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पोषण क्‍या है - What is Nutrition

पोषण क्‍या है: what is nutrition in hindi.

सजीवों (मनुष्‍य समेत सभी जीव जंतु) के शरीर में जैविक क्रियाओं (biological function) के संचालन के लिए उर्जा की आवश्यकता होती है। यह ऊर्जा भोजन से प्राप्त होती है। सजीवों द्वारा भोजन (पोषक पदार्थों) का अन्तर्ग्रहण(भोजन को शरीर में पहुंचाने की क्रिया), पाचन, अवशोषण और स्वांगीकरण करने एवं अपच पदार्थ का परित्याग करने की सम्पूर्ण प्रक्रिया को पोषण कहते हैं। ऊर्जा उत्पादन, शारीरिक वृद्धि और टूट-फूट की मरम्मत के लिए आवश्यक पदार्थों को पोषक पदार्थ कहते हैं।

पोषक तत्‍वों के प्रकार: Types of nutrition in hindi

हमारे आहार में ऐसे फूड शामिल होने चाहिए जो सही मात्रा में पोषक तत्वों की आपूर्ति कर सके। इस तरह के आहार को संतुलित आहार कहा जाता है। ऊर्जा, ऊतकों के रखरखाव और शारीरिक क्रियाओं के लिए हर व्यक्ति को 6 पोषक तत्वों की जरूरत होती है। जिसमें प्रोटीन, विटामिन, कार्बोहाइड्रेट, वसा, पानी और खनिज शामिल है। आइए विस्तार से इनके बारे में जानते हैं।

  • प्रोटीन (Protein): शरीर के पोषण लिए प्रोटीन एक बहुत जरूरी न्यूट्रिएंट्स है जिसका सेवन हर किसी को करना चाहिए। हमारे शरीर की अच्छे तरह काम करने के लिए, मांसपेशियों के निर्माण तथा हमारे शरीर की कोशिकाओं को बनाने और सुधारने के लिए प्रोटीन अत्यंत जरूरी है। साथ में प्रोटीन हमारे शरीर की ऊर्जा का स्रोत भी है। प्रोटीन के समृद्ध स्रोत में अंडा, मछली, मीट और बीन्स शामिल है। प्रोटीन शरीर को अमीनो एसिड प्रदान करता है।
  • विटामिन (Vitamin): हमारे शरीर को विटामिन्स की बहुत ही जरूरत है। यदि किसी भी कारण कोई विटामिन हमारे शरीर को न मिल पाए तो हमारा शरीर विटामिन जनित रोगों से ग्रसित हो सकता है। विटामिन वह पदार्थ होते हैं, जो आपके शरीर को ग्रो करने में सहायता करते हैं। यह आपके इम्यून सिस्टम को मजबूत करते हैं तथा कई बीमारियों से दूर रखते हैं। ज्यादातर विटामिन हमें फल और सब्जी से प्राप्त होता है।
  • मिनरल्स (Minerals): मिनरल्स एक अच्छा न्यूट्रिशन है। कुछ महत्वपूर्ण मिनरल या खनिज हमारे शरीर के ठीक ढंग से काम करने के लिए जरूरी होते हैं। यह न केवल शरीर के मेटाबॉल्जिम को सही करता है बल्कि आपके स्वास्थ्य को भी अच्छा रखता है। इसके स्रोत में फल, सब्जी, डेयरी उत्पाद, मांस और मछली शामिल है।
  • कार्बोहाइड्रेट (Carbohydrate): कार्बोहाइड्रेट के रूप में स्टार्च या मंड प्रमुख भोज्य पदार्थ हैं जो कई तरह के खाद्य पदार्थ में पाया जाता है। आलू, साबूदाना, चावल, साबूत आनाज, पास्ता, रोटी, मक्का आदि में पर्याप्त मात्रा में कार्बोहाइड्रेट पाया जाता है। इसे खाने से शरीर को उर्जा मिलती है तथा यह पाचन में भी महत्वपूर्ण भूमिका अदा करता है।
  • वसा (Fat): वसा या फैट हमारे आहार का मुख्य घटक है और शरीर में कई काम करता है। इसके आवश्यक स्रोत में डेयरी प्रोडक्ट, मांस, बीज, और नट तथा वनस्पति तेल जैसे खाद्य पदार्थ शामिल है। फैट, फैटी एसिड में पच जाता है, जिसका उपयोग ऊर्जा स्रोत के रूप में किया जाता है।
  • पानी (Water): पानी को भी हम न्यूट्रिशन में शामिल करते हैं। शरीर का लगभग 60 प्रतिशत हिस्सा पानी से बना है। यह पर्याप्त एच2ओ पीने से शरीर में तरल संतुलन को बनाए रखने में सहायता मिलती है, जो शरीर में पोषक तत्वों के परिवहन में मदद करता है, शरीर के तापमान को नियंत्रित करता है और भोजन को पचाने में सहायता करता है। इसलिए कभी अपने शरीर में पानी की कमी न होने दें।

शरीर के लिए पोषण की उपयोगिता क्‍या है?: What is the usefulness of nutrition in hindi

किसी भी सजीव के लिए पोषण जरूरी है, इसके लिए शरीर क्रियाएं संभव नहीं है। जिस प्रकार से किसी वाहन के लिए ईंधन की जरूरत पड़ती है उसी प्रकार हमारे शरीर को पोषक तत्‍वों की आवश्‍यकता होती है। आइए विस्‍तार से पोषक तत्‍वों की आवश्‍यकता के बारे में जानते हैं।

  • ऊर्जा (Energy): शरीर के विभिन्न कार्यों के संचालन हेतु आवश्यक ऊर्जा के विभिन्न अवयवों मुख्यतः कार्बोहाइड्रेट एवं वसा के ऑक्सीकरण से प्राप्त होती है।
  • शारीरिक मरम्मत: भोजन शरीर की वृद्धि एवं क्षतिग्रस्त अंगों एवं ऊतकों की मरम्मत में योगदान करता है। इस कार्य को प्रोटीन, खनिज, लवण, विटामिन्स आदि सम्पन्न करने में योगदन करते हैं।
  • उपापचयी नियन्त्रण: भोजन शरीर के विभिन्न अंगों एवं जन्तुओं को उचित दशा में बनाए रखता है और उनका उचित संचालन कर उपापचयी क्रियाओं पर नियन्त्रण रखने में योगदान करता है। इस कार्य में विटामिन्स, खनिज, लवण एवं जल की महत्त्वपूर्ण भूमिका होती है।
  • इम्‍यूनिटी: सन्तुलित भोजन शरीर में रोग प्रतिरोधक शक्ति को बढ़ाता है। प्रोटीन, खनिज लवण, विटामिन आदि इस कार्य के लिए महत्त्वपूर्ण पदार्थ हैं। इस प्रकार भोजन शरीर की रोगों से रक्षा करता है।

प्रतिदिन कितने पोषण की होती है जरूरत

आमतौर एक ह्यूमन बॉडी को उसकी उम्र और जैविक क्रियाओं के अनुसार पोषक तत्‍वों की जरूरत होती है। बच्‍चों, गर्भवती महिलाओं और वयस्‍कों के लिए अलग-अलग मानक तय किए गए हैं और इन्‍हीं मानकों के अनुसार व्‍यक्ति को अपने भोजन में पोषक तत्‍वों को सम्मिलित करना चाहिए। अगर भारतीयों की बात करें तो भारत सरकार के सर्वे भी यही कहते हैं कि प्रति व्‍यक्ति पोषण उसकी उम्र के अनुसार होने चाहिए। 2012 के सर्वे में ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों के लिए अलग-अलग पोषण के मानक दिए गए हैं। हालांकि हम आपको नूट्रिशनिस्ट (आहार विशेषज्ञ) द्वारा बताई गई पोषण जरूरतों के बारे में बता रहे हैं। आप भी किसी आहार विशेषज्ञ से सलाह लेकर शरीर की जरूरत के हिसाब से पोषक तत्‍व ले सकते हैं।

पोषण प्रतिदिन की जरूरत:

  • प्रोटीन: 64 ग्राम 
  • तरल पदार्थ (पानी, दूध और अन्‍य पेय पदार्थ): 2.5 से 3 लीटर 
  • फाइबर: 30 ग्राम 
  • विटामिन A: 900 माइक्रोग्राम 
  • थाइमिन: 1.2 मिलीग्राम 
  • राइबोप्‍लेविन: 1.3 मिलीग्राम 
  • नियासिन: 16 मिलीग्राम 
  • विटामिन B6: 1.3 मिलीग्राम 
  • विटामिन B12: 2.4 माइक्रोग्राम 
  • फोलेट: 400 माइक्रोग्रम 
  • विटामिन C: 45 मिलीग्राम 
  • कैल्शियम: 1000 मिलीग्राम 
  • आयोडीन: 150 माइक्रोग्राम 
  • आयरन: 8 मिलीग्राम 
  • मैग्‍नीशियम: 400 मिलीग्राम 
  • पोटैशियम: 3800 मिलीग्राम 
  • सोडियम: 460-920 मिलीग्राम 
  • जिंग: 14 मिलीग्राम

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स्वस्थ भोजन की थाली (Hindi)

Healthy Eating Plate Translation Hindi

  • फल और सबज़ियों को अपने भोजन का सबसे बड़ा हिस्सा बनायें – आधी थाली मात्राः

कोशिश करें कि अनेक रंगों और कई प्रकार के फल और सब्ज़ियां खायें। और याद रखें कि स्वस्थ भोजन की थाली में आलू को सब्ज़ि नहीं माना जाता है, क्योंकि आलू को खाने से रक्त शर्करा, या ‘ब्लड ग्लूकोज़’ पर नकारात्मक असर होता है।

  • ‘होल ग्रेन्ज़’, या साबुत अनाजों को ज़्यादातर खायें – एक चैथाई थाली मात्राः

साबुत और पूर्ण अनाजों – पूर्ण गेहूॅं, जौ, बाजरा, जुवार, जै, ‘ब्राउन राइस’ या असंसाधित चावल, और इनसे बनाये गए खाद्य पदार्थ, जैसे कि पूर्ण गेहूॅं से बनाई गई रोटी – का मैदे से बनाई गई रोटी, ‘वाइट राइस’, और अन्य संसाधित अनाजों से रक्त शर्करा और इंसुलिन पर कम असर होता है।

  • प्रोटीन की शक्ति – एक चैथाई थाली मात्राः

मछली, मुर्ग, दाल, और अखरोट स्वस्थ और बहुमुखी प्रोटीन के स्रोत हैं – इनको सालाद में डाला जा सकता है, और यह सब्ज़ियों के साथ अच्छा जाते है। लाल मांस को कम खाना चाहिए, और संसाधित मांस, जैसे कि ‘बेकन’ और ‘साॅसेज’ से दूर रहना चाहिए।

  • स्वस्थ संयंत्र तेल या ‘वेजिटेबल आॅयल’ – मध्यम मात्रा मेंः

स्वस्थ वेजिटेबल आॅयल, जैसे जैतून या ‘ओलिव’, कनोला, सोयाबीन, सनफ़लावर, मूंगफली, सरसों, इत्यादी के तेलों को चुनें, और ‘पार्शली हाइड्रोजनेटिड’ तेलों से दूर रहें, क्योंकि इनमें अस्वस्थ ‘ट्रांस फैट’ होते हैं। याद रखें, कि केवल कम या शून्य फैट होने से खाद्य पदार्थ ‘‘स्वस्थ’’ नहीं हो जाते।

  • पानी, चाय, या काॅफ़ी पीयेंः

मीठे पायों से दूर रहें, दूध और दूध से बने अन्य खाद्य पदार्थों के दिन में केवल एक या दो सर्विगंज़ खायें, और दिन में ज़्यादा से ज़्यादा एक छोटा गिलास फल का रस पियें।

  • सक्रिय रहेंः

स्वस्थ भोजन की थाली के प्लेसमैट पर वह लाल रंग की भागती हुइ आक्रिति आपको याद दिलाने के लिए है, कि सक्रिय रहना भी वज़न संतुलन के लिए आवश्यक है।

स्वस्थ भोजन की थाली का मुख्य सन्देश ‘‘डायटेरी क्वालेटी’’, या आहार की गुणवत्ता के बारे में है।

  • कार्बोहाइड्रेट की मात्रा पर ध्यान देने से ज़्यादा यह सोचना ज़रूरी है कि हम अपने आहार में किस प्रकार के कार्बोहाइड्रेट खाते हैं, क्योंकि कार्बोहाइड्रेट के कुछ स्रोत – जैसे सबज़ियाॅं (आलू के अलावा), फल, साबुत अनाज, और दाल – अन्य स्रोतों से ज़्यादा स्वस्थ हैं।
  • स्वस्थ भोजन की थाली लोगों को मीठे पायों से दूर रहने के लिए भी बताती है, जो उष, या ‘‘कैलोरीज़’’ से भरे हैं – और आमतौर पर इनमें पोषण कम होता है।
  • स्वस्थ भोजन की थाली लोगों को स्वस्थ ‘‘वेजिटेबल आॅयल’’ खाने को प्रोतसाहित करती है, और इसमें स्वस्थ स्रोतों से मिले गए ‘‘फ़ैट्स’’ के उपभोग पर कोई उपरी सीमा नहीं है।

हम निम्नलिखित नियमों और शर्तों के अनुसार स्वस्थ भोजन की थाली की छवि के उपयोग की अनुमति देतें हैंः

  • निम्न क्रेडिट लाइन शामिल होनी चाहिएः ‘‘प्रतिलिप्याधिकार © 2011 हारवर्ड विश्वविद्यालय। स्वस्थ भोजन की थाली के बारे में अधिक जानकारी के लिये कृप्या इन वेबसाइटों पर जाएॅंः पोषण स्रोत, हारवर्ड टी. एच. चैन स्कूल आॅफ़ पबलिक हेल्थ, http://www.thenutritionsource.org  और हारवर्ड हेल्थ पबलिकेशन्ज़, health.harvard.edu ।’’
  • आप स्वस्थ भोजन की थाली का उपयोग गैर वाणिज्यिक तरह से करेंगें।
  • आप स्वस्थ भोजन की थाली का उपयोग सभी लागू कानूनों के अनुसार करेंगें।
  • आप किसी भी तरह से छवि या पाठ को बदल नहीं सकते हैें।
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Nutrition in Hindi || पोषण, स्वपोषी, परपोषी के प्रकार, कुपोषण

  • Post author: Sneha Katiyar

Hindi Meaning of Nutrition – पोषण

पोषण क्या है (what is nutrition).

जीवधारियों को जैविक क्रियाओं के लिए ऊर्जा की आवश्यकता होती है। ऊर्जा भोज्य पदार्थों के ऑक्सीकरण से प्राप्त होती है। जीवद्रव्य निर्माण के लिए आवश्यक पोषक तत्व भी भोजन से प्राप्त होते हैं। जीवधारियों द्वारा ग्रहण किया हुआ भोजन सीधे शरीर के उपयोग में नहीं आ सकता,अत: पाचन, अवशोषण,  स्वांगीकरण के  उपरान्त पचा हुआ भोजन कोशिकाओं के जीवद्रव्य में विलीन हो जाता है। इस सम्पूर्ण प्रक्रिया को पोषण (Nutrition) कहते हैं।

पोषण की परिभाषा (Definition of Nutrition)

सजीवों द्वारा भोजन ग्रहण करने एवं इसके उपयोग की विधि को पोषण (Nutrition) कहते हैं।

पोषण की आवश्यकता (Need of Nutrition)

जीवों में शरीर के लिए ऊर्जा उत्पादन, शरीर निर्माण मरम्मत तथा रोगों के प्रति प्रतिरोधक क्षमता विकसित करने के लिए पोषण (Nutrition) की आवश्यकता होती है । जीवों में भोजन से नया जीवद्रव्य बनता है । जिससे कोशिकाएँ आकार में वृद्धि करती हैं। 

Nutrition-पोषण

पोषण को प्रक्रिया (Process of Nutrition)

ज़न्तुओं द्वारा पोषण (Nutrition) प्राप्त करने की क्रिया को प्राणि समभोजी पोषण कहते हैं।

प्राणि समभोजी पोषण की प्रक्रिया को निम्नलिखित चरणों में बाँटा गया है। 

1) अन्तर्ग्रहण (Ingestion)-

इस प्रक्रिया में भोजन जीव के शरीर के अन्दर ग्रहण किया जाता है। विभिन्न जन्तु भिन्न तरीकों से अन्तर्ग्रहण करते हैं। उदाहरण के लिए, अमीबा, पैरामीशियम, कीट, मेंढक, हाइड्रा इत्यादि। 

2) पाचन(Digestion)-

ठोस और जटिल खाद्य पदार्थों को सरल और घुलनशील खाद्य पदार्थों में परिवर्तित करने की क्रिया पाचन कहलाती है। 

पाचन की प्रक्रिया को विस्तार से जानने के लिए नीचे दिए गये लिंक पर क्लिक करें

Digestive System in Hindi || पाचन तंत्र,भाग, कार्य एवं चित्र

3) अवशोषण (Absorption)-

इस प्रक्रिया के द्वारा पाचक तत्वों को आंतो से अवशोषित किया जाता है और परिसंरचण तंत्र के द्वारा शरीर के विभिन्न भागों में ले जाया जाता है। 

4)स्वांगीकरण (Assimilation)-

यह पोषण क्रिया का अन्तिम चरण है, जिसमें पचा हुआ भोजन इंधन के रूप में शरीर द्वारा प्रयोग में लाया जाता है। 

5) उत्सर्जन (Egestion)-

शरीर से अपचित होने वाले खाद्य पदार्थों को मल के रूप में निकालने की प्रक्रिया उत्सर्जन कहलाती है। 

पोषक तत्व (Nutritional Element) 

भोज्य पदार्थों से प्राप्त तत्वों की रचना अनेक प्रकार के  रासायनिक यौगिकों से हुई है जिन्हें भोजन में पोषक तत्व (Nutritional Element) कहते हैं। 

इन्हें निम्न  प्रकार से वर्गीकृत किया जा सकता है। 

1) प्रोटीन्स (proteins)-

प्रोटीन्स का रासायनिक संगठन अत्यन्त जटिल है । यह कार्बन, आक्सीजन, हाइड्रोजन, गंधक, नाइट्रोजन, फॉस्फोरस आदि 18 तत्व हैं जिन्हें अमीनोएसिड कहते हैं, का सम्मिश्रिण है। कुछ को छोड़कर अधिकांश प्रोटीन घुलनशील हैं। प्रोटीन प्राप्ति के साधन दो प्रकार के हो सकते हैं

  • जन्तु प्रोटीन- दूध, अण्डा, माँस, मछली, पनीर आदि में पाई जाने वाली प्रोटीन ‘ए’ वर्ग की है।
  • वनस्पति प्रोटीन -गेहूँ जौ, चना, हरी पत्ती वाली सब्जियों से प्राप्त प्रोटीन देर से पचने के कारण ‘बी’ वर्ग की हैं।

2) खनिज लवण(Minerals)-

शारीरिक अंगों का सुचारू रूप से संचालन तथा स्वास्थ्य के लिए खनिज लवणों का विशेष महत्त्व है।ये फास्फोरस, लोहा, कैल्शियम, सोडियम, पोटेशियम, आयोडीन, क्लोरीन व मैग्नीशियम आदि हैं। इन तत्वों में कैल्शियम, फॉस्फोरस तथा लोहा सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण है।

फास्फोरस, लोहा तथा कैल्शियम को निम्नवत् बताया गया है। 

यह अस्थियों तथा बालों के निर्माण में सहायक है। स्नायुसंस्थान को स्वस्थ रखने में इसका विशेष महत्त्व है, यह रक्त को भी शुद्ध करता है, शरीर में जितने भी खनिज पदार्थ होते हैं उनका ¼ भाग फॉस्फोरस होता है। इसकी प्राप्ति माँस,अण्डे, मछली, दूध, पनीर और सेब से होती है, इसके अतिरिक्त बादाम,मेवा,पालक आलू गोभी, मूली, गाजर से भी फॉस्फोरस मिलता है। 

लोहा रक्त की लाल कणिकाओं के लिए आवश्यक है। इससे लाल रक्त कणों (हीमोग्लोबिन) का निर्माण होता है, समस्त शरीर में 1/10 औंस लोहा होता है। लोहा यकृत, माँस अण्डे की जर्दी में अधिकता से पाया जाता है। इसके अतिरिक्त दाल, अंजीर, अँगूर, पालक, मैथी, सलाद, पोदीना, टमाटर में भी पाया जाता है। 

यह अस्थियों तथा दातों के निर्माण में भाग लेता है और उनको स्वस्थ रखता है । कैल्शियम हृदय पेशियों में भी होता है और माँस पेशियों में भी। कैल्शियम तंत्रिका तन्त्र और शरीर की सभी कोशिकाओं के लिए परमावश्यक होता है। इसकी आवश्यकता वयस्कों की अपेक्षा बालकों को अधिक होती है। 

3) विटामिन्स (Vitamins)-

विटामिन्स एक प्रकार के रसायनिक कार्बनिक पदार्थ है जो भोजन तथा भोज्य पदार्थों में सूक्ष्म मात्रा में उपस्थित होते हैं फिर भी शरीर के समुचित विकास एवं वृद्धि के लिए परम आवश्यक हैं। विटामिन्स को जीवन तत्व या सुरक्षात्मक तत्व भी कहते हैं। प्रत्येक विटामिन का शरीर में अलग-अलग कार्य और महत्त्व होता है। एक प्रकार का विटामिन अकेला शरीर के लिए बहुत कम उपयोगी होता है।  यही कारण है कि हमें सभी प्रकार के विटामिन्स की आवश्यकता पड़ती है। जल में घुलनशीलता की विलेयता के आधार पर विटामिन्स को दो वर्गों में रखा जाता है। 

  • जल में घुलनशील विटामिन्स- B और C
  • वसा में घुलनशील विटामिन्स – A, D, E, K 

पोषण के आधार पर जीवधारियों का वर्गीकरण (Classification of Living Organism on the basis of Nutrition)-

सभी जीवधारियों को भोजन की आवश्यकता होती है। हरे पौधे प्रकाश संश्लेषण द्वारा अपना भोजन स्वयं बनाते हैं अत: पौधों को उत्पादक (Producers) या स्वपोषी (Autotrophs) कहते हैं। समस्त जन्तु प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप में अपना भोजन पौधों से प्राप्त करते हैं, अत: इनको उपभोक्ता (Consumer) या  परपोषी कहते हैं। 

समस्त जीवधारियों को मुख्यत: दो समूहो में बाँटा गया है जो कि निम्नवत् हैं-

1)स्वपोषी (Autotrophs)-

जो जीवधारी अपना भोजन स्वयं बना लेते हैं, स्वपोषि कहलाते हैं। हरे पौधे स्वपोषी होते हैं। ये कार्बन डाई ऑक्साइड, जल से पर्णहरिम तथा सूर्य के प्रकाश की उपस्थिति में अपने कार्बनिक भोज्य पदार्थ का निर्माण कर लेते हैं। प्रकाश संश्लेषण प्रक्रिया में ग्लूकोस बनता है और ऑक्सीजन मुक्त होती है मुक्त ऑक्सीजन वातावरण को शुद्ध करती है। 

प्रकाश संश्लेषण के फलस्वरूप बना ग्लूकोस कार्बोहाइड्रेट्स, वसा, प्रोटीन्स, विटामिन्स आदि में बदलकर पौधों के विभिन्न भागों में संचित हो जाता है।  प्रकाश संश्लेषण क्रिया के समय प्रकाश ऊर्जा रासायनिक ऊर्जा के रूप में कार्बनिक पदार्थों में संचित हो जाती है। श्वसन प्रक्रिया के समय रासायनिक ऊर्जा गतिज ऊर्जा में रूपान्तरित होकर जैविक प्रक्रियाओं के  काम आती है। युग्लीना (Euglena) में पर्णहरिम पाया जाता है। यह एकमात्र जन्तु है जो प्रकाश की उपस्थिति में अपना भोजन स्वयं बना लेता है और रात्रि में प्राणिसमभोजी (Holozoic) विधि से भोजन प्राप्त करता है। 

2)परपोषी (Heterotrophs)-

ऐसे जीवधारी जो अपना भोजन स्वयं नहीं बना पाते, परपोषी (Heterotrophs) कहलाते हैं, जैसे समस्त प्राणी (युग्लीना अपवाद है) और  पर्णहरिम रहित पादप। परपोषी जीवधारी प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से पौधों से ही भोजन प्राप्त करते हैं। शाकाहारी जन्तु अपना भोजन प्रत्यक्ष रूप से पौधों से प्राप्त करते हैं तथा माँसाहारी जन्तु शाकाहारी जन्तुओं से भोजन प्राप्त करते हैं। 

परपोषी मुख्यतया निम्नलिखित प्रकार के होते हैं-

मृतोपजीवी (Saprozoic)-

पर्णरहिम रहित पादप जैसे-कवक, जीवाणु आदि इस श्रेणी में आते हैं। ये मृत कार्बनिक पदार्थों से अपना भोजन प्राप्त करतै हैं। ये मृत जन्तु और पादप शरीर का अपघटन कर देते हैं।  इसके फलस्वरूप जैव भू-रासायनिक चक्र पोषक तत्वों का चक्रीकरण होता रहता है।

परजीवी (Parasitic)-

ये किसी जीवधारी (जन्तु या पादप) से भोजन प्राप्त करते है। भोजन प्रदान करने वाले जीवधारी को पोषद (Host) कहते है। इनके कारण प्राय: पोषद में रोग होते हैं, जैसे-मलेरिया परजीवी, फ्रीताकृमि, यकृतकृमि, एस्कैरिस आदि जन्तु और अमरबेल, ओरोबैकीं, जीवाणु, कवक आदि पादप।

प्राणि समभोजी (Holozoic)-

जन्तु भोज्य पदार्थों को ठोस या तरल अवस्था में ग्रहण करते हैं। प्रोटोजोआ से स्तनियों तक सभी जन्तु इस श्रेणी में आते है। 

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मानव में पोषण की स्थितियाँ (Situation of Nutrition in Human)

मानव में प्रमुख रूप से पोषण (Nutrition) की 2 स्थितियाँ होती हैं 

सुपोषण (Good Nutrition)-

सुपोषण से आशय पोषण (Nutrition) की उस स्थिति से है जिसमें व्यक्ति शारीरिक अथवा मानसिक रूप से सन्तुलित रहे तथा उसकी कार्यक्षमता, उसकी आयु के अनुरूप बनी रहे । जब व्यक्ति को भोजन के माध्यम से सभी पोषक तत्व उचित मात्रा में प्राप्त होते रहते हैं तो इस स्थिति को सुपोषण कहा जाता है । सुपोषण से ही व्यक्ति उत्तम स्वास्थ्य प्राप्त करता है । 

उत्तम पोषित व्यक्ति के निम्नलिखित लक्षण होते है-

1) व्यक्ति का भार, आकार तथा अनुपात सामान्य होता है । 

2) जल्दी न टूटने वाली नींद आती है । 

3) बाल चिकने, चमकीले तथा स्वस्थ होते हैं। 

4) पर्याप्त मात्रा में रोग प्रतिरोधक क्षमता होती है । 

5) दाँत, अस्थियाँ स्वस्थ तथा मजबूत होते हैं । 

6) व्यक्ति किसी भी कार्य को एकाग्रचित्त तथा उत्साहपूर्वक करता है । 

7) व्यक्ति की भूख अच्छी होती हे तथा पाचन संस्थान सामान्य रूप से कार्य करता है । 

8) व्यक्ति की माँसपेशियों सुगंठित तथा सुदृढ़ होती हैं । 

9) आँखें चमकीली तथा स्वस्थ होती हैं । 

10) व्यक्ति हमेशा प्रसन्नचित्त तथा ऊर्जावान रहता है । 

कुपोषण(Malnutrition)-

कुपोषण से तात्पर्य है, अव्यवस्थित पोषण की प्राप्ति। जब किसी व्यक्ति को उसकी जरूरतों के अनुसार पर्याप्त मात्रा में पोषण (Nutrition) की प्राप्ति नहीं होति है या आवश्यकता से कम मात्रा में पोषक तत्व मिलते हैं अथवा आवश्यकता से अधिक मात्रा में मिलते है तो उसे कुपोषण कहते हैं।

कुपोषण की प्रमुख 3 स्थितियां हैं 

1) अपर्याप्त पोषण (Under-Nutrition)-

अपर्याप्त पोषण उस स्थिति को कहते हैं जब भोज्य तत्व मात्रा तथा गुणों की दृष्टि से शरीर की आवश्यकता के अनुसार नहीं होते हैं तो या तो उनमें से किसी एक पोषक तत्व की कमी होती है अथवा कई पोषक तत्व कम होते हैं। अपर्याप्त पोषण के कारण शरीर का अपेक्षित विकास नहीं हो पाता है और भोज्य तत्वों की  कमी से सम्बन्धित रोग हो जाते हैं। अपर्याप्त पोषण के प्रमुख लक्षण इस प्रकार हैं-

1) शरीर में रक्त की कमी होना। 

2) शरीर का भार कम होना।

3) शरीर दुर्बल हो जाना। 

4) शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता कम हो जाना। 

5) शरीर की त्वचा शुष्क, झुर्रीदार तथा खुरदुरी हो जाना। 

6) बाल रूखे तथा चमकहीन हो जाना। 

7) शीघ्र थकान हो जाना। 

8) माँसपेशियाँ शिथिल तथा ढीली हो जाना। 

9) दाँतों का रोगग्रस्त हो जाना। 

10) अस्थियों की वृद्धि तथा विकास की गति में रूकावट आ जाना । 

अपर्याप्त पोषण की स्थितियाँ (Situation of Under-Nutrition)

अपृर्याप्त पोषण (Insufficient Nutrition) की दो स्थितियों होती हैं 

  • आहार की न्यून मात्रा
  • पौष्टिक गुण युक्त आहार की कमी।  

2) अत्यधिक पोषण (Over-Nutrition)

कभी-कभी व्यक्ति आवश्यकता से अधिक भोजन ग्रहण कर लेता है जिसका उसके स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव पड़ता है। आवश्यकता से अधिक कैलोरी तथा वसा खाने से न केवल मोटापा बल्कि अन्य कई रोग भी उत्पन्न हो जाते हैं। अत्यधिक पोषण (Nutrition) भी हमारे स्वास्थ्य को खराब कर देता है । 

3) असंतुलन (Imbalance)-

असन्तुलन पोषण (Nutrition) की उस स्थिति को कहा जाता है। जब शरीर के सभी  पौष्टिक तत्व सन्तुलित अवस्था में प्राप्त नहीं हो पाते हैं। शरीर के उचित विकास के लिए आहार में सभी पौष्टिक तत्व सन्तुलित मात्रा में होने चाहिए । किसी भी पौष्टिक तत्व की कमी या अधिकता शरीर को असन्तुलित कर देता है। जैसे अधिक कार्बोहाइड्रेट एवं वसा मोटापा उत्पन्न का देता है विटामिन सी की कमी से स्कर्वी, विटामिन डी की कमी  से रिकेट्स, विटामिन बी1 की कमी से बेरी-बेऱी रोग उत्पन्न होता है । 

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आहार, पोषण एवं स्वच्छता के बीच के लिंक को समझें: Diet, Nutrition and Hygiene

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आहार, पोषण एवं स्वच्छता के बीच के लिंक को समझें

सही आहार से हमें पोषण मिलता है, जिससे हमारा शरीर सही से काम करता है। ऐसे में हाइजीन यानि स्वच्छता भी जरुरी है। आहार, पोषण एवं स्वच्छता के बीच के लिंक के बारे में जानें।

Diet, Nutrition and Hygiene: हमारे जीवन की बेसिक जरूरतों में भोजन भी शामिल है। फूड में पोषक तत्व होते हैं जो हमारे बॉडी टिश्यूज के ग्रो होने, रिपेयरिंग और मेंटेनेंस के लिए जरूरी है। इसके साथ ही शरीर की जरूरी प्रक्रियाओं के लिए भी यह आवश्यक है। यह न्यूट्रिएंट्स यानी पोषक तत्व शरीर को एनर्जी प्रदान करते हैं जिससे शरीर को काम करने में आसानी होती है। यह एनर्जी कैलोरीज में परिवर्तित होती है। इन पोषक तत्वों में प्रोटीन, विटामिन, कार्बोहाइड्रेट, फैट्स और मिनरल्स आदि शामिल हैं। जब बात फूड की आती है, तो स्वच्छता यानी हायजिन भी इसमें महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। खाने को खाने से पहले यह सुनिश्चित करना जरूरी है कि यह फूड खाने के लिए सुरक्षित है या नहीं। नहीं तो, हम कई समस्याओं का सामना कर सकते हैं। आइए जानें आहार, पोषण एवं स्वच्छता के बीच में क्या लिंक है। लेकिन, सबसे पहले जानते हैं पोषण के बारे में विस्तार से।

पोषण क्या है?

पोषण यानी न्यूट्रिशन फूड की वो स्टडी है, जिसे हम खाते हैं और जो हमारी हेल्थ को प्रभावित करता है। यह तो हम जानते ही हैं कि न्यूट्रिशन और न्यट्रीशियस डाइट का सेवन करना स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद होता है। न्यूट्रिएंट्स वो सब्सटांस होते हैं, जो फूड्स में होते हैं जिसका इस्तेमाल हमारा शरीर ग्रो होने, रीप्रोड्यूज और सर्वाइव करने के लिए करता है। भोजन से प्राप्त किए जाने वाले मुख्य न्यूट्रिएंट्स इस प्रकार हैं:

प्रोटीन ग्रोथ और डेवलपमेंट के लिए जरूरी है। इसके साथ ही यह शरीर के टिश्यूज को रिपेयर करने, ऑक्सीजन को कैरी करने, खाने को पचाने और हॉर्मोन्स को रेगुलेट करने के लिए मददगार है। मीट, फलियां, नट्स, सीफूड और अंडे इसका अच्छा स्त्रोत हैं।

और पढ़ें। सर्दियों में खाएं पोषण से भरपूर 4 तरह के परांठ: Different Paratha Recipe

कार्बोहाइड्रेट्स

कार्बोहाइड्रेट्स का इस्तेमाल एनर्जी के लिए होता है। कार्बोहाइड्रेट युक्त फूड को खाने बाद हमारा शरीर इसे ग्लूकोज में ब्रेक-डाउन कर देता है, जिसका इस्तेमाल सेल्स एनर्जी के रूप में करते हैं। चावल, फल, दूध, आलू आदि से आप इसे प्राप्त कर सकते हैं।

Diet, Nutrition and Hygiene

फैट्स का इस्तेमाल एनर्जी को स्टोर करने, अंगों को प्रोटेक्ट करने, सेल ग्रोथ को सपोर्ट करने और शरीर के न्यूट्रिएंट्स को एब्जॉर्ब करने में होता है। फैट्स दो प्रकार के होते हैं सेचुरेटेड और अनसेचुरेटेड फैट्स। अनसेचुरेटेड फैट्स ऑइल, मेवे, सीड्स, एवोकाडो आदि में होते हैं।

विटामिन्स 

बी विटामिन्स हमारे शरीर के लिए कई तरह से फायदेमंद है जिनमें वसा से एनर्जी रिलीज करने से लेकर प्रोटीन को तोड़ने और शरीर में ऑक्सीजन व अन्य पदार्थों का ट्रांसपोर्टेशन आदि शामिल है। विटामिन ए विजन, ग्रोथ, रीप्रोडक्शन और इम्युनिटी के लिए महत्वपूर्ण है। ब्लड वेसल्स, मसल्स और कोलेजन आदि को बनाने के लिए विटामिन सी की जरूरत होती है। विटामिन डी हड्डियों को बनाने और उन्हें हेल्दी बनाने के लिए फायदेमंद है। विटामिन के ब्लड क्लॉट्स बनाने और हड्डियों के निर्माण के लिए आवश्यक प्रोटीन बनाने में मदद करता है।

मिनरल्स 

मिनरल के कुछ प्रकारों के बारे में आपके सुना होगा, जैसे पोटेशियम का इस्तेमाल किडनी, हार्ट, मसल्स और नर्वस सिस्टम को सही से काम करने के लिए किया जाता है। कैल्शियम का प्रयोग हड्डियों को दांतों को बनाने के लिए किया जाता है। सोडियम नर्वज और मसल्स को काम करने के लिए जरूरी है। जिंक इम्युनिटी सिस्टम और मेटाबॉलिज्म फंक्शन के लिए फायदेमंद है। इसी तरह से अन्य मिनरल्स के भी अपने-अपने फायदे हैं।

पानी हमारे शरीर के काम करने के लिए जरूरी है, क्योंकि हमारा शरीर 60 प्रतिशत पानी से बना है। इसके साथ ही इससे शरीर का तापमान सामान्य रहता है, रीढ़ की हड्डी की सुरक्षा होती है, शरीर से हानिकारक तत्व बाहर निकलते हैं। पानी के और भी बहुत से फायदे हैं।

Water

संक्षेप में कहा जाए तो आहार में मौजूद न्यूट्रिएंट्स हमारी हेल्थ में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। स्टडी यह भी बताती हैं कि जो लोग हेल्दी आहार का सेवन करते हैं वो अधिक जीते हैं और उनमें हार्ट डिजीज, टाइप 2 डायबिटीज और मोटापे आदि का जोखिम कम होता है।

आहार पोषण एवं स्वच्छता के बीच के लिंक के बारे में जानें

आहार यानी फूड हमारे जीवन का एक बेसिक और आवश्यक हिस्सा है। हवा जिसमे हम सांस लेते हैं और पानी जिसे हम पीते हैं, उसकी तरह ही फूड भी हमारे शरीर के लिए जरूरी है। जिस फूड को हम खाते हैं, उसका हमारा शरीर प्रयोग करता है और यह हमारे शरीर के टिश्यूज की ग्रोथ और मेंटेनेंस के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। यही नहीं अगर इस फूड में पर्याप्त न्यूट्रिएंट्स होते हैं, तो इससे हमें अच्छे से और लंबे समय तक जीवित रहने में मदद मिलती है। यही नहीं, इससे बीमारियों का जोखिम भी कम होता है। 

सही न्यूट्रिशन न केवल डेफिशियेंसी डिजीज से बचाव के लिए जरूरी है बल्कि इससे गंभीर बीमारियों से भी बचाव होता है। न्यूट्रिशन हमारे शरीर के लिए उतना ही महत्वपूर्ण है, जितना पौधों के लिए पानी। अनहेल्दी आहार से आहार संबंधी कई बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। आहार, पोषण और स्वच्छता तीनों के बीच में गहरा संबंध है। खाने बनाते हुए हाइजीन यानी स्वच्छता का ध्यान रहना बहुत जरूरी है। हमारे आहार से हमें पोषण मिलता है और खाने बनाते या खाते हुए स्वच्छता का ध्यान न रखना कीटाणु के फैलने का कारण बन सकता है, जिससे खाने से होने वाली बीमारियां हो सकती हैं। यह फूड-बोर्न डिजीज कई अन्य समस्याओं और मृत्यु का मुख्य कारण है। इन्हीं बीमारियों में से एक है डायरिया।  न्यूट्रिशनल आहार हमारे लिए महत्वपूर्ण है, लेकिन इसके साथ ही सेफ फूड हैंडलिंग भी जरूरी है। एक बैलेंस्ड डाइट और गुड हाइजीन प्रैक्टिस के साथ यह सब संभव है। 

Link between diet, nutrition and hygiene

आहार में न्यूट्रिशन और हाइजीन को बनाए रखने के लिए क्या करें?

एनर्जी हमारे लिए एक फ्यूल की तरह काम करती जो कार्बोहायड्रेट, हेल्दी फैट्स और प्रोटीन आदि न्यूट्रिएंट्स के सही बैलेंस से आती है। आहार में न्यूट्रिशन और हाइजीन को बनाए रखने के लिए इन चीजों का ध्यान रखें:

  • अधिक से अधिक विभिन्न सब्जियों और फलों का सेवन करें।
  • कैल्शियम, कार्बोहायड्रेट, प्रोटीन युक्त फूड खाएं। 
  • शरीर में पानी की कमी न हो इसलिए अधिक से अधिक पानी पीएं। यह जीवन के लिए जरूरी है।
  • चीनी युक्त आहार और ड्रिंक्स को लेने से बचें। इससे मोटापा और अन्य समस्याओं का रिस्क बढ़ सकता है।
  • खाना बनाने या खाने से पहले हाथों को अवश्य धोएं।
  • बाथरूम के इस्तेमाल के बाद हाथों को धोना न भूलें।
  • खाना बनाने के लिए इस्तेमाल होने वाले बर्तनों, सरफेस और बेंचेस आदि को अच्छे से साफ करें।
  • फूड में छींके या खांसने से बचें।
  • आहार के क्रॉस कंटैमिनेशन को नजरअंदाज करें। कच्चे और पके हुए खाद्य पदार्थों को अलग रखें। 
  • बैक्टीरिया को नष्ट करने के लिए खाद्य पदार्थों को सही तापमान पर पकाएं।
  • बैक्टीरियल ग्रोथ को रोकने के लिए खाद्य पदार्थों को सही तापमान में रखें।
  • बैक्टीरियल के विकास को रोकने के लिए खाद्य पदार्थों को सही समय तक स्टोर करके रखें।
  • अगर आपको किसी खाद्य पदार्थ को लेकर शंका हो तो उसे इस्तेमाल न करें। 
  • किसी चीज से अजीब बदबू आ रही हो, तो भी उसे फेंक देना चाहिए।
  • हमेशा चीजों की एक्सपाइरी डेट देख कर ही उसे खरीदें।
  • पीने के लिए साफ पानी का इस्तेमाल करें। बोइलिंग मेथड के साथ पानी को उबालें और उसके बाद उसके ठंडा होने के बाद ही उसे पीएं। 

Diet, Nutrition and Hygiene

FAQ | क्या आप जानते हैं

पोषण क्या है और इसके कितने प्रकार हैं?

न्यूट्रिएंट्स कितने प्रकार के होते हैं?

फूड हाइजीन किसे कहा जाता है?

आहार और पोषण में क्या अंतर है?

पर्सनल हाइजीन क्या है और इसे बनाए रखने के कारण क्या हैं?

हाइजीन कैसे मेंटेन करें?

पोषण का महत्व क्या है?

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संतुलित आहार पर निबंध- Essay on Healthy Food in Hindi

In this article, we are providing information about Healthy Food in Hindi- Short Essay on Healthy Food in Hindi Language. संतुलित आहार पर निबंध- Nibandh santulit aahar in Hindi

संतुलित आहार पर निबंध- Essay on Healthy Food in Hindi

भोजन हर व्यक्ति की जरूरत है जिससे हमें ऊर्जा मिलती है। ऊर्जा के लिए भोजन का संतुलित होना जरूरी है। संतुलित आहार का अर्थ है ऐसा भोजन जिसमें प्रोटीन, विटामिन, कार्बोहाईड्रेट, फैट और फाईबर उचित मात्रा में मौजुद हो। संतुलित आहार हमें स्वस्थ रहने के लिए अत्यंत आवश्यक है। संतुलित आहार के अंदर चावल, रोटी, दाल, हरी सब्जियाँ, दुध और दही इत्यादि आते हैं। हम सबको रोज स्वस्थ भोजन का सेवन करना चाहिए। स्वस्थ भोजन हमें एक खुशहाल जीवन देता हैं। हमें संतुलित आहार में रोज फलों को भी खाना चाहिए।

आधुनिक समय में व्यक्ति संतुलित आहार का महत्व को भूलता जा रहा है और स्वस्थ भोजन से दुर जाता जा रहा है जिस कारण बच्चों में मधुमेह और मोटापे का खतरा बढ़ता जा रहा है। हम लोग स्वादिष्ट भोजन की तरफ आकर्षित होते जा रहे हैं और भोजन की गुणवत्ता पर बिल्कुल भी ध्यान नहीं दे रहे हैं। जंक फूड भले ही स्वादिष्ट होते हैं पर वह बिल्कुल भी पौष्टिक नहीं होते हैं बल्कि हमारे स्वास्थय के लिए हानिकारक ही होते हैं। ज्यादा तले और बंद भोजन के कारण बहुत सी बिमारियाँ बढ़ती हैं।

हम सबको जंक फूड को त्यागकर संतुलित आहार को अपनी दिनचर्या का हिस्सा बनाना चाहिए। बच्चों को हरी सब्जियाँ रंग बिरंगे तरीके से अलग अलग व्यंजन बनाकर खिलानी चाहिए जो कि देखने में आकर्षक लगे और बच्चे उनकी तरफ आकर्षित हो जाए। बच्चों के साथ साथ बढ़ो को भी संतुलित आहार ही लेना चाहिए। संतुलित आहार हमें शक्तिशाली बनाता है और रोगों के लड़ने की क्षमता प्रदान करता है। हमें अपने तीनों समय का भोजन ऐसा रखना चाहिए कि उनमें पौष्टिक भोजन अवश्य रहें। हम कभी कभी बाहर का खा सकते हैं लेकिन हमें रोज स्वस्थ भोजन ही करना होगा। हमें पैकेट के भोजन का बहिष्कार करना चाहिए और ताजा भोजन ही खाना चाहिए।

हमें रोज सुबह दुध के साथ अनाज का सेवन करना चाहिए। दोपहर को चावल, रोटी ,दाल स्लाद आदि खाना चाहिए। दोपहर के खाने के तीन घंटे बाग हल्का नाश्ता करना चाहिए और रात को दील रोटी खानी चाहिए। रात को सोने से पहले दुध और फल या फिर जुस पीना चाहिए। हमें संतुलित आहार का नियमित रूप से पालन करना चाहिए। संतुलित आहार हमें शारीरिक और मानसिक रूप को संतुलित रखता है ओर हमारी एकाग्रता की शक्ति में वृद्धि होती है। स्वस्थ रहने का एकमात्र तरीका स्वस्थ भोजन ही है जिसे हमें रोज ग्रहण करना होगा।

Essay on Junk Food in Hindi- जंक फूड पर निबंध

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2 thoughts on “संतुलित आहार पर निबंध- Essay on Healthy Food in Hindi”

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Join telegram, पोषण किसे कहते हैं (nutrition in hindi) : पोषण के बारे में पूरी जानकारी पढ़ें.

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पोषण (Nutrition)- हम सभी को अपने-अपने स्तर पर ऊर्जा (Energy) की जरूरत होती है। बिना एनर्जी के हम एक कदम भी आगे नहीं बढ़ सकते हैं। केवल इंसान ही नहीं बल्कि एक छोटी-सी चींटी से लेकर बड़े हवाई जहाज तक सभी को ऊर्जा की आवश्यकता होती है। पशु-पक्षी, पेड़-पौधे, मशीनें, सड़क पर सरपट दौड़ने वाली गाड़ियाँ, रेल गाड़ी, पानी के जहाज, हवाई जहाज आदि सभी के ऊर्जा का स्रोत (Source of Energy) अलग-अलग होता है, लेकिन सभी को एनर्जी भरपूर पोषण (Nutrition) से ही प्राप्त होती है।

पोषण (Nutrition)

हम मनुष्य पोषण के रूप में तरह-तरह का शाकाहारी और मासाहारी भोजन ग्रहण करते हैं, तो वहीं जानवर हरी घास, हरे पत्ते खाकर और दूसरे जानवरों का शिकार करके अपना पोषण पूरा करते हैं। मशीनों और गाड़ियों की पोषण की कमी बिजली, पेट्रोल और डीजल से पूरी होती है। इस प्रकार हम सभी किसी-न-किसी रूप में अपनी जरूरत के अनुसार पोषण की कमी दूर करते हैं। हम सभी के लिए पोषण (न्यूट्रिशन) बहुत जरूरी है। पोषण हमारे शरीर में ऊर्जा के अलावा और बहुत सी कमी को भी दूर करता है, जिसके बारे में आप इस आर्टिकल में पढ़ेंगे। आप हमारे इस पेज से पोषण किसे कहते हैं (Poshan Kise Kahate Hain), पोषण क्या है (Poshan Kya Hai), पोषण की परिभाषा, Nutrition in Hindi, पोषण कितने प्रकार के होते हैं, पोषक तत्व कितने हैं, पोषण अभियान आदि जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।

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हम सभी को समय पर पोषण (Nutrition) मिलना बहुत जरूरी है। पोषण ही नहीं बल्कि शुद्ध और ताजा आहार (Diet) मनुष्य के शरीर और बुद्धि के विकास में महत्त्वपूर्ण योगदान देता है। पोषण की कमी हमें मानसिक (Mentally) और शारीरिक (Physically) रूप से कमजोर बनाती है। इसलिए समय पर सही पोषण लेने से ही हम स्वस्थ रह सकते हैं और हमारा विकास संभव है। लेकिन हमारे देश में आज भी पोषण की कमी का आंकड़ा चरम पर है। आज भी न जाने कितने लोग और बच्चे कुपोषण का शिकार हो रहे हैं और अपनी जान गवा रहे हैं। कितने लोगों को आज भी भूखे पेट सोना पड़ता है, जिससे उनकी पोषण की कमी पूरी नहीं हो पाती। इसलिए हम आपको पोषण से जुड़ी कुछ जरूरी बातें बता रहे हैं।

पोषण किसे कहते हैं? (What Is Nutrition? In Hindi)

पोषण का अंग्रेजी शब्द न्यूट्रिशन (Nutrition) है। हमें ज़िंदा रहने के लिए पोषण की आवश्यकता होती है। जो भोजन या पोषक तत्व मनुष्य द्वारा ग्रहण किए जाते हैं, उस क्रिया को पोषण कहा जाता है। इससे भी आसान भाषा में हम समझें, तो जिस भोजन को हम खाते हैं और उस भोजन को पचा कर हमारे शरीर को जो ऊर्जा (एनर्जी) और शक्ति (पॉवर) मिलती है, जिससे हमारा शरीर स्वस्थ (हेल्दी) रहता है, उसे हम पोषण (न्यूट्रिशन) कहते हैं। पोषण की आवश्यकता हमें कई अलग-अलग कारणों से पड़ती है। उन कारणों में शामिल हैं, ऊर्जा, शरीर का विकास, दिमाग तेज करना, शरीर को तंदुरुस्त बनाए रखना, रोगों से लड़ना आदि। इसके अतिरिक्त हमारे खाने में अलग-अलग प्रकार के पोषक तत्व (Nutrient) जैसे कार्बोहाइड्रेट, वसा, प्रोटीन, खनिज, लवण और जल है या नहीं इसका पता चलता है, जिसे भी हम पोषण (Nutrition) कहते हैं। अलग-अलग प्रकार के पोषक तत्वों को अपने भोजन के माध्यम से प्राप्त करना ही पोषण (Poshan) कहलाता है। पोषण को संतुलित आहार (Balanced Diet) भी बोला जाता है।

पोषण की परिभाषा (Nutrition Definition In Hindi)

यदि हम पोषण को परिभाषा के तौर पर समझें, तो वह प्रक्रिया जिससे सभी जीव-जंतु भोजन ग्रहण करते हैं, जिसमें अलग-अलग प्रकार के पोषक तत्व शामिल हों और वह इस भोजन का इस्तेमाल अपने दैनिक जीवन में करते हैं, उसे ही पोषण (Nutrition) कह जाता है। पोषण ही सभी जीवों की वृद्धि और विकास का मुख्य कारक है। बहुत से वैज्ञानिकों और आहार विशेषज्ञों ने अपने-अपने अनुसार पोषण की परिभाषा दी है, जिनमें से कुछ वैज्ञानिकों की परिभाषाएं निम्नलिखित हैं:-

  • चैंबर्स डिक्शनरी के अनुसार – पोषण का अर्थ है, एक्ट और प्रोसेस ऑफ नरिसिंग अर्थात भोजन चूसक कार्य अथवा प्रक्रिया जहां पर चूषक शब्द का अर्थ है, कि भोजन के प्रमुख तत्वों को खींचकर शरीर का एक अंग बनाना।
  • टर्नर के अनुसार – पोषण शरीर में होने वाली विभिन्न क्रियाओं का एक संगठन है, जिसके द्वारा जीवित प्राणी ऐसे पदार्थों को ग्रहण तथा उपयोग करता है, जो शरीर के विभिन्न कार्यों को नियंत्रित करता है, वृद्धि करता है तथा शारीरिक टूट-फूट की मरम्मत भी करता है।

पोषण कितने प्रकार के होते हैं? (Types Of Nutrition In Hindi)

पोषण को मुख्य रूप से दो प्रकार में बांटा गया है, 1. स्वपोषी पोषण या स्वपोषण (Autotrophic Nutrition) और 2. परपोषी पोषण या विषमपोषी पोषण (Heterotrophic Nutrition)।

1. स्वपोषी पोषण या स्वपोषण (Autotrophic Nutrition)- वो जीव जो अकार्बनिक यौगिकों, कार्बन डाइऑक्साइड, पानी और लाइट के जरिए खुद अपना भोजन बनाते हैं, उन्हें स्वपोषी पोषण (Autotrophic Nutrition) कहा जाता है। इसी क्रिया को स्वपोषण बोलते हैं। आसान शब्दों में कहें, तो वह जीव जो अपना खाना खुद ही बनाते हैं, उन्हें स्वपोषी कहते हैं और इनकी यह क्रिया स्वपोषी पोषण कहलाती है। हरे पेड़-पौधे स्वपोषण क्रिया करते हुए अपना भोजन स्वयं ही बनाते हैं। पेड़-पौधों द्वारा अपना भोजन बनाने की क्रिया को प्रकाश संश्लेषण (Photosynthesis) कह जाता है। ये क्लोरोफिल तथा लाइट की मौजूदगी में पानी और कार्बन डाइऑक्साइड से भोजन बनाते हैं और भोजन के अंदर कार्बोहाइड्रेट का निर्माण भी करते हैं। इस पूरी प्रक्रिया के दौरान ऑक्सीजन मुक्त होती रहती है।

2. परपोषी पोषण या विषमपोषी पोषण (Heterotrophic Nutrition)- वो जीव जो अपना खाना खुद नहीं बना सकते और अपने खाने के लिए दूसरे जीवों पर निर्भर रहते हैं, उन्हें परपोषी या विषमपोषी (Heterotrophic) जीव कहा जाता है। इस क्रिया को परपोषी पोषण या विषमपोषण (Heterotrophic Nutrition) कहा जाता है। आसान शब्दों में कहें, तो वह जीव जिन्हें अपना भोजन दूसरों से मिलता है और जो स्वयं अपना भोजन नहीं बनाते, परपोषी या विषमपोषी कहलाते हैं और पोषण की यह क्रिया परपोषी पोषण या विषमपोषी पोषण कहलाती है। इस तरह के जीव पूरी तरह से दूसरे जीवों पर ही निर्भर रहते हैं।

पोषक तत्व (Nutrients)

अभी तक आपने जाना कि पोषण (न्यट्रिशन) किसे कहते हैं। अब हम बात करते हैं कि पोषक तत्व (Nutrients) क्या होते हैं। वो तत्व जिनसे हमारे शरीर को पोषण मिलता है, जिनसे हमें ऊर्जा और शक्ति मिलती है, उन्हें पोषक तत्व (न्यूट्रिएंट्स) कहा जाता है। जब हम किसी भी तरह का भोजन ग्रहण करते हैं, तो उससे हमें पोषण मिलता होता है, जिसमें पोषक तत्व शामिल होते हैं। संतुलित भोजन में यह पोषक तत्व रासायनिक पदार्थों के रूप में होते हैं, जो लगभग पचास के आसपास होते हैं, इन्हें ही पोषक तत्व (Nutrients) कहा जाता है।

अन्य शब्दों में समझें, तो संतुलित भोजन में मिलने वाले सभी ज़रूरी रसायनिक पदार्थ जो हमारे शरीर के विकास के लिए मददगार होते हैं, वो ही पोषक तत्व हैं। एक संतुलित आहार में मौजूद अलग-अलग प्रकार के रासायनिक पदार्थ जैसे कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, वसा, खनिज, लवण, जल, विटामिन और रेशे आदि सभी भोजन का भाग हैं, जिन्हें पोषक तत्व (Poshak Tatva) कहा जाता है। इन्हीं पोषक तत्वों से हमारे शरीर को एनर्जी मिलती है और शरीर के अन्दर होने वाली सभी उपापचयी क्रियाएँ हो पाती हैं। परिभाषा की तरह इसे समझें, तो भोजन में शामिल वो तत्व जो हमारे शरीर की वृद्धि और विकास में मदद करते हैं, उन्हें पोषक तत्व कहा जाता है।

पोषक तत्वों के प्रकार (Types Of Nutrients In Hindi)

हमारी बॉडी को हर तरह के पोषक तत्वों की ज़रूरत होती है, जो हमारे शरीर में पोषण की कमी को पूरा करते हैं। अगर किसी एक की भी कमी रह जाती है, तो हमारा शरीर कमजोर बन सकता है। इसलिए पोषक तत्वों के प्रकार के बारे में जानना बहुत जरूरी है, जो निम्नलिखित हैं-

  • कार्बोहाइड्रेट/शर्करा (Carbohydrate/Sugars)- कार्बोहाइड्रेट (Carbohydrate) को शर्करा (शुगर) भी कहा जाता है। इनका स्वाद मीठा होता है। कार्बोहाइड्रेट हमें तुरन्त ऊर्जा पहुँचाता है और ये हमारे शरीर के लिए बहुत जरूरी है।
  • वसा (Fat)- कार्बोहाइड्रेट से ऊर्जा ग्रहण करके उसे खर्च नहीं करते हैं, तो उससे हमारे शरीर में वसा (Fat) अर्थात् चर्बी जमा हो जाती है। क्योंकि जब हम एनर्जी खर्च नहीं करते हैं, तो कार्बोहाइड्रेट परत के रूप में हमारे शरीर में जमा होता जाता है, जिसे वसा, चर्बी या फैट कहा जाता है।
  • प्रोटीन (Protein)- प्रोटीन से शरीर को ज़्यादा ऊर्जा नहीं मिलती है। प्रोटीन का काम शरीर को ज़्यादा एनर्जी न देकर शरीर का विकास करना है।
  • खनिज (Minerals)- हमारे शरीर को ज़्यादा मिनरल्स की ज़रूरत नहीं होती है। कैल्शियम, फोस्फोरस, सल्फर, क्लोरीन, सोडियम, मैग्नेशियम आदि मिनरल्स की हमारे शरीर को ज्यादा आवश्यकता होती है। आयरन, फ्लोरीन, जिंक, ताँबा, मैग्नीज, आयोडीन, कोबाल्ट, क्रोमियम आदि की बहुत ही कम मात्रा हमारे शरीर को आवश्यकता होती है।
  • नमक या लवण (Salt)- हमारे शरीर को बहुत ही कम मात्रा में सोडियम की आवश्यकता होती है, जैसे रोज लगभग 1,500 मिलीग्राम तक। जरूरत से ज्यादा नमक का सेवन करने से हार्ट डिजीज, स्ट्रोक और हाई ब्लड प्रेशर होने का खतरा बढ़ जाता है।
  • जल (Water)- हमारे शरीर में लगभग 65 से 70 प्रतिशत तक जल (Water) मौजूद होता है। पानी एक अकार्बनिक पदार्थ है, जो हमारे शरीर के आन्तरिक वातावरण में संतुलन का काम करता है। हमें रोज़ आठ से दस गिलास यानी कि दो से तीन लीटर पानी ज़रूर पीना चाहिए।
  • विटामिन (Vitamin)- हमारे शरीर में जो उपचयी, अपचयी और उपापचयी क्रियाएं होती हैं, उनको सही से कार्यन्वित करने का काम विटामिन्स (Vitamins) करते हैं। यदि आप चाहते हैं कि ये सभी क्रियाएँ सही से आपके शरीर में होती रहें, तो इसके लिए विटामिन्स का शरीर में होना आवश्यक है। अगर हमारे शरीर में विटामिन की कमी हो जाती है, तो उससे अपूर्णता बीमारी हो जाती है।
  • रूक्षांश (Rookage)- रूक्षांश एक प्रकार का वनस्पति पदार्थ है जिसकी कोशिका भित्ति सेल्यूलोज़ से बनी होती है। हमारे शरीर के अंदर इसे पचाने वाले एंजाइम नहीं होते लेकिन फिर भी यह हमारे भोजन का एक ज़रूरी अंग है। यह फूड पाइप में खाने के गतिक्रम को बनाए रखने में सहायता करता है। यह फूड पाइप को साफ रखता है और कब्ज़ होने से बचाता है।
  • रेशे (Fibers)- डाॅक्टर हमेशा हमें रेशेदार सब्जियाँ या भोजन करने की सलाह देते हैं। सेम की फलियाँ भी एक रेशेदार सब्जी है जो हमारे शरीर की छोटी-बड़ी आंतों को साफ करने में मदद करती है। कब्ज़ के मरीज को रेशेदार (Fiber) भोजन खाना चाहिए, जिससे कि खाना जल्दी पच पाए और पेट भी अच्छे से साफ हो जाए।

मुख्य रूप से 7 पोषक तत्व हैं :-

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पोषण अभियान (Poshan Abhiyan)

पोषण अभियान 8 मार्च, वर्ष 2018 को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू किया गया था। पोषण अभियान को राष्ट्रीय पोषण मिशन के रूप में भी जाना जाता है। इस अभियान का मुख्य उद्देश्य बच्चों, गर्भवती महिलाओं और स्तनपान कराने वाली माताओं के लिए पोषण संबंधी परिणामों में सुधार करना है। पोषण अभियान ने बच्चों के कम पोषण और जन्म के समय कम वजन को सालाना 2 प्रतिशत और एनीमिया को 3 प्रतिशत तक कम करने और देश में अच्छे पोषण के लिए एक जन आंदोलन बनाने का लक्ष्य भी निर्धारित किया है। विशेषज्ञों का मानना है कि भारत को इस लक्ष्य तक पहुँचने के लिए पोषण अभियान को और तेज करना होगा और ज़्यादा-से-ज़्यादा लोगों को इस अभियान से जोड़ना होगा।

हर साल सितंबर के महीने को पोषण माह के रूप में मनाया जाता है, जिसमें मानव शरीर के लिए सही पोषण के महत्व और भूमिका के बारे में बताया जाता है। ज़रूरी पोषक तत्वों और कैलोरी के संयोजन के साथ संतुलित आहार मानव शरीर के सुचारू कामकाज और विकास के लिए महत्वपूर्ण है। पोषण व्यक्ति के समग्र विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। जिस प्रकार स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ मन का वास होता है, ठीक उसी प्रकार हमारे दैनिक आहार में लवण, विटामिन, प्रोटीन जैसे पोषक तत्वों का होना बहुत जरूरी है। पोषण अभियान जन प्रतिनिधियों, सामाजिक संगठनों और निजी क्षेत्रों की भागीदारी को शामिल करके एक जन आंदोलन है।

पोषण से जुड़े अधिकतर पूछे जाने वाले सवाल (Nutrition FAQ’s In Hindi)

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प्रश्न- पोषण क्या है? उत्तर- जिस भोजन या पोषक तत्व को हम ग्रहण करते हैं, उसे पोषण कहा जाता है।

प्रश्न- पोषण किसे कहते हैं और कितने प्रकार के होते हैं? उत्तर- हमारे भोजन में विभिन्न प्रकार के पोषक तत्व (Nutrient) जैसे कार्बोहाइड्रेट, वसा, प्रोटीन, खनिज, लवण और जल है या नहीं इसका पता चलता है, जिसे हम पोषण (Nutrition) कहते हैं। पोषण दो प्रकार के होते हैं, स्वपोषी पोषण और परपोषी पोषण।

प्रश्न- पोषक पदार्थ क्या है? उत्तर- पोषक पदार्थ वह हैं जो हमारे शरीर का विकास करते हैं।

प्रश्न- पोषण से क्या तात्पर्य है? उत्तर- पोषण उस प्रक्रिया को कहते हैं जिससे सभी जीव भोजन ग्रहण करते हैं।

प्रश्न- पोषण कैसे बनता है? उत्तर- कार्बन डाइऑक्साइड, जल तथा अन्य खनिज पदार्थ मिलकर पोषण बनाते हैं।

प्रश्न- पोषण का क्या महत्व है? उत्तर- पोषण हमारे स्वास्थ्य के लिए बहुत ज़रूरी है। पोषण से हमें शक्ति व उर्जा मिलती है।

प्रश्न- स्वपोषी पोषण से आप क्या समझते हैं? उत्तर- स्वपोषी पोषण उन्हें कहा जाता है जो साधारण अकार्बनिक अणुओं से जटिल कार्बनिक यौगिको का निर्माण कर सकते हैं। हरे पेड़-पौधे प्रकाश की उपस्थिति में प्रकाश संश्लेषण के द्वारा अपना भोजन स्वयं बनाते हैं तथा स्वपोषी कहलाते हैं।

प्रश्न- अल्प पोषण से आप क्या समझते हैं? उत्तर- अल्‍पपोषण केवल पर्याप्‍त भोजन न खाने से ही नहीं होता। ये बचपन की बीमारियां, जैसे दस्त अथवा आंतों में कीड़े के संक्रमण से भी पोषक तत्वों का अवशोषण अथवा आवश्यकताएं प्रभावित हो सकती हैं। कुपोषण व्यापक शब्द है जो हर प्रकार के खराब पोषण से संबंधित है। सरल शब्दों में, कुपोषण में अल्पपोषण और अतिपोषण, दोनों शामिल हैं।

प्रश्न- प्रकाश संश्लेषण से आप क्या समझते हैं? उत्तर- सजीव कोशिकाओं के द्वारा प्रकाशीय उर्जा को रासायनिक ऊर्जा में परिवर्तित करने की क्रिया, द्वारा सूर्य के प्रकाश की उपस्थिति में वायु से कार्बनडाइऑक्साइड तथा भूमि से जल लेकर जटिल कार्बनिक खाद्य पदार्थों जैसे कार्बोहाइड्रेट्स का निर्माण करते हैं तथा आक्सीजन गैस (O 2 ) बाहर निकालते हैं।

प्रश्न- स्वपोषी विषमपोषी में क्या अंतर है? उत्तर- स्वपोषी वह होता है जो अपना भोजन स्वयं बनाता है। विषमपोषी वह होता है जो अपना भोजन स्वयं नहीं बनाता है अर्थात् दूसरों पर निर्भर रहता है।

प्रश्न- न्यूट्रिशन कितने प्रकार के होते हैं? उत्तर- प्रोटीन, विटामिन, मिनरल, कार्बोहाइड्रेट, वसा, पानी, ज़िंक।

प्रश्न- पोषण औषधि क्या है इसके दो उदाहरण दीजिए? उत्तर- एक आहार पूरक उत्पाद मुंह से लिया जाने वाला एक उत्पाद है जिसमें एक “आहारीय घटक” होता है जिसका उद्देश्य आहार को पूरा करना है। इन उत्पादों में “आहारीय घटकों” में विटामिन, खनिज लवण, जड़ी-बूटियां या अन्य वानस्पतिक पदार्थ, अमीनो अम्ल और एन्जाइम्स, अंग ऊतक, ग्रंथियां, चयापचयी पदार्थ जैसे पदार्थ शामिल हो सकते हैं।

प्रश्न- पोषक तत्व कितने हैं? उत्तर- मुख्य रूप से 7 पोषक तत्व हैं-

  • ​विटामिन-बी12
  • विटामिन-बी6
  • ​फोलिक एसिड

प्रश्न- पौष्टिक आहार की कमी से कौन सा रोग होता है? उत्तर- पौष्टिक आहार की कमी से त्वचा की समस्या, अपच, बालों का गिरना, कमजोरी, आंखों की रोशनी कम होना, भूलने की समस्या जैसी कई समस्याएं होने लगती हैं।

प्रश्न- संतुलित आहार से क्या लाभ है? उत्तर- संतुलित आहार लेने से शरीर को जरूरी पोषक तत्व मिल जाते हैं, जो शरीर को ऊर्जा प्रदान करने का काम कर सकते हैं। इससे हमारे शरीर में कमजोरी महसूस नहीं होती है और व्यक्ति खुद को फीट महसूस करता है।

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स्वस्थ भोजन - Healthy Foods in Hindi

स्वस्थ भोजन - Healthy Foods in Hindi

  • अनाज   फल   सब्जियां   पेय   डेयरी   तेल   पौष्टिक आहार   बीज और सूखे मेवे   मसाले   हेल्दी रेसिपी

आपका स्वास्थ्य आपके जीन से लेकर हर दिन सांस लेने वाली हवा जैसी तमाम चीजों पर निर्भर करता है। जीवन में अच्छे स्वास्थ्य के लिए खाद्य और पोषक तत्व का अहम रोल होता है। जब कोई महिला गर्भवती होती है तो उसी पल से पोषण बच्चे के विकास में भूमिका अदा करने लगता है। गर्भ में पल रहा बच्चा अपनी माता से पोषण प्राप्त करता है, इसलिए गर्भवस्था के दौरान मां का सही खान पान बहुत जरूरी है। यदि मां में पोषण की कमी व संक्रमण हुआ तो इसका सीधा असर बच्चे के मस्तिष्क और उसके शरीर के विकास पर पड़ सकता है।

इसलिए, यदि आप लंबे समय तक स्वास्थ्य लाभ पाना चाहते हैं तो अपने आहार में जल्द से जल्द अच्छे और पौष्टिक खान-पान के साथ-साथ संतुलित आहार को शामिल करें। ऐसा करने से न केवल वजन बढ़ने का खतरा कम हो सकता है, बल्कि कुपोषण , मोटापा , मधुमेह , हाई बीपी , हृदय रोग , स्ट्रोक और कैंसर जैसे गैर-संचारी रोगों को भी रोका जा सकता है।

(और पढ़ें -  मधुमेह की होम्योपैथी दवा )

विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्लूएचओ) का कहना है कि जैसे अच्छे स्वास्थ्य के लिए संतुलित आहार महत्वपूर्ण है, वैसे ही इस आहार के अवयव या घटक उम्र, लिंग, जीवन शैली, शारीरिक गतिविधियों, स्थानीय रूप से उपलब्ध खाद्य पदार्थों के आधार पर अलग-अलग होते हैं। हालांकि, इन भिन्नताओं के बावजूद स्वस्थ खाद्य पदार्थ के मूल सिद्धांत वैश्विक स्तर पर समान हैं।

हाल ही में हुए एक शोध से यह पता चला है कि बेहतर स्वास्थ्य के लिए आपको किस तरह के आहार और अस्वास्थ्यकर खाद्य पदार्थों से बचना चाहिए। तेजी से शहरीकरण और बदलती जीवनशैली की वजह से प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थों (प्रोसेस्ड फूड) की खपत अधिक होने लगी, जबकि स्वस्थ खाद्य पदार्थों की खपत में निरंतर कमी आ गई। इस बदलाव की वजह से स्वास्थ्य पर बुरा असर देखने को मिल रहा है, इसलिए अपने आहार पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है।

वसा और शुगर - Fats and sugar in Hindi

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अपने आहार में विभिन्न प्रकार के स्वस्थ खाद्य पदार्थों को शामिल करें, ऐसा करना स्वास्थ्य के लिए बेहतर होता है। आहार में विविधता लाने से न केवल आहार में दिलचस्पी बनी रहती है बल्कि यह भी सुनिश्चित होगा कि आपको अपने शरीर की जरूरतों के लिए सभी मैक्रोन्यूट्रिएंट्स और माइक्रोन्यूट्रिएंट्स मिल रहे हैं। पूर्ण पोषण के लिए पांच खाद्य समूह हैं और एक स्वस्थ आहार में यह सभी खाद्य पदार्थ शामिल होने चाहिए। नीचे पांच खाद्य समूह दिए गए हैं, जिनसे आपको पोषण प्राप्त हो सकता है -

जिन प्रोडक्ट्स में वसा और शुगर होती है वे सभी खाद्य पदार्थ स्वस्थ नहीं होते हैं, यही कारण है कि आपको अपने द्वारा उपयोग किए जाने वाली वसा और शुगर के प्रकार के बारे में अतिरिक्त सावधानी बरतने की आवश्यकता होती है। जबकि पॉलीअनसैचुरेटेड फैटी एसिड (पीयूएफए) मोनोअनसैचुरेटेड फैटी एसिड (एमयूएफए),  ओमेगा3 फैटी एसिड और ओमेगा6 फैटी एसिड आपके स्वास्थ्य के लिए अच्छे माने जाते हैं, लेकिन संतृप्त यानी सैचुरेटेड फैट  और ट्रांस फैट को अच्छा नहीं माना जाता है। इसी प्रकार फल, गुड़ और खजूर में प्राकृतिक शुगर होती है, जो कि स्वास्थ्य के लिहाज से नुकसानदायक नहीं है, लेकिन रिफाइंड शुगर व इससे बनने वाले उत्पाद जैसे केक, जैम, कुकीज, पेस्ट्री और पेय पदार्थों में अधिकतर अलग से शुगर इस्तेमाल की जाती है जो कि स्वास्थ्य के लिए ठीक नहीं होती है। हालांकि, शरीर को वसा और शुगर की आवश्यकता होती है, इसलिए अच्छा होगा कि आप अपने आहार में उचित शुगर व वसा वाली चीजों का सेवन करें।

(और पढ़ें -  नॉर्मल शुगर लेवल रेंज कितना होना चाहिए )

यह तो आप सभी जानते हैं कि प्रोटीन हमारे शरीर के लिए कितना जरूरी है। फिर चाहे वह वह पशु आधारित प्रोटीन स्रोत जैसे चिकन , अंडा और मछली हो या पौधे आधारित.प्रोटीन जैसे सोयाबीन , टोफू , बीन्स, नट्स और बीज और यहां तक कि क्विनोआ  जैसे अनाज में भी प्रोटीन पाया जाता है। इनमें से अधिकांश स्रोत खनिजों और विटामिनों से भी भरपूर हैं। हालांकि, हाई कोलेस्ट्रॉल , साल्मोनेला (salmonella) और लिस्टेरियोसिस (listeriosis) जैसी स्वास्थ्य संबंधी परेशानियों से बचने के लिए आपको रेड मीट (जैसे बकरा), प्रोसेस्ड मीट और अंडरकुक्ड मीट के सेवन से बचना चाहिए।

(और पढ़ें -  मीट खाने के फायदे और नुकसान )

भारतीय आहार में डेयरी प्रोडक्ट जैसे दूध , दही , पनीर , घी और चीज काफी पसंद किया जाता है, विशेष रूप से शाकाहारी भोजन में।

इन डेयरी उत्पादों में प्रोटीन , कैल्शियम , विटामिन ए , विटामिन  डी और बी12 होता है। यह सभी खनिज और विटामिन आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली के लिए जरूरी होते हैं। इसके अलावा यह मांसपेशियों को मजबूत बनाने में भी सक्षम हैं। यह आपकी हड्डियों और दांतों को भी स्वस्थ रखते हैं। लैक्टोज इंटोलेरेंस से ग्रस्त लोगों को डेयरी प्रोडक्ट नहीं लेने चाहिए, इससे उन्हें एलर्जी हो सकती है।

(और पढ़ें -  एलर्जी की आयुर्वेदिक दवा )

फल और सब्जियां चाहे ताजे हों या कच्चे हों या पके हुए, यह सभी आहार में होना जरूरी हैं। इन स्वस्थ खाद्य पदार्थाें में पानी, फाइबर , विटामिन, खनिज और एंटीऑक्सीडेंट होता है। यह आहार पाचन को मजबूत करने और प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ाने में बहुत बड़ी भूमिका निभा सकता है। आलू और शकरकंद जैसे स्टार्च वाली चीजों को छोड़कर फलों और सब्जियों में कैलोरी की मात्रा कम होती है और यह वजन कम करने में भी मदद करते हैं। यह बहुत जरूरी है कि आप अपने आहार में विभिन्न प्रकार के फल और सब्जियों को शामिल करें और हर दिन कम से कम पांच बार इसका उपभोग करें।

अनाज व अनाज से तैयार होने वाले खाद्य पदार्थ आपके आहार में कार्बोहाइड्रेट और ऊर्जा का सबसे बड़ा स्रोत हैं। भारत में खाए जाने वाले कुछ सबसे लोकप्रिय अनाजों में सफेद चावल , ब्राउन राइस , गेहूं , जौ , बाजरा , फलियां और दाल । कार्ब्स के अलावा, ज्यादातर अनाज खनिजों , फाइटोन्यूट्रिएंट्स और कुछ विटामिनों से भरे होते हैं। यह अनाज वजन कम करने के अलावा असंख्य तरीकों से फायदेमंद साबित हो सकते हैं। हालांकि, अगर आपको पाचन तंत्र के रोग , इंफ्लेमेटरी बाउल डिजीज  (आईबीडी), ग्लूटेन इंटोलेरेंस या गेहूं से एलर्जी है, तो इन अनाज के सेवन से पहले डॉक्टर से परामर्श करना अच्छा रहेगा।

(और पढ़ें - फाइबर युक्त आहार क्या है )

इन खाद्य पदार्थों का न करें सेवन - Unhealthy foods to avoid in Hindi

ऐसे कई खाद्य पदार्थ हैं जिनका लोग आजकल सिर्फ इसलिए सेवन करते हैं क्योंकि वे स्वादिष्ट हैं आसानी से उपलब्ध हो जाते हैं या सस्ते हैं, लेकिन वे स्वास्थ्य के लिए अच्छे नहीं होते हैं। सही खानपान या स्वस्थ्य आहार न लेने से मोटापा, मधुमेह, हृदय रोग, तेजी से उम्र बढ़ना और संज्ञानात्मक कार्याें में कमी जैसी स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं।

अक्सर, इन अस्वास्थ्यकर खाद्य पदार्थों की मार्केटिंग 'कम्फर्ट फूड' के रूप में की जाती है, जिस वजह से लोग इन प्रोडक्ट का अधिक उपभोग करते हैं। लेकिन बता दें, कि यह फूड जितनी आसानी से उपलब्ध हो जाते हैं, उतने ही नुकसानदायक होते हैं। हालांकि, इन फूड्स का सेवन पूरी तरह से छोड़ देना मुश्किल हो सकता है, इसलिए बेहतर होगा इनका सेवन धीरे-धीरे कम किया जाए और इनकी जगह अच्छे खान-पान को आहार में शामिल करें। निम्नलिखित कुछ अस्वास्थ्यकर खाद्य पदार्थ हैं जिनसे आपको बचना चाहिए।

प्राकृतिक रूप से प्राप्त अनाज का यदि उपयोग किया जाए तो यह बेहद फायदेमंद होता है, क्योंकि इनमें फाइबर, जरूरी विटामिन, खनिज और यहां तक कि फाइटोन्यूट्रिएन्ट्स होते हैं। जबकि रिफाइंड ग्रेन या परिष्कृत अनाज जैसे मैदा का सेवन स्वास्थ संबंधी कई परेशानियों से जुड़ा हुआ है, जिसमें हृदय रोग का जोखिम, टाइप 2 मधुमेह और मोटापा शामिल हैं। यही कारण है कि ज्यादातर डॉक्टर और पोषण विशेषज्ञ परिष्कृत अनाज की जगह साबुत अनाज लेने की सलाह देते हैं।

(और पढ़ें -  मोटापा कम करने के लिए क्या खाना चाहिए )

डब्ल्यूएचओ ने कहा है कि दैनिक ऊर्जा सेवन का केवल 10 प्रतिशत से कम सैचुरेटेड फैट और 1 प्रतिशत से कम ट्रांस फैट का सेवन करना चाहिए। जंक फूड, प्रोसेस्ड फूड या तला खाना खाने से बचना चाहिए। डब्ल्यूएचओ का अनुमान है कि ट्रांस फैट की वजह से 50,0000 से ज्यादा लोगों की मौतें हो जाती हैं, यही कारण है कि आपको इन खाद्य पदार्थों से बचना चाहिए।

हो सकता है कि आपको इस बात का एहसास न हो, लेकिन अलग से मिलाई जाने वाली शुगर जंक फूड और पेय पदार्थों से लेकर उन डेजर्ट में भी पायी जाती है, जिन्हें आप शौक से खाते हैं। इस अतिरिक्त शुगर के सेवन से मोटापा, मधुमेह और दांतों को नुकसान हो सकता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन का कहना है कि वयस्कों और बच्चों दोनों को आदर्श रूप से दैनिक कैलोरी का केवल छह से 10 प्रतिशत चीनी का सेवन करना चाहिए। डब्ल्यूएचओ के अनुसार, मोटे तौर पर 25 ग्राम से कम चीनी का उपभोग करने पर अतिरिक्त स्वास्थ्य लाभ हो सकता है।

हालांकि, इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि हमारे शरीर में शुगर फलों, सब्जियों और अन्य स्वस्थ खाद्य पदार्थों से आती है, इसलिए आपको बस इतना करना है कि शुगर के अतिरिक्त स्रोतों को बंद कर दें।

भले ही प्रोसेस्ड फूड में सोडियम की मात्रा अतिरिक्त होती है, लेकिन आहार में सोडियम का मुख्य स्रोत  नमक  होता है। डब्ल्यूएचओ का कहना है कि अधिकांश लोग बहुत अधिक नमक का सेवन करते हैं। वास्तव में, जितना लोगों को नमक का सेवन करना चाहिए वे उससे दोगुनी मात्रा में करते हैं। एक वयस्क व्यक्ति को प्रति दिन पांच ग्राम से कम नमक का सेवन करना चाहिए। सोडियम की अत्यधिक मात्रा की वजह से हाई बीपी, हृदय रोग, दिल का दौरा और स्ट्रोक का जोखिम बढ़ सकता है। डब्ल्यूएचओ के अनुसार, प्रतिदिन 5 ग्राम से कम नमक का सेवन करने से हर साल अनुमानित 25 लाख लोगों की मौत को रोका जा सकता है।

हर दिन स्वस्थ खाद्य पदार्थों का सेवन करना आवश्यक है, क्योंकि वे जीवन भर स्वास्थ्य को बनाए रखने में आपकी मदद कर सकते हैं। स्वस्थ खाद्य पदार्थों में अनाज और लीन प्रोटीन से लेकर फलों और सब्जियों तक कई प्रकार के खाद्य पदार्थ शामिल हैं। कई लोग मानते हैं कि कार्ब्स और फैट न लेने से उनके स्वास्थ्य को कोई नुकसान नहीं हो सकता है, लेकिन वास्तव में यह सभी मैक्रोन्यूट्रिएंट्स और माइक्रोन्यूट्रिएंट्स आपके स्वास्थ्य में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं और जरूरी है कि इन्हें छोटी-छोटी खुराकों में लेते रहें।

स्वस्थ आहार लेने से होने वाले फायदों में वो सभी शामिल हैं, जो क्रोनिक और संभावित घातक बीमारियों की रोकथाम कर सकता है। इसके अलावा यह शारीरिक और संज्ञानात्मक कार्यों को भी बनाए रखता है। स्वस्थ खाद्य पदार्थ खाने से प्रजनन स्वास्थ्य, यौन स्वास्थ्य और विशेष रूप से मानसिक स्वास्थ्य के लिए आवश्यक हार्मोन का संतुलन बना रहता है। कई स्वस्थ खाद्य पदार्थ, विशेष रूप से जिनमें एंटीऑक्सीडेंट होते हैं, उनमें कैंसर को रोकने की भी क्षमता होती है। यह पाचन को बेहतर करते हैं और आपको बेहतर नींद में मदद करते हैं।

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स्वस्थ खाद्य पदार्थों में माइक्रोन्यूट्रिएंट - Micronutrients in healthy foods in Hindi

माइक्रोन्यूट्रिएंट को आमतौर पर सिर्फ विटामिन और खनिज के रूप में जाना जाता है। यह स्वास्थ्य के लिए उतने ही महत्वपूर्ण हैं जितना कि मैक्रोन्यूट्रिएंट। हो सकता है कि आपको इन पोषक तत्वों की बहुत ज्यादा मात्रा में आवश्यकता ना हो, लेकिन यह काफी महत्वपूर्ण हैं, क्योंकि विटामिन, खनिज, फाइटोन्यूट्रिएंट्स और एंटीऑक्सिडेंट्स के बिना आपका पूरा शरीर ठीक से काम करने में सक्षम नहीं हो पाता है।

दुनियाभर में ऐसी बीमारियां जिनकी वजह से पोषण संबंधी कमियां होती हैं, उनका कारण माइक्रोन्यूट्रिएंट का पर्याप्त मात्रा में न होना है। आमतौर पर मैक्रोन्यूट्रिएंट्स के स्रोतों का सेवन आपके आहार को पर्याप्त माइक्रोन्यूट्रिएंट प्रदान करता है। हालांकि, अगर कोई कमी या खराबी है, तो आपको अपने आहार को ठीक करने और आहार की खुराक लेने के बारे में डॉक्टर से परामर्श करने की आवश्यकता पड़ सकती है। आपके शरीर के लिए कुछ माइक्रोन्यूट्रिएंट निम्नवत हैं -

फाइटोन्यूट्रिएंट्स को फाइटोकेमिकल्स के रूप में भी जाना जाता है। यह पौधों में पाए जाने वाले प्राकृतिक यौगिक हैं। ज्यादातर फाइटोन्यूट्रिएंट्स में एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं, जो कि आपके स्वास्थ्य के लिए कई तरह से फायदेमंद हैं। कैरोटेनॉयड्स, फ्लेवोनोइड्स, करक्यूमिन और कैप्साइसिन जैसे फाइटोन्यूट्रिएंट्स साधारण पौधों, फल, सब्जियों, हल्दी और यहां तक कि मिर्च में भी पाए जाते हैं। एंटीऑक्सीडेंट कुछ हद तक फाइटोन्यूट्रिएंट्स के समान होते हैं जो कि ग्रीन टी , दालचीनी और अधिकांश जड़ी-बूटियों में पाए जाते हैं।

ट्रेस मिनरल्स उन्हें कहते हैं, जिनकी आवश्यकता सूक्ष्म पोषक तत्वों की तुलना में कम मात्रा में होती है। इन खनिजों में आयरन , मैंगनीज , तांबा , जस्ता और सेलेनियम शामिल हैं। आपको इन ट्रेस मिनरल्स की कम मात्रा में ही सही, लेकिन आवश्यकता होती है। यह शरीर के कई कार्यों के लिए महत्वपूर्ण होते हैं। इन कार्याें में तंत्रिका तंत्र के कार्यों को बनाए रखना, घावों को भरना, ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस (शरीर में फ्री रेडिकल्स और एंटीऑक्सिडेंट के बीच असंतुलन) से कोशिकाओं का बचाव करना और मांसपेशियों को ऑक्सीजन की आपूर्ति करना शामिल हैं।

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कैल्शियम , फास्फोरस , मैग्नीशियम , सोडियम और पोटैशियम जैसे सामान्य खनिजों को माइक्रोमिनरल के रूप में जाना जाता है। ये सूक्ष्म पोषक तत्व दूध और डेयरी प्रोडक्ट, हरी पत्तेदार सब्जियों, काले बीन्स, दाल, केले और मछली की कुछ किस्मों जैसे सैल्मन में मौजूद होते हैं। ये माइक्रोमिनरल बीपी के स्तर को नियंत्रित करने, मांसपेशियों की मजबूती में सुधार करने और हड्डियों के स्वास्थ्य को बनाए रखने जैसे कई शारीरिक कार्यों में मदद करते हैं।

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जैसे पानी में घुलने वाले विटामिन होते हैं ठीक वैसे ही इसके विपरीत यानी वसा में घुलनशील विटामिन भी होते हैं। यह लिवर और वसायुक्त ऊतकों में जमा होते हैं। वसा में घुलने वाले विटामिन में विटामिन ए, विटामिन डी, विटामिन ई और विटामिन के शामिल हैं। ये विटामिन प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करने, सूजन  और फ्री रेडिकल को रोकने के लिए एंटीऑक्सीडेंट प्रदान करने, दृष्टि में सुधार करने और खून के थक्के को सपोर्ट करने में बहुत बड़ी भूमिका निभाते हैं। वसा में घुलनशील विटामिन हरी पत्तेदार सब्जियों, बादाम , शकरकंद , दूध और सोयाबीन में पाए जाते हैं।

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विटामिन बी और विटामिन सी पानी में घुलनशील विटामिन हैं। विटामिन बी12 के अलावा, अन्य सभी पानी में घुलनशील होते हैं। यह शरीर में जमा नहीं होते हैं और मूत्र के माध्यम से बाहर निकल जाते हैं। यही कारण है कि आपको नियमित रूप से साबुत अनाज, अंडे, हरी पत्तेदार सब्जियां जैसे पालक और शिमला मिर्च , मछली और खट्टे फलों का सेवन करके इन विटामिनों की पूर्ति करने की आवश्यकता होती है। पानी में घुलनशील विटामिन का मुख्य कार्य ऊर्जा का उत्पादन करना, कोशिका को सरंक्षित रखना, चयापचय से जुड़ी परेशानी को कम करना और लाल रक्त कोशिकाओं की संख्या बढ़ाना है।

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स्वस्थ खाद्य पदार्थों में मैक्रोन्यूट्रिएंट्स - Macronutrients in healthy foods in Hindi

मैक्रोन्यूट्रिएंट्स ऐसे पोषक तत्व होते हैं जिनकी आपको बड़ी मात्रा में जरूरत होती है। यह शरीर की संरचना और प्रणालियों को बनाए रखने के लिए जरूरी होते हैं। मैक्रोन्यूट्रिएंट्स में प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट और वसा शामिल हैं। यह शरीर के लिए ऊर्जा के मुख्य स्रोत की तरह हैं। बहुत से लोग मानते हैं कि मैक्रोन्यूट्रिएंट की खपत को नियंत्रित करने से वजन कम करने में मदद मिलती है। हालांकि, इन पोषक तत्वों को कम मात्रा में ही लेना चाहिए। निम्नलिखित तीन प्रकार के मैक्रोन्यूट्रिएंट के बारे में बताया गया है, जो कि बहुत जरूरी हैं -

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वसा या फैटी एसिड वे पदार्थ हैं जो शरीर में खाद्य पदार्थों के टूटने पर विटामिन को अवशोषित करने में मदद करते हैं। जबकि सैचुरेटेड और ट्रांस जैसे वसा को अच्छा नहीं माना गया है, क्योंकि यह शरीर को अस्वस्थ बनाते हैं। हालांकि, शरीर को ठीक से काम करने के लिए हर दिन इसकी कुछ मात्रा की आवश्यकता होती है। यह वसा हमारे शरीर में नट्स और बीज, जैतून का तेल और अन्य ऐसे स्रोतों से प्राप्त होती है जो आवश्यक फैटी एसिड प्रदान करते हैं। इसे लिनोलिक और लिनोलेनिक एसिड कहा जाता है। ये फैटी एसिड मस्तिष्क के विकास, संज्ञानात्मक कार्य, सूजन कम करने और खून के थक्के को सामान्य रखने के लिए जरूरी हैं।

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प्रोटीन कार्बनिक यौगिक हैं जो कि कई तरह के अमीनो एसिड से बने होते हैं। यह अमीनो एसिड पेप्टाइड, सल्फहाइड्रिल और हाइड्रोजन बॉन्ड से जुड़े होते हैं। इन्हें कई वर्गाें में बांटा जा सकता है जैसे सिंपल प्रोटीन, कंजुगेटेड प्रोटीन और डिराइव्ड प्रोटीन। यह सभी प्रोटीन मिलकर शरीर को हार्मोन से न्यूरोट्रांसमीटर तक सब कुछ पैदा करने में मदद करते हैं। ये प्रोटीन न केवल पशु और डेयरी प्रोडक्ट में पाए जाते हैं, बल्कि पौधों में हरी पत्तेदार सब्जियों, कुछ अनाज, नट और बीज में भी पाए जाते हैं।

(और पढ़ें - प्रोटीन की कमी का इलाज )

कार्बोहाइड्रेट शुगर के ऐसे अणु हैं, जिन्हें शरीर ग्लूकोज में तोड़ देता है। यह ग्लूकोज या ब्लड शुगर शरीर की कोशिकाओं, ऊतकों और अंगों के लिए ऊर्जा का मुख्य स्रोत है। शरीर इसका उपयोग तुरंत या इसे संग्रहीत कर बाद में भी कर सकता है। कार्बोहाइड्रेट के तीन मुख्य प्रकार हैं -

  • शुगर, जिन्हें सिंपल कार्बोहाइड्रेट भी कहा जाता है यह फल, सब्जियों, दूध और प्रोसेस्ड पदार्थों में पाए जाते हैं।
  • स्टार्च, जो कि अनाज, ब्रेड, पास्ता और कुछ सब्जियों जैसे आलू, मक्का और मटर में पाए जाने वाले कार्बोहाइड्रेट होते हैं।
  • फाइबर, यह भी एक कार्बोहाइड्रेट है और यह सभी कार्बोहाइड्रेट में सबसे फायदेमंद है। यह फल, सब्जियों, नट्स, बीज, बीन्स और साबुत अनाज में पाया जाता है।

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स्वस्थ आहार के प्रकार और फायदे – Healthy Food Benefits In Hindi

स्वस्थ आहार के प्रकार और फायदे – Healthy food Benefits in Hindi

Healthy food Benefits in Hindi: स्वस्थ आहार का पालन कर आप लंबा और स्वस्थ जीवन बिता सकते हैं। स्वस्थ आहार के फायदे आपके स्‍वस्‍थ्‍य जीवन का आधार होते हैं। आपके द्वारा लिये जाने वाले आहार ही आपके स्‍वास्‍थ्‍य का निर्धारण करते हैं। आप जिस तरह का खान-पान रखेंगे आपका शारीरिक स्‍वास्‍थ्‍य उसी प्रकार का होगा। स्‍वस्‍थ आहार से तात्‍पर्य ऐसे खाद्य पदार्थ जो आपके संपूर्ण स्‍वास्‍थ्‍य को बढ़ावा देने के लिए पर्याप्‍त पोषक तत्‍व उपलब्ध कराते हैं। स्वस्थ आहार के फायदे इस उदाहरण से समझा जा सकता है कि कुछ खाद्य पदार्थ आपके वजन को कम करने में सहायक होते हैं तो वहीं कुछ ऐसे भी खाद्य पदार्थ हैं जो कम वजन वाले लोगों में वजन को बढ़ाने (Weight gain) में मदद करते हैं। बस यही फर्क है स्‍वस्‍थ्‍य आहार में और अन्‍य सामान्‍य आहार में।

1. स्वस्थ आहार के लिए खाएं ताजे फल – Fruits For Healthy Diet in Hindi 2. पौष्टिक आहार के लिए उपयोग करें अंडे और मीट – Eggs And Meats For Healthy Food in Hindi 3. हेल्‍दी फूड के लिए नट, बीज और मूंगफली – Nuts, Seeds and Peanuts For Healthy Food in Hindi 4. संतुलित आहार में मछली और समुद्री भोजन – Santulit Aahar Me Fish And Seafood in Hindi 5. स्‍वस्‍थ आहार में शामिल करें अनाजों को – Cereals for healthy Food in Hindi 6. स्‍वस्‍थ आहार में उपयोग करें फलियां – Swasth Aahar Me Upyog Kare Legumes In Hindi 7. पौष्टिक आहार में इस्‍तेमाल करें डेयरी उत्‍पाद – Dairy Products For Healthy Food in Hindi 8. स्वस्थ आहार के प्रकार वसा और तेल – Swasth Aahar Ke Prakar Fat And Oil in Hindi 9. स्‍वस्‍थ आहार में शामिल करने वाले कंद – Swasth Aahar Shamil Karne Bale Kand in Hindi 10. स्वस्थ आहार है सेब का सिरका – Healthy food for Apple Cider Vinegar in Hindi 11. पौष्टिक आहार है डार्क चॉकलेट – Postik Aahar Hai Dark Chocolate in Hindi

स्वस्थ आहार के लिए खाएं ताजे फल – Fruits For Healthy Diet in Hindi

स्वस्थ आहार के लिए खाएं ताजे फल - Fruits For Healthy Diet in Hindi

हमे अच्‍छे स्‍वास्‍थ्‍य (Good health) के लिए स्वस्थ आहार की आवश्‍यकता होती है। लेकिन स्वस्थ आहार की पूर्ति के लिए केवल अनाजों पर निर्भर नहीं रहा जा सकता है। पौष्टिक आहार के रूप में आप ताजे फलों (Fresh fruits) का उपयोग कर सकते हैं क्‍योंकि वे पोषक तत्‍वों के साथ-साथ स्‍वादिष्‍ट भी होते हैं। आप इन्‍हें अपने आहार में आसानी से शामिल कर सकते हैं, क्‍योंकि ये आसानी से उपलब्‍ध हो जाते हैं और इन्‍हें खाने के लिए ज्‍यादा तैयारी करने की आवश्‍यकता नहीं होती है। आइऐ जाने स्वस्थ आहार के रूप में उपयोग किये जाने वाले फलों के बारे में।

सेब ( Apples) :  फाइबर और विटामिन सी के साथ ही विभिन्‍न प्रकार के एंटीऑक्‍सीडेंट की अच्‍छी मात्रा सेब में मौजूद रहती है। यदि आप भोजन करने के बाद भी भूख का अनुभव करते हैं तो सेब (Apple) आपके लिए एक अच्‍छा विकल्‍प हो सकता है।

एवोकैडो (Avocado) :  यह अन्‍य फलों से अलग होते हैं, क्‍योंकि इनमें कार्बोस के बजाय स्‍वस्‍थ वसा अच्‍छी मात्रा में होती हैं। इनके अलावा एवोकैडो में पोटेशियम, फाइबर और विटामिन C की अच्‍छी मात्रा होती है। अपने अच्‍छे स्‍वाद (Good taste) के कारण आप इसे अपने स्‍वस्‍थ आहार में शामिल कर सकते हैं।

(और पढ़े –  एवोकाडो खाने के फायदे और स्वास्थ्य लाभ… )

संतरा (Oranges) :  ओरेंज विटामिन सी के लिए जाना जाता है। इसके अलावा अपने पौष्टिक गुणों के रूप में फाइबर, एंटीऑक्‍सीडेंट का अच्‍छा स्रोत होता है।

स्‍ट्रॉबेरी (Strawberries) :  कार्बोस और कैलोरी की बहुत ही कम मात्रा के कारण स्‍ट्रॉबेरी उन लोगों के लिए स्‍वस्‍थ आहार होता है जो अपना वजन कम करना चाहते हैं। स्‍ट्रॉबेरी में विट‍ामिन सी, फाइबर और मैंगनीज (Fiber and Manganese) की अच्‍छी मात्रा होती है जो कि इसे स्‍वस्‍थ आहार बनाते हैं।

केला (Blueberries) :  पोटेशियम की अच्‍छी मात्रा के लिए केला सबसे अच्‍छा स्रोत माना जाता है। इनमें विटामिन बी6 और फाइबर भी अधिक मात्रा में होते हैं।

(और पढ़े –  जानें फल खाने का सही समय क्या है… )

पौष्टिक आहार के लिए उपयोग करें अंडे और मीट – Eggs And Meats For Healthy Food in Hindi

पौष्टिक आहार के लिए उपयोग करें अंडे और मीट - Eggs And Meats For Healthy Food in Hindi

अपने शरीर को स्‍वस्‍थ्‍य रखने के लिए सभी प्रकार के आहारों की आवश्‍यकता होती है। जिनमें शाकाहार और मांसाहार दोनो प्रकार के आहार होते हैं। आप अपने शरीर को अतिरिक्‍त पोषण दिलाने के लिए मांसाहार श्रेणी में आने वाले खाद्य पदार्थों का सेवन कर सकते हैं। आइए जाने इनमें किस प्रकार के पोषक तत्‍व होते हैं जो हमारे अच्‍छे स्‍वास्‍थ्‍य को बढ़ावा देते हैं।

अंडे ( Eggs) : आपको यह जानकर थोड़ी हैरानी जरूर होगी कि अंडे दुनिया में सबसे पौष्टिक खाद्य पदार्थों में से एक है। पहले अंडों को लेकर एक मानसिकता बनी थी कि कोलेस्‍ट्रॉल (Cholesterol) की अधिक मात्रा के कारण अंडे स्‍वास्‍थ्‍य पर नकारात्‍मक प्रभाव डालते हैं। लेकिन नए अध्‍ययनों से यह स्‍पष्‍ट होता है कि अंडे का सेवन पूरी तरह से सुरक्षित है।

मांस ( Meats) :  समाज में यह एक मिथक है कि सभी मांस हानिकारक होते हैं। अच्‍छी तरह से पका हुआ या धीरे-धीरे पकाये गए मांस सबसे स्‍वस्‍थ और पोष्टिक होते हैं।

(और पढ़े –  चिकन के फायदे और नुकसान… )

चिकन ब्रेस्‍ट ( Chicken Breasts) : वसा और कैलोरी की मात्रा चिकन ब्रेस्‍ट में बहुत ही कम होती है, लेकिन यह प्रोटीन से भरपूर होता है। इसमें बहुत से पोषक तत्‍व अधिक मात्रा में होते हैं।

मेमने का मांस ( Lamb) : भेड़ को आमतौर पर घास खिलाई जाती है। भेड़ विभिन्‍न प्रकार की पत्तियों और जड़ी-बूटीयों का सेवन करती है साथ ही इसके मांस में ओमेगा-3 फैटी एसिड (Omega-3 Fatty Acid) की अच्‍छी मात्रा होती है। इसलिए यह आपके लिए एक अच्‍छा और पौष्टिक आहार हो सकता है।

(और पढ़े –  शाकाहारियों के लिए प्रोटीन युक्त खाद्य पदार्थ… )

हेल्‍दी फूड के लिए नट, बीज और मूंगफली – Nuts, Seeds and Peanuts For Healthy Food in Hindi

हेल्‍दी फूड के लिए नट, बीज और मूंगफली - Nuts, Seeds and Peanuts For Healthy Food in Hindi

आपके लिए सूखे मेवे (dry fruits), और बीजों का सेवन वसा और कैलोरी की अधिक मात्रा होने के बाद भी फादेमंद होता है। अध्‍ययनों से पता चलता है कि इस प्रकार के खाद्य पदार्थों का उपयोग कर वजन को कम किया जा सकता है। इन खाद्य पदार्थों में पोषक तत्‍व (Nutrients) अच्‍छी मात्रा में होते हैं जिनमें मैग्‍नीशियम और विटामिन ई आदि शामिल हैं। आइए जाने स्‍वस्‍थ आहार (Healthy Diet) में किन्‍हें शामिल करना चाहिए।

चिया बीज ( Chia Seeds) : एसा माना जाता है कि चिया बीज धरती पर सबसे ज्यादा पोषक तत्वों वाले खाद्य पदार्थों में से एक है। चिया बीज के 1 औंस (लगभग 28 ग्राम) मात्रा में 11 ग्राम फाइबर होता है,और मैग्‍नीशियम मैंगनीज, कैल्शियम और कई खनिज पदार्थ शामिल होते हैं। इस प्रकार आप इनका नियमित सेवन करके इसे अपने स्‍वस्‍थ आहार में शामिल कर सकते हैं।

अखरोट ( Walnuts) : अखरोट अत्‍यधिक पौष्टिक होता है। क्‍योंकि इसमें फाइबर की अच्‍छी मात्रा होती है साथ इसमें सभी प्रकार के विटामिन भी भरपूर मात्रा में होते हैं।

(और पढ़े –  अखरोट के फायदे और नुकसान… )

नारियल ( Coconuts) : फाइबर और शक्तिशाली फैटी एसिड की अच्‍छी मात्रा नारियल में मौजूद रहती है, जिन्‍हें मध्‍यम श्रृंखला ट्राइग्लिसराइड्स (Medium chain triglycerides) कहा जाता है। इस कारण से यह हमारे शरीर के लिए बहुत ही फायदेमंद होता है।      

मुंगफली ( Peanuts) : तकनीकी रूप से मूंगफली कोई फल नहीं है बल्कि ये फलियों से संबंधित होते हैं। मूंगफली में एंटीऑक्‍सीडेंट और पोषक तत्‍वों की अच्‍छी मात्रा होती है साथ ही यह बहुत ही स्‍वादिष्‍ट होते हैं। अध्‍ययनों से पता चलता है कि मूंगफली (peanut) अतिरिक्‍त वजन को कम करने में सहायक होते हैं।

बादाम ( Almonds) : सूखे फलों में सबसे लोकप्रिय फल के रूप में बादाम (Almonds) को जाना जाता है। बादाम विटामिन ई, एंटीऑक्‍सीडेंट, मैग्‍नीशियम और फाइबर से भरे होते हैं। अध्‍ययनों से पता चलता है कि बादाम आपके वजन को कम करने (Lose weight) और आपकी स्‍मृति को बढ़ाने में मदद करते हैं।

(और पढ़े –  वसा के स्रोत, फायदे और नुकसान… )

संतुलित आहार में मछली और समुद्री भोजन – Santulit Aahar Me Fish And Seafood in Hindi

संतुलित आहार में मछली और समुद्री भोजन - Santulit Aahar Me Fish And Seafood in Hindi

स्‍वस्‍थ्‍य और संतुलित आहार में मछली और समुद्री भोजन (fish and seafood) का अपना एक विशेष स्‍थान है। ये बहुत ही पौष्टिक और स्‍वस्‍थ होते हैं। इनमें विशेष रूप से ओमेगा-3 फैटी एसिड और आयोडीन (Iodine) की अच्‍छी मात्रा होती है। ये दो ऐसे पोषक तत्‍व हैं जो कि अधिकांश  लोगों को पर्याप्‍त मात्रा में नहीं मिलते हैं। अध्‍ययनों से पता चलता है कि जो लोग समुद्री भोजन करते हैं वे लोग लंबे समय तक जीवित रहते हैं। साथ ही उन्‍हें हृदय रोग , डिमेंशिया और अवसाद (Dementia and depression) सहित कई बीमारियों का खतरा भी कम होता है। आइए जाने समुद्री भोजन (Seafood) के बारे में जाने ।

झींगा ( Shrimp) : समुद्र में पाए जाने जीवों में झींगा भी शामिल है। झींगा में वसा और कैलोरी की मात्रा बहुत ही कम होती है लेकिन इनमें प्रोटीन बहुत अधिक मात्रा में होता है। झींगा में सेलेनियम और विटामिन बी12 (selenium and vitamin B12) सहित अन्‍य बहुत से पोषक तत्‍व भी अच्‍छी मात्रा में होते हैं।

(और पढ़े –  झींगा खाने के फायदे और नुकसान… )

सैल्मन ( Salmon) : समुद्र में पाई जाने वाली एक प्रकार की मछली जिसे सेल्‍मन के नाम से जाना जाता है। यह अपने विशिष्‍ट स्‍वाद और इसमें फायदेमंद तेल मौजूद रहता है। सैल्‍मन मछली में प्रोटीन और ओमेगा-3 फैटी एसिड (Omega-3 Fatty Acid) के साथ-साथ अन्‍य पोषक तत्‍व भी अच्‍छी मात्रा में मौजूद रहते हैं। इसके अलावा इस मछली से विटामिन डी की आंशिक मात्रा भी प्राप्‍त की जा सकती है।

शैल्फिश ( Shellfish) : अक्‍सर देखा जाता है कि अधिकतर लोगों द्वारा शैल्फिश का उपयोग खाने के रूप में नहीं किया जाता है। जबकि यह अन्‍य खाद्य पदार्थों की तुलना में बहुत ही फायदेमंद और पोष्टिक होती है। यदि पौष्टिक आहारों के साथ इसकी तुलना की जाए तो यह किसी आर्गन मीट (organ meats) के समान होता है। खाने योग्‍य शैल्फिश में क्‍लैम्‍स, मोलस्‍क और ऑयस्‍टर शामिल हैं।

ट्यूना फिश ( Tuna) : पश्चिमी देशों में ट्यूना मछली को बहुत अधिक पसंद किया जाता है। क्‍योंकि इसमें वसा और कैलोरी की मात्रा कम होती है साथ ही इसमें प्रोटीन की भरपूर मात्रा होती है। इस कारण इसे स्‍वस्‍थ आहार में शामिल किया जा सकता है।

(और पढ़े –  टूना मछली के फायदे और नुकसान… )

स्‍वस्‍थ आहार में शामिल करें अनाजों को – Cereals for healthy Food in Hindi

स्‍वस्‍थ आहार में शामिल करें अनाजों को – Cereals for healthy Food in Hindi

भारत जैसे देशों में मानव जीवन का प्रमुख आधार अनाज ही हैं। हम और आप सभी अनाजों का भरपूर सेवन करते हैं। लेकिन सभी अनाजों का एक साथ उपयोग करना उचित नहीं है। क्‍योंकि कुछ अनाज (Grain) हमारे स्‍वास्‍थ्‍य के लिए अच्‍छे होते हैं तो कुछ स्‍वास्‍थ्‍य के लिए बहुत अच्‍छे होते हैं। कुछ खाद्य अनाजों में कार्बोहाइड्रेट की अच्‍छी मात्रा होती है। इ‍सलिए कम कार्बोहाइड्रेट (Low carbohydrate) वाले खाद्य पदार्थों का सेवन करने की सलाह दी जाती है। आइए जाने स्‍वस्‍थ आहार में शामिल आनाजों के बारे में।

ओट्स ( Oats) : आपके स्‍वास्‍थ्‍य के लिए ओट्स पर भरोसा किया जा सकता है। ये पोषक तत्‍वों से भरपूर होते हैं साथ इनमें बीटा-ग्‍लुकन नामक शक्तिशाली फाइबर भी होते हैं जो हमारे स्‍वास्‍थ्‍य के लिए लाभकारी होती है।

क्विनोआ ( Quinoa) : हाल ही बीते कुछ से क्विनोआ लोगों के बीच बहुत ही लोकप्रिय होता जा रहा है। यह एक स्‍वादिष्‍ट आहार है जो फाइबर और मैग्‍नीशियम जैसे पोषक तत्‍वों में समृद्ध होता है। यह पौधे आधारित प्रोटीन का भी अच्‍छा स्रोत (Good source) माना जाता है।

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ब्राउन चावल ( Brown Rice) : चावल सबसे पुराने अनाजों में से एक है जो लगभग दुनिया की आधी आवादी द्वारा मुख्‍य भोजन के रूप में उपयोग किया जाता है। ब्राउन चावल बहुत ही पौष्टिक है जिसमें विटामिन बी1 और मैग्‍नीशियम (magnesium) की अच्‍छी मात्रा होती है।

अंकुरित गेहूं ( Wheat germ) :  गेंहूं का अंकुरित भाग गेहूं का वह हिस्‍सा है जो बीज के भ्रूण है जो पौधे के रूप में बढ़ने के लिए अंकुरित होता है। इसमें कई पोषक तत्‍व जैसे विटामिन ई, फोलिक एसिड (folic acid), थियामिन, जिंक , मैग्‍नीशियम, फॉस्‍फोरस, फैटी एसिड और फैटी अल्‍कोहल (fatty alcohols) की अच्‍छी मात्रा होती है। गेहूं के अंकुरित हिस्‍से में फाइबर भी अच्‍छी मात्रा में होते हैं। इसलिए अंकुरित गेहूं (Sprouted wheat) को हमारे स्‍वस्‍थ आहार में शामिल किया जाना चाहिए।

(और पढ़े –  संतुलित आहार के लिए जरूरी तत्व , जिसे अपनाकर आप रोंगों से बच पाएंगे… )

स्‍वस्‍थ आहार में उपयोग करें फलियां – Swasth Aahar Me Upyog Kare Legumes In Hindi

स्‍वस्‍थ आहार में उपयोग करें फलियां - Swasth Aahar Me Upyog Kare Legumes In Hindi

आपके स्‍वस्‍थ्‍य आहार में शामिल करने के लिए एक फलियां (legumes) भी मौजूद हैं। फलियां स्‍वास्‍थय के लिए बहुत ही उपयोगी होती हैं। लेकिन इन्‍हें गलत तरीके से पेश किया जाता है। यह सच है कि फलियों में एंटी-पोषक तत्‍व (anti-nutrients) होते हैं जो पाचन और पोषक तत्‍वों के अवशोषण में हस्‍तक्षेप कर सकते हैं।

लेकिन इन फलियों का सेवन करने से पहले इन्‍हें अच्‍छी तरह से तैयार कर इन गुणों को दूर किया जा सकता है। फलियों में प्रोटीन की बहुत अधिक मात्रा होती है। जो इसे हमारे लिए बहुत अधिक स्‍वास्‍थ्‍यकर (hygienic) बनाते हैं।

हरी सेम ( Green Beans) : बहुत से लोग हरी सेम को स्ट्रिंग बीन्‍स के नाम से भी जानते हैं। कच्‍ची सब्‍जी के रूप में उपयोग की जाने वाली हरी सेम की बहुत सी प्रज‍ातियां हैं। इस प्रकार की बीन्‍स को पश्चिमी देशों में बहुत अधिक पसंद किया जाता है। इनमें पोषक तत्‍वों की अच्‍छी मात्रा होती है।

मसूर ( Lentils) : एक विशेष प्रकार की दाल और फलियों के रूप में मसूर को जाना जाता है। मसूर में फाइबर की अधिक मात्रा होती है साथ ही यह पौधे आधारित प्रोटीन (plant-based protein) के भी अच्‍छे स्रोत माने जाते हैं। इसे भारत में दैनिक आहार के रूप उपयोग किया जाता है।

किडनी बीन्‍स ( Kidney Beans) : गुर्दे सेम विभिन्‍न विटामिन और खनिजों (Vitamins and minerals) से भरे होते हैं। इनमें फाइबर की उपलब्‍धता भी अच्‍छी होती है। लेकिन इनका सेवन करते समय ध्‍यान दें कि इन्‍हें अच्‍छे पकाया जाना चाहिए। क्‍योंकि कच्‍चे (Raw) होने पर ये जहरीले हो सकते हैं।

(और पढ़े –  राजमा के फायदे और नुकसान… )

पौष्टिक आहार में इस्‍तेमाल करें डेयरी उत्‍पाद – Dairy Products For Healthy Food in Hindi

पौष्टिक आहार में इस्‍तेमाल करें डेयरी उत्‍पाद - Dairy Products For Healthy Food in Hindi

कुछ लोगों द्वारा डेयरी उत्‍पाद का सेवन करना रूचि पूर्ण नहीं होता है। लेकिन जो लोग डेयरी उत्‍पादों का उपयोग कर सकते हैं उनके लिए यह बहुत से पोषक तत्‍वों का संग्रह होता है। पूर्ण वसा वाले डेयरी उत्‍पाद सबसे अच्‍छे माने जाते हैं। अध्‍ययन बताते हैं कि जो लोग पूर्ण वसा वाले डेयरी उत्‍पाद खाते हैं उनमें मोटापे और मधुमेह टाइप 2 का जोखिम कम होता है। यदि आप घास खाने वाली गायों से प्राप्‍त डेयरी उत्‍पादों का उपयोग करते हैं तो यह आपके लिए और भी अधिक फायदेमंद होता है।

दूध ( Whole milk) : विटामिन और खनिजों की अच्‍छी मात्रा दूध में मौजूद रहती है। साथ ही दूध में पशू प्रोटीन और वसा की उच्‍च मात्रा भी होती है। दूध को कैल्शियम का अच्‍छा स्रोत माना जाता है।

पनीर ( Cheese) : डेयरी उत्‍पादों के रूप में उपयोग किया जाने वाला पनीर बहुत ही पौष्टिक होता है। ऐसा माना जाता है कि पनीर का एक टुकड़ा 1 कप दूध के बराबर होता है। यह सबसे स्‍वादिष्‍ट खाद्य पदार्थों में से एक है जिसे आप अपने आहार में शामिल कर सकते हैं।

दही ( Yogurt) : दूध से ही दही बनाया जाता है। जिसमें जीवित बैक्‍टीरिया होते हैं। हमारे शरीर के लिए अच्‍छे माने जाने वाले प्रोबायोटिक बैक्‍टीरिया के अतिरिक्‍त लाभ के साथ ही दही दूध के समान स्‍वास्‍थ्‍य लाभ दिलाने में मदद करता है।

(और पढ़े –  दही खाने से सेहत को होते हैं ये बड़े फायदे… )

स्वस्थ आहार के प्रकार वसा और तेल – Swasth Aahar Ke Prakar Fat And Oil in Hindi

स्‍वस्‍थ्‍य आहार के प्रकार वसा और तेल - Swasth Aahar Ke Prakar Fat And Oil in Hindi

स्‍वास्‍थ्‍य के लिए वसा और तेल बहुत ही उपयोगी और फायदेमंद होते हैं। वसा की नियंत्रित मात्रा आपके संपूर्ण स्‍वास्‍थ्‍य को बेहतर बनाए रखने में सहायक होते हैं।

गाय का मक्‍खन ( Butter) : घास खाने वाली गायों से प्राप्‍त दूध से निर्मित मक्‍खन में बहुत ही फायदेमंद पोषक तत्‍व होते हैं। गाय के मक्‍खन में विशेष रूप से विटामिन K2 होता है जो कि स्‍वास्‍थ्‍य के लिए बहुत ही लाभकारी होता है।

(और पढ़े –  छाछ के फायदे और नुकसान… )

जैतून तेल ( Extra Virgin Olive Oil) : अब तक के सभी ज्ञात वसा स्रोत में जैतून के तेल को सबसे स्‍वस्‍थ वसा माना जाता है। इसमें हृदय-स्‍वस्‍थ रखने वाले एकल असंतृप्त (Monounsaturated) वसा मौजूद रहता है। साथ ही इस तेल में एंटीऑक्‍सीडेंट भी भरपूर मात्रा में होते हैं जो कि स्‍वास्‍थ्‍य लाभ दिलाने में हमारी मदद करते हैं।

नारियल तेल ( Coconut Oil) : नारियल तेल में शक्तिशाली फैटी एसिड होता है जिसे मध्यम श्रृंखला ट्राइग्लिसराइड्स (medium chain triglycerides) कहा जाता है। नारियल के तेल का उपभोग करने पर अल्‍जाइमर रोग को दूर करने में मदद मिल सकती है साथ ही पेट में मौजूद वसा को कम करने में भी नारियल तेल सहायक होता है।

(और पढ़े –  नारियल तेल के फायदे, उपयोग और नुकसान… )

स्‍वस्‍थ आहार में शामिल करने वाले कंद – Swasth Aahar Shamil Karne Bale Kand in Hindi

स्‍वस्‍थ आहार में शामिल करने वाले कंद - Swasth Aahar Shamil Karne Bale Kand in Hindi

ट्यूबर कुछ पौधों के भंडारण अंग होते हैं। इनमें बहुत से पोषक तत्‍वों को संग्रहीत करके रखा जाता है। आइए जाने स्‍वस्‍थ आहार में शामिल किये जाने वाले कंद आहारों के बारे में।

आलू ( Potatoes) : दुनिया भर में आलू का उपयोग एक लोकप्रिय खाद्य के रूप में किया जाता है। आलू पोटेशियम से भरे होते हैं और विटामिन सी के अलावा भी अन्‍य सभी पोषक तत्‍व अच्‍छी मात्रा में होते हैं। एक अध्‍ययन में बताया गया है कि उबले आलू अन्‍य खाद्य पदार्थों की अपेक्षा ज्‍यादा पौष्टिक होते हैं।

स्वीट पोटेटोस ( Sweet Potatoes) : स्‍वादिष्‍ट और स्‍टार्चयुक्‍त खाद्य पदार्थ के रूप में मीठे आलू का सेवन किया जा सकता है। इनमें स्‍टार्च की अच्‍छी मात्रा होने के साथ-साथ एंटीऑक्‍सीडेंट और स्‍वस्‍थ पोषक तत्‍व भी अच्‍छी मात्रा में होते हैं।

(और पढ़े –  शकरकंद के फायदे और नुकसान… )

स्वस्थ आहार है सेब का सिरका – Healthy food for Apple Cider Vinegar in Hindi

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एप्‍पल साइडर विनेगर स्‍वास्‍थ्‍य के लिए बहुत ही फायदेमंद माना जाता है। अध्‍ययनों से पता चलता है कि यह रकत शर्करा के स्‍तर को कम करने में मदद करता है। साथ यह कम मात्रा में वजन को भी कम कर सकता है। आप सेब के सिरका का उपयोग सलाद के साथ भी कर सकते हैं।

(और पढ़े –  सेब के सिरके के फायदे, लाभ, गुण और नुकसान… )

पौष्टिक आहार है डार्क चॉकलेट – Postik Aahar Hai Dark Chocolate in Hindi

पौष्टिक आहार है डार्क चॉकलेट - Postik Aahar Hai Dark Chocolate in Hindi

न केवल स्‍वादिष्‍ट आहार के रूप में डार्क चॉकलेट को जाना जाता है बल्कि यह स्‍वास्‍थ्‍य के लिए भी बहुत अच्‍छा होता है। डार्क चॉकलेट में फाइबर और मैग्‍नीशियम की अच्‍छी मात्रा होती है। चॉकलेट में एंटीऑक्‍सीडेंट भी अच्‍छी मात्रा में होते हैं जो हमारी प्रतिरक्षा को बढ़ाने में सहायक होते हैं।

(और पढ़े –  क्या आप जानते हैं चॉकलेट खाने के फायदे और नुकसान के बारे में… )

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शरीर को ठंडा रखने के लिए क्या खाएं – Sharir Ko Thanda Rakhne Ke Liye Kya Khaye

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स्वस्थ आहार क्या है, इसके फायदे और डाइट चार्ट – Healthy Food in Hindi

Dt. Arpita Jain is a Clinical Dietitian and Certified Sports Nutritionist with 4 years of experience. She is also the founder of HEALVICK [Live Healthy. Feel Younger] in Mumbai, India. She has a Master's degree in Clinical Nutrition and Die... read full bio

अनुज जोशी ने दिल्ली विश्वविद्यालय से बीकॉम और कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय से मास कम्युनिकेशन में एमए किया है। अनुज को प्रिंट व ऑनलाइन मीडिया जगत में काम करते हुए करीब 11 वर्ष हो गए हैं। इन्हें एडिटिंग व... read full bio

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‘खाना’ शरीर की मूलभूत जरूरत से अलग अब लोगों के मन को तृप्त करने वाली चीज बन चुका है। कुछ लोग भूख लगने पर खाते हैं, जबकि कुछ लोग सिर्फ भोजन को चखने के लिए खाते हैं। हालांकि, इन सबके बीच अगर आपसे पूछा जाए कि क्या आप पौष्टिक आहार का सेवन करते हैं, तो हो सकता है कि आप थोड़ी देर के लिए सोच में पड़ जाएं। यह एक गंभीर विषय है, इसलिए बेहतर स्वास्थ्य के लिए इस पर विचार करना जरूरी है। आइए जानते हैं स्वास्थ्य के लिए अच्छा खाना क्या है और स्वस्थ भोजन के फायदे क्या-क्या हैं।

इस लेख की शुरुआत इस सवाल से करते हैं कि स्वस्थ आहार क्या है? आप में से कई लोगों के मन में यह दुविधा चलती होगी कि आज के वक्त में स्वस्थ भोजन जैसी चीज न के बराबर है और अगर है भी, तो वो शायद स्वाद में अच्छी न लगे। इसलिए, नीचे हम आपको स्वस्थ आहार के बारे में पूरी जानकारी दे रहे हैं।

स्वस्थ आहार क्या है – What is Healthy Food in Hindi

स्वस्थ आहार का मतलब ऐसे खाद्य पदार्थों से है, जो विटामिन, कैल्शियम, प्रोटीन जैसे पोषक तत्वों से भरपूर होते हैं। आहार जो आपको सेहतमंद और तंदुरुस्त रखने का काम करें और आपको बीमारियों से दूर रखें। स्वस्थ आहार को पांच श्रेणी में बांटा जा सकता है ( 1 ) :

  • हरी सब्जियां और फलियां
  • मीट-मछली, पोल्ट्री उत्पाद
  • दूध उत्पाद जैसे – पनीर, दही

लेख के आगे के भाग में जानिए कि स्वास्थ्य के लिए अच्छा खाना खाने से क्या-क्या फायदे हो सकते हैं।

स्वस्थ आहार के फायदे – Benefits of Eating Healthy Food in Hindi

स्वस्थ आहार के फायदे अनेक हैं जिन्हें हम निम्नलिखित बिंदुओं के माध्यम से जान सकते हैं –

  • स्वस्थ भोजन करने से न सिर्फ आपका शरीर स्वस्थ रहता है बल्कि आपका दिमाग भी तेज होता है ( 2 )।
  • स्वास्थ्य के लिए अच्छा खाना खाने से शरीर मजबूत होता है।
  • स्वस्थ आहार हड्डियों को मजबूत रखते हैं।
  • पौष्टिक भोजन गर्भावस्था के दौरान एक महत्वपूर्ण भूमिका अदा करते हैं।
  • हरी-सब्जियां और फल मोटापा, कैंसर, डायबिटीज, ह्रदय रोग जैसी गंभीर शारीरिक समस्याओं से बचाव करते हैं। ( 3 )। खासकर वो खाद्य पदार्थ जिसमें फाइबर की अधिक मात्रा होती है।

पोटैशियम युक्त खाद्य पदार्थ के सेवन से ब्लड प्रेशर का खतरा कम हो सकता है ( 4 )।

आगे हम आपके साथ स्वस्थ आहार चार्ट की एक सूची शेयर कर रहे हैं।

स्वस्थ आहार का नमूना चार्ट – Sample Healthy Diet Chart in Hindi

नीचे हम आपके साथ स्वस्थ भोजन का आहार चार्ट शेयर कर रहे हैं, हालांकि यह आपके लिए एक उदाहरण के तौर पर साझा कर रहे हैं। इस चार्ट में बताए गए खाद्य पदार्थों में आप अपने अनुसार बदलाव भी कर सकते हैं।

नोट : यह सूची बस उदाहरण के तौर पर दी गई है, इसमें मौजूद खाद्य पदार्थ या उसकी मात्रा अलग-अलग व्यक्ति के स्वास्थ्य या उनके भूख पर निर्भर करती है। खाने के वक्त में भी बदलाव हो सकता है और बीच-बीच में कुछ अन्य चीजों का भी सेवन किया जा सकता है।

अब हम आपको कुछ पौष्टिक आहार के बारे में बताएंगे जिसे आप अपने हर रोज के डाइट में शामिल कर खुद को स्वस्थ रख सकते हैं।

स्वस्थ खाद्य पदार्थ की तालिका – Healthy Food List in Hindi

नीचे जानिए कुछ ऐसे स्वस्थ भोजन जो कि आसानी से बाजार में उपलब्ध हैं, जिसे आप अपने डाइट में शामिल कर खुद को सेहतमंद रख सकते हैं।

हरी सब्जियां – कई लोग खाने में हरी सब्जियां ज्यादा पसंद नहीं करते हैं लेकिन वो ये भूल जाते हैं कि इनसे उन्हें कितना फायदा हो सकता है। सब्जियों में मौजूद विटामिन, कैल्शियम, मिनरल, एंटीऑक्सीडेंट गुण शरीर को मोटापे, ह्रदय रोग के अलावा कई गंभीर बीमारियों से से बचाने का काम करते हैं। स्वस्थ जीवन के लिए दैनिक आहार में हरी-सब्जियों को जरूर शामिल करना चाहिए ( 5 ) ( 6 )।

फल – सब्जियों की तरह ही फल भी सेहत के लिए बहुत जरूरी है। डायबिटीज हो, ब्लड प्रेशर हो, कोलेस्ट्रॉल हो या वजन घटाना हो, फल आपकी मदद करेंगे। फलों में सेब, संतरा, आम और अपने पसंद का कोई भी एक या दो फल आप अपने खाने के रूटीन में शामिल जरूर करें। साथ ही इस बात का ध्यान रखें कि फलों का सेवन संतुलित मात्रा में किया जाना चाहिए ( 5 ) ( 6 )।

सूप – अपने डाइट में सूप भी जरूर शामिल करें, खासकर के तब जब आप अपने बढ़ते वजन से परेशान हैं। नियमित योग या व्यायाम के साथ अपने डाइट में सूप को शामिल करके आप मोटापे की समस्या से बचाव कर सकते हैं( 7 )। इसके साथ ही साथ कभी-कभी आप सूप को अपने एक वक्त के डाइट में भी ले सकते हो क्योंकि यह हल्का होता है।

सब्जियों का जूस – पोटैशियम, विटामिन, कैल्शियम युक्त सब्जियों के जूस को अपने डाइट में शामिल करें। विटामिन सी युक्त जूस से न सिर्फ शरीर की रोग-प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाते हैं, बल्कि ये चोट और घाव को जल्दी भरने का काम भी करते हैं। आप गाजर, टमाटर व हरी सब्जियों के जूस को शामिल कर सकते हैं। सिर्फ जूस ही नहीं, बल्कि नारियल पानी जैसे पेय पदार्थ भी आपको सेहतमंद रखने का काम कर सकते हैं। नारियल पानी से शरीर ठंडा होता है और पेट संबंधी समस्याओं से काफी हद तक आराम मिल सकता है ( 8 ) ( 9 ) ( 10 ) ( 11 )।

फलियां और दाल – प्रोटीन, फाइबर और अन्य पोषक तत्वों से भरपूर दाल और फलियां रक्तचाप, मधुमेह जैसी घातक बीमारियों से रोकथाम का काम कर सकती हैं। इसलिए अपने दैनिक आहार में दाल और फलियों को जरूर शामिल करें( 12 )( 13 )( 14 )।

अनाज – चावल, गेहूं, दलिया, मकई , ब्राउन राइस जैसे अनाज और अनाज उत्पाद स्वास्थ्य के लिए जरूरी माने जाते हैं। ये शरीर में ऊर्जा की पूर्ति का काम करते हैं और आपको बीमारियों से बचाने का काम करते हैं। इसलिए जरूरी है कि आप अपने दैनिक आहार में रोटी, चावल और अन्य अनाज उत्पादों को शामिल करें( 15 )( 16 )।

दूध या दूध युक्त उत्पाद – दूध में कई तरह के पोषक तत्व जैसे – कैल्शियम, विटामिन ए, विटामिन बी 12, पोटैशियम, मैग्नीशियम, जिंक होते हैं। दूध हड्डियों को मजबूत बनाने से लेकर हृदय रोगों, टाइप 2 डायबिटीज, ब्लड प्रेशर जैसी बीमारियों से बचाव करने का काम करता है( 16 ), ( 17 )।

इसके साथ ही कोशिश करें आप कम फैट वाला या फैट फ्री दूध उपयोग करें क्योंकि हाई सैचुरेटेड फैट से शरीर हानिकारक कोलेस्ट्रॉल बढ़ने का खतरा हो सकता है। हालांकि यह पहले के शोध में कही गई बात है, अभी के नए शोध के में कुछ बदलाव हुए हैं जिसके परिणाम में यह कहा गया है कि फुल क्रीम दूध ह्रदय के लिए लाभकारी हो सकता है( 18 ), हालांकि इसपर मिलीजुली प्रतिक्रिया है। आपको अगर दूध न पसंद हो तो आप दूध युक्त उत्पाद जैसे – पनीर, चीज़ और अन्य सामग्रियों का उपयोग कर सकते हैं। हालांकि अगर आपको दूध से एलर्जी है तो आप उसके बदले सोया मिल्क, बादाम दूध का उपयोग कर सकते हैं( 19 ), ( 20 )। इसके अलावा डॉक्टर से भी इस बारे में बात कर सकते हैं।

अंडा – प्रोटीन, मिनरल, विटामिन, एंटीऑक्सीडेंट और ऐसे ही कई पौष्टिक तत्वों से भरपूर अंडा शरीर को न सिर्फ एनर्जी देता है बल्कि स्वस्थ भी रखता है। अंडा उन खाद्य पदार्थों में से एक है जिसमें प्राकृतिक रूप से विटामिन डी पाया जाता है। यह मनुष्य के दिमागी विकास में मदद कर संज्ञानात्मक (cognitive) समस्याओं से बचाव कर सकता है। कई बार उम्र के साथ यादादश्त कमजोर होने लगती है ऐसे में अगर आप चाहते हैं कि बढ़ती उम्र के साथ आपकी याददाश्त सही रहे तो अपने डाइट में अंडे को शामिल करना न भूलें( 21 )। अंडे का सेवन बच्चे, बूढ़े, जवान लगभग हर उम्र के लोग कर सकते हैं ( 22 )। हालांकि अगर किसी को ऐलर्जी की परेशानी है तो वो अंडे के सेवन से पहले एक बार डॉक्टर से राय लें।

मीट – हरी सब्जियों और फलों की तरह मीट भी स्वस्थ शरीर के लिए बहुत जरूरी है। इसमें न सिर्फ प्रोटीन होता है बल्कि इसमें जिंक भी मौजूद होता है, जो रोग प्रतिरोधक क्षमता में सुधार करता है, त्वचा को स्वस्थ बनाता है और प्रजनन स्वास्थ्य (reproductive health) को बरकरार रखने का काम करता है। इतना ही नहीं मीट में विटामिन बी 12 और ओमेगा-3 भी होता है जो तंत्रिका तंत्र (Nervous System) , ह्रदय और मस्तिष्क स्वास्थ्य के लिए उपयोगी हो सकता है( 23 )।

मछली – अगर आप अपनी डाइट में मीट नहीं शामिल करना चाहते हैं तो आप मछली का सेवन कर सकते हैं। देखा गया है कि जो बच्चे मछली का सेवन करते हैं उनमें दमा जैसी बीमारी का खतरा काफी हद तक कम हो जाता है। मछली में मौजूद ओमेगा-3 मस्तिष्क और दृष्टि के लिए फायदेमंद होता है। इतना ही नहीं मछली का सेवन अल्जाइमर जैसी भूलने की बीमारी के जोखिम को भी कम कर सकते हैं। मधुमेह के मरीजों में रक्त शर्करा को नियंत्रित करने में मछली का सेवन किया जा सकता है( 24 )। हालांकि हमेशा उस मछली का चुनाव करें जिसमें मरकरी कम मात्रा में हो क्योंकि ज्यादा मरकरी वाली मछली के सेवन नुकसानदायक हो सकता है।

सेब का सिरका – सेब का सिरका वजन कम करने में मददगार साबित हो सकता है। इतना ही नहीं यह ब्लड शुगर के स्तर को कम कर सकता है। हालांकि इसके सेवन के दौरान कुछ सावधानियां रखनी चाहिए और संतुलित मात्रा में इसका सेवन करना चाहिए( 25 )।

डार्क चॉकलेट – चॉकलेट का सेवन भी स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद हो सकता है। अगर आपको हृदय रोगों से बचना है तो अपनी डाइट में डार्क चॉकलेट को शामिल करें। डार्क चॉकलेट में कई जरूरी पोषक तत्व मौजूद होते हैं जो हृदय को स्वस्थ रखने का काम कर सकते हैं। इस बात का ध्यान रखें कि डार्क चॉकलेट का सेवन संतुलित मात्रा में किया जाए( 26 )।

ये तो थे पौष्टिक आहार की सूची जिसे आप अपने डाइट में शामिल कर सकते हैं। इस लेख के आगे के भाग में हम आपको उन खाद्य पदार्थों के बारे में बताएंगे जिसे आपको अपने डाइट से हटाना या कम कर देना चाहिए।

खाद्य पदार्थ जो बिल्कुल नहीं खाने चाहिए – Foods to Avoid in Healthy Diet in Hindi

नीचे हम कुछ ऐसे खाद्य पदार्थों के बारे में बताने जा रहे हैं जिन्हें आपको डाइट से बिल्कुल हटा देना चाहिए और अगर आप उन्हें पूरी तरह हटा नहीं सकते तो कम से कम उसके सेवन सीमित कर दें।

तला-भूना खाना – तला-भूना भोजन शरीर के लिए घातक हो सकता है। तले-भूने खाने से ह्रदय संबंधी समस्या, मोटापा, मधुमेह और कई अन्य बीमारियां हो सकती हैं। इसलिए जितना हो सके इनसे दूर रहें और अगर आपको तला-भूना भोजन बहुत पसंद है तो आप घर का बना तला-भूना भोजन खा सकते हैं, जिसके लिए आप जैतून का तेल या सूरजमुखी के तेल का इस्तेमाल कर सकते हैं ( 27 ), ( 28 )। कोशिश करें कि इनके सेवन को सीमित करने की।

मीठे खाद्य पदार्थ – मीठे खाद्य पदार्थ जैसे मीठाई, आइस क्रीम, चॉकलेट लोगों के पसंदीदा होते हैं। लेकिन इनका अनियंत्रित मात्रा में किया गया सेवन शरीर के लिए नुकसानदायक हो सकता है। ज्यादा शुगर वाले खाद्य पदार्थ न सिर्फ मोटापा बढ़ाते हैं बल्कि डायबिटीज जैसी गंभीर बीमारियों का कारण भी बनते हैं। इसके अलावा ये आपके दांतों को भी खराब कर सकते हैं। इसलिए जरूरी है कि आप इनके सेवन को सीमित करें, ( 29 )।

जंक फूड्स – झटपट बनने वाले और आसानी से उपलब्ध बर्गर, पिज्जा, फ्राइज, पैटीज जैसे जंक फूड्स आज धीरे-धीरे स्वस्थ आहार की जगह ले रहे हैं। लेकिन इन पर बढ़ती निर्भरता आपके स्वास्थ्य के लिए घातक हो सकती है। ऐसे खाद्य पदार्थ मोटापे के साथ हृदय रोग, टाइप 2 डायबिटीज, कैंसर और लीवर से जुड़ी बीमारियों का कारण बन सकते हैं। इसलिए जितना हो सके जंक फूड्स के सेवन से बचें ( 30 ), ( 31 )।

कैफीन – चाय, कॉफी की आदत लगभग हर किसी को होती है। अक्सर लोग तनाव को दूर करने के लिए इसका सेवन करते हैं। लेकिन इनका अनियंत्रित मात्रा में किया गया सेवन स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है। चाय और कॉफी कैफीन युक्त होते हैं और शरीर में कैफीन की अधिक मात्रा से अनिद्रा, सिरदर्द, जी मिचलाना, उल्टी, चिंता जैसी समस्याएं हो सकती हैं। इसलिए जितना हो सके इन पेय पदार्थों का सेवन सीमित मात्रा में करें( 32 ), ( 33 ), ( 34 )।

चीज़, बटर, मायोनीज – जैसा कि ऊपर हमने बताया कि दूध उत्पाद जैसे पनीर, चीज़ का सेवन भी स्वास्थ्य के लिए जरूरी होता है। लेकिन इसमें आप ध्यान रखें कि चीज़, बटर, मायोनीज जैसे खाद्य पदार्थों का सेवन एक संतुलित मात्रा में कभी-कभी करें। बेहतर है लो फैट डेयरी प्रोडक्ट का उपयोग करें ( 35 )।

सॉफ्ट ड्रिंक – सोडायुक्त पेय पदार्थ या सॉफ्ट ड्रिंक पीने का चलन लगभग हर उम्र के लोगों में दिख रहा है। सॉफ्ट ड्रिंक की बढ़ती यह आदत स्वास्थ्य के लिए चिंता का विषय बन सकती है। दरअसल, इसमें मौजूद शुगर और कैफीन की मात्रा स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकती है। वैज्ञानिक शोध के अनुसार सॉफ्ट ड्रिंक से सेवन से मोटापा, भूख न लगना, दांत खराब होना जैसी स्वास्थ्य समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं। इसलिए जितना हो सके इन पेय पदार्थों से दूर रहें( 36 ), ( 37 ), ( 38 )।

संरक्षित या डिब्बाबंद खाद्य पदार्थ – जितना हो सके डिब्बाबंद खाद्य पदार्थ या फ्रोजेन मटर, मीट, मछली और ऐसी ही कई अन्य चीजों के सेवन से बचे। इसके सेवन से बोटुलिज्म नामक बीमारी हो सकती है। यह एक घातक बीमारी है जो क्लोस्ट्रीडियम बोटुलिनम नामक एक रोगाणु द्वारा उत्पन्न जहर के कारण होती है। अगर डिब्बाबंद खाद्य पदार्थ सही तरीके से न रखा गया हो तो इस बीमारी के होने का खतरा बढ़ सकता है। इससे व्यक्ति के जान भी जा सकती है( 39 )।

अल्कोहल – जितना हो सके अल्कोहल के सेवन से बचे। लगातार अल्कोहल का किया गया सेवन कैंसर, हृदय रोग मधुमेह जैसी घातक बीमारियों का कारण बन सकता है( 40 )।

स्वस्थ और हानिकारक आहार के बाद आगे जानिए स्वस्थ भोजन के लिए कुछ और टिप्स।

स्वस्थ भोजन के लिए कुछ और टिप्स – Other Tips for Healthy Diet in Hindi

तेल-मसाले वाले खाद्य पदार्थ – जितना हो सके तेल मसाले वाले खाद्य पदार्थों के सेवन से बचे। इनके लगातार सेवन से कई तरह की जानलेवा बीमारी हो सकती है, जैसे – कैंसर, ह्रदय रोग, सांस संबंधी समस्या( 41 )।

पानी खूब पिएं – शरीर में पानी की कमी निर्जलीकरण का कारण बनती है, जिससे किडनी की समस्या, त्वचा संबंधी समस्या, उल्टी, बुखार और कई अन्य परेशानियां हो सकती है। इसलिए जितना हो सके पानी पिएं( 42 ), ( 43 )।

कम शुगर – शुगर शरीर के लिए जरूरी है लेकिन ज्यादा शुगर युक्त खाद्य पदार्थ का सेवन शरीर के लिए हानिकारक हो सकता है। इससे दांत खराब हो सकते हैं, मोटापा, डायबिटीज जैसी समस्या खड़ी हो सकती हैं।

उपवास – उपवास करना शरीर के लिए भी फायदेमंद हो सकता है। उपवास माटोपे का कम करने के साथ-साथ शरीर की कई अन्य समस्याओं को दूर करने में मदद कर सकता है। हालांकि उपवास के दौरान आप नियमित रूप से पानी पीते रहे, फल, ड्राय फ्रूट का सेवन करें ताकि आपके शरीर में उर्जा बनी रहे( 44 )।

इस लेख के जरिए आपको यह तो पता चल ही गया है कि स्वास्थ्य के लिए अच्छा खाना कितना जरूरी है। हमेशा याद रखें कि आप जो खाएंगे, उसी के परिणाम आपकी सेहत पर नजर आएंगे। अब आपको स्वस्थ भोजन के बारे में कई चीजें पता चल गई होगी। इसलिए, अगर अभी तक आप स्वस्थ आहार से अनजान थे, तो अब इनके बारे में जानकर इसे अपने डाइट में शामिल करें। इसके अलावा, अगर आपके पास भी पौष्टिक आहार की जानकारी या सूची है, जिसके बारे में यहां नहीं बताया गया है, तो आप उसे हमारे साथ कमेंट बॉक्स में जरूर शेयर करें।

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Dt. Arpita Jain MSc (Clinical Nutrition & Dietitics)

Anuj joshi चीफ एडिटर, लहसुन के फायदे, उपयोग और नुकसान - garlic (lahsun) in hindi, हल्दी के फायदे, उपयोग और नुकसान - amazing benefits of turmeric (haldi) in hindi, टी ट्री ऑयल के फायदे, उपयोग और नुकसान - all about tea tree oil in hindi, प्रेगनेंसी में आम खाने के फायदे और नुकसान - mango in pregnancy in hindi, सर्वाइकल स्पोंडिलोसिस के कारण, लक्षण और उपचार - cervical spondylosis causes, symptoms and treatment in hindi, मैग्नीशियम युक्त खाद्य सामग्री और उनके फायदे - magnesium rich foods in hindi, आलू के रस के फायदे और नुकसान - potato juice benefits and side effects in hindi, कपूर के फायदे और नुकसान - camphor (kapoor) benefits and side effects in hindi, करेले के फायदे, उपयोग और नुकसान - bitter gourd (karela) benefits and side effects in hindi, तरबूज के 25 फायदे, उपयोग और नुकसान - watermelon (tarbuj) benefits, uses and side effects in hindi, खाली पेट लहसुन खाने के फायदे और नुकसान - khali pet lahsun khane ke fayde, कान बहना: लक्षण, कारण, उपचार : ear discharge in hindi (kaan behna).

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पोषण और उसके प्रकार Article on Nutrition and Its Type in Hindi

पोषण और उसके प्रकार Article on Nutrition and Its Type in Hindi

आज के इस आर्टिकल में हम आपको पोषण और उसके प्रकार के बारे में बताएंगे (Article on Nutrition and Its Type in Hindi)

Table of Content

पोषण क्या है? What is Nutrition?

सभी जीवों को, चाहे वो पेड़ हो या, जंतु या मनुष्य हों, सभी को अपने दैनिक जीवन में विभिन्न क्रियाओं को करने के लिए ऊर्जा की आवश्यकता होती है| दरअसल यदि आप जीवों को एक मशीन की तरह भी देखें तो यह पाएंगे कि एक मशीन भी बिना ऊर्जा के कार्य नहीं कर सकती, उसी प्रकार जीव भी बिना ऊर्जा के दैनिक कार्य नहीं कर सकते|

जीवों को उत्सर्जन, स्वासन और संतति जैसी क्रियाएं करनी होती हैं, जिन्हे करने में वे तभी सक्षम हो पाते हैं, जब वे पोषित होते हैं| जीवों को आवश्यक ऊर्जा पोषण द्वारा प्राप्त होती है|

जिस प्रकार जीवों द्वारा करने वाली क्रियाएं अलग अलग वर्गों से हैं उसी प्रकार उन क्रियाओं के लिए वांछित पोषण भी अलग अलग प्रकार का होता है| जैसे यदि उन्हे तुरन्त ऊर्जा चाहिए तो वे कार्बोहाइड्रेट की ओर जाते हैं, यदि उन्हे रोगों से लड़ना होता है तो विटामिन की ओर रुख करते हैं| इसी आधार पर पोषण के अलग अलग प्रकार होते हैं, एवं उन पोषक तत्वों को संग्रहित करने वाले खाद्य पदार्थ भी अलग अलग होते हैं| 

पोषण के प्रकार Types of Nutrition

जिस प्रकार सजीव ऊर्जा द्वारा अलग अलग क्रियाएं करते हैं, उसी प्रकार सजीवों द्वारा अलग अलग प्रकार के पोषण की भी आवश्यकता होती है| सजीवों की इन्ही आवश्यकता पर, पोषण के निम्न प्रकार हैं :- 

  • प्रोटीन (Protien) 
  • विटामिन ( Vitamin) 
  • मिनरल ( Mineral) 
  • कार्बोहाइड्रेट ( Carbohydrates) 
  • वसा ( Fat) 
  • पानी ( Water) 
  • ज़िंक ( Zinc) 

1) प्रोटीन Protein :-

प्रोटीन जीवों द्वारा सबसे ज्यादा वांछित पोषण होता है| प्रोटीन के अनेकों फायदे एवं नुकसान हैं| प्रोटीन की सहायता से शरीर में हुई क्षति को पूरा किया जा सकता है| इसका मुख्य कार्य ही रोगों से लड़ने का और मरम्मत एवं निर्माण का होता है|

प्रोटीन के स्रोत को यदि एक ग्राम लिया जाए तो यह कुल 1 ग्राम प्रोटीन में 4 कैलोरी देता है| प्रतिदिन सामान्य मनुष्य को 600 प्रोटीन कैलोरी की ज़रूरत होती है| 

प्रोटीन के कई फायदे तो हैं ही लेकिन उसके साथ ही प्रीति के कई नुकसान भी हैं| नीचे उन्हे ही वर्गीकृत किया गया है :- 

प्रोटीन के फायदे Benefits Of Protein

  • प्रोटीन से भूख नियंत्रित रहती है| भूख का संतुलन निर्धारित होता है| 
  • प्रोटीन के सेवन से मांसपेशियाँ मजबूत होती हैं| 
  • प्रोटीन वजन कम करने में काफी ज्यादा सहायक है| 
  • प्रोटीन की रोग प्रतिरोधक क्षमता लाजवाब होती है| 
  • प्रोटीन बालों और त्वचा को खोई हुई रंगत लौटा देता है| 
  • प्रोटीन के सेवन से शरीर में रक्तकोशिका, नाखून, त्वचा, बाल और अन्य अंगों का निर्माण एवं मरम्मत होती हैं| 
  • प्रोटीन के सेवन से तनाव को कम किया जा सकता है| 
  • प्रोटीन की मदद से ऊतकों एवं कोशिकाओं की मरम्मत होती है|
  • प्रोटीन शरीर की कार्यप्रणाली को काफी हद तक सुरक्षित रखता है| 

प्रोटीन के नुकसान Disadvantage Of Protein

  • प्रोटीन के अत्यधिक सेवन से किडनी संबंधित रोग हो जाते हैं|
  • प्रोटीन से मूत्र संबंधी रोग होते हैं|
  • प्रोटीन का प्रतिशत दैनिक जीवन की कैलोरी में केवल 30% होना चाहिए| 
  • प्रोटीन के अत्यधिक सेवन से शरीर में कोलेस्ट्रोल का स्तर बढ़ जाता है और यह हृदय के लिए काफी ज्यादा नुकसान होता है| 

प्रोटीन के स्रोत Sources Of Protein

  • अंडा, मीट, मछली, सोयाबीन, राजमा, मूंग, अरहर, कद्दू के दाने इत्यादि| 

2) विटामिन और मिनरल Vitamin And Minerals

जहां प्रोटीन शरीर में मरम्मत का कार्य करते हैं वहीं विटामिन और मिनरल शरीर में कार्यप्रणाली को देखते हैं, और शरीर को सुचारू ढंग से चलाने में मदद करते हैं| यदि भोजन में विटामिन और मिनरल को न रखा जाए तब वह संतुलित भोजन नहीं कहलाता है|

 विटामिन कई प्रकार के होते हैं :- जैसे विटामिन ए, बी, सी, डी, इ इत्यादि| हर प्रकार के विटामिन का एक अलग कार्य होता है, जैसे विटामिन ए का प्रयोग आँखों के लिए किया जाता है और यह रतौंधी नामक बीमारी को ठीक करने में सहायता करता है|

विटामिन ए, विटामिन डी, विटामिन ई एवं विटामिन के, वसा का निर्माण करते हैं| यानी कि ये मांसपेशियों के निर्माण एवं वृद्धि में काफी सहायक होते हैं| 

वहीं विटामिन सी, बी, जलीय विटामिन है यानी कि ये रक्त की शुद्धता और निर्माण के लिए सहायक होते हैं| ये जलीय होते हैं इस कारण ये ज्यादा देर तक शरीर मे नही रहते और इन्हे समय समय पर लेते रहना काफी ज्यादा जरूरी है| 

विटामिन और मिनरल के फायदे Benifits Of Vitamins And Minerals 

  • हृदय :- विटामिन और मिनरल का सबसे ज्यादा फायदा हमारे हृदय को होता है| दरअसल विटामिन के कुछ प्रकार :- ए, सी और ई के साथ बीटा केरोटीन में एंटी ऑक्सीडेंट गुण होते हैं| ये हृदय को शुद्ध रखते हैं और रक्त की शुध्दता बनाए रखते हैं| विटामिन बी 3 और नियासीन की मौजूदगी के कारण कोलेस्ट्रोल लेवल भी काफी ज्यादा कम हो जाता है| 
  • मेटाबोलिज्म : – मेटाबॉलिज्म एक प्रकार की प्रक्रिया है जिसके अंतर्गत, पोषक तत्वों को संग्रहित किया जाता है और उन्हे समय समय पर जलाया जाता है| ऐसे पोषक तत्वों में संग्रहित होने वाले तत्व केवल मिनरल और विटामिन ही होते हैं क्यूंकि इन्ही के अंदर संग्रहित होने की विशेषता होती है| 
  • विटामिन एवं मिनरल हड्डियों की स्वस्थता के लिए काफी ज्यादा आवश्यक तत्व हैं| यदि विटामिन और मिनरल का शरीर में संतुलन न बना रहे तो हड्डियां टूटने का खतरा काफी ज्यादा बढ़ जाता है क्यूंकि हड्डियों के जोड़ की प्रतिरोधी क्षमता खो जाती है| हड्डियों के लिए विशेष रूप से आवश्यक तत्व विटामिन डी और विटामिन के हैं| इन दोनों की मौजूदगी के बिना हड्डियां कैल्शियम ग्रहण नहीं कर सकती हैं| 

विटामिन और मिनरल के नुकसान Disadvantage of Vitamin and minerals 

  • यदि इन्हे चिकित्सक के परामर्श के बिना नहीं लिया गया तो ये नकारात्मक कार्य करते हैं| 
  • ये फास्फोरस का निर्माण करते हैं जिससे कई सारे ऊतकों को नुकसान पहुंचता है| 
  • विटामिन का यदि ज्यादा सेवन किया जाए तो पेट दर्द, डायरिया जैसी बीमारियां हो सकती है| 
  • यदि प्रतिदिन आप 10 मिलीग्राम से ज्यादा विटामिन बी का सेवन करते हैं तो आपको लकवा मारने की संभावनाएं कई गुणा बढ़ जाती हैं| 
  • ये ज़िंक का भी निर्माण करते हैं जो शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को क्षति पहुंचाता है| 

विटामिन और मिनरल के स्रोत Sources of vitamins and minerals 

  • विटामिन और मिनरल यूं तो लगभग हर खाद्य पदार्थ में मौजूद होते हैं लेकिन मीट, सूखे मेवे और दालें इनकी मुख्य स्रोत हैं| 

3) कार्बोहाइड्रेट Carbohydrate

कार्बोहाइड्रेट सभी पोषकों मे सबसे विशेष पोषक है क्यूंकि यह शरीर को तुरन्त ऊर्जा प्रदान करता है| कार्बोहाइड्रेट शरीर में पानी की कमी को भी पूर्ण करता है क्यूंकि इनमें पानी जितना ही ऑक्सिजन और हाइड्रोजन मौजूद होता है और आश्चर्यजनक कारक यह है कि मौजूद ऑक्सिजन और हाइड्रोजन का अनुपात भी जल जितना ही होता है| 

कार्बोहाइड्रेट ऊर्जा के मुख्य स्रोतों में से एक है और यदि भोजन में इसका सेवन न किया जाए तो शरीर कार्य करना लगभग बंद कर सकता है| 

एक सामान्य मनुष्य को 225 से 335 ग्राम कार्बोहाइड्रेट की आवश्यकता हर दिन होती है और यह कैलोरी में गिना जाए तो यह लगभग नौ सौ से तेरह सौ कैलोरी प्रदान करता है| 

कार्बोहाइड्रेट के प्रकार Types of Carbohydrates 

कार्बोहाइड्रेट एक बेहद विस्तृत पोषक है और यह लगभग हर खाद्य पदार्थ में मौजूद होता है| कार्बोहाइड्रेट के विस्तार के कारण, कार्बोहाइड्रेट के कई प्रकार भी खोजे गए हैं| वे प्रकार निम्न हैं :- 

  • स्टार्च :- यह कार्बोहाइड्रेट का मुख्य प्रकार होता है और यह कार्बोहाइड्रेट के अन्य प्रकार शुगर के कारण होता है| 
  • फाइबर :- फाइबर का निर्माण भी शुगर के कारण ही होता है| यह मुख्य तौर पर पाचन तंत्र में सहायता करता है| 
  • चीनी :- वे सभी खाद्य पदार्थ जो मीठे होते हैं उनमें कार्बोहाइड्रेट मौजूद होता है| इस प्रकार के कार्बोहाइड्रेट से दैनिक जीवन के कार्यों के लिए काफी ज्यादा ऊर्जा मिलती है| 

कार्बोहाइड्रेट के लाभ Benifits Of Carbohydrate 

  • कार्बोहाइड्रेट शरीर को तुरन्त ऊर्जा प्रदान करते हैं, एवं चुस्त दुरुस्त करने में सहायक होते हैं| 
  • कार्बोहाइड्रेट शरीर को विभिन्न तरह के रोगों से बचाता है| 
  • यह पाचन तंत्र को स्वस्थ रखता है| 
  • कार्बोहाइड्रेट की मदद से मोटापे को भी कम किया जा सकता है| 

कार्बोहाइड्रेट के नुकसान Disadvantage of Carbohydrates 

  • कार्बोहाइड्रेट यदि अधिकता से लिया जाए तो यह मोटापे को काफी तेजी से बढ़ाता है| 
  • यदि कार्बोहाइड्रेट का सेवन ज्यादा किया जाए तब यह सीधा घात हृदय पर करता है और इसका प्रभाव हमारे दिमाग पर भी पड़ता है| 
  • यह ग्लूकोज में रक्त की मात्रा बढ़ा देता है| 
  • इसके कारण याददाश्त पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है| 
  • कार्बोहाइड्रेट की अधिकता से बीमारियां जैसे :- डीमेंशिया, एल्जाइमर इत्यादि होती हैं| 

कार्बोहाइड्रेट के स्रोत Sources of Carbohydrates 

  • कार्बोहाइड्रेट काफी ज्यादा विस्तृत पोषण है इस कारण यह काफी सारे खाद्य पदार्थों में पाया जाता है| इसके प्रकार भी अलग अलग पदार्थों में पाया जाता है| 
  • चीनी :- यह दूध और दूध से बने अन्य तत्वों में पाई जाती है| इसके अन्य स्रोत फल और सब्जियां हैं| 
  • स्टार्च :- स्टार्च, बीन्स मटर और अन्य अनाजों में पाई जाती हैं| 
  • फाइबर :- फाइबर, सब्जियों साबुत अनाजों और अन्य प्रकार के सूखे अनाजों एवं मेवों में पाए जाते हैं| 
  • गौरतलब है कि कार्बोहाइड्रेट अलग अलग प्रकार की हर वह खाद्य वस्तु जिसमें शर्करा होती है, उसमें पाया जाता है| 

वसा हमारे शरीर में कई सारे मुख्य कार्यों के लिए जरूरी होता है| यह तुरन्त ऊर्जा प्रदान करने से लेकर, ऊर्जा के संग्रहण तक कार्य करता है| 

वसा के स्रोत Sources of Fat 

  • वसा लगभग उन सभी खाद्य पदार्थों मे मौजूद होती है, जिनमें कार्बोहाइड्रेट होते हैं और इसके कार्य भी लगभग कार्बोहाइड्रेट जैसे ही होते हैं| 
  • वसा के मुख्य स्रोत हैं :- दूध से बने पदार्थ, मांस, सूखे मेवे और हरी सब्जियां| 

शरीर के लिए पोषण की आवश्यकता क्या है? What’s the need of Nutrition

किसी भी सजीव को जीवित रहने के लिए जिन क्रियाओं को करना होता और उन क्रियाओं को करने के लिए पोषण की आवश्यकता होती है| पोषण के निम्न कार्य हैं :- 

  • ऊर्जा :- पोषण का कार्य ऊर्जा देने का सबसे अधिक. है| बिना पोषण के ऊर्जा दिए कोई भी सजीव जीवित नहीं रह सकता है| 
  • शारीरिक मरम्मत :- पोषण का दूसरा कार्य शरीर की मरम्मत करना भी होता है| जिस तरह आप देखते हैं मशीन में डाला गया ईंधन केवल उसे चलाता है, वहीं शरीर में ऊर्जा के लिए अवशोषित किया गया ईंधन न केवल ऊर्जा देता है बल्कि शरीर की क्षतिपूर्ति भी करता है| 
  • पाचन नियंत्रण :- पोषण तत्व शरीर की कार्यप्रणाली को सुचारू ढंग से चलाने में काफी ज्यादा सहायक होते हैं| ये पाचन तंत्र से लेकर हृदय प्रणाली तक को स्वस्थ रखते हैं| 

प्रतिदिन कितने पोषण की आवश्यकता होती है? How many Nutritions I need per day

पोषण की जरूरत अलग अलग व्यक्ति पर निर्भर करती है| यदि किसी व्यक्ति का शरीर स्वस्थ है तो उसे अपेक्षाकृत कम पोषण की आवश्यकता होगी वहीं यदि कोई व्यक्ति बीमार है तो वह ज्यादा पोषण तत्व की मांग करेगा| 

वहीं यदि किसी की उम्र युवा है तो वह व्यक्ति संतुलित आहार लेगा, वहीं बचपन में ज्यादा और बुढ़ापे में कम पोषण की आवश्यकता होती है| 

सामान्य तौर पर आपको निम्न मानकों पर अलग अलग पोषण की आवश्यकता होती है| 

  • प्रोटीन :- प्रोटीन की आवश्यकता कुल 64 ग्राम तरल पदार्थो में होती है और इतना ही लगभग ठोस पदार्थों में भी| गौरतलब है कि इतने प्रोटीन से आप कुल 256 कैलोरी प्राप्त करते है और दिन भर में कुल 600 कैलोरी प्रोटीन आवश्यक होता है| 
  • कार्बोहाइड्रेट : – कार्बोहाइड्रेट की आवश्यकता लगभग 900 से लेकर 1300 कैलोरी होती है, यदि आप ज्यादा खाते हैं तो यह आपके कुल भोजन का 45% से लेकर 65% तक होना चाहिए| 
  • मिनरल :- यह भोजन का कुल 50% होना चाहिए| 
  • विटामिन : – विटामिन की आवश्यकता आपकी संरचना पर निर्भर करती है| संपूर्ण खाने का 55% विटामिन होना आवश्यक है| विटामिन बी का सेवन 10 ग्राम से ज्यादा न करें| 
  • वसा :- वसा का निर्धारण कार्बोहाइड्रेट पर निर्भर करता है| यदि कार्बोहाइड्रेट कम हो तो वसा ज्यादा रखें| 
  • ज़िंक :- 10-20 प्रतिशत ज़िंक सेहत के लिए फायदेमंद होता है| यदि इससे ज्यादा ज़िंक का सेवन किया जाए तो वह हानिकारक दिशा में कार्य कर सकता है| 

4 thoughts on “पोषण और उसके प्रकार Article on Nutrition and Its Type in Hindi”

Nice information about the neturation thanks a lots by you

Thanku good. Information about the neturation

Very nice information about nutrition . Thank you so much.

Good information about nutrients.

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आहार एवं पोषण की अवधारणा क्या है | FOOD AND NUTRITION

आहार एवं पोषण की अवधारणा क्या है FOOD AND NUTRITION IN HINDI न्यूट्रिशन डाइट चार्ट फूड एंड न्यूट्रिशन इन हिंदी फूड एंड न्यूट्रिशन नोट्स PDF DOWNLOAD पोषण परिभाषा क्या है? पोषण क्यों महत्वपूर्ण है? आइए  आहार एवं पोषण की अवधारणा क्या है? को विस्तार से जानते हैं -

FOOD AND NUTRITION IN HINDI :  आहार अथवा भोजन जीवन की प्राथमिक आवश्यकता है। पोषण एक स्वस्थ और संतुलित आहार खाने के बारे में है। हर तरह का पदार्थ तथा भोजन अपना पोषण योग्यता एवं क्षमता अलग-अलग रखता है। बचपन से सही आहार लेने पर उसका स्वास्थ्य और पोषण संबंधी आदतें एक निश्चित दिशा लेती है।

आहार विद्या बताती है, शरीर के पोषण के लिए दो तत्वों की नितांत आवश्यकता है। इंधन तत्व और दूसरा शारीरिक बनावट के पदार्थ उत्पादक, तंतुवर्धक और ह्रास पूरक तत्व शरीर में शक्ति उत्पन्न करता है।

अगर आप भोजन के साथ पोषक तत्व [FOOD AND NUTRITION] नहीं लेंगे तो शारीरिक और मानसिक दोनों रूप से कमजोर होंगे।

संतुलित आहार की अवधारणा क्या है

  • एक संतुलित आहार के घटक -
  • आयु, लिंग, शरीर गतिविधि, आर्थिक स्थिति पर भी निर्भर करता है। 
  • अच्छे तथा संतुलित आहार की आदत जीवन क्षमता को बेहतर बनाती है, 
  • तथा घटिया आहार रुग्नता और रोगों को बढ़ाता है।
  • यदि दैनिक आहार गलत होगा तो
  • एक से अधिक पोषक तत्वों की अधिकता या उनकी कमी के कारण
  • कुपोषण और कई तरह के रोगों का सामना करना पड़ सकता है।

आहार वह ठोस अथवा तरल पदार्थ है जो व्यक्ति को जीवित रहने के लिए, मनुष्य को स्वस्थ बनाए रखने के लिए, सामाजिक एवं परिवारिक संबंधों की एकता हेतु भावनात्मक तृप्ति, सुरक्षा प्रेम, शक्ति हेतु आवश्यक होता है।

पोषण की अवधारणा क्या है?

  • दूसरे शब्दों में कहें तो भोजन या आहार संबंधी सभी प्रक्रियाओं का नाम ही पोषण है।
  • अपनी गतिविधि और लक्ष्यों को ध्यान में रखते हुए,
  • पोषण हमेशा संतुलन, गुणवत्ता और समय पर सही मात्रा में खाएं। 
  • पोषण शिक्षा एक ऐसी प्रक्रिया है, जिसके द्वारा लोगों को पोषण का ज्ञान प्राप्त होता है।
  • यह खाने की आदतों में समुचित परिवर्तन लाता है।
  • व्यक्ति को जीवित रहने के लिए पोषण की आवश्यकता होती है।
  • जो भोजन या पोषक तत्व मनुष्य द्वारा ग्रहण किए जाते हैं उस क्रिया को पोषण कहा जाता है। 

पोषण की परिभाषाएं - AAHAR & POSHAN

 बेहतर पोषण शिशु, बच्चे, मां और बड़े, बृद्ध के स्वास्थ्य में सुधार, मजबूत प्रतिरक्षा प्रणाली, सुरक्षित गर्भावस्था और गैर-संचारी रोग जैसे मधुमेह, हृदय रोग आदि।

मानसिक विकास के साथ-साथ बेहतर जीवन के कम जोखिम और दीर्घायु से संबंधित है। स्वस्थ लोग बेहतर उन्नति करते हैं।

भोजन लेने और उसे ऊर्जा और जीवन के लिए आवश्यक अन्य महत्वपूर्ण पोषक तत्वों में परिवर्तित करने की प्रक्रिया पोषण कहलाता है।

वह समस्त प्रक्रम जिसके द्वारा जीवधारी बाह्य वातावरण से भोजन ग्रहण करते हैं तथा भोज्य पदार्थ से ऊर्जा मुक्त कर के शरीर की वृद्धि करते हैं उसको पोषण कहते हैं।

ऊर्जा के स्रोत को भोजन के रूप में शरीर के अंदर लेने की क्रिया को पोषण कहते हैं। दोस्तों, वह क्रिया जिसके द्वारा जीव भोजन ग्रहण करता है। उसी भोजन का उपयोग अपनी बृद्धि, उपापचय और पुनर्निर्माण आदि क्रियाओं के लिए करता है उसे भोजन कहा जाता है।

पोषण क्यों महत्वपूर्ण है?

मानव जीवन को बनाए रखने के लिए आहार अथवा पोषण अति आवश्यक है। व्यक्ति के शारीरिक वृद्धि और दिमाग का विकास, उत्तम स्वस्थ एवं दैनिक क्रियाशीलता के लिए पर्याप्त आहार एवं पोषण की आवश्यकता होती है। इस बिषय को पोषण को आहार विज्ञान में रखा गया। आहार विज्ञान भोजन प्रबंधन से संबंधित होता है और पोषण स्वस्थ वर्धन से जुड़ा होता है। 

  • पोषक से ही बीमारियों से लड़ने की शक्ति मिलती है।
  • कुपोषण के दायरे से मुक्ति भी पाई जा सकती है।
  • 30 सितम्बर को कुपोषण दिवस के रूप में मनाया जाता है।
  • भारत में हर साल सितंबर के महीने में पूरे देश में राष्ट्रीय पोषण माह के रूप में मनाया जाता है।
  • पोषण के अभाव में व्यक्ति या बच्चा कुपोषित हो जाता है।
  • कुपोषण के प्रकार हैं -
  • जन्म के समय वजन का कम होना
  • बचपन में बाधित विकास
  • अल्प रिक्तता
  • विटामिन ए की कमी
  • आयोडीन की कमी इत्यादि
  • कुपोषण की नियति मां के गर्भ से ही शुरू हो जाता है।
  • बच्चा इसमें जन्म से पहले ही फंस जाता है। 

असान भाषा में कहें तो, कुपोषण का मतलब आयु और शरीर के अनुरूप पर्याप्त शारीरिक और मानसिक विकास का ना होना है। इसीलिए हमारे लिए आहार और पोषण अति आवश्यक है।

पोषण कितने प्रकार के होते हैं

  • पर्याप्त आहार 
  • संतुलित आहार 
  • कैलोरी नियंत्रण 
  • संयम और 
  • विविधता 
  • पोषण का जनक कौन है

एन्टोनी लेवोजर (1770-1794)को पोषण का जनक माना जाता है। हिप्पोक्रेट्स ने पहली बार चौथी शताब्दी ईसा पूर्व में नैदानिक पोषण के विज्ञान और दर्शन को मान्यता दी थी। जब उन्होंने कहा था कि स्वस्थ केवल उचित आहार और स्वच्छता से सुनिश्चित हो सकता है।

भोजन हमारे लिए क्यों जरूरी है इस पर अपना विचार लिखों

किसी भी एकल भोजन में वांछित मात्रा में सभी पोषक तत्व नहीं होते हैं। इसीलिए हमारे शरीर के समुचित कार्य के लिए संतुलित आहार Food and Nutrition  खाने की आवश्यकता है। ताकि हम एनर्जी से भरपूर रहे।

शारीरिक और मानसिक हर तरह का काम करने में सक्षम हो, वजन उठाने में सक्षम हो। पढ़ाई में कंसंट्रेट कर पाए, फोकस कर पाए। और यादाश्त शक्ति मजबूत रहें।

भोजन क्षतिग्रस्त कोशिकाओं, उत्तकों को मरम्मत कर हमारे प्रतिरक्षा प्रणाली को बनाएं रखने में सहायक होता है।

पोषण के 7 प्रकार क्या है?

मोटे तौर पर जीवित जीवो में पोषण के मुख्यत: दो प्रकार होते हैं। स्वपोषी मोड और हेटरोट्रॉफिक मोड। अर्थात् स्वपोषी पोषण तथा विषमपोषी पोषण।

जो पोषक तत्व हमारे शरीर के लिए ऊर्जा देने के काम करते हैं वह इस प्रकार वर्गीकृत किया गया है-

  • कार्बोहाइड्रेट्स
  • न्यूक्लिक अम्ल 
  • खनिज लवण
  • प्रोटीन
  • विटामिन
  • शोध का अर्थ, परिभाषा, प्रकृति और उद्देश्य क्या है
  • दू सरों के मन की बात कैसे जाने - बॉडी लैंग्वेज - मन पढ़ने की कला

स्वस्थ भोजन पर निबंध

Essay on Healthy Food in Hindi: हम यहां पर स्वस्थ भोजन पर निबंध शेयर कर रहे है। इस निबंध में स्वस्थ भोजन के संदर्भित सभी माहिति को आपके साथ शेअर किया गया है। यह निबंध सभी कक्षाओं के विद्यार्थियों के लिए मददगार है।

Essay-on-Healthy-Food-in-Hindi

Read Also:  हिंदी के महत्वपूर्ण निबंध

स्वस्थ भोजन पर निबंध | Essay on Healthy Food in Hindi

स्वस्थ भोजन पर निबंध (250 शब्द).

हर एक व्यक्ति के लिए स्वस्थ भोजन बहुत ही जरूरी होता हैं। लेकिन स्वस्थ भोजन को सही तरीके से आजकल कोई नहीं अपनाता हैं। सब अपने जीवन में इतने व्यस्त रहते हैं कि हर दिन फास्ट फूड खाते हैं और धीरे-धीरे स्वस्थ भोजन को सब भूल रहे हैं लेकिन स्वस्थ भोजन हमारे शरीर को जो- जो फायदे देता हैं, वह सब फायदे आजकल की जनरेशन में हमें देखने को नहीं मिलते हैं।

फास्ट फूड को अपनाने के कारण वर्तमान समय में हमारे बीच कई नई नई बीमारियां उत्पन्न होती हैं और उन बीमारियों से लोग अपनी जान भी गवां रहे हैं। अगर इसी जगह हर व्यक्ति अपने भोजन में स्वस्थ भोजन को शामिल करें, तो वह अपने जीवन भर स्वस्थ और तंदुरुस्त रहता हैं। साथ ही उसे किसी भी प्रकार की बीमारी होने की संभावना नहीं रहता हैं।

स्वस्थ भोजन केवल हमें बीमारियों से ही नहीं बचता हैं। यह हमारे शरीर को एनर्जी देता है, वैसे तो अगर देखा जाए तो हेल्दी फूड के अंतर्गत ही कई अलग-अलग प्रकार के फूड होते हैं लेकिन मुख्य रूप से यह निम्नलिखित पदार्थों को अपने भोजन में जरूर शामिल करना चाहिए।

3. शुद्ध धान की रोटी

4. हरी सब्जियां

5. शुद्ध फल

स्वस्थ भोजन पर निबंध (800 शब्द)

भोजन हर किसी व्यक्ति के लिए जरुरी होता है। भोजन के बिना हम लोग जीवन कि कल्पना भी नही कर सकते हैं। भोजन जो हम लोग करते वो पेट में जाता है, फिर पूरी तरह से पचता हैं। जिससे हमारे शरीर को ऊर्जा मिलते हैं। जिससे हम काम करते है और  यह मांशपेशियो को मजबूत करता हैं। हमारे शरीर में क्षतिग्रस्त अंगो के कोशिकाओं की मरम्मत करता हैं। स्वस्थ भोजन उसे कहा जाता है जिसमें विटामिन, कार्बोहाईड्रेट, फैट, प्रोटीन आदि का भरपूर मात्रा उपलब्ध होते हैं।

स्वस्थ भोजन का महत्व

स्वस्थ भोजन हमारे शरीर को स्वस्थ रखने के लिए बहुत जरुरी होता हैं। स्वस्थ भोजन के अंदर रोटी, हरी, सब्जियाँ, चावल, दुध और दही आदि आते हैं। हमारे शरीर को स्वास्थ रखने के लिए संतुलित आहार का सेवन करना चाहिए। स्वस्थ भोजन में फल को भी खाना चाहिए। अगर आप भी आपने जीवन में अच्छा प्रदर्शन करना चाहते है, तो आपको स्वास्थ रहना जरुरी हैं। क्योंकि इस कविता में सही कहा है “स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ दिमाग बसता है” विशेष कर विद्यार्थी जीवन में स्वास्थ्य का बहुत बड़ा महत्व हैं। यदि कोई विद्यार्थी पूर्ण रूप से स्वास्थ नही रहेगा, तो उसको पढाई में मन नही लगेगा और वो दूसरों से कमजोर महसूस करेगा।

नियमित रूप से व्यायाम जरुर करे, इससे मेटाबॉलिज्म होने के साथ साथ तेजी से कैलोरी बर्न होगा। जिससे वजन भी नियंत्रत रहेगा। नियमित व्यायाम से हमारे शरीर के साथ साथ मस्तिक को तेज रखने में उपयोगी होते हैं। व्यायाम से तनाव, सिर दर्द आदि जैसी समस्या को ठीक किया जा सकते हैं।

स्वस्थ भोजन का सेवन ना करने से होने वाले नुकसान

आज के समय में लोग स्वस्थ भोजन का महत्व भूलते जा रहे है और फ़ास्ट फूड की और ज्यादा ध्यान दे रहे है, जिससे दांतों में दर्द, हाई ब्लड प्रेशर, मोटापा और मधुमेह का खतरा बढ़ता ही जा रहा हैं। आज कल लोग स्वादिष्ट भोजन की तरफ ज्यादा आकर्षित हो रहे है और भोजन की गुणवत्ता पर ध्यान नहीं दे रहे हैं। जंक फ़ूड भले ही खाने में स्वादिष्ट होता है लेकिन यह पौष्टिक नहीं होते हैं। बल्कि हमारे शरीर के लिए नुकसान दायक होता हैं। फ़ास्ट फ़ूड जितना स्वादिष्ट होता है, उससे हमारे शरीर में उतना ज्यादा नुकसान होता हैं।

आज कल बहुत सारी बीमारीयां भी होती हैं। हमे हमारे जीवन में जंक फ़ूड को कम से कम सेवन करना चाहिए, और स्वस्थ्य भोजन को हमें हमारे अपनी दिनचर्या का हिस्सा बनाना चाहिए। बच्चों को हरी सब्जी अलग अलग तरीके से बनाकर खिलाना चाहिए चाहिए, जो देखने में देखने में अच्छी लगे और बच्चे उनकी तरफ आकर्षित हो जाएं। बच्चों के साथ के साथ साथ बड़े लोगों को भी स्वस्थ भोजन का सेवन करना चाहिए। हेल्दी फूड शरीर को शक्तिशाली बनाता है, और रोगो से भी बचाता हैं। तीनों समय स्वस्थ भोजन का ही सेवन करना चाहिए। हमे कभी कभी बाहर का भोजन खाना चाहिए। जिससे हमारे शरीर में कम से कम नुकसान हो।

रोज सुबह दूध का सेवन करना चाहिए। दूध को एक अच्छा संतुलित आहार माना जाता हैं क्योंकि इसमें पोषक तत्व प्रचुर मात्रा में होते हैं। दोपहर को हमें चावल, दाल, सलाद आदि खाना चाहिए। रात को दाल रोटी, सब्जी आदि का सेवन चाहिए।

स्वस्थ्य भोजन की सारणी

नीचे लिखे कुछ ऐसे भोजन की सारणी है, जो खाद्य पदार्थ आसानी से बाजार में मिल जायेंगे हैं।

हरी सब्जियां :-

कई लोग हरी सब्जी को पसंद नही करते है, लेकिन वो भूल जाते है की हरी सब्जी में कैल्शियम, मिनरल, एंटीऑक्सीडेंट आदि पाए जाते जाते है। जो हमारे शारीर को मोटापा, ह्रदय रोग के अलावा गंभीर बीमारी से बचाता हैं। हमारे शरीर को स्वस्थ रखने के लिए दैनिक आहार में लेना चाहिए।

सब्जी की तरह फल भी हमारे स्वस्थ्य के लिए फायदेमंद होते हैं। डायबिटीज, ब्लड प्रेशर, कोलेस्ट्रॉल या वजन घटाना, इन सब के लिए फल आपको मदद करेंगे। फलों में सेब, संतरा यह दोनों दिनचर्या में जरुर शामिल करे और याद रहे फल का सेवन संतुलित मात्रा में ही करना चाहिए। जिससे हमारे शरीर नुकसान न हो।

दूध या डेयरी पदार्थ :-

दूध में भी कई तरह के पोषक तत्व पाए जाते है जैसे :- कैल्शियम, विटामिन ए, विटामिन बी 12, पोटैशियम, मैग्नीशियम, जिंक होते हैं, जो हड्डियों को मजबूत बनाते है।

अगर आप किसी फल को खाना नहीं चाहते है, तो आप उस फल का जूस बना कर उसका सेवन कर सकते हैं। जैसे :- आम, सेब, केला, गन्ना, मोसमी आदि फल जो बाज़ार में आसानी से मिल जायेगें। आप इनका जूस बना कर उपयोग कर सकते हैं।  जिससे पेट में होने वाले कई रोगों से छुटकारा मिलता है। जूस हमारे स्वास्थ्य के फायदेमंद होते हैं।

हमारे शरीर को स्वास्थ्य रखने के कुच्छ टिप्स

जितना हो सके तेल वाले भोजन का सेवन करने से बचे, इनके लगातार सेवन से बहुत सारी बीमारियाँ हो सकती हैं।

पानी खूब पिएं :-

हमारे शरीर में पानी की मात्रा कम नहीं होनी चाहिए क्योंकि जिससे किडनी की समस्या, त्वचा संबंधी समस्या, उल्टी, बुखार और कई अन्य परेशानियां हो सकती है । पानी की सही मात्रा से ब्लड सर्कुलेशन भी बेहतर होता है, जितना हो सकते है उतना पानी पिएं।

उपवास करना हमारे शरीर के लिए बहुत फायदेमंद होते हैं। उपवास मोटापे को कम करता हैं। साथ ही बीमारी को दूर करने में मदद हो सकते हैं। उपवास के दोरान आप पानी पीते रहे है और फल खाते जिससे हमारे शरीर में ऊर्जा बनी रहें।

स्वस्थ भोजन हमारे जीवन में बहुत महत्वपूर्ण होता है, लेकिन आजकल स्वस्थ भोजन को कोई पूछता भी नहीं हैं। आज के इस लेख के माध्यम से हमने आपको स्वस्थ भोजन का हमारे जीवन में क्या महत्व होता है, उसके बारे में विस्तार से जानकारी दी हैं। इसलिए हम उम्मीद करते हैं, कि आपको आज का यह लेख अवश्य पसंद आया होगा।

आज के आर्टिकल में हमने  स्वस्थ भोजन पर निबंध ( Essay on Healthy Food in Hindi)   के बारे में बात की है। मुझे पूरी उम्मीद है की हमारे द्वारा लिखा गया यह आर्टिकल आपको पसंद आया होगा। यदि किसी व्यक्ति को इस आर्टिकल में कोई शंका है। तो वह हमें कमेंट में पूछ सकता है।

  • प्रातःकाल का भ्रमण निबंध
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Healthy Food in Hindi - जानिए स्वस्थ आहार के फायदे?

speech on nutrition in hindi

एक स्वस्थ आहार का पालन करना मुश्किल लग सकता है, लेकिन यह एक स्वस्थ जीवन बिताने के लिए महत्वपूर्ण है। शारीरिक गतिविधि के साथ पौष्टिक और अच्छी तरह से संतुलित भोजन अच्छे स्वास्थ्य की नींव है। स्वस्थ भोजन में उच्च गुणवत्ता वाली प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, हृदय- स्वस्थ वसा, विटामिन, खनिज और पानी शामिल होते हैं। एक स्वस्थ भोजन न केवल अच्छे स्वास्थ्य को बनाए रखने में मदद कर सकता है, बल्कि वजन बनाए रखने, थकान को कम करने, रोगों से दूर रहने और लंबे समय तक जीवित रहने में मदद करता है। इसके अलावा, आपके खाने वाले खाद्य पदार्थों में पोषक तत्व आपके दैनिक जीवन की गतिविधियों का समर्थन करते हैं, अपने कोशिकाओं को पर्यावरणीय क्षति से बचाते हैं, और किसी भी सेलुलर नुकसान की मरम्मत करते हैं।

वास्तव में, स्वस्थ भोजन करना मुश्किल नहीं है। बहुत से स्वस्थ खाद्य पदार्थ हैं जो स्वादिष्ट हैं, आसानी से उपलब्ध हैं और आपकी दैनिक पोषण संबंधी आवश्यकताओं को पूरा करने में मदद कर सकते हैं। यहाँ कुछ खाद्य पदार्थ हैं जो आप अपने दैनिक आहार में जोड़ सकते हैं: 1. सेब:  सेब फाइबर, एंटीऑक्सीडेंट और विटामिन सी में समृद्ध हैं। एंटीऑक्सिडेंट मुक्त कणों से लड़ने में मदद करते हैं। मुक्त कणिक शरीर में उत्पन्न हानिकारक पदार्थ हैं जो बुढ़ापे की प्रक्रिया में शामिल हैं और कुछ बीमारियों का कारण बन सकते हैं। 

2. अंडे: अंडे ग्रह पर सबसे अधिक पौष्टिक खाद्य पदार्थों में शामिल हैं। एक अंडे में केवल 75 कैलोरी होते हैं, लेकिन उच्च गुणवत्ता वाली प्रोटीन की 7 ग्राम, 5 ग्राम वसा और 1.6 ग्राम संतृप्त वसा, लोहा, विटामिन, खनिज, और कैरोटीनॉइड के साथ। अंडे लुटेन और ज़ेक्सैंटीन जैसे, रोगों से लड़ने वाले, पोषक तत्वों का एक पावरपैक है।

3. चिकन ब्रेस्ट: चिकन स्तन वसा और कैलोरी में कम है, लेकिन इसमें अधिक प्रोटीन है। यह कई अन्य पोषक तत्वों का भी एक बड़ा स्रोत है। इसके अलावा, अंडे जिम आहार के लिए बिल्कुल सही हैं।

4. एवोकैडो: एवोकैडो कार्बोहाइड्रेट के बजाय स्वस्थ वसा से भरा होता है। वे क्रीमयुक्त, स्वादिष्ट और फाइबर, पोटेशियम और विटामिन सी में उच्च हैं। इसे अपने सलाद में जोड़ने से बीटा कैरोटीन जैसी महत्वपूर्ण पोषक तत्वों का अवशोषण बढ़ सकता है।

5. बादाम: वे विटामिन ई, एंटीऑक्सिडेंट, मैग्नीशियम और फाइबर में समृद्ध हैं। अध्ययन बताते हैं कि बादाम आपको वजन कम करने और मानसिक स्वास्थ्य में सुधार करने में मदद कर सकते हैं।

6. ब्रोकोली: ब्रोकोली एक क्रसफेस सब्जी है जो कच्ची और पकाई दोनों को बहुत अच्छा बनाती है। यह फाइबर, विटामिन के और विटामिन सी का उत्कृष्ट स्रोत है, और इसमें अन्य सब्जियों की तुलना में प्रोटीन की अच्छी मात्रा होती है। यह फाइबर, विटामिन के और विटामिन सी का उत्कृष्ट स्रोत है, और इसमें अन्य सब्जियों की तुलना में प्रोटीन की अच्छी मात्रा भी होती है। 

7. लहसुन: लहसुन अविश्वसनीय रूप से स्वस्थ भोजन है। इसमें एलिकिन, शक्तिशाली जैविक प्रभावों के साथ एक बायोएक्टीव परिसर होता है, जिसमें सुधारित प्रतिरक्षा समारोह शामिल है। लहसुन एक शक्तिशाली रोग सेनानी है जो ई कोलाई जैसे बैक्टीरिया के विकास को रोक सकता है। एलिसिन, लहसुन में पाया गया एक यौगिक, एक शक्तिशाली विरोधी भड़काऊ के रूप में काम करता है, और इसे कम कोलेस्ट्रॉल और रक्तचाप के स्तरों में मदद करने के लिए जाना जाता है।

8. मछली और समुद्री भोजन: मछली और समुद्री भोजन में बहुत पौष्टिक होते हैं। वे विशेष रूप से ओमेगा -3 फैटी एसिड और आयोडीन में समृद्ध हैं, जो अन्यथा पर्याप्त मात्रा में प्राप्त करना कठिन है। सैल्मन एक प्रकार की ओइली मछली है, जो अविश्वसनीय रूप से अपने उत्कृष्ट स्वाद और प्रोटीन और ओमेगा -3 फैटी एसिड समेत उच्च पोषक तत्वों की वजह से लोकप्रिय है। इसमें कुछ विटामिन डी भी शामिल हैं। ट्यूना, ओएस्टर्स, झींगा आदि भी बहुत फायदेमंद हैं। 

9. जई: जई अविश्वसनीय रूप से स्वस्थ खाद्य पदार्थ हैं जो पोषक तत्वों के साथ भरी हुई हैं, और इसमें बीटा- ग्लूकन्स नामक शक्तिशाली फाइबर भी शामिल हैं। ओटमील, कोलेस्ट्रॉल और रक्तचाप के स्तर को बनाए रखने में मदद कर सकता है। ओटमील विटामिन बी, ओमेगा -3 फैटी एसिड, फोलेट, और पोटेशियम में भी बहुत समृद्ध है।

10. ब्लू बैरीज़: ब्लूबेरी फाइबर, एंटीऑक्सिडेंट्स और फ़्योन्यून्ट्रेंट्स में समृद्ध है। वे रोगों को रोकने और स्वस्थ रहने में मदद करते हैं।

11. डार्क चॉकलेट: डार्क चॉकलेट न केवल इस सूची में सबसे स्वादिष्ट भोजन है, बल्कि यह स्वास्थ्यप्रद भी हो सकता है। डार्क चॉकलेट फाइबर और मैग्नीशियम में समृद्ध है, और एंटीऑक्सीडेंट के सबसे शक्तिशाली स्रोतों में से एक है। 

12. गाजर: न केवल यह अत्यंत स्वादिष्ट और कुरकुरे है, लेकिन यह फाइबर और विटामिन के जैसे पोषक तत्वों और खनिजों का एक समृद्ध स्रोत है। गाजर में कैरोटीन भी होता है और दृष्टि के लिए अच्छी होती हैं।

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स्वस्थ आहार पर नारे | Slogans on Healthy Food in Hindi

Slogans on Healthy Food in Hindi

किसी भी व्यक्ति को स्वस्थ रखने में पोषक तत्वों से भरपूर संतुलित आहार महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, बिना स्वस्थ आहार लिए व्यक्ति कभी निरोगी और पूरी तरह स्वस्थ नहीं रह सकता है।

वहीं जो लोग पोषक तत्वों से भरा स्वस्थ आहार ग्रहण नहीं करते, वे लोग चारों तरफ से बीमारियों से घिर जाते हैं, और इसका परिणाम उन्हें जीवन भर भोगना पड़ता है।

वहीं आजकल ज्यादातर लोग संतुलित आहार की बजाय बाहर का जंक फूड खाना ज्यादा पसंद करते हैं, ज्यादातर विद्यार्थी आलस के चलते मैगी अथवा अन्य जंक फूड खाकर पेट भर लेते हैं और संतुलित आहार करना जरुरुी नहीं समझते हैं।

इसके साथ ही आजकल ऑफिस के काम के व्यस्तता के चलते ज्यादातर कामकाजी पति-पत्नी दोनों बाहर से खाना खाना पसंद करते हैं, जिससे बुरा प्रभाव उनके स्वास्थ्य पर पड़ता है, क्योंकि रोजाना उचित पोषक तत्व नहीं मिलने से व्यक्ति का शरीर दुर्बल होता जाता है,और धीमे-धीमे बीमारियों का शिकार होता जाता है।

इसलिए आजकल राशन की दुकानों से ज्यादा अस्पतालों में भीड़ देखने को मिलती है, वहीं इसका सबसे प्रमुख कारण संतुलित आहार नहीं लेना है।

संतुलित आहर लेने को लेकर लोगों को जागरूक करने के उद्देश्य से आज हम अपने अपने इस आर्टिकल में आपको कुछ स्वस्थ आहार पर नारे उपलब्ध करवा रहे हैं, जिसे पढ़कर न सिर्फ व्यक्ति अच्छी डाइट लेने के लिए जागरुक होंगे बल्कि वे एक सफल और स्वस्थ जीवन का निर्वहन कर सकेंगे।

स्वस्थ आहार पर नारे – Slogans on Healthy Food in Hindi

Poster on Healthy Food

“स्वस्थ संतुलित हो आहार, एनर्जी दे शरीर को अपार।

व्यक्ति का स्वास्थ्य सबसे बड़ा उपहार है, संतोष सबसे बड़ा धन है, वफ़ादारी सबसे बड़ा सम्बन्ध है।

Slogans on Healthy Food in Hindi

“फल सब्जी अनाज का सेवन बढ़ाएँ, फ़ास्ट फ़ूड से बचें और शरीर को स्वस्थ बनायें।

अब तो हर किसी का बस यही कहना, स्वस्थ रहना और सुखी रहना।

Healthy Food Habits Poster

“स्वस्थ भोजन का सेवन करें, और अपने शरीर को सेहतमंद रखें।

स्वस्थ शरीर की जिसने भी है ठानी, यही सिर्फ उसके बेहतर जीवन की निशानी।

Healthy Food Slogan Poster

“सुबह सवेरे भागों – कूदो, अपना स्वास्थ्य बनाओ, जंक फ़ूड को दूर भगाओ।

स्वस्थ रहना ही है मेरी कर्मपूजा, और  इससे बढ़कर कोई काम नहीं दूजा।

Healthy Food Quotes

“साफ़ सफाई पर ध्यान दें, भोजन संक्रमण रहित रखें।

कर्म ही है हर मनुष्य के जीवन का कर्तव्य, स्वस्थ हो तभी हासिल होगा उसका लक्ष्य।

Healthy Food Slogans

“आप जैसा खाते हैं वैसे ही होते हैं।

जब आप रखोगे अपना शरीर का पूरा ध्यान, तभी कर सकोगे बाकी सारे काम।

Quotes on Healthy Food in Hindi

एक स्वस्थ व्यक्ति ही अपने जीवन के लक्ष्यों को आसानी से हासिल कर, सफलता के पथ पर अग्रसर हो सकता है। वहीं स्वस्थ नागरिक किसी भी देश की सबसे बड़ी सम्पदा होते हैं, क्योंकि एक स्वस्थ व्यक्ति न सिर्फ अपने परिवार के विकास में मद्द करता हैं बल्कि देश के विकास में भी अपना महत्वपूर्ण योगदान देता है।

इसलिए हर व्यक्ति को स्वस्थ रहने के लिए संतुलित आहार लेना बेहद जरुरी है, वहीं जो लोग ऐसा नहीं करते हैं, वे न सिर्फ अपने स्वास्थ्य से खिलवाड़ कर खुद के जीवन को नर्क बनाते हैं, बल्कि अपने आसपास के वातावरण पर भी बुरा प्रभाव डालते हैं और देश के विकास में बाधा बनते हैं।

इसलिए स्वस्थ आहार पर लिखे गए कुछ स्लोगन के माध्यम से आप भी स्वस्थ आहार लेने के लिए प्रयास करिए और इन स्लोगन को सोशल मीडिया साइट्स पर ज्यादा से ज्यादा शेयर कर दूसरों को भी स्वस्थ रहने के लिए जागरुक करिए।

Healthy Food Quotes Images

“हाई कैलोरी भोजन लें, पर साथमें हर रोज व्यायाम करना कभी न भूलें।

हर किसी का है सिर्फ यही पक्ष, बेहतर स्वास्थ्य को बनाओ अपना लक्ष्य।

Healthy Food Slogans in Hindi

“सात्विक भोजन करने वालोँ से रोग हमेशा डरते हैं।

Healthy Food Quotes Sayings

“स्वस्थ आहार लें, अनेक बिमारियों से बचें।

जब स्वस्थ भोजन होगा, तभी तंदुरुस्त जीवन होगा।

Quotes on Healthy Food Habits

“जलवायु के अनुसार आहार करें, मौसमी सब्ज़ियों का उपयोग करें।

जो व्यक्ति अच्छे स्वास्थ्य का आनंद लेता है, वही सबसे अमीर, सुखी और समृद्ध होता है, भले ही वह इस बात से वाकिफ न हो।

Healthy Food Slogans

स्वस्थ जीवन जीने के महत्व को समझते हुए, सभी को आवश्यक विटामिन और पोषक तत्वों से भरपूर भोजन करना अपनी पहली प्राथमिकता बनानी चाहिए, क्योंकि स्वस्थ आहार ही आपको स्वस्थ जीवन दे सकता है।

अर्थात अस्वस्थ व्यक्ति का जीवन-जीवन नहीं बल्कि घोर दुख और आलस्य की अवस्था होती है,और मृत्यु का प्रतिबंब होता है, वहीं ऐसे व्यक्ति के पास अपार धन-दौलत सब-कछ होते हुए भी किसी काम की नहीं होती।

इसलिए स्वास्थ्य के प्रति हमेशा सजग रहो और अच्छे संतुलित भोजन को लेते रहो, इसके साथ ही स्वस्थ आहार पर लिखे गए इन स्लोगन को भी ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचाओं ताकि स्वस्थ भारत का निर्माण हो सके।

Quotes on Healthy Food Habits Hindi

“हमेशा करें स्वस्थ आहार का सेवन, श्रेष्ठ आरोग्य रहे हर क्षण।

बिल्कुल भी मत खाओ रखा हुआ खाना, तुम तो खाओ एकदम ताजा खाना।

Slogans on Healthy Food

“बाहर का भोजन कम करें, घर का भोजन ग्रहण करें।

बाहर का भोजन बिल्कुल भी मत खाओ, तुम तो सिर्फ संतुलित भोजन को अपनाओ।

Quotes on Healthy Food vs Junk Food

“शरीर को तुम बलवान बनाओ, समोसा और कोला दूर हटाओ।

घर का आहार है अमृत के सामान, और यह स्वास्थ्य के लिए भी है वरदान।

Healthy Food Quotes in Hindi

“कदम कदम बढ़ाये जा, जंक फ़ूड को भगाएं जा।

जीवन का है बहुत मोल,संतुलित आहार बनाएगा उसको अनमोल।

Healthy Eating Quotes Inspirational

“जैसा व्यक्ति का आहार हो, वैसा ही उसका विचार हो।

अच्छा स्वास्थ्य और अच्छी समझ, दोनों ही मनुष्य के जीवन के सबसे बड़़े आशीर्वाद हैं।

Healthy Food Status

“शरीर रहे तंदुरुस्त, सही आहार बनाये हमें चुस्त।

Healthy Food Habits for Kids

“हर रोज़ समय पर हो भोजन, ध्यान रखे यह बात जन-जन।

मनुष्य का स्वास्थ्य ही उसका सबसे बड़़ी पूंजी है।

More slogans:  

  • World Health Day
  • Slogan on cleanliness
  • Fitness Quotes
  • Slogans On Health

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5 thoughts on “स्वस्थ आहार पर नारे | Slogans on Healthy Food in Hindi”

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अच्छी बातें बताई है अपने वो भी कोट्स के माध्यम से

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Best slogans I have read so far, thanks for sharing.

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sir acche food quotes share kiye thanks

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lajawab in slogans ko jivan me follow karte rahena chahiye

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शुक्रिया शेख मुनीर जी, सही कहा आपने अगर इन स्लोगन को अपनी जिंदगी में उतार लिया जाए तो आप जीवन भर स्वस्थ रह सकते हैं।

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World Health Day Speech in Hindi : जानिए कैसे तैयार करें विश्व स्वास्थ्य दिवस पर भाषण

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  • Updated on  
  • अप्रैल 3, 2024

World Health Day Speech in Hindi

विश्व स्वास्थ्य दिवस हर साल 7 अप्रैल को मनाया जाता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) द्वारा इस दिन को अंतर्राष्ट्रीय स्वास्थ्य जागरूकता दिवस के रूप में माना जाता है। प्रत्येक वर्ष, विश्व स्वास्थ्य दिवस मनाकर, संगठन दुनिया भर के लोगों की चिंता के कुछ स्वास्थ्य विषयों पर ध्यान आकर्षित करने का प्रयास कर रहे हैं। जिसकी जानकारी रखना स्टूडेंट्स के लिए काफी महत्वपूर्ण है और कई बार स्कूलों और अन्य संस्थानों में स्वस्थ्य से जुड़े आयोजनों में स्वास्थ्य पर भाषण देने के लिए भी कहा जाता है। इसलिए इस ब्लॉग में हम World Health Day Speech in Hindi के बारे में बताएँगे।

This Blog Includes:

विश्व स्वास्थ्य दिवस के बारे में , विश्व स्वास्थ्य दिवस पर भाषण 100 शब्दों में , विश्व स्वास्थ्य दिवस पर भाषण 200 शब्दों में, स्पीच की शुरुआत में, स्पीच में क्या बोलें, स्पीच के अंत में, विश्व स्वास्थ्य दिवस पर भाषण कैसे तैयार करें , विश्व स्वास्थ्य दिवस पर 10 लाइन्स, विश्व स्वास्थ्य दिवस के बारे में रोचक तथ्य.

विश्व स्वास्थ्य संगठन दुनिया भर के लोगों को यह याद दिलाने के लिए हर साल 7 अप्रैल को विश्व स्वास्थ्य दिवस मनाता है कि हमारे स्वास्थ्य का ख्याल रखना कितना महत्वपूर्ण है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) द्वारा इस दिन को अंतर्राष्ट्रीय स्वास्थ्य जागरूकता दिवस माना जाता है। प्रत्येक वर्ष विश्व स्वास्थ्य दिवस पर, WHO लोगों को स्वस्थ रहने के बारे में अधिक जानने में मदद करने के लिए एक विशिष्ट विषय के साथ विभिन्न कार्यक्रम आयोजित करते है।

यह भी पढ़ें : World Health Day Essay in Hindi

100 शब्दों में World Health Day Speech in Hindi इस प्रकार है :

एक अच्छा जीवन जीने के लिए स्वस्थ रहना आवश्यक है जिसके लिए विश्व स्वास्थ्य दिवस मनाया जाता है। यह दिवस महत्वपूर्ण स्वास्थ्य मुद्दों को उजागर करने, स्वास्थ्य चुनौतियों का समाधान करने के लिए कार्रवाई करने और स्वास्थ्य समानता को बढ़ावा देने और सभी के लिए स्वास्थ्य सेवा तक पहुंच को बढ़ावा देने के उद्देश्य से काम करता है।

लोग यह दिखाने के लिए विश्व स्वास्थ्य दिवस मनाते हैं कि स्वस्थ रहना कितना महत्वपूर्ण है और इसके बारे में अधिक जानें। खुश रहने और अच्छा जीवन जीने के लिए स्वस्थ रहना वास्तव में महत्वपूर्ण है। हम जो कुछ भी करते हैं, जैसे काम पर जाना या स्कूल जाना, वह हमारे स्वास्थ्य से प्रभावित होता है। विश्व स्वास्थ्य दिवस हमें अपना ख्याल रखने और स्वस्थ तरीके से जीने की याद दिलाता है। जब हम स्वस्थ होते हैं, तो हम अपने काम या स्कूल में अच्छा प्रदर्शन कर सकते हैं, बीमार होने से दूर रह सकते हैं, भावनात्मक रूप से अच्छा महसूस कर सकते हैं और शारीरिक रूप से मजबूत हो सकते हैं। स्वस्थ रहने के लिए व्यायाम करना, स्वस्थ भोजन करना और अच्छी आदतें अपनाना महत्वपूर्ण है।

यह भी पढ़ें – April Important Days in Hindi : यहाँ देखिए अप्रैल 2024 के महत्वपूर्ण दिनों की पूरी लिस्ट

200 शब्दों में World Health Day Speech in Hindi इस प्रकार है :

जीवन में कई चीजों का प्राथमिक कारण स्वास्थ्य है, जैसे काम, तनाव, विचार आदि। यदि कोई व्यक्ति स्वस्थ है, तो वह अपनी नौकरी या काम में अच्छा प्रदर्शन करेगा, वह कई बीमारियों से मुक्त रहेगा, वह भावनात्मक रूप से शांत और स्वस्थ।

अच्छे स्वास्थ्य के लिए स्वस्थ आहार, पोषण और व्यायाम का ध्यान रखना चाहिए। स्वास्थ्य के महत्व को समझने और लोगों का ध्यान स्वास्थ्य की ओर आकर्षित करने के लिए हर साल 7 अप्रैल को दुनिया भर में विश्व स्वास्थ्य दिवस मनाया जाता है। स्वास्थ्य हर किसी के लिए महत्वपूर्ण है, खासकर बच्चों के लिए। बच्चे अधिकांश समय किंडरगार्टन, प्रीस्कूल और स्कूल में बिताते हैं। कई बीमारियाँ संक्रामक होती हैं और जब वे अन्य स्कूली छात्रों के आसपास होते हैं तो वे आसान शिकार बन जाते हैं।

दुनिया भर में बीमारियों और बीमारियों की बढ़ती संख्या के कारण विश्व स्वास्थ्य दिवस की आवश्यकता महसूस की गई है। हर साल कभी-कभार कोई न कोई नई बीमारी सामने आ जाती है, जिससे लोगों में डर पैदा हो जाता है। विश्व स्वास्थ्य दिवस गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं को संबोधित करता है और ऐसी महामारी पर अंकुश लगाने के लिए हर साल एक स्पष्ट विषय बनाता है। इन विषयों को ध्यान में रखते हुए, इस दिन दुनिया भर में कई कार्यक्रमों और सेवाओं का समन्वय किया जाता है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि स्वास्थ्य देखभाल हर इंसान तक पहुंचे।

यह भी पढ़ें : Stephen Hawking Speech in Hindi : जानिए कैसे तैयार करें स्टीफन हॉकिंग पर स्पीच

विश्व स्वास्थ्य दिवस पर भाषण 400 शब्दों में

400 शब्दों में World Health Day Speech in Hindi इस प्रकार है :

विश्व स्वास्थ्य दिवस हर साल 7 अप्रैल को मनाया जाता है। डब्ल्यूएचओ द्वारा इस दिन को अंतर्राष्ट्रीय स्वास्थ्य जागरूकता दिवस माना जाता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन संयुक्त राष्ट्र के उन संगठनों में से एक है जिसका उद्देश्य स्वास्थ्य को बढ़ावा देना है। प्रत्येक वर्ष, विश्व स्वास्थ्य दिवस मनाकर, संगठन दुनिया भर के लोगों की चिंता के कुछ स्वास्थ्य विषयों पर ध्यान आकर्षित करने का प्रयास कर रहे हैं।

आज की दुनिया में इतनी सारी बीमारियों से दूर और स्वस्थ रहने की आवश्यकता बहुत महत्वपूर्ण है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार स्वास्थ्य पूरी तरह से शारीरिक, मानसिक और सामाजिक कल्याण की स्थिति है, न कि केवल बीमारी या दुर्बलता की अनुपस्थिति। WHO अंतरराष्ट्रीय और राष्ट्रीय स्तर पर विभिन्न स्वास्थ्य मुद्दों से संबंधित लोगों को जागरूक करने के लिए जागरूकता कार्यक्रम और जन अभियान चलाता है।

विश्व स्वास्थ्य संगठन व्यक्तियों से स्वास्थ्य से संबंधित अपनी परेशानियों को बताने के लिए कहता है। विश्व स्वास्थ्य दिवस पर, लोग जागरूकता फैलाने और स्वस्थ जीवन शैली की आवश्यकता का खुलासा करने के लिए बड़े पैमाने पर अभियान चलाने के लिए कई स्वास्थ्य संगठनों के साथ जुड़ते हैं। पहली विश्व स्वास्थ्य सभा जिसने स्वास्थ्य के महत्व की सराहना करते हुए एक वार्षिक उत्सव आयोजित करने का निर्णय लिया, वह 1950 में आयोजित की गई थी। तब से, हर साल 7 अप्रैल को स्वास्थ्य के मूल्य पर जानकारी फैलाने के लिए यह दिन मनाया जाता है।

विश्व स्वास्थ्य दिवस पर दुनिया भर के लगभग सभी स्वास्थ्य संगठन विभिन्न स्वास्थ्य अधिकारियों और प्रतिनिधियों की भागीदारी के साथ जागरूकता कार्यक्रम आयोजित करते हैं। हर साल, विश्व स्वास्थ्य संगठन स्वास्थ्य मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करता है जिनके लिए तत्काल कार्रवाई की आवश्यकता होती है। विश्व स्वास्थ्य दिवस की थीम हर साल अपडेट की जाती है और इस साल 2004 में इस दिवस की थीम  “मेरा स्वास्थ्य, मेरा अधिकार” है।

यह भी पढ़ें : Speech on National Safety Day in Hindi : राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस पर ऐसे लिखें 100, 200 और 500 शब्दों में स्पीच

भारत में किसी भी तरह का आयोजन हो और उसमे भाषण न दिया जाए ऐसा हो हे नहीं सकता क्योंकि हर आयोजनों का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा उस दिन दिया जाने वाला भाषण होता है। इसलिए यहाँ हम World Health Day Speech in Hindi को कैसे तैयार करें के बारे जानेंगे : 

  • विश्व स्वास्थ्य दिवस के बारे में अच्छे से रिसर्च कर लें। 
  • अपने भाषण में सरल शब्दों का चयन करें। 
  • समय का ध्यान रखते हुए अपने भाषण में आगे बढ़ना चाहिए। 
  • अपने भाषण में भाषा के महत्व को देखना है कि आप जहां बोल रहे हैं, वहां हिंदी सही रहेगी या इंग्लिश। 
  • भाषण की शुरुआत में स्वास्थ्य के महत्व के बारे में बता सकते हैं। 
  • भाषण में विश्व स्वास्थ्य दिवस से जुड़े तथ्य बता सकतें है। 
  • भाषण तैयार करते समय यह जानना जरूरी है कि लोगों पर इसका क्या असर रहेगा और यह हमारे लिए कैसे फायदेमंद रहेगी।
  • भाषण में अपने विषय से भटकना नहीं चाहिए। 

यह भी पढ़ें : Mental Health in Hindi: जानिए यह क्यों आवश्यक है और इसे कैसे करें दुरुस्त?

World Health Day Speech in Hindi पर 10 लाइन्स यहाँ दी गई हैं : 

  • विश्व स्वास्थ्य दिवस एक विशेष दिन है जो हर साल 7 अप्रैल को होता है। 
  • यह एक ऐसा दिन है जब दुनिया भर के लोग महत्वपूर्ण स्वास्थ्य विषयों के बारे में सीखते हैं और बात करते हैं। 
  • विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की स्थापना भी इसी दिन हुई थी। 
  • इस वर्ष विश्व स्वास्थ्य दिवस की थीम “मेरा स्वास्थ्य, मेरा अधिकार” है। 
  • 1948 में WHO द्वारा स्वास्थ्य को लेकर पहली बैठक आयोजित की गई थी। 
  • भारत में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन नामक एक कार्यक्रम है जो शहरों और ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों को उनके स्वास्थ्य में मदद करता है। 
  • कई स्कूल और कॉलेज छात्रों को स्वस्थ रहने के बारे में सिखाने के लिए विश्व स्वास्थ्य दिवस पर गतिविधियाँ करते हैं। 
  • जश्न मनाने और जागरूकता बढ़ाने के लिए परेड, विज्ञापन और नाटक जैसे कार्यक्रम भी होते हैं। 
  • कुछ स्थानों पर स्वास्थ्य मेले भी लगते हैं जहाँ लोग निःशुल्क जाँच करा सकते हैं। 
  • इस दिन WHO द्वारा दवाएँ अधिक सस्ती कराई जाती हैं और लोगों को स्वस्थ रहने में मदद करने के लिए अस्पतालों में विशेष परीक्षण होते हैं।

यह भी पढ़ें – Health Quotes in Hindi : पढ़िए स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करने वाले प्रेरक विचार, जो आपके बेहतर स्वास्थ्य के लिए आपको प्रेरित करेंगे

WHO की ऑफिसियल वेबसाइट के अनुसार विश्व स्वास्थ्य दिवस से जुड़े रोचक तथ्य यहाँ बताए गए हैं : 

  • विश्व स्तर पर, स्वास्थ्य और सामाजिक कार्यबल में 70% महिलाएँ हैं। नर्सें और दाइयां इसके एक बड़े हिस्से का प्रतिनिधित्व करती हैं। 
  • नर्सें और दाइयां हर जगह लोगों की देखभाल करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं, जिसमें महामारी के समय और नाजुक या संघर्षपूर्ण माहौल भी शामिल है।
  • दाइयों में अधिक निवेश करना, जो मातृ एवं नवजात स्वास्थ्य के साथ-साथ परिवार नियोजन के लिए महत्वपूर्ण हैं, आज होने वाली सभी मातृ मृत्यु, मृत जन्म और नवजात शिशु मृत्यु में से 80% से अधिक को रोका जा सकता है। और जब एक दाई या दाइयों का समूह गर्भावस्था से लेकर प्रसवोत्तर अवधि के अंत तक देखभाल प्रदान करता है, तो लगभग एक चौथाई समय से पहले जन्म को रोका जा सकता है।

                                                          सम्बंधित आर्टिकल्स 

विश्व स्वास्थ्य दिवस 2024 की थीम “मेरा स्वास्थ्य, मेरा अधिकार” है। 

विश्व स्वास्थ्य दिवस हर साल 7 अप्रैल को मनाया जाता है। 

विश्व स्वास्थ्य दिवस एक वार्षिक वैश्विक स्वास्थ्य जागरूकता दिवस है जो स्वास्थ्य संबंधी मुद्दों के बारे में जागरूकता बढ़ाने और स्वस्थ जीवन को बढ़ावा देने के लिए मनाया जाता है।

7 अप्रैल को विश्व स्वास्थ्य दिवस मनाया जाता है।

आशा है कि इस ब्लाॅग में आपको World Health Day Speech in Hindi (विश्व स्वास्थ्य दिवस पर भाषण) से जुड़ी पूरी जानकारी मिल गई होगी। इसी तरह के अन्य ट्रेंडिंग आर्टिकल्स पढ़ने के लिए Leverage Edu के साथ बने रहें।

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Essay, Paragraph or Speech on “Health and Nutrition” Complete Essay, Speech for Class 10, Class 12 and Graduation and other classes.

Health and Nutrition

The World Health Organization defines health as a state of complete physical, mental and social well-being, and not merely the absence of disease or infirmity’; and nutrition as an input to and foundation for health and development

A healthy body is a healthy adage that has stood the test of time. Nutrition is the most important factor in maintaining and keeping good health Nutrition begins with food and includes everything that the body needs in order to live i.e. function and grow. Food that one eats regularly constitutes our diet. Dietary habits are habitual decisions an individual or culture makes. Although humans are omnivores, each culture holds some food preferences and some food taboos. Individual dietary choices may be more or less healthy. The choice of food may also vary according to an individual’s genetic makeup, environment and health. For a significant section of the population, lack of food and malnutrition are the main impediments to healthy eating. Conversely, amongst the affluent, obesity is a larger concern.

Healthy nutrition, basically, is eating wholesome and balanced food from all the basic food groups; which consist of dairy group, poultry group, grains and pulses group, fruits and vegetables group, and some from fats, oils and sweets group, so as to get a healthy mix of proteins, carbohydrates, fats, vitamins and minerals., proteins are needed as the building blocks and for the chemical machinery of the human body, carbohydrates for immediate fuel and energy, fats for long-term storage of fuel and energy, vitamins e.g. A, B-complex, C, D, E, K) and minerals (e.g. calcium, magnesium, potassium, phosphorus, iron, zinc, sodium) for maintaining good health. It is equally important to drink an adequate quantity of water, a guideline says eight glasses a day; and proper ingestion and absorption of essential food materials in the body. A good nutrition should be part of an overall healthy lifestyle including regular exercise, not smoking and not drinking alcohol because food alone is not the solution to a longer and healthier life.

Healthy eating is also an important part of personal well-being as it drastically improves physical fitness, allows one to feel better and does wonders to personal health does not mean adopting a strict diet or giving up certain Preferred foods, but limiting the fattening and harmful foods such as white-flour products, processed foods, solid hydrogenated fats, sweets and fast food .Eating wrong could be deadly. Heart disease, cancer, stroke and diabetes have been directly linked to the way people eat, Eating habits can even influence some of the genetic problems e.g. the gradual bone thinning that result in osteoporosis which may be controlled if enough calcium is consumed, adequate vitamin-D levels are maintained, and weight-bearing exercises form a regular feature. Similarly, possibility of genetically predisposed diabetes and coronary heart disease could be reduced by avoiding obesity and adopting a healthy regime of diet and physical exercise.

That infection and malnutrition are related is well known. Better nutrition means stronger immune system, less illness and better health. Healthy children learn much better, healthy people are stronger. They are more productive and more adept at utilizing opportunities to gradually overcome poverty and hunger in a sustainable way.

Although death is inevitable; extending life through good health is possible. Nutrition is the key to health and longevity. ‘Aging’ is contributed by compounds called free radicals which attach themselves to health cells making them to lose their structure and function. Inclusion of antioxidants, readily available through many fruits and vegetables, in the diet could delay this process.

 Let “Food be our Medicine’ and not let ‘Medicine become our Food.’

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commentscomments

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This was a very dood speech. 😊😊😊😇😇😌😌😌😌😌

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Thank you so much. It’s really a great essay for me, I search on google at every part but as awesome as this essay I can’t find. Really all the best for ur next essay or paragraph. Keep it up. Always shine like a bright star⭐

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Great information. Wonderful rani

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thx dude it’s too cool

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