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गणेश चतुर्थी पर निबंध (Ganesh Chaturthi Essay in Hindi)

गणेश चतुर्थी

गणेश चतुर्थी महाराष्ट्र का बहुत ही महत्वपूर्ण पर्व है। यह हिन्दू धर्म का एक बहुत प्रिय पर्व है। ये उत्सव पूरे भारत में बेहद भक्ति भाव और खुशी से मनाया जाता है। गणेश चतुर्थी का त्योहार आने के कई दिन पहले से ही बाजारों में इसकी रौनक दिखने लगती है। यह पर्व हिन्दू धर्म का अत्यधिक मुख्य तथा बहुत प्रसिद्ध पर्व है। इसे हर साल अगस्त या सितंबर के महीने में बड़े ही उत्साह के साथ मनाया जाता है। यह भगवान गणेश के जन्म दिवस के रुप में मनाया जाता है जो माता पार्वती और भगवान शिव के पुत्र है। ये बुद्धि और समृद्धि के भगवान है इसलिये इन दोनों को पाने के लिये लोग इनकी पूजा करते है।

गणेश चतुर्थी उत्सव पर निबंध (Long and Short Essay on Ganesh Chaturthi in Hindi, Ganesh Chaturthi par Nibandh Hindi mein)

गणेश चतुर्थी महत्वपूर्ण त्योहार है – निबंध 1 (300 शब्द).

भारत में गणेश चतुर्थी बहुत ही धूम-धाम से मनाया जाता है। यह त्यौहार कार्यालय हो या स्कूल-कालेज हर जगह इसको मनाया जाता है। इस दिन सभी कार्यालयों और शिक्षा संस्थानों को बंद करके भगवान गणेशा की पूजा की जाती है। लोग इस पर्व का उत्साहपूर्वक इंतजार करते है। यह देश के विभिन्न राज्यों में मनाया जाता है हालाँकि महाराष्ट्र में यह खासतौर से मनाया जाता है।

गणेश चतुर्थी हिन्दुओं का बहुत ही महत्वपूर्ण त्योहार है जिसे भक्तों द्वारा हर वर्ष बड़े ही तैयारी और उत्साह से मनाते है। हिन्दू मान्यता के अनुसार गणेश चतुर्थी हर साल भगवान गणेश के जन्मदिवस पर मनाया जाता है। गणेश उत्सव भगवान गणेश को विघ्नहर्ता के नाम से भी बुलाया जाता है अर्थात भक्तों के सभी बाधाओं को मिटाने वाला तथा विघ्नहर्ता का अर्थ है राक्षसों के लिये मुश्किल पैदा करने वाला।

मूर्ति की स्थापना

गणेश चतुर्थी एक 11 दिनों का लंबा हिन्दू उत्सव है जो चतुर्थी के दिन घर या मंदिर में मूर्ति स्थापना से शुरु होता है तथा गणेश विसर्जन के साथ अनन्त चतुर्दशी पर खत्म होता है। भक्त भगवान गणेश से प्रार्थना करते है, खासतौर से मोदक चढ़ाते है, भक्ति गीत गाते है, मंत्रोंच्चारण करते है, आरती करने के साथ ही उनसे बुद्धि और समृद्धि का आशीर्वाद प्राप्त करते है। इसे समुदाय या मंदिर या पंडालों में लोगों के समूह द्वारा, परिवार या अकेले मनाया जाता है।

गणेश चतुर्थी के दौरान सुबह और शाम गणेश जी की आरती की जाती है और लड्डू और मोदक का प्रसाद चढ़ाया जाता है। सबसे ज्यादा यह उत्सव महाराष्ट्र में मनाया जाता है और वहाँ की गणेश चतुर्थी देखने दूर-दूर से लोग आते हैं।

गणेश चतुर्थी एक हिन्दू उत्सव है – निबंध 2 (400 शब्द)

हमारे देश में  सारे त्योहार बहुत धूम-धाम से मनाये जाते है, जिसमें एक गणेश चतुर्थी भी है। गणेश चतुर्थी एक हिन्दू उत्सव है जो हर साल अगस्त और सितंबर के महीने में आता है। इस दिन भगवान गणेश का जन्म हुआ था। तब से हिन्दू धर्म के लोग गणेश के जन्मदिन को हर साल गणेश चतुर्थी पर्व के रुप में मनाते है। भगवान गणेश सभी को प्रिय है खासतौर से बच्चों को। ये ज्ञान और संपत्ति के भगवान है और बच्चों में ये दोस्त गणेशा के नाम से प्रसिद्ध है। ये भगवान शिव और माता पार्वती के प्यारे पुत्र है।

भगवान गणेश और शिव की कहानी

एक बार भगवान गणेश का सर भगवान शिव के द्वारा काट दिया गया था लेकिन फिर एक हाथी का सर उनके धड़ से जोड़ दिया गया। इस तरह इन्होंने अपना जीवन दुबारा पाया और जिसे गणेश चतुर्थी के उत्सव के रुप में मनाया जाता है।

भगवान गणेश और चन्द्रमा की कहानी

शुक्ल पक्ष चतुर्थी में भाद्रपद के हिन्दी महीने में इस उत्सव को देखा जाता है। ऐसा माना जाता है कि, पहली बार चन्द्रमा के द्वारा गणेश का व्रत रखा गया था क्योंकि अपने दुर्व्यवहार के लिये गणेश द्वारा वो शापित थे।

गणेश की पूजा के बाद, चंद्रमा को ज्ञान तथा सुंदरता का आशीर्वाद मिला। भगवान गणेश हिन्दुओं के सबसे बड़े भगवान है जो अपने भक्तों को बुद्धि, समृद्धि तथा संपत्ति का आशीर्वाद देते है। मूर्ति विसर्जन के बाद अनन्त चतुर्दशी पर गणेश चतुर्थी उत्सव समाप्त होता है। भगवान विनायक सभी अच्छी चीजों के रक्षक और सभी बाधाओं को हटाने वाले है।

गणेश जी की चतुर्थी से पहले बाजारों में चारों ओर हमें गणेश जी की मूर्ति के दर्शन होते हैं, बाजार में मेला सा लग जाता है लोग गांव से सामान खरीदने के लिए  शहर आते हैं। इन दिनों सब कुछ वाकई में देखने लायक होता है गणेश चतुर्थी का यह त्यौहार 11 दिन का होता है।

Ganesh Chaturthi Essay

गणेश चतुर्थी: सुख, समृद्धि, और बुद्धि का त्योहार – निबंध 3 (500 शब्द)

भारत में गणेश चतुर्थी सबसे प्रसिद्ध त्योहार है। इसे हिन्दू धर्म के लोगों के द्वारा हर साल बड़े ही उत्साह के साथ मनाया जाता है। खासतौर से बच्चे भगवान गणेश को बहुत पसंद करते है और उनकी पूजा कर बुद्धि तथा सौभाग्य का आशीर्वाद प्राप्त करते है। लोग इस पर्व की तैयारी एक महीने पहले, हफ्ते या उसी दिन से शुरु कर देते है। इस उत्सवी माहौल में बाजार अपनी पूरी लय में रहता है। हर जगह दुकानें गणेश की मूर्तियों से भरी रहती है और लोगों के लिये प्रतिमा की बिक्री को बढ़ाने के लिये बिजली की रोशनी की जाती है।

सुख , समृद्धि , और बुद्धि का त्योहार (गणेश चतुर्थी)

भक्त गण भगवान गणेश को अपने घर ले आते है तथा पूरी आस्था से मूर्ति की स्थापना करते है। हिन्दू धर्म में ऐसी मान्यता है कि जब गणेश जी घर पर आते है तो ढेर सारी सुख, समृद्धि, बुद्धि और खुशी ले आते है हालाँकि जब वो हमारे घर से प्रस्थान करते है तो हमारी सारी बाधाएँ तथा परेशानियों को साथ ले जाते है। भगवान गणेश को बच्चे बहुत प्रिय है और उनके द्वारा उन्हें मित्र गणेश बुलाते है। लोगों का समूह गणेश जी की पूजा करने के पंडाल तैयार करता है। वो लोग पंडाल को फूलों और प्रकाश के द्वारा आकर्षक रुप से सजाते है। आसपास के बहुत सारे लोग प्रतिदिन उस पंडाल में प्रार्थना और अपनी इच्छाओं के लिये आते है। भक्त गण भगवान गणेश को बहुत सारी चीजें चढ़ाते है जिसमें मोदक उनका सबसे पसंदीदा है।

ये उत्सव 10 दिनों के लिये अगस्त और सितंबर में मनाया जाता है गणेश चतुर्थी पूजा दो प्रक्रियाओं को शामिल करती है; पहला मूर्ति स्थापना और दूसरा मूर्ति विसर्जन (इसे गणेश विसर्जन भी कहा जाता है)। हिन्दू धर्म में एक रीति प्राण प्रतिष्ठा पूजा की जाती है (मूर्ति में उनके पवित्र आगमन के लिये) तथा शोधसोपचरा (भगवान को 16 तरीकों से सम्मान देना) की जाती है। 10 दिनों की पूजा के दौरान कपूर, लाल चन्दन, लाल फूल, नारियल, गुड़, मोदक और दुराव घास चढ़ाने की प्रथा है। पूजा की समाप्ति के समय गणेश विसर्जन में लोगों की भारी भीड़ विघ्नहर्ता को खुशी-खुशी विदा करती है।

इस उत्सव में लोग गणेश की मूर्ति को घर ले आते है अगले 10 दिनों तक पूरी श्रद्धा और भक्ति के साथ पूजा करते है। अनन्त चतुर्दशी अर्थात् 11वें दिन गणेश विसर्जन करते है और अगले वर्ष दुबारा आने की कामना करते है। लोग उनकी पूजा बुद्धि तथा समृद्धि की प्राप्ति के लिये करते है। इस उत्सव को विनायक चतुर्थी या विनायक छवि (संस्कृत में) भी कहते है।

गणेश चतुर्थी मनाने का कारण – निबंध 4 (600 शब्द)

गणेश चतुर्थी मनाने के दौरान लोग भगवान गणेश (विघ्नेश्वर) की पूजा करते है। गणेश हिन्दू धर्म में सबसे प्रसिद्ध देवता है जो परिवार के सभी सदस्यों द्वारा पूजे जाते है। किसी भी क्षेत्र में कोई भी नया कार्य की शुरुआत से पहले गणेश जी लोगों द्वारा हमेशा पूजे जाते है। ये उत्सव खासतौर से महाराष्ट्र में मनाया जाता है हालाँकि अब ये भारत के लगभग सभी राज्यों में मनाया जाता है। ये हिन्दुओं का महत्वपूर्ण पर्व है। लोग गणेश चतुर्थी पर पूरी भक्ति और श्रद्धा से ज्ञान और समृद्धि के भगवान की पूजा करते है।

गणेश चतुर्थी मनाने का कारण

लोग ऐसा भरोसा करते है कि गणेश जी हर साल ढेर सारी खुशी और समृद्धि के साथ आते है और जाते वक्त सभी दुखों को हर जाते हैं। इस उत्सव पर गणेश जी को खुश करने लिये भक्त विभिन्न प्रकार की तैयारियाँ करते है। उनके सम्मान और स्वागत के लिये गणेश जी के जन्मदिवस के रुप में इसे मनाया जाता है। ये उत्सव भाद्रपद (अगस्त और सितंबर) के महीने में शुक्ल पक्ष में चतुर्थी पर शुरु होता है और 11वें दिन अनन्त चतुर्दशी पर खत्म होता है। हिन्दू धर्म में गणेश की पूजा बहुत मायने रखती है। ऐसा माना जाता है कि जो कोई पूरी भक्ति और विश्वास के साथ उनकी पूजा करेगा उसे वो खुशी, ज्ञान तथा लंबी आयु प्रदान करेंगे।

गणेश चतुर्थी के दिन लोग सुबह जल्दी ही स्नान कर लेते है, साफ कपड़े पहन कर भगवान की पूजा करते है। वो मंत्रोच्चारण, आरती गाकर, हिन्दू धर्म के दूसरे रिती-रिवाज निभाकर, भक्ति गीत गाकर भगवान को बहुत कुछ चढ़ाते है और प्रार्थना करते है। इसके पहले ये उत्सव केवल कुछ परिवारों में ही मनाया जाता था। बाद में ये बड़े उत्सव के रुप में मनाया जाने लगा हालाँकि बाद में इसको बड़ा बनाने के लिये इसमें मूर्ति स्थापना और विसर्जन शामिल किया गया साथ ही इससे दुखों से मुक्ति मिलने लगी। 1983 में लोकमान्य तिलक (सामाजिक कार्यकर्ता, भारतीय राष्ट्र वादी तथा स्वतंत्रता सेनानी) के द्वारा इस उत्सव की शुरुआत हुई। उस समय अंग्रेजी शासन से भारतीयों को बचाने के लिये एक गणेश पूजा की प्रथा बनायी।

अब के दिनों में गैर ब्राह्मण और ब्राह्मण के बीच की असमानता को हटाने के लिये एक राष्ट्रीय उत्सव के रुप में गणेश चतुर्थी मनाया जाता है। भगवान  गणेश को कई नामों से जाना जाता है इसमें से कुछ है- एकदन्ता, असीम, शक्तियों के भगवान, हेरांबा (विघ्नहर्ता), लंबोदर, विनायक, भगवानों के भगवान, बुद्धि, समृद्धि तथा संपत्ति के भगवान आदि। गणेश विसर्जन की पूर्ण हिन्दू प्रथा के साथ 11वें दिन (अनन्त चतुर्दशी) पर लोग गणेश को विदा करते है। वो भगवान से प्रार्थना करते है कि वो अगले वर्ष फिर से पधारें और अपना आशीर्वाद दें।

भगवान गणेश के 12 नाम और उनके अर्थ

भगवान गणेश को अलग-अलग राज्यों में 12 अलग-अलग नामों से जाना जाता है । नारद पुराण में भगवान गणेश जी के 12 नामों का उल्लेख किया गया है जो कि इस प्रकार है।

सुमुख – सुंदर मुख वाले

एकदंत – एक दंत वाले

कपिल – कपिल वर्ण वाले

गज कर्ण – हाथी के कान वाले

लंबोदर- लंबे पेट वाले

विकट – विपत्ति का नाश करने वाले

विनायक – न्याय करने वाले

धूम्रकेतू- धुंए के रंग वाले पताका वाले

गणाध्यक्ष- गुणों और देवताओं के अध्यक्ष

भाल चंद्र – सर पर चंद्रमा धारण करने वाले

गजानन – हाथी के मुख वाले

विघ्ननाशक- विघ्न को खत्म करने वाले

इस दिन सभी भक्त अपने घरों, दफ्तरों या शैक्षिक संस्थानों में गणेश जी की मूर्ति को सजाते हैं। उस दिन वहां गणेश आरती और मन्त्रों के उच्चारण के साथ उनकी पूजा की जाती है। लोग भगवान गणेश से सुख-शांति और समृद्धि की कामना करते हैं और साथ ही ज्ञान माँगते हैं। पूजा के बाद सभी लोगों को प्रसाद दिया जाता है।

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गणेश चतुर्थी

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Essay on Ganesh Chaturthi in Hindi : विद्यार्थियों के लिए 100, 200 और 500 शब्दों में गणेश चतुर्थी पर लिखित निबंध

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  • Updated on  
  • दिसम्बर 8, 2023

Essay on Ganesh Chaturthi in Hindi

भारतीय सनातन संस्कृति के अनुयायियों द्वारा मनाया जाने वाला पर्व गणेश चतुर्थी, विनायक चतुर्थी और गणेशोत्सव के नाम से भी जाना जाता है। हिंदू धर्म में भगवान गणेश को प्रथम देव का स्थान प्राप्त है, गणेश चतुर्थी का पवित्र उत्सव हर वर्ष भारत के विभिन्न राज्यों में पूरे हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। ganesh chaturthi in hindi के शुभावसर पर आपको इस पोस्ट में 100, 200 और 500 शब्दों में गणेश चतुर्थी पर निबंध (Essay on Ganesh Chaturthi in Hindi) पढ़ने को मिलेगा, जो विद्यार्थियों के लिए परीक्षा-असाइनमेंट की दृष्टि से तो महत्वपूर्ण होगा ही, साथ ही अपनी सनातन जड़ों से जुड़ने का भी एक बेहतर अवसर होगा।

Ganesh Chaturthi in Hindi क्यों मनाया जाता है?

गणेश चतुर्थी पर निबंध हिंदी में लिखने से पहले आपको गणेश चतुर्थी क्यों मनाया जाता है इसके बारे में जान लेना चाहिए। पौराणिक कथा के मुताबिक भादो माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि के दिन भगवान गणेश का जन्म ​हुआ था, इसलिए इस दिन को गणेश चतुर्थी के रूप में मनाया जाता है। भगवान गणेश के जन्मोत्सव के दिन लोग उन्हें अपने घरों में लेकर आते हैं और विधि-विधान से 11 दिनों तक उनका पूजन करते हैं। इस पर्व को मनाने का उद्देश्य घर में सुख, शांति और समृद्धि के उद्देश्य से मनाया जाता है।

Essay on Ganesh Chaturthi in Hindi (100 शब्दों में) 

गणेश चतुर्थी, हिन्दू धर्म के महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक है। यह त्योहार भगवान गणेश के जन्म की खुशी में मनाया जाता है और भारत के विभिन्न हिस्सों में उत्सव आयोजित होते हैं। इस दिन लोग गणेश जी की मूर्ति स्थापित करके पूजा करते हैं और उनके आशीर्वाद की प्राप्ति के लिए प्रार्थना करते हैं। गणेश चतुर्थी के दिन भगवान गणेश की प्रतिमा को समुद्र में विसर्जन किया जाता है, जिससे उनका विश्वास होता है कि वे फिर से आएंगे। ganesh chaturthi in hindi को हिन्दू संस्कृति का महत्वपूर्ण हिस्सा है और सामाजिक एकता को बढ़ावा देता है।

Essay on Ganesh Chaturthi in Hindi (200 शब्दों में)

गणेश चतुर्थी पर निबंध 200 शब्दों में कुछ इस प्रकार है –

गणेश चतुर्थी

गणेश चतुर्थी हिंदुओं का एक प्रमुख त्योहार है जो भगवान गणेश के जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है। यह त्योहार भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को मनाया जाता है। इस दिन लोग भगवान गणेश की मूर्ति स्थापित करते हैं और उन्हें विधि-विधान से पूजते हैं। गणेश चतुर्थी का त्योहार 11 दिनों तक चलता है और अंतिम दिन, यानी अनंत चतुर्दशी के दिन, भगवान गणेश को विसर्जित कर दिया जाता है।

गणेश चतुर्थी का त्योहार भारत के कई हिस्सों में मनाया जाता है, लेकिन महाराष्ट्र में इसे सबसे बड़े धूमधाम से मनाया जाता है। इस दिन लोग अपने घरों को सजाते हैं, नए कपड़े पहनते हैं और मिठाइयां खाते हैं। गणेश चतुर्थी को एक खुशी का त्योहार माना जाता है और इस दिन लोग एक-दूसरे को बधाई देते हैं।

गणेश चतुर्थी का महत्व

गणेश चतुर्थी का त्योहार हिंदू धर्म में बहुत महत्व रखता है। भगवान गणेश को विघ्नहर्ता कहा जाता है, यानी वे सभी बाधाओं को दूर करते हैं। इसलिए, इस दिन लोग भगवान गणेश की पूजा करते हैं ताकि उन्हें नई शुरुआत में सफलता मिले। गणेश चतुर्थी का त्योहार एकता और भाईचारे का भी प्रतीक है। इस दिन लोग एक साथ मिलकर त्योहार मनाते हैं और एक-दूसरे को बधाई देते हैं।

गणेश चतुर्थी एक महत्वपूर्ण हिंदू त्योहार है जो लोगों को एक साथ लाता है और उन्हें खुशी और समृद्धि का आशीर्वाद देता है।

Essay on Ganesh Chaturthi in Hindi

Essay on Ganesh Chaturthi in Hindi (500 शब्दों में)

500 शब्दों में गणेश चतुर्थी पर निबंध कुछ इस प्रकार है –

गणेश चतुर्थी क्या है?

गणेश चतुर्थी हिन्दू धर्म का एक महत्वपूर्ण त्योहार है, जो भगवान गणेश के जन्म की खुशी में मनाया जाता है। यह त्योहार भारत और विशेषकर महाराष्ट्र, गुजरात, कर्णाटक, और तमिलनाडु जैसे राज्यों में बड़े धूमधाम से मनाया जाता है। इसे आसानी से समझा जा सकता है कि इसके पीछे कितना महत्व है, क्योंकि यह समाज के लिए एकता, सामराज्य, और धर्मिक भावनाओं का प्रतीक है।

गणेश चतुर्थी का आयोजन 

गणेश चतुर्थी का आयोजन भगवान गणेश के मूर्ति स्थापना के साथ होता है। इसके लिए लोग आमतौर पर बाजार से सुंदर और आकर्षक मूर्तियों की खोज करते हैं और उन्हें घरों में स्थापित करते हैं। मूर्तियों की साज-सजाक, रंग-बिरंगी वस्त्र और फूलों की देकोरेशन से घरों में खास महौल बनता है। इसके बाद, प्रात: काल या सन्ध्या के समय, लोग मूर्ति के सामने जाकर विशेष पूजा करते हैं। इस पूजा में गणपति आरती गाई जाती है और प्रसाद चढ़ाया जाता है।

गणेश चतुर्थी के दिन लोग अपने घरों में और समुद्र किनारे पर महाराष्ट्र में गणपति प्रतिमा की विसर्जन का आयोजन करते हैं। इस प्रक्रिया के दौरान, लाखों लोग उन्हें समुद्र में ले जाते हैं, जिससे उनका मानना होता है कि भगवान गणेश अपने लोक आगमन के लिए विसर्जित हो जाते हैं। यह दृश्य अद्भुत होता है और लोग इसे अपने जीवन का महत्वपूर्ण हिस्सा मानते हैं।

गणेश चतुर्थी के दिन लोग अपने दोस्तों और परिवार के सदस्यों के साथ मिलकर खुशियां मनाते हैं। वे विभिन्न प्रकार के खाने-पीने का आयोजन करते हैं और अपने प्यारे भगवान गणेश का आशीर्वाद प्राप्त करते हैं।

गणेश चतुर्थी का महत्व 

इस त्योहार का महत्व धार्मिक और सांस्कृतिक ही नहीं होता, बल्कि यह एकता और समाजिक सौहार्द को बढ़ावा देता है। लोग समुद्र किनारे पर गणेश विसर्जन के दौरान एक साथ मिलकर नृत्य और संगीत का आनंद लेते हैं और साथ ही अपने समुदाय के सदस्यों के साथ समय बिताते हैं। इसके अलावा, गणेश चतुर्थी के दौरान लोग चारित्रिक पर्व समारोह का आयोजन करते हैं, जिसमें नृत्य, संगीत, और नाटक की प्रस्तुतियाँ होती हैं, जो अक्सर हिन्दू धर्म की महत्वपूर्ण कथाओं पर आधारित होती हैं।

गणेश चतुर्थी का महत्व यह भी है कि यह पर्यावरण के प्रति जागरूकता को बढ़ावा देता है। गणपति प्रतिमा के विसर्जन के समय, लोग जल, प्रदूषण और पर्यावरण की सुरक्षा के मामले में जागरूकता बढ़ाते हैं और समुद्र को साफ रखने के लिए उनके निर्णयों का साथ देते हैं।

गणेश चतुर्थी हिन्दू संस्कृति का महत्वपूर्ण हिस्सा है और यह समाज में एकता, सामराज्य, और धार्मिक भावनाओं का प्रतीक है। यह त्योहार हमें धर्मिकता, परंपरा, और प्रेम की महत्वपूर्ण शिक्षाएं देता है और समाज को एक साथ आने के लिए प्रोत्साहित करता है। इसके अलावा, यह हमें पर्यावरण संरक्षण के महत्व की भी सिख देता है और हमें अपने क्रियाकलापों को प्राकृतिक संसाधनों के साथ सावधानी से जोड़ने का संदेश देता है।

निष्कर्ष 

समुप्ति के रूप में, गणेश चतुर्थी हिन्दू धर्म का एक रंगीन और आदर्श त्योहार है, जो हमारे समाज की सांस्कृतिक धरोहर को महत्वपूर्ण रूप से बढ़ावा देता है। इसे एक साथ आकर मनाने से हमारे समुदाय में एकता और सौहार्द बढ़ता है और हमें पर्यावरण के प्रति भी जागरूक बनाता है।

गणेश चतुर्थी भगवान गणेश की पूजा के लिए मनाया जाने वाला हिन्दू त्योहार है, जो भारत में बड़े धूमधाम से मनाया जाता है। यह त्योहार भाग्य, सौभाग्य, विद्या, और समृद्धि की देवी सरस्वती के आगमन की यात्रा के रूप में भी माना जाता है।

गणेश चतुर्थी भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाया जाता है, जो साल के विभिन्न महीनों में हो सकती है, लेकिन आमतौर पर सितंबर और अक्टूबर के बीच मनाई जाती है।

गणेश चतुर्थी के दिन, भगवान गणेश की मूर्ति को घरों में या पंडालों में स्थापित किया जाता है। उनकी पूजा धूप, दीप, फल, मिठाई, मोदक, और अन्य प्रसाद के साथ की जाती है। भजन-कीर्तन और आरती भी आयोजित की जाती हैं।

गणेश चतुर्थी के उत्सव के बाद, भगवान गणेश की मूर्ति को विसर्जित किया जाता है। यह विसर्जन प्रक्रिया अनेक दिनों तक चलती है और अक्सर नदी, समुंदर या झील में गणपति बाप्पा की मूर्ति को डूबाया जाता है।

गणेश चतुर्थी का महत्व हिन्दू धर्म में बहुत अधिक है। भगवान गणेश को विधि, बुद्धि, और समृद्धि का प्रतीक माना जाता है, और उनकी पूजा से भक्तों को सफलता और खुशियाँ प्राप्त होती हैं।

यह था गणेश चतुर्थी पर निबंध, Essay on Ganesh Chaturthi in Hindi पर हमारा ब्लॉग। इसी तरह के अन्य निबंध से सम्बंधित ब्लॉग्स पढ़ने के लिए Leverage Edu के साथ बनें रहें।

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विशाखा सिंह

A voracious reader with degrees in literature and journalism. Always learning something new and adopting the personalities of the protagonist of the recently watched movies.

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 गणेश चतुर्थी पर निबंध 10 lines (Ganesh Chaturthi Essay in Hindi) 100, 200, 250, 300, 500, शब्दों मे

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Ganesh Chaturthi Essay in Hindi – गणेश चतुर्थी एक त्यौहार है जो भगवान गणेश के जन्म का जश्न मनाता है। यह भाद्रपद माह (अगस्त या सितंबर) में चंद्रमा के बढ़ने के चौथे दिन पड़ता है। यह एक महत्वपूर्ण हिंदू त्योहार है. यदि कोई गणेश चतुर्थी के दौरान महाराष्ट्र या गोवा में मौजूद है तो वह शानदार उत्सव और चारों ओर रोशनी, रंग, ध्वनि और खुशी से मंत्रमुग्ध हो जाएगा।

गणेश चतुर्थी पर निबंध 10 पंक्तियाँ (Ganesh Chaturthi Essay 10 Lines in Hindi)

  • 1) गणेश चतुर्थी भारत में सबसे प्रतीक्षित त्योहारों में से एक है।
  • 2) हिंदू कैलेंडर के अनुसार, गणेश चतुर्थी भादों महीने में आती है।
  • 3) ऐसा माना जाता है कि इस दिन भगवान गणेश का जन्म हुआ था।
  • 4) इस दिन लोग अपने घरों में भगवान गणेश की मूर्ति लाते हैं।
  • 5) यह उत्सव लगातार ग्यारह दिनों तक चलता है।
  • 6) लोग भगवान गणेश के लिए ‘मोदक’ सहित कई खाद्य पदार्थ तैयार करते हैं।
  • 7) कई लोग योगदान देते हैं और गणेश प्रतिमा के लिए पंडाल बनाते हैं।
  • 8) महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, गुजरात आदि राज्य इस त्योहार को बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाते हैं।
  • 9) गणेश चतुर्थी के दौरान, आप चारों ओर भक्ति गीत सुन सकते हैं।
  • 10) अंतिम दिन, मूर्ति को विसर्जन के लिए जलाशयों में ले जाया जाता है।

 गणेश चतुर्थी पर निबंध 100 शब्द (Essay on Ganesh Chaturthi 100 words in Hindi)

गणेश चतुर्थी एक हिंदू त्योहार है जो भगवान गणेश के जन्मदिन पर मनाया जाता है जो भगवान शिव और देवी पार्वती के पुत्र हैं। इस त्योहार के दौरान, लोग बड़ी भक्ति और प्रशंसा के साथ भगवान गणेश से प्रार्थना करते हैं। यह त्यौहार ग्यारह दिनों तक चलता है जिसके दौरान विभिन्न उत्सव होते हैं। विशेष अवसर की खुशी में एक विशेष प्रकार की मिठाई बनाई जाती है जिसे मोदक कहा जाता है। यह त्यौहार सबसे ज्यादा महाराष्ट्र में मनाया जाता है। ग्यारह दिनों के अंत में, भक्त अपनी मूर्तियों को समुद्र में ले जाते हैं जहां भगवान गणेश को अलविदा कहने के लिए प्रतिष्ठित विसर्जन होता है।

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 गणेश चतुर्थी पर निबंध 200 शब्द  (Essay on Ganesh Chaturthi 200 words in Hindi)

गणेश चतुर्थी भारत में सबसे अधिक मनाए जाने वाले त्योहारों में से एक है। इस त्योहार का लोग बेसब्री से इंतजार करते हैं। वैसे तो यह देश के विभिन्न राज्यों में मनाया जाता है लेकिन महाराष्ट्र में यह विशेष रूप से मनाया जाता है। यह हिंदुओं का सबसे महत्वपूर्ण त्योहार है जिसे श्रद्धालु हर साल बड़ी तैयारी और उत्साह के साथ मनाते हैं। हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार, गणेश चतुर्थी हर साल भगवान गणेश के जन्मदिन पर मनाई जाती है। भगवान गणेश को विघ्नहर्ता के रूप में जाना जाता है जिसका अर्थ है भक्तों के लिए सभी बाधाओं को दूर करने वाला और विघ्नकर्ता का अर्थ है शैतान के लिए समस्याओं का निर्माता।

गणेश चतुर्थी 11 दिनों तक चलने वाला हिंदू त्योहार है जो चतुर्थी को घर या मंदिर में मूर्ति स्थापना के साथ शुरू होता है और अनंत चतुर्दशी पर गणेश विसर्जन के साथ समाप्त होता है। भगवान गणेश के भक्त प्रार्थना करते हैं, प्रसाद (विशेष रूप से मोदक) चढ़ाते हैं, भक्ति गीत गाते हैं, मंत्र पढ़ते हैं, आरती करते हैं और उनसे ज्ञान और समृद्धि का आशीर्वाद मांगते हैं। इसे पंडालों या मंदिरों या समुदाय में परिवारों या लोगों के समूह द्वारा अलग-अलग मनाया जाता है।

गणेश विसर्जन (मतलब मूर्ति को पानी में विसर्जित करना) पूजा का एक विशेष और सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा है। यह गणेश विसर्जन के मुहूर्त के अनुसार किया जाता है। घरों के बच्चे इस पूजा में बढ़-चढ़कर शामिल होते हैं और आशीर्वाद प्राप्त करते हैं।

 गणेश चतुर्थी पर निबंध 250 शब्द (Essay on Ganesh Chaturthi 250 words in Hindi)

गणेश चतुर्थी हिंदू धर्म के सबसे प्रसिद्ध त्योहारों में से एक है जो हिंदुओं के जीवन में बहुत अधिक महत्व रखता है। हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार माना जाता है कि गणेश चतुर्थी माता पार्वती के पुत्र भगवान श्री गणेश के जन्म की खुशी में मनाई जाती है।

गणेश चतुर्थी उत्सव

भगवान श्री गणेश को कई नाम दिए गए हैं, कुछ लोग उन्हें गणपति बप्पा कहते हैं, कुछ लोग उन्हें गजानन कहते हैं और कुछ लोग उन्हें विघ्नहर्ता कहते हैं। लोगों का मानना ​​है कि भगवान श्री गणेश हमारे सभी कष्टों को हर लेते हैं और हमें खुशियाँ देते हैं इसलिए वे उन्हें विघ्नहर्ता कहते हैं जिसका अर्थ है सभी दुखों और कष्टों को दूर करने वाले।

गणेश चतुर्थी एक दिन का उत्सव नहीं है बल्कि इसका उत्सव लगातार ग्यारह दिनों तक चलता है। इसकी शुरुआत पहले दिन अर्थात चतुर्थी पर भगवान श्री गणेश की सुंदर रूप से सजाई गई मूर्ति लाकर या उसका स्वागत करके की जाती है और यह ग्यारहवें दिन यानी अनंत चतुर्दशी पर समाप्त होती है।

लोग लगातार ग्यारह दिनों तक भगवान श्रीगणेश की पूजा-अर्चना करते हैं। वे पूजा-अर्चना के लिए मंदिरों में भी जाते हैं और घर पर भी पूजा-अर्चना करते हैं। वे कई तरह के पकवान बनाकर भगवान श्रीगणेश की प्रतिमा पर चढ़ाते हैं। शहर में भी कई पंडाल या गणेश मंडप बने हुए हैं। लोग अपने परिवार के साथ पंडालों में जाते हैं और खूब उत्साह रखते हैं। ग्यारह दिनों तक लगातार कई मेले भी लगते हैं। बच्चों को मेले में जाना बहुत अच्छा लगता है। लोग इस त्योहार का खूब आनंद लेते हैं.

गणेश चतुर्थी हिंदुओं का पवित्र त्योहार है। यह मुख्य रूप से भारत में मनाया जाता है। लोग इसे बहुत खुशी और उत्साह के साथ मनाते हैं।

गणेश चतुर्थी पर निबंध 300 शब्द  (Essay on Ganesh Chaturthi 300 words in Hindi)

गणेश चतुर्थी भारत में सबसे लोकप्रिय त्योहार है। इसे हर साल हिंदू धर्म के लोगों द्वारा बड़े उत्साह के साथ मनाया जाता है। बच्चे भगवान गणेश से बहुत प्यार करते हैं और बुद्धि और समृद्धि का आशीर्वाद पाने के लिए उनकी पूजा करते हैं। लोग त्योहार की सटीक तारीख से एक महीने या सप्ताह पहले पूजा की तैयारी शुरू कर देते हैं। इस त्योहारी सीजन में बाजार पूरी तरह से गुलजार हो गया है। जनता के बीच मूर्ति की बिक्री बढ़ाने के लिए हर जगह दुकानों को गणेश की आकर्षक मूर्तियों और बिजली की रोशनी से सजाया गया है।

भक्त भगवान गणेश को अपने घर लाते हैं और पूरी श्रद्धा के साथ मूर्ति स्थापना करते हैं। हिंदू धर्म में यह माना जाता है कि जब गणेश जी घर पर आते हैं तो घर में ढेर सारी बुद्धि, समृद्धि और खुशियां लाते हैं, लेकिन जब 10 दिनों के बाद वापस जाते हैं तो सभी समस्याएं और बाधाएं अपने साथ ले जाते हैं। भगवान गणेश को बच्चे बहुत प्रिय हैं और वे उन्हें मित्र गणेश कहकर बुलाते हैं। लोगों का समूह गणेश जी की पूजा के लिए पंडाल तैयार करता है। वे पंडाल को आकर्षक बनाने के लिए फूलों और लाइटिंग से सजाते हैं। आसपास के क्षेत्रों से कई लोग प्रतिदिन भगवान की पूजा और प्रसाद चढ़ाने के लिए पंडाल में आते हैं। वे बहुत सी चीजें और विशेष रूप से मोदक पेश करते हैं क्योंकि उन्हें मोदक बहुत पसंद है।

यह अगस्त या सितंबर माह में 10 दिनों तक मनाया जाता है। गणेश चतुर्थी पूजा में दो महत्वपूर्ण प्रक्रियाएँ शामिल हैं; एक है मूर्ति स्थापना और दूसरा है मूर्ति विसर्जन (जिसे गणेश विसर्जन भी कहा जाता है)। हिंदू धर्म में प्राणप्रतिष्ठा पूजा (मूर्ति में भगवान की पवित्र उपस्थिति के लिए आह्वान करना) और षोडशोपचार (भगवान का सम्मान करने के लिए सोलह तरीकों का उपयोग करके पूजा करना) करने का एक अनुष्ठान है। दस दिनों तक पूजा करते समय दूर्वा घास और मोदक, गुड़, नारियल, लाल फूल, लाल चंदन और कपूर चढ़ाने का विधान है। पूजा के अंत में गणेश विसर्जन में लोगों की भारी भीड़ खुशी-खुशी शामिल होती है।

गणेश चतुर्थी पर निबंध 500 शब्द  (Essay on Ganesh Chaturthi 500 words in Hindi)

गणेश चतुर्थी भारत के सबसे प्रमुख त्योहारों में से एक है। भारत के लोग इस त्योहार का पूरे साल बेसब्री से इंतजार करते हैं। वैसे तो यह पूरे देश में मनाया जाता है, लेकिन महाराष्ट्र राज्य में इसे सबसे ज्यादा उत्साह के साथ मनाया जाता है।

गणेश चतुर्थी एक हिंदू त्योहार है जो धर्म में अत्यधिक महत्व रखता है। यह त्यौहार हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार मनाया जाता है जिसमें कहा गया है कि गणेश चतुर्थी भगवान गणेश का जन्मदिन है। हिंदू भगवान गणेश को सभी बाधाओं का निवारण करने वाला मानते हैं। लोगों का मानना ​​है कि भगवान गणेश हर साल समृद्धि और सफलता लेकर आते हैं।

इसके अलावा, वे इस त्योहार के साथ अपने घरों में भगवान गणेश का स्वागत इस विश्वास के साथ करते हैं कि वह उनके सभी कष्टों को दूर कर देंगे। गणेश चतुर्थी पूरे देश में खुशी का माहौल बनाती है और लोगों को उत्सव से भर देती है।

गणेश चतुर्थी की विशेषता

गणेश चतुर्थी पूरे 11 दिनों तक मनाई जाती है। इसकी शुरुआत चतुर्थी से होती है जब लोग अपने घरों और मंदिरों में भगवान गणेश की मूर्ति स्थापित करते हैं। यह त्यौहार अनंत चतुर्दशी पर गणेश विसर्जन के साथ समाप्त होता है। भगवान गणेश के भक्त भगवान से प्रार्थना करते हैं। वे उनके लिए भक्ति गीत गाते हैं और उनकी प्रशंसा में विभिन्न मंत्रों का पाठ करते हैं। वे भगवान की आरती करते हैं और उनसे आशीर्वाद मांगते हैं।

सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि वे भगवान गणेश को मिठाइयाँ चढ़ाते हैं। गणेश चतुर्थी पर विशेष रूप से मोदक की आवश्यकता होती है। भक्त भगवान गणेश को मोदक का भोग लगाते हैं, जो भगवान की पसंदीदा मिठाई है। मोदक मीठे पकौड़े हैं जिन्हें लोग नारियल और गुड़ से भरकर बनाते हैं। वे या तो उन्हें भूनते हैं या भाप में पकाते हैं। घरों और मिठाई की दुकानों पर लोग इस मीठे व्यंजन को बनाते हैं। वे ज्यादातर गणेश चतुर्थी के आसपास देखे जाते हैं और बच्चों के बीच बहुत लोकप्रिय हैं।

गणेश चतुर्थी का उत्सव

11 दिनों तक चलने वाले इस त्योहार की शुरुआत लोगों के सुबह उठकर स्नान करने से होती है। वे इस त्योहार के लिए नए कपड़े खरीदते हैं और सुबह स्नान करने के बाद इन साफ ​​कपड़ों को पहनते हैं। वे मंत्रोच्चार और गीतों के पारंपरिक अनुष्ठानों का पालन करते हैं।

प्रारंभ में, गणेश चतुर्थी कुछ परिवारों में मनाई जाती थी। बाद में, यह हर जगह फैल गया और इस तरह मूर्तियों की स्थापना और पानी में विसर्जन शुरू हो गया। इसने गणेश चतुर्थी को जीवन से भी बड़ा उत्सव बनाने की शुरुआत की। दूसरे शब्दों में, मूर्ति विसर्जन बुराई और कष्टों से मुक्ति को दर्शाता है। लोग पंडाल लगाकर भगवान गणेश की शानदार मूर्तियां बनाते हैं। त्योहार के अंत में जब विसर्जन होने वाला होता है, तो लोग एक पूर्ण जुलूस निकालते हैं। लोग सैकड़ों और हजारों की संख्या में बाहर आते हैं और नृत्य करते हुए नदियों और महासागरों की ओर जाते हैं।

जब गणेश चतुर्थी समाप्त होती है, तो वे हर साल भगवान गणेश की वापसी के लिए प्रार्थना करते हैं। वे हर साल इस त्योहार का इंतजार करते हैं। नदी या समुद्र में भगवान गणेश की मूर्ति का अंतिम विसर्जन गणेश चतुर्थी के अंत का प्रतीक है।

संक्षेप में, गणेश चतुर्थी भगवान गणेश के सम्मान में एक मौज-मस्ती से भरा त्योहार है। पूरे भारत में लोग इसका भरपूर आनंद लेते हैं। भगवान गणेश के सभी भक्त जाति और रंग के मतभेदों के बावजूद एक साथ आते हैं। गणेश चतुर्थी खुशियाँ फैलाती है और सभी लोगों को एकजुट करती है।

गणेश चतुर्थी पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)

Q.1 गणेश चतुर्थी का त्यौहार कितने दिनों तक मनाया जाता है.

उत्तर. गणेश चतुर्थी का त्योहार दस दिनों तक मनाया जाता है।

Q.2 गणेश चतुर्थी पर भगवान गणेश को कौन सी विशेष मिठाई का भोग लगाया जाता है?

उत्तर. मोदक गणेश चतुर्थी पर भगवान गणेश को चढ़ाई जाने वाली विशेष मिठाई है।

Q.3 गणेश चतुर्थी मनाने की शुरुआत किसने की?

उत्तर. बाल गंगाधर तिलक ने गणेश चतुर्थी मनाने की शुरुआत की।

Q.4 भारत में गणेश चतुर्थी मुख्य रूप से कहाँ मनाई जाती है?

उत्तर. गणेश चतुर्थी मुख्य रूप से भारत के महाराष्ट्र राज्य में मनाई जाती है।

Q.5 भारत में भगवान गणेश की सबसे ऊंची प्रतिमा कहाँ स्थित है?

उत्तर. खैरताबाद गणेश भगवान गणेश की सबसे ऊंची प्रतिमा भारत के तेलंगाना राज्य के नगरकुर्नूल शहर में स्थित है।

गणेश चतुर्थी पर निबंध Essay on Ganesh Chaturthi in Hindi

गणेश चतुर्थी पर निबंध Essay on Ganesh Chaturthi in Hindi

इस लेख में गणेश चतुर्थी पर निबंध (Essay on Ganesh Chaturthi in Hindi)  बेहद आकर्षक रूप से लिखा गया है। इस लेख में गणेश चतुर्थी क्या है तथा यह कब तथा क्यों मनाई जाती हैं साथ ही गणेश चतुर्थी का महत्व, पौराणिक कहानियां, पूजा व्रत की पद्धतियां तथा गणेश चतुर्थी पर 10 लाइन इस निबंध मैं बेहतरीन ढंग से लिखा गया हैं।

Table of Contents

प्रस्तावना (गणेश चतुर्थी पर निबंध Essay on Ganesh Chaturthi in Hindi) 

सनातन संस्कृति में धार्मिक तथा सांस्कृतिक त्योहारों का बड़ा महत्व है। इस संस्कृति के अंतर्गत आने वाले पर्वों में आध्यात्मिक तथा वैज्ञानिक रहस्य छुपे होते हैं। गणेश चतुर्थी भी उन्हीं पर वह में से एक हैं जिसके प्रत्यक्ष और परोक्ष फायदे जनसमूह को मिलते हैं।

अपने अथाह प्रयासों और षड्यंत्रों के बावजूद जब अंग्रेजी हुकूमत सनातन संस्कृति की नींव को हिलाने में असफल रही तो उन्होंने सांस्कृतिक परंपराओं के बारे में अफवाह फैला कर तथा अनुचित नियम कानून लाकर उन्हें बंद करा दिया।

परिणामस्वरूप तमाम गुरुकुल, आयुर्वेद शाला तथा पर्व आयोजन प्रक्रियाए बंद होती चली गई। इसके कारण हिंदू एकता बिखरती चली गई। लेकिन कुछ महापुरुषों ने अपनी दूरदर्शिता से इसके दूरगामी परिणाम देखें तथा उसके उपाय का ताना-बाना बुनने लगे।

उन्होंने पौराणिक कथाओं को पर्व के रूप में फिर से मनाने की प्रक्रिया शुरू की। आज हम जितने भी त्यौहार मनाते हैं, उनमें से अधिकतर में प्राण प्रतिष्ठा उन महापुरुषों द्वारा ही की गई है।

छत्रपति शिवाजी महाराज ने गणेश चतुर्थी को पूरे महाराष्ट्र में मनाने की प्रक्रिया शुरू की थी। लेकिन अंग्रेजों ने अपने काले कानूनों से इसे बंद करवा दिया था।लेकिन साल 1893 में लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक ने इसे फिर से प्राण प्रतिष्ठित किया।

गणेश चतुर्थी क्या है What is Ganesh Chaturthi in Hindi

गणेश चतुर्थी एक हिंदू त्यौहार है जिस दिन भगवान श्री गणेश का जन्म हुआ था। भाद्रपद मास की शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को भगवान शिव और माता पार्वती के पुत्र भगवान गणेश का जन्म हुआ था। हर वर्ष शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को गणेश चतुर्थी के रूप में मनाया जाता है।

गणेश चतुर्थी कब है? When is Ganesh Chaturthi?

इस वर्ष गणेश चतुर्थी हिंदू कैलेंडर के अनुसार भाद्रपद मास की शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को और अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार गणेश चतुर्थी 10 सितंबर दिन शुक्रवार को पड़ रहा है। मुहूर्त की दृष्टि से यह तिथि बेहद सर्वश्रेष्ठ मानी जाती है।

गणेश चतुर्थी क्यों मनाई जाती है? Why is Ganesh Chaturthi Celebrated in Hindi

सनातन संस्कृति में हर त्यौहार के पीछे गूढ़ रहस्य छिपे होते हैं। सामान्य बुद्धि का इंसान इन रहस्यों को नास्तिकता की दृष्टि से दिखता है तथा इसके ज्ञान और फल से वंचित रह जाता है।

भारत देश सदियों तक विदेशी आक्रांताओं के आक्रमण से संघर्ष करता रहा। विदेशी लुटेरों ने सनातन संस्कृति को नष्ट करने का भरपूर प्रयास किया। कई हद तक वे अपनी कोशिशों में कामयाब भी रहे।जिसके कारण हिंदू धर्म के लोग संकीर्ण मानसिकता तथा नास्तिकता व छद्म सेकुलरवादी विचारधारा से घिर गए।

हिंदू समाज के लोगों को पाश्चात्य मानसिकता से बचाने के लिए हिंदू पर्व के पुनरुत्थान की प्रक्रिया शुरू की गई जिसमें हिंदू महापुरुषों ने बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया तथा उन्होंने नास्तिकता व झूठे सेकुलरवादी विचारधारा से हिंदू युवाओं तथा जनसमूह को निकाला।

गणेश चतुर्थी मनाए जाने के पीछे आध्यात्मिक, सांस्कृतिक और सामाजिक तीन कारण हैं। आध्यात्मिक दृष्टिकोण से इस दिन को एक विशेष दिन माना जाता है जिसमें किसी भी पूजा अनुष्ठान अथवा प्रार्थना का ज्यादा असर होता है।

इस पर्व के सांस्कृतिक कारणों में सनातन धर्म के उन रहस्यों से अवगत कराना है जो सामान्य मानवी के समझ से बाहर होता है। सनातन संस्कृति को विश्व की सबसे पुरानी संस्कृति मानी जाती है। दुनिया के सभी धर्मों संप्रदायों की उत्पत्ति सनातन के द्वारा ही हुई है।

ऐसे में अपनी संस्कृति के वास्तविक रूप के प्रति गौरव तथा उत्साह को बनाए रखना एक बड़ा मुद्दा था। उदाहरण स्वरूप भगवान शंकर के द्वारा विषपान का हवाला देकर आज कई लोग नशे के उन्माद में खोए रहते हैं तथा खुद के हानि के साथ अपनी संस्कृति की भी हानि करते हैं।

गणेश चतुर्थी के माध्यम से लोगों को यह सोचने पर मजबूर किया जाता है वास्तव में भगवान शंकर कौन है? तथा यह पौराणिक कथाएं किस ओर इशारा कर रही हैं? ईश्वर का वास्तविक रूप क्या है?

इस त्योहार के मनाए जाने के पीछे के सामाजिक कारण सर्वविदित हैं। समय के साथ जब हिंदू धर्म के लोग सिर्फ अपने परिवार तक सीमित होते चले गए तो उन्हें एक बहुत बड़ा समय संघर्ष के रूप में गुजारना पड़ा।

  • महापुरुष श्री बाल गंगाधर तिलक ने हिंदू समाज को उनकी संकीर्ण मानसिकता से दूर रखने के लिए गणेश चतुर्थी को एक महापर्व के रूप में मनाने का फैसला किया।

परिणाम स्वरूप गणेश चतुर्थी के दिन पूरे भारत के करोड़ों लोग एकत्रित होने लगे तथा एक मन से भगवान गणेश की उपासना के माध्यम से संगठित होने लगे जिससे हिंदुत्व मजबूत हुआ।

गणेश चतुर्थी का महत्व Importance of Ganesh Chaturthi in Hindi

गणेश चतुर्थी के महत्व को तीन भागों में बांटा जा सकता है। धार्मिक, सामाजिक व सांस्कृतिक। गणेश चतुर्थी के दिन भगवान गणेश की पूजा होती है। सनातन संस्कृति में सबसे ज्यादा दिन चलने वाले त्योहारों में गणेश चतुर्थी का नाम प्रथम स्थान पर आता है।

यह 10 दिनों तक चलने वाला त्यौहार है। सबसे पहले अपनी श्रद्धा व व्यवस्था के अनुसार लोग भगवान श्री गणेश की मूर्तियों कोई स्थापित करते हैं। जिसके कारण स्थानीय लोगों को रोजगार के अवसर मिलते हैं।

गणेश चतुर्थी अधिकतर जनसमूह के परस्पर सहयोग से मनाया जाने वाला त्यौहार है। इसमें लोग अपने अनुसार धन राशि दान कर मनाते हैं। इसके माध्यम से लोगों को यह सीख मिलती है कि किसी भी समाज का उत्थान लोगों के पारस्परिक सहयोग से ही मुमकिन हो पाता है।

इसलिए गणेश चतुर्थी के माध्यम से हिंदू समाज में एकता बढ़ती है। बहुत से धर्म मूर्ति पूजा का विरोध करते हैं लेकिन कहीं ना कहीं वह भी किन्हीं चिन्हों का ही प्रयोग करते हैं।

गणेश चतुर्थी के दिन पूजा पद्धतियों में उपयोग होने वाले मंत्रों व कथाओं का मानव जीवन पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है। कहीं ना कहीं यह कथा तथा मंत्र मानवों को उत्थान की ओर धकेलने का काम करते हैं। 

इस त्योहार के माध्यम से लोगों में श्रद्धा विश्वास व खुशी की लहर दौड़ उठती है। जिससे सामाजिक नीरसता का नाश होता है।

गणेश चतुर्थी के दिन हर राज्यों में उनके सांस्कृतिक लोक नृत्य तथा लोक गान का आयोजन होता है जिसके माध्यम से यह सांस्कृतिक विरासत जीवित रहते हैं तथा आने वाली पीढ़ियों को जरूरी ज्ञान देते रहते हैं।

इस त्योहार का महत्व इसलिए भी ज्यादा है क्योंकि इससे अंग्रेजी हुकूमत घबराने लगी थी तथा असेम्बली में इसका जिक्र करती थी कि गणेश चतुर्थी के दिन युवा सड़कों पर टोली बनाकर ब्रिटिश का विरोध करते हैं तथा बच्चे तथा औरतें पर्चे बांटते हैं। ब्रिटिश शासन काल में ऐसे पर्वों का बेहद खौफ रहा।

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गणेश चतुर्थी की 3 मुख्य कहानियाँ Ganesh Chaturthi Stories in Hindi

गणेश चतुर्थी कहानी 1.

ऐसा माना जाता है कि माता पार्वती ने भगवान श्री गणेश के रूप में एक माटी की मूर्ति बनाई थी तथा अपने तेज व शक्ति के उपयोग से उसमें प्राण प्रतिष्ठित किया था। एक बार क्रोध बस भगवान शंकर ने अपने त्रिशूल से भगवान गणेश का सिर धड़ से अलग कर दिया था।

माता पार्वती के वियोग तथा आवाहन पर उन्होंने उनके सर के स्थान पर एक हाथी का सर लगा दिया तथा उनकी मातृभक्ति से खुश होकर उन्हें सबसे पहले पूजे जाने का आशीर्वाद भी दिया। इसी कारण भगवान श्री गणेश की पूजा सभी देवताओं में सबसे पहले की जाती है।

गणेश चतुर्थी कहानी 2

एक बार देवता किसी संकट में घिरे हुए थे और वे कैलाश आकर भगवान शिव से मदद की गुहार लगा रहे थे। भगवान शंकर के बगल में भगवान श्री गणेश तथा कार्तिकेय बैठे हुए थे। प्रभु शिव ने दोनों से पूछा की कौन देवताओं के समस्या का निवारण जल्दी कर सकता है।

भगवान शिव का प्रश्न सुनकर दोनों ने खुद को सर्वश्रेष्ठ बताया। भगवान शंकर ने दोनों की परीक्षा लेने के लिए एक स्पर्धा का आयोजन किया तथा पृथ्वी की परिक्रमा लगाकर सबसे पहले लौटने वाले को विजई घोषित कर देवताओं की समस्या का निवारण करने की शर्त रखी।

उनके शर्त सुनकर भगवान कार्तिकेय अपनी सवारी मोर पर बैठ कर पृथ्वी की परिक्रमा पूरी करने के लिए निकल पड़े लेकिन भगवान श्री गणेश की सवारी मूषक उनका वजन न सहकर धीमी गति से आगे बढ़ने लगा तभी श्रीगणेश को एक उपाय सूझा और उन्होंने भगवान शंकर और माता पार्वती को एक चौकी पर बैठा कर उनकी सात परिक्रमा पूरी की।

भगवान श्री गणेश ने कहा कि माता-पिता धरती से भी बड़े होते हैं इसलिए आप दोनों की परिक्रमा कर मैंने पूरी पृथ्वी की परिक्रमा पूरी कर ली। उनकी बुद्धि तथा भक्ति को देखकर भगवान बेहद प्रसन्न हुए तथा देवताओं की रक्षा का कार्यभार उन्हें सौंपा। 

पौराणिक कथाओं के अनुसार जब भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी का विवाह तय हो चुका था तब सभी को न्योता दिया गया लेकिन भगवान गणेश को न्योता नहीं दिया। इससे क्रुद्ध होकर भगवान गणेश नें उनके विवाह में नही जाने का फैसला किया।

जब भगवान् विष्णु को यह बात पता चली तो उन्होंने कहा की न्योता उनकी जगह पर भगवन शंकर को न्योता दिया गया है वे चाहें तो आ सकते हैं। साथ ही उन्होंने यह भी कहा की भगवान् गणेश अपनी सवारी चूहे पर न आएँ क्योंकि उनके धीरे चलने से बारात को रुकना पड़ेगा।

उनके तथा बारातियों द्वारा भगवान् गणेश का मजाक उड़ाया गया और कहा गया की भगवान गणेश को द्वारपाल बना दिया जाएगा। इससे दुखी होकर भगवान गणेश ने अपनी व्यथा नारद मुनि को बताई तो नारद मुनि ने उन्हें एक उपाय बताया।

उन्होंने कहा की अपनी मूषक सेना को भेज कर आप बारात के रास्तों को खोदवा सकते हैं जिससे उन्हें आपको बाइज्जत बुलाना ही पड़ेगा। भगवान गणेश ने भी ठीक ऐसा ही किया और अपनी मूषक सेना को भेज कर रास्ते में गड्ढा करवा दिया।

इसके बाद भगवान विष्णु तथा लक्ष्मी जी ने भगवान गणेश का आवाहन किया और उनसे क्षमा मांगी तथा विवाह संपन्न हुआ।

गणेश चतुर्थी पर पूजा और व्रत Worship on Ganesh Chaturthi in Hindi

गणेश चतुर्थी के दिन विशेष पूजा अर्चना की जाती है| लोग प्रातः जल्दी उठकर लाल वस्त्र धारण कर गणेश मंदिर जाते हैं| एक दन्त तथा लम्बोदर के नाम से जाने जाने वाले भगवान की श्रद्धा पूर्वक उपासना करते हैं| पूजा के दौरान श्री गणेश जी का मुख उत्तर या पूर्व दिशा में रखा जाता है। 

पंचामृत में सबसे पहले दूध से गणेश जी का अभिषेक किया जाता है। उसके बाद दही से फिर घी से शहद से ओर अंत मे गंगाजल से अभिषेक किया जाता है। गणेश जी पर रोली ओर कलावा चढ़ाया जाता है। सिंदूर गणेश जो को बहुत अधिक प्रिय  है। इसलिय उनको सिंदूर चढ़ाया जाता है।

रिद्धि – सिद्धि के रूप में दो सुपारी ओर पान चढ़ाया जाते है। इसके बाद फल पिला कनेर ओर दुब फूल चढ़ाया जाता है। उसके बाद गणेश जी की सबसे मनपसंद मिठाई मोदक ओर लड्डू चढ़ाया जाता है। 

भोग चढ़ाने के बाद सभी परिवारजनों द्वारा मिलकर गणेश जी की आरती गाई जाती है।श्री गणेश जी के 12 नामों का ओर उनके मन्त्रो का उच्चारण किया जाता है।

गणेश चतुर्थी पर कविता व मंत्र Poem and Mantra on Ganesh Chaturthi in Hindi

  • ‘ॐ गं गणपतये नमः’।
  • ॐ श्रीं गं सौभ्याय गणपतये वर वरद सर्वजनं मे वशमानय स्वाहा। 
  • ॐ वक्रतुण्डैक दंष्ट्राय क्लीं ह्रीं श्रीं गं गणपते वर वरद सर्व जनं मे वशमानय स्वाहा।
  • ऊँ नमो हेरम्ब मदमोहित मम संकटान निवारय स्वाहा
  • ऊँ गणेश ऋणं छिन्धि वरणयं हुं नमः फट।

हे गौरी के लाल, देवों के तुम सरताज! सुन ले गणेश मेरी पुकार, प्रभु कर दे मेरी नैया पार! रिद्धि-सिद्धि के तुम हो दाता, दीन दुखियों के भाग्य विधाता! तुझमें ज्ञान-सागर अपार, प्रभु कर दे मेरी नैया पार! सब देवों में प्रथम देव तुम, मूषक तुम्हारे पास विराजे! करते पूजन आरती उतार –  कविता सोलंकी

गणेश चतुर्थी पर 10 लाइन 10 lines on Ganesh Chaturthi in Hindi

  • छत्रपति शिवाजी महाराज ने गणेश चतुर्थी को पूरे महाराष्ट्र में मनाने की प्रक्रिया शुरू की थी
  • भाद्रपद मास की शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को भगवान शिव और माता पार्वती के पुत्र भगवान गणेश का जन्म हुआ था।
  • गणेश चतुर्थी मनाए जाने के पीछे आध्यात्मिक, सांस्कृतिक और सामाजिक तीन कारण हैं।
  • गणेश चतुर्थी 10 दिनों तक चलने वाला त्यौहार है।
  •  गणेश चतुर्थी अधिकतर जनसमूह के परस्पर सहयोग से मनाया जाने वाला त्यौहार है।
  • गणेश चतुर्थी के माध्यम से हिंदू समाज में एकता बढ़ती है।
  • गणेश चतुर्थी के दिन हर राज्यों में उनके सांस्कृतिक लोक नृत्य कथा लोक गान का आयोजन होता है
  • णेश चतुर्थी हिंदू कैलेंडर के अनुसार भाद्रपद मास की शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाया जाता है|
  • महाराष्ट्र में लाल बाग़ का राजा नामके भगवान श्री गणेश की प्रतिमा भारत की सबसे ऊँची मूर्ति होती है|

निष्कर्ष Conclusion

इस लेख में आपने गणेश चतुर्थी पर निबंध (Essay on Ganesh Chaturthi in Hindi) पढ़ा आशा है यह लेख आपको सरल तथा जानकारियों से भरपूर लगा हो। अगर यह लेख आपको पसंद आया हो तो इसे शेयर जरुर करें|

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गणेश चतुर्थी पर निबंध | Essay on Ganesh Chaturthi in Hindi

हेलो दोस्तों, आज हमलोग इस लेख में गणेश चतुर्थी पर निबंध हिंदी में (Ganesh Chaturthi Essay in Hindi) पड़ेंगे जो कि आपको Class 5, 6, 7, 8, 9, 10, 11, 12 व अन्य competitive examination जैसे कि SSC, UPSC, BPSC जैसे एग्जाम में अत्यंत लाभकारी साबित होंगे। गणेश चतुर्थी पर निबंध (Essay on Ganesh Chaturthi Festival) के अंतर्गत हम पूरी जानकारी को आप अपने मोबाइल पर भी विस्तार से पढ़ सकते है इसलिए इसे अंत तक अवश्य पढ़ें।

Essay on Ganesh Chaturthi

प्रस्तावना:

गणेश चतुर्थी, हिन्दुओं के लिए एक महत्वपूर्ण और धार्मिक त्योहार है जिसे भगवान गणेश के जन्म दिवस के रूप में मनाते है। यह त्योहार न केवल धार्मिक रूप से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह हमारे समाज और संस्कृति के दृष्टी से भी महत्वपूर्ण है। इस निबंध में, हम गणेश चतुर्थी के महत्व, प्राचीनता, और मनाने के तरीके के बारे में जानगे, जो हमारे समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर का हिस्सा है।

गणेश चतुर्थी का इतिहास:

गणेश चतुर्थी का महत्वपूर्ण इतिहास है, जिसे हिंदू धर्म में भगवान गणेश के जन्म दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस त्योहार का इतिहास प्राचीनकाल से जुड़ा हुआ है और यह अपने आप में एक गौरवशाली कथा है। यह हिन्दुओ के लिए गर्व की बात है क्यों की इसका इतिहास प्राचीनतम समय से चला आ रहा है।

गणेश चतुर्थी के प्राचीन रूप:

गणेश चतुर्थी का प्राचीन इतिहास भारतीय साहित्य और पुराणों में पाया जाता है। इसे बड़ी मात्रा में 4,000 साल पहले हिंदू धर्म के लोग गणेश चतुर्थी मनाते थे। इस त्योहार का महत्व वैदिक साहित्य, महाभारत, और पुराणों में स्पष्ट रूप से उल्लिखित है।

वेदों के अनुसार, गणेश का उल्लेख वृषभ और मयूर के रूप में किया गया है, जो ऋषि पराशर की आत्मा थे। महाभारत में भी गणेश के महत्वपूर्ण भूमिका का उल्लेख है, जब वे महाभारत की कथा को लिखने में व्यस्त थे।

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मौर्य और गुप्त वंश:

गणेश चतुर्थी का प्राचीन इतिहास मौर्य और गुप्त वंशों के समय में भी पाया जाता है। मौर्य और गुप्त साम्राज्यों में इसे बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता था, और इस अवसर पर विभिन्न प्रकार की पूजा, आरती, और मेले का आयोजन किया जाता था।

गणेश चतुर्थी के सम्प्रदाय:

गणेश चतुर्थी का महत्व समय के साथ और अधिक बढ़ गया और इसे हिंदू समुदाय का महत्वपूर्ण त्योहार बना दिया गया है। महाराष्ट्र, गुजरात, कर्णाटक, और आंध्र प्रदेश जैसे राज्यों में इसे बड़े ही धूम-धाम से से मनाया जाता है, और इसे गणेश चतुर्थी के सम्प्रदाय के तौर पर मान्यता दिया गया है।

इस तरह, गणेश चतुर्थी का इतिहास हमें इस त्योहार के महत्वपूर्ण प्राचीनतम होने का पता चलता है, जिसे हिंदू समुदाय में विशेष आदर और समर्थन मिलता है। यह त्योहार भारतीय सांस्कृतिक धरोहर का महत्वपूर्ण हिस्सा है और विभिन्न सम्प्रदायों के लोगों के बीच एकता और सदभावना को भावना को प्रकट करता है।

गणेश चतुर्थी का महत्व:

गणेश चतुर्थी हिंदू धर्म में भगवान गणेश के जन्म के रूप में मनाया जाने वाला एक प्रमुख त्योहार है। यह त्योहार भारतीय सभ्यता के महत्वपूर्ण हिस्से का प्रतीक है और भारतीय समाज के लिए गहरा महत्व रखता है। गणेश चतुर्थी का महत्व कई कारणों से अत्यधिक है:

  • भगवान गणेश का आदर: गणेश चतुर्थी भगवान गणेश के आदर और समर्पण का अवसर प्रदान करता है। गणेश जी को विघ्नहर्ता के रूप में माना जाता है, जो किसी भी कठिनाई को दूर करने वाले देवता हैं।
  • धार्मिक अनुष्ठान का पालन: यह त्योहार हिंदू धर्म के मान्यताओं का पालन करने का अवसर प्रदान करता है। लोग गणेश चतुर्थी के दिन व्रत रखते हैं और पूजा-अर्चना करते हैं।
  • सांस्कृतिक धरोहर: गणेश चतुर्थी भारतीय सांस्कृतिक धरोहर का हिस्सा है और इसे बड़े धूमधाम से मनाया जाता है। इसके दौरान कला, संगीत, और पारंपरिक नृत्य का आयोजन किया जाता है।
  • सामाजिक एकता: गणेश चतुर्थी लोगों को एक साथ आने का मौका देता है और सामाजिक एकता को दिशा प्रदान करता है। लोग आपस में मिल जुलकर त्योहार को धूमधाम से मनाते हैं।
  • प्राकृतिक संरक्षण: गणेश चतुर्थी के दौरान गणेश जी की मूर्तियों को समुद्र या नदियों में विसर्जन किया जाता है, जिससे जल संकट के खिलाफ एक प्राकृतिक संरक्षण संदेश दिया जाता है।
  • सामाजिक और आर्थिक उन्नति: गणेश चतुर्थी के दौरान विभिन्न प्रकार की व्यापारिक और सामाजिक गतिविधियाँ आयोजित की जाती हैं, जो स्थानीय व्यापारों और उद्योगों को बढ़ावा देती हैं।
  • साहित्यिक और कला में प्रोत्साहन: गणेश चतुर्थी के दौरान कला और साहित्य को प्रोत्साहन दिया जाता है, और कलाकार और लेखक विभिन्न कार्यक्रमों में भाग लेते हैं।
  • सहयोग और सामर्थ्य का प्रतीक: गणेश चतुर्थी हमें सहयोग और सामर्थ्य की महत्वपूर्ण भूमिका याद दिलाता है, क्योंकि गणेश जी विभिन्न देवताओं के साथ मिल-जुल कर काम करते हैं।
  • संयुक्तता का प्रतीक: गणेश चतुर्थी लोगों को सामाजिक और सांस्कृतिक संयुक्तता का संदेश देता है, जो सभी वर्गों और वर्णों को एक साथ लाता है।

इस प्रकार, गणेश चतुर्थी न केवल धार्मिक रूप से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह हमारे समाज में सामाजिक, सांस्कृतिक, और पारंपरिक महत्व का प्रतीक है और हमारी सांस्कृतिक धरोहर का हिस्सा है।

गणेश चतुर्थी की महत्वपूर्ण तिथियाँ:

गणेश चतुर्थी हिंदू पंचांग में वर्षभर मनाए जाने वाले त्योहारों में से एक है और इसका महत्व भारतीय समुदाय के लिए अत्यधिक है। इस पर्व की कुछ महत्वपूर्ण तिथियाँ निम्नलिखित हैं:

  • गणेश चतुर्थी: यह त्योहार भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को मनाया जाता है। यह गणेश चतुर्थी का मुख्य दिन होता है और भगवान गणेश की मूर्ति की स्थापना भी इस दिन ही की जाती है ।
  • गणेश विसर्जन: गणेश चतुर्थी के त्योहार के चारदिवसीय आयोजन के बाद, भगवान गणेश की मूर्ति को समुद्र या नदियों में विसर्जित किया जाता है। इस विसर्जन की तिथि विभिन्न स्थानों पर अलग-अलग हो सकती है, लेकिन अक्सर इसे अनंत चतुर्दशी के दिन मनाया जाता है।
  • गणेश चौर्थी (विनायका चतुर्थी): गणेश चतुर्थी का महत्व भारत के विभिन्न राज्यों में अलग-अलग तरीकों से मनाया जाता है, और इसकी तिथियाँ व्यक्तिगत प्राथमिकताओं और स्थानीय परंपराओं के आधार पर निर्धारित की जाती हैं।
  • अनंत चतुर्दशी: गणेश चतुर्थी के उपन्यासन और विसर्जन के बाद, अनंत चतुर्दशी के दिन भगवान गणेश की आराधना और पूजा की जाती है।
  • माघ शुक्ल सप्तमी: माघ महीने के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि को भी गणेश जयंती के रूप में मनाई जाती है।

इन तिथियों पर भगवान गणेश की पूजा, आरती, और भक्ति कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं और लोग अपनी मनोकामनाओं को पूरा करने की प्रार्थना करते हैं।

गणेश चतुर्थी की परंपराएँ:

गणेश चतुर्थी हिंदू समुदाय के लिए एक महत्वपूर्ण त्योहार है, और इसके पीछे विभिन्न परंपराएँ और आदर्श जुड़ी हुई हैं, जो इसे और भी विशेष बनाती हैं। निम्नलिखित हैं गणेश चतुर्थी की कुछ महत्वपूर्ण परंपराएँ:

  • मूर्ति की स्थापना: गणेश चतुर्थी के दिन, भगवान गणेश की मूर्ति की स्थापना की जाती है। मूर्तियाँ पारंपरिक रूप से तैयार की जाती हैं और इसके लिए कलाकारी, विद्वान, या पंडित की सहायता ली जाती है।
  • पूजा और आरती: गणेश चतुर्थी पर भगवान गणेश की पूजा और आरती की जाती है। यह पूजा भक्तों के द्वारा अद्भुत भक्ति और आस्था का प्रतिक मानी जाती है।
  • मन्त्र जाप: गणेश चतुर्थी के दिन, विशेष गणेश मन्त्रों का जाप किया जाता है, जो भगवान की कृपा प्राप्त करने में मदद करते हैं।
  • पंडाल और उपासना स्थल: इस त्योहार के दौरान अक्सर विशेष पंडाल और उपासना स्थल बनाए जाते हैं, जो भक्तों के लिए समाजिक जगह की भावना रखते हैं।
  • विसर्जन: गणेश चतुर्थी के बाद, भगवान गणेश की मूर्तियों को समुद्र या नदियों में विसर्जित किया जाता है। यह विधि भगवान के वापस अपने लोक को ले जाने के रूप में मानी जाती है।
  • प्रसाद और भोजन: गणेश चतुर्थी के दौरान भगवान के प्रसाद के रूप में मिठाई और निवेदन की जाती है। भक्त अपने दोस्तों और परिवार के साथ भोजन करते हैं और त्योहार का आनंद लेते हैं।
  • सामाजिक एकता: गणेश चतुर्थी लोगों को एक साथ आने का मौका देता है और सामाजिक एकता को आगे बढानें का काम करता है। लोग आपस में मिल-जुल कर त्योहार को धूमधाम से मनाते हैं।
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गणेश चतुर्थी मनाने का तरीका:

  • मूर्ति की खरीदारी: पहले, एक छोटी या बड़ी गणेश मूर्ति खरीद ली जाती है। मूर्तियाँ विभिन्न साइज़ और मैटेरियल में उपलब्ध होती हैं, जैसे कि मिट्टी, पारंपरिक, और प्लास्टिक।
  • स्थापना: गणेश चतुर्थी के दिन, घर के पूजा स्थल पर भगवान गणेश की मूर्ति को स्थापित करें। मूर्ति की स्थापना के लिए एक शुभ मुहूर्त देख कर इसे स्थापित किया जाता है।
  • पूजा और आरती: गणेश चतुर्थी के दिन, भगवान गणेश की पूजा करें। इसमें गणेश मन्त्रों का पाठ करना, फल और पुष्प चढ़ाना, और धूप-दीप की आरती शामिल होती है।
  • प्रसाद तैयारी: गणेश चतुर्थी के दिन भगवान के लिए प्रसाद तैयार करें। यह मिठाई, फूल, और फल हो सकता है। प्रसाद को मूर्ति के सामने रखें और उसे बड़े आदर से चढ़ाएं।
  • भक्ति और प्रार्थना: गणेश चतुर्थी के दिन, भक्तों को भगवान गणेश की भक्ति और प्रार्थना में समय बिताना चाहिए। वे अपनी मनोकामनाएं पूरी करने की प्रार्थना करते हैं और भगवान की कृपा उनकी जिन्दगी की मदद के लिए प्रार्थना करते हैं।
  • संगीत और नृत्य: कई स्थानों पर गणेश चतुर्थी के दिन संगीत और नृत्य की प्रतियोगिताएँ और कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। लोग गणेश चतुर्थी के इस खास दिन को गाने और नृत्य के साथ मनाते हैं।
  • विसर्जन: गणेश चतुर्थी के बाद, भगवान गणेश की मूर्ति को समुद्र या नदियों में विसर्जित करना एक महत्वपूर्ण परंपरा है। इसके लिए विशेष तिथि और स्थान निर्धारित किए जाते हैं।

गणेश चतुर्थी मनाने का कारण:

गणेश चतुर्थी को मनाने के पीछे कई महत्वपूर्ण कारण होते हैं, जो इसे हिंदू समुदाय में एक प्रमुख त्योहार बनाते हैं। यहां कुछ मुख्य कारण हैं:

  • भगवान गणेश की पूजा: गणेश चतुर्थी को मनाने का मुख्य कारण है भगवान गणेश की पूजा करना। गणेश जी को हिंदू धर्म में विज्ञान, कला, और ज्ञान के पत्रन के रूप में माना जाता है, और उनकी पूजा से बुद्धि और विवेक में वृद्धि होती है।
  • आध्यात्मिकता: गणेश चतुर्थी के दिन लोग आध्यात्मिकता में भी गहरा रूप से जुट जाते हैं। इस दिन वे भगवान के साथ अपनी भक्ति और प्रार्थना का अद्भुत अनुभव करते हैं और अपने जीवन को धार्मिक मार्ग पर चलने का रास्ता दिखाते हैं।
  • सामाजिक एकता: गणेश चतुर्थी एक तरह की सामाजिक एकता और सामूहिक भावना को प्रकट करता है। लोग इस त्योहार के दौरान एक साथ आते हैं, पूजा करते हैं, और मिलकर आनंद लेते हैं।
  • धार्मिक अद्यतनता: गणेश चतुर्थी धार्मिक अद्यतनता की प्रोत्साहक होता है। यह लोगों को अपने धर्म के मूल तत्वों को समझने और अपने जीवन में उन्हें अंगीकार करने के लिए प्रोत्साहित करता है।
  • आदिवासी और सांस्कृतिक मूल्य: गणेश चतुर्थी एक प्राचीन भारतीय सांस्कृतिक परंपरा का हिस्सा है, और इसे आदिवासी और स्थानीय समुदायों में बड़े ही मान्यता प्राप्त है। इसके माध्यम से सांस्कृतिक धरोहर को बचाया जा सकता है।
  • आदर और आभार: गणेश चतुर्थी के दिन लोग भगवान के प्रति आदर और आभार की भावना रखते हैं। वे उनके आशीर्वाद के लिए प्रार्थना करते हैं और उनके द्वारा दिए गए वरदानों का सम्मान करते हैं।

गणेश उत्सव 10 दिनों तक क्यों मनाते हैं:

  • गणेश जी के आगमन का स्वागत: गणेश उत्सव के 10 दिनों के अवधि के दौरान, भगवान गणेश का आगमन होता है। यह दिन-रात की पूजा और आरती के साथ होता है जिससे उनका स्वागत बड़ी ही धूम-धाम से किया जाता है।
  • आध्यात्मिक महत्व: गणेश उत्सव के 10 दिन आध्यात्मिक उन्नति और पूजा के लिए समर्पित होते हैं। इस अवधि के दौरान भक्त अपने आध्यात्मिक अभिवादन में समय बिताते हैं और ध्यान मग्न रहते हैं।
  • सामाजिक एकता और उत्सव की भावना: 10 दिनों के उत्सव के दौरान लोग एक साथ आकर्षित होते हैं और सामाजिक एकता को प्रोत्साहन देते हैं। वे मिलकर भगवान गणेश के आगमन को मनाते हैं और साथ ही उत्सव की भावना को भी बढ़ाते हैं।
  • सांस्कृतिक और कला का प्रदर्शन: गणेश उत्सव के दौरान, सांस्कृतिक प्रदर्शन और कला का प्रदर्शन किया जाता है। लोग रंगीन प्रकार से अपने गणेश मूर्तियों को सजाते हैं।
  • बड़ी जनसंख्या की भागीदारी: गणेश उत्सव के 10 दिन तक का आयोजन बड़ी जनसंख्या की भागीदारी को संभव बनाता है। यह आमतौर पर एक आम व्यक्ति के लिए एक बड़े पर्व का हिस्सा बनाता है, जिसमें वे अपने परिवार और समुदाय के साथ हिस्सा लेते हैं।
  • सोशल और कला के प्रसार: 10 दिनों के उत्सव के दौरान, सोशल मीडिया और मीडिया के माध्यम से गणेश उत्सव का प्रसार-प्रसार करते है। यह लोगों को अपनी संस्कृति और धार्मिक मूल्यों के प्रति जागरूक करता है और उन्हें इसे मनाने के लिए प्रोत्साहित करता है।

भगवान गणेश के 12 नाम और उनके अर्थ:

भगवान गणेश के बारह नामों का पाठ अपनी पूजा और आराधना के दौरान किया जाता है, और इन नामों का अर्थ भक्तों के लिए महत्वपूर्ण होता है। ये नाम उनके विभिन्न गुणों और शक्तियों को प्रकट करते हैं:

  • वक्रतुण्ड महाकाय: इस नाम का अर्थ होता है “वक्रतुण्ड” जो कि एक विशेष रूप में कुशलता का प्रतीक है, और “महाकाय” जो विशाल शरीर को सूचित करता है। यह नाम गणेश की महाकाय और अद्वितीय रूप को दर्शाता है।
  • एकदंत: इस नाम का अर्थ होता है “एकदंत” जो कि एक ही दंत वाला होने को सूचित करता है। यह नाम गणेश के एक दंत की प्रतिक्रिया है और संकटों को दूर करने की शक्ति को प्रतिष्ठित करता है।
  • काजरीवरण नायक: इस नाम का अर्थ होता है “काजरीवरण नायक” जो कि एक सुंदर वस्त्र पहने हुए गणेश के रूप को दर्शाता है। यह नाम उसकी आकर्षण और अलौकिक सौंदर्य को दिखता है।
  • लम्बोदर: इस नाम का अर्थ होता है “लम्बा गड्डा” जो कि गणेश के मोटे बघीचे वाले पेट को सूचित करता है। यह नाम उसकी संपन्नता को दर्शाता है।
  • विघ्नेश्वर: इस नाम का अर्थ होता है “विघ्नों के ईश्वर” जो कि गणेश को संकटों और अवरोधों के प्रभु के रूप में प्रस्तुत करता है। यह नाम उसकी संकट निवारण की शक्ति को दिखाता है।
  • गणपति: इस नाम का अर्थ होता है “गणों के प्रतिपालक” जो कि गणेश को समुदाय के प्रमुख के रूप में प्रदर्शित करता है। यह नाम उसके सामाजिक और सामूहिक भावनाओं को दिखाता है।
  • सिद्धिविनायक: इस नाम का अर्थ होता है “सिद्धियों के विनायक” जो कि गणेश को सिद्धिओं के प्राप्तकर्ता के रूप में प्रदर्शित करता है। यह नाम उसकी साधना और विजय की शक्ति को दिखाता है।
  • धूम्रकेतु: इस नाम का अर्थ होता है “धूम्रकेतु” जो कि धूम्र (धुआं) से लिपटे हुए होने को सूचित करता है। यह नाम उसकी महाशक्ति और आग्नेय स्वरूप को प्रमोट दिखाता है।
  • विघ्नहर्ता: इस नाम का अर्थ होता है “विघ्नों को हरनेवाला” जो कि गणेश को संकटों और विघ्नों के प्रमुख नायक के रूप में प्रदर्शित करता है। यह नाम उसके संकट निवारण की शक्ति को दिखाता है।
  • बुद्धिप्रिय: इस नाम का अर्थ होता है “बुद्धि के प्रिय” जो कि गणेश को बुद्धि और विवेक के प्रति प्रेम के रूप में प्रदर्शित करता है। यह नाम उसके विवेकशीलता और ज्ञान को दिखाता है।
  • सर्वज्ञ: इस नाम का अर्थ होता है “सभी ज्ञानी” जो कि गणेश को सभी ज्ञानों के प्रति पूर्ण जानने वाले के रूप में प्रदर्शित करता है। यह नाम उसके अद्वितीय ज्ञान को दिखाता है।
  • सर्वगंध: इस नाम का अर्थ होता है “सभी गंधों के स्वामी” जो कि गणेश को सभी प्रकार के सुगंधों के प्रति प्रेम के रूप में प्रदर्शित करता है। यह नाम उसके महत्वपूर्ण और आराध्य स्वरूप को दिखाता है।

गणेश चतुर्थी, हिंदू धर्म का एक महत्वपूर्ण और प्रिय त्योहार है जो भगवान गणेश के आगमन का प्रमाण देता है। यह उत्सव हर साल खुशी, उत्साह, और भक्ति के साथ मनाया जाता है और लाखों लोग देवपुत्र गणेश की पूजा और आराधना करते हैं। इस उत्सव का सन्देश है कि हमें संकटों और अवरोधों का सामना करते समय भगवान की आराधना और श्रद्धा से जीवन का सामंजस्य बनाना चाहिए। गणेश चतुर्थी हमें उत्साह, संगठन, और आदर की महत्वपूर्ण शिक्षाएं देता है।

गणेश चतुर्थी हमारे जीवन में खुशी और समृद्धि की प्राप्ति के लिए एक अद्वितीय और महत्वपूर्ण उत्सव है जो हमें आदर्श और धार्मिक जीवन की ओर प्रवृत्त करता है।

इस गणेश चतुर्थी पर, हम सभी को भगवान गणेश की कृपा और आशीर्वाद की कामना है। गणपति बाप्पा मोरया!

Frequently Asked Questions

उत्तर: गणेश चतुर्थी भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को मनाई जाती है।

उत्तर: गणपति मूर्तियाँ छोटी से बड़ी तक के हो सकती हैं, लेकिन सामान्यत: कई लोग चौड़ाई लगभग ६ इंच तक की मूर्तियों का चयन करते हैं।

उत्तर: गणेश चतुर्थी के दौरान, बड़ी आरती और विशेष पूजा कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं, जिसमें पंडित या पूजारी भी शामिल होते हैं।

उत्तर: त्योहार के बाद, गणेश जी की मूर्ति को समुद्र में विसर्जित किया जाता है।

उत्तर: गणेश चतुर्थी के अलावा, गणेश जी के अन्य महत्वपूर्ण त्योहार हैं, जैसे कि गणेश जयंती और माघ शुक्ल सप्तमी।

निष्कर्ष (Conclusion)

दोस्तों मुझे आशा है कि आपको हमारा लेख गणेश चतुर्थी पर निबंध (Essay on Ganesh Chaturthi festival) पढ़ कर अच्छा लगा होगा और आपके सभी प्रश्नों के उत्तर मिल गए होगें।

यदि आपको यह लेख Ganesh Chaturthi essay in hindi अच्छा लगा हो इससे आपको कुछ सीखने को मिला हो तो आप अपनी प्रसन्नता और उत्सुकता को दर्शाने के लिए कृपया इस पोस्ट को Social Networks जैसे कि Facebook , Google+, Twitter इत्यादि पर Share कीजिए।

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गणेश चतुर्थी पर निबंध – Essay on Ganesh Chaturthi in Hindi

Essay on Ganesh Chaturthi in Hindi आज हम गणेश चतुर्थी पर निबंध हिंदी में लिखने वाले हैं. यह निबंध कक्षा 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9 ,10, 11, 12 और कॉलेज के विद्यार्थियों के लिए है.

Ganesh Chaturthi निबंध को हमने अलग-अलग शब्द सीमा में लिखा है जिससे अनुच्छेद और निबंध लिखने वाले विद्यार्थियों को कोई भी परेशानी नहीं हो और वह Essay on Ganesh Chaturthi in Hindi के बारे में अपनी परीक्षा में लिख सकेंगे.

Short Essay on Ganesh Chaturthi in Hindi

हिंदू धर्म को मानने वाले लोगों द्वारा प्रत्येक वर्ष अगस्त और सितंबर माह के बीच चतुर्थी के दिन गणेश चतुर्थी त्योहार मनाया जाता है. गणेश चतुर्थी गणेश जी के जन्मदिन का दिन होता है. हिंदू धर्म में आने वाले बड़े त्योहारों में से एक गणेश चतुर्थी भी है जिसका आयोजन प्रत्येक वर्ष 11 दिनों तक किया जाता है.

essay on ganesh chaturthi in hindi

Essay on Ganesh Chaturthi in Hindi for all school student

हिंदू धर्म के लोग गणेश जी को अपना इष्ट देवता मानते है जब भी कोई शुभ कार्य करते हैं तब सबसे पहले इन्हीं की पूजा की जाती है. गणेश जी की पूजा सबसे पहले इसलिए की जाती है क्योंकि यह सब के विघ्न हर लेते है इसीलिए गणेश जी का दूसरा नाम विघ्नहर्ता भी है.

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भगवान गणेश को बुद्धि और समृद्धि का देवता भी कहा जाता है इसलिए ये सभी को पसंद है. चतुर्थी के दिन सभी लोगों द्वारा अपने घर पर मिट्टी की गणेश प्रतिमा विराजमान की जाती है और 10 दिनों तक उनकी पूजा की जाती है और अनन्त चतुर्दशी के दिन अथार्त 11वें दिन समुंदर या किसी बड़ी नदी में गणेश जी की प्रतिमा का विसर्जन कर दिया जाता है. गणेश चतुर्थी का यह उत्सव बड़ी धूमधाम से पूरे देश भर में मनाया जाता है.

Ganesh Chaturthi Essay in Hindi 350 Words

गणेश चतुर्थी हिंदू त्योहारों में यह सबसे लंबे चलने वाले त्योहारों में से एक है. यह त्यौहार चतुर्थी के दिन प्रारंभ होता है और अनन्त चतुर्दशी के दिन समाप्त होता है यह 11 दिनों तक लंबा चलने वाला त्यौहार है. पूरे देश में सभी जगहों पर यह त्यौहार बड़ी ही धूमधाम से मनाया जाता है.

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अगस्त या सितंबर में हिंदू कैलेंडर के चतुर्थी के दिन प्रत्येक घर गली मोहल्लों में गणेश जी की प्रतिमा को विराजमान किया जाता है. प्रतिमा को विराजमान करने से पहले सभी लोग बड़ी धूम-धाम से नाचते बजाते गाते है. श्री गणेश जी की आरती के साथ गणेश जी की प्रतिमा को विराजमान किया जाता है.

फिर 10 दिनों तक सुबह-शाम गणेश जी की प्रतिमा की पूजा की जाती है सभी लोग इस पूजा में भाग लेते है. इस दिन शहर के बड़े-बड़े चौराहों पर रंग बिरंगी लाइट लगाकर हर तरफ रोशनी कर दी जाती है.

गणेश जी का बाल रूप बच्चों द्वारा बहुत पसंद किया जाता है इसलिए बच्चों द्वारा इन्हें बाल गणेशा कह के भी पुकारा जाता है. यह त्योहार प्रमुख रूप से महाराष्ट्र राज्य में मनाया जाता है हालांकि वर्तमान में भारत के सभी राज्यों में गणेश उत्सव मनाया जाता है.

इस त्यौहार का आयोजन हर वर्ष किया जाता है और गणेश जी की मूर्ति घर पर लाई जाती है ऐसा माना जाता है कि जब गणेश जी की मूर्ति घर पर लेकर आते हैं तब सुख और समृद्धि घर में आती है और जब 10 दिनों बाद गणेश जी की मूर्ति को विसर्जन के लिए लेकर जाया जाता है तब ऐसा माना जाता है कि गणेश जी घर से सभी दुख दुविधाए अपने साथ ले जाते है.

गणेश उत्सव का समापन 11 दिन होता है इस दिन श्रद्धालुओं के लिए भंडारा आयोजित किया जाता है जिसमें सभी लोग भोजन ग्रहण करते हैं उसके पश्चात गणेश जी की अंतिम आरती की जाती है. फिर गणेश जी की मूर्ति को नदीय समुंदर तक ले जाने के लिए एक सुंदर रथ में सजाई जाती है और पूरे शहर भर में झांकी और शोभायात्रा निकाली जाती है.

सभी लोग खूब हर्षोल्लास से इस शोभायात्रा में भाग लेते हैं और गणेश जी के आगे बैंड बाजों की धुन पर मस्त मगन होकर नाचते है और अंत में बाबा मोरिया के जयकारे लगाते हुए नदी या तालाब में गणेश जी की मूर्ति का विसर्जन कर दिया जाता है.

Essay on Ganesh Chaturthi in Hindi

प्रस्तावना –

गणेश चतुर्थी जी भारत के विभिन्न बड़े त्योहारों में से एक है मान्यता है कि इस दिन भगवान गणेश का जन्म दिन हुआ था. यह त्योहार मुख्यत है हिंदू समाज के लोगों द्वारा मनाया जाता है लेकिन वर्तमान में सभी धर्मों के लोग गणेश उत्सव को खूब धूमधाम से मनाते है.

Ganesh Chaturthi भारत के लोकप्रिय त्योहारों में से एक है यह त्योहार 10 दिन तक लंबा चलने वाला उत्सव है. इसकी तैयारियां लोगों द्वारा महीनों पहले ही करनी चालू कर दी जाती है. गणेश चतुर्थी के दिन भगवान गणेश की प्रतिमा स्थापित की जाती है और को धूमधाम से उनकी 10 दिनों तक सुबह शाम पूजा-अर्चना की जाती है.

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पौराणिक मान्यताओं के अनुसार सभी हिंदू देवताओं में सबसे पहले भगवान गणेश को पूजा जाता है. 10 दिनों तक पूजा करने के बाद 11वे दिन “अगले वर्ष जल्दी आना की मंगल कामना के साथ” भगवान गणेश की प्रतिमा का विसर्जन कर दिया जाता है.

गणेश उत्सव कब मनाया जाता है –

गणेश चतुर्थी पूरे भारतवर्ष में मनाया जाने वाला एक प्रमुख त्यौहार है. इस त्योहार का आयोजन प्रत्येक वर्ष अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार अगस्त और सितंबर माह के बीच शुभ मुहूर्त के अनुसार किया जाता है जबकि हिंदू पंचांग के अनुसार इस त्यौहार का आयोजन भाद्र माह में किया जाता है.

इस वर्ष 2018 में इस त्यौहार का आयोजन 13 सितंबर से लेकर 23 सितंबर तक किया गया. यह त्योहार 10 दिनों तक एक उत्सव के रूप में मनाया जाता है. यह त्यौहार चतुर्थी के दिन प्रारंभ होता है और अनन्त चतुर्दशी के दिन समाप्त होता है . लेकिन आजकल कुछ जगह इस त्योहार की समाप्ति 7 दिनों के अंदर ही कर दी जाती है.

भगवान गणेश का जन्म कैसे हुआ –

भगवान गणेश के जन्म के पीछे भी बहुत ही आश्चर्यजनक घटना है. पौराणिक ग्रंथों और कहानियों के एक दिन अनुसार मां पार्वती ने स्नान करते समय अपने शरीर के मैल से एक बालक की आकृति की मूर्ति बनाई फिर उन्होंने अपनी दिव्य शक्ति से उस मूर्ति में प्राण फूंक दिए.

जिसके पश्चात उस मूर्ति ने भगवान गणेश का रूप ले लिया लेकिन भगवान गणेश को सभी देवताओं के लोगों द्वारा तब जाना गया जब मां पार्वती ने अपने पुत्र गणेश को कहा कि वे महल के द्वार पर जाकर खड़े हो जाएं क्योंकि वह स्नान कर रही है और आदेश दिया कि किसी को भी महल के अंदर आने न दिया जाए.

पुत्र गणेश जी मां की आज्ञा का पालन करते हुए द्वार पर जाकर खड़े हो गए तभी संयोगवश वर्षों की तपस्या के बाद भगवान शिव जोकि बालक गणेश की पिता है वे आए और महल के अंदर प्रवेश करने लगे तभी बालक गणेश ने उन्हें रोक दिया. भगवान शिव ने बाल गणेश को बहुत समझाया लेकिन बालक गणेश नहीं माने और मां पार्वती के दिए आदेश पर अटल रहे.

भगवान शिव को इस बात पर क्रोध आ गया और उन्होंने बालक गणेश के सिर को धड़ से अलग कर दिया. इस समय भगवान शिव का पता नही था की यह बालक उनका पुत्र है. बालक गणेश की चीख सुनकर मां पार्वती बाहर दौड़ी चली आयी और अपने पुत्र को मृत देख कर बहुत दुखी हुई और साथ ही क्रोधित भी हुई.

जब मां पार्वती ने भगवान शिव को बताया कि यह उनके पुत्र है तो भगवान शिव को अपनी गलती का एहसास हुआ और उन्होंने नंदी को आदेश दिया कि सूर्योदय से पहले अपनी मां के साथ सोए हुए किसी भी जानवर का सर काट कर ले कर आओ.

नंदी कुछ समय पश्चात हाथी के बच्चे का सर काट कर ले कर आए और भगवान शिव ने अपने दिव्य शक्ति से उसे अपने पुत्र गणेश के धड़ से जोड़ दिया और बालक गणेश फिर से जीवित हो गए. इस समय सभी देवताओं ने बाल गणेश को अपनी विभिन्न शक्तियां दी.

गणेश उत्सव की तैयारी –

भारत के प्रत्येक राज्य, शहर, गली-मोहल्लों में गणेश उत्सव को बड़ी ही धूमधाम और हर्षोल्लास से मनाया जाता है. यह त्योहार मुख्यतः हिंदू लोगों द्वारा मनाया जाता है लेकिन वर्तमान में सभी धर्मों के लोग को बढ़-चढ़कर इस उत्सव में भाग लेते है.

गणेश चतुर्थी की तैयारियां लोगों द्वारा महीनों पहले ही करनी चालू हो जाती है. यह अन्य त्योहारों की तरह एक दिन में समाप्त नहीं होता है इस त्यौहार को उत्सव के रूप में 10 दिनों तक मनाया जाता है. इस त्यौहार की तैयारियों को लेकर मूर्तिकार मिट्टी और प्लास्टर ऑफ पेरिस की मूर्तियां महीनों पहले ही बनाना चालू कर देते है.

बाजारों में इस त्यौहार के कुछ दिन पहले ही मूर्तियां सजनी चालू हो जाती है. बाजारों और गली मोहल्लों को रंग बिरंगी लाइटो द्वारा सजाया जाता है जो कि देखने में बहुत ही सुंदर लगता है. इस त्योहार के आने से पहले बाजार में एक अनोखी रौनक आ जाती है लोगों के चेहरों पर खुशी देखते ही बनती है.

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भगवान गणेश की मूर्ति को रंग बिरंगी रंगों से सजाया जाता है. फिर गणेश उत्सव के दिन लोगों द्वारा बाजार से मूर्तियां खरीदकर लाई जाती है और घरों में स्थापित की जाती है. घरों में लोग छोटी मूर्तियां स्थापित करते हैं और नगर के गली मोहल्लों में बड़ी मूर्तियां स्थापित करते है.

जब भी भगवान गणेश की प्रतिमा को गडरिया गली मोहल्लों में स्थापित करने के लिए लाया जाता है तब खूब ढोल नगाड़े बजाए जाते है लोग तरह-तरह के निर्णय कर कर भगवान गणेश का स्वागत करते हैं महिलाओं द्वारा मंगल गान गाए जाते है.

जहां पर मूर्ति स्थापित की जानी होती है वहां पर बहुत बड़ा पांडाल लगाया जाता है साथ ही रोशनी की व्यवस्था के लिए रंग-बिरंगी लाइटे लगाई जाती हैं जिससे पूरा पांडाल जगमग हो जाता है. फिर पंडितो द्वारा भगवान गणेश की आरती की जाती है आरती में नगर के सभी लोग शामिल होते है और अपनी मनोकामना पूर्ति के लिए भगवान गणेश जी आरती के पश्चात आशीर्वाद लेते है.

भगवान गणेश की आरती के बाद लोगों को भगवान गणेश के आशीर्वाद के रूप में प्रसाद दिया जाता है ऐसा माना जाता है कि भगवान गणेश को खाने में मोदक (लड्डू) और केले बहुत पसंद है इसलिए प्रसाद भी मोदक और केले का ही होता है.

यह उत्सव 10 दिनों तक चलता है जिसके कारण शहर के सभी हिस्सों में चहल-पहल बनी रहती है और जैसे-जैसे दिन बीते हैं वैसे-वैसे लोगों द्वारा भजन संध्या का आयोजन और अन्य कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है जिसमें लोग बढ़-चढ़कर हिस्सा लेते है और खूब आनंद से इन कार्यक्रमों को देखते है.

गणेश चतुर्थी का महत्व –

हिंदू धर्म को मानने वाले लोगों के लिए गणेश चतुर्थी का महत्व एवं उनके जीवन में बहुत महत्वपूर्ण है. गणेश उत्सव भारत के महाराष्ट्र में सबसे लोकप्रिय है यहां के लोग भगवान गणेश में बहुत आस्था रखते है. माना जाता है कि जो भी भगवान गणेश की प्रतिमा को अपने घर में लेकर आता है तब भगवान गणेश सुख और समृद्धि साथ में लाते है.

और जब भगवान गणेश की प्रतिमा को विसर्जन के लिए लेके जाया जाता है तब माना जाता है कि भगवान गणेश अपने साथ घर के सभी दुखों को अपने साथ ले जाते है.

वर्तमान में लोग एक दूसरे को जानते नहीं है इसलिए गणेश उत्सव के माध्यम से लोग एक साथ इकट्ठा होते है जिससे लोग एक दूसरे को जानने लगते हैं और इससे लोगों के बीच में प्रेम भावना उत्पन्न होती है. यह खुशियों का त्यौहार है जिसके कारण लोग अपने मतभेद भुलाकर एक दूसरे से प्रेम पूर्वक बातें करते है. इस त्यौहार के कारण आपसी रिश्ते मजबूत होते है जो कि हमारे देश को एक जुट करता है.

गणेश चतुर्थी का एक अन्य महत्व भी है जिसने हमारे देश को आजादी दिलाने में भी सहयोग किया क्योंकि जब अंग्रेजों द्वारा भारतीय लोगों के एक साथ इकट्ठे और बैठने पर प्रतिबंध लगा दिया गया था.

जिसके कारण लोग एक दूसरे से विचार विमर्श नहीं कर पा रहे थे क्योंकि धार्मिक कार्यक्रमों में शामिल होने पर रोक नहीं लगाई गई थी इसलिए बड़ी ही चतुरता से लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक ने गणेश चतुर्थी के इस त्यौहार को एक बड़े उत्सव का रूप दे दिया जिसके बाद सभी संगठन इस उत्सव पर मिलने लगे और हमें इस से आजादी में बहुत मदद मिली.

गणेश विसर्जन –

गणेश उत्सव का आखरी दिन गणेश विसर्जन के रूप में जाना जाता है. यह गणेश उत्सव का 11 दिन होता है इस दिन भगवान गणेश की प्रतिमा का विसर्जन किया जाता है. इस दिन को सभी लोग बहुत शुभ मानते है क्योंकि भगवान गणेश सभी दुखों को हरने वाले माने जाते हैं इसलिए जब भी घर से उनकी विदाई की जाती है तब वे अपने साथ सभी दुखों को हर ले जाते है.

गणेश विसर्जन की तैयारियां खूब धूमधाम से की जाती है इस दिन लोगों द्वारा पांडाल में रंगोलियां बनाई जाती है. और बहुत बड़े भंडारे का आयोजन किया जाता है जिसमें सभी लोग पेट भर के प्रसाद ग्रहण करते है. लोगों द्वारा कई प्रकार के सांस्कृतिक कार्यक्रम किए जाते है.

सभी लोग अपने घरों में तरह-तरह की मिठाईयां बनाते है और खूब चाव से पूरे मोहल्ले में बांटते है और साथ ही गणपति बप्पा मोरिया के जयकारे लगाते है.

गणेश विसर्जन के लिए एक सुंदर रथ बनाया जाता है जिसे रंग-बिरंगे फूलों द्वारा सजाया जाता है. भगवान गणेश की आरती करने के पश्चात उनकी प्रतिमा को रथ में बिठाया जाता है फिर पूरे शहर में शोभायात्रा निकाली जाती है इसके साथ ही कई रंग बिरंगी झांकियां भी शामिल की जाती है.

इस दिन सभी लोग अपना कामकाज छोड़कर इस उत्सव में भाग लेते हैं और रथ से बड़े-बड़े र से बंधे होते हैं जिनकी सहायता से भगवान गणेश की रथ को खींचा जाता है. इस दिन भगवान गणेश की शोभायात्रा निकालते समय खूब ढोल नगाड़े और पटाखे बजाए जाते है. आजकल लोगों द्वारा डीजे भी बजाया जाने लगा है.

इस उत्सव में सभी लोग एक दूसरे के ऊपर रंग-बिरंगे रंग उड़ाते है सभी लोग ढोल- नगाड़ो की ताल पर तरह-तरह की नृत्य करते है. इस उत्सव में लोग आनंद और हर्षोल्लास से भाग लेते है. आजकल भगवान गणेश विसर्जन के समय हेलीकॉप्टर द्वारा फूलों की वर्षा भी की जाती है जो कि एक मनोरम दृश्य है.

सभी लोगों द्वारा भगवान गणेश की शोभायात्रा निकालते समय खूब जोर जोर से गणपति बप्पा मोरिया के जयकारे लगाए जाते है. इस उत्सव को लोग इतने साल से मनाते हैं कि इस दिन विसर्जन के लिए हर तरफ हर गली मोहल्ले में गणेश जी की ही प्रतिमा दिखाई देती है.

अंत में शहर के तालाब, समुंदर या नदी में भगवान गणेश की प्रतिमा का “ अगले वर्ष जल्दी आना” के नारों के साथ भगवान गणेश की प्रतिमा का विसर्जन कर दिया जाता है इसके साथ ही यह उत्सव पूर्ण हो जाता है.

उपसंहार –

गणेश चतुर्थी का त्यौहार सुख और समृद्धि लाने वाला त्यौहार है इस त्यौहार के आने से सभी लोग खुश हो जाते है. यह त्योहार भारत के प्रत्येक हिस्से में मनाया जाता है जो कि इस त्यौहार की लोकप्रियता को दर्शाता है. त्योहारों के कारण ही आज हमारी संस्कृति को विदेशों में भी सराहा जाता है.

इन त्योहारों के कारण ही लोगों के एक दूसरे के प्रति मनमुटाव समाप्त हो जाते है. भगवान गणेश सभी के आराध्य देव है किसी भी शुभ कार्य के पहले भगवान गणेश की पूजा की जाती है. इस उत्सव का आयोजन सांस्कृतिक सामाजिक और राष्ट्रीय एकता के लिए प्रमुख है.

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गणेश चतुर्थी निबंध हिंदी में | Ganesh Chaturthi Essay in Hindi

Ganesh Chaturthi Essay in Hindi

Ganesh Chaturthi Essay in Hindi:- हिंदू धर्म का पालन करने वाले लोगों के लिए गणेश चतुर्थी का त्योहार बहुत ही भव्य माना जाता है। भारत के विभिन्न जगहों पर लोग साल भर से Ganesh Chaturthi का इंतजार करते है और इस त्यौहार को बड़े ही भव्य तरीके से मनाते है। कुछ परीक्षा में Ganesh Chaturthi Nibandh लिखने के लिए भी कहा जाता है . अगर आप “गणेश चतुर्थी निबंध हिंदी में” की तलाश गूगल पर कर रहे हैं तो आज आप बिल्कुल सही जगह पर हैं। आपको बता दें कि इस साल गणेश चतुर्थी का त्योहार 31 अगस्त 2022 को मनाया जाएगा। हिंदू पंचांग के अनुसार गणेश चतुर्थी का त्योहार भाद्रपद महीने के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाया जाता है। अगर आप गणेश चतुर्थी निबंध के ऊपर जानकारी ढूंढ रहे है तो नीचे दिए गए सभी निर्देश और आवश्यक जानकारियों को ध्यानपूर्वक पढ़ें। 

गणेश चतुर्थी का त्योहार भगवान गणेश के जन्म उत्सव के रूप में मनाया जाता है। भारत के विभिन्न त्योहार की तरह गणेश चतुर्थी का त्योहार भी बड़े ही हर्षोल्लास के साथ विभिन्न राज्यों में विभिन्न प्रकार के आयोजनों से संपन्न किया जाता है मुख्य रूप से गणेश चतुर्थी के त्योहार का भव्य आयोजन महाराष्ट्र राज्य में किया जाता है। इसके संबंध में हमने कुछ खास गणेश चतुर्थी निबंध को नीचे सूचीबद्ध किया है उन्हें ध्यानपूर्वक पढ़ें।

Ganesh ji

Ganesh Chaturthi Essay in Hindi

Ganesh chaturthi nibandh in hindi 2022.

प्रस्तावना:- हिंदू धर्म का पालन करने वाले लोगों के लिए गणेश चतुर्थी का त्योहार बहुत बड़े भव्य त्योहार के रूप में मनाया जाता है। गणेश चतुर्थी का त्योहार हर साल भाद्रपद महीने के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाया जाता है। यह त्यौहार भारत के हर राज्य में बड़े ही हर्षोल्लास के साथ है भगवान गणेश की पूजा और व्रत से मनाया जाता है। कुछ जगहों पर गणेश चतुर्थी के दिन भव्य मेला का आयोजन किया जाता है। हम आपको यह भी बता दें कि गणेश चतुर्थी के दिन सबसे बड़ा मेला महाराष्ट्र के मुंबई शहर के सिद्धिविनायक मंदिर में आयोजित होता है।

गणेश चतुर्थी के त्योहार की शुरूआत भगवान गणेश के जन्म उत्सव के रूप में की जाती है। भगवान गणेश का जब जन्म हुआ था तो गलती से भगवान शिव अपने क्रोध के आवेग में गणेश का गर्दन काट देते हैं जिसके बाद उन्हें हाथी का गर्दन लगाया जाता है। इस बात से उनकी माता बहुत क्रोधित होती है जिस पर सभी देवताओं के द्वारा उन्हें वरदान दिया जाता है कि पृथ्वी पर सबसे पहले किसी भी कार्य में भगवान गणेश की पूजा की जाएगी। इस तरह भगवान गणेश का जन्म होता है और उनकी पूजा-अर्चना करने के लिए भाद्रपद के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को चुना जाता है। भगवान गणेश के जन्मोत्सव के रूप में यह त्यौहार हर साल पूरे भारतवर्ष में बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है।

गणेश चतुर्थी पर निबंध

आज से कुछ साल पहले भगवान गणेश की पूजा अर्चना करने के लिए बहुत ही भव्य आयोजन किया जाता था जिसमें कुछ लोगों के द्वारा एक स्थान पर भगवान की मूर्ति की स्थापना की जाती थी वर्तमान समय में इस तरह की स्थापना कम कर दी गई है को रोना और विभिन्न प्रकार की महामारी की वजह से लोगों एकजुट होने की संख्या को कम करने को कहा गया है। यही कारण है वर्तमान समय में भगवान गणेश की पूजा के लिए मेला का आयोजन बहुत कम हो गया है।

मगर इसके बावजूद भारत के अलग-अलग जगहों पर भगवान गणेश की पूजा-अर्चना के लिए गणेश चतुर्थी के दिन मेला का आयोजन किया जाता है। वर्तमान समय में भारत का सबसे बड़ा गणेश चतुर्थी मेला मुंबई के सिद्धिविनायक मंदिर में आयोजित किया जाता है। इस दिन लोग भगवान की मूर्ति की स्थापना करते हैं मोदक का भोग चढ़ाते हैं और 11 दिन तक भगवान की पूजा अर्चना करते हैं। औरतें गणेश चतुर्थी के दिन गणेश भगवान के निमित्त व्रत करती हैं और घर की सुख शांति के लिए भगवान गणेश की पूजा करती है।

भगवान गणेश को विघ्नहर्ता कहा जाता है क्योंकि उनके आगमन मात्र से भक्तों के सभी विघ्न और परेशानी खत्म हो जाती है। भगवान गणेश को तारक बुद्धि और विवेक का देवता माना जाता है जिनकी सवारी मूषक है उनके त्यौहार को बड़े ही हर्षोल्लास के साथ गणेश चतुर्थी के रूप में हम हर साल भव्य तरीके से भारत के लग भाग सभी घर में मनाते हैं।

गणेश चतुर्थी निबंध हिंदी में

Ganesh Chaturthi Hindi Nibandh:- गणेश चतुर्थी का त्योहार भगवान गणेश के जन्मोत्सव के रूप में हर साल भारत के विभिन्न क्षेत्रों में मनाया जाता है। गणेश चतुर्थी का त्योहार मुख्य रूप से महाराष्ट्र राज्य में मनाया जाता है वर्तमान समय का सबसे बड़ा गणेश चतुर्थी मेला मुंबई के सिद्धिविनायक मंदिर में आयोजित होता है। भगवान गणेश को हम लंबोदर विघ्नहर्ता और अन्य नामों से जानते है, उन्हें तर्क बुद्धि और विवेक का देवता माना जाता है। भगवान गणेश की सवारी मूषक है, भगवान गणेश की पूजा करने से सभी दुख दर्द दूर हो जाते हैं और भक्तों की सभी मनोकामना पूर्ण होती है जिस वजह से उन्हें विघ्नहर्ता भी कहा जाता है। 

ऐसी मान्यता है कि कई साल पहले जब माता पार्वती को एक ऐसे बच्चे की जिज्ञासा हुई जो उनका हर तरह का आदेश माने तो उन्होंने गणेश को कीचड़ और मिट्टी से बनाया और उसके बाद जीवन दान देकर उन्हें घर के पहरेदारी पर खड़ा कर दिया भगवान शिव इस बात से अनजान थे और उन्होंने इस बच्चे के सिर पर अपने त्रिशूल से वार करके उनका गर्दन धड़ से अलग कर दिया। माता पार्वती इस बात से बहुत क्रोधित हुई तो अपनी गलती पर पछतावा हुए किसी और तरह कशिश नाम मिलने पर हाथी के शीशे को उनके शरीर से जोड़ दिया गया तब से भगवान गणेश को लंबोदर का नाम दिया गया। सभी देवताओं ने उन्हें आशीर्वाद दिया जिनमें सबसे पहले उनकी पूजा होगी यह वरदान भी शामिल था।

Ganpati Image

भगवान गणेश की पूजा हर साल भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाया जाता है। भगवान गणेश की पूजा बड़े ही हर्षोल्लास के साथ हर साल भारत के अलग-अलग क्षेत्र में लोग मनाते हैं। इस दिन भगवान गणेश की मूर्ति की स्थापना की जाती है और जनता के नाम पर औरतें व्रत रखती हैं उपवास करती हैं इसके अलावा दान दक्षिणा के साथ मुख्य रूप से मोदक या लड्डू का भोग चढ़ाया जाता है। लड्डू गणेश भगवान का प्रिय भोजन है हर कोई इस त्यौहार के दिन भगवान गणेश को लड्डू भेंट करता है। इसके अलावा सुपारी और पान पत्र भगवान के दाहिने और बाएं और रखा जाता है जो उनकी पत्नियों का संकेत है। रिद्धि और सिद्धि को भगवान गणेश की पत्नियां हैं।

भगवान की पूजा बहुत ही भव्य तरीके से इस दिन की जाती है। इस दिन भगवान गणेश की मूर्ति की स्थापना के बाद एक मेला का आयोजन भी किया जाता है अलग-अलग जगहों पर मेला बहुत ही भव्य तरीके से आयोजित किया जाता है जहां झूला और अलग-अलग प्रकार के व्यंजनों की व्यवस्था होती है। इस साल गणेश चतुर्थी के रूप में हम 31 अगस्त 2022 को इस भव्य आयोजन का आनंद उठाने वाले हैं।

गणेश चतुर्थी निबंध लेखन

गणेश चतुर्थी हर साल भारत के लगभग सभी क्षेत्र में हर्षोल्लास के साथ भगवान गणेश की पूजा के लिए मनाया जाता है। इस भव्य त्यौहार को हम भगवान गणेश के जन्म उत्सव के रूप में मनाते है। गणेश चतुर्थी के दिन हर कोई भगवान गणेश की पूजा अर्चना करता है और उनके नियमित औरतें व्रत रखती है। भगवान गणेश को विघ्नहर्ता के नाम से जाना जाता है इस दिन उनके नियमित ध्यान पूर्वक पूजा करने से भक्तों के सभी दुख दर्द दूर हो जाते हैं।

हर साल भाद्रपद महीने के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को गणेश चतुर्थी का त्योहार मनाया जाता है। इस साल के पावन त्यौहार 31 अगस्त 2022 को मनाया जा रहा है और कुछ सूत्रों के मुताबिक इसके शुभ मुहूर्त को शाम के 3:23 का बताया गया है। इस त्यौहार को मनाने के पीछे अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग प्रकार की कथाएं प्रचलित हैं मगर सबसे प्रचलित कथा यह है कि इसी दिन भगवान गणेश का जन्म हुआ था और भगवान शिव के हाथ से उनका शीश कट गया था जिस वजह से उन्हें हाथी का शीश मिला था। इस पौराणिक कथा के बाद भगवान गणेश का नाम सभी देवताओं में सबसे पहले लिया जाने लगा और तब से लेकर आज तक गणेश चतुर्थी के दिन हर कोई भगवान गणेश को याद करता है।

गणेश चतुर्थी के दिन में हर कोई स्नान करके सुबह-सुबह भगवान गणेश की मूर्ति की स्थापना करता है कुछ जगहों पर लोग चांदी और तांबे के मूर्ति की स्थापना करते हैं तो कुछ जगहों पर मिट्टी और गोबर की मूर्ति की स्थापना की जाती है। मूर्ति स्थापित करने के बाद कलश स्थापना होता है जिसमें एक मिट्टी के कलश पर भगवान गणेश की आकृति बनाकर उसे के लाल कपड़े से ढककर मूर्ति के समक्ष रखा जाता है। भगवान गणेश के नाम को याद करते हुए भगवान गणेश की आरती की जाती है और उनके नियमित मंत्र उच्चारण किया जाता है। इस तरह पूरे दिन भगवान की पूजा चलती है और औरतें इस दिन उपवास करती हैं रात को अर्ध चंद्रमा पर अर्घ्य देकर अपने उपवास को तोड़ती है। अगले दिन दान दक्षिणा करने और भगवान की आरती करने के बाद पारणा किया जाता है। मुख्य रूप से यह त्यौहार महाराष्ट्र में मनाया जाता है वर्तमान समय में भी गणेश चतुर्थी का सबसे बड़ा मेला महाराष्ट्र के शहर मुंबई में आयोजित किया जाता है जहां विभिन्न प्रकार के झूले और विभिन्न प्रकार के भोजन की व्यवस्था की जाती है।

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भारत के अलग-अलग क्षेत्र में गणेश चतुर्थी का त्योहार अलग अलग तरीके से मनाया जाता है जिसमें सबसे प्रचलित राज्य महाराष्ट्र है जहां के प्रमुख त्योहार के रूप में हम गणेश चतुर्थी को जानते है। यह गणेश चतुर्थी के त्योहार का इंतजार कई दिनों से किया जाता है और अलग-अलग प्रकार के आयोजन का इंतजाम किया जाता है। इस त्यौहार में हर कोई सज धज कर भगवान गणेश की आरती करता है और कुल 11 दिन तक भगवान की आरती करने के बाद उनका बड़े ही धूमधाम से विसर्जन किया जाता है। भारत के अलग-अलग क्षेत्र में गणेश चतुर्थी को मनाने की अलग-अलग प्रथा, परंपरा और संस्कृति चली आ रही है। हर साल की तरह इस साल भी हम बड़े ही हर्षोल्लास के साथ गणेश चतुर्थी की बधाई अपने मित्र सगे संबंधी और हर किसी तक पहुंचाएंगे और भगवान की पूजा-अर्चना करेंगे।

गणेश चतुर्थी पर निबंध कैसे लिखें

Ganesh Chaturthi Essay in Hindi:- गणेश चतुर्थी भारत की एक प्रचलित त्यौहार है जिसे मुख्य रूप से हिंदू धर्म का पालन करने वाले लोग मनाते है। अगर आप इस भव्य त्योहार के ऊपर एक खूबसूरत निबंध लिखना चाहते हैं तो नीचे दिए गए निर्देशों का आदेश अनुसार पालन करें – 

  • सबसे पहले आपको इस त्यौहार के बारे में थोड़ी सी जानकारी देनी है जैसे इस साल यह त्यौहार कब मनाया जा रहा है और इस त्यौहार को क्यों मनाया जाता है।
  • उसके बाद आप को भगवान ने गणेश के बारे में जानकारी देनी है साथ ही इस त्यौहार से जुड़ी किसी प्रकार की कथा को भी बताना है।
  • इसके बाद भारत के अलग-अलग क्षेत्र में यह त्यौहार किस प्रकार मनाया जाता है और मुख्य रूप से यह त्यौहार किस चीज का संकेत देता है इसके बारे में जानकारी देनी है।
  • फिर पुराने जमाने में यह त्यौहार किस प्रकार मनाया जाता था और वर्तमान समय में इस त्यौहार को कैसे मनाया जाता है इससे जुड़ी जानकारी मुहैया करवाएं।  
  • इस त्यौहार को मनाने की प्रक्रिया और इससे जुड़े कुछ खास बाते और इस त्यौहार को अलग अलग छेत्र में मनाए जाने के अलग-अलग प्रकार और इससे जुड़ी अन्य प्रकार की जानकारी को देते हुए अपने लेख का समापन करे।

Ganesh Chaturthi Hindi Quotes

FAQ’s Ganesh Chaturthi Essay in Hindi

Q. इस साल गणेश चतुर्थी का त्योहार कब मनाया जा रहा है.

इस साल गणेश चतुर्थी का त्योहार 31 अगस्त 2022 को मनाया जा रहा है।

Q. हिंदू पंचांग के अनुसार गणेश चतुर्थी का त्योहार कब मनाया जाता है?

हिंदू पंचांग के अनुसार गणेश चतुर्थी का त्योहार हर साल भाद्रपद महीने के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाया जाता है।

Q. गणेश चतुर्थी मनाने का शुभ मुहूर्त क्या है?

इस साल गणेश चतुर्थी को मनाने के लिए भाद्रपद महीने की शुरुआत 31 अगस्त की शाम 3: 23 को बताया गया है।

Q. गणेश चतुर्थी का त्यौहार क्यों मनाया जाता है?

गणेश चतुर्थी का त्योहार भगवान गणेश के जन्म उत्सव के रूप में मनाया जाता है।

Q. गणेश चतुर्थी का सबसे बड़ा मेला कहां लगता है?

भारत के अलग-अलग क्षेत्र में गणेश चतुर्थी के दिन मेला का आयोजन होता है जिसमें सबसे बड़ा मेला महाराष्ट्र के मुंबई शहर के सिद्धिविनायक मंदिर में आयोजित होता है।

आज इस लेख में हमने आपको Ganesh Chaturthi Essay in Hindi से जुड़े कुछ बेहतरीन निबंध के बारे में बताया है। इस लेख में अपने अलग-अलग प्रकार के निबंध को पढ़ा और गणेश चतुर्थी से जुड़ी विभिन्न प्रकार की जानकारियों को पाया है। इस लेख में हमने गणेश चतुर्थी से जुड़ी सभी प्रकार की जानकारी निबंध के रूप में आपके समक्ष प्रस्तुत की है अगर इससे आपकी समस्या का निराकरण होता है तो इसे अपने मित्रों के साथ साझा करें साथी अपने सुझाव विचार या किसी भी प्रकार के प्रश्न को कमेंट में पूछना ना भूलें।

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गणेश चतुर्थी पर निबंध में आप गणेश चतुर्थी पूजा विधि, गणेश चतुर्थी का महत्व और गणेश जी की पौराणिक कहानी पढ़ सकते हैं| श्री गणेश भगवान की पूजा के बिना हर पूजा अधूरी मानी जाती है| श्री गणेश कष्टों को हरने वाले और मंगलकारी हैं उनकी कृपा से सब बाधाएं दूर हो जाती हैं|

  • Ganesh Chaturthi Essay in Hindi
  • गणेश चतुर्थी पूजा विधि
  • श्री गणेश जी की पौराणिक कहानी
  • श्री गणेश के 12 नाम

गणेश चतुर्थी पर निबंध – Ganesh Chaturthi Essay in Hindi

भारतदेश में गणेश चतुर्थी का त्यौहार भाद्रपद माह (अगस्त और सितंबर) में शुक्ल पक्ष में चतुर्थी में मनाया जाता है| यह पर्व श्री गणेश जी के जन्मदिवस के रूप में मनाया जाता है| गणेश चतुर्थी 11 दिन का एक विशाल महोत्सव होता है जिसे पूरे भारतवर्ष में हर्सोल्लास से मनाया जाता है| खासकर महाराष्ट्र में यह पर्व सबसे ज्यादा धूमधाम से मनाया जाता है| यह वहां का सबसे बड़ा त्यौहार होता है|

गणेश चतुर्थी के दिन बाजारों में बहुत चहल पहल रहती है| श्री गणेश की सुंदर मूर्तियां और उनके चित्र बाजारों में बिकते हैं| मिटटी से बनी श्री गणेश की ये प्रतिमायें बहुत भव्य होती हैं|

लोग गणेश चतुर्थी के दिन गणेश भगवान की प्रतिमा को अपने घरों में उचित स्थान पर स्थापित करते हैं| जिस दिन गणेश महाराज घर में पधारते हैं उस समय से घरों का माहौल पूरी तरह भक्तिमय हो जाता है| लोग प्रतिदिन सुबह नहा धोकर श्री गणेश की पूजा करते हैं| भगवान गणेश की पूजा में लाल चंदन, कपूर, नारियल, गुड, दूरवा घाँस, और उनके प्रिय मोदक का विशेष स्थान होता है|

घरों में पकवान और स्वादिष्ट मिष्ठान बनाये जाते हैं और श्री गणेश महाराज को भोग लगाया जाता है| यह ग्यारह दिन का पर्व होता है| रोजाना लोग मन्त्रों का उच्चारण और गणेश आरती गाकर गणेश जी की पूजा करते हैं तथा समस्त कष्टों को हरने की कामना करते हैं| भगवान गणेश को विघ्नहारी भी कहा जाता है क्यूंकि वह विघ्नों को हरने वाले और मंगल कारी हैं|

विघ्न हरण, मंगल करण, गणनायक गणराज | रिद्धि सिद्धि सहित पधारजो, म्हारा पूरण करजो काज ||

भगवान शिव और माता पार्वती के पुत्र श्री गणेश को बुद्धि और समृद्धि का प्रतीक माना जाता है| रिद्धि और सिद्धि, भगवान गणेश की दो पत्नियां हैं और “शुभ और लाभ” उनके दो पुत्रों के नाम हैं|

गणेश चतुर्थी पर जगह जगह पर लोग गणेश पूजा के लिए पंडाल लगाते हैं| पूरे पंडाल को फूलों द्वारा सजाया जाता है और गणपति महाराज की प्रतिमा को स्थापित किया जाता है| हिन्दू धर्म की रीति अनुसार गणेश जी की रोजाना पूजा की जाती है| क्या अमीर और क्या गरीब…हर व्यक्ति के लिए गणेश चतुर्थी सबसे विशेष उत्सव होता है| भगवान् गणेश की पूजा के बिना हर कार्य अधूरा होता है|

Ganesh Chaturthi Wallpapers Images

Ganesh Chaturthi Wallpapers Images

पूरे 10 दिनों तक यह पूजा कार्यक्रम चलता है| ग्यारहवें दिन श्री गणेश महाराज की प्रतिमा को विसर्जित किया जाता है| यह दिन सबसे भव्य होता है| इस दिन का नजारा देखने लायक होता है| सभी लोग गणेश महाराज को समुद्र या नदी में विसर्जित करते हैं|

गणपति बप्पा मोरया मंगल मूर्ति मोरया

पूरे धूमधाम और हर्षोल्लास के साथ भगवान् गणेश की प्रतिमा का विसर्जन किया जाता है| यह एक विशेष दिन होता है, बड़े बड़े बॉलीवुड के सेलेब्रेटी भी इसमें बढ़चढ़ कर हिस्सा लेते हैं| इस तरह श्री गणेश चतुर्थी की पूजा संपन्न होती है|

गणेश चतुर्थी पूजा विधि-

सबसे पहले प्रातः स्नान करके लाल वस्त्र धारण करें क्यूंकि लाल वस्त्र भगवान गणेश को सबसे ज्यादा प्रिय है| पूजा के दौरान गणेश जी का मुख उत्तर यार पूर्व दिशा में ही रखें –

अब उनकी पूजा आराधना इस प्रकार आरम्भ करें –

1. सबसे पहले पंचामृत से गणेश जी का अभिषेक करें 2. पंचामृत में आप सबसे पहले गणेश जी का अभिषेक दूध से करें, फिर दही से करें, फिर घी से करें, फिर शहद से करें और फिर गंगा जल से या शुद्ध जल से करें| इस तरह पंचामृत अभिषेक कीजिये 3. इसके बाद रोली और कलावा गणेश जी पर चढ़ाये 4. सिंदूर गणेश जी को बहुत प्रिय है| उनको सिंदूर चढ़ायें 5. रिद्धि सिद्धि के रूप में दो सुपारी चढ़ायें और पान चढ़ाये 6. फल, फूल चढ़ायें और फूल में गणेश जी को पीला कनेर बहुत प्रिय है, पीला कनेर चढ़ाएं और दूब चढ़ायें 7. इसके बाद उनके सबसे प्रिय मिष्ठान मोदक (लड्डू) से उनको भोग लगायें 8. इसके बाद समस्त परिवारजनों के साथ मिलकर गणेश जी की आरती गायें 9. श्री गणेश के 12 नामों का उच्चारण कीजिये और उनके मन्त्रों का उच्चारण भी कर सकते हैं

श्री गणेश के 12 नाम –

नारद पुराण में भगवान गणेश के 12 नामों का वर्णन मिलता है| उनके 12 नाम इस प्रकार हैं –

सुमुख, एकदंत, कपिल, गजकर्ण, लंबोदर, विकट, विघ्न-नाशक, विनायक, धूम्रकेतु, गणाध्यक्ष, भालचंद्र, गजानन

भगवान् गणेश के नामों के अर्थ –

1. सुमुख : सुन्दर मुख वाले 2. एकदंत : एक दन्त वाले 3. कपिल : कपिल वर्ण वाले 4. गजकर्ण : हाथी के कान वाले 5. लम्बोदर : लम्बे पेट वाले 6. विकट : विपत्ति का नाश करने वाले 7. विनायक : न्याय करने वाले 8. धूम्रकेतु : धुएं के रंग वाले पताका वाले 9. गणाध्यक्ष : गुणों और देवताओ के अध्यक्ष 10. भालचन्द्र : सर पर चंद्रमा धारण करने वाले 11. गजानंद : हाथी के मुख वाले 12. विध्ननाशक : विध्न को ख़त्म करने वाले

श्री गणेश जी की पौराणिक कहानी –

एकबार माता पार्वती नहाने जा रही थीं| तब उन्होंने अपने शरीर के मैल से एक पुतला बनाया और उसमें प्राण डालकर एक सुन्दर बालक का रूप दिया| माता पार्वती के शरीर का ही अंश होने के कारण वह बालक उनका पुत्र था| अपने पुत्र को द्वार पर खड़ा करके माता पार्वती नहाने चली जाती हैं और बालक को आदेश देती हैं कि जब तक मेरी आज्ञा ना हो तब तक किसी को भी द्वार के भीतर ना आने देना|

वह बालक द्वार पर पहरेदारी करने लगता है| तभी भगवान् शंकर आते हैं और अंदर जाने का प्रयास करते हैं लेकिन वह बालक उनको वहीँ रोक देता है| भगवान शंकर उस बालक से द्वार छोड़ने के लिए कहते हैं लेकिन वह बालक अपनी माँ की आज्ञा का पालन करता है और भगवान शंकर को अंदर प्रवेश नहीं करने देता|

तब भगवान शंकर क्रोधित हो उठते हैं और अपने त्रिशूल से उस बालक की गर्दन धड़ से अलग कर देते हैं| जब माँ पार्वती अंदर से आकर देखती हैं तो अपने पुत्र के कटे सिर को देखकर बहुत दुःखी हो जाती हैं और रोने लगतीं हैं| तब भगवान् शंकर को पता चलता है कि वह बालक उनका ही पुत्र था|

भगवान शंकर फिर अपने सेवकों को आदेश देते हैं कि धरतीलोक पर जिस बच्चे की माँ, बच्चे की तरफ पीठ करके सो रही हो, उस बच्चे का सिर काट लाना| सेवक जाते हैं तो उन्हें एक हाथी का बच्चा दिखाई देता है जिसकी माँ उसकी तरफ पीठ करके सो रही थी| सेवक उस हाथी के बच्चे का सिर काट लाते हैं|

तब भगवान् शंकर उस हाथी के सिर को अपने पुत्र के सिर से जोड़कर उन्हें पुनः जीवित कर देते हैं| भगवान् शंकर उस बालक को अपने सभी गणों को स्वामी घोषित करते हैं तभी से उस बालक का नाम गणपति रख दिया जाता है|

गणपति गणेश को भगवान शंकर सबसे अग्रणी देवता होने का वरदान देते हैं अर्थात सबसे पहले पूजे जाने वाले देवता| इसीलिए कोई भी पूजा श्री गणेश भगवान के पूजन के साथ ही आरम्भ की जाती है| उनकी पूजा के बिना कोई भी पूजा संपन्न नहीं होती|

आपको गणेश चतुर्थी पर यह निबंध कैसा लगा ? अगर आपके पास भी गणेश चतुर्थी से सम्बंधित कोई जानकारी है तो नीचे कमेंट करके बताइये हम आपके विचारों को भी इस लेख में शामिल करेंगे| धन्यवाद!!

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essay in hindi ganesh chaturthi

Ganesh Chaturthi- गणेश चतुर्थी पर निबंध (200 शब्द से 1000 शब्द में)

Ganesh Chaturthi essay nibandh hindi

Ganesh Chaturthi- यह त्योहार भगवान शिव और माता पार्वती के पुत्र श्री गणेश भगवान के जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता हैं जिसे भारतवर्ष में बहुत ही धूमधाम और ख़ुसी के साथ मनाया जाता हैं क्योंकि Ganesh Chaturthi भारत के प्रमुख त्यौहारों में से एक हैं।

वैसे तो गणेश चतुर्थी पूरे भारत वर्ष में मनाया जाता है लेकिन खासकर मुंबई शहर में गणेश चतुर्थी के त्यौहार का आकर्षण का केंद्र होता है जहाँ बहुत ही धूमधाम से इस त्यौहार को मनाया जाता हैं यह त्यौहार 11 दिन तक चलता हैं जिसकी रौनक पूरे देश मे दिखाई देती है।

Ganesh Chaturthi essay nibandh hindi

अक़्सर हमें स्कूलों व कॉलेजों में निबंध व भाषण-कविता लिखने के लिए दिए जाते है इसलिए आज हम आपको Ganesh Chaturthi-गणेश चतुर्थी की जानकारी प्रदान करने वाले है औऱ साथ ही Ganesh Chaturthi पर छोटा, मीडियम औऱ लंबा हर तरह की लम्बाई के निबंध प्रदान करने वाले हैं उम्मीद है आपको हमारे द्वारा लिखे गए निबंध पसंद आयगे।

Ganesh Chaturthi- गणेश चतुर्थी पर 10 लाइन-

1. गणेश चतुर्थी का त्यौहार भगवान गणेश के जन्म दिवस के रूप में मनाया जाता है।

2. भगवान गणेश माता पार्वती और भगवान शिव के पुत्र हैं।

3. यह पर्व हिंदू धर्म का एक लोकप्रिय पर्व है।

4. गणेश चतुर्थी महाराष्ट्र में मनाया जाने वाला महत्वपूर्ण त्यौहार है।

5. इस त्यौहार को हर साल अगस्त या सितंबर के माह में बहुत हर्षोल्लास के साथ मनाते हैं।

6. इस दिन सभी कार्यालयों और शिक्षा संस्थाओं को बंद रखा जाता है और गणेश भगवान की पूजा की जाती है।

7. भगवान गणेश बुद्धि और समृद्धि के भगवान हैं इसलिए इन दोनों को पाने के लिए लोग यह पूजा करते हैं।

8. गणेश उत्सव के भगवान गणेश को विघ्न हरता के नाम से भी बुलाया जाता है अर्थात भक्तों की सभी बाधाओं को मिटाने वाले माने जाते हैं।

9. गणेश चतुर्थी 11 दिनों का लंबा हिंदू उत्सव है जो चतुर्थी के दिन मूर्ति स्थापना से शुरू होता है तथा गणेश विसर्जन के साथ अनंत चतुर्दशी पर खत्म होता है।

10. गणेश चतुर्थी के दौरान सुबह और शाम गणेश जी की आरती की जाती है और लड्डू और मोदक का भोग लगाया जाता है।

गणेश चतुर्थी पर निबंध Ganesh Chaturthi Essay Hindi Word 100

हम उस देश के वासी हैं जहां त्योहारों के रंग ही रंग बिखरे हुए हैं जिसमें से एक Ganesh Chaturthi-गणेश चतुर्थी के त्योहार का रंग है यहां पर प्रतिदिन ही कोई न कोई त्योहार मनाया जाता है जैसे पूरे भारत में होली , दिवाली , ईद, कृष्ण जन्माष्टमी का त्यौहार सभी देशवासी मिलकर मनाते हैं उसी प्रकार गणेश चतुर्थी का त्यौहार भी सब मिलकर बड़ी धूमधाम से मनाते हैं।

यह त्यौहार 11 दिन तक चलता है औऱ गणेश चतुर्थी का त्योहार भगवान श्री गणेश के जन्म उत्सव के रूप में मनाया जाता है जिसकी मुंबई में रौनक देखने योग्य होती है जिसे लोग विदेशों तक से देखने आते हैं।

Ganesh Chaturthi-गणेश चतुर्थी का त्योहार अंग्रेजी माह के अनुसार अगस्त या सितंबर में आता है और हिंदू पंचाग के अनुसार भाद्रपद माह की चतुर्थी को मनाया जाता है। गणेश चतुर्थी के दिन लोग अपने घरों में गणेश जी की मूर्ति लेकर आते हैं और 10 दिन तक उनकी पूजा करके 11वे दिन गणेश जी की मूर्ति का विसर्जन कर देते हैं।

गणेश चतुर्थी पर निबंध Ganesh Chaturthi Essay Hindi Word 300

भारत में गणेश चतुर्थी बहुत ही धूमधाम से मनाया जाने वाला त्यौहार है इस दिन कार्यालयों और स्कूलों की छुट्टी रखी जाती है। गणेश चतुर्थी के त्योहार का इंतजार लोग बहुत उत्साह के साथ करते हैं।

Ganesh Chaturthi-गणेश चतुर्थी हिंदुओं का बहुत ही महत्वपूर्ण त्यौहार है जिसकी तैयारी करने मात्र से ही लोगों के अंदर एक नई चेतना और उत्साह पैदा होता है वैसे तो यह त्योहार संपूर्ण देश में मनाया जाता है परंतु महाराष्ट्र में इसको मनाने का रंग कुछ अलग ही होता है।

हिंदू मान्यता के अनुसार यह त्यौहार भगवान गणेश के जन्म दिवस पर मनाया जाता है भगवान गणेश सभी को प्रिय हैं खासतौर से बच्चों को, बच्चों में यह गणेशा नाम से बहुत ही प्रसिद्ध है। भगवान गणेश ज्ञान और संपत्ति के भगवान हैं जोकि भगवान शिव और माता पार्वती के पुत्र हैं।

गणेश चतुर्थी कैसे मनाते हैं:-

Ganesh Chaturthi-गणेश चतुर्थी 11 दिनों तक मनाया जाने वाला एक लंबा हिंदू उत्सव है जो चतुर्थी के दिन मूर्ति स्थापना से शुरू होता है तथा गणेश विसर्जन के साथ अनंत चतुर्दशी पर खत्म होता है इन 11 दिनों में भक्तजन सुबह शाम गणेश भगवान की आरती करते हैं, भजन-कीर्तन करते हैं ,हवन करते हैं, विभिन्न प्रकार के पकवान बनाकर गणेश जी को भोग लगाए जाते हैं। जिनमें मोदक विशेष रूप से गणेश भगवान के लिए बनाए जाते हैं क्योंकि कहा जाता है गणेश भगवान को मोदक बहुत पसंद है।

भगवान गणेश अपने भक्तों को बुद्धि समृद्धि तथा संपत्ति का आशीर्वाद देते हैं। भगवान गणेश अच्छाई की रक्षा करने वाले और सभी बाधाओं को दूर करने वाले विघ्न हरता कहे जाते हैं। 10 दिनों की पूजा के दौरान कपूर, लाल चंदन, लाल फल फूल, नारियल, मोदक और दुराव घास चढ़ाने की प्रथा है।

10 दिनों की पूजा समाप्ति के बाद ग्यारहवें दिन गणेश विसर्जन में लोगों की भारी भीड़ विघ्न हरता को खुशी-खुशी विदा करती हैं और कहा जाता है विघ्न हरता जाते जाते अपने साथ हमारे सारे विघ्न ले जाते हैं और खुशियां ही खुशियां चारों ओर बिखेर जाते हैं।

गणेश चतुर्थी पर निबंध Ganesh Chaturthi Essay Hindi Word 500

Ganesh chaturthi-गणेश चतुर्थी क्या है:-.

Ganesh Chaturthi-गणेश चतुर्थी हिंदुओं का एक प्रमुख त्योहार है औऱ पुराणों के अनुसार इसी दिन गणेश जी का जन्म हुआ था। गणेश चतुर्थी पर भगवान गणेश जी की पूजा की जाती है। यह त्योहार भारत के विभिन्न भागों में मनाया जाता है किंतु महाराष्ट्र में बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है औऱ जगह-जगह पर भगवान गणेश की बड़ी-बड़ी प्रतिमा स्थापित की जाती है। 10 दिन तक प्रतिमा का पूजन किया जाता है तथा 11वे दिन गाजे बाजे के साथ नाचते झूमते श्री गणेश की प्रतिमा का विसर्जन किया जाता है।

गणेश उत्सव 10 दिनों तक क्यों मनाते हैं:-

कहा जाता है कि एक बार वेदव्यास जी गणेश जी को महाभारत की कथा सुना रहे थे उस कथा को सुनाने में वेदव्यास जी को 10 दिन लग गए उन 10 दिन तक गणेश जी ने अपने नेत्र बंद कर लिए और जब 10 दिन बाद गणेश जी ने आंखें खोली तो भगवान गणेश का तापमान बहुत बढ़ गया था।

उसी समय वेदव्यास जी ने गणेश जी को पास में स्थित एक कुंड में स्नान करवा दिया जिसके बाद गणेश जी के शरीर का तापमान कम होता हुआ प्रतीत हुआ यही कारण है की गणेश जी की मूर्ति की स्थापना करने के बाद 10 दिन तक गणेश जी को विराजमान रखा जाता है और उनकी पूजा की जाती है और फिर 11वे दिन उनका विसर्जन किया जाता है।

Ganesh Chaturthi-गणेश चतुर्थी से जुड़ी कथा:-

एक बार पार्वती माता ने अपने तन के मैल से एक पुतला बनाया और उसका नाम गणेश रखा तब महादेव जी स्नान करने के लिए भोगावती गए थे तब पार्वती ने गणेश से कहा-‘ हे पुत्र! तुम द्वार पर जाकर खड़े हो जाओ। मैं भीतर स्नान करने जा रही हूं जब तक मैं स्नान करूं, तब तक तुम किसी भी पुरुष को भीतर मत आने देना।’

अपनी माता के आदेशानुसार जब महादेव भोगावती से वापस आए तब गणेश जी ने उन्हें द्वार पर रोक लिया इससे शिवजी को क्रोध आ गया और उन्होंने क्रोध में गणेश का सिर धड़ से अलग कर दिया और अंदर चले गए। पार्वती जी ने महादेव को आया देखकर, तुरंत भोजन परोस दिया और एक थाली गणेश के लिए भी लगा दी। तो शिव जी ने पूछा-” यह एक और थाली किसकी है ?” तब पार्वती बोली-” यह मेरे पुत्र गणेश के लिए है जो बाहर द्वार पर पहरा दे रहा था।”

तब शिवजी ने अपने और गणेश के बीच हुई घटना के बारे में पार्वती को बताया यह सुनकर पार्वती जी बहुत दुखी हुई उनके विलाप को कम करने के लिए शिवजी ने एक हाथी के बच्चे का सिर काटकर, बालक के धड़ से जोड़ दिया। पार्वती जी इस प्रकार पुत्र गणेश को दोबारा पाकर बहुत प्रसन्न हो गई। यह घटना भाद्रपद मास की शुक्ल चतुर्थी को हुई थी इसलिए यह तिथि पर्व के रूप में मनाई जाती है।

Ganesh Chaturthi-गणेश चतुर्थी आने से पहले बाजारों में चारों ओर गणेश जी की अलग-अलग तरह की मूर्तियों के दर्शन करने को मिलते हैं ऐसा प्रतीत होता है मानो बाजार में कोई मेला सा लग जाता है। गणेश चतुर्थी हर एक मंदिर के नजारे देखने लायक होते हैं ऐसा प्रतीत होता है मानो जैसे घर में किसी बालक के जन्म पर कोई खुशियां मनाई जाती है वैसे ही खुशियां इन 11 दिन में भी हर एक घर में देखने को मिलती हैं।

जब भगवान गणेश बाल अवस्था में थे तो उनका युद्ध ब्रह्म ऋषि परशुराम से हो गया। युद्ध में परशुराम ने क्रोध में आकर गणेश के ऊपर प्रहार किया और गणेश का एक दांत कट गया। एक दांत कट जाने के कारण गणेश का नाम एकदंत कहा जाने लगा परंतु गणेश जी ने उस टूटे हुए दांत का भी एक सदुपयोग ढूंढा जो उनकी कुशाग्र बुद्धि का प्रतीक है उन्होंने उस टूटे हुए दांत का इस्तेमाल लेखन में किया और और यह संदेश दिया कि सरात्मक के साथ कैसे जीवन मे आगे बढ़ा जा सकता है।

गणेश जी का प्रत्येक अंग कुछ ना कुछ सीख देता है जैसे उनकी छोटी-छोटी आंखें जो जीवन में सूक्ष्म लेकिन तीक्ष्ण दृष्टि रखने की प्रेरणा देती हैं।

गणेश चतुर्थी पर निबंध Ganesh Chaturthi Essay Hindi Word 700

भारत देश में गणेश चतुर्थी का त्यौहार भाद्रपद माह में शुक्ल पक्ष में चतुर्थी में मनाया जाता है यह त्यौहार भगवान गणेश के जन्म दिवस के रूप में मनाया जाता है। यह पर्व संपूर्ण भारत देश में बहुत धूमधाम से मनाया जाता है खासकर महाराष्ट्र में यह पर्व सबसे ज्यादा धूमधाम से मनाया जाता है यह महाराष्ट्र में सबसे बड़ा त्यौहार कहा जाता है और गणेश चतुर्थी 11 दिनो का एक विशाल महोत्सव होता है।

Ganesh Chaturthi-गणेश चतुर्थी आने से पहले ही बाजारों में इसकी रौनक दिखनी शुरू हो जाती है। श्री गणेश की सुंदर-सुंदर मूर्तियां और उनके चित्र बाजारों में बिकने शुरू हो जाते हैं। मिट्टी से बनी श्री गणेश की मूर्तियां बहुत ही भव्य तथा अलग-अलग रूप में तैयार की जाती है हर कोई अपने घर सुंदर से सुंदर मूर्ति स्थापित करना चाहता है।

गणेश भगवान को स्थापित और कैसे मनाते हैं:-

• जिस दिन गणेश महाराज घर में पधारते हैं तब से घरों का माहौल भक्तिमय हो जाता है।

• सभी लोग गणेश चतुर्थी के दिन गणेश भगवान की प्रतिमा को अपने घरों में उचित स्थान पर विराजमान या स्थापित करते हैं।

• यह 11 दिन का पर्व होता है इन 11 दिनों में रोजाना लोग मंत्रों का उच्चारण करते हैं। गणेश आरती गाते हैं ,गणेश जी की पूजा करते हैं तथा सभी कष्ट हर कर खुशियां देने की कामना करते हैं।

• भगवान गणेश की पूजा में लाल चंदन ,कपूर, नारियल ,गुड, दुराव घास और मोदक विशेष होते हैं।

• घरों में एक अलग ही माहौल बन जाता है विभिन्न प्रकार के पकवान तथा मिठाइयां बनाई जाती है जिन सबका गणेश भगवान को भोग लगाया जाता है। इन मिठाइयों में लड्डू और मोदक विशेष होते हैं।

• गणेश चतुर्थी पर जगह-जगह पर लोग गणेश पूजा के लिए पंडाल तैयार करते हैं।

• सभी पंडाल लगाने वाले अपने पंडाल को सबसे ज्यादा सुंदर तैयार करना चाहते हैं इन पंडालों की सजावट दिल को भाती है।

• हिंदू धर्म की रीति अनुसार गणेश जी की रोजाना पूजा की जाती है।

• इस उत्सव पर कोई अमीर ,गरीब ,जातिवादी का भेदभाव नहीं होता सभी के लिए यह उत्सव विशेष होता है।

• पूरे 10 दिनों तक उत्सव चलता है नाच-गाना होता है अंत में ग्यारहवें दिन गणेश जी की मूर्ति को विसर्जित किया जाता है।

• गणेश जी की मूर्ति का विसर्जन समुद्रों या नदियों में किया जाता है।

• इस दिन का नजारा देखने लायक होता है। मान्यता यह भी है कि गणेश जी की पूजा के बिना कोई कार्य पूर्ण नहीं होता।

गणेश चतुर्थी का उत्सव क्यों मनाया जाता है:-

भगवान गणेश का सिर भगवान शिव ने क्रोध में आकर काट दिया फिर पार्वती जी के विलाप करने पर शिव जी ने एक हाथी का सिर गणेश के धड़ से जोड़ दिया। इस तरह गणेश भगवान को दोबारा जीवन मिला तब से ही उस दिन को गणेश चतुर्थी के उत्सव के रूप में मनाते हैं।

अतः यह त्यौहार खुशियां बिखेरने वाले त्योहारों में से एक है गणपति विसर्जन के समय भजन कीर्तन करते हुए गणेश भगवान को ले जाया जाता है। लोग गुलाल उड़ाते हैं, पटाखे जलाते हैं, सबके मुंह पर बस यही नारे होते हैं – “गणपति बप्पा मोरिया, अगले बरस तू जल्दी आ।”

पहले की अपेक्षा आजकल पूरे देश में गणेश उत्सव और भी अधिक धूमधाम से मनाया जाता है परंतु यह धूमधाम करने और सजावट करने में ,दिखावे के भाव ज्यादा और भक्ति के भाव कम दिखाई देते हैं। आपसी भाईचारे की भावना भी कहीं नहीं दिखती पहले गणेश उत्सव से कई प्रेरणा मिलती थी परंतु अब तो बस सभी पंडाल एक दूसरे के विरोधी बनकर दिखावे में ज्यादा लगाते हैं और एकता में नहीं।

इसलिए हमें यह संकल्प लेना चाहिए कि इस वर्ष से गणेश उत्सव को एकता और भाईचारे के साथ मनाएंगे कोई प्रतिस्पर्धा का भाव मन में नहीं आने देंगे तभी यह पर्व सही मायने में सार्थक होगा।

          अपना अपना भूलकर, सब मिलकर यह उत्सव मनाओ। गणपति बप्पा मोरिया के नारे, सब मिलकर, सच्चे दिल से कहो” गणपति बप्पा मोरिया

गणेश भगवान की सूड, जो हर गंध को दूर से पहचान लेती है औऱ गणेश भगवान कहते हैं, कि हमें भी इतनी क्षमता रखनी चाहिए कि हम अपनी आने वाली हर एक परिस्थिति को दूर से भाप सकें और उसको पहचान सके।

गणेश चतुर्थी पर निबंध Ganesh Chaturthi Essay Hindi Word 1000

प्रस्तावना:-

भगवान गणेश हिंदू धर्म के सबसे प्रिय भगवान हैं जो भक्तों को ज्ञान और समृद्धि का आशीर्वाद देते हैं गणेश चतुर्थी नाम का त्यौहार हिंदुओं का त्योहार है जो भगवान गणेश के जन्मदिन पर उनके स्वागत के लिए मनाया जाता है हिंदू धर्म के लोगों का मानना है कि हर साल गणेश जी पृथ्वी पर आते हैं और लोगों को बहुत से इच्छित आशीर्वाद देते हैं।

भगवान गणेश भगवान शिव और माता पार्वती के प्यारे पुत्र हैं यह हिंदुओं का सबसे महत्वपूर्ण त्यौहार है जिसे हर व्यक्ति हर साल बड़ी तैयारी और उत्साह के साथ मनाता है। यह देश के विभिन्न राज्यों में मनाया जाने वाला एक बहुत बड़ा उत्सव है परंतु महाराष्ट्र में इसका रूप कुछ अलग ही देखा जाता है। बच्चों में गणेश भगवान की एक अलग ही जगह होती है यह बच्चों के सबसे पसंदीदा भगवान है इसलिए बच्चे प्यारे से उन्हें गणेशा कहते हैं।

Ganesh Chaturthi-गणेश चतुर्थी के उत्सव से जुड़े तथ्य:-

• यह एक हिंदू त्यौहार है जो हर वर्ष अंग्रेजी माह के अनुसार अगस्त या सितंबर के महीने में आता है।

• यह त्यौहार सभी लोग भगवान गणेश के जन्मदिन के रुप में मनाते हैं।

• इस पर्व पर लोग अपने घरों में गणेश जी की मूर्ति लाते हैं और श्रद्धा और आस्था के साथ 10 दिनों तक गणेश भगवान का पूजन किया जाता है।

• 11 वे दिन गणेश भगवान को विदाई दी जाती है और गणेशा जाते-जाते सबकी आंखें नम कर जाते हैं क्योंकि उन 10 दिनों में कुछ ऐसा माहौल बन चुका होता है जैसे कोई परिवार का सदस्य जा रहा हो।

• यह त्यौहार भाद्रपद के हिंदी महीने में शुक्ल पक्ष की चतुर्थी से मनाना शुरू किया जाता है।

• यह त्यौहार हर साल हिंदू धर्म के लोगों द्वारा नए-नए तरीकों की सजावट के साथ मनाया जाता है।

गणेश चतुर्थी के पर्व से जुड़ी कथा:-

Ganesh Chaturthi-गणेश चतुर्थी मनाने के पीछे की कथा यह है कि एक बार की बात है माता पार्वती स्नान करने जाने लगी तो उन्होंने स्नान करने जाने से पूर्व अपनी मैल से एक बालक को उत्पन्न किया और उसे द्वार पर पहरा देने के लिए खड़ा कर दिया बोली -“किसी को अंदर ना आने देना।”

तभी वहां भोलेनाथ आ गए उन्होंने अंदर प्रवेश करना चाहा, तो बालक ने रोक दिया शिव जी भगवान और बालक के बीच युद्ध शुरू हो गया और क्रोध में आकर भगवान शिव ने बालक का सिर काट दिया इससे पार्वती माता को भी बहुत क्रोध आ गया उन्होंने अपने क्रोध में आकर प्रलय से सब कुछ नाश करने की सोच ली।

पार्वती माता का क्रोध देखकर देवतागढ़ भी भयभीत होने लग गए तभी शिव जी ने विष्णु जी को आदेश दिया कि-” जाओ और उत्तर दिशा में सबसे पहले जो जीव मिले उसका सिर काट कर ले आना उसे इस धड़ से जोड़ दिया जाएगा।”

शिव जी के आदेश अनुसार, विष्णु जी उत्तर दिशा में चल पड़े तभी वहां पर उन्हें एक हाथी का बच्चा दिखा उन्होंने उस हाथी के बच्चे का सिर काटा और अपने साथ ले आए शिवजी भगवान ने उस बालक के धड़ से हाथी के बच्चे का सिर जोड़ दिया और उसे पुनर्जीवित कर दिया।

तभी पार्वती माता बोली-“सब मेरे पुत्र की हंसी बनाएंगे, ऐसा मुंह होता है भला किसी का?” तभी पार्वती माता की बातें सुनकर ब्रहमा, विष्णु, महेश ने उस बालक को सबसे पहले पूजा जाने का वरदान दे दिया।

और भगवान शंकर बोले-” गणपति, तुम भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को चंद्रमा के उदय होने पर उत्पन्न हुए हो अतः इस स्थिति पर जो कोई भी व्रत करेगा उसके परिवार में सुख, समृद्धि आएगी। तुम उसके सभी विघ्नों का नाश करना और गणेश चतुर्थी का व्रत करने वाले की सभी मनोकामनाएं पूरी होंगी।

Ganesh Chaturthi-गणेश चतुर्थी की पूजा:-

1. लाल रंग इस पूजा में बहुत महत्व रखता है सबसे पहले सुबह स्नान करके लोग कोशिश करते हैं कि वह लाल रंग के वस्त्र पहने क्योकि लाल रंग गणेश भगवान का प्रिय रंग है।

2. मूर्ति स्थापित करते हुए दिशा का भी अलग ही महत्व है क्योंकि पूजा के समय गणेश जी का मुख पूर्व या उत्तर की ओर होना चाहिए।

3. सर्वप्रथम पंचामृत से गणेश भगवान का अभिषेक किया जाता है।

4. पंचामृत के लिए दूध, दही, घी ,शहद और गंगा जल की आवश्यकता होती है।

5. गणेश भगवान को लाल सिंदूर और लाल कलावा चढ़ाया जाता है।

6. तत्पश्चात फल और फूल का चढ़ावा रखा जाता है जिसके साथ में ही दो सुपारी और पान के पत्ते भी चढ़ाए जाते हैं।

7. भगवान गणेशा को भोग लगाने के लिए बहुत सी मिठाई बनाते हैं परंतु गणेशा के भोग में मुख्य स्थान मोदक का होता है।

8. यह सारी विधि करने के बाद परिवार जन एक-एक करके गणेश भगवान की आरती उतारते हैं और गणेश भगवान के 12 नामों का उच्चारण करते हैं।

Ganesh Chaturthi-गणेश चतुर्थी पर चांद देखना अशुभ:-

गणेश भगवान का संपूर्ण शरीर अद्भुत है चाहे वह उनके बड़े-बड़े कान हो, चाहे वह उनका टूटा दांत, उनकी लंबी नाक (सूंड )और चाहे उनका मोटा सा बड़ा सा पेट।

कहा जाता है कि चंद्रमा ने गणेश जी के मोटे पेट का मजाक बना दिया तो गणेश जी को बर्दाश्त ना हुआ और उन्होंने गुस्से में आकर चंद्रमा को श्राप दे दिया कि जो तुमको देखेगा उस पर चोरी का आरोप लगेगा वह कलंक का भागीदार होगा इसलिए गणेश जी के श्राप से चंद्रमा काला पड़ गया था।

पर चंद्रमा को उस श्राप से मुक्त होना था इसलिए चंद्रमा ने गणेश जी की आराधना करनी शुरू कर दी जिससे भगवान गणेश प्रसन्न हो गए और चंद्रमा को अपने द्वारा दिए गए श्राप से मुक्त कर दिया परंतु शाप से मुक्त करते समय एक दिन छोड़ दिया वह था भाद्रपद मास की शुक्ल पक्ष की चतुर्थी का दिन इसलिए गणेश चतुर्थी के दिन चंद्रमा को देखना अशुभ माना जाता है।

अतः मान्यता के अनुसार हर कोई गणेश भगवान को घर में लाकर अपने सभी विघ्न समाप्त करवाता है और कहा जाता है कि गणेश भगवान में हर एक गुण विद्यमान है जैसे बुद्धि बल धैर्य आदि अतः यह पूजा करके हर कोई यह सभी गुण पाने की प्रार्थना करता है।

हर एक त्यौहार हमें कोई ना कोई संदेश देता है परंतु अब Ganesh Chaturthi-गणेश चतुर्थी का संदेश प्रकृति को बचाना है क्योंकि लोग पहले तो गणेश को घर में विराजमान करते हैं और फिर विसर्जन कर आते हैं।

परंतु विसर्जन के बाद नदियों, समुद्रों तथा तालाबों की स्थिति बहुत ही खराब हो जाती है। मूर्तियों के ढेर लग जाते हैं जिससे यह जल स्रोत प्रदूषित होते हैं और साथी इधर-उधर मूर्तियां पड़े रहने से भगवान का निरादर भी होता है।

इसलिए हमें मिट्टी की प्रतिमा लेनी चाहिए ऐसी प्रतिमा जिसका विसर्जन हम घर में ही कर सकते हैं किसी साफ बड़े बर्तन में मूर्ति विसर्जित कर दें तथा जब यह मिट्टी पानी में घुल जाएगी तो यह पानी हम पौधों को दे सकते हैं जिससे भगवान का निरादर भी नहीं होगा और जल स्रोत भी प्रदूषित नहीं होंगे।

गणेश भगवान हमेशा से हिम्मत की सीख देते रहे हैं उनसे हमेशा यही सीख मिलती है कि यह जरूरी नहीं कि अगर किसी का शरीर बेडौल है तो उसके अंदर गुण नहीं। बस अपने गुणों को पहचानने की आवश्यकता है क्या पता हमारे अंदर गुणों का खजाना भरा हो।

तो दोस्तों हमने आपको Ganesh Chaturthi-गणेश चतुर्थीके बारे में अलग-अलग लंबाई के निबंध लिखे हैं अगर आपको हमारे यह निबंध पसंद आते हैं तो आप अपनी आवश्यकता के अनुसार स्कूलों में इनका इस्तेमाल कर सकते हैं और साथ ही आपको भी इसके बारे में लोगों को अवगत करना चाहिए।

हम उम्मीद करते हैं कि आपको हमारे द्वारा लिखा गया गणेश चतुर्थी पर निबंध काफी पसंद आए होंगे तो अगर आपको हमारा आर्टिकल पसंद आता है तो उसे  सोशल मीडिया  पर अपने दोस्तों के साथ जरूर शेयर करें और अगर आपका कोई सवाल है तो हमे कमेंट करें

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Ganesh Chaturthi Essay for Students and Children

500+ words essay on ganesh chaturthi.

Ganesh Chaturthi is one of the most prominent festivals of India. People of India wait the whole year for this festival eagerly. Although it is celebrated all over the country, in the state of Maharashtra it is celebrated with the most enthusiasm.

Ganesh Chaturthi Essay

Ganesh Chaturthi is a Hindu festival which holds utmost importance in the religion. This festival is celebrated following the Hindu Mythology which says that Ganesh Chaturthi is the birthday of the Lord Ganesha. Hindus refer to Lord Ganesha as the remover of all obstacles. People believe that Lord Ganesha comes every year with prosperity and success.

Furthermore, they welcome Lord Ganesha in their homes with this festival with the belief that he will remove all their sufferings. Ganesh Chaturthi sparks joy all over the country and unties people with celebrations.

The specialty of Ganesha Chaturthi

Ganesh Chaturthi is celebrated for a whole 11 days. It begins on the Chaturthi when people install the statue of Lord Ganesha in their homes and temples. This festival ends on Anant Chaturdashi with Ganesh Visarjan. The devotees of the Lord Ganesha offer their prayers to God. They sing devotional songs for him and recited various mantras in his praise. They perform aartis in favour of the lord and seek his blessings on them.

essay in hindi ganesh chaturthi

Most importantly, they offer Lord Ganesha sweets. Ganesha Chaturthi especially calls for Modak. Devotees offer Lord Ganesha with Modak, which is the lord’s favorite dessert. Modaks are sweet dumplings which people make with a filling of coconut and jaggery. They either fry them or steam them. People at homes and sweet shops make this sweet delicacy. They are seen around Ganesha Chaturthi mostly and are a huge hit amongst children.

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Celebrations of Ganesh Chaturthi

This 11-day long festival begins with people getting up in the morning and bathing. They buy new clothes for this festival and wear these clean clothes in the morning after bathing. They follow the traditional rituals of chanting mantras and songs.

Early on, Ganesh Chaturthi was celebrated in a few families. Later on, it spread all over and thus began the installation of idols and immersion in the water. This marked the beginning of making Ganesh Chaturthi a larger than life festival. In other words, the idol immersion denotes freedom from evil and sufferings. People set up pandals make glorious statues of Lord Ganesha. Towards the end of the festival when the visarjan is about to take place, people carry out a full-fledged procession. People come out in hundreds and thousands and dance their way to the rivers and oceans.

When Ganesh Chaturthi ends, they pray for the return of Lord Ganesha every year. They look forward to this festival every year. The final immersion of Lord Ganesha’s statue in the river or ocean marks the end of Ganesh Chaturthi.

In short, Ganesh Chaturthi is a fun-filled festival in honour of Lord Ganesha. People all over India thoroughly enjoy it. All the devotees of Lord Ganesha come together irrespective of their differences of caste and colour. Ganesh Chaturthi spreads joy and unites people all over.

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Hindi Essays - हिंदी भाषा में हिंदी निबंध लेखन.

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Ganesh Chaturthi essay in Hindi | गणेश चतुर्थी पर हिंदी निबंध।

हम भारतीय वर्षभर कितने सारे त्यौहार / उत्सव मनाते है। उन्ह सारे त्योहारों में से सबको पसंद आने वाला त्यौहार है गणेश चतुर्थी जिसे हम गणेश उत्सव भी कहते है। आज हम गणेश चतुर्थी पर हिंदी निबंध लेकर आए है। तो चलिए निबंध गणेशा का नाम लेकर शुरू करते है।

This image is Ganpati Bapa and is been used for hindi essay on Ganesh Utsav

गणेश चतुर्थी।

भारत में वर्ष में काफी सारे त्यौहार / उत्सव मनाया जाते है फिर चाहे वह दहीहंडी हो दिवाली, होली हो या गणेश चतुर्थी हो। सभी को सारे त्यौहार पसंद होते है पर कोई एक त्यौहार ऐसा होता है जो उसे काफी प्रिय होता है जैसा मुझे गणेश उत्सव है।

गणेश चतुर्थी को विनायक चतुर्थी भी कहा जाता है। गणेश चतुर्थी को गणेश उत्सव के रूप में मनाया जाता है। गणेश उत्सव को सार्वजनिक रूप से मनाने की शुरुआत बाल गंगाधर तिलक यानी कि लोकमान्य तिलक ने की थी। गणेश चतुर्थी को सार्वजनिक बनाने के पीछे लोकमान्य तिलक की यह सोच थी कि सारे समाज के लोग इकट्ठे आए और बिना किसी मतभेद के यह त्यौहार मनाए जिससे कि लोगों में एकता बनी रहे।

गणेश उत्सव यह १० से ११ दिनों का त्यौहार होता है पर इस त्यौहार का उत्साह लोगों में काफी दिनों पहले ही दिखना शुरू हो जाता है क्योंकि विघ्नहर्ता गणेश सबके प्रिय है। विनायक चतुर्थी के १ दिन पहले बाप्पा की मूर्ति लाई जाती है, मूर्ति लाते समय वह काफी धूमधाम से लाई जाती है सभी लोगों में काफी उत्साह होता है।

गणेश चतुर्थी के दिन मुहूर्त के अनुसार गणपति की पूजा अर्चना करके बप्पा की मूर्ति की स्थापना की जाती है। गणेश चतुर्थी के कारण पाठशाला को दो से तीन दिन की छुट्टी मिलती है, घर पर स्वादिष्ट मोदक मनाए जाते है, क्योंकि गणपति बप्पा को मोदक काफी पसंद है और हम बच्चों को भी।

हमारे गांव में हमारा एक छोटा गणेश मंडल है। गणेश उत्सव के मौके पर हमारा यह गणेश मंडल कुछ कार्यक्रम आयोजित करता है। हमारे यहां ५ दिनो का सार्वजनिक गणपति होता है, गणपति के डेकोरेशन में सुंदर चलचित्र मनाया जाता है जो कोई ना कोई सामाजिक संदेश देता है। और हर दिन रात को अलग अलग स्पर्धा होती है जैसे कि वक्तृत्व, नृत्य और नाटक और एक दिन कुछ छोटे खेल भी आयोजित किए जाते है। गणपति के आखरी दिन सभी विजेताओं को उपहार दिए जाते है।

हम गणपति को हमारे सार्वजनिक जगह पर स्थापित करते है सभी गाववाले काफी उत्साह से सभी काम करते है। गणेश चतुर्थी का सरा कार्य गांव के बच्चे ही देखते है। गणेश उत्सव के इन दिनों हम सभी रात भर जग कर काफी मौज करते है। फिर वह दिन आता है जब सबके चेहरे पर नाराजगी आती है क्योंकि अभी बप्पा के विसर्जन का समय आ चुका होता।

गणपति के विसर्जन के लिए बाप्पा की मिरवणूक निकाली जाती है गणपति की गाड़ी शानदार तरीके से सजाई जाती है। फिर काफी धूमधाम से नाचते गाते गणपति बाप्पा का विसर्जन किया जाता है सबके चेहरे पर आनंद होता है पर मन में दुख होता है क्योंकि अब गणपति बप्पा एक लंबे समय बाद फिर अगले साल आएंगे। इसीलिए तो कहते है "गणपति चालले गावाला चैन पडेना आम्हाला गणपती बाप्पा पुढच्या वर्षी लवकर या"। ऐसा यह गणेश उत्सव उत्साह और आनंद से मनाया जाता है इसीलिए गणेश उत्सव मुझे काफी प्रिय है।

समाप्त।

तो दोस्तों आप गणेश चतुर्थी कैसे मनाते हो और आपके गणपति मंडल का नाम क्या है हमें नीचे comment करके जरूर बताएं।

गणेश चतुर्थी पर यह हिंदी निबंध class १,२,३,४,५,६,७,८,९ और १० के विद्यार्थी अपनी पढ़ाई के लिए इस्तमाल कर सकते है। उसी के साथ यह निबंध नीचे दिए गए विषयों पर भी इस्तमाल किया जा सकता है।

  • मैंने मनाया हुआ गणेश उत्सव।
  • मेरा प्रिय त्योहार गणेश उत्सव।
  • विनायक चतुर्थी।

तो दोस्तों गणेश चतुर्थी पर यह हिंदी निबंध आपको कैसा लगा और अगर आपको कोई और विषय पर हिंदी निबंध चाहिए तो हमें नीचे comment करके बताएं।

धन्यवाद।

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Essay on ganesh chaturthi in hindi गणेश चतुर्थी पर निबंध.

Know information about Ganesh Chaturthi in Hindi (गणेश चतुर्थी). Today we are sharing Essay on Ganesh Chaturthi in Hindi गणेश चतुर्थी पर निबंध. Read Ganesh Chaturthi Essay in Hindi.

Essay on Ganesh Chaturthi in Hindi

Essay on Ganesh Chaturthi in Hindi

Essay on Ganesh Chaturthi in Hindi 250 Words

हमारे देश भारत में गणेश चतुर्थी का त्यौहार हिन्दुओं का बहुत बड़ा त्यौहार है जिसे बहुत ही धूम-धाम से मनाया जाता है। इस त्यौहार को हर वर्ष विभिन्न राज्यों में और हर स्कूल, कॉलेजो में मनाया जाता है क्योकि इस दिन भगवन श्री गणेश जी की पूजा की जाती है। इस त्यौहार को महाराष्ट्र में खासतौर पर मनाया जाता है।

इस उत्सव को विनायक चतुर्थी या विनायक छवि (संस्कृत में) भी कहते है। हिन्दू मान्यता के अनुसार इस त्यौहार को हर साल भगवान गणेश के जन्मदिवस पर मनाया जाता है। गणेश उत्सव भगवान गणेश को विघ्नहर्ता के नाम से भी बुलाया जाता है अर्थात भक्तों के सभी बाधाओं को मिटाने वाला तथा विघ्नहर्ता का अर्थ है राक्षसों के लिये मुश्किल पैदा करने वाला। गणेश चतुर्थी 11 दिनों का लम्बा त्यौहार है जो चतुर्थी के दिन घर या मंदिर में मूर्ति स्थापना से शुरु होता है और गणेश विसर्जन के साथ ख़तम होता है। गणेश चतुर्थी वाले दिन लोग गणेश जी की मूर्ति को अपने घर ले जाते है और 10 दिनों तक पूजा करते है अनन्त चतुर्दशी अर्थात् 11वें दिन गणेश विसर्जन करते है और अगले वर्ष दुबारा आने की कामना करते है। इस दिन भक्त भगवान गणेश जी से प्रार्थना करते है, मोदक चढ़ाते है, गणेश जी की आरती करते है।

गणेश चतुर्थी को सुबह और शाम गणेश जी की आरती की जाती है और लड्डू और मोदक का प्रसाद चढ़ाया जाता है। यह त्यौहार का महाराष्ट्र में विशेष महत्व है जिसे देखने के लिए देश से ही नहीं बल्कि दुनिया भर से लोक देखने के लिए आते है।

अधिक जानकारी प्राप्त करने के लिए हमारे फेसबुक पेज को लाइक करे। Thank you for reading Essay on Ganesh Chaturthi in Hindi गणेश चतुर्थी पर निबंध.

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essay in hindi ganesh chaturthi

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Essay on Ganesh Chaturthi

Essay on Ganesh Chaturthi: The Festival of Lord Ganesha

Table of Contents

Ganesh Chaturthi: The Festival of Lord Ganesha’s Arrival

Introduction:.

Ganesh Chaturthi, also known as Vinayaka Chaturthi, is one of the most celebrated and widely cherished festivals in India. This 10-day festival marks the birthday of Lord Ganesha, the elephant-headed deity of wisdom, prosperity, and good fortune. It falls on the fourth day of the Hindu lunar month of Bhadrapada, typically in August or September. Ganesh Chaturthi holds a special place in the hearts of millions of Indians, transcending regional, linguistic, and cultural boundaries. This essay explores the history, significance, rituals, and environmental aspects of Ganesh Chaturthi in a comprehensive manner.

Ganesh Chaturthi

Historical Background:

The origins of Ganesh Chaturthi can be traced back to the Maratha Empire, particularly during the reign of Chhatrapati Shivaji Maharaj (1674-1680). However, the festival became a prominent and public celebration in the 19th century thanks to the efforts of Lokmanya Bal Gangadhar Tilak, a prominent freedom fighter and social reformer. Tilak recognized the potential of Ganesh Chaturthi as a means to foster unity among Indians during the British colonial rule.

In 1893, Tilak organized a large-scale, public Ganesh Chaturthi celebration in Pune, encouraging people to participate actively. His vision was to use this festival as a platform to rally against British oppression and promote social reform. This marked the transformation of the private family celebration of Lord Ganesha’s birthday into a grand public event. Since then, the festival has continued to grow in popularity, evolving into the vibrant and inclusive celebration we see today.

Significance of Ganesh Chaturthi:

  • Devotion to Lord Ganesha: Ganesh Chaturthi is primarily a religious festival dedicated to Lord Ganesha, the god of wisdom and remover of obstacles. Devotees believe that worshipping Lord Ganesha during this festival brings blessings, success, and prosperity into their lives.
  • Unity and Social Cohesion: Ganesh Chaturthi has historically played a crucial role in fostering unity and social cohesion among people from diverse backgrounds. It brings together individuals from various castes, communities, and social strata, transcending differences.
  • Cultural Expression: The festival provides a platform for the expression of art and culture. Elaborate decorations, traditional music, dance performances, and processions are essential parts of the celebrations, showcasing India’s rich cultural heritage.
  • Economic Impact: Ganesh Chaturthi also has a significant economic impact. The festival generates employment opportunities for artisans, idol makers, and vendors, contributing to the local economy.
  • Environmental Concerns: In recent years, there has been a growing awareness of the environmental impact of Ganesh Chaturthi due to the immersion of plaster-of-Paris idols into water bodies. Many communities have started adopting eco-friendly practices by using clay idols and natural colors.

Rituals and Traditions:

The celebration of Ganesh Chaturthi involves a series of rituals and traditions that vary from region to region but generally follow a similar pattern:

  • Idol Installation: The festival begins with the installation of Lord Ganesha’s idol in homes, public pandals (temporary structures), or temples. The idol is often made of clay, plaster-of-Paris, or other materials, though there is a growing trend towards eco-friendly clay idols.
  • Prayers and Offerings: Devotees offer prayers, flowers, fruits, sweets, and other offerings to Lord Ganesha. Traditional bhajans (devotional songs) and aarti (rituals with lamps) are performed daily.
  • Public Processions: In many places, especially in Maharashtra, large processions are organized to immerse the idols in water bodies like rivers, lakes, or the sea. These processions are accompanied by music, dance, and enthusiastic participation.
  • Modak Preparation: Modak, a sweet dumpling, is Lord Ganesha’s favorite food. Families prepare modaks during the festival as an offering to the deity.
  • Visiting Pandals: People visit elaborately decorated pandals to seek Lord Ganesha’s blessings. These pandals often depict various themes and artistic representations of the deity.
  • Visarjan (Immersion): On the final day of the festival, the idol of Lord Ganesha is immersed in water. This symbolizes his return to his celestial abode, and devotees bid a tearful farewell with the hope that he will return the following year.

Environmental Concerns and Solutions:

While Ganesh Chaturthi is a time of joy and devotion, it has also raised environmental concerns due to the pollution caused by the immersion of plaster-of-Paris idols and the use of chemical-based paints. Here are some eco-friendly solutions that have been adopted to address these concerns:

  • Clay Idols: Many communities have switched to making idols from natural clay, which easily dissolves in water and does not harm the environment.
  • Natural Colors: Eco-friendly, natural colors made from turmeric, vegetable dyes, and other non-toxic materials are used for painting the idols.
  • Artificial Ponds: Some regions have created artificial ponds with eco-friendly filters to collect the idols after immersion, preventing pollution of natural water bodies.
  • Awareness Campaigns: NGOs, local authorities, and environmental activists conduct awareness campaigns to educate people about the importance of eco-friendly celebrations.
  • Community Involvement: Communities and individuals play a crucial role in promoting eco-friendly practices by encouraging the use of clay idols and natural colors.

The Future of Ganesh Chaturthi:

Ganesh Chaturthi has evolved significantly over the years, from a private household celebration to a grand public spectacle. Its future will likely continue to adapt to changing times and concerns. Here are some potential directions for the festival’s future:

  • Emphasis on Tradition: Despite the modernization of the festival, there may be a renewed emphasis on traditional practices and rituals to preserve the cultural heritage associated with Ganesh Chaturthi.
  • Sustainability: The adoption of eco-friendly practices is likely to increase, with more people opting for clay idols, natural colors, and responsible immersion processes.
  • Global Awareness: Ganesh Chaturthi is not limited to India; it has gained popularity among Indian diaspora communities worldwide. This trend may continue to grow, promoting Indian culture globally.
  • Interfaith Understanding: The festival may serve as a platform for interfaith understanding and cooperation, fostering harmony among diverse religious communities.
  • Technological Integration: Technology may play a more significant role in celebrating Ganesh Chaturthi, with virtual darshans (online viewing of idols), live-streamed ceremonies, and digital outreach to a global audience.

Conclusion:

Ganesh Chaturthi is a vibrant and culturally significant festival that celebrates the birth of Lord Ganesha, the remover of obstacles and the bestower of wisdom and prosperity. It has evolved over time, from a private family affair to a grand public celebration that unites people across India and beyond. The festival’s rich traditions, devotion, and cultural expressions make it a cherished event in the hearts of millions.

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Hindi Grammar by Sushil

गणेश चतुर्थी पर निबंध | Ganesh Chaturthi Essay in Hindi

Ganesh Chaturthi Essay in Hindi:- गणेश चतुर्थी हिंदू धर्म के लोगों का एक प्रमुख त्योहार है जो पूरे भारत में बड़े ही धूमधाम के साथ मनाया जाता है परंतु इसकी भारत के महाराष्ट्र में जो झलक देखने को मिलती है वह शायद ही पूरी दुनिया में कहीं मिलती हो।

हिंदू पुराणों के अनुसार इस दिन भगवान गणेश का जन्म हुआ था और गणेश जी सभी देवताओं में पूजनीय है अतः हर शुभ काम से पूर्व उनका पूजन अवश्य किया जाता है क्योंकि भगवान गणेश को बुद्धि, समृद्धि और सौभाग्य के देवता के रूप में पूजा जाता है।

पता हो उनकी पूजा-अर्चना से जो उन्हें मना लेता है उसके घर में समृद्धि का वास होता है इसी कारण भगवान गणेश के जन्मदिवस को बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है।

गणेश चतुर्थी पर निबंध | Ganesh Chaturthi Essay in Hindi

Table of Contents

गणेश चतुर्थी पर निबंध 100 शब्दों में

गणेश चतुर्थी का त्योहार भगवान गणेश के जन्मोत्सव के रूप में व्हाट्सएप भारत के विभिन्न क्षेत्रों में मनाया जाता है गणेश चतुर्थी का त्योहार मुख्य रूप से महाराष्ट्र राज्य में मनाया जाता है।

वर्तमान समय का सबसे बड़ा गणेश चतुर्थी मेला मुंबई के सिद्धिविनायक मंदिर में आयोजित किया जाता है और भगवान गणेश को हम लंबोदर, विघ्नहर्ता और भी अन्य नामों से जानते हैं इसके साथ ही उन्हें बुद्धि और विवेक का देवता माना जाता है।

ऐसी मान्यता है कि जब माता पार्वती को एक ऐसे बच्चे की जिज्ञासा हुई जो उनका हर तरह से आदेश मानें तो उन्होंने गणेश जी को कीचड़ और मिट्टी से बनाया और उसके बाद उन्हें जीवन देकर घर की पहरेदारी के लिए खड़ा कर दिया।

परंतु भगवान से इस बात से अनजान थे और जब गणेश जी ने भगवान शिव को अंदर जाने से रोका तो उन्होंने इस बच्चे के सिर पर अपने त्रिशूल से एक बार करके उनका धड़ से अलग कर के उन्हें मार दिया।

इस बात का पता जब माता पार्वती को हुआ तो वह बहुत क्रोधित हुई और भगवान से भी अपनी गलती पर पछतावा इसके बाद उन्होंने गणेश जी के धड में हाथी के सर को जोड़कर उन्हें एक नया जीवन दिया और उनका नाम लंबोदर रख दिया और उन्हें यह वरदान दिया कि देवताओं में उनकी पूजा सबसे पहले होगी।

गणेश चतुर्थी पर निबंध 250 शब्दों में

भारत देश में बहुत सारे त्योहारों को बड़ी ही धूमधाम के साथ मनाया जाता है जिनमें से गणेश चतुर्थी भी एक है गणेश चतुर्थी एक हिंदू उत्सव है जो हर साल अगस्त और सितंबर महीने में आता है और ऐसा माना जाता है कि इस दिन भगवान गणेश का जन्म हुआ था।

हिंदू धर्म के लोग गणेश भगवान के जन्मदिन को हर वर्ष गणेश चतुर्थी के रूप में मनाते हैं और भगवान गणेश सभी के प्रिय हैं खासतौर से बच्चों के यह ज्ञान और संपत्ति के भगवान हैं और बच्चों के दोस्त गणेश के नाम से प्रसिद्ध है।

एक बार भगवान गणेश का सर भगवान शिव के द्वारा काट दिया गया था लेकिन फिर एक हाथी का सर उनके दर से जोड़कर भगवान शिव ने उन्हें एक नया जीवनदान दिया इस तरह उन्होंने अपना जीवन दोबारा पाया जिसे गणेश चतुर्थी के उत्सव के रूप में मनाया जाता है।

गणेश चतुर्थी का त्यौहार हिंदू महीनों के अनुसार भाग्रपद में शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को मनाया जाता है ऐसा माना जाता है कि पहली बार चंद्रमा के द्वारा गणेश जी के व्रत को रखा गया था क्योंकि वह अपने दुर्व्यवहार के लिए गणेश द्वारा श्रापित थे।

भगवान गणेश हिंदुओं के प्रमुख देवताओं में से एक है जो अपने भक्तों को बुद्धि समृद्धि तथा संपत्ति का आशीर्वाद देते हैं, गणेश चतुर्थी के दिन उनकी प्रतिमा को स्थापित कर के 11 दिन तक यह उत्सव चलता है और 11 दिन उनकी प्रतिमा का विसर्जन करके गणेश चतुर्थी का उत्सव समाप्त कर दिया जाता है।

इस उत्सव के जरिए लोग भगवान गणेश को मनाने का प्रयास करते हैं और ऐसा माना जाता है कि वह खुश होकर हमें ज्ञान एवं समृद्धि का आशीर्वाद देंगे।

इस दिन सभी भक्तो अपने घरों दफ्तरों शैक्षणिक संस्थानों आदि में उनकी प्रतिमा को सजाते हैं उस दिन वहां गणेश आरती और मंत्रों के उच्चारण के साथ उनकी पूजा की जाती है लोग उनसे सुख समृद्धि और शांति की कामना करते हैं साथ ही सभी लोगों को प्रसाद वितरित किया जाता है।

गणेश चतुर्थी पर निबंध 300 शब्दों में

हिंदू धर्म में सर्वप्रथम किसी भी काम को करने से पहले भगवान गणेश की पूजा की जाती है क्योंकि ऐसा माना जाता है कि उनकी पूजा करने से कोई भी काम बिना बाधा के संपूर्ण हो जाता है।

हमारे भारत देश में हर वर्ष गणेश उत्सव मनाया जाता है और तकरीबन 10 दिनों तक गणेश जी की स्थापना भव्य पंडालों में की जाती है कई जगहों पर गणेश जी की स्थापना 5 या 7 दिनों के लिए भी की जाती है और निश्चित अवधि पूरी हो जाने के बाद उनका विसर्जन कर दिया जाता है।

भारत में बड़े पैमाने पर महाराष्ट्र राज्य में गणेशोत्सव देखने को मिलता है जहां बड़े-बड़े पंडाल सड़क किनारे या फिर खाली मैदान में सजाए जाते हैं और उनमें भगवान गणेश की पूरी विधि विधान से स्थापना करते हुए यह उत्सव लगभग 10 दिनों तक चलता है।

गणेश उत्सव मनाने का श्रेय बाल गंगाधर तिलक को जाता है जिन्होंने भारत के लोगों को एक साथ इकट्ठा करने के लिए दोस्तों को मनाने की शुरुआत की थी और आज गणेश उत्सव की धूम भारत के अलावा अन्य देशों में भी दिखाई देती है।

मुंबई के सिद्धिविनायक मंदिर में गणेश उत्सव की धूम अपने आप में ही निराली होती है यहां पर बहुत सी बड़ी-बड़ी हस्तियां उनके दर्शन के लिए आती हैं और उनकी और पूजा अर्चना करके उनसे अपने लिए सुख समृद्धि और शांति की कामना करते हैं।

पौराणिक कथाओं के अनुसार कहा जाता है कि अगर हम गणेश उत्सव मनाते हैं तो हमारे सभी कष्टों को गणपति बप्पा हर लेते हैं और हमें समृद्धि तथा उन्नति प्रदान करते हैं साथ ही हमें हर प्रकार की कठिनाइयों से भी बचाते हैं।

हिंदू धर्म में सर्वप्रथम पूजा का अधिकार गणेश भगवान को ही प्राप्त है और वेदों के अनुसार गणेश जी का जन्म महाराष्ट्र राज्य में हुआ था इसलिए गणेशोत्सव को बड़े पैमाने पर महाराष्ट्र राज्य में बड़ी ही धूमधाम से मनाया जाता है।

गणेश चतुर्थी पर निबंध 500 शब्दों में

गणेश चतुर्थी हम हिंदुओं का एक प्रमुख त्योहार है जिसमें भगवान श्री गणेश का भव्य स्वागत किया जाता है और यह भारत के विभिन्न प्रांतों में बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है।

विशेषकर महाराष्ट्र में गणेश चतुर्थी का उत्सव अत्यधिक जोश व उत्साह से मनाया जाता है इस त्योहार पर गणेश जी की प्रतिमा हो कि घर में स्थापना की जाती है और कहीं पर बड़ी प्रतिमाए तो कहीं पर छोटी प्रतिमाओं को स्थापित किया जाता है।

गणेश चतुर्थी क्यों मनाई जाती है?

हिंदू धर्म में मनाए जाने वाले सभी त्योहार किसी ना किसी विशेष उद्देश्य से ही मनाए जाते हैं सभी त्योहारों के पीछे पुरानी कथाओं तथा मान्यताओं का एक विशेष महत जुड़ा होता है।

इसी के साथ पुराणों के अनुसार कहा जाता है कि गणेश चतुर्थी के प्रथम दिन भगवान श्री गणेश का जन्म हुआ था जिसके चलते इन दिनों गणेश जी को एक सदस्य के रूप में अपने घर बुलाया जाता है।

कई लोग गणेश जी की स्थापना 9 दिनों के लिए करते हैं तो कई लोग उनकी स्थापना 11 दिनों के लिए भी करते हैं और अंतिम दिन उनकी मूर्ति का विसर्जन बड़ी ही धूमधाम से किया जाता है।

गणेश चतुर्थी कब मनाई जाती है?

गणेश चतुर्थी का त्योहार हरिद्वार से भाद्र मास की शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को मनाया जाता है यह पर्व श्री गणेश जी के जन्म उत्सव के रूप में मनाया जाता है जो कि 11 दिनों का एक विशाल महोत्सव होता है।

इसमें भगवान गणेश की पूजा अर्चना करते हैं इसके साथ ही भक्तगण रोजाना गणपति जी के शुभ मंत्रों का उच्चारण करते हैं और गीत एवं आरती गाकर उनकी पूजा अर्चना करते हुए 11 दिन उनकी प्रतिमा को बड़ी ही धूमधाम से विसर्जित कर दिया जाता है।

गणेश चतुर्थी से जुड़ी कथा

ऐसा माना जाता है कि एक बार माता पार्वती ने अपने तन एक ईमेल से एक पुतला बनाया और उसे जीवन देते हुए उसका नाम गणेश रख दिया और जब वह स्नान करने के लिए गई तब उन्होंने द्वार पर गणेश को खड़ा कर दिया और कहा कि -‘हे पुत्र तुम द्वार पर जाकर खड़े हो जाओ मैं भीतर स्नान करने जा रही हूं मैं जब तक स्नान कर तब तक तुम किसी भी पुरुष को भीतर मत आने देना।’

गणेश जी अपनी माता की आदेशानुसार वहां की रक्षा में लग गए और जब महादेव वापस आए तब गणेश जी ने उन्हें द्वार पर ही रोक लिया जिससे शिव जी को क्रोध आ गया और उन्होंने उनका सर धड़ से अलग कर दिया और अंदर चले गए।

माता पार्वती ने जब महादेव को अंदर आया देखा तो तुरंत उन्होंने भोजन परोस दिया और एक थाली गणेश के लिए भी लगा दी तो शिवजी ने पूछा यह और थाली और किसकी है तब माता पार्वती बोली यह मेरे पुत्र गणेश के लिए है जो बाहर द्वार पर पहरा दे रहा था।

तब शिवजी ने अपने और गणेश के बीच हुई घटना के बारे में माता पार्वती जी को बताया जिसे सुनकर वह बहुत दुखी हो गई और उनके ब्लॉक को कम करने के लिए शिव जी ने गणेश के धड पर एक हाथी के बच्चे का सिर लगाकर उन्हें पुनः जीवनदान दे दिया।

इस प्रकार माता पार्वती जी अपने पुत्र को दोबारा पाकर बहुत प्रसन्न हो गई और यह घटना भाद्रपद मास की शुक्ल चतुर्थी को हुई थी इसलिए यह तिथि पर्व के रूप में मनाई जाती है।

गणेश चतुर्थी कैसे मनाते हैं?

गणेश चतुर्थी 11 दिनों तक मनाया जाने वाला एक लंबा हिंदू उत्सव है जो पहले दिन उनकी मूर्ति स्थापना से शुरू होते हुए उनके विसर्जन के साथ खत्म होता है।

इन 11 दिनों में भक्त सुबह शाम उनकी आरती करते हैं भजन कीर्तन गाते हैं हवन आदि करते हैं और विभिन्न प्रकार के पकवान आदि बनाकर उनका प्रसाद बनाया जाता है जिनमें से विशेष रूप से भगवान गणेश के लिए मोदक बनाए जाते हैं जो कि उन्हें बहुत प्रिय कहे जाते हैं।

भगवान गणेश भी अपने भक्तों को बुद्धि समृद्धि तथा संपत्ति का आशीर्वाद देते हैं और वह अच्छाई की रक्षा करते हैं और सभी बाधाओं को दूर करने वाले विघ्नहर्ता कहे जाते हैं।

10 दिनों की पूजा के दौरान कपूर ,लाल चंदन, लाल फल फूल, नारियल ,मोदक और दुराव घास चढ़ाने की प्रथा है और 10 दिनों की पूजा समाप्ति के बाद 11 दिन बड़े ही धूमधाम के साथ उनका विसर्जन कर दिया जाता है और ऐसा माना जाता है कि वह अपने साथ हमारे सारे व्यक्ति ले जाएंगे और चारों और खुशियां छोड़ जाएंगे।

गणेश चतुर्थी का पर्व छोटे से लेकर बड़े स्तर तक मनाया जाता है जिसमें सभी स्तर के लोग शामिल होते हैं और भारत के विभिन्न राज्यों में यह अलग-अलग प्रकार से मनाया जाता है।

वर्तमान में यह त्यौहार भारत के अलावा भी कई अन्य देशों में मनाया जाता है और इसमें मुख्य रूप से भगवान गणेश की आराधना होती है और घरों से लेकर मंदिरों तक ऑन गणेश चतुर्थी की धूम होती है।

जैसा कि भगवान गणेश को संपत्ति, समृद्धि, तथा ज्ञान का देवता माना जाता है और ऐसा माना जाता है कि उनकी पूजा-अर्चना करने से सभी काम शुभ होते हैं इसलिए इस समय लोग नए-नए कार्यों को शुरू करते हैं और उनसे इस बात की कामना करते हैं कि वह अपने कामों में सफल हो जाएं।

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तो आप सभी को “गणेश चतुर्थी पर निबंध | Ganesh Chaturthi Essay in Hindi” के बारे में सारी जानकारी प्राप्‍त हो गई होगी। हमें पूरी उम्‍मीद हैं कि आपको यह जानकारी बहुत पसंद आयी होगी। अगर आपके कोई प्रश्‍न हो तो नीचे कमेंट करके जरूर पूछे और पोस्‍ट को अपने सोशल मीडिया और दोस्‍तों के साथ जरूर शेयर करें।

Suneel

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गणेश चतुर्थी पर निबंध Ganesh Chaturthi Essay in Hindi (Vinayaka Chaturthi 2020)

गणेश चतुर्थी पर निबंध Ganesh Chaturthi Essay in Hindi (Vinayaka Chaturthi 2020)

गणेश चतुर्थी की हार्दिक शुभकामनायें ! आज हम गणेश चतुर्थी त्यौहार का महत्व इसके पीछे पौराणिक कथा और उत्सव के विषय में इस पोस्ट में आपको बताएँगे। तो चलिएश्री गणेशके विषय में उन महत्वपूर्ण चीजों को जाने।

भारत में गणेश चतुर्थी बहुत ही धूम-धाम से मनाया जाता है। यह त्यौहार कार्यालय हो या स्कूल-कॉलेज हर जगह इसको मनाया जाता है। इस दिन सभी कार्यालयों और शिक्षा संस्थानों को बंद करके भगवान् गणेशा की पूजा की जाती है।

बहुत सारे लोग अपने घरों में भी श्री गणेश की मूर्ति की पूजा करते। इस दिन सभी भक्त गणेश आरती गाते हैं और भगवान् को मोदक चढाते हैं।  मोदक गणेश जी का पसंदिता मिठाई है।

इस दिन को सबसे भव्य और बड़े तौर पर भारत के महाराष्ट्र राज्य में मनाया जाता है। इस त्यौहार को इतने धूम-धाम से इसलिए महाराष्ट्र में मनाया जाता है क्योंकि कई वर्षों पहले छत्रपति शिवाजी महाराज ने इसकी शुरुवात की थी।

Table of Content

गणेश चतुर्थी पर निबंध Ganesh Chaturthi Essay in Hindi

Khairatabad ganesh utsav 2019, Ganesh Chaturthi

गणेश चतुर्थी 2020 में कब है? When Ganesh Chaturthi is Celebrated in 2020?

1 सितम्बर, के दिन 2020 में गणेश चतुर्थी / विनायक चतुर्थी मनाया जायेगा।

पौराणिक कथा Mythology Behind Shri Ganesha Chaturthi

वैसे तो गणेश जी की कई पौराणिक कथाएं हैं – गणेश जी की 4 अनसुनी कहानियाँ पढने के लिए यहाँ क्लिक करें।

परन्तु जो मुख्य कथा है उसके अनुसार –

भगवान् शिवजी की धर्म पत्नी का नाम था माता पारवती। माता पार्वती ने अपने शरीर के मैल से एक पुत्र को उत्पन्न किया जिनका नाम था गणेश। एक बार की बात है माता पार्वती स्नान करने गयी। जाने से पहले माता पार्वती ने अपने पुत्र गणेश को कहा की जब तक वो स्नान करके ना लौटें उनके घर के अन्दर किसी को भी घुसने ना दें।

कुछ देर बाद शिवजी वहां पहुंचे। गणेश को यह पता नहीं था की शिवजी उनके पिता है। उन्होंने शिवजी को अन्दर जाने से रोका। शिवजी ने गणेश को बहुत समझाया परन्तु गणेश न माने। क्रोधित होकर शिवजी ने गणेश का सिर-धड़ से अलग कर दिया। गणेश की आवाज़ सुनकर माता पार्वती जब बाहर आई तोअपने पुत्र का मृत शरीर को देख कर दुख से रोने लगी।

क्रोधित होकर माता पारवती ने शिवजी को अपने पुत्र को जीवित करने के लिए कहा। शिवजी को भी अपनी गलती का एहसास हुआ परन्तु वह उस अलग किये हुए सिर को जोड़ नहीं सकते थे इसीलिए उन्होंने नंदी को आदेश दिया और कहा जाओ जो कोई भी जानवर सबसे दिखे उसका सिर काटकर ले आओ।

उनको सबसे पहले एक हाथी मिला, और वो उसका सिर काटकर ले आये। शिवजी ने अपनी शक्ति से हाथी के सिर को धड़ से जोड़ दिया और गणेश को जीवित कर दिया और सभी देवताओं ने गणेश को आशीर्वाद दिया।

गणेश जी की पूजा कुछ भी शुरू करने से पहले क्यों की जाती है?

शिवजी ने साथ ही गणेश जी को आशीर्वाद देते हुए कहा की जहाँ भी पृथ्वी पर कुछ नया और अच्छे की शुरुवात की जाएगी वहां गणेश का नाम लिए जायेगा और गणेश की आराधना करने वाले व्यक्ति का सभी दुःख दूर होगा।

इसीलिए हम भारतीय कुछ भी अच्छा और नया शुरू करने जैसे विवाह, कोई नया व्यापार शुरू करने से पहले, नया घर प्रवेश, या जब कोई शिशु प्रथम बार स्कूल जाने से पूर्व गणेश जी की पूजा करते हैं और उनसे सुख-शांति की कामना करते हैं।

पूजा उत्सव और ख़ुशी Ganesha Chaturthi Celebration

भगवान गणेश, माता पारवती और भगवान शिव के पुत्र हैं। गणेश चतुर्थी पर गणेश, शिवजी और माता पार्वती की पूजा बहुत ही धूम-धाम से की जाती है। इस दिन को भारत के सभी राज्यों में बहुत ही उत्साह के साथ मनाया जाता है।

इस दिन को भगवान् गणेश के जन्मदिन के रूप में मनाया जाता है। यह भारत के सबसे बड़े त्योहारों में एक मन जाता है जो पुरे 10 दिनों तक मनाया जाता है। गणेश चतुर्थी सबसे अधिक और ज़बरदस्त तरीके से महाराष्ट्र और भारत के सभी हिन्दू लोग मनाते हैं।

इस दिन सभी भक्त अपने घरों, दफ्तरों या शैक्षिक संस्थानों में गणेश जी की मूर्ति को सजाते हैं। उस दिन वहां गणेश आरती और मन्त्रों के उच्चारण के साथ उनकी पूजा की जाती है। लोग भगवन गणेश से सुख-शांति और समृद्धि की कामना करते हैं और साथ ही ज्ञान माँगते हैं। पूजा के बाद सभी लोगों को प्रसाद दिया जाता है।

उसके बाद 10 दिनों तक मूर्ति को वही रखा जाता है। लोग हर दिन वहां दर्शनके लिए आते हैं और पूजा करते हैं। इन 10 दिनों के पूजा के बाद गणेश जी की मूर्ति को समुद्र या नदियों में विसर्जन कर दिया जाता है।

आप सभी को भी गणेश जी जीवन में अपर सुख, शांति, विद्या दें! गणेश चतुर्थी की हार्दिक शुभकामनायें~ आशा करते हैं आपको हमारा यह पोस्ट अच्छा लगा होगा।  अगर अच्छा लगे तो Share करना ना भूलें।

पढ़ें: जीवन में त्यौहारों का महत्व

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  • Ganesh Chaturthi Essay

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Ganesh Chaturthi: The Joyous Celebration of Lord Ganesha

Ganesh Chaturthi, an annual Hindu festival, marks the birth of Lord Ganesha , the revered deity known for wisdom, prosperity, and new beginnings. Lasting for 11 days, the festival begins on the fourth day of the waxing moon in the Hindu month of Bhadrapada.

The festivity's flair varies across regions, yet certain customs remain consistent throughout India. At the festival's onset, a clay or metal idol of Lord Ganesha is introduced into homes or temples. Here, the deity receives prayers, offerings, and songs. Over the 11 days, people visit temples and temporary shrines (pandals) to pay homage. Fasting, devotional songs (bhajans), and dancing also characterize the celebration.

The culmination of the festival witnesses the immersion of the Lord Ganesha idol into a river or lake. This act symbolizes bidding adieu to the deity while expressing gratitude for bestowed blessings.

Ganesh Chaturthi fosters jubilation among people of all ages, embracing unity and the blessings of Lord Ganesha. This festive occasion encapsulates values of wisdom, prosperity, and good fortune.

Origins and Importance:

Ganesh Chaturthi's origins trace back to ancient Indian mythology . As the legend goes, Goddess Parvati, the divine consort of Lord Shiva, crafted Ganesha from sandalwood paste, granting him life to protect her privacy during her bath. Upon Lord Shiva's return, an unaware Ganesha blocked his path, resulting in Lord Shiva impulsively severing his head. Seeing Parvati's sorrow, Lord Shiva pledged to resurrect Ganesha.

This tale symbolizes the cycle of life and death, underlining the essence of acceptance and empathy. Moreover, it underscores Ganesha's role as the remover of obstacles and the embodiment of wisdom. Consequently, Ganesh Chaturthi signifies not just the birth of Lord Ganesha but also the values he embodies.

Preparations and Festive Splendor:

Preparations for Ganesh Chaturthi commence weeks beforehand. Skilled artisans craft intricate clay idols of Lord Ganesha in diverse poses and sizes. These idols are adorned with colorful decorations, intricate jewelry, and vibrant garments. Communities eagerly anticipate the arrival of these idols, placed in homes, temporary shrines called pandals, and public spaces.

The atmosphere during Ganesh Chaturthi is electrifying, with bustling markets showcasing traditional sweets and decorative items. Families engage in cleaning their homes, purchasing new attire, and exchanging gifts as they prepare to welcome the deity into their lives.

Rituals and Celebrations:

Ganesh Chaturthi transcends being a mere religious event; it metamorphoses into a cultural extravaganza uniting individuals from diverse backgrounds. The festival extends for ten days, during which devotees partake in various rituals honoring Lord Ganesha. The idol is installed with deep reverence and devotion, accompanied by the 'Pranapratishtha' ceremony, invoking the deity's presence.

Daily offerings of flowers, fruits, and sweets, along with melodious bhajans (devotional songs) and aarti (ritualistic prayers), create an ambiance infused with spirituality. The air is imbued with the aroma of incense, and the resonance of bells fosters a sense of devotion. The final day culminates in the grand immersion ceremony, 'Visarjan,' wherein devotees bid adieu to Ganesha by submerging his idol in water bodies.

Unity in Diversity:

A striking facet of Ganesh Chaturthi is its remarkable ability to unify people, transcending divisions of caste, creed, and societal status. Celebrations unfold with equal fervor in bustling cities and quaint villages across India. Communities collaborate to establish resplendent pandals, providing spaces for people to congregate, pray, and seek blessings.

Ganesh Chaturthi exemplifies unity in diversity as individuals from all walks of life partake in the festivities. This spirit of togetherness nurtures camaraderie, understanding, and harmony among individuals.

Environmental Awareness:

In recent years, an amplified consciousness about the environmental repercussions of Ganesh Chaturthi has emerged. Traditional clay idols, environmentally friendly and easily soluble in water , have been supplanted by plaster of Paris idols detrimental to aquatic life. The use of synthetic colors and non-biodegradable decorations has furthered these concerns.

To address these issues, an eco-friendly approach to Ganesh Chaturthi has gained traction. The emphasis is on using clay idols, natural colors, and sustainable decorations. This transformation underscores the conscientiousness and compassion of festival participants.

In Conclusion: Embracing Fresh Beginnings:

Ganesh Chaturthi signifies not only a festival but a testament to the potential of new beginnings. Ganesha's tale imparts the wisdom that setbacks and barriers are inherent to life, and the key is to confront them with poise and courage. The festival urges us to relinquish the past, welcome change, and embrace the future with enthusiasm.

As melodious bhajans resonate and gorgeously adorned idols warm our hearts, Ganesh Chaturthi imparts the significance of devotion, unity, and mindfulness. This celebration resonates with people of all generations, perpetuating the rich tapestry of Indian culture and spirituality.

Warm Greetings from Vedantu

As we gear up for Ganesh Chaturthi 2023 , let's not just celebrate a festival, but embrace an opportunity to connect with our roots, forge new bonds, and revel in the joy of unity and devotion. So, let the drums beat, the sweets flow and the laughter resound as we welcome the Elephant God into our lives once again. Ganpati Bappa Morya!

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FAQs on Ganesh Chaturthi Essay

1. When is Ganesh Chaturthi in 2023?

Ganesh Chaturthi 2023 will be celebrated from Tuesday, September 19 to Wednesday, October 1, 2023.

2. What is the significance of Ganesh Chaturthi?

Ganesh Chaturthi is a Hindu festival celebrated to mark the birth of Lord Ganesha, the elephant-headed god of wisdom, prosperity, and good fortune. The festival is celebrated over 11 days, beginning on the fourth day of the waxing moon in the Hindu month of Bhadrapada.

3. How is Ganesh Chaturthi celebrated?

The festivities of Ganesh Chaturthi vary from region to region, but there are some common elements that are observed throughout India. On the first day of the festival, a clay or metal idol of Lord Ganesha is brought into the home or temple. The idol is then worshipped with prayers, offerings, and songs. During the 11 days of the festival, people visit temples and pandals (temporary shrines) to offer their prayers to Lord Ganesha. They also fast, sing bhajans (devotional songs), and dance.

On the final day of the festival, the idol of Lord Ganesha is immersed in a river or lake. This is a symbolic gesture of bidding farewell to the god and thanking him for his blessings.

4. What are some of the popular traditions of Ganesh Chaturthi?

Some of the popular traditions of Ganesh Chaturthi include:

Worship of Lord Ganesha: The main focus of the festival is the worship of Lord Ganesha. People offer prayers, flowers, fruits, and sweets to the god. They also sing bhajans and perform aartis (ceremonial worship).

Pandals: Temporary shrines called pandals are set up all over India during Ganesh Chaturthi. These pandals are beautifully decorated with flowers, lights, and other decorations. The idols of Lord Ganesha are also placed in these pandals.

Processions: In some parts of India, there are large processions that are held to mark the beginning of Ganesh Chaturthi. These processions are led by the idol of Lord Ganesha and are accompanied by music, dancing, and singing.

Food: A variety of traditional foods are prepared during Ganesh Chaturthi. Some of the popular dishes include modak (a sweet dumpling made of rice and coconut), laddoo (a sweet ball made of milk and sugar), and puran poli (a sweet flatbread).

Games and competitions: There are also a variety of games and competitions that are held during Ganesh Chaturthi. These games and competitions are a way for people to have fun and celebrate the festival.

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गणेश चतुर्थी पर निबंध (Ganesh Chaturthi essay in hindi) – हमारा देश रंग रंगीला है। भले ही अलग धर्म और पंथ के लोग यहां रहते हो, लेकिन यहां पर सब मिलजुलकर रहते हैं। इस देश में अनेक प्रकार के त्यौहार मनाए जाते हैं। दीवाली, होली, ईद, क्रिसमस आदि अनगिनत त्यौहार भारत में मनाए जाते हैं। यह सभी त्यौहार हमारी एकता को दर्शाते हैं। सभी त्यौहार के अपने महत्व और खूबी होती है। सभी त्यौहारों को मनाने में एक अलग ही प्रकार का आनंद आता है। होली में जीवन रंगों से सरोबार हो जाता है। और दीवाली जीवन को प्रकाशमय बना देती है।

अलग अलग त्यौहार के अलग प्रकार के रंग होते हैं। सारे त्यौहार हमें कुछ ना कुछ सीख देते हैं। भारत के लोगों की यह खूबी होती है कि वह सभी इतना प्रेम से रहते हैं कि वह सभी हर त्यौहारों में प्रफुल्लित मन से शरीक हो जाते हैं। हर प्रकार के त्यौहार हमें यह संदेश देते हैं कि हमें अपने जीवन में बिना डरे हुए हिम्मत के साथ काम करते रहना चाहिए। हमारे देश में जन्माष्टमी और गणेश चतुर्थी जैसे त्यौहार भी मनाए जाते हैं। यह त्यौहार धार्मिक त्यौहार होते हैं। इन त्यौहारों से कई धार्मिक मान्यताएं भी जुड़ी होती है। त्यौहार हमें ज्यादा धार्मिक बनने का मौका प्रदान करती है। सभी त्यौहार हमें अपनी संस्कृति से जोड़े रखने में सहायक होते हैं। तो आज का हमारा विषय गणेश चतुर्थी पर आधारित है। आइए हम गणेश चतुर्थी पर निबंध पढ़ना शुरू करते हैं।

हमारे देश में अनेकों त्यौहार मनाए जाते हैं। हर त्यौहार की अपनी अलग रौनक होती है। इनमें धार्मिक त्यौहारों की बात ही कुछ अलग होती है। सभी को इन धार्मिक त्यौहारों को मनाना बहुत अच्छा लगता है। अलग-अलग त्यौहार की अलग परंपराएं। इन त्यौहारों से हमें अच्छा संदेश मिलता मिलता है। इन त्योहारों को मनाने का कुछ अलग ही आनंद आता है। इन सभी त्योहारों में से एक होता है गणेश चतुर्थी का उत्सव। यह बहुत ही खूबसूरत त्योहार है। यह त्योहार गणेशजी को समर्पित होता है। इस दिन भगवान गणेशजी की पूजा की जाती है। गणेशजी को मोदक का भोग लगाया जाता है। लोग गणेशजी को अपने घर पर लाकर विराजमान करते हैं। लोग दस दिन तक लगातार गणेशजी की पूजा करते हैं। बाद में दसवें दिन वह गणपति बप्पा का विसर्जन करने के लिए जाते हैं। जिस दिन वह बप्पा को विसर्जन के लिए लेकर जाते हैं उस दिन वह बड़े ही धूमधाम के साथ बैंड बजाते हुए बप्पा को लेकर जाते हैं।

भगवान गणेश कौन है?

हमारे धर्म में अनेकों देवी देवता मौजूद है। कोई धर्म के देवता होते हैं तो कोई प्रेम के देवता। बह्मा, विष्णु और महेश को हमारे धर्म में सबसे ऊंचा स्थान दिया जाता है। महेश अर्थात भोले भंडारी है। भोले भंडारी भगवान शिव ही है। भगवान शिव की पत्नी माता पार्वती है। माता पार्वती और भगवान शिव के पुत्र है गणेशजी। गणेशजी जीवन के सारे बिगड़े काम बनाते हैं। भगवान गणेश के भाई कार्तिकेय है। भगवान गणेश की पत्नी को रिद्धि – सिद्धि नाम से जाना जाता है। वह संपूर्ण जगत के पालनहारे भी माना जाते हैं। वह परमपूज्य है। जो गण के प्रमुख के रूप में काम करते हैं उन्हें ही भगवान गणेश कहा जाता है। मूषक उनकी सवारी होती है। गणेशजी को मोदक बहुत प्रिय होता है।

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भगवान गणेश हमारे जीवन में क्यों महत्वपूर्ण है?

भगवान गणेश को विघ्नहर्ता माना जाता है। वह सबके दुखों को दूर करते हैं। भगवान गणेश सबके जीवन में खुशहाली लेकर आते हैं। आज हम जो कोई भी काम शुरू करते हैं उसको करने से पहले हम भगवान गणेश का नाम पहले लेते हैं। जब हम भगवान गणेश का नाम लेकर कोई काम शुरू करते हैं तो हमारे सारे काम बिना कोई परेशानी के पूरे हो जाते हैं। यह भी माना जाता है कि भगवान गणेश धन और संपन्नता भी देते हैं। वह हमें हिम्मत प्रदान करते हैं। कहते हैं कि गणपति बप्पा बुद्धि भी प्रदान करते हैं। गणेश भगवान की कृपा के बिना हम कोई भी काम नहीं कर सकते हैं। गणेशजी के नाम लेने से ही हमारे शरीर में शक्ति का संचार होता है। विद्यार्थी भी गणेशजी को पूजते हैं।

गणेश चतुर्थी क्या है?

गणेश चतुर्थी अर्थात भगवान गणेश का त्यौहार। इस त्यौहार को पूरे भारत के लोग बड़े ही धूमधाम से मनाते हैं। इस त्यौहार में लोग भगवान गणेशजी को पूजते हैं। सभी लोग या तो मिट्टी के गणेशजी अपने घर में स्थापित करते हैं। या फिर पीओपी से बनी गणेशजी की मूर्ति अपने घर में लाते हैं। सभी लोगों के घर में गणेशजी की मूर्ति स्थापित हो जाती है। फिर सभी लोग 10 दिन तक गणेशजी की पूजा अर्चना करते हैं। गणेशजी को मोदक का भोग लगाया जाता है। जब दस दिन तक पूजा अर्चना हो जाती है तो फिर 11वें दिन गणपति को विदा करने का समय आ जाता है। लोग ढोल नगाड़े लेकर गणेश जी की मूर्ति विसर्जन के लिए लेकर जाते हैं। कोई मूर्ति को नदी में विसर्जित करता है तो कोई समुद्र में। बहुत से लोग गणेशजी को विसर्जित करते वक्त भावुक हो जाते हैं। महाराष्ट्र के लोग इस उत्सव को बड़े ही जोश के साथ मनाते हैं। विसर्जन वाले दिन लोग व्रत भी रखते हैं।

भगवान गणेश की कथा

भगवान गणेश की कथा बहुत दिलचस्प है। एक बार की बात है जब भगवान शंकर किसी काम से बाहर गए थे। माता पार्वती तब नहाने चली गई। जब माता पार्वती नहाने जा रही थी तो नहाने से पहले माता पार्वती ने उबटन लगाया। उबटन लगाने के बाद माता पार्वती ने मैल उतारा। मैल से माता पार्वती ने एक पुतला तैयार किया और पुतले में जान फूंक दी। पुतले से एक सुंदर बालक तैयार हो उठा। माता पार्वती ने उस बालक को माता पार्वती की पहरेदारी करने के लिए कहा। और फिर माता पार्वती नहाने चली गई। बालक बाहर खड़ा हो गया। जब वह बालक बाहर खड़ा था तो उसी समय भगवान शंकर कैलाश पधारे। जैसे ही भगवान शंकर ने पार्वती माता के कक्ष में जाने का सोचा तो उस बालक ने रोक लिया। बालक के ऐसे रोकने पर भगवान शंकर को गुस्सा आ गया। उन्होंने उसी समय बालक का सिर अपने त्रिशूल से काट दिया। जैसे ही माता पार्वती को इस बात का पता चला तो माता पार्वती जोर जोर से विलाप करने लगी। माता पार्वती ने भगवान शंकर से आग्रह किया कि वह बालक को दुबारा जीवित कर दे। भगवान शंकर ने माता पार्वती का आग्रह मानते हुए बालक को जीवनदान दे दिया। उस बालक को हाथी के बच्चे का सिर लगाया गया। और बालक को नाम दिया गया गणेश।

गणेश चतुर्थी मनाने का इतिहास

गणेश चतुर्थी का उत्सव बड़े ही धूमधाम तरीके से मनाया जाता है। पूरे भारतवासियों के मन में इस त्यौहार को लेकर उत्साह बना रहता है। गणेश चतुर्थी का त्यौहार मनाया जाता है। लेकिन क्या कभी सोचा है कि इस त्यौहार को मनाने के पीछे इतिहास क्या रहा है? इस त्यौहार का इतिहास पुराना है। इस त्यौहार को छत्रपति शिवाजी से जोड़कर देखा जा सकता है। कहते हैं कि छत्रपति शिवाजी ने ही इस त्यौहार को मनाने की परंपरा शुरू की थी। उन्होंने यह त्यौहार इसलिए शुरू किया ताकि महाराष्ट्र के सभी लोग आपस में मिलजुलकर रह सके। शिवाजी नहीं चाहते थे कि अंग्रेज भारतीय संस्कृति को नष्ट कर दे। इसलिए शिवाजी ने गणेश चतुर्थी का त्यौहार प्रसिद्ध कर दिया। बाल गंगाधर तिलक को भी इस त्यौहार को मनाने का श्रेय जाता है। अंग्रेजों ने भारत के नागरिकों की संस्कृति को बर्बाद करने की कोशिश की। लेकिन बाल गंगाधर तिलक ने गणेश चतुर्थी के उत्सव को जारी बनाए रखा।

गणेश चतुर्थी पर निबंध 200 शब्दों में

गणेश चतुर्थी का उत्सव बहुत ही खूबसूरत त्यौहार है। यह त्यौहार सभी लोग बड़ी ही धूमधाम तरीके से मनाते हैं। यह भगवान गणेश का त्यौहार है। यह त्यौहार गणपति बप्पा को समर्पित होता है। गणपति बप्पा को विघ्नहर्ता के रूप में पूजा जाता है। गणेश भगवान सभी के दुखों को दूर करते हैं। गणेशजी को विद्यार्थी भी पूजते हैं। हमारे शास्त्रों में गणेशजी को सबसे ऊंचा स्थान दिया गया है। गणेशजी को हर नया काम करने से पहले याद किया जाता है। गणेश चतुर्थी के त्यौहार में गणपति बप्पा को याद किया जाता है। भाद्रपक्ष मास के शुक्लपक्ष में गणेश चतुर्थी का त्यौहार आता है। गणेश चतुर्थी का उत्सव लगातार 10 दिन तक चलता है। सबसे पहले दिन गणेश जी की घर में स्थापना की जाती है। पूरे दस दिन तक गणेशजी की पूजा अर्चना की जाती है। फिर 11वें दिन को गणेशजी को विसर्जित करने के लिए लेकर जाते हैं। यह उत्सव बहुत पहले से मनाया जाता आ रहा है।

गणेश चतुर्थी पर 10 लाइनें

(1) गणेश चतुर्थी का त्यौहार भगवान गणपति को समर्पित होता है।

(2) गणेश चतुर्थी का त्यौहार भगवान गणेश को समर्पित होता है।

(3) यह त्यौहार 10 दिन तक मनाया जाता है।

(4) भगवान गणेश को हर बाधा को टालने का देवता मान जाता है।

(5) मूषक को गणपति बप्पा की सवारी माना जाता है।

(6) माता पार्वती और भगवान शंकर गणेश भगवान के माता पिता है।

(7) गणपति बप्पा के भाई का नाम कार्तिकेय है।

(8) महाराष्ट्र के लोग इस त्यौहार को बड़ी ही धूमधाम से मनाते हैं।

(9) गणेश चतुर्थी को शुरू करने का श्रेय छत्रपति शिवाजी को जाता है।

(10) गणपति बप्पा को मोदक के लड्डूओं का भोग लगाया जाता है।

गणेश भगवान का उत्सव बहुत ही खूबसूरत त्यौहार है। यह त्यौहार हमें धार्मिक संदेश भी देता है। गणेश भगवान का त्यौहार हमें सीख देता है कि हमें कभी भी किसी से भयभीत नहीं होना चाहिए। हमें अपने जीवन में निडरता के साथ काम करते रहना चाहिए। यह त्यौहार हमें सकारात्मक तरीके से जीना भी सिखाता है।

प्रश्न 1 – गणेश चतुर्थी का त्यौहार किस देवता को समर्पित होता है?

उत्तर :- गणेश चतुर्थी का त्यौहार भगवान गणेश को समर्पित होता है।

प्रश्न 2 – गणेश भगवान के माता पिता का नाम क्या है?

उत्तर :- गणेश भगवान की माता का नाम माता पार्वती है। और पिता का नाम भगवान शंकर है।

प्रश्न 3 – भगवान गणेश को गणेश चतुर्थी में कौनसी मिठाई का भोग लगाया जाता है?

उत्तर :- भगवान गणेश को गणेश चतुर्थी में मोदक का भोग लगाया जाता है।

प्रश्न 4 – गणेश चतुर्थी कब मनाया जाता है?

उत्तर :- गणेश चतुर्थी भाद्रपद के महीने में शुक्ल पक्ष में मनाया जाता है।

प्रश्न 5 – गणेश चतुर्थी का त्यौहार किसने शुरू किया?

उत्तर- गणेश चतुर्थी के त्यौहार को शुरू करने का श्रेय छत्रपति शिवाजी को जाता है।

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  2. गणेश चतुर्थी निबंध/Ganesh Chaturthi Nibandh Hindi Essay Writing -Learn

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  3. गणेश चतुर्थी पर निबंध

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  6. गणेश चतुर्थी निबंध हिंदी में

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  2. Essay On Ganesh Chaturthi In English/Ganesh Chaturthi Essay In English/10 Lines on Ganesh Chaturthi

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COMMENTS

  1. गणेश चतुर्थी पर निबंध (Ganesh Chaturthi Essay in Hindi)

    गणेश चतुर्थी पर निबंध (Ganesh Chaturthi Essay in Hindi) By Yogesh Singh / January 13, 2017. गणेश चतुर्थी महाराष्ट्र का बहुत ही महत्वपूर्ण पर्व है। यह हिन्दू धर्म का एक बहुत ...

  2. Essay on Ganesh Chaturthi in Hindi (100 शब्दों में)

    Essay on Ganesh Chaturthi in Hindi (100 शब्दों में) गणेश चतुर्थी, हिन्दू धर्म के महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक है। यह त्योहार भगवान गणेश के जन्म की खुशी में ...

  3. गणेश चतुर्थी पर निबंध 10 lines (Ganesh Chaturthi Essay in Hindi) 100

    Ganesh Chaturthi Essay in Hindi - गणेश चतुर्थी एक त्यौहार है जो भगवान गणेश के जन्म का जश्न मनाता है। यह भाद्रपद माह (अगस्त या सितंबर) में चंद्रमा के बढ़ने के

  4. गणेश चतुर्थी पर निबंध Essay on Ganesh Chaturthi in Hindi

    March 13, 2021 by Kiran Sao. इस लेख में गणेश चतुर्थी पर निबंध (Essay on Ganesh Chaturthi in Hindi) बेहद आकर्षक रूप से लिखा गया है। इस लेख में गणेश चतुर्थी क्या है तथा यह कब ...

  5. गणेश चतुर्थी पर निबंध हिंदी में

    भगवान श्री गणेश के जन्मोत्सव को हम लोग प्रतिवर्ष Ganesh Chaturthi के त्यौहार रूप में मानते हैं। यह गणेश चतुर्थी का त्यौहार करीब 11 दिनों तक चलता है। वैसे तो गणेश ...

  6. गणेश चतुर्थी

    भाद्रपद शुक्ल चतुर्थी. गणेश चतुर्थी हिन्दुओं का एक प्रमुख त्योहार है। यह त्योहार भारत के विभिन्न भागों में मनाया जाता है किन्तु ...

  7. गणेश चतुर्थी पर निबंध

    यदि आपको यह लेख Ganesh Chaturthi essay in hindi अच्छा लगा हो इससे आपको कुछ सीखने को मिला हो तो आप अपनी प्रसन्नता और उत्सुकता को दर्शाने के लिए कृपया इस ...

  8. गणेश चतुर्थी पर निबंध

    Ganesh Chaturthi Essay in Hindi 350 Words. गणेश चतुर्थी हिंदू त्योहारों में यह सबसे लंबे चलने वाले त्योहारों में से एक है. यह त्यौहार चतुर्थी के दिन प्रारंभ ...

  9. गणेश चतुर्थी पर निबंध

    गणेश चतुर्थी पर निबंध (Essay on Ganesh Chaturthi in Hindi). इस लेख में हम गणेश चतुर्थी त्योहार क्यों और कैसे मनाया जाता है के बारे में जानेंगे I Essay on Ganesh Chaturthi in 100, 150, 200, 250, 300, 1500 words.

  10. गणेश चतुर्थी निबंध हिंदी में

    Ganesh Chaturthi Essay in Hindi:-हिंदू धर्म का पालन करने वाले लोगों के लिए गणेश चतुर्थी का त्योहार बहुत ही भव्य माना जाता है। भारत के विभिन्न जगहों पर लोग साल भर से Ganesh Chaturthi का ...

  11. गणेश चतुर्थी निबंध हिंदी में

    गणेश चतुर्थी पर निबंध - Ganesh Chaturthi Essay in Hindi. भारतदेश में गणेश चतुर्थी का त्यौहार भाद्रपद माह (अगस्त और सितंबर) में शुक्ल पक्ष में चतुर्थी में मनाया जाता है| यह ...

  12. Ganesh Chaturthi- गणेश चतुर्थी पर निबंध (200 शब्द से 1000 शब्द में

    Ganesh Chaturthi Essay Hindi Word 100. हम उस देश के वासी हैं जहां त्योहारों के रंग ही रंग बिखरे हुए हैं जिसमें से एक Ganesh Chaturthi-गणेश चतुर्थी के त्योहार का रंग है ...

  13. Ganesh Chaturthi Essay In Hindi: गणेश ...

    Ganesh Chaturthi Essay In Hindi 2022 Essay on Ganesh Chaturthi in Hindi: When is Ganesh Chaturthi in 2022? Lord Ganesha has great importance in Hinduism. Lord Ganesha is first worshiped by all the deities. The birth anniversary of Gandesh ji is celebrated as Ganesh Chaturthi. In the month of Bhadrapada, the festival of Ganesh Chaturthi is ...

  14. Ganesh Chaturthi Essay for Students and Children

    500+ Words Essay on Ganesh Chaturthi. Ganesh Chaturthi is one of the most prominent festivals of India. People of India wait the whole year for this festival eagerly. Although it is celebrated all over the country, in the state of Maharashtra it is celebrated with the most enthusiasm. Ganesh Chaturthi is a Hindu festival which holds utmost ...

  15. Ganesh Chaturthi essay in Hindi

    Ganesh Chaturthi essay in Hindi | गणेश चतुर्थी पर हिंदी निबंध।. Host मार्च 28, 2020. हम भारतीय वर्षभर कितने सारे त्यौहार / उत्सव मनाते है। उन्ह सारे त्योहारों में ...

  16. Essay on Ganesh Chaturthi in Hindi गणेश चतुर्थी पर निबंध

    Essay on Ganesh Chaturthi in Hindi. Essay on Ganesh Chaturthi in Hindi 250 Words. हमारे देश भारत में गणेश चतुर्थी का त्यौहार हिन्दुओं का बहुत बड़ा त्यौहार है जिसे बहुत ही धूम-धाम से मनाया जाता है। इस ...

  17. Essay on Ganesh Chaturthi: The Festival of Lord Ganesha

    Ganesh Chaturthi: The Festival of Lord Ganesha's Arrival Introduction: Ganesh Chaturthi, also known as Vinayaka Chaturthi, is one of the most celebrated and widely cherished festivals in India. This 10-day festival marks the birthday of Lord Ganesha, the elephant-headed deity of wisdom, prosperity, and good fortune.

  18. गणेश चतुर्थी पर निबंध

    Ganesh Chaturthi Essay in Hindi:- गणेश चतुर्थी हिंदू धर्म के लोगों का एक प्रमुख त्योहार है जो पूरे भारत में बड़े ही धूमधाम के साथ मनाया जाता है परंतु इसकी

  19. गणेश चतुर्थी पर निबंध Ganesh Chaturthi Essay in Hindi, Vinayaka Chaturthi

    गणेश चतुर्थी पर निबंध Ganesh Chaturthi Essay in Hindi (Vinayaka Chaturthi 2020) January 4, 2023 by बिजय कुमार. गणेश चतुर्थी पर निबंध Ganesh Chaturthi Essay in Hindi (Vinayaka Chaturthi 2020) गणेश चतुर्थी की हार्दिक ...

  20. Ganesh Chaturthi Essay

    Ganesh Chaturthi, an annual Hindu festival, marks the birth of Lord Ganesha, the revered deity known for wisdom, prosperity, and new beginnings. Lasting for 11 days, the festival begins on the fourth day of the waxing moon in the Hindu month of Bhadrapada. The festivity's flair varies across regions, yet certain customs remain consistent ...

  21. 10 lines Essay On Ganesh Chaturthi In Hindi

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  22. Ganesh Chaturthi

    Ganesh Chaturthi, in addition to its religious aspects, is an important economic activity in Mumbai, Pune, Nagpur, Nashik, Kolhapur, Aurangabad, Indore, Surat, Hyderabad, Bangalore, Chennai and Kurnool. Many artists, industries, and businesses earn a significant amount of their living from the festival, which is a stage for budding artists.

  23. Ganesh Chaturthi

    Ganesh Chaturthi, in Hinduism, 10-day festival marking the birth of the elephant-headed deity Ganesha, the god of prosperity and wisdom.It begins on the fourth day (chaturthi) of the month of Bhadrapada (August-September), the sixth month of the Hindu calendar.At the start of the festival, idols of Ganesha are placed on raised platforms in homes or in elaborately decorated outdoor tents.

  24. गणेश चतुर्थी पर निबंध (Essay on Ganesh Chaturthi in Hindi)

    गणेश चतुर्थी पर निबंध (Ganesh Chaturthi essay in hindi) - हमारा देश रंग रंगीला है। भले ही अलग धर्म और पंथ के लोग यहां रहते हो, लेकिन यहां पर सब मिलजुलकर रहते