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Short Essay on Rice

चावल का पौधा एक प्रकार की घास है, जो नम मिट्टी और कम भूमि में सबसे अच्छी तरह से उगती है जो विशेष मौसम में बाढ़ आती है। यह भारत, चीन और जापान में बहुतायत में उगाया जाता है जहाँ इसका उपयोग भोजन के मुख्य लेख के रूप में किया जाता है। इंग्लैंड में इसका उपयोग हलवा बनाने और साबुन को गाढ़ा करने के लिए किया जाता है।

वृद्धि के चरण: पौधे के विकास में कई चरण होते हैं, जिनमें से प्रत्येक किसान को पूरी तरह से जोड़े रखता है।

पहले चरण में, जमीन को कई बार जोता और पानी पिलाया जाता है। इसके बाद जमीन पर बीज बोए जाते हैं, जो दो या तीन दिनों में अंकुरित हो जाते हैं। फिर उन्हें मिट्टी में स्थानांतरित कर दिया जाता है, जिसे उनके विकास के लिए तैयार किया गया है। जब पौधे एक निश्चित ऊंचाई तक बढ़ते हैं, तो खरपतवार और अन्य अप्रिय पौधों को उनके स्थान से हटा दिया जाना चाहिए। अगले चरण के आने तक, कृषक को विशेष रूप से इस पर ध्यान देना होता है।

दूसरे चरण में, जो इसकी कटाई का समय होता है, चावल के पौधों को काटा जाता है और ढेरों में बांध दिया जाता है। फिर उन्हें गाड़ियों में ले जाया जाता है और ढेर में रखा जाता है, जो कभी-कभी बहुत ऊंचाई तक बढ़ जाता है। फिर उन्हें या तो पीटकर या मवेशियों द्वारा उन पर लादकर स्टॉक से अलग कर दिया जाता है।

तीसरे चरण में, अनाज को भूसी और भोजन के लिए तैयार किया जाता है, लेकिन ऐसा करने से पहले, अनाज को कुछ समय के लिए नम रखा जाता है, फिर उबालकर धूप में सुखाया जाता है। चपटे पत्थरों के बीच दानों को रगड़ने से भूसी निकल जाती है। फिर चने को अच्छी तरह उबालकर भोजन के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है।

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Home » Do You Know » चावल की जानकारी, प्रकार व फायदे Information About Rice In Hindi

चावल की जानकारी, प्रकार व फायदे Information About Rice In Hindi

चावल की जानकारी, प्रकार व फायदे Information About Rice In Hindi – विश्व में चावल (Rice) का उपयोग खाने में सदियों से होता रहा है। विश्वभर में चावल की खेती बहुतायत से की जाती है। चावल अनाज है जिसे धान भी कहते है। चावल खाने के फायदे (Rice Benefits In Hindi), नुकसान, प्रकार व जानकारी पोस्ट में आगे दी गई है।

चावल की जानकारी Information About Rice In Hindi

1. चावल को अंग्रेजी में “Rice” कहते है। तमिल भाषा में चावल को अरिसी कहते है। उड़िया में चावल को चाऊल, तेलुगु में वडुलु, मराठी में तांदुल कहते है।

2. चावल के पौधे की ऊंचाई बहुत कम होती है। इसे धान का पौधा भी कहते है। इस पौधे के बीज से ही प्रोसेस करके चावल निकाला जाता है। बीज का ऊपरी छिलका हटाकर इसे चमकाते है। चावल की तासीर ठंडी प्रकृति की होती है।

3. चावल की खेती करने के लिए पानी की अत्यधिक आवश्यकता रहती है। करीब 1 किलो चावल की पैदावार के लिए 2 हजार लीटर पानी चाहिए। चावल की खेती ऐसी जगह पर की जाती है जो पानी से भरी हो। चावल का पौधा पानी में ही रोपा जाता है।

4. चावल के पोषक तत्व

चावल में कई पोषक तत्व पाये जाते है। इस खाद्य पदार्थ में विटामिन भरपूर मात्रा में होते है। चावल में विटामिन B कॉम्प्लेक्स पाया जाता है। विटामिन के अलावा कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन भी अच्छी खासी मात्रा में पाये जाते है। इसमें फास्फोरस, कैल्शियम, मैगनीज, मैग्नीशियम इत्यादि कई मिनरल्स होते है। चावल आयरन का भी रिच सोर्स है। इस खाद्य प्रदार्थ में फाइबर भी प्रचुर होता है।

5. चावल को पकाकर भात बनाई जाती है। भात भारत में खानपान का मुख्य व्यंजन है। शादी समारोह हो या फिर घर में सामान्य खाना बनाना हो, भात मुख्य व्यंजन होता है। खासकर दक्षिण भारत, बंगाल में चावल की भात सर्वोधिक पसंद की जाती है। भात को मांस, दाल, सब्जी, दही या मछली के साथ खाया जाता है।

6. चावल से खिचड़ी भी बनती है। खिचड़ी स्वास्थ्यवर्धक व्यंजन है। चावल की बिरयानी भी काफी प्रसिद्ध है। इससे खीर भी बनाई जाती है।

7. भारत के लगभग प्रत्येक राज्य में चावल की भात मशहूर है। दक्षिण भारत, उड़ीसा, असम, बंगाल, बिहार जैसे इलाके चावल की दृष्टि से प्रसिद्ध है। इन राज्यों में चावल अत्यधिक खाया जाता है।

8. चावल की हजारों किस्में है जो प्रसिद्ध है। बासमती चावल किस्म विश्वभर में फेमस है। यह चावल लम्बा और खुशबूदार होता है। यह चावल की सबसे उन्नत किस्मों में से एक है।

9. धान की खेती विश्व में मक्का अनाज के बाद सर्वोधिक होती है। एशिया महाद्वीप धान का सबसे बड़ा उत्पादक है।

चावल के प्रकार Types Of Rice In Hindi

चावल सफेद, पिला, भूरा, लाल इत्यादि रंगों में मिलता है।

  • सफेद चावल में कैलोरी ज्यादा होती है। यह चावल ज्यादा चमकदार होता है। कम समय में ही सफेद चावल बनकर तैयार हो जाता है।
  • भूरे चावल सबसे ज्यादा लाभदायक होते है। इस प्रकार के चावल में फाइबर अधिक होता है।
  • सफेद और भूरे चावल के अलावा लाल चावल भी होते है। इस चावल में आयरन अधिक मात्रा में होता है।
  • उसना भी चावल का एक खास प्रकार है। इस प्रकार के चावल में पोषक तत्व भी भरपूर होते है।
  • चावल काले रंग के भी होते है। यह सबसे अधिक फायदेमंद किस्म है। इस चावल में अधिक फाइबर, कम फैट होता है।

भारत चावल उत्पादन की दृष्टि से नम्बर 2 पर है। सबसे ज्यादा चावल का उत्पादन चीन में होता है। इंडोनेशिया भी चावल का एक बड़ा उत्पादक देश है। भारत में सबसे अधिक चावल उत्पादन पश्चिम बंगाल में होता है। निर्यात के मामले में भी भारत सबसे आगे है।

चावल खाने के फायदे Chawal Khane Ke Fayde Hindi Mein

1. चावल में फाइबर की मात्रा अधिक होने से पेट साफ जल्दी होता है। कब्ज जैसी पेट की समस्या से निजात मिलती है। चावल पचने में भी आसान होते है।

2. चावल खाने से ऊर्जा तुरन्त मिलती है। शरीर में स्फूर्ति रहती है क्यूंकि चावल में कार्बोहाइड्रेट ज्यादा होता है।

3. वैसे तो चावल खाने से वजन बढ़ता है लेकिन भूरे रंग के चावल खाने से वजन कम हो सकता है। इसका कारण भूरे चावल में फाइबर अधिक होना है।

4. ब्राउन राइस खाने से शरीर में कोलेस्ट्रॉल की मात्रा संतुलित रहती है। इस कारण दिल सबंधी बीमारियां दूर रहती है। चावल खाने से हाई ब्लड प्रेशर से निजात मिलती है।

5. लाल चावल खाने से खून की कमी दूर होती है। इसमें आयरन अधिक मात्रा में होता है जिससे शरीर में खून की मात्रा बढ़ती है।

6. चावल को पकाने के बाद मांड निकलता है। इसका उपयोग दस्त को सही करने में किया जाता है। दही मिलाकर चावल खाने से भी दस्त में आराम मिलता है।

7. चावल खाने से पेट के कीड़े भी मरते है। चावल को रात के समय भूनकर पानी में भिगो दें। सुबह पानी को छानकर पीने से पेट के कीड़े मर जाते है।

चावल खाने के नुकसान Rice Information In Hindi

1. अधिक मात्रा में चावल खाने से अपच या गैस की समस्या हो सकती है। जिन लोगो को मधुमेह की समस्या है, उन्हें चावल खाने से परहेज करना चाहिए। अस्थमा रोगियों को भी चावल का परहेज जरूरी है।

2. कई लोगो का मानसिक डर होता है कि चावल अधिक खाएंगे तो वजन बढ़ जाएगा। इसका मुख्य कारण चावल में कैलोरी की मात्रा अधिक होना है।

3. अगर किसी व्यक्ति को गम्भीर बीमारी है तो बिना डॉक्टर की सलाह के चावल का सेवन ना करे। डॉक्टर के परामर्श से ही चावल का सेवन करना बेहतर है। चावल का सेवन करना फायदेमंद है लेकिन अत्यधिक खाने से पेट में समस्या हो सकती है।

अन्य उपयोगी पोस्ट्स –

  • टमाटर खाने के फायदे और जानकारी
  • लहसुन की जानकारी
  • प्याज के फायदे और जानकारी

Note – इस पोस्ट Information About Rice In Hindi में चावल की जानकारी, चावल के प्रकार व चावल खाने के फायदे (Chawal Khane Ke Fayde Hindi Mein) दिए गये है। यह पोस्ट “Rice Information In Hindi” अच्छी लगी हो तो इसे शेयर भी करे।

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Home > चावल की जानकारी, प्रकार, फायदे, किस्में | Rice Types & benefits

चावल की जानकारी, प्रकार, फायदे, किस्में | Rice Types & benefits

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चावल पूरे विश्व में 2nd नंबर पर सबसे ज्यादा उगाये जाने वाला अन्न है। दुनिया का करीब 20 % चावल भारत में उगाया जाता है। दुनिया भर में Rice की 40,000 से भी ज्यादा किस्में पाई जाती हैं। विश्व स्तर पर पहले स्थान पर China और India दूसरे नंबर पर सबसे ज्यादा चावल (Rice) का उत्पादन करता है ।

Table of Contents

चावल के प्रकार और चावल खाने के फायदे | Types of Rice

उत्तर भारत में चावल खाने का आवश्यक अंग है तो South India में यह मुख्य भोजन के रूप में प्रयोग होता है। संस्कृत भाषा में कच्चे चावल को तंडुल और पके चावल को ओदन कहा जाता है। चावल के प्रकार और चावल खाने के फायदे जानिए इस पोस्ट में ।

1) सफ़ेद चावल के फायदे | White Rice benefits

सफेद चावल खाने से डायरिया, पेचिश, कोलाइटिस जैसे पेट के रोगों में भी आराम पहुंचता है । सफेद चावल भारत में सबसे ज्यादा खाया जाता है। सफेद चावल चावल बनने में समय कम लेता है और आसानी से पच भी जाता है।

2) ब्राउन राइस के फायदे | Brown Rice benefits

ब्राउन राइस में ज्यादा फाइबर, ज्यादा प्रोटीन और पोषक तत्व पाए जाते हैं जोकि सेहत सही रखते हैं।  ब्राउन राइस में कम स्टार्च (Low Starch) और कम कैलोरी होती हैं। वजन कम करने में ब्राउन राइस खाना लाभदायक है क्योंकि ये Low-carb, Low-calorie और High nutrients युक्त होता है। ब्राउन चावल में पाए जाने वाला प्राकृतिक तेल शरीर में बढे कोलेस्ट्रॉल को भी कम करने में सहायक है । ब्राउन राइस कई फायदेमंद गुणों से युक्त है तभी तो आजकल यह काफी ज्यादा उपयोग किया जा रहा है।

3) तिन्नी का चावल के फायदे या लाल चावल के फायदे | Tinni ke Chawal

तिन्नी चावल खाने से शरीर में इन्सुलिन और ब्लड शुगर संतुलित रहता है। तिन्नी चावल का लाल रंग इसमें पाए जाने वाले भरपूर लौह तत्व की वजह से होता है। तिन्नी चावल या लाल चावल में पाए जाने वाला विटामिन B6 लाल रक्त कणिकाओं को बनाने और सेरोटोनिन निर्माण को संतुलित करने में सहायक है.

4) सेला चावल के फायदे या उसना चावल खाने के फायदे | Usna Rice or Sella Rice meaning

धान को कूटने से पहले हल्का सा उबाल कर सेला चावल या भुजिया चावल बनाये जाते हैं। उसना चावल, भुजिया चावल या पक्का चावल Diabetes (मधुमेह ) के रोगियों के लिए लाभदायक होता है। भुजिया चावल खाने से कैल्शियम, मैगनिशियम, आयरन, पोटैशियम जैसे पोषक तत्व मिलते हैं।

5) सबसे अच्छा चावल – बासमती चावल के फायदे | Basmati Rice benefits

महकने वाले बासमती चावल की खेती मुख्यतः भारत और पाकिस्तान में की जाती है। बासमती चावल लम्बे, लाजवाब खुशबु वाले और पकने पर खिले-खिले से बनते हैं । America में भी बासमती की कुछ किस्में उगाई जाती है पर वह भारतीय बासमती चावल के सामने कहीं नहीं ठहरती।

– भारत में बासमती चावल की खेती का 60 % से ज्यादा हरियाणा में पैदा होता है। हरियाणा के ‘करनाल’ जिले में भारत का सबसे बढ़िया किस्म का बासमती चावल पैदा किया जाता है.

Bhartiya Chawal ki kismein

– बासमती चावल (Basmati Rice) की खास खुशबु की वजह अरोमा कंपाउंड 2-एसीटिल -1-पायरोलिन तत्व की वजह से होती है। यह केमिकल प्राकृतिक रूप से बासमती चावल में बाकि चावलों की तुलना में 12 गुना ज्यादा पाया जाता है, जोकि बासमती चावल को खास भीनी खुशबु और स्वाद देता है ।

महकने वाले चावल (Aroma Rice in hindi) : दुनिया भर में बासमती चावल (Basmati Rice) और चमेली चावल, महकने वाले चावल की किस्म में सबसे ज्यादा मशहूर है.

चमेली चावल (Jasmine Rice in hindi) : मुख्यतः थाईलैंड में उगाया जाता है. ये चावल लम्बे, खुशबूदार और पकाने के बाद कुछ चिपचिपे होते हैं. चमेली चावल की लम्बाई बासमती चावल से कम होती है और यह बासमती चावल से थोड़े मोटे होते हैं.

धान से ब्राउन राइस कैसे बनता है | Brown Rice

सफ़ेद चावल और ब्राउन राइस एक ही चावल के दो प्रकार है। खेत से काटकर लाए गए धान को कूटने से उसका ऊपरी छिलका निकल जाता है। इससे जो चावल निकलता है, उसका रंग सफेद और चमकदार नहीं होता है बल्कि हल्का भूरा सा रंग लिए हुए होता है। चावल का यह रंग चावल में मिले फाइबर और पोषक तत्वों की परत की वजह से होता है ।

अब पता नहीं कैसे यह फैशन बन गया कि चावल मोतियों जैसे चमकदार दिखें चाहे भले ही उसके पोषक तत्व चले जाएँ. इस लिए ब्राउन राइस की कुटाई, घिसाई और पोलिशिंग की जाने लगी जिससे सफ़ेद, चमकदार चावल आने लगे जोकि ज्यादातर बाजार में मिलते हैं। 

Rice benefits in hindi

हाल के कुछ वर्षों में लोगों में ब्राउन राइस के फ़ायदों पर ध्यान दिया है, जिससे ब्राउन राइस खूब बिकने लगा है। असल में सफ़ेद चावल में ब्राउन राइस की तुलना में काफी कम पोषक तत्व पाए जाते हैं। सफेद चावल में पोषक तत्व कम और कार्बोहाइड्रेट ही सबसे ज्यादा होता है। फाइबर युक्त होने की वजह से ब्राउन राइस कोलेस्टेरॉल कम करने में फायदेमंद देखा गया है।

चावल खाने से क्या होता है, चावल के पोषक तत्व | Nutritional value of Rice

चावल खाने से शरीर को कुछ खास तरह के विटामिन, पोषक तत्व मिलते हैं जोकि इस प्रकार हैं।

Methionine : यह एक एमिनो एसिड है जिसमे सल्फर होता है। यह फ्री-रेडिकल्स की वजह से स्किन पर होने वाले नुक्सान को रोकता है। चावल खाना लीवर को डेटोक्स करता है और उम्र बढ़ने की प्रक्रिया को धीमा करता है। यह बालों और स्किन को बेहतर बनाता है, बाल कम सफ़ेद होते हैं और स्किन पर महीन लकीरें भी कम बनती हैं। 

Vitamin A1 : ये विटामिन नर्वस सिस्टम, हार्ट के लिए अच्छा है और जलन, सूजन कम करता है। चावल विटामिन B3 का भी अच्छा स्रोत है। चावल बनाने से पहले कुछ देर भिगो कर रखने से यह फायदे बढ़ जाते हैं। 

RS (Resistance Starch) : चावल खाने के बाद इस तत्व का बड़ी आंत में किण्वन (Fermentation) होता है।  इससे कैंसर से बचाव होता है, लिपिड प्रोफाइल बढ़ता है और बुरे बैक्टीरिया की बढ़त रूकती है। 

Duniya ka sabse mehnga chawal

FAQ –

A: राइस (Rice) कहते हैं।

A: फूड पॉइज़निंग, पेट दर्द, डायरिया, विटामिन की कमी, खून की कमी, पीरियड संबंधी रोग हो सकते हैं।

A: कार्बोहाईड्रेट, प्रोटीन, आयरन, फॉलिक ऐसिड, विटामिन बी, जिंक, मैंगनीज, सेलेनियम, फॉस्फोरस आदि।

A: राइस फ्लोर (Rice Flour) कहते हैं।

A: डोसा, इडली, मोदक, फिरनी, चकली, इडियप्पम, फरा, भाकरी, चकली, पापड़ आदि।

A: आंध्र प्रदेश

दुनिया का सबसे महंगा चावल कौन सा है 

सबसे महंगा चावल जापान का Kinmemai Premium Rice है। इसे उगाने वाली कंपनी का नाम Toyo Rice corporation है। 30 जून 2016 को यह चावल 109 Dollar/Kg (करीब 8000 रुपये प्रति किलो) में Tokyo Rice Corporation द्वारा बेचा गया ।

ये चावल ऑनलाइन बेचा जाता है। इस चावल के 1 पैक में 6 गोल्डन अवार्ड विजेता चावल के पैक हैं। अपनी इस भारी कीमत की वजह से किनमेमाई प्रीमियम  दुनिया का सबसे महंगा चावल Guinness book of World Records में भी शामिल हुआ है ।

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source : https://www.wellcurve.in/blog/different-types-of-rice/, https://www.bbcgoodfood.com/howto/guide/top-5-health-benefits-of-rice

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कृषि पर निबंध – Essay on Agriculture in Hindi

Essay on Agriculture in Hindi

Essay on Agriculture in Hindi :   इस लेख में 3 अलग-अलग प्रकार के कृषि पर निबंध लिखे गए हैं। यह निबंध हिंदी भाषा में लिखा गया है और शब्द गणना के अनुसार व्यवस्थित किया गया है। आप नीचे दिए गए पैराग्राफ में 100 शब्दों, 200 शब्दों, 400 शब्दों, 500 और 1000 शब्दों तक के निबंध प्राप्त कर सकते हैं।

हमने अपने कृषि पर निबंध   के बारे में बहुत सी बातें तैयार की हैं। यह कक्षा 1, 2,3,4,5,6,7,8,9 से 10वीं तक के बच्चों को कृषि पर निबंध  लिखने में मददगार होगा।

कृषि पर निबंध (100 शब्द) – Essay on Agriculture in Hindi In 100 Words

यह कृषि मानव सभ्यता की रीढ़ है, जो हमें जीविका के लिए आवश्यक भोजन और संसाधन प्रदान करती है। इसमें फसलों की खेती, पशुधन पालन और अन्य कृषि पद्धतियां शामिल हैं। बढ़ती आबादी को खिलाने और खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने में कृषि महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। यह आर्थिक विकास, रोजगार सृजन और ग्रामीण आजीविका में भी योगदान देता है। प्रौद्योगिकी और कृषि तकनीकों में प्रगति के साथ, कृषि अधिक कुशल और टिकाऊ हो गई है। हालाँकि, जलवायु परिवर्तन, सीमित संसाधन और जिम्मेदार प्रथाओं की आवश्यकता जैसी चुनौतियाँ बनी हुई हैं। कृषि की दीर्घकालिक व्यवहार्यता सुनिश्चित करने और भविष्य की खाद्य मांगों को पूरा करने के लिए सतत और अभिनव दृष्टिकोण आवश्यक हैं।

कृषि पर निबंध (300 शब्द) – Essay on Agriculture in Hindi In 300 Words

कृषि मानव सभ्यता की रीढ़ है, हमारी खाद्य आपूर्ति की नींव और आर्थिक विकास के पीछे प्रेरक शक्ति के रूप में कार्य करती है। इसमें भोजन, फाइबर और ईंधन की बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए फसल की खेती, पशुधन पालन और जलीय कृषि सहित विभिन्न प्रथाओं को शामिल किया गया है।

कृषि के महत्वपूर्ण योगदानों में से एक खाद्य सुरक्षा है। लगातार बढ़ती वैश्विक आबादी को खिलाने के लिए किसान फसलों का उत्पादन करने और पशुओं को पालने के लिए अथक परिश्रम करते हैं। विविध फसलों की खेती और आधुनिक कृषि तकनीकों के कार्यान्वयन के माध्यम से, कृषि एक स्थिर और पर्याप्त खाद्य आपूर्ति सुनिश्चित करती है।

इसके अलावा, कृषि आर्थिक विकास और ग्रामीण विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। यह रोजगार के अवसर प्रदान करता है, विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों में, जहां आबादी का एक महत्वपूर्ण हिस्सा अपनी आजीविका के लिए कृषि गतिविधियों पर निर्भर करता है। इसके अतिरिक्त, कृषि व्यापार और निर्यात के माध्यम से राष्ट्रीय अर्थव्यवस्थाओं में योगदान करती है, आर्थिक विकास को प्रोत्साहित करती है और गरीबी को कम करती है।

कृषि समाज में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है, खाद्य सुरक्षा, आर्थिक विकास और सतत विकास प्रदान करती है। चुनौतियों पर काबू पाने और कृषि की दीर्घकालिक व्यवहार्यता सुनिश्चित करने के लिए नवीन और टिकाऊ प्रथाओं को अपनाना आवश्यक है। कृषि क्षेत्र में समर्थन और निवेश करके, हम समग्र रूप से ग्रामीण समुदायों और वैश्विक आबादी दोनों के लिए एक समृद्ध भविष्य सुरक्षित कर सकते हैं।

Essay on Agriculture in Hindi

कृषि पर निबंध (1000 शब्द) – Essay on Agriculture in Hindi In 1000 Words

कृषि भारतीय अर्थव्यवस्था के प्रमुख क्षेत्रों में से एक है। यह हजारों वर्षों से देश में है। यह पिछले कुछ वर्षों में विकसित हुआ है, और नई तकनीकों और उपकरणों के उपयोग ने लगभग सभी पारंपरिक खेती के तरीकों को बदल दिया है।

साथ ही, भारत में, कुछ छोटे किसान अभी भी पुरानी पारंपरिक खेती के तरीकों का उपयोग करते हैं क्योंकि उनके पास आधुनिक तकनीकों का उपयोग करने के लिए संसाधन नहीं हैं। इसके अलावा, यह एकमात्र ऐसा क्षेत्र है जिसने न केवल इसके विकास में बल्कि देश के बाकी हिस्सों में भी योगदान दिया है।

भारतीय कृषि क्षेत्र का विकास

भारत कृषि पर बहुत निर्भर है। इसके अलावा, कृषि भारत में आजीविका का साधन नहीं बल्कि जीवन का एक तरीका है। साथ ही, सरकार इस क्षेत्र को विकसित करने के लिए लगातार प्रयास कर रही है क्योंकि पूरा देश भोजन के लिए कृषि पर निर्भर है।

हजारों सालों से हम कृषि का अभ्यास कर रहे हैं, लेकिन अभी भी, यह लंबे समय तक विकसित नहीं हुआ है। साथ ही आजादी के बाद हम अपनी मांग को पूरा करने के लिए दूसरे देशों से अनाज का आयात करते हैं। लेकिन, हरित क्रांति के बाद, हम आत्मनिर्भर हो गए और अपने अधिशेष को दूसरे देशों में निर्यात करना शुरू कर दिया।

साथ ही, पहले की तरह, हम खाद्यान्न की खेती के लिए लगभग पूरी तरह से मानसून पर निर्भर हैं, लेकिन अब हमने बांध, नहरें, नलकूप और पंप-सेट बनाए हैं। इसके अलावा, अब हमारे पास अच्छे उर्वरक, कीटनाशक और बीज हैं जो हमें पहले की तुलना में अधिक भोजन उगाने में मदद करते हैं।

जैसे-जैसे तकनीक विकसित होती है, हम प्राप्त करते हैं –

1)बेहतर उपकरण, 2)बेहतर सिंचाई सुविधाएं और 3)विशिष्ट कृषि तकनीकों में सुधार होने लगा है।

साथ ही, हमारा कृषि क्षेत्र कई देशों की तुलना में मजबूत हुआ है, और हम कई खाद्यान्नों के सबसे बड़े निर्यातक हैं।

स्वतंत्रता के बाद भारतीय कृषि का इतिहास

स्वतंत्रता के बाद, भारतीयों ने खाद्य सुरक्षा कार्यक्रमों में अत्यधिक प्रगति की। भारतीयों की जनसंख्या तीन गुना हो गई है, और इसलिए खाद्यान्न उत्पादन भी हो गया है। 1960 से पहले घरेलू जरूरतों को पूरा करने के लिए भारतीयों को आयात पर निर्भर रहना पड़ता था।

हालाँकि, 1965 और 1966 में भयंकर सूखे के बाद, भारत अपनी कृषि नीति में सुधार के लिए आश्वस्त था, जिसने भारत को हरित क्रांति में प्रवेश कराया। हरित क्रांति ने पंजाब को देश की रोटी की टोकरी बना दिया। प्रारंभ में, उत्तर प्रदेश, हरियाणा और पंजाब जैसे राज्यों ने उत्पादन में वृद्धि देखी क्योंकि कार्यक्रम राज्यों के सिंचित क्षेत्रों पर केंद्रित था। सरकारी अधिकारियों और किसानों ने मिलकर काम किया और उत्पादकता और ज्ञान के हस्तांतरण पर ध्यान केंद्रित किया।

हरित क्रांति कार्यक्रम उत्पादन में वृद्धि करता है, जिससे भारत आत्मनिर्भर बना। 2000 तक भारतीय किसानों ने ऐसी किस्में अपनाईं जिनसे प्रति हेक्टेयर छह टन गेहूं का उत्पादन होता था। बांध बनाए गए थे और सिंचाई परियोजनाओं के विकास के लिए उपयोग किए जाते हैं, जिसने स्वच्छ पेयजल का स्रोत भी प्रदान किया है।

गन्ना और चावल जैसी फसलों के लिए सरकार द्वारा दी गई न्यूनतम समर्थन मूल्य की गारंटी ने भूजल खनन को बढ़ावा दिया है, जिससे भूजल की कमी हुई है।

भारत में कृषि का महत्व

यह कहना अनुचित नहीं है कि हम जो भोजन करते हैं वह कृषि गतिविधि का उपहार है और यह भारतीय किसान ही हैं जो हमें यह भोजन प्रदान करने के लिए पसीना बहाते हैं।

1)देश के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) और राष्ट्रीय आय में कृषि का महत्वपूर्ण योगदान है। 2)इसके लिए एक बड़े कार्यबल और कार्यबल की आवश्यकता होती है, जो सभी कर्मचारियों का 80% है। कृषि क्षेत्र न केवल प्रत्यक्ष बल्कि अप्रत्यक्ष रूप से कर्मचारी भी है। 3)हमारे सभी निर्यात का 70% कृषि है। 4)प्राथमिक निर्यात वस्तुएं चाय, कपास, कपड़ा, तम्बाकू, चीनी, जूट उत्पाद, मसाले, चावल और कई अन्य सामान हैं।

कृषि के प्रतिकूल प्रभाव

1. जलवायु परिवर्तन और ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन.

कई प्राकृतिक और मानव निर्मित प्रणालियाँ वैश्विक ऊर्जा संतुलन और पृथ्वी के वातावरण में परिवर्तन को प्रभावित करती हैं। ग्रीनहाउस गैसें ऐसा ही एक तरीका है। ग्रीनहाउस गैसें पृथ्वी की सतह से निकलने वाली कुछ ऊर्जा को अवशोषित और छोड़ती हैं, जिससे निचले वातावरण में गर्मी बनी रहती है।

2. वनों की कटाई

वनोन्मूलन का अर्थ है कि वृक्षों को उनके लिए स्थान उपलब्ध कराने के लिए स्थायी रूप से वन से हटा दिया जाता है। इसमें कृषि या चराई के लिए भूमि की सफाई या ईंधन, निर्माण या निर्माण के लिए लकड़ी का उपयोग शामिल हो सकता है।

3. जेनेटिक इंजीनियरिंग

जेनेटिक इंजीनियरिंग के उपयोग और आनुवंशिक रूप से संशोधित फसलों की अवधारणा ने कृषि जगत को कई लाभ पहुँचाए हैं। फसलों को रोगों और कीटों के प्रति प्रतिरोधी बनाकर, रोगों और कीटों से निपटने के लिए कम रासायनिक कीटनाशकों का उपयोग करने की आवश्यकता होती है।

4. मीठे पानी की आपूर्ति और सिंचित पानी

सिंचाई के लिए पानी के सबसे लगातार स्रोत नदियाँ, जलाशय और झीलें और भूजल हैं। सिंचाई की आवश्यकता वाले अंतराल पर पौधों को नियंत्रित पानी का उपयोग कृषि फसलों को बढ़ाने, भूस्खलन, शुष्क क्षेत्रों में अशांत मिट्टी के वनों की कटाई और औसत वर्षा के दौरान कम वर्षा में मदद करता है।

5. प्रदूषण और संदूषण

प्रदूषण का मतलब है कि पदार्थ पृष्ठभूमि से ऊपर या केंद्रित नहीं होना चाहिए। प्रदूषण आवासों पर प्रतिकूल जैविक प्रभाव पैदा कर सकता है। भारत में कुछ किसान चावल काटने के बाद अपने धान के खेतों को जला देते हैं। जिसके कारण अधिकांश निकटतम कस्बों और शहरों को वायु प्रदूषण का सामना करना पड़ता है।

6. मृदा क्षरण और भूमि उपयोग के मुद्दे

उपजाऊ भूमि की हानि से मृदा अपरदन का प्रभाव बढ़ जाता है। इससे नदियों और नालों में प्रदूषण और अवसादन बढ़ गया है, जिससे इन जलमार्गों को अवरुद्ध करके मछली और अन्य प्रजातियों के कटाव हो रहे हैं। और यहाँ तक कि निम्नीकृत भूमि में भी अक्सर पानी समा सकता है, जिससे बाढ़ आ सकती है।

7. सामान्य अपशिष्ट

कृषि अपशिष्ट विभिन्न कृषि गतिविधियों द्वारा उत्पन्न अपशिष्ट है। इसमें खेतों, मुर्गियों के घरों और बूचड़खानों से खाद और अन्य अपशिष्ट शामिल हैं; फसल कूड़े; उर्वरक भाग- खेतों से दूर; कीटनाशक जो पानी, हवा या मिट्टी में प्रवेश करते हैं; और खेतों से नमक और गाद।

स्थानीय बुनियादी ढांचे, स्थानीय संसाधनों, मिट्टी की गुणवत्ता, सूक्ष्म जलवायु के कारण प्रत्येक राज्य अलग-अलग कृषि उत्पादकता पैदा करता है। सिंचाई के बुनियादी ढांचे, कोल्ड स्टोरेज, स्वच्छ खाद्य पैकेजिंग आदि में सुधार करके भारतीय किसानों की उत्पादकता बढ़ाने की बहुत गुंजाइश है, ताकि स्थानीय किसान अपने उत्पादन और आय में सुधार कर सकें।

सरकार ने वर्षों से किसानों को कम लागत लागत और उच्च उत्पादन आय के साथ उनकी उपज बढ़ाने में मदद करने के लिए कई सुधारों की घोषणा की है। हाल ही में सरकार ने 2022 तक किसान की आय को दोगुना करने की घोषणा की है। ईकॉमर्स भी एक ऐसा तरीका है जिसके माध्यम से किसान अपनी आय बढ़ाने और अपने उत्पाद के व्यापक बाजार को पूरा करने की कोशिश कर रहे हैं।

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कृषि पर निबंध (Agriculture Essay in Hindi)

हमारा देश कृषि प्रधान देश है, और कृषि हमारे देश की अर्थव्यवस्था की नींव है। हमारे देश में कृषि केवल खेती करना नहीं हैं, बल्कि जीवन जीने की एक कला है। कृषि पर पूरा देश आश्रित होता है। लोगों की भूख तो कृषि के माध्यम से ही मिटती है। यह हमारे देश की शासन-व्यवस्था की रीढ़ की हड्डी है। कृषि से ही मानव सभ्यता का आरंभ हुआ। अक्सर विद्यालयों में कृषि पर निबंध आदि लिखने को दिया जाता है। इस संबंध में कृषि पर आधारित कुछ छोटे-बड़े निबंध दिए जा रहे हैं।

कृषि पर छोटे-बड़े निबंध (Short and Long Essay on Agriculture in Hindi, Krishi par Nibandh Hindi mein)

कृषि पर निबंध – 1 (300 शब्द).

खेती और वानिकी के माध्यम से खाद्य पदार्थों का उत्पादन करना, कृषि कहलाता है। कृषि में फसल उत्पादन, फल और सब्जी की खेती के साथ-साथ फूलों की खेती, पशुधन उत्पादन, मत्स्य पालन, कृषि-वानिकी और वानिकी शामिल हैं। ये सभी उत्पादक गतिविधियाँ हैं।

भारतीय अर्थव्यवस्था का आधार

भारत में, कृषि आय राष्ट्रीय आय का 1987-88 में 30.3 प्रतिशत था जोकि पचहत्तर प्रतिशत से अधिक लोगों को रोजगार देती थी। 2023 तक यह आंकड़ा 50% तक पहुंच गयाहै। मुख्य आर्थिक गतिविधि होने के बावजूद विकसित राष्ट्रों की तुलना में कृषि में शामिल उत्पादन के कारकों की उत्पादकता बहुत कम है। हमारे जीवन की मूलभूत आवश्यकता भोजन का निर्माण, कृषि के द्वारा ही संभव होता है। कृषि में फसल उगाने या पशुओं को पालने की प्रथा का वर्णन है। किसान के रूप में काम करने वाला कोई भी व्यक्ति कृषि उद्योग से सम्बंधित कहलाता है।

कृषि के क्षेत्र में नवीन प्रयोग

पिछले कुछ वर्षों में विज्ञान और टेक्नोलॉजी के कारण कृषि क्षेत्रो में नविन उपकरणों का इस्तेमाल होने लगा है, परन्तु हमें धरती की उर्वरा शक्ति पर भी ध्यान देना चाहिए।

अर्थशास्त्री, जैसे टी.डब्ल्यू. शुल्ट, जॉन डब्ल्यू. मेलोर, वाल्टर ए.लुईस और अन्य अर्थशास्त्रियों ने यह साबित किया है कि कृषि और कृषक आर्थिक विकास के अग्र-दूत है जो इसके विकास में अत्यधिक योगदान देते है। कृषि के क्षेत्र में विकास के लिए वर्तमान सरकार ने कई नए योजनाओ जैसे की सोलर पम्प, फूलो और फलों में अनुदान, पशु पालन में अनुदान जैसी कई योजनाएं लागु की है लेकिन ये भ्रस्टाचार के चलते शत प्रतिशत धरातल पर उतर नहीं पाती है और असल आवश्यक व्यक्ति इससे वंचित रह जाता है। इस सम्बन्ध में सरकार को नए सिरे से विचार करने की आवश्यकता है।

निबंध – 2 (400 शब्द)

लिस्टर ब्राउन ने अपनी पुस्तक “सीड्स ऑफ चेंजेस” एक “हरित क्रांति का एक अध्ययन,” में कहा है कि “विकासशील देशों में कृषि क्षेत्र के उत्पादन में वृद्धि के साथ व्यापार की समस्या सामने आएगी।”

इसलिए, कृषि उत्पादों के प्रसंस्करण और विपणन के लिए उत्पादन, रोजगार बढ़ाने और खेतों और ग्रामीण आबादी के लिए आय बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, जिसके परिणामस्वरूप ग्रामीण विकास होता है।

भारतीय कृषि की विशेषताएं :

(i) आजीविका का स्रोत – हमारे देश में कृषि मुख्य व्यवसाय है। यह कुल आबादी के लगभग 61% व्यक्तियों को रोजगार प्रदान करती है। यह राष्ट्रीय आय में करीबन 25% का योगदान देती है।

( ii) मानसून पर निर्भरता – हमारी भारतीय कृषि मुख्यतः मानसून पर निर्भर करती है। अगर मानसून अच्छा आया तो कृषि अच्छी होती है अन्यथा नहीं।

( iii) श्रम गहन खेती – जनसंख्या में वृद्धि के कारण भूमि पर दबाव बढ़ गया है। भूमि जोत के टुकड़े-टुकड़े हो जाते हैं और उपविभाजित हो जाते हैं। ऐसे खेतों पर मशीनरी और उपकरण का उपयोग नहीं किया जा सकता है।

( iv) बेरोजगारी – पर्याप्त सिंचाई साधनों के अभाव में और अपर्याप्त वर्षा के कारण किसान वर्ष के कुछ महीने ही कृषि-कार्यों में संलग्न रहते हैं। जिस कारण बाकी समय तो खाली ही रहते है। इसे छिपी बेरोजगारी भी कहते है।

( v) जोत का छोटा आकार – बड़े पैमाने पर उप-विभाजन और जोत के विखंडन के कारण, भूमि के जोत का आकार काफी छोटा हो जाता है। छोटे जोत आकार के कारण उच्च स्तर की खेती करना मुमकिन नहीं होता है।

( vi) उत्पादन के पारंपरिक तरीके – हमारे देश में पारंपरिक खेती का चलन है। केवल खेती ही नहीं अपितु इसमें प्रयुक्त होने वाले उपकरण भी पुरातन एवं पारंपरिक हैं, जिससे उन्नत खेती नहीं हो पाती।

( vii) कम कृषि उत्पादन – भारत में कृषि उत्पादन कम है। भारत में गेहूं प्रति हेक्टेयर लगभग 27 क्विंटल का उत्पादन होता है, फ्रांस में 71.2 क्विंटल प्रति हेक्टेयर और ब्रिटेन में 80 क्विंटल प्रति हेक्टेयर का उत्पादन होता है। एक कृषि मजदूर की औसत वार्षिक उत्पादकता भारत में 162 डॉलर, नॉर्वे में 973 डॉलर और यूएसए में 2408 डॉलर आंकी गयी है।

( viii) खाद्य फसलों का प्रभुत्व – खेती किए गए क्षेत्र का करीब 75% गेहूं, चावल और बाजरा जैसे खाद्य फसलों के अधीन है, जबकि लगभग 25% खेती क्षेत्र वाणिज्यिक फसलों के तहत है। यह प्रक्रिया पिछड़ी कृषि के कारण है।

भारतीय कृषि मौजूदा तकनीक पर संसाधनों का सबसे अच्छा उपयोग करने हेतु संकल्पित हैं, लेकिन वे बिचौलियों के प्रभुत्व वाले व्यापार प्रणाली में अपनी उपज की बिक्री से होने वाले लाभ में अपने हिस्से से वंचित रह जाते हैं और इस प्रकार कृषि के व्यवसायिक पक्ष की घोर उपेक्षा हुई है।

निबंध – 3 (500 शब्द)

आजादी के समय भारत में कृषि पूरी तरह से पिछड़ी हुई थी। कृषि में लागू सदियों पुरानी और पारंपरिक तकनीकों के उपयोग के कारण उत्पादकता बहुत खराब थी। वर्तमान समय की बात करें तो, कृषि में प्रयुक्त उर्वरकों की मात्रा भी अत्यंत कम है। अपनी कम उत्पादकता के कारण, कृषि भारतीय किसानों के लिए केवल जीवन निर्वाह का प्रबंधन कर सकती है और कृषि का व्यवसायीकरण कम होने के कारण आज भी कई देशों से हमारा देश कृषि के मामले में पीछे है।

कृषि के प्रकार

कृषि दुनिया में सबसे व्यापक गतिविधियों में से एक है, लेकिन यह हर जगह एक समान नहीं है। दुनिया भर में कृषि के प्रमुख प्रकार निम्नलिखित हैं।

( i) पशुपालन – खेती की इस प्रणाली के तहत पशुओं को पालने पर बड़ा जोर दिया जाता है। खानाबदोश झुंड के विपरीत, किसान एक व्यवस्थित जीवन जीते हैं।

( ii) वाणिज्यिक वृक्षारोपण – यद्यपि एक छोटे से क्षेत्र में इसका अभ्यास किया जाता है, लेकिन इस प्रकार की खेती इसके वाणिज्यिक मूल्य के संदर्भ में काफी महत्वपूर्ण है। इस तरह की खेती के प्रमुख उत्पाद उष्णकटिबंधीय (Tropical) फसलें हैं जैसे कि चाय, कॉफी, रबर और ताड़ के तेल। इस प्रकार की खेती एशिया, अफ्रीका और लैटिन अमेरिका के कुछ हिस्सों में विकसित हुई है।

( iii) भूमध्यसागरीय (Mediterranean) कृषि – आमतौर पर भूमध्यसागरीय क्षेत्र के बीहड़ इलाकों में विशिष्ट पशुधन और फसल संयोजन होते हैं। गेहूं और खट्टे फल प्रमुख फसलें हैं, और छोटे जानवर, क्षेत्र में पाले जाने वाले प्रमुख पशुधन हैं।

( iv) अल्पविकसित गतिहीन जुताई – यह कृषि का एक निर्वाह प्रकार है और यह बाकि प्रकारों से भिन्न है क्योंकि भूमि के एक ही भूखंड की खेती साल दर साल लगातार की जाती है। अनाज की फसलों के अलावा, कुछ पेड़ की फसलें जैसे रबर का पेड़ आदि इस प्रणाली का उपयोग करके उगाया जाता है।

( v) दूध उत्पादन – बाजार के समीपता (Market proximity) और समशीतोष्ण जलवायु (temperate climate) दो अनुकूल कारक हैं जो इस प्रकार की खेती के विकास के लिए जिम्मेदार हैं। डेनमार्क और स्वीडन जैसे देशों ने इस प्रकार की खेती का अधिकतम विकास किया है।

( vi) झूम खेती – इस प्रकार की कृषि आमतौर पर दक्षिण पूर्व एशिया जैसे उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में रहने वाले लोगों द्वारा अपनाई जाती है, अनाज की फसलों पर प्रमुख जोर दिया जाता है। पर्यावरणविदों (Environmentalists) के दबाव के कारण इस प्रकार की खेती में कमी आ रही है।

( vii) वाणिज्यिक अनाज की खेती – इस प्रकार की खेती खेत मशीनीकरण के लिए एक प्रतिक्रिया है और कम वर्षा और आबादी वाले क्षेत्रों में प्रमुख प्रकार की खेती है। ये फसलें मौसम की मार और सूखे की वजह से होती हैं।

( viii) पशुधन और अनाज की खेती – इस प्रकार की कृषि को आमतौर पर मिश्रित खेती के रूप में जाना जाता है, और एशिया को छोड़कर मध्य अक्षांशों (Mid Latitudes) के नम क्षेत्रों में उत्पन्न होता है। इसका विकास बाजार सुविधाओं से निकटता से जुड़ा हुआ है, और यह आमतौर पर यूरोपीय प्रकार की खेती है।

कृषि और व्यवसाय दो अलग-अलग धुरी है, लेकिन परस्पर संबंधित एवं एक दुसरे के पूरक हैं, जिसमें कृषि संसाधनों के उपयोग से लेकर कटाई, कृषि उपज के प्रसंस्करण (Processing) और विपणन (Marketing) तक उत्पादन का संगठन और प्रबंधन शामिल है।

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चावल के पानी के फायदे – Benefits of Rice Water in Hindi

चावल के पानी के फायदे - Benefits of Rice Water in Hindi

Benefits of Rice Water in Hindi लगभग सभी देशों में चावल को मुख्‍य आहार के रूप में उपयोग किया जाता है विशेष रूप से भारत जैसे देशों में। लेकिन क्या आपको पता है कि चावल के पानी के फायदे भी होते हैं। अक्‍सर हम देखते हैं कि घर की महिलाएं चावल पकाने के दौरान निकलने वाले चावल के पानी को फेंक देती हैं जिसे कुछ लोग ‘’माण’’ के नाम से भी जानते हैं। लेकिन आप चावल के पानी के फायदे जानकर इसे कभी नहीं फेकेगें। क्‍योंकि चावल का पानी के फायदे न केवल स्‍वास्‍थ्‍य के लिए बल्कि त्‍वचा और बालों के लिए भी फायदेमंद होते हैं। इस आर्टिकल में आप चावल के पानी के फायदे जानेगें जिनका उपयोग कर आप अपने स्‍वास्‍थ्‍य और सुंदरता को बढ़ा सकते हैं।

1. चावल का पानी पीने के फायदे – Chawal ke pani ke fayde in Hindi 2. चावल का पानी के स्वास्‍थ्‍य लाभ – Health benefits of rice water in Hindi

चावल का पानी पीने से ऊर्जा मिलती है – Drinking rice water gives energy in Hindi

चावल का पानी पीने के फायदे दस्‍त के इलाज में – rice water for treat diarrhea in hindi, चावल के पानी का उपयोग बुखार को कम करे – chawal ke pani ke fayde reduce fever in hindi, चावल का माड़ शरीर को आराम दिलाये – rice water to relax the body in hindi, चावल के पानी का इस्‍तेमाल डिहाइड्रेशन से बचाए – rice water for prevent dehydration in hindi, चावल के पानी का लाभ कब्‍ज को रोके – rice water benefits for prevents constipation in hindi.

3. चावल का पानी के फायदे त्‍वचा के लिए – Benefits of rice for skin in Hindi

चावल के पानी के फायदे मुंहासे के लिए – Rice benefits for acne in Hindi

सन बर्न का उपचार करें चावल के पानी से – treat sunburn with rice water in hindi, चावल का पानी फोर स्किन कैंसर – rice water for skin cancer in hindi, चावल का पानी गुण त्‍वचा को गोरा करे – rice water for whitening skin in hindi.

4. चावल का पानी बालों के लिए – Rice water for hair in Hindi

चावल के पानी का इस्तेमाल उलझे बालों के लिए – Chawal ka pani for frizzy hair In Hindi

चावल के पानी से बाल धोने के फायदे – chawal ke pani se baal dhone ke fayde in hindi.

5. चावल का पानी कैसे बनाये – Chawal ka pani kaise banaye in Hindi

चावल का पानी पीने के फायदे – Chawal ke pani ke fayde in Hindi

चावल का पानी पीने के फायदे - Chawal ke pani ke fayde in Hindi

जैसा कि हम जानते हैं कि चावल हमारा मुख्‍य खाद्य आहार है। चावल खाने के फायदे विशेष रूप से हमें ऊर्जा दिलाने के लिए जाने जाते हैं। लेकिन इसके साथ ही चावल के पानी के फायदे हमारी विभिन्‍न स्‍वास्‍थ्‍य समस्‍याओं को दूर करने में मदद करते हैं। ऐसा इसलिए है क्‍योंकि चावल पकाने के दौरान चावल के अधिकांश पोषक तत्‍व चावल के पानी में आ जाते हैं। स्‍वास्‍थ्‍य लाभ की बात की जाए तो चावल के पानी के फायदे शरीर में पानी की कमी को दूर करने, पाचन को ठीक करने, कब्‍ज से छुटकारा दिलाने, शरीर के तापमान को नियंत्रित करने आदि के लिए होते हैं। इसके अलावा आप चावल के पानी का उपयोग अपनी त्‍वचा और बालों में भी कर सकते हैं। आइए विस्‍तार से जाने चावल के पानी के फायदे और उपयोग को हमारे स्‍वास्‍थ्‍य और सौंदर्य को बढ़ावा देने में मदद करते हैं।

(और पढ़े –  चावल खाने के फायदे और नुकसान… )

चावल का पानी के स्वास्‍थ्‍य लाभ – Health benefits of rice water in Hindi

आप अपने स्‍वास्‍थ्‍य को ठीक रखने के लिए चावल के पानी का उपयोग कर सकते हैं। चावल का पानी न केवल आपको अतिरिक्‍त ऊर्जा दिलाता है बल्कि यह विभिन्‍न स्‍वासथ्‍य समस्‍याओं को दूर करने का अच्‍छा विकल्‍प भी है। आइए जाने किस प्रकार चावल का पानी हमारे स्वास्‍थ्‍य के लिए लाभकारी है।

चावल का पानी पीने से ऊर्जा मिलती है - Drinking rice water gives energy in Hindi

चावल में कार्बोहाइड्रेट की उच्‍च मात्रा होती है। इस कारण चावल का पानी पीना उच्‍च ऊर्जा प्राप्त करने का एक अच्‍छा विकल्‍प हो सकता है। इसका सबसे अधिक फायदा यह है कि चावल का पानी आसानी से पच जाता है साथ तरल होने के कारण इससे पोषक तत्‍वों को आसानी से अवशोषित करने में मदद मिलती है। यदि आप अपने शरीर को ऊर्जावान रखना चाहते हैं नियमित रूप से प्रतिदिन 1 गिलास चावल के पानी का सेवन करें। यह आपके पाचन तंत्र को स्‍वस्‍थ्‍य रखने के साथ ही ऊर्जा प्रदान करने में मदद कर सकता है।

(और पढ़े –  स्टेमिना बढ़ाने के लिए दवाओं की बजाय इस्तेमाल करें कुछ प्राकृतिक उपाय… )

चावल का पानी पीने के फायदे दस्‍त के इलाज में - Rice water for treat diarrhea in Hindi

जिन लोगों को दस्‍त की समस्‍या होती है उनके लिए चावल का पानी बहुत ही फायदेमंद होता है। चावल का पानी वयस्‍कों और छोटे बच्‍चों दोनों में होने वाले दस्‍त का सबसे अच्‍छा घरेलू उपाय है। छोटे बच्‍चे दस्त के लिए अधिक संवेदनशील होते हैं। यदि समय पर इसका इलाज न किया जाए तो निर्जलीकरण की समस्‍या उत्‍पन्‍न हो सकती है। एक अध्‍ययन से पता चलता है कि चावल का पानी बच्‍चों में दस्‍त का प्रभावी उपचार कर सकता है। क्‍योंकि यह मल की मात्रा और बार-बार मल त्‍याग करने की इच्‍छा दोनो को ही कम करने में सहायक होता है। इसलिए यदि आप दस्‍त का उपचार करना चाहते हैं तो चावल के पानी का उपभोग कर सकते हैं।

(और पढ़े –  दस्‍त (डायरिया) के दौरान क्‍या खाएं और क्‍या ना खाएं…)

चावल के पानी का उपयोग बुखार को कम करे - Chawal ke pani ke fayde reduce fever in Hindi

जब शरीर का तापमान सामान्‍य से अधिक होता है तब बुखार की स्थिति बनती है। चावल का पानी आपके शरीर के तापमान को नियंत्रित करने में मदद करता है। नियमित रूप से चावल के पानी का सेवन करने से यह आपके शरीर को ठंडा रखने में मदद करता है। क्‍योंकि चावल के पानी में शीतलन गुण होते हैं। इसलिए चावल के पानी का सेवन विशेष रूप से गर्मियों के मौसम में करना फायदेमंद होता है।

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कई स्‍वास्‍थ्‍य लाभ प्राप्‍त करने के लिए आप चावल के पानी का इस्‍तेमाल कर सकते हैं। इसका एक और लाभ यह है कि यह आपके शरीर और दिमाग को आराम दिलाने में मदद करता है। इसके लिए आपको केवल अपने नहाने के पानी में थोड़ा सा चावल का पानी मिलाने की आवश्‍यकता है। आप इस पानी से स्‍नान करें यह आपके दिमाग को शांत रखने में मदद कर सकता है।

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चावल के पानी का इस्‍तेमाल डिहाइड्रेशन से बचाए - Rice water for prevent dehydration in Hindi

आप अपने शरीर में पानी की कमी को दूर करने के लिए चावल के पानी का उपयोग कर सकते हैं। शरीर में पानी की कमी आपकी कई गंभीर स्‍वास्‍थ्‍य समस्‍याओं का कारण बन सकती है। विशेष रूप से ग्रीष्‍म ऋतु के मौसम में। गर्मी और आर्द्रता आपके शरीर में पानी को कम करने का प्रमुख कारण हो सकती है जिससे आप निर्जलित महसूस कर सकते हैं। आप गर्मीयों के दौरान घर से बाहर निकलने से पहले 1 गिलास चावल के पानी का सेवन करें। चावल का पानी आपके शरीर को वे सारे पोषक तत्‍व उप्‍लब्‍ध कराता है जो आपके शरीर के लिए फायदेमंद होते हैं। इसके साथ ही यह अधिक गर्मी के प्रभाव को भी कम करने में सहायक होता है। इस तरह से आप भी चावल के पानी के लाभ प्राप्‍त कर सकते हैं।

(और पढ़े – डिहाइड्रेशन से बचने के घरेलू उपाय, जानलेंगें तो कभी नहीं होगी पानी की कमी… )

चावल के पानी का लाभ कब्‍ज को रोके - Rice water benefits for prevents constipation in Hindi

आपके पाचन तंत्र के लिए चावल का पानी बहुत ही लाभकारी होता है। फाइबर और कार्बोहाइड्रेट की उच्‍च मात्रा होने के कारण यह पाचन में मदद करता है। इसके साथ ही चावल के पानी के फायदे कब्‍ज को प्रभावी रूप से रोकने में मदद करते हैं। डॉक्‍टर द्वारा भी कब्‍ज के रोगी को उच्‍च फाइबर खाद्य पदार्थ सेवन करने की सलाह देते हैं। उच्‍च फाइबर खाद्य पदार्थ के अच्छे विकल्‍प के रूप में आप चावल के पानी का सेवन कर सकते हैं।

(और पढ़े –  कब्ज के लिए उच्च फाइबर फल और खाद्य पदार्थ… )

चावल का पानी के फायदे त्‍वचा के लिए – Benefits of rice for skin in Hindi

आप स्‍वास्‍थ्‍य लाभ प्राप्त करने के अलावा चावल के पानी से त्‍वचा को भी स्‍वस्‍थ्‍य रख सकते हैं। आप अपनी त्‍वचा की समस्‍याओं जैसे मुंहासे, आयली स्किन, परतदार त्‍वचा आदि समस्‍याओं का प्रभावी निदान के लिए चावल के पानी का उपयोग कर सकते हैं। आइए विस्‍तार से जाने चावल के पानी के फायदे स्किन के लिए क्‍या हैं।

चावल के पानी के फायदे मुंहासे के लिए - Rice benefits for acne in Hindi

जो लोग मुंहासों का इलाज करना चाहते हैं उनके लिए चावल का पानी किसी दवा से कम नहीं है। 2002 में किये गए एक अध्‍ययन से पता चलता है कि चावल के पानी का सेवन करने से यह त्‍वचा की सूजन, चकत्ते और अन्‍य त्‍वचा समस्‍याओं का प्रभावी इलाज कर सकता है। इसके अलावा इन समस्‍याओं से ग्रसित व्‍यक्तियों को चावल के पानी से स्‍नान करना भी फायदेमंद होता है। विशेष रूप से चावल का पानी संवेदनशील त्‍वचा वालों के लिए बहुत ही फायदेमंद होता है। इसकी उच्‍च स्‍टार्च सामग्री मुंहासे का प्रभावी इलाज में मदद करती है।

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सन बर्न का उपचार करें चावल के पानी से - Treat sunburn with rice water in Hindi

चावल का पानी एक प्राकृतिक सनस्‍क्रीन है जो कि परावैज्ञनी किरणों से त्‍वचा की रक्षा करता है। आपकी त्‍वचा को सूर्य से होने वाली क्षति से बचाने में चावल का पानी मदद कर सकता है। इसके अलावा चावल के पानी का उपयोग सनबर्न के इलाज के लिए किया जा सकता है। आप सूर्य क्षति से प्रभावित क्षेत्र में चावल के पानी को लगाएं। यह आपकी त्‍वचा को तेजी से ठीक करता है साथ खुले त्‍वचा छिद्रों को कसने में भी सहायक होता है। इस तरह से आप चावल के पानी का उपयोग कर अपनी त्‍वचा को स्‍वस्‍थ्‍य रख सकते हैं।

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चावल का पानी फोर स्किन कैंसर - Rice water for skin cancer in Hindi

त्‍वचा कैंसर का उपचार करने के लिए चावल के पानी का उपयोग किया जा सकता है। चावल के पानी में एंटीऑक्‍सीडेंट की उच्‍च मात्रा होती है जो कैंसर रोगाणुओं को नष्‍ट करने मे मदद करते हैं। यह न केवल त्‍वचा कैंसर से बचाता है बल्कि त्‍वचा की स्थिति को भी सुधारने में मदद करता है। आप अपनी त्‍वचा में चावल के पानी का उपयोग कर समय से पहले बुढ़ापे के संकेतों को भी रोक सकते हैं।

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चावल का पानी गुण त्‍वचा को गोरा करे - Rice water for whitening skin in Hindi

यदि आप अपनी सांवली त्‍वचा को गोरा बनाना चाहते हैं तो चावल के पानी का उपयोग करें। चावल का पानी कृत्रिम सौंदर्य उत्‍पादों की अपेक्षा अधिक लाभकारी होता है। यह समय के साथ त्‍वचा के सांवलेपन को दूर करने और गोरी त्‍वचा प्राप्‍त करने में सहायक होता है। चावल के पानी में किसी प्रकार के रासायनिक उत्‍पाद नहीं होते हैं इसलिए यह त्‍वचा में किसी प्रकार के दुष्‍प्रभाव नहीं होते है। आप एक कटोरी में चावल का पानी लें और अपनी उंगलियों की सहायता से अपने चेहरे पर लगाएं और चेहरे की हल्‍की मालिश करें। जब चावल का पानी पूरी तरह से सूख जाए तो सामान्‍य पानी से चेहरे को धो लें। यह आपकी त्‍वचा को गोरा बनाने का सबसे अच्‍छा उपाय हो सकता है।

(और पढ़े –  गोरा होने के घरेलू उपाय और नुस्खे… )

चावल का पानी बालों के लिए – Rice water for hair in Hindi

त्‍वचा के साथ ही चावल के पानी का उपयोग बालों के लिए भी किया जा सकता है। यह बालों को उचित पोषण दिलाने में मदद करता है। बहुत से डॉक्‍टरों और विशेषज्ञों द्वारा बालों में चावल के पानी का उपयोग करने की सलाह दी जाती है। यह स्‍वस्‍थ्‍य और तरल पदार्थ बालों को मजबूत करने के साथ ही प्राकृतिक चमक दिलाने में मदद करता है। आइए विस्‍तार से जाने चावल के पानी के फायदे बालों के लिए क्‍या हैं।

चावल के पानी का इस्तेमाल उलझे बालों के लिए - Chawal ka pani for frizzy hair In Hindi

2010 में हुए एक अध्‍ययन से पता चलता है कि बालों का उपचार करने के लिए चावल का पानी बहुत ही फायदेमंद होता है। यह बालों के बेहतर लोच को बनाए रखता है साथ ही घुंघराले और उलझे बालों की समस्‍या को दूर करता है। चावल के पानी के यह लाभ इसमें मौजूद इनोजिटोल और कार्बोहाइड्रेट की उपस्थिति के कारण होते हैं।

(और पढ़े – उलझे बालों को सुलझाने के घरेलू टिप्स ताकि वो टूटे नहीं… )

चावल के पानी से बाल धोने के फायदे - Chawal ke pani se baal dhone ke fayde in Hindi

कंडीशनर के रूप में भी चावल के पानी का उपयोग किया जा सकता है। यह आपके बालों को स्‍वस्‍थ्‍य रखने और उचित सफाई करने में भी मदद करता है। आप शैंपू करने के बाद अपने बालों को चावल के पानी से धो सकते हैं। यह एक प्राकृतिक कंडीशनर का काम करता है। इसे अपने बालों में लगाएं और कुछ देर रुकने के बाद ठंडे पानी से अपने बालों को धो लें। ऐसा आप हफ्ते में 3 बार कर सकते हैं।

(और पढ़े –  इन आसान तरीकों से घर पर ही करें हेयर स्पा… )

चावल का पानी कैसे बनाये – Chawal ka pani kaise banaye in Hindi

चावल का पानी कैसे बनाये - Chawal ka pani kaise banaye in Hindi

यदि आप अपने स्‍वास्‍थ्‍य और सौंदर्य को बढ़ावा देना चाहते हैं तो चावल के पानी का उपयोग करें। चावल का पानी बनाना बहुत ही आसान हैं। आइए जाने चावल के पानी बनाने की सबसे आसान विधि क्‍या  है।

  • 1 कटोरी मे कच्‍चे चावल लें और इसे ठंडे पानी से धो लें।
  • इन चावलों को कम से कम 3 बार धुलना चाहिए। साथ ही यह सुनिश्चित करें कि अंतिम धुलाई में चावल से गंदा पानी न निकले।
  • इस चावल को अच्‍छी तरह से उबलने तक पकाएं।
  • जब चावल लगभग पक जाएं तो इससे पानी को निकाल लें। ध्‍यान रखें कि चावल के पानी में चावल के दाने न रहें।
  • आप इस पानी को ठंड़ा करें और किसी बर्तन में स्‍टोर कर लें। आपके दिन भर के उपयोग के लिए चावल का पानी तैयार है।
  • आप इस पानी का नियमित सेवन करें। यह आपके स्‍वास्‍थ्‍य को बढ़ावा देने में मदद करता है।
  • चावल का पानी बनाने के दौरान यह भी ध्‍यान रखें कि चावल के पानी को अधिक समय तक न रखें।
  • मतलब यह है कि चावल के पानी का उपयोग 12 घंटों के अंदर ही कर लें।

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फसलों पर निबंध Essay On Crops In Hindi

दोस्तों आपका स्वागत करता हूँ आज का हमारा  निबंध Essay On Crops In Hindi – फसलों पर निबंध  पर हैं यहाँ हम जानेगे कि फसल अर्थात  क्रॉप क्या है इसकी मीनिंग अर्थ प्रकार तथा रबी खरीफ नकदी फसलों के उदाहरण  क्या क्या हैं.

यदि आप भारत की मुख्य फसलों की जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं तो इस निबंध को पढ़े.

Essay On Crops In Hindi – फसलों पर निबंध

Essay On Crops In Hindi - फसलों पर निबंध

indian crops in hindi- फसल को सस्य भी कहा जाता हैं एक ऋतु चक्र में मानव तथा जीव जन्तुओं के खाद्यान्न के लिए खेतों में उगाई गई वनस्पति, पेड़ पौधों की पैदावार को फसल कहा जाता हैं.

गेहूं एक रबी की फसल है जो भारत भर में उगाई जाती हैं जब इसके दाने पककर पीले हो जाते है तो गेंहूँ की फसल को काट लिया जाता हैं. बाग़ बगीचों में फलों तथा सब्जियों की पैदावर भी की जाती है.

मौसम के अनुसार फसलें

खरीफ की फसल – यह फसल वर्षा के आरंभ में जून से जुलाई तक बोई जाती है और वर्षा की समाप्ति पर सितम्बर से अक्टूबर नवम्बर माह तक काटी जाती हैं.

खरीफ की मुख्य फसलें चावल, ज्वार, बाजरा, मक्का, मूंग, मोठ, उड़द, तिल, मूंगफली, सोया बीन, जूट, गन्ना, कपास तथा तम्बाकू हैं.

रबी की फसलें – रबी मौसम शरद ऋतु के साथ प्रारम्भ होता हैं. रबी की फसल शीतकाल के आरंभ में अक्टूबर से दिसम्बर तक बोई जाती हैं. और फरवरी अप्रैल तक काट ली जाती हैं.

गेहूँ, जौ, चना, मटर, सरसों, राई, वरसीम, सूरजमुखी, अलसी, अरहर, मसूर, अरबी, शकरकंद, चुकन्दर, प्याज लहसून आदि रबी की फसल हैं.

कैच क्रॉप (Catch Crop) – यह फसल अगस्त सितम्बर में बोई जाती है और दिसम्बर से जनवरी तक काट ली जाती है. इसमें तोरिया, मौसमी फल व सब्जियाँ आदि शामिल हैं.

जायद रबी की फसल – यह फसल मार्च से जून तक होती हैं, इसमें मैथी, शाक, सब्जियाँ, खरबूजे, तरबूज, ककड़ियाँ आदि शामिल हैं.

बारहमासी फसलें – कुछ फसलें खेत पर वर्षपर्यंत खड़ी रहती हैं. इन्हें बारहमासी फसलें कहते हैं. जैसे चाय, कॉफी, नारियल आदि.

कुल कृषि उत्पादन में खरीफ की फसलों का भाग 62 प्रतिशत, रबी की फसलों का भाग 24 प्रतिशत तथा बारहमासी फसलों का भाग 14 प्रतिशत हैं. केवल खाद्यान्नों के उत्पादन में खरीफ की फसलों का हिस्सा 71 प्रतिशत तथा रबी की फसलों का हिस्सा 29 प्रतिशत रहता हैं.

खरीफ की फसलों का भाग प्रत्यक्ष रूप से दक्षिणी पश्चिमी मानसून पर आधारित होता हैं. मानसूनी वर्षाओं के द्वारा छोड़ी गई नमी की शेष मात्रा रबी की फसलों को भी प्रभावित करती हैं.

इस तरह दक्षिणी पश्चिमी मानसून रबी और बारहमासी फसलों की उपज पर भी प्रभाव डालता हैं. अतः देश की कृषि अर्थव्यवस्था में दक्षिणी पश्चिमी मानसून एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता हैं.

उपयोग के अनुसार फसलें

उपयोग की दृष्टि से भारतीय फसलों को दो भागों में विभाजित किया जा सकता हैं.

  • खाद्य फसलें (Food crops)
  • नकदी अथवा व्यापारिक फसलें (Cash or commercial crops)

खाद्य फसलें (Food Crops)-  वे फसलें जिनका उत्पादन मुख्यतः भोजन के लिए किया जाता हैं. खाद्य फसलें कही जाती हैं. इनमें अन्न व दालें दोनों शामिल हैं. भारत में इन फसलों में चावल, गेंहूँ, दालें, ज्वार, बाजरा व मक्का प्रमुख हैं.

नकदी अथवा व्यापारिक फसलें (Cash or commercial crops)-  इन फसलों के उत्पादन का मुख्य उद्देश्य इन्हें बेचकर धन प्राप्त करना होता हैं. किसान इन फसलों के उत्पादों को या तो सम्पूर्ण रूप से बेच देता हैं अथवा आंशिक रूप से उपयोग करता हैं.

तथा शेष बड़ा भाग बेच देता हैं. इन फसलों में कपास, जूट या पटसन, चाय, कॉफ़ी, रबड़, गन्ना, तम्बाकू तथा तिलहन आदि प्रमुख हैं. नकदी अथवा व्यापारिक फसलों को निम्न भागों में विभाजित किया जा सकता हैं.

  • रेशे वाली फसलें (fibre Crops)- जैसे कपास, जूट, मेस्टा तथा सनई आदि.
  • बागान फसलें (Plantation Crops)- जैसे चाय, कोफी, नारियल, सुपारी, काजू तथा रबर आदि
  • शर्करा वाली फसलें (Sugar Crops)- जैसे गन्ना, चुकन्दर आदि.
  • तिलहन फसलें (Oilseeds Crops)- जैसे मूंगफली, सरसों, तिल, अलसी, अंडी तथा सूर्यमुखी आदि.
  • उद्दीपक फसलें (Narcotic Crops)- जैसे तम्बाकू अफीम आदि.
  • बागवानी फसलें (Horticulture)- जैसे फल, सब्जियाँ, मसाले, फूल आदि.

भारत में बागवानी फसलें (Horticultural Crops in India)

  • कृषि बागवानी उत्पादों का हिस्सा 30 प्रतिशत से अधिक हैं.
  • 2016-17 के चौथे अग्रिम अनुमानों के अनुसार देश में बागवानी फसलों का क्षेत्र 25109 हजार हैक्टेयर व उत्पादन 2,99, 853 हजार मीट्रिक टन हुआ हैं.
  • देश में बागवानी फसलों का वर्ष 2015-16 में कुल उत्पादन 286188 हजार मैट्रिक टन हुआ व क्षेत्र 24472 हजार हैक्टेयर रहा. इस वर्ष कुल बागवानी फसलों में सर्वाधिक योगदान सब्जियों का 61 प्रतिशत तक व द्वितीय स्थान फलों का 30 प्रतिशत हैं.
  • हमारे देश में 2016 में प्रति व्यक्ति फल की उपलब्धता 195 ग्राम प्रतिदिन है प्रति व्यक्ति सब्जियों की उपलब्धता वर्ष 2016 में 355 ग्राम हो गई हैं.
  • भारत का फल व सब्जियों के उत्पादन में चीन के बाद दूसरा स्थान हैं.
  • भारत मसालों और मसाला उत्पादों का सबसे बड़ा उत्पादक, उपभोक्ता व निर्यातक हैं. भारत को मसालों का घर कहा जाता हैं.
  • सौंफ, सूखी लाल व काली मिर्च के उत्पादन में भारत का विश्व में प्रथम स्थान हैं.
  • नागपुर के संतरे, गंगानगर के माल्टे, मध्यप्रदेश के कागजी नींबू, आंध्रप्रदेश के अनोबशाही अंगूर, केरल मैसूर के क्यू अन्नानास और पूवन व सराय किस्म के केले प्रसिद्ध हैं.
  • सब्जियों के अंतर्गत देश में सर्वाधिक क्षेत्र व मात्रा में आलू का उत्पादन होता हैं.
  • भारत केला, आम, सपोटा, नींबू, अनार तथा आँवला जैसे फलों के उत्पादन में प्रथम स्थान रखता हैं.
  • सेब, नाशपाती, आडू, आलूबुखारा, खुबानी, बादाम और अखरोट शीतोष्ण फल व गिरीदार फल कहे जाते हैं.
  • सेब भारत की चौथी मुख्य फल फसल हैं.
  • भारत में सब्जियों में क्रमशः बैंगन, टमाटर, बंदगोभी व प्याज आदि प्रमुख सब्जी फसलें हैं.

आम (Mango Crop)

भारत में क्षेत्र के हिसाब से आम का प्रथम स्थान हैं. आम भारत का सर्वाधिक महत्वपूर्ण फल हैं. यह देश के प्रायः सभी भागों में पैदा किया जाता हैं.

किन्तु पर्याप्त वर्षा एवं उपजाऊ और चिकनी मिटटी होने के कारण गंगा यमुना के मैदानों में आम बहुत होता हैं. दसेरी, लंगड़ा, हापुस, फजली, हुश्नारा, सिरौली, वृंदावनी, केसर, अलफांसों आदि आम की मुख्य किस्में हैं.

केला (Banana Crops)

यह उष्णकटिबंधीय फल हैं, इसे उपजाऊ भूमि, अधिक वर्षा और ऊँचे तापमान की आवश्यकता होती हैं. भारत में सबसे उत्तम किस्म का केला दक्षिण भारत में पैदा किया जाता हैं. फल उत्पादन में भारत में केले का प्रथम स्थान हैं. क्षेत्र में केले का तीसरा स्थान हैं.

  • कुल बागवानी फसलों में सर्वाधिक उत्पादन सब्जियों का दूसरा फलों का है.
  • सब्जियों के अंतर्गत देश में सर्वाधिक क्षेत्र एवं मात्रा में आलू का उत्पादन होता हैं.

  • फसल इसकी किस्में तथा फसल पैटर्न की जानकारी
  • नकदी फसल कौन सी होती है
  • प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना
  • फसल सुरक्षा की विधियाँ

उम्मीद करता हूँ दोस्तों आपकों  Essay On Crops In Hindi – फसलों पर निबंध  का यह लेख पसंद आया होगा, यदि आपकों भारतीय फसलों के बारे में हिंदी में दिया गया  Essay On Crops In Hindi निबंध  पसंद आया हो तो अपने दोस्तों के साथ भी शेयर करे.

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स्वस्थ भोजन की थाली (Hindi)

Healthy Eating Plate Translation Hindi

  • फल और सबज़ियों को अपने भोजन का सबसे बड़ा हिस्सा बनायें – आधी थाली मात्राः

कोशिश करें कि अनेक रंगों और कई प्रकार के फल और सब्ज़ियां खायें। और याद रखें कि स्वस्थ भोजन की थाली में आलू को सब्ज़ि नहीं माना जाता है, क्योंकि आलू को खाने से रक्त शर्करा, या ‘ब्लड ग्लूकोज़’ पर नकारात्मक असर होता है।

  • ‘होल ग्रेन्ज़’, या साबुत अनाजों को ज़्यादातर खायें – एक चैथाई थाली मात्राः

साबुत और पूर्ण अनाजों – पूर्ण गेहूॅं, जौ, बाजरा, जुवार, जै, ‘ब्राउन राइस’ या असंसाधित चावल, और इनसे बनाये गए खाद्य पदार्थ, जैसे कि पूर्ण गेहूॅं से बनाई गई रोटी – का मैदे से बनाई गई रोटी, ‘वाइट राइस’, और अन्य संसाधित अनाजों से रक्त शर्करा और इंसुलिन पर कम असर होता है।

  • प्रोटीन की शक्ति – एक चैथाई थाली मात्राः

मछली, मुर्ग, दाल, और अखरोट स्वस्थ और बहुमुखी प्रोटीन के स्रोत हैं – इनको सालाद में डाला जा सकता है, और यह सब्ज़ियों के साथ अच्छा जाते है। लाल मांस को कम खाना चाहिए, और संसाधित मांस, जैसे कि ‘बेकन’ और ‘साॅसेज’ से दूर रहना चाहिए।

  • स्वस्थ संयंत्र तेल या ‘वेजिटेबल आॅयल’ – मध्यम मात्रा मेंः

स्वस्थ वेजिटेबल आॅयल, जैसे जैतून या ‘ओलिव’, कनोला, सोयाबीन, सनफ़लावर, मूंगफली, सरसों, इत्यादी के तेलों को चुनें, और ‘पार्शली हाइड्रोजनेटिड’ तेलों से दूर रहें, क्योंकि इनमें अस्वस्थ ‘ट्रांस फैट’ होते हैं। याद रखें, कि केवल कम या शून्य फैट होने से खाद्य पदार्थ ‘‘स्वस्थ’’ नहीं हो जाते।

  • पानी, चाय, या काॅफ़ी पीयेंः

मीठे पायों से दूर रहें, दूध और दूध से बने अन्य खाद्य पदार्थों के दिन में केवल एक या दो सर्विगंज़ खायें, और दिन में ज़्यादा से ज़्यादा एक छोटा गिलास फल का रस पियें।

  • सक्रिय रहेंः

स्वस्थ भोजन की थाली के प्लेसमैट पर वह लाल रंग की भागती हुइ आक्रिति आपको याद दिलाने के लिए है, कि सक्रिय रहना भी वज़न संतुलन के लिए आवश्यक है।

स्वस्थ भोजन की थाली का मुख्य सन्देश ‘‘डायटेरी क्वालेटी’’, या आहार की गुणवत्ता के बारे में है।

  • कार्बोहाइड्रेट की मात्रा पर ध्यान देने से ज़्यादा यह सोचना ज़रूरी है कि हम अपने आहार में किस प्रकार के कार्बोहाइड्रेट खाते हैं, क्योंकि कार्बोहाइड्रेट के कुछ स्रोत – जैसे सबज़ियाॅं (आलू के अलावा), फल, साबुत अनाज, और दाल – अन्य स्रोतों से ज़्यादा स्वस्थ हैं।
  • स्वस्थ भोजन की थाली लोगों को मीठे पायों से दूर रहने के लिए भी बताती है, जो उष, या ‘‘कैलोरीज़’’ से भरे हैं – और आमतौर पर इनमें पोषण कम होता है।
  • स्वस्थ भोजन की थाली लोगों को स्वस्थ ‘‘वेजिटेबल आॅयल’’ खाने को प्रोतसाहित करती है, और इसमें स्वस्थ स्रोतों से मिले गए ‘‘फ़ैट्स’’ के उपभोग पर कोई उपरी सीमा नहीं है।

हम निम्नलिखित नियमों और शर्तों के अनुसार स्वस्थ भोजन की थाली की छवि के उपयोग की अनुमति देतें हैंः

  • निम्न क्रेडिट लाइन शामिल होनी चाहिएः ‘‘प्रतिलिप्याधिकार © 2011 हारवर्ड विश्वविद्यालय। स्वस्थ भोजन की थाली के बारे में अधिक जानकारी के लिये कृप्या इन वेबसाइटों पर जाएॅंः पोषण स्रोत, हारवर्ड टी. एच. चैन स्कूल आॅफ़ पबलिक हेल्थ, http://www.thenutritionsource.org  और हारवर्ड हेल्थ पबलिकेशन्ज़, health.harvard.edu ।’’
  • आप स्वस्थ भोजन की थाली का उपयोग गैर वाणिज्यिक तरह से करेंगें।
  • आप स्वस्थ भोजन की थाली का उपयोग सभी लागू कानूनों के अनुसार करेंगें।
  • आप किसी भी तरह से छवि या पाठ को बदल नहीं सकते हैें।
  • हारवर्ड यह अनुमति अपने संपूर्ण विवेकाधिकार पर किसी भी समय रद्द कर सकता है। यदि यह अनुमति वापस ली जाती है, आपको अधिक से अधिक पांच व्यवसायक दिनों के अंदर इस छवि को किसी भी वेबसाइट या सार्वजनिक स्थान से निकालना होगा।
  • हारवर्ड कोई भी संकेत सख्ती से मना करता है – स्पष्ट या अव्यक्त – जिस्से दूसरों को यह सुझाव आए, या जो दूसरों को यह विश्वास दिलाए कि हारवर्ड, हारवर्ड टी. एच. चैन स्कूल आॅफ़ पबलिक हेल्थ के पोषण विभाग, या पोषण स्रोत की वेबसाइट ने किसी भी माल, सेवाओं, वयक्तिओं, या संगठनों का समर्थन किया है। इस कारण, इस छवि के लिए उूपर दी गई विशिष्ट क्रेडिट लाइन की प्रतिलिपि प्रस्तुत करने के अलावा, आप ‘‘हारवर्ड‘‘, ‘‘हारवर्ड टी. एच. चैन स्कूल आॅफ़ पबलिक हेल्थ के पोषण विभाग‘‘, या ‘‘पोषण स्रोत‘‘ नामों, या कोई भी हारवर्ड के स्वामित्व वाले ट्रेडमार्कों का स्वस्थ भोजन की थाली के संबंध में, बिना पूर्व लिखित अनुमोदन के उपयोग नहीं कर सकते।
  • आप स्वस्थ भोजन की थाली का किसी भी तरह से उपयोग नहीं कर सकते, जिस्से हारवर्ड की प्रतिष्ठा को हानी पहुंचें।
  • हारवर्ड स्वस्थ भोजन की थाली से जुड़ी हर प्रकार के वारन्टियों (स्पष्ट, अव्यक्त, या अन्यथा) को अस्वीकार करता है। इनमें शामिल है, बिना सीमा के, कोई भी व्यापारिकता की अव्यक्त वारन्टियाॅं, किसी विशेष उद्देश्य के लिए उपयुक्त्ता, और गैर उल्लंघन। आप हारवर्ड विश्वविद्यालय, और इसके संचालक मंडल के सदस्यों, संकाय सदस्यों, अधिकारियों, छात्रों, कर्मचारियों, और दलालों को सभी दावों, नुक़सानों, हानियों, उत्तरदायित्व, लागत, और खर्चों से क्षतिपूर्ति करने के लिए व हानिरहित मान्ने के लिए सहमत हैं।

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rice in hindi essay

भारतीय किसान पर निबंध- Essay on Indian Farmer in Hindi

In this article, we are providing information about Farmer in Hindi- भारतीय किसान पर निबंध- Essay on Indian Farmer in Hindi, Indian Farmers Life.

जरूर पढ़े- Bhartiya Kisan Par Nibandh & Essay on Farmer in Hindi for all classes

Indian Farmer Essay in Hindi ( 250 words )

भारत गांवों और किसानों का देश है। भारत कृषि प्रधान देश है। हम बहुत कुछ कृषि पर निर्भर करते हैं। हमारे अधिकांश उद्योग-धंधे भी कृषि पर आधारित हैं। हमारा किसान हमारी रीढ़ की हड्डी है। उसकी भूमिका बहुत महत्वपूर्ण है। भारतीय किसान बहुत परिश्रमी है। वह अपने खेत-खलिहानों में जी-तोड़ मेहनत करता है, बीज बोता है, पानी देता है, फसल काटता है और फिर उसे बेचने मंडियों तक ले जाता है।

सुबह बहुत जल्दी वह उठ जाता है और रात को देर से सोता भाहल चलाने, खेतों को पानी देने, जानवरों की देखभाल करने, अनाज, फल, सब्जी आदि बाजार तक ले जाने में उसका सारा समय व्यतीत हो जाता है। विश्राम और सोने के लिये उसे बहुत कम समय मिलता है। लेकिन यह खेद की बात है कि आज भी वह निर्धन है। उसका हर स्तर पर शोषण हो रहा है। उसके बच्चों की शिक्षा, उपचार, स्वास्थ्य आदि की उचित व्यवस्था नहीं है। वह कर्ज के बोझ के नीचे दबा हुआ है।

धन और सस्ते ऋण के अभाव में वह अच्छे बीज, खाद, कृषि-यंत्र, सिंचाईं के उचित साधन आदि से वंचित रह जाता है। प्राकृतिक आपदाएं जैसे सूखा, बाढ़, अतिवृष्टि से तो उसकी कमर ही टूट जाती है। अधिकांश किसान आज भी निरक्षर और अनपढ़ हैं। वे अंधविश्वास और कुरीतियों के शिकार हैं। उनकी आर्थिक, सामाजिक और शैक्षिक उन्नति और अधिक तथा ठोस प्रयासों की आवश्यकता है। आशा करनी चाहिये कि निकट भविष्य में भारतीय किसान की स्थिति संतोषप्रद हो जायेगी।

10 Lines on Farmer in Hindi

भारतीय किसान पर निबंध- Essay on Indian Farmer in Hindi ( 500 words )

भारत एक कृषि प्रधान देश है जहाँ कि 65 प्रतिशत जनसंख्या खेती से जुड़ी हुई है। किसान मौसम की परवाह किए बिना सभी के लिए अनाज उगाते है जो कि मनुष्य की सबसे बड़ी जरूरत है। इसलिए किसानों को अन्नदाता भी कहा जाता है। बहुत से उद्योग भी कच्चे माल के लिए किसानों द्वारा उगाई गई फसलों पर निर्भर करते है। किसान का जीवन बहुत ही परिश्रम भरा होता है। वह सुबह से लेकर रात तक खेत के काम में ही लगा रहता है कभी बीज बोना,कभी सिंचाई ,कभी खाद डालना तो कभी कटाई।

हमारी अर्थव्यवस्था किसानों पर निर्भर करती है लेकिन उसके बावजुद भी किसान की हालत बहुत ही दयनीय है। बहुत से किसान आज भी गरीब, अशिक्षित है और साथ ही अपने बच्चों को भी पढ़ाने में असमर्थ है। दिन रात मेहनत करने के बाद भी वो सिर्फ अपनी आजीविका ही चला पाते है और अगर कभी बारिश न होने से सूखा पड़ जाए तो उनकी मुश्किलें और भी बढ़ जाती है। बहुत से तकनीकी उपकरणों ने किसानों का परिश्रम थोड़ा कम कर दिया है लेकिन छोटा और निर्धन किसान उन्हें खरीदने में असमर्थ है जिसके कारण विवश होकर अपने बच्चों को खेतों में काम करने लाना पड़ता है। गरीब किसान अपनी फसलों के लिए उत्तम बीज और अच्छी खाद नहीं खरीद पाता है। किसान साल के अधिकतर महीनों में खाली ही रहते है। किसानों को सिंचाई के लिए प्रयाप्त पानी भी नहीं मिल पाता है।

किसानों को खाद,बीज आदि खरीदने के लिए उधार लेना पड़ता है जिसका फायदा साहुकार उच्च दर का ब्याज लगाकर उठाते है। किसानों की फसलों का सही मूल्य नहीं लगता है। अशिक्षित होने के कारण किसानों को अपने अधिकारों का पता नही होता और उनके अधिकारों का जमकर शोषण किया जाता है। आर्थिक स्थिति खराब होने से बहुत से किसान आत्महत्या कर रहे है। सरकार को किसानों के लिए कम ब्याज पर पैसे दिलवाने चाहिए ताकि वो आसानी से बीज खाद आदि खरीद सके। साल के उस समय जब खेती नही होती कृषि स्कूल खोले जाने चाहिए जिसमें किसानों को पैदावार बढाने के तरीके बताए जाए और खेती से जुड़ी सभी जानकारी दी जाए। सरकार द्वारा गाँवों में भी स्कुल खोले जाने जिनमें प्राथमिक शिक्षा मूफ्त दी जाए ताकि किसानों के बच्चे भी पढ़ सके।

अगर किसान नही होंगे तो खेती भी नहीं होगी और उद्योग भी नहीं होंगे यानि कि देश गरीब होता जाएगा। किसान हमारे देश की अर्थव्यवस्था का निर्माण करते है और अगर वही गरीब होगे तो देश प्रगति कर ही नहीं सकता। लाल बहादुर शास्त्री जी ने ” जय जवाम,जय किसान” नारे से किसानों का महत्व बताया है। किसानों की प्रगति के लिए सरकार को उचित प्रबंध करने चाहिए।

#Indian Farmer Essay in Hindi

Essay on Indian Rural Life in Hindi- भारतीय ग्रामीण जीवन पर निबंध

Indian Culture Essay in Hindi- भारतीय संस्कृति निबंध

ध्यान दें – प्रिय दर्शकों Essay on Indian Farmer in Hindi आपको अच्छा लगा तो जरूर शेयर करे ।

2 thoughts on “भारतीय किसान पर निबंध- Essay on Indian Farmer in Hindi”

rice in hindi essay

Excellent Bhai ! bhai apane kisan ki puri samasya aur usase sambandhit jankari di hai > thanks

rice in hindi essay

This essay helped me a lot in my exam. Jai Jawan, Jai Kisan. 👍👍☺

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हिंदी निबंध (Hindi Nibandh / Essay in Hindi) - हिंदी निबंध लेखन, हिंदी निबंध 100, 200, 300, 500 शब्दों में

हिंदी में निबंध (Essay in Hindi) - छात्र जीवन में विभिन्न विषयों पर हिंदी निबंध (essay in hindi) लिखने की आवश्यकता होती है। हिंदी निबंध लेखन (essay writing in hindi) के कई फायदे हैं। हिंदी निबंध से किसी विषय से जुड़ी जानकारी को व्यवस्थित रूप देना आ जाता है तथा विचारों को अभिव्यक्त करने का कौशल विकसित होता है। हिंदी निबंध (hindi nibandh) लिखने की गतिविधि से इन विषयों पर छात्रों के ज्ञान के दायरे का विस्तार होता है जो कि शिक्षा के अहम उद्देश्यों में से एक है। हिंदी में निबंध या लेख लिखने से विषय के बारे में समालोचनात्मक दृष्टिकोण विकसित होता है। साथ ही अच्छा हिंदी निबंध (hindi nibandh) लिखने पर अंक भी अच्छे प्राप्त होते हैं। इसके अलावा हिंदी निबंध (hindi nibandh) किसी विषय से जुड़े आपके पूर्वाग्रहों को दूर कर सटीक जानकारी प्रदान करते हैं जिससे अज्ञानता की वजह से हम लोगों के सामने शर्मिंदा होने से बच जाते हैं।

आइए सबसे पहले जानते हैं कि हिंदी में निबंध की परिभाषा (definition of essay) क्या होती है?

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हिंदी निबंध (Hindi Nibandh / Essay in Hindi) - हिंदी निबंध लेखन, हिंदी निबंध 100, 200, 300, 500 शब्दों में

कुछ सामान्य विषयों (common topics) पर जानकारी जुटाने में छात्रों की सहायता करने के उद्देश्य से हमने हिंदी में निबंध (Essay in Hindi) और भाषणों के रूप में कई लेख तैयार किए हैं। स्कूली छात्रों (कक्षा 1 से 12 तक) एवं प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी में लगे विद्यार्थियों के लिए उपयोगी हिंदी निबंध (hindi nibandh), भाषण तथा कविता (useful essays, speeches and poems) से उनको बहुत मदद मिलेगी तथा उनके ज्ञान के दायरे में विस्तार होगा। ऐसे में यदि कभी परीक्षा में इससे संबंधित निबंध आ जाए या भाषण देना होगा, तो छात्र उन परिस्थितियों / प्रतियोगिता में बेहतर प्रदर्शन कर पाएँगे।

महत्वपूर्ण लेख :

  • 10वीं के बाद लोकप्रिय कोर्स
  • 12वीं के बाद लोकप्रिय कोर्स
  • क्या एनसीईआरटी पुस्तकें जेईई मेन की तैयारी के लिए काफी हैं?
  • कक्षा 9वीं से नीट की तैयारी कैसे करें

छात्र जीवन प्रत्येक व्यक्ति के जीवन के सबसे सुनहरे समय में से एक होता है जिसमें उसे बहुत कुछ सीखने को मिलता है। वास्तव में जीवन की आपाधापी और चिंताओं से परे मस्ती से भरा छात्र जीवन ज्ञान अर्जित करने को समर्पित होता है। छात्र जीवन में अर्जित ज्ञान भावी जीवन तथा करियर के लिए सशक्त आधार तैयार करने का काम करता है। नींव जितनी अच्छी और मजबूत होगी उस पर तैयार होने वाला भवन भी उतना ही मजबूत होगा और जीवन उतना ही सुखद और चिंतारहित होगा। इसे देखते हुए स्कूलों में शिक्षक छात्रों को विषयों से संबंधित अकादमिक ज्ञान से लैस करने के साथ ही विभिन्न प्रकार की पाठ्येतर गतिविधियों के जरिए उनके ज्ञान के दायरे का विस्तार करने का प्रयास करते हैं। इन पाठ्येतर गतिविधियों में समय-समय पर हिंदी निबंध (hindi nibandh) या लेख और भाषण प्रतियोगिताओं का आयोजन करना शामिल है।

करियर संबंधी महत्वपूर्ण लेख :

  • डॉक्टर कैसे बनें?
  • सॉफ्टवेयर इंजीनियर कैसे बनें
  • इंजीनियर कैसे बन सकते हैं?

निबंध, गद्य विधा की एक लेखन शैली है। हिंदी साहित्य कोष के अनुसार निबंध ‘किसी विषय या वस्तु पर उसके स्वरूप, प्रकृति, गुण-दोष आदि की दृष्टि से लेखक की गद्यात्मक अभिव्यक्ति है।’ एक अन्य परिभाषा में सीमित समय और सीमित शब्दों में क्रमबद्ध विचारों की अभिव्यक्ति को निबंध की संज्ञा दी गई है। इस तरह कह सकते हैं कि मोटे तौर पर किसी विषय पर अपने विचारों को लिखकर की गई अभिव्यक्ति ही निबंध है।

अन्य महत्वपूर्ण लेख :

  • हिंदी दिवस पर भाषण
  • हिंदी दिवस पर कविता
  • हिंदी पत्र लेखन

आइए अब जानते हैं कि निबंध के कितने अंग होते हैं और इन्हें किस प्रकार प्रभावपूर्ण ढंग से लिखकर आकर्षक बनाया जा सकता है। किसी भी हिंदी निबंध (Essay in hindi) के मोटे तौर पर तीन भाग होते हैं। ये हैं - प्रस्तावना या भूमिका, विषय विस्तार और उपसंहार।

प्रस्तावना (भूमिका)- हिंदी निबंध के इस हिस्से में विषय से पाठकों का परिचय कराया जाता है। निबंध की भूमिका या प्रस्तावना, इसका बेहद अहम हिस्सा होती है। जितनी अच्छी भूमिका होगी पाठकों की रुचि भी निबंध में उतनी ही अधिक होगी। प्रस्तावना छोटी और सटीक होनी चाहिए ताकि पाठक संपूर्ण हिंदी लेख (hindi me lekh) पढ़ने को प्रेरित हों और जुड़ाव बना सकें।

विषय विस्तार- निबंध का यह मुख्य भाग होता है जिसमें विषय के बारे में विस्तार से जानकारी दी जाती है। इसमें इसके सभी संभव पहलुओं की जानकारी दी जाती है। हिंदी निबंध (hindi nibandh) के इस हिस्से में अपने विचारों को सिलसिलेवार ढंग से लिखकर अभिव्यक्त करने की खूबी का प्रदर्शन करना होता है।

उपसंहार- निबंध का यह अंतिम भाग होता है, इसमें हिंदी निबंध (hindi nibandh) के विषय पर अपने विचारों का सार रखते हुए पाठक के सामने निष्कर्ष रखा जाता है।

ये भी देखें :

अग्निपथ योजना रजिस्ट्रेशन

अग्निपथ योजना एडमिट कार्ड

अग्निपथ योजना सिलेबस

अंत में यह जानना भी अत्यधिक आवश्यक है कि निबंध कितने प्रकार के होते हैं। मोटे तौर निबंध को निम्नलिखित श्रेणियों में रखा जाता है-

वर्णनात्मक निबंध - इस तरह के निबंधों में किसी घटना, वस्तु, स्थान, यात्रा आदि का वर्णन किया जाता है। इसमें त्योहार, यात्रा, आयोजन आदि पर लेखन शामिल है। इनमें घटनाओं का एक क्रम होता है और इस तरह के निबंध लिखने आसान होते हैं।

विचारात्मक निबंध - इस तरह के निबंधों में मनन-चिंतन की अधिक आवश्यकता होती है। अक्सर ये किसी समस्या – सामाजिक, राजनीतिक या व्यक्तिगत- पर लिखे जाते हैं। विज्ञान वरदान या अभिशाप, राष्ट्रीय एकता की समस्या, बेरोजगारी की समस्या आदि ऐसे विषय हो सकते हैं। इन हिंदी निबंधों (hindi nibandh) में विषय के अच्छे-बुरे पहलुओं पर विचार व्यक्त किया जाता है और समस्या को दूर करने के उपाय भी सुझाए जाते हैं।

भावात्मक निबंध - ऐसे निबंध जिनमें भावनाओं को व्यक्त करने की अधिक स्वतंत्रता होती है। इनमें कल्पनाशीलता के लिए अधिक छूट होती है। भाव की प्रधानता के कारण इन निबंधों में लेखक की आत्मीयता झलकती है। मेरा प्रिय मित्र, यदि मैं डॉक्टर होता जैसे विषय इस श्रेणी में रखे जा सकते हैं।

इसके साथ ही विषय वस्तु की दृष्टि से भी निबंधों को सामाजिक, आर्थिक, सांस्कृतिक, खेल, विज्ञान और प्रौद्योगिकी जैसी बहुत सी श्रेणियों में बाँटा जा सकता है।

ये भी पढ़ें-

  • केंद्रीय विद्यालय एडमिशन
  • नवोदय कक्षा 6 प्रवेश
  • एनवीएस एडमिशन कक्षा 9

जिस प्रकार बातचीत को आकर्षक और प्रभावी बनाने के लिए लोग मुहावरे, लोकोक्तियों, सूक्तियों, दोहों, कविताओं आदि की मदद लेते हैं, ठीक उसी तरह निबंध को भी प्रभावी बनाने के लिए इनकी सहायता ली जानी चाहिए। उदाहरण के लिए मित्रता पर हिंदी निबंध (hindi nibandh) लिखते समय तुलसीदास जी की इन पंक्तियों की मदद ले सकते हैं -

जे न मित्र दुख होंहि दुखारी, तिन्हिं बिलोकत पातक भारी।

यानि कि जो व्यक्ति मित्र के दुख से दुखी नहीं होता है, उनको देखने से बड़ा पाप होता है।

हिंदी या मातृभाषा पर निबंध लिखते समय भारतेंदु हरिश्चंद्र की पंक्तियों का प्रयोग करने से चार चाँद लग जाएगा-

निज भाषा उन्नति अहै, सब उन्नति को मूल

बिन निज भाषा-ज्ञान के, मिटत न हिय को सूल।

प्रासंगिकता और अपने विवेक के अनुसार लेखक निबंधों में ऐसी सामग्री का उपयोग निबंध को प्रभावी बनाने के लिए कर सकते हैं। इनका भंडार तैयार करने के लिए जब कभी कोई पंक्ति या उद्धरण अच्छा लगे, तो एकत्रित करते रहें और समय-समय पर इनको दोहराते रहें।

उपरोक्त सभी प्रारूपों का उपयोग कर छात्रों के लिए हमने निम्नलिखित हिंदी में निबंध (Essay in Hindi) तैयार किए हैं -

सुभाष चंद्र बोस ने ब्रिटिश शासन के खिलाफ भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। सुभाष चंद्र बोस भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (आईएनसी) के नेता थे और बाद में उन्होंने फॉरवर्ड ब्लॉक का गठन किया। इसके माध्यम से भारत में सभी ब्रिटिश विरोधी ताकतों को एकजुट करने की पहल की थी। बोस ब्रिटिश सरकार के मुखर आलोचक थे और स्वतंत्रता प्राप्त करने के लिए और अधिक आक्रामक कार्रवाई की वकालत करते थे। विद्यार्थियों को अक्सर कक्षा और परीक्षा में सुभाष चंद्र बोस जयंती (subhash chandra bose jayanti) या सुभाष चंद्र बोस पर हिंदी में निबंध (subhash chandra bose essay in hindi) लिखने को कहा जाता है। यहां सुभाष चंद्र बोस पर 100, 200 और 500 शब्दों का निबंध दिया गया है।

भारत में 26 जनवरी 1950 को संविधान लागू हुआ। इस दिन को गणतंत्र दिवस के रूप में मनाया जाता है। गणतंत्र दिवस के सम्मान में स्कूलों में विभिन्न प्रकार के सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित होते हैं। गणतंत्र दिवस के दिन सभी स्कूलों, सरकारी व गैर सरकारी दफ्तरों में झंडोत्तोलन होता है। राष्ट्रगान गाया जाता है। मिठाईयां बांटी जाती है और अवकाश रहता है। छात्रों और बच्चों के लिए 100, 200 और 500 शब्दों में गणतंत्र दिवस पर निबंध पढ़ें।

26 जनवरी, 1950 को हमारे देश का संविधान लागू किया गया, इसमें भारत को गणतांत्रिक व्यवस्था वाला देश बनाने की राह तैयार की गई। गणतंत्र दिवस के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में भाषण (रिपब्लिक डे स्पीच) देने के लिए हिंदी भाषण की उपयुक्त सामग्री (Republic Day Speech Ideas) की यदि आपको भी तलाश है तो समझ लीजिए कि गणतंत्र दिवस पर भाषण (Republic Day speech in Hindi) की आपकी तलाश यहां खत्म होती है। इस राष्ट्रीय पर्व के बारे में विद्यार्थियों को जागरूक बनाने और उनके ज्ञान को परखने के लिए गणतत्र दिवस पर निबंध (Republic day essay) लिखने का प्रश्न भी परीक्षाओं में पूछा जाता है। इस लेख में दी गई जानकारी की मदद से Gantantra Diwas par nibandh लिखने में भी मदद मिलेगी। Gantantra Diwas par lekh bhashan तैयार करने में इस लेख में दी गई जानकारी की मदद लें और अच्छा प्रदर्शन करें।

मोबाइल फ़ोन को सेल्युलर फ़ोन भी कहा जाता है। मोबाइल आज आधुनिक प्रौद्योगिकी का एक अहम हिस्सा है जिसने दुनिया को एक साथ लाकर हमारे जीवन को बहुत प्रभावित किया है। मोबाइल हमारे जीवन का अभिन्न अंग बन गया है। मोबाइल में इंटरनेट के इस्तेमाल ने कई कामों को बेहद आसान कर दिया है। मनोरंजन, संचार के साथ रोजमर्रा के कामों में भी इसकी अहम भूमिका हो गई है। इस निबंध में मोबाइल फोन के बारे में बताया गया है।

भारत में प्रत्येक वर्ष 14 सितंबर को हिंदी दिवस मनाया जाता है। 14 सितंबर, 1949 को संविधान सभा ने जनभाषा हिंदी को राजभाषा का दर्जा प्रदान किया। इस दिन की याद में हर वर्ष 14 सितंबर को राष्ट्रीय हिंदी दिवस मनाया जाता है। वहीं हिंदी भाषा को सम्मान देने के लिए 10 जनवरी को प्रतिवर्ष विश्व हिंदी दिवस (World Hindi Diwas) मनाया जाता है। इस लेख में राष्ट्रीय हिंदी दिवस (14 सितंबर) और विश्व हिंदी दिवस (10 जनवरी) के बारे में चर्चा की गई है।

मकर संक्रांति का त्योहार यूपी, बिहार, दिल्ली, राजस्थान, मध्यप्रदेश सहित देश के विभिन्न राज्यों में 14 जनवरी को मनाया जाता है। इसे खिचड़ी के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन लोग पवित्र नदियों में स्नान के बाद पूजा करके दान करते हैं। इस दिन खिचड़ी, तिल-गुड, चिउड़ा-दही खाने का रिवाज है। प्रयागराज में इस दिन से कुंभ मेला आरंभ होता है। इस लेख में मकर संक्रांति के बारे में बताया गया है।

पर्यावरण से संबंधित मुद्दों की चर्चा करते समय ग्लोबल वार्मिंग की चर्चा अक्सर होती है। ग्लोबल वार्मिंग का संबंध वैश्विक तापमान में वृद्धि से है। इसके अनेक कारण हैं। इनमें वनों का लगातार कम होना और ग्रीन हाउस गैसों का उत्सर्जन प्रमुख है। वनों का विस्तार करके और ग्रीन हाउस गैसों पर नियंत्रण करके हम ग्लोबल वार्मिंग की समस्या के समाधान की दिशा में कदम उठा सकते हैं। ग्लोबल वार्मिंग पर निबंध- कारण और समाधान में इस विषय पर चर्चा की गई है।

भारत में भ्रष्टाचार एक बड़ी समस्या है। समाचारों में अक्सर भ्रष्टाचार से जुड़े मामले प्रकाश में आते रहते हैं। सरकार ने भ्रष्टाचार पर नियंत्रण के लिए कई उपाय किए हैं। अलग-अलग एजेंसियां भ्रष्टाचार करने वालों पर कार्रवाई करती रहती हैं। फिर भी आम जनता को भ्रष्टाचार का सामना करना पड़ता है। हालांकि डिजीटल इंडिया की पहल के बाद कई मामलों में पारदर्शिता आई है। लेकिन भ्रष्टाचार के मामले कम हुए है, समाप्त नहीं हुए हैं। भ्रष्टाचार पर निबंध के माध्यम से आपको इस विषय पर सभी पहलुओं की जानकारी मिलेगी।

समय-समय पर ईश्वरीय शक्ति का एहसास कराने के लिए संत-महापुरुषों का जन्म होता रहा है। गुरु नानक भी ऐसे ही विभूति थे। उन्होंने अपने कार्यों से लोगों को चमत्कृत कर दिया। गुरु नानक की तर्कसम्मत बातों से आम जनमानस उनका मुरीद हो गया। उन्होंने दुनिया को मानवता, प्रेम और भाईचारे का संदेश दिया। भारत, पाकिस्तान, अरब और अन्य जगहों पर वर्षों तक यात्रा की और लोगों को उपदेश दिए। गुरु नानक जयंती पर निबंध से आपको उनके व्यक्तित्व और कृतित्व की जानकारी मिलेगी।

कुत्ता हमारे आसपास रहने वाला जानवर है। सड़कों पर, गलियों में कहीं भी कुत्ते घूमते हुए दिख जाते हैं। शौक से लोग कुत्तों को पालते भी हैं। क्योंकि वे घर की रखवाली में सहायक होते हैं। बच्चों को अक्सर परीक्षा में मेरा पालतू कुत्ता विषय पर निबंध लिखने को कहा जाता है। यह लेख बच्चों को मेरा पालतू कुत्ता विषय पर निबंध लिखने में सहायक होगा।

स्वामी विवेकानंद जी हमारे देश का गौरव हैं। विश्व-पटल पर वास्तविक भारत को उजागर करने का कार्य सबसे पहले किसी ने किया तो वें स्वामी विवेकानंद जी ही थे। उन्होंने ही विश्व को भारतीय मानसिकता, विचार, धर्म, और प्रवृति से परिचित करवाया। स्वामी विवेकानंद जी के बारे में जानने के लिए आपको इस लेख को पढ़ना चाहिए। यह लेख निश्चित रूप से आपके व्यक्तित्व में सकारात्मक परिवर्तन करेगा।

हम सभी ने "महिला सशक्तिकरण" या नारी सशक्तिकरण के बारे में सुना होगा। "महिला सशक्तिकरण"(mahila sashaktikaran essay) समाज में महिलाओं की स्थिति को सुदृढ़ बनाने और सभी लैंगिक असमानताओं को कम करने के लिए किए गए कार्यों को संदर्भित करता है। व्यापक अर्थ में, यह विभिन्न नीतिगत उपायों को लागू करके महिलाओं के आर्थिक और सामाजिक सशक्तिकरण से संबंधित है। प्रत्येक बालिका की स्कूल में उपस्थिति सुनिश्चित करना और उनकी शिक्षा को अनिवार्य बनाना, महिलाओं को सशक्त बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इस लेख में "महिला सशक्तिकरण"(mahila sashaktikaran essay) पर कुछ सैंपल निबंध दिए गए हैं, जो निश्चित रूप से सभी के लिए सहायक होंगे।

भगत सिंह एक युवा क्रांतिकारी थे जिन्होंने भारत की आजादी के लिए लड़ते हुए बहुत कम उम्र में ही अपने प्राण न्यौछावर कर दिए थे। देश के लिए उनकी भक्ति निर्विवाद है। शहीद भगत सिंह महज 23 साल की उम्र में शहीद हो गए। उन्होंने न केवल भारत की आजादी के लिए लड़ाई लड़ी, बल्कि वह इसे हासिल करने के लिए अपनी जान जोखिम में डालने को भी तैयार थे। उनके निधन से पूरे देश में देशभक्ति की भावना प्रबल हो गई। उनके समर्थकों द्वारा उन्हें शहीद के रूप में सम्मानित किया गया था। वह हमेशा हमारे बीच शहीद भगत सिंह के नाम से ही जाने जाएंगे। भगत सिंह के जीवन परिचय के लिए अक्सर छोटी कक्षा के छात्रों को भगत सिंह पर निबंध तैयार करने को कहा जाता है। इस लेख के माध्यम से आपको भगत सिंह पर निबंध तैयार करने में सहायता मिलेगी।

वसुधैव कुटुंबकम एक संस्कृत वाक्यांश है जिसका अर्थ है "संपूर्ण विश्व एक परिवार है"। यह महा उपनिषद् से लिया गया है। वसुधैव कुटुंबकम वह दार्शनिक अवधारणा है जो सार्वभौमिक भाईचारे और सभी प्राणियों के परस्पर संबंध के विचार को पोषित करती है। यह वाक्यांश संदेश देता है कि प्रत्येक व्यक्ति वैश्विक समुदाय का सदस्य है और हमें एक-दूसरे का सम्मान करना चाहिए, सभी की गरिमा का ध्यान रखने के साथ ही सबके प्रति दयाभाव रखना चाहिए। वसुधैव कुटुंबकम की भावना को पोषित करने की आवश्यकता सदैव रही है पर इसकी आवश्यकता इस समय में पहले से कहीं अधिक है। समय की जरूरत को देखते हुए इसके महत्व से भावी नागरिकों को अवगत कराने के लिए वसुधैव कुटुंबकम विषय पर निबंध या भाषणों का आयोजन भी स्कूलों में किया जाता है। कॅरियर्स360 के द्वारा छात्रों की इसी आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए वसुधैव कुटुंबकम विषय पर यह लेख तैयार किया गया है।

गाय भारत के एक बेहद महत्वपूर्ण पशु में से एक है जिस पर न जाने कितने ही लोगों की आजीविका आश्रित है क्योंकि गाय के शरीर से प्राप्त होने वाली हर वस्तु का उपयोग भारतीय लोगों द्वारा किसी न किसी रूप में किया जाता है। ना सिर्फ आजीविका के लिहाज से, बल्कि आस्था के दृष्टिकोण से भी भारत में गाय एक महत्वपूर्ण पशु है क्योंकि भारत में मौजूद सबसे बड़ी आबादी यानी हिन्दू धर्म में आस्था रखने वाले लोगों के लिए गाय आस्था का प्रतीक है। ऐसे में विद्यालयों में गाय को लेकर निबंध लिखने का कार्य दिया जाना आम है। गाय के इस निबंध के माध्यम से छात्रों को परीक्षा में पूछे जाने वाले गाय पर निबंध को लिखने में भी सहायता मिलेगी।

क्रिसमस (christmas in hindi) भारत सहित दुनिया भर में मनाए जाने वाले बेहद महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक है। यह ईसाइयों का प्रमुख त्योहार है। प्रत्येक वर्ष इसे 25 दिसंबर को मनाया जाता है। क्रिसमस का महत्व समझाने के लिए कई बार स्कूलों में बच्चों को क्रिसमस पर निबंध (christmas in hindi) लिखने का कार्य दिया जाता है। क्रिसमस पर एग्जाम के लिए प्रभावी निबंध तैयार करने का तरीका सीखें।

रक्षाबंधन हिंदुओं के प्रमुख त्योहारों में से एक है। यह पर्व पूरी तरह से भाई और बहन के रिश्ते को समर्पित त्योहार है। इस दिन बहनें अपने भाइयों की कलाई पर रक्षाबंधन बांध कर उनके लंबी उम्र की कामना करती हैं। वहीं भाई अपनी बहनों को कोई तोहफा देने के साथ ही जीवन भर उनके सुख-दुख में उनका साथ देने का वचन देते हैं। इस दिन छोटी बच्चियाँ देश के प्रधानमंत्री व राष्ट्रपति को राखी बांधती हैं। रक्षाबंधन पर हिंदी में निबंध (essay on rakshabandhan in hindi) आधारित इस लेख से विद्यार्थियों को रक्षाबंधन के त्योहार पर न सिर्फ लेख लिखने में सहायता प्राप्त होगी, बल्कि वे इसकी सहायता से रक्षाबंधन के पर्व का महत्व भी समझ सकेंगे।

होली त्योहार जल्द ही देश भर में हर्षोल्लास के साथ मनाया जाने वाला है। होली आकर्षक और मनोहर रंगों का त्योहार है, यह एक ऐसा त्योहार है जो हर धर्म, संप्रदाय, जाति के बंधन की सीमा से परे जाकर लोगों को भाई-चारे का संदेश देता है। होली अंदर के अहंकार और बुराई को मिटा कर सभी के साथ हिल-मिलकर, भाई-चारे, प्रेम और सौहार्द्र के साथ रहने का त्योहार है। होली पर हिंदी में निबंध (hindi mein holi par nibandh) को पढ़ने से होली के सभी पहलुओं को जानने में मदद मिलेगी और यदि परीक्षा में holi par hindi mein nibandh लिखने को आया तो अच्छा अंक लाने में भी सहायता मिलेगी।

दशहरा हिंदू धर्म में मनाया जाने वाला एक महत्वपूर्ण त्योहार है। बच्चों को विद्यालयों में दशहरा पर निबंध (Essay in hindi on Dussehra) लिखने को भी कहा जाता है, जिससे उनकी दशहरा के प्रति उत्सुकता बनी रहे और उन्हें दशहरा के बारे पूर्ण जानकारी भी मिले। दशहरा पर निबंध (Essay on Dussehra in Hindi) के इस लेख में हम देखेंगे कि लोग दशहरा कैसे और क्यों मनाते हैं, इसलिए हिंदी में दशहरा पर निबंध (Essay on Dussehra in Hindi) के इस लेख को पूरा जरूर पढ़ें।

हमें उम्मीद है कि दीवाली त्योहार पर हिंदी में निबंध उन युवा शिक्षार्थियों के लिए फायदेमंद साबित होगा जो इस विषय पर निबंध लिखना चाहते हैं। हमने नीचे दिए गए निबंध में शुभ दिवाली त्योहार (Diwali Festival) के सार को सही ठहराने के लिए अपनी ओर से एक मामूली प्रयास किया है। बच्चे दिवाली पर हिंदी के इस निबंध से कुछ सीख कर लाभ उठा सकते हैं कि वाक्यों को कैसे तैयार किया जाए, Class 1 से 10 तक के लिए दीपावली पर निबंध हिंदी में तैयार करने के लिए इसके लिंक पर जाएँ।

बाल दिवस पर भाषण (Children's Day Speech In Hindi), बाल दिवस पर हिंदी में निबंध (Children's Day essay In Hindi), बाल दिवस गीत, कविता पाठ, चित्रकला, खेलकूद आदि से जुड़ी प्रतियोगिताएं बाल दिवस के मौके पर आयोजित की जाती हैं। स्कूलों में बाल दिवस पर भाषण देने और बाल दिवस पर हिंदी में निबंध लिखने के लिए उपयोगी सामग्री इस लेख में मिलेगी जिसकी मदद से बाल दिवस पर भाषण देने और बाल दिवस के लिए निबंध तैयार करने में मदद मिलेगी। कई बार तो परीक्षाओं में भी बाल दिवस पर लेख लिखने का प्रश्न पूछा जाता है। इसमें भी यह लेख मददगार होगा।

हिंदी दिवस हर साल 14 सितंबर को मनाया जाता है। भारत देश अनेकता में एकता वाला देश है। अपने विविध धर्म, संस्कृति, भाषाओं और परंपराओं के साथ, भारत के लोग सद्भाव, एकता और सौहार्द के साथ रहते हैं। भारत में बोली जाने वाली विभिन्न भाषाओं में, हिंदी सबसे अधिक उपयोग की जाने वाली और बोली जाने वाली भाषा है। भारतीय संविधान के अनुच्छेद 343 के अनुसार 14 सितंबर 1949 को हिंदी भाषा को राजभाषा के रूप में अपनाया गया था। हमारी मातृभाषा हिंदी और देश के प्रति सम्मान दिखाने के लिए हिंदी दिवस का आयोजन किया जाता है। हिंदी दिवस पर भाषण के लिए उपयोगी जानकारी इस लेख में मिलेगी।

हिन्दी में कवियों की परम्परा बहुत लम्बी है। हिंदी के महान कवियों ने कालजयी रचनाएं लिखी हैं। हिंदी में निबंध और वाद-विवाद आदि का जितना महत्व है उतना ही महत्व हिंदी कविताओं और कविता-पाठ का भी है। हिंदी दिवस पर विद्यालय या अन्य किसी आयोजन पर हिंदी कविता भी चार चाँद लगाने का काम करेगी। हिंदी दिवस कविता के इस लेख में हम हिंदी भाषा के सम्मान में रचित, हिंदी का महत्व बतलाती विभिन्न कविताओं की जानकारी दी गई है।

15 अगस्त, 1947 को हमारा देश भारत 200 सालों के अंग्रेजी हुकूमत से आजाद हुआ था। यही वजह है कि यह दिन इतिहास में दर्ज हो गया और इसे भारत के स्वतंत्रता दिवस के तौर पर मनाया जाने लगा। इस दिन देश के प्रधानमंत्री लालकिले पर राष्ट्रीय ध्वज फहराते तो हैं ही और साथ ही इसके बाद वे पूरे देश को लालकिले से संबोधित भी करते हैं। इस दौरान प्रधानमंत्री का पूरा भाषण टीवी व रेडियो के माध्यम से पूरे देश में प्रसारित किया जाता है। इसके अलावा देश भर में इस दिन सभी कार्यालयों में छुट्टी होती है। स्कूल्स व कॉलेज में रंगारंग कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। स्वतंत्रता दिवस से संबंधित संपूर्ण जानकारी आपको इस लेख में मिलेगी जो निश्चित तौर पर आपके लिए लेख लिखने में सहायक सिद्ध होगी।

प्रदूषण पृथ्वी पर वर्तमान के उन प्रमुख मुद्दों में से एक है, जो हमारी पृथ्वी को व्यापक स्तर पर प्रभावित कर रहा है। यह एक ऐसा मुद्दा है जो लंबे समय से चर्चा में है, 21वीं सदी में इसका हानिकारक प्रभाव बड़े पैमाने पर महसूस किया जा रहा है। हालांकि विभिन्न देशों की सरकारों ने इन प्रभावों को रोकने के लिए कई बड़े कदम उठाए हैं, लेकिन अभी भी एक लंबा रास्ता तय करना बाकी है। इससे कई प्राकृतिक प्रक्रियाओं में गड़बड़ी आती है। इतना ही नहीं, आज कई वनस्पतियां और जीव-जंतु या तो विलुप्त हो चुके हैं या विलुप्त होने की कगार पर हैं। प्रदूषण की मात्रा में तेजी से वृद्धि के कारण पशु तेजी से न सिर्फ अपना घर खो रहे हैं, बल्कि जीने लायक प्रकृति को भी खो रहे हैं। प्रदूषण ने दुनिया भर के कई प्रमुख शहरों को प्रभावित किया है। इन प्रदूषित शहरों में से अधिकांश भारत में ही स्थित हैं। दुनिया के कुछ सबसे प्रदूषित शहरों में दिल्ली, कानपुर, बामेंडा, मॉस्को, हेज़, चेरनोबिल, बीजिंग शामिल हैं। हालांकि इन शहरों ने प्रदूषण पर अंकुश लगाने के लिए कई कदम उठाए हैं, लेकिन अभी बहुत कुछ और बहुत ही तेजी के साथ किए जाने की जरूरत है।

वायु प्रदूषण पर हिंदी में निबंध के ज़रिए हम इसके बारे में थोड़ा गहराई से जानेंगे। वायु प्रदूषण पर लेख (Essay on Air Pollution) से इस समस्या को जहाँ समझने में आसानी होगी वहीं हम वायु प्रदूषण के लिए जिम्मेदार पहलुओं के बारे में भी जान सकेंगे। इससे स्कूली विद्यार्थियों को वायु प्रदूषण पर निबंध (Essay on Air Pollution) तैयार करने में भी मदद होगी। हिंदी में वायु प्रदूषण पर निबंध से परीक्षा में बेहतर स्कोर लाने में मदद मिलेगी।

एक बड़े भू-क्षेत्र में लंबे समय तक रहने वाले मौसम की औसत स्थिति को जलवायु की संज्ञा दी जाती है। किसी भू-भाग की जलवायु पर उसकी भौगोलिक स्थिति का सर्वाधिक असर पड़ता है। पृथ्वी ग्रह का बुखार (तापमान) लगातार बढ़ रहा है। सरकारों को इसमें नागरिकों की सहभागिता सुनिश्चित करने के लिए उपयुक्त कदम उठाने होंगे। जलवायु परिवर्तन को नियंत्रित करने के लिए सरकारों को सतत विकास के उपायों में निवेश करने, ग्रीन जॉब, हरित अर्थव्यवस्था के निर्माण की ओर आगे बढ़ने की जरूरत है। पृथ्वी पर जीवन को बचाए रखने, इसे स्वस्थ रखने और ग्लोबल वार्मिंग के खतरों से निपटने के लिए सभी देशों को मिलकर ईमानदारी से काम करना होगा। ग्लोबल वार्मिंग या जलवायु परिवर्तन पर निबंध के जरिए छात्रों को इस विषय और इससे जुड़ी समस्याओं और समाधान के बारे में जानने को मिलेगा।

हमारी यह पृथ्वी जिस पर हम सभी निवास करते हैं इसके पर्यावरण के संरक्षण के लिए विश्व पर्यावरण दिवस (World Environment Day) हर साल 5 जून को मनाया जाता है। इसकी शुरुआत 1972 में मानव पर्यावरण पर आयोजित संयुक्त राष्ट्र सम्मलेन के दौरान हुई थी। पहला विश्व पर्यावरण दिवस (Environment Day) 5 जून 1974 को “केवल एक पृथ्वी” (Only One Earth) स्लोगन/थीम के साथ मनाया गया था, जिसमें तत्कालीन प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गाँधी ने भी भाग लिया था। इसी सम्मलेन में संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (UNEP) की भी स्थापना की गई थी। इस विश्व पर्यावरण दिवस (World Environment Day) को मनाने का उद्देश्य विश्व के लोगों के भीतर पर्यावरण (Environment) के प्रति जागरूकता लाना और साथ ही प्रकृति के प्रति अपने कर्तव्य का निर्वहन करना भी है। इसी विषय पर विचार करते हुए 19 नवंबर, 1986 को पर्यवरण संरक्षण अधिनियम लागू किया गया तथा 1987 से हर वर्ष पर्यावरण दिवस की मेजबानी करने के लिए अलग-अलग देश को चुना गया।

आज के युग में जब हम अपना अधिकतर समय पढाई पर केंद्रित करने का प्रयास करते नजर आते हैं और साथ ही अपना ज़्यादातर समय ऑनलाइन रह कर व्यतीत करना पसंद करते हैं, ऐसे में हमारे जीवन में खेलों का महत्व कई गुना बढ़ जाता है। खेल हमारे लिए केवल मनोरंजन का साधन ही नहीं, अपितु हमारे सर्वांगीण विकास का एक माध्यम भी है। हमारे जीवन में खेल उतना ही जरूरी है, जितना पढाई करना। आज कल के युग में मानव जीवन में शारीरिक कार्य की तुलना में मानसिक कार्य में बढ़ोतरी हुई है और हमारी जीवन शैली भी बदल गई है, हम रात को देर से सोते हैं और साथ ही सुबह देर से उठते हैं। जाहिर है कि यह दिनचर्या स्वास्थ्य के लिए अच्छी नहीं है और इसके साथ ही कार्य या पढाई की वजह से मानसिक तनाव पहले की तुलना में वृद्धि महसूस की जा सकती है। ऐसी स्थिति में जब हमारे जीवन में शारीरिक परिश्रम अधिक नहीं है, तो हमारे जीवन में खेलो का महत्व बहुत अधिक बढ़ जाता है।

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हमेशा से कहा जाता रहा है कि ‘आवश्यकता ही अविष्कार की जननी है’, जैसे-जैसे मानव की आवश्यकता बढती गई, वैसे-वैसे उसने अपनी सुविधा के लिए अविष्कार करना आरंभ किया। विज्ञान से तात्पर्य एक ऐसे व्यवस्थित ज्ञान से है जो विचार, अवलोकन तथा प्रयोगों से प्राप्त किया जाता है, जो कि किसी अध्ययन की प्रकृति या सिद्धांतों की जानकारी प्राप्त करने के लिए किए जाते हैं। विज्ञान शब्द का प्रयोग ज्ञान की ऐसी शाखा के लिए भी किया जाता है, जो तथ्य, सिद्धांत और तरीकों का प्रयोग और परिकल्पना से स्थापित और व्यवस्थित करता है।

शिक्षक अपने शिष्य के जीवन के साथ साथ उसके चरित्र निर्माण में भी एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते है। कहा जाता है कि सबसे पहली गुरु माँ होती है, जो अपने बच्चों को जीवन प्रदान करने के साथ-साथ जीवन के आधार का ज्ञान भी देती है। इसके बाद अन्य शिक्षकों का स्थान होता है। किसी व्यक्ति के व्यक्तित्व का निर्माण करना बहुत ही बड़ा और कठिन कार्य है। व्यक्ति को शिक्षा प्रदान करने के साथ-साथ उसके चरित्र और व्यक्तित्व का निर्माण करना भी उसी प्रकार का कार्य है, जैसे कोई कुम्हार मिट्टी से बर्तन बनाने का कार्य करता है। इसी प्रकार शिक्षक अपने छात्रों को शिक्षा प्रदान करने के साथ साथ उसके व्यक्तित्व का निर्माण भी करते हैं।

अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस की शुरुआत 1908 में हुई थी, जब न्यूयॉर्क शहर की सड़को पर हजारों महिलाएं घंटों काम के लिए बेहतर वेतन और सम्मान तथा समानता के अधिकार को प्राप्त करने के लिए उतरी थीं। अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मनाने का प्रस्ताव क्लारा जेटकिन का था जिन्होंने 1910 में यह प्रस्ताव रखा था। पहला अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस 1911 में ऑस्ट्रिया, डेनमार्क, जर्मनी और स्विट्ज़रलैंड में मनाया गया था।

हम उम्मीद करते हैं कि स्कूली छात्रों के लिए तैयार उपयोगी हिंदी में निबंध, भाषण और कविता (Essays, speech and poems for school students) के इस संकलन से निश्चित तौर पर छात्रों को मदद मिलेगी।

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बाल श्रम को बच्चो द्वारा रोजगार के लिए किसी भी प्रकार के कार्य को करने के रूप में परिभाषित किया गया है जो उनके शारीरिक और मानसिक विकास में बाधा डालता है और उन्हें मूलभूत शैक्षिक और मनोरंजक जरूरतों तक पहुंच से वंचित करता है। एक बच्चे को आम तौर व्यस्क तब माना जाता है जब वह पंद्रह वर्ष या उससे अधिक का हो जाता है। इस आयु सीमा से कम के बच्चों को किसी भी प्रकार के जबरन रोजगार में संलग्न होने की अनुमति नहीं है। बाल श्रम बच्चों को सामान्य परवरिश का अनुभव करने, गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्राप्त करने और उनके शारीरिक और भावनात्मक विकास में बाधा के रूप में देखा जाता है। जानिए कैसे तैयार करें बाल श्रम या फिर कहें तो बाल मजदूरी पर निबंध।

एपीजे अब्दुल कलाम की गिनती आला दर्जे के वैज्ञानिक होने के साथ ही प्रभावी नेता के तौर पर भी होती है। वह 21वीं सदी के प्रसिद्ध वैज्ञानिकों में से एक हैं। कलाम देश के 11वें राष्ट्रपति बने, अपने कार्यकाल में समाज को लाभ पहुंचाने वाली कई पहलों की शुरुआत की। मेरा प्रिय नेता विषय पर अक्सर परीक्षा में निबंध लिखने का प्रश्न पूछा जाता है। जानिए कैसे तैयार करें अपने प्रिय नेता: एपीजे अब्दुल कलाम पर निबंध।

हमारे जीवन में बहुत सारे लोग आते हैं। उनमें से कई को भुला दिया जाता है, लेकिन कुछ का हम पर स्थायी प्रभाव पड़ता है। भले ही हमारे कई दोस्त हों, उनमें से कम ही हमारे अच्छे दोस्त होते हैं। कहा भी जाता है कि सौ दोस्तों की भीड़ के मुक़ाबले जीवन में एक सच्चा/अच्छा दोस्त होना काफी है। यह लेख छात्रों को 'मेरे प्रिय मित्र'(My Best Friend Nibandh) पर निबंध तैयार करने में सहायता करेगा।

3 फरवरी, 1879 को भारत के हैदराबाद में एक बंगाली परिवार ने सरोजिनी नायडू का दुनिया में स्वागत किया। उन्होंने कम उम्र में ही कविता लिखना शुरू कर दिया था। उन्होंने कैम्ब्रिज में किंग्स कॉलेज और गिर्टन, दोनों ही पाठ्यक्रमों में दाखिला लेकर अपनी पढ़ाई पूरी की। जब वह एक बच्ची थी, तो कुछ भारतीय परिवारों ने अपनी बेटियों को स्वतंत्रता आंदोलन में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित किया। हालाँकि, सरोजिनी नायडू के परिवार ने लगातार उदार मूल्यों का समर्थन किया। वह न्याय की लड़ाई में विरोध की प्रभावशीलता पर विश्वास करते हुए बड़ी हुई। सरोजिनी नायडू से संबंधित अधिक जानकारी के लिए इस लेख को पढ़ें।

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Frequently Asked Question (FAQs)

किसी भी हिंदी निबंध (Essay in hindi) को तीन भागों में विभाजित किया जा सकता है- ये हैं- प्रस्तावना या भूमिका, विषय विस्तार और उपसंहार (conclusion)।

हिंदी निबंध लेखन शैली की दृष्टि से मुख्य रूप से तीन प्रकार के होते हैं-

वर्णनात्मक हिंदी निबंध - इस तरह के निबंधों में किसी घटना, वस्तु, स्थान, यात्रा आदि का वर्णन किया जाता है।

विचारात्मक निबंध - इस तरह के निबंधों में मनन-चिंतन की अधिक आवश्यकता होती है।

भावात्मक निबंध - ऐसे निबंध जिनमें भावनाओं को व्यक्त करने की अधिक स्वतंत्रता होती है।

विषय वस्तु की दृष्टि से भी निबंधों को सामाजिक, आर्थिक, सांस्कृतिक, खेल, विज्ञान और प्रौद्योगिकी जैसी बहुत सी श्रेणियों में बाँटा जा सकता है।

निबंध में समुचित जगहों पर मुहावरे, लोकोक्तियों, सूक्तियों, दोहों, कविता का प्रयोग करके इसे प्रभावी बनाने में मदद मिलती है। हिंदी निबंध के प्रभावी होने पर न केवल बेहतर अंक मिलेंगी बल्कि असल जीवन में अपनी बात रखने का कौशल भी विकसित होगा।

कुछ उपयोगी विषयों पर हिंदी में निबंध के लिए ऊपर लेख में दिए गए लिंक्स की मदद ली जा सकती है।

निबंध, गद्य विधा की एक लेखन शैली है। हिंदी साहित्य कोष के अनुसार निबंध ‘किसी विषय या वस्तु पर उसके स्वरूप, प्रकृति, गुण-दोष आदि की दृष्टि से लेखक की गद्यात्मक अभिव्यक्ति है।’ एक अन्य परिभाषा में सीमित समय और सीमित शब्दों में क्रमबद्ध विचारों की अभिव्यक्ति को निबंध की संज्ञा दी गई है। इस तरह कह सकते हैं कि मोटे तौर पर किसी विषय पर अपने विचारों को लिखकर की गई अभिव्यक्ति निबंध है।

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Admit Card Date : 28 March,2024 - 22 May,2024

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Data Administrator

Database professionals use software to store and organise data such as financial information, and customer shipping records. Individuals who opt for a career as data administrators ensure that data is available for users and secured from unauthorised sales. DB administrators may work in various types of industries. It may involve computer systems design, service firms, insurance companies, banks and hospitals.

Bio Medical Engineer

The field of biomedical engineering opens up a universe of expert chances. An Individual in the biomedical engineering career path work in the field of engineering as well as medicine, in order to find out solutions to common problems of the two fields. The biomedical engineering job opportunities are to collaborate with doctors and researchers to develop medical systems, equipment, or devices that can solve clinical problems. Here we will be discussing jobs after biomedical engineering, how to get a job in biomedical engineering, biomedical engineering scope, and salary. 

Ethical Hacker

A career as ethical hacker involves various challenges and provides lucrative opportunities in the digital era where every giant business and startup owns its cyberspace on the world wide web. Individuals in the ethical hacker career path try to find the vulnerabilities in the cyber system to get its authority. If he or she succeeds in it then he or she gets its illegal authority. Individuals in the ethical hacker career path then steal information or delete the file that could affect the business, functioning, or services of the organization.

GIS officer work on various GIS software to conduct a study and gather spatial and non-spatial information. GIS experts update the GIS data and maintain it. The databases include aerial or satellite imagery, latitudinal and longitudinal coordinates, and manually digitized images of maps. In a career as GIS expert, one is responsible for creating online and mobile maps.

Data Analyst

The invention of the database has given fresh breath to the people involved in the data analytics career path. Analysis refers to splitting up a whole into its individual components for individual analysis. Data analysis is a method through which raw data are processed and transformed into information that would be beneficial for user strategic thinking.

Data are collected and examined to respond to questions, evaluate hypotheses or contradict theories. It is a tool for analyzing, transforming, modeling, and arranging data with useful knowledge, to assist in decision-making and methods, encompassing various strategies, and is used in different fields of business, research, and social science.

Geothermal Engineer

Individuals who opt for a career as geothermal engineers are the professionals involved in the processing of geothermal energy. The responsibilities of geothermal engineers may vary depending on the workplace location. Those who work in fields design facilities to process and distribute geothermal energy. They oversee the functioning of machinery used in the field.

Database Architect

If you are intrigued by the programming world and are interested in developing communications networks then a career as database architect may be a good option for you. Data architect roles and responsibilities include building design models for data communication networks. Wide Area Networks (WANs), local area networks (LANs), and intranets are included in the database networks. It is expected that database architects will have in-depth knowledge of a company's business to develop a network to fulfil the requirements of the organisation. Stay tuned as we look at the larger picture and give you more information on what is db architecture, why you should pursue database architecture, what to expect from such a degree and what your job opportunities will be after graduation. Here, we will be discussing how to become a data architect. Students can visit NIT Trichy , IIT Kharagpur , JMI New Delhi . 

Remote Sensing Technician

Individuals who opt for a career as a remote sensing technician possess unique personalities. Remote sensing analysts seem to be rational human beings, they are strong, independent, persistent, sincere, realistic and resourceful. Some of them are analytical as well, which means they are intelligent, introspective and inquisitive. 

Remote sensing scientists use remote sensing technology to support scientists in fields such as community planning, flight planning or the management of natural resources. Analysing data collected from aircraft, satellites or ground-based platforms using statistical analysis software, image analysis software or Geographic Information Systems (GIS) is a significant part of their work. Do you want to learn how to become remote sensing technician? There's no need to be concerned; we've devised a simple remote sensing technician career path for you. Scroll through the pages and read.

Budget Analyst

Budget analysis, in a nutshell, entails thoroughly analyzing the details of a financial budget. The budget analysis aims to better understand and manage revenue. Budget analysts assist in the achievement of financial targets, the preservation of profitability, and the pursuit of long-term growth for a business. Budget analysts generally have a bachelor's degree in accounting, finance, economics, or a closely related field. Knowledge of Financial Management is of prime importance in this career.

Underwriter

An underwriter is a person who assesses and evaluates the risk of insurance in his or her field like mortgage, loan, health policy, investment, and so on and so forth. The underwriter career path does involve risks as analysing the risks means finding out if there is a way for the insurance underwriter jobs to recover the money from its clients. If the risk turns out to be too much for the company then in the future it is an underwriter who will be held accountable for it. Therefore, one must carry out his or her job with a lot of attention and diligence.

Finance Executive

Product manager.

A Product Manager is a professional responsible for product planning and marketing. He or she manages the product throughout the Product Life Cycle, gathering and prioritising the product. A product manager job description includes defining the product vision and working closely with team members of other departments to deliver winning products.  

Operations Manager

Individuals in the operations manager jobs are responsible for ensuring the efficiency of each department to acquire its optimal goal. They plan the use of resources and distribution of materials. The operations manager's job description includes managing budgets, negotiating contracts, and performing administrative tasks.

Stock Analyst

Individuals who opt for a career as a stock analyst examine the company's investments makes decisions and keep track of financial securities. The nature of such investments will differ from one business to the next. Individuals in the stock analyst career use data mining to forecast a company's profits and revenues, advise clients on whether to buy or sell, participate in seminars, and discussing financial matters with executives and evaluate annual reports.

A Researcher is a professional who is responsible for collecting data and information by reviewing the literature and conducting experiments and surveys. He or she uses various methodological processes to provide accurate data and information that is utilised by academicians and other industry professionals. Here, we will discuss what is a researcher, the researcher's salary, types of researchers.

Welding Engineer

Welding Engineer Job Description: A Welding Engineer work involves managing welding projects and supervising welding teams. He or she is responsible for reviewing welding procedures, processes and documentation. A career as Welding Engineer involves conducting failure analyses and causes on welding issues. 

Transportation Planner

A career as Transportation Planner requires technical application of science and technology in engineering, particularly the concepts, equipment and technologies involved in the production of products and services. In fields like land use, infrastructure review, ecological standards and street design, he or she considers issues of health, environment and performance. A Transportation Planner assigns resources for implementing and designing programmes. He or she is responsible for assessing needs, preparing plans and forecasts and compliance with regulations.

Environmental Engineer

Individuals who opt for a career as an environmental engineer are construction professionals who utilise the skills and knowledge of biology, soil science, chemistry and the concept of engineering to design and develop projects that serve as solutions to various environmental problems. 

Safety Manager

A Safety Manager is a professional responsible for employee’s safety at work. He or she plans, implements and oversees the company’s employee safety. A Safety Manager ensures compliance and adherence to Occupational Health and Safety (OHS) guidelines.

Conservation Architect

A Conservation Architect is a professional responsible for conserving and restoring buildings or monuments having a historic value. He or she applies techniques to document and stabilise the object’s state without any further damage. A Conservation Architect restores the monuments and heritage buildings to bring them back to their original state.

Structural Engineer

A Structural Engineer designs buildings, bridges, and other related structures. He or she analyzes the structures and makes sure the structures are strong enough to be used by the people. A career as a Structural Engineer requires working in the construction process. It comes under the civil engineering discipline. A Structure Engineer creates structural models with the help of computer-aided design software. 

Highway Engineer

Highway Engineer Job Description:  A Highway Engineer is a civil engineer who specialises in planning and building thousands of miles of roads that support connectivity and allow transportation across the country. He or she ensures that traffic management schemes are effectively planned concerning economic sustainability and successful implementation.

Field Surveyor

Are you searching for a Field Surveyor Job Description? A Field Surveyor is a professional responsible for conducting field surveys for various places or geographical conditions. He or she collects the required data and information as per the instructions given by senior officials. 

Orthotist and Prosthetist

Orthotists and Prosthetists are professionals who provide aid to patients with disabilities. They fix them to artificial limbs (prosthetics) and help them to regain stability. There are times when people lose their limbs in an accident. In some other occasions, they are born without a limb or orthopaedic impairment. Orthotists and prosthetists play a crucial role in their lives with fixing them to assistive devices and provide mobility.

Pathologist

A career in pathology in India is filled with several responsibilities as it is a medical branch and affects human lives. The demand for pathologists has been increasing over the past few years as people are getting more aware of different diseases. Not only that, but an increase in population and lifestyle changes have also contributed to the increase in a pathologist’s demand. The pathology careers provide an extremely huge number of opportunities and if you want to be a part of the medical field you can consider being a pathologist. If you want to know more about a career in pathology in India then continue reading this article.

Veterinary Doctor

Speech therapist, gynaecologist.

Gynaecology can be defined as the study of the female body. The job outlook for gynaecology is excellent since there is evergreen demand for one because of their responsibility of dealing with not only women’s health but also fertility and pregnancy issues. Although most women prefer to have a women obstetrician gynaecologist as their doctor, men also explore a career as a gynaecologist and there are ample amounts of male doctors in the field who are gynaecologists and aid women during delivery and childbirth. 

Audiologist

The audiologist career involves audiology professionals who are responsible to treat hearing loss and proactively preventing the relevant damage. Individuals who opt for a career as an audiologist use various testing strategies with the aim to determine if someone has a normal sensitivity to sounds or not. After the identification of hearing loss, a hearing doctor is required to determine which sections of the hearing are affected, to what extent they are affected, and where the wound causing the hearing loss is found. As soon as the hearing loss is identified, the patients are provided with recommendations for interventions and rehabilitation such as hearing aids, cochlear implants, and appropriate medical referrals. While audiology is a branch of science that studies and researches hearing, balance, and related disorders.

An oncologist is a specialised doctor responsible for providing medical care to patients diagnosed with cancer. He or she uses several therapies to control the cancer and its effect on the human body such as chemotherapy, immunotherapy, radiation therapy and biopsy. An oncologist designs a treatment plan based on a pathology report after diagnosing the type of cancer and where it is spreading inside the body.

Are you searching for an ‘Anatomist job description’? An Anatomist is a research professional who applies the laws of biological science to determine the ability of bodies of various living organisms including animals and humans to regenerate the damaged or destroyed organs. If you want to know what does an anatomist do, then read the entire article, where we will answer all your questions.

For an individual who opts for a career as an actor, the primary responsibility is to completely speak to the character he or she is playing and to persuade the crowd that the character is genuine by connecting with them and bringing them into the story. This applies to significant roles and littler parts, as all roles join to make an effective creation. Here in this article, we will discuss how to become an actor in India, actor exams, actor salary in India, and actor jobs. 

Individuals who opt for a career as acrobats create and direct original routines for themselves, in addition to developing interpretations of existing routines. The work of circus acrobats can be seen in a variety of performance settings, including circus, reality shows, sports events like the Olympics, movies and commercials. Individuals who opt for a career as acrobats must be prepared to face rejections and intermittent periods of work. The creativity of acrobats may extend to other aspects of the performance. For example, acrobats in the circus may work with gym trainers, celebrities or collaborate with other professionals to enhance such performance elements as costume and or maybe at the teaching end of the career.

Video Game Designer

Career as a video game designer is filled with excitement as well as responsibilities. A video game designer is someone who is involved in the process of creating a game from day one. He or she is responsible for fulfilling duties like designing the character of the game, the several levels involved, plot, art and similar other elements. Individuals who opt for a career as a video game designer may also write the codes for the game using different programming languages.

Depending on the video game designer job description and experience they may also have to lead a team and do the early testing of the game in order to suggest changes and find loopholes.

Radio Jockey

Radio Jockey is an exciting, promising career and a great challenge for music lovers. If you are really interested in a career as radio jockey, then it is very important for an RJ to have an automatic, fun, and friendly personality. If you want to get a job done in this field, a strong command of the language and a good voice are always good things. Apart from this, in order to be a good radio jockey, you will also listen to good radio jockeys so that you can understand their style and later make your own by practicing.

A career as radio jockey has a lot to offer to deserving candidates. If you want to know more about a career as radio jockey, and how to become a radio jockey then continue reading the article.

Choreographer

The word “choreography" actually comes from Greek words that mean “dance writing." Individuals who opt for a career as a choreographer create and direct original dances, in addition to developing interpretations of existing dances. A Choreographer dances and utilises his or her creativity in other aspects of dance performance. For example, he or she may work with the music director to select music or collaborate with other famous choreographers to enhance such performance elements as lighting, costume and set design.

Social Media Manager

A career as social media manager involves implementing the company’s or brand’s marketing plan across all social media channels. Social media managers help in building or improving a brand’s or a company’s website traffic, build brand awareness, create and implement marketing and brand strategy. Social media managers are key to important social communication as well.

Photographer

Photography is considered both a science and an art, an artistic means of expression in which the camera replaces the pen. In a career as a photographer, an individual is hired to capture the moments of public and private events, such as press conferences or weddings, or may also work inside a studio, where people go to get their picture clicked. Photography is divided into many streams each generating numerous career opportunities in photography. With the boom in advertising, media, and the fashion industry, photography has emerged as a lucrative and thrilling career option for many Indian youths.

An individual who is pursuing a career as a producer is responsible for managing the business aspects of production. They are involved in each aspect of production from its inception to deception. Famous movie producers review the script, recommend changes and visualise the story. 

They are responsible for overseeing the finance involved in the project and distributing the film for broadcasting on various platforms. A career as a producer is quite fulfilling as well as exhaustive in terms of playing different roles in order for a production to be successful. Famous movie producers are responsible for hiring creative and technical personnel on contract basis.

Copy Writer

In a career as a copywriter, one has to consult with the client and understand the brief well. A career as a copywriter has a lot to offer to deserving candidates. Several new mediums of advertising are opening therefore making it a lucrative career choice. Students can pursue various copywriter courses such as Journalism , Advertising , Marketing Management . Here, we have discussed how to become a freelance copywriter, copywriter career path, how to become a copywriter in India, and copywriting career outlook. 

In a career as a vlogger, one generally works for himself or herself. However, once an individual has gained viewership there are several brands and companies that approach them for paid collaboration. It is one of those fields where an individual can earn well while following his or her passion. 

Ever since internet costs got reduced the viewership for these types of content has increased on a large scale. Therefore, a career as a vlogger has a lot to offer. If you want to know more about the Vlogger eligibility, roles and responsibilities then continue reading the article. 

For publishing books, newspapers, magazines and digital material, editorial and commercial strategies are set by publishers. Individuals in publishing career paths make choices about the markets their businesses will reach and the type of content that their audience will be served. Individuals in book publisher careers collaborate with editorial staff, designers, authors, and freelance contributors who develop and manage the creation of content.

Careers in journalism are filled with excitement as well as responsibilities. One cannot afford to miss out on the details. As it is the small details that provide insights into a story. Depending on those insights a journalist goes about writing a news article. A journalism career can be stressful at times but if you are someone who is passionate about it then it is the right choice for you. If you want to know more about the media field and journalist career then continue reading this article.

Individuals in the editor career path is an unsung hero of the news industry who polishes the language of the news stories provided by stringers, reporters, copywriters and content writers and also news agencies. Individuals who opt for a career as an editor make it more persuasive, concise and clear for readers. In this article, we will discuss the details of the editor's career path such as how to become an editor in India, editor salary in India and editor skills and qualities.

Individuals who opt for a career as a reporter may often be at work on national holidays and festivities. He or she pitches various story ideas and covers news stories in risky situations. Students can pursue a BMC (Bachelor of Mass Communication) , B.M.M. (Bachelor of Mass Media) , or  MAJMC (MA in Journalism and Mass Communication) to become a reporter. While we sit at home reporters travel to locations to collect information that carries a news value.  

Corporate Executive

Are you searching for a Corporate Executive job description? A Corporate Executive role comes with administrative duties. He or she provides support to the leadership of the organisation. A Corporate Executive fulfils the business purpose and ensures its financial stability. In this article, we are going to discuss how to become corporate executive.

Multimedia Specialist

A multimedia specialist is a media professional who creates, audio, videos, graphic image files, computer animations for multimedia applications. He or she is responsible for planning, producing, and maintaining websites and applications. 

Quality Controller

A quality controller plays a crucial role in an organisation. He or she is responsible for performing quality checks on manufactured products. He or she identifies the defects in a product and rejects the product. 

A quality controller records detailed information about products with defects and sends it to the supervisor or plant manager to take necessary actions to improve the production process.

Production Manager

A QA Lead is in charge of the QA Team. The role of QA Lead comes with the responsibility of assessing services and products in order to determine that he or she meets the quality standards. He or she develops, implements and manages test plans. 

Process Development Engineer

The Process Development Engineers design, implement, manufacture, mine, and other production systems using technical knowledge and expertise in the industry. They use computer modeling software to test technologies and machinery. An individual who is opting career as Process Development Engineer is responsible for developing cost-effective and efficient processes. They also monitor the production process and ensure it functions smoothly and efficiently.

AWS Solution Architect

An AWS Solution Architect is someone who specializes in developing and implementing cloud computing systems. He or she has a good understanding of the various aspects of cloud computing and can confidently deploy and manage their systems. He or she troubleshoots the issues and evaluates the risk from the third party. 

Azure Administrator

An Azure Administrator is a professional responsible for implementing, monitoring, and maintaining Azure Solutions. He or she manages cloud infrastructure service instances and various cloud servers as well as sets up public and private cloud systems. 

Computer Programmer

Careers in computer programming primarily refer to the systematic act of writing code and moreover include wider computer science areas. The word 'programmer' or 'coder' has entered into practice with the growing number of newly self-taught tech enthusiasts. Computer programming careers involve the use of designs created by software developers and engineers and transforming them into commands that can be implemented by computers. These commands result in regular usage of social media sites, word-processing applications and browsers.

Information Security Manager

Individuals in the information security manager career path involves in overseeing and controlling all aspects of computer security. The IT security manager job description includes planning and carrying out security measures to protect the business data and information from corruption, theft, unauthorised access, and deliberate attack 

ITSM Manager

Automation test engineer.

An Automation Test Engineer job involves executing automated test scripts. He or she identifies the project’s problems and troubleshoots them. The role involves documenting the defect using management tools. He or she works with the application team in order to resolve any issues arising during the testing process. 

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10 lines on Rice in Hindi - धान पर शोर्ट निबंध

Today, we are sharing 10 lines on Rice in Hindi . This article can help the students who are looking for information about Rice par 10 line Hindi mein . This short nibandh on Rice is very simple and easy to remember. The level of these 10 sentences about Rice is medium so any student can write on this topic. This short nibandh on Rice in Hindi is generally useful for class 1, class 2, and class 3 .

10 lines on rice in hindi

Short nibandh on Rice in Hindi

  • धान एक प्रकार की फसल है जिससे हमें चावल प्राप्त होते हैं।
  • धान की खेती लगभग पूरे विश्व में होती है।
  • भारत जैसे कृषि प्रधान देश में धान की खेती अधिक होती है।
  • भारत दुनिया भर में धान को निर्यात करने वाले देशों की गिनती में आता है।
  • भारत में धान की खेती मई से जून के बीच में की जाती है।
  • धान की फसल पककर कटाई में लगभग 4 महीने का समय लगता है।
  • धान की खेती के लिए किसान दिन-रात अपने खेतों में मेहनत करते हैं।
  • धान के पक जाने पर उसे काटकर धान को पौधों से अलग किया जाता है उसके बाद अलग हुए धान से चावल को अलग किया जाता है।
  • ध्यान से चावल को अलग करने के लिए विशेष प्रकार की मशीन होती है।
  • पूरे विश्व में चावल के लगभग 40,000 किस्में पाई जाती है पर भारत जैसे देश में कुछ अधिक लोकप्रिय चावल के प्रकार हैं बासमती चावल सफेद चावल और ब्राउन चावल।

rice in hindi essay

F.A.Q ( अधिकतर पूछे जाने वाले सवाल )

  • धान से चावल कैसे निकाला जाता है?
  • धान को अंग्रेजी में क्या कहते हैं?
  • धान की खेती कब की जाती है?
  • धान किस फसल में आता है?

small students in school, are often asked to write short nibandh Rice in Hindi . We help the students to do their homework in an effective way. If you liked this article, then please comment below and tell us how you liked it. We use your comments to further improve our service. We hope you have got some learning on the above subject that was Rice par 10 line Hindi mein. You can also visit my YouTube channel which is https://www.youtube.com/synctechlearn. You can also follow us on Facebook at https://www.facebook.com/synctechlearn .

The article is about short nibnadh on Rice. The level of Rice par 10 line is medium so any student can write on this topic. This short essay on Rice is generally useful for class 1, class 2, and class 3.

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रोज रात में दाल चावल खाने से सेहत को मिलते हैं 5 जबरदस्त फायदे

Vineet Kumar

  • Written by : Vineet Kumar
  • Updated at: Oct 07, 2022 20:50 IST

रोज रात में दाल चावल खाने से सेहत को मिलते हैं 5 जबरदस्त फायदे

Benefits Of Dal Chawal In Hindi: दाल चावल हम सभी के दैनिक भोजन का एक अहम हिस्सा हैं। कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक, दाल चावल का सेवन ज्यादातर राज्यों के मुख्य भोजन का हिस्सा है। दाल चावल एक बहुत ही हल्का और पोषक तत्वों से भरपूर भोजन है, जो सेहत के लिए बहुत फायदेमंद होता है। दाल और चावल का कॉम्बिनेशन एंटीऑक्सीडेंट्स, हेल्दी फैट्स, प्रोटीन, फाइबर, विटामिन ए,डी,ई बी1, मेथियोनीन, रेजिस्टेंस स्टार्च के साथ ही कई अन्य जरूरी विटामिन और मिनरल्स से भरपूर होता है। अरहर या तूर दाल में तो विटामिन सी, डी और  के भी मौजूद होते हैं। साथ ही यह कॉम्बिनेशन शरीर के लिए जरूरी सभी 9 जरूरी एमिनो एसिड से भरपूर होता है।

क्लीनिकल न्यूट्रिशनिस्ट और डायटीशियन गरिमा गोयल की मानें तो दाल चावल का सेवन करने से दिल को स्वस्थ रखने, ब्लड शुगर को कंट्रोल रखने और यहां तक कि मूड को अच्छा करने में भी मदद मिलती है। यही कारण है कि ज्यादातर फिटनेस फ्रीक्स के यह पसंदीदा भोजनों में से एक है। अगर आप रोजाना दाल चावल खाते हैं, तो इससे सेहत को कई फायदे मिलेंगे, खासकर अगर आप रात के खाने में चावलों का सेवन करते हैं। इस लेख में हम आपको दाल चावल खाने के 5 फायदे (daal chawal khane ke fayde) बता रहे हैं। 

daal chawal khane ke fayde

दाल चावल खाने के फायदे- Benefits Of Dal Chawal

1. पचने में होते हैं आसान, 2. नींद आती है अच्छी.

आसानी से पचने के साथ ही, यह आपको रात में एक अच्छी नींद लेने में भी मदद करते हैं। यह आपको जल्दी सोने और नींद की गुणवत्ता में सुधार करने में भी मदद करते हैं।

3. वजन प्रबंधन है मददगार

4. पेट संबंधी समस्याएं नहीं होती हैं, 5. हड्डियों और मांसपेशियों को मजबूत बनाता है.

प्रोटीन, कैल्शियम और कई अन्य जरूरी पोषक तत्वों से भरपूर होने के कारण यह कॉम्बिनेशन मांसपेशियों के निर्माण में मदद करता है। साथ ही यह हड्डियों और दांतों को भी मजबूत बनाता है।

दाल चावल खाने के अन्य फायदे- daal chawal khane ke fayde

  • यह कॉम्बिनेशन पाचन बेहतर बनाने के साथ ही भोजन से पोषक तत्वों के अवशोषण में भी सुधार करता है।
  • यह एक नेचुरल प्रोबायोटिक है, जिससे यह आंत में अच्छे बैक्टीरिया को बढ़ावा देता है और पेट संबंधी समस्याओं से बचाता है।

आप दिन में किसी भी समय दाल चावल का सेवन कर सकते हैं, लेकिन आपको अधिक मात्रा में इनका सेवन करने से बचना चाहिए। चावल की तुलना में चावल अधिक खाएं।

(With Inputs: Dietitian Garima Goyal, MS, RD, CDE, Founder- Dt. Garima Diet Clinic , Ludhiana, Punjab)

अलसी पाउडर को पानी में उबालकर खाने से दूर होती हैं महिलाओं की ये 6 परेशानियां

इस जानकारी की सटीकता, समयबद्धता और वास्तविकता सुनिश्चित करने का हर सम्भव प्रयास किया गया है हालांकि इसकी नैतिक जि़म्मेदारी ओन्लीमायहेल्थ डॉट कॉम की नहीं है। हमारा आपसे विनम्र निवेदन है कि किसी भी उपाय को आजमाने से पहले अपने चिकित्सक से अवश्य संपर्क करें। हमारा उद्देश्य आपको जानकारी मुहैया कराना मात्र है।

  • # Dal Chawal Benefits
  • # Dal Rice Benefits
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Translation of rice – English–Hindi dictionary

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  • It's a simple dish to prepare , consisting mainly of rice and vegetables .
  • The prisoners existed on a meagre diet of rice and fish .
  • Drain the rice, stir in the salmon , and season to taste .
  • Truckloads of rice have been brought in to the areas affected by drought .
  • Drain off any liquid that is left in the rice.

(Translation of rice from the Cambridge English–Hindi Dictionary © Cambridge University Press)

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rice का हिन्दी अर्थ

Rice के हिन्दी अर्थ, संज्ञा , rice शब्द रूप, rice की परिभाषाएं और अर्थ अंग्रेजी में, rice संज्ञा.

Elmer Leopold Rice , Elmer Reizenstein , Elmer Rice , Rice , Rice

Rice , Rice , Sir Tim Rice , Timothy Miles Bindon Rice

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rice संज्ञा

Rice क्रिया.

  • "rice the potatoes"

rice के समानार्थक शब्द

  • elmer leopold rice , elmer reizenstein , elmer rice
  • sir tim rice , timothy miles bindon rice

rice in hindi essay

Rice is a cereal grain, and in its domesticated form is the staple food for over half of the world's human population, particularly in Asia and Africa, due to the vast amount of soil that is able to grow rice. Rice is the seed of the grass species Oryza sativa or, much less commonly, O. glaberrima . Asian rice was domesticated in China some 13,500 to 8,200 years ago, while African rice was domesticated in Africa some 3,000 years ago. Rice has become commonplace in many cultures worldwide; in 2021, 787 million tons were produced, placing it fourth after sugarcane, maize, and wheat. Only some 8% of rice is traded internationally. China, India, and Indonesia are the largest consumers of rice. A substantial amount of the rice produced in developing nations is lost after harvest through factors such as poor transport and storage. Rice yields can be reduced by pests including insects, rodents, and birds, as well as by weeds, and by diseases such as rice blast. Traditional polycultures such as rice-duck farming, and modern integrated pest management seek to control damage from pests in a sustainable way.

धान के बीज को चावल कहते हैं। यह धान से ऊपर का छिलका हटाने से प्राप्त होता है। चावल सम्पूर्ण पूर्वी जगत में प्रमुख रूप से खाए जाने वाला अनाज है। भारत में भात , खिचड़ी सहित काफी सारे पकवान बनते हैं। चावल का चलन दक्षिण भारत और पूर्वी-दक्षिणी भारत में उत्तर भारत से अधिक है।

rice के लिए अन्य शब्द?

rice के उदाहरण और वाक्य

rice के राइमिंग शब्द

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Words starting with

Rice का हिन्दी मतलब.

rice का हिन्दी अर्थ, rice की परिभाषा, rice का अनुवाद और अर्थ, rice के लिए हिन्दी शब्द। rice के समान शब्द, rice के समानार्थी शब्द, rice के पर्यायवाची शब्द। rice के उच्चारण सीखें और बोलने का अभ्यास करें। rice का अर्थ क्या है? rice का हिन्दी मतलब, rice का मीनिंग, rice का हिन्दी अर्थ, rice का हिन्दी अनुवाद

"rice" के बारे में

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English Essay, Paragraph, Speech on “The Rice” for Kids, Students of Class 6, 7, 8, 9, 10 CBSE, ICSE Board Examination.

Why is it that the chief food of the Punjabis is wheat, of the Kanarese millet, and of the Bengalis and Madrasis, rice? We might say because these different races like these different grains better than others. But why do they like them better? The answer is that the people of each race have to get used to the kind of food that could be grown best and most easily in their own country. And because of that, they have got to like it the best. The climate and soil of Punjab are very good for wheat but are not good for rice or millet so naturally, the Punjabis became wheat-eaters. The chief food of the Kanarese is ragi or, millet seed because of the Deccan soil and climate suit neither rice nor wheat. Rice requires a warm, damp climate, and a great deal of water, and so it grows well in such areas as Madras, Bengal, Burma, and parts of China. So we find that the people of these places are rice-eaters. They have taken as their chief food the plant that they can grow most easily and cheaply.

Rice is a kind of grass. It is found only in hot countries and grows in water. In India, the rice fields are enclosed by low mounds or walls of earth and kept flooded with water. The young rice plants are planted in the mud below the water by hand, the farmer having to wade in the water to do it. When the leaves rise above the water, they are very bright green and make the whole rice country look very pretty.

The rice itself, which is eaten, is the seeds of the rice plant. When they are gathered, they are small brown seeds with a rough covering. The seed in this form is called paddy. But before it can be eaten, this rough brown skin or husk has to be taken off, and the white, hard seed is taken out. Paddy that has been husked is the rice.

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Essay on Hindi Language in English (हिंदी भाषा पर निबंध)

Essay on hindi .

Let’s start the essay on hindi…

Outline of the essay

  • Our national language- Hindi
  • Hindi, our mother-tongue 
  • Conclusion of the essay 

essay on hindi

Our national language 

Hindi is our mother-tongue, our national language. It is the language that most of the north Indians relate to. The majority of the north Indians speak Hindi. There are other vernacular and regional languages too, like Marathi, Kannada, Malayalam, etc. Well, Hindi is the language we use in ou daily lives, Hindi is certainly the home language of we Indians. Hindi is a very beautiful language, its very aesthetic in its tone. Though we use English as an associate language, as in the other people from the other regions who don’t understand Hindi, they use English as a language too. They converse in English to convey their ideas to the people who majorly know Hindi or English. 

Hindi is our national language, it was adopted by the constituent assembly after independence in 1947. Our language though is Hindustani, a mixture of Hindi and Urdu. 

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Hindi- Our mother tongue 

Now, though learning Hindi comes across less fashionable, people are getting more fascinated by foreign languages and forgetting the essence of Hindi. The emphasis on English is widely growing and that’s causing a major threat to the importance and the significance of Hindi. Hindi has become an alien language in its territory. 

Hindi is the language that keeps us connected to our roots. Yes, English is indeed a global language, it gives you a way to reach out to the diverse domains and spheres, but one should not forget the importance and the identity of Indians that is very much inherently rooted in the language- Hindi 

Conclusion of the essay

Hindi is comparatively a complex language, people far across from the world come to India and invest their time and lives in learning our language- Hindi. Considering that we should not forget that we should emphasize our learning in Hindi as equally as we do in English. 

Hope you loved this article. Your love and support is my motivation. Thank you so much. – Aditya sir

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2 thoughts on “Essay on Hindi Language in English (हिंदी भाषा पर निबंध)”

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Very nice essay. Thanks for sharing

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gst ke bare me

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सूर्योदय पर निबंध

Essay on Sunrise in Hindi: सूर्योदय जब होता है,तब नजारा कुछ अलग होता है। सूर्योदय दर्शन को लोग धार्मिक रूप में भी मानते हैं और लाखों लोग सुबह सुबह सूर्योदय दर्शन की प्रक्रिया को संपन्न भी करते हैं। हम यहां पर  सूर्योदय   पर निबंध  शेयर कर रहे है। इस निबंध में  सूर्योदय के संदर्भित सभी माहिति को आपके साथ शेअर किया गया है। यह निबंध सभी कक्षाओं के विद्यार्थियों के लिए मददगार है।

Essay on Sunrise in Hindi

Read Also:  हिंदी के महत्वपूर्ण निबंध

सूर्योदय पर निबंध | Essay on Sunrise in Hindi

सूर्योदय पर निबंध (250 शब्द).

यह लोगों के लिए फायदेमंद होता है और सुबह का दृश्य बहुत ही मनमोहक भी होता है। सवेरे उठ कर जब सूर्य के तरफ देखते है, तो सूर्य की लालिमा पूरे आकाश में फैली होती है और धीरे धीरे सूर्य की किरणे रोशनी व प्रकाश देना शुरू करती है। सुबह के समय वायु में सिद्ध हवा का संचार होता है। इसलिए रोजाना लोग सुबह उठकर बाहर टहलने जाते है। सुबह उठकर टहलना और व्यायाम करने से शरीर में रक्त संचार सही मात्रा में होती है और व्यक्ति स्वस्थ रहता है।

दिन की शुरुआत सूर्योदय के सुंदर किरणों से होती है, तो पूरा दिन मन शांत रहता है और व्यक्ति अपने कार्यों में मन लगाकर काम कर पता है। इस समय बच्चे बड़े बड़े मैदानों में क्रिकेट और फुटबाल खेलने जाते है, जो कि इनको दिन भर तंदरुस्त रखता है। सूर्योदय के समय पेड़ भी अपना कार्य करना शुरू करते है। सुबह उठकर बगीचे में जब टेहेलने निकलते है। तो बगीचे के छोटे छोटे पौधे और फूलों की कलियों में अलग सी ऊर्जा रहती है, जो व्यक्ति को आकर्षित करती है। पत्तों पर गिरी हुई ओस की बूंदे हीरे मोतीयों के तरह चमकती है और छूने पर गिर जाती है।

सूर्योदय का दृश्य मन को मोह लेता है, यह दृश्य बार बार देखने का मन करता है। परंतु इसके लिए अगली सुबह का इंतज़ार रहता है। लोग रोजाना सुबह उठकर यह दृश्य देखने के चाह में उठते है और साथ ही व्यायाम और सूर्य को नमस्कार करके अपने दिन की शुरुवात करते है।

सूर्योदय पर निबंध (800 शब्द)

प्रकृति ने हमें बहुत सारी अनमोल चीजें प्रदान की हैं। जिनकी हम जितनी प्रशंसा करें उतनी कम हैं जैसे ठंडी हवा, पानी, सूर्य की रोशनी सुबह-सुबह सूर्य की रोशनी बहुत ही ज्यादा सुंदर दिखाई देती हैं। जब सूर्य उदय होता है चारों और बहुत ही प्यारी -प्यारी आवाजे सुनाई देती हैं। पक्षी सुंदर-सुंदर गीत गाते हैं और कई जानवरों की आवाज सुनाई देती हैं। हमें सूर्योदय से पहले जगना चाहिए और रोजाना सूर्य दर्शन करने चाहिए। सूर्यदेव को प्रणाम करना चाहिए जिससे कि हम रोग मुक्त हो सकें। सूर्योदय के साथ ही लोग मंदिर पूजा करने जाते हैं। सुबह के समय प्रकृति अपने सबसे खूबसूरत स्वरूप में होती हैं। सूर्योदय अपने साथ नवीन उमंग और उत्साह लेकर आता हैं।

हिन्दू धर्म में सूर्य का स्थान

हिंदू धर्म मैं लोग सूर्य को भगवान की तरह पूजते हैं। सुबह उठकर स्नानादि से निवृत्त होकर सूर्य को जल चढ़ाते हैं। सूर्योदय पावन वेला हैं। उस समय हर व्यक्ति का मन शुद्ध होता हैं। नई शुरुआत करने का यह सुनहरा मौका होता हैं। सूर्योदय के समय वायु शुद्ध होने के कारण लोग सैर -सपाटे के लिए बागों में घूमने जाया करते हैं।

इसके साथ ही कुछ लोग सूर्योदय के समय बाग -बगीचे में घूमने के साथ-साथ योग व प्राणायाम भी करते हैं। कुछ लोग सूर्योदय के समय भजन सुनना पसंद करते हैं ताकि उनका दिन अच्छा बीते और उन्हें सकारात्मक ऊर्जा प्राप्त हो। सूर्य की विशेषताएं- सूर्य सौरमंडल का सबसे तेज चमकने वाला सितारा हैं। वैसे हमारी पृथ्वी से सूर्य की दूरी 15 किलोमीटर हैं यह दूरी काफी हैं परंतु यह फिर भी यह हमें तेज रोशनी देता हैं। सूर्य पृथ्वी से देखने में भले ही हमें छोटे लगता हैं परंतु इसका कर बहुत ही बड़ा हैं। इतना बड़ा होता हैं कि उसका प्रकाश हमारे तक बहुत ही आसानी से पहुंच जाता हैं।

सूर्योदय के समय माहौल

जब सूर्योदय होता है। तो हमें पता चलता है, कि सवेरा हो गया हैं। सूर्य का उदय पूर्व दिशा में होता हैं। जब सूर्य का उदय होता हैं तो वह लाल रंग का बहुत ही सुंदर प्रतीत होता हैं। सुबह के समय हमें सूर्य बड़ा दिखाई देता हैं वहीं दोपहर के समय हमें छोटा।

उसके आकार में परिवर्तन नहीं होता हैं। बल्कि दोपहर मैं उसका प्रकाश की तेज होने के कारण हम उसे सही तरह से देख नहीं पाते इसलिए हमें छोटा दिखा देता हैं। इस समय हम सूर्य को सीधा दे सकते हैं। वह इतना गरम नहीं होता हैं। वह पूरे आसमान को लाली देता हैं और सब को जगाता हैं। गर्मी में सूर्य के तेज रोशनी हमें अवश्य पीडा़ देती हैं। सर्दी में वह हमें धूप देकर सुकून देता हैं। सुरज हमेशा लोगों को हर सुबह के साथ अपनी ही तरह चमकने के लिए प्रेरित करता हैं।

सूर्य नमस्कार

सूर्योदय के समय अक्सर बड़े, बूढ़ों ,बच्चों को सुरज को नमस्कार करते हुए देखेते हैं। सुबह के समय सूर्य नमस्कार हमारी संस्कृति मे प्राचीन काल से चला आ रहा हैं। कई स्कूलों में प्रार्थना के समय सूर्य नमस्कार करवाया जाता हैं। हमारे अध्यापक भी हमें सूर्योदय के समय सूर्य नमस्कार के महत्व को समझाते हैं। बच्चों को उनके लाभ बताते तथा सभी को सूर्यनमस्कार करवाते हैं।

सूर्योदय का महत्व

हमें सूर्योदय से नवीन ऊर्जा प्राप्त होती हैं। सूर्योदय के वक्त हम कल को भूल कर नये आज की शुरुआत करते हैं। सूर्योदय के समय सूर्य से निकलती हुई किरणें हममें नवीनतम ऊर्जा का संचार करती हैं। जो व्यक्ति जल्दी उठकर सूर्योदय के समय सूर्य की किरणों को अपने शरीर पर पड़ने देता हैं वह व्यक्ति हमेशा रोग मुक्त रहता हैं।

सूर्योदय के समय सूर्य के महत्व को हमारे देश में प्राचीन समय से ही बताया गया हैं। सूर्योदय के समय दोपहर की तुलना में शोर -सराबा कम होता हैं चारो और शांति होती हैं। सूर्योदय के समय उठकर हमें नियमित रूप से व्यायाम करना चाहिए। इससे हमारा शरीर तंदुरुस्त रहता हैं।

शरीर के लिए सूर्योदय दर्शन के समय योगा करना जिससे शरीर को काफी शांति मिलती है। और सुबह के समय योगा करने से शरीर में रक्त का परिसंचरण नियमित रूप से चलता रहता है।

सूर्योदय दर्शन करने का तरीका

अलग अलग व्यक्ति अलग-अलग रूप के दर्शन करना पसंद करता है। सूर्योदय दर्शन के रूप में व्यक्ति सुबह उठकर पानी से एक लोटा भर कर सूर्य भगवान के सामने चढ़ाते हैं और मंत्र का जाप करते हैं। तो कई व्यक्ति सिर्फ ऐसे ही सूर्य भगवान् को हाथ जोड़कर उन्हें नमस्कार करते हैं।

सूर्योदय दर्शन करना बहुत ही जरूरी है। सुबह के समय यदि इंसान सूर्योदय से पहले उठकर सूर्योदय दर्शन करता है। तो इंसान का शरीर काफी एक्टिव रहता है और सूर्य देव दर्शन के समय योगा करना भी शरीर के लिए अच्छा रहता है। शरीर में रक्त परिसंचरण नियमित रहता है।

आज का आर्टिकल जिसमें हमने सूर्योदय पर निबंध (Essay on Sunrise in Hindi) के बारे में संपूर्ण जानकारी आप तक पहुंचाई है। हमें पूरी उम्मीद है। कि हमारे द्वारा दी गई जानकारी आपको पसंद आई होगी यदि किसी व्यक्ति को इस आर्टिकल से जुड़ा कोई भी सवाल है। तो वह हमें कमेंट के माध्यम से बता सकता है।

  • संगीत पर निबंध
  • प्रकृति पर निबंध
  • वन पर निबंध

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Price Rise Essay In Hindi

मूल्य-वृदधि की समस्या निबंध – Price Rise Essay In Hindi

मूल्य-वृदधि की समस्या निबंध – essay on price rise in hindi, बढ़ती महँगाई : दुःखद जीवन – rising inflation: sad life.

  • प्रस्तावना,
  • महँगाई का ताण्डव,
  • महँगाई के कारण,
  • महँगाई का प्रभाव,
  • महँगाई रोकने के उपाय,

साथ ही, कक्षा 1 से 10 तक के छात्र उदाहरणों के साथ इस पृष्ठ से विभिन्न हिंदी निबंध विषय पा सकते हैं।

मूल्य-वृदधि की समस्या निबंध – Mooly-Vrdadhi Kee Samasya Nibandh

प्रस्तावना– मुक्त बाजार, भूमण्डलीकरण का दुष्प्रचार, विनिवेश का बुखार, छलाँगें लगाता शेयर बाजार, विदेशी निवेश के लिए पलक पाँवड़े बिछाती हमारी सरकार, उधार बाँटने को बैंकों के मुक्त द्वार, इतने पर भी गरीब और निम्न मध्यम वर्ग पर महँगाई की मार, यह विकास की कैसी विचित्र अवधारणा है।

हमारे करमंत्री (वित्तमंत्री) नए–नए करों की जुगाड़ में तो जुटे रहते हैं, किन्तु महँगाई पर अंकुश लगाने में उनके सारे हाईटेक हथियार कुंद हो रहे हैं।

महँगाई का ताण्डव–जीवन–यापन की वस्तुओं के मूल्य असाधारण रूप से बढ़ जाना महँगाई कहलाती है। हमारे देश में महँगाई एक निरंतर चलने वाली समस्या बन चुकी है। इसकी सबसे अधिक मार सीमित आय वाले परिवार पर पड़ती है।

आज आम आदमी बाजार में कदम रखते हुए घबराता है। दैनिक उपभोग की वस्तुओं के भाव प्रायः बढ़ते जाते हैं। आज वही वस्तुएँ सबसे अधिक महँगी होती रहती हैं, जिनके बिना गरीब आदमी का काम नहीं चल सकता।

महँगाई के कारण–महँगाई बढ़ने के प्रमुख कारण इस प्रकार हैं–

  • उत्पादन कम और माँग अधिक।
  • जमाखोरी की प्रवृत्ति।
  • सरकार की अदूरदर्शी नीतियाँ तथा भ्रष्ट सरकारी अधिकारियों और भ्रष्ट व्यवसायियों की साँठ–गाँठ।
  • जनता में वस्तुओं के संग्रह की प्रवृत्ति।
  • अंध–परम्परा और दिखावे के कारण अपव्यय।
  • जनसंख्या में निरन्तर हो रही वृद्धि।
  • सरकारी वितरण–व्यवस्था की असफलता।
  • अग्रिम सौदे और सट्टेबाजी।

फिजूलखर्ची और प्रदर्शनप्रियता भी महँगाई बढ़ने का एक कारण है। ऐसे लोग शादी–विवाह में अनाप–शनाप खर्च करते हैं और रहने को राजाओं जैसे महल बनाते हैं। आज राजतंत्र तो नहीं है किन्तु ये लोग लोकतंत्र में भी राजाओं की तरह जीते हैं। उनको कबीर का यह कथन याद नहीं रहा है कहा चिनावै मेडिया, लाँबी भीति उसारि।

घर तो साढ़े तीन हथ, घणा त पौने च्यारि।। महँगाई का प्रभाव–महँगाई ने भारतीय समाज को आर्थिक रूप से जर्जर करने में कोई कसर नहीं छोड़ी है। पेट तो भरना ही होगा, कपड़े मोटे–झोटे पहनने ही होंगे, सिर पर एक छत का इन्तजाम करना ही होगा। मगर शुद्ध और मर्यादित आमदनी से तो यह सम्भव नहीं है, परिणामस्वरूप अनैतिकता और भ्रष्टाचार के चरणों में समर्पण करना पड़ता है। निम्न वर्ग और मध्यम वर्ग का तो जीवन ही दुष्कर हो गया है। महँगाई के कारण ही अर्थव्यवस्था में स्थिरता नहीं आ पा रही है।

महँगाई रोकने के उपाय–महँगाई को रोकने के लिए आवश्यक है कि-

  • बैंकें अति उदारता से ऋण देने पर नियन्त्रण करें। इससे बाजार में मुद्रा प्रवाह बढ़ता है।
  • जीवन–स्तर और प्रदर्शन के नाम पर धन का अपव्यय रोका जाना चाहिए।
  • जमाखोरी और आवश्यक वस्तुओं के वायदा कारोबार पर रोक लगनी चाहिए।
  • आयात और निर्यात व्यापार में सन्तुलन रखा जाना चाहिए।

अन्तिम उपाय है कि जनता महँगाई के विरुद्ध सीधी कार्यवाही करे। भ्रष्ट अधिकारियों तथा बेईमान व्यापारियों का घेराव, सामाजिक बहिष्कार तथा तिरस्कार किया जाय।

उपसंहार– महँगाई विश्वव्यापी समस्या है। अन्तर्राष्ट्रीय परिस्थितियाँ भी देश में महँगाई के लिए उत्तरदायी हैं। उदारीकरण के नाम पर विदेशी पूँजीनिवेशकों को शुल्कों में छूट तथा करों से मुक्ति प्रदान करना भी महँगाई को बढ़ाता है।

यह विचार योग्य बात है कि महँगाई खाने–पीने की चीजों पर ही क्यों बढ़ती है, मोटरकारों, ए. सी. तथा विलासिता की अन्य वस्तुओं पर क्यों नहीं?

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