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प्लास्टिक प्रदूषण पर निबंध (Plastic Pollution Essay in Hindi)

प्लास्टिक प्रदूषण हमारे पर्यावरण को काफी तेजी से नुकसान पहुंचा रहा है। प्लास्टिक पदार्थो से उत्पन्न कचरे का निस्तारण काफी कठिन होता है और पृथ्वी पर प्रदूषण में भी इसका काफी अहम योगदान है, जिससे यह एक वैश्विक चिंता का विषय बन गया है। प्लास्टिक बैगों, बर्तनो और फर्नीचर के बढ़ते इस्तेमाल के वजह से प्लास्टिक के कचरे में काफी वृद्धि हुई है, जिससे प्लास्टिक प्रदूषण जैसी भीषण समस्या उत्पन्न हो गयी है। यह वह समय है जब हमे इस समस्या पर गंभीरतापूर्वक विचार करते हुए, इसके समाधान के लिये प्रयास शुरु करने होंगे।

प्लास्टिक प्रदूषण पर छोटे तथा बड़े निबंध (Short and Long Essay on Plastic Pollution in Hindi, Plastic Pradushan par Nibandh Hindi mein)

निबंध – 1 (300 शब्द).

प्लास्टिक प्रदूषण प्लास्टिक के कचरे से उत्पन्न होता है, आज के समय में यह विकराल रुप धारण कर चुका है और दिन-प्रतिदिन यह बढ़ता ही जा रहा है। यह हमारे इस खुबसूरत ग्रह पे भी कई प्रकार के नकारात्मक प्रभाव डालता है, जिससे यह जनजीवन के लिये एक गंभीर संकट बन गया है, यही कारण है कि आज प्लास्टिक प्रदूषण एक वैश्विक चिंता का विषय बना हुआ है।

प्लास्टिक प्रदूषण को कैसे रोके

इन दो उपायो का अपने दैनिक जीवन में अपनाकर हम प्लास्टिक प्रदूषण को कम करने में महात्वपूर्ण भूमिका निभा सकते है।

  • उपयोग ना करके/ अन्य विकल्पो को अपनाकर

प्लास्टिक प्रदूषण को रोकने के लिये सबसे महात्वपूर्ण कदम यह है कि हमें प्लास्टिक के उपयोग से बचना चाहिये।

क्योंकि अब हम इनके उपयोग के आदि हो चुके है तथा यह काफी सस्ते भी है, इसलिये हम इनके उपयोग को पूरी तरह से बंद नही कर सकते है। हालांकि हम उन प्लास्टिक उत्पादो के उपयोग को आसानी से बंद कर सकते है, जिनके इको-फ्रैंडली विकल्प उपलब्ध है। जैसे कि उदहारण के लिये , बाजार से सामान खरीदते समय हम प्लास्टिक बैग के जगह हम जूट, कपड़े या पेपर से बने बैगों का इस्तेमाल कर सकते है। ठीक इसी तरह पार्टियो और उत्सवो के दौरान हम प्लास्टिक के बर्तन और अन्य सामानो का उपयोग के जगह हम स्टील, कागज, थर्माकोल या अन्य उत्पादो से वस्तुओ का उपयोग कर सकते है, जिनका आसानी से पुनरुपयोग और निस्तारण किया जा सके।

यदि आप प्लास्टिक बैगों और प्लास्टिक से बने अन्य वस्तुओ का उपयोग नही बंद कर सकते तो कम से कम उन्हे फेंकने से पहले जितनी बार भी हो सके उनका पुनरुपयोग करे। प्लास्टिक बैगों और सामानो का उपयोग करके उन्हे फेंक देना लगभग हमारी आदत सा बन चुका है, जबकि यदि हम चाहे तो फेंकने से पहले हम इनका पुनरुपयोग कर सकते है, इस लिये यह काफी आवश्यक है कि हम फेंकने से पहले इनका पुनरुपयोग करे। इस प्रकार से हम प्लास्टिक कचरे को कम करने में और प्लास्टिक प्रदूषण के रोकथाम में अपनी महात्वपूर्ण भूमिका निभा सकते है।

निष्कर्ष यह वह समय है जब हमें एक साथ मिलकर प्लास्टिक प्रदूषण जैसे इस भयावह दानव का सामना करने की आवश्यकता है। अगर हम सभी इन बताये गये उपयो को अपना ले तो हम प्लास्टिक प्रदूषण के स्तर को कम करके आसानी से इसपर काबू पा सकते है।

निबंध – 2 (400 शब्द)

आज के समय में प्लास्टिक प्रदूषण पर्यावरण के लिये एक गंभीर संकट बन गया है और आने वाले समय में यह और भी ज्यादे भयावह होने वाला है। इस प्रदूषण के कई कारण है तथा इसके नकरात्मक प्रभावो की संख्या उससे भी ज्यादे है।

प्लास्टिक प्रदूषण के कारण

1.किफायती और उपयोग में आसान प्लास्टिक सबसे ज्यादे इस्तेमाल किये जाने वाले पदार्थो में से एक है इससे डब्बे, बैग, फर्नीचर और अन्य कई उत्पाद बनाये जाते है क्योंकि किफायती होने के साथ इन्हे किसी भी आकार में ढाला जा सकता है। प्लास्टिक के वस्तुओं के बढ़ते उपयोग के कारण ही प्लास्टिक प्रदूषण जैसी गंभीर समस्या उत्पन्न हुई है।

2.नान-बायोग्रेडबल

प्लास्टिक से उत्पन्न कचरा दिन-प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है, क्योंकि प्लास्टिक एक नान- बायोडिग्रेडबल पदार्थ है इसलिये यह जल और भूमि में विघटित नही होता है। यह वातावरण में सैकेड़ो वर्षो तक बना रहता है, जिससे यह भूमि, जल और वायु प्रदूषण का कारण बनता है

3.प्लास्टिक क्षय होता है परंतु विघटित नही होता है

प्लास्टिक बैग और प्लास्टिक से बने अन्य उत्पाद छोटे-छोटे टुकड़ो में टूट जाते है तथा मिट्टी और पानी के स्त्रोतो में मिल जाते है, जिससे प्लास्टिक प्रदूषण की समस्या उत्पन्न होती है।

प्लास्टिक प्रदूषण के प्रभाव              

इन बताये गये तरीको से प्लास्टिक प्रदूषण हमारे पर्यावरण और पृथ्वी के जनजीवन पर प्रभाव डालता है।

1.जल को प्रदूषित करता है

प्लास्टिक से उत्पन्न कचरा पानी के स्त्रोतो जैसे कि, नदियो, समुद्रो तथा महासागरो में मिल जाता है और इन्हे बुरे तरीके से प्रभावित करता है। यही पानी हमारे उपयोग के लिये हम तक पहुंचाया जाता है, इससे कोई भी फर्क नही पड़ता कि हम इन्हे कितना भी छाने यह उपने वास्तविक अवस्था में कभी वापस नही आ सकता और इस पानी के उपयोग से हमारे स्वास्थ्य पर भी नकरात्मक प्रभाव पड़ता है।

2.भूमि को प्रदूषित करता है

भारी मात्रा में प्लास्टिक से उत्पन्न होने वाले कचरे का लैंडफिलो में निस्तारण किया जाता है। इसके अलावा हवा द्वारा उड़ा लिये जाने पर प्लास्टिक के छोटे-छोटे टुकड़े एक स्थान से उड़कर दूसरे स्थान पर पहुंचा दिये जाते है और प्लास्टिक के यह टुकड़े हानिकारक रसायन उत्पन्न करते है जोकि मिट्टी के गुण तथा  उर्वरकता को नष्ट कर देता है। यह पेड़-पौधो के वृद्धि को भी प्रभावित करता है, इसके अलावा बेकार पड़े हुए प्लास्टिक से मच्छर और अन्य तरह के कीड़े उत्पन्न होते है जो कई तरह की बिमारिया फैलाते है।

3. समुद्री जीवन के लिये खतरा

प्लास्टिक बैग और अन्य प्लास्टिक कचरे जोकि नदियो और समुद्रो में पहुंच जाते है। उसे समुद्री जीवो द्वारा भ्रमवश अपना भोजन समझकर खा लिया जाता है, जिससे वह बिमार पड़ जाते है।

4.पशुओ के लिये हानिकारक

ज्यादेतर छुट्टा पशुओं द्वारा कचरे में फेका गया खाना खाया जाता है। वह प्लास्टिक बैगों को अपने खाने के साथ खा लेते है, जो उनके आंतो में फंस जाता है, जिससे अंत में या तो उनकी मृत्यु हो जाती है या फिर उनके अंदर कई गंभीर बिमारीयां उत्पन्न कर देता है।

प्लास्टिक प्रदूषण विश्व भर के लिए एक गंभीर चिंता का विषय है। हमारे द्वारा की जाने वाली लापरवाहियो के कारण यह और भी बढ़ता जा रहा है। यह वह समय है जब हमे इसके समाधान के लिये कठोर फैसले लेने की आवश्यकता है।

Essay on Plastic Pollution in Hindi

निबंध – 3 (500 शब्द)

प्लास्टिक प्रदूषण पूरे विश्व के लिए एक चिंताजनक विषय बन गया है। कई सारे देशो के सरकारो द्वारा इस मुद्दे को लेकर प्लास्टिक बैगों पर प्रतिबंध जैसे कड़े फैसले लिये जा रहे है। इसके बाद भी इस समस्या का समाधान तभी संभव है जब हम सभी इस समस्या को लेकर जागरुक हो और इसे रोकने में अपना योगदान दे।

सरकार द्वारा कड़े फैसले लेने की आवश्यकता

यह वह समय है जब सरकार द्वारा इस समस्या से लड़ने के लिये कड़े फैसले लेने की आवश्यकता है। यह कुछ जरुरी कदम है जिनका आवश्यक रुप से पालन किया जाना चाहिए।

  • प्लास्टिक उत्पादन पर नियंत्रण करके

प्लास्टिक वस्तुओं के बढ़ते मांग के कारण, विश्व भर में प्लास्टिक का उत्पादन बढ़ता जा रहा है। सरकार को अब किसी नयी संस्था को प्लास्टिक उत्पादन की मंजूरी नही देनी चाहिये, जिससे प्लास्टिक के उत्पादन को नियंत्रित किया जा सके।

  • प्लास्टिक के वस्तुओ पर प्रतिबंध

कई देशो के सरकारो द्वारा प्लास्टिक बैग के उपयोग प्रतिबंधित कर दिया गया है क्योंकि इनके द्वारा ही सबसे ज्यादे मात्रा में प्लास्टिक प्रदूषण फैलाया जाता है। हालांकि भारत जैसे कुछ देशो में इन प्रतिबंधो को सही ढंग से लागू नही किया गया है। इसके लिये सरकार को प्लास्टिक बैग के उपयोग को रोकने के लिये कड़े फैसले लेने की आवश्यकता है।

  • जागरुकता फैलाकर

इसके साथ ही लोगो में प्लास्टिक कचरे के पर्यावरण पर नकरात्मक प्रभाव को लेकर लोगो में जागरुकता फैलाने की भी आवश्यकता है। यह कार्य टेलीविजन और रेडियो विज्ञापनो, होर्डिगों तथा सोशल मीडीया के माध्यमों से आसानी से किया जा सकता है।

  • प्लास्टिक प्रदूषण को कम करने के कुछ अन्य आसान उपाय

यहा प्लास्टिक प्रदूषण को कम करने के कुछ अन्य उपाय आसान बताये गये, जिनको अपनाकर प्लास्टिक प्रदूषण को कम करके वातावरण को स्वच्छ रखा जा सकता है।

  • प्लास्टिक बैगों का उपयोग ना करके

पलास्टिक बैग टूटकर छोटे-छोटे टुकड़ो में विभक्त होकर पानी के स्रोतों में मिल जाता है जिससे यह मिट्टी में मिलकर पेड़-पौधो की वृद्धि पर भी नकरात्मक प्रभाव डालता है। इसके साथ ही यह जलीय जीवन पर भी हानिकारक प्रभाव डालता है। ज्यादेतर यह बैग किराने का सामान लाने के लिए उपयोग किये जाते है यदि हम चाहे तो आसानी से इनका उपयोग बंद करके पुनरुपयोग होने वाले कपड़े के बैगों को अपना सकते है।

  • बोतलबंद पानी का उपयोग बंद करके

बोतलबंद पानी प्लास्टिक के बोतलो और ग्लासो में आता है। यह खराब पानी के बोतल और ग्लास, प्लास्टिक प्रदूषण में अहम भूमिका निभाते है। एक जिम्मेदार नागरिक होने के नाते यह हमारा कर्तव्य है कि हम बोतलबंद पानी को खरीदना बंद कर दे और इसके बजाय अपने खुद के पानी के बोतलो का इस्तेमाल करे।

  • बाहर का खाना मंगाना बंद करके

ज्यादेतर बाहर का खाना प्लास्टिक के डिब्बो में पैक करके दिया जाता है, जोकि प्लास्टिक से उत्पन्न होने वाले कचरे का कारण बनता है। इसलिये रेस्तरां से खाना मंगाने के जगह हमें घर का बना हुआ भोजन करना चाहिये, जोकि हमारे स्वास्थ्य और पर्यावरण दोनो के लिये ही अच्छा है।

बहुत सारी रिसायकलिंग कंपनियां इस्तेमाल किये हुए प्लास्टिक के डिब्बे, बोतल, और अन्य चीजे लेती है, तो इन्हे फेंकने के बजाय हमें इन चीजो को इन रीसायकलिंग कंपनियो को दे देना चाहिये।

  • किराने का सामान थोक में खरीदकर

किराने के छोटे-छोटे कई पैकेटो को खरीदने से अच्छा है कि हम एक बड़ा पैकेट खरीद ले क्योकि ज्यादेतर यह चीजे प्लास्टिक के छोटे-छोटे पन्नीयो या डिब्बो में पैक होते है, इस तरीके को अपनाकर भी हम प्लास्टिक के कचरे में कमी ला सकते है।

प्लास्टिक से उत्पन्न होने वाले कचरे का निस्तारण और इसकी बढ़ती मात्रा एक चुनौती बनते जा रही है, जिससे प्लास्टिक प्रदूषण जैसी समस्या ने इतना भयावह रुप धारण कर लिया है। इन दिये गये कुछ आसाना और दिर्घकालिक उपायो से हम प्लास्टिक प्रदूषण के स्तर को कम करने में अपनी सराहनीय भूमिका निभा सकते है।

निबंध 4 (600 शब्द)

प्लास्टिक प्रदूषण की समस्या दिन-प्रतिदिन बढ़ते ही जा रही है। शोधों से पता चला है कि पिछले दो दशको में प्लास्टिक का उपयोग काफी तेजी से बढ़ा है। प्लास्टिक इस्तेमाल करने में काफी आसान और किफायती भी होता है यही वजह है कि लोगो के बीच प्लास्टिक से बने उत्पाद इतने लोकप्रिय है। लोगो की बढ़ती मांगो को देखते हुए प्लास्टिक के उत्पाद बनाने वाली कंपनियों के संख्या में तेजी से वृद्धि हुई है। जितना ज्यादे प्लास्टिक इस्तेमाल होता है, इससे उतना ज्यादे कचरा भी इकठ्ठा होता है, जिससे प्लास्टिक प्रदूषण जैसी खतरनाक समस्या उत्पन्न हो जाती है। यह जनजीवन पर संकट बढ़ाने के साथ ही कई तरह के बीमारीयो को भी जन्म देता है।

प्लास्टिक उत्पादनः उपयोगी संसाधनो का दोहन

प्लास्टिक के निस्तारण के साथ-साथ ही इसका उत्पादन भी उतनी ही गंभीर समस्या है। प्लास्टिक के निर्माण में कई तरह के जीवाश्म ईंधनो जैसे की तेल और पेट्रोलियम आदि का उपयोग किया जाता है। यह जीवाश्म ईंधन गैर-नवकरणीय संसाधन होते है और इन्हे प्राप्त करना भी काफी कठिन होता है, इन जीवाश्म ईंधनो को निकालने में काफी निवेश और संसाधनो की आवश्यकता होती है और यदि हम इसी तरह प्लास्टिक उत्पादन में इनका उपयोग करते रहेगे तो वह दिन दूर नही है जब ये समाप्त हो जायेगे, जिससे हमारे बाकी के जरुरी काम भी ठप पड़ जायेंगे।

समुद्री जीवनः प्लास्टिक प्रदूषण से सबसे बुरी तरह से प्रभावित

प्लास्टिक बैग और अन्य प्लास्टिक के कण हवा तथा पानी द्वारा समुद्रो, महासागरो और अन्य पानी के स्रोतों में मिला दिये जाते है। वह लोग जो पिकनिक और कैपिंग के लिये जाते है, उनके द्वारा भी प्लास्टिक बोतलो और पैकटो के द्वारा प्लास्टिक प्रदूषण फैलाया जाता है।

यह सब नदीयों और समुद्रों में पहुंच जाता है, जिससे समुद्री जीवो के लिये एक गंभीर संकट उत्पन्न हो जाता है, क्योकि निरीह जीवो द्वारा इन प्लास्टिको को अपना भोजन समझकर खा लिया जाता है। जिससे मछलियों, कछुओं और अन्य समुद्री जीवो के स्वास्थ्य पर गंभीर संकट उत्पन्न हो जाता है। प्रतिवर्ष कई समुद्री जीव प्लास्टिक प्रदूषण की समस्या इस से अपनी जान गवा बैठते है और शोधकर्ताओं का दावा है कि आने वाले समय में इस संख्या में और इजाफा होने वाला है।

प्लास्टिक प्रदूषणः मानव और पशुओं के लिये एक खतरा

समुद्री जीवो की तरह ही, छुट्टा पशुओ द्वारा भी कूड़े में इधर-उधर बिखरे प्लास्टिक को भोजन समझकर खा लिया जाता है। कई बार इन पशुओं द्वारा काफी ज्यादे मात्रा में प्लास्टिक में खा लिया जाता है जोकि उनके आंतो में फंस जाता है, जिससे की उनकी मृत्यु हो जाती है। प्लास्टिक का कचरा समय बितने के साथ ही और भी ज्यादे खराब होता जाता है, जिससे यह मच्छर, मख्खियों, और दुसरे किड़ो के पनपने लिये एक अच्छा निवास स्थान बन जाता है, जोकि विभिन्न प्रकार के बिमारियों का कारण बनती है।

प्लास्टिक से उत्पन्न हुआ कचरा हमारे नदियों तथा पानी पीने के अन्य स्रोतों को भी दूषित कर रहा है। प्लास्टिक प्रदूषण के कारण हमारे पीने के पानी की गुणवत्ता दिन-प्रतिदिन खराब होती जा रही है, जिसेस इस पानी को पीने के कारण कई सारी बिमारीयां उत्पन्न हो रही है।

प्लास्टिक प्रदूषण से निपटने के लिये सामूहिक प्रयास

प्लास्टिक पदार्थो का निस्तारण करना काफी चुनौतिपूर्ण कार्य है। जब प्लास्टिक का कचरा लैंडफिलो या पानी के स्रोतों में पहुंच जाता है तब यह एक गंभीर संकट बन जाता है। लकड़ी और कागज की तरह हम इसका दहन करके भी इसे समाप्त नही कर सकते। क्योंकि प्लास्टिक के दहन से इससे कई सारी हानिकारक गैसे उत्पन्न होती है, जोकि पृथ्वी के वातावरण और जनजीवन के लिये काफी हानिकारक हैं। इस वजह से प्लास्टिक वायु, जल तथा भूमि तीनो तरह के प्रदूषण फैलाता है।

हम चाहे जितना भी प्रयास कर ले परन्तु प्लास्टिक उत्पादो के उपयोग को पूर्ण रुप से बंद नही कर सकते पर हम चाहे तो निश्चित रुप से इसके उपयोग को कम जरुर कर सकते है। प्लास्टिक से बने कई उत्पाद जैसे कि प्लास्टिक बैग, डिब्बे, ग्लास, बोतल, आदि की जगह हम आसनी से पर्यावरण के अनुकूल अन्य उत्पादो जैसे कि कपड़े, पेपर बैग, स्टील से बने बर्तनो और अन्य चीजो का उपयोग कर सकते है।

प्लास्टिक प्रदूषण को नियंत्रित करना मात्र सरकार की जिम्मेदारी नही है और वास्तव में अकेले सरकार इस विषय में कुछ कर भी नही सकती है। एक जिम्मेदार नागरिक होने के नाते यह हमारा कर्तव्य है कि प्लास्टिक प्रदूषण को कम करने में हम भी अपना महत्वपूर्ण योगदान दे।

पिछले कुछ दशको में प्लास्टिक प्रदूषण का स्तर काफी तेजी से बढ़ा है, जोकि एक गंभीर चिंता का विषय है। हमारे द्वारा प्लास्टिक के बढ़ते उपयोग को रोककर ही इस भयावह समस्या पर काबू पाया जा सकता है। हममे से हर एक व्यक्ति को इस समस्या के निवारण के लिये आगे आना होगा। और इसे रोकने में अपना बहूमुल्य योगदान देना होगा।

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प्लास्टिक प्रदूषण पर निबंध कारण, प्रभाव, निवारण Essay on Plastic Pollution in Hindi

प्लास्टिक प्रदूषण पर निबंध कारण, प्रभाव, निवारण Essay on Plastic Pollution in Hindi

इस लेख में हमने प्लास्टिक प्रदूषण पर निबंध (Essay on Plastic Pollution in Hindi) लिखा है। इसमें हमने प्लास्टिक प्रदुषण के कारण, प्रभाव, निवारण उपाय के बारे में पूर्ण जानकारी दी है।

Table of Content

प्लास्टिक प्रदूषण पर निबंध Essay on Plastic Pollution in Hindi (कारण, प्रभाव, निवारण)

प्लास्टिक प्रदूषण को भूमि पर विभिन्न प्रकार के प्लास्टिक सामग्री के संचय के रूप में परिभाषित किया जाता है, इसके अलावा यह हमारी नदियों, महासागरों, नहरों, झीलों आदि को भी प्रदूषित करता है। इसे लोग आसान शब्दों में पॉलिथीन के दुष्परिणाम भी कहते हैं।

तो आईये जानते हैं किन प्रोजेक्ट की मदद से हम अपने भारत और पृथ्वी को प्लास्टिक मुक्त बना सकते हैं।

पढ़ें: प्लास्टिक के उपयोग को कहें – नहीं

प्लास्टिक क्या है? What is Plastic in Hindi?

प्लास्टिक सामग्री को मुख्य रूप से थर्मोप्लास्टिक Thermoplastic (पॉलीस्टायरीन और पॉलीविनाइल क्लोराइड) और थर्मोसेटिंग पॉलिमर Thermosetting polymers (पॉलीइज़ोप्रीन) के रूप में वर्गीकृत किया जाता है।

एक वस्तु के रूप में दुनिया भर के बड़े पैमाने पर प्लास्टिक का इस्तेमाल किया जाता है। मूल रूप से यह एक सिंथेटिक पॉलीमर है। जिसमें कई कार्बनिक और अकार्बनिक यौगिक होते हैं, और जो ज्यादातर ओलेफिन जैसे पेट्रोकेमिकल्स से प्राप्त होते हैं।

इनके अलावा, उन्हें बायोडिग्रेएबल, इंजीनियरिंग और इलास्टोमेर प्लास्टिक के रूप में भी वर्गीकृत किया जा सकता है। हालांकि वे कई मायनों में अत्यधिक उपयोगी हैं और वैश्विक पॉलीमर उद्योग का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं, हालांकि इसका उत्पादन और निपटान पृथ्वी पर सभी जीवन स्वरूपों के लिए एक बड़ा खतरा है।

प्लास्टिक आमतौर पर लगभग 500-1000 वर्षों में खराब हो जाती है। हालांकि हम वास्तविकता में इसके ख़राब होने का समय नहीं जानते है। प्लास्टिक पिछले कई शताब्दियों से ज्यादा उपयोग में लायी जा रही है।

इसके निर्माण के दौरान, कई खतरनाक रसायन निकलते है, जिससे मनुष्य और साथ ही अन्य जानवरों में भी भयानक बीमारियाँ हो सकती हैं।

  • एथीलीन ऑक्साइड, xylene, और benzene, प्लास्टिक में मौजूद कुछ रासायनिक विषाक्त पदार्थ हैं, जो पर्यावरण पर खतरनाक प्रभाव डाल सकते हैं। इसे समाप्त करना आसान नहीं है, और यह जीवित प्राणियों को स्थायी नुकसान पहुंचा सकती है।
  • प्लास्टिक में पाया जाने वाला कई additives, जैसे phthalates, adipates, और यहां तक ​​कि alkylphenols, को जहरीले सामग्री के रूप में मान्यता दी गई है, विनाइल क्लोराइड, जिसका इस्तेमाल PVC पाइपों के निर्माण में किया जाता है, इसको कैंसर जनक के रूप में वर्गीकृत किया गया है।

प्लास्टिक प्रदुषण क्या है? What is Plastic Pollution in Hindi?

जब प्लास्टिक (synthetic plastic) पृथ्वी में जगह-जगह जमा होने लगता है और जमा होने के कारण प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से मानव और जिव-जंतुओं पर इसका बुरा प्रभाव पड़ने लगता है तो इसे प्लास्टिक प्रदुषण कहा जाता है।

यह प्लास्टिक प्रदुषण सभी प्रकार के प्रदुषण को बढ़ावा देता है। यह मुख्य रूप से मृदा प्रदुषण , जल प्रदुषण और वायु प्रदुषण को बढ़ावा देता है।

प्लास्टिक प्रदुषण के कारण Causes of Plastic Pollution in Hindi

प्लास्टिक प्रदुषण के निम्नलिखित कारण हैं-

  • प्लास्टिक महंगा नहीं है, इसलिए  यह अधिक उपयोग किया जाता है। इसने हमारी भूमि कब्ज़ा कर लिया है, जब इसको समाप्त किया जाता है, तो यह आसानी से विघटित नहीं होता है, और इसलिए वह उस क्षेत्र के भूमि और मिट्टी को प्रदूषित करता है।
  • एकबार ही प्रयोग के बाद अधिकांश लोग प्लास्टिक की बोतलें और पॉलिथीन बैग को फेंक देते हैं। इससे भूमि और साथ ही महासागरों में प्रदूषण दर बढ़ जाती है, मुख्यतः विकासशील और अविकसित देशों में इसकी बजह से प्रदुषण बढ़ रहा है।
  • प्लास्टिक बैग, प्लास्टिक की बोतलें,  त्याग किए गए इलेक्ट्रॉनिक समान, खिलौने आदि, विशेषकर शहरी इलाकों में नहरों, नदियों और झीलों के जल के निकास को रोक रहे है।
  • हर साल दुनिया भर में लगभग 100 मिलियन टन प्लास्टिक का उत्पादन होता है इसमें से 25 मिलियन टन ना नष्ट होने योग्य प्लास्टिक पर्यावरण में जमा हो रही हैं।
  • अमेरिका में ठोस सार्वजनिक कचरे की कुल मात्रा में से लगभग 20% प्लास्टिक और संबंधित पॉलिमर हानिकारक होते हैं। लगभग 50 मिलियन अमरीकी डॉलर US की प्लास्टिक उद्योग का मूल्य है।
  • दुनिया भर में लगभग 70,000 टन प्लास्टिक महासागरों और समुद्रों में फेंक दिए जाते हैं। मछली पकड़ने के जाल और अन्य सिंथेटिक सामग्री को जेलिफ़िश और स्थलीय और साथ ही जलीय जानवरों द्वारा भोजन समझकर, खा लिया जाता है, जिससे उनके शरीर के अंदर प्लास्टिक के जैव-संचय हो सकते हैं। इससे श्वसन मार्ग में अवरोध होता है, अंत में इस वजह से हर साल कई मछलियों और कछुओं की मौत हो जाती हैं।

प्लास्टिक प्रदुषण के प्रभाव Effects of Plastic Pollution in Hindi

नीचे हमने प्लास्टिक प्रदुषण के मुख्य प्रभावों के विषय में बताया है-

  • ग्रामीण क्षेत्रों में इस प्रकार के प्रदूषण और संबंधित प्रभावों की अधिक संभावना है, क्योंकि इन क्षेत्रों के अधिकांश लोग प्लास्टिक के बड़े पैमाने पर उपयोग करते हैं।
  • हमारे द्वारा फेंके गये गंदे कचरे में प्लास्टिक की थैली और बोतलों को कई आवारा जानवरों द्वारा खा लिया जाता है जिससे उनकी मृत्यु हो सकती है।
  • बरसात के मौसम में, सड़क पर पड़ा हुआ प्लास्टिक का कचरा जो कि पास के जलाशय और नहरों और नालियों में वह जाता है,इस कचरे को मछलियों द्वारा खा लिया लिया जाता है जिसके कारण मछलियों को श्वसन में परेशानी होने लगती है। इसके अलावा, इन सिंथेटिक सामग्री से पानी की गुणवत्ता में भी कमी आ जाती है।
  • जब खुले में प्लास्टिक फेंक दिया जाता है, तो प्लास्टिक की सामग्री पानी के संपर्क में आती है और खतरनाक रसायनों का निर्माण करती है। यदि इन यौगिकों से भूजल का स्तर में कमी आती हैं, और जल की गुड़वत्ता कम हो जाती है।
  • समुद्री जल निकायों में प्लास्टिक प्रदूषण के कारण जलीय जानवरों की असंख्य मृत्यु हो रही है, और इससे यह जलीय पौधे भी काफी हद तक प्रभावित हो रहे  है।
  • प्लास्टिक संचय के कारण गंदगी बढ़ती है जो मच्छरों और अन्य हानिकारक कीड़े के लिए प्रजनन आधार बन जाता है, जो कि मनुष्यों में कई बीमारियों का कारण हो सकता है।
  • हमारे घर में पानी की गुणवत्ता बिगड़ती जा रही है, क्योंकि प्लास्टिक में कुछ जहरीले रसायनों जैसे स्टाइरीन ट्रिमर, बिस्फेनोल A, और पॉलीस्टायर्न के उप-उत्पाद उपस्थित होता है। ये उत्पाद प्रतिदिन पीने के पानी की स्थिति ख़राब कर रहे हैं बिस्फेनोल A हानिकारक रासायनिक है जो जानवरों की प्रजनन प्रणाली को नुकसान पहुँचाता है।
  • जानवरों के अंदर प्लास्टिक के जैव-संचय, प्लास्टिक प्रदूषण सबसे हाल के प्रभावों में से एक है। जमी हुई प्लास्टिक हानिकारक रसायनों को मुक्त करती है, और छोटे टुकड़ों में भी विभाजित हो जाती है, और जानवरों की मृत्यु के बाद, उनका शरीर विघटित होता है, लेकिन प्लास्टिक के टुकड़े अन्य जानवरों के लिए खतरे के रूप में रह जाते हैं।
  • हवा एक जगह से दूसरे स्थान पर प्लास्टिक का जमाव करती है, जिससे भूमि कूड़े में बढ़ोत्तरी होती है। यह, पेड़, टॉवर, इमारतों आदि सभी जगह को प्रभावित करती है, और कोई भी जानवर जो उनके संपर्क के क्षेत्र में आता है, उसमें उलझ जाता है और उनका दम घुटने के कारण उनकी मौत हो जाती है।
  • प्लास्टिक के जलने से वायुमंडल के प्रदूषण बढ़ता है और ज़हरीली रसायनों का विमोचन जो की, वायु प्रदूषण का एक कारण होता है। जब इनको रीसाइकिल किया जाता है, तो मजदूरों की आवश्यकता होती है, जो ज़हरीली रसायनों में साँस लेते है, जिस कारण उनको त्वचा और श्वसन समस्याओं के जोखिम उठाने पढ़ते हैं।

प्लास्टिक प्रदुषण के समाधान और निवारक उपाय Plastic Pollution solutions and preventive measures in Hindi

निम्नलिखित तरीकों से हम अपने पृथ्वी को प्लास्टिक प्रदुषण से मुक्त बना सकते हैं –

  • यद्यपि प्लास्टिक से बने सामान सुविधाजनक होते हैं, यह वह समय है जब हमें पृथ्वी पर प्लास्टिक की वजह से होने वाले नुकसान की जानकारी होनी चाहिए। इससे पहले की हमारी पृथ्वी की तस्वीर और भी बदसूरत हो जाये, बेहतर होगा कि आप इस प्रकार के प्रदूषण को कम करने के लिए कुछ प्रभावी निवारक उपाय अपनाये।
  • प्लाटिक की थैली के उपयोग में गिरावट लाने के लिए, हमें शॉपिंग के लिए जितना संभव हो पेपर या कपड़े से बने बैग का उपयोग करना चाहिए, और घर पर प्लास्टिक बैग लाने से बचना चाहिए।
  • प्लास्टिक प्रदूषण की समस्या की गंभीरता को समझना चाहिए, और पानी में और भूमि पर फेंके गये डंपिंग प्लास्टिक के परिणाम के बारे में समझना चाहिये। प्लास्टिक के उचित निपटान सुनिश्चित करना।
  • जो प्लास्टिक का निपटान किया जाता है, वह पुनर्नवीनीकरण किया जा सकता है और उनका इस्तेमाल कई अलग-अलग तरीकों में जैसे बैग, पर्स, या पाउच को बनाने में किया जा सकता है। बायोडिग्रेडेबल प्लास्टिक बैग उपलब्ध हैं, जो काफी हद तक मददगार साबित हुए हैं।

निष्कर्ष Conclusion

ये परिवर्तन धीरे-धीरे हमारी समस्या को कम कर सकते है और प्लास्टिक के प्रति हमारे आकर्षण को भी कम कर सकते हैं; इसलिए हमें छोटे-छोटे कदम उठाकर प्लास्टिक प्रदूषण को कम करने में योगदान देना चाहिए।

यह वह समय है जब हम कुछ निवारक कदम उठाकर अपने भविष्य की पीढ़ियों के लिए बेहतर जीवन सुनिश्चित कर सकते है। आशा है प्लास्टिक प्रदूषण पर निबंध Essay on Plastic Pollution Hindi आपको अच्छा लगा होगा।

23 thoughts on “प्लास्टिक प्रदूषण पर निबंध कारण, प्रभाव, निवारण Essay on Plastic Pollution in Hindi”

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plastic pollution essay 700 words in hindi

प्लास्टिक प्रदूषण पर निबंध

Essay On Plastic Pollution In Hindi:  नमस्कार दोस्तों, यहां पर हमने प्लास्टिक प्रदूषण पर निबंध हिंदी में लिखे हैं। यह निबंध अलग-अलग शब्द सीमा को देखते हुए लिखे गये है, जिससे कक्षा 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10, 11, 12 और उच्च शिक्षा के विद्यार्थियो को मदद मिलेगी।

Essay On Plastic Pollution In Hindi

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प्लास्टिक प्रदूषण पर निबंध | Essay On Plastic Pollution In Hindi

प्लास्टिक प्रदूषण पर 10 लाइन (10 lines on plastic pollution in hindi).

  • प्लास्टिक प्रदूषण से जीव-जन्तु और इंसानों के जीवन पर बहुत बुरा प्रभाव पड़ता है।
  • आज मानव विभिन्न प्रकार की बीमारियों से पीड़ित है लेकिन इसका कारण खुद मनुष्य ही है।
  • भले ही प्लास्टिक काफी सस्ता हो और इसकी उपयोगिता भी बहुत ज्यादा हो लेकिन इसका नुकसान भी तो बहुत ज्यादा है।
  • प्लास्टिक से सबसे अधिक प्रदूषण होता है और इसका कारण यह है कि प्लास्टिक का विघटन बिल्कुल भी नहीं होता।

कुछ लोग प्लास्टिक को जलाकर खत्म करने की कोशिश करते हैं लेकिन प्लास्टिक को जलाने से कार्बन डाइऑक्साइड गैस निकलता है, जो वातावरण को प्रदूषित करता है।

  • आज के समय में प्लास्टिक प्रदूषण पारिस्थितिकी तंत्र को जो नुकसान पहुँचा रही है, उसकी कोई सीमा नहीं है।
  • अभी हम इसके नकारात्मक प्रभाव को कम करेंगे तो प्लास्टिक प्रदूषण अपने आप कम हो जाएगा।
  • आज हर क्षेत्र में प्लास्टिक का इस्तेमाल होता है और निकलने वाले कचरो में प्लास्टिक की प्रचुरता भी काफी होती है, जो तालाब या लहरों में तथा जमीन पर फेंक दिया जाता है।
  • आज के समय में लोग फ्रीज में पानी को बोतलों के अंदर रखते हैं और लंबे समय तक बोतल में रहा पानी हमारे स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचा सकता है।
  • पहले के समय में प्लास्टिक का इस्तेमाल नहीं होता था, जिसके कारण पहले प्लास्टिक प्रदूषण नहीं होता था लेकिन वर्तमान में हर जगह प्लास्टिक ही प्लास्टिक नजर आता है।

Essay On Plastic Pollution In Hindi

प्लास्टिक प्रदूषण पर निबंध 250 शब्द (Plastic Pollution Essay in Hindi)

प्लास्टिक से बनी चीजों का पानी और जमीन में एकत्र होना, प्लास्टिक प्रदूषण कहलाता है। इस प्रदूषण से जीव-जन्तु और इंसानों के जीवन पर बहुत बुरा प्रभाव पड़ता है। प्लास्टिक प्रदूषण का मुख्य कारण प्लास्टिक ही है। जो दिन-ब-दिन बढ़ता ही जा रहा है। अभी कोरोना वायरस की वजह से ये थोड़ा कम हुआ था क्योंकि पूरी दुनिया 3 महीने के लिए रुक सी गई थी।

प्लास्टिक प्रदूषण के कारण

  • प्लास्टिक सोने जितनी महँगी ना होने के कारण आसानी से सब जगह मिल जाती है और उसका उपयोग किया जाता है। इसका घुलनशील ना होना ही प्लास्टिक प्रदूषण का सबसे बड़ा कारण है।
  • बचपन से लेकर बुढ़ापे तक हम प्लास्टिक्स से घिरे हुये रहते है, जहाँ देखो वहाँ प्लास्टिक से निर्मित सामग्री दिख जाएगी। उसमें जो गलने वाली प्लास्टिक है वो तो कम और ना गलने वाली प्लास्टिक्स की मात्रा ज्यादा होती है। उन आइटम्स को बाहर फेंक देते है जो प्लास्टिक प्रदूषण का कारण बनते है।

प्लास्टिक प्रदूषण के रोकने के उपाय

हम मुख्यत: दो तरीके से प्लास्टिक प्रदूषण को कम कर सकते है। जो निम्नलिखित है-

कम से कम उपयोग करके/उसकी जगह किसी और उत्पाद को यूज़ करके

मानव अपने जीवन में प्लास्टिक से बनी वस्तुओं को यूज़ करने में इतना आदि हो चुका है कि वो इसे अब छोड़ नहीं सकता है। क्योंकि बचपन में बच्चों के दूध की बोतल से लेकर बुढ़ापे में बुजुर्ग के पानी की बोतल तक सब प्लास्टिक से बनी हुई होती है। हम इसे कम उपयोग करें, ऐसी आदत डाले और प्लास्टिक से बनी वस्तुओं को अवॉइड कर सकते है। बाजार से सामान ले कर आने के लिए हम कपड़े, जुट या पेपर से बनी थैलियों का उपयोग कर सकते है।

रियूज़ या रिसाइकल करना

जो प्लास्टिक रिसाइकल होते है उसे रिसाइकल कर उससे बैग, पर्स बना सकते है और इसके साथ घुलनशील बैग बना सकते है, जो बेकार होने के बाद आसानी से घुल जाता है।

अगर ऊपर बतायें उपाय को हम एक साथ ज़िंदगी में अमल कर ले तो हम प्लास्टिक प्रदूषण को धीरे-धीरे खत्म कर सकते है। ऐसा करके एक दिन हम प्लास्टिक पोलुशन से निजात पा सकते है।

प्लास्टिक पर निबंध 500 शब्दों में

आज मानव विभिन्न प्रकार की बीमारियों से पीड़ित है लेकिन इसका कारण खुद मनुष्य ही है। पहले के समय में वर्तमान की तुलना में बहुत कम बीमारियां होती थी। यहां तक कि जो बीमारियां होती थी, उसे घरेलू इलाज से ही ठीक कर लिया जाता था। लेकिन आज ऐसा नहीं होता है।

आज ऐसी ऐसी खतरनाक बीमारी आ गई है, जिस पर लाखों रुपए खर्च कर दिया जाए तब भी वह बीमारी जड़ से खत्म नहीं होती। आज मनुष्य का सेहत खराब होने का सबसे बड़ा कारण प्रदूषण है। प्रदूषण का कारण मनुष्य खुद ही हैं। मनुष्य कई प्रकार से प्रदूषण फैलाता है, उन्हीं में से एक प्लास्टिक प्रदूषण भी हैं।

प्रतिदिन टेक्नोलॉजी काफी विकसित हो रही है। इंसान अपने कार्यों को आसान बनाने और जीवन निर्वाह सस्ते में करने के लिए प्लास्टिक का इस्तेमाल करता है। पहले के समय में प्लास्टिक का इस्तेमाल नहीं होता था, जिसके कारण पहले प्लास्टिक प्रदूषण नहीं होता था लेकिन वर्तमान में हर जगह प्लास्टिक ही प्लास्टिक नजर आता है।

आप एक छोटा सा चॉकलेट भी खरीदेगें तो वह भी प्लास्टिक के कवर में ही आता है। यहां तक कि खाने पीने वाली चीजें प्लास्टिक से ही कवर होती है।

प्लास्टिक के नुकसान

भले ही प्लास्टिक काफी सस्ता हो और इसकी उपयोगिता भी बहुत ज्यादा हो लेकिन इसका नुकसान भी तो बहुत ज्यादा है। खाने पीने की चीजों को प्लास्टिक में पैक करके बेचा जाता है। लेकिन यही खाने पीने वाली चीजें लंबे समय तक प्लास्टिक के पैकेट में रहने से हमारे स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचाती है। उदाहरण के लिए आज के समय में लोग फ्रीज में पानी को बोतलों के अंदर रखते हैं और लंबे समय तक बोतल में रहा पानी हमारे स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचा सकता है।

प्लास्टिक से सबसे अधिक प्रदूषण होता है और इसका कारण यह है कि प्लास्टिक का विघटन बिल्कुल भी नहीं होता। एक पॉलिथीन करोड़ों साल तक जमीन में धंसी रहने के बावजूद भी वह उसी अवस्था में रहती है।

आज हर क्षेत्र में प्लास्टिक का इस्तेमाल होता है और निकलने वाले कचरो में प्लास्टिक की प्रचुरता भी काफी होती है, जो तालाब या लहरों में तथा जमीन पर फेंक दिया जाता है। इस तरीके से प्लास्टिक के कचरे पानी को भी प्रदूषित करते हैं और जमीन को भी प्रदूषित करते हैं।

प्लास्टिक प्रदूषण को रोकने के उपाय

प्लास्टिक जमीन, जल और वायु तीनों को ही प्रदूषित करता है। इसलिए बहुत जरूरी प्लास्टिक प्रदूषण को खत्म करना। हालांकि प्लास्टिक को पूर्ण रूप से उपयोग करना बंद तो नहीं किया जा सकता। क्योंकि आज इसकी उपयोगिता हर छोटी से छोटी चीज में हो गई है और यह काफी सस्ता भी होता है। लेकिन हम प्लास्टिक के उपयोगिता को कम करने की कोशिश कर सकते हैं।

  • बाजार में कुछ सामानों की खरीदी करने के लिए प्लास्टिक बैग के बाजाय कागज या पेपर के थैली का इस्तेमाल किया जा सकता है।
  • शादियों या विभिन्न पार्टी में प्लास्टिक के बर्तनों का इस्तेमाल करने के बजाए कागज या स्टील के बर्तन का इस्तेमाल कर सकते हैं।
  • प्लास्टिक प्रदूषण को रोकने के लिए प्लास्टिक को पुनः उपयोग कर सकते हैं।
  • कपड़ों की दुकानों में सभी कपड़े प्लास्टिक में पैक होकर आते हैं, उसके बजाय कागज के पैकेट का इस्तेमाल किया जा सकता है।

दिन प्रतिदिन प्लास्टिक की उपयोगिता बढ़ते जाने के कारण प्लास्टिक प्रदूषण ने विकराल रूप ले लिया है, जो जनजीवन के लिए गंभीर समस्या उत्पन्न कर रहा है, कई प्रकार की बीमारी उत्पन्न कर रहा है। इसीलिए हम सभी लोगों को जल्द से जल्द प्लास्टिक प्रदूषण को कम करने के लिए कुछ ना कुछ कदम लेने की जरूरत है।

प्लास्टिक प्रदूषण पर निबंध 800 शब्द (Plastic Pradushan Par Nibandh)

आज के समय में प्लास्टिक प्रदूषण पारिस्थितिकी तंत्र को जो नुकसान पहुँचा रही है, उसकी कोई सीमा नहीं है। भविष्य में और कितना नुकसान पहुँचा दे, इसका कोई अंदेशा नहीं है। अभी हम इसके नकारात्मक प्रभाव को कम करेंगे तो प्लास्टिक प्रदूषण अपने आप कम हो जाएगा। इसमें सबसे ज्यादा पोलिथीन हानिकारक वस्तु हैं।

  • सस्ता और आसानी से मिलने वाला: पोलिथीन के बैग आसानी से बनते है और सस्ते होते हैं। इसलिए सब जगह इसी का उपयोग ज्यादा होता है। इसी पोलिथीन की वजह से नदी नाले अटक जाते है और भयंकर बीमारी का फैलाव करते हैं।
  • अघुलनशील पदार्थ: प्लास्टिक से बनी वस्तुओं का कचरा दिन-ब-दिन बढ़ता ही जा रहा है, क्योंकि प्लास्टिक एक अघुलनशील पदार्थ है। इसका सीधा सा मतलब होता है कि यह पानी और धरती पर गलता नहीं है। इसी कारण से प्लास्टिक से प्रदूषण कुछ ज्यादा ही होता है।
  • प्लास्टिक के टुकड़े होना लेकिन घुलना नहीं: प्लास्टिक के चाहे मर्जी कितने भी टुकड़े कर लो हो जायेंगे, लेकिन वो घुलते नहीं है, जिससे समस्या उत्पन्न होती है। ये टुकड़े जब पानी के स्त्रोत में मिलते है तो उस समय कोई दिक्कत नहीं होती है, लेकिन कहीं पानी के बहाव में कमी आती है और कहीं पर पोलिथीन अटक जाती है तो समस्या खड़ी कर देती है।

प्लास्टिक प्रदूषण के प्रभाव

जल प्रदूषण: प्लास्टिक से बनी वस्तुएँ अधिकांशत: घुलनशील प्रवृत्ति की नहीं होती है। इसलिए सबसे ज्यादा पर्यावरण को नुकसान प्लास्टिक ही देता है। एक अध्ययन के अनुसार प्लास्टिक से बनी बोतल में बार-बार पानी पीने से अपने शरीर में एक गंभीर बीमारी का निर्माण हो जाता है। जब प्लास्टिक से बना कचरा पानी के सबसे बड़े भंडार नदी, सागर और महासागर में मिल जाता है तो उसे अपन कितना भी छान ले लेकिन वो हानिकारक पदार्थ नहीं घुलता है।

भूमि प्रदूषण: कचरे के ढेर में सबसे ज्यादा कूड़ा प्लास्टिक का ही देखने को मिलता है। धरती पर इसका निस्तारण नहीं होता है तो ये कचरा एक पहाड़ के रूप में शक्ल ले लेता है। इस कचरे से जमीन बंजर भी पड़ जाती है।

वायु प्रदूषण: जब मानव को प्लास्टिक के कचरे का निपटान नजर नहीं आता है, तब वो इसे जलाने का विचार करता है। जब प्लास्टिक को जलाया जाता है तो उसके अंदर जो कार्बन होते है वो बाहर निकल कर हवा में घुल जाते है। जिससे उन हानिकारक रसायनो की जो गैस होती है उससे आँखों में जलन पैदा होती है।

समुद्री जंतुओं के जीवन को खतरा: जब प्लास्टिक से बने बर्तन और डिस्पोजल में लोग खाना खाते है और बाद में जब ये बर्तन या डिस्पोजल का निस्तारण करने के लिए पानी में फेंका जाता है तो समुद्री जीव-जन्तु उसे खाने की वस्तु समझ कर खा लेते हैं, जिससे वो बीमार पड़ जाते है। और उनके बीमार होने से पूरा पनि गंदा हो जाता है।

पशु-पक्षी के जीवन को भी खतरा: अधिकतर पशु-पक्षी कचरे में फेंके गए खाने को खाते है तो जब पोलिथीन में कोई खाने की वस्तु फेंकी जाती है तो सीधा ही खा लेती है, जिससे वो प्लास्टिक उनके आंतों में भी फंस सकते हैं या कोई और गंभीर बीमारी उत्पन्न कर देती है।

प्लास्टिक प्रदूषण से बचने के उपाय

प्लास्टिक प्रदूषण को रोकने के लिए अपने घर से ही शुरुआत करनी होगी और फिर घर-घर जाकर अलख जगानी होगी। कुछ उपाय नीचे लिख रहा हूँ उसे देखे, समझे और समझ कर अमल में लाएँ।

  • पहले तो हमें पोलिथीन का उपयोग कम करना होगा। जब भी घर से कोई सामान लेने के लिए निकले तो अपने साथ एक कपड़े का थैला या जुट का थैला साथ में ले कर निकले। जिससे दुकानदार पोलिथीन में सामान नहीं देगा।
  • सभी दुकानदारों और शॉपिंग मॉल में कागज या कपड़े के थैले रखने चाहिए, जिससे पोलिथीन का उपयोग कम से कम हो जाएगा।
  • प्लास्टिक के कचरे के ढेर का सही से निपटारा होना चाहिए, ऐसे ही पानी में या जमीन में नहीं डालना चाहिए।
  • जिस प्लास्टिक का रिसाइकलिंग हो सकती है, उसकी रिसाइकलिंग कर ऐसे उत्पाद बनने चाहिए जो प्लास्टिक प्रदूषण कम करें।
  • डम्पिंग ज़ोन भी सही जगह बनाना चाहिए, जिसे वो नाले में ना अटके।
  • कभी भी प्लास्टिक को जलाना नहीं चाहिए, इससे प्रदूषण का फैलाव ज्यादा हो जाता है।

सरकार द्वारा कौनसे कड़े फैसले लेने चाहिए

भारत सरकार द्वारा प्लास्टिक प्रदूषण को रोकने के लिए सख्ती से कदम उठाने होंगे, तभी थोड़ा सा प्लास्टिक प्रदूषण रोकने में मदद मिलेगी। कुछ निम्नलिखित फ़ैसलों पर अमल करना चाहिए-

  • प्लास्टिक के उत्पादन पर थोड़ा सा नियंत्रण करें।
  • जो अघुलनशील प्लास्टिक है उसकी वस्तुओं पर रोक लगाएँ।
  • नुक्कड़ नाटक के द्वारा जागरूकता फैलाएँ।
  • लोगों से अपील करें कि वो प्लास्टिक बैगों का उपयोग कम करें, बोतलबंद पानी का उपयोग कम करें, बाहर से खाना मंगायें तो प्लास्टिक के डिस्पोजल का उपयोग कम करें। जो कंपनियाँ रिसाइकल करती है उन्हें अपना कचरा दें।

देखा गया है कि पिछले कुछ दशकों से प्लास्टिक प्रदूषण बड़ी तेजी से बढ़ रहा है, अभी इसक निपटान नहीं किया तो भविष्य अंधकार में चला जाएगा। क्योंकि इस प्रदूषण से तीन प्रदूषण और होते है जो और भी हानिकारक होते है। मतलब कि प्लास्टिक प्रदूषण से जल प्रदूषण, मृदा प्रदूषण और वायु प्रदूषण भी होता है। इसलिए सरकार को जल्द से जल्द इस प्रदूषण का हल निकालना होगा।

प्लास्टिक प्रदूषण पर एक छोटी-सी कहानी

“मम्मा, ये क्या है? ये इतना बड़ा क्या है?”

अंकुर की माँ नलिनी मुँह ढ़क और नाक दबा कर जल्दी-जल्दी अंकुर को ले कर जा रही थी, और अंकुर उससे बार-बार एक ही सवाल पूछे जा रहा था।

“मम्मा, क्या इसे ही पहाड़ कहते है? मम्मा, बताओ ना, बताओ ना।”

थोड़ी दूर जा कर नलिनी पहले अपना ढका हुया चेहरा हटाती है और एक गहरी साँस लेती है। फिर अंकुर को कहती है, “बेटा, वो पहाड़ ही था लेकिन कचरे का”।

“लेकिन वो इतना बड़ा कैसे बना, माँ। और और और उसके अंदर इतनी सारी ये रंग-बिरंगी थैलियाँ ही क्यों दिख रही थी?”

“बेटा, तेरी सारी बातों का जवाब दूँगी। चलो पहले हम सब्जी ले लेते है फिर घर चल कर जवाब देती हूँ।”

“ठीक है, माँ।”

नलिनी अपने जूट वाले थैले में फल और सब्जी डाल कर अंकुर को साथ लेकर वापस उसी कचरे के पहाड़ से होते हुये अपने घर जाती है। घर जा कर अंकुर को उसके सारे सवालों का एक ही जवाब देती है और वो है प्लास्टिक ।

अंकुर अचरज भरी नजर से नलिनी को देखता है और कहता है कि माँ प्लास्टिक से इतना बड़ा पहाड़ कैसे बन गया।

नलिनी कहती है कि “अंकुर बेटा, अभी हम सब्जी और फल लेकर आ रहे है तो आपने देखा होगा कि सब्जीवाले के पास प्लास्टिक की थैलियाँ थी, जिसमें वो सब्जी या फल पैक कर के ग्राहक को दे रहे थे। बहुत ही कम ग्राहक थे जो अपने घर से जूट का या कपड़े का थैला लेकर आए थे। देखा था या नहीं।”

“हाँ देखा था, मम्मा।”

“वो प्लास्टिक की थैलियाँ ही इतने बड़े पहाड़ बनने की मूल जड़ है, बेटा। वो ना तो गलती है और ना ही खत्म होती है।”

“अच्छा, अब समझ आया। मतलब कि अगर हम प्लास्टिक का उपयोग कम करेंगे तो ऐसा पहाड़ देखने को नहीं मिलेगा, है ना?”

“हाँ, बेटा। सही समझा।”

आपको इस कहानी से इतना तो समझ आ ही गया होगा कि प्लास्टिक से धरती को बहुत से नुकसान होते है। क्योंकि प्लास्टिक जिस पदार्थ से बनता है वो ना तो गलता है और ना ही उसका कही वापस उपयोग कर सकते है।

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Rahul Singh Tanwar

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अगर आप स्कूल या कॉलेज में हैं और अपने असाइनमेंट या परीक्षा के लिए प्लास्टिक प्रदूषण पर निबंध की तलाश कर रहें हैं तो आप एक दम सही जगह पर हैं। इस पेज पर हमने आपकी आवश्यकता के अनुसार विभिन्न 100 200 300 400 500 600 800 1000 शब्दों में प्लास्टिक प्रदूषण पर छोटा और बड़ा निबंध प्रदान किया हैं।

  हिंदी में प्लास्टिक प्रदूषण पर  निबंध 1 (200 शब्द)

प्लास्टिक प्रदूषण पर्यावरण में अपशिष्ट प्लास्टिक सामग्री के फैलने के कारण होता है। बता दें कि प्लास्टिक एक ऐसा गैर जैव-अवक्रमण योग्य पदार्थ है, जो मिट्टी का पानी में नष्ट नहीं होता। अगर इसे जलाया जाए तो

इसका प्रभाव बदतर होता है। इसलिए आज प्लास्टिक प्रदूषण काबू पाना एक बड़ी चुनौती है। प्लास्टिक की सबसे ख़राब बात यह है कि यह सैकड़ों वर्षों तक पर्यावरण में रहता है और इसकी वजह से वायु, जल और भूमि सभी तरह के प्रदुषण होते हैं। यह सिर्फ मानव ही नहीं बल्कि जानवरों और पौधों के लिए भी खतरनाक है। आपको जानकर हैरानी होगी कि हर साल प्लास्टिक प्रदूषण की वजह से कई जानवरों, पक्षियों और समुद्री जीवों की मृत्यु हो जाती है।

बता दें कि प्लास्टिक की विभिन्न वस्तुएं हैं जो रोज इस्तेमाल में ली जाती है और रोज़ कही भी फेक दी जाती है जैसे प्लेट, बैग, चम्मच, गिलास और अन्य प्लास्टिक की बोतल आदि। प्लास्टिक का हर जगह इस्तेमाल होने का सबसे बड़ा कारण है कि यह किफायती और उपयोग में आसान होता है। इसलिए लोग कई शादियों और पार्टियों के दौरान इनका उपयोग करते हैं इसे फेक देते हैं। क्योंकि अगर वर्तनों का ज्यादा इस्तेमाल किया जाए तो बाद में उन्हें धोने में दिक्कत होती है। लेकिन लोग नहीं जानते कि इतने सारे प्लास्टिक के कचरे को आसानी से खत्म नहीं किया जा सकता है। यह कई सालों तक हमारे पर्यावरण में उपस्थित रहता है और नुकसान पहुंचाता है।

सिर्फ प्लास्टिक के बर्तन और कैरी बैग, बोतल, फर्नीचर ही नहीं बल्कि दुनिया में कई चीजों में बड़े पैमाने पर प्लास्टिक का इस्तेमाल किया जाता है। हमें आज ही प्राण लेना चाहिए कि हमें कम से कम प्लास्टिक का इस्तेमाल करना चाहिए और दूसरों को इससे होने वाले हानिकारक प्रभावों का एहसास करना चाहिए।

प्लास्टिक प्रदुषण को कैसे हराएं पर निबंध- BEAT PLASTIC POLLUTION ESSAY in Hindi (300 WORDS)

प्लास्टिक से होने वाले के कारण होने वाला प्लास्टिक प्रदूषण आज बहुत ज्यादा फैला जा रहा है। हर दिन यह प्रदूषण तेजी से बढ़ रहा है और इस पर किसी का काबू नहीं है। आज प्लास्टिक पूरी दुनिया में चिंता का कारण बन गया है क्योंकि यह हमारे सुंदर प्रथ्वी धीरे धीरे ख़राब कर रहा है और सभी प्रकार के जीवित प्राणियों पर नकारात्मक प्रभाव डाल रहा है।

प्लास्टिक प्रदूषण को हराया जा सकता है

प्लास्टिक प्रदूषण कम करने के 2 अच्छे और सरल तरीके हैं जिन्हें हर किसी को अपने इस्तेमाल करना चाहिए।

इसके उपयोग से बचे और दूसरे विकल्प की तलाश करें

प्लास्टिक प्रदूषण को कम करने के लिए सबसे पहले और महत्वपूर्ण कदम है प्लास्टिक उत्पादों के उपयोग को कम करना या बचना।इस बात में कोई शक नहीं कि हम प्लास्टिक उत्पादों का उपयोग करने के लिए काफी आदी हो गए हैं और यह हमें महंगा भी नहीं पड़ता। इसलिए हम इसके उपयोग से पूरी तरह से तो बच सकते। लेकिन हम उन प्लास्टिक उत्पादों का उपयोग करने से बच सकते हैं जिन्हें आसानी से पर्यावरण के अनुकूल विकल्पों के साथ प्रतिस्थापित किया जा सकता है। उदाहरण के रूप में देखे तो हम प्लास्टिक की थैलियों का इस्तेमाल करने की बजाय जूट, कपड़े या पेपर बैग का इस्तेमाल कर सकते हैं। या फिर हम जब भी बाजार में कोई सामान लेने जाए तो अपने साथ थैली को लेकर जाएँ। इससे हम प्लास्टिक के इस्तेमाल को कम कर सकते हैं। इसी तरह शादी पार्टियों के दौरान डिस्पोजेबल प्लेट, गिलास और अन्य बर्तनों को उपोग करने से अच्छा हम स्टील, पेपर, थर्मोकोल या किसी अन्य सामग्री से बर्तनों का इस्तेमाल कर सकते हैं।

फेकने से अच्छा फिर से उपयोग करना

अगर आपको ऐसा लगता है कि आप प्लास्टिक बैग या अन्य उत्पादों का उपयोग करने से बच नहीं सकते हैं, तो ऐसे में आप उसके उपयोग को कम कर सकते हैं या फिर उसे फिर से उपयोग करने की आदत डाले। हम लोगों में जो प्लास्टिक की थैलियों और कंटेनरों को फेंकने की आदत है उसे हमें छोड़ना पड़ेगा। जो केरी बैग हम सामान के साथ प्राप्त करते हैं उसका कई बार उपयोग किया जा सकता है। यह प्लास्टिक कचरे को कम करने और प्लास्टिक प्रदूषण पर लागाम लगाने में हमारी मदद कर सकता है। को कम करने की दिशा में हमारा योगदान हो सकता है।

अब हम सभी को “प्लास्टिक प्रदूषण” इस समस्या से लड़ने के लिए एकजुट होने की जरूरत है। यदि हर कोई इस लेख में दिए गए प्लास्टिक प्रदूषण को हराने के तरीकों का पालन करता है तो हम निश्चित रूप एक दिनप्रदूषण के स्तर को काफी हद तक कम कर देंगे।

प्लास्टिक प्रदूषण के कारणों और प्रभावों पर निबंध – निबंध 3 (400 शब्द)

प्लास्टिक प्रदूषण आक हमारे पर्यावरण के लिए एक बहुत बड़ी मुसीबत बन चुका है और आने वाले समय में यह पर्यावरण को और भी खराब कर सकता है। ऐसे कई कारण हैं जो जिसकी वजह से प्लास्टिक प्रदूषण का कारण बनता है और इसके कई सारे प्रतिकूल प्रभाव भी हैं।

प्लास्टिक प्रदूषण का सबसे बड़े कारण

किफायती और उपयोग करने में आसान

प्लास्टिक दुनिया में सबसे ज्यादा उपयोग किए जाने वाले पदार्थों में से एक है। इसका इस्तेमाल कंटेनरों, बैग, फर्नीचर और विभिन्न अन्य चीजों के उत्पादन के लिए किया जाता है। इसका इस्तेमाल ज्यादा इसलिए किया जाता है  क्योंकि यह किफायती है और आसानी से विभिन्न रूपों में ढाला जा सकता है। प्लास्टिक के सामान का उपयोग दिनों दिन बढ़ता जा रहा है जिसकी वजह से प्लास्टिक कचरे में वृद्धि हुई है और यही प्लास्टिक प्रदूषण का एक कारण है।

आसानी से नहीं मिटाया जा सकता

प्लास्टिक का इस्तेमाल जो दिनों दिन बढ़ रहा है, वह गैर-बायोडिग्रेडेबल है। इसका मतबल है कि इसे मिट्टी में मिलाने या पानी से नष्ट नहीं किया जा सकता है। बल्कि यह सैकड़ों वर्षों तक पर्यावरण में रहता है और भूमि, जल और वायु प्रदूषण को अंजाम देता है।

प्लास्टिक को तोड़ा जा सकता है लेकिन नष्ट नहीं किया जा सकता

प्लास्टिक की थैलियों और अन्य वस्तुएं छोटे कणों में टूट सकती है लेकिन यह मिट्टी में कई सालों तक दबी रहती है या नदियों और जल निकायों में करती हैं जिससे प्लास्टिक प्रदूषण बढ़ता है।

प्लास्टिक प्रदूषण के प्रभाव

यहाँ हम यह बताने जा रहें हैं कि प्लास्टिक प्रदूषण पृथ्वी पर हमारे पर्यावरण और जीवन किस तरह से प्रभावित कर रहा है :

पानी को करता है प्रदूषित

प्लास्टिक का कचरा नदियों, समुद्रों और यहां तक कि महासागरों जैसे जल निकायों में बह कर जाता है और हमारे पानी को भी प्रदूषित कर रहा है। यही पानी हमारे रोजाना उपयोग के लिए सप्लाई किया जाता है। भले ही हम इस पानी को कितना फ़िल्टर करते हैं, यह कभी भी अपने शुद्ध रूप में नहीं आ सकता। यह पानी स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव डालता है।

प्रदूषित भूमि

लैंडफिल में बड़ी मात्रा में प्लास्टिक कचरा फेंका जाता है। हवा प्लास्टिक की थैलियों और अन्य छोटे प्लास्टिक कणों को एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाती है जिससे प्रमुख क्षेत्र प्रभावित होता है। प्लास्टिक के कण हानिकारक रसायनों को छोड़ते हैं जो मिट्टी में जमा होते हैं और इसकी गुणवत्ता को बर्बाद करते हैं। यह पौधों के विकास को प्रभावित करता है। इसके अलावा, भूमि पर पड़ा अपशिष्ट मच्छरों और अन्य कीड़ों को पैदा करता है जो विभिन्न गंभीर बीमारियों के वाहक हैं।

समुद्री जीवों की मौत का कारण

प्लास्टिक बैग और अन्य प्लास्टिक कूड़े जो नदियों और समुद्रों में जाते हैं, उन्हें समुद्री जीवों द्वारा भोजन के रूप में लिया जाना सही नहीं, जब जीव इन्हें निगल लेते है तो वे बीमार हो जाते हैं या मर जाते हैं।

जानवरों को नुकसान पहुंचाता है

पशु ज्यादातर कचरे में फेंके गए भोजन पर फ़ीड करते हैं। वे अन्य चीजों के साथ-साथ प्लास्टिक की थैलियां और अन्य सामान भी खाते हैं। प्लास्टिक की थैलियां अक्सर उनकी आंतों में फंस जाती हैं और इससे उनकी मौत हो जाती है। इसके अलावा यह पशुओं की कई गंभीर बीमारियों का कारण भी हैं।

प्लास्टिक प्रदूषण गंभीर चिंता का कारण है। यह मनुष्यों की लापरवाही के कारण बढ़ रहा है। अब समय आ गया है कि हमें इससे लड़ने के लिए सख्त कदम उठाने चाहिए।

प्लास्टिक प्रदूषण के समाधान पर निबंध – Essay on Plastic Pollution in Hindi (500, 600 WORDS)

प्लास्टिक प्रदूषण दुनिया भर में एक बढ़ती चिंता का विषय बन गया है। कई देशों की सरकार प्लास्टिक प्रदूषण को कम करने के लिए प्लास्टिक बैग पर प्रतिबंध लगाने जैसे उपाय कर रही है। हालांकि, इस समस्या को नीचे लाना केवल तभी संभव है जब हम सभी जिम्मेदार इंसानों के रूप में अपना योगदान दें।

सरकार को उठाने चाहिए सख्त कदम

अब समय आ गया है कि विभिन्न देशों की सरकार को प्लास्टिक प्रदूषण से लड़ने के लिए सख्त कदम उठाने चाहिए। यहां कुछ कदम दिए गए हैं जिनका उन्हें पालन करना चाहिए:

प्लास्टिक उत्पादन पर लगना चाहिए रोक

बाजार में प्लास्टिक उत्पादों की बढ़ती मांग के साथ, प्लास्टिक बनाने वाले कारखानों की संख्या दुनिया भर में बढ़ रही है। सरकार को बाजार में किसी भी और प्लास्टिक निर्माताओं को प्लास्टिक से बनी वस्तुओं के उत्पादन पर नजर रखने की अनुमति नहीं देनी चाहिए।

प्लास्टिक पर सरकार द्वारा प्रतिबंध है जरुरी

कई देशों की सरकार ने प्लास्टिक की थैलियों के उपयोग पर प्रतिबंध लगा दिया है क्योंकि वे प्लास्टिक प्रदूषण की अधिकतम योगदान होता है। हालांकि, आज भी भारत जैसे कुछ देश पूरी तरह से इस पर प्रतिबन्ध नहीं लगा पाए हैं। प्लास्टिक बैग के इस्तेमाल को रोकने के लिए सरकार को कड़े कदम उठाने चाहिए। सबसे पहले तो सरकार को प्लास्टिक की थैलियों के उत्पादन पर प्रतिबंध लगाना चाहिए इसके साथ ही इसको इस्तेमाल करने वाले लोगों को सजा मिलना चाहिए।

जागरूकता फैलाना है जरुरी

हमारे पर्यावरण पर प्लास्टिक कचरे के हानिकारक प्रभावों के बारे में जागरूकता फैलाना अत्यंत महत्वपूर्ण है। यह टेलीविजन और रेडियो विज्ञापनों, बिलबोर्ड और सोशल मीडिया के माध्यम से किया जा सकता है। इससे लोगों को इस मुद्दे की गंभीरता को समझने में मदद मिलनी चाहिए और उनका योगदान कैसे अंतर ला सकता है।

प्लास्टिक प्रदूषण को कम करने के लिए अन्य सरल समाधान

यहां कुछ सरल तरीके दिए गए हैं जिनमें हम प्लास्टिक प्रदूषण को कम कर सकते हैं और अपने पर्यावरण को स्वच्छ बना सकते हैं:

प्लास्टिक बैग का उपयोग न करें

प्लास्टिक की थैलियां छोटे टुकड़ों में टूट जाती हैं जो जल निकायों में जाती हैं और मिट्टी में प्रवेश करती हैं जिससे पौधों के विकास को बाधित किया जाता है और जलीय जीवन को नुकसान होता है। ज्यादातर किराने की खरीदारी के लिए उपयोग किया जाता है, इन बैगों को आसानी से पुन: प्रयोज्य कपड़े के बैग द्वारा प्रतिस्थापित किया जा सकता है।

पैकेज्ड पीने या बोतल वाले पानी को ना लें

पैक्ड पीने का पानी प्लास्टिक की बोतलों और गिलासों में आता है। ये अपशिष्ट बोतलें और गिलास प्लास्टिक प्रदूषण को काफी ज्यादा बढ़ा देते हैं। हमें एक जिम्मेदार नागरिक के रूप में पैकेज्ड पीने के पानी की खरीद बंद कर देनी चाहिए और इसके बजाय अपनी खुद बोतल साथ लेकर जाना चाहिए।

भोजन ऑर्डर करने से बचें

अधिकांश फास्ट फूड रेस्तरां प्लास्टिक के कंटेनरों में भोजन वितरित करते हैं जो प्लास्टिक को बर्बाद करने में जोड़ते हैं। बेहतर होगा कि ऐसे रेस्टोरेंट से खाना ऑर्डर करने से बचें। बेहतर होगा कि घर का बना खाना खाएं।

रीसाइक्लि करें

कई रीसाइक्लिंग कंपनियां इस सामग्री से बने प्लास्टिक कंटेनर, प्लास्टिक की बोतलें और अन्य सामान का उपयोग करती हैं और इसे रीसायकल करती हैं। इन कंपनियों को ऐसी प्लास्टिक की वस्तुओं को बिन में फेंकने और प्लास्टिक के कचरे को जोड़ने के बजाय उन्हें देने का सुझाव दिया जाता है।

थोक में सामान ख़रीदे

कई छोटे पैकेटों के लिए जाने के बजाय किराने की वस्तुओं के बड़े पैकेज खरीदना एक अच्छा विचार है। ये आइटम ज्यादातर प्लास्टिक की थैलियों या कंटेनरों में पैक किए जाते हैं। इसलिए, इस तरह से आप प्लास्टिक कचरे को कम करेंगे।

प्लास्टिक को पूरी तरह से खत्म करना एक बड़ी चुनौती है और प्लास्टिक कचरे की बढ़ती मात्रा से प्लास्टिक प्रदूषण तेजी से बढ़ रहा है। इस लेख में दी गई बातों का अगर हर व्यक्ति पालन करें तो प्लास्टिक प्रदूषण के स्तर को कम करने में काफी मदद हो सकती है।

प्लास्टिक प्रदूषण पर लंबे निबंध – निबंध 5 (700, 800 1000-शब्द) -Plastic Pollution Essay in Hindi 700, 800, 1000 words

प्लास्टिक प्रदूषण दिन-ब-दिन बढ़ता जा रहा है। शोध से पता चलता है कि पिछले दो दशकों में प्लास्टिक के उपयोग में भारी वृद्धि हुई है। प्लास्टिक का उपयोग करने के लिए सुविधाजनक है और इसकी लागत कम है। यही वजह है कि लोगों का झुकाव प्लास्टिक से बने विभिन्न उत्पादों को खरीदने की ओर अधिक होता है। लोगों की बढ़ती मांगों को पूरा करने के लिए, प्लास्टिक उत्पादों का निर्माण करने वाले कारखानों की संख्या में तेजी से वृद्धि हुई है। जितना अधिक प्लास्टिक का उपयोग किया जाता है, उतना ही अधिक प्लास्टिक अपशिष्ट हमारे ग्रह पर जमा हो जाता है और खतरनाक प्लास्टिक प्रदूषण का कारण बनता है। यह जीवन के लिए खतरा बनता जा रहा है क्योंकि यह विभिन्न बीमारियों को रास्ता दे रहा है।

प्लास्टिक उत्पादन: उपयोगी संसाधनों का उपभोग

न केवल प्लास्टिक को खत्म करना एक गंभीर चिंता का विषय है, बल्कि इस पदार्थ का उपयोग हर तरह से हमारे जीवन के लिए विनाशकारी है। प्लास्टिक के उत्पादन में तेल और पेट्रोलियम जैसे मूल्यवान जीवाश्म ईंधन शामिल हैं। ये जीवाश्म ईंधन गैर-नवीकरणीय हैं और निकालने के लिए कठिन हैं। इन जीवाश्म ईंधनों को लाने में बहुत कुछ निवेश किया जाता है और इन्हें विभिन्न अन्य उद्देश्यों के लिए आवश्यक है। यदि हम प्लास्टिक के उत्पादन के लिए इन मूल्यवान ईंधनों का उपयोग करना जारी रखते हैं, तो हम उनमें से बाहर निकल जाएंगे और अन्य अधिक महत्वपूर्ण चीजों के उत्पादन या चलाने के लिए उन्हें नियोजित करने में सक्षम नहीं होंगे।

समुद्री जीवन: प्लास्टिक प्रदूषण से सबसे खराब प्रभाव

प्लास्टिक बैग और अन्य प्लास्टिक के कणों को हवा और पानी द्वारा समुद्र, महासागरों और अन्य जल निकायों में ले जाया जाता है। जो लोग पिकनिक और कैंपिंग के लिए जाते हैं, वे प्लास्टिक की बोतलों और चिप्स के पैकेट भी कूड़े करते हैं जो प्लास्टिक प्रदूषण को जोड़ते हैं। यह सब नदियों और समुद्रों में जाकर समुद्री जीवों पर प्रतिकूल प्रभाव डालता है। ये गरीब जीव भोजन के लिए प्लास्टिक की गलती करते हैं और इसे खाते हैं। इसके परिणामस्वरूप मछलियों, कछुओं और अन्य समुद्री जीवों में गंभीर बीमारी होती है। उनमें से कई हर साल प्लास्टिक प्रदूषण के कारण मर जाते हैं। शोधकर्ताओं का दावा है कि आने वाले वर्षों में प्लास्टिक प्रदूषण के कारण होने वाली मौतों और बीमारियों की संख्या में वृद्धि होगी।

प्लास्टिक प्रदूषण: मनुष्यों और जानवरों के लिए खतरा

समुद्री जीवों की तरह जानवर भी कचरे में पड़े प्लास्टिक को भोजन के लिए गलत समझकर उसका सेवन करते हैं। कभी-कभी, वे गलती से पूरे प्लास्टिक बैग को निगल लेते हैं। इससे उनकी आंतों में फंस जाता है और दम घुटने से उनकी मौत हो जाती है। प्लास्टिक कचरा समय के साथ खराब होता रहता है और मच्छरों, मक्खियों और अन्य कीड़ों के लिए एक प्रजनन स्थल बन जाता है। मच्छरों का बड़ा हिस्सा यहां प्रवेश करता है और हर साल विभिन्न बीमारियों को रास्ता देता है।

प्लास्टिक कचरा उन नदियों को भी प्रदूषित कर रहा है जो हमारे लिए पीने के पानी का स्रोत हैं। प्लास्टिक प्रदूषण के कारण पेयजल की गुणवत्ता दिन-प्रतिदिन खराब होती जा रही है और इसके परिणामस्वरूप विभिन्न जल जनित बीमारियां हो रही हैं।

प्लास्टिक प्रदूषण से लड़ने के लिए सामूहिक प्रयास है जरुरी

प्लास्टिक उत्पादों का निपटान करना मुश्किल है। यह खतरनाक है जब प्लास्टिक कचरा लैंडफिल में जाता है और इससे भी अधिक खतरनाक होता है जब यह जल निकायों में जाता है। इसके विपरीत, लकड़ी और कागज हम इसे जलाकर भी इसका निपटान नहीं कर सकते हैं। ऐसा इसलिए है क्योंकि प्लास्टिक जलाने से हानिकारक गैसें पैदा होती हैं जो पृथ्वी पर पर्यावरण और जीवन के लिए खतरनाक हैं। प्लास्टिक इस प्रकार वायु, जल और भूमि प्रदूषण का कारण बनता है।

कोई फर्क नहीं पड़ता कि हम कितनी मेहनत करते हैं, हम प्लास्टिक उत्पादों को पूरी तरह से खत्म नहीं कर सकते हैं। हालांकि, हम निश्चित रूप से अपने प्लास्टिक के उपयोग को प्रतिबंधित कर सकते हैं। प्लास्टिक बैग, कंटेनर, ग्लास, बोतलें, आदि जैसे कई प्लास्टिक उत्पादों को आसानी से पर्यावरण के अनुकूल विकल्पों जैसे कपड़े / पेपर बैग, स्टील के बर्तन और इतने पर द्वारा प्रतिस्थापित किया जा सकता है।

प्लास्टिक प्रदूषण को नियंत्रित करना केवल सरकार की जिम्मेदारी नहीं है। वास्तव में, सरकार अकेले कुछ भी नहीं कर सकती है। हमें जिम्मेदारी से कार्य करने और प्लास्टिक प्रदूषण को कम करने के लिए अपना काम करने की आवश्यकता है।

प्लास्टिक प्रदूषण हर साल बढ़ रहा है और यह पूरी दुनिया के लिए चिंता का विषय बन गया है। हम इसके उपयोग कम करके प्लास्टिक प्रदूषण पर लगाम लगा सकते हैं। आज हर किसी को निपटने की दिशा में काम करने की जरूरत है।

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प्लास्टिक प्रदूषण निबंध | Plastic Pollution In Hindi Essay

प्लास्टिक प्रदूषण - एक समस्या जिस पर हो बहस, जिसने हमारे पूरे प्राकृतिक संसाधनों को खतरे में डाल दिया है।

इस विशेष ब्लॉग पोस्ट में, हम इस चुनौतीपूर्ण विषय पर एक गहरे अन्वेषण में जाएंगे - "प्लास्टिक प्रदूषण"।

प्लास्टिक का आविष्कार हमारे जीवन को सुविधाजनक बना दिया है, लेकिन इसका अत्यधिक उपयोग और नियमित छोड़ा जाना इसके पर्यावरणीय परिणामों को बढ़ा रहा है।

इस ब्लॉग पोस्ट में हम जानेंगे कि प्लास्टिक प्रदूषण का अर्थ क्या है, इसके प्रमुख कारण क्या हैं, और हम सभी कैसे मिलकर इस समस्या का समाधान कर सकते हैं।

इसमें हमारा उद्देश्य यह है कि हम इस चुनौती को समझें और उसका समाधान निकालें, ताकि हम और हमारे आने वाली पीढ़ियाँ स्वस्थ और हरित भूमि में जी सकें।

आइए, हम सब मिलकर इस सजीव चेतना के महत्वपूर्ण मुद्दे पर ध्यान केंद्रित करें और इस लड़ाई में हमारा योगदान दें।

प्लास्टिक प्रदूषण: एक आपदा जिसे हमें समझना जरुरी है

1. प्रस्तावना:

प्लास्टिक - एक आधुनिक समय का चमकता हुआ और सुविधाजनक आविष्कार, लेकिन इसके साथ साथ हमें इसके प्रदूषण के साथ भी निपटना है।

आजकल के जीवन में, हम प्लास्टिक के बिना सोचे समझे उपयोग करते हैं, लेकिन क्या हम इसके प्रदूषण की दिशा में ध्यान दे रहे हैं?

2. प्लास्टिक का साकारात्मक उपयोग:

प्लास्टिक का आविष्कार समाधान की एक स्वर्णिम कहानी थी।

इसने हमारे जीवन को सुविधाजनक बना दिया, साथ ही साथ नए उत्पादों की विकसिति में भी मदद की।

यह धातुओं से सस्ता और उसे बनाने में सरल होने के कारण व्यापक रूप से प्रयुक्त होने लगा।

प्लास्टिक का साकारात्मक उपयोग हमारे दैहिक और आर्थिक जीवन को बेहतर बनाने में सहायक हुआ।

3. प्लास्टिक प्रदूषण का अर्थ और प्रमुख कारण:

प्लास्टिक प्रदूषण एक गंभीर समस्या है जो हमारे प्राकृतिक संसाधनों को खतरे में डाल रही है।

प्लास्टिक प्रदूषण का अर्थ है कि प्लास्टिक उत्पन्न होने वाले अपशिष्ट और हानिकारक प्रदूषकों के कारण हमारे प्रदूषण क्षेत्रों में वृद्धि हो रही है।

प्रमुख कारणों में से एक है प्लास्टिक के अधित्यागी उपयोग।

व्यापक उपयोग के कारण हम अधिक से अधिक प्लास्टिक उत्पन्न कर रहे हैं और इसका संचय हो रहा है।

4. प्रमुख प्रदूषण क्षेत्रें:

प्लास्टिक प्रदूषण के क्षेत्रों में सबसे प्रमुख हैं - जल, वायु, और पृथ्वी प्रदूषण।

जल प्रदूषण में प्लास्टिक की विशेष पहचान तैरते हुए प्लास्टिक बोतलों, थैलों, और अन्य प्लास्टिक उत्पादों से होती है।

वायु प्रदूषण में भी प्लास्टिक की अधिकता उच्च है, खासकर जलते हुए प्लास्टिक के साथ साथ इसके अद्भुत गैस अनुशंसित होते हैं।

पृथ्वी पर प्लास्टिक प्रदूषण का असर हमारे भूमि पर ही नहीं, बल्कि समुद्रों, नदियों, और अन्य प्राकृतिक स्थलों पर भी हो रहा है।

5. प्लास्टिक के हानिकारक प्रभाव:

प्लास्टिक प्रदूषण के हानिकारक प्रभावों का सामना कर रहे हैं हमारा प्राकृतिक संसाधन।

जल, वायु, और पृथ्वी प्रदूषण से हो रहे प्लास्टिक के प्रभावों को समझना हमारी जिम्मेदारी है।

6. समाधान: बदलते तमाम पहलुओं की दिशा में:

इस समस्या का समाधान हम सभी की योगदानी से ही संभव है।

कई सारे क्षेत्रों में हमें कदम उठाना होगा और उसमें हमें साकारात्मक बदलाव लाना होगा।

7. साकारात्मक आदर्श और उद्धारण:

प्लास्टिक प्रदूषण के मुद्दे पर कुछ साकारात्मक आदर्श और उद्धारण यहां दिए गए हैं:

"प्रदूषण से बचाव करना एक सामाजिक जिम्मेदारी है, हम सभी को इसमें योगदान देना चाहिए।" - नरेंद्र मोदी

"वृक्षारोपण और प्लास्टिक के उपयोग में सावधानी बरतना हम सभी का कर्तव्य है।" - महात्मा गांधी

"हमें अपने आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देने के लिए प्रदूषण के खिलाफ संघर्ष करना होगा।" - अरविन्द केजरीवाल

8. निष्कर्ष:

प्लास्टिक प्रदूषण एक आपदा है जिस पर हमें गंभीरता से नजर रखनी चाहिए।

हमें इस समस्या का समाधान निकालने के लिए सामूहिक प्रयास में शामिल होना चाहिए ताकि हमारी आने वाली पीढ़ियाँ स्वस्थ और हरित भूमि में जी सकें।

साथ ही हमें स्वयं परिवर्तन करने का भी निर्णय लेना होगा, ताकि हम एक बेहतर और स्वच्छ भविष्य की दिशा में कदम बढ़ा सकें।

प्लास्टिक प्रदूषण पर निबंध हिंदी में 100 शब्द

प्लास्टिक प्रदूषण एक बड़ी समस्या है जो हमारे प्राकृतिक संसाधनों को खतरे में डाल रही है।

प्लास्टिक का अत्यधिक उपयोग और असमय त्याग के कारण समुद्रों, नदियों, और भूमि पर प्लास्टिक की बर्बादी हो रही है।

इससे जीवों को हानि हो रही है और प्रदूषण की मात्रा बढ़ रही है।

हमें जागरूक होना चाहिए और अपने उपयोग में सावधानी बरतनी चाहिए ताकि हम स्वच्छ और हरित भविष्य की दिशा में कदम बढ़ा सकें।

प्लास्टिक प्रदूषण पर निबंध हिंदी में 150 शब्द

प्लास्टिक प्रदूषण एक गंभीर समस्या है जो हमारे पूरे प्रदूषण प्रबंधन को खतरे में डाल रही है।

प्लास्टिक का अत्यधिक उपयोग और उसकी असमय बर्बादी ने समुद्रों, नदियों, और भूमि पर भारी प्रभाव डाला है।

यह सभी प्राकृतिक संसाधनों को प्रभावित करके जीवों को हानि पहुंचा रहा है।

हमें जल, वायु, और पृथ्वी प्रदूषण से निपटने के लिए सामूहिक प्रयास करना होगा।

सभी को सावधानी बरतकर और जागरूक होकर प्लास्टिक के उपयोग में तर्कसंगती बनाए रखना हमारी जिम्मेदारी है।

हमें साथ मिलकर प्रदूषण को नियंत्रित करने के स्थानीय और ग्लोबल स्तर पर कदम उठाने की आवश्यकता है।

प्लास्टिक प्रदूषण पर निबंध हिंदी में 200 शब्द

प्लास्टिक प्रदूषण एक गंभीर समस्या है जो हमारी प्राकृतिक संसाधनों और पर्यावरण को खतरे में डाल रही है।

प्लास्टिक का अत्यधिक उपयोग और इसकी असमय बर्बादी ने समुद्रों, नदियों, और भूमि पर प्रभाव डाला है, जिससे सारे जीवों को नुकसान हो रहा है।

प्लास्टिक के अधित्यागी उपयोग के कारण हम प्रदूषण में वृद्धि कर रहे हैं, जिससे जल, वायु, और पृथ्वी प्रदूषण का सामना कर रही हैं।

इससे जीवों को हानि हो रही है और बच्चों, पक्षियों, और समुद्री जीवों के लिए यह जीवन की सुरक्षा को भी खतरे में डाल रहा है।

हमें सामूहिक रूप से इस समस्या का समाधान निकालने के लिए सत्र्क प्रयासशील होना चाहिए।

अच्छे व्यवहार, पुनःप्रयाग, और प्लास्टिक के प्रयोग में सावधानी से जुड़े हमारे छोटे कदम भी इस समस्या को नियंत्रित करने में सहायक हो सकते हैं।

हमें एक साझा उत्तरदातृत्व और सुस्त नहीं होने की आदतें बदलनी होंगी ताकि हम एक हरित और स्वस्थ भविष्य की दिशा में कदम से कदम मिलाकर बढ़ा सकें।

प्लास्टिक प्रदूषण पर निबंध हिंदी में 300 शब्द

प्लास्टिक प्रदूषण आजकल हमारे समाज की एक गंभीर समस्या बन चुका है।

यह समस्या हमारी प्राकृतिक संसाधनों को खतरे में डालकर सारे जीवों के लिए जीवन को हानिकारक बना रही है।

प्लास्टिक का अत्यधिक उपयोग और बिना विचार के इसका त्याग करना, हमारे पूरे प्रदूषण प्रबंधन को प्रभावित कर रहा है।

प्रयुक्त प्लास्टिक का एक बड़ा हिस्सा समुद्रों और नदियों में पहुंचता है, जिससे जलवायु और जल प्रदूषण बढ़ रहा है।

प्लास्टिक की अधित्यागी उपयोग ने समुद्री जीवों के लिए एक बड़ा खतरा बना दिया है।

मरीन लाइफ को इसका सीधा असर हो रहा है, जिससे उनका प्रजनन सम्भावना कम हो रही है और उन्हें खाना मिलने में भी मुश्किल हो रही है।

इस समस्या का समाधान हम सभी की सामूहिक जिम्मेदारी है।

हमें प्लास्टिक के प्रयोग में सावधानी बरतनी चाहिए और पुनःप्रयाग के लिए सहयोग करना चाहिए।

साथ ही, नए प्रौद्योगिकियों और स्वच्छ उत्पादों की विकसिति में भी हमें सहायक बनना होगा।

जब हम सभी एकमुखी दृष्टिकोण से मिलकर कदम उठाएंगे, तब ही हम प्लास्टिक प्रदूषण को नियंत्रित कर सकेंगे और एक स्वच्छ, हरित और सुरक्षित भविष्य की दिशा में कदम बढ़ा सकेंगे।

प्लास्टिक प्रदूषण पर निबंध हिंदी में 500 शब्द

प्लास्टिक प्रदूषण आजकल हमारे समाज की एक बड़ी समस्या बन चुकी है जिसे हमें गंभीरता से लेना चाहिए।

प्लास्टिक, जो हमारे जीवन में सुविधाजनक बन चुका है, अब हमारे प्राकृतिक संसाधनों को बड़े ही खतरे में डाल रहा है।

प्लास्टिक का अत्यधिक उपयोग:

प्लास्टिक का अत्यधिक उपयोग हमारे समाज में सामान्य हो गया है।

लेकिन यह उपयोग बिना सोचे समझे और असमय त्याग के कारण प्रदूषण को बढ़ा रहा है।

प्लास्टिक की उत्पत्ति धातुओं की अधिक उपयोगिता और लोगों के बीच में अधिक मांग के कारण हुई।

प्लास्टिक प्रदूषण का अर्थ और प्रमुख कारण:

प्लास्टिक प्रदूषण का अर्थ है कि प्लास्टिक के अपशिष्ट और हानिकारक प्रदूषकों के कारण हमारे प्रदूषण क्षेत्रों में वृद्धि हो रही है।

इसका प्रमुख कारण है प्लास्टिक के अधित्यागी उपयोग का बढ़ता हुआ क्रम।

विभिन्न उद्योगों में प्लास्टिक का असमय और अत्यधिक उपयोग हो रहा है, जिसका सीधा प्रभाव हमारी प्रदूषण स्तरों में नजर आता है।

प्रमुख प्रदूषण क्षेत्रें:

प्लास्टिक के हानिकारक प्रभाव:

प्लास्टिक प्रदूषण के हानिकारक प्रभावों में से एक है सांविदानिक एवं बायोलॉजिक संतुलन के अवरोध का बढ़ना।

समुद्रों में प्लास्टिक के कचरे से होने वाला प्रदूषण मरीन लाइफ के लिए एक महत्वपूर्ण खतरा पैदा कर रहा है।

समुद्री जीवों को इस प्रदूषण की सीधी प्रभावितता हो रही है, जिससे उनके प्रजनन और जीवन को बचाने में मुश्किलें उत्पन्न हो रही हैं।

समाधान: बदलते तमाम पहलुओं की दिशा में:

उदाहरण स्वरूप, हमें प्लास्टिक का सही तरीके से पुनःप्रयोग करने वाले उत्पादों की विकसिति में सहयोग करना होगा जिससे उसका उपयोग किया जा सके और उसे पुनःप्रयोगिता मिल सके।

साकारात्मक आदर्श और उद्धारण:

"प्रदूषण से बचाव करना एक सामाजिक जिम्मेदारी है, हम सभी को इसमें योगदान देना चाहिए." - नरेंद्र मोदी

"वृक्षारोपण और प्लास्टिक के उपयोग में सावधानी बरतना हम सभी का कर्तव्य है." - महात्मा गांधी

"हमें अपने आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देने के लिए प्रदूषण के खिलाफ संघर्ष करना होगा." - अरविन्द केजरीवाल

निष्कर्ष:

प्लास्टिक प्रदूषण पर 5 लाइन निबंध हिंदी

  • प्लास्टिक प्रदूषण एक गंभीर समस्या है जो हमारी प्राकृतिक संसाधनों को बहुत खतरे में डाल रही है।
  • असमय और अत्यधिक प्लास्टिक का उपयोग ने हमें वायु, जल, और पृथ्वी प्रदूषण की आग में डाला है।
  • प्लास्टिक के प्रयोग में सावधानी ना बरतने से समुद्री जीवों के लिए एक बड़ा खतरा बन गया है।
  • हमें एकमुखी दृष्टिकोण से प्लास्टिक के प्रयोग में कमी करने के लिए कदम उठाने की आवश्यकता है।
  • सामूहिक प्रयास के माध्यम से हम सभी मिलकर इस समस्या का समाधान निकाल सकते हैं और स्वच्छ भविष्य की दिशा में कदम बढ़ा सकते हैं।

प्लास्टिक प्रदूषण पर 10 लाइन निबंध हिंदी

  • प्लास्टिक प्रदूषण एक गंभीर समस्या है जो हमारे प्राकृतिक संसाधनों को बहुत बड़े खतरे में डाल रही है।
  • प्लास्टिक का अत्यधिक उपयोग और उसकी असमय बर्बादी से समुद्रों और नदियों में प्रदूषण बढ़ रहा है।
  • यह प्रदूषण जल, वायु, और पृथ्वी पर नकारात्मक प्रभाव डाल रहा है जिससे जीवों को हानि हो रही है।
  • समुद्री जीवों के लिए यह जीवन की सुरक्षा को भी खतरे में डाल रहा है।
  • प्लास्टिक की अधित्यागी उपयोग ने प्रदूषण के स्तर को बढ़ा दिया है, जिससे जल, वायु, और पृथ्वी प्रदूषण बढ़ा है।
  • हमें इस समस्या का समाधान निकालने के लिए सामूहिक प्रयास में शामिल होना चाहिए।
  • प्लास्टिक का सही तरीके से पुनःप्रयोग करने वाले उत्पादों की विकसिति में सहयोग करना हमारी जिम्मेदारी है।
  • सभी को प्लास्टिक के विचारशील और जिम्मेदार उपयोग के लिए जागरूक करना आवश्यक है।
  • प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए उन्नत प्रौद्योगिकियों की विकसिति में सहयोग करना हमें चाहिए।
  • हम सभी को सशक्त बनकर प्लास्टिक प्रदूषण को कम करने में योगदान देना चाहिए ताकि हमारे आने वाले पीढ़ियाँ स्वस्थ भविष्य में जी सकें।

प्लास्टिक प्रदूषण पर 15 लाइन निबंध हिंदी

  • प्लास्टिक प्रदूषण एक गंभीर समस्या है जो हमारे पूरे पृथ्वी को कचरे से भर देने का खतरा बना रहा है।
  • इस समस्या का मुख्य कारण है हमारी अज्ञानता और अत्यधिक प्लास्टिक के उपयोग में लापरवाही।
  • प्लास्टिक की असमय बर्बादी ने समुद्रों, नदियों, और भूमि को प्रदूषित कर दिया है, जिससे प्राकृतिक संसाधनों पर भारी दबाव पड़ रहा है।
  • यह समस्या हमारी जीवसंस्कृति को भी प्रभावित कर रही है, क्योंकि हम प्रदूषित भूमि पर जीवन बिता रहे हैं।
  • समुद्रों में प्लास्टिक के कचरे से होने वाला प्रदूषण मरीन लाइफ के लिए एक बड़ा खतरा है, जिससे जीवों के प्रजनन में भी दिक्कतें आ रही हैं।
  • हमें सभी को उत्तरदातृत्वपूर्ण तरीके से प्लास्टिक का उपयोग करने के लिए जागरूक होना चाहिए।
  • प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए हमें सुरक्षित और वृद्धि को समर्थन करने वाले विकसित तकनीकों का उपयोग करना होगा।
  • सबसे महत्वपूर्ण है कि हम एक सामूहिक प्रयास के माध्यम से इस समस्या का समाधान निकालें और उदाहरण स्थापित करें।
  • प्लास्टिक के प्रयोग में कमी करने के लिए विशेषज्ञों और सामाजिक संगठनों को समर्थन मिलना चाहिए।
  • हमें अपनी आदतें बदलनी होंगी और पुनःप्रयोग की दिशा में अपने कदम बढ़ाने के लिए आगे बढ़ना होगा।
  • सरकारों को प्लास्टिक के प्रयोग में सीमा लगाने और उदार नियम बनाने में सहयोग करना चाहिए।
  • स्वच्छता अभियानों के माध्यम से सामुदायिक स्तर पर जागरूकता बढ़ाना हमारी समस्या का समाधान में सहायक हो सकता है।
  • शिक्षा व्यवस्था को इस मुद्दे पर ध्यान केंद्रित करके बच्चों को इस समस्या के प्रति जागरूक करना चाहिए।
  • विभिन्न स्तरों पर उपयोग होने वाले प्लास्टिक के उत्पादों की समीक्षा और पुनःप्रयोग की अनुसंधान द्वारा समस्या का समाधान किया जा सकता है।
  • हमें आत्मनिर्भर और हरित तकनीकों के समर्थन का अधिक प्रोत्साहन करना चाहिए, ताकि हम प्लास्टिक के प्रयोग में कमी कर सकें और नए और सुस्त उपयोग के तरीके खोज सकें।

प्लास्टिक प्रदूषण पर 20 लाइन निबंध हिंदी

  • प्लास्टिक प्रदूषण एक गंभीर समस्या है जो हमारे पूरे प्रदूषण प्रबंधन को प्रभावित कर रही है।
  • यह समस्या हमारी प्राकृतिक संसाधनों को क्षति पहुंचा रही है और जीवों के लिए एक बड़ा खतरा बन गई है।
  • प्लास्टिक का अत्यधिक उपयोग और असमय त्याग ने समुद्रों, नदियों, और भूमि को प्रदूषित कर दिया है।
  • समुद्री जीवों को प्लास्टिक से होने वाले कचरे का सीधा प्रभाव हो रहा है, जिससे उनकी सुरक्षा में भारी दिक्कतें आ रही हैं।
  • हमें अपनी आदतें बदलकर प्लास्टिक के प्रयोग में सावधानी बरतनी चाहिए और पुनःप्रयोग की ओर प्रेरित करना चाहिए।
  • सभी क्षेत्रों में सही तरीके से पुनःप्रयोग करने वाले उत्पादों की विकसिति में हमें योगदान देना चाहिए।
  • समाज में प्लास्टिक के प्रयोग में कमी के लिए जागरूकता फैलाने के लिए सामूहिक प्रयास की आवश्यकता है।
  • प्रदूषण से बचाव के लिए सरकारों को सख्त नियम बनाने और पूर्णाधिकार का पालन करने की जरुरत है।
  • शिक्षा व्यवस्था को इस मुद्दे पर ध्यान केंद्रित करना और छात्रों को इसके नकारात्मक प्रभावों के बारे में शिक्षित करना चाहिए।
  • प्लास्टिक के प्रयोग में कमी के लिए स्थानीय समुदायों को बदलाव लाने के लिए समूह सभी मिलकर काम करना चाहिए।
  • नए और हरित तकनीकों के समर्थन में हमें आत्मनिर्भर बनने के लिए सहयोग करना चाहिए।
  • सार्वजनिक स्थानों में प्लास्टिक के बहुपयोग को कम करने के लिए विशेषज्ञों की सलाह लेना चाहिए।
  • प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए साकारात्मक आदर्शों का पालन करना हम सभी की जिम्मेदारी है।
  • सभी लोगों को प्लास्टिक के प्रयोग में सतर्क रहने और साइकिलर जीवनशैली को अपनाने के लिए प्रेरित करना चाहिए।
  • आत्म-निगरानी बढ़ाने और सामूहिक संगठन करने के लिए हमें प्लास्टिक मुक्त समाज की दिशा में कदम बढ़ाना होगा।
  • प्लास्टिक के प्रयोग में कमी के लिए विभिन्न स्तरों पर उपयोग होने वाले उत्पादों की समीक्षा करना हमें योगदान करना चाहिए।
  • वन्यजनों के लिए सुरक्षित और अबाधित प्रदूषण मुक्त स्थानों का बढ़ता समर्थन करना हमारी प्राकृतिक विविधता की रक्षा में सहायक हो सकता है।
  • सामूहिक स्तर पर जनजागरूकता बढ़ाने के लिए हमें समुदायों में चर्चाएं आयोजित करनी चाहिए ताकि लोगों में बदलाव आ सके।
  • सामाजिक संगठनों को प्लास्टिक संग्रहण केंद्रों की स्थापना के लिए सहयोग करना चाहिए जो पुनःप्रयोग के लिए प्लास्टिक इकट्ठा कर सकें।
  • प्लास्टिक प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए हमें विश्व स्तर पर मिलकर कठिन कदम उठाने का समझौता करना होगा, ताकि हम सभी मिलकर स्वच्छ और हरित भविष्य की दिशा में कदम बढ़ा सकें।

इस ब्लॉग पोस्ट के माध्यम से हमने देखा है कि प्लास्टिक प्रदूषण एक गंभीर समस्या है जिसका समाधान हमारी समृद्धि और प्राकृतिक संसाधनों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है।

यह हमारे जीवन में रूचि रखता है, हमारी संस्कृति को प्रभावित करता है, और साथ ही हमारे प्रदूषण स्तरों को भी बढ़ा देता है।

हमने देखा है कि प्लास्टिक का अत्यधिक और असमय त्याग उसके प्रदूषण स्तरों को बढ़ा रहा है।

समुद्री जीवों, नदियों, और भूमि को प्रदूषित करने से हमारी प्राकृतिक संसाधनों पर भारी दबाव पड़ रहा है।

हमें अपनी आदतें बदलकर, सही तरीके से पुनःप्रयोग करने वाले उत्पादों का समर्थन करके, और सभी क्षेत्रों में सहयोग करके इस समस्या का समाधान निकालना होगा।

आगे बढ़ने के लिए हमें प्लास्टिक के प्रयोग में सावधानी, सजगता, और सामूहिक प्रयास की आवश्यकता है ताकि हम प्लास्टिक प्रदूषण के खिलाफ एक साकारात्मक परिवर्तन ला सकें और स्वच्छ, हरित भविष्य की दिशा में कदम बढ़ा सकें।

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plastic pollution essay 700 words in hindi

Essay on Plastic Pollution in Hindi

देखा जाए तो विदेशों की तुलना में हमारे भारत देश में प्रदूषण का स्तर बहुत तेजी से बढ़ते जा रहा है। लोग शहरीकरण को अपनाने के लिए ग्रामीण जीवन व गांव को छोड़कर शहरों में बस्ते जा रहे हैं। और वे अपनी सुख-सुविधाओं के लिए वातावरण की चिंता ना करते हुए प्रदूषण के स्तर को बढ़ाते जा रहे हैं। और पेड़ पौधों को बिना सोचे समझे काटते जा रहे हैं जिसके कारण वायु प्रदूषण में वृद्धि होते जा रहा है। वैसे तो प्रदूषण बहुत प्रकार के होते हैं जैसे कि वायु प्रदूषण ,जल प्रदूषण, साउंड प्रदूषण, प्लास्टिक प्रदूषण (Essay on Plastic Pollution in Hindi) इत्यादि। परंतु आज हम देश में बढ़ते जा रहे प्लास्टिक प्रदूषण के बारे में जानेंगे, लोग किस प्रकार अपनी सुविधा के लिए प्लास्टिक का प्रयोग करके पृथ्वी को दूषित करते जा रहे हैं उसके बारे में जानेंगे। तो आइए हम प्लास्टिक प्रदूषण के बारे में विस्तार से जानते हैं।

प्लास्टिक प्रदूषण क्या है:-  

प्लास्टिक प्रदूषण का स्तर दिन प्रतिदिन काफि तेजी के साथ पृथ्वी पर बढ़ते जा रहा है। मनुष्य द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले प्लास्टिक की चीजों का जमीन या जल में इकट्ठा होना ही प्लास्टिक प्रदूषण कहलाता है। प्लास्टिक पदार्थों से उत्पन्न होने वाले खचरों का निस्तारण बहुत ही कठिन से होता है। मनुष्य द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले प्लास्टिक की चीजों का महासागर, समुद्र,व नदियों में इकट्ठा होने के कारण जल प्रदूषण का स्तर भी बढ़ते जा रहा है। लोगों द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले प्लास्टिक की चीजों जैसे -प्लास्टिक बैग, प्लास्टिक बर्तन, प्लास्टिक फर्नीचर ,इत्यादि के इस्तेमाल के कारण प्लास्टिक (Essay on Plastic Pollution in Hindi) के कचरे का स्तर दिन प्रतिदिन बढ़ते जा रहा है। लोगों की इन लापरवाही के कारण ही प्लास्टिक प्रदूषण जैसे समस्याओं का स्तर भारत में बहुत तेजी के साथ बढ़ते जा रहा है। पृथ्वी को प्रदूषित करने में प्लास्टिक के साथ-साथ लोगों का भी अहम योगदान है। और यह दिन प्रतिदिन एक वैश्विक चिंता का विषय बनते जा रहा है।

प्लास्टिक का प्रयोग दैनिक जीवन में किस प्रकार बढ़ते जा रहा है:-

भारत जहां एक ओर तरक्की के साथ-साथ नए-नए आविष्कार कर के देश का नाम रोशन कर रहा है तो वहीं दूसरी ओर लापरवाही करके बाकी देशों से अपने देश को पीछे करते जा रहा है। आजकल के लोगों को अपनी सुख-सुविधाओं के अलावा और कुछ दिखाई हि नहीं देता। वे अपनी सुख-सुविधाओं के चलते प्लास्टिक का उपयोग अपने दैनिक जीवन में करके पृथ्वी को दूषित करते जा रहे हैं। आज के युग में प्लास्टिक लोगों के जीवन में एक अहम हिस्सा कायम कर चुका है। लोगों को मानो जैसे प्लास्टिक की चीजें इस्तेमाल करने की आदत सी हो गई है। आज के युग में हर एक व्यक्ति प्लास्टिक का किसी ना किसी रूप में उपयोग कर रहा है। जिसके कारण प्लास्टिक की लोकप्रियता बढ़ती जा रही है ।

प्लास्टिक यानी कि पॉलीमर यह एक ऐसा पदार्थ है जो कि बहुत ही हल्का होता है, टिकाऊ होता है ,और हर मौसम को सहने में सक्षम होता है, और यह बहुत ही सरलता से उपलब्ध किया जा सकता है, और यह बहुत कम दाम में मार्केट में बिकता है, और प्लास्टिक को बड़ी सरलता के साथ किसी भी रूप में ढाला जा सकता है। इसी कारण प्लास्टिक लोगों के जीवन में एक महत्वपूर्ण जगह बना चुका है। प्लास्टिक का प्रयोग लगभग देश के सभी लोग अपने दैनिक जीवन में जाने -अनजाने में किसी ना किसी रूप में करते रहे हैं। जो कि वैज्ञानिकों के अनुसार मनुष्य के जीवन के लिए बहुत बड़ा खतरा है। लोग प्लास्टिक की चीजे जैसे -पॉलिथीन ,पैकेजिंग, प्लास्टिक की थैली ,प्लास्टिक की बोतल, इत्यादि जैसे चीजों का इस्तेमाल करते हैं। और लोग इन प्लास्टिक से बने चीजों का एक बार इस्तेमाल करके फेंक देते हैं और फिर यही प्लास्टिक की चीजें कचरे के रूप में इकट्ठा होकर भूमि तथा समुद्र को दूषित करता है। प्लास्टिक (Essay on Plastic Pollution in Hindi) एक ऐसा पदार्थ है जो कि कभी नष्ट नहीं होता है इन्हे नष्ट होने में बहुत वर्ष लगता है। इसीलिए यह पृथ्वी और पृथ्वी के लोगों के स्वास्थ्य के  लिए बहुत खतरनाक है।

प्लास्टिक का प्रकार:-

वैसे तो प्लास्टिक कई प्रकार की होती हैं परंतु मुख्यता इन्हें दो प्रकार का माना जाता है।

1. थर्मोप्लास्टिक

2. थर्मोसेटिंग

1. थर्मोप्लास्टिक:- थर्मो प्लास्टिक वो प्लास्टिक होता है जिन्हें गर्म करके विभिन्न रूपों में ढाला जा सकता है। इसे रिसाइकल करके अलग-अलग तरह के चीजें बनाकर उपयोग में लाया जा सकता है जैसे की प्लास्टिक की बोतल, प्लास्टिक के खिलौने, प्लास्टिक के थैले, इत्यादि।

2. थर्मोसेटिंग:- थर्मोसेटिंग वह प्लास्टिक होती है जो गर्म होने पर सेट हो जाती है और ठोस पदार्थ बन जाती है ।इस प्लास्टिक का इस्तेमाल अक्सर ठोस पदार्थ बनाने में किया जाता है। जैसे यूरिया, फॉर्म एल्डिहाइड ,और पॉली यूरिथेन आदि।

लोगों की उपयोगिता के आधार पर भी प्लास्टिक को दो भाग में बांटा गया है।

1. कम घनत्व वाले प्लास्टिक , 2. उच्च घनत्व वाले प्लास्टिक

लोग अपने जीवन में प्लास्टिक का इस्तेमाल बड़ी सरलता के साथ कर रहे है ।इसलिए बड़ी-बड़ी कंपनिया प्लास्टिक का निर्माण दिन प्रतिदिन तेजी के साथ करते जा रहे है। लोग अक्सर घरों में छोटे-छोटे कामों के लिए कम घनत्व वाले प्लास्टिक का इस्तेमाल करते हैं यह एक ऐसा प्लास्टिक है जो कि हल्की हल्की चीजों को उठाने में काम आते हैं। और इनका उपयोग ज्यादातर मार्केट में किया जाता है ।और इस प्रकार के प्लास्टिक का इस्तेमाल लोग अपने जीवन में ज्यादा करते हैं।

उच्च घनत्व वाले प्लास्टिक ऐसे प्लास्टिक होते हैं जो कि किसी भी ठोस पदार्थ का निर्माण करने में काम आते हैं। इस प्रकार के प्लास्टिक का भी इस्तेमाल लोग अपने जीवन में करते हैं। इस प्रकार के प्लास्टिक का भी एक महत्वपूर्ण जगह लोगों के जीवन में है।

जिस प्रकार लोग अपने दैनिक जीवन में प्लास्टिक का उपयोग कर रहे हैं उस प्रकार से इस पृथ्वी का जीवन बहुत ही छोटा होता जा रहा है। प्रदूषण मानव जीवन के लिए बहुत हानिकारक है इस बात से सभी लोग भलीभांति परिचित हैं फिर भी लोग अपनी सुख-सुविधाओं को ज्यादा महत्व देते हुए प्लास्टिक जैसी चीजों का इस्तेमाल करके पृथ्वी को दूषित कर रहे हैं जो कि आने वाली पीढ़ियों के लिए बहुत ही हानिकारक साबित हो सकता है। लोग एक बार प्लास्टिक का इस्तेमाल करके उन्हें इधर-उधर फेंक देते हैं और वह कचरे के रूप में इकट्ठा होकर समुद्रों में जाकर जल को दूषित करती है।

इसीलिए लोगों को प्लास्टिक के कचरो को डस्टबिन में डालना चाहिए क्योंकि इन प्लास्टिक की चीजों को रिसाइकल करके हम इस्तेमाल कर सकते हैं ।भारत सरकार द्वारा ऐसे बहुत से कई सारी संस्थाएं बनाई गई है जो कि लोगों को प्लास्टिक के प्रदूषण के प्रति जागरूक करके प्लास्टिक के पदार्थ (Essay on Plastic Pollution in Hindi) का कम इस्तेमाल करने का सुझाव देते हैं। परंतु यदि हमें प्रदूषण को कम करना है तो हम सब को मिलकर लोगों को प्लास्टिक से हो रहे घातक बीमारियों तथा असुविधा के बारे में बताते हुए जागरूक करना होगा ।तभी हम एक  स्वच्छ भारत का निर्माण कर पाएंगे और हमारे आने वाले पीढ़ियों को इसका लाभ मिल पाएहैं।

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Plastic Pollution Essay in Hindi

Plastic Pollution Essay in Hindi: प्लास्टिक प्रदूषण पर निबंध

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Plastic Pollution Essay in Hindi

यहां हम आपको “Plastic Pollution Essay in Hindi” उपलब्ध करा रहे हैं. इस निबंध/ स्पीच को अपने स्कूल या कॉलेज के लिए या अपने किसी प्रोजेक्ट के लिए उपयोग कर सकते हैं. इसके साथ ही यदि आपको किसी प्रतियोगिता के लिए भी Plastic Pradushan Par Nibandh तैयार करना है तो आपको यह आर्टिकल पूरा बिल्कुल ध्यान से पढ़ना चाहिए.

Plastic Free India Essay in Hindi (150 Words)

प्लास्टिक फ्री इंडिया अभियान की शुरुआत 2 अक्टूबर 2019 से की गई थी। इस अभियान को मोदी सरकार द्वारा शुरू किया गया था। आज प्लास्टिक का उपयोग हम सभी के द्वारा काफी अधिक मात्रा में किया जा रहा है। जैसा कि हम सभी जानते हैं, यह सिंगल यूज प्लास्टिक हमारे लिए और पर्यावरण के लिए काफी हानिकारक हो सकता है। लेकिन फिर भी हम अंधाधुन इसका इस्तेमाल किए जा रहे हैं।

सभी लोगों के पास प्लास्टिक को इस्तेमाल करने के अपने-अपने कारण हैं, कोई इसे सामान लाने के लिए इस्तेमाल करता है तो कोई खाना रखने के लिए और यहां तक की पहनने वाले कपड़ों में भी अब तो प्लास्टिक का इस्तेमाल होता है। सभी लोग अपने रोजमर्रा की चीजों को रखने के लिए प्लास्टिक का इस्तेमाल कर रहे हैं। एक सर्वेक्षण के अनुसार प्लास्टिक में खाना रखने से खाना खराब होता है ,और इससे कैंसर होने का खतरा भी रहता है। हम लोगों को चाहिए कि हम प्लास्टिक का उपयोग कम से कम करें, ताकि हम अपने पर्यावरण और पर्यावरण में रहने वाले सभी जीव जंतुओं को बचा सकें।

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Essay on Plastic Pollution Essay in Hindi (500 Words)

आज सिंगल यूज प्लास्टिक का प्रचलन काफी तेजी से बढ़ रहा है। प्लास्टिक एक ऐसा पदार्थ है, जिसे कभी नष्ट नहीं किया जा सकता। प्लास्टिक से होने वाले नुकसान के बारे में सभी लोग जानते हैं, लेकिन फिर भी आंख बंद करके इसका इस्तेमाल किए जा रहे हैं। शोधकर्ताओं के अनुसार सिंगल यूज प्लास्टिक में रखी हुई चीज को नहीं खाना चाहिए। क्योंकि इसमें ऐसे कुछ बैक्टीरिया पाए जाते हैं, जो इंसान के स्वास्थ्य के लिए काफी हानिकारक होते हैं। भारत देश में 1 दिन में लगभग हजारों टन प्लास्टिक का कचरा इकट्ठा किया जाता है, जिसमें सबसे अधिक मात्रा प्लास्टिक वेस्ट की होती है।

Plastic Pollution Essay in Hindi

प्लास्टिक पर्यावरण के लिए कैसे हानिकारक है?

वैज्ञानिकों के अनुसार प्लास्टिक एकमात्र ऐसा पदार्थ है, जिसे किसी भी प्रकार से नष्ट नहीं किया जा सकता। प्लास्टिक की पॉलीथिन को अगर जलाया जाए तो इसका विषैला धुआं वायु को दूषित करता है। अगर यह प्लास्टिक कूड़े कचरे के साथ जमीन पर पड़ा रहे तो जमीन को बंजर बनाता है। इसके अलावा कई बार आवारा पशु खाने के साथ प्लास्टिक की पॉलीथिन को भी खा जाते हैं, जिसके कारण उनकी मृत्यु हो जाती है। प्लास्टिक में ऐसे कई सारे केमिकल और बैक्टीरिया पाए जाते हैं, जो इंसान के शरीर को धीरे-धीरे कमजोर करते हैं। पर्यावरण में मौजूद प्लास्टिक पेड़ पौधों, जीव जंतुओं एवं सभी के लिए हानिकारक होता है।

प्लास्टिक से होने वाली हानियां/ दुष्प्रभाव

प्लास्टिक का सबसे बड़ा दुष्प्रभाव यह है, की इसके कारण लोगों को कई सारी बीमारियां हो सकती हैं। सिंगल यूज प्लास्टिक कुछ ऐसे पदार्थों से बनाया जाता है, जो कि जीव जंतु ,पर्यावरण, पानी, इंसानों के लिए काफी हानिकारक होता है। पॉलिथीन में अगर किसी खाने की चीज को रखा जाए तो खाने में कुछ ऐसे बैक्टीरिया आ जाते हैं। जो इंसान के लिए कैंसर होने का कारण बनते हैं। पर्यावरण के लिए भी प्लास्टिक बेहद हानिकारक होता है। यह जमीन में नए पेड़ पौधों को उगने से रोकता है। इसके अलावा कई बार प्लास्टिक नदी नालों में जाकर पानी में रहने वाले जीव जंतुओं को नुकसान पहुंचाता है।

प्लास्टिक मुक्त भारत अभियान

इस अभियान की शुरुआत केंद्र सरकार द्वारा 2 अक्टूबर 2019 को की गई थी। इस अभियान को शुरू करने का मुख्य कारण कुछ बड़े शहर जैसे कि दिल्ली-मुंबई को प्लास्टिक से मुक्त करना है। एक सर्वे के अनुसार यह बताया गया है, कि भारत में प्रतिदिन 15000 तन से अधिक प्लास्टिक कचरा फेंका जाता है। सफाई कर्मियों द्वारा प्रतिदिन 10000 टन से अधिक का कचरा इकट्ठा किया जाता है। भारत में सिंगल यूज प्लास्टिक की मात्रा इतनी अधिक बढ़ चुकी है, कि शहर के बाहर कचरे के बड़े-बड़े पहाड़ बने हुए हैं। प्लास्टिक का उपयोग बंद कर अब हम लोगों को पर्यावरण के बचाव के बारे में सोचना चाहिए।

आज समय यह आ गया है की हम खाने से लेकर पहनावे और अन्य चीजों के लिए प्लास्टिक निर्मित वस्तुओं पर निर्भर हो गए हैं। हमें छोटे छोटे प्रयासों द्वारा धीरे धीरे प्लास्टिक का इस्तेमाल बंद करना चाहिए। लोगों को सामान लेने के लिए प्लास्टिक की जगह कपड़े से बने थैले का इस्तेमाल करना चाहिए। जिन भी सामानों की पैकिंग प्लास्टिक में की जाती है, जैसे कि खाद्य पदार्थ ,छोटे उपकरण, पानी, केमिकल इत्यादि चीजों को पैक करने के लिए दूसरे विकल्प जैसे कि कागज कपड़े से बनी चीजों को इस्तेमाल करना होगा। हमें जितना हो सकें प्लास्टिक की वस्तुओं को रिसायकल करना चाहिए। इन छोटे-छोटे प्रयासों द्वारा हम पर्यावरण से प्लास्टिक दूर कर पर्यावरण में रहने वाले जीवों के साथ-साथ खुद का भी जीवन बचा सकेंगे।

Plastic Pollution Par Nibandh

हमारे सभी प्रिय विद्यार्थियों को इस “Mahatma Gandhi Essay in Hindi” जरूर मदद हुई होगी यदि आपको यह Plastic Pollution Par Nibandh अच्छा लगा है तो कमेंट करके जरूर बताएं कि आपको यह Plastic Pradushan Par Nibandh कैसा लगा? हमें आपके कमेंट का इंतजार रहेगा और आपको अगला Essay या Speech कौन से टॉपिक पर चाहिए. इस बारे में भी आप कमेंट बॉक्स में बता सकते हैं ताकि हम आपके अनुसार ही अगले टॉपिक पर आपके लिए निबंध ला सकें.

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Plastic Ki Duniya Essay in Hindi: जानिए प्लास्टिक की दुनिया के बारे में निबंध

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  • Updated on  
  • फरवरी 29, 2024

Plastic Ki Duniya Essay in Hindi

प्लास्टिक प्रदूषण हमारे ग्रह के स्वास्थ्य और पारिस्थितिकी तंत्र के लिए एक महत्वपूर्ण खतरा है। प्लास्टिक कचरा हमारे महासागरों, मिट्टी और हवा को प्रदूषित करता है, जिससे वन्य जीवन और मानव जीवन दोनों को खतरा होता है। इस गंभीर मुद्दे के समाधान और आने वाली पीढ़ियों के लिए आवश्यक है। इसलिए काई बार इस विषय पर छात्रों को निबंध तैयार करने के लिए दिया जाता है। Plastic Ki Duniya Essay in Hindi के बारे में जानने के लिए इस ब्लॉग को अंत तक पढ़ें। 

This Blog Includes:

प्लास्टिक की दुनिया पर 100 शब्दों में निबंध , plastic ki duniya essay in hind 200 शब्दों में, प्लास्टिक की दुनिया से तात्पर्य , प्लास्टिक प्रदूषण से हुए प्रभाव, प्लास्टिक प्रदूषण के प्रभाव को रोकने के लिए कदम, प्लास्टिक की दुनिया पर 10 लाइन्स.

वर्तमान दुनिया प्लास्टिक की दुनिया बन गई है, जो आधुनिक समाज को आकार दे रही है। प्लास्टिक बहुमुखी प्रतिभा ने पैकेजिंग से लेकर स्वास्थ्य सेवा तक उद्योगों में क्रांति ला दी है। लेकिन इसके अत्यधिक उपयोग से पर्यावरणीय संकट पैदा हो गया है। प्लास्टिक प्रदूषण महासागरों को अवरुद्ध कर देता है, वन्य जीवन को नुकसान पहुँचाता है और खाद्य श्रृंखलाओं को प्रदूषित करता है। माइक्रोप्लास्टिक पारिस्थितिक तंत्र में प्रवेश करता है, जिससे मनुष्यों के लिए स्वास्थ्य जोखिम पैदा होता है। रीसाइक्लिंग के प्रयासों के बावजूद, बहुत सारा प्लास्टिक लैंडफिल में चला जाता है, जिससे जलवायु परिवर्तन बढ़ जाता है। इसके समाधानों के लिए प्रणालीगत बदलाव की आवश्यकता है, जिसमें बायोडिग्रेडेबल सामग्रियों में नवीन तकनीक, प्लास्टिक उत्पादन और निपटान पर सख्त नियम और टिकाऊ नियमों को से अपनाना शामिल है। वर्तमान समय में प्लास्टिक पर हमारी निर्भरता पर पुनर्विचार करना और आने वाली पीढ़ियों के लिए अधिक टिकाऊ भविष्य का प्रयास करना अनिवार्य है।

Plastic Ki Duniya Essay in Hindi 200 शब्दों में निबंध नीचे दिया गया है:

प्लास्टिक ने हमारी आधुनिक दुनिया के ताने-बाने में खुद को गहराई से शामिल कर लिया है, जिससे उद्योगों और जीवनशैली में क्रांति आ गई है। इसकी बहुमुखी प्रतिभा और सामर्थ्य ने इसे पैकेजिंग, निर्माण, स्वास्थ्य सेवा और इलेक्ट्रॉनिक्स सहित विभिन्न क्षेत्रों में कार्यों को आसान बना दिया है। सुविधाजनक खाद्य पैकेजिंग से लेकर जीवन रक्षक चिकित्सा उपकरणों तक, प्लास्टिक उत्पाद हमारे दैनिक जीवन से जुड़ गए हैं।

लेकिन प्लास्टिक के व्यापक उपयोग ने एक महत्वपूर्ण पर्यावरणीय संकट पैदा कर दिया है। बैग, बोतलें और स्ट्रॉ जैसे एकल-उपयोग प्लास्टिक ने हमारे महासागरों और लैंडफिल में बाढ़ ला दी है। इससे समुद्री जीवन और पारिस्थितिक तंत्र के लिए गंभीर खतरा पैदा हो गया है।  प्लास्टिक के विघटन में सैकड़ों से हजारों साल लग जाते हैं, जिससे लगातार प्रदूषण और पर्यावरणीय गिरावट होती है।

माइक्रोप्लास्टिक्स, 5 मिमी से कम आकार के छोटे कण, दुनिया के हर कोने में प्रवेश कर चुके हैं, जल स्रोतों, मिट्टी और यहां तक कि जिस हवा में हम सांस लेते हैं उसे भी प्रदूषित कर रहे हैं। ये माइक्रोप्लास्टिक न केवल वन्यजीवों को नुकसान पहुंचाते हैं बल्कि भोजन की खपत और साँस के माध्यम से मनुष्यों के लिए संभावित स्वास्थ्य जोखिम भी पैदा करते हैं।

प्लास्टिक के संकट से निपटने के लिए नए नियमों की आवश्यकता है। सरकारों, उद्योगों और व्यक्तियों को प्लास्टिक उत्पादन को कम करने, अपशिष्ट प्रबंधन प्रणालियों में सुधार करने के लिए कार्य करना चाहिए। एकल-उपयोग प्लास्टिक के विकल्पों को बढ़ावा देने के लिए सहयोग करना चाहिए। ये बायोडिग्रेडेबल प्लास्टिक के लिए पुनर्चक्रण और प्लास्टिक प्रदूषण को कम करने की दिशा में आवश्यक कदम हैं। लोगों में सार्वजनिक जागरूकता और शिक्षा महत्वपूर्ण हैं। पर्यावरण के अनुकूल कार्यों को अपनाकर और नीतिगत बदलावों को करके, हम ऐसे भविष्य की दिशा में काम कर सकते हैं जहां प्लास्टिक पर्यावरणीय क्षरण में कम भूमिका निभाए। जिससे आने वाली पीढ़ियों के लिए एक स्वस्थ ग्रह सुनिश्चित हो सके।

प्लास्टिक की दुनिया पर 500 शब्दों में निबंध

Plastic Ki Duniya Essay in Hindi 500 शब्दों में निबंध नीचे दिया गया है:

विज्ञान और प्रौद्योगिकी में प्रगति ने विभिन्न क्षेत्रों में कई परिवर्तन लाए हैं और एक महत्वपूर्ण खोज प्लास्टिक है।  प्लास्टिक, जो कच्चे तेल से प्राप्त होता है और एक प्रकार के पॉलिमर के रूप में बांटा जाता है। प्लास्टिक ने उस दुनिया को बदल दिया है जिसमें हम रहते हैं। यह विभिन्न रूपों में आकार देने की क्षमता, हल्के स्वभाव, लचीलेपन, लागत-प्रभावशीलता के लिए जाना जाता है।

इन विशेषताओं के कारण स्वास्थ्य सेवा, चिकित्सा, ऑटोमोटिव, निर्माण और एयरोस्पेस सहित कई क्षेत्रों में प्लास्टिक का व्यापक उपयोग हुआ है। हम अपने दैनिक जीवन में रोज़ प्लास्टिक का सामना करते हैं, सुबह में उपयोग किए जाने वाले टूथब्रश से लेकर रात में बंद किए जाने वाले लाइट स्विच तक।

“प्लास्टिक की दुनिया” हमारे आधुनिक समाज में प्लास्टिक सामग्री की व्यापक उपस्थिति और प्रभाव को दर्शाती है।  इसमें पैकेजिंग और निर्माण से लेकर स्वास्थ्य देखभाल और इलेक्ट्रॉनिक्स तक विभिन्न उद्योगों और रोजमर्रा की जिंदगी में प्लास्टिक के व्यापक उपयोग को शामिल किया गया है। प्लास्टिक की बहुमुखी प्रतिभा और सामर्थ्य ने इसे सर्वव्यापी बना दिया है, जिससे हम वस्तुओं के उत्पादन, उपभोग और निपटान के तरीके को आकार दे रहे हैं।

यह विषय प्लास्टिक प्रदूषण से जुड़ी पर्यावरणीय चुनौतियों पर से भी अवगत करवाता है। महासागरों और लैंडफिल में प्लास्टिक कचरे का संचय, माइक्रोप्लास्टिक का प्रसार और वन्यजीवों और पारिस्थितिक तंत्र पर हानिकारक प्रभाव ये सभी अहम मुद्दे है । कुल मिलाकर “प्लास्टिक की दुनिया” शब्द आज के समाज में प्लास्टिक सामग्री पर हमारी निर्भरता के लाभ और नुकसान दोनों को दर्शाता है।

प्लास्टिक प्रदूषण विभिन्न तरीकों से नुकसान पहुंचाता है, जैसे महासागरों, भूमि, भोजन और भूजल को प्रदूषित करना।  जब प्लास्टिक को जल निकायों में डाला जाता है, तो यह घुलता नहीं है बल्कि हानिकारक रसायन छोड़ता है, जिससे पानी अशुद्ध हो जाता है। समुद्री जानवर प्लास्टिक को भोजन समझ लेते हैं, जिससे वे गंभीर बीमारी और मौत का शिकार हो जाते हैं। प्लास्टिक के मछली पकड़ने के जाल टूट जाते हैं और विषाक्त पदार्थ छोड़ते हैं, जिससे मछलियाँ दूषित होती हैं और मानव स्वास्थ्य प्रभावित होता है।

भूमि पर, प्लास्टिक नष्ट नहीं होता है, जिससे मिट्टी और भूजल में रसायन निकल जाते हैं, जिससे प्रदूषण होता है।  प्लास्टिक से भरे लैंडफिल रोग फैलाने वाले कीड़ों के लिए प्रजनन स्थल बन जाते हैं। प्लास्टिक प्रदूषण हवा को भी प्रभावित करता है, जिससे सूक्ष्म कण बनते हैं जो ओजोन और धुंध के निर्माण में योगदान करते हैं, जिससे हवा की गुणवत्ता खराब हो जाती है।

प्लास्टिक का अंतर्ग्रहण खाद्य श्रृंखलाओं को बाधित करता है, जिससे वन्य जीवन और पारिस्थितिकी तंत्र के लिए खतरा पैदा होता है। प्लास्टिक प्रदूषण का पर्यावरण और मानव स्वास्थ्य पर दूरगामी परिणाम होता है।

यदि हम प्लास्टिक प्रदूषण का उचित प्रबंधन नहीं करते हैं, तो यह हमें गंभीर रूप से नुकसान पहुंचा सकता है। हमें इसे नियंत्रित करने के लिए समय रहते कार्य करने की आवश्यकता है। हम निम्न उपायों को अपना सकता हैं:

  • एकल-उपयोग प्लास्टिक को के बजाय, कपड़े या पेपर बैग जैसी चीज़ों का उपयोग करें।
  • प्लास्टिक से बनी वस्तुओं को फेंकने से पहले जितनी बार संभव हो उनका उपयोग करें।
  • कुल मिलाकर प्लास्टिक का कम उपयोग करने का प्रयास करें।
  • प्लास्टिक उत्पादों को नई वस्तुओं में बदलने के लिए रीसाइक्लिंग सुविधाओं में भेजें।

प्लास्टिक की दुनिया पर 10 लाइन्स नीचे दी गई है:

  • प्लास्टिक की दुनिया से तात्पर्य आधुनिक समाज में इसकी सर्वव्यापी उपस्थिति से है।
  • प्लास्टिक सामग्री ने अपनी बहुमुखी प्रतिभा और सामर्थ्य के कारण विभिन्न उद्योगों में क्रांति ला दी है।
  • पैकेजिंग से लेकर स्वास्थ्य सेवा तक, प्लास्टिक का कई क्षेत्रों में उपयोग होता है।
  • प्लास्टिक उत्पाद हल्के, टिकाऊ होते हैं और इन्हें विभिन्न आकारों में ढाला जा सकता है।
  • हालाँकि, प्लास्टिक के अत्यधिक उपयोग और अनुचित निपटान ने पर्यावरणीय संकट पैदा कर दिया है।
  • प्लास्टिक प्रदूषण महासागरों, लैंडफिल और पारिस्थितिक तंत्र को प्रदूषित करता है, जिससे वन्यजीवों को नुकसान पहुंचता है।
  • माइक्रोप्लास्टिक, छोटे कण, पर्यावरण में प्रवेश कर चुके हैं, जिससे स्वास्थ्य जोखिम पैदा हो रहा है।
  • पुनर्चक्रण प्रयासों का उद्देश्य प्लास्टिक कचरे को कम करना है, लेकिन अधिक टिकाऊ समाधानों की आवश्यकता है।
  • प्लास्टिक प्रदूषण उत्पादन और उपभोग पैटर्न में प्रणालीगत बदलाव की आवश्यकता को बताता है।
  • ग्रह और भावी पीढ़ियों के स्वास्थ्य को संरक्षित करने के लिए प्लास्टिक प्रदूषण से निपटना महत्वपूर्ण है।

प्लास्टिक ने हमारे जीवन में अत्यधिक सुविधा ला दी है। परंतु इसके अनुचित निपटान और अत्यधिक उपयोग ने गंभीर पर्यावरणीय संकट को जन्म दिया है। महासागरों और भूमि को प्रदूषित करने से लेकर वन्यजीवों और मानव स्वास्थ्य के लिए खतरा पैदा किया है। प्लास्टिक प्रदूषण के प्रभाव दूरगामी और हानिकारक होते हैं। यह जरूरी है कि हम एकल-उपयोग प्लास्टिक को कम करने, रीसाइक्लिंग को बढ़ावा दें। प्लास्टिक प्रदूषण को कम करने के लिए तत्काल और ठोस कार्रवाई करें। इस गंभीर मुद्दे का समाधान करके, हम अपने ग्रह के स्वास्थ्य की रक्षा कर सकते हैं और आने वाली पीढ़ियों के लिए एक स्वच्छ, स्वस्थ भविष्य सुनिश्चित कर सकते हैं।

प्लास्टिक प्रदूषण से तात्पर्य महासागरों, भूमि और वायु सहित पर्यावरण में प्लास्टिक कचरे के संचय से है, जो पारिस्थितिक तंत्र और वन्य जीवन को नुकसान पहुंचाता है।

प्लास्टिक प्रदूषण के मुख्य स्रोतों में एकल-उपयोग प्लास्टिक, प्लास्टिक कचरे का अनुचित निपटान, औद्योगिक गतिविधियाँ और मछली पकड़ने और शिपिंग से प्लास्टिक का मलबा शामिल हैं।

प्लास्टिक प्रदूषण समुद्री जीवन पर हानिकारक प्रभाव डालता है, जैसे अंतर्ग्रहण और उलझाव, मिट्टी और जल स्रोतों को प्रदूषित करता है, और वैश्विक पर्यावरणीय गिरावट और मानव स्वास्थ्य जोखिमों में योगदान देता है।

आशा है कि आपको इस ब्लाॅग में Plastic Ki Duniya Essay in Hindi के बारे में पूरी जानकारी मिल गई होगी। इसी प्रकार के अन्य कोर्स और सिलेबस से जुड़े ब्लॉग्स पढ़ने के लिए Leverage Edu के साथ बने रहें।

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Essay on Plastic Pollution in Hindi – प्लास्टिक प्रदूषण पर निबंध

June 14, 2018 by essaykiduniya

Here you will get Paragraph and Short Essay on Plastic Pollution in Hindi Language for students of all Classes in 100, 200 and 500 words. यहां आपको सभी कक्षाओं के छात्रों के लिए हिंदी भाषा में प्लास्टिक प्रदूषण पर निबंध मिलेगा। Plastic Pollution Essay in Hindi

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Essay on Plastic Pollution in Hindi

Short Essay on Plastic Pollution in Hindi Language – प्लास्टिक प्रदूषण पर निबंध (100 words)

प्लास्टिक कभी नष्ट न होने वाला पदार्थ है। इसके विघटन में बहुत साल लग जाते हैं और यह जहरीले कैमिक्लस से मिलकर बना होता है। प्लास्टिक का निर्माण मनपष्य कू सहुलियत के लिए हुआ था पर आज को समय में यहीं प्लास्टिक मनुष्य जीवन के लिए खतरा बन चुका है। जब पलास्टिक कहीं भी ऐसे ही खुले में पड़ा रहता है और नष्ट न होने के कारण जहरीले पदार्थ बाहर निकलते है और वातावरण को दुषित करते हैं। इसलिए हमें चाहिए कि हम प्लास्टिक का कम से कम प्रयोग करें और प्लास्टिक के कारण बढ़ रहे प्रदुषण को रोंके।

Short Essay on Plastic Pollution in Hindi Language – प्लास्टिक प्रदूषण पर निबंध (200 words)

प्लास्टिक के मिट्टी या जल में जमा होने को ही प्लास्टिक प्रदुषण कहते हैं। प्लास्टिक से बने पदार्थ कभी भी नष्ट नहीं होते हैं। मानव ने अपनी सहुलियत के लिए प्लास्टिक का निर्माण किया था लेकिन निरंतर प्लास्टिक के बढ़ते हुए प्रयोग से समस्त मानव जाति, जीव जंतुओं और वातावरण को खतरा है। मनुष्य चारों तरफ से प्लास्टिक से घिरा हुआ है। वह सुबह से लेकर रात तक हर चीज में प्लास्टिक का प्रयोग करता है। उसी प्लास्टिक को मैदानों में फेंकने से प्लास्टिक प्रदुषण फैलता हैं।

जब खुले मैदानों में जमी हुई प्लास्टिक बारिश के जल के साथ बह कर महासागरों में चला जाता है तब जल प्रदुषण होता है। प्लास्टिक के कारण मृदा प्रदुषण भी बढ़ता है। प्लास्टिक के बर्तनों में खाना आदि खाने से और उनका लंबे समय तक प्रयोग करने से उनमें जहर उत्पन्न हो जाता है जो कि मनुष्य को बिमार करता है और कैंसर जैसी गंभीर बिमारियाँ भी पैदा करता है। हमें प्लास्टिक प्रदुषण को रोकने के लिए प्लास्टिक का प्रयोग कम करना होगा। बमें ऐसी प्लास्टिक का प्रयोग करना होगा जिसे बार बार इस्तमाल किया जा सके। कभी भी खाने पीने का सामान प्लास्टिक के बर्तन में न रखे। हमें खुद को और पर्यायवरण को सुरक्षित रखने के लिए प्लास्टिक को त्यागना होगा।

Plastic Pollution Hindi Essay – Essay on Plastic Pollution in Hindi in 500 words

किसी भी चीज के दुषित होने को ही प्रदुषण कहते हैं। प्लास्टिक जो कि हानिकारक रसायनों से बनाया जाता है उसके जल और मिट्टी में इकट्ठे होने को ही प्लास्टिक प्रदुषण कहलाते है। प्लास्टिक से बना हुआ समान ऐसे ही पड़ा रहता है वह बैक्टिरिया आदि के द्वारा नष्ट नहीं होता है। मनुष्य ने प्लास्टिक का निर्माण अपनी सहुलियत के लिए किया था लेकिन इसके बढ़ते हुए प्रयोग की वजह से यह मनुष्य जीव जंतुओं और पर्यायवरण के लिए हानिकारक हो चुका है। प्लास्टिक सस्ता होने के कारण सभी के द्वारा प्रयोग किया जाता है और यह अपने वजन से 2000 गुणा ज्यादा वजन उठा सकता है। प्लास्टिक को एक स्थान से दुसरे स्थान तक ले जाने में भी आसानी होती है क्योंकि यह बहुत ही हल्का होता है।

प्लास्टिक प्रदुषण के कारण-

आज के समय में मनुष्य हर चीज में प्लास्टिक का प्रयोग कर रहा है। सुबह की शुरूआत से लेकर रात होने तक मनुष्य प्लास्टिक का ही इस्तमाल करता है। सुबह हम जो ब्रश करते है वह प्लास्टिक का बना होता। पानी की बोतल भी प्लास्टिक की होती है। लोग छोटी मोटी प्लास्टिक के चीजे प्रयोग करके युँ ही खुले में फेंक देते है जिससे प्रदुषण बढ़ता है। लोग आलसी भी हो चुके हैं और वह बाजार से भी प्लास्टिक की बनी पॉलिथीन में ही सामान आदि खरीद कर लाते हैं। उसी प्लास्टिक को खुले में फेंकने से और उसके नष्ट न होने से ही प्लास्टिक प्रदुषण बढ़ता है।

प्लास्टिक प्रदुषण के दुष्प्रभाव-

बढ़ते हुए प्लास्टिक के प्रयोग ने सभी चीजों को बहुत ही दुषित कर दिया है। खुले में फेंका गया प्लास्टिक बारिश के जल के साथ मिलकर महासागरों में चला जाता है जिससे की जल प्रदुषण बढ़ता है। प्लास्टिक के नष्ट न होने के कारण मृदा प्रदुषण भी बढ़ता है। खुले में पड़ा प्लास्टिक जानवरों के द्वारा निगल लिया जाता है जिससे उनकी असमय मृत्यु हो जाती है। ज्यादा समय तक एक ही प्लास्टिक की वस्तु प्रयोग करने से उसमें जहर पैदा हो जाता है। प्लास्टिक एक धीमा जहर है जिससे बहुत सी बिमारियाँ उत्पन्न होती है। कैंसर जैसी गंभीर समस्या भी इसी से पैदा होती है।

प्लास्टिक प्रदुषण के निवारण-

वातावरण को दुषित होने से रोकने के लिए प्लास्टिक प्रदुषण को रोकना जरूरी है। हमें प्लास्टिक के प्रयोग को कम करना होगा। खाने के लिए मिट्टी या स्टील के बर्तनों का प्रयोग करना चाहिए। प्लास्टिक खुले मैदानों में नहीं फेंकना चाहिए। ऐसे प्लास्टिक का प्रयोग करना चाहिए जिसे बार बार प्रयोग में लाया जा सके। उन वस्तुओं के प्रयोग से बचे जिन्हें सिर्फ एक बार ही प्रयोग कर सकते हैं। बाजार जाते समय भी घर से कपड़े या जुट का थैला लेकर ही जाए ताकि प्लास्टिक के थैलों में खाने का सामान न लाना पड़े।

निष्कर्ष-

प्लास्टिक मनुष्य से लेकर पर्यायवरण तक सबके लिए हानिकारक है। हमें सभी को सरंक्षित और सुरक्षित रखने के लिए प्लास्टिक का प्रयोग कम करना होगा। इसलिए जितना हो सके उतना प्लास्टिक से दूर रहें और खासकर खाने पीने की वस्तु प्लास्टिक के बर्तन में कभी न खाएँ।

हम आशा करते हैं कि आप इस निबंध ( Essay on Plastic Pollution in Hindi – प्लास्टिक प्रदूषण पर निबंध ) को पसंद करेंगे।

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Plastic Pollution Essay in Hindi

प्लास्टिक प्रदूषण पर निबंध | Plastic Pollution Essay in Hindi

यह विषय “प्लास्टिक प्रदूषण पर निबंध” उन सभी स्कूली छात्र-छात्राओं के लिए एक महत्वपूर्ण विषय है जो भविष्य में अपने लेखन कौशल में सुधार करना चाहते हैं। यह निबंध आपको इस विषय पर विस्तृत जानकारी प्रदान करेगा जो आपके लेखन को उच्चतम स्तर तक ले जाने में सहायक होगा।

Table of Contents

यहां प्लास्टिक प्रदूषण के प्रमुख कारणों, इसके प्रभावों और इसे रोकने के उपायों पर एक विस्तृत निबंध का परिचय प्रस्तुत किया जाएगा, ताकि आप एक अच्छा “Beat Plastic Pollution Essay” विकसित कर सकें, जिसकी लंबाई 700 शब्द होगी।

Plastic Pollution Essay in Hindi

प्लास्टिक एक ऐसी चीज़ है जो हमारे जीवन में कई सामान्य उपयोगों के लिए व्यापक रूप से उपयुक्त है। हालाँकि, इसके अनियमित उपयोग और अंतहीन उत्पादन के कारण यह हमारे ग्रह के लिए एक गंभीर समस्या बन गई है। इस निबंध में हम इस पर गौर करेंगे और प्लास्टिक प्रदूषण पर विस्तार से चर्चा करेंगे।

प्लास्टिक प्रदूषण का अर्थ

प्लास्टिक प्रदूषण से तात्पर्य प्लास्टिक के अत्यधिक उपयोग और कुप्रबंधन के कारण प्रकृति में प्लास्टिक सामग्री के संचय से है, जिससे पर्यावरण को बहुत नुकसान होता है। यह समुद्र तल से लेकर हिमालय तक, पृथ्वी के सभी भागों तक पहुँचता है।

प्लास्टिक प्रदूषण के कारण

प्लास्टिक प्रदूषण के कई कारण हैं। कुछ प्रमुख कारण निम्नलिखित हैं:

  • अधिक उत्पादन: प्लास्टिक का अधिक उत्पादन प्रदूषण बढ़ाने वाले मुख्य कारणों में से एक है।
  • सुलभ उपयोग: बढ़ते उपयोग के कारण लोग प्लास्टिक का उपयोग इसके उत्पादन के लिए करते हैं।
  • अधीनता: प्रबंधन की कमी के कारण प्लास्टिक सामग्री अलग-अलग स्थानों पर चली जाती है।
  • नदी और समुद्री प्लास्टिक: उचित प्रबंधन के बिना, प्लास्टिक नदियों और समुद्रों में चला जाता है, जिससे जलवायु और जीवों को नुकसान होता है।

प्लास्टिक प्रदूषण के प्रभाव

प्लास्टिक प्रदूषण के कारण पृथ्वी और उसका प्राणी जगत कई प्रकार से प्रभावित होता है। कुछ प्रमुख प्रभाव निम्नलिखित हैं:

  • जलवायु परिवर्तन: प्लास्टिक लंबे समय तक पृथ्वी में रहता है, जिससे जलवायु परिवर्तन को बढ़ावा मिलता है।
  • वनस्पति पर प्रभाव: प्लास्टिक से निकलने वाले विषैले पदार्थ वनस्पति के विकास को रोकते हैं।
  • जानवरों को नुकसान: समुद्र में प्लास्टिक का उत्पादन जानवरों को नुकसान पहुँचाता है, जैसे समुद्री कछुए और मछलियाँ जो इसे खाकर मर जाते हैं।
  • नदियों का प्रदूषण: प्लास्टिक अवैध रूप से नदियों को प्रदूषित करता है, जिससे जल स्तर में कमी आती है।

प्लास्टिक प्रदूषण रोकने के उपाय

प्लास्टिक प्रदूषण को रोकने के लिए हम सभी को सामाजिक जिम्मेदारी निभानी होगी। कुछ प्रमुख उपाय इस प्रकार हैं:

  • जनसंख्या शिक्षा: लोगों को प्लास्टिक के उपयोग के दुष्प्रभावों के बारे में शिक्षित करना आवश्यक है।
  • प्लास्टिक का उपयोग कम करें: अनावश्यक प्लास्टिक के उपयोग से बचें और इसके बजाय प्राकृतिक सामग्रियों का उपयोग करें।
  • बर्तन वापसी योजनाएँ: प्लास्टिक के बर्तनों को वापस प्रचलन में लाने के लिए बर्तन वापसी योजनाओं को प्रोत्साहित करें।
  • उत्पादन में कमी: प्लास्टिक उत्पादन में कमी लाने और रुझान को उलटने के लिए सरकार द्वारा निर्देशित कदम उठाएँ।
  • पुनर्चक्रण: पुन: उपयोग के लिए प्लास्टिक को पुनर्चक्रित करना महत्वपूर्ण है।

प्लास्टिक प्रदूषण पृथ्वी के लिए एक गंभीर समस्या है और इसे समझने और निपटने के लिए हम सभी को सामूहिक प्रयास करना होगा। हमें प्लास्टिक के उपयोग को लेकर खुद को जिम्मेदार बनाना होगा और प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण के लिए उचित उपाय अपनाने होंगे। सही कदम उठाकर हम सब मिलकर प्लास्टिक प्रदूषण को रोक सकते हैं और स्वच्छ और स्वस्थ पृथ्वी का आनंद ले सकते हैं।

ऐसे उपयुक्त उपायों को अपनाकर हम प्लास्टिक प्रदूषण को कम कर सकते हैं और पृथ्वी को स्वच्छ और हरा-भरा रख सकते हैं। यह समस्या केवल सरकार या संगठनों के लिए नहीं है, बल्कि यह हर व्यक्ति की जिम्मेदारी है कि हम स्वयं पर्यावरण की रक्षा के अभियानों में भाग लें। इस विषय पर जागरूकता फैलाना हमारी सामाजिक जिम्मेदारी है और इसे अपनाकर हम सब मिलकर एक स्वच्छ और सुंदर पृथ्वी के साथ एक सकारात्मक युग का निर्माण कर सकते हैं।

प्लास्टिक पर निबंध 800 शब्दों में

प्लास्टिक एक ऐसी सामग्री है जिसने हमारे जीवन को आसान और सुविधाजनक बना दिया है। हम इसका उपयोग रोजमर्रा की जिंदगी में करते हैं, जैसे कि खाद्य कंटेनर, बोतलें, पैकेजिंग सामग्री और अन्य उत्पादों में। लेकिन इसके अधिक उपयोग और इसके अर्क के बिना यह हमारे पर्यावरण के लिए एक बड़ी समस्या बन गया है। इस निबंध में हम प्लास्टिक के उपयोग के प्रभाव, इसके प्रकार और इसके संबंध में हमारे पर्यावरण को बचाने के तरीकों पर विचार करेंगे।

प्लास्टिक के प्रभाव

प्लास्टिक के इस्तेमाल का असर आम लोगों से लेकर पर्यावरण तक होता है। इसका उपयोग उत्पादन बढ़ाने में एक प्रमुख योजना बन गई है, जिससे सरकारों और उद्योगों को भारी लाभ होता है। अपने निकटतम स्तर पर, यह हमारे दैनिक उपयोग को सुविधाजनक और अधिक टिकाऊ बनाने में मदद करता है। इसे आमतौर पर बैग, कंटेनर, बोतल, बक्से और अन्य उपयोगों के संबंध में देखा जाता है।

प्लास्टिक प्रकार

प्लास्टिक विभिन्न प्रकार के होते हैं, जिनका उपयोग विभिन्न उद्देश्यों के लिए किया जाता है। पॉलीथीन, पॉलीप्रोपाइलीन, पॉलीविनाइल क्लोराइड, पॉलिएस्टर और पॉलीयुरेथेन प्लास्टिक के कुछ लोकप्रिय प्रकार हैं। ये प्लास्टिक अधिकतर नष्ट होने योग्य और गैर-बायोडिग्रेडेबल होते हैं, जो इन्हें पर्यावरण के लिए एक चुनौती बनाते हैं।

Plastic Pollution Essay in Hindi

पर्यावरण को बचाने के उपाय

प्लास्टिक के दुष्परिणामों को देखते हुए हमें इसका कम से कम और पर्यावरण के अनुकूल उपयोग करने के लिए प्रोत्साहित किया जाना चाहिए।

  • जनसंख्या के बीच जागरूकता पैदा करना: हमें लोगों को प्लास्टिक के नकारात्मक प्रभावों के बारे में जागरूक करना चाहिए। लोगों को प्लास्टिक का उपयोग कम करने और वैकल्पिक सामग्रियों के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए प्रोत्साहित किया जाना चाहिए।
  • रीसाइक्लिंग प्लास्टिक: हमें प्लास्टिक की रीसाइक्लिंग को बढ़ावा देना चाहिए। रीसाइक्लिंग की प्रक्रिया से उत्पादन कम करने में मदद मिलेगी और प्लास्टिक कचरे को अपघर्षक बनाने में मदद मिलेगी।
  • बढ़ती प्रौद्योगिकी: नई प्रौद्योगिकियों के उपयोग से हम प्लास्टिक के उपयोग को कम करने के लिए नवीन समाधान ढूंढ सकते हैं। बायोडिग्रेडेबल प्लास्टिक, प्लांट-आधारित प्लास्टिक और अन्य फॉर्मूलेशन प्लास्टिक के प्रदर्शन में सुधार कर सकते हैं।
  • उत्पादों में प्लास्टिक का उपयोग कम करना: उद्योगों को उत्पादों में प्लास्टिक का उपयोग कम करने के लिए प्रोत्साहित किया जाना चाहिए। वे बेहतर विकल्प खोज सकते हैं जिससे पर्यावरण को कम नुकसान हो।

प्लास्टिक एक महत्वपूर्ण और उपयुक्त सामग्री है जो हमारे जीवन को सुविधाजनक बनाती है, लेकिन इसका अत्यधिक उपयोग हमारे पर्यावरण के लिए खतरा पैदा कर सकता है। हमें प्लास्टिक के प्रति जागरूक होना चाहिए और इसके उपयोग पर नियंत्रण लगाना चाहिए। वैकल्पिक सामग्रियों और पुनर्चक्रण को बढ़ावा देकर, हम प्लास्टिक के नकारात्मक प्रभावों को कम कर सकते हैं और अपने पर्यावरण की रक्षा कर सकते हैं।

Beat Plastic Pollution Essay 700 words in Hindi

पृथ्वी हमारे लिए एक अनमोल उपहार है जो हमें अपनी खूबसूरत दुनिया के साथ जीवन का आनंद लेने का मौका देती है। लेकिन आधुनिक जीवनशैली ने हमें यह मानने पर मजबूर कर दिया है कि इसका परिणाम पृथ्वी के पर्यावरण के साथ हमारी बातचीत में तेजी से बदलाव है। प्लास्टिक एक ऐसा तत्व है जिसने हमारे पर्यावरण को बहुत प्रदूषित कर दिया है और पौधों, जानवरों और मनुष्यों के स्वास्थ्य को खतरे में डाल दिया है। इस खतरे को हल करने के लिए हम सभी को मिलकर काम करने की जरूरत है ताकि हम प्लास्टिक प्रदूषण को हरा सकें और अपने भविष्य को सुरक्षित बना सकें।

प्लास्टिक का उपयोग आजकल सभी क्षेत्रों में हो रहा है, चाहे वह घरेलू उपयोग हो या व्यावसायिक उपयोग। इसके इस्तेमाल से हमें आराम और सुविधा तो मिलती है लेकिन इसके गंभीर परिणाम भी होते हैं जो हमारे लिए खतरनाक हो सकते हैं। प्लास्टिक के अत्यधिक उपयोग से कई प्रकार के छोटे-छोटे टुकड़े हो जाते हैं, जिनमें विभिन्न प्रकार के रसायन होते हैं, और प्रकृति के लिए खतरनाक होते हैं। दुर्भाग्य से इन छोटे टुकड़ों को पृथ्वी के विभिन्न जीवाणुओं और जानवरों ने खा लिया है, जिसके कारण उन्हें वायरस और खतरनाक बीमारियों का सामना करना पड़ रहा है।

प्लास्टिक प्रदूषण के प्रमुख कारण

  • एक बार उपयोग और फिर त्याग दी गई प्रणाली।
  • बिना सोचे-समझे प्लास्टिक का उत्पादन और खरीदारी।
  • बिना प्रचार के प्लास्टिक उत्पादों का उपयोग करना।
  • प्लास्टिक उत्पादों के निर्माण में खराब गुणवत्ता।
  • पहुंच बिंदु पर प्लास्टिक सामग्री का उपयोग करना।

प्लास्टिक प्रदूषण के दुष्प्रभाव

प्लास्टिक प्रदूषण के कारण पृथ्वी के पर्यावरण पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है। भारी मात्रा में प्लास्टिक का उपयोग भूमि के निकटतम जीवन संसाधनों, जैसे जल, वनस्पति और पशु-पक्षियों को प्रभावित कर रहा है। प्लास्टिक सामग्री से निकलने वाले विषैले रसायनों के कारण वनस्पति नष्ट होने लगी है और इससे भूमि की उपजाऊ संरचना ख़राब हो रही है।

प्लास्टिक प्रदूषण को हराने के उपाय

  • प्लास्टिक के अलावा विभिन्न प्रकार की उपयोगी और पर्यावरण-अनुकूल सामग्रियों का उपयोग करें।
  • पहुंच बिंदुओं पर प्लास्टिक के उपयोग को उदारतापूर्वक कम करें और प्राकृतिक विरासत को संरक्षित करने की दिशा में कदम उठाएं।
  • प्रचार-प्रसार के माध्यम से प्लास्टिक प्रदूषण के दुष्परिणामों को लोगों तक पहुंचाएं और उन्हें इससे बचने के उपाय बताएं।
  • प्लास्टिक के निपटान और पुनर्चक्रण को प्रोत्साहित करने वाले जागरूकता अभियान आयोजित करने के लिए नगर निगमों और सरकारी संस्थानों को प्रोत्साहित करें।
  • चार्टर बैग और अन्य पर्यावरण-अनुकूल विकल्पों का उपयोग करना शुरू करें।
  • पॉलिथीन के स्थान पर पेपर बैग का उपयोग करें।
  • बर्तनों में पानी ले जाने के लिए टंकी का उपयोग करना।

संबंधित प्राकृतिक सामग्रियों के उपयोग को बढ़ावा देकर और प्लास्टिक के उपयोग को कम करके हम पृथ्वी के पर्यावरण की रक्षा कर सकते हैं। इस अभियान में हमारे छोटे-छोटे कदम भी महत्वपूर्ण हैं, ताकि हम सभी स्वच्छ एवं स्वस्थ प्राकृतिक वातावरण में रह सकें। अब समय आ गया है कि हम प्लास्टिक प्रदूषण को हराने और अपने ग्रह को सुरक्षित रखने के लिए मिलकर काम करें।

यह भी पढ़े : प्लास्टिक पर भाषण

प्लास्टिक के फायदे और नुकसान

प्लास्टिक आधुनिक युग की एक अहम आवश्यकता बन गई है। यह हमारे जीवन को सुविधाजनक बनाने में मदद करता है, लेकिन साथ ही इसके नुकसान को भी नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है। इस निबंध में हम प्लास्टिक के उपयोग के फायदे और नुकसान के बारे में विस्तार से देखेंगे।

इस प्रकार, हमने देखा है कि प्लास्टिक का उपयोग हमारे जीवन को सुविधाजनक बनाता है, लेकिन इसके नुकसानों को भी नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है। हमें प्लास्टिक के उपयोग से सावधान रहना चाहिए और प्राकृतिक और पर्यावरण-अनुकूल विकल्पों का उपयोग करने के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए।

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Hindi Jaankaari

Plastic Pollution Essay in Hindi – प्लास्टिक मुक्त भारत पर निबंध

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प्लास्टिक प्रदूषण पृथ्वी पर बड़ी ही तेजी से बढ़ रहा है ओर यह मनुष्य जाती को हानि भी पहुचा रहा है। इस आर्टिकल के जरिए आप यह जन पाएंगे की केसे हम अपने देश को प्लास्टिक मुक्त भारत (in india) बना सकते हैं ओर सरकार ने इसके बहिष्कार के लिए कई प्रकार के नारे बनाए है जेसे की पॉलीथिन हटाओ पर्यावरण बचाओ,say no to plastic ,जिससे हम plastic ban करा सकते हैं। इस निबंध के माध्यम से आप plastic mukt bharat nibandh hindi mein के बारे में जानकारी आसानी से जान पाएंगे।अगर आप इसे Short and Long Essay में लिखना चाहते है या फिर इसको आप 200 words,150 words, 100 words, 250 words for class 6 के लिए लिखना चाहते है तो भी आप इसे उपयोग में ले सकते है ओर यह निबंध आपको in gujarati,in marathi language में भी easily मिल जाएगा।

प्रस्तावना | Introduction

Plastic Pradushan पूरे देश भर में फैला हुआ हैं और यह हमारे देश के लिए चिंताजनक विषय बन गया हैं। इसकी रोकथाम के लिए सरकार कई प्रकार के अभियान का आयोजन करती रहती है जिससे देश को प्रदूषण से छुटकारा दिला सके।प्लास्टिक एक ऐसा पदार्थ है जोकी लंबे समय तक रहता है ओर पर्यावरण को प्रदूषित करता हैं।इसका उपयोग हम अपनी रोजमर्रा की ज़िंदगी में करते रहते हैं ओर इसलिए भारत देश के हर एक नागरिक की यह जिम्मेदारी है की देश को इस समस्या से निकालने में अपना योगदान दे और साथ ही अपने से जुड़े लोगों को भी इसके प्रति समझाएँ ओर जागरूक करे तभी हम इस परेशानी से बाहर निकल सकते हैं।

प्लास्टिक प्रदूषण के कारण | Causes for Plastic Pollution

  • किफायती और उपयोग में आसान- प्लास्टिक को आसानी से कोई भी आकार दे सकते है और इसकी वजह से प्लास्टिक आइटम बनाए में ज्यादा समय भी नहीं लगता ओर बड़ी आसानी से हम कई प्रकार के समान बना सकते हैं। प्लास्टिक के समान बाजार में बड़े ही सस्ते दामों में मिलते है ओर इसलीय लोग ज्यादा से ज्यादा इसका इस्तेमाल करते है और इसी की वजह से प्रदूषण की मात्र बढ़ जाती हैं।
  • नान-बायोग्रेडबल- प्लास्टिक एक non -biodegradable पदार्थ है जिसके चलते यह जमीन पर या फिर भूमि में विघटित नहीं होता ओर कई हजार वर्षों तक पद रहता है ओर इसकी वजह से भूमि, जल,ओर वायु प्रदूषित होती हैं।
  • प्लास्टिक क्षय होता है परंतु विघटित नही होता है- प्लास्टिक का समान लंबे समय तक पड़े रहने से छोटे छोटे भागों में विभाजित तो हो जाता है और मिट्टी और पानी में मिल जाता है जिसके कारण भी प्रदूषण बढ़ जाता हैं।

प्लास्टिक प्रदूषण को रोकने के उपाय | Ways to prevent plastic

  • प्लास्टिक उत्पादन पर नियंत्रण करके
  • प्लास्टिक के वस्तुओ पर प्रतिबंध लगाकर
  • जागरुकता फैलाकर
  • प्लास्टिक बैगों का उपयोग ना करके
  • बोतलबंद पानी का उपयोग बंद करके
  • बाहर का खाना मंगाना बंद करके
  • किराने का सामान थोक में खरीदकर

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प्लास्टिक प्रदूषण

प्लास्टिक से लाभ और हानि | Advantages and disadvantages of plastic

प्लास्टिक से जुड़े लाभ नीचे दिए गए हैं:-.

  • यह वजन में बहुत ही हल्के होते हैं।
  • यह बहुत ही मजबूत होते है ओर इसी कारण से इनका उत्पाद बहुत अच्छा  होता है।
  • यह बहुत ही सस्ते दामों से आसानी से काही पर भी उपलब्ध होता हैं।
  • इसे हम कई प्रकार की वस्तुएँ बनाने में उपयोग कर सकते है जेसे पनि की बोतल, पेन, प्लास्टिक की थैलियाँ , कप आदि।
  • इनको आसानी से कोई भी आकार में ढाल जा सकता हैं।
  • यह जंग रहित होते हैं।
  • यह केमिकल प्रतिरोधी है।
  • इसका उपयोग electroics,packaging, building,transportation industries में बड़े पैमाने पर किया जाता हैं।
  • यह गंध हीन होते हैं।

प्लास्टिक से जुड़ी हानि नीचे दी गई  हैं:-

  • प्लास्टिक को जलाने से यह वायु को प्रदूषित करता है क्योंकि इससे निकालने वाला धुआँ जहरीला होता हैं।
  • यह गैर नवीकरणीय संसाधन हैं।
  • यह non-biodegradable है।
  • पॉइज़नस गैस के द्वारा जहरीला धुआँ cancer जैसी बीमारी को बढ़ावा देता हैं।
  • यह काम गर्मी प्रतिरोधी और बेकार नामनीयता वाले होते हैं।
  • यह नालियों ओर नालों को चोक कर हमारे पर्यावरण को दूषित करते है और उसे नुकसान पहुचाते हैं।

प्लास्टिक को रोकने के उपाय:

  • इससे बनी वस्तुओ का उपयोग न करे ओर इसका बहिष्कार करे ।
  • प्लास्टिक से बने समान का लंबे समय तक उपयोग करे जब तक वह पूरी तरह से खराब न हो जाएँ।
  • इससे बनी वस्तुओं का इस्तेमाल करने से बचे ।
  • दुकान पर समान खरीदते वक्त कागज य कपड़े से बने थैले आदि का इस्तेमाल करे।
  • खाने की वस्तुओ में स्टील और मिट्टी के बर्तनों का उपयोग करे।
  • प्लास्टिक खरीदते वक्त पीईटीई (PETE) और एचडीपीई (HDPE) के समान को प्राथमिकता दे क्योंकि यह रिसाइकिल हो जाता हैं।

प्लास्टिक का वर्गीकरण। Classification of Plastic

आकार के हिसाब से इसका वर्गीकरण किया जाता है जो की इस प्रकार हैं।

  • 25 mm से अधिक – मैक्रोप्लास्टिक(Maicroplastic)
  • 5-25 mm – मेसोप्लास्टिक(Mesoplastic)
  • 0.1 – 5 mm – माइक्रोप्लास्टिक(Microplastic)

निष्कर्ष | Conclusion

हमारी छोटे छोटे कदम प्लास्टिक के उपयोग को काम कर सकते है ओर इससे हमारा पर्यावरण प्रदूषित होने से बचेगा ओर लोगों को अनेक प्रकार की बीमारियों का सामना भी नहीं करना पड़ेगा।इसके रोकथाम की वजह से ही हम अपने आगे आने वाली पीढ़ी को प्रदूषण से बचा सकते हैं।

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प्लास्टिक प्रदूषण पर निबंध

Plastic pradushan par nibandh.

प्लास्टिक ज़्यादातर लोग पहले इस्तेमाल किया करते थे। अभी भी बहुत से जगहों पर इसका इस्तेमाल लोग कर रहे है। लोगो को अब सतर्क हो जाना चाहिए क्यूंकि प्लास्टिक प्रदूषण से पर्यावरण और जीव जंतु निश्चित तौर पर समाप्त हो जाएंगे।  प्लास्टिक प्रदूषण दुनिया की गंभीर परेशानियों में से एक है। प्लास्टिक को उपयोग करने के बाद लोग यहाँ वहां फेंक देते है।  लोगो को यह बताना ज़रूरी है प्लास्टिक में जाइलिन , बेंजीन इत्यादि  जैसे जहरीले पदार्थ है जो जल्द विघटित नहीं होते  है।  प्लास्टिक बायोडेग्रेडेबल सामग्री नहीं है।  प्लास्टिक को विघटित होने में हज़ारो वर्ष लग जाते है।  मनुष्य को प्लास्टिक के विघटित होने का सही समय अभी भी  मालुम नहीं है। इसका रोजाना इस्तेमाल स्वास्थ्य के लिए अच्छा नहीं है।

प्लास्टिक के टूथब्रश, फर्नीचर  से लेकर बाल्टी तक ज़्यादातर चीज़ों का उपयोग लोग करते है। रोज़ाना प्लास्टिक के इस्तेमाल से कैंसर इत्यादि जैसे बीमारियां हो रही है।  प्लास्टिक के बोतलों में लगातार  पानी पीने से स्वास्थ्य खराब हो सकता है।  प्लास्टिक से  कुछ खतरनाक रसायन निकलते है जो पानी में घुल जाते है। प्लास्टिक सिंथेटिक पॉलीमर है जो हज़ारो वर्षो तक समुद्र तल के नीचे वैसा का वैसा पड़ा  रहता है।

समुद्र में रहने वाली मछली प्लास्टिक को खाना समझकर खा लेती है।  यह उसके गले में फंस जाता है और वह मर जाती है। प्लास्टिक का  उपयोग लोग खाना पैकिंग के लिए भी  करते है।  प्लास्टिक के डब्बे और चमच लेकर लोग दफ्तर जाते है। बच्चे प्लास्टिक से बने  खिलौने लेकर खेलते है। मनुष्य को प्लास्टिक की  सामग्रियों पर ज़्यादा निर्भर नहीं रहना चाहिए। आजकल कुछ  दुकानों और शॉपिंग मॉल में प्लास्टिक की थैलिओं पर प्रतिबंध लगाया गया है।  दुकानों पर कागज़ और कपड़े की थैली मिलती है। लोग प्लास्टिक के उपयोग से पाईपो तक का निर्माण करते है।  यह बिलकुल अच्छा नहीं है।

प्लास्टिक से मृदा प्रदूषण होता है। प्लास्टिक को विघटित होने में कई वर्ष लग जाते है। मनुष्य को खुद नहीं पाता कि प्लास्टिक की विघटन प्रक्रिया का वास्तविक समय क्या है ?ज़्यादातर लोग प्लास्टिक को जमीन के अंदर गाढ़ देते है।  इससे प्लास्टिक कुछ समय बाद  खतरनाक रसायन और गैस छोड़ता है। इसकी वजह से  मिटटी की उपजाऊ शक्ति भी ना के बराबर हो जाती  है।  अगर कोई फसल उगाई भी गयी तो उस फसल में जहरीले रसायन के मिले होने का भय रहता है।

प्लास्टिक से वायु प्रदूषण भी होता है।  प्लास्टिक का इस्तेमाल बढ़ता जा रहा है।  इस पर अंकुश लगाने के लिए कुछ लोग प्लास्टिक को जला देते है। प्लास्टिक को जलाने से और अधिक बुरा होता है और प्रदूषण फैलता है ।  इससे निकलने वाले गैस से मनुष्य को कई तरह की बीमारियां हो सकती है।  इस गैस में ज़्यादा देर तक व्यक्ति सांस नहीं ले पाता है।  प्लास्टिक को मनुष्य ने बनाया है और खुद मनुष्य इसके कब्ज़े में आ गया है।  प्लास्टिक को नष्ट करने से मनुष्य खुद कई समस्याओं को जन्म दे रहा है।  मनुष्य को ऐसे प्लास्टिक का उपयोग करना चाहिए जिसे रीसायकल किया जा सके। प्लास्टिक मनुष्य के जीवन में जहर घोल रहा है।  मनुष्य अपनी  कई आवश्यकताओ के लिए प्लास्टिक पर निर्भर है।  बच्चो के दूध के बोतल के निप्पल, डाइपर  से लेकर सुन्दर खिलौने भी प्लास्टिक से बने है।  अब वक़्त आ गया है कि मनुष्य जब बाजार जाए तो घर से कपड़े या कागज़ की  थैली लेकर जाए जिससे दुकानदारों को प्लास्टिक का उपयोग ना करना पड़े। दुकानदारों को भी प्लास्टिक की थैली में ग्राहकों को सामान नहीं देना चाहिए।

प्लास्टिक से समुद्री जीवो पर सबसे अधिक बुरा प्रभाव पड़ रहा है।  सड़क किनारे भी पशु जैसे गाय प्लास्टिक को भोजन समझ कर खा लेते है।  बाद में उसकी मौत हो जाती है। मानव द्वारा प्लास्टिक से बनी वस्तुओं को कुछ दिन इस्तेमाल किया जाता है और बाद में कचरे के डेढ़ में फेंक दिया जाता है।  जानवर को कचरे में अगर कुछ प्लास्टिक के थैली में भोजन दिखता है तो वह भोजन को प्लास्टिक के समेत भी खा लेते है। प्लास्टिक पशुओं के गले और फेफड़ो में जाकर अटक जाती है और वे मर जाते है। प्लास्टिक को नष्ट करने का विचार अपने मन से निकाल देना चाहिए। अगर यह बेवकूफी हम करते है तो खुद प्रदूषण को बढ़ावा देते है।

हमे खाने के सामग्रियों को स्टील के डब्बो में रखना चाहिए। प्लास्टिक के बुरे प्रभाव को लोगो में फैलाना चाहिए ताकि लोगो में इस समस्या को लेकर जागरूक हो जाए । लोगो को  पीईटीई  जैसे प्लास्टिक का चुनाव करना चाहिए जिसे रीसायकल करना आसान हो। सभी शिक्षा संस्थानों जैसे स्कूल और कॉलेज में प्लास्टिक के भयंकर प्रभावों को बताने के लिए कुछ कार्यक्रम जैसे निबंध , भाषण प्रतियोगिता आयोजित करवानी चाहिए ताकि बच्चो को प्लास्टिक के दुष्प्रभावों के विषय में पता चल सके। विद्यार्थी इस तरह के कदमो से  जागरूक हो जाएंगे और प्लास्टिक का इस्तेमाल नहीं करेंगे।  प्लास्टिक के चीज़ों को कचरे में ना फेंके बल्कि उन्हें रीसायकल करे अथवा उनका उपयोग करना बंद करे।

प्लास्टिक के बैग , बोतले कई इलेक्ट्रॉनिक की चीज़ें नगरों और जलाशयों के जल को रोक रहे है। संसार में सौ मिलियन टन प्लास्टिक जैसे वस्तु का निर्माण हो रहा है और यह जल्दी विघटित भी नहीं होता है।  हम सभी को सचेत हो जाना चाहिए और इसका इस्तेमाल कतई नहीं करना  चाहिए।

प्लास्टिक से बने वस्तुओं का इस्तेमाल हमे नहीं करना चाहिए।  प्लास्टिक की थैलिओं पर पहले से ही प्रतिबन्ध लग चूका है।  अब हम सभी को इस पर अमल करना चाहिए। मनुष्य को प्लास्टिक के उपयोग को सम्पूर्ण रूप से समाप्त कर देना चाहिए।  इससे प्रकृति , पर्यावरण और जीव जंतु सभी सुरक्षित रहेंगे। हम सभी को एकजुट होकर प्लास्टिक प्रदूषण को कम करने की चेष्टा करनी चाहिए ताकि हम आने वाले पीढ़ी को एक अच्छा, रोगमुक्त  और साफ़ पर्यावरण के साथ अच्छी ज़िन्दगी दे सके।

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Plastic pollution in hindi essay | प्लास्टिक प्रदूषण निबंध | 200-1000 words.

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plastic pollution essay 700 words in hindi

प्लास्टिक मुक्त भारत निबंध- Plastic Mukt Bharat Essay in Hindi

In this article, we are providing Plastic Mukt Bharat Essay in Hindi. प्लास्टिक मुक्त भारत पर निबंध, Paragraph, Article on plastic free India essay Essay in 150, 200, 300, 500, 1000 words For Class 1,2,3,4,5,6,7,8,9,10,11,12 Students.

प्लास्टिक मुक्त भारत पर निबंध- Plastic Mukt Bharat Essay in Hindi

plastic pollution essay 700 words in hindi

Plastic Mukt Bharat Nibandh | Plastic Mukt Bharat Essay in 300 words

प्लास्टिक का उपयोग आज हर जगह पर किया जा रहा है, भले ही हमें सब्जी लेनी हो या फिर घर की कोई भी चीज । प्लास्टिक के इसी ज्यादा यूज की वजह से प्रकृति को बहुत ही ज्यादा नुकसान हो रहा है । हम इंसानों ने ही इस प्लास्टिक का आविष्कार किया है, लेकिन हमारी इस गलती की वजह से इसका भुगतान प्रकृति को देना पड़ रहा है । हम सभी को पता है कि, प्लास्टिक कभी भी सडता नहीं है बल्कि जमीन के नीचे हमारे पेड़ पौधों को नुकसान पहुंचाता है ।

प्लास्टिक आज पूरी दुनिया में चर्चा का विषय बन चुका है ‌ओर प्रदूषण में भी प्लास्टिक का योगदान रहा है । आज अगर हमने प्लास्टिक का उपयोग करना बंद नहीं किया, तो आने वाले भविष्य में प्लास्टिक बहुत ही बड़ा चिंता का विषय बन जाएगा । चलिए दोस्तों, अब हम प्लास्टिक का यूज किस तरह से रोक सकते हैं उसके बारे में जानते हैं ।

प्लास्टिक मुक्त “ India ” को कैसे बनाएं ?

यदि हमें India को प्लास्टिक मुक्त बनाना है, तो हमें कुछ नियमों का पालन करना पड़ेगा । इसमें से कुछ नियम मैं आपको बताता हूं ;

1. जितना हो सके उतना प्लास्टिक के बैग का उपयोग कम करना है, यदि हमें बाजार में से कोई भी चीज(सब्जी) लेने जानी है तो उस समय हमें हमारे साथ कपड़े की या फिर कागज की बैग साथ में रखनी है ।

2. आपको तो पता ही होगा कि शादी विवाह में खाने के लिए प्लास्टिक के डिश का यूज किया जाता है, मगर उसके बदले पितर के या फिर पारंपरिक मिट्टी के बर्तनों का यूज करना चाहिए ।

3. प्लास्टिक की पीईटीई (PETE) और एचडीपीई (HDPE) प्रकार के सामान चुनिए। यह प्लास्टिक आसानी से रिसाइकल हो जाता है।

4. आप जितना हो सके उतना कम प्लास्टिक का यूज कीजिए और जो भी प्लास्टिक आपके काम की नहीं है उसे recycle के लिए भेज दीजिए। क्योंकि इससे आपका ही फायदा होगा ।

5. प्लास्टिक को अपने विस्तार में कम करने के लिए, अपने आसपास प्लास्टिक के कम उपयोग को लेकर चर्चा करें।

Plastic Mukt Bharat Essay in Hindi 400 words

प्लास्टिक मुक्त भारत की शुरूवात 2 अक्तूबर 2019 में केंद्र सरकार ने कई बड़े शहरों से की थी आगरा, मुंबई, दिल्ली, हैदराबाद, लखनऊ इन शहरों में प्लास्टिक बहुत बड़ी मात्रा में इस्तेमाल किया जाता है।प्लास्टिक का प्रदूषण प्लास्टिक के कचरे से उत्पन्न होता है, इन दिनों में यह एक गंभीर रुप धारण कर चुका है और दिन-प्रतिदिन यह बढ़ता ही जा रहा है। यह हमारे इस खूबसूरत धरती पे भी कई प्रकार के शमस्याजनक प्रभाव डालता है, जिससे यह मानव जाति के लिये एक गंभीर संकट बन गया है और आज के समय में प्लास्टिक जीवन का एक अहम हिस्सा बन गया है हालांकि हर चीज़ के लिए प्लास्टिक का इस्तेमाल किया जाता है, वो चाहे पानी की बोतल हो, घी, आटा, चावल , मसालें,  कपड़े हों या फिर ज़रूरत की दूसरी चीज़ें हो सभी की पैकेजिंग में प्लास्टिक का इस्तेमाल किया जाता है कहि न कही इस प्लास्टिक को इंसानों के कामों को आसान करने के लिए बनाया गया था परन्तु आज यही प्लास्टिक मानव और उसकी प्रकृति के लिये एक बड़ा खतरा बन चुका है।अगर आने वाले समय में मानव जाति ने इसकी तरफ गंभीरता नही दिखाई तो ये और भी ज्यादा भयावह होने वाला है। 

एक सर्वे के अनुसार यह पता चला है कि भारत मे रोज़ाना 16000 टन प्लास्टिक कचरे  का उत्पादन किया जाता है, जिसमे से 10000 टन प्लास्टिक को इकट्ठा किया जाता है और बाकी प्लास्टिक को पोलिटीन के रुप मे,प्लेट के रुप मे,पैकेजिंग बैग्स के रुप में छोड़ दिया जाता है और वही हमारे मिट्टी को,नदियों को,नालो को बुरी तरीकों से हानि पहुँचता है। इतना ही नहीं समुद्र में भी इसकी वजह से बहाव पर असर पड़ता है और पानी के दूषित होने से मछलियों की मौत तक हो जाती है। इन सबसे बचने के लिए स्वच्छ भारत और प्लास्टिक मुक्त भारत जैसे अभियान का सफल होना बहुत जरूरी है।

यह समय आ चुका है जब हमे इस समस्या के समाधान के लिये कठोर निर्णय लेने आवश्यकता है जैसे कि हमें प्लास्टिक के उपयोग से जितना हो सके उतना बचना चाहिये,पॉलिथीन की जगह थर्माकोल या अन्य उत्पादों के वस्तुओ का इस्तेमाल कर सकते है बाजार से कुछ सामान खरीदते समय हम प्लास्टिक बैग के जगह  कपड़े या पेपर से बने बैगों का इस्तेमाल कर सकते है और हम लोगो मे जागरूकता ला कर प्लास्टिक का उपयोग काफी कम कर सकते है और हम प्लास्टिक मुक्त भारत और स्वच्छ भारत जैसे सामाजिक जागरूकता अभियान में अपना पूरा योगदान दे सकते है।

# Plastic Free India Essay in Hindi

Essay on Pollution in Hindi- प्रदूषण पर निबंध

Water Pollution Essay in Hindi

Essay on Plastic Pollution in Hindi

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प्लास्टिक प्रदूषण पर निबंध essay on plastic pollution in hindi language.

Know information about प्लास्टिक प्रदूषण Plastic Pollution in Hindi Language. Today we are sharing प्लास्टिक प्रदूषण पर निबंध Essay on Plastic Pollution in Hindi Language for students of class 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10, 11, 12. Read Essay on Plastic Pollution in Hindi Language.

Essay on Plastic Pollution in Hindi

Essay on Plastic Pollution in Hindi Language

Essay on Plastic Pollution in Hindi Language 400 Words

प्लास्टिक प्रदूषण पर्यावरण में भारी मात्रा में प्लास्टिक कचरे के इकठठे हो जाने से उत्पन्न होता है। प्लास्टिक एक ‘नॉन-बॉयो-डिग्रेडेबल पदार्थ है, यह पानी या मिट्टी में विघटित नही होता है और इसे जलाने पर इसका प्रभाव और भी ज्यादा हानिकारक हो जाता है। यह वातावरण में सैकड़ो सालो तक उपस्थित रहता है, जिससे यह वायु, जल और भूमि प्रदूषण उत्पन्न करता है। इसके साथ ही मनुष्य, जीव-जन्तुओ और पेड़-पौधो के लिये भी यह बहुत हानिकारक है। प्लास्टिक प्रदूषण के चलते प्रति वर्ष कई जीव-जन्तुओ और समुद्री जीवो की मृत्यु हो जाती है।

प्लास्टिक प्रदूषण को दूर करने के लिए हम इन 2 आसान तरीको को अपना सकते हैं –

1. – उपयोग से बचें विकल्प की तलाश करें – प्लास्टिक प्रदूषण को रोकने के लिए पहला और सबसे महत्वपूर्ण कदम प्लास्टिक उत्पादों के उपयोग से बचना है। क्योंकि अब – हम इनके उपयोग के आदि हो चुके है तथा यह काफी सस्ते भी है इसलिये हम इनके उपयोग को परी तरह से बंद नही कर सकते है। हालांकि हम उन प्लास्टिक उत्पादो के उपयोग को आसानी से बंद कर सकते है, जिनके इको-फ्रेंडली विकल्प उपलब्ध है।

जैसे कि उदहारण के लिये पार्टियो और उत्सवो के दौरान हम प्लास्टिक के बर्तन और अन्य सामानो का उपयोग के जगह हम स्टील, कागज, थर्माकोल या अन्य उत्पादों से वस्तुओ का उपयोग कर सकते है, जिनका आसानी से पुनः उपयोग और निस्तारण किया जा सके।

2. – पुन: उपयोग – यदि आप किसी कारण से प्लास्टिक की थैलियों या अन्य उत्पादों का उपयोग करने से बच नहीं सकते हैं, तो यह सुझाव दिया जाता है कि उन्हें बंद करने से पहले जितना संभव हो कम से कम उन्हें पुन: उपयोग करें।

पिछले कुछ दशको में प्लास्टिक प्रदूषण का स्तर काफी तेजी से बढ़ा है, जोकि एक गंभीर चिंता का विषय है। हमारे द्वारा प्लास्टिक के बढ़ते उपयोग को रोककर ही इस भयावह समस्या पर काबू पाया जा सकता है। यह वह समय है जब हमें प्लास्टिक प्रदूषण के हानिकारक प्रभावों को गंभीरता से समझने की आवश्यकता है और इसे रोकने में अपना बहुमूल्य योगदान देने की आवश्यकता है।

आओ सब मिलकर करें प्लास्टिक पर प्रहार, नामो निशान मिटा दें प्लास्टिक का, और कर दें जीवन को खुशहाल…

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plastic pollution essay 700 words in hindi

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प्लास्टिक मुक्त भारत पर निबंध (Plastic Mukt Bharat Essay In Hindi)

प्लास्टिक मुक्त भारत पर निबंध (Plastic Mukt Bharat Essay In Hindi)

आज   हम प्लास्टिक मुक्त भारत पर निबंध (Essay On Plastic Mukt Bharat In Hindi) लिखेंगे। प्लास्टिक मुक्त भारत पर लिखा यह निबंध बच्चो (kids) और class 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10, 11, 12 और कॉलेज के विद्यार्थियों के लिए लिखा गया है।

प्लास्टिक मुक्त भारत पर लिखा हुआ यह निबंध (Essay On Plastic Mukt Bharat In Hindi) आप अपने स्कूल या फिर कॉलेज प्रोजेक्ट के लिए इस्तेमाल कर सकते है। आपको हमारे इस वेबसाइट पर और भी कई विषयो पर हिंदी में निबंध मिलेंगे , जिन्हे आप पढ़ सकते है।

आज के समय में बहुतायत से प्लास्टिक का उपयोग किया जाता है। घर में उपयोग की जाने वाली कई सारी चीजें प्लास्टिक की बनी होती है और हम इन चीजों का ज्यादा से ज्यादा उपयोग करते हैं।

जब भी हम बाजार जाते हैं, तो हम प्लास्टिक में ही सब्जिया या सामान खरीद कर ले आते हैं और प्लास्टिक को सहजता से रख देते हैं, ताकि उसका फिर से इस्तेमाल कर सके। लेकिन हमारे लिए यह जानना आवश्यक है कि प्लास्टिक हमारे स्वास्थ्य के लिए बहुत ही नुकसानदायक है। हमें प्लास्टिक का कम से कम इस्तेमाल करना होगा, ताकि हमारा स्वास्थ्य सही रह सके।

प्लास्टिक मुक्त भारत की शुरुआत

आज के समय में देश को प्लास्टिक मुक्त बनाने के लिए कई कोशिशें की जा रही हैं। लेकिन इसकी सबसे पहले शुरुआत 2 अक्टूबर 2019 को केंद्र सरकार द्वारा की गई थी। इसकी शुरुआत सबसे पहले ऐसी जगह से की गई, जहां पर प्लास्टिक का ज्यादा उपयोग किया जाने लगा था।

जैसे कि मुंबई, दिल्ली, हैदराबाद और लखनऊ। ऐसी कोशिश की जा रही है कि पूरे देश को ही प्लास्टिक मुक्त बना दिया जाए।

भारत में प्लास्टिक रूपी समस्या

ताजा हुए सर्वेक्षणों के अनुसार यह पाया गया है कि भारत में प्लास्टिक का अधिक से अधिक इस्तेमाल किया जा रहा है। जिसकी वजह से लोगों को काफी नुकसान हो सकता है। ऐसा देखा गया है कि प्लास्टिक सालों तक खत्म नहीं होता है और यह समस्त प्राणियों के लिए घातक साबित होता है।

एक सर्वे के अनुसार भारत में रोजाना 16000 टन प्लास्टिक कचरे का उत्पादन होता है और 10000 टन प्लास्टिक को इकट्ठा किया जाता है। इस इकट्ठा किये प्लास्टिक से कई प्रकार की सामग्री, जैसे प्लेट, कप, पैकिंग बैग आदि बनाए जाते है।

इसी बात से हम अंदाजा लगा सकते हैं कि भारत में निर्मित प्लास्टिक के उपयोग से कई सारी दिक्कतें सामने आ सकती हैं और यह गहरा संकट खड़ा कर सकता हैं।

ऐसे लिया जा सकता है भारत को प्लास्टिक मुक्त करने का संकल्प

अगर आप भारत को प्लास्टिक मुक्त करना चाहते हैं, तो इसके लिए आपको ही संकल्प लेना होगा और समूची मानव जाति की रक्षा करनी होगी। इसके लिए आप इन मुख्य बातों को आजमा सकते हैं, जो निचे बताई गयी है।

  • कम से कम प्लास्टिक का इस्तेमाल किया जाना जरूरी है, अगर आप प्लास्टिक के बैग का इस्तेमाल करते हैं तो बेहतर होगा इसके बदले कपड़े या फिर कागज के बैग का इस्तेमाल कर लिया जाए।
  • प्लास्टिक के प्लेट के अलावा अगर मिट्टी या ताम्बे के बर्तनों का इस्तेमाल किया जाए, तो प्लास्टिक को दूर करने का यह बहुत ही अच्छा विकल्प हो सकता है। क्योंकि ऐसा माना जाता है कि मिट्टी और ताम्बे के बर्तन इस्तेमाल करने से हमारे स्वास्थ्य को इतना नुकसान नहीं होता, जितना प्लास्टिक से होता है।
  • जब भी मार्केट से कुछ सामान लेने जाए, तो हमेशा साथ में ही बैग लेकर जाएं। जिससे आप प्लास्टिक के बैग से दूर रह सकते हैं और उनका कम से कम  इस्तेमाल कर सकते हैं।
  • प्लास्टिक को रीसायकल किया जा सकता है, इसलिए हमे प्लास्टिक इधर उधर फेकने के बजाय उसे रीसायकल करने के लिए दे देना चाहिए। ऐसा करने से प्रकृति को ज्यादा नुकसान नहीं हो पाएगा।

जल में रहने वाले प्राणियों को प्लास्टिक से नुकसान

सामान्य तौर पर ऐसा देखा जाता है कि जब भी प्लास्टिक का कोई भी सामान नदियों, नालों या तालाब में फेंक दिया जाता है, तो इससे जल में रहने वाले समस्त प्राणियों के लिए बहुत नुकसान की स्थिति उत्पन्न हो जाती है।

कई बार ऐसा देखा जाता है कि प्लास्टिक को जल में रहने वाले प्राणी अपने शरीर के अंदर ले लेते हैं। जिससे उन्हें कई प्रकार की बीमारियां हो जाती हैं और वह जल में ही दम तोड़ देते हैं। इससे हमारे पर्यावरण को भी काफी नुकसान होता है और कई प्रकार के प्राणियों की प्रजातियां भी विलुप्त हो जाती है।

ऐसे में खुद को सुरक्षित रखने के लिए प्लास्टिक का कम इस्तेमाल करें और उस प्लास्टिक को जल में ना डालें। जिससे हम जल में रहने वाले प्राणियों की भी बेहतर देखभाल कर सकते हैं।

प्लास्टिक प्रदूषण को रोकने के कुछ खास उपाय

प्लास्टिक मुक्त भारत बनाने के लिए पहल खुद से ही करनी होगी और उसके उपयोग को कम से कम करना होगा, ताकि प्रदूषण भी कम हो सके। उसके लिए हम निचे दिए उपाय कर सकते है।

  • प्लास्टिक प्रदुषण रोकने के लिए प्लास्टिक से बने उत्पादों का कम से कम इस्तेमाल करना होगा, ताकि हमे प्लास्टिक से मुक्ति मिल सके।
  • लोगों में जागरूकता फैलानी होगी, ताकि लोग भी प्लास्टिक का इस्तेमाल कम करना शुरू करे।
  • बोतल में पैक पानी का कम से कम इस्तेमाल करें, जिससे प्लास्टिक का दोहन नहीं होगा।
  • बाहर से ऑनलाइन खाना ज्यादा ऑर्डर ना करें, क्योंकि वह खाना हमेशा प्लास्टिक में पैक हो कर आता है जो हमारे स्वास्थ्य के लिए नुकसानदायक है।
  • प्लास्टिक की वस्तुओं पर बैन लगा कर हम आसानी से इसके उपयोग को कम कर सकते हैं।
  • खाने की वस्तुओं में स्टील और मिट्टी के बर्तनों का ही उपयोग करें, जिससे स्वास्थ नुकसान कम होगा और प्लास्टिक का उपयोग काम होगा।

प्लास्टिक से होने वाली हानिया

हम हमेशा बढ़-चढ़कर प्लास्टिक का उपयोग करते हैं, लेकिन यह हमारे लिए हानि प्रद है। जब भी प्लास्टिक को जलाया जाता है, तो इससे वायु प्रदूषित हो जाती है और इसका धुआं जहरीला होता है। यह धुआ बच्चों और बड़ों के लिए बहुत ही नुकसानदायक होता है।

प्लास्टिक के जलने से जो धुआं उत्पन्न होता है, उससे कैंसर जैसी भयावह बीमारी उत्पन्न हो सकती है। प्लास्टिक के माध्यम से हमने हमेशा चौक चौराहों को अव्यवस्थित और दूषित पाया है। प्लास्टिक नॉन बायोडिग्रेडेबल है। इसके माध्यम से हमारे आसपास का पर्यावरण काफी हद तक दूषित हो रहा है। जिसका सीधा असर हमारे स्वास्थ्य पर हो रहा है।

इस प्रकार से हमने जाना कि प्लास्टिक काफी हद तक हमारे लिए नुकसानदायक है और इसका ज्यादा से ज्यादा उपयोग भारत में किया जाता है। ऐसे में भारत को प्लास्टिक मुक्त बनाने के लिए हमें ही शुरुआत करनी होगी। जिससे कि हम आने वाली पीढ़ी के लिए एक बेहतर भविष्य निर्माण कर सकें।

हमें इस बारे में गंभीरता से सोचना होगा, ताकि हम आने वाली मुसीबत को कम कर सकें और लोगों को जागरुक भी बना सके। जब तक हम ठोस कदम नहीं उठाएंगे, तब तक हम भारत को सुरक्षित नहीं रख पाएंगे। ऐसे में भारत को प्लास्टिक मुक्त करने का प्रयास करते रहना आवश्यक माना जाता है।

इन्हे भी पढ़े :-

  • प्लास्टिक प्रदूषण पर निबंध (Plastic Pollution Essay In Hindi)
  • स्वच्छ भारत अभियान पर निबंध (Swacch Bharat Abhiyan Essay In Hindi)
  • प्लास्टिक प्रतिबंध पर निबंध (Plastic Ban Essay In Hindi)
  • स्वच्छता पर निबंध (Cleanliness Essay In Hindi)
  • स्वच्छता का महत्व पर निबंध (Swachata Ka Mahatva Essay In Hindi)

तो यह था प्लास्टिक मुक्त भारत   पर निबंध (Plastic Mukt Bharat Essay In Hindi) , आशा करता हूं कि प्लास्टिक मुक्त भारत पर हिंदी में लिखा निबंध (Hindi Essay On Plastic Mukt Bharat) आपको पसंद आया होगा। अगर आपको यह लेख अच्छा लगा है , तो इस लेख को सभी के साथ शेयर करे।

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Plastic Pollution Essay for Students and Children

500+ words essay on plastic pollution.

Plastic is everywhere nowadays. People are using it endlessly just for their comfort. However, no one realizes how it is harming our planet. We need to become aware of the consequences so that we can stop plastic pollution . Kids should be taught from their childhood to avoid using plastic. Similarly, adults must check each other on the same. In addition, the government must take stringent measures to stop plastic pollution before it gets too late.

Uprise of Plastic Pollution

Plastic has become one of the most used substances. It is seen everywhere these days, from supermarkets to common households. Why is that? Why is the use of plastic on the rise instead of diminishing? The main reason is that plastic is very cheap. It costs lesser than other alternatives like paper and cloth. This is why it is so common.

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Secondly, it is very easy to use. Plastic can be used for almost anything either liquid or solid. Moreover, it comes in different forms which we can easily mold.

Furthermore, we see that plastic is a non-biodegradable material. It does not leave the face of the Earth . We cannot dissolve plastic in land or water, it remains forever. Thus, more and more use of plastic means more plastic which won’t get dissolved. Thus, the uprise of plastic pollution is happening at a very rapid rate.

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Impact of Plastic Pollution

Plastic Pollution is affecting the whole earth, including mankind, wildlife, and aquatic life. It is spreading like a disease which has no cure. We all must realize the harmful impact it has on our lives so as to avert it as soon as possible.

Plastic pollutes our water. Each year, tonnes of plastic are dumped into the ocean. As plastic does not dissolve, it remains in the water thereby hampering its purity. This means we won’t be left with clean water in the coming years.

Furthermore, plastic pollutes our land as well. When humans dump Plastic waste into landfills, the soil gets damaged. It ruins the fertility of the soil. In addition to this, various disease-carrying insects collect in that area, causing deadly illnesses.

Should Plastic Be Banned? Read the Essay here

Most importantly, plastic pollution harms the Marine life . The plastic litter in the water is mistaken for food by the aquatic animals. They eat it and die eventually. For instance, a dolphin died due to a plastic ring stuck in its mouth. It couldn’t open its mouth due to that and died of starvation. Thus, we see how innocent animals are dying because of plastic pollution.

In short, we see how plastic pollution is ruining everyone’s life on earth. We must take major steps to prevent it. We must use alternatives like cloth bags and paper bags instead of plastic bags. If we are purchasing plastic, we must reuse it. We must avoid drinking bottled water which contributes largely to plastic pollution. The government must put a plastic ban on the use of plastic. All this can prevent plastic pollution to a large extent.

FAQs on Plastic Pollution Essay

Q.1 Why is plastic pollution on the rise?

A.1 Plastic Pollution is on the rise because nowadays people are using plastic endlessly. It is very economical and easily available. Moreover, plastic does not dissolve in the land or water, it stays for more than hundred years contributing to uprise of plastic pollution.

Q.2 How is plastic pollution impacting the earth?

A.2 Plastic pollution is impacting the earth in various ways. Firstly, it is polluting our water. This causes a shortage of clean water and thus we cannot have enough supply for all. Moreover, it is also ruining our soils and lands. The soil fertility is depleting and disease-carrying insects are collecting in landfills of plastic.

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  1. प्लास्टिक प्रदूषण पर निबंध (Plastic Pollution Essay in Hindi)

    प्लास्टिक प्रदूषण पर निबंध (Plastic Pollution Essay in Hindi) By अर्चना सिंह / August 11, 2018. प्लास्टिक प्रदूषण हमारे पर्यावरण को काफी तेजी से नुकसान पहुंचा रहा ...

  2. Essay on Plastic Pollution in Hindi: प्लास्टिक प्रदूषण पर निबंध

    यह था प्लास्टिक प्रदूषण पर निबंध, essay on plastic pollution in hindi पर हमारा ब्लॉग। इसी तरह के अन्य ट्रेंडिंग इवेंट्स ब्लॉग पढ़ने के लिए Leverage Edu के साथ ...

  3. प्लास्टिक प्रदूषण पर निबंध Essay on Plastic Pollution Hindi

    प्लास्टिक प्रदूषण पर निबंध कारण, प्रभाव, निवारण Essay on Plastic Pollution in Hindi. January 4, 2023 by बिजय कुमार. इस लेख में हमने प्लास्टिक प्रदूषण पर निबंध (Essay on Plastic ...

  4. प्लास्टिक प्रदूषण पर निबंध

    Essay On Plastic Pollution In Hindi: यहां पर हमने प्लास्टिक प्रदूषण पर निबंध लिखे हैं। यह निबंध अलग-अलग शब्द सीमा को देखते हुए लिखे गये है।

  5. प्लास्टिक प्रदूषण पर निबंध दुष्प्रभाव, निवारण

    Essay on Plastic Pollution in Hindi. प्लास्टिक को बनाने के लिए कई जहरीले केमिकल काम में लिए जाते है जिसके कारण यह जहां भी पड़ा रहता है धीरे-धीरे वहां पर बीमारियो और प्रदूषण को ...

  6. [निबंध] प्लास्टिक के बढ़ते उपयोग से प्रदूषित हो रहा पर्यावरण

    इस essay को Hindi medium के स्टूडेंट ज्यादा से ज्यादा शेयर करें जिससे कि हम सरकार के Beat Plastic Pollution की मुहिम में कम से कम अप्रत्यक्ष रूप से शामिल हो सकें.

  7. प्लास्टिक प्रदूषण पर निबंध: Long And Short Essay On Plastic Pollution

    1.2 प्लास्टिक प्रदुषण को कैसे हराएं पर निबंध- BEAT PLASTIC POLLUTION ESSAY in Hindi (300 WORDS) ... 800 1000-शब्द)-Plastic Pollution Essay in Hindi 700, 800, 1000 words.

  8. प्लास्टिक प्रदूषण निबंध

    प्लास्टिक प्रदूषण निबंध | Plastic Pollution In Hindi Essay Robert E. Reynolds प्लास्टिक प्रदूषण - एक समस्या जिस पर हो बहस, जिसने हमारे पूरे प्राकृतिक संसाधनों को ...

  9. Essay on Plastic Pollution in Hindi

    Essay on Plastic Pollution in Hindi, Long and short essay and paragraph of plastic pollution in the Hindi language for all students, प्लास्टिक प्रदूषण पर निबंध हिंदी में.

  10. Plastic Pollution Essay in Hindi: प्लास्टिक प्रदूषण पर निबंध

    Plastic Pollution Essay in Hindi यहां हम आपको "Plastic Pollution Essay in Hindi" उपलब्ध करा रहे हैं. इस निबंध/ स्पीच को अपने स्कूल या कॉलेज के लिए या अपने किसी प्रोजेक्ट के ...

  11. Plastic Ki Duniya Essay in Hindi: जानिए ...

    Plastic Ki Duniya Essay in Hind 200 शब्दों में. Plastic Ki Duniya Essay in Hindi 200 शब्दों में निबंध नीचे दिया गया है: प्लास्टिक ने हमारी आधुनिक दुनिया के ताने-बाने में खुद को ...

  12. Essay on Plastic Pollution in Hindi

    Here you will get Paragraph and Short Essay on Plastic Pollution in Hindi Language for students of all Classes in 100, 200 and 500 words. यहां आपको सभी कक्षाओं के छात्रों के लिए हिंदी भाषा में प्लास्टिक प्रदूषण पर निबंध मिलेगा। Plastic Pollution ...

  13. प्लास्टिक प्रदूषण पर निबंध

    Plastic Pollution Essay in Hindi. प्रस्तावना; प्लास्टिक प्रदूषण का अर्थ; प्लास्टिक प्रदूषण के कारण; प्लास्टिक प्रदूषण के प्रभाव

  14. Plastic Pollution Essay in Hindi

    Plastic Pollution Essay in Hindi - प्लास्टिक मुक्त भारत पर निबंध. 4 years ago. प्लास्टिक प्रदूषण पृथ्वी पर बड़ी ही तेजी से बढ़ रहा है ओर यह मनुष्य जाती को हानि भी ...

  15. प्लास्टिक प्रदूषण पर निबंध » हिंदी निबंध, Nibandh

    plastic pradushan par Nibandh. प्लास्टिक ज़्यादातर लोग पहले इस्तेमाल किया करते थे। अभी भी बहुत से जगहों पर इसका इस्तेमाल लोग कर रहे है। लोगो को अब सतर्क हो जाना चाहिए ...

  16. प्लास्टिक प्रदूषण पर निबंध । Essay on Plastic Pollution in Hindi

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  17. Plastic Pollution In Hindi Essay

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  18. प्लास्टिक मुक्त भारत निबंध- Plastic Mukt Bharat Essay in Hindi

    Plastic Mukt Bharat Essay in Hindi 400 words. प्लास्टिक मुक्त भारत की शुरूवात 2 अक्तूबर 2019 में केंद्र सरकार ने कई बड़े शहरों से की थी आगरा, ... Essay on Plastic Pollution in Hindi.

  19. प्लास्टिक प्रदूषण पर निबंध (Plastic Pollution Essay In Hindi)

    प्लास्टिक प्रदूषण पर निबंध (Plastic Pollution Essay In Hindi) प्रस्तावना. प्लास्टिक एक ऐसा सामग्री है, जो विघटित नहीं होता है। प्लास्टिक बैग्स नदियों, झीलों और सागरो के जल ...

  20. प्लास्टिक प्रदूषण पर निबंध Essay on Plastic Pollution in Hindi Language

    Essay on Plastic Pollution in Hindi Language. Essay on Plastic Pollution in Hindi Language 400 Words. प्लास्टिक प्रदूषण पर्यावरण में भारी मात्रा में प्लास्टिक कचरे के इकठठे हो जाने से उत्पन्न ...

  21. प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन

    प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन का कड़ाई से अनुपालन नहीं: वैश्विक स्तर पर लगभग एक चौथाई प्लास्टिक अपशिष्ट का संग्रहण ही नहीं किया जाता ...

  22. प्लास्टिक मुक्त भारत पर निबंध (Plastic Mukt Bharat Essay In Hindi)

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  23. Plastic Pollution Essay for Students and Children

    A.1 Plastic Pollution is on the rise because nowadays people are using plastic endlessly. It is very economical and easily available. Moreover, plastic does not dissolve in the land or water, it stays for more than hundred years contributing to uprise of plastic pollution.