आतंकवाद पर निबंध Essay on Terrorism in Hindi (1000W)

आतंकवाद पर निबंध Essay on Terrorism in Hindi (1000W)

आज हम इस आर्टिकल में आतंकवाद पर निबंध Essay on Terrorism in Hindi (1000W) लिखा हैं जिसमें  हमने प्रस्तावना, आतंकवाद क्या है, आतंकवाद का उद्देश्य, विश्व में प्रमुख आतंकवादी हमले, भारत मे आतंकवाद विकसित होने के कारण, आतंकवाद का समाधान, आतंकवाद पर 10 लाइन के बारे में लिखा हैै।

Table of Contents

प्रस्तावना (आतंकवाद पर निबंध Essay on Terrorism in Hindi)

आज यदि हम भारत के विभिन्न समस्याओं पर विचार करें, तो हमें लगता है कि हमारा देश अनेक प्रकार के समस्याओं के चक्रव्यू में गिरा हुआ है। एक और भुखमरी, दूसरी और बेरोजगारी, कहीं अकाल तो, कहीं बाढ़ का प्रकोप है।

आतंकवाद ही एक एसी समस्या है जो देश रूपी वटवृक्ष को दिमाग के समान  चट-चट कर खोखला कर रही है। कुछ अलगाववादी शक्तियां तथा पथभ्रष्ट नवयुवक हिंसात्मक रूप से देश को विभिन्न क्षेत्रों में दंगा फसाद करवा कर अपने स्वार्थ सिद्धि में लगे हुए हैं।

आतंकवाद का क्या है What about Terrorism in Hindi

आतंकवाद एक ऐसी समस्या है जिसका भारत में हम कई दशकों से सामना कर रहे हैं। आतंकवाद एक हिंसक व्यवहार है जो सम्मान या उसके बड़े भाग में राजनीतिक उद्देश्य से पैदा करने के इरादे से किया जा रहा है।

“अहिंसा परमो  धर्मा” तथा “वसुधैव कुटुंबकम” जैसे महा मानवता के सिद्धांत वाला हमारा देश भारत के पिछले अनेक वर्षों से संप्रदायिक हिंसा तथा आतंकवाद की विकराल समस्या बनी हुई है।

आतंकवाद का उद्देश्य Purpose of Terrorism in Hindi

  • आतंकवाद का कोई नियम कानून नहीं होता वह केवल अपनी मांगों को पूरा करने के लिए सरकार के ऊपर दबाव बनाने के साथ ही आतंक को हर जगह फैलाने के लिए निर्दोष लोगों के समूह या समाज पर हमला करते हैं।
  • यह सच है कि बेकारी तथा बेरोजगारी के कारण परेशान युवाओं को धन का लालच देकर तथा धर्म के नाम पर उकसाने तथा आतंकवाद बनाने का काम धार्मिक कट्टरपंथी संस्थाएं करती रहती है।
  • आतंकवादियों द्वारा सीरियल ब्लास्ट कथा साइकल बम ब्लास्ट जैसी घटनाओं ने देश को झकझोर कर रख दिया है, इसीलिए आज आतंकवादियों के खिलाफ कठोरता से पेश आने की आवश्यकता है।

विश्व में प्रमुख आतंकवादी हमले Major Terrorism attacks in the world in Hindi

  • 1947 में भारत के आजादी के बाद से ही, भारत को विभिन्न देशों में विद्रोह और आतंकवादी समस्या का सामना करना पड़ रहा है।
  • 12 मार्च 1993 को भारत के आर्थिक राजधानी को बम विस्फोट की एक श्रृंखला से हिला दिया गया था।
  • 1998 में कोयंबटूर बमबारी।
  • 13 दिसंबर 2001 को देश की सबसे सुरक्षित इमारत संसद पर हमला।
  • 24 सितंबर 2002 को गांधीनगर, गुजरात में अक्षरधाम मंदिर परिसर आत्मघाती हमला।
  • 2005 में दिल्ली सीरियल बम विस्फोट।
  • 2006 में बॉम्बे ट्रेन विस्फोट।
  • 2007 में समझौता एक्सप्रेस बमबारी।
  • 26/11 2008 मुंबई में हुई सबसे बड़ी आतंकी हमला का भारत ने सामना किया।

भारत में आतंकवाद विकसित होने के कारण Due to the development of Terrorism in India in Hindi

जिनमें से प्रमुख गरीबी, बेरोजगारी, भूखमरी, तथा धार्मिक उन्माद है। इनमें से धार्मिक कट्टरता आतंकवादी गतिविधियों को अधिक प्रोत्साहित कर रही है। लोग धर्म के नाम पर एक दूसरे का गला काटने को तैयार हो जाते हैं।

धार्मिक उन्माद अपने विरोधी धर्मावलंबी को सहन नहीं कर पाता। परिणाम स्वरूप हिंदू मुस्लिम हिंदू सीख आदि धर्म के नाम पर अनेक दंगे भड़क उठते हैं।

आतंकवाद का समाधान Solution to Terrorism in Hindi

यह मुश्किल हो सकता है एक निश्चित व्यक्ति जिसने अपना मन बना लिया हो उसे रोकना जो आतंक का कार्य करना चाहता है लेकिन हमेशा राष्ट्रीय तथा अंतरराष्ट्रीय सीमाओं को सुरक्षित कर सख्त कानून की जरूरत है सरकार को आतंकवादी विधि के प्रवाह को रोकने और कड़ाई से निगरानी करने के लिए कानून बनाना चाहिए और प्रभावी ढंग से और कार्य करना चाहिए।

आतंकवादी गतिविधियों को कुचलने के लिए सरकार तथा जनता को मिलकर कार्य करना चाहिए। ऐसा करने से सबसे पहले कानून व्यवस्था को सुदृढ़ बनाना होगा।

जहां जहां पर अंतरराष्ट्रीय सीमा हमारे देश की सीमा को छू रही है उन समस्त क्षेत्रों की नाकाबंदी की जानी चाहिए जिसकी वजह से आतंकवादी सीमा पार से हथियार, गोली, बारूद और प्रशिक्षण प्राप्त करने में असफल हो जाए।

आतंकवाद मानव सभ्यता के लिए कलंक है उसे पनपने नहीं देना चाहिए। विश्व के सभी राष्ट्रों को एक होकर इसके समूल विनाश का संकल्प लेना चाहिए, ताकि आने वाली पीढ़ी को हम एक सुनहरा भविष्य प्रदान कर सकें।

आतंकवाद पर 10 लाइन 10 line on Terrorism in Hindi

  • आतंकवाद एक ऐसी समस्या है जिसका भारत में जिसका भारत में हम गए दस्को से सामना कर रहे हैं।
  • आतंकवाद एक हिंसक व्यवहार है जो सम्मान या उसके बड़े भाग में राजनीतिक उद्देश्य से पैदा करने के इरादे से किया जा रहा है।
  • महा मानवता के सिद्धांत वाला हमारा देश भारत के पिछले अनेक वर्षों से संप्रदायिक हिंसा तथा आतंकवाद की विकराल समस्या बनी हुई है।
  • आतंकवाद हि एक एसी समस्या है जो देश रूपी वटवृक्ष को दिमाग के समान चट- चट कर खोखला कर रही है। कुछ अलगाववादी शक्तियां तथा पथभ्रष्ट नवयुवक हिंसात्मक रूप से देश को विभिन्न क्षेत्रों में दंगा फसाद करवा कर अपने स्वार्थ सिद्धि में लगे हुए हैं।
  • कुछ अलगाववादी शक्तियां तथा पथभ्रष्ट नवयुवक हिंसात्मक रूप से देश को विभिन्न क्षेत्रों में दंगा फसाद करवा कर अपने स्वार्थ सिद्धि में लगे हुए हैं।
  • विश्व के सभी राष्ट्रों को एक होकर इसके समूल विनाश का संकल्प लेना चाहिए, ताकि आने वाली पीढ़ी को हम एक सुनहरा भविष्य प्रदान कर सकें।

निष्कर्ष Conclusion

 आतंकवाद जैसी मानसिकता का समाधान खोजने के लिए सभी देशों को मिलकर काम करना होगा, और इसीलिए हर साल 21 मई को आतंकवादी विरोधी दिवस मनाया जाता है।

इस समस्या से लड़ने के लिए एक अकेला देश कुछ नहीं कर सकता, क्योंकि आतंकवाद विश्वव्यापी समस्या है जिसे जड़ से खत्म करना विश्व शांति के लिए आवश्यक है।

यदि आपको हमारा यह आतंकवाद पर निबंध अच्छा लगा हो तो हमारे साथ और भी इसी तरह की जानकारी पाने के लिए जुड़े रहिए।

 धन्यवाद

1 thought on “आतंकवाद पर निबंध Essay on Terrorism in Hindi (1000W)”

सर जी आपका द्वारा लिखा गया ये निबंध बहुत ही अच्छे शब्दो मे है और आपने इसको बहुत सहजता से बहुत ही सरल भाषा में लिखा है मेरा एसएसबी हेड कांस्टेबल का एग्जाम है उसमे निबंध की महत्वपूर्ण भूमिका है आपका आशीर्वाद रहा तो जरूर सफलता मिलेगी सहृदय धन्यवाद्

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आतंकवाद पर निबंध – Essay on Terrorism in Hindi

Essay on Terrorism in Hindi

आज आतंकवाद जिस तरह से पूरे विश्व में अपनी जड़े फैला रहा है, और लोगों के अंदर भय पैदा कर रहा है, यह वाकई चिंतनीय है। आतंकवाद का मुद्दा आज पूरे दुनिया में एक ज्वलंत मुद्दा बन चुका है, वहीं अगर जल्द ही आतंकवाद के प्रति लोगों के अंदर जागरुकता नहीं फैलाई गई और इसे काबू पाने के लिए सख्त कदम नहीं उठाए गए तो भविष्य में इसका काफी बुरा खामियाजा भुगतना पड़ सकता है।

आतंकवाद जैसे अतिसंवेदनहीन मुद्दों के प्रति बच्चों की समझ विकसित करने के उद्देश्य से आज हम आपको अपने इस आर्टिकल में अलग-अलग शब्द सीमा पर आतंकवाद पर निबंध उपलब्ध करवा रहे हैं, जिनका इस्तेमाल आप अपनी जरूरत के मुताबिक कर सकते हैं –

Essay on Terrorism

आतंकवाद की समस्या अब वैश्विक स्तर पर फैल चुकी है, जिससे चलते कई गैरकानूनी अमानवीय और हिंसक कृत्य जन्म ले रहे हैं, जिससे आमजन के मन में डर बैठ रहा है, तो वहीं इस पर काबू पाने की बजाय कई राजनेता, अपने वोट बैंक की राजनीति कर रहे हैं और जाति, धर्म और संप्रदायिकता के मुद्दों को बढ़ावा दे रहे हैं जिससे आतंकवाद को बढ़ावा मिल रहा है, वहीं बढ़ती जंनसंख्या और बेरोजगारी की वजह से भी आतंकवाद की जड़ें मजबूत होती जा रही हैं।

आतंकवाद का अर्थ – Terrorism Meaning

हिंसात्म कुकृत्यों द्धारा आम लोगों के अंदर भय पैदा करना ही आतंकवाद कहलाता है। गैरकानूनी तरीके से सरकार से अपनी अनुचित बात मनवाना, सामाजिक हिंसा को बढ़ावा देना अथवा राजनैतिक उद्देश्यों की पूर्ति के लिए सरकार और आम-जनता में भय पैदा करना ही आंतकवाद का मुख्य मकसद होता है।

या फिर दूसरे शब्दों में कहें तो आतंकवाद एक तरह का माहौल है जिसके तहत लोग अपनी धार्मिक, राजनीतिक और आर्थिक ज़रूरत की पूर्ति के लिए हिंसा का सहारा लेते हैं।

वहीं आतंकवादी वो होते हैं, जो अमानवीय, हिंसात्मक गतिविधियों का समर्थन करते हैं और अपने कृत्यों से लोगों को भयभीत करते हैं।

आपको बता दें कि आतंकवादियों की न कोई जाति होती है, न कोई धर्म होता है और न हीं उनका कोई देश होता है।

आतंकवादी, सिर्फ हिंसात्मक गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए, मासूम बच्चों, निर्दोष महिलाएं, बेकसूर बूढ़े और जवानों की निर्मम तरीके से जान ले लेते हैं, और देश में आराजकता का माहौल पैदा करते हैं।

वहीं आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई करने की जो भी अधिकारी हिमाकत करता है, आतंकवादी उसे हिंसक तरीके से अपने रास्ते से हटा देते हैं अथवा उनकी जान ले लेते हैं। ताकि, उनके डरकर कोई भी अपनी आवाज न उठा सके और चुपचाप आतंकवादियों के अत्याचारों को सहते रहें।

आतंकवादी संगठन गुप्त जगहों पर अपना ठिकाना बनाते हैं, ताकि कोई परिंदा भी उनके ठिकानों पर अपना पर नहीं मार सके और वे गुपचुप तरीके से अपने अमानवीय कृत्यों को अंजाम देने की तैयारी कर सकें।

आतंकवाद का खात्मा करने के लिए हमारी सरकारें लगातार प्रयास कर रही हैं। इसके लिए सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए जा रहे हैं। लेकिन इन सबके बाबजूद भी आतंकवाद, एक संक्रामक बीमारी की तरह पूरी दुनिया में तेजी से फैल रहा है।

यही नहीं, कई आतंकवादी संगठनों द्धारा आतंक का प्रभाव और तेज करने के लिए कई ऐसे बेकसूर और सामान्य लोगों को आतंकवादी बनाने के लिए तैयार किया जा रहा है, साथ ही हिंसक कृत्यों को करने के लिए दबाव बनाया जा रहा है।

वहीं अगर इस तरह आतंकवाद बढ़ता रहा तो आने वाली पीढ़ियों के लिए बड़ा खतरा पैदा हो सकता है, इसलिए हम सभी लोगों को एकजुट होकर इसके खिलाफ कदम उठाने चाहिए और अपनी लालची प्रवृत्ति को छोड़ना चाहिए, अर्थात ऐसे लोगों की बातों में नहीं आना चाहिए जो लालच देकर दंगे – फसाद समेत कई हिंसात्मक गतिविधियों करने के लिए विवश करते हैं, तभी आतंकवाद पर काबू पाया जा सकेगा।

आतंकवाद पर निबंध नंबर 2 – Aatankwad Par Nibandh

आतंकवाद का मुद्दा आज का सबसे गंभीर मुद्दा बन चुका है, इसकी वजह से देश-दुनिया के विकास की गति धीमी हो गई है। मनुष्य के दिल – दिमाग में इसका गलत असर पड़ रहा है और यह सम्पूर्ण दुनिया में भय का माहौल पैदा कर रहा है।

आतंकवादी विनाशकारी हथियारों के बल पर न सिर्फ कई बेकसूर लोगों और मासूमों की जान ले रहे हैं, बल्कि दुनिया के कई हिस्सों को तबाह कर रहे हैं। वहीं पिछले कुछ सालों में भारत में आतंकवाद तेजी से पनपा है।

आतंकवाद के कई रुप –

आतंकवाद कई रुपों में आज पूरी दुनिया में फैल रहा है, जैसे कि – अपराधिक आतंकवाद, सांप्रदायिक आतंकवाद और राजनीतिक आतंकवाद आदि।

सांप्रदायिक आतंकवाद को कट्टर धार्मिक, संकीर्ण और छोटी मानसिकता वाले लोग जन्म देते हैं,ऐसी विचारधारा वाले लोग अक्सर किसी दूसरे धर्मों के प्रति असहज महसूस करते हैं और उनके धर्म नहीं मानने वाले लोगों को बर्दाश्त करना पसंद नहीं करते हैं।

यही नहीं धर्म के नाम पर अलग-अलग राज्य बनाने की कोशिश करते हैं और अन्य धर्मों के प्रति नफरत फैलाते हैं। उस धर्म का गलत तरीके से प्रचार-प्रसार करते हैं या फिर अन्य धर्म के लोगों से उनके धर्म को अपनाने के लिए विवश करते हैं।

इस तरह धार्मिक सांप्रदायिकता की भावना बड़े स्तर पर आतंकवाद को जन्म देती है।

वहीं अपराधिक आतंकवाद के अंदर, कई लालची प्रवृत्ती के लोग गैर कानूनी तरीके से अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए अपहरण, चोरी, डकैती आदि कर पैसों की मांग करते हैं।

जबकि राजनीतिक आतंकवाद के तहत, कुछ लोग जनता का वोट अपनी झोली में करने के लिए, और अपनी स्वार्थ की पूर्ति के लिए जाति-धर्म आदि की राजनीति करते हैं और जनता में डर का माहौल पैदा करते हैं। इसके साथ ही कुछ लालची लोगों को पैसों का लालच देकर दंगा-फसाद करवाते हैं, जिससे देश की एकता तो कमजोर होती है और इसके साथ ही देश की अर्थव्यवस्था पर भी बुरा असर पड़ता है और आतंकवाद को बढ़ावा मिलता है।

भारत में आतंकवाद की समस्या

भारत में आतंकवाद जिस तरह तेजी से बढ़ रहा है, वह न सिर्फ देश की अर्थव्यवस्था पर गहरा असर डाल रहा है बल्कि देश के विकास को भी रोक रहा है। धर्म, जाति, समुदाय आदि के आधार पर हुए राष्ट्रों के विभाजन ने लोगों के अंदर हिंसा, नफरत, अलगाववादी, आतंकवाद आदि की भावना पैदा कर दी थी, जिसके चलते आजादी के इतने सालों बाद भी लोगों की नफरतें खत्म नहीं हुई और आतंकवाद ने एक बड़ा रुप ले लिया।

ब्रिटिश शासकों की फूट डालो, शासन करो की नीति के बाद भी भारत में आतंकवाद का स्तर बढ़ा है। इसके अलावा नागालैंड समेत बांग्लादेश औऱ पाकिस्तान के भारत से विभाजन के बाद आतंकवाद की शुरुआत हुई और कश्मीर को पाकिस्तान में मिलाने के लिए भी कई नए आंतकवादियों ने जन्म लिया, जो कई अमानवीय कुकृत्यों द्धारा भारत में आतंक को बढ़ा रहे हैं और लोगों के मन में खौफ पैदा कर रहे हैं।

भारत को नुकसान पहुंचाने और जम्मू-कश्मीर समेत कई राज्यों पर कब्जा करने समेत भारतीय जनता में भय का माहौल पैदा करने के उद्देश्य से कई बार ऐसे आतंकवादी हमले करवाए जाते हैं, जिससे देश के कई बेकसूर और बेगुनाह लोग मारे जाते हैं।

साथ ही भारत की सुरक्षा पर सेंध लगाने के उद्देश्य से भारतीय सुरक्षा बलों समेत भारतीय सैनिकों पर भी हमले किए जाते हैं, जिससे लड़ाई करते हुए कई सीमा पर तैनात भारतीय जवान शहीद हो जाते है।

इसके अलावा आतंकवादियों द्धारा भारत के कई सार्वजनिक स्थलों पर भी बम-बिस्फोट समेत कई हिंसात्मक और अमानवीय गतिविधियों को अंजाम दिया जाता है।

वहीं भारत में आतंकवाद की मूल वजह बढ़ती जनसंख्या, गरीबी, अशिक्षा भुखमरी असमानता और बेरोजगारी है।

वहीं भारत में कई बडे़ आतंकी संगठनजैसे जैश-ए-मोहम्मद, लश्कर ए तैयबा, उल्फा, तालिबान, ISIS आदि सक्रिय हैं, और यह संगठन भारत के बेरोजगारों और गरीब लोगों को पैसे का लालच देकर अपने संगठन में शामिल कर रहे हैं, जिससे भारत में आतंकवाद को बढ़ावा मिल रहा है।

वहीं भारत में आतंकवाद तो पहले सिर्फ कुछ क्षेत्रों तक ही सीमित था जैसे कि जम्मू कश्मीर। लेकिन पिछले कुछ सालों में आतंकवाद, भारत में काफी फैल चुका है। इसके बड़े उदाहरण 26/11 मुंबई आतंकी हमला , जयपुर विस्फोट, मुंबई ट्रेन धमाका, दिल्ली सीरियल बम ब्लास्ट, 1993 में हुए मुंबई सीरियल ब्लास्ट, कोयंबटूर धमाका, भारतीय संसद पर हमला आदि हैं।

आतंकवाद जिस तरह से पूरे संसार में अपनी जड़े फैला रहा है, यह गंभीर चिंता का विषय है। अगर इस पर जल्द काबू नहीं किया गया तो, आने वाली पीढ़ी के लिए यह बड़ा खतरा पैदा कर सकता है।

इसलिए, आतंकवाद की समस्या को जड़ से खत्म करने के लिए हम सभी को एकजुट होकर प्रयास करने की जरूरत है।

अगले पेज आतंकवाद पर और भी निबंध……

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आतंकवाद : एक विकराल समस्या

‘आतंकवाद’ शब्द की उत्पत्ति फ्राँसीसी क्रांति के दौरान उस समय हुई थी, जब वर्ष 1793-94 के दौरान वहाँ आतंक का राज स्थापित हुआ था। लेकिन मूल रूप से इसका आरंभ विश्व भर में 1950 के दशक में हुए वामपंथ के उत्थान के बाद से देखा जा सकता है। इसकी जद में यूरोप सहित संयुक्त राज्य अमेरिका, जापान, जर्मनी और भारत जैसे अनेक देश आए। भारत में नक्सलवाद और माओवाद के रूप में आतंकवाद का स्वरूप काफी लंबे अरसे से उपस्थित रहा है। वर्तमान में तो भारत में धार्मिक आतंकवाद का असर कहीं ज्यादा देखने को मिल रहा है।

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आतंकवाद की परिभाषा

यूं तो आतंकवाद की कोई सीधी सटीक परिभाषा देना संभव नहीं है, लेकिन फिर भी अनेक संस्थाओं और कानूनों के माध्यम से आतंकवाद को परिभाषित करने का प्रयास किया गया है। उनमें से कुछ संस्थाओं व कानूनों के तहत दी गई आतंकवाद की परिभाषा निम्नानुसार है-

  • वर्ष 2005 में संयुक्त राष्ट्र संघ ने आतंकवाद को परिभाषित करते हुए कहा था कि “लोगों को भयभीत करने या सरकार या किसी अंतरराष्ट्रीय संगठन को कोई कार्य करने अथवा नहीं करने के लिए विवश किए जाने के उद्देश्य से नागरिकों या निहत्थे लोगों को मारने या गंभीर शारीरिक क्षति पहुंचाने के उद्देश्य से किया गया कृत्य आतंकवाद की श्रेणी में रखा जाएगा।”
  • भारतीय संसद ने वर्ष 1987 में ‘आतंकवादी और विघटनकारी क्रियाकलाप (निवारण) अधिनियम’ पारित किया था। इसके तहत आतंकवाद को परिभाषित करते हुए कहा गया है कि “जो कोई भी कानून द्वारा स्थापित सरकार को डराने या लोगों या लोगों के किसी समूह को आतंकित करने या उन्हें मारने या विभिन्न समूहों के मध्य सौहार्द को नकारात्मक रूप से प्रभावित करने के उद्देश्य से बम, डायनामाइट या अन्य विस्फोटक पदार्थ या ज्वलनशील पदार्थ या घातक हथियारों या ज़हर या हानिकारक गैसों या अन्य रसायनों या खतरनाक प्रकृति के अन्य किसी पदार्थ (जैविक या अन्य) का इस तरह से प्रयोग करते हुए कोई कार्य करता है, जिससे व्यक्ति या व्यक्तियों की मृत्यु हो या उन्हें कोई चोट पहुँचे या संपत्ति की हानि या विनाश हो या समुदाय के जीवन के लिये अनिवार्य आपूर्तियाँ अथवा सेवाओं में बाधा पहुँचे अथवा किसी व्यक्ति बाधित हो या सरकार या किसी अन्य व्यक्ति को कोई कार्य करने से अलग रहने के लिये विवश करने हेतु लोगों को मारने या घायल करने की धमकी देता है, उसका कृत्य आतंकवादी कार्य माना जायेगा।”
  • वर्ष 2002 में पारित ‘आतंकवाद निवारण अधिनियम’ (POTA) के अंतर्गत आतंकवाद के वित्तीयन को भी आतंकवादी कृत्य माना गया है।

आतंकवाद के प्रकार

आतंकवाद को मुख्यतः निम्नलिखित वर्गों में विभाजित किया जाता है-

1. नृजातीय-राष्ट्रवादी आतंकवाद :

डेनियल बाइमैन के अनुसार, अपने उद्देश्य प्राप्ति हेतु किसी उप-राष्ट्रीय नृजातीय समूह द्वारा जान बूझकर की गई हिंसा ‘नृजातीय-राष्ट्रवादी आतंकवाद’ कहलाता है। ऐसी हिंसा पृथक राज्य के गठन या किसी नृजातीय समूह की अपेक्षा अपना स्तर सुधारने के लिये की जाती है। जैसे- श्रीलंकाई तमिल राष्ट्रवादी समूह, पूर्वोत्तर भारत में अलगाववादी समूह आदि।

2. धार्मिक आतंकवाद :

वर्तमान में यह आतंकवाद का अत्यधिक प्रचलित रूप है। हॉफमैन के अनुसार, पूर्णत: या अंशत: धार्मिक आदेशों से प्रेरित आतंकवादी हिंसा धार्मिक आतंकवाद कहलाती है। इससे प्रेरित आतंकवादी हिंसा का औचित्य सिद्ध करने के लिए विभिन्न धार्मिक साधनों का सहारा लेते हैं। भारत के इस आतंकवाद से अत्यधिक प्रभावित है।

3. विचारधारा-प्रेरित आतंकवाद :

I. वामपंथी आतंकवाद :

पूंजीवाद का विरोध करते हुए एक न्यायपूर्ण समाज की स्थापना करने के उद्देश्य से की जाने वाली हिंसा वामपंथी आतंकवाद कहलाती है। जैसे- लेनिन, माओ त्से-तुंग और मार्क्स की विचारधारा पर आधारित हिंसा।

II. दक्षिणपंथी आतंकवाद :

एक समूह द्वारा प्राचीन संस्कृति की पुनर्स्थापना या उसके संरक्षण के लिए की जाने वाली हिंसा दक्षिणपंथी आतंकवाद कहलाती है। जैसे- जर्मनी में नाजीवाद, इटली में फासीवाद आदि।

4. राज्य प्रायोजित आतंकवाद :

जब किसी देश की सरकार के द्वारा किसी अन्य देश में हिंसक गतिविधियों को अंजाम दिलाया जाता है, तो इसे राज्य प्रायोजित आतंकवाद कहा जाता है। इस प्रकार की हिंसा सामान्यतः विदेश नीति के उद्देश्यों को प्राप्त करने के लिए की जाती है। जैसे-

  • रूस द्वारा बाल्कन क्षेत्र में स्लाव लोगों का समर्थन।
  • प्रथम विश्व युद्ध के बाद बुल्गारिया द्वारा यूगोस्लाविया के विरुद्ध मैसेडोनिया के क्रांतिकारियों का इस्तेमाल।
  • शीत युद्ध के दौरान पश्चिमी देशों द्वारा साम्यवाद विरोधियों का समर्थन।
  • भारत में पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद आदि।

5. स्वापक आतंकवाद :

मादक द्रव्यों की तस्करी में संलग्न गिरोहों द्वारा अपने उद्देश्यों के परिपूर्ति के लिए की जाने वाली हिंसा स्वापक आतंकवाद की श्रेणी में आती है। इसके अंतर्गत मादक द्रव्यों की तस्करी में संलग्न गिरोह अपने उद्देश्य की परिपूर्ति के लिए विभिन्न आतंकवादी संगठनों का सहारा लेते हैं। इसके परिणाम स्वरूप आतंकवादियों को आसानी से आर्थिक लाभ प्राप्त हो जाता है तथा मादक द्रव्यों की तस्करी करने वाले गिरोह अपने उद्देश्य में सफल हो जाते हैं, इसीलिए ये दोनों पक्ष आसानी से एक दूसरे का सहयोग करने के लिए तैयार हो जाते हैं। अतः कहा जा सकता है कि स्वापक आतंकवाद मुख्य रूप से आर्थिक हितों से प्रेरित होता है।

भारत में आतंकवाद के नियंत्रण हेतु उठाए गए कदम

भारत विश्व में आतंकवाद से सर्वाधिक प्रभावित देशों में से एक है। ‘इंस्टीट्यूट फॉर इकोनॉमिक्स एंड पीस’ की मानें तो वर्ष 2018 भारत आतंकवाद से 7 वाँ सर्वाधिक प्रभावित देश था। आजादी के बाद से ही भारत में अनेक आतंकवादी घटनाएं घटित होती रही है। एक रिपोर्ट के अनुसार, वर्ष 2001 से 2018 के मध्य भारत में आतंकी हमलों के कारण 8000 से ज्यादा लोग मारे गए हैं। ऐसे में, भारत सरकार ने इसे नियंत्रित करने के लिए विभिन्न कदम उठाए हैं, जो निम्नानुसार हैं-

  • सभी प्रकार की आतंकवादी गतिविधियों से निपटने के लिए भारतीय संसद ने वर्ष 1967 में ‘गैरकानूनी गतिविधियां रोकथाम अधिनियम’ (UAPA) पारित किया था तथा इसे और प्रभावी बनाने के लिए वर्ष 2004 में इसमें संशोधन भी किया गया था।
  • भारतीय संसद में वर्ष 1987 में आतंकवादी गतिविधियों पर लगाम लगाने के लिए ‘आतंकवादी और विघटनकारी क्रियाकलाप (निवारण) अधिनियम’ (TADA) पारित किया था।
  • वर्ष 2002 में भारतीय संसद में ‘आतंकवाद निवारण अधिनियम’ (POTA) भी पारित किया था इसका उद्देश्य भी आतंकवादी गतिविधियों से निपटना था।
  • भारत के मुंबई में हुए कुख्यात 26/11 आतंकवादी हमले के बाद भारत सरकार ने ‘राष्ट्रीय जांच एजेंसी’ (NIA) का गठन किया था।
  • इसके अलावा, भारत सरकार ने विभिन्न खुफिया एजेंसियों का गठन किया है, जो राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आतंकवाद से निपटने के लिए कार्य करती हैं। इनमें ‘रिसर्च एंड एनालिसिस विंग’ (RAW), ‘इंटेलिजेंस ब्यूरो’ (IB) आदि संस्थाएं प्रमुख हैं।
  • भारत सरकार ने ‘राष्ट्रीय खुफिया ग्रिड’ (NATGRID) का निर्माण भी किया है। इसका उद्देश्य विभिन्न सुरक्षा एजेंसियों के डेटाबेस को आपस में जोड़ना है, ताकि ये सुरक्षा एजेंसियां बेहतर सामंजस्य के साथ कार्य कर सकें।
  • भारत सरकार ने आतंकवादी गतिविधियों से निपटने के लिए ‘राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड’ (NSG) नामक एक अर्ध सैनिक बल का गठन भी किया है।
  • इसके अलावा, भारत ‘फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स’ (FATF) नामक अंतर्राष्ट्रीय संगठन का भी सदस्य है, जो मुख्य रूप से धन शोधन व आतंकवाद के वित्तपोषण को रोकने का कार्य करती है।

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भारत में आतंकवाद पर निबंध (Terrorism in India Essay in Hindi)

आतंकवादी समूहों का मुख्य उद्देश्य लोगों के बीच आतंक पैदा करना होता है और वे लोगों को निरंतर इसी डर और खौफ के साथ देखना पसंद करते हैं तथा इस उद्देश्य पुरा करने के लिए वो समय-समय पर विभिन्न छोटी-बड़ी आतंकवादी गतिविधियां करते रहते हैं। भारत में लगभग 100 से भी अधिक आतंकवादी संस्थाए चल रही हैं और वे देश में तनाव और भय का माहौल उत्पन्न करने में सफल भी हो रही हैं। इन आतंकवादी समूहों द्वारा कई आतंकवादी गतिविधियां की गई हैं। भारत अपने पड़ोसी देश द्वारा मुख्य रूप से पाकिस्तान द्वारा किए गए आतंकवादी कृत्यों से बहुत हानि हुई है।

भारत में आतंकवाद पर दीर्घ निबंध (Long Essay on Terrorism in India in Hindi, Bharat mein Atankvad par Nibandh Hindi mein)

भारत में सक्रिय आतंकवादी संगठन

भारत में संचालित कुछ प्रमुख आतंकवादी समूह यहां दिए गए हैं:

  • जैश-ए-मोहम्मद: यह जम्मू-कश्मीर में संचालित एक पाकिस्तानी आतंकवादी समूह है, जिसका उद्देश्य जम्मू-कश्मीर पर कब्जा करना है। इस समूह ने घाटी के अपने लक्ष्य को आगे बढ़ाने के लिए कई आतंकवादी हमलों को भी अंजाम दिया है।
  • लश्कर-ए-तैयबा: यह एक इस्लामवाद आतंकवादी समूह है जो पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर के साथ-साथ भारत के जम्मू-कश्मीर के क्षेत्रों में भी काम कर रहा है। इसे पाकिस्तान द्वारा वित्त पोषित किया जाता है और ये भारत में कई बड़े आतंकवादी हमलों के लिए जिम्मेदार है।
  • माओवादी: 2004 के वामपंथी आतंकवादियों और भारत सरकार के बीच वार्ता के बाद, नक्सली समूहों के विलय से इस आतंकवादी समूह का निर्माण हुआ था।
  • यूनाइटेड लिबरेशन फ्रंट ऑफ़ असम (उल्फा): यह आतंकवादी समूह भारतीय राज्य असम में विभिन्न आतंकवादी गतिविधियों के लिए जिम्मेदार है।

परन्तु विडमबना यह है कि इन आतंकवादी समूहो द्वारा किये गये बम धमाको और आंतकवादी गतिविधियो के बावजूद भी, ज्यादेतर समय सरकार इन तक पहुंचने और इनके विरुद्ध कड़ी कारवाई करने में असफल साबित हुई है।

भारत में आतंकवाद का कारण

भारत में व्यापक प्रसार आतंकवाद के कई कारण हैं। भारत में मुख्य रूप से चार प्रकार के आतंकवाद हैं। इसमें धार्मिक आतंकवाद, नार्को आतंकवाद, वामपंथी आतंकवाद और एथनो-राष्ट्रवादी आतंकवाद शामिल हैं। विभिन्न आतंकवादी संगठनो से जुड़े आतंकवादी अलग-अलग कारणों से एक जुट हो सकते हैं, परन्तु  उनके अधीन चल रहे सभी आतंकवादी संगठनो का मुख्य उद्देश्य समान ही होता है और यह आम जनता के बीच बड़े स्तर पर भय और दहशत पैदा करने के लिए सदैव तैयार रहते है।

भारत में आतंकवाद के कुछ मुख्य कारण यहां दिए गए हैं:

भारत विभिन्न धर्मों की भूमि है। विभिन्न धर्मों के लोग बड़े पैमाने पर देश में शांति और सद्भाव के साथ रहते हैं, वहीं कई ऐसी धार्मिक चरमपंथी संगठन भी हैं जो उनके बीच दरार पैदा करना चाहती हैं। ये समूह अपने धर्म की शिक्षाओं के बारे में झुठा दावा करती हैं और यह साबित करने का प्रयास करती हैं कि उनका धर्म दूसरों के धर्म से श्रेष्ठ है। अतीत में इन समूहों द्वारा किए गए कई हिंसक आंदोलनों ने देश की शांति और सद्भाव को भंग भी किया है और इस प्रकोप के कारण कई लोग को नुकसान भी हुआ है, जिसमे कई लोगो को अपनी जीवन भी गवाना पड़ा हैं।

एथनो-राष्ट्रवादी

चरमपंथी समूहों द्वारा इस प्रकार के आतंकवाद को सदैव उकसाया जाता है। जब एक राज्य की आबादी का प्रमुख हिस्सा खुद को अलग करने तथा अपना अलग राज्य/देश बनाने की इच्छा व्यक्त करता हैं तो वो आतंकवाद को बढ़ावा देता हैं। पंजाब में खालिस्तान आंदोलन इस प्रकार के आतंकवाद के उदाहरणों में से एक है। इस तरह के आतंकवाद के कारण कश्मीर जैसा सुंदर भारतीय राज्य भी इससे पीड़ित है क्योंकि कुछ कश्मीरी इस्लामी समूह कश्मीर को पाकिस्तान का हिस्सा बनाना चाहते हैं। उसी तरह नागालैंड, त्रिपुरा, असम और तमिलनाडु भी इस प्रकार के आतंकवाद से पीड़ित हैं।

राजनीतिक परिदृश्य

सरकार तथा देश की राजनीतिक व्यवस्था से असंतुष्ट लोग आतंकवादी समूह का गठन करते हैं। भारत में वामपंथी उग्रवादियों को नक्सलवाद के नाम से जाना जाता हैं। अतीत में नक्सलवादीयों ने देश की राजनीतिक व्यवस्था से निराश होकर कई आतंकवादी हमले भी किए हैं। उन्होंने सशस्त्र विद्रोह के साथ सरकार को उखाड़ फेकने का लक्ष्य बनाया है, जिससे वह स्वंय की सत्ता का निर्माण कर सके।

सामाजिक-आर्थिक असमानता

भारत अपने सामाजिक-आर्थिक असमानता के लिए जाना जाता है। जहां अमीर और अमीर होते जा रहे हैं तथा गरीब और गरीब। ये गरीब वर्ग के बीच असमानता की भावना पैदा करता है। जिसके कारण ये ऊपरी वर्ग के लोगों को नष्ट करने के लिए आतंकवादी संगठनो में शामिल हो जाते हैं। वे ज्यादातर सत्ता लोगों तथा उच्चवर्गीय इलाकों को लक्ष्य बना कर आतंकवादी हमले करते हैं।

भारत में आतंकवाद का प्रभाव

आतंकवाद ने देश पर व्यापक प्रभाव डाला है। भारत में आतंकवाद के प्रभावों पर एक नज़र:

लोगों के बीच घबराहट

भारत में आतंकवाद ने आम जनता के बीच आतंक पैदा किया है। हर समय देश में एक विस्फोट, फायरिंग या अन्य प्रकार की आतंकवादी गतिविधियां होती रहती है। इसके कारण, कई लोग असामयिक रूप से मरे जाते हैं और अन्य कई लोगों को अपना बाकी का जीवन विकलांग के रुप में गुजारना पड़ता हैं। इन हमलों के कारण आम जनता के बीच तनाव और चिंता का माहौल तथा डर पैदा हो जाता है और लोग अपने घरों से बाहर निकलने में भी डर लगने लगता हैं।

पर्यटन उद्योग पर प्रभाव

लोग, आतंकवादी हमलों से ग्रस्त स्थानों पर जाने से डरते हैं। बाहरी और अंदरुनी आतंकवादी संगठनो के आतंकवादी गतिविधियो के वजह से भारत के पर्यटन उद्योग और शांति व्यवस्था पर काफी बुरा प्रभाव पड़ा है। आंतकवादी गतिविधियो के वजह से पर्यटन उद्योग कई महीनो के लिये ठप पड़ जाता है।

विदेशी निवेश

विदेशी निवेशक भारत और अन्य आतंकवाद से ग्रस्त देशों में निवेश से पहले कई बार सोचते हैं, क्योंकि ऐसे जगहो पर जोखिम काफी अधिक होता हैं और वे सुरक्षित विकल्पों की तलाश में होते हैं। जिससे भारतीय कारोबारीयों को भी आर्थिक नुकसान का सामना करना पड़ता है।

अर्थव्यवस्था पर संकट

भारत की अर्थव्यवस्था पर आतंकवाद का प्रतिकूल असर देखने को मिलता है। कई भारतीय प्रमुख शहरों पर आतंकवादी हमलों का प्रभाव पड़ा हैं, जिससे संपत्ति और व्यवसायों का नुकसान हुआ है, वहीं ऐसे मामलों में पुनरुत्थान लागत काफी अधिक होता है। उत्पादक कार्यों में उपयोग की जा सकने वाली देश की संपत्ति, आतंकवादी हमलों के कारण होने वाली हानि को भरने में निवेश की जाती है। इसके अलावा, पर्यटन उद्योग में गिरावट, भारत में निवेश करने के लिए विदेशी निवेशकों की कमी और भारत में आतंकवाद के परिणामस्वरूप अंतरराष्ट्रीय व्यापार की दरों में वृद्धि, देश की अर्थव्यवस्था पर एक बड़ा नकारात्मक प्रभाव डालता है।

प्रतिभा पलायन

भारत में कई प्रतिभाशाली युवा, देश की निम्न गुणवत्ता और आतंकवादी हमलो के अनिश्चितताओं के कारण देश में नहीं रहना चाहते। वे संयुक्त राष्ट्र, कनाडा और यूनाइटेड किंगडम जैसे विकसित देशों में स्थानांतरित हो जाते हैं जो आतंकवादी हमलो से कम प्रभावित होते हैं तथा आर्थिक रूप से मजबूत होते हैं। इस कारण से, आतंकवादी गतिविधियों के कारण प्रतिभा पलायन में वृद्धि हुई है।

वैश्विक आतंकवाद

आतंकवाद सिर्फ भारत देश तक ही सीमित नहीं है बल्कि ये पुरे विश्व की समस्या बन चुकी है। विभिन्न देशों तथा भारत में आतंकवादी समूहों के गठन के कारण भिन्न-भिन्न हो सकते हैं। पर इन कारणों में मुख्य रूप से सामाजिक-आर्थिक असमानता, भेदभाव/अलगाव, सत्तारूढ़ दल, धार्मिक उग्रवाद और जातीय राष्ट्रवाद के कामकाज से असंतोष शामिल हैं।

इस दुनिया में लगभग हर देश, ऊपर बताये गये एक या अन्य समस्याओं से पीड़ित है और इसके कारण इन देशों के भीतर विभिन्न आतंकवादी संगठनो का गठन हुआ है। ये आतंकवादी संगठन आम जनता के बीच डर का माहौल बनाये रखने के लिए समय-समय पर देश के भीतर आतंकवादी हमले करते रहते हैं तथा विभिन्न देशों के बीच प्रतिद्वंद्विता अंतर्राष्ट्रीय आतंकवाद को जन्म देती है। जिससे धार्मिक उन्माद, आर्थिक असमानता, विकासशील देशों को प्रदान की जाने वाली सहायता में अंतर के कारण प्रतिद्वंद्विता या घृणा की भावना विकसित हो जाती है। पाकिस्तान द्वारा भारत और विभिन्न देशों पे किये गये हमले अंतर्राष्ट्रीय आतंकवाद का स्पष्ट उदाहरण हैं।

पाकिस्तान, सीरिया, भारत, रूस, मिस्र, इराक, लीबिया, नाइजीरिया, इज़राइल, फिलीपींस, कोलंबिया, सोमालिया, थाईलैंड, तुर्की, यमन और नेपाल जैसे देश पिछले दो दशकों में कई आतंकवादी हमलों से प्रभावित हुए हैं तथा वे दोनों घरेलू और अंतरराष्ट्रीय हमलों से पीड़ित हैं। संयुक्त राज्य अमेरिका में हुई 9/11 की घटना विश्व देश में सबसे जघन्य और प्रमुख आतंकवादी हमलों में से एक रही है।

Essay on Terrorism in India in Hindi

भारत में आतंकवादी हमला

भारत ने कई आतंकवादी हमलों को देखा है जिन्होंने जनता के बीच भय तथा डर खौफ पैदा किया है और बड़े पैमाने पर विनाश का कारण बना है। यहां कुछ प्रमुख आतंकवादी हमलों के बारे में जानकारी दी गयी हैं जिसने पिछले कुछ वर्षों में भारत को बुरी तरीके से प्रभावित किया हैं:-

  • 1991 पंजाब हत्याकांड
  • 1993 बॉम्बे बम धमाके
  • 1993 चेन्नई में आरएसएस कार्यलय में बमबारी
  • 2000 चर्च बमबारी
  • 2000 लाल किला आतंकवादी हमला
  • 2001 भारतीय संसद हमला
  • 2002 मुंबई बस बमबारी
  • 2002 अक्षरधाम मंदिर पर हमला
  • 2003 मुंबई बम बमबारी
  • 2004 असम में धमाजी स्कूल बमबारी
  • 2005 दिल्ली बम विस्फोट
  • 2005 भारतीय विज्ञान संस्थान शूटिंग
  • 2006 वाराणसी बमबारी
  • 2006 मुंबई ट्रेन बमबारी
  • 2006 मालेगांव बमबारी
  • 2007 समझौता एक्सप्रेस बमबारी
  • 2007 मक्का मस्जिद बमबारी
  • 2007 हैदराबाद बमबारी
  • 2007 अजमेर दरगाह बमबारी
  • 2008 जयपुर बमबारी
  • 2008 बैंगलोर सीरियल विस्फोट
  • 2008 अहमदाबाद बमबारी
  • 2008 दिल्ली बम विस्फोट
  • 2008 मुंबई हमले
  • 2010 पुणे बमबारी
  • 2010 वाराणसी बमबारी
  • 2011 मुंबई बमबारी
  • 2011 दिल्ली बमबारी
  • 2012 पुणे बमबारी
  • 2013 हैदराबाद विस्फोट
  • 2013 श्रीनगर हमला
  • 2013 बोध गया बमबारी
  • 2013 पटना बम विस्फोट
  • 2014 छत्तीसगढ़ हमला
  • 2014 झारखंड विस्फोट
  • 2014 चेन्नई ट्रेन बमबारी
  • 2014 असम हिंसा
  • 2014 चर्च स्ट्रीट बम विस्फोट, बैंगलोर
  • 2015 जम्मू हमला
  • 2015 गुरदासपुर हमला
  • 2015 पठानकोट हमला
  • 2016 उरी हमला
  • 2016 बारामुल्ला हमला
  • 2017 भोपाल उज्जैन पैसेंजर ट्रेन बमबारी
  • 2017 अमरनाथ यात्रा हमला
  • 2018 सुक्का हमला

भारत में आतंकवाद से लड़ने के लिए कुछ प्रमुख एजेंसिया-

भारत में कई पुलिस, खुफिया और सैन्य संगठनों ने देश में आतंकवाद से लड़ने के लिए विशेष एजेंसियां ​​बनाई हैं।

एंटी टेररिस्ट स्क्वाड (एटीएस)

महाराष्ट्र, गुजरात, केरल, उत्तर प्रदेश, बिहार और राजस्थान के भारतीय राज्यों में आतंकवाद विरोधी दल (एटीएस) संचालित है। यह एक विशेष पुलिस बल है जिसने भारत में कई आतंकवादी हमलों को रोकने के लिए विभिन्न प्रकार की रणनीतियां अपनाई हैं।

रीसर्च एंड एनालिसिस विंग (रॉ)

वर्ष 1968 में स्थापित, रॉ भारत की विदेशी खुफिया एजेंसी है। यह आतंकवादी साजिशो को नाकाम करने में अपना योगदान देती है तथा काउंटर प्रसार को बढ़ावा देता है और भारत के परमाणु कार्यक्रम की रखवाली करता हैं।

राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए)

ये एजेंसी देश में आतंकवाद से लड़ने के लिए भारत सरकार द्वारा स्थापित की गई है। दुर्भाग्यपूर्ण 2008 इसकी शुरुआत मुंबई आतंकवादी हमलों के बाद हुई। इस एजेंसी को राज्यों से किसी विशेष अनुमति के बिना, किसी भी भारतीय राज्य में होने वाले आतंकवादी समूहों/गतिविधियों के खिलाफ कार्रवाई करने का अधिकार प्राप्त है।

आतंकवाद ने भारत को प्रतिकूल रूप से प्रभावित किया है। आतंकवादी हमलों की वजह से हजारों निर्दोषों की जान गई हैं। आतंकवाद विरोधी एजेंसियों और उनकी उच्च रणनीतियों के गठन के बावजूद भी,  आतंकवादी समूह अभी भी आतंकवादी गतिविधियों को पूरा करने में सफल हैं।

आतंकवादी हमलों के लिए भारत सरकार की प्रतिक्रिया कभी भी उतनी कठोर नहीं है जितनी होनी चाहिए।  आतंकवादी गतिविधियों के लिए उचित रणनीतिक प्रतिक्रिया के अभाव, आतंकवादी संगठनो को निडरता से ऐसी गतिविधियों को करने के लिए प्रोत्साहन मिलता है।

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Terrorism Essay in hindi

आतंकवाद पर निबंध – Terrorism Essay in hindi

आतंकवाद पर छोटे तथा बड़े निबंध (essay on terrorism in hindi), आतंकवाद : एक विश्वव्यापी समस्या (अथवा) मानव सभ्यता का संकट : आतंकवाद – (terrorism: a worldwide problem or crisis of human civilization: terrorism).

  • प्रस्तावना,
  • आतंकवाद क्या है?
  • आतंकवाद एक विश्वव्यापी समस्या,
  • भारत में आतंकवादी गतिविधियों का इतिहास,
  • आतंकवादी समस्या का समाधान,

साथ ही, कक्षा 1 से 10 तक के छात्र उदाहरणों के साथ इस पृष्ठ से विभिन्न हिंदी निबंध विषय पा सकते हैं।

प्रस्तावना नहीं सुरक्षित मन्दिर, मस्जिद, गिरजे या गुरुद्वारे। निर्दोषों के खून बहाते घूम रहे हत्यारे। पता नहीं कब कहाँ मौत का अग्नि पुंज फट जाए? चिथड़े-चिथड़े लाशों से निर्दोष धरा पट जाए।

आतंकवाद ने आज मानव-जीवन को कितना दयनीय और असुरक्षित बना दिया है! विश्व का कोई कोना आज मौत के इन सौदागरों से सुरक्षित नहीं है।

Terrorism Essay in hindi

आतंकवाद क्या है? What is the Terrorism

उपनिवेशवादी शासकों के विरुद्ध वहाँ की जनता ने कभी हथियार उठाये थे वह एक क्रान्तिकारी अभियान था। उसके पीछे स्वतन्त्रता और न्याय का आधार था। किन्तु आज तो कुकुरमुत्तों की भाँति ढेरों संगठित गिरोह संसार में फैले हुए हैं, जिनके उद्देश्य बड़े सीमित और स्वार्थपूर्ण हैं।

धन ऐंठना, निर्दोष लोगों, महिलाओं और बच्चों तक की हत्या करना तथा मादक पदार्थों एवं शस्त्रों के अवैध व्यापार आदि आज के इन तथाकथित मुक्तिमोर्चों के कुकृत्य हैं।

Essay on Terrorism in Hindi

आतंकवाद एक विश्वव्यापी समस्या- आज आतंकवाद एक विश्वव्यापी समस्या बन चुका है। आज ऐसे अनेक छद्म संगठन और गिरोह सक्रिय हैं जो आतंकवादी गतिविधियों में लिप्त हैं। भारत तो दशकों से आतंकवाद का दंश झेलता आ रहा है किन्तु जब अमेरिकन वर्ल्ड ट्रेड सेन्टर भस्मसात् हुआ और इंग्लैण्ड की ट्रेनों में धमाके हुए, इण्डोनेशिया के पर्यटन स्थलों पर तबाही हुई तो सारे विश्व को आतंकवाद की भयावहता स्वीकार करनी पड़ी।

आतंकवाद के पीछे विभिन्न देशों के आर्थिक और राजनैतिक स्वार्थ निहित हैं। मादक पदार्थों तथा अवैध शस्त्र व्यापार चलाने वाले माफिया संगठन आतंकवादियों के पोषक बने हुए हैं। कुछ देशों की सरकारें भी आतंकवादियों की संरक्षक बनी हुई हैं। ‘आई.एस.’ तो एक सुसंगठित खूख्वार और घृणित आतंकी संगठन है।

भारत में आतंकवादी गतिविधियों का इतिहास- भारत में आतंकी गतिविधियाँ पूर्वी सीमान्त से प्रारम्भ हुईं। नागालैण्ड, त्रिपुरा, असम आदि राज्यों में आतंकवाद काफी समय तक प्रभावी रहा। इसके पश्चात् पंजाब और जम्मू-कश्मीर ने आतंकवाद की क्रूरता को झेला।

गुजरात का अक्षरधाम मन्दिर, संसद भवन, मुम्बई की लोकल ट्रेनें, बनारस का संकटमोचन मन्दिर, समझौता एक्सप्रेस, आतंकवाद का निशाना बन चुके हैं। इसके अतिरिक्त छोटी-मोटी आतंकी घटनाएँ तो आए दिन होती रहती हैं।

26/11 के मुम्बई में हुए आतंकवादी प्रहार ने विश्व को झकझोरा था। कुछ ही समय पूर्व नापाक पड़ोसी द्वारा ‘उड़ी’ ऐयर-बेस में खून का खेल खेला जा चुका है।

आतंकवादी समस्या का समाधान- आतंकवाद का कुफल अब विश्व के विकसित देश भी भोग रहे हैं। अतः इस विकट समस्या के समाधान के प्रति हर सभ्य देश चिन्तित है। आतंकवाद से छुटकारा तभी हो सकता है जब विश्व के सभी देश इसकी समाप्ति में सक्रिय सहयोग दें। इसका प्रमाण ‘आई.एस’ के विनाश में जुटे विश्व के सभी प्रमुख देशों की भूमिका से मिल रहा है।

‘आई.एस.’ का सर्वनाश अब अधिक दूर नहीं लगता । अतः जनता की जागरूकता, सुरक्षा बलों को समर्थन और दलीय राजनीति से ऊपर उठकर प्रबल इच्छा-शक्ति से ही आतंकवाद का सामना किया जा सकता है।

आतंकवाद को उसी की भाषा में जबाव देकर ही उसे समाप्त किया जा सकता है। भारत द्वारा ‘सर्जीकल अटैक’ इसका प्रत्यक्ष प्रमाण है।

उपसंहार- अन्तर्राष्ट्रीय राजनीति, धर्मान्धता और माफिया गिरोहों से ही आतंकवाद दाना-पानी और संरक्षण पा रहा है, किन्तु अब आतंकवाद का निर्यात करने वालों के घर भी जलने लगे हैं। अतः रोग लाइलाज हो जाय उससे पहले ही उसको समाप्त कर देना बुद्धिमानी है। इसके लिए सभी देशों का सहयोग आवश्यक है।

  • Sun. May 12th, 2024

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Essay on Terrorism in Hindi | आतंकवाद पर निबंध हिंदी में

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Essay on Terrorism in Hindi | आतंकवाद पर निबंध हिंदी में

आतंकवाद पर निबंध | Aatankwad Par Nibandh

Essay on Terrorism in Hindi | Aatankwad Par Nibandh हिंदी में, आतंकवाद एक सोच है, जिसका उद्देश्य अवैध तरीकों से आम लोगों में भय पैदा करना है। यह मानवता के लिए खतरा है। इसमें हिंसा फैलाने वाले व्यक्ति या समूह, दंगे, चोरी, बलात्कार, अपहरण, लड़ाई, बम विस्फोट आदि शामिल हैं। आतंकवाद कायरता का कार्य है। साथ ही, आतंकवाद का धर्म से कोई लेना-देना नहीं है। Aatankwad Par Nibandh आतंकवादी केवल आतंकवादी होता है, हिंदू या मुसलमान नहीं।

आतंकवाद के प्रकार | Aatankwad Kya Hai

आतंकवाद पर निबंध हिंदी में, आतंकवाद दो तरह का होता है, Aatankwad Kya Hai

  • एक है राजनीतिक आतंकवाद जो बड़े पैमाने पर दहशत पैदा करता है
  • और दूसरा आपराधिक आतंकवाद जो फिरौती के पैसे लेने के लिए अपहरण का काम करता है।
  • राजनीतिक आतंकवाद आपराधिक आतंकवाद से कहीं अधिक महत्वपूर्ण है क्योंकि यह अच्छी तरह से प्रशिक्षित व्यक्तियों द्वारा किया जाता है। इस प्रकार कानून लागू करने वाली एजेंसियों के लिए उन्हें समय पर गिरफ्तार करना मुश्किल हो जाता है।
  • Essay on Terrorism in Hindi राष्ट्रीय स्तर के साथ-साथ अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भी फैल गया।
  • क्षेत्रीय आतंकवाद सबसे अधिक हिंसक है। क्योंकि आतंकवादी सोचते हैं कि एक आतंकवादी के रूप में मरना पवित्र है, और इस प्रकार वे कुछ भी करने को तैयार हैं।
  • ये सभी आतंकवादी समूह अलग-अलग उद्देश्यों से बनाए गए हैं।

Essay on Terrorism in Hindi | आतंकवाद पर निबंध हिंदी में

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आतंकवाद के कारण | Causes of Terrorism

Terrorism In Hindi के विकास में बड़ी मात्रा में मशीन-गनों, परमाणु बमों, हाइड्रोजन बमों, परमाणु हथियारों, मिसाइलों आदि के उत्पादन इसके कुछ मुख्य कारण हैं। तीव्र जनसंख्या वृद्धि, राजनीति, सामाजिक, आर्थिक समस्याएं, देश की व्यवस्था के प्रति लोगों का असंतोष, अभाव शिक्षा, भ्रष्टाचार, जातिवाद, आर्थिक असमानता, भाषाई अंतर, ये सभी आतंकवाद के प्रमुख तत्व हैं, और उनके बाद आतंकवाद पनपता है। Terrorism In Hindi लोग अपनी बात को साबित करने और उसे सही ठहराने के लिए आतंकवाद को हथियार के रूप में इस्तेमाल करते हैं। हिंदुओं और मुसलमानों के बीच दंगे सबसे प्रसिद्ध हैं लेकिन जाति और आतंकवाद में अंतर है। Essay on Terrorism in Hindi

आतंकवाद के प्रभाव | The Effects Of Terrorism

EFFECTS OF TERRORISM IN HINDI- आतंकवाद लोगों में भय फैलाता है, देश में रहने वाले लोग आतंकवाद के कारण असुरक्षित महसूस करते हैं। आतंकवादी हमलों से लाखों का माल नष्ट हो जाता है, हजारों बेगुनाहों की जान चली जाती है, जानवर भी मारे जाते हैं। एक आतंकवादी गतिविधि को देखकर इंसानियत में अविश्वास पैदा हो जाता है, यह एक और आतंकवादी को जन्म देता है। देश और विदेश के अलग-अलग हिस्सों में अलग-अलग तरह के आतंकवाद मौजूद हैं। Conclusion Of Terrorism

Essay on Terrorism in Hindi आज आतंकवाद केवल भारत की ही समस्या नहीं है, बल्कि हमारे पड़ोसी देश में भी है और इससे निपटने के लिए दुनिया भर की सरकारें बहुत प्रयास कर रही हैं। 11 सितंबर 2001 को वर्ल्ड ट्रेड सेंटर पर हुए हमले को दुनिया का सबसे बड़ा आतंकी हमला माना जाता है । ओसामा बिन लादेन ने दुनिया के सबसे शक्तिशाली देश की सबसे ऊंची इमारत पर हमला किया, जिसमें लाखों लोग मारे गए और हजारों लोग मारे गए।

भारत में आतंकवादी हमले | Terrorist Attacks in India

TERROSRIST ATTACKS IN HINDI – भारत ने कई आतंकवादी हमलों का सामना किया है जिससे जनता में भय पैदा हुआ और भारी विनाश हुआ। पिछले कुछ वर्षों में भारत में हुए कुछ प्रमुख आतंकवादी हमले यहां दिए गए हैं: Essay on Terrorism in Hindi

  • 1991 – पंजाब हत्याएं,
  • 1993 – बॉम्बे बम विस्फोट,चेन्नई में आरएसएस बमबारी,
  • 2000 – चर्च बमबारी, लाल किला आतंकवादी हमला,
  • 2001- भारतीय संसद हमला,
  • 2002 – मुंबई बस बम विस्फोट,अक्षरधाम मंदिर पर हमला,
  • 2003 – मुंबई बमबारी,
  • 2004 – असम में धेमाजी स्कूल बमबारी,
  • 2005 – दिल्ली बम विस्फोट, भारतीय विज्ञान शूटिंग संस्थान,
  • 2006 – वाराणसी बम विस्फोट, मुंबई ट्रेन बम विस्फोट, मालेगांव बम विस्फोट,
  • 2007 – समझौता एक्सप्रेस बम विस्फोट, मक्का मस्जिद बमबारी, हैदराबाद बमबारी, अजमेर दरगाह बमबारी,
  • 2008 – जयपुर बम विस्फोट, बैंगलोर सीरियल विस्फोट, अहमदाबाद बम विस्फोट, दिल्ली बम विस्फोट, मुंबई हमले,
  • 2010 – पुणे बमबारी, वाराणसी बमबारी।

हाल के atankavadi hamlon में

  • 2011 शामिल हैं – मुंबई बमबारी, दिल्ली बमबारी,
  • 2012 – पुणे बमबारी,
  • 2013 – हैदराबाद विस्फोट, श्रीनगर हमला, बोधगया बम विस्फोट, पटना बम विस्फोट,
  • 2014 – छत्तीसगढ़ हमला, झारखंड विस्फोट, चेन्नई ट्रेन बमबारी, असम हिंसा, चर्च स्ट्रीट बम विस्फोट, बैंगलोर,
  • 2015 – जम्मू हमला, गुरदासपुर हमला, पठानकोट हमला,
  • 2016 – उरी हमला, बारामूला हमला,
  • 2017 – भोपाल उज्जैन पैसेंजर ट्रेन बम विस्फोट, अमरनाथ यात्रा हमला,
  • 2018 सुकमा हमला,
  • 2019- पुलवामा हमला।

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भारत में आतंकवाद से लड़ने वाली एजेंसियां | Agencies fighting Terrorism in India

Anti terrorism agencies in hindi – भारत में कई पुलिस, खुफिया और सैन्य संगठनों ने देश में आतंकवाद से लड़ने के लिए विशेष एजेंसियों का गठन किया है। भारत में आतंकवाद के खिलाफ लड़ने वाली प्रमुख एजेंसियां ​​​​आतंकवाद विरोधी दस्ते Essay on Terrorism in Hindi

  • (ATS), Anti Terrorism Squad
  • अनुसंधान और विश्लेषण विंग (RAW),
  • राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) हैं।

निष्कर्ष | Conclusion

आतंकवाद एक वैश्विक खतरा बन गया है जिसे प्रारंभिक स्तर से नियंत्रित करने की आवश्यकता है। आतंकवाद को केवल कानून लागू करने वाली एजेंसियों द्वारा नियंत्रित नहीं किया जा सकता है। आतंकवाद के इस बढ़ते खतरे का सामना करने के लिए दुनिया के लोगों को भी एक होना होगा।

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आतंकवाद पर छोटे तथा बड़े निबंध (Short and Long Essay on Terrorism in Hindi)

#1. [500-600 word] आतंकवाद पर निबंध-Essay On Terrorism In Hindi

आतंकवाद एक ऐसी समस्या जिसने न केवल भारत अपितु पूरे विश्व को अपने लपेटे में ले रखा है जब हम बात अपने भारत की करते हैं तो हम पाते हैं कि आतंकवाद से हमारा देश बुरी तरह से प्रभावित है पिछले कई वर्षो में हुए भारत में आतंकवादी हमलों ने देश में रह रहे नागरिकों को झकझोर के रख दिया वह फिर चाहे 26/11 का आतंकवादी हमला हो या दिल्ली के बम धमाके हो या पुलवामा का आतंकवादी हमला, इन हम लोगों ने कयोंकि घर बर्बाद किए हैं किसी के हाथों की कलाई सुनी हो गई तो किसी के घर का चिराग बुझ गया, जब कभी भी मैं इन बेबस लोगों की कहानी सुनती हूं तो स्वयं पर इतना गुस्सा आता है कि हम क्या इन चंद लोगों के सामने इतना बेबस हो जाते हैं तब यही ख्याल आता है कि 70 वर्ष पूर्व की गई एक गलती का परिणाम हम सबको अपनी जान देकर चुकाना पड़ रहा है। हालांकि वर्तमान केंद्र सरकार ने इस तरफ बहुत ही प्रशंसनीय कार्य किया धारा 370 कश्मीर से हटाकर अब कश्मीर केंद्र शासित राज्य बन गया है शायद इससे आतंकवाद को काफी हद तक रोका जा सकेगा।

यदि हम आतंकवाद पर चर्चा करें तो इसे एक धर्म विशेष से जोड़कर देखा जाता है जो मेरे हिसाब से बिल्कुल गलत है मेरा ऐसा मानना है कि कोई भी धर्म हिंसा का समर्थन नहीं करता गीता, कुरान शरीफ, बाइबल एवं गुरु ग्रंथ साहिब जैसे महान ग्रंथ है जो सिर्फ और सिर्फ प्रेम की ही शिक्षा देते हैं इसलिए यह कहना कि किसी धर्म विशेष में इसे सही माना गया है गलत है यह धर्म के कुछ ठेकेदार हैं जो गरीब और मासूम जनता को भड़का के आपस में लड़ा देते हैं और स्वयं उसका फायदा उठाते हैं यदि आप किसी भी व्यक्ति को यह बता दीजिए कि उसकी मृत्यु 4 दिन बाद हो जाएगी तो भय के कारण वह 4 दिन से पहले ही मर जाएगा परंतु इन आतंकियों को पता होता है कि यदि वह किसी मिशन पर जा रहे हैं तो बचके नहीं आ पाएंगे फिर भी पूरे जोश के साथ अपना मिशन पूरा करते हैं इसके पीछे बेहद प्रभावशाली विचार होते हैं जो उन्हें अपना कार्य पूरा करने के लिए प्रेरित करते हैं सबसे पहले ऐसे विचारों को खत्म करने की आवश्यकता है।

आज के समय में भारत जितनी बाहरी आतंकवाद से प्रभावित नहीं है उतना आंतरिक आतंकवाद से प्रभावित है आंतरिक आतंकवाद से मेरा मतलब हमारे बीच के ही चंद लोग जो अपने विचारों के माध्यम से कहीं ना कहीं आतंकवाद को बढ़ावा देते हैं।

खैर सरकार जो कर रही है आतंकवाद की समस्या से लड़ने के लिए वह अत्यंत ही सराहनीय है परंतु एक देश के नागरिक होने के नाते हमारा भी यह कर्तव्य बनता है कि हमें राष्ट्रहित को सर्वोपरि रखते हुए ऐसे जयचंदो को भारत से निकाल फेंकना होगा मैंने जयचंद का नाम इसलिए लिया कि यदि जयचंद ने गद्दारी नहीं की होती तो पृथ्वीराज चौहान जैसे पराक्रमी राजा को हराना आसान न था भारत का इतिहास हमेशा से इस बात का प्रमाण देता आया है कि जब जब भारत गुलामी की बेड़ियों में जकड़ा है तब तक उसका कारण हमारे स्वयं के देश के जयचंद ही रहे हैं।

मेरा ऐसा मानना है कि आतंकवाद एक नकारात्मक विचारधारा है जिसको खत्म करने के लिए विचारों का शुद्ध होना अत्यंत आवश्यक है और सबसे बड़ी बात सही और गलत का बोध होना और यह कार्य करेगा कौन हम सब मिलकर इस समय मुझे विवेकानंद के वह वाक्य याद आते हैं कि उठो जागो और तब तक लड़ों जब तक सफलता ना मिल जाए आज यदि हम आतंकवाद को समाप्त करना चाहते हैं तो हर एक के अंदर एक नए स्वामी विवेकानंद या एक नई विचारधारा का उदय होना आवश्यक है तब शायद हम काफी हद तक आतंकवाद को खत्म कर सके।

जागृति अस्थाना लेखक

Essay on aatankwad in hindi

#2. [long Essay 1000+ words] आतंकवाद पर निबंध- Long Paragraph on aatankwad in hindi Essay

मानव-मन में विद्यमान भय प्रायः उसे निष्क्रिय और पलायनवादी बना देता है। इसी भय का सहारा लेकर समाज का व्यवस्था-विरोधी वर्ग अपने दूषित और नीच स्वार्थों की सिद्धि के लिए समाज में आतंक फैलाने का प्रयास करता है। स्वार्थसिद्धि के लिए यह वर्ग हिंसापूर्ण साधनों का प्रयोग करने से भी नहीं चूकता है। इसी स्थिति में आतंकवाद का जन्म होता है।

आतंकवाद से तात्पर्य-आतंकवाद एक ऐसी विचारधारा है, जो राजनीतिक लक्ष्य की प्राप्ति के लिए बल या अस्त्र-शस्त्र में विश्वास रखती है। अस्त्र-शस्त्रों का ऐसा घृणित प्रयोग प्रायः विरोधी वर्ग, दल, समुदाय या संप्रदाय को भयभीत करने और उस पर विजय प्राप्त करने की दृष्टि से किया जाता है। अपने राजनीतिक स्वार्थों की पूर्ति के लिए आतंकवादी गैर-कानूनी ढंग से या हिंसा से सरकार को गिराने तथा शासनतंत्र पर अपना अधिकार करने का प्रयास भी करते हैं।

विश्व में व्याप्त हिंसा की प्रवृत्तियाँ और आतंकवाद-आज लगभग पूरा विश्व आतंकवाद की चपेट में है। सारे संसार में राजनीतिक स्वार्थों की पूर्ति के लिए सार्वजनिक हिंसा और हत्याओं का रास्ता अपनाया जा रहा है। संसार के भौतिक दृष्टि से संपन्न देशों में आतंकवाद की यह प्रवृत्ति और ज्यादा पनप रही है। अमेरिका के भूतपूर्व राष्ट्रपति जॉन.एफ. कैनेडी और भारत की पूर्व प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गांधी की नृशंस हत्या, अमेरिका के हवाई जहाज में बम विस्फोट, भारत के हवाई जहाज का पाकिस्तान में अपहरण, भारत के पूर्व प्रधानमंत्री श्री राजीव गांधी की हत्या, काश्मीर, असम और अन्य प्रांतों में भी सम्मानित व्यक्तियों का अपहरण तथा हत्या आदि की घटनाएँ ऐसे ही अंतर्राष्ट्रीय आतंकवाद के उदाहरण हैं।

भारत में आतंकवादी गतिविधियाँ-कुछ वर्ष पहले लालडेंगा ने स्वार्थसिद्धि के लिए सम.एन.एफ. की स्थापना की। यह दल विद्रोही बन गया और आतंकवादी गतिविधियों में सम्मिलित हो गया। इसने बड़े-बड़े सरकारी अधिकारियों को अपना निशाना बनाया। इसने इतना आतंक  फैलाया कि बहुत से अधिकारियों ने सेवा से त्यागपत्र ही दे दिया। बंगाल के नक्सलवादियों ने अनेक प्रकार के हिंसात्मक कार्य किए और महत्त्वपूर्ण व्यक्तियों को मौत के घाट उतार दिया। भारत के भूतपूर्व न्यायाधीश श्री ए.एन.राय 10 मार्च सन् 1975 को बाल-बाल बचे। तत्कालीन रेलवे मंत्री श्री ललितनारायण मिश्र की भाषण देते समय हत्या कर दी गई। पं. दीनदयाल उपाध्याय को रेलयात्रा के बीच मार दिया गया।

पंजाब में पाकिस्तान से प्रशिक्षण लेकर आए आतंकवादियों ने सुव्यस्थित रूप से अपना साम्राज्य स्थापित कर लिया। ये धार्मिक स्थलों को अपने अड्डे के रूप में प्रयोग करते रहे। आतंकवादियों ने अपनी एक पूरी सेना तैयार कर ली। इन्हीं आतंकवादियों ने श्रीमती इंदिरा गांधी और श्री लोंगोवाल की हत्या की। इंडियन एयरलाइंस का एक जहाज गिरा दिया गया, जिसमें सभी 329 यात्री जीवन से हाथ धो बैठे। भूतपूर्व सेनाध्यक्ष श्रीधर वैद्य की 10 अगस्त 1986 को पूना में हत्या कर दी गई।

राजनीतिक हत्याओं के क्रम में विभिन्न राजनीतिक दलों और कार्यकर्ताओं की हत्या तो एक सिलसिला बन चुका है। पंजाब केसरी के संपादक लाला जगतनारायण एवं श्री रमेशचंद्र की हत्या भी आतंकवादियों के स्वार्थी क्रोध का ही परिणाम है। पंजाब गत अनेक वर्षों से आतंकवाद की ज्वाला में धधकता रहा। बैंकों को लूटा जाता रहा, घरों में आग लगाई जाती रही, निर्दोष लोगों की हत्याएँ की गईं, कितने ही व्यक्ति अपने घर, खेत, कारखाने छोड़कर भाग खड़े हुए।

आतंकवाद की ज्वाला से पंजाब तो जल ही रहा था, आतंकवादियों ने इस जहर को अन्य प्रांतों में भी फैलाना शुरू कर दिया। राजधानी में भी उन्होंने अपनी स्थिति जताई और दिल्ली के ग्रेटर कैलाश में आयोजित जन्मदिवस समारोह में 14 बेकसूर लोगों की हत्या कर दी। अनेक स्थलों पर बम विस्फोट हुए। खिलौनों, ट्रांजिस्टरों, ब्रीफकेसों तथा टार्च आदि के रूप में आतंकवादी विस्फोटक पदार्थ अनेक स्थानों पर छोड़ गए। पंजाब और दिल्ली के अतिरिक्त . यह आग उत्तर प्रदेश के तराई वाले क्षेत्र में भी फैल गई। पीलीभीत और कोटद्वार के हत्याकांड इसके उदाहरण हैं। परिणामस्वरूप कितने ही अनजान लोगों की जानें चली गईं।

यह घृणित सिलसिला अब भी जारी है। इस बीच पाकिस्तान में प्रशिक्षित और पथभ्रष्ट कश्मीरी नवयुवकों ने कश्मीर की सुकोमल घाटी को अपनी आतंकवादी गतिविधियों का केंद्र बनाया हुआ है। 1990 के प्रारंभ में इन आतंकवादियों ने कश्मीर विश्वविद्यालय के कुलपति श्री मुशीर-उल-हक और एच.एम.टी. के जनरल मैनेजर श्री एम.एल. खेड़ा का अपहरण करके उन्हें मौत के घाट उतार दिया। भारत-विरोधी कतिपय देश इन आतंकवादी गतिविधियों में अनेक प्रकार की सहायता कर रहे हैं-धन से, हथियारों से तथा आतंकवादियों को प्रशिक्षित करके निश्चय ही उनका उद्देश्य भारत को तोड़ना और उसकी उन्नति तथा प्रगति में बाधा उपस्थित करना है।

21 मई को तमिलनाडु ने श्रीपेरुंबुदूर में श्री राजीव गांधी की हत्या से यह सिद्ध हो गया है कि आतंकवादी गतिविधियाँ पूर्व से पश्चिम और उत्तर से दक्षिण तक संपूर्ण भारतवर्ष में फैल चुकी हैं। । आतंकवाद के विविध रूप-आतंकवाद का मुख्य उद्देश्य है सर्वसाधारण में डर और आतंक फैलाना, ताकि कोई व्यक्ति आतंकवादियों के विरुद्ध गवाही न दे सके और वे निर्भीक भाव से अपनी घृणित गतिविधियाँ जारी रख सकें; अंत: आतंकवादी अनेक प्रकार से आतंक फैलाने का प्रयास करते हैं-राजनीतिज्ञों की हत्या, राजदूतों का अपहरण, निर्दोष लोगों को बंदी बनाकर सरकार के सामने अपनी उचित-अनुचित माँगें रखना, हवाई जहाजों का अपहरण, भीड़ भरे स्थानों पर बम विस्फोट, रेलवे लाइनों की फिश प्लेंटे हटना, ताकि बड़ी रेल दुर्घटनाएँ हो सकें, कुएँ आदि के पानी में विष का मिश्रण, बैंक डकैतियाँ आदि अनेक कार्य हैं, जो आतंकवादी गतिविधियों में सम्मिलित हैं।

आतंकवाद के उद्देश्य-उद्देश्य की दृष्टि से आतंकवादी गतिविधियों को दो वर्गों में विभाजित किया जा सकता है

(क) धनात्मक, (ख) ऋणात्मक।

(क) धनात्मक आतंकवाद -धनात्मक आतंकवाद वह है, जिसके उद्देश्य अपवित्र नहीं हैं। विदेशी सत्ता से अपने देश को स्वतंत्र कराने के लिए की जाने वाली आतंकवादी गतिविधियाँ इसी प्रकार की हैं। भारत के क्रांतिकारी, उत्तर आयरलैंड, फिलिस्तीन, दक्षिण अफ्रीका आदि के आतंकवादी इसी श्रेणी में रखे जा सकते हैं। किंतु हम अच्छे उद्देश्य के लिए भी आतंकवादी उपायों को अपनाने का अनुमोदन नहीं करते। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने कहा था कि अच्छे उद्देश्यों की प्राप्ति के लिए अच्छे ही साधन अपनाए जाने चाहिए। शांतिमय और अहिंसक साधन ही स्थायी उपलब्धियों की ओर ले जाते हैं।

(ख) ऋणात्मक आतंकवाद -ऋणात्मक आतंकवाद वह है, जिसमें किसी देश अथवा जाति का कोई असंतुष्ट गुट देश से अलग होने, अलग राज्य स्थापित करने की माँग मनवाने के लिए पूरे देश और समाज को आतंकित करता है। पंजाब का आतंकवाद इसी श्रेणी में आता है, जिसने देश के बाहर भी अपने पंजे फैलाए।

आतंकवाद का समाधान-आतंकवाद का स्वरूप या उद्देश्य कोई भी हो, उसका भौगोलिक क्षेत्र कितना ही सीमित या विस्तृत क्यों न हो, इसने जीवन को अनिश्चित और असुरक्षित बना दिया है। आतंकवाद मानव-जाति के लिए कलंक है, इसलिए इसको शक्ति के साथ दबा दिया जाना चाहिए।

भारत सरकार ने आतंकवादी गतिविधियों को बड़ी गंभीरता से लिया है और इनको मिटाने के लिए दृढ़ कदम उठाए हैं। भारत की संसद ने आतंकवाद-विरोधी विधेयक पारित कर दिया है, जिसमें आतंकवादी गतिविधियों में लिप्त रहने वाले व्यक्तियों को कठोर-से-कठोर दंड देने का प्रावधान किया गया है।

हमारे राष्ट्रनेताओं का मत है कि हिंसा और आतंकवाद के द्वारा किसी समस्या को हल नहीं किया जा सकता। यदि कोई समस्या है भी तो उसे पारस्परिक विचार-विमर्श से हल करना चाहिए। इसके लिए निर्दोष लोगों की हत्या करने का कोई औचित्य नहीं है। आतंकवाद की समस्या का समाधान मानसिक और सैनिक. दोनों स्तरों पर किया जाना चाहिए। जिन लोगों को पीडा हई, किसी भी कारण जिनके परिवार अथवा संपत्ति को नुकसान हुआ है, संबंधियों और रिश्तेदारों की मृत्यु हुई है, उन्हें भरपूर मानसिक समर्थन दिया जाना चाहिए, ताकि घाव हरे न रहें और वे मानसिक पीड़ा के बोझ को न सह सकने के कारण आतंकवादी न बन जाएँ।

सरकार को सदैव हठ का रवैया नहीं अपनाना चाहिए। किसी वर्ग तथा समुदाय की उचित माँगों को अविलंब स्वीकार कर लेना चाहिए। किसी भी बात को प्रतिष्ठा का प्रश्न बनाना शासन के लिए उचित नहीं हो सकता। कई बार शासन को कठोर कदम भी उठाने पड़ते हैं। आवश्यकता होने पर इस प्रकार के कदम उठाने से डरना उचित नहीं होता। इसके लिए गुप्तचर एजेंसियों को सशक्त करने की आवश्यकता है, ताकि आतंकवादी गतिविधियों के आरंभ होने से पहले ही उन्हें कुचल दिया जाए। कानून और व्यवस्था को अधिक प्रभावी बनाया जाना चाहिए।

आतंकवादियों को पकड़ने तथा उनको दंडित करने के आधुनिक साधनों तथा तकनीकों का प्रयोग किया जाना चाहिए। इसके लिए जनता को शिक्षित करने की भी आवश्यकता है, ताकि आतंकवाद से लड़ने में वह भय का अनुभव न करे। आतंकवाद से निपटने के लिए अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भी प्रयास किया जाना चाहिए। अनेक देशों के राजनेताओं ने आतंकवाद की भर्त्सना की है। आवश्यकता इस बात की है कि सभी देश एक मत से आतंकवाद को समाप्त करने का दृढ़ निश्चय करें। विश्व की सभी सरकारों को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर आतंकवाद के विरुद्ध पारस्परिक सहयोग करना चाहिए ताकि कोई भी आतंकवादी गुट किसी दूसरे देश में शरण या प्रशिक्षण न पा सके।

आज विश्व के अधिकांश देश आतंकवाद को समाप्त करने के लिए सजग हो उठे हैं, किंतु दुर्भाग्य से अब भी कई ऐसे देश हैं, जो आतंकवादियों की मुक्तस्थली बने हुए हैं। निश्चय ही इस प्रकार के देशों की निंदा की जानी चाहिए। आतंकवाद के विरुद्ध त्वरित तथा प्रभावी कार्यवाही की आवश्यकता है, ताकि जनसाधारण में व्याप्त भय और अनिश्चितता की भावना को समाप्त किया जा सके और उन्हें सुरक्षा प्रदान की जा सके।

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Terrorism Essay in Hindi | आतंकवाद पर निबंध और भाषण

aatankwaad par nibandh आतंकवाद पर निबंध

दोस्तों, आतंकवाद एक बेहद कायरतापूर्ण कार्य है. हम यहाँ पर आपके लिए Terrorism Essay in Hindi पेश कर रहे हैं जिन्हें आप आतंकवाद पर निबंध और आतंकवाद पर भाषण, दोनों के लिए इस्तेमाल कर सकते हैं.

भारत में आतंकवाद पर निबंध – Essay on Terrorism in Hindi

भारत में आतंकवाद के दुष्प्रभाव, १. जन-हानि और डर का माहौल, २. पर्यटन की कमी, ३. निवेश में कमी, ४. अर्थव्यवस्था में हानि, भारत में प्रमुख आतंकी हमले, १. मुंबई में 26/11 हमला, २. मुंबई ट्रेन विस्फोट, ३. संसद हमला, 4. उरी हमला, 5. पुलवामा आतंकी हमला, आतंकवाद पर निबंध – essay on terrorism in hindi -2, terrorism essay in hindi – terrorism speech in hindi, आतंकवाद के खिलाफ कार्य, यवाओं की भूमिका अहम.

भारत में आतंकवाद का एक लंबा इतिहास रहा है। यह उन आतंकवादी समूहों द्वारा कायरतापूर्ण कार्य है जो देश की शांति को भंग करना चाहते हैं। इसका उद्देश्य लोगों में दहशत की स्थिति पैदा करना है। वे देश को समृद्ध होने से रोकने के लिए लोगों को निरंतर भय की स्थिति में रखना चाहते हैं।

समय-समय पर, वे लोगों को उस भय की याद दिलाने के लिए आतंकवादी कार्य करते हैं। कई आतंकवादी सेल हैं जो भारत में चल रहे हैं। उन्होंने नागरिकों के बीच तनाव का माहौल सफलतापूर्वक बनाया है। आतंकवाद देश को गंभीर रूप से प्रभावित करता है और इसके खतरनाक परिणाम हैं।

जैसा कि पहले बताया गया है, आतंकवाद का किसी भी देश पर बड़ा प्रभाव पड़ता है। जब हम भारत जैसे विकासशील देश को देखते हैं, तो यह सब अधिक हानिकारक होता है।

बम विस्फोट या गोलीबारी से नागरिकों में दहशत की स्थिति पैदा हो जाती है। साथ ही, यह लोगों के मानसिक स्वास्थ्य को प्रभावित करता है। यह विभिन्न नागरिकों की असामयिक मृत्यु का कारण बनता है। चिंता और भय उनके जीवन जीने के तरीके को काफी हद तक प्रतिबंधित कर देते हैं।

इसके अलावा, पर्यटन उद्योग पर आतंकवाद का बड़ा प्रभाव है। चूंकि पर्यटक उन स्थानों पर जाने से बचते हैं जो आतंकवादी हमलों की चपेट में हैं। भारत पर्यटन से अपने राजस्व का एक बड़ा हिस्सा कमाता है। जब ये आतंकी हमले होते हैं, तो वे पर्यटकों के बीच डर पैदा करते हैं और पर्यटन उद्योग को झटका लगता है।

इसके अलावा, आतंकवादी हमले भारत के विदेशी निवेशकों में संदेह की भावना पैदा करते हैं। आखिर, कौन देश आतंकवाद से पीड़ित देश में निवेश करना चाहेगा? वे जोखिम से बचते हैं और इसके बजाय सुरक्षित विकल्प चुनते हैं। इसलिए, इन आतंकी हमलों ने भारत के व्यापार को भारी झटका दिया।

आतंकवाद अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचाता है। आतंकवादी हमलों से जान-माल का नुकसान होता है। पुनःपूर्ति में बहुत अधिक पूंजी लगती है। इसके परिणामस्वरूप लोगों को सुरक्षित वातावरण के लिए विदेश जाने के लिए देश छोड़ना पड़ता है। यह स्थिति भारत को कई संभावित डॉक्टरों, इंजीनियरों, कलाकारों और बहुत कुछ खो देती है।

भारत ने समय के साथ कई आतंकी हमलों का सामना किया है। उनमें से सबसे खराब निश्चित रूप से मुंबई में 26/11 का आतंकवादी हमला है। आतंकवादियों ने नरीमन हाउस, होटल ओबेरॉय ट्राइडेंट और होटल ताज जैसी प्रसिद्ध जगहों पर कब्जा कर लिया। आतंकवादियों ने लगभग 170 लोगों को मार डाला और लगभग 300 लोगों को घायल कर दिया। आतंकी हमलों के शिकार ये सभी लोग पुलिस अधिकारी, सुरक्षाकर्मी या पर्यटक थे।

मुंबई ट्रेन विस्फोट भी बहुत घातक थे। वे मुंबई की लोकल ट्रेनों में हुए और 7 रेलवे स्टेशनों पर हुए। इन हमलों में 210 लोगों की जान गई और 715 लोग घायल हुए।

भारतीय संसद हमला भी बहुत आश्चर्यजनक था। चूंकि संसद सबसे सुरक्षित जगहों में से एक है। आतंकवादी तीन संसद स्टाफ सदस्यों और छह पुलिस अधिकारियों को मारने में कामयाब रहा। यह आश्चर्यचकित करने वाला है क्योंकि एक चमत्कार यह बताता है कि इतनी सुरक्षित जगह कैसे हमला कर सकती है।

जम्मू और कश्मीर राज्य के उरी शहर के पास 18 सितंबर 2016 को चार भारी हथियारों से लैस आतंकवादियों ने हमला किया था। आतंकवादी समूह जैश-ए-मोहम्मद हमले की योजना और निष्पादन में शामिल था, जिसमें 18 भारतीय सैनिक मारे गए थे।

कश्मीर के उग्रवाद के सबसे घातक आतंकी हमले में कम से कम 40 केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) के अर्धसैनिक बल के जवान मारे गए। जैश-ए-मोहम्मद के आत्मघाती हमलावर द्वारा किए गए आश्चर्यजनक हमले ने देश को सदमे और गुस्से में छोड़ दिया, जबकि प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने सुरक्षा बलों को समान बल के साथ वापस हमला करने के लिए मुक्त कर दिया।

सभी आतंकी हमलों की सूची के लिए यहाँ जाएँ .

संक्षेप में, भारत में आतंकवाद से देश की सुरक्षा और उसे समृद्ध बनाने में मदद करने की आवश्यकता है।

यह भी पढ़ें – इन्होंने देखी हैं असली जलपरियाँ : जलपरी का रहस्य

आतंकवाद एक ऐसा कार्य है जिसका उद्देश्य अवैध तरीकों से आम लोगों में भय पैदा करना है। यह मानवता के लिए खतरा है। इसमें हिंसा फैलाने वाले व्यक्ति या समूह, दंगे, चोरी, बलात्कार, अपहरण, लड़ाई, बमबारी आदि शामिल हैं। आतंकवाद कायरता का एक कार्य है।

आतंकवाद एक राष्ट्रीय समस्या नहीं है, बल्कि एक वैश्विक खतरा है जिसे प्रारंभिक स्तर से नियंत्रित करने की आवश्यकता है। इसे केवल कानून प्रवर्तन एजेंसियों द्वारा नियंत्रित नहीं किया जा सकता है। आतंकवाद के इस बढ़ते खतरे के खिलाफ दुनिया के लोगों को भी एकजुट होना होगा।

यह भी देखें – बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ पर निबंध/भाषण/pdf

आतंकवाद और हिंसा को हर कीमत पर रोका जाना चाहिए। अगर समझदारी से व्यवहार न किया जाए, तो यह तीसरे विश्व युद्ध का कारण बन सकता है, जो शायद ग्रह के विनाश से पहले अंतिम युद्ध हो सकता है।

निस्संदेह, आतंकवाद का खतरा सबसे बड़ा है जो किसी भी अन्य खतरे की तुलना में मानव जाति पर गहरा प्रभाव डालता है। पूरी दुनिया आतंकवाद के खिलाफ लड़ती हुई दिखाई देती है। हाल के दिनों में भारत के साथ-साथ अन्य देशों में भी आतंकवादी हमले हुए हैं।

दुनिया के सभी हिस्सों में आतंकवादियों को मारा जा रहा है। आतंकवाद का समर्थन करने वाले लोगों को या तो न्याय के लिए लाया गया है या उनका पीछा किया जा रहा है और उन्हें न्याय दिलाने के लिए जमकर शिकार किया जा रहा है।

आतंकी संगठनों के सभी कुख्यात प्रमुखों को या तो समाप्त कर दिया गया है या उन्हें आतंकवाद-रोधी अभियानों में गिरफ्तार या मार दिया गया है। सभी उन्नत देश आतंक के खिलाफ भीषण युद्ध कर रहे हैं। सबसे खतरनाक आतंकी संगठन ISIS इराक और सीरिया में सफलतापूर्वक लड़ा जा रहा है।

भारत में भी, आतंकवाद की घटनाओं को कुचलने के लिए सुरक्षा बल अपने उच्चतम अलर्ट पर हैं।

आतंकवाद के खतरे से लड़ने में युवा बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। आतंकवादी संगठन धार्मिक भोग द्वारा युवाओं को निशाना बनाते हैं। वे उनका ब्रेनवॉश करने की कोशिश करते हैं और मानव जाति के खिलाफ जघन्य आतंकवादी कृत्य करते हैं।

यह देखा गया है कि अधिकांश आतंकवादी युवाओं को गुमराह कर रहे हैं। युवा इन हमलों को दिमाग लगाने और असंयमित होने से मना कर सकते हैं। युवा जीवन पर एक विस्मयकारी दृष्टिकोण विकसित कर सकते हैं और पूरी मानव जाति को सिर्फ एक बड़ा परिवार मानते हुए आतंकवादियों के खिलाफ हाथ मिला सकते हैं।

युवाओं को आतंकवादी समूहों के जघन्य प्रभावों से सुरक्षित रखने की आवश्यकता है। युवाओं को भी दुनिया भर में आतंकवाद के खिलाफ धर्मयुद्ध में शामिल होना होगा। पूरी मानव जाति को इस बुराई के खिलाफ एक ठोस अभियान शुरू करना चाहिए।

निष्कर्ष रूप में, यह कहा जा सकता है कि आतंकवाद और हिंसा से भी दूर रहना चाहिए। आतंकवाद का कारण समझदारी और धैर्य से हल होना चाहिए। दुनिया के सभी लोगों को दुनिया के सभी हिस्सों में शांति लाने के प्रयास करने चाहिए।

दोस्तों, उम्मीद है ये सभी आतंकवाद पर निबंध, आतंकवाद पर भाषण, terrorism essay in hindi, terrorism speech in hindi, aatankwad par nibandh आपकी जरुरत के हिसाब से ही होंगे. धन्यवाद.

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One response.

दोस्त आपने शानदार तरीके से आतंकवाद पर अपने विचार रखें आपका बहुत-बहुत धन्यवाद इसी तरह की बहुत सारी जानकारी आप शेयर करते रहिए

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आतंकवाद पर निबंध – Terrorism Essay in hindi

Hindi Essay प्रत्येक क्लास के छात्र को पढ़ने पड़ते है और यह एग्जाम में महत्वपूर्ण भी होते है इसी को ध्यान में रखते हुए hindilearning.in में आपको विस्तार से essay को बताया गया है |

Table of Contents

आतंकवाद पर छोटे तथा बड़े निबंध (Essay on Terrorism in Hindi)

  • प्रस्तावना,
  • आतंकवाद क्या है?
  • आतंकवाद एक विश्वव्यापी समस्या,
  • भारत में आतंकवादी गतिविधियों का इतिहास,
  • आतंकवादी समस्या का समाधान,

साथ ही, कक्षा 1 से 10 तक के छात्र उदाहरणों के साथ इस पृष्ठ से विभिन्न हिंदी निबंध विषय पा सकते हैं।

प्रस्तावना नहीं सुरक्षित मन्दिर, मस्जिद, गिरजे या गुरुद्वारे। निर्दोषों के खून बहाते घूम रहे हत्यारे। पता नहीं कब कहाँ मौत का अग्नि पुंज फट जाए? चिथड़े-चिथड़े लाशों से निर्दोष धरा पट जाए।

आतंकवाद ने आज मानव-जीवन को कितना दयनीय और असुरक्षित बना दिया है! विश्व का कोई कोना आज मौत के इन सौदागरों से सुरक्षित नहीं है।

आतंकवाद क्या है? What is the Terrorism

उपनिवेशवादी शासकों के विरुद्ध वहाँ की जनता ने कभी हथियार उठाये थे वह एक क्रान्तिकारी अभियान था। उसके पीछे स्वतन्त्रता और न्याय का आधार था। किन्तु आज तो कुकुरमुत्तों की भाँति ढेरों संगठित गिरोह संसार में फैले हुए हैं, जिनके उद्देश्य बड़े सीमित और स्वार्थपूर्ण हैं।

धन ऐंठना, निर्दोष लोगों, महिलाओं और बच्चों तक की हत्या करना तथा मादक पदार्थों एवं शस्त्रों के अवैध व्यापार आदि आज के इन तथाकथित मुक्तिमोर्चों के कुकृत्य हैं।

आतंकवाद एक विश्वव्यापी समस्या- आज आतंकवाद एक विश्वव्यापी समस्या बन चुका है। आज ऐसे अनेक छद्म संगठन और गिरोह सक्रिय हैं जो आतंकवादी गतिविधियों में लिप्त हैं। भारत तो दशकों से आतंकवाद का दंश झेलता आ रहा है किन्तु जब अमेरिकन वर्ल्ड ट्रेड सेन्टर भस्मसात् हुआ और इंग्लैण्ड की ट्रेनों में धमाके हुए, इण्डोनेशिया के पर्यटन स्थलों पर तबाही हुई तो सारे विश्व को आतंकवाद की भयावहता स्वीकार करनी पड़ी।

आतंकवाद के पीछे विभिन्न देशों के आर्थिक और राजनैतिक स्वार्थ निहित हैं। मादक पदार्थों तथा अवैध शस्त्र व्यापार चलाने वाले माफिया संगठन आतंकवादियों के पोषक बने हुए हैं। कुछ देशों की सरकारें भी आतंकवादियों की संरक्षक बनी हुई हैं। ‘आई.एस.’ तो एक सुसंगठित खूख्वार और घृणित आतंकी संगठन है।

भारत में आतंकवादी गतिविधियों का इतिहास- भारत में आतंकी गतिविधियाँ पूर्वी सीमान्त से प्रारम्भ हुईं। नागालैण्ड, त्रिपुरा, असम आदि राज्यों में आतंकवाद काफी समय तक प्रभावी रहा। इसके पश्चात् पंजाब और जम्मू-कश्मीर ने आतंकवाद की क्रूरता को झेला।

गुजरात का अक्षरधाम मन्दिर, संसद भवन, मुम्बई की लोकल ट्रेनें, बनारस का संकटमोचन मन्दिर, समझौता एक्सप्रेस, आतंकवाद का निशाना बन चुके हैं। इसके अतिरिक्त छोटी-मोटी आतंकी घटनाएँ तो आए दिन होती रहती हैं।

26/11 के मुम्बई में हुए आतंकवादी प्रहार ने विश्व को झकझोरा था। कुछ ही समय पूर्व नापाक पड़ोसी द्वारा ‘उड़ी’ ऐयर-बेस में खून का खेल खेला जा चुका है।

आतंकवादी समस्या का समाधान- आतंकवाद का कुफल अब विश्व के विकसित देश भी भोग रहे हैं। अतः इस विकट समस्या के समाधान के प्रति हर सभ्य देश चिन्तित है। आतंकवाद से छुटकारा तभी हो सकता है जब विश्व के सभी देश इसकी समाप्ति में सक्रिय सहयोग दें। इसका प्रमाण ‘आई.एस’ के विनाश में जुटे विश्व के सभी प्रमुख देशों की भूमिका से मिल रहा है।

‘आई.एस.’ का सर्वनाश अब अधिक दूर नहीं लगता । अतः जनता की जागरूकता, सुरक्षा बलों को समर्थन और दलीय राजनीति से ऊपर उठकर प्रबल इच्छा-शक्ति से ही आतंकवाद का सामना किया जा सकता है।

आतंकवाद को उसी की भाषा में जबाव देकर ही उसे समाप्त किया जा सकता है। भारत द्वारा ‘सर्जीकल अटैक’ इसका प्रत्यक्ष प्रमाण है।

उपसंहार- अन्तर्राष्ट्रीय राजनीति, धर्मान्धता और माफिया गिरोहों से ही आतंकवाद दाना-पानी और संरक्षण पा रहा है, किन्तु अब आतंकवाद का निर्यात करने वालों के घर भी जलने लगे हैं। अतः रोग लाइलाज हो जाय उससे पहले ही उसको समाप्त कर देना बुद्धिमानी है। इसके लिए सभी देशों का सहयोग आवश्यक है।

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आतंकवाद पर निबंध | Essay On Terrorism In Hindi

आतंकवाद पर निबंध Essay On Terrorism In Hindi : आज आए दिन हम देखते सुनते है कि फला स्थान पर आतंकवादी हमला हुआ, शायद ही कोई दिन गया हो जब कहीं बेगुनाहों का खून न बहा हो.

पाकिस्तान के प्रश्रय से विश्व भर में वैश्विक आतंकवाद का आलम बेहद खतरनाक नजर आता हैं.  कक्षा 10 के बच्चों के लिए Terrorism Essay In Hindi यहाँ साझा कर रहे हैं.

आतंकवाद पर निबंध Essay On Terrorism In Hindi

भारत में आतंकवाद की समस्या पर निबंध Hindi Aatankwad Ki Samasya Essay : पुलावामा हमले के बाद आतंकवाद की समस्या का एक नया रूप भारत व दुनियां ने देखा हैं.

भीड़ वाले इलाकों में बम धमाके, लोगों को बंदी बनाना, निहत्थों पर वार कर उनकों मौत के घाट उतार देना आतंकवाद का स्वरूप हैं. Aatankwad Ki Samasya Essay में हम इस समस्या के बारे में विस्तार से जानेगे.

Cross Border Terrorism Essay In India In English

In this  Cross Border Terrorism Essay brief introduction terrorism problems in India in Hindi and English language. after the 2008 Mumbai Terror attack continuously, suffered it the whole world.

Cross-Border Terrorism becomes now a global problem and a big threat to human life. in this written ” best essays on terrorism”  in 200,250, 300 words. these valuable points include it What are the problem of terrorism, its adverse consequences, and preventive measures.

almost all over the world terrorist groups are arising like carrot grass. the number of terrorist groups in increasing. some of them are maos, bodos, jklf, nakasal Vadis, LTTE.

they are trying to destroy the peace of related states. they are organized to fulfill their political and religious desires to give an advantage to the particular race.

they are using the worst methods of destroying national and public property by a bomb blast and killing innocent people by using guns.

Cross-Border Terrorism has no religion. they only aim is to occupy the power of some state or nation. they fill the terror in the hearts of peace-loving people.

The only way to conquer this burning problem is to start talks with terrorists and prepare them to leave the way of killing innocent people.

Alas! our leaders have no courage to solve this Cross Border Terrorism problem. they always think of capturing the ruling seat. Parvez Musharraf said that if he left the Kashmir issue, he would leave Pakistan.

only talks will not solve this Cross Border Terrorism problem. terrorists should be killed firmly with iron hands. terrorists don’t deserve mercy.

the nation should not depend on America. which takes the side of Pakistan. our India can be saved from the poisoned fruits of Cross Border Terrorism by taking strict steps.

Cross Border Terrorism Essay In Hindi

विभिन्न तरीकों से डर अर्थात भय की स्थति उत्पन्न करना Terrorism आतंकवाद कहलाता है. इसके कई प्रकार है. मुख्य रूप से सीमा पार Terrorism के कारण न सिर्फ भारत बल्कि आज पूरा विश्व चिंतित है. यह किसी राज्य अथवा देश की समस्या न होकर विश्व की ज्वलंत समस्या बन चूका है.

किसी युद्ध अथवा झगड़े का कोई समाधान हो सकता है. मगर छुटपुट घुसपैठ से भीड़ भाड़ वाले इलाके में जाकर निर्दोष नागरिकों की जान लेने का यह खुनी खेल आप अपने चरम पर पहुच चूका है. अमेरिका जैसा शक्तिशाली मुल्क भी इसके दुष्परिणाम भुगत चूका है.

अमेरिका को चन्द्रमा पर पहुचने के लिए जितनी मेहनत नही करनी पड़ी, उतनी खूखार आतंकवादी ओसामा बिन लादेन को ढूढने में लगी. बहरहाल इसे विगत वर्षों में पाकिस्तान की सरभूमि पर मार गिराया था.

इस बात से अंदाजा लगाया जा सकता है. Terrorism को जड़ से समाप्त करना किसी एक देश के लिए कितना मुशीबत भरा हो सकता है.

तक़रीबन 50-70 साल पूर्व आतंकवाद नाम की कोई चीज नही हुआ करती थी. भारत पाक विभाजन के चलते कुछ पाकिस्तानी कट्टरपंथी संगठनों ने जिहाद के नाम पर जम्मू कश्मीर पर कब्जा करने के लिए इस तरह के Terrorism संगठन तैयार किये थे. अमेरिका तथा अन्य इस्लामिक देशों ने इसे आर्थिक व सैन्य सहायता के बन्दोबस्त किये थे.

पिछले कुछ वर्षों में पाकिस्तान तथा अन्य मुस्लिम देशों में Terrorism attack को देखकर कहा जा सकता है, जिसनें विष को पाला अब वह उन्हें ही डस रहा है.

भारत में भी आए दिन घुसपैठिये अपनी नाकाम कोशिशे करते रहे है. मगर सीमा सुरक्षा बल की मुस्तैदी के चलते हर बार हमारी सेना ने आतंकवादियों के मंसूबों को नाकाम किया है.

आतंकवाद निबंध 1

धर्म के नाम पर इंसानियत का खून नये नये चेहरों पर जेहाद का जूनून क्या खूब स्वागत है इक्कीसवीं सदी का मौत की स्याही से लिखा जाता है सुकून

आतंकवाद से आज विश्व के अधिकाँश देश पीड़ित हैं. धर्म और जेहाद के नाम पर नित्य कहीं न कहीं निर्दोष लोगों की हत्याएँ हो रही हैं. हत्या, शोषण, मादक द्रव्यों और अवैध शस्त्रों के व्यापार में लिप्त अनेक आतंकी गिरोह शांति और सभ्यता के शत्रु बने हुए हैं.

आतंकवाद एक विश्वव्यापी समस्या – आज आतंकवाद एक विश्वव्यापी समस्या बन चुका हैं.  आज  ऐसे संगठन   और  गिरोह सक्रिय हैं जो आतंकवादी गतिविधियों में लिप्त हैं. भारत तो दशकों से आतंकवाद का दंश आतंकवाद का दंश झेलता आ रहा हैं. किन्तु जब 11 सितम्बर 2001 को अमेरिकन वर्ल्ड ट्रेड सेंटर भस्मसात हुआ,

इंग्लैंड की ट्रेनों में धमाके हुएइंडोनेशिया के पर्यटन स्थलों पर तबाही हुई  सारे विश्व को आतंकवाद की भयावहता स्वीकार करनी पड़ी आतंकवाद के पीछे विभिन्न देशों के आर्थिक और राजनैतिक स्वार्थ निहित हैं.

मादक पदार्थों तथा अवैध शस्त्र व्यापार चलाने वाले माफियासंगठन आतंकवादियों के पोषक बने हुए हैं. कुछ देशों की सरकारें भी आतंकवादियों की संरक्षक बनी हुई हैं.

भारत में आतंकवादी गतिविधियों का इतिहास – भारत में आतंकी गतिविधियाँ पूर्वी सीमांत से प्रारम्भ हुई. नागालैंड, त्रिपुरा, असम आदि राज्यों में आतंकवाद काफी समय प्रभावी रहा.

इसके पश्चात पंजाब और जम्मू कश्मीर से आतंकवाद की क्रूरता को झेला. अब तो लगभग सारे देश में आतंकवादी घटनाएं हो रही हैं.

गुजरात का अक्षरधाम, संसद भवन, दिल्ली का लाल किला, मुंबई की लोकल ट्रेनें, बनारस का संकटमोचन मन्दिर सभी आतंकी प्रहार झेल चुके हैं.

भारत और पाकिस्तान के मध्य चलाई गई समझौता एक्सप्रेस में बम विस्फोट, मुंबई के  ताज होटल  हमला तथा पठानकोट एअर बेस पर हमला आतंकवाद की भयानक घटनाएँ हैं. छोटी मोटी आंतकी घटनाएं आज भी जारी हैं.

आतंकवाद की नर्सरी – आज सारा संसार जान चुका है कि आतंकवाद की नर्सरी पाकिस्तान में हैं. वर्षों से इस देश में आतंक वादियों को प्रशिक्षण और शरण मिलती आ रही हैं.

समाप्ति के उपाय – आतंकवाद से टुकड़ो में नहीं निपटा जा सकता. अब तो संसार के सभी जिम्मेदार राष्ट्रों को संगठित होकर आतंकवाद के विनाश में सक्रिय भागीदारी करनी होगी.

पाकिस्तान को सही रास्ते पर आने को मजबूर करना होगा. भारतीय नेताओं को भी वोट बैंक, स्वार्थ और सत्ता लोलुपता त्यागकर देश की आंतरिक सुरक्षा को अभेद्य बनाना होगा. जनता को भी केंद्रीय सत्ता में प्रचंड संकल्प वाले युवा लोगों को चुनकर भेजना होगा.

उपसंहार – आतंकवाद मानव सभ्यता पर कलंक हैं. उसे धर्म का अंग बताकर निर्दोषों का खून बहाने वाले मानव, मानव नहीं दानव हैं. उनका संहार करना हर सभ्य राष्ट्र का दायित्व हैं.

आतंकवाद निबंध 2

आज सम्पूर्ण मानवता आतंकवाद की समस्या से त्रस्त है. पिछड़े और विकासशील देश तो इसकी गिरफ्त में है, सम्रद्ध व शक्तिशाली देश भी इस खतरे से अछूते नही है.

विधि सम्मत सरकार के विरुद्ध हिंसात्मक कार्यवाही करना तथा जनता को भयभीत करना आतंकवाद है. हिंसा की धमकी, व्यक्तिगत हिंसात्मक कृत्य और लोगों को आतंकित करना आतंकवाद   है. भारत सहित दक्षिण एशियाई देश तो इस समस्या से जूझ ही रहे है, अमेरिका भी इसका अपवाद नही है.

जम्मू कश्मीर तथा देश के अन्य भागों में विघटनकारी घटनाओं को अंजाम देने का कार्य यही आतंकवादी कर रहे है. दिसम्बर 2001 में भारतीय संसद पर जैश ए मोहम्मद और लश्कर ए तोयबा के आतंकवादियों ने हमला कर दिया था.

विदेशी आतंकवादी संगठनों द्वारा प्रायोजित यह छाया युद्ध युद्ध भारत के लिए एक बड़ी समस्या है. आतंकवाद राज्य एवंम इसका राज्य प्रायोजित रूप अत्यंत भयावह है.

इसके अंतर्गत विश्व के कई राज्य अपने स्वार्थी हितों की पूर्ति के लिए खुलेआम आतंकवाद और आतंकवादी संगठनों को शह एवं प्रश्रय दे रहे है.

इन आतंकवादी संगठनों के पास अत्याधुनिक हथियार, विस्फोटक, वित्त व अन्य सभी संसाधन प्रचुर मात्रा में उपलब्ध है.

अनगिनत वार्ताओं व सम्मेलनों में चर्चा के बावजूद आतंकवाद की समस्या ज्यों की त्यों बनी हुई है. इससे प्रभावित देश में शांति और परस्पर विश्वास तो खंडित हुआ ही है. आर्थिक संसाधनों की बर्बादी हुई है.

अच्छा हो, आने वाला समय आतंकवादी गतिविधियों से मुक्त हो तथा इस अथाह धनराशी का प्रयोग जनता के विकास की ओर उन्मुख करने का मार्ग प्रशस्त हो.

आतंकवाद की समस्या का विस्तार ( aatankwad ke karan )

आज दुनिया का लगभग हर देश आतंकवादी की समस्या को लेकर चिंतित है. यह सर्वविदित है, कि इस समस्या की जड़ पाकिस्तान से जुड़ी हुई है.

पाक की ख़ुफ़िया एजेंसी isi को पालिसी हमेशा इन आतंकवादी संगठनो को प्रश्रय देने की रही है. कई टेरिरिस्ट ग्रुप्स और उनके लीडर जैसे हाफिज सईद पर प्रतिबंध लगाने की दिशा में भारत की मांग पर कई देशों ने सहयोग किया.

पाकिस्तान व चीन आतंकवाद के मामले में भारत की राह का रोड़ा बनकर भविष्य में अपनी चुनौतियों को आमत्रित कर रहे है.

इसका नतीजा पिछले कुछ सालों में पाकिस्तान सहित्र कई इस्लामिक मुल्क भी भुगत रहे है.ईरान, सीरिया, नाइजीरिया, अफगानिस्तान में आतंकवाद पाकिस्तान की दुचाल का ही कारण है.

आतंकवाद की समस्या के समाधान के उपाय (aatankwad ki samasya ka samadhan)

आतंकवाद को नियंत्रित करने के हर संभव प्रयास पिछले कुछ सालों से किये जा रहे है. लेकिन कुछ देशों में अभी भी गुप्त रूप से टेररिस्ट ट्रेनिंग के कैम्प खुलेआम चल रहे है. धार्मिक फंड के नाम पर कई बड़े देश इन्हें चोरी छिपे फंडिग कर रहे है. इससे आतंकवादियों के हौसलें बुलंद है.

यह कितने खतरनाक साबित हो सकते है. इस बात का अनुमान लगाने के लिए आप समझ सकते है, आज के परमाणु युग में जो तकनीक कई विकसित राष्ट्रों के पास नही है, वो आज इन आतंकवादी संगठनो के पास है.

धर्म के नाम पर चल रहा aatankwad का यह खुनी खेल दुनिया को तबाह कर रख देगा. यदि दुनिया के शक्तिशाली देश समय रहते इसके विरोध में नही आए तो इसके भयंकर परिणाम भुगतने पड़ सकते है.

आतंकवाद निबंध 3

बमों के धमाके, गोलियों की तड़तड़ाहट, असुरक्षित जन जीवन, असुरक्षित धर्म स्थान, निर्दोषों का बहता लहूँ, निराश्रितों के बढ़ते शरणस्थल, यह तस्वीर है हमारे आधुनिक जगत की. कोई भी कही भी सुरक्षित नही हैं. समाचार पत्र आतंकवादी कृत्यों के समाचारों से भरे रहते हैं.

आतंकवाद क्या हैं- आतंकवाद बल प्रयोग द्वारा तथा आतंक फैलाकर अपने लक्ष्य को प्राप्त करने का बर्बर तरीका हैं.

आतंकवाद का विश्वव्यापी रूप – आतंकवाद एक विश्वव्यापी समस्या हैं. ओसाबा बिन लादेन के नेतृत्व में अलकायदा अफगानिस्तान के तालिबान, पड़ोस में पल फूल रहे जेहादी तथा भारत एवं नेपाल में सक्रिय माओवादी और नक्सलवादी आतंकवाद के सहारे ही अपना अधिकार जमाना चाहते हैं.

भारत में आतंकवादी गतिविधियाँ एवं दुष्परिणाम- स्वतंत्र भारत में आतंकवाद का प्रारम्भ पूर्वी सीमान्त से हुआ. नागालैंड, त्रिपुरा, असम आदि प्रदेशों में विदेशी शक्तियों के षड्यंत्र से आतंकवादी गतिविधियाँ काफी समय से चलती हैं. 

भारत में स्वर्गीय प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गांधी और राजीव गांधी की हत्या से लेकर, विमान अपहरण, निर्दोष लोगों की हत्याएं, जगह जगह धमाके, यहाँ तक कि घात लगाकर सेना पर हमला, अक्षरधाम और संसद भवन पर हमला आदि आतंकवाद के ही उदहारण हैं. जयपुर में बम ब्लास्ट तथा मुंबई में हुए हमले में सैकड़ो लोगो की जान चली गई. 

पाकिस्तान की पूर्व प्रधानमंत्री बेनजीर भुट्टों की आतंकवादी हमले में हत्या कर दी गई. आतंकवाद को प्रोत्साहित करने वाला देश स्वयं आतंकवाद की चपेट में आ गया हैं. यह घटना संदेश देती हैं कि आतंकवाद बढ़ाकर किसी समस्या का समाधान नही हो सकता.

मुक्ति के उपाय- आतंकवाद के विरुद्ध संसार का हर सभ्य और समझदार देश आवाज उठा रहा हैं. किन्तु यह रोग बढ़ता ही जा रहा हैं. आतंकवादी गतिविधियों का कठोरता से सामना करके ही सफलता मिल सकती हैं.

उपसंहार- आज आतंकवाद को रोकने के लिए हमे अपनी सेना को नवीनतम सैन्य उपकरणों से सुसज्जित करना होगा और सारी गुप्तचर एजेंसियों को अधिक चुस्त और सावधान बनाना होगा. तभी हम आतंकवाद की इस समस्या से छुटकारा पा सकते हैं.

आतंकवाद एक विश्वव्यापी समस्या निबंध 4

आज के समय में विश्व की सबसे ज्वलंत समस्याओं पर नजर डाले तो जिनमे आतंकवाद सबसे बड़ी समस्या बनकर उभर रहा हैं. न सिर्फ भारत बल्कि समूचा संसार इस जहरीले आतंक की आग की लपेट में जल रहा हैं.

1993 के मुंबई ब्लास्ट, 11 सितम्बर 2001 में अमेरिका के वाइट हाउस,इसी वर्ष भारतीय संसद पर आतंकवादी हमला (Terrorist attack on Indian Parliament) और 26 नवम्बर 2008 के दिन मुंबई की ताज होटल पर हमला, 2017 में पेरिस और उरी में हुई आतंकवादी घटनाओं इस बात का गवाह हैं.

कि यह समस्या किसी एक देश की न होकर अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद (International terrorism) का रूप ले चुकी हैं.

आतंकवाद की जड़ कहे जाने वाले अलकायदा के ओसामा बिन लादेन और बगदादी के पतन के बावजूद इस तरह की आतंकी घटनाएँ निरंतर बढ़ रही हैं. 

आतंकवाद मुख्य रूप से हिंसा के द्वारा आम जन में भय का माहौल बनाकर अपने राजनीतिक (Political) ,आर्थिक (Economic) , धार्मिक (Religious) और सामाजिक उद्देश्यों (Social objectives) को पूरा करना ही हैं.

आज विश्व में आतंकवाद के अलग-अलग रूप देखने को मिलते हैं. जिनमे कही राजनितिक आतंकवाद,कही धार्मिक आतंकवाद तो कही सामाजिक आतंकवाद के उदहारण आए दिन देखने को मिलते हैं.

भारत के उत्तरी-पूर्वी राज्यों मूख्य रूप से जम्मू कश्मीर और असम में हिंसक गठबन्धनों द्वारा किये गये कार्य राजनीतिक आतंकवाद (Political terrorism) के उदहारण हैं.

आतंकवाद के उद्देश्य (Objectives of terrorism)

हमारे देश और पड़ोसी मुल्को में तालिबान,अलकायदा, लश्कर ए तैयबा, जैश ए मोहमद जैसे कई कट्टर धार्मिक आतंकवादी संगठन सक्रिय हैं. जो अपनी कट्टरपंथी विचारधारा (Radical ideology) के प्रयास के लिए हिंसा और अपराध को जन्म देते है.

इसके अतिरिक्त समाज में व्याप्त क्रांतिकारी विद्रोह (Revolutionary revolt) को भी आतंकवाद की श्रेणी में शामिल किया जाता हैं. अकसर भारत में नक्सलवाद और गैर राजनितिक आतंकवाद के उदहारण देखने को मिलते हैं.

आतंकवादी हमेशा नए-नए तरीकों की तलाश करते हैं, जिनके कारण अधिक से अधिक मात्रा में लोग मारे जाए, और उसमे भय उत्पन्न किया जा सके. इसी उद्देश्य की पूर्ति के लिए प्लेन हाईजेक करना, रेववे स्टेशन या ट्रेन में बम डालना, रेल की पटरियों को उखाड़ लेना.

आम नागरिकों या विद्यार्थियों को बंदी बना लेना, भीडभाड वाले स्थान को घेर लेना या उनमे घुसकर गोलीबारी करना आतंकवादियों के मुख्य हथियार (Main weapon of terrorists) होते हैं.

भारत में आतंकवाद और आतंकवादी घटनाएं (Terrorism and terrorist incidents in India)

यु तो हर दिन विश्व के किसी न किसी देश में छोटी-बड़ी आतंकवादी घटनाएँ घटित होती रहती हैं. मगर इनमे भारत आतंकवाद की समस्या से सबसे अधिक त्रस्त राष्ट्र हैं.

पिछले कुछ ही वर्षो से देश के जम्मू कश्मीर और अन्य हिस्सों में आतंकवादी घटनाएँ निरंतर बढ़ी हैं. 80 के दशक में भारत में आतंकवाद की शुरुआत पंजाब में खालिस्तान की मांग से शुरू हुई थी,

भारत में आतंकवाद के इतिहास में सबसे बड़ा एंटी टेरिरिज्म ऑपरेशन ब्लू स्टार (Operation Blue Star) था. 1984 में तत्कालीन प्रधानमन्त्री श्रीमती इंदिरा गाँधी ने पंजाब के प्रसिद्ध स्वर्ण मन्दिर पर सैनिको को गोलियाँ बरसाने का आदेश दिया था.

इसके ठीक १० साल बाद 12 मार्च 1993 में मुंबई में हुई सिलसिले वार बम धमाकों में 250 से अधिक आम नागरिक मारे गये थे.

इसके पश्चात 13 दिसम्बर 2001 को भारत के लोकतंत्र पर आतंवादियों द्वारा सीधा हमला किया गया. संसद पर हुए इस हमले में ९ सुरक्षाकर्मियो सहित कुछ निर्वाचित सदस्य भी मारे गये थे.

इसके पश्चात वाराणसी , मुंबई और भारत पाक के बिच चलने वाली रेल में भयंकर आतंकी हमले हुए, जिनमे सैकड़ो लोगो ने अपनी जान गवाई थी.

भारत में आतंकवादी हमले (Terrorist attacks in India)

विगत महीनों में हुआ उरी आतंकी हमला जिनमे कई सुरक्षा सैनिक मारे गये थे, इसके अलावा जम्मू कश्मीर और एलओसी पर आए दिन चिट-पिट आतंकी घटनाएं और घुसपेट की घटनाए आए दिन सुनने को मिलती हैं.

वैसे तो हमेशा से आतंकवादियो ने जम्मू कश्मीर को अपना निशाना बनाया है, भारत के इस राज्य में आतंकवाद की शुरुआत (The beginning of terrorism) 1947 से ही हो गई थी. जो आज तक जारी हैं.

इस आतंकवाद को हमारा पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान हमेशा से आश्रय देता आया हैं. 1990 आते-आते आतंकवाद न सिर्फ भारत की बल्कि समूचे विश्व की समस्या के रूप में सामने आया. मुख्य रूप से इस्लाम कट्टरपंथी पाकिस्तान समर्पित आतंकवाद ही इस सम्पूर्ण समस्या की जड़ हैं.

आज के समय में छतीसगढ़ सहित पश्चिम बंगाल में नक्सलवाद पूर्ण रूप से आतंकवाद का स्वरूप ले चूका हैं. आरम्भ में नक्सलवाद ने अपने हक़ और अधिकारों के लिए एक विद्रोह शुरू किया था.

जो कालांतर में एक हिंसक विद्रोह का रूप ले चूका हैं. साथ ही इन संगठनो द्वारा हिंसा का रास्ता चुन लिए जाने के कारण नक्सलवाद का स्वरूप आतंकवाद के समरूप हो चूका हैं.

पश्चिम बंगाल से शुरू हुई नक्सलवाद की समस्या आज उड़ीसा, बिहार, झारखंड, आंध्रप्रदेश और उत्तरप्रदेश सहित देश के अन्य भागों में फ़ैल चुकी हैं.

आतंकवाद के कारण और प्रभाव (Due to terrorism and influence)

आरम्भिक वर्षो में आतंकवाद ने राजनितिक स्वार्थ के लिए धर्म को आधार बनाकर सता प्राप्ति का रास्ता चुना था. दूसरी तरफ नक्सलवाद की उत्पति/इसके जन्म का कारण मुख्य रूप से सामाजिक हैं. जिनमे अत्यंत गरीबी और अशिक्षा इसके मूल कारण हैं.

यही वजह हैं कि कम शिक्षित क्षेत्रों में आतंकवादी संगठनो द्वारा लोगों को धर्म के झासे में फसाकर इस प्रकार के संगठनो से जोड़ दिया जाता हैं. थोड़े से लाभ के लिए ये लोग आतंकवाद के लिए प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से कार्य करते हैं.

यदि हम वैश्विक या भारतीय परिप्रेक्ष्य (Indian perspective) में पिछले 10 वर्षो में लोगों की मृत्यु की घटनाओं (Incidence of death) को देखे तो किसी भी प्राकृतिक आपदा से अधिक लोग आतंकवाद के शिकार हुए हैं.

इनके कुकृत्यो से मारे जा चुके हैं. बहुत सारे ऐसे परिवार हैं, जो आतंकवाद के कारण अपना पूरा परिवार या परिवार के किसी सदस्य को खो चुके हैं.

दूसरी तरफ लाखों की संख्या में ऐसे दिव्यांग (Divyang) मिल जाएगे, जिन्होंने आतंकवाद घटनाओं में अपने अंगो को खो दिया हैंजिनका दंश वो आज भी भोग रहे हैं.

यदि हम आतंकवाद की रोकथाम (Terrorism Prevention) इस समस्या के समाधान के पहलुओ को जानना चाहे तो मुख्य रूप से शिक्षा और रोजगार का बड़ा मसला हैं.

पिछड़े इलाकों में नवयुवक शिक्षा की कमी और रोजगार की अनुपलब्धता के कारण धार्मिक कट्टरपंथी (Religious fanatics) लोगों के लालच या बहकावे में आकर आतंकवाद का दामन थाम लेते हैं.

दूसरी तरफ नक्सलवाद (racism) भी किसी तरह आतंकवाद से कम नही हैं, सरकार को चाहिए कि वह उन लोगों की मागों को पूरा करे, जिसके लिए उन्होंने हथियार उठाएँ हैं.

समाधान (Solution)

जम्मू कश्मीर में आतंकवाद का सबसे खतरनाक रूप देखने को मिलता हैं. जिसकी मुख्य वजह पाकिस्तानी घुसपैठ भी हैं.

हाल ही के वर्षो में भारत सरकार ने एलओसी को पूर्ण रूप से अभेद्द बनाए जाने के प्रयासों को ओर तेज कर राज्य की आंतरिक प्रशासन व्यवस्था को सुधारे जाने की सख्त आवश्यकता हैं. जो बेहद निम्न स्तर की रही हैं.

यह भी हो सकता हैं, कि पाकिस्तान भले ही हमारा दुश्मन मुल्क हैं. आतंकवाद को प्रश्रय देने का कार्य भी मूल रूप से पाकिस्तान का भी, इसका खामियाजा उन्हें भी हर रोज भुगतना पड़ता हैं. अत: इस विषय पर दोनों देशों के राजनयिकों (Diplomats) को बैठकर कोई बिच का रास्ता निकालना चाहिए.

चूँकि आतंकवाद एक अंतराष्ट्रीय समस्या हैं. इसलिए इसका समाधान प्रभावित देशों के सदस्यों के साथ बैठकर भी कोई हल निकाला जा सकता हैं. जिनमे सयुक्त राष्ट्र संघ, अंतराष्ट्रीय न्यायालय जैसे सगठन महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर सकते हैं.

आतंकवाद पर निबंध 5

आतंकवाद एक ऐसी समस्या हैं जिसका भारत में हम कई दशकों से सामना कर रहे हैं. आज आतंकवाद एक ऐसी समस्या माना जाता हैं. जो न केवल राष्ट्रिय बल्कि अंतराष्ट्रीय राजनीती को भी अस्थिर कर सकती हैं.

जिन कारको ने आतंकवाद को कट्टरपंथीयों द्वारा अवांछित लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए इसे महत्वपूर्ण हथियार बनाया. वे हैं.

उद्देश्य में दृढ विशवास, कट्टरता, अपने सरगनाओं के प्रति निष्ठा, हिंसात्मक आदर्शवाद आदर्शवाद आत्म बलिदान की इच्छा तथा विदेशो से मिलती वित्तीय सहायता आदि.

आतंकवाद क्या हैं ?- आतंकवाद एक हिंसक व्यवहार हैं जो समाज या उसके बड़े भाग में राजनितिक उद्देश्यों से भय पैदा करने के उद्देश्य से किया जाता हैं. यह राज्य या समाज के विरुद्ध होता हैं.

यह अवैध और गैर क़ानूनी होता हैं. यह न केवल निशाना बनाया जाने वाले व्यक्ति आपितु सामान्य व्यक्तियों को डराने और बेबसी व लाचारी की भावना पैदा करता हैं.

आतंकवाद के उद्देश्य- आतंकवादियो का मुख्य उद्देश्य अपनी विचारधारा का प्रचार करना हैं. इस प्रक्रिया में यह विचार जन-समर्थन प्राप्त करना चाहता हैं. वह शासन की सैन्य शक्ति व मनो वैज्ञानिक शक्ति को विघटित करना चाहता हैं.

आतंकवाद किसी भी देश/क्षेत्र की आंतरिक स्थिरता तोड़ना और उसके सतत विकास को रोकना चाहता हैं. वह अपने विचार रूपी आन्दोलन को बढ़ाना चाहता हैं.

इस आन्दोलन की रूकावट चाहे वो व्यक्ति हो या सस्था उसे हटाने की कोशिश करता हैं. यह शासन को प्रतिक्रिया दिखाने के लिए उकसाता हैं.

भारत में आतंकवाद समस्या & हमले

” अहिंसा परमोधर्म: तथा “वसुधैव कुटुम्बकम” जैसे महामानवता वादी सिद्दांत वाले हमारे देश भारत में पिछले अनेक वर्षो से साम्प्रदायिक हिंसा तथा आतंकवाद विकराल समस्या बनी हुई हैं. बंगाल में नक्सलियों द्वारा की गईं हिंसा आगे जाकर पंजाब में खालिस्तान बनाने की मांग के चलते असंख्य बेगुनाहों का रक्तपात हुआ.

आज देश में जम्मू कश्मीर, असम, उत्तरप्रदेश, आंध्रप्रदेश, त्रिपुरा तथा उत्तर भारत के अनेक शहर आतंकवादियो के निशाने पर रहते हैं. बीते वर्षो में हमारी संसद पर किया गया आतंकवाद हमला एक प्रकार से हमारे सविधान तथा हमारे स्वाभिमान पर किया गया हमला था.

यदि समय रहते हमारे जवानों ने उन आतंकवादियों को काबू में न किया होता तो हम कल्पना कर सकते हैं, उसके कितने भयानक दुष्परिणाम हो सकते थे.

आतंकवाद का कारण

यह सच हैं कि बेकारी तथा बेरोजगारी के कारण परेशान युवाओं को धन का लालच देकर तथा धर्म के नाम पर उकसाने तथा आतंकवादी बनने का काम धार्मिक कट्टरपंथी संस्थाएँ करती रहती हैं.

ये संस्थाए अपने द्वारा प्रशिक्षित आतंकवादियों के माध्यम से देश में अस्थिरता का वातावरण बनाते रहते हैं. मुंबई, दिल्ली, जयपुर तथा अहमदाबाद में आतंकवादियो द्वारा “सीरियल ब्लास्ट” तथा “साइकिल बम ब्लास्ट” जैसी घटनाओं ने देश को झंकझोर कर रख दिया. इसलिए आज आतंकवाद के खिलाफ कठोरता से पेश आने की आवश्यकता हैं.

आतंकवाद को नियंत्रित करने के उपाय-

राष्ट्रीय समस्याओं पर आम सहमती तैयार की जानी चाहिए. न्याय व्यवस्था से सम्बन्धित सुधार करना, शासक और जनता में संवाद को बढ़ावा दिया जाना चाहिए,

पुलिस तथा सुरक्षा बलों को अत्याधुनिक हथियारों से लैस किया जाना चाहिए तथा शिक्षा एवं रोजगार की अच्छी व्यवस्था होनी चाहिए.

आतंकवादी जब अपने आत्मघाती हथियारों तथा बमों से लोगों के घर उजाड़ते हैं तब यही कहने को मन करता हैं कि,

‘लोग सारी उम्र लगा देते हैं एक घर बनाने में | उनको शर्म नही आती बस्तियाँ जलाने में || “

आतंकवाद के कारण और निवारण निबंध 6

What is Terrorism Problem, Causes, Type and solution in Hindi 

आतंक का शाब्दिक अर्थ होता है- भय,त्रास या अनिष्ट की पीड़ा. षडयंत्रपूर्वक क्रूरता  से नागरिकों को मारना, हमले करना, भय का वातावरण बनाना आतंकवाद कहलाता है.

आतंकवादी अमानवीय प्रवृति के कारण अतीव क्रूर एवं स्वार्थी होते है. इनमे असहनशीलता एवं उग्रता चरम मात्रा में भरी रहती है. इसी स्वभाव के कारण आतंकवादियों को उग्रवादी भी कहा जाता है.

हमारे देश भारत में यह आतंकवाद और उग्रवाद पड़ोसी देश पाकिस्तान द्वारा तथा कुछ विदेशी इस्लामिक कट्टरपंथियों द्वारा छद्म रूप में चलाया जा रहा है.

भारत में आतंकवाद (Terrorism in India)

भारत में यदपि पूर्वोतर सीमांत क्षेत्र पहले ही अलगाववादी प्रवृति से ग्रस्त रहा है, परन्तु कश्मीर को लेकर आतंकवाद का प्रारम्भ 1989 को हुआ. उस समय जम्मू कश्मीर लिबरेशन फ्रंट  के संगठन ने सशस्त्र अलगाववादी आंदोलन की शुरुआत की.

इससे कुछ कट्टरपंथी इस्लामी संगठन उभरे, जिन्होंने जेहाद के नाम पर आतंकवाद को बढ़ावा दिया ये सभी संगठन पाकिस्तान के समर्थक और और उसके सहयोग निर्देश पर काम करते है. पाकिस्तान में ही उन आतंकवादियों के प्रशिक्षण शिविर है.

और वही से उन्हें आर्थिक सहायता तथा विस्फोटक सामग्री उपलब्ध होती है पकिस्तान ये सारे काम पर्दे के पीछे करता है और विश्व मंच पर हो हल्ला करता है. कि मुस्लिम बहुल कश्मीरियों को आत्मनिर्णय का अधिकार दिया जाए तथा कश्मीर में आतंकवादी तो वास्तव में जेहादी लोग है.

इस प्रकार पिछले दो दशकों से भारत को इन आतंकवादियों का सामना करना पड़ रहा है.

पाकिस्तान समर्थित आतकंवादी समय समय पर भारत में नरसंहार करते रहे है. दिल्ली के लाल किले पर, फिर कश्मीर विधानसभा भवन पर, फिर 13 दिसम्बर 2001 को संसद भवन पर हमला,, बाद में गांधीनगर के अक्षरधाम पर, 2008 में मुंबई की ताज होटल, 2017 में उरी और पठानकोट पर जो आतकवादियों ने किया है.

वह राष्ट्र की आत्मा के लिए एक चुनौती है. कश्मीर में प्रतिदिन कही न कही पर सैनिकों के साथ आतंकवादियों की झड़पें होती रहती है. और अब तक भाड़े के हजारों आतंकवादी मारे जा चुके है.

पाकिस्तान एक प्रकार से आतंकवादी देश है जो सदा ही आतंकवादियों को तैयार करता रहा है. कश्मीर को हथियानें के लिए वह अनेक कुचालें चल रहा है.

जिनमे आतंकवादियों को हर जगह की सहायता में विशेष रूचि दिखाता है. उसके द्वारा भेजे गये भाड़े के आतंकवादी मानवता की चिंता न कर निरपराध जनता को मार डालते है.

इससे जम्मू कश्मीर से अल्पसंख्यकों का पलायन हो चूका है. और कई वर्षों से लोग जम्मू तथा दिल्ली में शरण लेकर रहने को मजबूर है.

आतंकवाद का दुष्परिणाम (Causes and solution of Terrorism Problem in Hindi)

आतंकवाद वस्तुतः अब कुटनीतिक इशारों पर छदम युद्ध का रूप धारण करने लगा है. जिसका दुष्परिणाम यह है कि भारत को अपनी सम्पूर्ण पश्चिमी सीमा पर सेना तैनात करनी पड़ रही है.

हमारा भारत देश अभी तक विश्व समुदाय का ध्यान रख रहा है, लेकिन जब से भारतीय संसद तथा कश्मीर विधानसभा पर आतंकवादियों ने जो आत्मघाती हमला किया है.

तब से उसकी दुससाहसी प्रवृति भारत की प्रभुसता के लिए एक खतरा बन गई हाई. इस चुनौती के कारण भारत की सीमाओं पर सैन्य बन तैनात है तथा प्रतिदिन आतंकवादियों से डटकर सामना कर रहे है, जिससे आतंकवादी उग्रवादी मारे एवं पकड़े जा रहे है.

इस तरह हमारे देश में बढ़ रहे आतंकवाद का नामोनिशान मिटाने की जरुरत है. भारत सरकार इस दिशा में गंभीरता से प्रयास कर रही . तथा हमारी सेनाएँ प्रत्येक चुनोती का उचित जवाब दे रही है.

परन्तु जम्मू कश्मीर के निवासियों की तथा देश की काफी आर्थिक हानि हो रही है. अतएवं आतंकवाद के विषदंत को जड़ से उखाड़कर इसके प्रायोजक पाकिस्तान को दंड देने से इस समस्या से मुक्ति मिल सकती है.

7# आतंकवाद पर निबंध | Essay On Terrorism In Hindi

आतंकवाद का अर्थ क्या है इतिहास, वैश्विक परिदृश्य, प्रकृति व भारत पर प्रभाव | What Is Terrorism In Hindi

एक हम एक बेहद खतरनाक समस्या से गुजर रहे हैं वह है  आतंकवाद – Terrorism  यह किसी एक देश की समस्या न होकर सम्पूर्ण वैश्विक समाज के लिए संकट बनकर उभर रहा हैं. विश्व समुदाय अभी तक आतंकवाद की परिभाषा व उसका अर्थ भी समझ नहीं पाया हैं.

आतंकवाद मूलतः एक विखंडनकारी प्रवृति है जिसका अन्य विखंडनकारी प्रवृत्तियों के साथ गहरा संबंध हैं. यह कोई राजनीतिक अवधारणा नहीं है,

किसी न किसी रूप में यह प्राचीन काल से लेकर अब तक सभी राजनीतिक व्यवस्थाओं में विद्यमान रही हैं. आतंकवाद, साम्प्रदायिकतावाद और पृथकवाद एक दूसरे से अभिन्न रूप से जुड़े हुए हैं.

आतंकवाद ने विश्व शांति को सर्वाधिक नुक्सान पहुचाया हैं. भारत आतंकवाद से सर्वाधिक प्रभावित होने वाले देशों में से एक हैं. आतंकवाद को परिभाषित करना अत्यंत दुष्कर कार्य हैं.

एक दृष्टिकोण की मान्यता है कि किसी एक के विचार में जो आतंकवादी है वह दूसरे के विचार में स्वतंत्रता सेनानी भी हो सकता हैं.

वर्तमान विश्व में आतंकवाद धार्मिक व जातीय आधार पर ही जिन्दा हैं. विश्व में इस्लामिक आतंकवाद आज सबसे गंभीर समस्या हैं.

आतंकवाद का अर्थ क्या है (What Is Terrorism In Hindi)

terror का लेटिन भाषा में अर्थ है to make tremble किसी को भय से कंपकपाने को मजबूर करना. ओ दिमेरस ने लिखा है कि आतंकवाद एक विभ्रम हैं.

यह मनोवैज्ञानिक हमला हैं. इसका लक्ष्य मनौवैज्ञानिक परिणाम प्राप्त करना होता हैं. हिंसा की नाटकीय प्रस्तुती और उन्नति व प्रसिद्ध आतंकवाद की मुख्य प्रकृति हैं.

सामान्य अर्थ में किसी भी तरह से भय उत्पन्न करने की विधि को आतंकवाद की संज्ञा दी जा सकती हैं. जब एक व्यक्ति या समूह उचित मांगों की पूर्ति के लिए शान्तिपूर्वक, अहिंसात्मक ढंग से सकारात्मक प्रयास करता है तो उसे आंदोलन कहा जाता हैं.

आंदोलन लोकतंत्रात्मक व्यवस्था की अपरिहार्य प्रक्रिया कही जा सकती हैं. इसके विपरीत व्यक्ति या व्यक्ति समूह जब अपनी अनुचित मांगों की पूर्ति के लिए व्यापक स्तर पर हिंसा व अशांति पर आधारित नकारात्मक प्रयत्न करता है तो उसे आतंकवाद कहा जाता हैं.

आतंकवाद को आमतौर पर धार्मिक, जातीय, क्षेत्रीय, नस्लीय आधार पर समर्थन मिलता हैं. किन्तु यह अलोकतांत्रिक होने के कारण व्यापक स्तर पर लोकतांत्रिक व्यवस्थाओं में समर्थन प्राप्त करने में असफल रहता हैं. आतंक के प्रयोग से तात्पर्य है- भय पैदा करना.

सभी निरंकुश समाजों की स्थापना भय पर आधारित थी. आधुनिक युग में तथाकथित अधिनायकवादी शासन का मूल आधार भय ही हैं. शांतिकाल में युद्ध जैसी हिंसा के घोषित रूप में आतंक की तलवार सदैव उन पर मंडराती रहती हैं. जो विद्रोह करने की सोचते हैं.

आतंकवादियों का मुख्य लक्ष्य वर्तमान पर विधिसंगत शासन को अपदस्थ कर सत्ता हथियाना होता हैं. आतंकवाद विश्व की सबसे खतरनाक हिंसक मनोवैज्ञानिक युद्ध प्रणाली हैं.

आतंकवाद एक तरह से संक्रामक बिमारी हैं. आतंकवाद के वास्तविक भौतिक प्रभाव से कहीं अधिक इसका मनोवैज्ञानिक प्रभाव हैं.

शीतयुद्ध की समाप्ति के पश्चात विश्व के लिए आतंकवाद सबसे बड़ा खतरा बन गया हैं. आतंकवाद उन नवीन संस्कारों में शामिल हैं. जिससे आण्विक, जैविक व रासायनिक हथियारों के प्रयोग व सामूहिक विनाश की आशंका बनी हुई हैं.

व्यवहार में आतंकवाद कई बार गरीब का शक्तिशाली के विरुद्ध हथियार बन जाता हैं तो कभी धर्म की सत्ता व धर्म की रक्षा का हथियार.

आतंकवाद का इतिहास (History Of Terrorism In Hindi)

सम्पूर्ण इतिहास में शक्ति को प्राप्त करने के लिए आतंक का बार बार प्रयोग हुआ हैं. सुरक्षा और स्वतंत्रता के लिए बल के सामने झुकना और स्थापित व्यवस्था को मजबूरन स्वीकारना हर युग में आम बात थी.

आतंक का प्रयोग सबसे पहले संभवतः उस समय हुआ होगा, जब शासन के लिए आदिम अवस्था में सजा देकर किसी को विशेष गतिविधि करने से रोका गया था.

प्रथम मेसोपोटामिया का साम्राज्य अक्कड़ के सारगोन पूर्णतया डरा धमकाकर ही स्थापित किया गया था. प्रथम सैनिक साम्राज्य अनसिरियाई ने अपने विरोधियों की इच्छा शक्ति और साहस को तोड़ने के लिए क्रूर, भयानक तरीको का प्रयोग किया गया था.

सम्पूर्ण इतिहास में निरंकुश समाजों में आतंक का प्रयोग लोगों को मजबूरन दासत्व व अधीनता स्वीकार करवाने के लिए हथियार के रूप में होता रहा हैं.

सदियों से आतंक का साया मानवता पर मंडराता रहा हैं. राज्य का आतंक चाहे गुप्त रूप से अथवा खुले रूप से हो हमेशा सामूहिक हत्या के लिए प्रयोग किया गया था.

मंगोलों और तैमूर लंग ने केवल आतंक या भय का प्रयोग कर बड़े बड़े शहरों को घुटने टेकने को मजबूर कर दिया था.

यह सदैव अलग अलग स्वरूप में विद्यमान रहा था. समय काल और स्थान के अनुसार इसके तरीकों और प्रकृति में जरुर अंतर रहा होगा, लेकिन आतंक सर्वत्र व्याप्त था.

प्रथम शताब्दी के यहूदी उग्रपंथियों से लेकर 11 वीं से 13 वीं शताब्दियों के इस्माइली एसेसिन हत्यारों को इस श्रेणी में गिना जा सकता हैं.

आतंकवाद की धर्म से सम्बद्धता हर कालखंड रही में रही हैं. वर्तमान समय में आतंकवाद का धार्मिक आयाम इसे जरुर विशिष्ट बनाता हैं. वास्तव में धार्मिक आतंकवाद भी नया नहीं हैं. आधुनिक युग में आतंकवाद ने गुरिल्ला युद्ध को भी पीछे छोड़ दिया हैं.

आतंकवाद का वैश्विक परिदृश्य (World Prespective Of Terrorism Hindi)

9/11 की घटना में अचानक आतंकवाद को पुनः महत्वपूर्ण बना दिया. वस्तुतः तालिबानी स्वरूप पिछली शताब्दी के अंतिम दो दशकों में सक्रिय था,

किन्तु अमेरिका ने उन्हें महिमामंडित किया और योद्धा और जन मुक्ति दाता कहा, उल्लेखनीय है कि यही रवैया पाकिस्तान का कश्मीर के आतंकवादियों के प्रति रहा हैं.

वे उन्हें स्वतंत्रता सेनानी की संज्ञा देकर अपने राजनीतिक मंसूबों को साधना चाहता हैं. धार्मिक आधार पर सहानुभूति प्रदर्शित कर वह राजनीतिक रोटियाँ सेक रहा है.

आतंकवाद प्रतिक्रियावादी व आत्मघाती दोनों प्रभाव रखता हैं. आज पाकिस्तान जो आतंकवाद का मुख्य पोषक देश है स्वयं आतंकवाद से जूझ रहा हैं.

एक देश ने अपने विरोधी देश के खिलाफ रणनीति के बतौर आतंकवाद का खूब सहारा लिया हैं. अमेरिका ने तालिबान रुपी दैत्य को पूर्व सोवियत संघ के विरोध में उत्पन्न किया. किन्तु दो दशक बाद वह दैत्य उसके विरुद्ध हो गया. ईराक को पनपाना तालिबान को पनपाना, अमेरिकी राज्य रणनीति का हिस्सा था.

स्वयं अमेरिका ने 9/11 के बाद युद्ध को नया नाम आतंकवाद के खिलाफ कार्यवाही देकर ईराक और अफगानिस्तान की संप्रभुता पर हमला किया.

अमेरिका और उसके सहयोगिनी का मानना है कि किसी भी किस्म के विध्वंसक हथियार रखना और उसके जरिये हिंसक कार्यवाही करना आतंकवाद हैं. इसी नजरिये से आतंकी संगठनों और उनके पनाह देने वाले राष्ट्रों को चिन्हित किया जा रहा हैं.

वास्तव में आतंकवाद केवल हिंसा की तकनीक नहीं हैं. यह सिर्फ जान से मार देने की या आतंकित कर देने की कला नहीं हैं. अपितु विचारधारा हैं.

इसका शीतयुद्धकालीन अमेरिकी विदेश नीति से गहरा संबंध हैं. शीतयुद्ध वस्तुतः रक्तबीज हैं. इसे जितना मारोगे यह उतना ही विकराल रूप धारण करता जाएगा.

उपरी तौर पर शीतयुद्ध समाप्त हो गया परन्तु विचारधारा के तौर पर यह आज भी जिन्दा हैं. मौजूदा ISIS तालिबान और आतंकवाद का विश्वव्यापी स्वरूप उसका हिस्सा हैं.

इस स्वरूप का अपना तंत्र है और अपनी विचारधारा हैं. इसकी प्राणवायु बहुराष्ट्रीय कम्पनियां हैं. आतंकवाद अब कोई स्थानीय ढांचागत नही रहा हैं.

इसके प्रभाव को सीमा में नहीं बाँधा जा सकता हैं. इसका मौजूदा वैविध्य पूर्ण रूप इसे पूरी तरह विश्वव्यापी ढांचागत संरचना बनाता हैं. आतंकवाद अत्याधुनिक हथियारों और विदेशी धन के सहारे फलफूल रहा हैं.

तालिबान, अलकायदा, लिट्टे, खालिस्तान, कमांडो फोर्स आद्रेन, रोबर्ती द आब्यूस्सोन, फलांगा आदि दर्जनों आतंकी संगठनों के बहुराष्ट्रीय कम्पनियों से संबंध रहे हैं.

यह कम्पनियां दो प्रकार की है नशीले पदार्थों की तस्करी करने वाली व दूसरी हथियारों का निर्माण करने वाली. आतंकवाद की यह रणनीति रही है कि हिंसा के माध्यम से सुनियोजित ढंग से आम जनता में दहशत पैदा की जाए. सत्ता की प्रतिक्रियाओं में लाभ उठाया जाए और अपनी मांगों को उभारा जाए.

बी क्रोजियर में ए थ्योरी ऑफ़ कान्फ्लिक्ट में रेखांकित किया गया है कि आतंक और हिंसा कमजोरों का अस्त्र है. ये लोग संख्या में कम होते है और सत्ताहीन होते है, ये ऐसे लोग है जो परम्परागत ढंग से सत्ता प्राप्ति करने में असमर्थ होते हैं.

धर्मान्धता और आतंकवाद (Fanaticism & Terrorism Problem)

आतंकवाद को धर्म से सम्बद्ध मानने की प्रवृत्ति काफी दिनों से विवाद का विषय रही हैं. यह एक गंभीर प्रश्न है कि आतंकवाद को किसी धर्म विशेष से जोड़ा जाए या नहीं. यह मानना है कि धर्म के अनुयायी आतंकवाद को प्रश्रय देते है. यह बिलकुल असत्य और निराधार हैं.

पश्चिमी देशों के आतंकवाद के विश्लेषकों ने माना कि कुछ देशों में धर्म विशेष का हिंसक उत्परिवर्तन काफी गम्भीर विषय हैं. जो विगत 25-30 वर्षों में एक शक्तिशाली प्रवृति व घटना के रूप में उभरा हैं.

आतंकवादियों में किसी एक गुट विशेष के प्रति समर्पण का भाव न होकर एक समुदाय विशेष के प्रति समर्पण भाव रखना एक नकारात्मक प्रवृति हैं.

जो एक स्वस्थ लोकतांत्रिक समाज के लिए हितकारी नहीं होता हैं. आत्म बलिदान और असीमित बर्बरता, ब्लैकमेल, जबरन धन वसूली और निर्मम न्रशंस हत्याएं करना ऐसे आतंकवाद की विशेषता बन गई हैं. जम्मू कश्मीर में आतंकवाद पूर्णतया पृथकतावादी श्रेणी में आता हैं.

पाकिस्तान में वर्ष 2014 में स्कूल में घुसकर मासूम बच्चों पर अंधाधुंध गोलीबारी कर 132 बच्चों की हत्या आतंकवाद का वास्तविक भयानक चेहरा प्रस्तुत करता हैं.

खून से भीगे बस्ते, पानी की बोतले, जूते, खाने के टिफिन बताते है कि आतंकवाद मूलतः मानवता के विरुद्ध अपराध हैं.

आतंकवाद की प्रकृति (Nature Of Terrorism)

इसमें मुख्य रूप से तीन पात्र होते हैं.

  • आतंकवादी गुट

आम जनता अन्य देशों की सरकार व आतंकवादी गुट इसके दर्शक होते हैं.

भारत में आतंकवाद (Terrorism Problem In India)

आतंकवाद कोई नई प्रवृत्ति नहीं हैं. जिसका रातोरात आधुनिक युग में अवतरण हुआ हो. भारत के सम्पूर्ण इतिहास में शक्ति को प्राप्त करने के लिए आंतक का बार बार प्रयोग हुआ हैं.

भारत में पिछली सदी के दो दशकों के पंजाब के आतंकवाद, जम्मू और कश्मीर के आतंकवाद व वर्तमान में विभिन्न भारतीय राज्यों में सक्रिय नक्सलवाद और उत्तर पूर्व के विभिन्न राज्यों के उग्रवाद को आतंकवाद की परिभाषा में सम्मिलित किया जा सकता हैं.

भारत के जम्मू कश्मीर राज्य में कई स्थानीय आतंकी संगठनों के अतिरिक्त अन्य विदेशी आतंकी संगठन भी सक्रिय हैं. भारत में वर्ष 2016 तक कुल 38 आतंकवादी संगठनों को अनाधिकृत गतिविधि अधिनियम के तहत प्रतिबंधित किया जा चुका हैं.

भारत में आतंकवाद का स्वरूप (Nature Of Terrorism In India)

भारत में सक्रिय आतंकवादी संगठनों की प्रकृति एक जैसी नहीं हैं. यदपि सभी आतंकवादी संगठन हिंसा व भय पैदा करने के विभिन्न तरीको को अपने लक्ष्य की प्राप्ति के लिए प्रयोग जरुर करते हैं.

भारत में उत्तर पूर्वी राज्यों, विशेषतया सीमावर्ती राज्यों, जम्मू कश्मीर, असम, पंजाब, आंध्रप्रदेश, छतीसगढ़, झारखंड, उड़ीसा, बिहार, बंगाल व महाराष्ट्र आदि में आतंकवादी गुट सक्रिय हैं.

कश्मीर में आतंकवादी गुटों को धार्मिक कारणों से अधिक जनाधार प्राप्त हैं. उन्हें विदेशी पाकिस्तानी समर्थन भी भरपूर मात्रा में प्राप्त हैं. धन, हथियार, प्रशिक्षण, दुष्प्रचार व युवाओं में धार्मिक वैचारिक विकार पैदा करने में पाकिस्तान ने अहम भूमिका निभाई हैं.

मनोवैज्ञानिक रूप से विभिन्न हथकंडों का प्रयोग करते हुए कश्मीर के युवाओं में धर्मान्धता व कट्टरपन की भावना पैदा कर उन्हें मुख्य राष्ट्रीय धारा से विमुख करने में विदेशी समर्थन का बहुत बड़ा योगदान हैं. जिसने भारत के भौगोलिक, राजनीतिक एवं सामरिक हितों पर प्रतिकूल प्रभाव डाला हैं.

यदपि पिछली शताब्दी में सक्रिय पंजाब के आतंकवादियों का केन्द्रीय लक्ष्य पृथक राष्ट्र की मांग एक जैसी ही हैं. पंजाब, जम्मू कश्मीर में आतंकवाद पूर्णतया पृथकतावादी श्रेणी में आता हैं.

सभी आंतकी सगठनों की एक जैसी राजनीतिक सोच संभव नहीं हैं. पंजाब व जम्मू कश्मीर दोनों जगह आतंकवाद ने धार्मिक कट्टरवाद का सहारा लिया हैं.

पंजाब में आतंकवादियों ने हत्या के लिए निर्दोष नागरिकों को अपना निशाना बनाया वहीँ कश्मीर में आतंकवादियों ने सेना व अन्य सुरक्षा बलों को नुकसान पहुचाना अपना लक्ष्य बनाया हुआ हैं.

पंजाब में आतंकवाद के उस चरण में आतंकवादियों ने राज्य मशीनरी को निशाना बनाने की बजाय निर्दोष लोगों की हत्या की.

राज्य पुलिस बल उनका दूसरा लक्ष्य था. असम, मणिपुर, त्रिपुरा, नागालैंड में आतंकवादी गुटों का मुख्य निशाना समुदाय विशेष के लोग हैं. कभी कभी राज्य मशीनरी पर भी हमला बोला जाता हैं.

किन्तु आम तौर पर किसी समुदाय विशेष के लोगों पर ही हमलें होते रहे हैं. अतः इन राज्यों के आतंकवाद में समूह या जनजातीय ग्रुपों के बीच में हिंसक मुठभेडे या हमलें होते रहते हैं.

राज्य मशीनरी पर हमला करने का राजनीतिक तौर पर प्रत्यक्ष संबंध नहीं है किन्तु प्रछन्न पृथकतावादी गिरोहों से संबंध जरुर दिखाई देता हैं. मसलन पंजाब में खालिस्तानियों और नक्सली गुटों और आंध्रप्रदेश में पीपुल्सवार ग्रुप का लिट्टे से रिश्ता था.

इसी तरह प्रत्येक प्रान्त में ऐसे आतंकवादी गिरोह सक्रिय हैं जो प्रत्यक्ष विदेशी इशारों पर आतंकवाद की कार्यवाहियों में सक्रिय रहते हैं.

तात्पर्य यह है कि आतंकवादी गिरोहों का परिपेक्ष्य एक सा नहीं हैं. भारत में प्रमुख आतंकवादी घटना 12 मार्च 1993 को बम्बई में हुई जिसमें बम विस्फोटों में 317 निर्दोष लोगों की म्रत्यु हुई.

इस विध्वस्कारी घटना में अपराधी और तस्कर गिरोह कट्टरपंथियों और विदेशी एजेंसियों की भूमिका थी. मूलतः यह एक आतंकवादी कार्यवाही थी.

साम्प्रदायिकता, पृथक्तावाद और आतंकवाद एक ही सिक्के के दो पहलू हैं. इन तीनों में अन्तःक्रियाएं चलती रहती हैं. तात्पर्य यह है कि साम्प्रदायिकता के पृथकतावादी या आतंकवादी प्रवृति में रूपांतरण की संभावना हैं उसी तरह से पृथकतावाद से साम्प्रदायिकता और आतंकवाद में बदल जाने की संभावना बनी हैं.

इसी प्रकार आतंकवाद के साम्प्रदायिकता एवं पृथकतावादी रूप लेने की भी संभावना हैं. झारखंड, बिहार, उड़ीसा, मध्यप्रदेश व छतीसगढ़ में नक्सली आतंकी गिरोहों की आतंकवादी कार्यवाहियों से भिन्न होता हैं.

नक्सलवादी गिरोहों का पृथकतवाद केन्द्रीय लक्ष्य नहीं हैं. 14 फरवरी 2019 को जम्मू कश्मीर के पुलवामा में हुआ आतंकी हमला हाल ही के वर्षों में भारत में होने वाला सबसे बड़ा आतंकी हमला है जिसमें 44 CRPF के जवान शहीद हुए थे.

भारत के आतंकवाद प्रभावित राज्य (Terrorism Affected States Of India)

  • जम्मू कश्मीर
  • उत्तर और पश्चिमोत्तर भारत
  • पूर्वोत्तर भारत- असम, मेघालय, त्रिपुरा, अरुणाचल प्रदेश, मिजोरम, मणिपुर, नागालैंड
  • दक्षिण भारत- अरुणाचल प्रदेश, तमिलनाडु, कर्नाटक

आतंकवादियों की सामाजिक पृष्टभूमि (Social Background Of Terrorism)

भारत में आतंकवादी कार्यवाहियों में शामिल व्यक्ति की सामाजिक पृष्टभूमि अलग अलग रही हैं.

  • मध्य वर्ग और उच्च मध्य वर्ग के युवा
  • पंजाब, कश्मीर बंगाल के नक्सली, उत्तर पूर्वी राज्यों के आतंकी मोटे तौर पर इन्ही वर्गों से आते हैं.
  • धर्मांध गरीब तबके के विभ्रमित युवा.

आतंकवादी कार्यवाही के लक्ष्य (Objectives Of Terrorist Activities)

  • सुनिश्चित ढंग से कुछ प्रमुख केन्द्रों या संस्थानों पर हमला करना
  • आतंक और हिंसा की कार्यवाहियों की बढ़ चढ़कर जिम्मेवारी लेना
  • सत्ता से लाभ प्राप्त करना

पहला लक्ष्य कार्यनीतिक है दूसरा रणनीतिक है और तीसरा मील अभिसिप्त लक्ष्य हैं. कार्यनीतिक स्तर पर लोगों को डराना, धमकाना, आतंकित करना और हमला करना होता हैं. रणनीतिक चरण के अंतर्गत अतिनाटकीय ढंग से आतंक एवं हिंसा की कार्यवाही को सम्पन्न करना.

परिणामतः ज्यादा से ज्यादा माध्यमों का ध्यान खीचने में सफलता प्राप्त करना उनका लक्ष्य होता हैं. आतंकवादियों की कार्यनीति, रणनीति और लक्ष्य ये तीनों एक दूसरे से अंतरग्रंथित हैं.

आतंकवाद के मनोवैज्ञानिक तत्व (Psychological elements of terrorism)

आतंकवाद अपरिहार्य रूप से एक ऐसी रणनीति है जो मनोवैज्ञानिक प्रभाव पर आधारित होती हैं. इस रणनीति के तहत आतंकवादी दर्शकों को प्रभावित करते हैं. यहाँ दर्शक वे लोग है जो आतंकवादी कार्यवाही से भयग्रस्त हो जाते हैं.

  • कर्म द्वारा प्रचार
  • अस्त व्यस्तता व अराजकता उथल पुथल

आतंकवाद और मीडिया कवरेज (Terrorism and Media Coverage)

आतंकवाद और मीडिया कवरेज- तकनीकी के प्रयोग के कारण आतंक और हिंसा की कार्यवाही और भी आकर्षक दिखती हैं.

भारत में पंजाब और कश्मीर में आतंकवाद की प्रस्तुतियों में स्टीरियों टाइप छवि का प्रभुत्व रहा हैं. परिणामतः आतंकवादियों के प्रति तकनीकी माध्यमों के द्वारा घ्रणा के बजाय सहिष्णु भाव पैदा हुआ हैं.

इस तरह के मिडिया के कवरेज का समाज पर व्यापक प्रभाव पड़ता हैं. पहला आतंक हिंसा की गतिविधियों की रिपोर्टिंग को मिलने वाले महत्व अन्य को वैसी ही कार्यवाही को प्रेरित करती हैं. दूसरा कम या ज्यादा माध्यम कवरेज से यह संभव हैं. कि राज्य उत्पीड़न की कार्यवाहियां बढ़े.

यही स्थिति आतंकवाद पैदा करना चाहती हैं. इससे उन्हें अपने लक्ष्य के विस्तार में मदद मिलती हैं. तीसरा मीडिया कवरेज के द्वारा आम जनता के अंदर भावशून्य स्थिति पैदा हो जाती हैं. चौथा आतंकवादियों द्वारा अपह्रत या बंदी व्यक्ति के लिए मिडिया कवरेज से जान का खतरा पैदा हो सकता हैं.

आतंकवाद कुछ विशेष शैली प्रतीकों और बिम्बों का प्रयोग करते हैं. पंजाब के आतंकवादी दौर में मोटर साइकिल, मारुति वैन और ए के 47 आतंकवादियों का प्रतीक मानी जाती थी. डर का माहौल पैदा करना उनका मकसद होता हैं. इससे प्रशासनिक मशीनरी पंगु बन जाती हैं.

सेना व सुरक्षा बल लगातार काम करते हैं. जिससे उनकी कार्यक्षमता कम हो जाती हैं. राजनीतिक, धार्मिक, सामाजिक व आर्थिक कारणों से समाज की आतंकवाद के प्रति सहिष्णुता पैदा करना अत्यंत घातक हो जाती हैं.

आम जनता में भाव शून्यता से सहन करने की क्षमता बढ़ जाती हैं. वह आतंकी हिंसा को जीवन की सच्चाई के रूप में देखने लगती हैं.

सामान्य तौर पर आतंकवादी गिरोहों की कार्यवाही के दो मकसद होते हैं.

  • हिंसा के माध्यम से जनमाध्यमों का ध्यान आकर्षित करना.
  • भय और आतंक का माहौल पैदा करना.

इन दोनों तरीकों के जरिये आतंकवादी गिरोह अपनी मांगों को लोकप्रिय बनाने और राष्ट्रीय एजेंडे पर लाने में सफल हो जाते हैं. अपनी मांगों को पूरा कराने के लिए दवाब डालते हैं. अत्यधिक मीडिया कवरेज से आतंकवाद फलता फूलता हैं. आतंकवाद और जन माध्यमों का जटिल संबंध हैं.

और सशलिष्ट प्रक्रिया से यह सम्बन्ध विकसित होता हैं. अब यह सामान्य धारणा बन चुकी हैं कि किसी आतंकवादी घटना को मीडिया द्वारा अधिक कवरेज देने से इसका दुष्प्रचार होता हैं. जो राज्य के हितो का विरोधी हैं.

आतंकवादी घटना के अत्यधिक मिडिया कवरेज का दुष्प्रभाव (Repurcussions Of Over Reporting Of Terrorist Activity By Media)

  • यह विभिन्न आतंकवादी गुटों का निर्माण के लिए उत्प्रेरित करता हैं.
  • धार्मिक व साम्प्रदायिक कारणों से आतंकवादियों को सस्ती लोकप्रियता हासिल होने की संभावना निहित हैं.
  • विभिन्न गुटों में प्रतिस्पर्धा उत्पन्न होने पर बढत व पहलकदमी हासिल करने की होड़ उत्पन्न करना.
  • आतंकवादी गिरोहों द्वारा मिडिया कवरेज करने वाले चैनल्स पर नियंत्रण स्थापित करने की आशंका बनना.
  • प्रशासनिक मशीनरी की कार्य कुशलता पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ना.

यह माना जाता है कि आतंकवाद एक तरह से संक्रामक बिमारी हैं. जाने अनजाने माध्यमों से आतंक एवं हिंसा को प्रोत्साहित किया जाता हैं. घटनाओं की एक जैसी पुनरावृत्ति और बार बार कवरेज पुनः हिंसा और आतंक को जन्म देता हैं. आतंकवादी गिरोहों का सहज रूप से अपनी राजनीतिक मांगों के लिए मंच मिल जाता हैं. परिणामतः इससे आतंकवाद बढ़ता हैं.

आतंकवाद की सफलता- आतंकवादियों का मुख्य लक्ष्य वर्तमान या विधिसंगत शासन को अपदस्थ कर सत्ता हथियाना होता हैं. यह रणनीति मुख्यतः विद्रोही व बलवाई आतंकवादियों द्वारा अपनाई जाती हैं.

यदि हमें आतंकवादियों के सफलता के परिणामों को देख पाते है कि केवल उपनिवेशवादी विरोधी गुटों को पूरी तरह सफलता प्राप्त हो सकी उनमें मुख्य हैं.

20 वीं व 21 वीं शताब्दी के अधिकांश आतंकवादी गुट अपने मंसूबों को पूरा करने में पूरी तरह से असफल रहे हैं. भारत में पंजाब के आतंकी पूरी तरह असफल हुए.

LTTE जैसा दुर्दांत आतंकवादी संगठन श्रीलंका में अन्तः असफल ही हुआ. आईएसआई एस ISIS वोकोहरम, तालिबान, जैश ए मोहम्मद व अन्य मुस्लिम आतंकवादी संगठन अभी तक राजनीतिक रूप से असफल ही रहे हैं.

पूर्व सोवियत संघ के विद्वान् यूरी त्रिफोनाव ने लिखा है कि आतंकवाद का विश्व स्तर पर पतन हुआ हैं. रंगमंच खून से तर बतर और चरित्र म्रत्यु हैं. डेविड फ्रामकिन ने लिखा है कि हिंसा आतंकवाद का प्रारम्भ है इसका परिणाम है इसका अंत.

ब्रेनाजिन किंस ने लिखा है कि आतंकवादी चाहते है कि बहुत सारे लोग देखे और सारे लोग सुने न कि बहुत सारे लोग मरे.

आज भी आतंकवाद विश्व शांति और सुरक्षा के लिए गम्भीर चुनौती बना हुआ हैं. विश्व के समस्त देश जब तक एकजुट होकर इस दैत्य का मुकाबला नहीं करते तब तक यह समस्या समाप्त नहीं होगी.

भारत में भी आतंकवाद आधे से अधिक राज्यों को प्रभावित कर रहा हैं. शासन को आने वाले समय में आतंकवाद से निपटने के लिए कड़े कदम उठाने होंगे.

आतंकवाद क्या है?

वर्तमान में विश्व शान्ति के लिए सबसे बड़ा खतरा क्या हैं, भारत पर अब तक का सबसे बड़ा आतंकी हमला कौनसा था.

  • जम्मू कश्मीर का भारत में विलय व विवाद
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आशा करता हूँ दोस्तों आतंकवाद पर निबंध Essay On Terrorism In Hindi   का यह लेख आपकों पसंद आया होगा. यदि आपकों यह निबंध पसंद आया  हो तो अपने दोस्तों के साथ जरुर शेयर करे.

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Last updated on October 29, 2022 by ClearIAS Team

terrorism

Defining terrorism is a tedious and confusing task as there is a lack of consensus at the international level. However several efforts have been made in this regard.

Table of Contents

Defining Terrorism

An agreed, comprehensive definition of terrorism has never been created by the international community. The United Nations’ attempts to define the term during the 1970s and 1980s failed mostly because of disagreements among its members over the use of violence in conflicts over self-determination and national liberation. Due to these differences, a conclusion cannot be reached.

According to the FBI: “Terrorism is the unlawful use of force or violence against persons or property to intimidate or coerce a government, the civilian population, or any segment thereof, in furtherance of political or social objectives.”

Causes of Terrorism

There are many causes for terrorism such as:

Political causes

Insurgency and guerrilla warfare, a type of organized conflict, were the contexts in which terrorism was first theorized. A non-state army or organization committing political violence. Because they dislike the current system, they pick terrorism. They oppose the current social structure and wish to change it.

Religious reasons

In the 1990s, experts started to claim that a brand-new sort of terrorism propelled by religious zeal was on the increase. They cited groups like Al Qaeda, the Japanese cult Aum Shinrikyo, and Christian identity movements. Religious concepts like martyrdom were viewed as especially hazardous.

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Socio-Economic

According to socio-economic theories, persons who experience different types of deprivation are more likely to turn to terrorism or are more open to being recruited by groups that use terrorist tactics. Lack of political freedom, lack of access to education, and poverty are a few examples.

Types of Terrorism

The following are the various types of terrorism.

Ethno-Nationalist Terrorism

According to Daniel Byman, ethnic terrorism is the premeditated use of violence by a subnational ethnic group to further its cause. Such violence typically aims at either the establishment of a separate State or elevating one ethnic group above another.

Activities by Tamil nationalist groups in Srilanka are an example of Ethno-Nationalist terrorism.

Hoffman claims that those who engage in terrorism who are either wholly or partially driven by religious imperative view violence as a sacramental or heavenly responsibility. Religious terrorism is more destructive in nature because it adopts different justifications and modes of legitimization than other terrorist organizations.

Ideology oriented

Several ideologies have been used to legitimize terrorism. They include:

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Left-Wing Extremism

The idea focuses on overthrowing the state through an armed struggle and establishing a communist state.

Right Wing Terrorism

Right-wing organizations typically aim to preserve the status quo or go back to a scenario from the past that they believe should have been preserved.

They might compel the government to seize a piece of land or to step in to defend the rights of a minority that is being “oppressed” in a neighboring nation.

State Sponsored Terrorism

State-sponsored terrorism and proxy war are as old as organized warfare itself. According to Walter Laqueur, these customs were in place in antiquity in the Eastern Empires, Rome and Byzantium, Asia, and Europe.

Impacts of Terrorism

It seriously jeopardizes global peace and security and undercuts the fundamental principles of growth, peace, and humanity. Terrorist activities not only have a catastrophic human cost in terms of lives lost or permanently changed, but they also endanger political stability and economic and social advancement.

Often, terrorist attacks disregard international boundaries.CBRNE (Chemical, Biological, Radiological, Nuclear, and Explosives) materials are used in terrorist attacks that have devastating effects on infrastructure and communities.

Measures To Counter Terrorism

  • The United Nations Office of Counter-Terrorism (UNOCT) is responsible for leading and coordinating the UN system’s efforts to prevent and combat terrorism and violent extremism worldwide.
  • Under UNOCT, the UN Counter-Terrorism Centre (UNCCT) encourages global collaboration in the fight against terrorism and assists the Member States in putting the Global Counter-Terrorism Strategy into practice.
  • The United Nations Office on Drugs and Crime’s (UNODC) Terrorism Prevention Branch (TPB) is a key player in global efforts.
  • International standards are established by the Financial Action Task Force (FATF) , a global organization that monitors money laundering and terrorist funding with the goal of preventing these illicit actions and the harm they do to society.

A combined effort at the international level is the need of the hour to tackle the perils of terrorism. Terrorism of any form is unacceptable in a civilized society.

Article written by: Vivek Rajasekharan

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OAS Topper 2017 (Rank-2) Sanjita Mohapatra, shares her success story

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India’s contribution to the U.N. Counter-Terrorism Trust Fund

Syllabus - internal security [gs paper-3].

India’s contribution to the U.N. Counter-Terrorism Trust Fund UPSC

India has recently contributed $500,000 to the U.N. Counter-Terrorism Trust Fund, underscoring commitment to support the global fight against the terrorism.

With its current contribution, India’s cumulative financial support to the trust fund now stands at $2.55 million.

Key Highlights

  • India’s contribution would assist UNOCT’s global programmes — specially Countering Financing of Terrorism (CFT) and Countering Terrorist Travel Programme (CTTP) .
  • They are aimed to combat the financing of terrorism and prevent the movement of terrorists in Africa.
  • Addressing the difficulty of the growing risk of terrorism in Africa has been one of the counter-terrorism priorities of India for the past few years.

What is Terrorism ?

  • Terrorism encompasses a variety of complicated threats: organized terrorism in war zones, foreign terrorist combatants, radicalized ‘lone wolves’, and attacks using chemical, organic, radiological, nuclear and explosive substances.
  • It generally includes the deliberate targeting of civilians and it aims to create a sense of terror. 
  • It’s a complex and multifaceted phenomenon, often rooted in socio-political grievances, extremism, or radical ideologies.

The modus operandi of the Global Terrorist Groups 

  • Use of Advanced Technology: There has been a shift in phrases of access to advanced technology by terrorist organisations that has given terrorist corporations a tactical side to carry out their operations seamlessly.  
  • Encrypted Messaging: GTGs are incredibly dependent on the encrypted messaging structures for commands and arrangements of terror assaults, revival in their sleeper cells.  
  • Funding: Crowd funding and digital currencies like bitcoins are closely used for terror financing. 
  • Lone Wolf Attacks: GTGs preserve to induce sympathizers and fans the world over to perform lone wolf attacks.  
  • Radicalisation: They radicalized teenagers by incorrect information and fake narrative via extensive use of social media platforms. 

Challenges in Tackling Terrorism

  • There has been notable increase in use of drones for cross-border trafficking of arms and drugs as well as launching terror attacks.
  • Transnational Nature: Terrorism often transcends national borders, making it tough for character countries to deal with the risk effectively. 
  • Root Causes: Addressing the root reasons of terrorism, along with poverty, inequality, political grievances, and extremist ideologies, requires long-time period strategies that pass past traditional safety features. 
  • Measures which include surveillance, detention without trial, and restrictions on freedom of speech enhance moral worries.
  • Addressing online radicalization and countering terrorist narratives in cyberspace calls for collaboration between governments, tech corporations, and civil society organisations.
  • Financing and Resources: Tracking and disrupting terrorist financing networks are challenging due to using casual channels, cash laundering techniques, and valid economic institutions.
  • These people won’t have direct connections to installed terrorist agencies, making them harder to discover and protect.

Global Measures Taken to Combat Terrorism

  • United Nations Counterterrorism Framework: The UN Security Council has followed several resolutions that offer a legal framework for counterterrorism actions, which includes measures to protect terrorist financing, stem the flow of foreign opponents, and make stronger border security.
  • Member nations put into effect FATF guidelines to strengthen their anti-money laundering and counterterrorism financing regimes.
  • Global Counterterrorism Forum (GCTF): GCTF is a multilateral discussion board that facilitates cooperation and capability-building tasks to reinforce counterterrorism efforts worldwide. 
  • Intelligence Sharing and Cooperation: Bilateral and multilateral intelligence-sharing agreements enable countries to change data on terrorist threats, suspects, and activities.
  • Aviation Security Measures: In response to the hazard of aviation terrorism, nations have carried out stringent security features at airports and aboard aircraft.
  • Cybersecurity Collaboration: Global initiatives promote records sharing, potential constructing, and the development of common requirements to decorate cyber defenses.
  • Countering radicalization and addressing socio-financial and political grievances are crucial components of complete counterterrorism efforts.
  • Collaboration on cybersecurity is crucial for preventing cyberterrorism and preventing terrorist use of the internet for recruitment and propaganda.

Source: The Hindu

UPSC Mains Practice Question Q. The scourge of terrorism is a grave challenge to national security. What solutions do you suggest to curb this growing menace? What are the major sources of terrorist funding? (2017)

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U.N. Counter-Terrorism Trust Fund

Facts for prelims (ffp).

  Context: India has contributed $500,000 to the U.N. Counter-Terrorism Trust Fund , reaffirming its commitment to global efforts against terrorism.

This contribution supports UNOCT’s global programmes , mainly focusing on Countering Financing of Terrorism (CFT) and Countering Terrorist Travel Programme (CTTP). CFT strengthens member states capacity to understand terrorism risks, while CTTP assists in detecting and countering terrorists.

India’s efforts include the Financial Intelligence Unit – India and the National Investigation Agency.

About UNOCT :

Established in 2017, the United Nations Office of Counter-Terrorism (UNOCT) oversees the UN Counter-Terrorism Trust Fund, which was initially established in 2009 and later transferred to UNOCT. The UN Counter Terrorism Centre (UNCCT) serves as its primary capacity-building arm, aiming to enhance the visibility, advocacy, and resource mobilization for UN counter-terrorism efforts. Its functions also include strengthening the delivery of UN counter-terrorism capacity-building assistance to Member States.

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    About UNOCT:. Established in 2017, the United Nations Office of Counter-Terrorism (UNOCT) oversees the UN Counter-Terrorism Trust Fund, which was initially established in 2009 and later transferred to UNOCT. The UN Counter Terrorism Centre (UNCCT) serves as its primary capacity-building arm, aiming to enhance the visibility, advocacy, and resource mobilization for UN counter-terrorism efforts.

  22. Terrorism Essay In Hindi Drishti Ias

    Terrorism Essay In Hindi Drishti Ias. A professional essay writing service is an instrument for a student who's pressed for time or who doesn't speak English as a first language. However, in 2022 native English-speaking students in the U.S. become to use essay help more and more. Why is that so?