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मेरे प्रिय शिक्षक पर निबंध (Essay On Teacher In Hindi)

मेरे प्रिय शिक्षक पर निबंध (Essay On Teacher In Hindi)

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शिक्षक पर 10 लाइन का निबंध (10 Lines On Teacher In Hindi)

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शिक्षक हमारे जीवन का दर्पण होते हैं, जिनकी एक अहम भूमिका होती है एक बेहतर समाज का निर्माण करने में और यही वजह की एक शिक्षक का दर्जा ईश्वर के बाद सबसे बड़ा बताया जाता है। हम सभी ने कबीर दास जी का यह दोहा सुना होगा कि “गुरु गोविन्द दोऊ खड़े, काके लागू पांय, बलिहारी गुरु आपने, गोविन्द दियो बताए” अर्थात अगर आपके सामने प्रभु और गुरु दोनों खड़े हो तो आपको पहले अपने गुरु के पैर छूने चाहिए, क्योंकि वो गुरु ही हैं जिन्होंने प्रभु से हमारा परिचय कराया है। एक बेहतर समाज के विकास और उन्नति के लिए हम सब के जीवन में किसी गुरु या शिक्षक का होना बेहद जरूरी है। शिक्षक, छात्रों को शिक्षा देने, नैतिक मूल्यों को समझाने और उन्हें सफलता की ओर आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करते हैं। शिक्षकों को समाज में एक सम्मानित आदर्श के रूप में देखा जाता है। कहते है जिसके सर पर किसी अच्छे गुरु का हाथ हो उसका कल्याण होना तय है। माता-पिता के बाद शिक्षक ही है जो आपको जीवन का सही मार्ग चुनने में मदद करते हैं, उनकी दी गई शिक्षा के बल पर आप यह तय कर पाते हैं कि मुझे अपने इस जीवन को किस दिशा की ओर ले जाना है। सच यह है कि अगर इस संसार में गुरु न होते तो आज हम अंधकार का जीवन जी रहे होते।  इसलिए एक शिक्षक का जो स्थान है वो कभी कोई दूसरा नहीं ले सकता है। भारत में खास तौर पर अपने गुरु को सम्मानित करने के लिए और उनका हमारे जीवन में बड़ा योगदान देने के लिए हम सभी 5 सितंबर को शिक्षक दिवस मनाते हैं। यदि आप भी शिक्षक दिवस पर अपने प्यारे शिक्षक पर लेख लिखना चाहते हैं तो यह आर्टिकल पूरा पढ़ें।

शिक्षक से जुड़ी 10 लाइन लिखने की शुरुआत कैसे करनी है आपको नीचे दिया गया है, जिसकी मदद से आपका बच्चा शिक्षक पर एक अच्छा निबंध लिख सकता है।

  • एक शिक्षक का दर्जा भगवान से भी ऊपर माना गया है।
  • शिक्षक हमारे मार्गदर्शक होते हैं।
  • वे छात्रों को हर दिन नई चीजें सीखने में मदद करते हैं।
  • माता-पिता के बाद शिक्षक बच्चों के अभिवावक होते हैं।
  • शिक्षक सिर्फ अपने छात्र का ही नहीं बल्कि पूरे समाज का कल्याण करते हैं।
  • विषय के ज्ञान के अलावा वह हमें नैतिक मूल्यों की अहमियत समझाते हैं।
  • शिक्षक ही छात्र को एक अच्छा इंसान बनाने के लिए जिम्मेदार होते हैं।
  • शिक्षक सही और गलत के बीच के फर्क को हमेंं समझाते हैं।
  • जीवन लक्ष्यों को हासिल करने में शिक्षक अहम भूमिका निभाते हैं।
  • शिक्षकों का हमेशा सम्मान करना चाहिए।

जिसने जीवन में सब दिया हो उनके बारे में जब लिखना हो वो भी शॉर्ट पैराग्राफ के रूप में तो आपके लिए एक चुनौती हो सकता है, इसलिए शिक्षक पर शार्ट एस्से कैसे लिखना है उसके लिए आप नीचे दिए गए निबंध की सहायता ले सकते हैं:

शिक्षक को ज्ञान का दीप कहा गया हैं। शिक्षक बच्चों के जीवन का वो उजाला होते हैं जो शिक्षा के माध्यम से पूरी दुनिया से हमें परिचित कराते हैं। गुरु न केवल उन्हें पढ़ाए गए विषयों के बारें में जानकारी देते हैं, बल्कि उन सभी अहम बातों जैसे जीवन के मूल्यों, नैतिकता, देश की संस्कृति आदि का भी ज्ञान देते हैं। शिक्षक बच्चों को हमेशा सही दिशा दिखाने की कोशिश करते हैं ताकि वे अपने लक्ष्यों और सपनो की तरफ बढ़ते रहें। इतना ही नहीं शिक्षक अपने छात्रों को सामाजिक जिम्मेदारियों, उनके व्यक्तिगत विकास और समय का सही उपयोग करना सिखाते हैं। शिक्षक अपने छात्रों में भेदभाव नहीं करते हैं, यदि कोई बच्चा पढ़ाई में कमजोर होता है तो उसे अनदेखा नहीं करते बल्कि उसकी मदद करते हैं और उसकी परेशानी को हल करते हैं। शिक्षक, छात्रों में जीवन में कई अहम भूमिका निभाते हैं, कभी वे उन्हें माता-पिता की तरह समझाते और डांटते हैं तो कभी एक दोस्त की तरह स्थिति को संभालते हैं। सारे बच्चे उनके लिए एक समान होते हैं, शिक्षक छात्रों को सही और गलत के बीच के फर्क को समझाने की कोशिश करते हैं। घर से निकलने के बाद बच्चे शिक्षकों की जिम्मेदारी बन जाते हैं  और इस जिम्मेदारी को वे दिल से निभाते भी हैं। शिक्षक के रहते बच्चे स्कूल में खुद को सुरक्षित महसूस करते हैं और उन्हें अच्छा माहौल मिलता है। यदि शिक्षक आपके सही कार्यों में आपकी तारीफ करते हैं तो उन्हें आपकी गलती करने पर डांटने का हक भी होता है। छात्रों के प्रति शिक्षकों ये प्यार निस्वार्थ होता है क्योंकि उन्हें छात्रों से बदलने में कुछ नहीं मिलता है। अपने वे अपने पास मौजूद सभी ज्ञान छात्रों को देने की कोशिश करते हैं ताकि जीवन के किसी मोड़ पर उनको इसकी जरूरत पड़ सकती है। शिक्षक हमेशा से बच्चों के जीवन में एक प्रभावशाली व्यक्ति के रूप में काम करते हैं।

टीचर को गिफ्ट करती लड़की

माता-पिता को बच्चों का पहला शिक्षक कहा जाता है लेकिन विद्यालय में उनको पढ़ाने वाले शिक्षक की भूमिका बहुत ही अहम होती है। वह बच्चों को बेहतर भविष्य और अपने सपनों को पूरा करने के लिए हमेशा प्रेरित करते रहते हैं। यदि आपका बच्चा शिक्षकों की उसके जीवन में क्या भूमिका है इस विषय पर लिखना चाहता है तो वे नीचे दिए गए निबंध की सहायता ले सकता है।

शिक्षक कौन होता है? (Who Is a Teacher?)

शिक्षक अपने छात्रों के जीवन में सबसे महत्वपूर्ण व्यक्ति होते हैं। शिक्षक वह है जो बच्चों को सही राह पर चलना सिखाते हैं। छात्रों को पढ़ाई में मदद करने के अलावा शिक्षक उन्हें एक बेहतर इंसान बनने के लिए प्रोत्साहित करते हैं। माता-पिता के बाद शिक्षक ही छात्रों का खयाल रखते हैं, उनकी परेशानी में दोस्त बनकर उनकी मदद करते हैं। लोगों का मानना है कि जीवन को जीने के लिए जैसे हवा की जरूरत होती है वैसे ही किसी भी लक्ष्य तक पहुंचने और उसे हासिल करने के लिए शिक्षक की सलाह की जरूरत होती है। शिक्षक द्वारा की गई छात्रों पर मेहनत का कर्ज कभी भी उतारा नहीं जा सकता है। छात्रों को अपना लक्ष्य हासिल करने के बाद और एक बेहतर इंसान बन जाने पर अपने शिक्षक का जिंदगी भर शुक्रगुजार रहना चाहिए।

बच्चों में जीवन में शिक्षक की भूमिका (Role of a Teacher In Student’s Life)

कई अहम तरीके हैं जिनसे शिक्षक अपने छात्रों के जीवन में बड़ा बदलाव लाते हैं। एक शिक्षक बच्चों को पढ़ाते हैं, उन्हें सही और गलत के बीच का फर्क समझाते हैं और साथ ही नैतिक मूल्यों से के बारें में जानकारी प्रदान करते हैं जो बच्चों को बेहतर इंसान बनने में मदद करते हैं। जब भी कोई छात्र गलती करता है, तो शिक्षक उसे उसकी गलती दिखाने की कोशिश करते हैं कि उसने कहाँ गलत किया है और उसके लिए उसको सजा भी दी जाती है। एक शिक्षक ही बच्चे को भविष्य में बेहतर और महान कार्य करने के लिए प्रोत्साहित करते हैं। बेहतर शिक्षक बच्चे के जीवन में अहम भूमिका निभाते हैं क्योंकि उनसे बच्चे को अच्छी शिक्षा, अच्छी आदतें और अच्छा इंसान बनने की सीख मिलती है। बच्चे भविष्य में क्या है और क्या कर रहे हैं, उसमे सबसे ज्यादा योगदान शिक्षक का ही रहता है।

शिक्षक के गुण (Qualities Of Teacher)

एक अच्छे शिक्षक में कई तरह के गुण पाए जाते हैं। शिक्षक अपने छात्रों के भविष्य को उज्जवल बनाने में बहुत मदद करते हैं। एक अच्छा शिक्षक वही है जो अपने छात्रों को नई चीजें सीखने के लिए प्रोत्साहित करे और उनके सवालों के सही जवाब देकर उनकी शंका दूर करें। शिक्षक हमेशा बच्चों के साथ सख्ती से पेश नहीं आने चाहिए बल्कि उन्हें उनकी मन की बात जानने के लिए दोस्ती वाला व्यवहार करना चाहिए। शिक्षक, छात्रों के अच्छे मित्र बन सकते हैं ताकि बच्चा उनसे अपनी सभी परेशानियां सांझा कर सके। एक अच्छे शिक्षक का सबसे महत्वपूर्ण गुण उसका बात करने का तरीका होता है। बच्चे इसी के आधार पर किसी एक शिक्षक को अपना पसंदीदा शिक्षक मानते हैं। शिक्षक सिर्फ यही नहीं चाहते हैं कि बच्चा स्कूल में बेहतर करे और अच्छे अंक हासिल करे बल्कि उन्हें ये भी देखना है कि उनका छात्र जीवन में कैसे विकसित हो रहा है और कैसा इंसान बन रहा है। एक अच्छा शिक्षक दयावान जरूर होना चाहिए। वो शिक्षक बेहद गुणी होते हैं जो एक बोरिंग विषय को भी रोमांचक बना दें और छात्रों का भी उसमे मन लग जाए। बच्चों को वास्तिक दुनिया से एक शिक्षक ही परिचित करवाता है।

शिक्षक की अहमियत (Importance Of Teacher)

एक छात्र के जीवन में शिक्षक का बहुत महत्व होता है। शिक्षक, छात्रों के जीवन में कई तरह के बड़े बदलाव लाते हैं और उनके सच्चे मार्गदर्शक बनते हैं। माता-पिता के बाद बच्चे अपने जीवन के कई अहम फैसलों के लिए अपने शिक्षक पर निर्भर होते हैं। शिक्षक ज्ञान का भंडार होते हैं और छात्र जितना चाहे उतना ज्ञान उनसे हासिल कर सकते हैं। जैसे एक बच्चे और उसके माँ-बाप के बीच के बंधन की तुलना नहीं की जा सकती है वैसे ही एक छात्र और शिक्षक का रिश्ता भी अतुलनीय है। शिक्षक के बिना छात्रों का जीवन अधूरा है और वह अपने मार्ग से भी भटक सकते हैं।

  • शिक्षक हर साल लगभग 400 घंटे से अधिक ओवरटाइम काम करते हैं।
  • ऐसा माना गया है कि लगभग 18% शिक्षकों को ही 8 घंटे की रात की नींद मिल पाती है।
  • ज्यादातर शिक्षक सप्ताह में औसतन 50 घंटे काम करते हैं।
  • भारत में शिक्षकों की रिटायरमेंट की उम्र 60-62 साल है।
  • शिक्षकों का पेशा दुनिया में सबसे प्रशंसित पेशों में से एक है।
  • दुनिया के सबसे पुराने विद्यालय तक्षशिला में शिक्षकों का बहुत महत्व था।

इस निबंध से आपके बच्चे को अपने शिक्षकों की अहमियत का पता चलेगा। वो जानेगा कि उनके बड़े अपने गुरु का सम्मान करने पर अधिक जोर देते हैं। एक शिक्षक उनके बेहतर भविष्य के लिए उनके साथ परिश्रम करते हैं और बदले में उसका कोई लाभ नहीं होता है सिवाए इसके कि जब उसका पढ़ाया गया छात्र शिखर पर पहुंचता है, तो खुद पर वो गर्व महसूस करते हैं। स्कूल में माता-पिता की कमी को शिक्षक ही पूरा करते हैं और जरूरत पड़ने पर वह दोस्त भी बन जाते हैं। एक अच्छे शिक्षक का होना बच्चे के बेहतर भविष्य के लिए कितना जरूरी है वो भी छात्रों को इस निबंध के द्वारा समझ में आएगा। ऐसे में अपने बच्चे को शिक्षक को सम्मान देने और उनके योगदानों के लिए हमेशा आभारी रहने के लिए प्रेरित करें।

1. शिक्षक दिवस क्यों मनाया जाता है?

शिक्षक दिवस समाज में शिक्षक द्वारा किए गए अमूल्य योगदानों को सम्मान देने के लिए मनाया जाता है।

2. भारत में सबसे अच्छा शिक्षक कौन है?

भारत में डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन को सर्वश्रेष्ठ शिक्षक माना जाता है और उनके जन्मदिन को शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता है।

3. गुरुकुल किसे कहते है?

भारत में पुराने समय में छात्र शिक्षा हासिल करने के लिए गुरुओं के पास रहते थे, इस शिक्षा प्रणाली को गुरुकुल कहा था।

यह भी पढ़ें:

शिक्षक दिवस पर निबंध (Essay On Teacher’s Day In Hindi) डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन पर निबंध (Dr. Sarvepalli Radhakrishnan Essay in Hindi)

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शिक्षक दिवस पर निबंध (Teachers Day Essay in Hindi) - टीचर्स डे पर 200, 500 शब्दों में हिंदी में निबंध देखें

Updated On: September 29, 2023 12:30 pm IST

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शिक्षक दिवस पर निबंध (Teachers Day Essay in Hindi)

शिक्षक दिवस पर निबंध 200 शब्दों में (Teachers Day Essay in Hindi in 200 words)

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  • भारत में हर साल 5 सितंबर को शिक्षक दिवस मनाया जाता है।
  • यह डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन की जयंती पर मनाया जाता है।
  • वह एक दार्शनिक, शिक्षक और भारत के पहले उपराष्ट्रपति थे।
  • एक छात्र के जीवन में शिक्षक बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
  • शिक्षक समाज की रीढ़ हैं।
  • शिक्षक दिवस पर हम अपने शिक्षकों को पुरस्कृत करके या उनके बारे में दो शब्द कहकर उन्हें सम्मान देते हैं।
  • स्कूल और कॉलेजों में शिक्षक दिवस बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है।
  • इस दिन छात्र विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन करते हैं।
  • छात्र शिक्षकों के प्रति अपना प्यार व्यक्त करने के लिए शुभकामनाएं और उपहार देते हैं।
  • शिक्षक दिवस शिक्षक और छात्र के बीच विशेष बंधन का उत्सव है।

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डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जन्मदिन (5 सितंबर, 1888) को पूरे देश में शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता है। 

देश में पहली बार 1962 को शिक्षक दिवस मनाया गया था और तभी से पुरे देश में शिक्षक दिवस मनाया जा रहा है। इसी साल मई में डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन ने देश के दूसरे राष्ट्रपति के तौर पर पदभार संभाला था। 

डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन की जयंती को शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता है। सर्वपल्ली राधाकृष्णन और शिक्षकों के समाज के प्रति योगदान को शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता है

हर साल, भारत डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन की जयंती को उनके योगदान और उपलब्धियों के प्रति श्रद्धांजलि के रूप में राष्ट्रीय शिक्षक दिवस मनाता है। 5 सितंबर, 1888 को जन्मे डॉ. राधाकृष्णन ने न केवल भारत के राष्ट्रपति के रूप में कार्य किया, बल्कि एक विद्वान, दार्शनिक और भारत रत्न से सम्मानित भी थे।

शिक्षक दिवस पर निबंध लिखने की सरल प्रक्रिया इस लेख में बताई गई है, छात्र यहां दिए गए सैंपल का उपयोग करके शिक्षक दिवस पर हिंदी में निबंध लिखना सिख सकते हैं। 

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शिक्षक दिवस पर निबंध (Teachers Day essay in hindi): शिक्षक दिवस पर निबंध 100 शब्दों में लिखें

भारत जैसे देश में गुरुओं को हमेशा से विशेष स्थान दिया गया है। यहाँ तक कि उन्हें भगवान और माता-पिता से भी ऊपर का स्थान दिया गया है। ऐसे में शिक्षक दिवस भारत देश में कोई आम दिन नहीं रह जाता। देश भर में शिक्षकों और गुरुओं के प्रति अगाध आस्था है जिसके चलते उनको बहुत सम्मान दिया जाता है और शिक्षक दिवस भारत देश में विशेष महत्व का दिन बन जाता है। यही वजह है कि शिक्षक दिवस पर भारत के हर छोटे-बड़े स्कूल, कोचिंग सेंटर, कॉलेज आदि के छात्र इस दिन को विशेष बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ते। शिक्षक दिवस के अवसर पर सभी अपने गुरुओं, शिक्षकों तथा मार्गदर्शकों को याद करते हैं। इस निबंध में शिक्षक दिवस कैसे मनाया जाता है, शिक्षक दिवस पर निबंध कैसे तैयार करें, शिक्षक दिवस पर निबंध (Teachers Day essay in Hindi) तैयार करने के लिए उपयोगी सामग्री उपलब्ध कराई गई है।

शिक्षक दिवस पर निबंध (essay on teachers day in hindi)

शिक्षक दिवस कब और क्यों मनाते हैं, शिक्षक दिवस पर निबंध 10 लाइन (10 lines on teachers day in hindi), शिक्षक दिवस कोट्स (teachers day quotes in hindi).

शिक्षक दिवस पर निबंध (Teachers Day essay in hindi): शिक्षक दिवस पर निबंध 100 शब्दों में लिखें

शिक्षक दिवस के अवसर पर सभी अपने जीवन में शिक्षकों के योगदान और उनसे जुड़े अपने अनुभव साझा करते हैं, गुरुओं के महत्व और इसे मनाए जाने के कारण को भी शिक्षक दिवस पर दिए जाने वाले भाषणों में जगह दी जाती है। इस दिन आयोजित किए जाने वाले विभिन्न कार्यक्रमों के दौरान छात्र अपने शिक्षकों के सामने शिक्षक दिवस पर भाषण (shikshak divas per speech) भी देते हैं। कई जगहों पर वाद-विवाद प्रतियोगिता का भी आयोजन किया जाता है, जहां छात्रों को शिक्षक दिवस पर निबंध 100 शब्दों में या फिर शिक्षक दिवस पर निबंध 10 लाइन (10 lines on teachers day in hindi) में बोलने के लिए कहा जाता है। इसके अलावा इस दिन के विशेष महत्व की वजह से कई बार स्कूलों में परीक्षा में शिक्षक दिवस पर निबंध हिंदी में (teachers day essay in hindi) लिखने के लिए भी कहा जाता है।

ये भी देखें :

  • स्वामी विवेकानंद पर निबंध पढ़ें
  • शिक्षक दिवस पर भाषण पढ़ने के लिए देखे

कुल मिलाकर देखा जाए तो शिक्षक दिवस पर निबंध (shikshak din nibandh) एक ऐसा विषय है जिस पर हर छात्र से कभी न कभी प्रश्न तो पूछा ही जाता रहा है। कभी किसी परीक्षा में अच्छे अंकों के लिए शिक्षक दिवस पर निबंध (essay on teachers day in hindi) लिखने को कहा जाता है, तो कभी सर्दी या गर्मियों की छुट्टियों में होमवर्क के तौर पर शिक्षक दिवस पर निबंध (essay on teachers day in hindi) लिखने का कार्य दे दिया जाता है। इसके अलावा कभी-कभी तो रिश्तेदारों के सामने अभिभावक ही बच्चों से शिक्षक दिवस पर निबंध (essay on teachers day in hindi) लिखने या शिक्षक दिवस भाषण देने या शिक्षक दिवस पर विचार व्यक्त करने को कह देते हैं। कुछ ऐसे भी छात्र होते हैं जिनकी हिंदी बेहतर नहीं होती है, ऐसे में उन्हें शिक्षक दिवस पर निबंध हिंदी में (teachers day essay in hindi) या फिर शिक्षक दिवस पर भाषण हिंदी में (teachers day speech in hindi) तैयार करने में कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। असल में शिक्षक दिवस पर निबंध और शिक्षक दिवस पर भाषण की सामग्री में विशेष अंतर नहीं होता, अंतर होता है अभिव्यक्ति के माध्य में। शिक्षक दिवस पर निबंध में विचार जहाँ लिखकर व्यक्त किए जाते हैं, वहीं शिक्षक दिवस पर भाषण में उन्हें बोलकर बताया जाता है। शिक्षक दिवस पर भाषण में विचार जिस मंच पर साझा किया जाना है, उसके श्रोताओं का भाषण के शुरू और अंत में अभिवादन करने की भी आवश्यकता होती है। शेष बातें शिक्षक दिवस पर निबंध और भाषण में एक जैसी ही रहेंगी।

ये भी पढ़ें : हिंदी में निबंध- भाषा कौशल, लिखने का तरीका जानें

यही वजह है कि इस महत्वपूर्ण विषय पर पूर्ण ज्ञान प्रदान करने और आपकी जानकारी को बढ़ाने के लिए हम इस 5 सितंबर शिक्षक दिवस पर निबंध (shikshak din nibandh) लिखने का छोटा सा प्रयास कर रहे हैं। शिक्षक दिवस पर निबंध (shikshak din nibandh) से आपके अंदर न सिर्फ शिक्षक दिवस पर निबंध (teachers day essay in hindi), बल्कि अन्य विषयों पर भी निबंध को लिखने की एक समझ विकसित होगी, जिससे आपका मनोबल भी ऊंचा होगा। हालांकि, हम आपसे अनुरोध करेंगे कि बजाय इसके कि आप इस शिक्षक दिवस निबंध (shikshak diwas nibandh) को पूरा कॉपी करें, बेहतर होगा कि इस शिक्षक दिवस पर निबंध (shikshak diwas par nibandh) का उपयोग, बस ज्ञान लेने व शिक्षक दिवस पर निबंध हिंदी में (shikshak diwas essay in hindi) लिखने व समझने की सामग्री के तौर पर करें। ऐसा इसलिए क्योंकि इस विषय को बेहतर तरीके से समझ लेने से न सिर्फ आप आज, बल्कि भविष्य में भी अपने चयनित शब्दों में एक बेहतरीन शिक्षक दिवस पर निबंध (shikshak din nibandh) लिखने के साथ-साथ शिक्षक दिवस पर भाषण भी बेहद आसानी से लिख व दे पाएंगे। इस लेख में शिक्षक दिवस पर निबंध 100 शब्दों (teachers day essay in hindi in 100 words) में या फिर शिक्षक दिवस पर निबंध 10 लाइन (10 lines on teachers day in hindi) लिखने या बोलने हेतु शिक्षक दिवस के लिए सभी महत्वपूर्ण बिंदु भी दिए गए हैं, जोकि आपको इस लेख के अंत में मिलेंगे।

महत्वपूर्ण लेख :

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शिक्षक दिवस पर निबंध (shikshak diwas par nibandh) की शुरुआत करने से पहले आइए सबसे पहले शिक्षक दिवस के इस मौके पर पूज्य शिक्षकों की स्तुति करते हुए शिक्षकों के प्रति अपना सम्मान व्यक्त करें। इसके लिए दोनों हाथों को जोड़कर निम्नलिखित मंत्रों का पाठ करें :

1 - गुरुर्ब्रह्मा, गुरुर्विष्णु गुरुर्देवो महेश्वर:।

गुरुर्साक्षात् परब्रह्म तस्मै श्री गुरुवे नम:।।

2 - ॥ॐ वेदाहि गुरु देवाय विद्महे परम गुरुवे धीमहि तन्नौ: गुरु: प्रचोदयात्॥

आपको बताते चलें कि निम्नलिखित लेख शिक्षक दिवस पर निबंध (essay on teachers day) के प्रारूप में लिखा गया है। हालांकि आप इसका उपयोग शिक्षक दिवस पर भाषण हिंदी में (teachers day speech in hindi) देने के लिए भी कर सकते हैं। शिक्षक दिवस पर भाषण (shikshak divas per speech) देने से पहले निम्नलिखित निबंध से पहले भाषण स्थल पर मौजूद अतिथि व दर्शकों / श्रोताओं का अभिवादन करें। इसके बाद निम्नलिखित शिक्षक दिवस पर निबंध (shikshak divas nibandh) का उपयोग आप शिक्षक दिवस पर भाषण (shikshak divas per speech) की तरह कर सकते हैं।

महत्वपूर्ण लेख:

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शिक्षक दिवस का क्या महत्व है? (Importance of teachers day)

शिक्षक का हर मानव के जीवन में विशेष स्थान होता है। यह शिक्षक ही है, जो किसी मनुष्य को इंसान बनाता है। शिक्षक का स्थान मानव जीवन में भगवान और माता-पिता से भी ऊपर है। यही वजह है कि शिक्षक के बारे में जितना भी कहा जाए कम ही है। तभी तो स्वयं कबीर दास जी इस विषय पर कहते हैं:-

सब धरती कागज करूँ, लिखनी सब बनराय।

सात समुद्र की मसि करूँ, गुरु गुण लिखा न जाय॥

इसका अर्थ यह है कि यदि सम्पूर्ण पृथ्वी को कागज के रूप में परिवर्तित कर दिया जाए, साथ ही सातों समुद्र की स्याही बना ली जाए और क्यों न सभी जंगलों की कलम भी बना ली जाए, लेकिन इसके बावजूद भी शिक्षक की महिमा का संपूर्ण गुण-गान किया जा सके, यह मुमकिन नहीं है।

भारत में प्राचीन काल से ही गुरु-शिष्य की परंपरा का बहुत अधिक महत्व रहा है। हमारी संस्कृति के निमार्ण में गुरु-शिष्य परंपरा का बहुत अधिक योगदान है। मानव के जीवन निर्माण के सभी स्तंभों में शिक्षक सबसे महत्वपूर्ण स्तंभ है। इसलिए ही कहा जाता है कि -

गुरुर्ब्रह्मा, गुरुर्विष्णु गुरुर्देवो महेश्वर:।

शिक्षक अपने शिष्य के जीवन के साथ साथ उसके चरित्र निर्माण में भी एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते है। कहा जाता है कि इंसान की सबसे पहली गुरु उसकी माँ होती है, जो अपने बच्चों को जीवन प्रदान करने के साथ-साथ जीवन के आधार का ज्ञान भी देती है। इसके बाद अन्य शिक्षकों का स्थान होता है। किसी व्यक्ति के व्यक्तित्व का निर्माण करना बहुत ही विशाल और कठिन कार्य है। व्यक्ति को शिक्षा प्रदान करने के साथ-साथ उसके चरित्र और व्यक्तित्व का निर्माण करना उसी प्रकार का कार्य है, जैसे कोई कुम्हार मिट्टी से बर्तन बनाने का कार्य करता है। इसी प्रकार शिक्षक अपने छात्रों को शिक्षा प्रदान करने के साथ साथ उसके व्यक्तित्व का निर्माण भी करते हैं। इसलिए ही कबीर कहते हैं :

गुरु कुम्हार शिष कुंभ है, गढ़ि-गढ़ि काढ़ै खोट।

अन्तर हाथ सहार दै, बाहर बाहै चोट॥

इस दोहे का अर्थ यह है कि शिक्षक उस कुम्हार की तरह है जो अपने छात्र रूपी घड़े की कमियों को दूर करने के लिए भीतर से हाथ का सहारा देकर बाहर से थापी से चोट करता है। ठीक इसी तरह शिक्षक भी कभी-कभी शिक्षक छात्रों पर क्रोध करके भी उसके चरित्र का निर्माण करते हैं तथा उन्हें बेहतर मार्गदर्शन प्रदान करते हैं। यही वजह है कि शिक्षक और शिक्षक दिवस का महत्व भारतीय संस्कृति में कहीं ज्यादा है।

यह तो हुई शिक्षक की विशेषताओं के बारें में चर्चा अब शिक्षक दिवस का आरंभ और यह क्यों मनाया जाता है, इसके बारे में विचार करते हैं।

भारत में भूतपूर्व राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्ण के जन्म दिवस अर्थात 5 सितंबर को शिक्षक दिवस मनाया जाता है। उन्होंने अपने छात्रों से अपने जन्म दिवस पर शिक्षक दिवस मनाने की इच्छा जताई थी। पूर्व राष्‍ट्रपति डॉ. राधाकृष्‍णन का जन्म 5 सितंबर, 1888 को तमिलनाडु के तिरुमनी गांव में एक ब्राह्मण परिवार में हुआ था। वे बचपन से ही किताबें पढ़ने के शौकीन थे और स्वामी विवेकानंद से काफी प्रभावित थे। डॉ. राधाकृष्णन का निधन चेन्नई में 17 अप्रैल, 1975 को हुआ था। भूतपूर्व राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्ण के सम्मान में ही उनके जन्म दिवस पर भारत में शिक्षक दिवस मनाने की शुरुआत हुई। भारत में सबसे पहले शिक्षक दिवस 5 सितंबर, 1962 को मनाया गया था।

वैसे तो विश्व भर में 100 से भी अधिक देशों में शिक्षक दिवस मनाया जाता है, मगर अन्य देशों में यह दिवस अलग-अलग दिन पर मनाया जाता है। भारत में यह दिवस 5 सितंबर को मनाया जाता है, लेकिन अंतरराष्ट्रीय स्तर पर शिक्षक दिवस 5 अक्टूबर को संयुक्त राष्ट्र के तत्वाधान में मनाया जाता है। इस दिन विश्व के सभी शिक्षकों को उनके बहुमूल्य योगदान के लिए भी सम्मानित किया जाता है।

शिक्षक, शिक्षक दिवस और जनहित में उनका योगदान

डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्ण कहा करते थे कि : “पुस्तकें वह साधन हैं, जिनके माध्यम से हम विभिन्न संस्कृतियों के मध्य पुल बनाने का कार्य कर सकते हैं।”

डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्ण का यह कथन न सिर्फ सत्य और अपने आप में प्रासंगिक है, बल्कि दो संस्कृतियों के साथ-साथ मनुष्यों के मध्य भी बेहतर संबंधों का निर्माण करने हेतु शिक्षा बहुत आवश्यक है।

शिक्षा के प्रसार से ही किसी समाज या किसी देश का निर्माण हो सकता है। शिक्षित होना हमेशा से बहुत महत्वपूर्ण रहा है। बेहतर जीवन की परिकल्पना में शिक्षा आधार का कार्य करती है। इसके साथ ही एक बेहतर मनुष्य होने में भी शिक्षा एक महत्वपूर्ण किरदार अदा करती है। यह मनुष्य को दूरद्रष्टा बनाकर उसके भीतर विचारों के प्रवाह को सही दिशा प्रदान करने जैसा जरूरी कार्य करती है, लेकिन यह केवल तभी संभव है जब मनुष्य को एक सही शिक्षक मिले जो उसे सही दिशा प्रदान करे। मनुष्य को योग्य बनाने का कार्य शिक्षक द्वारा ही किया जाता है।

शिक्षक हमारे जीवन में मार्गदर्शन का कार्य करते हैं। जीवन में आने वाले संघर्षों का तटस्थता के साथ सामना करने के लिए हमें शिक्षक ही तैयार करते हैं। ताकि हम कभी जीवन में किसी के सामने न झुकें। बेहतर जीवन की परिकल्पना शिक्षा के बिना अधूरी है और शिक्षा के साथ-साथ जीवन में मौलिकता तथा शिष्टाचार प्राप्त करना भी बेहद जरुरी है। शिक्षित होने के साथ-साथ व्यक्ति का शिष्ट होना बेहद आवश्यक है, यदि व्यक्ति शिष्ट है तब ही तो वह मानव है और यदि नहीं है तो उसे पशु की उपाधि दी जाती है। यह शिष्टता प्राप्त करने के लिए ही हम गुरु के सानिध्य में आते है, ताकि हम बेहतर जीवन प्राप्त करने के साथ-साथ बेहतर इंसान भी बन सके। इसिलए भूतपूर्व राष्ट्रपति डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्ण जी कहते थे :

“भगवान हम सबके भीतर है, महसूस करता है और कष्ट सहता है और समय के साथ उनके गुण, ज्ञान, सौन्दर्य और प्रेम हममें से हर एक के मन में उजागर होंगे”

शिक्षक दिवस मूलतः इसलिए मनाया जाता है, ताकि हम अपने सभी शिक्षकों के प्रति कृतज्ञता जता सकें। उन्हें हमें बेहतर शिक्षा प्रदान करने तथा हमारे व्यतित्व का निर्माण करने के लिए धन्यवाद देना ही इस दिन को मनाने का उद्देश्य है। एक राष्ट्र के निर्माण में शिक्षकों का योगदान अतुल्य है, जिसके लिए उनका जितना भी धन्यवाद किया जाए कम है। एक राष्ट्र विकसित तब ही हो सकता है, जब उसके शिक्षक योग्य हों। वैसे तो विश्व के सभी शिक्षक पूजनीय हैं, मगर कुछ शिक्षक ऐसे भी हुए जिन्होंने अपने कार्यों से भारत को सफलता की ऊँचाइयों तक ले जाने का कार्य किया। वैसे तो इनकी सूची लंबी है, मगर इसमें राजा राम मोहन राय, स्वामी विवेकानंद, डॉ भीम राव अम्बेडकर, मौलाना अब्दुल कलाम आज़ाद, एपीजे अब्दुल कलाम ऐसे शिक्षक थे, जिन्होंने अपने राष्ट्र के निर्माण में अनंत योगदान प्रदान किया।

सामाजिक तौर पर मनुष्य का साथ रहना, मनुष्य का स्वभाव है। समाज कई लोगों से मिलकर बनता है, जिसमें अच्छे व बुरे, दोनों ही तरह के लोग होते हैं। जाहिर है कि अच्छे लोगों ने समाज को कुछ बेहतर बनाने की कोशिश की, तो वहीं बुरे लोगों की वजह से समाज में बुराइयाँ, कुंठा, घृणा, कुरीतियाँ आदि जैसी चीजों ने भी जन्म लिया। ऐसे में हमारे शिक्षकों ने अपने योगदान के माध्यम से उन कुंठाओ, कुरीतियों, अज्ञानता आदि को दूर करने का प्रयास किया है। आज भी हमारे देश में कई ऐसे शिक्षकों के उदाहरण मिलते हैं, जिनके बारे में सुनकर हमारा ह्रदय गौरवान्वित हो उठता है। अभी हाल ही में सोनम वांगचुक जैसे वैज्ञानिक का उदाहरण हमारे सामने आया, जो लद्दाख जैसे सुदूर क्षेत्र में शिक्षा प्रदान करने के साथ-साथ नए-नए अविष्कार भी कर रहे हैं। यह केवल एक उदाहरण है। ऐसे हमारे देश में ऐसे न जाने कितने उदाहरण होंगे जिसका हमें पता तक नहीं चल पाता है। देखा जाए तो शिक्षक एक राष्ट्र या समाज के वो सुपरहीरोज हैं, जो अपनी पहचान के लिए तरसे बगैर लगातार समाज को बेहतर करने का निरंतर प्रयास करते रहते हैं।

हमारे शिक्षकों का ही योगदान है जो आज हमारा देश तेजी से सफलता के मार्ग पर अग्रसर है। आज विश्वभर में भारतीय हर क्षेत्र में अपने देश का नाम रौशन कर रहें है। आज विश्व का हर चौथा डॉक्टर या इंजीनियर एक भारतीय ही है। विज्ञान के क्षेत्र में हम अमेरिका और रूस जैसी महाशक्तियों के समकक्ष खड़े हैं। राजनीति, अर्थशास्त्र, कला आदि क्षेत्रों में भी भारतीयों के कार्य को विश्वभर में सराहा जाता है और न जाने कितने ही भारतीय इन क्षेत्रों में विश्व के लिए प्रेरणास्रोत हैं। इसके अलावा इस देश की साक्षरता दर 77.7 प्रतिशत है। मगर इतना कुछ एक विकासशील देश के लिए आखिर मुमकिन हो कैसे पाया? जाहिर है, यह मुकाम हमारे देश के शिक्षकों के बगैर नामुमकिन था, जिसक लिए उनका जितना भी धन्यवाद किया जा सके, उतना कम है। शिक्षकों के बिना एक स्वस्थ और शालीन समाज व राष्ट्र की कल्पना भी बेईमानी है।

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हम उम्मीद करते हैं कि शिक्षक दिवस निबंध (essay on teachers day in hindi) आपको पसंद आया होगा। हालांकि इसके बावजूद भी कई ऐसे छात्र होंगे, जो किसी परीक्षा के दृष्टिकोण से शिक्षक दिवस पर निबंध (shikshak diwas nibandh) लिखने की सोच रहे हैं, ऐसे में वे भविष्य में शिक्षक दिवस पर निबंध (shikshak diwas nibandh) लिखने के लिए नीचे दिए गए 10 महत्वपूर्ण बिन्दुओं या फिर कहें तो शिक्षक दिवस पर पैराग्राफ (paragraph on teachers day in hindi) को याद रख सकते हैं तथा अपनी सुविधा अनुसार इसे विस्तृत कर परीक्षा में लिख सकते हैं। साथ ही इन 10 महत्वपूर्ण बिन्दुओं को याद रखने से आपको शिक्षक दिवस पर भाषण (teachers day speech in hindi) लिखने में भी सहायता मिलेगी। इसके अलावा इन बिंदुओं की सहायता लेते हुए छात्र छोटे लेख जैसे कि शिक्षक दिवस पर निबंध 100 शब्दों में (shikshak diwas par nibandh) भी लिख सकते हैं। शिक्षक दिवस पर निबंध 10 लाइन (10 lines on teachers day in hindi) में ये रहे :

भारत में पूर्व राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्ण के जन्म दिवस अर्थात 5 सितंबर को शिक्षक दिवस मनाया जाता है। उन्होंने अपने छात्रों से अपने जन्म दिवस पर शिक्षक दिवस मनाने की इच्छा जताई थी।

पूर्व राष्‍ट्रपति डॉ राधाकृष्‍णन का जन्म 5 सितंबर, 1888 को तमिलनाडु के तिरुमनी गांव में एक ब्राह्मण परिवार में हुआ था।

डॉ राधाकृष्‍णन का देहांत चेन्नई में 17 अप्रैल, 1975 को हुआ था।

भारत में सबसे पहले शिक्षक दिवस 5 सितंबर, 1962 को मनाया गया था।

भारत में शिक्षक दिवस 5 सितंबर को मनाया जाता है, लेकिन अंतरराष्ट्रीय स्तर पर शिक्षक दिवस 5 अक्टूबर को संयुक्त राष्ट्र के तत्वाधान में मनाया जाता है।

शिक्षक दिवस विश्व भर के 100 से भी अधिक देशों में मनाया जाता है।

शिक्षक दिवस के दिन देश भर के शिक्षण संस्थानों में शिक्षकों के सम्मान में छात्रों द्वारा रंगारंग कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है।

छात्र इस दौरान अपने शिक्षकों के सम्मान में, उनकी महत्ता का बखान करते हुए शिक्षक दिवस पर भाषण देते हैं। साथ ही कई जगहों पर इस दिन छात्र अपने शिक्षकों को उपहार भी भेंट में देते हैं।

एक राष्ट्र विकसित तब ही हो सकता है, जब उसके शिक्षक योग्य हों।

शिक्षकों के बगैर इस देश का विकास नामुमकिन था, जिसक लिए उनका जितना भी धन्यवाद किया जा सके, उतना कम है। शिक्षकों के बिना एक स्वस्थ और शालीन समाज व राष्ट्र की कल्पना भी बेईमानी है।

हम आशा करते हैं कि शिक्षक दिवस पर निबंध (shikshak diwas par nibandh) या फिर कहें तो शिक्षक दिवस पर भाषण (shikshak diwas par speech) से निबंध/भाषण संबंधी आपकी सभी शंकाओं का समाधान हो गया होगा। आपको बताते चलें कि शिक्षक दिवस पर निबंध / शिक्षक दिवस पर भाषण (shikshak diwas par nibandh / shikshak diwas par speech) के साथ-साथ आप अन्य विषयों पर भी हमारे लिखे निबंध / भाषण इस लेख में उपलब्ध लिंक पर क्लिक करके पढ़ सकते हैं। शिक्षक दिवस पर निबंध / शिक्षक दिवस पर भाषण (shikshak diwas par nibandh / shikshak diwas par speech) के अलावा कई छात्र शिक्षक दिवस को विशेष बनाने के लिए रंग-बिरंगे पोस्टर्स तैयार करते हैं, जिस पर वे शिक्षकों को लेकर महापुरुषों के कथन / विचार (teachers day quotes) चाहते तो हैं, मगर उन्हें इसकी जानकारी नहीं है। ऐसे में इस लेख में शिक्षक दिवस पर निबंध (shikshak diwas par nibandh) के अलावा दस शिक्षक दिवस कोट्स (teachers day quotes) नीचे दिए हैं -

इन्हें भी देखें :

सीबीएसई क्लास 10वीं सैंपल पेपर

यूके बोर्ड 10वीं डेट शीट

यूपी बोर्ड 10वीं एडमिट कार्ड

आरबीएसई 10वीं का सिलेबस

Frequently Asked Question (FAQs)

भारत में शिक्षक दिवस 5 सितंबर को मनाया जाता है ।

भारत के पूर्व राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्ण ने अपने जन्म दिवस अर्थात 5 सितंबर को शिक्षक दिवस के रूप में मनाने की इच्छा व्यक्त की थी। उनके सम्मान में ही भारत में प्रत्येक वर्ष उनकी जन्मतिथि को शिक्षक दिवस के तौर पर मनाया जाता है।

पूर्व राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्ण के जन्म दिवस अर्थात 5 सितम्बर 1962 को पहला शिक्षक दिवस मनाया गया था ।

अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विश्व शिक्षक दिवस 5 अक्टूबर को संयुक्त राष्ट्र के तत्वाधान में मनाया जाता है।

भारत की साक्षरता दर 77.7 प्रतिशत है।

शिक्षक दिवस पर निबंध (essay on teachers day in hindi) की शुरुआत डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जीवन परिचय से की जा सकती है। इसके बाद व्यक्तिगत जीवन में शिक्षकों के महत्व के साथ-साथ राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर पर राष्ट्र निर्माण में शिक्षकों के योगदान के लिए उनका धन्यवाद करते हुए इसे खत्म किया जा सकता है। विस्तृत जानकारी के लिए इस लेख को पढ़ें।

1962 में डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन ने भारत के दूसरे राष्ट्रपति के रूप में पदभार संभाला तो उनके छात्र 5 सितंबर को एक विशेष दिन के रूप में मनाने की अनुमति मांगने के लिए उनके पास पहुंचे। उन्होंने छात्रों से समाज में शिक्षकों के अमूल्य योगदान को बताने के लिए 5 सितंबर को शिक्षक दिवस के रूप में मनाने का अनुरोध किया। उसे उन्होंने स्वीकार कर लिया। इसके बाद से 5 सितंबर को शिक्षक दिवस मनाने की शुरुआत हुई।

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शिक्षक पर निबंध

Essay On Teacher In Hindi : आज के आर्टिकल में हम यहां पर शिक्षक पर निबंध शेयर कर रहे है। शिक्षक का दर्जा जीवन में सबसे उच्चा होता है। आज के आर्टिकल में आपको Essay On Teacher In Hindi के बारे में जानकारी दी जाएगी।

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शिक्षक पर निबंध | Essay On Teacher In Hindi

शिक्षक पर निबंध (250 word).

विद्यार्थी जीवन में शिक्षक का अहम किरदार होता है। अध्यापक एक दीपक के समान होता है, जो खुद जल जाता है लेकिन विद्यार्थियों के भविष्य को पूरी तरह से उज्जवल कर देता है। अध्यापक के बिना हर इंसान की जिंदगी अधूरी है क्योंकि अध्यापक के माध्यम से जो सीखने को मिलता है वह कहीं पर नहीं मिल सकता। शुरुआत के दिनों में हमारी मां अध्यापक के समान होती है, जो हमें छोटी-छोटी बातें सिखाती है और उसके पश्चात हम स्कूल में अध्यापकों से मुलाकात करते हैं।

अध्यापक के रूप में मां का किरदार भी बहुत ही ज्यादा महत्वपूर्ण है। मां को प्राथमिक शिक्षक भी कहा जाता है क्योंकि बच्चे को सबसे पहले शिक्षा मां के जरिए ही मिलना शुरू होती है। मेरे शिक्षक की बात करूं तो मेरी पहली शिक्षक मेरी मां है और उसके पश्चात जब से मैंने स्कूल जॉइन किया तब से हर शिक्षक के साथ मेरा अटूट संबंध रहा है।

आज भी जब मैं उनसे मिलता हूं, तो मुझे बहुत खुशी होती है। मेरे शिक्षक ने मुझे जिंदगी के बारे में बहुत महत्वपूर्ण बातें सिखाई है, जिसके लिए में आज भी उनका ऋणी हूं। शिक्षक के द्वारा हमें जो ज्ञान दिया गया है, जिसको हम किसी भी कीमत पर नहीं चुका सकते हैं। शिक्षकों को ज्ञान का भंडार भी कहा जाता है।

शिक्षक पर निबंध (600 Word)

शिष्य के मन में सीखने की इच्छा जागृत करने वाला और शिक्षा देने वाला शिक्षक कहलाता है। शिक्षक बालक के भविष्य का निर्माता होता है। शिक्षक वह पथ प्रदर्शक है, जो किताबी ज्ञान ही नहीं बल्कि जीवन जीने की कला भी सिखाता है। शिक्षकों का कार्य बहुत ही कठिन और महत्वपूर्ण होता है। एक अच्छे शिक्षक का मिलना दुर्लभ है। गुरु ही नई पीढ़ी को सही मार्गदर्शन देकर समाज और देश के लिए एक आदर्श नागरिक तैयार करता है।

शिक्षक राष्ट्र की संस्कृति के चतुर माली होते हैं। यह संस्कारों की जड़ों में खाद देता हैं और अपने श्रम से सींच कर उन्हें शक्ति में परिवर्तित करते हैं। राष्ट्र के वास्तविक निर्माता उस देश के शिक्षक होते हैं। किसी राष्ट्र का मूर्त रूप वहां के नागरिक होते हैं। शिक्षक का कार्य अच्छी शिक्षा देकर राष्ट्र को अच्छे नागरिक प्रदान करना होता है।

शिक्षक का महत्व

अनादि काल से ही गुरु के द्वारा दिये गये ज्ञान के कारण गुरु का गुणगान किया गया है। ऐसे ही ज्ञानी गुरुओं के कारण भारत को जगतगुरु कहलाने का सौभाग्य प्राप्त हुआ है। शिक्षा के क्षेत्र में शिक्षक महत्वपूर्ण घटक होते हैं। शिक्षा को लेकर समाज ने जो उद्देश्य इच्छाएं रखी होती है। उन सब की पूर्ति मैं शिक्षक की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। शिक्षक का दायित्व भगवान जैसा होता है। वह समाज और राष्ट्र के उद्देश्यों की पूर्ति करता है। शिक्षा प्रणाली कोई भी और कैसी भी हो, उसकी सफलता शिक्षक पर निर्भर करती है। बालक के मानसिक विकास में शिक्षक की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। निपुण शिक्षक अपनी शिक्षण शैली से नागरिकों में राष्ट्रीयता की भावना जागृत करता है।

शिक्षा वह प्रणाली है, जो बालक के आंतरिक गुण व शक्तियों को प्रदर्शित करती है । एक कुशल शिक्षक वही होता है, जो बालक के आंतरिक गुणों व शक्तियों को पहचान कर उसे विकसित कर सकता है और यह अच्छे शिक्षक बिना संभव नहीं। मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है। उसे समाज के अनुकूल बनाने का दायित्व शिक्षक का होता है। शिक्षक ही व्यक्ति को उसके सामाजिक मूल्यों व आदर्श से अवगत करवाता है। उसे अपने आदर्शों मूल्यों कर्तव्यों का निर्वहन किस प्रकार करना है, यह शिक्षक ही बताता है।

शिक्षक के कार्य

शिक्षक का महत्व पूर्ण कार्य व्यक्ति के आंतरिक गुणों का विकास करना, अच्छे नागरिक का निर्माण करना, मूल प्रवृत्तियों पर नियंत्रण करना ,अच्छे भविष्य का निर्माण करना, चरित्र निर्माण करना,आदर्श नागरिक के गुणों को विकसित करना, राष्ट्रीय भावनाओं का संचार करना, स्वयं की राष्ट्रीय संस्कृति व गौरव से परिचित करवाना,उद्देश्य पूर्ण शिक्षा से सुंदर भविष्य और समाज का निर्माण करना।

मार्गदर्शक, गुरु होने के साथ-साथ शिक्षक हमारे जीवन में कई महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। जो हमारे जीवन में बहुत ही मददगार साबित होती है। वे लोग सौभाग्यशाली होते है, जिनको अच्छा शिक्षक मिलता है। एक शिक्षक का मुख्य कार्य शिक्षा देना होता हैं। वह अपने छात्रों को अच्छे तरीके से सिखाने की कोशिश करता है। शैक्षणिक ज्ञान देने के साथ-साथ वह व्यक्ति को नैतिक ज्ञान भी देता है। एक बेहतर व्यक्ति अच्छा नागरिक बनने की प्रेरणा शिक्षक से ही प्राप्त होती है।

शिक्षक और शिष्य का रिश्ता

एक शिक्षक और शिष्य का रिश्ता सुंदर व महत्वपूर्ण होता है। वेदों में भी गुरु की महिमा का गुणगान गाया गया है। गुरू ब्रह्मा गुरू विष्णु, गुरु देवो महेश्वरा गुरु साक्षात परब्रह्म, तस्मै श्री गुरुवे नम:। इस श्लोक का शाब्दिक अर्थ होता है, गुरु ही ब्रह्मा, गुरु ही विष्णु है, गुरु ही शंकर है, गुरूही परमब्रह्म है और सद्गुरु को प्रणाम। भारत में शिक्षकों का सम्मान करने के लिए 5 सितंबर को शिक्षक दिवस मनाया जाता है।

इस दिन भारत के दूसरे राष्ट्रपति व आदर्श शिक्षक डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जन्म दिवस होता है। इस दिन संपूर्ण भारत में श्रेष्ठ शिक्षकों को पुरस्कार देकर सम्मानित किया जाता है। हर काम आसान हो जाता है, जब श्रेष्ठ शिक्षक का सानिध्य मिलता है। फिर कितने भी आए जीवन में उतार-चढ़ाव, शिक्षक के चरणों में ही ठहराव मिलता है।

किसी ने कहा है कि, “सब धरती कागज करूं लिखनी सब बनराय सात समंदर की मसि करूं गुरु गुण लिखा न जाय” बच्चे अपने माता-पिता के पश्चात सबसे अधिक विश्वास अपने गुरु पर करते हैं। गुरु द्वारा कहे गए शब्द उनके मन में घर कर लेते हैं। इसीलिए अध्यापकों को अपना ज्ञान सदैव बांटते रहना चाहिए। शिक्षक के पास ही वह कला है, जो मिट्टी को सोने में बदल सकती है।

शिक्षक का मेरे जीवन में महत्व

अंत में शिक्षक को समर्पित कुछ शब्द कहना चाह्ता हूँ कि, “आपने बनाया है इस योग्य कि, प्राप्त करूं अपना लक्ष्य दिया है आपने हर समय सहारा, जब जब मुझे लगा कि अब मैं हारा”। जिस प्रकार औरत बालक को जन्म व शिक्षा देकर उसे अच्छा इंसान बनाती हैं, उसी प्रकार गुरु से अच्छी शिक्षा लेकर अच्छा नागरिक बनता है। जिस प्रकार मां बालक को जन्म देती है, उसी प्रकार शिक्षक उसे उचित शिक्षा व मार्गदर्शन देकर उसके सुंदर व उज्जवल भविष्य का निर्माण करता है। परिवार बालक की प्रथम पाठशाला होती है। माता उसकी प्रथम शिक्षिका होती है और उसके पश्चात शिक्षक ही उसके मार्गदर्शक होते हैं।

शिक्षक के रूप में किरदार निभाने वाला आदमी भगवान होता है और वह प्रसाद रूपी ज्ञान बांटता है। हमें इस ज्ञान का अपने जीवन में उपयोग करना चाहिए। भगवान के प्रसाद को कभी मना नहीं कर सकते और उसी प्रकार से शिक्षक द्वारा दिया गया ज्ञान यदि हम नहीं लेते हैं, तो हम आगे नहीं बढ़ सकते। शिक्षक एक ऐसा महात्मा है, जिसके पास ज्ञान का समुंदर भरा होता है।

हमने यहां पर “  शिक्षक पर निबंध (Essay On Teacher In Hindi) ” शेयर किया है। उम्मीद करते हैं कि आपको यह निबंध पसंद आया होगा, इसे आगे शेयर जरूर करें। आपको यह निबन्ध कैसा लगा, हमें कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं।

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Essay on My Teacher (मेरे अध्यापक पर निबंध)

Essay on my teacher ( मेरे अध्यापक पर निबंध ).

Let’s start the Essay on My Teacher.. ..

Outlines of the Essay

  • Introduction ( परिचय )
  • My Favourite Teacher ( मेरे पसंदीदा शिक्षक )
  • Her values ( उनका महत्व )
  • My teacher’s best things (मेरे अध्यापक की सबसे अच्छी बातें)

Conclusion of the Essay ( निबंध का निष्कर्ष )

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Introduction   ( परिचय )

It’s said, there’s no knowledge, no wisdom without your guru . There are books all around the world, we can easily have access to them, but the way and things that a teacher brings closer to our prism of perspective are way too far to compare with anything.

कहा जाता है कि बिना गुरु के किसी ज्ञान, किसी बुद्धिमता का कोई अस्तित्व नहीं होता है। दुनिया भर में हर जगह किताबें उपलब्ध हैं, हम आसानी से उन्हें पा सकते हैं, लेकिन एक अध्यापक जिस तरह से विचारों को हमारे सोचने- समझने के तरीके के सामने रखते हैं, वह अतुलनीय होता है।

Teachers enlighten our minds, closely associated with us remind us of things we could do with our lives, books and potentials. We might read out a thing from the book and completely understand it but that doesn’t suffice the presence of a teacher. We all require someone to guide.

अध्यापक हमारे दिमाग को तेज करते हैं। वे हमारे साथ रहकर हमें उन लक्ष्यों की याद दिलाते हैं जिन्हें हम अपने जीवन, पुस्तकों और क्षमताओं के सहारे पा सकते हैं। हम पुस्तक से किसी चीज़ को तो पढ़ सकते हैं और इसे पूरी तरह से समझ सकते हैं लेकिन एक अध्यापक की मौजूदगी को पूरा नहीं कर सकते है। हम सभी को किसी न किसी के मार्गदर्शन की आवश्यकता होती है।

My Favourite Teacher ( मेरे पसंदीदा अध्यापक )

I have various teachers in school, different teachers for every subject. I like all of them, all of them have a different way of teaching, talking, checking our notebooks and dealing with the subject. There are times I’m scared of telling people that I don’t get a few concepts in Mathematics, but I’m glad that I can go up to my teacher of Maths. He’s a nice person and tells me Maths is a tricky subject, but if I get the trick It would become easier.

मेरे स्कूल में कई अध्यापक हैं, विभिन्न विषयों के लिए विभिन्न अध्यापक हैं। मुझे वे सभी पसंद हैं, उन सभी के पढ़ाने, बातचीत करने, हमारी नोटबुक को चेक करने और किसी विषय के बारे में समझाने का एक अलग तरीका है। कई बार मैं लोगों को यह बताने से डरता हूं कि मुझे गणित (मैथ्स) की कुछ अवधारणाएं (कॉन्सेप्ट्स) नहीं आते, लेकिन मुझे खुशी है कि मैं इसके बारे में जानने के लिए अपने मैथ्स के टीचर के पास जा सकता हूँ। वह एक अच्छे इंसान है और मुझे बताते हैं कि मैथ्स एक ट्रिकी विषय है, लेकिन अगर ट्रिक को समझ लिया जाए तो ये आसान लगने लगेगा।

Out of all the teachers, I like my English teacher the most. Her name is Divya. She is a new teacher in our school. She says, she has taught in many other schools of the city as well. She has come across various work cultures, new students, new people, new school buildings etc. She admits that she loves teaching and doesn’t regret to choose this profession, this is the only thing that doesn’t bore her.

सभी अध्यापकों में से, मुझे अपनी इंग्लिश की अध्यापक सबसे अधिक पसंद हैं। उनका नाम दिव्या है। वह हमारे स्कूल के लिए एक नई अध्यापक है, वह कहती हैं कि उन्होंने शहर के कई अन्य स्कूलों में भी पढ़ाया है, उनका विभिन्न प्रकार की संस्कृतियों, नए स्टूडेंस, नए लोग, नए स्कूल बिल्डिंग आदि से मिलना हुआ है।वह स्वीकार करती है कि उन्हें पढ़ाना बहुत पंसद है और इस पेशे को चुनने के लिए पछतावा नहीं करती है, यह एकमात्र ऐसी चीज है जो उन्हें बोर नहीं करती है।

She comes up with new poems even out of our texts and explains them to us in great detail. She has got a great sense of humour. She plays games with us in the free period, she is very friendly and doesn’t let the teacher-student relationship barrier hurt the students.

यहाँ तक कि वह हमारे पाठ्यक्रम के बाहर से भी नई कविताओं को लेकर आती हैं और उन्हें हमें विस्तार से समझाती हैं। उनका सेंस ऑफ ह्यूमर बहुत अच्छा है। वह खाली समय में हमारे साथ गेम खेलती हैं, वह बहुत ही मिलनसार हैं और वह शिक्षक और विधार्थी के बीच की दूरी को बनाकर भी हमें सहज महसूस कराती हैं।

Her Nature ( उनका स्वभाव )

She’s very humble, friendly and interactive and that’s why everyone likes her. She accepts all of us with our imperfections as well, with our grammatical mistakes and spelling errors. She’s very open to new opinions and recommendations.

वह बहुत ही विनम्र, मिलनसार, विचार-विमर्श करने वाली (इंटरैक्टिव) हैं और इसी वजह से हर कोई उन्हें पंसद करता है। वह हमें हमारी सभी कमियों के बावजूद स्वीकार करती हैं, ग्रामर की गलतियाँ हों या फिर स्पेलिंग मिस्टेकस । वह नए विचारों और सुझावों का खुले दिल से स्वागत करती हैं।

She says, she has been an ardent reader since school and encourages us to do the same. She tells us that she wants to study more so that she can engage more in teaching and she could then come up with more diverse and better ideas. She says that Education is the most golden tool of growth and encourages us to learn as much as we can, from all the possible sources possible.

वह कहती हैं कि अपने स्कूल के समय से ही वह एक उत्साही पाठक (पढ़ने वाली) रही हैं और हमें भी ऐसा करने के लिए प्रोत्साहित करती हैं। वह हमें बताती हैं कि वह और अधिक पढ़ाई करना चाहती है ताकि टीचिंग के क्षेत्र में और अधिक काम कर सके और फिर ज्यादा विविधता और बेहतर विचारों के साथ पढ़ा सके। वह कहती हैं कि ‘शिक्षा’ विकास के लिए सबसे सुनहरा साधन है और यह हमें सभी मुमकिन स्रोतों (सोर्सज) से जितना संभव हो सके उतना सीखने के लिए प्रोत्साहित करता है।

My Teacher’s best things ( मेरे अध्यापक की सबसे अच्छी बातें )

My Teacher’s best thing is her teaching style, her elegance, her interactivity, her openness to new ideas or thoughts. There are many other great things about her, I’m lucky having found her.

मेरे अध्यापक की सबसे अच्छी चीज है उनके पढ़ाने का तरीका, उनकी शिष्टता, उनके बातचीत करने का तरीका, नई सोच और विचारों के प्रति उनका खुलापन। उसके बारे में कई अन्य अच्छी चीजें हैं, मैं उनका साथ पाकर भाग्यशाली समझता हूँ।

A teacher has very influential energy to pass with his/her students. Students are generally imitative, they imitate what their teachers do, we similarly follow our teachers’ ideas and paths. They’re true path guiders, their role is very crucial to one’s development and becoming one individual.

एक अध्यापक के पास अपने स्टूडेंटस को देने के लिए बहुत प्रभावशाली ऊर्जा होती है। स्टूडेंट सामान्यतः अनुसरण करने वाले होते हैं, उनके अध्यापक जो भी करते हैं वे उसका अनुसरण करते हैं, हम भी बिल्कुल इसी तरह अपने शिक्षक के विचारों और रास्तों पर चलते हैं। वे सच्चे पथ प्रदर्शक होते हैं, उनकी भूमिका हमारे विकास में और हमारे व्यक्तित्व को बनाने में अति महत्वपूर्ण होती है।

I hope, you like this Essay on My Teacher.

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अगर आपको ये आर्टिकल (Essay on My teacher) पसन्द आया हो, तो इसे अपने दोस्तों के साथ WhatsApp, Facebook आदि पर शेयर जरूर करिएगा। Thank you! – Aditya sir

13 thoughts on “Essay on My Teacher (मेरे अध्यापक पर निबंध)”

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You are my favorite teacher in my life so far i have never seen a teacher like you in my hole life who is completely devoted to her childern even though i have no met you but i consider you my ideal i have got a lot to learn from your video sir i don’t have word to express thanks to you love you sir Amit Negi From Uttrakhand

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Pingback: Essay on Internet (इंटरनेट पर निबंध) 2019 - Study Master

Pingback: Essay on Rainy Season for Children and Students - Study Master

Pingback: Essay on Mahatma Gandhi in English (महात्मा गांधी पर निबंध) - October 2019

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आपका आर्टिकल पढ़कर मुझे बहुत अच्छा लगा. में अक्सर आपके ब्लॉग के न्यू आर्टिकल्स पढ़ती हूं जिससे मुझे बहुत कुछ सीखने को मिला. आपके सभी आर्टिकल से टॉपिक को पूरी तरह से समझने की पूर्ण क्षमता होती है. आप इसी तरह से हमें अपना ज्ञान देते रहे इसके लिए आपका बहुत बहुत धन्यवाद.

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Dear Shivanee, Thank you so much for your kind words. As well, I personally checked your blogs (essays & history); you are doing a great job. Keep it up. All the best! – Aditya

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Thank you for your help ? I am So happy from Work ?……. Again Thank you So much ?

Thank you for your Help…… I am So happy from your Work….!!!!! Your Essay Reminds me of my English Teacher ………. Thank you So much ??

Anushka Chaudhary From Uttar Pradesh, India

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very nice essay .. thanks for sharing

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This is great for me I am class 8 student

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Bhot achcha

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Home » Essay Hindi » शिक्षक पर निबंध हिंदी में | Essay On Teacher In Hindi

शिक्षक पर निबंध हिंदी में | Essay On Teacher In Hindi

इस लेख Essay On Teacher In Hindi Language में शिक्षक पर निबंध हिंदी लेखन के जरिये शिक्षक या गुरु के महत्व (Importance Of Teacher In Hindi) पर प्रकाश डाला गया है। विद्यार्थी जीवन के सर्वांगीण विकास में मुख्य भूमिका शिक्षक की होती है। एक अच्छा शिक्षक बच्चों को बेहतर भविष्य देता है। विद्यालय प्रांगण में शिक्षा का प्रसार शिक्षक करता है।

भारत देश में शिक्षक को गुरु की उपाधि दी गई है। शिक्षक का महत्व पर निबंध (Essay On Importance Of Teacher In Hindi For Class 6, 7, 8, 9, 10) में शिक्षक की राष्ट्र निर्माण में भूमिका, महत्व और एक अच्छे शिक्षक की विशेषता पर प्रकाश डालेंगे।

गुरु गोविंद दोऊ खड़े, का के लागू पाय। बलिहारी गुरु आपने, गोविंद दियो मिलाये। – कबीर

शिक्षक पर निबंध – Essay On Teacher In Hindi

Essay On Teacher In Hindi – शिक्षक वर्तमान पर कार्य करके भविष्य का निर्माण करता है। बच्चे देश का भविष्य होते है और शिक्षक इन्हें ही तैयार करता है। प्रत्येक मनुष्य का जीवन बिना शिक्षक के अधूरा है। बच्चे की पहली शिक्षक उसकी माँ होती है। यही से उसे अच्छे और बुरे की पहचान होती है।

विद्यालय में प्रवेश के बाद शिक्षक ही बच्चे के भविष्य के लिए जिम्मेदार होता है। बच्चे का मानसिक और बौद्धिक विकास शिक्षक ही करता है। शिक्षक के उचित मार्गदर्शन में बच्चे का सर्वांगीण विकास होता है। हिन्दू शास्त्रों में शिक्षक को भगवान का दर्जा दिया गया है।

“ज्ञानार्थ प्रवेश और सेवार्थ प्रस्थान” का मूल मंत्र किसी भी विद्यालय का अनिवार्य योग है। बच्चे का दूसरा घर विद्यालय होता है जहां पर शिक्षक उसके पेरेंट्स की भांति ध्यान रखते है। बच्चों में अच्छे संस्कार के लिए केवल माता पिता ही जिम्मेदार नही होते है। शिक्षक भी उतने ही संस्कारों के लिए जिम्मेदार है। गुरु की तुलना एक कुम्हार से की गई है जो गीली मिट्टी रूपी विद्यार्थी को घड़े रूपी ज्ञान का आकार देता है।

गुरु के पास ज्ञान का भंडार होता है। विद्यार्थी जीवन को सफल बनाने के लिए शिक्षक अपना सम्पूर्ण ज्ञान लगा देता है। ज्ञान बांटने से बढ़ता है और टीचर यही करता है। विद्यालय में हर एक विषय का अध्यापक होता है जो विशेष विषय का अध्यापन करता है। गणित, अंग्रेजी, हिंदी, विज्ञान जैसे कई विषयों के अध्यापक विद्यालय में होते है। इनमें से किसी भी विषय का अध्यापक उस विषय का विद्वान होता है।

शिक्षक का महत्व – Importance Of Teacher In Hindi

शिक्षक पर निबंध Essay On Teacher In Hindi – विद्यार्थी को पढ़ाई कराना शिक्षक का कर्तव्य होता है। टीचर अपने इस कर्तव्य का निर्वाह ईमानदारी से करता है। शिक्षक को राष्ट्र निर्माता भी कहा जाता है। श्रेस्ठ व्यवहार और नैतिकता का पाठ विद्यार्थी अपने शिक्षक से ही सीखता है। विद्यार्थी के गुणों की पहचान टीचर को ही होती है।

उत्तम शिक्षक से उत्तम गुण प्राप्त होते है। आगे चलकर भविष्य में डॉक्टर, इंजीनियर इत्यादि शिक्षक ही तैयार करता है। एक गुरु, शिक्षक या अध्यापक आगे की एक पूरी पीढ़ी तैयार करते है। शिक्षक का एकमात्र लक्ष्य बच्चे के मन रूपी मंदिर में ज्ञान का दीपक जलाना होता है।

यह जरूरी नही है कि शिक्षक केवल बौद्धिक विकास ही करता है। शिक्षक मनुष्य का शारीरिक विकास भी करता है। सचिन तेंदुलकर, पीटी उषा, साइना नेहवाल जैसे खेलों के बड़े नाम की सफलता के पीछे शिक्षक ही है। बिना शिक्षक के सफलता नही मिलती है।

भारत ने वर्ष 2011 क्रिकेट का वर्ल्डकप जीता था। इस जीत में सारे खिलाड़ियों का योगदान था लेकिन उस वक्त के क्रिकेट कोच गैरी कर्स्टन का योगदान भी कम नही है। कार्य का कोई भी क्षेत्र हो खेल, राजनीति, फिल्म्स, बिज़नेस, इंजीनियरिंग, डॉक्टर्स या अध्यापन। इन सारे क्षेत्रों में सफलता के लिए गुरु का होना जरूरी है। बिना किसी गुरु के सफलता प्राप्त करना मुश्किल होता है।

गुरु अनन्त तक जानिए, गुरु की और न छोर। गुरु प्रकाश का पूंज है, निशा बाद का भोर।

अच्छा शिक्षक की विशेषता (Teacher Essay In Hindi)

एक अच्छा शिक्षक कौन है? यह प्रश्न आपके मन में आता होगा। इसका जवाब बिल्कुल आसान है कि अच्छा शिक्षक शिक्षण के प्रति ईमानदार होता है। पूर्ण रूप से समर्पित होकर पढ़ाता है। वो अपने विद्यार्थियों में भेद नही करता है। उसके लिए सारे स्टूडेंट्स एक समान है।

गुरु की नजर में पढ़ाई में अच्छे या बुरे सभी प्रकार के विद्यार्थी समान है। वो उन पर एकसमान ध्यान देता है और सभी विद्यार्थी शिक्षक को प्रिय होते है। एक अच्छे गुरु को धैर्यवान होना जरूरी है। शिक्षक को विद्यार्थी के मित्र की भांति होना चाहिए। एक महान गुरु ही महापुरुष का निर्माण करता है।

भारत में हर वर्ष 5 सितंबर को शिक्षक दिवस मनाया जाता है। शिक्षक दिवस हमारे भूतपूर्व राष्ट्रपति डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जन्म के दिन मनाया जाता है। एक अच्छे शिक्षक को डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन के समान होना चाहिए। बुरा शिक्षक बुराई को जन्म देता है और अच्छा शिक्षक अच्छाई को जन्म देता है।

आदर्श शिक्षक पर निबंध – Guru Or Shikshak Par Nibandh

हमें गुरु का सम्मान करना चाहिए क्योंकि वो इसके हकदार है। वर्तमान में विद्यार्थी के मन में शिक्षक के लिए सम्मान कम हुआ है और इसका सबसे बड़ा कारण खुद शिक्षक है। आजकल के ज्यादातर शिक्षक विद्यार्थियों को केवल किताबी ज्ञान देते है और उन्हें व्यवहारशील नही बनाते। अच्छा शिक्षक किताबी ज्ञान के साथ सामाजिक व्यवहारशीलता की शिक्षा भी देता है।

वैसे मित्रो दुनिया में आज भी ऐसे शिक्षक मौजूद है जो शिक्षण कार्य को ईश्वर की भक्ति मानते है। शिक्षक हमें सम्मान और सजा दोनों देते है। विद्यार्थी जीवन में अक्सर गलती होती रहती है। गुरु का काम बच्चे की गलती पहचानकर उसे गलती का अहसास कराना होता है। बेहतर समाज, बेहतर देश बनाने में शिक्षक की भूमिका अहम है। शिक्षक अज्ञानता रूपी अंधकार को दूर करके ज्ञान रूपी प्रकाश को विद्यार्थी जीवन में उतारता है।

इस पोस्ट Essay On Teacher In Hindi में शिक्षक पर निबंध लेखन (Shikshak Par Nibandh) और शिक्षक का महत्व (Importance Of Teacher In Hindi) पर जानकारी आपको कैसी लगी? “Guru Par Nibandh” आर्टिकल आपके लिए उपयोगी साबित होगा, ऐसी हम आशा करते है। यह पोस्ट “Teacher Par Nibandh Hindi Mein” पसंद आयी हो तो इसे फेसबुक और ट्विटर पर शेयर जरूर करे।

यह भी पढ़े – 

  • विद्यालय पर निबंध
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My Favourite Teacher Essay in Hindi : स्टूडेंट्स के लिए 100, 300 और 500 शब्दों में मेरे प्रिय शिक्षक पर निबंध

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  • Updated on  
  • अगस्त 28, 2023

My Favourite Teacher Essay in Hindi

शिक्षक जो हम सभी के जीवन में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। बचपन से ही हमारे चरित्र और व्यक्तित्व की राह बनाने में सबसे बड़ी भूमिका होती है। हम सब स्कूल में पढ़ें हैं और हम सभी का कोई न कोई एक फेवरेट टीचर जरूर होता है। यहां आज हमने उसी को लेकर My Favourite Teacher Essay in Hindi , मेरे प्रिय शिक्षक पर निबंध का ये ब्लॉग बनाया है।

My Favourite Teacher Essay in Hindi (100 शब्दों में)

मेरे प्रिय शिक्षक पर निबंध 100 शब्दों में कुछ इस प्रकार है –

स्कूल हो या कॉलेज टीचर हमें हमेशा ही सीखते हैं और आगे बढ़ने की प्रेरणा देते हैं। उनके ही इस मार्गदर्शन से आज हम अपने जीवन में बहुत आगे बढ़ते हैं-

मेरी एक पसंदीदा टीचर हैं। वह कक्षा 10 में हमें कला विषय के साथ अन्य विषय भी पढ़ाती थी। वह हमेशा मेरी हर परेशानी को दूर करने में मेरी मदद करती थी और अगर मुझे कोई भी चीज समझ नहीं आता तो वो मुझे बार बार बताने में कभी क्रोधित नहीं होती। वह बहुत मिलनसार शिक्षिका हैं, और मेरे लिए वो एक आदर्श भी हैं।

उनका पढ़ने का तरीका और टीचर से बेहद अलग है, और वह क्लास में सभी पर पूरा दिन देती हैं। वह बहुत ही इंटरैक्टिव और रचनात्मक तरीके से पढ़ाती हैं। वह पढ़ाई को इतना आसान बना देती हैं, की उनकी क्लास में हम सभी को पढ़ना बहुत अच्छा लगता है, इसलिए वह मेरी पसंदीदा शिक्षिका है।

My Favourite Teacher Essay in Hindi (300 शब्दों में)

मेरे प्रिय शिक्षक पर निबंध 300 शब्दों में कुछ इस प्रकार है –

हम सभी के जीवन में एक पसंदीदा शिक्षक रहा होगा और आज भी हम उनके सम्पर्क में या उनकी सिखाई बातों पर अम्ल जरूर करते हैं-

स्कूल हो या कॉलेज जीवन में हर किसी व्यक्ति का एक पसंदीदा टीचर जरूर होता है। एक टीचर जिसकी क्लास में स्टूडेंट्स  उत्सुक से पढ़ते हैं। वे उनकी क्लास का बहुत उत्सुकता से प्रतीक्षा करते हैं और उस पसंदीदा टीचर की क्लास को पढ़ने से कभी नहीं छोड़ते हैं। हर शिक्षक एक जैसा नहीं होता. हम स्कूल में जो सीखते हैं वही वास्तव में जीवन भर हमारी मदद करता है।

मेरी फेवरेट टीचर

मेरी पसंदीदा शिक्षिका राज किशोरी बहुत समझदारी के साथ स्टूडेंट्स को पढ़ती थी, इसके अतिरिक्त वे सीखने की गतिविधियों को भी बढ़ावा देती हैं। उनके प्रैक्टिकली पढ़ने का तरीका कई छात्रों का उनका पसंदीदा बनाता हैं। वह न सिर्फ मेरी टीचर हैं बल्कि मैं उन्हें अपनी आदर्श भी मानती हूँ. वे एक न केवल एक टीचर हैं बल्कि एक ऐसे महिला भी हैं जिससे आप अपनी इच्छानुसार किसी भी विषय या परेशानी पर बात कर सकते हैं। वे बहुत विनम्र और नम्रता के साथ अपने काम को करती हैं। इसी लिए वे मेरी फेवरेट टीचर हैं।

वे सदैव अपने सभी स्टूडेंट्स को कड़ी मेहनत करने और अच्छे मार्क्स लाने के लिए प्रेरित करती है। जब मुझे किसी भी विषय को लेकर कोई संदेह होता है तो वह उस सब्जेक्ट को अच्छी तरह समझने में मेरी मदद करती है। वह मैथ के सब्जेक्ट को प्रैक्टिकल करके अधिक रोचक और आकर्षक बनाती है। वे हमेशा मुझे सही रास्ते पर चलने के लिए मार्गदर्शन करती हैं। वह हमें सच बोलना, सभी का सम्मान करना और जीवन में एक अच्छे मुकाम को हासिल करने के लिए प्रेरित करती हैं। इस My Favourite Teacher Essay in Hindi के अनुसार हम सबको यह सीखना चाहिए कि हमारे टीचर हम सबके लिए कितने योगदान करते हैं। 

My Favourite Teacher Essay in Hindi (500 शब्दों में)

मेरे प्रिय शिक्षक पर निबंध 500 शब्दों में कुछ इस प्रकार है –

जब हम सबको कोरोना महामारी के दौरान किसी चीज की परेशानी होती थी, तो वे हमेशा हम सब की मदद करती थी। उन्होंने उस समय एक सोशल मीडिया ग्रुप को हम सभी स्टूडेंट्स की सहायता के लिए बनाया है, ताकि हमें जब कभी भी कोई संदेह हो तो हम उनसे सम्पर्क कर सकें। उन्होंने हमारी पढ़ाई में किसी तरह की दिक्कत नहीं आने दी, वे सुबह से ही ऑनलाइन क्लास शुरू करने से पहले हम सभी स्टूडेंट्स का हाल पूछती थी। उन्होंने इतनी परेशानी के समय भी स्टूडेंट्स की पढ़ाई से कोई समझौता नहीं किया। जब हमें कोई परेशानी हुई तो उन्होंने परीक्षा से पहले हमें अच्छे से गाइड किया ताकि हम अच्छे अंकों के साथ पास हो कर आगे बढ़ सकें। 

परीक्षा से पहले देती थी एक्स्ट्रा क्लास

हमारे एग्जाम से पहले हमेशा वे हम सभी स्टूडेंट्स को एक्स्ट्रा क्लास देती थी, किसी स्टूडेंट्स को अगर किसी भी सब्जेक्ट में कोई परेशानी होती थी, तो वे उसको उस एक्स्ट्रा क्लास में सॉल्व करती थी। उनका प्रॉब्लम सॉल्व करने का तरीका इतना अच्छा होता था, की हम सब को लगता था की जिस चीज में हम इतना परेशान थे, वो इतनी छोटी सी चीज थी। वे प्रैक्टिकली चीजों को बताती थी।  

स्टूडेंट को करती थी मोटिवेट 

मेरी टीचर की एक बहुत अच्छी बात थी की जब कोई स्टूडेंट्स निराश होता था या वो डर के कारण उनसे कोई बात को नहीं पूछ पता था। तो वे उसके आत्मविश्वास को बढ़ती थी और उसे आगे बढ़ने की प्रेरणा देती थी। वे हमेशा कहती थी की किसी चीज से दर कर मत भागों हर चीज का सामना करो कोई चीज आपके आत्मविश्वास से बड़ी नहीं हो सकती है। अगर अपने किसी चीज को करने का लक्ष्य तय किया है तो उस लक्ष्य को मेहनत कर के प्राप्त करो। अगर सफलता एक बार नहीं मिली तो ऐसा नहीं है की कभी नहीं मिलेगी। 

आपका फोकस होना चाहिए पूरी तरह से की आपको ये चीजे हासिल करनी है, चाहे मुझे दिन -रात एक करनी पड़ें। पूरी लगन से मेहनत करने वालों की कभी हार नहीं होती है। उनके इन्हीं विचारों से हम सब स्टूडेंट्स का मनोबल बढ़ता है और हम और मेहनत करते हैं। शिक्षक हमेशा आत्मविश्वास को बढ़ाने वाला होना चाहिए, बहुत से टीचर जरा सी गलती पर स्टूडेंट्स को बहुत ज्यादा डिमोटिवेट कर देते हैं। जिससे स्टूडेंट्स को आ गये पढ़ने या स्कूल जाने का मन नहीं करता है और वे स्कूल जाने से कतराते है।  

पढाई के साथ स्टूडेंट्स के मनोरंजन का भी रखती थी ध्यान 

जैसे ही हमारे एग्जाम खत्म होते थे वे हम सभी को बहार घूमने ले जाती थी, स्कूल टूर पर ये सभी स्टूडेंट्स को बहुत प्यार से और बहुत सारे गेम खिलवती थी. उनका कहना था की पढ़ाई के साथ शारीरिक एक्टिविटी का होना भी जरुरी है। वे स्कूल के समय भी एक क्लास में हम सभी स्टूडेंट्स को कुछ न कुछ एक्टिविटी सिखाती थी। वे खुद को भी मोटिवेट करती थी और स्टूडेंट को भी हर चीज के लिए प्रेरित करती रहती थी। इसलिए वह मेरे पसंदीदा टीचर थी। 

हमें हमेशा अपने शिक्षकों का सम्मान करना चाहिए और आज हम जो कुछ भी हैं उसके लिए उन्हें धन्यवाद भी देना चाहिए। उनकी सिखाई हुई हर चीज को बहुत ही गंभीरता से लेकर आगे जीवन में बढ़ना चाहिए। 

यह था मेरे प्रिय शिक्षक पर निबंध, My Favourite Teacher Essay in Hindi पर हमारा ब्लॉग। इसी तरह के अन्य निबंध से सम्बंधित ब्लॉग्स पढ़ने के लिए Leverage Edu के साथ बनें रहें।

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सीखने का नया ठिकाना स्टडी अब्रॉड प्लेटफॉर्म Leverage Eud. जया त्रिपाठी, Leverage Eud हिंदी में एसोसिएट कंटेंट राइटर के तौर पर कार्यरत हैं। 2016 से मैंने अपनी पत्रकारिता का सफर अमर उजाला डॉट कॉम के साथ शुरू किया। प्रिंट और डिजिटल पत्रकारिता में 6 -7 सालों का अनुभव है। एजुकेशन, एस्ट्रोलॉजी और अन्य विषयों पर लेखन में रुचि है। अपनी पत्रकारिता के अनुभव के साथ, मैं टॉपर इंटरव्यू पर काम करती जा रही हूँ। खबरों के अलावा फैमली के साथ क्वालिटी टाइम बिताना और घूमना काफी पसंद है।

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शिक्षक दिवस पर निबंध

Teachers Day Essay in Hindi

विद्यार्थियों के जीवन में शिक्षक का एक विशेष स्थान होता है। राष्ट्र के भविष्य को सवारने में शिक्षको की महत्त्व भूमिका होती है, उनके की सहायता से एक आदर्श नागरिक का जन्म होता है।

5 सितंबर को हमारे देश में शिक्षकों के सम्मान में शिक्षक दिवस मनाया जाता है, वहीं आज की युवा पीढी को शिक्षकों के महत्व को समझाने एवं गुरु-शिष्य के अनूठे रिश्ते की परंपरा को कायम रखने के लिए आजकल स्कूल-कॉलेजों में इस विषय पर निबंध प्रतियोगिता आयोजित करवाई जाती है, या फिर कई बार परीक्षा में इस दिवस पर निबंध लिखने के लिए कहा जाता है।

जीवन में शिक्षक के महत्त्व को समझने के लिए विभिन्न शब्दों एवं आसान और सरल शब्दों में हम यहाँ शिक्षक दिवस पर निबंध –  Teachers Day Essay  उपलब्ध कराने जा रहे है, जो आपके बच्चो और विद्यार्थियों के लिए विविध प्रतियोगिताओ में उपयोगी साबित हो सकते है।

Teachers Day Essay in Hindi

शिक्षक दिवस पर निबंध – Teachers Day Essay in Hindi

हमारी सफलता के पीछे हमारे शिक्षक का बहुत बड़ा हाथ होता है। हमारे माता-पिता की तरह ही हमारे शिक्षक के पास भी ढ़ेर सारी व्यक्तिगत समस्याएँ होती हैं लेकिन फिर भी वह इन सभी को भूलकर रोज स्कूल और कॉलेज आते हैं तथा अपनी जिम्मेदारी को अच्छी तरह से निभाते हैं।

कोई भी उनके बेशकीमती कार्य के लिये उन्हें धन्यवाद नहीं देता इसलिये एक विद्यार्थी के रुप में शिक्षकों के प्रति हमारी भी जिम्मेदारी बनती है कि कम से कम साल में एक बार उन्हें जरुर धन्यवाद दें।

शिक्षको के कार्य को समर्पित करते हुए 5 सितम्बर का दिन पुरे देश में शिक्षक दिवस के रूप मनाया जाता है। शिक्षकों को सम्मान देने और भारत के पूर्व राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जन्मदिवस को याद करने के लिये हर साल इसे मनाया जाता है। देश के विकास और समाज में हमारे शिक्षकों के योगदान के साथ ही शिक्षक के पेशे की महानता को उल्लेखित करने के लिये हमारे पूर्व राष्ट्रपति के जन्मदिवस को समर्पित किया गया है।

डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन एक महान शिक्षक थे, जिन्होंने अपने जीवन के 40 वर्ष अध्यापन पेशे को दिए है। वे विद्यार्थियों के जीवन में शिक्षकों के योगदान और भूमिका के लिये प्रसिद्ध थे। इसलिये वे पहले व्यक्ति थे जिन्होंने शिक्षकों के बारे में सोचा और हर वर्ष 5 सितंबर को शिक्षक दिवस के रुप में मनाने का अनुरोध किया।

डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जन्म 5 सितंबर 1888 को हुआ था और 1909 में चेन्नई के प्रेसिडेंसी कॉलेज में अध्यापन पेशे में प्रवेश करने के साथ ही दर्शनशास्त्र शिक्षक के रुप में अपने करियर की शुरुआत की।

उन्होंने देश में बनारस, चेन्नई, कोलकाता, मैसूर जैसे कई प्रसिद्ध विश्वविद्यालयों तथा विदेशों में लंदन के ऑक्सफोर्ड जैसे विश्वविद्यालयों में दर्शनशास्त्र पढ़ाया है। अध्यापन पेशे के प्रति अपने समर्पण की वजह से उन्हें अपने बहुमूल्य सेवा की पहचान के लिये 1949 में विश्वविद्यालय छात्रवृत्ति कमीशन के अध्यक्ष के रुप में नियुक्त किया गया।

1962 से शिक्षक दिवस के रुप में 5 सितंबर को मनाने की शुरुआत हुई। अपने महान कार्यों से देश की लंबे समय तक सेवा करने के बाद 17 अप्रैल 1975 को उनका निधन हो गया।

शिक्षक विद्यार्थियो के जीवन के वास्तविकतः कुम्हार की तरह होते हैं, जो न सिर्फ हमारे जीवन को आकार देते हैं बल्कि हमें इस काबिल बनाते हैं कि हम पूरी दुनिया में अंधकार होने के बाद भी प्रकाश की तरह जलते रहें। इसी वजह से हमारा राष्ट्र ढ़ेर सारे प्रकाश के साथ प्रबुद्ध हो सकता है।

हमारे शिक्षक हमें शैक्षणिक दृष्टी से तो बेहतर बनाते ही हैं, साथ ही हमारे ज्ञान और विश्वास के स्तर को बढ़ाकर नैतिक रुप से भी हमें अच्छा बनाते है। जीवन में अच्छा करने के लिये वह हमें हर असंभव कार्य को संभव करने की प्रेरणा देते हैं। विद्यार्थी इस शिक्षक दिवस को बहुत उत्साह और खुशी के साथ मनाते है। विद्यार्थी अपने शिक्षकों को ग्रीटिंग कार्ड देकर बधाई भी देते हैं।

हमें पूरे दिल से ये प्रतिज्ञा करनी चाहिये कि हम अपने शिक्षक का सम्मान करेंगे क्योंकि बिना शिक्षक के इस दुनिया में हम सभी अधूरे हैं।

शिक्षक दिवस पर निबंध – Shikshak Par Nibandh

Shikshak Par Nibandh

प्रस्तावना-

शिक्षकों के सम्मान में एवं भारत के पूर्व राष्ट्रपति डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन की जयंती पर 5 सितंबर को हर साल हमारे देश में धूमधाम से शिक्षक दिवस मनाया जाता है।

यह दिवस समाज में न सिर्फ शिक्षकों के महत्व को बताता है, बल्कि शिष्यों के ह्रद्य में अपने शिक्षक के प्रति आदर-भाव की भावना भी प्रकट करता है, क्योंकि गुरु ही अपने शिष्य के जीवन से अंधकार मिटाकर उसे ज्ञान के प्रकाश की तरफ ले जाते हैं, जिससे मनुष्य सफलता हासिल करता है।

गुरु के बिना ज्ञान संभव नहीं है और बिना ज्ञान के मनुष्य का जीवन निर्रथक होता है। वहीं गुरुओं की महिमा तो बड़े-बड़े कवियों ने भी अपने श्लोंकों के माध्यम से बताई है और शिक्षकों को इस समाज में भगवान के बराबर दर्जा दिया गया है।

“गुरुर्ब्रह्मा ग्रुरुर्विष्णुः गुरुर्देवो महेश्वरः। गुरुः साक्षात् परं ब्रह्म तस्मै श्री गुरवे नमः ॥

शिक्षक दिवस कब मनाया जाता है? – When is Teachers Day

हमारे भारत देश में गुरु-शिष्य के अनूठे रिश्ते के बारे में तो वेद-पुराणों में भी बताया गया है। वहीं शिक्षकों के सम्मान में डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन की जयंती पर हर साल 5 सितंबर को हमारे देश में शिक्षक दिवस के रुप में मनाया जाता है।

शिक्षक, राष्ट्र निर्माता होते हैं, अपनी ज्ञान की गंगा से शिष्यों के जीवन में अज्ञानता को दूर करते हैं साथ ही एक  सभ्य समाज एवं शिक्षित राष्ट्र का निर्माण करने में अपनी महत्वपूर्ण भागीदारी निभाते हैं।

इसलिए यह दिन शिक्षकों को समर्पित दिन है, वहीं इस दिन समाज में उत्कृष्ट काम करने वाले शिक्षकों को सम्मानित भी किया जाता है और देश के पूर्व राष्ट्रपति  डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन जी को याद किया जाता हैं, क्योंकि उन्होंने अपना पूरा जीवन अध्यापन कार्य में समर्पित कर दिया था एवं समाज में शिक्षकों के महत्व को बताने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।

शिक्षक दिवस क्यों मनाया जाता है? – Why is Teachers Day Celebrated

स्वतंत्र भारत के प्रथम उप-राष्ट्रपति एवं पूर्व राष्ट्रपति डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन की जयंती को शिक्षक दिवस के रुप में मनाते हैं। 5 सितंबर, 1888 सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जन्म हुआ था।

वे एक अच्छे राजनेता होने के साथ महान शिक्षकविद और अच्छे दार्शनिक भी थे, जिन्होंने अपने जीवन का अधिकांश समय समाज में शिक्षको के महत्व को बताने एवं शिक्षण कार्य की महानता को बताने में व्यतीत कर दिया था, एवं देश के विकास एवं उत्थान में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका अदा की थी।

इसलिए उनके सम्मान में हर साल उनकी जयंती को शिक्षक दिवस के रुप में मनाया जाता है। उन्होंने राष्ट्रपति के तौर पर साल 1962 से 1967 तक राष्ट्र की सेवा की थी। आपको बता दें कि साल 1962 में  डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन जी को देश का राष्ट्रपति के रुप में नियुक्त किया गया था।

उसके बाद उनके द्धारा समाज में किए गए महान कामों  के लिए उनके सम्मान में लोगों ने  5 सितंबर के दिन को ‘राधाकृष्णन दिवस’ के तौर पर मनाने का फैसला किया था।

लेकिन, हमेशा ही समाज में शिक्षकों के महत्व को बताने वाले राधाकृष्णन जी ने इसे मनाने से मना कर दिया और 5 सितंबर को उनकी जयंती को मनाने की बजाय ‘शिक्षक दिवस’ के रुप में मनाने की इच्छा जताई थी।

जिसके बाद से हर साल इस दिन को शिक्षक दिवस के तौर पर मनाया जाने लगा। 5 सितंबर, 1962 को हमारे देश में पहली बार शिक्षक दिवस मनाया गया था।

देश के विकास में अपना महत्वपूर्ण योगदान देने वाले डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन जी शिक्षकों का काफी सम्मान करते थे।

वे अपने जीवन में करीब 40 साल तक शैक्षणिक कार्य से जुड़े रहे। आपको बता दें कि राजनीती में आने से पहले उन्होंने ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी, कलकत्ता यूनिवर्सिटी, मैसूर यूनिवर्सिटी समेत कई शिक्षक संस्थानों में अध्यापक के तौर पर काम किया था। वे अपने छात्रों के पसंदीदा शिक्षक के रुप में जाने जाते थे।

वहीं उन्होंने अपने महान विचारों से लोगों को शिक्षकों के महत्व के बारे में जागरूक किया। इसके साथ ही राष्ट्र निर्माण में शिक्षकों के योगदान का उल्लेख किया। इसके साथ ही उन्होंने सभ्य एवं शिक्षित समाज का निर्माण करने वाले शिक्षकों को सम्मानित करने के लिए 5 सितंबर को शिक्षक दिवस के रुप में अनुरोध किया था।

इसलिए उनकी जयंती को शिक्षक दिवस के रुप में मनाया जाता है

शिक्षक दिवस कैसे मनाया जाता है? – How Is Teachers Day Celebrated

हमारे देश में 5 सितंबर को हर साल धूमधाम से शिक्षक दिवस मनाया जाता है। शिक्षक दिवस को लेकर बच्चे काफी उत्साहित रहते हैं, साथ ही अपने टीचर्स को सम्मानित करने एवं उन्हें स्पेशल महसूस करवाने के लिए विशेष तरह की तैयारियों में कई दिन पहले से ही जुट जाते हैं।

इस मौके पर स्कूल, कॉलेजों समेत अन्य शिक्षक संस्थानों में विशेष तरह के कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है साथ ही इस दिन समाज में उत्कृष्ट काम करने वाले शिक्षकों को सम्मानित भी किया जाता है।

शिक्षक दिवस का दिन हर  शिक्षक और छात्रों के लिए बेहद अहम दिन होता है, इस दिन शिक्षकों के महत्व को छात्रों को समझाने के लिए शिक्षक दिवस पर भाषण , निबंध लेखन समेत कई प्रतियोगिताओं का भी आयोजन किया जाता है।

इसके अलावा स्कूलों एवं अन्य शैक्षणिक संस्थानों में छात्र स्लोगन, कविता आदि के माध्यम से शिक्षकों के प्रति अपने भावना को प्रकट करते हैं साथ ही उनका आभार जताते हैं।

इस मौके पर कई छात्र अपने टीचर्स को गिफ्ट या फिर अपने हाथ से बनाया हुआ ग्रीटिंग कार्ड देकर भी इस दिन को खास मनाने की कोशिश करते हैं एवं अपने गुरु-शिष्य के रिश्तों की डोर को मजबूत करते हैं, साथ ही  भारत में गुरु शिष्य की अनूठी परंपरा को कायम करने का संकल्प लेते हैं।

गुरु-शिष्य का रिश्ता बेहद पवित्र एवं अनूठा रिश्ता होता है, जिसमें एक शिक्षक निस्वार्थ भाव से अपने शिष्यों को पढ़ाता है, और एक अभिभावक की तरह अपने छात्र की सफल जीवन की कामना करताहै, हालांकि, वर्तमान में गुरु-शिष्य का रिश्ता महज औपचारिक बन गया है एवं शिक्षक व्यवसाय महज सिर्फ एक पेशा बन चुका है।

जिसमें तमाम शिक्षक, पैसों के लालच में छात्र के भविष्य को अंधकार में डाल रहे हैं, जिसकी वजह से यह रिश्ता तार-तार हो रहा है, और शिक्षक-शिष्य के रिश्ते की गरिमा घट रही है।

वहीं छात्रों और शिक्षकों दोनों का ही फर्ज है कि वे इस रिश्ते के महत्व को समझें एवं गुरु-शिष्य की परंपरा को कायम रखने में अपनी भागीदारी निभाएं।

शिक्षक दिवस, शिक्षकों को अपने दायित्व को याद दिलवाने एवं छात्रों को अपने गुरुओं के सम्मान की याद दिलवाता है। इसलिए, शिक्षक दिवस गुरु-शिष्य दोनों के लिए बेहद महत्वपूर्ण है।

शिक्षक दिवस पर निबंध – Paragraph On Teachers Day

Paragraph On Teachers Day

गुरु के बिना मनुष्य को ज्ञान की प्राप्ति नहीं हो सकती है। शिक्षक, मनुष्य के जीवन का मुख्य आधार होते हैं। शिक्षक का हर किसी के जीवन में बेहद महत्व है। एक शिक्षक, न सिर्फ छात्र का सही मार्गदर्शन कर उनके जीवन को सफल बनाते हैं, बल्कि एक सभ्य एवं शिक्षित समाज के निर्माण में भी मद्द करते हैं।

इसके साथ ही विकसित राष्ट्र के विकास में अपना महत्वपूर्ण योगदान देते हैं। इसलिए शिक्षकों के सम्मान में हर साल  5 सितंबर को भारत के पूर्व राष्ट्रपति डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन की जयंती के मौके पर शिक्षक दिवस मनाया जाता है।

शिक्षक, शिष्य एवं ईश्वर के बीच एक सेतु का काम करते हैं। इसलिए शिक्षक को भगवान से भी ऊंचा दर्जा दिया गया हैं, वहीं महान संत कबीर दास ने भी अपने इस दोहे के माध्यम से गुरु की महिमा बताई है –

“गुरु गोबिंद दोऊ खड़े, का के लागूं पाय। बलिहारी गुरु आपणे, गोबिंद दियो मिलाय।।”

शिक्षक दिवस 5 सितंबर को ही क्यों मनाया जाता है? – Why Teachers Day Celebrated On 5th September

स्वतंत्र भारत के प्रथम उप-राष्ट्रपति, पूर्व राष्ट्रपति एवं महान शिक्षक डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन जी का जन्म 5 सितंबर 1888 को तमिलनाडु में हुआ था। उन्होंने न सिर्फ अपने जीवन का ज्यादातर समय अध्यापन के कार्य में व्यतीत किया बल्कि समाज के लोगों को शिक्षकों महत्व बताया एवं राष्ट्रनिर्माण में शिक्षकों के योगदान के बारे में जागरूक करने में अपनी महत्पूर्ण भूमिका निभाई।

डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन जी एक महान राजनेता होने के साथ-साथ एक अच्छे शिक्षक भी थे। 1962 में देश के राष्ट्रपति के पद पर सुशोभित होने से पहले उन्होंने अपने जीवन के करीब 40 साल शिक्षक के तौर पर काम किया था, वे समस्त संसार को एक ही स्कूल मानते थे।

उन्होंने, अपने महान विचारों से लोगों को शिक्षकों के महत्व को बताया था, साथ ही शिक्षक की राष्ट्र निर्माण एवं समाज के उत्थान में भूमिका का भी बखान किया था।

डॉ. राधाकृष्णन ने 1962 से 1967 में जब देश के राष्ट्रपति के पद का कार्यभार संभाला था, तब लोगों ने 5 सितंबर को उनके जन्मदिवस को उनके सम्मान में ‘राधाकृष्णन दिवस’ के तौर पर मनाने का फैसला लिया था, लेकिन उन्होंने अपनी जयंती को ‘राधाकृष्णन दिवस’ के तौर पर नहीं बल्कि शिक्षकों के सम्मान में शिक्षक दिवस बनाने का अनुरोध किया था। तभी से इसे शिक्षक दिवस के रुप में मनाया जाता है।

वह हमारे देश के ऐसे पहले राष्ट्रपति थे, जिन्होंने शिक्षकों के हित के बारे में सोचा और शिक्षकों के महत्व को बताया।

प्रख्यात शिक्षाविद रह चुके डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन का मानना था कि एक आदर्श और अच्छा शिक्षक वह होता है जो छात्र को उसके भविष्य में आने वाली चुनौतियों से लड़ने के लिए तैयार करे और उसे सक्षम बनाए।

वहीं उनके विचार लोगों को अपनी तरफ काफी प्रभावित करते थे, एवं वे भी छात्रों के पसंदीदा शिक्षक थे, इसलिए शिक्षक दिवस के दिन डॉ. राधाकृष्णनन जी को याद किया जाता है और उन्हें श्रद्धांजली अर्पित की जाती है।

कौन थे डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन? – Who is Dr Sarvepalli Radhakrishnan

डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन न सिर्फ देश के सर्वप्रथम उप-राष्ट्रपति एवं दूसरे राष्ट्रपति थे बल्कि वे एक महान शिक्षक, दार्शनिक, भारतीय संस्कृति के संवाहक और प्रख्यात शिक्षाविद थे, जिनका जन्म 5 सितंबर 1888 को तमिलनाडु के तिरूतनी गांव में हुआ था और शिक्षकों से उनका बेहद लगाव होने की वजह से उनकी जयंती को शिक्षक दिवस के रुप में मनाया जाता है।

आपको बता दें कि उन्होंने अपने जीवन के करीब 40 साल अध्यापन कार्य किया। उनकी ख्याति एक प्रख्यात और पसंदीदा शिक्षक के रुप में देश के कोने-कोने में फैली थी। वे न सिर्फ देश की नामचीन शिक्षण संस्थानों में लेक्चर देते थे, बल्कि विदेशों में भी उन्हें शिक्षा पर लेक्च र देने के लिए बुलाया जाता था।

राधाकृष्णन जी का मानना था कि एक शिक्षक के बिना मनुष्य कभी अपनी मंजिल तक नहीं पहुंच सकता एवं उनकी नजरों में एक आदर्श शिक्षक वही होता है, जो कि युवाओं को देश के भविष्य के रुप में तैयार करता है।

देश के विकास में अपना महत्पूर्ण योगदान देने वाले डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन को साल 1962 में देश का दूसरा राष्ट्रपति के रुप में नियुक्त किया गया था। वहीं 17 अप्रैल 1975 में लंबे समय तक बीमार रहने के बाद उनका निधन हो गया था, लेकिन आज उनके महान कार्यों की बदौलत उन्हें आज भी याद किया जाता है एवं उनकी जयंती को शिक्षक दिवस के तौर पर मनाया जाता है।

शिक्षक दिवस का महत्व – Importance of Teachers Day

शिक्षक दिवस को पूरे भारत देश में बेहद हर्षोल्लास और धूमधाम से मनाया जाता है।शिक्षकों के सम्मान में मनाए जाने वाला यह दिन शिक्षक और शिष्य दोनों के लिए बेहद खास दिन होता है।

इन दिन समाज के विकास में अच्छा काम करने वाले शिक्षकों के योगदान के लिए उन्हें सराहा जाता है एवं उन्हें सम्मानित किया जाता है।

आपको बता दें कि एक आदर्श शिक्षक एक सभ्य समाज के साथ-साथ शिक्षित राष्ट्र का भी निर्माण करता है, एवं युवाओं को देश के भविष्य के लिए तैयार करता है एवं जीवन में आने वाली किसी भी परेशानी का मुकाबला करने के सक्षम बनाता है। इसी वजह से यह दिन शिक्षकों के लिए समर्पित किया गया है।

वहीं यह दिवस न सिर्फ शिक्षकों को छात्र के प्रति अपने दायित्वों की याद दिलवाता है, बल्कि छात्रों के मन में भी अपने गुरुओं के प्रति सम्मान का भाव पैदा करता है।

5 सितंबर को शिक्षकों के सम्मान में मनाए जाने वाले शिक्षक दिवस के मौके पर विद्यालयों एवं शिक्षण संस्थानों में कई तरह के कार्यक्रमों का आयोजन किए जाते हैं, एवं इनके माध्यम से आज की युवा पीढ़ी को शिक्षक के महत्व को बताया जाता है।

इसके साथ ही यह दिवस गुरु और शिष्य के रिश्ते को और अधिक मजबूती प्रदान करने में मद्द करता है।

यह दिन समाज के लिए उत्कृष्ट काम करने वाले शिक्षकों का मनोबल भी बढ़ाता है। शिक्षक दिवस के मौके पर हर छात्र को अपने शिक्षकों के सम्मान करने का संकल्प लेना चाहिए क्योंकि गुरु के बिना हम सभी का जीवन अपूर्ण है एवं किसी भी तरह का ज्ञान प्राप्त करना असंभव है, वहीं किसी महान कवि ने सही ही कहा है कि –

“गुरु बिना ज्ञान नहीं और ज्ञान बिना आत्मा नहीं, कर्म, धैर्य, ज्ञान और ध्यान सब गुरु की ही देन है।।”

4 thoughts on “शिक्षक दिवस पर निबंध”

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Nice Article Admin Ji on Teachers Day Essay.

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Such a great article about teachers day really amazing. Thanks for sharing this with us.

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बहुत ही सुंदर, उपयोगी, लाभप्रद लेख लिखा है. इस लेख को लिखने के लिए आपका हृदय से धन्यवाद. शिक्षक दिवस कि शुभकामनाएं.

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Apako bhi Shikshak Diwas ki Shubhkamnaye.

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शिक्षक दिवस पर निबंध 10 lines (Teachers Day Essay in Hindi) 100, 150, 200, 250, 300, 500 शब्दों मे

about teacher in hindi short essay

Teachers Day Essay in Hindi – भारत में शिक्षक शब्द पेशेवर पहचान की अवधि से अधिक है। एक शिक्षक के साथ की भावना बहुत गहरी होती है। यदि हम प्राचीन भारत में झाँकें, तो हम अपने शिष्यों की मान्यताओं को आकार देने में गुरुओं ( शिक्षकों ) की व्यापक भूमिका पा सकते हैं। समय की प्रचंड लहरों से टकराकर भले ही यह परम्परा थोड़ी सी क्षीण हो गयी हो, फिर भी यह परम्परा आज भी विद्यमान है। भारत में, शिक्षक दिवस 5 सितंबर को डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन की जयंती पर मनाया जाता है।

शिक्षक दिवस का उत्सव पूरे भारत में स्कूलों और कॉलेजों में एक उत्सव का माहौल भर देता है। गतिविधियों में हमारे पसंदीदा शिक्षकों के रूप में भूमिका निभाना, हमारे शिक्षकों को उपहार देना और उनका आभार व्यक्त करना, और हमारे शिक्षकों को सम्मान देने के लिए पार्टियों और भाषणों का आयोजन करना शामिल है।

यदि आप एक छात्र हैं और आने वाले अवसर के लिए शिक्षक दिवस पर निबंध लिखने के लिए संघर्ष कर रहे हैं तो आप सही जगह पर आए हैं। इस लेख में उदाहरण के साथ शिक्षक दिवस पर निबंध का उचित प्रारूप और स्वयं निबंध लिखने के टिप्स शामिल हैं।

शिक्षक दिवस पर निबंध 10 लाइन (Teachers Day Essay 10 lines in Hindi)

  • 1) हम अपने शिक्षकों के प्रति आभार और सम्मान दिखाने के लिए शिक्षक दिवस मनाते हैं।
  • 2) यह डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन की जयंती 5 सितंबर को एक वार्षिक उत्सव है।
  • 3) जून-जुलाई में हिंदू कैलेंडर में गुरु पूर्णिमा शिक्षक दिवस उत्सव का एक रूप है।
  • 4) दुनिया के हर देश का अपना शिक्षक दिवस होता है।
  • 5) विश्व शिक्षक दिवस 5 अक्टूबर को पड़ता है।
  • 6) भारत 1962 से 5 सितंबर को शिक्षक दिवस मना रहा है।
  • 7) इस अवसर पर लोग डॉ राधाकृष्णन और अन्य उल्लेखनीय विद्वानों की मूर्तियों को सजाते हैं।
  • 8) शिक्षक अपने नियमित कार्य से एक दिन की छुट्टी लेते हैं।
  • 9) पूरे भारत के छात्र इस दिन को बड़े उत्साह के साथ मनाते हैं।
  • 10) छात्र अपने शिक्षकों का सम्मान करते हैं और सम्मान के प्रतीक के रूप में उन्हें उपहार देते हैं।

इनके बारे मे जाने

शिक्षक दिवस निबंध का प्रारूप (Format of Teachers Day Essay in Hindi)

किसी भी विशिष्ट निबंध विषय की तरह, शिक्षक दिवस निबंध प्रारूप में निम्नलिखित भाग होते हैं:

  • परिचयात्मक भाग : इस भाग को विषय का मूल सार प्रदान करना चाहिए, यहाँ विषय पर तथ्यात्मक जानकारी प्रदान करने की सिफारिश की गई है।
  • निबंध का मुख्य भाग : यहाँ, आपको निबंध विषय के बारे में विवरण देना है। निबंध विषय ‘शिक्षक दिवस’ के मामले में आप एक शिक्षक का महत्व, देश में शिक्षक दिवस क्यों और कैसे मनाया जाता है, और अपने स्वयं के अनुभवों का उल्लेख करें।
  • निष्कर्ष : अपने शिक्षकों के प्रति आभार व्यक्त करते हुए निबंध का अंत करें।

शिक्षक दिवस पर निबंध 100 शब्द (Teachers Day Essay 100 words in Hindi)

जैसा कि हम सभी जानते हैं कि हमारे शिक्षक हमारे जीवन में एक महान और सबसे महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। वे हमारे ज्ञान, कौशल स्तर, आत्मविश्वास में सुधार करने में हमारी मदद करते हैं और साथ ही सफलता पाने के लिए हमें सही आकार में आकार देते हैं। इसलिए, हमारी भी अपने निष्ठावान शिक्षकों के प्रति कुछ जिम्मेदारियां हैं। हम सभी को एक आज्ञाकारी छात्र के रूप में दिल से स्वागत करने की जरूरत है और जीवन भर शिक्षाओं की उनकी निस्वार्थ सेवा के साथ-साथ विभिन्न छात्रों के जीवन को आकार देने के लिए उन्हें इच्छापूर्ण धन्यवाद देना चाहिए। शिक्षक दिवस (जो साल में एक बार 5 सितंबर को मनाया जाता है) हमारे लिए उनके साथ एक दिन बिताने और धन्यवाद कहने का एक शानदार मौका है।

शिक्षक दिवस पर निबंध 150 शब्द (Teachers Day Essay 150 words in Hindi)

हमारे अध्ययन, समाज और देश में शिक्षकों के योगदान का सम्मान करने के लिए भारत में हर साल 5 सितंबर को शिक्षक दिवस मनाया जाता है। 5 सितंबर को शिक्षक दिवस मनाने के पीछे एक बहुत बड़ा कारण है। 5 सितंबर को डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन नाम के एक महान व्यक्ति की जयंती है। वह शिक्षा के प्रति अत्यधिक समर्पित थे और विद्वान, राजनयिक, भारत के राष्ट्रपति और सबसे महत्वपूर्ण रूप से एक शिक्षक के रूप में जाने जाते थे।

एक बार, जब वे 1962 में भारत के राष्ट्रपति बने, तो कुछ छात्रों ने उनसे 5 सितंबर को उनका जन्मदिन मनाने की अनुमति देने का अनुरोध किया। उन्होंने कहा कि 5 सितंबर को व्यक्तिगत रूप से मेरे जन्मदिन के रूप में मनाने के बजाय क्यों न इसे शिक्षक दिवस के रूप में अध्यापन पेशे के प्रति मेरे समर्पण के रूप में मनाया जाए। उनके इस बयान के बाद से पूरे भारत में 5 सितंबर को शिक्षक दिवस के रूप में मनाने की शुरुआत हो गई है.

शिक्षक दिवस पर निबंध 200 शब्द (Teachers Day Essay 200 words in Hindi)

शिक्षक दिवस हर साल एक महान व्यक्ति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन की जयंती पर मनाया जाता है। वे अध्यापन के पेशे के प्रति अत्यधिक समर्पित थे। ऐसा कहा जाता है कि, एक बार कुछ छात्रों ने उनसे संपर्क किया और 5 सितंबर को उनका जन्मदिन मनाने का अनुरोध किया। और उन्होंने जवाब दिया कि इसे केवल मेरे जन्मदिन के रूप में मनाने के बजाय, आपको सभी शिक्षकों को उनके महान कार्यों और योगदान के लिए सम्मान देने के लिए शिक्षक दिवस के रूप में मनाना चाहिए। शिक्षक देश के भविष्य के निर्माण के वास्तविक निर्माता हैं अर्थात वे छात्रों के जीवन को आकार देते हैं जो अंततः देश का भविष्य हैं।

शिक्षक देश में रहने वाले नागरिकों के भविष्य का निर्माण कर राष्ट्र निर्माता हैं। लेकिन शिक्षकों और उनके योगदान के बारे में सोचने वाला समाज में कोई नहीं था। इसका पूरा श्रेय भारत के केवल एक नेता राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन को जाता है जिन्होंने हमें उनके जन्मदिन को शिक्षक दिवस के रूप में मनाने की सलाह दी। 1962 से हर साल 5 सितंबर को शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता है। हमारे शिक्षक न केवल हमें विषयों के बारे में पढ़ाते हैं, बल्कि वे हमारे व्यक्तित्व, आत्मविश्वास और कौशल स्तर में भी सुधार करते हैं। वे हमें जीवन भर किसी भी समस्या या कठिनाई से उबरने में सक्षम बनाते हैं।

शिक्षक दिवस पर निबंध 250 शब्द (Teachers Day Essay 250 words in Hindi)

शिक्षक ज्ञान, ज्ञान और समृद्धि के वास्तविक धारक होते हैं जिनका उपयोग करके वे हमें हमारे जीवन के लिए पोषण और तैयार करते हैं। वे हमारे जीवन में दीपक जलाने के स्रोत के रूप में कार्य करते हैं। यह हमारे शिक्षक हैं जो हमारी सफलता के पीछे खड़े हैं। बाहर के शिक्षकों को भी हमारी और हमारे माता-पिता की तरह ही दैनिक दिनचर्या की बहुत सारी समस्याएं होती हैं लेकिन वे हमेशा अपने शिक्षण पेशे को शीर्ष पर रखते हैं और अपनी नौकरी की जिम्मेदारियों को पूरा करने के लिए स्कूलों या कॉलेजों में जाते हैं। कोई भी उन्हें उनके अमूल्य काम के लिए धन्यवाद नहीं कहता। इसलिए, छात्रों के रूप में हमारे शिक्षकों के प्रति हमारी कुछ जिम्मेदारी है कि हम कम से कम साल में एक बार उन्हें धन्यवाद कह सकें।

हमारे निस्वार्थ शिक्षकों और उनके अमूल्य कार्य को सम्मान देने के लिए हर साल 5 सितंबर को शिक्षक दिवस मनाया जाता है। 5 सितंबर हमारे पूर्व राष्ट्रपति डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन की जयंती है जिन्होंने पूरे भारत में शिक्षकों का सम्मान करने के लिए अपने जन्मदिन को शिक्षक दिवस के रूप में मनाने का अनुरोध किया था। उन्हें अध्यापन के पेशे से बड़ा लगाव था। हमारे शिक्षक हमारे ज्ञान, कौशल और आत्मविश्वास के स्तर को बढ़ाकर हमें अकादमिक रूप से अद्भुत और नैतिक रूप से अच्छा बनाते हैं। वे हमेशा हमें जीवन में बेहतर करने के लिए हर संभव असंभव कार्य को करने के लिए प्रोत्साहित करते हैं। शिक्षक दिवस छात्रों द्वारा बहुत खुशी और उत्साह के साथ मनाया जाता है। वे कहते हैं कि उन्हें मौखिक रूप से या ग्रीटिंग कार्ड के माध्यम से ढेर सारी शुभकामनाएं दें।

शिक्षक दिवस पर निबंध 300 शब्द

शिक्षक दिवस सभी के लिए विशेष रूप से शिक्षकों और छात्रों के लिए एक बहुत ही खास अवसर होता है। यह हर साल 5 सितंबर को छात्रों द्वारा अपने शिक्षकों को सम्मानित करने के लिए मनाया जाता है। 5 सितंबर को भारत में शिक्षक दिवस के रूप में घोषित किया गया है। हमारे पूर्व राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जन्म 5 सितंबर को हुआ था, इसलिए भारत में शिक्षक दिवस उनके जन्मदिन पर मनाया जाता है क्योंकि शिक्षण पेशे के प्रति उनके प्यार और स्नेह के कारण। वह शिक्षा में बहुत विश्वास करते थे और विद्वान, राजनयिक, शिक्षक और भारत के राष्ट्रपति के रूप में अत्यधिक प्रसिद्ध थे।

शिक्षक दिवस शिक्षकों और छात्रों के बीच के रिश्ते को मनाने और आनंद लेने का एक शानदार अवसर है। अब एक दिन, यह छात्रों और शिक्षकों दोनों द्वारा स्कूलों, कॉलेजों, विश्वविद्यालयों और अन्य शैक्षणिक संस्थानों में बड़े उत्साह और आनंद के साथ मनाया जाता है। शिक्षकों को अपने छात्रों की ओर से लंबी उम्र की ढेर सारी शुभकामनाएं दी जाती हैं। आधुनिक समय में शिक्षक दिवस मनाने की रणनीति मानक रही है।

छात्र इस दिन बहुत खुश होते हैं और अपने पसंदीदा शिक्षकों को बधाई देने के तरीके की योजना बनाते हैं। कुछ छात्र अपने पसंदीदा शिक्षकों को उपहार, ग्रीटिंग कार्ड, पेन, डायरी आदि देकर शुभकामनाएं देते हैं। कुछ छात्र अपने शिक्षकों को ऑडियो संदेश, ईमेल, वीडियो संदेश, लिखित संदेश, ऑनलाइन चैट, फेसबुक, ट्विटर जैसी सोशल मीडिया वेबसाइटों के माध्यम से भेजकर शुभकामनाएं देते हैं। , आदि। कोई सिर्फ “हैप्पी टीचर्स डे” कहे मौखिक रूप से।

हमें अपने जीवन में अपने शिक्षकों की आवश्यकता और मूल्य का एहसास करना चाहिए और महान कार्य के लिए उन्हें श्रद्धांजलि देने के लिए हर साल शिक्षक दिवस मनाना चाहिए। शिक्षक हमारे माता-पिता से बढ़कर हैं जो हमारे मन को सफलता की ओर ढालते हैं। वे खुश रहते हैं और जीवन में अपनी सफलता तभी प्राप्त करते हैं जब उनके समर्पित छात्र आगे बढ़ते हैं और अपनी गतिविधियों के माध्यम से दुनिया भर में शिक्षकों का नाम फैलाते हैं। हमें अपने जीवन में अपने शिक्षकों द्वारा सिखाए गए सभी अच्छे पाठों का पालन करना चाहिए।

शिक्षक दिवस के लिए लघु निबंध (Short Essay on Teacher’s Day)

हर साल पांच सितंबर को देश भर के स्कूल और कॉलेज भारत में शिक्षक दिवस समारोह आयोजित करते हैं। यह हमारे जीवन में शिक्षकों की कड़ी मेहनत और प्रभाव की सराहना करने का दिन है।

शिक्षक वे हैं जो अपने छात्रों के लिए ज्ञान और सहानुभूति रखते हैं। एक छात्र की सफलता के पीछे सबसे महत्वपूर्ण व्यक्ति उसका शिक्षक होता है। शिक्षकों की मदद और मार्गदर्शन के बिना, छात्र अपने जीवन के बारे में जाने और समझ नहीं पाएंगे। हम पांच सितंबर को शिक्षक दिवस मनाते हैं क्योंकि यह भारत के पूर्व राष्ट्रपति डॉ राधाकृष्णन का जन्मदिन है। वह एक ऐसे व्यक्ति थे जो बच्चों से प्यार करते थे और उन्हें प्यार करते थे। डॉ. राधाकृष्णन एक शिक्षक के रूप में काम करेंगे, और छात्र उन्हें प्यार करते थे। शिक्षक प्रत्येक व्यक्ति के जीवन पर एक महत्वपूर्ण प्रभाव छोड़ते हैं। वे आपकी मदद करते हैं, आपको प्रेरित करते हैं, और आपको अपना सर्वश्रेष्ठ संस्करण बनने के लिए मार्गदर्शन करते हैं।

शिक्षक दिवस शिक्षक और छात्र के जीवन में सबसे यादगार दिनों में से एक है। यह एक ऐसा दिन है जब शिक्षक आराम कर सकते हैं और अपने साथी शिक्षकों से बात कर सकते हैं, पूरे वर्ष के विपरीत जब वे हर दिन कई घंटे कड़ी मेहनत करते हैं। वे स्कूल के समय के दौरान और स्कूल का समय समाप्त होने के बाद भी काम करते हैं। अलग-अलग स्कूल अलग-अलग तरीके से शिक्षक दिवस मनाते हैं। बच्चे इस दिन अपने शिक्षकों को मनाने और उनकी सराहना करने के लिए कई तरह के काम करते हैं।

अपने शिक्षकों की सराहना करने का दिन है

प्रत्येक छात्र को अपने गुरु की कद्र और कद्र करनी चाहिए। प्रत्येक शिक्षक आपकी मदद करने के लिए हर दिन कई त्याग करता है। शिक्षक आपके जीवन के उन लोगों में से एक हैं जो हमेशा आपको किसी और चीज से पहले रखेंगे।

टीचर्स की तरह ड्रेसअप हुए स्टूडेंट्स

हर स्कूल में शिक्षक समारोह आयोजित करने का एक अलग तरीका होता है। छात्रों द्वारा दिवस मनाने के तरीकों में से एक तरीका शिक्षकों का प्रतिरूपण करना है। हाई स्कूल के छात्र अपने शिक्षकों की तरह तैयार होते हैं।

वे अपने शिक्षकों के लिए नाटक प्रस्तुत करते हैं और साथ ही अन्य विषयों को पढ़ाने के लिए विभिन्न कक्षाओं में जाते हैं। यह शिक्षक दिवस समारोह के सबसे अच्छे हिस्सों में से एक है। छात्र अपने शिक्षकों का प्रतिरूपण करने के लिए उत्सुक हैं, और शिक्षक इन नाटकों को देखने के लिए उत्सुक हैं।

प्रत्येक छात्र एक विशेष शिक्षक की तरह तैयार होते हैं, कुछ साड़ी पहनते हैं, और कुछ औपचारिक पैंट और शर्ट पहनते हैं। छात्र जिस शिक्षक का प्रतिरूपण कर रहे हैं, उसके कपड़ों से मेल खाने की पूरी कोशिश करते हैं। कनिष्ठ कक्षाओं को वरिष्ठ छात्रों द्वारा लिए गए कक्षा सत्रों के लिए बैठना पड़ता है। यह नियमित शिक्षण से अलग है। कक्षा में अन्य छात्र अतिरिक्त गतिविधियाँ करते हैं।

शिक्षक दिवस मनाने के अलग-अलग तरीके हैं। आमतौर पर, हाई स्कूल के छात्र शिक्षक दिवस के लिए विभिन्न कार्य करने की पहल करते हैं।

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शिक्षक दिवस पर निबंध 500 शब्द

सबसे पहले तो सभी शिक्षकों को शिक्षक दिवस की बहुत-बहुत शुभकामनाएं। भारत में शिक्षक दिवस 5 सितंबर को मनाया जाता है। यह डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन की जयंती के शुभ अवसर पर मनाया जाता है। वे एक महान नेता, विद्वान और शिक्षक थे। हम इस दिन को हर दिन डॉ. राधाकृष्णन को श्रद्धांजलि देने और अपने शिक्षकों के प्रति सम्मान और प्यार दिखाने के लिए मनाते हैं। इस दिन छात्र शिक्षकों के लिए कई कार्यक्रमों का आयोजन करते हैं। सबसे आम घटनाएं भाषण, नृत्य और गायन प्रतियोगिताएं और संबंधित शिक्षकों की मिमिक्री हैं। कुछ छात्र शिक्षकों का मनोरंजन करने के लिए अपने शिक्षकों की तरह कपड़े भी पहनते हैं। यह दिन प्यार और हंसी के साथ मनाया जाता है। यह बच्चों के लिए शिक्षकों के प्रति आभार प्रकट करने का एक तरीका है। छात्र अपने पसंदीदा शिक्षक के लिए उपहार भी लाते हैं। इस दिन शिक्षकों के साथ बहुत अच्छा व्यवहार किया जाता है।

शिक्षक हर व्यक्ति के जीवन की रीढ़ होते हैं। शिक्षक ही है जो छात्रों को जीवन का नया अर्थ सिखाता है। वे हमें सही रास्ता दिखाते हैं और कुछ भी गलत करने से रोकते हैं। वे बाहर से देख सकते हैं लेकिन वे प्रत्येक छात्र की देखभाल करते हैं और उनके विकास की कामना करते हैं। उस छात्र को मत भूलो जो अपने शिक्षकों का सम्मान नहीं करता, जीवन में कभी आगे नहीं बढ़ता। शिक्षक छात्र के व्यक्तित्व को ढालते हैं। वे एकमात्र निःस्वार्थ व्यक्ति हैं जो खुशी-खुशी बच्चों को अपना सारा ज्ञान देते हैं।

डॉ. राधाकृष्णन एक महान शिक्षक थे जिन्हें हर कोई प्यार करता था। उनका जन्म 5 सितंबर 1888 को एक मध्यमवर्गीय परिवार में हुआ था। उन्होंने कॉलेज पूरा किया और मद्रास क्रिश्चियन कॉलेज में प्रोफेसर बन गए। वह हैरिस मैनचेस्टर कॉलेज में प्राचार्य और आंध्र विश्वविद्यालय में कुलपति बने। वह भारत के पहले दार्शनिक और उपराष्ट्रपति भी थे। वह 1962 से 1967 तक भारत के राष्ट्रपति बने। उन्होंने लगभग 16 वर्षों तक ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय में नैतिकता की शिक्षा दी। उनका मानना ​​था कि शिक्षा केवल किताबों से नहीं आती। ज्ञान प्राप्त करना पेशेवर और अकादमिक से बहुत दूर है।

दुनिया के अन्य महान शिक्षकों ने हमें बहुत कुछ सिखाया है। अरस्तू का जीवन हमें अच्छे शिक्षार्थी बनना और कभी भी सीखना बंद नहीं करना सिखाता है। गौतम बुद्ध एक राजकुमार के रूप में पैदा हुए थे लेकिन उन्होंने ज्ञान के जीवन के लिए सभी विलासिता को छोड़ दिया। एम्मा विलार्ड जो एक महिला अधिकार कार्यकर्ता थीं, हमें अन्याय के खिलाफ आवाज उठाना और उससे कभी डरना नहीं सिखाती हैं। सावित्रीबाई फुले एक कवियित्री और भारतीय समाज सुधारक थीं। उसने हमें सभी के साथ समान और सम्मान के साथ व्यवहार करना सिखाया।

शिक्षक के मार्गदर्शन के बिना हम अपने भविष्य की कल्पना नहीं कर सकते। वे हमारे भविष्य को उज्जवल बनाने के लिए खुद को जलाते हैं। इस दिन आइए हम दुनिया के सभी महान शिक्षकों को याद करें और उनसे कुछ सीखें। हम प्रत्येक छात्र के साथ धैर्य रखने और प्रत्येक छात्र की कमजोरियों पर काम करने के लिए शिक्षकों को धन्यवाद देते हैं। आपके मार्गदर्शन के बिना हम अधूरे हैं। आपके समर्थन और प्यार के लिए धन्यवाद।

शिक्षक दिवस पर निबंध- क्या करें और क्या न करें

  • परिचय खंड में बहुत अधिक न लिखें।
  • निबंध को सभी के लिए पठनीय बनाएं।
  • लंबी कहानियों को नजरअंदाज करने की कोशिश करें।
  • निबंध में प्रश्न न पूछें।
  • जीवंत उदाहरण देने का प्रयास करें।
  • ऐसा कुछ भी न लिखें जो विषय से संबंधित न हो।
  • ऊपर बताए गए उचित प्रारूप में एक निबंध लिखें।
  • ट्रांज़िशन शब्दों का प्रयोग करने की कोशिश करें जैसे इसलिए, तथापि, सब से ऊपर आदि।

हमने आपको एक अच्छा, आसान और पठनीय निबंध देने की कोशिश की है। यदि आप हमारे निबंधों को रोचक पाते हैं या शिक्षक दिवस निबंध के बारे में कोई प्रश्न पूछना चाहते हैं, तो हमें कमेंट सेक्शन में बताएं।

शिक्षक दिवस पर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)

शिक्षक दिवस कब मनाया जाता है.

भारत में, शिक्षक दिवस 5 सितंबर को मनाया जाता है जबकि शेष विश्व के लिए यूनेस्को ने 5 अक्टूबर को अंतर्राष्ट्रीय शिक्षक दिवस घोषित किया है।

शिक्षक दिवस पर अपने शिक्षक को देने के लिए उपयुक्त उपहार क्या है?

एक लंबी सूची है जो आपके शिक्षक के लिए एक अच्छे उपहार के रूप में काम करेगी। किताबें, डायरी, कलम, हस्तनिर्मित ग्रीटिंग कार्ड, डेस्क आयोजक, एक छोटे पौधे (अधिमानतः इनडोर पौधे), फूल और चॉकलेट अच्छे शिक्षक दिवस के उपहार होंगे।

शिक्षक दिवस पर हम अपने शिक्षकों के लिए कौन सी विशेष गतिविधि की योजना बना सकते हैं?

शिक्षक दिवस पर, आप अपने शिक्षकों के लिए विभिन्न विशेष गतिविधियों की योजना बना सकते हैं जैसे कि एक कार्यक्रम आयोजित करना, क्लास पार्टी करना, आभार व्यक्त करने वाला एक व्यक्तिगत वीडियो बनाना, उपहार देना और ग्रीटिंग कार्ड देना आदि।

भारत 5 सितंबर को शिक्षक दिवस क्यों मनाता है?

भारत 5 सितंबर को शिक्षक दिवस मनाता है जो डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जन्मदिन भी है। इस दिन, भारत का पूरा देश डॉ. एस राधाकृष्णन को याद करता है और हमारे सभी शिक्षकों का सम्मान करता है।

शिक्षक हमारे जीवन में इतने महत्वपूर्ण क्यों हैं?

शिक्षक हमारे जीवन में सबसे महत्वपूर्ण व्यक्तित्वों में से एक हैं क्योंकि वे हमारी वास्तविक क्षमता को सामने लाने में मदद करते हैं। शिक्षक हमारे ज्ञान, दावे, व्यक्तित्व और मानसिकता में योगदान करते हैं। एक शिक्षक का वास्तविक मूल्य हमेशा कम आंका जाता है। और इसलिए, हमें उनके प्रति अपना आभार प्रकट करने का अवसर कभी नहीं छोड़ना चाहिए।

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Teachers day essay in hindi शिक्षक दिवस पर निबंध.

Learn Teachers Day Essay in Hindi in 200 and 300 words. शिक्षक दिवस पर निबंध। 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10, 11 और 12 के बच्चों और विद्यार्थियों के लिए शिक्षक दिवस पर निबंध हिंदी में। Students today we are going to discuss a very important topic i.e Teachers Day essay in Hindi. Teachers Day essay in Hindi is asked in many exams. The very short essay on Teachers Day in Hindi 250 words and an essay on teachers day in Hindi in more than 300 words. Learn about Teachers Day essay in Hindi and bring better results in our exam.

Hindiinhindi Teachers Day Essay in Hindi

Teachers Day Essay in Hindi 200 Words – शिक्षक दिवस पर निबंध

विद्यार्थियों के जीवन में शिक्षक का एक विशेष स्थान होता है। शिक्षक हमारी सफलता प्राप्ति के लिये हमें कई प्रकार से मदद करते हैं जैसे हमारे ज्ञान, कौशल के स्तर, विश्वास आदि को बढ़ाते है तथा हमारे जीवन को सही आकार में ढालते हैं। हमारी सफलता के पीछे हमारे शिक्षक का बहुत बड़ा हाथ होता है। जीवन में अच्छा करने के लिये वह हमें हर असंभव कार्य को संभव करने की प्रेरणा देते हैं। इसलिये एक विद्यार्थी के रुप में शिक्षकों के प्रति हमारी भी जिम्मेदारी बनती है कि कम से कम साल में एक बार उन्हें जरुर धन्यवाद देना चाहिए। भारत में ‘शिक्षक दिवस’ प्रति वर्ष 5 सितम्बर को मनाया जाता है। इस दिन भारत के दूसरे राष्ट्रपति डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन जी का जन्मदिवस होता है। डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन एक महान शिक्षक थे, जिन्होंने अपने जीवन के 40 वर्ष अध्यापन पेशे को दिए हैं।

एक बार कुछ विद्यार्थियों ने 5 सितंबर को उनका जन्मदिन मनाने के लिये उनसे निवेदन किया लेकिन इस पर उन्होंने कहा कि मेरा जन्मदिन मनाने के बजाय आप सभी को शिक्षकों के उनके महान योगदान के लिये सभी शिक्षकों को सम्मान देने के लिये इस दिन को शिक्षक दिवस के रुप में मनाना चाहिये। उनके इस कथन के बाद पूरे भारत भर में 5 सितंबर को शिक्षक दिवस के रुप में मनाया जाने लगा। 1962 से हर वर्ष 5 सितंबर को शिक्षक दिवस के रुप में मनाया जाता है। अपने महान कार्यों और देश की लंबे समय तक सेवा करने के बाद 17 अप्रैल 1975 को उनका निधन हो गया।

Teachers Day Essay in Hindi 300 Words – शिक्षक दिवस पर निबंध

शिक्षक अथवा अध्यापक वह व्यक्ति होता है जो दूसरों को पढ़ा लिखा कर शिक्षा देने का काम करता है । भारत देश सदैव से गुरुओं तथा शिक्षकों का देश रहा है और इस बात पर हमे गर्व है क्योंकि दुनिआ भर में हमारे देश के शिक्षकों ने उच्च स्थान प्राप्त करके सबको भारत की ताकत का आभास कराया है । भारत देश में शिक्षकों, अध्यापकों और गुरुओं का मान सम्मान हमेशा से बहुत अधिक रहा है । पहले अध्यापकों को माता पिता के समान पूजा जाता था पर आजकल स्थिति कुछ बदल गई है, आजकल भारत में भी संसार के अन्य देशों के समान शिक्षा का लेना देना एक प्रकार का व्यवसाय बन कर रहे गया है । यह स्थिति कोई सराहनीय तो नहीं है ।

शिक्षक के महत्व को समझा जाए; शिक्षक श्री शिक्षा देने को व्यवसाय ना मानकर उसे एक पवित्र कार्य या कर्तव्य समझे, शिक्षक का खोया सम्मान उसे फिर से प्राप्त हो जाए या उसे यह सामान दिलाया जा सके – यही भावना रही है शिक्षक दिवस को मनाने के पीछे । शिक्षक दिवस मनाने का संबंध जोड़ा गया देश के राष्ट्रपति रहे महामहिम सर्वपल्ली डॉक्टर राधाकृष्णन के जन्म दिवस के साथ, जिनका जन्म 5 सितंबर 1988 को हुआ था, अर्थात तभी से यह दिवस प्रतिवर्ष 5 सितंबर को मनाया जाने लगा । इसके पीछे कारण था उसका आदर्श अध्यापकत्व ।

शिक्षक दिवस के दिन सभी विद्यालयों में सभाएं होती हैं । बच्चों को अध्यापकों के मान सम्मान से संबंधित प्रेरणा दी जाती है। कई विद्यालयों में तो इस दिन विद्यार्थियों को ही अध्यापक का कार्य सौंपा जाता है ताकि उन्हें अध्यापक के कार्य के महत्व का आभास हो सके ।

कई बार प्रांतीय एव राष्ट्रीय सम्मेलन भी आयोजित किए जाते हैं । इस दिन प्रांतीय एव राष्ट्रीय स्तर पर उच्च आदर्श स्थापित करने वाले अध्यापकों को पुरस्कृत भी किया जाता है । अब तो अध्यापकों के चुनाव में राजनीति का समावेश होने लगा है । यह निंदा का विषय है । इस दिवस के मनाने का मूल उद्देश्य है कि राष्ट्र के निर्माता कहे जाने वाले शिक्षक को उचित सम्मान दिया जाना । यदि हम सच्चे मन से सादगी और राजनैतिक निरपेक्षता से इस दिवस को मनाए तो हम भारत के परंपरागत गुरु-शिष्य परम्परा को सब तरह से पुनर्जीवित कर सकते हैं ।

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Essay on Teacher Day in Hindi | शिक्षक दिवस पर निबंध हिंदी में

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शिक्षक को समाज का शिल्पकार भी कहा जाता है। शिक्षक की वजह से हम अच्छे बुरे का ज्ञान हासिल कर पाते है। हमारे जीवन मे माता-पिता के बाद को सच्चा हितैषी है तो वह शिक्षक ही है। Essay on Teacher Day in Hindi  में आज हम शिक्षक के महत्व के बारे में जानेंगे।

शिक्षक दिवस में निबंध और शिक्षक दिवस पर भाषण (Speech On Teachers Day In hindi) की तलाश कई Students को रहती है।

तो आज हम आपके लिए Speech और Essay दोनों लेकर आए हैं। Essay on Teacher Day in Hindi  को आसान भाषा मे लिखा गया है, ताकि समझने और याद करने में आसानी रहे।

Table of Contents

5 lines On Teachers Day for Kid – शिक्षक दिवस के अवसर पर बच्चों के लिए 5 लाइन.

  • 5 सितंबर को शिक्षक दिवस मनाया जाता है।
  • इस दिन विद्यार्थी शिक्षकों के प्रति अपना सम्मान दिखाते हैं।
  • विद्यार्थियों के द्वारा गाने, नाटक और नृत्य का आयोजन किया जाता है।
  • पूर्व राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन का आज के दिन जन्म हुआ था।
  • डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन भी एक अध्यापक थे, जिन्होंने 40 वर्षों तक अलग-अलग कॉलेजों में अध्यापन किया है।

Essay on Teacher Day in Hindi – शिक्षक दिवस पर निबंध हिंदी में (200 Words)

गुमनामी के अंधेरे में था,पहचान बना दिया दुनिया के गम से मुझे अनजान बना दिया उनकी ऐसी कृपा हुई, गुरु ने मुझे एक अच्छा इंसान बना दिया।

लोग कहते हैं कि तकदीर गढ़ने वाले भगवान होते हैं लेकिन यदि खुली आंखों से भगवान को देखना चाहते हैं तो हमें शिक्षकों को देखना चाहिए क्योंकि हमारी असली तकदीर शिक्षक ही गढ़ते हैं।

गुरु की महिमा का बखान चंद शब्दों में करना बहुत ही मुश्किल है। इनके बारे में जितना भी लिखा जाए और कहा जाए वह सब कम है, क्योंकि आज दुनिया जैसी दिखती हैं उनमें गुरुओं का सबसे अहम योगदान है।

देश के शिक्षकों को समर्पित 5 सितंबर का दिन हमारे देश में बहुत ही हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है।

5 सितंबर एक ऐसा दिन होता है जहाँ पर शिक्षक और एक विद्यार्थी के बीच विषयों से हटकर एक अलग तरह का संवाद होता है।

आमतौर पर विद्यार्थी अपने शिक्षकों से थोड़ा भयभीत रहते हैं लेकिन 5 सितंबर के दिन यह भय खत्म हो जाता है जब शिक्षक भी उनके साथ तरह तरह के कार्यक्रमों में भाग लेते हैं और उन्हें प्रोत्साहित करते हैं।

5 सितंबर के दिन ही हमारे देश के पूर्व राष्ट्रपति डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जन्म हुआ था। डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन ना सिर्फ एक बहुत अच्छे राष्ट्रपति थे जिनको हमारा देश हमेशा याद रखता है बल्कि वो एक ऐसे शिक्षक थे जिनकी कक्षा लेने के लिए विद्यार्थी आतुर रहते थे।

इन्हीं के जन्म दिवस के उपलक्ष पर भारत में हमेशा 5 सितंबर के दिन शिक्षक दिवस मनाया जाता है।

Essay on Teacher Day in Hindi – शिक्षक दिवस पर निबंध हिंदी में (500 Words)

Introduction – प्रस्तावना

शिक्षकों का समाज के प्रति जो योगदान है उसके लिए कृतज्ञता जताने के लिए हर देश में शिक्षक दिवस विशेष तौर पर मनाया जाता है।

शिक्षक दिवस मनाने का विचार नया नहीं है बल्कि यह 19वीं शताब्दी से चला आ रहा है। शुरुआती दौर में शिक्षक की किसी विशेष उपलब्धि पर पूरा सम्मान दिया जाता था, लेकिन धीरे-धीरे हर देश ने यह समझा की शिक्षकों का सम्मान किया जाना कितना जरूरी है और फिर दुनिया के हर एक देश ने शिक्षक दिवस मनाना शुरू किया।

भारत में शिक्षक दिवस 5 सितंबर के दिन मनाया जाता है। इसी दिन हमारे देश के द्वितीय राष्ट्रपति डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जन्म हुआ था, जबकि दुनिया के दूसरे देशों में शिक्षक दिवस 5 अक्टूबर के दिन मनाया जाता है।

Importance of Teachers day – शिक्षक दिवस का महत्व

भारत में हमेशा ही गुरुओं को एक ऊंचा दर्जा दिया गया है और यह बताया गया है कि गुरु का महत्व ईश्वर से भी ज्यादा है। हमारे देश में गुरुओं को बहुत सम्मान की दृष्टि से देखा जाता है।

गुरुओं के सम्मान के लिए वैसे तो हर दिन हैं लेकिन गुरु पूर्णिमा और शिक्षक दिवस विशेष तौर पर गुरुओं को समर्पित दिन है।

गुरु पूर्णिमा विशेष तौर पर शिक्षकों को समर्पित है साथ ही साथ ऐसे गुरुओं को समर्पित है जो हमारी आध्यात्मिक प्रगति में मदद करते हैं।

गुरु पूर्णिमा का संबंध वेदव्यास से है जो कि महाभारत,वेद, पुराण जैसे ऐतिहासिक लेखों के रचयिता थे। गुरु पूर्णिमा आषाढ़ मास की पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है।

वहीं शिक्षक दिवस प्रतिवर्ष 5 सितंबर के दिन मनाया जाता है। इसी दिन हमारे पूर्व राष्ट्रपति सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जन्म हुआ था।

उनके राष्ट्रपति बनने के बाद कुछ विद्यार्थियों और मित्रों ने उनका जन्म दिवस मनाने की कोशिश की तब इस मौके पर उन्होंने कहा था कि उन्हें इस बात की बहुत खुशी होगी यदि 5 सितंबर के दिन देश के हर एक शिक्षक को याद किया जाए और उन्हें सम्मानित किया जाए क्योंकि समाज में उनका योगदान बहुत बड़ा है। तभी से 5 सितंबर के दिन शिक्षक दिवस मनाया जाने लगा है।

International Teachers Day – अंतरराष्ट्रीय शिक्षक दिवस

विश्व शिक्षक दिवस या अंतर्राष्ट्रीय शिक्षक दिवस प्रतिवर्ष 5 अक्टूबर के दिन मनाया जाता है। 5 अक्टूबर के दिन अंतर्राष्ट्रीय शिक्षक दिवस मनाने की घोषणा 5 अक्टूबर 1966 को पेरिस में हुई थी इसको इसकी घोषणा करने वाला यूनेस्को था।

अंतर्राष्ट्रीय शिक्षक दिवस मनाने के पीछे की मूल भावना यह थी कि शिक्षकों को उचित सम्मान मिले। शिक्षकों का योगदान समाज में बहुत ज्यादा है लेकिन उन्हें इस योगदान के लिए उतना सम्मानित नहीं मिलता था, जितने सम्मान के वह हकदार है।

How do you celebrate Teachers’ Day in India? भारत मे शिक्षक दिवस कैसे मनाते हैं?

शिक्षक दिवस के दिन पढ़ाई से संबंधित कोई कार्य नहीं होते बल्कि उसकी जगह विद्यार्थी अपने शिक्षकों के लिए चित्र बनाते हैं कविताएँ सुनाते हैं और उनके बारे में भाषण देते हैं।

भारत में शिक्षक दिवस को बहुत धूमधाम के साथ मनाया जाता है। 5 सितंबर के दिन सभी विद्यार्थी एवं शिक्षक विद्यालय आते हैं, लेकिन इस दिन कोई भी कक्षाएँ नहीं लगती हैं, बल्कि इसकी जगह पर कई सांस्कृतिक एवं रचनात्मक गतिविधियां होती है।

जैसे कई विद्यार्थी चित्रकारी के माध्यम से शिक्षकों के प्रति अपना सम्मान दिखाते हैं, वहीं कुछ भाषण के जरिए शिक्षकों के महत्व का बखान करते हैं। कुछ शिक्षकों के सामने कविता प्रस्तुत कर उनका मनोरंजन करते हैं तो कुछ गाने एवं नृत्य के साथ शिक्षकों का मनोरंजन करते हैं।

विद्यार्थियों के कार्यक्रम खत्म हो जाने के बाद शिक्षक भी अपने विद्यार्थियों को शिक्षक दिवस की प्रस्तुति के लिए उन्हें शाबाशी देते हैं और भाषण के माध्यम से उन्हें अच्छे भविष्य के लिए शुभकामनाएं भी देते हैं।

Importance Of Teachers in Our Life – शिक्षकों का हमारे जीवन मे महत्व

हमारे जीवन मे शिक्षकों का बहुत ज्यादा है। शिक्षक पृथ्वी पर मौजूद भगवान ही है। ये इतने महत्वपूर्ण है, इसीलिए इन्हें भगवान का दर्जा मिला है।

जब बोलना सीख ही रहे होते हैं, हाथ कलम का बोझ उठाने के लायक मजबूत भी नही हो पाते हैं उस वक़्त एक शिक्षक ही हमारा हाथ पकड़कर पहला अक्षर लिखवाता है।

शिक्षक को भी थकान होती होगी लेकिन फिर भी वह अपना काम पूरी जिम्मेदारी से करते हैं। यदि वो अपने काम मे लापरवाही करने लगें तो बच्चों का बेशकीमती बचपन जिसमें सीखने की शक्ति सबसे ज्यादा होती है, वह बर्बाद चला जाएगा।

इसके बाद जब हम थोड़ा बड़े होते हैं, तो गणित, विज्ञान, इतिहास, भूगोल आदि की पहली समझ हमें शिक्षक ही देते है।

यही से हमें अपनी रुचि पता चलती है। जिस विषय मे रुचि होती है फिर आगे की पढ़ाई उसी विषय मे करते हैं। वहाँ पर भी शिक्षक ही पढ़ाते हैं। इसी शिक्षा के आधार पर ही हमारी नौकरी लगती है।

यानी शिक्षक बचपन मे हमारी उंगली पकड़ते हैं और तब तक नही छोड़ते है जब तक हम कुछ बनकर अपने पैरों पर खड़े नही हो जाते।

Conclusion – उपसंहार

हम सब यह भलीभांति जानते हैं कि शिक्षक हमारे जीवन को बेहतर बनाने के लिए खूब मेहनत करते हैं। हालांकि यह उनका पेशा है लेकिन वो सिर्फ इस वजह से काम नही करते बल्कि उनका मकसद होता है अच्छे और योग्य इंसान बनाना। इसलिए आज हम जिस भी मुकाम पर है एक बार पीछे मुड़कर सभी शिक्षकों को दिल से धन्यवाद जरूर कहना चाहिए।

Welcome Speech for Teachers Day – शिक्षक दिवस पर स्वागत भाषण.

आदरणीय प्रधानाचार्य महोदय, उप प्रधानाचार्य महोदय एवं यहां उपस्थित सभी शिक्षकगण और मेरे प्यारे साथियों।

आज हम सब यहाँ शिक्षक दिवस की एक अनुपम बेला को आनंदमय तरीके से मनाने के लिए एकत्रित हुए हैं।

जैसा कि आपको पता ही है कि आज 5 सितंबर का दिन है और आज के दिन ही हमारे दूसरे राष्ट्रपति डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जन्म हुआ था।

डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन की बहुत तीव्र इच्छा थी कि उनके जन्मदिवस के दिन सिर्फ उन्हें न याद करके बल्कि देश के समस्त शिक्षकों को याद किया जाए। इसी वजह से यह दिन शिक्षक दिवस के रूप में पूरे देश में उत्साह पूर्वक मनाया जाता है।

सच कहूं तो हम बहुत सौभाग्यशाली हैं जो हमें आप जैसे मूल्यवान शिक्षक मिले जो ना सिर्फ हमें विषयों का ज्ञान देते हैं बल्कि नैतिकता और मानवीय मूल्यों की भी पहचान कराते हैं।

आज मैं अपने सभी शिक्षकगण का तहे दिल से आभार व्यक्त करता हूं और चाहता हूं कि वह हमारा मार्गदर्शन इसी तरह से करते रहें और हमारे ऊपर उनका आशीर्वाद हमेशा बना रहे।

आज के इस पावनबेला पर हम विद्यार्थियों ने मिलकर आप सबके लिए कुछ विशेष तैयारियाँ की हैं जैसे किसी ने नृत्य, भाषण तो किसी ने एक अच्छा गीत तैयार किया है। हम सब आज मंच के माध्यम से आप सब के सम्मान में अपनी प्रस्तुति देने के लिए बहुत उत्साहित है।

हमारे शिक्षक कभी हमारे लिए नरम होते हैं तो कभी गर्म होते हैं हमारी नासमझी और गलतियों की हमें सजा भी देते हैं वहीं दूसरी तरफ हमें अच्छी चीजों की सीख भी देते हैं।

हमारे शिक्षक चाहते हैं कि हम अपने जीवन में एक अच्छे मुकाम पर हो। हम बच्चे हैं हो सकता है हम आज इस बात के महत्व नहीं समझ पा रहे हो लेकिन हमें इस बात पर पूरा भरोसा है कि हमारी शिक्षकों के आँख में पल रहा सपना कभी झूठा नहीं हो सकता।

कभी-कभी हम कक्षा में जरूरत से ज्यादा शरारत करने लगते हैं और यह सोचते हैं कि शिक्षकों को इस बारे में पता नहीं चलेगा लेकिन अब जाकर समझ आ रहा है कि यह हमारी सूझबूझ नहीं बल्कि शिक्षकों की सहनशीलता है जिसकी वजह से हमें कक्षा में थोड़ी शरारत करने का मौका मिलता है।

शिक्षक इस बात को भलीभांति समझते हैं कि एक विद्यार्थी को विकास करने के लिए किन-किन चीजों की जरूरत पड़ती है।

तभी तो समाज शिक्षक को एक मूर्तिकार भी कहते हैं जो निर्जीव मूर्ति नहीं बल्कि सजीव मूर्ति की रचना करते हैं और उन्हीं सजीव मूर्ति से समाज का निर्माण होता है।

मुझे आज भी वह दिन याद आता है जब मैं छठवीं कक्षा में था। मैं अपने विद्यालय में नया-नया था। मेरे अंदर कुछ आत्मविश्वास की कमी थी मैं पढ़ने में अच्छा था लेकिन आत्मविश्वास की कमी के चलते अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पा रहा था।

तभी मेरे एक शिक्षक ने इस बात को भांप लिया और मुझे कक्षा में हमेशा आगे बैठने के लिए कहा उन्होंने ना सिर्फ मुझे बैठने के लिए कहा आप बल्कि मेरे लिए एक सीट ही सुनिश्चित कर दी।

कक्षा में सबसे आगे बैठने से मेरे अंदर आत्मविश्वास का जन्म हुआ और मैं खुद पर विश्वास करने लगा फिर उसका परिणाम यह हुआ कि मैं परीक्षा में अव्वल दर्जे से पास हुआ।

यह सिर्फ एक उदाहरण है। ऐसे अनेकों उदाहरण है जो यह बताते हैं कि शिक्षक एक सच्चे पारखी होते हैं। वह इस बात को भलीभांति समझते हैं कि किस विद्यार्थी को किन चीजों की जरूरत है।

फिर वह सब उस विद्यार्थी को उपलब्ध भी कराते हैं। आज के इस पावन अवसर पर मुझे कुछ बोलने का अवसर मिला इसके लिए मैं अपने शिक्षकों का तहे दिल से धन्यवाद व्यक्त करता हूं और एक दो लाइनों के साथ अपने शब्दों को विराम देता हूं कि

गुरु गोविन्द दोऊ खड़े काके लागै पाएं । बलिहारी गुरु आपने गोविन्द दिओ बताए।।

अब मैं आदरणीय प्रधानाचार्य को मंच पर आमंत्रित करना चाहूंगा और वह मंच पर आकर मां सरस्वती के सामने रखे दीपक को प्रज्वलित करके आज के कार्यक्रम की शुरुआत करें।

Teachers Day Speech by Principal – प्रिंसिपल का शिक्षक दिवस पर भाषण

यहां उपस्थित सभी आदरणीय शिक्षकगण एवं मेरे प्यारे बच्चों.

सर्वप्रथम शिक्षक दिवस की इस पावनबेला पर भारत के द्वितीय राष्ट्रपति डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन को मैं नमन करता हूं और समाज के प्रति उनके कार्यों के लिए उनके प्रति सम्मान व्यक्त करता हूं।

आज यह देख करके बहुत खुशी हो रही है कि हमारे विद्यालय में पढ़ने वाले छात्र एवं छात्राएं कितने रचनात्मक कार्य कर सकते हैं। शिक्षक दिवस सिर्फ शिक्षकों के लिए नहीं है बल्कि शिक्षकों से ज्यादा यह छात्र एवं छात्राओं के लिए है, क्योंकि एक शिक्षक उतना ही अच्छा होता है जितने अच्छे उसके छात्र और छात्राएं होती हैं।

शिक्षक की पहचान उसके द्वारा पढ़ाएं गए विद्यार्थियों से ही होती है इसलिए यदि आप लोग अपने जीवन में अच्छा करेंगे तो हमारा सम्मान खुद ही बढ़ जाएगा।

जैसा कि आप सब यह जानते हैं कि शिक्षक दिवस डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जन्म दिवस के दिन मनाया जाता है, क्योंकि वह एक शिक्षक थे अपने जीवन के आखिरी काल में जब उनसे यह पूछा गया कि आप एक राष्ट्रपति के रूप में याद किया जाना पसंद करेंगे या फिर एक शिक्षक के रूप में तब उन्होंने कहा था कि वह जीवनपर्यंत एक शिक्षक के रूप में याद किए जाना ज्यादा पसंद करेंगे।

बच्चों आप लोगों के भाषण, गायन और आप लोगों ने जो यहां पर कार्यक्रम प्रस्तुत किए हैं वह सब वाकई में सराहनीय है। हम सब मंच पर बैठकर आपके द्वारा किए गए इन सभी कार्यक्रम की प्रशंसा ही कर रहे थे।

बच्चों आप लोगों का रचनात्मक होना बहुत ज्यादा जरूरी है यदि आप लोग रचनात्मक रहेंगे तो भविष्य काफी सुरक्षित रहेगा, क्योंकि रचनात्मक लोगों में अच्छे निर्णय करने की क्षमता होती है।

वह किसी रूढ़िवादी एवं परंपरागत सोच के गुलाम नहीं होते हैं। वह अपने हर एक निर्णय में अच्छे से अच्छा करने की कोशिश करते हैं डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन भी एक ऐसे ही व्यक्तित्व थे।

इसलिए बच्चों आप सब अपनी रचनात्मकता को इसी तरह बरकरार रखिए और जब भी हमारे विद्यालय में कोई भी सांस्कृतिक कार्यक्रम होता है तो उसमें आप सब बढ़-चढ़कर हिस्सा लीजिए क्योंकि किताबों में लिखा हुआ ज्ञान लेना तो जरूरी है ही साथ ही साथ कुछ ज्ञान अनुभव के माध्यम से मिलता है वह सब भी आप लेने की कोशिश करिए।

और हमारा पूरा साथ आप लोगों के साथ है आप सब अपने जीवन में काफी उन्नति हासिल करें एक सफल व्यक्ति बने और समाज और देश का नाम रोशन करें आज के इस पावन बेला पर मैं बस आप सब लोगों के लिए यही दुआ करूंगाऔर अपने इन्हीं शब्दों के साथ में अपने शब्दों को विराम देता हूँ।

Poems On Teachers day in Hindi – हिंदी में शिक्षक दिवस पर कविताएँ

आदर्शों की मिसाल बनकर, बाल जीवन संवारता शिक्षक |

सदाबहार फूल-सा खिलकर, महकता और महकाता शिक्षक ||

नित नए प्रेरक आयाम लेकर हर पल भव्य बनाता शिक्षक |

संचित ज्ञान का धन हमें देकर, खुशियां खूब मनाता शिक्षक ||

पाप व लालच से डरने की, धार्मिक सीख सिखाता शिक्षक |

देश के लिए मर मिटने की, बलिदानी राह दिखाता शिक्षक ||

प्रकाशपुंज का आधार बनकर, कर्तव्य अपना निभाता शिक्षक |

प्रेम सरिता की बनकर धारा, नैया पार लगाता शिक्षक ||

Thank-you Poem For Teachers day in Hindi – हिंदी में शिक्षक दिवस के लिए धन्यवाद कविता

रोज सुबह मिलते है इनसे, क्या हमको करना है ये बतलाते है | ले के तस्वीरें इन्सानों की, सही गलत का भेद हमें ये बतलाते है | कभी ड़ांट तो कभी प्यार से, कितना कुछ हमको ये समझाते है । है भविष्य देश का जिन में , उनका सबका भविष्य ये बनाते है | है रगं कई इस जीवन में, रगों की दुनिया से पहचान, ये करवाते है । खो ना जाये भीड़ में कहीं हम, हम को हम से ही ये मिलवाते है । हार हार के फिर लड़ना ही जीत है सच्ची, ऐसा एहसास ये हमको करवाते है । कोशिश करते रहना हर पल, जीवन का अर्थ हमें ये बतलाते है । देते है नेक मज़िल भी हमें, राह भी बेहत्तर हमे ये दिखलाते है । देते है ज्ञान जीवन का, काम यही सब है इनका, ये शिक्षक कहलाते है, ये शिक्षक कहलाते है ||

Poem On Teacher’s Day – शिक्षक दिवस पर कविता

गुरु बिन ज्ञान नहीं गुरु बिन ज्ञान नहीं रे।अंधकार बस तब तक ही है, जब तक है दिनमान नहीं रे॥ मिले न गुरु का अगर सहारा, मिटे नहीं मन का अंधियारा लक्ष्य नहीं दिखलाई पड़ता, पग आगे रखते मन डरता। हो पाता है पूरा कोई भी अभियान नहीं रे। गुरु बिन ज्ञान नहीं रे॥ जब तक रहती गुरु से दूरी, होती मन की प्यास न पूरी। गुरु मन की पीड़ा हर लेते, दिव्य सरस जीवन कर देते। गुरु बिन जीवन होता ऐसा, जैसे प्राण नहीं, नहीं रे॥ भटकावों की राहें छोड़ें, गुरु चरणों से मन को जोड़ें। गुरु के निर्देशों को मानें, इनको सच्ची सम्पत्ति जानें। धन, बल, साधन, बुद्धि, ज्ञान का, कर अभिमान नहीं रे, गुरु बिन ज्ञान नहीं रे॥ गुरु से जब अनुदान मिलेंगे, अति पावन परिणाम मिलेंगे। टूटेंगे भवबन्धन सारे, खुल जायेंगे, प्रभु के द्वारे। क्या से क्या तुम बन जाओगे, तुमको ध्यान नहीं, नहीं रे॥

Quotes on Teachers Day in Hindi – शिक्षक दिवस पर प्रेरणादायी विचार.

गुरुर्ब्रह्मा ग्रुरुर्विष्णुः गुरुर्देवो महेश्वरः । गुरुः साक्षात् परं ब्रह्म तस्मै श्री गुरवे नमः ॥

जो बनाए हमें अच्छा और सच्चा इंसान,दे सही-गलत की पहचान,उन शिक्षकों को कोटि-कोटि प्रणाम।

साक्षर हमें बनाते हैं

जीवन क्या है समझाते हैं

जब गिरते हैं हम हार कर तो साहस वही बढ़ाते हैं

ऐसे महान व्यक्ति ही शिक्षक कहलाते हैं।

गुरु की उर्जा सूर्य-सी, अम्बर-सा विस्तार,

गुरु की गरिमा से बड़ा, नहीं कहीं आकार।

गुरु का सद्सान्निध्य ही,जग में हैं उपहार,

प्रस्तर को क्षण-क्षण गढ़े, मूरत हो तैयार।

गुरु का महत्व कभी न होगा कम,

भले कर ले कितनी भी उन्नति हम,

वैसे तो हैं इंटरनेट पे हर प्रकार का ज्ञान,

पर अच्छे बुरे की नहीं हैं उसे पहचान।

शांति का पढ़ाया पाठ, अज्ञान का मिटाया अंधकार,गुरु ने सिखाया हमें नफरत पर विजय है प्यार!

Gumnami ke andhere me tha, Ek pehchaan bana diya, Duniya ke gum se mujhe, Unhone anjaan bana diya, Unki aisi kripa huyi ke, Guru ji ne mujhe ek achha, Insaan bana diya.

आपके कुछ प्रश्न.

भारत मे शिक्षक दिवस कब मनाया जाता है?

5 सितंबर को देश मे शिक्षक दिवस मनाया जाता है।

भारत मे शिक्षक दिवस क्यों मनाया जाता है?

डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जन्मदिवस के दिन उनकी याद में मनाया जाता है।

शिक्षक दिवस के दिन क्या करते हैं?

देश के सभी शिक्षकों को सम्मानित करते हैं।

शिक्षक दिवस 5 सितंबर को ही क्यों मनाया जाता है?

5 सितंबर 1888 को डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जन्म हुआ था। उनकी इच्छा थी कि उनका जन्मदिन शिक्षकों को समर्पित हो।

विश्व शिक्षक दिवस कब मनाया जाता है?

प्रतिवर्ष 5 अक्टूबर के दिन विश्व शिक्षक दिवस मनाया जाता है।

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2. शिक्षक भविष्य निर्माता होते हैं जो हर बच्चे को उज्जवल भविष्य देने का प्रयास करते हैं।

3. शिक्षक वह होता है जो हमें अग्यानता से ग्यान की तरफ ले जाता है।

4. शिक्षक हमें ग्यान देकर समाज में रहने योग्य बनाता है।

5 . शिक्षक हर कदम पर हमारा मनोबल बढ़ाता है और हमें आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करता है।

6 . शिक्षक ने अपने जीवन में जो कुछ भी सीखा होता है वह वहीं सबकुछ बच्चों को सिखाता है।

7 . शिक्षक समाज में सबसे ज्यादा आदर के पात्र है।

8 . शिक्षक में सहनशीलता और सकारात्मकता की भावना होनी चाहिए।

9 . शिक्षक हमें हमारे अच्छे और बूरे गुणों से परिचित करवाता है और उन्हें सुधारने में सहायता करता है।

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1 . शिक्षक वो होते हैं जो अपने ज्ञान से हमारे अज्ञान को दूर करते हैं।

2 . एक शिक्षक हमें सही और गलत में अन्तर बताता है।

3. शिक्षक को सम्मान देने के लिए हर वर्ष 5 सितम्बर को शिक्षक दिवस मनाया जाता है।

4. शिक्षक हमे हमेशा सही दिशा में आगे बड़ने को प्रेरित करते हैं।

5. इतिहास में अगर देखे तो किसी भी सफल व्यक्ति के पीछे एक शिक्षक का ही हाथ होता है।

6. शिक्षक हमारे जिवन का और साथ ही साथ वो हमारे चरित्र के भी निर्माता होते हैं।

7. शिक्षक हमे अपनी योग्यता का और साथ ही हमे अपने समय का सदुपयोग करना सीखते है।

8. एक अच्छा शिक्षक कभी भी अपना धैर्य नहीं खोता और वे हर विद्यार्थी को उनके अनुसार पढ़ाते है।

9. एक अच्छा शिक्षक हमे कुछ बनाए या ना बनाए लेकीन वो हमे अच्छा इन्सान जरूर बनाते हैं।

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शिक्षक पर निबंध | Essay on Teacher in Hindi

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शिक्षक पर निबंध | Essay on Teacher in Hindi!

शिक्षक बच्चों को ज्ञानवान और सुसंस्कृत बनाते हैं । बच्चा घर से निकल कर विद्‌यालय में प्रवेश लेता है तो शिक्षक की शरण में जाता है । विद्‌यालय में शिक्षक ही बच्चों के अभिभावक होते हैं । वे बच्चों को जीवन जीने की शिक्षा देते हैं । बच्चा शिक्षक का अनुगृहीत होता है एवं उन्हें अपना नमन अर्पित करता है ।

शिक्षक बच्चों के अंदर ज्ञान का प्रकाश फैलाते हैं एवं उनके अंदर के अज्ञान रूपी अंधकार को दूर कर देते हैं । बच्चे शिक्षक के समीप श्रद्धाभाव से जाते हैं ताकि वे ज्ञान के समुद्र में गोते लगा सकें । कहा भी गया है कि ‘ श्रद्‌धावान् लभते ज्ञानम्। ‘ अर्थात् श्रद्‌धावान् को ज्ञान प्राप्त होता है । यदि विद्‌यार्थी के अंदर श्रद्‌धा होती है तो शिक्षक उसे अपना समस्त ज्ञान देते हैं ।

शिक्षक का दायित्व बहुत बड़ा है । वह मानव-समाज को सही दिशा दे सकता है । आज के बच्चे कल का भविष्य होते हैं । यदि बच्चे पढ़े-लिखे होंगे तो वे देश का नाम रौशन करेंगे । यदि वे सुसंस्कृत होंगे तो देश सभ्य बनेगा । यदि शिक्षक बच्चों में अच्छे संस्कार डालेंगे तो उससे देश को लाभ होगा । शिक्षा चारों तरफ फैले, कोई भी बच्चा अशिक्षित न रहे इसका भार शिक्षकों पर है । शिक्षक चाहें तो ऐसे समाज का निर्माण कर सकते हैं जिसमें ऊँच-नीच, जातिगत भेदभाव, ईर्ष्या, वैमनस्य आदि दुर्गुणों का कोई स्थान न हो । कबीरदास जी कहते हैं –

गुरु कुम्हार शिष कुंभ है, गढ़ि-गढ़ि काई खोट ।

अंतर हाथ सहारि दे, बाहर मारे चोट ।।

ADVERTISEMENTS:

अर्थात् गुरु कुम्हार और शिष्य घड़ा है । जिस प्रकार कुम्हार यत्न से घड़े को सुघड़ बनाता है उसी तरह गुरु भी विद्‌यार्थियों के दोषों का परिमार्जन करता है । गुरु की कठोरता बाहरी होती है, अंदर से वह दयावान ‘और विद्‌यार्थी का शुभचिंतक होता है । इसलिए गुरु की डाँट-फटकार पर ध्यान नहीं देना चाहिए । गुरु विद्‌यार्थी का हमेशा भला चाहता है ।

आज प्राचीन गुरु-शिष्य परंपरा भले ही समाप्त दिखाई दे रही हो, शिक्षक का कर्त्तव्य अपनी जगह कायम है । शिक्षा प्राप्त करने के लिए आज भी लगन, परिश्रम, त्याग, नियमबद्धता, विनम्रता जैसे गुणों को धारण करने की आवश्यकता होती है । शिक्षक विद्‌यार्थियों को ऐसे गुणों से युक्त बनाते हैं । वे उनका मार्गदर्शन करते हैं । वे विद्‌यार्थियों की उलझन मिटाते हैं । उनमें साहस, धैर्य, सहिष्णुता, ईमानदारी जैसे गुणों का संचार करते हैं ।

आज शिक्षा का फलक बड़ा हो गया है । इसमें नैतिक शिक्षा के साथ-साथ विषय ज्ञान और तकनीकी शिक्षा का समावेश हो गया है । अत : आवश्यक है शिक्षक विषय-ज्ञान और तकनीकी-ज्ञान में निपुण हों । इसके लिए शिक्षकों को उचित ट्रेनिंग दी जानी चाहिए । ऐसे शिक्षकों की नियुक्ति की जानी चाहिए जो योग्य हों । अज्ञानी शिक्षक विद्‌यार्थियों का भला नहीं कर सकते । जिन्हें स्वयं सही-गलत का पता नहीं, वे विद्‌यार्थियों को क्या शिक्षा दे सकते हैं ।

योग्य शिक्षक विद्‌यार्थियों का उचित मार्गदर्शन करते हैं । वे नियमित समय पर विद्‌यालय आते हैं । वे अपनी ऊर्जा केवल शिक्षा देने में व्यय करते हैं । वे कमजोर विद्‌यार्थियों का विशेष ध्यान रखते हैं । वे सादा जीवन और उच्च विचार के सिद्‌धांत का अनुसरण करते हैं । वे विषय-वस्तु को इतने सरल एवं प्रभावी ढंग से समझाते हैं कि बच्चे उनकी बातों को हृदय में धारण कर सकें । अध्ययनशीलता शिक्षकों का एक आवश्यक गुण है । वे निरंतर अध्ययन करते रहते हैं ताकि नई बातें सीखकर विद्‌यार्थियों को बता सकें । ऐसे योग्य शिक्षकों को समाज में उचित सम्मान मिलता है ।

योग्य शिक्षकों को सरकार सम्मानित करती है । शिक्षकों के सम्मान में प्रतिवर्ष 5 सितंबर का दिन शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता है । इस दिन विद्‌यालयों में विशेष समारोह होते हैं जिनमें बच्चों की भागीदारी होती है । राष्ट्रपति योग्य शिक्षकों को पदक और पुरस्कार देते हैं । राष्ट्र उन शिक्षकों को नमन करता है जो अज्ञानांधकार को दूर करने में सहायक होते हैं ।

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यदि मैं अध्यापिका होती पर निबंध | If I Were a Teacher Essay In Hindi

मैं जीवन में अध्यापिका बनना चाहती हूँ। इसके कई कारण हैं। मैं आज की अनेक अध्यापिकाओं से प्रभावित हुई हैं। उनके अनेक गुणों ने मुझे आकर्षित किया है। इसके साथ ही मैंने ऐसी अध्यापिकाएँ भी देखी हैं जो पूर्णतया अध्यापन को समर्पित हैं। ऐसी अध्यापिकाएँ मेरी आदर्श हैं।

यदि मैं अध्यापिका होती तो सबसे पहले मैं अपना सारा ध्यान विद्यार्थियों को सुशिक्षित बनाने में लगा देती। मैं अपने विषय का गहन अध्ययन करती। इससे मैं उस विषय को गहराई से समझा पाती। मैं देखती हूँ कि कई अध्यापिकाओं को विद्यार्थियों द्वारा पूछे प्रश्नों के उत्तर नहीं आते। मैं प्रत्येक विद्यार्थी को प्रश्न पूछने के लिए उत्साहित करके उसकी शंकाओं का समाधान करती।

मेरी कई अध्यापिकाएँ बहुत अच्छी हैं। मैं उनकी तरह शांत रहकर पढ़ाती। पढ़ाई के अतिरिक्त विद्यार्थियों के साथ अपनत्व से बातचीत करती। उनकी व्यक्तिगत समस्याएँ जानकर उनका समाधान करती। कमज़ोर विद्यार्थियों पर अधिक ध्यान देकर उन्हें और अच्छी तरह समझाती। कक्षा के पश्चात् उन्हें बुलाकर पढ़ाती।

मैं विद्यार्थियों को साहित्यिक और सांस्कृतिक कार्यक्रमों में भाग लेने के लिए उत्साहित करती। इनसे उनमें सुसंस्कार आते। प्रत्येक विद्यार्थी में कोई-न-कोई गुण अवश्य होता है। उनके उन गुणों को और विकसित करने के अवसर प्रदान करती।

मैं कक्षा में बैठकर न पढ़ाती। कक्षा में खड़े होकर पढ़ाने से प्रत्येक विद्यार्थी अच्छी तरह दिखाई देते हैं। इससे पीछे बैठे विद्यार्थी स्वयं को उपेक्षित नहीं समझते। मैं ब्लैकबोर्ड का प्रयोग भी करती। इसके अतिरिक्त पाठ से जुड़े चार्ट, चित्र आदि लाकर विद्यार्थियों को दिखाती और समझाती।

मैं तड़क-भड़क वाले वस्त्र न पहनती। मेरी वेशभूषा ऐसी होती जिससे विद्यार्थियों में शालीनता आती। मैं चिल्ला-चिल्लाकर नहीं अपितु मधुर स्वर में पढ़ाती। मैं क्रोध को स्वयं से कोसों दूर रखती। मैं कक्षा में अपनी व्यक्तिगत बातें न बताकर केवल पढ़ाई से जुड़ी बातें ही करती। मैं प्रत्येक विद्यार्थी से अपनी संतान के समान स्नेह करती। मैं कक्षा में कविता-पाठ, एकांकी, गायन, वाद-विवाद, प्रश्नोत्तरी, अंत्याक्षरी आदि कार्यक्रम कराती।

मैं कक्षा में कभी भी विलंब से न पहुँचती। मैं अपने पारिवारिक कष्टों और समस्याओं की झलक तक विद्यार्थियों पर न पड़ने देती। मैं प्रत्येक विद्यार्थी के साथ मुस्कराकर मिलती। मैं उन्हें हर पल उत्साहित करती रहती।

मैं विद्यार्थियों को शैक्षिक-भ्रमण के लिए ले जाती। उन्हें गाँव में ले जाकर वहाँ के जीवन से परिचित कराती। मैं उन्हें झुग्गी-झोंपड़ियों की बस्तियों में ले जाकर वहाँ रह रहे लोगों के कष्टमय जीवन से साक्षात्कार कराती। अपने नगर के आसपास के महत्वपूर्ण और दर्शनीय स्थानों को दिखाकर विद्यार्थियों का ज्ञानवर्धन कराती।

आदर्श अध्यापिका बनना बहुत कठिन कार्य है। अध्यापिका में माँ-सा स्नेह और धैर्य होना चाहिए। उसमें नेतृत्व-शक्ति होनी चाहिए। उसमें राष्ट्रीयता की भावना कूट-कूटकर भरी होनी चाहिए। उसमें जाति-पाति और धार्मिक भेदभाव की भावना नहीं होनी चाहिए। यदि मैं अध्यापिका होती तो ऐसे समस्त गुणों को स्वयं में समाहित करती। मेरे यही गुण विद्यार्थियों में आते। इससे वे सुशिक्षित ही नहीं संस्कारवान बनते। वे भारत के सच्चे नागरिक बनते। इससे भारत का नया रूप बनता। अध्यापक-अध्यापिकाओं को राष्ट्र-निर्माता यूँ ही नहीं कहा जाता। यदि मैं अध्यापिका होती तो अपने इस उत्तरदायित्व का पालन भी करती।

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