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Gandhi Jayanti Speech in Hindi for School Students: गांधी जयंती पर भाषण [2023]

Gandhi jayanti speech in hindi: गांधी जी की 154वीं जयंती के अवसर पर, गांधी जयंती पर हिंदी में लंबे और छोटे भाषण यहां देखें। इसके अलावा, गांधी जयंती भाषण देने के लिए हिंदी में महात्मा गांधी पर 10 पंक्तियाँ और gandhi jayanti speech tips देखें।.

Pragya Sagar

Gandhi Jayanti Speech in Hindi: क्या आप भी गांधी जयंती पर महात्मा गांधी के बारे में एक भाषण लिखने की कोशिश कर रहे हैं? भारत में, हम हर साल 2 अक्टूबर को गांधी जयंती का आयोजन करते हैं। इस दिन हम राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की जयंती मनाते हैं. गांधी जी ने हमारे देश को स्वतंत्रता प्राप्त कराने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। उन्होंने सत्य और अहिंसा के मार्ग पर चलकर भारत के लिए स्वतंत्रता प्राप्त की। बिना हथियारों का सहारा लिए बापू ने  ब्रिटिश साम्राज्य का सामना किया।

गांधी जयंती पर स्पीच कैसे दें? Gandhi Jayanti Speech Tips

  • अपने गांधी जयंती भाषण की शुरुआत अपने दर्शकों को सम्मान के साथ संबोधित करके करें।
  • ज्यादा देर तक/ लंबा न बोलें वरना श्रोता बोर हो जाएंगेें।
  • अपने चेहरे पर हल्की मुस्कान रखना न भूलें।
  • आत्मविश्वास के साथ अच्छी मुद्रा में खड़े रहें।

गांधी जयंती Highlights

गांधी जयंती पर 10 लाइन.

10 लाइन की महात्मा गांधी भाषण हिंदी में देखें:

Line 1: सुप्रभात, आदरणीय प्रधानाचार्य, शिक्षक और मेरे प्यारे दोस्तों। आज हम अपने राष्ट्रपिता बापू महात्मा गांधी की जयंती मनाते हैं।

Line 2: मोहनदास करमचंद गांधी का जन्म 2 अक्टूबर 1869 को गुजरात के पोरबंदर के एक गाँव में हुआ था।

Line 3: उनके पिता का नाम करमचंद गांधी और उनकी माता का नाम पुतलीबाई गांधी था।

Line 4: गांधीजी का विवाह कस्तूरबा गांधी से हुआ था।

Line 5: बापू अपने अहिंसा और सत्य के सिद्धांतों के लिए दुनिया भर में जाने जाते हैं।

Line 6: वह भारत के महानतम स्वतंत्रता सेनानियों, नेता, दार्शनिक और समाज सुधारक में से एक थे।

Line 7: गांधीजी ने सत्याग्रह और अहिंसा  से भारत को स्वतंत्रता दिलाई।

Line 8: उन्होंने लाखों भारतीयों और दुनिया भर के लोगों को अहिंसा से अपने अधिकारों और स्वतंत्रता के लिए लड़ने के लिए प्रेरित किया।

Line 9: 30 जनवरी 1948 को गांधी जी की गोली मारकर हत्या कर दी गई।

गाँधी जयंती पर भाषण

नीचे देखें महात्मा गांधी भाषण हिंदी में:

सुप्रभात, आदरणीय प्रधानाचार्य, शिक्षकगण और मेरे प्यारे दोस्तों।

आज गांधी जयंती के शुभ अवसर पर हम सभी मोहनदास करमचंद गांधी को श्रद्धांजलि देने के लिए एकत्र हुए हैं। 2 अक्टूबर, 2023 राष्ट्रपिता गांधीजी की 154वीं जयंती है। वअहिंसा और सत्य की शक्ति से महात्मा गाँधी ने इतिहास की दिशा बदल दी।

गांधी जयंती सिर्फ उत्सव का दिन नहीं बल्कि चिंतन का दिन है। यह हमें उन सिद्धांतों की याद दिलाता है जिनके लिए गांधीजी खड़े थे - शांति, अहिंसा, करुणा और सत्य की निरंतर खोज। सत्य और अहिंसा के प्रति गांधीजी की अटूट प्रतिबद्धता ने दुनिया भर में मौलिक अधिकारों और स्वतंत्रता के लिए आंदोलनों को प्रेरित किया। 

इस गांधी जयंती पर, आइए हम उनके द्मूल्यों को बनाए रखने का संकल्प लें और एक ऐसी दुनिया के लिए काम करें जहां न्याय, समानता और अहिंसा कायम हो।

सभी को गांधी जयंती की शुभकामनाएँ!

गांधी जयंती Quotes और नारे हिंदी में (Mahatma Gandhi Quotes and Slogans in Hindi)

अपने भाषण को और अधिक प्रभावशाली बनाने के लिए हिंदी में निम्नलिखित गांधी जयंती Quotes और Slogans शामिल करें: 

1. आजादी का कोई अर्थ नहीं है यदि इसमें गलतियां करने की आजादी शामिल न हों। - महात्मा गांधी

2. प्रेम की शक्ति दंड की शक्ति से हजार गुनी प्रभावशाली और स्थायी होती है। - महात्मा गांधी

3. पाप से घृणा करो पर पापी से नहीं, क्षमादान बहुत मूल्यवान चीज है। - महात्मा गांधी

4. आंख के बदले आंख पूरे विश्व को अंधा बना देगी। - महात्मा गांधी

5. क्रूरता का उत्तर क्रूरता से देने का अर्थ अपने नैतिक व बौद्धिक पतन को स्वीकार करना है। - महात्मा गांधी

यहाँ पर आप सभी बोर्ड के 2024 हाई स्कूल और इंटर रिजल्ट चेक कर सकते है जैसे की यूपी बोर्ड , एमपी बोर्ड , राजस्थान बोर्ड , छत्तीसगढ़ बोर्ड , उत्तराखंड बोर्ड , झारखण्ड बोर्ड , एचपी बोर्ड , हरियाणा बोर्ड और अन्य राज्य के बोर्ड रिजल्ट देख सकते है।

  • गांधीजी का स्लोगन क्या है? + अहिंसा परमो धर्म, सत्यमेव जयते, भारत छोड़ो, गांधीजी का स्लोगन है|
  • गांधी जयंती पर भाषण की शुरुआत कैसे करें? + अपने गांधी जयंती भाषण की शुरुआत अपने दर्शकों को सम्मान के साथ संबोधित करके करें। ज्यादा देर तक/ लंबा न बोलें वरना श्रोता बोर हो जाएंगेें। अपने चेहरे पर हल्की मुस्कान रखना न भूलें। आत्मविश्वास के साथ अच्छी मुद्रा में खड़े रहें।
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Updated Oct 2, 2023, 06:26 AM IST

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Speech on Indira Gandhi in Hindi – इंदिरा गांधी पर भाषण

June 15, 2018 by essaykiduniya

Here you will get Short Speech on Indira Gandhi in Hindi Language for students of all Classes in 300 and 500 words. यहां आपको सभी कक्षाओं के छात्रों के लिए हिंदी भाषा में इंदिरा गांधी पर भाषण मिलेगा।

Speech on Indira Gandhi in Hindi – इंदिरा गांधी पर भाषण

speech on indira gandhi in hindi

Speech on Indira Gandhi in Hindi – इंदिरा गांधी पर भाषण ( 300 words )

इंदिरा गाँधी प्रभावशाली व्यक्तितव की महिला थी। वह भारत की प्रथम और अब तक की एकमात्र महिला प्रधानमंत्री थी। उनका जन्म 19 नवंबर, 1917 को उतर प्रदेश के इलाहाबाद में हुआ था। उनके पिता का नाम पंडित जवाहरलाल नेहरू और माता का नाम कमला नेहरू था। उनके परिवार की स्वतंत्रता से जुड़ी गतिविधियों पर बहुत प्रभाव पड़ा था।

शिक्षा-

इन्होंने अपनी स्कूली शिक्षा इलाहबाद से पूरी की थी और उसके बाद इन्होंने शांतिनिकेतन में रविंद्रनाथ टैगोर द्वारा निर्मित विद्या भारती स्कूल में प्रवेश लिया। वहाँ पर रविंद्रनाथ टैगोर ने उन्हें प्रियदर्शनी नाम दिया और तभी से वह इंदिरा प्रियदर्शनी गाँधी के नाम से जाने जानी लगी। इंदिरा गाँधी की शादी फिरोज गाँधी से हुई थी। इंदिरा ने अपनी आगे की पढ़ाई विदेश में ऑक्सफार्ड युनिवर्स्टी से की और 1941 में वह भारत लौट आई।

राजनीति-

भारत लौटने के बाद वह स्वतंत्रता आंदोलन से जुड़ गई। 1964 में जवाहरलाल नेहरू की मृत्यु के बाद वह राज्य सभा की सदस्य चुनी गई। उन्होंने लाल बहादुर शास्त्री के मंत्रीमंडल में सुचना और प्रसारण मंत्री के रूप मेम कार्य किया। शास्त्री जी की मृत्यु के बाद इंदिरा को प्रधानमंत्री बनाया गया। वह 1966-1977 तक प्रधानमंत्री रही। उसके बाद 1978 में वह चुनाव हार गई और कठिन मेहनत के बाद 1980 में फिर से सत्ता में वापिस आ गई थी।

मृत्यु-

1984 में पंजाब में चल रहे अलगाववादियों के साथ चल रहे द्वंद के दौरान इंदिरा के ही दोनों अंगरक्षकों ने उन्हें गोलियाँ मार दी थी। 31 अक्टूबर 1984 को उनकी मृत्यु हो गई थी।

निष्कर्ष-

इंदिरा दुरदर्शीता रखती थी और उनके पास निर्णय लेने का कौशल था। इंदिरा को आज भी उनके अच्छे कार्यों के लिए याद किया जाता है। इंदिरा को लौह स्त्री के नाम से भी जाना जाता है। इनकी राजनीति की प्रशंसा विदेश के लोग भी करते थे। यह दृढ़ संकल्प वाली महिला थी।

Short Speech on Indira Gandhi in Hindi Language – इंदिरा गांधी पर भाषण ( 500 words )

इंदिरा गाँधी बहुत ही सुझ बुझ और दृढ़ संकल्प वाले चरित्र की गुणवान महिला थी। वह एक बहुत ही चतुर राजनेत्री भी थी। उनका जन्म 19 नवंबर 1917 में उतर प्रदेश के इलाहाबाद शहर में हुआ था। वह एक ऐसे परिवार में जन्मी थी जिसका हर व्यक्ति राजनीति से जुड़ा हुआ था और इसका प्रभाव इंदिरा पर भी पड़ा। उनके पिता का नाम जवाहर लाल नेहरू और माता का नाम कमला नेहरू था। बचपन में इंदिरा प्रियदर्शनी के नाम से जानी जाती थी।

इलाहाबाद में उनका घर आंनद भवन हमेशा कांग्रेस पार्टी की कई राजनीतिक गतिविधियों का केंद्र था। 10 साल की उमर में ही इंदिरा ने अपनी उमर के बच्चों के साथ मिलकर वानरी सेना का निर्माण किया जिसने गाँधी जी के असहयोह आंदोलन में बहुत ही अहम भूमिका निभाई थी। इंदिरा की पढाई इलाहाबाद के फॉर्ड और रविंद्रनाथ के स्कूल शांति निकेतन से ही हुई थी। 1942 में इंदिरा की शादी एक पारसी युवक फिरोज गाँधी से हुई। शादी के 18 साल बाद उनके पति की मृत्यु हो गई। इंदिरा के दो बेटे थे राजीव गाँधी और संजय गाँधी।

भारत के आजाद होने के बाद 1959 में वह सभी की सहमति से ही कांग्रेस की अध्यक्ष के रूप में चुन ली गई। 1966 में जब लाल बहादुर शास्त्री जी का निधन हुआ तब इंदिरा को प्रधानमंत्री पद पर नियुक्त किया गया। 1967 में कांग्रेस के चुनाव जीतने पर वह पुनः प्रधानमंत्री चुनी गई। वह एक बहुत ही कौशल नारी थी। उनके कामों के लिए वह सिर्फ देश में ही नहीं विदेशों में भी प्रसिद्ध थी।

वह 1966 से लेकर अपने पुरे जीवन काल तक प्रधानमंत्री के पद पर नियुक्त रही थी। सिर्फ 1977 से 1980 तक कांग्रेस को हार का सामना करना पड़ा और वह राजनीति से बाहर रही थी। तीन साल के प्रयास के बाद वह दोबारा सत्ता में आई। उन्हे देश में प्रथम हरी क्रांति के लिए हमेशा याद रखा जाएगा। वह बहुत ही दृढ़ संकल्प वाली और चतुर महिला थी। उनका पूरा घर देश के लिए समर्पित था और उसका प्रभाव इनके जीवन चरित्र में भी देखा जा सकता है।

उनकी सत्ता के दौरान हुए पाकिस्तानी आक्रमण का उन्होनें बहुत ही सही ढंग से जवाब दिया था। इन्होनें बड़ी ही चतुराई से पाकिस्ताम का सबसे अहम हिस्सा बंगलादेश को उससे अलग कर दिया था। इंदिरा ने ही बैंको का पंजीकरण कराया था। 1971 में सत्ता में वापिस आने के लिए इन्होंने गरीबी हटाओं का नारा अपनाया था। उस दौरान उनके बेटे संजय गाँधी को जेल भी हुई थी जिसके चलते इन्हें लोगों से सहानुभूति प्राप्त हुई।

1984 में पंजाब में स्थिति बहुत ही खराब थी। वहाँ पर आतंकी हमले बढ़ते ही जा रहे थे। इंदिरा के कहने पर हुई पुलिस कार्यवाही में 3000 लोग मारे गए थे। जिसके चलते इनके खुद के सुरक्षा कर्मी बहुत क्रोधित हुए। इनके उन दो ब्लु स्टार्स सतवंत सिंह और बेबंत सिंह ने इंधिरा कौ गोलियों से छलनी कर दिया। 31 अक्तूबर 1984 को इंदिरा का देहांत हो गया। पंजाब से उन्हें राज घाट लाया गया और 3 नवंबर को उनका अंतिम संस्कार किया गया। इस तरह उस दिन पुरे विश्व ने सबसे कौशल राजनेत्री को हमेशा के लिए ऱो दिया। इंदिरा को लौह स्त्री के नाम से भी पुकारा जाता था।

हम आशा करते हैं कि आप इस भाषण ( Speech on Indira Gandhi in Hindi – इंदिरा गांधी पर भाषण ) को पसंद करेंगे।

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गाँधी जयंती पर भाषण

गाँधी जयंती

भाषण देना एक कला है जो व्यक्ति के किसी विषय पर ज्ञान और उसकी वाक् शैली पर निर्भर करता है लेकिन जब विषय गाँधी हों तो भाषण पूर्व तैयारी की भी आवश्यकता पड़ती है। यहाँ पर हम आसान और सरल शब्दों में विद्यार्थियों के लिये विभिन्न शब्द सीमाओं के साथ गाँधी जयंती पर भाषण उपलब्ध करा रहें हैं जिसका प्रयोग विद्यार्थी विभिन्न अवसरों या प्रतियोगिताओं में अपनी जरुरत के आधार पर कर सकते है।

गांधी जयंती पर 10 वाक्य

गाँधी जयंती पर भाषण (Short and Long Speech on Gandhi Jayanti in Hindi)

भाषण – 1.

सभी माननीयों, आदरणीय प्रधानाध्यापक, शिक्षकगण और मेरे प्यारे दोस्तों आप सभी को सुबह का नमस्कार। जैसा कि हम सभी जानते है कि हम सब यहाँ एक प्यारा उत्सव मनाने जुटे हैं जो गाँधी जयंती कहलाता है, इस अवसर पर मैं आप सब के सामने एक भाषण देना चाहता हूँ। मेरे प्यारे दोस्तों, 2 अक्टूबर महात्मा गाँधी का जन्मदिन है।

राष्ट्रपिता को श्रद्धांजलि देने के लिये हर वर्ष पूरे उत्साह के साथ हम इस दिन को मनाते है साथ ही साथ अंग्रेजी शासन से देश के लिये स्वतंत्रता संघर्ष के रास्ते में उनके हिम्मतपूर्णं कार्यों को याद करते हैं। पूरे भारत में एक बड़े राष्ट्रीय अवकाश के रुप में हमलोग गाँधी जयंती मनाते हैं। महात्मा गाँधी का पूरा नाम मोहनदास करमचन्द गाँधी है और वो बापू तथा राष्ट्रपिता के नाम से भी प्रसिद्ध है।

2 अक्टूबर को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अंतरराष्ट्रीय अहिंसा दिवस के रुप में भी मनाया जाता है क्योंकि अपने पूरे जीवन भर वह अहिंसा के उपदेशक रहे। 15 जून 2007 को संयुक्त राष्ट्र सामान्य सभा द्वारा 2 अक्टूबर को अंतरराष्ट्ररीय अहिंसा दिवस के रुप में घोषित किया गया है। हमलोग हमेशा बापू को शांति और सच्चाई के प्रतीक के रुप में याद करेंगे। बापू का जन्म 2 अक्टूबर 1869 को गुजरात के छोटे से शहर पोरबंदर में हुआ था जबकि उन्होंने अपने पूरे जीवनभर बड़े-बड़े कार्य किये।

वह एक वकील थे और उन्होंने अपनी कानून की डिग्री इंग्लैंड से ली और वकालत दक्षिण अफ्रीका में किया। “सच के साथ प्रयोग” के नाम से अपनी जीवनी में उन्होंने स्वतंत्रता के अपने पूरे इतिहास को बताया है। जब तक की आजादी मिल नहीं गयी वह अपने पूरे जीवन भर भारत की स्वतंत्रता के लिये अंग्रेजी शासन के खिलाफ पूरे धैर्य और हिम्मत के साथ लड़ते रहे।

सादा जीवन और उच्च विचार सोच के व्यक्ति थे गाँधी जी जिसको एक उदाहरण के रुप में उन्होंने हमारे सामने रखा। वो धुम्रपान, मद्यपान, अस्पृश्यता और माँसाहारी के घोर विरोधी थे। भारतीय सरकार द्वारा उनकी जयंती के दिन शराब पूरी तरह प्रतिबंधित है। वो सच्चाई और अहिंसा के पथ-प्रदर्शक थे जिन्होंने भारत की आजादी के लिये सत्याग्रह आंदोलन की शुरुआत की।

नयी दिल्ली के राजघाट पर इसे ढ़ेर सारी तैयारीयों के साथ मनाया जाता है जैसे प्रार्थना, फूल चढ़ाना, उनका पसंदीदा गाना “रघुपति राघव राजा राम” आदि बजाकर गाँधीजी को श्रद्धांजलि अर्पित की जाती है। मैं आप सबसे उनके एक महान कथन को बाँटना चाहूँगा “व्यक्ति अपने विचारों से निर्मित प्राणी है, वो जो सोचता है वही बन जाता है”।

भाषण – 2

सभी माननीय, आदरणीय प्रधानाध्यापक, शिक्षकगण और मेरे प्यारे दोस्तों आप सभी को सुबह का नमस्कार। मेरा नाम राहुल है, मैं कक्षा 7 में पढ़ता हूँ। मैं गाँधी जयंती के अवसर पर एक भाषण देना चाहूँगा। सबसे पहले मैं अपने क्लासटीचर को धन्यवाद देना चाहूँगा जिन्होंने इतने महान अवसर पर भाषण देने के लिये मुझे मौका दिया। जैसा कि हम सभी जानते है कि हर साल 2 अक्टूबर को महात्मा गाँधी का जन्मदिन मनाने के लिये हम सब इकट्ठा होते हैं। मेरे प्यारे दोस्तों, गाँधी जयंती केवल अपने देश में ही नहीं मनाया जाता है बल्कि अंतरराष्ट्रीय अहिंसा दिवस के रुप में पूरे विश्व भर में मनाया जाता है क्योंकि वह अपने पूरे जीवनभर अहिंसा के एक पथ-प्रदर्शक थे।

उनका पूरा नाम मोहनदास करमचंद गाँधी है हालाँकि वह बापू और राष्ट्रपिता तथा महात्मा गाँधी के नाम से प्रसिद्ध हैं। उनका जन्म 2 अक्टूबर 1869 को गुजरात के पोरबंदर में हुआ था। इस दिन पर, नयी दिल्ली के राजघाट पर महात्मा गाँधी को उनके समाधि स्थल पर भारत के प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति के द्वारा प्रार्थना, फूल, भजन आदि के द्वारा श्रद्धाजलि अर्पित की जाती है।

गाँधी जयंती भारत के सभी राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों में गाँधी को याद करने के लिये मनायी जाती है जिन्होंने हमेशा सभी धर्मों और समुदायों को एक नजर से सम्मान दिया। इस दिन पर पवित्र धार्मिक किताबों से दोहा और प्रार्थना पढ़ा जाता है खासतौर से उनका सबसे प्रिय भजन “रघुपति राघव राजा राम”। देश में राज्यों के राजधानियों में प्रार्थना सभाएँ रखी जाती है। जैसा कि भारत सरकार के द्वारा इस दिन को राष्ट्रीय अवकाश के रुप में, सभी स्कूल, कॉलेज, कार्यालय आदि पूरे देश में बंद रहते हैं।

महात्मा गाँधी एक महान व्यक्ति थे जिन्होंने ब्रिटिश शासन से भारत की आजादी को प्राप्त करने में बहुत संघर्ष किया और एक महत्वपूर्ण भूमिका निभायी। वह ब्रिटिश शासन के खिलाफ भारत के लिये आजादी प्राप्त करने के अहिंसा के अनोखे तरीके के केवल पथ-प्रदर्शक ही नहीं थे बल्कि उन्होंने दुनिया को साबित किया कि अहिंसा के पथ पर चलकर शांतिपूर्ण तरीके से भी आजादी पायी जा सकती है। वह आज भी हमारे बीच शांति और सच्चाई के प्रतीक के रुप में याद किये जाते हैं।

भाषण – 3

सभी माननीय, आदरणीय प्रधानाध्यापक, शिक्षक और मेरे प्यारे दोस्तों को मैं प्यार भरा नमस्कार कहना चाहूँगा। मेरा नाम नवीन त्यागी है, मैं कक्षा 8 में पढ़ता हूँ। मेरे प्यारे दोस्तों, महात्मा गाँधी के जन्म दिवस, 2 अक्टूबर के इस शुभ अवसर को मनाने के लिये हम सब यहाँ इकट्ठे हुए हैं। इस दिन पर, भारत के राष्ट्रपिता का जन्म 1869 को गुजरात के पोरबंदर में हुआ था। ये उत्सव हमारे लिये बहुत मायने रखता है। महात्मा गाँधी का पूरा नाम मोहनदास करमचन्द गाँधी है, हालाँकि ये राष्ट्रपिता, गाँधीजी और बापू के नाम से भी पूरे विश्व में प्रसिद्ध हैं। गाँधी जयंती के रुप में देश में बापू के जन्म दिवस को मनाया जाता है जबकि पूरे विश्व में इसे अंतर्राष्ट्रीय अहिंसा दिवस के रुप में मनाया जाता है।

बापू का जन्म देश के बहुत छोटे शहर में हुआ था हालाँकि उनके कार्य बहुत महान थे जिसको पूरे विश्व में फैलने से कोई नहीं रोक सका। वह एक ऐसे व्यक्ति थे जो ब्रिटिश शासन से अहिंसा के मार्ग पर चलकर भारत को आजादी दिलाने में भरोसा रखते थे। वह अहिंसा के पथ-प्रदर्शक थे, उनके अनुसार ब्रिटिश शासन से आजादी प्राप्त करने का यही एकमात्र असरदार तरीका है। बापू एक महान स्वतंत्रता सेनानी थे जिन्होंने भारत की आजादी के संघर्ष में अपना पूरा जीवन दे दिया।

भारतियों के असली दर्द को महसूस करने के बाद, उन्होंने गोपाल कृष्ण गोखले के साथ कई सारे आंदोलनों में भाग लेना शुरु कर दिया। असहयोग आंदोलन, सविनय अवज्ञा और भारत छोड़ो आंदोलन वे अभियान है जो उन्होंने भारत की आजादी के लिये चलाये थे। वह कई बार जेल गये लेकिन कभी अपना धैर्य नहीं खोया और शांतिपूर्वक अपनी लड़ाई को जारी रखा। बापू का पूरा जीवन(वर्तमान और भविष्य की पीढ़ी के लिये) देशभक्ति, समर्पण, अहिंसा, सादगी और दृढ़ता का आदर्श उदाहरण है।

भारतीय लोगों द्वारा हर साल ढ़ेर सारी तैयारियों के साथ गाँधी जयंती मनायी जाती है। इस उत्सव को मनाने का उद्देश्य बापू को श्रद्धाजलि देने के साथ ही ब्रिटिश शासन से आजादी पाने में बापू द्वारा किये गये संघर्ष के बारे में भावी पीढ़ी को बताना है। ये हमें अपनी मातृभूमि के लिये हर समय खुली आँखों से सचेत रहने के लिये सिखाता है। मैं आप सबसे महात्मा गाँधी द्वारा कहा गया एक महान कथन बाँटना चाहूँगा।

“मेरा जीवन मेरा संदेश है, और दुनिया में जो बदलाव तुम देखना चाहते हो वह तुम्हें खुद में लाना पड़ेगा”।

जय हिन्द जय भारत

भाषण 4 – भारत के स्वतंत्रता संघर्ष में महात्मा गाँधी की भूमिका

आदरणीय प्रधानाचार्य, उप प्रधानाचार्य, प्रिय शिक्षकों और मेरे सहपाठी छात्रों आप सभी का आज के इस कार्यक्रम में हार्दिक स्वागत है।

मैं सार्थक पांडेय कक्षा दसवीं वर्ग सी का छात्र हूँ और आज गाँधी दिवस के इस शुभ अवसर पर आप सबके सामने भाषण देने को अपना सौभाग्य समझता हूँ। यह बताने की जरुरत नही है कि भारत के स्वाधीनता संघर्ष में महात्मा गाँधी का योगदान कितना बड़ा है। मेरी इस बात से आप में से शायद ही कोई इंकार कर सकता है। साधरणतः हम महात्मा गाँधी को बापू के नाम से भी जानते है, उनके महान चरित्र और व्यक्तित्व के विषय में जितनी भी बात की जाये कम है।

उनका जन्म अक्टूबर सन् 1869 को वर्तमान गुजरात प्रदेश के पोरबंदर मे हुआ था और उनका पूरा नाम मोहनदास करमचंद गाँधी था। वह सन् 1900 में भारत के सबसे महानतम स्वाधीनता सेनानियों में से एक थे। यह वह समय था, जब उन्होंने देश के स्वतंत्रता आंदोलन की बागडोर संभाली और देश को स्वतंत्रता प्राप्ति की ओर अग्रसर किया। जैसा कि हम सब जानते है कि अंग्रेजो ने हमारे देश पर लगभग 250 वर्षो तक राज किया, पर उनके इस राज की नीव हिलनी तब शुरु हुई, जब 1915 में बापू दक्षिण अफ्रीका से लौटे और गोपाल कृष्ण गोखले के कहने पर देश में चल रहे स्वाधीनता संघर्ष की बागडोर संभाली। उनके इस त्याग का अंदाजा हम इसी बात से लगा सकते हैं कि देश और समाज के भलाई के लिए। उन्होंने वकालत जैसे प्रतिष्ठित पेशे को छोड़ने में भी संकोच नही किया।

स्वाधीनता संघर्ष में उनके योगदान को किसी भी तरीके से कम नही आंका जा सकता है और ना ही इसे शब्दों में बयान किया जा सकता है। हम कह सकते हैं कि बापू ने शहीद भगत सिंह, लाल बहादुर शास्त्री, सुभाष चन्द्र बोस, सरोजनी नायडू, लाला लाजपत राय, और दूसरे अन्य क्रांतिकारियों के साथ मिलकर अंग्रेजो को हमारा देश छोड़ने पे मजबूर कर दिया था। उनकी कई सारी नीतियां खासतौर से अहिंसा नीति देश के आजादी में सबसे बड़ा हथियार साबित हुई। अपने इन्हीं कारगर नीतियों के वजह से वह देशभर में लोगो के लिए प्रेरणा का स्त्रोत बनें।

यह प्रथम विश्व युद्ध का समय था और उस वक्त के भारत के वायसराय लार्ड चेस्टफोर्ड ने महात्मा गाँधी को युद्ध के विषय में चर्चा करने के लिए दिल्ली आमंत्रित किया तथा उनसे अपील की वह अधिक से अधिक भारतीय लोगो को सेना में शामिल होने के लिए कहें। इस बात पर अंग्रेजी हुकूमत का विश्वास हासिल करने के लिए उन्होंने लोगो से प्रथम विश्व युद्ध के लिए सेना में शामिल होने के लिए कहा, लेकिन इसके साथ ही अपने एक व्यक्तिगत खत में उन्होंने वायसराय से कहा कि “वह किसी को भी जान से मारने के लिए नही कहेंगे चाहे वह दोस्त हो या दुश्मन”।

गुजरात में खेड़ा नामक एक गांव हैं, यह सन् 1917 की बात है जब वहां भीषण बाढ़ आई हुई थी, जिससे उस क्षेत्र में हालात काफी खराब हो गये थे। इन्हीं कारणों से स्थानीय किसानों ने उच्च अधिकारियों से कर माफ करने का निवेदन किया परन्तु अंग्रेजी हुकूमत द्वारा उनकी इन मांगो को अस्वीकार कर दिया गया। जिसके बाद गाँधी जी ने किसानो के समर्थन में कर ना देने के लिए आंदोलन किया। इसके साथ ही उन्होंने तालददार और मालतदार जैसे राजस्व अधिकारियों के सामाजिक बहिष्कार का भी आंदोलन किया था। गाँधी जी के इन्हीं प्रयासों के चलते सन् 1918 में अंग्रेजी सरकार को विवश होकर किसानों की मांगो का मानना पड़ा और जब तक आकाल की समस्या समाप्त ना हो जाये, तब तक उन्हें करों में छूट देने के लिए तैयार होना पड़ा।

स्वाधीनता संघर्ष में सक्रिय रहने के साथ ही गाँधी जी ने छुआछूत, लिंगभेद के साथ अन्य कई सामाजिक महत्वपूर्ण विषयों जैसे किसानों के दयनीय स्थिति को सुधारने तथा महिला सशक्तिकरण के मामलो पर सुधार के लिए भी काफी कार्य किया।

इसके साथ ही सबसे दिलचस्प बात यह है कि वह आल इंडिया मुस्लिम लीग कांफ्रेस के मुख्य प्रवक्ताओं में से एक थे। एक तरह से गाँधी जी एक सर्वमान्य नेता थे और खिलाफत आंदोलन में उनके सहभागिता ने उन्हें हर वर्ग का राष्ट्रीय नायक बना दिया। यह उनके द्वारा किए गये नमक स्तयाग्रह, भारत छोड़ो आंदोलन और असहयोग आंदोलन जैसे अहिंसक आंदोलन ही थे, जिन्होंने अंग्रेजी हुकूमत की कमर तोड़ने का कार्य किया। जिसके चलते अंग्रेजी हुकूमत को भारत को स्वतंत्रता प्रदान करने के लिए विवश होना पड़ा।

अंत में हम यहीं कह सकते हैं कि वह एक महान क्षमता तथा योग्यता के धनी व्यक्ति थे और अपने नेतृत्व कौशल से उन्होंने भारतीय स्वतंत्रता संघर्ष में एक अहम भूमिका निभाई थी। देश के स्वतंत्रता संघर्ष में, उनके इस योगदान के चलते हम और हमारे देश की आने वाली पीढ़ीया सदैव उनकी ऋणी रहेंगी। उनके बलिदान को ना ही हम भूले हैं ना ही इसे कभी भूल सकते हैं।

मेरे इस भाषण को इतने धैर्यपूर्वक सुनने और अपना बहुमूल्य समय देने के लिए आप सभी का धन्यवाद!

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Gandhi Jayanti Speech in Hindi 10 Lines : स्टूडेंट्स के लिए गाँधी जयंती पर दस लाइन में स्पीच

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  • Updated on  
  • जनवरी 29, 2024

Gandhi Jayanti Speech in Hindi 10 Lines

भारत की आज़ादी के लिए कई ऐसे स्वतंत्रता सेनानी हुए जिन्होंने देश के लिए अपना सर्वस्व न्योछावर किया, ऐसे ही एक स्वतंत्रता सेनानी महात्मा गाँधी भी थे। महात्मा गाँधी के योगदान को ध्यान में रखते हुए 2 अक्टूबर को गांधी जयंती के रूप में मनाया जाता है। गांधी जयंती पर 10 लाइन विद्यार्थियों को गांधीजी के संदेशों के बारे में बताते हुए, एक अच्छा भाषण तैयार करने में मदद करती है। गांधी जयंती पर 10 लाइन और उनके विचार विद्यार्थियों को अपने जीवन में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करते हैं। इसलिए हर वर्ष 2 अक्टूबर के दिन पूरे देश में जगह-जगह कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं, जिनमें युवा पीढ़ी को गांधी जी के बारे में बताया जाता है। विद्यार्थियों को Gandhi Jayanti Speech in Hindi 10 lines तैयार करने के लिए इस ब्लॉग को अंत तक अवश्य पढ़ना चाहिए।

गांधीजी के बारे में 10 लाइन

Gandhi Jayanti Speech in Hindi 10 lines को पढ़ने से पहले युवाओं को गांधीजी के बारे में 10 लाइन अवश्य पढ़ लेनी चाहिए। गांधीजी के बारे में 10 लाइन युवा पीढ़ी को उनके विचारों के साथ जोड़कर रखेंगी, साथ ही गांधी जयंती पर 10 लाइन हमेशा आने वाली पीढ़ी को उनके विचारों के माध्यम से प्रभावित करती रहेंगी। गांधीजी के बारे में 10 लाइन निम्नलिखित हैं;

  • मोहनदास करमचंद गांधी का जन्म 02 अक्टूबर 1869 गुजरात के पोरबंदर गांव में हुआ था।
  • इनके पिता का नाम करमचंद गाँधी तथा माता का नाम पुतलीबाई था।
  • महात्मा गाँधी के पिता कठियावाड़ के छोटे से रियासत (पोरबंदर) के दिवान थे।
  • मात्र 13 वर्ष की आयु में गाँधी जी का विवाह कस्तूरबा गाँधी से करवा दिया गया था।
  • महात्मा गांधी जी ने लंदन से वकालत की पढ़ाई पूरी की थी।
  • गांधीजी हमेशा अहिंसा के रास्ते पर चलते थे, यही कारण था कि भारत की आज़ादी के लिए उन्होंने वर्ष 1930 दांडी यात्रा करके नमक सत्याग्रह किया था।
  • भारत की जनता उन्हें प्यार से बापू कहकर बुलाती थी। बापू हिंसा के खिलाफ रहकर हमेशा साधारण सा जीवन जीते थे।
  • महात्मा गांधी भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के प्रमुख नेता थे। गांधी जी के नारे उनके विचारों और आदर्शों को व्यक्त करते हैं।
  • उन्होंने भारतीयों को अंग्रेजों के खिलाफ अहिंसक प्रतिरोध करने, सत्य और अहिंसा के मार्ग पर चलने, सामाजिक न्याय के लिए लड़ने और अपने देश पर पूर्ण स्वायत्तता हासिल करने के लिए प्रेरित किया।
  • उन्होंने भारतीयों को अंग्रेजों के खिलाफ अहिंसक प्रतिरोध का मार्ग दिखाया।

यह भी पढ़ें : दांडी यात्रा कितने दिन चली थी?

Gandhi Jayanti Speech in Hindi 10 Lines

गांधी जयंती या महात्मा गांधी के ऊपर स्पीच की शुरुआत में सबसे पहले जहां स्पीच दे रहे हैं वहां के वरिष्ठ लोगों का संबोधन करना है और फिर महात्मा गांधी और गांधी जयंती के बारे में थोड़ा बताना है। Gandhi Jayanti Speech in Hindi 10 Lines के मुख्य बिंदुओं को कुछ इस प्रकार समझा जा सकता है:

  • महात्मा गांधी अहिंसा के पुजारी थे, इस बात को आप जनता तक पंहुचा सकते हैं।
  • महात्मा गाँधी को स्वच्छ भारत और स्वस्थ भारत की बेहद चिंता रहती थी, जिसको भाषण का हिस्सा बनाया जा सकता है।
  • महात्मा गांधी के व्यक्तित्व को भाषण का आधार बनाया जा सकता है।
  • महात्मा गाँधी के जन्मदिन पर सांस्कृतिक शांति बनाए रखने के लिए अंतरराष्ट्रीय अहिंसा दिवस भी मनाया जाता है, इस विषय को भी भाषण का मुख्य भाग बनाया जा सकता है। 
  • गरीबों, पीड़ितों और निचली जाति के लोगों के प्रति उनकी सहानुभूति और उन्हें संगठित करने के उनके प्रण को भाषण में उचित स्थान दिया जा सकता है।
  • गांधी जी पर भाषण देने के लिए मुख्य रूप से उनके नैतिक मूल्यों, नैतिकता और मुक्त शिक्षा को केंद्रित किया जा सकता है।
  • गांधी जी पर भाषण के देने के लिए उनके ब्रिटिश सरकार के दौरान हुए संघर्षों को भी आधार बनाया जा सकता है।
  • भाषण के दौरान उनकी दक्षिण अफ्रीका की यात्रा का भी उल्लेख किया जा सकता है, जहाँ उन्होंने रंग के चलते हो रहे भेदभाव को महसूस किया और उसके खिलाफ अपनी आवाज़ उठाने का सोची।
  • वर्ष 1930 में गांधी जी ने असहयोग आंदोलन चलाया और 1942 में उन्होंने अंग्रेजों से भारत छोड़ने का आह्वान किया। अपने इन आंदोलन के दौरान वह कई बार जेल गए थे, इस बात को भी भाषण का आधार बनाया जा सकता है।
  • गांधी जी 30 जनवरी 1948 को शहीद हो गए, उनके द्वारा देखी गई भारत की परिकल्पना पर भी भाषण दिया जा सकता है।

जरूर पढ़ें :  जानिए महात्मा गांधी के आंदोलन लिस्ट जिन्होंने भारत को बढ़ाया आज़ादी की ओर

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आशा है कि इस ब्लाॅग में आपको गांधीजी के बारे में 10 लाइन के साथ-साथ, Gandhi Jayanti Speech in Hindi 10 Lines के बारे में पूरी जानकारी मिल गई होगी। इसी तरह के अन्य ट्रेंडिंग आर्टिकल्स पढ़ने के लिए Leverage Edu के साथ बने रहें।

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रश्मि पटेल विविध एजुकेशनल बैकग्राउंड रखने वाली एक पैशनेट राइटर और एडिटर हैं। उनके पास Diploma in Computer Science और BA in Public Administration and Sociology की डिग्री है, जिसका ज्ञान उन्हें UPSC व अन्य ब्लॉग लिखने और एडिट करने में मदद करता है। वर्तमान में, वह हिंदी साहित्य में अपनी दूसरी बैचलर की डिग्री हासिल कर रही हैं, जो भाषा और इसकी समृद्ध साहित्यिक परंपरा के प्रति उनके प्रेम से प्रेरित है। लीवरेज एडु में एडिटर के रूप में 2 साल से ज़्यादा अनुभव के साथ, रश्मि ने छात्रों को मूल्यवान मार्गदर्शन प्रदान करने में अपनी स्किल्स को निखारा है। उन्होंने छात्रों के प्रश्नों को संबोधित करते हुए 1000 से अधिक ब्लॉग लिखे हैं और 2000 से अधिक ब्लॉग को एडिट किया है। रश्मि ने कक्षा 1 से ले कर PhD विद्यार्थियों तक के लिए ब्लॉग लिखे हैं जिन में उन्होंने कोर्स चयन से ले कर एग्जाम प्रिपरेशन, कॉलेज सिलेक्शन, छात्र जीवन से जुड़े मुद्दे, एजुकेशन लोन्स और अन्य कई मुद्दों पर बात की है। Leverage Edu पर उनके ब्लॉग 50 लाख से भी ज़्यादा बार पढ़े जा चुके हैं। रश्मि को नए SEO टूल की खोज व उनका उपयोग करने और लेटेस्ट ट्रेंड्स के साथ अपडेट रहने में गहरी रुचि है। लेखन और संगठन के अलावा, रश्मि पटेल की प्राथमिक रुचि किताबें पढ़ना, कविता लिखना, शब्दों की सुंदरता की सराहना करना है।

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गांधी जयंती पर भाषण Speech on Gandhi Jayanti in Hindi

गांधी जयंती पर भाषण Speech on Gandhi Jayanti in Hindi

इस लेख में हमने गांधी जयंती पर भाषण (Speech on Gandhi Jayanti in Hindi) बेहद आकर्षक रूप से लिखा है। अगर आप महात्मा गांधी जी की जयंती पर भाषण खोज रहे हैं तो यह लेख आपके लिए बेहद मददगार साबित हो सकती है। इस लेख में विद्यार्थियों तथा शिक्षकों के लिए गांधी जयंती पर भाषण बेहद सरल रूप में दिया है। 

भारतवर्ष का इतिहास बेहद गौरवपूर्ण रहा है। जहाँ एक तरफ यहां श्री राम तथा श्री कृष्ण जैसे देवताओं ने अवतार लिया। वहीँ दूसरी तरफ ऐसे महामानवों ने भी जन्म लिया जिन्हें भगवान की श्रेणी में ही रखा जाता है। भारत का इतिहास किसी और देश के इतिहास से सदा ही उज्जवल रहा है।

इस धरा पर सम्राट विक्रमादित्य, महाराणा प्रताप, छत्रपति शिवाजी जैसे देवमानव तथा भगत सिंह, सुभाषचंद्र बोस और आज़ाद जैसे क्रांतिकारी हुए हैं। एक तरफ जहां सीता-सावित्री जैसी महान देवियाँ यहां अवतरित हुईं वहीं दूसरी तरफ रानी लक्ष्मीबाई-जीजाबाई जैसी वीरांगनाओं ने इस भारत भूमि का गौरव बढ़ाया।

उन्नीसवी सदी के शुरुवात में महात्मा गांधी नामक एक इंसान ने अंग्रेजी हुकूमत को सोचने पर मजबूर कर दिया था। जिन्हें आगे जाकर महात्मा तथा अहिंसा का पुजारी कहा जाने लगा। जिन्होंने भारत की आज़ादी में अपना बहुमूल्य योगदान दिया। 

Table of Contents

गांधी जयंती पर विद्यार्थियों के लिए भाषण Speech on Gandhi Jayanti for Students in Hindi 

माननीय मुख्य अतिथि, प्रधानाचार्य, शिक्षकगण तथा मेरे विद्यार्थी मित्रों आप सभी को गांधी जयंती की शुभकामनाएं।

आज हम सभी पूज्य बापू की जयंती पर एकत्रित हुए हैं। जिन्होंने अपने शस्त्र के रूप में एक लाठी और शास्त्र के रूप में अहिंसा के माध्यम से आज़ादी में अपना योगदान दिया।

2 अक्टूबर 1869 के दिन करमचंद और पुतलीबाई के यहां जन्म लेने वाले महामानव मोहनदास का शुरुआती जीवन बेहद सामान्य गुजरा। लेकिन सत्य के प्रति उनका झुकाव बेहद कम उम्र में हो गया था।

कहते हैं की किसी भी समाज का आईना उनके साहित्य होते हैं। उस वक़्त के संगीत और फ़िल्में सात्विक हुआ करती थी। इसी कारण मोहनदास के जीवन पर “राजा हरिश्चंद्र” के जीवन पर बनी फिल्म ने बहुत गहरा प्रभाव छोड़ा।

 हर इंसान से गलती होती है। कुसंगति के कारण मोहनदास गांधी भी गलत मार्ग पर चल पड़े लेकिन उनकी अंतरात्मा ने उन्हें अनुशासित किया और उन्हें प्रायश्चित का मार्ग सुझाया।

आज जिन्हें हम महात्मा गांधी के नाम से जानते हैं, उनकी इस ख्याति के पीछे उनके वर्षों का संघर्ष है। चाहे वह अपनी भूल का पश्चाताप हो या लोगों को अहिंसा के मार्ग पर ले जाना। सभी के पीछे उन्होंने बहुत कष्ट सहा और एक मिसाल कायम की।

महात्मा गांधी जी ने शिक्षा को बहुत ही ज्यादा महत्व दिया। वे कहते थे की हर लड़ाई को शिक्षा के माध्यम से जीता जा सकता है। उनके इस बात के पीछे सिर्फ डिग्री वाली शिक्षा नहीं बल्कि वह जरुरी ज्ञान है, जिसके माध्यम से दुनियाँ बदली जा सकती है।

इस ज्ञान को पहले उन्होंने खुद पर और अपने परिवार पर आजमाया। इसे हम एक घटना से देख सकते हैं की जब बापू आफ्रिका में रहते थे और कस्तूरबा जी और उनके बेटे उनके साथ रहते थे तब वे कस्तूरबा को जरुरी अक्षर ज्ञान करवाते थे और बच्चों को उचित शिक्षा देते थे।    

आफ्रीका में हक की लड़ाई लड़ने के बाद वे भारत आए तो एक विदेशी बाबू की तरह सोने के बटनों वाले कोट-पैंट पहनकर बापू जब भ्रमण करने निकले। कुछ दूर जाकर उन्होंने गरीबी की पराकाष्ठा देखी। उन्होंने देखा की एक स्त्री अपनी साड़ी के दो टुकड़े कर एक को धारण कर दुसरे को सुखा रही है।

उसके प्रयासों और गरीबी के मिश्रण को देख बापू का हृदय द्रवित हो उठा और उन्होंने आजीवन एक धोती को पहनने का प्राण लिया। जिसका पालन उन्होंने जीवन भर किया। उनका मानना था की जब तक भारत गरीबी और अशिक्षा से मुक्त नहीं होगा तब तक पूर्ण आज़ाद नहीं हो सकता।

बापू का जन्म बहुत छोटे शहर में हुआ था लेकिन उनके काम दुनिया में सर्वश्रेष्ठ हैं। उनकी ख्याति को पूरे विश्व में फैलने से कोई नहीं रोक सका। वह एक ऐसे व्यक्ति थे जो अहिंसा के मार्ग पर चलकर भारत को आजादी दिलाने में भरोसा रखते थे। 

चंपारण, सत्याग्रह, असहयोग आंदोलन, दांडी सत्याग्रह, दलित आंदोलन, भारत छोड़ो आंदोलन उनके कुछ प्रमुख आंदोलन ने जिन्होंने ब्रिटिश साम्राज्य की नींव कमजोर करने में बड़ा रोल अदा किया। 

वह अहिंसा के पथ-प्रदर्शक थे, उनके अनुसार ब्रिटिश शासन से आजादी प्राप्त करने का यही एकमात्र असरदार तरीका है। बापू एक महान स्वतंत्रता सेनानी थे जिन्होंने भारत की आजादी के संघर्ष में अपना पूरा जीवन दे दिया।

भारतीयों के असली दर्द को महसूस करने के बाद, उन्होंने गोपाल कृष्ण गोखले के साथ कई सारे आंदोलनों में भाग लेना शुरू कर दिया। असहयोग आंदोलन, सविनय अवज्ञा और भारत छोड़ो आंदोलन वे अभियान है जो उन्होंने भारत की आजादी के लिये चलाये थे। 

वह कई बार जेल गये लेकिन कभी अपना धैर्य नहीं खोया और शांतिपूर्वक अपनी लड़ाई को जारी रखा। बापू का पूरा जीवन (वर्तमान और भविष्य की पीढ़ी के लिये) देशभक्ति, समर्पण, अहिंसा, सादगी और दृढ़ता का आदर्श उदाहरण है।

मैं अपने भाषण के अंतिम पंक्तियों में अपने अंतर्मन के भाव प्रकट करना चाहूँगा। महात्मा गांधी जी ने बहुत सी बातें कही थी। जिनका सिर्फ राजनीतिकरण होकर रह गया। कुछ छद्म राजनीतिज्ञों ने महात्मा गांधी के नाम और ख्याति का उपयोग सिर्फ सत्ता पाने भर के लिए किया है।

अगर बापू के सपनों का भारत बनाना है तो हम युवाओं को एक सम्मत होना पड़ेगा। राजनीति में ऐसे लोगों को चुनना पड़ेगा जिनकी सोच परिवारवाद तथा भाई भतीजावाद से ऊपर हो। जो राष्ट्र के बारे में पहले सोचें।

धन्यवाद, वन्देमातरम 

गांधी जयंती पर शिक्षकों के लिए भाषण Speech For Teachers on Gandhi Jayanti in Hindi

माननीय मुख्य अतिथि, प्रधानाचार्य, शिक्षक तथा विद्यार्थी साथियों। वन्देमातरम सह आप सभी को गांधी जयंती की हार्दिक शुभकामनाएं।

आज हम सब राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की जयंती के उपलक्ष पर एकत्रित हुए हैं। विद्यालय शासन को धन्यवाद देता हूँ की आज इस पवित्र उपलक्ष पर इस कार्यक्रम का आयोजन किया तथा आदरणीय मुख्य अतिथि गण को मैं विशेष धन्यवाद देता हूँ की आप अपने व्यस्त कार्यक्रम में से समय निकाल कर हमारे उत्साह को बढ़ाने हमारे बीच आये।

दोस्तों! भारत भूमि पर जन्म लेना यह बड़े भाग्य की बात होती है। क्योंकि भारत को देवभूमि कहा जाता है। भारत भूमि पर समय-समय पर देवात्माओं ने जन्म लिया।

सतयुग से लेकर कलयुग तक देवासुर संग्राम चलता रहा है। पुरातन काल में श्री राम और श्री कृष्ण जैसे ईश्वर अवतारी सत्ता ने धरती की रक्षा की। उसके बाद तमाम देव सत्ताएँ धरती पर आई और इस देवभूमि को पवित्र कर अपने लोक चली गईं।

भारतवर्ष को सोने की चिड़िया इसलिए कहा जाता था की भारतवर्ष सर्वगुण संपन्न था। इसी संपन्नता की प्राप्ति का लालच लेकर पहले मुगल आए उसके बाद अंग्रेज।

मुगल काल में कुछ देव आत्माओं ने जन्म लिया है जैसे कि महाराणा प्रताप, छत्रपति शिवाजी इत्यादि। जिन्होंने लुटेरों की नियत को कभी पूरा नहीं होने दिया।

अंग्रेजों के समय सुभाष चंद्र बोस, चंद्रशेखर आजाद, भगत सिंह, महात्मा गांधी जैसे लाखों क्रांतिकारियों ने भारत भूमि को स्वतंत्र कराने के लिए अपनी आहुति दी।  

महात्मा गांधी का जन्म 2 अक्टूबर सन 1869 के दिन पोरबंदर में हुआ था। पिता करमचंद जो दीवान थे। माता पुतलीबाई जो बेहद धार्मिक प्रवृत्ति की महिला थी।उनके सदकर्मों का ही नतीजा था की उनके यहां महात्मा गांधी जैसे महामानव पैदा हुए।

मोहनदास नाम के जो बचपन में एक बेहद कमजोर और भीरु स्वभाव के थे उन्होंने अपने प्राणशक्ति के बल पर पूरे भारत की मानसिकता बदल कर रख दी थी। लेकिन उनके मोहनदास से महात्मा गांधी तक के सफर में अनेकों कठिनाइयां आई।

बापू का बचपन हमारी तरह ही बेहद सामान्य गुजरा। राजा हरिश्चंद्र के जीवन पर बनी फिल्म ने उन्हें सत्य का बोध दिया। जिसका प्रयोग वे जीवन पर्यंत करते रहे।

उनके सत्य के प्रयोग में उनके बचपन का प्रायश्चित एक अप्रतिम उदाहरण है। जब बचपन में कुसंगति में फस कर उनसे कुछ गलतियां हुई, तो उन्होंने अपने पिता से पत्र के द्वारा माफी मांगी और प्रायश्चित किया।

महात्मा गांधी सन 1900 की शुरुआत में भारतीय प्रवासी बनकर वकालत करने दक्षिण अफ्रीका गए थे। फिर पहले विश्व युद्ध तक भारत और भारतीयों के हक के लिए लड़ने वाले नेतृत्व बनकर उभरे।

वैसे तो बापू शुरुआत से ही शालीन और सादा जीवन व्यतीत करते थे लेकिन विदेश से वकालत की पढ़ाई पूरी कर भारत लौटे तो यहां की परिस्थिति देखकर उनकी अंतरात्मा बेहद व्यथित हुई।

दोस्तों एक मशहूर कविता है की “औरों के हित जो जीता है औरों के हित जो मरता है। उसका हर आंसू रामायण प्रत्येक कर्म ही गीता है”। इस कविता को चरितार्थ होते हुए हम महात्मा गांधी जी के जीवन को देख सकते हैं।

विदेश से लौटने के बाद उन्होंने जीवन पर्यंत धोती पहनने का प्रण लिया। उसके बाद अनेकों आंदोलन उन्होंने किए जिसमें उनका मुख्य हथियार “अहिंसा” था। ऐसे अनेकों समय आए जब अंग्रेजी हुकूमत ने उन्हें कुचल देना चाहा लेकिन उनके तेज और प्रतिज्ञा के आगे उनकी एक भी ना चली।

क्या आपको पता है कि बापू शिक्षा को इतना महत्व क्यों देते थे? दोस्तों बापू का मानना था की इतिहास से ज्ञान, वर्तमान की शैली और भविष्य का अंदाजा शिक्षा के माध्यम से ही लगाया जा सकता है। 

शिक्षा का मतलब सिर्फ डिग्री प्राप्त करना नहीं बल्कि समाज,परिवार तथा स्वयं के लिए उचित ज्ञान अर्जन करना होता है इसका बोध बापू ने ही सबसे पहले दिया था।

बापू के अंदर ऐसी शक्ति थी कि वे जिस रास्ते पर चलते हजारों लोग उनके साथ जुड़ जाते। अपनी आत्मीयता और अनुशासन के दम पर उन्होंने जनसैलाब को इकट्ठा किया और अहिंसा के माध्यम से अंग्रेजी हुकूमत को उखाड़ फेंकने का ताना-बाना रचा।

इतने महान व्यक्तित्व के धारक श्री मोहनदास करमचंद गांधी जी के जीवन से अनगिनत सीख मिलती है लेकिन कहीं ना कहीं कुछ ऐसे सवाल भी हैं जिनका उत्तर कोई नहीं देना चाहता।

शायद इसी कारण से किसी ने उनकी हत्या कर दी और उसी सवाल को सीढ़ी बनाकर कुछ राजनीतिक पार्टियां भारत पर मालिकाना हक दर्शाने लगी थी। कुछ राजनीतिक पार्टियां आंदोलन में शहीद हुए लाखों क्रांतिकारियों की अवहेलना कर सिर्फ बापू के नाम पर राजनीति कर रहे हैं।

महात्मा गांधी जी ने कहा था कि सत्य परेशान हो सकता है पर पराजित नहीं हो सकता। इसलिए आज उन तथाकथित राष्ट्रीय राजनीतिक पार्टी का वजूद समाप्त हो रहा है और देश बापू के स्वप्न को साकार करने की ओर अग्रसर हो रहा है।

बिना तुष्टीकरण की पोटली को खोले कुछ प्रश्न मेरे भी हैं की “क्या जब बात वजूद तथा धर्म की हो तब वहां अहिंसा का राग अलापना सही होगा”? अगर अहिंसा में इतनी ही शक्ति है तो भगवान राम ने रावण के खिलाफ तथा भगवान श्री कृष्ण ने कौरव के खिलाफ महाभारत में “अहिंसा आंदोलन” क्यों नहीं किया।

खैर हर सिक्के के 2 पहलू होते हैं हम बापू के जीवन से मिल रही सकारात्मक सीखो को आत्मसात करने का प्रयास करें। अपने इन्हीं बातों के साथ अपने भाषण को मैं यहीं विराम देना चाहूंगा। जय हिंद, वंदे मातरम।

गांधी जयंती पर शायरियां Poets on Gandhi Jayanti in Hindi

अहिंसा का पुजारी, सत्य की राह दिखाने वाला, ईमान का पाठ पढ़ा गया हमें, वो बापू लाठी वाला

जब महात्मा गांधी का जन्म दिवस आता हैं, हृदय शत-शत नमन करने को झुक जाता हैं

सत्य अहिंसा का था वो पुजारी, कभी ना जिसने हिम्मत हारी, साँस दी हमें आजादी की, जन जन है जिसका बलिहारी।

सत्य-अहिंसा की ताकत समझे और दुनिया को समझाएं, आपको सपरिवार गांधी जयंती की हार्दिक शुभकामनाएं.

जग में जिया है कोई तो बापू तू ही जिया  तूने वतन की राह में सब कुछ लुटा दिया  माँगा न कोई तख्त न कोई ताज भी लिया  अमृत दिया तो ठीक मगर खुद ज़हर पिया

गांधी जयंती पर नारे Slogans on Gandhi Jayanti in Hindi

  • आओ मिलकर 2 अक्टूबर को गांधी जयंती मनाये, साथ मिलकर अपने बापू के सपनो का भारत बनाये।
  • दिन सुरमयी देशभक्ति का यह स्वर, आज आ गया है गांधी जयंती का अवसर।
  • ऐनक, धोती और लाठी है जिसकी पहचान, वो है हमारे बापू महात्मा गाँधी महान।
  • इस 2 अक्टूबर नये-नये तुम गीत गाओ, ज़्यादा कुछ नही तो बस अहिंसा के गुण को अपनाओ।
  • कहकर नहीं करके दिखाया है जिस स्वतंत्र भूमि पर हम खड़े है, उसके लिए महात्मा गांधी जैसो ने अपना सर्वस्व लुटाया है।

निष्कर्ष Conclusion

इस लेख में आपने गांधी जयंती पर भाषण हिंदी (Speech on Gandhi Jayanti in Hindi) में पढ़ा। आशा है यह लेख आपको पसंद आया हो। अगर यह लेख आपको अच्छा लगा हो तो इसे शेयर जरूर करें।

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Gandhi Jayanti Speech in Hindi: इन टिप्स की मदद से दें महात्मा गांधी की जंयती पर बेहतरीन भाषण, हर कोई होगा मुरीद

Speech on gandhi jayanti: महात्मा गांधी का जन्म 2 अक्टूबर 1869 को हुआ था। उनकी जयंती के मौके पर हर वर्ष कई तरह के कार्यक्रम भी आयोजित किए जाते हैं। अगर आप भी इस बार स्पीच देना चाहते हैं तो इस आर्टिकल को पढ़कर लंबा और अच्छा भाषण दे सकते हैं.......

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Gandhi Jayanti Speech: गांधी जंयती के दिन दें ये भाषण

Gandhi jayanti speech in hindi: गांधी जंयती के मौके पर स्कूलों में सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है और इस दौरान कई स्टूडेंट्स भाषण प्रतियोगिता में भाग लेते हैं..

Gandhi Jayanti Speech: गांधी जंयती के दिन दें ये भाषण

गांधी जयंती (Gandhi Jayanti) देश भर में बड़े ही उत्साह के साथ मनाई जा रही है. देश को आजादी दिलाने वाले बापू की याद में 2 अक्टूबर (Octorber 2) यानी उनकी जयंती के दिन देश भर में विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है. गांधी जी (Mahatma Gandhi) का जन्म 2 अक्टूबर 1869 को गुजरात के पोरबंदर में हुआ था. 2 अक्टूबर के दिन को विश्व अहिंसा दिवस के रूप में भी मनाया जाता है. गांधी जयंती ( Gandhi Jayanti ) के दिन लोग राजघाट नई दिल्ली में गांधी प्रतिमा के सामने श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं. इस दिन राष्ट्रीय अवकाश होता है. गांधी जंयती के मौके पर स्कूलों में सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है और इस दौरान कई स्टूडेंट्स भाषण प्रतियोगिता में भाग लेते हैं. इस गांधी जयंती पर अगर आप भाषण (Gandhi Jayanti Speech) देने वाले हैं तो आप इस तरह का भाषण दे सकते हैं:

गांधी जंयती पर भाषण (Gandhi Jayanti Speech)  

आदरणीय शिक्षकों और मेरे प्यारे मित्रों को सुप्रभात,

आज राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की जयंती है और मैं आप सभी को इस दिन की शुभकामनाएं देता/देती हूं. गांधी जयंती के अवसर पर मुझे बोलने का मौका मिला इस पर मुझे गर्व महसूस हो रहा है. हर साल की तरह इस साल भी हम सब इस दिन को मनाने के लिए एकत्रित हुए हैं. महात्मा गांधी का जन्म 2 अक्टूबर 1869 में हुआ था. गांधी जी का पूरा नाम मोहनदास करमचंद गांधी था. उनके पिता का नाम करमचंद गांधी और माता का नाम पुतली बाई था. उनका विवाह 13 वर्ष उम्र में कस्तूरबा के साथ हो गया था. गांधी जी लंदन में कानून की पढाई करने और बैरिस्टर बनने के लिए गए थे. उन्होंने लंदन में पढ़ाई कर बैरिस्टर की डिग्री प्राप्त की थी. वहां से लौटने के बाद उन्होंने भारत को अंग्रेजों से मुक्त कराने में अहम भूमिका निभाई. सत्य और अहिंसा के मार्ग पर चलने वाले गांधी को लोग प्यार से बापू बुलाते हैं. हमें बापू से ये सीखना चाहिए कि परिस्थिति चाहे कैसी भी हो, सत्य का मार्ग नहीं छोड़ना चाहिए. उन्होंने पूरे देश को बताया की हर लड़ाई खून खराबे से पूरी नहीं होती. लड़ाई अहिंसा का रास्ता अपनाकर भी लड़ी जा सकती है. चाहे वो देश को आजाद करवाने की लड़ाई ही क्यों न हो. महात्मा गांधी को विश्व पटल पर अहिंसा के प्रतीक के तौर पर जाना जाता है. दुनिया भर में हिंसा बढ़ती जा रही है, ऐसे में हमें बापू के संदेश को लोगों तक पहुंचाना चाहिए. बापू के विचारों को आगे बढ़ाकर हम हिंसक विचारधारा को रोक सकते हैं.  मैं आपको अपने भाषण को सुनने के लिए धन्यवाद देना चाहता हूं और इसी के साथ रामधारी सिंह दिनकर की लिखी 2 पंक्तियां पढ़कर अपनी वाणी को विराम देना चाहता हूं/चाहती हूं.

ली जांच प्रेम ने बहुत, मगर बापू तू सदा खरा उतरा शूली पर से भी बार-बार, तू नूतन ज्योति भरा उतरा

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Gandhi Jayanti Speech: गांधी जंयती के दिन दें ये भाषण

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गाँधी जयंती पर भाषण – Gandhi Jayanti Speech In Hindi

दोस्तों आज के इस लेख में हम आपके साथ गाँधी जयंती पर भाषण, Short and Long speech on Gandhi Jayanti in hindi for school, 2 october gandhi jayanti in hindi, Gandhi Jayanti Speech In Hindi, गाँधी जयंती पर स्पीच शेयर करिंगे।

सत्य एवं अहिंसा की नीति पर चलकर देश की आजादी में अहम भूमिका निभाने वाले देश के राष्ट्रपिता मोहनदास करमचंद गांधी यानी कि गांधी जी की जयंती का दिन भारत में एक राष्ट्रीय पर्व की तरह होता है जिसे धूमधाम से देश भर में मनाया जाता है।

आजादी की लड़ाई में स्वतन्त्रता सेनानीयों के बलिदानों को कभी भी भुलाया नहीं जा सकता। और उन्हीं महान स्वतंत्रता सेनानियों में से एक थे महात्मा गांधी जिन्होंने आजादी से पूर्व एवं आजादी के उपरांत भी देश की भलाई के लिए अनेक कार्य किए। इसलिए देशभर में 2 अक्टूबर का दिन गांधी जयंती के रूप में पूरे भारतवर्ष में मनाया जाता है।

इस अवसर पर स्कूलों, शिक्षण संस्थानों समेत अन्य सार्वजनिक स्थलों पर विभिन्न प्रकार के संस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं! यदि आपको भी किसी मंच से गांधी जयंती के अवसर पर स्पीच देने का मौका मिला है।

तो इस लेख में हम आपके लिए गांधी जयंती के मौके पर भाषण लेकर आए हैं! आशा है गांधी जयंती के विषय पर दिए गए इन भाषणों की सहायता से आप एक सुनियोजित स्पीच तैयार करके मंच से सुना पाएंगे।

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गाँधी जयंती पर भाषण – Speech On Gandhi Jayanti In Hindi

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भाषण 1 (Long Speech On Gandhi Jayanti In Hindi)

आदरणीय महानुभाव, प्रधानाचार्य जी, समस्त शिक्षक गणों को मेरा सुप्रभात। जैसा कि हम सभी को ज्ञात है कि आज हम यहां सभी राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 151वीं जयंती के अवसर पर इस समारोह में उपस्थित हुए हैं। अतः इस अवसर पर मुझे गांधी जयंती के अवसर पर अपने विचारों को आपके समक्ष रखने का सौभाग्य मिला है।

सत्य एवं अहिंसा गांधीजी के दो प्रमुख सिद्धांत थे। जिन पर चलकर उन्होने भारतीय जनता को ब्रिटिश शासन से आजादी दिलाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया। आजादी की लड़ाई में हजारों स्वतंत्रता सेनानियों ने देश की आजादी के खातिर अपना सर्वस्व त्याग दिया। गांधीजी भी उन्हीं महान स्वतंत्रता सेनानियों में से एक थे जिन्होंने ब्रिटिश शासन के खिलाफ शांतिपूर्ण तरीके से उनके विद्रोह को कुचलने की राजनीति बनाई।

महात्मा गांधी जिन्हें हर भारतीय सम्मान से बापू, राष्ट्रपिता जैसे नामों से पुकारा है। उनका पूर्ण नाम मोहनदास करमचंद गांधी था। उनका जन्म गुजरात के एक तटीय शहर पोरबंदर नामक स्थान पर 2 अक्टूबर 1869 को हुआ था। उनकी माता का नाम पुतलीबाई एवं पिता का नाम करमचंद गांधी था जो कि उस समय के पोरबंदर के दीवान थे।

आजादी की लड़ाई में महात्मा गांधी के अतुलनीय योगदान की वजह से उन्हें सुभाष चंद्र बोस द्वारा सर्वप्रथम राष्ट्रपिता के नाम से संबोधित किया गया वहीं गांधीजी को महात्मा की उपाधि गुरु रविंद्र नाथ टैगोर द्वारा दी गई थी। 2 अक्टूबर का यह विशेष दिन गांधी जयंती के साथ साथ पूरी दुनिया में अपने अहिंसावादी सिद्धांतों की छाप छोड़ने वाले महात्मा गांधी की याद में अंतरराष्ट्रीय अहिंसा दिवस के रूप में भी मनाया जाता है।

गांधीजी पेशे से एक वकील थे तथा इंग्लैंड में वकालत की पढ़ाई करने के बाद उन्होंने दक्षिण अफ्रीका मैं बतौर प्रवासी  वकालत करना प्रारंभ किया। और वहां रह रहे भारतीयों के खिलाफ उस समय होने वाले भेदभाव के लिए उनके अधिकारों के लिए आवाज उठाकर सत्याग्रह शुरू कर दिया।

तत्पश्चात वर्ष 1915 में गांधी जी जब भारत आए। और यहां किसानों मजदूरों के साथ हो रहे भेदभाव और उन्हें भूमिकर से आजादी दिलाने में उनके हक की लड़ाई लड़ने के लिए सभी को एकजुट किया।

कुछ समय बाद उन्होंने भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की बागडोर संभाली और देश की अनेक सामाजिक कुरीतियों प्रथाओं को समाज से खत्म करने के लिए कार्य करना शुरू किया जैसे कि जाति एवं धर्म के आधार पर भेदभाव को खत्म कर लोगों को एकत्रित करना देश को भुखमरी गरीबी जैसे हालातों से निजात दिलाना महिलाओं के अधिकारों का विस्तार करना इत्यादि।

इसके साथ ही यह वह समय था जब अंग्रेज भारतीय अर्थव्यवस्था, भारतीय लोगों का शोषण कर रहे थे। अतः ब्रिटिश शासन की भारत पर पकड़ को देखते हुए गांधी जी बेहद चिंतित थे! अतः वर्ष 1930 में उनके द्वारा नमक के विरोध में किया गया नमक सत्याग्रह और वर्ष 1942 में अंग्रेजों भारत छोड़ो आंदोलन से उन्हें देश में काफी ख्याति प्राप्त हुई देश की जनता जान चुकी थी एक व्यक्ति सत्य एवं अहिंसा के रास्ते पर चलने वाला हमें आजादी की जंजीरों से मुक्ति दिलाने की लड़ाई लड़ रहा है।

और जनमानस ने एकजुट होकर अंग्रेजो के खिलाफ शांतिपूर्ण तरीके से गांधी जी के सिद्धांतों में चलकर लड़ाई लड़ी और मजबूरन अंग्रेजों को देश छोड़कर भागना पड़ा। हालाकि बात हो दक्षिण अफ्रीका में भारत में लोगों की हक की लड़ाई लड़ने के कई दौरान गांधीजी को कई अवसरों पर जेल भी जाना पड़ा। लेकिन उन्होंने सत्यता एवं अहिंसा को कभी नहीं त्यागा परिणाम स्वरूप आज उन्हें सत्य एवम अहिंसा की मूर्ति के रूप में विश्व की जनता देखती है।

सादा जीवन उच्च विचार के इस कथन पर विश्वास रखने वाले गांधीजी लोगों के जीवन में सकारात्मक परिवर्तन लाने के लिए सदैव कार्य करते थे। फिर चाहे वह बात हो स्वच्छता को लेकर संदेश देने की या फिर शाकाहार अपनाने की, धूम्रपान मद्यपान त्यागने एवं छुआछूत के विरोध में खड़े होने की।

आजादी के 70 से अधिक वर्षों के उपरांत भी आज प्रति वर्ष देशभर में गांधी जी की याद में जयंती दिवस मनाया जाता है। इस दिन गांधी जी के अमूल्य योगदान के लिए नई दिल्ली के राजघाट पर भव्य समारोह आयोजन किया जाता है। इस अवसर पर प्रार्थनाएं फूल मालाएं चढ़ाने के साथ-साथ रघुपति राघव राजा राम जैसे भजनों के साथ गांधी जी को श्रद्धांजलि अर्पित की जाती है

मैं इस अवसर पर आपके समक्ष यही कहना चाहूंगा कि गांधीजी के जीवन से हमें भी अपने देश के लिए अपने समाज के लिए कुछ बेहतर करने एवं हमेशा सच्चाई एवं अहिंसा के पथ पर चलकर समाज में लोगों के जीवन में सकारात्मक परिवर्तन लाने के लिए योगदान देने कि सीख लेनी चाहिए।

और इसी निवेदन के साथ में गांधीजी के एक प्रिय कथन खुद वो बदलाव बनिए जो आप दुनिया में देखना चाहते हैं के साथ आज के इस भाषण को यहीं विराम देना चाहूंगा। मुझे सुनने के लिए आप सभी का दिल से धन्यवाद एक बार फिर से गांधी जयंती की आप सभी को ढेर सारी शुभकामनाएं।

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भाषण 2 (Medium Speech On Gandhi Jayanti In Hindi)

आदरणीय प्रधानाचार्य जी शिक्षक गण एवं यहां उपस्थित सभी सहपाठियों को मेरा सुप्रभात। आज हम यहां सभी 151 वीं जयंती के मौके पर उपस्थित हैं मैं अपने कक्षा अध्यापक को विशेष धन्यवाद कहना चाहूंगा जो उन्होंने मुझे इस शुभ अवसर पर चंद शब्द बोलने का मौका दिया।

जैसा कि हम सभी को ज्ञात है प्रतिवर्ष हमारे देश में 2 अक्टूबर को एक राष्ट्रीय पर्व के रूप में हमारे देश में गांधी जयंती मनाई जाती है।

गांधी जी का जन्म 2 अक्टूबर 1869 को एक सामान्य हिंदू परिवार में हुआ था। उनकी माता का नाम पुतलीबाई एवं पिता का नाम मोहनदास करम चंद्र गांधी का। पूरे जीवन काल के दौरान गांधीजी ने अपने असाधारण कार्यों एवं अहिंसावादी सोच से पूरी दुनिया की सोच में परिवर्तन ला दिया।

देश की आजादी के लिए उनके द्वारा किया गया संघर्ष देश के प्रत्येक नागरिक के लिए अविस्मरणीय है पूरी जिंदगी गांधीजी का एकमात्र उद्देश्य सत्य एवं अहिंसा की राह पर चलकर आजादी एवं शांति की स्थापना करना था। और इस लक्ष्य की प्राप्ति करने हेतु उनके द्वारा भारत और दक्षिण अफ्रीका में कहीं ऐतिहासिक आंदोलनों की शुरुआत की गई।

गांधीजी के अनुसार अहिंसा सबसे बड़ा कर्तव्य है। उनका मानना था कि अहिंसा का हमें जहां तक हो सके पालन करना और हिंसा से सदैव दूर रहने की कोशिश करनी चाहिए। गांधी जी एक महान व्यक्ति थे जिन्होंने देश की आजादी में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी जिनकी वजह से आज हम एक स्वतंत्र राष्ट्र में खुलकर जी पा रहे हैं।

यही वजह है कि प्रत्येक नागरिक के लिए 2 अक्टूबर एक यादगार तिथि है इसलिए पूरे भारतवर्ष में 2 अक्टूबर गांधी जयंती के रूप में मनाई जाती है। इस दिन देश भर के विभिन्न स्कूलों में शिक्षण संस्थानों एवं सार्वजनिक स्थानों पर गांधी जी के सम्मान हेतु उनकी याद में विभिन्न कार्यक्रम प्रस्तुत किए जाते हैं।

देश की राजधानी नई दिल्ली के राजघाट पर गांधी जी के समाधि स्थल पर प्रधानमंत्री एवं राष्ट्रपति द्वारा उपस्थित होकर फूल मालाओं, भजनों के साथ श्रद्धांजलि अर्पित कर उन्हें याद किया जाता है। बिना जाति धर्म के भेदभाव के बगैर सभी समुदायों द्वारा समान रूप से महात्मा गांधी को इस अवसर पर श्रद्धांजलि अर्पित की जाती है। इसलिए भारत के सभी राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों में गांधी जयंती के अवसर पर धूमधाम देखी जा सकती है।

गांधी जी का प्रिय भजन रघुपति राघव राजा राम को इस अवसर पर विशेष तौर पर बजाया जाता है साथ ही इस अवसर पर धार्मिक पुस्तकें भी पढ़ी जाती है।

देश की सभी निजी एवं सरकारी स्कूल इस दिन राष्ट्रीय अवकाश की वजह से बंद रहते हैं इसलिए गांधी जी की याद में सभी विद्यार्थियों द्वारा 1 दिन पहले अर्थात 1 अक्टूबर के दिन स्कूलों में देश भक्ति एवं गांधीजी के जीवन से जुड़े विभिन्न प्रकार के गीत कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं।

और हां न सिर्फ गांधी जी भारत के लिए एक आदर्श एवं महान व्यक्तित्व थे बल्कि पूरी दुनिया में उनके अहिंसावादी  सिद्धांत के लिए उन्हें याद किया जाता है। इसलिए 2 जनवरी के दिन ही गांधी जयंती के साथ-साथ अंतरराष्ट्रीय अहिंसा दिवस के के रूप में इस दिन को मना कर उन्हें श्रद्धांजलि दी जाती है।

गांधीजी जी सत्यता के रास्ते पर चलने पर विश्वास करते थे उनके अनुसार झूठ बोलना बड़ा पाप है। एवं वह किसी भी लड़ाई को अहिंसा के जरिए जीतने पर विश्वास रखते थे। और वाकई उनकी अहिंसा वादी नीति ने भारत को आजादी दिलाने ने महत्वपूर्ण योगदान दिया।

तो गांधीजी के प्रेरणादायक विचारों एवं उनके आदर्श जीवन से हम सभी को सीख लेकर हमें भी अपने जीवन में कुछ ऐसा जरूर करना चाहिए जिससे समाज में देश में तथा पूरी दुनिया में एक सकारात्मक परिवर्तन आ सके! और अपने अच्छे कर्मों से हम भी लोगों के दिलों में सदा के लिए अमर रहे धन्यवाद।

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भाषण 3 (Short Speech On Gandhi Jayanti In Hindi)

आदरणीय प्रधानाचार्य जी शिक्षक गण एवं यहां उपस्थित सभी लोगों को मेरा नमस्कार आज मैं यहा गांधी जयंती के इस शुभ अवसर पर आपके समक्ष महात्मा गांधी के जीवन पर एक लघु भाषण प्रस्तुत करने जा रहा हूं। अपनी महान सोच एवं कर्मों से पूरे जीवन काल के दौरान देश हित में कार्य करने वाले मोहनदास करमचंद को आज हमारा देश राष्ट्रपिता के रूप में जानता है।

महात्मा गांधी का जन्म 2 अक्टूबर 1869 को पोरबंदर गुजरात में हुआ था। एक औसत दर्जे के छात्र होने के बावजूद भी उनके अंदर अनुशासन एवं मानव जीवन के व्यावहारिक गुण कूट- कूटकर भरे थे! स्कूली शिक्षा पूर्ण करने के पश्चात उन्होंने इंग्लैंड में जाकर वकालत की शिक्षा प्रारंभ की।

शिक्षा पूर्ण करने के पश्चात वे भारत आए और बतौर वकील उन्होंने मुंबई में सेवाएं दी। परंतु वकालत का पेशा उन्हें रास नहीं आया। क्योंकि उस समय अंग्रेजों द्वारा भारतीयों का कड़ा शोषण किया जा रहा था अतः उन्होंने देश सेवा का निर्णय लिया। उन्होंने आजादी की लड़ाई के दौरान भारतीयों को एकजुट करने उनमें देश की आजादी के प्रति जुनून भरने एवं अंग्रेजों से खिलाफ इस लड़ाई को अहिंसक तरीके से जीतने के लिए तैयार किया।

तत्पश्चात 15 अगस्त वर्ष 1947 को हमारा देश स्वतंत्र राष्ट्र के तौर पर घोषित किया गया। तो गांधी जी द्वारा आजादी के दौरान देश के समक्ष आई चुनौतियों से भी निपटने कि काफी कोशिशें की गई। देश की आजादी के पश्चात उन्होंने भारत-पाकिस्तान के हुए विभाजन एवं देश में चल रही धार्मिक हिंसा को रोकने की भी काफी कोशिश की। वे किसी भी लड़ाई को अहिंसा से जीतने पर विश्वास रखते थे।

30 जनवरी 1948 को इस महापुरुष ने अंतिम सांसे ली।

देश की आजादी में उनके संघर्ष एवम् योगदान के साथ ही अपने जीवन काल के दौरान देश हित में की गई उनकी सेवा को आज भी प्रत्येक भारतीय  याद करता है, वे सर्वदा इसी तरह जनमानस द्वारा याद किए जाते रहेंगे।

तो दोस्तों उम्मीद है की अब आपको गाँधी जयंती पर भाषण, Short and Long speech on Gandhi Jayanti in hindi for school, 2 october gandhi jayanti in hindi, Gandhi Jayanti Speech In Hindi, गाँधी जयंती पर स्पीच से जुड़ी पूरी जानकारी मिल चुकी होगी।

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10 Lines on Indira Gandhi in Hindi | इंदिरा गांधी पर 10 लाइन

इंदिरा गांधी भारत की तीसरी प्रधानमंत्री थीं।

इंदिरा गांधी का जन्म 19 नवंबर 1917 को प्रयागराज, उत्तर प्रदेश, भारत में हुआ था।

उनके पिता का नाम पंडित जवाहरलाल नेहरू और माता का नाम कमला नेहरू था।

इंदिरा गांधी भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू की बेटी थीं।

वह भारत की पहली महिला प्रधानमंत्री थीं।

वह सत्ता के केंद्रीकरण और राजनीतिक क्रूरता के लिए जानी जाती थीं।

प्रधान मंत्री के रूप में अपने पहले कार्यकाल के दौरान, उन्होंने 14 बैंकों का राष्ट्रीयकरण किया था।

अपनी सत्ता बचाने के लिए उन्होंने 1975 में आपातकाल लगा दिया था।

उन्हें 1971 में भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न से सम्मानित किया गया था।

उनकी शिक्षा स्विस स्कूलों और सोमरविले कॉलेज, ऑक्सफोर्ड में हुई थी।

31 अक्टूबर 1984 को उनके अंगरक्षकों ने उनकी हत्या कर दी थी।

उनका पूरा राजनीतिक करियर विवादों के साथ-साथ मनमानी, भ्रष्टाचार और भाई-भतीजावाद के आरोपों से भरा रहा।

10 Lines on Indira Gandhi in English

Indira Gandhi was the third Prime Minister of India.

Indira Gandhi was born on 19 November 1917 in Prayagraj, Uttar Pradesh, India.

His father’s name was Pandit Jawaharlal Nehru and his mother’s name was Kamala Nehru.

Indira Gandhi was the daughter of Jawaharlal Nehru, the first Prime Minister of India.

She was the first woman Prime Minister of India.

She was known for the centralisation of power and political ruthlessness.

She was educated in Swiss schools and at Somerville College, Oxford.

To save his power, she imposed an emergency in 1975.

She was awarded the Bharat Ratna, India’s highest civilian honour, in 1971.

She was assassinated by her bodyguards on 31 October 1984.

Her entire political career was filled with controversies as well as allegations of arbitrariness, corruption and nepotism.

  • Also Read: 10 Lines on Pandit Jawaharlal Nehru in Hindi
  • Also Read: 10 Lines on Narendra Modi in Hindi

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Speech on Gandhi Jayanti in English For Students

Gandhi Jayanti speech is given by students on the occasion of the birth anniversary of Mohandas Karamchand Gandhi , also known as Mahatma Gandhi. It is celebrated as Gandhi Jayanti on the 2nd of October every year, and students and children participate in various stage programs and deliver speeches honouring Gandhiji. The world will celebrate the 154th birth anniversary of Gandhi Ji on 2 October 2023.

In this article, the Gandhi Jayanti speech in English or the speech on 2nd October is given in detail. Students can prepare a long speech on Gandhi Jayanti and a short speech on their own with the help of the information below.

Long Speech on Gandhi Jayanti

A long speech on Gandhi Jayanti in English is advantageous for students in grades 7-12. Let’s take a look at the speech about Mahatma Gandhi in English for students.

Greetings to everyone gathered here on the occasion of Gandhi Jayanti. I (your name) heartily welcome you to celebrate this momentous day along with us.

On 2nd October every year, India celebrates a national holiday in remembrance and honour of the birth of Mohandas Karamchand Gandhi as Gandhi Jayanti. Mohandas Karamchand Gandhi, also famously referred to as Mahatma Gandhi, was given the title of “ Father of The Nation '' by Netaji Subhash Chandra Bose for his relentless struggles for our independence. The Nobel laureate Rabindranath Tagore gave him the title of ‘Mahatma’, which means ‘the one with the greatest soul’.

This year is his 154th birth anniversary, and we are here to revisit the principles with which he led his life and fought for independence.

Gandhiji’s two main principles were peace and non-violence (Ahimsa). He had always been a follower of truth, honesty, and non-violence. As he gave the world a strong weapon of ‘non-violence’ for fighting, the UN General Assembly declared this day as the ‘International Day of Non-Violence’ to honour his principles.

If we look into the biography of Mahatma Gandhi, he was born in Porbandar, Gujarat, on October 2, 1869, in British India to a merchant-class family. He completed his initial studies in British-ruled India and later went to England to pursue law.. After completing his education, he tried to practice law in India. At 24 he left India with his wife Kasturba Gandhi to practice law in South Africa.

In South Africa, he encountered inequality for the first time due to his race and colour. He was thrown out of the train because he didn’t resemble his white co-passengers. He worked in South Africa to improve the lives of Indians for a few years.

When he returned to India to practice law, he was appalled to see the injustices around him, which triggered a deep sense of doing justice in him. Soon he joined the Indian National Congress and started working for India’s independence with Champaran Satyagraha in 1917.

With his weapon of non-violence, he showed the world a new light toward change. He always fought for what was right and participated in many non-violent civil rights movements, and led many campaigns like Dandi March to protest against British rule.

In 1930, he led the Dandi March, also called Salt March, to protest against the illegally imposed salt tax as this basic amenity was already freely available to the Indians due to our coastal location. Thousands of people followed Gandhi. He also led the famous Quit India Movement, Civil Disobedience Movement, and Non-co-operation Movement to attain India’s independence from the ruling Britishers. Due to these protests, Mahatma Gandhi, along with his followers and many other freedom fighters, served their time in prison.

He invented a new way to protest referred to as peaceful Civil Disobedience (Satyagraha). His non-violent protests impacted the people of the world in many ways. He struggled for India’s freedom and helped us gain freedom from the British subjugation that lasted over 200 years. Gandhi ji also toiled to remove social evils that were rampant in the then Indian society. This included evils like sati, child marriage, untouchability, and casteism.

Gandhiji led a life of simplicity . He wanted to preach to his followers to keep things simple and not be attached to worldly pleasures. Despite being a world-renowned leader, he wore plain Khadi clothes that he spun at home on his charkha. He was inspired by the great ascetics and gurus of India who achieved great feats through simple living. Gandhiji was devoutly religious and respectful towards all Indian religions. He believed in the equality of all and that everybody had a right to worship their own gods.

He devoted his life relentlessly to spreading awareness about the importance of equality, peace, harmony and brotherhood. He always opposed untouchability and worked for Hindu-Muslim unity. He believed in eradicating all social evils, worked with his wife, Kasturba, to empower women, and fought for women’s rights. He was also concerned about farmers, so he tried to improve their economic condition throughout his life. His principles and values still hold great value, and people consider it the right path to follow. His ideas were spread by many of his disciples, literature writers, and artists.

On 30 January 1948, he was assassinated by Nathuram Godse at the age of 78. His samadhi, named Raj Ghat, is situated in Delhi. He is no more with us, but his light and guidance are immortal. ‘Hey Ram’ were his last words , and ‘My life is my message’ was his motto.

Our honourable Prime Minister, President, and other people go to Raj Ghat to pay respect to his Samadhi on Gandhi Jayanti with flowers. His favourite song, ‘Raghupati Raghav Raja Ram,’ is also sung worldwide on the occasion. All academic institutions, government offices, and other organisations stay closed on this day. Various programs like speech competitions, essay writing , collage making, poster presentation, etc., are held everywhere to commemorate Gandhiji’s birth anniversary.

He followed and actively preached non-violence through his actions. He was a great man who still inspires Indians and people all around the world to live honest and truthful life and believe in the powers of virtues. Today as we go about our lives, let’s remember and honour his philosophy by treating people with respect and equality without any prejudices and not conforming to violence even at our worst. Let’s lead a peaceful life by following the path of non-violence, as taught by our Bapu. Jai Hind!

Short Speech on Gandhi Jayanti

A short speech on Gandhi Jayanti in English for students is helpful for students in grades 4-6. Let’s take a look at the short speech on Mahatma Gandhi Jayanti in English.

Good morning all! My name is (your name), and we have gathered to celebrate the birthday of Mahatma Gandhi.

On 2nd October every year, India observes a national holiday as Gandhi Jayanti to celebrate independence and honour the principles through which our freedom fighter and leader, Mahatma Gandhi, led us to this day. This year, we are celebrating the 154th birth anniversary of Mohandas Karamchand Gandhi, the Father of our Nation, who is also called Bapu, especially by children.

He worked in South Africa against racial injustice. He fought for our independence by following the principles of peace and non-violence. He led many successful campaigns, like removing the tax imposed on salt and also calling out the British to Quit India - all through non-violence.

He was the cheerleader for reforming rights and questioning norms, especially for the underprivileged and for section of society that was paid the least attention to. He worked to attain India’s freedom and freed us from British governance after 200 years. He also strived to abolish untouchability from Indian society.

Gandhi Ji preferred a simple life with minimal things and was a keen observer of cleanliness. Our government runs ‘Swachchh Bharat Abhiyan’ in his name to encourage people to keep their surroundings clean. Despite being a known leader, he always wore plain Khadi clothes. This symbolises his simplistic way of living, which was one of his ideas of living. In his spare time, he spun Khadi on a charkha.

He lived like an ascetic and used minimal things in his day-to-day routine. Gandhi Ji deeply respected and took pride in the Indian traditional culture. He was a pious man who believed in God and encouraged people to follow their gods without any discrimination.

Gandhiji breathed his last on 30th January 1948 and uttered “Hey Ram” as his last words. He was assassinated by Nathuram Godse. He rests today at Raj Ghat in New Delhi, and thousands of people pay respect in the form of garlands and by singing his favourite song, ‘Raghupati Raghav Raja Ram’.

India’s Prime Minister, President, and other notable leaders go to Raj Ghat (his Samadhi) on Gandhi Jayanti to pay tribute to him.

He believed in simple living and big deeds. His life’s motto, ‘My life is my message,’ also conveyed the same ideas. He once said, ‘An eye for an eye will make the whole world blind’ to show the importance of non-violence. His life, messages, and wisdom not only influenced Indians but also inspired the whole world to believe in the religion of humanity.

On this day of Gandhi Jayanti 2023, let us pledge ourselves to follow the path of the legacy he left behind and lead our lives in peace and harmony.

10 Lines Speech on Mahatma Gandhi

The 10-line Speech on Mahatma Gandhi is extremely helpful for students in grades 1-3 as they gain a certain perspective on the topic in a simple and easy form.

Gandhi Jayanti is a national holiday celebrated on the 2nd of October every year, and 2023 marks his 154th birth anniversary.

This day is observed as a national holiday and is the third national holiday after Independence Day and Republic Day.

It is also celebrated worldwide as the International Day of Non-Violence.

Children and adults both celebrate this day with equal zeal.

Mahatma Gandhi fought bravely for the freedom of our country and was a great freedom fighter.

Children dress up as ‘Bapu’ and participate in different stage performances on this day.

Every community and religion, celebrate Bapu’s birthday with a great sense of unity.

People revisit the ideologies and teachings of Mahatma Gandhi.

At the end of the school, celebration sweets are distributed among children.

His ideas of non-violence are discussed and debated.

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FAQs on Gandhi Jayanti Speech

1. What is a good way to start a speech?

Introducing the key theme of your speech or adding a quote which represents your speech. In this way, you can add a significant impact and catch your audience’s attention from the beginning.

2. How to make your speech more effective?

Having adequate knowledge of the topic can prove to be of significant value. For instance, the Gandhi Jayanti speech can be delivered smoothly when you have proper information regarding the history of Gandhi and his role in attaining the freedom of India. 

One can get access to great speeches on Mahatma Gandhi ji like these from the website of Vedantu and its mobile application. 

3. The year 2023 marks how many years of Gandhi Jayanti celebrations?

India and the world will celebrate the 154th Gandhi Jayanti on 2 October 2023. 

4. When was  Mahatma Gandhi born?

Mahatma Gandhi was born on October 2, 1869, in Porbandar, Gujarat, India.

5. Name some major freedom movements initiated by Mahatma Gandhi.

Champaran Movement, Kheda Movement, Civil Disobedience Movement, Dandi March and Satyagraha Movement are some of the major movements initiated by Gandhi.

6. What is the significance of Gandhi Jayanti and why is it celebrated with speeches?

Gandhi Jayanti is celebrated on October 2nd to commemorate the birthday of Mahatma Gandhi, a prominent leader in India's struggle for independence. Speeches on this day serve to remember his contributions and spread his ideals of nonviolence, truth, and social justice.

7. Who typically delivers Gandhi Jayanti speeches, and what are the key themes covered in these speeches?

Gandhi Jayanti's speeches are often delivered by political leaders, activists, educators, and community leaders. The speeches commonly focus on Mahatma Gandhi's life, principles, and his impact on India's freedom movement. They may also address contemporary issues related to peace, harmony, and social justice.

8. How can one prepare and deliver an effective Gandhi Jayanti speech that resonates with the audience?

To deliver an impactful Gandhi Jayanti speech, it's important to research Gandhi's life and philosophy thoroughly. Highlight his teachings on nonviolence, civil disobedience, and communal harmony. Incorporate anecdotes and examples to illustrate his principles and relate them to current societal challenges. Engage the audience emotionally and inspire them to uphold Gandhian values in their lives.

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