवाहिक जीवन
अब्दुल कलाम ने शादी नहीं की थी। वह ताउम्र कुंवारे रहे थे। वह नहीं चाहते थे कि उनकी शादी हो क्योंकि वह अपना जीवन देश को समर्पित कर चुके थे। जब उनकी शादी की उम्र हुई थी तब उन्होंने हर आने वाले रिश्ते को ठुकरा दिया था। वह सोचते थे कि शादीशुदा जीवन देश की प्रगति में बाधा बन सकता है। उनको विज्ञान से प्रेम था। एक बार अब्दुल कलाम ने कहा था कि उनकी पत्नी तो मिसाइल है।
डाॅ. अब्दुल कलाम द्वारा लिखित किताबें
(1) इंडिया 2020: ए विजन फॉर द न्यू मिलेनियम (2) विंग्स ऑफ फायर: एन ऑटोबायोग्राफी (3) इगनाइटेड माइंड्स: अनलीजिंग द पॉवर विदिन इंडिया (4) द ल्यूमिनस स्पार्क्स: ए बायोग्राफी इन वर्स एंड कलर्स (5) मिशन ऑफ इंडिया: ए विजन ऑफ इंडियन यूथ (6) द लाइफ ट्री, पोयम्स (7) इनडोमिटेबल स्पिरिट (8) हम होंगे कामयाब (9) अदम्य साहस (10) इन्स्पायरिंग थॉट्स: कोटेशन सीरिज (11) यू आर बॉर्न टू ब्लॉसम (सहलेखन – अरुण तिवारी) (12) द फैमिली एंड द नेशन (सहलेखन – महाप्रज्ञ) (13) स्प्रिट ऑफ इंडिया (14) फोर्ज योर फ्यूचर: केन्डिड, फोर्थराइट, इन्स्पायरिंग (15) बियॉन्ड 2020: ए विजन फॉर टुमोरोज इंडिया (16) गवर्नेंस फॉर ग्रोथ इन इंडिया (17) ट्रांसडेंस: माई स्प्रीचुअल एक्स्पीरिएंस विद प्रमुख स्वामीजी (सहलेखन – अरुण तिवारी) (18) लर्निंग हाउ टू फ्लाई (19) एनलाइटेंड माइंड्स (20) फेलियर इस द बेस्ट टीचर
डाॅ. एपीजे अब्दुल कलाम को मिले सम्मान
(1) पद्म भूषण (1981) (2) पद्म विभूषण (1990) (3) भारत रत्न (1997) (4) इंदिरा गांधी पुरस्कार (1997) (5) वीर सावरकर पुरस्कार (1998) (6) किंग चार्ल्स द्वितीय मेडल (2007) (7) डॉक्टर ऑफ साइंस (2014)
डाॅ. एपीजे अब्दुल कलाम के अनमोल वचन
- अगर कोई देश भ्रष्टाचार से मुक्त हो और सारे लोग अच्छी शुद्ध मानसिकता वाले हों, मैं दावे से कह सकता हूँ कि केवल तीन लोग ही ऐसे देश का निर्माण कर सकते हैं और वो हें- माता, पिता और गुरु।
- आसमान की ओर देखो हम अकेले नहीं हैं, जो लोग सपने देखते हैं और कठिन मेहनत करते हैं, पूरा ब्रह्माण्ड उनके साथ है।
- युवाओं को मेरा सन्देश है कि अलग तरीके से सोचें, कुछ नया करने का प्रयत्न करें, अपना रास्ता खुद बनायें, असंभव को हासिल करें।
- जब तक पूरा भारत उठ कर खड़ा नहीं होगा, संसार में कोई हमारा आदर नहीं करेगा। इस दुनिया में डर की कोई जगह नहीं है, केवल शक्ति की पूजा होती है।
- शिखर तक पहुँचने के लिए ताकत चाहिए होती है, चाहे वो माउन्ट एवरेस्ट का शिखर हो या आपके पेशे का।
- यदि आप सूरज की तरह चमकना चाहते हैं, तो पहले सूरज की तरह जलना सीखें।
- मैं इस बात को स्वीकार करने के लिए तैयार था कि मैं कुछ चीजें नहीं बदल सकता।
- किसी भी मिशन की सफलता के लिए रचनात्मक नेतृत्व आवश्यक है।
- नौकरी तलाशने वालों से नौकरी जनरेटर बनने के लिए युवाओं को सक्षम होने की जरूरत है।
डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम का निधन
एपीजे अब्दुल कलाम ने अपने पूरे जीवनकाल में देश के लिए उल्लेखनीय कार्य किए। वह देश के लिए बहुत कुछ कर गए। लेकिन 27 जुलाई वर्ष 2015 को एपीजे अब्दुल कलाम इस दुनिया को हमेशा के लिए अलविदा कह गए। अब्दुल कलाम को साइलेंट हार्ट अटैक आ गया था। जब उनका निधन हुआ, तो वह 83 साल के थे। उनके अचानक चले जाने से पूरी दुनिया को गहरा धक्का लगा। भारत ने एक महान रत्न को हमेशा के लिए खो दिया।
डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम पर 200 शब्दों में निबंध
डाॅ. एपीजे अब्दुल कलाम को भारत के सबसे प्रसिद्ध राष्ट्रपति में से एक माना जाता है। वह बहुत ही समझदार और प्रतिभाशाली व्यक्ति थे। उनके मन में भारत को लेकर हमेशा प्रेम बना रहा। अब्दुल कलाम जमीन से जुड़े हुए इंसान थे। वह आम इंसान के संघर्ष को अच्छे से जानते थे। अब्दुल कलाम का जन्म 15 अक्टूबर 1931 को हुआ था। उनका निवास स्थान धनुषकोडी गाँव था। उनके पिता का नाम जैनुलाब्दीन था। आशियम्मा उनकी माता का नाम था।
अब्दुल कलाम के पिता साधारण मछुआरे थे। और उनकी माता कुशल गृहणी। अब्दुल कलाम ने अपने बचपन के दिनों को खूब संघर्ष में बिताया। उनका दिमाग बहुत तेज था। उनको देश से इतना ज्यादा प्रेम था कि उन्होंने ताउम्र कुंवारा रहने की ठानी। ऐसा करके वह देश के उत्थान के लिए काम करना चाहते थे। 18 जुलाई 2002 एपीजे अब्दुल कलाम के लिए एक सुनहरे दिन की तरह था। इसी दिन वह भारत के 11वें राष्ट्रपति के तौर पर चुन लिए गए। अब्दुल कलाम को मिसाइल मैन के रूप में भी जाना जाता है।
डाॅ. एपीजे अब्दुल कलाम पर 10 लाइनें
(1) डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम का जन्म 15 अक्टूबर 1931 को हुआ था।
(2) डाॅ. एपीजे अब्दुल कलाम का पूरा नाम अवुल पकिर जैनुलाब्दीन अब्दुल कलाम था।
(3) अब्दुल कलाम के पिता का नाम जैनुलाब्दीन था। और उनकी माता का नाम आशियम्मा था।
(4) अब्दुल कलाम कई समय तक इसरो से जुड़े रहे थे और वे भारत के 11वें राष्ट्रपति थे।
(5) विंग्स ऑफ फायर उनकी सबसे प्रसिद्ध किताबों में से एक मानी जाती है।
(6) अब्दुल कलाम को पद्म भूषण और पद्म विभूषण से भी नवाजा गया था।
(7) उन्होंने एयरोस्पेस इंजीनियरिंग की पढ़ाई की थी।
(8) उन्होंने भारत के प्रधानमंत्री के मुख्य वैज्ञानिक सलाहकार के तौर पर भी काम किया।
(9) 27 जुलाई वर्ष 2015 को एपीजे अब्दुल कलाम इस दुनिया को हमेशा के लिए अलविदा कह गए।
(10) अब्दुल कलाम को युवाओं के प्रेरणास्रोत के रूप में भी जाना जाता है।
उत्तर- अवुल पकिर जैनुलाब्दीन अब्दुल कलाम।
उत्तर- अब्दुल कलाम के पिता का नाम जैनुलाब्दीन था। और माता का नाम आशियम्मा था।
उत्तर- अब्दुल कलाम को पद्म भूषण (1981), पद्म विभूषण (1990), भारत रत्न (1997), इंदिरा गांधी पुरस्कार (1997), वीर सावरकर पुरस्कार (1998), किंग चार्ल्स द्वितीय मेडल (2007), डॉक्टर ऑफ साइंस (2014) जैसे पुरस्कारों से नवाजा गया था।
उत्तर- अब्दुल कलाम को 25 जुलाई, 2002 को भारत का 11वां राष्ट्रपति बनाया गया था।
उत्तर- 1962 में अब्दुल कलाम ने भारतीय अन्तरिक्ष अनुसंधान संगठन में दाखिला लिया। इसरो में रहते हुए कलाम ने साथी वैज्ञानिकों के साथ मिलकर एसएलवी-III का प्रक्षेपण किया। बाद में अब्दुल कलाम के ही नेतृत्व में पोखरण-द्वितीय परमाणु परीक्षणों पर भी काम किया गया।
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ए.पी.जे. अब्दुल कलाम की संपूर्ण जीवनी |APJ Abdul Kalam Biography In Hindi
डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम,(APJ Abdul Kalam ) जिन्हें “जनता के राष्ट्रपति” और “भारत के मिसाइल मैन” के नाम से भी जाना जाता है, एक प्रतिष्ठित भारतीय वैज्ञानिक और राजनेता थे जिन्होंने देश के इतिहास पर एक अमिट छाप छोड़ी। 15 अक्टूबर, 1931 को तमिलनाडु के रामेश्वरम में जन्मे, वह साधारण शुरुआत से उठकर भारत की सबसे प्रिय शख्सियतों में से एक बन गए। डॉ. कलाम के शानदार करियर में भारत के अंतरिक्ष और मिसाइल कार्यक्रमों, विशेष रूप से सफल पोखरण-द्वितीय परमाणु परीक्षणों में महत्वपूर्ण योगदान शामिल था। 2002 में, उन्होंने 11वें राष्ट्रपति के रूप में भारत में सर्वोच्च संवैधानिक पद ग्रहण किया, जहाँ उनकी सादगी, विनम्रता और प्रेरणादायक भाषणों ने उन्हें देश का प्रिय बना दिया। अपनी राजनीतिक भूमिका से परे, डॉ. कलाम एक विपुल लेखक और एक प्रेरणादायक वक्ता थे, जिनकी “विंग्स ऑफ फायर” और “इग्नाइटेड माइंड्स” जैसी किताबें अनगिनत व्यक्तियों, विशेष रूप से युवाओं को अपने सपनों को आगे बढ़ाने और देश के विकास में योगदान देने के लिए प्रेरित करती हैं। उनकी विरासत विज्ञान, शिक्षा और समाज की भलाई के प्रति अटूट समर्पण की है और उनका प्रभाव पीढ़ियों को प्रेरित करता रहता है। डॉ. कलाम का 27 जुलाई 2015 को एक व्याख्यान देते समय निधन हो गया, लेकिन उनकी विरासत उनके शब्दों, कार्यों और उनके द्वारा अपनाए गए सिद्धांतों के माध्यम से जीवित है।
डॉ . ए . पी . जे एक वैज्ञानिक के रूप में अब्दुल कलाम का करियर | Dr. A.P.J. Abdul Kalam’s career as a scientist
- अंतरिक्ष अनुसंधान : डॉ. कलाम इसरो में शामिल हुए और भारत के उपग्रह प्रक्षेपण यान कार्यक्रमों में योगदान दिया।
- उल्लेखनीय भूमिका : उन्होंने भारत के पहले उपग्रह, रोहिणी के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
- मिसाइल विकास : अब्दुल कलाम बाद में डीआरडीओ में शामिल हो गए, जहां उन्होंने बैलिस्टिक मिसाइल प्रौद्योगिकी के विकास में प्रयासों का नेतृत्व किया, जिससे उन्हें “भारत का मिसाइल मैन” उपनाम मिला।
डॉ . ए . पी . जे . पोखरण – द्वितीय परमाणु परीक्षण में अब्दुल कलाम की भागीदारी | Dr. A.P.J. Abdul Kalam’s involvement in the Pokhran-II nuclear tests
- परमाणु परीक्षण : डॉ. कलाम ने 1998 में पोखरण में भारत के सफल परमाणु परीक्षणों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
- ऐतिहासिक क्षण : इन परीक्षणों ने भारत के परमाणु-सशस्त्र राष्ट्र के रूप में उद्भव को चिह्नित किया।
- राष्ट्रीय महत्व : पोखरण-द्वितीय परीक्षणों का भारत की रक्षा क्षमताओं और वैश्विक परमाणु राजनीति पर गहरा प्रभाव पड़ा।
डॉ . ए . पी . जे . मिसाइल विकास में अब्दुल कलाम का योगदान |Dr. A.P.J. Abdul Kalam’s contributions to missile development
- नेतृत्व : डॉ. कलाम ने विभिन्न बैलिस्टिक मिसाइल प्रणालियों के विकास में नेतृत्व प्रदान किया।
- “ मिसाइल मैन ऑफ इंडिया “: उनके प्रयासों से उन्हें “मिसाइल मैन ऑफ इंडिया” की उपाधि मिली।
- उ ल्लेखनीय मिसाइलें : उन्होंने भारत की रक्षा क्षमताओं को बढ़ाते हुए अग्नि और पृथ्वी जैसी मिसाइलों के विकास में योगदान दिया।
डॉ . ए . पी . जे . भारत के राष्ट्रपति के रूप में अब्दुल कलाम का कार्यकाल |Dr. A.P.J. Abdul Kalam’s tenure as President of India
- निर्वाचित राष्ट्रपति : डॉ. कलाम 2002 में भारत के 11वें राष्ट्रपति चुने गये।
- लोकप्रिय व्यक्ति : वह भारत के इतिहास में सबसे लोकप्रिय और सम्मानित राष्ट्रपतियों में से एक बन गए।
- सादगी और प्रेरणा : अपनी सादगी और प्रेरणादायक भाषणों के लिए जाने जाने वाले उन्होंने अपने कार्यकाल के दौरान महत्वपूर्ण प्रभाव डाला।
डॉ . ए . पी . जे . अब्दुल कलाम का लेखन और प्रेरणा | Dr. A.P.J. Abdul Kalam’s writing and inspiration
- विपुल लेखक : डॉ . कलाम ने कई किताबें लिखीं, जिनमें “विंग्स ऑफ फायर” और “इग्नाइटेड माइंड्स” शामिल हैं।
- प्रेरक साहित्य : उनकी पुस्तकों ने अनगिनत व्यक्तियों, विशेषकर छात्रों को अपने सपनों को साकार करने और देश के विकास में योगदान देने के लिए प्रेरित किया है।
- प्रेरक वक्ता : वह एक प्रसिद्ध प्रेरक वक्ता थे, जो लोगों को उत्कृष्टता हासिल करने और समाज पर सकारात्मक प्रभाव डालने के लिए प्रोत्साहित करते थे।
डॉ . ए . पी . जे . अब्दुल कलाम का राष्ट्रपति पद के बाद का कार्य |Dr. A.P.J. Abdul Kalam’s post-presidential work
- निरंतर संलग्नता : अपने राष्ट्रपति कार्यकाल के बाद, डॉ. कलाम विभिन्न शैक्षिक और वैज्ञानिक पहलों में सक्रिय रूप से लगे रहे।
- परामर्शदाता : उन्होंने विशेषकर विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में युवाओं को प्रेरित करना और मार्गदर्शन करना जारी रखा और कई लोगों के लिए मार्गदर्शक के रूप में कार्य किया।
- विरासत निर्माण : डॉ. कलाम ने भावी पीढ़ियों के लिए शिक्षा, नवाचार और आत्मनिर्भरता की एक स्थायी विरासत छोड़ने की पहल पर काम किया
ए . पी . जे . अब्दुल कलाम की विरासत |Dr. A.P.J. Abdul Kalam’s legacy
- प्रेरक व्यक्तित्व : डॉ. कलाम सभी उम्र के लोगों, विशेषकर युवाओं के लिए प्रेरणा के स्थायी स्रोत बने हुए हैं।
- दूरदर्शी नेता : उन्हें एक दूरदर्शी नेता के रूप में याद किया जाता है जिन्होंने शिक्षा, नवाचार और आत्मनिर्भरता के महत्व पर जोर दिया।
- वैज्ञानिक प्रगति : भारत की वैज्ञानिक और तकनीकी प्रगति में उनका योगदान देश की प्रगति को प्रभावित करता रहा है।
- लोकप्रिय लेखक : उनकी किताबें और भाषण व्यक्तियों को उत्कृष्टता के लिए प्रयास करने और समाज में योगदान देने के लिए प्रेरित करते रहते हैं।
- शैक्षिक पहल : शिक्षा और मार्गदर्शन में डॉ. कलाम के काम ने भारत के शैक्षिक परिदृश्य पर एक स्थायी प्रभाव छोड़ा है।
डॉ . ए . पी . जे . अब्दुल कलाम की मृत्यु |Dr. A.P.J. Abdul Kalam death
- निधन : डॉ . ए.पी.जे. 27 जुलाई 2015 को अब्दुल कलाम का निधन हो गया।
- स्थान : भारतीय प्रबंधन संस्थान शिलांग में व्याख्यान देते समय उन्हें कार्डियक अरेस्ट हुआ।
- अंतिम क्षण : डॉ . कलाम व्याख्यान के दौरान गिर पड़े और उन्हें तुरंत बेथनी अस्पताल ले जाया गया, जहां उन्हें मृत घोषित कर दिया गया।
- सार्वजनिक शोक : उनकी मृत्यु पर भारत और दुनिया भर के लोगों ने शोक और संवेदना व्यक्त की।
- विरासत जारी है: हालाँकि वह अब हमारे साथ नहीं हैं, डॉ. कलाम की विरासत उनके लेखन, भाषणों और भारत के वैज्ञानिक और शैक्षिक परिदृश्य पर उनके प्रभाव के माध्यम से जीवित है।
- राष्ट्रीय शोक : भारत में सात दिन का राजकीय शोक मनाया गया और उनके अंतिम संस्कार में विभिन्न क्षेत्रों के गणमान्य लोग शामिल हुए।
अब्दुल कलाम के सबसे प्रसिद्ध उद्धरण एक |A.P.J. Abdul Kalam most famous quotes presented .
- “सपने देखो, सपने देखो, सपने देखो। सपने विचारों में बदल जाते हैं और विचार कार्य में परिणित होते हैं।”
- “अपने सपने सच होने से पहले आपको सपने देखना होगा।”
- “अपनी पहली जीत के बाद आराम न करें क्योंकि अगर आप दूसरी जीत में असफल हो जाते हैं, तो अधिक लोग यह कहने के लिए इंतज़ार कर रहे होते हैं कि आपकी पहली जीत सिर्फ किस्मत थी।”
- “यदि आप सूरज की तरह चमकना चाहते हैं, तो पहले सूरज की तरह जलें।”
- “उत्कृष्टता संयोग से नहीं होती। यह एक प्रक्रिया है।”
- “हम सभी में समान प्रतिभा नहीं है, लेकिन हम सभी के पास अपनी प्रतिभा विकसित करने का समान अवसर है।”
- “रचनात्मकता भविष्य में सफलता की कुंजी है, और प्राथमिक शिक्षा वह जगह है जहां शिक्षक उस स्तर पर बच्चों में रचनात्मकता ला सकते हैं।”
- “देश का सबसे अच्छा दिमाग कक्षा की आखिरी बेंचों पर पाया जा सकता है।”
- “सीखना रचनात्मकता देता है, रचनात्मकता सोच की ओर ले जाती है, सोच ज्ञान प्रदान करती है और ज्ञान आपको महान बनाता है।”
- “मनुष्य को अपनी कठिनाइयों की आवश्यकता होती है क्योंकि सफलता का आनंद लेने के लिए वे आवश्यक हैं।”
प्रेरक विचार | Motivatinal Thoughts
- अपने आप पर यकीन रखो : आत्मविश्वास आपके लक्ष्यों को प्राप्त करने की कुंजी है। अपनी क्षमताओं पर विश्वास करें, और दूसरे भी करेंगे।
- विफलता को गले लगाओ : असफलता अंत नहीं है; यह सफलता की ओर एक सीढ़ी है। अपनी गलतियों से सीखें और आगे बढ़ते रहें।
- स्पष्ट लक्ष्य निर्धारित करें : अपने लक्ष्यों को स्पष्टता के साथ परिभाषित करें। उद्देश्य की स्पष्ट समझ होने से आपको प्रेरित और केंद्रित रहने में मदद मिलती है।
- कार्यवाही करना : कार्रवाई के बिना सपने सिर्फ कल्पनाएँ हैं। अपने लक्ष्यों की ओर लगातार और उद्देश्यपूर्ण कदम उठाएँ।
- लगातार बने रहें : सफलता के लिए अक्सर दृढ़ता की आवश्यकता होती है। बाधाओं का सामना होने पर भी चलते रहें।
- लचीला बनें : जीवन उतार-चढ़ाव से भरा है। लचीलापन असफलताओं से उबरने की क्षमता है।
- अपने आप को सकारात्मकता से घेरें : आप जिस संगति में रहते हैं और जिस जानकारी का आप उपभोग करते हैं, वह आपकी मानसिकता पर बहुत प्रभाव डाल सकती है। अपने आप को सकारात्मकता और प्रेरणा से घेरें।
- लगातार सीखना : कभी सीखना मत छोड़ो। जितना अधिक आप जानेंगे, आप चुनौतियों पर विजय पाने के लिए उतने ही अधिक सुसज्जित होंगे।
- वर्तमान पर ध्यान दें : हालाँकि भविष्य के लिए योजना बनाना महत्वपूर्ण है, लेकिन वर्तमान में जीना न भूलें। आज के कार्य कल के परिणामों को आकार देते हैं।
- छोटी जीत का जश्न मनाएं : अपनी उपलब्धियों को पहचानें और उनका जश्न मनाएं, चाहे वह कितनी भी छोटी क्यों न हों। यह आपको प्रेरित रखता है और प्रगति को सुदृढ़ करता है।
- दूसरों की मदद करें : दयालुता और दूसरों की मदद करने के कार्य अत्यंत संतुष्टिदायक और प्रेरक हो सकते हैं।
- सफलता की कल्पना करें : अपने लक्ष्यों और सफलता की कल्पना करने से उन्हें अधिक प्राप्य महसूस हो सकता है और आप प्रेरित रह सकते हैं।
- आभारी रहें : आपके पास जो कुछ भी है उसके प्रति कृतज्ञता से अधिक सकारात्मक दृष्टिकोण और प्रेरणा में वृद्धि हो सकती है।
- जोखिम लें : अपने आराम क्षेत्र से बाहर निकलने और परिकलित जोखिम लेने से व्यक्तिगत विकास और नए अवसर मिल सकते हैं।
- सकारात्मक बने रहें : एक सकारात्मक दृष्टिकोण चुनौतियों पर काबू पाने और सफलता प्राप्त करने में एक शक्तिशाली शक्ति हो सकता है।
डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम कौन थे?
डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम, पूरा नाम अवुल पाकिर जैनुलाब्दीन अब्दुल कलाम, एक भारतीय वैज्ञानिक और राजनीतिज्ञ थे, जिन्होंने 2002 से 2007 तक भारत के 11वें राष्ट्रपति के रूप में कार्य किया।
डॉ. कलाम का भारत के लिए क्या योगदान था?
डॉ. कलाम भारत के अंतरिक्ष और मिसाइल कार्यक्रमों में अपने योगदान के लिए प्रसिद्ध हैं, विशेष रूप से देश के पहले स्वदेशी उपग्रह प्रक्षेपण यान और बैलिस्टिक मिसाइल प्रणालियों के विकास में एक प्रमुख व्यक्ति के रूप में।
डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम की पृष्ठभूमि क्या है?
उनका जन्म 15 अक्टूबर 1931 को तमिलनाडु के रामेश्वरम में हुआ था। उनकी एयरोस्पेस इंजीनियरिंग की पृष्ठभूमि थी और उन्होंने भारत के अंतरिक्ष और रक्षा संगठनों में विभिन्न वैज्ञानिक और प्रशासनिक पदों पर कार्य किया।
डॉ. कलाम की प्रसिद्ध पुस्तक कौन सी है?
भारत के लिए डॉ. कलाम का दृष्टिकोण क्या है, डॉ. कलाम को कौन से पुरस्कार और सम्मान प्राप्त हुए.
डॉ. कलाम को कई पुरस्कार और सम्मान मिले, जिनमें भारत का सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार भारत रत्न और इंजीनियरिंग पुरस्कार हूवर मेडल शामिल हैं।
डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम का निधन कैसे हुआ?
डॉ. कलाम का 27 जुलाई 2015 को भारतीय प्रबंधन संस्थान शिलांग में व्याख्यान देते समय निधन हो गया। उन्हें कार्डियक अरेस्ट हुआ और उन्हें बचाया नहीं जा सका।
अब्दुल कलाम राष्ट्रीय स्मारक क्या है?
अब्दुल कलाम राष्ट्रीय स्मारक तमिलनाडु के रामेश्वरम में एक संग्रहालय है, जो डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम के जीवन और उपलब्धियों को समर्पित है।
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एपीजे अब्दुल कलाम निबंध हिंदी- Essay on APJ Abdul Kalam in Hindi
In this article, we are providing an Essay on APJ Abdul Kalam in Hindi ए.पी.जे. अब्दुल कलाम पर निबंध | Nibandh। Essay in 200, 300, 500, 800 words For Class 7,8,9,10,11,12 Students. Dr. APJ Abdul Kalam information in Hindi essay & Speech.
APJ Abdul Kalam Par Nibandh- एपीजे अब्दुल कलाम निबंध हिंदी ( 300 words )
भला कलाम साहब को कौन नही जानता, मिसाइल मैन और पूर्व राष्ट्रपति से ज्यादा दुनिया उन्हें एक अच्छे इंसान के तौर पर जानती है। कलाम साहब का पूरा नाम अवुल पाकिर जैनुलाबदीन अब्दुल कलाम है और इनका जन्म 15 अक्टूबर 1931 को रामेश्वरम, तमिलनाडु के एक मुस्लिम परिवार में हुआ था, इनके पिता का नाम जैनुलाब्दीन और माता का नाम आशियम्मा था। ये अपने माता-पिता के 10 बच्चों में से एक थे।
कलाम साहब का जितना लगाव मस्जिद से था उतना ही लगाव मंदिर से भी। ये बचपन से कुशाग्र बुद्धि के थे, बड़ा परिवार होने के कारण इनकी पढ़ाई में इन्हें आर्थिक तंगी का सामना भी करना पड़ा, तब इन्होंने अखबार बांटने का काम भी किया और अपनी पढ़ाई निरन्तर जारी रखी।
कलाम साहब बचपन से Airforce में जाना चाहते थे, लेकिन एयरफोर्स में selection न होने के कारण इन्होंने अपनी उच्च शिक्षा के लिए MIT Madras में एडमिशन ले कर अंतरिक्ष विज्ञान से स्नातक किया।
अब्दुल कलाम का किन मिसाइलों में रहा योगदान -1969 में स्वदेशी उपग्रह प्रक्षेपास्त्र (ISLV) से जुड़े और ISLV – 3 में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। जिसके बाद अब्दुल कलाम साहब ने रोहिणी, अग्नि, पृथ्वी जैसी कई मिसाइल के प्रोजेक्ट का नेतृत्व किया और सफल भी हुए। वर्ष 1998 में भारत के दूसरे परमाणु परीक्षण में भी उनका महत्वपूर्ण योगदान रहा।
कलाम साहब की उपलब्धि- कलाम साहब को मिसाइल मैन नाम दिया गया और वर्ष 2002 में कलाम साहब ने भारत के राष्ट्रपति के पद को सुशोभित किया। कलाम साहब को साइंस में उनके योगदान के लिए पद्म भूषण, पद्म विभूषण और भारत रत्न जैसे पुरस्कारों से सम्मानित भी किया गया है।
अब्दुल कलाम द्वारा लिखी पुस्तकें – उन्होंने अपने जीवनकाल में कई पुस्तकें लिखीं जो लोगों के लिए प्रेरणा बनी, उनकी किताब Wings Of Fire उनकी आत्मकथा का हिंदी साहित कई भाषाओं में अनुवाद हुआ जो आज भी दुनियाभर में पढ़ी जाती है।
अब्दुल कलाम की मौत कब हुई – अब्दुल कलाम साहब की मृत्यु वर्ष 2015 में शिलांग में हुई। अपनी सादगी और आविष्कारों के लिए कलाम साहब सदा याद किए जाएंगे।
APJ Abdul Kalam Essay in Hindi ( 800 words )
भूमिका- ए.पी.जे. अब्दुल कलाम बहुत ही प्रभावशाली व्यक्ति थे। वह बहुत ही मेधावी, चतुर और कौशल पूर्ण व्यक्ति थे। वह सकारात्मक विचारधारा वाले व्यक्ति थे। उन्होंने भारतीय सेना के लिए मिसाईल बनाने में योगदान दिया था। इसी वजह से वह मिसाईल मैन के नाम से लोगों के दिलों में जिंदा है। वह भारत के ग्यारवहें राष्ट्रपति थे।
जन्म- अब्दुल कलाम का जन्म 15 अक्टुबर, 1931 में तमिलनाडु के रामेश्वरम में हुआ था। इनका पूरा नाम अवुल पाकिर जैनुलाब्दिन अब्दुल कलाम था।
परिवार- अब्दुल कलाम का जन्म एक गरीब परिवार में हुआ था। इनके पिता का नाम जैनुलाब्दिन था और माता का नाम आशिअम्मा था। उनके पिता ज्यादा पढ़े लिखे नहीं थे पर उनसे अब्दुल कलाम को कभी हार न मानने की प्रेरणा और अच्छे संस्कार मिले। अब्दुल कलाम के पिता मछुआरों को नौका किराए पर देते थे और रामेश्वरम के एक मस्जिद में इमाम थे। अब्दुल कलाम चार भाईंयों और एक बहन में सबसे छोटे थे। बचपन में ही उन्होंने परिवार की आर्थिक रूप से सहायता करने के लिए अखबार बेचने का काम किया था।
निजी जीवन- कलाम एक सादगी पसंद व्यक्ति थे। वह रोज 6 बजे उठ जाते थे। इन्हें अनुशासन में रहना बहुत ही पसंद था। यह कुरान और गीता दोनों का ही पाठ करते थे।वह अपने भाई बहनों से बहुत प्यार करते थे। वह पूरी उमर कुँवारे ही रहे। जब उनकी मृत्यु हुई तो उनकी सारी संपति उनके बड़े भाई को मिली।
शिक्षा ( APJ Abdul Kalam education )- अब्दुल कलाम की प्राथमिक शिक्षा रामेश्वरम के स्कूल से ही हुई। उसके बाद वह मैट्रिकुलेशन की पढ़ाई के लिए रामनाथेश्वर चले गए। वह स्कूल में पढ़ने में ज्यादा अच्छे नहीं थे पर शिक्षक उन्हें बहुत ही मेहनती कहते थे और अब्दुल कलाम में सीखने की भी इच्छा बहुत ही प्रबल थी। वह पुरा दिन गणित ही पढ़ते रहते थे। उन्होंने तिरूचिरापल्ली के संत जोसेफ कॉन्वेंट कॉलेज से फिजिक्स में बी.एस.सी. की डिग्री प्राप्त करी। उसके बाद उन्होंने मद्रास में ऐयरोस्पेस इंजीनियरिंग की पढ़ाई की। वह बचपन से ही पॉयलट बनना चाहते थे और उन्होंने पॉयलट की परीक्षा भी उत्तीर्ण कर ली थी लेकिन वह फिर भी पॉयलट नहीं बन पाए क्योंकि पॉयलट के लिए बस आठ सीटें थी और उनका नौवां स्थान था। लेकिन इसके बावजूद भी उन्होंने हार नहीं मानी।
वैग्यानिक जीवन ( APJ Abdul Kalam Career as a Scientist )- एयरोस्पेस इंजीनियरिंग करने के बाद उन्होंने रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन को ज्वाईन किया। वहाँ पर उन्होंनें विक्रम साराबाई के अंतर्गत कार्य किया। अब्दुल कलाम कहते थे कि उन्होंने उनसे बहुत कुछ सीखा। यह उनके लिए सीखने का बहुत अच्छा मौका था। सन् 1969 में उन्हें भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन में स्थानानंतरित कर दिया गया। अब्दुल कलाम ने सैनिकों के लिए बैलिस्टिक मिसाईल का निर्माण किया। उन्होंने परक्षेपक प्रद्यौघिकी यान के निर्माण में भी सहयोग दिया। उन्होंने प्रमाणु को भी बढ़ावा दिया। उन्होंने अपने जीवन के 40 साल विग्यान की प्रगति के लिए दिए।
राष्ट्रपति ( Presidency Period )- वैसे तो अब्दुल कलाम राजनीतिक परिवार से नहीं थे लेकिन भारतीय जनता पार्टी और भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की सहमती से वह 2002 में राष्ट्रपति के रूप में चुने गए थे। वह भारत के ग्यारवहें राष्ट्रपति चुने गए थे। उन्होंने 2002 से 2007 तक राष्ट्रपति की भूमिका अदा की। वह राजनैतिक विचारधारा भी रखते थे। उन्होंने देश के विकास के लिए भी कार्य किए। उन्होंने अपनी पुस्तक ” भारत 2020 ” में लिखा कि किस तरह भारत को प्रगति की तरफ ले जा सकते हैं और संपन्न बना सकते हैं। उन्होंने हमेशा लोगों के हित के लिए ही कार्य किया इसलिए वह जनता के राष्ट्रपति के नाम से भी जाने जाते थे।
पुरूस्कार ( Awards and Honors ) – कलाम जी को बहुत से पुरूस्कारों से सम्मानित किया गया है। उन्हें देश में ही नहीं विदेशों में भी सम्मानित किया गया है। उन्हें भारतीय सरकार द्वारा दो बार पदम विभूषण से सम्मानित किया गया है। भारत को सबसे बड़ा पुरूस्कार भारत रतन भी उन्हें दिया गया था। युनाईटिड किंगडम की रॉयल सोसाइटी ने भी उन्हें चार्लस किंग से सम्मानित किया गया था। अब्दुल कलाम को डॉक्टर ऑफ साईंस की उपाधि भी प्राप्त हुई थी।
किताबें- अब्दुल कलाम को लेखन में बहुत ही रूचि थी। उन्होनें बहुत सी पुस्तकें और आत्मजीवनी लिखी। उनकी बहुत सी किताबें चिंताजनक भी थी। उनकी सभी बातों से लोगों को प्रेरणा मिलती है। उनकी आत्मजीवनी विंगस ऑफ फायर में उनके जीवन का वर्णन किया गया है।
ए.पी.जे. अब्दुल कलाम जी के विचार ( Thoughts of APJ Abdul Kalam in Hindi )
कलाम जी के विचार बहुत ही सकारात्मक थे। उन्होंने बहुत से ऐसे वाक्य लिखे जिससे लोगो को बहुत ही आशा मिलती है। उनके लिखे कुछ वाक्य इस प्रकार है-
1. हमेशा छोटी छोटी चीजों में उत्साह देखो क्योंकि बड़ी बड़ी तो कुछ ही होती हैं। 2. अगर कुछ माँगने पर ईश्वर आपको न दे तो निराश मत होना क्योंकि भगवान वहीं देते है जो आपके लिए अच्छा हो न कि वह जो आप चाहते हो। 3. जल्दी मिलने वाली चीजें ज्यादा दिन नहीं चलती और ज्यादा चलने वाली चीजें जल्दी नहीं मिलती। 4. जिंदगी में किसी भी चीज को बेकार मत समझो, बंद पड़ी घड़ी भी दिन में दो बार सही समय बताती है।
राष्ट्रपति पद के बाद जीवन ( Post-presidency Period )- राष्ट्रपति पद से हटने के बाद वह फिर से अपने लेखन और सामाजिक कार्यों में लग गए। उन्होंने बहुत से कॉलेजों में लैक्चर भी दिया।
निधन ( Death of APJ Abdul Kalam )- 27 जुलाई, 2015 को जब वह शिलांग के भारतीय राष्ट्रीय संस्थान में लैक्चर दे रहे थे तो तभी उन्हें दिल का दौरा पड़ा। गंभीर स्थिति होने के कारण उन्हें शिलांग के आईआईएम ले जाया गया और वहीं पर उनका निधन हो गया। वहाँ से वायु सेना के हैलीकॉप्टर में उन्हें गुवहाटी लो जाया गया। उनके पार्थीव शरीर को तिरंगो में लपेटा गया था। 30 जुलाई, 2015 को उनका अंतिम संस्कार रामेश्वरम में किया गया।
निष्कर्ष- ए.पी.जे. अब्दुल कलाम बहुत से लोगों के प्रेरणा स्त्रोत हैं। उनका जीवन एक आदर्श जीवन था। वह कठिन परिश्रम और चतुराई से भरपुर थे। उन्होंने तकनीकी विग्यान में क्रांति ला दी थी जिसके लिए उन्हें हमेशा याद रखा जाएगा। उनके जीवन से बहुत कुछ सीखने को मिलता है। उन्होंने देश को प्रगति की एक नई दिशा दी है।
10 Lines on APJ Abdul Kalam in Hindi
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डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम पर निबन्ध | APJ Abdul Kalam Essay in Hindi | Essay in Hindi | Hindi Nibandh | हिंदी निबंध | निबंध लेखन | Essay on APJ Abdul Kalam in Hindi
By: savita mittal
अब्दुल कलाम का जीवन परिचय | डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम पर निबन्ध | APJ Abdul Kalam Essay in Hindi
वैज्ञानिक के रूप मे कलाम, राष्ट्रपति के रूप में कलाम, एपीजे अब्दुल कलाम पर निबंध | essay on apj abdul kalam in hindi | abdul kalam par nibandh hindi mein video.
तमिलनाडु मध्यमवर्गीय परिवार में जन्म लेने वाले एक बालक का यह सपना था कि वह एक दिन पायलट बनकर आसमान की अनन्त ऊँचाइयों को नापे। अपने इस सपने को साकार करने के लिए उसने समाचार-पत्र तक बेचे, गरीबी में भी अपनी पढ़ाई जारी रखी और आखिरकार आर्थिक तंगियो से संघर्ष करते हुए यह बालक उच्च शिक्षा हासिल कर पायलट के लिए होने बाली भर्ती परीक्षा में सम्मिलित हुआ।
उस परीक्षा में उत्तीर्ण होने के बाद भी उसका चयन नहीं हो सका, क्योंकि उस परीक्षा के द्वारा केवल आठ पायलटों का चयन होना था और सफल अभ्यर्थियों की सूची में उस बालक का स्थान नौवाँ था। इस घटना से उसे थोड़ी निराशा हुई, पर उसने हार नहीं मानी। उसके दृढनिश्चय का ही कमाल था कि एक दिन उसने सफलता की ऐसी बुलन्दियाँ हासिल की, जिनके सामने सामान्य पायलटों की उड़ाने अत्यन्त तुच्छ नज़र आती हैं।
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उस व्यक्ति ने भारत को अनेक मिसाइले प्रदान कर इसे सामरिक दृष्टि से इतना सम्पन्न कर दिया कि पूरी दुनिया उसे ‘मिसाइल मैन’ नाम से जानने लगी। इसके बाद एक दिन ऐसा भी आया जब यह व्यक्ति भारत के सर्वोच्च पद पर आसीन हुआ। चमत्कारी प्रतिभा का घनी वह व्यक्ति कोई और नहीं, बल्कि भारत के ग्यारहवें राष्ट्रपति रह चुके डा एपीजे अब्दुल कलाम थे, जिनकी जीवनगाथा किसी रोचक उपन्यास की कथा से कम नहीं थी।
डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम, जिनका पूरा नाम अबूल पाकिर जैनुलाब्दीन अब्दुल कलाम था। उनका जन्म 15 अक्टूबर, 1931 को तमिलनाडु राज्य में स्थित रामेश्वरम् के धनुषकोडी नामक स्थान पर एक मध्यमवर्गीय मुस्लिम परिवार में हुआ था। ये अपने पिता के साथ मस्जिद में नमाज पढ़ने जाते हुए रास्ते में पड़ने वाले शिव मन्दिर में भी माथा टेक कर अपनी श्रद्धा को व्यक्त करते थे। इसी गंगा-जमुनी संस्कृति के बीच कलाम ने धर्मनिरपेक्षता का पाठ पढ़ा।
उसके परिवार की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं थी, इसलिए उन्हें अपनी पढ़ाई पूरी करने एवं घर के खर्च में योगदान के लिए समाचार-पत्र बेचने पड़ते थे। इसी तरह, संघर्ष करते हुए प्रारम्भिक शिक्षा रामेश्वरम् के प्राथमिक स्कूल से प्राप्त करने के बाद उन्होंने रामनाथपुरम् * ज्वार्ज हाईस्कूल से मैट्रिकुलेशन किया। इसके बाद वे उच्च शिक्षा के लिए तिरुचिरापल्ली चले गए। वहाँ के सेण्ट डोसेफ कॉलेज से उन्होंने बीएससी की उपाधि प्राप्त की।
वर्ष 1957 में एमआईटी से वैमानिकी इंजीनियरी में डिप्लोमा प्राप्त किया। अन्तिम वर्ष में उन्हें एक परियोजना दी गई, जिसमें उन्हें 30 दिनों के अन्दर विमान का एक डिजाइन तैयार करना था, अन्यथा उनकी छात्रवृत्ति रुक जाती। कलाम ने इसे निर्धारित अवधि में पूरा किया। उन्होंने तमिल पत्रिका ‘आनन्द बिकटन’ में ‘अपना विमान स्वयं बनाएं’ शीर्षक से एक लेख लिखा, जिसे प्रथम स्थान मिला। बीएससी के बाद वर्ष 1958 में उन्होंने मद्रास इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से एयरोनॉटिकल इंजीनियरिंग में डिग्री प्राप्त की।
अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद डॉ. कलाम ने हावरक्राफ्ट परियोजना एवं विकास संस्थान में प्रवेश किया। इसके बाद वर्ष 1962 में वे भारतीय अन्तरिक्ष अनुसन्धान संगठन में आए, जहाँ उन्होंने सफलतापूर्वक कई उपग्रह प्रक्षेपण परियोजनाओं में अपनी महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई। यहाँ रहकर उन्होंने थुम्बा में रॉकेट इंजीनियरी डिविजन की स्थापना की। उनकी उपलब्धियों को देखते हुए उन्हें ‘नासा’ में प्रशिक्षण हेतु भेजा गया।
यहाँ पढ़ें : मदर टेरेसा पर निबन्ध
नासा से लौटने के पश्चात् वर्ष 1963 में उनके निर्देशन में भारत का पहला रॉकेट ‘नाइक अपाचे’ छोड़ा गया। 20 नवम्बर, 1967 को ‘रोहिणी-75’ रॉकेट का सफल प्रक्षेपण उन्हीं के निर्देशन में हुआ। परियोजना निदेशक के रूप में भारत के पहले स्वदेशी उपग्रह प्रक्षेपण यान एसएलवी-3 के निर्माण में भी उन्होंने महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई। इसी प्रक्षेपण यान से जुलाई, 1980 में रोहिणी उपग्रह का अन्तरिक्ष में सफलतापूर्वक प्रक्षेपण किया गया।
वर्ष 1982 में वे भारतीय रक्षा अनुसन्धान एवं विकास संगठन में वापस निदेशक के तौर पर आए तथा अपना सारा ध्यान गाइडेड मिसाइल के विकास पर केन्द्रित किया। अग्नि मिसाइल एवं पृथ्वी मिसाइल के सफल परीक्षण का श्रेय उन्हें दिया जाता है। जुलाई, 1992 में ये भारतीय रक्षा मन्त्रालय में वैज्ञानिक सलाहकार नियुक्त हुए। उनकी देख-रेख में भारत ने 11 मई, 1998 को पोखरण में अपना दूसरा सफल परमाणु परीक्षण किया और परमाणु शक्ति सम्पन्न राष्ट्रों की सूची में शामिल हुआ। वैज्ञानिक के रूप में कार्य करने के दौरान अलग-अलग प्रणालियों को एकीकृत रूप देना उनकी विशेषता थी। उन्होंने अन्तरिक्ष एवं सामरिक प्रौद्योगिकी का उपयोग कर नए उपकरणों का निर्माण भी किया।
डॉ. कलाम की उपलब्धियों को देखते हुए वर्ष 1981 में भारत सरकार ने उन्हें ‘पद्म भूषण’ से सम्मानित किया, इसके बाद वर्ष 1990 में उन्हें ‘पद्म विभूषण’ भी प्रदान किया गया। उन्हें विश्वभर के 30 से अधिक विश्वविद्यालयों ने डॉक्टरेट की मानद उपाधि से विभूषित किया। वर्ष 1997 में भारत सरकार ने उन्हें देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘भारत रत्न’ से सम्मानित किया। उन्हें एस्ट्रोनॉटिकल सोसायटी ऑफ इण्डिया का आर्यभट्ट पुरस्कार तथा राष्ट्रीय एकता के लिए इन्दिरा गाँधी पुरस्कार भी प्रदान किया गया है। वे ऐसे तीसरे राष्ट्रपति हैं, जिन्हें यह सम्मान राष्ट्रपति बनने से पूर्व ही प्राप्त हुआ है। अन्य दो राष्ट्रपति हैं- सर्वपल्ली राधाकृष्णन एवं डॉक्टर जाकिर हुसैन।
यहाँ पढ़ें : अमर शहीद भगत सिंह पर निबन्ध
वर्ष 2002 में अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व वाली राष्ट्रीय जनतान्त्रिक गठबन्धन सरकार ने डॉक्टर कलाम को राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाया। विपक्षी पार्टी कांग्रेस ने भी उनका समर्थन किया और 18 जुलाई, 2002 को उन्हें 90% बहुमत द्वारा भारत का राष्ट्रपति चुना गया। इस तरह उन्होंने 25 जुलाई, 2002 को ग्यारहवें राष्ट्रपति के रूप में अपना पदभार ग्रहण किया।
उन्होंने इस पद को 25 जुलाई, 2007 तक सुशोभित किया। ये राष्ट्रपति भवन को सुशोभित करने वाले प्रथम वैज्ञानिक है। साथ ही वे प्रथम ऐसे राष्ट्रपति भी हैं, जो अविवाहित रहे। राष्ट्रपति के रूप में अपने कार्यकाल में उन्होंने कई देशों का दौरा किया एवं भारत का शान्ति का सन्देश विश्व को दिया। इस दौरान उन्होंने पूरे भारत का भ्रमण किया एवं अपने व्याख्यानों द्वारा देश के नौजवानों का मार्गदर्शन करने एवं उन्हें प्रेरित करने का महत्त्वपूर्ण कार्य किया।
सीमित संसाधनों एवं कठिनाइयों के होते हुए भी उन्होंने भारत को अन्तरिक्ष अनुसन्धान एवं प्रक्षेपास्त्रों के क्षेत्र में ऊँचाई प्रदान की। वे बहुमुखी प्रतिभा के धनी हैं। उन्होंने तमिल भाषा में अनेक कविताओं की रचना भी की है, जिनका अनुवाद विश्व की कई भाषाओं में हो चुका है।
इसके अतिरिक्त, उन्होंने कई प्रेरणास्पद पुस्तकों की भी रचना की है। ‘भारत 2020 : नई सहस्राब्दि के लिए एक दृष्टि’, ‘इग्नाइटेड माइण्ड्स: अनलीशिंग द पावर विदिन इण्डिया’, ‘इण्डिया माइ ड्रीम’, ‘विंग्स ऑफ फायर’, ‘माइ जर्नी’, ‘महाशक्ति भारत’, ‘अदम्य साहस’, ‘छुआ आसमान’, ‘भारत की आवाज’, ‘टर्निंग प्वॉइण्ट’ आदि उनकी प्रसिद्ध कृतियाँ हैं। डॉ. कलाम की याद में रामेश्वरम् में एपीजे अब्दुल कलाम नेशनल मेमोरियल बनाया गया है, जिसका उद्घाटन प्रधानमन्त्री नरेन्द्र मोदी ने जुलाई, 2017 में किया।
‘विंग्स ऑफ फायर’ उनकी आत्मकथा है, जिसे उन्होंने भारतीय युवाओं को मार्गदर्शन प्रदान करने वाले अन्दाज में लिखा है। उनकी पुस्तकों का अनेक भारतीय एवं विदेशी भाषाओं में अनुवाद हो चुका है। उनका मानना है कि भारत तकनीकी क्षेत्र में पिछड़ जाने के कारण ही अपेक्षित उन्नति के शिखर पर नहीं पहुँच पाया है, इसलिए अपनी पुस्तक ‘भारत 2020 : नई सहस्राब्दि के लिए एक दृष्टि’ के द्वारा उन्होंने भारत के विकास स्तर को वर्ष 2020 तक विज्ञान के क्षेत्र में अत्याधुनिक करने के लिए देशवासियों को एक विशिष्ट दृष्टिकोण प्रदान किया।
यही कारण है कि वे देश की नई पीढ़ी के लोगों के बीच काफी लोकप्रिय रहे हैं। 27 जुलाई, 2015 को शिलांग में इनकी मृत्यु हो गई। कलाम का जीवन प्रत्येक भारतीय के लिए प्रेरणास्रोत है। कलाम की कल्पना का नए भारत बनाने में प्रत्येक भारतीय अपना योगदान दे तो उनका सपना साकार किया जा सकता है।
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reference APJ Abdul Kalam Essay in Hindi
मेरा नाम सविता मित्तल है। मैं एक लेखक (content writer) हूँ। मेैं हिंदी और अंग्रेजी भाषा मे लिखने के साथ-साथ एक एसईओ (SEO) के पद पर भी काम करती हूँ। मैंने अभी तक कई विषयों पर आर्टिकल लिखे हैं जैसे- स्किन केयर, हेयर केयर, योगा । मुझे लिखना बहुत पसंद हैं।
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एपीजे अब्दुल कलाम जीवन परिचय | APJ Abdul Kalam Biography in Hindi
ए. पी. जे. अब्दुल कलाम (Avul Pakir Jainulabdeen Abdul Kalam) भारतीय वैज्ञानिक, शिक्षाविद और भारत के 11वें राष्ट्रपति थे। उनका जन्म 15 अक्टूबर 1931 को तमिलनाडु के रामेश्वरम शहर में हुआ था। उन्होंने फिजिक्स में उच्चतर शिक्षा प्राप्त की और भारतीय वैज्ञानिक संगठनों में अपने प्रशिक्षण का सारांश कियाअब्दुल कलाम ने भारतीय मिसाइल और नाविक राष्ट्रीय परमाणु प्रोग्राम के विकास में महत्वपूर्ण योगदान दिया । उन्हें उनके समर्पण, योगदान, उदारता, और विद्वत्ता के लिए भारत और विश्व भर के लोगों द्वारा बहुत प्रशंसा प्राप्त हुई। उन्हें “मिसाइल मैन” और “पीपुल्स प्रेसिडेंट” के रूप में भी जाना जाता था।
Table of Contents
एपीजे अब्दुल कलाम जीवन परिचय | APJ Abdul Kalam Biography PDF in Hindi
एपीजे अब्दुल कलाम का शुरुआती जीवन परिचय परिवार तथा जन्म स्थान (abdul kalam birth place early life).
एपीजे अब्दुल कलाम का जन्म 15 अक्टूबर 1931 को रामेश्वरम तमिलनाडु के मुस्लिम परिवार में हुआ था इनका पूरा नाम डॉक्टर अबुल पाकिर जैनुल्लाब्दीन था इनके पिता का नाम जैनुल्लाब्दीन था वह एक मध्यमवर्गीय परिवार से थे इनके पिता एक मछुआरे को देखकर अपना घर चलाते थे अब्दुल कलाम अपनी शिक्षा के लिए बहुत ही ज्यादा संघर्ष किए और वह घर से कुछ दूर पर घर-घर अखबार बांटते और उस पैसों से अपने स्कूल की फीस भरते थे तथा अब्दुल कलाम जी ने अपने जीवन में बहुत ही ज्यादा संघर्ष किया है अब्दुल कलाम जी ने अपने पिता के अनुसार ईमानदारी एवं उधर सौभाग्य में रहना सीखा इनकी माता का नाम असीम था अब्दुल कलाम जी के 3 बड़े भाई एवं एक बड़ी बहन थे।
अब्दुल कलाम शिक्षा | APJ Abdul Kalam Education
अब्दुल कलाम जी का प्रारंभिक शिक्षा एक छोटे से स्कूल रामेश्वरम के एलिमेंट्री स्कूल में 1950 में कलाम जी ने बी एस सी की परीक्षा St Joseph’s College से पूरी की इसके बाद 1954 से 1957 में मद्रास इंस्टीट्यूट आप टेक्नोलॉजी से इन्होंने (MIT) से एरोनिटिकल इंजीनियरिंग में डिप्लोमा करने के बाद बचपन से उनका सपना था की फाइटर प्लेन बनाने का लेकिन समय के साथ-साथ यह अपने सपना बदल गया।
एपीजे अब्दुल कलाम का वैज्ञानिक जीवन तथा योगदान | APJ Abdul Kalam science
डॉ एपीजे अब्दुल कलाम को 1980 में रोहिणी को सफलतापूर्वक पृथ्वी के निकट स्थापित कर दिया गया इनके इस महत्वपूर्ण योगदान के लिए इनको 1981 में भारत सरकार के द्वारा इनको पुरस्कार भारत के राष्ट्रीय में एक पद्म भूषण से सम्मानित किया गया डॉ एपीजे अब्दुल कलाम जी हमारे अपने सफलता का श्रेणी अपने माता-पिता के दोनों को देते थे उनका कहना था कि उनकी माता पिता उन्हें अच्छे बुरे को समझाने अच्छा तथा व्यवहार पढ़ाई के प्रति मेरा रुचि को देखते हुए मेरी मां ने मेरे लिए एक बहुत छोटा सा लैंप खरीद कर हमको पढ़ने के लिए दीया और जिससे मैं 11:00 बजे रात तक पढ़ता था अगर मेरे मां-बाप साथ नहीं दिए होते तो एपीजे अब्दुल कलाम का कहना था कि आज मैं यहां तक नहीं पहुंच पाता और सबको अपने से बड़ों को सम्मान तथा आदर देना चाहिए
एपीजे अब्दुल कलाम जी को पुरस्कार से सम्मानित किया गया
एपीजे अब्दुल कलाम को क्या आप जानते हैं कि भारत रत्न पदम भूषण और पदम विभूषण पुरस्कारों से सम्मानित किया गया है और इसके अलावा बहुत सारे अन्य पुरस्कार एवं समस्त पुरस्कार से सम्मानित किया गया है जिनके बारे में हम आपको पूरी जानकारी देंगे नीचे।
एपीजे अब्दुल कलाम का करियर | Dr APJ Abdul Kalam Biography
डॉ एपीजे अब्दुल कलाम जी का करियर का शुरुआत 1958 मैं अब्दुल कलाम जी D.T.D and p. मैं तकनीकी केंद्र के वैज्ञानिक के रूप में कार्य करने लगे हैं या रहते हुए इन्होंने Prototype hover craft के लिए तैयारी वैज्ञानिक टीम का नेतृत्व किया कलाम जी का कैरियर का शुरुआत मैं अब्दुल कलाम जी उन्होंने इंडिया आर्मी के लिए एक इस्तेमाल हेलीकॉप्टर डिजाइन किया 1962 में अब्दुल कलाम अनुसंधान को छोड़कर भारत के अंतरिक्ष अनुसंधान में कार्य करने लगे। डॉ एपीजे अब्दुल कलाम अपना कैरियर की शुरुआत एक वैज्ञानिक के रूप में किए लेकिन वैज्ञानिक नहीं बल्कि इंडियन एयर फोर्स के रूप में फाइटर पायलट बनाना चाहते थे।
एपीजे अब्दुल कलाम जि का स्वभाव | APJ Abdul Kalam Nature
एपीजे अब्दुल कलाम को बच्चों से बहुत ही ज्यादा स्नेह और प्रेम रहता था वह हमेशा अपने देशवासियों के प्रति और युवाओं के प्रति अच्छा सीख देते थे उनका कहना था कि युवाओं चाहे तो पूरी देश बदल सकते हैं और देशवासियों के सभी लोग उन मिसाइल मैन के नाम से संबंधित कर सकते हैं डॉ एपीजे अब्दुल कलाम को भारतीय मिसाइल मैन के नाम से जाने जाते थे कलाम जी भारत के पहले ऐसे राष्ट्रपति हैं जो अविवाहित होने के साथ-साथ वैज्ञानिक पृष्ठभूमि के राजनीति में आए हैं राष्ट्रपति बनते ही डॉ एपीजे अब्दुल कलाम ने देश के एक नए युग की शुरुआत।
एपीजे अब्दुल कलाम की जीवनी पर हिंदी में निबंध Essay APJ Abdul Kalam Biography in Hindi
ए. पी. जे. अब्दुल कलाम, भारतीय वैज्ञानिक, शिक्षाविद, और भारत के 11वें राष्ट्रपति, एक अमूल्य व्यक्तित्व थे। उनका जन्म 15 अक्टूबर 1931 को तमिलनाडु के रामेश्वरम शहर में हुआ था। उनके पिता एक अध्यापक और वकील थे, और मां एक घरेलू महिला थीं अब्दुल कलाम ने अपने शिक्षा के क्षेत्र में उच्चतम स्तर प्राप्त किया। उन्होंने फिजिक्स में स्नातक की डिग्री हासिल की और इंजीनियरिंग के क्षेत्र में स्नातकोत्तर की डिग्री प्राप्त की।
उनकी पढ़ाई में उन्हें वैज्ञानिक सोच और अध्ययन करने का शौक था डॉ. कलाम ने अपने जीवन के दौरान भारत के विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान दिया। उन्हें भारतीय मिसाइल और नाविक राष्ट्रीय परमाणु प्रोग्राम के विकास में उनके महत्वपूर्ण योगदान के लिए प्रसिद्ध किया जाता है 2002 में, उन्हें भारत के 11वें राष्ट्रपति के रूप में चुना गया और इस दौरान उन्होंने एक प्रेरणादायक और नेतृत्वपूर्ण कार्यकाल बिताया। उनके शौर्य और समर्पण की वजह से वे “मिसाइल मैन” और “पीपुल्स प्रेसिडेंट” के रूप में लोकप्रिय हुए।
राष्ट्रपति और योगदान
अब्दुल कलाम ने भारत के राष्ट्रपति के रूप में चयन होने के बाद देश को एक नये दिशा में ले जाने के लिए कई पहल की। उन्होंने शिक्षा, विज्ञान और तकनीकी विकास पर जोर दिया।
एपीजे अब्दुल कलाम की मृत्यु तिथि | APJ Abdul kalam Death date
(1931-2015)27 जुलाई 2015 को डॉ एपीजे अब्दुल कलाम 84 साल की उम्र में भारतीय प्रबंधन स्थान(IIM) शिलांग मे रहने योग्य ग्रह पर अपना विचार व्यक्त कर रहे थे जब उन्हें कार्डियक अटैक हुआ और वह वही दिवस होकर लगभग शाम को 7:30 बजे उन्हें बेथानी अस्पताल में ICU मेले गए जहां 2 घंटे के बाद उनका मृत घोषित कर दिया गया 30 जुलाई 2015 को पैतृक गांव रामेश्वरम के पास उनका अंतिम संस्कार कर दिया गया उन्हें अंतिम अनुष्ठान के समय उनका काम से 4,50,000 लोग शामिल थे जिनमें भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी और सभी तमिलनाडु के राज्यपाल कर्नाटक केरल और आंध्र प्रदेश जैसे सभी राज्यों के मुख्यमंत्री आदि लोग शामिल थे। अगर डॉ एपीजे अब्दुल कलाम जी को व्यक्तिगत जीवन के बारे में बात की जाए तो कलाम पूरी तरह अनुशासन का पालन करते थे कलाम जी श्रीमद्भागवत गीता और कुरान दोनों का अध्ययन करते थे अब्दुल कलाम बच्चों और युवाओं के हमेशा प्रेरणा रहेगा इस प्रकार आज हम डॉ एपीजे अब्दुल कलाम के अंतिम जीवन के बारे में बताते हुए आशा करते हैं की आपको कलाम जी की बायोग्राफी पसंद आई होगी और आप अपने दोस्तों के पास शेयर करेंगे।
Q.1 एपीजे अब्दुल कलाम कौन थे?
उत्तर- एपीजे अब्दुल कलाम भारत के एक राजनीतिक और वैज्ञानिक थे।
Q.2 एपीजे अब्दुल कलाम का मृत्यु कब हुआ था?
उत्तर- एपीजे अब्दुल कलाम का मृत्यु 27 जुलाई 2015 को हार्ट अटैक से हुआ।
Q.3 एपीजे अब्दुल कलाम कब बने राष्ट्रपति?
उत्तर- अब्दुल कलाम भारत के 11 वे में राष्ट्रपति थे जिनका कार्यकाल 2002 से 2007 तक रहा।
Q.4 अब्दुल कलाम का पूरा नाम क्या था?
उत्तर- (अब्दुल पाकिर जैनुल्लाब्दीन अब्दुल कलाम)
Q.5 एपीजे अब्दुल कलाम किसके लिए ज्यादा प्रसिद्ध थे?
उत्तर-एपीजे अब्दुल कलाम भारतीय वैज्ञानिक और राजनीतिक के लिए वह काफी प्रसिद्ध थे।
Q.6 एपीजे अब्दुल कलाम को भारत रत्न कब दिया गया था?
उत्तर- एपीजे अब्दुल कलाम को भारत रत्न 1997 मैं भारत रत्न से नवाजा गया।
Q.7 अब्दुल कलाम जी ने कितने मिसाइल है बनाएं?
उत्तर- अब्दुल कलाम भारत के पृथ्वी आकाश समेत कई मिसाइल बनाई।
Q.8 अब्दुल कलाम के पिता का नाम क्या था?
उत्तर- अब्दुल कलाम के पिता जी का नाम (जैनुल्लाब्दीन) कलाम था।
Q.9 भारतीय वैज्ञानिक मिसाइल मैन से जान जाता था कौन थे?
उत्तर- अब्दुल कलाम को मिसाइल मैन तथा भारतीय वैज्ञानिक के नाम से जाना जाता था।
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एपीजे अब्दुल कलाम निबंध हिंदी – APJ Abdul Kalam Nibandha Hindi
Apj abdul kalam essay in hindi.
APJ Abdul Kalam ka jivan parichay – हमारे भारत देश में ऐसे लाखों लोगों ने जन्म लिया है जो अपने ज्ञान व सुझबुझ और कुशलता के माध्यम से भारत देश को महान बनाने में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया है. ऐसे ही एक कहानी है भारत देश में जन्मे डॉक्टर एपीजे अब्दुल कलाम की, आइए जानते हैं कि भारतवर्ष को महान बनाने में इन्होंने अपना क्या योगदान दिया है.
एपीजे अब्दुल कलाम का पूरा नाम – Avul Pakir Jainulabdeen Abdul Kalam
एपीजे अब्दुल कलाम का जन्म 15 अक्टूबर 1931 को तमिलनाडु के रामेश्वरम में एक गरीब मुस्लिम परिवार में हुआ. इनके पिता का नाम जैनुल्लाब्दिन और माता का नाम आशियम्मा था. अब्दुल कलाम का पूरा नाम अबुल पाकिर जैनुल्लाब्दिन अब्दुल कलाम है.
जैसा की आप जानते हैं कि इनका जन्म एक मध्यमवर्गीय परिवार में हुआ था तो इनके पिता जी के पास नाव थी तो वह अपनी नाव मछुवारों को किराए पर देकर अपने परिवार की रोजी रोटी चलाते थे. घर पर पैसों की कमी को देखकर कलाम भी बहुत ही कम उम्र में ही अपने परिवार का पालन पोषण करने के लिए काम करने लगे. कलाम के जीवन में बहुत सी कठिनाइयां आई लेकिन कलाम डंटे रहे और इतनी मजबूरियों के बाद भी उन्होंने अपनी पढ़ाई नहीं छोड़ी. कलाम सर रोज सुबह जल्दी उठकर अखबार बेचने जाया करते थे और जो पैसे कमाते थे उससे अपने पिताजी की मदद करते थे. उनके जीवन में तमाम तकलीफें आईं इसके बावजूद भी ईन्होंने पढ़ाई को हमेशा आगे रखा.
कलाम को भी अपने जीवन में धार्मिक भेदभाव देखने को मिला लेकिन इसका असर उन्होंने अपने जीवन पर नहीं पड़ने दिया बल्कि जब भी ऐसी मुसीबत आती उसका डटकर सामना करते थे.
कलाम को ये बात मालूम थी की वो बहुत गरीब हैं बल्कि उनके पिता जी ने उन्हे पढ़ाई लिखाई छोड़कर उनके साथ काम में हाथ बटाने के लिए भी कहा लेकिन कलाम ने कभी पढ़ाई नहीं छोड़ी और संघर्ष करते रहे. अब्दुल कलाम के पास इतना पैसा नहीं हुआ करता था कि वो महंगी महंगी किताबें पढ़ने के लिए खरीद सकें इसी वजह से वो पुस्तक की दुकान में काम करते और पढ़ने के लिए किताबें मांग लिया करते थे. एपीजे अब्दुल कलाम ने अपनी शुरुआती पढ़ाई सेंट जोसेफ स्कूल से की और जब इनकी प्रारंभिक पढ़ाई पूरी हुई तो इन्होने मद्रास इंस्टीट्यूट से ग्रेजुएशन की डिग्री प्राप्त कर की.
जब वो पढ़ाई कर रहे थे तब वो अपने भाइयों को भी पढ़ाया करते थे. कलाम जी इतने ज्यादा बुद्धिमान थे कि वो जब भी अपने स्कूल में कोई परीक्षा देते तो हमेशा सर्वप्रथम आते जिसकी वजह से उन्हें पूरे स्कूल द्वारा पसंद किया जाता और इनकी तीव्र बुद्धि को देखकर अध्यापक भी आश्चर्यचकित रह जाते. जब कलाम सर की पढ़ाई पूरी हुई तब इन्होंने नौकरी के लिए आवेदन किया और 1958 में इन्हें एक वरिष्ठ वैज्ञानिक के सहायक के रूप में डीआरडीओ ने चुना और ये वहीं पर कार्य करने लगे.
इसरो ज्वाइन के बाद इनके अपने कार्य प्रतिभा को देखते हुए इन्हें मिसाइल मैन नाम से जाना जाने लगा. बैलिस्टिक मिसाइल और स्पेस रॉकेट टेक्नोलॉजी के विकास में एपीजे अब्दुल कलाम का बड़ा योगदान रहा. भारत देश में जन्मे एपीजे अब्दुल कलाम के मार्गदर्शन में कई परमाणु परीक्षण हुए और कई रॉकेट सम्बन्धित टेक्नोलॉजी का विकास हुआ. कलाम साहब अपने महान कार्यों के लिए हमेशा चर्चा में रहे भारत देश ही नहीं बल्कि विदेशों में भी इनकी सराहना होने लगी. आक्सफोर्ड विश्वविद्यालय में इनके द्वारा दिया गवा भाषण आज भी याद किया जाता है.
एक महान वैज्ञानिक होने के साथ साथ एपीजे अब्दुल कलाम सर एक कुशल वक्ता भी थे. इन्हें संगीत सुनना बहुत पसंद था. कलाम सर बच्चों से बहुत प्यार करते थे और वो बच्चों को हमेशा सफलता के मार्गदर्शन देते थे. हमेशा महान कार्य करने वाले डॉक्टर एपीजे अब्दुल कलाम को सन 2002 में राष्ट्रपति पद के लिए चुना गया. राष्ट्रपति पद पर रहते हुए कलाम सर हमेशा नौजवान युवाओं को जागरूक करते रहे और इसी के साथ साथ उन्होंने राष्ट्रपति पद रहकर भारत देश की बहुत सेवा की जिसके कारण उन्हें पद्मभूषण, पद्मविभूषण, इंदिरा गांधी अवॉर्ड और भारत के सर्वश्रेष्ठ नागरिक पुरस्कार भारत रत्न से सम्मानित किया गया.
डॉक्टर एपीजे अब्दुल कलाम सन 2015 में जब विद्यार्थियों को संबोधन कर रहे थे तभी संबोधन करते समय इन्हें हार्ट अटैक आया और 27 जुलाई 2015 को उन्होंने अंतिम सांस ली. इसी के साथ भारत देश ने एक कीमती हीरा खो दिया.
आशा करता हूं कि आपको ये निबंध में कलाम सर के बारे में बहुत जानकारी मिल गई होगी धन्यवाद
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डॉ. ए. पी. जे अब्दुल कलाम पर निबंध
Essay On APJ Abdul Kalam In Hindi: देश के लोकप्रिय राष्ट्रपति के रूप में मशहूर एपीजे अब्दुल कलाम के बारे में आप सब जानते होंगे। हम यहां पर डॉ. ए. पी. जे अब्दुल कलाम पर निबंध शेयर कर रहे है। इस निबंध में डॉ. ए. पी. जे अब्दुल कलाम के संदर्भित सभी माहिति को आपके साथ शेयर किया गया है। यह निबंध सभी कक्षाओं के विद्यार्थियों के लिए मददगार है।
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डॉ ए. पी जे अब्दुल कलाम पर निबंध 200 शब्द (Essay on APJ Abdul Kalam in 200 Words)
हमारे देश के प्रख्यात वैज्ञानिक एवं भारतीय गणराज्य के 11 वें राष्ट्रपति डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम को लोग आज भी याद करते है। इनका पूरा नाम अबुल पाकिर जैनुलअब्दीन अब्दुल कलाम है। राजनीति के साथ-साथ विज्ञान की दुनिया में भी इन्होंने बहुत चमत्कारिक कार्य किए। इन्होंने अग्नि और पृथ्वी जैसी बैलिस्टिक मिसाइलों से राष्ट्र की सुरक्षा को मजबूती प्रदान की।
उनका जन्म 15 अक्टूबर 1931 को तमिलनाडु के रामेश्वरम में एक मध्यमवर्गीय तमिल परिवार में हुआ था। इनके पिता जैनुलाबदीन एक बहुत ही मध्यम परिवार से थे, जिसकी वजह से उनकी कोई औपचारिक शिक्षा नहीं थी। इनकी माँ आशियम्मा उनके जीवन की आदर्श थी।
अब्दुल कलाम ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा रामेश्वरम के प्राथमिक स्कूल से प्राप्त की। इसके बाद की शिक्षा इन्होंने रामनाथपुरम के हाई स्कूल से प्राप्त की। फिर उन्होंने दक्षिण भारत में तकनीकी शिक्षा के लिए मद्रास इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी में प्रवेश किया। स्नातक के पश्चात हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड में एक प्रशिक्षु के रूप में गए।
डॉ कलाम 1972 में भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन से जुड़े। 1980 में उन्होंने रोहिणी उपग्रह को पृथ्वी की कक्षा के निकट स्थापित किया, इस प्रकार भारत भी अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष क्लब का सदस्य बना। इन्होंने अग्नि एवं पृथ्वी जैसे प्रसिद्ध प्रक्षेपास्त्र को स्वदेशी तकनीक से निर्मित किया।
विज्ञान राजनीति के अलावा साहित्य के क्षेत्र में भी डॉ कलाम का नाम आता है। इन्होंने इंडिया 2020 ‘ए विज़न फ़ॉर द न्यू मिलेनियम’, ‘माई जर्नी’ तथा ‘इग्नाटिड माइंड्स- अनलीशिंग द पॉवर विदिन इंडिया’ आदि साहित्य का सृजन किया।
अब्दुल कलाम का निधन 27 जुलाई 2015 को भारतीय प्रबंधन संस्थान शिलांग में व्याख्यान देते समय कार्डियक अरेस्ट से हुआ। डॉ कलाम एक प्रसिद्ध वैज्ञानिक के साथ-साथ राजनैतिक एवं साहित्यकार भी थे, उन्होंने अलग-अलग क्षेत्र में नई ऊंचाइयों को प्राप्त किया एवं देश को एक नई प्रगति की ओर ले गए।
एपीजे अब्दुल कलाम निबंध हिंदी मे 400 शब्दों में
डॉ.ए.पी.जे. अब्दुल कलाम भारत के 11वें राष्ट्रपति और मिसाइल मैन के रूप में जाने जाते हैं। उन्होंने भारत को बहुत कुछ दिया है। इनका जीवन युवाओं के लिए किसी प्रेरणा से कम नहीं है। डॉ.ए.पी.जे. अब्दुल कलाम एक सफल वैज्ञानिक भी रहे है और इन्होने भारत को मिसाइल की सौगात दी थी।
डॉ एपीजे अब्दुल कलाम कौन है?
डॉ एपीजे अब्दुल कलाम का जन्म तमिलनाडु के रामेश्वरम शहर 15 अक्टूबर वर्ष 1931 में हुआ था और इनका पूरा नाम डॉक्टर अबुल पाकिर जैनुलाब्दीन अब्दुल कलाम है। डॉ एपीजे अब्दुल कलाम भारत के एक ऐसे महान वैज्ञानिक थे, जिन्हें लोगों द्वारा मिसाइल मैन के नाम से जाना जाता है। यह भारत के 11वें राष्ट्रपति भी रहे हैं।
डॉ एपीजे अब्दुल कलाम की शिक्षा
डॉ एपीजे अब्दुल कलाम की आर्थिक स्थिति सही नहीं थी, जिसके कारण से वह बचपन से ही अपने घर की कार्य में मदद करते थे। वह अपने घर के काम में मदद करते थे। साथ ही साथ अपनी पढ़ाई भी करते थे।
उन्होंने वर्ष 1954 में ग्रेजुएशन तिरुचिरापल्ली के सेंट जोसेफ नामक कॉलेज से किया, जिसके पश्चात उन्होंने मद्रास यूनिवर्सिटी से वैमानिकी इंजीनियरिंग की पढ़ाई की। इन सभी के पश्चात डॉक्टर एपीजे अब्दुल कलाम मुख्य वैज्ञानिक के रूप में डीआरडीओ में जुड़ गए।
हालांकि जल्द ही डॉक्टर कलाम भारत के पहले स्वदेशी उपग्रह प्रक्षेपास्त्र अनुसंधान संगठन में विस्थापित हो गए। जिसके पश्चात डॉक्टर कलाम ने गाइडेड मिसाइल के विकास कार्यक्रम में मुख्य कार्यकारी के रूप में कार्य किया, जिसमें केवल मिसाइलों के कंपन का विकास शामिल था।
डॉक्टर एपीजे अब्दुल कलाम को मिसाइल मैन की उपाधि कैसे मिली?
महान वैज्ञानिक डॉ एपीजे अब्दुल कलाम के नेतृत्व में ही बहुत सारे प्रोजेक्टों को किया गया, जिसमें रोहिणी लांच, प्रोजेक्ट डेविल, प्रोजेक्ट वैलीएंट, मिसाइलों का विकास जिसमें अग्नि एवं पृथ्वी जैसी आदि मिसाइलों का विकास हुआ।
भारत की परमाणु शक्ति को बढ़ाने में डॉ एपीजे अब्दुल कलाम का बहुत बड़ा योगदान रहा। इन सभी के बाद में पोखरण वित्तीय परमाणु परीक्षण के लिए मुख्य प्रोजेक्ट कर्डिनेटर के रूप में उनका सफल योगदान रहा, जिसके पश्चात उन्हें मिसाइल मैन के नाम से जाना जाने लगा। डॉ एपीजे अब्दुल कलाम ही एक ऐसे व्यक्ति थे, जिन्होंने बिना किसी राजनीतिक पृष्ठभूमि के मदद से 2002 से लेकर 2007 तक राष्ट्रपति के पद पर नियुक्त थे।
डॉ एपीजे अब्दुल कलाम को नवाजे गए अवार्ड
डॉक्टर कलाम के द्वारा भारत के लिए समर्पित कार्यों के लिए उन्हें भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान, भारत रत्न से सम्मानित किया गया। डॉ एपीजे अब्दुल कलाम ने अपने जीवन काल में ऐसे ही बहुत से अवार्ड को अपने नाम किया उनकी सूची निम्नलिखित है:
हमारे भारत के मिसाइल मैन डॉ एपीजे अब्दुल कलाम ने अपने राष्ट्रपति पद को लेकर के बहुत से जिम्मेदारियों को बखूबी निभाया और भारत को एक अपार उपलब्धियां भी दिलाई। हमारे प्रिय डॉक्टर एपीजे अब्दुल कलाम ने अपनी अंतिम सांसें शिलांग में 27 जुलाई 2015 को ली।
एपीजे अब्दुल कलाम निबंध 600 शब्द
एपीजे अब्दुल कलाम का जन्म 15 अक्टूबर 1931 में हुआ था। वह भारत के मशहूर पूर्व राष्ट्रपति के साथ-साथ जाने-माने वैज्ञानिक भी थे। यह एक इंजीनियर के रूप में भी रहे थे और इन्होंने इंजीनियरिंग के बाद वैज्ञानिक जीवन में भी बहुत आगे बढ़े।
उन्होंने सिखाया था कि जीवन में अगर कैसी भी परिस्थिति आ जाए लेकिन आपको अपना सपना पूरा करना है तो आप उसे जरूर पूरा कर सकते हैं। ए पी जे अब्दुल कलाम ने वैज्ञानिक के रूप में चार दशकों तक डीआरडीओ में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई हैं। उन्होंने इसरो को भी संभाला था।
ए पी जे अब्दुल कलाम का जन्म
एपीजे अब्दुल कलाम का जन्म मुस्लिम परिवार में 15 अक्टूबर 1931 में धनुष्कोड़ी गांव रामेश्वरम तमिलनाडु में हुआ था। इनके पिता का नाम जैनुलाब्दीन था। जैनुलाब्दीन ज्यादा पढ़े-लिखे नहीं थे, ना ही वह पैसे वाले थे। एपीजे अब्दुल कलाम के पिताजी मछुआरों को नाव किराए पर दिया करते थे। अब्दुल कलाम का जन्म संयुक्त परिवार में हुआ था, उनके संयुक्त परिवार का अनुमान लगाया जा सकता है कि वह कुल पांच भाई और पांच बहन थे।
अब्दुल कलाम का जीवन उनके पिताजी के कारण प्रभावित हुआ था। अब्दुल कलाम के पिता जी द्वारा दिए गए संस्कार अब्दुल कलाम के जीवन में बहुत काम आए। एपीजे अब्दुल कलाम को 5 वर्ष की उम्र में रामेश्वरम के पंचायत द्वारा प्राथमिक विद्यालय की तरफ से दीक्षा पुरस्कार भी दिया गया।
ए पी जे अब्दुल कलाम की शिक्षा
अब्दुल कलाम बचपन से ही पढ़ाई में बहुत होशियार थे। उन्हें रामेश्वरम पंचायत द्वारा प्राथमिक शिक्षा में पुरस्कार मिला था। जब वह सिर्फ 5 साल के थे और इन्होंने अपनी पढ़ाई के साथ-साथ अखबार बांटने का काम भी किया था। एपीजे अब्दुल कलाम 1950 में मद्रास इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से अंतरिक्ष विज्ञान में स्नातक की उपाधि प्राप्त कर ली थी।
ए पी जे अब्दुल कलाम का वैज्ञानिक जीवन
एपीजे अब्दुल कलाम साल 1972 में भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन में शामिल हो गए। उन्होंने भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन में पहला स्वदेशी उपग्रह हासिल किया। 1980 में उन्होंने रोहिणी उपग्रह को पृथ्वी तक पहुंचाने का कार्य किया था।
इस उपग्रह के सफलतापूर्वक परीक्षण के बाद में एपीजे अब्दुल कलाम अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष क्लब के सदस्य बन गए। इन्हें इसरो में लॉन्च व्हीकल प्रोग्राम को परवाना चढ़ाने के लिए श्रेय दिया गया था। ए पी जे अब्दुल कलाम ने लक्ष्यभेदी नियंत्रण प्रक्षेपास्त्र को डिजाइन किया था।
ए पी जे अब्दुल कलाम का राष्ट्रपति बनना
एपीजे अब्दुल कलाम भारत के राष्ट्रपति थे। उन्हें भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस पार्टी दोनों का अच्छा समर्थन मिला, जिसके कारण वह 2002 में भारत के राष्ट्रपति बने 18 जुलाई 2002 को उन्होंने भारत के राष्ट्रपति पद पर शपथ दिलाई गई।
समारोह में प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई और मंत्रिमंडल के सदस्य भी उपस्थित थे। इनका कार्यक्रम 25 जुलाई 2007 को समाप्त हुआ। एपीजे अब्दुल कलाम बहुत अनुशासन प्रिय रहते थे। उन्होंने अपनी जिंदगी की विंग्स ऑफ फायर किताब लिखी थी, जो युवाओं को मार्गदर्शन प्रदान करवाती है।
ए पी जे अब्दुल कलाम का निधन
एपीजे अब्दुल कलाम का निधन 27 जुलाई 2015 की शाम को मेघालय के शिलांग में हुआ था। आईआईएम शिलांग में लेक्चर के दौरान ही उन्हें दिल का दौरा पड़ा और वह उसी वक्त बेहोश हो गए। लगभग 6:30 बजे उनकी हालत गंभीर हो गई और इन्हें बेथानी अस्पताल में ले जाया गया और आईसीयू में भर्ती कर दिया गया। उसके 2 घंटे बाद उनका निधन हो गया।
एपीजे अब्दुल कलाम ने बचपन से अपने जीवन में बहुत संघर्ष किया और वह देश के लिए बहुत सराहनीय काम किए एपीजे अब्दुल कलाम ने मुख्य रूप से वैज्ञानिक क्षेत्र में अपना योगदान दिया। साथ ही वह बहुत ईमानदार राष्ट्रपति रहे थे।
इस आर्टिकल में हमने एपीजे अब्दुल कलाम पर निबंध (Essay On APJ Abdul Kalam In Hindi) के बारे में बताया। मुझे पूरी उम्मीद है कि हमारे द्वारा दी गयी जानकारी आपको अच्छी लगी होगी।
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ए.पी.जे. अब्दुल कलाम पर निबंध – Dr. A.P.J. Abdul Kalam Essay In Hindi
ए.पी.जे. अब्दुल कलाम पर निबंध – essay on dr. a.p.j. abdul kalam in hindi.
संकेत बिंदु –
- शिक्षा-दीक्षा
- राष्ट्रपति डॉ कलाम
- सादा जीवन उच्च विचार निबंध-लेखन
- मिसाइल मैन डॉ० कलाम
- सम्मान एवं अलंकरण
साथ ही, कक्षा 1 से 10 तक के छात्र उदाहरणों के साथ इस पृष्ठ से विभिन्न हिंदी निबंध विषय पा सकते हैं।
प्रस्तावना – भारत भूमि ऋषियों-मुनियों और अनेक कर्मवीरों की जन्मदात्री है। यहाँ अनेक महापुरुष पैदा हुए हैं तो देश का नाम शिखर तक ले जाने वाले वैज्ञानिक भी हुए हैं। इन्हीं में एक जाना-पहचाना नाम है- डॉ० ए०पा. ने० अब्दुल कलाम का जिन्होंने दो रूपों में राष्ट्र की सेवा की। एक तो वैज्ञानिक के रूप में और दूसरे राष्ट्रपति के रूप में। देश उन्हें मिसाइल मैन के नाम से जानता-पहचानता है।
जीवन-परिचय – डॉ० कलाम का जन्म 15 अक्टूबर, 1931 को तमिलनाडु राज्य के रामेश्वरम् नामक कस्बे में हुआ था। इनके पिता का नाम जैनुलाबदीन और माता का नाम अशियम्मा था। इनके पिता पढ़े-लिखे मध्यमवर्गीय व्यक्ति थे जो बहुत धनी न थे। इनकी माता आदर्श महिला थीं। इनके पिता और रामेश्वरम मंदिर के पुजारी में गहरी मित्रता थी, जिसका असर कलाम के जीवन पर भी पड़ा। इनके पिता रामेश्वरम् से धनुषकोडि तक आने-जाने के लिए तीर्थयात्रियों के लिए नौकाएँ बनवाने का कार्य किया करते थे।
शिक्षा-दीक्षा – डॉ० कलाम की प्रारंभिक शिक्षा तमिलनाडु में हुई। इसके बाद वे रामनाथपुरम् के श्वार्ज़ हाई स्कूल में भर्ती हुए। हायर सेकंडी की परीक्षा प्रथम श्रेणी में पूरी करने के बाद इंटर की पढ़ाई के लिए सेंट जोसेफ कॉलेज में प्रवेश लिया। यहाँ चार साल तक पढ़ाई करने और बी०एस०सी० प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण करने के बाद उन्होंने ‘हिंदू पत्रिका’ में विज्ञान से संबंधित लेख-लिखने लगे। उन्होंने एअरोनॉटिक्स इंजीनियरिंग में डिप्लोमा भी किया।
मिसाइल मैन डॉ० कलाम – डॉ० कलाम को अपने कैरियर की चिंता हुई। वे भारतीय वायुसेना में पायलट पद के लिए चुने गए पर साक्षात्कार में असफल रहे। इसके बाद वे वर्ष 1958 में रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन से जुड़ गए। उनकी पहली नियुक्ति हैदराबाद में हुई। वहाँ वे पाँच वर्षों तक अनुसंधान सहायक के रूप में कार्य करते रहे। उन्होंने यहाँ वर्ष 1980 तक कार्य किया और अंतरिक्ष विज्ञान को नई ऊँचाइयों तक पहुँचाया। उन्होंने अपने जीवन का अधिकांश भाग अनुसंधान को समर्पित कर दिया। परमाणु क्षेत्र में उनका योगदान भुलाया नहीं जा सकता है। उनके नेतृत्व में 1 मई, 1998 का प्रसिद्ध पोखरण परीक्षण किया गया। मिसाइल कार्यक्रम को नई ऊँचाई तक ले जाने के कारण उन्हें मिसाइल मैन कहा जाता है।
राष्ट्रपति डॉ० कलाम – भारत के गणराज्य में 25 जुलाई, 2002 को वह सुनहरा दिन आया, जब मिसाइल मैन के नाम से मशहूर डॉ० कलाम ने राष्ट्रपति का पद सुशोभित किया और इसी दिन पद एवं गोपनीयता की शपथ ली। यद्यपि उनका संबंध राजनीति की दुनिया से कोसों दूर था फिर भी संयोग और भाग्य के मेल से उन्होंने भारत के बारहवें राष्ट्रपति के रूप में इस पद को सुशोभित किया। उन्होंने राष्ट्रपति पद पर रहते हुए निष्पक्षता और पूरी निष्ठा से कार्य किया।
सम्मान एवं अलंकरण – डॉ० कलाम ने जिस परिश्रम से परमाणु एवं अंतरिक्ष कार्यक्रम को नई ऊँचाई तक पहुँचाया उसके लिए उन्हें देश के सर्वोच्च सम्मान ‘भारत रत्न’ से सम्मानित एवं अलंकृत किया गया। उन्हें वर्ष 1981 में पद्म विभूषण एवं वर्ष 1990 में ‘पद्म भूषण’ से सम्मानित किया गया। ‘भारत रत्न’ से सम्मानित होने वाले वे देश के तीसरे वैज्ञानिक हैं।
सादा जीवन उच्च विचार – डॉ० कलाम पर गांधी जी के विचारों का प्रभाव था। वे सादगीपूर्वक रहते थे। उनके विचार अत्यंत उच्च कोटि के थे। वे बच्चों से लगाव रखते थे। वे विभिन्न स्कूलों में जाकर बच्चों का उत्साहवर्धन एवं मार्गदर्शन करते थे। वे आज का काम आज निपटाने में विश्वास रखते थे। बच्चों को प्यार करने वाले डॉ० कलाम की मृत्यु भी बच्चों के बीच सन् 2015 में उस समय हुई जब वे उनके बीच अपने अनुभव बाँट रहे थे।
उपसंहार – डॉ० कलाम अत्यंत निराभिमानी व्यक्ति थे। वे परिश्रमी और कर्तव्यनिष्ठ थे। एक वैज्ञानिक होने के साथ ही उन्होंने मिसाइल कार्यक्रम को नई ऊँचाई पर पहुँचाया तो राष्ट्रपति रहते हुए उन्होंने देश की प्रगति में भरपूर योगदान दिया। उनका जीवन हम भारतीयों के लिए प्रेरणा स्रोत है।
ए.पी.जे. अब्दुल कलाम पर निबंध Dr. APJ Abdul Kalam Essay in Hindi
by StoriesRevealers | May 8, 2020 | Essay in Hindi | 1 comment
Dr. APJ Abdul Kalam Essay in Hindi : एपीजे अब्दुल कलाम, जिन्हें मिसाइल मैन के नाम से भी जाना जाता हैं। उनका जन्म 15 अक्टूबर 1931 को पूर्व मद्रास राज्य के द्वीप शहर रामेश्वरम में एक मध्यम-वर्गीय तमिल परिवार में हुआ था। उनके पिता जैनुलाब्दीन के पास ज्यादा औपचारिक शिक्षा नहीं थी, लेकिन उनके पास महान ज्ञान का मोती था।
उनकी माँ आशियम्मा एक देखभाल करने वाली और प्यार करने वाली गृहिणी थीं। एपीजे अब्दुल कलाम घर के कई बच्चों में से एक थे। वह उस पैतृक घर में रहते थें और अपने बड़ें परिवार के एक छोटे से सदस्य थे।
Dr. APJ Abdul Kalam Essay in Hindi
द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान एपीजे अब्दुल कलाम लगभग 8 वर्ष के बच्चे थे। वह युद्ध की जटिलता को नहीं समझ सकते थे। लेकिन उस दौरान बाजार में अचानक इमली के बीज की मांग बढ़ने लगी। और उस अचानक मांग के लिए, कलाम बाजार में इमली के बीज बेचकर अपनी पहली मजदूरी अर्जित करने में सक्षम हुए। उन्होंने अपनी आत्मकथा में उल्लेख किया है कि वह इमली के बीज एकत्र करते थे और उन्हें अपने घर के पास एक प्रावधान की दुकान में बेचते थे।
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युद्ध के दिनों के दौरान उनके बहनोई जल्लालुद्दीन ने उन्हें युद्ध की कहानियों के बारे में बताया। बाद में कलाम को दिनामनी नामक अखबार में युद्ध की उन घटनाओं का पता चला। अपने बचपन के दिनों में, एपीजे अब्दुल कलाम ने अपने चचेरे भाई समसुद्दीन के साथ समाचार पत्र बाटने का काम भी किए।
एपीजे अब्दुल कलाम बचपन से ही एक प्रतिभाशाली बच्चे थे। उन्होंने शवार्ट्ज हायर सेकेंड्री स्कूल, रामनाथपुरम से हाई स्कूल पास किया और मद्रास इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी में दाख़िला लिया। और वहाँ से उन्होंने अपनी विज्ञान में ग्रेजुएशन कि डिग्री प्राप्त की। और 1958 में वह DRDO में काम करने लगे। बाद में वह ISRO में चले गए। जहाँ वह SLV3 प्रोजेक्ट के मुख्य प्रशिक्षक बन गए। यह उल्लेख करने के लिए उपयुक्त है कि अग्नि, आकाश, त्रिशूल, पृथ्वी आदि मिसाइलें उस परियोजना का हिस्सा थी।
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एपीजे अब्दुल कलाम को कई पुरस्कारों से सम्मानित किया गया है। उन्हें 2011 में IEEE Honorary सदस्यता से सम्मानित किया गया। 2010 में वाटरलू विश्वविद्यालय ने उन्हें डॉक्टरेट की उपाधि प्रदान की। सिवाय इसके एपीजे कलाम को 2009 में यूएसए के एएसएमई फाउंडेशन से हूवर मेडल भी मिला, कैलिफोर्निया इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, यूएसए से उन्हें (2009) में इंटरनेशनल वॉन कॉरमैन विंग्स अवार्ड मिला और, नानयांग टेक्नोलॉजिकल यूनिवर्सिटी, सिंगापुर से उन्हें डॉक्टर ऑफ इंजीनियरिंग (2008) में सम्मानित किया गया, किंग चार्ल्स 2 मेडल, यूके 2007 में और इसके इलावा और भी बहुत कुछ। उन्हें भारत सरकार द्वारा द भारतरत्न, पदम् विभूषण, पदम् भूषण से भी सम्मानित किया गया है।
एपीजे अब्दुल कलाम का यह लेख अधूरा रहेगा यदि मैं देश के युवाओं के प्रति उनके योगदान का उल्लेख नहीं करता। डॉ। कलाम ने हमेशा देश के युवाओं को देश के विकास के लिए काम करने के लिए प्रेरित करके उनके जिवन को सफल बनाने का प्रयास किया। अपने जीवनकाल के दौरान डॉ कलाम ने कई शिक्षण संस्थानों का दौरा किया और छात्रों के बीच अपना बहुमूल्य समय दिया।
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दुर्भाग्य से, एपीजे अब्दुल कलाम का निधन 27 जुलाई 2015 को कार्डियक अरेस्ट के कारण हो गया। एपीजे अब्दुल कलाम की मृत्यु को हमेशा भारतीयों के लिए सबसे दुखद क्षणों में से एक माना जाएगा। वास्तव में, एपीजे अब्दुल कलाम का निधन भारत के लिए बहुत बड़ी क्षति थी। अगर आज एपीजे अब्दुल कलाम होते तो भारत और तेजी से विकसित होता।
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Essay on APJ Abdul Kalam in Hindi – एपीजे अब्दुल कलाम पर निबंध
दोस्तों आज की इस आर्टिकल में हम आपको एपीजे अब्दुल कलाम पर निबंध सरल भाषा में – Essay on APJ Abdul Kalam in Hindi के बारे में बताएंगे यानी की APJ Abdul Kalam par Nibandh kaise Likhe इसके बारे में पूरी जानकारी देंगे यानी की आपको APJ Abdul Kalam par 1200 words का essay मिलेगा इसलिए ये आर्टिकल पूरा धेयान से पूरा पढ़ना है। आपके लिए हेलफुल साबित होगी।
भारत के मिसाइल मैन के रूप में पूरा विश्व एपीजे अब्दुल कलाम को जानता है। एपीज अब्दुल कलाम भारत के 11 वे राष्ट्रपति थे उन्होंने देश की सेवा बहुत ही लगन से की है देश के सबसे प्रसिद्ध वैज्ञानिकों में से एक हैं एपीजे अब्दुल कलाम एपीजे अब्दुल कलाम हमारे देश को सशस्त्र बल में बहुत ही मजबूत बनाया उन्होंने देश में नई-नई तकनीकों और मिसाइलों के काम में बहुत ही अधिक कार्य किए देश के मिसाइल प्रणाली को मजबूत एपीजे अब्दुल कलाम ने ही किया।
Essay on APJ Abdul Kalam in Hindi एपीजे अब्दुल कलाम पर निबंध
एपीजे अब्दुल कलाम भारत के सबसे सरल राष्ट्रपति में से एक हैं उन्होंने देश के लोगों को एकता और अखंडता का ज्ञान दिया उन्होंने देश की शिक्षा व्यवस्था और देश में शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए अपने पूरे जीवन भर में बहुत ही कार्य किए आज भी सभी बच्चे एपीजे अब्दुल कलाम को अपना एक पाथदर्शक मानते हैं और उनके मार्ग में चलते हैं।
हमारे देश को परमाणु सक्षम बनाने में APJ Abdul Kalam ने बहुत ही अहम भूमिका निभाई है जब पहली बार हमारे देश में परमाणु परीक्षण किया गया तब इस परीक्षण के मुख्य लोग और वैज्ञानिक एपीजे अब्दुल कलाम ही थे उन्होंने देश परमाणु शक्ति प्रदान की।
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एपीजे अब्दुल कलाम की जीवनी (Biography of APJ Abdul kalam in Hindi)
भारत रत्न डॉक्टर एपीजे अब्दुल कलाम का जन्म 15 नवंबर 1931 में तमिलनाडु के रामेश्वरम जिले में हुआ था। उनका जन्म रामेश्वरम के एक मध्यमवर्गीय मुस्लिम परिवार में हुआ। डॉ एपीजे अब्दुल कलाम का पूरा नाम अबुल पाकिर जलालुद्दीन अब्दुल कलाम है उनके पिता का नाम जलालुद्दीन कलाम है।
उनके पिता बहुत पढ़े-लिखे नहीं थे और ना ही वह किसी बड़े व्यवसाय से जुड़े हुए थे वह रामेश्वरम के मछुआरों को मछली पकड़ने के लिए नाव किराए में देते थे Dr. APJ Abdul Kalam एक संयुक्त परिवार में रहते थे उनका बचपन रामेश्वरम में बीता है इसीलिए उन्हें हिंदू और मुस्लिम रीति-रिवाज दोनों की बहुत ही अच्छी समझ थी देश की एकता को उन्होंने रामेश्वरम से ही समझा।
Dr. APJ Abdul Kalam बचपन से ही पढ़ाई के प्रति बहुत ही अग्रसर थे उन्होंने अपने पढ़ाई के लिए बहुत ही मेहनत की। डॉ एपीजे अब्दुल कलाम के जीवन में उनके पिता का बहुत ही महत्वपूर्ण योगदान रहा। APJ Abdul Kalam के पिता ने उन्हें लगन और मेहनत से कार्य करने का एक बहुमूल्य मंत्र दिया और डॉक्टर एपीजे अब्दुल कलाम ने इस मंत्र को जीवन भर अपने हर एक कार्य में लगाया।
उन्होंने विज्ञान के कठिन कठिन चीजों को खुद से अध्ययन करके सीखा डॉ एपीजे अब्दुल कलाम एक पायलट बनना चाहते थे और उन्होंने अपने इस इच्छा को खुद के मेहनत से पूरा किया उन्होंने खुद ही इसके पढ़ाई की और इसके बाद वे एक फाइटर जेट उड़ाने में सक्षम हुए।
डॉ एपीजे अब्दुल कलाम ने अपने प्रारंभिक शिक्षा 5 वर्ष की आयु में अपने गांव के प्राथमिक स्कूल से की उनके शिक्षक ने उनसे कहा कि जीवन में सफल होने के लिए आस्था पूर्ण इच्छा और लगन के साथ अपने कार्य को करते रहना चाहिए।
तभी जाकर तुम अपने हर एक कार्य में सफल होंगे डॉक्टर एपीजे अब्दुल कलाम अपने पिता और शिक्षक के इन बातों को हमेशा अपने जीवन में उतारते रहे और आज भी हमारे देश के मिसाइल मैन के रूप में जाने जाते हैं उन्होंने अपना पूरा जीवन शिक्षा और अपने देश के विकास और देश की मजबूती के लिए लगा दिया।
Dr. APJ Abdul Kalam ने अपने प्रारंभिक शिक्षा और आगे की शिक्षा को जारी रखने के लिए बहुत ही मेहनत किया उन्होंने अपनी पढ़ाई के लिए अखबार बेचने का भी कार्य किया वे रोज सवेरे उठते और रामेश्वरम स्टेशन जाकर अखबार लाते और उन अखबारों को रामेश्वरम में बेचते।
Dr. APJ Abdul Kalam इन इंग्लिश अखबारों को खुद भी पढ़ते और इन्हीं अंग्रेजी अखबारों की मदद से उन्होंने अंग्रेजी की अच्छी जानकारी प्राप्त की इन अखबारों की मदद से उन्होंने अपने आगे की पढ़ाई भी की और साथ ही साथ बहुत ही महत्वपूर्ण ज्ञान भी हासिल किए।
डॉ एपीजे अब्दुल कलाम का बचपन से ही सपना था कि वह अंतरिक्ष विज्ञान के बारे में सीखें और क्षेत्र में एक अच्छा काम करें इसीलिए उन्होंने 1950 में मद्रास इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी अंतरिक्ष विज्ञान के विषय में स्नातक की डिग्री ली।
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1950 में स्नातक की डिग्री लेने के बाद उन्होंने DRDO (Defence Research and Development Organisation) के हावर क्राफ्ट परियोजना में काम करने के लिए चुना गया।
1962 में डॉ एपीजे अब्दुल कलाम ISRO में कार्यरत हुए अपने कार्य के दौरान उन्होंने बहुत सारे स्वदेशी उपग्रहों के कार्यक्रम में कार्य किया और उन्होंने इन कार्यक्रमों में बहुत ही अहम भूमिका निभाई।
डॉ एपीजे अब्दुल कलाम भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संस्थान के परियोजना निदेशक भी बने और उन्होंने पहला स्वदेशी उपग्रह slv-3 लांच किया डॉ एपीजे अब्दुल कलाम को इसकी सफलता का श्रेय दिया गया।
उन्होंने भारत के कई अहम उपग्रहों में बहुत ही अहम भूमिका निभाई जैसे कि रोहिणी उपग्रह जो कि पृथ्वी की कक्षा के निकट स्थापित है डॉ एपीजे अब्दुल कलाम भारत के अंतरिक्ष के क्षेत्र को विश्व में एक अलग पहचान दिलाई।
आज इसरो की सफलता का श्रेय और ऊंचाई का श्रेय डॉ ए पी जे अब्दुल कलाम को दिया जाता है क्योंकि उन्होंने अपने कार्यकाल में इस क्षेत्र के विकास के लिए बहुत ही अहम भूमिका निभाई।
ISRO के launch vehicle प्रोग्राम को इतना सफल बनाने का श्रेय भी डॉक्टर एपीजे अब्दुल कलाम को मिलता है उन्होंने देश के विकास के लिए हर एक कार्य किया जो वह कर सकते थे।
Dr APJ Abdul Kalam को तो मिसाइल मैन भी कहा जाता है क्योंकि उन्होंने देश को गाइडेड मिसाइल उपहार में दिया देश में पहली गाइडेड मिसाइल डॉ एपीजे अब्दुल कलाम द्वारा ही तैयार की गई। उन्होंने देश को पृथ्वी और अग्नि जैसी शक्तिशाली गाइडेड मिसाइल प्रदान की।
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देश के आधुनिक अंतरिक्ष और आधुनिक हथियारों कचरे डॉक्टर एपीजे अब्दुल कलाम को मिलता है उन्होंने अंतरिक्ष और हथियार दोनों के क्षेत्र में बहुत ही अहम भूमिका निभाई उन्होंने देश को नई तकनीक की दुनिया में लाया।
डॉ एपीजे अब्दुल कलाम 1992 से लेकर 1999 तक रक्षा मंत्री के वैज्ञानिक सलाहकार के रूप में भी काम किया। डॉ एपीजे अब्दुल कलाम को सुरक्षा शोध और विकास विभाग का सचिव भी बनाया गया।
आज हमारा देश एक परमाणु संपन्न देश है इसका श्रेय भी डॉक्टर एपीजे अब्दुल कलाम को दिया जाता है जब प्रधानमंत्री अटल बिहारी जी ने गुप्त रूप से परमाणु परीक्षण करने का निर्णय लिया तब इस परियोजना का मुख्य वैज्ञानिक डॉ एपीजे अब्दुल कलाम थे।
प्रधानमंत्री अटल बिहारी जी ने इस परियोजना की सारी जिम्मेदारी डॉ एपीजे अब्दुल कलाम को दी डॉ एपीजे अब्दुल कलाम ने इस जिम्मेदारी को पूरी तरीके से निभाया और सफलतापूर्वक परमाणु परीक्षण किया।
डॉ एपीजे अब्दुल कलाम ने अपनी पूरी जिंदगी सीखने में और देश के विकास में लगा दिया वह देश के जनता राष्ट्रपति के रूप में जाने जाते हैं क्योंकि वह बहुत ही सरल व्यक्तित्व वाले इंसान थे।
Dr APJ Abdul Kalam 2002 में राष्ट्रपति चुने गए और राष्ट्रपति पद में रहते हुए उन्होंने देश के तकनीकी क्षेत्र और विकास के लिए बहुत ही अहम कदम उठाए और देश को एक नई तकनीकी युग में पहुंचाया।
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डॉ एपीजे अब्दुल कलाम 2007 में राष्ट्रपति पद से निवृत्ति हुए। इसके बाद वह कैसे शिक्षा के क्षेत्र में आए और उन्होंने 2015 तक कई सारे यूनिवर्सिटी और विश्वविद्यालयों में विजिटिंग प्रोफेसर तथा अन्ना विश्वविद्यालय में एयरोस्पेस इंजीनियरिंग के प्रोफेसर के तौर पर सेवा दी।
2015 में हमारे देश में इस महान व्यक्तित्व को खो दिया 2015 में iim shilong में ‘रहने योग्य ग्रह’के विषय पर लेक्चर दे रहे थे उसी दौरान उन्हें दिल का दौरा पड़ा और इस दिल का दौरा के कारण उनकी मौत हो गई।
डॉ एपीजे अब्दुल कलाम हमारे देश के सबसे महान व्यक्ति में से एक हैं उन्होंने देश की शिक्षा को नए युग में पहुंचाया और देश को एक नई तकनीकी युग में पहुंचाया आज हमारे देश में विज्ञान की तकनीक इतनी तेजी से आगे बढ़ रही है इसका श्रेय भी डॉक्टर एपीजे अब्दुल कलाम को दिया जाता है।
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Apj abdul kalam essay in hindi.
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APJ Abdul Kalam Essay in Hindi 300 Words
अब्दुल कलाम पर निबंध
डॉ. ए. पी. जे. अब्दुल कलाम का जन्म तमिलनाडु में रामेश्वर जिले के धनुषकोडि गाँव में 15 अक्टूबर सन् 1931 को हुआ था। उनका पूरा नाम अबुल पाकीर जैनुल्लाब्दीन अब्दुल कलाम है। एपीजे अब्दुल कलाम भारतीय इतिहास के 11वें सर्वश्रेष्ठ राष्ट्रपति हैं। भारतीय लोग के दिलों में डॉ. ए. पी. जे. अब्दुल कलाम भारत के “मिसाइल मैन” के रुप में जाने जाते हैं। वह एक गरीब परिवार में पैदा हुए थे। उनके पिता का नाम जैनुल्लाब्दीन था जो एक नाव के मालिक और स्थानीय मस्जिद के इमाम थे। उनकी माता का नाम अशीयामा जैनुल्लाब्दीन था जो एक गृहिणी थीं।
डॉ. कलाम रामनाथपुरम के स्क्वार्टज मिशनरी हाईस्कूल से अपनी स्कूल की शिक्षा पूरी की और सेंट जोसेफ कॉलेज, तिरुचिरापल्ली से बीएससी परीक्षा उत्तीर्ण की। डॉ. अब्दुल कलाम ने मद्रास तकनीकी संस्थान से एक वैमानिकी अभियंता के रूप में स्नातक की शिक्षा प्राप्त की। जिसके बाद उन्होंने 1958 में डीआरडीओ (DRDO) में एक वैज्ञानिक के रूप में अपना करियर शुरू किया।
सन् 1963 में वे भारत अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) में शामिल हुए और उन्हें एसएलवी-3 के प्रोजेक्ट डायरेक्टर बनाया गया। उन्होंने स्वदेशी उपग्रह रॉकेट के डिजाइनिंग, विकास और प्रबंधन पर काम किया और कुछ समय बाद उपग्रह ‘रोहिणी’ को सफलतापूर्वक प्रक्षेपण किया गया। डॉ. कलाम ने महत्वपूर्ण मिसाइल जैसे पृथ्वी, अग्नि, आकाश, आदि को विकसित एवं प्रक्षेपण करने में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया और भारत का नाम तकनीकी के क्षेत्र में आगे किया। डॉ. कलाम को अपने काम के लिए पद्मा श्री और पद्म भूषण से सम्मानित किया गया। वर्ष 1997 में उन्हें महानतम भारतीय पुरस्कार “भारत रत्न” प्रदान किया गया था। उन्होंने कई महत्वपूर्ण पुस्तकें जैसे ‘इंडिया 2020’ और ‘विंग्स ऑफ़ फायर’ लिखी हैं।
27 जुलाई 2015 की शाम अब्दुल कलाम भारतीय प्रबंधन संस्थान शिलोंग में एक व्याख्यान दे रहे थे जब उन्हें कार्डियक अरेस्ट (दिल का दौरा) हुआ और वे बेहोश हो कर गिर पड़े। लगभग 6:30 बजे गंभीर हालत में उन्हें बेथानी अस्पताल में आईसीयू में ले जाया गया और दो घंटे के बाद इनकी मृत्यु की पुष्टि कर दी गई। हमने भारत के महान बेटे को खो दिया है जिन्होंने अपनी पूरी जिंदगी अपनी मातृभूमि के कल्याण के लिए समर्पित की। उनका जीवन और काम दुनिया भर के लाखों लोगों के लिए प्रेरणा साबित हुआ। डॉ एपीजे अब्दुल का जीवन एक इतिहास है जो सभी युवाओं के लिए सदेव एक प्रेरणा की कहानी होगी।
APJ Abdul Kalam Essay in Hindi 325 Words
डॉ एपीजे अब्दुल कलाम एक महान भारतीय वैज्ञानिक थे। जिसने भारत के 11वें राष्ट्रपति के रुप में वर्ष 2002 से 2007 तक देश की सेवा की। वो जनसाधरण में जनता के राष्ट्रपति के रुप में मशहूर हैं। उनका पूरा नाम अवुल पाकिर जैनुल्लाब्दीन अब्दुल कलाम था। कलाम का जन्म जैनुल्लाब्दीन और आशियम्मा के घर 15 अक्टूबर 1931 को एक गरीब तमिल मुस्लिम परिवार में तमिलनाडु के रामेश्वरम् में हुआ था।
वो भारत के सबसे प्रतिष्ठित व्यक्ति थे क्योंकि एक वैज्ञानिक और राष्ट्रपति के रुप में देश के लिये उन्होंने बहुत बड़ा योगदान दिया था। ‘इसरो’ के लिये दिया गया उनका योगदान अविस्मरणीय है। भारत की परमाणु शक्ति को सुधारने में उनके महान योगदान के लिये उन्हें “भारत का मिसाइल मैन” भी कहा जाता है। अपने समर्पित कार्यों के लिये उन्हें भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न से नवाजा गया। भारत सरकार में एक वैज्ञानिक सलाहकार के रुप में साथ ही साथ इसरो और डीआरडीओ में अपने योगदान के लिये 1981 में पदम् भूषण और 1990 में पदम् विभूषण से भी सम्मानित किया गया। भारत के राष्ट्रपति के रुप में अपने कार्यकाल के पूरा होने के उपरान्त, डॉ कलाम ने विभिन्न कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में। एक अतिथि प्रोफेसर के रुप में देश की सेवा की।
डॉ कलाम का जीवन बेहद संघर्षपूर्ण था। हालांकि भारत की नयी पीढ़ी के लिये वो प्रेरणा स्वरुप हैं। वो ऐसे व्यक्ति थे, जिन्होंने भारत को एक विकसित देश बनाने का सपना देखा था। जिसके लिये उन्होंने कहा कि “आपके सपने के सच हो सकने के पहले आपको सपना देखना है”। डॉ कलाम के निधन से समाज को जो अपूरणीय क्षति हुई है उसे भर पाना नामुमकिन है, परन्तु उनके आदशों पर चलकर हम उन्हें सच्ची श्रद्धांजलि अवश्य दे सकते हैं। ऐसे युगपुरूष, महान वैज्ञानिक, दार्शनिक, कर्मयोगी और खुशहाल भारत के स्वप्नदृष्टा को हम शत शत नमन करते हैं।
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डॉ० ए० पी० जे० अब्दुल कलाम का जन्म 15 अक्तूबर 1931 में रामेश्वरम् में हुआ था। इनका परिवार बहुत साधारण था। इनकी आर्थिक स्थिति दयनीय थी। इनके पिता रामेश्वरम् और धनुषकोटि के बीच नाव चलाकर अपनी जीविका चलाते थे। अब्दुल कलाम स्वयं अखबार बांटकर अपने पिता और परिवार की आर्थिक सहायता करते थे। परन्तु कलाम में अद्भुत लग्न, परिश्रम-क्षमता और दृढ़ता इच्छाशक्ति शुरू से ही रही है। आपने मद्रास (चेन्नई) के टेक्नॉलाजी इंस्टीट्यूट से इंजिनियरिंग में डिप्लोमा प्राप्त किया और फिर साराभाई अंतरिक्ष अनुसंधान केन्द्र में सेवारत हो गये। आगे चलकर वे इसरो और परमाणु शक्ति अनुसंधान केन्द्र से जुड़कर निरन्तर प्रगति करते गये और इनकी गणना भारत के उच्चतम वैज्ञानिकों में होने लगी।
आज वे भारत के प्रथम नागरिक और ग्यारहवें राष्ट्रपति हैं। इस महान पद पर पहुंचने के लिए इन्होंने कठोर परिश्रम, तपस्या तथा त्याग किया। इनका पूरा नाम अबुल पाकिर जैनुलाब्दीन कलाम है। राष्ट्रपति बनने से पहले वे प्रधानमंत्री के प्रमुख वैज्ञानिक सलाहकार थे। डॉ. कलाम भारतीय मिसाइलों के जनक कहे जाते। हैं। मिसाइल मैन के रूप में आपने ‘‘अग्नि” तथा ‘पृथ्वी” जैसे प्रक्षेपास्त्रों के विकास में महत्त्वपूर्ण योगदान दिया है। हमारी सुरक्षा के लिए प्रक्षेपास्त्र बहुत आवश्यक हैं। इनके विकास ने भारत को एक विश्वशक्ति बना दिया है।
सन् 1998 में पोखरण में किए गये परमाणु परीक्षण की सफलता में डॉ. कलाम की बहुत महत्त्वपूर्ण भूमिका रही है। डॉ कलाम अविवाहित हैं और इन पर कुरान के अतिरिक्त भगवद् गीता का बहुत गहरा प्रभाव पड़ा है। ये सच्चे कर्मयोगी हैं। सादा जीवने और उच्च विचार में इनकी गहरी आस्था है। इन्हें कविता लिखने और वीणा बजाने का शौक है। कलाम चाहते हैं कि देश तेजी से विकास करे और आने वाले दशक में विश्व के विकसित देशों में गिना जाने लगे।
उन्हें भारत के युवावर्ग से बड़ी आशाएं हैं। सन् 1997 में इनकी बहुमूल्य राष्ट्रीय सेवाओं के लिए इनको देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘भारत रत्न’ से विभूषित किया गया। धर्म से मुसलमान होते हुए भी वह पूर्ण शाकाहारी हैं और धूम्रपान तक भी नहीं करते। सादगी, सदाचरण व उत्कृष्ट राष्ट्र भक्ति के एक श्रेष्ठ उदाहरण डॉ. कलाम का जीवन सर्वथा अनुकरणीय है। उनकी दृष्टि में राष्ट्र सर्वोपरि है। एक सुदृढ़, समृद्ध, पूर्णत: शिक्षित, शक्तिसम्पन्न और विकसित भारत का सपना वे यथाशीघ्र साकार करना चाहते हैं। उन्होंने अपनी सारी शक्ति, चेतना और बुद्धि इसी कार्य के लिए लगा रखी है। आपको बच्चों से बहुत प्यार है क्योंकि ये ही भविष्य के कर्णधार हैं।
APJ Abdul Kalam Essay in Hindi 500 Words
“मिसाइल मैन” के नाम से प्रसिद्ध भारत के बारहवें राष्ट्रपति डॉ. अबुल पाकीर जैनुलाबदीन अब्दुल कलाम (ए. पी. जे अब्दुल कलाम) थे।
तामिलनाडु के प्रसिद्ध धर्मस्थान रामेश्वर के धनुषकोटी गांव में माँ आशियम्मब, पिता जैनुलाबदीन के घर में इनका जन्म 15 अक्तूबर 1931 ई. को एक मुस्लिम परिवार में हुआ। पिता नौका बनाने का काम करते थे, आमदनी अधिक नहीं थी। बचपन से ही वह तीव्र बुद्धि के बालक थे। वह तीन किलोमीटर की दूरी से अख़बार के बंडल लाकर शहर में अख़बार बाँटते। अपनी मेहनत एवं लगन से स्कूल एवं कॉलेज की शिक्षा शानदार ढंग से प्राप्त की। मद्रास इंस्टीच्यूट ऑफ टैक्नालॉजी में एरोनोटिकल इंजीनिरिंग में दाखिला लेकर अपने सपनों को सच करने लगे। यहीं से उन्होंने एक रॉकेट इंजीनियर एयरोस्पेस इंजीनियर व तकनीक वैज्ञानिक की कुशलता प्राप्त की। बाद में उन्हें विज्ञान में सर्वोच्च उपाधि ‘डाक्टरेट’ मिली। राष्ट्रपति बनने से पूर्व कॉलेज में विज्ञान के शिक्षक रहे। बाद में वे कई उच्च सरकारी पदों पर कार्य करते रहे। उन्हें प्रधानमंत्री के सुरक्षा सलाहकार का पद भी प्रदान किया गया।
सन् 1963 में भारत के पहले राकेट-उड़ान व अन्य उड़ानों में इनके योगदान को देखते हुए, सन् 1975 में आप डी. आर. डी. ओ. के रॉकेट विशेषज्ञ बन गए। एस. एल. वी. की सफलता के बाद आप प्रधानमंत्री के विज्ञान और तकनीकी सलाहकार बन गए। उनकी सफलताओं में प्रमुख है-अग्नि, नाग, पृथ्वी, आकाश, त्रिशूल आदि शामिल शक्तिशाली मिसाइलों की सफलता ने तो आपको “मिसाइल मैन” बना दिया। सन् 1990 में आपको “पद्म विभूषण” से सम्मानित किया गया।
वह सादा जीवन, उच्च विचार की जीती-जागती मूर्ति थे। वे जब खाली होते थे तो कविताएँ लिखकर या वीणा बजाकर अपना मन बहलाते। “मेरा देश किसी भी देश से तकनीक न खरीदे, यही उनका उद्देश्य था।” उन्हीं के परिश्रम के कारण ही भारतीय सेना की गणना दुनिया की शक्तिशाली सेनाओं में होती है। विभिन्न सफलताओं के कारण उन्हें देश के सबसे बड़े नागरिक सम्मान ‘भारत-रत्न’ से 1997 में सम्मानित किया गया। नोबल पुरस्कार विजेता सर सी.वी. रमण के बाद सर्वोच्च सम्मान पाने वाले ये दूसरे वैज्ञानिक हैं। डॉ.कलाम के योगदान स्वरूप सन् 1998 में भारत ने परमाणु परीक्षण किया तो विश्व के विकसित राष्ट्रों की आँखें चुंधिया गई और भारत के गौरव के प्रति चकित हो गए।
“सपना वह नहीं है जो आपने नींद में देखा, सपना वह है जो आपको नींद ही न आने दे।”
मिसाइलों में प्रयोग की जाने वाली प्रमुख धातु कार्बन की खोज डॉ. कलाम ने की। उसी धातु का प्रयोग हैदराबाद के निज़ाम इंस्टीच्यूट ऑफ मैडिकल साइंस में अपंग बच्चों की छड़ी बनाने में हो रहा है जो अपंग बच्चों को तेज़ भागने में सहायक सिद्ध हुई है।
डॉ. अब्दुल कलाम ने अपनी मेहनत, लगन एवं इच्छा शक्ति से फर्श से अर्श तक जीवन की उड़ान भरी किन्तु अपनी सरलता, सादगी, संस्कार नहीं छोड़े। राष्ट्रीय वृक्ष बरगद की तरह अपनी संस्कृति से सदैव जुड़े रहे इसलिए इनका जीवन अनुकरण के योग्य है।
एक वैज्ञानिक हृदय में अध्यात्म, कवि हृदय संगीत-प्रियता सचमुच उन्हें महान व्यक्तित्व की गरिमा देती है। उनको अपने काम से इतना लगाव था कि निजी जीवन के विषय में उन्हें सोचने तक का समय नहीं मिला। इनका अविवाहित जीवन इसका प्रमाण है किन्तु कोमल मानवीय गुणों से भरपूर ये बच्चों से बहुत प्रेम करते थे। शिक्षक के तौर पर इनके ये वचन बहुत प्रेरणादायक हैं जो प्रत्येक छात्र को धारण करना चाहिए : “इंतजार करने वालों को सिर्फ उतना ही मिलता है, जितना कोशिश करने वाले छोड़ देते हैं।”
27 जुलाई 2015 की शाम मेघालय की राजधानी शिलांग में भारतीय प्रबन्ध संस्थान में भाषण दे रहे थे कि अचानक हृदयघात होने से देहान्त हो गया। इनका संस्कार 30 जुलाई 2015 को सैन्य सम्मान के साथ रामेश्वरम् नगर में किया गया।
हमें अपने पूर्व राष्ट्रपति, महान वैज्ञानिक “मिसाइल मैन” और डॉ. ऐ. पी. जे. अब्दुल कलाम पर गर्व है, वे हमेशा छात्रों को आगे बढ़ने की प्रेरणा देते थे। इसलिए वे भारत के “युवा प्रतिरूप” (Youth Icon) हैं। देश के युवा अगर उनके बताए गए मार्ग पर चलें, तो सन् 2025 तक भारत विकसित देश कहलाएगा, ऐसा हमें पूर्ण विश्वास है।
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APJ Abdul Kalam quotes in Hindi: एपीजे अब्दुल कलाम के प्रेरणात्मक अनमोल विचार जो करेंगे आपको मोटीवेट
- Updated on
- अक्टूबर 14, 2023
‘मिसाइल मैन’ के नाम से सुप्रसिद्ध भारत के एक महान वैज्ञानिक भारत रत्न डॉ ए.पी.जे. अब्दुल कलाम के बेहतरीन कामों से आज पूरी परिचित है। अब्दुल कलाम ने भारत को प्रगतिशील बनाने में सबसे अहम भूमिका निभाई थी। अब्दुल पाकिर जैनुल आबदीन अब्दुल कलाम का जन्म 15 अक्टूबर 1931 में तमिलनाडु के रामेश्वरम में हुआ था। बेहद गरीब परिवार से आने के बावजूद भी अब्दुल कलाम ने हालातों से लड़ते हुए अपनी पढ़ाई पूरी की और आगे चलकर एक महान वैज्ञानिक बनें। डॉक्टर कलाम ने ही देश को पहली बैलिस्टिक मिसाइल दी थी। टेक्नोलॉजी के क्षेत्र से जुड़ी कई अहम ज़िम्मेदारी उन्होंने सफलतापूर्वक निभाई। भारत के राष्ट्रपति रह चुके अब्दुल कलाम के विचारों से आप प्रेरणा ले सकते हैं, जो कि आपको APJ Abdul Kalam quotes in Hindi के माध्यम से पढ़ने को मिलेंगे।
This Blog Includes:
एपीजे अब्दुल कलाम के महान विचार, एपीजे अब्दुल कलाम के अनमोल विचार, एपीजे अब्दुल कलाम विचार, एपीजे अब्दुल कलाम के प्रेरणात्मक कोट्स.
APJ Abdul Kalam quotes in Hindi नीचे दिए गए हैं-
इससे पहले कि सपने सच हों आपको सपने देखने होंगे।
शिक्षण एक बहुत ही महान पेशा है जो किसी व्यक्ति के चरित्र, क्षमता, और भविष्य को आकार देता हैं। अगर लोग मुझे एक अच्छे शिक्षक के रूप में याद रखते हैं, तो मेरे लिए ये सबसे बड़ा सम्मान होगा।
अगर तुम सूरज की तरह चमकना चाहते हो तो पहले सूरज की तरह जलो।
विज्ञान मानवता के लिए एक खूबसूरत तोहफा है, हमें इसे बिगाड़ना नहीं चाहिए।
सपने वो नहीं है जो आप नींद में देखे, सपने वो है जो आपको नींद ही नहीं आने दे।
महान सपने देखने वालों के महान सपने हमेशा पूरे होते हैं।
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हमें हार नहीं माननी चाहिए और हमें समस्याओं को खुद को हराने नहीं देना चाहिए।
मैं इस बात को स्वीकार करने के लिए तैयार था कि मैं कुछ चीजें नहीं बदल सकता।
आइये हम अपने आज का बलिदान कर दें ताकि हमारे बच्चों का कल बेहतर हो सके।
अपने मिशन में कामयाब होने के लिए, आपको अपने लक्ष्य के प्रति एकचित्त निष्ठावान होना पड़ेगा।
10 Apj Abdul Kalam Thoughts In Hindi पूरे हुए तो चलिए आगे बढते हैं
इंसान को कठिनाइयों की आवश्यकता होती है, क्योंकि सफलता का आनंद उठाने के लिए ये ज़रूरी हैं।
छोटा लक्ष्य अपराध हैं; महान लक्ष्य होना चाहिए।
शिखर तक पहुँचने के लिए ताकत की जरूरत होती है, चाहे वो माउंट एवरेस्ट का शिखर हो या आपके पेशे का।
क्या हम यह नहीं जानते कि आत्म सम्मान, आत्मनिर्भरता के साथ आता है?
अंततः, वास्तविक अर्थों में शिक्षा सत्य की खोज है। यह ज्ञान और आत्मज्ञान से होकर गुजरने वाली एक अंतहीन यात्रा है।
तब तक लड़ना मत छोड़ो जब तक अपनी तय की हुई जगह पर ना पहुँच जाओ- यही, अद्वितीय हो तुम। ज़िन्दगी में एक लक्ष्य रखो, लगातार ज्ञानप्राप्त करो, कड़ी मेहनत करो, और महान जीवन को प्राप्त करने के लिए दृढ रहो।
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किसी भी मिशन की सफलता के लिए, रचनात्मक नेतृत्व आवश्यक हैं।
जो अपने दिल से काम नहीं कर सकते वे हासिल करते हैं, लेकिन बस खोखली चीजें, अधूरे मन से मिली सफलता अपने आस-पास कड़वाहट पैदा करती हैं।
एक छात्र का सबसे महत्त्वपूर्ण गुण यह है कि वह हमेशा अपने अध्यापक से सवाल पूछे।
जब तक भारत दुनिया के सामने खड़ा नहीं होता, कोई हमारी इज्जत नहीं करेगा। इस दुनिया में, डर की कोई जगह नहीं है। केवल ताकत ही ताकत का सम्मान करती हैं।
20 APJ Abdul Kalam Quotes in Hindi पूरे हुए तो चलिए आगे बढते हैं
इंतजार करने वाले को उतना ही मिलता हैं, जितना कोशिश करने वाले छोड़ देते हैं।
पक्षी अपने ही जीवन और प्रेरणा द्वारा संचालित होता है।
जीवन एक कठिन खेल हैं। आप एक व्यक्ति होने के अपने जन्मसिद्ध अधिकार को बनाये रखकर इसे जीत सकते हैं।
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महान शिक्षक ज्ञान, जूनून और करुणा से निर्मित होते हैं।
यदि हम स्वतंत्र नहीं हैं तो कोई भी हमारा आदर नहीं करेगा।
मेरे लिए, नकारात्मक अनुभव जैसी कोई चीज नहीं हैं।
राष्ट्र लोगों से मिलकर बनता है। और उनके प्रयास से, कोई राष्ट्र जो कुछ भी चाहता है उसे प्राप्त कर सकता हैं।
जिस दिन हमारे सिग्नेचर ऑटोग्राफ में बदल जायें, उस दिन मान लीजिये आप कामयाब हो गये।
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मेरा विचार है कि छोटी उम्र में आप अधिक आशावादी होते हैं, और आपमें कल्पनाशीलता भी अधिक होती है, इत्यादि। आप में पूर्वाग्रह भी कम होता हैं।
निपुणता एक सतत प्रक्रिया है कोई दुर्घटना नहीं।
30 APJ Abdul Kalam Quotes in Hindi पूरे हुए तो चलिए देखते है कुछ और quotes
हम केवल तभी याद किये जायेंगे जब हम हमारी युवा पीढ़ी को एक समृद्ध और सुरक्षित भारत दें, जो आर्थिक समृद्धि और सभ्यता की विरासत का परिणाम होगा।
एक लोकतंत्र में, देश की समग्र समृद्धि, शांति और ख़ुशी के लिए हर एक नागरिक की कुशलता, वैयक्तिकता और ख़ुशी आवश्यक हैं।
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विष्य में सफलता के लिए क्रिएटिविटी सबसे ज़रूरी है, और प्राइमरी एजुकेशन वो समय है जब टीचर्स उस स्तर पर बच्चों में क्रिएटिविटी ला सकते हैं।
कृत्रिम सुख की बजाए ठोस उपलब्धियों के पीछे समर्पित रहिये।
मनुष्य के लिए कठिनाइयाँ बहुत जरुरी हैं क्यूंकि उनके बिना सफलता का आनंद नहीं लिया जा सकता।
युवाओं को मेरा सन्देश है कि अलग तरीके से सोचें, कुछ नया करने का प्रयत्न करें, अपना रास्ता खुद बनायें, असंभव को हासिल करें।
आकाश की तरफ देखिये। हम अकेले नहीं हैं। सारा ब्रह्माण्ड हमारे लिए अनुकूल है और जो सपने देखते है और मेहनत करते है उन्हें प्रतिफल देने की साजिश करता हैं।
इग्नाइटेड माइंडस के खिलाफ कोई भी प्रतिबन्ध खड़ा नहीं हो सकता।
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अपने कार्य में सफल होने के लिए आपको एकाग्रचित होकर अपने लक्ष्य पर ध्यान लगाना होगा।
बारिश के दौरान सारे पक्षी आश्रय की तलाश करते है, लेकिन बाज बादलों के ऊपर उड़कर बादलों को ही अवॉयड कर देते हैं। समस्याए कॉमन है, लेकिन आपका एटीट्यूड इनमे डिफरेंस पैदा करता हैं।
40 APJ Abdul Kalam Quotes in Hindi पूरे हुए चलिए आगे बढते हैं
असली शिक्षा एक इंसान की गरिमा को बढ़ाती है और उसके स्वाभिमान में वृद्धि करती है। यदि हर इंसान द्वारा शिक्षा के वास्तविक अर्थ को समझ लिया जाता और उसे मानव गतिविधि के प्रत्येक क्षेत्र में आगे बढ़ाया जाता, तो ये दुनिया रहने के लिए कहीं अच्छी जगह होती।
आप अपना भविष्य नहीं बदल सकते, लेकिन अपनी आदतें बदल सकते हैं और निश्चित रूप से आपकी आदतें आपका भविष्य बदल देंगी।
चलिए मैं एक लीडर को परिभाषित करता हूँ। उसमे एक विजन और पैशन होना चाहिए और उसे किसी समस्या से डरना नहीं चाहिए बल्कि, उसे पता होना चाहिए कि इसे हराना कैसे हैं। सबसे ज़रूरी, उसे ईमानदारी के साथ काम करना चाहिए।
जहाँ हृदय में सच्चाई होती है वहां घर में सामंजस्य होता है; जब घर में सामंजस्य होता है, तब देश में एक व्यवस्था होती है; जब देश में व्यवस्था होती है तब दुनिया में शांति होती हैं।
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शिक्षाविदों को छात्रों के बीच जांच की भावना, रचनात्मकता, उद्यमशीलता और नैतिक नेतृत्व की क्षमता का निर्माण करना चाहिए और उनका रोल मॉडल बनना चाहिए।
यदि चार बातों का पालन किया जाए – एक महान लक्ष्य बनाया जाए, ज्ञान अर्जित किया जाए, कड़ी मेहनत की जाए, और दृढ रहा जाए – तो कुछ भी हासिल किया जा सकता हैं।
मुझे पूरा यकीन है कि जब तक किसी ने नाकामयाबी की कड़वी गोली न चखी हो, वो कायमाबी के लिए पर्याप्त महत्वाकांक्षा नहीं रख सकता।
भ्रष्टाचार जैसी बुराइयाँ कहाँ से पनपती हैं? ये कभी न ख़त्म होने वाले लालच से आती हैं। भ्रष्टाचार-मुक्त नैतिक समाज के लिए लड़ाई इस लालच के खिलाफ लड़ी जानी होगी और इसे “मैं क्या दे सकता हूँ” की भावना से बदलना होगा।
मेरा संदेश, विशेष रूप से युवाओं के लिए है, कि वे अलग सोचने का साहस रखें, आविष्कार करने का साहस रखें, अनदेखे रास्तों पर चलने का साहस रखें, असंभव को खोजने और समस्याओं पर जीत हासिल करके सफल होने का साहस रखें। ये महान गुण हैं जिनके लिए उन्हें ज़रूर काम करना चाहिए। युवाओं के लिए ये मेरा सन्देश हैं।
जब हम बाधाओं का सामना करते हैं, हम अपने साहस और फिर से खड़े होने की ताकत के छिपे हुए भण्डार को खोज पाते हैं, जिनका हमें पता नहीं होता कि वे हैं। और केवल तब जब हम असफल होते हैं, एहसास होता है कि संसाधन हमेशा से हमारे पास थे। हमें केवल उन्हें खोजने और अपनी जीवन में आगे बढ़ाने की ज़रूरत होती हैं।
APJ Abdul Kalam quotes in Hindi के प्रेरणात्मक कोट्स नीचे दिए गए हैं-
- अगर हमें अपने सफलता के रास्ते पर निराशा हाथ लगती है इसका मतलब यह नहीं है कि हम कोशिश करना छोड़ दें क्योंकि हर निराशा और असफलता के पीछे ही सफलता छिपी होती है।
- एक महान शिक्षक बनने के लिए तीन बातें सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण होती हैं – ज्ञान, जुनून और करुणा।
- युवाओं को मेरा संदेश है कि कुछ अलग तरीके से सोचें, कुछ नया करने का प्रयत्न करें, हमेशा अपना रास्ता खुद बनाएं और असंभव को हासिल करें।
- असली शिक्षा एक इंसान की गरिमा को बढ़ा देती है और उसके स्वाभिमान में वृद्धि करती है। यदि हर इंसान द्वारा शिक्षा के वास्तविक अर्थ को समझ लिया जाता और उस शिक्षा को मानव गतिविधि के प्रत्येक क्षेत्र में आगे बढ़ाया जाता तो यह दुनिया रहने लिए कहीं ज्यादा अच्छी जगह होती।
- “आत्मविश्वास और कड़ी मेहनत, असफलता नामक बीमारी को मारने के लिए सबसे बढ़िया दवाई है।”
- “सीखने से रचनात्मकता आती है, रचनात्मकता हमें सोचने की तरफ बढ़ाती है, सोचने से ज्ञान मिलता है, ज्ञान आप को महान बना देता है। “
- एक समझदार बुजुर्ग की मौत का मतलब होता है एक बहुत बड़ी लाइब्ररी का जलकर राख होना।”
- “बिका हुआ पत्रकार डरा हुआ विपक्ष और मुर्दा आवाम तीनों लोकतन्त्र के लिए घातक है”
- जिस दिन हमारे सिग्नेचर, ऑटोग्राफ में बदल जाए उस दिन मान लीजिए कि आप कामयाब हो गए हैं।
- आपका दिमाग ही आपकी सबसे बड़ी समस्या है, ये उन वजहों को पकड़ पकड़ कर लाता है जो बेवजह हैं।
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भारत के पूर्व राष्ट्रपति डॉ एपीजे अब्दुल कलाम का नाम अवुल पकिर जैनुलाब्दीन अब्दुल कलाम है।
एपीजे अब्दुल कलाम भारत के 11वें राष्ट्रपति हैं।
एपीजे अब्दुल कलाम भारत के राष्ट्रपति 25 जुलाई 2002-25 जुलाई 2007 तक थे।
अब्दुल कलाम की मृत्यु 27 जुलाई, 2015 शिलांग में हुई थी।
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